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:: विधान सभा चुनाव 2013 ::

 


दो बूथों पर पुनर्मतदान में 67.79 फीसदी वोटिंग

26 November 2013
रायपुर। कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के दो मतदान केन्द्रों छोटे पखांजूर और सितरम मतदान केन्द्र में शनिवार को फिर वोटिंग हुई। यहां कुल 67.79 फीसदी वोट पडे़। छोटे पखांजूर में 92.50 प्रतिशत और सितरम में 58.82 फीसदी मतदान हुआ। छोटे पखांजूर में महिलाएं वोट डालने में आगे रहीं। यहां कुल 343 मतदाता में से 321 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें 160 पुरुष व 161 महिला शामिल हैं। वहीं सितरम में कुल 957 मतदाताओं में से 563 ने मतदान किया। इनमें 296 पुरुष व 267 महिलाएं शामिल हैं।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण मतदान केन्द्रों में पुनर्मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इन दोनों मतदान केन्द्रों पर सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक मतदान चला।
विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान 11 नवंबर को इन दोनों केन्द्रों में नक्सली उत्पात के कारण पोलिंग पार्टियां नहीं पहुंच पाई थीं। अंतागढ़ सीट में भाजपा से वन मंत्री विक्रम उसेंडी और कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार आमने-सामने हैं।


"ठेके पर सरकार" के लिए खुली मनमानी

26 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी मंशा के अनुरूप "ठेके पर सरकार" चलाने के लिए खुली मनमानी की। यहां तक कि लोक आयोग की सिफारिश को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया । भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करने वाले लोक आयोग ने अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति देने और संविदा नियुक्ति पर आपत्ति जताई और इस प्रक्रिया को पूर्ण रूप से बंद करने की सिफारिश सरकार से की थी। लेकिन, प्रशासन में ठेका प्रणाली को बंद करने के बजाय सरकार लगातार इस तरह की नियुक्तियां करती रही और जिम्मेदार पद उन्हीं के हवाले कर दिए। चुनाव में ऎसे अफसरों के जरिए मैनेजमेंट के आरोप भी लगे हैं।

सीधे सीएम को बताया- भ्रष्टाचार और कदाचार कर रहे हैं ऎसे अधिकारी

पिछले सालों में आयोग से अधिकारियों के भ्रष्टाचार की कई शिकायतें की गई। एक अहम प्रकरण की सुनवाई के बाद तत्कालीन प्रमुख लोकायुक्त जस्टिस एलसी भादू ने 5 मार्च, 2010 को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को लिखित सुझाव भेजा था कि विभिन्न सेवाओं में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति और संविदा नियुक्ति में अपनाई जा रही प्रक्रिया को बंद कर दिया जाए।
इससे जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों द्वारा कदाचार के गंभीर मामले सामने आ रहे हैं। विभिन्न सेवाओं के अधिकारियों को दूसरे राज्यों से यहां प्रतिनियुक्ति दिए जाने की परंपरा है। विभिन्न पदों पर संविदा नियुक्ति करने की प्रक्रिया दोषपूर्ण है। इससे अधिकारियों में भ्रष्टाचार और काम के प्रति गैरजिम्मेदाराना प्रवृत्ति को बढ़ावा मिल रहा है, लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया।

आयोग ने ठहराया दोषी, फिर भी अभयदान

राज्य में लोकसेवकों के भ्रष्टाचार का ग्राफ बढ़ने के साथ लोक आयोग में शिकायतों की संख्या भी बढ़ी है। सालभर में औसतन 225 से ज्यादा प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। दर्जनों प्रकरणों के निराकरण के दावे के बाद भी बड़ी संख्या में प्रकरण निराकरण की बाट जोह रहे हैं। जांच पूर्ण होने के बाद 48 प्रकरणों पर आयोग ने आदेश पारित किए। इनमें 28 लोक सेवकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई, लेकिन इनमें से अधिकतर पर कार्रवाई ही नहीं की गई। इसके अलावा 18 ऎसे प्रकरण थे, जिनमें आयोग स्तर पर जांच के लायक नहीं पाए गए, इनमें संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई के लिखा गया है।

अधिकार का हवाला भी दिया

लोकायुक्त जस्टिस भादू ने इस पत्र में छत्तीसगढ़ लोक आयोग अधिनियम-2002 के तहत मिले अधिकार का हवाला भी सीएम को दिया। इसमें कहा गया कि अधिनियम की धारा 16 के तहत आयोग प्रतिनियुक्ति और संविदा नियुक्ति बंद करने का सुझाव दे रहा है, सरकार को इस पर गंभीरता से विचार कर उचित निर्णय लेना चाहिए। लेकिन, सरकार ने फिर भी कोई कदम नहीं उठाया।


दोपहर 12 बजे तक तय हो जाएगी सरकार

26 November 2013
रायपुर। आठ दिसम्बर को दोपहर बारह बजे तक प्रदेश की नई सरकार तय हो जाएगी। हालांकि नतीजों की घोषणा में समय लगेगा, पर दोपहर तक के रूझानों से यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस राजनीतिक दल की सरकार बनेगी। अनुमान है कि कम प्रत्याशी होने के कारण अंतागढ़ विधानसभा के नतीजे सबसे पहले घोषित कर दिए जाएंगे, जबकि प्रत्याशियों की संख्या अधिक होने के कारण रायपुर दक्षिण व कसडोल के नतीजे अंत में घोषित हो सकेंगे।
निर्वाचन आयोग ने 8 दिसंबर को होने वाली मतों की गिनती की तैयारी पूरी कर ली है। मतगणना करने वाले कर्मचारियों की सूची बनाई जा चुकी है। उन्हें नियुक्ति के आदेश जारी किए जा रहे हैं। योजनानुसार काम हुआ तो सुबह 10 बजे तक लोगों का रूझान सामने आ जाएगा और दोपहर 12 बजे तक किसकी सरकार बन रही है, स्पष्ट हो सकता है।

कसडोल में सर्वाधिक मतदाता

अंतागढ़ में सबसे कम पांच उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से कोई भी निर्दलीय नहीं है। इस लिहाज से यहां की गिनती सबसे पहले हो जाएगी। कम उम्मीदवार होने की वजह से यहां प्रत्येक केंद्र में सिर्फ एक-एक इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन लगाई गई थी। वहां के 146569 मतदाताओं में से 112118 ने मताधिकार का प्रयोग किया। यहां 76.49 फीसदी मतदान हुआ। इसी तरह कसडोल और रायपुर दक्षिण के नतीजे सबसे आखिर में आ सकते हैं। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि राज्य में सबसे ज्यादा मतदाताओं की संख्या वाला क्षेत्र कसडोल है। यहां 295026 मतदाता हैं। इनमें से 221779 मतदाताओं ने अपने मौलिक अधिकार का उपयोग किया। इसकी गिनती में 10 से ज्यादा चक्र में होने की संभावना है।

कांग्रेसी वकील भी करेंगे निगरानी

राज्य में सभी मतगणना स्थलों पर कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता निगरानी करेंगे। सभी जिला मुख्यालयों में लीगल सेल के 5-5 अधिवक्ताओं की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा वरिष्ठ नेता भी वोटों की गिनती के दौरान मतगणना स्थल पर रहेंगे। एक-दो दिनों के भीतर होने वाली विधि प्रकोष्ठ की बैठक में सभी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। प्रत्याशियों को निर्देश जारी किया जाएगा कि वे प्रमाण पत्र मिलने के पहले तक स्थल न छोड़ें। प्रवक्ता महेंद्र सिंह छाबड़ा ने मतगणना के दौरान सत्तारूढ़ दल पर मतगणना के दौरान गड़बड़ी फैलाने की आशंका व्यक्त की है। इसे देखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है।

रायपुर दक्षिण में सबसे ज्यादा 38 उम्मीदवार

इसी तरह रायपुर दक्षिण में सबसे ज्यादा प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। यहां दस उम्मीदवार राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों से हैं। 28 निर्दलियों ने भी अपना भाग्य आजमाया है। यहां प्रत्येक मतदान स्थलों पर तीन-तीन ईवीएम लगाई गई थी। सभी 38 उम्मीदवारों को मिले मतों की गिनती एक साथ होगी। इनका मिलान भी किया जाएगा। इसमें समय लगने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

तीसरी आंख से भी निगरानी

सभी मतगणना स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाऎंगे। प्रवेश द्वार से लेकर मतगणना स्थल और स्ट्रांग रूम समेत सभी स्थानों पर कैमरे होंगे। निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के कलक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को कैमरे लगाने का आदेश जारी किया है। दस हजार ज्यादा कर्मचारियों की नियुक्ति मतगणना के लिए की जा रही है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के लिए जवान तैनात किए जाएंगे। रायपुर जिले के कलक्टर सिद्घार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बताया कि यहां 44 कैमरे लगाए जाएंगे।ा


बीएसएफ के हवाले ईवीएम

23 November 2013
बिलासपुर। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज कोनी में विधान सभाओं के मतों की गिनती आठ दिसंबर को होगी। इस कॉलेज के सात कमरों को स्ट्रांग रूम बनाया गया है। इनमें बिलासपुर, बिल्हा, बेलतरा, मस्तूरी, तखतपुर , कोटा एवं मरवाही विधान सभा शामिल है। सभी विधान सभाओं की सुरक्षा के लिए चुनाव आयोग ने बीएसएफ की एक कंपनी तैनात की है। इस कंपनी में लगभग सौ जवान हंै, जो दिन रात पूरे कैंपस की चौकसी कर रहे है। शिफ्ट के हिसाब से बीएसएफ के जवानों की ड्यूटी लगाई जा रही है।

सीजी का सशस्त्र बल तैनात

छत्तीसगढ़ पुलिस सशस्त्र बल भी ईवीएम की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। हर आठ घंटे में सीजी सशस्त्र बल के एक सहायक उपनिरीक्षक, दो प्रधान आरक्षक और आठ आरक्षक तैनात रहते हैं।

अंदर बीएसएफ, बाहर सीजी बल

कोनी में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ के जवान कर रहे हैं। वहीं परिसर की सुरक्षा की जवाबदेही सीजी सशस्त्र बल के जवानों के जिम्मे है।


100 करोड़ का विधानसभा चुनाव

23 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ में दो चरणों के विधानसभा चुनाव में अब तक 100 करोड़ रूपए के करीब खर्च होने का अनुमान है। चुनाव आयोग खर्च का पूरा हिसाब नतीजे आने के बाद करेगा। अब तक की तैयारियों पर मोटे तौर पर खर्च का आकलन करने पर यह रकम निकल रही है। हेलीकॉप्टर और वाहनों पर होने वाले खर्च को मिला दिया जाए तो खर्च की राशि बढ़ने की संभावना है।
एक बूथ पर आयोग ने औसतन चार हजार रूपए खर्च किए। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल एवं कैमरों की वजह से वहां का खर्च दो से तीन गुना बैठा। दो चरणों में 90 विधानसभा क्षेत्रों के 22 हजार 571 बूथों पर मतदान हुआ। आयोग ने चुनाव में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए मानदेय तय कर रखा है।
चुनाव खत्म होने के बाद कर्मियों को भुगतान का सिलसिला शुरू होगा। व्यवस्था में लगे अधिकारियों, कर्मियों, सुरक्षाबलों, वाहन आदि पर एक अरब रूपए से अधिक खर्च का अनुमान है। आला अधिकारियों को आयोग एक माह के वेतन के बराबर मानदेय देता है। स्टेशनरी, कैमरे, हेलीकॉप्टर आदि का खर्च अलग है। इस चुनाव में आयोग ने आठ हेलीकॉप्टर एवं एक एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की थी। आयोग ने इन्हें किराए पर लिया था।

हर बूथ पर मटके

केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर मतदान कर्मियों एवं मतदाताओं को पेयजल मुहैया कराने के लिए हर मतदान केंद्र में दो मटके उपलब्ध कराए गए थे। एक मटके की कीमत 30 से 40 रूपए के बीच होती है। इस लिहाज से राज्य के 22571 मतदान केंद्रों में 45142 मटकों पर लाखों रूपए खर्च किए गए।

अमिट स्याही ही दो लाख की

चुनाव आयोग हर बूथ में अमिट स्याही की दो शीशियां देती है। यह स्याही मैसूर स्थित सरकारी कारखाने से भेजी जाती है। अमिट स्याही की एक शीशी 40 रूपए की आती है। इस लिहाज से राज्य के बूथों में 45142 शिशियां भेजी गई, लेकिन आमतौर पर एक बूथ में एक ही शीशी से काम चल जाता है।

चुनावी मानदेय का गणित

निर्वाचन अधिकारी- 1 माह का वेतन

सहायक निर्वाचन अधिकारी-

1 माह का वेतन
पुलिस अधिकारी- 1 माह का वेतन
माइक्रो आब्जर्वर- 1000 रूपए
पीठासीन अधिकारी- 850 रू.
मतदान अधिकारी- 750 रू.
सुरक्षाकर्मी- 625 रू.
बीएलओ- 750 रू.
सेक्टर अधिकारी- 800 रू.

निर्वाचन की फैक्ट फाइल

जिले- 27 विधानसभा क्षेत्र- 90
रिटर्निग ऑफिसर- 90
सहायक रिटर्निग ऑफिसर- 90
केंद्रीय पे्रक्षक- 147
मतदान केंद्र- 22571
माइक्रो ऑब्जर्वर- 5715
ईवीएम- 22571 कैमरे- 5700
मतदान दल- 22571
सुरक्षाकर्मी- 132000
कुल चुनाव कर्मी- लगभग 2 लाख


बृजमोहन का चुनाव खर्च 17 लाख

23 November 2013
रायपुर। रायपुर दक्षिण से भाजपा के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल का चुनाव खर्च 17 लाख रूपए के करीब पहुंच गया है। निर्वाचन व्यय लेखा दल के आकलन में यह तथ्य सामने आया है। इस पर रिटर्निग ऑफिसर संजय अग्रवाल ने शुक्रवार को बृजमोहन को नोटिस भेजकर 48 घंटे में जवाब-तलब किया है।
उन्हें अपना पक्ष रखने और निर्वाचन व्यय का सही ब्योरा पेश करने का एक मौका दिया गया है। संतोषजनक जवाब नहीं पेश करने पर चुनाव आयोग प्रत्याशी को छह साल के लिए अयोग्य घोषित कर देगा।
चुनाव आयोग ने एक क्षेत्र में एक प्रत्याशी के चुनाव खर्च की सीमा 16 लाख रूपए तय कर रखी है। आदर्श आचार संहिता लगते ही हर प्रत्याशी को तयशुदा समय के अंदर निर्वाचन व्यय का ब्योरा देना पड़ता है। निर्वाचन लेखा दल प्रत्याशी के ब्योरे का आकलन कर इसकी पड़ताल करता है। पड़ताल में उनका खर्च 17 लाख रूपए के करीब पाया गया। लिहाजा, सहायक निर्वाचन व्यय अधिकारी के निर्देश पर दक्षिण के रिटर्निग ऑफिसर ने बृजमोहन को नोटिस देकर जवाब-तलब किया है।
फूटा था लेटर बम : चुनाव आयोग के दस्ते ने मुख्य डाकघर में 11 नवम्बर को छापा मारकर चार बोरियों में बंद 20 हजार अंतर्देशीय-पत्र बरामद किए थे। अंतर्देशीय-पत्र की शक्ल में बृजमोहन की प्रचार सामग्री बिलासपुर के मेल बिजनेस सेंटर से भेजी गई थी। मामले में मंत्री ने पांच हजार लेटर अधिकृत तौर पर दर्शाया था। लेकिन, इसकी संख्या सवा लाख के करीब पाई गई। इस पर रिटर्निग ऑफिसर ने नोटिस भेजकर जवाब तलब किया था।

पेड न्यूज में भी फंसे

रायपुर दक्षिण के भाजपा प्रत्याशी पेड न्यूज में भी फंस चुके हैं। तीन अखबारों में प्रकाशित एक खबर पर उनके निर्वाचन व्यय में 96 हजार 350 रूपए जोड़े गए थे। उनके साथ ही पश्चिम के भाजपा प्रत्याशी राजेश मूणत के खाते में 79 हजार 528 रूपए एवं उत्तर के श्रीचंद सुंदरानी के खाते में भी 84 हजार 885 रूपए जोड़े गए हैं। मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति ने तीन अखबारों में प्रकाशित खबरों के आधार पर इसे प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा था।

मर्जी से जोड़ा चुनाव खर्च

चुनाव खर्च के सम्बंध में रिटर्निग आफिसर की तरफ से नोटिस मिला है। चुनाव व्यय समिति को हम अपना जवाब भेजेंगे। पर्यवेक्षकों ने अपनी मर्जी से कई खर्च जोड़ दिए हैं। इसमें पार्टी के हिस्से का भी कुछ खर्च है, क्योंकि उनके विधानसभा क्षेत्र में बड़े नेताओं की सभाएं हुई हैं। अभी इसका निर्घारण होना बाकी है। वैसे भी खर्च का अंतिम ब्योरा देने के लिए चुनाव परिणाम आने के बाद एक महीने तक समय होता है। कुछ अनावश्यक लगने वाले खर्च भी जोड़ दिए गए हैं। बृजमोहन अग्रवाल, भाजपा प्रत्याशी, रायपुर दक्षिण विधानसभा


विधानसभा चुनाव के बाद, कुछ यूं रुझान बता रहे हैं कांटे की टक्कर

22 November 2013
रायपुर। कहां कौन जीतेगा? सवाल सबके मन में है। भास्कर की टीम ने 90 विधानसभा सीटों की स्थिति जानने की कोशिश की। प्रशासनिक अधिकारियों, स्थानीय विशेषज्ञों, राजनीतिक लोगों से चर्चा व मशक्कत करने के बाद रुझान जाना।

इस आधार पर मीटर तैयार किया। मीटर का कांटा जिधर झुका है वो जीत केकरीब है और जहां कांटा खड़ा है वहां मुकाबला बराबरी का है।




मुख्यमंत्री के नाम पर जोगी ने कहां सोनिया या ईश्वर ही बता सकते हैं

22 November 2013
रायपुर. पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि वे मुख्यमंत्री की दौड़ में नहीं है। अपनी पत्नी के सीएम पद की दावेदारी के सवाल पर जोगी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनना तय है, लेकिन मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इसे दो व्यक्ति ही बता सकते हैं, या तो सोनिया गांधी या फिर ईश्वर। मैं दोनों में से नहीं हूं।
जोगी ने कहा कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पहले से तय करने की परिपाटी आमतौर पर नहीं है। चुनाव के बाद दिल्ली से पर्यवेक्षक आते हैं, वे विधायक दल की बैठक लेते हैं। विधायक दल के नेता की जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजी जाती है, वे ही मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करती हैं।
जोगी ने कहा कि बस्तर से लेकर सरगुजा तक कांग्रेस प्रचंड बहुमत से जीत रही है। चुनाव आयोग ने प्रतिकूल परिस्थितियों में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराया है। पिछले बार की तरह बस्तर में फर्जी मतदान की शिकायत नहीं आई। सुरक्षा व्यवस्था अच्छी थी, इसलिए लोगों ने निर्भय होकर मतदान किया। नक्सलियों की धमकी के बाद भी लोग वोट देने के लिए आए। वे परिवर्तन चाहते हैं।जोगी ने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में अपनी सभाओं में मेरा नाम लिया।
वे या तो सोनिया गांधी का नाम जपते हैं या फिर राहुल गांधी का। इसका तो एक ही अर्थ निकलता है कि उनको और उनकी पार्टी को सबसे ज्यादा भय मुझसे ही लगा। डरे हुए व्यक्ति ही इस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं। जोगी ने कहा कि मैं घायल शेर हूं। मेरे पिताजी कहते थे कि घायल शेर खतरनाक होता है। वह बदला लेता है वह भी रणनीति के साथ। जब तक इलाज नहीं होगा, शेर घायल ही रहेगा।

नक्सल का हल तीनों मोर्चे से

जोगी ने कहा कि नक्सल समस्या का हल के लिए तीन पहुलओं से काम करना होगा। पहला मोर्चा वहां सामाजिक-आर्थिक विकास करना। दूसरा बातचीत में राजनैतिक रुप से रिक्तता नहीं रहनी चाहिए। नेपाल में वे मुख्यधारा में लौट सकते हैं तो फिर यहां क्यों नहीं। तीसरा प्रयास कानून-व्यवस्था को मजबूत करके। तीनों मोर्चो पर मजबूती से काम करना होगा।

पांडेय की भूमिका की जांच बाकी

2003 के विधायक खरीदी कांड पर सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर जोगी ने कहा कि कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया है कि वह इस मामले में छूटे हुए पहलुओं की जांच करे। वीरेंद्र पांडेय की भूमिका की जांच नहीं हुई है। फोन से बातचीत टेपिंग करने की कोशिश उन्होंने की तो क्या इसकी अनुमति ली गई थी। सेक्शन 173 के तहत पुलिस या सीबीआई को अधिकार है कि वह क्लोजर रिपोर्ट देने के पहले हर पहुलओं पर विचार करे।


चुनाव आयोग की पोल खुली, गांव में सौ फीसदी वोटिंग का दावा निकला झूठा

22 November 2013
सराईपाली. खोखेपुर में 84.24 फीसदी मतदान हुआ है। यहां सौ फीसदी मतदान संबंधी निर्वाचन आयोग का दावा भास्कर की पड़ताल में खोखला साबित हुआ है। खोखेपुर गांव के लोगों को भी इस बात पर आश्चर्य था कि 15 फीसदी वोटरों के पोलिंग बूथ में नहीं जाने के बावजूद आखिर मतदान सौ फीसदी कैसे हो गया। दैनिक भास्कर ने खोखेपुर गांव में जागरुकता का जायजा लिया। पीठासीन अधिकारी ने आयोग को गलत जानकारी दी है। हालांकि प्रशासनिक महकमा सही जांच कराने का दावा कर रहा है।
दिवंगत और बीमार लोगों के द्वारा मतदान नहीं करने के बाद भी खोखेपुर ने सौ फीसदी मतदान का लक्ष्य कैसे हासिल कर लिया यह ग्रामीणों को समझ नहीं आ रहा। ग्रामीणों की मानें तो गांव के डेढ़ दर्जन सरकारी मुलाजिमों ने यहां मतदान नहीं किया है और आयोग ने अभी पोस्टल वैलेट को वो¨टग के पर्सेटेज में नहीं जोड़ा है। सराईपाली के गांव खोखेपुर बूथ क्रमांक 229 में सौ फीसदी मतदान का कारण जानने पहुंचे दैनिक भास्कर को ग्रामीणों ने बताया कि यह जानकर वे खुद आश्चर्य में हैं कि आखिर मतदान शत प्रतिशत कैसे हुआ है?
गांव के रामदास बरिहा, नरेंद्र यदु, सुशील यादव, लक्ष्मण भोई, मनोरंजन प्रधान, एस एस ठाकुर व राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि मतदान शत प्रतिशत करना है।
ऐसी कोई बैठक नहीं हुई, लेकिन गांव में जितने लोग थे अधिकांश उसमें मत देने गए। ग्रामीणों केा शतप्रतिशत मतदान पर भरोसा नहीं हुए साथ ही इस गांव फर्जी मतदान होगा इसकी कोई संभावना नहीं है कही। यह आदिवासी संवरा और गोंड़ आदि प्रमुख जातियों का गांव है।


मतदान को लेकर कांग्रेस आशान्वित, भाजपा आशंकित

21 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ में मतदान के बाद आई खबरों से कांग्रेस राहत महसूस कर रही है। भाजपा से उसका एक राज्य छीन लेने की आस ने कांग्रेस की उम्मीदें मध्य प्रदेश के लिए भी बढ़ा दी हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में रिकार्ड मतदान प्रतिशत के बाद यहां पर पिछले 10 वर्षो से राज कर रही भाजपा नतीजों को लेकर भ्रमित है। भाजपा के सूत्र भी अंदरखाने मान रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में मुकाबला कांटे का हो गया है, हालांकि मध्य प्रदेश को लेकर वह आश्वस्त हैं।
छत्तीसगढ़ में मतदान प्रतिशत बढ़ने को कांग्रेस अपने पक्ष में मान रही है। नक्सलियों के बहिष्कार के फरमान और धमकियों के बावजूद छत्तीसगढ़ का मतदान प्रतिशत पिछली बार से बेहतर रहा। 2008 में भी छत्तीसगढ़ में 70 फीसद से ज्यादा वोट पड़े थे। इस दफा दोनों चरणों में करीब 74 फीसद मतदान हुआ है। बढ़े हुए मतदान को कांग्रेस अपने पक्ष में मान रही है। उसका गणित है कि भाजपा के 43 विधायकों के क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ा है, जबकि कांग्रेस के 25 विधायकों की सीटों पर पिछली बार से ज्यादा मतदान हुआ है।
कांग्रेस इसे सत्ताविरोधी लहर का सूचक मान रही है। इसके अलावा उसके भरोसे का एक आधार यह भी है कि पिछली दफा मात्र डेढ़ फीसद वोटों से उसका सारा गणित बिगड़ गया था। कांग्रेस के प्रबंधकों का दावा है कि इस दफा वोटर बढ़े हैं और मत प्रतिशत भी। जिन इलाकों में भाजपा का वर्चस्व था, वहां कांग्रेस की रैलियां अच्छी हुईं और वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। कांग्रेस के मुताबिक, ये सारे सूचक उसे बढ़त दे रहे हैं।
वहीं, भाजपा खेमा भी खुलकर हार तो नहीं मान रहा, लेकिन उनके बीच असमंजस जरूर देखा जा रहा। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि ज्यादा मतदान प्रतिशत अब सत्ता विरोधी लहर का सूचक नहीं है, यह पिछले चुनाव में साबित हो चुका है। हालांकि, वे मुकाबला कड़ा मान रहे हैं। उधर, छत्तीसगढ़ से सटे मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस को अच्छे नतीजों की आशा जगी है। हालांकि मध्य प्रदेश को लेकर भाजपा के प्रबंधक पूरी तरह आश्वस्त दिख रहे हैं।


चुनाव के बाद कांग्रेस और भाजपा कर रही जीत की सीटों का गुणा भाग

21 November 2013
रायपुर. भारी वोटिंग के मामले में इतिहास रचने के बावजूद यह बात एकदम साफ हो रही है कि छत्तीसगढ़ में किसी भी पार्टी के पक्ष में लहर जैसी कोई बात नहीं है। भाजपा और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला है। जिसकी सरकार बनेगी, वह पार्टी बमुश्किल 47 विधायकों के आंकड़े के आसपास पहुंच रही है।
मतदान खत्म होने के बाद राजनीतिक दलों और विभिन्न स्रोतों से मिल रही जानकारी के आधार पर देखा जाए तो बस्तर से लेकर सरगुजा तक एक-एक सीट पर कशमकश है। कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो ऐसा लगता है कि सरकार बनाने वाली पार्टी 47 विधायकों को जिताकर ला पा रही है। निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या काफी होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन ये भी एक से तीन के आसपास ही जीतते दिख रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस रणनीतिकारों के अनुसार 90 में से 61 सीटों पर जीत हार को लेकर कोई संदेह नहीं है।
इनमें परिणाम के बारे में भाजपा और कांग्रेस को संदेह नहीं हो रहा है। बची हुई 29 सीटों पर दोनों ओर से जीत के दावे हैं। इनमें कई सीट पर वाकई नजदीकी मुकाबला है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह बुधवार को मुख्यमंत्री निवास में दिनभर पूरे राज्य से जानकारी एकत्र कर जीत सकने वाली सीटों पर विचार-विमर्श करते रहे। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बस्तर और राजनांदगांव जाकर सीटों का आकलन किया है। लिहाजा सरकार बनाने को लेकर दावे-प्रतिदावे हो रहे हैं। कांग्रेस का दावा है कि उसकी सरकार बनेगी तो भाजपा हैट्रिक के लिए आश्वस्त नजर आ रही है।

