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:: पर्यावरण ::

 

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रायपुर: राज्यों के विकास एवं नीति निर्माण के लिए पर्यावरणीय लेखांकन महत्वपूर्ण
23 मार्च 2023
पर्यावरण की मूर्त और अमूर्त उत्पादन को मापने के लिए सिस्टम के निर्माण पर देश भर के विशेषज्ञों ने किया विचार-विमर्श
आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा ‘‘छत्तीसगढ़ में पर्यावरण एवं आर्थिक लेखांकन मूर्त एवं अमूर्त उत्पादन‘‘ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश, हरियाणा, मिज़ोरम, जम्मू कश्मीर तथा अन्य राज्यों के पर्यावरणविद् और सांख्यिकी के विशेषज्ञ शामिल हुए।
कार्यशाला में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय भारत सरकार की निदेशक डॉ. सुदीप्ता घोष ने ओवरव्यू ऑफ द एनवायरनमेंट अकाउंट एंड इट्स लिंकेज विथ एसडीजी पर व्याख्यान दिया। जिसमें उन्होंने पर्यावरण आर्थिक लेखांकन की प्रणाली तैयार किये जाने की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। जिसके अनुसार देश के सभी राज्यों में भी पर्यावरणीय लेखांकन तैयार किया जायेगा। उनके द्वारा बताया गया कि राज्य के विकास एवं नीति निर्माण के लिए पर्यावरणीय लेखांकन महत्वपूर्ण होगा साथ ही जिसका प्रयोग नीति निर्माण में किया जायेगा। वर्तमान समय में पर्यावरण को अर्थव्यवस्था से जोड़ना अति आवश्यक है क्योंकि बिना पर्यावरण संरक्षण के अर्थव्यवस्था का विकास की परिकल्पना करना असम्भव है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय भारत सरकार केे उप महानिदेशक श्री राकेश कुमार मौर्य ने थ्योरी एंड हैंड्स ऑन ट्रेनिंग ऑन लैंड कवर्स पर व्याख्यान दिया।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 44 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्रफल वनों से आच्छादित है। तीन नदी प्रणाली छत्तीसगढ़ की धरती को सींच रही हैं। राज्य में पर्यावरण आर्थिक एकाउण्ट में प्राकृतिक संसाधन, स्टॉक लेवल, समय विशेष पर स्टॉक में होने वाले परिवर्तन तथा आर्थिक गतिविधियां जो पर्यावरण के मूर्त रूप और अमूर्त उत्पादों का ब्यौरा रखना आवश्यक है। यह ब्यौरा निर्णय, निर्माण और भविष्य की नीति बनाने, संसाधनों के संरक्षण तथा सतत् विकास सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होगा। इससे राज्य के रिसर्च की सही मैपिंग करने और उसे सटीक रूप से मापने में भी मदद मिलेगी।
कार्यशाला में सांख्यिकी एवं योजना विभाग छत्तीसगढ़ के सचिव श्री हिमशिखर गुप्ता, सांख्यिकी एवं योजना विभाग छत्तीसगढ़ के संचालक श्री अमृत विकास तोपनो, उप महानिदेशक श्री रोशन लाल साहू, संयुक्त संचालक श्री एन. बुलीवाल तथा अन्य विशेषज्ञ उपस्थित थे। कार्यशाला के दूसरे दिन आईआईएफएम भोपाल द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी और सॉलिड वेस्ट अकाउंट, वॉटर इक्वेलिटी, फिश प्रोविजिनिंग सर्विसेस, एनएसओ के नए पहल के बारे में विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे।

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम द्वारा लाभांश एवं लीज रेंट की 3.51 करोड़ रूपए की राशि का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा गया
14 मार्च 2023
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को आज यहां विधानसभा परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर और छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र बहादुर सिंह ने छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम की वर्ष 2021-22 के लाभांश 3.51 करोड़ रूपए की राशि का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री संजय शुक्ला एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम श्री ए.के. भट्ट उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ राज्य वन निगम के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि वन विकास निगम द्वारा संपादित किये जा रहे कार्यों से राज्य के वनांचल में रहने वाले वनवासियों एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के ग्रामीणों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु उन्हें सतत् रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। निगम द्वारा बैंक अथवा किसी वित्तीय संस्थान से कोई ऋण नहीं लिया गया है, न ही निगम को राज्य शासन से कोई अनुदान प्राप्त होता है। वन विकास निगम राज्य में हरियाली के प्रसार एवं पर्यावरणीय विकास हेतु कृत संकल्प है।
वन विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री ए.के. भटट द्वारा मुख्यमंत्री को बताया कि वन विकास निगम द्वारा भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कार्य आयोजना अंतर्गत रोपित किये गये सागौन वृक्षारोपण के विरलन से प्राप्त वनोपज के विक्रय एवं अन्य आय से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 69 करोड़ 11 लाख रूपए की आय हुई तथा विभिन्न कार्यों पर 31 करोड़ 79 लाख रूपए व्यय हुआ है। वर्ष के दौरान निगम को 36 करोड़ 48 लाख रूपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ हुआ है।
वर्ष 2021-22 में निगम द्वारा 1982 हेक्टेयर क्षेत्र में 35 लाख सागौन तथा छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यावरण सुधार हेतु डिपाजिट रोपण योजना अंतर्गत विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों से प्राप्त राशि से 7 लाख 47 हजार मिश्रित प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष में 2021-22 में 13,504 घनमीटर इमारती काष्ठ 7,845 नग बल्ली, 5,698 नग जलाऊ चट्टा तथा 86 नोशनल टन बांस का उत्पादन हुआ है।

aaरायसेन में प्रदेश के पहले तितली पार्क का लोकार्पण


16 February 2018

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा ने आज रायसेन के गोपालपुर में प्रदेश के पहले तितली पार्क का लोकार्पण किया। वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह भी मौजूद थे। तीन हेक्टेयर में बने पार्क में 65 प्रजातियों की तितलियाँ हैं। पार्क में तितलियों के जन्म लेने और पलने-बढ़ने के लिये अनुकूल वातावरण के साथ 137 तरह के पौधे लगाये गये हैं। तितलियों के मनोरम दर्शन के लिये ट्रेकिंग ट्रेक बनाया गया है। डॉ. सीतासरण शर्मा ने लोकार्पण कार्यक्रम में कहा कि तितली पार्क प्रकृति के संरक्षण में वन विभाग की महत्वपूर्ण पहल है। इससे पार्क में आने वाले बच्चे और लोगों का प्रकृति के सानिध्य के साथ सामान्य ज्ञान भी बढ़ेगा। वन मंत्री डॉ. शेजवार ने कहा कि रायसेन में बना यह तितली पार्क ईको पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश को नई पहचान देगा। उन्होंने तितली पार्क निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ईको टूरिज्म बोर्ड के अधिकारियों-कर्मचारियों की सराहना की। डॉ. शेजवार ने कहा कि यहाँ बने ऑडिटोरियम में बच्चों को तितली, वन्य जीव और प्रकृति की विस्तार से जानकारी देने की व्यवस्था की गई है। ऑडिटोरियम में प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। ट्रेकिंग ट्रेक बच्चों के लिये रोमांचकारी होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में यहां मछली घर बनाने की भी योजना है। लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह ने कहा कि रायसेन जिले में आने वाले पर्यटक अब ऐतिहासिक धरोहरों के साथ तितली पार्क का भी आनंद ले सकेंगे। ईको टूरिज्म बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पुष्कर सिंह ने तितली पार्क के निर्माण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अतिथियों ने तितली पार्क पर आधारित ब्रोशर का भी विमोचन किया। ब्रोशर में तितलियों की प्रजाति और जीवन-चक्र के बारे में जानकारी दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शर्मा, वन मंत्री डॉ. शेजवार और लोक निर्माण मंत्री श्री सिंह ने वन विभाग द्वारा आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को और तितली विशेषज्ञ श्री सारंग महात्रे को पुरस्कृत किया। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनीता किरार, साँची जनपद अध्यक्ष श्री एस.मुनियन, अपर मुख्य सचिव श्री दीपक खांडेकर, प्रधान वन संरक्षक श्री अनिमेष शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल, वन विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री रवि श्रीवास्तव सहित जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।


