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प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में उन्नत टेक्नोलॉजी के साथ नागरिकों को सस्ता और नि:शुल्क उपचार मंत्री डॉ. चौधरी वन अर्थ-वन हेल्थ एडवांटेज हेल्थ केयर इण्डिया-2023 में हुए शामिल ![]() ![]() 2 May 2023 भोपाल:भोपाल के जनरल सर्जरी विभाग द्वारा जॉनसन एंड जॉन्सन इंस्टीट्यूट ऑन व्हील के सहयोग से सर्जिकल कौशल पर एक कार्यशाला शुरू हुई । यह कार्यशाला 12/05/2023 तक जारी रहेगी । कार्यशाला का उद्घाटन प्रो. (डॉ.) अजय सिंह, कार्यपालक निदेशक, एम्स, भोपाल द्वारा किया गया । उन्होंने मरीजों के इलाज से पहले बुनियादी सर्जिकल तकनीकों को सीखने और अभ्यास करने के महत्व पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि अभ्यास को हमेशा वास्तविक प्रक्रिया की तरह सावधानी पूर्वक करते हुए प्रशिक्षुओं को इस अभ्यास सत्र का अधिकतम उपयोग करने की सलाह दी । डॉ प्रदीप सक्सेना, विभागाध्यक्ष, जनरल सर्जरी ने अपने संबोधन के दौरान बताया कि एम्स अस्पताल में खड़ी जेएनजे लिमो बस प्रशिक्षण मॉड्यूल और आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित है ताकि प्रशिक्षु डॉक्टरों को ड्राई लैब, वेट लैब और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी कौशल प्रदान किया जा सके । हमारा उद्देश्य ऑपरेशन थियेटर के बाहर एक निगरानी वाले कार्य वातावरण में अंतरराष्ट्रीय मानकीकृत दिशानिर्देशों पर आधारित मॉडल पर उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण प्रदान करना है । इस कार्यशाला में प्रशिक्षण वीडियो प्रस्तुतियों, तकनीकों के विस्तृत विवरण के लाइव प्रदर्शन और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा । प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में उन्नत टेक्नोलॉजी के साथ नागरिकों को सस्ता और नि:शुल्क उपचार मंत्री डॉ. चौधरी वन अर्थ-वन हेल्थ एडवांटेज हेल्थ केयर इण्डिया-2023 में हुए शामिल ![]() 27 April 2023 भोपाल:प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उन्नत टेक्नोलॉजी के साथ नागरिकों को सस्ता और नि:शुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यह बात लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बुधवार को नई दिल्ली में वन अर्थ-वन हेल्थ एडवांटेज हेल्थ केयर इण्डिया के एफआईसीसीआई मेडिकल वेल्यू ट्रेवल अवार्ड-2023 समारोह में कही। अवार्ड समारोह का आयोजन केन्द्र सरकार और एफआईसीसीआई द्वारा किया गया। समारोह में राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री सहित देश और अन्य देशों के प्रतिनिधि शामिल थे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति और संस्थाओं को अवार्डप्रदान किये गये। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि भारत में उपचार की बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारत में उपचार की सुविधाओं को दूसरे देश के नागरिक आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये भारत में स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है। फार्मास्युटिकल के क्षेत्र में भारत एक हब है। देश और मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनिया का हब बनाना है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को विस्तार देने और नागरिकों को उपचार उपलब्ध करवाने के कार्य लगातार किये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत निरामयम योजना में देश में सबसे अधिक 3 करोड़ 60 लाख आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग ने 16 करोड़ 31 लाख की लागत के विकास कार्यों का किया भूमि-पूजन ![]() 23 April 2023 भोपाल:चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने रविवार को नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड-75, 79, 38 एवं 76 में 16 करोड़ 31 लाख रूपये के विकास कार्यों का भूमि-पूजन किया। उन्होंने क्षेत्रवासियों को विकास कार्यों की सौगात देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा हर वर्ग के कल्याण के लिये कार्य किया जा रहा है। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि देश एवं प्रदेश में डबल इंजन की सरकार से प्रदेश दोगुनी गति से विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने नरेला विधानसभा में किये जा रहे विकास कार्यों को इंगित करते हुए कहा कि क्षेत्र में करोड़ों की लागत के विकास कार्यों से नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं में निरंतर विस्तार किया जा रहा है। नरेला में विकास कार्य सतत जारी मंत्री श्री सारंग ने कहा कि वर्ष 2008 के नरेला और आज के नरेला में अंतर स्पष्ट नज़र आता है। वर्तमान में नरेला विधानसभा की हर सड़क का उच्च गुणवत्ता के साथ निर्माण हो चुका है। नरेला का खुद का ड्रेनेज सिस्टम है। नालों का चेनलाइजेशन किया गया है। इससे अब नरेला क्षेत्र की बस्तियों में बरसात का पानी नहीं भरता है। उन्होंने कहा कि नरेला के समग्र विकास के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। विकास एक निरंतर प्रक्रिया है, नागरिकों की आवश्यकतानुसार विभिन्न क्षेत्रों में सतत विकास कार्य जारी है।रहवासियों ने जताया मंत्री श्री सारंग का आभार करोड़ों के विकास कार्यों की सौगात के लिये रहवासियों ने मंत्री श्री सारंग का पुष्प-वर्षा एवं आतिशबाजी के साथ भव्य स्वागत किया। मुख्य कार्यक्रम स्थल तक विभिन्न स्थानों पर स्वागत मंच के माध्यम से मंत्री श्री सारंग का स्वागत किया गया। स्थानीय जन-प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के रहवासी उपस्थित रहे।16 करोड़ 31 लाख रूपये से होंगे विकास कार्य मंत्री श्री सारंग ने वार्ड-75 दुर्गा नगर में 13 करोड़ 85 लाख रूपये की लागत से नाली निर्माण कार्य, वार्ड-79 सुपर स्टेट, जनता नगर में एक करोड़ 97 लाख की लागत से नाली निर्माण, वार्ड-38 स्वदेश नगर में 30 लाख की लागत से डामरीकृत सड़क का निर्माण एवं वार्ड 76 प्रीमियर आर्चेड में सुख सागर से मित्तल कॉलेज रोड तक 19 लाख की लागत से डामरीकृत सड़क के निर्माण कार्य का भूमि-पूजन किया।मेडिकल के सभी विषयों की पुस्तकें हिंदी में होंगी तैयार : मंत्री श्री सारंग चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग ने टास्क फोर्स कमेटी के कार्यों की समीक्षा की ![]() 22 April 2023 भोपाल.चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने प्रदेश में हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई के लिये हिंदी में तैयार की जा रही पुस्तकों के लिये गठित टास्क फोर्स कमेटी के कार्यों की मंत्रालय में समीक्षा की। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि एमबीबीएस पाठ्यक्रम के द्वितीय, तृतीय और अंतिम वर्ष के 17 विषय की पुस्तकों को हिंदी में तैयार करने का कार्य शुरू हो गया है। मेडिकल पाठ्यक्रम के 17 विषय की पुस्तकों को हिंदी में तैयार करने के लिए प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को जोड़ा गया है। पुस्तकों के ट्रांसलिट्रेशन के लिये उन्नत स्तर के सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। मंत्री श्री सारंग ने ट्रांसलिट्रेशन के लिए चिकित्सकों का चिन्हांकन, चिकित्सकों की ट्रेनिंग, सॉफ्टवेयर से हिंदी ट्रांसलिट्रेशन का संस्करण तैयार करना, विशेषज्ञों द्वारा ट्रांसलिट्रेट की गई पुस्तकों का सत्यापन, सम्पादन और प्रिंटिंग कार्य आदि के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि मेडिकल पाठ्यक्रम में अंग्रेजी में उपलब्ध और प्रचलित लेखकों की स्टेंडर्ड किताबों का चयन कर हिंदी में ट्रांसलिट्रेशन किया जा रहा है। मेडिकल की हिंदी में पढ़ाई के लिये एमबीबीएस प्रथम वर्ष की हिंदी पुस्तकों को सफलतापूर्वक तैयार किया गया है। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई के लिये हिंदी में पुस्तकें तैयार करने वाले सभी विषय विशेषज्ञों का आभार भी व्यक्त किया। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि इस वर्ष 15 अगस्त के पहले एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के 3 विषय फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी को हिंदी में तैयार कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई की हिंदी में उपलब्ध करवाई जा रही पुस्तकों के लेखन में मेडिकल टर्मिनोलॉजी का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मेडिकल के विषयों को लंबे समय से मेडिकल कॉलेज में पढ़ा रहे प्रोफेसर के मार्गदर्शन में पुस्तकें तैयार हो रही है। मंत्री सारंग ने कहा कि प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के हिंदी में पढ़ाई के लिए गठित हिंदी प्रकोष्ठ को सशक्त बनाया जाएगा। संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. ए.के. श्रीवास्तव, डीन गांधी चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. अरविंद राय, हमीदिया अस्पताल अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया सहित हिंदी प्रकोष्ठ के सदस्य उपस्थित थे। एम्स भोपाल और मैनिट भोपाल ने स्वास्थ्य विज्ञान और इंजीनियरिंग में अकादमिक सहयोग और अनुसंधान में सुधार के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए । ![]() 19 April 2023 भोपाल.अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भोपाल और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT), भोपाल ने 18 अप्रैल 2023 को अकादमिक सहयोग बढ़ाने और स्वास्थ्य विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं । समझौता ज्ञापन पर एम्स भोपाल की ओर से कर्नल (डॉ.) अजीत कुमार, उपनिदेशक (प्रशासन), मैनिट भोपाल और की ओर से डॉ. मनमोहन काप्शे, डीन (अनुसंधान एवं परामर्श) द्वारा हस्ताक्षर किए गए । समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक और सीईओ डॉ. अजय सिंह ने संस्थानों के बीच प्रभावी साझेदारी के महत्व पर जोर दिया, जिसका परिणाम अंततः सामाजिक प्रभाव के साथ उन्नत अनुसंधान में होना चाहिए और आगे नीति निर्माताओं को समाधान प्रदान करना चाहिए । एम्स भोपाल राष्ट्रीय महत्व का एक स्वायत्त संस्थान (INI) है जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य सस्ती और विश्वसनीय तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करना, गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के लिए सुविधाओं को बढ़ाना, तथा स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों का एक महत्वपूर्ण समूह बनाने के लिए शिक्षा और देश में अनुसंधान करना है । दूसरी ओर, मैनिट भोपाल, भारत के सत्रह क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है, जिसकी स्थापना वर्ष 1961 में शैक्षणिक योग्यता, तार्किक मानसिकता, नैतिक और नैतिक मूल्यों के अनुरूप तकनीकी पेशेवरों को तैयार करने के मिशन के साथ शिक्षा में गुणवत्ता और उत्कृष्टता के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ की गई थी । आंतरिक शक्ति राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए वैश्विक व्यापार की भविष्य की आवश्यकता के साथ तुल्यकालिक है । दोनों संस्थानों के बीच समझौता ज्ञापन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रकाशन, शैक्षणिक कार्यक्रमों और अनुसंधान परियोजनाओं पर विचारों के आदान-प्रदान सहित शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग पर निर्मित पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों पर ध्यान केंद्रित करेगा । बाल रोग विभाग, एम्स भोपाल द्वारा विश्व ऑटिज्म दिवस समारोह 2023 आयोजित किया गया ![]() 03 अप्रैल 2023 भोपाल."विश्व ऑटिज्म दिवस 2023" बाल रोग विभाग के पूरे उत्साह और भागीदारी के साथ मनाया गया । विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2 अप्रैल को मनाया जाता है ताकि ऑटिज्म पीड़ित बच्चों के समर्थन में सुधार करने और उन्हें समाज के साथ विलय करने और एक अर्थपूर्ण जीवन जीने में मदद करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा सके । विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस पर इस वर्ष की थीम है "ट्रांसफॉर्मिंग द नैरेटिव: कंट्रीब्यूशन्स एट होम, एट वर्क, इन द आर्ट्स एंड इन पॉलिसी मेकिंग"। उत्सव की शुरुआत बाल चिकित्सा ओपीडी क्षेत्र में डॉ निदा, सीनियर रेजिडेंट (पीडियाट्रिक्स) द्वारा ऑटिज्म की व्यापकता, प्रारंभिक पहचान, सामाजिक संचार और सामाजिक संपर्क में विशेषता हानि और प्रतिबंधित हितों और दोहराव वाले व्यवहार की उपस्थिति के बारे में जागरूकता वार्ता के साथ हुई । ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) से पीड़ित बच्चों के लिए एक ड्राइंग प्रतियोगिता आयोजित की गई और इसे डॉ अंबर ने संचालित किया, जिसका बच्चों ने भरपूर आनंद लिया । समारोह की निरंतरता पर प्रो. (डॉ.) शिखा मलिक (विभागाध्यक्ष, बाल रोग विभाग) द्वारा एक स्वागत भाषण दिया गया, जिसमें ऑटिज्म की शुरुआती पहचान पर प्रकाश डाला गया, जो शुरुआती हस्तक्षेप और बेहतर परिणाम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । डॉ. कीर्ति स्वर्णकार ने एएसडी की स्क्रीनिंग के महत्व पर प्रकाश डाला और एम्स भोपाल में प्रदान की जाने वाली सेवाओं के बारे में चर्चा की । डॉ जगमीत कौर चावला ने ऑटिज़्म के उचित प्रबंधन में सहायता समूहों की भूमिका के बारे में बताया । एएसडी के प्रबंधन के लिए बहु-विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है जिसमें बाल रोग विशेषज्ञ, बाल मनोवैज्ञानिक, मनोचिकित्सक, वक्ता और व्यावसायिक चिकित्सक शामिल होते हैं, जो बच्चे को व्यापक देखभाल प्रदान करते हैं । डॉ आशीष पाखरे, बाल मनोचिकित्सक, डॉ अनुराधा कुशवाह बाल मनोवैज्ञानिक और श्रीमती भूमि भागवतकर, व्यवसाय चिकित्सक ने एएसडी के प्रबंधन में विभिन्न उपचारों की भूमिका के बारे में जोर दिया । निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने ऑटिज्म की समस्या और इसके सबसे लाभकारी समाधान इंटरडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण के बारे में बताया और उन्होंने 18 और 24 महीने की उम्र के सभी बच्चों में एएसडी की जांच की आवश्यकता पर बल दिया । उन्होंने समाज में जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया । कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए डीन, प्रो. (डॉ.) राजेश मलिक और चिकित्सा अधीक्षक, प्रो. (डॉ.) शशांक पुरवार ने बाल रोग विभाग को बधाई दी । इसके बाद छोटे चमकते सितारों को उनके प्रदर्शन के लिए पुरस्कार वितरण किया गया । एएसडी के उन बच्चों के माता-पिता इस यात्रा के दौरान अपने अनुभव साझा किए और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों के विषय में जानकारी दी । धन्यवाद ज्ञापन डॉ. योगेंद्र ने किया । इसमें संस्थान के सभी संकाय सदस्यों, वरिष्ठ निवासियों, स्नातकोत्तर और विशेष रूप से बाल रोग विभाग, मनश्चिकित्सा, पीएमआर के सहायक कर्मचारियों ने भाग लिया । एम्स भोपाल के परिवार के अपार विश्वास और समर्थन के कारण ही कार्यक्रम को बड़ी सफलता मिली । मानसिक स्वास्थ्य ![]() 22 March 2023 भोपाल.मैंने 'मानसिक स्वास्थ्य देखभाल में नवीनतम रुझान' पर संगोष्ठी के एक सत्र में भाग लिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन मानसिक स्वास्थ्य को "कल्याण की स्थिति" के रूप में परिभाषित करता है, जहां एक व्यक्ति अपनी क्षमताओं का एहसास करता है, जीवन के सामान्य तनावों का सामना कर सकता है, उत्पादक रूप से काम कर सकता है और अपने समुदाय में योगदान करने में सक्षम होता है। इससे कोई भी विचलन मानसिक बीमारी की विभिन्न डिग्री और किस्मों में परिणत होता है। यह देखा गया है कि भारत में मानसिक बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं। लगभग 10% या 15 करोड़ भारतीयों को कुछ मनोवैज्ञानिक या मानसिक सहायता की आवश्यकता होती है। इनमें से लगभग एक करोड़ लोग दयनीय स्थिति में हैं और अपनी देखभाल नहीं कर सकते। मानसिक बीमारी को किसी अन्य बीमारी की तरह मानने के लिए एक बड़े जागरूकता अभियान की आवश्यकता है। मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति और परिवार के सदस्यों पर लगे कलंक की भावना को दूर किया जाना चाहिए। अवसाद और चिंता सबसे अधिक प्रचलित मानसिक बीमारी है और लगभग हर कोई अपने जीवन के किसी न किसी चरण में इससे पीड़ित होता है। अवसादग्रस्त व्यक्तियों में आत्महत्या की प्रवृत्ति भी होती है। एक मनोरोग उपचार सबसे गंभीर अवसाद में भी आसानी से इलाज कर सकता है। सरकार ने मानसिक के लिए 900 करोड़ से अधिक आवंटित किए हैं, आपके जीवन के किसी चरण में अवसाद के लोगों में आत्मघाती प्रवृत्ति भी होती है। एक मनोरोग उपचार सबसे गंभीर अवसाद में भी आसानी से इलाज कर सकता है। सरकार ने मानसिक बीमारी के लिए 900 करोड़ से अधिक का आवंटन किया है, लेकिन यह राशि मानसिक बीमारी के विशाल पैमाने की तुलना में कुछ भी नहीं है। वर्तमान में हमारे पास भारत में केवल 9000 मनोचिकित्सक हैं जबकि इस समस्या को हल करने के लिए इस संख्या के न्यूनतम चार गुना की आवश्यकता है। जनता का समर्थन और राजनीतिक इच्छाशक्ति इस समस्या से निपटने के लिए पूर्वापेक्षाएँ हैं। श्री। एनके त्रिपाठी...लेखक आईपीएस (सेवानिवृत्त) भूतपूर्व डीजीपी हैं, जो वर्तमान में मालवांचल विश्वविद्यालय, इंदौर के कुलपति के पद पर कार्यरत हैं कोरोना वायरस चैन तोड़ना जरूरी - घर में रहकर करें सहयोग 23 March 2020 भोपाल.प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने कहा है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये वायरस की चैन तोड़ना आवश्यक है। उन्होने जनसामान्य के नाम जारी संदेश में कहा है कि प्रदेश में जहाँ कोरोना वायरस के प्रकरण पाये गये हैं, उन स्थानों और उनसे जुड़े स्थानों पर वायरस फैलने से रोकने के लिये सघन प्रयास आवश्यक हैं। इसी क्रम में प्रदेश के कुछ जिलों को तीन दिन के लिये बंद किया गया। इन दिनों में दवाईयाँ, किराना,दूध, सब्जी आदि आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति यथावत रहेगी। अत: बंद से घबराने की जरूरत नहीं है। प्रमुख सचिव श्रीमती पल्लवी जैन ने जानकारी दी है कि प्रदेश में अब तक 6 प्रकरण पाये गये हैं । इनमें से चार जबलपुर और एक भोपाल में है । इन व्यक्तियों का उपचार चल रहा है । प्रमुख सचिव ने प्रदेशवासियों से घर में ही रहकर कोरोना वासरस की चैन को तोड़ने में सहयोग की अपील की है । चिकित्सालयों के सेनिटेशन का कार्य नियमित रूप से हो : राज्यपाल श्री टंडन ![]() 21 March 2020 भोपाल.राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने कहा है कि चिकित्सालय रोग की नर्सरी नहीं बनने चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाये कि मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सेनिटेशन कार्य नियमित रूप से हो। उन्होंने कहा कि रोग की उत्पत्ति की संभावनाओं को समाप्त करने के लिए रणनीति बना कर कार्य किया जाये। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से रोग प्रतिरोधक आयुष औषधियों का वितरण कराया जाये। साथ ही बड़े स्तर पर चेक प्वाइंट भी बनाये जाये। अन्य स्थानों से आने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था हो जिससे वे जाँच उपरान्त ही घर जाये। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन आदि स्थानों पर भी चलित परीक्षण केन्द्रों की व्यवस्था की जाये। राज्यपाल श्री टंडन आज राजभवन में कोरोना के संबंध में उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री एम. गोपाल रेड्डी, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन, प्रमुख सचिव चिकित्सा श्री संजय कुमार शुक्ल, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री शिव शेखर शुक्ला, सचिव जनसंपर्क श्री पी नरहरि एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि कोरोना से डरने की नहीं लड़ने की जरूरत है आवश्यक है कि नागरिकों को रोग से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाये। लोगों को आत्म-नियंत्रण के लिये प्रेरित किया जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की श्रंखला बाधित न हो। दैनिक आवश्यकताओं की सामग्री की आपूर्ति और शीघ्र नष्ट होने वाले उत्पादों की पूर्ति की समुचित व्यवस्था की जाये। प्रशासन नियमित रूप में मॉनिटरिंग करें कि वस्तुओं की अनावश्यक जमाखोरी नहीं हो। कृत्रिम अभाव और मूल्य वृद्धि नहीं हो और ऐसा करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये। राज्यपाल कहा कि निजी चिकित्सालयों को भी जाँच केन्द्रों के रूप में चिन्हित किया जाये। आवश्यकता अनुसार जाँच की सुविधाएँ विकसित की जाये। श्री टंडन ने कहा कि आम जन को मास्क एवं अन्य बचाव सामग्रियों के संबंध में जागृत किया जाये। मास्क के सेनेटाइजेशन के बारे में भी प्रामाणिक जानकारी का प्रसार किया जाये। चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ द्वारा उपयोग किये जा रहे एप्रेन, मास्क, ग्लब्स इत्यादि का समुचित तरीके से विनिष्टिकरण हो। श्री टंडन ने कहा कि कोरोना का संकट बहुआयामी जिम्मेदारी है। इसके लिए बहुआयामी प्रयास भी आवश्यक है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है लेकिन जरा सी भी असावधानी गंभीर संकट खड़ा कर सकती है। मुख्य सचिव श्री रेड्डी ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तत्परता, सजगता के साथ कार्य कर रही है। राज्य से जिला स्तर तक प्रभावी संवाद कायम किया गया है। केंद्र सरकार और चिकित्सा संस्थाओं के अद्यतन, निर्देशों का निरंतर पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिग को माध्यम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक संपर्क में कमी करने, हाथों की सफाई, आदि अन्य जानकारियों का व्यापक स्तर पर मीडिया के विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। चिकित्सालयों में तैनात अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। सभी जिला चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेजों में आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है। रोस्टर के आधार पर कर्मचारियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति की व्यवस्था की गई है। मेडिकल एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ की पूर्ति के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों की भी सेवाएँ ली जा रही हैं। धार्मिक पर्वों पर भीड़ नहीं हो इसके लिए धार्मिक नेताओ से संपर्क किया गया है। बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल स्टाफ द्वारा उपयोग की जाने वाली सामग्री के विनिष्टिकरण की व्यवस्था की गई है, जिसमें पशु चिकित्सालयों के चिकित्सकों को भी जोड़ा गया है। सर्दी-जुकाम की दवा घर-घर वितरित कराई जा रही है। हेल्पलाईन को विस्तार दिया जा रहा है। आठ चिकित्सकों की टीम तैनात कर टेलीमेडिसिन द्वारा उपचार की व्यवस्था की गई है। किसी भी तरह के बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या की दैनिक आधार पर समीक्षा की जा रही है। आयुष अंतर्गत होम्योपैथी की 10 लाख रोग प्रतिरोधी औषधि भी वितरित की गई है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा बताया गया कि प्रदेश के 81 लाख परिवारों को पीडीएस का खाद्यान्न तीन माह के लिए अग्रिम उपलब्ध कराया गया है। बुजुर्ग के दुकान पर नहीं आने की समझाइश दी गई है। साथ ही उनके लिए पृथक से लाईन लगाने और लाईन में एक से दूसरे व्यक्ति के बीच एक मीटर की दूरी रखने के निर्देश दिये गये हैं। मास्क, सेनेटाईजर इत्यादि आवश्यक सामग्रियों की मात्रा एवं मूल्यों की दैनिक मॉनिटरिंग हो रही है। जिला प्रशासन द्वारा कुछ जिलों में जमाखोरों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। पुलिस महानिदेशक श्री जौहरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी का पुलिस द्वारा थाने स्तर तक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के विरूद्ध अभियान में सभी धर्मगुरूओं से सहयोग की अपील ![]() 21 March 2020 भोपाल.मुख्य सचिव श्री एम.गोपाल रेड्डी ने कहा है कि नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये आवशयक उपाय अपनाने में लगातार सर्तकता बरतने की जरूरत है। जिन देशों में इसका संक्रमण अधिक फैला है, उससे सबक लेते हुए हम यह सुनिश्चित करें कि व्यक्तिगत रूप से हमसे अपनी सुरक्षा में कोई चूक ना हो। श्री रेड्डी मंत्रालय में आयोजित धर्म गुरूओं की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री रेड्डी ने सभी धर्मगुरूओं से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के प्रयासों में विभिन्न समुदायों को व्यापक स्तर पर जोड़ने की अपील की। श्री रेड्डी ने कहा कि धर्म गुरूओं की समझाईश से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि एक स्थान पर एक समय में अधिक भीड़ एकत्रित ना हो। धार्मिक समारोह, त्योहार,शादी-विवाह आदि के आयोजनों में भी सावधानी बरती जाये। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने कोरोना वायरस संक्रमण रोकने की दिशा में प्रदेश में किये जा रहे प्रयासों तथा वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। संभागायुक्त श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिये किये जा रहे उपायों की जानकारी दी। कलेक्टर श्री तरूण पिथौडे ने कहा कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये घर में रहना ही सबसे कारगर उपाय है। उन्होंने सभी धर्म गुरूओं से इस दिशा में प्रयास करने का अनुरोध किया। बैठक में मंहत श्री अनिल आनंद, शहर काजी, नायब काजी, पीर साहब, फॉदर मार्या सुबेस्टाईन, श्री पूज्य भन्ते शाक्य पुत्र सागर, श्री कमल अजमेरा तथा श्री परमवीर सिंह ने उनके स्तर पर जारी प्रयासों की जानकारी देते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, भोपाल संभागायुक्त श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, उप पुलिस महानिरीक्षक श्री इरशाद वली बैठक में उपस्थित थे। दवा और मेडिकल उपकरण बनाने के लिए सरकार ने 14 हजार करोड़ की स्कीम को मंजूदी दी ![]() 21 March 2020 नई दिल्ली. आर्थिक मोर्चे पर कोरोना से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइस का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष पैकेज को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा नए प्लांट लगाने औऱ उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए इंसेटिव्स मिलेगा. मेडिकल डिवाइस का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी इंसेंटिव पैकेज मिलेगा. कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि ड्रग पार्क बनाने पर 3000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. एपीआई को बढ़ावा देने के लिए 6900 करोड़ रुपये खर्च होंगे. देश के 4 राज्यों में मेडिकल डिवाइस पार्क बनाए जाएंगे. 3420 करोड़ रुपये खर्च होंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत में दवा बनाने के लिए 80 फीसदी एपीआई विदेशों से मंगाए जाते है. फार्मा में इस पैकेज में सरकार कुल 14 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. आपको बता दें कि कैबिनेट की प्रेस कॉन्फ्रेंस पहली बार डिजिटल आधरित थी. इसमें सभी रिपोटर्स व्हाट्स के जरिए सवाल पूछ रहे थे. कोरोना वायरस का 6 महीने में ढूंढ निकालेंगे इलाज- इस इंडियन कंपनी का दावा! ![]() 21 March 2020 नई दिल्ली. चीन के वुहान शहर में पहली बार सामने आने वाला कोरोना वायरस (Coronavirus) अब पूरी दुनिया को अपनी जद में ले चुका है. पिछले साल दिसंबर महीने में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद अब तक इसका इलाज नहीं ढूंढा जा सका है. हालांकि, कोरोना टेस्टिंग के लिए भारत समेत दुनिया की कई कंपनियों ने दावा किया है कि वो बेहद कम दाम में टेस्टिंग किट बना सकती हैं जो महज कुछ घंटों में ही रिजल्ट दे सकता है. अब भारतीय फार्मा सेक्टर (Pharma Sector) की एक दिग्गज कंपनी ने दावा किया है कि वो महज 6 महीने के अंदर कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ सकती है. सांस और फ्लू जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए पहले से ही बेहतर दवाएं बनाने वाली यह कंपनी 'Cipla' है. सरकार लैब्स के साथ मिलकर काम कर रही सिप्ला टाइम्स आफ इंडिया ने अपनी एक खास रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है. अगर सिप्ला कोरोना वायरस का इलाज ईजाद करने में सफल होती है तो वह भारत की पहली ऐसी कंपनी होगी. फिलहाल यह कंपनी सरकारी लैबोरेटरीज के साथ मिलकर कोरोना वायरस की दवा विकसित करने में जुटी हुई है. कंपनी ने कहा है कि वह कोरोना वायरस की वजह से सांस लेने में परेशानी, अस्थमा, एंटी वायरल और HIV की दवाओं के इस्तेमाल पर भी प्रयोग कर रही है. सिप्ला ने दोगुना किया दवाओं का उत्पादन सिप्ला के प्रोमोटर यूसुफ हामिदन क हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी अपने तमाम संशाधनों को देश की मदद में लगाना अपना राष्ट्रीय कर्तव्य मानती है. कंपनी ने दवाओं का उत्पादन दोगुना कर दिया है. कंपनी के प्रोमोटर ने कहा कि सिप्ला ने स्विट्जरलैंड की कंपनी रोचेज की सूजनरोधी दवा एक्टेमरा को भारत में वितरित कर चुकी है. इस दवा की मदद से फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा. उन्होंने यह भी कहा है कि अगर इंडियन ड्रग रेग्युलेटर फैसला करता है तो कंपनी के पास और दवाएं हैं, जिनका बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है. कंपाउंट बनाने की तैयारी इस रिपोर्ट में सिप्ला के हवाले से कहा गया है कि एंटी वायरल कंपाउंड बनाना शुरू किया जाएगा. इनमे फेविपिराविर, रेमिडेसिविर और बोलैक्सेविर जैसे कंपाउंट होंगे. कंपनी इस बात पर विचार कर रही है कि इन 3 दवाओं के लिए सरकार लैब्स के साथ मिलकर कच्चे माल को किस तरह बनाया जाए. कंपनी ने कहा है कि उसे लैबोरेटरीज में कई तरह की दवांए हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता है कि कौन सा कॉम्बिनेशन काम करेगा. अभी तक नहीं मिला है कोरोना वायरस का इलाज गौरतलब है कि लगभग 4 महीने बाद भी कोरोना वायरस के इलाज नहीं खोजा जा सका है. फिलहाल, कोरोना वायरस के ईलाज के लिए सांस लेने में तकलीफ, एंटी फ्लू, और HIV जैसे समस्याओं में इस्तेमाल होने वाले दवाओं का सहारा लिया जा रहा है. दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कई देशों में स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है. हालांकि, चीन के वुहान शहर में स्थिति अब पटरी पर लौट रही है. ग्राम पंचायतों तक कोरोना वायरस संक्रमण रोकने बरती जा रही सावधानियाँ 20 March 2020 भोपाल.राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने प्रदेशवासियों से कहा है कि प्रदेश में आमजन को कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने सावधानी बरतने की सलाह दी। समस्त जिलों में इसके लिये जन-जागरूकता अभियान निरंतर चलाया जा रहा है। दतिया जिले में जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड, स्क्रीनिंग कक्ष और जाँच संबंधी व्यवस्थाओं को व्यवस्थित किया गया है। जिले में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये एतिहातन धारा-144 लागू की गई है। जन-सामान्य को नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के लक्षण एवं उससे बचाव के संबंध में निरंतर जानकारी दी जा रही है। मंदसौर जिले में दुधाखेड़ी माताजी मंदिर में दर्शनार्थियों के लिये प्रतिबंध लगा दिया गया है। आगामी नवरात्रि के दौरान लगने वाले मेले को स्थगित कर दिया गया है। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा दी गई गाइड-लाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है। जिले के हाईवे चेक-पोस्ट पर स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा यात्रियों के स्वास्थ्य की जाँच की जा रही है। रायसेन जिले में कलेक्टर ने आज धर्मगुरुओं, गणमान्य नागरिकों और मीडिया प्रतिनिधियों की बैठक में संक्रमण की रोकथाम के उपायों की चर्चा की। पुलिस अधीक्षक ने सोशल मीडिया में चल रही भ्रामक खबरों से सावधान रहने की अपील की। बैठक में जिले के सभी सार्वजनिक स्थानों पर कोरोना वायरस के लक्षण एवं इससे बचाव के उपाय के फ्लेक्स लगाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये हैं। अलीराजपुर जिले में कलेक्टर ने पड़ोसी राज्य की प्रवेश सीमा पर जन-जागरूकता अभियान को प्रभावी ढंग से चलाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। इसके साथ ही, जिले की समस्त होटलों और धर्मशाला के प्रबंधकों को ठहरने वाले मुसाफिरों की जानकारी जिला प्रशासन से साझा करने के लिये कहा। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में कोरोना वायरस के लक्षण एवं उससे बचाव के संबंध में डोडी पिटवाने के निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने यह कार्यवाही आगामी आदेश तक निरंतर जारी रखने के लिये कहा है। हरदा जिले में जिला एवं तहसील स्तरीय जेलों में कोरोना वायरस के संक्रमण के संबंध में जाँच शिविर आयोजित किया गया। जेल स्टाफ की शत-प्रतिशत स्क्रीनिंग सुनिश्चित की गई है। सिविल सर्जन द्वारा स्टाफ एवं बंदियों को एहतियात के तौर पर मॉस्क उपलब्ध कराये गये हैं। कलेक्टर की अध्यक्षता में रोगी कल्याण समिति की बैठक हुई। बैठक में हाइपोक्लोराइड सॉल्यूशन का छिड़काव कराये जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गये। झाबुआ में जिला एवं सत्र न्यायालय में होने वाली पेशी को 31 मार्च, 2020 तक के लिये स्थगित किया गया है। जन-सामान्य को कोरोना वायरस की रोकथाम के संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विभिन्न माध्यमों से निरंतर जानकारी दी जा रही है। कटनी जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण के संबंध में आयुष विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। जिले में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली औषधियों का वितरण किया जा रहा है। कारखानों, संस्थानों के मालिकों को श्रमिकों की सुरक्षा के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। प्रत्येक संस्थान में हाथ धोने और सेनेटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है। नीमच जिले में कलेक्टर ने लोक सेवा केन्द्र का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिले में 31 मार्च तक सभी प्रकार के धार्मिक मेले एवं आयोजन रोक दिये जायें। कलेक्टर ने प्रत्येक गाँव में जन-जागरूकता के मकसद से हाथ धुलाई के सामूहिक कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये। जिले में स्व-सहायता समूहों को मॉस्क बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। रीवा जिले में सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन वितरण आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। जिलेभर में बस-स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर प्रमुखता से कोरोना वायरस के लक्षण एवं उससे बचाव के संबंध में फ्लेक्स लगाये गये हैं। गुना जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से जन-सामान्य को कोरोना वायरस के लक्षण एवं उससे बचाव के संबंध में निरंतर जानकारी दी जा रही है। न्यायालयों में हाथ धुलाने और सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई है। सागर जिले में महार रेजीमेंट सेंटर में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों और मेजर जनरल जे.के. शुक्ला के साथ वार्ड का निरीक्षण किया। बॉयज हॉस्टल, फायरिंग रेंज क्षेत्र और मुख्य बैरक में 100-100 बिस्तर का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। पन्ना जिले में संक्रमण से बचाव के लिये बस मालिकों के साथ बैठक की गई। बैठक में बस के गेट, हेण्डल, सीटों के हेण्डल को सेनेटाइजर से निरंतर साफ रखने के लिये निर्देशित किया गया है। जिले में जन-सामान्य को केन्द्र सरकार की हेल्प-लाइन 011-23978046 और राज्य सरकार की हेल्प-लाइन 0755-2527177 और जिले की हेल्प-लाइन नम्बर 07732-252009 की सूचना दी जा रही है। कलेक्टर ने जन-सुनवाई कार्यक्रम को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया है। कलेक्टर कार्यालय में शिकायत पेटी भी स्थापित की गई है। नरसिंहपुर जिले में जन-सामान्य को सार्वजनिक स्थानों में न जाने की सलाह दी गई है। स्टेडियम, जिम आदि बंद किये गये हैं। जन-सामान्य को कोरोना वायरस (कोविड-19) से सुरक्षा के उपायों के बारे में निरंतर जानकारी दी जा रही है। बड़वानी जिले में गणगौर महोत्सव को स्थगित किया गया है। जिले में होने वाले धार्मिक जुलूस भी स्थगित कर दिये गये हैं। सार्वजनिक स्थानों पर हाथ धोने की व्यवस्था की गई है। जिले में साप्ताहिक हाट और जन-सुनवाई के कार्यक्रम स्थगित कर दिये गये हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंस से नोवल कोरोना वायरस से बचाव का प्रशिक्षण सम्पन्न 17 March 2020 भोपाल.प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल की उपस्थिति में आज मंत्रालय में मैदानी अधिकारियों एवं अन्य संबंधित लोगों को नोवल कोरोना वायरस से बचाव के लिये वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान श्वसन शिष्टाचार सहित अन्य उपायों की जानकारी दी गई। साथ ही भारत सरकार की ट्रेवल एडवाईजरी, पब्लिक हेल्थ एक्ट की अधिसूचना तथा सामूहिक समारोहों के आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश दिये गये। प्रशिक्षण में प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक, पैथोलाजिस्ट, जिला सर्विलेंस अधिकारी तथा एपिडिमियोलाजिस्ट शामिल हुए। प्रदेश में अभी तक कोई पॉजीटिव प्रकरण नहीं राज्य सर्विलेंस इकाई द्वारा नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। इस इकाई द्वारा जारी बुलेटिन में जानकारी दी गयी कि प्रदेश में अभी तक कोई पॉजीटिव प्रकरण नहीं है। आज दिनांक तक नोवल कोरोना वायरस से प्रभावित देशों से आने वाले 917 यात्रियों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 473 यात्री अपने घरों में आईसोलेशन में रखे गये हैं तथा 368 यात्रियों का सर्विलेंस पूरा हो चुका है। संभावित 38 प्रकरणों के सेम्पल जांच के लिये NIV पुणे, इन्दिरा गांधी शासकीय मेडिकल कॉलेज नागपुर, एम्स भोपाल एवं एन.आई.आर.टी.एच. जबलपुर भेजे गए थे, जिनमें से 29 की रिपोर्ट निगेटिव आई है तथा 9 की रिपोर्ट आना बाकी है। इन्दौर, भोपाल, जबलपुर, छतरपुर व ग्वालियर एयरपोर्ट पर प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। अब तक 11 हजार 674 यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है । नोवल कोरोना वायरस संक्रमण रोकने वीडियो कॉन्फ्रेंस 18 मार्च को 17 March 2020 भोपाल.मुख्य सचिव श्री एम.गोपाल रेड्डी प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिये की जा रही तैयारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 18 मार्च को अपरान्ह 4 बजे समीक्षा करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंस में सभी सभागायुक्त, जिला कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, आयुक्त नगर निगम, पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक, होमगार्डस कमॉडेन्ट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन भाग लेंगे। कोरोना वायरस की रोकथाम में निजी चिकित्सालयों की भी सेवाएँ लेने के निर्देश ![]() 14 March 2020 भोपाल.लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तरुण भनोत ने प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि सूचना संचार गतिविधियों के माध्यम से समाज में हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाये। आवश्यकतानुसार निजी चिकित्सालयों की भी सेवाएँ ली जायें। उन्होंने कहा कि मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त अन्य विभागों के मैदानी अमले को भी प्रशिक्षित किया जाये। आँगनवाड़ियों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद रखा जाये। श्री भनोत ने कहा कि धर्म गुरूओं को कोरोना वायरस से बचाव के संबंध में जानकारी दी जाये, जिससे धार्मिक संस्थाओं में आने वाले लोगों को जागरूक किया जा सके। 27 प्रकरणों के सेम्पल में 26 की रिपोर्ट निगेटिव ; एक की आना बाकी प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस (COVID-19) के संभावित 27 प्रकरणों के सेम्पल की जाँच में 26 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। एक प्रकरण की रिपोर्ट आना बाकी है। सेम्पल जाँच के लिये एनआईबी पुणे, इंदिरा गांधी शासकीय कॉलेज नागपुर और एम्स भोपाल भेजे गये थे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 मार्च को नोवल कोरोना वायरस से संबंधित चीन में 11 और अन्य देशों में 7488 नये प्रकरण दर्ज किये गये हैं। भारत में अभी तक 83 प्रकरण इस बीमारी के दर्ज हुए हैं। इनमें से दो की मृत्यु हुई है। प्रदेश में आज तक वायरस से प्रभावित देशों से आने वाले 774 यात्रियों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 361 यात्री अपने घरों में आइसोलेशन में रखे गये हैं और 358 यात्रियों का सर्विलेंस पूरा हो चुका है। प्रदेश में अभी तक कोरोना वायरस का कोई भी पॉजिटिव प्रकरण नहीं है। आज तक 9490 यात्रियों की इंदौर, भोपाल, ग्वालियर एवं जबलपुर एयरपोर्ट में स्क्रीनिंग की जा चुकी है। राज्य सर्विलेंस इकाई नये दिशा-निर्देश एवं परामर्शों के लिये सेन्टर सर्विलेंस इकाई नई दिल्ली के सम्पर्क में है। नोवल कोरोना वायरस बीमारी की जानकारी और मार्गदर्शन के लिये बनाये गये कॉल सेन्टर 104 में अब तक 965 कॉल प्राप्त हो चुके हैं। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के सेम्पल जाँच की सुविधा एम्स भोपाल और राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान जबलपुर में उपलब्ध है। नागरिकों से आग्रह किया गया है कि बार-बार अपना हाथ साबुन से धोएं। खाँसी एवं छींकते समय अपनी नाक और मुँह को टिशु पेपर/रूमाल या कोहनी से ढंकें। हाथ मिलाकर अभिवादन करने के स्थान पर नमस्ते/आदाब करें। अल्कोहल बेस्ड हेण्ड सेनेटाइजर का उपयोग करें। फिटनेस आइकॉन श्वेता राठौड़ को मिला वर्ल्ड वूमेन अचीवर्स अवॉर्ड ![]() 27 February 2020 भोपाल.फिटनेस आइकॉन श्वेता राठौड़ को मिला वर्ल्ड वूमेन अचीवर्स अवॉर्ड श्वेता राठौड़ को ईटी नाउ द्वारा हाल ही में प्रतिष्ठित वर्ल्ड वुमेन अचीवर्स अवार्ड 2020 से सम्मानित किया गया है। श्वेता फिटनेस आइकॉन हैं जिन्होंने फिटनेस के प्रति युवाओं और समाज को प्रेरित करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया है। श्वेता राठौड़ इस अवॉर्ड को पाकर बेहद उत्साहित हैं। श्वेता राठौड़ कहती हैं "युवाओं को फिट रहने के लिए मैंने उन्हें काफी प्रेरित किया है। समाज के प्रति मेरे इस योगदान की वजह से मुझे इस अवॉर्ड के लिए चुना गया तो मुझे बेहद खुशी हो रही है क्योंकि मुझे लगता है कि फिटनेस हर इंडियन का मौलिक अधिकार है।" आपको बता दें कि श्वेता ऐसी पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने मिस वर्ल्ड फिटनेस फिजिक, मिस एशिया फिटनेस फिजिक का खिताब जीता है और फिटनेस फिजिक में मिस इंडिया टाइटल के साथ हैट्रिक बनाई है। श्वेता राठौड़ कहती हैं "मेरा सपना भारत को हमारी सरकार की पहल की तर्ज पर ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर लाना है।" उललेखनीय है कि श्वेता राठौड़ एक एनजीओ 'गॉड्स ब्यूटीफुल चाइल्ड' भी चलाती है। यह एन जी आे विशेष रूप से वंचित बच्चों को उनके विकास और महिला सशक्तीकरण के लिए प्रोत्साहित करती है। एक तरह से श्वेता राठौड़ एक इंस्पायरिंग फिटनेस आइकॉन हैं, जो आज के युथ को फिट रहने का मंत्र देती रहती हैं। अत्याधुनिक चिकित्सा का लाभ लोगों तक पहुँचाना सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ![]() 26 February 2020 भोपाल.मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के समक्ष प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए मंत्रालय में राज्य सरकार और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। एम.ओ.यू. के तहत मध्यप्रदेश आरोग्यम हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर्स के माध्यम से प्रदेश की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा। एम.ओ.यू. पर राज्य शासन की ओर से मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती और दोराबजी टाटा ट्रस्ट की ओर से ट्रस्ट के वाइस प्रेसिडेंट तथा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव श्री विजय सिंह ने हस्ताक्षर किये। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट इस भी मौके पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना राज्य शासन का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष से इस दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। श्री कमल नाथ कहा कि अत्याधुनिक चिकित्सा का लाभ लोगों तक पहुँचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की सुनिश्चित डिलेवरी के लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र और नई सोच के साथ काम करने की जरूरत है। 23 जिलों में 115 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर्स साइन हुए एमओयू के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग एवं सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट प्रदेश के 23 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में प्रारंभिक तौर पर प्रत्येक जिले में 5 अर्थात कुल 115 चिन्हित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर्स के क्षेत्र में तकनीकी एवं प्रबंधकीय सहयोग से कार्य करेंगे। चौथे वर्ष में टाटा ट्रस्ट 500 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर्स के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करेगा। इनमें से प्रत्येक जिले के एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत नागरिकों का इलेक्ट्रानिक रिकार्ड संधारित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उच्च जोखिमयुक्त गर्भवती महिलाओं, डायबिटीज, हाईपरटेंशन तथा कैंसर के जटिल केसेस का रेफरल और आवश्यक फॉलो-अप से संबंधित कार्यों में भी टाटा ट्रस्ट सहयोग प्रदान करेगा। विशेषज्ञों की तकनीकी समिति इस योजना का क्रियान्वयन करेगी। स्वास्थ्य कर्मियों का दक्षता संवर्धन जिला एम.एंड ई अधिकारियों, विकासखंड स्तरीय कार्यक्रम प्रबंधकों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का दक्षता संवर्धन भी ट्रस्ट के द्वारा किया जाएगा। प्रशिक्षणों के लिए आवश्यकता अनुसार सामग्री चिकित्सा महाविद्यालयों तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भोपाल के सहयोग से उपलब्ध होगी। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उच्च प्राथमिकता वाले 23 जिलों में जन-समुदाय में स्वास्थ्य परामर्श संबंधी व्यवहार विकसित करने एवं स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी में गुणवत्तापूर्ण सुधार में भी टाटा ट्रस्ट सहयोग देगा। इसमें स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए नई तकनीकों एवं विधियों का उपयोग करते हुए कार्यक्रमों के प्रभावों को कई गुना बढ़ाने का कार्य भी सम्मिलित है। निगरानी के लिए समिति एम.ओ.यू. के अंतर्गत परियोजना के क्रियान्वयन की समय-समय पर मॉनीटरिंग के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं सर दोराबजी ट्रस्ट की ओर से एक समिति बनाई जाएगी। इस मौके पर प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री शिवशेखर शुक्ला एवं ट्रस्ट के लोग उपस्थित थे। > आयुष मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ एवं प्रभारी मंत्री श्री आरिफ अकील ने किया सीहोर आयुष कार्यालय भवन का लोकार्पण ![]() 24 February 2020 भोपाल.आयुष, चिकित्सा शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ के मुख्य आतिथ्य एवं गैस त्रासदी, राहत एवं पुर्नवास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग तथा प्रभारी मंत्री श्री आरिफ अकील की अध्यक्षता में सोमवार को जिला आयुष कार्यालय भवन, सीहोर का लोकर्पण संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कोई भी जिला पिछडा़ नहीं रहेगा। संसाधनों की कमी एवं विपरीत परिस्थितियों में भी विकास ही हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पंचकर्म, शिरोधारा की सुविधा एवं सोनोग्राफी मशीन जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रभारी मंत्री श्री अकील ने अपने उदबोधन में कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे विकास में आयुष विभाग का भी महत्वपूर्ण योगदान है। आयुर्वेदिक औषधियों से किसी भी प्रकार के विपरीत प्रभाव की संभावना नहीं रहती है। उन्होंने विभाग द्वारा पूरे मनोयोग से जनसेवा करने की अपेक्षा की। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अतिथियों द्वारा औषधीय पौधों का रोपण भी किया गया। बच्चों को स्वस्थ्य रखने के लिये गुणवत्तापूर्ण स्वच्छ भोजन जरूरी - मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ![]() 20 February 2020 भोपाल.मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने छिंदवाड़ा जिले के भरतादेव चंदनगाँव में प्रदेश के पहले केन्द्रीयकृत रसोई घर 'अक्षय पात्र मेगा किचन' का भूमि-पूजन करते हुए कहा कि बच्चों को स्वस्थ्य रखने के लिये गुणवत्तापूर्ण स्वच्छ भोजन पहली आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा देश में लगभग 19 लाख बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा से इस व्यवस्था की शुरूआत हुई है। श्री कमल नाथ ने कहा कि दूसरे अक्षय पात्र मेगा किचन की आधारशिला भोपाल में रखी जाएगी। श्री कमल नाथ ने कहा कि अक्षय पात्र फाउंडेशन का पहले केवल नाम सुना था, उनके काम के बारे में नहीं जानता था। जब एचईजी लिमिटेड के अध्यक्ष श्री रवि झुनझुनवाला और अक्षय पात्र फाउंडेशन के चेयरमेन श्री मधु पंडित दास से मिले, उनके साथ मैने बैठक की और उनके काम की बारिकी तथा बच्चों के प्रति उनके सेवा भाव को समझा, तब मैने सबसे पहले छिंदवाड़ा से इसकी शुरूआत करने का निश्चय किया। श्री कमल नाथ ने उम्मीद जताई की अक्षय पात्र मेगा किचन छिंदवाड़ा जिले के बच्चों के लिये गुणवत्तापूर्ण स्वच्छ भोजन की आवश्यकता की पूर्ति करेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि फाउंडेशन द्वारा छिंदवाड़ा जिले में अपने विभिन्न संस्थानों की स्थापना की पहल की जाएगी जिससे जिले में समाज के हर वर्ग का उत्थान सुनिश्चित होगा। सांसद श्री नकुल नाथ ने कहा कि भारत विकासशील देश कहा जाता है लेकिन यहां बच्चों की मृत्यु और कुपोषण हमेशा से चिंता का विषय रहा है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा कारण पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाना है। श्री नकुल नाथ ने उम्मीद जताई की छिंदवाड़ा का कोई भी बच्चा सुपोषण से वंचित नहीं रहेगा। जिले के प्रभारी लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्री सुखदेव पांसे और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री लखन घनघोरिया ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। अक्षय पात्र मेगा किचन का भूमि-पूजन वैदिक विधि-विधान से मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। फाउंडेशन के चेयरमेन श्री दास ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया। मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों ने स्कूली बच्चों के साथ बैठकर भोजन किया। प्रतिदिन 116 शासकीय स्कूलों के 7,000 विद्यार्थी होंगे लाभान्वित अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा संचालित किये जाने वाले इस रसोई घर के माध्यम से प्रथम चरण में आगामी शिक्षा सत्र से छिंदवाड़ा जिले के 116 शासकीय, प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के लगभग 7,000 विद्यार्थी प्रतिदिन लाभान्वित होंगे। दूसरे चरण में 6 माह के भीतर 15,000 से अधिक विद्यार्थियों को इस रसोई के माध्यम से उत्तम गुणवत्ता का स्वादिष्ट और गर्म मध्यांह भोजन वितरित किया जाएगा। अक्षय पात्र फाउंडेशन वर्तमान में 12 राज्यों में 51 केन्द्रों के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 13,800 से अधिक स्कूलों के लगभग 19 लाख विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन प्रदान कर रहा है। कुपोषण से मुक्ति में अहम भूमिका निभाए आयुष विभाग - मंत्री डॉ. साधौ ![]() 20 February 2020 भोपाल.चिकित्सा शिक्षा, आयुष एवं संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने आज टीकमगढ़ में नव-निर्मित जिला आयुष कार्यालय भवन का फीता काटकर लोकार्पण किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री डॉ. साधौ ने कहा कि जिले में मातृ-मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर (एमएमआर तथा आईएमआर) के साथ ही कुपोषण कम करने में आयुष विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आयुष विभाग द्वारा सुपोषण के साथ ही वेलनेस गतिविधियों के माध्यम से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ और सबल मध्यप्रदेश हम सबका प्रयास है। मंत्री डॉ. साधौ ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के विजन अनुसार आयुष विभाग प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में आयुष विभाग के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। साथ ही चिकित्सकों एवं स्टॉफ की कमी को भी शीघ्र पूरा किया जायेगा। आयुष विभाग के आयुक्त श्री एम.के. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में आयुष विभाग के 25 जिला कार्यालयों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से टीकमगढ़ सहित 6 कार्यालयों का उद्घाटन हो चुका है। कार्यक्रम मं आयुष विभाग द्वारा आयोजित शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया तथा नि:शुल्क दवाएँ प्राप्त कीं। चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में रेडक्रास का इतिहास सराहनीय : मंत्री श्री शर्मा ![]() 17 February 2020 भोपाल.जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने रेडक्रास शताब्दी वर्ष समारोह में आयोजित स्कूली बच्चों की प्रदेश स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किये। समारोह में मध्यप्रदेश रेडक्रास के चेयरमेन श्री आशुतोष पुरोहित और जनरल सेक्रेटरी डॉ. प्रार्थना जोशी शामिल हुईं। मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में रेडक्रास का इतिहास सराहनीय रहा है। यह संस्था विश्व स्तर पर समाज सेवा के क्षेत्र में भी अग्रणी है। उन्होंने चित्रकला प्रतियोगिता के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों को समाज के प्रति जिम्मेदारी का एहसास दिलाने में इस तरह की प्रतियोगिताएँ हमेशा सशक्त माध्यम साबित हुई हैं। पैरो से तस्वीर बनाने वाले बालक आयुष को राज्य-स्तरीय रेडक्रास पुरस्कार मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने समारोह में रेडक्रास के संस्थापक हेनरी ड्यूनॉट की आकर्षक तस्वीर पैरो से बनाने वाले बालक आयुष को प्रशस्ति पत्र के साथ 5 हजार रूपये नगद राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया। श्री शर्मा ने आयुष को अपनी निधि से 11 हजार रूपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। प्रतियोगिता में उज्जैन के पुनीत खण्डवाने प्रथम, भोपाल के अंतरिक्ष सेठिया ने द्वितीय और भोपाल की रिया जैन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। राष्ट्रपति भवन में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे छात्र-छात्राएँ जनरल सेक्रेटरी रेडक्रास डॉ. प्रार्थना जोशी ने बताया कि चित्रकला प्रतियोगिता में चयनित दो छात्र-छात्राएँ राष्ट्रपति भवन दिल्ली में 8 मई को आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। जूनियर रेडक्रास के चेयरमेन डॉ. एल.एन. शर्मा ने समारोह में लोगों का आभार व्यक्त किया। रेडक्रास परिसर में 20 फरवरी को 24 घंटे का रक्तदान शिविर रेडक्रास चेयरमेन श्री आशुतोष पुरोहित ने बताया कि रेडक्रास के समाज सेवा के क्षेत्र में सौ वर्ष पूरे होने पर पूरे देश में यह वर्ष शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस दौरान मई माह तक लगातार प्रदेशभर में रेडक्रास इकाईयों द्वारा समाज सेवा की गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। श्री पुरोहित ने जानकारी दी कि पहली बार 20 फरवरी को भोपाल स्थित रेडक्रास परिसर में 24 घंटे लगातार रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। नोवल कोरोना वायरस से बचाव के लिये प्रदेश में हाई अलर्ट जारी ![]() 3 February 2020 भोपाल.प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस से बचाव के लिये स्वास्थ्य विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया है। इस वायरस से निपटने के लिये डॉक्टरों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। सभी जिला और सिविल अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार किये गये हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलवाट ने इस संबंध में विभागीय तैयारियों की समीक्षा करते हुए यह जानकारी दी। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिये बड़े पैमाने पर जन- जागरुकता अभियान चलाया जाये। लोगों को इससे बचाव के घरेलू उपायों के साथ परम्परागत उपायों की जानकारी भी दी जाये। उन्होंने एयरपोर्ट पर आने वाले अन्तर्राष्ट्रीय यात्रियों को चिंहित कर उनसे फार्म भरवाने के लिये कहा। साथ ही, नगर निगम के अमले को मीट-मछली मार्केट की प्रतिदिन साफ-सफाई कराने और वहाँ दवाई छिड़कवाने के निर्देश दिये। प्रमुख सचिव डॉ. पल्लवी जैन गोविल ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि चीन से लौटे 6 लोगों को दिल्ली में रोका गया है। केन्द्र सरकार का स्वास्थ्य विभाग चीन से लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपनी निगरानी में रखकर परीक्षण कर रहा है। ऐसे व्यक्तियों को 14 दिनों तक निगरानी में रखा जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर प्रतिदिन इस वायरस से बचाव के लिये किये जा रहे उपायों और इसके प्रभाव की नियमित समीक्षा की जा रही है। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में सभी चिकित्सक एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ टास्क फोर्स का गठन किया गया है। सभी जिला अस्पतालों में 5 बिस्तर और मेडिकल कॉलेजों में 10 बिस्तर के आईसोलेशन वार्ड बनाये गये हैं। प्रदेश के सागर, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज को नोवल कोरोना वायरस के सेम्पल एकत्रित करने के लिये चिन्हांकित किया गया है। सेम्पल नि:शुल्क जाँच के लिये प्राईवेट कुरियर द्वारा एन.आई.वी. लैब, पुणे भेजे जायेंगे। बैठक में बताया गया कि पर्यटन विभाग द्वारा होटलों को चीन अथवा अन्य संक्रमित देशों से आने वाले पर्यटकों की जानकारी देने के लिये कहा गया है। साँची में मेडिकल आउट-पोस्ट की स्थापना की गई है, जहाँ पर्यटकों को नोवल कोरोना वायरस संबंधी जानकारी दी जा रही है। राज्य स्तर पर जनसामान्य को वायरस की जानकारी देने के लिये कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है। टोल फ्री न. 104 पर कॉल सेन्टर से इस बारे में कोई भी व्यक्ति अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त कर सकता है। यह काल सेन्टर प्रतिदिन सुबह 8 से रात 8 बजे तक खुला है। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की गतिविधियों पर केन्द्रित न्यूज लेटर 'आशा' का विमोचन किया गया। इस अवसर पर आयुक्त श्री प्रतीक हजेला, खाद्य एवं औषधि नियंत्रक श्री रविन्द्र सिंह और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। निवाड़ी में खुलेगा 60 बिस्तर का नया सिविल अस्पताल : मंत्री श्री राठौर ![]() 2 February 2020 भोपाल.वाणिज्यिक कर मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ने कहा है कि निवाड़ी जिला मुख्यालय पर 60 बिस्तर क्षमता का नया अस्पताल खोला जाएगा। इसके अलावा, पृथ्वीपुर सहित अन्य अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन कराया जाएगा। पृथ्वीपुर क्षेत्र के अन्तर्गत 4 नये पशु औषधालय भी खोले जाएंगे। श्री राठौर ने जेरोन महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित अन्तर्राज्यीय क्रिकेट टूर्नामेंट के समापन समारोह में यह घोषणा की। मंत्री श्री राठौर ने कहा कि जेरोन को ओरछा और अन्य स्थानों से जोड़ने के लिये सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जेरोन सहित धार्मिक आस्था के प्रमुख केन्द्र अछरू माता, काली माई मंदिर, मोहनगढ़, दिगौड़ा के धार्मिक स्थलों पर एक माह के अंदर धर्मशाला निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि निवाड़ी जिले में स्थित मंदिरों और मस्जिदों को सूचीबद्ध कर वहां श्रद्धालुओं की सुविधा के सभी इंतजाम कराए जाएंगे। श्री राठौर ने पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में श्रमिकों के लिये 15 बड़े शेड़ बनवाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के अन्तर्गत पृथ्वीपुर में नया आईटीआई शुरू किया जाएगा। साथ ही सामुदायिक केन्द्र और महाविद्यालय में 6 करोड़ लागत से उन्नयन कार्य कराए जाएंगे। वाणिज्यिक कर मंत्री ने कहा कि महोत्सव के भव्य आयोजन से ओरछा को देश और प्रदेश में नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि ओरछा को पृथ्वीपुर से जोड़ने वाले दोनों पुल, सड़क, बायपास तथा घाट का यथाशीघ्र निर्माण कराया जाएगा। राजभवन के चिकित्सकों ने रैन बसेरा में लगाए स्वास्थ्य शिविर 2 February 2020 भोपाल.राजभवन के चिकित्सकों द्वारा विगत माह रैन बसेरा, शाहजहांनी पार्क में दो स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों में आयुर्वेद, होम्योपैथ और एलोपैथ चिकित्सा विशेषज्ञों ने अपनी सेवाएँ दीं। शिविर में 220 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें उचित उपचार और परामर्श दिया गया। शिविर में 71 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. गीता सुकुमार द्वारा किया गया। इनमें से 50 को उचित उपचार और 21 को रोग प्रतिरोधक औषधियां वितरित की गई। होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर कीर्ति राठौर द्वारा 77 रोगियों का परीक्षण किया गया, जिन में से 37 को उचित उपचार और 40 को रोग प्रतिरोधक दवाएं प्रदान की गई। शिविर में अधिकांश मरीज सर्दी, जुकाम के मिले। आयुर्वेद टूरिज्म को बढ़ावा देने के प्रयास - मंत्री डॉ. साधौ ![]() 29 January 2020 चिकित्सा शिक्षा, आयुष और संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने ग्वालियर में स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय की साधारण सभा तथा शासकीय गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय की सामान्य परिषद की बैठक में भाग लिया। उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि आपका पेशा संवेदनशील है, मानव सेवा से जुड़ा है, इसलिये आम आदमी को ऐसी सेवाएँ दें, जिससे लोग आपको हमेशा याद रख सकें। मंत्री डॉ. साधौ ने कहा कि आयुर्वेद को मेडिकल टूरिज्म के रूप मे विकसित करने की दिशा में प्रयास शुरू किए गए हैं। इसके अन्तर्गत पर्यटन स्थलों पर पंचकर्म, सिरोधारि जेसे आयुर्वेद उपचार की सुविधाएँ पर्यटकों को उपलब्ध कराई जायेंगी। उन्होंने कहा कि आयुवेर्दिक उपचार की इन पद्धतियों का जिला स्तर तक विस्तार किया जायेगा। मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने शासकीय गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय की सामान्य परिषद की बैठक में निर्देश दिए की चिकित्सालय में अल्ट्रा सोनोग्राफिक मशीन, वेंटिलेटर और अन्य आवश्यक उपकरण लगाये जायें। महाविद्यालय स्वशासी होने के नाते आय के अपने स्त्रोत भी विकसित करे। डॉ. साधौ ने आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय की साधारण सभा की बैठक में कहा कि महाविद्यालय परिसर में ऑडिटोरियम एवं चिकित्सालय में ओ.पी.डी. ब्लॉक के निर्माण का प्रस्ताव बनाएं। अति कुपोषित बच्चों के लिये शेष 43 जिलों में भी क्रियान्वित होगा CSAM अभियान 29 January 2020 महिला-बाल विकास विभाग द्वारा अति गंभीर कुपोषित बच्चों के लिये समुदाय आधारित प्रबंधन अभियान होशंगाबाद, मुरैना, श्योपुर, गुना, खण्डवा, बुरहानपुर, छतरपुर, छिन्दवाड़ा एवं बड़वानी जिलों के बाद अब शेष 43 जिलों में भी चलाया जायेगा। आज भोपाल में सम्पन्न राज्य-स्तरीय प्रशिक्षण के प्रथम चरण में चम्बल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और भोपाल संभाग के जिलों के प्रतिभागियों को अभियान की रूपरेखा और तकनीकी जानकारी दी गई। प्रमुख सचिव, महिला-बाल विकास श्री अनुपम राजन ने कहा कि अभियान में अति गंभीर कुपोषित बच्चों का सही तरीके से चिन्हांकन किया जाये। उन्होंने कहा कि जिलों में प्रशिक्षण के लिये तकनीकी सहयोग भी दिया जायेगा। आयुक्त श्री नरेश पाल कुमार ने अधिकारियों को अभियान का सफल क्रियान्वयन किये जाने के निर्देश दिये। अति गंभीर कुपोषित बच्चों के समुदाय आधारित प्रबंधन (CSAM) अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से अति गंभीर कुपोषित बच्चों की आवश्यक जाँच कर उन्हें दवाएँ प्रदाय की जायेंगी। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा 5 दिवसीय केन्द्र आधारित देखभाल की जायेगी। अभियान के अंतर्गत अति कुपोषित बच्चों का 12 सप्ताह तक समुदाय स्तर पर प्रबंधन किया जायेगा। अगले 3 माह तक गृह भेंट कर फॉलोअप किया जायेगा। प्रति सप्ताह केन्द्र में उपलब्ध अतिरिक्त पोषण-आहार का उपयोग कर बच्चों को दो बार अतिरिक्त आहार अपने समक्ष माताओं के सहयोग से खिलाया जायेगा। बच्चों की जानकारी बाल पोषण प्रगति-पत्रक में दर्ज की जायेगी। पर्यवेक्षकों द्वारा सम्पर्क एप्लीकेशन के CSAM MODULE में केन्द्रवार-बच्चेवार जानकारी की प्रविष्टि की जायेगी। प्रशिक्षण सत्र में भोपाल एम्स के डॉ. अंकुर जोशी, डॉ. अभिजीत पाखरे, यूनिसेफ के डॉ. समीर पवार, श्री तरुण पटेल, अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन की सुश्री स्वर्णिमा शुक्ला ने अभियान के संबंध में तकनीकी जानकारी दी। स्वास्थ्य सेवाओं में दक्षता बढ़ाने सुशासन संस्थान और जार्ज संस्थान सिडनी के बीच एमओयू ![]() 25 January 2020 मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में दक्षता संवर्द्धन के लिये अटल विहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान और जार्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ सिडनी (आस्ट्रेलिया) के बीच एमओयू साइन किया गया है। संस्थान के महानिदेशक श्री आर. परशुराम और जार्ज संस्थान के डायरेक्टर श्री अमित खन्ना ने एमओयू पर साइन किये। संस्थान के महानिदेशक श्री परशुराम ने कहा कि दोनों संस्थाएँ मिलकर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएंगी। इस क्षेत्र में रिसर्च को भी बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि एमओयू के माध्यम से गैर संक्रामक बीमारियों को रोकने, स्वास्थ्य अमले की दक्षता में वृद्धि करने और सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु को कम करने के लिये अनुसंधान आधारित हस्तक्षेप एवं परिवर्तन सहित अन्य कार्य किये जायेंगे। जार्ज संस्थान के डायरेक्टर वित्त श्री अमित खन्ना ने कहा कि हम कई राज्यों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य उनके संस्थान की सर्वोच्च प्राथमिकता है। संस्थान के प्रमुख सलाहकार डॉ. मदन मोहन उपाध्याय ने कहा कि सर्पदंश से होने वाली मृत्यु, उच्च रक्त चाप एवं गैर संक्रमण बीमारियों की बढ़ती हुई चुनौतियों से निपटने के लिये अनुसंधान जरूरी है। इस दौरान प्रमुख सलाहकार श्री मंगेस त्यागी, श्री गिरीश शर्मा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। संजीवनी जैसी स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार ![]() 24 January 2020 भोपाल.शासकीय सेवा से सेवा-निवृत्त हुए अधिकारियों-कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को संजीवनी के समान बताते हुए मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के प्रति आभार व्यक्त किया है। उनका कहना है कि सेवा-निवृत्त हुए शासकीय सेवकों की पेंशन का ज्यादातर पैसा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होता है। इस योजना से पेंशनधारी बड़े वर्ग को राहत मिलेगी। श्री गणेश दत्त जोशी सेवा-निवृत्त सहायक सांख्यिकीय अधिकारी हैं। वे 2007 में सेवा-निवृत्त हुए और पेंशनर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश में वरिष्ठ प्रांन्तीय उपाध्यक्ष के रूप में काम कर कर रहे हैं। साथ ही वे मध्यप्रदेश शासन के पेंशनर्स कल्याण मंडल के सदस्य की भूमिका भी बखूबी निभा रहे हैं। श्री जोशी कहते है 'शासकीय सेवा का विराम हो सकता है लेकिन काम तो लगातार चलता रहता है। अच्छे कामों की श्रृंखला चलते रहना चाहिए। इसलिए वर्तमान में पेंशनर्स की समस्याओं का समाधान करने में अपना सहयोग देता हूँ।' योजना का हर बिन्दु प्रभावी श्री जोशी कहते है कि ''श्री कमल नाथ पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने प्रदेश के सेवा-निवृत्त सेवकों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर सम्पूर्णता में विचार कर मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को ठोस रूप दिया। वृद्ध अवस्था में इलाज की सबसे ज्यादा जरुरत होती है । पहली नज़र में यह योजना सरल और आसानी से लागू होने योग्य दिखती है । इसका हर बिन्दु प्रभावित करता है। श्री जोशी का कहना है कि ''पता चला है कि मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना एक अप्रैल 2020 से शुरू होना है। इसलिये सभी सेवारत एवं सेवा-निवृत सेवकों से 25 मार्च 2020 तक योजना में शामिल होने का विकल्प भरवाया जाना चाहिए ताकि समय पर उनके अंशदान की राशि काटी जा सके।'' उनका यह भी मानना है कि ''मध्यप्रदेश के बाहर जैसे तमिलनाडु, उत्तराखंड, झारखंड, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि में बस गए सेवा-निवृत शासकीय सेवकों को भी इस योजना में शामिल किया जाना चाहिए।' श्री शंकरलाल सोनी नगर पालिका परिषद से वर्ष 2015 रिटायर हुए। वे संडे की पाठशाला चलाते हैं और गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं। वे पर्यावरण के प्रति बेहद संवेदनशील हैं और इच्छुक लोगों को पर्यावरण शिक्षा देते हुए पौधा गमला निःशुल्क बांटते हैं। मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए श्री सोनी कहते है कि ''ऐसी ठोस योजना से हम जैसे हजारों परिवारों को लाभ होगा । लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छतरपुर में सिविल इंजीनियर पद से 2010 में सेवा-निवृत्त हुए श्री जी. एस. खरे पेशनर एशोसियेशन छतरपुर के उपाध्यक्ष हैं और समाज सेवा के कई कार्यों से जुड़े हैं। वे कहते है कि ''बीमा योजना पेंशनर के लिए एक बेहतर योजना है। यह योजना सरकार का स्वागत योग्य कदम है।' वर्ष 2018 में आर. आई. (राजस्व ) के पद से रिटायर हुए श्री शंकर शरण खरे कहते हैं कि ''बहुत दिनों बाद स्वास्थ्य की दृष्टि से बुढ़ापे की खबर सरकार ने ली है। इसके लिए मुख्यमंत्री की सोच की जितनी तारीफ़ करें, कम है।'' लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से 2015 में एस. डी. ओ. पद से रिटायर हुए श्री लखन सिंह पेशन संघ के कोषाध्यक्ष हैं। वे इस योजना से बेहद उत्साहित हैं और कहते हैं कि यह हमारे पेंशनधारी समाज के लिए संजीवनी का काम करेगी। छोटे पद से रिटायर लोगों को बड़ा लाभ वन विभाग छिन्दवाड़ा से असिस्टेंट ग्रेड 2 के पद से 2017 में सेवा-निवृत्त हुए श्री मजीद मोहम्मद का कहना है कि यह योजना आसानी से अमल में आने वाली है। इससे कई परिवारों को लाभ मिलेगा। सबसे अच्छी बात यह है कि छोटे पद से सेवा-निवृत्त कर्मचारियों के लिये यह योजना बहुत लाभदायी होगी। लोक निर्माण विभाग से सेवा-निवृत्त हुए श्री जी.