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:: विधान सभा चुनाव 2013 ::

 


ईवीएम में सेट किए प्रत्याशियों के नाम

26 November 2013
सिरोही। मतदान के लिए आवंटित ईवीएम पर प्रत्याशियों के नाम सेट करने कार्य सोमवार को नवीन भवन विद्यालय में पूरा हो गया। विधानसभा के क्षेत्र के रिटनिंüंग अधिकारी केआर खौड़ ने बताया कि सिरोही विधानसभा क्षेत्र ईवीएम पर प्रत्याशियों नाम सैट करने के कार्य को अन्तिम रूप देकर इन्हें स्ट्रांॅग रूम में सुरक्षित रखवा दिया गया है।

माइक्रो आब्ॅजरवर व वीडियोग्राफर प्रशिक्षण आज

तीनों विधानसभा क्षेत्रों के लिए नियुक्त माइक्रोऑब्जरवर्स को सुबह11 बजे तथा वीडियोग्राफर्स को अपरान्ह 3 बजे कलेक्ट्रेट के सेवा केन्द्र में चुनाव प्रशिक्षण दिया जाएगा। माइक्रोऑब्जरवर्स एवं वीडियोग्राफर्स प्रशिक्षण लेने के पश्चात् सील्ड मत पेटियों में डाक मत पत्र से मतदान कर सकेंगे।

पर्यवेक्षक ने ली चुनावी खर्चे की जानकारी

माउंट आबू. चुनाव व्यय पर्यवेक्षक बी.एस. वेंकटनाथन ने पर्वतीय पर्यटन स्थल के विभिन्न मतदान केन्द्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने अभ्यर्थियों की ओर से दिए गए चुनावी खर्चे के ब्योरे की विस्तारपूर्वक जांच की। प्रत्याशियों ने रिटर्निग ऑफिसर जितेंद्र कुमार सोनी के समक्ष अपना खर्चे का हिसाब जमा करवाया। सर्वाधिक व्यय भाजपा प्रत्याशी समाराम व न्यूनतम व्यय निर्दलीय केसरमल का रहा।
भाजपा के समाराम गरासिया ने 21 नवम्बर तक 1 लाख 77 हजार 425 व 25 नवम्बर तक 51 हजार 600 के साथ कुल 2 लाख 29 हजार 25 रूपए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अभ्यर्थी श्रीमती गंगाबेन ने 21 नवम्बर तक 33 हजार 870 व 25 नवम्बर तक 85 हजार 330 के साथ कुल एक लाख 19 हजार 420 रूपये, राजपा के नवाराम मीणा ने 21 तक 96 हजार 111 व 25 तक 52 हजार 152 रूपए के साथ कुल 1 लाख 48 हजार 263, बसपा के दलपत राम ने 21 तक 18 हजार 330 व 25 तक 1738 रूपए के साथ कुल 20098 रूपए, निर्दलीय रामलाल ने 21 तक 5 हजार 120 व 25 तक 43 हजार 930 के साथ कुल 49 हजार 50 रूपए तथा निर्दलीय केसरमल ने 21 तक 10 हजार 265 व 25 तक 16 हजार रूपए के साथ अब तक कुल 26 हजार 265 रूपए व्यय किए हैं।


कार्मिकों ने डाले वोट

26 November 2013
हनुमानगढ़। जंक्शन के नेशनल पब्लिक स्कूल में सोमवार को मतदान अधिकारियों को चुनाव संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। तीसरे दिन दो हजार मतदान अधिकारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। अभी तक पांच हजार से अधिक कार्मिक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं जबकि दो हजार के लगभग कार्मिक वोट डाल चुके हैं।
अब एक दिसंबर को जनता वोट डालकर सरकार चुनेगी। इससे पूर्व उप जिला निर्वाचन अधिकारी बीएल मेहरड़ा ने बताया कि मतदान शुरू होने से दो घंटे पहले मतदान कार्मिकों को बूथ पर पहंुचना होगा। देरी से पहुंचने वाले कार्मिकों के खिलाफ निर्वाचन नियमों के तहत कार्रवाई होगी। द्वितीय प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मतदान कार्मिकों को शुक्रवार को संबंधित बूथों के लिए रवाना कर दिया जाएगा। चुनाव को लेकर जिले में 11 सौ से अधिक पोलिंग बूथों की स्थापना की गई है।
संगरिया. स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाता जागरूकता के लिए सोमवार को नोडल प्रधानाध्यापकों की बैठक उपखंड कार्यालय सभागार में हुई। नायब तहसीलदार गजराज सिंह शेखावत ने मतदाता जागरूकता के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में भाषण, मानव श्ृंखला, मेहन्दी, रंगोली आदि प्रतियोगिता आयोजित करने तथा महिला मतदाताओं के लिए निर्वाचन विभाग की पाती आंगनबागड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से वितरित करने के निर्देश दिए। प्रधानाध्यापकों को स्वीप प्रचार सामग्री का वितरण किया गया। इससे पूर्व बूथ लेवल अधिकारियों की बैठक में सहायक निर्वाचन अधिकारी विRम सिंह राठौड़ ने मतदाता पर्चियों के वितरण की जानकारी ली तथा पर्ची वितरण रजिस्टर जमा कराने को कहा।

आज करेंगी जागरूक

भादरा. जिला निर्वाचन विभाग के निर्देशों की पालना में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन अधिकारी सुनीता चौधरी ने शिक्षण संस्थाओं को फेस्टीबल ऑफ डेमोके्रसी सप्ताह के तहत कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया है। निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसके तहत मंगलवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हथेली पर गोल घेरे में वी बनाकर महिला मतदाताओं को जागरूक करने, बुधवार को विद्यार्थियों व सभी विभागों के कर्मचारियों को मानव श्ृंखला बनाकर शहर व गांवों में मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करते हुए शत प्रतिशत मतदान करने की अपील की।
स्थानीय संत केआर सैकंडरी स्कूल के विद्यार्थियों की ओर से मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए रैली निकाली गई। व्यवस्थापक प्रकाश सैनी ने बताया कि चुनाव के मद्देनजर विद्यार्थियों ने कस्बे में यह दूसरी बार रैली निकाली है। उनका प्रमुख उद्देश्य मतदान के लिए लोगों को प्रेरित करना है। रैली प्रधानाचार्य सुभाष आचार्य के नेतृत्व में मुख्य मागोंü से होकर गुजरी। स्थानीय बाल गंगाधर तिलक शिक्षण संस्थान में सोमवार को फेस्टीवल ऑफ डेमोक्रेसी के तहत छात्राओं ने उत्साह के साथ रंगोली बनाई। संस्था अध्यक्ष सुशील गुप्ता सचिव मीना गुप्ता, प्राचार्य प्रेमलता यादव आदि ने मतदान का महत्व बताया।
नोहर. मतदाता जागरूकता अभियान के अन्तर्गत सोमवार को बार संघ के पूर्व अध्यक्ष चन्द्रमोहन छाजेड़ व रामेश्वर डूडी के नेतृत्व में मतदाताओं को निमन्त्रण पत्र एवं पीले चावल बांट कर एक दिसम्बर को मतदान केन्द्र पर पहुंचने का आग्रह किया गया। जनसम्पर्क टीम में दिनेश भाटी, विजयपाल देहडू, राजेश स्वामी, असरफ अली आदि शामिल थे। उन्होंने मतदाताओं से अधिक से अधिक मतदान कर लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को कहा। कार्यकर्ताओं ने वार्डों के अलावा बस स्टैंड व कचहरी में भी निमन्त्रण पत्र बांटे। यहां बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने रंगोली बनाकर मतदान की अपील की।


दूसरे चरण में जांचा चुनाव खर्च

26 November 2013
हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख दलों सहित सभी निर्दलीय प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सोमवार को जिला परिषद में खर्च निगरानी दल की ओर से जांच की गई। दल में शामिल कृष्ण शर्मा व अन्य कर्मियों को भाजपा व कांगे्रस प्रत्याशियों सहित निर्दलीयोे के चुनाव एजेंटों ने चुनाव खर्च का दूसरे चरण का ब्यौरा सौंपा। इसमें प्रत्याशियों की ओर से किए गए प्रचार जैसे माइक, रिक्शा, पोस्टर, पंफलैट तथा वाहनों व नेताओं की सभा जैसे कार्यक्रमों पर किए गए खर्च का विवरण दल के समक्ष पेश किया।
जिला परिषद में विशेष दस्ते में शामिल लेखा कर्मचारियों व अधिकारियों ने इनको जांचा तथा चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत प्रत्याशियों की ओर से दर्शाए मापदंड से उनका मिलान किया। नियमानुसार चुनाव खर्च का रजिस्टर नहीं जंचवाने पर संबंधित प्रत्याशी के खिलाफ नोटिस देने व मामला दर्ज करवाने का प्रावधान है। इस बार निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव में खर्च की सीमा 16 लाख रूपए निर्घारित की है। इससे अधिक खर्च होने पर प्रत्याशी से जवाब मांगा जाएगा तथा नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर प्रत्याशी का निर्वाचन निरस्त तक करने की व्यवस्था है।

अनुपस्थित रहने पर पांच को नोटिस

मतदान दलों के द्वितीय चरण के अंतिम दिन सोमवार को प्रशिक्षण से गैर हाजिर रहने वाले पांच कर्मचारियों को जिला निर्वाचन अधिकारी पीसी किशन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया। उन्होंने बताया कि तृतीय मतदान अधिकारी उदय सिंह, प्रेम कुमार, ओमप्रकाश, बीरूराम व मदनलाल को नोटिस जारी किया गया है। इन कार्मिकों ने चुनाव जैसे अति महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्य के प्रति लापरवाही बरती है। कार्मिकों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।


मोदी को पीएम बनाना है तो राजस्थान जिताएं

23 November 2013
जैसलमेर। पाकिस्तान की सीमा के पास राजस्थान से भाजपा अध्यक्ष राजनाथ ने पड़ोसी मुल्क और दिल्ली की कांग्रेस सरकार पर जमकर सियासी गोले दागे। जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर के सीमायी जिलों में भाजपा अध्यक्ष ने चार रैलियां कर सैनिकों की शहादत के मुद्दे पर भावनात्मक रूप से लोगों को झकझोर कर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दादी इंदिरा और पिता राजीव गांधी की शहादत को भुनाने के भावुक कार्ड का जवाब दिया। साथ ही भाजपा अध्यक्ष ने पोखरण परमाणु परीक्षण की याद दिलाते हुए राजस्थान की जनता का आह्वान किया कि अगर वे प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को देखना चाहते हैं, तो यहां पर भी भाजपा की सरकार बनाएं।
दरअसल, पाकिस्तान की सीमा से सटे राजस्थान के इन तीन जिलों की 17 विधानसभा सीटों के नतीजे बेहद अहम हैं। पिछली बार इस इलाके से कांग्रेस को नौ और भाजपा को आठ सीटें मिली थीं। पाकिस्तान सीमा पर मौजूद इस क्षेत्र में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कई दौरे व कार्यक्रम हुए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बाड़मेर रिफाइनरी खुलने के बाद यहां खासा जोर दिया है। भाजपा अध्यक्ष ने इलाके में गरीबी और बेरोजगारी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया। मोदी पर गुजरात दंगों के लिए कांग्रेस के अभियान पर भी राजनाथ ने पलटवार किया। उन्होंने सोनिया से पूछा कि गुजरात में हितेंद्र देसाई के काल में सैकड़ों धर्मस्थल तोड़े गए, असम में 1993 में भीषण दंगा हुआ, तब क्या किसी को मौत का सौदागर नहीं दिखा। राजस्थान में राहुल ने अपनी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की हत्या पर बेहद भावनात्मक भाषण दिया था। राजनाथ ने इस इलाके में भारतीय सैनिकों के सिर कटे शवों का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि तब कांग्रेस और सरकार की संवेदना कहां चली गई थी।


राजस्थान में सीएम की दौड़ में कई दिग्गज

23 November 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में मुकाबला रोचक होता जा रहा है। सत्तासीन कांग्रेस और विपक्षी भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों पार्टियों का खेल बिगाड़ने के लिए बसपा, माकपा, नवगठित राष्ट्रीय जनता पार्टी और कई निर्दलीय भी मैदान में हैं। कांग्रेस व भाजपा को जितना खतरा एक-दूसरे से नहीं है, उससे कहीं ज्यादा अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से हैं। समय-समय पर राजनीतिक चालें चल रहे ये नेता भी मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री बनने को कांग्रेस में लंबी कतार है। वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दावेदारी तो मजबूत है ही, राष्ट्रीय महासचिव सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रभान भी सीएम बनना चाहते हैं। भाजपा में वसुंधरा राजे के अलावा गुलाबचंद कटारिया और घनश्याम तिवाड़ी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आंख गड़ाए बैठे हैं। वहीं कभी भाजपा में रहे राजपा नेता सांसद किरोड़ीलाल मीणा भी सीएम बनने के ख्वाहिशमंद हैं।
कांग्रेस को दोबारा बहुमत मिलने पर गहलोत एक बार फिर मुख्यमंत्री पद के तगड़े दावेदार होंगे। गांधी परिवार से निकटता के चलते दिल्ली में बैठे वरिष्ठ कांग्रेस नेता उनके पक्ष में माहौल बनाते रहते हैं। 2008 में विधानसभा चुनाव एक वोट से हार चुके सीपी जोशी गहलोत के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। वह वर्तमान में चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष भी हैं। 2008 में भी वह सीएम पद के दावेदार थे, लेकिन हार के कारण उनका सपना पूरा नहीं हो सका। वहीं, लंबे समय से चली आ रही जाट सीएम की मांग को केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रभान आगे बढ़ाने में जुटे हैं। इधर, भाजपा में वसुंधरा राजे फ्री हैंड मुखिया हैं। पार्टी आलाकमान उन्हें सीएम प्रोजेक्ट कर चुकी है। फिर भी उन्हें पार्टी के कई नेताओं से खतरा है।ै।


''वसुंधरा ने आरक्षण के नाम पर गुर्जर और मीणा को लड़ाने का काम किया''

23 November 2013
जयपुर। राजस्‍थान के खानपुर विधानसभा क्षेत्र से राजपा प्रत्याशी अनिल जैन के समर्थन में सभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे राजपा प्रदेश संयोजक डॉ.किरोड़ीलाल मीणा ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर गरजते हुए कहा कि राजपा को समर्थन देकर भाजपा व कांग्रेस को तड़ीपार करें। किरोड़ीलाल ने कहा कि वसुंधरा ने आरक्षण के नाम पर गुर्जर और मीणा को लड़ाने का काम किया है। दोनों कौम में आपसी भाईचारे को समाप्त कर दिया है।
उन्होंने वसुंधरा राजे से सवाल करते हुए कहा कि मेरा तो कसूर था कि मैंने कह दिया था कि 32 हजार करोड़ का भ्रष्टाचार मत फैलाओ। लेकिन, बेचारे अनिल जैन ने क्या किया था, वह तो हमेशा पार्टी का अनुशासित सिपाही रहा, फिर भी टिकट काट दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि आज खानपुर की जनता ने वसुंधरा का टिकट काट दिया है।
वसुंधरा के ऊपर तो राजनाथ का हाथ है और मेरे ऊपर तो नीली छतरी वाले का हाथ है। राजपा प्रत्याशी जैन ने दावा किया कि खानपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस व भाजपा को अब कार्यकर्ता नहीं मिल रहे हैं। दोनों ही दल के कार्यकर्ताओं का आकर्षण राजपा की ओर बढ़ता जा रहा है। बद्री पायलेट व रसूल मोहम्मद जागीरदार ने भी सभा को संबोधित किया।


भाजपा अपना रिकॉर्ड देखे फिर लगाएं आरोप: पीएम

22 November 2013
जयपुर। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भाजपा को कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले अपना रिकॉर्ड खंगालने की नसीहत दी है। डॉ. सिंह ने कहा है कि भाजपा के नेता तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। वे पहले खुद की सरकारों के रिकॉर्ड देखे और फिर आरोप लगाए उन्होंने आह्वान किया कि जनता इन भाषणों को मानने से पहल स्वयं इनकी जांच कर लें।
जयपुर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा।
मोदी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि भाजपा के एक मुख्यमंत्री ने राजस्थान सरकार पर मानवाधिकारों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया था। ये आरोप लगाने से पहले उन्हें अपनी राज्य सरकार का रिकॉर्ड देख लेना चाहिए था कि भाजपा के ही एक सम्मानित नेता और तत्कालीन प्रधानमंत्री ने उन्हें राजधर्म का पालन करने की सलाह दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भाजपा की तरह विपक्षियों के लिए अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल में विश्वास नहीं करते। कांग्रेस असत्य का सहारा भी नहीं लेती। जनता बड़ी-बड़ी बातें करने वालों को नहीं बल्कि अच्छे रिकॉर्ड वालों को वोट देती है। हम संजीदगी और विकासात्मक राजनीति करते हैं।
उन्होंने जनता से अपील की कि वह राजस्थान की कांग्रेस सरकार के पांच सालों के काम को देखकर प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनाए। इस दौरान प्रधानमंत्री ने रिफाइनरी, मेमू कोच फैक्ट्री, जयपुर मेट्रो समेत राज्य सरकार के विभिन्न विकास कार्यो का गिनाया।
मनमोहन ने कहा कि भाजपा दावा करती है कि यूपीए सरकार आर्थिक मामले में फेल रही है। लेकिन उन्हें आंकड़े देखने की जरूरत है। यूपीए के शासन में गरीबी तीन गुना तेजी से घटी है।
सभा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सी.पी. जोशी ने भी संबोधित किया। रैली में प्रदेश प्रभारी गुरदास कामत, केन्द्रीय राज्यमंत्री जतिन प्रसाद भी मौजूद थे।

पीएम की सभा में नहीं जुटी भीड़

जयपुर। राजस्थान विस. चुनाव अभियान में अपने पहले दौरे पर जयपुर आए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लोगों की भीड़ नहीं जुटा पाए। प्रदेश कांग्रेस ने जयपुर के सबसे छोटे ग्राउण्ड रामलीला मैदान को सभा के लिए चुना, इसकी क्षमता पांच हजार लोगों के बैठने की है। लेकिन पीएम की सभा में मैदान में लगी कुर्सियां खाली रही। जयपुर के कांग्रेस प्रत्याशियों को अपने साथ कार्यकर्ताओं लाने के लिए कहा गया था, लेकिन वे भी भीड़ नही जुटा सके।


भाजपा में बवाल : भाजपा के बागी नेता ने कटारिया पर किया वार

22 November 2013
जयपुर। राजस्‍थान के उदयपुर जिले की वल्लभनगर सीट में भाजपा का टिकट मुद्दा बन गया है। वजह पिछले चुनाव में कांग्रेस के बागी रहे गणपत मेनारिया इस बार भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के बागी रणधीर सिंह भींडर ने भाजपा में टिकट बेचने का आरोप लगाया है। इसी सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शक्तावत भी भींडर के बयान से सहमति जता रहे हैं। उनका कहना है कि अचानक कांग्रेस के बागी को भाजपा का टिकट मिलना बड़ा सवाल है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और उदयपुर शहर विधानसभा सीट के प्रत्याशी गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि भाजपा वल्लभनगर में रणधीरसिंह भिंडर को टिकट देना चाहती थी, लेकिन संघ के कारण गणपत मेनारिया को टिकट दिया है।


बागियों ने किया कांग्रेस-भाजपा के नाक में दम, दोहराया जा सकता है इतिहास

22 November 2013
अजमेर. विधानसभा चुनाव 2013 अब धीरे धीरे चरम पर पहुंचता जा रहा है। जिले की सभी आठों सीटों पर स्थिति लगभग साफ होती जा रही है। जिले में आठ सीटें अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, पुष्कर, नसीराबाद, ब्यावर, किशनगढ़, केकड़ी और मसूदा हैं।
मसूदा सीट जिले की एक मात्र ऐसी सीट है जहां देश के दोनों बड़े राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी अन्य प्रत्याशियों के मुकाबले पानी भरते नजर आते हैं। चुनावों के दौरान यदि बागियों की कुश्ती इस सीट पर देखी जा सकती है। दोनों दलों के प्रत्याशियों को एक दो नहीं बल्कि पूरे पांच कद्दावर बागियों से जूझना पड़ रहा है।
बागियों के बीच दोनों दलों के प्रत्याशी जिस तरह से फंसे हुए हैं उससे संकेत मिलने लगे हैं कि 2008 का इतिहास फिर दोहराया जा सकता है। ताज किसके सिर होगा यह तो परिणाम ही बताएगा लेकिन बागी कांग्रेस और भाजपा से आगे दिखाई दे रहे हैं। पूरे क्षेत्र में जातिवाद चरम पर है।


पाली, जालोर व सिरोही की सभी 14 सीटों पर सीधी जंग, बीना काक की प्रतिष्ठा दांव पर

22 November 2013
पाली। मारवाड़ जोन-2 के पाली, जालोर व सिरोही जिलों की सभी 14 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। तीनों जिलों में कांग्रेस व भाजपा के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इनमें वन मंत्री बीना काक भी हैं। गुजरात सीमा से सटे जालोर व सिरोही जिले की 8 सीटों में कहीं भाजपा तो कहीं कांग्रेस आगे है।
पाली में कांग्रेस अपनी सीटें बढ़ाने के प्रयास में है। सुमेरपुर, रेवदर तथा पिंडवाड़ा में राजपा का कुछ स्थानों पर हल्का असर जरूर है, मगर वह परिणाम बदलने की स्थिति नजर नहीं आ रही। यानी सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों में ही है। फिलहाल मतदाता खामोश है। प्रचार-प्रसार का शोर भी चुनाव आयोग की सख्ती में दबा हुआ है।।


भींडर ने कटारिया पर लगाया बड़ा आरोप, खोला टिकट न मिलने का राज..!

22 November 2013
जयपुर। वल्लभनगर में भाजपा का टिकट मुद्दा बन गया है। वजह पिछले चुनाव में कांग्रेस के बागी रहे गणपत मेनारिया इस बार भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के बागी रणधीर सिंह भींडर ने भाजपा में टिकट बेचने का आरोप लगाया है।इसी सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शक्तावत भी भींडर के बयान से सहमति जता रहे हैं। उनका कहना है कि अचानक कांग्रेस के बागी को भाजपा का टिकट मिलना बड़ा सवाल है।
वल्लभनगर सीट से भाजपा के बागी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रणधीर सिंह भींडर का कहना है कि 'मैं यस मैन नहीं हूं इसलिए कटारिया ने मेरा टिकट कटवा दिया। उदयपुर जिले में तीन सामान्य सीटें हैं, जहां कटारिया अपना यस मैन ही चाहते हैं। टिकट बेचा गया है। नहीं तो कल तक कांग्रेस का टिकट मांगने वाले को भाजपा का टिकट कैसे मिल सकता है?' तारावट पंचायत में चुनाव प्रचार के दौरान फुर्सत निकलकर भास्कर संवाददाता के साथ बातचीत में भींडर ने अपने दिल की बात कही।


हवामहल विधानसभा सीट: भाजपा को भितरघात, कांग्रेस को वोटों के बंटवारे का डर

22 November 2013
जयपुर। हवामहल विधानसभा क्षेत्र में इस बार कड़ा मुकाबला दिखाई दे रहा है। पिछली बार यह सीट कांग्रेस के ब्रजकिशोर शर्मा ने कम अंतर से जीती थी। ब्रजकिशोर एक बार फिर मैदान में हैं वहीं भाजपा ने यहां से पूर्व विधायक सुरेंद्र पारीक को मैदान में उतारा है।
दोनों प्रत्याशियों की क्षेत्र में खासी पकड़ है और दोनों ही ब्राह्मण लॉबी में प्रभावशाली माने जाते हैं। यहां भाजपा की ओर से टिकट चाहने वालों की लंबी सूची थी और सभी दावेदारों में आपसी खींचतान भी रही है। ऐसे में भाजपा को भितरघात का खतरा रहेगा। वहीं अल्पसंख्यक बहुल होने के बावजूद निर्दलीय के रूप में कई मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में होने से कांग्रेस के परंपरागत वोटों का बंटवारा हो सकता है।
क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी सहित कुल 21 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसमें से 13 अल्पसंख्यक हैं, जिसमें से पप्पू कुरैशी, अब्दुल गफ्फूर मंसूरी व पेकर फारूख जहां कांग्रेस के वोटों में सीधे सेंधमारी करते नजर आ रहे हैं। वहीं, इंडियन पीपुल्स ग्रीन पार्टी की अर्चना शर्मा, राजपा की मुन्नी देवी अन्य उम्मीदवार भाजपा के वोट बैंक को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये सभी स्थानीय होने के कारण अपने अपने वार्ड में प्रभाव रखते हैं।


भाजपा का घोषणा पत्र जारी, आरक्षण, रोजगार पर जोर

21 November 2013
जयपुर। राजस्थान भाजपा ने विधानसभा चुनाव में युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए सत्ता में आने पर पांच साल में 15 लाख युवाओं को रोजगार, पंजीकृत बेरोजगारों को तीन प्रतिशत ब्याज दर पर 20 लाख रुपए तक का कर्ज व्यवसाय के लिए देने का वायदा किया है। ये वायदे घोषणा-पत्र में किए गए है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने चुनावी घोषणा पत्र जारी किया। इसे सुराज संकल्प पत्र का नाम दिया गया है। इसमें तमाम वर्गो को लुभाने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही अपनी सरकार के समय की भामाशाह योजना को भी पुन: शामिल किया गया है।
किसानों को 24 घंटे बिजली मुहैया कराने का वादा किया गया है। इसके साथ ही कृषि सुरक्षा अधिनियम, किसानों को एक प्रतिशत की दर से ऋण देने, अल्पसंख्यक कल्याण और महिला सुरक्षा का वादा भी किया गया है।
प्रदेश की राजनीति में आरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण वोट बैंक बने गुर्जर, रेबारी, राइका को 9वीं अनुसूची के तहत 5 प्रतिशत आरक्षण देने और मुस्लिम मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने के लिए मदरसों को वोकेशनल शिक्षा से जोड़ने के साथ ही सरकार में अलग से गौ-पालन मंत्रालय एवं मध्यम वर्ग के लिए आयोग गठित करने का भी वायदा किया गया है।
प्रदेश के तीन जिलों में रह रहे पाक विस्थापितों को लुभाने के लिए पाक हिन्दू विस्थापितों को पुनर्वास के लिए प्रयास करने और आदिवासियों को भाजपा से जोड़ने की रणनीति के तहत टीएसपी कैडर के लिए सर्विस कैडर बनाने का भी वायदा किया गया है।
पुलिस कल्याण बोर्ड गठित करने, कामधेनु विश्वविद्यालय के साथ ही ग्राम पंचायत एवं पंचायत समितियों को पुनर्गठित करने के लिए आयोग बनाने का भी वायदा किया गया है। पानी की समस्या के समाधान के लिए चम्बल से प्रदेश की बीसलपुर योजना को जोड़ने का भी भाजपा ने वायदा किया है।


झोटवाड़ा विधानसभा: मुकाबला सीधा पर बागी के वोटों से तय होगी हार-जीत

21 November 2013
जयपुर। राज्य में सबसे ज्यादा मतदाताओं वाले झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में इस बार बागियों ने भाजपा-कांगे्रस के समीकरण बिगाड़े हुए हैं। कौन बागी कितने वोट ले जाएगा, हार जीत उसी पर तय होने वाली है। भाजपा की ओर से मौजूदा विधायक राजपालसिंह शेखावत मैदान में हैं तो कांगे्रस ने उनके सामने सांसद लालचंद कटारिया के भाई की पत्नी डॉ. रेखा कटारिया को उतारा है।
कांगे्रस में पूर्व पार्षद हरीश यादव और भाजपा में आशुसिंह सुरपुरा बगावत पर हैं, वहीं 17 अन्य उम्मीदवार भी मैदान में हैं। भाजपा और कांगे्रस दोनों को ही बिगड़ रहे वोटों के समीकरण को सुलझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। मुद्दों की बात करें तो यहां के पृथ्वीराजनगर क्षेत्र में विकास का मामला सबसे बड़ा मुद्दा है। शहरी क्षेत्र के साथ लगे बड़े ग्रामीण क्षेत्र में अलग-अलग मुद्दे अपना प्रभाव रखते हैं।
एक गांव से दूसरे और कस्बों को जयपुर से जोडऩे वाली तमाम सड़कों की हालत भी ठीक नहीं है। राजपालसिंह शेखावत अपने खिलाफ एंटी इन्कमबैंसी का असर ज्यादा नहीं होने के पीछे यह तर्क दे रहे हैं कि वे विधायक तो थे, लेकिन सरकार उनकी नहीं थी। वहीं डॉ. रेखा कटारिया अपने जेठ लालचंद कटारिया के मार्फत क्षेत्र में ज्यादा काम होने का दावा करके लोगों के बीच वोट मांग रही है। पिछली बार इस सीट से मौजूदा सांसद लालचंद कटारिया कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़े थे, उन्हें राजपालसिंह ने शिकस्त दी थी।


'राजस्थान में नहीं मिलेगा पूर्ण बहुमत, एनसीपी निभाएगी अहम भूमिका'

21 November 2013
सीकर. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि इस बार प्रदेश में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा। सरकार बनाने में एनसीपी प्रमुख भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि जहां मतदाता जागरूक हो जाता है। वहां मिली-जुली सरकार बनती है। वे बुधवार को सीकर के ईदगाह चौक में आयोजित सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा सीकर के विधायक कांग्रेस सरकार में उद्योग मंत्री बनने के बावजूद जिले में उद्योग नहीं लगा सके। चुनावों का समय है, आपके बीच असमंजस की स्थिति पैदा की जाएगी। लेकिन सोच के साथ वोट का बटन दबाना होगा। आबादी हिंदुस्तान की समस्या नहीं, बल्कि ताकत है। अमेरिका और यूरोप जैसे देश भारत के लोगों से काम चला रहे है। उन्होंने शिक्षा के साथ आबादी को और ताकतवर बनाने का आह्वान किया।
प्रदेश प्रवक्ता प्रोफेसर मानचंद खंडेला ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सेवा करने वाले व्यक्ति का राजनीति में आना महत्वपूर्ण है। पार्टी जाति संप्रदाय नहीं बढ़ाना चाहती। जनता की आवाज है। उसे उद्योग धंधे और रोजगार की जरूरत है। इस मौके पर मोहम्मद हुसैन खीरवा, वासुदेव कविया, एलआईसी संघ अध्यक्ष जगदीश फेनिन, रामेश्वर सेवार्थी, सुरेंद्र मावलिया, पवन गिनोडिय़ा, डा. इलियास आदि मौजूद थे।

आठ रोज पहले राजनीति में आया, मतदाताओं के पास 10 ही दिन

सीकर सीट से एनसीसी प्रत्याशी वाहिद चौहान ने कहा कि आठ रोज पहले राजनीति में आया। सही व्यक्ति का चुनाव करने के लिए आपके पास भी दस रोज ही बचे हैं। सीकर एजुकेशन हब बन चुका है। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। रोजगारोन्मुखी शिक्षा और उद्योग बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा सीकर को सेटेलाइट टाउन की तर्ज पर डवलप करना चाहते हैं।


राजस्‍थान में गहलोत और वसुंधरा के अलावा भी कई नेता है सीएम की दौड़ में !

