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::अन्ना का पन्ना::

 

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चीनी मिलें बेचने के पीछे नेताओं की साठगांठ
मुंबई। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के कुछ नेताओं की साठगांठ से चीनी मिलों को घाटे वाली बताकर निजी हाथों में बेचा जा रहा है। अन्ना ने कहा कि ये लोग ऐसा जान-बूझकर कर रहे हैं।
किसानों की एक रैली में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और सांसद राजू शेट्टी के साथ पहुंचे अन्ना हजारे ने मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। अन्ना ने कहा कि कई चीनी और कपास मिलों को घाटे वाली बताकर कौड़ी के भाव निजी हाथों में बेचा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मिलों को जान-बूझकर घाटे वाली बताया गया। हमारी मांग है कि ऐसी 40 मिलों को निजी हाथों में बेचने के मामले की जांच के लिए न्यायिक समिति का गठन किया जाए।
रैली में शामिल नेता इसके बाद मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से भी मिलने पहुंचे। सांसद शेट्टी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उच्च अधिकारियों से मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।

अन्ना बोले, ईमानदार को करें वोट
लखनऊ। सत्ता में ईमानदार लोगों के आने से भ्रष्टाचार खत्म होगा। किसी पार्टी व दल को वोट न दें। ऐसे प्रत्याशी को वोट दें जो ईमानदार हो, भ्रष्ट न हो। यह बात समाजसेवी अन्ना हजारे ने शनिवार को सीतापुर में वार्ता के दौरान कही।
अरविंद केजरीवाल से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि केजरीवाल को समर्थन तब तक नहीं देंगे जब तक पार्टी बना रखी है। अगर अरविंद को अन्ना का समर्थन चाहिए तो पार्टी को बर्खास्त करें और निर्दल प्रत्याशियों को चुनाव में उतारें। एक सवाल के जवाब में अन्ना ने राहुल गांधी व नरेंद्र मोदी दोनों को नकार दिया। कहा, राहुल व मोदी का व्यक्तित्व व आचरण प्रधानमंत्री बनने योग्य नहीं है। दोनों नेता किसी न किसी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। अन्ना का कहना है कि पार्टी व दल में रहने के कारण जनप्रतिनिधि वही करता है जो उसके दल व पार्टी के हित में होता है। लोकपाल बिल लाने के लिए उनका संघर्ष अनवरत जारी रहेगा। कहा कि इस वर्ष दिसंबर में वे एक बार फिर से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन करेंगे।
उधर बहराइच में अन्ना हजारे ने कहा कि पंजाब के जलियावाला बाग से उनकी लोक शिक्षा और लोक जागृत यात्रा शुरू हुई है। हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश की यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन लोकपाल बिल पास करने का आश्वासन दिया। दो वर्ष बीतने के बाद भी यह लागू नहीं हो सका। उन्होंने कहा, भारतीय सीमा पर चीन द्वारा किया गया अतिक्रमण बर्दाश्त योग्य नहीं है। भारत सरकार को मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, जो लोग कह रहे हैं कि 5 और 12 रुपये में खाना मिल रहा है, उन्हें छह महीने अलग रख दें, पता लग जाएगा कि पेट कितने में भरता है।

अन्ना से मिले वीके सिंह
नई दिल्ली। रिश्तों में खटास की खबरों के बीच पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने बुधवार को अन्ना हजारे से मुलाकात की। रेवाड़ी की रैली में नरेंद्र मोदी के साथ जनरल सिंह के शिरकत करने के बाद अन्ना हजारे ने कुछ दिन पहले कहा था कि यदि पूर्व सेनाध्यक्ष किसी पार्टी में शामिल होते हैं तो वह उनसे अपने रिश्ते खत्म कर लेंगे।
इसी बयान के बाद वीके सिंह ने अन्ना से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा और कहा कि पूर्व सैनिकों की रैली के कारण वह उसमें शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि वह भाजपा में शामिल होने नहीं जा रहे हैं।

नैसडैक में घंटी बजाएंगे अन्ना हजारे
बोस्टन। अमेरिका की दो सप्ताह की यात्रा पर आ रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का स्वागत गर्मजोशी से करने के लिए भारतीय अमेरिकी तैयारियों में जुटे हैं। यह स्वागत ऐसा होगा जो हाल के वर्षो में भारत से किसी गैर राजनीतिक हस्ती को कभी नहीं मिला होगा।
अपने अमेरिकी प्रवास के दौरान 76 वर्षीय अन्ना 18 अगस्त को न्यूयॉर्क में आयोजित होने वाली इंडिया डे परेड के मुख्य अतिथि होंगे। इसमें शीर्ष अमेरिकी राजनेता, न्यूयॉर्क के मेयर समेत हजारों की संख्या में भारतीय समुदाय के लोग हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा वह न्यूयॉर्क सिटी के टाइम्स स्क्वायर में स्थित शेयर बाजार नैसडैक की घंटी बजाएंगे और साउथ कैरोलिना की भारतीय मूल की गवर्नर निकी हेले के साथ डिनर लेंगे। वह 16 अगस्त को न्यूयॉर्क पहुंचेंगे।
अन्ना न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय भी जाएंगे। 21 अगस्त को वह वार्टन में यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया में छात्रों और शिक्षाविदें को संबोधित करेंगे। अगले दिन वह वाशिंगटन में अमेरिकी सांसदों से मुलाकात करेंगे। 23 अगस्त को सैन फ्रांसिस्को में गैरसरकारी संगठन टाई के साथ बैठक कर सकते हैं। इसके अलावा स्टैनफोर्ड में छात्रों को संबोधित करेंगे। यह पहला मौका होगा जबकि भारतीय अमेरिकियों को प्रत्यक्ष रूप से अन्ना को देखने और सुनने का मौका मिलेगा। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्ना के विचारों को सुनने के लिए अमेरिकी भी बेकरार हैं। अमेरिकी मीडिया भी उनका साक्षात्कार लेने की जुगत में है।
अन्ना फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन के आमंत्रण पर अमेरिका की यात्रा पर आ रहे हैं, जो न्यूयॉर्क में इंडिया डे परेड का आयोजन करता है। इस वार्षिक आयोजन के मुख्य अतिथि के तौर पर ज्यादातर बॉलीवुड सितारों को आमंत्रित किया जाता है। पिछले कुछ वर्षो के दौरान यह पहला मौका है जबकि किसी गैर राजनीतिक और गैर फिल्मी शख्सियत को आमंत्रित किया गया है। वह 28 अगस्त को भारत लौटेंगे।


मोदी और राहुल में कोई फर्क नहीं: अन्ना
सुल्तानपुर। मोदी और राहुल में कोई फर्क नहीं है। क्योंकि दोनो ही राजनीतिक पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह कहना है समाजसेवी अन्ना हजारे का वह यहां जनतंत्र यात्रा के दौरान पत्रकारों से मुखातिब थे। साथ ही उन्होंने दोहराया कि मेरा आम आदमी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। तथा अन्य राजनीतिक दलों से भी उनका कोई सरोकार नहीं है। अरविन्द केजरीवाल और उनके रास्ते भी अलग-अलग हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में किसी राजनीतिक दल अथवा समूह के प्रतिनिधि को जनता द्वारा चुनने की व्यवस्था नहीं है। जितने भी राजनीतिक दल हैं, संविधान उन्हें मान्यता नहीं देता। केजरीवाल द्वारा गठित पार्टी भी संविधान विरोधी है इसलिए उससे मेरा कोई संबंध नहीं है। हजारे ने कहा कि वह जनतांत्रिक व्यवस्था चाहते हैं, जिसमें जनता चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करे और उन्हीं में से चुन कर संसद भेजे। लोकपाल बिल को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वादाखिलाफी की है। यह जनता के साथ धोखा है। एक न एक दिन लोकपाल को जरूर लाना होगा।
यह पूछे जाने पर कि मौजूदा व्यवस्था से वह पूर्णरूप से जनतंत्र लाने की उम्मीद कैसे रखते हैं? उन्होंने कहा, इसमें वक्त जरूर लगेगा क्योंकि 66 वर्षो से जनता वर्तमान व्यवस्था की आदी हो चुकी है। इन पार्टियों की सत्ता उनके दिल-ओ-दिमाग पर छा गई है, इसे बदलना होगा और बदलाव आएगा। हम पार्टियों के विरोधी है। उन्होंने कहा कि जनता को आगामी लोकसभा चुनाव में चरित्रवान व्यक्तियों को चुनना चाहिए।
संविधान में समूह के चुनाव लड़ने की व्यवस्था नहीं : अन्ना
जौनपुर: प्रख्यात समाजसेवी व गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने देश के राजनीतिक दलों पर प्रहार करते हुए कहा कि भारतीय संविधान में किसी समूह के चुनाव लड़ने की व्यवस्था ही नहीं है लेकिन नेताओं के समूह वाले राजनीतिक दलों ने न केवल चुनाव लड़कर असंवैधानिक कार्य किया बल्कि संसद व विधानसभाओं में पहुंचकर मनमानी करते हुए देश-प्रदेश को लूटा। वह सोमवार की शाम टीडी पीजी कालेज के मैदान में आयोजित सभा में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जिस देश की संसद में 163 सांसद दागी व 15 मंत्री आरोपी होने के बावजूद नीति नियंता बने बैठे हैं, उस देश का क्या होगा, फैसला जनता खुद करे। अपने पूर्व के संघर्षो की याद दिलाकर भविष्य में भी सफल होने का जज्बा दिखाते हुए कहा कि दस वर्षो के संघर्ष के बाद सफलता मिली और महाराष्ट्र में 2002 में तथा पूरे देश में 2005 में जनसूचना अधिकार कानून लागू हुआ। अब छह करोड़ जनता को साथ जोड़ने का लक्ष्य लेकर निकला हूं। जन लोकपाल बिल के नाम पर उनके संग ही नहीं बल्कि देश की 120 करोड़ जनता के साथ धोखाधड़ी करने वालों को सबक सिखाना है।।