वी. नवघरे पेंशनर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश भोपाल की छिन्दवाड़ा शाखा के अध्यक्ष हैं। वे कहते हैं कि श्री कमल नाथ सबको साथ लेकर चलने वाले मुख्यमंत्री हैं। वे सिर्फ काम पसंद करते हैं और काम करने वालों को प्रोत्साहित करते हैं। यह योजना उनकी समावेशी सोच को दर्शाती है। इससे सेवा-निवृत्त हुए एक बड़े वर्ग को लाभ मिलेगा। इसे योजना को वे 'अत्यंत व्यावहारिक योजना' बताते हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की पहल पर मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग 12 लाख 55 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इसमें सभी नियमित शासकीय कर्मचारी, सभी संविदा कर्मचारी, शिक्षक संवर्ग, सेवा-निवृत्त कर्मचारी, नगर सैनिक, आकस्मिक निधि से वेतन पाने वाले पूर्ण कालिक कर्मचारियों और राज्य की स्वशासी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना में बाहय रोगी ओपीडी के रूप में प्रतिवर्ष 10 हजार रूपये तक का नि:शुल्क उपचार मिलेगा अथवा नि:शुल्क दवाएं मिलेंगी। सामान्य उपचारों के लिए प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये और गंभीर उपचारों के लिए 10 लाख रूपये तक की नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी। एडवांस रोबोटिक सर्जरी से संभव है यूरोलॉजिकल कैंसर का इलाज ![]() 3 January 2020 जालंधर : प्रोस्टेट और किडनी की बीमारियों सहित यूरोलॉजिकल कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि, ये बीमारियां दुर्लभ होती हैं लेकिन वर्तमान में ये बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इन बीमारियों के लिए उपलब्ध एडवांस इलाज के बारे में चर्चा के लिए फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने आज एक इंट्रेक्टिव सेशन का आयोजन किया। इस सेशन में यूरिनरी के साइलेंट किलर कैंसरों के शुरुआती लक्षण, कारण, रोकथाम के तरीकों और निदान (डायग्नोसिस) के साथ उपलब्ध एडवांस ट्रीटमेंट के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, यूरोलॉजी ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी के हेड व निदेशक, डॉक्टर राजीव यादव ने बताया कि, “प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला एक आम कैंसर है, जो आमतौर पर 50 की उम्र के बाद नजर आता है। प्रोस्टेट से पीड़ित पुरुषों को पेशाब की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे पेशाब की धीमी गति, पेशाब के समय में गड़बड़ी, पेशाब के साथ खून आना आदि। समय पर निदान के साथ, प्रोस्टेट कैंसर का सफल इलाज संभव है। पीएसए जैसे सामान्य बल्ड टेस्ट की मदद से समय पर बीमारी का निदान किया जा सकता है। रोबोटिक और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में प्रगति के साथ, सर्जरी के बाद मरीज को अस्पताल से जल्द डिस्चार्ज कर दिया जाता है, मरीज जल्दी रिकवर करता है और न के बराबर दर्द का अनुभव करता है।” हमारी बदलती जीवनशैली, बढ़ता प्रदूषण, मोटापा, धूम्रपान इत्यादि कैंसर के बढ़ते मामलों के मुख्य कारणों में शामिल हैं। यूरोलॉजी कैंसर से बचाव के लिए जागरुकता और एडवांस इलाज एक मुख्य भूमिका निभाते हैं, जिससे शुरआत में ही बीमारी की पहचान की जा सकती है। कैंसर की मुश्किलों, लंबे इलाज और मंहगे इलाज से बचने के लिए बीमारी का शुरुआती निदान आवश्यक है। इन कैंसरों में शामिल किडनी का कैंसर भी आज के समय में आम हो गया है। प्रोस्टेट कैंसर से विपरीत, किडनी के कैंसर के कोई लक्षण नहीं नजर आ सकते हैं। केवल बाद के चरणों में मरीज की हड्डियों में दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेशाब में खून, भूख न लगना और बेवजह वजन कम होना आदि लक्षण नजर आ सकते हैं। किडनी के कैंसर के लिए सफल इलाज और सर्जरी के लिए इसकी पहचान शुरुआत में करना बहुत जरूरी है। डॉक्टर राजीव यादव ने आगे बताया कि, “नियमित हेल्थ चेकअप और अल्ट्रासाउंड की मदद से किडनी के कैंसर की पहचान शुरुआत में ही की जा सकती है। फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम किडनी के कैंसर के लिए सबसे एडवांस रोबोटिक पार्शियल नेफ्रेक्टॉमी सर्जरी का उपयोग करता है, जहां किडनी को बिना नुकसान पहुंचाए ट्यूमर को किडनी से अलग कर दिया जाता है। किडनी के ट्यूमर के लिए इस अनूठी रोबोटिक सर्जरी का यह फायदा है कि ट्यूमर को निकालते वक्त किडनी को जरा भी नुकसान नहीं पहुंचता है। इसलिए इस प्रक्रिया के साथ सर्जन केवल एक छोटे से चीरे की मदद से मरीज को पूरी तरह से ठीक कर सकता है, जिसमें खून न के बराबर बहता है और मरीज को अस्पताल से जल्द ही डिस्चार्ज भी कर दिया जाता है।” फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम रोबोटिक सर्जरी, एमआरआई फ्युजन बायोप्सी, 3टेस्ला एमआरआई आदि जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है। फोर्टिस के पास मेडिकल के विभिन्न क्षेत्रों में एक्सपर्ट टीम उपलब्ध है, जो हर मरीज को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करती है। प्रोस्टेट कैंसर की पहचान के लिए एडवांस तरीकों और एमआरआई-टीआरयूएस नाम की बायोप्सी का इस्तेमाल किया जाता है। शुरुआती चरण में निदान के बाद प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए रोबोटिक सर्जरी की जाती है। अपील सभी अभिभावकों/माता-पिता से ![]() 1 January 2020 कहते हैं कि बच्चे के जन्म से आठ साल तक जो वह सीख लेता है वह उसके अगले चालीस साल का जीवन तय कर देता है और जैसा व्यक्तित्व चालीस साल की उम्र तक बन जाता है वह औसतन साठ साल के जीवन को निर्धारित करने वाला होता है। जन्म के पहले से तैयारी से लेकर बचपन के शुरुआती दौर में क्या और कैसे तैयारी की जा सकती है इसके लिए पहली बार हम #मातृत्वऔरपरवरिश(#Mindful_Pregnancy_and_Parenting) विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन 8जनवरी 2020, स्वराज भवन सभागार, भोपाल में करने जा रहे हैं। जिसे करने के मुख्य रूप से निम्न उद्देश्य हैं- ¤ गर्भावस्था के बारे में खुलकर बातचीत करना। जिसमें वैदिक और आज के मिले-जुले विज्ञान सम्मत दृष्टिकोण से चर्चा कर समझ विकसित करना। ¤ माता -पिता की भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तैयारी। परिवार की जिम्मेदारियां। खान-पान से लेकर क्या करना, क्या नहीं और कैसे, इसपर चर्चा। ¤शिशु के जन्म से हज़ार दिनों की विशेष तैयारी। ¤बच्चों की शारीरिक/भावनात्मक/सामाजिक/मनोवैज्ञानिक समस्याओं को समझना और समाधान पर चर्चा। ¤ध्यान (सजगता) के अभ्यास से गर्भावस्था में आने वाली परेशानियों को कम करना साथ ही बच्चों में भी आत्मीय व्यवहार और बहुमुखी प्रतिभा के बीज रोपना। इस रूपरेखा के आधार पर कृपया अपने सुझाव और राय दीजिए। क्योंकि अब इन मुद्दों पर बातचीत करना आवश्यक हो गया है। इसलिए प्रार्थना है कि जो सहभागी/प्रतिभागी बनना चाहें वे लिखें - mindfulness.co@gmail. **कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों से प्रश्नोत्तर/चर्चा का स्वागत। (कृपया smiles भेजने के अलावा अपनी सहमति या सुझावों से अवगत कराएं साथ ही इस यज्ञ में सीधे तौर पर शामिल होने आएं) आरोन में बनेगा 100 बिस्तरीय अस्पताल : मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ![]() 9 December 2019 नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने गुना जिले के आरोन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आरोन में 100 बिस्तरीय अस्पताल बनाया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि अस्पताल के लिये एम्बुलेंस और वाटर कूलर विधायक निधि से देंगे और डायलिसिस मशीन सीएसआर फण्ड में गेल से दिलवाएंगे। शहर को धूल-मुक्त करने लगेंगे पेविंग ब्लॉक मंत्री श्री सिंह ने आरोन को धूल-मुक्त शहर बनाने के लिये सड़क के दोनों ओर पेविंग ब्लॉक लगाने के काम का शुभारंभ किया। पेविंग ब्लॉक के लिये 79 लाख 80 हजार रुपये स्वीकृत किये गए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 5 वर्षों में यहाँ 10 पार्कों का निर्माण करवाया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरोन की बीपीएल सूची में शामिल 200 परिवारों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा। श्री सिंह ने आरोन में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा भी की। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। शासकीय सेवकों के लिए लागू होगी स्वास्थ्य बीमा योजना : मंत्री डॉ. गोविंद सिंह 9 December 2019 सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने बताया है कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के निर्देशानुसार प्रदेश के समस्त सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना तैयार की गई है। योजना की औपचारिक स्वीकृति के बाद शीघ्र ही इसे लागू कर दिया जाएगा। डॉ. सिंह ने बताया कि योजना से लगभग 7.5 लाख सेवारत तथा लगभग 5 लाख सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों तथा उनके परिवारों को सामान्य रूप से 5 लाख रूपये तक तथा गंभीर बीमारियों में 10 लाख रुपये तक कैशलैस इलाज की सुविधा मिलेगी। मंत्री डॉ. सिंह ने बताया कि योजना में प्रत्येक सेवारत/सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को हेल्थ कार्ड जारी किया जाएगा, जिसके माध्यम से उन्हें चयनित नेटवर्क हॉस्पिटल्स में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी। क्रियान्वयन एजेंसी के माध्यम से बीमा कंपनी द्वारा सीधे अस्पताल को वास्तविक भुगतान किया जाएगा। एक्सीडेंट अथवा अन्य इमर्जेन्सी के केस में इम्पेनल्ड हॉस्पिटल्स के अलावा अन्य हॉस्पिटल में इलाज करवाने के लिए संबंधित सीएमओ से रैफर कराने का प्रावधान भी किया जा रहा है। डॉ. गोविंद सिंह ने बताया कि योजना में इलाज एवं ऑपरेशन के व्यय के अलावा 10 हजार रूपये तक ओ.पी.डी. व्यय देना भी प्रावधानित है। इसके अलावा, ऑपरेशन/इलाज के बाद चलने वाली दवाओं पर होने वाले खर्च तथा ब्लड प्रेशर एवं शुगर जैसी बीमारियों की दवाओं का खर्च भी दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। सामान्य प्रशासन मंत्री ने बताया कि विभिन्न निगम-मंडलों सहित संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को भी इस योजना का लाभ दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। बीमा की प्रीमियम राशि का निर्धारण सेवारत शासकीय सेवक के 'पे बैण्ड' के अनुसार तथा सेवानिवृत्त शासकीय सेवक की पेंशन राशि के अनुसार होगा। मासिक प्रीमियम अंशदान राशि न्यूनतम 250 रूपये और अधिकतम 1000 रूपये होगी, जो शासकीय सेवक के वेतन से कटेगी। विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रजापति और जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा ने भोपाल में किया संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ ![]() 7 December 2019 विधानसभा अध्यक्ष श्री एन.पी. प्रजापति और जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने आज प्रियदर्शनी नगर चार इमली भोपाल में संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ किया। झुग्गी बस्तियों खास कर ऐसी बसाहटों जो स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच से दूर हैं, उनके रहवासियों को अपने मोहल्ले में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ देने के लिए संजीवनी क्लीनिक शुरू की जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष श्री एन.पी. प्रजापति और जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ कर क्लीनिक में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण किया और प्रतीकात्मक रूप से खुद की जाँच भी कराई। आधुनिक तकनीक और स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस संजीवनी क्लीनिक में चिकित्सक से जाँच, लैब और दवाईयों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। क्लीनिक में पंजीयन के समय मरीज की पूरी जानकारी ऑनलाइन कम्प्यूटर टैब पर दर्ज की जाती है, जो दर्ज होने के बाद चिकित्सक के कम्प्यूटर टैब पर प्रदर्शित होने लगती है चिकित्सक मरीज की जाँच के दौरान इस जानकारी का उपयोग करता है। जाँच के बाद मरीज को परामर्श देता है। मरीज को लिखी गई दवाईयाँ क्लीनिक के स्टोर के टैब पर भी प्रदर्शित हो जाती है, जिससे मरीज डॉक्टर के द्वारा लिखी गई दवाईयाँ प्राप्त कर लेता है। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रजापति और जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने स्वयं पूरी ऑनलाइन प्रक्रिया की जानकारी ली। यह भोपाल का पहला पेपरलैस स्वास्थ्य केन्द्र है, जिसमें कागज और पेन की जगह कम्प्यूटर टैब का इस्तेमाल किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रजापति ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों और कमजोर वर्ग के रहवासियों को उनके घर के करीब स्वास्थ्य सुविधाएँ देने की यह अभिनव पहल है। उन्होंने बताया कि संजीवनी क्लीनिक में मौसमी बीमारियों की जांच और इलाज के अलावा बीपी, शुगर और कैंसर जैसी नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज की स्क्रीनिंग के साथ उपचार की सुविधा भी है। जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज का दिन ऐतिहासिक है। इंदौर में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ और भोपाल में विधानसभा अध्यक्ष श्री एनपी प्रजापति संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ कर रहे हैं। मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने बताया कि भोपाल में 28 संजीवनी क्लीनिक शुरू होंगे। इनमें वार्ड 46 के पार्षद श्री योगेन्द्र सिंह चौहान गुड्डू की सक्रियता से सबसे पहले प्रियदर्शनी नगर में क्लीनिक शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि संजीवनी क्लीनिक में 68 प्रकार की जाँचों की सुविधा होगी और 120 प्रकार की दवाएँ नि:शुल्क मिलेगी। मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि संजीवनी क्लीनिक में भविष्य में और अधिक सुविधाओं के विस्तार के साथ एडवांस उपचार सुविधा से भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले चरण में 208 संजीवनी क्लीनिक खोलने की प्रस्तावित योजना में से 88 क्लीनिक मार्च 2020 तक चालू कर दिए जाएँगे। इस अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री श्री राजकुमार पटेल, पूर्व महापौर श्रीमती विभा पटेल, पूर्व सभापति नगर निगम श्री कैलाश मिश्रा, प्रमुख सचिव स्वास्थ श्रीमती पल्लवी जैन गोविल, स्वास्थ्य आयुक्त श्री प्रतीक हजेला, पार्षद श्री योगेन्द्र सिंह गुड्डू चौहान, पार्षद श्रीमती संतोष कसाना, श्री अमित शर्मा, श्री अशीफ जकी, स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी और नागरिकगण मौजूद थे। दांत साफ होंगे तो शरीर भी स्वस्थ होगा : मंत्री डॉ. साधौ ![]() 7 December 2019 चिकित्सा शिक्षा, आयुष एवं सस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने खरगोन में तीन दिवसीय राज्य-स्तरीय दंत सम्मेलन में कहा कि दांत साफ होंगे तो शरीर भी स्वस्थ होगा। राज्य स्तरीय दंत सम्मेलन का यह पहला आयोजन खरगोन और रिमोट क्षेत्र में कार्य करने वाले डॉक्टरों को भी प्रोत्साहित करेगा। अब समय आ गया है कि बड़े शहरों के बजाय छोटे शहरों एवं गाँवों में सेवा देने वाले डॉक्टर नई-नई तकनीकों से अद्यतन रहें। डॉ. साधौ ने कहा कि प्रतिभाएँ हर जगह मौजूद हैं, जरूरत है सिर्फ उनको सही फ्लेटफार्म मिलने की। डॉ. प्रकाश दीक्षित ने मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का संदेश भी पढ़ा। निमाड़ के कई प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर दंत चिकित्सा पर आधारित पत्रिका का विमोचन भी किया गया। एड्स की रोकथाम के लिये जन-सामान्य का जागरूक होना जरूरी - प्रमुख सचिव डॉ. गोविल ![]() 1 December 2019 विश्व एड्स दिवस के मौके पर आज भोपाल में मध्यप्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा होटल पलाश में 'समुदाय लाते हैं बदलाव'' विषय पर हुई संगोष्ठी में एड्स नियंत्रण के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. पल्लवी जैन गोविल ने संगोष्ठी में कहा कि एड्स की रोकथाम के लिये जन-सामान्य का जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एड्स दिवस हमें अब तक किये गये कायों का मूल्यांकन करने और बेहतर आगामी योजना तैयार करने का अवसर देता है। उन्होंने कहा कि एचआईवी वायरस के बारे में युवाओं को जानकारी देना बेहद महत्वपूर्ण है। प्रमुख सचिव ने कहा कि इस बीमारी से ग्रस्त जिन लोगों तक हमारी पहुँच नहीं हो सकी है, समुदाय का सहयोग लेकर उनके लिए प्रभावी तरीके से काम किया जा सकता है। परियोजना संचालक डॉ. अरुणा गुप्ता ने प्रदेश में एड्स नियंत्रण के लिये किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। अपर परियोजना संचालक डॉ. राकेश मुंशी ने बताया कि समिति का प्रयास है कि एड्स नियंत्रण में स्वयंसेवी संगठनों की अधिक से अधिक मदद ली जाए। अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ ट्रांसजेंडर बोर्ड सुश्री विद्या राजपूत ने बताया कि छत्तीसगढ़ में ट्रांसजेंडर को संगठित करके एड्स की रोकथाम के लिये अच्छा काम किया गया है। वहाँ की राज्य सरकार ने ट्रांसजेंडरों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिये विशेष पहल की है। अध्यक्ष इण्डिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स सुश्री कुसुम नागर ने बताया कि एड्स की रोकथाम में सेक्स वर्कर्स को जागरूक करके लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सेक्स वर्कर्स को सरकारी योजनाओं से जोड़कर उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाया जा सकता है। हमसफर ट्रस्ट के श्री यशविंदर सिंह ने कहा कि वर्ष 2020 में एड्स विषय पर होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में मध्यप्रदेश में एड्स के क्षेत्र में किये गए कार्यों की सफलता की कहानियों को भेजा जाना चाहिए। नई दिल्ली के श्री आलोक मोहन अग्रवाल ने एड्स नियंत्रण के क्षेत्र में कम्युनिटी लीडर के योगदान के बारे में जानकारी दी। मध्यप्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा आज होटल पलाश से जागरूकता रैली निकाली गई। यह रैली रंगमहल, रोशनपुरा, बाणगंगा चौराहा होते हुए पलाश में सम्पन्न हुई। रैली में सामाजिक कार्यकर्ता, अशासकीय संगठनों के प्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक शामिल थे। कोटरा में विशेष चिकित्सा शिविर संपन्न ![]() 30 November 2019 अपैक्स बैंक ट्रेनिंग कॉलेज कोटरा में आज विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में लगभग 500 मरीजों को पंचकर्म, मर्म चिकित्सा एवं योग चिकित्सा संबंधी नि:शुल्क परामर्श एवं थैरेपी प्रदान की गई। शिविर के शुभारंभ अवसर पर सहकारिता आयुक्त श्री एम के अग्रवाल शिविर स्थल पर आए तथा विशेषज्ञ चिकित्सक से चिकित्सा परामर्श प्राप्त की। शिविर प्रात: 9 बजे प्रारंभ हुआ तथा सायं 6 बजे तक जारी रहा। शिविर के प्रति लोगों में विशेष उत्साह देखा गया। बड़ी संख्या में मरीजों ने शिविर में पंजीयन कराया। पंजीयन उपरांत मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ धर्मेंन्द्र रिछारिया तथा पंचकर्म एवं योग विशेषज्ञ डॉ. स्वर्णिमा रिछारिया ने मरीजों को चिकित्सा परामर्श दिया तथा आवश्यकता अनुसार थैरेपी भी दी। सहकारिता विभाग, राज्य सहकारी बैंक तथा सहकारी संस्थाओं के सेवायुक्तों एवं उनके परिजनों के लिए आयोजित इस विशेष चिकित्सा शिविर में रीढ़ की हड्डी से संबंधित रोग, कमर दर्द, स्लिप डिस्क, साइटिका, कंधे से संबंधित रोग, फ्रोजन शोल्डर, गर्दन से संबंधित रोग, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस आदि का इलाज मर्म चिकित्सा (टच थैरैपी) द्वारा किया गया। मंत्री डॉ. साधौ द्वारा पहली शासकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण ![]() 29 November 2019 चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने आज ग्वालियर में प्रदेश की पहलीशासकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण किया। प्रयोगशाला(डीटीएल)में संसाधनों एवं स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। प्रदेश की इस प्रयोगशाला में सभी आवश्यक यंत्र एवं उपकरण जैसे यू.बी., स्पेक्ट्रो फोटोमीटर, रिफरेक्ट्रो मीटर, मॉइश्चर बैंलेंस, सेमी-माइक्रोबैलेंस, पी.एच.मीटर, मफल फर्नेस, डिस्इंटीग्रेशन टेस्ट एप्रेटस, टी.एल.सी, एच.पी.टी.एल.सी.,वाटर वाथ, सोस्कलेट एप्रेटस, आदि उपलब्ध हैं। यहाँ ड्रग एण्ड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 एवं 1945 के अनुसार आयुर्वेदिक औषधियों के प्रोटोकाल के अन्तर्गत आने वाले औषधि परीक्षण किए जा सकेगें। प्रयोगशाला में आयुर्वेद की एकल एवं मिश्रित औषधि चूर्ण, क्वाथ, वटी, रस, भस्म, पिष्टी, लेप आदि का परीक्षण एवं विश्लेषण भारत सरकार द्वारा निर्धारित औषधि मानक के आधार पर किया जाएगा। औषधि परीक्षण द्वारा आयुर्वेदिक कच्ची औषधि एवं निर्मित औषधि की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इससे जनता को उच्च कोटी की गुणवत्तायुक्त औषधि प्राप्त हो सकेगी। गरीब बस्तियों में भी स्वास्थ्य शिविर लगाये रेडक्रॉस : मंत्री श्री शर्मा 14 November 2019 जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने आज बाल दिवस के अवसर पर रेडक्रॉस अस्पताल में स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि गरीब बस्तियों में भी रेडक्रॉस द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाये जाने चाहिये, जिससे गरीबों के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध हो सकें। मंत्री श्री शर्मा ने नेहरूजी का स्मरण करते हुए कहा कि वे बच्चों को देश का भविष्य मानते थे। बच्चे उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय थे। श्री शर्मा ने कहा कि नेहरूजी की भावना के अनुरूप बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। तभी देश का भविष्य स्वस्थ होगा। जनसम्पर्क मंत्री ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में रेडक्रॉस के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि रेडक्रॉस के चेयरमेन श्री आशुतोष पुरोहित के नेतृत्व में रेडक्रॉस स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई पहचान कायम करेगा। इस अवसर पर पार्षद श्री अमित शर्मा, रेडक्रॉस की प्रभारी जनरल सेक्रेटरी डॉ. प्रार्थना जोशी, प्रबंध समिति और कार्यकारिणी के सदस्य श्री एल.एल. शर्मा और प्रभारी अधीक्षक श्री मोहित सिक्का भी उपस्थित थे। स्वस्थ प्रदेश की परिकल्पना साकार करने सहभागिता जरूरी : मंत्री श्री वर्मा ![]() 14 November 2019 लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि स्वस्थ प्रदेश एवं स्वस्थ देश की परिकल्पना को साकार करने के लिये समाज के सभी वर्गों की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने पीड़ित मानवता की सेवा के इस कार्य में सभी वर्गों से सहभागिता का आग्रह किया। श्री वर्मा आज मण्डला में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर राहत-2 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम को विधायक श्री नारायण सिंह पट्टा ने भी संबोधित किया। मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि आदिवासी अंचल मण्डला में आयोजित किया गया यह नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर प्रदेश के लिये अनुकरणीय बन गया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि प्रदेश के अन्य अंचलों में भी इस तरह के शिविर आयोजित किये जाएंगे। शिविर में नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती पूर्णिमा शुक्ला और कमिश्नर जबलपुर श्री राजेश बहुगुणा भी मौजूद थे। कलेक्टर डॉ. जगदीश चन्द्र जटिया ने बताया कि शिविर को सफल बनाने में समाजसेवी, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ, एनसीसी, स्काउट-गाइड और एनएसएस के छात्रों का सराहनीय सहयोग मिला। शिविर में हुए 2163 ऑपरेशन नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर में मण्डला जिले के आसपास के क्षेत्रों के मरीज भी पहुँचे। शिविर में उपचार के लिये 59 हजार 70 मरीजों का पंजीयन किया गया और 2163 ऑपरेशन किये गये। गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को उपचार के लिये बस द्वारा जबलपुर, इंदौर और भोपाल भेजने की व्यवस्था की गई। नेत्र, दंत, स्त्री रोग और अस्थि रोग के मरीजों का उपचार किया गया। शिविर में सम्पूर्ण चिकित्सा के दौरान रक्तदान की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। इसके लिये रक्तदान की व्यवस्था की गई थी। बड़ी संख्या में लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। रक्तदानकर्ताओं में जन-प्रतिनिधि भी शामिल थे। नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर के दौरान 323 यूनिट रक्तदान किया गया। स्वच्छता के प्रति जागरूक रहकर डेंगू की रोकथाम में सहयोग करें नागरिक ![]() 14 November 2019 लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने आज भोपाल शहर के डेंगू प्रभावित भेल क्षेत्र के साकेत नगर का दौरा किया। उन्होंने नागरिकों से घर एवं कॉलोनी में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए डेंगू और मलेरिया की रोकथाम में सहयोग करने का आग्रह किया। श्री सिलावट ने कलेक्टर श्री तरुण पिथोड़े और नगर निगम आयुक्त श्री बी. विजय दत्ता के साथ करीब 2 घंटे प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। मंत्री श्री सिलावट ने डेंगू प्रभावित क्षेत्र में मकानों की पानी की टंकियों का निरीक्षण किया और रहवासियों को टंकियों को ढंकने की समझाइश दी। उन्होंने बताया कि एडीज़ मच्छर डेंगू की बीमारी फैलाते हैं। ये मच्छर रुके और साफ पानी में पैदा होते हैं। उन्होंने नागरिकों को डेंगू और मलेरिया बीमारी से बचाव के ब्रोशर वितरित किये। श्री सिलावट ने बताया कि भोपाल के 5 सरकारी अस्पतालों एम्स, बीएमएचआरसी, गाँधी मेडिकल कॉलेज, सिविल अस्पताल, बैरागढ़ और जे.