20 November 2013
जयपुर। राजस्थान में लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्ससव चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है। भाजपा से लेकर कांग्रेस तक राजस्थान के रण को जीतने के लिए अपने पूरी ताकत झोंक चुके हैं। दोनों पार्टियों का खेल बिगाड़ने के लिए राजपा भी मैदान में है।
मुकाबला रोचक हो चुका है। लेकिन प्रदेश की दो प्रमुख पार्टियों को जितना खतरा एक-दूसरे से नहीं है, उससे अधिक खुद की पार्टी के दिग्ग्ज नेताओं से है, जो समय-समय पर आंख दिखाते रहते हैं। इन नेताओं के मन में अभी से मुख्य मंत्री बनने के ख्वाब जगने लगे हैं। भाजपा में वसुंधरा राजे से लेकर गुलाब चंद्र कटारिया और घनश्याम तिवाड़ी रेस में आगे हैं।
जबकि कांग्रेस में खुद मुख्ययमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय नेता सीपी जोशी और पार्टी के अध्य्क्ष चंद्रभान कतार में लगे हैं। वहीं, पिछले चुनाव में भाजपा के लिए मुसीबत बने बागी नेता और वर्तमान में राजपा नेता सांसद डॉ.किरोड़ीलाल मीणा की नजर भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। किरोड़ीलाल मीणा ने साफ कर दिया कि उनकी नजर मुख्यमंत्री पद पर है, हालांकि इशारों ही इशारों में किरोड़ी ने यह भी कह दिया कि मौका आने पर हो सकता है गोलमा को मुख्यमंत्री बनाया जाए।


उम्मीदवारों की संख्या बदलती है समीकरण

20 November 2013
नागौर। विधानसभा चुनाव 2013 के लिए जिले की 10 सीटों से 100 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसमें 10-10 उम्मीदवार कांग्रेस व भाजपा के हैं, जबकि 80 अन्य बसपा, सपा, सीपीएम, जेजीपी, एनपीईपीटी, बीएएसबी, आरडीएल, जेडी (एस), आईजीजीपी, एनयूजेडपी के साथ निर्दलीय हैं। हालांकि जिले के कुछ विधानसभा क्षेत्र ऎसे हैं, जहां पांच या छह उम्मीदवार हैं, लेकिन कुछ ऎसे भी हैं जहां 13-13 उम्मीदवार हैं।
2008 के विधानसभा चुनाव में जिले में कुल 82 उम्मीदवार थे, जिनमें से 60 जने तो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। इस बार उम्मीदवारों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है। इन उम्मीदवारों में किसके सिर जीत का सेहरा होगा और कौन अपनी जमानत बचा पाएगा, यह तो 8 दिसम्बर को चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा, लेकिन यह तो निश्चित है कि जहां उम्मीदवार ज्यादा हैं वहां उम्मीदवारों का समीकरण भी बिगड़ सकता है।

निर्दलीय में दो ने बचाई जमानत

गत चुनाव में 34 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भाग्य आजमााया, लेकिन 32 की जमानत जब्त हो गई, जबकि जिन्होंने अपनी जमानत बचाई, उनमें से एक तो परबतसर से लच्छाराम थे जो दूसरे नम्बर पर रहे और दूसरे लाडनूं से हरजीराम बुरड़क थे जिन्होंने सभी को पछाड़ते हुए जीत दर्जकी थी। इस बार 35 उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में भाग्य आजमा रहे हैं, लेकिन जमानत कितने बचा पाते हैं यह तो परिणाम के बाद ही पता चलेगा।

23 वाला जीता पर 40 वाला हारा

एक विधानसभा सीट से अधिक उम्मीदवार खड़े होने से समीकरण किस प्रकार बदलते हैं इसका उदाहरण गत विधानसभा चुनावों में परबतसर में देखने को मिला। 2008 के चुनाव में परबतसर से 14 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें से 12 की जमानत जब्त हो गई, लेकिन चौंकाने वाले आंकड़े ये रहे कि यहां महज 22.83 प्रतिशत वोट लेने वाले मानसिंह जीत गए, जबकी नागौर में हरेन्द्र मिर्घा 40.28 प्रतिशत वोट लेने के बावजूद चुनाव हार गए। गत बार नागौर में उम्मीदवारों की संख्या मात्र छह ही थी।
जानिए अपने उम्मीदवार को

विधानसभा क्षेत्र- खींवसर
भागीरथ मेहरिया भाजपा
आयु : 43 वर्ष
शिक्षा : 5वीं
पेशा: ख्ेाती व व्यवसाय
संतान : 1 पुत्र, 1 पुत्री
पुलिस केस: कोई नहीं
राजनीति में अनुभव: पिछले 12 सालों से राजनीति में सक्रिय, 2008 का चुनाव भी लड़ा।
राजनीतिक कैरियर: 10 साल से लगातार ढींगसरा पंचायत के सरपंच। पिछला विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ा, लेकिन हार गए।
परिवार में कोई राजनीति में है/रहे हैं: भाई अर्जुनराम मेहरिया भी राजनीति में सक्रिय।
पिछले पांच साल अधिकतर कहां रहे: क्षेत्र में ही रहे।
पार्टी के प्रति वफादारी : भाजपा के प्रति वफादार।

क्या हैं जनता से वादे
क्षेत्र को डार्कजोन मुक्त करवाना।
किसानों को 10 घंटे बिजली दिलाना।
क्षेत्र में नर्मदा नहर का पानी लाना।
बालिका शिक्षा व सड़कों का निर्माण।

राजेन्द्र फिड़ौदा कांग्रेस
आयु : 42 वर्ष
शिक्षा : 12वीं पेशा: खेती
संतान : 1 पुत्र, 1 पुत्री
पुलिस केस: मारपीट का आरोप, लेकिन अब बरी हो गए।
राजनीति में अनुभव: 20 सालों से सक्रिय, मूण्डवा प्रधान रहे।

राजनीतिक कैरियर: वर्ष 2000 में मूण्डवा प्रधान बने, 2005 में पंचायत समिति सदस्य तथा अभी जिला परिषद सदस्य हैं।
परिवार में कोई राजनीति में है/रहे हैं: रहे, दादा फिड़ौद सरपंच रहे। माता कृषि मंडी सदस्य रहीं।
पिछले पांच साल अधिकतर कहां रहे: क्षेत्र में ही रहे।
पार्टी के प्रति वफादारी : पार्टी के प्रति वफादार।

क्या हैं जनता से वादे

युवाओं को रोजगार दिलाना।
ढाणियों में बिजली-पानी पहुंचाना।
बड़ी ढाणियों को राजस्व गांव बनाना।
उच्च शिक्षा केन्द्र खुलवाना।


कांग्रेस ने तोड़ी गरीबी की दीवार: राहुल

20 November 2013
जयपुर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले पांच साल में यूपीए और राज्य की कांग्रेस सरकार के कामकाज के बल राजस्थान की जनता से वोट मांगे, वहीं भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए उसे धर्म, जाति, क्षेत्र और धन के नाम पर जनता को बांटने वाली करा दिया। राहुल ने कहा कि भाजपा का मानना है कि गरीबी का कारण गरीब है। जबकि हमारा मानना है कि गरीब अपने आगे खिंची दीवार के कारण गरीब है। सरकारों का काम है कि इस दीवार को तोड़ कर उन्हें गरीबी से निजात दिलाए, कांग्रेस ने अपने शासन में इस दीवार को तोड़ने का काम किया है।
राजस्थान के चित्ताोडगढ़ और बीकानेर में चुनाव सभाओं को संबोधित करते हुए राहुल ने नरेन्द्र मोदी की सभाओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के भाषण बहुत अच्छे है। उनके भाषणों को अलग-अलग एंगल से दिखाया जाता है। ऊपर से, नीचे से, दायें से बांये से। ये उनका मार्केटिंग का तरीका है, जिनका सच से लेना-देना नहीं।
राहुल ने कहा कि हम देश को जानते है इसलिए गरीबों का भला सोचते हैं। उन्होंने भाजपा की मानसिकता गरीबी विरोधी बताई। उन्होंने कहा कि भाजपा विकास की बात करती है, सड़कों की बात करती है, लेकिन गरीबों के बारे में नहीं सोचती। वहीं कांग्रेस ने हमेशा गरीबों के विकास के लिए काम किया है।
उन्होंने एनडीए सरकार से तीन गुणा अधिक आधारभूत ढांचा बनाने का दावा करते हुए कहा कि सड़के, एयरपोर्ट बनाना आसान है, लेकिन कांग्रेस चाहती है कि यह विकास अमीर-गरीब, सभी जात, धर्म के लोगों को साथ लेकर किया जाए। इसीलिए हमने विकास के साथ ही रोजगार, भोजन के अधिकार दिए। लेकिन भाजपा इनका भी विरोध कर रही है। राहुल ने कहा कि गहलोत सरकार की योजनाओं का भी जमकर गुणगान किया।
उन्होंने कहा कि राजस्थान ने जनता को मुफ्त दवा दी। लेकिन भाजपा ने इसे जहर बता दिया। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा की नजर में बाहर महंगे लेवल के साथ मिलने वाली दवा तो ठीक है, वहीं दवा यदि जैनेरिक फॉर्म में दी जा रही है तो जहर कैसे हो सकती है? सभाओं को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी ने भी संबोधित किया।


68 सीटों पर बागी बिगाड़ रहे कांग्रेस-भाजपा के समीकरण

19 November 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब सभी 200 सीटों पर सियासी तसवीर साफ हो गई। प्रदेश में 68 ऐसी सीटें हैं, जहां जीत-हार का फैसला कांग्रेस एवं भाजपा दोनों ही पार्टियों के बागियों के हाथों में हैं। भाजपा की 31 ऐसी सीटें हैं, जहां बागी मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस की 29 सीटें हैं। इन्हें छोड़कर छह सीटें ऐसी हैं, जहां दोनों ही दलों के बागी ताल ठोंक रहे हैं।
बागियों की चुनौती को लेकर सबसे ज्यादा मंडावा सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान घिरे हैं, जहां उनकी पार्टी की वर्तमान विधायक रीटा चौधरी चुनाव मैदान में डटी हुई हैं। रीटा के अतिरिक्त दो अन्य उम्मीदवार भी चन्द्रभान के लिए मुश्किल पैदा कर रहे है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे अपने गृह जिले झालावाड़ में ही बागियों की समस्या से जूझ रही है।
झालावाड़ जिले की खानपुर सीट से वर्तमान विधायक अनिल जैन टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर चुनाव लड़ रहे है। वहीं इसी जिले की मनोहर थाना सीट से भाजपा के बागी ज्ञानसिंह चुनाव लड़ रहे है। वसुंधरा काफी प्रयास के बावजूद इन्हें मनाने में सफल नहीं हो सकी। यही हालत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर की है। कभी गहलोत के खास रहे पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी लूणी से कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलिय चुनाव लड़ रहे है। गहलोत सरकार में राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार शर्मा नवलगढ़ में और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह झुंझुनूं से बागी हैं।
वल्लभनगर में वसुंधरा राजे के निकट माने जाने वाले रणधीरसिंह भिंडर ने पार्टी उम्मीदवार के लिए चिंता पैदा कर दी है।
मसूदा में कांग्रेस के नेता रामचंद्र चौधरी बागी हैं तो नागौर में पार्टी के प्रमुख नेता हरेंद्र मिर्धा विद्रोही के रूप में डटे हैं। हरेन्द्र दिग्गज पूर्व केन्द्रीय मंत्री और दिग्गज जाट नेता रामनिवास मिर्धा के बेटे है।
कांग्रेस ने सोमवार शाम पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे एक दर्जन लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। भाजपा बागियों के खिलाफ अगले दो दिन में निर्णय करेगी। गौरतलब है कि भाजपा पहली बार विधानसभा चुनावों में 200 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।


कांग्रेस ने 17, भाजपा ने 16 बागियों को पार्टी से निकाला

19 November 2013
जयपुर। कांग्रेस ने 17 और भाजपा ने 16 बागियों को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इन सभी बागियों से सोमवार की शाम तक पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में रिटायर होने की अपील की गई थी।

चूरू में नामांकन आज से, मतदान 13 को

जयपुर. चूरू विधानसभा क्षेत्र में अब मतदान 13 दिसंबर को होंगे। नामांकन मंगलवार से पेश किए जा सकेंगे। सिर्फ बसपा के प्रत्याशी ही नामांकन पेश कर सकेंगे। बसपा प्रत्याशी जगदीश मेघवाल की मौत हो जाने के कारण यहां चुनाव स्थगित कर दिया गया था। नामांकन की अंतिम तिथि 26 नवंबर होगी। 29 तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। मतगणना 16 दिसंबर को होगी।


कांग्रेस-भाजपा ने बताए प्रचारकों का नाम

19 November 2013
सीकर. शेखावाटी में आएंगे एक दर्जन से ज्यादा स्टार प्रचारक, सोनिया, राजनाथ व मोदी सहित कई दिग्गज करेंगे प्रचार

सीकर. कांग्रेस व भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इनमें पार्टियों ने देशभर के दिग्गज नेताओं को शामिल किया है।
ये नेता प्रदेशभर में कई रैलियां करेंगे। सोनिया गांधी, नरेंद्र मोदी व राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गज नेता शेखावाटी में भी प्रचार करेंगे। इन के कार्यक्रमों के लिए स्थानीय नेताओं ने तैयारियां शुरू कर दी है।
दिग्गजों की रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए जोर शोर से प्रयास किए जा रहे हैं। दिग्गज नेताओं की सभाओं का आगाज बुधवार को पलसाना में होने वाली भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की सभा से होगा।


68 सीटों पर बागी बिगाड़ रहे कांग्रेस-भाजपा के समीकरण

19 November 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब सभी 200 सीटों पर सियासी तसवीर साफ हो गई। प्रदेश में 68 ऐसी सीटें हैं, जहां जीत-हार का फैसला कांग्रेस एवं भाजपा दोनों ही पार्टियों के बागियों के हाथों में हैं। भाजपा की 31 ऐसी सीटें हैं, जहां बागी मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस की 29 सीटें हैं। इन्हें छोड़कर छह सीटें ऐसी हैं, जहां दोनों ही दलों के बागी ताल ठोंक रहे हैं।
बागियों की चुनौती को लेकर सबसे ज्यादा मंडावा सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान घिरे हैं, जहां उनकी पार्टी की वर्तमान विधायक रीटा चौधरी चुनाव मैदान में डटी हुई हैं। रीटा के अतिरिक्त दो अन्य उम्मीदवार भी चन्द्रभान के लिए मुश्किल पैदा कर रहे है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे अपने गृह जिले झालावाड़ में ही बागियों की समस्या से जूझ रही है।
झालावाड़ जिले की खानपुर सीट से वर्तमान विधायक अनिल जैन टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर चुनाव लड़ रहे है। वहीं इसी जिले की मनोहर थाना सीट से भाजपा के बागी ज्ञानसिंह चुनाव लड़ रहे है। वसुंधरा काफी प्रयास के बावजूद इन्हें मनाने में सफल नहीं हो सकी। यही हालत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर की है। कभी गहलोत के खास रहे पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी लूणी से कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलिय चुनाव लड़ रहे है। गहलोत सरकार में राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार शर्मा नवलगढ़ में और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह झुंझुनूं से बागी हैं।
वल्लभनगर में वसुंधरा राजे के निकट माने जाने वाले रणधीरसिंह भिंडर ने पार्टी उम्मीदवार के लिए चिंता पैदा कर दी है।
मसूदा में कांग्रेस के नेता रामचंद्र चौधरी बागी हैं तो नागौर में पार्टी के प्रमुख नेता हरेंद्र मिर्धा विद्रोही के रूप में डटे हैं। हरेन्द्र दिग्गज पूर्व केन्द्रीय मंत्री और दिग्गज जाट नेता रामनिवास मिर्धा के बेटे है।
कांग्रेस ने सोमवार शाम पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे एक दर्जन लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। भाजपा बागियों के खिलाफ अगले दो दिन में निर्णय करेगी। गौरतलब है कि भाजपा पहली बार विधानसभा चुनावों में 200 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।।


कांग्रेस का 109 सूत्री चुनावी घोषणा पत्र जारी

18 November 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नया राजस्थान विकसित राजस्थान नारे के साथ मतदाताओं से अगले पांच साल में प्रदेश के सभी ए.पी.एल और बीपीएल परिवारों को प्रतिमाह 35 किलो मुफ्त अनाज देने, पांच साल में पांच लाख युवाओं को नौकरी देने एवं किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के साथ ही कृषि कार्य के लिए सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने का वायदा किया है।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की ओर रविवार को यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव गुरुदास कामत, सी.पी. जोशी की उपस्थिति में 109 सूत्रीय लोक लुभावन घोषणा पत्र जारी किया। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में प्रदेश का पानी प्रदेश में ही रहे इसके लिए नीति बनाने, संभाग स्तर पर शिक्षा हब बनाने, विदेशी भाषा संस्थान बनाने के साथ ही कस्बों तथा कॉलोनियों में थड़ी एवं ठेला लगाने वालों के लिए जगह चिन्हित की जाएगी। व्यावसायिक पाठयक्रम पूरा करने वाले युवाओं को स्वरोजगार के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
गहलोत ने बताया कि पिछले पांच साल में प्रदेश में एक लाख सात हजार युवाओं को नौकरी दी गई, वहीं करीब एक लाख लोगों को भर्ती करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सत्ता में आई तो किसानों को कृषिकार्य के लिए सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराएगी तथा आधुनिक कृषि उपकरणों की खरीद के लिए अनुदान योजना शुरू की जाएगी। इसबगोल, कैर, सूखी सब्जी, मेंहदी, संतरा, किन्नू, अमरूद, अनार और सीताफल आदि के प्रभावी विपणन एवं निर्यात प्रोत्साहन दिया जाएगा। पशुपालन एवं डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त पशुधन एवं डेयरी विकास नीति तैयार कर युवाओं को विशेष प्रोत्साहन देकर रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे।
कांग्रेस ने सत्ता में आने पर दुधारू पशु खरीदने के लिए सस्ती दर पर ऋण अनुदान देने का वादा किया है वहीं गौवंश के संरक्षण एवं संव‌र्द्धन के लिए प्रभावी कदम उठाने और गौवंश की सेवा करने वालों को प्रोत्साहन एवं सम्मानित करने तथा गौशालाओं का अनुदान जारी रखने का वादा किया है। किसानों को लुभाने के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में अनाज खरीद, भण्डारण, गोदामों के प्रबंधन एवं वितरण की जिम्मेदारी सहकारी समितियों को देने का वादा किया है, वहीं राजस्व रिकार्ड एवं भू अभिलेखों का कम्प्यूटीकरण कर सभी आलेख प्रलेखो को 2015 तक आन लाइन कराने की बात कही है।

घोषणा-पत्र क्रियान्वयन के लिए विशेष प्रकोष्ठ

जयपुर। चौदहवीं विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा जारी किए गए घोषणा-पत्र के क्रियान्वयन के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी में सरकार के वरिष्ठ मंत्री के साथ ही विशेषज्ञ शामिल होंगे।
कांग्रेस ने घोषणा-पत्र में केन्द्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाने के साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए बोर्ड बनाने, प्रदेश में बाल नीति बनाने का भी वायदा किया गया।


गुर्जरों को पांच फीसद आरक्षण देगी कांग्रेस

18 November 2013
जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र में वादों का पिटारा खोल दिया है। पार्टी सत्ता में लौटने पर गुर्जरों व अन्य समुदायों को पांच प्रतिशत आरक्षण देगी। साथ ही कांग्रेस ने 'नया राजस्थान विकसित राजस्थान नारे' के साथ मतदाताओं से प्रदेश के सभी एपीएल और बीपीएल परिवारों को प्रतिमाह 35 किलो मुफ्त अनाज देने, पांच साल में पांच लाख युवाओं को नौकरी देने, किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने व कृषि कार्य के लिए सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने का वादा किया है।
रविवार को जारी 109 सूत्रीय घोषणापत्र में कांग्रेस ने कहा है कि वह गुर्जर, रायका, बंजारा और गाड़िया लुहार समुदायों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के प्रति कृतसंकल्प है। घोषणापत्र जारी करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 'हम मौजूदा सामाजिक कल्याण के योजनाओं व कार्यक्रमों को सशक्त बनाना चाहते हैं।
अगली सरकार बनाने को लेकर हम आश्वस्त हैं व घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करेंगे। 2008 में चुनाव के दौरान किए गए अधिकांश वादों को हमने पूरा किया है।' मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले पांच साल में प्रदेश में एक लाख सात हजार युवाओं को नौकरी दी गई।


नए मतदाता तय करेंगे हार-जीत का फैसला

16 November 2013
हनुमानगढ़। विधानसभा चुनाव में इस बार हार-जीत का फैसला युवा और नए जुड़े मतदाताओं के हाथ होगा। जिले में एक लाख 25 हजार 519 नए वोटर हैं, जो पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में जिले के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में नौ लाख 63 हजार 924 मतदाता थे। निर्वाचन विभाग की ओर से जारी अंतिम मतदाता सूची के अनुसार अब 10 लाख 89 हजार 443 मतदाता हैं।
हनुमानगढ़ सहित पीलीबंगा, संगरिया, नोहर व भादरा में सभी उम्मीदवारों का ध्यान फिलहाल नए जुड़े मतदाताओं को लुभाने में है। निर्वाचन विभाग ने भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए इस बार पोलिंग बूथों को वोटर फें्रडली बनाने की कसरत की है। इसके तहत कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों को चिन्हित कर उस क्षेत्र के मतदाताओ को अधिकाधिक मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

मतदान प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास

गत विधानसभा चुनावों में जिले में 78 प्रतिशत मतदान हुआ था और इस बार अधिकारी 90 प्रतिशत तक मतदान करवाने के प्रयास में हैं। संगरिया में 18 , हनुमानगढ़ में 21, पीलीबंगा में 22, नोहर में 20 व भादरा में 21 ऎसे बूथ चिन्हित किए गए हैं, जहां पिछले चुनाव में मात्र 50-60 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसे कम मानकर इन पोलिंग बूथों में शामिल क्षेत्र पर खास ध्यान दिया जा रहा है।

प्रलोभन दिया तो कैद

चुनाव में अनावश्यक खर्च पर अंकुश के लिए पारदर्शिता बरती जा रही है। हर विधानसभा क्षेत्र में निगरानी टीमें कार्य कर रही हैं। वोटर को प्रलोभन देने या डराकर अपने पक्ष में मतदान कराने की शिकायत पर कानूनी कार्रवाई होगी। इसमें एक वर्ष से अधिक की कैद हो सकती है। चुनाव गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गस्ती दल का गठन किया गया है। आदर्श आचार संहिता का पालन करवाने के लिए पर्यवेक्षकों को लगाया गया है।
विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। नए वोटरों को मतदान के लिए घर-घर जाकर प्रेरित किया जा रहा है। पोलिंग बूथों पर इस बार वोटर पर्ची उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई है। इससे मतदान में परेशानी नहीं आएगी। बीएल मेहरड़ा, उप जिला निर्वाचन अधिकारी हनुमानगढ़

फैक्ट फाइल

विधानसभा सीट वोटर

हनुमानगढ़ 227740
भादरा 220943
नोहर 217256
पीलीबंगा 225764
संगरिया 197740


चर्चा तक सिमटा चुनाव

16 November 2013
धौलपुर। लाउडस्पीकर लगी गाडियां, ढोल-नगाड़ों के साथ वोट मांगते प्रत्याशी, बैनर-पोस्टरों से रंगी दीवारें और सभाओं में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते प्रत्याशी। यह सब चुनाव आचार संहिता तले दबकर रह गया है। विधानसभा चुनाव में अब मात्र पंद्रह दिन शेष हैं, लेकिन चुनावी शोरगुल पूरी तरह गायब है। आचार संहिता की कड़ाई से हो रही पालना का असर है कि प्रत्याशी भी वोट की जगह लोगों को जागरूक करते नजर आ रहे हैं।
मतदाता जागरूकता के लिए चल रहे अभियान के कारण प्रत्याशियों का जनसंपर्क दब गया है। हर ओर बस मतदाता जागरूकता की ही बातें हो रही हैं। विधानसभा चुनाव अब तक मात्र लोगों की चर्चाओं तक में सिमट गया है। न तो प्रत्याशी खुलकर वोट मांग पा रहे हैं और न ही मतदाताओं को लुभावने भाषण दे पा रहे हैं। ऎसे में चुनावी सरगर्मी कहीं नजर नहीं आती। इसके उलट चौराहे-चौराहे और गली-गली में जीत-हार पर दांव जरूर लगते नजर आ रहे हैं। कौन प्रत्याशी किस पर किस तरीके से भारी है। इसके लिए समीकरण समर्थक अपने-अपने हिसाब से बता रहे हैं।

मतदाता भी है खामोश

चुनावी चर्चाओं में को मतदाता खूब हिस्सा ले रहा है, लेकिन मतदाता अभी रूख बताने के मूढ़ में नजर नहीं आ रहा। मतदाता खामोशी से सारी बातों को समझने की जुगत में है। मतदाता के शांत रहने से प्रत्याशी भी सकते में है। आलम यह है कि प्रत्याशियों के साथ उनके खास समर्थक तो चल रहे हैं, लेकिन लोगों का रेला अभी तक साथ नहीं आया है। ऎसे में चुनाव रंग चढ़ता नजर नहीं आ रहा। हालांकि चुनाव प्रचार में निकले सभी प्रत्याशियों को मतदाता की ओर से एक से ही आश्वासन मिल रहे हैं।

प्रचार से होती थी ताकत की पहचान

बाड़ी. दो दशक पूर्व तक चुनाव प्रचार का तरीका प्रत्याशी और मतदाताओं के बीच वन टू वन संपर्क का होता था। प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ क्षेत्र में पैदल प्रचार के लिए निकलते थे तथा मतदाताओं से सुख दुख की पूछते हुए वोट देने की गुहार करते थे। बाद में होर्डिग, बैनर, झंडे, माईक तथा खर्चीली सभाओं का दौर शुरू हुआ। जिसने आम मतदाता की नींद और चैन छीन लिया। देर रात्रि तक माईकों की आवाज से चुनावों के दौरान लोगों का जीना मुश्किल हो जाता था।
लेकिन चुनाव आयोग की पैनी नजर से अब हर प्रत्याशी परेशान है। प्रत्याशी और उनके समर्थक परेशान है कि वे प्रचार करें तो कैसे करें। कम से कम खर्चे में कैसे प्रत्येक मतदान केन्द्र के एक-एक मतदाता तक पहुंचा जाए। कम समय और कम खर्च में बेहतर चुनाव प्रचार के लिए प्रत्याशी प्लानिंग करने लगे हैं। नई प्लानिंग में प्रत्याशी वापस दो दशक पुराने प्रचार के तरीकों को अपनाने को मजबूर होते दिखाई दे रहे हैं।

यह होता था पहले

बीते दशक तक प्रत्याशी की ताकत प्रचार से पहचानी जाती थी। जिसके कारण प्रत्याशी प्रचार सामग्री से बाजारों, गली, मोहल्लों, ढाणियों, पुरा तथा गांव के कौन-कौने को पाट देने के अलावा बड़े-बड़े स्पीकर लगाकर प्रचार करते थे। माईक लगी गाडिया दिनरात गांव-गांव दौड़ती रहती थी। रैली तथा जनसभाओं में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाकर ताकत का आंकलन कराया जाता था। इस सब पर जमकर पैसे की बर्बादी की जाती थी।

नई योजना

प्रत्याशी इस बार सत्तर तथा अस्सी के दशक की तरह पुराने प्रचार माध्यम अपना रहे हैं। जिसमें मतदाताओं प्रत्यक्ष जनसंपर्क प्रमुख है। साथ ही नुक्कड़ सभाएं, छोटी प्रचार रैली, पैदल जनसंपर्क, छोटे पम्पलेट वितरण दुपहिया वाहनों का उपयोग तथा तुलादान की जगह के बाद पुरूषों से स्वागत के फंडे अपनाएं जा रहे हैं।


"लोग निडर होकर करें मतदान"

16 November 2013
धौलपुर। विधानसभा चुनाव में भय पैदा कर मतदान को प्रभावित करने वाले लोगों पर अंकुश लगाने एवं लोगों को भयमुक्त होकर मतदान कराने एवं प्रेरित करने के लिए बनाई गई पुलिस की विश्वास टीम ने शुक्रवार को बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के बसईडांग थाने के कई गांवों में दौरा कर लोगों को एक दिसम्बर को अधिक से अधिक मतदान करने की बात कही। टीम के प्रभारी सब इंस्पेक्टर चन्द्रभान सिंह ने बताया कि शुक्रवार को टीम ने बरीपुरा, बसईडांग, मेहंदपुरा, बरपुरा, धनावली, करूआपुरा, नगर एवं रजई आदि गांवों में लोगों से मुलाकात की।
टीम ने लोगों को विश्वास दिलाया कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान करना बेहद जरूरी है। ऎसे में सभी लोग निडर होकर खुलकर मतदान करें। पुलिस की विश्वास टीम ऎसे गांवों में जाकर लोगों से मिल रही है, जहां मतदान के प्रभावित होने की आशंका है।
पुलिस ने ऎसे लोगों को भी चिह्नित किया है, जो मतदान को प्रभावित कर सकते हैं। पुलिस ऎसे लोगों को पाबंद करने की कार्रवाई में जुटी है। टीम प्रभारी ने कहा कि मतदान में किसी प्रकार की दिक्कत होने पर वह टीम से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने अपने मोबाइल नंबर 9468867569 लोगों को दिया। उन्होंने कहा कि कहीं भी मतदान के दौरान दिक्कत हो तो सूचना दें।


बड़े-छोटे सब नेता जुटे हैं मान-मनौवल में

16 November 2013
जयपुर। शनिवार को नामांकन वापसी का आखिरी दिन है। दोपहर तीन बजे तक नाम वापस लिए जाएंगे। इसके चलते भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां शुक्रवार को दिनभर बागियों को बैठाने की मशक्कत में लगी रहीं। शीर्ष नेतृत्व से लेकर स्थानीय स्तर तक हर संभव प्रयास किए गए।
साम, दाम, दंड और भेद की नीति अपनाई। बागियों पर जाति समाज के नेताओं, परिवार वालों व रिश्तेदारों से दबाव बनवाया जा रहा है। सरकार बनने पर लालबत्ती, विधान परिषद में मौका, संगठन में प्रभावी पद देने का प्रलोभन दिया। उधर, मंडावा में चंद्रभान ने कहा कि बागी नहीं माने तो सख्त कार्रवाई होगी।


टिकट वितरण में जीता जातिवाद

15 November 2013
जयपुर। राजनीति दल चुनाव में भले ही पार्टी के प्रति निष्ठा और काम के आधार पर टिकट बांटने का दावा करें, मगर हकीकत यह हे कि इसमें सबसे ज्यादा चली है जातिवाद की। राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा ने हर सीट पर जातीय आधार वाले उम्मीदवार को ही अपनी पहली पसंद रखा है। भले ही इसमें वहां के किसी अच्छे कार्यकर्ता का हक छिन गया हो।
कांग्रेस ने टिकटार्थियों से आवेदन फार्म ही यह पूछा था कि जिस सीट से वह टिकट मांग रहे है वहां पर जातीय समीकरण क्या है?, कौनसी जाति के कितने सीट है?, स्वयं की जाति के कितने वोट है? इसी तरह कांग्रेस पर्यवेक्षकों को भी एक प्रोफार्मा दिया गया था जिसमें सभी सीटों का जातीय आंकड़ा पूछा गया था जिसके आधार पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से एक दस्तावेज बनाया गया जो टिकट बंटवारे में आखिरी दौर तक रखा गया।
कांग्रेस के टिकट बंटवारे में टिकटार्थियों से इंटरव्यू के दौरान प्रदेश चुनाव समिति के सदस्यों ने सबसे पहले यही सवाल पूछा था कि आप किस जाति के आधार पर टिकट मांग रहे हो, जिससे पार्टी जीत सके। वहीं भाजपा ने भी अपने सर्वे में इसी को प्राथमिकता दी है। कांग्रेस-भाजपा ने सबसे ज्यादा टिकट प्रदेश की दो प्रमुख जातियों जाट और राजपूतों को बांटे है। कांग्रेस ने दोनों जातियों को 49 और भाजपा ने 60 टिकट देकर उनको सत्ता के सबसे ज्यादा करीब रखा है। भले ही किसी भी दल की सरकार बने। ऐसे में यह दोनों जातियां इन दलों के सबसे ज्यादा नजदीक है। जाटों को राजस्थान में जाट आरक्षण आंदोलन से पहले कांग्रेस का ठोस परम्परागत वोट बैंक माना जाता था।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने केन्द्र में सत्ता आने के बाद जाटों को ओबीसी में शामिल किया, तो जाटों का झुकाव भाजपा की ओर हुआ। इससे पहले कांग्रेस में नाथूराम मिर्धा, कुंभाराम आर्य, रामनिवास मिर्धा जैसे दिग्गज नेता हुआ करते थे।
अब भाजपा भी जाटों को महत्व देने लगी है। टिकट तय करते समय कांग्रेस ने अपने परम्परागत वोट बैंक मुस्लिमों पर फिर से भरोसा जताया है और उन्हें एक दर्जन से ज्यादा टिकट दिए हैं।
गोपालगढ़ हिंसा और सवाईमाधोपुर के सूरवाल मामले के बाद मुस्लिम कांग्रेस से थोड़े नाराज चल रहे थे, मगर कांग्रेस ने उन्हें प्रतिनिधित्व देकर संतुष्ट करने की कोशिश की है। वहीं भाजपा ने मुस्लिम टिकट देने में थोड़ा परहेज रखा है।


