सम्पादकीय
राजधानी
कवर स्टोरी
विश्व डाइजेस्ट
जीवन दर्शन
आपके पत्र
अन्ना का पन्ना
इन्वेस्टीगेशन
छत्तीसगढ़ डाइजेस्ट
छत्तीसगढ़ पर्यटन
भारत डाइजेस्ट
सिटी गाइड
अपराध मिरर सिटी स्केन जिलो से महानगरो से हमारे मेहमान साक्षात्कार केम्पस मिरर फिल्म व टीवी खाना - पीना
शापिंग गाइड वास्तुकला सेलेब्रिटी सर्कल महिला मिरर भविष्यवाणी क्लब संस्थायें स्वास्थ्य दर्पण संस्कृति कला आर्ट-पावर मीडिया आपके सवाल
आपकी राय पब्लिक नोटिस न्यूज मेकर
टेक्नोलॉजी टेंडर्स निविदा बच्चों की दुनिया स्कूल मिरर सामाजिक चेतना नियोक्ता के लिए पर्यावरण यात्रा
:: छत्तीसगढ़ डाइजेस्ट :: |
|
|
मुठभेड़ में चार नक्सली ढेर
31 Octoember 2014रायपुर। सुकमा जिले के किस्टारम थाना क्षेत्र के पालचलमा में 21 अक्टूबर को हुए मुठभेड़ के बाद आंध्र सीमा पर चार नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुकमा जिला मुख्यालय से कोबरा, सीआरपीएफ, डीआरजी व एसटीएफ की अलग-अलग पार्टियां विभिन्न इलाकों पर सर्चिग के लिए रवाना हुई थीं। इस दौरान पालचलमा के पास स्थित पहाड़ी में छिपे नक्सलियों ने पुलिस पर फायरिंग की। जवाब में फोर्स की ओर से भी गोली चलाई गई। घटना के बाद आंध्र सीमा पर चार नक्सलियों सोरी मासा, कवासी हुंगा, सोयम तोगा व पूनेम रत्तू के शव मिलने की खबर है।
चार ने डाले हथियार
इंद्रावती एरिया कमेटी के अंतर्गत जनमिलिशिया प्लाटून नंबर तीन के सेक्शन डिप्टी कमांडर पो़ि़डयामी लक्ष्मण [18] निवासी पोल्लेवाया एवं तीन महिला एलओएस सदस्यों ने गुरूवार को आईजी दफ्तर में अधिकारियों के समक्ष सरेंडर किया। लक्ष्मण ने एक 12 बोर की बंदूक , जिंदा ग्रेनेड एवं छह किलो आईईडी भी पुलिस के सुपुर्द किया।
रायगढ़ शहर में डेंगू ने पसारे पांव
31 Octoember 2014रायगढ़। शहर सरकार के द्वारा सफाई में लापरवाही बरतने की वजह से डेंगू ने शहर में पांव पसार लिया है। यहीं कारण है कि शहरी क्षेत्र में ही अब तक9 लोग डेंगू से पीडि़त हो चुके हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र से दो लोग डेंगू से पीडि़त हैं।
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ही इन पीडि़तों का चिन्हांकन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह बीमारी साफ-सफाई के अभाव में पनपती है। इधर नगर निगम के अधिकारी प्रतिदिन सफाई के नाम पर हजारों रुपए खर्च करने का दावा कर रही है।
डेंगू बीमारी से पीडि़त होने वाले लोगों पर गौर करे तो सबसे अधिक लाल टंकी क्षेत्र में रहने वाले लोग इसकी चपेट में आए हैं। सबसे पहला मरीज भी इसी क्षेत्र से सामने आया था। इस समय लोगों ने निगम के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए क्षेत्र में सफाई कराए जाने की मांग की थी।
हालांकि लोगों के ज्ञापन मिलने के बाद निगम के अधिकारियों ने सफाई कराए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन पुराने ढर्रे पर ही सफाई होती रही। ऐसे में यह बीमारी थमने के बजाए फैलने लगी। यहीं वजह है कि इसकी संख्या बढ़ कर अब 11 पहुंच चुकी है। इसमें 9 मरीज शहरी क्षेत्र के ही हैं।
सीएम रमन सिंह ने शुरू किया देश का पहला ई-जनदर्शन
31 Octoember 2014रायपुर। राज्य सरकार ने सीएम जनदर्शन को जनता के और करीब पहुंचाते हुए ई-जनदर्शन की शुरुआत गुरुवार से कर दी है। अब प्रदेश के लोग घर बैठे अपनी बात सीएम तक पहुंचा सकेंगे और सीएम उनका ऑनलाइन समाधान भी करेंगे। गूगल हैंग आउट के जरिए यह संभवत: देश का पहला ई-जनदर्शन है।
गुरुवार को पहले ई-जनदर्शन में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न जिलों के करीब 50 लोगों से बात की। पहले जनदर्शन के लिए प्रदेश भर के लोगों से सोमवार तक रजिस्ट्रेशन करने को कहा गया था, रजिस्टर्ड लोगों को संबंधित जिले के कलेक्टरेट में बुलाया गया। सभी जिलों के कलेक्टरेट को जिन्हें सीएम ऑफिस के साथ गूगल हैंगआउट से जोडा गया जिसके बाद उन्होंने उनके साथ सीधी बात की। सीएम ने कहा कि आने वाले समय में इस सुविधा को और बेहतर बनाया जाएगा ताकि लोगो घर बैठे ही उनके साथ संवाद स्थापित कर सकें।
दुर्ग के छात्र ने पूछा पहला सवाल
ई-जनदर्शन में पहला सवाल दुर्ग जिले के इंजीनियरिंग छात्र कमल नारायण चंद्राकर ने पूछा। उनका सवाल था कि सरकार ने घोषणा की थी कि इंजीनियरिंग के छात्रों को लैपटॉप दिया जाएगा लेकिन अब तक नहीं मिला। कब तक मिलेगा? इस पर सीएम ने कहा कि इंजीनियरिंग और मेडिकल के छात्रों के लैपटॉप के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जैसे ही कंपनी लैपटॉप उपलब्ध कराती है छात्रों को दे दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शासन इस कोशिश में है कि जल्द से जल्द छात्रों को लैपटॉप और टैबलेट दिए जाएंगे।
आठ साल से जारी है जनदर्शन
इस मौके पर सीएम डॉ रमन सिंह ने कहा कि वे पिछ्ले आठ साल से जनदर्शन के माध्यम से लोगों से प्रत्यक्ष मुलाकात करते आ रहे हैं, इसी में एक कडी और जोडते हुए उन्होंने ई-जनदर्शन की शुरुआत की है।उन्होंने कहा कि यह सुविधा खास तौर पर प्रदेश के दूरस्थ अंचल में रहने वाले नागरिकों के लिए शुरू की गई है। ताकि उन्हें सीएम तक अपनी बात पहुंचाने के लिए रायपुर तक का लम्बा सफर न करना पडे। इस नई सुविधा से प्रदेश के किसी भी कोने से लोग अपनी समस्याओं को सीएम के सामने रख सकेंगे, जिससे उन्हें रायपुर तक आने की जरूरत नहीं पड़ेगी और घर बैठे ही उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा।
महीने में एक दिन होगा ई-जनदर्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हाउस में हर गुरूवार को होने वाले जनदर्शन के माध्यम से उन्हें हजारों लोगों से मिलने का मौका मिलता है जिसे वे जारी रखेंगे। लेकिन अब वे महीने के तीन गुरूवार सीएम हाउस में लोगों से मिलेंगे और एक गुरूवार को ई-जनदर्शन के माध्यम से वे जनता से सीधा संवाद करेंगे।
विपक्ष ने कहा सामंती सोच का नतीजा है जनदर्शन
कुछ दिनों पहले जनदर्शन का विरोध करते हुए विपक्ष ने कहा था कि पुराने जमाने में राजा अपनी प्रजा से मिलने के लिए जनदर्शन रखवाते थे। लेकिन अब न कोई राजा है और न कोई प्रजा। सीएम का जनदर्शन उसी सामंती सोच का नतीजा है।
कल्लूरी के आईजी रहते नहीं हो सकती जांच: अग्निवेश
30 Octoember 2014रायपुर। टीएमटीडी न्यायिक जांच आयोग के समक्ष गवाह लाने में असहयोग संबंधी मसले पर सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि बस्तर में जब तक एसआरपी कल्लूरी आईजी के रूप में पदस्थ हैं, तब तक प्रकरण की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती, ऐसे में सुनवाई के लिए गवाह भेजने का कोई औचित्य नहीं है। स्वामी ने बस्तर आईजी को पद से हटाने की मांग भी की है।
नईदुनिया में 30 अक्टूबर को प्रकाशित समाचार में जानकारी दी है कि स्वामी अग्निवेश द्वारा गवाह न भेजे जाने से प्रशासन परेशान है। इस संबंध में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अग्निवेश ने कहा है कि आईजी कल्लूरी न सिर्फ जांच प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि जांच आयोग की विश्वसनीयता भी खराब कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि जांच आयोग ने अग्निवेश को प्रभावित गांवों के 150 से अधिक लोगों की सूची देकर गवाही के लिए आयोग के समक्ष लाने का आग्रह किया था।
स्वामी अग्निवेश ने इस मामले में जुलाई में आयोग को लिखे पत्र में आयोग से मांग की थी कि बस्तर आईजी को हटाने की मांग की जाए, क्योंकि उनके रहते यह जांच ठीक तरह से नहीं हो पाएगी।
ट्रेलर ने बाइक को रौंदा ग्रामीणों ने घेरा थाना
30 Octoember 2014कोरबा। दशगात्र में शामिल होने ढेलवाडीह जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई। घटना से नाराज लोगों ने दीपका थाना का घेराव कर दिया। बिना सूचना घटना स्थल से शव उठाने को लेकर हंगामा किया। गाड़ी मालिक से मुआवजे की मांग की। घटना दीपका- हरदीबाजार मार्ग पर ग्राम झिंगटपुर के पास हुई। बुधवार शाम ग्राम नावापारा निवासी कौशल कंवर 35, बाइक क्रमांक सीजी 12 एन 7825 से दशगात्र मे शामिल होने ढेलवाडीह जा रहा था। ग्राम झिंगटपुर के पास दीपका से हरदीबाजार की ओर जा रहे ट्रेलर ने बाइक को रौंद दिया। कौशल, सड़क पर गिर गया। मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसकी मौत हो गई।
हादसे की सूचना मिलते ही ग्राम झिंगटपुर के लोग बड़ी संख्या में घटना स्थल पर पहुंच गए। इसमें महिलाएं अधिक थी। लोगों ने सड़क को जाम करने की कोशिश की, लेकिन मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को उठा लिया। घटना की सूचना पर ग्राम नावापारा से भी कौशल के परिजन झिंगटपुर पहुंचे। यहां से दीपका थाना पहुंचे। परिजनों को सूचना दिए बिना घटना स्थल से शव उठाने पर नाराजगी जताते हुए थाना में जमकर हंगामा किया। मुआवजे की मांग को लेकर थाना का घेराव कर दिया।
सामाचार लिखे जाने तक ग्रामीण, गाड़ी मालिक से सहायता राशि दिलाने की मांग कर रहे थे। घेराव खत्म नहीं हुआ था। थाना प्रभारी ए कुजूर ने बताया कि पुलिस ने ट्रेलर क्रमांक सीजी 04ए 0501 को पकड़ लिया है। ट्रेलर थाना में खड़ी है। चालक फरार है। इसकी पतासाजी जारी है। पुलिस ने ट्रेलर चालक के खिलाफ जुर्म कर लिया है। कौशल, कंवर दंपति का एकलौता पुत्र था। हादसे की सूचना मिलते ही परिवार में शोक की लहर दौड़ गई।
समीरा से अमित जोगी का सही पता पूछा हाईकोर्ट ने
30 Octoember 2014बिलासपुर. हाईकोर्ट ने मरवाही विधानसभा से पराजित प्रत्याशी समीरा पैकरा को मरवाही विधायक अमित जोगी का सही पता बताने के निर्देश दिए हैं। पूर्व में रायपुर स्थित अनुग्रह का पता बताया गया था। इस पते पर नोटिस तामील नहीं हो सका है। मरवाही से रिकाॅर्ड मतों से जीतकर विधायक बने अमित जोगी की भारतीय नागरिकता और जाति को भाजपा की पराजित प्रत्याशी समीरा पैकरा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद अमित सहित नौ अन्य को नोटिस जारी किया गया था।
मरवाही से विधानसभा चुनाव लड़कर अमित जोगी से पराजित समीरा ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका लगाई है। इसमें कहा गया है कि विधानसभा चुनाव के लिए 26 अक्टूबर 2013 से 1 नवंबर २०13 तक नामांकन फाॅर्म भरे जाने थे। 2 नवंबर को नामांकन फाॅर्म की स्क्रूटनी हुई थी। कांग्रेस प्रत्याशी अमित जोगी ने 28 अक्टूबर को पेंड्रारोड तहसीलदार को जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया। तहसीलदार ने इसी दिन जांच पूरी करने के बाद पेंड्रारोड एसडीओ को रिपोर्ट सौंप दी।
एसडीओ ने 31 अक्टूबर को जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया। वहीं, अमित ने 30 अक्टूबर को अस्थाई जाति प्रमाण पत्र के साथ अपना नामांकन फाॅर्म जमा कर दिया था। नियमों के मुताबिक नामांकन फाॅर्म के साथ स्थाई जाति प्रमाण पत्र देना होता है। इसे लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी से आपत्ति की गई थी, जो निरस्त कर दी गई। याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मरवाही विधायक अमित सहित अन्य उम्मीदवारों सुमन सिंह वाकरे, तपेश्वर मरावी, डाॅ. उर्मिला मार्को, गजमती भानू, घासीराम वाकरे, थान सिंह, पंचम सिंह मेश्राम और बुधभान धुर्वे को नोटिस जारी किया था।
तीन बार नोटिस जारी करने के बाद भी अमित जोगी को नोटिस तामील नहीं हो सका है। पूर्व में बताए गए रायपुर के अनुग्रह के पते पर नोटिस लेने से इनकार कर दिया जाता है। बुधवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को अमित का सही पता बताने के निर्देश दिए।
अमेरिकी नागरिकतारद्द हुए बिना लड़ा चुनाव
याचिका में कहा गया है कि अमित के पास अमेरिकी नागरिकता है। भारत में दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं है, लिहाजा उन्हें चुनाव लड़ने से पहले अमेरिकी नागरिकता रद्द करवानी थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसी तरह जोगी पर आपराधिक मामलों को लेकर भी गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है।
झीरम घाटी जांच आयोग अब जगदलपुर में करेगा सुनवाई
29 Octoember 2014रायपुर। बस्तर जिले में झीरम घाटी हत्याकांड की जांच के लिए राज्य शासन द्वारा गठित विशेष न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष छत्ताीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा 30 और 31 अक्टूबर को जगदलपुर में सुनवाई करेंगे। सुनवाई आयोग के जगदलपुर कार्यालय [बस्तर संभाग आयुक्त कार्यालय परिसर] में होगी।
इससे पहले सुनवाई में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं की मौत के संबंध में अपनी बात रखी है। इसके पहले भी घटना में मौजूद कई प्रत्यक्षदर्शियों ने भी आयोग के सामने बात रख चुके हैं।
5 लाख की इनामी महिला माओवादी ने किया समर्पण, अंतागढ़ में दो पकड़े गए
29 Octoember 2014बिलासपुर/कांकेर. पिछले नौ साल से बीजापुर इलाके में लाल आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पांच लाख की इनामी महिला माओवादी शांति कुंजाम ने बुधवार को आईजी कार्यालय में समर्पण कर दिया। वह ग्रामीणों को माओवादी विचारधारा से जोडऩे का काम करती थी। दीपावली मनाने बीजापुर जिले के नेलसनार थानांतर्गत ग्राम कोडोली में घर आई शांति ने अपने भाई-बहन के समझाने पर माओवादी विचारधारा छोड़कर मुख्यधारा से जुडऩे का फैसला लिया। समर्पित महिला माओवादी को 2005 में मितूर कामांडर निर्मल इक्का ने संगठन से जोड़ा था। वहीं, कांकेर जिले के अंतागढ़ थानाक्षेत्र से सर्चिंग पर निकले डीएफ और बीएसएफ के जवानों ने ग्राम उपरकामता से दो माओवादी मंगउराम और रामधर को गिरफ्तार किया है।
पत्नी के चरित्र पर आरोप लगाने के बाद प्रमाणित नहीं करना क्रूरता: हाईकोर्ट
29 Octoember 2014बिलासपुर. हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पत्नी के चरित्र और सत्यनिष्ठा पर गंभीर आरोप लगाने के बाद उसे प्रमाणित नहीं करना क्रूरता है। एक मामले में फैमिली कोर्ट पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि कोर्ट ने मेंटेनेंस के लिए पत्नी की अर्जी पर दिए गए फैसले में गंभीर गलती की है। हाईकोर्ट ने पत्नी और बेटे को हर माह 5-5 हजार रुपए भरण-पोषण देने का आदेश दिया है।
रायगढ़ में रहने वाली महिला की शादी 25 अप्रैल 1988 को कोरबा दर्री के छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में नौकरी करने वाले भीष्म राम चंदरोसा से हुई थी। उनके तीन बच्चे हैं, इसमें बेटा लोकेश 18 वर्ष, बेटी मेघा 16 वर्ष और बेटा अंकित की उम्र 10 वर्ष है। महिला की छोटी बहन की शादी में उसके पिता ने दहेज में बाइक दी। इसके बाद से भीष्म राम ने पत्नी को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और दहेज में डेढ़ लाख रुपए मांगने लगा। प्रताड़ना के चलते महिला का घर पर रहना मुश्किल हो गया। इसके बाद भीष्म राम पत्नी को रायगढ़ उसके मायके छोड़ आया। फिलहाल छोटा बेटा मां के साथ रहता है और दोनों बड़े बच्चे पिता के साथ हैं।
उधर, महिला ने खुद को और बेटे को भरण-पोषण देने की मांग को लेकर रायगढ़ की फैमिली कोर्ट में मामला दायर किया। कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके खिलाफ महिला ने हाईकोर्ट में रिवीजन दाखिल की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा की सिंगल बेंच में हुई। हाईकोर्ट ने फुलझर बसोर विरुद्ध मुन्नालाल के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का हवाला देते हुए कहा कि पत्नी के चरित्र और सत्यनिष्ठा पर आरोप लगाने के बाद उसे प्रमाणित नहीं करना क्रूरता के दायरे में आएगा।
ऐसे मामले में पत्नी भरण-पोषण पाने की हकदार होती है। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए मां-बेटे को हर माह 5-5 हजार रुपए भरण-पोषण के रूप में देने का आदेश दिया है। यह राशि हर महीने की सातवीं तारीख तक देनी होगी। हाईकोर्ट ने 2007 से लेकर अब तक का एरियर्स भी छह किश्तों में देने का आदेश दिया है।
नक्सलियों का छात्रों पर पार्टी ज्वाइन करने का दबाव
28 Octoember 2014रायपुर, दंतेवाड़ा। संगठन विस्तार के लिए नक्सली विद्यार्थियों पर पार्टी ज्वाइन करने का दबाव बनाते हैं। वे संवेदनशील इलाकों में संचालित सरकारी आश्रम-छात्रावासों में विद्यार्थियों से संपर्क करते हैं और बाद में उन पर संगठन में शामिल होने दबाव डालते हैं।
ताजा खुलासा आत्मसमर्पित जनमिलिशिया कमांडर सुखराम कावडे़ ने किया है। माड़ इलाके में नक्सलियों के उत्तर बस्तर डिवीजन में जनमिलिशिया कमांडर रह चुका 22 वर्षीय सुखराम नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लाक के एक सरकारी छात्रावास में निवासरत रहते पढ़ाई कर रहा था। विद्यार्थी रहते ही सुखराम वषर्ष 2006 में नक्सलियों के संपर्क में आया था।
मीडिया से चर्चा में उसने बताया कि छात्रावास में रहते वह संगठन में शामिल हुआ था। फोर्स की गतिविधियों की जानकारी देने के साथ नक्सलियों के निर्देशानुसार सड़क खोदने, जवानों को जख्मी करने लोहे की सरिया गाड़ने जैसा काम किया करता था।
सुखराम के अनुसार उसके साथ कुछ और छात्र भी थे जिन्हें दबाव पूर्वक संगठन में शामिल कराया गया था।
सुखराम ने बताया कि समर्पण से पहले जनमिलिशिया कमांडर के रूप में नक्सली मिलिट्री प्लाटून, गांव आने वाले माओवादियों के लिए भोजन की व्यवस्था करना, संतरी ड्यूटी, बैठकों में नक्सली विचारधाराओं का प्रचार करना जैसी जिम्मेदारियां उस पर था। उसके मुताबिक वह पढ़कर शिक्षक बनना चाहता था, लेकिन नक्सलियों ने उसे पार्टी में ज्वाइन करने का दबाव बनाया। मजबूरन उसे यह रास्ता अपनाना पड़ा।
इस संबंध में एसपी कमलोचन कश्यप का कहना था कि संगठन विस्तार के उद्देश्य से नक्सली ऐसा करते है। वे ऐसे लड़कों को चुनते है जो उनके कार्यो को करने में दक्ष हो। फिलहाल सुखराम को पुर्नवास नीति का लाभ दिलाने के साथ उसकी पढ़ाई पूरी करवाने में पुलिस पूरा सहयोग करेगी।
जनसंपर्क अधिकारी के घर चोरी
28 Octoember 2014कोरबा। लूटेरे और चोर पुलिस के नियंत्रण से बाहर हो गए हैं। प्रशासनिक अफसरों की कालोनी भी इनसे अछूती नहीं है। जनसंपर्क विभाग के उपसंचालक के घर में चोरों ने धावा बोला है। परिवार दीपावली की छुट्टी पर बिलासपुर गया हुआ था। सूने मकान से बर्तनों सहित अन्य सामान पार किया गया।
जिला जनसंपर्क विभाग के उपसंचालक पद पर बीएम तंबोली कार्यरत हैं। कलक्टोरेट के समीप प्रशासनिक अधिकारियों की कालोनी में इनका मकान स्थित है। बाजू में एसडीएम एवं सामने एडीएम का बंगला मौजूद है। तंबोली 22 अक्टूबर को दीपावली मनाने सहपरिवार बिलासपुर गए हुए थे। रविवार की रात 11 बजे इनकी वापसी हुई। घर में प्रवेश करते ही वे दंग रह गए। दो कमरों का पूरा सामान बिखरा पड़ा था। मकान के पीछे की खिड़की की सलाखें मुड़ी हुई थी। तंबोली को समझते देर नहीं लगी कि खिड़की से चोरों का प्रवेश हुआ। उन्होंने रात में ही इसकी सूचना रामपुर पुलिस चौकी को दी। पुलिस ने मकान पहुंचकर छानबीन की। सोमवार की सुबह चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई। तंबोली ने बताया कि घर से तांबे, पीतल के बर्तन सहित अन्य सामान चुराए गए हैं। इनकी कीमत करीब 30 हजार रुपए है। शुक्र था कि घर पर कोई महंगी वस्तु नहीं थी। चोर इसी मंशा से घर में घुसे थे। रामपुर पुलिस चोरी का मामला दर्ज कर चोरों की पतासाजी कर रही है।
पुलिस की मानें तो चोरी को आदतन चोरों ने अंजाम नहीं दिया है। चोरी करने और सामान चुराने के तरीके को देखकर यह बात कही गई है। चोर संबंधित क्षेत्र के हो सकते हैं।
टोनही कहकर मार डाली गई महिला और ग्रामीणों ने बताया पारिवारिक विवाद
28 Octoember 2014भिलाई. टोनही कहकर मार डाली गई दुकलहिन के गांव के लोगों का कहना है कि उस पर ऐसा आरोप पहले कभी किसी ने नहीं लगाया। वह रोज गांव में घूम घूम कर सब्जी बेचती थी और लोग उससे सब्जी खरीदते थे। ग्रामीणों का कहना है कि घटना पारिवारिक विवाद के चलते हुई है। गांव के पंच कन्हैया साहू का कहना है कि दुकलहीन सब्जी बेचने का धंधा करती थी। पूरे गांव में रोज घूम-घूमकर सब्जी बेचती और लोग खरीदते भी थे। सभी से उसकी बातचीत थी। कभी किसी ने कोई आरोप नहीं लगाया।
गांव के कोटवार मोहनदास मानिकपुरी का भी ऐसा ही कहना है कि दुकलहीन को लेकर कभी किसी ने कोई आरोप नहीं लगाया। यह उनके परिवार के लोगों की आपस की लड़ाई है। पड़ोसी 76 वर्षीय गुहरी पटेल का कहना है कि इतने सालों से पड़ोस में हैं मगर दुकलहीन के बारे में कभी ऐसी कोई बात नहीं सुनी। दोपहर करीब तीन बजे बेमेतरा के प्रभारी एसपी एनके खरे खुद पूछताछ करने पंहुचे। उन्होंने मृतका की बहू मालती से घटना के बारे में पूछा तो जानकारी से साफ इंकार कर दिया। कहा कि वे घटना के समय घर में मौजूद नहीं थीं। बच्चों को लेकर बाहर गई हुई थी। गांववालों ने भी घटना पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि शाम को गोठान में मातर महोत्सव हो रहा था। सब लोग देखने गए थे।
ग्राम पंचायत भटगांव का आश्रित गांव बंजारपुर करीब पचास परिवारों की बस्ती है। इनमें लगभग 35 परिवार तो पटेलों की ही है। बाकी दस-बारह गोड़ परिवार हैं। जिस पटेल परिवार में यह घटना हुई उनके यहां लोग ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है। पूरे परिवार का गुजर बसर सब्जी बेचने और खेती-किसानी से ही होता है। गांव में शिक्षा का स्तर भी सामान्य है। स्कूल नहीं है। बच्चे भटगांव में पढ़ने जाते हैं। हालांकि गांव से स्कूल की दूरी एक किलोमीटर भी नहीं है।
पांच घंटे घर में कैद रखा : दुकलहीन पर बीमार रुपेंद्र पटेल को ठीक करने के लिए उनके देवर, देवरानी दबाव डाल रहे थे। उन्हें दोपहर साढ़े बारह बजे से लेकर शाम पांच बजे तक अपने घर में ही बैठाकर रखे थे। भीड़ उन्हें चारों तरफ से घेर रखी थी। रुपेंद्र को घर की परछी पर सुलाया गया था। दुकलहीन को उनके मुंह में पानी की दो बूंद डालकर ठीक करने कहा जा रहा था। दुकलहीन बार-बार गिड़गिड़ा रही थी कि उन्होंने कुछ नहीं किया। वे बीमार को कैसे ठीक कर सकती हैं। उनकी बात पर किसी ने यकीन नहीं किया। पांच घंटे तक यह तमाशा चलता रहा।
कोई बोलने का तैयार नहीं
दुकलहीन के घर के आसपास सन्नाटा पसरा था। सभी आरोपी जेल गए दुकलहीन की हत्या के आरोप में पकड़े गए सभी आरोपियों नकुल पटेल, अंकलहीन बाई, नंदकुमार, प्रदीप, गोपाल पटेल, सवाना बाई पटेल, विक्रम पटेल, राधा बाई, अहिल्या पटेल और तीजन बाई के खिलाफ आपीसी की धारा 147, 148, 149, 302 और छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम की धारा 4, 5 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। सभी अारोपियों को जेल भेज दिया गया है।
पुलिसकर्मी की हत्या के बाद नक्सलियों ने मांगी माफी
27 Octoember 2014सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा में कुछ दिन पहले अवकाश पर जा रहे पुलिस कर्मी की तेमेलवाड़ा घाट में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। अब नक्सलियों ने पर्चे फेंककर इस घटना के लिए माफी मांगी है।
रविवार को फेंके गए पर्चे में दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी सीपीआइ माओवादी की ओर से लिखा गया है कि 18 अक्टूबर को हमारे गुरिल्ला दस्ता के सदस्यों ने तेमेलवाड़ा गांव के पास शिवकुमार सिदार नाम के पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी। हमारी पार्टी की ओर से बिना अनुमति यह कार्रवाई हुई है जिसके लिए हम क्षमा चाहते हैं।
शिवकुमार बीमारी का इलाज कराने जा रहा था, जनता का दमन करने के लिए हथियार लेकर नहीं। ऐसे समय में उसे पकड़ कर मार डालना हमारी गलती है। पुलिस को भी आगाह किया जाता है कि निर्दोष ग्रामीणों से बेवजह दुर्व्यवहार न किया जाए। इससे पहले भी कई बार ग्रामीणों के साथ बुरा सुलूक किया जा चुका है।
79 हजार रुपए के नकली नोट जब्त, पांच गिरफ्तार
27 Octoember 2014महासमुंद। जिला क्राइम ब्रांच ने नकली नोट खपाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। 79 हजार के नकली नोट के साथ रविवार को पांच आरोपी पकड़े गए हैं। एक सप्ताह पहले बसना पुलिस ने नकली नोट खपाने के मामले में ओडिशा से चार लोगों को गिरफ्तार किया था। क्राइम ब्रांच की टीम को रविवार की सुबह मुखबिर से सूचना मिली कि भोरिंग के पास दो युवक नकली नोट खपाने की चर्चा कर रहे हैं। टीम ने हुलिया के आधार पर घेराबंदी कर गुखेरा आरंग के राजू उर्फ राजकुमार सोनवानी (22), तेंदूवाही तुमगांव के कमलेश सोनवानी (19) को पकड़ा। पूछताछ में दोनों ने बताया कि तेंदूवाही के मोतीलाल कोसले(27) ने उन्हें नोट दिए हैं। फिर क्राइम ब्रांच के जवानों ने मोतीलाल को पकड़कर पूछताछ की। उसने बताया कि गुखेरा, आरंग के जग्गा उर्फ जागेश्वर रात्रे (34) और राजू को 80 हजार के नकली नोट दिए थे। मोतीलाल ने पुलिस को रायपुर के न्यू राजेन्द्रनगर के डेविड वाल्टर उर्फ लिंकेन (34) से नकली नोट लाना बताया। पुलिस ने जागेश्वर को गुखेरा और डेविड को रायपुर में घेराबंदी कर उनके घरों से पकड़ा। पांचों आरोपियों से 79 हजार के नकली नोट जब्त किए गए। इसमें 1000 के 69 नोट, 500 के 20 नोट थे। तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए गए।
हुदहुद तूफान से टमाटर हुआ तबाह
27 Octoember 2014रायपुर | हुदहुद तूफान ने टमाटर की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। बाजार में टमाटर के दाम भले ही 20 रुपए है, लेकिन दाग लगे टमाटर को कोचिए एक रुपए किलो में भी नहीं खरीद रहे। दुर्ग जिले के धमधा मंडी में टमाटर नहीं बिके तो किसानों ने उन्हें वहीं फेंक दिया। किसानों के इस नुकसान पर सरकार न तो कोई सर्वे करा रही है और न ही कोई मुआवजा दे रही है।
नीलोफर से आई नमी
हुदहुद तूफान 12 दिन पहले जा चुका है। अब तूफान नीलोफर खतरे की आशंका बढ़ा रहा है। तूफान के असर और पूर्वी उत्तरप्रदेश में ऊपरी हवा में बने चक्रवात के कारण पूरे छत्तीसगढ़ में पिछले दो दिनों से बदली और बूंदाबांदी हो रही है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इससे फसलों और सब्जियों पर खासा असर तो नहीं पड़ रहा है, लेकिन अचानक मौसम बदलने से लोगों की रूटीन प्रभावित हुई है। अगले 24 घंटे बाद यानी सोमवार को दोपहर बाद से मौसम खुलने की संभावना जताई जा रही है।
आज दोपहर बाद खुल सकता है मौसम
5 दिन में 6 डिग्री गिरा दिन का पारा
पांच दिन में राजधानी में दिन का तापमान लगभग छह डिग्री गिर गया है। 22 अक्टूबर को राजधानी में दिन का तापमान 32 डिग्री के आसपास था। 23 तारीख से बादल छाने लगे। तब से रविवार तक तापमान में लगभग छह डिग्री की गिरावट आ गई। रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम 19.8 डिग्री रहा।
तपिश होगी कम, बढ़ेगी ठंड
मौसम खुलते ही सूरज की तपिश कम होने लगेगी। मौसम विभाग के अनुसार भले ही तापमान में ज्यादा अंतर न आए, लेकिन उत्तर-पूर्व से हवा आने के कारण मौसम में ठंड धीरे-धीरे बढ़ने लगेगी।
मीटर शिफ्टिंग घोटाले में अफसरों पर भी गिरेगी गाज
25 Octoember 2014रायपुर। बिलासपुर में हुए मीटर शिफ्टिंग घोटाले में फंसे बड़े अफसरों पर भी विभागीय कार्रवाई की गाज गिर सकती है। छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी इस पूरे मामले की सूक्ष्म जांच करा रही है। सूक्ष्म जांच के बाद इस मामले में दोषी बड़े अफसरों पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। फिलहाल कंपनी ने इस मामले में दोषी 14 कर्मचारियों निलंबित कर दिया है। वहीं अधीक्षण अभियंताओं को उनके अधीनस्थ कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही पूरी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
बिलासपुर रीजन में मीटर शिफ्टिंग के नाम पर हुए घोटाले से बिजली कंपनी में हड़कंप मचा हुआ है। घोटाले की रकम करीब 10 करोड़ से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यही वजह है कि कंपनी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। फिलहाल प्रारंभिक रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी गई है। कंपनी ने इस घोटाले में बड़े अफसरों के हाथ होने से इंकार नहीं किया है। यही वजह है कि पूरे मामले की सूक्ष्म जांच कर मामले में दोषी अफसरों के खिलाफ भी सबूत जुटाए जा रहे हैं।
यह है मामला:
विभागीय सूत्रों के मुताबिक बिलासपुर रीजन के तहत आने वाले सेंटर कोरबा, बिलासपुर, मुंगेली, जशपुर, जांजगीर चांपा, रायगढ़ में ठेकेदारों को मीटर शिफ्टिंग करना था लेकिन कई ठेकेदारों ने मीटर शिफ्ट ही नहीं किया और अफसरों के साथ मिलकर फर्जी बिलों के माध्यम से राशि का भुगतान करा लिया गया है। इस मामले में करीब 10 करोड़ का घोटाला होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बताते हैं कि अभी तक की जांच में करीब 2.50 करोड़ का मामला उजागर हो चुका है।
पूरे मामले में जो भी संलिप्त होंगे, उन पर कंपनी विभागीय कार्रवाई करेगी। इस मामले की सूक्ष्म जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी। -सुबोध सिंह, प्रबंध निदेशक, छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी
सेना की वर्दी में आया और बैंक के अंदर ठगी कर चलता बना
25 Octoember 2014बिलासपुर। एक व्यक्ति सेना की वर्दी में आकर बैंक के अंदर एक ग्राहक को लूट कर चला गया और अब पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
जानकारी के अनुसार शहर के कलेक्टोरेट स्थित एसबीआई की शाखा में एक व्यक्ति रामानंद पटेल बैंक में 45 हजार रुपये जमा करने के लिए आया था। इसी बीच सेना की वर्दी में एक आदमी बैंक में आया और रामानंद से कहा कि अगर उसे पैसे जल्दी जमा करवाने है तो वह मदद कर सकता है। रामानंद तैयार हो गया और उसे बैंक का गार्ड समझकर पर्ची दे दी।
वर्दी में आया व्यक्ति काउंटर पर गया जहां से वह बैंक के अंदर चला गया। करीब डेढ़ घंटा इंतजार करने के बाद भी जब वह आर्मी की वर्दी पहने व्यक्ति वापस नहीं आया तो रामानंद अंदर गया जहां उसे वह व्यक्ति नजर नहीं आया। उसके बाद उस व्यक्ति की तलाश शुरू हुई और जब वह किसी को नहीं मिला तो पुलिस को सूचना दी गई।
सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सीसीटीवी कैमरों के आधार पर आरोपी की पहचान जुटाने में लग गई।
रायपुर में 14 जगह मिलेगा रेलवे रिजर्वेशन टिकट
25 Octoember 2014रायपुर. रेल यात्रियों को अब राजधानी में 14 स्थानों से रिजर्वेशन टिकट मिलेगा। इनमें स्टेशन रोड, शंकर नगर, अग्रसेन चौक, टाटीबंध, आमानाका, तेलीबांधा, खमतराई, राजेंद्र नगर, डीडी नगर, पंडरी, मोवा, देवेंद्र नगर, सुंदर नगर और मालवीय रोड जैसे इलाके शामिल हैं। रिजर्वेशन काउंटर टिकट सुविधा केंद्र के नाम से खोले जाएंगे। इन केंद्रों के दिए जाने वाले टिकट का रंग लाल रहेगा।
इन केंद्रों के लिए रायपुर मंडल जल्द ही टेंडर जारी करेगा। बिलासपुर जोन ने रायपुर रेल मंडल को इस संबंध में तैयारी करने का निर्देश भेजा है। सुविधा केंद्र का लाइसेंस ऐसे ही लोगों को दिया जाएगा, जिन्हें ई-टिकटिंग के मामले में रेलवे के साथ काम करने का पांच साल का अनुभव हो। चूंकि जोन में रायपुर स्टेशन से यात्रा करने वालों की संख्या राज्य में सबसे ज्यादा है, इसलिए यह योजना पहले यहीं लागू की जा रही है। रेलवे ऐसे लोगों को टिकट बुक करने का लाइसेंस देगा, जिन्हें ई-टिकटिंग के क्षेत्र में कम से कम पांच वर्ष का अनुभव हो।
सब पीपीपी मोड में: आरक्षण व सामान्य टिकट सुविधा केंद्र (वायटीएसके) पीपीपी अर्थात पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड के तहत खोले जाएंगे। अर्थात, ये केंद्र निजी लोगों के हाथों संचालित होंगे, जिसमें हर टिकट पर केंद्र चलाने वालों को रेलवे निर्धारित शुल्क भी देगा। रेलवे बोर्ड ने सभी नियम व शर्तों के साथ तीन साल के लिए वायटीएसके के लिए लाइसेंस देगा।
40 रु. तक एक्सट्रा चार्ज : इन सुविधा केंद्रों से टिकट लेने वालों को 30 से 40 रुपए तक अतिरिक्त देने पड़ सकते हैं। सेकेंड व स्लीपर क्लास के लिए प्रति यात्री 30 रुपए लिए जाएंगे। शेष श्रेणियों के लिए प्रति टिकट संबंधित यात्री को 40 रुपए देने होंगे। यह शुल्क रेलवे ही वसूलेगा, ताकि उसकी आय भी बढ़े और सुविधा केंद्र संचालित करनेवालों को उसी में से पेमेंट किया जा सके।
सुबह 9 से रात 10 तक: वायटीएसके में यात्रियों को सुबह 9 से रात 10 बजे तक आरक्षण व सामान्य टिकट मिल सकेगा। रेलवे की ओर से तत्काल टिकट के लिए यहां सुबह 11 बजे का समय तय किया है। हालांकि तत्काल टिकट बुकिंग का रेलवे पीआरएस में सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक का है। यात्रियों की डिमांड को देखते हुए बाद में सुविधा केंद्र पर भी तत्काल का समय बढ़ाया जाएगा।
क्रिस बनाएगा साफ्टवेयर
सुविधा केंद्र को आरक्षण टिकट का लिंक देने के लिए रेलवे अलग से साफ्टवेयर तैयार कर रहा है। रेलवे सूचना केंद्र अर्थात क्रिस को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। देशभर में सुविधा केंद्र खुलने के बाद रेलवे को मजबूत साफ्टवेयर विकसित करना होगा। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए सभी तरह की जरूरी सुधार के लिए क्रिस को जिम्मेदारी सौंप दी है।
क्यों पड़ी जरूरत
पिछले 10 साल में यात्रियों का रुझान ई-टिकटिंग की ओर विशेष तौर से बढ़ा है। वर्तमान में 40 से 50 प्रतिशत रेलवे का आरक्षण टिकट इंटरनेट के माध्यम से बन रहा है। इसके लिए आईआरसीटीसी ने समय-समय पर यात्रियों को कई सुविधाएं भी दी है। ई-टिकटिंग के बढ़ते प्रतिशत ने रेलवे को पुरानी व्यवस्था बदलने पर मजबूर किया है। ऐसे में पीआरएस पर घंटों इंतजार के बाद यात्रियों को टिकट मिलने से छुटकारा दिलाने के लिए ही रेलवे ने वायटीएसके की योजना शुरू करने का निर्णय लिया है।
मीटर शिफ्टिंग घोटाले में अफसरों पर भी गिरेगी गाज
25 Octoember 2014रायपुर। बिलासपुर में हुए मीटर शिफ्टिंग घोटाले में फंसे बड़े अफसरों पर भी विभागीय कार्रवाई की गाज गिर सकती है। छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी इस पूरे मामले की सूक्ष्म जांच करा रही है। सूक्ष्म जांच के बाद इस मामले में दोषी बड़े अफसरों पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। फिलहाल कंपनी ने इस मामले में दोषी 14 कर्मचारियों निलंबित कर दिया है। वहीं अधीक्षण अभियंताओं को उनके अधीनस्थ कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही पूरी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
बिलासपुर रीजन में मीटर शिफ्टिंग के नाम पर हुए घोटाले से बिजली कंपनी में हड़कंप मचा हुआ है। घोटाले की रकम करीब 10 करोड़ से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यही वजह है कि कंपनी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। फिलहाल प्रारंभिक रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी गई है। कंपनी ने इस घोटाले में बड़े अफसरों के हाथ होने से इंकार नहीं किया है। यही वजह है कि पूरे मामले की सूक्ष्म जांच कर मामले में दोषी अफसरों के खिलाफ भी सबूत जुटाए जा रहे हैं।
यह है मामला:
विभागीय सूत्रों के मुताबिक बिलासपुर रीजन के तहत आने वाले सेंटर कोरबा, बिलासपुर, मुंगेली, जशपुर, जांजगीर चांपा, रायगढ़ में ठेकेदारों को मीटर शिफ्टिंग करना था लेकिन कई ठेकेदारों ने मीटर शिफ्ट ही नहीं किया और अफसरों के साथ मिलकर फर्जी बिलों के माध्यम से राशि का भुगतान करा लिया गया है। इस मामले में करीब 10 करोड़ का घोटाला होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बताते हैं कि अभी तक की जांच में करीब 2.50 करोड़ का मामला उजागर हो चुका है।
पूरे मामले में जो भी संलिप्त होंगे, उन पर कंपनी विभागीय कार्रवाई करेगी। इस मामले की सूक्ष्म जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी। -सुबोध सिंह, प्रबंध निदेशक, छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी
सेना की वर्दी में आया और बैंक के अंदर ठगी कर चलता बना
25 Octoember 2014बिलासपुर। एक व्यक्ति सेना की वर्दी में आकर बैंक के अंदर एक ग्राहक को लूट कर चला गया और अब पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
जानकारी के अनुसार शहर के कलेक्टोरेट स्थित एसबीआई की शाखा में एक व्यक्ति रामानंद पटेल बैंक में 45 हजार रुपये जमा करने के लिए आया था। इसी बीच सेना की वर्दी में एक आदमी बैंक में आया और रामानंद से कहा कि अगर उसे पैसे जल्दी जमा करवाने है तो वह मदद कर सकता है। रामानंद तैयार हो गया और उसे बैंक का गार्ड समझकर पर्ची दे दी।
वर्दी में आया व्यक्ति काउंटर पर गया जहां से वह बैंक के अंदर चला गया। करीब डेढ़ घंटा इंतजार करने के बाद भी जब वह आर्मी की वर्दी पहने व्यक्ति वापस नहीं आया तो रामानंद अंदर गया जहां उसे वह व्यक्ति नजर नहीं आया। उसके बाद उस व्यक्ति की तलाश शुरू हुई और जब वह किसी को नहीं मिला तो पुलिस को सूचना दी गई।
सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सीसीटीवी कैमरों के आधार पर आरोपी की पहचान जुटाने में लग गई।
रायपुर में 14 जगह मिलेगा रेलवे रिजर्वेशन टिकट
25 Octoember 2014रायपुर. रेल यात्रियों को अब राजधानी में 14 स्थानों से रिजर्वेशन टिकट मिलेगा। इनमें स्टेशन रोड, शंकर नगर, अग्रसेन चौक, टाटीबंध, आमानाका, तेलीबांधा, खमतराई, राजेंद्र नगर, डीडी नगर, पंडरी, मोवा, देवेंद्र नगर, सुंदर नगर और मालवीय रोड जैसे इलाके शामिल हैं। रिजर्वेशन काउंटर टिकट सुविधा केंद्र के नाम से खोले जाएंगे। इन केंद्रों के दिए जाने वाले टिकट का रंग लाल रहेगा।
इन केंद्रों के लिए रायपुर मंडल जल्द ही टेंडर जारी करेगा। बिलासपुर जोन ने रायपुर रेल मंडल को इस संबंध में तैयारी करने का निर्देश भेजा है। सुविधा केंद्र का लाइसेंस ऐसे ही लोगों को दिया जाएगा, जिन्हें ई-टिकटिंग के मामले में रेलवे के साथ काम करने का पांच साल का अनुभव हो। चूंकि जोन में रायपुर स्टेशन से यात्रा करने वालों की संख्या राज्य में सबसे ज्यादा है, इसलिए यह योजना पहले यहीं लागू की जा रही है। रेलवे ऐसे लोगों को टिकट बुक करने का लाइसेंस देगा, जिन्हें ई-टिकटिंग के क्षेत्र में कम से कम पांच वर्ष का अनुभव हो।
सब पीपीपी मोड में: आरक्षण व सामान्य टिकट सुविधा केंद्र (वायटीएसके) पीपीपी अर्थात पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड के तहत खोले जाएंगे। अर्थात, ये केंद्र निजी लोगों के हाथों संचालित होंगे, जिसमें हर टिकट पर केंद्र चलाने वालों को रेलवे निर्धारित शुल्क भी देगा। रेलवे बोर्ड ने सभी नियम व शर्तों के साथ तीन साल के लिए वायटीएसके के लिए लाइसेंस देगा।
40 रु. तक एक्सट्रा चार्ज : इन सुविधा केंद्रों से टिकट लेने वालों को 30 से 40 रुपए तक अतिरिक्त देने पड़ सकते हैं। सेकेंड व स्लीपर क्लास के लिए प्रति यात्री 30 रुपए लिए जाएंगे। शेष श्रेणियों के लिए प्रति टिकट संबंधित यात्री को 40 रुपए देने होंगे। यह शुल्क रेलवे ही वसूलेगा, ताकि उसकी आय भी बढ़े और सुविधा केंद्र संचालित करनेवालों को उसी में से पेमेंट किया जा सके।
सुबह 9 से रात 10 तक: वायटीएसके में यात्रियों को सुबह 9 से रात 10 बजे तक आरक्षण व सामान्य टिकट मिल सकेगा। रेलवे की ओर से तत्काल टिकट के लिए यहां सुबह 11 बजे का समय तय किया है। हालांकि तत्काल टिकट बुकिंग का रेलवे पीआरएस में सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक का है। यात्रियों की डिमांड को देखते हुए बाद में सुविधा केंद्र पर भी तत्काल का समय बढ़ाया जाएगा।
क्रिस बनाएगा साफ्टवेयर
सुविधा केंद्र को आरक्षण टिकट का लिंक देने के लिए रेलवे अलग से साफ्टवेयर तैयार कर रहा है। रेलवे सूचना केंद्र अर्थात क्रिस को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। देशभर में सुविधा केंद्र खुलने के बाद रेलवे को मजबूत साफ्टवेयर विकसित करना होगा। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए सभी तरह की जरूरी सुधार के लिए क्रिस को जिम्मेदारी सौंप दी है।
क्यों पड़ी जरूरत
पिछले 10 साल में यात्रियों का रुझान ई-टिकटिंग की ओर विशेष तौर से बढ़ा है। वर्तमान में 40 से 50 प्रतिशत रेलवे का आरक्षण टिकट इंटरनेट के माध्यम से बन रहा है। इसके लिए आईआरसीटीसी ने समय-समय पर यात्रियों को कई सुविधाएं भी दी है। ई-टिकटिंग के बढ़ते प्रतिशत ने रेलवे को पुरानी व्यवस्था बदलने पर मजबूर किया है। ऐसे में पीआरएस पर घंटों इंतजार के बाद यात्रियों को टिकट मिलने से छुटकारा दिलाने के लिए ही रेलवे ने वायटीएसके की योजना शुरू करने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस बनाएगी आर्थिक नाकेबंदी की रणनीति
22 Octoember 2014रायपुर। प्रदेश में धान खरीदी नीति का कांग्रेस विरोध कर रही है। इसके तहत प्रदेशभर में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने 1 नवंबर को आर्थिक नाकेबंदी करने की घोषणा की है। इस पर रणनीति बनाने के लिए 27 अक्टूबर को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव सहित कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।
राज्य सरकार किसानों से इस वषर्ष 10 क्विंटल धान की खरीदी कर रही है। इसके लिए किसानों का पंजीयन भी कराया जा रहा है। वहीं धान खरीदी 1 नवंबर के बजाय इस वर्ष 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू की जा रही है। राज्य सरकार के इस फैसले का कांग्रेस विरोध कर रही है। कांग्रेस ने धान खरीदी की व्यवस्था पहले जैसे करने और किसानों का एक एक दाना धान खरीदने की मांग की है। इस मांग को लेकर कांग्रेस ने आंदोलन का आगाज कर दिया है।
कांग्रेस ने 1 नवंबर को प्रदेश भर में आर्थिक नाकेबंदी करने जा रही है। इस आर्थिक नाकेबंदी के तहत राष्ट्रीय और राज्य मार्ग में चक्काजाम किया जाएगा। इस आंदोलन से प्रदेश की सीमा में कोई भी वाहन प्रवेश नहीं कर सकेगा। वहीं दूसरे जिलों में भी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो जाएगी।
आर्थिक नाकेबंदी के जरिए कांग्रेस राज्य सरकार को धान खरीदी की व्यवस्था में परिवर्तन करने की मांग करेगी। इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। कांग्रेस भवन में होने वाली बैठक में इसी मुद्दे पर चर्चा कर रणनीति बनाई जाएगी।
कांग्रेस ने पिछले दिनों जगदलपुर में बैठक लेकर दिशा निर्देश दिया है। वहीं राजधानी में होने वाली बैठक में रायपुर और दुर्ग संभाग के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। इसके बाद बिलासपुर और सरगुजा में आर्थिक नाकेबंदी को लेकर बैठक होगी।
सदस्यता अभियान और निकाय चुनाव
बैठक में सदस्यता अभियान की समीक्षा की जाएगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक श्री बघेल और श्री सिंहदेव ने जब कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी सदस्यता अभियान में कांग्रेस संविधान का पालन करने का निर्देश दिया था। पार्टी हाईकमान से मिले दिशा निर्देश की भी जानकारी कांग्रेस पदाधिकारियों को दी जाएगी। इसके अलावा नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी चर्चा की जाएगी और प्रभारियों से चर्चा कर अब के तैयारियों की रिपोर्ट ली जाएगी।
कथेरिया छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी
22 Octoember 2014जगदलपुर। भाजपा ने हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव के बाद संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कथेरिया को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है। वे जगतप्रकाश नड्डा का स्थान लेंगे।
नड्डा को पार्टी आलाकमान ने इस बार महाराष्ट्र और राजस्थान का प्रभारी बनाया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ दिन पहले ही कथेरिया को राष्ट्रीय महासचिव बनाया था और अब उन्हें छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है। 49 वर्षीय कथेरिया आगरा से दूसरी बार सांसद बने हैं। राजनीति में आने से पहले वह प्रोफेसर थे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने टीम के कामकाज का बंटवारा करते हुए राज्य प्रभारियों का ऎलान किया है।
पार्टी शासित राज्यों में अनुभवी नेताओं को संगठन का प्रभार दिया गया है तो संगठन की जड़ें मजबूत करने के मकसद से गैर भाजपा शासित राज्यों की कमान युवाओं के हाथ सौंपी है। महासचिव जे.पी.नड्डा को राजस्थान और महाराष्ट्र का प्रभारी बनाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भाग्यशाली साबित हो रहे राजस्थान के नेता ओमप्रकाश माथुर को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। यहां लोकसभा में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद पार्टी की नजर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव पर है। बिहार की ओबीसी राजनीति को साधने के मकसद से राजस्थान के दूसरे नेता भूपेंद्र यादव को सूबे का प्रभारी बनाया गया है।
दशकों बाद अब अरपा बैराज का काम शुरू हो सकेगा
22 Octoember 2014बिलासपुर. छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना अरपा-भैंसाझार बराज के रास्ते की बड़ी बाधा दूर हो गई है। प्रोजेक्ट को नई दिल्ली में फॉरेस्ट एडवाइजरी कमेटी (एफएसी) की बैठक में स्टेज-1 का फॉरेस्ट क्लीयरेंस दे दिया गया है। मंजूरी के दस्तावेज पखवाड़ेभर के भीतर जल संसाधन विभाग को मिल जाएंगे। फायदा यह कि सिंचाई विभाग बराज के स्ट्रक्चर का काम शुरू कर सकेगा। अब स्टेज-2 की महज औपचारिक प्रक्रिया बाकी है।
606 करोड़ रुपए की लागत वाली अरपा-भैंसाझार बराज परियोजना के फॉरेस्ट क्लीयरेंस का मामला वर्षों से लंबित था। केंद्र में भाजपा की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ की योजनाओं से जुड़ी फाइलों की मूवमेंट दिल्ली में तेज हुई। राज्य शासन ने बराज की उपयोगिता को ध्यान में रखकर बजट में 100 करोड़ का प्रावधान किया था और इसकी नहरों का निर्माण 16 सितंबर 2013 को शुरू करवाया।
फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलने के बाद अब बराज के स्ट्रक्चर का काम शुरू करवाया जा सकेगा। जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता विजय कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, 13 अगस्त को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में उन्होंने बराज परियोजना का प्रेजेंटेशन दिया था। उसी समय क्लीयरेंस मिलना तय हो गया था। एफएसी ने बराज से जुड़ी कुछ और जानकारी मांगी थी। इनके साथ सोमवार को दोबारा इसका डेमो किया गया।
पौधे लगाने के लिए सिंचाई विभाग देगा 40 करोड़
स्टेज-1 का क्लीयरेंस के बाद जल संसाधन विभाग अब बराज की जद में आने वाले पेड़ों की कटाई कर सकेगा। इनकी तुलना में दोगुने क्षेत्र में पौधे लगाने के लिए उसे करीब 40 करोड़ रुपए जमा करने होंगे। यह राशि कैंपा मद में जमा की जाएगी। क्लीयरेंस नहीं मिलने से बराज के स्ट्रक्चर के बजाय नहरों का काम शुरू करना पड़ा था। अब मूल काम शुरू करवाने में कोई बाधा नहीं रहेगी।
सिंचाई का राष्ट्रीय औसत पार कर लेगा हमारा जिला
अरपा-भैंसाझार बराज जिले के कोटा क्षेत्र के भैंसाझार गांव के पास अरपा नदी में बनाया जाएगा। इस योजना से कोटा सहित तखतपुर, बिल्हा के 92 गांवों के 96,930 किसानों के 62,500 एकड़ खेतों की सिंचाई होगी। सबसे बड़ी उपलब्धि यह कि बराज बनने से जिले में सिंचाई का प्रतिशत 39 से बढ़कर 49.27 हो जाएगा। यह सिंचाई के राष्ट्रीय औसत 49 फीसदी से अधिक होगा।
ग्रामीणों ने तीन नक्सलियों को मौत के घाट उतारा
21 Octoember 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती ओडिशा व तेलंगाना के सीमा पर स्थित चिंतापल्ली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोरगुण्डा में सोमवार की सुबह नक्सलियों द्वारा जन अदालत लगाकर एक ग्रामीण संजीव राव [24] निवासी भीमावरम की हत्या के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने नक्सली कमांडर समेत तीन नक्सलियों की लाठी और डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी। उत्तेजित ग्रामीणों ने नक्सलियों की एके 47 रायफल भी छीनकर नष्ट कर दी। घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार ओडिशा के मलकानगिरी जिले के चित्रकोण्डा थाना से करीब 7 किमी दूर तेलंगाना के चिंतापल्ली थाना क्षेत्र के ग्राम कोरगुंडा पहाड़ी पर नक्सलियों ने जन अदालत लगाई थी। जनअदालत में आसपास के ग्रामीणों को बुलाकर संजीव राव को बाक्साइट खनन का समर्थक बताकर बयानबाजी करने का आरोप लगाया गया। बताया गया है कि वहां हो रहे बाक्साइट उत्खनन का नक्सली विरोध कर रहे थे। नक्सलियों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। इससे जन अदालत में मौजूद ग्रामीण उत्तेजित हो गए। वहां मौजूद सैकड़ों ग्रामीणों ने नक्सली नेताओं एरिया कमांडर गणपति, ज्ञानेश्वर राव एवं चिंता रंगा राव को पकड़कर उनकी लाठी, डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी। नक्सलियों को मौत के घाट उतारने के बाद ग्रामीणों ने उनकी रायफल भी नष्ट कर दी। ग्रामीणों के तीखे तेवर देख शेष नक्सली वहां से भाग खडे़ हुए।
चुनिंदा कांग्रेसी ही पहुंच सके राहुल तक
21 Octoember 2014जगदलपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को हुदहुद प्रभावित ओडि़शा के लिए जगदलपुर होते हुए रवाना हुए। सुबह चार्टर प्लेन से यहां पहुंचने के बाद वे सेना के हेलीकॉप्टर में ओडि़शा रवाना हुए। इस दौरान उनके साथ सीमांध्र के कांग्रेस प्रभाारी और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह भाी पहुंचे। यहां एयरस्ट्रीप में हेलीकाप्टर से जब राहुल आेडिशा के लिए रवाना हुए तो ओडिशा और छग के कांग्रेस प्रभाारी बीके हरिप्रसाद उनके साथ रवाना हुए। एनएसजी की कड़ी सुरक्षा में पहुंचे राहुल के स्वागत का चुनिंदा कांग्रेसियों को ही मौका मिल सका। जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा तय ३६ कांग्रेसियों को एयरपोर्ट में प्रवेश मिला। एयरपोर्ट पर करीब २० मिनट रुकने के बाद राहुल व बीके हरिप्रसाद कोरापुट की ओर रवाना हो गए, जबकि राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह जगदलपुर में ही ठहरे। दोपहर बाद राहुल वापस पहुंचे और दिग्विजय सिंह, बीके हरिप्रसाद के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए। राहुल के प्रवास को लेकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, प्रतिमा चंद्राकर, अरुण भाद्र, राजेश तिवारी, विधायक कवासी लभामा, देवती कर्मा, दीपक बैज, मोहन मरकाम, सेवकराम नेताम, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जतिन जायसवाल,, मलकीत सिंह गैदू, सत्तार अलि, समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
मंत्री अमर से मिलने पहुंचे कांग्रेसियों को जेल ले गई पुलिस
21 Octoember 2014बिलासपुर. नगरीय प्रशासन मंत्री व स्थानीय विधायक अमर अग्रवाल से मिलने बैलगाड़ियों पर पहुंचे कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बाद में उन्हें मुचलके पर रिहा किया गया। घटना की कांग्रेस नेताओं ने कड़ी निंदा की है। राज्य सरकार ने किसानों से प्रति एकड़ 10 क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लिया है। इसके खिलाफ कांग्रेसी आंदोलन कर रहे हैं। हस्ताक्षर अभियान के तहत प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव, शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर और जिला ग्रामीण अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला की अगुवाई में नगरीय प्रशासन मंत्री के राजेंद्र नगर स्थित बंगले में उनसे मिलकर हस्ताक्षर मांगने जा रहे थे।
इसकी जानकारी पुलिस को मिली तो अफसरों ने मंत्री का बंगला छावनी में तब्दील कर दिया। दोपहर में कांग्रेस भवन से कांग्रेसी बैलगाड़ी में रैली निकालकर पुलिस ग्राउंड होते हुए मंत्री के बंगले की ओर आ रहे थे। पुलिस ने उन्हें तिराहे पर मंदिर के पास रोक लिया। फिर भी कुछ कांग्रेसी बंगले तक पहुंचने में सफल हो गए। वे प्रतिनिधिमंडल के रूप में मंत्री से मिलने देने का आग्रह कर रहे थे। उनकी मांग नहीं मानी गई। इस पर कांग्रेसियों ने नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस ने धारा 151 के तहत 50 से भी अधिक कांग्रेसियों को गिरफ्तार किया। एसडीएम के निर्देश पर उन्हें जेल ले जाया गया।
इधर, कांग्रेसियों की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही पूर्व महापौर राजेश पांडेय की अगुवाई में कांग्रेसी जेल परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए। कलेक्टर के निर्देश पर सभी को निजी मुचलके पर छोड़ा गया। प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने घटना की निंदा करते हुए कांग्रेसियों को बाकी जनप्रतिनिधियों के घर भी किसानों की मांग को लेकर जाने के लिए कहा है।
जेल से करते रहे मैसेज, बेअसर रहा जैमर
जेल पहुंचने पर कुछ कांग्रेसी डर गए। वे रिहाई को लेकर चिंतित हो गए। उन्होंने करीबियों को मैसेज किए, वाट्सएप पर सूचना भेजी। इससे कांग्रेसियों का डर और जेल में लगे जैमर, दोनों का सच सामने आ गया। इधर, आंदोलन में नहीं जाने वाले कांग्रेसी अपने फैसले को ठीक बताते रहे।
जेल में बढ़ी चिंता... पहले से ज्यादा, रखेंगे कहां
एसडीएम के निर्देश पर पुलिस कांग्रेसियों को सेंट्रल जेल ले गई। इस पर जेल का स्टाफ उन्हें रखने को लेकर चिंतित हो गया। उनकी चिंता थी कि पहले से यहां क्षमता से अधिक कैदी हैं। ऐसे में कांग्रेसियों को कहां रखते। आधा-पौन घंटे बाद छोड़ने का आदेश हुआ तो जेल अफसरों ने राहत की सांस ली।
कोयला घोटाले में 36 वां केस दर्ज
20 Octoember 2014रायपुर। सीबीआई द्वारा कोलगेट मामले में 36 वीं एफआईआर जिंदल स्टील एंड पॉवर के खिलाफ दर्ज की गई थी। कंपनी द्वारा क्षमता से अधिक खनन के साथ फाइन कोयला व रिजेक्टेट कोयला बेचने सहित नए एक्सटेंशन प्लांट में कोयला उपयोग करने को लेकर यह एफआईआर की गई है। इसी मामले में दस्तावेजों की जांच और कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ के लिए सीबीआई की एक टीम रविवार को कंपनी के आफिस जेएसपीएल डोंगामहुआ पहुंची।
रविवार को सीबीआई की दस सदस्यीय टीम ने इस कोल माइंस में दबिश देकर दस्तावेजों को खंगाला और माइनिंग से संबंधित पड़ताल की। जेएसपीएल के डोंगामहुआ सहित चार अन्य ठिकानों पर छापेमारी किए जाने की खबर है। सीबीआई के प्रवक्ता ने छापे की पुष्टि की है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार जेएसपीएल के डोंगामहुआ खदान से क्षमता से अधिक खनन के साथ गलत तरीके से जिंदल कंपनी ने नए प्लांट में कोयले का उपयोग किया है।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी को मिली अनुमति के अनुसार कोयले का उपयोग किया जाना था लेकिन कंपनी द्वारा बिना अनुमति ही पाइन कोयला व रिजेक्टेड कोयला का उपयोग किया गया। साथ ही कंपनी द्वारा डोंगामहुआ खदान से अनियमिति तरीके से खनन करते हुए कोल नियमों का उल्लंघन किया गया है। जिस पर सीबीआई द्वारा छापेमारी करते हुए जिंदल स्टील पावर लिमिटेड के साथ कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ 120 बी, 409, 420 आईपीसी, 13 [1] [सी], 13 [1] [बी] पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
नक्सलियों ने बस से उतारकर की जवान की हत्या
20 Octoember 2014रायपुर, सुकमा। छुट्टी लेकर घर जा रहे बीमार जवान को बस से उतारकर नक्सलियों ने उसकी बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी। इस वारदात से एक बार फिर नक्सलियों का वीभत्स चेहरा सामने आया है। घटना जगरगुंडा-चिंतलनार मार्ग पर सुबह आठ बजे तेमेलवाड़ा कैंप के पास हुई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएएफ 9 वीं बटालियन का जवान शिव कुमार तेमेलवा़़डा कैंप में पदस्थ था। वह रायग़़ढ जिले के तिरूडी गांव का रहने वाला था। बताया जाता है कि शिव कुमार पिछले कुछ दिनों से बीमार था इसलिए वह छुट्टी लेकर घर जा रहा था। सुबह वह चिंतलनार से दोरनापाल तक चलने वाली एकमात्र बस में कैंप से सवार हुआ था। तेमेलवाड़ा कैम्प से आधा किलोमीटर दूर स्थित घाट के पास जैसे ही बस पहुंची करीब तीस हथियारबंद नक्सली सड़क पर आ धमके।
नक्सलियों ने बस को रुकवाकर सभी सवारियों को नीचे उतरने को कहा। पुलिस जवान के रूप में शिव कुमार की पहचान कर नक्सलियों ने उसके दोनों हाथ बांध दिए। बाकी सवारियों को वापस बस में बैठने को कहा जिसके बाद बस रवाना कर दी गई।। बस के छूटते ही माओवादियों ने जवान की धारदार हथियार से हत्या कर दी। बस के पीछे आ रही पिकअप वाहन के चालक व मुसाफिरों ने दोरनापाल पहुंचकर घटना की खबर दी। खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जवान का शव दोरनापाल लाया गया। दोरनापाल में शहीद जवान को अंतिम सलामी देने के बाद शव को गृहग्राम तिरूडी जिला रायगढ़ के लिए रवाना किया गया।
जोखिम का सफर
पुलिस के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार बीमार था। वह काफी दिन से अवकाश पर जाना चाह रहा था। छुट्टी स्वीकृत होने के बाद वह घर जाने के लिए बस में निकला था। दोरनापाल से मात्र एक बस चितंलनार जाती है, जो शबरी एक्सप्रेस योजना के अन्तर्गत संचालित हो रही है। जवानों को जान जोखिम में डालकर इसी बस में आवागमन करना पड़ता है।
गौरतलब है कि दक्षिण बस्तर का यह रास्ता सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इलाकों में शामिल है। इसी मार्ग पर अप्रैल 2010 में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 75 जवानों की हत्या की थी।
अब प्रदेश में ही तय होगी फसलों की लागत
20 Octoember 2014रायपुर। प्रदेश के किसानों की पैदावार और उसमें लगने वाली लागत का निर्धारण अब प्रदेश में ही होगा। यह काम इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक करेंगे। इसके बाद रिपोर्ट बनाकर केन्द्र में मूल्य निर्धारण समिति को भेजी जाएगी।
इसके बाद ही अनाज की कीमतें तय होंगी। इसके लिए कृषि विवि को सहमति भी दे दी गई है, और उसके वैज्ञानिक इस दिशा में जल्द ही काम शुरू करेंगे। प्रदेश में किसानों को फसल की बोनी से लेकर फसल तैयार होने तक लगने वाली लागत के संबंध में मूल्यांकन अब प्रदेश के कृषि वैज्ञानिक करेंगे। इससे केन्द्र की मूल्य निर्धारण समिति द्वारा तय किए गए अनाज की कीमतों में प्रदेश में उत्पादन के लागत के अनुसार ही मूल्य तय किए जाएंगे। इससे किसानों को उत्पादन की उचित कीमत मिल पाएगी। पहले स्थानीय लागत को लेकर रिपोर्ट मध्यप्रदेश के जबलपुर से भेजी जाती थी।
जिला स्तर की भी योजना बनेगी
राज्य में होने वाले लागत मूल्य के निर्धारण में जिला स्तर पर भी योजना बनेगी। जिला में मौजूद संसाधन व बाजार की मांग को देखते हुए कृषि विकास के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर कृषि विश्वविद्यालय योजना बनाएगा, ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।
मध्यप्रदेश से भेजते थे रिपोर्ट
मध्यभारत में होने वाली फसलों के उत्पादन में लगने वाली लागत का निर्धारण अब तक मध्यप्रदेश के जबलपुर में होता रहा है। जबलपुर से ही लागत का निर्धारण करके केन्द्र को भेजा जाता था, जहां से अनाज की कीमतें तय होती थीं। जबलपुर के दूसरे प्रदेश में होने के कारण स्थानीय लागत में बहुत फर्क होता था। इससे किसानों को कई बार नुकसान भी होता था। जबलपुर में मध्यप्रदेश के हिसाब से तो फसलों की लागत तय हो जाती थी, लेकिन वे छत्तीसगढ़ में फसलों में लागत के नफा-नुकसान का आकलन नहीं कर पाते थे और रिपोर्ट सीधे केन्द्र को भेज दिया जाता था, लेकिन अब ऎसा नहीं होगा।
जल्द ही विभिन्न फसलों की लागत का निर्धारण अपने प्रदेश में ही होगा। इसके लिए कृषि विवि के वैज्ञानिक सर्वे करके लागत मूल्य का निर्धारण करेंगे। इसके बाद कीमतों का खाका तैयार करके केन्द्र को भेजा जाएगा। डॉ. एसके पाटील, कुलपति, कृषि विवि
आत्मसमर्पित नक्सली पर 30 हजार जुर्माना
18 Octoember 2014रायपुर। संगठन में अंतरकलह और पुलिस के दबाव के बीच साथी नक्सलियों के लगातार समर्पण से नक्सली बौखला गए हैं। गुरुवार को किरंदुल थाना क्षेत्र के आलनार में नक्सलियों की जनअदालत हुई। इसमें आत्मसमर्पण करने वाले चोलनार में सक्रिय रहे नक्सली लक्ष्मण व उप सरपंच कोसा व मोटू को बंधक बनाकर पिटाई की। फिर तीनों पर 30-30 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया।
इस दौरान दरभा डीवीसी कमांडर सुरेन्द्र, प्लाटून कमांडर देवा व मलगेर एरिया कमेटी प्रमुख आयतू, दक्षिण रिजनल कमेटी के सचिव गणेश उइके के मौजूद रहने की जानकारी मिली है। एसी कमलोचन कश्यप ने बताया पुलिस को नक्सलियों के मौजूदगी की जानकारी थी, लेकिन वहां बड़ी तादाद में ग्रामीणों की उपस्थिति की जानकारी होने से कार्रवाई नहीं की।
पंचायतीराज का उड़ रहा माखौल
18 Octoember 2014धमतरी। ग्राम देमार में पंचायती राज अधिनियम का किस तरह खुलकर दुरूपयोग हो रहा है, इसका उदाहरण साहू समाज का निर्माणाधीन भवन है। गौरतलब है कि सरपंच और सचिव उक्त भवन को स्वीकृत स्थान पर न बनाकर अन्यत्र बना रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। इसकी शिकायत प्रभारी मंत्री रमशीला साहू से करने के बाद भी निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगाई गई। अब अंतिम उम्मीद के रूप में ग्रामीणों ने केबिनेट मंत्री अजय चंद्राकर से शिकायत की है।
जिला मुख्यालय से करीब 6 किमी दूरस्थ ग्राम पंचायत देमार में इन दिनों साहू समाज भवन निर्माण के मामले में बरती जा रही मनमानी को लेकर ग्रामीणों में रोष है। उल्लेखनीय है कि गांव में साहू समाज भवन के लिए 5 लाख रूपए की स्वीकृति मिली है। यह भवन गौठान के पास बनना प्रस्तावित था, लेकिन सरपंच और सचिव ने मनमानी करते हुए इसे वहां न बनाकर पुराने पंचायत भवन को तोड़कर बनाया जा रहा है, जिस पर साहू समाज के साथ ही ग्रामीणों ने भी आपत्ति जताई है।
गांव में पंचायती राज अधिनियम का खुलकर दुरूपयोग हो रहा है। सरपंच और सचिव ग्रामीणों की बात सुनने को तैयार नहीं है और मनमानीपूर्वक काम कर रहे है। मजेदार बात यह है कि रिकार्ड में आज भी गौठान के पास भवन निर्माण कार्य बताया जा रहा है, जबकि यह पुराना पंचायत भवन को तोड़कर बनाया जा रहा है।
सरकारी कार्यो में गफलत करने से नाराज पूर्व सरपंच शीत कुमार साहू, चंद्रशेखर साहू, बीएल ध्रुव, परदेशी राम साहू, तुलसीराम, अर्जुन सिंह, चंद्रहास साहू, धुरपत साहू, इतवारी राम, सोहन लाल, गणेश साहू, बसंत मीनपाल आदि ने कुछ दिन पहले प्रभारी मंत्री रमशीला साहू से इसकी शिकायत की थी। इसके अलावा जनपद पंचायत के सीईओ को भी ज्ञापन सौंपकर तत्काल काम में रोक लगाने की मांग की थी। इसके बाद भी प्रशासन द्वारा कोई गंभीरतापूर्व कार्रवाई नहीं हुई। भवन निर्माण के लिए गौठान के पास की जगह उपयुक्त है।
गांव पहुंचे जांच अधिकारी
ग्रामीणों के बढ़ते दबाव के बाद जनपद से मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पटेल जांच के लिए गांव पहुंचे। उक्त निर्माण कार्य स्थल का जायजा लेने के बाद वे लौट आए। उधर गांव के सरपंच और सचिव ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप को निराधार बताया है।
शौचालय को लेकर फरियाद
18 Octoember 2014धमतरी। शहर में आज भी ऎसे कई वार्ड हैं, जहां के लोग शौचालय जैसी समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें सोरिद और जोधापुर वार्ड भी है, जहां के सैकड़ों लोग पिछले काफी अरसे से शौचालय बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके बावजूद भी उनकी जायज मांग को नजरअंदाज किया जा रहा है। वार्डवासियों ने बताया कि शौचालय के अभाव में लोग खुले में शौच जाने विवश है।
शुक्रवार को बरपारा सोरिद और जोधापुर वार्ड के लोगों ने सार्वजनिक शौचालय निर्माण की मांग को लेकर कलक्टर से फरियाद की। वार्डवासी रामनाथ यादव और सोमेश मेश्राम ने बताया कि उनके वार्ड में अधिकांश लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं। आर्थिक तंगहाली के कारण अपने घर में खुद का शौचालय बनाने में असमर्थ हैं, जिसके कारण मजबूरीवश लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है।
उन्होंने जानकारी दी कि शौचालय निर्माण के लिए बागतराई रोड में बस्ती से लगी गई शासकीय घास जमीन है, जिसका खसरा नंबर 190/4-च रकबा लगभग 3 डिसमिल है। यदि यहां शौचालय बना दिया जाए तो हजारों लोगों को निस्तारी की सुविधा मिलेगी। कलक्ट्रेट पहुंचने वालों में धनेश यादव, सत्तू सेन, लखन सिन्हा, तेजसिंह कंवर, यतिंद्र नेताम, पुरूषोत्तम ढीमर, दौलत ठाकुर, राकेश नेताम, सुरेंद्र धीवर, ममता, लक्ष्मी, ललिता बाई समेत बड़ी संख्या में वार्डवासी शामिल थे।
सिंघानिया ग्रुप पर आयकर का छापा
17 Octoember 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में माइनिंग, ऑइल मिल, राइस मिल, स्पंज आयरन व कंस्ट्रक्शन के बडे़ कारोबारी सिंघानिया ग्रुप के 25 ठिकानों पर आयकर की टीम ने गुवार को एक साथ छापा मारा। छापे में एक करोड़ से ज्यादा नकद, करोड़ों रुपए मू्ल्य के जेवर व हीरा जवाहरात और 12 लॉकर की चाबियां मिली हैं।
आयकर विभाग के आला अधिकारियों के अनुसार जबलपुर और आसपास के 15 और रायपुर, बिलासपुर, राजिम, अंबिकापुर और सूरजपुर में दस ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की गई है। इसमें मध्यप्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 200 से ज्यादा आयकर अधिकारियों की संयुक्त टीम थी।
आयकर अधिकारियों के अनुसार रायपुर में शंकर अग्रवाल के जगदंबा कंस्ट्रक्शन के दफ्तर और घर पर छापा मारा गया। यहां से नकद और ज्वेलरी बरामद हुई है। राजिम में ज्वेलरी का कारोबार करने वाले अशोक बोथरा के संस्थान पर छापा मारा गया। यहां बड़ी मात्रा में ज्वेलरी मिली है। ये जेवरात अवैध तरीके से लाए गए थे। बिलासपुर के कालिंदी इस्पात और शिवांगी ऑइल के संचालक संतोष सिंघानिया के तीन घर और दो फैक्ट्री सहित सात ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की गई। टीम ने मिनोचा कॉलोनी के राजेंद्र सिंघानिया और संतोष सिंघानिया के घरों तथा सिरगिट्टी में खाद्य तेल की उनकी फैक्ट्री शिवांगी ऑइल, कालिंदी इस्पात में देर रात तक दस्तावेज और कंप्यूटरों को खंगाला। इनके अंबिकापुर और सूरजपुर के संस्थानों पर भी कार्रवाई की गई है। मिनोचा कॉलोनी स्थित आवास में जब छापे की शुरुआत हुई तो पूरे परिसर को आयकर अधिकारियों ने घेर लिया था। इसके बाद अंदर जांच की गई।
कम आय दिखाकर कर रहे थे कारोबार
आयकर विभाग के आला अधिकारियों के अनुसार ये कारोबारी कम आय दिखाकर टैक्स की चोरी कर रहे थे। ग्रुप का टर्न ओवर एक से डेढ़ हजार करोड़ बताया गया है, लेकिन आमदनी की तुलना में टैक्स अदा नहीं किया जा रहा था। छापे में बड़े पैमाने पर दस्तावेज जब्त किए गए हैं। अभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इनकी रायपुर स्थित राइस मिल और निवास पर एक करोड़ रुपए नकद बरामद हुए हैं। करीब 1200 किमी लंबी सड़क निर्माण का ठेका वह ले चुके हैं। स्पंज आयरन फैक्टरी, राइस मिल, कटनी के पास आरसीसी पाइप फैक्टरी, इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण, सड़क एवं पुल-पुलिया कंस्ट्रक्शन के अलावा उनके पास लौह अयस्क की खदान भी है। विभाग ने माइनिंग वेल्युअर्स को बुलाकर खदान का लेखा-जोखा भी निकलवाया है।
तिरुपति कंस्ट्रक्शन व बिल्डकॉन की छानबीन
सिंघानिया ग्रुप के प्रमुख पद्म सिंघानिया, संतोष सिंघानिया और राजेन्द्र सिंघानिया सहित उनके सभी परिजनों और कुछ व्यवसायिक सहयोगियों के घर, दफ्तर, खदान और फैक्टरियों में छानबीन चल रही है। उनके सभी बैंक खाते और लॉकर सीज कर दिए गए हैं। इनका मध्यप्रदेश में तिरुपति कंस्ट्रक्शन व बिल्डकॉन के नाम से बड़ा व्यवसाय है।
यहां चल रही छानबीन
रायपुर, बिलासपुर, राजिम, अंबिकापुर, सूरजपुर, जबलपुर, कटनी, दमोह, शहडोल, बुढ़ार एवं आसपास के गांव और कोलकाता।
करोड़ों के लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं
अमरेन्द्र कुमार तिवारी, महानिदेशक आयकर इन्वेस्टीगेशन विंग मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ ने कहा है कि मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में फैले सिंघानिया ग्रुप के 25 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू की गई है। छानबीन में करोड़ों रुपए के लेनदेन संबंधी दस्तावेज और संपत्ति का ब्योरा मिल रहा है। जांच की कार्रवाई अभी एक-दो दिन जारी रहेगी।
किसान आंदोलन को मिलेगा सोनिया का साथ
17 Octoember 2014रायपुर। राज्य सरकार की नई धान खरीदी नीति के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रही कांग्रेस को नई ताकत मिली है। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस आंदोलन में शामिल होने की सहमति दे दी है। एक नवंबर से शुरू हो रहे इस आंदोलन के लिए पार्टी ने चक्काजाम कर आर्थिक नाकेबंदी की रणनीति बनाई है।
गुरूवार को दिल्ली पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें आंदोलन की जानकारी दी। टीएस सिंहदेव ने बताया कि पिछले आंदोलनों की रिपोर्ट और कम धान खरीदी से होने वाले नुकसान को देखते हुए सोनिया गांधी ने आंदोलन में शामिल होने की इच्छा जताई है। इधर, अजीत जोगी ने कहा है कि वे किसानों के साथ हैं, लेकिन किसानों के साथ खड़े होने का यह मतलब नहीं है कि वे कांग्रेस से अलग हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में सोनिया गांधी के आगमन को किसानों के आंदोलन के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया है।
समानांतर आंदोलन की भी जानकारी
इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने सोनिया गांधी को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के समानांतर आंदोलन की भी जानकारी दी। उनका कहना था कि संगठन के आंदोलन से पहले जोगी के इस कदम से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा। वहीं आंदोलन का साथ देने वाले किसान भी नेतृत्व को लेकर भ्रमित होंगे।
सदस्यता बुक विवाद की शिकायत
प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को सदस्यता बुक की मांग को लेकर लगाए जा रहे आरोपों की भी जानकारी दी गई। पार्टी संविधान का हवाला देते हुए उनसे मार्गदर्शन मांगा गया। भूपेश के मुताबिक सोनिया गांधी ने इस मामले में पार्टी संविधान के उपबंधों का पालन करने की नसीहत दी है।
अभी फैसला नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने 18 अक्टूबर से शुरू हो रहे किसानों के आंदोलन में शामिल होने का फैसला अभी नहीं किया है। पत्रिका से चर्चा में जोगी ने कहा कि किसानों का आंदोलन पूरी तरह से गैर दलीय है। उन्होंने किसानों को अन्याय के खिलाफ जगाने की कोशिश भर की है। किसानों के अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों के साथ की गई बैठक के बाद किसान आंदोलन को तैयार हुए। उन्होंने बताया कि किसान प्रतिनिधि उन्हें आंदोलन में शरीक होने के लिए कह रहे हैं, लेकिन यह 18 अक्टूबर को ही तय होगा कि वे आंदोलन में शामिल होने की स्थिति में रहेंगे या नहीं?
