लाइफस्टाइल | बिजनेस | राजनीति | कैरियर व सफलता | राजस्थान पर्यटन | स्पोर्ट्स मिरर | नियुक्तियां | वर्गीकृत | येलो पेजेस | परिणय | शापिंगप्लस | टेंडर्स निविदा | Plan Your Day Calendar



:: टेक्नोलॉजी ::

 
हिन्दी और साइबर संसार
19 September 2013

यूनिकोड हिन्दी में लिखकर हर कोई इंटरनेट पर हिन्दी को आगे बढ़ा सकता है। गृहिणियां व्यंजन विधियां और घर-परिवार की बातें लिख सकती हैं, बुजुर्ग अपने अनुभव और संस्मरण साझा कर सकते हैं, तो दुकानदार अपने पेषे के बारे में बता सकते हैं।आंकड़े बताते हैं कि हम भारतीय न तो संख्याबल में कम हैं, न ही ज्ञान-विज्ञान और तकनीक के मामले में पीछे हैं, लेकिन हिन्दी सहित हमारी तमाम भाषाएं साइबर संसार में पिछड़ रही हैं। एक ऐसे दौर में, जब दुनियाभर का ज्ञान इंटरनेट पर एक क्लिक पर उपलब्ध है, हम अंग्रेजी पर ही निर्भर बने हुए हैं।
यदि आप अपनी भाषा से प्रेम करते हैं, उसमें लिखना चाहते हैं और बगैर ज्यादा मेहनत के उसके लिए कुछ करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है।
कैसे लिखें

हिन्दी में सैकड़ों फाॅन्ट हैं, लेकिन इंटरनेट के लिए सबसे उपयुक्त है यूनिकोड। इसे किसी भी कम्प्यूटर पर पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आती। जब आप रोमन हिन्दी में लिखते हैं, तो पढ़ने में बड़ा अटपटा लगता है और दो-चार पंक्तियों से लम्बा लेखन पढ़ा ही नहीं जाता। इंटरनेट पर ढेरों लित्यंतरण औजार मुक्त उपलब्ध हैं। आपको टाइपिंग सीखने की जेहमत भी नहीं उठानी है। रोमन में लिखें, जिसे ये टूल्स यूनिकोड हिन्दी में बदल देते हैं। इसके अलावा सीधे हिन्दी टाइपिंग के भी साॅफ्टवेयर और टूल्स मौजूद हैं, जिन पर आप टाइपराइटर ष्षैली में भी हिन्दी टाइपिंग कर सकते हैं। यदि आप ष्षुरूआत कर रहे हैं, तो गूगल की ट्रांसलिटरेषन साइट या जीमेल में हिन्दी टाइपिंग की सुविधा का इस्तेमाल करें।

क्या लिखें

यूनिकोड में आप अपनी कहानियां, कविताएं, सामान्य और विषेषज्ञतापूर्ण लेख, संस्मरण, संदेष, पत्र, कुछ भी लिख सकते हैं। जहां आपको न चाहते हुए भी अग्रेजी या रोमन हिन्दी में लिखना पड़ता है, हर उस जगह पर आप यूनिकोड हिन्दी में लिख सकते हैं। यूनिकोड में लिखकर आप बड़ी आसानी से हिन्दी में खोजबीन सर्च भी कर सकते हैं।

कहा लिखे

निजी संवाद- ईमेल, फेसबुक जैसी सोषल साइट्स पर हिन्दी में लिखें।इसे पढ़ना सहज होता है और आपकी बात ज्यादा असर करती है, क्योंकि हिन्दी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा है। और कुछ नहीं, तो आप एक पारिवारिक ब्लाॅग षुरू कर अपने करीबियों को अपनी भाषा के माध्यम से जोड़ सकते हैं।

ब्लाॅग- ब्लाॅग इंटरनेट पर निजी डायरी है, जहां आप अपनी अनुभूतियां, विचार, यादें, कविताएं, कहानियां, लेख दर्ज कर सकते हैं। ब्लाॅग बनाना एकदम आसान और बिल्कुल मुफ्त है।

वेबसाइट- हिन्दी वेबसाइट का इस्तेमाल निजी और व्यावसायिक प्रचार के लिए किया जा सकता है।

विभिन्न कोष- गद्यकोष, कविताकोष, अभिव्यक्ति जैसी वेबसाइट हजारों सदस्यों के सक्रिय सहयोग से हिन्दी साहित्य के विष्वकोष का रूप ले चुकी हैं। इनकी समृद्धि में आप भी योगदान दे सकते हैं। मौलिक रचनाओं के साथ ही आप अपने पास उपलब्ध काॅपीराइट मुक्त रचनाओं को टाइप करके, पूरे संदर्भ के साथ इन्हें भेज सकते हैं, ताकि दुनिया में कोई भी हिन्दीप्रेमी उन्हें पढ़ सके, प्रिंट ले सके।

क्या पढ़े

भले ही कम मात्रा में सही, लेकिन वेब संसार में विविधतापूर्ण हिन्दी सामग्री उपलब्ध है। यहां सबसे अधिक है साहित्य। प्रेमचंद, रवींद्रनाथ ठाकुर से लेकर कई समकालीन रचनाकारों का साहित्य सुलभ है। हिन्दी की पूरी-पूरी पुस्तकें भी डाउनलोड की जा सकती हैं। यूनिकोड में प्रकाषित पुस्तकों के साथ ही यहां उनके पीडीएफ संस्करण भी मिल जाएंगे। यही नहीं, कला, संस्कृति, धर्म-अध्यात्म, विज्ञान, अर्थषास्त्र , भाषा पर तमाम हिन्दी वेबसाइट मौजूद हैं। यहां तक कि पाठ्यपुस्तकें भी पढ़ी जा सकती हैं।

बहरहाल, हिन्दी बोलने-समझने के बावजूद जब तक आप हिन्दी में लिखेंगे नहीं, यह पीछे ही रहेगी। एक बार यूनिकोड हिन्दी में लिखकर तो देखिए। यह सहज, आसान और असरदार है।

- सइबर संसार पर सामग्री की उपलब्धता के मामले में हिन्दी बहुत पीछे है। यहां अग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिष, रूसी, इतालवी जैसी भाषाएं तो मीलों आगे हैं ही, जापानी, वियतनामी, यूक्रेनी, मलय जैसी सीमित क्षेत्रीय भाषाएं भी हिन्दी से कहीं आगे हैं।

- भारत में फेसबुक के 7.8 करोड़ व ट्विटर के 3.5 करोड़ सदस्य हैं, लेकिन देवनागरी में लिखने वालों का हिस्सा नगण्य है।