aaओडिशा में दहाड़ेंगे मध्यप्रदेश के बाघ


12 February 2018

राज्य शासन ने ओडिशा के सतकोशिया टाइगर रिजर्व को 3 जोड़ी बाघ देने की सैद्धांतिक सहमति दी है। दोनों ही राज्यों में राष्ट्रीय बाघ आंकलन-2018 के चलते बाघों का स्थानान्तरण संभवत: मार्च के अंतिम सप्ताह में होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बाघों के स्थानान्तरण के लिये स्वीकृति दे दी है। कभी बाघों से आबाद रहे सतकोशिया टाइगर रिजर्व में मात्र एक बाघ का जोड़ा बचा है जो अपनी औसत आयु पार कर चुका है। पिछले कुछ दिनों से मात्र एक बाघ ही कैमरे में ट्रेप हो रहा है। इन बाघों के समाप्त होने से रिजर्व में बाघ का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। ऐसे में ओडिशा सरकार द्वारा लिखे गये पत्र और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एन.टी.सी.ए.) की तकनीकी समिति की बैठक के बाद राज्य शासन ने ओडिशा को 6 बाघ भेजने का निर्णय लिया है। इससे ओडिशा में बाघों का कुनबा वापस बढ़ सकेगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि सतकोसिया टाइगर रिजर्व के बाघों का जेनेटिक नेचर मध्यप्रदेश के बाँधवगढ़ और कान्हा टाइगर रिजर्व के बाघों से मिलता-जुलता है। पूर्व में मध्यप्रदेश से ओडिशा तक बाघ कॉरिडोर होने के भी प्रमाण हैं। आशा है इससे मध्यप्रदेश के बाघ ओडिशा के नये वातावरण में आराम से अभ्यस्त हो जाएंगे। श्री अग्रवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश बाघ शून्य हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की पुर्नस्थापना के साथ 30 बाघों को सफलतापूर्वक स्थानान्तरित कर चुका है। ओडिशा को स्थानान्तरण के पहले उनके विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को रिलीज प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री संबित त्रिपाठी ने पिछले दिनों इस संबंध में मध्यप्रदेश का दौरा भी किया है।


भानपुर खंती की वायु गुणवत्ता में हुआ सुधार
6 February 2018
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा भानपुर खंती के आसपास के 9 स्थानों पर लगातार परिवेशीय वायु गुणवत्ता का मापन किया जा रहा है। गत 30 जनवरी को किये गये मापन में आरएसपीएन की मात्रा निर्धारित मानक 100 माइक्रोग्राम/घन मीटर से काफी अधिक 307 से 367 माइक्रोग्राम/घन मीटर पाई गई थी, जिसमें अब काफी सुधार आ गया है। प्रमुख सचिव-सह-प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष श्री अनुपम राजन ने बताया कि 5 फरवरी, 2018 को खंती के आसपास के 9 स्थानों पर प्राप्त परिणाम केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रकाशित एयर क्वालिटी इण्डेक्स के अनुसार मध्यम स्तर पाया गया। वायु गुणवत्ता इण्डेक्स का स्तर 5 फरवरी को दामखेड़ा में 124.33, खेजड़ा में 117.48, भानपुर में 162.23, कोच फेक्ट्री में 178.41, करारिया में 154.92, कोलुआ में 155.22, मीनाल में 133.87, अयोध्या नगर में 128.30 और करोंद में 169.77 पाया गया। श्री राजन ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सभी 9 स्थानों पर निगरानी केन्द्र बनाकर लगातार 8-8 घंटे की शिफ्ट में सुबह 6 से 2, 2 से 10, 10 से अगले दिन सुबह 6 बजे तक प्रदूषण की मॉनीटरिंग की जा रही है। हर 4 घंटे में सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड गैसीय मात्रा की जाँच की जा रही है। लगातार पानी डालने से आग पर काबू पाने से आगजनित प्रदूषण हवा में समाप्त हो चला है। अभी वाहन, ध्वनि, नियमित दिनचर्या आदि से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से ही वायु-स्तर प्रभावित है। मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. रीता कोरी ने बताया कि बोर्ड 2.5 माइक्रोग्राम और 10 माइक्रोग्राम साइज के पी.एम. (पर्टीकुलेट मेटर) का फिल्टर कर जाँच कर रहा है। छोटे 2.5 माइक्रोग्राम पी.एम. की क्षमता फेफड़ों के अंदर तक प्रवेश करने की होने के कारण इनको विशेष रूप से नियंत्रित किया गया है
मंत्री श्रीमती माया सिंह का भानपुर खंती डम्पिग क्लोजर के लिए केन्द्र से 39 करोड़ देने का अनुरोध
31 January 2018
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने नई दिल्ली में केन्द्रीय शहरी विकास, आवासीय एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी से भेंट की। श्रीमती माया सिंह ने शहरी विकास गतिविधियों के लिए भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को दी जाने वाली 2 हजार 434 करोड़ रूपये की राशि शीघ्र जारी किए जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नगरीय विकास गतिविधियों पर प्राथमिकता के साथ समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार कार्य किया जा रहा है। श्रीमती माया सिंह ने भोपाल शहर की डम्पिंग साइड भानपुरी खंती के क्लोजर हेतु 39 करोड़ तथा इंदौर और भोपाल शहर की मेट्रो परियोजनाओं के भारत सरकार के पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड तथा केन्द्रीय मंत्रि-परिषद से अपेक्षित अनुमति शीघ्र प्रदान करने का अनुरोध भी किया है। केन्द्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी से चर्चा के दौरान श्रीमती माया सिंह ने कहा कि भारत सरकार की शहरी विकास, शहरी आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश द्वारा उल्लेखनीय प्रगति दर्ज करवाई गई है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को समय-समय पर प्रशस्ति-पत्र भी प्रदान किया गया है। भारत सरकार के सहयोग से मध्यप्रदेश गत 3 वर्षो में प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत योजना, स्मार्ट सिटी योजना, स्वच्छ भारत मिशन, दीन दयाल डे-एनयूएलएम के क्रियान्वयन में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी से है। श्रीमती माया सिंह ने कहा मध्यप्रदेश सरकार भोपाल और इंदौर में शीघ्र ही मेट्रो रेल सुविधा को मूर्तरूप प्रदान करना चाहती है। इसी क्रम में 'स्वच्छ भारत मिशन' के अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में डम्प किए गये कचरे के वैज्ञानिक निष्पादन के लिये पृथक से व्यवस्था की जाती है, तो नगरीय निकाय भविष्य में इससे आय अर्जित कर सकेंगे तथा शहरी क्षेत्र की कीमती जमीन भी डम्पिंग ग्राउण्ड से मुक्त होगी। इसी कड़ी में उन्होंने भोपाल के भानपुर खंती डम्पिंग क्लोजर हेतु 39 करोड़ रूपये की राशि शीघ्र प्रदान किए जाने का अनुरोध किया। नगरीय प्रशासन मंत्री ने कहा कि अमृत योजना के तहत वर्ष 2015-16 की 268 करोड़ 82 लाख रूपये तथा वर्ष 2016-17 की 345 करोड़ 12 लाख रूपये की राशि शीघ्र प्रदान करने किए जाने की अपेक्षा है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन और ऑफिस एक्सपेंन्स मद में भी लंबित राशि 31 करोड़ 23 लाख रूपये तथा प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत पूर्व में स्वीकृत राशि में से एक हजार 789 करोड़ रूपये की राशि शीघ्र प्रदान कराये जाने का अनुरोध केन्द्रीय मंत्री से किया। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री ने की मध्यप्रदेश की प्रगति की प्रशंसा केन्द्रीय शहरी विकास, आवासीय एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह से चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश में शहरी विकास गतिविधियों के तहत केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार की कार्य प्रणाली की प्रशंसा की।
प्रमुख सचिव पर्यावरण श्री अनुपम राजन द्वारा भानपुर खंती का औचक निरीक्षण
31 January 2018
प्रमुख सचिव पर्यावरण-सह-अध्यक्ष प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री अनुपम राजन ने भोपाल की भानपुर खंती में अचानक लगी आग और उससे वायु प्रदूषण की शिकायत पर बुधवार को अमले के साथ स्थल का औचक निरीक्षण किया। श्री राजन ने कचरा भण्डारण क्षेत्र के चारों ओर तार फेंसिंग अथवा बाउण्ड्री-वॉल निर्माण कराये जाने तथा स्थल की सतत निगरानी के लिये कैमरे लगाने के निर्देश दिये। श्री राजन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए फायर बिग्रेड की दमकलों से लगातार पानी डालने को कहा गया है। क्षेत्रीय अधिकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयुक्त नगर निगम को घटना के सबंध में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। भानपुर खंती में आग लगने और उससे वायु प्रदूषण की शिकायत पर श्री राजन के साथ बोर्ड के सदस्य सचिव श्री ए.ए. मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी भोपाल डॉ. पी.एस. बुंदेला, नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी श्री राकेश शर्मा सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।