10 दिन की हड़ताल, न स्टायपेंड बढ़ा न सुविधाएं
17 Octoember 2014रायपुर। राज्य सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग के सख्त रवैये के बाद अंबेडकर अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने 11वे दिन अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। गौरतलब है कि राज्य शासन ने जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटने के लिए गुरुवार तक का समय दिया था। इसके बाद उनका पीजी का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की चेतावनी दी थी।
सीएम से मिलने पहुंचे, पुलिस ने रोका
हड़ताल खत्म करने से पहले आज सुबह जूडो मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास के लिए निकले लेकिन पुलिस ने उन्हें गांधी उद्यान के पास ही रोक लिया। अधिकारियों का कहना है कि जूडो बिना किसी सूचना के पहुंचे थे इसलिए उन्हें रोका गया।
पीएस से मिले और हडताल खत्म
सीएम से मिलने नहीं दिए जाने के बाद जूनियर डॉक्टर पीएस हेल्थ आलोक शुक्ला से मिलने उनके आवास पहुंचे। जहां उनके साथ चर्चा के बाद जूडो ने हडताल खत्म कर दी।
ये थीं जूडो की मांग
स्टायपेंड 35000 से बढाकर 50000 कर दिया जाए। साथ ही इस पर लगने वाला टैक्स बंद हो और सालाना वृद्धि हो।
अस्पताल परिसर में मीडिया के आने पर प्रतिबंध
हॉस्टल में सेंट्रलाइज्ड एसी
अस्पताल परिसर में स्टाफ के लिए कैफेटेरिया जिसमें बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित हो
अस्पताल में सेंट्रलाइज्ड एसी की सुविधा
अस्पताल में स्टाफ के लिए आरओ वाटर सिस्टम
कार्रवाई से पहले जूडो दो फाड़
अंबेडकर अस्पताल के जूनियर डाक्टर जूडो कार्रवाई से पहले ही गुरुवार की शाम तक दो फाड़ हो गए हैं। काम पर वापस न लौटने की सूरत में मेडिकल कॉलेज की अनुशासन समिति द्वारा हड़तालियों पर आज से कार्रवाई होनी थी। गुरुवार ही 24 जूडो ड्यूटी पर लौट आए। उन्होंने अपने विभागाध्यक्ष के सामने अपने उपस्थिति दर्ज करा दी। उनकी वापसी से जूडो हड़ताल को झटका लगा है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि शुक्रवार को जूडो का पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। डीन एके चंद्राकर का कहना है कि जिन्हें अपने करियर और थीसिस की चिंता है वे काम पर लौट आए हैं।
जनता का दिल जीतने से खत्म होगा नक्सलवाद
16 Octoember 2014रायपुर। वामपंथी उग्रवाद की समस्या को लेकर छत्ताीसगढ़ सरकार ने विभिन्न राज्यों के अखिल भारतीय सिविल सेवा और सैन्य सेवाओं के अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय मिड कॅरियर इन्टरेक्शन का आयोजन किया है। मुख्य सचिव विवेक ढांड ने बुधवार को निमोरा स्थित छत्ताीसगढ़ प्रशासन अकादमी में तीन दिवसीय परिचर्चा के इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य सचिव ने छत्ताीसगढ़ की नक्सल समस्या पर कहा कि राज्य सरकार इन प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के जरिए जनता के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके अलावा जनजीवन की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की दृष्टि से भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। ढांड ने इन क्षेत्रों में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं सहित वहां की सामाजिक-आर्थिक और भौगोलिक परिस्थितियों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बस्तर राजस्व संभाग में वर्ष 2007 में दो नए जिले बीजापुर और नारायणपुर तथा वर्ष 2012 में वहां दो नए जिले सुकमा और कोण्डागांव का निर्माण किया। अब वहां सात जिले बन गए हैं। इससे दूर-दराज गांवों तक प्रशासन की पहुंच बनी है। लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। वहां राज्य सरकार, जिला प्रशासन और सुरक्षा बल तीनों मिलकर परस्पर समन्वय से जनता का विश्वास जीतने में कामयाब हुए हैं। नक्सल पीड़ित जिलों के बच्चों की शिक्षा पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में विकास की चुनौतियां और राज्य शासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में व्याख्यान दिया। अपर मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने इन इलाकों में मानव विकास की स्थिति और भविष्य के रोडमैप के बारे में विचार व्यक्त किए। एडीजी मुकेश गुप्ता ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के वर्तमान परिदृश्य पर प्रस्तुतिकरण दिया। बस्तर के अधिकारियों ने दी जानकारी राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष सुनिल कुमार, छत्ताीसगढ़ राज्य पुलिस जवाबदेही आयोग के सदस्य अनिल नवानी और राज्य वन विकास निगम के प्रबंध संचालक ए.बोआज ने नक्सल क्षेत्रों में विकास की चुनौतियां विषय पर समूह चर्चा में हिस्सा लिया। प्रशासन अकादमी में तीन दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम में छत्ताीसगढ़ सरकार की ओर से सरगुजा संभाग के आयुक्त टीसी महावर, सरगुजा के पुलिस अधीक्षक पी. सुन्दरराज, सामान्य प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव आर. प्रसन्ना, बस्तर के मुख्य वन संरक्षक वी. रामाराव, बालाघाट [मध्यप्रदेश] के कलेक्टर वी. किरण गोपाल, मध्यप्रदेश के मुख्य वन संरक्षक एचयू खान और पीएल धीमन सहित गुजरात, छत्ताीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तार प्रदेश, झारखंड आदि राज्यों के सिविल सेवा और सैन्य सेवा के अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। आज होगी अबूझमाड़ पर चर्चा जेल और होमगार्ड महानिदेशक गिरधारी नायक गुरुवार को प्रस्तुतिकरण देंगे। उनके बाद रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर के स्वामीजी द्वारा उनके मिशन की ओर से अबूझमाड़ क्षेत्र में चलाए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी जाएगी। छत्ताीसगढ़ सरकार के पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक एके सिंह और राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक बीएल शरण वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में लघु वनोपज आधारित आजीविका के अवसरों की जानकारी देंगे। पुलिस महानिदेशक एएन उपाध्याय और एडीजी आरके विज प्रस्तुतिकरण देंगे।
हुदहुद से फसल को हुए नुकसान का लेंगे जायजा
16 Octoember 2014रायपुर। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह चक्रवाती तूफान "हुदहुद" से हुए फसल नुकसान का जायजा लेने के लिए शुक्रवार से दो दिन के प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे हुदहुद से हुए नुकसान के आकलन और किसानों को राहत दिए जाने के सम्बंध में अधिकारियों की बैठक लेंगे। इसके साथ ही वे यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कृषि विकास की संभावनाओं पर आधारित एक कार्यक्रम में वैज्ञानिकों से चर्चा भी करेंगे।
हुदहुद की वजह से हुई बारिश और तेज हवा से प्रदेश में धान और सोयाबीन की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। किसानों ने लगभग 36 लाख हेक्टयेर क्षेत्र में धान बोया था। तूफान के बाद धान की बालियां पानी में डूब गई और फसल बिछ गई। खेतों से पानी की निकासी न होने की वजह से फसल के सड़ने का अंदेशा भी बना हुआ है।
इसी तरह सोयाबीन की फसल में फूल लगने की स्थिति थी, जो अब खराब होने लगी है। तूफान से मक्के और अरहर की खेती भी प्रभावित हुई है।
14 साल तक के डायबिटिक बच्चों का होगा मुफ्त इलाज
16 Octoember 2014रायपुर. राज्य में अब 14 साल तक के डायबिटिक बच्चों का मुफ्त इलाज होगा। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बुधवार को इसकी घोषणा की। उन्हें मुफ्त में इंसुलिन दिया जाएगा। सरकार भविष्य में इस आयु को बढ़ाकर 23 वर्ष तक कर सकती है। सरकार का मानना है कि जब तक शुगर पीड़ित बच्चा खुद नौकरी करके अपना इलाज कराने का खर्च वहन करने योग्य न हो जाए, उसका इलाज कराया जाना चाहिए। सरकारी सहायता लेने के लिए बच्चे के पास डॉक्टर का दिया डायबिटिक का प्रमाण-पत्र होना जरूरी है।
योजना के नोडल अधिकारी कमलेश जैन के मुताबिक राज्य में 7 से 8 फीसदी लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। इनमें एक प्रतिशत तक बच्चे हो सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में हर साल लगभग दो हजार बच्चे ऐसे पैदा होते हैं, जो जन्म से ही शुगर पीड़ित होते हैं। इनमें से कइयों को शुगर होने की जानकारी हो तब तब तक उनकी मौत हो जाती है।
ऐसे करना होगा आवेदन: स्वास्थ्य विभाग एक प्रक्रिया तय कर रहा है जिसके अनुसार डायबिटिक बच्चों का इलाज मुफ्त में हो सकेगा। शुगर से पीड़ित बच्चे के माता - पिता को डाक्टर से एक प्रमाणपत्र लेना होगा। प्रमाणपत्र के आधार पर बच्चे को नाम से पासबुक की तरह कार्ड जारी होगा। उसे जब-जब इंसुलिन मिलेगी कार्ड में इंट्री की जाएगी। इंसुलिन उसे अपने शहर व गांव में ही उपलब्ध कराई जाएगी।
हुदहुद से प्रदेश में 3 मौतें, 53 मकान ढहे
15 Octoember 2014रायपुर। चक्रवाती तूफान हुदहुद ने दो दिन में छत्तीसगढ़ में भी तबाही मचाई। मंगलवार को मुंगेली में तीन नागरिकों की मौत हो गई। तेज हवा और बारिश के कारण 53 मकान पूरी तरह से ढह गए, 194 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। पूरे प्रदेश में खरीफ की फसल को नुकसान पहुंचा है। जिला स्तर पर इसका आकलन कराया जा रहा है। फौरी सर्वे में प्रदेश में 10 से 15 फीसदी तक नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। राज्य में हुई तबाही की रिपोर्ट भारत सरकार ने मांगी है। प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में हुदहुद ने प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र निकलकर उत्तरी क्षेत्र का सफर तय किया। जाते-जाते कवर्धा, कोरिया, बिलासपुर, मुंगेली, दुर्ग, रायगढ़, कांकेर आदि क्षेत्रों में तबाही मचाने की कोशिश की। मुंगेली में इस दौरान जमकर तबाही मचाई। तीन नागरिकों की मौत हो गई वहीं 49 मकान ढह गए। वहीं 30 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए । जिला प्रशासन ने तीनों नागरिकों के लिए अंतिम संस्कार के लिए 10-10 हजार रुपए दिए। दंतेवाड़ा में दो मकान गिरे दंतेवाड़ा जिले में 39 मकानों को नुकसान पहुंचा, जिनमें दो मकान ढह गए और 37 को आंशिक क्षति पहुंची है। बिलासपुर में 12 मकान और रायपुर में इस दौरान 11 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। बस्तर जिले में 67, कोंडागांव में 13, कबीरधाम और धमतरी में 2-2 मकानों को नुकसान पहुंचा, सरगुजा में नौ मकान क्षतिग्रस्त हो गए। फसल 10 से 12 फीसदी नुकसान प्रदेशभर में हुई भारी बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है। अधिकांश जिलों में इसका ठीक तरह से आकलन नहीं किया जा सका है। सरगुजा में आठ फीसदी, धमतरी से 10 फीसदी और कोंडागांव से 12 फीसदी फसलों के नुकसान होने की सूचना मिली है। फसलों के नुकसान के आकलन की जिम्मेदारी जिला कलेक्टरों को दी गई है। भारत सरकार ने मांगी रिपोर्ट प्रदेश में हुदहुद से हुए नुकसान की रिपोर्ट भारत सरकार ने मांगी है। सोमवार को मुख्य सचिव के नाम आए पत्र के साथ 14 कॉलम का फार्मेट भेजा गया है। इस फार्मेट को सभी जिलों में भेजकर राजस्व एवं आपदा विभाग कलेक्टरों से नुक सान की जानकारी मंगवाई है। विभाग की ओर से एक प्रारंभिक रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। वहीं मंगलवार को 14 जिलों की जानकारी अपडेट कराई गई।।
माओवादी मांद में घुस गए 2000 ग्रामीण और चार दिन से बंधक 40 लोगों को छुड़ा लाए
15 Octoember 2014रायपुर। एकजुटता में कितनी शक्ति होती है, ग्रामीणों ने इसकी मिसाल पेश की है। धुर माओवाद हिंसा प्रभावित सुकमा जिले के करीब 2000 ग्रामीण माओवादियों की मांद में जा घुसे और चार दिनों से बंधक 40 लोगों को छुड़ा कर ले आए। सुकमा के पुलिस अधीक्षक डी. श्रवण कुमार ने ग्रामीणों की सराहना करते हुए बताया कि बंधक बनाए गए 40 लोग माओवाद से नाता तोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए थे। माओवादियों द्वारा लगातार आत्मसमर्पण किए जाने से लाल आतंकी संगठन बौखला गया है।
लाल आतंकियों ने 9 अक्टूबर को सुकमा जिले के पोलमपल्ली, केरलापाल, सिरसट्टी, मिसमा, पोंगाभेज्जी गांवों के 40 ग्रामीणों को उनके घरों से उठाया लिया। वे उन्हें अपने साथ जंगल में ले गए और बंधक बना लिया। ये सभी ग्रामीण कभी माओवादियों के सहयोगी थे, लेकिन समर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ गए थे।
माओवादियों पर बनाया दबाव
ग्रामीणों को बंधक बनाए जाने की जानकारी मिलते ही इलाके के दर्जनभर से अधिक गांवों के हजारों ग्रामीण एकजुट होकर बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करवाने के लिए जंगल में घुस गए। एसपी के मुताबिक ग्रामीणों ने माओवादियों से चर्चा की और बंधकों को रिहा करने के लिए दबाव बनाया।
चार दिनों बाद सोमवार को माओवादियों ने सभी बंधकों को मिसमा के पास सुरक्षित छोड़ दिया। यहां से सभी ग्रामीण अपने-अपने घर पहुंचे। एसपी डी. श्रवण कुमार का कहना है कि बंधक ग्रामीणों से माओवादियों ने सरेंडर करने का कारण पूछा और पुलिस का सहयोग न करने की नसीहत दी।
लोगों के आवाज उठाने से ही माओवाद का खात्मा होगा। ग्रामीणों ने माओवादियों का विरोध कर बंधकों को छुड़ाकर अच्छा संदेश दिया है।
ग्रामीणों की यह
पहल माओवादियों के लिए चुनौती और संदेश है कि उनके साथ गलत होगा तो वे खामोश नहीं बैठेंगे। -डी. श्रवण कुमार, पुलिस अधीक्षक, सुकमा
जोगी के खिलाफ याचिका की सुनवाई बढ़ी
15 Octoember 2014बिलासपुर. हुदहुद चक्रवात अजीबो-गरीब इफेक्ट पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ चुनाव याचिका पर पड़ा है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष नंद कुमार साय की चुनाव याचिका पर सुनवाई बढ़ा दी गई, क्योंकि उनके वकील रातभर बिजली गुल होने के चलते तैयारी नहीं कर सके। इसका हवाला देते हुए उन्होंने सुनवाई बढ़ाने का आग्रह किया था। कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया।
चुनाव याचिका पर साय, जोगी समेत कई लोगों ने हाईकोर्ट में गवाही दे दी है। मामले पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी। साय के वकील रमाकांत मिश्र ने कोर्ट को बताया कि सोमवार की शाम से ही चकरभाठा क्षेत्र में रातभर बिजली गुल रही। यहां उनका निवास है। बिजली न होने की वजह से मामले की तैयारी नहीं हो सकी है। उन्होंने कोर्ट से सुनवाई बढ़ाने का आग्रह किया। कोर्ट ने इसे मंजूर करते हुए 30 अक्टूबर को अगली सुनवाई तय की है।
ये है मामला
राज्य में 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में जोगी मरवाही सीट से नंदकुमार साय को पराजित किया था। यह सीट एसटी के लिए रिजर्व थी। नतीजों के बाद साय ने जोगी के आदिवासी होने के प्रमाण-पत्र को चुनौती देते हुए जनवरी 2004 में चुनाव याचिका लगाई। इसमें जाति प्रमाण-पत्र पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि जोगी ने हाईस्कूल में एडमिशन के समय अजा होने का प्रमाण-पत्र दिया था।
उन्होंने आदिवासी होने का प्रमाण-पत्र गलत तरीके से हासिल किया है। राष्ट्रीय आदिवासी विकास परिषद ने भी उन्हें आदिवासी नहीं माना था। याचिका में उनका ओरिजनल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने 29 जनवरी 2014 को जोगी समेत संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को बनाया होमगार्ड
14 Octoember 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ में कभी पुलिस को अपनी गोलियों का निशाना बनाने वाले नक्सली अब उनके साथ खडे़ नजर आएंगे। गृह विभाग ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत नौकरी देने का एलान किया था। इसके बाद पहले चरण में राजनांदगांव में आत्मसमर्पण करने वाले दस नक्सलियों को स्वयंसेवी होमगार्ड के पद पर नियुक्ति दी गई है। इन सभी होमगार्डो को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अपने जन्मदिन के अवसर पर नियुक्ति पत्र देंगे।
डीजी जेल एवं होमगार्ड गिरधारी नायक ने बताया कि राजनांदगांव के कलेक्टर और एसपी की अनुशंसा के बाद नगर सेना विभाग ने स्वयंसेवी होमगार्ड के पद पर नियुक्ति दी है।
राजनांदगांव के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन के कारण बडे़ पैमाने पर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। इसमें विभिन्न स्तर के नक्सली काडर शामिल हैं। नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुविधाएं दी जा रही हैं। नगर सेना और नगारिक सुरक्षा मुख्यालय ने सभी का नियुक्ति आदेश 14 अक्टूबर को जारी किया।
इन्हें बनाया गया होमगार्ड
मानपुर के छोटू पद्दा, राजेश पुडो, कमलेश तुलावी, आयतुराम, बुतकेर हिडामी और श्यामलाल को होमगार्ड बनाया गया है। इसके साथ ही बम्हनी के मणेश्वर सिंह उइके, सहपाल के नरसिंह, हाटबंजारी के सिवती उर्फ शिवा साहू और झा़़डीखैरी के कैलाश सिंह को होमगार्ड बनाया गया।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को बनाया होमगार्ड
14 Octoember 2014महासमुंद। आंध्रप्रदेश और ओडिशा में तबाही मचाने के बाद हुदहुद तूफान ने महासमुंद जिले में भी कहर बरपाया। पिछले 24 घंटे से रूक-रूक कर बारिश हो रही है, आंधी-तूफान से बिजली के तार टूट गए हैं, कई गांवों में दो दिन से बिजली बंद है, खेतों में लहलहाती फसल पूरी तरह से धराशायी हो गई है।
शनिवार तक हालात ठीक थे। पर सोमवार को चक्रवाती तूफान हुदहुद ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पक कर कटने को तैयार फसल पानी में डूब गई है। 15 अक्टूबर तक बारिश होगी, तो किसान बर्बाद हो जाएंगे। उन्हें एक एकड़ में दस क्विंटल धान भी नसीब नहीं होगा।
फसल में लकवा बीमारी का खतरा
हरूना धान की फसल पक कर तैयार है। किसान कटाई करने की सोच रहे थे। ऎनवक्त हुदहुद ने उन्हें कहीं को नहीं छोड़ा। लाफिन खुर्द के किसान जनक राम साहू ने बताया कि चक्रवाती तूफान के कारण फसल को बचाना मुश्किल है। वहीं कृषि विभाग के सहायक संचालक गयाराम ने बताया कि लगातार बारिश होने से फसल का नुकसान होना संभव है। अभी कितना नुकसान हुआ, इसका आकलन कर पाना मुश्किल है।
कई गांवों में बिजली गुल
तूफान से जिले में कई जगहों पर बिजली के तार टूट गए। करीब 200 गांवों में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित हो गई है। सरायपाली संभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के चलते रविवार की रात 33 केव्ही फीडर 4 फीडर प्रभावित हो गया था। अब चालू हो गया है।
महासमुंद संभाग के कार्यपालन अभियंता केसी साहूकार ने बताया कि 11 केव्ही के 128 फीडर में 22 में खराबी आ गई थी। इसमें 5 को ठीक कर लिया गया है। वहीं 33 केबी 17 फीडर में 5 पर खराबी थी। 4 फीडर चालू हो गया है। एक फीडर को बनाने का कार्य चल रहा है। खतरे को भांपते हुए संभाग के 86 अस्थाई कनेक्शन काट दिए गए हैं। सोमवार को देर रात तक कई गांवों में बिजली व्यवस्था बहाल नहीं हो पाई थी। पेयजल का भी संकट खड़ा हो गया है।
आपदा से निबटने प्रशासन चौकस
बंगाल की खाड़ी में उठे समुद्री चक्रवात हुदहुद के प्रभाव से तूफान और बारिश की आशंका को देखते हुए कलक्टर उमेश कुमार अग्रवाल ने जिले के अधिकारियों को सतर्क रहने और राहत बचाव के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने आम नागरिकों से धैर्य एवं संयम बरतने की अपील की है। हुदहुद के प्रभाव से जिले में सोमवार 13 अक्टूबर की सुबह 8 बजे तक 10.01 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। कलक्टर ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर स्थिति से निबटने के लिए प्रभावित क्षेत्र के लिए राहत शिविर स्थल के रूप में स्कूल, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन इत्यादि को सुरक्षित किया जाए। कलेक्टोरेट में बाढ़ आपदा के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जिसका दूरभाष 07723-223969 है।
इसी तरह विद्युत विभाग का कंट्रोल रूम का दूरभाष 07723-222085 एवं जिला चिकित्सालय में स्थापित कंट्रोल रूम का दूरभाष 07723-222210 है। तूफान या बारिश से किसी प्रकार की क्षति की जानकारी उक्त दूरभाष पर दी जा सकती है। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को विद्युत लाइनों को दुरूस्त रखने तथा विद्युत संबंधी किसी भी शिकायतों का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए हंै, ताकि विद्युत तार की चपेट में आने पर जान-माल के नुकसान से बचा जा सके। राष्ट्रीय राजमार्ग या अन्य सड़कों पर पेड़ आदि गिरने पर शीघ्र हटाकर यातायात बहाल करने की कार्रवाई की जाए।
अपने-अपने प्रभार क्षेत्र के मैदानी इलाकों में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी चक्रवात से बचाव एवं राहत की व्यवस्था हेतु नियुक्त नोडल अधिकारी, ग्राम पंचायत के सचिव एवं राजस्व अमला पूरी तरह सजग रहे। तूफान एवं बारिश से क्षति की स्थिति निर्मित होने से तत्कालिक सहायता एवं अनुदान संबंधी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
पांच ट्रेनों के 50 फीसदी टिकट ऑनलाइन मिलेंगे/strong>
14 Octoember 2014बिलासपुर. रेलवे प्रशासन ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की पांच ट्रेनों में तत्काल टिकट की व्यवस्था में बदलाव किया है। इसके तहत अब तत्काल की 50 फीसदी टिकट काउंटर से मिलेंगे और 50 फीसदी टिकट ऑनलाइन ई-टिकटिंग के जरिए लिए जा सकेंगे। ई-टिकटिंग पर रेलवे ने डायनेमिक प्राइजिंग की व्यवस्था लागू की है। इसमें प्रीमियम दरें लगेंगी।
रेल मंत्रालय ने यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखकर 1997 में तत्काल टिकट स्कीम की शुरुआत की थी। रेलवे की यह व्यवस्था उन यात्रियों के लिए कारगर साबित हुई, जिन्हें आनन-फानन में यात्रा करनी होती है। सुविधा तो अच्छी थी, लेकिन इसे ऑनलाइन नहीं किया गया था। अब तक ये टिकट काउंटर से ही मिलते थे। एसईसीआर ने पांच ट्रेनों के लिए इसमें कुछ संशोधन किया है। इन ट्रेनों के लिए तत्काल के 50 फीसदी टिकट ऑनलाइन जारी किए जाएंगे।
यह सुविधा रायगढ़-निजामुद्दीन गोंडवाना एक्सप्रेस में शुरू भी कर दी गई है। इसका लाभ अधिक लोगों को मिल सके और इससे रेलवे को भी फायदा हो, इसलिए इसे ऑनलाइन करने का निर्णय लिया गया। 1 अक्टूबर से शुरू की गई व्यवस्था के तहत ऑनलाइन टिकट लेने वाले यात्रियों को कुछ प्रीमियम दरें भी रेलवे को देनी होगी। जो 50 टिकट ई-टिकटिंग से बुक होंगे, उनमें से 10 टिकेटों के लिए अलग स्लैब निर्धारित की गई है।
इन ट्रेनों के लिए तत्काल ई-टिकट
> ट्रेन क्रमांक 12849-12850 बिलासपुर-पुणे-बिलासपुर साप्ताहिक एक्सप्रेस।
> ट्रेन क्रमांक 12409-12410 रायगढ़-निजामुद्दीन-रायगढ़ गोंडवाना एक्सप्रेस।
> ट्रेन क्रमांक 12549-12550 दुर्ग-जम्मूतवी-दुर्ग साप्ताहिक एक्सप्रेस।
> ट्रेन क्रमांक 22647-22648 कोरबा-त्रिवेंद्रम-कोरबा सुपरफास्ट एक्सप्रेस।
> ट्रेन क्रमांक 18237-18238 बिलासपुर-अमृतसर-बिलासपुर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस।
नक्सल कैडर में शीर्ष पदों पर पहुंच रहीं महिला कमांडर
13 Octoember 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ में बडे़ पैमाने पर हो रहे नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बीच एक खबर यह आ रही है कि नक्सली कैडर के शीर्ष पदों पर महिला कमांडर पहुंच रही हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस को मिली खुफिया सूचना के आधार पर टॉप नक्सली कमांडरों में 60 फीसदी महिला नक्सली हैं, जबकि वर्ष 2008 तक सिर्फ 25 फीसदी महिला नक्सली टॉप पदों पर थीं। इसके साथ ही निचले स्तर पर भी ब़़डे पैमाने पर महिला नक्सलियों की भर्ती भी की जा रही है। महिला नक्सली अब एरिया कमेटी और डिविजनल कमेटी के कई महत्वपूर्ण पदों पर पहुंच गई हैं। नक्सलियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी में 20 फीसदी टॉप पदों पर महिला नक्सली पहुंच गई हैं।
पुलिस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पहले महिला नक्सलियों की भर्ती पुरुष कमांडरों का सहयोग करने के लिए की जाती थी, लेकिन अब परिस्थितियों में बडे़ पैमाने पर परिवर्तन हुआ है।
खुफिया पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार लंबे समय से सक्रिय महिला नक्सली सुजाता अब दंडकारण्य स्टेट मिलिट्री कमेटी की प्रमुख बन गई है। इसके साथ ही नीति को दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी का प्रमुख बनाया गया है। माधवी को पश्चिम बस्तर डिविजनल कमेटी की कमान सौंपी गई है। कोसी को मंगलर एरिया कमेटी की जिम्मेदारी दी गई है।
बताया जा रहा है कि झीरम घाटी हमले में महिला नक्सलियों की संख्या सबसे ज्यादा थी। पुलिस के अनुसार कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा की हत्या के बाद महिला नक्सलियों ने वहां डांस किया और सलवा जुडूम मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
आईबी के पास भी है रिपोर्ट
आईबी की रिपोर्ट में भी महिला नक्सलियों के टॉप पोस्ट पर पहुंचे की जानकारी दी गई है। वर्ष 2013 में तत्कालीन गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने भी लोकसभा में जानकारी दी थी कि बस्तर, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा में महिला नक्सली ताकतवर हो रही हैं और कई कमेटियों की कमान उन्हें सौंप दी गई है।
गुरिल्ला आर्मी की भी मिली कमान
पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के अनुसार महिला नक्सलियों को पीपुल लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी में भर्ती किया जा रहा है। अलग-अलग गुरिल्ला जोन में महिला कमांडरों को प्लाटून लेवल और कंपनी स्तर पर जिम्मेदारी बांटी जा रही है। बताया जा रहा है कि महिला कमांडरों की सक्रियता को देखते हुए जिम्मेदारियों का बंटवारा किया गया है।
बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी ने कहा कि बडे़ पैमाने पर नक्सलियों के आत्मसमर्पण के कारण टॉप नक्सली लीडर बैकफुट पर आ गए हैं। इसका असर उनके संगठन पर भी देखने को मिल रहा है। महिला नक्सलियों को महत्वूपर्ण जिम्मेदारी इसी रणनीति का हिस्सा है।
डाक फिलाटेलिक ब्यूरो को चाहिए अपनी पहचान
13 Octoember 2014रायपुर। डाक विभाग अपनी मूल सुविधाएं देने में भी नाकाम है। आए दिन डाकघर में पोस्टकार्ड और लिफाफों की कमी रहती है। इतना ही नहीं टिकट संग्रह को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित फिलाटेलिक ब्यूरो खुद ही अपने अस्तित्व तलाशता दिख रहा है। जबकि भारत के इतिहास एवं संस्कृति को जीवित रखने के लिए डाक फिलाटेलिक ब्यूरो ( डाक टिकट संग्रह केंद्र) की स्थापना की गई थी।
साथ ही लोगों को इससे जोड़ना भी मकसद था। परंतु मुख्य डाकघर जयस्तंभ के एक कोने में स्थापित ब्यूरो खुद की पहचान कायम करने के जद्योजहद में है। टिकट संग्रह केंद्र के बारे में डाकघर के बाहर ना तो कोई साइन बोर्ड लगा है और ना ही इस संबंध में किसी भी काउंटर में ही है।
1100 टिकट संग्राहक को परेशानी
केंद्र में 1100 के लगभग टिकट संग्राहक हैं। नियमित संग्राहकों को नई टिकट जारी होते ही ब्यूरो द्वारा टिकट दे दी जाती है। लेकिन छोटे से स्थान में सिमटे ब्यूरो के होने से उन्हें भी परेशानी होती है।
कहां कितने ब्यूरो
छत्तीसगढ़ परिमंडल में तीन ब्यूरो और 13 फिलाटैलिक काउंटर हैं। रायपुर प्रधान डाकघर के अलावा उपडाकघर सिविक सेंटर भिलाई एवं प्रधान डाकघर बिलासपुर में ब्यूरो है। रायगढ़, अंबिकापुर, जगदलपुर, कोरबा,करगीरोड, जांजगीर, महासमुंद, धमतरी, राजनांदगांव, दुर्ग, कांकेर, जशपुर नगर और कवर्धा में फिलाटैलिक काउंटर में है। रायपुर ब्यूरो के अंतर्गत 6 काउंटर हैं।
आज होगा क्विज
विश्व डाक सप्ताह 9 से 15 अक्टूबर आयोजित किया जा रहा है। सोमवार को मुख्य डाकघर रायपुर में फिलाटेली दिवस आयोजित होगा। जिसके तहत वर्कशॉप और क्विज प्रतियोगिता होगी। कार्यक्रम की शुरूआत 11 बजे मुख्य पोस्टमास्टर एवं विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में वर्कशॉप होगा। इस दौरान स्कूली छात्र- छात्राओं के लिए क्विज प्रतियोगिता होगी।
पांच सौ करोड़ की ठगी करने वाली ग्रीन-रे कंपनी का डायरेक्टर गिरफ्तार
13 Octoember 2014रायपुर. छत्तीसगढ़ और देश के कई राज्यों में सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाली चिटफंड कंपनी ग्रीन रे इंटरनेशनल के एक डायरेक्टर अयूब शाह को पुलिस ने पकड़ लिया है। उसे ठगी का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। विशेष अपराध अनुसंधान सेल ने अयूब को राजस्थान के अजमेर शहर से गिरफ्तार किया। रविवार को उसे रायपुर लाया गया। आशंका है कि ग्रीन रे कंपनी ने पूरे देश में करीब 500 करोड़ रुपए की ठगी की है। कंपनी के खिलाफ रायपुर, कोरबा, बिलासपुर और कुरुद में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज है। वह ओडिशा के जालेश्वर का रहने वाला है। यह बात सामने आई है कि उसने ठगी के पैसे को विदेशों में इनवेस्ट किया है।
नक्सली गिरफ्तार
11 Octoember 2014रायपुर। टाहकवाड़ा घटना में शामिल एक नक्सली को तोंगपाल के उरवेनपाल जंगल से पुलिस ने गिरफ्तार किया। पकड़े गए नक्सली पर दो हजार का इनाम घोषित था। शुक्रवार को तोंगपाल थाने से सीआरपीएफ व जिला पुलिस बल की संयुक्त पार्टी गश्त पर निकली थी।
इस दौरान उरवेनपाल के जंगल में नक्सली की मौजूदगी की खबर मिली। सर्चिग के दौरान उसे पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार आरोपी टाहकवाड़ा घटना समेत तीन अन्य मामलों में शामिल था।।
97 बच्चे कुपोषित इलाज का नहीं ठिकाना
11 Octoember 2014जगदलपुर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य परीक्षण में लगी अधूरी टीमों ने 97 कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया है। अब इन बच्चों को भर्ती करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास जगह तक नही हैं। जिले में चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ही कुपोषित बच्चों के लिए बिस्तर उपलब्ध है। यहां भी महज दस बिस्तर की ही सुविधा है। डॉक्टरों के मुताबिक इन बच्चों को कम से कम 15 दिनों तक भर्ती करने का प्रावधान है। इसके बाद ही एसे बच्चों को स्थिति में सुधार देखने के बाद डिस्चार्ज किया जाता है।
रिपोर्ट आए बीत गया सप्ताह
बच्चों के कुपोषण की पुष्टि एक सप्ताह पहले हो चुकी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 7156 बच्चों का परीक्षण किया गया है। जिसमें सबसे ज्यादा 97 बच्चे कुपोषण का शिकार बताए जा रहे हैं। ये सभी गंभीर हैं। अभी तक इनमें से आधे से ज्यादा को भर्ती नही कराया गया है। इसका एक बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि उनको भर्ती करने के लिए स्वास्थ्य विभाग असमंजस में फंसा हुआ है। फिलहाल अभी उसके पास कोई रास्ता नही हैं।
दरभा ब्लाक से अधिक कुपोषित
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य परीक्षण की टीम से जुड़े मेकॉज में 20 बेड़ कुपोषित बच्चों के लिए है। ये बेड भी अधिकांश तौर पर भरे रहते हैं। सूत्रों की माने तो अभी बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बनाई गई चार सदस्यीय टीम अपना शत प्रतिशत योगदान नहीं दे पा रही है। जब सातों ब्लॉक में 14 टीम एक साथ काम करेगी। तब बच्चों को भर्ती करने के लिए बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अभी जो टीम काम कर रही है वह स्कूलों को ही टारगेट कर रही है। 97कुपोषित बच्चों में से अधिकांश बच्चे दरभा ब्लाक के बताए जा रहे हैं।
15 दिन आब्जर्वेशन में
कुपोषित बच्चों को 15 दिनों तक आब्जर्वेशन में रखना पड़ता है। जब तक बच्चों का वजन समान्य नहीं हो जाता उनको डिस्चार्ज नहीं किया जा सकता है। कई बार तो ब्लड देने की भी जरूरत पड़ती है। मेकॉज में कुपोषित बच्चों के लिए 20 बेड है।
डॉ. विवेक जोशी, सिविल सर्जन
राउंड द क्लॉक व्यवस्था
चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और मेडिकल कॉलेज जगदलपुर समेत 60 बच्चों को भर्ती करने की व्यवस्था है। समस्या तो है ही, लेकिन राउंड द क्लॉक व्यवस्था की जाएगी। डॉक्टर मैत्री, डिस्ट्रिक्ट चिल्ड्रन ऑफिसर
जूडो ने फिर ठुकराई पीएस हेल्थ की पेशकश, हड़ताल जारी
11 Octoember 2014रायपुर। चक्रवात हुडहुड को लेकर राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है। बस्तर और रायपुर संभाग के सभी जिलों को विशेष तौर पर चेतावनी दी गई है। फील्ड अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियों को कैंसिल करके मुख्यालयों पर ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में हुडहुड का असर 12 से 14 अक्टूबर तक रहने की आशंका है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव विवेक ढांड ने शुक्रवार को आला अफसरों की बैठक बुलाई। रायपुर में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। आपात स्थिति में यहां के टेलीफोन नंबर 0771-2510593 और फैक्स नंबर 0771-2510823 पर संपर्क किया जा सकता है। आपदा प्रबंधन बल को भी तैयार रहने को कहा गया है।
आंध्र-ओडिशा में बारिश, ट्रेनें रद्द: करीब डेढ़ सौ किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहे हुडहुड का असर दिखने लगा है। आंध्रप्रदेश और आेडिशा के कई इलाकों में शुक्रवार को जमकर बारिश हुई। 12 अक्टूबर को आने वाले हुडहुड तूफान के चलते भुवनेश्वर- विशाखापट्टनम रूट की 38 गाड़ियां रद्द कर दी गई है। हावड़ा आैर दक्षिणी राज्य की गाड़ियों को रायपुर आैर नागपुर के रूट पर डायवर्ट किया जा रहा है। दोनों राज्यों ने संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तैयारी की हुई है।
आेडिशा में तटीय इलाकों के करीब साढ़े तीन लाख लोगों काे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। आंध्रप्रदेश में भी इसी तरह की तैयारियां जारी हैं। राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत बल की 25 टीमें दोनों राज्यों में तैनात हैं। मौसम विभाग के मुताबिक तूफान का ज्यादा असर शनिवार को नजर आएगा। आंध्र और ओडिशा के अलावा झारखंड के कुछ जिलों में भी इसका असर नजर आएगा।
हुडहुड तूफान से ज्यादा बारिश हुई तो प्रदेश के कई जिलों में बनेंगे बाढ़ जैसे हालात
बंगाल की खाड़ी से आंध्रप्रदेश तट की ओर बढ़ रहा तूफान अगर रायपुर और बस्तर संभाग में 10 सेमी से ज्यादा बारिश की वजह बनता है तो इन संभागों से कई बड़े बांधों से पानी छोड़ने की नौबत आ सकती है। गंगरेल समेत दोनों संभागों के बड़े बांधों में अभी 70 से 90 फीसदी तक पानी है। विशेषज्ञों के मुताबिक इन बांधों में ज्यादा पानी गया तो उसे तुरंत छोड़ना पड़ेगा। इससे बस्तर और रायपुर संभाग ही नहीं, बिलासपुर संभाग पर भी व्यापक असर पड़ने की आशंका है। तूफान के 12 अक्टूबर, रविवार को दोपहर तक वाल्टेयर पर पहुंचने की आशंका है। अभी यह बंगाल की खाड़ी में वाल्टेयर से 470 किमी दूर है। तूफान में हवा के घूमने की रफ्तार 130 किमी प्रतिघंटे तक पहुंच गई है। जब यह वाल्टेयर तट पर पहुंचेगा, हवा की रफ्तार 140 किमी या ज्यादा भी हो ससकती है। इससे आंध्रप्रदेश और उड़ीसा के तटवर्ती इलाकों में खासी तबाही मच सकती है। लेकिन इसके बाद आगे बढ़ते हुए हवा की रफ्तार 80-90 किमी प्रतिघंटे तक हो जाएगी।
छग में 50 किमी की रफ्तार - वाल्टेयर से रायपुर की दूरी करीब 430 किमी है। तूफान एक दिन में 200 किमी तक आगे बढ़ेगा। इस तरह, यहां पहुंचने में दो दिन लगेंगे। तब तक हवा की रफ्तार 50 किमी प्रतिघंटा तक हो सकती है। आंधी चलने तथा 10 सेमी या ज्यादा बारिश होने की भी आशंका है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बस्तर और रायपुर संभाग में ज्यादा बारिश से आधा दर्जन से ज्यादा बड़े बांधों में इतनी तेजी से पानी पहुंच सकता है कि पूरे गेट खोलने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
क्या असर पड़ेगा छत्तीसगढ़ में
लालपुर मौसम केंद्र के सहायक मौसम विज्ञानी एम. गोपाल राव के अनुसार छत्तीसगढ़ में तूफान लो-प्रेशर एरिया में तब्दील हो सकता है। इसलिए राजधानी रायपुर में हवा की रफ्तार 50 किमी प्रतिघंटे से कम रहने की आशंका है। यही नहीं, तूफान से रायपुर और बस्तर संभाग के कई जिलों में मध्यम से कुछ ज्यादा बारिश हो सकती है। तूफान के असर से शनिवार शाम से राज्य के कई हिस्सों में घने बादल नजर आ सकते हैं।
महिला प्रताड़ना में रायगढ़ अव्वल: उसेंडी
10 Octoember 2014रायपुर। राज्य महिला आयोग अध्यक्ष लता उसेंडी के मुताबिक महिला प्रताड़ना के मामले में रायगढ़ जिला छत्तीसगढ़ में अव्वल है। दुर्ग व रायपुर से भी लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इससे साफ है प्रदेश की महिलाओं में खासकर गांवों में जागरूकता बढ़ी है। उन्हें लग रहा है कि उनकी दिक्कतों को सुनने वाला कोई है। इसी कारण आयोग तक आ रही हैं।
उन्होंने कहा दहेज प्रताड़ना के लिए बने कानून के दुपयोग पर भी आयोग का ध्यान है। बीते दिनों हाईकोर्ट की महिला कर्मचारी के साथ विभागीय अफसरों द्वारा की गई छेड़छाड़ का मामला भी आयोग ने संज्ञान में लिया है। उस कर्मचारी को हर हाल में न्याय दिलाएंगे।
"कटोरे" में लहलहाएंगे पाक व चीन के धान
10 Octoember 2014रायपुर । विश्व की सर्वाधिक सुगंधित व पतले धान की किस्में अब छत्तीसगढियों की थाली को सुगंधित करेंगी। आने वाले समय में चीन, पाकिस्तान और ईरान सहित 10 अन्य देशों के धान की सुगंधित प्रजातियां प्रदेश के खेतों में लहलहाएंगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में धान अनुसंधान निदेशालय हैदराबाद के एरोमेटिक नेटवर्क प्रोजेक्ट के तहत धान की सैकड़ों किस्मों पर अनुसंधान चल रहा है। वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं कि विदेशों की सुगंधित किस्मों के साथ ही देशभर की सुगंधित किस्में छत्तीसगढ़ की जलवायु में कैसा परिणाम दे सकती हैं।
556 किस्मों पर प्रयोग
कृषि विवि के जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रिडिंग विभाग के मुताबिक धान की कुल 556 किस्में उगाई जाती हैं।
देश की 78 किस्में
जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, असम, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, झारखंड, बिहार, आंध्रप्रदेश, पं. बंगाल सहित कई अन्य राज्यों में बोई जाने वाली करीब 78 सुगंधित प्रजातियों को अनुसंधान के लिए चुना गया है।
छत्तीसगढ़ की 42 किस्में
रिसर्च में प्रदेश के 42 सर्वाधिक सुगंधित प्रजातियां भी शामिल हैं। इनमें जीराफूल, बादशाह भोग, विष्णुभोग, चिन्नौर, लोक्तिमासी, दूबराज, जवाफूल आदि हैं।
- भारत सहित पूरे विश्व की धान की कुल 556 सुगंधित व पतले दाने वाले प्रजातियों पर अनुसंधान चल रहा है। जांच की जा रही है कि ये किस्में छत्तीसगढ़ के वातावरण में कैसा परिणाम देंगी। जल्द ही कुछ प्रजातियों के बोने की अनुशंसा की जाएगी।
संदीप भंडारकर, वैज्ञानिक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर
जूडो ने फिर ठुकराई पीएस हेल्थ की पेशकश, हड़ताल जारी
10 Octoember 2014रायपुर। पीएस हेल्थ आलोक शुक्ला ने शुक्रवार को अंबेडकर अस्पताल का निरीक्षण किया और चार दिन से हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की बैठक ली। पीएस ने डॉक्टरों का मानदेय 2500 रुपए बढाने की पेशकश की और हड़ताल खत्म करने को कहा। जूडो ने इस ऑफर को ठुकरा दिया। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ डीएमई सख्त कार्रवाई कर सकती है।
गौरतलब है कि अंबेडकर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर स्टायपेंड बढाने की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से हड़ताल पर हैं, उन्हें वर्तमान में 35000 रुपए स्टायपेंड के रूप में दिए जा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अन्य राज्यों में यहां से कहीं ज्यादा मानदेय दिया जाता है, साथ ही दो साल से जूडो का स्टायपेंड नहीं बढ़ाया गया है। उनकी मांग है कि उनका स्टायपेंड 50000 कर दिया जाए।
हॉस्टल छोडऩे का आदेश
गुरुवार को मेडिकल कॉलेज के डीन एके चंद्राकर ने जूनियर डॉक्टरों को 24 घंटे के भीतर हॉस्टल खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है। डॉक्टर्स यदि हड़ताल खत्म नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
दो मांगों पर असहमति
डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ने जूडो की 8 में से 6 मांगों पर सहमति दे दी है। स्टायपेंड बढाने की उनकी मांग पर पीएस हेल्थ ने कहा कि यह शासन के हाथ में है, अस्पताल में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध पर पीएस ने कहा कि आरटीआई के दौर में यह संभव नहीं है।
छत्तीसगढ़ आना मेरे जीवन का अहम फैसला: यतींद्र सिंह
09 Octoember 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस यतींद्र सिंह का कहना है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पद को स्वीकार करना और यहां आना उनके जीवन का सबसे अहम और सही फैसला साबित हुआ है।
ईश्वर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनका निर्णय पता नहीं कब और किस समय आ जाए। अचानक एक दिन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का पत्र आया और मुझे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनने की सहमति भेजने को कहा। मेरे परिजनों से लेकर मित्रों व शुभचिंतकों ने ऑफर को अस्वीकार करने की सलाह दी। तब उनके मन में यह बात थी कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट छोटा है। मैंने इसे ईश्वर का आर्शीवाद मानकर स्वीकार कर लिया। आज मैं गर्व से साथ कह सकता हूं कि यह मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय था। यहां की धरती, यहां के लोग सब-कुछ बहुत अच्छे हैं। साथी जजों से लेकर न्यायपालिका के अफसरों ने कामकाज में मुझे पूरा सहयोग दिया। उनके सहयोग के बल पर ही मैं इस मुकाम तक पहुंच पाया।
बुधवार को चीफ जस्टिस श्री सिंह सेवानिवृत्त हुए। वे अपने सम्मान में आयोजित विदाई समारोह में साथी जजों, ज्यूडिश्यरी के अफसरों व वकीलों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई संशय नहीं कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट विश्व का ऐसा पहला हाईकोर्ट है, जहां फैसलों से लेकर अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। महत्वपूर्ण फैसलों को वेबसाइट पर डाला जा रहा है। चीफ जस्टिस से लेकर साथी जजों ने अपनी संपत्ति भी सार्वजनिक कर दी है।
मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के रूप में न्यायदान में सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि जो हम सोचते हैं, जब वह नहीं मिलता तो कभी-कभी मन में हताशा होती है। इससे न तो घबराना चाहिए और न ही हताश होने की जरूरत है।
उन्होंने आपबीती बताते हुए कहा कि चीफ जस्टिस के पद पर पदोन्नति में जब दो वर्ष का विलंब हुआ, तब मैं भी हताश हुआ था। मेरे अपने अनुभव बताते हैं कि मन में कभी हताशा नहीं लानी चाहिए।
ईश्वर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा और आशीर्वाद पता नहीं कब आ जाए। मेरे साथ ही ऐसा ही हुआ। जब मैं निराश हो गया था, ठीक उसी वक्त चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का पत्र आया। पत्र में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में सहमति भेजने का उल्लेख था। यह मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण था। ऐसा ही क्षण आप सबके जीवन में भी आएगा। न तो किसी को हताश होने की जरूरत है और न ही निराश। बस आप अपना काम और कर्तव्य का निर्वहन करते रहें।
जब आंखें भर आई
श्री सिंह ने तकरीबन 35 मिनट अपनी बातें रखीं। इस दौरान कई मौके ऐसे आए जब वे भावुक हो गए थे। भावुक होने के साथ-साथ उनकी आंखें भर आई। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के बाद छत्तीसगढ़ में ही बसने की इच्छा थी। मकान खरीदने का मन भी बना लिया था। आर्थिक संकट के कारण यह संभव नहीं हो पाया।
इसी सप्ताह मैं इलाहाबाद चला जाऊंगा। कुछ महीने बिताने के बाद नोएडा चला जाऊंगा। आप लोग वहां जरूर आइए। मेरे मेहमान बनकर नहीं, बल्कि मेरे अपने बन कर आइए। मुझे भी खुशी होगी।
हर एकड़ पर किसानों को होगा ढाई हजार का घाटा!
09 Octoember 2014रायपुर।खेती की बढ़ती लागत के बीच राज्य सरकार के ताजा फैसले ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। धान खरीदी की सीमा तय होने से किसानों को अब खेती घाटे का सौदा लगने लगा है। हालांकि सरकार शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को ऋण दे रही है, लेकिन यह ऋण किसानों के लिए बोझ बन जाएगा।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस समय एक एकड़ पर धान की पैदावार पर करीब 15,500 रूपए खर्च होते हैं। इसके एवज में किसान को दस क्विंटल धान के बदले सिर्फ 13000 रूपए ही मिलेगा। इस तरह उसे प्रति एकड़ करीब ढाई हजार रूपए का घाटा होगा। प्रदेश के अधिकतर किसान कर्ज लेकर खेती करते हैं। औसतन एक एकड़ में उन्हें 16 क्विंटल धान मिलता है।
अब तक सरकार पूरा धान खरीदती आई थी। हर क्विंटल पर मिलने वाले बोनस ने ही कर्ज लेकर धान की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। लेकिन अब हालात बदल गए हैं।
दो हजार करोड़ के अधिक का ऋण: छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के अधिकारियों के मुताबिक इस साल अब तक दो हजार 318 करोड़ 40 लाख रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण दिया जा चुका है, जिसे 9.75 हजार किसानों को बांटा गया है। खरीफ के इस मौसम के लिए अपेक्स बैंक ने दो हजार 450 करोड़ रूपए का ऋण बांटने का लक्ष्य है।
बैंक अधिकारियों को भी इसकी चिंता है कि बांटे गए ऋण की वसूली कैसे होगी। क्योंकि किसानों के पास धान बेचने के बाद ऋण अदायगी के लिए राशि ही नहीं बचेगी।
शून्य प्रतिशत पर ऋण
अपेक्स बैंक के जरिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को प्रति एकड़ 14 हजार रूपए ऋण दिया जाता है। इसमें आधी राशि के बदले खाद, बीज व अन्य सामग्री मिलती है। बाकी राशि का नगद भुगतान किया जाता है। इसकी अदायगी किसान नगद अथवा लिंकिंग (ऋण राशि के बराबर धान) के रूप में अदा करता है। नए आदेश के अनुसार किसानों को हर एकड़ पर मिलने वाले ब्याज के मुकाबले ऋण अधिक दिया गया है, जिसकी अदायगी उनके लिए मुश्किल होगी।
ऎसे समझें घाटे का गणित
एक एकड़ जमीन पर धान की पैदावार पर खर्च (अनुमानित)
जुताई (ट्रैक्टर से) : 1.10 मिनट खर्च होते हैं- 800 रूपए
45 किलो बीज: 600 रूपए
दो मजदूर: 300 रूपए
निंदाई: 22 मजदूर (150 रूपए प्रति व्यक्ति): 3300 रूपए
बियासी: 300-400 रू (नागर से)
चलाई: 1500 रूपए
धान को व्यवस्थित करना: 1500 रूपए
कीटनाशक: 2000 रूपए
खाद छिड़काव: 1500 रूपए
कटाई: 3500-4000 रूपए
खरीद केंद्र तक परिवहन: 300 रूपए
कुल खर्च 15,700 रूपए
दस क्विंटल धान के बदले में मिलेगी राशि: 13,000 रूपए
घाटा: करीब 2700 रूपए
जगरगुंडा मामले में सुकमा कलेक्टर लकड़ा हटाए गए, सरकार ने पेश की नजीर
09 Octoember 2014रायपुर. जगरगुंडा में घटिया रसद सप्लाई करने के मामले में राज्य सरकार ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। सुकमा के कलेक्टर ईमिल लकड़ा को हटा दिया गया है। सरकार ने उन्हें भी लापरवाही का जिम्मेदार माना है। लकड़ा को मंत्रालय में संयुक्त सचिव बनाकर वापस बुलाया गया है। उनकी जगह बिलासपुर जिला पंचायत के सीईओ नीरज बंसोड़ को सुकमा कलेक्टर बनाकर भेजा जा रहा है। इस मामले में यह पांचवीं कार्रवाई है।
मंगलवार को ही कलेक्टर लकड़ा ने दो फूड इंस्पेक्टर द्रोण कुमार कामड़े व संजय कुमार कौशिक और राजस्व निरीक्षक रमेश कुमार साहू को सस्पेंड कर दिया था। जबकि मुख्यमंत्री रमन सिंह के निर्देश के बाद सुकमा के खाद्य अधिकारी केआर पिस्दा को निलंबित किया गया था। इसके अलावा क्रय समिति के अध्यक्ष अपर कलेक्टर एसआर महिलांग को नोटिस जारी किया गया।
आपको बता दें कि जगरगुंडा राहत शिविर के लिए कीड़े लगे और सड़े आलू-प्याज सप्लाई करने के इस मामले को दैनिक भास्कर ने लगातार प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
कलेक्टर लकड़ा को बदलने का आदेश शाम सात बजे मंत्रालय से जारी किया गया। दिलचस्प यह रहा कि सामान्य प्रशासन विभाग की सचिव निधि छिब्बर को भी इसकी जानकारी नहीं थी। जबकि वे आएएस-आईपीएस स्थापना का काम देखती हैं।
उन्हें भास्कर से ही यह जानकारी मिली। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री स्तर पर की गई हे। लकड़ा मंत्रालय में किस विभाग में रहेंगे, अभी तय नहीं किया गया है। वहीं सुकमा कलेक्टर बनाकर भेजे जा रहे बंसोड़ पहले भी वहां सीईओ व एसडीएम रह चुके हैं। बंसोड़ की जगह पेंड्रा के एसडीओ सर्वेश्वर भूरे को बिलासपुर जिला पंचायत का सीईओ बनाया गया है। लकड़ा हाल ही में एके टोप्पो की जगह मंत्रालय से सुकमा कलेक्टर बनाकर भेजे गए थे। वे संपदा संचालक थे। टोप्पो वर्तमान में संपदा संचालक हैं। खबर है कि विभागों में इसी तरह लापरवाही बरतने और खराब प्रदर्शन करने वाले कुछ अन्य अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।
बारह नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
08 Octoember 2014रायपुर। जिले में सक्रिय रहे 12 नक्सलियों ने मंगलवार को कांकेर एसपी कार्यालय में पुलिस व अर्धसैन्य बलों के आला अफसरों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण कर दिया। एक साथ इतने नक्सलियों के आत्मसमर्पण को पुलिस बड़ी सफलता मान रही है। समर्पित नक्सलियों में अधिकांश पर एक से आठ लाख रुपए तक का इनाम घोषित किया गया था।
मंगलवार को एसपी कार्यालय में आईजी बस्तर एसआरपी कल्लूरी, आईजी बीएसएफ एसएस चाहर, एसपी कांकेर आरएन दास तथा प्रभारी कलेक्टर कार्तिकेय गोयल की मौजूदगी में आत्मसमर्पण करने वाले सभी 12 नक्सलियों को मीडिया के सामने पेश किया गया। एसपी आरएन दास ने बताया कि इन सभी नक्सलियों पर कई गंभीर मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। बीएसएफ, जिला बल और एसटीएफ के संयुक्त प्रयासों से इनके आत्मसमर्पण में सफलता मिली है।
r>
बैकफुट पर नक्सली आईजी बस्तर एसआरपी कल्लूरी ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि पिछले चार माह में बस्तर में नक्सली बैकफुट पर हैं। इस दौरान 260 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। मंगलवार को कांकेर में 12 व कोंडागांव में 8 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। समर्पण के पीछे पैरामिलिट्री फोर्स के सिविक एक्शन प्रोगाम का बहुत ब़़डा रोल है। नक्सली दलों में शामिल छत्तीसगढ़ के निवासी यह समझ चुके हैं कि उनका बाहर के नक्सलियों के द्वारा शोषण किया जा रहा है।
नक्सलियों पर लगाए गंभीर आरोप
आत्मसमर्पित नक्सलियों ने पूछताछ में नक्सलियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बाहरी नक्सली लीडर छोटे व्यवसायियों और गरीब ग्रामीणों तक से उगाही कर रहे हैं। वे गांव की लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फांस कर उनका दैहिक शोषण कर रहे हैं। नक्सली लीडर प्रेग्नेंसी टेस्ट किट भी अपने साथ रखते हैं। गर्भ ठहर जाने पर गांव की लड़कियों को मार देते हैं। स्थानीय लोग विकास चाहते हैं लेकिन बाहरी नक्सली लीडर ऐसा होने नहीं दे रहे हैें।
इन नक्सलियों ने किया समर्पण
1.सोमनाथ उर्फ भगत उर्फ शेरसिंह पिता सुक्कू कावडे़ उम्र 24 वर्ष निवासी देवगांव थाना आमाबेड़ा जिला कांकेर। प्लाटून 17 का कमांडर था। उसने फरवरी 2008 में महिला नक्सली सनकी सलाम से विवाह किया था। उसपर 08 लाख रुपये का इनाम था।
2.अमित्रा पिता मंगलू राम उम्र 19 वर्ष निवासी छिंदभाट थाना सिकसो़़ड जिला कांकेर। इसकी गिरफ्तारी हेतु शासन द्वारा 01 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
3.शंभू राम पिता सोमजी धु्रव उम्र 38 वर्ष निवासी छिंदभाट थाना सिकसोड़ जिला कांकेर।
4.मैली पिता सुखदेव नेगी उम्र 22 वर्ष साकिन घुमर थाना सिकसोड़ जिला कांकेर। इस पर 01 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
5.संतोष पिता धनसाय उम्र 26 वर्ष निवासी छिंदभाट थाना सिकसोड़ जिला कांकेर।
6.प्रमिला पिता घसिया उम्र 22 वर्ष निवासी छिंदभाट थाना सिकसोड़ जिला कांकेर। वर्ष 2006 से पुलिस को इसकी तलाश थी।
7.सुरेखा उर्फ सोबी आंचला पिता मंगल सिंह आंचला उम्र 19 वर्ष निवासी हांकेर थाना पखांजूर जिला कांकेर।
8.रजनु गोटा पिता स्व.नोहर राम गोटा उम्र 20 वर्ष निवासी धनेली थाना कोरर जिला कांकेर। यह जनमिलिशिया कमाण्डर एवं जनताना सरकार का अध्यक्ष था। इसपर 01 लाख रुपये का इनाम था।
9.राजू पद्दा पिता चैत राम पद्दा उम्र 20 वर्ष निवासी आलनार थाना कोयलीबेड़ा जिला कांकेर। 01 लाख रुपये का इनामी है।
10.जी पद्दा पिता गूगे पद्दा उम्र 30 वर्ष निवासी आलनार थाना कोयलीबेड़ा जिला कांकेर।
11.कोकसा नुरेटी पिता दशर नुरेटी उम्र 19 वर्ष निवासी पंगोड थाना ओरछा जिला नारायणपुर।
12.जेला उर्फ रिसऊ गावडे़़ पिता थुना गावडे़ उम्र 40 वर्ष निवासी मातला थाना आमाबेड़ा जिला कांकेर।
पहली बार 120 एकड़ में जैविक फसल
08 Octoember 2014बिलासपुर। राज्य शासन ने रासायनिक खाद के बजाय जैविक खेती को बढ़ावा देने निर्देश दिया है। शासन के निर्देश पर जिले में पहली बार 120 एकड़ में जैविक खाद से धान की खेती का प्रदर्शन करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए दो ब्लॉकों का चयन कर विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी।
राज्य शासन ने कृषि कार्य में लगातार बढ़ रहे रासायनिक खाद के उपयोग को नियंत्रित करने का फरमान जारी किया है। कृषि मंत्रालय से जारी इस आशय के आदेश में जैविक खेती के लिए जिले के दो ब्लॉक का चयन करने और विस्तृत कार्यक्रम भेजने का निर्देश दिया है। कृषि विभाग के अफसर इसके लिए जिले का भ्रमण कर किसानों से संपर्क कर रहे हैं। इसके बाद दो गांवों का चयन खेती के लिए किया जाएगा।
क्या है जैविक खेती
आमतौर पर उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान रासायनिक खाद का ज्यादा उपयोग करते हैं। इसका दुष्प्रभाव मानव और पशुओं के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब सरकार केंचुआ, वाडेब और गोबर खाद तैयार कर इससे खेती कराने जोर दे रही है। केंचुआ पालन और वर्मी टैंक बनाकर जैविक खाद तैयार किए जाएंगे और फसलों में इन्हीं का प्रयोग बढ़ाया जाएगा।
अलग मार्केट का भी प्लान
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए शासन स्तर पर पहल की जा रही है। यदि उत्पादन अच्छा हुआ तो सरकार ने जैविक खेती से उत्पादित फसल के लिए अलग मार्केटिंग का भी प्रावधान किया है।
वापस आ जाएगी खुशबू
लगातार रासायनिक खाद के उपयोग के कारण दुबराज और जवा फूल जैसे धान से खुशबू गायब हो गए हैं। जैविक खाद के उपयोग से इन धानों की खुशबू फिर से आने का दावा वैज्ञानिकों ने किया है।
ये हैं लाभ
रासायनिक खेती को नियंत्रित कर जैविक खेती को बढ़ावा देने से केमिकल का स्वास्थ्य पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव कम हो जाएगा।
पशुओं को शुद्ध चारा मिल सकेगा।
तीन साल तक लगातार जैविक खाद डालने से जमीन की उर्वरा शक्ति में सुधार होगा उत्पादन अच्छा होने लगेगा।
शासन से जिले में पहली बार जैविक खेती का निर्देश मिला है। जिले के दो ब्लॉक के दो गांवों का चयन कर पूरा कार्यक्रम तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। चयनित गांवों में 120 एकड़ में रसायनिक खाद के बजाय जैविक खाद का उपयोग कर धान की फसल का प्रदर्शन कर किसानों को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। केएस काकोरिया उपसंचालक कृषि
महिला कैडर का यौन शोषण करते हैं नक्सली
08 Octoember 2014रायपुर. जिले में पहली बार एक दर्जन नक्सलियों ने एक साथ आत्मसर्पण से एक ओर जहां पुलिस के प्रयासों को सफलता दिलाई है वहीं दूसरी ओर उन्होंने बीहड़ों में पुरूष नक्सलियों द्वारा की जा रही बर्बरता और उनकी कमजोरियों को भी उजागर कर दिया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों ने बताया कि पुरूष नक्सली लीडरों द्वारा महिलाओं का जमकर शारीरिक शोषण किया जाता है। इसके लिए वे अपने पास सेक्स वर्धक दवाइयां भी रखते हैं। अलग अलग क्षेत्र से जिला कार्यालय पहुंचकर आत्मसमर्पण करने वाले 3 महिला समेत कुल 12 नक्सलियों से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार अबतक की हुई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि बाहरी नक्सली लीडरों द्वारा महिला नक्सलियों समेत गांव की लड़कियों के साथ अनाचार किया जाता है। इसके कारण स्थानीय पुरूष नक्सली बदनाम हो रहे हैं। ये नक्सली अपने पास सेक्सवर्धक दवा पावर कैप्सूल तथा प्रेग्रेंसी टेस्ट किट भी रखते हैं। लीडर नक्सली ग्रामीण लड़कियों को अपने प्यार में फंसा कर उनका शारीरिक शोषण करते हैं और गर्भ ठहर जाने पर उन्हें जान से मार देते हैं। इसका इल्जाम बैनर पोस्टर के माध्यम से पुलिस पर लगाते हैं।
बाहरी नक्सली लीडर गरीब ग्रामीणों से भी अब पैसे उगाही करने लगे हैं। छोटे छोटे व्यापारियों के भी राशन लूटने लगे हैं। स्थानीय लोग विकास चाहते हैं जिससे स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी, सड़क बने लेकिन बाहरी नक्सली लीडर ऐसा होने नहीं देते हैं। इसी के चलते वर्तमान में नक्सली विचार धारा में गिरावट आई है। अब ग्रामीण नक्सलियों का साथ नहीं दे रहे हैं। स्थानीय नक्सलियों में भी हीनता की भवना आ गई है। यही कारण है कि अब आत्समर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। पुलिस की सोच है कि इसी के चलते ये नक्सली भी आत्मसर्पण कर रहे हैं।
बंदूक से नहीं होगा नक्सल समस्या का समाधान : रमन
07 Octoember 2014रायपुर। बस्तर दशहरा की तारीफ करते सोमवार को सिरहासार में आयोजित मुरिया दरबार में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पीढ़ी को ठीक करना चाहते हैं तो बच्चों को पढ़ाएं। समाज को विकास के रास्ते पर लाना मांझी-मुखिया, पटेल आदि का सामाजिक दायित्व है। बंदूक चलाने से कुछ हासिल होने वाला नहीं, गले मिलकर ही समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। नक्सलियों का नाम लिए बिना कहा कि उनसे हमारी कोई दुश्मनी नहीं है, आखिर वे भी हमारे भाई हैं, जो रास्ता भटक गए हैं।
उन्होंने कहा कि बस्तर करवट बदल रहा है। अब यहां से लौह अयस्क जाने नहीं देंगे। बस्तर का लोहा यहां के इस्पात संयंत्रों में ही गलेगा। इनकी स्थापना से बस्तर का विकास होगा। प्रधानमंत्री द्वारा चलाए गए सफाई अभियान के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सफाई के मामले में बस्तर के लोग पहले से सजग हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर का भविष्य सुखद देखना चाहते हैं तो बच्चों को स्कूल भेजने का संकल्प लें। बेटियों को अनिवार्य रूप से पढ़ाएं। प्रदेश सरकार बेटियों को ग्रेजुएट तक नि:शुल्क शिक्षा देगी।
मुरिया दरबार में मांझी-चालकी, मेंबर-मेंबरिन द्वारा सौंपे गए आवेदनों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इलाज के लिए फिलहाल 30 हजार रपए दे रही है। इस राशि को हम 50 हजार तक करना चाहते हैं। आदिवासियों को वनोपज का वाजिब दाम मिले, इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। ग्रामीणों द्वारा संग्रहित वनोपज समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा।
सात माह बाद जगरगुंडा भेजा गया राशन घटिया
07 Octoember 2014दोरनापाल। सुकमा जिले का धुर माओवाद प्रभावित क्षेत्र जगरगुंडा। दिन सोमवार वक्त सुबह करीब 10.30 बजे। यहां के पुलिस थाने में आक्रोशित ग्रामीणों का हुजूम। करीब पौने दस बजे कलक्टर ईमिल लकड़ा का हेलीकॉप्टर उतरते ही ग्रामीण सड़े आलू-प्याज लेकर पहुंच गए। वे बताना चाह रहे थे कि उन्हें सात माह बाद भिजवाया गया राशन किस कदर घटिया है।
कलक्टर ने राशन का सैम्पल इकटा कराया, लेकिन ग्रामीणों का दुर्भाग्य देखिए। वे सैम्पल वहीं भूल आए।
जगरगुंडा में 22 ट्रकों में भरकर भेजा गया छह माह का राशन अब खाने लायक नहीं बचा है। दाल के 50 में से 10 बोरे तो पूरी तरह खराब हैं। साठ फीसदी से ज्यादा आलू-प्याज सड़ चुका है। राशन का सच जानने के बाद कलक्टर ने कहा कि "दोषी ठेकेदार का भुगतान रोका जाएगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।" जगरगुंडा में घटिया राशन भेजने की शिकायत के बाद सोमवार को कलक्टर लकड़ा, पुलिस अधीक्षक, सीएमएचओ के साथ हेलीकॉप्टर से जगरगुंडा पहुंचे थे। 20 सितम्बर को लादा राशन 2 अक्टूबर को बंटा : बताया गया कि 20 सितम्बर को ट्रकों में आलू-प्याज लाद दिया गया, लेकिन जगरगुंडा पहुंचने के बाद इसे 2 अक्टूबर को बांटा गया। इससे आलू-प्याज सड़ गया। तहसीलदार, खाद्य निरीक्षक, आरआई व पटवारी सात दिन से जगरगुंडा में सामान बंटवा रहे थे। सोमवार को जब कलक्टर पहुंचे तो उन्होंने ग्रामीणों को इसे न खाने की सलाह दी।
इसलिए छह महीने में पहुंचाते हैं राशन : जगरगुंडा गांव एक दशक से माओवादियों के निशाने पर है। सलवा जुडूम से जुड़े ग्रामीणों को यहां के राहत शिविर में बसाने के बाद माओवादी जगरगुंडा में राशन या किसी सरकारी मदद को पहुंचाने का विरोध करते रहे। इसकी वजह से यहां तक पहुंचने वाली सड़कों को काट दिया गया और पुल ढहा दिए गए हैं। इससे यहां राशन पहुंचाना मुश्किल होता है।
कुप्रबंधन के कारण ध्वस्त हो गया धान खरीदी का सिस्टम
07 Octoember 2014रायपुर. धान खरीदी के छत्तीसगढ़ माडल को भले ही पूरे देश में सराहना मिली हो, लेकिन कुप्रबंधन के कारण अब यह भारी-भरकम घाटे की प्रणाली बन गई है। अफसरों की लापरवाही के कारण 1310 रुपए क्विंटल का धान खरीदने के लिए 400 रुपए ट्रांसपोर्टिंग, लेबर और सुरक्षा व्यवस्था पर ही खर्च करने पड़ रहे हैं। धान की मिलिंग सही समय पर नहीं कराने के कारण सरकार को पिछले साल ही 1600 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े कुछ सूत्रों के मुताबिक धान खरीदी को सीमित करने के सरकार के फैसले के पीछे बड़ा कारण यही कुप्रबंधन है।
धान खरीदी में अफसरों की लापरवाही के कारण नुकसान बढ़ते जा रहा है। प्रदेश में 1600 से ज्यादा राइस मिलें हैं, इनकी मिलिंग क्षमता 14 लाख टन प्रति महीने है। यानी 80 लाख टन धान खरीदा गया तो उसकी मिलिंग छह महीने में कराई जा सकती है। मार्कफेड के कुप्रबंधन के कारण धान की मिलिंग में 12 से 18 महीने लग जाते हैं। धान की मिलिंग समय पर नहीं होने के कारण नुकसान बढ़ते जा रहा है। धान को लंबे समय तक संग्रहित करना पड़ता है। सोसाइटी का धान संग्रहण केंद्र तक परिवहन करने, उनके रैक बनाने, कैप कवर और चौकीदारी पर राशि खर्च होती है। जबकि सोसाइटियों से धान सीधे राइस मिलरों को दे दिया जाए तो इस पर खर्च होने वाली बड़ी राशि बचाई जा सकती है।
धान खुले में संग्रहित करने से वह बारिश में भीगता है और सड़ जाता है। लंबे समय तक धान पड़े रहने से उसकी क्वालिटी खराब होती है। धान की मिलिंग में देरी, सूखत, चोरी, बोगस खरीदी और सड़ने से लगभग 500 करोड़ का नुकसान हो जाता है। इन कारणों से 2013-14 में मार्कफेड को 1600 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। तीन सालों में हुई धान खरीदी का घाटा पांच हजार करोड़ पहुंच गया है। सरकार को इसकी भरपाई अपने खजाने से करनी पड़ रही है। सोसाइटियों और बैंकों को कमीशन और टैक्स पर 200 रुपए खर्च माने तो शेष 200 रुपए ट्रांसपोर्टिंग, लेबर और सुरक्षा पर खर्च हो रहे हैं।
हर महीने सौ करोड़ ब्याज
धान खरीदने के लिए सरकार बैंकों से 10 हजार करोड़ रुपए कर्ज लेती है। इसका हर महीने 100 करोड़ रुपए ब्याज चुकाना पड़ता है। यदि मिलिंग छह महीने में पूरी हो जाए तो केवल 600 करोड़ ब्याज लगेगा। पर अभी मिलिंग में 12 महीने का समय लगता है। इसलिए ब्याज दोगुना लगता है।
800 करोड़ के बोरे
बारदाने का दोबारा उपयोग नहीं करने के कारण भी घाटा होता है। हर साल 800 करोड़ रुपए के सिर्फ बारदाने खरीदे जाते हैं। इन बारदानों का उपयोग केवल एक बार ही किया जाता है। इसके बाद इन्हें राइस मिलरों को बहुत कम कीमत पर दे दिया जाता है।
कम धान खरीदी को लेकर राज्य सरकार पर हो रहे चौतरफा हमले
किसानों से केवल प्रति एकड़ पर 10 क्विंटल धान खरीदने के फैसले पर राज्य सरकार पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। कांग्रेस ने इस फैसले के विरोध में व्यापक विरोध की रणनीति बनाई है।
वहीं छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने भी 11 अक्टूबर को महाधरना का ऐलान कर दिया है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी कांग्रेस के अलावा किसानों के नेतृत्व में अलग से आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। यही नहीं भाजपा के कई नेता भी सरकार के इस फैसले से नाराजगी जता रहे हैं।
समर्थन नहीं दिया तो नेताओं का घेराव: प्रदेश कांग्रेस ने धान खरीदी में डाले जा रहे अडंग़ों को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाएगी। प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों का विरोध करते हुए 8 से 15 अक्टूबर तक जिला और ब्लाक स्तर पर धरना दिया जाएगा। 8 से 20 अक्टूबर तक हस्ताक्षर लेकर समर्थन मांगा जाएगा। इसमें सभी दलों के नेताओं के साथ सरपंच से सांसद तक के हस्ताक्षर कराए जाएंगे। जो नेता समर्थन नहीं देंगे, उनका घेराव किया जाएगा। इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो 1 नवंबर को आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी।
किसानों का महाधरना आज
धान खरीदी के मामले को लेकर छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा 11 अक्टूबर को राजधानी में महाधरना करेगी। मोर्चा की बैठक में भाजपा सरकार की वादाखिलाफी को लेकर आंदोलन करने की रणनीति बनाई गई।
भाजपा नेता भी विरोध में
धान खरीदी सीमित करने के फैसले पर भाजपा के विधायकों में भी विरोध के सूर दिख रहे हैं। चंद्रपुर विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव ने कहा कि वे इस मामले को लेकर 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री से मिलेंगे और इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग करेंगे। धरसीवां विधायक देवजी पटेल ने कहा कि इस फैसले से छोटे-छोटे किसानों को नुकसान होगा।
जोगी बंगले में बनेगी अलग रणनीति
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने किसानों के नेतृत्व में आंदोलन करने का सुझाव दिया है। इसे लेकर मंगलवार को किसान प्रतिनिधि जोगी से मिलकर रणनीति बनाएंगे। जोगी ने कहा कि कांग्रेस तो आंदोलन कर ही रही है, लेकिन यह इतना बड़ा मुद्दा है कि इसके लिए सभी दलों को आंदोलन करना चाहिए।
धान खरीद मामले पर कांग्रेस का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
06 Octoember 2014रायपुर। रमन कैबिनेट के धान खरीदी पर किए फैसले पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। सरकार के फैसले के विरोध में रविवार को कांग्रेस ने प्रदेश के हर ब्लॉक में प्रदर्शन किया और सीएम के पुतले जलाए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शनिवार को हुई मंत्री परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया था कि अब किसानों से हर एक एकड़ पर 10 क्विंटल धान ही खरीदा जाएगा। विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों का एक-एक दाना खरीदने को तैयार भाजपा सरकार के इस फैसले को कांग्रेस ने वादाखिलाफी करार दिया है।
रविवार को कांग्रेसियों ने कांग्रेस भवन के बाहर किसानों के प्रतीकात्मक पुतलों को फांसी पर लटका कर यह संदेश दिया कि यदि रमन सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो जनवरी 2014 में प्रदेश के किसानों का यही हाल होगा।
कैबिनेट के फैसले का यह होगा असर
- पिछले साल हर किसान ने औसत 35 क्विंटल धान बेचा था। इस बार वे औसतन 25 क्विंटल ही धान बेच सकेंगे।
- बचा धान किसानों को कोचिए के जरिए सस्ते में बेचना होगा।
- मिंजाई के बाद एक माह तक किसानों को धान रखना भी होगा।
- नमी से वजन में होने वाली कमी का नुकसान किसान भरेगा।
क्या हैं सरकार के तर्क
- धान की फर्जी खरीदी होती थी।
- दूसरे राज्यों का धान आता था।
- बोनस से सरकारी खजाने पर बोझ।
- मिलिंग नहीं करा पा रही थी सरकार।
- केंद्र ने बोनस देने से मना किया।
- खुले में रखने से सड़ रहा था धान।
मोदी स्टाइल में मंत्रियों के काम को जांचेंगे मुख्यमंत्री
06 Octoember 2014रायपुर। राज्य मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की कवायद तेज होती दिख रही है। लेकिन इससे पहले मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के कामकाज का प्रदर्शन खुद जांचने वाले हैं। इसके लिए विभागीय समीक्षा बैठक का सिलसिला 8 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि समीक्षा बैठक में किसी को नंबर तो नहीं दिए जाएंगे, लेकिन उनके कामकाज की स्थिति का पता तो इससे चल ही जाएगा। मुख्यमंत्री यह पहले ही कह चुके हैं कि मंत्रिमंडल के पुनर्गठन का फैसला नगरीय निकाय चुनाव के बाद होगा। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठकों के दौरान ही यह तय हो जाएगा कि परिणाम देने में कौन सा मंत्री ज्यादा प्रभावी है। पुनर्गठन में इसी आधार पर मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल हो सकता है। मुख्यमंत्री की पहल के बाद मंत्रालय के विभिन्न विभागों में योजनाओं से जुड़े आंकड़ों को इकटा करने के काम में तेजी आई है।
खुद सीएम के विभागों से समीक्षा की शुरूआत
समीक्षा की शुरूआत मुख्यमंत्री खुद अपने ही विभागों से करेंगे। मुख्यमंत्री के पास सामान्य प्रशासन, वित्त, योजना एवं सांख्यिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, विमानन, खनिज साधन, ऊर्जा, वाणिज्य एवं उद्योग, विधि एवं विधायी कार्य, वन, खेल, सार्वजनिक उपक्रम, जन शिकायत और
जनसंपर्क विभागों की
जिम्मेदारी है।
आधा दर्जन मंत्रियों की समीक्षा 13 के बाद
सरकार के आधा दर्जन मंत्री भाजपा के चुनाव अभियान के लिए महाराष्ट्र में हैं। वे 13 अक्टूबर को ही राजधानी लौट पाएंगे। ऎसे में उनके विभागों की समीक्षा उनके राजधान वापस आने के बाद
ही हो पाएगी। तब तक अधिकारी पूरा प्रस्तुतिकरण तैयार कर उन्हें ब्रीफ कर रहे हैं।
पहल दिखाने पर जोर
कु छेक विभागों का जोर इनोवेशन दिखाने पर है। मुख्यमंत्री को यह दिखाने की कोशिश की जाएगी कि मंत्री की पहल पर इस योजना को ऎसे क्रियान्वित किया गया और इसके ऎसे नतीजे निकले। प्रस्तुतिकरण के समर्थन में आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।
प्रशासन का मोदी फॉर्मूला
राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि यह प्रशासन का मोदी फॉर्मूला है। केंद्र सरकार के 100 दिन पूरे होने पर जिस तरह से उन्होंने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की, इससे लोगों के बीच अच्छा संदेश गया। मंत्रियों को भी लग गया कि उनको विभागीय कामकाज को लेकर गंभीर रहना है। यहां मुख्यमंत्री रिपोर्ट कार्ड तो नहीं तैयार कर रहे हैं, लेकिन यह संदेश देने की कोशिश जरूर होगी कि मंत्रियों को अपने कामकाज में सुधार लाना होगा। जिम्मेदारिया उसी आधार पर बढ़ाई या घटाई भी जा सकती हैं।