रोमन में लिखें और यूनिकोड हिन्दी में बदलें
www.google.com/intl/hi/inputtools/cloud/try/
-------------------------------------------------------------------------------
हिन्दी पद्य साहित्य का आॅनलाइन कोश
www.gandyakosh.org
-------------------------------------------------------------------------------------------
अच्छी हिन्दी कविताओं का लगातार बढ़ता आॅनलाइन कोष
www.anubhuti-hindi.org
---------------------------------------------------------------------------------
हिन्दी की प्रसिद्ध रचनाएं
www.rachana.purdir.in/2009/08/read-hindi-stories-online.html
-----------------------------------------------------------------------------------
मुंषी प्रेमचंद की कहानियां
www.premchand.kahaani.org/2009/09/contents.html
------------------------------------------------------------------------------------------------------
हिन्दी साहित्य का संकलन
www.bharatdarshan.co.nz/literature-colection/2/58/short-stroies.html/
-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विष्वविद्यालय द्वारा विकसित महत्वपूर्ण वेबसाइट
www.hindisamay.com
--------------------------------------------------------------------------------
इंटरनेट पर हिन्दी से सम्बंधित सबकुछ यहां मौजूद है
www.hindikunj.com
---------------------------------------------------------------------------------------
सन् 2000 से नियमित प्रकाषित आॅनलाइन प्रतिष्ठित पत्रिका
www.abhivyakti-hindi.org

गलती से भेजा मेल रोक दें!
16 September2013

जीमेल खातों के लिए अन-डू सुविधा शुरू की गई है। अब जीमेल यूजर्स गलती से भेज दिए गए ई-मेल को रद्द कर सकते हैं। इसे छोड़ दिए तीर को तरकश में वापस पाने जैसा भी समझ सकते हैं।

बॉस यां दोस्त को गलती से कोई ई-मेल भेज दिया है, तो आप उसे जीमेल की अनडू सुविधा के जरिए रद्द कर सकते हैं। अनडू सुविधा का लाभ उठाने के इन निर्देषों का पालन करें-

- सबसे पहले अपने जीमेल अकाउंट को खोलें। अब स्क्रीन पर दाई तरफ ऊपर की ओर दिखाई दे रहे सेटिंग विकल्प को चुनें।

- सेटिंग में क्लिक करते ही आपके सामने ढेर सारे टैब विकल्प आ जाएंगे। इनमें से लैब विकल्प चुनें।

- इसमें मौजूद विकल्पों में नीचे से दूसरे नम्बर पर ‘अनडू सेण्ड’ विकल्प पर जाएं। इसके सामने बने इनेबल बटन को सलेक्ट करें।

- अंत में बाई ओर दिखाई दे रहे सेव बटन पर क्लिक करके सेटिंग सेव कर दें।

- अब दोबारा होम पेज पर जाएं और फिर से सेटिंग विकल्प पर क्लिक करें। पुनः अनडू विकल्प में जाकर मेल भेजने का समय सिलेक्ट करें। आप जो समय चुनेंगे, उतनी देर आपके भेजे मेल को पहुंचने में लगेगी। इस दौरान आप उसे रोक सकेंगे या एडिट कर सकेंगे।

अब 3डी प्रिंटर से निकलेंगे मानव-अंग
07 September 2013

लंदन। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने ऐसा 3डी प्रिंटर बनाने में कामयाबी हासिल की है, जो सिर्फ एक बटन दबाते ही प्रत्यारोपण के लिए मानव अंग तैयार कर देगा। प्रिंटर के एक सिरे में बस जरूरी कोशिकाएं व अन्य चीजें डालनी होंगी और यह उन्हें व्यवस्थित कर मानव अंग में तब्दील कर देगा।
वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रिंटर का नोकदार सिरा [नोजल हेड] इस काम को अंजाम देगा। इस नोजल हेड को विस्टा 3डी नाम दिया गया है। यह नोजल हेड पतली से पतली चीजों को एक-दूसरे से पूरी सटीकता से जोड़ देगा। इससे खिलौने, मेडिकल उपकरण, हवाई जहाज के पुर्जे और इंसान के शरीर में प्रत्यारोपण के लिए अंग तैयार किए जा सकेंगे।
मेलबर्न टीटीपी कंपनी के प्रबंध निदेशक सैम हाइड ने इस आविष्कार को उत्साहजनक करार दिया। कैम्ब्रिज न्यूज से बातचीत के दौरान हाइड ने बताया कि पांच से 10 वर्षो में प्रिंटर से मानव शरीर के लिए अंग तैयार होने लगेंगे। उन्होंने बताया कि प्रिंटर में जरूरी कोशिकाएं डालने के बाद उन्हें सही अवस्था में रखने की जरूरत होती है ताकि उन्हें किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। इस काम को बहुत बारीकी से अंजाम देना होता है। 3डी प्रिंटर यही काम करेगा। हाइड ने बताया कि शुरुआत में प्रिंटर से आसान ढांचे वाले अंग तैयार किए जाएंगे और फिर धीरे-धीरे इससे जटिल अंग बनाए जाएंगे।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में चिकित्सा उपकरणों के विशेषज्ञ डा. सीन चेंग ने कहा कि इस प्रिंटर के सहारे मानव अंगों के बनने से हर साल लाखों लोगों की जिंदगी बचाई जा सकेगी। हालांकि इस तकनीक के इस्तेमाल से पहले अभी कुछ जरूरी चरण पूरे होने बाकी हैं। नोजल को फिलहाल एक 2डी प्रिंटर से जोड़ा गया है। इसे 3डी प्रिंटर से जोड़ने में अभी दो साल का वक्त लग सकता है।

चीन बना रहा है मानवरहित हाईस्पीड हेलीकॉप्टर
07 September 2013

बीजिंग। चीन ने गुरुवार को अपने मानवरहित हेलीकॉप्टर की अद्यतन अवधारणा का प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि चीन ऐसे हेलीकॉप्टर विकसित कर रहा है जो मौजूदा हेलीकॉप्टरों के मुकाबले दोगुनी रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं। जेवाई-8 नाम के ये हेलीकॉप्टर अधिकतम 400 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं।
चीनी हेलीकॉप्टर अनुसंधान एवं विकास संस्थान में इंजीनियर झू इनचुई ने कहा कि ये हेलीकॉप्टर 2015 में परीक्षण उड़ान भर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन्हें तियांजिन के उत्तरी शहर में चीन के दूसरे हेलीकॉप्टर प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, जेवाई-8 में अमेरिका द्वारा तैयार किए गए प्रयोग के तौर पर विकसित किए गए हेलीकॉप्टर एक्स2 जैसी ही उच्च गति वाली तकनीक को अपनाया गया है। एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चीन (एवीआइसी) में मानवरहित हेलीकॉप्टर प्रौद्योगिकी अनुसंधान के प्रभारी फैंग यांगहांग का कहना है कि चीन ने मानवरहित हेलीकॉप्टर की कोर प्रौद्योगिकी में महारत हासिल कर ली है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने ऐसे मानवरहित हेलीकॉप्टर विकसित कर लिए हैं जो एक टन वजन के साथ भी उड़ान भर सकते हैं।