पहला चरण

वर्तमान स्थितित्न18 सीटों में भाजपा के पास 15 और कांग्रेस के पास ३ हैं।
कांग्रेस का दावात्नपहले चरण की 18 में से कम से कम 8 सीटों पर जीत मिल रही है।
भाजपा का अनुमान त्नबस्तर और राजनांदगांव में तीन से चार सीटों का नुकसान हो सकता है।

दूसरा चरण

वर्तमान स्थितित्न72 सीटों में अभी कांग्रेस के पास 36, भाजपा के पास 34 और बसपा के पास दो सीटें हैं।
कांग्रेस का दावा त्नबस्तर की 18 में से ८ सीटों पर स्पष्ट बढ़त। कोरिया, जशपुर, कोरबा और रायपुर क्षेत्र में भी बढ़त। सरकार कांग्रेस की।
भाजपा का अनुमान बस्तर से होने वाले नुकसान की भरपाई महासमुंद, धमतरी और दुर्ग क्षेत्र से हो जाएगी। सरकार बनाने पर आश्वस्त।।


छत्तीसगढ के दो मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान 23 को

21 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के पहले चरण में मतदान से वंचित रहे नकसल प्रभावित कांकेर जिले के अंतागढ सीट के दो मतदान केंद्रो पर चुनाव आयोग ने पुनर्मतदान कराने के निर्देश दिये हैं। जिले में पहले चरण के चुनाव में 11 नवम्बर को मतदान हुआ था। संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डी डी सिंह ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों की धमकियों की वजह से कांकेर जिले के दूरदराज इलाके में स्थित बूथ क्रमांक 115 बडे पखांजूर और बूथ क्रमांक सीतारमैया में पीठासीन अधिकारी पहुंच ही नहीं पाये इसलिये यहां मतदान नहीं कराया जा सका था।
सिंह ने बताया कि चुनाव आयोग से मिले निर्देशों के मुताबिक इन स्थानों पर 23 नवम्बर को फिर से मतदान कराया जाएगा । उल्लेखनीय है कि भाजपा शासित प्रदेश के वन मंत्री विक्रम उसेंडी ने वर्ष 2008 में अंतागढ सीट पर अपने पुराने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मंतूराम पवार को महज 109 मतों के अंतर से हराया था। इस बार के चुनाव में पंचकोणीय संघर्ष की स्थिति है।


मतदान का रिकार्ड टूटा, 75 फीसदी मतदान

20 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अंतिम चरण की 72 सीटों पर मंगलवार को 74.65 फीसदी वोट पडे़। 2008 के विधानसभा चुनाव में 19 जिलों की इन 72 सीटों पर 71.09 फीसदी मतदान हुआ था। इसके साथ ही 842 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। इनमें विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे, पीडब्ल्यूडी मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, आवास मंत्री राजेश मूणत, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की विधायक पत्नी डॉ. रेणु जोगी शामिल हैं। धमतरी जिले की कुरद विधानसभा सीट पर सर्वाधिक 88 फीसदी मतदान हुआ, जबकि रायपुर दक्षिण सीट में सबसे कम 62 फीसदी मतदाता मत देने बूथों तक पहुंचे। इसी महीने 11 नवंबर को पहले चरण में बस्तर संभाग व राजनांदगांव की अठारह सीटों पर 75.53 फीसदी वोट प़़डे थे। छत्तीसग़़ढ की सभी 90 सीटों के मतों की गिनती आठ दिसंबर को होगी।
विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 18 सीटों के मुकाबले 72 सीटों पर अधिक मतदान हुआ। पहले चरण में शाम तक 68 फीसदी और दूसरे दिन 75.53 फीसदी मतदान रिकार्ड किया गया। वहीं दूसरे चरण में मंगलवार को हुए मतदान में शाम तक आंक़़डा 74.65 फीसदी पहुंच गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इस आंक़़डे में दो से तीन फीसदी और वृद्धि होने की संभावना जताई है। यह मतदान प्रतिशत पिछले विधानसभा चुनाव 71. 09 की तुलना में पांच फीसदी से अधिक वृद्धि होने की संभावना है। मतदान करने को लेकर लेकर पूरे प्रदेश में जबरदस्त उत्साह देखा गया। लोग घरों से निकले और मतदान केंद्रों पर घंटों लाइन में खडे़ होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
हिंसा के मामले में मतदान का दूसरा चरण भी पहले चरण के नक्सल प्रभावित और संवेदनशील विधानसभा सीटों की तुलना में अछूता नहीं रहा। साजा में सुरक्षा बल की गोली से एक जवान की मौत के अलावा, एक मंत्री पर एफआईआर, कई जगहों पर मतदान के दौरान झ़़डप और तनातनी भी देखी गई। ब़़डी संख्या में लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब हो गए। सरकार के एक और मंत्री और रायपुर दक्षिण के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल ने सात हजार मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से गायब होने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की घोषषणा कर दी। इन सबके बावजूद चुनाव आयोग लोगों से बेखौफ होकर, बगैर किसी के प्रभाव में आए मतदान कराने में सफल रहा।
अंतिम चरण के चुनाव में कुछ मतदान केन्द्रों में पांच बजे के बाद भी देर शाम तक वोट डालने के लिए मतदाताओं की कतार लगी रही। इससे मतदान का प्रतिशत और ब़़ढने का अनुमान है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुमार कुजूर ने बताया कि साजा विधानसभा क्षेत्र में गोली चलने से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। इसके अलावा बाकी सीटों पर छिटपुट घटनाएं हुई हैं। सारंग़़ढ निर्वाचन क्षेत्र में कमरीद व बम्हनीडीह के मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया है। मतदान के दौरान चुनावी प्रक्रिया पर निगरानी के लिए सामान्य पर्यवेक्षकों के अलावा पुलिस प्रेक्षक, व्यय प्रेक्षक व माइक्रो आब्जर्वर लगाए गए थे। स्वतंत्र व निष्पक्ष मतदान के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की भी तैनाती की गई थी। अंतिम चरण की 72 विधानसभा सीटों में से 46 सामान्य, 17 अनुसूचित जनजाति व नौ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। मतदान के लिए बीस हजार पोलिंग पार्टियां बनाई गई थीं। चुनाव में 80 हजार अधिकारी-कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई थी।

ऐसे हुआ मतदान

अंतिम चरण के चुनाव में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान को लेकर मतदाताओं में ज्यादा उत्साह देखा गया। क़़डक़़डाती ठंड में भी लोग मतदान करने के लिए मतदान केन्द्रों तक पहुंचे। सुबह से ही मतदान केन्द्रों में मतदाताओं की भी़़ड लगी रही। सुबह आठ से नौ बजे तक करीब सा़़ढे नौ फीसदी मतदाता वोट डाल चुके थे। वहीं, पूर्वान्ह ग्यारह बजे तक 23 फीसदी मतदान हुआ था। इसके बाद मतदान में तेजी आई। तीन बजे तक 39 फीसदी मतदाता मतदान कर चुके थे। तीन बजे तक 55 फीसदी और शाम पांच बजे तक मतदान 74.65 फीसदी तक पहुंच गया।

7000 वोटर के नाम कटने का आरोप

वहीं छत्तीसग़़ढ शासन के एक और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इलेक्शन कमीशन पर 7000 वोटर्स के नाम गायब करने का आरोप लगाया है जिसके लिए उन्होंने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट में शिकायत करेंगे। रायपुर दक्षिण से चुनाव ल़़डे श्री अग्रवाल ने इन वोटरों के लिए बुधवार को मतदान कराने की व्यवस्था करने की माग चुनाव आयोग से की है।


मतदान के दौरान चली गोली, एक की मौत

20 November 2013
रायपुर। साजा विधानसभा क्षेत्र के भिडंरवानी गांव में मतदान के दौरान सीआरपीएफ जवान के रायफल से गोली चलने की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति घायल है। पुलिस मामले को हादसा बता रही है और मामले की दण्डाधिकारी जांच के आदेश दिए हैं। इस सीट से कांग्र स दिग्गज नेता रवीन्द्र चौबे चुनाव ल़़ डरहे हैं।
पुलिस अफसरों ने बताया कि घटना की जो प्रारंभिक जानकारी मिली है उसके अनुसार नशे की हालत में पहुंचे कुछ लोगों ने कतार में ख़़ डे लोग लोगों के साथ विवाद शुरू कर दिया। बीचबचाव करने पहुंचे सीआरपीएफ के जवान के साथ भी वे उलझ गए और बात हाथापाई तक पहुंच गई।
अफसरों ने बताया कि इसी दौरान सीआरपीएफ के जवान के रायफल से गोली चल गई। इससे एक व्यक्ति की मौत हो गई है। घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर और एसपी मौके पर पहुंच गए हैं। घटना की वजह से वहां कुछ देर के लिए मतदान प्रभावित हुआ। बेमेतरा एसपी पाल माथुर ने घटना में एक व्यक्ति के मौत की पुष्टि की है। वहीं, डीजीपी रामनिवास ने बताया कि अब तक जो सूचनाएं आ रही हैं, उनमें यह पूरा मामला एक दुर्घटना है। उन्होंने बताया कि इस मामले की दण्डाधिकारी जांच का आदेश दे दिया गया है।


छत्तीसगढ़ के लोगों ने मतदान कर दूसरे चरण की वोटिंग में बनाया रिकार्ड

20 November 2013
रायपुर. विधानसभा के दूसरे और अंतिम चरण में छत्तीसगढ़ की जनता ने मतदान का नया रिकॉर्ड बनाया। मंगलवार को 19 जिलों के 72 विधानसभा क्षेत्रों में 75 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई। हिंदी भाषी राज्यों- उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हिमाचलप्रदेश, झारखंड और राजस्थान से भी ज्यादा। इन राज्यों में से मध्यप्रदेश में सबसे अधिक वर्ष 2008 में 69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। छत्तीसगढ़ के आंकड़े अंतिम नहीं हैं। चुनाव आयोग के अनुसार बुधवार तक मतदान का प्रतिशत डेढ़ से दो फीसदी और बढ़ जाएगा।
प्रदेश में पिछले चुनाव से इस बार चार फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई है। लगभग सभी क्षेत्रों में लोग वोट डालने के लिए उमड़ पड़े। विशेष तौर पर महिलाओं की भीड़ हर मतदान केंद्र पर देखी गई। साजा के ग्राम भिंडरवानी समेत कई क्षेत्रों में छिटपुट हिंसा की वारदातें हुई हैं। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुजूर के अनुसार सबसे ज्यादा 88 फीसदी वोटिंग कुरूद में और सबसे कम 60 फीसदी मनेंद्रगढ़ और वैशाली नगर में हुई है।


छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण का मतदान आज

19 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ की 72 विधानसभा सीटों पर दूसरे और अंतिम चरण का मतदान मंगलवार को होगा। किस्मत आजमा रहे कुल 843 उम्मीदवारों में 75 महिलाएं हैं।
राज्य के एक करोड़ 39 लाख 75 हजार 472 मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे। कुल 4594 संवेदनशील व 1398 अति संवेदनशील मतदान केंद्र चिन्हित किए गए हैं। यहां नक्सल गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
प्रदेश की भाजपा सरकार में प्रभावशाली मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे के साथ-साथ कई मौजूदा विधायकों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। अधिकांश सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने के आसार हैं।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुमार कुजूर ने बताया कि सरगुजा संभाग के अलावा धमतरी, महासमुंद जिले में नक्सली गतिविधियों को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। कुल 90 सीटों में से 18 पर पहले चरण के अंतर्गत 11 नवंबर को चुनाव कराए जा चुके हैं।


वोटिंग शुरू, 72 सीट पर 842 प्रत्याशियों के भाग्य का बटन आज आपके हाथ में

19 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद हो रहे तीसरे विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मंगलवार को 72 सीटों पर मतदान होगा। कुल 842 प्रत्याशी मैदान में हैं। सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी। सभी जिलों में पोलिंग पार्टियां बूथ तक पहुंच गई हैं। सुरक्षा बलों की करीब 522 कंपनियों को तैनात किया है। पिछले चुनाव में सौ कंपनियां तैनात थीं।

युवा आज वोट देकर दिखाएं अपनी ताकत

आप पूरे 33 प्रतिशत हैं। यही आपकी ताक़त है। चूकिए मत। वोट डालिए और बना लीजिए अपनी सरकार। चार प्रतिशत के हेर-फेर से कोई पार्टी दो-तिहाई बहुमत तक पा जाती है। आप तो 33 प्रतिशत हैं। मेरे एक वोट से क्या हो जाएगा? इस दक़ियानूसी सवाल को अपनी बान और ज़हन में मत आने दीजिए।


छत्तीसगढ़ चुनाव : दोपहर 12 बजे तक 30 फीसदी मतदान

19 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ मे दूसरे एवं अन्तिम चरण में 19 जिलों की 72 सीटो पर कड़े सुरक्षा प्रबन्धों के बीच मंगलवार को मतदान जारी है। ताजा जानकारी के अनुसार दोपहर 12 बजे तक 30 फीसदी मतदान हो चुका है। मतदाता उत्साह के साथ अपनी सरकार चुनने के लिए घरों से निकल रहे हैं। पहले चरण की तरह ही दूसरे चरण में भी मतदान का प्रतिशत बेहतर रहने की उम्मीद है।
इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी अपने मताधिकार का उपयोग किया। उन्होंने कवरधा जिला मुख्यालय की विधानसभा सीट पर मतदान किया। डॉ. रमन यहीं के रहने वाले हैं। हालांकि उनके भाग्य का फैसला पहले चरण के चुनाव में ही ईवीएम मशीन में कैद हो गया। कवरधा से डॉ. अशोक साहू भाजपा के प्रत्याशी हैं।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुनील कुजूर ने बताया कि मतदान सुबह आठ बजे शुरू हो गया जो कि शाम पांच बजे तक चलेगा। उन्होंने बताया कि इस चरण की कुछ सीटें आंशिक रूप से नक्सल प्रभावित है। इसके मद्देनजर इन इलाकों में सुरक्षा के कडे प्रबन्ध करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि इस चरण में रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा संभाग के सभी जिलों तथा दुर्ग संभाग के राजनांदगांव जिलाें को छोड़ सभी जिलो मे मतदान हो रहा है।
राजनांदगांव जिले मे पहले चरण मे 11 नवम्बर को मतदान हो चुका है। इस चरण में ही राजधानी रायपुर की सभी चार सीटों पर मतदान हो रहा है। उन्हाेंने बताया कि राजधानी के चार विधानसभा सीटों के लिए आयोग ने विशेष प्रेक्षक की नियुक्ति की है
इसके अलावा रायपुर जिले के लिए सचिव स्तर के अधिकारी को मतदान एवं पोलिंग पर्यवेक्षण फील्ड अधिकरियों से समन्वय तथा सुरक्षा प्रबन्धाें पर पर्यवेक्षण के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी की भी आयोग ने तैनाती की है। आयोग ने इससे पूर्व पांच जिलो मे पांच आईएएस अधिकारियो को ओएसडी केरूप मे तैनाती दो दिन पूर्व की थी।
उन्होंने बताया कि इस चरण की 72 मे 17 सीटे अनुसूचित जन जाति तथा अनुसूचित जाति के लिए नौ सीट आरक्षित हैं, जबकि 46 सामान्य सीटे हैं।
इस चरण मे एक करोड़ 39 लाख 75 हजार 470 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इनमे 71 लाख 35 हजार 631 मतदाता परूष तथा 68 लाख 30 हजार 179 महिला हैं। 5660 सर्विस मतदाता भी इस चरण मे मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
इस चरण मे कुल 843 प्रत्याशी मैदान मे हैं। इनमे 236 प्रत्याशी राष्ट्रीय एवं मान्यता प्राप्त दलों के 289 प्रत्याशी पंजीकृत दलों के तथा निर्दलीय एवं अन्य 318 प्रत्याशी मैदान में हैं।
इस चरण मे सबसे कम कम पांच प्रत्याशी सरायपाली तथा सबसे अधिक 38 प्रत्याशी रायपुर दक्षिण सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
इस चरण मे 75 महिला प्रत्याशी मैदान में हैं। उन्होंने बताया कि इस चरण में मतदान के लिए कुल 18015 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं जिसमें 4594 संवेदनशील, 1398 अति संवेदनशील मतदान केन्द्र हैं।
उन्हाेंने इस चरण मे भी मतदान के लिए कड़े सुरक्षा प्रबन्ध किए गए हैं। ओडिशा,उत्तरप्रदेश एवं झारखण्ड की सीमा से जुड़े इलाकों में नक्सल गतिविधियों को ध्यान रखते हुए विशेष एहतियाती बन्दोबस्त किए गए हैं।
राजधानी रायपुर में मतदाताओं में मतदान करने के प्रति काफी उत्साह देखा जा रहा है। राजधानी के कई मतदान केन्द्रों में सुबह आठ बजे मतदान शरू होने से पहले ही कतारे लग गई थी। राज्य में पहले चरण में धुर नक्सल इलाके की 18 सीटों पर 75 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस चरण में लगभग सभी सीटें मैदानी इलाके की हैं। इस कारण रिकार्ड मतदान की संभावना है।

प्रत्याशी "वरिष्ठ", मतदाता युवा

दूसरे चरण में किस्मत आजमा रहे 843 प्रत्याशियों में से मात्र 111 उम्मीदवारों की आयु 30 वर्ष या इससे कम है। बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने इस आयु वर्ग में किसी को भी टिकट नहीं दिया। पार्टियां जहां युवाओं को एक फीसदी भी टिकट नहीं दे रहीं, वहीं युवा मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। यही तय करेंगे कि सरकार किसकी हो। राजनीतिक दलों का बुजुर्ग पे्रम ऎसा है कि 71 प्रत्याशी तो 60 वर्ष से ऊपर के हैं, जिनमें दो की उम्र तो 81 से भी अधिक है।

कोई पसंद नहीं तो "नोटा" दबाएं

इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन का अंतिम बटन गुलाबी रंग का होगा। इसके आगे लिखा होगा नोटा (नन ऑफ द अबव) यानी उपरोक्त से कोई नहीं। निर्वाचन आयोग ने यह नया विकल्प मतदाताओं को दिया है, जिसके जरिए मतदाता अपने क्षेत्र के सभी प्रत्याशियों को खारिज कर सकेगा। हालांकि इसके बावजूद जिस प्रत्याशी को सर्वाधिक वोट मिलेंगे, उसे ही विजेता माना जाएगा। लेकिन यह भविष्य में "राइट टू रिजेक्ट" का विकल्प खोलने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।

पूरे देश की नजर छत्तीसगढ़ पर

भले यह चुनाव प्रदेश की विधानसभा के लिए हो रहा है,लेकिन इस पर पूरे देश की नजर है। इसके कई कारण हैं। सबसे महत्वपूर्ण तो यह कि माओवाद प्रभावित प्रदेश होने के कारण केंद्र ने अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए और शांति से चुनाव निपटा। दूसरा कारण यह है कि "नोटा" का पहली बार उपयोग यहीं हुआ है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों पर जिस तरह शिकंजा कसा है, वह अभूतपूर्व है।
नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी ने भी यहां पूरी ताकत झोंक दी है।

इन प्रत्याशियों के बीच मुकाबला

क्र. स्थान भाजपा कांग्रेस अन्य प्रमुख प्रत्याशी

1 भरतपुर-सोनहत चंपा देवी पावेल गुलाब सिंह कमरो
2 मनेन्द्रगढ श्यामबिहारी जायसवाल गुलाब सिंह
3 बैंकुठपुर भैयालाल रजवाड़े वेदांती त्रिपाठी
4 प्रेमनगर रेणुका सिंह खेल साय सिंह
5 भटगांव रजनी त्रिपाठी पारस रजवाड़े
6 प्रतापपुर रामसेवक पैकरा डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम
7 रामानुजगंज रामविचार नेताम बृहस्पति सिंह
8 सामरी सिध्दनाथ पैकरा प्रीतमराम तिर्की
9 लुण्ड्रा विजयनाथ सिंह चिंतामणी सिंह
10 अम्बिकापुर अनुराग सिंहदेव टीएस सिंहदेव
11 सीतापुर राजाराम भगत अमरजीत भगत
12 जशपुर राजशरण भगत सरहुल भगत गणेशराम भगत, निर्दलीय
13 कुनकुरी रोहित साय अब्राहम तिर्की
14 पत्थलगांव शिवशंकर साय रामपुकार सिंह
15 लैलुंगा सुनीति राठिया ह्वदयराम राठिया
16 रायगढ रोशनलाल अग्रवाल डॉ. शक्राजीत नायक
17 सारंगढ केराबाई मनहर पद्मा मनहर कामदा जोल्हे, बसपा
18 खरसिया जवाहर नायक उमेश पटेल
19 धरमजयगढ़ ओमप्रकाश राठिया लालजीत सिंह राठिया
20 रामपुर ननकीराम कंवर श्यामलाल कंवर
21 कोरबा जोगेश लांबा जय सिंह अग्रवाल
22 कटघोरा लखन देवांगन बोधराम कंवर
23 पाली-तानाखार श्यामलाल मरावी रामदयाल उइके
24 मरवाही समीरा पैकरा अमित जोगी
25 कोटा काशी साहू डॉ. रेणु जोगी
26 लोरमी तोकन साहू धरमजीत सिंह
27 मुंगेली पुन्नूलाल मोहिले चंद्रभान बारामते
28 तखतपुर राजू क्षत्री आशीष सिंह ठाकुर
29 बिल्हा धरमलाल कौशिक सियाराम कौशिक
30 बिलासपुर अमर अग्रवाल वाणी राव
31 बेलतरा बद्रीधर दीवान भुनेश्वर यादव
32 मस्तुरी डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी दिलीप लहरिया
33 अकलतरा दिनेश सिंह चुन्नीलाल सिन्हा
34 जांजगीर-चांपा नारायण चंदेल मोतीलाल देवांगन
35 सक्ती खिलावन साहू सरोजा राठौर
36 चन्द्रपुर युध्दवीर सिंह नोबेल वर्मा
37 जैजैपुर कैलाश साहू महंत रामसुंदर दास
38 पामगढ अम्बेश जांगड़े शेषराज हरबंस दूजराम बौध्द, बसपा
39 सराईपाली रामलाल चौहान डॉ. हरिदास भारद्वाज
40 बसना रूपकुमारी चौधरी देवेंद्र बहादुर सिंह
41 खल्लारी चुन्नीलाल साहू परेश बागबाहरा
42 महासमुन्द पूनम चन्द्राकर अग्नि चंद्राकर डॉ. विमल चोपड़ा, निर्दलीय
43 बिलाईगढ़ डॉ. सनम जांगड़े डॉ. शिव कुमार डहरिया
44 कसडोल गौरीशंकर अग्रवाल राजकमल सिंघानिया
45 बलौदा बाजार लक्ष्मी बघेल जनकराम वर्मा
46 भाटापारा शिवरतन शर्मा चैतराम साहू
47 धरसींवा देवजी भाई पटेल अनिता शर्मा
48 रायपुर ग्रामीण नंदकुमार साहू सत्यनारायण शर्मा
49 रायपुर पश्चिम राजेश मूणत विकास उपाध्याय
50 रायपुर उत्तर श्रीचंद सुंदरानी कुलदीप सिंह जुनेजा
51 रायपुर दक्षिण बृजमोहन अग्रवाल किरणमयी नायक
52 आरंग नवीन मारकण्डेय रूद्र कुमार गुरू गंगूराम बघेल, स्वाभिमान मंच
53 अभनपुर चंद्र्रशेखर साहू धनेंद्र साहू
54 राजिम संतोष उपाध्याय अमितेश शुक्ला
55 बिन्द्रानवागढ गोवर्धन मांझी जनकराम ध्रुव
56 सिहावा श्रवण मरकाम अंबिका मरकाम
57 कुरूद अजय चन्द्राकर लेखराम साहू प्रभातराव मेघावाले, निर्दलीय
58 धमतरी इंदर चोपड़ा गुरूमुख सिंह होरा
59 संजारी बालोद प्रीतम साहू भैयालाल सिन्हा
60 डौण्डीलोहारा होरीलाल रावटे अनिला भेडिया
61 गुण्डरदेही वीरेन्द्र साहू आरके राय
62 पाटन विजय बघेल भूपेश बघेल
63 दुर्ग ग्रामीण रमशीला साहू प्रतिमा चंद्राकर
64 दुर्ग शहर हेमचंद यादव अरूण वोरा राजेंद्र साहू, स्वाभिमान मंच
65 भिलाई नगर प्रेमप्रकाश पांडेय बदरूद्दीन कुरैशी
66 वैशाली नगर विद्यारतन भसीन भजन सिंह निरंकारी
67 अहिवारा सावलराम डहरे अशोक डोंगरे
68 साजा लाभचंद बाफना रविंद्र चौबे
69 बेमेतरा अवधेश चंदेल ताम्रध्वज साहू
70 नवागढ़ दयालदास बघेल अनिता पात्रे
71 पंडरिया मोतीराम साहू लालजी चंद्रवंशी
72 कवर्धा डॉ.अशोक साहू मोहम्मद अकबर


एक तिहाई मतदान केंद्र संवेदनशील

18 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण की 72 सीटों पर 19 नवंबर को मतदान होगा। अंतिम चरण में 4594 संवेदनशील व 1398 अति संवेदनशील मतदान केंद्र चिन्हित किए गए हैं। इन सीटों पर चुनाव आयोग की विशेष नजर रहेगी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुमार कुजूर ने बताया कि सरगुजा संभाग के अलावा धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बालोद जिले में नक्सली गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जा रहे हैं।
कुल 72 सीटों पर 843 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 75 महिला प्रत्याशी हैं। कुल 80 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।


चुनाव आयोग ने किया फैसला, बस्तर के 169 मतदान केंद्र बदले

16 November 2013
रायपुर. सभी जिलों में संवेदनशील इलाकों में इस बार बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों को सुरक्षा की दृष्टि से निकटतम केंद्रों तक शिफ्ट करने का प्रस्ताव किया गया था। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की सहमति के बाद कुल १६९ केंद्रों को बदलने की मंजूरी आयोग ने दी है। इनमें सबसे ज्यादा मतदान केंद्र बीजापुर में ५९ और सबसे कम ५ कोडागांव जिले में हैं।
कांकेर जिले में अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के १६ मतदान केंद्रों को सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए निकट के मतदान केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। ये सभी मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित इलाकों में शुमार हैं। यहां के गट्टाकाल, कामतेड़ा व संबलपुर मतदान केंद्रों को झिरमतराई, किसकोड़ी, पानीडोबिर क एवं ख मतदान केंद्र को गुडाबेड़ा, अर्रा, मातला और कोंगेरा के मतदाताओंे को किसकोड़ी तक चलकर आना होगा। नारायणपुर जिले में २१ मतदान केंद्रों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव किया गया था, जिसमें से आयोग ने १६ मतदान केंद्रोंे को स्थानांतरित करने की अनुमति दी है।
इनमें से लगभग सभी मतदान केंद्र अबुझमाड़ के हैं। जिनके स्थानांतरण के बाद मतदाताओं को वोट देने के लिए लंबी दूरी तय करनी होगी। अबुझमाड़ के झारावाही, छिंदनार, पांगुड़, आदनार, पालेबेड़ा, आमोकल, टेकामेटा, बड़ेकोट के मतदाताओं को २५ किलोमीटर से लेकर ५८ किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ सकती है। एक विधानसभा क्षेत्र वाले इस जिले के १क्२ मतदान केंद्रों में से १६ केंद्रों को स्थानांतरित करने के बाद चुनाव में प्रत्याशियों का गणित बिगड़ सकता है।
कोंडागांव जिले में पांच मतदान केंद्रों को स्थानांतरित किया गया है जबकि बस्तर जिले में इनकी संख्या सिर्फ ७ है। दंतेवाड़ा जिले में २४ मतदान केंद्रों को स्थानांतरित किया गया है। सुकमा जिले में ४८ मतदान केंद्रों के स्थल परिवर्तन का प्रस्ताव किया गया था, लेकिन राजनीतिक दलों की बैठक में सिर्फ ४२ मतदान केंद्रों को स्थानांतरित किए जाने पर सहमति बन पाई। इन केंद्रों के शिफ्ट करने पर मतदाताओं को लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी।
संभाग में सबसे ज्यादा ५९ मतदान केंद्र बीजापुर जिले में स्थानांतरित किया गया है। इन केंद्रों में अधिकांश केंद्रों पर पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान एक भी वोट नहीं डाले गए थे, वहीं कई मतदान केंद्रों पर फर्जी मतदान के आरोप भी लगाए गए थे। सुरक्षा का हवाला देते हुए इन मतदान केंद्रों को निकटस्थ केंद्रों में शिफ्ट किया गया है। इन केंद्रों पर मतदान के लिए मतदान दल को हेलिकाप्टर से भेजने की योजना है लेकिन बेस केंद्र से मतदान केंद्रों तक जाने में दलों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी।