पी. अस्पताल में डेंगू और चिकुनगुनिया की एलाईजा आधारित जाँच की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। उन्होंने नागरिकों से सफाई व्यवस्था और फॉगिंग मशीन की सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। श्री सिलावट डेंगू प्रभावित मरीजों से भी मिले और उपचार व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की। जागरूकता अभियान पर जोर मंत्री श्री सिलावट ने नागरिकों को बताया कि डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिये स्वयंसेवी संगठनों की मदद से भोपाल शहर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने अभियान में नागरिकों की भागीदारी की आवश्यकता बताई। श्री सिलावट ने नगर निगम अमले को कॉलोनियों में खाली पड़े प्लाटों के मालिकों को नोटिस जारी करने और आर्थिक दण्ड की कार्रवाई करने के निर्देश दिये। श्री सिलावट ने बताया कि भोपाल में डेंगू नियंत्रण के लिये 85 वार्डों को 19 जोन में बाँटा गया है। इनमें से 14 जोन डेंगू से अधिक प्रभावित क्षेत्र हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने इन क्षेत्रों में फॉगिंग मशीन की गतिविधियों को तेज करने के निर्देश दिये। स्वस्थ जीवन के लिये खेलकूद को प्राथमिकता दे युवा वर्ग : मंत्री श्री हर्ष यादव 14 November 2019 कुटीर एवं ग्रामोद्योग तथा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हर्ष यादव ने बुधवार को अपने प्रभार के विदिशा जिले की शमशाबाद तहसील में 65वीं राष्ट्रीय शालेय व्हॉलीबाल प्रतियोगिता का शुभांरभ करते हुए युवाओं से कहा कि स्वस्थ जीवन के लिये खेलकूद को प्राथमिकता दें। साथ ही, खेल प्रतियोगिताओं में अपने हुनर का श्रेष्ठ प्रदर्शन भी सुनिश्चित करें। श्री यादव ने इस मौके पर लोगों को राज्य सरकार द्वारा खेलों और खिलाड़ियों के विकास के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। शमशाबाद में 65वीं राष्ट्रीय शालेय व्हॉलीबाल प्रतियोगिता 17 नवम्बर तक आयोजित की जाएगी। प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों की 31 टीमें भाग ले रही हैं। विधायक श्री शशांक भार्गव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए जन-जागरुकता अभियान चलाया जाए :मंत्री श्री सिलावट ![]() 13 November 2019 लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने भोपाल में डेंगू और मलेरिया की रोकथाम तथा इससे बचाव के लिए किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए जन-जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। श्री सिलावट ने भोपाल के डेंगू और मलेरिया से प्रभावित 22 क्षेत्रों में डोर-टू-डोर सर्वे कार्य में तेजी लाने के लिये कहा है। मंत्री श्री सिलावट ने निर्देश दिये कि जन-जागरूकता अभियान के अन्तर्गत शहर के मुख्य स्थानों पर बैनर और पोस्टर लगाए जाएं, टॉकीजों में डेंगू फिल्म का प्रदर्शन कराया जाए। प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू जांच एवं उपचार के लिए मरीजों से अधिक राशि लेने की शिकायतों पर सख्त कार्रवाही की जाए। श्री सिलावट ने भोपाल के जे.पी. अस्पताल में एलाईजा टेस्ट की क्षमता को और अधिक बढ़ाने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री तरूण पिथोड़े ने समीक्षा के दौरान बताया कि भोपाल में डेंगू नियंत्रण के लिए 85 वार्डो को 19 जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जोन के लिए एक नियंत्रण दल का गठन किया गया है, जिसमें 10 से 12 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इन दलों द्वारा प्रतिदिन अपने-अपने क्षेत्र मे नियमित रूप से लार्वा नियंत्रण और फॉगिंग मशीन से धुएं का छिड़काव किया जा रहा है। भोपाल नगर निगम आयुक्त श्री बी. विजय दत्ता ने बताया कि भोपाल में अब तक 1134 खाली पड़े भूखण्डों के मालिकों को नोटिस जारी किया गया है। करीब डेढ़ लाख रूपये का स्पॉट फाईन किया गया है। नगर निगम द्वारा 33 फॉगिंग मशीनों का उपयोग नियमित रूप से किया जा रहा है। नियंत्रण दलों द्वारा 4 लाख 30 हजार से अधिक घरों में लार्वा का सर्वे किया जा चुका है, जिसमें करीब 30 हजार घरों में लार्वा पाया गया है, जिन्हें नष्ट करने की कार्यवाही की गई है। बैठक में बताया गया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्रदेश में डेंगू प्रकरणों में कमी देखी गई है। पिछले वर्ष 2018 में प्रदेश में 4,997 प्रकरण दर्ज किये गये थे। इस वर्ष 2019 में 12 नवम्बर तक 2,915 प्रकरण सामने आये हैं। भोपाल जिले में डेंगू के 1384 प्रकरण प्रकाश में आये हैं। भोपाल के 5 सरकारी अस्पतालों एम्स, बी.एम.एच.आर.सी., गांधी मेडिकल कॉलेज, सिविल अस्पताल बैरागढ़ और जे.पी. अस्पताल में डेंगू और चिकुनगुनिया की एलाईजा आधारित जांच की निःशुल्क व्यवस्था की गई है। राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हिमांशु जायसवाल ने बताया कि वर्ष 2019 में प्रदेश में डेंगू से मृत्यु के 2 प्रकरण (एक जिला इन्दौर और एक जिला भोपाल) दर्ज किए गए हैं। डेंगू प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे मंत्री श्री सिलावट मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट 14 नवम्बर को भोपाल के डेंगू प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे। वे इस दौरान जनसामान्य से मुलाकात कर डेंगू की रोकथाम एवं बचाव के लिये किये जा रहे कार्यो की जानकारी लेंगे। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ करेंगे "राइट टू हेल्थ कॉन्क्लेव का शुभारंभ ![]() 31 October 2019 प्रदेश के 64वें स्थापना दिवस पर एक भोपाल के मिन्टो हॉल में 'राइट टू हेल्थ कॉन्क्लेव'' आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ एक नवम्बर को सुबह 11 बजे कॉन्क्लेव का शुभारंभ करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता करेंगे। कॉन्क्लेव में विभिन्न सत्रों में स्वास्थ्य से जुड़े लगभग सभी मुद्दों पर विषय-विशेषज्ञ विचार-मंथन करेंगे। शुभारंभ सत्र के बाद दोपहर 12.30 बजे से प्रथम सत्र में 'आध्यात्म एवं स्वास्थ्य'' विषय पर श्रीमती जया राव अपने विचार रखेंगी। इस सत्र में भौतिक स्वास्थ्य की सीमाओं से परे एक समग्र स्वास्थ्य की अवधारणा पर चर्चा होगी, जिसमें व्यक्ति के स्वयं के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिये उसके अधिकार और दायित्वों पर विचार-विमर्श होगा। दोपहर 2 बजे से आयोजित दूसरे सत्र में स्वास्थ्य के अधिकार के लिये विधायी एवं नीति तंत्र विषय पर विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे। तीसरे सत्र में दोपहर 3.15 बजे से 'समग्र अभिव्यक्ति और समग्र स्वास्थ्य'' विषय पर विचार-विमर्श होगा। चौथे एवं अंतिम सत्र में शाम 4.45 बजे से 'सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य संस्थानों के लिये वैकल्पिक वित्तीय मॉडल'' विषय पर विचार-विमर्श होगा। कॉन्क्लेव के पहले दिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे। कॉन्क्लेव श्रीमती हेलिना एन. कुर्ग, एडवाइजर यूएनएड्स, डॉ. इन्दु भूषण, सीईओ नेशनल हेल्थ एजेंसी, डॉ. वी.के. पॉल, एडवाइजर नीति आयोग, श्रीमती संगीता रेड्डी, सीएमडी अपोलो हॉस्पिटल, राज्यसभा सदस्य श्री विवेक तन्खा, लेखक एवं अर्थशास्त्री श्री हर्ष मंदर, रेमन मेग्सेसे अवार्डी श्री भारत वतवानी और कुलपति माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय श्री दीपक तिवारी शामिल होंगे। 'राइट टू हेल्थ' कॉन्क्लेव में नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट, इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एण्ड इंजीनियरिंग रिसर्च, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च ऑन इन्वायरनमेंटल हेल्थ के प्रतिनिधि सहभागिता कर रहे हैं। राज्य सरकार 'स्वास्थ्य का अधिकार'' कानून बनाकर नागरिकों के अधिकारों की एक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये कटिबद्ध है। इसे पूरा करने के लिये कॉन्क्लेव में व्यापक रूप से विचार-विमर्श कर उपयुक्त ड्रॉफ्ट तैयार किया जायेगा। स्वास्थ्य केन्द्रों को "मध्यप्रदेश आरोग्यम्" के रूप में विकसित करने की कार्य-योजना ![]() 29 October 2019 प्रदेश में नागरिकों को उनके निवास के समीप ही बेहतर एवं व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को "मध्यप्रदेश आरोग्यम्" के रूप में विकसित किया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इन स्वास्थ्य केन्द्रों में वर्तमान में प्रदाय की जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाया जाएगा। इसके साथ ही, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज तथा कैंसर जैसी बीमारियों की समय-पूर्व पहचान, नियंत्रण एवं उपचार भी इन संस्थाओं में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिये इन केन्द्रों पर सभी आवश्यक मानव संसाधनों की उपलब्धता के साथ प्रयोगशाला संबंधी सभी आवश्यक जाँच की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में वर्ष 2019-20 में 26 जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और 1015 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को आरोग्यम् के रूप में विकसित करने की कार्य-योजना बनाई जा रही है। आरोग्यम् प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जन-समुदायों को 11 स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इनमें गर्भावस्था में देखभाल एवं प्रसव, नवजात शिशु की देखभाल, बाल्य एवं किशोर स्वास्थ्य तथा परिवार नियोजन सेवाएँ, संक्रामक रोगों का इलाज एवं सामान्य बीमारियों के लिये ओ.पी.डी. सेवाएँ, गंभीर रोगों की स्क्रीनिंग और रोकथाम, आँख तथा कान से संबंधित सेवाएँ, बेसिक ओरल हेल्थ केयर, वृद्धावस्था में देखभाल, आपातकालीन मेडिकल सेवाएँ और मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में जाँच एवं मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएँ प्रमुख हैं। मध्यप्रदेश आरोग्यम् केन्द्रों में योग संबंधी गतिविधियाँ भी नियमित रूप से संचालित की जाएंगी। राइट टू हेल्थ कॉन्क्लेव में स्वास्थ्य से जुड़े सभी मुद्दों पर होगा विचार-मंथन ![]() 28 October 2019 मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस एक नवम्बर को भोपाल के मिन्टो हॉल में दो दिवसीय राइट टू हेल्थ कॉन्क्लेव का शुभारंभ होगा। कॉन्क्लेव में स्वास्थ्य एवं समाज सेवा से जुड़े देश-भर के विषय-विशेषज्ञ विभिन्न सत्रों में स्वास्थ्य से जुडे़ सभी मुद्दों पर विचार-मंथन करेंगे। कॉन्क्लेव में एक नवम्बर को सुबह 11 बजे उदघाटन सत्र होगा। इसके बाद स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर समांतर सत्र आयोजित होंगे। पहला सत्र दोपहर 12.30 बजे से शुरू होगा। इसका विषय 'आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य' होगा। दूसरा सत्र दोपहर 2 बजे से दोपहर 3.15 बजे तक चलेगा। इसमें स्वास्थ्य के अधिकार के लिये 'विधायी एवं नीतिगत तंत्र' विषय पर विशेषज्ञ विचार-विमर्श करेंगे। कॉन्क्लेव में सामांतर रूप से दोपहर 2 बजे से शाम 5.30 बजे तक समग्र स्वास्थ्य वितरण ढाँचे को विकसित करने के लिये अनुसंधान और एकेडमिक दृष्टिकोंण पर तकनीकी विशेषज्ञ प्रस्तुतिकरण देंगे। तीसरा सत्र दोपहर 3.30 मिनिट से शुरू होकर शाम 4.45 तक चलेगा। इसमें 'समग्र अभिव्यक्ति और समग्र स्वास्थ्य' पर विचार-विमर्श होगा। समांतर रूप से दोपहर 3.30 से शाम 4.45 बजे तक सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य संस्थानों के लिये वैकल्पिक वित्तीय मॉडलिंग पर विचार-विमर्श होगा। कॉन्क्लेव के पहले दिन का अंतिम सत्र शाम 5 बजे से 6.15 बजे तक चलेगा। इसमें जन-समुदाय के स्वास्थ्य के लिये निवेश पर चर्चा होगी। कॉन्क्लेव के पहले दिन शाम 7.15 से सांस्कृतिक आयोजन होंगे। कॉन्क्लेव के दूसरे दिन भी समांतर सत्रों में विषय-विशेषज्ञों के बीच विचार-विमर्श होगा। पहला सत्र सुबह 9.30 से 10.45 बजे तक होगा। इसमें स्वास्थ्य के अधिकार को क्रियान्वित करने में जन-सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय सरकारी निकायों की भूमिका पर चर्चा होगी। इसके साथ ही प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र की सक्रिय भागीदारी और चिकित्सकीय आपूर्ति की उपलब्धता के लिये आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन पर पुनर्विचार पर चर्चा होगी। इसी समय अन्य सत्र में आधुनिक युग में स्वास्थ्य संबंधी उभरती चुनौतियाँ और स्वास्थ्य के अधिकार के क्रियान्वयन में मीडिया की भूमिका पर चर्चा होगी। कॉन्क्लेव के दूसरे दिन अन्य सत्र सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक होंगे। इसमें विषय-विशेषज्ञ 'स्वास्थ्य के अधिकार की दिशा में प्रतिबद्धता' की समीक्षा करेंगे। कॉन्क्लेव का समापन सत्र दोपहर 12.45 बजे से होगा। स्वस्थ शरीर के लिये संतुलित पोषण आहार जरूरी : स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट ![]() 23 September 2019 अंतर्राष्ट्रीय क्लीनिकल न्यूट्रीशन सम्मेलन में विशेषज्ञों द्वारा बताये गये उपायों के व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत है। सम्मेलन के निष्कर्षों को विभिन्न भाषाओं में व्यापक रूप से प्रचारित-प्रसारित करने की जरूरत है। श्री सिलावट आज इंदौर में 11वीं अपोलो इंटरनेशनल क्लीनिकल न्यूट्रीशन अपडेट कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित कर रहे थे। कान्फ्रेन्स में दुबई, यूएसए, यूके, मलेशिया सहित 10 देशों और नई दिल्ली, बैंगलुरू, कोलकाता, मुंबई, चैन्नई के विशेषज्ञों ने लगभग 75 रिसर्च पेपर पढ़े। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि हम सभी को यह पता है कि स्वस्थ शरीर के लिये संतुलित पोषण आहार जरूरी है। फास्ट फूड की दुनिया में संतुलित आहार को लोग भूल गये हैं। इसके लिये लोगों में जागरूकता जरूरी है। आज जैविक खेती की महती आवश्यकता है। हमें आधुनिक कृषि और खाद प्रणाली को पोषण की दृष्टि से संवेदनशील और जनोपयोगी बनाना जरूरी है। कान्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्री ने मिलावट के खिलाफ मुहिम जारी रखने की अपील की। उन्होंने उपस्थित अतिथियों और श्रोताओं को शुद्ध आहार खाने, शुद्ध आहार खरीदने और शुद्ध आहार के लिये काम करने की शपथ दिलायी। स्वास्थ्य मंत्री ने किया रातीबड़ में निरोगी काया अभियान का शुभारंभ ![]() 21 September 2019 स्वास्थ्य मंत्री श्री तुलसी राम सिलावट ने हेल्थ एण्ड वेलनेस के तहत् असंचारी रोगों की स्क्रीनिंग के लिये "निरोगी काया" अभियान का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रातीबड़ में शुभारंभ किया। इस मौके पर मिशन संचालक एन.एच.एम. श्रीमति छवि भारद्वाज भी उपस्थित थी। मंत्री श्री सिलावट ने अभियान को असंचारी रोगों जैसे कैंसर, डायबिटीज, हाईपरटेंशन की जानकारी, बचाव और उपचार के लिये मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि ये बीमारियाँ न केवल घातक होती हैं वरन् इन बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों की कार्य-क्षमता भी प्रभावित होती है। इसलिये जरूरी है कि जल्द से जल्द इन बीमारियों की पहचान कर समुचित उपचार लिया जाए। हेल्थ एण्ड वेलनेस कार्यक्रम में उप और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में असंचारी रोगों की जाँच और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। खान-पान और योग संबंधी जीवन-शैली पर परामर्श की सुविधा भी दी जा रही है। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों का सर्वे किया जा रहा है। इसकी स्क्रीनिंग ए.एन.एम. द्वारा आज से प्रारंभ कर दी गई है। समस्त मरीज, जो असंचारी रोगों के संभावित पीड़ित होंगे, का प्रत्येक बुधवार को एन.सी.डी. क्लीनिक में उपचार किया जायेगा। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि बीमारियों की प्रमुख वजह खान-पान है। शासन द्वारा मिलावट रहित शुद्ध खान-पान के लिये निरंतर समुचित कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस अभियान में अपनी सहभागिता दिखाएँ और सर्वे के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्नों का सही उत्तर दें। बीमारियों को छुपायें नहीं बल्कि उनकी जानकारी स्वास्थ्य कर्मियों को दें, जिससे सही समय पर बीमारियों का चिन्हांकन कर उनका इलाज शुरू किया जा सके। हमीदिया चिकित्सालय में हुई जटिल हृदय शल्य चिकित्सा ![]() 20 September 2019 शासकीय हमीदिया चिकित्सालय के चिकित्सकों ने एक अति गंभीर मामले में तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी कर बड़ी सफलता हासिल की है। अस्पताल में कल श्री शंभू प्रसाद तिवारी को 100 प्रतिशत आर्टरी ब्लॉकेज और 80 से 90 प्रतिशत सभी मुख्य नसों के ब्लॉकेज के साथ रीवा से भोपाल रिफर किया गया था। श्री तिवारी की नाजुक हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी का निर्णय लिया। श्री तिवारी का स्वास्थ्य अब बेहतर हो रहा है। गाँधी चिकित्सालय महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. अरूणा कुमार ने कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज के मरीज का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक करने पर कॉर्डियोथोरेसिक टीम के डॉ. आर.पी. कौशल, डॉ. प्रवीण शर्मा, डॉ. सागर, डॉ. विनय केलकर, श्री जैन और ऑपरेशन में शामिल स्टाफ को बधाई दी है। बारिश के मौसम में वायरल फीवर से बचाव के आयुर्वेदिक उपाय ![]() 19 September 2019 बारिश के मौसम में वायरस, बैक्टीरिया, फंगस आदि से वायरल फीवर, पीलिया, फूड पॉयजिनिंग, मलेरिया, डेंगू, दस्त आदि रोगों की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। इनमें वायरल फीवर की प्रबलता काफी हो जाती है। पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने बताया है कि बुखार आने पर नियमित चार्टिंग करें। गिलोय (गुडूची) धनवटी का उपयोग करें। गला खराब होने पर मूलेठी चूसें। महासुदर्शन, चिरायता के काढ़े का सेवन करें। इन उपायों से दो-तीन दिन में मरीज को आराम मिल जाता है। डॉ. शुक्ला ने कहा कि इसके बाद भी यदि तेज बुखार बना रहता है, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में आवश्यक जाँचें करवायें। डॉ. उमेश शुक्ला ने जानकारी दी कि एहतिहात के तौर पर मरीज को पूरा आराम करना चाहिये। उन्होंने बताया कि पानी उबालकर पियें। संक्रमण ग्रस्त व्यक्ति को अलग कमरे में रखें क्योंकि उसके छींकने, थूकने और खाँसने से वातावरण में संक्रमण फैलता है। गीले कपड़े न पहनें। बारिश में न भीगें, नम वातावरण से बचें। ताजा खाना खायें और बाहर के खाने से परहेज करें। घर के आसपास, कूलर, गमलों आदि में पानी भरा न रहने दें क्योंकि यह मच्छरों का प्रजनन काल है। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। दिन में पूरी बाँह के कपड़े पहनें। संक्रमित लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें। हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देने के प्रावधान होंगे राईट टू हेल्थ में : मंत्री श्री सिलावट ![]() 30 August 2019 लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि राईट टू हेल्थ के माध्यम से प्रदेश के हर नागरिक को बेहतर से बेहतर सुविधाएँ दी जायेंगी। उन्होंने कहा कि राईट टू हेल्थ में ऐसे 42 रोगों पर खास फोकस किया जायेगा जिनसे औसतन कुल अस्वस्थ होने वालों का 95 प्रतिशत होता है। मंत्री श्री सिलावट आज कांफ्रेंस ऑन राईटस् बेस्ड एप्रोच टू हेल्थ को संबोधित कर रहे थे। मंत्री श्री सिलावट ने कांफ्रेंस में विशेषज्ञों, चिकित्सकों और स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधियों से कहा कि स्वस्थ प्रदेश बनाना हम सबकी जवाबदारी है। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति और आत्म-विश्वास से हम ऐसा कर पायेंगे। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि राईट टू हेल्थ योजना में हर आदमी को स्वास्थ्य सुविधा से जोड़ने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि खान-पान आदि का भी स्वास्थ्य से गहरा नाता है। पिछले तीन वर्षों में कैंसर, किडनी और हृदय रोग संबंधी बीमारियों की वृद्धि में मिलावटी खाद्य पदार्थ भी शामिल है। मंत्री श्री सिलावट ने कांफ्रेंस में स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधियों, चिकित्सा विशेषज्ञों, विधि विशेषज्ञों और चिकित्सकों से टेबिल टू टेबिल परिचय प्राप्त कर चर्चा की। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल, आयुक्त श्री नीतेश व्यास और संचालक डॉ. जे.विजय कुमार कांफ्रेंस में उपस्थित थे। गुणवत्ता के साथ स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीणेां तक पहुंचाने में अग्रिम नवाचारों की शुरुआत: विश ![]() 21 August 2019 राजस्थान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो को सुद्वढ़ करने व इसकी सुविधाअेंा का लाभ ग्रामीणेां तक पहुंचाने के लिए सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक मॉडल पायलेट परियोजना की शुरुआत विश फांउडेशन के साथ मिलकर वर्ष 2015 में शुरु की थी। इस भागीदारी का ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर सकारात्मक असर देखा गया है। यह जानकारी राज्य के निदेशक कपिल जुत्शी ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में दी। श्री जुत्शी ने बताया कि 2014 के अंत में एलईएचएस। विश ने राज्य सरकार के साथ बातचीत शुरू की और पब्लिक प्राइवेट भागीदारी के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रदर्शन में सुधार का प्रस्ताव रखा। विश फाउंडेशन ने वर्ष 2015 में 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (और संबद्ध 153 उप केन्द्रों ) का प्रबंधन राज्य सरकार से अपने हाथों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत लिया। विश फांउडेशन ने न केवल इन पीएचसी के प्रबंधन का अधिग्रहण किया है, बल्कि निदान और गुणवत्ता के साथ स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीणेां तक पहुंचाने में अग्रिम नवाचारों की भी शुरुआत की। राज्य सरकार ने पीएचसी के प्रदर्शन में सकारात्मक बदलावों को देखते हुए 2016 में ग्रामीण क्षेत्रों और 2017 में शहरी क्षेत्र की पीएचसी को पीपीपी मोड के तहत इच्छुक गैर सरकारी संगठनों से इस तरह के अनुरोध के लिए प्रस्ताव (आरएफपी) आमंत्रित करके उन्हें सौंपा। वर्तमान में एलईएचएस /विश राज्य के 14 जिलों में 31 (24 ग्रामीण और 7 शहरी) पीएचसी में काम कर रहा है। स्वास्थ्य केंद्रो पर आया सुधार उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंर्तगत डाटा प्रबंधन पोर्टल के आंकडों के अनुसार विश द्वारा प्रबंधन द्वारा संचातिल स्वस्थ्य केंद्रो में दी गई सेवाअेंा में प्रबल सुधार आया है। जैसे कि मासिक ओपीडी में 2014 के अनुपात में 2018 में दुगनी वृद्वि (वर्ष 2014 में 27164 व 2018 में 40953) दर्ज की गई। स्वास्थ्य केंद्रो पर प्रसव पूर्व जांच (अर्ली एएनसी जांच) में 23 प्रतिशत (वर्ष 2014 में 222 व 2018 में 273) की बढ़ेातरी दर्ज की गई है। इसी तरह से पूर्ण टीकाकरण में 20 प्रतिशत (वर्ष 2014 में 224 व 2018 में 269) व आईपीडी /डे केयर में 453 प्रतिशत (वर्ष 2014 में 208 व 2018 में 1151) की बढ़ेातरी दर्ज की गई। यही नहीं, विश फाउंडेशन द्वारा संचातिल स्वास्थ्य केंद्रो से समुदाय के लोग भी संतुष्ट है। यह बदलाव आधुनितक तकनीक की प्रणाली के समायेाजन, सहायक प्रवेक्षण एंव कार्यकर्ताअेां की अटूट लग्न से सभंव हो पाया है। पीएचसी पर 37 शारीरिक जांच श्री जुत्शी ने बताया कि फाउंडेशन अपनी तकनीकी नवाचार के लिए जाना जाता है, जिसमें राज्य में मेाबाइल पैथ लैब की शुरुआत भी शामिल है। इस पैथ लैब में विभिन्न तरह के 37 परीक्षण किया जाता है। जबकि राज्य सरकार की निःशुल्क जांच येाजना में 15 परीक्षण ही किये जाते है। इस नवाचार से लोगों के समय व धन की बचत हेाती है और बीमारियों को भी जल्द पहचानने में सहायता मिलती है। इसके साथ संस्था द्वारा डिजिटल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को भी बढ़ावा दे रही है जिसमें टेलिमेडिसिन, दवा एटीएम, मोबाइल इसीजी, प्रसव जानकारी यंत्र, एंव बच्चों में श्रवण संबधी बीमारियों को पता लगाने के यंत्र इत्यादि शामिल हैं। उन्होने बताया कि संस्था द्वारा पीपीपी मोड पर लिए गए स्वास्थ्य केंद्रेां (सिरसला, लेासना बड़ा) को सरकार को वापिस सैांप रहा है। इस परिवर्तन को जारी रखने के लिए संस्था राज्य सरकार को तकनीकी सहायता देने को तैयार है। जिसके लिए संस्था द्वारा राज्य तकनीकी सहायता इकाई (टीएसयू) का गठन कर लिया गया है। विश फाउंडेशन के आपरेशन हैड अमोल राय ने बताय कि संस्था द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्रों पर जयपुर बैठे विशेषज्ञों की सेवांए टेलीमेडिसिन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। विशेषज्ञों द्वारा मिल रही इस सुविधा से ग्रामीण लाभांवित हो रहे है। इस अवसर पर विश फाउंडेशन के जिला समन्वयक रवि दाधीच ने चुरु जिले में चल रही स्वास्थ्य येाजना की जानकारी दी। राज्य स्तरीय विश्व अंगदान दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगी मंत्री डॉ.