aaबाघिन को पहनाया रेडियो-कॉलर


11 January 2018

पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बाघिन पी-213 (33) को सफलतापूर्वक रेडियो-कॉलर पहनाकर हिनौता के जंगल में छोड़ दिया है। यह बाघिन पिछले कुछ महीनों से अमानगंज बफर परिक्षेत्र से लगे गाँव विक्रमपुर के आसपास घूम रही थी। कई बार मवेशियों के शिकार की सूचनाएँ भी मिली थीं। मानव-वन्यप्राणी द्वंद को देखते हुए वन विभाग ने बाघिन को रेडियो कॉलर पहनाकर कोर-क्षेत्र में छोड़ने का निर्णय लिया। रेडियो-कॉलर पहनाने से बाघिन के विचरण की लोकेशन लगातार मिलती रहेगी। बाघिन को राजा तालाब के पास ट्रेंकुलाइज कर रेडियो-कॉलर पहनाया गया। सारी कार्यवाही क्षेत्र संचालक श्री विवेक जैन के नेतृत्व में वन्य-प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता और टीम ने की। बाघिन स्वस्थ है और हिनौता परिक्षेत्र में स्वच्छंद विचरण कर रही है।


aaजलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने नवाचार भी करें वनाधिकारी : केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन


15 December 2017

केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को यहां वन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कहा कि विकास के परिणाम स्वरूप जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के समाधान के लिये पूरी दुनिया एकजुट होकर कार्य-योजना बना रही है। दुनिया को इस समस्या से उबारने में वनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वन अधिकारियों को ईश्वरीय कार्य के साथ जुड़ने का मौका मिला है। वे रूटीन कामों के साथ ही ऐसे नवाचार भी करें जो देश और दुनिया में मिसाल बनें। उन्होंने कहा कि भारत में घने एवं स्वस्थ जंगल, नदी, हवा-पानी और संवेदनशील भाव विरासत में मिले हैं। अब हमारा कर्त्तव्य है कि भावी पीढ़ी को स्वस्थ और स्वच्छ प्राकृतिक विरासत सौंपें। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पृथ्वी के तापमान में इसी तरह वृद्धि जारी रही तो प्राणियों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। डॉ. हर्षवर्धन ने मध्यप्रदेश में विगत 2 जुलाई 2017 को 7 करोड़ से अधिक पौधारोपण की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि 90 प्रतिशत से अधिक पौधे जीवित अवस्था में हैं। उन्होंने दूरस्थ अंचलों में वन विभाग द्वारा संचालित दीनदयाल योजना की भी सराहना की। उन्होंने वन अधिकारियों से कहा कि प्रयोगशाला और मैदानी कार्य का सम्मिश्रण करते हुए असाधारण लक्ष्य बनायें और उस पर काम करें।
दीनदयाल वनांचल सेवा से शिशु-मातृ मृत्यु दर और मलेरिया में कमी आई
वन मंत्री डॉ. शेजवार ने बताया कि दूरस्थ अंचलों में निवासरत लोगों की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिये अक्टूबर 2016 से आरंभ की गई दीनदयाल वनांचल सेवा योजना के अच्छे परिणाम मिलने लगे हैं। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल-विकास और आदिम जाति कल्याण विभाग को जोड़ा गया है। ऐसे इलाकों में जहां इन विभागों के लोग नहीं पहुंच पाते, वहां वन कर्मियो की सहायता से टीकाकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के कार्य करने से लोगों की स्थिति में काफी सुधार आया है। दीनदयाल वनांचल सेवा से हरदा, होशंगाबाद और बैतूल जिले में शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हुआ है और मलेरिया से होने वाली मृत्यु लगभग शून्य हो गई है। शिक्षा में सहायता से दूरस्थ अंचलों के बच्चों के शिक्षा परिणाम में भी सुधार हुआ है। डॉ. शेजवार ने डॉ. हर्षवर्धन को योजना का ब्रोशर भेंट किया।
बिजली लाइनों का होगा इन्सुलेशन
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल ने केन्द्रीय मंत्री के समक्ष बाघों को करंट से बचाने के लिये 1200 करोड़ रुपये की मांग को दोहराया। श्री अग्रवाल ने कहा कि यदि केन्द्र से यह राशि मिल जाती है तो बिजली की लाइनों का इन्सुलेशन करवाया जायेगा। इससे शिकारी करंट लगाकर बाघ एवं अन्य वन्य प्राणियों का शिकार नहीं कर सकेंगे। डॉ. हर्षवर्धन ने बैठक में मध्यप्रदेश के वनों के घनत्व, वृक्षावरण, कार्य आयोजना, केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं, नवाचार, कैम्पा फंड, वृक्षारोपण, ग्रीन इंडिया मिशन, वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण, संयुक्त वन प्रबंधन, वन्य प्राणी प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम, राज्य लघु वनोपज संघ, राज्य वन विकास निगम आदि की समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव श्री दीपक खांडेकर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख डॉ. अनिमेष शुक्ला, वन विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री रवि श्रीवास्तव, राज्य लघुवनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री जव्वाद हसन सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।