बागी, बसपा ने बनाया त्रिकोणीय मुकाबला

15 November 2013
अलवर. मत्स्यांचल के अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिले की 22 में से 11 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर सामने आ रही है। प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस के साथ इस क्षेत्र में बागी, बसपा, राजपा, जदयू और निर्दलीय मुकाबले को कांटे का बना रहे हैं।
11 सीटों पर सीधे कांग्रेस व भाजपा में मुकाबला है। जोन में 11 सीटों पर बागियों ने दोनों दलों की चिंताएं बढ़ा रखी हैं। भाजपा इस क्षेत्र में अपनी सीटें बरकरार रखने की कवायद कर रही है तो कांग्रेस बढ़त बनाने के प्रयास में है। भरतपुर में पूर्व राजघराने के विश्वेंद्र सिंह व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नजदीकी माने जाने वाले पूर्व मंत्री डॉ. दिगंबर सिंह आमने-सामने हैं।
धौलपुर में वयोवृद्ध क्षत्रप प्रद्युम्न सिंह व बनवारी लाल शर्मा चुनावी समर में हैं। अलवर में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। टिकट नहीं मिलने से दोनों दलों से नाराज दावेदारों ने डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की पार्टी राजपा का दामन थाम लिया है। कुछ सीटों पर जाति विशेष को टिकट नहीं दिए जाने से विरोध भी सामने आ रहा है।
अलवर : राजपा तीन जगह बिगाड़ सकती है समीकरण

जिले की 11 में से राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, कठूमर, थानागाजी व अलवर ग्रामीण में राजपा ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। तिजारा में चतुष्कोणीय मुकाबला होगा। अलवर शहर में भाजपा से मौजूदा विधायक बनवारीलाल सिंघल तो कांग्रेस से नरेंद्र शर्मा मैदान में हैं। भाजपा से अजय अग्रवाल व कांग्रेस से जीतकौर बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं।
अलवर ग्रामीण से भाजपा ने जयराम जाटव व कांग्रेस ने मौजूदा विधायक टीकाराम पर फिर दांव लगाया है। राजपा ने विमला उमर को उतारा है। थानागाजी में कांग्रेस ने उर्मिला जोगी को टिकट दिया है। राजपा से कांति मीणा व भाजपा ने विधायक हेमसिंह भड़ाना को उतारा है। बानसूर से भाजपा ने पूर्व मंत्री रोहिताश्व कुमार को टिकट दिया है। कांग्रेस ने फिर शकुंतला रावत को उतारा है।
तिजारा में कांग्रेस से चिकित्सा मंत्री दुर्रू मियां, भाजपा से मामन यादव, जदयू से चंद्रशेखर यादव व बसपा से फजल हुसैन मैदान में हैं। भाजपा के बागी राजीव गोयल भी मैदान में हैं। बहरोड़ में कांग्रेस से सीताराम यादव व भाजपा से जसवंत यादव मैदान में हैं। कांग्रेस से आरसी यादव व भाजपा से महेंद्र यादव ने बगावत कर पर्चा भरा है।
मुंडावर में कांग्रेस से मेजर ओपी यादव, भाजपा से धर्मपाल चौधरी व बसपा से करण सिंह चौधरी मैदान में हैं। कांग्रेस के बागी महीपाल यादव व राजेंद्र यादव ने निर्दलीय पर्चा भरा है। किशनगढ़बास में भाजपा ने रामहेत यादव व कांग्रेस ने दीपचंद खेरिया, रामगढ़ में भाजपा ने ज्ञानदेव आहूजा व कांग्रेस ने जुबेर खान को उतारा है।
राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ में भाजपा ने नए चेहरे सुनीता मीणा व कांग्रेस ने शीला मीणा को उतारा है। राजपा से गोलमा देवी व सपा से सूरजभान धानका मैदान में हैं। कठूमर से कांग्रेस ने रमेश खींची व भाजपा ने मंगलराम कोली को उतारा है।

भरतपुर : डीग-कुम्हेर में दिग्गज आमने-सामने

भरतपुर जिले की 7 सीटों में से भरतपुर, नदबई, वैर व बयाना में बसपा ने त्रिकोणीय संघर्ष बना दिया है। सबसे रोचक मुकाबला डीग-कुम्हेर सीट पर है। कांग्रेस से पूर्व राजघराने के विश्वेंद्र सिंह व पूर्व मंत्री डॉ.दिगंबर सिंह मैदान में हंै। भरतपुर में भाजपा ने फिर विधायक विजय बंसल को टिकट दिया है। कांग्रेस ने महेंद्र तिवाड़ी व बसपा ने दलवीर सिंह को उतारा है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गिरधारी तिवारी बगावत कर मैदान में हैं।
कामां से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक जाहिदा खान तथा भाजपा ने पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के पुत्र जगत सिंह को उतारा है। नदबई में भाजपा ने कृष्णेंद्र कौर दीपा को फिर टिकट दिया है। कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष गिरीश चौधरी को उतारा है। बसपा ने घनश्याम कटारा को टिकट देकर त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया है। बयाना में भाजपा ने नए चेहरे बच्चू सिंह बंशीवाल, कांग्रेस ने पूर्व विधायक निर्भयलाल जाटव को उतारा है।
बसपा ने गत चुनाव में दूसरे नंबर पर रही मुन्नी दुबेश को टिकट दिया है। भाजयुमो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ऋषि बंसल की पत्नी ऋतु भी निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा के पूर्व सांसद गंगाराम कोली बगावत कर मुकाबले में हैं। वैर में भाजपा ने मौजूदा विधायक बहादुर सिंह कोली को फिर मौका दिया है।
कांग्रेस ने ओम प्रकाश पहाडिय़ा को टिकट दिया है। बसपा के अतर सिंह पगारिया मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। नगर में भाजपा ने अनीता गुर्जर को फिर टिकट दिया है। कांग्रेस से बृजेंद्र सिंह प्रत्याशी हैं। बसपा के सुदेश गुर्जर मुकाबला त्रिकोणीय बना रहे हैं।

धौलपुर : पुराने चेहरों पर जताया भरोसा

धौलपुर जिले में चारों सीटों पर तस्वीर लगभग साफ हो गई है। धौलपुर में कांग्रेस ने पांच बार विधायक व एक बार मंत्री रह चुके बनवारीलाल शर्मा को टिकट दिया है। बीजेपी ने विधायक अब्दुल सगीर को फिर उतारा है। बसपा यहां बीएल कुशवाह को प्रत्याशी बना चुकी है। बसपा की कुशवाह व जाटव वोटों पर नजर है। बाड़ी में बसपा के मौजूदा विधायक व संसदीय सचिव गिर्राज सिंह मलिंगा को कांग्रेस ने टिकट दिया है।
भाजपा ने जसवंत गुर्जर, बसपा ने दौलतराम कुशवाह तथा राजपा ने सुमित शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। बसपा यहां दोनों दलों को कड़ी टक्कर दे रही है। बसेड़ी में भाजपा व कांग्रेस ने नए चेहरों पर भरोसा किया है। भाजपा के मौजूदा विधायक सुखराम कोली का पार्टी ने टिकट काट दिया है। वे बगावत कर राजपा में चले गए। भाजपा ने यहां से रानी कोली व कांग्रेस ने ओम प्रकाश जाटव को टिकट दिया है।
पिछले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले बद्री प्रसाद बागी होकर निर्दलीय के रूप में मैदान में हैं। राजपा यहां दोनों को कड़ी टक्कर दे रही है। राजाखेड़ा में कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रद्युम्न सिंह के सामने भाजपा ने युवा चेहरे को उतारा है। वे धौलपुर में भाजपा द्वारा ब्राह्मण जाति को टिकट नहीं देने से नाराज हैं।
भाजपा ने रविंद्र बोहरा की जगह उनके बेटे विवेक बोहरा को टिकट दिया है। प्रद्युम्न सिंह व विवेक बोहरा ताऊ भतीजे हैं। बसपा ने सोवरन सिंह सिकरवार को प्रत्याशी बनाया है। जिला प्रमुख रहे किशनचंद शर्मा का भाजपा से टिकट कटने से ब्राह्मण मतदाता नाराज हैं। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं।।


दस प्रत्याशियों के पर्चे खारिज

14 November 2013
भरतपुर। विधानसभा चुनाव के लिए जिले में भरे नामांकन पत्रों की जांच का काम बुधवार को हुआ। जिले में नामांकन पत्रों की जांच के दौरान बसपा के एक प्रत्याशी सहित दस उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हुए।
जिला निर्वाचन अधिकारी नीरज के पवन ने बताया कि भरतपुर में 6, कामां में 2 तथा वैर में 2 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हुए हैं। उन्होंने बताया कि भरतपुर में राजवीर सोलंकी ने राकांपा से पर्चा भरा, लेकिन सिम्बल नहीं मिल पाने के कारण नामांकन खारिज हो गया।
यहीं से निर्दलीय पूरनसिंह का शपथ पत्र नहीं होने, निर्दलीय ब्रजेश तिवारी का आवेदन अपूर्ण होने, निर्दलीय देवेन्द्र सिंह का प्रस्ताव पूरे नहीं होने के कारण, निर्दलीय तेज सिंह के नामांकन में हस्ताक्षर नहीं होने के कारण तथा निर्दलीय रतनसिंह का नामांकन प्रस्तावक पूरे नहीं होने के कारण खारिज हुआ।
उन्होंने बताया कि कामां विधानसभा क्षेत्र में बसपा के उम्मीदवार बालगोविन्द मावई का नामांकन हस्ताक्षर नहीं होने के कारण खारिज हुआ। यहीं से राकांपा से नामांकन दाखिल करने वाले मुजीद का भी नामांकन खारिज हो गया है। इस कारण यह है कि यहां राकांपा से दो जनों ने पर्चा भरा। पहले गोपीचंद गुर्जर ने सिम्बल दिया था। इस कारण बाद में सिम्बल देने वाले मुजीद का नामांकन खारिज हो गया।
वैर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय अनिता सिंह का प्रस्तावक नहीं होने के कारण तो बहुजन संघर्ष दल से रूपचंद का नामांकन प्रस्तावकों की संख्या पूरी नहीं होने के कारण खारिज हुआ।
उन्होंने बताया कि जिले में 137 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र जमा कराए थे। जांच के दौरान 10 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हो गए। इस तरह जिले में अब 127 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें बयाना से 13, भरतपुर से 21, डीग-कुम्हेर से 12, कामां से 20, नगर से 27, वैर से 15 तथा नदबई विधानसभा क्षेत्र से 19 उम्मीदवार हैं।

जुर्माने के बाद गाड़ी छोड़ीनीली बत्ती की जब्त

नदबई. आगरा-जयपुर राजमार्ग पर गांव महुआ सिनपनी समीप पुलिस सतर्कता दल ने बुधवार देर शाम नीली बत्ती लगी एक इनोवा कार को जब्त किया। बाद में पुलिस ने 177 केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत एक-एक हजार रूपए का जुर्माना करने तथा नीली बी जब्त करने के बाद गाड़ी को छोड़ दिया गया। थाना प्रभारी रमेन्द्र हाड़ा ने बताया कि नीली बत्ती लगी गाड़ी में यूपी के जिला फतेहरपुर में कार्यरत एआरटीओ संजय तिवाड़ी परिजनों सहित बालाजी से मुण्डन संस्कार समारोह में शामिल होकर वापस आ रहे थे। इस दौरान सतर्कता दल ने गाड़ी को पकड़ लिया।


जिले में 9 नामांकन निरस्त

14 November 2013
सवाईमाधोपुर। जिले में नामांकनों की जांच के दौरान नौ नामांकन निरस्त किए गए। लेकिन ये सभी वो नामांकन हैं, जो एक प्रत्याशी की ओर से अधिक नामांकन पेश करने या चुनाव चिंह नहीं आने के कारण निरस्त हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार सवाईमाधोपुर क्षेत्र से 16 नामांकनों में कोई भी निरस्त नहीं हुआ। जबकि बामनवास में दो, खण्डार में छह तथा गंगापुरसिटी में एक नामांकन निरस्त किए गए।

प्रस्तावक के अभाव में हुआ नामांकन निरस्त

गंगापुरसिटी. विधानसभा चुनाव के लिए प्रस्तुत किए गए नामांकन-पत्रों की बुधवार को जांच की गई। इनमें 15 प्रत्याशियों के नामांकन सही पाए गए, जबकि एक प्रत्याशी का नामांकन निरस्त कर दिया गया।

रिटर्निग अधिकारी मुकेश कुमार मीणा ने बताया कि नेशनल यूनिष्ट जमींदारा पार्टी के प्रत्याशी ओमप्रकाश का नामांकन प्रस्तावकों के अभाव में निरस्त किया गया है। उन्होंने बताया कि नेशनल यूनिष्ट जमींदारा पार्टी गैर मान्यता प्राप्त दल है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत किसी भी गैर मान्यता प्राप्त दल के प्रत्याशी को 10 प्रस्तावकों के साथ नामांकन दाखिल करना होता है, लेकिन ओमप्रकाश ने एक प्रस्तावक के साथ ही नामांकन दाखिल किया। इस कारण उसका नामांकन-पत्र निरस्त किया गया।

इनके नामांकन सही

रिटनिंüग अधिकारी ने बताया कि भाजपा प्रत्याशी मानसिंह गुर्जर, कांग्रेस के रामकेश मीणा, राजपा के दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, बसपा के इस्माइल, भाकपा के नाहरसिंह जाट, जागो पार्टी से दीपक, नेशनल पीपुल्स ग्रीन पार्टी से धर्मी, भारतीय युवा शक्ति पार्टी से गिर्राज, लोक जनशक्ति पार्टी से मोहनलाल बैरवा, भारतीय बहुजन पार्टी से अमृतलाल तथा निर्दलीय हर्षवर्धन, नरेश मीणा, रामेश्वर, वीरेन्द्र तथा डॉ एसएन शर्मा के नामांकन सही पाए गए।

एक ईवीएम से होगा मतदान

रिटर्निग अधिकारी ने बताया कि ंगंगापुरसिटी विधानसभा क्षेत्र के मतदान बूथों पर एक ही ईवीएम लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि एक ईवीएम में 16 बटन होते हैं। गंगापुरसिटी में 15 प्रत्याशी से अधिक मैदान में नहीं होंगे तथा 16 वें नम्बर का बटन नोटा (कोई विकल्प नहीं) के काम आएगा।

सिंबल के अभाव में दो नामांकन खारिज

बामनवास. यहां नामांकनों की जांच के दौरान सिंबल के अभाव में दो प्रत्याशियों के नामांकन खारिज कर दिए गए हैं।
केन्द्रीय चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक भारत भूषणधर की मौजूदगी में उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में हुई जांच से पूर्व पर्यवेक्षक भूषण ने नामांकन की कार्रवाई का निरीक्षण किया। उपखण्ड अधिकारी देवेन्द्र जैन ने बताया कि लखपत मीणा ने दो आवेदन प्रस्तुत किए थे, इसमें से एक आवेदन राजपा का अधिकार पत्र प्रस्तुत नहीं करने के कारण निरस्त कर दिया गया।
इसी तरह राजेन्द्र मीणा द्वारा भाजपा की ओर से नामांकन भरा गया। लेकिन सिंबल नहीं मिलने की वजह से उनके नामांकन को भी निरस्त किया गया। उन्होंने बताया कि जांच में 16 प्रत्याशियों के नामांकन सही पाए गए। उन्होंने बताया कि चुनाव संबंधी किसी भी शिकायत की सूचना केन्द्रीय पर्यवेक्षक के मोबाइल 7597629616 पर दी जा सकती है।

छह फॉर्म किए निरस्त

खण्डार. प्रत्याशियों द्वारा भरे गए 17 फॉर्म में से जांच के दौरान 6 फॉर्म को निरस्त किया गया। निर्वाचक अधिकारी हरफूल पंकज ने बताया कि गणपत लाल गुंसाईवाल, चौथमल बैरवा, कालू द्वारा पार्टी का सिंबल नहीं होने, अशोक बैरवा के दो, जितेन्द्र कुमार का एक फॉर्म अधिक नामांकन भरने के कारण निरस्त किया गया। अब यहां 11 प्रत्याशियों के नामांकन हैं।


14 प्रत्याशियों के नामांकन खारिज

14 November 2013
टोंक। विधानसभा चुनाव में बुधवार को हुई जांच में 7 प्रत्याशियों के नामांकन खारिज हो गए। इनके नामांकन पत्रों में कई प्रकार की कमियां थी। रिटर्निग ऑफिसर हिम्मत सिंह ने बताया कि टोंक विधानसभा क्षेत्र से 18 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था। इनमें भारतीय युवा शक्ति पार्टी के देवराज, जागो पार्टी के कल्याणसिंह, निर्दलीय राजू महावर, अशोक कुमार, श्योजीराम, शहाब अली तथा नीरजकुमार के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए। अब टोंक चुनाव मैदान में 11 प्रत्याशी हैं।
मालपुरा. यहां बुधवार को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी कार्यालय में नामांकन पत्रों की जांच की गई। इसमें दो नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी कैलाशचन्द शर्मा ने बताया कि राधादेवी व एवं नारायण उर्फ सत्यनारायण के फार्म में कमियां पाए जाने पर खारिज किया गया।
उन्होंने बताया कि अब चुनाव मैदान में 14 प्रत्याशी रह गए है, नाम वापस लेने वाले इच्छुक प्रत्याशी 16 नवम्बर को दोपहर 3 बजे तक अपना नाम वापस ले सकेगे तथा 3 बजे बाद प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न का आवंटन किया जाएगा।
उनियारा. देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के चुनाव के लिए 11 व्यक्तियों द्वारा दाखिल किए गए 14 नामाकंन पत्रों की बुधवार को हुई जांच में पांच नामांकन पत्र निरस्त कर दिए गए। निर्वाचन अधिकारी राधेश्याम मीणा ने बताया कि दाखिल किए गए नामाकंन पत्रों की जांच में कांग्रेस पार्टी से घीसालाल द्वारा भरा गया आवेदन पत्र सिम्बल के अभाव में, इसी प्रकार शिवप्रसाद द्वारा दाखिल 2 नामाकंन, जागो पार्टी के अरविन्द कुमार सोनी एवं पप्पूलाल बैरवा के आवेदन पत्रो के साथ वांछित दस्तावेज नहीं होने के कारण निरस्त कर दिए गए।
उन्होंने बताया कि बहुजन समाज पार्टी के महावीर मीणा, कांग्रेस पार्टी के रामनारायण मीणा, भाजपा के राजेन्द्र गुर्जर, राष्ट्रीय जनता पार्टी के हरकचन्द गोलेछा के अतिरिक्त निर्दलीय घीसालाल, राजेन्द्र सिंह, कुलदीप सिंह तथा सोनम गोलेछा के आवेदन पत्र सही पाए गए।


नामांकन दर्ज करवाने का दौर खत्म

13 November 2013
सिरोही। विधानसभा आम चुनाव-2013 की नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि मंगलवार को नामजद पर्चे जमा करवाने को लेकर गहमागहमी रही। अंतिम दिन सिरोही विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए 17 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल करवाए। ऎसे में सिरोही से चुनाव लड़ने वालों की संख्या 22 हो गई है। इसी प्रकार रेवदर से कुल नौ प्रत्याशी तथा पिंडवाड़ा आबू विधानसभा क्षेत्र से भी कुल नौ प्रत्याशियों ने अंतिम तिथि तक नामांकन दाखिल किया।

हर वर्ग है मैदान में

चुनाव लड़ने के लिए हर वर्ग ने ताल ठोकी है। सिरोही विधानसभा क्षेत्र से जयपुर निवासी ललित भारद्वाज 27 वर्ष के सबसे युवा उम्मीदवार है तो 80 वर्ष पार कर चुके पीराराम रेबारी निर्दलीय के रूप में चुनावी दंगल में उतरे हैं। सिरोही से महिला उम्मीदवार के रूप में एक मात्र अनिता राजुपरोहित ने निर्दलीय के रूप में आवेदन किया है। इसी प्रकार रेवदर विधानसभा से राजपा के मिठ्ठूसिंह (59) सबसे अधिक उम्रदराज तथा किशोरकुमार (28) निर्दलीय सबसे युवा है। अजा के लिए सुरक्षित इस सीट से किसी महिला ने नामांकन नहीं भरा है। वहीं पिंडवाड़ा-आबू क्षेत्र से राजपा के नवाराम (68) सबसे अधिक उम्रदराज तथा हरिसिंह सतावन (38) युवा उम्मीदवार है। इस क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी गंगाबेन एकमात्र महिलाउम्मीदवार है।

निर्दलीयों में दिखा उत्साह

सिरोही विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही प्रमुख राजनैतिक पार्टियों के प्रत्याशियों ने पूर्व में ही नामांकन दाखिल कर दिए थे। इसलिए मंगलवार को समर्थकों व कार्यकर्ताओं की खास भीड़ तो नहीं दिखी, लेकिन नामांकन दर्ज करवाने के लिए निर्दलीय प्रत्याशियों की भीड़ जरूर दिखाई दी। सिरोही विधानसभा से 22 में से 12 प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि, शेष पर दस प्रत्याशी पार्टियों किसी न किसी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन करवा चुके हैं।

रेवदर से नौ ने भरे पर्चे

रेवदर विधानसभा से जगसीराम कोली (भाजपा), लखमाराम कोली (कांग्रेस), मिठ्ठुसिंह (राजपा), मीठालाल (बसपा) तथा अमराराम, राजेन्द्र, किशोरकुमार व जितेन्द्र ने निर्दलीय के रूप में एवं राजकुमार ने भाजपा के डमी उम्मीदवार के रूप में नामांकन दर्ज करवाया है।

सिरोही से 22 मैदान में

सिरोही विधानसभा क्षेत्र से संयम लोढ़ा (कांग्रेस), ओटाराम देवासी (भाजपा), शंकरलाल (बसपा), मीठालाल जैन (भारतीय युवा शक्ति), रमेश मेघवाल (मेघदेशम पार्टी), गोपाल कुमावत (जमीदारा पार्टी), देवेन्द्र लौहार (जनता दल), ओमप्रकाश (जेजीपी), रावाराम (बीएएसडी), प्रकाश (राजपा) तथा ललित भारद्वाज, अजयकुमार, भूराराम, अनिता राजपुरोहित, दीपाराम, हकमाराम, जेताराम, लक्ष्मणपाल सोलंकी, नासिर हुसैन, साबिर खां, पीराराम एवं त्रिकमाराम ने निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल करवाकर चुनाव लड़ने की ताल ठोकी है।

पिंडवाड़ा-आबू से बागी मैदान में

पिंडवाड़ा से भी नौ प्रत्याशियों ने नामांकन दर्ज करवाया है। जिसमें गंगाबेन (कांग्रेस), समाराम गरासिया (भाजपा), दलाराम (बसपा), नवाराम (राजपा) के अलावा कालीचंद, हरिसिंह सतावन, हीराराम तथा भाजपा के बागी रामलाल रणोरा व कांग्रेस के बागी केसरमल गमेती ने निर्दलीय के रूप में नामांकन दर्ज करवाकर चुनावी मैदान में ताल ठोकी है।

पैसे के इंतजाम में निकल गया समय

सिरोही में नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन निर्दलीयों की भीड़ को देखकर एक बीपीएलधारी भी पर्चा लेकर वहां पहुंच गया। गले में माला पहनी हुई जैसे ही वहां पहुंचा तो कुछ लोगों ने उसकी फार्म प्रक्रिया में सहयोग करना शुरू कर दिया। इस दौरान उसे पता चला कि नामांकन दर्ज करवाने से पहले दस हजार जमानत राशि जमा करवानी पड़ती है। ऎसे में वह राशि का इंतजाम करवाने के लिए वह वापस घर दौड़ा, लेकिन वापस आने से पहले नामांकन प्रक्रिया का समय पूरा हो गया था।
इसी प्रकार एक और व्यक्ति निर्दलीय के रूप में नामांकन भरने पहुंचा, लेकिन उसके हाथ की थैली में नकदी की जगह पैसों की चिल्लर थी। किसी ने सलाह दी कि वह इतनी बड़ी चिल्लर को गिनते-गिनते समय लग जाएगी। ऎसे में वह नकदी लाने के लिए गया, लेकिन वापस आने से पहले समय पूरा हो गया। हालांकि, तीन बजने से कुछ समय पहले रिटर्निग अधिकारी कार्यालय की ओर से समय पूरा होने की उद्घोषणा की गई। इस दौरान वहां उपस्थित नामांकन भरने वाले लोगों को भवन में प्रवेश दे दिया गया। जिनके नामांकन दर्ज करवाने की प्रक्रिया देर तक चलती रही।


वोट मांगने निकले प्रत्याशी

13 November 2013
सवाईमाधोपुर। विधानसभा चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रत्याशी अब गांवों और शहर के मोहल्लों में वोट मांगने के लिए निकल पड़े हैं। भाजपा प्रत्याशी दीया कुमारी ने मंगलवार को शहरी मतदाताओं से संपर्क साधा। उन्होंने महावीर नगर, ब्रह्मपुरी कॉलोनी, रेलवे कॉलोनी, कुतलपुरा रैगरान, जाटान, सुभाष नगर, अम्बेडकर नगर, विज्ञान नगर, पटेल नगर, रणथम्भौर रोड आदि में जनसंपर्क कर मत देने की अपील की। लोगों ने जगह-जगह उनका स्वागत भी किया। साथ ही क्षेत्र में मौजूद पेयजल, सड़क आदि की समस्याएं बताई। इस पर उन्होंने निर्वाचित होने पर समस्याओं के समाधान का विश्वास दिलाया।
इस दौरान पर महिला मोर्चा अध्यक्ष संतोष मथुरिया, नगर परिषद सभापति कमलेश जैलिया, उप सभापति श्यामसुंदर सिंहल साथ थे।

खाई बाजरे की रोटी

दीया कुमारी मंगलवार को यहां रेलवे कॉलोनी में जनसंपर्क करने पहुंची तो राधेश्याम गुर्जर के निर्घन परिवार ने भोजन का आग्रह किया। इस पर दीया उनके यहां बाजरे की रोटी व गुड़ चटनी खाने बैठ गई। उन्होंने कहा कि ऎसा खाना शहरों में नहीं मिलता। राजकुमारी के खाना खाने से परिवार के सदस्य गद्गद हो गए।

दानिश ने पकड़ी गांवों की राह

कांग्रेस प्रत्याशी दानिश अबरार ने मंगलवार को गांवों की राह पकड़ी और मतदाताओं से संपर्क साधकर वोट मांगे। उन्होंने सुबह से शाम तक खिरनी, चांदनहोली, मेदपुरा, जोलन्दा, महेसरा, दहलोद, एबरा, सांकड़ा, मकसूदनपुरा, श्यामोली, कोथाली, रघुवंटी, पीलवा आदि गांवों में मतदाताओं से अपने समर्थन में वोट मांगे। उन्होंने ग्राम खिरनी में फीता काटकर चुनाव कार्यालय का उद्घाटन भी किया। एक विज्ञप्ति के अनुसार दानिश अबरार बुधवार को शहर स्थित मनिहारी मोहल्ला में शाम पांच बजे चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करेंगे।

बेटे के लिए मांगे वोट

कांग्रेस प्रत्याशी दानिश की मां यास्मीन अबरार ने मंगलवार को गांव करमोदा, दोंदरी, रैगर बस्ती, मखौली, कानसीर, दुब्बी, दौबड़ा, सेलू, गौगोर, खैरदा के वार्ड 7, 9 में बेटे पक्ष में मतदान करने की अपील की। महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष मंजू शर्मा, पार्षद रफीक अहमद, कैलाश खंगार आदि उनके साथ थे।

भाजपा कार्यालय का उद्घाटन

चौथ का बरवाड़ा. खण्डार क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी जितेन्द्र गोठवाल ने मंगलवार को कस्बे में चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। इसके बाद वे जिलाध्यक्ष प्रेमप्रकाश शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ कस्बे की रैगर बस्ती, ब्रह्मपुरी, माताजी मोहल्लों में जनसंपर्क करने के लिए निकले और वोट मांगे।

कांग्रेस ने प्रचार सामग्री बांटी

गंगापुरसिटी. भाजपा प्रत्याशी मानसिंह गुर्जर ने मंगलवार को एक दर्जन से अधिक गांवों का दौरा कर वोट मांगे। गुर्जर का हिंगोटिया, लालपुर, हबीवपुर गांव में ग्रामीणों ने स्वागत किया।

कांग्रेस उम्मीदवार रामकेशमीणा ने अपने आवास पर गंगापुरसिटी के मतदान बूथों के कार्यकर्ताओं की बैठक ली। उन्होंने मतदान केन्द्र तक कांग्रेस को मजबूत बनाने को कहा और प्रचार सामग्री का वितरण किया।

बसपा प्रत्याशी ने किया जनसम्पर्क

बसपा प्रत्याशी हरिप्रसाद योगी ने मंगलवार को शहर स्थित खंगार मोहल्ला, नीम चौकी, हरिजन बस्ती में जनसम्पर्क कर मतदान की अपील की। लोगों ने उन्हें मत व समर्थन का विश्वास दिलाया। इस दौरान बसपा के जिला प्रभारी कमलेश मेरोठा सहित अन्य सदस्य साथ थे।

प्र्रत्याशियों ने किया जनसम्पर्क

बामनवास. नामांकन दाखिले के बाद भाजपा तथा कांग्रेस के प्रत्याशी मतदाताओं से सम्पर्क करने मेें जुट गए हैं। मंगलवार को भाजपा प्रत्याशी कंुजीलाल मीणा ने जाहिरा, टोड़ा, डूंगरवाड़ा, गोठ, सीकरोड़ी, अमावरा, भांवरा, सुकार, रिवाली, कुआगांव, बिचपुरी गांवों का दौरा किया। भाजपा प्रत्याशी ने मतदाताओं से विकास कराने के लिए वोट मांगे। भाजपा के रामखिलाड़ी चेची ने भी मतदाताओं से भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगे। इस दौरान पूर्व मंडल अध्यक्ष दुर्गासिंह सहित दर्जनों पदाधिकारी मौजूद थे। कांग्रेस प्रत्याशी नवलकिशोर मीणा की ओर से लिवाली, नावंड एवं गुड़ला आदि गांवों में जनसम्पर्क किया। उन्होंने पांच साल के दौरान कराए गए विकास कार्यो के नाम मतदाताओं से वोट मांगे। कांग्रेस प्रत्याशी के साथ ब्लॉक अध्यक्ष मनोज शर्मा साथ थे। जुलूस के साथ किया जनसम्पर्क