छत्तीसगढ़ में सबसे महंगा बकरा 65 हजार का
06 Octoember 2014रायपुर. जमाना इंटरनेट का है। कपडे़, जूते-चप्पल, कार और न जाने क्या-क्या.. नई-पुरानी सभी चीजें ऑनलाइन बिक रही हैं। कई पशुओं की भी ऑनलाइन बिक्री होती है, जिनमें सबसे ज्यादा बिकते हैं कुत्ते। अब बकरे भी ऑनलाइन बिकने लगे हैं। ऑनलाइन परचेसिंग वेबसाइट ओएलएक्स पर भारत के करीब सा़़ढे तीन सौ बकरों की तस्वीरें, बकरों के नाम, विशेषता और मालिक का संपर्क नंबर दिया गया है। इनमें छत्तीसगढ़ के 15 बकरे हैं। छत्तीसगढ़ में सबसे महंगा बकरा 65 हजार रुपए का है। यह पहली बार है, जब इंटरनेट के जरिए बकरे बेचे जा रहे हैं।
वेबसाइट को सर्च कर बकरा मालिकों से फोन पर संपर्क किया। इन्होंने बताया कि इन्हें बकरों का यह ऑनलाइन कारोबार रास आ रहा है। इसकी वजह यह है कि खरीददार को बकरा मंडी तक आने की जरूरत नहीं, वह वेबसाइट पर तस्वीर देखता है और सीधे फोन लगाता है। सौदा पक्का हुआ तो आओ और बकरा ले जाओ। मालिकों को बकरों की अच्छी कीमत भी मिल रही है। बकरा मालिकों ने अपने बकरों का आकर्षक नाम दिया है। उनके शरीर के प्रमुख निशानों का जिक्र भी किया है। सोमवार को बकरा ईद है, बकरों का बाजार गर्म है। रायपुर की बकरा मंडी में सबसे महंगा बकरा 1 लाख रुपए का है।
ये हैं बकरे के नाम
वेबसाइट में सलमान, हैदराबादी, बड़ी जात का, राजस्थानी, देशी ऑरिजनल, दत्त बकरा, हेंडसम, मोहम्मदी, अफताब बकरा, खस्सी बकरा, जमनापारी, गुड लुकिंग, गुड हेल्थ आदि नाम बकरों के दिए गए हैं। जमनापारी बकरा-कीमत 65,101 रुपए
रायपुर निवासी बकरा मालिक एस. यूनिस ने बताया कि उनके बकरे की कीमत 65 हजार रुपए है। जब से उन्होंने ओएलएक्स पर उसका फोटो डाला है, कई लोगों के फोन आए। टेक्नोलॉजी का फायदा उठाने और रेट अच्छा मिल जाए इसलिए उन्होंने बकरे की तस्वीर इंटरनेट पर पोस्ट किया है।
गुड लुकिंग बकरा-कीमत 49,000 रुपए
[हंसते हुए बोले..] खुर्सीपार, भिलाई निवासी नरेंद्र साहू का कहना है कि जब अन्य जानवर इंटरनेट पर बिक सकते हैं तो बकरा क्यों नहीं? इसलिए मैंने उसकी तस्वीर ली और पोस्ट कर दी। [उन्होंने कहा..] आपको चाहिए तो आप आ जाइए, मैं दिखा दूंगा। पसंद आए तो खरीद लेना। 40 हजार तक दे देंगे।
खस्सी बकरा, स्मार्ट बकरा- कीमत 18,786
मौदहापारा निवासी टीपू सुलतान का कहना है कि वे ऑनलाइन ही 8-10 बकरे बेच चुके हैं। जो बकरा बचा है उसकी पीठ पर चांद है, इसलिए उसकी कीमत 51 हजार रुपए रखी है। ऑनलाइन बेचने का फायद तो हुआ है।
आगरा में बकरे की कीमत 12 लाख रुपए
ओएलएक्स में करीब साढे़ तीन सौ बकरों की तस्वीरें ऑनलाइन बेचने के लिए मालिकों ने पोस्ट की है।
आगरा के भूपाल सिंह ने अपने बकरे की कीमत 12 लाख रुपए रखी है। इस बकरे का नाम 'बकरा ए लकी वन' है। दिल्ली में करीब साढ़े पांच फीट ऊंचे बकरे की कीमत 60 हजार रुपए है।
वितरण कंपनी ने बनाई बिजली महंगी करने की भूमिका
04 Octoember 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ने 383 करोड़ की हानि दर्शाते हुए छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग से राशि की मांग की है और बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। सूत्रों के अनुसार आयोग से मंजूरी के बाद बिजली के दाम फिर से बढ़ेंगे, लेकिन इसका भार उपभोक्ताओं पर अगले वर्ष पड़ेगा।
वितरण कंपनी ने 2014-15 के लिए आयोग से 9526 करोड़ रुपये मांगे थे। साथ में 5.64 प्रति यूनिट औसत दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था।
इस पर आयोग ने राज्य सरकार के 465 करोड़ की सब्सिडी को समायोजित करते हुए 7437 करोड़ की राशि मंजूर कर बिजली दर में 4.40 रुपये प्रति यूनिट औसत दर में बढ़ोतरी की थी। आयोग ने 807 करोड़ की हानि का आकलन करते हुए बिजली दर में 15 फीसदी वृद्धि की।
वितरण कंपनी ने बनाई बिजली महंगी करने की भूमिका
04 Octoember 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर मनाए जाने वाले राज्योत्सव में इस साल तीन करोड़ रुपए से अधिक खर्च होगा। राज्य सरकार ने एक से तीन नवंबर तक राज्योत्सव मनाने का निर्णय लिया है। राज्य स्तरीय समारोह नया रायपुर स्थित पंडित श्यामप्रसाद मुखर्जी व्यापार एवं उद्योग परिसर में होगा।
जिलों में राज्योत्सव के लिए सभी कलेक्टरों को तीन-तीन लाख रुपए आवंटित किए गए हैं। यानी प्रदेश के 27 जिलों को कुल 81 लाख रुपए दिए गए हैं। एक नवंबर की रात प्रदेश के सभी शासकीय भवनों में रोशनी की जाएगी।
राजधानी स्थित शासकीय भवनों की रोशनी नया रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा की जाएगी। इस पर होने वाला खर्च प्रशासकीय विभाग अपने विभागीय बजट से वहन करेंगे।
राज्योत्सव 'सबके साथ सबका विकास' थीम पर केंद्रित रहेगा। राज्योत्सव की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। समारोह स्थल में यातायात, पार्किंग, सुरक्षा, पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन व विद्युत व्यवस्था आदि के लिए विभागावार जिम्मेदारी सौंपी गई है। राज्योत्सव में आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। समारोह स्थल पर विकास प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।
नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी मैरीकॉम
04 Octoember 2014रायपुर. एशियन गेम्स में भारत को बॉक्सिंग में स्वर्ण दिलाने वाली एमसी मैरीकॉम नेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में शामिल होने रायपुर आएंगी। मैरीकॉम के अलावा एशियन गेम्स में ही कांस्य दिलाने वाली सरिता देवी के भी रायपुर आने की संभावना है। भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन की ओर से राजधानी के बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में 11 से 16 अक्टूबर तक नेशनल सीनियर वुमन बॉक्सिंग चैंपियनशिप आयोजित है। इसमें देशभर की कई महिला खिलाड़ी शिरकत करेंगी।
छत्तीसगढ़ बॉक्सिंग एसोसिएशन के सचिव आर राजेन्द्र ने बताया कि इस चैंपियनशिप में देशभर की 33 टीमें हिस्सा लेंगी। एशियन गेम्स में कई खिलाड़ियों के होने की वजह से अभी शामिल होने वाले खिला़ि़डयों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। बॉक्सिंग दल के देश लौटने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। पिछले दो साल से भारतीय फेडरेशन के निलंबित होने की वजह से चैंपियनशिप आयोजित नहीं की जा रही थी।
पिछले दिनों मोनेट इस्पात के संदीप जाजोदिया बॉक्सिंग फेडरेशन के नए अध्यक्ष बने हैं। इसी वजह से रायपुर में इस नेशनल चैंपियनशिप के आयोजन की शुरआत की जा रही है।
पटवारी के पास मिली 6 करोड़ की संपत्ति
01 Octoember 2014रायपुर। शहर से लगे तिफरा में पदस्थ पटवारी के पास 20 लाख रुपए नकदी सहित छह करोड़ रुपए की संपत्ति मिली। उसके यहां मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो [एसीबी] की टीम ने दबिश दी। पटवारी ने दरवाजा खोला तो उसके हाथ में भ्रष्टाचार व अनुपातहन संपत्ति की जांच के लिए मकान व फार्म हाउस की तलाशी लेने का सक्षम न्यायालय का वारंट थमा दिया। इसके बाद मकान की घेराबंदी कर तलाशी शुरू की जो पूरे दिन चली। इस दौरान टीम ने 20 लाख रुपए, सोने-चांदी के जेवर व करोड़ों रुपए के प्लॉट, जमीन, मकान के दस्तावेज बरामद किए।
पटवारी ने खुद के अलावा पत्नी पुष्पा, बेटी अचला, आभा व बेटे अभिषेक के नाम पर संपत्ति अर्जित की है।
इन संपत्तियों में भारतीय नगर में दो मंजिला आलीशान मकान, वहीं 6 आवासीय प्लॉट, धौंराभाठा में 14 एकड़ का फार्म हाउस, विभिन्न बैंक खातों में जमा लाखों रुपए, करीब 1 किलो वजनी सोने व करीब साढे़ चार किलो वजनी चांदी के जेवर, जीवन बीमा व किसान विकास पत्र में निवेश का पता लगा। एक स्विफ्ट कार व तीन बाइक भी मिली। देर शाम तक चली कार्रवाई में एसीबी ने 5 करोड़ 87 लाख रुपए की अनुपातहीन संपत्ति होने का खुलासा किया है।
8 करोड़ का इंजीनियर 5 करोड़ का पटवारी
01 Octoember 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी का सहायक इंजीनियर करोड़ों का आसामी निकला। एक शिकायत के आधार पर मंगलवार सुबह एंटी करप्शन ब्यूरो ने क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर माना में पदस्थ सहायक इंजीनियर ए.के. गुप्ता के अशोकारतन स्थित आवास पर छापा मारा।
इस दौरान उनके पास से करीब 56 हजार रूपए नकद, अमरीका व इंग्लैंड की मुद्राएं, सोने-चांदी के जेवरात, कई बैंक खाते और स्टेट बैंक में एक लॉकर और बेनामी सम्पत्तियों के कागजात बरामद किए हैं। एसीबी की यह कार्रवाई अलसुबह शुरू हुई। अधिकारी देर शाम तक मिले कागजातों का जमीनी ब्योरा मिलाते रहे।
अफसरों के मुताबिक अफसर के पास से अभी तक करीब आठ करोड़ रूपए की सम्पत्ति का पता चला है। एसीबी ने आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज कर लिया है।
ये सम्पत्ति मिली: 02 फ्लैट अशोकारतन और रामनिकेतन अपार्टमेंट में 01 एमआईजी मकान डीडी नगर में 01 मकान हाउसिंग बोर्ड बोरसी दुर्ग में 20 हजार वर्गफीट का फॉर्म हाउस पिरदा में पत्नी के नाम पर 20 हजार वर्गफीट का फॉर्म हाउस पिरदा में रविंदर सिंह के नाम पर, मुख्तियारनामा अजय गुप्ता के नाम 11 हजार वर्गफीट का प्लॉट खुद के नाम धरमपुरा में 35 सौ वर्गफीट का प्लॉट पत्नी के नाम कृष्ाकनगर जोरा में 15 हजार वर्गफीट प्लॉट खुद के नाम सुंदरकेरा नवापारा में 1.50 एकड़ कृषिभूमि मंदिरहसौद के उमरिया में पिता और अन्य के नाम 01 स्विफ्ट डिजायर, एक स्कॉर्पियो और दो एक्टिवा 52 हजार रूपए नकद 100 अमरीकी डॉलर व 40 ब्रिटिश पाउंड 4.87 लाख रूपए बैंक खातों में (पत्नी, सास और मित्र के अलावा खुद के नाम से दो बैंकों की चार
शाखाओं में खाता) पूरे परिवार का पासपोर्ट
छापे में अजय गुप्ता, पत्नी अर्चना गुप्ता, पुत्र यश और वैभव गुप्ता के नाम से पासपोर्ट मिले हैं। उनके पासपोर्ट पर अमरीका, थाइलैंड और सिंगापुर की यात्राओं की मुहर भी है।
23 साल के सेवाकाल की कमाई 1 करोड़
गुप्ता ने 1991 में बतौर जूनियर अभियंता नौकरी ज्वॉइन की थी। इस दौरान वे आरंग और मंदिरहसौद के ग्राम रीवा में पदस्थ रहे। 2004 में पदोन्नत होकर सहायक अभियंता बने। तीन साल पहले माना में पदस्थापना हुई। 23 साल की नौकरी में वेतन से उन्हें करीब एक करोड़ रूपए की आय हुई। इस समय उनका वेतन करीब आठ लाख रूपए सालाना है। चार साल पहले तक यह चार लाख तक था।
आरआई बनने पर करा लिया था डिमोशन
बिलासपुर. न्यायधानी के तिफरा में पदस्थ पटवारी विनोद तम्बोली साढ़े 5 करोड़ रूपए का आसामी निकला। मंगलवार की सुबह जब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने पटवारी के घर छापेमारी की तो उसकी सम्पत्ति और ठाठ देखकर दंग रह गए। एसीबी टीम को सम्पत्ति का हिसाब-किताब करने में 12 घंटे लगे। अब तक साढ़े पांच करोड़ रूपए की सम्पत्ति का खुलासा हुआ है। छानबीन अब भी जारी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ये वही पटवारी है, जिसने आरआई के पद पर प्रमोशन मिलने पर खुद से अपना डिमोशन करवा लिया था।
पूरा परिवार पटवारी
विनोद तंबोली को पटवारी की नौकरी इतनी पसंद आई कि उसने अपने बेटे और दो बेटियों को भी पटवारी ही बनाया। शायद उसे पता था कि इसी पद में कमाई अधिक है। यही वजह है कि उसने खुद आरआई का प्रमोशन ठुकरा दिया था। वापस पटवारी बनने के लिए आवेदन दिया था। विनोद का एक भाई भी पटवारी है।
ये हुआ खुलासा
03 करोड़ रूपए का 14 एकड़ फार्म हाउस रायपुर हाइवे पर 20 लाख रूपए नकद मिले घर में 26 लाख रूपए के 922 ग्राम सोने के गहने 1.70 लाख के चार किलो चांदी के गहने 75 लाख का दोमंजिला मकान 06 आवासीय भूमि सोनगंगा कॉलोनी, तिफरा व भारतीनगर में 16 लाख रूपए बैंकों में जमा 19 हजार रूपए के एनएससी 55 हजार की एलआईसी 06 लाख की स्विफ्ट कार 1.50 लाख की तीन बाइक
33 साल का वेतन 1.35 करोड़
पटवारी विनोद तम्बोली को हर माह 34 हजार रूपए वेतन (वर्तमान के हिसाब से) मिलता है। इस हिसाब से वह सालाना चार लाख 8 हजार रूपए कमाता है। यदि उसकी अब तक के सेवाकाल (33 साल) की तनख्वाह जोड़ी जाए तो भी 1 करोड़ 34 लाख 64 हजार रू. होते हैं। जबकि, विनोद के पास पांच गुना अधिक सम्पत्ति मिली।
रिश्तेदारों को नहीं दिए जाएंगे भाजपा के टिकट
01 Octoember 2014रायपुर. भाजपा ने मंगलवार को ऐलान कर दिया कि नगरीय निकायों और पंचायत चुनाव में वंशवाद नहीं चलेगा। मंत्रियों, सांसदों व विधायकों के रिश्तेदारों को टिकट नहीं दिया जाएगा। संगठन ने सांसदों, विधायकों यह चेतावनी भी दी है कि निकाय चुनाव के नतीजे अच्छे नहीं रहे तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट दिया जाए या नहीं इस पर सोचना पड़ेगा।
निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर रणनीति बनाने जुटी भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में हुई इस घोषणा से कई नेताओं के रिश्तेदारों के शहरी सत्ता का सुख भोगने के सपने टूट गए। मंत्रियों, सांसदों, विधायकों से कहा गया कि वे अपनी पत्नी, बेटे-बेटी या अन्य रिश्तेदारों के लिए टिकट की कोशिश न करें। राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक नगरीय निकाय चुनाव 15 से 20 दिसंबर के बीच हो सकते हैं। मतदान 18 या 20 दिसंबर को रखा जा सकता है।
संगठन के नेताओं ने पिछली बार हुए निकाय चुनाव के नतीजों पर चिंता जाहिर करते हुए इससे सबक लेने की बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह, प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने, महामंत्री संगठन रामप्रताप सिंह, महामंत्री शिवरतन शर्मा, मंत्री संजय श्रीवास्तव समेत कार्यसमिति के सदस्य बैठक में शामिल हुए। इसमें पंचायत चुनावों की भी रूपरेखा तय की गई। पंचायत चुनाव पार्टी सिंबाल पर नहीं होते फिर भी पार्टी ने इसके लिए जोरदार तैयारी करने को कहा है।
भाजपा : ये तय करेंगे टिकट
> महापौर - सीधे प्रदेश कमेटी करेगी।
> नपा अध्यक्ष, पार्षद निगम व नगरपालिका - सांसद-विधायक जिला कमेटी की अनुशंसा पर संभागीय कमेटी।
> नगर पंचायत पार्षद - विधायक, मंडल के अध्यक्ष - महामंत्री की अनुशंसा पर जिला कमेटी।
कांग्रेस में अनारक्षित सीटों पर सामान्य की वकालत
शहर कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने इस पर जोर दिया है कि नगर निगम चुनाव में अनारक्षित सीटों पर सामान्य वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी जाए। कांग्रेस भवन में हुई बैठक में लगभग सभी वरिष्ठ नेताओं ने इस अपनी सहमति दी। शहर जिला कांग्रेस ने मंगलवार को नगर निगम चुनाव की तैयारियों के लिए बैठक रखी थी। इसमें सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि ऐसे तात्कालिक नेताओं को टिकट नहीं देनी चाहिए जो पांच रुपए देकर सदस्य बन जाते हैं और दावेदारी पेश करते हैं। महापौर किरणमयी नायक ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जिन वार्डों से कांग्रेस पिछड़ी वहां के पार्षदों को फिर से मौका नहीं दिया जाना चाहिए। बैठक में विकास उपाध्याय, कुलदीप जुनेजा, इकबाल अहमद रिजवी, अब्दुल हमीद हयात मौजूद थे।
कांग्रेस में ऐसे सुझाव
> आरक्षित होने के बाद मौजूदा पार्षद दूसरे वार्डों में दावेदारी करते हैं, उन्हें प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए।
> कुछ नेता अपनी पत्नी के नाम पर टिकट मांगते हैं, पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय महिलाओं को टिकट दिया जाना चाहिए।
> नगर निगम के सभापति चुनाव में जिन्होंने धोखा किया था, उन्हें टिकट नहीं दिया जाए।
> पिछले चुनाव में जिन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई, उनके नामों पर विचार न हो।
केबीसी टीम पर जुर्माना
30 September 2014रायपुर। महानायक अमिताभ बच्चन के शो 'कौन बनेगा महाकरोड़पति' की शूटिंग के लिए इनडोर स्टेडियम को तहस-नहस कर दिया गया। एक दिन की शूटिंग के लिए वुडन की फ्लोरिंग पर भारी भरकम और बडे़-बडे़ सेट लगाए गए। इससे स्टेडियम को काफी नुकसान हुआ है।
सोनी टीवी द्वारा बकाया किराया नहीं चुकाने के कारण सोमवार सुबह नगर निगम ने स्टेडियम के गेट पर ताला जड़ दिया। सोनी टीवी को नोटिस जारी की गई कि जब तक किराया का भुगतान नहीं होगा, सामान नहीं ले जाने दिया जाएगा। वहीं कमिश्नर ने स्टेडियम को हुए नुकसान पर नोटिस जारी की है और 12 लाख का जुर्माना ठोका है। सेट तैयार करने के कारण वुडन की फ्लोरिंग उखड़ गई है। स्टेडियम अब खेलने लायक नहीं रह गया है। केबीसी का सेट तैयार करने आए लोगों ने स्टेडियम का सेट तोड़ दिया है। इसके अलावा बाथरूम का गेट, वॉशबेसिन, कांच तक तोड़ दिया है। स्टेडियम परिसर में लगाई गई टाइल्स को भी बहुत क्षति पहुंचाई गई है।
12 लाख का जुर्माना
अवनीश शरण, कमिश्नर नगर निगम ने बताया कि केबीसी के आयोजकों ने बकाया राशि 7 लाख 6 हजार रुपए जमा कर दी है, लेकिन इनडोर स्टेडियम को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। वुडन फ्लोरिंग की पॉलिस उखड़ गई है, इसलिए 12 लाख रुपए का जुर्माना किया गया है। जब तक जुर्माना नहीं देंगे, तब तक सामान नहीं ले जाने दिया जाएगा।
"अंतागढ़ उपचुनाव की ऎतिहासिक सफलता शुभ संकेत"
30 September 2014रायपुर। नए प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा और मजबूत होकर उभरेगी। कौशिक वरिष्ठ नेता हैं। उनके नेतृत्व में संगठन और मजबूत होगी, जो सरकार के लिए हितकारी होगा। प्रदेश भाजपा के नए कार्यालय में प्रवेश करने के बाद ये बातें मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि कौशिक के पदभार ग्रहण करने के बाद हुए अंतागढ़ उपचुनाव की ऎतिहासिक सफलता एक शुभ संकेत है।
प्रदेश भाजपा के नवनिर्मित कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का सोमवार को विधिवत शुभारंभ हुआ। प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने भी अपने कक्ष से कार्य प्रारंभ किया। इस मौके पर कौशिक ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व में उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी के योग्य समझा गया है। भाजपा का असली ताकत कार्यकर्ताओं की मेहनत और लगन है, जिसका परिचय अंतागढ़ उपचुनाव में देखने को मिला है। इस अवसर पर केंद्रीय इस्पात मंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, राज्य सरकार के मंत्री सहित प्रदेश भर के अन्य भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे। परिसर चार एकड़ में
कुशाभाऊ ठाकरे परिसर 4.5 एकड़ में फैला है। संस्कृति मंत्री अजय चंद्राकर की देखरेख में करीब सात करोड़ रूपए की लागत से दो साल में इसका निर्माण पूरा हुआ। 2011 में इसका निर्माण शुरू हुआ था। मंत्रालय यहां से करीब 8 किलोमीटर और एयरपोर्ट महज 2-3 किलोमीटर है। परिसर में चार भवन हैं।
भवनों के नाम
गोविंद सारंग स्मृति भवन : परिसर का मुख्य भवन गोविंद सारंग स्मृति भवन है। इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कौशिक बैठेंगे। यहां नेता कक्ष, प्रदेश महामंत्री संगठन, कोष्ााध्यक्ष के चेंबर हैं।
जावलि : क्षत्रपति शिवाजी जावलि जंगल में अपनी रणनीति बनाते थे। इसी को ध्यान में रखते हुए इस भवन का नाम जावलि रखा गया है। यहां से पार्टी की चुनावी गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।
गद्रे स्मृति : मोरेश्वर राव गद्रे स्मृति भवन में राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश पदाधिकारियों सहित अन्य पदाधिकारियों के रहने की सुविधा है। महाराष्ट्र मूल के गद्रे भारतीय जनसंघ के सक्रिय कार्यकर्ता थे।
बापू कोर्डे स्मृति : महाराष्ट्र मूल के भाजपा नेता बापू कोर्डे कुशाभाउ ठाकरे के निकटतम सहयोगी थे। संयुक्त मध्यप्रदेश तक वह प्रदेश कार्यालय भोपाल में पदस्थ थे। उनका कार्यकर्ताओं से काफी लगाव था। इसलिए इस भवन में कार्यालय के कर्मचारियों के निवास की व्यवस्था है।
घोषणा के दो साल बाद भी न भवन मिले और न एएनएम
30 September 2014रायुपर. प्रदेश शासन स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की घोषणा के बाद उसे अमली जामा पहनाने में रुचि नहीं दिखाता। राज्य में शुरू की गई मुख्यमंत्री शहरी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र अधिकतर जगह कागजों पर ही चल रही है। इसे लेकर डीबी स्टार टीम ने पड़ताल की। पाया अक्टूबर 2012 में योजना की शुरुआत करते समय कहा गया था कि जिले में 103 केंद्रों की स्थापना की जाएगी। प्रत्येक केंद्र के लिए एएनएम की भर्ती होगी। सप्ताह में प्रत्येक गुरुवार को विशेषज्ञों की टीम द्वारा ओपीडी लगाकर जांच की जाएगी और नि:शुल्क दवा वितरण होगा। बाकी दिनों में एएनएम घर-घर जाकर टीकाकरण और काउंसलिंग करेंगी।
सारी कवायद की जिम्मेदारी सिविल सर्जन को सौंपी गई। शासन ने आनन-फानन में घोषणा तो कर दी लेकिन संसाधनों पर ध्यान नहीं दिया। नतीजा योजना फेल होने की कगार पर पहुंच गई। दो साल बाद भी केवल 60 केंद्र शुरू किए जा सके हैं। शहर में केंद्र के लिए जगह नगर निगम को मुहैया करवानी थी लेकिन नहीं हो सकी। योजना प्रभारी स्वतंत्र रहंगडालकर ने बताया कि जगह के लिए निगम को कई बार पत्र भेज चुके हैं। अब उच्च अधिकारियों से बात कर शासन को प्रस्ताव भेज रहे हैं। दूसरी ओर जहां केंद्र खोले गए वहां पर भी लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। महीनों केंद्र के ताले नहीं खुलते। योजना के लिए पर्याप्त एएनएम नहीं हैं। 60 केंद्र संचालित हो रहे हैं, जहां 76 एएनएम की नियुक्ति की गई है।
जोन क्र.- 3 कार्यालय : टीम ने देखा कि जोन कार्यालय परिसर के एक हिस्से में मुख्यमंत्री शहरी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र का भवन है। दरवाजे पर ताला लटका हुआ था। गेट के सामने कचरा फेंकने वाली गाड़ी खड़ी थी। पास जाकर देखा तो गेट पर जाले लगे हुए थे। जोन के कर्मचारियों से इसके खुलने का समय पूछा तो बताने लगे कि खुलता ही नहीं। यहां आने वाले मरीजों को राजा तालाब के स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया जाता है।
शहीद ब्रिगेडियर उस्मान वार्ड में पार्षद के घर पर केंद्र संचालित हो रहा था लेकिन फिलहाल बंद है। पार्षद ने बताया दिसंबर 2012 में अपने घर पर केंद्र चलाने की अनुमति दी थी। अनुबंध के तहत बिजली-पानी सहित अन्य की जिम्मेदारी नगर निगम की थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। बिजली बिल 15 हजार हो जाने के कारण बिजली विभाग कनेक्शन काटने की बात कह रहा है। पार्षद का कहना है कि ऐसी स्थिति में उन्हें अपना घर वापस लेना पड़ेगा।
बिल जमा नहीं करवाया ह
केंद्र चलाने के लिए अपना घर एक रुपए प्रतिमाह किराए पर दिया है। बिजली का बिल 15 हजार रुपए हो चुका है। डेढ़ साल से निगम ने जमा नहीं करवाया है।- सतनाम सिंह पनाग, पार्षद, शहीद ब्रिगेडियर उस्मान वार्ड
सिर्फ पैरासिटामॉल है
पूरे सप्ताह वार्ड में घूमकर टीकाकरण करते हैं, गुरुवार को ओपीडी लगाते हैं। हमें सिर्फ पैरासिटामॉल मुहैया कराई जाती है। बाकी दवाइयां नहीं रहतीं। - सतरुपा साहू, टिकरापारा केंद्र में पदस्थ एएनएम
व्यवस्था कर रहे हैं
केंद्र चलाने के लिए सामुदायिक भवन दिए गए हैं। नए भवन का निर्माण नहीं कर सकते, उपलब्धता के अनुसार धीरे-धीरे व्यवस्था कर रहे हैं। - अवनीश कुमार शरण, आयुक्त, नगर निगम
एएनएम चली जाती हैं
जहां केंद्र नहीं खुले हैं, वहां आंगनवाड़ी में संचालित कर रहे हैं। एएनएम की भर्ती संविदा पर होती है, दूसरी जगह नियमित भर्ती हो जाने पर चली जाती हैं। - डॉ. बीके दास, सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय
बिग बी का वादा; बार-बार आऊंगा रायपुर
29 September 2014रायपुर। सदी के महानायक, बिग बी यानी अमिताभ बच्चन के प्रति राजधानी के लोगों की दीवानगी रविवार को इंडोर स्टेडियम में भीड़ के रूप में टूट पड़ी। बिग बी को करीब से देखने का जिनके पास मंत्र [पास] था, वे दोपहर में ही करातबद्ध हो गए थे। बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग और तबका कतार में एक साथ था, लेकिन जिनके पास पास नहीं था, वे भी अमिताभ की एक झलक पाने के लिए बूढ़तालाब के आसपास एकत्र थे। डांस, ड्रामा और मस्ती के बीच शाम करीब सात बजे 'सारा जमाना केबीसी का दीवाना' गाने के साथ अमिताभ मंच पर आए और इसके बाद बिग बी के चिरपरिचित अंदाज 'देवियों और सज्जनों.. लेट्स प्ले कौन कनेगा महाकरोड़पति' के साथ शूटिंग शुरू हुई।
केबीसी की शूटिंग निर्धारित समय 6 बजे शुरू हुई। एंकर मनीष पाल ने छत्तीसगढ़ी शब्दों का इस्तेमाल करते हुए 'वेलकम टु ऑल टूरा एंड टूरी' कह कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
करीब सात बजे सेट पर पहुंचे अमिताभ ने कहा कि पहली बार रायपुर आया हूं, लेकिन अब बार-बार आऊंगा। सोनी सीटी के कार्यक्रम कौन बनेगा महाकरोड़पति की शूटिंग के लिए पहुंचे बिग बी का रविवार को राजधानी में दूसरा दिन था। बिग बी वीआईपी रोड स्थित होटल में ठहरे हैं। उनकी एक झलक पाने रविवार को पूरे दिन प्रशंसकों की भीड़ होटल के पास जुटी रही।
भारी भीड़, धक्कामुक्की और प्रदर्शन के बीच केबीसी
29 September 2014रायपुर। कौन बनेगा करोड़पति की शूटिंग के दौरान शहर में कई नजारे एक साथ दिखे। एक ओर जहां पुलिस के सख्त इंतजाम के चलते आम लोग परेशान रहे तो वहीं अमिताभ की एक झलक देखने के लिए लोगों में दिवानगी दिखी।
सुरक्षा इंतजामों के मद्देनजर लोगों से पेन, सिक्के, बोटल आदि को बाहर रखवाया गया, तो कई बार पुलिस की सख्ती भी नजर आई। इसी बीच स्टेडियम के बाहर कांग्रेसियों ने सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इससे कुछ देर के लिए माहौल में तल्खी आ गई। वहीं, पुलिस लाइन में लाइव प्रसारण दिखाने के सारे दावे सोनी टीवी ने ऎन वक्त पर दूरी का बहाना बनाकर ध्वस्त कर दिए।
आधा किलोमीटर की लंबी कतार
स्व. बलबीर जुनेजा इंडोर स्टेडियम में रविवार को कौन बनेगा करोड़पति के शूटिंग में भाग लेने प्रदेशभर के लोगों का हुजूम लगा रहा। लोग 12 बजे से ही केबीसी के दर्शक बनने के लिए उतावले थे। स्टेडियम के एंट्री गेट पर दर्शकों की आधा किलोमीटर लंबी कतार लग गई। दोपहर 2 बजे से दर्शकों की एंट्री शुरू हुई, जो 6 बजे तक चली।
लाइन में लगे मंत्री, विधायक
"कौन बनेगा करोड़पति" की शूटिंग देखने के लिए इंडोर स्टेडियम में मंत्री से लेकर संतरी तक पहुंचे। इंडोर स्टेडियम के बाहर भाजपा के पूर्व मंत्री के साथ ही भाजपा और कांग्रेस के विधायक और अधिकारियों का भी जमावड़ा रहा। राजधानी के बूढ़ातालाब में बिग बी की झलक पाने को आम से खास सभी बेताब नजर आए। आम लोगों को जहां एक किलोमीटर दूर से ही इंडोर स्टेडियम के गेट तक लाईन लगाकर आना पड़ा।
पहले चाय, नाश्ता, फिर पानी तक नहीं
केबीसी की शूटिंग के दौरान कई नजारे दिखे। इसमें जहां दर्शकों को पहले बाहर तो चाय, नाश्ता, पानी दिया गया। इसके बाद जैसे ही वे अंदर दाखिल हुए और शूटिंग शुरू हुई, तो कोई भी खाद्य पदार्थ नहीं दिया गया। यहां तक कि लोगों को पानी तक नहीं मिला। सुरक्षा के सख्त इंतजाम : प्रवेश के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मद्येनजर पुलिसकर्मी दर्शकों की चेकिंग कर उन्हें आगे जाने के लिए प्रवेश देते दिखे। दर्शकों के जेब में मिलने वाले सिक्के, पेन, पेंसिल, आइब्रो पेसिंल, कंघी जैसे अन्य वस्तुओं को भी बाहर रखी टोकरी में डलवा दिया। इस दौरान कुछ महिलाएं और पुरूष्ाों ने विरोध भी किया।
निगम दबाए रखा 2 हजार पास, बांटे अपनों को
अमिताभ बच्चन की एक झलक पाने लिए नगर निगम में कार्यरत कर्मचारी, पाष्ाüद, जोन कमिश्नर समेत निगम अन्य लोगों ने केबीसी का भरपूर फायदा उठाया। वे लाइन लगे नजर आए। बताया जाता है कि आयोजकों की तरफ से निगम को करीब 2 हजार पास दिये गए थे। आरोप है कि इन्हें निगम अपने ही लोगों को दिया।
पार्किग और ट्रैफिक में होती रही हीलहुज्जत
इस दौरान भारी भीड़ रही, जिससे पुलिस को ट्रैफिक और पार्किüग में खासी मशक्कत करना पड़ी। इसके लिए पास के हिसाब से पार्किüग स्थल व एंट्री गेट अलग-अलग बनाए गए थे।
नंबर आया तो पता चला, गलत लाइन में लगे थे
के बीसी में प्रवेश के लिए कुछ लोग अपने परिवार वालों के साथ महिलाओं की लाइन में घंटों खड़े रहे। जब इनकी बारी आई तो उन्हें पुलिसवालों ने पुरूष्ाों की लाइन में जाने के लिए कहा, इसे लेकर तनातनी हो गई। करीब 20 मिनट बहस के बाद मामला शांत हुआ।
कांग्रेसियों ने किया हंगामा, गिरफ्तार
बू ढ़ापारा स्टेडियम के पास कांग्रेसियों ने जमकर प्रदर्शन किया। इनका आरोप था, कि मुख्यमंत्री ने बिग बी को राज्य की सही तस्वीर नहीं बताई। इस पर पुलिस ने शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विकास उपाध्याय समेत अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर सेंट्रल जेल भेज दिया। करीब तीन घंटे के बाद सभी को छोड़ दिया गया। विकास उपाध्याय ने बताया कि वे महानायक अतिमाभ बच्चन का स्वागत करते हैं, लेकिन डॉ. रमन सिंह ने अमिताभ बच्चन को प्रदेश की उन्नति और विकास के बारे में जो जानकारी दी है वह सच से दूर है। सच तो यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को बिजली नहीं मिल रही। वे मजदूर बनकर रह गए हैं।
हर पल को किया कैमरे में कैद
के बीसी की अच्छी बात यह रही कि यहां पर लोगों को अधिकृत तौर पर फोटो खींचने के लिए कहा गया। ऎसा बोलते ही लोगों का हुजूम अमिताभ बच्चन के फोटो खींचने में जुट गया। साथ में मनीष पॉल अमिताभ बच्चन के साथ इतने घुले मिले नजर आए, कि वे छोटी-छोटी बातों पर कॉमेडी करते दिखे।
3...2...1 और ब्लैकऑउट
कार्यक्रम में अंदर जैसे ही ऑडियो में सुनाई दिया 3, 2 और 1 होते ही लाइट बंद हो गए। इसके बाद ऑडियंस हॉल में अंधेरो हो गया। सबको हिदायत दी गई, कि वे किसी भी तरह की बातचीत न करें।
पानी को तरसे लोग
केबीसी देखने के लिए पहुंचे दर्शकों को अपने साथ किसी भी तरह का अतिरिक्त सामान लाने से मना किया गया था। लोग पानी की बाटल तक अपने साथ नहीं ले जा सके। लगभग चार घंटे चले कार्यक्रम के दौरान स्टेडियम में पीछे बैठे कई दर्शक पानी के लिए भी तरस गए।
12 अक्टूबर को होगा प्रसारण
रायपुर में शूट हुए कार्यक्रम को ऑनएयर 12 अक्टूबर को किया जाएगा। यहां पर इस एपिसोड को महाएपिसोड का नाम दिया गया है।
गरियाबंद के टीचर ने केबीसी में जीते 6.40 लाख, कार भी मिली
29 September 2014रायपुर . राजधानी में ‘कौन बनेगा महाकरोड़पति’ की हॉट सीट पर महानायक अमिताभ बच्चन के सामने बैठे गरियाबंद के बसंत शर्मा ने छह लाख 40 हजार रुपए जीत लिए। इसके साथ ही बतौर सरप्राइज गिफ्ट उन्हें करीब साढ़े छह लाख रुपए की एक स्विफ्ट डिजायर कार भी मिली। बसंत गरियाबंद से 24 किमी दूर चिखली के प्रायमरी स्कूल में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 हैं। इनाम के चेक के अलावा कार की चाबी बिग बी ने उन्हें सौंपी। रायगढ़ के अभिषेक अग्रवाल ने भी हॉट सीट पर दस हजार रुपए जीते।
इस शो का प्रसारण सोनी टीवी पर अमिताभ के जन्मदिन से एक दिन बाद 12 अक्टूबर को होगा। 11 अक्टूबर को बिग बी 72 साल के हो जाएंगे। इनडोर स्टेडियम में केबीसी की शूटिंग के लिए अमिताभ शाम 7 बजकर 5 मिनट पर ‘सारा जमाना हसीनों का दीवाना’ गीत के साथ स्टेज पर आए। उनके आते ही खचाखच भरे स्टेडियम में जोश छा गया। लोगों ने नारों के साथ उनका स्वागत किया। बिग बी ने कहा कि वे यहां पहली बार जरूर आए, लेकिन आखिरी बार नहीं। वे अब हमेशा रायपुर आएंगे। उन्होंने छत्तीसगढ़वासियों का अभिवादन जय जोहार और छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया के साथ भी किया।
अमिताभ का पहला सवाल
दस प्रतिभागियों के फास्टेस्ट फिंगर राउंड में अमिताभ बच्चन ने पहला सवाल किया कि इन राज्यों को इनके गठन के अनुसार सही क्रम में लगाएं। ऑप्शन दिए गए - उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और छत्तीसगढ़। रायगढ़ के बसंत शर्मा ने सबसे पहले इसका सही जवाब दिया। यह है उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना।
आमिर-रहमान के शो की तैयारी
रायपुर में अब आमिर खान के सत्यमेव जयते का शो अक्टूबर में होने के संकेत मिले हैं। संभवत: राज्योत्सव मेले में ऑस्कर अवॉर्ड विजेता एआर रहमान का शो भी हो सकता है। केबीसी शो की सेट डिजाइनर वर्षा जैन के पिता विमल चंद जैन ताज गेटवे होटल के मालिक हैं। उन्होंने बताया कि रहमान का कार्यक्रम परसदा स्टेडियम में कराने की तैयारी है। भास्कर से विशेष चर्चा में बताया कि परसदा इंटरनेशनल स्टेडियम में एआर रहमान का शो कराने की कोशिश की जा रही है।
वर्तमान में वर्षा बेंगलुरू में एआर रहमान के लाइव शो परफार्मेंस का स्टेज तैयार कर रही हैं। इसी वजह से वे आज केबीसी के रायपुर के शो का सेट डिजाइन करने के बावजूद शामिल नहीं हो सकी। जबकि आज उनका जन्मदिन भी है।
सोचकर भी नहीं आया था कि किस्मत खुलेगी : बसंत
मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि अमिताभ बच्चन के सामने हॉट शीट पर बैठने का मौका मिलेगा। मैं केबीसी के दूसरे सीजन से ही यहां तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था। लगातार एसएमएस भेजते रहता था। इस बार नंबर आ गया, लेकिन तैयारी करने का मौका नहीं मिल पाया। मैं पत्नी किरण को साथ लेकर आया, लेकिन 6 लाख 40 हजार रुपए जीतने की उम्मीद नहीं थी। मैं यह सोचकर आया था कि सीट पर बैठने के लिए मिले न मिले, कम से कम बिग-बी को तो देख लूंगा। मैं जब भी कौन बनेगा करोड़पति शो देखता था, हमेशा सोचता था कि अगर मौका मिला और पैसे जीते तो स्कूल के बच्चों के लिए 10 कंप्यूटर खरीदेंगे। अब उनका यह सपना पूरा होगा। -बसंत शर्मा
छेड़खानी करने वाले ऑटो चालक की धुनाई
27 September 2014रायपुर। पुराना बसस्टैंड के पास ऑटो चालक ने युवती से छेड़खानी की तो युवती ने जमकर धुनाई कर दी। भीड़ ने भी युवक की पिटाई कर पुलिस बुला ली।
तारबाहर थाना क्षेत्र में निजी मोबाइल एजेंसी में काम करने वाली युवती शुक्रवार सुबह 11.30 बजे ऑटो से उतरकर ऑफिस जा रही थी। उसी समय किनारे खडे़ ऑटो चालक ने अश्लील हरकतें शुरू कर दी। इस पर युवती भी तैश में आकर लौटी और उसकी पिटाई कर दी।
इस बीच ट्रैफिक पुलिस भी पहुंच गई। उसने ऑटो चालक मनीराम झ़़डीराम आदिल ] गणेशनगर चुचुहियापारा को तारबाहर थाने पहुंचाया।।
नवरात्रि में नरबलि की आशंका, बच्ची के साथ पकड़ा गया तांत्रिक
27 September 2014कवर्घा। नवरात्रि में तंत्र शक्ति के नाम पर एक बच्ची के अपहरण मामले में दो तांत्रिकों को गिरफ्तार किया गया है। घटना शुक्रवार सुबह चार बजे की है। सरोदा मार्ग ऑक्सीजन जोन के पास एक 12 वर्षीया बच्ची को जंगल में लाकर तंत्र-मंत्र किया जा रहा था। ढोंगी तांत्रिक बलवंत इससे पहले की बच्ची के साथ किसी घटना को अंजाम देता, वन विभाग का रैपिड फोर्स आ धमका। घटना स्थल से कुदारी, जड़ी-बूटी, नींबू, मिर्ची बरामद किया गया। इससे आशंका जताई जा रही है कि मामला नरबलि का हो सकता है। ढोंगी तांत्रिक बलवंत व सहयोगी भगवानी साहू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है।
ग्राम खैरबना निवासी भगवानी साहू अपनी पोती के इलाज के लिए एक तांत्रिक बलवंत को बुलाया। ढोंगी तांत्रिक ने एक कन्या की मांग की, ताकि मानसिक रूप से कमजोर भगवानी की पोती का इलाज किया जा सके। भगवानी ने अपने मित्र आजूराम और उसकी 12 वर्षीय पुत्री को गैंदपुर से ग्राम खैरबना बुला लिया। आजूराम को योजना की जानकारी नहीं थी। बलवंत और भगवानी ने आजूराम की पुत्री को बिना बताए जंगल ले गए और तंत्र-मंत्र करने लगे। इसी बीच वनकर्मी पहुंचे और शंका होने पर छानबीन की तो मामले सामने आया। उन्होंने ढोंगी तांत्रिक बलवंत और भगवानी को पुलिस के हवाले कर दिया।
जंगल में इस तांत्रिक को संदिग्ध अवस्था में पकड़ा गया। तांत्रिक बलवंत और सहयोगी भगवानी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। नरबलि की आशंका है। अभी पूछताछ की जा रही है।
जेएस सग्गू, थाना प्रभारी, सिटी कोतवाली, कवर्घा
महिला को काल के मुंह से बचाने गए पति-पुत्र की मौत
27 September 2014रायुपर. बांकीमोंगरा में शुक्रवार सुबह आंगन में लगे लोह की तार पर कपड़ा सुखाते समय एक एसईसीएल कर्मी की पत्नी करंट की चपेट में आ गई। उसे बचाने पहुंचे पति-पुत्र की मौत हो गई। वहीं महिला झुलस गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मोंगरा कालोनी में ड्रिलर ईश्वर चंद्रा का घर है। उनकी पत्नी जमुना देवी नहाने के बाद कपड़ा सुखाने आंगन में गई। इस दौरान वह तार में फैले करंट की चपेट में आ गई। उसने बचाने के लिए पुत्र विजेंद्र को आवाज लगाई। विजेंद्र ने आंगन में पहुंचकर मां को धकेला जिससे वह तार से अलग होकर गिर गई लेकिन विजेंद्र खुद करंट की चपेट में आ गया।
बेटे को तार से चिपकते देख ईश्वर उसे बचाने दौड़े। पर वह खुद भी इससे नहीं बच पाए और करंट की चपेट में आ गए। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही पड़ोसी मौके पर पहुंचे। जमुना देवी की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
मौके की पड़ताल में पता चला है कि लोहे की तार खिड़की से बंधी थी। मकान में पानी का रिसाव था। एसईसीएल की ओर से एक जांच टीम बनाई गई। टीम पड़ताल करेगी कि आखिर खिड़की पर बंधी लोहे की तार पर बिजली करंट कहां से आ रही है।
भाजपा नेत्री का कोल ब्लॉक रद, सीबीआई जांच दायरे में ले: कांग्रेस
26 September 2014रायपुर। प्रदेश में कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस, राज्य सरकार को घेर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत नहीं कर रही है। भाजपा नेत्री नीना सिंह की कंपनी मेसर्स नवभारत कोल फील्ड को आवंटित कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया गया है। इसकी अनुशंसा राज्य सरकार ने की थी। वहीं दिल्ली में कोल ब्लॉक आवंटन समिति की बैठक में तत्कालीन मुख्य सचिव शिवराज सिंह ने कंपनी को फायदे में बताते हुए कोल ब्लॉक देने की अनुशंसा की थी। बघेल ने आरोप लगाया कि कूटरचना करके कोल ब्लॉक आवंटित करने के लिए अनुशंसा की गई।
बघेल ने कहा कि मेसर्स नवभारत कोल फील्ड का बस्तर क्षेत्र में 1 मिलियन टन क्षमता का स्पंज आयरन प्लांट व 200 मेगावॉट क्षमता का पावर प्लांट स्थापित है और लगभग 60 हजार टन वार्षिक क्षमता का स्पंज आयरन प्लांट स्थापित किया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2004 को कंपनी का टर्नओवर 33.86 करोड़, नेट प्रॉफिट 59 लाख एवं कंपनी की कुल परिसंपत्ति लगभग 7.84 करोड़ थी।
उन्होंने कहा कि 1 नवंबर, 2007 को नीना सिंह ने इस्तीफा दे दिया था और नवभारत फ्यूज कंपनी ने अपना 74 फीसदी शेयर मेसर्स सोलर एक्सप्लोसिव को हस्तांरित कर दिया।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के नवभारत कोलफील्ड सहित और कंपनियों का करीब 14 बार उल्लेख किया है। इससे साफ है कि छत्तीसगढ़ में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की गई। उन्होंने मांग की है कि कूटरचना, दस्तावेज के जरिए हासिल नवभारत कोल फील्ड की जांच सीबीआई करे और इस पर पूरी कार्रवाई होनी चाहिए।
पीएमओ को देंगे दस्तावेज
प्रदेश में कूटरचना कर कोल ब्लॉक दिए जाने की अनुशंसा के संबंध में कांग्रेस अब पीएमओ को सभी दस्तावेज देगी। बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जीरो टॉलरेंस की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, अब छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक रद्द होने के मामले में वे क्या कार्रवाई करते हैं देखना होगा।
नवभारत कोल फील्ड का मामला तो काफी पुराना है। फिलहाल मैं दिल्ली में हूं और कई कोल ब्लाक के संबंध में जांच जारी है। ऐसे में किसी तरह का बयान देना ठीक नहीं है। मैं इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता-शिवराज सिंह, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ पावर कंपनी।।
पिता का बकाया चुकाने पर ही मिलेगी बेटे को नौकरी
26 September 2014रायपुर। मार्कफेड में ऎसे कई मामले हैं,जहां यह कहा गया कि बाप का बकाया बेटा या पति का कर्ज पत्नी चुकाएंगी तभी अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। मार्कफेड के इस फरमान से अपने परिजनों की मौत से दुखी परिवार टूट चुके हैं। परिजनों को खोने के बाद उन्हें अब यह चिंता सता रही है कि आखिर करोड़ों चुकाने के लिए विपणन संघ के नोटिस का अंजाम क्या होगा।
और भी हैं मामले
ऎसे दर्जनों कर्मचारी हैं, जिसके निधन के बाद परिजनों द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति मांगने पर विपणन संघ ने कर्मचारी द्वारा संस्थान को नुकसान पहुंचाने का हवाला देते हुए बकाया चुकाने को कहा गया है। इनमें वरिष्ठ सहायक सुन्दरलाल तिवारी, क्षेत्र सहायक छन्नु लाल तिवारी जैसे कई कर्मचारियों के संबंधियों को नोटिस जारी किया गया है।
यह है नियम
छत्तीसगढ़ शासन के नियमानुसार जिस कर्मचारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई या विभागीय जांच चल रही हो और सेवा के दौरान उसकी मौत हो जाती है तो, अनुशासनात्मक कार्रवाई या विभागीय जांच तत्काल समाप्त हो जाती है।
केस -1
राजनांदगांव जिला कार्यालय के क्षेत्र सहायक खिलावनराम साहू के निधन के बाद जब उनके लड़के सुरेश कुमार साहू ने अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन दिया तो विपणन संघ ने उसे पहले 1 करोड़ 56 लाख 24 हजार 400 रूपए चुकाने को कहा। संघ के मुताबिक खिलावनराम के कार्यकाल के दौरान धान के सूखत की वजह से इस राशि का नुकसान हुआ था।
केस -2
कांकेर जिला कार्यालय में वरिष्ठ सहायक विरेन्द्र बहादुर सिंह ध्रुव की मौत के बाद संघ ने नौकरी मांगने पर उनकी पत्नी रंजना ध्रुव को 2 करोड़ 84 लाख 19 हजार 200 रूपए का नोटिस थमाकर कर कहा कि इस राशि को जमा करने के बाद अनुकंपा नियुक्ति के बारे में सोचा जा सकता है। यहां भी मामला धान की सूखत का था।
केस -3
कोरबा जिला कार्यालय में पदस्थ क्षेत्र सहायक तुंगनाथ धुरंधर के निधन के बाद उनके पुत्र भूपेन्द्र धुरंधर को संघ ने 11 लाख 63 हजार 981 रूपए मुख्यालय में जमा करने को कहा। पत्र में कहा गया कि तुंगनाथ ने रासायनिक खाद्य के भंडार में अनियमितता की थी। इस लिए यह राशि जमा करानी होगी।
अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर मार्कफेड ने जो पत्र जारी किए गए हैं, उस पर पुनर्विचार किया जा रहा है।
एस. भारती दाशन,प्रबंध संचालक, मार्कफेड
नियमानुसार सेवा में रहते यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उस पर चल रही विभागीय जांच अपने आप समाप्त हो जाती है। इसके बावजूद विपणन संघ में आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा रही है और बकाया मांगा जा रहा है।-किशोर चन्द्रा, महासचिव, मार्कफेड कर्मचारी संघ
रायपुर नगर निगम के 40 वार्ड अनारक्षित
26 September 2014रायपुर. राज्य की सबसे बड़े रायपुर नगर निगम के 70 में से 40 वार्डों को अनारक्षित घोषित कर दिया गया। जिला प्रशासन ने रायपुर और बिरगांव निगम के अलावा जिले की तीन नगर पालिकाओं और चार नगर पंचायतों के लिए राजधानी के शहीद स्मारक भवन में गुरुवार को वार्डों का आरक्षण तय किया। रायपुर निगम में जिन 40 वार्डों को अनारक्षित किया गया, उनमें से 13 महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिए गए। पूरा आरक्षण चक्रानुक्रम पर तथा महिलाओं का आरक्षण लॉटरी से किया गया। सबसे पहले रायपुर नगर निगम तथा अंत में बीरगांव नगर निगम के 40 वार्डों के लिए आरक्षण तय किया गया।
दर्जनभर को बदलना होगा वार्ड
शहर के 70 वार्डों के आरक्षण में निगम की राजनीति में खासा दखल रखने वाले नेताओं की जमीन खिसक गई। निगम के सभापति हों, नेता प्रतिपक्ष हों, एमआईसी मेंबर हो या फिर जोन अध्यक्ष, आरक्षण की वजह से ये अब अपने वार्डों से चुनाव ही नहीं लड़ पाएंगे। कई पार्षद पति जो इस बार माकूल आरक्षण का इंतजार कर रहे थे, उन्हें पांच साल और इंतजार करना होगा। हालांकि कुछ पार्षद ऐसे भी हैं, जिनके वार्ड अनारक्षित हैं और उन्हें चुनाव लड़ने में कोई परेशानी नहीं होगी।
शहीद स्मारक भवन में गुरुवार को जिले के सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के वार्डों के लिए लॉटरी निकाली गई। राजधानी के वार्डों का सबसे पहले आरक्षण होना था, इसलिए सुबह 11 बजे से पहले ही हॉल भर गया। इस दौरान शहर के अधिकतर पार्षद और समर्थक मौजूद थे। जैसे-जैसे लॉटरी खुलती रही, कुछ खेमों में खुशियां बिखरी तो कुछ में उदासी रही। इस दौरान नरेंद्र मोदी और सोनिया गांधी के समर्थन में नारे भी लगते रहे। एकाध बार दोनों गुट आमने-सामने भी हुए लेकिन पुलिस ने सबको बाहर का रास्ता दिखा दिया।
अब चुनाव लड़ेंगे पार्षद पति
एमआईसी मेंबर राधिका नागभूषण राव का वार्ड बंजारी माता मंदिर सामान्य हो गया है। यहां से उनके पति नागभूषण राव मजबूत दावेदार हैं। जोन एक की अध्यक्ष अंजनी राधेश्याम विभार का वीरांगना अवंतिबाई वार्ड एससी हो गया है। यहां से उनके पति राधेश्याम विभार टिकट मांगेंगे।
निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले
मृत्युंजय दुबे का सुंदरनगर वार्ड और वरिष्ठ पार्षद प्रमोद दुबे का शहीद चूड़ामिण वार्ड भी सामान्य हो गया है, अत: दोनों इन्हीं वार्डों से लड़ सकते हैं। इसी तरह सूर्यकांत राठौर, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, अनवर हुसैन, सतनाम पनाग और समीर अख्तर के वार्ड सामान्य रहने से उनका रास्ता भी साफ है।
दलीय स्थिति
कांग्रेस 31
भाजपा 29
निर्दलीय 10
कई महिलाओं की रवानगी
कई ऐसी महिला पार्षदों की आरक्षण के बाद राजनीति से रवानगी तय है, जिन्होंने वार्ड महिला के लिए आरक्षित होने के कारण अपने पति की तरफ से चुनाव लड़ा था। मीनल छगन चौबे, राधिका नागभूषण राव, अंजनी राधेश्याम विभार, रेणुका प्रशांत बख्शी, अंजू चंद्रशेखर तिवारी, ममता सुभाष अग्रवाल, नीतू घनश्याम तिवारी, सीमा संतोष साहू, भारती अवतार बागल, रानी सतीश जैन, रेखा रामटेके, कविता शिव ग्वालानी, निकहत अंजुम जावेद, अनिता फूटान, पुष्पा धमेंद्र तिवारी, अनिता अरविंद यादव और धनेश्वरी ध्रुव में से कुछ आरक्षण बदलने के बाद पति के लिए राजनीति से वापस लौट सकती हैं।
बढ़े महापौर के दावेदार
रायपुर नगर निगम 1 सितंबर को सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित घोषित किया गया था। इस पद के लिए नगर निगम के नेताओं के अलावा भाजपा से सुनील सोनी, सच्चिदानंद उपासने, केदार गुप्ता, छगन मूंदड़ा, मोहन एंटी आदि तथा कांग्रेस से कुलदीप जुनेजा, किरणमयी नायक तथा विकास उपाध्याय के नाम भी चर्चा में हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत भी कह चुके हैं कि पार्टी टिकट देगी तो वे भी मेयर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
नए नाम भी उभर
आरक्षण की लॉटरी में वार्ड हाथ से निकल जाने के बाद भाजपा से संजय श्रीवास्तव, सुभाष तिवारी, मीनल चौबे, सुभाष अग्रवाल तथा दीनानाथ शर्मा एवं कांग्रेस से मनोज कंदोई, ज्ञानेश शर्मा तथा जगदीश आहूजा महापौर के टिकट के लिए जोरदार ढंग से दावेदारी पेश कर सकते हैं।
कड़ा मुकाबला संभव
मौलाना अब्दुल रऊफ (बैजनाथपारा), शहीद चूड़ामणि नायक (रामकुंड), ब्राह्मणपारा, सुंदर नगर, तात्यापारा, सदर बाजार, सिविल लाइन, राजीव गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर वार्ड में दावेदारों की संख्या ज्यादा होने की वजह से यहां के चुनाव रोमांचक और संघर्षपूर्ण हो सकते हैं।
इन्हें तलाशने होंगे नए वार्ड
निगम के सभापति संजय श्रीवास्तव का शंकर नगर वार्ड अनारक्षित से ओबीसी हो गया है। निगम के नेता प्रतिपक्ष सुभाष तिवारी का शहीद पंकज विक्रम वार्ड अनारक्षित से सामान्य महिला हो गया है। जोन अध्यक्ष रितेश त्रिपाठी का वार्ड सामान्य से महिला हो गया है। जोन दो की अध्यक्ष नीतू घनश्याम तिवारी का रमण मंदिर वार्ड ओबीसी हो गया है। उनके पति घनश्याम राजू तिवारी भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। जोन चार के अध्यक्ष अनीस अहमद का वार्ड महिला हो गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों से पार्षद रह चुके दीनानाथ शर्मा का दानवीर भामाशाह वार्ड एससी हो गया है। उन्हें दूसरे वार्ड की तलाश करनी होगी। रानी लक्ष्मी बाई वार्ड से पार्षद और एमआईसी सदस्य जग्गू सिंह ठाकुर का वार्ड एससी हो गया है। एमआईसी मेंबर राकेश धोतरे का सुभाष चंद्र बोस वार्ड महिला हो गया। एमआईसी मेंबर रानी सतीश जैन का सदर बाजार वार्ड सामान्य हो गया है। उनके पति सतीश जैन यहां से दावेदारी कर सकते हैं। एमआईसी मेंबर मनोज कंदोई का स्वामी विवेकानंद वार्ड महिला हो गया है। वे सदर बाजार से टिकट मांग सकते हैं। एमआईसी मेंबर ज्ञानेश शर्मा का डीडी नगर वार्ड महिला हो गया है। उनके ब्राह्मणपारा से चुनाव लड़ने की संभावना है। एमआईसी मेंबर जगदीश आहूजा का रविंद्रनाथ टैगोर वार्ड ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हो गया है।।
बिजली उत्पादन पर नहीं पडे़गा असर: रमन
25 September 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ के 44 कोल ब्लॉक का आवंटन सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। इनमें से आठ खदानों में खनन चालू था। खदानों का आवंटन निरस्त करने का छत्तीसगढ़ के बिजली उत्पादन पर असर नहीं पड़ेगा। देश में कोयला आधारित सार्वजनिक क्षेत्र की 90 फीसदी बिजली परियोजनाएं कोल इंडिया के लिंकेज से ही कोयला लेती हैं, ऐसे में आवंटन रद्द होने के बावजूद बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है।
नई दिल्ली रवाना होने से पहले पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छह महीने तक कोई ऊर्जा संकट नहीं है। छह महीने के अंदर केंद्र सरकार कोई व्यवस्था देगी। कोल इंडिया कोयले को किस दर पर बेचेगी यह उस पर निर्भर करता है। इससे बिजली की कीमतों पर कोई असर नहीं प़़डेगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले और घोटाले के लिए कौन जिम्मेदार है? इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इसके लिए किसे जिम्मेदार कहा जा सकता है। 1993 के बाद से कई सरकारें रहीं। नीतिगत विषयों पर जिम्मेदारी तय करनी होगी। अपर मुख्य सचिव एन बैजेंद्र कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार जो भी नीति बनाएगी, राज्य सरकार उस पर अपना पक्ष रखेगी।
खनिज सचिव सुबोध सिंह ने कहा कि कोल ब्लॉक का आवंटन निरस्त होने से उत्पादन पर कोई खास असर नहीं पडे़गा। छत्तीसगढ़ पॉवर जनरेशन कंपनी के पास दो और सीएमडीसी के पास चार कोल ब्लॉक थे। इनका आवंटन भी निरस्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार से सरकारी कंपनियों को आवंटित कोल ब्लॉक के आवंटन को लेकर अनुरोध किया जाएगा। इसके साथ ही अन्य कोल ब्लॉक को लेकर केंद्र सरकार जो गाइडलाइन जारी करेगी, उसके आधार पर काम किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों की बंदरबांट और लूट बडे़ पैमाने पर हुई है। आवंटन निरस्त होने के बाद अब कोल ब्लॉक की नए सिरे से नीलामी होगी।
केंद्र सरकार को नीलामी के समय यह ध्यान देना होगा कि देश की जरूरत के आधार पर कोल ब्लॉक आवंटित किए जाएं, न कि सिर्फ कार्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए। इसमें पर्यावरण और आदिवासियों के हितों की भी चिंता की जाए।
सीएम से नहीं हुई मुलाकात तो मार्शल आर्ट प्लेयर ने खाया जहर
25 September 2014रायपुर। प्रदेश की राजधानी रायपुर में गुरूवार को एक मार्शल आर्ट प्लेयर ने सीएम हाउस के सामने जहर खा लिया। बताया जा रहा है कि बेरोजगार प्लेयर रोजगार के लिए आज जनदर्शन में सीएम डॉ रमन सिंह से मिलने गया था। मुख्यमंत्री के दिल्ली प्रवास के चलते जनदर्शन का कार्यक्रम स्थगित रखा गया था, जब प्लेयर को यह पता चला कि आज उसकी सीएम से मुलाकात नहीं हो पाएगी, तो उसने जहर खाकर अपनी जान देने की कोशिश की। प्लेयर को तुरंत अंबेडकर अस्पताल में भर्ती किया गया है। स्थिति फिलहाल गंभीर है। प्लेयर का नाम मुकेश कुमार बंजारे है। वह जापानी मार्शल आर्ट ब्लेक बेल्ट(वन डान) है। प्लेयर सरसींवा बलौदाबाजार का निवासी है। वह लोगों को सेल्फ डिफेंस, सेल्फ कॉन्फीडेंस, बॉडी कंट्रोल और डिसीप्लीन की ट्रेनिंग देता है। गौरतलब है कि प्रदेश में ऎसे कई प्लेयर्स हैं, जिन्होंने अपने खेल से राज्य का नाम देश-विदेश में ऊंचा किया है। राज्य का गौरव बढ़ाया है, लेकिन प्रदेश सरकार को ही उनकी सुध नहीं है।
मोदी की सभा की कमान प्रदेश के वाशिंदों को
25 September 2014रायपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को पांच दिन की अमेरिका यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। यह बात कम लोगों को ही पता है कि अमेरिका में जहां उनकी सभा होने वाली है, उसकी तैयारी की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के एनआरआई को मिली है। आयोजन की कोर कमेटी में चिरमिरी के चंद्रकांत पटेल प्रमुख भूमिका में हैं। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में एलएलबी करने वाले पटेल अभी ओवरसीज फ्रेंड्स आफ बीजेपी (समुद्रपारीय भाजपा मित्र समूह) के अध्यक्ष हैं। वहीं भिलाई के आईटी इंजीनियर उदप प्रसाद और ट्रांसपोर्ट कारोबारी आत्मा सिंह आयोजन की सह कमेटी के सदस्य हैं। मोदी 28 सितंबर को न्यूयार्क के मेडिसन स्क्वायर गार्डन में हजारों लोगों के बीच भाषण देंगे।
मोदी के इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी एसोसिएशन ऑफ इंडियन ऑफ नार्थ अमेरिका को दी गई है। चंद्रकांत पटेल इस एसोसिएशन के चेयरमैन हैं। वे छत्तीसगढ़ एनआरआई एसोसिएशन के भी अध्यक्ष हैं। पटेल पूरे कार्यक्रम के कर्ताधर्ता हैं। वाशिंगटन में रह रहे उदप प्रसाद और आत्मा सिंह भी तैयारियों को देख रहे हैं। सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर और विजय जाली के साथ चंद्रकांत पटेल इसकी प्रचार और तैयारी में लगे हुए हैं। स्टेडियम में 19 हजार 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसमें 1500 पास वीआईपी के लिए सशुल्क रखे गए हैं। बाकी सीटों पर फ्री एंट्री रहेगी। पटेल ने बताया कि पूरे आयोजन पर आठ करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके लिए एनआरआई से ऑनलाइन डोनेशन लिए गए हैं।
चिरमिरी में पले-बढ़े हैं चंद्रकांत
चंद्रकांत पटेल कोरिया जिले के चिरमिरी के रहने वाले हैं। उनके पिता नरसिंह पटेल गुजरात से यहां आकर बसे थे। उनके चचेरे भाई दीपक पटेल मनेंद्रगढ़ से पिछली बार विधायक थे। दीपक ने बताया कि चंद्रकांत का जन्म यहीं हुआ। उनकी पढ़ाई भी यहीं हुई। समाजशास्त्र और अर्थशास्त्र में एमए करने के साथ ही उन्होंने पं. रविशंकर शुक्ल विवि से एलएलबी की। 1990 में वे अमेरिका चले गए। उनके सभी पांच भाई भी वहीं रहते हैं। पटेल माइक्रो चीप बोर्ड बनाने की कंपनी एक्शन सर्किट के सीईओ हैं। उनका परिवार कपड़े और बीड़ी का कारोबार करता था।
छग की वकील से गैंगरेप की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने मांगी
24 September 2014रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की एक महिला वकील से कथित गैंगरेप के मामले में राज्य के संबंधित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट [सीजेएम] से पुलिस कार्रवाई की स्थिति रिपोर्ट समेत सारे रिकॉर्ड मांगे हैं। महिला वकील ने अपने पति के रिश्तेदारों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। पीड़िता ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट परिसर में आत्महत्या की कोशिश की थी। अभी राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मंगलवार को पीड़िता को उचित इलाज तथा सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर पीड़िता इस मामले में कानूनी मदद के दिल्ली लीगल एड सोसायटी से संपर्क कर सकती है। पीड़ित महिला वकील ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के एक अदालत कक्ष में न्याय की गुहार लगाते हुए कहा था कि पुलिस उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रही है। अपनी दुश्वारियों से कोर्ट को अवगत कराते हुए बताया था कि उसके साथ हो रहे अन्याय के कारण उसने अपना जीवन समाप्त करने के लिए फिनाइल की गोलियां खा ली हैं।
अब एनकाउंटर बताकर बच नहीं सकेगी पुलिस
24 September 2014रायपुर। पुलिस अब एनकाउंटर यानी मुठभेड़ से हुई मौत बताकर मामले से पल्ला नहीं झाड़ सकेगी। मुठभेड़ों की असलियत पर उठते रहे सवालों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर कड़ा रूख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसले में मुठभेड़ों से होने वाली मौतों पर एफआईआर दर्ज करने और उसकी पूरी जांच किए जाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। शीष्ाü कोर्ट ने मुठभेड़ों को लेकर राज्य सरकारों को भी निर्देश दिए हैं।
मजिस्ट्रेट, सीआईडी जांच जरूरी
उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर.एम. लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस मुठभेड़ में मौत की मजिस्ट्रेट जांच होनी चाहिए। मुठभेड़ में इस्तेमाल हथियार की फोरेंसिक जांच भी होनी चाहिए और इसकी जांच सीआईडी या दूसरा पुलिस स्टेशन करे। पीठ ने यह भी कहा कि गुप्त सूचना को पहले वरिष्ठ अधिकारी को बताया जाए और उससे आदेश लेने के बाद ही मौके पर कोई कर्मी जाए।
पीयूसीएल ने दायर की थी याचिका : फर्जी मुठभेड़ों की बढ़ती संख्या को लेकर स्वयंसेवी संस्था पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने याचिका दायर की थी। इसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी सुझाव दिया था। आयोग का कहना था कि मुठभेड़ों में मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जाता रहा है। एनएचआरसी ने सभी मुठभेड़ों की जांच कराए जाने का सुझाव दिया था।
जांच पूरी होने से पहले अवॉर्ड नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मुठभेड़ की तत्काल एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। जब तक मामले की जांच चलेगी, तब तक सम्बंधित पुलिस अधिकारी को प्रमोशन या बहादुरी पुरस्कार नहीं मिलेगा। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पुलिस मुठभेड़ के सभी मामलों की जांच सीबीआई या सीआईडी जैसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए। फैसले में यह भी कहा गया है कि पुलिसवालों को अपराधियों के बारे में मिली सूचना को रिकॉर्ड कराना होगा और हर मुठभेड़ के बाद अपने हथियार और गोलियां जमा करनी होगी।
सभी मामलों में दखल नहीं देगा मानवाधिकार आयोग
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह भी कहा कि पुलिस मुठभेड़ के सभी मामलों में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) दखल नहीं देगा। जब तक इस बात की पूरी आशंका हो कि मुठभेड़ फर्जी थी। पुलिस मुठभेड़ के मामले में एफआईआर दर्ज कर इसे तत्काल मजिस्ट्रेट को भेजना होगा।अगर पीडित पक्ष को लगता है कि मुठभेड़ फर्जी थी, तो वह सत्र न्यायालय में केस दर्ज करा सकता है।
प्रदेश की प्रमुख मुठभेड़ें, जिनकी हो रही जांच
6 अप्रैल 2010 को सुकमा जिले के ताड़मेटला, मोरपल्ली व तिम्मापुरम में मुठभेड़ के दौरान 76 जवानों की जान चली गई थी। इसके विरोध में कोया कमांडों ने 11, 14 व 16 मार्च 2011 को 300 घरों को जला दिया था। जस्टिस टी.पी. शर्मा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग मामले की जांच कर रहा है।
6 जुलाई 2011 को बलरामपुर जिले के लोगराटोला गांव में एक छात्रा मीना खलको मुठभेड़ में मारी गई थी। जस्टिस अनीता झा आयोग मामले की जांच कर रहा है।
28 जून 2012 की रात बीजापुर के सारकेगुड़ा गांव में मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने 17 ग्रामीणों को माओवादी समझकर मार दिया था। इस मामले की जांच मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सेवानिवृत जस्टिस वी.के. अग्रवाल कर रहे हैं।
17 मई 2013 को बीजापुर जिले के एड़समेटा गांव में भी नौ ग्रामीण मुठभेड़ के शिकार हुए। यह जांच भी चल रही है।
11 मार्च 2014 को सुकमा जिले
के तोंगपाल में मुठभेड़ के दौरान 16 जवान शहीद हो गए थे। इस मामले की जांच एडीजी आर.के. विज कर रहे हैं।
हर हाल में पालन होगा
वैसे तो हर मुठभेड़ की विभागीय स्तर पर जांच होती ही है और कई बार न्यायिक जांच भी, बावजूद इसके सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देश का हर हाल में पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
-ए.एन. उपाध्याय, पुलिस महानिदेशक, छत्तीसगढ़
शक्ति की भक्ति के महापर्व नवरात्र की शुरुआत कल से, कलश स्थापना
24 September 2014रायपुर. आदि शक्ति मां दुर्गा की आराधना का पर्व नवरात्र 25 सितंबर से शुरू हो रहा है। इसके लिए राजधानी के सभी देवी मंदिर सजकर तैयार हो गए हैं। मंदिरों के अलावा शहरभर में पंडाल लगाकर दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। उनकी तैयारियां भी अंतिम चरणों में है।
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत में एक ही दिन शेष है। सभी जगह तैयारियां लगभग अंतिम चरणों में है। इससे पहले ही लोगों में शक्ति की भक्ति को लेकर उत्साह दिखने लगा है। घरों में भी लोग नौ दिन व्रत रखकर माता की उपासना करेंगे। लिहाजा घरों में भी साफ-सफाई और माता के विराजने का स्थान सुनिश्चित किया जाने लगा है। बुधवार तक अंतिम तैयारियों के बाद गुरुवार से नवरात्रि शुरू होते ही मंदिरों में विशेष पूजा और जसगान का सिलसिला शुरू हो जाएगा। राजधानी के महामाया मंदिर, रावांभाठा बंजारी, मंदिर, काली मंदिर आकाशवाणी आदि मंदिरों कलश स्थापना की तैयारियां पूरी हो चुकी है।
सुबह 11 बजकर 36 मिनट पर कलश स्थापना: महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार गुरुवार 25 सितंबर को सुबह 11.36 बजे कलश स्थापना की जाएगी। वैसे घट स्थापना के लिए सुबह 6.20 बजे से 7.50 बजे तक समय शुभ रहेगा। अभिजीत मुहूर्त में 10.49 बजे से 12.42 बजे तक भी घट स्थापना की जा सकती है।
गायत्री मंदिर में 25 सितंबर से 3 अक्टूबर तक प्रतिदिन सुबह पांच से आठ बजे तक गायत्री महामंत्र का जाप किया जाएगा। इसके बाद यज्ञ होगा। 3 अक्टूबर को सुबह 8 से 9 बजे कुंडीय यज्ञ होगा।
चंद्रबाबू ने की रमन की तारीफ
23 September 2014रायपुर। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने नया रायपुर के योजनाबद्ध विकास और प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कम्प्यूटरीकरण और ई-गर्वनेंस के लिए भी मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह की तारीफ की।
एक दिवसीय दौरे पर आए नायडू ने सोमवार को नया रायपुर में चल रही विभिन्न विकास गतिविधियों का अवलोकन किया। नायडू ने कहा कि तेलंगाना राज्य निर्माण के बाद आंध्रप्रदेश भी अपनी नई राजधानी का निर्माण करेगा। नया रायपुर एक आदर्श परियोजना के रूप में सामने होगा। हम नया रायपुर की तरह अलग टाउनशिप विकसित करना चाहते हैं।
छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश मिलकर करेंगे काम
23 September 2014रायपुर। करीब 14 साल पुराना छत्तीसगढ़ पुनर्गठित आंध्र प्रदेश के साथ मिलकर नई ताकत बनने की तैयारी में है। सोमवार को रायपुर पहुंचे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से इस मसले पर बात की और संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किया। दोनों राज्यों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों में बात के बाद संयुक्त कार्यबल बनाने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि दोनों प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ इस कार्यबल में लोक निर्माण विभाग, परिवहन, वन, राजस्व और ऊर्जा सचिवों को शामिल किया जाएगा।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पास प्राकृतिक संसाधन और खनिज ज्यादा है। आंध्र प्रदेश के पास बंदरगाहों की संख्या अधिक है। हम निर्यात की सुविधा उपलब्ध कराएंगे। यह दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर होगा। उन्होंने बताया कि यह कार्यबल दोनों राज्यों के बीच सड़क, रेल और हवाई परिवहन की सुविधा बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार करेगा।
एक सवाल के जवाब में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों के पास अवसर हैं। सहयोग और निवेश के लिए नए क्षेत्रों की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि नवगठित आंध्र प्रदेश में आधारभूत ढांचा, हॉर्डवेयर, खाद्य प्रसंस्करण, औष्ाधि निर्माण उद्योगों में निवेश की बेहतर संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि उनका मकसद 2020 तक राज्य का निर्यात 400 बीलियन अमरीकी डॉलर पहुंचाना है। इसमें छत्तीसगढ़ की भी भागीदारी हो सकती है। उप चुनावों में एनडीए की पराजय से जुड़े एक प्रश्न के जवाब में नायडू ने कहा कि उप चुनाव लोकप्रियता का पैरामीटर नहीं है। यह चुनाव अधिकतर स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाता है। कई कारक हावी रहते हैं। ऎसे में इसे केंद्र सरकार की लोकप्रियता से जोड़ना ठीक नहीं है। उनका कहना था कि सरकार को 100 दिन हुए उसमें भी नरेंद्र मोदी बेहतर कर रहे हैं।
पोलावरम की तबाही पर चुप्पी
आंध्र प्रदेश में प्रस्तावित पोलावरम बांध परियोजना से नुकसान के सवाल पर दोनों राज्यों के मुखिया चुप्पी लगा गए। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इस मसले पर आज कोई बात नहीं हुई। यह मसला सर्वोच्च न्यायालय में है इसलिए कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि इसका करार तत्कालीन आंध्र पदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा सरकारों के बीच 1980 में हुआ था। अब यह एक राष्ट्रीय परियोजना है। सर्वोच्च न्यायालय में मामला है इसलिए वे भी कुछ नहीं कहेंगे।
यह हुआ दिनभर
सुबह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ नया रायपुर स्थित महानदी भवन पहुंचे।
उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मुलाकात की।
सभाकक्ष में नया रायपुर की योजना, भूमि अधिग्रहण, वित्तीय प्रबंधन और निर्माण योजनाओं पर प्रजेंटेशन हुआ।
बाद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली, धान खरीदी और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सरकार के कामकाज का प्रजेंटेशन हुआ।
उन्होंने नया रायपुर की विभिन्न साइट्स का भ्रमण किया।
शाम को उन्होंने वीआईपी रोड स्थित एक होटल में स्थानीय निवेशकों से मुलाकात की।
देर रात वे आंध्र प्रदेश के लिए रवाना हुए।
रवार्डों का भविष्य तय होते ही शुरू हुई 'टिकट-परिक्रमा'
23 September 2014बिलासपुर. 55 से बढ़कर 66 वार्डों वाली हो चुकी न्यायधानी के नगर निगम के वार्डों का आरक्षण सोमवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में भारी गहमागहमी भरे माहौल में हुआ। ढाई घंटे की जद्दोजहद के बाद नए आरक्षण में निगम के सभापति, नेता प्रतिपक्ष, पूर्व मेयर समेत कई पुराने पार्षदों के वार्ड पराए हो गए। स्टेटस बदल जाने से अब इन्हें दूसरे वार्डों में जोर-आजमाइश करनी पड़ेगी या फिर परिवार के सदस्यों को चुनाव मैदान में उतारना पड़ेगा। इस बार नगर निगम में कुल 22 महिलाएं पार्षद चुनकर आएंगी।
वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया बिलासपुर नगर निगम से कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, एडिशनल कलेक्टर नीलकंठ टेकाम की उपस्थिति में नगर निगम कमिश्नर रानू साहू ने पूरी करवाई। आरक्षण के लिए वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाया गया। संबंधित वार्ड से मौजूद पार्षद व नागरिकों से चिट निकलवाकर घोषणा की गई। शहर के 66 में से 22 वार्डों में महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा।
इनके वार्ड बचे
निगम के उपनेता ओमप्रकाश देवांगन, पूर्व मेयर विनोद सोनी, राममनोहर सोनी, बबलू पमनानी, रमेश जायसवाल, राजेश शुक्ला, शहजादी कुरैशी, विष्णु यादव, संतोष साहू, राजेश मिश्रा, जितेंद्र राय, उमेशचंद्र कुमार आदि के वार्ड आरक्षण में अनुकूल रहे। चुनाव के रास्ते में इनके लिए आरक्षण की बाधा नहीं है
घोषणा के साथ बदलती रही पार्षदों की भाव-भंगिमाएं
आरक्षण की चिट निकलते ही पार्षदों के चेहरों की भाव-भंगिमाएं बदलती रहीं। जिनके वार्ड आरक्षित हो गए, वे निराश रहे। जिन्हें मनमाफिक आरक्षण मिला, वे प्रसन्न मुद्रा में लोगों से कुछ इस अंदाज में मिलते रहे, मानों पहली फतह हासिल कर ली हो। पार्षद पद के चुनाव से पहले आरक्षण की पहली बाधा दूर हो गई है। इसके साथ ही उम्मीदवारों ने वार्डों में जनसंपर्क और टिकट के लिए जोर-आजमाइश शुरू कर दी।
आरक्षण ने बदली तस्वीर: कहीं पतियों तो कहीं पत्नियों को मिलेगा मौका
वार्डों के आरक्षण के बाद निगम चुनाव की तस्वीर उभरने लगी है। सभापति अशोक विधानी का वार्ड हेमूनगर परिसीमन के बाद दो हिस्सों में बंट गया है। इसमें से एक पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित होने से उनका रास्ता बंद हो गया। दूसरे सामान्य हुए वार्ड से उनकी दावेदारी के लिए रास्ता खुल गया। पत्नी के पिछड़े वर्ग से होने के कारण अब पति-पत्नी दोनों अगल-बगल के वार्ड से चुनाव लड़ सकेंगे।
इसी तरह एमआईसी मेंबर राखी घोष का वार्ड सामान्य होने के बाद उनके पति लाल्टू घोष खुद चुनाव लड़ सकेंगे। पिछले चुनाव में उनका वार्ड महिला घोषित होने से वे वंचित रह गए थे। सबसे अजीब स्थिति विनोबा नगर वार्ड की पार्षद सीमा सिंह के साथ बनी। उनका वार्ड दो भागों में बंटने के बाद दोनों पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हो गए। पूर्व में महिला सीट होने से पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष रहे रविंद्र सिंह को पत्नी सीमा सिंह को चुनाव लड़वाना पड़ा था।
किस वर्ग को मिले कितने वार्ड
अनुसूचित जाति मुक्त 5
अनुसूचित जाति महिला 3
अनुसूचित जनजाति मुक्त 2
अनुसूचित जनजाति महिला 1
पिछड़ा वर्ग मुक्त 11
पिछड़ा वर्ग महिला 6
अनारक्षित मुक्त 26
अनारक्षित महिला 12
कई के वार्ड पराए, कुछ के बच गए
वार्डों के आरक्षण में सभापति अशोक विधानी का वार्ड पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो गया। हालांकि नए वार्ड में उन्हें जोर आजमाने का मौका है, क्योंकि एक वार्ड सामान्य घोषित हुआ है। इसी तरह नेता प्रतिपक्ष महेश चंद्रिकापुरे, भाजपा पार्षद स्नेहलता शर्मा, वी. रामाराव, सुरेश वाधवानी, अनुज टंडन, लक्ष्मीनारायण कश्यप, कांग्रेस की पार्षद सीमा सिंह, रविंद्र सिंह, राजा शर्मा, एमआईसी मेंबर एलएन राव, भास्कर यादव, संजय यादव, रीता गुलहरे के वार्ड पराए हो गए। वार्ड-14 विनोबा नगर (परिवर्तित वार्ड 17 व 18) से रविंद्र सिंह चुनाव लड़ते रहे थे, लेकिन इस बार दोनों वार्ड पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हो गए। पिछले चुनाव में इनका विनोबा नगर वार्ड महिला घोषित होने पर उन्होंने पत्नी सीमा सिंह को चुनाव लड़वाया था। नए आरक्षण में अब दोनों अपने वार्डों से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
तखतपुर से एक भी एसटी सीट नहीं
तखतपुर नगर पालिका के 15 वार्डों में एक भी वार्ड एसटी के खाते में नहीं आया। यहां पांच वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हुए। इनमें एक एससी वार्ड भी शामिल है।
एक नजर इधर भी...
