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खड़गे की मीटिंग में उद्धव नहीं गए, 17 दलों का फैसला- संवेदनशील मुद्दों पर नहीं बोलेंगे
28 March 2023
रंजीत सावरकर ने मंगलवार को कहा कि राहुल गांधी विनायक दामोदर राव सावरकर पर दिए बयान पर माफी मांगें। सावरकर के पोते रंजीत ने कहा कि अगर राहुल ऐसा नहीं करते हैं तो वे उनके खिलाफ FIR करेंगे। इधर, उद्धव ठाकरे की नाराजगी के बाद विपक्षी दलों ने यह तय किया है कि वे सावरकर जैसे संवेदशील मुद्दों पर बयान नहीं देंगे।
राहुल गांधी ने अपनी संसद सदस्यता रद्द होने के बाद 25 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उनसे सवाल पूछा गया कि भाजपा आपसे बार-बार माफी की मांग कर रही है। राहुल गांधी ने जवाब दिया था कि वह गांधी हैं, सावरकर नहीं। वो माफी नहीं मांगेंगे।

उद्धव राहुल से बोलें कि माफी मांगो: रंजीत सावरकर

रंजीत सावरकर ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी ANI से इस बयान पर बात की। उन्होंने कहा, 'उद्धव ठाकरे और संजय राउत के मन में सावरकर के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन जब तक वो इस मुद्दे पर अपना समर्थन नहीं देते, इसका कोई मतलब नहीं रह जाता। उद्धव और राउत राहुल गांधी से बयान पर बात करें और उन्हें माफी मांगने को कहें।'
रंजीत सावरकर ने कहा- उद्धवजी ने कांग्रेस को चेतावनी दी है। इसके बावजूद कांग्रेस रुक नहीं रही है। अभी तक उद्धवजी कांग्रेस से अलग नहीं हुए हैं। शरद पवारजी के मन में भी सावरकर के लिए सम्मान है, लेकिन उन्हें आगे बढ़ना चाहिए। वो राहुल गांधी से कहें कि बयान पर माफी मांगें।
रंजीत सावरकर बोले- ये देखकर दुख होता है कि राहुल गांधी राजनीतिक के लिए सावरकरजी को बदनाम कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि वो मुस्लिमों का ध्रुवीकरण कर रहे हैं। महाराष्ट्र में भी सावरकर के नाम पर राजनीति हो रही है। मैं अपील करता हूं कि अपने फायदे के लिए सावरकरजी का नाम इस्तेमाल ना किया जाए।

उद्धव ने चेतावनी दी थी- बयानबाजी बंद करो, वरना गठबंधन तोड़ लेंगे

राहुल के बयान का उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने विरोध किया है। उद्धव ने रविवार को मालेगांव के प्रोग्राम में कहा था, "राहुल ने सावरकर पर बयानबाजी बंद नहीं की तो महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) से गठबंधन तोड़ लेंगे। हम सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर राहुल गांधी सावरकर की निंदा करना नहीं छोड़ते हैं तो गठबंधन में दरार आएगी।'
सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों के नेताओं को डिनर पर बुलाया था। इस बैठक में भी उद्धव शामिल नहीं हुए। उद्धव की गैरमौजूदगी की खूब चर्चा रही। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में 17 विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने यह तय किया कि वे सावरकर जैसे संवेदनशील विषयों पर बयानबाजी से दूर रहेंगे। इससे पहले सोमवार सुबह संसद सत्र से पहले हुई बैठक में भी वे नहीं आए थे। इसके बाद मंगलवार को हुई बैठक से भी उद्धव गुट दूर रहा।

सुरेंद्र कोली को फांसी देगा पवन जल्लाद, बोला 'मिलेगी तसल्ली'
05 September 2014
मेरठ। फांसी मुकर्रर होने के बाद प्रशासन ने भी फांसी घर को तैयार कर लिया। पवन जल्लाद ही सुरेंद्र कोली को मेरठ जेल में फांसी देगा। वरिष्ठ जेल अधीक्षक का कहना है कि फांसी की तिथि को गोपनीय रखा जा रहा है। अभी तक दस सितंबर की तिथि नियत की गई है। अभी तक अफसरों ने उन्हें फोन पर ही जानकारी दी है। मेरठ जेल के फांसी घर में 39 साल बाद किसी को फांसी दी जाएगी।
निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को सीबीआइ कोर्ट से फांसी की सजा मुकर्रर होने के बाद प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई है। शासन ने भी फांसी की व्यवस्था को लेकर मेरठ के प्रशासनिक अफसरों से वार्ता की है। उसी के बाद सुरेंद्र कोली को गाजियाबाद की डासना जेल से मेरठ में शिफ्ट कर दिया गया। अभी तक दस सितंबर को फांसी देने की बात चल रही है। लिखित तारीख नहीं होने के कारण अभी तिथि को गोपनीय रखा जा रहा है। एक दो दिन आगे या पीछे भी बढ़ाया जा सकता है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक मोहम्मद हुसैन मुस्तफा रिजवी ने बताया कि डीआइजी की काल आने के बाद फांसी घर की साफ सफाई करा दी गई। पवन जल्लाद ने भी फांसी घर का निरीक्षण कर लिया है। दरअसल, यहां अंतिम फांसी जुलाई 1975 में हुई थी। इसलिए फांसी घर खंडहर हालत में पड़ा हुआ था। तख्ते, एंगल और फांसी के लिए 15 मीटर की रस्सी का भी इंतजाम कर लिया है। रिजवी ने कहा कि, उनकी जेल का फांसी घर तैयार हो चुका है। किसी भी वक्त सुरेंद्र कोली को मेरठ जेल में शिफ्ट किया जा सकता है।

तसल्ली मिलेगी

सुरेंद्र कोली को फांसी देने की सूचना मिलने के बाद पवन जल्लाद अफसरों से मिला। फांसी घर का निरीक्षण करने के बाद पवन जल्लाद ने बताया कि, अब तक पापा और दादा के साथ पहले भी फांसी देख चुका हूं। इस बार खुद फांसी दूंगा। पवन ने कहा कि कोली ने मासूमों के साथ पैशाचिक कृत्य किए हैं। इस दानव को फांसी पर लटकाने में उसके हाथ नहीं कांपेगे, बल्कि तसल्ली मिलेगी। पवन ने कहा कि निठारी कांड के मुख्य आरोपी पंढेर को भी उसके किए की सजा मिलनी चाहिए।
कोली को मेरठ जेल में फांसी देने के आदेश तत्काल बाद जेल प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया। पवन जल्लाद को तत्काल जेल परिसर तलब किया गया। इस पर पवन अपनी साइकिल से जेल परिसर पहुंचा। वहां अफसरों ने पवन को साथ लेकर फांसी घर के चप्पे चप्पे का जायजा लिया। फांसी घर में तख्त, फंदा, एंगल, सीढ़ी आदि सामानों को निरीक्षण किया है। पवन ने बताया कि, कोली को फांसी देने के पहले उसे पूरी प्रक्रिया का पूर्वाभ्यास क रना होगा।

जल्लाद : पीढ़ी दर पीढ़ी

पवन जल्लाद को फांसी लगाने का पेशा विरासत में मिला। उनके परदादा ननवा और वजीर चंद अंग्रेजों के जमाने से फांसी लगाने का काम करते आ रहे थे। उनकी मौत के बाद यह काम कल्लू जल्लाद के हाथों में आया। उनके बाद मम्मू जल्लाद और अब मम्मू का पुत्र पवन उर्फ सिंधी भी फांसी देने के लिए तैयार है। पवन ने अभी तक फांसी नहीं दी है, लेकिन वह मम्मू को फांसी देते देख चुका है। सात बेटों और दो बेटियों के पिता रहे मम्मू मेरठ ही नहीं जबलपुर, जयपुर, दिल्ली और पंजाब में एक दर्जन से ज्यादा लोगों को फांसी पर लटकाया। विदेश में भी उसकी सेवाएं ली गई थीं।