aaप्रदेश में बाघों और तेंदुओं की संख्या बढ़ाने की दीर्घकालीन योजना बनेगी


5 December 2017

प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत गैर-वानिकी कार्य के प्रकरणों से प्राप्त 5 प्रतिशत राशि टाईगर फांउडेशन सोसायटी में जमा करायी जायेगी। इस राशि से वन एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण और संवर्धन के कार्य कराये जा सकेंगे। कूनो-पालपुर अभ्यारण्य में प्रदेश के बाघों को रखा जायेगा। ये निर्णय आज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में लिये गये। बैठक में वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में कहा कि प्रदेश में बाघों और तेंदुओं की संख्या बढ़ाने की दीर्घकालीन योजना बनायें। करंट लगने से बाघ के मरने और बाघ के अवैध शिकार जैसी घटनाओं में सख्त कार्रवाई की जाये। बाघ संरक्षण के लिये वन विभाग समग्रता से विचार करे। इनके रहवासी क्षेत्र में आने से होने वाली जनहानि को रोका जाये। खरमोर और सोन चिरैया के संरक्षण के लिये ग्रासलैंड वृद्धि के प्रयास करें। वन ग्रामों में उज्जवला योजना के गैस सिलेंडर रिफिल करने का कार्य वन समितियों को देने पर विचार करें। इस अवसर पर बताया गया कि प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों में 21 ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना जारी हो गयी है। बैठक में ग्वालियर जिले के घाटी गांव क्षेत्र में बिठौला से गोकुलपुर मार्ग और गिरवई से तिल्ली फेक्ट्री मार्ग के उन्नयन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। टाईगर क्षेत्रों के मार्गों पर वन्य पशुओं की वाहनों से होने वाली दुर्घटना रोकने के लिये उनके क्रासिंग वाले क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर बनाने पर सहमति दी गई। रातापानी अभ्यारण के अंतर्गत विनेका से बोरपानी तक की ग्रामीण सड़क निर्माण का अनुमोदन किया गया। इसी तरह घाटीगांव क्षेत्र में निरावली-मोहना मार्ग निर्माण का अनुमोदन किया गया। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में वर्ष 2018 में होने वाली बाघ गणना की तैयारियां की जा रही हैं। प्रदेश में 144 ईको पर्यटन क्षेत्र चयनित किये गये हैं। वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिये चलाये जा रहे क्लोज टू माई हार्ट कार्यक्रम से प्रदेश में एक हजार लोग जुड़े हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान और वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार भी इस अभियान से जुड़े हैं। इसके लिये 300 रुपये का दान करना होता है। बैठक में अपर मुख्य सचिव वन श्री दीपक खाण्डेकर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अनिमेष शुक्ल सहित वन्य प्राणी बोर्ड के अशासकीय सदस्य तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


aaवन विहार राष्ट्रीय उद्यान में वन्यप्राणी सप्ताह 2017 का शुभारंभ


2 October 2017

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में वन्यप्राणी सप्ताह 2017 का शुभारंभ डॉ. अनिमेष शुक्ला प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं बल प्रमुख मध्यप्रदेश वन विभाग द्वारा किया गया। अतिथियों ने पेंटिंग बनाकर वन्यप्राणी सप्ताह का शुभारंभ किया। वन विहार प्रबंधन द्वारा प्रतिभागियों को घास की चिट्ठी की रिंग एवं स्टीकर प्रदाय किये गये जिसे बच्चों द्वारा पसंद किया गया। वन विहार आने वाले पर्यटकों को भी घास की चिट्ठी दोनों प्रवेश द्वारों से दी गई। आगामी छ: दिनों में अन्य वन्यप्राणियों द्वारा लिखी गई चिट्ठियां प्रतिभागियों को तथा पर्यटकों को दी जाएंगी। वन विहार स्थित वीथिका में आज से 7 अक्टूबर 2017 तक के लिये वन्यप्राणियों के फोटोग्राफ्स की पदर्शनी लगाई गई है। वन्यप्राणी सप्ताह के प्रथम दिन आज वन विहार राष्ट्रीय उद्यान स्थित विहार वीथिका में चित्रकला प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। इसमें प्रथम वर्ग कक्षा एक से चार तक के प्रतिभागियों हेतु वन विहार की तितलिया, दूसरा वर्ग पांच से आठ तथा तीसरा वर्ग कक्षा नौ से बारह हेतु ' 'वन विहार के पक्षी' विषय पर प्रतिभागियों ने चित्रकारी की। इसी प्रकार चौथ वर्ग महाविद्यालयीन विद्यार्थियों ने ' भारत की सांस्कृतिक धरोहर में वन्यप्राणी' तथा पांचवे वर्ग दिव्यांग छात्रों ने अपनी पसंद के विषय पर चित्रकारिता की। प्रतियोगिता में लगभग 55 शिक्षण संस्थाओं के लगभग 1080 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), श्री जितेन्द्र अग्रवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन विकास निगम), श्री रवि श्रीवास्तव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी ईको पर्यटन विकास बोर्ड श्री पुष्कर सिंह सदस्य सचिव जैव विविधता बोर्ड श्री आर. श्रीनिवास मूर्ति अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी श्री आलोक कुमार सेवानिवृत्त अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री आर.पी. सिंह तथा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री सुधीर कुमार, श्री रमेश कुमार गुप्ता, श्री असीम श्रीवास्तव, श्री चितरंतन त्यागी, एस.के. मंडल वन संरक्षक भोपाल वनमंडल श्री एस.पी.एस. तिवारी राज्य वन्यप्राणी बोर्ड के सदस्य डॉ. सुरेन्द्र तिवारी संचालक वन विहार श्रीमती समीता राजौरा, सहायक संचालक वन विहार श्री शेखर जंगले अन्य वन अधिकारी तथा बड़ी संख्या में शालाओं के शिक्षक एवं विद्यार्थीगण तथा उनके अभिभावक एंव मीडियाकर्मी भी उपस्थित थे। आज के कार्यक्रम दिनांक 2 अक्टूबर को प्रात 6 बजे से 8.30 बजे तक पक्षी एवं जैव-विविधता शिविर, प्रात: 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक फोटोग्राफी प्रतियोगिता तथा पूर्वान्ह 9 बजे से 11 बजे तक रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।


aaपब्लिक रिलेशन सोसायटी आफ इंडिया के भोपाल चैप्टर के वृक्षारोपण कार्यक्रम,
वृक्षारोपण कर दिया पर्यावरण बचाने का संदेश


