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एल आई सी क्षेत्रीय कार्यालय में बीमा सप्ताह-2014 सम्पन

भारतीय जीवन बीमा निगम ने अपने 58 वें स्थापन दिवस बीमा सप्ताह-2014 के रूप में मनाया| मध्य प्रदेश के क्षेत्रीय प्रबंधक के एस नागन्याल ने बीमा सप्ताह का विधिवत उद्घाटन निगत ध्वज फहराकर किया । इस अवसर पर निगम दुवारा विभिन्न स्कूलों के छात्रों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता , पौधरोपण, छात्रों के लिए स्वास्थ्य जाँच, यातायात जागरूकता अभियान आदि का आयोजित किया गया| बीमा सप्ताह का समापन एल आई सी के कर्मचारियों तथा उनके परिवार की उपस्थिति में सांस्कृतिक संध्या के साथ किया गया । कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि डीजीपी मप्र नंदन दुबे और श्री नागन्याल ने विजेताओं की पुरस्कृत किया |


बाजार की धीमी शुरुआत, हल्की बढ़त के साथ खुला सेंसेक्स
25 September 2013
नई दिल्ली। गिरावट और सुस्त अंतरराष्ट्रीय बाजारों के बीच घरेलू शेयर बाजार भी कारोबार के शुरुआत में सपाट रहा। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑयल एंड गैस, बैंक, आईटी और टेक्नोलॉजी शेयरों में बिकवाली बढ़ने से घरेलू बाजार दबाव में हैं। हालांकि, रियल्टी, कैपिटल गुड्स, ऑटो, पावर और मेटल शेयरों में अच्छी बढ़त देखने को मिल रही है। दिग्गजों के टूटने के बावजूद मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अच्छी खरीदारी आई है।
30 शेयरों वाले बीएसई के बेंचमार्क सेंसेक्स 3 अंक की मामूली बढ़त के साथ 19,923.3 के स्तर पर खुला। वहीं, निफ्टी 1 अंक की बढ़त के साथ 5,893.2 के स्तर पर सपाट होकर कारोबार कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों की बात करें तो क्यूई3 पर सफाई नहीं होने से मंगलवार को लगातार अमेरिकी बाजारों में चौथे दिन गिरावट देखने को मिली। डाओ जोंस 0.4 फीसद की गिरावट के साथ 15,334.5 पर बंद हुआ। हालांकि नैस्डेक हल्की बढ़त के साथ 3,768.25 पर बंद हुआ। लेकिन एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.25 फीसदी फिसलकर 1,697.4 पर बंद हुआ।
वहीं एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार है। एसजीएक्स निफ्टी में 5 अंक की मामूली गिरावट के बाद 5,914 पर नजर आ रहा है। जापान का निक्कई 0.3 फीसद की गिरावट के साथ 14,687 पर आ गया है। हालांकि हैंगसेंग में 0.2 फीसद की बढ़त आई है, जबकि स्ट्रेट्स टाइम्स में 0.4 फीसद की तेजी है। शंघाई कम्पोजिट में 0.25 फीसदी की उछाल आई है, जबकि ताइवान इंडेक्स करीब 0.5 फीसदी गिर गया है। कोरियाई बाजार का इंडेक्स कोस्पी 0.7 फीसद लुढ़क गया है।


स्पेक्ट्रम की नीलामी से मिलेंगे 11 हजार करोड़
25 September 2013
नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग तीसरे दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी करने को तैयार है. बताया जा रहा है कि तीसरे दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी जनवरी तक की जा सकती है. साथ ही उम्मीद है कि इससे सरकार को चालू वित्त वर्ष में कम से कम 11,000 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे.
दूरसंचार सचिव एम एफ फारूकी से इस बारे में एक समारोह में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जनवरी तक इसी वित्त वर्ष में तीसरे दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी होगी. हमारी तैयारी इसी दिशा में है.
फारूकी ने उम्मीद जताई कि सरकार को चालू वित्त वर्ष में स्पेक्ट्रम नीलामी से न्यूनतम 11,000 करोड़ रपए का राजस्व प्राप्त होगा. उन्होंने बताया कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में स्पेक्ट्रम से 40,874.5 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है.