बामनवास. राजपा प्रत्याशी की ओर से नामांकन के बाद कस्बे के बाजार में जुलूस के रूप में जनसम्पर्क किया गया। राजीव गांधी सेवा केन्द्र पट्टीकलां बामनवास पर सरपंच श्यामलाल मीणा ने राजपा प्रत्याशी का स्वागत किया। प्रत्याशी ने यहीं से नामांकन दाखिला कराने आए लोगों का अभिवादन किया।
इससे पहले राजपा प्रत्याशी के वाहनों के काफिले के कारण कस्बे में जाम की स्थिति बन गई। प्रशासन की ओर से वाहनों को अस्पताल रोड़ पर रोका गया।

तहसील के सामने राजपा की सभा

खण्डार. राजपा प्रत्याशी राकेश महावर के समर्थकों ने निर्वाचन अधिकारी हरफूल पंकज से अनुमति लेने के बाद तहसील के सामने सभा की। सभा को जिलाध्यक्ष लालचंद गौतम, महामंत्री दीनदयाल मथुरिया सहित कई लोगों ने संबोधित कर प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील की। वक्ताओं ने कांग्रेस-भाजपा को जमकर कोसा। साथ ही खराब सड़कों को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बैरवा पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया।

चुनावी गतिविधि तेज
ईसरदा. कस्बे समेत शिवाड़, सारसोप, टापुर, एचेर, महापुरा क्षेत्र में चुनावी गतिविधियां तेज हो गई है। पार्टी प्रत्याशियों के नामांकन भरने के साथ ही कार्यकर्ता अपने उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।


कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन दाखिल

13 November 2013
निवाई। निवाई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी प्रशान्त बैरवा ने मंगलवार दोपहर नामांकन दाखिल कर शपथ ली। इससे पहले एक होटल में कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसमें केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री नमोनारायण मीणा ने कहा कि राज्य सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में कई जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश का विकास कराया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी व करनी मे गहरा अन्तर है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रशान्त बैरवा ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है, वह कार्यकर्ताओं के दम पर पूरी करने का प्रयास करेंगे। इस दौरान जिला प्रमुख कल्लीदेवी मीणा, आशालता बैरवा, निवर्तमान विधायक कमल बैरवा, रामकरण गुर्जर, प्रेमचन्द बोहरा, दुर्गालाल सैनी ने भी विचार व्यक्त किए। नामांकन के बाद केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री ने बपूई वालों की धर्मशाला मे कांग्रेस चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया।

आचार संहिता का उल्लंघन

कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन के दौरान आचार संहिता का भी जमकर उल्लंघन किया गया। दर्जनों वाहनों में अलग-अलग स्थानों से कार्यकर्ताओं को लाया गया। इसके चलते प्रताप स्टेडियम व हायर सैकण्डरी स्कूल के पीछे वाहनों का जमावड़ा लग गया। झिलाई रोड, अहिंसा सर्किल व बपूई वालों की धर्मशाला के बाहर जाम लग गया। इसे व्यवस्थित करने में यातायात व पुलिसकर्मियों को मशक्कत करनी पड़ी।

नाश्ते के पैकेट लेने की होड़

ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रत्याशी की ओर से नाश्ते के पैकिट की व्यवस्था की गई थी। इसे लेने के लिए कार्यकर्ताओं में होड़ लग गई। इन्हें लूटने में कई एक-दूसरे पर गिर गए। पैकेट हाथ नहीं आने पर कुछ लोग कर्टन ही उठाकर ले गए। व्यवस्था करने वालों से कार्यकर्ताओं की झड़पे भी हुई।


भाजपा के आखिरी पांच प्रत्याशी घोषित, चार नए चेहरों को मिला मौका

12 November 2013
जयपुर। भाजपा ने 200 में से आखरी बची हुई पांच सीटों पर प्रत्याशियों की सोमवार रात घोषणा कर दी। इसमें दो राजपूत और दो गुर्जरों को टिकट दिया है। सूची में तीन महिलाएं हैं। मांडलगढ़ से पिछला चुनाव हारने वाली कीर्ति कुमारी को फिर प्रत्याशी बनाया है।
टोंक के पूर्व विधायक महावीर प्रसाद जैन को वसुंधरा राजे के विरोध का खमियाजा उठाना पड़ा। अजमेर जिले में एक भी सीट पर टिकट नहीं दिए जाने से नाराज भाजपा नेता भंवर सिंह पलाड़ा के बागी होने की चेतावनी के बाद उनकी पत्नी सुशीला कंवर को प्रत्याशी बनाया है।

चार नए चेहरे

मसूदा से सुशीला कंवर पलाड़ा
मांडलगढ़ से कीर्ति कुमारी
देवली-उनियारा से राजेंद्र गुर्जर
बांदीकुई से अलका सिंह गुर्जर
टोंक से अजीत मेहत


टिकट की लड़ाई जीते, अब अपनी ही पार्टी के बागियों से मुकाबला

12 November 2013
सिरोही। मारवाड़-गोडवाड़ की सभी 14 विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। जीत के लिए दोनों ही दलों ने जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा है, लेकिन उम्मीदवारों की राह में बागी नेताओं ने अड़ंगा फंसा दिया है।
भाजपा में 6 व कांग्रेस में 5 सीटों पर टिकट वितरण से नाराज नेता अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं। हालांकि, गुटबाजी सभी सीटों पर बरकरार है। बागियों के डर से प्रत्याशी सहमे हुए हैं। बगावत करने वाले नेताओं की पहली पसंद किरोड़ी मीणा की अगुवाई वाली राजपा है। राजपा ने 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं जबकि अन्य सीटों पर दोनों ही दलों के मजबूत बागी उम्मीदवारों को उतारने की तैयारी में है।


वसुंधरा राजे ने भरा नामांकन, भाजपा में बगावत जारी

11 November 2013
जयपुर। राजस्‍थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा नेता वसुंधरा राजे सिंधिया ने सोमवार को अपना नामांकन पत्र भरा। राजे झालरापाटन-झालावाड़ विधानसभा क्षेत्र की भाजपा प्रत्याशी हैं। राजे सोमवार सुबह 11 बजे पर्चा दाखिल करने पहुंचीं थीं। इससे पहले वे सुबह 9 बजे हेलिकॉप्टर से कोलाना हवाई पट्टी पर पहुंचीं और वहां पर खानपुर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की मीटिंग लीं। यहां से राड़ी के बालाजी मंदिर में पहुंचकर पूजा कीं। इसके बाद जिलेभर से आए समर्थकों के साथ नामांकन रैली मिनी सचिवालय पहुंची।

पहली बार दिखी ऐसी बगावत

अभी तक हुए विधानसभा चुनावों में टिकट मिलने के बाद लोगों में असंतोष तो उपजा है, लेकिन कभी भी बगावत वाले तेवर जिले में दिखाई नहीं दिए। अब तक के विधानसभा चुनावों में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में पार्टी के लोगों में बगावत के स्वर मुखर होते हुए दिखाई दिए हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे के निर्वाचन जिले से उनकी ही पार्टी के लोगों ने बगावत की है। खानपुर, मनोहरथाना और डग क्षेत्र में भाजपा के लोगों ने अपनी ही पार्टी से बगावत की और मैदान में उतर गए। ऐसे में जिले में चुनाव काफी रोचक हो गए हैं। इससे पहले कई बार कांग्रेस और भाजपा पार्टियों ने बाहरी उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारा, लेकिन यहां पार्टी पदाधिकारियों और टिकिट के दावेदारों ने उनका कभी विरोध नहीं किया। यहां अबरार अहमद और रमा पायलट सहित अन्य बाहरी उम्मीदवारों को उतार गया, लेकिन कभी किसी का विरोध नहीं हो पाया।


कांग्रेस ने 23 तो बीजेपी ने जारी की 20 प्रत्याशियों की सूची,

11 November 2013
जयपुर। कांग्रेस ने रविवार देर रात चौथी सूची जारी कर दी। इसमें 22 प्रत्याशियों के नाम हैं, जबकि पूर्व में घोषित जमवारामगढ़ के उम्मीदवार गोपाल मीणा को बदलकर शंकर मीणा को टिकट दिया गया है। अब तक कांग्रेस 198 नाम जारी कर चुकी है।
दो नाम संभवतया सोमवार शाम तक जारी होंगे। केंद्रीय मंत्री लालचंद कटारिया के भाई की पत्नी रेखा कटारिया को झोटवाड़ा से मौका मिला है। चंद्रभान को मंडावा से टिकट मिलने के कारण सांसद गोपालसिंह इडवा और पूर्व विधायक जुगल काबरा को कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है।

भाजपा ने 195 उम्मीदवार उतारे, पांच बाकी

भाजपा ने रविवार को जारी दूसरी 20 प्रत्याशियों की सूची में तीन मौजूदा विधायकों को मौका दिया है। अनूपगढ़ में अब प्रियंका बैलाण की जगह शिमला बावरी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं ओसियां से कांग्रेस प्रत्याशी लीला मदेरणा के सामने भाजपा ने भैराराम चौधरी को उतारा है। भाजपा को समर्थन देने वाले मालपुरा के निर्दलीय विधायक रणवीर की बजाय कन्हैयालाल जाट को टिकट दिया है।
वल्लभ नगर सीट से पूर्व विधायक रणधीर भींडर का टिकट काटकर उनकी जगह गणपत मैनरिया को प्रत्याशी बनाया है। बाड़मेर की शिव सीट पर भी भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है। यहां संघ पूर्व विधायक जालम सिंह के लिए अड़ा हुआ था।


कांग्रेस का विरोध करेंगे जाट

09 November 2013
जयपुर। देश भर में आरक्षण न मिलने से नाराज जाटों ने इस बार दिल्ली, मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनावों में कांग्रेस का विरोध करने का फैसला लिया है।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि धरना-प्रदर्शन एवं आंदोलन कर लगातार सात सालों से आवाज उठाई जा रही है। पर केंद्र में बैठी कांग्रेस सरकार के कानों में जूं नहीं रेग रही है।


रीटा बोली मुझे जनता लड़वाएगी चुनाव

09 November 2013
मलसीसर। कांग्रेस की टिकट मिलने से पहले ही नामांकन पत्र दाखिल करने वालों में जेपी चंदेलिया के बाद विधायक रीटा चौधरी का नाम भी शामिल हो गया है। रीटा ने मण्डावा विधानसभा क्षेत्र से कांगे्रस पार्टी प्रत्याशी व निर्दलीय के रूप में दो-दो पर्चे भरे हैं। दोपहर करीब डेढ़ बजे रीटा अपने समर्थकों के साथ मलसीसर रिटर्निग अधिकारी कार्यालय पहुंची।
यहां पर उन्होंने रिटर्निग अधिकारी रामरतन सौंकरिया के समक्ष नामांकन पत्र प्रस्तुत किया। इससे पहले रीटा ने बुजुर्ग मतदाताओं के धोक लगाकर उनका आशीर्वाद लिया और पुलिस थाना परिसर के सामने सभा को सम्बोधित किया।

मुझे ही मिलेगी टिकट

मण्डावा से चन्द्रभान को टिकट मिलने की संभावनाओं के बावजूद रीटा चौधरी को उम्मीद है कि टिकट उन्हें ही मिलेगी। रीटा ने कहा कि विपक्ष चन्द्रभान को टिकट दिए जाने का हौवा बना रहा है। रीटा ने टिकट नहीं मिलने की स्थिति में निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऎलान भी किया है। साथ ही कहा कि टिकट नहीं मिला तो जनता मुझे चुनाव लड़वाएगी। मेरा हाईकमान तो आम आदमी है।एक व्यक्ति है जो मेरे पीछे पड़ा हुआ है। लेकिन मैं मेरे पिता के सपनों को पूरा जरूर करूंगी।


बेनीवाल-राधेश्याम ने भरा नामांकन

09 November 2013
हनुमानगढ़। जिले में प्रक्रिया शुरू होने के चौथे दिन शुक्रवार को तीन विधानसभा क्षेत्रों में छह उम्मीदवारों ने सात नामांकन दाखिल किए। पीलीबंगा, नोहर व भादरा विधानसभा क्षेत्र में दो-दो जनों ने नामाकंन पत्र दाखिल किए। पीलीबंगा में जमीदारा पार्टी की नेहा मेघवाल व माकपा के मनीराम मेघवाल ने नामांकन भरा। नोहर में बसपा के शंकरलाल व माकपा के रिद्घकरण कस्वा तथा भादरा में भाजपा के संजीव बेनीवाल व जागो पार्टी के प्रदीप कुमार ने नामांकन पत्र दाखिल किए। बेनीवाल ने दो नामाकंन पत्र दाखिल किए। जिले में पांचों विधानसभा क्षेत्रों में अब तक 11 प्रत्याशियों ने 13 नामांकन पत्र भरे हैं।
घड़साना. अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र से माकपा प्रत्याशी पवन दुग्गल ने शुक्रवार को अनूपगढ़ में निर्वाचन अधिकारी के समक्ष नामाकंन पत्र भरा। गांव-ढाणियों से कार्यकर्ता व समर्थक वाहनों पर घड़साना पहुंचे और वहां से अनूपगढ़ के लिए रवाना हुए। काफिले में शामिल वाहनों के कारण बस स्टैंड रोड पर जाम लग गया। निर्वाचन विभाग ने थाने के पास रोटरी चौक पर विधायक के समर्थकों-कार्यकर्ताओं के काफिले की वीडियोग्राफी करवाई। काफिले में ज्यादातर निजी वाहन शामिल थे। निर्वाचन आयोग की कड़ाई के कारण इन वाहनों पर झण्डे, बैनर, स्टीकर आदि नजर नहीं आए।

जनसभा के बाद

भरा पर्चा : अनूपगढ़. अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने माकपा प्रत्याशी पवन दुग्गल अपने समर्थकों के काफिले के साथ पहुंचे। नामांकन से पहले दुग्गल के समर्थन में नई धानमण्डी में जनसभा हुई। इसमें उन्होंने क्षेत्र की जनता को भरपूर सिंचाई पानी दिलवाने का वायदा करते हुए माकपा को भारी मतों से जीताने की अपील की। सभा में लक्ष्मण सिंह, रायसिंहनगर भूमि विकास बैंक अध्यक्ष राकेश ठोलिया, रायसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र प्रत्याशी श्योपतराम, जिला परिषद सदस्य कालू थोरी सहित पार्टी के अनेक पदाधिकारी मौजूद थे। दुग्गल के समर्थकों ने मुख्य बाजार में रैली निकाली। भाजपा प्रत्याशी टीटी ने भरा पर्चा

श्रीकरणपुर. भाजपा प्रत्याशी सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। टीटी ने बताया कि वे सोमवार को चुनाव-चिह्न के लिए आवेदन पेश करेंगे। निर्वाचन अधिकारी मुनिदेव यादव ने बताया कि चौथे दिन शुक्रवार को दो प्रत्याशियों ने पर्चे भरे। टीटी के अलावा राजस्थान विकास पार्टी के राजेन्द्र ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया। अब तक पांच नामांकन भरे जा चुके हैं।


राठौड ने दाखिल किया नामांकन,साधा निशाना

09 November 2013
चूरू। चूरू विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र राठौड़ शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने से पहले हुई सभा में कार्यकर्ताओं को जोड़ने के आह्वान के साथ इशारों ही इशारों में कांग्रेस के वर्तमान विधायक पर निशाना साधने से नहीं चूके।
राठौड़ ने कहा कि वे जिस विधानसभा में वे बैठते हैं वहां चूरू के विधायक भी विराजते हैं, लेकिन उन्होंने अपने जनप्रतिनिधि होने का धर्म नहीं निभाया। वे जनता की समस्या के लिए एक बार भी नहीं बोले। वे सदन में बोलते तो सच्चा जनप्रतिनिधि होने का हक नहीं खोते। इससे पूर्व भाजपा के राष्ट्रीय सचिव किरीट सोमैया ने मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि गहलोत सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है।

मोदी के नाम पर रिझाया

सोमैया ने सभा मे मोदी के नाम पर जनता को रिझाने का प्रयास किया । उन्होंने दावा किया कि 2014 में नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। आठ दिसम्बर के बाद प्रदेश में वसुंधरा मुख्यमंत्री बनेगी और राठौड़ प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री बनेंगे। इसके बाद घोटालेबाजों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ जारी किया गया घोटालों का ब्लैक पेपर दिखाकर जनता को लुभाने का प्रयास किया। सभा के बाद राठौड़ समर्थकों के साथ खुली जीप में सवार होकर कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे और उपखण्ड कार्यालय में रिटर्निग अधिकारी के समक्ष पर्चा दाखिल किया। उनके साथ किरीट सोमैया भी थे।

समीकरण बैठाने के प्रयास

नामांकन भरने से पूर्व हुई सभा में बाहरी नेताओं को बुलाकर एक समाज विशेष को अपने पक्ष में करने के प्रयास भी नजर आए। लक्ष्मणगढ़ से भाजपा प्रत्याशी व बीकानेर संभाग प्रभारी सुभाष महरिया ने सभा में राठौड़ की जमकर पैरवी की । वर्ष 2008 में चूरू से भाजपा प्रत्याशी रहे हरलाल सहारण ने समाज के लोगों से भ्रमित नहीं होने की अपील की। उन्होंने यहां तक कह दिया कि राठौड़ चूरू में उनकी सहमति से आए हैं।
सभा में भाजपा जिलाध्यक्ष बसंत शर्मा, रतनगढ़ विधायक राजकुमार रिणवा, गौरीशंकर मंडावेवाला, जिला उपाध्यक्ष सीताराम लुगरिया, लेखराम ढूकिया, एडवोकेट ओमसिंह रांकावत, रमा शेखावत, चन्द्राराम गुरि, जसवंत स्वामी, पालिका उपाध्यक्ष राकेश जांगिड़ आदि मौजूद थे।

कस्वा सहित छह प्रत्याशियों ने भरे पर्चे

सादुलपुर. नामांकन प्रक्रिया के चौथे दिन भाजपा प्रत्याशी कमला कस्वा ने सुबह 11 बजे मिनी सचिवालय पहुुंचकर निर्वाचन अधिकारी सुदर्शनसिंह तोमर के समक्ष नामांकन पत्र पेश किया। इसके बाद सीपीएम से एक, दो निर्दलीय एवं एक जागो पार्टी तथा एक भारतीय संत मत पार्टी के प्रत्याशी सहित कुल छह नामांकन पत्र दाखिल हुए।


भाजपा के कुनबे में कलह, कांग्रेस की तीसरी सूची आज संभव,

08 November 2013
जयपुर। राजस्‍थान विधानसभा चुनाव के टिकट की घोषणा के साथ ही भाजपा और कांग्रेस में बगावत जोर पकड़ ली है। फिलहाल कांग्रेस से अधिक बगावत भाजपा में देखी जा रही है। जयपुर स्‍थित भाजपा कार्यालय में तो पार्टी के ही कार्यकर्त्‍ता वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर उत्‍पात मचाया। भाजपा ने 176 उम्‍मीदवारों की लिस्‍ट जिस दिन जारी की, उस दिन से पार्टी के कुनबे में कलह बढ़ गई। दूसरी ओर, कांग्रेस फूंक फूंक कर कदम रख रही है।
कांग्रेस प्रत्याशियों की तीसरी सूची शुक्रवार को जारी कर सकती है। प्रदेश के सभी प्रमुख नेता और पार्टी हाईकमान के लिए भंवरी कांड में जेल में बंद महिपाल मदेरणा की जगह ओसियां और मलखानसिंह की जगह लूणी में उम्मीदवार तय करने की चुनौती रहेगी। पार्टी हाईकमान ने फैसला कर लिया है कि वे इन दोनों जगहों पर इन दोनों ही परिवारों से बाहर नए चेहरों की तलाश करें, लेकिन राज्य के रेवेन्यू मिनिस्टर हेमाराम चौधरी ने इस पर बगावती तेवर अपना लिए हैं। इसीलिए गुढ़ामालानी से अब तक उनका नाम घोषित नहीं हुआ है। चौधरी ने हाईकमान पर दबाव बना रखा है कि या तो लीला मदेरणा और अमरीदेवी या कुसुम बिश्नोई को टिकट दो या फिर उन्हें ही मत दो। इन दोनों सीटों को लेकर कांग्रेस में साफ विभाजन हो गया है।


कांग्रेस से ज्यादा भाजपा को भितरघात की आशंका

08 November 2013
बारां। हाड़ौती की 17 सीटों में से भाजपा ने 15 और कांग्रेस ने 10 पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। हालांकि, अभी 9 सीटों पर ही दोनों दलों के प्रतिद्वंद्वी घोषित हुए हैं। इनमें आमने-सामने का मुकाबला है। हाड़ौती की अब तक जारी दो सूचियों में कांग्रेस ने 10 में से 7 विधायकों को रिपीट किया है, जबकि भाजपा ने 5 नए चेहरे मैदान में उतारे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के झालावाड़ जिले में एक विधायक का टिकट काटने और दो नए चेहरों पर दांव लगाने से भाजपा में बगावत हो गई है।
भाजपा में 8 सीटों पर विरोधी मुखर हैं, जबकि कांग्रेस में अभी बड़ा विरोध नहीं है, लेकिन पार्टी को भितरघात की पूरी आशंका है। ऐसे में कांग्रेस को अपनी मौजूदा 10 सीटों की सफलता दोहराना और भाजपा को अपनी 7 सीटों का ग्राफ बढ़ाना चुनौती भरा काम है।

क्षेत्रवार जातियों को राजी रखने की कोशिश

भाजपा और कांग्रेस ने क्षेत्रवार जातियों को राजी रखने की कोशिश की है। कांग्रेस ने लाडपुरा में राजावत के सामने नईमुद्दीन को फिर उतारकर मुस्लिम समाज को प्रतिनिधित्व दिया है, जबकि पूरे संभाग में भाजपा से किसी अल्पसंख्यक को टिकट नहीं मिलने की चर्चा है। भाजपा ने हिंडौली विधायक प्रभुलाल सैनी को अंता में लाकर माली समाज के 35 हजार वोटरों में संदेश देने का काम किया है। खानपुर में नरेंद्र नागर और इससे सटे सांगोद में उनके रिश्तेदार हीरालाल नागर को फिर से मौका देकर भाजपा ने धाकड़ समाज के वोटों को अपने पाले में करने की कोशिश की है। कांग्रेस ने भी इस समाज को दो टिकट दिए हैं।


56 विधान सभा सीटों पर मुकाबला तय

07 November 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के टिकट की घोषणा के बाद प्रदेश की 200 सीटों में से फिलहाल 56 सीटों पर दोनों पार्टियों के बीच मुकाबला तय माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने सरदारपुरा सीट से भाजपा ने जहां शम्भूसिंह खेतासर को मैदान में उतारा है, वहीं कोटा उत्तर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नगरीय विकास मंत्री शांति कुमार धारीवाल के सामने उसने प्रहलाद गुंजल को प्रत्याशी घोषित किया है। इससे चुनावी मुकाबला काफी रोचक बन गया है। गुंजल कोटा संभाग में भाजपा के दिग्गज नेता माने जाते है।
जयपुर शहर के सात विधानसभा क्षेत्रों में से छह पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर तय मानी जा रही है। वहीं एक सीट पर भाजपा कांग्रेस से काफी आगे मानी जा रही है।
प्रतिष्ठित जाट बाहुल्य सादुलपुर सीट पर अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी कृष्णा पूनिया के सामने भाजपा ने कमला कस्वां, दिग्गज कांग्रेसी नेता स्व.नवल किशोर शर्मा के बेटे शिक्षामंत्री बृजकिशोर के सामने पूर्व विधायक सुरेन्द्र पारीक, भरतपुर जिले की डीग-कुम्भेर सीट पर विश्वेन्द्र सिंह के सामने वर्तमान विधायक डॉ. दिगम्बर सिंह को फिर मैदान में उतारा है।
भरतपुर देश में एक मात्र जाट रियासत है, यहां के पूर्व महाराजा विश्वेन्द्र सिंह के चुनाव लड़ने से यहां कांग्रेस को जीत की उम्मीद है। इसी प्रकार अंता सीट पर वर्तमान विधायक प्रमोद जैन भाया के सामने भाजपा ने पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को टिकट दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने कांग्रेस अब तक कोई सशक्त प्रत्याशी की तलाश नहीं कर पाई है।


42 प्रत्याशियों की दूसरी सूची में 12 नए चेहरे

07 November 2013
जयपुर। कांग्रेस ने बुधवार को 42 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है जिसमें 7 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए हैं और 12 नए चेहरों को टिकट दिया है। एक मंत्री, बसपा मूल के दो संसदीय सचिवों और सरकार को समर्थन देने वाले दो निर्दलीयों को भी टिकट दिया गया है। सरकार को समर्थन देने वाले कन्हैयालाल झंवर और रामस्वरूप कसाना को टिकट नहीं दिया है। सवाईमाधोपुर से दीया कुमारी के सामने मौजूदा विधायक अलाउद्दीन आजाद का टिकट काटकर युवा उम्मीदवार के तौर पर दानिश अबरार को मैदान में उतारा है। दानिश पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत अबरार अहमद के पुत्र हैं।

तब जमानत जब्त हुई थी, अब टिकट

पूर्व आईपीएस लक्ष्मण मीणा को बस्सी से टिकट दिया गया है जिनकी दौसा से लोकसभा चुनाव में जमानत जब्त हुई थी। बयाना से पिछले विधानसभा चुनावों में तीसरे स्थान पर रहे निर्भयलाल जाटव को टिकट दिया गया है।

बगावत का खतरा

कांग्रेस में जिन 7 विधायकों के टिकट काटे गए हैं वहां अब बगावत और भितरघात का खतरा है। कोटपूतली में रामस्वरूप कसाना और नोखा में कन्हैयालाल झंवर के निर्दलीय चुनाव लडऩे की संभावनाएं बढ़ गई हैं। ऐसी स्थिति में इन 9 सीटों पर कांग्रेस को बगावत और भितरघात के चलते नुकसान उठाना पड़ सकता है।


56 विधान सभा सीटों पर मुकाबला तय

07 November 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के टिकट की घोषणा के बाद प्रदेश की 200 सीटों में से फिलहाल 56 सीटों पर दोनों पार्टियों के बीच मुकाबला तय माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने सरदारपुरा सीट से भाजपा ने जहां शम्भूसिंह खेतासर को मैदान में उतारा है, वहीं कोटा उत्तर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नगरीय विकास मंत्री शांति कुमार धारीवाल के सामने उसने प्रहलाद गुंजल को प्रत्याशी घोषित किया है। इससे चुनावी मुकाबला काफी रोचक बन गया है। गुंजल कोटा संभाग में भाजपा के दिग्गज नेता माने जाते है।
जयपुर शहर के सात विधानसभा क्षेत्रों में से छह पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर तय मानी जा रही है। वहीं एक सीट पर भाजपा कांग्रेस से काफी आगे मानी जा रही है।
प्रतिष्ठित जाट बाहुल्य सादुलपुर सीट पर अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी कृष्णा पूनिया के सामने भाजपा ने कमला कस्वां, दिग्गज कांग्रेसी नेता स्व.नवल किशोर शर्मा के बेटे शिक्षामंत्री बृजकिशोर के सामने पूर्व विधायक सुरेन्द्र पारीक, भरतपुर जिले की डीग-कुम्भेर सीट पर विश्वेन्द्र सिंह के सामने वर्तमान विधायक डॉ. दिगम्बर सिंह को फिर मैदान में उतारा है।
भरतपुर देश में एक मात्र जाट रियासत है, यहां के पूर्व महाराजा विश्वेन्द्र सिंह के चुनाव लड़ने से यहां कांग्रेस को जीत की उम्मीद है। इसी प्रकार अंता सीट पर वर्तमान विधायक प्रमोद जैन भाया के सामने भाजपा ने पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को टिकट दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने कांग्रेस अब तक कोई सशक्त प्रत्याशी की तलाश नहीं कर पाई है।


भाजपा प्रत्याशी चयन में वसुंधरा की चली

06 November 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने मंगलवार को अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। 200 में से 176 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई, शेष 24 सीटों पर घोषणा रणनीतिक रूप से रोक ली गई है। पहली सूची में पूरी तरह से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार वसुंधरा राजे की चली। उनकी पसंद के अधिकांश उम्मीदवारों को टिकट मिला। छह वर्तमान विधायकों के टिकट कटे तो एक को सीट बदलने की अनुमति दी गई।
लंबे समय से वसुंधरा राजे का विरोध कर रहे वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी को सांगानेर क्षेत्र से एक बार फिर टिकट दिया गया। वहीं आलाकमान की मंशा पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को जयपुर के सिविल लाइंस से उम्मीदवार बनाया गया है। करीब एक साल पहले चतुर्वेदी को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाते समय उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ाने का आश्वासन दिया गया था। चतुर्वेदी की जगह वसुंधरा को अध्यक्ष बनाया गया। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया को उदयपुर से प्रत्याशी बनाया गया है। 176 में 24 एससी, 30 एसटी और 30 महिलाओं को टिकट मिले हैं।


विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू

06 November 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई। पहले दिन राज्य के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 11 नामांकन पत्र दाखिल किए गए।
हालांकि कांग्रेस, भाजपा सहित किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल के प्रत्याशी ने मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। नामांकन पत्र दाखिल प्रक्रिया के साथ ही प्रशासन ने व्यवस्थाएं चाक चौबंद कर दी है।
नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिग करवाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से हर रिटर्निग अधिकारी के कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ऐसे में हर प्रत्याशी की ओर के दाखिल हो वाले नाम निर्देशन पत्र की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिग भी होगी। प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक दाखिल किए जा सकते हैं।