19 September 2017

भोपालः आज बदलते पर्यावरण के करण जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रही है। पर्यावरण को बेहतर बनाने में वृक्षों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वृक्ष कार्बन डाई आक्साइड सोखते हैं और आक्सीजन हमारे लिए छोड़ते हैं, जो हमें जीवन प्रदान करती है। वृक्षों के इसी महत्व को देखते हुए पब्लिक रिलेशन सोसायटी आफ इंडिया के भोपाल चैप्टर और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की ओर से वृक्षारोपण किया गया। जहां पब्लिक रिलेशन सोसायटी आफ इंडिया के भोपाल चैप्टर और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सदस्यों ने आस्था परिसर बिजली नगर गोविंदपुरा में वृक्षारोपण किया। पौधरोपण से पहले आरएसआई के सभी सदस्यों को मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के उप महाबंधक राजेश शर्मा ने विद्युत वितरण प्रक्रिया का डेमो डमी पावर स्टेशन पर ले जाकर दिया और विद्युत वितरण कंपनी के सभी 16 जिलों के कॉल सेन्टर की कार्यप्रणाली को समझाने के लिए सेन्टर का भ्रमण करवाया। पौधारोपण कार्यक्रम के अवसर पर सचिव डॉ. संजीव गुप्ता ने सभी सदस्यों द्वारा समाज हित में किये इस महत्वपूर्ण योगदान हेतु आभार व्यक्त किया। अरविन्द चतुर्वेदी ने कहा कि अधिक से अधिक पौधे लगाने के साथ नदियों को भी साफ रखना जरूरी है। संजय सीठा ने हवा में बढ़ते प्रदूषण पर चिन्ता व्यक्त की। कमल किषोर दुबे ने कहा कि पुराने समय से भारतीय संस्कृति में वृक्षों की पूजा की जाती रही है। अध्यक्ष पुष्पेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि नमामि देवी नर्मदे जैसे जन अभियान से पर्यावरण को संरक्षित करने में आमजन की सहभामिता सुनिष्चित हुई है। हमकों अपने आस-पास के पर्यावरण को साफ एवं बचाने के लिए लगातार पौधारोपण के साथ ही जल स्त्रोतों के संरक्षण पर ध्यान देना होगा। पब्लिक रिलेषन सोसायटी ऑफ इंडिया के भोपाल चैप्टर द्वारा पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन गोविन्दपुरा के बिजली नगर स्थित  आस्था परिसर में किया गया। जिसमें संस्थापक अध्यक्ष अरविन्द चतुर्वेदी, पूर्व अध्यक्षगण संजय सीठा, विजय बोन्द्रिया एवं प्रकाष साकल्ले, वर्तमान अध्यक्ष पुष्पेन्द्र पाल सिंह , सचिव डॉ. संजीव गुप्ता, कोषाध्यक्ष मनोज द्विवेदी, वरिष्ठ सदस्य विष्णु खन्ना, जगदीष कौषल एवं कमल किषोर दुबे, महिला विन्ग की संयोजक उमा भार्गव, संयुक्त सचिव गोविन्द चौरसिया एवं योगेष पटेल, विजया पाठक, महेन्द्र पवार, शुभ तिवारी, रत्नदीप बांगरे, शैलेन्द्र ओझा, शोभा खन्ना, आर. के. शर्मा सहित बड़ी संख्या में पी.आर.एस.आई. सदस्यों ने छायादार पौधे लगाये।


वर्ष 2018 में प्रदेश में हो जायेंगे 350 से अधिक बाघ>
29 July 2017
परूस के सेंट पीटर्सवर्ग में वर्ष 2010 में हुए सम्मेलन में दुनिया में वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का संकल्प लिया गया था। वर्ष 2010 में मध्यप्रदेश में 257, वर्ष 2014 में 308 बाघ थे। प्रदेश के 6 टाइगर रिजर्व एवं क्षेत्रीय वन मण्डलों से प्राप्त हो रहे कैमरा ट्रेप छायाचित्रों से वर्ष 2018 में इनकी संख्या 350 से अधिक होने का अनुमान है। इस प्रकार मध्यप्रदेश 8 वर्षों में बाघों की संख्या में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए अंतर्राष्ट्रीय संकल्प को पूरा करने में भरपूर योगदान दे रहा है। वर्ष 2014 में मध्यप्रदेश में 286 अलग-अलग बाघों के चित्र कैमरा ट्रेप में मिले थे, जो भारत के किसी भी प्रदेश से मिले बाघ चित्रों में सर्वाधिक थे। वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने यह जानकारी आज नई दिल्ली में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा विश्व बाघ दिवस पर विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में दी। डॉ. शेजवार ने केन्द्रीय मंत्री का विश्व बैंक, यूएनडीपी और केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा अक्टूबर-2017 में की जा रही ग्लोबल वाइल्ड लाइफ कॉन्फ्रेंस के लिये मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व के चयन के लिये धन्यवाद भी दिया। पेंच टाइगर रिजर्व में जन-भागीदारी से किये जा रहे वन्य-प्राणी संरक्षण के उत्कृष्ट कार्य 18 देशों के प्रतिनिधि फील्ड विजिट के दौरान देखेंगे। डॉ. शेजवार ने बताया कि वन्य-प्राणी प्रबंधन को वैज्ञानिक दृष्टि से अधिक सुदृढ़ बनाने के लिये राज्य वन अनुसंधान संस्थान, जो पहले सामान्यत: वानिकी अनुसंधानों तक ही सीमित था, उसमें वन्य-प्राणी विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। इसी प्रकार जबलपुर में स्थापित नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विद्यालय में वन्य-प्राणी फॉरेंसिक एवं स्वास्थ्य संस्थान की स्थापना की गयी है। कार्यक्रम के बाद केन्द्रीय वन मंत्री के साथ हुई वन-टू-वन बैठक में मध्यप्रदेश को खरबई और सागर में चिड़िया-घर-सह-रेस्क्यू सेंटर खोलने के लिये सैद्धांतिक सहमति दी गयी। डॉ. शेजवार ने वन्य-प्राणी अपराधों के अन्वेषण में सहायता के लिये इण्डियन टेलीग्राफ एक्ट में राज्यों के वन विभागों को लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसी घोषित करने का भी अनुरोध किया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल और एप्को पर्यटन बोर्ड के कार्यपालन संचालक श्री पुष्कर सिंह भी मौजूद थे।

तिहरे खतरे का सामना कर रहे हैं दुनिया के समंदर
ओस्लो। ग्लोबल वार्मिग, अम्लीकरण और ऑक्सीजन के स्तर में लगातार कमी की तिकड़ी दुनियाभर के समुद्रों के लिए खतरा बनती जा रही है। इससे समुद्री जीव जंतुओं की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई हैं।
गुरुवार को जारी अंतरराष्ट्रीय शोध के नतीजों के मुताबिक, पूर्वानुमान के मुकाबले नए नतीजे ग्लोबल वार्मिग की अधिक विनाशकारी तस्वीर पेश करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, समुद्र लगातार गर्म हो रहे हैं। इस शताब्दी में समुद्र के तापमान में भले ही मामूली इजाफा दर्ज किया गया हो, लेकिन इसके खतरनाक नतीजे सामने आ चुके हैं। व्यवसायिक क्षेत्र में बड़े स्तर पर इस्तेमाल की जाने वाली मछलियां गहरे पानी या ध्रुवों की ओर खिसक रही हैं। मछलियों की कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर आ गई हैं।
अग्रणी वैज्ञानिकों की गैर सरकारी संस्था इंटरनेशनल प्रोग्राम ऑन द स्टेट ऑफ द ओशियन के मुताबिक, 'समुद्र और इसके पारिस्थितिक तंत्र को हो रहे नुकसान को अब तक कमतर आंका गया है। मौजूदा समय में कार्बन डाई आक्साइड के अत्याधिक उत्सर्जन से समुद्र का अम्लीकरण हो रहा है, यह पृथ्वी के इतिहास की अभूतपूर्व घटना है।'
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कनवर्सेशन ऑफ नेचर की रिपोर्ट के मुताबिक, पर्यावरण में ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ते प्रभाव के कारण समुद्र का तापमान बढ़ रहा है। उर्वरकों और सीवेज का पानी लगातार समुद्र में बहाया जा रहा है, जिससे शैवालों की संख्या बढ़ रही है और समुद्र में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जा रही है। हवा में मौजूद कार्बन डाई आक्साइड जब समुद्र के पानी के संपर्क में आती है, तो अम्ल बन जाती है। अम्लीकरण, बढ़ता तापमान और ऑक्सीजन की कमी की खतरनाक तिकड़ी से दुनियाभर के समुद्रों के जीव जंतुओं के सामने आस्तित्व का खतरा मंडराने लगा है।