BSNL और MTNL कर सकता है रोमिंग फ्री !
25 September 2013
नई दिल्ली। मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए एक खुशखबरी है. सरकारी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) सभी ग्राहकों को फ्री रोमिंग की सुविधा की सौगात देनेवाली है. इसके लिए दोनों ही कंपनियों ने एक समझौता किया है.
BSNL के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर.के. उपाध्याय ने आज कहा कि NCR में दिल्ली को छोड़कर जहां भी BSNL के ग्राहक रोमिंग पर हैं उनसे रोमिंग शुल्क नहीं वसूला जाता. हम इसका विस्तार करना चाहेंगे ताकि हमारे मोबाइल ग्राहकों को रोमिंग के लिए शुल्क न देना पड़े.
बीएसएनएल ने कॉरपोरेट ग्राहकों को संयुक्त सेवाओं की पेशकश के लिए ये समझौता किया है. उपाध्याय ने कहा कि दोनों कंपनियां ऐसी व्यवस्था पर काम कर रही हैं जिससे रोमिंग के दौरान ग्राहकों पर लगने वाला शुल्क घटाने के साथ-साथ खत्म किया जा सके.
गौरतलब है कि वर्तमान में MTNL और BSNL एक-दूसरे के ग्राहकों पर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के लिए रोमिंग शुल्क नहीं लगाती हैं. एमटीएनएल के सीएमडी ए.के. गर्ग ने कहा कि दोनों कंपनियां फोन कॉल्स के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था करने पर काम कर रही हैं.


डीजल कीमत में बड़ी बढ़ोतरी अभी नहीं
23 September 2013
बाड़मेर। इसे हाल के दिनों में रुपये की स्थिति में सुधार का असर कहें या चुनावी मौसम के आगाज का। कारण जो भी रहा हो, केंद्र सरकार ने डीजल की कीमतों में एकमुश्त बड़ी वृद्धि करने की योजना पर फिलहाल गंभीरता से पुनर्विचार करना शुरू कर दिया है। दो हफ्ते पहले तक डीजल कीमत में बड़ी वृद्धि करने की तरफदारी कर रहे पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोइली ने अब इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। इस बारे में पूछे जाने पर उनका टका सा जवाब था कि तेल कंपनियों को अभी डीजल के दाम सिर्फ 50 पैसे ही बढ़ाने की छूट मिलेगी।
मोइली रविवार को यहां राजस्थान की पहली तेल रिफाइनरी के शिलान्यास समारोह में हिस्सा लेने आए थे। सरकारी नवरत्न तेल कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) 37 हजार करोड़ रुपये की लागत से पचपदरा (बाड़मेर) में 90 लाख टन सालाना क्षमता की रिफाइनरी लगा रही है। मोइली ने संवाददाताओं को बताया कि डीजल कीमत बढ़ाने को लेकर सरकार किसी जल्दबाजी में नहीं है। पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पिछले दस दिनों के भीतर रुपये की कीमत में काफी सुधार होने की वजह से ही मंत्रालय ने फिलहाल कुछ और इंतजार करने का फैसला किया है।
एक डॉलर की कीमत जब 69 रुपये के करीब पहुंच गई थी तब तेल कंपनियों को डीजल पर 14.50 रुपये प्रति लीटर का घाटा होने लगा था। चालू वित्त वर्ष के दौरान तेल कंपनियों को सिर्फ डीजल से अंडररिकवरी (लागत मूल्य से कम कीमत पर बेचने से होने वाला संभावित घाटा) 80 हजार करोड़ रुपये होने की आशंका जताई जा रही है। इस वजह से ही मोइली ने डीजल को एकमुश्त तीन से पांच रुपये प्रति लीटर महंगा करने का प्रस्ताव किया था। अब रुपया अगले कुछ दिनों में किस करवट बैठेगा इसे देख कर ही सरकार फैसला करेगी। वैसे अगले हफ्ते 30 सितंबर को पेट्रोल की कीमतों में राहत मिलने की उम्मीद है। रुपये के मजबूत होने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतें भी कम हुई हैं। इस वजह से तेल कंपनियां लोगों को राहत देंगी।