पीसी से मैनेज करें एंड्रायड को
06 September 2013


एंड्रायड-2 Airdroid-2
www.airdroid.com
बात अगर एंड्रायड डिवाइस को अपने पीसी से मैनेज करने की हो तो इसके लिए एयर-2 ड्रायड आपका पसंदीदा एप है। आप ब्राउजर विंडो से अपने पूरे फोन में एक्ससेस कर सकते हैं, भले ही आपका फोन व पीसी एक समान वाईफाई नेटवर्क पर न हो। आप मैसेज पढ़ सकते हैं, भेज सकते हैं, इनकमिंग काॅल्स रिजेक्ट कर सकते हैं, कांटेक्ट्स मैनेज कर सकते हैं, फाइल ट्रांसफर कर सकते हैं, एप्स को इंस्टाल व रिमूव कर सकते हैं, रिंगटोन क्रिएट कर सकते हैं, यूआरएल लिंक को फोन में भेज सकते हैं। फोन की लोकेशन भी जान सकते हैं। आप अपने फोन के फ्रंट/रियर कैमरे के व्यू को भी देख सकते हैं। खास बात ये है कि इसमें आपको अपने पीसी में ड्राइवर्स इंस्टाल करने की जरूरत नहीं और न ही फोन के लिए केबल ढूढने की।कुछ एप्स का इस्तेमाल कर आप अपने एंड्रायड फोन को पीसी से भी मैनेज कर सकते हैं।
Mobogenie
www.mobogenie.com
केवल विंडोज के लिए उपलब्ध मोबोजेनी में क्लीन यूजर इंटरफेस बड़े आइकन के साथ है। आप मीडिया, फाइल्स काटैक्ट्स और मैसेज को मैनेज करने के लिए आसानी से फोन स्टोरेज में एक्सेस कर सकते हैं। आप मैसेज को एक से ज्यादा लोगों को भेज सकते हैं, अपने पीसी का इस्तेमाल करके अपने फोन की मदद से। एप मैनेजर गूगल प्ले से एप डाउनलोड करने के लिए आपके डेस्कटाॅप इंटरनेट कनेक्शन को युज करता है। साथ ही डाउनलोड किए एप को आपके फोन में इंस्टाल भी कर देता है और वो भी बिना किसी डाटा चार्ज के। आप अपने एंड्रायड फोन का पूरा बैकअप भी अपने पीसी में ले सकते हैं और साथ ही उसे जरूरत पड़ने पर री-स्टोर भी कर सकते हैं।
SnapPea
www.snappea.com
केविंडोज और मैक के लिए उपलब्ध कुछ एंड्रायड डेस्कटाॅप मैनेजमेंट टूल्स में से एक है स्नाप्पया इसमें ब्राउजर बेस्ड वर्जन है जो काफी कुछ एयरड्रायड की तरह काम करता है। आपको पहले फ्री एप अपने फोन पर इंस्टाल करना होगा और फिर अपने ब्राउजर विंडो में वाई-फाई पर फोन में एक्सेस कर सकते हैं। आप एप्स को इंस्टाल व रिमूव कर सकते हैं, फोन काॅन्टैक्ट्स को देख सकते हैं, उन्हें एडिट कर सकतें, मैसेज का आदान-प्रदान कर सकते हैं। पीसी व स्मार्टफोन के बीच फाइलों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। स्नाप्पया आपकी आईटन्स लाइब्रेरी से म्यूजिक भी इंपोर्ट करने के साथ इसे स्मार्टफोन में सिंक भी कर सकता है।
Moborobo
www.moborbo.com
सबसे शक्तिशाली पाॅवरफुल डेस्कटाॅप में से एक मोबोरोबो एंड्रायड और आईओएस दोनों ही डिवाइस के साथ काम कर सकता है। आप अपने काटैक्ट्स, मैसेज, एप्स के साथ-साथ मेन विंडो के जरिए मल्टीमीडिया फाइल्स भी देख सकते हैं। साथ ही आपको मेन विंडो में बैटरी लेवल,फर्मवाॅयर और उपलब्ध स्टोरज भी दिखते हैं। आप कनेक्टेड डिवाइस के जरिए आसानी से स्क्रीन शाॅट भी ले सकते हैं और इसे डेस्कटाॅप पर सेव भी कर सकते हैं। साॅफ्टवेयर का इस्तेमाल करके आप मैसेज का जवाब दे सकते हैं, एप्स को इंस्टाल या रिमूव कर सकते हैं और डाटा को मल्टीपल डिवाइस में भेज सकते हैं। इसमें भी बैकअप फीचर है।
Mobiledit!Lite
www.mobiledit.com
इस टूल का फ्री लाइट वर्जन सीमित है और केवल बेसिक फंक्शंस को एक्सेस करने की सुविधा देता है। आप अपने फोन को केबल, वाई-फाई या ब्लूटूथ के जरिए कनेक्ट कर सकते हैं और हां यह सभी स्मार्टफोन के साथ काम करने के अलावा कुछ फीचर फोन के साथ भी काम कर सकता है। आप अपने डिवाइस के बारे में जानकारी ले सकते हैं, मैसेज भेज सकते हैं, पीसी से जरूरी अपडेट अपने डिवाइस पर इंस्टाल कर सकते हैं और स्मार्टफोन व पीसी के बीच फाइलों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। इसका पेड वर्जन ;1,619द्ध आपको डुप्लीकेट काॅन्टैक्ट्स को रिमूव करने का आॅप्शन देने के साथ-साथ आॅटोमैटिक बैकअप देता है।
QtADB
http://qtadb.com
यह ओपन सोर्स एंड्रायड मैनेजमेंट साॅफ्टवेयर विंडोज, मैक और लाइनक्स के लिए उपलब्ध है। भले ही इसमें बेसिक इंटरफेस है, लेकिन यह दूसरे डेस्कटाॅप मैनेजर्स जैसे फीचर ही उपलब्ध करवाता है और इस्तेमाल में यह आपको किसी भी अन्य डेस्कटाॅप मैनेजर से कम नहीं लगेगा। इसमें आप अपने काॅन्टैक्ट्स को मैनेज कर सकते हैं, उन्हें एडिट भी कर सकते हैं। मैसेज का आदान-प्रदान कर सकते हैं, स्क्रीनशाॅट ले सकते हैं, डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं और एप्स को रिमूव या इंस्टाल भी कर सकते हैं।
pocket.do
http://pocket.do
अगर आपको लगता है कि एंड्रायड का इस्तेमाल काॅम्पलीकेटेड है, तो आपको पोकेट डू पर विचार करना चाहिए। यह ब्राउजर विंडो पर काम करता है। इसमें भी पीसी व फोन का एकसमान वाई-फाई नेटवर्क पर होना जरूरी नहीं है। इसमें फेसबुक एकाउंट या गूगल एकाउंट या फिर क्यू आर कोड को ब्राउजर में स्कैन करके डिवाइस कनेक्ट की जा सकती है। एक बार कनेक्ट होने के बाद आप काॅन्टैक्ट्स मैनेज कर सकते हैं, मैसेज का आदान-प्रदान कर सकते हैं और फोटो भी ट्रांसफर कर सकते हैं। आप अपनी डिवाइस को मैप पर लोकेट करने के साथ-साथ उसे लाॅक भी कर सकते हैं।एंड्रायड को अपने पर्सनल कंप्यूटर पीसी से मैनेज करने के लिए पेश हैं कुछ खास एप्स की जानकारी
PC NOTIFICATIONS
यदि आप अपने डिवाइस को पीसी के जरिए मैनेज नहीं करना चाहते है, तो आप नोटिफिकेशंस के आॅप्शन भी ले सकते हैं। इसमें कोई भी काॅल आने पर, मैसेज आने पर या बैटरी लो होेने पर आपके पीसी में पाॅप-अप के जरिए अलर्ट आ जाएगा। इसके लिए आपको http://code.google.com/p/and roid-notifier पर जाकर Remote Notifier को डाउनलोड करना होगा। आपके डिवाइस से पीसी को भेजे जाने वाले नोटिफिकेशंस में वाई-फाई या ब्लूटूथ का इस्तेमाल होगा।
TEAMVIEWER
टीम व्यूवर रिमोट साॅफ्टवेयर काफी लोकप्रिय है और यह सैमसंग एंड्रायड डिवाइल को सपोर्ट करता है। इसके लिए पहले आपको टीम व्यूवर को अपने पीसी पर इंस्टाल करन होगा, टीम व्यूवर एप को तुरंत सपोर्ट करता है और अब आप आसानी से आगे जा सकते हैं। आप सैमसंग डिवाइस को रिमोट के जरिए एक्सेस कर सकते हैं।