चुनाव आयोग ने छेड़ी मुहीम, सिखा रहे है इवीएम से वोट देना

16 November 2013
बिलासपुर. विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 19 नवंबर को होगा। प्रेक्षक मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं और सार्वजनिक स्थानों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से वोट देने का तरीका सिखा रहे हैं।

इस दौरान नोटा बटन के बारे में भी बताया गया।



आपस में भिड़े कांग्रेसी और भाजपाई

15 November 2013
बिलासपुर। हेमूनगर क्षेत्र एवं तोरवा थाने के अन्दर बुधवार की रात लगभग पौने नौ बजे पैसा बांटने की शिकायत को लेकर भाजपाई कांग्रेसी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों में तू-तू, मैं-मैं और जमकर गालीगलौज भी हुई।
सूचना मिलने पर निवार्चन अधिकारी उड़नदस्ता दल -क्रमंाक तीन के टीआर जायसवाल एवं दल क्रमांक -एक के बीएस सरोटे थाने पहंुचे। पैसा देने संबंधी कोई सबूत न मिलने पर निर्वाचन अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की। देर रात कोई सबूत नहीं मिल सका था।
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा थाने में दी गई जानकारी के अनुसार हेमूनगर के वार्ड नम्बर 38 में भाजपा कार्यकर्ता राकेश लालवानी, रेणुका नागपुरे सहित अन्य लोगों द्वारा पैसा बांटा जा रहा था। भाजपा के कुछ कार्यकर्ता नागेश्वर यादव के घर में पैसा देने के लिए घुसे थे।
तभी कांग्रेस कार्यकर्ता राकेश सिंह ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। और सूचना निर्वाचन उड़नदस्ता दल को दी। राकेश ने मुहल्ले वालों को भी बुला लिया। इस बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने दरवाजे को खोल दिया। इस पर दोनों पक्ष भिड़ गए जिसका फायदा उठाकर घर में बंद भाजपायी कार्यकर्ता वहां खड़ी सि$फ्ट सीजी 09 ईबी 5000 में बैठकर भाग खडे हुए।
इसके बाद कांग्रेस व भाजपा कार्यकर्ता आपस में गालीगलौज करते हुए तोरवा थाने पहंुचे। लगभग पौन घंटे के बाद उड़नदस्ता दल की टीम भी हेमूनगर होते हुए थाने पर पहंुची। थाने पर भाजपा के सभापति नगर निगम अशोक विधानी, कांग्रेस से शहर जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रविंद्र सिंह सहित दोनों पक्ष के 100 से ज्यादा कार्यकर्ता तोरवा थाने पहुंच चुके थे। दोनो पक्षों के बीच जमकर गालीगलौज शुरू हो गया। बढ़ते विवाद को देखते हुए तोरवा थाने में अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा। निर्वाचन अधिकारियों एवं पुलिस ने जांच का आश्वासन देकर मामला शांत कराया।

गाड़ी में थे लाखों रूपए

थाने पहुंचे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना था कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा गाड़ी में लाखों रूपए की गड्डी लोगों को बांटने के लिए लाए गए थे। भाजपा के कार्यकर्ता अपने लोगों को पैसा बांट रहे थे। मौका मिलते ही पैसा बांटने वाले कार्यकर्ता रूपए सहित गाड़ी लेकर फरार हो गए।


वोट के लिए दारू बंटवा रहे भाजपा कार्यकर्ता

15 November 2013
पथरिया। बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता धनाराम राजपूत के गन्ने के खेत से एक लाख रूपए की विदेशी शराब जब्त की गई है। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला पंजीबद्घ कर लिया है। धनाराम राजपूत लोधी समाज का जिला अध्यक्ष है और गांव का गौंटिया है। उसका पुत्र बाबा राजपूत ग्राम का सरपंच है। विदित हो कि विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा से भाजपा प्रत्याशी हैं। इसके पहले, रामानुजगंज के भाजपा प्रत्याशी व मंत्री रामविचार नेताम के समर्थक द्वारा वोट के लिए नोट बंटवाने का मामला सामने आया था।
भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर शराब बांटने का मामला पथरिया क्षेत्र मे उजागर हुआ है। बुधवार की रात को अनुसूचित जनजाति बहुल इस इलाके के ग्राम लमती में भाजपा कार्यकर्ता धनाराम राजपूत के गन्ने के खेत से पेटियों में भारी मात्रा में शराब रखी थी। यही से मतदाताओं को शराब बांटी जा रही थी।
पथरिया थाने में जुर्म दर्ज : अंग्रेजी शराब बांटने की शिकायत चुनाव प्रेक्षकों को मिली जिस पर पुलिस को फोन करके बुलाया गया। आयोग के साथ टीम को पहुंचने में एक घंटा लग गया। तब तक आधे से ज्यादा माल खपाया जा चुका था। फिर भी टीम को 33 पेटी अंग्रेजी शराब हाथ लगी, जिसकी कीमत करीब एक लाख रूपए बताई जा रही है। पथरिया पुलिस ने शराब की जब्ती बनाई और वीडियोग्राफी कराई है। पुलिस ने धारा 34/1/क और 34/2/59 क के तहत अपराध कायम किया है और जांच की जा रही है।
ठेकेदारों के पंडों की मदद : बिल्हा क्षेत्र मे शराब बांटने का कार्य लिकर लॉबी के सिंडीकेट को दिया गया है जिसके गद्दीदार और पंडे, भाजपा कार्यकर्ताओं के माध्यम से कार्य कर रहे हैं। हालात ये हैं कि गांव-गांव मे शराब का भण्डारण हो चुका है। चुनाव संचालकों के निर्देश पर रात दस बजे के बाद शराब बांटने का काम किया जा रहा है। इसकी शिकायत कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की है।
लिफाफे और चेक भी : बिल्हा क्षेत्र में भाजपा नेताओं द्वारा सहायता निधि के चेक जगह-जगह बांटने और लिफाफों में नकदी रकम बांटने का मामला भी प्रकाश में आया है। लेकिन, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। इसलिए नहीं होती कार्रवाई : पुलिस को मुखबिर जानकारी देते हैं, लेकिन हाईप्रोफाइल चुनाव के पचड़े मे वह पड़ना नहीं चाहती है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुताबिक जब शिकायत की जाती है तो प्रेक्षकों का फोन कवरेज से बाहर मिल रहा है अथवा कंट्रोल रूम का फोन नो रिस्पांस हो रहा है। यह आवाज आती है और शिकायत दर्ज नहीं हो पाती। निर्वाचन क्षेत्र इतना बड़ा है कि टीम के आने तक सब कुछ रफा दफा हो जाता है।


इस बार किसानों को देंगे बिना ब्याज का कर्ज: रमन

14 November 2013
बैकुंठपुर. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कोरिया जिले में आयोजित सभाओं में कहा कि भाजपा तीसरी बार सत्ता में आई, तो किसानों को बिना ब्याज का कर्ज दिया जाएगा। धान पर प्रति क्विंटल 300 रुपए बोनस भी दिया जाएगा। भविष्य में भी भाजपा की प्राथमिकता कृषि और सिंचाई ही रहेगी।
विधानसभा क्षेत्र भरतपुर सोनहत के ग्राम सलगवां कला में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार शुरू से किसानों की तरक्की और सुविधाओं के लिए कृत संकल्पित रही है। केंद्र की यूपीए सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि लगातार हो रहे हजारों करोड़ रुपए के घोटालों की वजह से देश के आम आदमी का विश्वास कांग्रेस से उठ गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार भी कोरिया के लोग 2008 का इतिहास दोहराएंगे और राज्य में भाजपा की ही सरकार बनेगी।
सोनहत के सलगवां मैदान में हुई जनसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र के विकास कार्यो को आगे बढ़ाया जाएगा। कांग्रेस द्वारा मुफ्त चावल दिए जाने की घोषणा पर रमन ने कहा कि राज्य की जनता खुद्दार है। उसका सम्मान है। इसलिए भले ही एक-दो रुपए लगे, वह खरीदकर चावल लेने का अपना फर्ज जानती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के प्रति प्रदेशभर में उत्साह का माहौल है। प्रथम चरण में 18 विधानसभा क्षेत्रों में हुए मतदान में भाजपा की आशातीत बढ़त मिलने का दावा भी उन्होंने किया।
प्रेमनगर में सभा को संबोधित करते हुए रमन ने कहा कि लोग महंगाई से त्रस्त हैं, लेकिन केंद्र की यूपीए सरकार को कोई चिंता नहीं है। इसका खामियाजा आम लोगों को भोगना पड़ रहा है। पिछले दस सालोंे में हर व्यक्ति अपने आप को विकास की राह पर चलता महसूस कर रहा है। इस कारण कांग्रेसी बौखलाए हुए हैं और जनता को लुभाने तरह-तरह के वादे किए जा रहे हैं। प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बड़कागांव में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ दिल्ली में बैठकर नारे ही लगाती है। हमने दस सालों में जो वादा किया उसे पूरा किया। मुख्यमंत्री ने बुधवार सुबह अंबिकापुर शहर के नवापारा इलाके में रोड शो किया।


35 मिनट रहेंगे मोदी, 50 हजार की भीड़ जुटाने की तैयारी

14 November 2013
बिलासपुर. भाजपा के पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी की 15 नवंबर को बिल्हा कालेज मैदान में सभा होगी। इसके लिए संगठन स्तर पर तैयारी की जा रही हैं। मोदी 2 बजकर 5 मिनट पर आएंगे तथा 2.40 बजे हेलिकाप्टर से उड़ान भरेंगे। 35 मिनट की सभा में जिले के बिल्हा सहित बिलासपुर, बेलतरा, मस्तूरी व मुंगेली विधानसभा क्षेत्र से 50 हजार लोगों की भीड़ जुटाने की तैयारी है। जिला भाजपा ने बुधवार की रात मस्तूरी, तखतपुर व बेलतरा विधानसभा क्षेत्रों के भाजपा के सेक्टर प्रभारियों की बैठक ली। चूंकि जिले में मोदी की एक ही सभा हो रही है, इसलिए उनका संदेश जिले भर में पहुंचाने के लिए सभी मंडलों को इसमें भाग लेने कहा गया है।
सभा का खर्च प्रत्याशी के चुनावी खर्चे में जुडऩे का भय चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के साथ संगठन को भी है, शायद इसीलिए सभा की तैयारियों के साथ इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि सभा में लोगों को ले जाने के लिए वाहन न लगाए जाएं। भले ही बिल्हा की सभा में बिल्हा सहित पांच विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों को सूचना दी गई है, परंतु यह उनकी इ'छा पर निर्भर करता है कि वे उसमें पहुंचे या नहीं, क्योंकि सभा में पहुंचते ही उनकी बिलिंग शुरू हो जाएगी। जिलाध्यक्ष राजा पांडे के मुताबिक मोदी की सभा में पांच विधानसभा क्षेत्रों के साथ जिले भर के कार्यकर्ता शामिल हो सकेंगे, परंतु इसके लिए वाहन की व्यवस्था नहीं की जाएगी। कार्यकर्ता अपने साधनों से जाएंगे।

16 को तिफरा में सीएम की सभा, शहर में रोड शो

मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह 16 नवंबर को जिले का हवाई दौरा करेंगे तथा सभा व रोड शो करेंगे। इस दिन दोपहर 3 से शाम 4 बजे तक तिफरा में उनकी सभा होगी। वे महाराणा प्रताप चौक, नेहरू चौक, सदर बाजार, गोल बाजार, गांधी चौक होते हुए रात 7.30 बजे बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में पहुंचेंगे और सभा लेंगे।


पहले चरण का मतदान 74 फीसद तक पहुंचा

13 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 74 फीसद तक पहुंच गया। मंगलवार शाम तक दो से ढाई सौ पोलिंग पार्टियां मुख्य निर्वाचन कार्यालय में नहीं लौट पाई थीं। ऐसे में मतदान 75 फीसद तक पहुंचने के आसार हैं।
सूत्रों ने बताया कि राजनांदगांव जिले की छह सीटों पर 82.92 फीसद मत पड़े, जो पिछले चुनाव की तुलना में 6.42 फीसद अधिक है। इसी तरह बस्तर संभाग की 12 सीटों पर
67.42 फीसद वोट डाले गए, जो पिछली बार से पांच फीसद ज्यादा है। मतदान के आंकड़ों में अभी और फेरबदल की गुंजाइश है। कांकेर जिले की अंतागढ़ विधानसभा सीट के दो बूथों पर पुनर्मतदान कराने की स्थिति है।
अब तक की रिपोर्ट के मुताबिक, डोंगरगांव सीट पर सबसे अधिक 84.8 फीसद वोट पड़े। इस बार भी बीजापुर में सबसे कम 41 फीसद वोट डाले गए। हालांकि पिछले चुनाव की तुलना में यहां करीब 11 फीसद अधिक मतदान हुआ है।


चुनाव आयोग ने कैमरे से रखी नजर भाजपा और काग्रेंस के प्रत्याशियों पर

13 November 2013
बिलासपुर. मंत्री और मेयर के मुकाबले में बिलासपुर सीट कोई भी जीते, एक इतिहास जरूर बन जाएगा। बिलासपुर से चौथी बार विधायक कोई भी नहीं बना, न ही कोई महिला विधायक रही। कभी कांग्रेस का गढ़ रहे इस सीट से भाजपा के अमर अग्रवाल तीन चुनाव जीत चुके हैं और चौथी पारी की तैयारी में हैं। इधर, कांग्रेस ने पहली बार यहां से महिला प्रत्याशी मेयर वाणी राव को मंत्री के सामने उतारा है।
बिलासपुर विधानसभा से भाजपा के अमर अग्रवाल लगातार तीन बार चुनाव जीतते आ रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले 1993 में जीत दर्ज की थी। 2013 में अमर अपनी चौथी पारी की तैयारी में हैं। अगर इस चुनाव में जनता उन्हें चुनती है तो वे इस सीट से लगातार चौथी जीत का रिकार्ड बनाएंगे। अगर कांग्रेस को यह सीट वापस मिलती है तो मेयर वाणी राव नगर निगम की तरह विधानसभा की पहली महिला विधायक बनने का इतिहास रचेंगी।
दोनों दलों और प्रत्याशियों की ओर से इतिहास रचने के लिए जोर आजमाइश जारी है। इस दिलचस्प मुकाबले में सभी को नतीजे का बेसब्री से इंतजार है। अमर अग्रवाल भाजपा के कद्दावर नेता हैं, जो राय सरकार में मंत्री रहे हैं। वे पिछले तीन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशियों को खासे अंतर से पछाड़ते रहे हैं। दूसरी ओर जिन 48 वार्डो को मिलाकर विधानसभा बनी है, उनसे अधिक 55 वार्ड से चुनकर वाणी राव मेयर की सीट पर पहुंची हैं।

जीत के वोटों का मैनेजमेंट

चुनाव जीतने के लिए दोनों प्रत्याशियों के पास अपने-अपने तर्क और मुद्दे हैं। इन्हीं के साथ वे मतदाताओं के बीच जा रहे हैं। आयोग की सख्ती से चुनाव का माहौल काफी बदला हुआ है। गली-मोहल्लों में अधिक बेनर-पोस्टर नजर नहीं आ रहे हैं। वार्डो में चुनाव कार्यालय और शोर-शराबा भी नहीं है। इन परिस्थितियों में लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं लग पा रहा है कि कौन, कितना आगे है। हालांकि दोनों दलों के परंपरागत वोट पक्के हैं, बशर्ते ऐसे सभी वोटर मतदान केंद्र तक पहुंचें।
इसके बाद सारा मैनेजमेंट उन वोटों के लिए चल रहा है, जिनसे बढ़त-घटत होनी है। प्रत्याशी अपनी ताकत बुद्धिजीवी वर्ग का समर्थन हासिल करने में लगा रहे हैं जो किसी दल विशेष के नहीं हैं। स्लम एरिया में भी मेहनत जारी है, जहां के वोट थोक में इधर-उधर पड़ने की संभावना रहती है।


नक्सली दहशत के बीच 67 फीसद मतदान

12 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 18 सीटों पर सोमवार को नक्सली उत्पात व दहशत के बीच लगभग 67 फीसद मतदान हुआ। बस्तर संभाग की 12 व राजनांदगांव जिले की छह सीटों पर वोट पड़े। इसके साथ ही 143 उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में फीड हो गई। देर शाम दंतेवाड़ा में बूथ से लौट रही पोलिंग पार्टी पर नक्सलियों ने हमला कर दिया, जिसमें एक सीआरपीएफ जवान की मौत हो गई। कांकेर में भी प्रेशर बम से विस्फोट कर पोलिंग पार्टी को उड़ाने की कोशिश की गई, जिसमें एक जवान जख्मी हो गया।
कांकेर के अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के दो बूथों चितरम व छोटे पखांजूर में नक्सली उत्पात के कारण पोलिंग पार्टी नहीं पहुंच पाई। इस वजह से यहां मतदान स्थगित करना पड़ा। चितरम बूथ की पोलिंग व पुलिस पार्टी पर नदी पार करने के समय नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। बस्तर के कोलेंगे और बीजापुर के मनकेली बूथों पर भी नक्सलियों ने गोलीबारी की। सुरक्षा बल के जवानों की जवाबी कार्रवाई के बाद नक्सली भाग निकले। नारायणपुर और दंतेवाड़ा में कुछ स्थानों से टिफिन बम मिले। नुकनपाल में दस किलो इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस बरामद किया गया।। नारायणपुर के सुलेंगी गांव में भी सुरक्षा बल पर नक्सलियों ने गोलीबारी की।
राजनांदगांव जिले से मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा तीन मंत्री लता उसेंडी, केदार कश्यप और विक्रम उसेंडी भी चुनाव मैदान में थे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुमार कुजूर ने बताया कि कोंटा, दंतवाड़ा और बीजापुर विधानसभा क्षेत्र के करीब एक दर्जन बूथों में शून्य मतदान की जानकारी प्राप्त हुई है। नक्सलियों के भय से कोई यहां वोट देने नहीं पहुंचा।
बस्तर संभाग में सुबह मतदाताओं में वोट डालने के लिए उत्साह कम देखा गया, लेकिन नौ बजे के बाद भीड़ बढ़ने लगी। महिला मतदाताओं ने जमकर उत्साह दिखाया। यहां करीब 50 फीसद मतदान हुआ। बीजापुर में इस बार भी सबसे कम 24 फीसद वोटिंग हुई। राजनांदगांव की छह विधानसभा सीटों में शुरुआत से ही केंद्रों में मतदाताओं की लंबी कतार लग गई। यहां सबसे ज्यादा 82 फीसद से अधिक वोट पड़े।


बस्तर में कांग्रेस जीतेगी 11 सीट: भक्त चरणदास

12 November 2013
रायपुर। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिव और प्रथम चरण के चुनाव में बस्तर मोर्चा संभालने वाले भक्त चरणदास ने दावा किया कि बस्तर की 12 सीटों में से 11 सीटें कांग्रेस जीतेगी। उन्होंने एक सीट कौन-सी हार रहे हैं? इसका उन्होंने जवाब नहीं दिया।
चरणदास ने कहा कि बस्तर में भय का माहौल है और भाजपा कार्यकर्ता गुंडागर्दी कर रहे हैं। इसके बावजूद इस बार बस्तर और छत्तीसगढ़ में परिवर्तन होगा। उन्होंने सभी से निष्पक्ष मतदान करने की अपील की।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री चरणदास ने कहा कि नारायणपुर, बीजापुर, जगदलपुर, कोंडागांव में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ ही कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। इन सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा हिंसा पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि बस्तर में भाजपा की सरकार बनी तो लोग 20 साल पीछे हो जाएंगे।

नहीं बख्शेंगे

चरणदास ने कहा कि कुछ अधिकारी और कर्मचारी चुनाव को प्रभावित करने में लगे हुए हैं और सेंट्रल फोर्स को भी राज्य सरकार बेहतर तरीके से काम नहीं करने दे रही है।
उन्होंने कहा कि जो भी निष्पक्ष चुनाव में गड़बड़ी करने की कोशिश करेगा, उसे कांग्रेस की सरकार बनने पर बख्शा नहीं जाएगा।


बस्तर में रमन लहर

12 November 2013
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि बस्तर में रमन लहर चली है, इसलिए यहां बड़ी संख्या में लोगों ने मतदान किया। भाजपा पिछले चुनाव की तुलना में पहले चरण में ज्यादा सीट जीतेगी। पहले चरण की 18 में से 15 विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है।
नड्डा ने कहा कि बस्तर और राजनांदगांव में लोकतंत्र की जीत हुई है। नक्सली चुनाव का विरोध कर रहे थे, बावजूद इसके जनता ने मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह नक्सल समस्या को करारा जवाब है। बस्तर की जनता ने विकास को मुद्दा माना है।
नड्डा ने कहा कि बस्तर की नक्सल पीड़ित जनता विकास की मुख्यधारा में शामिल होना चाहती है। शांतिपूर्ण मतदान करके जनता ने इसका संकेत दे दिया है। ब़़डी संख्या में महिलाओं ने वोटिंग में भाग लिया। यह विकास के प्रति लालसा और मुख्यधारा में शामिल करने की डॉ. रमन की कोशिश का परिणाम है।
बस्तर का मतदान उन कांग्रेसी नेताओं के लिए सबक है, जो नक्सलियों से वार्ता की बात कहते हैं। कांग्रेस ने पहले चरण में ही हार मान लिया है, इसलिए उनके नेता अनर्गल बयान दे रहे हैं। जनतांत्रिक लड़ाई से पहले ही कांग्रेस ने आशा छोड़ दी है, इसलिए चुनाव आयोग, पुलिस और व्यवस्था पर प्रहार कर रही है। दूसरे चरण में भी डॉ. रमन की लहर चलेगी।


18 सीटों पर मतदान आज

11 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 18 विधानसभा सीटों पर 11 नवंबर को कड़ी सुरक्षा के बीच वोट डाले जाएंगे।
नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग व राजनांदगांव जिले की इन सीटों पर 143 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें राजनांदगांव से मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित राज्य सरकार के तीन मंत्री भी शामिल हैं।
सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।


143 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज

11 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहले चरण की अठारह विधानसभा सीटों पर 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग व राजनांदगांव जिले की इन सीटों पर 143 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं, जिनमें राजनांदगांव से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित राज्य सरकार के तीन मंत्री लता उसेंडी, केदार कश्यप, विक्रम उसेंडी भी शामिल हैं। बस्तर संभाग में मतदान सुबह सात से दोपहर तीन बजे तक और राजनांदगांव जिले में सुबह आठ से शाम पांच बजे तक चलेगा।
चुनाव आयोग से जु़़डे सूत्रों के मुताबिक मतदान की सारी तैयारियों पूरी कर ली गई हैं। मतदान केन्द्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सीमाओं को सील कर दिया गया है। आपात स्थिति के लिए एयर एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है। सभी मतदान दलों को मतदान केन्द्रों के लिए रवाना किया जा चुका है।
संवेदनशील केन्द्रों में अतिरिक्त केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। पहले चरण में 79 हजार 473 मतदाताओं के फोटो नहीं हैं, जो वैकल्पिक पहचान पत्र का उपयोग करेंगे। जबकि जिनके पास इपिक कार्ड है, वे केवल इपिक कार्ड या मतदाता पर्ची का उपयोग कर सकेंगे। मतदान केन्द्रों पर भी मतदाता पर्ची बांटने के लिए बीएलओ उपलब्ध रहेंगे।
पहले चरण में कोंटा सीट में सबसे कम चार तथा राजनांदगांव व जगदलपुर में सबसे अधिक चौदह-चौदह प्रत्याशी हैं। पहले चरण में महिला मतदाता ज्यादा हैं। कुल मतदाताओं में से 14,78,659 महिला मतदाता हैं, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 14,53,730 है।

एक नजर में

विधानसभा सीट- 18
कुल मतदाता- 29,33,200
पुरुष- 14,53,730
महिला- 14,78,659
सर्विस वोटर- 811
मतदान केन्द्र- 4142
संवेदनशील- 1517
अति संवेदनशील- 1311
सामान्य- 1314
स्थानांतरित केन्द्र- 167
कैमरे लगेंगे- 2700


शहर में आडवाणी, पेंड्रा में गडकरी की सभा आज

09 November 2013
बिलासपुर. भाजपा के स्टार प्रचारक एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी शनिवार को दोपहर 12 बजे लालबहादुर शास्त्री स्कूल में जनसभा को संबोधित करेंगे। जिले की प्राइम सीट होने के कारण बिलासपुर में भाजपा प्रत्याशी मंत्री अमर अग्रवाल के पक्ष में चुनावी माहौल बनाने के लिए आडवाणी की सभा हो रही है। इसमें शहर से लगे बिल्हा, बेलतरा व तखतपुर विधानसभा क्षेत्रों के भाजपाइयों को बुलवाया गया है।
इसी दिन दोपहर २.३० बजे पेंड्रा में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी की सभा होगी। भाजपा के स्टार प्रचारकों की सभाओं से जिले में चुनावी माहौल गरमाने लगा है। गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने जिले के चार स्थानों पर हेलिकाप्टर से पहुंचकर सभाएं ली थीं। लालकृष्ण आडवाणी शनिवार को सुबह रायपुर से हेलीकाप्टर से रवाना होकर 11.30 बजे एसईसीएल हेलीपेड पर उतरेंगे।
यहां से वे कार से सभास्थल लालबहादुर शास्त्री स्कूल पहुंचेंगे। आडवाणी जनसंघ से लेकर भाजपा में प्रखर वक्ता के रूप में लोकप्रिय हैं और तकरीबन हर चुनाव में शहर में उनकी सभाएं होती रहीं हैं। कार्यक्रम में भीड़ के मद्देनजर महिलाओं के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है। बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल ने आडवाणी की सभा के जरिए जनसमर्थन जुटाने के लिए पूरी चुनावी टीम को झोंक दिया है। सभा की तैयारियों के लिए शुक्रवार को भाजपाइयों की बैठक हुई।


