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बड़ी बड़ी कंपनियों से किया बाय बाय
सैमसंग में गैलेक्सी मोबाइल डिकााइन हेड - चैंग डॉन्ग-हुन
शिक्षा- सिओल नेशनल यूनिवर्सिटी से मास्टर्स इन फाइन आट्र्स और अमेरिका के शिकागो आर्ट इंस्टीट्यूट से मास्टर्स इन मल्टीमीडिया

काम- सैमसंग स्मार्टफोन और गैलेक्सी टेबलेट डिवाइसेस के डिजाइन की पूरी जिम्मेदारी

कब छोड़ी कंपनी- पिछले सप्ताह उन्हें रिकााइन करने को कहा गया था।

इसलिए छोड़ी कंपनी- सैमसंग के लेटेस्ट स्मार्टफोन गैलेक्सी एस5 के डिकााइन और हार्डवेयर इनोवेशन की दुनियाभर में आलोचना की गई, जिस कारण पिछले हफ्ते कंपनी ने उन्हें रिकााइन करने को कहा। उनकी जगह वाइस प्रेसीडेंट, मोबाइल डिकााइन ली मिन-ह्युक नए डिकााइन हेड बनाए गए हैं।हुन ने कॅरिअर की शुरुआत आईबीएम में बतौर कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट और टाइम एंड स्पेस टेक में आर्ट डायरेक्टर से की। २००६ में सैमसंग में आने से पहले वे इवा वुमंस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे।
हाईडेल बर्ग सीमेंट इंडिया में सीईओ - आशीष गुहा
शिक्षा- लंदन स्कूल ऑफ बिजनेस से बीकॉम ऑनर्स

काम- मैनेजमेंट से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी।

कब छोड़ी कंपनी-२ मई को दिया इस्तीफा

इसलिए छोड़ी कंपनी- इस्तीफा देने के पीछे कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। वे सितंबर तक कंपनी में सीईओ पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। कंपनी ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है।
इन्वेस्टमेंट बैंकर की पहचान रखने वाले आशीष गुहा को ‘डील स्पेशलिस्ट’ माना जाता है। 2001 में उन्होंने भारती एयरटेल के सुनील मित्तल को बीके मोदी की स्पाइस सेल को खरीदने का सुझाव दिया और मात्र 12 दिन में डील को फाइनल करा दिया था। उनके बारे में कहा जाता है कि वे डील में खरीदने और बेचने वाले दोनों का फायदा कराते हैं। वे अब तक सीमेंट सेक्टर में छह और अन्य सेक्टर में कई डील करा चुके हैं। वे चुनौतियों को स्वीकार करते हैं। उन्होंने 2006 में 90 करोड़ के घाटे में चल रही हाईडेल बर्ग कंपनी को अपनी सूझ-बूझ से मुनाफे में पहुंचाया।।
कैरन इंडिया लिमिटेड में अंतरिम सीईओ - पी. इलैन्गो
शिक्षा- मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से ग्रेजुएशन, अन्नामलाई यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री

काम- माइनिंग का काम, कंपनी के लिए अहम फैसले

कब छोड़ी कंपनी- २ मई को।

इसलिए छोड़ी कंपनी-२०१० में वेदांता माइनिंग ग्रुप ने कैरन इंडिया को टेकओवर कर लिया था, तब से एक-एक करके सभी मैनेजमेंट सदस्यों ने कंपनी छोड़ दी। 18 वर्षों की सर्विस में इलैन्गो ने कई महत्वपूर्ण पद संभाले। वे इस्तीफे को पर्सनल बता रहे हैं।

इलैन्गो का जन्म ५ जनवरी १९६१ को तमिलनाडु में हुआ। वे पत्नी शांति और दोनों बेटियों के साथ दिल्ली में रहते हैं। १९८५ में मास्टर्स डिग्री खत्म करते ही ओएनजीसी ((ऑइल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन)) में नौकरी मिल गई। १९९६ में वे कैरन इंडिया में बतौर कोर टीम मेंबर शामिल किए गए। 16 वर्षों की सर्विस में कई महत्वपूर्ण पद संभालने के बाद अगस्त-2012 में उन्हें अंतरिम सीईओ बनाया गया। वे लंबे समय तक कंपनी के साथ जुड़े रहें इसलिए पिछले वर्ष उनकी सैलरी में 40 फीसदी बढ़ोतरी की गई थी।
टाटा मोटर्स में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट - अंकुश अरोड़ा
शिक्षा-थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से बीई

काम-पैसेंजर व्हीकल बिकानेस यूनिट का जिम्मा

कब छोड़ी कंपनी-३ मई को इस्तीफा दिया।

इसलिए छोड़ी कंपनी-कंपनी का मार्केट शेयर लगातार गिर रहा था। पिछले माह सेल्स में ३४ फीसदी गिरावट दर्ज की गई। माना जा रहा है कि इन्हीं कारणों के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया। ३१ मई को कंपनी में उनका अंतिम दिन होगा। अंकुश अरोड़ा को जनरल मोटर्स, एस्कॉट्र्स इंडिया और भवन ऑटोमोटिव सेंटर का अनुभव है। वे प्रॉब्लम को अपॉच्र्युनिटी में बदलना जानते हैं। टाटा मोटर्स ने उन्हें तब हायर किया था जब डीलर्स उनसे बिल्कुल भी खुश नहीं थे।

संपादकीय

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