जेब में समाने वाला प्रिंटर लॉन्च
15 July 2013

नई दिल्ली। LG कंपनी ने एक ऐसा फोटो प्रिंटर लांच किया है जो आसानी से जेब में रखा जा सकता है. अपने इस गैजेट से प्रिंट करना इतना आसान बना दिया है कि मात्र 15 सेकेंड में आप प्रिंट ले सकते हैं. कंपनी ने इसकी कीमत मात्र 13500 रखी है.
इस प्रिंटर को ब्लूटूथ और एनएफसी (नीयर फिल्ड टेक्नोलॉजी) के जरिए भी कनेक्ट किया जा सकता है. इस पेपर का साइज 50x76 MM है. इसको चलाने के लिए इसे चार्ज किया जाता है.
क्या है प्रिंटर में खास
इस प्रिंटर में यूजर एलबम क्रिएट कर सकता है, उसे एडिट और डिलीट भी कर सकता है. इसका रेजॉल्युशन 313 डीपीआई, इसकी प्रिंट करने की स्पीड 45 सेकेंड और ये अधिकतम 1000 प्रिंट निकाल सकता है. कनेक्टिविटी के मामले में इसे आईओएस मोबाइल और आईओएस पैड, एंड्रॉयड वाले मोबाइल से कनेक्ट किया जा सकता है. साथ ही इसमें ब्लूटूथ और एनएफसी फीचर भी है. इसका वजन सिर्फ 212 ग्राम और डाइमेंशन 72.4 x 120.9 x 24.0 MM है. ये प्रिंटर औसत रूप से 15.91 वॉट और अधिकतम 34.49 वॉट लेता है. इसमें ली-पॉलीमर 500 एमएएच वाली बैटरी लगी है.

एसएमएस के जरिए रेल टिकट बुकिंग हो गई शुरू
01 July 2013

नई दिल्ली। अब रेल यात्री एसएमएस के जरिए अपना टिकट बुक करा सकेंगे। यह सेवा सोमवार, एक जुलाई से शुरू हो गई। इसके अलावा अब यात्रियों को टिकट रद्द कराने पर अधिक पैसे कटवाने होंगे। मोबाइल से टिकट बुक कराने के लिए उपभोक्ता को 139 और 5676714 पर टिकट बुकिंग का मैसेज करना होगा। इसके लिए यात्री को प्रति एसएमएस तीन रुपये का शुल्क अदा करना होगा और भुगतान गेटवे की सुविधा के लिए पांच से दस रुपए का शुल्क लिया जाएगा।
मोबाइल एसएमएस के जरिए टिकट बुक कराने वाले यात्री को एसएमएस के जरिए ट्रेन संख्या, यात्रा शुरू करने की जगह और गंतव्य स्थान, यात्रा की तारीख, क्लास, नाम और उम्र जैसे यात्री विवरण देने होंगे। एसएमएस के जरिए टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को टिकट का प्रिंट आउट रखने की भी जरूरत नहीं होगी। वह अपने मोबाइल पर आए एसएमएस को दिखाकर अपनी यात्रा कर सकेंगे।
आज से ही रेल मंत्रालय की ओर से किराया वापसी के नियम लागू हो रहे हैं। इसके चलते अब टिकट रद्द कराने पर यात्री को पहले से अधिक पैसे कटवाने होंगे। नए नियमों के तहत यात्रियों को अब अधिकतम धन वापसी के लिए अपना टिकट मौजूदा 24 घंटे के नियम के बजाय यात्रा के कम से कम 48 घंटे पहले रद्द कराना होगा। साथ ही यात्रियों को अब अपने कंफर्म टिकटों को रद्द कराने पर 25 प्रतिशत शुल्क कटौती के बाद शेष धन वापसी के लिए टिकट को ट्रेन के प्रस्थान समय से पूर्व 48 घंटे के भीतर और कम से कम छह घंटे पहले तक रद्द कराना होगा।
रेल मंत्रालय ने प्रति यात्री न्यूनतम रद्दीकरण शुल्क में जो बदलाव किया है उसके मुताबिक एसी प्रथम श्रेणी के लिए ये दर 120 रुपए, एसी द्वितीय श्रेणी के लिए 100 रुपए, एसी तृतीय श्रेणी और चेयरकार के लिए 90 रुपए, स्लीपर श्रेणी के लिए 60 रुपए और द्वितीय श्रेणी के लिए 30 रुपए होगी। अगर टिकट को ट्रेन रवाना होने के निर्धारित समय से छह घंटे पहले से लेकर वास्तविक प्रस्थान समय से दो घंटे बाद तक रद्द कराया जाता है तो 50 प्रतिशत कटौती की जाएगी।