साधौ ![]() 8 August 2019 चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस पर भोपाल में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगी। आम जनता को अंगदान की महत्ता से परिचित कराने का यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे रविन्द्र भवन में होगा। प्रतिवर्ष देश में हजारों लोगों की मृत्यु अंग फेल्योर होने के कारण होती है। विश्व अंगदान दिवस मनाने का उद्देश्य आम लोगों में अंगदान के प्रति जागरूक बनाना है। समय पर अंग प्रत्यारोपण होने से मानव जीवन सुरक्षित हो जाता है। प्रदेश की पहली वायरोलॉजी लैब शुरू ![]() 30 January 2019 देश में स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों के मद्देनजर भोपाल के गांधी मेडीकल कॉलेज में राज्य स्तरीय वायरोलॉजी लैब शुरू कर दी गई है। लैब की स्थापना में लगभग 23 करोड़ की राशि व्यय की गई है। इसके पहले दिल्ली की वायरोलॉजी लैब और हाल ही में एम्स भोपाल की लैब में ये परीक्षण करवाये जाते थे। दिल्ली से रिपोर्ट आने में समय भी लगता था। स्वाइन फ्लू के सर्वाधिक मामले पड़ोसी राज्य राजस्थान में सामने आ रहे है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि यह प्रयोगशाला प्रदेश की क्षेत्रीय स्तर पर सबसे बड़ी प्रयोगशाला है। इसके बाद वायरोलॉजी लैब प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में भी स्थापित की जाएगी। लैब में हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस सी, हेपे टाइटिस ई, डेगू, चिकिनगुनिया, हरपिस सिंप्लेक्स वायरस, रूबेला, टेक्सोप्लाज्मा, रूटावयरस आदि वायरस की पहचान अब राज्य स्तर पर ही हो सकेगी। मरीजों के ब्लड सैपल्स जाँच के लिये बाहर नहीं भेजने पड़ेंगे। इससे खर्च में कमी के साथ-साथ मरीजों को जल्द ही उचित उपचार मिल सकेगा। श्री शुक्ला ने बताया कि दूसरे चरण में ग्वालियर, इंदौर, रीवा और सागर के मेडीकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब की स्थापना की जायेगी। लैब से स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को अत्याधुनिक वायरस जाँच का प्रशिक्षण भी मिल सकेगा और नये वायरस से संबंधित राज्य स्तरीय डाटाबेस भी तैयार किया जा सकेगा। जीका वायरस की रोकथाम के सभी ऐहतियाती कदम उठाये ![]() 13 November 2018 प्रदेश के कुछ शहरों में जीका वायरस का प्रभाव होने संबंधी सूचनाओं को ध्यान में रखते हुए जिलों में रोकथाम के पर्याप्त ऐहतियाती उपाय किये गये हैं। जिलों में चिकित्सकों के निर्देशन में सर्वेक्षण दलों का गठन किया गया है और प्रारंभिक लक्षणों वाले व्यक्तियों के खून और पेशाब की जाँच की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने निवास पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाकर जीका वायरस को रोकने के लिये सभी उपाय करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने विभागीय तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की और उठाये गये कदमों पर संतोष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने जीका वायरस के रोकथाम की कार्य-योजना के क्रियान्वयन की तैयारियों को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि जीका वायरस से प्रदेश में अभी तक एक भी मृत्यु नहीं होना पाया गया है। जानकारी दी गयी कि जीका एक सामान्य वायरस है, इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। सभी जिलों में सामान्य बुखार आने पर भी जाँच की व्यवस्था की गई है। गर्भवती महिलाओं की जाँच के विशेष इंतजाम किये गये हैं। मच्छरों से बचाने के लिये नगर निगम के सहयोग से फागिंग मशीन का उपयोग किया जा रहा है। लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिये सभी कदम उठाये जा रहे हैं। भोपाल, विदिशा और सीहोर शहरों में विशेष उपाय किये गये हैं। लोगों को मच्छरों से बचाव के उपाय करने के लिये प्रेरित भी किया जा रहा है। साथ ही जिला अस्पतालों में वायरस की जाँच के लिये लैब की सुविधा को और ज्यादा सुदृढ़ बनाया गया है ताकि संभावित प्रकरणों की जल्दी जाँच हो। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने जीका वायरस रोग से बचाव संबंधित रोकथाम एवं नियंत्रण की तैयारियों एवं जीका से प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी दी। अपर सचिव भारत शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग श्री मनोज झालानी ने नियंत्रण कार्यों के प्रोटोकॉल से अवगत कराया। उन्होंने प्रदेश में कार्यरत केन्द्र सरकार एवं एनसीडीसी के अधिकारियों के विस्तृत तकनीकी कार्य के बारे में भी अवगत कराया। चूंकि वर्तमान में एक से अधिक शहर में संक्रमण पाया गया है, इस पर नियंत्रण करने की कार्य-योजना की विस्तृत समीक्षा की जा रही है। बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, श्रीमती गौरी सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं आवास, आयुक्त स्वास्थ्य, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं आवास, आयुक्त जनसंपर्क, आयुक्त नगर निगम, संचालक एनसीडीसी नई दिल्ली एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। मासूम नमन को मुख्यमंत्री बाल हदय उपचार योजना से मिला नया जीवन ![]() 10 July 2018 होशंगाबाद जिले के सेमरीहरचंद निवासी विनोद साहू के 2 वर्षीय मासूम बेटे नमन को मुख्यमंत्री बाल हदय उपचार योजना से नया जीवन मिला है। बच्चे के इलाज के लिये एक लाख रूपये खर्च कर पाना, मामूली परचूनी की दुकान चलाने वाले पिता के बस की बात नहीं थी। नमन अपने परिवार में 4 बहनों के बीच अकेला भाई है। जन्म के समय से काफी कमजोर था। ह्रदय रोग की परेशानी के कारण खेलकूद भी नहीं पाता था। विनोद साहू के पास बेटे नमन के ऑपरेशन के लिए पर्याप्त पैसा नहीं था। ऐसे में विनोद ने जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों से नमन का उपचार करवाने की ठानी। चिकित्सकों ने भी भरपूर मदद की। मुख्यमंत्री बाल हदय उपचार योजना में नमन के हदय के ऑपरेशन के लिए 90 हजार रूपये की राशि स्वीकृत करवाई गई। स्वीकृत राशि से नमन के हदय का होशंगाबाद के प्लेटीनियम अस्पताल में सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। आज नमन बिल्कुल स्वस्थ है। खेलने लगा है, पूरे घर में उसकी आवाज भी सुनाई देती है। जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है योग - मुख्यमंत्री श्री चौहान ![]() 21 Jun 2018 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि योग जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है। श्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास में आयोजित चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन स्कूल शिक्षा विभाग के तत्वावधान में राज्य-स्तरीय योग प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों से कहा कि रोज आधा घंटा योग करें। नियमित योगाभ्यास से ही योग के फायदे मिलेंगे। योगासन, प्राणायाम को जीवन का अभिन्न अंग बनायें। उन्होंने कहा कि योग से शरीर मजबूत होता है। मन प्रसन्न और बुद्धि प्रखर बनती है। खूब मन लगाकर पढ़ें। अच्छे अंक लायें। उच्च शिक्षा की फीस राज्य सरकार भरवाएगी। योगाभ्यास में भोपाल के विभिन्न स्कूलों के 500 से अधिक बच्चे शामिल हुए। बच्चों ने योगासन और प्राणायाम का अभ्यास किया। विश्वास और सकारात्मकता से योग करने पर होता है लाभ -राज्यपाल श्रीमती पटेल ![]() 21 Jun 2018 राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राजभवन में आयोजित योग कार्यक्रम में कहा कि विश्वास और सकारात्मक सोच के साथ योग प्रक्रियाएं करने से बहुत लाभ होता है। इसे जीवन में नियमित रूप से और गंभीरता से करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में योग गुरू राजीव जैन त्रिलोक ने आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तैयार योग प्रक्रियाएँ करवाई। कार्यक्रम में लगभग 700 महिलाओं-पुरूषों ने योगाभ्यास किया। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि योग देश की प्राचीन धरोहरों में से एक है। समाज के हर वर्ग पर योग विधा के संवर्धन एवं संरक्षण की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि योग हमारी आत्मा को शुद्ध करता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से देश की प्राचीन योग पद्धति को अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में प्रतिष्ठा,सम्मान और लोकप्रियता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि गीता में कृष्ण ने एक स्थान पर कहा है कि योग से कर्मो में कुशलता आती है। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में एक मई से स्थापित योग केन्द्र अब निरंतर चलता रहेगा। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रसारित शुभकामना संदेश का प्रसारण किया गया। कार्यक्रम में राजभवन में स्थापित योग केन्द्र के प्रशिक्षणार्थी कर्मचारियों ने अपने अनुभव बताये। अद्भुत वैज्ञानिक विधा है योग : आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है योग ![]() 21 Jun 2018 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि योग अद्भुत वैज्ञानिक विधा है। योग आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। शरीर को स्वस्थ रखने का प्रभावी माध्यम है। योग से मन प्रसन्न, बुद्धि प्रखर और शरीर स्वस्थ रहता है। श्री चौहान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज यहाँ लाल परेड ग्राउण्ड पर हुए राज्य स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय मंत्री सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। मुख्य अतिथि के रूप में दि योग इनस्टिट्यूट मुंबई की निदेशक, महिला योग गुरू हंसा जयदेव योगेन्द्र उपस्थित थीं। इस अवसर पर महापौर श्री आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष श्री सुरजीत सिंह चौहान, भोपाल विकास प्राधिकरण अध्यक्ष श्री ओम यादव, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, महानिदेशक पुलिस श्री आर.के. शुक्ला भी मौजूद थे। राज्यस्तरीय कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिकारी, योग प्रेमी और स्कूली बच्चों ने योगाभ्यास किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योग नियमित रूप से करना चाहिए। श्री चौहान ने उनके साथ वर्ष 1998 में हुई दुर्घटना का उल्लेख करते हुये कहा कि एक समय ऐसा लग रहा था, कि मेरे लिये कभी चलना भी संभव नहीं होगा। योग के चमत्कार से आज मैं प्रति-दिन 18 घंटे काम करने में समर्थ हो गया हूँ। योग की महत्ता स्थापित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं योग करें और दूसरों को भी योग के लिये प्रेरित करें। नियमित योग करने से शरीर स्वस्थ रहेगा। दवाईयों का खर्चा कम होगा। जीवन में नई ऊर्जा और आनंद मिलेगा। श्री चौहान ने कहा कि योग का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। हमारे ऋषि-मुनियों ने वर्षों के चिंतन-मनन से जीवन जीने की योग विधा को विकसित किया है। भारत ने ही दुनिया को योग, विश्व बन्धुत्व, कल्याण और सद्भावना का संदेश दिया है। योग के लोकव्यापीकरण में स्वामी बाबा रामदेव के योगदान का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया में योग का प्रतिष्ठापन करवाया है। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के लिये योग अति आवश्यक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से ही संयुक्त राष्ट्र संघ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। दुनिया में आज अनेक देशों में योग हो रहा है। उन्होंने योग की महत्ता को प्रचारित करने में सभी वर्गों के सहयोग की जरूरत बतायी। योगाभ्यास का प्रारंभ ओंकार ध्वनि से हुआ। कार्यक्रम में योगासन, कपालभार्ति, प्राणायाम और ध्यान की क्रियाएं हुईं। योगासन में ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, वज्रासन, अर्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन, शशांकासन, उत्तानमंडूकासन, वक्रासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंधासन, उत्तानपादासन, अर्ध हलासन, पवनमुक्तासन, शवासन, आदि आसन और नाड़ीशोधन, शीतली, भ्रामरी प्राणायाम करवाए गये। कार्यक्रम के प्रारंभ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भाषण का सीधा प्रसारण दिखाया गया। प्रारंभ में राष्ट्रगीत वंदे-मातरम् का गायन हुआ। योगाचार्य पं. राधेश्याम मिश्रा ने यौगिक क्रियाओं का संचालन करवाया। श्री कार्तिक दास और सुश्री दामिनी ढलाई ने कार्यक्रम का संचालन किया। निपाह वायरस से भयभीत होने से नहीं सूझबूझ और सावधानी से बचा जा सकता है ![]() 1 Jun 2018 भोपाल। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत द्वारा आज पुरानी विधानसभा स्थित यादव मोहल्ला झुग्गी बस्ती में निपाह वायरस से बचने हेतु अग्रिम सुरक्षा की दृष्टि से निःशुल्क दवाइयो का वितरण किया गया। चिकित्सकों ने रहवासियों को दवाईयों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि निपाह वाइरस से भयभीत होने से नहीं सूझबूझ और सावधानी से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि निपाह वायरस के संक्रमण के लक्षणों की शुरुआत एन्सेफेलेटिक सिंड्रोम से होती है, जिसमें बुखार, सिरदर्द, म्यालगिया की अचानक शुरुआत, उल्टी, सूजन, विचलित होना और मानसिक भ्रम शामिल हैं. संक्रमित व्यक्ति 24 से 48 घंटों के भीतर कॉमेटोज हो सकता है। उन्होंने बताया कि आप जो खाना खाते हैं वह चमगादड़ या उनके मल से दूषित नहीं हुआ हो। चमगादड़ के कुतरे फलों को खाने से बचना चाहिए। अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। रोगी के लिए उपयोग किए जाने वाले कपड़े, बर्तन और सामान को अलग से साफ रखना चाहिए। वायरस से प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा न करें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूर रहें। बड़ी संख्या में रहवासियों ने वायरस से बचने के उपाय समझे। चिकित्सकों ने तीन दिवस तक सूरक्षा डोज लेने का सभी से आग्रह किया। शिविर में विशेषज्ञ डॉ. सारिका शर्मा, डॉ. रेणुका वर्मा, डॉ. रेणुका शर्मा, डॉ. लक्की कारखुर ने सैकडों रहवासियो का उपचार कर निःशुल्क दवाइयों का वितरण किया। इस अवसर पर प्रान्त सचिव श्री हरीश बारी सहित श्रीमती वंदना सैनी, श्रीमती प्रतिमा हरित, श्री अमित सैनी, श्री राजेश ललवानी, एवं जिला अभिभाषक संघ के वरिष्ठ सदस्य श्री प्रदीप शर्मा एडवोकेट उपस्थित थे। भारत में प्रतिदिन 2700 लोग तंबाकू सेवन से अपनी जान गंवा रहे धुआं रहित तम्बाकू दिल की बीमारी का बड़ा कारण- विश्ेाषज्ञ ![]() 31 May 2018 नई दिल्ली 31 मई। दुनिया भर में आज का दिन (31मई) विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रुप में मनाया जा रहा है, और इसी 24 घंटे के दौरान देशभर में करीब 2739 लोग तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के कारण कैंसर व इससे होने वाली बीमारियों से दम तोड़ देंगे। इसकी रोकथाम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों से होने वाली बीमारियों और मौतों की रोकथाम को ध्यान में रखकर इस वर्ष 2018 का थीम ‘‘ टोबेको और कार्डियेावैस्कूलर डिजिज (तंबाकू और हृद्वय रोग ) ’’ रखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और सहयोगी लोगों को तंबाकू और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के बीच के संबंध के बारे में जागरूक करेंगे, जिसमें हृद्याघात (स्ट्रोक) भी शामिल है, जो दुनिया के मौत का प्रमुख कारण है। तंबाकू के उपयोग को रोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण (आईसीडी -10) के तहत बीमारी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसकी लत को छोड़ने की दर बहुत कम है। भारत में तंबाकू सेवन की लत को छोड़ने की दर केवल 3 प्रतिशत ही है। इस लत को छोड़ने की इतनी कम संभावना और तम्बाकू के उपयोग की इतनी अधिक आशंका के कारण बीमारियां बढ़ती है। तम्बाकू और इसके सेवन के प्रसार को सही ही तंबाकू महामारी कहा गया है। विशेषज्ञों ने आम लोगों में सामान्य रूप से प्रचलित धुएं रहित या चबाने वाला तम्बाकू, सिगरेट और बिड़ी से सुरक्षित है और इससे दिल की बीमारी नहीं होती की इस धारणा को भ्रामक और गलत बताया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। धूम्रपान या चबाने के रूप में तंबाकू का उपयोग कैंसर, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। वायस ऑफ टोबेको विक्टिमस के पैट्रन (वीओटीवी) व ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) दिल्ली के प्रोफेसर और कार्डियक थोरैसिक और वेस्कुलर सर्जरी के प्रमुख डॉ. शिव चौधरी ने कहा, तंबाकू दुनिया में कार्डियो-वेस्कुलर मौत और अक्षमता का सबसे ज्यादा ज्ञात और रोकथाम योग्य कारण है। निकोटीन जैसे रसायन प्रकृति में संक्रामक होते हैं जिससे कोरोनरी समस्याएं होती हैं। यह सर्वविदित है कि धूम्रपान हृदय रोग का खतरा बढ़ता है लेकिन तथ्य यह है कि तंबाकू के धुएं रहित रूप समान रूप से हानिकारक हैं। ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस -2) 2016-17 के अनुसार, भारत में धुआं रहित तंबाकू का सेवन धूम्रपान तम्बाकू से कहीं अधिक है। वर्तमान में 42.4 प्रतिशत पुरुष, 14.2 प्रतिशत महिलाएं और सभी वयस्कों में 28.6 प्रतिशत धूम्रपान करते हैं या फिर धुआं रहित तम्बाकू का उपयोग करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस समय 19 प्रतिशत पुरुष, 2 प्रतिशत महिलाएं और 10.7 प्रतिशत वयस्क धूम्रपान करते हैं, जबकि 29 .6 प्रतिशत पुरुष, 12.8 प्रतिशत महिलाएं और 21.4 प्रतिशत वयस्क धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं। 19.9 करोड़ लोग धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं जिनकी संख्या सिगरेट या बिड़ी का उपयोग करने वाले 10 करोड़ लोगों से कहीं अधिक हैं। सबसे चिंताजनक है कि प्रतिवर्ष देशभर में 10 लाख लोग इससे दम तोड़ रहे है। वंही देशभर में 5500 बच्चे हर दिन तंबाकू सेवन की शुरुआत कर रहें है और वयस्क होने की आयु से पहले ही तम्बाकू के आदी हो जाते हैं। टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के प्रोफेसर और सर्जिकल ओन्कोलॉजी डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन शरीर के किसी भी हिस्से को इसके हानिकारक प्रभाव से नहीं बचाती। यहां तक कि धुआं रहित तंबाकू प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूपों में भी इसी तरह के दुष्प्रभाव का कारण बनता है। हमारे शरीर के अंगों को सीधे नुकसान पहुंचाने के अलावा, धुआं रहित तम्बाकू का उपभोग करने वाले लोगों में दिल के दौरे के बाद मृत्यु दर में काफी वृद्धि करता है। तम्बाकू के सभी उत्पादों और रूपों से आने वाले राजस्व की तुलना में सरकार के साथ-साथ समाज का तम्बाकू जनित बीमारियों की रोकथाम और उपचार पर होने वाला स्वास्थ्य पर खर्च कई गुना अधिक है। संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के ट्रस्टी संजय सेठ ने कहा कि अनुमान है कि सभी कार्डियोवेस्कुलर (सीवी) रोग का लगभग 10 प्रतिशत का कारण तम्बाकू का उपयोग है। भारत में सीवी रोग की बड़ी संख्या को देखते हुए, इसका दुष्प्रभाव बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि जब सरकारें स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की स्थापना के लिए बड़े पैमाने पर बजट खर्च कर रही हैं, उन्हें रोकथाम की रणनीतियों पर अधिक ध्यान देना चाहिए, जिनमें तम्बाकू उपयोग में कमी करना प्रमुख है। आज तम्बाकू निषेध दिवस पर हम सबको तंबाकू उत्पादों को अलविदा कहने का संकल्प लेना चाहिए ताकि आने वाले समय में हम इन आंकड़ेां को बदल पाये। सभी शासकीय जिला चिकित्सालयों में कीमोथैरेपी यूनिट स्थापित ![]() 21 May 2018 प्रदेश के सभी 51 जिलों के जिला चिकित्सालयों में कैंसर कीमोथैरेपी यूनिट स्थापित की गयी है। प्रदेश में कैंसर केयर कार्यक्रम के तहत यह कार्य किया गया है। अब कैंसर मरीजों को नि:शुल्क कीमोथैरेपी सुविधा सभी जिला चिकित्सालय में उपलब्ध हो गई है। यूनिट के लिये एक चिकित्सक एवं 2 स्टाफ नर्स को प्रशिक्षित किया गया है। कैंसर रोग विशेषज्ञ और कैंसर की औषधियाँ प्रत्येक जिले में उपलब्ध है। जिला चिकित्सालयों में कैंसर केयर के लिये पलंग आरक्षित किये गये हैं। प्रशिक्षित डाक्टर द्वारा कैंसर कीमोथैरेपी के प्रोटोकॉल अनुसार फॉलोअप उपचार दिया जा रहा है। जिला चिकित्सालय में प्रशिक्षित चिकित्सक एवं स्टॉफ नर्स द्वारा कैंसर की जटिलता से पीड़ित मरीजों को उपचार, सर्जरी और रेडियोथैरेपी के लिये उचित टर्शरी कैंसर अस्पताल में रैफर करने के लिए मागदर्शन तथा गंभीर अवस्था में जटिलता से पीड़ित मरीजों को पेलेटिव केयर आदि सेवाएँ दी जा रही हैं। जिला अस्पताल उज्जैन में पेलेटिव केयर सेन्टर की स्थापना की गयी है। इसमें औषधियाँ एवं उपचार नि:शुल्क उपलब्ध है। जिला चिकित्सालयों में कैंसर मरीजों को आवश्यकतानुसार जाँच भी आउटसोर्स के माध्यम से नि:शुल्क दी जा रही है। प्रशिक्षित डाक्टर और स्टॉफ नर्स को समय-समय पर सतत् चिकित्सा शिक्षा देकर उनका ज्ञानवर्द्धन किया जा रहा है। टेली-मेडीसिन के माध्यम से भी कैंसर रोग विशेषज्ञों से परामर्श लेकर जिला-स्तर पर कैंसर मरीजों को उचित इलाज और मार्गदर्शन दिया जा रहा है। कैंसर केयर कार्यक्रम में 54 चिकित्सकों और 102 स्टॉफ नर्सों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। वर्ष 2017-18 में लक्षण के आधार पर संभावित कैंसर के 18 हजार 817 मरीजों का पंजीयन किया गया। साथ ही, 4,432 मरीजों का कैंसर कीमोथैरेपी प्रोटोकॉल अनुसार उपचार किया गया है। कुपोषण को हराने में जुटी आजीविका मिशन की टीम राधा ![]() 11 May 2018 राजगढ़ जिले के विकासखण्ड खुजनेरी में ग्राम करेड़ी में आजीविका मिशन की सजग महिला राधाबाई अपनी महिला टीम के साथ कुपोषित बच्चों के लिये यशोदा माँ का रोल अदा कर रही हैं। ये महिलाएँ मिशन की सहायता से अपनी आर्थिक उन्नति के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में भी बहुत आगे हैं। ये सभी स्व-सहायता समूह के रूप में संगठित होकर संजीवनी अभियान से जुड़ गई हैं। इन्होंने गाँव के 26 कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उन्हें प्रति दिन अपने खर्चे पर प्रोटीन पाउडर युक्त दूध पिलाने का जिम्मा उठाया है। इन महिलाओं ने गाँव को कुपोषण मुक्त बनाने का निश्चय किया है। खुजनेर की परियोजना अधिकारी श्रीमती पुष्पा गोयल ने बताया कि करेड़ी ग्राम में आँगनवाड़ी केंद्र संचालित है। इस केन्द्र में डेढ़ सौ बच्चों का पंजीयन है। इन आँगनवाड़ी केंद्रों में 28 बच्चे कुपोषित हैं, जिनमें से 6 बच्चों को अन्य लोगों द्वारा गोद लिया जा चुका है। शेष बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने की जिम्मेदारी इन महिलाओं ने ली है। इन्होंने निर्णय लिया है कि प्रति दिन आँगनवाड़ी केंद्र पर दो-दो महिलाएँ पहुँचेंगी और कुपोषित बच्चों को प्रोटीन पाउडर युक्त दूध पिलाएँगी। इन महिलाओं ने अपने इस फैसले के क्रियान्वयन में होने वाले व्यय को अपनी बचत से गठित आपदा कोष से समायोजित करने की व्यवस्था की है। टी.बी. मुक्त समाज निर्माण के लिये स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जाये ![]() 3 May 2018 राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा है कि टी.बी. पीड़ितों की मदद के लिए सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं और सम्पन्न तबके की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि समाजसेवी कम से कम एक टी.बी. पीड़ित बच्चे को गोद लें। राज्यपाल ने आज जबलपुर सर्किट हाउस में टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान यह बात कही। श्रीमती पटेल ने कहा कि वर्ष 2022 तक देश को टी.बी. मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए समाज के सभी वर्गों की सहभागिता जरूरी है। इस दिशा में कारगर पहल की जाये। उन्होंने कहा कि सरकार के अलावा सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से भी टी.बी. मरीजों के लिये पौष्टिक आहार की व्यवस्था की जा सकती है । श्रीमती पटेल ने कहा कि कोई भी रोग ऐसा नहीं, जिसे निश्चय और दृढ़इच्छा शक्ति से हराया नहीं जा सके। टी.बी. के मरीज को पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे फल, दूध, घी आदि की जरूरत होती है । इसलिए समाज अपना दायित्व निभाते हुए रोगियों तक यह सामग्री पहुँचायें तथा रोगियों द्वारा इसका सेवन सुनिश्चित करने की ओर भी ध्यान दें। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने सेठ गोविन्ददास जिला चिकित्सालय (विक्टोरिया हॉस्पिटल) के टी.