देश को राजनीतिक दलों से खतरा: अन्ना
लखनऊ। समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर केंद्र सरकार और राजनीतिक दलों पर बरसे। फैजाबाद, गोंडा और सुल्तानपुर में उन्होंने कहा कि देश को राजनीतिक दलों से खतरा है। भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए जनलोकपाल जरूरी है। इसके लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में फिर अनशन करूंगा और मांग पूरी हुए बगैर नहीं उठूंगा। शरीर में जब तक प्राण है, संघर्ष जारी रहेगा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दोनों से देश का भला होने वाला नहीं हैं।
फैजाबाद में हजारे ने कहा कि संविधान में पार्टियों का कोई वजूद नहीं है। दलीय आधार पर चुनाव संविधान विरोधी है। सत्ता में आए लोगों ने पैसा बनाया और पैसे से सत्ता हथिया ली। संसद में 163 दागी बैठे हैं। केंद्र के 15 मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। उन्होंने कहा कि जब संसद में अच्छे चरित्र के लोग जाएंगे तभी लोकतंत्र आएगा, भ्रष्टाचार मिटेगा व देश का भविष्य उज्ज्वल होगा।
गोंडा में उन्होंने कहा कि एक, पांच और 12 रुपये में भरपेट भोजन का दावा करने वाले नेता एयरकंडीशन कमरों में बैठकर जनता का दर्द क्या समझेंगे। यह तो जनता के साथ बेहद घटिया मजाक है। उन्होंने कहा, 2006 में सांसदों को पांच हजार रुपये पगार मिलती थी। अब 80 हजार रुपये की मांग की जा रही है। यही नहीं, 50 हजार रुपये पगार तो स्वीकृत भी हो गई है। उन्होंने कहा, सांसदों को सत्र के दौरान प्रतिदिन दो हजार रुपये भत्ता मिलता है।
सुल्तानपुर में भी उन्होंने राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों, विधायकों, सांसदों व मंत्रियों के आचार व्यवहार पर तीखा प्रहार किया। कहा, जनलोकपाल कानून बनवाने, देश में जनतंत्र लागू करने और किसानों की समस्याओं से लड़ने के लिए वे लोगों को एकजुट करेंगे।

देश के बाहर मोदी का विरोध गलत: अन्ना
बरेली। वगुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने बदलते बयानों के बीच समाजसेवी अन्ना हजारे ने गुरुवार को कुछ सांसदों की उस मुहिम को गलत ठहराया, जिसमें अमेरिका को पत्र लिखकर नरेंद्र मोदी को वीजा नहीं दिए जाने का आग्रह किया गया है। उन्होंने इस प्रकरण में सांसदों को नसीहत दी कि देश के आंतरिक मामले बाहर नहीं ले जाने चाहिए। मोदी के मामले में विरोध या नाराजगी देश के अंदर तक सीमित रखनी ही ठीक है। इस सवाल पर कि मोदी की लोकप्रियता बढ़ रही है, अन्ना बोले- इसमें मैं क्या कर सकता हूं। जनता का फैसला ही सबका फैसला होगा।
जनतंत्र यात्रा लेकर बरेली पहुंचे अन्ना हजारे गुरुवार की सुबह यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से रूबरू थे। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव सीधे जनता के जरिये कराने की बात दोहराते हुए उन्होंने कहा कि संविधान में पक्ष [किसी के समर्थन] और पार्टी का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की भागीदारी खत्म करने के लिए वह सप्ताह भर में चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिलेंगे। जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वह सारी राजनीतिक पार्टियों को दोष नहीं देंगे, क्योंकि अभी भी कुछ नेता अच्छे हैं। घुसपैठ के मामले में अन्ना ने चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही। कहा कि भारत सरकार को इस मामले में कठोर कदम उठाने चाहिए। श्रीमद्भागवत गीता का संदेश बताते हुए अन्ना ने कहा- हमारा काम कर्म करना है, फल देना तो ईश्वर का काम है। उन्होंने कहा कि इंडिया अंगेस्ट करप्शन इसलिए खत्म किया क्योंकि उसके नाम पर ब्लैकमेलिंग होने लगी थी। अब जनतंत्र मोर्चा बनाया है, जिसमें कोई पदाधिकारी नहीं, सिर्फ वॉलेंटियर्स हैं।

33 रुपये में तो नेता चाय भी नहीं पी सकेंगे: अन्ना हजारे
फर्रुखाबाद। समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि हमारे देश की गरीबी रेखा का निर्धारण करने वाले नेता अपनी सारी संपत्ति पहले निकाल कर रख दें, इसके बाद वह 33 रुपये में एक दिन परिवार का भरण पोषण कर दिखाएं।
उत्तर प्रदेश यात्रा पर निकले अन्ना ने शुक्रवार को यहां कहा कि 33 रुपये में तो नेता एक कप चाय भी नहीं पी सकेंगे, नाश्ते की बात तो दूर है। निरीक्षण भवन, फतेहगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में अन्ना ने कहा कि नेता गरीबी की वेदना क्या जानें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रसूता ही बच्चे को जन्म देने का दर्द जान सकती है।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के पद पर दावेदारी के प्रश्न पर अन्ना ने कहा नरेंद्र मोदी यदि अच्छे हैं तो वह गुजरात में जन लोकपाल क्यों नहीं लाए। उन्होंने कहा कि वह लोक शिक्षा व लोक जाग्रति पर निकले हैं। इस यात्रा के माध्यम से छह करोड़ लोगों के जाग्रत होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि संसद में यदि जन लोकपाल पास हो गया होता तो 60 से 70 फीसद भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाता।
उन्होंने कहा कि जनता को अब अच्छे व साफ छवि वाले प्रत्याशी को चुनकर संसद में भेजना होगा, तभी देश का भला होगा।

हां, मुझे मारने की दी गई थी सुपारी : अन्ना हजारे
बरेली। वयोवृद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे ने खुद के मारे जाने की सुपारी देने की बात फिर दोहराई। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ मैंने अनशन किया था, जिस पर वहां के छह मंत्री हटाए गए थे। इन्हीं मंत्रियों में से एक ने उन्हें मरवाने के लिए 35 लाख रुपये की सुपारी दी, लेकिन मारने वाले ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया।
बरेली में पत्रकारों से सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने यह बात कही। जनतंत्र यात्रा के लिए बरेली पहुंचे अन्ना ने मोदी और भाजपा दोनों को सांप्रदायिक बताया और राष्ट्रपति के भी जनता की ओर से चुने जाने की हिमायत की। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह किसी भी पार्टी से जुड़े व्यक्ति को वोट न दें।
बरेली में बारिश के चलते बभिया गांव जाने के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को छोड़ कर अन्ना बदायूं निकल गए।

राहुल-मोदी से देश का भला नहीं: अन्ना
मुरादाबाद। देश में जनता को सीधे प्रधानमंत्री चुनने की बात दोहराते हुए समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि राहुल गांधी व नरेंद्र मोदी में कि राहुल गांधी व नरेंद्र मोदी में किसी एक के प्रधानमंत्री बनने से देश का भला होने वाला नहीं है। देश में सीधे जनता के द्वारा ही प्रधानमंत्री चुने जाने की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को अपनी पार्टी बर्खास्त कर फिर साथ आने का न्योता भी दे दिया।
महानगर से पांचवे चरण की जनतंत्र यात्रा लेकर निकले अन्ना हजारे बुधवार सुबह सर्किट हाउस में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने अंग्रेजों के चले जाने के बाद भी देश में जनतंत्र बहाल न होने का दावा करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने जनतंत्र बहाल नहीं होने दिया, लेकिन अब जनतंत्र यात्रा से जनता खुद ही देश में जनतंत्र बहाल करा लेगी। हजारे ने कहा- एक लाख लोगों को जन लोकपाल के प्रचार की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के लिए दो-दो सौ लोगों को भेजा जा रहा है। हाल ही में ऋषिकेश में प्रशिक्षित दो सौ लोगों में 18 लोग खुद एक साथ गांव-गांव भ्रमण करने के लिए आगे आए हैं।
नरेंद्र मोदी के सांप्रदायिक होने के सवाल पर अन्ना हजारे पुराने रुख पर ही कायम रहे। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सांप्रदायिक है तो उसके चुनाव की कमान संभालने वाले नरेंद्र मोदी खुद ही सांप्रदायिक माने जाएंगे। परिवारवाद की राजनीति के सवाल पर उन्होंने सीधे किसी पार्टी पर टिप्पणी करने के बजाए सभी पार्टियों में इसका चलन तेजी से बढ़ने की बात कही। चुनाव में प्रत्याशी जनता पर थोपे जा रहे हैं। कांग्रेस के मुम्बई में रेस्टोरेंट को बंद कराने की कार्रवाई को भी उन्होंने गैरकानूनी बताया।

चुनाव से पहले आएगा लोकपाल बिल: अन्ना
मुरादाबाद। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही लोकपाल कानून प्रभावी हो जाएगा। देश में लोकपाल लाने के साथ 'लोकतंत्र लाने' का भी आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा स्वरूप में लोकतंत्र सिर्फ नाम का है। नाम की जगह काम का लोकतंत्र लाने के लिए ही वह जनतंत्र यात्राएं कर रहे हैं।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रामलीला मैदान में सभा से यात्रा के पांचवें चरण की शुरुआत करने वाले अन्ना ने लोकतंत्र को अलग तरीके से परिभाषित किया। उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस को तो निशाने पर रखा ही, अन्य दलों के प्रति भी असंतुष्टि जताई।
अन्ना ने कहा कि असल जनतंत्र तब आएगा, जब अच्छे लोग संसद तक पहुंचेंगे। इसका माहौल बनाने के लिए ही जनतंत्र यात्राएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि छह माह देश भर में घूमकर छह करोड़ लोगों को इस अभियान से जोड़ने का लक्ष्य है। जब छह करोड़ हिंदुस्तानी एक साथ आएंगे तो सरकार को लोकपाल लाना पड़ेगा या उसे जाना पड़ेगा। ये जाना पसंद नहीं करेंगे, लिहाजा चुनाव से पहले लोकपाल आएगा।