भाजपा और कांग्रेस में टिकट तय होते ही विरोधी होने लगे लामबंद

06 November 2013
हनुमानगढ़। कमांड एरिया के बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले की 18 सीटों में से भाजपा ने 16 पर तथा कांग्रेस ने 7 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इसी के साथ दोनों दलों में बगावत भी शुरू हो गई है। बीकानेर जिले की सात सीटों में से कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने छह पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। पांच सीटों पर बगावत की वजह से त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय मुकाबला हो सकता है।
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में कांग्रेस ने चार और भाजपा ने 10 सीटों पर टिकट फाइनल कर दिए हैं। श्रीगंगानगर, सादुलशहर, श्रीकरणपुर और सूरतगढ़ में टिकट न मिलने से खफा नेता बगावत करने पर आमादा हैं। श्रीकरणपुर से गुरमीत सिंह कुन्नर और श्रीगंगानगर से जगदीश जांदू को टिकट दिए जाने से कांग्रेस में भितरघात की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
बीकानेर : कल्ला को फिर मौका, भाटी के सामने भाटी
कोलायत में सात बार से जीत रहे खांटी नेता देवीसिंह भाटी को भाजपा ने फिर मैदान में उतारा है। भाटी के जातीय समीकरण बिगाड़कर फायदा लेने के लिए कांग्रेस यहां युवा चेहरे के रूप में भंवरसिंह भाटी को सामने लाई है। दो भाटियों की जंग में इस बार टक्कर इसलिए कांटे की हो सकती है क्योंकि भंवरसिंह के पारिवारिक पृष्ठभूमि भी कोलायत के जमीन से जुड़े राजनीतिक परिवार से है। उनके पिता रघुनाथसिंह दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और एक बार जीत-हार का फासला भी बहुत कम रह चुका है। श्रीडूंगरगढ़ में जीत की हैट्रिक लगा चुके मंगलाराम को कांग्रेस ने फिर मैदान में उतारा है। उनके सामने भाजपा किसनाराम को मैदान में लाई है। किसनाराम यहां 1980 से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं और दो बार विधायक भी रहे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के बागी रहे और लगभग 44 हजार वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे। बीकानेर पश्चिम में कांग्रेस ने पिछला चुनाव हारे कांग्रेस के दिग्गज डॉ.बी.डी. कल्ला को मौका दिया है। भाजपा ने यहां अभी प्रत्याशी तय नहीं किया है। यहां भाजपा से डॉ. गोपाल जोशी मौजूदा विधायक हैं।
नोखा में मुकाबला त्रिकोणीय और संघर्षपूर्ण होना तय हो गया है। यहां भाजपा ने पूर्व प्रधान सहीराम बिश्नोई को मैदान में उतारा है। संसदीय सचिव कन्हैयालाल झंवर यहां से निर्दलीय के तौर पर मैदान में हैं। कांग्रेस से यहां रामेश्वर डूडी संभावित प्रत्याशी हैं। यही स्थिति खाजूवाला की है। यहां भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल को फिर दोहराया है। पूर्व संसदीय सचिव गोविंद मेघवाल को कांग्रेस में एंट्री नहीं मिलती दिख रही। उन्होंने निर्दलीय के तौर पर ताल ठोंक दी है। कांग्रेस यहां पूर्व विधायक रेवंतराम पंवार या एक डॉक्टर को मैदान में ला सकती है।
लूणकरणसर में भाजपा ने जाट कार्ड खेलते हुए युवा चेहरे के रूप में सुमित गोदारा को उतारा है। यहां कांग्रेस के मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल का टिकट दोहराया जाना तय माना जा रहा है। भाजपा में टिकट के प्रबल दावेदार मानिकचंद सुराणा को टिकट नहीं देना बगावत को जन्म दे सकता है। यहां भाजपा से ब्राह्मण जाति के 11 दावेदारों ने एक मत से किसी एक को टिकट देने की बात कही थी। ऐसे में ब्राह्मण वोटों में उथल-पुथल कांग्रेस के लिए फायदेमंद हो सकती है। बीकानेर पूर्व सीट पर भाजपा ने सिद्धिकुमारी को फिर टिकट दिया है। पिछली बार भी वे भारी मतों से जीती थी। इस सीट पर कांग्रेस के लिए जिताऊ प्रत्याशी लाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
हनुमानगढ़ : भाजपा के चार और कांग्रेस का एक प्रत्याशी घोषित
हनुमानगढ़ से कांग्रेस ने चौधरी विनोद कुमार को प्रत्याशी बनाया गया है। यहां कांग्रेस से निष्कासित पूर्व जिला प्रमुख राजेंद्र मक्कासर ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। यहां भाजपा में जसपाल सिंह और डॉ. रामप्रताप के बीच अभी तक सुलह नहीं हुई। नोहर से भाजपा ने अभिषेक मटोरिया को फिर प्रत्याशी बनाया है। यहां कांग्रेस से तीन दावेदारों सुचित्रा आर्य परिवार, सोहन ढिल और राजेंद्र चाचाण के बीच गुटबाजी है। यहां से युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष पवन गोदारा का नाम भी चर्चा में है।
एक दिन पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक संजीव बेनीवाल को भाजपा ने टिकट दिया है। यहां पूर्व मंत्री ज्ञान सिंह सहित भाजपा के छह दावेदार विरोध पर उतारू हैं। कांग्रेस में चार दावेदारों के बीच टिकट की दौड़ है। सगंरिया में बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कृष्ण कड़वा प्रत्याशी घोषित हो गए हैं। कांग्रेस की दावेदार डॉ. परम नवदीप और पूर्व मंत्री केसी बिश्नोई में से एक को टिकट मिलने पर भितरघात हो सकती है। पीलीबंगा में कांग्रेस से विधायक आदराम और विनोद गोठवाल सहित तीन दर्जन दावेदार हैं। भाजपा ने पिछले चुनाव में बागी होने से पार्टी के लिए हार का कारण बनी द्रोपदी मेघवाल को प्रत्याशी बनाया है।
श्रीगंगानगर : कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध, भाजपा में 3 सीटों पर गुटबाजी
श्रीगंगानगर से कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश जांदू का विरोध शुरू हो गया है। मंगलवार को टिकट के दावेदार राजकुमार गौड़ के समर्थकों ने टिकट बदलने की मांग की। कश्मीरीलाल जसूजा भी जांदू का विरोध करने लगे हैं। भाजपा ने विधायक राधेश्याम गंगानगर को फिर मैदान में उतारा है। हालांकि, पार्टी का एक गुट उनके विरोध की घोषणा कर चुका है। श्रीकरणपुर में कांग्रेस ने बगावत कर पिछला चुनाव लडऩे वाले राज्य मंत्री गुरमीत ङ्क्षसह कुन्नर को प्रत्याशी बनाया है। उनके खिलाफ पार्टी के कई पदाधिकारी लामबंद हो रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी भी गुटबाजी से पीडि़त हैं। रायसिंहनगर सीट पर भाजपा ने नए चेहरे बलवीर लूथरा को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी की चली तो विधायक दौलतराज और मुख्यमंत्री गुट की चली तो सोहन नायक को टिकट मिल सकता है। राकेश थिंद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की सिफारिश से टिकट का प्रयास कर रहे हैं।
सादुलशहर में भाजपा से गुरजंट सिंह को फिर मौका मिला है। विरोधी गुट बगावत की चेतावनी दे चुका है। कांग्रेस में संतोष सहारण को जाट और जगदीश चंद्र को ओबीसी फैक्टर ही टिकट दिला सकता है। यहां पवन गोदारा भी दावेदार हैं। सादुलशहर से गैर जाट को टिकट दिए जाने की भी संभावना है। अनूपगढ़ में भाजपा ने अरोड़ा व एसी वोटर्स का धु्रवीकरण करने के लिए नए चेहरे प्रियंका बैलाण नागपाल को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि, भितरघात का खतरा उन्हें भी है। कांग्रेस में इंदौरा परिवार व पूर्व प्रधान हरीराम मेघवाल का नाम चल रहा है। सूरतगढ़ में कांग्रेस ने गंगाजल मील को प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा ने पिछले चुनाव में कांग्रेस से बागी होकर दूसरे स्थान पर रहे राजेंद्र भादू को टिकट दिया है। खेमेबाजी में बंटी भाजपा के लिए अपने ही मुसीबत बन सकते हैं।


राजस्थान भाजपा के उम्मीदवारों की पहली सूची आज

05 November 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनावों में एक महीने से कम रह गया है और अब चुनावी रण में उतरने वाले योद्धाओं की चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। राजस्थान में सत्ता हथियाने का प्रयास कर रही भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची मंगलवार को जारी होगी।
सूत्रों के अनुसार सूची दिवाली से पहले ही तय हो चुकी थी लेकिन कुछ अंदरूनी कारणों के चलते इसे तीन-चार के लिए अटकाए रखा। इस सूची में मौजूदा विधायकों को प्राथमिकता दी जाएगी। 10-12 विधायकों की जगह नए चेहरों को मौका देने की संभावना है। गौरतलब है कि राजस्थान में सत्तासीन कांग्रेस ने दिवाली की पूर्व संध्या पर 69 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी थी।
भाजपा के राज्य में प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी ने नई दिल्ली में मीडिया से कहा कि टिकटों के वितरण करने के संबंध में वह एवं पार्टी के अन्य नेता भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से विचार विमर्श के लिए एकत्रित हुए हैं। मंगलवार को पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी।
मालूम हो कि राजस्थान का "रण" जीतने के लिए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने प्रत्याशी चयन को लेकर अपना होम वर्क पूरा कर चुकी हैं। संगठन के फीडबैक और सर्वे से आए रूझानों को वरीयता देते हुए विधानसभा की सभी 200 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं। इनका ऎलान मंगलवार को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद होगा।
राज्य चुनाव समिति की बैठक के बाद राजे अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली में ही हैं। गत बुधवार को चले सात घंटे की बैठक के बाद गुरूवार को भी लगभग सात घंटे बैठक चली, जिसमें नामों का पैनल तैयार हो पाया।


कांग्रेस की पहली सूची: 63 में 57 पुराने चेहरे,

05 November 2013
जयपुर। कांग्रेस ने शनिवार देर रात 63 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। इसमें राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार शर्मा को नवलगढ़ से टिकट नहीं दिया गया है। उनकी जगह प्रतिभा सिंह को फिर उम्मीदवार बनाया है। किशनगंज विधायक निर्मला सहरिया की जगह उनकी मां छत्रीबाई सहरिया को टिकट दिया है। इसकी वजह निर्मला का क्षेत्र में विरोध है। पहली सूची में 6 नए चेहरों पर दांव लगाया गया है, इसमें अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कृष्णा पूनिया को सादुलपुर से टिकट दिया है।

7 मंत्रियों और 11 संसदीय सचिवों के टिकट अटके

कैबिनेट मंत्रियों में वन मंत्री बीना काक, कृषि मंत्री हरजीराम बुरड़क और राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी, शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री रामकिशोर सैनी, परिवहन राज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल, चिकित्सा राज्य मंत्री राजकुमार शर्मा के टिकट अटक गए हैं। 13 संसदीय सचिवों में सिर्फ ममता भूपेश और जाहिदा खान को उम्मीदवार बनाया है, बाकी 11 के टिकट फिलहाल अटक गए हैं।


दो राज्यों की सरकार चुनते हैं पांच सौ लोग

02 November 2013
जयपुर। मध्य प्रदेश से सटे राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य जिले बांसवाड़ा की 70 ग्राम पंचायतों में पांच सौ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश की मतदाता सूची में भी अपने नाम दर्ज करा रखे हैं। वे राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों जगह सरकार चुनते हैं। राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव ने मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण पर ध्यान देने का आग्रह किया है। खबर है कि राज्य के निर्वाचन अधिकारी अशोक जैन ने भी इस बारे में चुनाव आयोग को पत्र भेजा है।
इस बार राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सात दिन तक का अंतर है। दोनों जगह नाम जुड़वाने के पीछे आदिवासियों का दोनों राज्यों की सरकारी योजनाओं का फायदा उठाना है। इस बात का पता राजस्थान बीपीएल आवास योजना के तहत किए गए आवेदनों के भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट तैयार करने के समय चला। मध्य प्रदेश में थांदला के तहसीलदार ने ऐसे लोगों की संख्या करीब दो सौ बताई है। बांसवाड़ा में एसडीएम जयवीर सिंह कोलर ने बताया कि सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के नाम दो राज्यों की निर्वाचन नामावली में पाए गए हैं। इसको लेकर निर्वाचन विभाग के नियमों और प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई जारी है।


स्क्रीनिंग कमेटी ने कांग्रेस में सभी नाम किए तय, पहली सूची आज संभव

02 November 2013
जयपुर। राजस्थान कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने शुक्रवार को सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों के लिए पार्टी के प्रत्याशियों के चयन का काम लगभग पूरा कर लिया, लेकिन अभी रणनीतिक रूप से कुछ सीटों पर कई-कई नाम हैं। कुछ सीटों पर इसलिए दो या तीन नाम हैं, क्योंकि किसी अन्य सीट पर नाम बदला तो जातिगत समीकरणों के लिहाज से दूसरी सीटों पर नाम बदल जाएंगे।
स्क्रीनिंग की ताजा प्रक्रिया में कुछ ऐसे मंत्रियों के नामों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें पिछली बैठकों में ऐसी सूची में डाला गया था, जो हार रहे हैं और जिनकी जगह नए चेहरों को शामिल करना था। ताजा सूची में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कृष्णा पूनिया को सादुलपुर से उम्मीदवार बनाने पर सहमति हो गई है।
भंवरी कांड में जेल में बंद महिपाल मदेरणा की पत्नी लीला मदेरणा और मलखानसिंह के पविार से लूणी से अमरीदेवी या कुसुम बिश्नोई के नाम फाइनल किए गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि प्रदेश की पहली सूची पर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दो नवंबर को होगी। पहली सूची या तो उसी दिन देर रात आएगी या अगले दिन जारी होगी।
भीलवाड़ा को छोड़ा सीपी जोशी पर : भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र की सभी सीटों का फैसला उस क्षेत्र के सांसद सीपी जोशी पर छोड़ दिया गया है। इस क्षेत्र में रामलाल जाट अपनी सीट मांडल छोड़कर आसींद जाना चाहते हैं, जहां से उन्हें इजाजत मिल जाने की संभावना है।
वैभव या चांदना, सीईसी में ही लगेगी अंतिम मुहर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत हिंडौली से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हिंडौली से एक अन्य प्रमुख नाम युवक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक चांदना का भी है, लेकिन इन नामों पर अंतिम मुहर सीईसी में ही लगेगी।


नेताओं के गिफ्ट पर भी रखी जा रही नजर

01 November 2013
उदयपुर। विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई है, मगर दीपावली पर कौन-कौन नेता मिठाई, कार्ड या गिफ्ट बांटने में लगे हुए है, निर्वाचन शाखा इस पर नजर रखे हुए है। जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) आशुतोष पेडणेकर ने बताया कि आचार संहिता लग चुकी है और दीपावली पर्व भी है।
ऐसे में दीपावली के नाम पर राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोग मिठाइयां, कार्ड या गिफ्ट बांट रहे हैं। इसका लेखा-जोखा रखा जा रहा है। हालांकि अभी प्रत्याशी घोषित नहीं होने से यह उनके चुनावी खर्च में तो नहीं जुड़ेगा, मगर मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है।


बूथों पर कब्जा "नामुमकिन"

01 November 2013
दौसा। प्रदेश के अति संवेदनशील व क्रिटिकल बूथों पर इस विधानसभा चुनाव में कब्जा करना लगभग नामुमकिन होगा। इसके अलावा किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में धड़ाधड़ ईवीएम के बटन भी नहीं दबाए जा सकेंगे। निर्वाचन आयोग प्रदेश में चिह्नित किए गए ऎसे करीब 1300 अतिसंवेदनशील व क्रिटिकल बूथों पर वीडियोग्राफी के साथ ही लाइव वेबकास्टिंग के जरिए ऑनलाइन निगरानी रखेगा। इससे बूथ पर होने वाली छोटी से छोटी गड़बड़ को भी अधिकारी देख सकेंगे। निर्वाचन आयोग ने बूथों पर लाइव वेबकास्टिंग कराने के लिए गुजरात की एक वेबकास्टिंग कम्पनी को ठेका भी दे दिया है।

नियुक्त होंगे वेबकास्टिंग अधिकारी

वेबकास्टिंग का कार्य सम्भालने के लिए प्रत्यके बूथ पर एक वेबकास्टिंग अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। उस अधिकारी को लैपटॉप, टेबलेट आदि से लैस किया जाएगा। किसी भी गड़बड़ी के लिए सम्बन्घित वेबकास्टिंग अधिकारी को ही जिम्मेदार माना जाएगा। इसके साथ ही प्रत्येक जिला स्तर पर भी एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो समस्त प्रक्रिया के प्रभारी के रूप में कार्य करेगा।

ऎसे रखेंगे निगरानी

अति संवेदनशील व क्रिटिकल बूथों पर निगरानी के लिए प्रत्येक बूथ पर क्लोज सर्किट कैमरे लगाए जाएंगे तथा उन्हें लैपटॉप से जोड़ा जाएगा। इसके बाद वहां की सभी गतिविधियों का इंटरनेट के माध्यम से लाइव वेबकास्ट किया जाएगा। निगरानी के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जहां जिला निर्वाचन अधिकारी, पुलिस अधीक्षक व पर्यवेक्षक बूथों पर होने वाली अवांछित गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे। अति संवदेनशील बूथों के आस-पास सुरक्षा के लिए अतिरिक्त दस्ते तैनात किए जाएंगे। जो गड़बड़ी की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच जाएंगे।

जिले के150 बूथों का चयन

जिले के 150 अति संवेदनशील बूथों का चयन किया है। इन बूथों में वे बूथ भी शामिल किए गए हैं, जहां अब तक सबसे ज्यादा बार कैप्चरिंग, उपद्रव, पुनर्मतदान, झगड़ा-फसाद व कमजोर लोगों को मतदान करने से रोका जाता रहा है। नई व्यवस्था के जरिए सतत निगरानी से इस बार कोई भी गड़बड़ नहीं की जा सकेगी।

होगा लाइव वेबकास्ट

प्रदेश के 1300 अति संवेदशनशील व क्रिटिकल बूथों की लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी। इससे बूथों पर हर समय निगरानी रखी जा सकेगी। अंशुमन भोमिया पुलिस अधीक्षक, दौसा


वसुंधरा भी अपनाएगी नरेन्द्र मोदी का फार्मूला

31 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट तय करने और फिर चुनाव अभियान में पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वसुंधरा राजे भी गुजरात फार्मूला अपनाएगी। नरेन्द्र मोदी की तर्ज पर प्रदेश में सभी 79 वर्तमान विधायकों को टिकट देने का निर्णय किया गया है, पहले करीब आधा दर्जन विधायकों के टिकट काटे जाने पर विचार हो रहा था।
गुजरात विधानसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी ने एंटी इंकमबेसी की बिना परवाह किए सभी मौजूदा विधायकों को टिकट दिए थे। यही नहीं मोदी ने चुनाव अभियान भी आक्रामक ढंग से चलाया था। गुजरात चुनाव अभियान पूरी तरह से मोदी के इर्द-गिर्द रहा था, किसी केन्द्रीय नेता को बहुत अधिक वजन नहीं दिया गया। अब वसुंधरा राजे भी राजस्थान विधानसभा चुनाव अभियान की कमान अपने पास ही रखेगी। वसुंधरा के अतिरिक्त केवल मोदी ही ऐसे नेता है जो प्रदेश में आधा दर्जन चुनाव सभाओं को संबोधित करेंगे।
वसुंधरा के अतिरिक्त मोदी की तस्वीरों वाले होर्डिग्स और बैनर बनवाए जा रहे है। प्रचार सामग्री में मोदी और वसुंधरा ही नजर आएंगी। चुनाव घोषणा पत्र तैयार करने में भी मोदी के विश्वस्त लोगों का एक समूह मदद कर रहा है। मोदी की सलाह पर ही वसुंधरा राजे ने चुनाव घोषणा पत्र का मसौदा तैयार किया है। राज्य की सभी दो सौ सीटों पर टिकट तय करने के लिए वसुंधरा ने मोदी की पसंद की तीन सर्वे एजेंसियों से ही सर्वे कराया और फिर रिपोर्ट भी मोदी ने देखी।
सूत्रों के मुताबिक सभी दो सौ सीटों पर संभावित उम्मीदवारों को लेकर मोदी, वसुंधरा, सौदान सिंह और भूपेन्द्र यादव ने पिछले दिनों चर्चा की। टिकट तय करने के लिए आज दिल्ली में प्रदेश चुनाव समिति के सदस्यों की अचानक बैठक बुलाई गई। बैठक में सभी सदस्यों ने वसुंधरा राजे को टिकट तय करने को लेकर अधिकृत कर दिया। अब गुरुवार को होने वाली संसदीय बोर्ड की बैठक में राजस्थान की पहली सूची पर विचार हो सकता है। हालांकि पहली सूची में दो दर्जन से अधिक नाम नहीं होंगे।


मतदाता खामोश, जातीय पंचायतें सक्रिय

31 October 2013
अजमेर। मेरवाड़ा जोन के अजमेर और भीलवाड़ा जिले की १५ सीटों में से एक-दो को छोड़कर बाकी सभी पर टिकट को लेकर घमासान है। भीलवाड़ा में भाजपा सुभाष बहेडिय़ा और वीपी सिंह को साधने में लगी है तो कांग्रेस की सियासत दो केंद्रीय मंत्रियों डॉ. सीपी जोशी और सचिन पायलट के आसपास घूम रही है। इन दोनों की मौजूदगी के बावजूद बगावती सुर उठने लगे हैं। मतदाता अभी खामोश है। इस सबके बीच टिकटों के लिए रावत, मेहरात, रैगर समाज की पंचायतें सक्रिय हो गई हैं। टिकट दिए तो ठीक, नहीं तो ये भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ सकती हैं। आरएसएस ने जोन में तीन टिकट मांगे हैं। कांग्रेस भी फूंक-फूंककर कदम रख रही है। कई नए चेहरे मैदान में लाने की कवायद चल रही है।
अजमेर : गहलोत और पायलट टिकट बंटवारे की धुरी

कांग्रेस : भाई-भाई आमने-सामने

जिले में केकड़ी को छोड़कर सातों सीटों पर कांगे्रस में टिकट बंटवारे की धुरी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट बने हुए हैं। दोनों कम से कम चार सीटों अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, पुष्कर और मसूदा पर बड़े उलटफेर के प्रयास में हैं। केकड़ी से डॉ. रघु शर्मा का टिकट तय माना जा रहा है। अजमेर उत्तर सीट सिंधी और गैर सिंधी के बीच बंटी है। गहलोत डॉ. श्रीगोपाल बाहेती को उतारना चाहते हैं।
किशनगढ़ से नाथूराम सिनोदिया मजबूत दावेदार हैं। पुष्कर से नसीम अख्तर इंसाफ की सीट बदली जा सकती है। सचिन पायलट रावत नेता कुंदन सिंह या श्रवण सिंह पर दांव खेल सकते हैं। यहां रावत निर्णायक वोट हैं। नसीम को मसूदा से उतारा जा सकता है। अजमेर दक्षिण व नसीराबाद में सगे भाई आमने-सामने हैं। अजमेर दक्षिण में ललित भाटी मुख्यमंत्री गहलोत के भरोसे हैं तो उनके छोटे भाई हेमंत भाटी को पायलट के सहारे की आस है। कोली बहुल इस सीट पर रैगर नेताओं की भी नजर है। नसीराबाद से विधायक महेंद्र गुर्जर के बड़े भाई राम नारायण ने भी टिकट मांगा है। ब्यावर में चंद्रकांता मिश्रा और एससी जैन दौड़ में हैं।

भाजपा : प्रत्याशी चयन की मशक्कत

भाजपा में टिकट को लेकर घमासान मचा है। अघोषित रूप से सिंधियों के लिए आरक्षित हो चुकी अजमेर उत्तर पर संघ की पहली पसंद पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी हैं, लेकिन कई अन्य नेता भी दावेदार हैं। अजमेर दक्षिण से अनिता भदेल का टिकट पक्का माना जा रहा है, लेकिन डॉ. प्रियशील मैदान में डटे हैं। नसीराबाद सीट कांग्रेस के कब्जे से छीनना जाट नेता सांवरलाल के लिए चुनौती साबित होगा। इसीलिए उनके सहाड़ा या किशनगढ़ से लडऩे की चर्चा है। मसूदा, किशनगढ़ व पुष्कर में प्रत्याशी चयन चुनौती बना हुआ है। किशनगढ़ से पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी का टिकट संकट में है। यहां सुरेश टांक के बगावती सुर तेज हो गए हैं। मसूदा में नवीन शर्मा की दावेदारी बनी हुई है, लेकिन बगावती सुर उठने लगे हैं। चर्चा है कि केकड़ी में राज्यवर्धन सिंह मैदान में उतारे जा सकते हैं। इस सीट पर राजपूत वोट खासी संख्या में हैं। ब्यावर से मौजूदा विधायक शंकर सिंह रावत का टिकट तय माना जा रहा है।

भीलवाड़ा : दिग्गजों को साथ लाने की चुनौती

भाजपा : पिता और पुत्र तीन सीटों पर जता रहे दावा

भीलवाड़ा में भाजपा को अपने दो दिग्गजों सांसद वीपी सिंह व पूर्व सांसद सुभाष बहेडिय़ा से एक साथ काम कराना चुनौती साबित हो रहा है। भीलवाड़ा से बहेडिय़ा टिकट के दावेदार हैं, लेकिन आरएसएस की पहली पसंद मौजूदा विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी हैं। संघ ने भीलवाड़ा व शाहपुरा सुरक्षित सीट से टिकट मांगे हैं। शाहपुरा से संघ ने डॉ. संतोषानंद घारू का नाम भेजा है। सहाड़ा से डॉ. रतन लाल जाट को तीसरी बार भी टिकट मिलने की संभावना है। जहाजपुर, आसींद, मांडलगढ़ और मांडल से कई दावेदार हैं। सांसद वीपी सिंह, उनके पुत्र अविजित सिंह मांडल, मांडलगढ़, आसींद तीन सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं।

कांग्रेस : 4 सीटों पर उलझ

कांग्रेस में टिकट का केंद्र केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी बने हुए हैं। जहाजपुर, भीलवाड़ा शहर, मांडलगढ़ और आसींद सीटों पर घमासान ज्यादा है। मीणा बहुल जहाजपुर सीट पर राजपा नुकसान पहुंचाने की कोशिश में है। भीलवाड़ा शहर से रिजू झुनझुनवाला को दावेदार माना जा रहा है। मांडलगढ़ से मौजूदा विधायक प्रदीप कुमार व पूर्व मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के पोते राहुल दावेदार हैं। शाहपुरा से महावीर मोची को कांग्रेस फिर उतार सकती है। मांडल से कई दावेदार हैं। आसींद में रामलाल जाट को टिकट मिला तो हगामी लाल मेवाड़ा बगावत कर सकते हैं। सहाड़ा से मौजूदा विधायक कैलाश चंद त्रिवेदी के अलावा कई दावेदार हैं।


वोट डालने में सुस्त हैं शहरी

30 October 2013
हनुमानगढ़। वोट डालने में शहरी मतदाता सुस्त है जबकि ग्रामीण इस मामले में पूरी तरह चुस्त है। पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों में शहरी क्षेत्र के कई बूथ तो ऎसे थे, जहां महज 55 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 79 प्रतिशत से अधिक वोटरों ने मतदान किया। शहरी क्षेत्र में शिक्षित तथा वीआईपी कॉलोनी के वोटर तो वोट देना ही पसंद नहीं करते। इसके चलते निर्वाचन विभाग ने इस बार चुनाव में 6 0 प्रतिशत से कम मतदान वाले बूथों को चिन्हित कर इनमें 90 प्रतिशत तक मतदान करवाने की कार्य योजना बनाई है।
जिले में संगरिया में 18, हनुमानगढ़ में 21, पीलीबंगा में 22, नोहर में 20 व भादरा में 21 कम मतदान वाले बूथों का चयन किया गया है। जहां गत चुनावों में 50 से 60 प्रतिशत के बीच मतदान हुआ था। इन पोलिंग बूथों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन विभाग के अधिकारी वोटर फ्रेडली बनाने की कवायद में जुट गए है। इसके अलावा मतदाता पहचान पत्र के बगैर भी वोटरों को वोट डालने की छूट दी गई है। बस परिवार के मुखिया के पास वोटर आईडी होना जरूरी है।
मुखिया मतदान केंद्र प्रभारी को अपने परिवार के सदस्यों का परिचय करवाएगा तथा सत्यापित के लिए हस्ताक्षर करेगा। इसके बाद संबंधित व्यक्ति निर्वाचन आयोग की ओर से निर्घारित 17 में से किसी एक पहचान पत्र को दिखाकर वोट कर सकेगा। पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, राशन कार्ड,जमीन की रजिस्ट्री, पट्टा, सहित अन्य 17 दस्तावेजों को पहचान के लिए मान्य होंगे। इससे पूर्व कई लोगों का नाम वोटर लिस्ट में अंकित होने के बावजूद वोटर कार्ड के बिना उन्हें मतदान करने से वंचित कर दिया जाता था। वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए इस बार निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय लिया है।

अधिकारी होंगे पुरस्कृत

कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर निर्वाचन आयोग की ओर से संबंधित अधिकारियों को प्रथम को 51, दूसरे को 41 तथा तीसरे स्थान पर रहने वाले को 31 हजार रूपए का पुरस्कार दिया जाएगा। स्वीप प्रोजेक्ट के तहत जगह-जगह कार्यशाला तथा मतदाता जागरूकता रैली निकाली जा रही है। इसके अलावा फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया का सहारा भी निर्वाचन विभाग ले रहा है।

बच्चे करेंगे भावनात्मक प्रेरित

मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए शहरी क्षेत्र के सरकारी व निजी स्कूलों में संस्था प्रधानों के माध्यम से विद्यार्थियों से संकल्प पत्र भरवाया जाएगा। ये बच्चे अभिभावकों को भावनात्मक रूप से मतदान करने को लेकर प्रेरित करेंगे। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्घारित प्रपत्र में संकल्प पत्र भी तैयार करवाया है। निर्वाचन विभाग की एक टीम भी बनाई गई है जो कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों के नजदीक रहने वाले वोटरों को मतदान करने के लिए जागरूक करेंगे।

70 बूथों पर मतदान में आगे हैं ग्रामीण

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनावों में जिले के 70 शहरी बूथों पर 55 प्रतिशत के लगभग मतदान हुआ जबकि जिले में औसत मतदान 79 प्रतिशत रहा था। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र के 32 बूथ ऎसे थे जहां 6 0 प्रतिशत से कम मतदान हुआ। मतदान के मामलों में ग्रामीणों ने शहरी को पीछे छोड़ दिया। कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों के आसपास वोटरों को आकर्षित करने के लिए स्वीप प्रभारी ने इस बार जिले के सभी 1091 पोलिंग बूथों पर पेयजल व छाया सहित अन्य मनोरंजन के साधन मुहैया करवाने का सुझाव दिया है।

शिक्षित लोगों का ही रूझान कम

जिले में शिक्षित व समृद्ध लोगों के मुकाबले कच्ची बस्तियों में रहने वाले निरक्षर लोगों में मतदान के प्रति अधिक रूझान है। जिला मुख्यालय पर जंक्शन के वार्ड 40 में राउप्रावि के बूथ पर 54.76 तथा नेशनल पब्लिक स्कूल में बनाए गए बूथ पर 6 0 प्रतिशत के लगभग मतदान हुआ। इन क्षेत्रों में रहने वाले अधिकांश कर्मचारी व अधिकारी वर्ग के लोग है जो आर्थिक रूप से समृद्ध है। इसके विपरीत खुंजा व आईटीआई बस्ती सहित अन्य क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने 70 प्रतिशत से अधिक मतदान किया। यहां गरीब तथा साक्षर लोग ही रहते है।

पोलिंग बूथ को बनाएंगे वोटर फ्रेंडली

कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों की सूची तैयार करवाई गई है। यहां किन कारणों से लोग मतदान करने के लिए आगे नहीं आ रहे है। इसे लेकर सर्वे करवाया जाएगा। पोलिंग बूथों को वोटर फे्रंडली बनाने के लिए स्वीप की कार्य योजना में कई नवाचार करने का निर्णय लिया गया है। इस बार इन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। रामनिवास जाट प्रभारी, स्वीप प्रोजेक्ट हनुमानगढ़। ।


भाजपा ने अशोक गहलोत पर साधा निशाना,

30 October 2013
जयपुर। राजस्‍थान में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया है। पार्टी के नेशनल सेक्रेटरी किरीट सौमेया ने गहलोत को निशाने पर लेते हुए कोलगेट की तर्ज पर खान घोटाले की जांच की मांग की है। सौमेया का आरोप है कि मुख्‍यमंत्री भी इस घोटाले में शामिल हैं।
दूसरी ओर, अब राजस्थान की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की चुनावी गतिविधियों की केंद्र अब दिल्ली हो गई है। कांग्रेस के नेताओं के बाद अब भाजपा के नेता भी दिल्ली में डेरा डाल चुके हैं। उनकी एक बैठक बुधवार को हो सकती है।
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे अशोका रोड स्थित पार्टी कार्यालय में तय की गई है। इसमें पार्टी की पहली सूची पर मुहर लगाई जाएगी। जिस तरह कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के बाद राहुल गांधी ने पहले संभावित उम्मीदवारों के नामों को फाइनल किया, उसी तरह भाजपा के उम्मीदवारों के नामों को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की स्क्रीनिंग से गुजारा जाएगा। मोदी की ओर से भी राजस्थान में एक सर्वे करवाया गया है।
दोनों ही नेताओं के राजनीतिक भविष्य के लिए राजस्थान में अपनी पार्टी की सरकार बनना जरूरी है, क्योंकि प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार होती है, लोकसभा में उसी को सबसे ज्यादा सीटें मिलती हैं। उधर, कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक राजधानी दिल्ली के हरियाणा स्टेट गेस्ट हाउस में दो बार हुई, जिसमें नेताओं के बीच खींचतान का असर साफ दिखाई दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी की पहली सूची 31 अक्टूबर या एक नवंबर को आ सकती है, लेकिन कांग्रेस हाईकमान के नेताओं का कहना है कि या तो 31 अक्टूबर को सूची फाइनल हो जाएगी या फिर यह काम दीपावली के बाद 4 नवंबर तक टल जाएगा, क्योंकि 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी का बलिदान दिवस है और एक नवंबर को धनतेरस है। कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार को बैठकों के कई दौर किए और प्रदेश में कई सीटों पर फोन करके ग्राउंड से जानकारी लेते रहे।


चुनाव पूर्व राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी बढ़ी

29 October 2013
जयपुर राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.सी.पी. जोशी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चन्द्रभान के चक्कर में सोमवार को दिल्ली में हुई केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक बेनतीजा रही। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में हुई बैठक में खासा घमासान हुआ।
जोशी को प्रदेश चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाकर विधानसभा चुनाव लड़वाने को लेकर भी सोमवार को कोई निर्णय नहीं हो सका। पहले यह तय माना जा रहा था कि दोपहर तक इसकी घोषणा हो जाएगी, लेकिन जोशी को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व को चुनौती मिलती लिहाजा वे इसका विरोध कर रहे है। मुख्यमंत्री के विरोध के कारण निर्णय फिलहाल टाल दिया गया। अब 31 अक्टूबर को होने वाली सीईसी की बैठक में निर्णय होने की उम्मीद है।
प्रदेश में मुख्यमंत्री विरोधी गुट की अगुवाई कर रहे डॉ. जोशी के खिलाफ मुख्यमंत्री समर्थक सांसद एवं विधायक आलाकमान के समक्ष पिछले कुछ दिनों से लॉबिंग कर रहे है। वैसे जोशी को राहुल के निकट माना जाता है। सोमवार की बैठक में जोशी को चुनाव लड़ाने के साथ ही पीसीसी अध्यक्ष चन्द्रभान को भी विस. का टिकट दिए जाने को लेकर चर्चा हुई, हालांकि पहले तो राहुल गांधी ने जो नियम तय किए थे उनके मुताबिक पीसीसी अध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ सकता था। लेकिन चन्द्रभान चुनाव लड़ने के लिए अब अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार है। जोशी और चन्द्रभान को लेकर ही बैठक में खींचतान रही, जिससे आगे निर्णय नहीं हो सका।
सूत्रों के मुताबिक चन्द्रभान के चुनाव लड़ने की स्थिति में सांसद हरीश चौधरी एवं राज्यसभा सदस्य अश्क अली टांक को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इधर भाजपा आलाकमान ने प्रत्याशी चयन को लेकर प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को फ्री हैण्ड दे दिया है। वसुंधरा की पसंद के आधार पर ही प्रत्याशी चयन का काम किया जा रहा है।
वसुंधरा की सहमति से ही राष्ट्रीय संगठनमंत्री सौदान सिंह और सचिव भूपेन्द्र यादव को प्रदेश चुनाव की कमान सौंपी गई है। भाजपा में करीब छह दर्जन सीटों पर एक-एक नाम के पैनल तैयार कर लिए है।
सौदान सिंह और भूपेन्द्र यादव ने पिछले तीन माह में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर संभावित उम्मीदवारों की तलाश की और उसी आधार पर प्रत्याशी चयन का काम हो रहा है।


वर्तमान MLA पर भाजपा लगा सकती है दांव, पहली लिस्ट जल्‍दी होगी जारी!