बी. वार्ड एवं मेडिसिन वार्ड का निरीक्षण किया और मरीजों को फल वितरित किया । राज्यपाल ने मरीजों से बातचीत की और इलाज की भी जानकारी ली। राज्यपाल द्वारा हाइपरसोनिक विक्टोटॉमी मशीन का लोकार्पण राज्यपाल श्रीमती पटेल ने जबलपुर में जोतपुर स्थित दादा वीरेन्द्रपुरी जी नेत्र संस्थान देवजी नेत्रालय में अत्याधुनिक तकनीक वाली मशीन विटीज हाइपरसोनिक विक्टोटॉमी मशीन का लोकार्पण किया। राज्यपाल ने अस्पताल द्वारा गरीबों के लिए नि:शुल्क ऑपरेशन शिविरों के आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि आँखों का इलाज और मरीजों की सेवा पुण्य का कार्य है । जिला चिकित्सालय शिवपुरी को मिला "निरन्तर उत्कृष्टता पुरस्कार" ![]() 9 April 2018 जिला चिकित्सालय शिवपुरी को भारत सरकार द्वारा कायाकल्प अभियान में 'निरंतर उत्कृष्टता पुरस्कार' प्रदाय किया गया है। बीस लाख रूपये का यह पुरस्कार निरंतर प्रयास कर गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदायगी एवं स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण की दिशा में उल्लेखनीय कार्यो के लिये दिया गया है। विगत वर्ष की तरह वर्ष 2017-18 में भी जिला चिकित्सालय शिवपुरी द्वारा कायाकल्प अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य किया गया है। इससे जनमानस में स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रति विश्वास सुद्दढ़ हुआ है। संस्था द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों के लिये जिला चिकित्सालय शिवपुरी को राज्य में 'कायाकल्प कन्टीन्यूइड एक्सीलेंस' पुरस्कार से भी पुरस्कृत किया गया है। तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थाअेां के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाने की मांग सांसद के नेतृत्व में मिला प्रतिनिधिमंडल ![]() 29 March 2018 नई दिल्ली 29 मार्च। बिहार के सिवान से सांसद ओमप्रकाश के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर देशभर में बच्चों व युवाअेंा को व्यसनों से बचाने की अपील की और राष्ट्रीय स्तर पर तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थाअेां के लिए अभियान चलाने के लिए ज्ञापन दिया। सांसद ओमप्रकाश ने महामहिम राष्ट्रपति को बताया कि यह बहुत ही गंभीर समस्या है, बच्चेंा, युवाअेां को इसके दुष्परिणामेंा की जानकारी है लेकिन वे फिर भी इसका सेवन कर रहे है। इसकी रोकथाम के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाना काफी नही है, इसके लिए इस अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर चलाना होगा। इसके साथ ही बच्चों व युवाअेंा को इस अभियान के तहत संकल्प लेना होगा कि इसका सेवन नही करेंगे। इस तरह के अभियान की मुहिम की जिम्मेदारी भी इनके हाथों में हो, तभी वे सार्थक होंगे। सांसद ओमप्रकाश ने बताया कि संबध हैल्थ फांउडेशन (एसएचएफ) वायॅस आॅफ टोबेको विक्टिम देशभर में तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों के लिए काम कर रहें है। खासतौर पर मध्यप्रददेश और महाराष्ट्र के शिक्षण संस्थाअेां को तंबाकू मुक्त कराया है। जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे है। आजकल युवाअेां में तंबाकू का प्रचलन बढ़ रहा है, जो कि बेहद चितंा का विषय है। लोक स्वास्थ्य के लिए यह अतिआवश्यक है कि तंबाकू से नष्ट होने वाली अपनी युवा पीढ़ी को बचाने की जरुरत है। संबध हैल्थ फांउडेशन (एसएचएफ) के संजय सेठ ने बताया कि देशभर में 50 प्रतिशत कैंसर तंबाकू के कारण होता है वंही 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर भी तंबाकू के कारण हेाता है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (गेट्स-2) 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 28.6 प्रतिशत लोग किसी न किसी रुप मंेे तंबाकू उत्पादों का उपभोग करतें है। प्रतिवर्ष देशभर में 10 लाख लोग इससे दम तोड़ रहे है। वंही देशभर में 5500 बच्चे हर दिन तंबाकू सेवन की शुरुआत कर रहें है और वयस्क होने की आयु से पहले ही तम्बाकू के आदी हो जाते हैं। जेा कि बेहद चिंताजनक है। देश में 92 प्रतिशत युवा मानते है कि धूम्रपान ही गंभीर बीमारियों का कारक है वंही 96 प्रतिशत युवा आबादी मानती है कि चबाने वाला तंबाकू गंभीर बीमारियों का मुख्य कारक है। सेठ ने बताया कि तंबाकू सेवन करने वाले केवल तीन प्रतिशत लोग ही इस लत को छोड़ने में सक्षम हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम बच्चों को तम्बाकू सेवन की पहल करने से ही रोके। उन्होने महामहिम राष्ट्रपति को बताया कि इसके लिए तंबाकू के इस्तेमाल और रक्षात्मक नियमों की निगरानी रखकर, शिक्षण संस्थाओं केा तंबाकु मुक्त बनाकर इसको सफल बनाया जा सकता है और युवाअेां को इससे बचाया जा सकता है। प्रतिनिधिमंडल में की संबध हैल्थ फांउडेशन के संजय सेठ, वायस आॅफ टोबेको विक्टिमस की डायरेक्टर आशिमा सरीन, एम्स के डा.शिव चैधरी, विभोर निझावन, डा.मुदित अग्रवाल, प्रदीप माथुर, दीपक छीबा, अरविंद माथुर इत्यादि शामिल थे। निरोगी और सुखी जीवन का आधार है आयुर्वेद : मंत्री श्री पटेल ![]() 23 March 2018 आयुष एवं कुटीर ग्रामोद्योग राज्य मंत्री श्री जालम सिंह पटेल ने आज आयुष केम्पस स्थित शासकीय स्वशासी होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में नव निर्मित 'हेनीमन सभागारें' का लोकार्पण किया। इसी सभागार में आज से एच.आई.वी. निदान एवं प्रबंधन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ भी मंत्री श्री पटेल ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री श्री पटेल ने कहा कि आयुष से एच.आई.वी. के निदान की पहल अनुकरर्णीय है, हमारे चिकित्सक इस क्षेत्र में बेहतर कार्य और प्रयोगों से आमजन को लाभ पहुँचायेंगे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति नही बल्कि सम्पर्ण वेद है। श्री पटेल ने कहा कि आयुष चिकित्सक अपने कर्तव्यों के निर्वहन के साथ पीड़ित मानव की सेवा भी कर रहे हैं। श्री पटेल ने कहा कि आयुर्वेद पद्धति प्रकृति से जुड़ी है। इसे अपनाकर व्यक्ति निरोगी और सुखी जीवन पाते हैं। उन्होंने चिकित्सा सेवा को परोपकार के रूप में लिए जाने का आव्हान किया। प्रमुख सचिव सह आयुक्त श्रीमती शिखा दुबे ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विभागीय गतिविधियों सहित प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी महाविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, चिकित्सक एवं अध्ययनरत विद्यार्थीगण उपस्थित थे। राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के पहले दिन लक्ष्य के 60 प्रतिशत बच्चों ने पी दवा ![]() 11 March 2018 राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के द्वितीय चरण में आज पहले दिन प्रदेश में 0 से 5 वर्ष तक के लाखों बच्चों ने पोलियो की खुराक ली। प्रदेश में एक करोड़ 6 लाख लक्ष्य के विरुद्ध आज लगभग 60 प्रतिशत बच्चों ने पोलियो की दवा पी। जनसम्पर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने दतिया, सागर में गृह मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने ग्वालियर, कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने बालाघाट, और स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री शरद जैन ने जबलपुर में बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाई। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के सीहोर जिले के रेहटी में हुए कार्यक्रम के दौरान भी अनेक बच्चों को पोलियो की दवा दी गई। भोपाल में लगभग एक लाख 26 हजार बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों ने आज सेवा के अनूठे उदाहरण प्रस्तुत किये। जे.पी. अस्पताल भोपाल की एएनएम श्रीमती राधा शर्मा इन दिनों चाइल्ड केयर अवकाश पर हैं। इसके बावजूद वे स्व-प्रेरणा से अभियान में शामिल हुईं। भिण्ड जिले के श्री रामशंकर शर्मा के घर गमी होने के बावजूद वे अभियान में शामिल हुए। कोलार के स्वास्थ्य अधिकारी ने रोडवेज की बसों में जाकर बच्चों को दवा पिलाई। राजगढ़ जिले में उर्स मेले में पोलियो बूथ लगाकर बच्चों को दवा पिलाई गई। वहीं रायसेन की विशेष अदालत में हाई कोर्ट जज ने स्वयं पात्र बच्चों को दवा पिलाई। एनसीसी कार्यकर्ता, प्रशिक्षु नर्सिंग, जन अभियान परिषद और आजीविका मिशन सदस्य, सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मी, नवीन पदस्थापित एएनएम, वनांचल कार्यक्रम में वनकर्मी, आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, जन स्वास्थ्य रक्षक, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका, आशा सहयोगी, पैरामेडिकल स्टाफ, पॉलीटेक्नीक कॉलेज, मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएँ, स्वयं सेवकों आदि ने भी उत्साह से अभियान में भाग लिया। इन्हें स्वास्थ्य विभाग ने प्रशिक्षित किया था। अभियान में कुछ जिलों में नकारात्मक गतिविधियों की जानकारी मिली। इनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विदिशा के विकास खंड त्यौंदा विकासखंड के फोकल पांइन्ट पर हड़ताली कर्मचारियों द्वारा रुकावट पैदा की गई। इनके विरुद्ध कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। बड़वानी जिले के सेंधवा में भी अज्ञात व्यक्तियों ने 4 बूथ केन्द्रों पर टीकाकर्मियों को धमकाया। इसी तरह नरसिंहपुर, छिन्दवाड़ा के जुन्नारदेव और सतना जिले के अमरपाटन में भी अभियान में विघ्न डालने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। कैंसर मरीजों का एम.वाय. अस्पताल में नि:शुल्क बोनमैरो ट्रांसप्लांट शुरू ![]() 11 March 2018 इंदौर के शासकीय महात्मा गाँधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध महाराज यशवंत राव चिकित्सालय में स्थित बोनमैरो ट्रांसप्लांट सेन्टर में उपचार आरंभ हो गया है। पहली बार 3 मार्च 2018 को जूनी इंदौर के श्री उपेन्द्र और नीमच की श्रीमती कुसुम का बोनमैरो ट्रांसप्लांट नि:शुल्क किया गया है। देश की निजी संस्थाओं में बोनमैरो ट्रांसप्लांट की लागत 15 से 25 लाख रुपये है जबकि प्रदेश के एम.वाय. हॉस्पिटल में यह नि:शुल्क किया जा रहा है। इस शासकीय संस्थान में गरीब मरीजों का नि:शुल्क बोनमैरो ट्रांसप्लांट प्रदेश ही नहीं, देश में भी एक अनूठी पहल है। यहां एपीएल मरीजों को भी सस्ती दर पर इलाज मिलेगा। पहली बार 3 मार्च को श्री उपेन्द्र की बोनमैरो ट्रांसप्लांट की प्रकिया शुरू हुई है। इसमें ब्लड से करीब 400 मि. मी. स्टेम सेल निकाले गये। इस प्रक्रिया में 7 घंटे लगे। इन्हें फ्रीज करके रखा गया। अगले दिन शरीर में ट्रांसप्लांट किये गये। श्री उपेन्द्र (33) को दो हफ्तों से कीमोथेरेपी दी जा रही थी। नीमच की श्रीमती कुसुम (45) को 5 माह पहले ही कैंसर होने का पता चला। नीमच और उदयपुर में इलाज कराने के बाद इंदौर आई हैं। हिमोग्लोबिन मात्र 3 ग्राम बचा था। बाल भी झड़ने लगे थे। डॉक्टरों ने बताया कि बोनमैरो ट्रांसप्लांट के बाद उन्हें अब कीमोथेरेपी और अन्य जाँचें नहीं करवानी पड़ेगी। महाराज यशवंतराव चिकित्सालाय में 5 करोड़ की लागत से स्थापित बोनमैरो ट्रांसप्लांट सेन्टर में बच्चों को होने वाली बीमारियाँ थैलीसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, एप्लास्टिक एनीमिया का बोनमैरो ट्रांसप्लांट द्वारा उपचार किया जाएगा। सेन्टर विश्वस्तरीय गुणवत्ता मापदंडों के अनुसार स्थापित किया गया है। सेन्टर में विश्व ख्याति प्राप्त बोनमैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञों की मानद सेवाएं ली जा रही हैं। इंदौर के चिकित्सकीय, नर्सिंग और पैरामेडीकल स्टाफ को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों में प्रशिक्षण दिलाया गया है। राज्य शासन ने डॉ. प्रीति मालपानी और डॉ. पी. चौधरी को अमेरिका के कोलम्बिया विश्वविद्यालय में 6 माह का बोनमैरो ट्रांसप्लांट का प्रशिक्षण दिलाया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 जनवरी 2018 को इस सेन्टर का लोकार्पण किया था। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवायें प्रभावित नहीं होंगी - मिशन संचालक श्री विश्वनाथन ![]() 26 February 2018 प्रदेश में सभी टीकाकरण सत्र नियमित रूप से आयोजित किये जाने के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। किसी भी स्थान पर पूर्व से नियोजित टीकाकरण सत्रों को प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म.प्र के मिशन संचालक श्री एस.विश्वनाथन ने संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के परिप्रेक्ष्य में की गई इस व्यवस्था की जानकारी दी। मिशन संचालक ने बताया कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के लिये निर्धारित तालिका अनुसार टीकाकरण सेवायें उपलब्ध कराने के लिये प्रदेश शासन संकल्पित है। प्रदेश में चिन्हित स्थानों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किये जाते हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से लगभग 18 प्रतिशत टीकाकरण सत्रों के प्रभावित होने को अनुमान की स्थिति से निपटने के लिये समीक्षा उपरांत अतिरिक्त प्रशिक्षित मानव संसाधन को नियोजित कर टीकाकरण सत्रों के सुचारू संचालन हेतु व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था अंतर्गत सेवानिवृत्त एएनएन, एलएचवी तथा स्टाफ नर्सो को प्रभावित टीकाकरण सत्र स्थलों पर भेजकर टीकाकरण कार्य करवाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, नर्सिंग शालाओं की भी सहायता ली जा रही है। इस अतिरिक्त कार्य हेतु प्रति सत्र के मान से मानदेय भी दिया जाएगा। हड़ताल से प्रभावित होने वाले अनुमानित 1600 टीकाकरण सत्रों के सुचारू संचालन के लिये प्रत्येक सत्र की निगरानी की जाएगी । यदि किसी स्थल पर टीकाकरण सत्र निर्धारित दिनांक को नहीं हो पाता है, तो उसके अगले दिन सत्र आयोजित करवाया जायेगा। मिशन संचालक श्री एस. विश्वनाथन ने कहा है कि नागरिकों को गुणवत्तापूर्वक स्वास्थ्य सेवायें देने के प्रदेश शासन के दायित्व का सुचारू निर्वहन सुनिश्चित किया जा रहा है। हड़ताल से आम नागरिकों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। राजस्व मंत्री श्री गुप्ता ने करुणाधाम में किया ओपीडी सेवा का शुभारंभ ![]() 25 February 2018 राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने करुणाधाम आश्रम नेहरु नगर में ओपीडी स्वास्थ्य सेवा का शुभारंभ किया। ओपीडी में हर माह के अंतिम रविवार को सुबह 10 से 12 बजे तक एम्स या हमीदिया के न्यूरोलाजिस्ट मरीजों का निःशुल्क इलाज करेंगे। यह कार्य नेशनल मेडिकोज आर्गेनाईजेशन एवं भारतीय विचार संस्थान के सहयोग से शुरु किया गया है। इसके अतिरिक्त डॉ रायजादा रोज सुबह 10 से 12 बजे तक होम्योपैथी उपचार करते हैं। डॉ रायजादा ने बताया कि जल्द ही दांतों के उपचार की व्यवस्था भी की जाएगी। इस दौरान माटी कला बोर्ड के चेयरमैन श्री रामदयाल प्रजापति एवं समाजसेवी उपस्थित थे। बेहतर स्वास्थ सेवाओं से नवजात शिशु मृत्यु दर में भारी कमी ![]() 22 February 2018 प्रदेश में गर्भवती माताओं की बेहतर देखभाल से नवजात शिशु मृत्यु दर 51 से घटकर 32 हो गई है। प्रदेश में गर्भवती माताओं का गर्भधारण पता चलते ही पंजीयन कर नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की गई है। राज्य में सामान्य एवं जोखिम वाली गर्भधात्री महिलाओं का सुरक्षित संस्थागत प्रसव कराया जा रहा है। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे वर्ष 2005-06 के अनुसार 26.2 प्रतिशत प्रसव ही स्वास्थ्य संस्था में में कराये जाते थे। वर्ष 2015-16 के डाटा के अनुसार 80.8 प्रतिशत प्रसव स्वास्थ्य संस्था में कराये जा रहे हैं। सुरक्षित प्रसव के लिये प्रदेश में 1536 शासकीय प्रसव केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के माध्यम से सुरक्षित प्रसव के लिये नि:शुल्क परिवहन, औषधि उपचार, ब्लड ट्रांसफ्यूजन एवं नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था उपलब्ध करवायी जा रही है। जननी सुरक्षा योजना में ग्रामीण प्रसूताओं को 1400 और शहरी प्रसूताओं को 1000 रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही है। ग्राम एवं स्वास्थ्य संस्था स्तर पर महिलाओं और गर्भवती महिलाओं का परीक्षण कर उपचार करने के मकसद से वर्ष में एक बार महिला स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित किये जा रहे हैं। वर्ष 2015-16 से अभी तक 58 लाख से अधिक महिलाओं को स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध करवाई गई हैं। रोशनी क्लीनिक व्यवस्था में गर्भवती महिलाओं की प्रसव संबंधी तथा अन्य बीमारियों की जाँच एवं उपचार के लिये सप्ताह में प्रत्येक बुधवार जिला चिकित्सालय में गई है। इन क्लीनिक में रेफर महिलाओं को आवश्यक उपचार कर दवाइयाँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। वर्ष 2015-16 से अभी तक एक लाख 41 हजार महिलाओं का परीक्षण का उपचार किया गया है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना में माह की 9 तारीख को सरकारी अस्पताल में प्रायवेट और सरकारी डॉक्टरों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की जाँच की जा रही है। अगस्त-2016 से नवम्बर-2017 तक 10 लाख 11 हजार 401 गर्भवती महिलाओं की विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा प्रसवपूर्व जाँच करवाई गई है। न्यू बोर्न केयर इकाई नवजात शिशुओं की देखभाल करने के लिये 1536 प्रसव केन्द्रों पर संचालित की जा रही हैं। नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई- वर्ष 2008 में प्रदेश के गुना और शिवपुरी जिला अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार एवं कम वर्तमान में 49 जिला अस्पताल और 5 मेडिकल कॉलेज में 54 इकाइयाँ संचालित हो रही हैं। इन इकाइयों में जन्म के समय शिशु को सांस लेने में होने वाली कठिनाई, पीलिया, अन्य गंभीर बीमारी के इलाज की व्यवस्था है। इन इकाईयों में वर्ष 2011-12 से जनवरी-2018 तक 4 लाख 96 हजार 326 नवजात शिशुओं का उपचार किया गया। प्रदेश के 60 चिन्हित सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य संस्था पर नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाइयाँ संचालित हो रही हैं। अब तक इन इकाइयों में 76 हजार से अधिक नवजात शिशुओं को रखकर उनका उपचार किया गया है। बारह वर्ष तक के बच्चों में अति गंभीर लक्षणों के होने पर उन्हें तत्काल उपचार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से बाल गहन चिकित्सा इकाई का निर्माण किया गया है। अभी यह इकाइयाँ 7 जिलों मुरैना, दतिया, शिवपुरी, गुना, रतलाम, भोपाल और छिन्दवाड़ा में चल रही हैं। वर्ष 2015-16 से जनवरी-2018 तक 29 हजार 868 बच्चों का इन इकाइयों में उपचार किया गया है। पीडियाट्रिक-इमरजेंसी ट्रायऐज एवं ट्रीटमेंट यूनिट में गंभीर रूप से बीमार शिशु के चिकित्सालय आने पर लक्षणों के आधार पर उपचार किया जा रहा है। प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में यह यूनिट कार्य कर रही है। इन यूनिट में अब तक 22 हजार 163 बच्चों को भर्ती कर उनका उपचार किया गया। कुपोषित बच्चों को भर्ती कर उपचार करने के लिये पोषण पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की गई है। इन केन्द्रों पर 5 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों को 14 दिनों तक माता के साथ भर्ती कर उपचारित किये जाने की सुविधा है । इन केन्द्रों में वर्ष 2006-07 से दिसम्बर-2017 तक 5 लाख 97 हजार 860 कुपोषित बच्चों का उपचार किया गया। राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम में बच्चों को 4 प्रकार के वर्ग में विभाजित कर आवश्यक उपचार प्रदाय किया जा रहा है। वर्ष 2015-16 से नवम्बर-2017 तक 4 करोड़ 35 लाख बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 25 लाख 67 हजार बच्चों को उपचारित किया गया। करीब 52 हजार 124 बच्चों की सर्जरी की गई। चिकित्सा इकाइयों में नवजात शिशु के स्थिरीकरण के बाद परिजनों को नवजात शिशु की आवश्यक देखभाल के लिये दक्ष किया जाता है, जिससे शिशु की घर पर बेहतर तरीके से देखभाल की जा सके। जन्म से 28 दिन की अवधि नवजात शिशु के लिये अंत्यंत संवेदनशील समय है। इस अवधि में ही शिशुओं की मृत्यु की सर्वाधिक आशंका होती है। इस कार्यक्रम में संस्थागत प्रसव में 6 तथा घर पर हुए प्रसव पर आशा कार्यकर्ता द्वारा 7 बार भेंट की जाती हैं। आशा कार्यकर्ता द्वारा कम वजन के बच्चों के घर में निश्चित समय अवधि में भेंट की जाती है। भेंट के दौरान टीकाकरण, स्वच्छता, ओआरएस का प्रयोग, निमोनिया की पहचान, स्तनपान आदि के बारे में जानकारी साझा की जाती है। प्रदेश में जन-समुदाय को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के मकसद से दस्तक अभियान वर्ष 2017 से शुरू किया गया है। इसमें 76 लाख 68 हजार 973 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। गंभीर कुपोषित 26 हजार 973 बच्चों की पहचान की गई। इसमें से 8 हजार 256 बच्चों को पोषण-पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कर उपचारित किया गया। अति गंभीर खून की कमी से पीड़ित 1476 बच्चों के लिये रक्ताधन की व्यवस्था की गई। दस्त रोग के 27 हजार 162, निमोनिया के 6 हजार 509 और अन्य बीमारियों के 18 हजार 696 बच्चों में लक्षण पाये जाने पर उनका उपचार किया गया। प्रदेश में 9 माह से 5 वर्ष तक के 63 लाख 33 हजार बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाई गई। जन्मजात विकृति वाले 6 हजार 704 बच्चों की पहचान कर उनके उपचार की व्यवस्था की गई। राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत प्रभावित 14 जिलों में 13 लाख 31 हजार 920 परिवारों में नमक के नमूनों में आयोडीन की उपलब्धता की जाँच की गई। इन सभी कार्यक्रमों के कारण वर्ष 2005 में शिशु मृत्यु दर 76 और नवजात शिशु मृत्यु दर 51 से घटकर वर्ष 2016 में क्रमश: 47 एवं 32 प्रति हजार जीवित जन्म रह गई है। कुपोषण नियंत्रण में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था वरदान सिद्ध हुई-मंत्री श्री भार्गव ![]() 21 February 2018 पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि कुपोषण के विरुद्ध प्रदेश में चलाए जा रहे अभियान में 'मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम'' वरदान सिद्ध हो रहा है। प्रदेश के 85 विकासखण्डों की 25 हजार प्राथमिक शालाओं के 11.50 लाख विद्यार्थियों को अतिरिक्त पोषण-आहार के रूप में गुड़ और मूंगफली की चिक्की प्रदान की जाती हैं। इसी तरह मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश की एक लाख 14 हजार प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के 60 लाख से अधिक बच्चों को प्रति दिन स्वादिष्ट मध्यान्ह भोजन भी दिया जा रहा है। मंत्री श्री भार्गव ने बताया कि प्रदेश में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2004 में विद्यालयों में बच्चों को पका हुआ भोजन देने की व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था के प्रथम चरण में यह योजना केवल प्राथमिक विद्यालयों में लागू की गई थी। वर्ष 2008 से माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों के लिये भी मध्यान्ह भोजन वितरण व्यवस्था प्रारंभ की गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के एक लाख 14 हजार प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में दर्ज 64 लाख 11 हजार छात्र-छात्राओं में से 60 लाख 31 हजार बच्चे इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। कार्यक्रम में पारदर्शिता, नियमितता और गुणवत्ता नियंत्रण के लिये स्व-सहायता समूहों के माध्यम से ही विद्यालयों में भोजन तैयार कर दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं। समूहों को खाद्यान्न राज्य स्तर से सीधे प्रदाय किया जाता है। श्री भार्गव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कुपोषण के विरुद्ध जंग से भी इस योजना को जोड़ा गया है। प्रदेश के 85 विकासखण्ड के 25 हजार विद्यालयों के 11.50 लाख विद्यार्थियों को योजना के माध्यम से अतिरिक्त पोषण-आहार सप्ताह में तीन दिन प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 35 हजार 416 विद्यालयों को एलपीजी गैस कनेक्शन प्रदान किये जा चुके हैं, जिनसे मध्यान्ह भोजन तैयार किया जाता है। श्री भार्गव ने जानकारी दी कि विद्यालय में रसोई-घर की स्वच्छता और भोजन की पौष्टिकता को प्रोत्साहित करने के लिये प्रत्येक जिले में तीन स्वच्छ किचन को क्रमश: 50 हजार, 30 हजार और 20 हजार रुपये का पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है। जन्मजात रोगों से घिरे बच्चों को मध्यप्रदेश में मिल रही नि:शुल्क चिकित्सा ![]() 21 February 2018 राज्य शासन द्वारा ह्रदय रोग, मूक-बधिर, कटे-फटे होंठ आदि बीमारियों के साथ जन्मे बच्चों को रोगमुक्त बनाने के लिये नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।गंभीर ह्रदय रोग से पीड़ित था कृष्णा सीहोर जिले के ग्राम निवारिया का 5 वर्षीय बालक आज स्वस्थ है राज्य शासन द्वारा ह्रदय रोग, मूक-बधिर, कटे-फटे होंठ आदि बीमारियों के साथ जन्मे बच्चों को रोगमुक्त बनाने के लिये नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।