अन्ना ने अब पत्रकारिता को भी कटघरे में खड़ा किया
नई दिल्ली। हिन्दी पत्रकारिता पर आयोजित एक कार्यक्रम में शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने पत्रकारिता पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि पत्रकारिता में अब वो दम नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है परंतु इस तर्ज पर वह अपनी जिम्मेदारियों से भटक गया है।
अन्ना ने पत्रकारिता पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज के समय में मीडिया विकास और छोटे क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों को उठाने के बजाए शहरीकरण पर ज्यादा ध्यान दे रही है। यह चिंता का विषय है। अन्ना ने विकास का मतलब बताते हुए कहा कि विकास का अर्थ केवल गांवों में पंचायतों और बड़ी-बड़ी इमारतों का निमार्ण करना ही नहीं होता। इससे इमारतें तो खड़ी हो जाती हैं परंतु लोगों के विचार और सिद्धांत नीचे गिर जाते हैं। यदि सही मायनों में विकास करना है तो लोगों को अंदर से मजबूत बनाना होगा। उन्होंने मौजूदा समय में अपनाये जा रहे विकास के मॉडल पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि आज विकास के मॉडल में प्राकृतिक और मानव संसाधनों का दुरूपयोग हो रहा है जो कि सही नहीं है।

मोदी पर दिए बयान से पलटे अन्ना, आज शाम दे सकते हैं सफाई
नई दिल्ली। वयोवृद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को सांप्रदायिक न मानने संबंधी बयान से इन्कार किया है। वह इस मुद्दे पर शुक्रवार शाम प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं। गौरतलब है कि बुधवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में जनतंत्र यात्रा समाप्त होने के मौके पर अन्ना के हवाले से यह खबर आई थी कि वह मोदी को सांप्रदायिक व्यक्ति नहीं मानते। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ईमानदार मानने से भी इन्कार किया था। खबर में कहा गया था कि अन्ना ने मोदी के सांप्रदायिक मानने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनके सांप्रदायिक होने का अब तक कोई सबूत मेरे सामने नहीं आया है, इसलिए वह उन्हें सांप्रदायिक नहीं मानते।
इससे पहले भी दिल्ली में जनलोकपाल के लिए अनशन के दौरान अन्ना ने मोदी के विकास की तारीफ की थी जिसके कारण वह विरोधियों के निशाने पर आए गए थे।

नरेंद्र मोदी सांप्रदायिक नहीं: अन्ना हजारे
इंदौर। जनलोकपाल पास करने के लिए दिल्ली में अनशन के दौरान नरेंद्र मोदी के विकास की तारीफ करके राजनीतिक गलियारे में आलोचना का शिकार हुए अन्ना हजारे ने अब कहा है कि वे नरेंद्र मोदी को सांप्रदायिक नहीं मानते। मध्य प्रदेश में जनतंत्र यात्रा के अंतिम दिन बुधवार को इंदौर पहुंचे समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अब तक उन्हें मोदी के सांप्रदायिक होने संबधी कोई सबूत नहीं मिला है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पाíटयों को आड़े हाथ लेते हुए अन्ना ने कहा कि मैं किसी भी पार्टी का पक्षधर नहीं हूं। न कांग्रेस गुणवत्ता पर चल रही है और न ही भाजपा। कोयला घोटाले में भाजपा ने कोई विरोध नहीं किया। वह भी अलग नहीं है। कोयला घोटाले से साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री भी ईमानदार नहीं हैं। सीबीआइ की रिपोर्ट को भी बदला गया। प्रधानमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जनसंसद यदि जाग जाए तो भ्रष्ट लुटेरी सरकार को नेस्तानाबूद कर सकती है। लोग भूल गए हैं इसलिए उन्हें जगाने के लिए निकलना पड़ा। अन्ना ने कहा कि केंद्र सरकार के 35 में से 15 मंत्री और 163 सांसद दागी हैं। राजगुरु, भगतसिंह और सुखदेव की कसम खाओ कि भ्रष्ट लोगों को वोट नहीं देंगे।
इस तरह असली जनतंत्र आ जाएगा। जनलोकपाल और जनतंत्र के नारे के साथ अन्ना हजारे इंदौर पहुंचे तो करीब दो हजार लोग तिरंगा लिए और अन्ना टोपी पहन उनका समर्थन करने पहुंचे।

तो मिस्त्र जैसा होगा देश का हाल : अन्ना
ग्वालियर। देश में भ्रष्टाचार चरम पर है। मतदाता हर बार जनप्रतिनिधियों को सुधरने का मौका दे रहा है, पर वे बेअसर है। अब मतदाता जागरूक हो गया है, वह एक सशक्त लोकपाल बिल चाहता है। यदि देश में सशक्त लोकपाल बिल पारित नहीं हुआ, तो यहां भी मिस्त्र जैसी क्रांति आ सकती है। यह बात पत्रकार वार्ता के दौरान गांधीवादी नेता व समाजसेवी अन्ना हजारे ने कही।
अन्ना ने कहा कि देश के अंदर लोक शिक्षा व लोक जागृति लाई जाए। संविधान में पक्ष व पार्टी आधारित चुनाव व्यवस्था नहीं है। 1952 से देश के अंदर पक्ष व पार्टी के आधार पर चुनाव हो रहे हैं। आरक्षण संबंधी प्रश्न का जवाब देते हुए हजारे ने कहा कि पक्ष व पार्टी ने ही आरक्षण को हवा दी है, जिससे देश में जात-पात का जहर घुल रहा है। चुनाव से पहले खाद्य कानून बिल पारित किए जाने की बात कही जा रही है। कोई भी कानून बनाने से पहले आम नागरिक को भली-भांति बताया जाए और उसका मत लिया जाए। उन्होंने कहा कि संसद देश की जनता पर कानून न थोपे।
समाज प्रमुख को चरित्रवान होना चाहिए
प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री राघवजी के सीडी कांड के एक सवाल में हजारे ने कहा कि जो लोग समाज के प्रमुख बनकर आगे चल रहे हैं, उनसे लोग प्रेरणा लेते हैं। ऎसे लोगों को चरित्रवान होना चाहिए।

मैं देश में जनजागरण करने निकला हूं : अन्ना
ग्वालियर। अपनी जनजागरण यात्रा पर निकले समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगकर सरकार बनाना गलत तरीका है। इस परंपरा को राजनीति से बाहर होना चाहिए।
अन्ना यहां पर अपनी यात्रा के साथ शिवपुरी के लिए रवाना हो गए। अन्ना आज शिवपुरी में एक रैली को संबोधित करेंगे। अन्ना हजारे कल ग्वालियर पहुंचे थे और शाम को रैली को संबोधित किया था।
आज सुबह पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "मैं किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन या विरोध नहीं करूंगा, मैं देश में जनजागरण करने निकला हूं। उम्मीद करता हूं कि लोग उससे ही राजनीतिक तौर पर जागृत होंगे।" उन्होंने धर्म और जाति के आधार पर होने वाली राजनीति का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगकर सत्ता में आना गलत तरीका है, यह देश की संवैधानिक व्यवस्था पर चोट है।

अन्ना हजारे ने भरी आंदोलन की हुंकार
मुलताई। समाजसेवी अन्ना हजारे ने जनवरी 2014 में जनलोकपाल बिल और मौजूदा केंद्र सरकार के खिलाफ जन आंदोलन छेड़ने की हुंकार मंगलवार को नगर के उत्कृष्ट विद्यालय ग्राउंड में जनता को संबोधित करते हुए भरी।
सब देश को दे दिया
अन्ना हजारे ने कहा कि उन्हें विभिन्न पुरस्कारों के माध्यम से 55 लाख रूपए मिले जो उन्होंने ट्रस्ट बनाकर देश सेवा के लिए दे दिए। उन्होंने इस मौके पर यह भी बताया कि उन्होंने जनता के लिए जब भी लड़ाई छेड़ी है तो उसके परिणाम आए हैं। इसमें उन्होंने चार सौ से अधिक भ्रष्ट नौकरशाह और छह मंत्रियों के विकेट गिराए।
फिर दिल्ली में होगा आंदोलन
अन्ना हजारे ने कहा कि दस महीने की जनतंत्र यात्रा के बाद दिल्ली के रामलीला मैदान में जनवरी 2014 में फिर जनआंदोलन छेड़ेगे।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में थकें नहीं लोग: अन्ना
सिवनी (मप्र)। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोगों से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए लगातार कार्य करते रहने और न थकने की सलाह दी है।
हजारे ने मंगलवार को जनतंत्र यात्रा के दौरान संवाददाताओं से कहा कि हम जो करते हैं उसमें सफलता नहीं मिलती और मन में थकावट आ जाती है। लेकिन लोग इस थकावट को न आने दें और अपना कर्तव्य करते जाएं, सफलता जएर मिलेगी।
हजारे ने कहा कि जब महाराष्ट्र में हमने आंदोलन शुरू किया था तो कई एकावटें सामने आई और सत्ता पक्ष की ओर से हमे दबाने का काम किया गया। लेकिन हम अपना कर्तव्य करते गये, जिसका परिणाम है कि महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2002 में सूचना का अधिकार लागू किया और इसका अनुसरण करते हुए केन्द्र ने इसे पूरे देश में लागू कर दिया।
उन्होंने युवा पीढ़ी के लिए संदेश दिया कि युवा शक्ति जाग जाये, तो देश में नये समाज और राजनीति का उदय होगा। इसके लिए वे कई सालों से प्रयास कर रहे हैं। हजारे ने प्रश्नों के उत्तर में कहा कि गांधी जी ने कहा था कि जब तक गांव नहीं बदलेगा, तब तक देश नहीं बदलेगा। हमें गांव के विकास को प्राथमिकता देना है, जिस गांव में मैंने जन्म लिया वहीं से इसकी शुरुआत की है।
संसद व विधानसभा में जाने वाले नेताओं व भ्रष्टाचार को लेकर अन्ना हजारे ने कहा कि हर परिवार संस्कार का केन्द्र होता है, अच्छे संस्कार होंगे तो बदलाव जरूर आएगा। स्कूल-कालेज में अच्छी शिक्षा प्राप्त होगी तो अच्छे देश का निर्माण होगा। अन्ना ने दावा किया कि राहुल गांधी व नरेन्द्र मोदी देश का भविष्य नहीं है। पूरे देश की जनता जब तक प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति का प्रत्यक्ष रूप से नहीं चुनेगी तब तक देश का निर्माण नहीं हो सकेगा।

