रायपुर : कलेक्टर डॉ सिंह पहुंचे महतारी वंदन योजना के शिविर में : हितग्राहियों से ली जानकारी, आवेदन पत्र भरने में की सहायता
08 Feb 2024
रायपुर :
कलेक्टर डॉ गौरव सिंह आज अभनपुर के ग्राम केंद्री में महतारी वंदन योजना के शिविर में पहुंचे जहां पर उन्होंने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने हितग्राहियों से चर्चा की। साथ ही उन्होंने कुछ हितग्राहियों के उनके आवेदन पत्र भरने में उनकी सहायता की। कलेक्टर ने उनसे जानकारी ली और टेबल पर बैठ कर आवेदन पत्र भरे। इसी तरह पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह ने भी आवेदन पत्र भरने में सहायता की। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त श्री अबिनाश मिश्रा और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विश्वदीप भी उपस्थित थे।
तीन दिनों में 16 लाख 81 हजार से अधिक महिलाओं ने महतारी वंदन के लिए भरा आवेदन
07 Feb 2024
रायपुर :
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आरंभ की गई महतारी वंदन योजना के लाभ के लिए तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में आवेदन भरने का सिलसिला जारी रहा। इस योजना के तहत तीन दिनों में ही प्रदेश में 16 लाख 81 हजार 968 आवेदन प्राप्त हुए हैं। आज आवेदन भरने के तीसरे दिन 8 लाख 73 हजार 391 महिलाओं ने आवेदन जमा किया। अब तक सर्वाधिक एक लाख 38 हजार 994 आवेदन महासमुंद जिले में भरे गए हैं। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत दुर्ग जिले में एक लाख 23 हजार 546 तथा रायपुर जिले में एक लाख एक हजार 461 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार महतारी वंदन योजना के तहत पात्र महिलाओं से सहजता से आवेदन प्राप्त करने एवं उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन देने के लिए सभी जिलों में कलेक्टरों के निर्देशन में बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं। प्रक्रिया में अधिक समय न लगे इसके लिए प्रशासन ने पात्रता संबंधी नियमों को बताने और जरूरी दस्तावेज चेक करने के लिए कर्मचारी तैनात किए हैं।
प्रदेश में हर तरफ महतारी वंदन का माहौल है। आवेदन भरने को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। सभी जिलों में लग रहे कैंपों में महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। इस योजना के लाभ को लेकर महिलाओं में बेहद उत्साह है। महिलाओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से हर महीने मिलने वाली एक हजार रूपए की राशि से वह अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगी और सम्मानजनक जीवन निर्वाह कर सकेंगी।
जिलावार प्राप्त आवेदन- महतारी वंदन योजना के अंतर्गत अब तक बालोद में 56 हजार 983, बलौदाबाजार में 31 हजार 529, बलरामपुर में 40 हजार 328, बस्तर में 68 हजार 621, बेमेतरा में 78 हजार 81 आवेदन जमा किए जा चुके हैं। इस प्रकार बीजापुर में 4 हजार 153, बिलासपुर में 73 हजार 924, दंतेवाड़ा में 24 हजार 973, धमतरी में 39 हजार 54, गरियाबंद में 50 हजार 795, जांजगीर में 98 हजार 849, जशपुर में 59 हजार 197, कांकेर में 27 हजार 401, कवर्धा में 57 हजार 151, कोंडागांव में 54 हजार, कोरबा में 47 हजार 140, कोरिया में 18 हजार 724, मुंगेली में 42 हजार 953, नारायणपुर में 3250, रायगढ़ में 52 हजार 327, राजनांदगांव में 60 हजार 614, सरगुजा में 38 हजार 600, सुकमा में 10 हजार 74, सूरजपुर में 80 हजार 119, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 43 हजार 925, सक्ती में 37 हजार 506, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई में 27 हजार 295, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी में 8295, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 11 हजार 295, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 71 हजार 550 आवेदन आज तक प्राप्त हो चुके हैं।
