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देश के स्वाभिमान की पुनर्स्थापना है श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
19 Feb 2024
लखनऊ| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पूरे उत्तर प्रदेश में 10 ट्रिलियन रुपये से अधिक की 14,000 परियोजनाएं शुरू कीं। लखनऊ में उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में घोषित यह परियोजनाएं विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी और आईटीईएस, खाद्य प्रसंस्करण, आवास, रियल एस्टेट, आतिथ्य, मनोरंजन और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों तक फैली हुई हैं।

लखनऊ में अपने संबोधन के दौरान, मोदी ने प्रगति की दृष्टि व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहल समृद्ध उत्तर प्रदेश को विकसित भारत या विकसित भारत की आधारशिला के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और इसका उद्देश्य राज्य के परिदृश्य को बदलना है।

पर्यटन महाशक्ति के रूप में उत्तर प्रदेश की बढ़ती संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए, मोदी ने प्रमुख स्थलों के रूप में वाराणसी और अयोध्या के बढ़ते आकर्षण का जिक्र किया, जो अनगिनत पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। प्रधान मंत्री के अनुसार, पर्यटन में यह उछाल राज्य में स्थानीय उद्यमियों, एयरलाइंस और आतिथ्य क्षेत्र के लिए व्यापक अवसर खोलेगा।

पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश की बढ़ी हुई स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी पर भी जोर दिया और वाराणसी से दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज के उद्घाटन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2025 में कुंभ मेला एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और पर्यटन और आतिथ्य में कई नौकरियां पैदा करेगा।

खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को संबोधित करते हुए, मोदी ने "शून्य प्रभाव, शून्य दोष" दर्शन का समर्थन किया और भारतीय खाद्य उत्पादों को वैश्विक डाइनिंग टेबल पर रखने के सामूहिक लक्ष्य का आग्रह किया। उन्होंने सुपरफूड के रूप में बाजरा की बढ़ती लोकप्रियता पर प्रकाश डाला और उद्यमियों और किसानों के बीच साझेदारी की वकालत करते हुए इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित किया। उन्होंने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और सहकारी समितियों के माध्यम से छोटे पैमाने के किसानों के लिए समर्थन को रेखांकित किया, एक दृष्टिकोण को रेखांकित किया जहां कृषि उन्नति व्यवसाय विकास के साथ संरेखित होती है।

प्रधान मंत्री ने दर्शकों से कहा, "किसानों और कृषि को लाभ आपके व्यवसाय के लिए भी अच्छा है।"

पीएम मोदी ने भारत की ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण योगदान पर भी विचार किया और हितधारकों से हाथ में मौजूद अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया। राज्य के लोगों और "डबल इंजन सरकार" के सहक्रियात्मक प्रयासों में विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने व्यापक प्रगति की नींव की कल्पना की।

यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट -2023

13 Feb 2023
लखनऊ।

चर्चा में क्यो ?

12 फरवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (यूपी जीआईएस-2023) का समापन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मार्गदर्शन के साथ हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 3 दिन में कुल 33 लाख, 50 हज़ार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसके साथ ही यहाँ पर कुल 19058 एमओयू साइन हुए। इससे करीब 93 लाख, 82 हज़ार, 607 लोगों को रोज़गार मिलेगा।
  • राज्य सरकार ने निवेशकों की सुविधा एवं एमओयू के कार्यान्वयन की निगरानी के लिये ‘निवेश सारथी’नामक नई ऑनलाइन प्रणाली शुरू की है।
  • उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय यूपी जीआईएस-2023 का शुभारंभ 10 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने खेल को भी इस समिट में शामिल किया है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एशोसिएशन ने बाराबंकी में 30 हज़ार की क्षमता वाला एक स्टेडियम बनाने के लिये प्रदेश सरकार के साथ एमओयू किया है।
  • यूपी ग्लोबल समिट के अंतिम दिन यूके पार्टनर कंट्री सेशन में ब्रिटेन की कंपनियों ने सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्रों में 6 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये। अब उत्तर प्रदेश मेडिकल और दवा क्षेत्र का बड़ा केंद्र बनेगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश को इस सेक्टर में 63,475 करोड़ के प्रस्ताव मिले हैं। दवा और उपकरण से जुड़े कारोबार को लेकर कुल 156 करार अभी तक हुए हैं। मेडिसिन इंडस्ट्री से जुड़े कई बड़े ग्रुप ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग ज़िलों में अस्पताल खोलने का एलान किया है। इससे उत्तर प्रदेश के लोगों को आने वाले दिनों में पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलेंगी।
  • उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सिंगापुर के निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में आध्यात्म और इको टूरिज्म के लिये 29,000 करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
  • उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 ,उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख शिखर सम्मेलनों में शुमार है। उत्तर प्रदेश में विकास की गति को तेज करने और निवेश हासिल करने के लिये दुनिया भर के नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं, व्यापार प्रतिनिधिमंडलों, शिक्षाविदों, थिंक टैंक और नेताओं को सामूहिक रूप से व्यापार के अवसरों का पता लगाने के लिये इस मंच पर बुलाया जाता है।
  • उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से जुड़ी एक पहल है, जिसके लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को अगले 5 वर्षों में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का आकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • इस समिट में 20 से अधिक देशों के 10,000 से अधिक प्रतिनिधियों (घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय) की भागीदारी देखी गई।
  • दिसंबर 2022 में यूपीजीआईएस 2023 के लिये राज्य सरकार ने 16 देशों और भारत के 8 प्रमुख शहरों में रोड शो आयोजित किये थे, ताकि उत्तर प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित किया जा सके और निवेश को बढ़ाया जा सके।
  • इस समिट में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, जर्मनी, नीदरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात जैसी कई प्रगतिशील अर्थव्यवस्थाएँ ‘साझेदार देश’रहे हैं।
  • ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने फरवरी 2018 में पहली बार बड़े पैमाने पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। इसमें 28 हज़ार करोड़ के विभिन्न बड़ी कंपनियों की तरफ से विकास को लेकर एमओयू साइन किये गए थे।