अन्ना ने रीवा से शुरू की जनतंत्र यात्रा
रीवा। मैं पिछले 40 साल से अपने घर नहीं गया। मेरे भाई के लड़कों का मुझे नाम तक नहीं मालूम। मेरे लिए देश सर्वोपरि है। इसी के लिए ही मैं जिऊंगा और देश के लिए ही मरूंगा
यह बात मध्य प्रदेश के रीवा में गांधीवादी अन्ना हजारे ने कही। वे जनतंत्र यात्रा के चौथे चरण की शुरुआत के मौके पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
हजारे ने कहा कि देश के 80 प्रतिशत मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। सशक्त लोकपाल बिल के लिए वे दिल्ली के रामलीला मैदान में फिर एक बार मोर्चा खोलेंगे।।

दो अक्टूबर से फिर अनशन पर बैठेंगे अन्ना
मुंबई। जन लोकपाल मुद्दे पर अन्ना हजारे ने दो अक्टूबर से एक बार फिर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठने का एलान किया है। भ्रष्टाचार रोकने में सरकार की नाकामी को लेकर कुछ हफ्ते पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिख चुके अन्ना ने गुरुवार को कहा कि जन लोकपाल कानून न लाकर संप्रग सरकार ने उनकी पीठ में छुरा घोपा है।
संसद में 'जन लोकपाल बिल' की मंजूरी सुनिश्चित करने में केंद्र सरकार की असफलता पर निराशा व्यक्त करते हुए अन्ना ने कहा, उनकी पीठ में छुरा घोपा गया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ने वाले हजारे ने यहां पत्रकारों से कहा, 'मैं दिल्ली में रामलीला मैदान पर दो अक्टूबर से एक बार फिर अनशन पर बैठूंगा।' बता दें कि लोकपाल को लेकर अन्ना दिल्ली और मुंबई में पहले भी अनशन कर चुके हैं।

भारतीय सेना में ड्राइवर थे अन्ना, इस किताब ने बदल दी इनकी जिंदगी
नई दिल्ली। भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का आगाज करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे शनिवार को 76 वर्ष के हो गए। महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित भिंगार में सन 1937 में जन्म लेने वाले किसन बापट बाबूराव हजारे यानि अन्ना हजारे का जीवन काफी उतार चढ़ाव भरा रहा। मगर उनकी जिंदगी से जुड़े कई रोचक पहलू भी हैं। अन्ना को भारत सरकार पद्म विभूषण के सम्मान से नवाज चुकी है।
अन्ना 1963 में भारतीय सेना की मराठा रेजीमेंट में ड्राइवर के रूप में हुए थे। इस दौरान उन्होंने जो कुछ देखा और सहा उससे उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अन्ना हजारे खेमकरण सीमा पर तैनात थे। इस लड़ाई में उन्होंने अपने कई सहयोगियों को खो दिया था। यह वो समय था जब अन्ना के जीवन का उद्देश्य बदलने वाला था। इसमें स्वामी विवेकानंद की किताब कॉल टु दि यूथ फॉर नेशन ने भी काफी हाथ रहा।
1970 में उन्होंने आजीवन अविवाहित रहकर स्वयं को सामाजिक कायरें के लिए पूर्णत: समर्पित कर देने का संकल्प कर लिया। 1975 में सेना से रिटायरमेंट लेने के बाद उन्होंने अपने गांव रालेगन सिद्धी को अपनी कर्मभूमि बना लिया। यहां उन्होंने पानी को बचाने की मुहिम शुरू की और इसके लिए जागरुकता अभियान चलाया। उनके कहने पर लोगों ने उनका साथ दिया और नहर खोदने के लिए एकजुट होकर काम किया। इसके अलावा अन्ना ने पेड़ उगाने के लिए भी लोगों से सहयोग मांगा।
1991 में अन्ना ने महाराष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन 1991 शुरू किया शिवसेना-भाजपा की सरकार के कुछ भ्रष्ट मंत्रियों को हटाए जाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल की। इस चक्कर में अन्ना को जेल की हवा तक खानी पड़ी थी।
1997 में अन्ना ने सूचना का अधिकार अधिनियम के समर्थन में मुंबई के आजाद मैदान से अपना अभियान शुरु किया। 9 अगस्त, 2003 को मुंबई के आजाद मैदान में ही अन्ना हजारे आमरण अनशन पर बैठ गए। 12 दिन तक चले आमरण अनशन के दौरान अन्ना हजारे और सूचना का अधिकार आंदोलन को देशव्यापी समर्थन मिला। जिसके बाद वर्ष 2003 में महाराष्ट्र सरकार को इस अधिनियम के एक मज़बूत और कड़े मसौदे को पारित करना पड़ा। बाद में इसी आंदोलन ने राष्ट्रीय आंदोलन का रूप ले लिया। इसके परिणामस्वरूप 12 अक्टूबर 2005 को भारतीय संसद ने भी सूचना का अधिकार अधिनियम पारित किया।
5 अप्रैल 2011 को उन्होंने जनलोकपाल की मांग करते हुए जंतर-मंतर पर अनशन शुरू हुआ। इसमें मैग्सेसे पुरस्कार विजेता अरविंद केजरीवाल, भारत की पहली महिला प्रशासनिक अधिकारी किरण बेदी, प्रसिद्ध लोकधर्मी वकील प्रशांत भूषण, आदि शामिल थे। इसके समर्थन में हर वर्ग का इंसान सड़कों पर उतर गया। इसको लेकर केंद्र सरकार और अन्ना के बीच काफी उठापठक हुई। अन्ना कीयह मुहिम आज तक जारी है। हालांकि अब उनके महत्वपूर्ण साथी अरविंद केजरीवाल ने अलग राह अपना ली है।

जन लोकपाल के लिए अक्टूबर में फिर अनशन पर बैठेंगे अन्ना
नई दिल्ली। जन लोकपाल बिल पारित कराने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अक्टूबर में फिर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। जन लोकपाल बिल को पारित कराने में सरकार की नाकामी पर निराशा जताते हुए हजारे ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में यह नया अल्टीमेटम दिया है।
अन्ना का यह अल्टीमेटम ऐसे समय आया है जब केंद्र सरकार चुनावी तैयारियों में जुटी दिखाई दे रही है। सरकार की तैयारियों को देखते हुए राजनीतिक हलकों में नवंबर में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव की चर्चा शुरू हो चुकी है। अन्ना ने पहले ही एलान किया था कि अगर जन लोकपाल बिल पारित नहीं हुआ तो आम चुनाव से पहले वह फिर अनशन करेंगे।
गांधीवादी हजारे ने लिखा, देश में भ्रष्टाचार की वजह से महंगाई बढ़ी है लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इसलिए मैंने अक्टूबर में रामलीला मैदान पर फिर से अनशन पर बैठने का फैसला किया है। अनशन की तारीखें अभी तय नहीं हुई है। साथ ही याद दिलाया कि सरकार ने जन लोकपाल बिल संसद में लाने के सरकार के वादे के बाद रामलीला मैदान पर अनशन खत्म किया था, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी यह पारित नहीं कराया जा सका। अन्ना ने सरकार पर उनसे और देशवासियों से झूठे वादे करने का आरोप भी लगाया।
सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए अन्ना ने कहा कि विरोध के बावजूद मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआइ और राष्ट्रपति चुनाव को लेकर संप्रग बहुमत जुटा सकती है, लेकिन जन लोकपाल के लिए वह ऐसा नहीं कर सकी। इससे साफ है कि सरकार में भ्रष्टाचार से लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है। अन्ना के मुताबिक, सरकार ने सिटीजन चार्टर, मजबूत लोकपाल बिल और उसके तहत सभी सरकारी कर्मचारियों को लाने की मांगें रखी थीं, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। भ्रष्टाचार को लेकर देशवासियों को जगाने निकले अन्ना ने हाल ही में अपनी जनतंत्र यात्रा का दूसरा चरण पूरा किया है।