ये बाइक करेगी हवा से बातें !
28 June 2013

नई दिल्ली : सैन फ्रांसिस्को की ऑटोमोबाइल कंपनी 'मिशन मोटर्स' ने ऐसी इलेक्ट्रिक बाइक बनाई है जो 257 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी. 'मिशन आर एस' दुनिया की सबसे तेज इलेक्ट्रिक बाइक है. 160 हॉर्सपावर की क्षमता वाली इस बाइक को किसी पेट्रोलियम इंधन की जरूरत नहीं है.
ये कार बैटरी से चलती है. इसमें किसी प्रकार के पेट्रोलियम का इस्तेमाल नहीं हुआ है इसलिए ये प्रदूषण भी नहीं फैलाती है.
इस बाइक की खास बात है कि ये सिर्फ 3 सेकेंड में ही 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है. 36 लाख कीमत की ये बाइक जल्द ही ऑटोमोबाइल मार्केट में बिक्री के लिए उपलब्‍ध हो जाएगी.

इंसानों से बातें करने वाला रोबोट करेगा अंतरिक्ष की सैर
27 June 2013

टोक्यो। अमेरिका और रूस के बाद जापान की अंतरिक्ष में एक नया मुकाम हासिल करने की तैयारी है। एशियाई देश चार अगस्त को इंसानों से बेधड़क बातें करने वाले रोबोट को अपने एक अंतरिक्ष यात्री के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजेगा। किरोबो नाम के इस मशीनी एस्ट्रोनॉट की अंतरिक्ष यात्रा पहला ऐसा मौका होगा, जब धरती से बाहर इंसान और रोबोट के बीच संवाद होगा।
जापान के दक्षिण-पश्चिम स्थित तानीगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से चार अगस्त को किरोबो, कौउनोत्री-4 स्पेसक्राफ्ट के जरिये अंतरिक्ष स्टेशन रवाना होगा। जापानी अंतरिक्ष यात्री कोइची वाकाता भी इस मिशन का हिस्सा होंगे। वाकाता वहां स्पेस स्टेशन की कमान की जिम्मेदारी संभालने वाले पहले जापानी होंगे।
34 सेमी और एक किलो के नन्हे किरोबो को यह नाम जापानी शब्द किबो (आशा) और रोबोट को जोड़कर दिया गया। जापानी डेली प्रेस के मुताबिक, बुधवार को पत्रकारों से रूबरू हुए किरोबो ने तमाम सवालों का बखूबी जवाब दिया। लांचिंग के पहले शून्य गुरुत्व में रहने समेत किरोबो अंतरिक्ष में काम करने के लिए जरूरी इम्तहान पास कर चुका है।
किरोबो से पूछा गया कि उसका सपना क्या है? उसने कहा, वह ऐसे भविष्य की उम्मीद करता है, जहां इंसान और रोबोट एक साथ रहें और कंधे से कंधा मिलाकर काम करें। टोक्यो यूनिवर्सिटी, टोयोटा और डेंट्सू इंक ने मिलकर तैयार किया है। टोक्यो विवि में प्रोफेसर तोमोतोका ताकाहाशी ने कहा कि किरोबो अंतरिक्ष यात्रियों की मदद करेगा, वहीं उसका हमशक्ल रोबोट मिराता नीचे कंट्रोल रूम में जिम्मेदारी संभालेगा। वैज्ञानिकों का मुख्य लक्ष्य किरोबो और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के बीच संवाद पर होगा। उनका कहना है कि एंड्रायड सिस्टम पर बना किरोबो जब स्पेस स्टेशन पर वाकाता से मिलेगा तो उसे पहचान लेगा। उसे पिछली बातें भी याद रहती हैं।

इंसानी दिमाग का डिजिटल 3डी एटलस तैयार किया
24 June 2013

लंदन। वैज्ञानिकों ने इंसानी दिमाग का एकदम नया एटलस तैयार करने में कामयाबी हासिल कर ली है। वह भी उम्दा डिजिटल 3डी मॉडल। उन्होंने इसे 'बिग ब्रेन' नाम दिया है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि उनकी इस खोज से इंसानी दिमाग की अब तक अबूझ कई रहस्यमय गुत्थी को सुलझाने में मदद मिलेगी।
जर्मनी के वैज्ञानिकों ने दस वर्षो के अथक प्रयास के बाद मानव मस्तिष्क का यह डिजिटल 3डी मॉडल तैयार किया है। शोध से जुड़ीं जूलिच रिसर्च सेंटर की वैज्ञानिक कैटरीन एमंट्स का कहना है कि यह गूगल अर्थ इस्तेमाल करने जैसा है। इस मॉडल से देखने पर दिमाग एक खुली किताब की तरह लगता है। मॉडल में इंसानी बाल से भी महीन तंतुओं का विश्लेषण किया गया है। इस प्रक्रिया में कुल मिलाकर तकरीबन 80 अरब न्यूरॉन की तस्वीर उतारी गई है। एमंट्स के अनुसार, इस डिजिटल 3डी मॉडल के जरिये अब मनुष्य मस्तिष्क की कई अबूझ सूक्ष्म कोशिकाओं के अस्तित्व का पता लगाने में भी मदद मिलेगी। उनका कहना है कि दिमाग की कई बड़ी कोशिकाओं के बारे में भी हम अब तक अंधेरे में तीर चलाते रहे हैं। लेकिन अब उनकी संरचना के बारे में कुछ सटीक कहा जा सकता है।
'साइंस जर्नल' में छपे शोध पत्र में एमंट्स के हवाले से बताया गया है कि दिमाग का डिजिटल 3 डी मॉडल तैयार करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक 65 वर्षीय मृत महिला के मस्तिष्क का सहारा लिया। शोधकर्ताओं ने उसके दिमाग के अंदरुनी हिस्से के 7,400 पतले-पतले टुकड़े किए। इसमें हर टुकड़ा इंसानी बाल की मोटाई का आधा था। फिर 3डी कैमरों से हर हिस्से की अलग-अलग तस्वीर उतारी गई। फिर कंप्यूटर के जरिये डाटा को जोड़ कर डिजिटल 3डी मॉडल तैयार किया गया। इसके बारे में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के मनोचिकित्सक प्रो. पॉल फ्लेचर का कहना है कि इस मॉडल के तैयार होने के बाद इंसानी दिमाग की हर हरकत को पढ़ना अब आसान हो जाएगा। इससे दिमाग संबंधी रोगों के सटीक इलाज में भी मदद मिलने की संभावना है। शोधकर्ता इस मॉडल को दुनिया भर के वैज्ञानिकों को भेजने जा रहे हैं।।