रायपुर : गरीब परिवारों की बेटियों के लिए सहारा बनी नोनी सुरक्षा योजना
4 May 2023
रायपुर:
गरीब परिवार में जन्म लेने वाली बेटियों के लिए नोनी सुरक्षा योजना बड़ा सहारा बन रही है। इससे परिवार की बेटियों के भविष्य को लेकर चिंता दूर हुई है। योजना के तहत गरीब परिवार की बेटियों को 18 वर्ष पूरा होने और 12वीं उत्तीर्ण होने पर एक लाख रूपए प्रदान किए जाते हैं। इसके लिए जीवन बीमा निगम एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के मध्य अनुबंध किया गया है। नोनी सुरक्षा योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा गरीब परिवारों की पंजीकृत बालिका के नाम पर भारतीय जीवन बीमा निगम में 05 वर्ष तक प्रति वर्ष 5 हजार रूपये अर्थात कुल 25 हजार रूपये जमा किए जाते हैं। अब तक भारतीय जीवन बीमा निगम में कुल 122.64 करोड़ की राशि कॉरपस फंड में विनियोजित की गई है। नोनी सुरक्षा योजना अंतर्गत अब तक 84 हजार 594 बालिकाओं का पंजीकरण किया गया है।
जनगणना वर्ष 2001 के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में बाल लिंगानुपात प्रति हजार 975 था जो कि जनगणना वर्ष 2011 में घटकर एक हजार के अनुपात में 969 हो गया। इस प्रकार राज्य में घटते बाल लिंगानुपात तथा बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच बढ़ाने के लिए 01 अप्रैल 2014 से ’’नोनी सुरक्षा योजना’’ लागू की गई। योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में बालिकाओं की शैक्षणिक तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाना, बालिकाओं के अच्छे भविष्य की आधारशिला रखना, बालिका भ्रूण हत्या रोकना और बालिकाओं के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच लाना और बाल विवाह की रोकथाम करना है।
छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की 01 अप्रैल 2014 के बाद जन्मी अधिकतम दो बालिकाओं को योजना के तहत लाभ मिलता है। योजना के शुरू होने से शहरी क्षेत्रों के गरीब परिवारों के साथ दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में बसे परिवारों में भी बेटियों के भविष्य की चिंता दूर हुई है। योजना का लाभ लेने के लिए जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी और विकासखण्ड स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।
दुर्ग : रोज़गार मेला 2023 में युवाओं को मिली नई राह
4 May 2023
बीआइटी दुर्ग में आयोजित किया गया रोज़गार मेला 2023
शाम पांच बजे तक 2200 युवाओं का रजिस्ट्रेशन हो चुका था, 1354 लोग साक्षात्कार में हो गये थे चयनित
दुर्ग:
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप जिले के युवाओं को रोज़गार दिलाने जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में आज कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के निर्देशन में बी.आई.टी दुर्ग में सृजन रोज़गार मेला 2023 का आयोजन किया गया। जिला प्रशासन, जिला रोज़गार कार्यालय और कौशल विकास प्राधिकरण के समन्वयन से इस आयोजन हेतु विभिन्न क्षेत्रों से कुल 11 नियोक्ताओं को आमंत्रित किया गया जिसमें से 10 नियोक्ता इस आयोजन में शामिल हुए।
नियोक्ताओं द्वारा लगभग 2500 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए। जिला रोज़गार अधिकारी श्री राज कुर्रे ने बताया कि पिछले आयोजनों में ज़्यादातर युवाओं ने स्थानीय नियुक्तियों पर रुचि दिखाई थी, इस आयोजन में हमनें 2500 में से 1700 पदों पर स्थानीय नियुक्तियाँ सुनिश्चित की है। रोज़गार मेले में 2200 ने पंजीयन किया, 1354 अभ्यर्थी इंटरव्यू तक पहुँच पाने में कामयाब रहे। शाम 5 बजे तक 6 अभ्यर्थियों को नियोक्ताओं से ऑफ़रलेटर प्राप्त किया और 254 अभ्यर्थियों को फाइनल स्क्रीनिंग के लिए चुना गया था।