- महिला वार्डों के आरक्षण के लिए महिलाओं से ही लाॅटरी निकलवाई गई।
- कलेक्टोरेट के मंथन सभाकक्ष में एसी चालू नहीं था, गर्मी से लोगों की हालत पस्त रही।
- आरक्षण कई अधिकारी-कर्मचारियों के लिए नया था, इसलिए वे भी परेशान हुए।
- कई लोगों को खाना नहीं मिला। इन्होंने होटलों में नाश्ता कर काम चलाया। शोर इतना था कि कलेक्टर को अपील करनी पड़ रही थी।
- आरक्षण की घोषणा होने के साथ ही एक-दूसरे पर छींटाकशी का दौर शुरू हो गया।
- बदइंतजामी पर कलेक्टर ने मातहतों के प्रति नाराजगी जताई।
छत्तीसगढ़ में हाथियों का आतंक, एक साल में 23 की मौत
22 September 2014रायपुर। प्रदेश में 250 से अधिक हाथी जंगलों में विचरण कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर हाथी भोजन की तलाश में गावों की तरफ रख करते हैं। इसी दौरान हाथियों और मानव के बीच द्वंद्व की स्थिति निर्मित होती है। प्रदेश में एक साल के भीतर करीब 23 लोगों की जान हाथियों ने ली है। वर्ष 2013-14 में हाथियों से जनहानि के करीब 23 प्रकरणों में मृतकों के परिजनों को 46 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। वहीं घायलों की संख्या भी 23 रही। घायलों को करीब 1 लाख 74 हजार रुपए मुआवजा दिया गया है। मकान और संपत्ति हानि के 1036 प्रकरणों में 34 लाख और फसल क्षति के 13 हजार 759 प्रकरणों में 3 करोड़ 11 लाख रुपए का मुआवजा वन विभाग ने बांटा है। हालांकि वन विभाग ने जनहानि और हाथियों को गावों में आने से रोकने के लिए सोलर पावर फेंसिंग की है, बावजूद इसके हाथियों का आतंक कम नहीं हुआ है। हाथी भी मारे जा रहे हाथियों और मानव के द्वंद्व में सिर्फ मानव ही नहीं मारे जा रहे हैं, बल्कि हाथियों की भी जान जा रही है। फसल नुकसान होने की स्थिति में गुस्साए ग्रामीण करंट से हाथियों को मार रहे हैं। सत्र 2014-15 में अब तक चार हाथियों की मौत हो चुकी है। इनमें दो नर और दो मादा थे। झारखंड और ओडिशा से आ रहे हाथी प्रदेश में ज्यादातर हाथी सीमा पार से आ रहे हैं। झारखंड और ओडिशा की सीमा से हाथी छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे हैं। खास तौर पर ऐसे स्थानों से, जहां कोल ब्लॉक हैं। ऐसे क्षेत्रों में लगातार विस्फोट और लोगों की आवाजाही की वजह से हाथी सुरक्षित जगह की तलाश में सीमा से लगे इलाकों में प्रवेश करने लगे हैं। हाथियों का रहवास क्षेत्र अफसरों के मुताबिक 100 साल पहले सरगुजा क्षेत्र हाथियों का रहवास क्षेत्र था, लेकिन बाद में इस क्षेत्र में शिकार होने की वजह से हाथियों की संख्या कम होने लगी। फिलहाल छत्तीसगढ़ में जशपुर, रायगढ़, धर्मजयगढ़, कोरबा, कटघोरा, मरवाही, सूरजपुर, बलरामपुर के वनमंडल हाथियों के रहवास क्षेत्र हैं। इन इलाकों में हाथियों और मानव में द्वंद्व लगातार जारी है। हाथियों से हानि पर मुआवजे की रकम हिंसक वन्यजीवों से जानहानि होने पर 3 लाख, स्थाई अपंगता होने पर 1.5 लाख, साधारण घायल होने पर 40 हजार, पशु हानि होने पर 20 हजार। हाथी और मानव द्वंद्व रोकने के लिए विभाग की तरफ से गावों के बाहर सोलर पावर फेंसिंग की जा रही है। वहीं हाथियों के खाने की व्यवस्था भी जंगल में की गई है। लेकिन झुंड से बिछुड़कर कुछ हाथी गावों में घुस जाते हैं और यही उत्पात मचाते हैं। सरकार की तरफ से मुआवजे की व्यवस्था है और इसके तहत विभाग ने करोड़ों की राशि प्रभावितों को दी है-बीपी नोन्हारे, सीसीएफ, वन्यप्राणी।
माओवादियों से लड़ेंगे "डॉग कमांडो"
22 September 2014रायपुर। माओवाद विरोधी अभियानों में जवानों को लैंडमाइंस के हमलों से बचाने और माओवादी हमले की पूर्व चेतावनी देने के लिए 100 कुत्तों का स्पेशल स्क्वॉड तैयार किया जा रहा है। यह स्क्वॉड छापेमारी और गश्ती के दौरान जवानों के साथ जाएगा। इन कुत्तों को "कमानडॉग्स" कहा जाता है, क्योंकि वह मानव कमांडो के जैसे होते हैं। इन कुत्तों को चंडीगढ़ स्थित आईटीबीपी और बेंगलूरू के पास तरालू में सीआरपीएफ के विशेष प्रशिक्षण संस्थानों में ट्रेनिंग दी जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईटीबीपी और सीआरपीएफ जैसे अर्धसैनिकबलों की सलाह से नई योजना तैयार की है। इसके तहत माओवादी हिंसा से प्रभावित इलाकों में पैदल गश्त करने वाले जवानों के साथ कुत्ते भी होंगे। आईटीबीपी ने भारत में सबसे पहले 2011 में बेल्जियन शेफर्ड डॉग "मैलिनोइस" की सेवा ली थी। आईटीबीपी को इन विशेष नस्ल के कुत्तों के प्रशिक्षण का काम सौंपा गया है। हर पलटन के साथ एक डॉग केंद्र सरकार की योजना माओवादी हिंसा प्रभावित राज्यों में तैनात आईटीबीपी, सीआरपीएफ, बीएसएफ और एसएसबी की हर पलटन के साथ कम से कम इस तरह का एक कुत्ता तैनात करने की है। बाद में हर टुकड़ी के साथ प्रति इकाई चार कुत्ते तैनात किए जाएंगे। ऎसा इसलिए किया जाएगा, क्योंकि हर बटालियन की कई इकाइयां एक ही समय पर काम पर निकलती हैं। एसपीजी से ट्रेनिंग लेगा एनएसजी देश में सर्वाधिक जोखिम का सामना करने वाले वीवीआईपी की सुरक्षा करने वाला एनएसजी कमांडो अपने कामकाज के कौशल को बढ़ाने वाला है। फिलहाल 15 वीवीआईपी को सुरक्षा प्रदान कर रहे एनएसजी ने एसपीजी से अपने कामकाज का "मूल्यांकन करने और इसके कमांडो को चुस्ती-फुर्ती के साथ काम करने के लिए कुछ टिप्स" देने को कहा है। एसपीजी प्रधानमंत्री और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान करता है।
राजधानी में बिछेगी भूमिगत नाली, 485 करोड़ की योजना को मंजूरी
22 September 2014रायपुर. राजधानी में 1050 किमी लंबा अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम बनेगा। भूमिगत नाली बिछाने के लिए 485 करोड़ रुपए की इस योजना को केंद्र सरकार ने तकनीकी स्वीकृति दे दी है। मिशन सिटी और स्मार्ट सिटी योजना के तहत जल्द ही वित्तीय मंजूरी भी मिलने की उम्मीद है।
नगर निगम प्रशासन ने तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद शहर को चार जोन में बांटकर भूमिगत नाली बनाने का खाका तैयार कर लिया है। भूमिगत नालियों को मेट्रो टेक्नालॉजी के माध्यम से बनाया जाएगा। चूंकि शहर की सभी प्रमुख सड़क बन चुकी हैं, इसलिए खुदाई ओपन नहीं होगी। सड़क के नीचे खुदाई करके नालियों का जाल बिछाया जाएगा। इस योजना में शहर के चार कोनों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और पंपिंग स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है।
आला अफसरों के मुताबिक दो साल पहले 300 करोड़ रुपए से रायपुर में 18 चरणों में अंडर ग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम बनाने की योजना बनी थी। केंद्र सरकार ने तकनीकी मंजूरी देने से पहले इसी को बदलकर शहर को चार जोन में बांटने की सिफारिश की है। वह योजना सिंगापुर की कंपनी की सर्वे रिपोर्ट पर आधारित थी। इसमें तब्दीली करके केंद्र सरकार ने 485 करोड़ रुपए की योजना का खाका मंजूर किया है।
मेट्रो टेक्नालॉजी में शामिल
बिलासपुर में सड़क को खोदकर पूरे शहर में भूमिगत नालियों का जाल बिछाया जा रहा है। सड़क खुदाई की वजह से पूरे शहर में धूल का गुबार और प्रदूषण फैल गया। यही नहीं, नाली के लिए किए गए गड्ढे में डूबकर एक बच्चे की मौत के बाद बिलासपुर एक दिन बंद हो गया था। सरकार यह स्थिति दोबारा नहीं चाहती। इसलिए मेट्रो टेकनॉलाजी को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया। मूलत: ये वही तकनीक है, जिससे दिल्ली में मेट्रो ट्रेन की लाइनें बिछीं। इसमें खुदाई भूमिगत हुई और सड़क पर किसी को पता ही नहीं चला।
पहले अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम की योजना जेएनयूआरएम के तहत थी। केंद्र में सरकार बदली तो प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कर लिया गया। जो तकनीकी स्वीकृति मिली है, इसमें दो-दो जोन का काम दो चरणों में प्रस्तावित है। वित्तीय स्वीकृति मिलते ही ग्लोबल टेंडर जारी करेंगे। - किरणमयी नायक, महापौर रायपुर
15 वार्डों में 60 किमी लाइन
राजधानी बनने से पहले रायपुर में 80 के दशक में पुराने 15 वार्ड में 60 किमी भूमिगत नालियां बनाई गई थीं। इनका उपयोग आज भी हो रहा है, मगर कई जगहों पर यह चोक हो गई है। लगभग चार साल पहले जर्मनी की जीटी जेड कंपनी ने निगम के साथ मिलकर इन नालियों का सर्वे किया था। पुराने वार्डों में यह नालियां सिविल लाइंस, बैरन बाजार, बैजनाथपारा, छोटापारा व सदर बाजार इलाके में बिछी हैं।
मुठभेड़ में पुलिस जवान शहीद, दो नक्सली ढेर
20 September 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में पुलिस व नक्सली मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया, जबकि दो नक्सली मार गिराए। शुक्रवार को सामना होने पर नक्सली फायरिंग करने लगे। जवाबी कार्रवाई में दो नक्सली मारे गए, लेकिन बेलूद जिला निवासी पुलिसकर्मी बुद्धदेव साहू शहीद हो गया। बस्तर पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने बताया कि विशेष दस्ते के पुलिसकर्मी जंगल में नक्सली शिविरों पर छापा मारने गए थे। सुरक्षाकर्मियों के घेरने पर नक्सली फायरिंग करने लगे। भारी बारिश के बीच दोनों ओर से तीन घंटे तक फायरिंग हुई। खराब मौसम का फायदा उठा नक्सली जंगल की ओर भाग गए। मौके पर दो नक्सलियों के शव, एक 12 बोर की गन, डबल बैरेल लोडेड गन, एक देसी पिस्टल, इंसास रायफल व कारतूस मिले हैं।
अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में दूसरे नंबर पर रहा नोटा
20 September 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की अन्तागढ सीट पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भोजराज नाग ने 51 हजार से अधिक मतों के अन्तर से जीत हासिल की है। राज्य निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, नाग ने सीधे मुकाबले में निर्दलीय प्रत्याशी रूपधर पुडो को शिकस्त देकर चुनाव जीत लिया।
भाजपा प्रत्याशी नाग को 63 हजार से अधिक मत हासिल किए, जबकि पुडो को लगभग 12 हजार मत मिले। इस सीट पर 13 हजार से अधिक मत नोटा (इनमें से कोई नहीं) को हासिल हुए। भाजपा प्रत्याशी के बाद नोटा मतदाताओं की दूसरी पसन्द बना।
राज्य में यह पहला मौका है जब नोटा को मिले मत निर्वाचित प्रत्याशी के बाद सर्वाधिक है। इस सीट पर कांग्रेस ने अपने अधिकृत प्रत्याशी के अचानक नाम वापस लेने के बाद जहां लागो से नोटा के इस्तेमाल की अपील की थी, जबकि नक्सलियों ने इससे पहले ही नोटा के इस्तेमाल की अपील की थी।
भाजपा ने इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा है। पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा के विक्रम उसेन्डी निर्वाचित हुए थे। बाद में वह कांकेर सीट से सांसद चुन लिए गए। उनके इस्तीफ से सीट रिक्त हो गई थी जिसके कारण उप चुनाव करवाना पड़ा था।
न्यायधानी विकास की नई इबारत लिखेगी
20 September 2014बिलासपुर. आने वाले बरस न्यायधानी के विकास की इबारत लिखेगी। महानगरीय शैली वाले कई प्रोजेक्ट शहर को नई तस्वीर देंगे, तो नागरिकों को बेहतर सुविधाएं भी। जरूरत है कि इन्हें 'सरकारीपन' से परे हटकर समय पर पूरा करवाया जाए। अंडरग्राउंड सीवरेज प्रोजेक्ट की तर्ज पर चले तो इनका लाभ मिलने तक दशकों बीत जाएंगे। अरपा विकास योजना, अरपा-भेैंसाझार प्रोजेक्ट जैसे बड़े काम संजीदगी से पूरे करने होंगे। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में स्थापित हो रहा एक्सीलरेटर (त्वरक) रिसर्च में भविष्य की संभावनाओं के द्वार खोलेगा।
कांग्रेस में अब दूसरा मंतू राम पैदा नहीं होने देंगे: खूंटे
19 September 2014रायपुर। पूर्व विधायक व प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा निकाय चुनाव के लिए नियुक्त पर्यवेक्षक पीआर खूंटे का कहना है कि कांग्रेस में अब दूसरा मंतू राम पैदा होने नहीं देंगे। उम्मीदवारी चयन में सतर्कता बरतने के साथ ही निष्ठावान और जमीन से जुडे़ कार्यकर्ताओं की पहचान की जाएगी। निकाय चुनाव के दौरान उम्मीदवारों से बायोडॉटा नहीं लिया जाएगा। खूंटे गुवार को कांग्रेस भवन में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। लव जेहाद को लेकर पूछे गए सवाल पर वे काफी मुखर नजर आए। उनका कहना था कि इस मुद्दे पर भाजपा जबरिया राजनीति कर रही है। यह दिल का मामला है। इसमें किसी का जोर नहीं चलता।
भाजपा में उठी विरोध की आवाज, "मोदी के काम से खुश नहीं हैं जनता"
19 September 2014बिलासपुर। लगातार तीन चुनावों में पार्टी की हार के बाद से भाजपा के अंदर विरोध की आवाज उठने लगी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय का कहना है कि लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काम से खुश नहीं है हालांकि मोदी का मैजिक कम नहीं हुआ है। जनता चाहती है कि काम और बेहतर हो। उपचुनाव के नतीजों से देश की जनता ने अपना मैसेज दे दिया है। भाजपा की सीटें कम हुई हैं, और काम करने की जरूरत है। साय छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित अपने अधिवक्ता के निवास पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उपचुनाव में भाजपा की सीटें कम हुई हैं जो एक संकेत है कि सरकार के कामकाज से जनता संतुष्ट नहीं है। और बेहतर काम करने की जरूरत है ताकि जनता का मन जीता जा सके। आदिवासी मुख्यमंत्री के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे संयुक्त मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सब पता है। फैसला भी उन्हीं को लेना है इसलिए उनका जो निर्देश और मार्गदर्शन होगा उसी के मुताबिक कार्य किया जाएगा। प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी की याचिका पर उन्होंने कहा कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है। उन्हें अदालत और भगवान पर पूरा भरोसा है।
लव जिहाद गैरवाजिब
लव जेहाद के सवाल पर वरिष्ठ आदिवासी नेता ने कहा कि यह गैरवाजिब है। इस पर किसी तरह का बवाल न हो इसके लिए दोनों धर्म के प्रमुखों को बैठकर आपस में चर्चा करनी चाहिए और इसका हल निकालना चाहिए।
साहब हमारे गांव में पुलिस मत भेजो, नक्सली हमें मार देंगे
19 September 2014रायपुर. साहब हमारे गांव में पुलिस वालों को मत भेजो नहीं तो पुलिस की मुखबिरी के शक में हमें नक्सली मार देंगे। यह फरियाद है आरा क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों की। जब से सहायक आरक्षक दंपति की हत्या के मामले में पुलिस ने 12 लोगों की गिरफ्तारी की है तब से ग्रामीणों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।
नक्सली लगातार गांव में जाकर ग्रामीणों को धमका रहे हैं। हत्या के आरोपियों को पांच दिन के अंदर रिहा करने की मांग को लेकर लगभग 500 ग्रामीण गुरुवार को एनएच 43 जाम करने के लिए बाला छापर के सामुदायिक भवन में एकत्र हुए थे जिन्हें पुलिस ने वहीं पर रोक लिया और घंटों समझाईश दी जिसके बाद ग्रामीण वापस अपने गांव चले गए।
ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार की शाम को 15 से 16 हथियारबंद लोग उनके गांव में आए, रात को 7 बजे ठुठीअंबा में सभी ग्रामीणों का बैठक ली और उन्हें चेतावनी दी कि पांच दिनों के अंदर सभी आरोपियों की रिहाई करवाओ।
तो पूरे गांव को उड़ा देंगे
ग्रामीणों को समझाने गए पुलिस अधिकारियों को ग्रामीणों ने बताया कि नक्सलियों ने उन्हें धमकी दी है कि यदि पांच दिनों के अंदर वे अपने गांव के लोगों की रिहाई नहीं करवाते हैं तो उनके पूरे गांव को उड़ा देंगे। ग्रामीण डरे सहमे बालाछापर पहुंचे थे। पुलिस ने जब उन्हें कहा कि उनके गांव की तरफ सर्चिंग तेज करवाई जाएगी तो डरे हुए ग्रामीणों ने एक स्वर में पुलिस अधिकारियों से कहा कि हमें अपने हाल पर छोड़ दीजिए। हमारे गांव में पुलिस न भेजें नहीं तो पुलिस की मुखबिरी के शक में नक्सली मार देंगे। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में कभी भी नक्सली आ धमकते हैं और उन्हें प्रताड़ित कर उनके साथ मारपीट भी करते हैं।
- गांव वालों ने अपनी समस्याएं बताईं। उनसे चर्चा की गई और उन्हें आश्वस्त किया गया कि पुलिस उनके साथ है। हत्या के मामले में कानूनी रूप से सही कार्रवाई की जा रही है। - नेहा पांडेय, एडीशनल एसपी जशपुर
धर्मातरण पर संजीदा नजर आए भागवत
18 September 2014रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह मोहन भागवत की पाठशाला में बुधवार को धर्मातरण का मुद्दा छाया रहा। विश्व हिंदू परिषषद, वनवासी कल्याण आश्रम व अन्य अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों की मौजूदगी में धर्मातरण पर प्रभावी रोक तरीके से लगाने पर जोर दिया। बैठक में दूरस्थ वनवासियों की सुविधाओं और वनवासी बच्चों की शिक्षा-दीक्षा को लेकर अनुषांगिक संगठनों के कामकाज की विस्तार से समीक्षा की गई।
संघ प्रमुख भागवत की पाठशाला में दूसरे दिन संघ के अलावा अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों की मौजूदगी रही।
बुधवार को सुबह से लेकर देर रात तक चली बैठकों में अनुषांगिक संगठनों के कामकाज पर विशेष फोकस किया गया। शहरी इलाकों में चलाई जा रही संगठनात्मक गतिविधियों के अलावा ग्रामीण इलाकों में संगठन को मजबूत करने की बात कही। संघ प्रमुख ने वनवासी क्षेत्रों में चलाए जा रहे कार्यो पर विशेषष चि ली।
भागवत ने वनवासी क्षेत्रों में चल रहे कार्य को सराहा व बगैर किसी डर के बढ़चढ़कर काम करने पर जोर दिया। छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश के चुनिंदा पदाधिकारियों के बीच हुई बैठक में वाषिर्षक गतिविधियों की जानकारी ली।
अमरकंटक का किया भ्रमण
बैठक के बाद संघ प्रमुख श्री भागवत ने दोपहर तीन बजे मृत्युंजय आश्रम से निकलकर अमरकंटक के प्रमुख दर्शनीय स्थल कपिलधारा, दुग्धधारा, सोनमु़़डा, माई की बगिया का भ्रमण किया। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य की उन्होंने तारीफ की। इसके बाद वे नर्मदा मंदिर पहुंचे।
नर्मदा मंदिर के मुख्य पुजारी सुनील महाराज ने बताया कि श्री भागवत ने नर्मदा माई की पूजा अर्चना की और आरती में शामिल हुए। इसके बाद मंदिर का भ्रमण किया। वे कुछ देर मंदिर परिसर में बैठे रहे। इसके बाद मृत्युंजय आश्रम के लिए रवाना हो गए।
वन मंडल में नहीं है स्नैक मैन
18 September 2014रायगढ़। जब किसी गांव में भालू व तेंदुआ घुस आए, तो उसे पकड़ने के लिए वनकर्मी सक्षम है, लेकिन किसी के घर में घुसे सांप को पकड़ने में वनकर्मियों के भी पसीने छूट जाते हंै। बरसो से रायगढ़ वन मडंल स्नेक मैन के पद पर कोई भी पदस्थ नहीं हुआ। इस वजह से कई बार सांप की सूचना पर उसे पकड़ने गए वनकर्मी अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं।
सांपो के निकलने की सबसे अधिक शिकायत अभ्यारण्य व शहरी क्षेत्र में आती है। अजगर को तो किसी तरह वनकर्मी पकड़ लेते हैं, पर बात अगर जहरीले सांप की हो तो वनकर्मियों की भी परेशानी बढ़ जाती है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि सिर्फ बरसात के दिनों में संाप की शिकायत आती है और साल भर उस स्नैक मैन का कोई काम नहीं होता है। इस कारण इस पद को भी नहीं भरा जा रहा है।
पहले था रामू
विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि करीब पांच साल पहले पर्यावरण पार्क में रामू नामक श्रमिक था, जो सांप को बिना डरे पकड़ लेता था। जब कहीं घर में सांप घुसने की सूचना आती थी। तब रामू के सहारे वनकर्मी सांप को पकड़ते थे और उसे जंगल में छोड़ देते थे, लेकिन अब रामू के नहीं होने पर वनकर्मी यह जोखिम खुद ही उठा रहे हैं।
यहां निकले सांप
मंगलवार को सेटं्रल स्कूल के पास अजगर निकला था। जिसकी जानकारी वनकर्मियों को दी गई। तब वनकर्मी मौके पर पंहुचे और अजगर को पकड़ कर जंगल में छोड़ दिए। बुधवार की सुबह चक्रधर स्टेट बैंक के पास एक सांप घर में घुस गया था। जिसे पकड़ने के लिए वनकर्मियों को बुलाया गया, पर उससे पहले उसे घर के लोगों ने ही मार दिया।
स्नेक मैन का पद यहां नहीं है। बिलासपुर के कानन पेंडारी, जशपुर व अन्य संवेदनशील इलाकों में इसकी पोस्ट है। अभ्यारण्य के लिए भी यहां स्नैक मैन का पद नहीं है। आरके पाण्डेय, डीएफओ, रायगढ़ वन मंडल
आम लोगों के करीब पहुंचेगा गजट, अब ऑनलाइन देख सकेंगे
18 September 2014रायपुर. छत्तीसगढ़ भी अब ई-गजट पेश करने वाले राज्यों में शामिल होगा। अभी इसमें केंद्र सरकार सहित देश के छह राज्य ही शामिल हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने भी इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी तेज कर दी है। राज्य सरकार की मानें तो इससे गजट यानी राजपत्र की छपाई और उसमें होने वाली लेटलतीफी के झंझट से मुक्ति मिलेगी। साथ ही वह आम जनता के लिए भी सर्वसुलभ होगा। मौजूदा व्यवस्था में यह अभी सिर्फ सरकारी कार्यालयों की ही शोभा बढ़ाते हैं। राज्य सरकार इस बीच इस व्यवस्था को लागू करने से पहले उन सारे कानूनी पहलुओं का भी अध्ययन करने में जुटी है, जो इसकी राह में अभी रोड़ा बन रहे हैं। साथ ही उन सारे राज्यों से भी जानकारी जुटाई जा रही है जहां यह व्यवस्था लागू है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो ई-गजट को लागू करने से पहले राज्य सरकार को गजट नोटिफिकेशन के पुराने प्रावधानों में बदलाव भी करना पड़ेगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत गजट नोटिफिकेशन प्रिंटिंग के जरिए किया जाता है। साथ ही इसे प्रिंटिंग की तारीख से ही प्रभावी माना जाता है।
छत्तीसगढ़ भी अब ई-गजट पेश करने वाले राज्यों में शामिल होगा। अभी इसमें केंद्र सरकार सहित देश के छह राज्य ही शामिल हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने भी इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी तेज कर दी है।
राज्य सरकार की मानें तो इससे गजट यानी राजपत्र की छपाई और उसमें होने वाली लेटलतीफी के झंझट से मुक्ति मिलेगी। साथ ही वह आम जनता के लिए भी सर्वसुलभ होगा। मौजूदा व्यवस्था में यह अभी सिर्फ सरकारी कार्यालयों की ही शोभा बढ़ाते हैं। राज्य सरकार इस बीच इस व्यवस्था को लागू करने से पहले उन सारे कानूनी पहलुओं का भी अध्ययन करने में जुटी है, जो इसकी राह में अभी रोड़ा बन रहे हैं। साथ ही उन सारे राज्यों से भी जानकारी जुटाई जा रही है जहां यह व्यवस्था लागू है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो ई-गजट को लागू करने से पहले राज्य सरकार को गजट नोटिफिकेशन के पुराने प्रावधानों में बदलाव भी करना पड़ेगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत गजट नोटिफिकेशन प्रिंटिंग के जरिए किया जाता है। साथ ही इसे प्रिंटिंग की तारीख से ही प्रभावी माना जाता है।
यह होगा फायदा
यह आमलोगों की पहुंच में होगा। अभी गजट सिर्फ सरकारी कार्यालयों तक ही सीमित रहते हैं।
प्रिटिंग के झंझट से मुक्ति मिलेगी। अभी प्रिंटिंग के चलते नोटिफिकेशन में देरी होती है। इसके चलते काम-काज भी प्रभावित होते हैं।
समय और पैसे दोनों की बचत होगी। अभी प्रिटिंग, ट्रांसपोर्टेशन और डिस्ट्रीब्यूशन आदि पर काफी पैसा भी खर्च होता है।
समर्पित नक्सलियों के गंभीर अपराधों को माफी नहीं
17 September 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने साफ किया है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के अपराधों की समीक्षा होगी। उन पर चल रहे मामलों को अपराधों की गंभीरता के तराजू में तौला जाएगा। गंभीर अपराध करने वाले नक्सलियों पर मुकदमे चलेंगे। राज्य सरकार उन्हें कानूनी सहायता मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा आत्मसमर्पण का अर्थ है भटके लोगों को रास्ते पर लाना। इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं लगाया जाना चाहिए कि जो नक्सली आत्म समर्पण कर रहे हैं, उनके सारे अपराध माफ कर, पुलिस में दर्ज सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे। कानूनी प्रक्रिया अपनी जगह चलती रहेगी।
जाति बदलकर रथ बनाते हैं आदिवासी
17 September 2014जगदलपुर। विश्वप्रसिद्ध बस्तर दशहरे की एक अजीबोगरीब परम्परा देखने में आई है। यहां के आदिवासी बस्तर दशहरे की रियासतकालीन परम्परा को बचाए रखने के लिए अपनी जाति बदलते हैं और इसके लिए सामाजिक बहिष्कार भी सहष्ाü झेलते हैं। परम्परा के अनुसार रथ निर्माण का काम संवरा जनजाति का है। चूंकि इस जनजाति के लोग अब विलुप्त प्राय हैं। इसलिए दूसरी जनजाति के लोग रथ का निर्माण करते हैं, लेकिन इससे पहले उन्हें अपनी चाति बदलनी पड़ती है।
रथ निर्माण के जजबे में कोई कमी नहीं : रथ निर्माण में जुटे आदिवासियों को मालूूम होता है कि संवरा जनजाति का सदस्य बनने की वजह से गांववाले उनका सामाजिक बहिष्कार करेंगे। समाज में वापसी के लिए उन्हें कीमत चुकानी होगी। बावजूद इसके लोग खुशी-खुशी ये कीमत चुकाने को तैयार हो जाते हैं। संवरा की विशेष्ाता : रियासतकाल से संवरा जनजाति के लोग शबरी नदी के किनारे बसे थे। पत्तों को समेटना और लकड़ी में कलाकारी उनकी पहचान रही है। समय के साथ संवरा के लोग ज्यादातर आंध्रप्रदेश और ओडिशा की ओर चले गए। अब बस्तर में इनकी संख्या कम है। जो हैं भी, तो उनका रूझान इस कार्य के प्रति नहीं है। समय के साथ उनकी सोच बदल गई है। झेलना पड़ता है सामाजिक बहिष्कार का दंश वर्तमान में भतरा सहित अन्य जनजातियों से संवरा जनजाति में आए लोग यहां रथ निर्माण कर रहे हैं। लेकिन, इसके लिए उन्हें घर वापसी पर सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है और सजा के तौर पर इन्हें बकरा, मुर्गा, शराब व रूपए देने पड़ते हैं या सामाजिक भोज कराना पड़ता है। इसके बाद ही वे अपनी जनजाति में शामिल हो पाते हैं। मांईजी के कार्य में बाधा नहीं होनी चाहिए, सामाजिक रीति को निभाना भी जरूरी है। धनसिंह, रथ निर्माण कारीगर जनजातियों के अलग-अलग कार्य बंटे होते हैं। एक जनजाति का युवक दूसरे जनजाति का कार्य नहीं कर सकता। ऎसा करने पर सामाजिक तौर पर उसका बहिष्कार कर दिया जाता है। रथ निर्माण का कार्य संवरा जनजाति का है, जो कि मूलत: बढ़ई होते हैं। दूसरे जनजाति के लोगों को यह कार्य करने पर जातिगत बहिष्कार झेलना पड़ता है। वापस जाने पर जुर्माना या अर्थदण्ड के बाद ही उन्हें अपनी जाति में शामिल किया जाता है।
धर्म के साथ हो रही साजिश, नेहरू से मोदी तक कुछ नहीं कर सके
17 September 2014बिलासपुर. साईं बाबा को भगवान न मानने के विवादित बयान से सुर्खियों में आए जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि वे साईं की मूर्तियां नहीं, उनसे लोगों में उनसे जुड़ा अंधविश्वास तोड़ना चाहते हैं। देश में सभी को वाणी की स्वतंत्रता है। अगर उन्होंने कहा है कि साईं भगवान नहीं हैं तो इसमें गलत क्या है। धर्म संसद के प्रस्ताव को असंवैधानिक बताया जाता है और उनकी तस्वीर पर जूतों की माला पहनाई जाती है तो क्या यह सही है।
सोमवार को चिचिरदा में हरीश शाह के निवास पर अपने शिष्यों के साथ पहुंचे द्वारिका शारदा व ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद मंगलवार को मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि हिंदू देवी-देवताओं की जगह साईं की तस्वीर बनाकर बेची जा रही है। महाभारत में भगवान कृष्ण ने विराट रूप दिखाया था और तस्वीरों में कृष्ण की जगह साईं की फोटो लगी है। कृष्ण बांसुरी बजाते थे और तस्वीरों में कृष्ण की जगह साईं नजर आ रहे हैं। हनुमान पहाड़ उठाए हुए हैं और पहाड़ पर साईं दिख रहे हैं। शंकराचार्य ने कहा, सनातन धर्म के खिलाफ साजिश रची जा रही है।
कवर्धा के धर्म संसद में छह प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें से एक था कि साईं, ईश्वर, संत या गुरु नहीं हैं। इसे लेकर विरोध शुरू हो गया।
भाजपा की मान्यता रद करे चुनाव आयोग: कांग्रेस
16 September 2014रायपुर। कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा द्वारा की गई खरीद फरोख्त, सरकारी तंत्र और पुलिस के दुरुपयोग को लोकतंत्र विरोधी आचरण ठहराया है। इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग से भाजपा की मान्यता रद्द करने और लोक प्रतिनिधित्व कानून और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का प्रकरण भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक सहित भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के प्रत्याशी और निर्दलीय प्रत्याशियों के नाम वापसी में धनबल, सरकारी प्रशासन तंत्र और पुलिस को झोंक दिया गया और भाजपा प्रवेश करने में यही लोग सक्रिय रहे। भाजपा ने लोकतंत्र की ज़़डों पर कुठाराघात किया है। उन्होंने कहा कि कांकेर के कलेक्टर एसपी पर भाजपा के एजेंट की तरह काम करने के आरोपों को और एक प्रमाण मिला है। स्वयं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को 11 सितंबर को शाम 5 बजे चुनाव प्रचार थमने के बाद अंतागढ़ से निकल जाना था। अंतागढ़ के बाहर से आए भाजपा नेताओं और प्रचारकों को बाहर करना पुलिस और प्रशासन का दायित्व था। सरकारी प्रभाव में अपने इस दायित्व को भी पुलिस प्रशासन ने नहीं निभाया। चुनाव प्रचार की समय सीमा समा होने के बाद अंतागढ़ विधानसभा की सीमा में बने रहकर और जनसंपर्क जारी रख कर श्री कौशिक और अन्य भाजपा नेताओं ने जनप्रतिनिधित्व कानून और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। इस उल्लंघन को पुलिस प्रशासन ने सरंक्षण दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांकेर कलेक्टर और कांकेर एसपी पूरे अंतागढ़ चुनाव में भाजपा के एजेंट के रूप में काम करते रहे।
जनता की नहीं, टोल टैक्स वसूली की ज्यादा चिंता
16 September 2014रायपुर। जनता की सुविधाओं का ख्याल रखने के सुप्रीम कोर्ट की सीख के बावजूद राज्य सरकार शहरी आबादी के बीच सुंदरनगर में टोलनाका स्थापित कर लोगों की जेब काटने पर अड़ी हुई है। इसमें जनता की भावनाओं को नजरअंदाज कर निर्माण कम्पनी डीएस कंस्ट्रक्शन को टोलनाका के जरिए फायदा पहुंचाने की योजना है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट किया है कि अगर शहर के रहवासियों के लिए टोल नाके से असुविधा होती है तो सरकार टोल नाका बनाने के निर्णय को बदल सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए डेढ़ महीने पहले यह व्यवस्था दी थी। अवमानना का नोटिस भी : याचिका दायर होने के बाद हाईकोर्ट ने 2012 में सुंदरनगर में टोल निर्माण पर स्टे लगा दिया। इसके बावजूद कम्पनी ने निर्माण जारी रखा। इस पर नागरिक संघष्ाü समिति की ओर से कन्हैया अग्रवाल तथा निश्चय बाजपेयी ने अवमानना याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने टोल निर्माण कम्पनी रायपुर एक्सप्रेस-वे लिमिटेड, एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, पीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। यह कहा सुप्रीम कोर्ट ने "इससे कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि प्रस्तावित टोल नाका रहवासियों के लिए असुविधाजनक नहीं होगा। टोल लोगों के हितों के अनुरूप संतुलित ढंग से स्थापित होना चाहिए। यह सही है कि टोल नाका बनाने का निर्णय प्रशासनिक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह शासन का आखिरी निर्णय है। यदि शहर के लोगों को टोल नाके से किसी भी तरह की दिक्कत होती है तो इसे शहर के बाहर करने के लिए कभी भी प्रशासन मुक्त है। " माननीय अब क्या हुआ? नाके के निर्माण के सवाल पर सरकार के दो मंत्रियों बृजमोहन अग्रवाल और राजेश मूणत में मतभेद भी उभरे थे। मूणत प्रदर्शनकारियों के साथ टोल निर्माणस्थल पर धरने पर बैठ गए थे। सरकार ने टोल नाके के लिए प्रशासनिक करार 2006 में किया था। करार के जरिए 2010 में डीएस कम्पनी को अचानक शहर सीमा के अंदर सरोना में टोल नाका निर्माण की अनुमति दे दी गई। फैसले के बाद नाके के प्रभावित सैकड़ों की संख्या में सड़क पर उतर आए। यहां तक कि मंत्री मूणत ने भी प्रदर्शनकारियों का साथ दिया। कई महीनों तक विरोध प्रदर्शन हुए। विवाद गहराने पर सरकार ने टोल नाका सुंदरनगर में बनाने की अनुमति दे दी। सरकार के इस फैसले पर भी जबर्दस्त विवाद हुआ और बाद में मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने पर सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। जानकारी मांगी है आरंग-रायपुर फोरलेन में शहर के अंदर सुंदरनगर टोल नाका मामले में हमने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया तथा पीडब्लूडी के हाइवे डिविजन से आधिकारिक जानकारी मांगी है। जानकारी आने के बाद निर्माण कम्पनी पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। -ठाकुरराम सिंह, कलक्टर, रायपुर
पुलिस ने सरेआम बरसाए डंडे तो लोगों ने मुंह पर लगा दी कालिख
16 September 2014रायपुर. राशन कार्ड, धान पंजीयन और जाति प्रमाण-पत्र बनाने में हो रही देरी को लेकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में सोमवार को पाटन में किया गया धरना-प्रदर्शन उग्र हो गया। कांग्रेस नेता बैरिकेड तोड़ते हुए एसडीएम कार्यालय का घेराव करने के लिए आगे बढ़े। समझाने के बाद भी जब वे नहीं माने तो पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाईं। पानी की तेज फुहारें छोड़ी गईं। इससे आक्रोशित कांग्रेसियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। उन पर कालिख फेंकी। उन्होंने एसडीएम कार्यालय के दरवाजों के कांच भी तोड़ दिए। इस दौरान करीब दस कांग्रेसी घायल हो गए।
कांग्रेसियों पर लाठीचार्ज पुलिस पर फेंके पत्थर
राशन कार्ड, धान पंजीयन और जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सोमवार को पाटन में धरना दिया। इसके बाद कांग्रेस नेता एसडीएम कार्यालय का घेराव करने बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़े। पुलिस ने भीड़ पर जमकर लाठियां बरसाईं। कार्यकर्ता इस पर भी नहीं माने तो उन पर पानी की तेज फुहारें छोड़ी गईं। कार्यकर्ताओं की आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर ही पथराव कर दिया। उन्होंने एसडीएम कार्यालय के दरवाजों के कांच तोड़ दिए। एसडीएम और तहसीलदार को सुरक्षा देने के लिए खड़े पुलिस वालों पर कालिख फेंकी गई। उन्होंने पुलिस वालों को भी दौड़ाया। अंत में जिला प्रशासन द्वारा एसडीएम और तहसीलदार को हटाने के आश्वासन के बाद वे शांत हुए।
पाटन प्रदेश अध्यक्ष बघेल का विधानसभा क्षेत्र है। वहां उन्होंने एक दिवसीय धरने का आयोजन किया था। इसमें सांसद ताम्रध्वज साहू समेत कांग्रेस के प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए। धरने के बाद सभी कांग्रेसी एसडीएम कार्यालय का घेराव करने निकले। स्वामी आत्मानंद चौक पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड लगाए थे। कांग्रेसियों ने बैरिकेड को धक्का लगाकर तोड़ दिया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें छोड़ीं। इससे बात नहीं बनी तो लाठीचार्ज शुरू कर दिया। कांग्रेसी आगे बढ़ते हुए दूसरे बैरिकेड को भी तोड़ने में कामयाब हो गए। आक्रोशित भीड़ एसडीएम कार्यालय के परिसर में घुस गई। पुलिस ने कार्यालय को चारों ओर से घेर लिया था। कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थर, ईंट और कांच के टुकड़े फेंके। इससे कार्यालय के दरवाजे- खिड़कियों में लगे कांच टूट गए। कांग्रेसियों ने पुलिस पर जला हुआ आइल, कालिख और स्याही भी फेंकी।
पुलिस वालों के कपड़े और चेहरों में इसकी छींटे पड़े। इस घटना में आधा दर्जन नेताओं को चोट लगी। कांग्रेस कार्यकर्ता अश्वनी देवांगन के सिर से खून बहने लगा। रूपचंद और गाला वर्मा को छाती में चोट लगी।
एसडीएम, तहसीलदार को हटाने की मांग
उग्र प्रदर्शन को देखते हुए दुर्ग जिला प्रशासन की ओर से एडिशनल कलेक्टर केके अग्रवाल मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बघेल से मिलकर उनकी मांगों को सुना। कांग्रेस नेताओं ने एसडीएम सौम्या चौरसिया को आठ दिन के भीतर और तहसीलदार को दो दिन के भीतर हटाने की मांग की। एडिशनल कलेक्टर अग्रवाल ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
अधिकारियों से परेशान थी जनता : बघेल
बघेल ने कहा कि राशन कार्ड के सत्यापन के लिए लोग एसडीएम और तहसीलदार के चक्कर काट रहे थे। छात्र-छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र के लिए परेशान किया जा रहा था। महीनों से मनरेगा के मजदूरों का भुगतान नहीं हुआ है। इससे जनता हलाकान थी। अगर प्रशासन एसडीएम और तहसीलदार को नहीं हटाता है तो कांग्रेस फिर प्रदर्शन करेगी।
टीआई बोले: न लाठी चलाई न पानी की बौछार
कांग्रेसियों के आरोपों के विपरीत पाटन टीआई टीएस साहू ने कहा कि कांग्रेसियों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। हमने किसी पर लाठीचार्ज नहीं किया। हमने पानी की बौछारे भी नहीं छोड़ीं और न ही उन पर आंसू गैस छोड़ी।
अब छत्तीसगढ़ के मैदान में टीम मोदी
15 September 2014रायपुर। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद टीम मोदी के सदस्य एक बार फिर छत्तीसगढ़ में सक्रिय हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव के समय टीम मोदी के सदस्यों ने छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर चुनावी अभियान चलाया था। अब केंद्र सरकार और राज्य सरकार की विकास योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए टीम मोदी के सदस्य सक्रिय हुए हैं।
मिशन 272 के मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ प्रभारी राजेश दवे रविवार को राजधानी पहुंचे। उन्होंने सुशासन की योजनाओं को भ्रष्टाचार मुक्त करके आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने की बात कही।
पत्रकारों से चर्चा में दवे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 11 साल से भाजपा की सरकार है। अब केंद्र में भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बन गई है। इससे प्रदेश के विकास की रफ्तार में तेजी आएगी। इस तेजी को आखिरी व्यक्ति के लिए लाभकारी बनाने की योजना पर टीम मोदी के सदस्य काम कर रहे हैं।
राजेश दवे ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान मिशन 272 के तहत छत्तीसग़़ढ के 40 हजार से ज्यादा लोगों ने मिस्ड काल करके समर्थन दिया था। यह 40 हजार लोग भाजपा के सदस्य नहीं है, लेकिन भाजपा को समर्थन करते हैं। अब इन लोगों को विकास की योजनाओं से जोड़ने की तैयारी चल रही है। इसके लिए गांव से लेकर राजधानी तक सक्रिय सदस्यों का एक समूह बनाया जाएगा। यह समूह विकास योजनाओं की मानिटरिंग करेगा। इसकी रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी जाएगी।
सुंदरनगर और आरंग टोल पर कटेगी जेब
15 September 2014रायपुर। रायपुर-आरंग फोरलेन पर विवादित सुंदरनगर टोल प्लाजा बनकर तैयार हो चुका है। इसे निकाय चुनाव के बाद गुपचुप तरीके से शुरू करने की योजना है। इसके साथ ही शहरी आबादी के बीच टोल पर लोगों की जेब कटनी शुरू हो जाएगी। सुंदरनगर टोल प्लाजा और इसके 40 किमी के दायरे में आरंग टोल पर एक साथ वसूली होगी। यह केंद्रीय भूतल परिवहन के निर्देशों की भी खुली अवहेलना है। इसमें स्पष्ट है कि शहर के भीतर और 60 किमी के दायरे में दो जगह टोल टैक्स वसूला नहीं जा सकता। निर्माण कम्पनी डीएस कंस्ट्रक्शन कोर्ट की रोक हटते ही टोल प्लाजा शुरू करने की ल्दबाजी में है।
लेकिन निगम चुनाव सामने होने के चलते राज्य सरकार लोगों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। ऎसे में नवम्बर के आखिरी सप्ताह से वसूली संभव है।
ये इलाके होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित : सुंदरनगर टोल शुरू होने से टांटीबंध से तेलीबांधा तक आसपास रहने वाले लोग प्रभावित होंगे। इनमें दीनदयाल उपाध्यायनगर, संुदरनगर, कुशालपुर, प्रोफेसर कॉलोनी, राधास्वामीनगर, रायपुरा, चंगोराभाठा, मठपुरैना, संतोषीनगर, लक्ष्मीनगर और भाठागांव शामिल हैं।
महज 60 किमी के दायरे में चार टोल
सुंदरनगर और आरंग टोल प्लाजा शुरू होते ही हाइवे पर भिलाई से रायपुर होते हुए आरंग तक के सफर के दौरान चार-चार टोल नाकों पर लोगों की जेब कटना तय है। 60 किमी की इस दूरी में पहले से भिलाई स्थित नेहरूनगर और कुम्हारी टोल प्लाजा पर वसूली चल रही है।
लूट के खेल का सफर
भिलाई-आरंग की दूरी- 60 किमी
भिलाई नेहरूनगर से कुम्हारी टोल- 22 किमी
कुम्हारी-सुंदरनगर टोलनाका- 08 किमी
सुंदरनगर-रसनी (आरंग)- 40 किमी
शहर के 3 लाख लोगों को देना पड़ेगा टोल टैक्स
आठ साल बाद बनकर तैयार हुआ टोल नाका
2006 से टोल नाका पर चल रहा है विवाद
ये हैं नियम
केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय के मुताबिक नगर निगम की सीमा में टोल प्लाजा नहीं हो सकता। राजपत्र के निर्देश के अनुसार दो टोल नाकों के
बीच का अंतराल 60 किमी से कम नहीं होना चाहिए। रायपुर-आरंग फोरलेन पर इन नियमों की खुली अवहेलना की जा रही है।
नियम की अनदेखी से बढ़गी दुर्घटना!