उद्धव के निमंत्रण पर ही मातोश्री गए अमित शाह
05 September 2014
मुंबई। भारतीय जनता पार्टी के कई पूर्व अध्यक्षों की भांति नए अध्यक्ष अमित शाह भी शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के निवास 'मातोश्री' तो गए, लेकिन वहां से निमंत्रण मिलने के बाद। विधानसभा चुनावों को लेकर सीट बंटवारे को लेकर मची खींचतान के बीच दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे चली यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।
भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मुंबई पहुंचे अमित शाह को मातोश्री पर माथा टेकवाने के लिए शिवसेना बेताब थी। उनकी ओर से इस आशय का संकेत न मिलते देख महानगर की सड़कों एवं सोशल मीडिया पर उनके विरुद्ध पोस्टर वार भी शुरू कर दिया गया था। इसके बावजूद शाह टस से मस होते नहीं दिखे। सुबह मुंबई विमानतल पर पहुंचने पर भी अपने तेवर कड़े ही रखे। वहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भी उन्होंने राज्य में भाजपा गठबंधन की सरकार आने का भरोसा तो दिलाया, लेकिन शिवसेना का नाम लेने से परहेज करते दिखे। उसके बाद भी उनके कार्यक्रमों में मातोश्री जाने का कोई जिक्र नहीं था।
भाजपा अध्यक्ष का कड़ा रुख देखते हुए शिवसेना ने ही झुकने का मन बनाया और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की ओर से अमित शाह को मातोश्री आने का निमंत्रण भेज दिया गया जिसे शाह ने स्वीकार किया। रात 9.30 बजे शाह की मातोश्री पर उद्धव ठाकरे से मुलाकात तय हो गई। दोनों नेताओं की मुलाकात की खबर ने सेना-भाजपा गठबंधन के साथ जुड़े चार छोटे दलों को भी राहत पहुंचाई है। माना जा रहा है कि अब जल्दी ही दोनों दल अन्य साथी दलों के साथ मिलकर सीटों के बंटवारे का मसला सुलझा लेंगे।

अशोक चह्वाण के बहनोई भाजपा में

मुंबई। अमित शाह की उपस्थिति में कांग्रेस-राकांपा के पांच बड़े नेता अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण के बहनोई पूर्व सांसद भास्करराव खतगांवकर शामिल हैं।

अमित शाह ने नांदेड़ से तीन बार सांसद रहे भास्करराव खतगांवकर, केंद्रमें राष्ट्रवादी कांग्रेस कोटे से राज्यमंत्री रहीं सूर्यकांता पाटिल, राकांपा के ही प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य में कैबिनेट मंत्री रहे बबनराव पाचपुते एवं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष दत्ताभाऊ पाथ्रीकर एवं पूर्व मंत्री माधवराव किन्हालकर को कमल के निशान का गमछा उढ़ाकर भाजपा में शामिल किया। शाह ने इन नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि हमारा हृदय बहुत बड़ा है और हमारा घर भी बहुत बड़ा है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों में भरोसा रखने वाले किसी भी नेता का भाजपा में स्वागत है।
हाल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने महाराष्ट्र से सिर्फ दो सीटें जीती हैं। इन दोनों सीटों में से एक स्वयं अशोकचह्वाण ने जीती और दूसरी उनके कारण ही नांदेड़ के पड़ोस की हिंगोली लोकसभा सीट। अब खतगांवकर के कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस इस क्षेद्द में कमजोर होगी। इसी प्रकार राकांपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बबनराव पाचपुते के भाजपा में आने से शरद पवार की पार्टी को करारा झटका लग सकता है।


सतशिवम ने ली केरल के राज्यपाल पद की शपथ
05 September 2014
तिरुअनंतपुरम। विरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पी. सतशिवम ने शनिवार को केरल के राज्यपाल के पद की शपथ ली। हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अशोक भूषण राजभवन में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राज्यपाल के रूप में उनकी नियुक्ति का विपक्षी दलों के अलावा न्यायिक हलकों में काफी विरोध हुआ। तमाम विरोधों के बावजूद केंद्र सरकार ने उन्हें केरल का नया राज्यपाल नियुक्त कर दिया था। वह शीला दीक्षित की जगह केरल के राज्यपाल बनाए गए हैं।
राजधानी पहुंचने पर गुरुवार शाम जस्टिस सतशिवम का मुख्यमंत्री ओमन चांडी के अलावा उनके कैबिनेट सहयोगियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। पहली बार भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश को राज्यपाल बनाने से कानूनी व राजनीतिक गलियारों में नई बहस शुरू हो गई थी।
कांग्रेस के अलावा दूसरे दलों ने उनकी नियुक्ति पर सवाल खड़े किए थे। पिछले सप्ताह शीला दीक्षित के इस्तीफा देने के कारण केरल में राज्यपाल का पद खाली हुआ था। केंद्र में मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद संप्रग सरकार द्वारा नियुक्त किए गए कई राज्यपाल अब तक अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं।


सी-सैट निरस्त करने की मांग पर सुनवाई आज
05 September 2014
नई दिल्ली। सिविल सेवा परीक्षा की विवादित सी-सैट [सामान्य मानसिक अभियोग्यता] परीक्षा को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीमकोर्ट इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। यह याचिका स्वयंसेवी संस्था आजाद दस्ता संकल्प ने दाखिल की है जिसमें सी-सैट परीक्षा पर सवाल उठाते हुए इसे निरस्त करने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता की ओर से गुंजन कुमार ने याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि सी-सैट परीक्षा हिन्दी भाषियों और व अन्य भारतीय भाषाओं के परीक्षार्थियों के साथ भेदभाव करती है। इस परीक्षा का पाठ्यक्रम ठीक नहीं है इसका लाभ अंग्रेजी माध्यम के लोगों को ही मिलता है। याचिका में सी-सैट लागू होने के बाद हिन्दी भाषी और अन्य भारतीय भाषाओं में परीक्षा देने वाले व अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा देने वालों की सफलता के आंकड़े पेश किए गए हैं। 2013 के ताजा आंकड़े देते हुए कहा गया है कि इस वर्ष कुल 1122 परीक्षार्थी सफल हुए थे जिसमें से हिन्दी व अन्य भाषाओं का माध्यम अपनाने वाले सिर्फ 26 लोग ही थे, बाकी सब अंग्रेजी माध्यम के परीक्षार्थी थे। यह भी कहा गया है कि सी-सैट के हिन्दी भाषा के अनुवादित प्रश्नपत्र में बहुत गलतियां होती हैं। उदाहरण के लिए 'नार्थ पोल' का अनुवाद 'उत्तरी खंबा' दिया गया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि वह अंग्रेजी भाषा के खिलाफ नहीं है लेकिन उसकी मांग है कि प्रश्नपत्र अंग्रेजी और हिन्दी दोनों माध्यम के परीक्षार्थियों के लिए समान होना चाहिए। कहा गया है कि सी-सैट परीक्षा का पाठ्यक्रम अच्छा न होने के कारण सिविल सेवा परीक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। पहले इस परीक्षा का कटआफ 900 व 1000 अंक हुआ करते थे जो कि अब 550 तक पहुंच गए हैं। 33 फीसद से कम अंक लाने वाले भी सिविल सेवा परीक्षा पास कर लेते हैं।