फाइनल स्क्रीनिंग के लिए चयनित एक छात्र ने बताया कि उन्हें जब रोज़गार मेले की जानकारी मिले तब वह काफ़ी डरे हुए थे। आयोजन की प्रक्रिया बहुत ही सुगम थी जिससे उनका डर कम हुआ।एक और छात्र ओजस्वी ने बताया कि पंजीयन के बाद सभी अभ्यर्थियों की रोज़गार कार्यकाल की टीम द्वारा स्क्रीनिंग की गई, अभ्यर्थियों को उनकी शैक्षणिक योग्यता और रुचि के अनुरूप नियोक्ताओं के पास भेजा गया। यहाँ सभी तरह की सहायता के लिए अलग काउंटर भी बनाये गये, यह बहुत सुविधाजनक था।
इस आयोजन में टर्की की इंट्रनेशनल कंपनी ने भी हिस्सा लिया, इस एयरपोर्ट सर्विस कंपनी ने लगभग 500 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए। कंपनी की एक प्रतिनिधि ने बताया कि सभी आमंत्रित पदों के लिए उन्हें योग्य उम्वीदवार मिल रहे हैं। प्रशासन की तरफ़ से बहुत अच्छा प्रबंधन किया गया है, सभी कुछ व्यवस्थित होने से हम नियुक्ति प्रक्रिया आसानी से कर पा रहे हैं।
इस आयोजन में जिला प्रशासन, रोज़गार कार्यालय दुर्ग के अधिकारी कर्मचारीगण, कौशल विकास प्राधिकरण और बीआइटी प्रबंधन का विशेष योगदान रहा।
जशपुरनगर : विशेष पिछड़ी जनजाति के 970 पहाड़ी कोरवा बच्चे आश्रम और छात्रावास में रहकर कर रहें हैं पढ़ाई
3 May 2023
जशपुरनगर:
जशपुर जिले में दूरस्थ अंचल के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी और बिरहोर समुदाय के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष प्रयास किया जा रहा है। बच्चों के लिए आश्रम-छात्रावास की भी सुविधा दी जा रही है, ताकि बगीच, सन्ना और पाठ क्षेत्र के बच्चे छात्रावास में रहकर अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकें।
आदिम जाति विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 970 विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर परिवार के बच्चे आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रहें हैं। छत्तीसगढ़ शासन की स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम विद्यालय में भी बच्चे पढ़ाई कर रहें हैं। आज पहाड़ी कोरवा बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करके शासकीय नौकरी का भी लाभ ले रहे हैं।
जिला प्रशासन द्वारा कोरवा बच्चों को निःशुल्क भोजन, पुस्तक-कॉपी, छात्रवृति, गणवेश और खेल की भी सुविधा उपलब्ध करा रही है। खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए जिले में तीरंदाजी एकलव्य खेल अकादमी केन्द्र खोला गया है। ताकि बच्चे उच्च स्तरीय कोच से प्रशिक्षण लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना पहचान बना सके।
विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बच्चों को जिला प्रशासन द्वारा संचालित संकल्प शिक्षण संस्थान में भी प्रवेश दिया गया है। और बच्चे वहॉ रहकर मेडिकल और इंजीनियरिंग की भी तैयारी कर रहें हैं।
जशपुरनगर : जिला प्रशासन ने सिंचाई के लिए 09 किसानों के खेतों में कराया बोर खनन
2 May 2023
बोर से आस-पास के लगभग 45 किसानों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है
जलवायु, मौसम और मिट्टी को देखते हुए किसानों की उपज बढ़ाने के लिए दिया जा रहा है प्रशिक्षण
जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए किसानों ने खुशी जाहिर की
जशपुर किसान मसाले, हल्दी, स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए आगे आ रहे हैं
जशपुरनगर :
जिला प्रशासन द्वारा जशपुर जिले में मनरेगा के अंतर्गत रोपित कराये गए मिश्रित फलोद्यान में फलदार पौधों की सिंचाई के लिए 09 किसानों के खेत में नलकूप खनन का कार्य करवाया गया है। इससे आस-पास के 45 किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। किसान खेतों में संयुक्त फसल में अच्छे फलदार पौधे, साग -सब्जी और अन्य फसल लगाकर के आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के प्रयास से जशपुर के किसानों को अन्य फसल लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसानों को चाय, कॉफी, मशाले की फसल, स्टोब्रेरी, हल्दी लगाने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले की जलवायु, मौसम और मिट्टी को देखते हुए किसानों की उपज बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है और अन्य राज्य में किसानों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है ताकि किसान वहॉ से खेती-बाड़ी की बारीकियों को सिखकर अच्छी फसल लगा सके।