29 October 2013
जयपुर। राजस्‍थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस में अचानक से गतिविधियां तेज हो गईं हैं। कांग्रेस की टिकट से विधानसभा तक पहुंचने का सपना देख रहे नेताओं ने जहां दिल्‍ली में डेरा डाला हुआ है, वहीं भाजपा की टिकट के लिए नेताओं का झुंड वसुंधरा राजे सिंधिया के आसपास भटक रहा है।
भाजपा प्रदेशाध्‍यक्ष वसुंधरा राजे मंगलवार को अचानक दिल्‍ली से जयपुर पहुंचीं। जिसके बाद चुनावी समिति की दोबारा से बैठक हुई। इस मौके पर पार्टी के कई वरिष्‍ठ नेता मौजूद थे। उम्‍मीद की जा रही है कि आज शाम तक पार्टी अपने प्रत्‍याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है। भाजपा के सभी शक्ति केंद्र अब जयपुर में वसुंधरा के इर्दगिर्द सिमट चुके हैं।
वसुंधरा प्रत्‍याशियों की पहली लिस्‍ट केंद्रीय चुनाव समिति को सौंपने के लिए आज ही दिल्‍ली के लिए रवाना हो जाएंगी। इसके बाद दिल्‍ली में भाजपा प्रत्‍याशियों की टिकट का फाइनल फैसला होगा।


कांग्रेस के 50 उम्मीदवारों के नाम तय, घोषणा कभी भी संभव,

28 October 2013
जयपुर। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के 50 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा सोमवार शाम तक होने की संभावना है। कांग्रेस चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक के बाद सूची जारी की जा सकती है। स्क्रीनिंग कमेटी में यद्यपि 100 नामों पर चर्चा कर हरी झंडी दे दी गई है, लेकिन बाकी नामों को भाजपा की पहली सूची आने तक के लिए रोककर रखा जा रहा है।
कुछ सीटों पर सांसदों को टिकट देने के लिए मोटे तौर पर सहमति बन गई है। माना जा रहा है कि इन सांसदों को उन सीटों पर उतारा जाएगा, जिन पर अभी भाजपा काबिज है। सीईसी में राजस्थान से एक मात्र सदस्य केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास शामिल हैं।

सीपी के नाम पर राहुल की सहमति

सीपी जोशी को विधानसभा चुनाव लड़ाने पर राहुल गांधी ने सहमति दे दी है। क्योंकि वे पार्टी में महासचिव हैं, इसलिए इस मुद्दे पर सीईसी की सोमवार की बैठक या अगली बैठक में विचार होने की संभावना है। इसके अलावा अन्य केंद्रीय मंत्री लालचंद कटारिया को झोटवाड़ा, सांसद महेश जोशी को सांगानेर व महादेव खंडेला को खंडेला से टिकट दिया जा सकता है। इस सूची में ताराचंद भगोरा और खिलाड़ी बैरवा भी आते हैं, जो अपने इलाके से टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।

संभावित नामों की सूची

कांग्रेस सूत्रों से मिले संकेत के अनुसार ३२ संभावित नाम यहां दिए जा रहे हैं। इनके नामों के साथ ही चारों अग्रिम संगठनों को प्रमुखों को टिकट देने पर मोटे तौर पर सहमति बन गई है। केबिनेट मंत्री हेमा राम चौधरी के नाम पर सहमति बन गई है, लेकिन रणनीति के चलते उनका नाम बाद में घोषित किया जा सकता है।

विधानसभा क्षेत्र : संभावित प्रत्याशी

सरदारपुरा : अशोक गहलोत
झुंझुनूं : बिजेंद्र सिंह ओला
श्रीमाधोपुर : दीपेंद्र सिंह शेखावत
कोटा उत्तर : शांति धारीवाल
खेतड़ी : डॉ. जितेंद्र सिंह
सुजानगढ़ : मा.भंवरलाल
सीकर : राजेंद्र पारीक
अंता : प्रमोद जैन भाया
सलुंबर : बसंती देवी
सिविल लाइन : प्रताप सिंह खाचरियावास
बागीदौरा : महेंद्र जीत सिंह मालवीय
तिजारा : दुर्रू मियां
शिव : अमीन खान
पोकरण : सालेह मोहम्मद
सिरोही : संयम लोढ़ा
रानीवाड़ा : रतन देवासी
डेगाना : रिछपाल मिर्धा
नावां : महेंद्र चौधरी
टोंक : जकिया
खंडार : अशोक बैरवा
महुवा : हरि सिंह महुवा
बारां-अटरू : पाना चंद मेघवाल फतेहपुर : भंवरु खां
गोगुंदा : मांगीलाल गरासिया खेरवाड़ा : डॉ. दयाराम परमार राजसमंद : हरि सिंह राठौड़ कुंभलगढ़ : गणेश सिंह परमार
केकड़ी : रघु शर्मा
डीग कुम्हेर : विश्वेंद्र सिंह
सूरतगढ़ : गंगाजल मील
चौहटन : पदमाराम मेघवाल
गुढ़ामालानी : हेमा राम चौधरी


भाजपा की पहली सूची 31 को जारी होगी

28 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची 31 अक्टूबर को जारी होगी। चुनाव में जीत पक्की करने के लिहाज से गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी की पसंद की तीन सर्वे एजेंसियों से आई रिपोर्ट और भाजपा नेताओं से मिले फीडबैक के आधार पर पहली सूची में 50 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होगी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में रविवार को हुई प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में 50 सीटों पर एक-एक नामों के पैनल तैयार किए और इन्हें 31 अक्टूबर को संसदीय बोर्ड की बैठक में मंजूरी दिलाने की रणनीति बनाई गई। बैठक में ढ़ाई दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी तय की गई जिन पर भाजपा कभी चुनाव नहीं जीत सकी, हालांकि इनमें से तीन सीटों पर अब तक सहयोगी रहे जद यू को जीत मिली चुकी है।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी ने बताया कि जिन सीटों पर जीत पक्की मानी जा रही है उन पर 31 अक्टूबर को प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी।


वसुंधरा-गहलोत के बीच तीसरा मुकाबला

28 October 2013
जयपुर.राजस्थान विधानसभा चुनाव निकट आने के साथ ही प्रदेश में चला रहा राजनीतिक संघर्ष का परिदृश्य अब घमासान में बदल जाएगा। राजनीतिक हलकों में प्रदेश में अब तक के इतिहास के हिसाब से मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होना माना जा रहा है। प्रदेश में यह तीसरा विधानसभा चुनाव होगा जिसमें कांग्रेस से अशोक गहलोत और भाजपा से पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे के बीच राजनीतिक वर्चस्व की जंग होगी। अब तक दो मुकाबलों में दोनों को स्कोर एक-एक अंक के साथ बराबर पर है। वर्ष 2003 में राजे ने गहलोत से सत्ता छीनी तो 2008 में गहलोत ने मुकाबला बराबरी पर लाते हुए राजे को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया। प्रदेश के इस चुनाव में मुद्दे भी वहीं हैं और दोनों दलों में मुख्य भूमिका में रहने वाले नेताओं के नाम भी सामने है। भाजपा में चुनाव के मुद्दे भी वहीं रहने वाले है जिन्हें लेकर वसुंधरा राजे ने अपनी सुराज संकल्प यात्रा में कांग्रेस पर हमला बोला। चुनाव में भाजपा पानी, बिजली, सड़क, अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव, भ्रष्टाचार और राज्य सरकार के विवादित मंत्रियों को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलेगी।
भाजपा पिछड़ी अगड़ी जातियों को आरक्षण जैसा मुद्दा भी चुनाव में उछाल सकती है। दूसरी तरफ सत्तारूढ़ कांग्रेस भाजपा के हमलों का मुकाबला करने के लिए रिफाइनरी, मेट्रो, मुफ्त दवा, मुफ्त जांच, विद्यार्थियों से लेकर वृद्धजनों को दी गई सुविधाओं को ढाल बनाएगी। साथ ही पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा पर हमला बोलेगी।
चुनाव माथे पर आने के बावजूद भी दोनों ही दलों की आंतरिक फूट की स्थिति एक जैसी है। भाजपा में जहां संघ पृष्ठभूमि के माने जाने वाले नेताओं और राजे समर्थकों के बीच खाई है। दूसरी तरफ कांग्रेस में गुटबाजी की समस्या चरम पर है। मोटे रूप से पार्टी मुख्यमंत्री गहलोत समर्थकों और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सी.पी. जोशी के बीच बंटी दिखाई दे रही है।
विधानसभा चुनाव में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। लेकिन भाजपा से बागी दौसा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की राष्ट्रीय जनतांत्रिक पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के प्रदर्शन पर भी नजर रहेगी। समीकरण ठीक बैठे तो सत्ता तक का सफर इन दोनों पार्टियों की मदद से ही तय हो सकेगा।


राजस्थान में साथ देंगे, दिल्ली में चुनाव लड़ेंगे: सुखबीर

28 October 2013
अबोहर। शिरोमणि अकाली दल राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े नहीं करेगा, जबकि दिल्ली में सहयोगी भाजपा के साथ सीट वितरण पर बातचीत चल रही है।
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने यहां शनिवार को कहा कि राजस्थान में पार्टी भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करेगी। जब उनसे पूछा गया कि दिल्ली में दल ने कुछ सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है, तो उन्होंने जवाब दिया-हां। हम वहां भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। सीटों को लेकर भाजपा से बातचीत चल रही है, जिसका फैसला जल्द हो जाएगा।


कृष्णा पूनिया कांग्रेस में शामिल

24 October 2013
चूरू।खेल के मैदान में झण्डे गाड़कर देश का नाम रोशन करने वाली कृष्ण पूनिया अब राजनीति में भाग्य आजमाकर क्षेत्र के विकास का सपना संजोए हुए है। कुछ इसी तरह की मंशा को लेकर कृष्णा पूनिया ने बुधवार राहुल गांधी के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
इस दौरान सादुलपुर क्षेत्र से आए लोगों ने कृष्णा पूनिया के समर्थन में नारे लगाए। मंच पर मौजूद पूनिया ने राहुल गांधी को पुष्प गुच्छ भेंट किया। गांधी ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। सभा समाप्त होने के बाद युवाओं ने उनको घेर लिया और उनके साथ फोटो खिंचवाए।
क्षेत्र का विकास पहली प्राथमिकता
कृष्णा पूनिया ने बाद में पत्रिका को बातचीत में बताया कि लोगों की आकांक्षाओं ने उन्हें कांग्रेस की तरफ खींच लिया है। इन्ही भावनाओं के बल पर उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर कांग्रेस ज्वाइन की है। यह पूछने पर कि चूरू में कौनसी सीट पर चुनाव लड़ेंगी तो पूनिया ने बताया कि यह पार्टी तय करेगी। वे तो कार्यकर्ता हैं। पार्टी के निर्देशों की पालना करेंगी।
उन्होंने कहा , क्षेत्र समस्याओं से जूझ रहा है।
उनकी पहली प्राथमिकता क्षेत्र के विकास की होगी। राजनीति को आपने क्यों चुना इस सवाल पर पूनिया ने कहा कि राजनीति सेवा का पर्याय है। इसलिए वे कांग्रेस में शामिल हुई है। उनकी मंशा है कि समस्याओं से घिरे क्षेत्र को विकास की पटरी पर लाकर खड़ा किया जाए। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अशोक तंवर ने कृष्णा पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की।
पूनिया दे चुकी हैं इस्तीफा
पूनिया ने बताया कि वे रेलवे में असिस्टेंट पर्सनल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने दो दिन पूर्व ही रेलवे की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।
फुटकर दुकानदारों की बल्ले-बल्ले
राहुल गांधी की आमसभा के दौरान विभिन्न जिलों के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की भीड़ पहुंचने से पुलिस लाइन मैदान के पास मेले जैसा माहौल हो गया। ऎसे में सुबह करीब नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक चाय-पानी की दुकानों और आइसक्रीम, मूंगफली व फलों की अस्थाई दुकानों पर खूब बिक्री होने से दुकानदार खुश नजर आए।
खूब बंटी कांग्रेसी टोपियां
आमसभा में पहुंचा हर शख्स कांग्रेस की टोपी पहने नजर आया। पुलिस लाइन गेट के आगे बैठे कांग्रेस के पदाधिकारी सभा मे पहुंचने वाले लगभग सभी लोगों को टोपी बांटते रहे।
करना पड़ा लंबा इंतजार
ग्रामीण क्षेत्रों से सुबह नौ बजे से ही सभास्थल पर पहुंचने शुरू हो गए। ऎसे में दोपहर एक बजे तक लोगों को जनप्रतिनिधियों का इंतजार करना पड़ा। इस दौरान ग्रामीण चिलम या बीड़ी के कस लगाकर टाइम पास करते नजर आए।
गर्मी ने छुड़ाए पसीने
जनसभा के दौरान टैंट में पंखे नहीं लगाए जाने से लोगों को गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ा। उधर जनसभा में पानी की किल्लत ने भी लोगों को परेशान किए रखा।
भाजपा को जवाब
चूरू. कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कृष्णा पूनियां को शामिल करके भाजपा को जवाब दिया है। इससे पहले भाजपा की जयपुर रैली में निशानेबाज राज्यवर्द्धन राठौड़ नरेन्द्र मोदी के समक्ष भाजपा में शामिल हुए थे।


चुनाव के मैदान में सीनियर शेर तो जूनियर हैं सवा शेर

24 October 2013
जयपुर. सीकर, झुंझुनूं और चूरू की 21 विधानसभा सीटें
जोन : शेखावाटी, सीकर, झुंझुनूं, चूरू
सीकर : सीकर, नीमकाथाना, लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर, श्रीमाधोपुर, दांतारामगढ़, खंडेला, धोद
झुंझुनूं : झुंझुनूं, नवलगढ़, पिलानी, खेतड़ी, मंडावा, उदयपुरवाटी, सूरजगढ़
चूरू : चूरू, तारानगर, सादुलपुर, सुजानगढ़, रतनगढ़, सरदारशहर
सीकर : अंतर्कलह से निपटना चुनौती
राजेंद्र पारीक को उद्योग मंत्री बनाने वाली सीकर सीट पर फिर वे ही कांग्रेस से मजबूत दावेदार हैं। भाजपा में कई दावेदारों के कारण कलह है। पूर्व विधायक राजकुमारी शर्मा व पिछली बार हारे महेश शर्मा एक-दूसरे की खिलाफत कर रहे हैं। तीन बार सांसद रहे भाजपा के सुभाष महरिया लक्ष्मणगढ़ से किस्मत आजमा सकते हैं।
कांग्रेस से जिलाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा दावेदार हैं, लेकिन विरोधी उनकी भी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस से 34 वोट पीछे रहे निर्दलीय दिनेश जोशी मुकाबला त्रिकोणीय बना सकते हैं। फतेहपुर में भाजपा दो गुटों में बंटी है। सुभाष महरिया के भाई नंदकिशोर दो बार चुनाव हारने के बाद फिर दावा पेश कर रहे हैं। पूर्व विधायक बीएल भिंडा अपने बेटे मधु की दावेदारी करते हुए महरिया की खिलाफत कर रहे हैं। यहां भाजपा की कलह का भंवरू खां तीन बार से फायदा उठा रहे हैं।
धोद में चार चुनाव से माकपा काबिज है। पिछला चुनाव हारे परसराम मोरदिया के बेटे का नाम कांग्रेस के पैनल में बताया जा रहा है। भाजपा यहां से आज तक नहीं जीत पाई। दांतारामगढ़ में किसान आयोग अध्यक्ष नारायणसिंह की साख दांव पर है। उन्हें पिछले चुनाव में हराने वाले माकपा के अमराराम से फिर चुनौती मिल रही है।
आधा दर्जन दावेदारी के कारण भाजपा परेशानी में है। श्रीमाधोपुर में भी भाजपा के अंतर्कलह को विधानसभाध्यक्ष दीपेंद्रसिंह मजबूती के तौर पर देखते हैं। खंडेला में सांसद महादेवसिंह बेटे गिरीराज के तौर पर परिवार को राजनीति में आगे बढ़ाने की तैयारी में हैं।
जिले में भाजपा के एकमात्र विधायक बंशीधर बाजिया के लिए गुटबाजी परेशानी बन सकती है। नीमकाथाना में मौजूदा कांग्रेस विधायक रमेश खंडेलवाल और उनसे हारे भाजपा के प्रेमसिंह को भी गुटबाजी का सामना करना पड़ रहा है।


दिल्ली में राजनाथ से वसुंधरा की सियासी मंत्रणा

23 October 2013
जयपुर। राजस्थान के विधानसभा चुनावों के बारे में विचार-विमर्श करने को लेकर 29 अक्टूबर को दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक होने की संभावना है। इसमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे शामिल होंगी। दिल्ली में सोमवार को वसुंधरा राजे ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की। उन्होंने लंच के समय करीब 40 मिनट तक बातचीत की। उनके बीच चुनाव समिति के गठन और प्रत्याशियों के चयन को लेकर चर्चा हुई। राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे को 29 अक्टूबर को संसदीय बोर्ड की बैठक रखने के बारे में बताया।
दिल्ली में टिकटों की प्रक्रिया शुरू : सर्वे रिपोर्ट और कार्यकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर वसुंधरा राजे ने सोमवार को दिल्ली में प्रत्याशियों की सूची बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। वसुंधरा राजे, भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह और राष्ट्रीय सचिव भूपेंद्र यादव ने सोमवार को लंबी बैठक की। तीनों नेता हर सीट पर सारे समीकरणों को ध्यान में रखकर प्रत्याशियों की सूची बनाने की प्रक्रिया में जुटे रहे। अगले दौर की प्रक्रिया वसुंधरा राजे जयपुर में आकर के करेंगी। अभी अंतिम दौर की सर्वे रिपोर्ट 24 अक्टूबर तक मिलने की संभावना है। यह देखने के बाद वसुंधरा राजे प्रत्याशियों की सूची को अपने स्तर पर अंतिम रूप देंगी। उसके बाद उसे चुनाव समिति के समक्ष रखा जाएगा।


विधानसभा चुनाव महाकवरेज: तीन राजघरानों की प्रतिष्ठा का सवाल

22 October 2013
अलवर/भरतपुर/धौलपुर। मत्स्य के तीन जिलों अलवर, भरतपुर और धौलपुर में तीन पूर्व राजपरिवार सियासी जंग में उतरे हुए हैं। अलवर में कांग्रेस नेता और राहुल गांधी के खास माने जाने वाले भंवर जितेंद्र सिंह की साख दांव पर है तो धौलपुर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का ससुराल है।
भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के विश्वेंद्र सिंह की प्रतिष्ठा भी इस जिले की 7 सीटों से जुड़ी है। तीनों जिलों से मप्र, उप्र और हरियाणा की सीमा लगती हैं। इस कारण इन राज्यों का सियासी असर भी यहां देखने को मिलेगा। 2008 के चुनाव में भाजपा का तीनों ही जिलों में पलड़ा भारी रहा। कुल 22 में से 16 सीटें भाजपा के खाते में गईं। कांग्रेस को चार सीटें मिलीं। एक सीट पर बसपा और एक पर सपा ने जीत दर्ज कराई थी।

अलवर : तिजारा सीट पर खुद चुनाव लड़ेगी भाजपा

अलवर जिले की 11 सीटों में से पिछली बार भाजपा को 7, कांग्रेस को 3 व सपा को एक सीट मिली थी। पिछली बार अलवर शहर से भाजपा के बनवारीलाल सिंघल जीते थे। इससे पहले मौजूदा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह लगातार दो बार विधायक रहे। पिछले चुनाव से यहां परंपरा बन गई है कि भाजपा यदि वैश्य को टिकट देती है तो कांग्रेस ब्राह्मण को। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की पत्नी अंबिका के भी चुनाव लडऩे के कयास लगाए जा रहे हैं।


राजस्थान में खेती करेगा अमेरिका

22 October 2013
जयपुर। भाजपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने की पूरी तैयारियां कर ली हैं। उनके खिलाफ सरदारपुरा से माली के बजाय राजपूत उम्मीदवार उतर सकता है जिसमें जोधपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर महेंद्रसिंह राठौड़ का नाम सबसे ऊपर है। इसकी वजह गैर माली वोटों को एकजुट करना है। कुछ समय पहले ही भाजपा में आए शंभुसिंह खेतासर का नाम भी दावेदारों में है। यह सीट ऐसी है, जहां 1957 से अब तक हुए 13 विधानसभा चुनावों में हमेशा माली जाति का उम्मीदवार ही जीतता रहा है।
राजपूत ही क्यों?
सरदारपुरा में मालियों के वोट सबसे ज्यादा है, भाजपा मालियों पर दाव खेलती रही है लेकिन समाज मजबूत जातिगत प्रत्याशी पर मुहर लगाता रहा अब राजपूत प्रत्याशी उतार कर दूसरी जातियों को लामबंद करने का प्रयास कर सकती है। महेंद्रसिंह राठौड़ का तर्क है कि परिसीमन के बाद सरदारपुरा अब राजपूत बहुल हो गया है।
अगर भाजपा माली उम्मीदवार उतारती है तो माली समाज के मतदाता कमजोर माली के बजाय ताकतवर माली यानी अशोक गहलोत के साथ ही जाएंगे। हालांकि भाजपा के माली दावेदार इसका विरोध करते हैं और उनका कहना है कि इस सीट पर माली समाज का ही वर्चस्व है। भाजपा यहां गहलोत के सामने एक बार मेघराज लोहिया, तो उसके बाद जोधपुर के पूर्व महाराजा गजसिंह के कहने पर महेंद्र झाबक को चुनाव मैदान में आजमा चुकी है।
ये भी हैं दौड़ में
: गजेंद्रसिंह शेखावत : प्रताप फाउंडेशन का सपोर्ट।
: लोकेश सिंह : पूर्व वाइस चांसलर जोधपुर विवि, इन्हें वसुंधरा के पिछले कार्यकाल में वीसी बनाया गया था। ये आरएसएस के करीबी माने जाते हैं।

कब-कब कौन जीता और उसकी जाति क्या?
1952 हनवंतसिंह राजपूत निर्दलीय
1952 हरिकृष्ण व्यास ब्राह्मण सीओएमएम
1957 आनंदसिंह कछावा माली कांग्रेस
1962 आनंदसिंह कछावा माली कांग्रेस
1967 ओमदत्त माली बीजेएस
1972 अमृतलाल गहलोत माली कांग्रेस
1977 माधोसिंह माली जनता पार्टी
1980 मानसिंह देवड़ा माली कांग्रेस
1985 मानसिंह देवड़ा माली कांग्रेस
1990 राजेंद्र गहलोत माली भाजपा
1993 राजेंद्र गहलोत माली भाजपा
1998 मानसिंह देवड़ा माली कांग्रेस
1999 अशोक गहलोत माली कांग्रेस
2003 अशोक गहलोत माली कांग्रेस
2008 अशोक गहलोत माली कांग्रेस

गहलोत कैसे आए सरदारपुरा

1998 में जब कांग्रेस का बहुमत आया तो गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया। वे विधानसभा के सदस्य नहीं थे। उन्होंने उपचुनाव लड़ा। चुनाव लड़वाने के लिए सरदारपुरा सीट से मानसिंह देवड़ा ने सीट छोड़ी। उसपर गहलोत चुनाव लड़े और जीते।


कांग्रेस सौ प्रत्याशियों की सूची 30 तक जारी करेगी

21 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 30 अक्टूबर तक एक सौ सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर देगी। हालांकि कांग्रेस में टिकटों का मामला प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत के सख्त रवैये के आगे एकबार अटक गया। पिछले दिनों दिल्ली में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में कुछ टिकटों पर चर्चा होने के के बाद पहले तय की गई गाइड लाइन पर आकर अटक गई। अब स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 23 अक्टूबर को राहुल गांधी की अलवर के खेड़ली और चूरू में होने वाली सभा के बाद 24 और 25 अक्टूबर को होने की संभावना है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.चन्द्रभान का दावा है कि इस बैठक के बाद 30 अक्टूबर तक करीब एक सौ प्रत्याशियों की सूची जारी कर देंगे।
कामत ने राहुल गांधी के निर्देश पर गाइड लाइन तय की। उन्होंने पिछले दिनों हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में गाइड लाइन के अनुरूप पैनल तैयार करने के साथ ही लोकसभा के चुनाव में हर विधानसभा में क्या स्थिति रही इसका ब्यौरा तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए।
कामत ने टिकटों के लिए निचले स्तर से आवेदन लेने की प्रक्रिया को अपनाने के साथ ही टिकट देने के लिए गाइड लाइन तय की थी। इसमें कई प्रावधान हैं, तीन शर्तें प्रमुख है। इसमें पहली, दो बार हारे हुए को टिकट नहीं, दूसरी 20 हजार से अधिक वोटों से हारे हुए नेताओं और सांसदों को टिकट नहीं देना शामिल हैं। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, जिला कांग्रेस कमेटी और प्रदेश चुनाव समिति की ओर से तैयार किए पैनलों में इन प्रावधानों का ध्यान नहीं रखा गया। इसे कामत ने गंभीरता से लिया। अब टिक देने से पहले पिछले लोकसभा चुनाव में विधानसभा वार कितने वोट मिले, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।।


शादी समारोह में वोट मांगना पड़ेगा महंगा

21 October 2013
जयपुर। पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में यदि किसी प्रत्याशी ने विवाह समारोह में वोट मांगा तो चुनावा आयोग उस समारोह का समस्त खर्च उसके खाते में जोड़ देगा। यानी विवाह के खर्च को भी प्रत्याशी का चुनावी खर्च माना जाएगा। चुनाव में आयोग की खुफिया नजर प्रत्याशी के विवाह, लंगर और मृत्युभोज जैसे सामाजिक आयोजनों में भाग लेने पर भी है। आयोग ऐसे कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी भी करवाएगा।
राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अशोक जैन ने बताया कि विधिवत प्रत्याशी घोषित होने के बाद कोई किसी शादी या मृत्युभोज में जाकर मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सकेगा। कोई ऐसा करते हुए पाया गया तो आयोग समारोह का सारा खर्चा प्रत्याशी के चुनावी व्यय में जोड़ देगा। इस बाबत चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को निर्देश भी जारी किए हैं। वहीं कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियों ने नई गाइडलाइन के बारे में कैंपेन कमेटियों को आगाह कर दिया है। हालांकि, प्रत्याशी सामाजिक समारोहों में व्यक्तिगत तौर पर ही शामिल होता है तो चुनाव आयोग की रोक-टोक नहीं होगी।


भाजपा के प्रचार पर मोदी की छाया

21 October 2013
जयपुर। गुजरात में जीत की हैट्रिक लगाने वाले मोदी की हाईटेक प्रचार की रणनीति राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी भाजपा अपनाएगी। युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए फेसबुक से लेकर ट्विटर तक आजमाए जाएंगें, वहीं ग्रामीण वोटरों को रिझाने के लिए थ्रीडी टेक्नोलॉजी से लेकर जर्मन कंपनी के प्रोजेक्टर तक मांगने की तैयारी है। करीब दस लाख कीमत के इन 200 प्रोजेक्टर्स के माध्यम से राज्य की 9000 पंचायत और 6000 नगर पालिका क्षेत्रों में फिल्म दिखाई जाएगी। प्रोजेक्टर चलाने के लिए जल्द ही कुछ कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। अब तक करीब 100 प्रोजेक्टर भाजपा के पास आ चुके है। प्रत्येक विधानसभा के लिए 5 से 10 कार्यकर्ताओं की एक टीम होगी, जो इस प्रचार को कोर टीम होगी। कुल एक से दो हजार कार्यकर्ता प्रचार के इस तरीके में लगाए जाएंगे। इसके लिए कार्यकर्ताओं की सूची बनाने का काम चल रहा है। यही टीम प्रत्येक वार्ड-ग्राम पंचायत स्तर पर जाकर जगह-जगह यह फिल्म दिखाएगी।
राजस्थान में मोदी की तरह थ्रीडी टेक्नोलॉजी के माध्यम से वसुंधरा राजे का भाषण एक साथ कई जगह दिखाया जाएगा। थ्री डी तकनीक में व्यक्ति वहां मौजूद नहीं होता है, लेकिन ऐसा लगता है कि वह वहीं मौजूद है।
क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान को काफी बड़ा होने के कारण चुनाव के समय नेताओं का सभी जगह पहुंचना मुश्किल होता है। भाजपा इसे काफी फायदेमंद मान रही है। राजस्थान में भाजपा हाईटेक प्रचार कैसे करे? इसके लिए वह गुजरात के नेताओं और नरेन्द्र मोदी की टीम के सम्पर्क में भी है।
भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह फिल्म आंधे घंटे की होगी और इसमें वसुंधरा राजे सरकार और अशोक गहलोत सरकार में हुए कार्यो का अन्तर बताया जाएगा। इसके अलावा इस फिल्म में वसुंधरा राजे का छोटा-सा सम्बोधन भी होगा और उनके कार्यकाल में किए गए कार्यो का चित्रण भी होगा। इसकी शुरुआत सुराज संकल्प यात्रा के समापन के तहत नरेन्द्र मोदी की सभा के बाद हो सकती है।
हाईटेक प्रचार के तहत बल्क मोबाइल मैसेजिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। ईमेल के माध्यम से लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जाएगी। फेसबुक-ट्विटर के माध्यम से राजस्थान के करीब 60 से 70 लाख वोटरों तक पहुंच बनाई जाएगी। यह माध्यम खासकर युवाओं को आकर्षित करेगा। इसके अलावा बड़े-बड़े होर्डिग्स लगाए जाएंगे।