उठो, जागो और बदलो व्यवस्था: अन्ना
नैनीताल। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि अंग्रेजों ने डेढ़ साल में जितना देश को नहीं लूटा, उससे कहीं अधिक 66 साल में भ्रष्टाचारियों ने इसे खोखला कर दिया। जनता के सेवक कहे जाने वाले नेता व अफसर खुद को मालिक समझ बैठे हैं। ऐसे भ्रष्टाचारियों को लोकशाही के पवित्र मंदिर से निकालने का समय आ गया है। जन लोकपाल बिल की लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार इसे मान नहीं लेती।
शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने हल्द्वानी में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनका मकसद समाज व देश की सेवा के लिए जीना और मरना है। कोई दल नहीं बनाएंगे न चुनाव लड़ेंगे और न किसी को समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद पैसा व पॉवर की ललक से गुंडे, भ्रष्ट एवं व्याभिचारियों को टिकट बांटे जा रहे है। इसीलिए आज संसद में 163 दागी बैठे हैं। लोकशाही के पवित्र मंदिर में ऐसे लोगों का घुसना शुभ नहीं। इन्हें बाहर खदेड़ने के लिए हमें जागना होगा। आगामी चुनावों में वोट के जरिए सबक सिखाने के लिए पब्लिक को मन बनाना ही होगा। बोले, गलती हमारी भी है भ्रष्ट व गुंडे हम पर दलों ने थोपे और हमने जिताकर उन्हें संसद तक भेज दिया।

केजरीवाल ने पार्टी बनाकर संविधान विरोधी काम किया: अन्ना
नैनीताल। अन्ना हजारे का कहना है कि केंद्र सरकार को लोकपाल लाना पड़ेगा, वरना उसे जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने गांवों व कालेजों में ग्रुप बनाकर लोगों की एकता में दरार डाली है। वह जब तक सांस है, जन लोकपाल आने तक संघर्ष जारी रखेंगे।
नैनीताल क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए अन्ना ने कहा राजनीतिक दलों ने सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता की परंपरा शुरू कर लोकशाही का मजाक उड़ाया है। आज देश की संसद व विधान सभाओं में जनता के हितों के अनुरूप कानून नहीं बन रहे हैं। राजनीतिक दल काबिलियत के बजाय अपने रिश्तेदारों, परिवार के लोगों को सांसद-विधायक बनवाकर जनता के स्वयंभू मालिक बन गए हैं, जबकि हकीकत में जनता देश की मालिक है। भारतीय संविधान में दलीय व्यवस्था का प्रावधान नहीं है, लेकिन सियासी लोगों ने पार्टी बनाकर संविधान के साथ धोखाधड़ी की है। एक सवाल के जवाब में अन्ना ने कहा कि वह आगामी आम चुनाव में अरविंद केजरीवाल या किसी अन्य राजनीतिक दल को वोट देने की अपील नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पार्टी बनाकर संविधान विरोधी कार्य किया है।
आईपीएल में फिक्सिंग के सवाल पर अन्ना ने कहा कि वह कभी क्रिकेट नहीं देखते। उन्होंने आशंका जताई कि आईपीएल के जरिये भी काले धन को सफेद किया जा रहा है।
उत्तराखंड में यात्रा को बेहद सफल करार देते हुए अन्ना ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में उत्तराखंड के रणबांकुरों का अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि वह व्यवस्था परिवर्तन के लिए आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें भगवान पर पूरा भरोसा है कि यह लड़ाई जीतकर ही रहेंगे। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय भी मौजूद थे।

जनतंत्र के लिए परिवारवाद है खतरनाक: अन्ना
नैनीताल। प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे ने परिवारवाद को जनतंत्र के लिए खतरनाक करार देते हुए जनता से आगामी चुनाव में भ्रष्ट, गुंडे, व्यभिचारी प्रत्याशियों को दरकिनार कर स्वच्छ उम्मीदवारों को वोट देने का आह्वान किया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र ने लिखित में वादा करने के बावजूद जन लोकपाल विधेयक नहीं लाकर देश की 120 करोड़ जनता के साथ धोखाधड़ी की है। आगामी लोस चुनाव से पहले दिल्ली में पिछली बार से भी बड़ा आंदोलन होगा और जनलोकपाल लेकर रहेंगे।
जनतंत्र यात्रा के तहत अन्ना गुरुवार को गरमपानी से होते हुए अल्मोड़ा से यहां पहुंचे थे। उन्होंने मल्लीताल फ्लैट मैदान पर आम सभा की। अन्ना ने कहा कि राजनीतिक दलों ने सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता हासिल कर लोकतांत्रिक गणराच्यज्का मखौल उड़ाया है। संविधान में दलीय व्यवस्था का प्रावधान नहीं होने के बावजूद इसे जनता पर थोप दिया। राजनीतिक दल औद्योगिक घरानों से चंदा लेकर काले धन को सफेद कर रहे हैं। विदेशों में जमा काला धन भी देश में वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे देश से करीब छह करोड़ लोगों को एक साल के लिए जोड़ा जा रहा है। यही लोग पूरे देश में व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई को मुकाम तक ले जाएंगे। अन्ना ने अपने संबोधन में कहा कि वेतन बढ़ाने, रेल किराया बढ़ाने आदि मसलों से संबंधित विधेयक सरकार दो घंटे में पास करा लेती है, जबकि प्रधानमंत्री के लिखित आश्वासन के दो साल बाद भी जनलोकपाल विधेयक लंबित है।
उन्होंने हुंकार भरते हुए कहा कि जनता देश की मालिक है, और सांसद सेवक हैं, लेकिन उलटा हो रहा है। कहा कि संसद में 163 सांसद दागी हैं। राइट टू रिकॉल को जरुरी बताते हुए उन्होंने कहा कि जनता को यह हक मिलना चाहिए। सरदार भगत सिंह समेत आजादी के सैकड़ों रणबांकुरों ने देश के लिए जान दे दी, लेकिन आज राजनीतिक दलों ने गुंडों, व्यभिचारियों को संसद में बैठाकर उनकी शहादत का मजाक उड़ाया है। उन्होंने जनता से आगामी चुनावों में गुंडा, भ्रष्ट व व्यभिचारियों को वोट नहीं देने का संकल्प लेने का आह्वान किया। संसद में सांसदों के हंगामे व आरोप-प्रत्यारोप को नाटक करार देते हुए अन्ना ने कहा कि सभी खाने के लिए एक हो जाते हैं। अपने गांव रालेगण सिद्धि का हवाला देते हुए अन्ना ने कहा कि जब तक देश का हर गांव नहीं जागेगा व्यवस्था परिवर्तन नहीं होगा।
वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय ने कोयला घोटाले के मामले में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह पर सुप्रीम कोर्ट में भी झूठ बोलने का आरोप लगाया। पूर्व डीजीपी विजय राघव पंत ने भ्रष्टाचार को आज की सबसे बड़ी समस्या करार दिया। इससे पूर्व दमयंती नेगी ने कुमाऊंनी अंदाज में अन्ना का स्वागत किया। जनतंत्र यात्रा की शुरुआत तल्लीताल गांधी चौक से हुई। संचालन उमेश तिवारी विश्वास ने किया।

जनता को जगाने का करूंगा काम: अन्ना
अल्मोड़ा। जालियांवाला बाग की मिट्टी माथे पर लगा कर शपथ ली है कि जिएंगे देश व समाज के लिए मरेंगे तो देश सेवा करते हुए। यह बात अन्ना हजारे ने कही। वह रैमजे इंटर कालेज के प्रांगण में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
अन्ना हजारे की जनतंत्र यात्रा कौसानी से बुधवार की सुबह रवाना होकर सोमेश्वर से होते हुए अल्मोड़ा पहुंची थी। जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि मैं एक साल पूरे देश में घूम-घूम कर 110 करोड़ जनता को जगाने का काम करूंगा। छह करोड़ लोगों को संबोधित करूंगा। रामलीला मैदान में होगा जन लोकपाल बिल लाने का आह्वान। साफ ऐलान होगा कि जनलोकपाल बिल लाओ नहीं तो वापस जाओ। वापस तो जाएंगे नहीं लोकपाल बिल लाना पड़ेगा। अन्ना ने कहा कि लाखों लोगों ने आजादी की लड़ाई में लोकतंत्र के लिए कुर्बानी दी। समूह के कारण भ्रष्टाचार बढ़ा है। जनतंत्र के बजाय देश में लूट तंत्र हो गया है। जहां कई जगह पैसा देकर वोट मिले वहां अच्छा जनप्रतिनिधि कहां से आएगा।
अन्ना ने कहा कि देश की संसद में 165 संासद दागी हैं। 35 मंत्री भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब गलती सुधारने का समय है। क्योंकि दिल्ली की संसद से बड़ी जन संसद है। सबको संकल्प लेना होगा कि भ्रष्टाचारी को वोट नहीं करेंगे। जहां की जनता अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी उसके प्रचार में हम स्वयं आएंगे। आने वाले चुनाव में राजनीतिक दलों को वोट नहीं देना है। उन्होंने कहा कि गांधी कहते थे कि गांव को बदलने से ही देश बदलेगा लेकिन राजनीतिक दलों ने गांवों में झगड़े पैदा कर दिए हैं। अब देश की जनता को संगठित कर पार्टियों को समाप्त करना है। इससे पूर्व अन्ना के साथ आए संतोष भारती ने कहा कि अन्ना आने वाले लोकसभा चुनाव में राजनीतिक विकल्प देंगे। अन्ना जो भी बोलेंगे देश, तकलीफ व आमआदमी का दर्द बोलेंगे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. महेंद्र मेहरा मधु व भूपेंद्र चौधरी ने संयुक्त रूप से किया। यात्रा के संयोजक डॉ. रमेश चंद्र लोहुमी ने सभी का आभार जताया।
भीड़ ने दिखाया राजनीतिक दलों को आइना :
अन्ना हजारे की सभा में बिन बुलावे के उमड़ा जनसैलाब अल्मोड़ा के इतिहास में कई दशकों बाद देखने को मिला। आज के दौर में राजनीतिक दलों की किसी भी जनसभा में ऐसी स्वत: स्फूर्त भीड़ देखने को नहीं मिलती है। अन्ना को सुनने आया जनसैलाब राजनीतिक दलों के लिए उनकी विश्वनीयता का आइना भी दिखा रहा था।
प्रशासन से हुई नोकझोंक :
अन्ना की सभा से ऐन पहले आयोजकों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच सभा की अनुमति को लेकर विवाद पैदा हो गया। बाद में सभा स्थल पर ही आयोजक समिति ने प्रशासन की अनुमति ली। आयोजक समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि अन्ना का कार्यक्त्रम काफी दिन पहले से तय था और उसे रामलीला मैदान में रखा गया था, जो सार्वजनिक स्थल है। प्रशासन राजनीतिक दबाव में आकर इस तरीके की कार्रवाई कर रहा है, जो उचित नहीं है।