दिल्ली में सरकार बनाने की गतिविधि हुई तेज, भाजपा को मिलेगा मौका
05 September 2014
नई दिल्ली। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई भाजपा को आधिकारिक तौर पर बुलावा भेज सकते हैं। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार बनाने के लिए सबसे बड़ी पार्टी को न्यौता दिया जा सकता है और उन्हें सदन में बहुमत देने के लिए कहा जा सकता है। राष्ट्रपति ने इस पर केंद्र सरकार का जवाब मांगा है, जिसके लिए फाइल गृह मंत्रालय को भेज दी गई है।
इस बारे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा है कि यदि उपराज्यपाल की तरफ से उनकी पार्टी को न्यौता मिलता है तो सभी की राय के बाद ही इस पर फैसला किया जाएगा। उन्होंने इस बाबत अपनी निजी राय देने से साफ मना कर दिया। हालांकि मुंडका से निर्दलीय विधायक रामबीर सिंह शौकीन ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने की बात कही है।
इस खबर के आने के बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। आप नेता आशुतोष ने इसको लोकतंत्र का मजाक बताया है। पार्टी के एक अन्य नेता मनीष सिसौदिया ने कहा है कि इस फैसले से विधायकों की खरीद फरोख्त बढ़ेगी। संजय सिंह का कहना है कि जब दिल्ली के उपराज्यपाल पहले ही भाजपा से सरकार बनाने के लिए पूछ चुके थे और उन्होंने मना कर दिया था, तब फिर कैसे उपराज्यपाल भाजपा को न्यौता भेज सकते हैं। उनका कहना है कि पहले भाजपा यह बताए कि वह आखिर सदन में बहुमत कैसे सिद्ध करेगी। दूसरी और कांग्रेस ने भी भाजपा की निंदा करते हुए उसपर जोड़तोड़ की राजनीति करने का आरोप लगाया है।।


भूस्खलन से वैष्णो देवी यात्रा रुकी, दस हजार श्रद्धालु फंसे
05 September 2014
कटड़ा। बारिश और भूस्खलन के चलते बृहस्पतिवार शाम माता वैष्णो देवी की यात्रा रोक दी गई। यात्रा के दोनों मार्गो पर भूस्खलन से भवन में करीब दस हजार यात्री फंस गए हैं। इसके अलवा कटड़ा से निकले हजारों श्रद्धालुओं को भी अ‌र्द्धकुंवारी में रोक लिया गया है। यात्रा मार्ग को खोलने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। वहीं पहाड़ी से पत्थर गिरने से तीन श्रद्धालु भी घायल हो गए हैं।
तीन दिन से जारी बारिश के कारण बृहस्पतिवार शाम करीब चार बजे नए मार्ग पर हिमकोटि, देवी द्वार, पंक्षी मार्ग तथा माता का बाग में भूस्खलन से मार्ग को यात्रा के लिए बंद कर दिया गया। वहीं खराब मौसम को देखते हुए कटड़ा से भी यात्रा पंजीकरण रोककर यात्रा बंद कर दी गई, जबकि चार बजे से पहले रवाना हो चुके 13500 यात्रियों की पुराने मार्ग से आवाजाही जारी रही। इस बीच, रात करीब आठ बजे पुराने मार्ग पर सांझी छत्त के पास पंछी व्यू प्वांइट के पास भारी भूस्खलन से यह मार्ग भी बंद हो गया। इसके साथ ही पूरे यात्रा मार्ग पर बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई। आनन-फानन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें भवन पर ही रोक लिया, जबकि रास्ते में फंसे श्रद्धानुओं को अ‌र्द्धकुंवारी ठहराया गया। इस बीच, श्राइन बोर्ड के कर्मी व आपदा प्रबंधन दल के सदस्य यात्रा मार्ग से मलबा हटाने में जुट गए। वहीं सीआरपीएफ व पुलिस के जवान भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा में जगह-जगह मुस्तैद कर दिए गए। रात करीब एक बजे यात्रा मार्ग पर बिजली तो बहाल हो गई, लेकिन भारी बारिश से पहाड़ से लगातार भूस्खलन से रास्ता साफ करने में काफी परेशानी पेश आ रही थी। वहीं यात्रा स्थगित होने से कटड़ा में भी करीब 20 से 25 हजार श्रद्धालु रुके हुए हैं।
इससे पूर्व बुधवार देर रात वैष्णो देवी के पुराने मार्ग पर अ‌र्द्धकुंवारी के साथ लगते लंबी कैरी क्षेत्र में पत्थर गिरने से तीन श्रद्धालु घायल हो गए। घायल श्रद्धालुओं की पहचान कल्याण सिंह (51) पुत्र पदमसिंह रावत निवासी शिवपुरी ग्वालियर मध्यप्रदेश, राज कुमारी तिवारी (50) पत्नी प्रकाश तिवारी निवासी कृष्ण नगर मध्यप्रदेश और आशा रानी मिश्रा (38) पत्नी राम मिश्रा निवासी बंदायू उत्तरप्रदेश के रूप में हुई है। घायलों को इलाज के लिए कटड़ा अस्पताल पहुंचाया गया। जहां बृहस्पतिवार दोपहर बाद उन्हें छुंट्टी दे दी गई।

इमरजेंसी कंट्रोल रूम नंबर

श्रीनगर
0194-2452092, 2455883,
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अवंतीपुरा
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शोपियां
01933-261891
बारामुला
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01954-234410 (फैक्स)
सौपोर
01954-222312
बांदीपोरा
01957-225278
बडगाम
01951-255207,
255750
गंदरबल
0194-2416478
हंदवाडा
01955-262295
कुलगाम
01955-262295
कुपवाड़ा
01955-252451
कारगिल
01985-232275
लेह
01982-258880


लखनऊ में होने वाली जवाद की रैली पर रोक
05 September 2014
लखनऊ। कैबिनेट मंत्री आजम खां के धुर विरोधी माने जाने वाले शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद की लखनऊ में होने वाली रैली पर रोक लगा दी गई है। रविवार को होने वाली इस रैली को लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर ने अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। इस आयोजन के रोक पर मौलाना कल्बे जवाद आज अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
जिला प्रशासन ने कल देर शाम को एक आदेश जारी कर रैली को अनुमति नहीं देने का फैसला किया। वहीं कल्बे जवाद ने जिला प्रशासन के इस फैसले पर आज प्रतिक्रिया देने की बात कही है। उनका कहना है कि बैठक के बाद फैसला होगा कि रैली होगी या नहीं। अपर नगर मजिस्ट्रेट एसपी शाही ने बताया कानून-व्यवस्था को देखते हुए कल्बे जवाद की रैली को अनुमति नहीं देने का निर्णय किया गया है।
शिया धर्म गुरू मौलाना कल्बे जवाद ने प्रदेश में लगातार बढ़ रही दहशतगर्दी के विरोध में छह सितंबर को बड़े इमामबाड़े में एक रैली का आयोजन किया था। इसमें कई अन्य धर्मगुरुओं को भी आमंत्रित किया गया था। जब से इस रैली के आयोजन की घोषणा की गयी थी तब से ही प्रशासन में इसको अनुमति देने और नहीं देने पर विचार-विमर्श चल रहा था। वहीं रैली के समर्थकों का कहना है कि प्रशासन ने यह फैसला सपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री के दबाव में लिया है।