अपने ही अपनों के खिलाफ मैदान में

21 October 2013
अजमेर। मेरवाड़ा जोन के दो जिले-अजमेर और भीलवाड़ा। दोनों में पिछले चुनाव से एक बड़ा बदलाव। सभी 15 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की राजनीति दो बड़े दिग्गज डॉ. सीपी जोशी व सचिन पायलट के इर्द-गिर्द घूम रही है। भाजपा को अब भी बड़े नेता की दरकार है। लगभग सभी सीटों पर इस बार भी जातीय समीकरण हावी रहेंगे। रावत, जाट व गुर्जर उलटफेर कर सकते हैं। यहां से इस बार कांग्रेस के दो नेताओं के परिजनों का भी राजनीति में पदार्पण हो सकता है।
अजमेर में 8 सीटें हैं। पिछले चुनाव में 4 पर कांग्रेस व 3 पर भाजपा ने कब्जा किया। एक सीट कांग्रेस के बागी ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीती थी। इस बार कहीं भाई ने भाई के खिलाफ ताल ठोंक रखी है तो कहीं अपने ही पार्टी के लोग अपनों के खिलाफ हैं। केकड़ी में मौजूदा कांग्रेस विधायक डॉ. रघुनंदन शर्मा के लिए यह सीट फिर से निकालना चुनौती भरा है। उन्हें अपनी ही पार्टी के बाबूलाल सिंघाडिय़ा से चुनौती मिल रही है। भाजपा से पिछले चुनाव में पराजित रिंकू कंवर, अतर सिंह भडाणा व शत्रुघ्न गौतम दावेदार हैं। नसीराबाद में गुर्जर बड़ा वोट बैंक हैं। पिछली बार कांग्रेस विधायक महेंद्र गुर्जर जीते थे। इस बार उनके भाई श्रीनगर प्रधान रामनारायण गुर्जर ने भी दावा ठोक रखा है। चर्चा है कि भाजपा के जाट नेता सांवरलाल सीट बदल सकते हैं। ऐसा हुआ तो भाजपा नाथूसिंह गुर्जर को ला सकती है।
किशनगढ़ में पिछली बार भाजपा के भागीरथ चौधरी कांग्रेस के नाथूराम सिणोदिया से हारे थे। इस बार भाजपा में टिकट पर घमासान है। चौधरी फिर टिकट मांग रहे हैं। हरचंद छणंग, सुरेश टांक और शंभू शर्मा भी दावेदार हैं। कांग्रेस से सिणोदिया, रामस्वरूप चौधरी और नरेंद्र भादू दावेदारी कर रहे हैं। ब्यावर सीट शहरी व ग्रामीण हिस्से में बंटी है। ग्रामीण क्षेत्र रावत बाहुल्य है। पिछली बार भाजपा के शंकर सिंह रावत ने कांग्रेस के बागी डॉ. केसी चौधरी को हराया था।


बसपा-माकपा ने बढ़ाई कांग्रेस-भाजपा की चिंता

19 October 2013
जयपुर। राजस्थान में माकपा, बसपा, राजपा और निर्दलीयों के बढ़ते कद से कांग्रेस-भाजपा में चिंता होना स्वाभाविक है। पिछले दो दशक में बसपा जद और बसपा के वोट बैंक में आठ फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। आगामी विधानसभा चुनाव में भी यदि यह बढ़ोतरी जारी रही तो कांग्रेस और भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।
पिछले विस चुनाव में 82 सीटों पर बसपा की मजबूत स्थिति ने कांग्रेस को करीब 15-20 सीटों का नुकसान पहुंचाया। वहीं 7-8 सीटों पर माकपा के प्रभाव के चलते भाजपा को भी हार का मुंह देखना पड़ा। माकपा ने 2008 में 31 सीटों पर 9.22 फीसदी वोट हासिल किए, जबकि राज्यभर में माकपा को डेढ़ फीसद वोट मिले। पिछले एक दशक में बसपा और माकपा का जनाधार करीब पांच फीसद बढ़ा है, जिसका सीधा नुकसान कांग्रेस और भाजपा को उठाना पड़ा है। पिछले चुनाव में बसपा ने आठ सीटों पर 30 फीसद और 15 सीटों पर 20 फीसद से ज्यादा वोट हासिल किए, जिसके कारण 20 सीटों पर दोनों प्रमुख पार्टियों के समीकरण गड़बड़ा गए। वर्ष 2003 के मुकाबले में माकपा के वोट बैंक में करीब एक फीसद की बढ़ोतरी हुई थी।
राजनीति विशेषज्ञों की माने तो बसपा को पिछले और अनुसूचित जाति के मतदाताओं का ज्यादा समर्थन मिलता है, जो कांग्रेस को परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। पिछले तीन आम चुनावों में यह वोट बैंक कांग्रेस से छिटकर बसपा के साथ जुड़ रहा है, जिसका सीधा असर चुनाव परिणामों पर देखा जा सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा ने छह सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ-साथ 10 सीटों पर दूसरा और 66 सीटों पर तीसरा स्थान हासिल किया था। इस तरह बसपा ने 76 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के समीकरण बिगाड़े। विशेषज्ञों का मानना है कि 82 सीटों पर बसपा की मजबूत स्थिति ने कांग्रेस को करीब 15-20 सीटों का नुकसान पहुंचाया, जिसके कारण कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बसपा के छह विधायकों के साथ-साथ निर्दलीयों का सहारा लेना पड़ा। ऐसा भी नहीं है कि बसपा ने अकेले कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाया हो, बल्कि करीब 7-8 सीटों पर बसपा के प्रभाव के चलते भाजपा को भी हार का मुंह देखना पड़ा।
आगामी विधानसभा चुनाव में माकपा और बसपा का कद यदि इसी गति से बढ़ा तो कांग्रेस और भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। दोनों पार्टियों को मिले आठ फीसद वोट ने भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ दिए, ऐसे में आगामी चुनाव में यह वोट प्रतिशत एक दो फीसद और बढ़ा तो दोनों पार्टियां सरकार बनाने और गिराने की स्थिति में होगी। प्रदेश में करीब 15 सीटों पर लाल लहर चल रही है। इन सीटों पर मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का दबदबा बढ़ रहा है। वर्ष 2008 में माकपा ने 34 सीटों पर चुनाव लड़ा जिनमें तीन सीटों पर लाल परचम लहराने के साथ ही 5 सीटों पर माकपा के उम्मीदवारों ने 15-20 हजार वोट हासिल किए। श्रीगंगापुर, नागौर और सीकर की करीब एक दर्जन सीटों पर माकपा का प्रभाव नजर आया। माकपा ने 2008 में 34 सीटों पर 9.22 फीसदी वोट हासिल किए, जबकि राज्यभर में माकपा को डेढ़ फीसदी वोट मिले। 2003 के मुकाबले माकपा के वोट बैंक में करीब एक फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
यूं बढ़ रहा है बसपा का जनाधार
वर्ष चुनाव लड़ा जीत वोट प्रतिशत
1993 50 0 0.56
1998 108 2 2.17
2003 124 2 3.97
2008 199 6 7.60
माकपा का बढ़ा कद
वर्ष चुनाव लड़ा जीत वोट प्रतिशत
1993 121 0.98 13.49
1998 141 0.81 9.00
2003 181 0.77 8.24
2008 343 1.62 9.22
निर्दलीयों का दबदबा
वर्ष चुनाव लड़ा जीत वोट प्रतिशत
1993 1506 21 12.90
1998 604 7 14.41 2003 556 13 11.37 2008 1023 14 14.96
किसी का बढ़ा तो किसी का घटा कद
पार्टी 2003 2008
कांग्रेस 35.65 36.82
भाजपा 39.20 34.27
बसपा 3.98 7.60
माकपा 0.77 1.63


भाजपा को सीट बचाने और कांग्रेस को बागियों से बचने की चुनौती

19 October 2013
सिरोही। मारवाड़ के तीन जिले पाली, जालोर और सिरोही। तीनों में हैं अरावली पर्वत, कच्छ के रण और रेगिस्तान तक पसरी 14 विधानसभा सीटें। यहां न तो राष्ट्रव्यापी महंगाई और भ्रष्टाचार कोई मुद्दा है, न ही राज्य सरकार की लुभावनी योजनाओं का कोई खास असर। यहां स्थानीय समस्या, जातिगत समीकरण तथा विकास ही चुनाव के प्रमुख मुद्दे हैं।
भाजपा की चिंता यहां पिछले दो चुनावों में मिली सीटों की बढ़त को बरकरार रखने की है तो कांग्रेस सेंधमारी के प्रयास में जुटी है। भाजपा के उम्मीदवार लगभग तय हैं, लेकिन कांग्रेस के लिए हर सीट पर टिकट दावेदारों की लंबी कतार है। ऐसे में सर्वमान्य चेहरे को टिकट देना बड़ी चुनौती बना हुआ है।
दोनों ही पार्टियों को बगावती तेवरों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने पाली जिले की 6 में से सिर्फ सुमेरपुर सीट पर ही जीत हासिल की थी। 4 सीटें भाजपा के खाते में गईं और एक सीट (जैतारण) पर निर्दलीय काबिज हुआ। सिरोही की तीन सीटों में से भी कांग्रेस सिर्फ पिंडवाड़ा-आबू में ही जीती।
सिरोही व रेवदर सीटें भाजपा के पक्ष में गईं। जालोर जिले की पांच सीटों में से रानीवाड़ा, जालोर तथा आहोर सीट पर कांग्रेस विजयी रही, जबकि भीनमाल में भाजपा ने परचम लहराया। सांचोर में निर्दलीय उम्मीदवार दोनों दलों पर भारी पड़े। पिछले चुनाव में भाजपा ने 14 में से 5 सीटों पर नए चेहरों पर दांव लगाया था।
इनमें से रानीवाड़ा में नारायणसिंह देवल, आहोर में चिरंजीलाल दवे, सांचोर में मिलापचंद, पिंडवाड़ा आबू में दुर्गाराम चुनाव हार गए, जबकि सिरोही से एकमात्र ओटाराम देवासी ने दो बार चुनाव जीते चुके कांग्रेस के संयम लोढ़ा को हराया था। सोजत में भी भाजपा प्रत्याशी संजना आगरी जीती थीं। कांग्रेस ने यहां नया चेहरा उतारा था। पाली में आपसी फूट तथा बगावत ने कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त करा दी थी।


राहुल की सोच के मुताबिक मिलेंगे टिकट: अजय माकन

18 October 2013
जयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने कहा है कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की भविष्य की कांग्रेस को ध्यान में रखकर ही राज्य विधानसभा चुनाव के लिए टिकट तय होंगे।
राहुल की सोच के मुताबिक स्वच्छ छवि के कार्यकर्ताओं को विधानसभा में टिकट देने की प्रक्रिया चल रही है और फिलहाल सूची तैयार नहीं हुई है। माकन गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया एवं कम्यूनिकेशन सेंटर का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में आगामी एक दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है और इसे लेकर आज भी दिल्ली में स्क्रिनिंग कमेटी की बैठक होगी।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के निर्देश पर पहली बार विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए ब्लॉक स्तर से सूची मांगी गई हैं। करीब 4000 कार्यकर्ताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है जिस पर विस्तार से चर्चा की जा रही है।
एक सवाल के जवाब में बताया कि फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि पहली सूची कब जारी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि राहुल चाहते हैं कि युवाओं के साथ बुजुर्गो को भी साथ लेकर चला जाए।
दागियों को टिकट नहीं दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि शिकायत की वास्तविकता का पता लगाया जाएगा लेकिन इसे लेकर फिलहाल कोई नीतिगत निर्णय नहीं हुआ है।
प्रदेश में महिलाओं को कितनी सीटों पर टिकट दिए जाने के सवाल पर माकन ने कहा कि फिलहाल कितनी महिलाओं को टिकट दिया जाए तय नहीं हुआ है लेकिन इतना जरूर है हम चुनाव जीतेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को चुनाव में खंडे़ किए जाने के सवाल पर माकन ने कहा कि इस पर फैसला होना है।


मारवाड़ में रिफाइनरी बनेगी चुनावी ऊर्जा

18 October 2013
जयपुर। मारवाड़ के चार जिलों की 29 सीटों पर इस बार नए चुनावी समीकरण बन रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधानसभा क्षेत्र वाले जोधपुर जिले में कांग्रेस भंवरी प्रकरण की आंच से बचने का तोड़ ढूंढ़ रही है तो बाड़मेर में वह रिफाइनरी का मुद्दा भुनाएगी। हालांकि, भाजपा भी इसका पूरा श्रेय लेगी। जोधपुर में कांग्रेस कई सीटों पर चेहरे बदलने की तैयारी में भी है। नागौर सहित पूरे मारवाड़ में अधिकांश सीटों पर भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा बसपा से खतरा है।
यहां बसपा ने सवर्ण खासकर राजपूत और उन जातियों के लोगों को टिकट दिए हैं, जो सीधे तौर पर भाजपा से जुड़े रहे हैं। पिछले चुनाव में भी बसपा की वजह से भाजपा को लूणी, ओसियां, डीडवाना व मकराना सीट गंवानी पड़ी थी। जैसलमेर में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला रहने की संभावना है। चारों जिलों में कांग्रेस और भाजपा को बागियों से बराबर का खतरा है।
जोधपुर
गहलोत का फिर सरदारपुरा से चुनाव लडऩा तय
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सरदारपुरा से फिर चुनाव लडऩा तय है। सूरसागर, लूणी, ओसियां व बिलाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी को बदला जा सकता है। सूरसागर में भाजपा प्रत्याशी सूर्यकांता व्यास के मुकाबले के लिए नए चेहरे की तलाश है। लूणी में रामसिंह विश्नोई परिवार के परसराम विश्नोई व कुसुम विश्नोई का दावा मजबूत है। जोधपुर शहर से जुगल काबरा फिर से टिकट मांग रहे हैं। हालांकि वे राहुल गांधी फार्मूले में फिट नहीं बैठते। लगातार दो बार चुनाव हार चुके हैं, लेकिन गहलोत की पहली पसंद वही हैं।
ओसियां सीट पर मदेरणा परिवार का दावा मजबूत है। कांग्रेस महिपाल मदेरणा की पत्नी लीला व बेटी दिव्या को चुनाव लड़ा सकती है। भाजपा से शंभूसिंह खेतासर, नारायणराम बेड़ा व भैराराम सियोल दावा कर रहे हैं। लोहावट में वर्तमान विधायक गजेन्द्रसिंह एक बार फिर भाजपा से मैदान में होंगे। कांग्रेस मृगेंद्रसिंह को लड़ा सकती है या फिर किसी विश्नोई को। फलौदी से कांग्रेस ओम जोशी को रिपीट करती है तो सूरसागर से किसी अल्पसंख्यक को टिकट मिलेगा। फलौदी से भाजपा पूर्व प्रत्याशी पब्बाराम विश्नोई को ही फिर आजमाएगी। शेरगढ़ में वर्तमान विधायक बाबूसिंह राठौड़ व कांग्रेस के उम्मेदसिंह का मुकाबला होना तय है। बिलाड़ा में भाजपा वर्तमान विधायक अर्जुनलाल व भोपालगढ़ से कमसा को रिपीट करेगी। कांग्रेस दोनों जगहों पर प्रत्याशी बदलेगी।
जैसलमेर
भाजपा पुराने प्रत्याशियों पर ही खेल सकती है दांव
जैसलमेर से भाजपा फिर से वर्तमान विधायक छोटू सिंह पर दांव खेलने जा रही है। लेकिन कांग्रेस के टिकट पर पिछला चुनाव लडऩे वाली कांग्रेस प्रदेश महासचिव सुनीता भाटी का मूड सीट बदल कर पोकरण जाने का है। हालांकि, उन्होंने दोनों ही जगहों से दावेदारी की है। लेकिन लगता नहीं पोकरण से वर्तमान विधायक सालेह मोहम्मद जैसलमेर जाना चाहेंगे। पोकरण से भाजपा फिर से शैतान सिंह को उतारने की तैयारी में है।
नागौर
भाजपा और कांग्रेस को नए प्रत्याशियों की तलाश
लाडनूं से निर्दलीय विधायक व कृषि मंत्री हरजीराम बुरड़क का विरोध है। इसके बावजूद कांग्रेस की सूची में वे सबसे आगे हैं। भाजपा फिर मनोहरसिंह पर ही दांव खेलने के मूड में है। खींवसर में इस बार रोचक मुकाबला होगा। भाजपा के टिकट पर पिछला चुनाव लडऩे वाले हनुमान बेनीवाल बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। पिछली बार दूसरे नंबर पर रहने वाले दुर्गसिंह भी बसपा के टिकट पर मैदान में हैं। भाजपा व कांग्रेस को नए प्रत्याशी तलाशने हैं। मकराना में भाजपा इस बार फिर प्रत्याशी बदल सकती है। नावां में महेन्द्र चौधरी का मुकाबला एक बार फिर हरीश चौधरी से होना तय है। डेगाना में अजयसिंह व रिछपाल मिर्धा आमने-सामने होंगे। जायल से महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री मंजू मेघवाल मैदान में हैं। भाजपा यहां नया प्रत्याशी उतार सकती है। नागौर में भाजपा से वर्तमान विधायक हबीबुर्रहमान का टिकट तय है। कांग्रेस राघवेन्द्र मिर्धा को उतार सकती है। परबतसर में मानसिंह के मुकाबले में कांग्रेस को प्रत्याशी नजर नहीं आ रहा। डीडवाना में वर्तमान विधायक रूपाराम का मुकाबला भाजपा के यूनुस खान से हो सकता है। मेड़ता में भाजपा के सुखराम के सामने कांग्रेस नया चेहरा उतारने की तैयारी में है। फिलहाल चर्चा है कि कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी कब तक सामने आएंगे। इसके बाद ही पार्टी व प्रत्याशी अपने बागियों और बसपा प्रत्याशियों का तोड़ ढूंढ़ सकती है।
बाड़मेर
हारे प्रत्याशी कर रहे जमीन मजबूत, जीते फिर मांग रहे टिकट
राजस्व मंत्री रहे और वयोवृद्ध राजनेता गंगाराम चौधरी अपनी पोती प्रियंका चौधरी को भाजपा के टिकट पर बाड़मेर सीट से उतारने की तैयारी में हैं। टिकट के लिए जोधपुर की पूर्व जिला प्रमुख अमिता चौधरी भी वहीं बस गई हैं। पिछला चुनाव हारने वाली मृदुरेखा चौधरी पांच साल तक जमीन मजबूत करने में लगी रहीं। कांग्रेस में मेवाराम जैन का नाम ही है। बायतु से कांग्रेस विधायक कर्नल सोनाराम ही उतरेंगे। भाजपा में पिछला चुनाव हारने वाले कैलाश का ही नाम है। शिव से वक्फ मंत्री अमीन खां को अपनी ही पार्टी के श्रम सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष गफूर खां और चौहटन प्रधान समा खान से चुनौती मिल रही है। भाजपा के पास फिलहाल जालमसिंह रावलोत का नाम ही है।
चौहटन में कांग्रेस विधायक पदमाराम व पिछली बार हारे भाजपा प्रत्याशी तरुणराय कागा में मुकाबला तय है। गुडामालानी में राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी का मुकाबला एक फिर वसुंधरा राज में उनके बिजली मॉनीटरिंग सलाहकार रहे लादूराम विश्नोई से होना तय है। पचपदरा से कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत का टिकट कटता नहीं दिख रहा।
भाजपा में पूर्व गृह राज्यमंत्री अमराराम पटेल के साथ पूर्व चेयरमैन प्रभा सिंघवी का नाम चर्चा में है। सिवाना से कानसिंह कोटड़ी के मुकाबले में कांग्रेस से बालाराम चौधरी के अलावा महेन्द्र टाइगर व हमीर सिंह कतार में हैं।
मारवाड़ का चुनावी लेखा-जोखा
फ्लैश बैक
बाड़मेर-जैसलमेर में 2003 में बाड़मेर की 6 में से 5 और जैसलमेर की एकमात्र सीट जीत कर भाजपा ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया।
वर्ष 2003 के चुनाव में नागौर की दस सीटों में से नौ सीटें जीतने वाली भाजपा पिछले यानी वर्ष 2008 के चुनाव में पांच सीटों पर सिमट गई। खींवसर में भाजपा ने बसपा को हराया। कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। लाडनूं में बगावत कर निर्दलीय उतरे हरजीराम बुरड़क ने कांग्रेस को तीसरे स्थान पर धकेल दिया।
2005 में लूणी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली।
कहां, कितने वोटर
जोधपुर 21,21,014
नागौर 20,36,600
बाड़मेर 14,11,086
जैसलमेर 3,52,229
पिछले दो चुनाव
वर्ष कुल सीट भाजपा कांग्रेस अन्य
2003 26 20 05 01
2008 29 13 15 01
परिसीमन के बाद वर्ष 2008 में जोधपुर में लोहावट, बाड़मेर में बायतु व जैसलमेर में पोकरण नई सीट बनी।


राजस्थान विधानसभा चुनाव महाकवरेज: यहां जाति ही जीत का फैक्टर

17 October 2013
जयपुर. 4 जिले, 17 विधानसभा सीटें। लगभग सब पर एक ही मुद्दा-जातिवाद। बाकी सब गौण। दौसा, करौली, सवाई माधोपुर और टोंक की ये सीटें मीणा, गुर्जर और दलित बहुल हैं। इस कारण जातीय धु्रवीकरण ही चुनाव की दिशा तय करेगा। पिछले विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो हुआ भी ऐसा ही है। दौसा सांसद किरोड़ीलाल मीणा भी संगमा की पार्टी राष्ट्रीय जनता पार्टी (राजपा) को प्रदेश में लाकर चुनाव मैदान में डटे हैं। राजपा की रणनीति भाजपा और कांग्रेस के बागियों को टिकट देने की है। यह रणनीति भांपकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही टिकट के लिए फिलहाल कोई नाम तय नहीं किए हैं। कुल मिलाकर राजपा किसी न किसी तरीके से कांग्रेस और भाजपा के सियासी समीकरण बिगाड़ेगी।
2008 के चुनाव में किरोड़ीलाल मीणा ने भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और पूर्वी राजस्थान में जातिगत वोटों का ध्रुवीकरण किया।
कई जगह उन्होंने बसपा, निर्दलीय और कांग्रेस के पक्ष में वोट ट्रांसफर करवाए। इस बार हालात उलट हैं। किरोड़ी मीणा चाहेंगे वोट किसी पार्टी को ट्रांसफर होने के बजाय उनकी पार्टी के उम्मीदवारों के खाते में जाएं। दूसरी ओर, भाजपा को यह डर तो है ही कि किरोड़ी उसके वोटों में सेंध लगाएंगे, साथ ही मजबूत उम्मीदवारों के चयन की चुनौती भी है।
कांग्रेस की हालत अलग तरह की है। बसपा से कांग्रेस में आए मुरारी, रामकेश व रमेश मीणा और निर्दलीय रामकिशोर टिकट के लिए दावा कर रहे हैं। हालांकि, स्थानीय स्तर पर कांग्रेस का एक बड़ा तबका इन्हें टिकट देने का विरोध कर रहा है। कांग्रेस दुविधा में है कि इनका टिकट काटा तो भी ये बागी चुनाव लड़ेंगे और टिकट दिया तो कार्यकर्ताओं की नाराजगी से भितरघात का खतरा है।


दिग्गज बेचैन, ढूंढ़ रहे हैं नई सियासी जमीन

17 October 2013
जयपुर। ढूंढ़ाड़-1 यानी जयपुर शहर-जिले को समेटे 19 विधानसभा सीटों वाला क्षेत्र। अभी तक की ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार यहां इस बार जाति, चेहरे और विकास के मुद्दे पर वोटों का ध्रुवीकरण होता दिख रहा है। वैसे विकास भी मुद्दा है। कोटपूतली, फुलेरा, चाकसू, बगरू, शाहपुरा और झोटवाड़ा में लग रहा है कि पार्टियां नहीं, जातियां चुनाव लड़ेंगी। भाजपा और कांग्रेस में इन्हीं समीकरणों के आधार पर टिकट देने-काटने की कवायद जारी है। बनते-बिगड़ते समीकरणों को भांपकर दोनों पार्टियों के कई विधायक नई चुनावी जमीन तलाश रहे हैं। सभी सीटों पर रस्साकसी के कारण ही दोनों पार्टियां अभी तक टिकट घोषित करने से हिचक रही हैं। कांग्रेस चाहती है कि पहले भाजपा टिकट घोषित करें तो वह जिताऊ उम्मीदवार उतारे। इस सबके बीच बसपा ने 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। ये भी कांग्रेस-भाजपा की मुश्किलें बढ़ाएंगे। कई सीटों पर दावेदारों की भारी संख्या को देखते हुए टिकट वितरण के बाद दोनों ही पार्टियों में असंतुष्टों की बगावत व भितरघात का खतरा भी है।
शहर और ग्रामीण मिश्रित ढूंढ़ाड़ के इस क्षेत्र को भाजपा के गढ़ के रूप में माना जाता रहा है। जयपुर में हुई नरेंद्र मोदी की रैली के बाद के माहौल को वोटों में बदलते देखने वाली भाजपा ढूंढ़ाड़ की जमीन पर ज्यादातर सीटों को खुद के पक्ष में मानकर चल रही थी, लेकिन अब कई सीटों पर वह असमंजस की स्थिति में आ गई है। 19 में से 14 सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित मान रहे भाजपाई नेता दबी जुबान में कहते नजर आ रहे हैं कि अब कई सीटों पर कांग्रेस फाइट में आती जा रही है।
पिछले चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो जिले में कांग्रेस ने सात सीटें हासिल की थीं। इनमें से इस बार चौमूं, बगरू, हवामहल और दूदू की सीटें उसके कब्जे से छिटकती दिख रही है। दूदू विधायक बाबूलाल नागर दुष्कर्म मामले में फंसे हैं तो हवामहल में अंदरूनी खींचतान बनी हुई है। चौमूं में कांग्रेस की मात्र 1३5 वोटों की कमजोर जीत के बाद भी कम सक्रियता और भ्रष्टाचार के आरोप गणित बिगाड़ रहे हैं। बगरू में मौजूदा विधायक से पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी नुकसान का कारण बनती दिख रही है। कमोबेश यही स्थिति भाजपा की भी है। उसकी मौजूदा 10 सीटों में से झोटवाड़ा, विद्याधरनगर, आदर्शनगर और चाकसू में बदले हुए समीकरण नुकसान की आहट दे रहे हैं।
ढूंढाड़ की सियासी जमीन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ एक क्षेत्र नहीं है, राज्य की राजधानी का केंद्र बिंदु है। यहां हार-जीत का गणित पूरे राज्य को प्रभावित करता है। टिकट बंटने से पहले की चुनावी तस्वीर बताती है कि यहां दिग्गज बेचैन हैं और नई सीट ढूंढ़ रहे हैं ताकि हार को जीत में बदला जा सके।


गहलोत सरकार के मंत्रियों के टिकट कटेंगे

16 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत सरकार के पांच मंत्रियों को टिकट नहीं मिलेंगे। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की दो दिन तक हुई बैठक में मंत्रिपरिषद के 13 मंत्रियों को टिकट देने पर सहमति जता दी है। स्क्रीनिंग कमेटी में तय हुए नामों में से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत शामिल हैं। लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ.चन्द्रभान को किस सीट से चुनाव लड़ाया जाए इस पर निर्णय नहीं हो सकता।
चन्द्रभान मंडावा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते है, लेकिन वहां से वर्तमान विधायक रीटा चौधरी के पिता स्व.रामनारायण चौधरी के जनाधार के कारण आलाकमान ने फिलहाल निर्णय टाल दिया। छानबीन समिति के अध्यक्ष अजय माकन की अध्यक्षता में हुई दो दिन तक बैठक में कमेटी के सदस्य आर.सी. खूंटियां, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान, प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत प्रभारी सचिव अशोक तंवर और मिर्जा इरशाद बेग शामिल थे। बैठक सुबह शुरू हुई, जो देर रात तक चली।
स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों से बातचीत के अनुसार बैठक में सरदारपुरा से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही मंत्रियों में गुड़ामालानी हेमराज चौधरी, बागीदोरा से महेंन्द्रजीत सिंह मालवीय, कोटा उत्तर से शांति धारीवाल, खेतड़ी से डॉ. जितेंन्द्र सिंह, सीकर से राजेन्द्र पारीक और खंडार से अशोक बैरवा,कोटा से शांति धारीवाल,अलवर से दुर्रू मियां लूणकरणसर से वीरेन्द्र बेनीवाल, शिव से अमीन खां, खेरवाड़ा से दयाराम परमार, झुंझुनूं से ब्रजेन्द्र सिंह ओला,सुमेरपुर से बीना काक, जायल से मंजू मेघवाल, हवामहल से बृज किशोर शर्मा के नाम पर सहमति बनी है।
जिन पांच मंत्रियों को टिकट नहीं देने पर विचार हुआ उनमें भरत सिंह, राजकुमार शर्मा, मुरारी लाल मीणा, रामकिशोर सैनी, राजेन्द्र गुढ़ा के नाम शामिल है। छानबीन समिति के एक सदस्य ने बताया कि समिति की अगली बैठक में करीब डेढ़ सौ सीटों पर नाम तय कर लिए जाएंगे।


वसुंधरा के नेतृत्व को स्वीकारा

16 October 2013
जयपुर। राजस्थान भाजपा के आधा दर्जन पूर्व अध्यक्षों ने वसुंधरा राजे की अगुवाई में विधानसभा चुनाव में काम करने पर सहमति जताते हुए साफ कहा कि प्रदेश में वसुंधरा की अगुवाई में ही भाजपा फिर से सत्ता में लौट सकती है।
राज्य भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की मंगलवार को प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी और वसुंधरा राजे की मौजूदगी में हुई बैठक में सभी नेताओं ने वसुंधरा के नेतृत्व को सर्व मान्य मानते हुए विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई। अब तक कुछ मुद्दों पर अलग मत रखने वाले दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों ने कहा कि देश में जिस तरह से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही सत्ता में आ सकती है,उसी तरह से राजस्थान में वसुंधरा राजे की अगुवाई में ही पार्टी को सत्ता मिल सकती है। बैठक में 26 अक्टूबर को उदयपुर में होने वाली गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई।
बैठक में विधानसभा क्षेत्रवार पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलनों एवं प्रत्याशी चयन को लेकर अपनाई जाने वाली रणनीति पर भी चर्चा हुई। बैठक में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं गुजरात के प्रभारी ओम प्रकाश माथुर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामदास अग्रवाल, अरुण चतुर्वेदी, ललित किशोर चतुर्वेदी, महेश शर्मा और भंवर लाल शर्मा मौजूद थे।