गंभीर ह्रदय रोग से पीड़ित था कृष्णा सीहोर जिले के ग्राम निवारिया का 5 वर्षीय बालक आज स्वस्थ है और परिवार प्रसन्न। कृष्णा का डेढ़ वर्ष की उम्र तक भी चलने-बोलने में कठिनाई, खाने में अरुचि, निरंतर रोना, रोते समय होंठ नीले पड़ जाना आदि जारी रहा, तो उसके माता-पिता बालीबाई और जसमत सिंह ने डॉक्टर को दिखाया। चिकित्सीय जाँच में वह गंभीर ह्रदय रोग से ग्रसित पाया गया। माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि वे इतना बड़ा खर्च उठाने में बिलकुल समर्थ नहीं थे। एक दिन जसमत को किसी ने बताया कि सीहोर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से मिलो तो बच्चे का नि:शुल्क इलाज संभव है। सीएमएचओ ने बताया कि ह्रदय रोग की गंभीरता को देखते हुए कृष्णा के तीन ऑपरेशन होंगे। जाँच के बाद कृष्णा को तुरंत शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डीईआईसी) भिजवाया गया। केन्द्र में उसके स्वास्थ्य परीक्षण के बाद एक निजी अस्पताल में पहला सफल ऑपरेशन किया गया, परंतु कृष्णा की कमजोर हालत को देखते हुए यह ऑपरेशन देश के किसी बड़े अस्पताल में ही संभव था। कृष्णा का दूसरा सफल ऑपरेशन 22 जनवरी, 2018 को बैंगलुरु के नारायणा ह्रदयालय में एसआरसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, मुम्बई के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया गया। इस ऑपरेशन पर खर्च हुए 3 लाख 20 हजार रुपये की प्रतिपूर्ति मुख्यमंत्री बाल ह्रदय उपचार योजना से की गई। कृष्णा आज स्वस्थ है। फॉलोअप विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा शासकीय नियमानुसार उसका निरंतर नि:शुल्क जारी है। सरकारी योजनाओं से कमजोर वर्गों को मिल रही नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा ![]() 19 February 2018 प्रदेश में राज्य बीमारी सहायता, मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना, नि:शुल्क कीमोथैरेपी-डायलिसिस योजना आदि से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बड़ी बीमारी की चपेट में आने पर नि:शुल्क शासकीय सहायता मिल रही है। अब स्वस्थ है मासूम मानसी: सिवनी जिले के ग्राम भाटीपाड़ा की दो वर्षीय मानसी जन्म से ही काफी कम वजन की थी। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता ने जब मानसी को देखा तो उसका राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम से स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर उसे पोषण-पुनर्वास केन्द्र में भर्ती किया। इसके बाद भी जब उसके वजन में कोई परिवर्तन नहीं आया तो टीम ने जिला-स्तरीय बाल ह्रदय रोग शिविर में जाँच की सलाह दी। जाँच में पता चला कि मानसी के दिल में छेद है। मानसी का परिवार गहरे अवसाद में डूब गया। एक तो इतनी बड़ी बीमारी और उस पर इलाज के लिये पैसे नहीं। तब टीम ने मुख्यमंत्री बाल ह्रदय उपचार योजना की जानकारी देते हुए मानसी के पिता को नि:शुल्क ऑपरेशन की सलाह दी। टीम की सहायता से नवम्बर-2017 में जबलपुर में मानसी का ऑपरेशन हुआ। आज वह स्वस्थ है, खाने-पीने लगी है और उसका वजन भी बढ़ रहा है। अब बोलने-सुनने लगी पूर्वी: पन्ना जिले में अमानगंज के प्रहलाद सोनी के घर में उस वक्त खुशियाँ छा गईं, जब लम्बे समय बाद उनके यहाँ बेटी का जन्म हुआ। कुछ समय बाद यह खुशी काफूर होने लगी, जब पता लगा कि पूर्वी बोल और सुन नहीं सकती। डॉक्टर से सलाह लेने पर पता चला कि पूर्वी काकलियर इम्पलांट की सहायता से ही सुन सकेगी। इसके लिये 6-7 लाख रुपये के खर्च की बात सुनकर माता-पिता असहाय महसूस करने लगे। इसी बीच किसी ने उनको आरबीएसके योजना की जानकारी दी और बताया कि मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना से उनकी बेटी का नि:शुल्क उपचार संभव है। जाँच के बाद डॉक्टरों ने पूर्वी को पन्ना जिला चिकित्सालय रेफर किया और सतना में पूर्वी का सफल ऑपरेशन किया गया। पूर्वी ने सुनना शुरू किया और अब बोलने भी लगी है। पूर्वी की माँ ज्योति ने ढाई वर्ष में पहली बार पूर्वी के मुंह से माँ सुना तो वह खुशी से रोने लगी। कुष्ठ रोगी दूर सिंह ह्रदय रोग से मुक्त हुए: बड़वानी जिले के आशा ग्राम की कुष्ठ उन्मूलन बस्ती में रहने वाले 41 वर्षीय दूरसिंह गुथरिया के परिवार को इनके ह्रदय रोग का पता चला तो मायूस हो गये। जानकारों ने ढाँढस बंधाया और जानकारों से सम्पर्क किया। तब राज्य बीमारी सहायता योजना का पता लगा। योजनान्तर्गत दूरसिंह का नि:शुल्क ऑपरेशन हुआ। आज दूर सिंह न केवल स्वस्थ हैं, बल्कि अपना काम भी भली-भाँति कर रहे हैं। आशा ग्राम में लिपिक के पद पर पदस्थ दूर सिंह का सफल ह्रदय ऑपरेशन इंदौर के निजी अस्पताल में नि:शुल्क हुआ। बचपन में ही माँ को कुष्ठ रोग हो जाने के कारण उनके पिता ने माँ को त्याग दिया था। दूर सिंह अपनी माँ, पत्नी और दो बच्चों के साथ कुष्ठ निवारण बस्ती में ही रहते हैं। कुपोषण से बचाने के लिए छात्राओं का स्वास्थ्य परिक्षण कराया जाये-राज्यपाल ![]() 15 February 2018 राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि हर महाविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ साल में एक बार सभी छात्राओं के स्वास्थ, विशेष रूप से खून की जांच कराना चाहिए ताकि उनके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा का पता लगने से कुपोषित होने से बचाया जा सकता है। हमारे खाने में सभी प्रकार के पोषण तत्व होना चाहिये, आहार की कमी से कई बीमारियाँ जन्म लेती हैं। राज्यपाल ने आज शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्वशासी महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर राज्यपाल ने बीएससी की छात्रा कु. सुमैया अली को श्री शंकरदयाल शर्मा गोल्ड मेडल, एमएससी केमेस्ट्री की छात्रा कु.निदा नाज को मुख्यमंत्री गोल्ड मेडिल, तथा बीएचएससी की छात्रा कु.जैनब मोदी को उषा जैन अवार्ड सहित अन्य छात्राओं को पुरस्कार वितरित किये। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अच्छी माँ बनने के लिए पूर्ण पोषण की आवश्यकता है़। माँ का कर्तव्य है कि वे बच्ची को जन्म देने के साथ उसको अच्छी शिक्षा भी दे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ' अभियान चलाया जा रहा है। आज समाज तेजी से आगे बढ़ रहा है, महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है और भ्रूण हत्या की घटनाएं कम हो रही हैं। उससे लगता है कि अगली जनगणना पर महिलाओं की जनसंख्या पुरूषों के बराबर हो जायेगी। पुरूषों की तुलना में महिलाएं अधिक कार्य करने में सक्षम हैं। आज महिलाऐं राजनीतिक, प्रशासनिक सामाजिक क्ष्रेत्र के साथ ही सेना जैसे कठिन क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। राज्यपाल ने खुले में शौच से मुक्ति के प्रति जागरूकता अभियान चलाने पर जोर देते हुए कहा कि खुले में शौच करने की प्रवृत्ति से कई घटनाएं घटित होती हैं। इसलिए गांवों में हर घर में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया जाये। प्राचार्य डॉ. रोमशा सिंह ने महाविद्यालय की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होनें बताया कि महाविद्यालय की अनेक छात्राओं का बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में चयन हुआ है। कार्यक्रम का संचालन छात्रसंघ प्रभारी डॉ.उर्मिला शिरीष ने तथा आभार छात्रसंघ की अध्यक्षा कु. उल्फा खान ने किया। राज्यपाल ने डॉ.भावना श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तक का लोकार्पण भी किया। प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध हैं नि:शुल्क दवाएँ ![]() 7 February 2018 सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना में राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में 250 से अधिक नि:शुल्क दवाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह योजना वर्ष 2012 में प्रत्येक वर्ग के रोगियों को कम दामों पर निरंतर दवा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 1595 स्वास्थ्य केन्द्रों पर आरंभ की गई थी। चिकित्सालय में ओपीडी और भर्ती रोगियों को 24 घंटे सर्वाधिक उपयोग में आने वाले जेनेरिक दवाओं की व्यवस्था की गई है। चिकित्सकों को निर्देश दिये गये हैं कि दवा के स्टॉक में उपलब्ध न होने पर निकटतम वैकल्पिक दवा दें। सभी शासकीय चिकित्सकों को ईडीएल के तहत दवा लिखने के लिये कहा गया है। गुणवत्ता परीक्षण दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये औषधियों के हर बैच के साथ एनएबीएल से अनुमोदित प्रयोगशाला की रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। स्वास्थ्य संचालनालय ने एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से 410 औषधियाँ एवं सर्जिकल सूचर की गुणवत्ता जाँच के लिये अनुबंध किया है। शेष औषधियों एवं सूचर के लिये एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से गुणवत्ता परीक्षण के लिये दर निर्धारण किये जाने की कार्यवाही मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल द्वारा की जा रही है। निर्धारित न्यूनतम आवश्यक औषधियों की सूची प्रत्येक स्वास्थ्य संस्था के लिये सर्वाधिक उपयोग में आने वाली न्यूनतम आवश्यक औषधियों की सूची जिलों में उपलब्ध करवाई गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ओर सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक को न्यूनतम 250 से 300 औषधियाँ उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये गये हैं। अनिवार्य औषधि सूची को पुनरीक्षित करने की प्रक्रिया वर्ष 2016-17 में अनिवार्य औषधि सूची को पुनरीक्षित करने की प्रक्रिया विशेषज्ञों की सहायता से की गई। विभाग ने 456 औषधियों की अनिवार्य संशोधित औषधि सूची तैयार कर ली है। एम.पी. औषधि सॉफ्टवेयर कॉर्पोरेशन द्वारा सॉफ्टवेयर 'एम.पी. औषधि'' शुरू किया गया है। इसमें ड्रग इनवेन्ट्री कंट्रोल, जो पहले जिला चिकित्सालय तक सीमित था, उसे अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है। स्थानीय क्रय की संशोधित व्यवस्था प्रदेश में 100 जन-औषधि केन्द्र प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा रही है। केन्द्रों पर जेनेरिक दवाएँ कम दरों पर मिलेंगी। स्थानीय क्रय की निविदा में कम दरों पर जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध करवाने वाली कम्पनियों को प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग की कल्याणकारी योजना हमीदिया अस्पताल की व्यवस्था में सुधार के लिए किये गए प्रबंधकीय बदलाव ![]() 6 February 2018 हमीदिया अस्पताल में कुशल प्रबंधन और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रबंधकीय बदलाव किये गये है। इसमें सुरक्षा एवं सफाई व्यवस्था, वार्डों एवं विभागों में स्टाफ की पदस्थापना, सी.एम.ओ. नाईट निरीक्षण प्रणाली, नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी, ड्यूटी रोस्टर डिस्पले, एच.एम.आई.एस. सॉफ्टवेयर की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण कार्य शुरू किये गये हैं। हमीदिया अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए केन्द्रीय सरकार के उपक्रम की संचालित एजेंसी को सुरक्षा व्यवस्था का कार्य सौंपा गया है। इससे अस्पताल परिसर में वाहनों के आवागमन में सुधार हुआ है। वार्ड में भर्ती मरीज के परिजन को प्रवेश-पत्र जारी किये जा रहे है, जिससे वार्ड में अनावश्यक भीड़ में कमी आयी है। अधीक्षक स्वयं अस्पताल का निरीक्षण कर रहे हैं। आकस्मिक चिकित्सा विभाग में तीन पालियों में चिकित्सा अधिकारी 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं। इसी तरह नर्सों की स्थायी ड्यूटी भी लगाई जा रही है। उन्हें विभागाध्यक्ष के अधीन किया गया है। सभी वार्डों में स्टाफ नर्स, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का ड्यूटी रोस्टर प्रमुख स्थान पर डिसप्ले किया जा रहा है। अस्पताल में पूर्व में मेनुअल वर्क होने से संबंधित स्टाफ को आपसी सामंजस्य में परेशानी होती थी, जिससे विभाग का कार्य प्रभावित होता था। अस्पताल में हॉस्पिटल मैनेंजमेंट सिस्टम लगाया गया है। इससे अस्पताल में आने वाले मरीजों के उपचार में पारदर्शिता रखी जा रही है। केन्द्रीय औषधि भण्डार में उपलब्ध दवाई अन्य सामग्री का ऑनलाईन वितरण सभी वार्डो में किया जा रहा है। अस्पताल में आवश्यकतानुसार सफाई कर्मचारी, सुरक्षा कर्मचारी और वार्ड बाय और कर्मचारियों की बढ़ोत्तरी की गई है। इसके लिए फुल प्रूफ मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया गया है, जिसमें विभिन्न लेवल पर अधिकारियों एवं सुपरवाईजर को पदस्थ किया गया है। साथ ही कार्य क्षेत्र के हिसाब से एस.ओ.पी. बनाई गई है, इससे विभिन्न व्यवस्थाओं पर नियंत्रण किया जा रहा है। राजस्व मंत्री श्री गुप्ता द्वारा मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सेवा शिविर का शुभारंभ ![]() 1 February 2018 राजस्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने शासकीय जयप्रकाश चिकित्सालय में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सेवा शिविर का शुभारंभ किया। उन्होंने श्री शाहिद हुसैन को 97 हजार रुपये और श्री छोटेलाल साहू को एक लाख 62 हजार रुपये की राज्य बीमारी सहायता राशि के स्वीकृति पत्र दिये। श्री गुप्त ने कहा कि शिविर में आने वाले सभी मरीजों का नि:शुल्क उपचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि शिविर में प्रायवेट डॉक्टर भी सेवाएँ दे रहे हैं। श्री गुप्ता ने बताया की काटजू हास्पीटल को भी 100 बेड का बनाया जायेगा। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री सुधीर जेसानी एवं अन्य चिकित्सक उपस्थित थे। हमीदिया अस्पताल में पहली बार "पेंशन्ट फ्रैंडली" उपचार की व्यवस्था शुरू ![]() 1 February 2018 भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मरीजों को बेहतर उपचार के लिये 'पेंशन्ट फ्रैंडली' बनाने की व्यवस्था शुरू की गई है। इस व्यवस्था में रजिस्ट्रेशन काउंटर, पूछ-ताछ केन्द्र, साईनेज बोर्ड एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की पदस्थापना की गई है। ये सुविधायें पूर्व में अस्पताल में नहीं थीं। प्रशासनिक फेरबदल किये जाने के बाद अस्पताल में अनेक सुधार भी हुए हैं। अस्पताल में पहली बार ऑनलाइन अपाईनमेंट सिस्टम जल्द लागू किया जा रहा है। इस सिस्टम में मरीज घर बैठे उपचार के लिये अपाईनमेंट लेकर अपना रजिट्रेशन कर सकेंगे। रजिस्ट्रेशन में पर्चा एवं फ्री स्लिप की व्यवस्था भी मरीजों को ऑनलाइन दी जाएगी, जिससे मरीजों को रजिस्ट्रेशन नम्बर के आधार पर दवाइयाँ अस्पताल के काउंटर से मिलेंगी। हमीदिया अस्पताल में मरीजों के रजिस्ट्रेशन काउंटर की संख्या 4 से बढ़ाकर 10 कर दी गई है। इससे मरीजों को रजिस्ट्रेशन के लिये लम्बी कतार में इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मरीजों के लिये पूछताछ केन्द्र स्थापित किये गये हैं, जिनमें तीनों पालियों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। इससे आने वाले मरीजों को कम समय में उचित उपचार का मार्गदर्शन मिलेगा। इसी तरह, अस्पताल में आवश्यक स्थानों पर साईनेज बोर्ड लगाये गये हैं, जिससे मरीजों को उपचार के लिये केन्द्रों तक जाने में कठिनाई नहीं होगी। अस्पताल में मरीजों को उपचार से संबंधित जानकारी और मार्गदर्शन देने के लिये 24 घंटे सामाजिक कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लागाई जा रही है। उनकी मॉनीटरिंग हमीदिया अस्पताल के विभागाध्यक्ष करेंगे। मंत्री डॉ. मिश्र ने बच्चों को पल्स पोलियो की दवा पिलाई ![]() 28 January 2018 जनसम्पर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने दतिया की राजघाट कॉलोनी से पल्स पोलिया अभियान की शुरूआत की। उन्होंने नन्हे बच्चों को पल्स पोलियो की दवा पिलाई। डॉ. मिश्र ने पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिये मोटर साईकिल रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। जनसम्पर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने दतिया जिले की अगोरा ग्राम पंचायत के ग्राम आनंदपुर पहुँचकर अम्बेडकर प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान बौद्ध संत भी उपस्थित थे। डॉ. मिश्र ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर देव तुल्य मानव थे। मध्यप्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा उनकी स्मृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए नई दिल्ली, महू, तथा लंदन सहित पांच स्थानों पर बाबा साहब की स्मृति में तीर्थ स्थल बनाए गए हैं। दतिया में होगी ई-अस्पताल सुविधा : केन्द्रीय मंत्री श्री प्रसाद ![]() 28 January 2018 केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने दतिया प्रवास के दौरान दतिया जिला अस्पताल में 'ई-अस्पताल' की सुविधा विकसित करने की घोषणा की है। ई-अस्पताल में ग्रामीण क्षेत्र में बैठा व्यक्ति भी टेलीक्रांफ्रेसिंग द्वारा जिला चिकित्सालय के विशेषज्ञों की सलाह लेकर अपना ईलाज करवा सकता है। दतिया जिला अस्पताल की बिस्तर क्षमता 300 है। केन्द्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने शनिवार को दतिया में अधिकारियों कहा कि दतिया धार्मिक नगरी है। यहां पर डिजीटल लेनदेन को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने पीताम्बरा पीठ पहुंच कर पूजा-अर्चना भी की। प्रदेश की पहली शासकीय बोन-मेरो ट्रांसप्लांट यूनिट एम. वाय. अस्पताल इंदौर में शुरू ![]() 23 January 2018 मध्यप्रदेश में पहली बार एम.वाय शासकीय अस्पताल इंदौर में बोन-मेरो ट्रांसप्लांट की यूनिट स्थापित की गई है। यूनिट में ट्रांसप्लांट की शुरूआत थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों से की जा रही है। इसके बाद यह सुविधा सिकलसेल ऐनीमिया, ल्यूकेमिया से पीड़ित बच्चों को भी उपलब्ध करवाई जाएगी। ट्रांसप्लांट के लिये 12 साल से कम उम्र के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। मरीजों के रजिस्ट्रेशन के लिये दिसम्बर-2017 में इंदौर, भोपाल एवं ग्वालियर में कैम्प आयोजित किये गये थे। अब तक प्रदेश के 150 थेलेसिमिया मरीजों का रजिस्ट्रेशन बोनमेरो ट्रांसप्लांट के लिये हुआ है। थैलेसिमिया एक अनुवांशिक बीमारी है। इसके अंतर्गत नवजात बच्चों में अनुवांशिक जीन की खराबी से हीमोग्लोबिन की कमी के कारण प्रति माह रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। प्रति माह रक्त चढ़ाने की यह प्रक्रिया काफी पीड़ादायक होती है। बोनमेरो ट्रांसप्लांट किये जाने से इन बच्चों में प्रति माह खून चढ़ाने की आवश्यकता समाप्त जाएगी एवं बच्चों का जीवनकाल बेहतर हो जाएगा। बोन-मेरो ट्रांसप्लांट यूनिट एम.वाय. हॉस्पिटल की चौथी मंजिल पर संचालित है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर से संबद्ध एम.वाय. महाराजा चिकित्सालय में प्रदेश के प्रथम 6 बिस्तरीय बोनमेरो ट्रांसप्लांट सेंटर की स्थापना की गई है। परियोजना की कुल लागत 5 करोड़ रुपये है। निर्माण कार्य पर 3 करोड़ 50 लाख व्यय किये गये हैं। उपकरणों पर एक करोड़ 50 लाख रुपये व्यय हुए हैं। कोलंबिया विश्वविद्यालय (यूएसए) के सह-प्राध्यापक डॉ. प्रकाश सतवानी यूनिट की स्थापना के लिये आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। वर्तमान में एम.वाय. हॉस्पिटल इंदौर के दो चिकित्सक कोलंम्बिया विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। शिशु रोग विभाग के दो अन्य चिकित्सक भी 6 माह के प्रशिक्षण के लिये कोलंबिया विश्वविद्यालय भेजे जा रहे हैं। प्रशिक्षण व्यय राज्य सरकार वहन कर रही है। बोनमेरो ट्रांसप्लांट सेंटर की स्थापना के लिये डॉ. प्रकाश सतवानी, कोलंबो, यूनिवर्सिटी, न्यूयार्क (यूएसए), डॉ. लारेन्स फॉकनर, बोनमेरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ, इटली, मेडिकल को-ऑर्डिनेटर, क्योर 2 चिल्ड्रन फाउण्डेशन, इटली एवं संकल्प इण्डिया फाउण्डेशन, बैंगलोर से अभिमत प्राप्त किया गया। बोनमेरो ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में कार्य कर रहे एनजीओ संकल्प इण्डिया फाउण्डेशन, बैंगलोर के साथ एमओयू भी किया गया है। इस एमओयू के अंतर्गत बोनमेरो ट्रांसप्लांट सेंटर में कार्य करने वाले ब्लड बैंक एवं रेडियोथेरेपी के चिकित्सकों, पीडियाट्रिक सर्जन, बेहोशी विशेषज्ञ, प्रशासकीय अधिकारी, नर्सिंग, टेक्नीशियन एवं फार्मासिस्ट स्टॉफ की बोनमेरो ट्रांसप्लांट से संबंधित ट्रेनिंग बैंगलोर एवं अहमदाबाद में करवाई जाएगी। जे.पी. अस्पताल में अब न्यूरो सर्जरी भी होगी ![]() 16 January 2018 भोपाल के जय प्रकाश चिकित्सालय में मस्तिष्क विकार पीड़ित मरीजों के लिये न्यूरो सर्जरी की सेवाएँ शुरू की गई हैं। इसमें दुर्घटना से ग्रस्त मस्तिष्क विकार, ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन हेमरेज, पेरालिसिस आदि दिमाग से जुड़े रोगों की जाँच एवं उपचार न्यूरो सर्जन डॉ. योगेश तिवारी द्वारा किया जायेगा। अस्पताल में डॉ. तिवारी प्रत्येक मंगलवार एवं गुरुवार को ओपीडी में मरीजों की जाँच करेंगे और प्रति सोमवार एवं बुधवार को ऑपरेशन करेंगे। सप्ताह में एक दिन डीईआईसी में आने वाले बच्चों का परीक्षण होगा। 18 साल तक के बच्चों की होगी नि:शुल्क न्यूरो सर्जरी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर जेसानी ने बताया कि जे.पी. अस्पताल में न्यूरो सर्जरी की ओपीडी शुरू होने के साथ राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में जन्म से 18 साल तक के न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट और अन्य सर्जरी योग्य चिन्हांकित बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी भी होगी। इसके लिये मॉडल कास्टिंग की राशि स्वीकृत कर सिविल सर्जन को दी जायेगी। इसी प्रकार गरीबी रेखा के नीचे वाले मरीजों की शल्य-चिकित्सा राज्य बीमारी सहायता निधि पैकेज के तहत नि:शुल्क होगी। गरीबी रेखा के ऊपर जीवन-यापन करने वाले मरीजों की सर्जरी के लिये शुल्क का निर्धारण रोगी कल्याण समिति द्वारा किया जायेगा। मध्यप्रदेश में बाल मृत्यु दर में पहली बार 7 अंकों की गिरावट ![]() 12 January 2018 केन्द्र शासन द्वारा हाल ही में जारी सेम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे (एसआरएस-2016) में मध्यप्रदेश में बाल मृत्यु दर में 7 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई है। परिणाम स्वरूप 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की बाल मृत्यु दर वर्ष 2015 के 62 से गिरकर 55 प्रति हजार जीवित जन्म हो गई है। यह गिरावट राज्य शासन द्वारा आरंभ किये गये दस्तक अभियान, विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं और अन्य प्रयासों के चलते हुई है। देश में सर्वाधिक गिरावट दर्ज करने वाले राज्यों में 10 अंक के साथ असम प्रथम और 7 अंक के साथ मध्यप्रदेश द्वितीय स्थान पर है। भारत में बाल मृत्यु दर में 4 अंकों की गिरावट दर्ज हुई है। यह दर वर्ष 2015 में 43 से घटकर 39 प्रति हजार जीवित जन्म रिपोर्ट हुई है। बाल मृत्यु के प्रमुख कारणों में निमोनिया 14 प्रतिशत, दस्त रोग 9.2 प्रतिशत, गंभीर कुपोषण 45 प्रतिशत और गंभीर एनीमिया हैं। इसे मद्देनजर रखते हुए प्रदेश में 6 माह के अंतराल में घर-घर जाकर दस्तक अभियान में पीड़ित बच्चों की पहचान, उपचार और प्रबंधन की कार्यवाही की जा रही है। अभियान में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिये दी जा रही है। गंभीर रक्ताल्पता से ग्रसित बच्चों को नि:शुल्क खून चढ़ाया जा रहा है। इससे वे बाल्यावस्था में होने वाली बीमारियों से बच रहे हैं। दस्त रोग की रोकथाम के लिये हर घर में ओआरएस तथा जिंक गोली वितरण के साथ उचित शिशु एवं बाल आहार की समझाइश भी परिवारों को दी जा रही है। सुदूर इलाकों में परिवारों को बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि पहली बार प्रदेश में बाल मृत्यु दर में इतनी महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है। दस्तक अभियान के 15 जून से 31 जुलाई-2017 के मध्य हुए प्रथम चरण में 5 वर्ष से कम उम्र के 76 लाख बच्चों तक घर-घर पहुँच बनाई गई। गंभीर कुपोषण, गंभीर एनीमिया, निमोनिया, दस्त रोग, जन्मजात विकृतियों तथा अन्य बीमारियों की सक्रिय पहचान की गई। द्वितीय चरण 18 दिसम्बर, 2017 से 18 जनवरी, 2018 के मध्य किया जा रहा है। अब तक 68 लाख बच्चों की नामजद जानकारी दर्ज करने के साथ 23 लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर चिन्हित बच्चों का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये विटामिन-ए का सप्लीमेंट दिया गया है। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में 1500 बच्चों को भर्ती किया जा चुका है और शेष बच्चों को नि:शुल्क परिवहन से लाने की व्यवस्था की जा रही है। 514 बच्चों को नि:शुल्क ब्लड ट्रांसफ्यूजन (खून चढ़ाना) किया जा चुका है, शेष की व्यवस्था की जा रही है। जन्मजात विकृतियों वाले 3237 बच्चों की पहचान कर उनके इलाज का नि:शुल्क प्रबंध किया जा रहा है। निमोनिया के 2245 और दस्त रोग के 3351 बच्चों की पहचान कर उपचारित किया गया है। गंभीर संक्रमण सेप्सिस से पीड़ित 1318 बच्चों की पहचान कर उपचारित किया जा रहा है। यह बच्चे दो माह से कम उम्र के हैं। करीब 25 हजार बच्चों में अन्य बीमारियाँ पाई गईं जिनके उपचार का प्रबंध दस्तक दल द्वारा किया जा रहा है।
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क्या खाया क्या पाया!
(1)
भोजन में वसा रहेगी, तो मोटापा बढ़ेगा।
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