आज स्कूलों में मोदी सर की 'एक्स्ट्रा क्लास'
05 September 2014
नई दिल्ली। देशभर के स्कूलों में शुक्रवार को 'एक्स्ट्रा क्लास' होगी। इस अनूठी कक्षा में देशभर के विद्यार्थी अपने-अपने स्कूलों में, एक ही वक्त पर, एक ही शिक्षक से, एक साथ पढ़ेंगे और उनके माता-पिता घर बैठकर अपने नौनिहालों की इस 'एक्स्ट्रा क्लास' को लाइव देखेंगे। इस कक्षा में विद्यालय के गुरुजी नहीं बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छात्र-छात्राओं से रूबरू होंगे।
शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री राजधानी दिल्ली के मानेकशॉ ऑडिटोरियम में 1,000 स्कूली बच्चों से बातचीत करेंगे और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देशभर से बच्चों से सवाल-जवाब करेंगे। इस विशेष कार्यक्रम का देशभर में स्कूलों में टेलीविजन, रेडियो और इंटरनेट पर प्रसारण किया जाएगा। यह प्रसारण अपराह्न तीन बजे से शाम पौने पांच बजे तक होगा।
देशभर में अलग-अलग राज्यों ने पीएम के भाषण को स्कूलों में दिखाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। जिन स्कूलों में बिजली उपलब्ध नहीं है वहां जनरेटर की व्यवस्था की गई है। जिन स्कूलों के पास टीवी नहीं है, उन्होंने किराए पर लिए हैं। इसके अलावा दूर दराज के क्षेत्रों में जहां स्कूलों में टीवी की सुविधा नहीं है, वहां रेडियो पर इसका प्रसारण किया जाएगा। जिनके पास इंटरनेट की सुविधा है, वह पीएम और विद्यार्थियों की इस बातचीत को यू ट्यूब पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के चैनल तथा प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर देख सकेंगे। शिक्षक दिवस पर पहली बार हो रहे इस तरह के आयोजन को लेकर स्कूलों में भी उत्साह दिखने लगा है। कुछ स्कूलों ने तो विद्यार्थियों को इस भाषण के आधार पर भी आकलन करने का मन बना लिया है। उन्हें प्रधानमंत्री के भाषण के मुख्य अंश नोट करने को कहा गया है जिसके आधार पर उनकी समीक्षा होगी। अपने राजनीतिक भाषणों के लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले मोदी के इस भाषण को लेकर काफी उत्सुकता है। ध्यान रहे कि सीबीएसई के स्कूलों की संख्या ही 15 हजार से ज्यादा है। उन स्कूलों में मोदी के भाषण को आवश्यक कर दिया गया है। मोदी पोर्ट ब्लेयर, इंफाल, दंतेवाड़ा, सिलचर जैसे दूर दराज के क्षेत्रों के कुछ बच्चों से भी बात करेंगे।


पाक पीएम की 'मैंगो डिप्लोमेसी', मोदी को भेजे चौसा और सिंधरी आम
05 September 2014
नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दोनों देशों के बीच चल रही कड़वाहट को दूर करने के लिए अब मैंगो डिप्लोमेसी का सहारा लिया है। इसके तहत पाक पीएम ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चौसा और सिंधरी आम भेज कर दोनों देशों के बीच दोस्ती कायम रख बातचीत जारी रखने का संदेश भेजा है।
एक अग्रेंजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक उन्होंने यह आम एक राजनयिक के हाथों भिजवाएं थे। जिन्हें प्रधानमंत्री तक पहुंचा दिया गया है। नवाज शरीफ की इस मैंगो डिप्लोमेसी को मोदी और पाक पीएम की इस माह होने वाली अमेरिकी यात्रा से जोड़कर देखा जा रहा है। यहां पर इन दोनों नेताओं की मुलाकात का फिलहाल कोई प्रोग्राम नहीं है। सीमा पर हो रही पाक सेना की गोलीबारी से दोनों देशों के बीच खराब हुए रिश्तों के बाद इसको संबंध सुधारने की कवायद के तौर पर भी जोड़कर देखा जा रहा है।


कांग्रेस में बगावत से निपट लेंगे
05 September 2014
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में करारी पराजय से उबरने में लगी कांग्रेस में बगावत की आंच पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंच गई है। अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे पर गए राहुल ने पार्टी में मतभेद होने की बात स्वीकार करते हुए इसे सुलझा लेने की बात कही है। राहुल ने कहा कि पार्टी में 'इस तरह के तनाव होते रहते हैं, हम इससे निपट लेंगे।'
राहुल गांधी के इस बयान को हार के बोझ को पार्टी उपाध्यक्ष के कंधे से उतारने के प्रयास में वरिष्ठ नेताओं को निशाने पर लेने वाले कांग्रेस के युवा तुर्क नेताओं की हमदर्दी वाला माना जा रहा है। गुरुवार को पार्टी सचिव नसीब सिंह, शकील अहमद, प्रकाश जोशी और हरीश चौधरी ने इस संबंध में एक ज्ञापन संगठन महासचिव जर्नादन द्विवेदी को सौंपा। सूत्रों के मुताबिक पार्टी में बगावत की चिंगारी को शांत करने के लिए आलाकमान की पहल पर यह कदम उठाया गया है। ज्ञापन देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष से समय मांग रहे इन नेताओं को कहा गया कि वे अपनी बात संगठन महासचिव से कहें। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को कांग्रेस सीईसी की बैठक के बाद नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए अमेरिका जाने की तैयारी कर रही कांग्रेस अध्यक्ष इस मामले को बढ़ने नही देना चाहती हैं। हालांकि, पार्टी में राहुल को और अधिक जिम्मेदारी देने का मन बना चुकी कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल को लेकर हुई सार्वजनिक बयानबाजी से असहज हैं। संकेत यह भी हैं कि इस बार उनकी अनुपस्थिति में कांग्रेस पार्टी को संभालने के लिए किसी को नामित नहीं किया जाएगा।
इससे पहले 'टीम राहुल' के सोलह में से चौदह सचिवों के हस्ताक्षरों वाले दो पैरा के इस ज्ञापन में कहा गया है कि लोकसभा चुनावों में हुई हार के कारणों की छानबीन के लिए गठित एंटनी कमेटी के सामने अपनी बात रखने के बाद नेताओं को सार्वजानिक बयानबाजी नही करनी चाहिए। पत्र में विभिन्न राज्यों का प्रभार देख रहे महासचिवों पर भी सवाल उठाया गया है। राहुल की पहल पर पार्टी सचिव बनाए गए प्रकाश जोशी ने कहा कि 'सार्वजनिक बयानबाजी कर रहे नेताओं को यह देखना चाहिए के उन्होंने पार्टी की तरफ से दी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन कैसे किया है।' जोशी ने राहुल गांधी के निर्णयों को सही ठहराते हुए कहा कि 'पार्टी उपाध्यक्ष अगर कोई कड़ा निर्णय लेंगे तो वे सब उनके साथ हैं।'