जिला प्रशासन द्वारा कांसाबेल विकासखण्ड के ग्राम कटंगखार के कृषक श्री जगदीश यादव एवं ग्राम जुमईकेला के कृषक श्री गुलशन कुमार साय के खेत में बोर खनन का कार्य करवाया गया है। किसानों ने जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रशासन ने उन्हें सिंचाई के लिए उपयुक्त साधन उपलब्ध कराया है। जिससे सभी किसान काफी हर्षित हैं। इस प्रकार फलोद्यान की सिंचाई हेतु कुल 9 बोर के खनन हुए हैं 45 कृषक लाभान्वित होने के साथ-साथ कृषकों को स्वरोजगार एवं मनरेगा अंतर्गत अन्य मजदूरों की रोजगार उपलब्ध हो रहा है।
बीजापुर : गरीब महिला का पक्के मकान का सपना हुआ सच
28 April 2023
बीजापुर
यह कहानी एक ऐसी महिला कि है जिनका पति एक दैनिक वेतन भोगी है जो कि भैरमगढ़ नगर पंचायत की हितग्राही श्रीमती अनुसूईया के पति-ईश्वर नेताम वार्ड क्र. 04 मे निवास करने वाली है। वैसे तो परिवार में पति एवं दो बेटे है। पति के दैनिक वेतन से जो भी आय होती थी, वे परिवार के पालन पोषण एवं दैनिक जरूरतों को पूरा करने मे ही समाप्त हो जाता था। अब ऐसे में एक नए आवास की कल्पना भी एक जागते हुए सपने के बराबर लगता था। वह एक छोटे से कच्चे मकान पर निवासरत थी जिसमें पहले छत से पानी टपकने एवं बरसात में अन्य प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। फिर प्रधानमंत्री आवास योजना में बीएलसी घटक में ‘‘मोर जमीन मोर मकान’’ के अन्तर्गत नए मकान की जानकारी नगर पंचायत भैरमगढ के अधिकारियों एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के टीम के द्वारा उनकों प्राप्त हुई। जिसके उपरान्त उनका फार्म भरवाकर शासन को प्रस्ताव भेजा गया।
मकान की स्वीकृति प्रदान होने के उपरान्त आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण कई महीनो तक निर्माण करने में असमर्थ थी। जिसके उपरान्त नगरपंचायत भैरमगढ के अधिकारियों द्वारा आवास का निर्माण प्रारंभ करने के लिए प्रेरित किया गया। जिसके उपरान्त उन्होंने अपना मकान धीरे-धीरे करके पूर्ण किया। जिन्होने सपने में भी कभी स्वंय के पक्के मकान की कामना नही की थी। अब वे अपने पक्के आवास में गर्व एवं खुशी से रहते है एवं नगर पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी एवं शासन को धन्यवाद दे रही है।
रायपुर : शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जो जीवन में परिवर्तन लाता है: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
21 April 2023
मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति ’पहाड़ी कोरवा’ और ’बिरहोर’ जनजाति के 142 युवाओं को सहायक शिक्षक के पद पर प्रदान किए नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री ने बगीचा में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं को नौकरी प्रदान करने की घोषणा की थी
वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया कार्यक्रम
प्रदेश में अब तक विशेष पिछड़ी जनजाति के 708 युवाओं को दी गई नौकरी
रायपुर
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जशपुर जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति ’पहाड़ी कोरवा’ और ’बिरहोर’ जनजाति के 142 युवाओं को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति पत्र का वर्चुअल रूप से वितरण किया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बगीचा में भेंट-मुलाकात के दौरान विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं को सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति दिलाने की घोषणा की थी। जिस पर अमल करते हुए आज 142 युवाओं को नियुक्ति पत्रों का वितरण किया गया।