शहर के भीतर टोल नाका बनने का 2006 से लगातार विरोध हो रहा। यहां के रहवासियों को टोल टैक्स से बचने के लिए वाहनों के आबादी क्षेत्र में घुसने की आशंका है। इससे टै्रफिक का दबाव और दुर्घटनाओं की आशंका भी है।
टोल नाका शुरू होने से पहले ही शहरवासियों को छूट मिलेगी या नहीं, इसकी जानकारी दी जाएगी। फिलहाल छूट के मामले में किसी भी तरह का निर्णय नहीं लिया गया है। अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव, पीडब्ल्यूडी
टोल नाका की शुरूआत दिवाली के बाद की जाएगी। अभी शहरवासियों को लाभ किस तरह दिया जा सकता है, इसको लेकर कोई बैठक नहीं हुई है। सुंदरनगर और आरंग दोनों टोल एक साथ शुरू होंगे।
सुनील नायक, प्रवक्ता, डीएस कंस्ट्रक्शन
नक्सलियों पर फायरिंग,साथ ही बढ़ाते रहे सहमे दल का संबल
15 September 2014रायपुर। कांकेर के अंतागढ़ में उपचुनाव हो गया। मतदान दल लौट रहा था। पीवी 89 से बेठिया के लिए जा रहे थे। अचानक एक विस्फोट हुआ और गोलियां चलने लगीं। मतदान दल के लोग घबरा गए। साथ चल रहे बीएसएफ के जवान फौरन चिल्लाए- जो जहां है, वहीं लेट जाए। लगभग सब लेट गए और सबके साथ एक-एक जवान गोलियां चलाते हुए लेटा रहा। सब बेहद घबराए हुए थे। अचानक कुछ जवान हंसने-हंसाने लगे। गोलियां भी चल रही थी और चुटकुले भी। मतदान दल के लोगों की धड़कन तो तेज हो ही गई थी, लेकिन चुटकुलों से हंसी भी नहीं रोक पा रहे थे।
बस ऐसे ही फायरिंग के बीच हंसते-हंसाते दल को बचा ले आए बीएसएफ के जवान। उन्हें बिठाया और फिर चाय पिलाई।
मौत जब सिर पर खड़ी हो, तो अच्छे अच्छों की हालत खराब हो जाती है। अंतागढ़ उपचुनाव से लौटते वक्त मतदान दलों पर नक्सलियों का हमला हो गया। मतदान दल में पीठासीन अधिकारी जोगेंद्र प्रसाद फरदिया, सदस्य हरि केशव डडसेना, प्रदीप साहू, लेख राम ध्रुव और उलेश्वर प्रसाद थे। जोगेन्द्र बताते हैं कि सुबह 11.45 बजे एक विस्फोट हुआ। धूल का गुबार उठने लगा और तड़ातड़ गोलियां चलने लगी। जवानों ने चिल्लाया- नक्सली हमला है। जो जहां है, वहीं लेट जाओ। सबकी धड़कने बढ़ गई। लगा, पता नहीं बचेंगे या नहीं। घर-परिवार की याद आने लगी। शायद जवानों ने हमारी हालत को समझ लिया। बस, इसके बाद एक से एक चुटकुले सुनाकर ऐसे माहौल में भी खूब हंसाया और हमारा तनाव दूर कर दिया। मन में चिंता बहुत थी, लेकिन डर खत्म सा हो गया था। एक जवान इस दौरान घायल हो गया। उसका इलाज भी साथ साथ ही चलता रहा। कुछ जवान ये भी कहते रहे कि नक्सलियों ने तो एक बम फोड़ा है। अगर आदेश आ जाए तो हम अभी पूरी दिवाली मना लें।
इसके बाद चाय-नाश्ता
केशव कहते हैं कि नक्सलियों के कब्जे वाले किसी जंगल में चाय-नाश्ते की बात हम सोच भी नहीं सकते थे। करीब आधे घंटे जमीन में लेटे रहने के बाद जब स्थिति सामान्य हुई, तो जवानों ने हमें सुरक्षित जगहों पर बैठा दिया। इसी दौरान बैकअप टीम आई और घायल जवान को बांदे के लिए रवाना किया गया। इस बीच हमारे लिए चाय-नाश्ते का इंतजाम होता रहा। मुठभेड़ और विस्फोट के बाद भी सारे लोग हंसते-हंसाते कांकेर के पीजी कालेज पहुंचे।
दस हजार सोलर लैंप देगा छग
13 September 2014रायपुर। बाढ़ पीड़ितों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से दस हजार सोलर लैंप सहित बिजली के ट्रांसफार्मर और अन्य जरूरी बिजली उपकरण दिए जाएंगे।
इससे पहले प्रदेश सरकार दस करोड़ रुपये की सहायता का एलान पहले ही कर चुकी है। इसमें पांच करोड़ का चावल भी शामिल है।
स्मार्ट सिटी की दौड़ में प्रदेश के पांच शहर
13 September 2014रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना "100 स्मार्ट सिटी" का शुक्रवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में श्रीगणेश हुआ। राज्यों से आए प्रतिनिधियों के समक्ष मंत्रालय ने इन विशेष शहरों का कंसेप्ट नोट के साथ शुरूआती चेहरा पेश किया। इस दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र से राज्य के पांच शहरों को मोदी के ड्रीम प्रजेक्ट में शामिल करने की मांग की है। राज्य के शहरी विकास मंत्री अमर अग्रवाल और लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने 5 शहरों के दावे को केंद्र सरकार के सामने मजबूती से रखा।
दोनों मंत्रियों ने स्मार्ट सिटी योजना को बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के लिए भी कई सुझाव भी दिए। उन्होंने अपने सुझाव में कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक ढांचे का स्वरूप योजना में ही निर्धारित कर दिया जाए, ताकि विभिन्न मंत्रालय के बीच समन्वय सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट सिटी के क्रियान्वयन में नगरीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए नगरीय निकायों में ढांचागत परिवर्तन को यथोचित सुनिश्चित किया जाना आवश्यक होगा।
आर्थिक प्रबंधन बड़ी समस्या : बैठक में स्मार्ट सिटी के लिए धन जुटाने की समस्या पर गंभीर मंथन हुआ। इसमें तीन स्तरों पर धन जुटाने की बात निकलकर आई। पहला स्तर राज्य और केंद्र की ओर से अनुदान, दूसरा वल्र्ड बैंक व अन्य स्त्रोत और तीसरा पीपीपी मोड पर काम करना। इसमें केंद्रीय मंत्रालय के स्तर पर ही आर्थिक इंतजाम का प्लान बनाया जाएगा।
...तो ये शहर बनेंगे स्मार्ट सिटी
छत्तीसगढ़ सरकार ने रायपुर-नया रायपुर, भिलाई, बिलासपुर और राजनांदगांव को केंद्र सरकार से इस परियोजना में शामिल करने की मांग की है। अगर केन्द्र सरकार ने प्रदेश सरकार के इस दावे को हरी झंडी दे दी तो ये पाचों शहर लंदन और पेरिस की तर्ज पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्मार्ट सिटी की फहरिस्त में शमिल हो जाएंगे।
ये होंगी स्मार्ट सिटियों की खूबियां
स्मार्ट डाटा सेंटर बनेंगे, विकास योजनाओं सहित ट्रॉफिक, हेल्थ,
एजुकेशन डाटा बैंक
100 स्मार्टसिटी कनेक्टेड : सीधी फ्लाइट, स्पेशल टूरिज्म प्लान, डाटा शेयरिंग
लंदन की तर्ज पर ट्राफिक जाम से पहले उसकी सूचना, पहले वाले सिग्नल पर सूचना
पेरिस की तर्ज पर अपराधियों का
डाटा-बेस रिकार्ड, शहरों का रिकार्ड
ऑनलाइन कनेक्ट
आईरिस व फेस स्केनिंग फेसिलिटी अपराधियों के डाटा रिकार्ड अपडेशन में
स्मार्ट कंट्रोलिंग बॉडी बनेगी, एक ही छत के नीचे हेल्थ, एजुकेशन, क्राइम व फूड कंट्रोलिंग सेंटर
जॉब सेंटर बनेगा, बेरोजगार युवाओं का डाटा व जॉब चांस कनेक्टिविटी, सीधे रोजगार
स्टडी के समय से ही इंड्रस्टी को राइट-कैंडीडेट सर्चिग फेसिलिटी, स्टूडेंट के लिए जॉब डाटा
एम्स की तर्ज पर ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर, स्मार्ट ब्लड बैंक सेंटर, ट्रांसप्लांट सेंटर
फोकस्ड वॉटर सप्लाई सिस्टम : पेयजल, सिंचाई, उद्योग की अलग-अलग वॉटर सप्लाई लाइनें
हाईटेक गैस रिफिलिंग सिस्टम, घरेलू गैस आपूर्ति के लिए नया सिस्टम बनेगा, सुरक्षा हाईटेक
स्मार्ट पब्लिक ट्रांसपोर्ट : मेट्रो-बस
का हाईटेक सिस्टम, घर से 500 मीटर दूरी पर ट्रांसपोर्ट
यह है केंद्र की गाइडलाइन
महत्वकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना में कोई नया शहर नहीं बसेगा
10 से 40 लाख और 5 से 10 लाख की आबादी वाले
पुराने शहरों को ही स्मार्ट सिटी में बदला जाएगा
गिनाई दावेदार शहरों की खूबियां
नया रायपुर सैटेलाइट शहर मानते हुए राजधानी रायपुर के साथ संयुक्त रूप से स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाना उचित होगा।
छत्तीसगढ़ के ज्ञानधानी भिलाईनगर को उच्चस्तरीय तकनीकी एवं शैक्षणिक संस्थानों के कारण स्मार्ट शहर घोषित किया किया जाना चाहिए।
न्यायधानी बिलासपुर को छत्तीसगढ़ के पर्वतीय क्षेत्र के प्रवेश द्वार, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय तथा उच्च न्यायालय होने के कारण स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलना चाहिए।
साहित्य एवं संस्कृति तथा खेलकूद के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान रखने वाले राजनांदगांव को भी स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल करने की मांग की गई।
स्टाक की कमी से बिजली उत्पादन ठप होने का खतरा
13 September 2014बिलासपुर। कोरबा. प्रदेश के बिजली प्लांटों में कोयला की कमी ने प्रबंधन की परेशानी बढ़ा दी है। जनरेशन कंपनी के सभी पावर प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहे हैं। जिससे बिजली उत्पादन बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। कोयला की कमी दूर करने प्लांटों में रोड सेल से रोज हजारों टन कोयला मंगाना पड़ रहा है। कोरबा पूर्व व डीएसपीएम के लिए कुसमुंडा खदान से काेयला मंगाया जा रहा है। जिससे किसी तरह बिजली उत्पादन हो रहा है।
प्लांटों के हालात कोयला स्टॉक को लेकर खराब है, लेिकन इन दिनों स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो गई है। जनरेशन कंपनी के कोरबा पूर्व प्लांट व डीएसपीएम प्लांट के लिए एसईसीएल के मानिकपुर माइंस से कोयला की आपूर्ति होती है। लेकिन यहां से कम कोयला की आपूिर्त होने से प्लांटों में कोयला स्टॉक की स्थिति गड़बड़ा गई है। प्लांट अधिकारियाों के मुताबिक इसे देखते हुए कोरबा पूर्व प्लांट व डीएसपीएम के लिए प्रतिदिन 1000-1000 टन कोयला रोड सेल के जरिए कुसमुंडा खदान से प्लांटों में मंगाया जा रहा है, ताकि प्लांट बंद करने के हालात न बन सके। प्लांटों में काेयला की कमी का असर बिजली उत्पादन पर भी दिखने लगा है। एचटीपीपी के सभी इकाईयों से बिजली बन रही है। लेकिन कोयला की कमी के कारण शुक्रवार को प्लांट की इकाईयों से कम लोड पर उत्पादन किया जा रहा है। क्षमता के अनुसार बिजली नहीं बनने से कंपनी को हर रोज करोड़ों के उत्पादन क्षति हो रही है। प्लांट के अधिकारियों का कहना है कि एसईसीएल से कोयला की आपूिर्त मे परेशानी आ रही है। जिसके कारण संकट के हालात बने हुए हैं। प्लांट के अधिकारी कोयला की आपूर्ति कराने लगातार एसईसीएल के अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं।
कोरबा-पूर्व व एचटीपीपी में अधिक समस्या
प्रदेश में बिजली की मांग कम नहीं हो रही है। इस स्थिति में प्लांट की इकाईयों को बंद करने से बिजली संकट गहरा सकता है। प्रबंधन को इस दबाव से जूझना पड़ रहा है। नियमित उत्पादन की राह में प्लांटों में काेयला की कमी बाधा बन रही है। उपलब्ध स्टाॅक से ही इकाईयों को चलानी पड़ रही है। प्लांटों में 15 दिन का एवरेज कोल स्टॉक होना चाहिए। लेेकन डीएसपीएम प्लांट को छोड़कर कोरबा पूर्व में 1 व एचटीपीपी में 2 दिन का कोल स्टॉक है। प्लांटों में कोल स्टॉक की यह स्थिति क्रिटिकल पोजीशन वाली है। डीएसपीएम प्लांट में भी एक हफ्ते से कम कोयला स्टॉक है।
एसईसीएल से संपर्क किया जा रहा है
प्लांट में कोयले की भारी कमी है। जिसके कारण बिजली उत्पादन ठप होने की आशंका बनी हुई है। कोयला के लिए एसईसीएल के अधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। पहले की तरह नियमित कोयला नहीं मिल रहा। प्रतिदिन आने वाले कोयले के भरोसे ही प्लांट में बिजली का उत्पादन हो रहा है। कुसमुंडा माइंस से कोयला मंगा रहे हैं।
एसके बंजारा, मुख्य अिभयंता, कोरबा पूर्व प्लांट
शिक्षाकर्मियों का नहीं हो सकता तबादला
12 September 2014बिलासपुर। राज्य में शिक्षाकर्मियों के तबादले और प्रमोशन नीति को चुनौती देते हुए दायर लगभग 25 याचिकाएं हाईकोर्ट ने गुरूवार को खारिज कर दीं। जिससे प्रदेशभर के लगभग सवा लाख शिक्षाकर्मियों को निराशा हाथ लगी है। सुनवाई के दौरान जस्टिस प्रशांत मिश्रा की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद पाया कि राज्य शासन के 2005 में जारी सर्कुलर और नियुक्ति के लिए तय नियम के अनुसार शिक्षाकर्मियों के तबादले का प्रावधान नहीं है। अगर वे आपसी सहमति से स्थानांतरित होते हैं तो नई जगह जाने पर उनका नाम वरिषता सूची में सबसे नीचे रहेगा। राज्य में शिक्षाकर्मी वर्ग-तीन से वर्ग दो के पदों पर प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। प्रक्रिया के दौरान कई शिक्षाकर्मियों का नाम प्रमोशन सूची में नहीं आया।
इसकी वजह थी कि उनका नाम वरिषता सूची में नीचे था। इस पर राज्य के अलग-अलग जगहों पर पदस्थ शिक्षाकर्मी वर्ग- तीन ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की।
इनमें प्रकाश चंद्र, अनीता तिवारी सहित 25 याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने एक साथ सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ताओं ने जिस नियम को चुनौती दी है, वह शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति के दौरान ही बनाया जा चुका है और उसी नियम-शर्तो के अंतर्गत शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति की गई है।
शिक्षाकर्मियों का यह है तर्क : शिक्षाकर्मियों ने हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में अपने वकीलों के माध्यम से तर्क दिया कि उनकी सेवा अवधि की गणना तबादले की तारीख से नहीं बल्कि नियुक्ति की दिनांक से होना चाहिए। अगर वे आपसी सहमति से स्थानांतरित होते हैं तो उनकी वरिष्ठता का क्रम नहीं बदला जा सकता। उनको पुराने क्रम में रखकर प्रमोशन दिया जाना चाहिए।
इसलिए याचिकाएं खारिज
सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से तर्क दिया गया कि शिक्षाकर्मी सरकारी कर्मचारी नहीं बल्कि पंचायत के कर्मचारी हैं। उनकी नियुक्ति, सेवा और तबादले की शर्ते उसी अनुसार तय की जा चुकी हैं। इन्हीं शर्तो और नियमों के अनुसार उनको नियुक्ति दी जाती है। इसलिए वे यह नहीं कह सकते कि उनके साथ कोई गड़बड़ी या पक्षपात किया जा रहा है। नियम और प्रावधान सही पाने के बाद कोर्ट ने शिक्षाकर्मियों की याचिकाएं खारिज कर दी।
मंच ढहने से जोगी सहित कई नेता घायल
12 September 2014जांजगीर-चांपा। केएसके पॉवर प्लांट के बाहर आयोजित धरना-प्रदर्शन के मंच पर उस समय अफरा-तफरा मच गई, जब अचानक मंच टूट गया और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी सहित कई कांग्रेसी नेता जमीन पर आ गिरे।
ऎसी स्थिति ज्यादा लोगों के मंच पर चढ़ने से बनने की बात सामने आ रही है। नरियरा में निर्माणाधीन केएसके महानदी पॉवर कंपनी में स्थानीय भू-स्थापित एवं प्लांट से प्रभावित लोगों को रोजगार व अन्य सुविधाएं मुहैया न कराए जाने के विरोध में गुरूवार को दोपहर 3 बजे से धरना-प्रदर्शन आयोजित था।
इसके लिए पावर प्लांट के गेट के बाहर एनएच 49 के किनारे बांस-बल्ली व सेट्रिंग प्लेट से अस्थायी मंच बनाया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सीएम अजीत जोगी थे।
धरना-प्रदर्शन जैसे ही शुरू हुआ, तब अस्थायी मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री जोगी, अकलतरा विधायक साहू, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमजीत सिंह, मरवाही विधायक अमित जोगी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता चढ़ गए। उनके स्वागत के लिए पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी एक साथ मंच पर चढ़ने लगे। इससे अस्थायी मंच भार नहीं सह सका और मंच अचानक टूट गया। इससे मंच पर बैठे पूर्व मुख्यमंत्री जोगी सहित तमाम नेता व पदाधिकारी जमीन पर आ गिरे। इस घटना से मौके पर अफरा-तफरी मच गई और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जैसे-तैसे पूर्व मुख्यमंत्री जोगी सहित अन्य नेताओं को वहां से सकुशल उठाकर दूसरी जगह बैठाया। इसके बाद शाम लगभग 4 बजे पूर्व मुख्यमंत्री जोगी व अन्य नेताओं ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
नक्सलवाद पर नकेल के लिए राज्य सरकार की कोशिश
12 September 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ में बड़े नक्सली को मारने या जिंदा पकड़ने पर अब एक करोड़ तक इनाम दिया जाएगा। महज तीन हफ्तों में इनामी राशि 12 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ की गई है। यह राशि पुलिस को तब मिलेगी, जब सेंट्रल कमेटी के सचिव स्तर के नक्सली को पकड़ा या मारा जाएगा। अगर नक्सली खुद सरेंडर करता है तो इनाम की रकम उसे दे दी जाएगी।
राज्य सरकार ने नक्सलियों की 68 कैटेगरी निर्धारित की है, जिसमें इनाम की राशि अलग-अलग है। पहले इनकी 22 कैटेगरी थी। न्यूनतम इनाम की राशि एक लाख रुपए है। इससे पहले 20 अगस्त को सेंट्रल कमेटी के सचिव स्तर के नक्सली के लिए 60 लाख रुपए की घोषणा की गई थी, लेकिन गुरुवार को जारी संशोधन आदेश में इसे एक करोड़ कर दिया गया है। 20 अगस्त से पहले ये राशि 2008 में ही बढ़ाई गई थी। उस समय नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के सचिव को जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर 12 लाख रुपए घोषित किया गया था।
इनाम फैक्ट्री मेड हथियार सरेंडर कराने पर ही
ईनाम की राशि के दुरुपयोग को रोकने और अंतिम निर्णय के लिए कुछ अहम निर्णय लिए गए हैं। इसमें एक ये है कि जिस नक्सली को मारा जाएगा या जिंदा पकड़ा जाएगा, उसके हथियार फैक्ट्री मेडेड ही होने चाहिए। मतलब केवल भरमार बंदूक दिखाकर धोखा नहीं दिया जा सकता। इसके अलावा राज्य सरकार ने एक कमेटी गठित करने का फैसला लिया है। इसमें वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति होगी। इसकी अध्यक्षता कम से कम एडीजी स्तर के अधिकारी करेंगे। साथ ही इसमें पुलिस मुख्यालय में पदस्थ वित्तीय सलाहकार एवं गृह विभाग के प्रतिनिधि भी होंगे।
इन नक्सलियों पर बड़ा इनाम
राज्य सरकार ने 68 नक्सली नेताओं की कैटेगिरी बनाई है, जिसमें अलग अलग इनाम की राशि है। उनमें सेंट्रल कमेटी सचिव, पोलित ब्यूरो सचिव, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन प्रमुख, सेंट्रल कमेटी सदस्य, अल्टरनेटिव सेंट्रल कमेटी सदस्य, डीकेएसजेसी सचिव, स्टेट कमेटी सदस्य (ओड़ीशा), स्पेशल एरिया कमेटी सचिव, स्टेट मिलिट्री कमांडर चीफ, डीकेएसजेसी सदस्य आदि प्रमुख है। खास बात यह है कि इस सूची में पहली बार 46 नए नक्सली पदों को शामिल किया गया है।
अगर नक्सली सरेंडर करे तो
यह फैसला भी लिया गया है कि अगर नक्सली सरेंडर करता है तो इनामी राशि नक्सली को ही दे दी जाएगी। डीजीपी एएन उपाध्याय ने बताया कि नक्सलियों को भी सरेंडर कराने के लिए नीति बनाई जा रही है।
आक्रामक रहेगा सरकार का रूख
केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद राज्य को ताकत मिली। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने इरादे भी जता दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस नक्सलियों और आतंकियों से सख्ती से निपटे। सूत्रों के मुताबिक 28 अगस्त को नक्सल प्रभावित राज्यों को ठोस रणनीति बनाने केंद्र से पत्र भी भेजा गया। 20 अगस्त को ही इनाम की राशि 12 से बढ़ाकर 60 लाख की गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि 1 करोड़ तक इनामी राशि इसी कारण बढ़ाई गई।
मायने क्या
नक्सलियों पर सरेंडर करने का दबाव बढ़ेगा। नक्सलियों को इस बात का भय रहेगा कि आम लोग भी अब पुलिस को मदद कर इनाम में भागीदार बन सकते हैं, इसलिए वे (नक्सली)खुद ही सरेंडर कर इनामी राशि ले लें।'' आरके विज, अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक, नक्सल ऑपरेशन
इस कैटेगरी में ज्यादा इनाम
पद पहले अब
सेंट्रल कमेटी सचिव 12 लाख 1 करोड़
पोलित ब्यूरो सदस्य 7 लाख 50 लाख
सेंट्रल मिलिट्री कमीशन प्रमुख 10 लाख 50 लाख
अल्टरनेटिव सेंट्रल कमेटी सदस्य कुछ नहीं 40 लाख
डीकेएसजेडसी सचिव 3 लाख 40 लाख
स्टेट कमेटी सदस्य(ओडिशा) कुछ नहीं 40 लाख
स्पेशल एरिया कमेटी सचिव कुछ नहीं 40 लाख
स्पेशल जोनल कमेटी सचिव कुछ नहीं 40 लाख
स्टेट मिलिट्री कमांडर चीफ पांच लाख 25 लाख
महाराष्ट्र के बराबर हुई इनामी राशि
अभी महाराष्ट्र में भी सेंट्रल कमेटी के सचिव स्तर के नक्सलियों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर एक करोड़ दिए जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश, झारखंड और ओडिशा में ये राशि कम है। आंध्रप्रदेश में इनाम की अधिकतम राशि 45 लाख, ओडिशा में करीब 40 लाख और झारखंड में भी करीब 40 लाख ही है।
अब ये उम्मीद
नक्सली मूवमेंट हतोत्साहित होगा, जवानों का मनोबल बढ़ेगा।
नक्सलियों की कोर टीम को तोड़ने में मदद मिलेगी।
सरेंडर की पुख्ता पॉलिसी बनाने में मदद मिलेगी।
रायपुर-दिल्ली के सुर एक
नक्सल मामले में अब दिल्ली और रायपुर के सुर एक हो गए हैं। इससे पहले कहीं न कहीं कुछ मतभेद थे, जिसके कारण ठोस नीति बनाने में दिक्कत होती थी। सरेंडर और इनामी राशि बढ़ाने का नतीजा जल्द दिखने लगेगा।' डा. रमन सिंह, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
पाकिस्तानी और श्रीलंकाई सितारे पहुंचे रायपुर
11 September 2014रायपुर। राजधानी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में पहली बार हो रहे चैंपियंस लीग टी-20 मैचों में भारत-पाक मुकाबले जैसा रोमांच दिलाने पाकिस्तानी क्रिकेट सितारे रायपुर पहुंच चुके हैं। इनके अलावा श्रीलंका के चीते भी राजधानी पहुंचे। रायपुर एयरपोर्ट से बाहर निकलते हुए दोनों टीम के खिला़ि़डयों ने हाथ हिलाकर प्रशंसकों का अभिवादन किया। पाकिस्तान के मोहम्मद हफीज और श्रीलंका के फरवीज माहरूफ ने स्वागत के लिए शुक्रिया भी कहा।
पाकिस्तानी टीम लाहौर लायंस बुधवार सुबह 8.45 बजे दिल्ली से आने वाली फ्लाइट से और श्रीलंकाई टीम साउदर्न एक्सप्रेस सुबह 8.40 को मुंबई से आने वाली फ्लाइट से रायपुर पहुंची।
लाहौर लायंस की टीम में कप्तान मोहम्मद हफीज के साथ विकेटकीपर बल्लेबाज उमर अकमल, अहमद शहजाद, वहाब रियाज, नासिर जमशेद जैसे कई सितारे भी पहुंचे। वहीं साउदर्न एक्सप्रेस की टीम के विस्फोटक बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान रायपुर नहीं पहुंचे। टीम में जाने पहचाने चेहरे में कुशल परेरा और ऑलराउंडर फरवीज माहरूफ ही हैं। इसके अलावा इनका सपोर्टिग स्टाफ भी रायपुर पहुंचा।
रोहित, मलिंगा और पोलार्ड के मुंबई इंडियंस टीम से जु़़डने के बाद इंग्लैंड दौरे के शतकवीर अंबाती रायुडू भी बुधवार को टीम के साथ जु़़ड गए। रायुडू बुधवार को ही रायपुर पहुंचे। आरकेसी मैदान में टीम के साथ रायुडू ने प्रैक्टिस भी किया। रायुडू के आने के बाद मुंबई टीम पूरी हो चुकी है। अब इस टीम को अपने मेंटर सचिन तेंदुलकर का ही इंतजार है, जिनके रहने से टीम का मनोबल ब़़ढेगा।
रायपुर पहुंचने वाले खिला़़डी
लाहौर लायंस-मोहम्मद हफीज, उमर अकमल, अहमद शहजाद, वहाब रियाज, नासिर जमशेद, उमर सिद्दीक, मोहम्मद सलमान, आसिफ रजा, मोहम्मद मुस्तफा, एजाज चीमा, इमरान अली, साद नसीम, अदनान रसूल, मोहम्मद सईद, अली मंजूर। कोच- मोहसिन कमाल।
साउदर्न एक्सप्रेस-फरवीज माहरूफ, कुशल परेरा, एंजेलो परेरा, दानुश्का, जेहान मुबारक, निरोशन डिकवेला, दिलरूवन परेरा, प्रसन्ना सीकूगे, ईशान जयरत्ने, यसोदा लंका, कसुन मधुशंका, चरिथ जैअंपथी, सचिथ पथिरना, संदाकेन लक्षेन। कोच-नवाज नवीद।
बैन के बाद अजमल में और निखार आएगा: हफीज
रायपुर [खेप्र]। लाहौर लायंस के कप्तान मोहम्मद हफीज ने कहा कि सईद अजमल पर बैन लगाना पाकिस्तान ही नहीं विश्व क्रिकेट के लिए दुख की बात है। अजमल सिर्फ पाकिस्तान के नहीं बल्कि विश्व के नंबर एक गेंदबाज हैं। इस पर हमारा कुछ निर्णय लेना जल्दबाजी होगी। उम्मीद जताते हुए हफीज ने कहा कि उन पर लगा बैन जल्द ही हट जाएगा। यहां से गेंदबाजी में और निखार के साथ अजमल लौटेंगे। शहजाद और दिलशान के मामले पर हाफिज ने कहा कि उनके बारे में फैसला पीसीबी ही लेगा।
रायपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए हफीज ने कहा कि मुंबई इंडियंस के साथ हमारे मैच को भारत--पाक मुकाबले के नजरिए से नहीं देखना चाहिए। यह दो देशों का मैच नहीं है बल्कि यह खिला़़डी से खिला़़डी, एक टीम से दूसरी टीम का मैच है। ऐसा नहीं है कि मुंबई इंडियंस में सारे इंडियंस प्लेयर हैं। वहां विश्व क्रिकेट के ब़़डे नाम हैं, जो दूसरे मुल्कों से हैं। हां, इंडिया में मैच खेलने का अपना एक अलग मजा होता है। हम यहां पाकिस्तान को नहीं बल्कि एक टीम को रिप्रजेंट कर रहे हैं।
हफीज ने कहा कि दोनों टीमें चाहती हैं सीरिज हो। हम जब हिन्दुस्तान आते हैं तो हमें यहां अपनों सा प्यार मिलता है। जब यहां की टीम पाकिस्तान जाती है तो उन्हें भी वैसा ही प्यार मिलता है। आईपीएल में खेलने का मौका नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि यह खिला़ि़डयों का निर्णय नहीं है। वह ब़़डा टूर्नामेंट है इसलिए हम भी उसे खेलना चाहते हैं।
चैंपियंस लीग के क्वॉलिफाइंग मुकाबलों पर हफीज ने कहा कि हमें इस टूर्नामेंट में सभी टीमों से क़़डी टक्कर मिलेगी। खासकर मुंबई इंडियंस से। मुंबई इंडियंस काफी मजबूत टीम है और पिछली बार की चैंपियन भी है। अच्छी टीम को अच्छा खेलना प़़डता है। यहां की पिच हमारे लिए नई है। इसलिए प्रैक्टिस के बाद ही हम पिच पर कुछ कर सकते हैं।
भज्जी को मिल सकती है कप्तानी, फैसला आज
रायपुर [खेप्र]। मुंबई इंडियंस की टीम अपने कप्तान रोहित शर्मा के बगैर ही चैंपियंस लीग 2014 के सभी मैच खेलेगी। टीम को चैंपियंस लीग 2013 का खिताब दिलाने वाले रोहित इस बार मैदान के बाहर से ही टीम का चियर-अप करेंगे। उनकी जगह टीम को चैंपियंस लीग का पहला खिताब दिलाने वाले हरभजन सिंह को टीम की कप्तानी सौंपी जा सकती है। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है। गुरवार को टीम के नए कप्तान का फैसला हो जाएगा।
बुधवार को मीडिया से बात करते हुए टीम के मुख्य कोच जॉन राइट ने रोहित के खेलने पर बने संशय को पूरी तरह खत्म कर दिया। उन्होंने बताया कि इंग्लैंड दौरे में लगी चोट की वजह से रोहित एक भी मैच नहीं खेल पाएंगे। सचिन के आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बात का फैसला फ्रेंचाइजी करेगी। यदि फ्रेंचाइजी चाहेगी तो सचिन रायपुर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सचिन रायपुर नहीं भी आते हैं तो उनका सपोर्ट हमेशा टीम के साथ रहता है। उनके नाम से ही टीम का मनोबल ब़़ढा रहता है।
मौके को पूरा भुनाएंगे
कोच राइट ने कहा कि आईपीएल 2014 के शुरआती मैचों में पिछ़़डने के बाद टीम ने अच्छा कम बैक किया। हालांकि चौथे स्थान पर रहने की वजह से हमें मुख्य मुकाबलों में सीधे एंट्री नहीं मिली। हमें चैंपियंस लीग में खेलने का मौका मिला है, हम इसे पूरी तरह भुनाएंगे।
उन्होंने कहा कि 13 सितंबर को हमारी टीम लाहौर लायंस से पहला मैच खेलेगी। यह मैच दिलचस्प होगा। हम विपक्षी टीम को कम नहीं आंकते। पाकिस्तानी टीम होने की वजह से भारत-पाक वाली फीलिंग के सवाल पर कहा कि हम तो नहीं लेकिन लोग इस मैच को इसी तरह लेंगे। मिस हुई प्रैक्टिस का फायदा मिलता
उन्होंने बताया कि रायपुर से पहले टीम ने बेंगलुर कैंप में हिस्सा लिया। कैंप में हमने लीग के मुख्य मुकाबलों के लिए क्वालिफाई करने के लिए खूब मेहनत की। उस कैंप से खिला़ि़डयों को काफी कुछ सीखने को मिला। कैंप से टीम टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करेगी। मिस प्रैक्टिस पर जॉन ने कहा कि खराब मौसम की वजह से टीम मंगलवार को प्रैक्टिस नहीं कर पाई। अगर टीम यह प्रैक्टिस करती तो इसका फायदा भी टीम को मिलता। अभी मौसम ठीक नहीं है, उम्मीद करते हैं कि मौसम ठीक रहेगा और टूर्नामेंट अच्छे से होगा।
वन से किया बेदखल विरोध में दिया धरना
11 September 2014अंबिकापुर/राजपुर। वन विभाग व पुलिस द्वारा एकतरफा कार्रवाई करते हुए वर्षो से जंगलों में घर बनाकर रहने वाले कोरवा व नगेसिया परिवार के 20 मकानों को बुधवार को तोड़ दिया। इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने पस्ता थाने के सामने लाठी-डंडा से लैस होकर धरने पर बैठ गए।
विरोध-प्रदर्शन करते हुए घंटों चक्काजाम कर दिया। इससे सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। देर शाम तक कोई भी अधिकारी इनसे मिलने नहीं पहुंचा था, इससे ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ती जा रही थी। राजपुर विकासखंड से 20 किमी दूर स्थित ग्राम बरदर के बासेन जंगल में लगभग 20 कोरवा व नगेसिया परिवार घर बनाकर वर्षो से निवास कर रहे थे।
तीन दिन पूर्व वन विभाग ने सभी मकानों को खाली करने नोटिस दी थी। तीन दिन में घर खाली नहीं किए जाने पर बुधवार को पुलिस थाना में पदस्थ एक आरक्षक ग्राम में पहुंचा और घरों को खाली करवाने लगा।
इसके थोड़ी देर बाद वन विभाग के कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए। वन विभाग व पुलिस ने मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया गया। इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया।
वापस लौटा अमला
ग्रामीणों को आक्रोशित होता देख वहां से पुलिस व वन अमला वापस लौट गया। इसके बाद ग्रामीणों ने शाम 4 बजे के बाद पस्ता थाने पहुंचकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण थाने के सामने लाठी-डंडा लेकर पहुंच गए और आरक्षक को बुलाने की मांग करने लगे। इसके बाद ग्रामीणों ने सड़कों पर बैठकर चक्काजाम कर दिया।
देर रात ग्रामीण महिला व बच्चों को लेकर सड़कों पर बैठे रहे। ग्रामीणों ने बताया कि आदिवासी समाज के होने की वजह से वे वर्षो से जंगलों में रहते आ रहे हैं। लेकिन अचानक दो दिन पूर्व बेदखली का नोटिस उन्हें थमा दिया गया।
नोटिस दिया, दो दिनों से की जा रही है बेदखली
जंगलों में मकान बनाकर रहने वाले सभी को बेदखली का नोटिस दिया गया है। वन विभाग व पुलिस द्वारा संयुक्त कार्रवाई करते हुए पिछले दो दिनों से बेदखली की कार्रवाई की जा रही है।डीएम भगत, रेंजर वन विभाग
हाईकोर्ट ने लगाई फटकार 'कहा क्या कर रही सरकार'
11 September 2014बिलासपुर। राजधानी रायपुर में बेंगलुरू की कंपनी किवार के साथ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एग्रीमेंट करने के दो साल बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। पूरे शहर में गंदगी पसरी हुई है। इसका लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। इसे लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है। मामले में राज्य शासन से दो सप्ताह में विस्तृत जानकारी मांगी गई है। हाईकोर्ट ने कहा है कि पूरे प्रदेश में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है।
जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस प्रशांत मिश्रा की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका पर पूरे प्रदेश में सफाई की स्थिति पर तल्ख टिप्पणी की है। कहा है कि पूरे प्रदेश की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। इसे लेकर राज्य सरकार क्या कर रही है? रायपुर में रहने वाली समाजसेवी ममता शर्मा ने अधिवक्ता नरेंद्र चंदेल, अजय बारीक के जरिए जनहित याचिका लगाई है।
याचिका में कहा गया है कि राजधानी रायपुर में मेट्रो सिटी की तर्ज पर सफाई व्यवस्था बहाल करने के लिए बेंगलुरू की कंपनी किवार इन्वाॅयरमेंटल प्राइवेट लिमिटेड से 3 सितंबर 2012 को एमओयू हुआ था। पीपीपी मॉडल के तहत किए गए एग्रीमेंट के मुताबिक, कंपनी को घर, सरकारी दफ्तरों, बाजार, गॉर्डन, नालियों समेत पूरे शहर से कचरा इकट्ठा करना था। हर नजरिए से पूरे शहर की सफाई का जिम्मा कंपनी पर था। कंपनी डोर-टू-डोर कचरा इकट्ठा करती और इसके एवज में लोगों से तय शुल्क लेती। उसका निपटारा भी उसे ही करना था। कचरे से खाद बनाने के लिए प्लांट स्थापित करती। एग्रीमेंट होने के दो साल बाद भी राजधानी की स्थिति नहीं सुधरी है। याचिका में कंपनी के साथ किए गए एमओयू को रद्द करने की मांग की गई है। कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई में ही राज्य शासन को दो सप्ताह में विस्तृत जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य मूलभूत अधिकार, हो रही अनदेखी
याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य नागरिकों का मौलिक अधिकार है। इसके लिए बेहतर व्यवस्था करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन इसकी लगातार अनदेखी की जा रही है। करीब दो माह पहले राजधानी में पीलिया की वजह से 80 से ज्यादा मौतें हुईं थी। इसे लेकर भी हाईकोर्ट में अलग जनहित याचिका लगाई गई है।
बिलासपुर में वर्षों बाद भी शुरू नहीं हो सका सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट
याचिका भले ही राजधानी की समस्या को लेकर लगाई गई है, लेकिन प्रदेश के हर शहर का करीब यही हाल है। न्यायधानी बिलासपुर की स्थिति राजधानी की तुलना में ज्यादा खराब है। यहां कचरे और गंदगी की स्थिति बदतर होने के साथ ही लोग चार-पांच साल से सीवरेज की वजह से हो रही परेशानियों से जूझ रहे हैं। शहर के हालात को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर कोर्ट ने कई बार सख्त टिप्पणी की है, लेकिन हालात नहीं बदले। गौरतलब है कि बिलासपुर नगर निगम में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट करीब पांच वर्षों बाद भी कागजों में है। कभी योजना की खामियां दूर करने के नाम पर ताे कभी टेंडर की अनुमति के नाम पर इसका काम पिछड़ता ही जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसरों से भारत सरकार खफा
10 September 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा [आईएएस] के कई अधिकारियों ने अभी तक चल-अचल संपत्ति का ब्योरा भारत सरकार को नहीं दिया है। पहली बार ब्योरा ऑनलाइन देना अनिवार्य किया गया है। उसकी एक प्रति राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को भी उपलब्ध कराना है।
कुछ अधिकारियों ने ही यह जानकारी दी है, ज्यादातर बच रहे हैं। इस पर भारत सरकार के केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने नाराजी भी जताई है।
दलित प्रेम संघ का नया पैतरा : जोगी
10 September 2014रायपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा दलितों को सौ साल आरक्षण देने के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीत जोगी ने पलटवार किया है। जोगी ने भागवत के बयान को आरएसएस का नया पैंतरा बताया है।
उन्होंने कहा कि 2010 में संघ प्रमुख ने सार्वजनिक रूप से आरक्षण का विरोध करते हुए कहा था कि आरक्षण का आधार धर्म या जाति नहीं होना चाहिए। केंद्र में सरकार बनते ही दलितों का वोट हासिल करने के लिए संघ परिवार के मुखिया का सुर बदल गया है।
बेहाल अंबेडकर अस्पताल,राम-भरोसे मरीज
10 September 2014रायपुर। एक हजार छियासी (1086) बिस्तर वाले अंबेडकर अस्पताल में मरीजों की स्ट्रेचर खिंचने के लिए केवल एक वार्ड ब्वॉय है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्धारित मापदंडों के अनुसार इतने बिस्तर वाले अस्पताल में स्ट्रेचर खिंचने के लिए 300 वार्ड ब्वॉय होने चाहिए। अस्पताल में केवल एक वार्ड ब्वॉय होने के कारण मरीजों के रिश्तेदारों को ही स्ट्रेचर खींचने के अलावा बाकी ऐसे तमाम काम करने पड़ रहे हैं, जो प्रशिक्षित वार्ड ब्वॉय को करने चाहिए। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रशासन ने करोड़ों की मशीनें खरीदने में रूचि दिखाई, लेकिन मरीजों की सहूलियत की ओर ध्यान नहीं दिया। सोमवार को उसी चूक का नतीजा सामने आया और अस्पताल के एमआरआई कक्ष में अप्रत्याशित घटना घट गई।
चिकित्सा शिक्षा और मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दो डाक्टरों और तकनीशियनों को निलंबित करने की खानापूर्ति की और पूरे मामले पर लीपापोती के प्रयास शुरू कर दिए। भास्कर ने पर्दे के पीछे छिपे कारणों का पता लगाने के लिए पड़ताल की। छानबीन के बाद पता चला कि अस्पताल में मरीजों का स्ट्रेचर खिंचकर उन्हें वार्ड से कहीं भी जांच के लिए लाने ले जाने वार्ड ब्वाय ही नहीं है, जबकि मेडिकल काउंसिल ने इसके लिए बाकायदा अलग से मापदंड बनाए हैं। मेडिकल कॉलेज और प्रशासन के अफसरों ने मरीजों को सहूलियत देना तो दूर काउंसिल के नियमों का पालन करने के लिए भी यहां स्ट्रेचर खींचने वाले वार्ड ब्वॉय की नियुक्ति नहीं की।
वार्ड ब्वॉय नहीं हैं, इसलिए वार्ड में भर्ती मरीजों को जब भी किसी जांच के लिए ले जाना पड़ता है रिश्तेदार ही स्ट्रेचर खिंचते हुए ले जाते हैं। सोमवार को भी न्यूरो सर्जरी वार्ड में भर्ती राजकुमारी श्रीवास को एमआरआई कक्ष में उसका पति बबलू ही लेकर गया था। इसी वजह से चूक हुई और वह लोहे का स्ट्रेचर लेकर एमआरआई कक्ष में दाखिल हो गया।
केस- 01
दुर्ग निवासी 55 वर्षीय छोटेलाल की पैर की हड्डी टूट गई है। सीटी स्कैन कराने के लिए स्ट्रेचर पर उनका पोता ही उन्हें लेकर आया।
केस - 02
अनूपपुर निवासी विनोद के पैर की हड्डी टूट गई है। वह तीन सितंबर से भर्ती है। एक्सरे के लिए उनके परिचित ही व्हीलचेयर पर पहुंचे।
केस 03
महासमुंद की विद्यावती विश्वकर्मा की पैर की हड्डी टूट गई है। अस्पताल में एक व्यक्ति उसे उठाकर एक्सरे रूम तक ले गया।
प्रमुख सचिव आज लेंगे बैठक
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य डॉ. आलोक शुक्ला बुधवार की शाम 5 बजे मेडिकल कॉलेज में सभी विभाग के एचओडी की बैठक लेंगे। एमआरआई कमरे में हुए हादसे से खासे नाराज हैं। अभी विदेश में हैं। बुधवार को लौटने के कुछ घंटों के भीतर ही वे बैठक लेंगे।
मशीन और उनकी कीमत
विभाग और मशीन लागत
एक्सरे,एमआरआई 12 करोड़
एक्सरे सीटी स्कैन 8 करोड़
एक्सरे डीएसए 4 करोड़
एक्सरे डिजिटल रेडियोग्राफी 1.20 करोड़
कैंसर लिनियर एक्सीलरेटर 12 करोड़
कैंसर सीटी सिम्युलेटर 3 करोड़"
दो साल से अटकी भर्ती
अंबेडकर अस्पताल में दो साल से 45 वार्ड ब्वाय की भर्ती अटकी हुई है। इंटरव्यू हो गए हैं। उसके बाद से कोई भी प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया गया। फाइल बंद कर दी गई। इस वजह से अब तक चयन सूची अब तक जारी नहीं हो पाई है।
36 मरीज पर एक मेल नर्स
अस्पताल में नियमित और संविदा को मिलाकर 123 मेल नर्स हैं। इनमें से औसतन 23 किसी न किसी कारण से छुट्टी पर रहते हैं। बाकी 100 वार्ड में भर्ती मरीजों की देखभाल करते हैं। 1086 मरीजों के हिसाब से एक मेल नर्स पर 36 मरीजों की देखभाल करते हैं। इनमें भी कई मेल नर्स की जिम्मेदारी ओपीडी और आपरेशन थियेटर में लगा दी जाती है। मेडिकल काउंसिल के नियमों के अनुसार अस्पताल में 300 मेल नर्स अनिवार्य रूप से होने चाहिए। मगर यहां वार्ड ब्वॉय के साथ-साथ यहां मेल नर्स भी नहीं है।।
आठ लाख का इनामी नक्सली गिरफ्तार
09 September 2014रायपुर। नक्सल विरोधी अभियान के तहत पुलिस ने मर्दापाल थाना क्षेत्र के ग्राम कुदूर से आठ लाख रुपए के इनामी नक्सली मिलिट्री कंपनी मेंबर रघुनाथ गणपत यादव को गिरफ्तार किया। एडिशनल एसपी सुरजीत अत्री ने बताया कि शुक्र वार शाम थाना मर्दापाल से डीआरजी व जिला बल की पार्टी सर्चिग के लिए कुदूर इलाके की ओर निकली थी। तब मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर कुदूर के कुलेनार पारा में घेरेबंदी कर रघुनाथ को गिरफ्तार किया गया। 2010 में ग्राम कोंगेरा में पुलिस पार्टी पर फायरिंग, एनएच तीस पर घोड़ागांव में ट्रक से अमोनियम नाइट्रेट की लूट तथा माहराबेड़ा में पुलिस पर फायरिंग में रघुनाथ सक्रिय था। वह 2009 में नक्सल दलम में भर्ती हुआ था। शुरूआत में कुदूर एलओएस लोकल गुरिल्ला स्क्वॉड में काम करने के बाद उसे मिलिट्री कंपनी छह में शामिल किया गया था। तब वह दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य राजू उर्फ के रामचंद्र रेड्डी का गनमैन भी रहा।
सर्करा में डायरिया का डंक, दो दर्जन आए चपेट में फिर भी बेसुध प्रसाधन
09 September 2014बिलासपुर। खरकेना और कोटा के बाद अब तखतपुर का सकर्रा गांव डायरिया की चपेट में आ गया। यहां दो दर्जन से अधिक ग्रामीण पीड़ित हैं। सोमवार को देर रात चार लोगों को जिला अस्पताल व आठ लोगों को गंभीर हालत में सिम्स लाया गया। रात तक विभाग के अधिकारियों को इसकी खबर नहीं है।
जिले के कई क्षेत्रों में मौसमी और संक्रामक बीमारियों का कहर है। महीनेभर पहले खरकेना गांव में 500 से अधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में लेने के बाद डायरिया ने अब तखतपुर के सकर्रा गांव में कोहराम मचा दिया है। यहां तीन-चार दिनों से लोग डायरिया से पीड़ित हो रहे हैं। इसकी जानकारी तब मिली, जब देर रात संजीवनी एक्सप्रेस से मरीज इलाज के लिए जिला अस्पताल व सिम्स पहुंचे। 18 वर्षीय सेवती बाई, 50 वर्षीय बाबूलाल, 40 वर्षीय सुकीरा बाई व 60 वर्षीय कलिया बाई को रात 10.15 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उधर आठ मरीजों को संजीवनी की दूसरी एंबुलेंस से सिम्स लाया गया। इसके अलावा अन्य मरीजों को भी गांव से इलाज के लिए यहां लाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में चलेगी हाईस्पीड ट्रेन
09 September 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों को हाईस्पीड ट्रेन की सौगात मिलने वाली है। यह रेलगाड़ी दुर्ग से बिलासपुर के बीच चलेगी। इसके लिए रेलवे ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। संभवत: साल के अंत तक यात्रियों को हाईस्पीड ट्रेन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। रेल मंत्रालय से इसके लिए बजट भी भेज दिया है।
रेलमंत्री सदानंद गौड़ा ने रेल बजट में देशभर में हाईस्पीड ट्रेन चलाने की घोषणा की थी। इस पर अमल करते हुए रायपुर रेल मंडल के अंतर्गत मेन लाइन का निरीक्षण किया जा रहा है। रायपुर से बिलासपुर के बीच सुपरफास्ट ट्रेनों में 110 किलोमीटर का सफर तय करने में अभी पौने दो घंटे का समय लगता है। हाईस्पीड की ट्रेनों से यह सफर सिर्फ एक घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
प्रदेश में दुर्ग से बिलासपुर के बीच ही रेलवे ट्रैक तीन लाइनों वाला है। इनमें से एक लाइन को हाईस्पीड के लायक बनाया जा सकता है। इसके सुधार कार्य के लिए अब हर रविवार को ब्लॉक लिया जाएगा। इसकी शुरूआत पिछले रविवार से हो चुकी है।
अधिकारियों के अनुसार, दुर्ग से बिलासपुर के बीच हाईस्पीड ट्रेन चलाने पर सहमति बनी है, क्योंकि 155 किलोमीटर के इस रूट पर तीन लाइनें हैं, जिनमें से एक नई लाइन है। इस नई लाइन को ही हाईस्पीड ट्रेन के लिए रिजर्व किया जा सकता है।
रायपुर मंडल के डीआरएम राजीव सक्सेना ने कहा कि रायपुर रेल मंडल में हाईस्पीड रूट डेवलप करने का काम शुरू कर दिया गया है। सबसे पहले दुर्ग से बिलासपुर के बीच हाईस्पीड ट्रेन चलाई जाएगी, क्योंकि इस रूट को हाईस्पीड में बदलना ज्यादा मुश्किल नहीं है।
नक्सलियों के पास हथियार बहुत पर गोली नहीं
08 September 2014रायपुर, राजनांदगांव। जिले के नक्सली दलम में मोआवादी सदस्यों की संख्या लगातार घट रही है। नक्सलियों के द्वारा अमुमन हर बटालियन में कम से कम 30 सदस्य रखे जाने का नियम है। बावजूद फिलहाल 7 या 8 नक्सली सदस्य ही दलम में मौजूद हैं। 3 साल पूर्व की तरह अब गांव में नक्सलियों के दल बल का आसानी से आना भी मुश्किल हो गया है। जिला पुलिस, एसटीएफ और आईटीबीपी जवानों की सर्चिग ब़़ढ जाने से नक्सली ग्रामीणों से बैठका वगैरह नियमित रूप से नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते नए युवक-युवतियों को भी दलम में शामिल नहीं कर पा रहे हैं। यही हाल इनके साथ गोलाबारूद को लेकर भी है। नक्सलियों के पास रायफल, आधुनिक गन व अन्य हथियार तो बहुत हैं लेकिन गोली कारतूस की भारी कमी है।
आत्मसमर्पण नक्सली ने किया खुलासा
शनिवार को मिलिट्री प्लाटून नंबर 23 का प्लाटून कमांडर मोहन कोर्राम उर्फ श्यामलाल ने आत्मसमर्पण किया। मोहन से नईदुनिया ने बातचीत की। इस दौरान उसने नक्सलियों और उनके दलम की स्थिति के संबंध में कई नए खुलासे किए। नए युवक--युवती की नहीं हो रही भर्ती मोहन ने बताया कि जिले के धुर नक्सली क्षेत्रों सहित महाराष्ट्र बार्डर क्षेत्र में अब नक्सली दलम में नए युवक-युवतियों की भर्ती नहीं हो पा रही है। पूर्व की तरह अब नक्सलियों का किसी भी समय खुलेआम दिन दहा़़डे आ जाना अब नामुमकिन सा हो गया है। इसका कारण पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा सर्चिग की जा रही है। घने जंगल से होते हुए हर गांव तक आईटीबीपी की भी टीम पहुंच रही है। इसके चलते नक्सली दलम अब गांव में धमक नहीं दे पा रहे हैं। पहले की तरह लंबी बैठका भी नहीं हो रही है। पहले गांव में बैठक कर युवक-युवतियों को दलम में शामिल करने दबाव बनाया जाता था। कई तरह से उकसाया जाता या प्रलोभन दिया जाता था। इसके अलावा ग्रामीणों में जागरकता लाने का भी काम पुलिस द्वारा गांव गांव में किया जा रहा है। कई तरह के बैनर पोस्टर नक्सलियों के खिलाफ लगाए गए हैं, जिससे नक्सली दलम में अब कोई भी ग्रामीण परिवार गृह सदस्यों को भेजने बिलकुल तैयार नहीं रहता। रायफल बहुत हैं कारतूस नहीं
नक्सलियों के पास हथियारों की भरमार है। आधुनिक हथियारों में गन, एके 47 वगैरह तो बहुत हैं। इस हिसाब से गोली, कारतूस की मात्रा काफी कम है। जंगल में सर्चिग पर निकले पुलिस से एकाएक मुठभे़़ड होने पर नक्सली भी उतनी ही देर तक युद्ध कर पाते हैं। जितनी देर तक उनके पास गोली रहे। बाद में गोली कम प़़डता देख नक्सली भाग जाते हैं। इसके अलावा कई मौके पर नक्सलियों के पास गोली अधिक नहीं होने पर मुठभेड़ का अवसर देखने पर भी चुपचाप जंगल में छिप जाते हैं।
30 की जगह अब 8 सदस्य हैं
छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश के नक्सलियों के दलम में संघम सदस्यों का संकट हो गया है। नक्सली रणनीति के आधार पर ही प्राय: हर नक्सली दलम में कम से कम 25 और अधिकतम 30 सदस्य रखे जाने का नियम है। बावजूद कई दलम में अब 8, 10 या 15 के आसपास ही नक्सली है। वे जिस नक्सली दलम प्लाटून नंबर 23 में 8 वषर्षाें से सक्रिय रहे। उस दलम में केवल 8 सदस्य ही हैं।
पुलिस की सर्चिंग घने जंगल तक हो रही है। इसके चलते युवक-युवतियों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। नक्सलियों के दलम में ढाई साल से नियुक्ति नहीं हुई है। नक्सलियों के पास गोली तो नहीं के बराबर है। साथ ही दलम में 7-8 सदस्य ही हैं-डॉ. संजीव शुक्ला, एसपी।
चुनाव आयोग का विरोध गलत: जोगी
08 September 2014रायपुर। अंतागढ़ उपचुनाव में गड़बड़ी को लेकर निर्वाचन आयोग के सामने धरना-प्रदर्शन की तैयारी में जुटी कांग्रेस का पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने विरोध किया है।
जोगी ने कहा कि संवैधानिक संस्था का इस तरीके से विरोध करना गलत है। कांग्रेस में एक नई परंपरा की शुआत होने जा रही है। कांग्रेस अगर सरकार और भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन करती तो वे जरूर शामिल होते। लेकिन कांग्रेस जो धरना प्रदर्शन करने जा रही है, वह एक संवैधानिक संस्था के खिलाफ है। अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार मंतूराम पवार ने नामांकन वापस ले लिया था। इसके बाद से कांग्रेस ने भाजपा सरकार और निर्वाचन आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
अजीत जोगी के करीबी सूत्रों के अनुसार शनिवार देर शाम प्रदेश कांग्रेस कमेटी और नेता प्रतिपक्ष ने धरने में शामिल होने के मुद्दे को लेकर श्री जोगी से चर्चा की है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता टीएस सिंहदेव ने बताया कि सभी विधायकों को धरने में शामिल होने के लिए कहा गया है। कांग्रेस विधायक अमित जोगी और डॉ. रेणु जोगी धरने में शामिल होंगी। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी से भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चर्चा हुई है। धरना में उनके भी शामिल होने की उम्मीद की जा रही है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने भी स्पष्ट किया कि सभी वरिष्ठ नेताओं को प्रदर्शन की जानकारी दी गई है। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद सहित सभी वरिष्ठ नेताओं ने प्रदर्शन में शामिल होने का आश्वासन दिया है।
घायल धरती की बेटी के सवाल पर मोदी भी हुए कायल
08 September 2014रायपुर. बस्तर जैसे जनजातीय इलाके में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या कम है, वहां इसे ब़़ढाने के लिए क्या किया जा रहा है?
दक्षिण बस्तर जिले की अंजलि ने यह सवाल दागा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाव-विभोर हो गए। वे बोले बस्तर, जहां माओवादी हिंसा के कारण धरती लहूलुहान हो रही है, वहां की एक बेटी ने ऐसा सवाल किया है, जिसमें पूरे देश को जगाने की ताकत है। उन्होंने दंतेवाड़ा की बालिका को सवाल के लिए बधाई दी और बोले मुझे खुशी है कि आप लोगों को शिक्षा के प्रति इतनी चिन्ता है। बालिकाओं की शिक्षा हम सबकी प्राथमिकता है। मोदी शुक्रवार को शिक्षक दिवस पर रेडियो और टीवी के जरिए देशभर के स्कूली बच्चों और शिक्षकों से मुखातिब थे। उन्होंने बालिका के सवाल का जवाब देते हुए कहा बस्तर अंचल का मैंने खूब दौरा किया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने बस्तर में बच्चों की शिक्षा के लिए कई ऐसे नए कदम उठाए हैं, जिनकी ओर पूरे देश व शिक्षाविदों का ध्यान गया है।
घायल धरती की बेटी के सवाल पर मोदी भी हुए कायल
06 September 2014रायपुर। बस्तर जैसे जनजातीय इलाके में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या कम है, वहां इसे ब़़ढाने के लिए क्या किया जा रहा है? दक्षिण बस्तर जिले की अंजलि ने यह सवाल दागा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाव-विभोर हो गए। वे बोले बस्तर, जहां माओवादी हिंसा के कारण धरती लहूलुहान हो रही है, वहां की एक बेटी ने ऐसा सवाल किया है, जिसमें पूरे देश को जगाने की ताकत है। उन्होंने दंतेवाड़ा की बालिका को सवाल के लिए बधाई दी और बोले मुझे खुशी है कि आप लोगों को शिक्षा के प्रति इतनी चिन्ता है। बालिकाओं की शिक्षा हम सबकी प्राथमिकता है। मोदी शुक्रवार को शिक्षक दिवस पर रेडियो और टीवी के जरिए देशभर के स्कूली बच्चों और शिक्षकों से मुखातिब थे। उन्होंने बालिका के सवाल का जवाब देते हुए कहा बस्तर अंचल का मैंने खूब दौरा किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने बस्तर में बच्चों की शिक्षा के लिए कई ऐसे नए कदम उठाए हैं, जिनकी ओर पूरे देश व शिक्षाविदों का ध्यान गया है।।
एड्स पीडित राशनकार्ड के अधिकार से वंचित
06 September 2014रायपुर। खाद्य सुरक्षा एवं पोष्ाण कानून के तहत राशनकार्ड से कमजोर तबके से ताल्लुक रखने वाले एड्स पीडित अब तक बाहर हैं। पहचान उजागर होने के डर से वे राशनकार्ड बनवाने के लिए सामने नहीं आ रहे थे।
एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा करीब 5 दर्जन से अधिक एड्स पीडितों के राशनकार्ड के लिए दिए गए आवेदन नियमों के पेंच में फंस गया। खाद्य अफसरों की दलील है कि रायपुर के 8 जोन कार्यालयों में जाकर हितग्राहियों को पंजीयन कराना होगा। इसके बाद ही कार्ड बनेंगे। शुक्रवार को संस्था की प्रतिनिधि ने खाद्य अफसरों से भेंटकर आवेदनों के बारे में जानकारी मांगी।
अफसर की दलील है कि जोन कार्यालय में पंजीयन कराए बगैर कार्ड नहीं बनेंगे। ऎसे में पीडितों की पहचान उजागर होने का खतरा है। राज्य सरकार ने कानूनी राशनकार्ड के लिए ऎसी कोई व्यवस्था नहीं की है जिससे कि एड्स पीडित और बीमार को आसानी से कार्ड मिल जाए।
संस्था की प्रतिनिधि ने पहचान उजागर होने की हवाला देते हुए एड्स पीडितों के कार्ड के लिए अलग से इंतजाम करने की मांग की, लेकिन अधिकारी ने नियमों की दुहाई देते हुए हाथ खड़े कर दिए। अब संस्था या पीडितों को रायपुर के जोन कार्यालयों में धक्के तो खाने ही होंगे, पहचान उजागर होने का भी खतरा रहेगा।
इसके लिए हम जोन कमिश्नरों को पत्र लिख रहे हैं। इसमें पहचान उजागर होने का कोई खतरा नहीं रहेगा। सस्था के प्रतिनिधियों को जोन कार्यालयों में जाकर पीडित का पंजीयन कराना होगा। पीडितों को स्वयं आने की जरूरत नहीं रहेगी। दयामणि मिंज, खाद्य नियंत्रक, रायपुर
दंतेवाड़ा की छात्रा के सवाल पर मोदी ने की रमन की तारीफ
06 September 2014रायपुर. दंतेवाड़ा के बारसूर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय की कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा अंजलि दानचालक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछा- बस्तर जैसे जनजातीय इलाके में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या कम है, वहां इसे बढ़ाने के लिए क्या किया जा रहा है? तो प्रधानमंत्री ने कहा-
बस्तर अंचल का मैंने खूब दौरा किया है। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने बेहतरीन काम किया है। बस्तर में बच्चों की शिक्षा के लिए कई ऐसे नये कदम उठाए हैं और देश के शिक्षाविदों का ध्यान गया है। देश के शिक्षाविदों को बस्तर में किए जा रहे प्रयासों को लेकर डॉ. रमन सिंह से सीखना चाहिए। वहां बालिकाओं की शिक्षा पर भी विशेष रूप से ध्यान दे रहे हैं। पूरे देश को इस पर ध्यान देना चाहिए।
महात्मा गांधी बालिकाओं की शिक्षा के पक्षधर थे और कहते थे कि अगर एक बालक शिक्षित होता है तो एक इंसान शिक्षित होता है, जबकि अगर एक बालिका शिक्षित होती है तो वह एक साथ दो परिवारों को मतलब अपने मायके और ससुराल को भी शिक्षित करती है। मुझे खुशी है कि बस्तर अंचल में आप लोगों को शिक्षा के प्रति इतनी चिन्ता है। बस्तर, जहां माओवादी हिंसा के कारण धरती लहुलुहान हो रही है, वहां की एक बेटी ने शिक्षा को लेकर एक ऐसा सवाल किया है, जिसमें पूरे देश को जगाने की ताकत है। बालिकाओं की शिक्षा हम सबकी प्राथमिकता है।
अंतागढ़ उपचुनाव रद करने की मांग पर दिल्ली में धरना
05 September 2014रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने अंतागढ़ विधनसभा उपचुनाव को रद करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग में शिकायत की है।
प्रदेश कांग्रेस की तरफ से छत्तीसगढ़ में ऐसी ही शिकायत व मांग की गई है। इस पर कोई फैसला नहीं आएगा तो कांग्रेस 8 सितंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देगी। बघेल और सिंहदेव का आरोप है उपचुनाव में भाजपा सरकार ने धांधली की है। इसमें कांग्रेस के भी कुछ लोग शामिल हो सकते हैं। इस पूरे मामले की पार्टी हाईकमान और भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई है।
दोनों नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पूरी जानकारी दे दी है। वहीं भारत निर्वाचन आयोग से चुनाव को रद्द करने की मांग की गई, लेकिन इस पर आयोग का फैसला नहीं आया है। कांग्रेस कार्यकारिणी की गुरुवार को हुई बैठक में अंतागढ़ उपचुनाव रद्द करने की मांग को लेकर 8 सितंबर को एक दिवसीय धरना दिल्ली में देने का फैसला लिया गया है।
बघेल और सिंहदेव ने कहा कि हम चुनाव को रद्द कराने की दिशा में आगे ब़़ढ रहे हैं, लेकिन अभी तक आयोग की तरफ से फैसला नहीं आया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही कोई न कोई फैसला जरूर आएगा। मांगें पूरी नहीं होने पर कांग्रेस ने दिल्ली में धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
हाईकमान को करना है निर्णय
बघेल और सिंहदेव ने कहा कि पार्टी हाईकमान को मंतूराम पवार से संबंधित पूरी घटना की जानकारी दे दी गई। वहीं कांग्रेसियों के शामिल होने की संभावनाओं से भी अवगत करा दिया गया है और अब अंतिम फैसला हाईकमान को करना है।
जेलों में बरसों से बंद 81 आदिवासी होंगे रिहा
05 September 2014रायपुर। उच्च स्तरीय निर्मला बुच कमेटी ने प्रदेश की जेलों में बंद 81 आदिवासियों की रिहाई का रास्ता साफ किया है। गुरूवार को सर्किट हाउस में हुई अपनी नवीं बैठक में समिति ने इन मामलों में जमानत का विरोध नहीं करने की अनुशंसा की। इनमें से 47 को रिहा करने की अनुशंसा समिति पहले ही कर चुकी है।
इसमें हत्या के आरोप में अंबिकापुर जेल में बंद एक महिला का मामला भी है, जो पिछले 10 सालों से जेल में फैसले का इंतजार कर रही है। इस बैठक में माओवाद सहित विभिन्न आरोपों का सामना कर रहे 300 कैदियों की फाइल पर चर्चा हुई।
इसकी जानकारी देते हुए समिति की अध्यक्ष निर्मला बुच ने बताया कि पिछली आठ बैठकों में समिति ने 654 मामलों पर विचार किया है। इसमें से 306 लोगों को जमानत देने की अनुशंसा की गई। बैठक में मुख्य सचिव विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव गृह एनके असवाल, डीजीपी एएन उपाध्याय और जेल महानिदेशक गिरधारी नायक भी शामिल रहे।
अनुशंसा के बाद भी नहीं मिली जमानत
कमेटी ने स्वीकारा की कई मामलों में अनुशंसा के बाद भी आदिवासी जमानत नहीं ले पाए। निर्मला बुच ने कहा कि गरीबी की वजह से आदिवासी वकील करने में सक्षम नहीं हैं। कमेटी ने ऎसे लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता दिलाने का निर्देश दिया है।
कुछ मामलों में सरकारी वकीलों को जमानत का विरोध करने की प्रवृत्ति पर समझाइश दी जाएगी। अपर मुख्य सचिव एन.के. असवाल तथा जेल महानिदेशक गिरधारी नायक भी उपस्थित थे।
यह करती है समिति
जेल प्रशासन और कलक्टर की अनुशंसा के बाद मामला समिति के पास आता है। तय आधारों पर मामलों का परीक्षण कर समिति कुछ को रिहा करने की सिफारिश करती है। इसे सरकार को भेजा जाता है। कायदे से इसके बाद जमानत का आवेदन लगाने पर सरकार इसका विरोध नहीं करती।
दो साल पहले बनी थी समिति: सुकमा के तत्कालीन कलक्टर एलेक्स पॉल मेनन का 21 अप्रेल 2012 को माओवादियों ने अपहरण कर लिया था। उनकी रिहाई के बाद तीन मई को मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच की अध्यक्षता में समिति का गठन हुआ। उसी दिन समिति की पहली बैठक हुई।
आदिवासी बंदियों में सात फीसद माओवादी
कमेटी ने स्वीकार किया कि प्रदेश की जेलों में बंद आदिवासियों में सात फीसद लोग माओवादी होने के आरोप में लाए गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अकेले बस्तर की जेलों में दो हजार 499 आदिवासी माओवादी होने के आरोप में बंद हैं। इनमें से केवल 585 को ही सजा हुई है। दुर्ग जेल में यह संख्या 80 के करीब है। इनकी रिहाई की तैयारी चल रही है।
यह बनता है अनुशंसा का आधार
अपराध की स्थिति।
जेल में बिताया गया समय।
परिवार की माली हालत।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य।
कांग्रेस में दावेदारों के लिए बड़े नेताओं की लाबिंग होगी अहम
05 September 2014रायपुर. विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तरह नगरीय निकाय चुनाव के दौरान भी कांग्रेस में टिकट वितरण सबसे कठिन काम होगा। नेताओं की आपसी खींचतान की वजह से बड़े शहरों में टिकट वितरण के दौरान खटास और बढ़ने की आशंका है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पिछड़ने वाले बड़े नेता शहरों में समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे। महापौर के टिकट के लिए सबसे अधिक मारामारी रायपुर शहर में मचेगी। रायपुर का महापौर चार विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता है। इस कारण टिकट वितरण के लिए उन नेताओं की दावेदारी भी है जो विधानसभा में टिकट मांग रहे थे।
नगर निगम की राजनीति में सक्रिय नेताओं का दावा भी सामने आएगा। विधानसभा चुनाव के दौरान रायपुर पश्चिम से टिकट मांग रहे प्रमोद दुबे के समर्थकों ने बवाल मचाया तो प्रमोद को दिल्ली बुलाकर खुद राहुल गांधी ने बेहतर भविष्य का आश्वासन दिया था। प्रमोद नगर निगम में पार्षद दल के अौर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता हैं। उन्हें भूपेश और महंत का साथ मिलेगा पर दूसरे नेताओं को साधने के बाद ही उनकी राह आसान होगी। इसी प्रकार किरणमयी नायक को पीसीसी के प्रमुख पदाधिकारियों का विरोध झेलना पड़ सकता है। विकास उपाध्याय के लिए विधानसभा चुनाव में हार के बाद पहले जैसा माहौल शायद न बन पाए। पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा को भी हार के कारण टिकट के लिए पसीना बहाना पड़ेगा। पीसीसी नेतृत्व से उनकी ट्यूनिंग पर भी सब कुछ निर्भर करेगा। वैसे विधायक के तौर पर उनका कार्यकाल निर्विवाद रहा है।
नए नगर निगम बीरगांव में अभी चुनाव नहीं होंगे। पर नगर पालिका अध्यक्ष पद पर सत्यनारायण शर्मा के समर्थक ओमप्रकाश देवांगन का दो कार्यकाल से कब्जा है। बघेल और शर्मा के बीच राजनीतिक गठजोड़ के आधार पर यहां का टिकट फाइनल होगा। अंबिकापुर में सिंहदेव की पसंद मायने रखेगी।
दुर्ग में मचेगी खींचतान
नगर निगम दुर्ग में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा और प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के समर्थक महापौर की टिकट का सपना देख रहे हैं। यहां खींचतान की स्थिति रहेगी। भूपेश ने जब छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के नेता रहे राजेंद्र साहू को कांग्रेस प्रवेश दिलाने की तैयारी कर ली थी तो वोरा खेमे ने उसमें ब्रेक लगवा दिया था। इसके बाद भूपेश ने वोरा समर्थक जिलाध्यक्ष घनाराम साहू की कार्यकारिणी रद्द कर दी थी। दोनों मुद्दों को लेकर दुर्ग में भूपेश और वोरा समर्थकों में खटास चल रही है। टिकट को लेकर भी खींचतान मचेगी। भिलाई नगर निगम में भी इसी तरह की स्थिति बनेगी, लेकिन वहां एक साल बाद चुनाव होंगे।
जोगी - महंत समर्थकों में कश्मकश
बिलासपुर में लंबे समय तक पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के समर्थकों का बोलबाला रहा है। विधानसभा से लेकर स्थानीय चुनाव में जोगी समर्थकों का टिकट दिल्ली से फाइनल हो जाता रहा है। लेकिन इस बार परिस्थितियां बदली हुई हैं। जोगी समर्थक जिलाध्यक्ष अनिल तिवारी ने इस्तीफा दे दिया तो अनिल टाह किसी पद में नहीं है। वहीं संगठन में महंत और बघेल समर्थक काबिज हो गए हैं। बिलासपुर ग्रामीण के अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला महंत समर्थक हैं तो शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलार को भूपेश बघेल का समर्थक माना जाता है। इसी तरह प्रदेश महामंत्री अरुण श्रीवास्तव भी संगठन खेमे से हैं।
राजनांदगांव में तीन गुट
राजनांदगांव में वोरा के साथ जोगी समर्थक भी हैं। बघेल ने स्व. उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार को जिलाध्यक्ष बना दिया है। वोरा ने पिछली बार नरेश डाकलिया को टिकट दिलाकर जीत दर्ज की थी। जोगी ने भी पिछले दिनों यहां अपने समर्थक के पक्ष में आंदोलन किया था।
दोनों नेताओं के साथ नए संगठन से भी समर्थक उम्मीद लगाए हुए हैं।
23 नक्सलियों ने किया समर्पण
04 September 2014रायपुर। पुलिस की नक्सल विरोधी मुहिम को एक बड़ी सफलता मिली है। सोमवार व मंगलवार को दंतेवाड़ा में 13 नक्सलियों तथा सुकमा में 10 नक्सलियों ने हिंसा का राह छोड़कर शांति का राह अपनाते मुख्य धारा में लौटने का निर्णय लिया है। बुधवार को बैलाडीला क्षेत्र के टिकनपाल के ग्रामीण गांव की एक महिला समेत नक्सलियों से संबंध रखने वाले 13 लोगों को आत्मसमर्पण कराने अपने साथ एसपी आवास लेकर पहुंचे थे। इस पर एसपी कमलोचन कश्यप ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति का लाभ दिलाने और गांव के विकास का भरोसा दिलाया। सरेंडर करने वालों में 7 कमेटी सदस्य तथा शेष जनमिलिशिया मेम्बर बताए गए हैं। इनमें लिंगा राम पिता गोरे [30)], सुकमन पिता हुंगा ताती [32], छन्नू पिता पोज्जा बारसा [35], वामन पिता कोसा ताती, बोदे उर्फ आयती पिता गुड्डी ताती, सोमडू ताती पिता हुंगा ताती, ताती जोगा पिता बामन [22], भीमा बारसे पिता बदरू बारसे, रमेश बारसे पिता हुंगा बारसे, पिंकू राम पिता भीमा ताती [19], बासु पिता जोगा, भीमा ताती पिता हुंगा, लक्ष्मण पिता भीमा शामिल हैं। दूसरी ओर मंगलवार को सुकमा एसपी डी श्रवण के समक्ष संघम व एलओएस सदस्यों पुनेम सन्ना, म़़डकम सिंगा, हेमला भीमा, सोढ़ी बुधरा, हेमला नंदा, सोढ़ी मासा, करतम मुक्का, कुराम अवधेश, मड़कम देवा व मड़कम मुकेश ने समर्पण कर दिया। इनमें से दो नक्सलियों ने एक भरमार व देशी कट्टा भी पुलिस को सौंपा है। सभी समर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत लाभ प्रदान किए जाने की बात कही गई है।
"चुनाव से हटने के लिए मुझे दिया धन व लाल बत्ती का लालच"
04 September 2014रायपुर। अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ एकमात्र प्रतिद्वंद्वी रहे अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के प्रत्याशी रूपधर पुडो ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा के नेताओं ने नाम वापसी लेने का दबाव बनाते हुए उन्हें पैसे व लालबत्ती का ओहदा रखने वाला पद देने की पेशकश की थी। ऎसा न करने पर किसी संगीन मामले में फंसाए जाने की भी धमकी दी। हमें कांकेर से रायपुर आने से रोकने की कोशिश की गई।
पुडो ने यहां पत्रकारवार्ता में कहा कि "मुझे 29 और 30 अगस्त को रात तक लगातार प्रलोभन एवं धमकी भरे फोन आते रहे। जिस ढंग से फोन आ रहे थे, उससे मुझे चुनाव में सत्तापक्ष से ज्यादा खतरा महसूस हो रहा है।"
यह पूछे जाने पर कि यह प्रलोभन एवं धमकी किसने दी तो उन्होंने कहा कि यह सब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के इशारे पर हुआ। वहां उपस्थित पार्टी के राष्ट्रीय सचिव नरेन्द्र बंसोड़ ने मुख्यमंत्री सचिवालय के एक कर्मचारी के फोन का भी हवाला दिया।
बंसोड़ ने कांकेर के कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस एवं प्रशासन ने पुडो को बिना मांगे सुरक्षा दे दी। सुरक्षा गार्ड के माध्यम से हमारी गतिविधियों को सरकार तक पहुंचाया जा रहा है। हमें डर है कि पार्टी प्रत्याशी का अपहरण भी हो सकता है।
कांग्रेस चाहे तो करे समर्थन
कांग्रेस के समर्थन के बारे में पूछे जाने पर बंसोड़ ने कहा कि वे इस बारे में खुद की तरफ से किसी कांग्रेस नेता से मुलाकात नहीं करेंगे। अगर कांग्रेस उन्हें समर्थन करना चाहे तो हम पार्टी की नीति के तहत समर्थन लेने को तैयार हैं। हालांकि, अभी हमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सिर्फ फोन पर ही चर्चा की है।
कौशिक ने कहा, मैं नहीं जानता पुडो को
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने पुडो के आरोपों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "मैं तो उसे जानता भी नहीं। मैंने और मेरेसमर्थकों ने हाल के दिनों में ऎसे किसी व्यक्ति से कोई चर्चा नहीं की।" हालांकि, उन्होंने कहा कि चुनाव मैदान में स्टंट दिखाने से काम नहीं चलता। वहां धरातल पर काम करना होता है। मुझे लगता है कि पुडो की पार्टी चुनाव में पहली बार खड़ी है और उसे चुनाव की गंभीरता पर ध्यान देना चाहिए।
चुनाव आयोग को भेजी रिपोर्ट
उपचुनाव में तैनात केन्द्रीय पर्यवेक्षक अशोक कुमार परमार ने प्रदेश कांग्रेस की शिकायत के बाद अपनी रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को भेज दी है। आयोग ने कांग्रेस की ओर से चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरूपायोग कर निर्दलीयों पर दबाव बनाने और पार्टी प्रत्याशी मंतूराम पवार के नाम वापसी में सत्तापक्ष भाजपा की भूमिका को लेकर लगाए आरोपों पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी।
सूत्रों के अनुसार चुनाव पर्यवेक्षक परमार ने अपनी रिपोर्ट में निर्दलीयों से बातचीत को आधार बनाया है। इसके साथ ही कलक्टर और पुलिस अधीक्षक की भूमिका पर भी तथ्यात्मक जानकारी दी है।
अब 20 को मतगणना
अब मतगणना 16 सितम्बर के बजाय 20 सितम्बर को होगी। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने माओवादी प्रभावित क्षेत्रों से मतदान मशीनों के लाने में देरी का हवाला बताते हुए मतगणना तिथि बढ़ाने का अनुरोध किया था।
नक्सलियों से निपटने के लिए ‘खुली छूट' देगी केंद्र सरकार
04 September 2014रायपुर. क्या केंद्र सरकार नक्सलवाद से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट देने जा रही है? बुधवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान से यही संकेत मिले हैं। राजनाथ ने जयपुर में पुलिस अकादमी के एक कार्यक्रम में कहा कि वे जब यूपी के सीएम थे तो पुलिस को नक्सलियों से निपटने की खुली छूट दी थी। साथ ही कहा था कि वे मानवाधिकार संगठनों की परवाह न करें। कार्यक्रम के बाद जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या बतौर गृहमंत्री भी आपका यही स्टैंड है तो राजनाथ का जवाब था-‘हां अब भी मैं वैसा ही करूंगा।’
गृहमंत्री के इस संकेत पर बवाल खड़ा हो गया है। सामाजिक संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति की और कहा कि नक्सलियों से आतंकियों की तरह नहीं निपटा जा सकता। सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि इस बयान को गंभीरता से लेना चाहिए। ये कानून से तो नहीं बचा सकते, नीचे वाले फंसेंगे। जिनेवा में भारत का कद घटेगा। नक्सलr कोई आतंकी नहीं हैं। वो निर्दोषों को नहीं मारते।
ये नरसंहार होगा
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि गृहमंत्री अगर ऐसा करेंगे तो ये नरसंहार होगा। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि गृहमंत्री ने यदि ये कहा कि कानून के दायरे में काम करो तो ठीक है। लेकिन ये अगर उन्होंने ये कहा है कि कानून के दायरे से बहार जाकर काम करो तो ये खतरनाक है।
भाजपा ने कहा-जैसे को तैसा
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि आतंकवाद के मामले में ह्यूमन राइट्स या जिनेवा क्या करेगा। ये नए तरीके का युद्ध शुरू हुआ है। अमेरिका ने जापान पर बम गिराकर कहा था हमने युद्ध का समय कम किया है। हमें भी वैसे ही दूसरे विकल्प पर सोचना चाहिए।
एक्सपर्ट्स ने कहा-सिर्फ कहने को अच्छा है यह
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सुरक्षा बल मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं तो फेस उन्हें ही करना पड़ता है, राजनीतिक नेतृत्व को नहीं। यूपी के पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता ने कहते हैं कि गृहमंत्री ने जो कहा कहने में अच्छा लगता है, लेकिन ग्राउंड रियलिटी बहुत अलग है। जमीन पर लोग ह्यूमन राइट्स के नाम पर पीछे पड़ जाते हैं। पुलिस के हाथ में कुछ नहीं होता।
राजनाथ सिंह ने पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि बीएसएफ ने सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स को 16 बार शांति का सफेद झंडा दिखाया। लेकिन वे नहीं माने तो मैंने बीएसएफ को जवाबी कार्रवाई के लिए कहा। जब मैं उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री था, तब अफसरों को आशंका थी कि अपराधियों पर सख्ती दिखाई तो मानवाधिकार संगठन और राजनीतिक दल सवाल खड़े करेंगे। तब मैंने कहा था कि आप निडर होकर काम करें। मानवाधिकार संगठनों को मैं देख लूंगा। अफसरों ने सब कर दिखाया।’
अपराधियों को मारने पर शादी से ज्यादा खुशी होती है
राजनाथ ने यह भी कहा कि ‘शातिर अपराधियों को जंगल में कई दिनों तक पीछा कर मार गिराने के बाद ऐसी खुशी मिलती है, जो शादी की खुशी से भी ज्यादा होती है।’ उन्होंने पुलिस की गालियों को वेद वाक्य तक कह डाला। बोले, ‘पुलिस वालों के बारे में परसेप्शन है कि वे वेद वाक्य बोलते हैं। वेद का अर्थ गाली-गलौज से है।’
पेट पालने के लिए कालाबाजारी करते हैं तो धन्यवाद: मांझी
बिहार सीएम जीतन मांझी ने मंगलवार को कहा कि व्यवसायी पेट पालने और बच्चों की पढ़ाई के लिए कालाबाजारी करते हैं तो उन्हें धन्यवाद है। वे हजार-दो हजार की कालाबाजारी करेंगे। मैं उन्हें माफ कर दूंगा। क्योंकि हमारी नजर 2-4 हजार करोड़ की कालाबाजारी करने वालों पर है।
सबके घर में 5-10 लाख काला धन, लजाना क्या: तोमर
इसी कार्यक्रम में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने अपने पास कालाधन होने की बात ही कबूल ली। उन्होंने कहा, ‘कालाधन को सफेद करने का मौका मिलना चाहिए। हम सबके घर में 5-10 लाख का कालाधन है। इसमें लजाने की बात नहीं है। कालाधन को सफेद करने का मौका मिलना चाहिए।’
नरेंद्र सिंह ने कहा, ‘कालाधन को सफेद करने का मौका मिलना चाहिए। मोरारजी देसाई सरकार ने 1977 में यह व्यवस्था की थी। तब कोई टैक्स जमा करता तो उससे यह नहीं पूछा जाता था कि रुपए कहां से आए। आज भी यह व्यवस्था कर दें तो टैक्स चोरी पर लगाम लगेगा।’ मांझी और नरेंद्र सिंह ने मंगलवार को खाद्यान्न व्यवसायियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन में ये बातें कही।
पता है किसका कितना कमीशन है: बादल
सीएम परकाश सिंह बादल ने कहा कि वह जानते हैं कि किस सरकारी महकमे में कितना भ्रष्टाचार है और अफसर किस तरह कमीशनखोरी करते हैं। उन्होंने कहा, "अपने से बड़े अफसरों से मिलकर अगर जनता का काम करवाएंगे, तब ही अफसरों के भी चार पैसे बचेंगे।'
कवर्धा में हुई धर्म संसद लेगी स्थायी संस्था का रूप
03 September 2014रायपुर। कवर्धा में हुई धर्म संसद में सांई बाबा को भगवान का अवतार न मानने और उनकी पूजा-अर्चना नहीं करने के प्रस्ताव को देशभर में प्रचारित किया जाएगा। भविष्य में भी सनातन हिन्दू धर्म को षड्यंत्रकारियों से बचाने के लिए धर्म संसद को स्थायी संस्था का रूप दिया जा रहा है। स्थायी संस्था के माध्यम से पूजा पद्धति, मंदिर बनाने व मंदिरों का संचालन करने तथा संत व आचार्यो, धार्मिक विषयों में स्थायी व अनिवार्य समाधान देने की तैयारी की जा रही है।
चारों शंकराचार्य सहित संत, महंत शामिल होंगे
धर्म संसद को स्थायी संस्था का रूप देने में अनेक साधु, संत, महात्मा जुटे हुए हैं। सहयोगी के रूप में कार्य कर रहे बालाजीपुरम बैतूल के संस्थापक सुनील द्विवेदी एवं सेम वर्मा ने प्रेसवार्ता में बताया कि द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगदगुर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में रूपरेखा बनाई जा रही है। इसमें दण्डी स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज द्वारका व दण्डी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज, ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद, प्रकाश उपाध्याय की टीम कार्य कर रही है। स्थायी संस्था में चारों शंकराचार्य रामानुजाचार्य, निम्बार्काचार्य, वल्लभाचार्य, रामानंदाचार्य व सभी प्रमाणिक अखाड़ों के महामंडलेश्वर, काशी विद्वत परिषद, महंतगण व आचार्यगण शामिल होंगे।
हिन्दुओं को निर्णय मानना प़़डेगा
धर्म के संबंध में जो भी भ्रांति फैली हुई है, उस पर शंकराचार्य व संतों के मार्गदर्शन में लिए गए निर्णय सभी हिन्दुओं को मानना पड़ेगा।
शिर्डी के सांई बाबा के संबंध में जो निर्णय धर्म संसद ने लिया है, उसे हिन्दुओं को मानना पडे़गा। यदि संस्था द्वारा लिए गए निर्णय को नहीं माना जाता तो सनातन धर्म की रक्षा के लिए स्थापित नागा सेनाओं का इस्तेमाल करके निर्णय को लागू कराया जाएगा।।
जिला कोर्ट की काज लिस्ट नोटिस बोर्ड पर लगने लगी
03 September 2014बिलासपुर। जिला न्यायालय के हर कोर्ट रूम में दीवानी और फौजदारी प्रकरणों की काज लिस्ट लगाने की प्रक्रिया मंगलवार से प्रारंभ कर दी गई। हर कोर्ट के दरवाजे पर एक सूचना फलक लगाया गया है, जिसमें उस दिन होने वाली सुनवाई का विवरण दिया जा रहा है। यह सूची प्रतिदिन लगाई जाएगी।
जिला न्यायालय में पक्षकारों और अधिवक्ताओं को अब कोर्ट के भीतर बार-बार स्टाफ से पूछताछ नहीं करनी होगी कि जज किन दीवानी, फौजदारी प्रकरणों की सुनवाई करने वाले हैं। इसका शेडयूल अब प्रतिदिन संबंधित कोर्ट के दरवाजे पर चस्पा कर दिया जाएगा। इसमें प्रकरणों के नंबर, उसकी तारीख, वादी-प्रतिवादी और सुनवाई की तारीख का उल्लेख किया जा रहा है। प्रत्येक कोर्ट में रीडर के पास कंप्यूटर और प्रिंटर की सुविधा है, जिसका इसमें उपयोग किया जा रहा है।
वेब पर भी होगी
जिला कोर्ट के प्रत्येक न्यायालय की काज लिस्ट वेबसाइट पर डालने की प्रक्रिया पर भी काम हो रहा है। इस संबंध में सोमवार को जिला न्यायालय में सभी न्यायाधीशों की बैठक भी रखी गई थी। कुछ न्यायालयों में विभिन्न प्रकरणों में आरोपियों पर लगाए गए जुर्माने की इंट्री कंप्यूटर पर करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे न्यायाधीश के फैसले के अनुसार ही जुर्माने की रसीद वहां का स्टाफ कंप्यूटर पर देखकर काट सकेगा। जिला कोर्ट में बीते 20 अगस्त से वादी-प्रतिवादियों और उनके अधिवक्ताओं को केस की तारीख और मांगी गई प्रतिलिपि तैयार होने की जानकारी एसएमएस के जरिये देने की व्यवस्था शुरू की गई है। इस सुविधा को लेकर संबंधित पक्षों में उत्साह देखा जा रहा है। अब तक एसएमएस सुविधा के लिए 650 से अधिक लोगों ने पंजीयन करा लिया है।
सामान्य पर भाजपा नहीं देगी दूसरों को टिकट!