माओवादी समस्या पर भाजपा खामोश

09 November 2013
रायपुर। प्रदेश को माओवाद की समस्या विरासत में मिली है, लेकिन इस समस्या से निपटारे के मसले पर भाजपा का घोषणा पत्र पूरी तरह से खामोश है। माओवाद को लेकर हमेशा आर-पार की लड़ाई का दावा करने वाली भाजपा ने इस मुद्दे से किनारा क्यों किया, इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं।
राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि बस्तर जैसे इलाकों में जहां माओवादियों से सहयोग लिए बगैर चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है, वहां यदि चुनाव के दौरान यह मैसेज चला जाता है कि भाजपा माओवादियों को पूरी तरह से कुचलने के लिए कोई कठोर नीति बनाने वाली है, तो नुकसान होने की संभावना बढ़ सकती है।
अभी हाल के दिनों में जब कांग्रेस का घोषणापत्र जारी हुआ तो ज्यादातर लोगों ने यह जानना चाहा कि माओवाद के मसले पर कांग्रेस की एप्रोच और सोच क्या है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में माओवादी समस्या से निपटारे के लिए विश्वास बहाली पर आधारित ठोस नीति तैयार करने की बात तो कही है, लेकिन भाजपा ने इस मुद्दे पर पूरी तरह से खामोशी अख्तियार कर ली है। राजनीतिक प्रेक्षक इस खामोशी के कई अर्थ लगा रहे हैं।
प्रेक्षकों का मानना है कि बस्तर के झीरम घाट में कांग्रेस के 31 नेताओं की हत्या के बाद जब देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ की बदनामी हुई तब भाजपा सरकार पर माओवाद को बढ़ावा देने और मोर्चे पर पूरी तरह से असफल होने का आरोप लगा था। प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह ने तो यह भी स्वीकारा था कि प्रशासनिक चूक के चलते माओवादी एक बड़ी घटना को अंजाम देने में सफल हो गए थे।

एक सच्चाई यह भी

कुछ समय पहले तक छत्तीसगढ़ का एक बड़ा भू-भाग राजस्व के 15 और तीन पुलिस जिलों तक ही सिमटा हुआ था। एक जनवरी 2013 को नौ नए जिलों के अस्तित्व में आने के साथ ही प्रदेश में जिलों की कुल संख्या 27 हो गई है। इन जिलों में बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, बेमेतरा और मुंगेली को छोड़ दें तो शेष 20 जिलों में माओवादियों की जोरदार धमक देखने को मिलती है।
पुलिस विभाग के एक आला अफसर नाम न छापने की शर्त पर यह कहते हैं कि अब बस्तर के अमूमन हर गांव में माओवादियों की मौजूदगी हो गई है। पहले केवल पुरूष माओवादियों की मौजूदगी ही देखने को मिलती थी, लेकिन अब बच्चे और किशोर भी माओवादी गतिविधियों में लिप्त हो गए हैं। सुरक्षाबलों का भी यह अनुमान है कि बस्तर के माओवादियों में से दो हजार आदिवासी महिलाएं ऎसी हं जो कठिन सैन्य प्रशिक्षण के चलते खूनी छापामार दस्ते का अहम हिस्सा बनी हुई हैं। कुछ समय पहले जब बस्तर के झीरमघाट में माओवादियों ने कांग्रेस के 32 नेताओं को मौत के घाट उतारा था तब भी बड़े पैमाने पर महिला माओवादियों की उपस्थिति देखने को मिली थी।

विधानसभा में भी सरकार ने यह स्वीकारा है कि प्रदेश के 370 थाना क्षेत्रों में से 176 थाना क्षेत्र ऎसे हैं जो माओवादी हलचल से बुरी तरह प्रभावित हैं। गृह विभाग के सूत्र बताते हैं कि गत एक दशक में माओवादियों ने छोटी-बड़ी चार हजार से ज्यादा हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। इन घटनाओं में सुरक्षाकर्मी, नागरिक सहित कुल ढाई हजार लोग मारे गए।

रमन को केवल अपनी चिंता

रमन सिंह को केवल और केवल अपनी फिक्र है। जब भी कोई बड़ी माओवादी घटना हो जाती है तो उनके निवास की दीवार दो फीट ऊंची हो जाती है। उनके सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी जाती है। रमन सिंह को यदि जनता की फिक्र होती तो घोषणा पत्र में माओवादी समस्या के निदान को लेकर कोई न कोई बात जरूर होती। वीरेंद्र पांडे पूर्व अध्यक्ष, वित्त आयोग

सख्ती से निपटेंगे

यह कहना गलत है कि माओवाद की समस्या से निपटने के लिए भाजपा गंभीर नहीं रही है। भाजपा ने माओवादियों के आगे घुटने नहीं टेके हैं, न आगे टेकेंगे। जहां तक माओवादी समस्या को घोषणा पत्र में जगह न देने का सवाल है तो यह समस्या राज्य से ज्यादा केंद्र की है। सरकार के बनते ही हम एक बार फिर माओवादियों से सख्ती से निपटेंगे। रामसेवक पैकरा प्रदेश अध्यक्ष भाजपा


भाजपा की हैट्रिक पर बगावत के काले बादल

08 November 2013
रायपुर। हैट्रिक का सपना संजोए चुनावी समर में कूद चुकी सत्तारूढ़ भाजपा की मुश्किलें बढती जा रही है, क्योंकि बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद चुके भाजपा नेता कई सीटों पर पार्टी को भारी नुकसान पहुंचाने का माद्दा रखते हैं। सियासी जानकार तो यहां तक कह रहे हैं कि चुनाव समर में उतरे कुछ बागी तो जीतने की स्थिति में हैं। हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन यह तो तय है कि कई सीटों पर बागी भाजपाई वोट बैंक पर डाका डालेंगे।
भाजपा को सबसे ज्यादा किसी से खतरा पूर्व मंत्री गणेशराम भगत है, जो जशपुर से चुनाव मैदान में हैं। जशपुर के अलावा वे अन्य चार सीटों पर असर डाल सकते हैं। इनमें सीतापुर, कुनकुरी, पत्थलगांव और लैलूंगा शामिल हैं। भगत ने भाजपा से पिछला चुनाव सीतापुर से चुनाव लड़ा था, जिसमें वे कांग्रेस के अमरजीत भगत से महज 17 सौ 37 वोटों से पराजित हुए थे। इस बार वे भाजपा की ओर से जशपुर से टिकट की मांग कर रहे थे, पर पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, लिहाजा बागी होकर वे निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गए। उनके बागी होने से कम से कम जशपुर व सरगुजा की पांच सीटों पर असर पड़ सकता है। उन्होंने यहां की 8 सीटों पर अपने समर्थकों को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारा है। उनके इस तेवर को देखते हुए पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।

तीर-कमान के साथ तीन बागी

भाजपा से बगावत कर तीन नेताओं ने शिवसेना का दामन थाम लिया है। वे शिवसेना से ही चुनाव मैदान में उतरे हैं। इनमें खुज्जी से पूर्व विधायक रजिन्दर पाल सिंह भाटिया, तखतपुर से पूर्व विधायक जगजीत सिंह मक्कड़ और पंडरिया से जिला पंचायत के पूर्व सदस्य रघुनंदन पाठक ने भाजपा छोड़कर शिवसेना का दामन थाम लिया है। खुज्जी में भाटिया और तखतपुर में मक्कड़ भाजपाई वोट बैंक पर सेंध लगा रहे हैं। वहीं रघुनंदन पाठक की पकड़ भी पंडरिया में अच्छी बताई जा रही है। पार्टी ने इन तीनों को भी निष्कासित कर दिया है।

धमतरी में साहू वोटों पर सेंध

धमतरी से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष दयाराम साहू भी पार्टी के प्रत्याशी इंदर चोपड़ा की मुश्किलें बढ़ी चुके हैं। दयाराम साहू की पकड़ विधानसभा के ग्रामीण इलाकों में काफी है, साथ ही साहू वोटों की संख्या भी इस विधानसभा में ज्यादा है लिहाजा भाजपा के वोट काटने के साथ ही वे साहू वोटों पर भी काफी असर डाल सकते हैं। इसी तरह जिले के सिहावा सीट से भी पन्नालाल कश्यप चुनाव मैदान में हैं। पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए दयाराम साहू को निष्कासित कर दिया है।

तोड़ेम का असर बस्तर में

भाजपा से बागी होकर स्वाभिमान मंच का दामन थाम चुके बीजापुर के पूर्व विधायक राजाराम तोड़ेम की बगावत बस्तर की कई सीटों पर असर डाल सकती है। वे जगदलपुर से चुनाव मैदान में हैं, लेकिन बीजापुर, केशकाल व कोंडागांव में भी वे असर डाल सकते हैं। तोड़ेम बीजापुर से भाजपा की ओर से टिकट की मांग कर रहे थे। इसी तरह बस्तर मंडल सदस्य रविशंकर शुक्ला भी जगदलपुर से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हैं जो पार्टी के वोट बैंक के लिए खतरा बने हुए हैं। ये दोनों भी पार्टी से निष्कासित किए जा चुके हैं।

बगावत से मुकाबला त्रिकोणीय

महासमुंद विधानसभा की सीट पर भाजपा से बागी हुए डॉ. विमल चोपड़ा की बगावत ने यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार निर्मित कर दिया है। यहां भाजपा ने पूर्व विधायक व संसदीय सचिव पूनम चन्द्राकर को प्रत्याशी घोषित किया है और इस बात से नाराज डॉ. चोपड़ा निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। उनके चुनाव मैदान में उतरने से भाजपा के वोट बंटने की संभावना है। इससे पहले भी नगर पालिका चुनाव में वे बागी होकर चुनाव लड़ चुके हैं और उन्होंने जीत भी दर्ज कराई थी। बागी होने के कारण उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया है।


चुनाव बहिष्कार व माओवादी बंद 14 तक

08 November 2013
रायपुर। बस्तर में जैसे-जैसे चुनावी रंगत परवान चढ़ रही है, माओवादी दहशत भी बढ़ती जा रही है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने भी अलर्ट जारी कर कहा है कि माओवादियों ने 600 बच्चों की स्पेशल टीम बनाई है, जिसके जरिये बड़े नेताओं और उनकी सभाओं को निशाना बनाया जा सकता है। माओवादियों ने चुनावी तिथि 11 नवम्बर से तीन दिन पहले और तीन दिन बाद (7 से 14 नवम्बर) तक बंद का आह्वान किया है।
बस्तर संभाग में 11 नवम्बर को मतदान है। इसके लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के बड़े नेताओं की सभाएं इस संभाग में हो रही हैं। गुरूवार को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सभाएं हुई। इससे एक दिन पूर्व बुधवार को सुरक्षाबलों ने विस्फोटक बरामद कर माओवादी मंसूबे नाकाम कर दिए।

बहिष्कार और बंद का आह्वान

दंतेवाड़ा के ग्राम छिदवाड़ा में माओवादियों ने पेड़ों व मोबाइल टॉवरों पर पर्चे चिपकाकर चुनाव बहिष्कार और 7 से 14 नवम्बर तक बंद की घोषणा की है। नारायणपुर में भी ओरछा मार्ग पर पर्चे फेंके हैं। माओवादियों ने पर्चे में विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर कांग्रेस एवं भाजपा के नेताओं को गांव से भगाने की बातें लिखी हैं।

50 किलो आईईडी बरामद

बुधवार को कुकड़ाझोर बेस कैम्प से महज आधा किमी दूर सड़क के बीचोबीच लगाए गए 25-25 किलो के दो आईईडी बम पुलिस की सर्चिग टीम ने बरामद कर डिफ्यूज किए। वहीं, घटनास्थल से पुलिस ने 100 मीटर कोडेक्स वॉयर, 8 डेटोनेटर, 200 मीटर विद्युत तार बरामद किया। बीजापुर जिले के ग्राम बरदेला में माओवादियों ने यात्री बस को रोककर तलाशी ली और चुनाव के बहिष्कार के बैनर टांग दिए।

विधायक के घर के बाहर बारूद

दंतेवाड़ा से विधायक व भाजपा प्रत्याशी भीमा मंडावी के गृहग्राम गदापाल में गुरूवार को बम मिलने की खबर फैली। मौके पर पुलिस को भीमा मंडावी के निवास के पास गिट्टी, रेत व पटाखे के बारूद से भरा एक डिब्बा तथा टुकड़ों में वॉयर बरामद किया।


भाजपा का असली घोषणा पत्र पुलिस ने किया सीलबंद

07 November 2013
रायपुर. शायद ऐसा पहली बार हुआ कि किसी राजनीतिक दल का घोषणा पत्र ताले में बंद पड़ा हो और उसने आनन -फानन में होमवर्क की गई कॉपियों को टाइप करा कर घोषणा पत्र जारी किया हो। आज जारी भाजपा के घोषणा पत्र की कहानी ऐसी ही है। भाजपा के असली घोषणा पत्र पुलिस ने श्रीराम प्रिंटर्स में सीलबंद कर दिए हैं।
लक्ष्मी पूजा के दिन घोषणा पत्र फाइनल कर दिया गया था। इसे छापने श्रीराम प्रिंटर्स को दिया गया। पुलिस ने मंगलवार को शिकायत मिलने पर कल लक्ष्मी प्रिंटर्स समेत तीन प्रिंटर्स पर छापामार कार्रवाई की थी। तब तक इसके 32 में से 20 पेज छप चुके थे। भाजपा पहले मंगलवार को घोषणा पत्र जारी करने वाली थी। पता चला कि समय पर छपाई नहीं हो सकेगी तो इसे एक दिन टाल दिया गया। बुधवार को घोषणा पत्र 12 बजे जारी करने का समय तय हुआ।
लेकिन एक दिन पहले ही पुलिस ने छापा मार दिया तो सारा प्लान फेल हो गया। भाजपा की घोषणा पत्र समिति सकते में आ गई। समिति के सदस्यों के पास घोषणा पत्र की हार्ड व साफ्ट कापी नहीं थी। नेताओं ने दौड़-धूप शुरू की। आईटी सेल से मदद ली गई। घोषणा पत्र बनाने के लिए होमवर्क के जो पेपर तैयार किए थे उन्हें एकत्र किया गया। उन्हें टाइप करवाया गया। रंगीन फोटो कॉपियां करवाकर किताब का रूप दिया गया। इसके लिए समय की कमी पड़ी तो प्रेस कांफ्रेंस का समय पहले 12 से बढ़ाकर एक और फिर दो बजे कर दिया गया। आनन-फानन में कुछ कॉपियां ही तैयार की जा सकीं।
इस वजह से सभी को घोषणा पत्र उपलब्ध न हो सका। प्रिंटर्स के यहां घोषणा पत्र भी सील कर देने पर भाजपा नेता जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस पर उबलते रहे।
पिछले दो चुनावों में की गई घोषणाओं की स्थिति

दिल्ली, यूपी, गुजरात, एमपी, राजस्थान समेत भाजपा शासित राज्यों के घोषणा पत्रों का अध्ययन पत्रों, नेट, ई-मेल, फेसबुक पर 5 हजार से अधिक सुझाव मिले छात्रों, महिलाओं, उद्योगपतियों, किसानों, सरकारी कर्मचारियों से चर्चा आर्थिक पहलू पर विशेष ध्यान कि पैसा कहां से आएगा पूरा कर सकें, ऐसी घोषणाएं ही की गईं शामिल घोषणा के प्रभाव व दुष्प्रभाव का अध्ययनखास बातें

2003 क्या हुआ 2008 क्या हुआ

प्रोफेशनल टैक्स समाप्त पूर्ण गरीबों को 1 व 2 रु. किलो चावल पूर्ण
भू-भाटक खत्म पूर्ण मुफ्त में अमृत नमक पूर्ण
किसान कोर्ट की स्थापना पूरी नहीं धान पर 270 रुपए बोनस एक साल दिया
एक गांव एक युवा प्रहरी पूरी नहीं छत्तीसगढ़ी को 8 वीं अनुसूची में स्थान प्रयास जारी
आदिवासी परिवार के एक को नौकरी पूरी नहीं पंचायतों में महिलाओं को 50% आरक्षण पूर्ण
अजा-अजजा गरीबों को 2 हेक्टेयर जमीन पूरी नहीं शिक्षाकर्मियों को समयबद्ध प्रमोशन पूर्ण
सफाई कामगार आयोग का गठन पूरी नहीं पंचायतों का सामाजिक अंकेक्षण पूरी
हर जिले में स्वदेशी बाजार, महिला मार्केट पूरी नहीं गांवों में पक्की सड़कें प्रयास जारी

कांग्रेस-भाजपा के घोषणा पत्रों में शामिल योजनाएं

ओबीसी के लिए वित्त एवं विकास निगम का गठन शिक्षाकर्मियों के लिए समान काम समान वेतन ञ्च2000 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 5 एचपी तक कृषि पंपों को मुफ्त बिजली आयकरदाताओं को छोड़ सभी को मुफ्त में चावल सामाजिक सुरक्षा पेंशन दोगुनी ञ्चहाथी प्रभावितों के लिए योजनाएं

करीब 2500 करोड़ रुपए बंटेगा बोनस

भाजपा के घोषणा पत्र के अनुसार धान के समर्थन मूल्य पर किसानों को बोनस बांटना पड़ा तो करीब 2500 करोड़ रुपए का इंतजाम करना होगा। सरकार ने इस साल 81 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। इस तरह पीडीएस पर करीब 350 करोड़ इजाफे के साथ कुल लगभग 2200 करोड़ खर्च होंगे।
सरकार का मानना है कि खाद्यान्न सुरक्षा अब कानून बन चुका है इस वजह से हर व्यक्ति को भोजन उपलब्ध कराना उसकी जिम्मेदारी है। सरकार का यह भी लक्ष्य है कि स्मार्ट कार्ड पर ज्यादा से ज्यादा लोग क्लेम करें ताकि बीमा कंपनी को दी जा रही किस्त बेकार न जाए।


छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: प्रत्याशी घोषित, दावपेंच शुरू

07 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के मुकाबले तय हो गए। दोनों प्रमुख पार्टियों ने प्रत्याशियों की घोष्ाणा कर दी है। दोनों दलों ने विधानसभा की 90 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं, इससे मतदाताओं के प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो गई। कई सीटों पर निर्दलीयों ने मुकाबले में एक कोण और बना दिया है लेकिन ज्यादातर सीटों पर मुकाबला द्विपक्षीय ही है।

क्र. >स्थान भाजपा कांग्रेस

1 भरतपुर-सोनहत चंपा देवी पावेल गुलाब सिंह कमरो
2 मनेन्द्रगढ श्यामबिहारी जायसवाल गुलाब सिंह
3 बैंकुठपुर भैयालाल रजवाड़े वेदांती त्रिपाठी
4 प्रेमनगर रेणुका सिंह खेल साय सिंह
5 भटगांव रजनी त्रिपाठी ारस रजवाड़े
6 प्रतापपुर रामसेवक पैकरा डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम
7 रामानुजगंज रामविचार नेताम बृहस्पति सिंह
8 सामरी सिध्दनाथ पैकरा प्रीतम राम तिर्की
9 लुण्ड्रा विजयनाथ सिंह चिंतामणी सिंह
10 अम्बिकापुर अनुराग सिंहदेव टीएस सिंहदेव
11 सीतापुर राजाराम भगत अमरजीत भगत
12 जशपुर राजशरण भगत सरहुल भगत
13 कुनकुरी रोहित साय अब्राहम तिर्की
14 पत्थलगांव शिवशंकर साय रामपुकार सिंह
15 लैलुंगा सुनीति राठिया ह्वदयराम राठिया
16 रायगढ रोशनलाल अग्रवाल डॉ. शक्राजीत नायक
17 सारंगढ केराबाई मनहर पद्मा मनहर
18 खरसिया जवाहर नायक उमेश पटेल
19 धर्मजयगढ ओमप्रकाश राठिया लालजीत सिंह राठिया
20 रामपुर ननकीराम कंवर श्यामलाल कंवर
21 कोरबा जोगेश लांबा जय सिंह अग्रवाल
22 कटघोरा लखन देवांगन बोधराम कंवर
23 पाली-तानाखार श्यामलाल मरावी रामदयाल उइके
24 मरवाही समीरा पैकरा अमित जोगी
25 कोटा कांशी साहू डॉ. रेणु जोगी
26 लोरमी तोकन साहू धरमजीत सिंह
27 मुंगेली पुन्नूलाल मोहिले चंद्रभान बारामते
28 तखतपुर राजू क्षत्री आशीष सिंह ठाकुर
29 बिल्हा धरमलाल कौशिक सियाराम कौशिक
30 बिलासपुर अमर अग्रवाल वाणी राव
31 बेलतरा बद्रीधर दीवान भुनेश्वर यादव
32 मस्तुरी डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी दिलीप लहरिया
33 अकलतरा दिनेश सिंह चुन्नीलाल सिन्हा
34 जांजगीर-चांपा नारायण चंदेल मोतीलाल देवांगन
35 सक्ती खिलावन साहू सरोजा राठौर
36 चन्द्रपुर युध्दवीर सिंह नोबेल वर्मा
37 जैजेपुर कैलाश साहू महंत रामसुंदर दास
38 पामगढ अंबेश जांगड़े शेषराज हरबंस
39 सराईपाली रामलाल चौहान डॉ. हरिदास भारद्वाज
40 बसना रूपकुमारी चौधरी देवेंद्र बहादुर सिंह
41 खल्लारी चुन्नीलाल साहू परेश बागबाहरा
42 महासमुन्द पूनम चन्द्राकर अग्नि चंद्राकर
43 बिलाईगढ़ सनम जांगड़े डॉ. शिव कुमार डहरिया
44 कसडोल गौरीशंकर अग्रवाल राजकमल सिंघानिया
45 बलौदा बाजार लक्ष्मी बघेल जनकराम वर्मा
46 भाटापारा शिवरतन शर्मा चैतराम साहू
47 धरसींवा देवजी भाई पटेल अनिता योगेंद्र शर्मा
48 रायपुर ग्रामीण नंदकुमार साहू सत्यनारायण शर्मा
49 रायपुर पश्चिम राजेश मूणत विकास उपाध्याय
50 रायपुर उत्तर श्रीचंद सुंदरानी कुलदीप सिंह जूनेजा
51 रायपुर दक्षिण बृजमोहन अग्रवाल किरणमयी नायक
52 आरंग नवीन मारकण्डेय रूद्र कुमार गुरू
53 अभनपुर चंद्र्रशेखर साहू धनेंद्र साहू
54 राजिम संतोष उपाध्याय अमितेश शुक्ला
55 बिन्द्रानवागढ गोवर्धन मांझी जनकराम ध्रुव
56 सिहावा श्रवण मरकाम अंबिका मरकाम
57 कुरूद अजय चन्द्राकर लेखराम साहू
58 धमतरी इंदर चोपड़ा गुरूमुख सिंह होरा
59 संजारी बालोद प्रीतम साहू भैयालाल सिन्हा
60 डौण्डीलोहारा होरीलाल रावटे अनिला भेडिया
61 गुण्डरदेही वीरेन्द्र साहू आरके राय
62 पाटन विजय बघेल भूपेश बघेल
63 दुर्ग ग्रामीण रमशीला साहू प्रतिमा चंद्राकर
64 दुर्ग शहर हेमचंद यादव अरूण वोरा
65 भिलाई नगर प्रेमप्रकाश पांडेय बदरूद्दीन कुरैशी
66 वैशाली नगर विद्यारतन भसीन भजन सिंह निरंकारी
67 अहिवारा सावलराम डहरे अशोक डोंगरे
68 साजा लाभचंद बाफना रविंद्र चौबे
69 बेमेतरा अवधेश चंदेल ताम्रध्वज साहू
70 नवागढ़ दयालदास बघेल अनिता पात्रे
71 पंडरिया मोतीराम साहू लालजी चंद्रवंशी
72 कवर्धा अशोक साहू मोहम्मद अकबर
73 खैरागढ़ कोमल जंघेल गिरवर जंघेल
74 डोंगरगढ़ सरोजनी बंजारे डॉ. थानेश्वर पाटिला
75 राजनांदगांव डॉ. रमन सिंह अलका मुदलियार
76 डोंगरगांव दिनेश गांधी दलेश्वर साहू
77 खुज्जी विजय साहू भोलाराम साहू
78 मोहला-मानपुर भोजेश शाह तेजकुंअर नेताम
79 अंतागढ़ विRम उसेण्डी मंतुराम पवार
80 भानुप्रतापपुर सतीश लाठिया मनोज मंडावी
81 कांकेर संजय कोडोपी शंकरलाल ध्रुवा
82 केशकाल सेवक राम नेताम संत नेताम
83 कोण्डागांव लता उसेंडी मोहन लाल मरकाम
84 नारायणपुर केदार कश्यप चंदन कश्यप
85 बस्तर सुभाउ कश्यप लखेश्वर बघेल
86 जगदलपुर संतोष बाफना सामू कश्यप
87 चित्रकोट बैदूराम कश्यप दीपक बैज
88 दन्तेवाडा भीमा मंडावी देहुती कर्मा
89 बीजापुर महेश गागड़ा विक्रम मंडावी
90 कोंटा धनीराम वारसे कवासी लखमा


सत्ता में आए तो कराएंगे घोटालों की जांच

06 November 2013
रायपुर। चुनावी घोषणा-पत्र में भाजपा सरकार की नाकामियों को मुद्दा बनाने वाली कांग्रेस के तेवर और भी तल्ख हो गए हैं। सत्ता में आने पर वह मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में हुए घपले-घोटालों की जांच कराएगी। इसके लिए अलग से एक आयोग का गठन करेगी।
इसकी रिपोर्ट में जो भी मंत्री या अधिकारी दोषी पाया जाएगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत का यह ऎलान राजनीतिक हल्के की सुर्खियों में है। कांग्रेस के घोषणा-पत्र पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान मंगलवार को महंत ने यह अहम घोषणा की थी।

घोषणा-पत्र पर घमासान :

इधर, कांग्रेस के घोषणा-पत्र पर घमासान मचा हुआ है। भाजपा ने इसे अपनी पुरानी घोषणाओं की कॉपी बताया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पदाधिकारियों ने भाजपा के आरोपों को खारिज किया। उनका कहना है कि कांग्रेस के घोषणा-पत्र में रमन सरकार की नाकामियों को मुद्दा बनाया गया है। यही कांग्रेस की जीत का आधार भी बनेगा। इसे लेकर केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्ौलजा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी बी.के. हरिप्रसाद और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस के घोषणा-पत्र को छत्तीसगढ़ के समग्र विकास के लिए जरूरी करार दिया। श्ौलजा इन दिनों छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। उनका कहना है कि उनकी पार्टी की महिला उम्मीदवारों के सामने रमन और उनके मंत्रियों की कुर्सियां हिल गई हैं।
नाकामी और घोटालों पर रहेगी नजर

झीरमघाटी कांड में खुफिया तंत्र फेल मामले में सरकार खामोश
इंदिरा बैंक घोटाले में सीएम और मंत्रियों पर पैसे लेने का आरोप
सरस्वती साइकिल और फर्नीचर घोटालों की जांच ठंडे बस्ते में
पीएमटी घोटाले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं
छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले पर सरकार मौन
कोयला खदान आवंटन घोटाला
रोगदा बांध बेचने पर क्लीनचिट
कागज खरीदी का टेंडर घोटाला
कम दर पर निजी पॉवर कम्पनियों को बिजली बेचने का आरोप
सड़क और डामर घोटाला

पुरानी घोषणाएं नए कलेवर में: रमन

मुख्ममंत्री डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस के घोषणा-पत्र में कुछ भी नया नहीं होने की बात कहकर निशाना साधा है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि पांच साल पहले भाजपा ने जो घोषणा-पत्र जारी किया था, कांग्रेस ने उसे नए कलेवर में प्रस्तुत किया है। चावल को नि:शुल्क किया है। राज्य सरकार केंद्र से कई बार धान की कीमत को लेकर गुहार लगा चुकी है। केंद्र सरकार इस पर कभी भी सहमत नहीं दिखी। अब चुनाव के वक्त कांग्रेस ने धान की कीमत 2000 रूपए प्रति क्विंटल देने की घोषणा की है।