कमरे से निकलते ही बंद हो जाएगी लाइट
15 June 2013

बरेली। यह डिवाइस उन लापरवाह लोगों की काट है, जो बिजली की फिजूल खर्ची नहीं समझते। कमरे से बाहर जाने के बाद लाइट, पंखे और एसी के स्विच ऑफ नहीं करते।
या फिर उनके लिए जो जल्दबाजी में ऐसा करना भूल जाते हैं। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग विभाग में बीटेक के कुछ छात्रों ने मिलकर डिवाइस के रूप में ऑटोमैटिक रूम लाइट कंट्रोलर तैयार किया है। महज एक हजार रुपये की लागत से तैयार इस डिवाइस में लगा सेंसर दरवाजे से किसी के आते ही खुद से जुड़ी लाइट ऑन कर देता है। पंखा, कूलर और एसी खुद-ब-खुद चलने लगते हैं। कमरे से बाहर जाते ही विद्युत चलित सारे उपकरण स्वत ही बंद हो जाते हैं। डिवाइस कमरे का तापमान भी प्रदर्शित करती है, जिसके मुताबिक एसी, पंखा और कूलर आदि की स्पीड सुनिश्चित करना आसान होगा। छात्र आत्माराम, सतीश कुमार, सौरभ कुमार और फैजीवाल ने यह डिवाइस असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष शंखवार के निर्देशन में तैयार की है। वह बताते हैं कि ऊर्जा की बचत के लिए यह डिवाइस बेहद कारगर है। जासूसी रोबोट भी इसे भी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग विभाग के बीटेक फाइनल इयर के छात्रों ने ही बनाया है- नाम है स्पाइरो यानि स्पाई रोबोट। यह दुश्मनों की जासूसी का काम करेगा। असिस्टेंट प्रोफेसर अतुल सरोजवाल के निर्देशन में इसे तैयार करने वाले छात्र हेमंत सिंह खनका, हिमांशु गंगवार, मुकुल शुक्ला व नितिन मौर्य का कहना है कि यह पहला ऐसा रोबोट है जो जमीन के साथ ही पानी में भी चल सकता है। इसमें लगे वायरलेस कैमरे को वाईफाई से कनेक्ट करके किसी भी स्थल की ऑन लाइन निगरानी की जा सकती है।

अब हवा-धूप से चार्ज होगा मोबाइल
15 June 2013

मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थियों ने भविष्य की तकनीकी चुनौतियों को देखते हुए ऐसे अहम डिजायन तैयार किए हैं, जो न केवल कम लागत वाले हैं, बल्कि दैनिक जरूरतों को और बेहतर विकल्प देंगे। विद्यार्थियों ने कम लागत के थ्रीडी प्रिंटर का डिजाइन तैयार करने में कामयाबी हासिल की है। साथ ही, हवा व धूप से मोबाइल चार्ज करने की विधि भी खोज ली है।
विद्यार्थियों ने संस्थान के कमाद स्थित परिसर में ओपन हाउस के दौरान कई नए मॉडल प्रदर्शित किए हैं। इनमें रेल हादसों पर अंकुश लगाने के लिए स्वचालित ब्रेक सिस्टम, स्वचालित व्हीलचेयर, धूल सोखने वाली मशीन, पानी का छिड़काव करने वाले यंत्र, इंटेलीजेंट पार्किग सिस्टम, ऑटोमेटिक पेपर रिसाइकलर, पर्वतीय क्षेत्र में बीज बोने के लिए रोबोट, अंधे लोगों के लिए ऑटो नेविगेशन उपकरण, होम ऑटोमेशन सिस्टम प्रमुख हैं।
मंडी आइआइटी के निदेशक टीए गोंजालविस का कहना है, 'विद्यार्थियों की ओर से प्रदर्शित मॉडलों ने विशेषाों को प्रभावित किया है।'
3डी प्रिंटर को प्रथम पुरस्कार:
विद्यार्थियों द्वारा निर्मित 3डी प्रिंटर की लागत बाजार में फिलहाल उपलब्ध प्रिंटरों के मुकाबले कम है। ओपन हाउस में जज इस मॉडल से खासे प्रभावित हुए व इसे प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया। विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रिंटर से 3डी पिक्चर भी प्रिंट की जा सकेगी।
मोबाइल चार्जिग में क्रांति:
संस्थान के इंजीनियरों ने हवा व धूप के उपयोग से चलने वाला हाइब्रिड मोबाइल चार्जर बनाया है। इस चार्जर की खासियत है कि इससे घर के अंदर बैठे हुए भी मोबाइल चार्ज किया जा सकता है। यह इस तरह से डिजायन किया गया है कि सीधी धूप के बिना भी मोबाइल चार्ज हो सकता है। ओपन हाउस में इस डिजाइन को दूसरा पुरस्कार मिला।
गृहणियों की समस्या दूर:
सेल्फ क्लॉथ रैक व फोल्डिंग मशीन और थ्री इन वन वैक्यूम क्लीनर व फर्श ड्रायर जैसे उत्पाद तैयार कर संस्थान के इंजीनियरों ने गृहिणियों की समस्या दूर कर दी है। सेल्फ क्लॉथ रैक व फोल्डिंग मशीन अंधेरा या नमी होने पर खुद ही कपड़े रैक में डाल देगी और उसे फोल्ड भी खुद करेगी।
सफाई के समाधान के लिए बनाए गए थ्री इन वन सॉल्यूशन में ऑटोमेटिक मशीन बिना किसी मदद के खुद सारी सफाई कर देगी। इसे रिमोट से नियंत्रित किया जा सकता है। ऑटो ट्रैस कंपेक्टर एक स्वचालित मशीन है जिससे कचरे के आकार को रोलर के माध्यम से कम किया जा सकेगा। यह कार्यालय परिसर, कॉलेज परिसर और घरों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