गौरतलब है कि इससे पहले भी जशपुर जिले के विभिन्न शासकीय विभागों में पहाड़ी कोरवा जनजाति के अभ्यर्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार 57 पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। प्रदेश में अब तक विशेष पिछड़ी जनजाति के 708 युवाओं को शासकीय नौकरी दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री निवास में इस अवसर पर आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा और आदिम जाति विकास विभाग की संचालक श्रीमती शम्मी आबिदी भी उपस्थित थीं। संसदीय सचिव श्री यू.डी. मिंज और विधायक श्री विनय भगत कार्यक्रम स्थल से वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से इन युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जो जीवन में परिवर्तन लाता है। शिक्षा ही आगे बढ़ने मार्ग प्रशस्त करती है। श्री बघेल ने कहा कि आप लोगों ने विपरीत परिस्थितियों में पढ़ाई लिखाई की। आपके माता-पिता का आशीर्वाद भी आप के साथ रहा। आप शिक्षक बने हैं, मन लगाकर बच्चों को पढ़ाएं ताकि बच्चों का भविष्य अच्छा हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान और विकास के लिए अनेक योजनाएं बनाई गई हैं। इनका अधिक से अधिक अपने समाज में प्रचार-प्रसार करे ताकि विशेष पिछड़ी जनजातियों के अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें। उन्होंने युवाओं को उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि जनजातीय समाज परंपरागत रूप से विकास की दौड़ में पिछड़ा हुआ समाज है। इस समाज में कुछ समुदाय बहुत ज्यादा पीछे रह गए हैं। इन समुदायों को हम विशेष पिछड़ी जनजातीय के रूप में जानते हैं। राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए राज्य शासन द्वारा बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं। इन समुदायों के पढ़े-लिखे नौजवानों को शासकीय सेवाओं में उनकी पात्रता के अनुसार सीधी नियुक्ति दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के उत्थान के लिए जल-जंगल-जमीन के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए हमने पेसा कानून के सबसे बेहतर नियम लागू किए हैं। 65 प्रकार की वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और उनके प्रसंस्करण से वनवासियों को रोजगार और आय के अच्छे साधन मिल रहे हैं। कोदो-कुटकी-रागी का समर्थन मूल्य तय करके उनकी खरीदी की व्यवस्था की गई है। इन फसलों के लिए भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा की इन युवाओं ने बहुत विषम परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई की है। सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिलने से इन समुदाय में पढ़ाई के लिए उत्साह बढ़ेगा।
आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार आदिवासी समुदाय के उत्थान और विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। उन्होंने युवाओं से कहा कि एक शिक्षक के रूप में आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करें और बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें। संसदीय सचिव श्री यू.डी. मिंज और विधायक श्री विनय भगत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पहाड़ी कोरवा और बिरहोर समुदाय के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राज्य शासन द्वारा इन जनजातियों के 142 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।