भाजपा को 60, कांग्रेस को 27 सीटें : ओपिनियन पोल

05 November 2013
रायपुर. एबीपी न्यूज, दैनिक भास्कर और नीलसन के ओपिनियन पोल में छत्तीसगढ़ में फिर भाजपा की सरकार बनने के संकेत मिले हैं। इसमें भाजपा को पिछली बार से अधिक सीटें मिलने की बात सामने आई है। सर्वे में भाजपा को 60 सीटें मिलती दिख रही है जबकि अभी भाजपा की ५क् सीटें हैं। वहीं मुख्यमंत्री के तौर पर डॉ. रमन सिंह जनता की पहली पसंद हैं।
ओपिनियन पोल में कांग्रेस की सीटें पहले से कम हो रही हैं। कांग्रेस के 27 विधायकों के जीतने की संभावना है। अभी उसके 39 विधायक हैं। जहां तक वोट शेयर की बात है, तो भाजपा के वोटों में इजाफा होने की बात कही गई है। भाजपा को 44 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। पिछली बार उसे 40.8 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस के वोट 38.4 प्रतिशत से घटकर 37 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
65 फीसदी लोगों की पसंद हैं रमन: डॉ. रमन सिंह को 65 प्रतिशत लोग फिर से मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी 10 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं।
पार्टी 2013 संभावित 2008
कांग्रेस 27
भाजपा 60
राज्य में क्षेत्रवार संभावित सीटें
मध्य
पाटी सीट 2008 संभावित
कांग्रेस 23 16
भाजपा 24 31
अन्य 2 2
कुल 49 49
उत्तर
पार्टी सीटें 2008 संभावित
कांग्रेस 05 02
भाजपा 09 12
अन्य 0 0
कुल 14 14
दक्षिण
पार्टी सीटें 2008 संभावित
कांग्रेस 11 09
भाजपा 16 17
अन्य 0 01
कुल 27 27
वोट प्रतिशत
पार्टी 2008 संभावित
कांग्रेस 38.4 37
भाजपा 40.8 44
अन्य 20.9 19


टिकट वितरण में मेरी भूमिका नहीं : जोगी

05 November 2013
रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने सोमवार को कहा कि छत्तीसगढ़ में टिकट वितरण को लेकर उनकी कोई भूमिका नहीं थी। जोगी ने कहा कि समाचार पत्रों में दुर्ग जिले की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट में मेरे द्वारा नाम प्रस्तावित किए जाने का उल्लेख है।
जोगी ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा, मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मेरे द्वारा सम्पूर्ण दुर्ग जिले की किसी भी विधानसभा के लिए कोई भी नाम प्रस्तावित नहीं किया गया था। जोगी का कहना है कि टिकट आवंटन को लेकर वह किसी भी केन्द्रीय समिति में सदस्य नहीं थे। ऎसे में उनकी टिकट वितरण में कोई भूमिका नहीं माननी चाहिए।
जोगी ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने टिकटों का अनुमोदन दिया है। जोगी ने सभी उम्मीदवारों को जिताने का भरोसा भी दिलाया है।
गौरतलब है कि दुर्ग जिले की नवागढ़ और अहिवारा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। नवागढ़ सीट से कांग्रेस ने अनीता पात्रे को उम्मीदवार बनाया है, जिसे लेकर स्थानीय कांग्रेसियों में जबर्दस्त आक्रोश है।
कांग्रेसियों ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर आक्रोश व्यक्त करने का प्रयास भी किया था पर नेताओं ने विरोध को दरकिनार कर दिया। पहले नवागढ़ सीट के लिए नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे की पसंद से उम्मीदवार तय करने की बात की जा रही थी, पर चौबे ने उम्मीदवार चयन से स्वयं को बाहर बताते हुए पल्ला झाड़ लिया था। उसके बाद जोगी पर उंगली उठने लगी। यही वजह है कि आज जोगी ने विज्ञप्ति के माध्यम से स्पष्ट किया कि उनकी भी दुर्ग जिले में टिकट वितरण में कोई भूमिका नहीं है।
जोगी के स्पष्टीकरण को चौबे से उनकी नाराजगी और गुटबाजी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बहरहाल, प्रदेश में टिकट वितरण को लेकर नाराजगी और नेताओं के बीच अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है।


कांग्रेस का घोषणा-पत्र जारी, लोक-लुभावन वादों की भरमार

05 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र सोमवार को जारी कर दिया है। घोषणापत्र में अपेक्षा के अनुरूप ही तमाम लोक-लुभावने वादे किए गए हैं। घोषणा-पत्र राज्य में एक साथ छ: जगहों से एक साथ जारी होना था। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बिलासपुर से तो रायपुर से मोतीलाल वोरा ने जारी किया।
कांग्रेस ने शिक्षकों के वोट पर कब्जा जमाने के लिए शिक्षार्थियों के लिए समान काम के लिए समान वेतन की पेशकश की है। घोषणा पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि वे आम लोगों के साथ चर्चा कर प्रदेश के विकास के लिए दीर्घकालीन योजनाएं बनाएंगे।
इसके अलावा घोषणा-पत्र में बिजली की बढ़ी दरों को कम करने, प्रदेश भर में खाली पड़े समस्त पदों को जल्द से जल्द भरने की बात भी की है। नगरीय क्षेत्र में पानी पर लगने वाले टैक्स को भी कम करने की बात कही गई है। इसके अलावा बीपीएल और एपीएल कार्ड वाले परिवार को 35 किलो चावल देने की बात भी की गई है।
किसानों को लुभाने की खातिर कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में अनाज का समर्थन मूल्य 2000 हजार रूपए प्रति क्विंटल रखने का वादा किया है। साथ ही साथ इस समर्थन मूल्य में से 500 रूपए उस किसान परिवार के महिला सदस्य के नाम जमा कराने की बात भी कही गई है। समर्थन मूल्य के अलावा यह भी वादा किया गया है कि किसानों की मर्जी के बिना उनके जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा।
कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में छत्तीसगढ़ के हाथी प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक मुआवजा राशि की भी घोषणा भी की है, छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में हाथी अक्सर उत्पात मचाते रहते हैं। इसके अलावा एक वीरता पुरस्कार योजना को भी चालू करने का वादा किया गया है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र से यह स्पष्ट है कि, यह लोक-लुभावन वादे ज्यादा से ज्यादा वोट बटोरने के इरादे से ही किए गए हैं। घोषणा-पत्र जारी करने के बाद मोतीलाल वोरा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 10 सालों में सिर्फ घोटाले ही हुए हैं, हम सत्ता में आए तो इन घोटालों पर जांच का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, घोटालों की लंबी फेहरिस्त है। हम अपने घोषणा-पत्र में घोटालों की जांच की बात तो कर सकते हैं। सरकार बनने के बाद हम इस पर निर्णय लेंगे।
चुनाव सर्वे पर बोरा ने कहा कि, सर्वे कुछ भी बोलें, हमें पता है कि छत्तीसगढ़ मेें परिवर्तन की बयार चल रही है और मतदाता सत्ता परिवर्तन का मन बना चुके हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि मतदाता हमें मौका जरूर देंगे और हम सरकार बनाने में सक्षम होंगे।


नक्सलियों के डर से चुनाव में स्याही का बहिष्कार

02 November 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में माओवादियों द्वारा चुनाव बहिष्कार की धमकी दिए जाने से इलाके के ग्रामीण डरे हुए हैं। दंतेवाड़ा, सुकमा और बिजापुर जिलों के ग्रामीणों ने जिला चुनाव अधिकारियों से अंगुलियों पर स्याही नहीं लगाने की मांग की है।
गौरतलब है कि माओवादियों ने स्याही लगे होने पर अंगुलियां काटने की धमकी दी है। मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील कुजुर ने बताया कि ग्रामीणों के आग्रह पर दंतेवाड़ा के जिला चुनाव अधिकारी ने अपने यहां के विधानसभा क्षेत्रों में स्याही लगाने को अनिवार्य नहीं करने का प्रस्ताव दिया है। इसे विचार के लिए चुनाव आयोग के पास भेजा गया है। सुकमा और बिजापुर से भी इसी तरह के प्रस्ताव मिले हैं। बस्तर क्षेत्र के आठ जिलों के 18 विधानसभा क्षेत्रों में 11 नवंबर को मतदान होगा। माओवादियों की धमकी के मद्देनजर केंद्र ने शांति पूर्वक चुनाव संपन्न कराने के वास्ते अ‌र्द्धसैनिकों बलों की चार सौ अतिरिक्त कंपनियां भेजी हैं।


नक्सल हिंसा पर अलर्ट, जंगल से शहर तक फोर्स की तैनाती

02 November 2013
बिलासपुर. चुनाव के दौरान बड़ी नक्सली वारदात की आशंका को लेकर जिले में भी हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। जंगल से लेकर शहर में भी सुरक्षा के लिए पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती कर दी गई है। बस्तर, राजनांदगांव, धमतरी के मतदान केंद्रों पर फोर्स की नजर है। पुलिस अफसरों की मानें तो सीमा पर नक्सल ऑपरेशन जारी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से जिले में 80 कंपनियों की तैनाती की गई है। सभी फोर्स अपने-अपने क्षेत्र में पहुंच चुकी है। चुनाव के दौरान नक्सली हमले की आशंका से इंटेलिजेंस ने अवगत कराया है। इसके बाद से अलर्ट जारी कर दिया गया है

फोर्स की सर्चिंग और नक्सल ऑपरेशन भी बढ़ा दिए गए हैं।

सीएसपी मोहन दुबे ने बताया कि चुनाव से पहले त्योहार पर सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी रखी गई है। शहर के मानव मंदिर चौक, भारत माता चौक, बसंतपुर, जयस्तंभ चौक, इमाम चौक, गंज चौक में पैरामिलिट्री के 10-10 जवानों को आम्र्स के साथ तैनात किया गया है। पुलिस की पेट्रोलिंग भी जारी है। साथ ही गुंडे बदमाशों की धरपकड़ की जा रही है। चुनाव व दिवाली में किसी तरह की अप्रिय घटना न हो इसका प्रयास किया जा रहा है।।


छत्तीसगढ़ में 7 नवंबर को सोनिया की दो और मोदी की तीन सभाएं

02 November 2013
रायपुर. बस्तर संभाग व राजनांदगांव जिले की 18 सीटों पर 11 नवंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए कांग्रेस और भाजपा के प्रमुख नेता बड़ी सभाएं लेंगे। सात नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की दो और भाजपा के पीएम प्रत्याशीनरेंद्र मोदी की तीन सभाएं होंगी।
सोनिया कोंडागांव व डोंगरगढ़ में और मोदी जगदलपुर, कांकेर और डोंगरगढ़ में सभा लेंगे। दूसरे दिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की दो सभा कांकेर और डोंगरगांव में होगी।


कांग्रेस की नामांकन रैली के बाद भाजपा ने दिखाई ताकत

01 November 2013
रायपुर.कांग्रेस की नामांकन रैली के बाद गुरुवार को भाजपा ने अपनी नामांकन रैली में ताकत दिखाई। भाजपा के कुछ दिग्गजों ने राजधानी और आसपास की सीटों से पहले ही नामांकन दाखिल कर दिए हैं, इसके बावजूद सबके साथ वे भी रैली में निकले और कलेक्टोरेट पहुंचे। शहर के चारों प्रत्याशियों के साथ आरंग से नवीन मारकंडे, धरसींवा से देवजी पटेल और अभनपुर से चंद्रशेखर साहू ने गुरुवार को नामांकन दाखिल किया।
भाजपा की नामांकन रैली में शामिल होने के लिए चारों विधानसभा से कार्यकर्ता एकात्म परिसर में जुटने लगे। रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल, पश्चिम से राजेश मूणत, ग्रामीण से नंदे साहू और उत्तर से श्रीचंद सुंदरानी खुली जीप पर निकले। भाजपा की रैली भाजपा दफ्तर से राज टॉकीज के पास से होते हुए शारदा चौक पहुंची। वहां से तात्यापारा चौक होते हुए सदर बाजार, नगर घड़ी चौक से कलेक्टोरेट पहुंची। उधर, प्रदेशभर में नामांकन का सिलसिला जारी रहा। गुरुवार को हेमचंद यादव, अरुण वोरा, प्रतिमा चंद्राकर और भूपेश बघेल ने भी पर्चा भरा।


जयसिंह, कोरबा के सबसे अमीर प्रत्याशी

01 November 2013
बिलासपुर. विधायक जयसिंह अग्रवाल जिले के सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। कोरबा विधानसभा से नामांकन दाखिल करते समय चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया है। उसमें उनकी संपत्ति ७ करोड़ ४२ लाख से भी अधिक है। उन्होंने अपने आय का जरिया वेतन व भूमि किराया बताया है।
कोरबा से ही भाजपा प्रत्याशी महापौर जोगेश लांबा ने ५ करोड़ ९९ लाख से भी अधिक चल-अचल संपत्ति बताया है। इस हिसाब से वे दूसरे नंबर पर हैं। गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने 1 करोड़ ८९ लाख ११ हजार रुपए की संपत्ति बताया है। कटघोरा के विधायक बोधराम कंवर ने भी 1 करोड़ ४९ लाख ६क् हजार की चल अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया है। पाली तानाखार के कांग्रेस प्रत्याशी व विधायक रामदयाल उइके ने 1 करोड़ ५८ लाख ९९ हजार २२८ व रामपुर के कांग्रेस प्रत्याशी श्यामलाल कंवर 2 करोड़ ३८ लाख ४ हजार ७७क् रुपए संपत्ति का ब्यौरा दिया है। पाली तानाखार के भाजपा प्रत्याशी श्यामलाल मरावी के पास ४१ लाख 31 हजार ९१६ रुपए चल-अचल संपत्ति है। उनके पास कोई वाहन नहीं है। ।


मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे और पत्नी ने जमा किए पर्चे

31 October 2013
बिलासपुर. नामांकन के पांचवें दिन कांग्रेस के सभी सात विधानसभा के प्रत्याशियों और भाजपा के तीन सहित 1८ उम्मीदवारों ने पर्चा जमा किया। वहीं १६ प्रत्याशियों ने नामांकन फार्म लिए। कांग्रेस के सातों प्रत्याशियों ने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ दम-खम दिखाया। पत्नी रेणु जोगी व बेटे अमित जोगी के नामांकन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी मौजूद रहे।
बुधवार को भारी गहमागहमी के बीच कुल 18 नामांकन पत्र जमा हुए। कांग्रेस के सारे प्रत्याशी कुछ देर के अंतराल में अलग-अलग पहुंचे, लेकिन रैलियों से कलेक्टोरेट के सामने माहौल बनाने में कामयाब रहे। बिलासपुर से मेयर वाणी राव ने कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया। कोटा से डा. रेणु जोगी तो मरवाही से अमित जोगी ने फार्म भरा। इधर बेलतरा से विधायक व भाजपा प्रत्याशी बद्रीधर दीवान अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंचे। बेलतरा से ही कांग्रेस प्रत्याशी भुवनेश्वर यादव ने पर्चा भरा।
मस्तूरी विधानसभा से डा. कृष्णमूर्ति बांधी नामांकन जमा करने पहुंचे, वहीं कांग्रेस से टिकट मिलने पर चुनाव लड़ने जा रहे लोक कलाकार दिलीप लहरिया ने पर्चा जमा किया। तखतपुर से कांग्रेस प्रत्याशी आशीष सिंह ठाकुर ने अपना नामांकन रिटर्निग अफसर व अपर कलेक्टर नीलकंठ टेकाम को सौंपा। बिल्हा से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक सियाराम कौशिक ने नामांकन जमा किया। कोटा से भाजपा प्रत्याशी काशीराम साहू ने नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस व भाजपा के अलावा मरवाही में बसपा से तपेश्वर मरावी, गोंगपा के सुमन सिंह मरावी, तखतपुर से लोजपा के गोपी सूर्यवंशी, बिल्हा से दिलीप कोशले निर्दलीय, कोटा से मनोहर सिंह गोंगपा, मस्तूरी से रश्मि र्कुे लोजपा तो बिलासपुर से सतनाम सेना के विद्याप्रकाश जांगड़े ने नामांकन दाखिल किया। बिलासपुर में बसपा से सीताराम सिंह ने पर्चा भरा।

जब अमित से पहले आए जोगी

कांग्रेस प्रत्याशी अमित के पहले रिटर्निग अफसर के दफ्तर में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जा पहुंचे। उन्हें यहां देख माहौल में गर्मी आ गई। समर्थक भी कुछ समझ नहीं पाए। अमित के नामांकन जमा करने के बाद सबने राहत की सांस ली।

बेलतरा में कांग्रेस से बगावत

बेलतरा से कांग्रेस से टिकट मांग रहे त्रिलोक श्रीवास ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र खरीदा। इसी विधानसभा से मणिदास मानिकपुरी निर्दलीय, डा. लिल्लू सिंह शिवसेना, अश्वनी कुमार गोंगपा तो संतोष सिंह निर्दलीय ने फार्म लिया। मस्तूरी से भूषण बंजारे निर्दलीय, कलम प्रसाद सोनी नेशनल पिपुल्स पाटी ने पर्चा खरीदा। मरवाही से कोई भी नामांकन लेने नहीं पहुंचा।


सियासी फिजा खामोश, चुनाव पर नक्सलियों का खतरा

31 October 2013
जगदलपुर. नक्सल धमकियों से लोग सहमे हुए हैं। उनके सामने इस बात की चिंता नहीं है कि सरकार किसकी बनेगी या कौन सीएम बनेगा। अंदरुनी इलाकों में चिंता इस बात की है कि उंगलियों में वोटिंग का निशान देखकर नक्सल प्रतिक्रिया क्या होगी? वहां दहशत है और शायद इसी कारण सियासी फिजा खामोश सी है। शहरी क्षेत्रों में थोड़ा शोरगुल है।
झीरम घाटी नक्सली हमले में भले ही कांग्रेस ने अपने कई शीर्ष नेताओं को खोया पर इससे कांग्रेस के लिए सहानुभूति की कोई लहर नहीं दिखती। न ही ऐन चुनाव से पहले राज परिवार को अपने पाले में ले आने का भाजपा को कोई करिश्माई फायदा मिलता नजर आ रहा है। अलबत्ता शहरी क्षेत्रों में कहीं एंटी इंकम्बेंसी दिखाई देती है तो ग्रामीण इलाकों में सस्ते चावल का असर भी दिख जाता है। भाजपा ने जहां अपने बागियों के तेवर ढीले कर दिए हैं, वहीं कांग्रेस में बगावत की आंच बरकरार है। इधर भितरघात की आशंका से भाजपा भी नहीं उबर पा रही है।
दिल दहलाने वाली झीरम घाटी की वारदात से कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति का ज्वार न उठने की बात भले ही बाहर के लोगों को अटपटी लग सकती है पर हकीकत यही है कि ताड़मेटला, रानीबोदली, एर्राबोर, दरबागुड़ा समेत दर्जन भर नरसंहार के गवाह रहे बस्तर के लोगों ने अब इसे भी भुला दिया है। वहीं पूर्व राजपरिवार के कमलचंद्र भंजदेव भाजपा के पक्ष में प्रचार कर धमाकेदार माहौल बनाने में कामयाब नजर नहीं आते।
चुनावी मैदान का नजारा साफ होने के बावजूद माहौल की रंगत गायब है। अभी भी प्रचार महज शहरी और कस्बाई क्षेत्रों तक सीमित नजर आता है। अंदरूनी इलाकों में लोग नक्सलियों की धमकियों के चलते डरे सहमे हैं , लिहाजा सन्नाटा पसरा है। आधुनिक साजो-सामान से लैस सुरक्षा बलों के गश्त करते जवानों की पदचाप और इनके वाहनों के काफिले से ही इलाके की खामोशी टूटती दिखती है।
अंतागढ़: भाजपा के बागी ढीले हुए
भाजपा के बागी भोजराज के तेवर मान-मनौव्वल से ढीले पड़े हैं, पर विक्रम उसेंडी की मुश्किलें कम नहीं हैं। कांग्रेस के मंतूराम पवार और मंच के सोमनाथ उइके भी खेल बिगाड़ सकते हैं।
भानुप्रतापपुर: भाजपा में अंतर्कलह
कांग्रेस के मनोज मंडावी की राह आसान। भाजपा के ब्रम्हानंद नेताम का पत्ता काटा जाना कार्यकर्ता नहीं पचा पा रहे। सतीश लाटिया को विरोधियों और अपनों दोनों से जूझना पड़ रहा है।
कांकेर: अच्छी टक्कर
धीरज नेताम ने विद्रोही तेवर बदलकर भाजपा प्रत्याशी संजय कोडोपी का धीरज जरूर मजबूत कर दिया है। इससे पहले तक भाजपाइयों के मान-मनौव्वल के दौर के बीच कांग्रेस के शंकर ध्रुवा प्रचार में बढ़त बनाते दिख रहे थे।
बस्तर: दोनों सक्रिय
कांग्रेस के लखेश्वर बघेल भाजपा की अंदरूनी कलह के बूते डॉ. सुभाउ कश्यप से पिछला हिसाब चुकता करने जोर-शोर से मैदान में हैं। लखेश्वर सक्रिय रहे हैं, जिसका फायदा मिल सकता है।
चित्रकोट: भाकपा भी मैदान में
कांग्रेस व भाजपा के अलावा भाकपा भी ताकत झोंके हुए है। भाजपा के बैदूराम आगे नजर आ रहे हैं। कांग्रेस कमजोर है। बगावती तेवर वाले भाजपा के लच्छूराम कश्यप पर नजर है।
कोंटा: त्रिकोणीय टक्कर
भाजपा के धनीराम वारसे, भाकपा के मनीष कुंजाम और कांग्रेस के कवासी लखमा तीनों में टक्कर है। लखमा, कुंजाम की बढ़ती सियासी दखल की काट के लिए हर पैंतरा आजमाने को तैयार हैं।
दंतेवाड़ा: भाकपा में बगावत
यहां भाकपा में पहली दफे बगावत है। सुकल प्रसाद नाग निर्दलीय लड़ रहे हैं। यहां तीसरे पायदान पर आ चुकी कांग्रेस को सीधे मुकाबले में लाने देवती कर्मा की कोशिशें जारी हैं। भाजपा के भीमा आगे हैं।
बीजापुर : बगावत जारी है
बगावत ने नजारा ही बदल दिया है। नीना रावतिया की बगावत और संकनी चंदै्रया के भाजपा के महेश गागड़ा के पाले में जाने से कांग्रेस के विक्रम मंडावी के हाथ से बाजी सरकती जान पड़ रही है।
केसकाल: संत भारी, सेवक कमजोर
कांग्रेस के संतराम नेताम की अच्छी तैयारी है। भाजपा के सेवकराम नेताम को कलह परेशान कर रही है। निर्दलीय मैदान में जमे दानीराम मरकाम भाजपा को नुकसान पहुंचाएंगे।
कोंडागांव: कांटे की टक्कर
कांग्रेस के बागी शंकर सोढ़ी मैदान में हैं। वे मोहन मरकाम के लिए दिक्कत पैदा करेंगे। भाजपा की लता उसेंडी और मोहन के बीच कांटे की टक्कर है।
नारायणपुर : कांग्रेसी एकजुट हुए
भाजपा के मंत्री केदार कश्यप के खिलाफ कांग्रेस एकजुट हैं। कांग्रेस के चंदन कश्यप की स्थिति दिन-ब-दिन सुधर रही है। वही अबूझमाड़ इलाके में प्रताप सिंह मंडावी भाजपा को कुछ नुकसान पहुंचाने की स्थिति में हैं।
जगदलपुर: बाफना मजबूत हुए
भाजपा के संतोष बाफना असंतुष्ट खेमों को साध चुके दिखते हैं। सावधानी के चलते वे मजबूत हैं। कांग्रेस के सामू कश्यप बाफना की राह रोक पाने में सफल होते दिखाई नहीं देते। पहले से स्थिति ठीक है। ।


एक और विधायक का कटा टिकट

30 October 2013
रायपुर. विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार की शाम 24 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। इन्हें मिलाकर कांग्रेस ने अब तक 90 में से 86 प्रत्याशी तय कर दिए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि पहली लिस्ट में जिस तरह राहुल गांधी फॉर्मूले की झलक दिखी थी, वह दूसरी और तीसरी लिस्ट से नदारद रही। राहुल ने 36 प्रतिशत से कम वोट पाने वाले और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 10 हजार से कम लीड दिलाने वाले विधायकों का टिकट काटने की योजना तैयार की थी। इसके चलते 11 विधायकों का टिकट अटक गया था।
अजीत जोगी, मोतीलाल वोरा, चरणदास महंत और रविंद्र चौबे ने फॉर्मूले शिथिल करने के लिए पार्टी पर दबाव बनाया। इनकार के बाद राहुल ने सहमति दे दी थी। उसके बाद रामदेव राम को छोड़कर सारे विधायकों को टिकट दे दिया गया है। इस तरह विधायक प्रतिमा चंद्राकर, रुद्र गुरु, प्रेमसाय सिंह, भजन सिंह निरंकारी, शिव डहरिया, मोहम्मद अकबर, पद्मा मनहर, सरोजा राठौर का टिकट तय कर दिया गया। मोहम्मद अकबर एकमात्र विधायक हैं जिनका क्षेत्र शिफ्ट किया गया है।

कांग्रेस की तीसरी सूची

अब तक 86 प्रत्याशी घोषित

बाकी 4 नाम आज-कल में

नक्सली हिंसा में मारे गए योगेंद्र की पत्नी को टिकट

झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए योगेंद्र शर्मा की पत्नी अनीता शर्मा को धरसींवा से टिकट दिया गया है। प्रारंभिक विचार विमर्श में उनके नाम का उल्लेख नहीं था लेकिन अंतिम दौर में फाइनल कर दिया गया। रायपुर पश्चिम, रायपुर ग्रामीण और धरसींवा में ब्राrाण उम्मीदवार हो गए हैं।

एक और विधायक का टिकट कटा

कांग्रेस ने विधायक रामदेव राम का टिकट काट दिया है। अब तक दो विधायकों का टिकट कट चुका है। मोहला मानपुर के विधायक शिवराज उसारे का नाम पहली सूची में काट दिया गया था। वैसे रामदेव के भाई प्रीतम राम को सामरी से टिकट देकर उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है।

भाजपा के बाकी दो नाम भी घोषित

भाजपा ने बाकी दो सीटों के उम्मीदवारों की भी मंगलवार को घोषणा कर दी है। वैशाली नगर से भिलाई के पूर्व महापौर विद्यारतन भसीन और सीतापुर से राजाराम भगत को प्रत्याशी बनाया गया है। इसी के साथ भाजपा ने सभी ९क् सीटों पर नाम तय कर दिए हैं। चार नाम अभी भी बचे, खींचतान अधिक चार सीट अकलतरा, संजारी बालोद, गुंडरदेही और अहिवारापर के लिए प्रत्याशी तय करने में खींचतान चल रही है। दावा किया जा रहा है कि इनका फैसला बुधवार या गुरुवार को हो जाएगा। अकलतरा में बसपा से कांग्रेस में आए सौरभ सिंह को टिकट दिए जाने के संकेत हैं, लेकिन कांग्रेस के ही कुछ नेता इसका विरोध कर रहे हैं। गुंडरदेही से जोगी के करीबी आरके राय भी दावेदार हैं। वे राय के लिए दबाव बनाए हुए हैं। अहिवारा और संजारी बालोद में जाति समीकरण के चलते नाम तय करने में परेशानी हो रही है।
उम्मीदवारों की सूची

सीट प्रत्याशी

चंद्रपुर नोबेल वर्मा
धरसींवा अनिता योगेंद्र शर्मा (नया)
प्रतापपुर प्रेमसाय सिंह टेकाम (मौजूदा)
वैशालीनगर भजनसिंह निरंकारी (मौजूदा) बेलतरा भुवनेश्वर यादव
जांजगीर-चांपा मोतीलाल देवांगन
बिलाईगढ़ शिव डहरिया (मौजूदा)
लुंड्रा चिंतामणि महाराज
जशपुर सरहुल भगत (नया)
धरमजयगढ़ लालजीत सिंह राठिया (नया)
कवर्धा मोहम्मद अकबर (मौजूदा)
भरतपुर सोहनत गुलाब कोमरो (नया)
महेंद्रगढ़ गुलाब सिंह
रामानुजगंज बृहस्पति सिंह
सामरी प्रीतम राम सिंह (नया)
सारंगढ़ पद्मा मनहर (मौजूदा)
बलौदाबाजार जनकराम वर्मा (नया) आरंग रुद्र गुरु (मौजूदा) दुर्ग ग्रामीण प्रतिमा चंद्राकर (मौजूदा) भटगांव पारस राजवाड़े (नया)
कोरबा जयसिंह अग्रवाल (मौजूदा)
बिंद्रानवागढ जनकराम ध्रुव (नया)
बिल्हा सियाराम कौशिक
पंडरिया लालजी चंद्रवंशी


कोल ब्लॉक आवंटन वालों ने दिला ही दिया आखिरकार टिकट

30 October 2013
रायपुर. प्रदेश की सियासत से लेकर सरकार में नागपुर के भाजपा नेता और उद्योगपति की भारी दखल है। एक कोल ब्लॉक आवंटन में जिस तरह से उनका नाम आया और पूरी सरकार घिर गई उसके बाद लग रहा था कि भाजपा में अब उनकी नहीं चलेगी। लेकिन ताजा टिकट वितरण में उनकी धमक कायम है। चर्चा है कि दुर्ग जिले के एक व्यापारी नेता ने अपना टिकट उसी कोटे से पाया है। दो बार चुनाव हारने के बाद भी उन्हें टिकट मिलना कई नेताओं को नागवार गुजरा। यहां तक कि वहां की कद्दावर नेत्री भी उनके टिकट के पक्ष में नहीं थीं। लेकिन दिल्ली से घोषणा में उनका नाम था। उनका टिकट नागपुर कोटे से तय हुआ है।

जिसके खिलाफ नारे लग रहे थे वह उन्हीं से आशीर्वाद लेता रहा

रायपुर में भाजपा मुख्यालय एकात्म परिसर में मंगलवार को दिलचस्प नजारा रहा। आरंग विधानसभा के लोग वहां धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे थे। तब एक युवक वहां मौजूद बुजुर्गो के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद ले रहा था। वह बाकी लोगों का अभिवादन भी कर रहा था। दरअसल यह युवक नवीन मारकंडेय था जिसको भाजपा ने आरंग विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है। वहां जो नारेबाजी चल रही थी वह नवीन को प्रत्याशी घोषित करने के विरोध में ही हो रही थी। प्रदर्शनकारी चाहते थे कि वहां से पूर्व विधायक संजय ढीढी को टिकट दिया जाए। नवीन की इस भावना की वहां मौजूद नेताओं ने खूब सराहना की।
जेल रोड से..