नोकिया ने भारत में किया आशा 501 का वैश्विक लांच
10 May 2013

नई दिल्ली। जून 2013 से बाजार में होगा उपलब्ध 5-6 हजार रुपये के बीच होगी कीमत

>> नए आशा प्लेटफॉर्म पर आधारित होगा यह फोन
>> फुल टचस्क्रीन और बेहद किफायती फोन
>> ग्राहक मुफ्त में कर सकेंगे फेसबुक का इस्तेमाल
>> नए नोकिया एक्सप्रेस ब्राउजर पर काम करेगा
>> नया ब्राउजर इंटरनेट डाटा को 90 फीसदी तक कंप्रेस करता है

17 घंटे का टॉकटाइम और 48 दिन का स्टैंडबाय टाइम
3.2 मेगापिक्सल कैमरा और छह रंगों में उपलब्ध
यह बहुत सांकेतिक है कि हम इस फोन को फिनलैंड, लंदन या अमेरिका से लांच नहीं कर रहे हैं। हम इसे यहां भारत में लांच कर रहे हैं क्योंकि हमारा बहुत ज्यादा काम भारतीय ग्राहकों पर केंद्रित है। दुनिया का 80 फीसदी हिस्सा 2जी वातावरण पर काम करता है और आशा 501 इसी वातावरण के मुताबिक है। हम इस श्रेणी में 3जी उत्पाद भी लाएंगे। 90 देशों के 60 मोबाइल ऑपरेटरों के साथ मिलकर हम आशा स्मार्टफोन को बेचेंगे।
- स्टीफन इलोप सीईओ, नोकिया
नोकिया स्मार्टफोन बाजार में बड़ी हिस्सेदारी पर नजरें टिकाए है। इस बाजार में आई-फोन और सैमसंग से पिछडऩे के बाद कंपनी नई आशा रेंज के जरिए मध्यम वर्गीय लोगों के हाथ में स्मार्टफोन देने की रणनीति पर काम कर रही है। कंपनी इस फोन को सभी उभरते हुए देशों में लांच करेगी और बड़ी संख्या में फोन बेचने की उम्मीद संजोए है। चीन के बाद भारत ही नोकिया का सबसे बड़ा बाजार है।


चोरी या गुम हुए मोबाइल को हर बार कैसे पाएं मुफ्त में वापस!
08 Feb 2013

हर किसी के लिए अपना मोबाइल फोन खास होता है चाहे वह सस्ता हो महंगा। जब किसी का मोबाइल खो जाता है तो उसे कई बड़ी परेशानियों को झेलना पड़ता है, जो शायद मोबाइल की कीमत से कहीं ज्यादा भारी पड़ती है। इसलिए जब भी आप मोबाइल खरीदें तो इसके बाद आपको कुछ सावधानियां रखनी चाहिए, जिससे आप खोए हुए मोबाइल को दोबारा खोज सकते हैं।
1- आईएमईआई-
हर मोबाइल या स्मार्टफोन का आईएमईआई नंबर होता है। अपने फोन से स्टार हैस क्६ हैस डायल कर अपने मोबाइल फोन का आईईएमआई नंबर पता कर सकते हैं। इस नंबर को हमेशा कही सुरक्षित जगह पर नोट कर लेना चाहिए, ताकि भविष्य में यदि कभी मोबाइल खो जाता है तो यह आपके काम आ सके। आप इस नंबर की मदद से अपना मोबाइल फोन ट्रैक कर सकत हैं। आईएमईआई नंबर देखने के लिए हैंडसेट की बैटरी निकालकर फोन के पैनल में लगे स्टीकर से आईएमईआई नंबर देख सकते हैं।
2- अवास्त मोबाइल सिक्योरिटी-
अवास्त मोबाइल सिक्योरिटी की मदद से भी खोए हुए मोबाइल को ट्रैक किया जा सकता है। यह एप्लीकेशन फ्री में डाउन लोड किया जा सकता है। इससे आप न केवल अपने मोबाइल को ट्रैक कर सकत हैं, बल्कि इसे कंट्रोल भी कर सकते हैं। जब भी मोबाइल खो जाए तो आप अपने खोए हुए मोबाइल में एक एसएससएस भेजकर उसकी लोकेशन के बारे में जान सकते हैं।
3- मोबाइल चेस लोकेशन ट्रैकर-
मोबाइल चेस लोकेशन ट्रैकर भी एक ऐसा एप्लीकेशन है, जिसकी मदद से गुम या चोरी हुए मोबाइल को ट्रैक करना आसान है। इसकी मदद से आपके हैंडसेट में किसी दूसरे के सिम होने का भी पता चल जाता है। यह एप्पलीकेशन जीपीएस कनेक्टिीविटी के माध्यम से न केवल हैंडसेट की सही लोकेशन बताएगी, बल्कि लोकेशन आई भी एसएमएस से भेज देगी।
4- थीफ ट्रैकर-
थीफ ट्रैकर एप्लीकेशन बहुत ही मददगार साबित होता है, जब आपका मोबाइल चोरी हो जाए। यह मोबाइल चोरी करने वाले व्यक्ति के बारे में आपको पूरी जानकारी देगी साथ आपका चोरी हुए मोबाइल का उपयोग करना भी चोर के लिए मुश्किल हो जाएगा और वह आपके मोबाइल का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। साथ इससे एक विशेष फीचर है कि यह आपको मेल द्वारा फोटो खींचकर सेंड भी करेगा, जिससे आप मोबाइल की लोकेशन का पता कर सकेंगे।
5- स्मार्ट लुक-
स्मार्टलुक एप्लीकेशन भी काफी कुछ थीफ ट्रैकर की तरह काम करता है। यह भी आपके फोन को चुराने वाले व्यक्ति की फोटो खींचकर मेल कर देगी। यह जीपीएस की मदद से आपको मोबाइल फोन की लोकेशन भी बताती रहेगी, जिससे आप अपना मोबाइल फोन ट्रैक कर सकेंगे।
6- एंटी थेफ्ट अलार्म-
एंटी थेफ्ट अलार्म भी मोबाइल चोरी रोकने में मददगार एप्लीकेशन है। इस एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के बाद फोन में इसे एक्टिीवेट करना होगा। इसके बाद अगर कोई आपका मोबाइल छूने की कोशिश करता है तो आपके मोबाइल का तेज अलार्म बजेगा और आप जान जाएंगे कि कोई आपके मोबाइल को चोरी करने की कोशिश कर रहा है।
7- कैस्पर स्काई-
कैस्पर स्काई मोबाइल सिक्योरिटी एप्लीकेशन को भी अवास्त की तरह डाउनलोड किया जा सकता है। इससे अवांछित एसएमए और टैक्स फिल्टर किया जा सकता है। इसमें स्कैनर भी है, जो किसी वायरस एप्लीकेशन को इंस्टाल करने से पहले आपको सूचित करता है।
8- लुकआउट सिक्योरिटी एंड एंटीवायरस-
लुकआउट सिक्योरिटी एंड एंटीवायरस फ्री एप्लीकेशन है। इसमें चोरी गए या खोए मोबाइल को गूगल मैप की मदद से उसकी लोकेशन का पता कर सकते हैं। यदि फोन स्विच ऑफ कर दिया जाता है तो यह एप्लीकेशन फोन की आखिरी लोकेशन भी बता देगी। यह डिवाइस आपको फोन खोजने में मदद कर सकती है।
9- ट्रेंड माइक्रो-
ट्रेंड माइक्रो मोबाइल सिक्योरिटी एंड एंटीवायरस बेस्ट सेलिंग एप्पलीकेशन में से एक है। इसके प्राइवेसी स्कैनर की मदद से चोरों को दूर रखा जा सकता है। अगर बच्चे जरूरी चीजें अगर डिलेट करते हैं तो किड्स फीचर की मदद से अपने फोन की कुछ चीजें ब्लॉक की जा सकती हैं।
10- प्लान बी लुकआउट मोबाइल सिक्युरिटी-
प्लान बी लुकआउट सिक्योरिटी एप्लीकेशन की मदद से भी खोए या चोरी गए फोन की लोकेशन आसानी से ट्रैक की जा सकती है। यह एप्लीकेशन जीपीएस की मदद से आपको गायब फोन की लोकेशन बताती रहती है। इसमें प्लान ए और बी भी है। यदि कोई फोन से जीपीएस ऑफ कर देता है तो एप्लीकेशन आपको मेल द्वारा इस बात की जानकारी दे देगी ताकि पता चल सके कि आपके फोन की आखिरी लोकेशन क्या थी।