उर्वरक उद्योग में रूसी कंपनियों की रुचि बढ़ी
23 September 2013
नई दिल्ली। रूस की दिग्गज कंपनियां भारतीय उर्वरक कंपनियों से हाथ मिलाने की तैयारी कर रही हैं। दोनों देशों की कंपनियां रूस और भारत दोनों जगहों पर उर्वरक इकाइयां लगाने की संभावनाएं तलाश रही हैं। रूस की दो कंपनियों की बातचीत इफको के साथ संयुक्त उद्यम लगाने को लेकर चल रही है।
हाल ही में रूस के दौरे से लौटे वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा के मुताबिक रूसी कंपनियां एक्रॉन और आर्गसिंटेज इफको के साथ संयुक्त उद्यम लगाने की संभावनाएं तलाश रही हैं। दोनों ही कंपनियों के पास पोटाश और फास्फोरिक संसाधनों की भरमार है। शर्मा ने कहा कि रूस की सरकार अपने यहां भारतीय उर्वरक कंपनियों के निवेश को लेकर काफी उत्साहित हैं।
शर्मा के मुताबिक इस साल जनवरी में ही उर्वरक सचिव ने रूस का दौरा कर भारत में यूरिया उत्पादन की नीति में हुए बदलावों की जानकारी दी थी। उसके बाद से रूसी कंपनियों की रुचि भारतीय उर्वरक उद्योग में बढ़ी है। सरकार मान रही है कि रूस के उर्वरक संसाधनों का लाभ उठाकर भारतीय कंपनियां देश में खाद की किल्लत को काफी हद तक दूर कर सकती हैं।
शर्मा ने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में फार्मास्यूटिकल और मेडिकल उद्योग पर हुए एक गोलमेज सम्मेलन में भी हिस्सा लिया। यहां उन्होंने निवेश संबंधी नीतियों को उदार बनाने की मांग भी उठाई। शर्मा ने कहा कि भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए रूस में काफी संभावनाएं हैं। भारत-रूस व्यापार व निवेश फोरम ने 15 ऐसी उच्च प्रौद्योगिकी वाली परियोजनाओं की पहचान की है जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इन सभी परियोजनाओं बड़ी रकम का निवेश होगा।


प्याज की थोक कीमत और घटी
23 September 2013
नई दिल्ली। कर्नाटक से प्याज की आवक बढ़ने से दिल्ली में प्याज की थोक कीमतों में शनिवार को करीब पांच रुपये प्रति किलो की गिरावट आई। इससे पहले शुक्रवार को भी इसकी थोक कीमत में करीब 10 रुपये प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि प्याज की खुदरा कीमतें अब भी 70 रुपये किलो के आसपास बनी हुई हैं।
राष्ट्रीय बागवानी शोध एवं विकास फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के मुताबिक आजादपुर मंडी में औसत कीमत 53 रुपये से घटकर 48 रुपये प्रति किलो पर आ गई। शनिवार को मंडी में 9,700 क्विंटल प्याज की आवक हुई। शुक्रवार को 8,000 क्विंटल की आवक हुई थी। प्याज कारोबारियों का कहना है कि अफगानिस्तान से प्याज के आयात और कर्नाटक से आपूर्ति बढ़ने के कारण कीमतों में गिरावट आई है। आजादपुर मंडी ट्रेडर्स एसोसिएशन के महाप्रबंधक राजेंद्र शर्मा ने कहा कि कीमतों में लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज हुई है। थोक में अलग-अलग गुणवत्ता का प्याज अब 38 से 53 रुपये प्रति किलो के दाम में उपलब्ध है।
राज्य सरकार 100 से ज्यादा वाहनों के जरिये विभिन्न इलाकों में अलग-अलग गुणवत्ता का प्याज 47 से 55 रुपये प्रति किलो के दाम पर उपलब्ध करा रही है। पंजाब स्थित कारोबारियों ने अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिये अफगानिस्तान से प्याज का आयात शुरू किया है। अफगानिस्तान से अब तक करीब 400 टन प्याज आ चुकी है, जबकि 2,000 टन प्याज अगले सात से 10 दिन में पहुंच जाएगी। कारोबारियों की ओर से आयात के अलावा सरकार ने भी दो दिन पहले प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 650 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 900 डॉलर प्रति टन कर दिया था। इसका भी थोक मूल्यों पर असर पड़ा है।