आदिम जाति कल्याण विभाग की आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी ने बताया कि जशपुर जिले में विशेष पिछड़ी जनजातियों के सर्वाधिक 199 युवाओं को शासकीय नौकरी दी गई है। इसी तरह बलरामपुर जिले में 95 तथा कबीरधाम जिले में इन जनजातियों के 80 युवाओं को नौकरी दी गई है। कलेक्टर जशपुर डॉ. रवि मित्तल ने बताया कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के जिन युवाओं को आज नौकरी दी गई, उनमें हायर सेकंडरी सर्टिफिकेट परीक्षा उतीर्ण 124, स्नातक उत्तीर्ण 11 एवं स्नातकोत्तर उत्तीर्ण 06 पहाड़ी कोरवा शामिल है। बिरहोर समुदाय के भी 01 अभ्यर्थी को भी नियुक्ति दी गई है। जो हायर सेकंडरी सर्टिफिकेट परीक्षा उत्तीर्ण है।
नियुक्ति मिलने पर युवाओं ने जताया मुख्यमंत्री के प्रति आभार
जशपुर जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर समुदाय के युवा शासकीय नौकरी पाकर बहुत खुश है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से ऑनलाईन नियुक्ति पत्र मिलने पर खुशी जताते हुए आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने भी इन युवाओं के साथ आत्मीयतापूर्वक चर्चा की और उनके खुशहाल जीवन के लिए अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी।
विकासखंड बगीचा के ग्राम कुरहाटिपना की सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त सुश्री असीमा बाई ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पिताजी ने मजदूरी कर उन्हें स्नातक तक की शिक्षा दिलवाई। 2019-20 में अतिथि शिक्षक के रूप में उनका चयन हुआ जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार हुआ और आज शासकीय सेवा में नियुक्ति मिलने पर अब वे अपने परिवार एवं समाज के उत्थान में सहयोग दे पाएंगी। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर समाज एवं प्रदेश का नाम गौरवान्वित करेंगी। सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त बगीचा विकासखंड के ग्राम कलिया के श्री ब्रजकिशोर राम ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को बताया कि उनके माता-पिता ने कृषि मजदूरी कर उनकी स्नातक तक शिक्षा दिलाई। उन्हें पूर्व में खनिज न्यास निधि के माध्यम से अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिली थी।
बगीचा विकासखंड के ग्राम नवरंगपुर निवासी तथा सहायक ग्रेड 3 के पद पर नियुक्त श्री विजय कुमार ने बताया कि वे आर्थिक तंगी की वजह से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए, उनके माता-पिता ने कृषि मजदूरी एवं मनरेगा के तहत काम कर उनकी स्नातक की पढ़ाई पूरी करवाई। उन्हें पूर्व में अतिथि शिक्षक के रुप में नियुक्ति मिली थी। मुझे जशपुर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग में सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति मिली।
चतुर्थ श्रेणी के पद पर स्वच्छता परिचारक के पद पर नियुक्त सराईटोली, सन्ना की श्रीमती शामबती पहाड़िया ने बताया कि उनके माता-पिता ने कृषि मजदूरी एवं उधार लेकर उन्हें शिक्षा दिलवाई है। नियुक्ति प्राप्त इन युवाओं ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। राजपुर, बगीचा के संकल्प शिक्षण संस्थान मेें कक्षा 10 वीं में अध्ययनरत ग्राम राजपुर के छात्र शंशु राम ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से फर्राटेदार अंग्रेजी में बात की। मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर शंशु राम ने बताया कि वे भविष्य में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आईआईटी मुंबई जाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि खूब बढ़िया सपना आपने देखा है और इसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है। अनुशासन, कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से पढ़ाई करेंगे तो निश्चित ही आपका सपना साकार होगा। मनोरा विकासखंड के पहाड़ी कोरवा समाज की संरक्षक श्रीमती पंडरी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया।