03 September 2014रायपुर. नगरीय निकाय चुनावों के टिकट बांटने के लिए भाजपा ने जो फार्मूला तय किया है उससे कई नेताओं से सपने टूटने वाले हैं। इस फार्मूले के मुताबिक सामान्य सीटों पर एससी, एसटी, ओबीसी या महिला को टिकट नहीं दिया जाएगा। हालांकि पार्टी ने अभी अपना यह फार्मूला जाहिर नहीं किया है लेकिन इसके आधार पर उसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार यह फार्मूला इसलिए ओपन नहीं किया जा रहा कि चुनाव में काफी वक्त है। संगठन के नेताओं के मुताबिक टिकट वितरण के लिए जिलों से मंडल स्तर तक कमेटियां बना दी गई हैं
उन्हीं की अनुशंसाओं के आधार पर टिकट बंटेंगे। पार्टी ने तय कर लिया है कि किसी वर्ग को नाराज नहीं किया जाएगा। जिसका हक है उसे दिया जाएगा। संभाग स्तरीय बैठक में पिछले दिनों कार्यकर्ताओं ने दो टूक मांग की थी कि टिकट आरक्षण के मुताबिक ही बांटे जाएं। उन्होंने 50 साल से ऊपर के नेताओं को टिकट न देने और हारे नेताओं को दोबारा उम्मीदवार न बनाने की मांग भी की है। इसे देखते हुए भाजपा नेता बराबर यह कहते आ रहे हैं कि टिकट तो कार्यकर्ता तय करेंगे। संगठन के नेताओं का कहना है कि सामान्य वर्ग पर जहां महिला को पूर्व में टिकट दिया जा चुका है वहां पुरुष को मौका दिया जाएगा। भाजपा ने यह भी तय किया है कि जिन नेताओं को पहले टिकट दिया जा चुका है उनके स्थान पर नए लोगों को मौका दिया जाएगा।
नगर निगमों के अलावा 14 नगर पालिकाओं और 35 नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हुए हैं। इन सीटों से दूसरे वर्ग के नेताओं के टिकट पाने का ख्वाब अधूरा रह जाएगा।
जो एससी,एसटी, ओबीसी या महिला नहीं वह सामान्य
राज्य निर्वाचन आयोग के उप सचिव एसआर बांधे के मुताबिक संविधान के अनुसार जो एससी, एसटी, ओबीसी या महिला नहीं है वह सामान्य है। दूसरा यह कि इन वर्गों के आरक्षण के बाद जो बच गया वह सामान्य है। इन पर चाहे महिला हो या पुरुष, चुनाव लड़ सकते हैं।
इसलिए जरूरी मान रहे
सामान्य वर्ग के रहते दूसरे को टिकट क्यों दिया जाए। यदि दिया तो इस वर्ग को प्रतिनिधित्व का मौका कब मिलेगा। न जाने फिर रोटेशन में सामान्य सीट कब होगी? इस वर्ग की उपेक्षा करना ठीक नहीं।
कहां किसके सपने टूट सकते हैं
रायपुर नगर निगम - पूर्व महापौर सुनील सोनी, पार्षद प्रफुल्ल विश्वकर्मा।
चिरमिरी नगर निगम - पूर्व विधायक दीपक पटेल, महापौर डमरू बेहरा, शिव वर्मा,
राजनांदगांव नगर निगम - पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, नेता प्रतिपक्ष शिव वर्मा, वरिष्ठ नेता रमेश पटेल।
भिलाई नगर निगम - लता चंद्राकर, निखिला चंद्राकर
दुर्ग नगर निगम - डॉ. चंद्रकला खिचरिया,
कोरबा नगर निगम (सामान्य महिला) - ज्योति वर्मा, उमा भारती सराफ
धमतरी नगर निगम (सामान्य महिला) - अनीता सोनकर
दुर्ग नगर निगम (सामान्य महिला) - चंद्रिका चंद्राकर
यहां के नेता भी झेलेंगे मायूसी
नगर पालिकाएं- कोंडागांव, कांकेर, गोबरा नवापारा, शिवपुर चरचा, बड़े बचेली, दीपका, चांपा, सक्ती, खरसिया, मनेंद्रगढ़, तखतपुर, तिल्दा-नेवरा, भिलाई - चरौदा एवं बालोद।
नगर पंचायतें (सामान्य)
माना कैंप, कसडोल, सिमगा, राजिम, कुरुद, मगरलोड, बसना, पाटन, देवकर, परपोड़ी, डौंडीलोहारा, गुरुर, गुंडरदेही,अर्जुंदा, बोड़ला, सहसपुर लोहारा, पिपरिया, भानूप्रतापपुर, पखांजूर, गीदम, केशकाल, कोटा, गौरेला, मल्हार, शिवरीनारायणपुर, जैजैपुर, नवागढ़, धरमजयगढ़, सारंगढ़, सरिया, पुसौर, लखनपुर, भटगांव, रामानुजगंज।
भाजपा का अपना सिस्टम है
भाजपा का अपना सिस्टम व संविधान है जिसके तहत टिकट तय किए जाते हैं। मंडल से जिला स्तर तक कमेटियां बनाई गई हैं जो टिकट की अनुशंसा करेंगी। नगरीय निकायों के संविधान के अनुसार जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित हुई है उस वर्ग को भाजपा प्रतिनिधित्व करने का मौका देगी।'' -धरमलाल कौशिक, अध्यक्ष प्रदेश भाजपा
मंतुराम की जवाबदेही से मुक्त हुई प्रदेश कांग्रेस
02 September 2014रायपुर। कांग्रेस ने अंतागढ़ उपचुनाव प्रत्याशी मंतुराम पवार के रूप में गलत पडे़ दांव की जवाबदेही से छत्तीसगढ़ कांग्रेस को मुक्त कर दिया है। मंतुराम ने ऐन मौके पर नाम वापस ले लिया था। प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के लिए यह घटनाक्रम बड़ी रणनीतिक पराजय माना जा रहा था। सोमवार को ये दोनों नेता कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे तो उनके सवालों में मंतुराम नहीं स्थानीय निकाय चुनाव थे। उन्होंने इन नेताओं पर पहुंचते ही सवाल दागा 'निकाय चुनावों में कितनी सीटों की उम्मीद कर रहे हैं? टारगेट हम नहीं आप तय करेंगे', इस पर सिंहदेव ने कहा '50 फीसद सीटों के जीतने की उम्मीद करते हैं' तो राहुल ने बघेल को कहा तीन से छ: दिन में निकाय चुनावों की रणनीति का खाका उपलब्ध कराएं। लगभग एक घंटे चली मुलाकात के दौरान छत्ताीसग़़ढ के अन्य नेताओं ने राहुल को मंतुराम की नाम वापसी और पार्टी से निष्कासन की जानकारी दी तो उन्होंने कहा बिलकुल ठीक किया, हमसे पूछने की कोई जरूरत नहीं थी। मंतुराम प्रकरण में एक गुट द्वारा बनाए जा रहे दबाव की खबरों की कतरनें दी तो राहुल बोले 'हां, कुछ विधायक आए थे शिकायत लेकर'। फिर कुछ समय बाद राहुल गांधी प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद और सिंहदेव को रकने का इशारा कर बघेल को लेकर भीतर चले गए। वहां लगभग पंद्रह मिनट बात की। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से टिकट के बंटवारे से पूर्व हुई मुलाकात में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी पर पड़ रहे दबाव और उसके मैदान छोड़ने की संभावनाओं की जानकारी दे दी थी। मंतुराम के चयन से पूर्व सीएम जोगी भी सहमत थे। चुनाव आयोग भी पहुंचे दिल्ली में मौजूद छत्ताीसगढ़ के नेताओं ने अंतागढ़ सीट के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा भी खटखटाया है। नेता प्रतिपक्ष सिंहदेव भाजपा द्वारा कांग्रेस एवं अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों के भयादोहन कर नाम वापस लेने का दबाव बनाने की जानकारी आयोग को देंगे।
चार शहरों में होंगी महिला महापौर
02 September 2014रायपुर। प्रदेश के चार शहरों दुर्ग, कोरबा, धमतरी और बिरगांव की प्रथम नागरिक महिलाएं होंगी। सोमवार को नगर निगम के महापौर और नगर पालिका व नगर पंचायतों के अध्यक्षों के आरक्षण के लिए लॉटरी निकाली गई। इसमें रायपुर सहित भिलाई, राजनांदगांव और चिरमिरी नगर निगम में महापौर पद सामान्य वर्ग के खाते में गया।
इस साल के अंत में नगरीय निकायों के चुनाव प्रस्तावित हैं। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने राजधानी के शहीद स्मारक भवन में आरक्षण प्रक्रिया की कवायद की। इस बार 12 में से चार नगर निगमों में सामान्य वर्ग से महापौर होंगे। वहीं, दो नगर निगम में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा एक में अनुसूचित जाति और एक में अनुसूचित जनजाति वर्ग से महापौर होंगे। वर्ष 2009 में हुए चुनाव में रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और चिरमिरी नगर निगम में से केवल राजनांदगांव में महापौर का पद अनारक्षित था। रायगढ़ नगर निगम के महापौर पद को अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित रखा गया है। इसी तरह अंबिकापुर नगर निगम महापौर का पद भी अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहेगा। वहीं, बिरगांव में महापौर अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला होगी। सोमवार को शहीद स्मारक परिसर में बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और सामान्य लोग उपस्थित थे।
नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष पद का आरक्षण कर दिया गया। इसके लिए तय प्रक्रिया का पालन हुआ। अब निकायवार आरक्षण की अधिसूचना जारी होगी। उसके बाद यह सूची राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दी जाएगी। इसी के आधार पर निर्वाचन सम्पन्न कराया जाएगा।
डॉ. रोहित यादव संचालक, नगरीय प्रशासन विभाग
कोर्ट में जोगी ने कहा- नियमों के तहत पाया गया मेरा जाति प्रमाण-पत्र
02 September 2014बिलासपुर. चुनाव याचिका पर सोमवार को करीब 1.45 घंटे चली सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का बयान पूरा हो गया। इस दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनका जाति प्रमाण-पत्र नियमों के तहत ही हासिल किया गया है। इसे सभी जरूरी दस्तावेजों की जांच करने के बाद जारी किया गया है। हाईकोर्ट में नंदकुमार साय के वकील ने उनसे पूछा, क्या उन्होंने मरवाही विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान शराब बंटवाई है।
इस पर उन्होंने कहा कि वे कभी अपने चुनाव क्षेत्र में प्रचार करने भी नहीं जाते। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और राज्यसभा सांसद नंदकुमार साय की चुनाव याचिका पर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का बयान पूरा हो गया है। सोमवार सुबह करीब 10.45 बजे बहस शुरू हुई। इस दौरान जोगी से सवाल पूछे गए, जिनका उन्होंने सिलसिलेवार जवाब दिया। शुरुआत में जोगी से उनके जाति प्रमाण-पत्र को लेकर सवाल किया गया। जोगी ने बताया कि प्रमाण-पत्र नियमों के तहत ही हासिल किया गया है। इसके लिए बाकायदा नियमों के तहत अर्जी दी गई। सभी जरूरी दस्तावेज लगाए गए थे।
इनकी जांच के बाद ही उन्हें जाति प्रमाण-पत्र जारी किया गया। चुनाव में जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के दौरान वह वैलिड था। जोगी से पूछा गया कि क्या चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने शराब बंटवाई थी। इस पर जोगी बोले, यह गलत है। वे अपने चुनाव क्षेत्र में कभी प्रचार करने भी नहीं जाते। इस दौरान वे दूसरे प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहे होते हैं। हाईकोर्ट ने जोगी और साय को लिखित तर्क प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उधर, उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति की रिपोर्ट पेश करने की मांग कोर्ट ने खारिज कर दी। अब इस मामले में 15 सितंबर को अंतिम सुनवाई होगी।
मंतूराम के मैदान छोड़ने के पीछे कुछ कांग्रेसी भी
01 September 2014रायपुर। अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे मंतूराम पवार के मैदान छोड़ने के पीछे कुछ कांग्रेस नेताओं का भी हाथ है। यह बयान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने दिल्ली रवाना होने के पहले दिया। साथ में कहा इस घटना के लिए भाजपा जिम्मेदार है। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की जाएगी।
अंतागढ़ उपचुनाव से मंतूराम के मैदान छो़़डने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने बघेल और सिंहदेव को तलब किया है। इस पर दोनों रविवार शाम दिल्ली रवाना हुए।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक दोनों हाईकमान को पूरी रिपोर्ट देंगे। करीब 8 पन्नों की रिपोर्ट में संगठन के विरोधियों के नाम भी हैं। रिपोर्ट में ऐसे तत्वों को पार्टी से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।
मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा मंतूराम प्रकरण में भाजपा जिम्मेदार है। वह पैसे के दम पर चुनाव जीतना चाहती है। दूसरे निर्दलीय प्रत्याशियों को भी पैसे से खरीदकर नाम वापसी कराई गई। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी। इस बीच बघेल और सिंहदेव के हर कदम पर विरोधियों की भी नजर है। एयरपोर्ट में कुछ विरोधी भी सक्रिय थे।
पत्नी ने भी छोड़ दी पार्टी
अंतागढ़ उपचुनाव में मैदान छोड़ने वाले मंतूराम पवार की पत्नी एवं युवक कांग्रेस की प्रदेश महासचिव सविता पवार ने भी युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उत्तम वासुदेव को इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे मंजूर कर लिया गया। इसकी वजह व्यक्तिगत बताई है।
सूत्रों के मुताबिक मंतूराम के मैदान छोड़ने के बाद से सविता पर कार्रवाई की चर्चा थी। राष्ट्रीय एवं प्रदेश युवक कांग्रेस ने इसकी तैयारी भी कर ली थी।
पीएससी को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
01 September 2014रायपुर। आरक्षण नियमों की अनदेखी कर भर्ती परीक्षा आयोजित करने के मामले में छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग (पीएससी) को हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। न्यायाधीश मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के लिए अंतिम मौका दिया है। कोर्ट ने भूतपूर्व सैनिकों को परीक्षा से वंचित रखने को गंभीरता से लिया है। राज्य पीएससी ने वर्ष 2008 में प्रशासनिक अधिकारियों की भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। डिप्टी कलक्टर, डीएसपी, नायब तहसीलदार, आबकारी उपनिरीक्षक, परिवहन उपनिरीक्षण सहित 486 पदों के लिए यह परीक्षा हुई।
इसमें आरक्षण नियम-1985 के अनुसार राज्य शासन द्वारा जारी सर्कुलर 22 फरवरी 2005 और 18 सितम्बर 2012 के तहत तृतीय श्रेणी के सभी रिक्त पदों पर भूतपूर्व सैनिकों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना था।
भर्ती प्रक्रिया को चुनौती : आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं करने पर भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने 2013 को हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई। बिलासपुर हाईकोर्ट ने याचिका का निरीक्षण करने के बाद पीएससी को नोटिस जारी किया। आपत्ति के बाद भी पीएससी ने जवाब नहीं दिया और चयनित सभी अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग पर भेज दिया।
अंतिम अवसर : परिवहन उपनिरीक्षक के पद पर चयनित अमरेन्द्र सिंह ने आरक्षण नियमों का पालन नहीं करते हुए सूची से बाहर करने पर याचिका लगाई। अधिवक्ता अभिषेक पांडे ने बताया लगातार तीन बार नोटिस जारी होने के बाद भी कोर्ट में पेश नहीं होने पर न्यायाधीश ने अंतिम मौका दिया है। जवाब पेश नहीं करने पर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।
नियम रखे ताक पर : पीएससी ने नियमों को ताक पर रख आबकारी उपनिरीक्षक, परिवहन उपनिरीक्षक और सहायक जेलर गृह विभाग के पद पर नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया। शासन के आदेशों को किनारे कर परीक्षा का आयोजन करने और भूतपूर्व सैनिकों को अपात्र घोषित करने पर कोरबा निवासी अमरेन्द्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
नगर निगम, पालिका और नगर पंचायतों के लिए आरक्षण आज
01 September 2014रायपुर. शहरी सत्ता के लिए योद्धा तय करने के लिए सोमवार को रायपुर के शहीद स्मारक भवन में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसमें नगर निगमों के महापौर, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्षों के लिए लाॅटरी निकाली जाएगी। लाॅटरी में पिछले दो बार से जिन वर्गों के लिए आरक्षण हो गया, उनको शामिल नहीं किया जाएगा। शहीद स्मारक भवन में दोपहर 12 बजे से प्रक्रिया प्रारंभ होगी। शाम तक नगरीय प्रशासन विभाग आरक्षण अधिसूचना जारी कर देगा।
परिसीमन के बाद इस बार नगर निगम 10 की जगह 12 रहेंगे। नगरपालिकाएं 32 की जगह 44 तथा नगर पंचायतें 127 की जगह 113 रहेंगी। आरक्षण के दौरान सबसे पहले नगर निगम के पदों के लिए लॉटरी निकाली जाएगी। इसके बाद नगर पालिका और आखिरी में नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों को आरक्षित किया जाएगा।
हर परिवार में कम से कम दो बैंक खाते खुलेंगे
29 August 2014रायपुर। प्रदेश में निवासरत 56 लाख परिवारों में से जिनके बैंक खाते नहीं हैं, उन परिवारों में से हर एक के कम से कम दो बैंक खाते खोले जाएंगे। यह काम प्रधानमत्री जन-धन योजना के तहत होगा। इस योजना के तहत प्रदेश के 4000 ऐसे गांवों तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाई जाएगी जहां अभी तक बैंक नहीं पहुंच पाए हैं। केन्द्रीय खनिज, इस्पात और श्रम राज्य मंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुआत की। स्थानीय नवीन विश्राम भवन के सभा कक्ष में आयोजित समारोह में कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वास्थ्य, नगरीय प्रशासन और वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल ने की। विशेष अतिथि के रूप में राज्य सभा सांसद डॉ. भूषण लाल जांग़़डे सहित जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा समारोह में उपस्थित थीं। राज्य सरकार के मुख्य सचिव विवेक ढांड ने मुख्य अतिथि सहित सभी आगन्तुकों का स्वागत किया और इस नई योजना के सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी दी। समारोह का आयोजन राज्य सरकार के वित्ता विभाग, संस्थागत वित्ता संचालनालय और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति द्वारा किया गया। केन्द्रीय राज्य मंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्ताीसगढ़ नया राज्य है। राज्य ने अपनी स्थापना के मात्र चौदह वर्ष के भीतर विकास के विभिन्न क्षेत्रों में कई उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं, लेकिन प्रदेश के शत-प्रतिशत गांवों तक बैंक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना भी बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना इस दिशा में काफी मददगार साबित होगी। श्री साय ने कहा कि इस योजना में प्रत्येक खाते धारक का एक लाख रुपए का बीमा भी होगा और बैंक खाते के छह महीने तक सुचारू तथा नियमित संचालन पर उन्हें जरूरत होने पर पांच हजार रुपए तक ओवरड्राफ्ट भी मिल सकेगा। श्री साय ने कहा कि खाते धारक को शासकीय योजनाओं की अनुदान राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी। समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि देश की लगभग 20 प्रतिशत आबादी के पास आज भी बैंक एकाउंट नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री की यह योजना इन परिवारों के साथ-साथ पूरे देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्य सचिव विवेक ढांड ने स्वागत भाषषण में कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना से देश और प्रदेश के अंतिम छोर के गांवों और अंतिम पंक्ति के लोगों तक बैंक सुविधाओं का विस्तार होगा। लोगों में बचत की प्रवृत्तिब़़ढेगी और उन्हें शासकीय योजनाओं का आर्थिक फायदा भी सीधे अपने बैंक एकाउंट के जरिए मिल सकेगा। 20 हजार गांव में एक हजार शाखाएं मुख्य सचिव श्री ढांड ने बताया कि छत्ताीसग़़ढ में लगभग बीस हजार गांव है, लेकिन बैंक शाखाओं की संख्या सिर्फ एक हजार 109 के आस-पास है। प्रदेश के लगभग चार हजार गांवों को बैंक सुविधाओं से जो़़डना जरूरी है, क्योंकि इन गांवों के लोगों को बैंकों से अपनी राशि निकालने के लिए दस-पंद्रह और बीस किलोमीटर तक आना-जाना प़़डता है। ऐसे में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत वित्ताीय समावेशन के जरिए इन गांवों के लोगों को भी बैंकों से जोड़ा जाएगा। चिटफंड कंपनियों से बचेंगे ढांड ने कहा कि बैंक सुविधाओं के अभाव में अक्सर ग्रामीणजन चिट-फंड कम्पनियों में राशि जमा करते हैं, लेकिन ये चिट-फंड कंपनियां कई बार उन्हें उनकी जमा राशि वापस नहीं करती हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत ग्रामीणों और शहरी क्षेत्रों के जरूरतमंद गरीब परिवारों को सरकारी बैंकिंग सुविधाओं से जोड़कर आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा अपने व्यापार प्रतिनिधि [बिजनेस कॉरेस्पांडेंट] नियुक्त किए जाएंगे। गांव के ही किसी व्यक्ति, समाजसेवी संस्था या स्वसहायता समूह आदि में से किसी का चयन कर उसे व्यापार प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया जाएगा। योजना के तहत उसे एक विशेष मशीन दी जाएगी। यह मशीन गांव के ही किसी व्यक्ति अथवा समाजसेवी संस्था या महिला स्वसहायता समूह आदि में से किसी को दी जाएगी। इसके जरिए ग्रामीणों को बैंक सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। योजना में खाते धारकों को रुपए पर आधारित डेबिट कार्ड दिए जाएंगे। इस कार्ड के आधार पर वे अपनी राशि स्थानीय स्तर पर उसी तरह प्राप्त कर सकेंगे, जैसे स्मार्ट कार्ड के आधार पर एटीएम से राशि निकाली जाती है। किसान क्रेडिट कार्ड को भी इसमें परिवर्तित किया जाएगा। बडे़ भुगतान होते हैं प्रदेश में छत्तीसगढ़ में मनरेगा के तहत लगभग 26 लाख श्रमिक परिवारों को हर साल करीब 1500 करोड़ से 1600 करोड़ रुपए तक मजदूरी का भुगतान होता है। इसके अलावा राज्य में 12 लाख से ज्यादा हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत मासिक पेंशन दी जाती है।
प्रदेश में बच्चे असुरक्षित बढ़ा लैंगिक अपराध
29 August 2014रायपुर। प्रदेश में बच्चे दिन-प्रतिदिन असुरक्षित होते जा रहे हैं। उन पर हो रहे अत्याचार के मामले साल-दर-साल बढ़ रहे हैं। खासकर बच्चों के साथ लैंगिक अपराधों में बेतहासा वृद्धि हुई है। आलम यह है कि 2011-12 की अपेक्षा 2013 में बच्चों के साथ हुए लैंगिक अपराधों में 60 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसका खुलासा छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की वाçष्ाüक रिपोर्ट में हुआ है।
यौन उत्पीड़न हुए दोगुने
आयोग के वाçष्ाüक प्रतिवेदन 2013-14 के मुताबिक वष्ाü 2011-12 की अपेक्षा 2013 में बच्चों के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं दोगुने तक पहुंच गई है। पिछले वष्ाü क्रमश: जहां 107 व 114 अपराध दर्ज किए गए थे, वहीं 2013 में यह बढ़कर 192 तक पहुंच गई है। इस तरह देखा जाए तो इन तीन सालों में बच्चों के ऊपर हुए लैंगिक अपराधों के कुल 415 मामले सामने आए हैं।
मार्च 14 तक 1051 मामले
आयोग में दर्ज एक अन्य रिपोर्ट, जो पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई गई है के मुताबिक प्रदेश में 14 नवम्बर 2012 से 31 मार्च 2014 तक बच्चों के साथ हुए लैंगिक अपराधों के 1051 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 116 अपराध रायपुर जिले में हुए हैं। वहीं दूसरे स्थान पर जशपुर में 87 और तीसरे स्थान पर कोरिया में 75 मामले सामने आए हैं।
नैतिक शिक्षा की मांग
हाल ही में राजधानी में सम्पन्न बाल आयोग की एक कार्यशाला में इस विष्ाय पर मंथन किया गया। राष्ट्रीय व तीन राज्यों के बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्षों ने चिंता जताते हुए समाज में नैतिकता को बचाए रखने और उत्कृष्ट चरित्र निर्माण करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसे लेकर सभी आयोग ने आपस में बेहतर समन्वय स्थापित कर काम करने की बात भी कही है।
स्कूल पाठ्यक्रम में जब तक नैतिक शिक्षा को शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक बाल अपराध बढ़ते रहेंगे। प्रतिवेदन के माध्यम से राज्य बाल आयोग ने राज्य शासन को इस संबंध में अनुशंसा भेजी है।
प्रतीक खरे, सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग
छत्तीसगढ़ की पहली महिला ऑर्थो सर्जन बनेंगी मधुलिका
29 August 2014रायपुर. पं. जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज के 51 साल के इतिहास में पहली बार महिला डॉक्टर हड्डी रोग विशेषज्ञ बनेगी। हड्डी रोग विभाग में एडमिशन लेकर दुर्ग की मधुलिका चंद्राकर ने इतिहास रच दिया है। वे छत्तीसगढ़ की पहली हड्डी रोग विशेषज्ञ बनेंगी। हड्डी रोग विभाग को पुरुषों का वर्चस्व वाला माना जाता है। देशभर में महिला हड्डी रोग विशेषज्ञों की संख्या महज 52 है। ऐसे में मधुलिका ने पुरुषों का वर्चस्व माने जाने वाले क्षेत्र में आकर बड़ी हिम्मत दिखाई है। हड्डी रोग विभाग में दूसरे विभागों की अपेक्षा कड़े परिश्रम व जीवटता की जरूरत होती है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे देश में गिनी-चुनी महिलाएं ही हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं। मधुलिका के अलावा डॉ. पूनम पाड़ी ने भी हड्डी रोग विशेषज्ञ बनना स्वीकार किया है। मेडिकल कॉलेज के एचओडी ऑर्थो डॉ. एएस दाऊ का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेकर मधुलिका ने बड़ी हिम्मत का काम किया है। वह अच्छा काम कर रही है।
महिला क्यों नहीं बनना चाहती ऑर्थो सर्जन
कड़ी मेहनत की जरूरत।
लोगों में स्वीकार्य नहीं है।
हड्डी के ऑपरेशन के दौरान खींचातानी ज्यादा।
छिनी, हथौड़ी का उपयोग, जिससे महिलाएं परहेज करती हैं।
स्क्रू, प्लेट लगाने का काम ज्यादा।
डाॅ. सत्येन्द्र फुलझेले, एसोसिएट प्रोफेसर, हड्डी रोग, मेडिकल कालेज, रायपुर
देश में 1990 में बनीं पहली महिला ऑर्थो सर्जन
देश में पहली बार 1990 में महिला ऑर्थो सर्जन बनीं। ये नार्थ-ईस्ट भारत की डॉ. वैलेंसिया माईरबोक हैं। आर्थोपेडिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्य व रायपुर मेडिकल काॅलेज में आर्थो विभाग के एचओडी डाॅ. एएस दाऊ के मुताबिक, देश में कुल 6 हजार आॅर्थो सर्जन हैं। इनमें से केवल 52 महिला हैं। यह पुरुषों की तुलना में एक प्रतिशत भी नहीं है।
गायनेकोलॉजिस्ट बनने का सोचा ही नहीं: मधुलिका
मधुलिका ने कहा कि उसने गायनेकोलॉजिस्ट बनने का नहीं सोचा था। एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान ही सर्जरी से उसका विशेष लगाव हो गया था। हालांकि ऑर्थो सर्जन बनने के निर्णय का उसके साथी व परिजनों ने काफी विरोध किया। पर इन सबके विरोध के बीच उनके पति ने पूरा समर्थन किया। अपने पति की बदौलत ही वो डिप्लोमा इन ऑर्थो कर रही हैं। उनके पति केरल में एनेस्थिसिया विभाग में डिग्री कोर्स कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में कोयले के बडे़ सौदों पर रोक
28 August 2014रायपुर। कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने छत्तीसगढ़ में असर दिखाना शुरू कर दिया है। कोरबा और रायगढ़ में एसईसीएल ने ई-आक्शन पर रोक लगा दी है। कोल मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोयला सिर्फ पॉवर कंपनियों को दिया जाएगा। वहीं कोर्ट का फैसला आने से पहले सामने आए तथ्यों से कोल ब्लॉक आवंटन की कालिख भी उजागर हो रही है। हालत यह है कि छत्तीसग़़ढ की कोयला खदानों का आवंटन कोयला मंत्रालय ने किया, लेकिन राज्य सरकार, ऊर्जा और पर्यावरण मंत्रालय की अनुशंसा लिए बिना ही आवंटन कर दिया गया। नईदुनिया को मिले दस्तावेजों के मुताबिक इस तरह की भयंकर ग़़डब़़डी बालको, प्रकाश इंडस्ट्री, वेदांता समूह सहित एक दर्जन कोल ब्लॉक देने में की गई। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि कोल ब्लॉक का आवंटन राज्य सरकार, ऊर्जा और पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति के बिना कैसे दे दिया गया?
दुर्गापुर दो और तारामेर कोल ब्लॉक का आवंटन बालको को किया गया। इसके लिए न तो राज्य सरकार ने अनुशंसा की थी, न ही ऊर्जा मंत्रालय ने। जबकि वेदांता कंपनी को कोल ब्लॉक आवंटन करने के लिए ऊर्जा मंत्रालय और सीईए ने अनुशंसा की थी, लेकिन इसको कोल ब्लॉक का आवंटन नहीं किया गया। प्रकाश इंडस्ट्री को आवंटित फतेहपुर ईस्ट के लिए ऊर्जा मंत्रालय की ओर से अनुशंसा नहीं की गई थी। कोल मंत्रालय ने आठ ऐसी कंपनियों को कोल ब्लॉक का आवंटन नहीं किया, जिनको कोल ब्लॉक देने के लिए ऊर्जा मंत्रालय ने अनुशंसा की थी। छत्तीसग़़ढ में कोल ब्लॉक का अधिकांश आवंटन पॉवर के लिए किया गया, लेकिन कंपनियों ने आवंटन के बाद प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया। डीबी पावर को आवंटित दुर्गापुर दो/ सरिया, बालको को आवंटित दुर्गापुर दो/तारामेर, एईएस छत्तीसग़़ढ एनर्जी को आवंटित सयांग, एसकेएस इस्पात और प्रकाश इंडस्ट्री को आवंटित फतेहपुर, जेएसडी यवतमाल, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, आरकेएम पावरग्रेन, वीजा पावर और वेदांता विद्युत एनर्जी को आवंटित फतेहपुर ईस्ट की रिपोर्ट कंपनियों ने कोल ब्लॉक को सौंपी ही नहीं। कंपनियों को बताया था कि कोल ब्लॉक आवंटन के बाद प्रोजेक्ट में क्या प्रगति हुई। बताया जा रहा है कि इन कोल ब्लॉक में अब तक खुदाई का काम शुरू नहीं हुआ है।
खतरे में हजारों एक़़ड जंगल, हजारों आदिवासी
छत्तीसग़़ढ के सैक़़डों एक़़ड जंगल को कटने से रोकने के लिए हसदेव अरण्य और रायग़़ढ के मांड के कोल ब्लॉक का आवंटन निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट विचार कर रहा है। हसदेव अरण्य की 31 हजार हेक्टेयर से ज्यादा जमीन कोल ब्लॉक को आवंटित की गई है। यह एक समृद्ध वन संपदा तथा जैवविविधता से परिपूर्ण क्षेत्र है, जिसके कारण केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 2009 में इसे नो गो क्षेत्र घोषिषत किया गया था। 2011 में यहां पर तीन कोयला खदानों परसा ईस्ट, केत बासन तथा तारा कोल ब्लॉक को पर्यावरण स्वीकृति जारी की गई थी। वहीं, रायग़़ढ के मांड क्षेत्र में 64 कोल ब्लॉक की पहचान की गई है। छत्तीसग़़ढ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला ने बताया कि यहां कोल ब्लॉक का आवंटन होने से 70 से 75 गांव के लगभग 70 हजार आदिवासियों को विस्थापित करना होगा। यह क्षेत्र सघन वन क्षेत्र है। यहां के कोल ब्लॉक को पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिल सकती है, लेकिन छत्तीसग़़ढ के वन विभाग ने क्लीयरेंस के लिए प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। वहीं, कोरबा, सरगुजा एवं सूरजपुर जिले की सीमाओं पर स्थित हसदेव अरण्य में 17 कोयला खदानें प्रस्तावित हैं। इनके खुलने से लगभग एक लाख एक़़ड वन क्षेत्र एवं 30 से ज्यादा गांव प्रभावित होंगे।
विरोध में उतरे आदिवासी
प्रदेश में परसा ईस्ट और केटे बेसिन में अडानी को आवंटित कोल ब्लॉक का विरोध हो रहा है। इस कोल ब्लॉक से सरगुजा के परसा, केट, परोगिया, घटबर्रा और हरिहरपुर बेसिन के गांव प्रभावित हो रहे हैं। परसा कोल ब्लॉक से फतेहपुर, सलही, हरिहरपुर, जनार्दनपुर, इंगमारा, तारा और बैगापारा गांव के लोग प्रभावित हो रहे हैं। तारा कोल ब्लॉक से सरगुजा जिले के तारा और कंटराली गांव के सैक़़डों लोग प्रभावित हो रहे हैं। सरगुजा, रायग़़ढ, कोरबा और बस्तर के कोल ब्लॉक का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। इसमें परसा, परसा ईस्ट, केटे बेसिन, भाकुरमा मटरेंगा, पेंडारखी, मदनपुर नार्थ, मदनपुर साउथ, पुता, परोगिया, पिंडारखी, गि़़डमु़़डी, पतुरिया, मोरगा 1, मोरगा 2, मोरगा 3, मोरगा 4, नकिया एक, नकिया दो, सीधू नार्थ और सीधू साउथ शामिल हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इसके बारे में कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है। एक सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है। इसके बाद राज्य सरकार के सामने कोल ब्लॉक को लेकर स्थिति साफ हो पाएगी-सुबोध सिंह, सचिव, खनिज विभाग।
कॉलेजों में युवा बीजेपी का दबदबा
28 August 2014रायपुर. छत्तीसगढ़ के तकरीबन साढ़े पांच सौ काॅलेजों में बुधवार को हुए छात्रसंघ चुनावों में भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और कांग्रेस के भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के उम्मीदवारों में सीधा मुकाबला हुआ। देर रात को स्थिति स्पष्ट हो पाई। एबीवीपी अधिकांश जगह आगे रही। तस्वीर रायपुर के साइंस कॉलेज की है, जहां अध्यक्ष पद पर जीत के बाद एनएसयूआई ने इस तरह खुशी मनाई।
छात्रसंघ चुनाव
राजधानी के 27 कॉलेजों में से 15 में एबीवीपी के अध्यक्ष, 7 में एनएसयूआई
दुर्गा और छत्तीसगढ़ कॉलेज में भी एबीवीपी का कब्जा
बिलासपुर, बस्तर विवि के कॉलेजों में ही एनएसयूआई आगे
दुर्ग में भी पहली
राजधानी के कालेजों में एबीवीपी का दबदबा, एनएसयूआई पीछे
आठ साल बाद राजधानी के कालेजों में हुए चुनाव भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के लिए बुरे अनुभव की तरह रहे। आमतौर से हर कालेज में दबदबा बनाए रखने वाला यह संगठन शहर के चौथाई कालेजों में अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करता नजर आया। इसके विपरीत, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अप्रत्याशित ढंग से ज्यादातर कालेजों में धमाकेदार प्रदर्शन कर राजधानी की छात्र राजनीति में खुद को बड़ी ताकत के रूप में स्थापित कर लिया। शहर के 27 कॉलेजों में एबीवीपी के 15 अध्यक्ष चुन लिए गए। एनएसयूआई को केवल सात अध्यक्षों पर संतोष करना पड़ा। छात्र संघर्ष समिति एक अध्यक्ष बनाने में सफल रही है और चार ने निर्दलीय के तौर पर अध्यक्ष चुनाव जीत लिया। शहर के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण दुर्गा और छत्तीसगढ़ कॉलेज में एबीवीपी के उम्मीदवारों ने तकरीबन सभी पदों पर कब्जा जमा लिया।
एनएसयूआई को साइंस कालेज के अलावा शहर के छोटे कॉलेजों में जीत कर संतोष करना पड़ा। छात्रसंघ चुनाव को लेकर शहर में सुबह से ही भारी गहमागहमी रही। मतदान शुरू होने के पहले ही छात्र संगठनों की गाड़ियां रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, भनपुरी, बीरगांव, चरौदा, कुम्हारी, सेजबहार आदि जगहों पर दौड़ने लगी। कॉलेजों में मतदान के लिए पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। बिना आई कार्ड के एक भी छात्र को प्रवेश नहीं करने दिया गया।
दुर्गा कॉलेज में तनाव - मतदान के दौरान दुर्गा कॉलेज में भारी तनाव दिखाई दिया। युवाओं को रोकने के लिए पुलिस ने मौदहापारा मस्जिद से देना बैंक के सामने तक स्टॉपर लगाकर सड़क को बंद कर दिया।
एबीवीपी
दुर्गा कॉलेज, छत्तीसगढ़ कॉलेज, प्रगति कॉलेज, रविवि अध्ययनशाला, पैलोटी कॉलेज, मैक कॉलेज, संस्कृत कॉलेज, डागा कॉलेज, हरिशंकर कॉलेज, रामसखा उपाध्याय कॉलेज, अग्रसेन कॉलेज पुरानी बस्ती, मेडिकल कॉलेज, आयुर्वेदिक कॉलेज, सिंधी कॉलेज, कुसुमताई दाबके लॉ कॉलेज।.
एनएसयूआई साइंस कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, महंत कॉलेज, गुरुकुल महिला कॉलेज, दिशा कॉलेज रामनगर, केडी रुंगटा कालेज अटारी, सीसीईएम कॉलेज।
निर्दलीय शांति निकेतन, डिग्री गर्ल्स कॉलेज कालीबाड़ी, डिग्री गल्स कॉलेज देवेंद्र नगर, जीईसी रायपुर, सेंट्रल कॉलेज।
इसलिए हारे दुर्गा कॉलेज- दुर्गा कॉलेज का उम्मीदवार चुनने के लिए शुरू से ही संगठन और जोगी खेमे के लोगों में ठनती रही। अंत में संगठन के कुछ प्रभावशाली लोगों की पसंद पर सुभाष नाग को उम्मीदवार बनाया गया। इससे जोगी खेमा नाराज होकर चुनाव से दूर हो गया। नाग राजनीति में नए थे। उन्होंने छात्रों को कॉलेज की समस्याओं पर वोट मांगने के बजाय गीत-संगीत से प्रभावित करने की कोशिश की। छात्रों को उनमें गंभीरता नहीं दिखी। इसके ठीक उलट एबीवीपी के राहुल यादव ने उन सभी बातों का प्रचार किया जो जीतने के बाद वे छात्रों के लिए करने वाले हैं। शहर के अलावा गांवों के वोट अपने पक्ष में करने के लिए दिन-रात मेहनत की गई।
रविवि में भारी रहेगी एबीवीपी
रायपुर समेत आसपास के कई जिलों में एबीवीपी के अध्यक्ष और सचिव ज्यादा बनने की वजह से प्रारंभिक समीकरण में विवि अध्यक्ष के चुनाव में एबीवीपी का पलड़ा भारी रहेगा। विवि अध्यक्ष का चुनाव 2 सितंबर को होगा। इसमें कॉलेजों के अध्यक्ष और सचिवों को वोट डालने का अधिकार रहेगा।
इसमें लगभग 360 चुने हुए लोग वोट करेंगे। विवि अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो जाएगी। शुक्रवार तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 30 अगस्त को नाम वापसी के साथ ही इसी दिन फाइनल उम्मीदवारों की सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा प्रचार के लिए सबको दो दिन मिलेंगे।
दिग्विजय बोले अवतार और संत मे होता है फर्क
28 August 2014रायपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यहां बुधवार को कवर्धा में आयोजित किए गए धर्म संसद के फैसलों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अवतार और संत में फर्क होता है। हमें इस फर्क को समझना होगा। हम अवतार की पूजा करते हैं, संत की नहीं।
शिरडी के सांई बाबा के उल्लेख से बचते हुए श्री सिंह ने कहा कि किसी भी मंदिर में अवतार की प्रतिमा स्थापित होती है संत की नहीं। जगतगुरू शंकराचार्य के जन्मदिन में शामिल होने के अलावा यहां डोंगरगढ़ में बम्बलेश्वरी देवी के दर्शन के लिए पहुंचे दिग्विजय ने शंकराचार्य को अपना गुरू बताते हुए कहा कि वे अपने गुरू के किसी भी कथन पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
हमारा काम राजनीति करना-जोगी : प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने धर्म संसद के फैसलों को धर्म-कर्म का मामला बताया। पत्रकारों से चर्चा में जोगी ने कहा कि किसी भी राजनीतिज्ञ को धर्म के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यदि हम सच्चे राजनीतिज्ञ हैं तो हमें केवल राजनीति से ही सरोकार रखना चाहिए।
दो पत्नियों पर...
दो पत्नियों को रखे जाने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि यदि इस बारे में शंकराचार्य ने कुछ कहा है तो मैं उनसे सहमत ही रहूंगा, क्योंकि वे मेरे गुरू है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र के खिलाफ कदाचार के आरोपों के बारे में कहा कि इस बारे में ज्यादा बेहतर ढंग से नरेंद्र मोदी और अमित शाह ही बता सकते हैं, क्योंकि उनकी ही चल रही है।
विधायक की चिट्ठी आई है, मुफ्त में करें इलाज
27 August 2014रायपुर। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल अम्बेडकर अस्पताल में बीपीएल, स्मार्टकार्डधारी और अन्य मरीजों को भले ही ठीक से इलाज न मिले, लेकिन यदि किसी मरीज की मंत्री या विधायक तक पहुंच है, तो उसे बेहतर इलाज मिलेगा, वह भी बिल्कुल मुफ्त। यहां हर माह जनप्रतिनिधियों और उनके निज सहायकों की सिफारिश पर करीब 200 मरीजों का इलाज हो रहा है। सालभर का आंकड़ा करीब 5 हजार मरीजों का है।
जनप्रतिनिधियों के सिफारिशी-पत्रों पर मुफ्त इलाज के लिए कोई नियम-कायदा नहीं हैं, लेकिन अम्बेडकर अस्पताल प्रशासन जनप्रतिनिधियों पर मेहरबान है। विधायकों और मंत्रियों के सिफारिशी मरीजों का यहां इलाज न केवल प्राथमिकता के आधार पर होता है बल्कि उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने बाकायदा एक रजिस्टर भी बना रखा है, जिसमें इस तरह के मरीजों की इंट्री की जाती है। उधर, एमएसबीवाई स्मार्टकार्डधारी और अन्य सामान्य मरीज इलाज के भटकते रहते हैं। स्थिति यह है कि यहां रेफरल मरीजों को भी दो-दो दिन तक भर्ती नहीं किया जाता। सामान्य मरीजों की हालत यह है कि उनका इलाज बेड न होने के कारण बरामदे में लिटाकर किया जा रहा है।
गड़बड़ा गया अस्पताल का बजट
राज्य शासन प्रतिवर्ष अम्बेडकर अस्पताल प्रशासन को 10 से 15 करोड़ की राशि देता है। इसमें मुफ्त व लोकल पर्चेस दवाएं, छोटे उपकरण की खरीदी से लेकर अस्पताल डेवलपमेंट, स्टाफ पेमेंट आदि करना होता है। इसी राशि से मुफ्त में इलाज करना पड़ता है। बड़ी संख्या में सिफारिशी-पत्र आने पर अस्पताल प्रशासन ऑटोनामस फंड से मरीजों का इलाज करता है। इससे अस्पताल का बजट गड़बड़ा जाता है।
इनके सिफारिशी-पत्र
अम्बेडकर अस्पताल में अभी न्यूरो, ईएनटी व मेडिसिन विभाग में तीन सिफारिशी मरीजों को भर्ती किया गया है। इनके फ्री इलाज की सिफारिश खुद स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल, विधायक भैयालाल राजवाड़े और विधायक गिरिवर जंघेल ने की है। इन मरीजों में किसी कमर की हड्डी में चोट, किसी के सिर व कान में टयूमर का इलाज चल रहा है। इनके इलाज पर प्रति मरीज कम से कम 20 हजार का खर्च आएगा।
जिनके पास स्मार्टकार्ड है, उनका इलाज इसके जरिए होता है। लेकिन जिनके पास स्मार्टकार्ड नहीं है उनका इलाज मंत्री, विधायक के सिफारिशी-पत्रों के जरिए फ्री में होता है। औसतन हर माह 200 लोग ऎसे होते हैं, जिनकी जांच से लेकर भर्ती और ऑपरेशन तक फ्री में होता है। शुभ्रा सिंह, प्रवक्ता, अम्बेडकर अस्पताल
आठ साल बाद साढ़े पांच सौ कालेजों में छात्र संघ का चुनाव आज
27 August 2014रायपुर. प्रदेश में आठ साल बाद बुधवार को कालेजों में छात्र संघ के चुनाव होंगे। साढ़े पांच सौ सरकारी व प्राइवेट कालेजों के तकरीबन ढाई लाख विद्यार्थी इसमें वोट करेंगे। मतदान सुबह 8 से 12 बजे के बीच होगा। दोपहर 1 बजे से मतगणना शुरू होगी। दोपहर 2 बजे के बाद परिणाम आने शुरू हो जाएंगे। देर शाम तक सभी कॉलजों के परिणाम घोषित किए जाने के संकेत हैं। प्रदेश में 11 शासकीय और छह अशासकीय विश्वविद्यालय हैं।
इनसे संबद्ध करीब 547 कॉलेजों में छात्रसंघ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सहसचिव और कक्षा अधिकारी के लिए मतदान होगा। सोमवार और मंगलवार को कॉलेजों में छात्रों के बीच मतपर्ची का वितरण कर दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि सुबह मतदान के समय किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए कॉलेजों में पुलिस भी मौजूद रहेगी।
दिन को वोटिंग, शाम को नतीजे
प्रदेश के कॉलेजों में चुनाव - 547 वोट करेंगे- 2.50 लाख विद्यार्थी सुबह आठ बजे से शुरू होगा मतदान। दोपहर एक बजे शुरू होगी मतगणना। शाम तक आ जाएंगे नतीजे। एक छात्र करेंगे पांच वोट।
धर्मसंसद है असंवैधानिक,नहीं टूटने देंगे साई की मूर्ति
27 August 2014रायपुर। कवर्धा में हुई धर्मसंसद को गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने असंवैधानिक माना है। गृहमंत्री ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि किसी भी साई मंदिर या साईबाबा की मूर्ति को तोड़ने नहीं दिया जाएगा। कौन-सा व्यक्ति किस धर्म को मानेगा, यह बिल्कुल निजी और अलग मसला है। पैकरा ने कहा कि धर्मसंसद का अपना महत्व है। यह संसद धार्मिक महत्व को और अधिक प्रतिष्ठित करने के लिए बनी है। इस संसद के काम करने के तौर-तरीकों पर किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कानून को भी अपना काम सुचारू ढंग से करना है।
किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं
गृहमंत्री ने कहा है कि धार्मिकस्थल आस्था का केंद्र होते हैं इसलिए किसी भी साई मंदिर से मूर्तियों को टूटने नहीं दिया जाएगा। साई मंदिरों से मूर्तियों को हटाने और उन्हें विसर्जित किए जाने के सवाल पर गृहमंत्री ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। यदि कोई कानून अपने हाथ में लेता है तो उसके साथ कानून के हिसाब से ही व्यवहार किया जाएगा।
साई भक्तों ने कहा, मंदिरों से नहीं हटाएंगे मूर्ति
साईबाबा पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा धर्मसंसद में दिए गए फैसले पर साई सेवा समितियों ने अमल करने से इनकार कर दिया है। वे न तो मंदिरों से साई बाबा की मूर्ति हटाएंगे और न ही पूजा-पाठ बंद करेंगे।
पद्मभूषण तीजन बाई पर बनेगी फिल्म
26 August 2014रायपुर। पंडवानी लोक गायिका पद्मभूषण तीजन बाई पर जल्द ही फिल्म बनेगी। मशहूर निर्देशक इम्तियाज अली इस अनाम फिल्म का निर्देशन करेंगे। बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर भी इस फिल्म का हिस्सा हो सकते हैं।
सोमवार को अभिनेता रणबीर कपूर और निर्देशक इम्तियाज अली पद्मभूषण तीजन बाई से मिलने भिलाई, सेक्टर 1 स्थित उनके निवास पर गए। उनके साथ तीन लोगों की टीम भी थी।
ये सभी पद्मभूषण तीजन बाई के घर में काफी देर तक रके और पंडवानी सहित छत्तीसगढ़ के लोक गीत-संगीत के बारे में काफी चर्चा की।
बॉलीवुड सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निर्देशक इम्तियाज अली छत्तीसगढ़ की लोककला व संस्कृति को लेकर एक फिल्म बनाना चाह रहे हैं। लंबे रिसर्च के बाद इम्तियाज और उनकी टीम ने इस लोककला पर आधारित फिल्म के लिए तीजनबाई का नाम फाइनल किया। सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ़ में इम्तियाज को ड्रीम फिल्म बनाने के लिए तीजनबाई के अलावा दूसरा और कोई नाम पसंद नहीं आया।
मुझे जानकारी नहीं : सुंदरानी
छत्तीसगढ़ के फिल्म निर्माता मोहन सुंदरानी ने बताया कि इम्तियाज की ड्रीम फिल्म की मुझे कोई जानकारी नहीं है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इम्तियाज और उनकी टीम द्वारा छत्तीसगढ़ संस्कृति और लोककला के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी ली जा रही थी। इसके लिए वे लंबे समय से छत्तीसगढ़ के कई कलाकारों के संबंध में जानकारी एकत्रित कर रहे थे। सोमवार को गुप्त रूप से निर्देशक और अभिनेता अपनी टीम के साथ छत्तीसगढ़ पहुंचे।
एयरपोर्ट से सीधे भिलाई रवाना
रणबीर कपूर, इम्तियाज अली के साथ अभिषेक सन्याल, तन्मई रस्तोगी और संदीप जाधव की टीम सुबह 8.40 बजे जेट की फ्लाइट से रायपुर पहुंची। यहां पहले से ही सभी प्रकार की तैयारी कर ली गई थी और टीम सीधे भिलाई रवाना हुई। भिलाई में सेक्टर 1 स्थित तीजनबाई के निवास में पूरी टीम की लंबी चर्चा हुई। इस दौरान निर्देशक ने पंडवानी के बारे में ढेर सारी बातें भी हुई। भिलाई से तीजन बाई को साथ लेकर टीम दुर्ग जिले के बलोदी गांव पहुंची, जहां तीजन बाई के बेटे रहते हैं। यहां तंबूरा, बेंजो सहित विभिन्न प्रकार के लोक वाद्ययंत्रों का जायजा सभी ने लिया और इससे संबंधित आवश्यक जानकारी हासिल की। यहां एक छोटा सा कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था, जिसमें तीजनबाई ने रणबीर और इम्तियाज के समक्ष द्रौपदी चीरहरण का प्रसंग प्रस्तुत किया।
झीरम कांड को बड़े नेताओं के इशारे पर दिया अंजाम
26 August 2014जगदलपुर । जिले के दरभा ब्लॉक के झीरम घाट में 26 मई 2013 को हुई वारदात में शामिल दो माओवादी चैतराम सलाम और उसकी पत्नी मंजूला ने नारायणपुर पुलिस के समक्ष रविवार को हथियार डाल दिए। राजनांदगांव दलम की महिला माओवादी रजनी ने भी समर्पण किया। चैतराम व मंजूला ने एनआईए के समक्ष कबूल किया है कि वो झीरम में हुई वारदात के पहले क्रम में थे। समर्पण के पहले इन माओवादियों ने बताया कि दरभाकाण्ड के लिए बड़े नेताओं के कहे अनुसार घटना को अंजाम दिया गया था।
घटना के दौरान चैतराम मौके पर था और उसकी पत्नी मंजूला घटना के बाद माआवादियों को जिस गांव बेंगपाल में भोजन करना था वहां मौजूद थी। इन दोनों माओवादियों का नाम ताड़मेटला कांड और ओडिशा के दामनजोड़ी नालको ब्लास्ट से भी जुड़ा था। चैतराम सीआरसी में डिप्टी कंमाडर और उसकी पत्नी सदस्य थी।
माओवादी संगठन बैकफुट पर
आईजी शिवराम कल्लूरी ने माओवादियों के आत्मसमर्पण के बाद बताया कि माओवादी संगठन अब बैकफुट पर है। यही कारण है कि उनके प्रशिक्षित माओवादियों को हथियार लेकर सामने आना पड़ रहा है। अब पुलिस और फोर्स अंदरूनी इलाके में पहुंच चुकी है। यही कारण है भेज्जी इलाके से गांव छोड़कर पलायन कर चुके छह हजार ग्रामीणों को पुन: बसाने का प्रयास किया जा रहा है।
जंगल में अब दो तिहाई बल
माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन को तेज करने जंगलों में फोेर्स बढ़ाने की बात कहते हुए आईजी ने कहा कि पहले जंगलों में हमारी एक तिहाई फोर्स रहती थी। अभी हमारी स्थिति मजबूत है। इसे देखते अब जंगलों में दो तिहाई फोर्स को कैंपिंग करने के निर्देश जारी करने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही माओवादियों के गढ़ में नागा फोर्स की तैनाती की कार्रवाई भी जारी है।
रमन सरकार ने घोषणा की और अमल करना भूल गई
26 August 2014रायपुर. राज्य में भाजपा सरकार ने हैट्रिक लगाई और जोश ही जोश में कई घोषणाएं कर डालीं। पर उनमें कई ऐसी घोषणाएं हैं जिनमें महीनों बीत जाने के बाद भी अमल शुरू नहीं हो पाया है। कुछ ऐसी हैं जाे शुरू होने के साथ ही दम तोड़ चुकी हैं। दैनिक भास्कर ने भाजपा सरकार की तीसरी पारी की ऐसी ही घोषणाओं की वस्तुस्थिति जानने का प्रयास किया।
घोषणा क्या हुई, उस पर अभी कितना अमल हो रहा है। या फिर उनकी वर्तमान स्थिति क्या है, और घोषणा करके सरकार आखिर भूल कैसे गई, इस पर सीधे मंत्री से बात की गई। यह स्थिति केवल एक या दाे विभाग में नहीं है बल्कि आधा दर्जन से अधिक विभागों में है। आम जनता से जुड़ी कई घोषणाओं के बारे में हम यहां जानकारी प्रकाशित कर रहे हैं।
स्कूल बसों में केयर-टेकर, घोषणा : 20 दिसंबर 2013
स्कूली बसों में लगातार हो रही दुर्घटनाओं और बच्चों को प्रताड़ना के शिकार होने से बचाने के लिए हर स्कूली बस में केयर टेयर रखे जाएंगे। यह पूरे राज्य में अनिवार्य होगा।
क्या हुआ: देखा ही नहीं
घोषणा के बाद एक औपचारिक आदेश जारी हो गया। बसों में केयर-टेकर नहीं चल रहे। बसें ड्राइवर कंडक्टर के भरोसे चल रही हैं।
बहाने: अगले सत्र से
अगले सत्र से 100 प्रतिशत स्कूलों में यह व्यवस्था लागू हो पाएगी। िफलहाल कुछ स्कूलों में शुरु किया गया है। रिपोर्ट देखकर ही अिधक बता पाऊंगा।
केदार कश्यप, मंत्री स्कूल शिक्षा
कृषि कैबिनेट एवं नई बीज नीति, घोषणा : 19 फरवरी 2014
प्रदेश में कृषि से जुड़े सारे फैसले लेने के लिए संबंधित विभागों को मिलाकर अलग से कृषि कैबिनेट गठित की जाएगी। किसानों को राहत देने के लिए नई बीज नीित भी बनाई जाएगी।
क्या हुआ: सिर्फ प्रस्ताव
कृषि कैबिनेट अब तक नहीं बन पाई। एक बार भी कैबिनेट गठन के संबंध में बैठक भी नहीं हो पाई। नई बीज नीित का भी मसौैदा अब तक तैयार नहीं हो सका।
बहाने: सीएम को भेजा प्रस्ताव
कृषि कैबिनेट के गठन के लिए प्रारंभिक प्रक्रिया चल रही है। प्रस्ताव बना लिया गया है। मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद इसका अस्तित्व आएगा।
बृजमोहन अग्रवाल, कृषि मंत्री
फोन पर समस्या होगी दूर, घोषणा : 27 दिसंबर 2013
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की समस्याएं दूर करने के लिए टोल फ्री नंबर 1100 जारी किया गया है। कहा गया-काेई घूस मांगे, या शहरों में आपका काम नहीं हो रहा है तो एक कॉल करें।
क्या हुआ: निदान नहीं
टोल फ्री नंबर चालू तो हो गया पर लोगों को राहत नहीं मिली। केवल शिकायतें सुनी जा रही हैं। मसलन रायपुर में सफाई की समस्या रोज लिखाई जा रही।
बहाने: अभी तक समीक्षा नहीं
विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बाद अभी तक इसकी समीक्षा नहीं कर पाया हूं। जल्द ही इसकी समीक्षा करेंगे। वैसे तो निगमों के कामकाज पर सरकार की पूरी नजर है।
- अमर अग्रवाल, नगरीय प्रशासन मंत्री
हर अस्पताल में फिजियोथेरेपिस्ट, घोषणा : 9 फरवरी 2014
बढ़ती घटनाओं और मरीजों की संख्या को देखते हुए राज्य के हर जिला अस्पताल में एक-एक फिजियोथेरेपिस्ट की नियुक्ति की जाएगी। जिला अस्पतालों की व्यवस्थाओं में बदलाव होगा।
क्या हुआ: दूसरों का सहारा
अब तक नियुक्ति की प्रारंभिक प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई। मरीजों को प्राइवेट संस्थाओं में ही जाना पड़ रहा है। जिला अस्पतालों की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं।
बहाने: देर तो हो जाती है
अस्पतालों में फिजियोथेरेपिस्ट की भर्ती इतनी जल्दी होना संभव नहीं है। इसमें समय लगेगा। इसकी प्रक्रिया जल्द शुरु होगी। देर तो हाे ही जाती है।
- अमर अग्रवाल, नगरीय प्रशासन मंत्री
सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाएं, घोषणा : 9 फरवरी 2014
आम लोगों को सस्ती दवा मिलनी चाहिए। इसके लिए सरकार हर जिला अस्पताल में जेनेरिक दवा लिखना अनिवार्य कर रही है। सभी सरकारी अस्पतालों में मिलेंगी जेनरिक दवाएं।
क्या हुआ: सप्लाई ही नहीं
सभी अस्पतालों में अब तक जेनरिक दवाओं की उपलब्धता ही सुनिश्चित नहीं हो सकी है। डॉक्टर भी रुचि नहीं ले रहे हैं।
बहाने: व्यावहारिक दिक्कत है
नई व्यवस्था है, इसलिए अमल में थोड़ी व्यावहारिक दिक्कत आ रही है। सरकार इसको लेकर चिंतित है। वैसे अस्पतालों में सिर्फ जेनरिक दवाएं ही देने के निर्देश है।
- अमर अग्रवाल, नगरीय प्रशासन मंत्री
बेतरतीब विकास रोका जाएगा, घोषणा : 19 जनवरी 2014
शहरों का बेतरतीब विकास रोका जाएगा। राज्य के 144 नगरीय निकायों का मास्टर प्लान बनाया जाएगा। ताकि लोगों को सही ढंग से शहरी सुविधा मिल सके।
क्या हुआ: सिर्फ 22 शहरों में
अब तक राज्य के सिर्फ 22 शहरों का मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया शुरू हो सकी है। संसाधन नहीं होने के कारण बाकी शहरों में काम शुरू नहीं हो सका।
बहाने: बीस जगह हो चुका
20-22 जगह के मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। बाकी जगह के लिए भी कार्ययोजना बनी है। ब्लाक मुख्यालयों को शहर की तरह डेवलप किया जाएगा।
- राजेश मूणत, आवास, पर्यावरण मंत्री
नक्सलियों ने कैंप बनाने के लिए काटे जंगल
25 August 2014रायपुर। बस्तर के घने जंगलों में नक्सलियों ने बडे़ पैमाने पर पेड़ों की कटाई कर कैंप बनाए हैं। सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त हवाई सर्वे में यह खुलासा हुआ। पुलिस टीम ने तीन दिन तक अबूझमाड़ से लेकर गढ़चिरौली के जंगलों का हवाई सर्वे किया। इसमें इंद्रावती नदी के किनारे बड़े पैमाने पर कटे पेड़ और छोटे-छोटे कैंप नजर आए हैं। पुलिस अधिकारी इन्हें नक्सलियों के कैंप मान रहे हैं। केंद्र सरकार से अनुमति मिलने पर बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पैराटूपिंग के माध्यम से जवानों को उतारा जाएगा। इसी कड़ी में हवाई सर्वे किया गया है। एडीजी नक्सल ऑपरेशन आरके विज ने बताया अबूझमाड़ और महाराष्ट्र सीमा से लगे ग़़ढचिरौली के जंगलों में पेड़ काटने के प्रमाण मिले हैं। अबूझगा़़ड में नक्सलियों को सबसे ताकतवर माना जाता है। इस क्षेत्र में अर्धसैनिक बलों और छत्तीसग़़ढ पुलिस की कार्रवाई की तैयारी है। प्रदेश में अर्धसैनिक बलों के 32 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। बीएसफ के एक हजार अतिरिक्त जवान भी जुलाई में तैनात किए गए हैं। साथ ही आईटीबीपी की सात बटालियन राजनांदगांव क्षेत्र में है। सरेंडर करने वालों से मिल रही जानकारी आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से भी पुलिस पूछताछ में प्रभाव क्षेत्र की जानकारी ली जा रही है। छत्तीसगढ़ का बीजापुर एवं सुकमा और महाराष्ट्र के ग़़ढचिरौली में नक्सलियों का सबसे ज्यादा प्रभाव है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इन क्षेत्रों को ही सबसे संवेदनशील मानकर बडे़ पैमाने पर कार्रवाई की प्लानिंग के निर्देश भी दिए हैं। बस्तर में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एरिया कमेटी मेंबर और जनताना सरकार के सदस्य तो हैं, लेकिन बडे़ लीडरों ने अब तक आत्मसमर्पण नहीं किया है।
"पहले समझाएंगे, नहीं माने तो जबरन सांई की मूर्तियां हटाएंगे"
25 August 2014कवर्धा। प्रेसवार्ता के दौरान अखाड़े के प्रतिनिधियों ने विवादित बयान भी दिया है। उन्होंने कहा कि धर्म से संबंधित किसी मुद्दे पर कोर्ट का फैसला नहीं माना जाता। धर्माचार्य ही धर्मसंसद के जरिए इस मसले को सुलझाते हैं। साई के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि धर्म संसद के फैसले के बाद पहले साई के मंदिरों से प्रतिमा हटाने के लिए लोगों को समझाएंगे और इसके बाद भी वे नहीं माने तो वे इसे धीरे-धीरे हटाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए उन्हें शस्त्र भी उठाना पड़ा तो वे पीछे नहीं हटेंगे। गौरतलब है कि देशभर के सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने साई की पूजा के विरोध का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी निर्णय लिया है कि वे सभी मुद्दों पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के फैसले को ही मानेंगे। रविवार सुबह सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की सुबह 9 बजे बैठक हुई, जिसमें सभी ने विचार-विमर्श करके फैसला लिया। सुबह हुई बैठक के बाद आयोजन स्थल सरदार पटेल मैदान में आयोजित प्रेस वार्ता में पहुंचे महामंडलेश्वरों व अखाड़ा के प्रतिनिधियों ने यह जानकारी दी।
हठयोगी को ज्ञान नहीं
इस पूरे मुद्दे पर अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता हठयोगी ने सवाल उठाए थे, उन्होंने इस धर्मसंसद को ही आडंबर बताया था? इस सवाल पर हरिगिरी ने कहा कि हठयोगी को इस संबंध में ज्ञान ही नहीं है। यह आडंबर नहीं है। धर्मसंसद बुलाने का अधिकार शंकराचार्य को ही है। वे किसी अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता नहीं है। अखाड़ा परिषद तो पहले ही भंग हो चुकी है, जो उज्ौन में होने वाले कुंभ के पहले फिर गठित होगी। वर्तमान में उसके कोई प्रवक्ता नहीं है और उन्हें मीडिया ने ही जबरदस्ती प्रवक्ता घोषित कर रखा है।
भगवान हैं शंकराचार्य
अखाड़े के प्रतिनिधियों ने प्रेसवार्ता के दौरान शंकराचार्य स्वरूपानंद को भगवान बता डाला। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य भगवान शंकर के अवतार माने जाते हैं। हिन्दू धर्म शास्त्रों में इस बात के प्रमाण मौजूद हैं। धर्माचार्य होने के नाते उनका दायित्व है कि वे यह बताएं कि हम गलत मार्ग में जा रहे हैं और वे अपना दायित्व निभा रहे हैं। साई ट्रस्ट वाले भी हमें दिखाएं कि साई के भगवान होने के उनके पास क्या प्रमाण हैं।
मीडिया बनाता है फर्जी महात्मा
प्रेसवार्ता के दौरान अखाड़ों के प्रतिनिधि मीडिया पर ही भड़क गए। उन्होंने मीडिया पर व्यवसाई होने का आरोप मढ़ा और कहा कि मीडिया ही इस मसले को जबरदस्ती हौव्वा बना रहा है। मीडिया ही फर्जा महात्मा बनाते हैं।
यूपी सरकार की तारीफें
धर्मसंसद में पहुंचे साधु-संत उत्तरप्रदेश सरकार की तारीफें भी करने लगे। वागंभरी गद्दी के महंत नरेन्द्र गिरी ने यहां तक कह दिया उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार अच्छा काम कर रही है, फिर भी मीडिया उन्हें परेशान कर रही है। जबरदस्ती गलत खबरें बनाकर यूपी सरकार को बदनाम किया जा रहा है।
हमारे मंदिरों में कर रहे कब्जा
पिछले कई साल से हो रही साई की पूजा का विरोध अब क्यों इस सवाल पर नरेन्द्रगिरी ने कहा कि पहले साई की पूजा शिर्डी तक सीमित थी, लेकिन अब कुछ लोगों ने हमारे मंदिरों में स्थापित देव प्रतिमाओं के साथ साई की मूर्ति लगानी शुरू कर दी है। हम इसका विरोध करते हैं। उन्हें संत-फकीर के रूप में वे भले मान सकते हैं, लेकिन साई भगवान नहीं हो सकते।
ज्ञानदास जी हमारे साथ
निर्वाणी अखाड़े के महंत ज्ञानदास के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के सवाल पर नरेन्द्रगिरी ने कहा कि उनका कार्यक्रम छ: माह पहले ही तय था, इसलिए वे शामिल नहीं हुए। लेकिन उन्होंने निर्वाणी अखाड़े से अपने प्रतिनिधि भेजे हैं।
इन अखाड़ों के प्रतिनिधि हैं शामिल
जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा, अटल अखाड़ा, आ±वान अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, पंचाग्नि अखाड़ा, नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा, वैष्णव अखाड़ा, बड़ा उदासीन अखाड़ा, निर्मल पंचायती अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, रामानंदी दिगंबरी अखाड़ा।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
कवर्धा में आयोजित धर्मसंसद के लिए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी है। दूसरे जिलों से आने-जाने वाले वाहनों पर नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही आयोजन स्थल के इर्द-गिर्द भी सैकड़ों पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। धर्मसंसद में पहुंचे 24 संतों को राज्य सरकार ने राज्य अतिथि का दर्जा दिया है। इसके साथ ही सैकड़ों साधु-सन्यासी भी यहां पहुंचे हुए हैं। कार्यक्रम में लगभग 15 हजार लोगों को आने की संभावना है, जहां लोग पहुंचने शुरू हो चुके हैं। इसके लिए 600 पुलिसकर्मी, 21 टीआई, 7 डीएसपी व 3 एएसपी स्तर के अधिकारियों को तैनात किया गया है।
13 अखाड़े और सभी शंकराचार्य एक साथ, कहा- साईं भगवान नहीं हैं
25 August 2014कवर्धा. दो दिन की धर्म संसद के पहले ही दिन 13 अखाड़ों और सभी शंकराचार्यों ने एकमत होकर कह दिया- साईं भगवान नहीं हैं। कवर्धा में आयोजित 19वीं धर्मसंसद में फैसला सोमवार को सुनाया जाएगा कि साईं की पूजा की जाए अथवा नहीं। इसका अधिकार काशी विद्वत पीठ को दिया गया है। अंतिम निर्णय उसी का होगा। आज बहस होनी थी, लेकिन धर्म संसद में साईं ट्रस्ट की तरफ से किसी के भी न आने के कारण बहस नहीं हुई।
सरदार पटेल मैदान पर रविवार को देश के तेरह अखाड़ों और शंकराचार्यों ने नरेन्द्र गिरी जी महाराज की अध्यक्षता में चर्चा शुरू की। सारे लोगों ने अपने-अपने तर्क रखे, लेकिन सभी के तर्क साईं को भगवान मानने के खिलाफ ही थे। यानी सभी इस बात पर एकमत हैं कि साईं भगवान नहीं हैं। उनकी पूजा नहीं की जानी चाहिए। ज्योतिष और द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने ही इस सवाल को सबसे पहले उठाया था और इसी कारण इस धर्म संसद का आयोजन भी हुआ। उनके साथ यहां पहुंचे अन्य दो शंकराचार्य स्वामी भारती तीर्थ महाराज (श्रृंगेरी पीठ), स्वामी निश्चलानंद जी महाराज (पुरी पीठ) ने भी अपने-अपने प्रतिनिधियों के जरिए स्पष्ट किया कि साईं में भगवान होने की योग्यता नहीं है।
देश के तेरह अखाड़ों ने भी नरेन्द्र गिरी जी महाराज की अध्यक्षता में प्रस्ताव पास किया कि वे तमाम मुद्दों पर शंकराचार्य स्वरूपानंद जी के साथ हैं। जानिए साईं विवाद में अब तक क्या
दो महीने पहले हरिद्वार में यह विवाद पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल से शुरू हुआ।
छत्तीसगढ़ में चातुर्मास के दौरान शंकराचार्य स्वरूपानंद ने दोहराया। चैलेंज किया कि कोई भी यह बता दे कि साईं की पूजा क्यों की जानी चाहिए, वे अपनी बात से किनारा कर लेंगे।
देशभर में इसे लेकर बहस छिड़ी। कई स्थानों पर लोगों ने मंदिरों से साईं की प्रतिमा निकालकर उसे विसर्जित कर दिया। कई स्थानों पर शंकराचार्य स्वरूपानंद का विरोध हुआ।
इन सबके बाद जब शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने चार्तुमास का कार्यक्रम कवर्धा में बनाया तो यहां धर्म संसद के आयोजन की पृष्ठभूमि तैयार हुई।
साईं ट्रस्ट को धर्म संसद में आने का निमंत्रण दिया। लेकिन ट्रस्ट शुरू से ही ऐसे किसी आयोजन में भाग लेने से इंकार करता रहा है और वहां के लोग इसे चैनलों में व्यक्तिगत आस्था का विषय बताते रहे हैं।
साईं भक्त खिलवाड़ कर रहे
साईं न वे वेदों की परंपरा में आते हैं और न ही रामायण, महाभारत, पुराण, उपनिषद में उनकी किसी धारा का कोई उल्लेख है। मूल आपत्ति सनातन परंपरा की चीजों को साईं से जोड़ने को लेकर है। इसको इस उदाहरण से समझा जाए कि गोवर्धन पर्वत को उठाने की लीला भगवान कृष्ण की है। साईं भक्त क्यों गोवर्धन उठाए दिख रहे हैं। इसी प्रकार की ढेरों चीजें हैं। यह घोर आपत्तिजनक है। ये सनातन परंपरा के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
शिवकुमार शास्त्री, चातुर्मास आयोजन समिति के प्रमुख
धर्मसंसद में आज इन मुद्दों पर चर्चा
गंगा की धारा अविरल हो, बांध की बाधा को दूर किया जाए।
कन्या भ्रूण हत्या ठीक नहीं, इसके लिए संकल्प लिया जाए।
सभी स्कूलों में रामायण और महाभारत की पढ़ाई सुनिश्चित की जाए, ताकि हमारे सनातन संस्कार बचे रहें।
कोई भी सनातन धर्म में सेंध नहीं मार सकता
कोई भी हिंदू या मुसलमान सनातन धर्म में सेंध नहीं मार सकता। सभी ये संकल्प लें कि वे शास्त्रों से जुड़े देवी-देवताओं की ही पूजा करेंगे। अप्रमाणिक चरित्रों की नहीं। साईं भगवान नहीं हैं।
-स्वरूपानंद सरस्वती, शंकराचार्य ज्योतिष व द्वारिकापीठ
साईं को भगवान न मानने के लिए धर्म संसद ने दिए ये तर्क
सनातन परंपरा में पांच देवों- शिव, शक्ति, गणेश, विष्णु, सूर्य और 24 अवतारों की ही पूजा की जा सकती है। कलियुग में दो ही अवतारों की चर्चा शास्त्रों में की गई है। बुद्ध और कल्कि। ये तीसरे साईं कहां से आ गए।
साईं चरित ही स्पष्ट करता है कि 1918 में उनकी मृत्यु हो गई थी। एक नश्वर शरीर की आत्मा कहां गई, पता नहीं। उसकी पूजा कैसे संभव है। साईं असत है, अचेतन है, अवचेतन है। वह गुरू भी नहीं। इसलिए उसकी पूजा संभव नहीं है।
सनातन परंपरा, वेदों और शास्त्रों से चलती है। पूजा हिंदू विधि में ही संभव है। साईं तो हिंदू या मुस्लिम दोनों होने की संकल्पना को स्वयं नकार देते हैं। उनकी पूजा कैसे संभव है।
काशी विद्वत पीठ को वीटो पावर, करेगी फैसला
निष्कर्ष का अंतिम अधिकार काशी विद्वत परिषद को है। धर्म संसद के विभिन्न मुद्दों पर अंतिम निर्णय वही लेगी।
न साईं ट्रस्ट के प्रतिनिधि, न साईं भक्त आए
साईं ट्रस्ट से कोई नहीं आया। साईं के भक्तों के लिए आरक्षित जगह पर भी कोई नहीं बैठा था। सीटें खाली थीं। इस संबंध में साईं ट्रस्ट के डिप्टी सीईओ अप्पा शिंदे ने कहा कि साईं ट्रस्ट को निमंत्रण मिला था। लेकिन वे इस निरर्थक बहस का हिस्सा नहीं बनना चाहते। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वे आगे भी इस तरह के आयोजन में शामिल नहीं होंगे।
नहीं आया वैष्णव अखाड़ा उठने लगे सवाल
वैष्णव अखाड़ा भी गायब है। इसे लेकर संतों में बातें होती रहीं। लेकिन सवाल का स्पष्ट जवाब किसी ने नहीं दिया। इनके न आने को लेकर इसे साईं के समर्थन के रूप में भी देखा जा रहा है।
मायने क्या
फिर से बहस छिड़ेगी।
एकपक्षीय चर्चा ही मानी जाएगी क्योंकि साईं ट्रस्ट ने इसमें हिस्सा ही नहीं लिया।
खुद सनातम परंपरा में एकमत नहीं दिख रहा क्योंकि वैष्णव अखाड़े से कोई नहीं आया।
असर क्या
अखाड़े और शंकराचार्य इसे अपनी जीत बताएंगे। लेकिन साईं ट्रस्ट इसे नकार देगा। कुल मिलाकर स्थिति पहले जैसी ही रहेगी। वैष्णव अखाड़े का इसमें न आना साईं से जुड़े विषय पर अलग सवाल खड़ा कर गया।
रेंजर निकला पांच करोड़ का आसामी
23 August 2014रायपुर। आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बलौदा रेंजर शत्रुहन प्रसाद कौशिक के दफ्तर और कोरबा जिले के पाली स्थित आवास पर शुक्रवार को छापामार कार्रवाई की। इस दौरान एसीबी की टीम ने रेंजर प्रसाद की करीब पांच करोड़ रूपए की चल-अचल सम्पत्ति जब्त की। कार्रवाई के दौरान कौशिक के रायपुर, बिलासपुर, जबलपुर और पाली में मकान के कागजात भी मिले हैं।
एसीबी बिलासपुर व रायपुर की 30 सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को अलसुबह बलौदा व पाली (कटघोरा) में एक साथ छापा मारा। बलौदा स्थित रेंजर के दफ्तर व निवास पर एसीबी की टीम पहुंची तो दोनों जगह से रेंजर नदारद मिले। टीम ने कार्यालय व निवास को सील कर दिया है। पाली में सुबह छह बजे से शुरू हुई एसीबी की कार्रवाई देर रात तक जारी रही। उल्लेखनीय है कि रेंजर पद के साथ कौशिक जल ग्रहण मिशन का काम भी देखता है।
ये सम्पत्ति मिली
01 करोड़ का मकान पाली (कटघोरा) में
50 लाख रूपए कीमत का कॉम्प्लेक्स व बाइक शोरूम पाली में
40 लाख का मकान व दुकान रतनपुर में
22 एकड़ का फार्म हाउस लाफा में
25 लाख रूपए की जमीन चकरभाठा (रहंगी) में
10 एकड़ कृषि भूमि ग्राम सिंधरी में
40 लाख रूपए का एक ट्रेलर
06 लाख रूपए की ट्रैक्टर-ट्रॉली
14 लाख रूपए की महिन्द्रा
एक्सयूवी कार
01 लाख रूपए की दो मोटरसाइिकलें
20 तोला सोना
01 किलो चांदी
81350 रूपए नकद
10 लाख रूपए विभिन्न बैंकों में जमा (छह पासबुक मिली)
रेंजर के पास अकूत संपत्ति बरामद होने पर भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। अब रेंजर के खिलाफ विभागीय जांच बैठाई जाएगी और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी
रामप्रकाश, प्रधान मुख्य वन संरक्षक
एफआईआर दर्ज करेंगे
रेंजर के पास से पांच करोड़ रूपए से अधिक की सम्पत्ति अब तक मिली है। छानबीन जारी है। कौशिक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी। एस.पी. करोसिया, डीएसपी, एंटी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर
दिल्ली तय करेगी भाजपा प्रत्याशी, उप चुनाव की तैयारी
23 August 2014रायपुर. भाजपा चुनाव अभियान समिति की बैठक शुक्रवार को एकात्म परिसर में हुई। अंतागढ़ उप चुनाव के लिए प्रत्याशी तय करने जुटी समिति उम्मीदवार तय नहीं कर सकी। पूर्व विधायक विक्रम उसेंडी की पत्नी राम प्यारी समेत 7 लोगों ने दावेदारी की है। करीब पौने दो घंटे चली बैठक में राम प्यारी, भोजराज नांग, रघुनाथ कुमेठी, लक्ष्मण मंडावी में से किसी एक नाम पर सहमति न बनने पर सभी नाम दिल्ली केंद्रीय चुनाव समिति को भेजने का निर्णय हुआ।
अब प्रत्याशी की घोषणा 25 अगस्त को दिल्ली से होने की संभावना है। समिति ने अंतागढ़ प्रचार में जाने वाले नेताओं और उनके कार्य क्षेत्र का खाका तैयार कर लिया है। बैठक के बाद अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने मीडिया से कहा कि सभी नाम दिल्ली भेजे जा रहे हैं। उम्मीदवार की घोषणा केंद्रीय चुनाव समिति करेगी। बैठक में राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री सौदान सिंह, केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय, सांसद नंद कुमार साय, उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे, प्रदेश संगठन महामंत्री रामप्रताप सिंह, महिला मोर्चा अध्यक्ष शोभा सोनी, अशोक शर्मा आदि शामिल हुए। इधर, कांग्रेस से मंतूराम पवार का नाम तय माना जा रहा है।
नाराज जोगी सोनिया से मिले
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई कार्यकारिणी में अपने समर्थकों की उपेक्षा से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी शुक्रवार सुबह नई दिल्ली में सोनिया गांधी से मिले। दोनों नेताओं के बीच 20 मिनट चर्चा हुई।
माना जा रहा है कि जोगी ने पीसीसी में अपने समर्थकों को स्थान नहीं मिलने को लेकर नाराजगी जताई है। कार्यकारिणी की घोषणा के बाद जोगी ने इस पर खुलकर नाराजगी भी जताई थी। हालांकि जोगी ने सोनिया गांधी से मुलाकात पर कहा कि उनसे राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई। वहीं प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घोषणा के बाद जोगी ने कहा था कि उन्होंने जो नाम दिए थे, वे कार्यकारिणी में नहीं हैं। सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात को इसी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। जोगी समर्थकों द्वारा भूपेश बघेल के खिलाफ मोर्चा खोलने की भी चर्चा है। इधर बघेल और सिंहदेव ने श्रीमती गांधी से अंतागढ़ उपचुनाव को लेकर चर्चा की। उन्होंने प्रत्याशी चयन के लिए नामों का पैनल दिया। माना जा रहा है कि 1-2 दिन में अंतागढ़ के लिए प्रत्याशी की घोषणा हो जाएगी। सिंहदेव ने उन्हें विधानसभा के मानसून सत्र में उठाए गए मुद्दों की भी जानकारी दी। उन्होंने इसकी एक रिपोर्ट भी सौंपी।
रायपुर के दीपक ही महामंत्री
प्रदेश महामंत्री दीपक दुबे के नाम पर प्रदेश अध्यक्ष बघेल ने नई दिल्ली से लौटकर स्थिति स्पष्ट की है। इस मसले पर बघेल ने राष्ट्रीय महासचिव बीके हरिप्रसाद से भी चर्चा की, जिसके बाद उन्होंने कहा कि रायपुर के दीपक दुबे ही प्रदेश महामंत्री हैं। दीपक दुबे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्यामाचरण शुक्ल के समर्थक हैं। पीसीसी घोषणा के बाद दुर्ग के दीपक दुबे ने भी इस पर दावा किया था। उनके लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बघेल को फोन कर बात की थी। बताया जाता है कि पीसीसी में दोनों दीपक दुबे के नाम थे, लेकिन प्रदेश सचिव की सूची में दुर्ग के दीपक का नाम कट गया। रायपुर के दीपक दुबे का नाम महामंत्री में यथावत रहा।
बीएसपी के एजीएम ने की आत्महत्या
23 August 2014भिलाई । बीएससी के एजीएम ने शुक्रवार दोपहर अपने ही घर पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। प्राथमिक जांच में पुलिस ने बीमारी से परेशान होकर आत्महत्या करने की आशंका जताई है।
भट्ठी पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक बीएसपी के एजीएम विपिन राउत सेक्टर-2 स्थित क्वार्टर में अपने परिवार सहित रहते थे। शुक्रवार दोपहर लगभग दो बजे जब उनकी बेटी स्कूल से लौटी तो दरवाजा अन्दर से बंद था।
जब उसने धक्का देकर दरवाजा खोला, तो पिता को पंखे में फंदा लगाकर झुलते देखा। उसने तत्काल इसकी सूचना मां को दी। मृतक की पत्नी रेणु राउत एक निजी विद्यालय में शिक्षिका है। रेणु ने घर पहंुचकर रिश्तेदारों को बताया। उधर, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सेक्टर-9 अस्पताल भेजकर मामले की तफ्तीश में जुट गई है।
मृतक के परिवार में दो बेटियां और पत्नी है। एक बेटी रायपुर और दूसरी बेटी स्थानीय निजी विद्यालय में पढ़ रही है। पुलिस के अनुसार मृतक मूलत: ओडिशा के रहने वाले थे।
नक्सली पकड़ने पर अब मिलेगा पांच गुना ज्यादा इनाम
22 August 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा ले रहे पुलिसकर्मियों के लिए अच्छी खबर है। अब नक्सलियों को पकड़ने पर पांच गुना ज्यादा इनाम दिया जाएगा। गृह विभाग ने वर्ष 2008 के आदेश में संशोधन करते हुए इनाम की राशि में इजाफा किया है। सरकार का यह निर्णय उस समय आया है, जब प्रदेश में ब़़डे पैमाने पर नक्सली आत्मसर्पण कर रहे हैं या पुलिस नक्सलियों को गिरफ्तार कर रही है। प्रदेश में जनवरी से 20 अगस्त तक 97 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि वर्ष 2013 में सिर्फ 39 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, सेंट्रल कमेटी के सचिव को पकड़ने पर अब 12 लाख की जगह 60 लाख रुपए मिलेंगे। वहीं पोलित ब्यूरो सदस्य को पकड़ने पर सात लाख की जगह 50 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। सेंट्रल मिलिट्री कमीशन प्रमुख को पकड़ने पर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को दस लाख की जगह 50 लाख रुपए दिया जाएगा। इसके साथ ही डीकेएसजेडसी सचिव, स्टेट कमेटी सदस्य, स्पेशल एरिया कमेटी सचिव को पकड़ने पर 40 लाख रुपए और स्टेट मिलिट्री कमांडर चीफ को पकड़ने पर 25 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। कोंडागांव पुलिस ने तीन दिन पहले ही मिलिट्री कंपनी के कमांडर संपत को पक़़डा था। वह पिछले 15 साल से नक्सल अभियान में सक्रिय था।
फैक्ट्री मेड हथियारों पर ही मिलेगा इनाम
नए आदेश के अनुसार निचले स्तर के नक्सली कैडर का हथियार के साथ समर्पण करने पर नियमों में बदलाव किया गया है। अब देशी कट्टा, भरमार बंदूर, बारहमुख कंट्रीमेड हथियारों के बजाए पुलिस को महत्वपूर्ण कैडर को आत्मसमर्पण के लिए प्रयास करना चाहिए। शस्त्र समर्पण पर इनाम देने की योजना में केवल फैक्ट्री मेड हथियारों को शामिल किया गया है।
एडीजी स्तर का अधिकारी करेगा इनाम का फैसला
नक्सलियों को पक़़डने पर मिलने वाले इनाम की राशि का फैसला एडीजी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में बनी कमेटी करेगी। इसमें इनाम प्रकरणों पर विचार एवं निर्णय के लिए पुलिस मुख्यालय को तीन सदस्यीय कमेटी बनानी होगी। इसमें एक एडीजी स्तर के अधिकारी के साथ पुलिस मुख्यालय में पदस्थ वित्तीय सलाहकार और गृह विभाग के एक प्रतिनिधि को शामिल करना होगा
सर्चिग में सीआरपीएफ-पुलिस को मिली कामयाबी
दंतेवाड़ा। नक्सल विरोधी मुहिम के तहत बुधवार को सीआरपीएफ व जिला पुलिस बल की संयुक्त टुकड़ी किरंदुल थाना क्षेत्र के हिरोली में सर्चिग कर रही थी। इसी दौरान हिरोली के डोका पारा में जवानों की नजर नक्सलियों द्वारा निर्मित शहीद स्मारक पर पड़ी जिसे जवानों ने ध्वस्त कर दिया। सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते बताया कि इलाके में पुलिस व सीआरपीएफ दो दिन से ऑपरेशन पर थी। अधिकारी ने बताया कि बैलाडीला की तराई में स्थित हिरोली अति संवेदनशील इलाका है। हिरोली से लगे आसपास के गांवों में भी नक्सलियों की तग़़डी पैठ है। इसके मद्देनजर इलाके में संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया था, जिसमें जवानों को कामयाबी मिली।
कृषि मंत्री बृजमोहन तक पहुंची "कार्ड" घोटाले की आंच
22 August 2014रायपुर। राज्य पाठयपुस्तक निगम के चार करोड़ रूपए के कार्ड घोटाले की आंच प्रदेश के कद्दावर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल तक पहुंच गई है। अग्रवाल घोटाले के समय शिक्षा मंत्री थे। उनके खिलाफ शिकायत के बाद लोक आयोग ने नोटिस जारी किया है। इस मामले में आयोग 24 सितम्बर को सुनवाई करेगा।
इन पर है आरोप
शिकायतकर्ता नारायण शर्मा ने इस मामले में 18 जून 2014 को लोक आयोग में शिकायत की थी। तब भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के तात्कालिक संचालक नंदकुमार, प्रबंध संचालक जे. मिंज, पाठयपुस्तक निगम के तात्कालिक महाप्रबंधक सुभाष मिश्रा, उपप्रबंधक मुद्रण संजय पिल्लै को घपले का सूत्रधार माना था।
लेकिन उन्होंने 16 जुलाई को आयोग के समक्ष एक शपथ पत्र देकर पाठयपुस्तक निगम के तात्कालिक अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को भी पक्षकार बनाने का अनुरोध किया। अपनी शिकायत में शर्मा ने कहा कि वे भूलवश मंत्री को पक्षकार नहीं बना पाए थे। उनकी शिकायत के बाद आयोग ने मंत्री को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।
यह है मामला
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के शिक्षा मंत्री रहने के दौरान वर्ष 2009-10 में पाठयपुस्तक निगम ने बहुउद्देशीय शिक्षा प्रणाली के तहत मेसर्स प्रबोध एंड कंपनी और मेसर्स छत्तीसगढ़ पैकेजर्स को कार्ड निर्माण का ऑर्डर दिया था। कक्षा तीसरी और चौथी के बच्चों के उपयोग में आने वाले कार्ड के निर्माण का उद्देश्य था कि वे खेल-खेल में आसानी से शिक्षा ग्रहण करें। संस्थाओं को 330 जीएसएम पेपर पर कार्ड बनाना था, लेकिन उन्होंने ऎसा नहीं किया। कार्ड के मुद्रण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया और कार्ड की गोलाकार कटिंग में भी लापरवाही बरती गई। इस मामले में शिकायत और जांच-पड़ताल के बाद राज्य शैक्षणिक परिषद के तात्कालिक संयुक्त संचालक ने भी यह माना था कि कार्ड बनाने वाली संस्थाओं को करोड़ों का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया है।
यह है जवाब
मंत्री ने आयोग को जो जवाब भेजा है, उसमें यह कहा है कि ऎसी शिकायत का कोई मतलब नहीं होता है, जो एक शिकायत के बाद दूसरी बार होती है। शिकायत इसलिए खारिज करने योग्य है, क्योंकि पहली शिकायत में नाम का उल्लेख नहीं करना और फिर दूसरी बार यह कहना कि भूलवश हो गया। यह विधि के सुस्थापित सिंद्धात के खिलाफ है। मंत्री ने शिकायतकर्ता की शिकायत को भ्रामक, असत्य और काल्पनिक बताया है।
मेरी भूमिका नहीं
जब मैं शिक्षा मंत्री था, यह प्रकरण तब का जरूर है, लेकिन पूरे मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं है। वैसे भी पाठयपुस्तक निगम एक बोर्ड है, जिसका अपना संचालक मंडल होता है और वहां के तमाम फैसले मंडल के जिम्मेदार सदस्य ही लेते हैं। मैंने अपनी ओर से आयोग को जवाब दे दिया है। बृजमोहन अग्रवाल, कृषि मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन
मेरे पास है प्रमाण
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल अपनी जवाबदेही से बचना चाह रहे हैं। पाठयपुस्तक निगम में कार्ड खरीदी के दौरान जो कुछ हुआ, उसकी जानकारी उन्हें नहीं रही होगी, ऎसा कैसे हो सकता है। मैंने जो शिकायत की है उसके पुख्ता प्रमाण हैं।
नारायण शर्मा, शिकायतकर्ता
डॉक्टर ने मरीज के पैर में स्क्रू छोड़ा, देने पड़ेंगे 38 लाख
22 August 2014रायपुर. जिला उपभोक्ता फोरम ने राजधानी के नामी चिकित्सक डा. अरुण मढरिया पर इलाज में लापरवाही के आरोप को साबित मानते हुए 38 लाख रुपए देने का आदेश दिया है। डॉक्टर ने इलाज के दौरान पैर में स्क्रू छोड़ दिया था और फ्रैक्चर भी ठीक नहीं हुआ था। इलाज में गड़बड़ी के मामले में किसी डाक्टर पर इतना बड़ा जुर्माना छत्तीसगढ़ में पहली बार किया गया है।
फोरम ने इस मामले को लगभग साढ़े सात साल सुना, उसके बाद डाक्टर के खिलाफ फैसला लिया। फोरम ने एक माह के भीतर डाक्टर को 15 लाख रुपए जुर्माना, इस अवधि में इस राशि पर ब्याज (करीब 20 लाख रुपए) तथा तीन लाख रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति खर्च को मिलाकर पूरी राशि अदा करने के आदेश दिए हैं। डा. मढरिया का जीई रोड पर गायत्री हास्पिटल है। फोरम के इस आदेश से चिकित्सा जगत में हड़कंप मच गया है।
डाक्टर के खिलाफ फोरम में केस राजधानी से लगभग 30 किमी दूर गोढ़ी गांव के कमल नारायण वर्मा ने लगाया था। केस डायरी के मुताबिक वर्मा का 28 अप्रैल 2004 को सारागांव के पास एक्सीडेंट हुआ था। उसके पैर और शरीर के अन्य हिस्से में गंभीर चोटें थीं। उसे गायत्री हास्पिटल में भर्ती किया गया। जांच के बाद अगले दिन डा. मढ़रिया ने पैर की टूटी हड्डी को जोड़ने के लिए रॉड और स्क्रू लगाए। 10 दिन बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। दो सप्ताह बाद वर्मा जांच के लिए अस्पताल पहुंचा। कच्चा प्लास्टर काटने के बाद पता चला कि जख्म से मवाद निकल रहा है। डाक्टर ने कुछ दवाइयां लिखीं और ड्रेसिंग कराने को कहा। 21 दिन ड्रेसिंग हुई पर तकलीफ कम नहीं हुई। 22 मई 2006 को डाक्टर ने रॉड निकालकर फिर कच्चा प्लास्टर कर दिया। पंद्रह दिन बाद वर्मा फिर जांच कराने पहुंचा तो एक्सरे में पता चला कि हड्डी टूटी ही है तथा एक स्क्रू पैर में छूट गया है। तब वर्मा ने दूसरे डाक्टर से इलाज शुरू किया और डा. मढरिया पर फोरम में केस कर दिया।
घोर लापरवाही : फोरम
फोरम की अध्यक्ष मैत्रेयी माथुर ने कहा कि डाक्टर ने दो साल तक इलाज किया। फायदा नहीं हुआ इसलिए उसे दूसरे डाक्टर की शरण लेनी पड़ी। यह इलाज में घोर लापरवाही है। फोरम के मुताबिक वर्मा का इलाज करनेवाले दूसरे चिकित्सक डा. सुशील शर्मा ने भी कहा कि नेल और स्क्रू निकालने के बावजूद मरीज को तकलीफ थी। हड्डी जुड़ने में छह से आठ महीने लगते हैं, लेकिन वर्मा को तकलीफ दो साल बनी रही। फोरम ने कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि काफी समय तक इलाज और तगड़े खर्च के बावजूद परिवादी को इलाज नहीं मिला। इससे डाक्टर की घोर लापरवाही सामने आती है।
इलाज सही : मढ़रिया
डा. मढ़रिया ने कहा कि मरीज की टूटी हुई हड्डी को जोड़ते हुए इंटरलॉक नेल लगाया गया था। वह 30 दिन से पहले आ गया और पैर में दर्द की शिकायत की। उसे दवाइयां लिखकर दी गईं। एक्सरे में पैर ठीक दिखा। कुछ दिन बाद नेल निकालकर पक्का प्लास्टर किया गया। 15-20 दिन बाद बचे हुए टांके निकाल दिए गए। डेढ़ माह बाद वह प्लास्टर खुद निकालकर अस्पताल पहुंचा था। तब तक हड्डी जुड़ चुकी थी। इस आदेश के खिलाफ वे राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील करेंगे।
नक्सली इलाकों में अब आसानी से बनेंगी सड़कें
21 August 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद से पीड़ित दस जिलों में सड़कों के निर्माण के लिए वन भूमि के उपयोग से संबंधित सामान्य मंजूरी अब आसानी से मिल सकेगी।
केंद्र सरकार ने इस कार्य के लिए छूट प्रदान कर दी है। यह छूट केंद्रीय वन संरक्षण अधिनियम 1980 की धारा-2 के तहत सार्वजनिक उपयोग के महत्व वाली अधोसंरचनाओं के निर्माण की जरूरतों को ध्यान में रखकर दी गई है।
छूट के अनुसार अब टू-लेन सार्वजनिक मार्गो के निर्माण के लिए कितनी भी वन भूमि होने पर अनुमति राज्य सरकार द्वारा ही दी जा सकेगी।
सिमट रहा लाल आतंक, ग्यारह माओवादियों ने डाले हथियार
21 August 2014रायपुर/कोण्डागांव। माओवादी सिद्धांतों के खोखलेपन और खूनखराबा से त्रस्त होकर प्रदेश के मोस्ट वांटेड दो माओवादियों और एक आईईडी एक्सपर्ट सहित 11 माओवादियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
मंदिरहसौद स्थित सीआरपीएफ के 65वीं बटालियन के सामने 7 माओवादियों ने आत्मसर्मपण कर दिया है। इसमें एक लाख रूपए की इनामी महिला माओवादी उदंती दलम की डिप्टी कमांडर बैजन्ती उर्फ क्रांति (21) और मलेश उर्फ लख्मू (22) शामिल हैं। इन लोगों पर 2011 में गरियाबंद जिले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार पटेल के काफिले पर हमला करने, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार पर हमला किया था।
वहीं, रिसगांव में ब्लास्ट कर तीन की हत्या सहित करीब एक दर्जन आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है।
वहीं, कोण्डागांव में भी चार माओवादियों ने एसपी कार्यालय पहुंचकर पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा के समक्ष समर्पण कर दिया।
कोण्डागांव में इन्होंने किया समर्पण
समर्पण करने वाले पूर्व बारदा जनमिलिशिया कमांडर सदा (34), पूर्व बारदा एलओएस सदस्य दुकालू (32), पूर्व बारदा एलओएस सदस्य श्रादू कावड़े (22) और मंगूराम (30) विगत पांच साल से थाना बड़े डोंगर क्षेत्र में सक्रिय थे।
मुख्यधारा से जुड़ें
प्रदेश के माओवादी अब लगातार समर्पण कर रहे हैं। बीते जुलाई से अब तक 70 से अधिक माओवादियों ने सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर मुख्यधारा में शामिल होने की पहल की है। आगे भी हमारी कोशिश रहेगी कि ज्यादा-से-ज्यादा माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज के मुख्यधारा से जुड़ें।
ए.एन. उपाध्याय, डीजीपी, छत्तीसगढ़
इसलिए समर्पण
सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा व नारायणपुर में केन्द्रीय बल हैं तैनात
सालभर में नौ सौ माओवादी हुए ढ़ेर
मरने वालों में आधे से अधिक दंडकारण्य छेत्र से
नहीं मिल रहे नए लड़ाके
थिंकटैंक और सहयोगी भी हुए भूमिगत
नेटवर्क मजबूत कर कसा जाएगा शिकंजा
केन्द्र सरकार ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में लाल आतंक पर शिकंजा सकने के लिए संचार को चुस्त बनाने जा रही है। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को बताया कि छत्तीसगढ़ समेत माओवादी हिंसा से ग्रस्त इलाकों में 1836 दूरसंचार टावर लगाए जाएंगे। -
छत्तीसगढ़ की पहली बर्ड्स सेंचुरी बनेगी बेमेतरा के गिधवा गांव में
21 August 2014बिलासपुर. विलुप्त होते गिद्धों समेत 140 प्रजातियों के पक्षियों को पनाह देने वाला "गिधवा' गांव और उसके आसपास का हिस्सा छत्तीसगढ़ की पहली बर्ड्स सेंचुरी के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। बेमेतरा जिले के इस गांव को प्रदेश की उन 51 जगहों में सबसे ज्यादा उपयुक्त पाया गया है, जहां प्रवासी पक्षी आते हैं। राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के पक्षी विशेषज्ञों ने अलग-अलग ऋतुओं में सात बार गिधवा का जायजा लिया और हरी झंडी के साथ फिजिबिलिटी रिपोर्ट पीसीसीएफ को सौंपी। अब ग्राम पंचायत से इसका प्रस्ताव मंगवाया जाएगा, फिर कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के मुताबिक सेंचुरी के क्षेत्र का नोटिफिकेशन किया जाएगा।
बर्ड्स सेंचुरी बनाने की पहल गिधवा के उन ग्रामीणों ने की थी, जो वर्षों से इन पक्षियों की हिफाजत कर रहे हैं। गिधवा नांदघाट से आठ किमी दूर मुंगेली रोड पर है। यहां 51 एकड़ में फैले 400 वर्ष पुराने तालाब के अलावा करीब 200 एकड़ के जलभराव वाला गिधवा जलाशय है। यह क्षेत्र प्रवासी पक्षियों का अघोषित अभयारण्य माना जाता है।
सर्दियों की दस्तक के साथ अक्टूबर से मार्च के बीच यहां साइबेरिया, बर्मा और बांग्लादेश से पहुंचते हैं। जलाशय की मछलियां, गांव की नम भूमि और जैव विविधता इन्हें आकर्षित करती है। गिधवा की दोनों वॉटर बॉडी में गैडवाल, मार्श, सेंड पाइपर, काॅमन सेंड पाइपर, कॉमन ग्रीन शेंक, काॅमन रेड शेंक आदि सैकड़ों पक्षी जल कल्लोल करते हैं। इनके अलावा यहां स्थानीय पक्षियों की 50 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। गिधवा के ग्रामीण तालाब और जलाशय में पहुंचने वाले पंछियों की दिन-रात सुरक्षा करते हैं। यही वजह है कि यहां पक्षियों का शिकार संभव नहीं है। वन विभाग के अफसर इस गांव की मिसाल भी देते हैं।
इसलिए जरूरी है बर्ड्स सेंचुरी
जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण में पक्षियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। गिधवा में 140 प्रकार के पक्षियों का अनूठा संसार है। इनमें जलीय और थलीय दोनों ही प्रकार के पक्षी शामिल हैं। इको टूरिज्म के विकास और स्थानीय रोजगार की दृष्टि से गिधवा को बर्ड्स सेंचुरी के लिए उपयुक्त पाया गया है। गिधवा के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को बर्ड्स सेंचुरी की स्थापना के लिए ज्ञापन दिया था। एडीशनल पीसीसीएफ केसी बेवर्ता, पक्षी विशेषज्ञ एमके भरोस के निर्देशन में वन अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों ने गांव का दौरा कर रिपोर्ट दे दी है।
70 प्रजाति के पक्षियों का स्थाई बसेरा
गिधवा के आसपास करीब पांच से सात वर्ग किलोमीटर के इलाके में कई तालाब हैं। इनके क्लस्टर को बर्ड सेंचुरी के रूप में विकसित करने का प्लान है। गिधवा की खासियत यह है कि वह अनडिस्टर्ब्ड एरिया है। करीब 70 प्रजातियों के पक्षी तो वहां स्थाई रूप से रहते ही हैं। यहां 30 से ज्यादा प्रजातियों के प्रवासी पक्षी आते हैं।
एमके भरोस, पक्षी विशेषज्ञ
तकनीकी दृष्टि से उपयुक्त है गिधवा
गिधवा में बर्ड्स सेंचुरी बनाने के लिए सर्वे करवाया जा चुका है। तकनीकी दृष्टि से गिधवा उपयुक्त पाया गया है। यह राजस्व ग्राम है, इसलिए सेंचुरी के दोनों जलाशयों के क्षेत्र का नोटिफिकेशन वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के अंतर्गत करवाना होगा। इसके लिए ग्रामसभा का विधिवत प्रस्ताव जरूरी है। इसके बाद सेंचुरी बनाने का निर्णय लिया जाएगा। रामप्रकाश, पीसीसीएफ (वन्य प्राणी)
जंगल में विस्फोट, सात जवान जख्मी
20 August 2014रायपुर, दंतेवाड़ा-बचेली। अरनपुर थाना क्षेत्रांतर्गत मंगलवार सुबह अरनपुर से 5 किमी दूर जगरगुंडा मार्ग पर नक्सलियों ने गश्त से लौट रहे कोबरा बटालियन के जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए विस्फोट कर गोलीबारी की। इसमें बटालियन के 7 जवान घायल हो गए। इन्हें बेहतर इलाज के लिए हेलिकॉप्टर से रायपुर भेजा गया है। किरंदुल एसडीओपी मिर्जा जियारत बेग ने बताया कि सोमवार शाम कोबरा बटालियन और जिला पुलिस बल की संयुक्त पार्टी जगरगुंडा से अरनपुर सर्चिग कर लौट रही थी। इस दौरान सुबह साढ़े 5 बजे कोंडासावली के कोंदापारा की पहाड़ी पर पहले से ही घात लगाए नक्सलियों ने विस्फोट कर दिया। जवानों ने तुरंत मोर्चा संभालते जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी करीब एक घंटे तक नक्सलियों और जवानों के बीच गोलीबारी होती रही। जवानों को अपने ऊपर भारी पड़ता देख नक्सली जंगल का लाभ उठाते हुए भाग गए। विस्फोट में अभिषेक कुमार, सुजीत हरी, चिरंजीत दास, मिर्जा आसिल हुसैन, चंद्रप्रकाश, रमेश, संतोष कुमार जख्मी हो गए। एसडीओपी ने बताया कि लगातार हो रहे आपरेशन से नक्सली बौखला गए हैं और अंदरूनी क्षेत्रों में जवानों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस ने अरनपुर थाना में अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया है। घटना के बाद से क्षेत्र में पुलिस की गश्त जारी है।
पूर्व गृहमंत्री कर रहे राजनीति से आराम...खेती में काम
20 August 2014ननकीराम कंवर. आठ महीने पहले ये छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री थे। और भी कई विभागों के मंत्री रहे हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश में भी ये मंत्री रह चुके हैं। यानी लंबा राजनीतिक जीवन। पिछले विधानसभा चुनाव में रामपुर से हार गए। लोकसभा चुनाव में टिकट चाहते थे। नहीं मिला। संगठन में कोई पद नहीं है। यानी अब आराम ही आराम है। सो कंवर निकल पड़े खेती करने। गृहग्राम बंधवाभांठा के खेत में काम करते कंवर ने कहा-मैं मूलतः: किसान हूं। इसलिए इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए। अपना मूल काम कर रहा हूं।
कंवर अपनी साफगोई के लिए भी जाने जाते हैं। खैर पढ़े-लिखे आदिवासी नेताओं में से एक कंवर ने 2069 में एलएलबी की डिग्री ली है। उस समय प्रैक्टिस करते थे। अब राजनीति की फसल कट गई तो खेती की फसल सहेजने निकल पड़े हैं।ी।
तीन एसपी सहित 25 अफसरों के तबादले
20 August 2014रायपुर।राज्य सरकार ने पुलिस विभाग में व्यापक फेरबदल किया है। मंगलवार को जारी आदेश के मुताबिक तीन एसपी सहित 25 अफसरों का तबादला कर दिया है। पीटीएस माना की एसपी मिलना कुर्रे को एडीजी अजाक बनाया गया है।
आसूचना शाखा के एसपी अरविंद कुजूर आर्थिक अपराध शाखा के एसपी बनाए गए हैं। एपीटीसी बोरगांव के एसपी दर्शन सिंह मरावी को छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 11वीं बटालियन का उपसेनानी बनाया गया है। पुलिस मुख्यालय में तैनात एडीजी प्रशांत कतलम बिलासपुर शहर के एडीशनल एसपी बनाए गए हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
अधिकारी वर्तमान पदस्थापना नई तैनाती
सरजूराम सलाम बस्तर एसपी पीटीएस मैनपॉट
मनोज खिलाड़ी एसीबी रायपुर महासमुंद
चैनदास टंडन रायपुर रायपुर ग्रामीण
सुरजनराम भगत दंतेवाड़ा मुंगेली
भूपेंद्र कुमार शुक्ला डोंगरगढ़ उपसेनानी तीसरी बटालियन
अमलेश्वर
बलराम हिरवानी राज्य पुलिस यातायात अकादमी चंदखुरी रायपुर
प्रशांत कुमार ठाकुर दुर्ग शहर कबीरधाम
अजातशत्रु बहादुर ईओडब्ल्यू क्राइम रायपुर
विवेक शुक्ला मोहला-मानपुर दुर्ग ग्रामीण
राजेश कुमार अग्रवाल कबीरधाम दुर्ग शहर
पंकज चंद्रा रायपुर शहर मुख्यमंत्री सुरक्षा
नीरज चंद्राकर सुकमा रायपुर शहर
राजेश कुकरेजा महासमुंद मोहला-मानपुर
रामकृष्ण साहू मुंगेली दंतेवाड़ा
विजय पांडे बिलासपुर शहर बस्तर
हरीश राठौर बलौदाबाजार सुकमा
छत्तीसगढ़ सशस्त्रबल उपसेनानी
हेमंत कुमार 14वीं बटालियन एएसपी राज्य दल्लीराजहरा पुलिस अकादमी
डी.डी. धांधरे आठवीं बटालियन 13वीं बटालियन
राजनांदगांव, बांगो
करोलूस लकड़ा पांचवीं बटालियन दूसरी
जगदलपुर बटालियन सकरी
ज्योति सिंह दूसरी बटालियन एएसपी
सकरी बेमेतरा
अशोक सिंह 13वीं बटालियन 14वीं बटालियन
बांगो दल्लीराजहरा
मोदी और सोनिया के खिलाफ युगलपीठ में होगी सुनवाई
19 August 2014बिलासपुर। लोकसभा चुनाव 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चुनाव खर्च को लेकर दाखिल याचिका को रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय ने चीफ जस्टिस यतींद्र सिंह व जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की युगलपीठ में प्रस्तुत किया है। सोमवार को नंबर नहीं आने पर सुनवाई आगे बढ़ा दी गई है। याचिका पर इसी सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। लोकसभा चुनाव 2014 में श्री मोदी और श्रीमती गांधी व राहुल गांधी ने देशभर में चुनाव प्रचार किया था। जशपुर निवासी एबी मिंज ने तीनों नेताओं के कार्यक्रम, मंच सज्जा, स्वागत, आने-जाने का व्यय समेत सभी खर्च को चुनाव व्यय में जो़़डने की मांग की है। इसके साथ ही तय सीमा से अधिक व्यय करने पर इनके निर्वाचन को शून्य घोषित करने की मांग की गई है। याचिका को पिछले सप्ताह सुनवाई के लिए जस्टिस एमएम श्रीवास्तव के कोर्ट में रखा गया था। उन्होंने मामले को जनहित का मुद्दा करार देते हुए सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने रजिस्ट्रर जनरल को प्रकरण जनहित याचिका के रूप में बड़ी बेंच में सुनवाई के लिए रखने के निर्देश दिए थे। रजिस्टार ने सोमवार को चीफ जस्टिस यतींद्र सिंह और जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की युगलपीठ में मामले को सुनवाई के लिए रखा।
नक्सलियों की चॉपर गिराने की कोशिश, एक गोली लगी
19 August 2014रायपुर/जगदलपुर. पुलिस के चौतरफा दबाव के बीच नक्सलियों ने सोमवार शाम दंतेवाड़ा जिले में राज्य पुलिस के हेलिकॉप्टर को गिराने की कोशिश की। लाइट मशीनगन जैसे भारी हथियारों से किए गए हमले में हेलिकॉप्टर बाल-बाल बचा। गोली हेलिकॉप्टर की टेल को भेदती हुई पार निकल गई। अगर गोली कुछ इंच दूर चॉपर के मुख्य रोटर (पंखे) या फ्यूल टैंक को लग जाती, तो वह क्रैश हो जाता। पुलिस के आला अधिकारी इस संबंध में चुप्पी साधे हुए हैं। एक साल के अंदर वायुसेना और राज्य पुलिस के हेलिकॉप्टरों पर यह तीसरा नक्सली हमला है।
दंतेवाड़ा और बीजापुर इलाके में पिछले एक महीने से पुलिस और सीआरपीएफ लगातार ऑपरेशन चला रही है। सोमवार को भी इसी तरह के एक अभियान में बेल कंपनी के इस हेलिकॉप्टर को भेजा गया था। बीजापुर के पामेड़ और भद्रकाली इलाकों से लौटते वक्त हमला हुआ। माना जा रहा है कि नक्सली लौटते वक्त चॉपर को निशाना बनाने की योजना पहले से तैयार करके बैठे थे। शाम सवा पांच बजे के आसपास हेलिकॉप्टर बीजापुर से जगदलपुर के लिए निकला। बीच की दो से ज्यादा पहाड़ियों पर एलएमजी और अन्य ज्यादा रेंज के हथियारों के साथ बैठे नक्सलियों ने उस पर फायरिंग शुरू कर दी। हेलिकॉप्टर चला रहे पायलट को हल्का झटका लगा, पर वह भांप नहीं पाया कि वास्तव में हुआ क्या। जगदलपुर लौट कर जब टीम ने जांच की, तो उनके पसीने छूट गए।
पुलिस के आला अफसरों ने माना कि अगर गोली कुछ इंच भी आगे-पीछे लगती, तो बड़ा हादसा हो जाता। हेलिकॉप्टर को ग्राउंड कर दिया गया है। पूरी मरम्मत और जांच के बाद ही इसे दोबारा उड़ाया जाएगा।
पांच सालों से कर रहे कोशिश
नक्सली पिछले पांच सालों से अपने खिलाफ अभियान में इस्तेमाल हो रहे पुलिस और वायुसेना के हेलिकॉप्टरों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले तीन सालों में वे चार बार हमले कर चुके हैं। वायुसेना को नक्सली ऑपरेशन में लगाए जाने के काफी पहले नक्सलियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। नक्सलियों की मिलिटरी विंग के नेता तिप्परति तिरुपति उर्फ देवजी ने गुरिल्ला एयर डिफेंस नाम की एक पूरी किताब तैयार की है। नक्सलियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग में प्रयोग की जा रही इस किताब में स्केच और उदाहरणों के साथ बताया गया है कि हवा में उड़ते, टेक ऑफ या लैंडिंग करते हेलिकॉप्टर को कैसे निशाना बनाया जाए। उल्लेखनीय है कि नक्सलियों ने नवंबर 2008 में चुनाव ड्यूटी पर लगे वायुसेना के हेलिकॉप्टर पर गोलियां चलाईं थी। इसमें चॉपर में बैठे फ्लाइट इंजीनियर की मौत हो गई थी।
मानव तस्करी पर होगी सात साल की जेल
19 August 2014रायपुर। प्रदेश में मानव तस्करी की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार निजी प्लेसमेंट एजेंसियों पर कड़ी लगाम कस दी है। राज्य सरकार ने देश में सबसे पहले प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसीज (रेग्यूलेशन) एक्ट बनाया है। इस सम्बध में गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। नए कानून में मानव तस्करी में लिप्त पाए जाने पर सात साल की सजा और एक लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही अब 18 साल की कम उम्र की लड़कियों को कही नियोजित नहीं किया जा सकेगा।
अधिसूचना के मुताबिक राज्य में कार्यरत प्लेसमेंट एजेंसियों को अब 90 दिनों के भीतर कलक्टोरेट में पंजीयन कराना होगा। साथ ही कामगारों और नियोक्ताओं का पूरा विवरण जिला कलक्टर को देना होगा। कानून की अनदेखी करने वाले एजेंसियों और एजेंटों को सजा दिलाने का प्रावधान भी एक्ट में किया गया है।
इसलिए पड़ी जरूरत
प्रदेश के आदिवासी अंचलों से महिलाओं और बçच्चयों को रोजगार दिलाने के नाम पर बाहरी राज्यों में बेचे जाने की घटनाएं आम हैं। जशपुर और सरगुजा जिले से दर्जनों युवतियां गायब हैं। वष्ाü 2012-13 में पुलिस ने जो आकंडा जारी किया है उसमें मानव तस्करी की 75 घटनाएं हुई जिसमें 184 लोगों को बेचे जाने अथवा उनसे बंधुआ मजदूरी कराए जाने की बात सामने आई थी।ं अधिकतर महिलाओं को निजी प्लेसमेंट एजेंटों ने अन्य प्रदेशों में बेहतर रोजगार का लालच देकर बरगलाया था।
नए एक्ट की खास बातें
प्रत्येक एजेंसी को काम करने के लिए लाइसेंस लेना होगा।
एजेंसी को कार्यालय के बाहर साइनबोर्ड पर पंजीयन संख्या का स्पष्ट उल्लेख करना होगा।
18 साल से कम उम्र की बालिकाओं को नियोजित नहीं किया जा सकेगा।
घरेलू कामगारों से प्लेसमेंट एजेंसियां कोई शुल्क नहीं ले सकेंगी।
प्रदेश के बाहर रोजगार दिलाने पर सात दिनों के भीतर नियोक्ता की पूरी जानकारी कलक्टर को देनी होगी।
प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसीज (रेग्यूलेशन) एक्ट की अधिसूचना जारी हो गई है। अब एजेंसियों का पंजीयन होगा।
एन.के. असवाल, प्रमुख सचिव गृह
रमन सिंह ने की सौगातों की बारिश
18 August 2014रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शुक्रवार को प्रदेश की जनता को कई सौगातें दीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित विकास योजनाओं की मॉनीटरिंग के लिए 'मुख्यमंत्री डैशबोर्ड योजना' भी शीघ्र शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। डॉ. सिंह ने प्रदेशवासियों के नाम अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वस्थ पी़़ढी के निर्माण के लिए हम प्रदेश के हर जिले में 'चिरायु' कार्यक्रम की शुरआत कर रहे हैं। इसके अंतर्गत नवजात शिशुओं से लेकर 18 वर्ष की आयु तक नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार की सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रति क्विंटल धान पर तीन सौ रुपए की दर से किसानों के लिए दो हजार 400 करोड़ रुपए के बोनस की संपूर्ण राशि जारी कर दी गई है। उन्हें जल्द यह राशि मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सत्रह शहरी निकायों का दर्जा बढ़ाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि धमतरी व बिरगांव नगर पालिकाओं को नगर निगम बनाया जाएगा। वहीं तिफरा, रतनपुर, कटघोरा, अहिवारा, तखतपुर, बलरामपुर, बागबाहरा, सरायपाली,आरंग, सारंगढ़, गरियाबंद, दंतेवा़़डा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर नगर पंचायतों को नगर पालिका परिषषद का दर्जा मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी एलान किया कि 'छत्तीसग़़ढ लोकसेवा गारंटी अधिनियम' में शामिल की गई सेवाओं का लाभ लेने के लिए लोगों को कार्यालयों में न जाना प़़डे, इसके लिए बहुत जल्द 'ऑनलाइन सेवा' शुरू की जा रही है, जिसके तहत जनता अपने निकट के लोकसेवा गारंटी केन्द्र से आवेदन पत्र भेज सकेगी तथा दस्तावेज भी प्राप्त कर सकेगी। इस वर्ष किसानों के लिए 100 नए कृषि यंत्र सेवा केन्द्र खोले जाएंगे। ग्रामीणों और किसानों को एक सितंबर से सभी प्रकार के भू-अभिलेख जैसे खसरा, बी-वन तथा नक्शे की कंप्यूटरीकृत सत्य प्रतिलिपि तहसील कार्यालय से दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्या जन्म को सम्मान और प्रोत्साहन से जो़़डने के लिए हम राज्य में 'नोनी सुरक्षा योजना' शुरू कर रहे हैं। इसके तहत बीपीएल परिवार में जन्म लेने वाली बेटी के नाम पर प्रति वषर्ष 5 हजार रुपए के मान से 25 हजार रुपए की राशि जमा की जाएगी, जिससे बालिकाओं को वयस्क होने पर एक लाख रुपए मिलेंगे। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को और व्यापक बनाते हुए विधवा बहनों को पुन: विवाह के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें 30 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अंचल में कंप्यूटर साक्षरता बढ़ाने के लिए 'जन-जन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी' परियोजना की मंजूरी भी दी गई है, जो पांच जिलों में 20 हजार ग्रामीणों को लाभांवित करेगी।
प्रमुख घोषणाएं
0 सत्रह शहरी निकायों का दर्जा ब़़ढा।
0 18 साल तक बच्चों की नि:शुल्क जांच व इलाज के लिए चिरायु योजना।
0 किसानों के लिए धान के बोनस की 2400 करो़़ड की पूरी राशि जारी।
0 लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत 'ऑनलाइन सेवा'।
0 100 नए कृषि यंत्र सेवा केन्द्र खोले जाएंगे।
0 खसरा, बी-वन तथा नक्शे की कंप्यूटरीकृत कॉपी एक सितंबर से।
0 कन्या जन्म को सम्मान व प्रोत्साहन के लिए 'नोनी सुरक्षा योजना'।
प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर जमीन का रिकॉर्ड गायब !
18 August 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ की 45 लाख हेक्टेयर से अधिक की जमीन का ब्योरा गायब है। जमीन रिकॉर्ड का बड़ा हिस्सा बर्बाद हो चुका है। तो कुछ ग्वालियर के भू-अभिलेख कार्यालय में लावारिस हालत में पड़े हैं। राज्य गठन के 14 साल बाद भी छत्तीसगढ़ सरकार राज्य की जमीन का रिकॉर्ड नहीं जुटा पाई है। इसके लिए अभी पत्र व्यवहार ही चल रहा है।
भूदान यज्ञ के रिकॉर्ड भी मप्र में : छत्तीसगढ़ में भूदान यज्ञ के रिकॉर्ड भी नहीं हैं। बीते माह जनदर्शन में मध्यप्रदेश भूदान बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष दुर्ग के मटंग गांव निवासी पंथराम वर्मा व सर्वोदय कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री से मप्र से रिकॉर्ड मंगवाने की मांग की। भूदान पदयात्रा के दिनों में आचार्य विनोबा भावे 1964 में दुर्ग आए थे। मप्र में 4 लाख 10 हजार एकड़ जमीन भूदान में मिली थी। इसमें से लगभग 2 लाख 37 हजार 629 एकड़ का वितरण हो चुका है। वितरित भूमि में दुर्ग जिले की भी लगभग 12 हजार एकड़ जमीन शामिल है। मध्यप्रदेश में भूदान बोर्ड भंग होने के बाद इसके रिकॉर्ड वहां के राजस्व विभाग को सौंपा जा चुका है। लेकिन, छत्तीसगढ़ को अब तक नहीं मिला है।
यह है मिसल बंदोबस्त
अंग्रेजों ने 1929-30 में पूरे देश की जमीन के इंच-इंच के रिकॉर्ड का दस्तावेजीकरण किया था। इसे मिसल बंदोबस्त कहते हैं। इसी रिकॉर्ड के आधार पर राज्य और केंद्र सरकार ने जमीनों का प्रबंधन किया। लेकिन, मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद प्रदेश के कई जिलों के मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड गायब है। करीब 45 लाख हेक्टेयर से अधिक की जमीन का रिकॉर्ड नहीं है। इसमें भूदान यज्ञ में दी गई जमीन के कागजात भी शामिल हैं।
जमीन सम्बंधी कामकाजों को लगातार अपडेट किया जा रहा है। जमीन के रिकार्ड एकत्र करके कंप्यूटरीकृत की योजना है। वैसे हमारे पास भू राजस्व के पूरे रिकॉर्ड उपलब्ध हैं। प्रेमप्रकाश पांडेय, राजस्व मंत्री, छत्तीसगढ़
निगम चुनाव: आरक्षण के लिए लॉटरी एक को, बीरगांव-धमतरी ओबीसी को संभव
18 August 2014रायपुर. राज्य में शहरी सत्ता के चुनाव की प्रक्रिया 1 सितंबर से नगर निगम तथा नगर पालिका के महापौर और नगर पंचायतों के अध्यक्ष के लिए आरक्षण के साथ शुरू हो जाएगी। आरक्षण लाटरी सिस्टम से होगा। लाटरी राजधानी के शहीद स्मारक भवन में निकाली जाएगी। इस बार नगर निगम 10 की जगह 12 रहेंगे। नगरपालिकाएं 32 की जगह 44 तथा नगर पंचायतें 127 की जगह 113 ही रहेंगी।
रोस्टर के मुताबिक रायपुर के महापौर का पद इस बार अनारक्षित (सामान्य), बीरगांव और धमतरी के महापौरों का पद ओबीसी, रायगढ़ एससी और सरगुजा के महापौर का पद एसटी के लिए आरक्षित होने के आसार हैं।
नगरीय प्रशासन संचालनालय ने लाटरी की तैयारी शुरू कर दी। नए नगर निगमों, नगर पालिकाओं की अधिसूचना जारी हो चुकी है। हफ्तेभर में राजपत्र में प्रकाशन हो जाएगा। आरक्षण की लाटरी की सूचना जल्द राज्य की सभी राष्ट्रीय पार्टियों को भेजी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार रायगढ़ में 16 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति की है, इसलिए वहां महापौर पद एससी के खाते में जाएगा। सरगुजा में अनुसूचित जनजाति की आबादी 21 फीसदी होने के कारण वहां महापौर एसटी के लिए आरक्षित होगा। राजधानी रायपुर का महापौर पद 2004 में ओबीसी और 2009 में महिला के लिए आरक्षित था। इसलिए यह इस बार अनारक्षित (सामान्य) रहेगा। वजह ये है कि 2004 और 2009 में जिस वर्ग का आरक्षण हो चुका, उसे दोहराया नहीं जा रहा है। इसी रोस्टर के तहत बीरगांव और धमतरी का महापौर पद ओबीसी के लिए आरक्षित होगा।
भंग होंगी नगर पालिकाएं
राज्य सरकार ने बीरगांव और धमतरी नगर पालिका को भंग करने का मन बना लिया है। इनके अध्यक्षों का कार्यकाल 2015 तक है। निगम चुनाव कराने की वजह से इन्हें भंग किया जा सकता है। अगर नवंबर-दिसंबर 2014 में बीरगांव और धमतरी में चुनाव नहीं भी हुए, तो भी पालिकाएं भंग कर वहां प्रशासक बिठाए जा सकते हैं। प्रशासक इन्हें निगम के रूप में अपग्रेड करने का काम करेगा।
राज्य के सभी नगर निगम, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के महापौर-अध्यक्ष पदों के लिए लाटरी 1 सितंबर को होगी। इसके उपरांत राज्य निर्वाचन आयोग ही चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।
- डॉ. रोहित यादव, संचालक, नगरीय प्रशासन
आजादी का प्रतीक बना 67 साल पुराना पेड़
16 August 2014रायपुर। अब तक हमने हरे-भरे दरख्तों को प्रकृति प्रेमियों की नजर में खूबसूरती, वैज्ञानिकों के लिए प्राणवायु का संचालक व धार्मिक दृष्टि से ईश्वर के रूप में ही जाना। अब एक ऐसे वृक्ष के बारे में भी जानिए, जिसे लोग देश भक्ति से ओत-प्रोत होकर आजादी के दिन की याद में पूजते हैं। 67 साल पहले 15 अगस्त 1947 को ठीक आजादी के दिन गांव के तीन लोगों ने बरगद का पौधा गांव की चौपाल में लगाया था। अब यह वट वृक्ष विशाल हो गया है। तब से लेकर अब तक हर साल लोग स्वतंत्रता की प्रत्येक वषर्षगांठ पर इसकी छांव में एकत्र होकर वंदना करते हैं और आजादी का उत्सव मनाते हैं।
स्वतंत्रता के 67वीं वर्षगांठ का उत्सव पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जाएगा। जगह-जगह आन-बान और शान से तिरंगा फहराया जाएगा। वर्षो के संघर्ष व हजारों के बलिदान से मिली आजादी के इस उत्सव को पो़़डी-उपरो़़डा के ग्राम पंचायत लखनपुर में एक अनोखे रिवाज के साथ मनाया जाएगा। लगभग 800 की आबादी वाले इस गांव में स्वतंत्रता दिवस का पर्व नए उत्साह व उमंग लेकर आता है। कटघोरा से मात्र 4 किलोमीटर की दूर बांकीमोंगरा मार्ग पर स्थित इस गांव में इस एक दिन के लिए बुजुर्गो व महिलाओं से लेकर बच्चा-बच्चा 67 वर्ष पुराने एक पेड़ की छांव में सिमट जाते हैं। खास बात यह है कि बरगद का यह पे़़ड 67 वर्ष पहले 15 अगस्त 1947 को ठीक स्वतंत्रता के दिन ही लगाया गया था। गांव के तीन देशभक्त ग्रामीणों ने देश की आजादी उस तिथि की याद में यह बरगद का वह पौधा रोपा था, जो आज एक विशाल वृक्ष बन चुका है। गांव के लोगों का कहना है कि बार-बार मांग किए जाने के बावजूद प्रशासन व गांव के सरपंच द्वारा इस पे़़ड को सुरक्षित रखने कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने देश की स्वतंत्रता के उस पावन दिन की याद में लगाए गए इस ऐतिहासिक वृक्ष के संरक्षण की मांग की है।
नई पी़़ढी के लिए प्रेरणा
गांव के 85 वर्षीय बुजुर्ग घासीराम गों़़ड ने बताया कि अंग्रेजों की 150 वषर्षो की गुलामी से मुक्ति व देश की आजादी की खुशी तो सब मनाते हैं, लेकिन उसके पीछे देश के वीर सपूतों के संघर्ष को सम्मान नहीं मिलता। ऐसे में गांव के तीन लोगों फिरतूराम साहू, गोवर्धन साहू व रोंगसूराम कंवर ने आने वाली पी़़ढी को प्रेरित करने के उद्देश्य से यह वृक्ष रोपा था। गांव के युवा जब-जब इस वृक्ष की छांव से गुजरें, उन्हें अपनी आजादी का दिन याद आए। हजारों-लाखों के बलिदान से मिली स्वतंत्रता का मोल समझें और इसे संभालकर रखें। घासीराम ने बताया कि जब यह पे़़ड लगाया गया था, तब यह गांव महज 8 से 10 घरों का एक टोला था। घने जंगलों वाले शहर से दूर इस वीरान गांव में संचार के ऐसे माध्यम नहीं थे कि कोई उन तक स्वतंत्रता मिलने की खबर पहुंचा सके। ऐसे में गांव के एक मात्र पांचवीं पास फिरतू साहू ने आजादी के देशव्यापी उत्सव में पूरे गांव के शरीक होने की बात कही। उन तीन लोगों ने मिलकर गांव में एक छोटे से उत्सव की योजना रखी और यह पे़़ड प्रतीक स्वरूप रोपा गया।
एक बुजुर्ग आज भी है साक्षी
गांव के पटवारी ओंकार प्रसाद यादव ने बताया कि भारत की आजादी के दिन गांव के तीन बुजुर्गो ने प्रतीक स्वरूप बरगद का एक पौधा लगाया था। संयोग से मेरा जन्म भी अगस्त 1947 को ही हुआ था। ठीक मेरे घर के दरवाजे के सामने ही रोपा गया वह पौधा आज विशाल पे़़ड बन चुका है, जिसे मैं अपने ब़़डे भाई की तरह ही मानता हूं।
वृक्ष को लगाने वाले रोगसूराम कंवर के पुत्र इतवार साय को गर्व है कि उनके पिता ने देश की स्वतंत्रता के पहले दिन वह पौधा लगाया था। आज उस वृक्ष के सामने मेरा सर श्रद्धा से झुक जाता है। उसे देखकर मुझे मेरे पिता की झलक दिखाई देती है। आजादी का वह पावन दिन और मेरे पिता याद आते हैं।
15 अगस्त 1947 को बरगद का यह पेड़ लगाने वाले तीन लोगों में एक 85 वर्षीय धनीराम गोंड़ का कहना है कि यह वृक्ष देखते ही उनका मन खुशी से झूमने लगता है। दिन में कम से कम एक बार वे उसका दर्शन करने जरूर पहुंचते हैं और उसकी छांव में बैठकर अपनी यादें ताजा करते हैं।
15 अगस्त पर छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला, 1 जवान घायल
16 August 2014रायपुर। राज्य के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा किए गए विस्फोट में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया। विस्फोट जिले से लगती ताड़मेटला के जंगलों में हुआ जहां पैरामिलिटरी जवान क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन में जुटे हुए थे।
सीआरपीएफ के जवान रायपुर से लगभग 500 किलोमीटर दूर अपने कार्यवाही कर रहे थे। जैसे ही वे चिंतागुफा जंगलों में पहुंचे वहां पहले से छिपे हुए नक्सल आतंकियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया और गोलीबारी शुरू कर दी।
जवानों ने तुरंत ही हमले का जवाब देते हुए गोलीबारी शुरू की हालांकि इस हमले में एक जवान घायल हो गया। घायल जवान को निकट के ही एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
"एकता" का चैंबर पर कब्जा
16 August 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स चुनाव में व्यापारी एकता पैनल ने एकतरफा जीत हासिल करते हुए 16 में से 15 जिलों में दबदबा बनाए रखा। चैंबर अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष सहित मंत्री और उपाध्यक्ष के पदों पर पैनल ने जीत हासिल की। 13 जिलों में एकता पैनल के प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए थे। विरोधी पैनल को सिर्फ जांजगीर-चांपा जिले में उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल हो सकी।
राजधानी में 8 उपाध्यक्ष और 8 मंत्री के लिए हुए चुनाव में भी एकता पैनल ने विरोधी पैनल को मात दी। बुधवार को हुए चुनावों के नतीजे गुरूवार सुबह आ पाए। दूसरे दौर के खत्म होने के बाद एकता पैनल के जीत सुनिश्चित हो गई थी, तीसरे दौर के परिणाम आने से पहले ही मतदान स्थल पर आतिशबाजी शुरू हो गई। मतगणना के दौरान कुल 200 से अधिक मतपत्र रद्य कर दिया गया, जिसमें अध्यक्ष पद में 50 वोट, महामंत्री 70 और कोषाध्यक्ष पद के लिए दिए गए 77 वोट निरस्त किए गए।
मतदान स्थल पर हुई आतिशबाजी: चैंबर चुनाव के नतीजे गुरूवार सुबह 5 बजे आ पाए। परिणाम घोçष्ात होते ही विजेता एकता पैनल के प्रत्याशियों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी। मतगणना स्थल पाटीदार भवन, फाफाडीह में जश्A का माहौल हो गया। समर्थकों ने मतदान स्थल में अतिशबाजी की।
रायपुर जिला में उपाध्यक्ष व मंत्री पर निर्वाचित प्रत्याशी
एकता पैनल (उपाध्यक्ष पद): रायपुर जिला उपाध्यक्ष- चंदर विधानी, लालचंद गुलवानी, अमरलाल गिदवानी, मगेलाल मालू, राजेंद्र जग्गी, सुभाष अग्रवाल, लखमशी पटेल, विक्रम सिंहदेव।
एकता पैनल (मंत्री पद) : राकेश कुमार ओचवानी, रविंद्र सिंह दत्ता, नरेंद्र कुमार दुग्गड़, प्रकाश लालवानी, राजेश वासवानी, जितेंद्र कुमार दोशी, परमानंद जैन, संजय रावत।
रिटेल में एफडीआई स्वीकार नहीं : परवानी
रायपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स के नए अध्यक्ष अमर परवानी ने पत्रिका से बातचीत में एफडीआई पर रूख साफ करते हुए कहा किअन्य सेक्टर में एफडीआई का विरोध नहीं है, लेकिन रिटेल सेक्टर में एफडीआई स्वीकार नहीं किया जाएगा। इससे छोटे व्यवसायियों को नुकसान होगा। जीएसटी पर परवानी ने कहा कि जीएसटी में हमे सिंगल प्वाइंट टैक्स स्वीकार होगा। चैंबर के जरिए हम राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगे। चैंबर में स्किल डवलपमेंट पर फोकस रहेगा ताकि व्यापारी और युवा नई तकनीक पर अपटेड हो सकें। नई इंडस्ट्री के लिए सरल प्रक्रिया पर शासन को सुझाव दिया जाएगा।
सीआईआई और फिक्की की गाइडलाइन अपनाएंगे: नए चैंंबर अध्यक्ष ने कहा कि चैंबर को विशेष पहचान दिलाने के लिए सीआईआई और फिक्की की गाइडलाइन अपनाएंगे। राष्ट्रीय स्तर के व्यवसायिक कार्यक्रमों में चैंबर की भागीदारी के लिए व्यवसायियों को मौका दिया जाएगा।
बघेल की नई टीम में 6 उपाध्यक्ष, 14 महामंत्री
14 August 2014रायपुर। लंबे इंतजार के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने अपनी नई टीम बनाई। छह उपाध्यक्ष, 13 महामंत्री और अन्य पदाधिकारियों वाली लंबी टीम में भूपेश ने अनेक नए चेहरे लिए हैं लेकिन अपने कट्टर विरोधी अजीत जोगी के लोगों को दरकिनार कर दिया है। जहां तक पद देने की बात है, तो केवल तीन जोगी समर्थक पीसीसी में पद पाने में सफल रहे। एक उपाध्यक्ष बीडी कुरैशी और दो महामंत्री अब्दुल हमीद हयात व पदमा मनहर जोगी खेमे से भूपेश की टीम में हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि विधायक के तौर पर जोगी परिवार के दो सदस्य रेणु जोगी और अमित पीसीसी कार्यकारिणी का हिस्सा होंगे, लेकिन उन्हें पद नहीं दिया गया है।
इसके विपरीत वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और डॉ. चरणदास महंत के लोगों को टीम में जगह देकर भूपेश ने यह भी दर्शा दिया है कि वे अपनी मर्जी से पीसीसी चलाएंगे। इन दोनों के साथ उनको नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव का पूरा समर्थन है। इस कारण जोगी विरोधियों को किनारे करने में भूपेश ने हिचक नहीं दिखाई। कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की घोषणा बुधवार को नई दिल्ली से राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने की।
नई पीसीसी में छह उपाध्यक्ष, 13 महासचिव और 21 कार्यकारिणी सदस्य बनाए गए हैं। इसके अलावा 48 प्रदेश सचिव भी बनाए गए हैं। वरिष्ठ नेता होने के नाते अजीत जोगी स्थाई आमंत्रित सदस्य के तौर पर आ सकेंगे। प्रदेश कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल को फिर से मौका दिया गया है।
जोगी के क्षेत्र में महंत का जिला अध्यक्ष
कांग्रेस के छह जिलाध्यक्षों की अटकी सूची भी जारी कर दी गई। इसमें भी जोगी की पसंद को महत्व नहीं दिया गया है। जोगी महासमुंद से दो बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन वहां का जिलाध्यक्ष महंत के नजदीकी अमरजीत चावला को बनाया गया है। यह केवल एक राजनीतिक संदेश देने के लिए किया गया है। महंत के करीबी राजेंद्र शुक्ला को बिलासपुर ग्रामीण और मंजू सिंह को जांजगीर जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया। शुक्ला को करुणा शुक्ला की भी पसंद के तौर पर देखा जा रहा है। धमतरी में वोरा समर्थक मोहन लालवानी और गरियाबंद में अमितेश शुक्ल की पसंद पर बाबूलाल साहू को अध्यक्ष बनाया गया है।
मेरे दिए नामों पर विचार नहीं हुआ: जोगी
मैंने नीचे के स्तर पर कोई नाम नहीं दिया था। कुछ लोगों के नाम सोनिया गांधी, राहुल गांधी को दिए थे। उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और महामंत्री की सूची में वो नाम नहीं हैं।- अजीत जोगी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता
बघेल की टीम से जोगी गुट साफ
14 August 2014रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की बुधवार को घोषित जम्बो कार्यकारिणी में 6 उपाध्यक्ष, 13 महासचिव और 48 सचिव बनाए गए हैं। साथ ही 12 स्थायी, 30 विशेष आमंत्रित और 21 सदस्यों को जगह दी गई है। नई टीम की घोषणा के बाद बघेल ने कहा कि इसमें गुटीय संतुलन का ध्यान रखा गया है।
जोगी हुए नाराज
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इस कार्यकारिणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि "मैंने जो नाम सोनिया गांधी को दिए थे, उन पर विचार ही नहीं किया गया है।"उन्होंने कहा कि अब जब भूपेश को मनपसंद टीम दे दी गई है तो उन्हें प्रदेश में कांग्रेस का जनाधार बढ़ाकर दिखाना चाहिए। टीम में बघेल और नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव के अलावा वयोवृद्ध कांग्रेसी मोतीलाल वोरा की पसंद को महत्व दिया है।
अनुभव के साथ नए चेहरों पर लगाया दांव
कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में नए चेहरों के साथ ही अनुभवी लोगों को महत्व दिया गया है। कमेटी में बोधराम कंवर, पीआर खुंटे, बीडी कुरैशी, घनाराम साहू, बालकृष्ण पाठक और शांति सलाम को उपाध्यक्ष बनाया गया है, जो लंबे से पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं। जबकि बनाए गए तेरह महामंत्री पचास साल से कम के हैं। सचिव के रूप में अधिकांश नए चेहरे कार्यकारिणी में शामिल किए गए हैं।
पार्टी संविधान के अनुरूप प्रदेश कार्यकारिणी में सभी वर्गो, जातियों और महिलाओं का चयन कर संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा घोषित नई कार्यकारिणी को देखकर ऎसा लगता है कि पार्टी विधानसभा और लोकसभा में मिली करारी हार के बाद खोए जनाधार को वापस हासिल करने की कोशिश में जुट गई है। पार्टी ने 6 उपाध्यक्षों में से दो आदिवासी वर्ग से और एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग से एक-एक पदाधिकारी का चयन किया है। इसके अलावा 13 महामंत्रियों में से 4 ओबीसी, 5 सामान्य, 2 एससी और एक-एक महामंत्री अल्पसंख्यक और अनुसूचित जनजाति वर्ग से लिया गया है।
गुटीय संतुलन
बघेल की नई टीम में वोरा, शुक्ल, महंत, टीएस सिंहदेव गुट से जुड़े लोग अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं। कमेटी में अजीत जोगी और उनकी पत्नी रेणु जोगी को स्थायी सदस्यों में शामिल किया गया है। जोगी गुट से अब्दुल हमीत हयात, इकबाल अहमद रिजवी, राजकुमारी दीवान के अलावा कुछ अन्य कांग्रेसी शामिल किए गए हैं, लेकिन टीम में यह साफ दिखता है कि जोगी गुट को किनारा किया गया है।
यह है नई टीम
उपाध्यक्ष- बोध राम कंवर, पीआर खंुटे, बीडी कुरैशी, घनाराम साहू, बालकृष्ण पाठक और शांति सलाम।
महासचिव- डॉ. प्रेमसाय सिंह, देवव्रत सिंह, अब्दुल हामिद हयात, गुरू रूद्र कुमार, पदमा मनहर, राजेश तिवारी, छाया वर्मा, शैलेष नितिन त्रिवेदी, गिरीश देवांगन, अटल श्रीवास्तव, दीपक दुबे, शंकरलाल ताम्रकर और निधि साहू।
कार्यकारिणी- टीएस सिंहदेव, गंगा ठाकुर पोताई,धनेश पाटिला, डॉ. सोहन लाल समराई, प्रतिमा चंद्रकार, देवेन्द्र बहादुर सिंह, रमेश वाल्र्यानी, इंद्रचंद धारीवाल, जहदू राम गभेल, भूपत साहू, कैलाश पोयम, राजकुमारी दीवान, दुर्गा बघेल, दीपक कर्मा, संतोष दुबे, गोपाल थवैत, दौलत रोहरा, गजराज पगारिया, कृष्ण कुमार यादव, थानेश्वर साहू और गफ्फार खान।
सचिव- अरूण भद्रा, सूर्यमणि मिश्रा, सलाम रिज्वी, आशीष सिंह ठाकुर, अर्जुन तिवारी, शिव सिंह ठाकुर, शेखर त्रिपाठी, शैफी अहमद, सत्तार अली, छवीन्द्र कर्मा, मलकित सिंह, दिलीप खतवानी, विजय बघेल, तुकाराम साहू, गनी खान, अनिल अग्रवाल, मीनाक्षी वर्मा, तुलसी साहू, दिनेश कुजुर, महेश दुबे, आरती सिंह, शशिकांत राठौर, नैना अजगले, नीति सिंह, मधुसिंह, फुलकेरिया भगत, प्रवीन वर्मा, एजाज ढेबर, गिरधारी यादव, अजय साहू, रऊफ कुरैशी, हरदीप सिंह बेनीपाल, निवेदिता चटर्जी, राधेश्याम विभार, नागभूषण राव, धर्मेन्द्र यादव, प्रवीन साहू, विलसेंट डिसूजा, रामसरन यादव, विवेक वाजपेयी, पंकज सिंह, सुषमा सुटा, विकाश दुबे, नजीर अजहर, पंकज महावर, आइशा सिद्दिका,आ$फताब आलम और अरविंद कुकरेजा।
स्थाईआमंत्रित- मोती लाल वोरा, मोहसिना किदवई, अजीत जोगी, चरण दास महंत, ताम्रध्वज साहू, धनेन्द्र साहू, पारस राम भारद्वाज, डा. रेनू जोगी, करूणा शुक्ला, रवीन्द्र चौबे, रामपुकार सिंह, सत्यनारायण शर्मा।
विशेष आमंत्रित -डॉ. आरसी सिंहदेव, कमला मनहर, खेलसाय सिंह, झुमुक लाल भेदिया, रामाधार कश्यप, खेलन राम जांगड़े, मोहम्मद अकबर, धर्मजीत सिंह, अमरीश शुक्ला, बैजनाथ चक्रधर, भजन सिंह निरंकारी, गोविन्द लाल वोरा, राजेंद्र तिवारी, सुभाष शर्मा, निर्मला यादव, नरेश डाकलिया, कृष्णा रवींद्र पटेल, जीवन लाल वर्मा, अशोक राज आहूजा, अनीता रावटे, उत्तम वासुदेव,देवेन्द्र यादव और सभी विधायक।
जिलाअध्यक्ष -जांजगीर - मंजू सिंह, महासमुंद- अमरजीत सिंह चावला, जगदलपुर- जतिन जैसवाल, धमतरी- मोहन लालवानी, गरिया बंद- बाबूलाल साहू, बिलासपुर ग्रामीण- राजेंद्रशुक्ला
झीरम का सच जानने, कवासी का हो नारको टेस्ट: पैकरा
14 August 2014रायपुर। झीरम घाटी में कांग्रेसी काफिले पर नक्सलियों के हमले की जांच कर रही एनआईए की टीम के सामने विधायक कवासी लखमा का बयान दर्ज नहीं होने के बाद सियासत तेज हो गई है। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से वापस लौटने के बाद गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि झीरम घाटी का सच जानने के लिए कवासी लखमा का नारको टेस्ट कराना चाहिए।
पत्रकारों से चर्चा के दौरान पैकरा ने कहा कि झीरम घाटी हमले के समय कवासी लखमा काफिले के साथ मौजूद थे। उस समय ऐसी भी जानकारी आई थी कि नक्सलियों ने लखमा के हाथ बांधकर बंदी भी बनाया था और वे किसी तरह भागने में सफल हो पाए।
गृहमंत्री पैकरा ने कहा कि एनआईए की जांच में गवाह पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रहे हैं। अगर सभी गवाह सहयोग करें, तो झीरम हमले का सच जल्द सामने आ जाएगा। झीरम घाटी में नक्सली हमले की जांच कर रही एनआईए की टीम ने जगदलपुर में कैंप बनाया है।
एनआईए के अधिकारियों के अनुसार विधायक कवासी लखमा जांच में पूरा सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसको देखते हुए उनका नारको टेस्ट कराने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि नारको टेस्ट के बारे में आधिकारिक रूप से कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। गौरतलब है कि सोमवार को एनआईए की विशेषष जांच टीम के सामने जगदलपुर में विधायक कवासी लखमा का बयान होना था, लेकिन उनका बयान नहीं हो पाया। एनआईए ने लखमा को 22 अगस्त को फिर से पेश होने को कहा है।
बताया जा रहा है कि एनआईए एसपी की गैरमौजूदगी की वजह से लखमा का बयान नहीं लिया जा सका। झीरम घाटी में 25 मई 2013 को नक्सलियों ने दरभा में कांग्रेस के काफिले पर हमला किया। नक्सली हमले में प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार, दिनेश पटेल सहित 31 लोगों की जान गई थी।
मुंबई से भाग रहा दुष्कर्मी बिलासपुर में पकड़ा गया
13 August 2014रायपुर। उसे पत्नी के साथ मुंबई-हावड़ा ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई सोलापुर वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त की सूचना के बाद की गई।
सोलापुर वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ने दुष्कर्म के आरोपी के फरार होने की सूचना बिलासपुर रेल मंडल सुरक्षा आयुक्त कार्यालय को दी थी। सूचना थी कि मुंबई-हावड़ा ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से दुष्कर्म का एक आरोपी भाग रहा है। उसके खिलाफ नवी मुंबई थाने में धारा 376, 366 व 507 के तहत अपराध पंजीबद्ध है। वह संभवत: कोलकाता जा रहा है। कार्यालय से आरपीएफ पोस्ट को सूचना देकर अलर्ट कर दिया गया। इसके बाद आरपीएफ स्टॉफ प्लेटफार्म में तैनात होकर ट्रेन के आने का इंतजार करने लगा। ट्रेन अपने निर्धारित समय शाम 4.15 बजे बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। इसके बाद आरोपी की तलाश की गई। सूचना के मुताबिक उसका नाम हिरण्यमय कविराज और साथ में पत्नी के सफर करने की सूचना थी। ट्रेन
में चस्पा आरक्षण सूची के आधार पर तलाशी की गई। आरक्षण चार्ट में दोनों का नाम उल्लेख था। इसके बाद आरपीएफ स्टॉफ बर्थ में पहुंचा।
एकाएक आरपीएफ को देखकर दुष्कर्म के आरोपी के होश उड़ गए। वह भागने का प्रयास भी किया, लेकिन आरपीएफ ने दोनों तरफ से घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया। दोनों को आरपीएफ पोस्ट लाया गया। अभी दोनों को पोस्ट में सुरक्षा के बीच रखा गया है। साथ ही इसकी सूचना नवी मुंबई पुलिस को दे दी गई है।
आरक्षण के कारण हुई पहचान
दुष्कर्म का आरोपी ट्रेन में कोलकाता तक का आरक्षण कराया था। इसमें उसने अपना व पत्नी का नाम भी लिखा था। इसी भूल के कारण आरपीएफ को उसे पकड़ने में कुछ खास मशक्कत नहीं करनी पड़ी। इसी पहचान के कारण ट्रेन को बिना रोके छूटने से पहले ही पकड़ लिया गया।
आज पहुंचेगी मुंबई पुलिस
जानकारी के मुताबिक नवी मुंबई पुलिस रवाना हो गई है। 13 अगस्त सुबह बिलासपुर पहुंचने की उम्मीद है। जैसे ही दोनों ट्रेन से पकडे़ गए, तत्काल इसकी सूचना सोलापुर आरपीएफ को दी गई।
आरपीएफ ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। इसके बाद वहां का स्टॉफ रवाना हो गया। मामले का खुलासा पुलिस के यहां पहुंचने के बाद होगी।
केंद्र से मिला आदर्श गांव का पुरस्कार, हकीकत ने किया कुछ और ही बयां
13 August 2014घाघरा। जिला मुख्यालय जशपुर से 20 किलोमीटर दूर। इसी साल घाघरा ग्राम पंचायत को निर्मल ग्राम का पुरस्कार मिला है। निर्मल ग्राम यानी साफ सफाई का मापदंड पूरा करने वाला गांव। पर ये क्या... गांव पहुंचते ही रायपुर और दिल्ली में किए गए दावों की धज्जियां उड़ाती सड़क ने स्वागत किया। सड़क पर चलना ही संभव नहीं। कीचड़... हर तरफ गंदगी। इसके अलावा जिन दावों के आधार पर इस गांव को आदर्श बताकर केंद्र से पुरस्कार लिया गया है, उनकी हकीकत धरातल पर कुछ और ही मिली।
जशपुर से निकले और पहाड़ों को पार करते हुए बारिश के साथ घाघरा पहुंचे। हाइवे से लगी सड़क दूर तक कीचड़युक्त नजर आ रही थी। एक मोटरसाइकिल पर दो लोग बर्तन लेकर सड़क किनारे की घास वाली जमीन पर बचते-बचते चल रहे थे। कई बार मोटरसाइकिल रोकनी पड़ी। जब चलाना संभव नहीं हुआ तो उन्होंने मोटरसाइकिल को पकड़कर पैदल ही रास्ता पार किया। वे गांव से बाहर निकलकर सड़क पर आए तो हमें सलाह दी। सड़क पर मत जाइएगा, गाड़ी फंस जाएगी। खैर… गाड़ी से उतरकर सरपंच का मकान ढूंढा और पहुंच गए। सरपंच राजकिशोरी तिर्की और उनके पति से बात की। कुछ और ग्रामीणों से मिले। निर्मल ग्राम पुरस्कार मिलने की प्रक्रिया और उसकी पूरी हकीकत सामने आ गई
ग्राम घाघरा, पकरीटोली, टोंगो, नगड़ा और मिशनपारा को मिलाकर घाघरा ग्राम पंचायत बनाया गया है। इनके अलावा टोलापारा और शकरडीह आश्रित गांव हैं। 1600 की आबादी और यही कोई 350 घर। सरपंच राजकिशोरी के पति ने बताया, इस साल 9100 की कीमत वाले 24 शौचालय बनाए गए हैं और उससे पहले 1900 की कीमत वाले 22 बनाए गए थे। यानी सभी घरों में शौचालय नहीं। सवाल किया-फिर कैसे निर्मल ग्राम का पुरस्कार मिल गया। महिला सरपंच सरगुजिया मिश्रित हिंदी में तपाक से बोलीं-अरे प्लास्टिक वाले 300 -300 रुपए में मिलने वाली सीट हर घर में रखकर बता दिया कि सभी घरों में शौचालय है। बाद में ज्यादातर सीटें टूट गईं
पीने के पानी की क्या स्थिति है, जाना तो वह भी वही हाल। एक टंकी बना दी गई है। सरपंच को ही संदेह है-कहां सबको पानी मिल पाएगा। 20 घरों में मिल जाए तो बहुत है। पूरी सप्लाई होगी तब समझ में आएगा। धीरे से उस सड़क के बारे में पूछा तो बोलने लगे-अब बारिश है, मुरूम डालेंगे तो क्या होगा। (सड़क ही इस तरह कीचड़युक्त होगी तो समझा जा सकता है कि गांव को स्वच्छ रखने का मापदंड कैसे पूरा होगा।) और बिजली सारे लोग बोल उठे-अरे साहब, एक बार गई तो भूल जाइए। एक दिन, कभी कभी दो-दो दिन तक इंतजार।
इसी प्रकार जशपुर से दूर रायगढ़ जिले के आदर्श ग्राम विश्वनाथ पाली पहुंचे। पहाड़ के किनारे कोसमपाली और विश्वनाथ पाली को मिलाकर पंचायत बनाई गई है। निर्मल ग्राम का नाम लेते ही ग्रामीण फट पड़े-काहे का निर्मल ग्राम। सबकी अपनी शिकायत। कोई कहने लगा कि शौचालय की सीट ही टूटी हुई है तो कोई बताने लगा कि बिना छत का शौचालय किस काम का। नित्यानंद किसान नामक युवक कुछ अधिक ही आक्रोशित दिखा-उसने बताया कि पीने के पानी के लिए पाइप लाइन बिछा दी गई है लेकिन पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। सालभर से बोल रहे हैं लेकिन कुछ नहीं हो रहा।
निर्मल ग्रामों को देखकर लगा कि पीठ थपथपाने का पूरा श्रेय कागजी अधिक है, धरातल में हकीकत कुछ और। वैसे अब तक राज्य के 817 ग्राम पंचायतों को निर्मल ग्राम पुरस्कार मिल चुका है।
बौखलाए नक्सलियों ने डेढ़ दर्जन परिवारों को गांव से किया बेदखल
13 August 2014जगदलपुर | कोंडागांव इलाके में पिछले कुछ समय में दर्जनों नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्म समर्पण किया। इसके साथ ही कोंडागांव की दो महिला नक्सली के रायपुर में अपने साथियों के साथ समर्पण से बौखलाए नक्सली अब अपने प्रभाव वाले गांवों से ग्रामीणों का गांव निकाला कर रहे हैं। पिछले कुछ समय में करीब डेढ़ दर्जन परिवारों को नक्सलियों ने गांव छोड़ने पर मजबूर कर दिया। खास तौर पर पुलिस विभाग में नौकरी करने वाले जवानों के परिवारों को गांव से भगाया जा रहा है।
कुदूर व आदापाल में रहने वाले आरक्षक के पूरे कुनबे को ही गांव से भगा दिया गया है। इसी तरह कुदूर के कोटवार को भी गांव छोड़ने पर नक्सलियों ने मजबूर कर दिया है। वर्ष 2005 में भी नक्सली ग्रामीणों को गांव छोड़ने पर मजबूर कर रहे थे। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा सलवा जूडूम के तौर पर सामने आया था।
कुदूर गांव में रहने वाले मानकुराम की नौकरी आरक्षक के तौर पर हाल ही में लगी थी। वह बिलासपुर में ट्रेनिंग ले रहा है उसका पूरा कुनबा गांव में ही रहता है। उसके कुनबे में करीब 13 परिवार है। 31 जुलाई की रात कई हथियार बंद नक्सली कुदूर दलम के कमांडर सुदराम के नेतृत्व में गांव पहुंचे थे और आरक्षक के पूरे परिवार को धमकी देकर गांव से भगा दिया। उसके परिवार में कई दूधमुहे बच्चे भी है। नक्सलियों के भगाए जाने के बाद 13 परिवार कोंडागांव में रिश्तेदारों के यहां सरंक्षण लिए हुए है। कई दिनों से कामकाज छोड़ कर घर से बेघर हुए इन लोगों को अब खाने-पीने में भी दिक्कते होने लगी है।
परिवार के सदस्य कोंडागांव एसपी व कलेक्टर से मिल मदद की गुहार लगा चुके थे पर उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद सभी मंगलवार को आईजी एसआरपी कल्लूरी के पास मदद की गुहार लेकर पहुंचे थे। आरक्षक मानकुराम की पत्नी यशवनी ने बताया उनका पूरा परिवार कोंडागांव में मजदूरी कर जैसे-तैसे जीवन यापन कर रहा है। उसने बताया कि दो दिनों पहले गोपनीय सैनिक हरिश चंद्र के परिवार के सदस्यों से भी नक्सलियों ने मारपीट की है। उसके परिवार के 10 सदस्य कोंडागांव के आरएनटी हास्पिटल में भर्ती हैं। इसी तरह कुदूर के कोटवार मनीराम पर भी नक्सलियों ने जानलेवा हमला कर उसे गांव छोड़ने पर मजबूर कर दिया। उस पर करीब सात फायर किए गए थे पर वह किसी तरह बच निकला।
इधर जवान के परिवार के सदस्यों से मिलने के बाद तुरंत ही आईजी कल्लूरी ने उनके खाने-पीने की फौरी तौर पर व्यवस्था करने के निर्देश कोंडागांव पुलिस को दिए हैं। इसके अलावा उन्हें स्थायी तौर पर राहत देने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों से पुनर्वास नीति के तहत व्यवस्था करने के लिए भी चर्चा की है।
डमरू में मिला सबसे बड़ा बौद्ध स्थल !