मुलाकातों से मुसीबत में घिरे रंजीत सिन्हा
04 September 2014
नई दिल्ली। 2जी और कोयला घोटाले के आरोपियों समेत आयकर विभाग की जांच झेल रहे लोगों से लगातार मुलाकात को लेकर सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा मुश्किल में फंस गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रशांत भूषण ने बुधवार को रंजीत सिन्हा के आवास पर इन मुलाकातियों के सबूत वाले रजिस्टर की कापी सीबीआइ को सौंप दी है। हालत यह है कि न तो रंजीत सिन्हा आरोपियों के साथ मुलाकात को सिरे से नकार पा रहे हैं और न ही रजिस्टर को आधिकारिक रूप से फर्जी करार दे रहे हैं। दूसरी तरफ, सीबीआइ के प्रवक्ता कंचन प्रसाद का कहना है कि जांच एजेंसी को कथित डायरी मिल गई है और इसकी जांच की जा रही है।
वैसे तो 2जी घोटाले की जांच को पटरी से उतारने के आरोप रंजीत सिन्हा पर लंबे समय से लगते रहे हैं। अब प्रशांत भूषण ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में आरोपियों के साथ रंजीत सिन्हा की मुलाकात के सबूत के तौर पर उनके सरकारी आवास में आने वालों का ब्यौरा रखने वाला रजिस्टर पेश कर सनसनी फैला दी। अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप [एडीएजी] के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले 15 महीने में रंजीत सिन्हा से 50 से अधिक बार उनके आवास पर मुलाकात की है। 2जी घोटाले के विशेष मुख्य लोक अभियोजक यूयू ललित ने भी जून में सीबीआइ पर एडीएजी के आरोपियों को बचाने के लिए अदालती कार्यवाही को प्रभावित करने का आरोप लगाया था। बाद में यूयू ललित सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बन गए।
एडीएजी अधिकारियों के साथ-साथ रंजीत सिन्हा से विवादित मांस निर्यातक मोइन कुरैशी ने भी इन 15 महीने में 90 बार मुलाकात की थी। इसमें कई बार कुरैशी के साथ सीबीआइ के पूर्व निदेशक एपी सिंह भी मौजूद थे। ध्यान देने की बात है कि चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने मोइन कुरैशी की बातचीत के टेप और उनमें करोड़ों रुपये के हवाला लेन-देन का मुद्दा उठाया था और उसके साथ संबंधों को लेकर 10 जनपथ पर हमला बोला था। कुरैशी के साथ संबंधों को लेकर एपी सिंह पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। सवाल उठता है कि करोड़ों रुपये के हवाला कारोबार के आरोपी व्यापारी से सीबीआइ निदेशक को लगभग हर हफ्ते और कभी-कभी दिन में दो बार मिलने की क्या जरूरत थी? सीबीआइ के पास इसका कोई जवाब नहीं है। इसके साथ ही मुलाकाती रजिस्टर में कोयला घोटाले के आरोपी और कांग्रेस सांसद विजय दर्डा के साथ-साथ दूसरे मामले में फंसे उद्योगपतियों और उनके प्रतिनिधियों के साथ रंजीत सिन्हा की मुलाकात का जिक्र है। अनौपचारिक रूप से सीबीआइ अधिकारी ऐसे किसी रजिस्टर के अस्तित्व पर ही सवाल उठा रहे हैं। इसके बावजूद सीबीआइ आधिकारिक ब्यान जारी कर रजिस्टर को फर्जी बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।
वहीं, सीबीआइ के कुछ अधिकारी आरोपियों और विवादित व्यापारी से मुलाकात की पुष्टि भी कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि इससे यह साबित नहीं होता कि मुलाकात के बाद उन्हें गलत तरीके से केस में फायदा पहुंचाया गया है। बुधवार को प्रशांत भूषण की ओर से रजिस्टर की कापी मिलने के बाद सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी और कानूनविदों की टीम सुप्रीम कोर्ट में इससे निपटने की रणनीति बनाने में जुटे रहे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम इसका जवाब गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में ही देंगे।


बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी बनेगा महागठबंधन
04 September 2014
नई दिल्ली। विधानसभा उपचुनावों में मोदी के विजय रथ को थामने में अब तक कामयाब रही कांग्रेस इस सफलता को विधानसभा चुनावों में भी आजमाना चाहती है। बिहार उपचुनावों में मिली बढ़त से उत्साहित कांग्रेस महा गठबंधन के प्रयोग को झारखंड में भी दोहराना चाह रही है। कांग्रेस को इस मामले में सफलता मिलती दिख रही है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कांग्रेस आला नेताओं से मुलाकात के बाद गठबंधन को लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। हालांकि, राजद नेता लालू प्रसाद यादव के अस्पताल में होने और सीटों के बंटवारे को लेकर पार्टियों की रस्साकशी के बीच महागठबंधन की राह आसान नही है। कांग्रेस गठबंधन को लेकर ना-नुकुर कर रहे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह समझाने में कामयाब हो गई है कि भाजपा को रोकने के लिए गठबंधन समय की मांग है। अभी तक साथ चुनाव लड़ने को लेकर पैंतरेबाजी कर रहे झामुमो ने गठबंधन को लेकर अब सकारात्मक संकेत दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने राज्य में गठबंधन की अगुवाई के लिए झामुमो की मांग को स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस ने इसे भी मान लिया है कि विधानसभा चुनाव सोरेन के कामकाज को आधार बनाकर ही लड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में सोरेन ही हूटिंग को राज्य की अस्मिता से जोड़ कर चुनाव अभियान चलाया जाएगा। हालांकि, राज्य में मुख्यमंत्री के पद को लेकर बात नही बन पाई है कांग्रेस ने कहा है कि इसके लिए चुनाव बाद चर्चा की जाएगी। चुनावों को लेकर सोरेन की सहमति के बावजूद झारखंड में कांग्रेस के लिए चुनौती बड़ी है। सीटों के बटवारे में बनी बात बिगड़ न जाए इसको लेकर पार्टी सजग है। 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में गठबंधन में आने वाले बाकी दल भी सीटों को लेकर रार ठाने हुए हैं।
राज्य विधानसभा में राजनीतिक दलों की मौजूदा स्थिति के मुताबिक झामुमो के पास 18, कांग्रेस के पास 14, बाबूलाल मरांडी के झाविमो पास 11 सीटें जबकि राजद के पास पांच और जदयू के पास चार सीटें हैं। कांग्रेस के पास 11 सीटों वाले बाबूलाल मरांडी के रूप में दूसरा विकल्प भी मौजूद है, लेकिन राजनीतिक रूप से काफी कमजोर हो चुके मरांडी की मांग उनकी स्थिति के अनुरूप नही है। ऐसे में कांग्रेस ने अपना ध्यान झारखंड मुक्ति मोर्चा पर लगा रखा है, लेकिन राजद सुप्रीमो के अस्पताल में होने के कारण सीटों के बटवारे को लेकर बात आगे नहीं बढ़ पा रही है।।


बंगाल में भाजपा की नजर अल्पसंख्यकों पर
04 September 2014
कोलकाता। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से सीधे मुकाबले के लिए भाजपा ने अब अल्पसंख्यकों को रिझाने की मुहिम शुरू कर दी है। पार्टी ने स्वपन दास गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार एवं पार्टी प्रवक्ता एमजे अकबर एवं सिद्धार्थनाथ सिंह आदि को इस मुहिम को परवान चढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है। पिछले दिनों यहां आयोजित बुद्धजीवियों की सभा में स्वपन दास गुप्ता, सिद्धार्थ नाथ सिंह व एमजे अकबर का भाग लेना उनके इसी प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है। दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कोलकाता दौरा से पहले केंद्रीय नेताओं ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हवा का रुख अपने पक्ष में करने का प्रयास किया है।
बुद्धिजीवियों की सभा में स्वपन दास गुप्ता के इस कथन का काफी महत्व है कि कि बंगाल में किसी भी पार्टी को सत्ता में आने के लिए अल्पसंख्यकों का समर्थन जरूरी है। राज्य में लगभग 30 प्रतिशत अल्पसंख्यकों का वोट निर्णायक है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि वोट के लिए कट्टरपंथियों के समक्ष सरकार आत्मसमर्पण कर दे। ममता बनर्जी सरकार ने वोट के लिए कट्टरपंथियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
वरिष्ठ पत्रकार व भाजपा प्रवक्ता एमजे अकबर ने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जहां एक साथ मस्जिदों में आजान होती है, मंदिर में घंटियां बजती है और गिरजा घरों में प्रार्थना होती है। दुनिया में इससे बड़ा सेकुलरिज्म का उदाहरण नहीं मिलेगा। अकबर ने कहा कि उन्हें भारत के सेकुलरिज्म पर गर्व है।
गौरतलब है कि भाजपा नेता मुसलिम तुष्टिकरण के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोल रहे हैं, लेकिन सीधे अल्पसंख्यकों को किसी तरह का आघात पहुंचाने से वे बच रहे हैं। साथ ही अल्पसंख्यकों को पार्टी से जोड़ने पर भी भाजपा ने उदारता दिखाई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा है कि विभिन्न जिलों से डेढ़ लाख अल्पसंख्यक भाजपा में शामिल हुए हैं। सिन्हा ने पार्टी के साथ अल्पसंख्यकों के जुड़ने की स्थिति पर केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट दी है। पश्चिम बंगाल में राजनीतिक फतह के लिए अल्पसंख्यकों का समर्थन जरूरी है। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व भी इस बात को स्वीकार कर रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व पश्चिम बंगाल के पार्टी प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। लेकिन, राज्य के अल्पसंख्यकों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास भाजपा करेगी। राज्य के अल्पसंख्यकों को अब तक वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया है। भाजपा अल्पसंख्यकों के सर्वागीण विकास के बारे में सोच रही है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अगले शनिवार को कोलकाता दौरा पर आएंगे। वह भाजपा राज्य कमेटी की बैठक में भाग लेंगे और चौरंगी में पार्टी उम्मीदवार रितेश तिवारी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित भी करेंगे। शाह की नजर अगले 13 सितंबर को राज्य की दो सीटों पर होनेवाले विधानसभा उप चुनाव पर है। उन्होंने विधानसभा उप चुनाव में ही खाता खोलने के लिए पूरी तैयारी करने का निर्देश प्रदेश भाजपा को दिया है। साथ ही अगले साल होनेवाले कोलकाता नगरनिगम सहित कुछ स्थानीय निकायों के चुनाव में भी वह पार्टी का बेहतर प्रदर्शन देखना चाहते हैं।