पहाड़ों पर भारी बर्फबारी, दिल्ली में गिरे ओले
नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर में गुरुवार की रात झमाझम बारिश और सर्द हवाओं के चलते एक बार फिर से ठंड फिर लौट आई है। दिल्ली और एनसीआर के कई इलाके में ओले पड़े। वहीं, पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी, बारिश और सर्द हवाओं ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी दिखेगा। दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में जनवरी में बारिश का 10 साल का रेकॉर्ड टूट गया। गुरुवार रात भर रुक-रुक कर बारिश हुई, जगहों पर ओले भी पड़े। शुक्रवार सुबह भी कई इलाकों में तेज बारिश हुई। एनसीआर में गुरुवार की शाम के वक्त से तेज सर्द हवाएं चल रही थीं। देर रात अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। कुछ इलाकों में ओले भी पड़े। मौसम विभाग ने शुक्रवार को अधिकतम तापमान में गिरावट आने की संभावना व्यक्त की है। इसके पहले बुधवार की रात और गुरुवार के दिन में हिमाचल में बर्फबारी के चलते 2 दर्जन से ज्यादा सड़कें बंद हो गईं। प्रदेश के कई इलाकों में 2 फुट तक बर्फ जम गई। कश्मीर में सेना को हिमस्खलन का अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश से हाल बेहाल है। यूपी के कई इलाकों में बारिश हुई और ओले भी गिरे। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ का असर बढ़ने की वजह से मौसम में यह बदलाव आया है। 48 घंटों में मौसम और बिगड़ सकता है। हिमाचल और उत्तराखंड में अगले 48 बर्फबारी की चेतावनी दी गई है। जम्मू-कश्मीर से भी भारी बर्फबारी की खबर है। स्नो ऐंड एवलांच स्टडी इस्टेबलिशमेंट ने सेना को चेतावनी जारी करते हुए कश्मीर के बर्फीले इलाकों में अलर्ट रहने को कहा है। डिवीजनल डिजास्टर मैनेजमेंट कश्मीर ने कुछ इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी भी जारी की है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद कर दिया गया। प्रदेश में औसतन 2 फीट तक बर्फ गिरी है। यूपी के कई जिलों में हुई बारिश से ठंड फिर लौट आई है। कई जिलों में ओले भी गिरे हैं। बिजली गिरने से 8 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 3 झुलस गए।


गंगा प्रदूषण पर फैक्ट्रियों को पीएमओ की चेतावनी
नई दि्ल्ली। इलाहाबाद में महाकुंभ से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गंगा और यमुना नदियों में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दोनों नदियों के पानी को गंदा करने वाले उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि इलाहाबाद में महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छ डल मुहैया कराने के लिए टिहरी बांध से पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध हो, इसकी निगरानी लगातार की जा रही है। पीएमओ के अनुसार संगम में यमुना और गंगा में जैव-रासायनिक ऑक्सिजन डिमांड (बीओडी) आम तौर पर 6 मिलीग्राम प्रति लीटर होता है, लेकिन मुख्य मुद्दा कागज उद्योगों से निकलने वाले उत्सर्जन का रंग है, जो रामगंगा और काली नदियों में आता है। रामगंगा और काली दोनों ही गंगा की सहायक नदियां हैं। गंगा और यमुना में स्वच्छ जल का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि गंगा या उसकी सहायक नदियों में सभी उद्योगों का उत्सर्जन तय मानकों के अनुसार हो। पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि रामगंगा, काली और सहायक नदियों में जल की क्वॉलिटी की निगरानी रोजाना हो रही है। इस काम में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ समन्वय कर रहे हैं।


बाघों की मौत पर सरताज के खिलाफ मेनका का मोर्चा खुला रहेगा
भोपाल। मप्र में हो रहे बाघों की मौत को हादसा नहीं माना जा सकता। यह शिकारियों की सुनियोजित साजिश है। इस मामले में जब तक वन मंत्री सरताज सिंह इस्तीफा नहीं देते तब तक उनके खिलाफ मोर्चा खुला रहेगा। यह बात सोमवार को पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था की अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मेनका गांधी ने कही। वे एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोजेक्ट शुरू करने के मामले पर चर्चा करने भोपाल आई थीं। मेनका ने कहा कि वन मंत्री और वन विभाग की लचर व्यवस्था से बाघ मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बांधवगढ़ में तो वन विभाग की जीप से बाघिन झुरझुरा की मौत हुई थी। उस मामले को दबा दिया गया। पन्ना में बाघ खत्म होने के बाद भी मप्र सरकार ने बाघों को बचाने के लिए कोई नई रणनीति नहीं बनाई है। सुश्री गांधी ने कहा कि प्रदेश के नेता और वन अधिकारियों के रिसोर्ट मालिकों से संबंध है, कई नेताओं की तो इन रिसोटों में हिस्सेदारी है। गायों की तस्करी के मामले में प्रदेश की पुलिस और राजनेता शामिल हैं। मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। उन्होंने चौहान से कहा कि आपने और खूबसूरत बना दिया है। मेनका ने राजधानी के पर्यावरण की जमकर तारीफ की। मेनका ने नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर और महापौर कृष्णा गौर से भी भेंट की। मेनका गांधी द्वारा मोर्चा खोले जाने की बात पर सरताज सिंह का कहना है कि मेनका गांधी को पता नहीं हमसे क्या दुश्मनी है। वे ऐसा क्यों कह रही हैं। जब मुख्यमंत्री को मेरे काम करने के ढंग से एतराज नहीं है तो मेनका गांधी कुछ भी कहें कोई फर्क नहीं पड़ता। वैसे भी मेनका केंद्र में बैठकर राज्य के मंत्री का काम का आंकलन कैसे कर सकती हैं।


सर्दी ने तोड़ा 48 साल का रिकॉर्ड
नई दिल्ली। कड़ाके की ठंड ने बुधवार को पिछले 48 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिल्ली के अधिकतम तापमान में सामान्य से 11 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी पांच दिन तापमान ऐसा बने रहने की उम्मीद है। तापमान में गिरावट की वजह पश्चिम विक्षोभ और उससे उत्तरी भारत में हुई बर्फबारी है। इसके अलावा ठंडी हवाओं का उत्तरी भारत में चल रहा चक्रवात भी मौसम को ठंडा बनाए हुए है। सहायक मौसम वैज्ञानिक ओमप्रकाश बताते हैं कि एकदम से राजधानी के तापमान में हुई गिरावट का कारण दिल्ली से उत्तराखंड और उत्तराखंड से जम्मू-कश्मीर फिर वहां से वापस दिल्ली होकर चलने वाली ठंडी हवाओं का चक्रवात है। इससे बुधवार रात को तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस से गिरकर चार डिग्री सेल्सियस हो गया। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को जहां अधिकतम तापमान 15.3 डिग्री रहा वहीं बुधवार को यह गिरकर 9.8 डिग्री हो गया। अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों में गिरावट के अलावा अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच अंतर की कमी से भी ठंड बढ़ी है। गौरतलब है कि साल के पहले दिन आगरा में पारा लुढ़ककर 0.9 डिग्री पर पहुंच गया, जो यूपी में सबसे कम है। उत्तर भारत का मैदानी इलाका भीषण ठंड की चपेट में है। साल की विदायी और अगवानी के दौरान आगरा और नारनौल (हरियाणा) सबसे ठंडे रहे, जहां पर पारा गिरकर 0.9 और 0.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। राजस्थान के चुरू में भी पारा 0.7 डिग्री तक गिरा।