रात 2 बजे..

रात 2 बजे जेल रोड पर दो पुराने दोस्तों की भेंट हो गई। एक पुलिस अफसर और दूसरा ट्रांसपोर्टर। दुआ सलाम के बाद बात शुरू हुई- आज गश्त है क्या?
हां भाई। टिकट विकट हो रहे हैं। उनके चक्कर में जागना पड़ता है।
एकात्म परिसर के आगे तो खूब फटाके फूटे उस दिन।
असली फटाके तो अब फूटेंगे। सबसे पहले महासमुंद में।
विमल का तो पक्का हो गया बोल रहे थे।
लेकिन नइ दिए ना। भैया का आदमी है करके।
गलत बात है यार। पुराने और काबिल आदमी हैं विमल चोपड़ा।
भैया के चक्कर में पार्टी का धनिया बो दिया। भैया चुप थोड़े बैठेंगे।
अरे भइया, उनको भी इधर बिजी कर दिया है। संगठन जुूट गया है उन्हें हराने में। किरणमयी को पूरा फाइनेंस कर रहे हैं। बैस जी भी चाहते हैं कि किरणमयी जीत जाए। हारेगी तो लोकसभा मांगेगी। बैस जी नहीं चाहते कि उनके सामने खड़ी हो जाए। बोले हैं एक टर्म और जीतने दे।
फिर तो खुद नहीं लड़ूंगा।
पश्चिम का क्या हाल है?
पार्टी ने विकास के लिए पूरा संगठन झोंक दिया है। राहुल की नजर में है। लोग उसके साथ दिखना चाहते हैं। वैसे लड़का अच्छा है बिचारा। मेरा पांव पड़ता है।
वैसे ओवरआल क्या लग रहा है?
कांग्रेस की सरकार बने ना बने, भाजपा नहीं आ रही है इस बार।
सट्टे वाले भी पीछे बता रहे हैं।
सट्टा छोड़ो, खुद सीएम ने सर्वे करवाया था। भाजपा को 41 सीट मिल रही थी। बोले थोड़ा ठीक से करवाओ यार। दूसरे सर्वे में 28 हो गई। बाबा बोले- अब रहने दो।
राजकमल को तो जोगी हरवा रहा है बोलते हैं?
नहीं। अमित से बात हो रही है। सब ठीक हो जाएगा।
उधर राजकमल की अमित से बात चल ही रही थी कि जेल रोड पर एक तीसरा निशाचर आ निकला। उसे चाय पीनी थी। ट्रांसपोर्टर को घर से फोन आ रहा था और पुलिस अफसर को स्टेशन से। एक घर के लिए रवाना हो गया और दूसरा अपने साथी को लेकर स्टेशन की ओर।


ज्यादा विधायकों के टिकट काटने की नहीं दिखाई हिम्मत

30 October 2013
रायपुर. कमजोर परफॉर्मेस वाले विधायकों का टिकट काटने के मामले में भाजपा और कांग्रेस पिछले चुनावों की तरह साहस नहीं दिखा पाईं। भाजपा 20 से अधिक और कांग्रेस दर्जनभर विधायकों को घर बैठाने वाली थी। भाजपा 13 और कांग्रेस सिर्फ 2 विधायकों का टिकट काट पाई।
भाजपा में जैसे-जैसे टिकट वितरण का काम पूरा होता गया, पार्टी पर मजबूरी हावी हो गई है। कई सीटें ऐसी रहीं जहां पर गुटीय विवाद के चलते टिकट मनचाहे नेता को नहीं दिया जा सका। कहीं जाति समीकरण तो कहीं पर स्थानीय दूसरी परिस्थितियां। अलग-अलग माध्यम से सर्वे रिपोर्ट तैयार करने वाले भाजपा के रणनीतिकार जब टिकट बांटने बैठे तो उनके सामने विकल्प तो थे लेकिन विद्रोह और कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी बड़े विषय के रूप में विचारणीय हो गई।
इस वजह से कई क्षेत्रों में स्थानीय विधायकों को फिर मौका दिया गया या कई क्षेत्रों में पुराना चुनाव हारे नेताओं पर ही भरोसा करना पड़ा। मसलन भाटापारा में लगातार चुनाव हारने के बावजूद शिवरतन शर्मा रिपीट किए गए। पिछले चुनाव में बाजी हार चुकी रमशीला साहू को गुंडरदेही से दुर्ग ग्रामीण में शिफ्ट कर दिया गया। महासमुंद में डॉ. विमल चोपड़ा को टिकट देने की सहमति बन जाने के बाद ऐनवक्त पर पुराने प्रत्याशी पूनम चंद्राकर को फिर से आजमाया गया। पूनम को टिकट नहीं देने से चंद्राकर वोटों की नाराजगी सामने आने का डर था। दूसरे स्थानीय गुटबाजी में पूनम चंद्राकर का पलड़ा भारी पड़ गया। विमल चोपड़ा संगठन के प्रमुख नेताओं के मन में बैठे संशय के माहौल से बाहर नहीं निकल पाए। धमतरी में इंदर चोपड़ा को टिकट देने पर दो राय थी। यही वजह है कि वहां प्रताप राव कृदा को टिकट देने के बारे में कई दफे विचार किया गया लेकिन चोपड़ा को यह माइलेज मिल गया कि वे लगातार सक्रिय रहे और वर्तमान विधायक को वे ही टक्कर दे सकते हैं।
जांजगीर में नारायण चंदेल के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने नाराजगी का खुलकर इजहार किया था। फिर भी पार्टी को उनके ही नाम पर विचार करना पड़ा। राजिम में पिछला चुनाव हारने वाले संतोष उपाध्याय के बदले साहू समाज से किसी नेता को उतारने की योजना थी लेकिन आखिर में संतोष पर ही भरोसा करना पड़ा। दूसरी तरफ कांग्रेस में मोहला मानपुर से शिवराज उसारे और लुंड्रा से रामदेव राम का टिकट काटा गया है।
कुल मिलाकर भाजपा टिकट बांटने में उस तरह के कड़े फैसले नहीं ले पाई जिस तरह 2008 में लिए गए थे। इसके पीछे की रणनीति यह थी कि पिछली बार विधायकों की नाराजगी को कम करने की योजना काम कर रही थी। इस बार की रणनीति में कम से कम आक्रोश को सामने लाने की योजना प्रमुख थी। ।


भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियां बागियों से परेशान

29 October 2013
बिलासपुर। बिलासपुर जोन की 24 विधानसभा सीटों में अधिकतर पर दोनों ही बड़ी पार्टियां उलझन में हैं। दोनों में बगावत है। इस काम में दिग्गजों की मदद ली जा रही है। कई बागियों को रायपुर बुलाकर समझाईश दी गई। भाजपा के सारे प्रत्याशी तय हो चुके हैं तो कांग्रेस को 8 प्रत्याशी घोषित करने हैं। जोन की अहम सीटों में बिलासपुर पर सबकी नजर है। पिछले दो सालों से सीवरेज के गड्ढों के चलते लोग गुस्से में हैं।
मंत्री अमर अग्रवाल इससे परेशान हैं लेकिन महापौर के रूप में वाणी राव के कामकाज पर भी कुछ लोग सवाल उठा रहे हंै। इस अहम सीट का विचलन आसपास की सीटों को भी प्रभावित करेगा। इधर, निर्वाचन आयोग के अनुशासन का डंडा ऐसा है कि शहर ही नहीं, गांव की गलियों में भी चुनावी माहौल गायब है। मतदाताओं की चुप्पी के बीच प्रत्याशियों का प्रचार आरोपों से ऊपर नहीं उठ पा रहा है। त्यौहार की वजह से भी चुनावी माहौल नहीं बन पाया है।
बिलासपुर जिला
बिलासपुर। मेयर बनाम मंत्री
मंत्री अमर अग्रवाल व मेयर वाणी राव का जनसंपर्क शुरू। जल्द ही दिग्गज नेताओं की सभाएं होंगी। सीवरेज मुख्य मुद्दा होगा। संगठन मेयर के साथ है लेकिन भितरघात दिख रहा है।
बिल्हा। सियासी दांवपेंच चलेंगे
भाजपा से स्पीकर धरमलाल कौशिक के मुकाबले कांग्रेस का नाम अब तक तय नहीं हुआ है। कांग्रेस से सियाराम कौशिक का नाम सबसे आगे है। बसपा के जगदीश कौशिक समीकरण बिगाड़ेंगे।
कोटा। बढ़त, पर जीत नहीं
कांग्रेस से डा. रेणु जोगी और भाजपा से काशी साहू जनसंपर्क में जुट गए हैं। साहू को पिछले चुनावों से भाजपा को मिली बढ़त का फायदा मिल सकता है। लेकिन यह निर्णायक नहीं होगा। दोनों दलों में बगावत जैसी कोई बात नहीं है।
मरवाही। अमित बनाम समीरा
कांग्रेस के अमित जोगी ने दम-खम से प्रचार शुरू कर दिया है। भाजपा ने दो बार जिला पंचायत सदस्य रही समीरा पैकरा पर भरोसा जताया है। वे भी प्रचार में जुट चुकी हैं।
तखतपुर। रोचक होगा मुकाबला
भाजपा विधायक राजू क्षत्री के सामने बगावत कर शिवसेना से लड़ रहे जगजीत मक्कड़ और कांग्रेस से आशीष सिंह के सामने बागी शिवा माली से निपटने की चुनौती है। कड़ा व रोचक मुकाबला।
बेलतरा। टिकट में कांग्रेस पिछड़ी
कांग्रेस से प्रत्याशी तय नहीं। कांग्रेस से कई दावेदार हैं। भाजपा से बद्रीधर दीवान ने जनसंपर्क शुरू कर दिया है। करुणा शुक्ला का इस्तीफा यहां भाजपा को पीछे कर सकता है। इस्तीफे से यहां भाजपा को उनके समर्थकों की ओर से फर्क पड़ सकता है।
मस्तूरी। दोनों जूझेंगे भितरघात से
भाजपा के कृष्णमूर्ति बांधी के खिलाफ आंतरिक विरोध। कांग्रेस के दिलीप लहरिया को टिकट का समाज में ही विरोध है। कांग्रेस के मदनलाल टंडन की बगावत का असर पड़ेगा।
कोरबा जिला
कोरबा। दोनों में दम-खम
भाजपा के जोगेश लांबा मेयर के तौर पर कुछ कर नहीं पाए। संगठन खेमा भी नाराज। कांग्रेस से जयसिंह अग्रवाल संभावित प्रत्याशी हैं। धन-बल में सक्षम। दो प्रत्याशियों के बीच कांटे की टकर होगी। कांग्रेस से जुड़े रहे कमलनारायण निर्दलीय लडऩे की तैयारी में हैं।
रामपुर। राठिया प्रत्याशी
भाजपा से ननकीराम कंवर और कांग्रेस से श्यामलाल कंवर। कंवर समाज भुवनेश्वर राठिया को निर्दलीय चुनाव लड़ाएगा। राठिया वोट समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
कटघोरा। भितरघात का खतरा
कांग्रेस से 6 बार विधायक रहे बोधराम बेटे की दावेदारी भूलकर जनसंपर्क में उतर गए हैं। भाजपा के लखनलाल देवांगन का विरोध नहीं थम रहा है। यहां से बनवारी अग्रवाल ने भी नामांकन फार्म खरीदा है।
पाली-तानाखार। भाजपा से मरावी
कांग्रेस के रामदयाल उइके के खिलाफ भाजपा के श्यामलाल मरावी मैदान में। रोचक मुकाबला। गोंगपा के हीरासिंह मरकाम कुछ असर डाल सकते हैं।
रायगढ़ जिला
सारंगढ़। नहीं थम रहा विरोध
भाजपा की केराबाई मनहर से अन्य दावेदार मंडल अध्यक्ष नंदराम लहरे, निर्मला बंजारे नाराज। कांग्रेस से विधायक पद्मा मनहर प्रत्याशी की दावेदार हैं। घोषणा अब तक नहीं हुई है।
रायगढ़। अब बनेगा माहौल
कांग्रेस से डा. शक्राजीत नायक जनसंपर्क में जुटे। भाजपा के रोशनलाल अग्रवाल कड़ी टक्कर दे सकते हैं। उत्कल समाज से डा. प्रकाश मिश्रा की दावेदारी नकार दी गई। भाजपा में भितरघात।
खरसिया। सक्रिय हुए उमेश
कांग्रेस प्रत्याशी उमेश पटेल इंदिरा सूचना शक्ति केंद्रों के जरिए कार्यकर्ताओं को एकजुट कर रहे हैं। प्रचार में बड़े नेताओं का सहारा नहीं ले रहे। भाजपा से डा. जवाहर नायक हैं।
लैलूंगा। समाज को साधना चुनौती

कांग्रेस से हृदयराम राठिया और भाजपा से सत्यानंद राठिया की पत्नी सुनीति राठिया। राठिया समाज और गोंड़ समाज के वोटर निर्णायक हैं। में लगे हैं। इधर, अभाविप के रवि भगत ने बगावती तेवर दिखाए हैं। दोनों ही दलों को भितरघात का भय है।
धरमजयगढ़। असंतुष्टों को मनाएं कैसे
भाजपा विधायक ओमप्रकाश राठिया की राह कुछ कठिन है। असंतुष्ट ज्यादा। कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है।
मुंगेली जिला

लोरमी। पहचान की जद्दोजहद
कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह के मुकाबले पहली बार चुनाव लड़ रहे तोखन साहू पहचान बना रहे हैं। धर्मजीत मैनेजमेंट में माहिर हैं।
मुंगेली। परफार्मेंस होगा पैमाना
भाजपा के पुन्नूलाल का परफार्मेंस अहम। कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रभान बारमते इसे मुद्दा बनाएंगे। बसपा- मंच असर डाल सकता है।


सर्वे में भाजपा सरकार और सीएम के तौर पर रमन पहली पसंद

29 October 2013
रायपुर| विधानसभा चुनाव के लिए ईटीवी-सीएनएन-आईबीएन 7 द्वारा कराए गए सर्वे में भाजपा की सरकार फिर बनने के संकेत मिले हैं। सर्वे में भाजपा को पिछली बार अधिक सीटें मिलने की बात सामने आई है। वहीं मुख्यमंत्री के तौर पर डॉ. रमन सिंह को 69 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया है। कांग्रेस के अजीत जोगी को 32 लोगों ने मुख्यमंत्री के तौर पर पसंद किया है। आईबीएन के सर्वे में बताया गया है कि भाजपा के पक्ष में इस बार पिछली बार से 6 प्रतिशत अधिक वोट पड़ सकते हैं। भाजपा को इस बार 46 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। वहीं कांग्रेस को 32 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं।
यह पिछली बार से 7 प्रतिशत कम है। अन्य को 16 प्रतिशत और बसपा को 6 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। सर्वे में 47 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि रमन सरकार को फिर मौका देना चाहिए। कांग्रेस के पक्ष में 25 प्रतिशत लोग बताए गए हैं। इस सर्वे में उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा से लेकर दक्षिण छत्तीसगढ़ के बस्तर तक भाजपा को स्पष्ट बढ़त मिलने की बातें हैं। ये सर्वे 13 से 20 अक्टूबर के बीच 25 विधानसभा सीटों पर किया गया। इसमें 99 पोलिंग बूथ शामिल किए गए। जबकि 1861 मतदाताओं से बातचीत की गई।


तीन विधायकों का पत्ता साफ

29 October 2013
रायपुर। भाजपा ने 21 प्रत्याशियों की दूसरी सूची में तीन विधायकों का पत्ता काट दिया है। भरतपुर-सोनहट, डौंडीलोहारा और कवर्धा में नए चेहरों पर दांव लगाया गया है।
पिछला चुनाव हार चुके शिवरतन शर्मा को फिर से भाटापारा से मैदान में उतारा गया है। इसी तरह, धमतरी से इंदर चोपड़ा और महासमुंद से पूनम चंद्राकर को मौका दिया गया है। अपनी दूसरी सूची में भाजपा ने चार महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के कब्जे बाले सीतापुर और वैशालीनगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा अपने प्रत्याशियों का फैसला फिलहाल नहीं कर पाई है।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अनंत कुमार ने रविवार देर रात 21 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की।
इसमें भरतपुर-सोनहट से फूलचंद्र सिंह, डौंडीलोहारा से नीलिमा सिंह टेकाम और कवर्धा से सियाराम साहू को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। मरवाही में अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी के खिलाफ स्थानीय महिला समीरा पैकरा को मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस के दिवंगत प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल के खिलाफ खरसिया से डॉ. जवाहर नायक को मौका दिया है।
तीनों बच गए...
भारी विरोध के बावजूद जांजगीर-चाम्पा से नारायण चंदेल, प्रेमनगर से रेणुका सिंह और भटगांव से रजनी त्रिपाठी टिकट पाने में सफल रहे। इन तीनों ही स्थान पर स्थानीय कार्यकर्ता उनका जबरदस्त विरोध कर रहे थे। पिछले दिनों कार्यकर्ताओं ने रायपुर आकर पार्टी के प्रदेश कार्यालय में हंगामा भी किया था।
इनका टिकट काटा
1. फूलचंद्र सिंह
2. नीलिमा सिंह टेकाम
3. सियाराम साहू ।


प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी, 3 और विधायकों का भाजपा ने काटा टिकट

28 October 2013
रायपुर. विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने रविवार रात 21 सीटों के प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया। अब तक 90 में से 88 सीटों के प्रत्याशी तय हो गए हैं। अब केवल दो सीट वैशाली नगर और सीतापुर के प्रत्याशी तय होना बाकी है।
दूसरी सूची में तीन विधायक कवर्धा से सियाराम साहू, डौंडीलोहारा से नीलिमा टेकाम और भरतपुर सोनहट से फूलचंद सिंह का टिकट काट दिया गया है। इनको मिलाकर कुल 1३ विधायकों को इस बार भाजपा ने मैदान में नहीं उतारा है। दूसरी सूची में 11 नाम नए हैं। मौजूदा तीन विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है। पिछले चुनाव में पराजित शिवरतन शर्मा, अवधेश चंदेल और संतोष उपाध्याय को टिकट दिया गया है। वहीं 2008 में टिकट से वंचित रमशीला साहू, पूनम चंद्राकर और इंदर चोपड़ा को इस बार मौका दिया गया है।

21 में पांच महिलाएं

सीट प्रत्याशी
मरवाही समीरा पैकरा (नया)
खल्लारी चुन्नीलाल साहू (नया)
महामसुंद पूनम चंद्राकर(पूर्व विधायक)
राजिम संतोष उपाध्याय (पुराना चेहरा)
आरंग नवीन मारकंडे (नया)
धमतरी इंदर चोपड़ा(पूर्व विधायक)
भाटापारा शिवरतन शर्मा (पूर्व विधायक)
सिहावा-नगरी श्रवण मरकाम (नया) रायगढ़ रोशनलाल अग्रवाल (नया)
खरसिया जवाहर नायक (नया) जांजगीर चांपा नारायण चंदेल(वर्तमान विधायक)
जैजैपुर कैलाश साहू (नया)
डौंडीलोहारा होरीलाल रावटे(नया)
दुर्ग ग्रामीण रमशीला साहू(पूर्व विधायक)
बेमेतरा अवधेश चंदेल(पुराना चेहरा)
पंडरिया मोतीराम चंद्रवंशी(नया)
कवर्धा अशोक सोम(पुराना चेहरा)
प्रेमनगर रेणुका सिंह(वर्तमान विधायक)
भरतपुर सोनहट चंपादेवी पावेल (नया)
भटगांव रजनी त्रिपाठी(वर्तमान विधायक)
पाली तानाखार श्यामलाल मरावी(नया)


भाजपा : बड़ी जीत वालों के कटे टिकट, छोटी वालों को मिला तोहफा

28 October 2013
रायपुर . टिकट बांटने के पार्टियों के अलग पैमाने होते हैं। निश्चित कुछ नहीं होता। इस बार भाजपा में चाहे जिस भी समीकरण से टिकट बंटे हों लेकिन एक तथ्य जो सामने आया है, वह रोचक है। उन विधायकों को फिर से टिकट दिया है जो पिछली बार मुश्किल से जीते, दूसरी तरफ उनके टिकट काटे गए हैं, जो बड़े अंतर से जीते थे।
वजह खराब परफार्मेंस भी कही जा रही है। 2008 में सुमित्रा मारकोले, ब्रह्मानंद नेताम, डमरूधर पुजारी, जागेश्वर राम भगत, डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, खेदूराम साहू, भरत साय, दीपक पटेल, रामजी भारती, कुमारी बाई (उपचुनाव) ने प्रभावी जीत दर्ज की थी।।


रमन सिंह समेत कई दिग्गजों ने भरे नामांकन

25 October 2013
रायपुर. विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में अधिसूचना जारी होने के सातवें दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह समेत भाजपा व कांग्रेस के कई दिग्गजों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह दोपहर दो बजे अपने पुत्र अभिषेक सिंह व सांसद मधुसूदन यादव के साथ राजनांदगांव स्थित कलेक्टोरेट पहुंचे। नामांकन के दाखिले के दौरान डॉ. सिंह की पत्नी वीणा सिंह, भाजपा महासचिव जेपी नड्डा, पीडब्ल्यूडी मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने दो सेट में नामांकन पत्र जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंपा। एक नामांकन पत्र में मुधसूसदन यादव और व दूसरे में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश एच. लाल प्रस्ताव बने हैं।
नामांकन के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा इस बार राजनांदगांव जिले की सभी छह सीटें जीतेगी और इस चुनाव में मुख्य मुद्दा विकास ही होगा। जो नाराज हैं, उन्हें मना लिया जाएगा। इसके पहले भाजपा की रैली म्यूनिसिपल स्कूल मैदान से निकली और विभिन्न मार्गो से होते हुए कलेक्टोरेट पहुंची।
इसी तरह गुरवार को ही भाजपा उम्मीदवार संतोष बाफना जगदलपुर, दिनेश गांधी डोंगरगांव, भीमा मंडावी दंतेवाड़ा, विजय साहू खुज्जी, सरोजनी बंजारे डोंगरगढ़, बैदूराम कश्यप चित्रकोट, धनीराम बारले कोंटा, महेश गाग़़डा बीजापुर तथा कांग्रेस उम्मीदवार जगदलपुर से सामू कश्यप, दीपक बैज चित्रकोट, देवती कर्मा दंतेवा़़डा, मनोज मंडावी भानुप्रतापपुर व शिवराज उसारे मोहला-मानपुर से नामांकन पत्र दाखिल किए।
प्रदेश में पहले चरण में विधानसभा चुनाव के लिए 18 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन चल रहा है। यह शुक्रवार 25 अक्टूबर तक चलेगा। पहले चरण में विभिन्न सीटों के लिए अब तक कुल 105 उम्मीदवार नामांकन भर चुके हैं। बुधवार को विभिन्न जगहों पर नामांकन दाखिल करने वालों का तांता लगा रहा। नामांकन पत्रों की जांच 26 अक्टूबर को होगी और 28 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।।


10 सीटों पर विस चुनाव लड़ेगा झामुमो

25 October 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा करीब दस सीटों पर चुनाव लड़ेगा। गुरुवार को पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी। झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन ने उम्मीदवारों के नाम पर सहमति प्रदान कर दी है।
झामुमो विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन ने लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, गढ़वा, लातेहार और पलामू जिला समितियों को आदेश दिया है कि वे छत्ताीसगढ़ में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करें।
झामुमो ने छत्ताीसगढ़ के सूरजपुर जिले की प्रेमनगर सीट से विष्णु रजक, भड़गांव से बीडी मिंज, प्रतापपुर से रविंद्र सिंह, कोरिया के मनेंद्रगढ़ से केदारनाथ रजवाड़े, बैकुंठपुर से पारसलाल रजवाड़े, बलरामपुर के सामरी से हीराधन टोप्पो, सरगुजा के लुण्ड्रा से लोझो लकड़ा, अंबिकापुर से शफीक अंसारी, सीतापुर से शिराचंद्र एक्का और जशपुर से दिलबर बाबा को उम्मीदवार घोषित किया है।