जापान से बड़ा होगा मोदी का अमेरिका शो, तैयारियों में जुटा ओबामा प्रशासन
04 September 2014
वाशिंगटन। जापान में अपनी कूटनीतिक सोच का लोहा मनवा चुके नरेंद्र मोदी का 'अमेरिका शो' इससे भी भव्य होगा। राष्ट्रपति बराक ओबामा का प्रशासन मोदी की भव्य अगवानी की तैयारियों में जुट गया है। सितंबर के आखिरी सप्ताह से शुरू होने जा रही मोदी की यात्रा के दौरान रक्षा, ऊर्जा और आंतरिक सुरक्षा के मामले में दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक समझौते होने की उम्मीद है। जापान की तरह ही अमेरिकी कंपनियों की तरफ से भारत में अरबों डॉलर के नए निवेश की घोषणा भी यात्रा के दौरान की जाएगी।
अमेरिकी प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से वर्ष 2001 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की यात्रा ने भारत व अमेरिका के रिश्तों में गर्मजोशी भर दी थी, मोदी की यात्रा का कुछ वैसा ही असर होगा। सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से कारोबार एवं निवेश के अनुकूल माहौल बनाने का काम शुरू किया है। उससे अमेरिका का उद्योग समुदाय काफी उत्साहित है। गुजरात में निवेश करने वाली अमेरिकी कंपनियों ने भी ओबामा प्रशासन को काफी सकारात्मक रिपोर्ट भेजी है। इस वजह से अमेरिका में मोदी की छवि कारोबार को बढ़ावा देने वाले एक नेता के तौर पर बनी है। अचंभा नहीं होना चाहिए अगर भारत में अमेरिकी कंपनियों की तरफ से निवेश का नया सिलसिला शुरू हो।
जानकारों के मुताबिक मोदी और ओबामा द्विपक्षीय कारोबार की नई इबारत लिखने की कोशिश करेंगे। अभी दोनों देशों के बीच 100 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार होता है, लेकिन अमेरिकी सरकार मानती है कि यह 500 अरब डॉलर का होना चाहिए। इस बात की संभावना है कि राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी के बीच द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डॉलर करने की नींव रखी जाए। द्विपक्षीय कारोबार में रक्षा मामलों की अहम भूमिका होगी। मोदी सरकार की तरफ से रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने के फैसले को लेकर अमेरिका का एक बड़ा लॉबी बहुत ही उत्साहित है।
जानकारों के मुताबिक मोदी की संभावित यात्रा को देखते हुए ही अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) में कृषि सब्सिडी पर भारत के बेहद कठोर फैसले को फिलहाल तवज्जो नहीं दे रहा है। जबकि अमेरिकी प्रशासन के लोग मानते हैं कि भारत व अमेरिका के बीच रिश्ते में कृषि सब्सिडी पर भारत का रवैया काफी चिंता की बात है। मोदी की यात्रा के बाद अमेरिका इस मुद्दे पर भारत के साथ द्विपक्षीय स्तर पर बातचीत शुरू करने की मंशा रखता है।



भारत पहुंचे आस्ट्रेलियाई पीएम टोनी एबॉट, परमाणु करार की उम्मीद
04 September 2014
मुंबई। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट दो दिवसीय भारत यात्रा पर गुरुवार सुबह यहां पहुंचे। उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देश अपने रणनीतिक संबंधों को गहरा करने तथा द्विपक्षीय व्यापार एवं वाणिज्य को मजबूती देने के उपायों पर विचार करेंगे। ऐसे भी संकेत हैं कि एबॉट की इस यात्रा के दौरान दोनो देशों के बीच परमाणु करार हो सकता है। प्रधानमंत्री एबॉट गुरुवार सुबह विमान से भारत की वित्तीय राजधानी पहुंचे।
आज का दिन वह मुंबई में बिताएंगे और इस दौरान वह प्रमुख उद्योगपतियों और कुछ चुनिंदा भारतीय मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। एबॉट आज ऑस्ट्रेलिया सरकार की भारत में न्यू कोलंबो प्लान के लॉन्च के लिए आयोजित समारोह में भी शामिल होंगे। इसके अलावा वह भारतीय क्रिकेट क्लब में ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ खिलाड़ी एडम गिलक्रिस्ट और ब्रेट ली द्वारा युवा क्रिकेटरों को सम्मानित किए जाने वाले समारोह में भी शिरकत करेंगे। इस समारोह मे एबॉट के साथ-साथ महान भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर भी शामिल होंगे।


जस्टिस पी. सतशिवम होंगे केरल के राज्यपाल
04 September 2014
नई दिल्ली। तमाम विरोधों के बावजूद केंद्र सरकार ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पी. सतशिवम को केरल का नया राज्यपाल नियुक्त कर दिया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शीला दीक्षित का इस्तीफा स्वीकार करते हुए पी. सतशिवम की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। वैसे पूर्व मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस में अंतर्विरोध नजर आ रहा है। पूर्व सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने नियुक्ति को सही ठहराया, तो वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने इसे उनकी निजी राय करार दिया।
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जस्टिस सतशिवम को केरल का राज्यपाल बनाने का फैसला दो दिन पहले ही हो गया था। लेकिन, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के जम्मू-कश्मीर दौरे के कारण फाइल राष्ट्रपति भवन नहीं भेजी गई थी। उनके वापस आते ही बुधवार को फाइल राष्ट्रपति भवन भेज दी गई। शाम तक राष्ट्रपति ने इस पर अपनी मुहर लगा दी। पिछले हफ्ते शीला दीक्षित के इस्तीफा देने के कारण केरल में राज्यपाल का पद खाली हो गया था।
वैसे पहली बार भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के राज्यपाल बनाने से कानूनी व राजनीतिक गलियारों में नई बहस शुरू हो गई थी। इसके पक्ष और विपक्ष में लोगों के अपने-अपने तर्क हैं। इसका असर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में भी देखने को मिला। मंगलवार को कांग्रेस ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश को राज्यपाल बनाने का विरोध किया था।

मनीष तिवारी ने नियुक्ति को सही बताया

संप्रग सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री रहे मनीष तिवारी ने मोदी सरकार के सतशिवम को केरल का राज्यपाल बनाने को सही बताया है। उन्होंने इस बाबत पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंगनाथ मिश्र को ओडिशा से राज्यसभा लाए जाने का तर्क भी पेश किया। वहीं, कांगेस ने मनीष के बयान को न सिर्फ उनकी निजी राय बताया, बल्कि स्पष्टीकरण भी मांग लिया है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की ओर से नियुक्त प्रवक्ताओं में नाम न होने के बावजूद मनीष का सुबह-सुबह कुछ चैनलों को बाइट देना कम्युनिकेशन विभाग को अखर रहा था। वैसे भी मनीष का कम्युनिकेशन प्रमुख अजय माकन से छत्तीस का आंकड़ा है। सूत्रों के मुताबिक उनकी टीवी पैनलिस्ट पैनल से भी छुट्टी हो सकती है।