कड़ाके की ठंड से जनजीवन बेहाल
कड़ाके की ठंड से जनजीवन बेहाल नई दिल्‍ली। भारत समेत कई मुल्‍कों में कड़ाके की ठंड से जनजीवन बेहाल हो गया है। भारत के अलावा, पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान, नेपाल, भूटान, रूस में भी ठड़ाके की ठंड पड़ रही है। जबकि अमेरिका के कई इलाकों में बर्फबारी की खबर है। भारत की राजधानी दिल्‍ली समेत पूरा उत्‍तर भारत इन दिनों कड़ाके की ठंड से बेहाल है। उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। देश के कई राज्यों में ठंड और घने कोहरे से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। उत्तर प्रदेश में ठंड से मरने वालों की सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। यहां नौ और लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में ठंड से मरने वालों की संख्या 92 हो गई है। दिल्ली में तापमान गिरने से सर्दी बढ़ गई है। मंगलवार को अब तक का सबसे कम चार डिग्री सेल्सियस रहा। यहां के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे में घने कोहरे के चलते 60 उड़ानें देरी से रवाना हुईं और 38 रद कर दी गईं।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जारी बर्फबारी की वजह से वहां से चली ठंडी हवा लोगों को कड़ाके की सर्दी का अहसास करा रही है। लोग गर्म कपड़ों के बीच भी ठिठुरते नजर आए। अगले कुछ दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रह सकता है। तापमान लुढ़कने से मौसम और ठंडा होगा। हल्की बूंदाबांदी और धुंध लोगों की परेशानी बढ़ा सकती है। ऐसे में कंपकंपाती ठंड का रुख बरकरार रहेगा। रविवार को दिल्‍ली का न्‍यूनतम तापमान दो डिग्री तक लुढ़क सकता है। हालांकि कड़ाके की सर्दी के बावजूद दिल्‍ली और दूसरे शहरों में गैंगरेप के खिलाफ लोगों का आंदोलन जारी है।
उधर राजस्थान के चूरू में नए साल की शुरूआत जीरो डिग्री टेंपरेचर के करीब से हुई है। खास बात ये है कि 2013 की एक जनवरी पांच सालों में सबसे ठंडी रही। इससे पहले वर्ष 2008 में एक जनवरी का न्यूनतम तापमान माइनस 1.0 डिग्री रहा था। चूरू मौसम केंद्र के अधिकारियों के मुताबिक श्रीनगर में बर्फबारी के बाद बर्फ से संपर्क होकर चली उत्तरी हवा की वजह से तापमान गिरा है और सर्दी अचानक बढ़ी है। नए साल के सवेरे ने लोगों की धूजणी छूटा दी। सर्दी इतनी तेज थी कि लोग गर्म कपड़ों से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। हालांकि सुबह 10 बजे बाद धूप खिली। लेकिन सर्द हवा के चलते सर्दी से राहत नहीं मिल पाई। दोपहर में भी ठंडी हवा का दौर चलता रहा। शाम ढलने के बाद कड़ाके की सर्दी ने जोर पकड़ लिया।
लोगों ने अलाव का सहारा लेकर राहत पाने की कोशिश की। खुले इलाकों में सर्दी का असर सबसे ज्यादा रहा। इससे शहरभर के मुख्य बाजारों व चौक-चौराहों में सन्नाटा पसर गया। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार का अधिकतम तापमान 22.3 व न्यूनतम तापमान 0.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नए साल पर बच्चों को कड़ाके की ठंड में गर्म कपड़ों में लिपटकर स्कूल जाना पड़ा। जिले के कई क्षेत्रों में कोहरे का भी असर रहा।
चूरू मौसम केंद्र के प्रभारी जिलेसिंह राव का मानना है कि फिलहाल एक-दो दिनों तक माइनस में न्यूनतम तापमान आने की संभावना नहीं है। हालांकि सर्दी का असर 10 जनवरी तक रहेगा। लेकिन अचानक बादल आ जाने से तापमान जीरो डिग्री से ऊपर ही जाने की संभावना बनी हुई है। बादलों के चलते मौसम सर्द रहेगा।


हिमालय में हुई बर्फबारी के कारण ठिठुरा शहर
भोपाल। हिमालय में हुई बर्फबारी के कारण वहां से आ रही ठंडी हवाओं ने गुरुवार को राजधानी को ठिठुरा दिया। सुबह से ही लोग ठंड की चपेट में थे। वहीं, इस महीने पहली बार न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे गया है। मौसम केंद्र ने अनुमान जताया है कि अभी दो-तीन दिन ऐसी ही सर्दी बरकरार रह सकती है। उधर, प्रदेश के अन्य हिस्सों में तेज ठंड पडऩा शुरू हो गई है। मौसम केंद्र के मुताबिक गुरुवार को न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्य से चार डिग्री कम था। जबकि बुधवार के मुकाबले भी इतना ही कम था। बुधवार को 11.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। अधिकतम तापमान में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह बुधवार की भांति 25.3 डिग्री सेल्सियस ही रिकॉर्ड हुआ है। जम्मू-कश्मीर में बना पश्चिमी विक्षोभ बर्फबारी के बाद आगे बढ़ गया। जबकि इसके पीछे आ रहा दूसरा पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान में अटक गया है। इसके चलते प्रदेश में उत्तरी दिशा से उत्तरी और उत्तरी-पूर्वी हवाएं आना शुरू हो गई। ये काफी सर्द हवाएं हंै। जबकि इससे पहले प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिमी हवाएं आ रही थीं, जो कि गर्म हवाएं थीं। भले ही कड़ाके की सर्दी शुरू हो गई है, लेकिन शीत लहर के लिए अभी लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। दिसंबर के अंत में या फिर जनवरी में शीतलहर चल सकती है।


तमिलनाडु और आंध्र से आज गुजरेगा नीलम चक्रवात
चेन्नई। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात के बुधवार शाम तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश के तटों से गुजरने की संभावना है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। एक अधिकारी ने बताया कि अब चक्रवात चेन्नई से दक्षिण-दक्षिणपूर्व में करीब 340 किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा कि नीलम के आज (बुधवार) शाम कुड्डालोर (तमिलनाडु) व नेल्लोर (आंध्र प्रदेश) के तटों के बीच से गुजरने की सम्भावना है। मौसम विज्ञानी के मुताबिक चक्रवात की वजह से तटीय तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश होने की सम्भावना है। नीलम के नजदीक बढ़ने के साथ तमिलनाडु, पुड्डुचेरी व दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों पर 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। अगले 36 घंटों के दौरान उत्तरी तमिलनाडु, पुड्डुचेरी व दक्षिणी आंध्र प्रदेश तटों से सटे समुद्र में स्थितियां सामान्य नहीं होंगी। चक्रवात में एक से डेढ़ मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं इसलिए तमिलनाडु के चेन्नई, कांचीपुरम व तिरुवल्लूर जिलों व आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है। चक्रवात से तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका व्यक्त की गई है। तमिलनाडु सरकार ने तटीय जिलों में स्कूलों व कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया है।