गांव में रहकर ही गांवों की तस्वीर बदलें: अन्ना
बागेश्वर। तबियत कुछ हल्की, लेकिन समर्थकों को देखकर उत्साहित व जोश से लबरेज अन्ना हजारे ने कौसानी की शांत वादियों में फिर हुंकार भरते हुए कहा, सत्ता परिवर्तन के साथ-साथ व्यवस्था परिवर्तन भी करना होगा। तभी भारत माता का खोया हुआ गौरव वापस लौटाया जा सकता है।
जनतंत्र यात्रा के तहत उत्तराखंड में अनाशक्ति आश्रम कौसानी के प्रांगण में जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन यहां राजनैतिक पार्टियों व अफसरों का तंत्र हावी हो गया है। देश अब इन भ्रष्ट पार्टियों व अफसरों को ढोने में सक्षम नहीं है। कहा बदलाव की शुरूआत गांव से करनी होगी। सत्ता व व्यवस्था परिवर्तन के लिए लोगों को स्वभाव में बदलाव लाना होगा। ऊपर से बदलाव की बात बेमानी है। अब नीचे से शुरूआत करनी होगी। ग्राम सभा को अपनी ताकत का एहसास करना होगा। कहा कि जन लोकपाल बिल व व्यापक आंदोलन के लिए लोग अपना योगदान दें।
उसी कमरे में बिताई रात, जहां रुके थे बापू
आजादी के आंदोलन के दौरान 1929 में अनाशक्ति आश्रम के जिस कमरे में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने रुके थे, उसी कमरे में अन्ना हजारे ने भी रात्रि विश्राम किया।

भ्रष्टाचार से कराह रही भारत माता: अन्ना
गरुड़। भ्रष्टाचारी इस देश में राज कर रहे हैं तथा भारत माता कराह रही है। देश की सवा सौ करोड़ जनता जन लोकपाल मांग रही है लेकिन केंद्र सरकार सुनती नही है। मैं जन लोकपाल बिल पारित करवाकर ही दम लूंगा। देश का हर नागरिक इसके लिए कुर्बानी को तैयार रहे। यह उद्गार प्रख्यात समाज सेवी अन्ना हजारे ने गरुड़ के ऐतिहासिक गांधी चबूतरे पर आयोजित सभा में व्यक्त किए।
अन्ना हजारे की जनतंत्र यात्रा ने सोमवार को चमोली जिले से कुमाऊं के बागेश्वर जिले में प्रवेश किया। इस दौरान गरुड़ में मौजूद जनता को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए ऐतिहासिक आंदोलन करने का वक्त आ गया है। केंद्र में काबिज सरकार ने जन लोकपाल बिल मामले में मेरे साथ ही नहीं अपितु देश की सवा सौ करोड़ जनता के साथ विश्वासघात किया। देश के 163 दागी सांसद सदन में हैं जबकि कई मंत्री जेल में हैं। जनदबाव के चलते ही सरकार को आरटीआइ कानून बनाना पड़ा था जिसकी बदौलत आज बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं। अन्ना ने अपील की कि ऐतिहासिक गांधी चबूतरे पर शपथ लें कि भ्रष्टाचार को खत्म करके ही दम लेंगे। कहा सभी दल भ्रष्टाचार में लिप्त हैं लेकिन आगामी चुनावों में ईमानदार प्रत्याशी को जिताएं। सभा का संचालन बागेश्वर में यात्रा संयोजक कुंदन परिहार व मनोज ओली ने किया। साहित्यकार मोहन जोशी ने अन्ना को काव्य संकलन, बालिका अर्पिता जोशी ने बैजनाथ का चित्र तथा नवीन ममगई ने अभिनंदन पत्र सौंपा। सभा को चौथी दुनिया के संपादक संतोष भारतीय, यात्रा संयोजक भूपाल चौधरी, किसान मंच के राष्ट्रीय संयोजक विनोद सिंह, स्वागत समिति के सदस्य मोहन सिंह रावत गांववासी ने भी संबोधित किया। इस दौरान मोहन वृजवासी, मोहन दा, घनश्याम जोशी, शिव सिंह बिष्ट, सदन मिश्रा, देवकीनंदन जोशी, भुवन जोशी, भुवन गैड़ा, डीएन वर्मा, विनोद भट्ट, संजय जोशी, इंदिरा मिश्रा, पार्वती जोशी, कैलाश जोशी, नंदन नेगी आदि सहित विभिन्न संगठनों के सदस्य मौजूद थे।
देवभूमि में आकर मिली ऊर्जा
अन्ना ने कहा कि देवभूमि में आकर उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने के लिए ऊर्जा मिली है। उत्तराखंड के लोगों की सादगी की तारीफ करते हुए अन्ना ने कहा कि राज्य के लोगों ने हमेशा ही ईमानदारी का साथ दिया है। यहां के लोगों में देशप्रेम कूट-कूट कर भरा है तभी तो यहां के प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति सेना में रहकर भारत माता की सेवा कर रहा है।
कौसानी में करेंगे चिंतन
अन्ना ने कहा कि वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मस्थली कौसानी में प्रवास के दौरान चिंतन करेंगे तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की रणनीति तैयार करेंगे। कौसानी व गरुड़ सहित बागेश्वर जिले की जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना योगदान देना होगा तथा मेरे साथ कदम मिलाकर चलना होगा।
सैकड़ों ने ली संघर्ष की शपथ
सभा के दौरान सैकड़ों लोगों ने भ्रष्टाचार मिटाने के लिए अन्ना के साथ संघर्ष करने की शपथ ली। इसके लिए बाकायदा लोगों को सादे कागज में शपथ लिखकर दी। अन्ना ने संघर्ष के लिए समय देने वालों से हस्ताक्षर, मोबाइल नंबर व ईमेल पते भी लिए। बाद में आंदोलन के लिए सभी को बुलाया जाएगा।

अन्ना ने राहुल की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की
बदरीनाथ। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की जनतंत्र यात्रा रविवार को चीन सीमा पर स्थित गांव माणा [उत्तराखंड] पहुंची। वहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले घंटाकर्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की। इससे पूर्व शनिवार को अन्ना ने बदरी नारायण की स्तुति की। इस मौके पर उन्होंने कहा-'मैंने भगवान से अपने लिए नहीं, बल्कि कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की है।'
एक जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि जन लोकपाल के लिए एक-एक व्यक्ति को उनका साथ देना होगा। जब आम आदमी जागेगा, तभी सरकार इस मुद्दे पर जाग पाएगी। पता चला है कि राहुल गांधी जल्द बदरीनाथ आ रहे हैं। इसलिए उन्होंने भगवान से प्रार्थना की कि राहुल को सद्बुद्धि आए और वह जन लोकपाल को जनता की उम्मीदों के अनुरूप संसद में पास कराएं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ करें संघर्ष: अन्ना
श्रीनगर गढ़वाल। समाजसेवी अन्ना हजारे ने युवाओं से भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे आकर संघर्ष करने का आह्वान किया है।
जनतंत्र यात्रा के तहत गढ़वाल विश्वविद्यालय पहुंचे अन्ना ने भ्रष्टाचार को ही सब समस्याओं की जड़ बताते हुए कहा कि 26 जनवरी, 1950 को गणराज्य बनने के साथ ही संविधान के अनुसार राजनीतिक पार्टियों का वजूद भी नहीं रहना चाहिए था। समाज और देश के लिए कार्य करने वाले हमेशा जिंदा रहते हैं।
शुद्ध आचार, शुद्ध विचार, निष्कलंक जीवन और त्याग को जीवन का आधार और सिद्धांत बनाने का आह्वान युवकों से करते हुए उन्होंने कहा कि सोच में सकारात्मक परिवर्तन से ही व्यवस्था में भी सकारात्मक परिवर्तन आता है। जीवन में सोच के अभाव से ही व्यक्ति भ्रमित और पथभ्रष्ट भी होता है। सोच अच्छी होनी चाहिए।
जीवन के लिए ध्येय और लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान छात्रों से करते हुए उन्होंने कहा कि सेवा में ही आनंद और जीवन की सफलता है। समाज के लिए भी समय दें। जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। दृढ़ इच्छा शक्ति से सब संभव है।
जनतंत्र यात्रा को लेकर श्रीनगर गढ़वाल पहुंचे समाजसेवी अन्ना हजारे ने गढ़वाल विवि के छात्रों और क्षेत्र के युवाओं से व्यवस्था में बदलाव लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे आकर संघर्ष करने का आह्वान किया।
भ्रष्टाचार को ही सब समस्याओं की जड़ बताते हुए उन्होंने कहा कि 26 जनवरी 1950 को गणराज्य बनने के साथ ही संविधान के अनुसार राजनीति पार्टियों का वजूद भी नहीं रहना चाहिए था। उन्होंने कहा कि समाज और देश के लिए कार्य करने वाले हमेशा जिंदा रहते हैं। शुद्ध आचार, शुद्ध विचार, निष्कलंक जीवन और त्याग को जीवन का आधार और सिद्धांत बनाने का आह्वान युवकों से करते हुए उन्होंने कहा कि सोच में सकारात्मक परिवर्तन से ही व्यवस्था में भी सकारात्मक परिवर्तन आता है।
जीवन में सोच के अभाव से ही व्यक्ति भ्रमित और पदभ्रष्ट भी होता है। सोच अच्छी होनी चाहिए। जीवन के लिए ध्येय और लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान छात्रों से करते हुए उन्होंने कहा कि सेवा में ही आनंद और जीवन की सफलता है। समाज के लिए भी समय दें। जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। दृढ़ इच्छा शक्ति से सब संभव है।

