लेकफेड घोटाला: पूर्व मंत्री बादशाह सिंह गिरफ्तार
लखनऊ, बहुचर्चित लेकफेड घोटाले में यूपी के पूर्व मंत्री बादशाह सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घोटाले में अब तक कुल आठ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। यूपी की पूर्ववर्ती माया सरकार में बादशाह सिंह के श्रम मंत्री रहने के दौरान बाबू सिंह कुशवाहा सहकारिता मंत्री थे। श्रम विभाग के अंदर काम कराने वाली एजेंसी यानी लेकफेड बाबू सिंह कुशवाहा के आधीन थी। बाबू सिंह को निकाले जाने के बाद मायावती ने नसीमुद्दीन को ये महकमा दे दिया था।
इस पूरे घोटाले में शिक्षा विभाग के निर्माण काम भी लेकफेड को दिए गए थे जिसके चलते पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी और माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्रा से भी पूछताछ हो चुकी है। नसीमुद्दीन सिद्दिकी और बाबू सिंह कुशवाहा से पहले सहकारिता मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्या भी इस जांच के घेर में हैं। लेकफेड के चेयरमैन सुशील कटियार के खिलाफ गैर जमानती वारंट हो चुका है और वो फरार है।
एसआईबी ने कटियार के पीआरओ प्रवीण सिंह के साथ साथ लेकफेड के जीएम पंकज त्रिपाठी समेत अब तक कुल 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है बादशाह सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपने श्रम विभाग के निर्माण काम उत्तर प्रदेश श्रम एवं निर्माण सहकारी समिति यानी लेकफेड को दिए और इसके लिए पांच करोड़ रुपए की घूस ली। ये घूस लेबर अड्डा बनाने के काम में ली गई थी। मौजूदा सकरार ने लेकफेड में हुए तमाम घोटालों की जांच कोऑपरेटिव एसआईबी यानी कि स्पेशल इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो को दी थी।
ब्यूरो ने जांच के बाद पूर्व मंत्री बादशाह सिंह को आज पूछताछ के लिए बुलाया था और वहीं से गिरफ्तार कर लिया। बादशाह सिंह को बीते चुनाव से पहले लोकायुक्त की जांच में भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से निकाल दिया था जिसके बाद वो बाबू सिंह कुशवाहा के साथ दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो गए थे। बीजेपी ने उन्हें बांदा से टिकट भी दिया था लेकिन वो चुनाव हार गए। बादशाह सिंह की छवि बाहुबली नेता की रही है।
कुम्हेर काण्ड में 15 आरोपियों को 5 साल की जेल
भरतपुर, इक्कीस साल पहले के बहुचर्चित कुम्हेर काण्ड से जुड़े एक मामले में अदालत ने पन्द्रह आरोपियों को पांच साल की सजा सुनाई जबकि अन्य सोलह को बरी कर दिया। अनुसूचित जाति जनजाति अदालत ने कुम्हेर काण्ड में सत्यनगर में हुई हिंसा के मामले में यह फैसला सुनाया हैं। लेकिन अदालत ने आरोपियों को हत्या एवं अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार के आरोपों में दोषी नहीं माना हैं।
उल्लेखनीय है कि एक जून 1992 को कुम्हेर कस्बे के एक सिनेमाघार पर दो पक्षों के लोगों में झगड़ा होने पर व्याप्त तनाव के बाद छह जून की रात को सत्यनगर में एक हमले में चरन सिंह जाट की मौत हो गई थी। इस मामले में कुल 40 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान इनमें से नौ आरोपियों की मौत हो चुकी हैं। कुम्हेर काण्ड मे विभिन्न जगहों पर 16 लोग हिंसा के शिकार हुए थे जिनमें दो मामलो में अभी फैसला आना शेष हैं।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना में कटऑफ हुई कम
जयपुर, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना के लिए कला संकाय, विज्ञान संकाय एवं वाणिज्य संकाय के लिए कट ऑफ 60 प्रतिशत निर्धारित की है। पहले कला वर्ग के लिए कटऑफ 63.40 प्रतिशत, विज्ञान संकाय के लिए 61 प्रतिशत तथा वाणिज्य संकाय के लिए 63.20 प्रतिशत तय की गई थी।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने इस छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा भी एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दी है। छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 28 फरवरी है।