ग्रीन एनर्जी, क्लीन एनर्जी: छत्तीसगढ़ बना जीरो कार्बन इमिटर रेल जोन, नहीं होगा प्रदूषण
24 मार्च 2023
रेलवे प्रशासन ने छत्तीसगढ़ को शून्य कार्बन उत्सर्जक केन्द्र बनाने का लक्ष्य पूरा कर लिया है। ब्रॉड गेज बनाते हुए 1170 किलोमीटर रूट का विद्युतीकरण कर दिया है। इसका असर यह होगा कि अब यहां से डीजल लोकोमोटिव की विदाई हो जाएगी। दूसरी ओर शून्य कार्बन उत्सर्जक होने के कारण राज्य पर्यावरण अनुकूल परिवहन की श्रेणी में आ गया है यानि डीजल नहीं जलेगा तो प्रदूषण ही नहीं होगा।
छत्तीसगढ़ साउथ ईस्ट सेंट्रल व ईस्ट कोस्ट रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आता है। रेलवे मंत्रालय ने रेलवे को शून्य कार्बन उत्सर्जक बनाने के लिए वर्ष 2030 तक का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में भारतीय रेलवे मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ की लाइन हॉल को ब्रॉड गेज में तब्दील कर दिया है। इस योजना के तहत 1170 किमी ब्रॉड गेज लाइन विद्युतीकरण का काम शत-प्रतिशत पूरा हो गया है।
छत्तीसगढ़ में दुर्ग-जगदलपुर एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, समता एक्सप्रेस, कलिंग उत्कल एक्सप्रेस मुख्य रूप से डीजल इंधन से चला करती थीं। विद्युतीकरण से इन ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को बेतहर सुविधा मिलने लगी है।
साकेत रंजन, सीपीआरओ, एसईसीआर ने कहा, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीनों मंडलों में स्वीकृत हुए विद्युतीकरण कार्य का शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। ग्रीन एनर्जी -क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
रायपुर : रोजगार कार्यालय द्वारा 21 फरवरी को आयोजित होगा प्लेसमेंट कैम्प
17 फरवरी 2023
रायपुर. जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र, रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 21 फरवरी को जिला रोजगार कार्यालय, पुराना पुलिस मुख्यालय परिसर, रायपुर में सबेरे 11बजे से दोपहर 2 बजे तक प्लेसमेंट कैम्प आयोजित है।
जिला रोजगार कार्यालय के उप संचालक ने बताया कि इस प्लेसमेंट कैम्प के माध्यम से व्हाइटलियो इण्डस्ट्रिज प्रालि, सी०आर० केपिटल, स्पेक्ट्रम डिजिटल प्रिन्टस, सुमित बाजार और डॉ० श्रीकांत वर्मा ऑनलाइन क्लासेस रायपुर द्वारा अकाउंटेंट, कम्प्यूटर ऑपरेटर, बैक ऑफिस, क्वालिटी मैनेजर, लिगल असिस्टेंट, फाइनेंस एक्सीक्यूटिव्हस, एच०आर० मैंनेजर, सिक्यूरिटी गार्ड, ड्राइवर, हेल्पर, फिल्ड एक्सीक्यूटिव, रेकी एक्सीक्यूटिव, टेली मार्केटिंग आफिस वर्कर, ऑफिस ब्वाय, टीम लिडर, सेल्स एक्सीक्यूटिव, ग्राफिक डिजाइनर इत्यादि कुल 100 से अधिक पदों पर 5वीं से लेकर स्नातक, स्नातकोत्तर उत्तीर्ण योग्य/अनुभवी आवेदकों की भर्ती 7 हजार से 50 हजार रुपए प्रतिमाह की दर पर की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्लेसमेंट कैम्प में सम्मिलित होने के लिए आवेदक अपने साथ शैक्षणिक/ तकनीकी योग्यता/अनुभव प्रमाण-पत्र, बॉयोडाटा एवं एन.सी.एस. पोर्टल
www.ncs.gov.in
इन सेक्सी अदाओं पर छिड़ गई है एक तेजतर्रार बहस !
18 JAN 2013
रायपुर। छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में प्रशासन हर साल मैनपाट कार्निवाल का आयोजन करता है। अब तक यह आयोजन शालीनता के साथ होता था, लेकिन इस बार अश्लीलता की हद हो गई। यहां विभाग ने यूक्रेन से डांस ग्रुप को बुलाया था, लेकिन जब शालीन और सभ्य माहौल में यह डांस शुरू हुआ तो लोग विरोध करने लगे। वहीं कार्यक्रम में मौजूद नेता और अधिकारी ताली बजा रहे थे।
मैनपाट यहां के प्राकृतिक वातावरण के लिए जाना जाता है, लेकिन अश्लीलता का आरोप लगाने वालों का कहना था कि सरकार महोत्सव का आयोजन जरूर करे, लेकिन ऐसे फूहड़ कार्यक्रम नहीं। यहां सौम्य और सरल आदिवासियों की संस्कृति इससे प्रभावित होती है।
तीस रुपए दीजिए और खुलेआम प्यार कीजिए !