बाघ संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन पर रोक हटी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 41 बाघ अभयारण्यों के कोर इलाके में पर्यटन की अनुमति दे दी। इससे पहले केंद्र सरकार बाघ संरक्षण संबंधी नए दिशानिर्देश जारी कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा नए दिशानिर्देश जारी करने के बाद यह कदम उठाया। सरकार ने सोमवार को संशोधित गाइडलाइंस का नोटिफिकेशन जारी किया था। शीर्ष अदालत ने 24 जुलाई को कोर एरिया में पर्यटन पर प्रतिबंध लगाया था। कोर्ट ने कहा नई गाइडलाइंस के हिसाब से पर्यटन गतिविधियां संचालित की जा सकेंगी। बेंच ने स्पष्ट किया हैं कि उसने न तो इन दिशानिर्देशों को वैध करार दिया है, न ही अवैध। गाइडलाइंस से असंतुष्ट कोई भी पक्ष उसे उचित फोरम में चुनौती देने को स्वतंत्र है। अदालत ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया वे कि छह महीने में बाघ संरक्षण योजना तैयार करें। शीर्ष कोर्ट के आदेश के बाद मप्र में बांधवगढ़, पेंच, कान्हा, पन्ना, संजय गांधी, सतपुड़ा बाघ अभयारण्य को बुधवार से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।


संक्रमण से मादा तेंदुए कैटरीना की मौत
भोपाल। वन विहार नेशनल पार्क में रविवार को मादा तेंदुए कैटरीना की मौत शाम साढ़े चार बजे हो गई। जहां पिछले दो दिनों में दो तेंदुए की मौत हुई है, वहीं दो की हालत गंभीर है। शनिवार को तेंदुए निम्मी की मौत के बाद उसके अवयव को संरक्षित कर लिया गया था। रविवार सुबह नौ बजे मादा तेंदुए निम्मी का और पांच बजे कैटरीना का पोस्टमार्टम वन्य प्राणी फॉरेंसिक लैब के डॉ. एबी श्रीवास्तव के नेतृत्व में किया गया। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में निम्मी की मौत की वजह मिर्गी और गले में भोजन फंसना बताया गया। जबकि कैटरीना की मौत बेबेसिया के संक्रमण के कारण हुई। वन विहार के सहायक संचालक डॉ. सुदेश वाघमारे ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।


पकड़ा गया तेंदुआ, खौफ खत्म
भोपाल। आईआईएफएम, भदभदा बस्ती और राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में तीन माह से सक्रिय तेंदुआ रविवार को पकड़ा गया। वह अलसुबह वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में फंस गया। रेस्क्यू टीम पहले उसे वन विहार ले आई, जहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके बाद उसे पिपरिया के पास सतपुड़ा नेशनल पार्क के मढ़ई रेंज में छोड़ दिया गया। सुबह 5 बजे बकरे के मिमियाने की आवाज सुनाई दी। गश्ती दल ने देखा तो तेंदुआ पिंजरे में फंस चुका था। दोपहर 3.30 बजे वन विभाग की टीम मढ़ई पहुंची। यहां पिंजरे को नाव पर लादकर तवा डेम पार कराया गया। शाम 5.30 बजे मढ़ई से 10 किमी दूर सुआंरिया के जंगल में तेंदुए को छोड़ दिया गया।


बाघ संरक्षण पर सरकार नए निर्देश जारी करे : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बाघ संरक्षण पर केंद्र सरकार को हफ्तेभर की मोहलत दी है। इतने समय में उसे नए दिशा-निर्देश से संबंधित अधिसूचना जारी करने को कहा गया है। कोर्ट ने 24 जुलाई के अपने आदेश में भी ढील के संकेत दिए हैं। तब कोर्ट ने देशभर के टाइगर रिजर्व में पर्यटन व कारोबारी गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। जस्टिस एके पटनायक और जस्टिस स्वतंत्र कुमार की बेंच ने मंगलवार को इस मामलेे की सुनवाई की। इस दौरान बेंच ने साफ कर दिया कि नए दिशा-निर्देशों से असंतुष्ट राज्य सरकारें कोर्ट में अपील कर सकती हैं। मामले की अगली सुनवाई अब 16 अक्टूबर को होगी। शीर्ष कोर्ट में मध्यप्रदेश के पर्यावरणविद् अजय दुबे ने याचिका लगाई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'हम न किसी दिशा-निर्देश को वैध ठहरा सकते न उनको संविधान के खिलाफ घोषित कर सकते हैं।' कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलीसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया, 'राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा तैयार नए दिशा-निर्देशों को फौरन अधिसूचित कर दिया जाएगा।'


बाघों के कोर जोन में पर्यटकों पर रोक
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फ़ैसला लेते हुए बाघ संरक्षित क्षेत्र में पर्यटन पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र को तीन माह में बफर जोन अधिसूचित करने को कहा था।
मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्यों को बाघ अभयारण्यों के आसपास बफर जोन तय करने के लिए आखिरी मोहलत दी। तीन हफ्ते के भीतर आदेश तामील नहीं हुआ तो राज्यों पर अवमानना का केस चलेगा। साथ ही वन विभाग के प्रमुख सचिव पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। कोर्ट ने पिछला आदेश नहीं मानने के लिए आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, महाराष्ट्र और झारखंड पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया। झारखंड और अरुणाचल प्रदेश के वकील ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह इस बार समय पर काम पूरा कर लेंगे। हालांकि, यह रोक अभी अंतरिम आदेश के तौर पर है। प्रतिबंध सिर्फ 'कोर जोन' के लिए ही है। जस्टिस स्वतंत्र कुमार और इब्राहीम खलीफुल्ला की बेंच पर्यावरणविद अजय दुबे की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने 4 अप्रैल और 10 जुलाई को भी राज्यों से बफर जोन का इलाका तय करने के निर्देश दिए थे। मामले की सुनवाई 22 अगस्त को होगी। इसमें सभी राज्य राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाइड लाइन पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराएंगे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट अंतिम फैसला देगा। उधर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही कहा कि वह मंत्रालय की ओर से भी राज्यों को फौरन कार्रवाई करने को कहेगी।


नागपंचमी पर सपेरों से 177 सांप जब्त
भोपाल। वन विभाग अमले ने मंगलवार को सपेरों से 177 सांप जब्त किए। इन सांपों को वन विहार में टोकरियों से बाहर निकाला गया। सपेरों ने इन सांपों के न केवल विष दंत निकाल दिए थे बल्कि उनके मुंह भी धागे से सिल दिए, ताकि लोग बिना डरे उनकी पूजा कर सकें। वन विहार नेशनल पार्क के कर्मचारियों और सर्प विशेषज्ञ सलीम ने बड़ी मशक्कत के बाद सांपों के सिले हुए मुंह खोलकर उनके घाव साफ किए। वन विहार स्थित स्नेक पार्क के प्रभारी राजेश नामदेव ने बताया कि सांपों के मुंह तो खोल दिए हैं लेकिन इसके बाद भी ये सांप अधिक दिन जिंदा नहीं रह पाएंगे। जब्त किए गए सांपों में कोबरा के अलावा आठ प्रजातियों के सांप शामिल हैं। इनमें रेट स्नेक, वाटर स्नेक और सेडगोवा प्रजाति के सांप प्रमुख हैं। सर्प विशेषज्ञ मोहम्मद सलीम ने बताया कि सपेरों के चंगुल से छुड़ाए गए सांपों में से एक भी सांप जिंदा नहीं रहेगा। इसकी वजह है उनके विष दंत तोड़ दिया जाना। यही नहीं बेरहमी से प्रहार कर इनकी विष ग्रंथि भी निकाल ली जाती है। विष गं्रथि निकालने के लिए पंचर बनाने वाले लोहे के औजार का इस्तेमाल किया जाता है। अब इस स्थिति में इन सांपों को जंगल में छोड़ भी दिया जाए तो शिकार न कर पाने के कारण ये भूखे मर जाएंगे।