अब मैं रिटायरमेंट के बाद अपने समय और अनुभव का उपयोग राज्य की जनता की भलाई के लिए किसी दूसरे राजनेता की तुलना में बेहतर तरीके से कर सकूंगा।

-पी. सतशिवम

सतशिवम के बारे में यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने किसी को कोई लाभ पहुंचाया, जिसके चलते उन्हें राज्यपाल बनाया जा रहा है।

-राम जेठमलानी, पूर्व कानून मंत्री

इससे एक गलत परंपरा शुरू होगी और पूर्व चीफ जस्टिस के फैसलों पर सवाल किए जाएंगे। यह न्यायपालिका की स्वतंत्रा के साथ समझौता है।

-आशुतोष, आम आदमी पार्टी

किसी महत्वपूर्ण पद के लिए यदि सरकार की ओर से नियुक्ति की जाती है, तो सेवानिवृत जजों को इससे दूर रखा जाना चाहिए।

-शांति भूषण, पूर्व कानून मंत्री


15 साल की पत्नी से शारीरिक संबंध दुष्कर्म नहीं: हाईकोर्ट
04 September 2014
नई दिल्ली। प्यार अंधा होता है। नाबालिग से शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म माना जाता है, लेकिन कोई नाबालिग किसी से विवाह कर लेती है और वह विवाह बंधन को बनाए रखना चाहती है और वह विवाह बंधन को बनाए रखना चाहती है तो ऐसी लड़की से उसके पति द्वारा बनाए गए शारीरिक संबंधों को दुष्कर्म की संज्ञा नहीं दी जा सकती।
यह टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग व न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की खंडपीठ ने 15 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म के मामले में बुधवार को अहम फैसला सुनाया। खंडपीठ ने आरोपी को राहत प्रदान करते हुए निचली अदालत से बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज कर दी।
खंडपीठ ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुमित वर्मा द्वारा दी गई उस दलील को भी सही ठहराया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अनुभाग 2 के तहत यह स्पष्ट किया गया है कि 15 साल से अधिक उम्र की पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता। जिस समय यह घटना हुई थी उस समय लड़की की उम्र 15 साल चार महीने थी। ऐसे में आरोपी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। मामले के मुताबिक, एक महिला ने वसंत कुंज थाने में पांच मार्च, 2013 को नाबालिग बेटी के अपहरण का मामला दर्ज कराया था। उसका कहना था कि उसकी बेटी घर से 26 फरवरी को सामान लेने के लिए बाजार गई थी, लेकिन लौटी नहीं।
पुलिस ने छह मार्च को लड़की को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बरामद कर आरोपी सुमन दास को गिरफ्तार किया था। नाबालिग ने पुलिस के समक्ष बताया था कि वह दास के साथ कोलकाता के चंडीपुर क्षेत्र में गई थी। वहां दोनों ने शादी कर ली। उन्होंने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए। पुलिस ने दास पर दुष्कर्म का मामला भी दर्ज किया था।


सुरेंद्र कोली का डेथ वारंट जारी, 12 को मेरठ जेल में होगी फांसी!
04 September 2014
गाजियाबाद। निठारी कांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली (42) के खिलाफ सीबीआइ कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया। कोर्ट ने 12 सितंबर को फांसी की तिथि मुकर्रर की है, लेकिन इस पर अंतिम मोहर यूपी सरकार को लगानी है। फांसी मेरठ जिला कारागार में दिया जाना प्रस्तावित है। यह डेथ वारंट सीबीआइ के एडिशनल सेशन जज अतुल कुमार गुप्ता ने जारी किया। 14 वर्षीय ¨रपा हलदर हत्या मामले में कोली को फांसी होगी। इसके अलावा निठारी कंकाल कांड के चार अन्य मामलों में कोली को अदालत से फांसी की सजा सुनाई है। उसका डेथ वारंट उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दिया गया है। अब उत्तर प्रदेश सरकार इसकी तैयारी के लिए जेल प्रशासन को सूचना भेजेगी, जिसके बाद इसकी दोषी को फांसी देने की तैयारी की जाएगी। समय पर तैयारी पूरी न होने पर फांसी की तिथि आगे भी बढ़ सकती है।
इससे पहले कोली ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से दया याचिका की गुहार लगाई थी, लेकिन 27 जुलाई को राष्ट्रपति ने कोली की दया याचिका को खारिज कर दिया था। सीबीआइ ने निठारी कंकाल कांड में कोली के खिलाफ 16 मामलों में चार्जशीट दाखिल की है। ¨रपा हलदर मामले में पहले स्थानीय अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद इलाहाबाद हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को जारी रखा।
15 फरवरी 2011 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोली ने दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी थी। दिसंबर 2006 में निठारी कंकाल कांड का खुलासा हुआ था। नोएडा के सेक्टर-31 स्थित डी-5 कोटी में मोनिंदर सिंह पंधेर के घर के पीछे नरकंकाल बरामद हुए थे। कोली पंधेर का नौकर था। इस कांड में पंधेर के खिलाफ भी छह मुकदमें दर्ज हैं और फिलहाल वह जेल में है।

पंधेर की रिहाई में अभी और लगेगा वक्त

निठारी कांड के मुख्य आरोपी मोनिंदर सिंह पंधेर को जेल से रिहा होने के लिए अभी इंतजार करना होगा। कागजी कार्रवाई पूरे नहीं होने के कारण पंधेर को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी जेल में रहना पड़ रहा है। बताया जाता है कि कोर्ट जमानतियों के सत्यापन के कागजों को बारीकी से देख रही है। बुधवार को पंधेर के जमानतियों का सत्यापन करने वाले दादरी के तहसीलदार को तलब किया गया।
पंधेर के पांच जमानती दादरी के हैं। जिनका सत्यापन दादरी के तहसीलदार कर रहे हैं। बुधवार को भी सीबीआइ कोर्ट की तरफ से जेल प्रशासन को परवाना नहीं भेजा गया। अभी कुछ और दिन लगने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार को भी दिनभर सीबीआइ कोर्ट में पंधेर के वकील, परिजन व जमानती जमे रहे। निठारी कांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंधेर साढ़े सात साल से डासना जेल में बंद है। उसके खिलाफ निठारी कांड के पांच मुकदमे दर्ज हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले महीने सभी मामलों में जमानत दे दी थी। इसके बाद सीबीआइ कोर्ट में पांच मामलों के लिए दस जमानतियों के नाम पंधेर के वकील ने दिए थे। इनमें से सभी जमानती नोएडा व गाजियाबाद के थे। कागजातों में कमी होने के कारण पंधेर की रिहाई टलती जा रही है। बताया जाता है कि जमानतियों के सत्यापन में जो जरूरी कागजात दिए गए हैं, उन्हें गहनता के साथ कोर्ट देख रहा है। वहीं जेल से रिहाई में देरी होने से उनके परिजन बेचैन हैं और जल्द ही रिहाई के प्रयास में लगे हैं।