18 JAN 2013
रायपुर। ये पार्क बनाया तो शहर वालों के सुकून के लिए लेकिन यहां अड्डा है मोहब्बत करने वालों का। यहां आपको प्यार का इजहार करते, तकरार करते प्रेमी जोड़े मिल जाएंगे। बात मेलजोल की हो तो ठीक है, लेकिन जब हदें पार होने लगें तो सभ्य समाज के लिए ऐसे स्थान जी का जंजाल बन जाते हैं। जी हां बात कर रहे हैं राजधानी के वीआईपी रोड स्थित राजीव गांधी स्मृति उद्यान की। जब इस उद्यान की परिकल्पना की जा रही थी तब किसी ने नहीं सोचा था कि यहां प्रेमी जोड़े इश्क फरमाएंगे। हालांकि इस पार्क में प्रवेश शुल्क के रूप में पंद्रह रुपए की टिकट लेनी होती है, लेकिन प्रेमियों को यह रकम कोई ज्यादा नहीं लगती और वह तीस रुपए में आराम से इश्क फरमाते रहते हैं।
वन विभाग के देखरेख में चल रहा यह पार्क प्रेमी जोड़ों का अड्डा बन गया है। यहां के अधिकारियों का कहना है कि पार्क में प्रेमी जोड़ों की संख्या सबसे अधिक होती है, लेकिन उनकी सुरक्षा का चिंता उन्हें सताती है। ऐसा इसलिए कि उनकी आड़ में असामाजिक तत्व भी आ जाते हैं।
युवतियां ले रहीं सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग, खुद करेंगी अपनी हिफाजत
18 JAN 2013
बिलासपुर. सात दिन की सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग लेने वाली युवतियों व बालिकाओं ने आत्मविश्वास से कहा कि वे अब अपनी सुरक्षा करने के साथ ही जरूरत पडऩे पर दूसरों की मदद भी कर सकती हैं।
94.3 माय एफएम द्वारा आयोजित सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग कैंप का गुरुवार को समापन हो गया। कैंप में शामिल होने वाली युवतियों व बालिकाओं ने आगे भी कराटे की ट्रेनिंग जारी रखने का संकल्प लिया है।
महिलाओं व युवतियों को किसी भी संकट से निपटने उन्हें शारीरिक व मानसिक तौर पर सशक्त बनाने 94.3 माय एफएम द्वारा सात दिवसीय सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग कैप का आयोजन किया गया। गुरुनानक स्कूल में आयोजित कैंप खास तौर पर महिलाओं व युवतियों के लिए था, लेकिन आत्म सुरक्षा के मद्देनजर नन्ही बच्चियां भी इसमें बढ़चढ़ कर शामिल हुईं।
शिविर में स्कूल-कॉलेज स्टूडेंट्स के साथ ही गृहिणियां, सर्विस क्लास महिलाएं भी शामिल हुईं। कराते गुरु 'सेन साईÓ रमाकांत मिश्र के निर्देशन में प्रशिक्षार्थी किक-पंच मारने के तरीकों के साथ ही डिफेंस की बारीकियां सीखीं। मिश्र ने आत्मरक्षा के विभिन्न तरीकों सहित संकट के दौरान मानसिक संतुलन बरकरार रखते हुए प्रतिद्वंद्वी का सामना करने के उपाय बताए।
कैंप में शामिल हुई होमियोपैथ डा. पूनम ने कहा कि सिर्फ सात दिन की ट्रेनिंग से हम लोगों आत्मविश्वास बढ़ा है। अब हम अपनी सुरक्षा करने के साथ ही जरूरत पडऩे पर दूसरों की मदद भी कर सकते हैं। दीपिका ने कहा कि ट्रेनिंग से अपनी सुरक्षा को लेकर हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है।
अनु कश्यप ने कहा कि कराते सीखने के फायदे को देखते हुए सभी युवतियों ने आगे भी ट्रेनिंग जारी रखने का संकल्प लिया है। शिविर में शामिल हुईं डा. सोनम ने कहा कि पहले अकेले कहीं आने-जाने से डर लगता था, लेकिन कराते की ट्रेनिंग लेने के बाद अब डर खत्म हो गया है। कैंप का संयोजन आरजे किंशुक ने किया।
ग्रुप भी बनाया
सात दिनों तक एक साथ सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेने वाली युवतियों व बालिकाओं ने दूसरी युवतियों, महिलाओं व बालिकाओं को आत्म सुरक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक ग्रुप भी बनाया है।
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