बगावत की आशंका से सहमी भाजपा, कई दावेदारों में उलझी कांग्रेस

24 October 2013
रायपुर. कांग्रेस की तीसरी और भाजपा की दूसरी सूची के लिए काफी मशक्कत हो रही है। भाजपा को 23 और कांग्रेस को 28 सीटों पर प्रत्याशी तय करने हैं। इन सीटों पर सबसे ज्यादा खींचतान है। चिंता इस बात की भी है कि जिनका टिकट कटा, वे विद्रोह कर नुकसान पहुंचा सकते हैं। बगावत और नेताओं की नाराजगी से हार का डर सताने लगा है। इस डर के चलते ही दोनों दल के रणनीतिकार बचे हुए टिकटों का फैसला करने में दो राहे पर खड़े नजर आ रहे हैं।
बगावत की आशंका से सहमी भाजपा
भाजपा में टिकट बंटने के बाद विरोध दिख रहा है। शेष 23 सीटों पर पार्टी परेशान है। मसलन महासमुंद में डॉ. विमल चोपड़ा के पक्ष में कई नेता हैं लेकिन इस बात की चिंता है कि उन्हें टिकट देने पर पूर्व विधायक पूनम चंद्राकर विरोध करेंगे। खल्लारी में टिकट की घोषणा नहीं हुई है लेकिन वहां से राजीव अग्रवाल के समर्थक रायपुर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। धमतरी में इंदर चोपड़ा और प्रताप राव कृदत के बीच ऐसी ही उलझन है।
रायगढ़ में विजय अग्रवाल, रोशन अग्रवाल की प्रतिद्वंद्विता काफी बढ़ गई है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ काम कर सकते हैं। वहां जवाहर नायक का नाम अलग से चल रहा है। जांजगीर में नारायण चंदेल के नाम को लेकर कश्मकश है। भाटापारा में शिवरतन शर्मा का टिकट कटने के आसार हैं। वे बागी हो सकते हैं। आरंग में संजय ढीढी पर संशय है। यहां मंच के गंगूराम बघेल खड़े हैं।
कई दावेदारों में उलझी कांग्रेस
कांग्रेस में भी खींचतान है। धरसींवा की उलझन खत्म नहीं हो रही है। रायपुर ग्रामीण और रायपुर पश्चिम से ब्राह्मण को टिकट देने के बाद बगल वाली सीट पर भी ब्राह्मण को टिकट देने का विरोध है। धरसींवा से सीधे बलौदाबाजार का गणित जुड़ा हुआ है। वहां भी ब्राह्मण समाज से शैलेश नितिन त्रिवेदी, राजेंद्र तिवारी का नाम है पर पार्टी की ओर से देवव्रत नायक और जनकराम वर्मा का नाम भी चल रहा है।
एक वर्ग से टिकट फाइनल होने पर दूसरे वर्ग का विरोध आने की चिंता है। आरंग में विधायक रुद्र गुरु का विरोध है। चंद्रपुर में एनसीपी से कांग्रेस में लाए गए पूर्व विधायक नोबेल वर्मा के लिए पीसीसी के प्रमुख पदाधिकारी जोर लगा रहे हैं लेकिन जोगी समर्थक गीतांजलि पटेल की दावेदारी भी मजबूत है। ऐसे ही सौरभ सिंह बसपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस में आ गए हैं पर उनके विरोध में कांग्रेस के कई नेता खड़े हो गए हैं।
एक औद्योगिक समूह का दबाव चर्चा में
रायपुर के क्षेत्रों में एक औद्योगिक समूह अपने दो पसंदीदा नेताओं को टिकट दिलाने का प्रयास कर रहा है। दबाव दिल्ली तक है। इसी कारण ऐसे नामों को काटने में तकलीफ हो रही है जिनको रणनीतिकार हारने वाला मान रहे हैं। एक में ब्राह्मण और एक में ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।


भाजपा महारथियों पर होगा नेत्रियों का वार, कांग्रेस ने महिला प्रत्याशियों को किया आगे

24 October 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ का चुनावी समर इस बार कई मायनों में देखने लायक रहेगा। पुराने और नए चेहरों की लड़ाई, हारे हुए लोगों को मिले मौकों और बगावती तेवरों का संघर्ष, नक्सल हमले में मारे गए नेताओं के परिजनों को मिल रही सहानुभूति का असर... सभी कुछ। इनमें सबसे ज्यादा रोचक ये है कि प्रदेश के तीन कद्दावर नेताओं मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ कांग्रेस ने नेत्रियों का तिलक किया है।
जबकि कांग्रेस में ऐसा कोई दिग्गज नेता नजर नहीं आता जिसके सामने भाजपा ने महिला उम्मीदवार की घोषणा की हो। फिलहाल भाजपा, कांग्रेस के मुकाबले महिलाओं पर कुछ कम भरोसा करती दिख रही है। 90 सीटों में कांग्रेस ने अब तक 62 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा है। इनमें 11 महिलाएं हैं यानी तकरीबन 18 प्रतिशत, जबकि भाजपा ने 67 नामों की घोषणा की है, जिनमें सिर्फ 6 महिलाएं ही हैं, यानी 9 प्रतिशत। हालांकि अभी कांग्रेस की 28 और भाजपा की 23 सीटें घोषित होना बाकी है।
डा. रमन सिंह ङ्क/स् अलका मुदलियार
राजनांदगांव में भाजपा के चेहरे डा. रमन सिंह और कांगे्रस की सहानुभूति अलका मुदलियार के बीच मुकाबला होगा। कांग्रेस को लगता है कि झीरमघाटी नक्सली हमले में मारे गए उदय मुदलियार की पत्नी अलका संवेदना को सहानुभूति में बदलकर वोट लेंगी। प्रदेश में डा. रमन मौजूदा स्थिति में भाजपा का चेहरा है, जैसे देश में मोदी। तो लड़ाई चेहरे और सहानुभूति की है। डा. रमन दूसरी बार महिला के सामने होंगे। २००३ के उपचुनाव में उनके सामने डोंगरगांव से गीता देवी थीं।
बृजमोहन अग्रवाल ङ्क/स् किरणमयी नायक
रायपुर दक्षिण में बृजमोहन अग्रवाल और कांग्रेस की किरणमयी नायक। कोई शक नहीं कि बृजमोहन कद्दावर नेता हैं लेकिन महापौर किरणमयी नायक भी तेजतर्रार हैं। फिर बृजमोहन के लिए यह पहला मौका है जब वे किसी महिला प्रत्याशी से भिड़ेंगे। संघर्ष के आसार हैं।


जोगी के आगे नतमस्तक कांग्रेस

24 October 2013
रायपुर. छत्तीसगढ़ में जीत के लिए कांग्रेस पूरी तरह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के आगे नतमस्तक हो गई है। टिकट वितरण में राहुल गांधी फार्मूले का सुविधानुसार इस्तेमाल कर तमाम वफादारों के टिकट तो काटे गए, लेकिन वितरण में कथित नियमों की भी खूब धज्जियां उड़ी। कांग्रेस कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा को भले ही चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया हो, लेकिन असली कमान तो अजीत जोगी के हाथ में ही रहनी है।
कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में एक 85 वर्षीय मोतीलाल वोरा को छत्तीसगढ़ चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने पर भी पार्टी में कई सवाल उठ रहे हैं। जोगी संयोजक बनाए गए हैं, जबकि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरणदास महंत को इसका सदस्य बनाया गया है। उम्र, स्वास्थ्य और केंद्र की जिम्मेदारियों के मद्देनजर वोरा बहुत सक्रिय होंगे, इसकी उम्मीद है नहीं। उल्टे सभी नियमों को धता बताकर उनके बेटे अरुण वोरा को तीन चुनाव हारने के बावजूद टिकट देकर उनका मुंह बंद करा दिया गया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सख्त ताकीद थी कि दो बार चुनाव हार चुके लोगों को टिकट नहीं मिलेगा। मगर वोरा के बेटे के मामले में उसकी अनदेखी की गई है।
सूत्रों का कहना है कि जोगी ने जानबूझकर वोरा के बेटे का समर्थन किया, ताकि वह उनके खिलाफ न जाएं।
वैसे भी छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से लगभग 60 सीटों का फैसला जोगी ले रहे हैं। बाकी 30 टिकटों में ही जो नियम-कायदे या दूसरे नेताओं की पसंद है, वह चल पा रही है। जोगी की पत्नी व बेटे को टिकट पहले ही मिल चुका है।
छत्तीसगढ़ में श्यामचरण शुक्ला और अरविंद नेताम के परिजनों को भी टिकट दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इस घटनाक्रम और टिकटों के वितरण से महंत खुद भी बेहद असहज हैं। मगर जोगी की नाराजगी के डर से बोल नहीं रहे कि वह चुनाव हरा न दें। टीम राहुल से जुड़े एक नेता ने खासतौर से अरुण वोरा को टिकट मिलने और जिस तरह पहली दो सूचियों में जोगी की चली है, उस पर खासी चिंता जताई। उनका कहना था कि इसका गलत संदेश जा रहा है और जिन लोगों को नियम-कायदे बताकर टिकट काटे हैं, उनको बागी बनने का मौका मिल रहा है।


भितरघात और बगावत से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां हैं भयभीत

24 October 2013
बिलासपुर। बिलासपुर जोन की 24 में से 18 सीटों पर भाजपा ने और 16 पर कांग्रेस ने अपने चेहरे तय कर दिए हैं। कांग्रेस ने 8 विधायकों को और इतने ही नए चेहरों को मौका दिया है। इधर, भाजपा ने 9 नए प्रत्याशियों और 9 विधायकों को उतारा है। प्रत्याशी तय होने के साथ ही इन सीटों पर मुकाबले की तस्वीर साफ होने लगी है। बगावत के ऐलान और भितरघात की धमकियां शुरू हो गई हैं।
मरवाही में अजीत जोगी का तोड़ ढूंढ रही भाजपा को अब अमित के खिलाफ उम्मीदवार तय करना है। बिलासपुर में मंत्री और मेयर प्रतिद्वंद्वी होंगे। जोन में कोई नया मुद्दा सामने नहीं आया है। पुराने मुद्दों और वादों के साथ ही प्रत्याशी चुनावी समर में कूद गए हैं। कुछ विधायकों की सीटें उनके कमजोर परफार्मेंस के चलते खतरे में हैं। दोनों पार्टियों ने अधिक दावेदारों वाली सीटों के टिकट फिलहाल रोक दिए हैं। भाजपा को 6 और कांग्रेस को 8 नाम अभी और तय करने हैं।
चंद्रपुर -अकलतरा का बिल्हा-बेलतरा कनेक्शनत्नचंद्रपुर और अकलतरा में दूसरी पार्टियों से आने वालों को टिकट मिलने की संभावना है। ऐसे में अजीत जोगी बेलतरा से राजेंद्र चावला का नाम आगे कर रहे हैं। इस पर मुहर लगी तो फिर जिले में एक ब्राह्मण को टिकट देने के लिए बिल्हा से राजेंद्र शुक्ला तय हो सकते हैं। चंद्रपुर में महंत खेमा नोबेल वर्मा के लिए टिकट मांग रहा है। अकलतरा में सौरभ सिंह का नाम है।
बिलासपुर जिला
बिलासपुर त्नमंत्री-मेयर में मुकाबला हाईप्रोफाइल बिलासपुर सीट पर पॉवर पॉलिटिक्स के रंग देखने को मिलेंगे। यहां मंत्री अमर अग्रवाल और जोगी समर्थक मेयर वाणी राव के बीच मुकाबला है। कांग्रेस को भितरघात का खतरा है।
मरवाहीत्नबड़े नहीं, छोटे जोगी पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित की चुनावी पारी की शुरुआत यहां से हो रही है। भाजपा ने यहां से नाम तय नहीं किया है लेकिन कार्यकर्ता सम्मेलन कर कैंपेनिंग की शुरुआत कर दी है।
तखतपुर। दोनों जूझेंगे बागियों से यहां भाजपा-कांग्रेस को बागियों से जूझना पड़ेगा। भाजपा ने विधायक राजू क्षत्री को टिकट दिया तो पूर्व विधायक जगजीत मक्कड़ शिवसेना में शामिल हो गए। कांग्रेस से आशीष सिंह उम्मीदवार बने तो शिवा माली ने निर्दलीय लडऩे का ऐलान कर दिया।
कोटा। भाजपा ने दिया स्थानीय प्रत्याशी कांग्रेस से विधायक डा. रेणु जोगी के सामने भाजपा ने इस बार स्थानीय प्रत्याशी काशी साहू को मैदान में उतारा है।
बिल्हा। कांग्रेस का नाम तय नहीं कांग्रेस ने सियाराम कौशिक व राजेंद्र शुक्ला के बीच उलझन के चलते सीट की घोषणा रोकी हुई है। भाजपा से धरमलाल कौशिक मैदान में हैं।
बेलतरा। लंबी है फेहरिस्त यहां से जोगी समर्थक दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। भुवनेश्वर यादव, चंद्रप्रकाश वाजपेयी, बैजनाथ चंद्राकर के अलावा महंत समर्थक बसंत शर्मा दावेदार हैं। यहां से भाजपा के 86 वर्षीय विधायक बद्रीधर दीवान मैदान में हैं।
मस्तूरी। बगावत और विरोध विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी के मुकाबले कांग्रेस ने लोक कलाकार दिलीप लहरिया को टिकट दिया है। कांग्रेस के ही मदनलाल टंडन ने बगावत कर दी है वहीं भाजपा प्रत्याशी का भी विरोध शुरू हो गया है।


कांग्रेस चुनाव की कमान वोरा को, जोगी समन्वयक

23 October 2013
रायपुर. कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव अभियान समिति की कमान राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा को सौंपी है। समिति में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को समन्वयक बनाया गया है। इसमें प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे समेत 29 सदस्य हैं। दैनिक भास्कर ने सात अक्टूबर को ही बता दिया था कि प्रदेश चुनाव अभियान समिति की कमान वोरा को दी जा रही है।
समिति में मोहसिना किदवई, रामपुकार सिंह, भूपेश बघेल, परसराम भारद्वाज, रामाधार कश्यप, इंदरचंद धाड़ीवाल, नरेश डाकलिया, शिव नेताम, झितरुराम बघेल, यवत कुमार सिंह, रमेश वल्र्यानी, गंगा ठाकुर पोटाई, कमला मनहर, फूलो देवी नेताम, नीता लोधी, आयशा सिद्दिकी, नंदनी साहू, मोहन जटवार, विजय शर्मा, विजय केशरवानी, एजाज ढेबर, नलिनी मेश्राम, सीमा अगम अनंत, यशवंत राव और केशव हरमुख को सदस्य नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा सेवादल प्रमुख अशोकराज आहूजा, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम वासुदेव, एनएसयूआई अध्यक्ष देवेंद्र यादव, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अंबिका मरकाम व कार्यकारी अध्यक्ष बबीता नत्थानी को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।


छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: भितरघात पड़ेगी भारी

23 October 2013
रायपुर। बस्तर में भाजपा ने इस बार के विधानसभा चुनाव में कांकेर और भानुप्रतापपुर से नए चेहरों को आजमाया है और नौ सीटों पर मौजूदा विधायकों को ही उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि कोंटा में पिछली चुनावी बिसात हार चुके भाजपा के उम्मीदवार धनीरम वारसे पर एक बार फिर भरोसा जताया गया है। घोषित विकास के नाम पर कोरे वादों से बस्तर संभाग में जनता त्रस्त नजर आती है।
इस बार बस्तर में सत्ता पक्ष के प्रति आक्रोश और नए चेहरों के प्रति उत्साह का असर साफ देखने को मिलेगा। बस्तर की विधानसभाओं से टिकट के लिए दावेदारी करने वाले दो दर्जन से ज्यादा दावेदारों की नाराजगी पार्टी को ही झेलनी पड़ सकती है। वर्तमान विधायकों और नए चेहरों के बीच की खींचतान इस चुनाव को और दिलचस्प बना देने वाली है। जहां भाजपा में भितरघात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने नए चेहरों को मौका देकर आम आदमी के आक्रोश को थामने का प्रयास किया है। बहरहाल बस्तर की विधानसभा सीटों पर सबसे रोचक नतीजे आने की उम्मीद की जा सकती है।
चित्रकोट
बैदूराम कश्यप (भाजपा)
बिजली और सिंचाई के पानी की समस्या से जूझ रहे चित्रकोट में वर्तमान विधायक को पहचानने वालों की संख्या बेहद कम है। विधायक को पिछले चुनाव में जिस क्षेत्र से बढ़त मिली थी, वे उसी क्षत्र में पांच सालों में नहीं पहुंच पाए। विधायक का पूरा विकास अपने गांव के आसपास नालियों तक ही सिमट कर रह गया है। पढ़ा-लिखा वर्ग बदलाव की बात कर रहा है। कांग्रेस की ओर से फ्रेश चेहरे दीपक बैज को मैदान में उतारा गया है।
जगदलपुर
संतोष बाफना (भाजपा)
संभाग की एकमात्र सामान्य सीट। 50 फीसदी शहरी मतदाता हैं। विधायक और मेयर दोनों भाजपा से होने के बाद भी विकास दिखाई नहीं देता। उपेक्षित कोलेंग क्षेत्र की पांच पंचायतों ने विधायक और भाजपा के खिलाफ वोट करने का ऎलान कर दिया है। राजपरिवार के भाजपा में शामिल होने से समीकरण एकदम उलट गए हैं। मौजूदा विधायक को टिकट मिलने से गुटबाजी के चलते भितरघात की संभावना है। इस सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार भाजपा की किरकिरी कर सकता है।
दंतेवाड़ा
भीमा मंडावी (भाजपा)
विधायक की कार्यशैली से अपने ही बेगाने होकर विरोध में काम करने लगे हैं। आलम यह है कि संगठन ही विधायक को हराने की कसम खाए बैठा है। माओवाद का बहाना और विकास से बेरूखी के कारण जनता का समर्थन नहीं मिलने की स्थिति बन गई है। हमेशा विवादों में रहे विधायक को टिकट मिला है। कांग्रेस के दिवंगत नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा को कांग्रेस उम्मीदवार बनाने के बाद समीकरण तेजी से बदले हैं।
बीजापुर
महेश गागड़ा (भाजपा)
जर्जर सड़क, लचर कानून व्यवस्था,
माओवादियों के रहम पर अवाम का जीवन। स्कूलों पर छत नहीं हैं। अस्पतालों में डॉक्टर और दवा नहीं हैं। बिजली जाने का समय निर्घारित है, लेकिन आने का नहीं। संचार व्यवस्था इतनी लचर है कि अपनों से बात करने के लिए आंध्रप्रदेश जाना होता है। ऎसे में विकास की बात कोरी कल्पना से कम नहीं लगती। वर्तमान विधायक को क्षेत्र की जनता नहीं पहचानती। बस सस्ते चावल की दम पर सरकार चल रही है।
नारायणपुर
केदार कश्यप (भाजपा)
मौजूदा विधायक के प्रति क्षेत्र की जनता में आक्रोश है। चुनाव जातिगत समीकरण से परे ग्रामीण विकास को लेकर लड़ा जाएगा। बघेल, धु्रवा व माडिया जाति के अलावा मारवाड़ी जाति की निर्णायक भूमिका रहेगी। कांग्रेस प्रत्याशी चंदन कश्यप से तगड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है।
बस्तर
डॉ. सुभाऊ कश्यप (भाजपा)
पिछले चुनाव से पहले किए गए वादों का हिसाब लेने क्षेत्र की जनता तैयार बैठी है। विधायक की बेरूखी से जनता नाराज है। जनता बदलाव के मूड में है। इस सीट पर ध्रुवा, हलबा, कश्यप, बघेल आदि बाहुल्य क्षेत्र में आदिवासी वोटों के अलावा आरण्यक ब्राह्मण व गुप्ता समाज निर्णायक वोटर साबित होते रहे हैं।
केशकाल
सेवकराम नेताम (भाजपा)
विधानसभा में जमीनी हकीकत बस्तर के अन्य जिलों से अलग नहीं है। यहां भी वही सड़क, पानी, बिजली की परेशानी है। जनता आज भी मतदान के अधिकार और इसके महत्व को नहीं जानती है। कांग्रेस ने प्रत्याशी बदल कर नया चेहरा संत नेताम को चुनाव में उतारा है। जबकि भाजपा ने मौजूदा विधायक पर फिर से भरोसा जताया है।
कांकेर
सुमित्रा मारकोले (भाजपा)
इस बार यहां से नरहरपुर के जनपद अध्यक्ष संजय कोड़ोपी को प्रत्याशी बनाया गया है। कांग्रेस ने यहां से शंकर लाल धु्रवा को प्रत्याशी बनाया है। वर्तमान विधायक को टिकट नहीं मिलने व टिकट के अन्य प्रबल दावेदारों में असंतोष के कारण पार्टी को नुकसान होने की संभावना है।
भानुप्रतापपुर
ब्रह्मानंद नेताम (भाजपा)
भाजपा ने इस नए चेहरे सतीश लाटिया पर दांव आजमा जा रहा है। इन्हें टिकट दिए जाने से अन्य दावेदारों में नाराजगी है। कांग्रेस ने पिछले बार के निर्दलीय प्रत्याशी को मनोज मंडावी को टिकट दिया है। जीत के लिए दोनों ही उम्मीदवारों को कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा।
अंतागढ़
विक्रम उसेंडी (भाजपा)
अंतागढ़ क्षेत्र में टिकट के पहले ही विवाद हो चुका है। मंत्री विक्रम उसेंडी के विरोध में पार्टी का एक बड़ा ग्रुप ने प्रखर रहा। जातिगत समीकरण के आधार पर देखा जाए तो इस क्षेत्र के आदिवासी वर्ग इनसे असंतुष्ट हैं। इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी मंतूराम पवार से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है।

एक नजर में

विस क्षेत्र 2003 2008 2013 का अनुमान
कांकेर भाजपा भाजपा कांग्रेस (वर्तमान विधायक की टिकट काटे जाने का पड़ेगा असर)
भानुप्रतापपुर भाजपा भाजपा कांग्रेस (भाजपा की गुटबाजी का पड़ेगा असर)
अंतागढ़ ——- भाजपा कांग्रेस (विधायक से नारजागी मिलेगा फायदा)
केशकाल भाजपा भाजपा कांग्रेस (कांग्रेस की ओर से फ्रेश चेहरा दिए जाने का होगा फायदा)
कोंडागांव भाजपा भाजपा कांग्रेस (ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क न रखने का भुगतना पड सकता है असर। )
नारायणपुर भाजपा भाजपा भाजपा (परंपरागत वोट बैंक का मिलेगा फायदा)
बस्तर —— भाजपा कांग्रेस (वर्तमान विधायक के प्रति असंतोष बन सकती है बड़ी वजह)
जगदलपुर भाजपा भाजपा कांग्रेस (वर्तमान विधायक के प्रति असंतोष और भितरघात का पड़ेगा असर)
चित्रकोट भाजपा भाजपा कांग्रेस (जातिगत वोटों से बिगड़ेगा समीकरण,कांग्रेस को नए चेहरे का फायदा)
दंतेवाड़ा कांग्रेस भाजपा कांग्रेस (परंपरागत वोट बैंक फिर जताएगा विश्वास, सहानुभूति वोट मिलेगा)
बीजापुर कांग्रेस भाजपा कांग्रेस (जनता की नाराजगी का फायदा नए चेहरे को मिलेगा))
कोंटा कांग्रेस कांग्रेस सीपाआई( त्रिकोणीय संघर्ष के चलते कांग्रेस को उठाना पड़ेगा नुकसान)


जाति पर जीत की बिसात

23 October 2013
रायपुर। राजनीति में अपना प्रभुत्व जमाने के लिए कुछ नेताओं के फैलाए जातिवाद का कैंसर धीरे-धीरे अब समाज के हर वर्ग को चपेट में ले रहा है।
हर समाज अपनी जाति के मतदाताओं की संख्या ज्यादा से ज्यादा बताकर टिकट की जुगाड़ में लगा है। इन समाजों के दावों की पोल उनके आंकड़े ही खोल देते हैं। अगर इन समाजों के संगठनों के मतदाताओं की संख्या के दावों को जोड़ लिया जाए, तो राज्य के मतदाता तो छोड़ो, राज्य की आबादी से भी ज्यादा का आंकड़ा निकलेगा। लेकिन यह सब खेल टिकट पाने के लिए कई वर्षो से हो रहा है।
राजनीतिक दल भी इसे प्रोत्साहित करने में लगे हैं। राज्य की कई सीटों पर तो जातियों की आबादी के हिसाब से टिकटार्थी का चयन किया जाने लगा है।
राजनेताओं का खेल यूं बढ़ा
राज्य की कुछ प्रमुख जातियों के नेताओं ने पहले तो पूरे समाज के नाम पर राजनीति में प्रवेश किया और कई चुनाव भी जीते, लेकिन धीरे-धीरे ये नेता अपने समाज तक ही सिमट कर रह गए। एक-दो जाति से शुरू हुआ यह रोग निरंतर अन्य जातियों तक फैलता जा रहा है। अब हर जाति में एक नेता, अपनी पूरी जाति का नेता बनकर पूरे समाज को ठेंगा दिखाने में भी नहीं चूक रहा है।
अभी इलाज न किया, तो बढेगी मुसीबत
जनता ने अभी जातिवाद के कैंसर का इलाज नहीं किया, तो यह वर्ग संघर्ष के रूप में उभर सकती है। राज्य में कहीं भी झगड़ा होता है, तो इसके पीछे जातिवाद का जहर ही जिम्मेदार होता है। जाति विशेष से जीतने वाले नेता भी ऎसे मामलों में अपनी जाति की वकालत करने लगते हैं। इससे झगड़ा कम होने के बजाय बढ़ जाता है। पिछले चुनाव में जाति के आधार पर झंडा बुलंद करने वाले कुछ नेताओं को जनता ने एकजुट होकर सबक भी सिखाया था, अब इस मुहिम को और आगे बढ़ाने की जरूरत है। इस जाति रूपी रोग को यहीं थाम लिया, तो चुनाव के बाद "सर्व समाज, सबका विकास" का सपना साकार होने लगेगा।
राजनेता ही जिम्मेदार
जब राजनीतिक दल ही अपने टिकट के दावेदारों से ही जाति की बात करेंगे, तो कोई और क्यों पीछे रहेगा। राजनीतिक दल जाति विशेष के प्रभाव वाले क्षेत्रों में टिकटों का निर्घारण ही जाति के आधार पर करते रहे हैं। हालांकि ऎसे कई उम्मीदवारों को जनता ने नकार भी दिया, लेकिन राजनीतिक दलों ने सबक नहीं लिया। पिछले चुनाव में एक नेता ने जाति का झंडा लेकर चुनाव लड़ा, लेकिन जनता ने उन्हें उनकी असली तस्वीर दिखा दी।
अन्य जातियों में भी फैलता गया रोग
शुरू में जातिवाद का कैंसर कुछ जातियों तक सीमित था, लेकिन जब अन्य जातियों ने राजनीति पर कुछ जातियों का प्रभुत्व होते देखा, तो उनके मन में भी लालच आ गया और वे अपनी जाति बाहुल्य वाले इलाकों से टिकट की मांग करने लगे। हालात इतने बिगड़े कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति में आने वाली जातियां भी अधिक आबादी के दावे के साथ टिकट की मांग करने लगी हैं। इनका आरोप रहता है कि आरक्षित सीटों पर कुछ जातियों का कब्जा है। अनुसूचित जाति-जनजाति के कुछ नेता तो सामान्य सीट पर अपनी जाति के अधिक मतदाता होने के दावे के आधार पर टिकट हथिया लेते हैं। सामान्य सीटों पर जातिवाद का झगड़ा सबसे ज्यादा है।
अब तो वैश्य समाज में भी विभाजन होने लगा है। खंडेलवाल, अग्रवाल व अन्य वैश्य जाति के संगठन जाति के लोगों को टिकट देने की मांग करने लगे हैं। हालांकि बिना किसी राजनीतिक दल से जुड़े ये संगठन प्रमुख दलों से टिकट की मांग करते हैं। ब्रा±मण, राजपूत व अन्य जातियों के संगठन भी चुनाव में अपने-अपने समाज के लोगों को टिकट देने की मांग पर राजनीतिक दलों को चेतावनी देने से भी पीछे नहीं रहते। इनमें कुछ संगठन तो कागजी होते हैं और उनका अपने ही समाज पर कोई खास असर नहीं होता है। फिर भी ये संगठन हर चुनाव में बयानबाजी करने से नहीं चूकते।