12 August 2014रायपुर। राजधानी रायपुर से से 96 किलोमीटर दूर बलौदाबाजार के डमरू में खुदाई के दौरान पहली बार बौद्ध धर्म से जुड़े एक मुख्य स्तूप और 14 अन्य मनौती स्तूप (वोटिव स्तूप) मिले हैं। इन वृत्ताकार संरचनाओं के बारे में पुरातत्ववेत्ताओं का दावा है ये अवशेष सबसे बड़े प्राचीन बौद्ध स्थल साबित हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के सारनाथ, मध्य प्रदेश के सांची और बिहार के वैशाली के बाद छत्तीसगढ़ में मनौती स्तूप के प्रमाण मिलने के बाद विशेषज्ञों की टीम खुदाई और सर्वेक्षण की तैयारी में हैं। खुदाई में बौद्ध धर्म से जुड़े और भी अवशेष मिलने के संकेत हैं।
1.5 से 10 मीटर तक के हैं स्तूप
डमरू में मिले 14 मनौती स्तूपों के व्यास 1.50 मीटर हैं, जबकि प्रमुख बौद्ध स्तूप का व्यास 9.50 मीटर। इनमें छह स्तूप आपस में मिले हुए हैं। इनके बीच आने-जाने का रास्ता भी बना हुआ है।
दो हजार साल पुराने
पुरातत्वविद् व उत्खननकर्ता डॉ. शिवाकांत बाजपेयी का मानना है कि ये स्तूप पहली से लेकर छठवी शताब्दी के कालखंडों के यानी 1500 से 2000 वर्ष पुराने हैं। इन कालखंडों में कुषाण, सातवाहन, गुप्त, सोमवंशीय और परवर्ती गुप्त आदि काल के राजाओं का शासन था।
ये हैं मनौती स्तूप
मनौती स्तूप बौद्धों के लिए आस्था का केंद्र होते थे, जहां वे इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए मन्नतें मांगते थे। ईसा पpात छठवीं शताब्दी के चीनी यात्री व्हेनसांग ने दक्षिण कोसल की राजधानी का जिक्र करते हुए लिखा है कि वहां सौ संघाराम थे, जहां भगवान तथागत बुद्ध के आए थे। वहां का हिंदू राजा सभी धर्मो का आदर करता है।
नए शासकों का भी खुलासा
खुदाई में ब्राम्ही लिपि में मिले उत्कीर्ण मृण-मुद्रांक से नए शासकों के नाम सामने आए हैं। इनमें महराज कुमार श्रीधरस्य, महाराज, रूद्रस्य, महाराज श्रीदरस्य, महाराज कुमार श्रीमट्टरस्य, और सदामा श्रीदामस्य शामिल हैं। पुरातत्वविद् इन शासकों के नाम और मिले बौद्ध स्तूप के बीच परस्पर संबंध पर भी विश्लेषण कर रहे हैं।
झीरम में मिटे शहादत के निशान, हिम्मत नहीं स्मारक तक बनाने की
12 August 2014जगदलपुर. राजधानी से करीब साढ़े तीन सौ, जगदलपुर से 32 किमी पर है बस्तर का चर्चित गांव झीरम। जितना चर्चित, उतना ही अदृश्य और रहस्यमय सा। दरभा से चार-पांच किमी दूर घाटी पर... जिससे पूछें, कहेगा कि यहीं तो है! इतना घना जंगल कि मकान नहीं दिखते। चार यहां, तीन वहां तो दस जंगल के अंदर। इस लुका-छिपी में एक-डेढ़ किमी बढ़े तो चार-पांच घर नजर आए। सामने पीएचई के जंग खाए बोर्ड पर किसी ने लिख दिया था-झीरम। यहां भी गहरा सन्नाटा। कैमरा चमका तो एक वृद्ध प्रकट हुआ। इस तरह घूरती नजरें कि कंपकंपी छूट जाए।
उससे पूछा-झीरम यही है, हां में सिर हिला। आपका नाम... मुच्चौ। एक युवक और आ गया, नाम नंदा। हल्की-फुल्की चर्चा के बाद आहिस्ता से पूछा-वो... झीरम वाला कांड कहां हुआ था, मुच्चौ ने इशारा किया- उधर (पीछे)। थोड़ी दूर कैंप (सीआरपीएफ) हैं, उससे पहले। कोई निशान या पत्थर, इस सवाल पर दोनों के चेहरे के भाव बदले। हम समझ गए, अब रूकना ठीक नहीं। यू-टर्न लिया और घाट पर लौटे। फिर भटक गए। झीरम हमले का कोई निशान नहीं। एक बाइक सवार से पूछा तो उसने बताया-जहां खड़े हो, वहीं। दो पुलिया के बीच। दिल धक से रह गया।
फिर पूछा-यहां कोई निशान या स्मारक, उसका सपाट जवाब-अंदरवाले ( नक्सली) तोड़ देंगे। किसकी हिम्मत है...। झीरम घाटी में सिर्फ सवा साल पहले (मई 2013) दिग्गज कांग्रेसी शहीद हुए। हम पहुंचे तो शहादत का कोई निशान बाकी न था। जहां ब्लास्ट हुआ वो गड्ढा, बोल्डर-गिट्टी से पट गया और सड़क चालू। धूल उड़ाती एकाध गाड़ी गुजरी, खूबसूरत घाटी पर... फिर डरावना सन्नाटा। यहीं लगा कि बस्तर में सड़क, पानी, बिजली की तलाश बेमानी है। सरकार सड़क पर अपनी ही सुरक्षा की चुनौती से जूझती नजर आई। वर्ना एक स्मारक बनाने की हिम्मत तो दिखा ही सकती थी। हैरत इस बात की भी है कि कांग्रेसी भी हिम्मत नहीं दिखा पाए। वजह एक ही है, कांगेर और दरभा घाटी से तोंगपाल तक लगातार बढ़ती दहशत। झीरम के बाद टाहकवाड़ा में दर्जनभर जवानों की शहादत से दहशतगर्दी का सन्नाटा और गहरा गया है।
कांगेर में बढ़ती दहशत की चर्चा कहां तक है, इसका उदाहरण देखिए। हम दंतेवाड़ा से कटेकल्याण और दरभा होकर बस्तर जिले में घुसना चाहते थे। पहले ही दंतेवाड़ा में एलर्ट मिलने लगा-गाड़ी के शीशे खुले रखना... कोई रोके तो तुरंत रूकना... लौटने कहे तो उल्टे पांव वापस...। दहशत तो तभी सवार हो गई थी। इसी दौरान बारिश होने लगी। सबने कहा-कटेकल्याण से मत जाना, अब ज्यादा खतरा है। प्लान बदला, हम दंतेवाड़ा से गीदम होकर बास्तानार से बस्तर में दाखिल हुए। जगदलपुर से कुछ पहले केसलूर से सुकमा एनएच पर पहुंचे। चार-पांच किमी दूर ही बोर्ड दिखा-कांगेर घाट प्रारंभ। कुछ दूर चलकर अच्छी सड़क खत्म, दरभा घाटी शुरू। बुरी तरह टूटी सड़क, जानलेवा पहाड़ी मोड़। गाड़ी के शीशे यहीं उतर गए...क्योंकि अब पहाड़ी मोड़ उतना बड़ा खतरा नहीं थे, जितना कि ’’अंदर वाले’’।
एक भी वोट नहीं पड़ा
दरभा-झीरम घाटी पर करीब 60 किमी के सफर में पुलिस तो छोड़िए, एक भी सरकारी वाहन नहीं दिखा। ये गाड़ियां सिर्फ रायपुर और मैदानी इलाकों में ही लक-दक करती नजर आती हैं। जब से (मई 2013 के बाद) इस घाटी में नक्सलियों ने 108 एंबुलेंस उड़ाई है, यह सुविधा भी खतरे में है। झीरम गांव में न अस्पताल है न डॉक्टर। वहीं के वृद्ध सेलू ने बताया-गांव में इलाज कर लेते हैं। ज्यादा तबियत बिगड़ी तो 20 किमी दूर तोंगपाल। सड़क ऐसी कि वहां जाते-जाते स्वस्थ व्यक्ति के नट-बोल्ट ढीले होने लगें। सड़क से 10 किमी दूर पहाड़ पर गांव हैं कनकापाल। अभी वहां जाना असंभव...क्योंकि सड़क नहीं। चारों ओर जंगल। ...और नक्सलियों की दहशत।
इसी का आश्रित गांव है झीरम। इसके बड़ा पारा (जंगल) में प्राइमरी स्कूल है। वहां भी जा नहीं सके क्योंकि टखनों तक कीचड़। ये गांव अजीब तरह से पूरे सरकारी तंत्र से विमुख नजर आया। दरभा में लोगों ने बताया कि लोकसभा चुनाव के समय इस गांव में पोलिंग पार्टी खेत में बैठी थी, क्योंकि मतदान केन्द्र में बम लगे थे । उनका दावा है-झीरम के एक भी व्यक्ति ने पिछले दो चुनाव में वोट नहीं किया। जो पांच-सात वोट पड़े थे, मतदान दलों में शामिल लोगों के ही थे।
क्यों बढ़ा इतना खतरा
झीरम के बाद नक्सलियों ने इस घाट पर दो और बड़े हमले किए। दरभा और तोंगपाल में लोगों ने बताया कि अंदरूनी सड़कों को नक्सली तेजी से काट रहे हैं। झीरम हमले के बाद कांगेर घाटी में आधा दर्जन से ज्यादा सीआरपीएफ कैंप लग गए हैं। दबाव इधर से भी बढ़ा, इसलिए खतरा भी बढ़ा है। बुनियादी सहूलियतें तो दूर, हालात ऐसे हो रहे हैं कि आना-जाना भी दुष्वार हो सकता है।
तीरथगढ़...प्रकृति की मनोहारी कृति
प्रकृति की कृति कितनी मनोहारी हो सकती है, इसे तीरथगढ़ में देख सकते हैं। कांगेर घाटी में इस जलप्रपात की गर्जना एक मील दूर से ही सुनाई दे रही है। पूरे घाट पर दहशत है, लेकिन यहां नहीं। घने जंगलों के बीच तीरथगढ़ में कुछ डच पर्यटकों को देखकर तो यही लगा। पार्किंग शुल्क वसूल रही सोनमती सेठिया कहती हैं- उतने तो नहीं, पर सनडे को काफी लोग आ रहे हैं। रोजाना भी आते रहते हैं।
लापरवाह अफसरों को भेजा जाए जेल : कोर्ट
12 August 2014बिलासपुर । न्यायधानी में पुराने बस स्टैंड से शिव टॉकीज रोड के चौराहे तक दुकान को चौड़ा करने के मामले में निगम अफसरों द्वारा सही जानकारी और दस्तावेज पेश न करने पर हाईकोर्ट ने कड़ा ऎतराज जताया।
कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि ऎसे अफसरों को जेल भेज देना चाहिए। चीफ जस्टिस यतींद्र सिंह, जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की डिवीजन बेंच ने 13 अगस्त को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ निगम आयुक्त और अधीक्षण अभियंता को उपस्थित होने को कहा है।
कोर्ट ने कहा कि यदि सही जानकारी के साथ नहीं आए तो इन्हें गिरफ्तार कर सीधे जेल भिजवा दिया जाएगा। नहीं पेश कर रहे थे दस्तावेज : सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निगम के अफसर और उसके वकील को दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। लगातार आदेश के बाद भी दस्तावेज प्रस्तुत न होने पर कोर्ट ने निगम आयुक्त और अधीक्षण अभियंता को उपस्थित होने का आदेश दिया था।
सोमवार को निगम आयुक्त रानू साहू और अधीक्षण अभियंता सुधीर गुप्ता कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए। लेकिन, यह कोर्ट ने रोड की चौड़ाई, दुकानों के आवंटन संबंधी जानकारी मांगी तो अधिकारी सही जानकारी नहीं दे पाए। इस पर कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई।
ये है मामला
पुराने बस स्टैंड स्थित श्यामाप्रसाद मुखर्जी और शिव टाकीज चौक के पास रविंद्रनाथ टैगोर चौक तक की सड़क टाउन कंट्री प्लानिंग के नक्शे (मास्टर प्लान) के अनुसार आनंद होटल के सामने से बस स्टैंड तक की सड़क 115 फीट चौड़ी है। लेकिन, नगर-निगम ने सड़क को मास्टर प्लान के अनुसार बनाने के बजाय शिव टॉकीज के बगल से 1987 में 27 दुकानें बनाकर कई लोगों को आवंटित कर दिया।
इसके खिलाफ शहर के निवासी महेंद्र सिंह सलूजा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने दुकान देने के आदेश पर पिछले साल रोक लगा दी। इस पर नगर-निगम और दुकान संचालकों ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील की है। इसी मामले में कोर्ट सुनवाई कर रहा है।
नक्सलियों के निशाने पर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियां
11 August 2014रायपुर। राजधानी में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को संचालित करने वाली महिला नक्सली सोनी उर्फ श्यामबती ने पुलिस और एसआईबी की पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। इस जानकारी के आधार पर एसआईबी की टीम राजधानी के औद्योगिक क्षेत्र उरला, सिलतरा और भनपुरी की कई कंपनियों की जांच की तैयारी में है। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार, कांकेर, कोंडागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा के कई नक्सली कमांडर नाम और पहचान बदलकर औद्योगिक क्षेत्रों में शरण लिए हुए हैं। छह महीने पहले एसआईबी की गिरफ्त में आए बद्री गावडे़ के साथ नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को बढ़ाने वाली महिला नक्सलियों का खुलासा हुआ है। कंपनियों में बिना जांच-पड़ताल के नौकरी देने का फायदा उठाकर ये नक्सली राजधानी में पैर पसार रहे हैं। महिला नक्सली के वीडिया में दिखे सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश से पूछताछ की तैयारी है। एसआईबी के पास स्वामी अग्निवेश और महिला नक्सली श्यामबती के कई वीडियो हैं। आला अधिकारियों के अनुसार, इससे पहले भी सामाजिक कार्यकर्ताओं के नक्सलियों से संबंध होने का खुलासा हुआ था। पुलिस की गिरफ्त में आए बद्री गावडे़ ने भी बताया था कि एनजीओ संचालक प्रभात पट्टावी भी सामाजिक कार्यकर्ताओं को नक्सली नेताओं से मिलवाने ले जाया करता था। पट्टावी से भी पूछताछ होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर का नाम भी सामने आया था। महिला नक्सलियों को नारायणपुर पुलिस को सौंपा शनिवार को गिरफ्तार महिला नक्सलियों श्यामबती और जलदोई को नारायणपुर पुलिस को सौंपा गया। नारायणपुर एसपी अमित कांबले ने बताया दोनों से पूछताछ कर कोर्ट में पेश किया गया। श्यामबती के खिलाफ नारायणपुर थाना छोटेडोंगर में 4 मामले दर्ज हैं। एक स्थायी वारंट भी लबित है। थाना धौंड़ाई में 4 अपराध दर्ज हैं और गिरफ्तारी के लिए दस हजार का ईनाम भी घोषित किया गया है।
"महतारी एक्सप्रेस" ने पांच को रौंदा
11 August 2014अंबिकापुर/कोरबा। दो अलग-अलग घटनाओं में महतारी एक्सप्रेस (प्रसूति एम्बुलेंस) ने पांच लोगों को रौंद दिया। बलरामपुर जिले के करकली खिखिरपारा निवासी सुकरराम पत्नी जयमुनि, पुत्र दीपक व साला श्याम के साथ रक्षाबंधन के लिए रविवार की दोपहर ग्राम बासा जा रहे थे। मोटरसाइकिल पर इस परिवार को तेज रफ्तार महतारी एक्सप्रेस ने टक्कर मार दी। श्याम व दीपक की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं सुकरराम व जयमुनि ने जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। उधर, कोरबा जिले के ग्राम माखुरपानी निवासी दीनदयाल यादव की आठ वर्षीय पुत्री किरण मां के साथ नहाने जा रही थी। सड़क पार करते वक्त किरण को महतारी एक्सप्रेस ने अपनी चपेट में ले लिया। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
नहीं रहे देश की पहली संसद के सदस्य रेशमलाल जांगड़े
11 August 2014रायपुर। देश की पहली लोकसभा के सदस्य और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे छत्तीसगढ़ के रेशम लाल जांगड़े नहीं रहे। उनका राजधानी के एक निजी चिकित्सालय में इलाज किया जा रहा था। वह पिछले कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे।
सांसद रेशमलाल जांगड़े को पिछले सोमवार अचानक तेज बुखार आया था और कुछ देर बाद वे बेहोश हो गए। जिसके बाद उनको इलाज के लिए रायपुर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती किया गया।
अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर्स जांगड़े का इलाज कर रहे थे, लेकिन उनकी हालत में कुछ खास सुधार नहीं आया। उन्होंने अस्पताल में आखिरी सांस ली।
राजनीति में लम्बे समय तक रहे सक्रिय
90 वर्षीय जांगड़े का लंबा राजनैतिक अनुभव रहा है। वे पहली बार 1950 में देश की अंतरिम संसद के सदस्य मनोनीत हुए थे। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1952 में पहली लोकसभा के आम चुनाव में बिलासपुर से निर्वाचित होकर संसद में प्रवेश किया।वह 1957 और 1989 में भी छत्तीसगढ़ से निर्वाचित होकर लोकसभा में पहुंचे।अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अपना योगदान दिया। वह प्रथम, द्वितीय और 9वीं लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश की विधानसभा में वर्ष 1962, 1972 और 1985 में विधायक के रूप में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया।
लोकसभा के साठ साल पूरे होने पर हुआ था सम्मान
13 मई 1952 को भारतीय लोकसभा की पहली बैठक हुई थी। उस बैठक के साठ साल पूरे होने पर मई 2012 में पहली लोकसभा के सभी जीवित सदस्यों को सम्मानित किया गया था। जिनमें रेशम लाल जांगड़े भी शामिल थे।
लगा जैसे लोगों के जंगल में पहुंच गए
2012 में बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में जांगड़े ने पहली लोकसभा के पहली बैठक की यादें साझा करते हुए कहा था कि पहले दिन उन्हें लगा जैसे वे बैठे लोगों के जंगल में पहुंच गए हैं, उस बैठक में सहज होने में उन्हें काफी समय लगा था। सहज होने के बाद वे लाल बहादुर शास्त्री और भीमराव आंबेडकर से भी मिले थे।
इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि "उन दिनों की राजनीति में जो लोग थे, वे जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे, वहां के लोगों से उनकी चर्चा होती थी, बातचीत होती थी. अब ऐसा नहीं है, यहां तक कि आज की राजनीति में जनता के मुद्दे भी अब बहुत कम उठ पाते हैं। आजकल मतदान हुआ, उसके बाद नेता मतदाता को भूल जाते हैं, उसके बाद क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है।"
मेयर- सभापति की शान में चार ड्राइवर
09 August 2014रायपुर। रायपुर नगर निगम हरदम बजट का रोना रोता रहता है, लेकिन इसके महापौर एवं सभापति की सुख-सुविधाओं पर बेहिसाब खर्च हो रहा है। दोनों जनप्रतिनिधियों के वाहन और ड्राइवर पर ही हर माह मानकों से अधिक राशि खर्च हो रही है। लेकिन पानी की तरह पेट्रोल बहाने वाले महानुभावों को नियम कानून का पाठ पढ़ाने वाला कोई नहीं है।
लापरवाह निगम
नगर निगम के नियमानुसार जो जनप्रतिनिधि या अधिकारी 80 लीटर से अधिक पेट्रोल या डीजल अपनी गाड़ी पर खर्च करता है, उनसे निगम प्रशासन को रिकवरी करना चाहिए। लेकिन निगम प्रशासन ने किसी भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी से रिकवरी नहीं की। जनप्रतिनिधि इसे लेकर निगम के अफसरों को दोषी मानते हैं। वे कह रहे हैं, अधिकारियों को मॉनिटरिंग करनी थी।
महापौर के यहां चार ड्राइवर
निगम से मिली जानकारी के मुताबिक महापौर किरणमयी नायक के पास चार ड्राइवर तैनात हैं। नियमानुसार इन्हें सिर्फ दो ड्राइवर मिलने चाहिए। महापौर की पेट्रोल से चलने वाली एम्बेसेडर पर हर माह करीब 350 लीटर पेट्रोल खर्च हो रहा है। जबकि नियमानुसार इन्हें 200 लीटर पेट्रोल खर्च करने की पात्रता है।
सभापति के पास तीन ड्राइवर
निगम सभापति संजय श्रीवास्तव के पास तीन ड्राइवर हैं। जबकि सभापति दो ड्राइवर रखने के पात्र हैं। सभापतिके पास पेट्रोल से चलने निगम की एम्बेसडर है। नियमानुसार यह 80 लीटर पेट्रोल इस गाड़ी पर खर्च कर सकते हैं। लेकिन इनका खर्च हर माह करीब 250 लीटर पेट्रोल का आता है।
मुझे 24 घंटे क्षेत्र का दौरा करना पड़ता है। इसलिए 4 ड्राइवर मांगे हैं। निगम से मिली गाड़ी का उपयोग सिर्फ निगम क्षेत्र के दौरा में करती हूं। सभापति के यहां भी 3 तीन ड्राइवर हैं। उनके घर के लोग भी निगम की गाड़ी व ड्राइवर का उपयोग कर रहे हैं। रही बात 80 लीटर से अधिक पेट्रोल खर्च करने की तो इस संबंध में निगम ने कोई पत्र नहीं दिया है। डॉ. किरणमयी नायक, महापौर
यदि मैंने नियमों से हटकर ड्राइवर लिया है या ज्यादा पेट्रोल खर्च किया है, तो निगम नियमानुसार कार्यवाही करे। रही बात महापौर के आरोप की तो, वे पहले खुद को देंखे। फिर दूसरों को घर में झांके। संजय श्रीवास्तव, सभापति, नगर निगम
दो ड्राइवरों का नियम मुझे पता है, लेकिन हो सकता है किसी ड्राइवर ने खुद से अपना अटैचमेंट करा लिया हो। अधिक पेट्रोल-डीजल की जानकारी नहीं है। इसकी जांच करवाता हूं। अवनीश कुमार शरण, आयुक्त नगर निगम
मौसम के मिजाज ने बिगाड़ा धान का गणित, धूंप-छांव से नुकसान
09 August 2014बिलासपुर। जिले में इस सीजन में अब तक 731 मिमी औसत बारिश हो चुकी है, लेकिन करीब 20 फीसदी बुआई अभी भी नहीं हो सकी है। बोनी और लेई पद्धति से होने वाली धान की बुआई तो पूरी की ली गई है, रोपाई होनी है। देर से पहुंचे मानसून और अब लेट बुआई से इस बार करीब 20 से 25 फीसदी तक पैदावार प्रभावित होने की आशंका है।
इस खरीफ सीजन में जिले में 2.38 लाख हेक्टेयर में खेती की जा रही है। देर से पहुंचे मानसून और अवर्षा की स्थिति पैदा होने से जिले सहित प्रदेश में सूखे की आशंका सताने लगी। केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक ने आपातकाल की तैयारी कर ली। किसानों ने मानसून आने के बाद बोनी कर ली थी, लेकिन अवर्षा से वे चिंतित हो गए। बोनी के साथ रोपाई में भी देर हो गई।
आषाढ़ के अंत से सावन की शुरुआत में बारिश हुई तो जिले सहित पूरा प्रदेश तर-बतर हो गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। सावन में लगातार बारिश से खेत डूब गए, फसल के खराब होने की आशंका सताने लगी। किसान मौसम खुलने पर ही रोपाई कर पा रहे हैं। अभी भी जिले के करीब 40 हजार हेक्टेयर में रोपाई नहीं हो सकी है जबकि एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा में रोपाई होनी है। मस्तूरी, बिल्हा, तखतपुर के अलावा गौरेला, पेंड्रा और मरवाही के इलाके में भी खेती पिछड़ गई है। हरेली त्योहार के पहले ही खेती का काम निपट जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका।
तखतपुर में ज्यादा, गौरेला में कम बारिश
तखतपुर तहसील में सर्वाधिक 911.9 मिमी औसत बारिश दर्ज हुई है, जबकि सबसे कम 599.8 मिमी बारिश गौरेला में रिकाॅर्ड की गई है। इसी तरह बिलासपुर तहसील में 716.4 मिमी, बिल्हा में 815 मिमी, मस्तूरी में 714.5 मिमी, तखतपुर में 911.9 मिमी, कोटा में 711.1 मिमी,पेण्ड्रा में 612.9 मिमी व मरवाही तहसील में 763.6 मिमी वर्षा दर्ज हुई है।
देर हुई है, लेकिन पैदावार पर फर्क नहीं पड़ेगा
^मानसून में देर होने की वजह से बुआई में देर हुई है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे पैदावार में कोई खास फर्क पड़ेगा। औसत उत्पादन प्रति हेक्टेयर 38 क्विंटल है। इससे कम पैदावार होने पर ही माना जाएगा कि विपरीत असर पड़ा।'' वीके गुप्ता, सहायक संचालक, कृषि
वेबसाइट पर बना दी 50 करोड़ रूपए की सड़क और नालियां
09 August 2014रायपुर। नगर सुराज अभियान के दौरान 2012 में राज्य सरकार ने राजधानी में हजारों कार्य करने के वादे किए थे। अभियान के दौरान अधिकारियों को निर्माण कार्यो के लिए 45 हजार से अधिक अर्जियां भी मिली। लेकिन, इनमें से दो साल में सिर्फ 262 कार्य ही हो पाए, लेकिन नगर सुराज की वेवसाइट में अरबों रूपए का काम दिखा दिया गया है और सभी अर्जियों को निपटारा करना भी दिखाया गया है। इस संबंध में नगर निगम के अफसरों का कहना है कि हमारा काम मांगों के प्रस्ताव को सरकार को भेजना है। मांग पत्र भेजा गया था इसलिए बेवसाइट में भी इसे निपटारा दर्शाया जा रहा है। जबकि, नगरीय प्रशासन ने कई मांगों को ठुकरा दिया है।
मार्च 2014 तक हो जाने थे सभी काम
प्रशासन ने जितने निर्माण कार्य स्वीकृत किए थे वे सभी मार्च 2014 तक पूरे किए जाने थे लेकिन न ही निगम के अफसरों ने सुराज पर गंभीरता से लिया न ही जनप्रतिनिधियों ने कोई दिलचस्पी दिखाई। हर जोन को स्वीकृत 20 करोड़ में से 50-50 लाख रूपए ही दिए गए हैं। अब काम जल्द पूरा करने का दावा किया जा रहा है।
केस-1
रामसागर पारा शीतला मंदिर निवासी सुखदेव साहू(25) ने सार्वजनिक चबूतरा निर्माण और दुकान आवंटन की मांग की थी लेकिन आज तक कोई काम नहीं हुआ। बेवसाइट में उनकी मांग को निराकृत बता दिया गया है। सुखदेव का कहना है कि वह ठगा महसूस कर रहा है।
केस-2
सुभाष्ाचंद्र वार्ड के कई लोगों ने कई जगहों पर सीसी रोड निर्माण कार्य के लिए सुराज अभियान में सामूहिक रूप से आवेदन किया था। जमीन पर काम नहीं हुआ। बेवसाइट पर निराकृत कर दिया गया। काम न होने से आक्रोश है।
काम पूरा हुआ नहीं और कह दिया निराकृत
पड़ताल में आया कि काम पूरा नहीं होने पर भी नगर सुराज की बेवसाइट में काम निराकृत बता दिया गया है। जमीनी स्तर पर कोई काम हुआ ही नहीं। लोगों ने सीसी रोड, नाली निर्माण, विद्युत पोल, पाइप लाइन विस्तार आदि बुनियादी सुविधाओं की मांग की थी।
मांगे थे 50 करोड़ रूपए
निगम ने निर्माण कार्यो के लिए 50 करोड़ का अनुमानित खर्च तय कर नगरीय प्रशासन विभाग को बजट राशि के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन प्रशासन ने सिर्फ 20 करोड़ रूपए ही दिया।
नगर सुराज की मांगों का प्रस्ताव नगरीय प्रशासन को भेजते हैं तभी आवेदन को ऑनलाइन निराकृत कर देते हैं। इसका मतलब काम पूरा होना नहीं है। प्रस्ताव के बाद जो कार्य स्वीकृत हुए हैं उन्हें कर रहे हैं। कुछ मांगे नियम में नहीं थी इसलिए उन्हें पूरा नहीं किया गया। अगले डेढ़ महीने के भीतर अधूरे काम पूरे करा देंगे। अवनीश कुमार शरण कमिश्नर, नगर निगम
नक्सलियों की पकड़ कमजोर, दो महीने में 30 से ज्यादा सरेंडर
08 August 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की पकड़ कमजोर होती नजर आ रही है। दो महीने में 30 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें कई बडे़ नक्सली कमांडर शामिल हैं। जबकि 2013 में सिर्फ 39 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के अनुसार, नक्सलियों का काडर कमजोर होने के कारण बडे़ पैमाने पर आत्मसमर्पण हो रहे हैं। तीन साल में 160 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। खुफिया विभाग के अनुसार एक दर्जन ब़़डे नक्सली कमांडर आत्मसमर्पण की तैयारी में हैं।
छत्तीसगढ़ में इस वर्ष 30 अप्रैल तक 15 नक्सलियों ने ही समर्पण किया था, लेकिन जुलाई तक आंकड़ा 70 हो गया। जून-जुलाई में ही 30 से ज्यादा नक्सलियों ने समर्पण किया।
एडीजी नक्सल ऑपरेशन आरके विज ने बताया बीजापुर और दंतेवाड़ा में नक्सलियों का संगठन कमजोर होने के कारण ब़़डे पैमाने पर आत्मसमर्पण हो रहा है। एक साल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 100 से ज्यादा नक्सली मारे भी गए। इनमें 30 से 35 बड़े नक्सली नेता शामिल हैं। मृत नक्सली कमांडरों में आधे से अधिक दंडकारण्य क्षेत्र के हैं। बस्तर से जो जानकारी निकलकर आ रही है उसके आधार पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सख्ती के कारण नक्सलियों के कमांडर लगातार लोकेशन बदल रहे हैं। सीमांध्र और ओडिशा में पुलिस की सक्रियता का असर भी छत्तीसगढ़ के नक्सलियों पर पड़ रहा है।
पड़ोसी प्रदेशों में भी सरेंडर
पड़ोसी राज्य ओडिशा और सीमांध्र में भी बडे़ पैमाने पर आत्मसमर्पण हुआ है। पिछले दो साल में 100 से ज्यादा नक्सलियों ने वहां सरेंडर किया है। आंध्र प्रदेश में सरेंडर करने वालों की संख्या ज्यादा है। इसका कारण ज्यादातर ब़़डे नक्सलियों का आंध्रप्रदेश से ही होना है। वे परिवार और गांव में रहना चाहते हैं, इसलिए आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
फैक्ट फाइल
वर्ष 2013
नक्सली वारदात में शहीद जवान-45
जिला बल के जवान-16
छसबल के जवान-15
एसटीएफ के जवान-4
सीआरपीएफ के जवान-8
बीएसएफ के जवान-2
मुठभेड़ में मारे गए नक्सली-32
नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण-39
वर्ष 2014 [एक जनवरी से 31 जुलाई तक]
नक्सली वारदात में शहीद जवान-34
जिला बल के जवान-11
सीआरपीएफ के जवान-23
मुठभेड़ में मारे गए नक्सली-32
नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण-70
[पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार]।
पहले बता दिया माओवादी, अब माना निर्दोष
08 August 2014रायपुर। कांकेर के बहुचर्चित मुंजालगोंदी पहाड़ मुठभेड़ मामले में कलक्टर अलरमेल मंगई डी. ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि हिरासत में लिए गए सभी आदिवासी निर्दोष थे। ये तथ्य कलक्टर ने सरकार को भेजी अपनी नई रिपोर्ट में दिए हैं।
इससे पहले उन्होंने आदिवासियों को माओवाद समझते हुए जेल भेजने के निर्देश दिए थे। ग्रामीणों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के दबाव के बाद कलक्टर ने 6 आदिवासियों को तो रिहा करवा दिया, लेकिन 5 अब भी जेल में हैं। 16 जुलाई 2013 को माओवादियों के साथ मुठभेड़ के बाद जिला बल और एसटीएफ ने 11 आदिवासियों को हिरासत में लिया था।
कलक्टर की नई रिपोर्ट के मुताबिक खड़का, लिलेगोंदी और मुंजालगोंदी के आदिवासी खेतों में काम करके लौट रहे थे। धमाकों की आवाज सुनकर वे भागने लगे। सुरक्षाबल के जवानों ने उन्हें पकड़कर मारपीट की और रातभर गुमझीर के जंगल में रखा। रिपोर्ट में सुरक्षाबलों की कार्रवाई से गांवों में दहशत फैलने काी बात कही गई है। इसमें ग्रामीणों को पूरी तरह निर्दोष करार दिया गया है।
खोखे के आधार पर केस दर्ज की अनुमति
मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से 12 बोर बंदूक की गोली का एक खोखा, एक डेटोनेटर, एक कैमरा, बिजली के तार, एक मोटरसाइकिल और खून से सनी मिट्टी बरामद की गई थी। कलक्टर ने बंदूक के एक खोखे के आधार पर आदिवासियों पर आयुध तथा विस्फोटक अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति पुलिस को दी थी। ग्रामीणों ने कलक्टे्रट का घेराव किया तो 20 जुलाई 2013 को 6 को रिहा कर दिया गया। बाकी विचाराधीन कैदी के रूप में अभी जेल में बंद हैं।
मानवाधिकार आयोग में शिकायत
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के राज्य सचिव सोनऊराम नेताम तथा नालसर विधि विश्वविद्यालय हैदराबाद के रिसर्च कंसल्टेंट बी.के. मनीष ने मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की। आयोग के आदेश के बाद गृह विभाग ने कांकेर कलक्टर से जांच कराई तब मुठभेड़ का सच सामने आया।
घटना मेरी जानकारी में आई है। इसे मैं दिखवा रहा हूं। मामले में न्यायोचित तरीके से कार्रवाई की जाएगी। कलक्टर द्वारा गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट को मानव अधिकार आयोग को भी भेजने के बारे में फिलहाल मेरे पास जानकारी नहीं -एन.के. असवाल, अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग
सरकारी नियुक्तियों के लिए विज्ञापन अनिवार्य रूप से जारी करना होगा : हाईकोर्ट
08 August 2014बिलासपुर। हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि सरकारी पदों पर नियुक्ति के लिए अनिवार्य रूप से विज्ञापन जारी होना चाहिए। बिलासपुर के कमर्शियल टैक्स विभाग में ड्राइवर पद पर चार साल पहले हुई नियुक्ति को हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 16 का उल्लंघन बताते हुए रद्द कर दिया है।
कमर्शियल टैक्स विभाग बिलासपुर के संभागीय उपायुक्त कार्यालय डिवीजन-दो में ड्राइवर पद पर नियुक्ति के लिए रोजगार दफ्तर से नाम मंगाकर प्रक्रिया शुरू की गई। जनवरी 2010 में जारी प्रक्रिया की वैधता को पूर्व से दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के तौर पर ड्राइवर का नाम कर रहे प्रकाश राव गायकवाड़ ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा की सिंगल बेंच में हुई।
हाईकोर्ट ने रोजगार दफ्तर से नाम मंगाकर की जाने वाली भर्ती पर उड़ीसा राज्य विरुद्ध ममता मोहंती मामले में सुप्रीम कोर्ट और दरबार सिंह पोर्ते व अन्य विरुद्ध छत्तीसगढ़ राज्य व अन्य में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि इस संबंध में कानून स्पष्ट है।
ममता मोहंती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी भी पद पर रोजगार दफ्तर से नाम मंगाकर की जाने वाली भर्ती संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है। इससे संबंधित पद के लिए योग्य उम्मीदवार अवसर से वंचित रह जाते हैं।
हाईकोर्ट ने विज्ञापन जारी किए बगैर की गई भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। संभागीय उपायुक्त कार्यालय, कमर्शियल टैक्स विभाग बिलासपुर को विज्ञापन के जरिए प्रक्रिया पूरी करने की छूट दी गई है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दरबार सिंह पोर्ते व अन्य विरुद्ध छत्तीसगढ़ राज्य के मामले में दिए गए फैसले में कहा था कि रोजगार दफ्तर से नाम मंगाकर की गई भर्ती में याचिकाकर्ता का नाम होने पर भी यह नियुक्ति के लिए तय संवैधानिक योजना का उल्लंघन है।
राज्य के 70 अफसरों पर मंडराया खतरा
07 August 2014रायपुर। राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2003 में आयोजित परीक्षा में जारी चयन सूची में बडे़ पैमाने पर की गई अफरा-तफरी का मामला सामने आया है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के बाद की गई स्केलिंग में तो गड़बड़ी की गई है। इस गफलत को सुधारने के एवज में ही 147 चयनित अफसरों में तकरीबन 70 के अधिकारियों के पद पर परिवर्तन हो जाएगा। 19 की नौकरी चली जाएगी। 5 डिप्टी कलेक्टरों का भी संवर्ग बदल जाएगा।
पीएससी 2003 में 3 उम्मीदवारों का नाम चयन सूची में नाम शामिल करने के बजाय आयोग ने चालाकी करते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसमें रविंद्र सिंह, वर्षा डोंगरे व चमन लाल सिन्हा शामिल हैं। चयन सूची से बाहर किए जाने के बाद इन आवेदकों ने हार नहीं मानी और अपने स्तर पर गड़बड़ी से पर्दा उठाने की कोशिश करते रहे। चयन सूची में बडे़ पैमाने पर की गई गड़बड़ी की शिकायत हाईकोर्ट तक जा पहुंची है। इस मामले में 8 साल से सुनवाई हो रही है। इस बीच राज्य शासन ने एंटी करप्शन ब्यूरो से इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कराई थी। एसीबी ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल व राज्य शासन के हवाले कर दिया था।
उत्तर पुस्तिकाओं की जांच, एसीबी की जांच रिपोर्ट और स्केलिंग के तहत उम्मीदवारों को जारी किए गए अंकों को लेकर रविंद्र सिंह ने राजभवन के अलावा आयोग के समक्ष सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार मानव विज्ञान विषय लेकर जिन 6 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, उनको मुख्य विषय में समान अंक तो मिले पर स्केलिंग में इनके नंबर असमान कर दिए गए। जिनको मुख्य विषय में 200 अंक मिले स्केलिंग के बाद अंकों में भारी असमानता है। 200 अंक पाने वाले एक उम्मीदवार को 170.21 फीसद तो इतने ही अंक पाने वाले एक उम्मीदवार को 239.24 फीसद अंक देकर उपकृत करने का मामला भी सामने आया है। जिनको नौकरी देनी थी उनके नंबर अधिक और जिनको चयन प्रक्रिया से बाहर रखना था उनको स्केलिंग के बाद कम नंबर दे दिए गए। 9 चयनित उम्मीदवार और 9 ऐसे उम्मीदवार जिनको चयन सूची से बाहर कर दिया है इनकी उत्तर पुस्तिकाओं की जानकारी मांगी गई थी। इसमें जिन उम्मीदवारों ने सही सवाल हल किया है उसे गलत कर दिया गया है। गलत सवाल को सही कर अच्छे अंक दे दिए गए हैं।
पीएससी ने 3 महीने में दुस्त करने किया था वायदा
हाईकोर्ट के नोटिस के बाद पीएससी ने 26 अक्टूबर 2007 को अपने जवाब में स्केलिंग में गलती की बात को स्वीकार किया था। साथ ही 12 बिंदु तय करते हुए हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि जांच और नए सिरे से साक्षात्कार के लिए सूची बनाने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा। 6 साल बाद भी पीएससी ने 12 बिंदुओं पर काम ही नहीं किया।
वर्ष 2003 की चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर हम लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका दायर करने के पहले हम लोगों ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी एकत्रित की है। इसमें बडे़ पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है-रविंद्र सिंह, याचिकाकर्ता व आरटीआई एक्विस्ट।
आईपीएल से कम दाम, 200 रू. के टिकट
07 August 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ के क्रिकेटप्रेमियों को टी-20 क्रिकेट का रोमांच देखने के लिए इस बार आईपीएल से कम कीमत चुकानी होगी। रायपुर में 13 सितंबर से होने वाले चैम्पियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट के 8 मैचों के टिकटों की कीमत 200 रूपए से शुरू होने के साथ सभी श्रेणियों के टिकटें कम रेट की होने की संभावना है। वहीं छात्रों को इसमें छूट भी मिल सकती है। मैचों के टिकट ऑनलाइन के अलावा रायपुर में सेंटर बनाकर बेचे जाएंगे।
बुधवार को बीसीसीआई के दो सदस्य अंकित बालड़ी (मैनेजर लॉजिस्टिक्स, आईपीएल) और हेमंग बी अमिन (मैनेजर फाइनेंस, आईपीएल) ने रायपुर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में होने वाले मैचों की तैयारियों का जायजा लिया। छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों से टिकट के रेट, सुरक्षा और खिलाडियों के ठहरने की व्यवस्था के संबंध में विस्तृत चर्चा की।
सीएससीएस के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया और सचिव राजेश दवे ने बीसीसीआई के सदस्यों से रायपुर में होने वाले मैचों के टिकट दरें की कम रखने की मांग की। इस पर बीसीसीआई के सदस्यों ध्यान देने की बात कही। टिकटों की कीमतें अगले हफ्ते तक बीसीसीआई की ओर फाइनल कर दिए जाएंगे। निरीक्षण कमेटी रिपोर्ट बीसीसीआई को सौंपेगी।
हिन्दी कमेंट्री के लिए मांगा अलग कमरा
चैम्पियंस लीग के मैचों में दर्शकों को इस बार हिन्दी में कमेंट्री सुनने को मिलेगी। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का ब्रॉडकास्टिंग टीम के सदस्य रामाकृष्णन राव (ब्रॉडकॉस्टिंग टीम, आईपीएल) ने भी निरीक्षण किया। उन्होंने सीएससीएस से हिन्दी कॉमेंट्री के लिए स्टेडियम में अलग से एक कमरे की मांग की। रामाकृष्णन ने स्टेडियम में मैचों के सीधे प्रसारण के लिए कैमरे आदि लगाने के जगहों को भी चिन्हित किया। चैम्पियंस लीग मैचों के प्रसारण की जिम्मेदारी स्टार स्पोट्र्स चैनल के पास है।
आईपीएल में चुकानी पड़ी थी इतनी कीमत
मैचों के लिए सामान्य दर्शकों को 2500 रूपए खर्च करने पड़े थे और विद्यार्थियों को 850 वाली टिकटें 500 रूपए में दी गई थीं। वीआईपी श्रेणियों टिकटों के दाम 10 से 20 हजार रूपए थे।
एक टिकट पर दो मैच : रायपुर में चैम्पियंस लीग के 13, 14 और 16 सितंबर को छह क्वालीफायर मैच खेले जाएंगे, प्रतिदिन दो मैच होंगे।
कमेटी का इन कमियों को दूर करने की सलाह
निरीक्षण टीम ने स्टेडियम में वाई-फाई, मीडिया रूम, खिलाडियों के पैवेलियन और आंधी-बारिश से स्टेडियम को हुए नुकसान के काम जल्द पूरे करें।
अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की साफ-सफाई के लिए निजी कंपनी को हायर करने के लिए कहा।
सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ प्रशासन के अलावा निजी सुरक्षा एजेंसी को भी लगाने की सलाह।
दर्शकों की सुविधा और जानकारी के लिए जगह-जगह साइन बोर्ड और बैनर आदि लगाने को कहा।
होटलों का किया दौरा
निरीक्षण कमेटी ने टीमों और अधिकारियों के ठहरने के लिए व्यवस्था हेतु रायपुर में होटल वीडब्ल्यू कैन्यान, होटल हयात, होटल ताज आदि का निरीक्षण किया। हालांकि, किस होटल में टीमें ठहरेंगी, इसका निर्णय बीसीसीआई रिपोर्ट के बाद करेगी। इसके अलावा बीसीसीआई के सदस्य हेमंत और अंकित ने खिलाडियों की उच्चस्तरीय सुरक्षा और लोकल ट्रैवलिंग के संबंध में सीएससीएस के पदाधिकारियो से चर्चा की।
स्वास्थ्य मंत्री के निवास का घेराव करने जा रहे कांग्रेसी गिरफ्तार
07 August 2014रायपुर। प्रदेश स्वास्थ्य सुविधाओं की बिगड़ी व्यवस्था और अस्पतालों में डाक्टरों की कमी को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस के असंगठित श्रमिक समस्या निवारण प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता स्वास्थ्य मंत्री का घेराव करने कांग्रेस भवन से निकले। सिविल लाइन स्थित न्यू सर्किट हाउस में मंत्री अग्रवाल बैठक ले रहे थे। पुलिस ने उन्हें बैरिकेट लगाकर नगर निगम कार्यालय के सामने रोक दिया।
इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ता बैरिकेट को धकेलकर आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शन में कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन, जिलाध्यक्ष विकास उपाध्याय, दिलीप चौहान समेत पदाधिकारी शामिल थे।
13 नक्सलियों ने किया सरेंडर
06 August 2014रायपुर, जगदलपुर/ बीजापुर। संभाग के दो जिलों में मंगलवार को मिलिशिया कमांडर समेत 13 नक्सलियों ने समर्पण किया है। बीजापुर कलेक्टर, डीआईजी सीआरपीएफ व एसपी के समक्ष जन मिलिशिया कमांडर समेत 11 नक्सलियों ने समर्पण कर दिया है। समर्पित नक्सलियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें नक्सलियों द्वारा जोर-जबरनपूर्वक दलम में शामिल करवाया गया था। दो नक्सलियों ने भरमार बंदूक भी जमा करवाई हैं। बताया गया है कि समर्पित नक्सलियों में कुछ नक्सलियों के चेतना नाट्य मंडली से जुडे़ थे। वे महाराष्ट्र, आंध्र समेत विभिन्न जगहों में नाच-गाने के माध्यम से नक्सली विचारधारा का प्रचार करते थे। एसपी केएल ध्रुव के मुताबिक इन्हें सरकार के पुनर्वास नीति के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा। दूसरी तरफ कोंडागांव जिले के राजबेड़ा जनमिलिशिया कमांडर संतेर उर्फ कावले व सदस्य महरू ने पुलिस के समक्ष समर्पण किया है। दोनों नक्सलियों की प्रताड़ना से त्रस्त थे बीजापुर के समर्पित नक्सली कोपाराम कर्मा उर्फ मनील निवासी ताकीलोड़, मोहन लाल कर्मा, बुधराम पोड़ियाल, सोनी भोगाम, भोगाम सल्लू, पायकू प्रकाश, लक्ष्मण भोगाम, सगनू राम, वीर सिंह पोटाई, मसू नेताम तथा रायसिंह सलाम।
विधायक ने एडिशनल सीईओ को मारने उठाई चप्पल
06 August 2014जगदलपुर। मनरेगा के मजदूरों को पूर्ण भुगतान की मांग को लेकर मंगलवार को धरने पर बैठे बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल और जिला पंचायत के एडिशनल सीईओ हेमंत ठाकुर के बीच इस कदर तनातनी हो गई कि विधायक ने चप्पल हाथ में उठाकर उन्हें पीटने की धमकी दे डाली। विधायक के तेवर देखकर अधिकारी वहां से रफूचक्कर हो गए। विधायक का गुस्सा यहीं कम नहीं हुआ।
उन्होंने ठाकुर पर उनके साथ अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने का आवेदन भी बोधघाट थाने में दिया। इसके बाद शाम को विधायक अनशन पर बैठ गए। देररात तक अफसर विधायक लखेश्वर बघेल के मानमनौवल में जुटे रहे। उधर, थाना प्रभारी बीएस खुटिया का कहना है कि इस घटना में कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है।
बीस मिनट में बहस में बदली बातचीत जूते तक पहुंची
मंगलवार दोपहर करीब दो बजे का वक्त था। छिंदबहार समेत जिले में ग्रामीणों को मनरेगा का भुगतान नहीं होने का मसला लेकर कांग्रेस विधायक दल के सचेतक लखेश्वर बघेल जिला पंचायत कार्यालय के सामने धरने पर बैठे थे। जब वह ग्रामीणों से बात कर रहे थे तभी एडिशनल सीईओ ठाकुर वहां पहुंचे। ठाकुर ने विधायक की बजाय ग्रामीणों से बात करनी शुरू की। ठाकुर ने सीधे एक ग्रामीण से सवाल किया कि उनका कितना भुगतान शेष है। खुद को नजरअंदाज किए जाने को लेकर विधायक ने ऎतराज जताया। उनका कहना था कि ठाकुर को उनसे बात करनी चाहिए।
ठाकुर ने फौरन उनसे सवाल किया कि "बताइए क्या बात है और आप लोग धरना क्यों दे रहे हैं?" इसके बाद मामला गरमा गया। विधायक तत्काल भुगतान की मांग पर अड़ गए। ठाकुर ने ऎसा करना असंभव बताया तो विधायक ने ठाकुर से सीईओ को भेजने को कहा। इसके जवाब में ठाकुर ने कहा, "जो करना है हमें करना है, इसलिए आप बताएं।" इसके बाद विधायक बिफर पड़े। उनके समर्थक भी खड़े हो गए। बीस मिनट के संवाद के बाद माहौल गरमाने पर ठाकुर वहां से निकल गए।
एडिशनल सीईओ द्वारा मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया गया। जिसको लेकर बोधघाट थाने में एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया है। साथ ही ऎसे अधिकारी को तत्काल हटाने की मांग भी शासन से करने की तैयारी चल रही है।
लखेश्वर बघेल,विधायक बस्तर एवं विधायक दल के सचेतक
मैंने उन लोगों से किसी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं किया। वे ग्रामीण नकद भुगतान की मांग कर रहे थे, जो कि मनरेगा में संभव नहीं है। इसके बाद भी अगर विधायक ने मेरे खिलाफ प्राथमिक दर्ज करने का आवेदन दिया है तो मैं पहले इस सम्बंध में अपने उच्चाधिकारी को अवगत कराऊंगा। वे जो निर्णय लेंगे, वही करूंगा। हेमंत ठाकुर, एडिशनल सीईओ, बस्तर
अभनपुर में बैटरी वाली मशीनें चलाई जा रही थीं एसी करंट से : कांग्रेस
06 August 2014रायपुर। अभनपुर के उरला स्थित नवभारत फ्यूज संयंत्र हादसे के लिए बनी कांग्रेस की जांच समिति के संयोजक विधायक धनेंद्र साहू का कहना है कि संयंत्र के मालिक ने फायदे के लिए औद्योगिक सुरक्षा के सारे नियम ताक पर रख दिए थे। ज्यादा उत्पादन करने के लिए कंपनी मालिक ने बैटरी से चलाई जाने वाली मशीनों को एसी करंट से चलाना शुरू करवा दिया था। ज्यादा स्पीड से शार्ट सर्किट जैसी स्थिति बनी होगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने संयंत्र हादसे की जांच के लिए टीम बनाई है। इस टीम ने मंगलवार को स्थल निरीक्षण किया और पीड़ित परिवार से बातचीत की।
विधायक साहू ने बताया कि इस संयंत्र की स्थापना 1987 में की गई थी। लेकिन तब से लगी मशीनों को नहीं बदला गया था। कंपनी मालिक ने पुरानी मशीनों को मरम्मत करके खर्च बचाने की कोशिश की। कंपनी मालिक ने एक ही स्थान पर उत्पाद और कच्चे माल के साथ एक्सप्लोसिव भी रखे थे।
जिसके कारण गंभीर हादसा हुआ। विधायकों की टीम ने उपस्थित प्लांट मैनेजर राजेश्वर सिंह से प्लांट में श्रमिकों को मिलने वाली सुरक्षा सुविधाओं के बारे में जानकारी मांगी तो पता चला कि 25 वर्ष से अधिक समय प्लांट को शुरू हुए हो चुका है, लेकिन अभी तक आकस्मिक रूप से आपदा आने पर आन साइड प्लान ही नहीं है और हर साल केंद्रीय हेल्थ एंड सेफ्टी विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों के समक्ष श्रमिक देव सिंह, इतवारी राम, लखन साहू, चकरा राणा, पारस कुर्रे आदि ने बताया कि जिस यूनिट में विस्फोट हुआ है, वहां की मशीनरी की खराबी के संबंध में प्लांट मैनेजर को लिखित में जानकारी दी जा चुकी थी, लेकिन प्रबंधन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
टीम ने कहा कि इस दुर्घटना में फैक्ट्री मालिक व शासन बराबर के दोषी हैं। किन मानकों के आधार पर इसको आईएसओ का ग्रेड मिला हुआ है यह भी जांच का विषय है। विधायक साहू का कहना है कि कंपनी में हुए विस्फोट की जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। इस प्लांट के संचालन में क्या त्रुटि है, इस विषय को देखना एक्सप्लोसिव विभाग के अधिकारियों का काम है और वही जांच कर रहे हैं।
अभी भी सेलरी प्लांट में सैकड़ों टन से अधिक बारूद उपलब्ध है। स्टाक और रिकार्ड का मिलान होना चाहिए तथा क्षमता से अधिक मात्रा में बनाया गया बारूद कहां सप्लाई होता है, यह जांच का विषय है। इस दौरान विधायक अरुण वोरा, भैयालाल सिन्हा, जनकलाल वर्मा व एसआर राय मौजूद थे। जांच समिति की बैठक कल बुधवार को कांग्रेस भवन में होगी। इसके बाद पीसीसी को जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
प्रदेश में बदलेगा तहसील-ब्लॉक का नक्शा
05 August 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले किए जा रहे पंचायतों के परिसीमन से राज्य में ब्लॉक और तहसीलों का नक्शा बदलने वाला है। प्रदेश में अब तक पंचायतों की संख्या 9 हजार 734 थीं, परिसीमन के बाद 1249 और पंचायतें अस्ति्तव में आ जाएंगी। इसके साथ ही इन पंचायत क्षेत्रों की राजनीति के समीकरण भी बनेंगे और बदलेंगे। प्रदेश में पंचायतों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से काफी पहले तहसीलों और ब्लॉक के पुनगर्ठन की प्रक्रिया जारी थी। यह काम राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एसके मिश्रा की अध्यक्षता में तहसील एवं विकासखंड पुनर्गठन आयोग कर रहा था। आयोग यह काम लगभग पूरा कर चुका था, इसी बीच पंचायत चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो गई। इसके तहत पंचायतों का परिसीमन किया गया है। राज्य में 1249 नई पंचायतों के गठन के बाद तहसील एवं विकासखंड पुनर्गठन आयोग के कार्य में बदलाव की जरूरत आ पड़ी है। यदि आयोग परिसीमन के पहले की स्थिति के आधार पर अपनी रिपोर्ट जारी करता तो नई पंचायतों का उसमें जिक्र न आने से सारी स्थिति गड़बड़ा सकती थी। लिहाजा सरकार ने आयोग का कार्यकाल बढ़ाते हुए पंचायतों के नए परिसीमन को भी अनुशंसा में शामिल करने का फैसला किया है। नई पंचायतों को ब्लॉक एवं तहसील में शामिल किए जाने से प्रदेश में ब्लॉक एवं तहसीलों की स्थिति, कार्यक्षेत्र और नक्शा बदल जाएगा। सोमवार 4 अगस्त को राज्य शासन ने जानकारी दी है कि आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2014 तक बढ़ा दिया गया है। अब आयोग को जो अतिरिक्त दायित्व दिया गया है उसमें पंचायतों के परिसीमन के बाद पंचायतों की बढ़ी संख्या को अनुशंसा में शामिल कर यह भी तय करना होगा कि कौन सी पंचायत किस ब्लॉक और तहसील में शामिल होगी।
अब कांग्रेस का तोता नहीं रही सीबीआई
05 August 2014रायपुर। नगरीय निकाय चुनाव से पहले प्रदेश में राशनकार्ड पर राजनीति को भाजपा ने कांग्रेस की गरीब विरोधी मानसिकता बताया है। भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को यह जान लेना चाहिए कि सीबीआई अब तोता नहीं है।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री शिवरतन शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के राशनकार्ड संबंधी बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस की इसी गरीब विरोधी मानसिकता के कारण जनता ने उसे ठुकराया है। संपन्न लोगों द्वारा गलत तरीके से बनाए गए राशन कार्ड को निरस्त करने की शासन की कार्रवाई का विरोध कर कांग्रेस अपनी गरीब विरोधी मानसिकता उजागर कर रही है। राज्य सरकार पिछले दस सालों से लगातार प्रयत्न कर रही है कि कोई भी गरीब भूखे पेट नहीं सोए। सरकार ने इस बात को पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी पात्र गरीब का राशन कार्ड निरस्त नहीं किया गया है और न ही ऎसा किया जाएगा।
घोटाले का भ्रम पैदा कर रही है कांग्रेस
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस इसे चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला होने का भ्रम फैला रही है। सीबीआई का दुरूपयोग करने वाली कांग्रेस अब इस मुद्दे पर सीबीआई जांच की मांग कर रही है। उन्होंने कांग्रेस की मांग को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव को शायद केंद्र में कांग्रेस की सरकार होने की गलतफहमी है और उनको अभी भी यह लगता है कि सीबीआई जांच की बात करके राज्य सरकार को धमकाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीबीआई को खिलौना बनाकर कांग्रेस को जितना खेलना था, वह खेल चुकी है। अब सीबीआई कांग्रेस का तोता नहीं है।
जनता से माफी मांगें सिंहदेव : सुंदरानी
छत्तीसगढ़ में तीसरी बार भाजपा सरकार बनने को दुर्भाग्यपूर्ण बताए जाने संबंधी नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के बयान पर भाजपा ने आपत्ति की है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने इसे जनता का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता को भगवान का दर्जा दिया जाता है। नेता प्रतिपक्ष गलत बयानबाजी कर जनमत का अपमान कर रहे हैं। उनको जनता से माफी मांगनी चाहिए।
फर्जीवाड़े के आठ विभिन्न मामलों में फंसे हैं विधायक जयसिंह
05 August 2014कोरबारायपुर। कोरबा के कांग्रेस विधायक जयसिंह अग्रवाल पर फर्जीवाड़ा करने के आठ अलग-अलग आरोप हैं। अब तक उनके खिलाफ अलग-अलग थानों में आठ प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं। उनके खिलाफ सभी मामले सड़क निर्माण में डामर व इमल्सन के फर्जी बिल के आधार पर भुगतान करने से संबंधित हैं। इस मामले को भाजपा ने विधायक के खिलाफ जहां मोर्चा खोल दिया है वहीं कांग्रेस ने विधायक के खिलाफ राजनीति होने का आरोप लगाया है।
रविवार को बालको पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज करने के साथ ही विधायक अग्रवाल फिर सुर्खियों में हैं। विधायक अग्रवाल ठेका कंपनी मेसर्स बीबी वर्मा के पार्टनर रहे हैं। कंपनी का कार्य नरेश वर्मा देखते हैं। ठेका कंपनी लोक निर्माण विभाग व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग में सड़क निर्माण का कार्य लंबे समय से कर रही है। डामरीकरण के लिए डामर व इमल्सन की जरूरत होती है। आरटीआई एक्टीविस्ट अमरनाथ अग्रवाल ने ठेका कंपनी के भुगतान के लिए लगाए गए बिल का दस्तावेज प्राप्त किया।
इसके बाद डामर व इमल्सन के बिल का सत्यापन कराया तो फर्जी पाया गया। अमरनाथ ने फर्जी बिल से भुगतान प्राप्त करने व शासन से धोखाधड़ी व कूटरचना करना बताकर चांपा, कोरबा व कटघोरा के न्यायालयों में अपने अधिवक्ता के जरिए परिवाद दायर किया था। इसमें अब तक 10 प्रकरणों में न्यायालय ने विधायक जयसिंह के साथ उनके पार्टनर नरेश वर्मा व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने पुलिस को आदेशित किया है।
जिसमें से 8 प्रकरणों में पुलिस अपराध दर्ज कर विवेचना कर रही है। दो मामले उरगा व पसान में लंबित है। कटघोरा थाना में 4 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। जिसमें से एक प्रकरण खनिज रायल्टी चोरी का है। एक मामला चांपा थाना, 2 कोतवाली व 1 बालकोनगर थाने में मामला दर्ज है।
सरकार परेशान कर रही है विधायक को : सिंहदेव
नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि अग्रवाल कांग्रेस के विधायक हैं। इस कारण राज्य सरकार उन्हें परेशान कर रही है। कांग्रेस पार्टी लगातार विधायक के संपर्क में है। विधायक का कहना है कि उन पर अनैतिक दबाव बनाया जा रहा है। इस मामले में पहले भी कोर्ट से फैसला आ चुका है। इसमें कोई दम नहीं है। दूसरी ओर कोरबा शहर के कांग्रेस अध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि मामला न्यायालय में होने के कारण कुछ कहना उिचत नहीं होगा। न्यायालय में निर्णय आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
बनवारी लाल अग्रवाल के करीबी हैं अमरनाथ
आरटीआई कार्यकर्ता अमरनाथ अग्रवाल पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष व भाजपा नेता बनवारी लाल अग्रवाल के करीबी माने जाते हैं। इस कारण उनकी गतिविधियों को लोग भाजपा से जोड़कर भी देखते हैं।
विधायक को तुरंत गिरफ्तार करें
^कोरबा के विधायक जय सिंह अग्रवाल के मुद्दे पर भाजपा के उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि अदालत ने उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं अलबत्ता उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। कानून की नजर में माननीय हो या अपराधी सब बराबर हैं। उपासने कहा कि एक के बाद एक केस दर्ज होने के बाद भी विधायक होने की वजह से स्थानीय अधिकारी उन्हें बचा रहे हैं। सभी मामलों की जांच होनी चाहिए।
सच्चिदानंद उपासने, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा
^पार्टी के वरिष्ठों से चर्चा कर गाइड लाइन लेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। पार्टी में इस मामले को लेकर चर्चा हुई है। गड़बड़ी हुई है तो कार्रवाई होनी चाहिए। यह व्यक्तिगत विषय नहीं है। कोई बात है तभी न्यायालय ने संज्ञान लिया है।
पवन गर्ग, जिलाध्यक्ष भाजपा
^न्यायालय ने दस्तावेज देखने के बाद ही अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है। विधायक जयसिंह को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। पुलिस इसमें गंभीरता नहीं दिखा रही है।
अमरनाथ अग्रवाल, याचिकाकर्ता
मैं सब कुछ लिखकर दूंगा
विधायक जयसिंह अग्रवाल ने दैनिक भास्कर से कहा कि उनके खिलाफ दर्ज प्रकरणों के बारे में वे समय आने पर लिखकर देंगे। फिलहाल मामला न्यायालय में है। इस कारण वे कुछ नहीं कहेंगे।
सफलता के लिए आपके अंदर जुनून होना बहुत जरूरी: चेतन भगत
04 August 2014रायपुर। युवाओं के पसंदीदा लेखक और विचारक चेतन भगत रविवार को राजधानी में थे। वे कृति इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के ओरिएंटेशन कार्यक्रम में शामिल होने शहर आए थे। इस मौके पर भगत ने सक्सेस पर बात की। उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि अगर सक्सेसफुल बनना है तो आपके अंदर पॉजिटिविटी होना बहुत जरूरी है। जुनून होना बहुत जरूरी स्टूडेंट्स को सफलता का मंत्र देते हुए चेतन भगत ने कहा कि सफलता के लिए आपके पास, आपके अंदर एक जुनून होना बहुत जरूरी है। यही जुनून इंसान को बिगाड़ता और बनाता है। अपना टारगेट तय करो सबसे पहले अपना टारगेट तय करो। आपको शुरू से पता होना चाहिए कि आप जिंदगी में क्या करना चाहते हो, क्या करने में आपको अच्छा लगता है, वही करो। उसके बाद उस टारगेट तक पहुंचने के लिए आपके पास आइडियाज होने चाहिए। कुछ नया, कुछ अलग सोचो कुछ नया, कुछ अलग सोचो क्योंकि काम तो सभी करते हैं पर पहचान उसकी होती है जो उस काम को अलग तरीके से करे। एक्शन प्लान तैयार करो अपने आइडियाज को लेकर एक्शन प्लान तैयार करो, मुझे कब क्या करना है। हर दिन, हर हफ्ते की प्लानिंग करो। जब आप कुछ नया सोचते हो तो अड़चनें आती हैं प्लान्स के इम्प्लीमेंटेशन में आने वाली मुश्किलों पर बात करते हुए भगत ने कहा कि जब आप कुछ नया सोचते हो तो अड़चनें आती हैं, कभी फैमिली से सपोर्ट नहीं मिलता तो कभी लाख कोशिश के बाद भी आप उस एक्यूरेसी तक नहीं पहुंच पाते जिसकी आप खुद से उम्मीद करते हैं लेकिन इन सब के लिए तैयार रहना बेहद जरूरी है। जरुरी है कि आपके अंदर अपने लक्ष्य तक पहुंचने के प्रति ललक हो, जरुरी है कि आपके अंदर वो फोर्स हो जो किसी भी परेशानी में आपको अपने गोल पहुंचने के लिए मोटीवेट करे।
भाजपा में मजबूती के लिए तकनीक का सहारा
04 August 2014रायपुर। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में तकनीक के बेहतर उपयोग से मिली सफलता के बाद अब भाजपा टॉप कैडर से निचले कैडर के बीच संवाद के लिए तकनीक की मदद लेगी। इस मुहिम को साकार करने के लिए पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में कंस्टीच्यूएंसी कनेक्ट मोबाइल एप्स लांच किया। इसके जरिए भाजपा के सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के विधायकों के साथ ही पार्षद और कार्यकर्ताओं से भी संवाद कर सकेंगे।
भारतीय जनता पार्टी ने अपने जनाधार को कायम रखने और जनता से संवाद बनाने के लिए नया तरीका इजाद किया है। पार्टी को विश्वास है कि मोबाइल एप्स के जरिए भाजपा के सांसद अपने क्षेत्र के जमीनी कार्यकर्ताओं से जुड़ सकेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा ने अभी इस मोबाइल एप्स को केंद्रीय स्तर पर लांच किया है। जल्द ही यह विधायक, पार्षद और आम कार्यकर्ताओं को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
विकास में मददगार
पार्टी एप्स के जरिए सांसद, विधायक, पार्षद और आम कार्यकर्ता को आपस में जोड़ने की कोशिश कर रही है। उम्मीद है कि इसकी मदद से कार्यकर्ताओं को एकजुट करने और उनकी समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी। बताया जा रहा है कि विकास कार्याें के बीच आने वाले अवरोध इससे दूर हो जाएंगे। इसके जरिए सभी जनप्रतिनिधि आपस में संवाद कर सकेंगे, जिससे विकास कार्यो को भी गति मिलेगी। सभी कार्य भी समय पर हो सकेंगे।
प्रदेशों में जल्द होगा लांच
भाजपा इस मोबाइल एप्स को जल्द ही देश के सभी राज्यों में लांच करने की तैयारी कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव से पहले इसे लांच किया जा सकता है। निकाय चुनाव में भी इस एप्स से भाजपा को मदद मिल सकती है।
गंगरेल के छह गेट खुले, प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश
04 August 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ में सावन का महीना प्रदेश को तरबतर कर रहा है। जुलाई महीने की बारिश का कोटा तो पूरा हो ही गया है, अगस्त के शुरुआती दिनों में भी बारिश अच्छी हो रही है। हालात यह हैं कि अब बांध के गेट खोलने पड़ रहे हैं। चार दिन पहले जहां रायगढ़ में कैलो नदी के गेट खोलने पड़े वहीं आज धमतरी में गंगरेल बांध के 6 गेट खोलकर 30 हजार क्यूसेक पानी महानदी में छोड़ा जा रहा है।
दिन भर लगी बारिश की झड़ी:
सावन की दिनभर की झड़ी ने रविवार को राजधानी और आसपास के इलाके को पूरी तरह तरबतर कर दिया। बारिश सुबह 6 बजे से शुरू हुई तो आधी रात तक एक मिनट के लिए भी नहीं रुकी। बीच-बीच में झड़ी फुहारों में तब्दील होती थी, तब लोग अपने कामकाज के लिए निकल पाते थे। हालांकि छुट्टी का दिन होने की वजह से इस झड़ी से जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ। जिन इलाकों में तेज बारिश की वजह से भरा पानी नहीं निकल पाया था, वहां दिनभर की झड़ी से और पानी भर गया, लेकिन घरों में पानी घुसने की सूचना कहीं से नहीं मिली।
मौसम विभाग के अनुसार दिनभर में एक सेमी (करीब 10 मिमी) बारिश हो गई। राजधानी समेत राज्य के बड़े हिस्से में शुक्रवार और शनिवार को बारिश कुछ थमी थी। हालांकि धूप नहीं निकली, लेकिन इन दोनों दिनों में एक या दो बार ही पानी बरसा। शनिवार को देर रात से ही गहरे बादल नजर आने लगे थे।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक रात 12 से सुबह 6 बजे के बीच एक-दो बार बूंदाबांदी हुई। इसके बाद रिमझिम बारिश शुरू हुई तो रात तक नहीं थमी। मौसम विज्ञानियों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम की वजह से खाड़ी से नमीयुक्त हवा आ रही है। इस वजह से राजधानी में रुक-रुककर बारिश हो रही है। इधर, रायपुर के अलावा आज दिन में बिलासपुर में सबसे ज्यादा 32 मिलीमीटर बारिश हुई। अंबिकापुर में 29 और दुर्ग में 10 मिलीमीटर पानी बरसा।
भारी वर्षा भी संभव
लालपुर मौसम केंद्र के मौसम विज्ञानी एम. गोपाल राव के अनुसार आगामी 24 घंटे में प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी से अतिभारी बारिश होने की संभावना है। रायपुर समेत कुछ जगह गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ती रहेंगी।
बारूदी धमाके से उड़ी फैक्ट्री, पांच की मौत
02 August 2014रायपुर। बड़े उरला गांव स्थित नवभारत फ्यूजं डेटोनेटिंग कंपनी में गुरुवार की आधी रात हादसे में पांच मजदूरों की मौत हो गई। विस्फोटक के धमाके से कारखाने की एक यूनिट तबाह हो गई। यूनिट भवन की छत उखड़कर हजार फीट दूर तक चारों तरफ छिटक गई और भवन मलबे में तब्दील हो गया। आसपास के गांवों के कई घरों में दरारें आ गई। विस्फोट ने पूरे इलाके को दहला दिया। घटना से आक्रोशित मजदूरों ने फैक्ट्री में नारेबाजी की। उरला गांव में डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर 1988 से नवभारत फ्यूल्स कंपनी लिमिटेड संचालित है। इस कंपनी का कारोबार भाजपा नेत्री नीना सिंह के पति वीके सिंह व भतीजे विशाल सिंह देखते हैं। देर रात पौने दो बजे कंपनी के पेट्रा-ट्रेटा एथेनॉल नाइट्रेट सेक्शन में तेज धम ाके के साथ विस्फोट हुआ। विस्फोट से सेक्शन भवन की छत उखड़कर चारों तरफ छिटक गई और वहां से पांच फुट ऊंची आग की लपटें उठने लगीं। प्रबंधन ने मृतकों के आश्रितों को सवा दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक-एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है।
मंत्री ने कहा, शराब छत्तीसगढ़ी संस्कृति
02 August 2014जशपुरनगर । प्रदेश के स्वास्थ्य एवं वाणिज्यिक मंत्री अमर अग्रवाल ने यह कहकर विवाद को जन्म दे दिया है कि "शराब छत्तीसगढ़ की संस्कृति है।" उन्होंने कहा कि "राज्य में पूरी तरह शराबबंदी की सरकार की कोई योजना नहीं है और न ही गुजरात के शराबबंदी मॉडल को लागू किए जाने की उम्मीद करें।"
यहां शुक्रवार को जिला अस्पताल में आईसीयू का उद्घाटन करने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री अग्रवाल ने कहा कि जनजाति बहुल प्रदेश में शराब का सेवन करना आदिवासियों की संस्कृति में शुमार है, इसलिए उन्हें पांच लीटर शराब घर पर रखने की छूट भी है। उन्होंने कहा कि गुजरात शराब निर्माण और बिक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने वाला देश का पहला और एकमात्र राज्य है।
प्रतिबंध से बढ़ेगी कालाबाजारी
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि यदि शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा तो इसकी कालाबाजारी बढ़ेगी और जहरीली शराब भी मार्केट में उतारी जाएगी। शराब पर अंकुश प्रतिबंध से नहीं जनजागरूकता से लाया जा सकता है।
राशन कार्ड पर विपक्ष कोर्ट जाए, हम अपना काम कर रहे : सीएम
02 August 2014रायपुर| कांग्रेस के आरोपों पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग स्वतंत्र हैं। उनको जो करना है करें। कोर्ट जाना है या फिर और कोई कानूनी कार्रवाई, वे करें। हमें तो अपना काम करना है।
शुक्रवार की शाम दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने नियमों के मुताबिक काम किया है। उन्होंने राशन कार्ड सत्यापन को लेकर मचे बवाल पर कहा कि जब तक प्रदेश में पीडीएस सिस्टम चल रहा है सत्यापन की प्रक्रिया जारी रहेगी। केवल नियम विरूद्ध बने राशन कार्डों को ही निरस्त किया जा रहा है। यह भी कानून के दायरे में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में थे।
प्रदेश अध्यक्ष का फैसला 9 से पहले
मुख्यमंत्री ने संकेत दिए कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा 9 अगस्त के पहले हो सकती है। 9 अगस्त को राष्ट्रीय परिषद की की दिल्ली में बैठक है उसके पूर्व नए अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है। प्रेमप्रकाश पांडेय को राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से बुलावा आने और राष्ट्रीय टीम में जगह मिलने की चर्चा पर सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ से किसी को संगठन में जगह मिलती है तो यह सौभाग्य की बात होगी।
माओवादी मासूम बच्चों को बना रहे ढाल
01 August 2014रायपुर। माओवादी अपने प्रभाव क्षेत्रों में स्कूली बच्चों के हाथ में किताब की जगह हथियार देकर उनका भविष्य छीन रहे हैं। बाल संघम में भर्ती होने से इंकार करने पर बच्चों की हत्या करने से भी दी जा रही है। हाल में ही सुकमा के चिऊरबाड़ा निवासी बालक की नृसंश हत्या इसका उदाहरण है।
सूत्र बताते हैं नक्सलियों ने सुकमा के जगरगुंडा, चिंतागुफा, चिंतलनार तथा अन्य गांवों के 13 से 16 वर्षीय बच्चों को बाल संघम में भर्ती करने दबाव बना रहे हैं। उन्हें जबरन दलम में भर्ती कर सरकार के खिलाफ ब्रेन वॉश किया जा रहा है। उन्हें हल्के हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। बाल संघम का उपयोग नक्सली मुठभेड़ के बाद मौके से हथियार लूटने, फोर्स की रेकी करने तथा हल्के हथियारों से पुलिस जवानों की हत्या करवाने में करते हैं। पुलिस से बचने के लिए नक्सली लंबे समय से स्कूली यूनिफार्म पहने बच्चों का इस्तेमाल करते रहे हैं।
तोंगपाल क्षेत्र के ग्राम चिऊरवाड़ा निवासी छात्र कवासी बामन के परिजनने दलम में भर्ती करने में सहमति नहीं दी तो नक्सलियों ने 19 जुलाई को उसकी हत्या कर दी। सीआरपीएफ अफसरों की मानें तो कई मौकों पर स्कूली यूनिफॉर्म पहने बच्चे मुठभेड़ में शहीद जवानों के हथियार लूटते देखे गए हैं।
पहले भी मारे गए हैं बच्चे
नक्सलियों इसके पहले भी पोर्स को निशाना बनाने के लिए छोटे बच्चों की हत्या की है। तीन साल पहले बारसूर में 14 वर्षीय बच्चे की हत्या की गई थी। उसका शव बरामद करने पुलिस पार्टी पहुंचने पर एम्बुश भी लगाया था। इसके अलावा पखांजूर क्षेत्र में भी दो बच्चों की मुठभेड़ में मौत हुई थी। पुलिस को करते हैं बदनाम बच्चों व महिलाओं को पुलिस से बचाव के लिए ढाल बनाना नक्सलियों की पुरानी रणनीति है। वे पुलिस को बदनाम करने के लिए भी बच्चों की हत्या करते हैं-सुरजीत सिंह, एएसपी ऑपरेशन।
रायपुर में डेटोनेटर फैक्ट्री में विस्फोट, पांच मजदूर मरे
01 August 2014रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के करीब अभनपुर में गुरूवार रात एक बड़ा हादसा हो गया है। एक डेटोनेटर फैक्ट्री में विस्फोट हो गया जिसमें 5 मजदूरों की मौत हो गई है। अभनपुर के बड़े उरला गांव की नवभारत फ्यूज फैक्ट्री में देर रात करीब दो बजे विस्फोट हुआ। विस्फोट की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्लास्ट के बाद फैक्ट्री की पूरी बिल्डिंग ध्वस्त हो गई है। बिल्डिंग का मलबा दूर तक फैल गया और छत 500 मीटर दूर जाकर गिरी। पुलिस विस्फोट होने के कारणों का पता लगा रही है।
इस फैक्ट्री में डेटोनेटर फ्यूज बनाने का काम किया जाता है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि फैक्ट्री में कई तरह के एक्सप्लोसिव्स रखे हुए थे। घटनास्थल पर पुलिस और एफएसएल की टीम पहुंच गई है और शवों को मलबों से निकाल कर पंचनामा किया जा रहा है। मौके पर मृतकों के परिजन पहुंच गए हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा। एफएसएल की टीम ने बताया कि पहले मलबे हटाने का काम किया जाएगा उसके बाद आगे की पड़ताल की जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से घटनास्थल पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है।
घटना के बाद अब तक फैक्ट्री प्रबंधन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। मृतकों में माखन लाल निर्मलकर, गणेश हरवंश, लेखराम साहू, कोमल ठाकुर और पूनउराम यादव शामिल हैं। शासन ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रूपए मुआवजे के रूप में देने की घोषणा की है।
कसडोल और रायगढ़ में मूसलाधार बारिश
01 August 2014रायपुर। महासमुंद, कसडोल, बिलासपुर, रायगढ़ महासमुंद, कसडोल और बिलासपुर में पिछले 24 घंटों के दौरान बादल फटने जैसी रफ्तार से बारिश हुई। महासमुंद के सराईपाली इलाके में मंगलवार रात 12 बजे से गुरुवार सुबह 8 बजे तक 345 मिलीमीटर पानी गिर चुका था। इलाके के कई रास्ते और छोटे पुलिए बह गए हैं। यही स्थिति रायपुर जिले के कसडोल इलाके की रही। महानदी में आई बाढ़ से सारंगढ़ के आसपास के कई प्रमुख रास्ते गुरुवार रात 8 बजे बंद हो गए। बिलासपुर में गुरुवार सुबह सात बजे दो घंटे की मूसलाधार बारिश से कई निचले इलाकों में पानी भर गया।
कसडोल घर ढहे
कसडोल में बुधवार रात सवा 12 बजे से इतनी तेज बारिश शुरू हुई कि पहाड़ी के नीचे बना खरहा के तालाब का पार बह गया, जिससे पूरे तालाब का पानी बह गया। कई घर इसके पानी से ढह गए।
रायगढ़ सड़क डूबी
रायगढ़ में गुरुवार को केलो नदी पर बनाए गए बांध के चार गेट खोलने पड़े। नदी में आई बाढ़ से मरीन ड्राइव डूब गया। इस सड़क का अभी लोकार्पण भी नहीं हो पाया है। बाढ़ का पानी घुसने से कलेक्टोरेट जाने का मुख्य रास्ता दिनभर बंद रहा।