भ्रष्टाचार से निजात को व्यवस्था बदलाव जरूरी : अन्ना
नई टिहरी। जनतंत्र यात्रा के तहत इन दिनों उत्ताराखंड के दौरे पर निकले प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने जनता को उसकी ताकत याद दिलाई। यात्रा के तीसरे दिन नई टिहरी में जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा 'भ्रष्टाचार से निजात पाना है तो व्यवस्था परिवर्तन करना होगा और इसके लिए जरूरी है योग्य लोगों को संसद पहुंचाएं।'
गढ़वाल में अन्ना को लेकर लोगों में खास उत्साह नजर आ रहा है। जगह-जगह जनसभाओं में उमड़ रहे युवाओं की तादाद से जाहिर है कि उन पर अन्ना का जादू कायम है। गुरुवार को अन्ना तय समय से एक घंटे बाद नई टिहरी पहुंचे। उपस्थित जनसमुदाय ने उनका ढोल और रणसिंघा [पहाड़ी वाद्य] के साथ उनका स्वागत किया गया। उत्साह से अभिभूत अन्ना ने कहा 'आप अपनी ताकत को चुनाव के लिए बचाकर रखें। तभी भ्रष्टाचार मुक्त समाज का सपना साकार होगा।' उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी देश के लिए है।
जनसभा के बाद अन्ना अपने अगले पड़ाव पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर के लिए रवाना हो गए। यहां रात्रि विश्राम के बाद वह आगे की यात्रा पर बदरीनाथ की ओर रवाना होंगे। इससे पहले अन्ना हजारे ने चंबा में वीर गबर सिंह स्मारक पर पुष्प अर्पित किए।

अन्ना की हुंकार, सितंबर से निर्णायक लड़ाई
ऋषिकेश। भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की जनतंत्र यात्रा का तीसरा चरण मंगलवार को उत्तराखंड में तीर्थनगरी ऋषिकेश से शुरू हो गया। पहले दिन यात्रा के पड़ावों पर आयोजित जनसभाओं में अन्ना हजारे ने भ्रष्ट व्यवस्था को बदलने के लिए एकजुट होकर कदम मिलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उनका मकसद 120 करोड़ की आबादी वाले देश में छह करोड़ लोगों की चेतना जागृत करने करने का है। जिस दिन छह करोड़ लोग जाग जाएंगे, देश में स्वत: ही बदलाव की बयार बहने लगेगी। अन्ना ने एलान किया कि इस वर्ष सितंबर माह में दिल्ली रामलीला मैदान में निर्णायक आंदोलन किया जाएगा।
सुबह ऋषिकेश के दून तिराहे पर 11 पुरोहितों ने मंत्रोच्चार व एक बालिका अनन्या शर्मा ने अन्ना हजारे को तिलक लगाकर जनतंत्र यात्रा का श्रीगणेश किया। यहां जनता को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा, 'जब तक जन लोकपाल बिल नहीं आ जाता तब तक मैं प्राण नहीं त्यागने वाला।'
इसके बाद डोईवाला, छरबा और कालसी में अन्ना हजारे ने जनता को उनकी ताकत का एहसास कराया। साथ ही कहा कि डाकू, लुटेरे, व्यभिचारी व भ्रष्टाचारी को संसद में पहुंचने से रोकें। जनता गलत को वोट न करे, क्योंकि देश की किस्मत बदलने की चाबी जनता के हाथ है। उन्होंने एक साल में छह करोड़ लोगों को संगठित व जागरूक करने का लक्ष्य बताया। अन्ना ने किसी पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि आज कर्ज लेकर विकास का जो सपना देखा जा रहा है और उसमें भी चोरी हो रही है, जिसका खामियाजा देर-सबेर जनता को ही भुगतना पड़ेगा।

अध्यात्म आधारित व्यवस्था की जरूरत: अन्ना
हरिद्वार। देश को अध्यात्म आधारित व्यवस्था की जरूरत है। अध्यात्म आधारित शासन ही देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिला सकता है। प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शांतिकुंज को जीने की कला सिखाने वाला संस्थान बताते हुए कहा कि देश को बचाने का एकमात्र उपाय अध्यात्म ही है।
सोमवार को अन्ना हजारे सहयोगियों के साथ शांतिकुंज पहुंचे। गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या से मंत्रणा के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए 66 साल हो गए हैं, लेकिन अभी भी देश सही मायने में आजाद नहीं है। जिन लोगों ने आजादी के लिए कुर्बानी दी, उनकी आत्मा को भी शांति नहीं मिली। उन्होंने आध्यात्म को देश बचाने का एक मजबूत विकल्प बताया। शांतिकुंज के बारे में उन्होंने कहा कि यहां पर जो सिखाया जाता है, वह जीवन उपयोगी है।
पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल और पूर्व कानून मंत्री अश्रि्वनी कुमार के इस्तीफे पर अन्ना ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को जीवन जीने के तरीके को बदलना होगा। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि दलों को चाहिए कि वे अपने उम्मीदवारों को टिकट देने से पहले शांतिकुंज में एक साल के लिए भर्ती कराएं, ताकि उन्हें जीवन का सही मंत्र मालूम हो सके। सत्ता परिवर्तन के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश से यदि भ्रष्टाचार को समाप्त करना है तो सत्ता नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन करना होगा।
छात्रों से देश बचाने का आह्वान
'मैं तुम्हारी तरफ बड़ी आशा की नजरों से देख रहा हूं, क्योंकि तुम ही जो इस देश को बचा सकते हो।' अन्ना हजारे ने यह आह्वान देव संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से किया।
कोई उम्मीद नहीं पाकिस्तान से
पड़ोसी देश पाकिस्तान में नवाज शरीफ की सरकार बनने और उसके भारत के हित में सोचे जाने की बात पर अन्ना हजारे ने कहा कि 66 सालों से पाकिस्तान ने भारत को सिर्फ धोखा दिया है। उससे कोई उम्मीद करना फिजूल है।
यात्रा का तीसरा चरण आज सेअन्ना हजारे की जनतंत्र की यात्रा का तीसरा चरण उत्तराखंड से शुरू होकर यहीं पर पूरा होगा। अन्ना 30 सहयोगियों के साथ मंगलवार को यात्रा शुरू करेंगे। वह बड़कोट, विकासनगर, उत्तरकाशी, टीहरी, श्रीनगर, कर्णप्रयाग, बद्रीनाथ, कौसानी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, बागेश्वर, रानीखेत के बाद रुद्रपुर में यात्रा के तीसरे चरण का समापन करेंगे।

टीम अन्ना ने मीडिया से माफी मांगी
नई दिल्ली। टीम अन्ना ने जंतर-मंतर पर अनशन के दौरान मीडिया के साथ सोमवार को हुई बदसलूकी के लिए मांफी मांगी है। अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल ने अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों से अपील की कि वे किसी के साथ भी बदसलूकी न करें। अन्ना ने कहा कि अगर आगे किसी के साथ बदसलूकी हुई तो वह अपना आंदोलन रोक देंगे। उन्होंने कहा कि मीडिया अपना कान कर रहा है और हमें अपना काम करना चाहिए। दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मीडिया के जो साथी हमारे आंदोलन को कवर कर रहे हैं वे हमारे आंदोलन का हिस्सा हैं। इसलिए उनके साथ कोई असहमति भी है तो उनसे हाथ जोड़कर बात करें। गौरतलब है कि सोमवार रात टीम अन्ना के सदस्य शांति भूषण ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि न्यूज चैनल्स सही खबर नहीं दिखा रहे हैं। शांति भूषण ने अपने भाषण में कहा कि कुछ चैनल जानबूझकर यह दिखा रहे हैं कि अनशन में भीड़ नहीं हो रही है। शांति भूषण के इसी बयान के बाद वहां जमा भीड़ उत्तेजित हो गई और मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी करने लगी। वहां मौजूद अन्ना के समर्थकों ने मीडिया के खिलाफ नारे भी लगाए। रात 10 बजे के करीब टीम अन्ना के कुछ समर्थकों ने अन्ना के अनशन को कवर कर रहे मीडियाकर्मियों के साथ हाथापाई भी की। टेलिविजन संपादकों की शीर्ष संस्था ब्रॉडकास्ट एडिटर्स असोसिएशन ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए टीम अन्ना से माफी की मांग की थी। इस बीच, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निवास तक पहुंच कर शनिवार को टीम अन्ना के समर्थकों द्वारा प्रदर्शन करने के मामले में केस दर्ज किया गया है। प्रतिबंधित जगह तक अवैध ढंग से पहुंचने की कोशिश करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिस के आदेश न मानने के इस मामले में अभी किसी को नामजद नहीं किया गया है। 7, रेसकोर्स रोड तक पहुंचने वाले उन लोगों की पहचान जांच के दौरान की जाएगी और आगे कार्रवाई होगी।