मुख्यमंत्री के बेटे अभिषेक नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

22 October 2013
रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। पिछले कुछ दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि अभिषेक कवर्धा से चुनाव लड़ेंगे। उनके चुनाव लडऩे पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को भी आपत्ति नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री ने अभिषेक को चुनाव मैदान में नहीं उतारने का फैसला किया है। भाजपा की पहली सूची में कवर्धा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी का नाम तय नहीं होने के बाद अभिषेक को लेकर चर्चाएं और तेज हो गई थीं।
कहा जाने लगा कि मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में जहां पर अभिषेक लगातार सक्रिय रहते हैं, वहां से वे चुनाव लड़ेंगे। चर्चा इसलिए भी होने लगी क्योंकि अभिषेक ने इस बार मुख्यमंत्री की विकास यात्रा से लेकर विधानसभा चुनाव की तैयारियों तक में लगातार भागीदारी निभाई।
कवर्धा जिला भाजपा ने भी प्रस्ताव पारित कर अभिषेक को टिकट देने की मांग की। लिहाजा यह तय किया गया है कि अभिषेक चुनाव प्रबंधन का कामकाज संभालेंगे। पिता के विधानसभा क्षेत्र के अलावा वे राज्य स्तर पर चल रही तैयारियों में हिस्सा लेंगे। फिलहाल वे संगठन का ही काम देखना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भी अभिषेक का नाम तय हो गया था लेकिन ऐनवक्त पर मुख्यमंत्री ने उनको नहीं उतारने का फैसला किया।

रमन ने की पुष्टि, कहा-अभी नहीं

सीएम ने अभिषेक के चुनाव नहीं लडऩे की पुष्टिकरते हुए कहा कि इस बार तो अभिषेक नहीं लड़ेंगे। हालांकि कवर्धा के लोग चाहते हैं लेकिन अभी उनको केवल संगठन का काम देखना है। बाद में क्या होगा, यह देखा जाएगा।


अजीत जोगी की जगह अमित को टिकट

22 October 2013
रायपुर। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने सोमवार को 45 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। इसमें ज्यादातर विधायकों को टिकट दे दिया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कांग्रेस की ओर से इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनके स्थान पर उनके पुत्र अमित जोगी को मरवाही से टिकट दिया गया है। उनकी पत्नी डॉ. रेणु जोगी कोटा से प्रत्याशी बनाई गई हैं।
उल्लेखनीय है कि दैनिक भास्कर ने 18 मई को यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी कि इस बार अजीत जोगी को विधानसभा चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद दिल्ली में कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की। पहली सूची में 17 प्रत्याशी थे। इस तरह अब तक 6२ उम्मीदवार कांग्रेस ने तय कर दिए हैं।
कांग्रेस की जब पहली सूची जारी की गई थी, तब मानपुर मोहला से शिवराज उसारे का टिकट काटकर यह कहा गया था कि कमजोर परफारमेंस वाले दूसरे विधायकों का टिकट भी कट सकता है। लेकिन राज्य के नेता अजीत जोगी, चरणदास महंत, रविंद्र चौबे इस बात के लिए पार्टी पर लगातार दबाव बनाए रखे कि विधायकों का टिकट न काटा जाए। राहुल के फार्मूले को शिथिल करने के लिए उनका दबाव काम आया और उन विधायकों को टिकट दे दिया गया जिनको लेकर संशय था। दूसरी सूची में कुल 26 विधायकों को फिर टिकट दिया गया है।


मुश्किलें खड़ी करने वाला हो सकता है सतनामी समाज का वोट

22 October 2013
रायपुर. प्रदेश की राजनीति में जातिगत फैक्टर हमेशा काम करता रहा है, लेकिन इस बार सबसे ज्यादा मुश्किलें खड़ी करने वाला वोट सतनामी समाज का दिखता है। कारण गिरौदपुरी का जैतखाम। इस वोट बैंक को साधने कांग्रेस सरकार ने कुतुबमीनार से ऊंचा जैतखाम बनाने की घोषणा की, तो भाजपा सरकार ने इसे पूरा बनवाया। लेकिन अब तक समाज के विरोधों के चलते लोकार्पण नहीं हो पाया।
समाज के धर्मगुरुओं और नेताओं में भी एक मत दिखाई नहीं देता। एक धड़ा कांग्रेस के पक्ष में दिखता है तो दूसरा भाजपा के पक्ष में। समाज की मांग है कि 16 प्रतिशत आरक्षण वापस मिलना चाहिए, चाहे वो भाजपा दे या कांग्रेस। यह 12 प्रतिशत कर दिया गया है। अनुसूचित जाति आरक्षण बचाओ महासमिति के अध्यक्ष केपी खंडे कहते हैं कि जब तक चार प्रतिशत आरक्षण वापस नहीं दिया जाता, तब तक गिरौदपुरी में भाजपा नेताओं को घुसने नहीं दिया जाएगा।
क्या है जैतखाम
सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरुघासीदास हैं। गिरौदपुरी उनकी जन्मस्थली है। जैतखाम बाबा गुरुघासीदास के पंथ का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। सतनामी समाज के लोग बड़ी संख्या में यहां आकर पूजा करते हैं। उनकी जैतखाम में प्रगाढ़ आस्था है। छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध लोकनृत्य पंथी भी उनकी आराधना में किया जाने वाला नृत्य है।
लाखों जुटते हैं मेले में
गिरौदपुर रायपुर से 145 किलोमीटर दूर सरायपाली विधानसभा में है। यहां हर साल मार्च में बड़ा मेला लगता है। प्रदेशभर से यहां तकरीबन पांच लाख सतनामी समाज के लोग पहुंचते हैं। श्रद्धालू पूजा करते हैं। पूरे क्षेत्र में सरकार बड़े पैमाने पर इंतजाम करती है।
राजनीतिक अहमियत क्यों
कांग्रेस सरकार ने जैतखाम की नींव रखी। भाजपा सरकार ने इसे पूरा बनवाया। अब दोनों पार्टियां श्रेय लेना चाहती हैं कि गिरौदपुरी में जैतखाम का निर्माण उन्होंने करवाया। सतनामी समाज अनुसूचित जाति वर्ग (एससी) में आता है, जिसकी कुल जनसंख 32.5 लाख है। इनमें 25 लाख सतनामी समाज के लोग हैं। ये पार्टियों के लिए बड़ा वोट बैंक है।
आखिर क्या है जैतखाम पर विवाद
आरक्षण घटाया
समाज का आरक्षण 16 से 12 प्रतिशत कर दिया है। इसी विरोध के चलते जैतखाम का लोकार्पण नहीं करने दिया जा रहा है और राजनीति गर्म है।
दो बार टला लोकार्पण
इसका लोकार्पण 18 दिसंबर 2012 को होना था, लेकिन विरोध के कारण नहीं हुआ। इसके बाद 11 मार्च 2013 को होना था, लेकिन वही स्थिति रही। यहां सभी नेताओं का विरोध हो चुका है।
ऊंचाई बढ़ाने की सियासत
जैतखाम कुतुबमीनार से ऊंचा बनाया गया लेकिन इसे और ऊंचा बनाने पर राजनीति हो रही है, उधर समाज का कहना है कि सरकार इसे तकनीकी रूप से संभव नहीं बता रही।
राजनेताओं के राजनीतिक बयान
भाजपा सरकार ने जैतखाम को कुतुबमीनार से छोट बना दिया है। कांग्रेस सरकार आएगी तो इसे और बड़ा किया जाएगा।
-अजीत जोगी, पूर्व मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
जैतखाम को लेकर मैं अभी कुछ टिप्पणी नहीं कर सकता। आरक्षण के मामले में भी फिलहाल कुछ कहना ठीक नहीं होगा।
-पुन्नुलाल मोहले, खाद्य मंत्री, छत्तीसगढ़
सबसे बड़ा बनाएं
कांग्रेस ने जैतखाम को कुतुबमीनार से दोगुना ऊंचा बनाने की घोषणा की थी। भाजपा ने इसकी ऊंचाई कुतुबमीनार से भी कम कर दी है। अभी गुणवत्ताहीन है। - गुरु बालदास, धर्मगुरु, अध्यक्ष, सतनाम सेना
ऊंचाई 21 हाथ होती है
कंाग्रेस ने केवल घोषणा की। भाजपा ने बनाया। ऊंचाई तो 21 हाथ निर्धारित रहती है। इसके कम या ज्यादा होने से कोई फर्क नहीं पड़ता।


आडवाणी-मोदी छत्तीसगढ़ में एक मंच से मांगेंगे वोट,

22 October 2013
रायपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ में 9 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का प्रचार करने आएंगे। दोनों नेताओं को एक मंच पर लाकर पार्टी फिर एकता संदेश देने की कोशिश करेंगी।
भाजपा के मुख्यालय दिल्ली ने प्रदेश में चुनाव प्रचार करने लिए स्टार प्रचारकों की सूची और कार्यक्रम तय कर लिया है। राष्ट्रीय प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने इसकी जानकारी प्रदेश पदाधिकारियों को दी है। राज्य में भाजपा सरकार की तिकड़ी बनाने के लिए पार्टी ने इस बार चर्चित चेहरों की मांग की थी।
इस वजह से आडवाणी, मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकैया नायडू और एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के नामों को हरी झंडी मिल गई है। अब इन नेताओं का तय तिथि पर कहां-कहां सभाएं करानी है, यह प्रदेश संगठन तय करेगा।
मोदी, आडवाणी और राजनाथ दोनों चरणों के चुनाव प्रचार में शामिल होंगे जबकि उमा, सुषमा व वेंकैया केवल प्रथम चरण के चुनाव प्रचार के लिए आएंगे। ये सभी नेता बस्तर संभाग और राजनांदगांव जिले में 18 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए वोट मांगेगे। यानी भाजपा ने बस्तर को प्रचार के मामले में अहमियत दी है।
प्रथम चरण का चुनाव 11 नवंबर और द्वितीय चरण का चुनाव 19 नवंबर को होना है।
प्रचारकों का कार्यक्रम
-लालकृष्ण आडवाणी - 9 एवं 16 नवंबर
-राजनाथ सिंह - 7, 14 और 16 नवंबर
-नरेंद्र मोदी - 9 एवं 13 नवंबर
-सुषमा स्वराज - 7 एवं 8 नवंबर
-वेंकैया नायडू - 8 नवंबर
-उमा भारती - 29 व 30 अक्टूबर


कांग्रेस की टिकटों में फिर जोगी की चली, प्रत्याशी तय होते ही चुनावी तस्वीर साफ

22 October 2013
बिलासपुर। अविभाजित बिलासपुर जिले से कांग्रेस की घोषित 7 टिकटों में 5 टिकटें जोगी समर्थकों के खाते में चली गईं। समर्थकों को टिकट दिलाने वाले अजीत जोगी की मरवाही सीट से उनकी जगह उनके बेटे अमित जोगी को टिकट दी गई है, यानी वे खुद विधानसभा चुनाव ड्रॉप कर सकते हैं। माना जा रहा है कि उन्होंने अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए दावेदारी छोड़ दी। भविष्य में लोकसभा चुनाव के लिए उनका रास्ता खुला हुआ है।
जिले की मरवाही, कोटा व लोरमी सीट शुरू से ही जोगी गुट के कब्जे में रही है। मरवाही में पहली बार अजीत जोगी की जगह उनके बेटे अमित जोगी, कोटा से डा.रेणु जोगी तीसरी बार व लोरमी से धर्मजीत सिंह पर कांग्रेस ने चौथी बार दांव लगाया है। इनके अलावा मुंगेली सीट से जोगी समर्थक व इस सीट से पूर्व विधायक चंद्रभान बारमते को और मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र से लोक कलाकार दिलीप लहरिया को टिकट दी गई है। इस प्रकार घोषित 7 में 5 सीटों पर जोगी समर्थकों को टिकट देने से उनके वर्चस्व के साफ संकेत हैं।
तखतपुर विधानसभा क्षेत्र से पीसीसी प्रेसिडेंट चरणदास महंत अपने समर्थक आशीष सिंह को टिकट दिलाने में कामयाब रहे। हाल ही में जोगी समर्थक व युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उत्तम वासुदेव ने तखतपुर से नाम वापस लेकर रास्ता साफ कर दिया था। माना जा रहा है कि अमित जोगी को टिकट दिलाने के लिए तखतपुर सीट पर दोनों पक्षों में रायशुमारी हुई, जिसके बाद अमित व आशीष की टिकटों का रास्ता साफ हुआ।
जिले की प्राइम सीट माने जाने वाली बिलासपुर सीट के लिए शुरू से ही मेयर वाणी राव के नाम पर तकरीबन सभी नेताओं में रायशुमारी हो चुकी थी। यहां से अटल श्रीवास्तव व अशोक अग्रवाल भी दावेदार थे। मंत्रियों के विरोध के बावजूद मेयर का चुनाव जीतने वाली वाणी राव व रायपुर की मेयर किरणमयी नायक को टिकट देने के मुद्दे पर शुरू से ही एक ही फार्मूला चल रहा था। इन्हें कॉमन केंडिडेट के रूप में माना जा रहा है।


बीजेपी ने पुराने चेहरों पर आजमाया दांव

21 October 2013
रायपुर. विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने रविवार को अपने 67 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया। भाजपा ने पहली सूची में 10 विधायकों का टिकट काट दिया है। इसमें किसी भी मंत्री का टिकट नहीं काटा गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नए चेहरे ढूंढ रही भाजपा ने ज्यादातर सीटों पर अपने पुराने नेताओं पर ही भरोसा किया है।
कई सीटें ऐसी हैं जहां पर नए नाम ऐसे मिले जो वर्तमान विधायकों या पुराने नामों की तुलना में कमजोर थे। वहां ढूंढने के बाद भी मजबूत नए चेहरे नहीं मिल पाए। इसलिए 20 नाम ही नए दिए गए। चार ऐसे नेताओं को दोबारा मौका दिया गया है जिनका टिकट 2008 में काट दिया गया था। पिछला चुनाव हारने वाले सात नेताओं को फिर टिकट दिया गया है। बेलतरा, तखतपुर, रायपुर ग्रामीण, अंतागढ़, कोंडागांव ऐसी सीटें हैं जहां पर नए नामों पर काफी विचार किया गया।
लिहाजा इन सीटों पर वर्तमान विधायकों को ही फिर मौका दिया गया। वैसे भाजपा ने 67 की सूची में अपने 32 वर्तमान विधायकों को भरोसा जताया है। इस बार भाजपा ने 23 आदिवासी, 9 अनुसूचित जाति और 17 ओबीसी वर्ग के लोगों को प्रत्याशी बनाया है। 6 महिलाएं और 34 युवाओं को मैदान में उतारा है जिनमें 20 पहली बार चुनाव मैदान में होंगे।
खींचतान में अटके 23 नाम
भाजपा उन 23 सीटों पर अभी नाम तय नहीं कर पाई है जहां खींचतान अधिक हैं। इन सीटों पर विधायक और संभावित प्रत्याशी के बराबरी पर दूसरे नाम भी हैं। कई सीटों पर नाम कटने से आक्रोश सामने आएगा। इस कारण पार्टी एक साथ सारे नाम घोषित नहीं करना चाहती। इसके अलावा कुछ सीटों पर पार्टी उन नामों पर एक बार फिर विचार करना चाहती है जिनके बारे में फैसला करना है।
कांग्रेस आज बताएगी नाम
कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए सोमवार को केंद्रीय चुनाव समिति दिल्ली में बैठेगी। कांग्रेस को 74 सीटों पर नाम तय करना है। सबसे ज्यादा उत्सुकता जोगी परिवार को लेकर है। चर्चा है कि जोगी खेमा मरवाही से अजीत जोगी के स्थान पर अमित जोगी और कोटा से रेणु जोगी की जगह अजीत जोगी को चुनाव लड़ाने के लिए लॉबिंग कर रहा है। अंतिम फैसला सोनिया करेंगी।
सत्ता विरोधी बातें दूर कर लेंगे
सूची जारी होने के बाद डॉ. रमन सिंह ने कहा कि चुनाव में विकास ही मुद्दा होगा। सत्ता विरोधी लहरों को दूर कर लिया जाएगा।
हमारे प्रत्याशी शेर, बाजी जीतेंगे
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि भाजपा के मुकाबले हमारे सारे प्रत्याशी शेर हैं। हम ही बाजी जीतेंगे।


छत्तीसगढ ; भाजपा के 67 प्रत्याशी घोषित, 9 टिकट कटे

21 October 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिये जारी भाजपा की पहली सूची में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का खौफ साफ दिखा है। 67 प्रत्याशियों की पहली सूची में भाजपा ने राहुल के युवा कार्ड को अपनाते हुए 34 युवा चेहरों पर दांव खेला है। जिसमें 20 ऎसे चेहरे हैं, जो पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। राहुल फैक्टर के कारण कांग्रेस की पहली सूची में युवाओं की भरमार देखने को मिली थी।
अब भाजपा भी उनकी राह चलने को मजबूर हुई...
विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने रविवार को अपने 67 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी। नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अनंत कुमार और प्रदेश प्रभारी जेपी नड्डा ने प्रत्याशियों की घोषणा करते हुए बताया कि बचे हुए 23 नाम भी जल्द घोषित कर दिए जाएंगे। भाजपा ने इस बार मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों को फिर मैदान पर उतारा है। दस विधायकों की जगह नए चेहरों को मौका दिया गया है। इनमें दो विधायक बस्तर संभाग के हैं। सूची में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 23, अनुसूचित जाति के 09 और पिछड़ा वर्ग के 17 प्रत्याशी शामिल हैं। इसके अलावा छह महिलाओं को भी मैदान पर उतारा गया है। इसके अलावा एक महापौर और जिला पंचायत के एक अध्यक्ष पर भी दांव खेला गया है।
बगावत की आशंका
पार्टी ने वर्तमान विधायकों के टिकट काटने में भी ज्यादा हिम्मत नहीं दिखाई है। लगभग डेढ दर्जन वर्तमान विधायकों के टिकट काटने की तैयारी थी लेकिन महज 10 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। पार्टी को इस बात का खतरा है कि कहीं टिकट कटने से विधायक बागी न हो जाएं।
दोनों अध्यक्ष मैदान में
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रामसेवक पैकरा और भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग सिंहदेव को पार्टी ने मैदान में उतारा है। पैकरा को प्रतापपुर और सिंहदेव को अम्बिकापुर से चुनाव लड़ाया जा रहा है।
सांसदों को मौका नहीं
भाजपा ने फिलहाल किसी सांसद को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है। सांसद नंदकुमार साय और विष्णुदेव साय ने टिकट के लिए दावा किया था, लेकिन उन्हें अवसर नहीं दिया गया है।
बचे नाम एक-दो दिनों में
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय चुनाव की मैराथन बैठक में शेष 23 प्रत्याशियों के चयन का अधिकार समिति ने पार्टी अध्यक्ष पर छोड दिया है। वे राज्य के संगठन के साथ चर्चा कर उन नामों को आगामी दो-तीन दिनों में अंतिम रूप देंगे।
झीरम घटना के बाद बैकफुट पर
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में झीरम घाटी की घटना पर लंबी चर्चा हुई। पार्टी को लगता है कि इस घटना से उसे नुकसान उठाना पड सकता है। वहीं चंद दिनों पहले माओवादी नेता रमन्ना द्वारा लिखी चिटी ने भी भाजपा की मुश्किलें बढा दी हैं। इसमें रमन्ना ने माना है कि कांग्रेस नेताओं को मारना उनका मकसद नहीं था। बस्तर के इलाके में पिछली बार भाजपा को सर्वाधिक सफलता मिली थी। झीरम घाटी की घटना के कारण वह बैकफुट पर है।

प्रत्याशियों की सूची

1. मनेंद्रगढ़ - श्याम बिहारी जायसवाल
2. बैकुंठपुर - भैयालाल रजवाड़े
3. प्रतापपुर - रामसेवक पैकरा
4. रामानुजगंज - रामविचार नेताम
5. सामरी - सिद्धनाथ पैकरा
6. लुंड्रा - विजयनाथ सिंह
7 . अंबिकापुर - अनुराग सिंहदेव
8. जशपुर - राजशरण भगत
9. कुनकुरी - रोहित साय
10. पत्थलगांव - शिवशंकर साय
11. लैलुंगा - सुनिती राठिया
12. सारंगढ़ - केराबाई मनहर
13. धरमजयगढ़ - ओमप्रकाश राठिया
14. रामपुर - ननकीराम राठिया
15. कोरबा - जोगेश लांबा
16. कटघोरा - लखन देवांगन
17. कोटा - कांशी साहू
18. लोरमी - तोखन साहू
19. मुंगेली - पुन्नूल लाल मोहले
20. तखतपुर - राजू क्षत्रिय
21. बिल्हा - धरमलाल कौशिक
22. बिलासपुुर - अमर अग्रवाल
23. बेलतरा - बद्रीधर दीवान
24. मस्तूरी - डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी
25. अकलतरा - दिनेश सिंह
26. सक्ती - खिलावन साहू
27. चंद्रपुर - युद्धवीर सिंह जूदेव
28. पामगढ़ - अंबेश जांगड़े
29. सराइपाली - रामलाल चौहान
30. बसना - रूपकुमार चौधरी
31. बिलाईगढ़ - सनम जांगड़े
32. कसडोल - गौरीशंकर अग्रवाल
33. बलौदाबाजार - लक्ष्मी बघेल
34. धरसीवां - देवजी भाई पटेल
35. रायपुर पश्चिम - राजेश मूणत
36. रायपुर दक्षिण - बृजमोहन अग्रवाल
37. रायपुर ग्रामीण - नंदकुमार साहू
38. रायपुर उत्तर - श्रीचंद सुंदरानी
39. अभनपुर - चंद्रशेखर साहू
40. बिंद्रानवागढ़ - गोवर्धन मांझी
41. कुरूद - अजय चंद्राकर
42. संजारी बालोद - प्रीतम साहू
43. गुंडरदेही - वीरेंद्र साहू
44. पाटन - विजय बघेल
45. दुर्ग शहर - हेमचंद यादव
46. भिलाई नगर - प्रेमप्रकाश पांडेय
47 अहिवारा - सनवर राम दाहिरे
48. साजा - लाभचंद बाफना
49. नवागढ़ - दयालदास बघेल
50. खैरागढ़ - कोमल जंघेल
51. डोंगरगढ़ - सरोजनी बंजारे
52. राजनांदगांव - डॉ. रमन सिंह
53. डोंगरगांव - दिनेश गांधी
54. खुज्जी - विजय साहू
55. मोहला मानपुर - भोजेस शाह
56. अंतागढ़ - विक्रम उसेंडी
57. भानूप्रतापपुर - सतीश राठिया
58. कांकेर - संजय कोडोपी
59. केशकाल - सेवकराम नेताम
60. कोंडागांव - लता उसेंडी
61. नारयणपुर - केदार कश्यप
62. बस्तर - सुभाऊ कश्यप
63. जगदलपुर - संतोष बाफना
64. चित्रकोट - बैदुराम कश्यप
65. दंतेवाड़ा - भीमा मंडावी
66. बीजापुर - महेश गागड़ा
67 कोंटा - धनीराम वारसे


छत्तीसगढ़ में मतदान के दिन कई शादियां!

21 October 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के होने वाले मतदान को लेकर प्रशासन के साथ-साथ आम नागरिक भी कशमकश की स्थिति में हैं। 19 नवंबर को सूबे की 73 विधानसभाओं के लिए मतदान होना है और 18 व 19 नवंबर को ही विवाह के श्रेष्ठ मुहूर्त भी हैं। ऎसे में भवनों, बसों आदि की बुकिंग को लेकर असमंजस की स्थिति है। मतदान के दिन ही प्रदेश में सैकड़ों शादियां होने वाली हैं, जिससे मतदान प्रभावित होने का अंदेशा है। इसको लेकर राजनीतिक दल भी चिंतित नजर आ रहे हैं।
प्रशासन को शासकीय कार्यालयों में प्रशिक्षण शुरू करना है और बसों को अधिगृहीत करना है, ऎसे में लोगों को विवाह भवन तथा बसों के लिए परेशान होना पड़ सकता है।
विदित हो कि सूबे के जिन जिलों में चुनाव के लिए अधिसूचना 25 अक्टूबर को जारी की जाएगी, वहां नामांकन भरने की अंतिम तिथि एक नवंबर निर्धारित की गई है। दो नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच एवं चार नवंबर तक नाम वापस लिया जाएगा तथा मतदान 19 नवंबर को कराया जाएगा।
इधर, चुनाव की तारीखों तथा विवाह सीजन के एक साथ होने से सूबे के अधिकारियों को अपना पसीना बहाना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि दूसरे चरण के तहत प्रदेश की 73 विधानसभा क्षेत्रों में 19 तारीख को मतदान होना है, वहीं पंडितों का कहना है कि 18 तथा 19 नवंबर को इस सीजन की श्रेष्ठ विवाह मुहूर्त की तारीखें हैं। पंडित अजय शर्मा के मुताबिक, 18 तथा 19 नवंबर श्रेष्ठ तिथियों में से हैं तथा इस दिन कई घरों में विवाह की तारीखें पहले ही तय की जा चुकी हैं।
प्रदेश के इन इलाकों में निर्वाचन कार्यो के लिए अधिकारियों के पास पहले से ही बसों की काफी कमी है, जिस वजह से अधिकारियों ने मतदान दलों को ट्रक से पहुंचाने की योजना बनाई है। चुनावी कार्यक्रम तथा विवाह तिथियों के साथ-साथ होने से अब लोगों को अपने घरों की विवाह तिथियों की चिंता सता रही है। जिन घरों में विवाह होने हैं वे बारात आदि के लिए बसों के न मिलने से चिंतित हैं।
नवंबर में सूबे में सैकड़ों की संख्या में विवाह होने हैं, जिसके लिए महीनों पूर्व से ही हलवाई, बैंड, वाहन, टेंट, फोटोग्राफर, वीडियो शूटिंग आदि की बुकिंग कराई गई है। ऎन विवाह मुहूर्त के दिन मतदान तिथि को देखते हुए अधिकारियों को मतदान के प्रतिशत में कमी आने की आशंका भी सता रही है। इसके उलट जिन लोगों के घरों में विवाह हैं उनको भवन तथा बसों की चिंता सता रही है।
निजी बस एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित विश्वकर्मा ने बताया, जिस किसी व्यक्ति की बस की बुकिंग चुनाव कार्य की वजह से रद्द हो रही है उसे हम लिया गया एडवांस रकम पूरा वापस कर रहे हैं। बहुतेरे बस मालिकों ने चुनावी वर्ष होने की वजह से बुकिंग ही नहीं ली है।
वहीं, कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्य सुनील माहेश्वरी का मानना है कि विवाह की वजह से मतदान पर असर पड़ने की संभावना है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि वे मतदान करने के बाद ही विवाह कार्य के लिए घरों से निकलें। बहरहाल, एक ही तिथि में विवाह और मतदान होने से प्रत्याशियों के साथ-साथ प्रशासन भी चिंतित नजर आ रहा है।