राजधानी में 16 दिसंबर से मिलेगा आईपैड मिनी
15 Dec 2012

भोपाल। देश के बाजारों के लिए एप्पल ने आईपैड मिनी और न्यू आईपैड की कीमतें तय कर दी हैं। आईपैड मिनी की प्राइस 21,900 रुपए और आईपैड 4 जी की प्राइस 31,900 रुपए से शुरू होगी। भोपाल में आईपैड मिनी 16 दिसंबर से उपलब्ध होगा। करीब 20 ग्राहक इसके लिए पहले ही एडवांस बुकिंग करा चुके हैं। एप्पल इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में वह भारत जैसे उभरते बाजारों पर अधिक फोकस कर रहा है। इसी के चलते दुनिया के बाजारों में लांच होने के महज 7 दिनों के भीतर उसने यहां के बाजारों में मिनी आईपैड उपलब्ध करा दिया है। एप्पल के उत्पादों के स्थानीय विक्रेता अनिल सिंघई ने बताया कि दुनिया के बाजारों में लांच होने के बाद से ही मिनी आईपैड को लेकर राजधानी के युवाओं में खासी उत्सुकता है। भारतीय बाजारों में उपलब्ध कराए जा रहा एप्पल टीवी एक दरअसल एक सेट टॉप बॉक्स है। इसकी मदद से इंटरनेट के कंटेंट टीवी पर देखे जा सकेंगे। एप्पल के मार्केट शेयर में पिछले चार साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। गुरुवार को अमेरिकी बाजारों में इसके शेयर 6.9 फीसदी की गिरावट के साथ 538 डॉलर पर आ गए। यह 17 दिसंबर 2008 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। ऐसे में कंपनी ग्रोथ के लिए भारतीय बाजारों की ओर उम्मीद से देख रहा है। इसके खास फीचर 7.9 इंच (टच स्क्रीन, 1024 गुणे 768 पिक्सल), ए5 ड्यूल कोर एएस प्रोसेसर, 5 एमपी रियर कैमरा विथ 1080 पी वीडियो, 1.2एमपी फ्रंट कैमरा विथ 720पी वीडियो, 10 घंटे का बैटरी बेक अप, 7.2 एमएम थिक स्क्रीन 308 ग्राम वजन हैं ।

आज ठप हो सकता है आपका कंप्यूटर
9 July 2012

न्यूयॉर्क। सोमवार को 'डीएनएस चेंजर' नमक मालवेयर दुनिया के 3.5 लाख से ज्यादा कंप्यूटरों में इंटरनेट सेवा ठप कर सकता है। कंप्यूटर विशेषज्ञों के मुताबिक डीएनएस चेंजर इंटरनेट ट्रैफिक को फर्जी वेबसाइटों की ओर मोड़ता है। एफबीआई ने यह वायरस पिछले साल नवंबर में पकड़ा था। इससे प्रभावित सर्वरों को अस्थायी तौर पर वैध सर्वरों से जोड़ा गया था। यही अवधि नौ जुलाई 2012 को खत्म होने जा रही है। ऐसे में डीएनएस चेंजर से प्रभावित कंप्यूटरों में इंटरनेट से संबंधित समस्या फिर आ सकती है।

इंटरनेट पर सेंसरशिप की मांग बढ़ी
न्यूयार्क। पिछले साल के अंतिम छह माह में भारत की ओर से इंटरनेट सामग्री पर पाबंदी लगाने की शिकायतें 49 फीसदी बढ़ी हैं। इस दौरान भारत की ओर से 255 शिकायतें आईं, जबकि दुनिया भर की सरकारों से एक हजार शिकायतें मिलीं। इंटरनेट कंपनी गूगल के अनुसार शिकायतों में यू-ट्यूब वीडियो और सर्च से सामग्री हटाने का आग्रह किया गया। कंपनी ने आधे से ज्यादा बार इन्हें माना। यू-ट्यूब वीडियो को लेकर 133 शिकायतें आईं जिनमें से 10 राष्ट्रीय सुरक्षा और 77 मानहानि से जुड़ी सामग्री को लेकर थीं। वेब सर्च को लेकर 26 और 49 ब्लॉगों को लेकर भी भारत ने आपत्ति की है। राजनीतिक टिप्पणियां खास तौर से निशाने पर रहीं जिन्हें लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें आईं। 2011 के पहले छह महीनों की तुलना में बाद के छह महीनों में 49 फीसदी ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई गईं।