राहुल फार्मूले ने बढ़ाई दावेदारों में बेचैनी

16 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट की उम्मीद लगाए बैठे कई कांग्रेस नेताओं की नींद पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के फार्मूले ने उड़ा दी है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले चरण के चुनाव के लिए शुक्रवार को जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में राहुल गांधी के फार्मूले पर अमल करते हुए कांग्रेस ने वहां नए चेहरों पर दांव लगाया है।
राहुल के निकटस्थ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के वरिष्ठ नेता डॉ.सी.पी. जोशी छत्तीसगढ़ में छानबीन समिति के अध्यक्ष है, वहीं राजस्थान में राहुल के ही खास अजय माकन अध्यक्ष है। इसी से यह लगता है कि छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी राहुल फार्मूले से पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को घर बैठना पड़ सकता है।
पिछले विधानसभा चुनाव में 20 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हारने वालों के टिकट पर तो पहले ही तलवार लटकी है पर उन मौजूदा विधायकों पर भी गाज गिर सकती है जिनके निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार 10 हजार या उससे अधिक वोट से हार गए।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसे मामलों में उन परिस्थितियों में रियायत संभव है, जब जिस नेता की सिफारिश पर टिकट दिया जाए, वह उम्मीदवार को जिताने की जिम्मेदारी ले।
राहुल फार्मूले के मुताबिक पिछले चुनाव में 20 हजार से ज्यादा मतों से हारने वालों को टिकट नहीं देने। इसी तरह जिन विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार 10 हजार या उससे अधिक वोट से हार गए हो उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा।
वहीं किसी नेता की सिफारिश पर जिसको टिकट दिया जाएगा, यदि वह चुनाव हारता है तो इसकी जिम्मेदारी उस नेता की होगी। राजस्थान में यदि राहुल फार्मूला लागू होता है तो एक दर्जन वर्तमान विधायकों के टिकट कट सकते है।


कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची 20 को

12 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रत्याशियों की पहली सूची 20 अक्टूबर को जारी कर दी जाएगी। इसके लिए कवायद कर ली गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने बताया कि प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया में पूरी गोपनीयता बरती गई है। प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी होने वाली सूची को ही अधिकृत माना जाए। उन्होंने कहा कि इस सूची में उन क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, जिसमें विवाद की स्थिति नहीं है या जहां दावेदार कम है। उन्होंने बताया कि इस बार महिलाओं और युवाओं को तरजीह देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इधर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि करीब पांच दर्जन सीटों पर एक-एक नाम के पैनल तैयार कर लिए गए हैं, पिछले दिनों दिल्ली में हुई अजय माकन की अध्यक्षता वाली छानबीन समिति की बैठक में इन नामों को लेकर चर्चा हुई थी। इन सभी पांच दर्जन सीटों पर 20 तारिख को उम्मीदवारों की घोषणा हो सकती है। शेष सीटों पर नामों की घोषणा भाजपा उम्मीदवारों को देखने के बाद होगी। उम्मीदवारों एवं चुनाव अभियान को लेकर आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान के बीच लंबी बैठक हुई। बैठक के बीच ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव गुरदास कामत से टेलीफोन पर बात की बताई। वर्ष 2008 में कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाले बसपा के पांच विधायकों को फिर से टिकट देने का निर्णय किया गया है, एक विधायक को केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला की नाराजगी के कारण टिकट नहीं मिलने की उम्मीद है। ओला यहां से अपनी पसंद का उम्मीदवार चुनाव लड़ाना चाहते हैं।


राजस्थान में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी भाजपा

11 October 2013
जयपुर। राजस्थान में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में पहली बार भाजपा सभी दो सौ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। गठबंधन के चलते वर्ष 1980 के बाद से भाजपा सभी सीटों पर कभी चुनाव नहीं लड़ पाई।
जदयू के साथ गठबंधन खत्म होने और ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो से इस बार कोई समझौता नहीं करने के कारण ऐसा हो रहा है।
प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि भाजपा के गठन से लेकर पिछले विधानसभा चुनाव तक किसी ना किसी पार्टी से गठबंधन के चलते सीटों का बंटवारा होता आया है। वर्ष 1993 के चुनाव से ही पार्टी राजस्थान में 190 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की स्थिति में आई है। उससे पहले के चुनावों में पार्टी का जनता दल के साथ गठबंधन था, लेकिन अयोध्या प्रकरण के बाद जनता दल अलग हो गया।


माह के अंत तक आ सकती है भाजपा की पहली सूची

10 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए इस माह के अंत तक भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी हो जाएगी। इसके लिए अगले सप्ताह से पार्टी के बड़े नेता सक्रिय हो जाएंगे। तीन-चार दिन में प्रदेश चुनाव समिति गठित होने के आसार है। इसकी जयपुर में होने वाली पहली बैठक में 70-80 सीटों पर एक-एक नाम होने की उम्मीद है। दीपावली से पहले करीब सभी सीटों से नाम घोषित हो सकते हैं। हालांकि पार्टी ने कुछ नेताओं को चुनाव की तैयारी का संकेत कर दिया है। इनमें वे शामिल हैं जिनके जीतने के पूरे आसार है। आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे को उम्मीदवार चयन के लिए फ्री हैण्ड पहले ही दे दिया। आलाकमान से हरी झण्डी मिलने के बाद वसुंधरा ने अपने स्तर पर सभी दो सौ विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए है।
गौरतलब है कि पार्टी ने सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में दिल्ली की एक एजेंसी से दो बार सर्वे कराया गया है। इसके बाद अपने स्तर पर अलग से सर्वे कराया। इन तीन सर्वे के बाद पार्टी अध्यक्ष वसुंधरा राजे ने अपने स्तर पर कार्यकर्ताओं से मिलकर अलग से फीडबैक लिया। इन तीन सर्वे और कार्यकर्ता फीडबैक में जिन दावेदारों के नाम कॉमन हैं, उनकी सूची तैयार कर ली गई है। वसुंधरा ने अपनी परिवर्तन यात्रा में भी संभावित उम्मीदवारों को लेकर फीडबैक लिया था।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा के मौजूदा 78 विधायकों में से करीब एक दर्जन के टिकट कट सकते हैं। पिछले दिनों हुए सर्वे और फीडबैक में इन लोगों में बड़ी कमजोर स्थिति सामने आई है। सर्वे में सभी मौजूदा विधायकों की क्षेत्र में सक्रियता और लोकप्रियता का आकलन कराया गया था।
पार्टी का मानना है कि अलोकप्रिय और निष्क्रिय विधायकों को टिकट देने को लेकर पार्टी कोई जोखिम लेना नहीं चाहती।


सात कांग्रेस सांसदों को मिले सकते हैं टिकट

09 October 2013
जयपुर। कांग्रेस अपने मौजूदा सात सांसदों को राजस्थान विधानसभा चुनाव मैदान में उतार सकती है। इनमें कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.सी.पी. जोशी, केन्द्रीय मंत्री लालचंद कटारिया और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव ताराचंद भगोरा शामिल है। प्रदेश से लोकसभा में पार्टी के 20 सांसद हैं। इनमें से सात सांसद ऐसे है जिन्हें यदि विधानसभा चुनाव लड़वाया जाता है तो वे चुनाव जीत सकते है। इनमें भीलवाड़ा सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सी.पी.जोशी को उनके गृह क्षेत्र नाथद्वारा से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। तीन बार इसी क्षेत्र से विधायक रहे जोशी एक बार फिर विधानसभा में पहुंचना चाहते है।
जयपुर ग्रामीण के सांसद और केन्द्रीय राज्यमंत्री लालचंद कटारिया केन्द्र की राजनीति के बजाय प्रदेश में ही सक्रिय रहना चाहते है। वे झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते है। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ताराचंद भगोरा डूंगरपुर से चुनाव लड़ना चाहते है। जयपुर शहर सांसद महेश जोशी शहर के ही किशनपोल विस. क्षेत्र, उदयपुर सांसद रघुवीर मीणा सलूंबर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री महादेव सिंह अपनी परम्परागत विस. सीट खण्ड़ेला और श्रीगंगानगर सांसद भरत मेघवाल पीलीबंगा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते है।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ.चन्द्रभान इन सभी को विधानसभा चुनाव लड़ाने को तैयार है। पहले तो ये दोनों ही सांसदों को विधानसभा का टिकट नहीं दिए जाने के पक्ष में थे, लेकिन सी.पी. जोशी के दबाव के कारण इन्हें अपना मानस बदलना पड़ा।
सीएम एवं प्रदेश अध्यक्ष तक यह फीडबैक भी पहुंचा है कि यदि इन सातों सांसदों को विधानसभा का टिकट दिया जाता है तो ये चुनाव जीतने की स्थिति में है। सांसदों को विस. चुनाव लड़ने की इजाजत इसलिए मिल सकती है कि कांग्रेस पिछली बार पांच सीटों के अंतर से बहुमत से दूर रही थी। इस बार जोखिम नहीं लेना चाहिए। लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनाव के पांच माह बाद ही होने हैं। इस दौरान शीतकालीन सत्र और बजट सत्र ही आएंगे। वहीं खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण जैसे मह8वपूर्ण बिल कांग्रेस पास करा चुकी है। ऐसे में ये सांसद विधायक बन भी जाते हैं तो पार्टी संसद में सीट खाली रहने का जोखिम उठा सकती है।


संघ ने 60 नामों की सूची वसुंधरा को सौंपी

09 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को विश्वास में लेकर ही प्रत्याशियों का चयन करेगी। प्रत्याशियों के चयन को लेकर भाजपा ने मंगलवार से कसरत शुरू कर दी है। संघ ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पसंद के पांच दर्जन प्रत्याशियों के नामों की सूची मंगलवार को भाजपा को सौंप दी है। इनमें डेढ़ दर्जन वर्तमान विधायक शामिल है। संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी की मौजूदगी में सवाई माधोपुर में चल रही चिंतन बैठक में आज भाजपा नेता शामिल हुए।
संघ एवं भाजपा नेताओं के बीच राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर दो घंटे तक चर्चा हुई। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वसुंधरा राजे, राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव एवं प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह ने विधानसभा चुनाव को लेकर अपनाई जा रही रणनीति की जानकारी दी।
वसुंधरा ने प्रत्याशी चयन और प्रचार अभियान को लेकर तय की जा रही नीति की जानकारी भैयाजी जोशी को दी। इस दौरान संघ के प्रदेश से जुड़े चार वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल थे। संघ ने चुनाव अभियान को लेकर वसुंधरा राजे को फ्रीहैण्ड देने का निर्णय लेते हुए उनसे सभी को साथ लेकर चलने के लिए कहा। संघ के जिला पदाधिकारियों की ओर से मिली सूचनाओं को लेकर भी संघ एवं भाजपा नेताओं में चर्चा हुई।
वसुंधरा राजे ने प्रदेश की सभी दो सौ विधानसभा सीटों पर संभावित प्रत्याशियों के बारे में संघ पदाधिकारियों को जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक संघ ने इस सूची में से केवल तीन नामों पर आपत्ति जताई, लेकिन यह भी कहा यदि इनके अतिरिक्त कोई अन्य जीत नहीं सकता तो इन पर भी विचार किया जा सकता है। संघ ने जिला एवं विधानसभा स्तर पर स्वयंसेवकों को चुनाव अभियान में जुटने के भी निर्देश दिए है।


चुनाव में पहली बार होगी हेलिकॉप्टर की व्यवस्था,15 किमी चलना होगा पैदल

09 October 2013
जगदलपुर. विधानसभा चुनाव में पहली बार जगदलपुर विस क्षेत्र के 7 मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा चित्रकोट विस क्षेत्र के 12 मतदान केंद्रों पर मतदान दल हेलिकॉप्टर से पहुंचेगा।इतनी व्यवस्था के बाद भी 14 मतदान दलों को पैदल जाना पड़ेगा। इनमें जगदलपुर विस क्षेत्र के कोलावाड़ा, चितालगुर और गुडिय़ा मतदान केंद्र के लिए मतदान दलों को हेलिकॉप्टर नेतानार में उतार देगा। यहां से मतदान दलों को क्रमश: 5, 8, और 15 किमी का पैदल सफर तय करना होगा। इसी तरह कोलेंग में हेलिकॉप्टर से पहुंचे दल को मुंडागढ़ और छिन्दगुर के लिए 4 और 5 किमी पैदल चलना होगा। चित्रकोट विस क्षेत्र के लिए एरपुंड, ककनार और बिन्ता को बेस बनाया गया है।
184 मतदान केंद्रों पर होगी विशेष नजर
विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही बस्तर जिले में की जा रही तैयारी तेज कर दी गई है। बस्तर जिले के 716 मतदान केंद्रों में से 184 मतदान केंद्र राजनैतिक तौर पर संवेदनशील की श्रेणी में हैं। इनमें बस्तर के 73, जगदलपुर के 77, चित्रकोट के 27 और बस्तर जिले के नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र के 7 मतदान केंद्रों को शामिल किया गया है। पिछले चुनाव में इन केंद्रों पर 90 फीसदी से ज्यादा वोट पड़े थे। जिसके बाद इन्हें राजनैतिक संवेदनशील बताते हुए निर्वाचन आयोग ने इन पर विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं। जिले में 109 अति संवेदनशील, 72 संवेदनशील और 251 सामान्य मतदान केंद्र हैं।
मोबाइल नेटवर्क नहीं
जिले के 247 मतदान केंद्र मोबाइल फोन के नेटवर्क से बाहर हैं। इनमें 137 मतदान केंद्रों पर तो बिजली नहीं हैं। जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के 38, चित्रकोट के 47 बस्तर के 41 और नारायणपुर के 11 केंद्रों पर बिजली नहीं है, इतना ही नहीं मोबाइल कवरेज वाले 169 बूथों पर भी बिजली नहीं। इन केंद्रों पर जनरेटर की व्यवस्था की जाएगी।


चुनाव में भाजपा का सहयोग करेगा संघ

08 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच अब निकटता बढ़ रही है। संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी की मौजूदगी में सवाई माधोपुर में पिछले दो दिन से चल रही संघ की राजस्थान क्षेत्र की चिंतन बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर आज लम्बी चर्चा हुई।
जोशी ने संघ पदाधिकारियों से राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर फीडबैक लिया।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में संघ पदाधिकारियों को जिलावार जिम्मेदारी तय की गई,ये पदाधिकारी विधानसभा चुनाव में भाजपा की मदद करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी से अलग से मुलाकात की। मुलाकात में राज्य के चुनावों में संघ की मह8वपूर्ण भूमिका एवं चुनाव समिति सहित संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इससे पहले रविवार को बैठक के सत्रों में भाजपा के प्रदेश स्तर के कुछ पदाधिकारी भी मौजूद रहे। राजस्थान की इस चिंतन बैठक में संघ की क्षेत्रीय कार्यकारिणी मौजूद है।


विधानसभा चुनाव में काला धन खर्च होने की आशंका

08 October 2013
जयपुर। निर्वाचन आयोग ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सी.पी.जोशी सहित कई नेताओं एवं मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में काला धन खर्च होने की आशंका जताई है। विधानसभा चुनाव में ऐसी 44 सीटों को चिह्नित किया गया है। चुनाव के दौरान इन क्षेत्रों में चुनाव आयोग विशेष निगरानी रखेगा।
जिन विधानसभा क्षेत्रों में काला धन खर्च होने की आशंका जताई जा रही है। उनमें प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, भाजपा के सचेतक राजेन्द्र राठौड़, विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री दुर्रूमियां, ऊर्जा मंत्री जितेन्द्र सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री परसादी लाल मीणा और शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा के राजपा अध्यक्ष किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी के विधानसभा क्षेत्रों के अलावा नाथद्वारा को भी चिह्नित किया गया है, जहां पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीपी जोशी चुनाव लड़ सकते हैं।
चुनाव आयोग यहां विशेष निगरानी के लिए विजिलेंस, फ्लाइंग स्क्वॉयड, स्टेटिक्स टीम अतिरिक्त लगाएगा। इनकी नियमित समीक्षा की जाएगी। राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अशोक जैन ने बताया कि कालाधन व्यय करने को लेकर चिह्नित 44 विस क्षेत्रों में विजिलेंस, फ्लाइंग स्क्वायड, स्टेटिक्स टीम अधिक लगाएंगे।


सांसदों की आलाकमान ने मांगी राय

07 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर सोमवार को दिल्ली में बैठक होगी। बैठक में प्रदेश चुनाव समिति के सदस्यों की ओर से तैयार संभावित उम्मीदवारों के पैनलों पर विचार होगा।
उम्मीदवारों के बारे में चर्चा करने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुरदास कामत और छानबीन समिति के अध्यक्ष अजय माकन ने सोमवार सुबह जोधपुर हाउस में प्रदेश के लोकसभा एवं राज्यसभा सदस्यों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सांसदों से उनके संसदीय क्षेत्रों की विधानसभा सीटों को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। सांसदों से संभावित नामों की सूची भी मांगी जाएगी।
बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चन्द्रभान मौजूद रहेंगे। सांसदों एवं प्रदेश चुनाव समिति के सदस्यों से संभावित उम्मीदवारों की सूची मिलने के बाद दोपहर बाद छानबीन समिति की बैठक में प्रत्याशी चयन को लेकर चर्चा होगी।
सूत्रों के मुताबिक करीब दो दर्जन नेताओं के टिकट तो इस बैठक में ही तय कर दिए जाएंगे।


भाजपा ने मांगा अल्पसंख्यकों का समर्थन

07 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव की घोषित होने के साथ ही राजनीतिक दलों ने विभिन्न समाजों और जातियों को लुभाने की कसरत शुरू कर दी है। इसी के तहत भाजपा ने आज अजमेर में अल्पसंख्यक सम्मेलन आयोजित कर मुस्लिम समाज का समर्थन मांगा।
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वसुंधरा राजे एवं वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने सम्मेलन में अल्पसंख्यक समाज से समर्थन मांगते हुए भरोसा दिलाया कि भाजपा उनके हितों का पूरा ध्यान रखेगी।
वसुंधरा एवं शाहनवाज हुसैन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा ही मुसलमानों को भय दिखाकर भाजपा से दूर करती रही है, जबकि कांग्रेस के बजाय भाजपा के शासन में मुस्लिम वर्ग के फायदे के लिए अधिक योजनाएं चलाई गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा मुस्लिमों के साथ खड़ी है।


राजस्थान में राहुल गांधी ही बांटेंगे टिकट

07 October 2013
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के टिकटों का फैसला पूरी तरह पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हाथ में रहेगा और इस बार छानबीन समिति में ही सूची को अंतिम रुपए दिए के आसार है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी स्वयं छानबीन समिति की बैठक में शामिल हो सकते हैं। समिति की बैठक 7-8 अक्टूबर को होनी हैं।
कांग्रेस में अब तक रही प्रक्रिया के अनुसार छानबीन समिति हर सीट के लिए दो से तीन नामों का अंतिम पैनल तैयार करती है और इन पर केन्द्रीय चुनाव समिति में चर्चा के बाद अंतिम सूची जारी की जाती है। लेकिन बताया जा रहा है कि इस बार अधिकतम नाम छानबीन समिति में ही तय हो जाएंगे।
औपचारिकता पूरी करने के लिए नामों की सूची केन्द्रीय चुनाव समिति को भिजवाई जाएगी। प्रक्रिया में इस बदलाव के पीछे कारण राहुल गांधी बजाए जा रहे है। बताया जाता है कि वे खुद छानबीन समिति की बैठक में शामिल हो सकते है। चुनाव वाले सभी राज्यों की छानबीन समितियों के अध्यक्षों के साथ वे एक बैठक कर भी चुके हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक छानबीन समिति नाम तय करने के लिए प्रदेश चुनाव समिति दो माह पहले भेजे गए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट, पार्टी द्वारा निजी स्तर पर कराए गए सर्वे, आईबी की रिपोर्ट को ज्यादा अहमियत दिए जाने की सम्भावना है। ये पर्यवेक्षक राहुल गांधी के निर्देश पर भी भजे गए थे। इधर प्रदेश चुनाव समिति पीईसी की 6 अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आखिरी चरण की बैठक होगी।


5 राज्यों में चुनाव तारीखों का एलान: सबकी सुनो, मन से चुनो

05 October 2013
जयपुर। चुनाव आयोग ने 5 राज्यों के चुनावों की घोषणा कर दी। छत्तीसगढ़ को छोड़ शेष राज्यों में एक ही चरण में चुनाव होंगे। वोटिंग 11 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच होगी। नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।
इस चुनाव घोषणा के दो ही मुख्य बिंदु हैं। पहला- मप्र में एक ही चरण में चुनाव। इससे बूथ-बूथ कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी करने में पार्टियों को परेशानी आ सकती है। दूसरा-छत्तीसगढ़ में पहले चरण की वोटिंग, चुनाव परिणाम आने से करीब एक माह पहले 11 नवंबर को हो जाएगी।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा 10 साल से काबिज है। वहीं दिल्ली में कांग्रेस की शीला दीक्षित 15 वर्षों से मुख्यमंत्री हैं। राजस्थान में चार चुनावों से भाजपा-कांग्रेस बारी-बारी सरकार बनाती रही हैं।
दो राज्यों में उपचुनाव भी
गुजरात के सूरत वेस्ट व तमिलनाडु के येरकॉड में 4 दिसंबर को विधानसभा उपचुनाव होंगे। नतीजे 8 को ही आएंगे।
राजस्थान में कांग्रेस बदल पाएगी परंपरा?
अधिसूचना : 5 नवंबर को
पर्चा दाखिल : 12 नवंबर तक
नाम वापसी : 1६ नवंबर तक
पिछला नतीजा: कुल सीटें 200
कांग्रेस 96, भाजपा 78, अन्य 26
2008 में गहलोत ने 13 दिसं. को शपथ ली।
मप्र में क्या शिवराज लगा पाएंगे हैट्रिक?
अधिसूचना : 1 नवंबर को
पर्चा दाखिल : 8 नवंबर तक
नाम वापसी : 11 नवंबर तक
पिछला नतीजा: कुल सीटें 230
भाजपा 143, कांग्रेस 71, अन्य 16
2008 में शिवराजसिंह चौहान ने शपथ ली थी - 12 दिसंबर को
5 राज्यों में लोकसभा सीटें 73
कांग्रेस 41 भाजपा 30
बसपा 01 निर्दलीय 01
छत्तीसगढ़ में रमन फिर जीतेंगे या लौटेगी कांग्रेस?
अधिसूचना : 18/ 25 अक्टूबर को
पर्चा दाखिल : 25 अक्टू./1 नवं. तक
नाम वापसी : 28 अक्टू/4 नवंबर को
पिछला नतीजा: कुल सीटें 90
भाजपा 50, कांग्रेस 38, बसपा 2
2008 में भाजपा जीती। रमनसिंह ने शपथ ली थी - 12 दिसंबर को
दिल्ली में शीला लौटेंगी या छाएंगे केजरीवाल?
अधिसूचना : 9 नवंबर को
पर्चा दाखिल : 16 नवंबर तक
नाम वापसी : 20 नवंबर तक
पिछला नतीजा: कुल सीटें 70
कांग्रेस 43, भाजपा 23, अन्य 4
2008 में शीला ने शपथ ली थी - 17 दिसंबर को।


जयपुर में ही तय होंगे भाजपा प्रत्याशियों के नाम,

05 October 2013
जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में प्रत्याशियों के नामों पर विचार-विमर्श के लिए 9 अक्टूबर के बाद पार्टी बैठकों का दौर शुरू करेगी। इस बारे में वरिष्ठ नेताओं से राय-मशविरा के बाद शुक्रवार को तय किया कि इस बार प्रत्याशियों के चयन की सारी मशक्कत दिल्ली की बजाय जयपुर में ही की जाएगी। नई रणनीति के तहत कांग्रेस की सूची आने के बाद भाजपा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा दीपावली के आसपास कर सकती है।
भाजपा का प्रत्याशियों के चयन के लिए अभी भी सर्वे जारी है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे को 8 अक्टूबर तक मिलने की संभावना है। तब तक चुनाव समिति की घोषणा होने की संभावना है। अब तक के कराए गए सर्वे की सारी रिपोर्टों के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव समिति की बैठक में विचार-विमर्श शुरू करेंगे।
चुनाव समिति के नामों पर अभी विचार जारी
भाजपा की चुनाव समिति के नामों को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई। समिति में सौदान सिंह, कप्तान सिंह, वसुंधरा राजे, गुलाबचंद कटारिया, भूपेंद्र यादव, कप्तान सिंह सोलंकी, महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष की हैसियत से सुमन शर्मा आदि का नाम तय बताया जा रहा है। इसके अलावा डॉ. महेश शर्मा, डॉ. अरुण चतुर्वेदी, वीपी सिंह, राजेंद्र राठौड़, किरण माहेश्वरी, कालीचरण सराफ, रामसिंह कस्वा, सुभाष महरिया, कैलाश मेघवाल, अर्जुन मेघवाल, नंदलाल मीणा आदि में से कुछ नेताओं को लिया जाएगा। यह चुनाव समिति 11 सदस्यों की रखी जा सकती है।
घोषणा पत्र प्रारूप के लिए उपसमिति
जयपुरत्नभाजपा ने घोषणा पत्र समिति के समक्ष आए सुझावों, ज्ञापन पत्रों, दस्तावेजों और विशेष सामग्री के आधार पर प्रारूप तैयार करने के लिए एक उप समिति का गठन किया है। इस उप समिति में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, भाजपा विधायक दल के सचेतक राजेन्द्र सिंह राठौड़, प्रदेश उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह, पूर्व वित्त मंत्री माणक चन्द सुराणा, प्रोफेसर बीपी सारस्वत और प्रो. बीरू सिंह राठौड़ सदस्य होंगे।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को चुनाव घोषणा पत्र समिति की बैठक गुलाब चन्द कटारिया की अध्यक्षता में हुई। सभी विषयों पर आए सुझाव, ज्ञापन और विशेषज्ञों के प्रतिवेदन पर अब उप समिति घोषणा पत्र का प्रारूप तैयार करेगी। इस प्रारूप को घोषणा पत्र समिति के समक्ष रखा जाएगा।
घोषणा पत्र समिति की अगली बैठक में इस प्रारूप पर विचार-विमर्श किया जाएगा। प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को हुई बैठक में राजेंद्र राठौड़, ओंकार सिंह लखावत, राव राजेंद्र सिंह, माणक चंद सुराणा, राजपाल सिंह शेखावत, मदन लाल सैनी, ज्ञानदेव आहूजा, मुकेश पारीक, प्रो. बीरू सिंह राठौड़, डॉ.ज्योति किरण, प्रो. बीपी सारस्वत ने भाग लिया।



कांग्रेस : सात सांसदों ने टिकट के लिए जताई दावेदारी

08 October 2013
जयपुर। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवारों के चयन के लिए सोमवार को दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत ने प्रदेश चुनाव उप समिति के सदस्यों और सांसदों से रायशुमारी की।
उन्होंने अलग- अलग एक- एक कर फीडबैक लिया। रायशुमारी का दौर मंगलवार को भी जारी रहेगा। इस फीडबैक और सुझावों के आधार पर ही कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की होने वाली बैठक में प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा। संभावना है कि रायशुमारी पूरी हो गई तो स्क्रीनिंग कमेटी की पहली बैठक मंगलवार दोपहर बाद ही हो सकती है। फीडबैक में कांग्रेस के जयपुर सहित प्रदेश के सात सांसदों की विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारी सामने आई है।
प्रदेश चुनाव उप समिति के सदस्यों से लिए गए फीडबैक के दौरान वहां स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन, प्रभारी गुरदास कामत, सदस्य आर सी खुंटिया के अलावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष चंद्रभान आदि मौजूद थे। सांसदों से पूरे जिले के बारे में समीकरण और उम्मीदवारों की सक्रियता के बारे में पूछा गया। साथ ही हार- जीत की संभावना और भाजपा की संभावित रणनीति के बारे में भी पूछा गया।
सांसद और उनकी विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी
:जयपुर शहर : महेश जोशी : किशन पोल/ सांगानेर
:जयपुर ग्रामीण सांसद : लालचंद कटारिया : आमेर और झोटवाड़ा।
:धौलपुर-करौली सांसद : खिलाड़ी लाल बैरवा : बसेड़ी
:राजसमंद सांसद : गोपाल सिंह इडवा : जैतारण
:डूंगरपुर- बांसवाड़ा सांसद : ताराचंद भगोरा : डूंगरपुर
:उदयपुर सांसद : रघुवीर मीणा : सलुंबर
:श्रीगंगानगर सांसद : भरत मेघवाल : पीलीबंगा।
क्या रहा बैठक में
बैठक में मुख्यमंत्री ज्यादा मुखर रहे। उन्होंने एक - एक सीट पर अपनी राय दी। एक सदस्य ने बताया कि मुख्यमंत्री सभी संभागों से आए पैनल पर अपनी राय दे रहे हैं। सीपी जोशी मंगलवार को अपनी राय देंगे। स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य ने कहा कि हम सभी नेताओं की सिफारिश के आगे उनका नाम भी नोट कर रहे हैं। क्योंकि इसके आधार पर ही जिम्मेदारी भी तय होनी है। बातचीत में नेताओं को छूट दी गई कि वे जिस सीट पर भी अपने विचार देना चाहें वे दे सकते हैं। संकेत दिया गया कि जरूरी नहीं कि सभी सीटिंग विधायकों को दोबारा टिकट मिलें। इसलिए जहां विधायक व मंत्री के खिलाफ माहौल हो वहां की निष्पक्ष रिपोर्ट दें।
20 से पहले केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक संभव नहीं
कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है कि फीडबैक और रायशुमारी के बाद कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमेन अजय माकन, प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत, सदस्य आरसी खुंटिया, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. चंद्रभान बैठक करेंगे। यह पांच नेता ही टिकट का पैनल तैयार करेंगे। उस पैनल को केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि यह सारी कवायद 20 अक्टूबर तक चलेगी। उसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति प्रत्याशी का अंतिम रूप से चयन करेगी। उसके बाद ही प्रत्याशियों की सूची जारी की जा सकेगी।
सात सांसदों की दावेदारी आई सामने
जोशी का मन किशन पोल से लेकिन नाम सांगानेर का :
जयपुर सांसद महेश जोशी की किशन पोल और सांगानेर से दावेदारी सामने आई है। जानकारों का कहना है कि मुस्लिम मतदाताओं को राजी रखने की गरज से ही जोशी समर्थकों के जरिए सांगानेर से विधानसभा चुनाव लडऩे बोल रहे है, जबकि उनकी खुद की इच्छा और असल दावेदारी किशन पोल सीट से बताई जा रही है।
चुनाव समिति की बैठक 20 से पहले संभव नहीं
कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है कि फीडबैक और रायशुमारी के बाद कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन, प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत, सदस्य आरसी खुंटिया, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. चंद्रभान बैठक करेंगे। यह पांच नेता ही टिकट का पैनल तैयार करेंगे। उस पैनल को केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि यह सारी कवायद 20 अक्टूबर तक चलेगी। उसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति प्रत्याशी का अंतिम रूप से चयन करेगी। उसके बाद ही प्रत्याशियों की सूची जारी की जा सकेगी।
जोशी का मन किशनपोल से लेकिन नाम सांगानेर का
जयपुर सांसद महेश जोशी की किशन पोल और सांगानेर से दावेदारी सामने आई है। जानकारों का कहना है कि मुस्लिम मतदाताओं को राजी रखने की गरज से ही जोशी समर्थकों के जरिए सांगानेर से विधानसभा चुनाव लडऩे बोल रहे है, जबकि उनकी खुद की इच्छा और असल दावेदारी किशन पोल सीट से बताई जा रही है।