रघुराम का झटका, लोन चुकाने के लिए देनी होगी ज्यादा ईएमआई!
21 September 2013
नई दिल्ली। अमेरिकी फेड रिजर्व के बाद बाजार को चौंकाने की बारी भारतीय रिजर्व बैंक [आरबीआइ] के गवर्नर रघुराम राजन की थी। शुक्रवार को मौद्रिक नीति की मध्य-तिमाही समीक्षा करते हुए राजन ने रेपो रेट 0.25 फीसद बढ़ाने का एलान किया। इस फैसले से बैंकों के लिए फंड की लागत बढ़ेगी। नतीजतन, कर्ज महंगे हो सकते हैं। कई बैंकों ने जल्द ही होम और ऑटो लोन की दरें बढ़ाने के संकेत भी दिए हैं।
गवर्नर पद संभालने के बाद रघुराम की यह पहली मौद्रिक नीति समीक्षा थी। उनके शुरुआती फैसलों को देखते हुए वित्तीय बाजार, अर्थशास्त्री, उद्योग जगत से लेकर सरकार तक ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन राजन ने साफ कर दिया है कि गवर्नर के तौर पर उनकी प्राथमिकता बदल गई है।
महंगाई बनी पहली प्राथमिकता
गवर्नर ने बाद में संवाददाता सम्मेलन में स्वीकार भी किया कि उनकी पहली प्राथमिकता फिलहाल महंगाई पर काबू पाने की है, जिसके तेजी से बढ़ने के आसार हैं। सरकार के ताजा आंकड़े बताते हैं कि खाद्य उत्पादों की कीमतों में इजाफे की वजह से थोक मूल्यों वाली महंगाई दर छह फीसद से ज्यादा हो चुकी है। कमजोर रुपया व कच्चा तेल इसे आने वाले दिनों में और भड़का सकते हैं।
रेपो रेट बढ़ने से कर्ज महंगा क्यूं?
जिस दर पर आरबीआइ बैंकों को कम अवधि (कुछ घंटों से लेकर 15 दिन तक) के कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। यह दर 0.25 फीसद की वृद्धि के साथ 7.25 से बढ़कर 7.5 फीसद पर पहुंच गई है। यह दर सीधे तौर पर होम, ऑटो, पर्सनल लोन व कॉरपोरेट कर्ज को प्रभावित करती है।
सीआरआर में सहूलियत
बैंकों अपनी जमाओं के एक निश्चित अनुपात में अपने पास नकदी रखनी पड़ती है। इसे ही नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) कहा जाता है। इसे बरकरार रखने में आरबीआइ ने बैंकों को कुछ सहूलियत दी है। जरूरी सीआरआर का 99 फीसद तक रोजाना बरकरार रखने की शर्त को घटाकर 95 फीसद कर दिया गया है। इससे बैंकों के पास कर्ज वितरित करने के लिए ज्यादा पैसा बचेगा।
एमएसएफ की सुविधा
मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी यानी एमएसएफ के तहत बैंक सरकारी प्रतिभूतियों के बदले आरबीआइ से बहुत ही कम अवधि के लिए कर्ज लेते हैं। एमएसएफ की ब्याज दर को 10.25 से घटाकर 9.5 फीसद कर दिया गया है। इससे भी बैंकों के पास कर्ज वितरित करने के लिए ज्यादा पैसा बचेगा।
महंगाई से मोर्चा
फैसला 1 : रेपो रेट को 7.25 से बढ़ाकर 7.50 फीसद किया
असर : होम और ऑटो लोन की किस्त बढ़ेग
फैसला 2 : एमएसएफ से कर्ज लेने की दर घटा कर 9.5 फीसद किया
असर : दूर होगा तरलता संकट, बैंक देंगे ज्यादा कर्ज
फैसला 3 : सीआरआर के तहत रोजाना निश्चित राशि रखने की अनुपात 95 फीसद किया
असर : बैंकों के पास लोन देने के लिए बचेगी अधिक राशि


केंद्रीय कर्मियों का डीए दस फीसद बढ़ा
21 September 2013
नई दिल्ली। त्योहारों और चुनावों से पहले अस्सी लाख सेवारत एवं सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों का दिल जीतने के लिए सरकार ने इनके महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 10 फीसद वृद्धि का निर्णय लिया है। परिणामस्वरूप इनका डीए और डीआर मौजूदा 80 फीसद से बढ़कर 90 फीसद हो गया है। निर्णय का लाभ 30 लाख सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों को भी मिलेगा, जिनकी पेंशन में भी महंगाई राहत (डीआर) के तहत इतनी ही वृद्धि होगी।
इस आशय के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मुहर लगा दी गई। डीए और डीआर में 10 फीसद वृद्धि 1 जुलाई 2113 से प्रभावी होगी और इसका नकद भुगतान किया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने बताया कि इससे केंद्र सरकार के खजाने पर कुल मिलाकर सालाना 10,879.60 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2013-14 के आठ महीनों (जुलाई 13 से फरवरी 14 तक) में यह बोझ 7253.10 करोड़ रुपये का रहेगा। डीए/डीआर में वृद्धि छठे वेतन आयोग के फार्मूले के तहत लागू होगी।
इससे पहले इसी साल अप्रैल में डीए/डीआर में आठ फीसद बढ़ोतरी की गई थी। तब इसे 72 फीसद से बढ़ाकर 80 फीसद किया गया था और जनवरी से प्रभावी किया गया था। डीए/डीआर में 10 फीसद की वृद्धि तकरीबन तीन साल बाद हुई है। इससे पहले सितंबर 2010 में केंद्रीय कर्मचारियों का डीए/डीआर 10 फीसद बढ़ाया गया था और वह भी 1 जुलाई 2010 से लागू हुआ था। डीए/डीआर तय करने के लिए सरकार पिछले एक साल के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक कर्मचारी) के औसत को आधार बनाती है। लिहाजा इस बार जुलाई 2012 से जुलाई 2013 के दौरान औद्योगिक कर्मचारियों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ-आइडब्लू) को आधार बनाया गया।



संपादकीय

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