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बाजार में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी
09 July 2014
मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। आज सुबह 9:30 बजे, सेंसेक्स 31 अंक चढ़कर 25614 और निफ्टी 0.5 अंक चढ़कर 7624 के स्तर पर हैं। मिडकैप शेयर मजबूत हैं।
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयर करीब 1 फीसद चढ़े हैं। ऑयल एंड गैस, कैपिटल गुड्स शेयर करीब 1 फीसदी चढ़े हैं। रियल्टी, आईटी, तकनीकी, एफएमसीजी शेयर 0.5-0.3 फीसदी मजबूत हैं। हेल्थकेयर और बैंक शेयरों हल्की बढ़त है। हालांकि, ऑटो और मेटल शेयर 0.5 फीसदी गिरे हैं। पावर शेयरों पर दबाव है।
निफ्टी शेयरों में बीपीसीएल, एशियन पेंट्स, आईटीसी, हिंडाल्को, विप्रो, इंफोसिस, बीएचईएल में 1.7-0.7 फीसदी की तेजी है।
दिग्गजों में टाटा पावर, केर्न इंडिया, सेसा स्टरलाइट, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, एमएंडएम, बजाज ऑटो 2.75-1 फीसदी टूटे हैं। जून में जैगुआर लैंडरोवर की यूके बिक्री 8 फीसदी बढ़कर 5819 गाड़ियां रही है। टाटा मोटर्स करीब 1.5 फीसदी गिरा है।
रेल शेयरों में आज भी गिरावट जारी है। टेक्सरेल 16 फीसदी से ज्यादा लुढ़का है। कालिंदी रेल, बीईएमएल, टीटागढ़ वैगंस 5 फीसदी टूटे हैं। उम्मीद है कि बजट में सरकार गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी घटा सकती है। टाइटन 1 फीसदी, गीतांजलि जेम्स 2 फीसदी, पीसी ज्वेलर 2.3 फीसदी चढ़े हैं।
उधर, एशियाई बाजारों में कमजोरी बढ़ी है। हैंग सैंग 1.3 फीसदी टूटा है। कॉस्पी, शंघाई कंपोजिट, निक्केई, स्ट्रेट्स टाइम्स, ताइवान इंडेक्स 0.5-0.3 फीसदी गिरे हैं। मंगलवार को लगातार दूसरे दिन अमेरिकी बाजारों में कमजोरी आई। डाओ जोंस 17000 के नीचे बंद हुआ। कंपनियों के नतीजों के पहले निवेशक सतर्क दिखे।।

लंबी अवधि की बचत पर दोगुनी हो सकती है टैक्स छूट
09 July 2014
नई दिल्ली। उम्मीद की जा रही है कि बृहस्पतिवार को पेश होने जा रहे आम बजट में मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए लंबी अवधि की बचत पर आयकर में दी जाने वाली छूट की सीमा दोगुनी की जाएगी। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी गई है। फिलहाल, ऐसी छूट की सीमा एक लाख रुपये है।
आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत दी जाने वाली इस छूट के तहत होम लोन की वापसी (मूलधन), पांच साल या अधिक समय के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), भविष्य निधि (पीएफ) व जीवन बीमा करवाने के लिए दिए गए प्रीमियम आदि शामिल किए जाते हैं।

टैक्स में होगी बड़ी बचत:

यदि वित्त मंत्री अरुण जेटली यह सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर देते हैं, तो ज्यादा आमदनी वाले लोगों (सालाना 10 लाख रुपये से अधिक करयोग्य आय) को 30,000 रुपये प्रतिवर्ष टैक्स की बचत होगी। मध्यम आय वाले लोग (पांच से 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष करयोग्य आय) 20,000 रुपये तक टैक्स बचा सकेंगे। सालाना दो से पांच लाख रुपये के बीच करयोग्य आय वाले करदाता 10,000 रुपये प्रति वर्ष बचा पाएंगे।

घरेलू बचत को मिलेगा बढ़ावा:

सरकार के इस कदम से घरेलू बचत में बढ़ोतरी होगी, जो सरकार के लिए धन जुटाने का बेहद अहम साधन है। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, इस धनराशि का प्रयोग बुनियादी ढांचे के विकास में किया जा सकता है, जो नरेंद्र मोदी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।

घटेगा 3,000 करोड़ रुपये का राजस्व:

इस धारा के तहत टैक्स में छूट की सीमा सालाना एक लाख रुपये बढ़ा देने से सरकार को लगभग 30,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा। वित्त मंत्री को इसकी भरपाई के लिए उत्पाद शुल्क या सीमा शुल्क बढ़ाना पड़ेगा। भरपाई का एक और विकल्प है, विनिवेश का लक्ष्य बढ़ा देना, जो फिलहाल 36,925 करोड़ रुपये है।

लंबी अवधि की बचत पर दोगुनी हो सकती है टैक्स छूट
09 July 2014
नई दिल्ली। उम्मीद की जा रही है कि बृहस्पतिवार को पेश होने जा रहे आम बजट में मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए लंबी अवधि की बचत पर आयकर में दी जाने वाली छूट की सीमा दोगुनी की जाएगी। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी गई है। फिलहाल, ऐसी छूट की सीमा एक लाख रुपये है।
आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत दी जाने वाली इस छूट के तहत होम लोन की वापसी (मूलधन), पांच साल या अधिक समय के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), भविष्य निधि (पीएफ) व जीवन बीमा करवाने के लिए दिए गए प्रीमियम आदि शामिल किए जाते हैं।

टैक्स में होगी बड़ी बचत:

यदि वित्त मंत्री अरुण जेटली यह सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर देते हैं, तो ज्यादा आमदनी वाले लोगों (सालाना 10 लाख रुपये से अधिक करयोग्य आय) को 30,000 रुपये प्रतिवर्ष टैक्स की बचत होगी। मध्यम आय वाले लोग (पांच से 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष करयोग्य आय) 20,000 रुपये तक टैक्स बचा सकेंगे। सालाना दो से पांच लाख रुपये के बीच करयोग्य आय वाले करदाता 10,000 रुपये प्रति वर्ष बचा पाएंगे।

घरेलू बचत को मिलेगा बढ़ावा:

सरकार के इस कदम से घरेलू बचत में बढ़ोतरी होगी, जो सरकार के लिए धन जुटाने का बेहद अहम साधन है। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, इस धनराशि का प्रयोग बुनियादी ढांचे के विकास में किया जा सकता है, जो नरेंद्र मोदी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।

घटेगा 3,000 करोड़ रुपये का राजस्व:

इस धारा के तहत टैक्स में छूट की सीमा सालाना एक लाख रुपये बढ़ा देने से सरकार को लगभग 30,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा। वित्त मंत्री को इसकी भरपाई के लिए उत्पाद शुल्क या सीमा शुल्क बढ़ाना पड़ेगा। भरपाई का एक और विकल्प है, विनिवेश का लक्ष्य बढ़ा देना, जो फिलहाल 36,925 करोड़ रुपये है।

संपादकीय

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