टीम अन्ना ने मीडिया से माफी मांगी
नई दिल्ली। टीम अन्ना ने जंतर-मंतर पर अनशन के दौरान मीडिया के साथ सोमवार को हुई बदसलूकी के लिए मांफी मांगी है। अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल ने अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों से अपील की कि वे किसी के साथ भी बदसलूकी न करें। अन्ना ने कहा कि अगर आगे किसी के साथ बदसलूकी हुई तो वह अपना आंदोलन रोक देंगे। उन्होंने कहा कि मीडिया अपना कान कर रहा है और हमें अपना काम करना चाहिए। दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मीडिया के जो साथी हमारे आंदोलन को कवर कर रहे हैं वे हमारे आंदोलन का हिस्सा हैं। इसलिए उनके साथ कोई असहमति भी है तो उनसे हाथ जोड़कर बात करें। गौरतलब है कि सोमवार रात टीम अन्ना के सदस्य शांति भूषण ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि न्यूज चैनल्स सही खबर नहीं दिखा रहे हैं। शांति भूषण ने अपने भाषण में कहा कि कुछ चैनल जानबूझकर यह दिखा रहे हैं कि अनशन में भीड़ नहीं हो रही है। शांति भूषण के इसी बयान के बाद वहां जमा भीड़ उत्तेजित हो गई और मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी करने लगी। वहां मौजूद अन्ना के समर्थकों ने मीडिया के खिलाफ नारे भी लगाए। रात 10 बजे के करीब टीम अन्ना के कुछ समर्थकों ने अन्ना के अनशन को कवर कर रहे मीडियाकर्मियों के साथ हाथापाई भी की। टेलिविजन संपादकों की शीर्ष संस्था ब्रॉडकास्ट एडिटर्स असोसिएशन ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए टीम अन्ना से माफी की मांग की थी। इस बीच, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निवास तक पहुंच कर शनिवार को टीम अन्ना के समर्थकों द्वारा प्रदर्शन करने के मामले में केस दर्ज किया गया है। प्रतिबंधित जगह तक अवैध ढंग से पहुंचने की कोशिश करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिस के आदेश न मानने के इस मामले में अभी किसी को नामजद नहीं किया गया है। 7, रेसकोर्स रोड तक पहुंचने वाले उन लोगों की पहचान जांच के दौरान की जाएगी और आगे कार्रवाई होगी।
खराब सेहत के बावजूद अन्ना अनशन पर
नई दिल्ली। खराब सेहत के बावजूद अन्ना हजारे जनलोकपाल बिल की मांग को लेकर रविवार को आमरण अनशन पर बैठ गए। खुद अन्ना ने माना कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि वे मरते दम तक इस मकसद के लिए लड़ते रहेंगे। जंतर-मंतर पर पिछले पांच दिन से टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया व गोपाल राय अनशन कर रहे हैं।
अन्ना ने कहा, 'मेरी टीम ने मेरे खराब स्वास्थ्य के चलते मुझे अनशन करने से मना किया था। लेकिन जो लोग यह अनशन रख रहे हैं, मैं उन्हें नजरअंदाज कैसे कर सकता हूं। जब तक हमें जन लोकपाल नहीं मिल जाता जनता मुझे मरने नहीं देगी।' उन्होंने देश के बड़े नामों से आंदोलन से जुडऩे की अपील भी की। उन्होंने आमिर खान, पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह, नारायणमूर्ति, अमिताभ बच्चन, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और ई श्रीधरन से कहा कि वे आंदोलन से जुड़ें। अन्ना के जज्बे को उनके समर्थकों ने भी सलाम किया। पिछले चार दिन से समर्थकों की तादाद एक हजार का आंकड़ा पार नहीं कर सकी थी। रविवार की सुबह तक यही आलम था। लेकिन अनशन स्थल पर अन्ना के पहुंचते ही दो घंटे में यह भीड़ बढ़कर चार से पांच हजार तक पहुंच गई। इंडिया गेट पर भी लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की। उधर केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम के घर के बाहर रविवार को अन्ना समर्थक प्रदर्शन कर रहे थे। इनमें से 70 को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह सभी उनके खिलाफ नारे लगा रहे थे। साथ ही चिदंबरम सहित 15 मंत्रियों के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग कर रहे थे।

अन्ना ने दिए राजनीति में आने के संकेत
नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने राजनीति में आने के संकेत दिए हैं। अनशन को लेकर जनता के 'ठंडे' रुख के बावजूद एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए अन्ना ने कहा, 'लोग मेरे पास आ रहे हैं और कह रहे हैं कि सिर्फ अनशन या विरोध प्रदर्शन से बात नहीं बनेगी, इसलिए मुझे कोई विकल्प देना होगा। लेकिन मैं ऐसा अभी नहीं सोचता हूं। ' क्या अन्ना राजनीति में आना चाहते हैं? इसके जवाब में अन्ना ने कहा, 'अगर लोग मुझसे कहेंगे तो मैं इस बारे में सोच सकता हूं।'
हालांकि, उन्होंने साफ किया कि वे कोई पार्टी नहीं बनाएंगे। अन्ना ने कहा कि चुनाव में अच्छे उम्मीदवारों की पहचान कर उनके पक्ष में लोगों से वोट करने को कहेंगे। अन्ना ने पहली बार माना है कि मजबूत लोकपाल लाने और भ्रष्ट केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ एसआईटी गठित करने की मांग को लेकर किए जा रहे 'आंदोलन' को लेकर जनता की दिलचस्पी कम हुई है। जन लोकपाल और पॉलिटिकल सिस्टम के शुद्धिकरण को लेकर बुधवार से शुरू हुए टीम अन्ना के अनशन का गुरुवार को दूसरा दिन है और भीड़ नदारद है। अनशन के पहले दिन उम्मीद से कम भीड़ जुटी, तो गुरुवार को दोपहर तक अनशन स्थल पर गिने-चुने लोग ही नजर आए। साथ ही अनशन पर बैठे टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई है। डायबीटिज के मरीज केजरीवाल का ब्‍लड शुगर लेवल गिर गया है। केजरीवाल के साथ मनीष सिसोदिया भी की तबीतय बिगड़ गई है। तबीयत बिगड़ने के बाद तत्‍काल उन्‍हें मंच के करीब स्थित कमरे में ले जाया गया है। उनके ब्‍लड सैंपल लिए गए हैं। डॉक्‍टरों ने केजरीवाल को आराम करने की सलाह दी है।

टीम अन्‍ना के अनशन के लिए जुट रहे लोग
नई दिल्ली। प्रणव मुखर्जी के देश के 13वें प्रेजिडेंट के रूप में शपथ लेने के बीच टीम अन्ना प्रणव व 14 कैबिनेट मंत्रियों पर करप्शन के आरोपों की जांच की मांग और जन लोकपाल बिल को लेकर जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठ गए। अनशन शुरू होते ही कांग्रेस की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई के कुछ कार्यकर्ताओं ने वहां हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेसियों ने मंच पर चढ़ने की कोशिश की, लेकन टीम अन्ना समर्थकों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। बाद में उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस बार अनशन पर टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय बैठे हैं। अन्ना का कहना है कि सरकार ने चार दिन के अंदर मागें नहीं मानीं, तो वह भी आमरण अनशन शुरू कर देंगे। टीम अन्ना इस बार अपने आंदोलन से पूरे पॉलिटिकल सिस्टम का शुद्धिकरण चाहती है। इसके लिए उसने 14 कैबिनेट मंत्रियों के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रमुखों के खिलाफ करप्शन के सभी मामलों की जांच के लिए भी विशेष जांच दल गठित करने की मांग की है। उधर टीम अन्ना की डिमांड पर मंगलवार को कन्फ्यूजन पैदा हो गया। सभी सदस्यों का जोर एसआईटी बनाने पर था और जन लोकपाल बिल का मामला पिछड़ता नजर आया। अरविंद केजरीवाल ने अनशन का जो अजेंडा बताया, उसमें सरकार के 15 मंत्री उनके निशाने पर थे। प्रशांत भूषण ने कहा कि हमारी मांग केंद्र सरकार के 15 मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की एसआईटी जांच की है। साथ ही जिन पार्टी अध्यक्षों के खिलाफ सीबीआई के मामले चल रहे हैं, वे भी एसआईटी को ट्रांसफर किए जाएं। इसके अलावा, लोकसभा के 162 और राज्य सभा के 39 आरोपी सांसदों के खिलाफ मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर 6 महीने में फैसला सुनाया जाए। प्रशांत भूषण के बाद अन्ना ने तुरंत माइक लेकर कहा, हमारी लड़ाई लोकपाल बिल के लिए है। तब केजरीवाल ने कहा कि 15 मंत्री जब तक जेल नहीं जाएंगे, देश को लोकपाल नहीं मिलेगा।
जंतर-मंतर पर आयोजित अनशन स्थल पर सुबह से ही छोटे-छोटे समूहों में लोग जुटने लगे थे। अनशन स्थल पर सुरक्षा समेत तमाम चाक चौबंद व्यवस्था की गयी है। आंदोलन से जुड़े लोगों ने देश भक्ति से जुड़े गीत पेश किए तथा मंच पर गांधीजी की तस्वीर लगायी गयी है। इसके साथ ही टीम अन्ना ने जिन केन्द्रीय नेताओं के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है उनकी तस्वीरें भी टांगी गई है। गर्मी और उमस के बावजूद महिलाओं और युवाओं की उपस्थिति रही। उनके अलावा वहां स्कूली छात्र छात्राएं और अन्य बच्चे भी मौजूद थे। मुख्य मंच के इर्द-गिर्द विभिन्न काउंटर बनाए गये हैं जिनमें अन्ना और जनलोकपाल से संबंधित किताबें और सीडी बिक्री के लिए लगायी गयी हैं। हजारे ने संप्रग सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार चार दिन में कोई फैसला नहीं करती तो वह रविवार से भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इससे पहले उन्होंने दिन में घोषणा की थी कि वह कल अनशन में अपने साथियों अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय के साथ बैठेंगे। बाद में उन्होंने कहा कि वह कल भूख हड़ताल की जगह धरने पर बैठेंगे।