केजरीवाल मेरे बॉस नहीं: कुमार विश्वास
04 September 2014
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी [आप] के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास का कहना है कि अरविंद केजरीवाल उनके बॉस नहीं हैं। उनका कहना है कि वह अपने निजी फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। जिस दिन उन्हें महसूस होगा कि आप में 'बॉस' कल्चर हावी हो रहा है, उस दिन पार्टी छोड़ने वाले वह पहले शख्स होंगे।
विश्वास का कहना है कि आम आदमी पार्टी एक आंदोलन है। पार्टी से जुड़ाव इसलिए है कि लड़ाई आम आदमी के लिए लड़ी जा रही है। वह बिग बॉस में रहें या बाहर, आम आदमी के हक में बात करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कहा कि वह पार्टी से जुड़े हैं। इसके संयोजक अरविंद केजरीवाल हैं, लेकिन वह हमारे बॉस नहीं हैं। अपने निजी फैसलों की जिम्मेदारी हमारी है। पार्टी में बॉस कल्चर नहीं है।
उधर, कलर्स चैनल के रियल्टी शो बिग बॉस का हिस्सा बनने को लेकर पिछले कुछ दिनों से हो रही चर्चा पर विराम लगाते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि शो निर्माता कंपनी के सीइओ को एक चिट्ठी भेजी है। इसमें हमने कहा है कि शो से मिलने वाली सारी राशि वह शहीद विधवा कल्याण कोष में दान देना चाहते हैं। शर्त यही है कि बिग बॉस की तरफ से इसमें इतनी राशि डाल दी जाए कि यह 21 करोड़ रुपये हो जाए। शर्त पूरी होने पर वह बिग बॉस के घर में कैद होने को तैयार हैं। प्रस्ताव पर चैनल के जवाब के बारे में विश्वास ने बताया कि मंगलवार को ही उन्होंने चैनल को प्रस्ताव भेजा है। अभी कलर्स चैनल की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।


राहुल आज जाएंगे अमेठी
04 September 2014
अमेठी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंचेंगे।
राहुल सुबह 10 बजे लखनऊ हवाई अड्डे पर उतरेंगे। वहां से इन्हौना के रास्ते तिलोई विधानसभा के उन गांवों का रुख करेंगे, जहां लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सर्वाधिक मत मिले थे। इसके बाद अमेठी तहसील के रामदैयपुर गांव पहुंचेगे। वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजनों से मिलकर वापस संजय गांधी अस्पताल मुंशीगंज के गेस्ट हाउस आएंगे।
दूसरे दिन गेस्टहाउस में लोगों से मुलाकात करेंगे। दोपहर बाद मुसाफिरखाना के एएच इंटर कालेज में शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद दिल्ली लौट जाएंगे।


दिल्ली में भाजपा विधायक पर जानलेवा हमला, बाल-बाल बचे
03 September 2014
नई दिल्ली। दिल्ली के शाहदरा इलाके से भाजपा विधायक जितेंद्र सिंह [शंटी] पर आज सुबह तड़के उनसे मिलने आए एक युवक ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में विधायक बाल-बाल बच गए। सीसीटीवी कैमरे में हमलावर की तस्वीर कैद हो गई है। विधायक खुशकिस्मत रहे कि उन्हें एक भी गोली नहीं लगी।
विधायक जितेन्द्र सिंह शंटी के बेटे के मुताबिक, एक लड़का सुबह 5.30 बजे घर आया और बाहर की घंटी बार-बार बजा रहा था तो विधायक जी दरवाजा खोले। उसने कुछ पेपर अटेस्ट करवाने की बात करते हुए फायरिंग शुरू कर दी।
हमलावर ने हेलमेट पहन रखा था। फायरिंग से विधायक के घर के शीशे टूट गए। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। हमलावर को पकड़ने की कोशिश की जा रही है।


यूपी में होना चाहिए लालू-नीतीश का अनुसरण: पीएल पुनिया
03 September 2014
बरेली। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने बिहार में लालू-नीतीश के मिलन को सराहनीय करार दिया। कहा कि बिहार के तजुर्बे को यूपी में भी लागू होना चाहिए। उन्होंने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और बसपा अध्यक्ष सुश्री मायावती का नाम तो नहीं लिया लेकिन सेकुलर ताकतों के एक होने की वकालत की। वह सर्किट हाउस में 'जागरण' से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए बिहार से एक रास्ता दिखाया गया, जो मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में कारगर है। सेकुलर ताकतों को अहम छोड़कर एक होना होगा। उन्हें बिहार से सीखने की जरूरत है। बिहार में लालू और नीतिश के मिलन ने राजनीति जगत में एक नया उदाहरण पेश किया है। यही वर्तमान समय की मांग है। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक नेताओं को इससे सबक लेने की जरूरत है। इससे उनकी ताकत बढ़ेगी।
पीएल पुनिया ने केंद्र सरकार के सौ दिन पूरे होने पर कहा कि प्रधानमंत्री ने नया कुछ नहीं किया, यूपीए सरकार के कामों का उद्घाटन करने में लगे हैं। दावा किया कि कांग्रेस ने विकास के इतने काम शुरू कराए थे, नरेंद्र मोदी दो साल तक उनका उद्घाटन करते रहेंगे। महाराष्ट्र और जम्मू में पावर प्लांट हो या आइएनएस विक्रांत, आइएनएस कोलकाता सेना को समर्पित करना, यह सभी काम कांग्रेस के हैं।
एक तरफ प्रधानमंत्री सांप्रदायिक सौहार्द की दुहाई दे रहे हैं, दूसरी तरफ संघ परिवार की तरफ से लगातार सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले बयान दिए जा रहे हैं। अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बुधवार को कमिश्नर और डीआइजी के साथ लंबित प्रकरणों की समीक्षा करेंगे।


'पाक से नहीं होगी कोई बातचीत, न ही सार्क सम्मेलन में मिलेंगे'
03 September 2014
नई दिल्ली। पांच दिन की सफल जापान यात्रा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी आज भारत लौट रहे हैं। एयर इंडिया के विमान से पीएम मोदी भारत के लिए रवाना हो चुके हैं। दोपहर 3 बजे तक वह दिल्ली पहुंच जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा को बहुत सफल बताया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जापान ने पांच साल में 35 अरब डालर की अब तक की सबसे बड़ी राशि की मदद देने का जो वादा किया है उससे भारत में बुनियादी ढांचे में सुधार आयेगा और साफ-सफाई बढ़ेगी। साथ ही जापानी निवेशकों को लुभाने के लिए भी कोई कसर बाकी नहीं रखी। उन्होंने कहा कि भारत आइए और अपनी किस्मत आजमाइए।
अपनी पांच दिन की यात्रा संपन्न होने से एक दिन पहले आधिकारिक कार्यक्रम को समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के प्रति भरोसा दिखाने के लिए जापान का आभार जताया और यह कहकर जापान के साथ मजबूत दोस्ती का इजहार किया, 'ये फेविकोल से भी ज्यादा मजबूत जोड़ है।'

भारतीय समुदाय द्वारा उनके सम्मान में दिए गए भोज में मोदी ने कहा, 'यह यात्रा काफी सफल रही।' उन्होंने कहा कि अब तक लाखों-करोड़ों या अरबों की बात होती थी। लेकिन कभी भी खरबों की बात नहीं हुई। यहां उनका संकेत जापान द्वारा अगले पांच साल में भारत को सार्वजनिक व निजी वित्तपोषण के जरिये 3,500 अरब येन यानी 35 अरब डालर या 2,10,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने के वादे की ओर था।
यह राशि जापान कई कायरें मसलन स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और गंगा नदी की सफाई के लिए उपलब्ध कराएगा। दिन भर कई कार्यक्रमों व बैठकों के बाद अपने आखिरी आधिकारिक कार्यक्रम में मोदी ने कहा, 'यह एक बड़ी उपलब्धि है। मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि जापान ने हम पर भरोसा दिखाया है।'


उमर अब्दुल्ला ने पाक की नीयत पर उठाया सवाल
03 September 2014
आरएसपुरा/बिश्नाह। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गोलाबारी से प्रभावित आरएसपुरा व बिश्नाह इलाकों के सीमांत गांवों के दौरा करने के बाद कहा कि पाकिस्तान की नीयत ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पाक मुल्क के खराब हालात से अपने लोगों का ध्यान बंटाने के लिए गोलीबारी कर वह बेकसूर सीमांत वासियों को निशाना बना रहा है। पाकिस्तान के बिगड़े हालात का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वहां के प्रधानमंत्री अपने घर नहीं जा सकते हैं, उसके बावजूद वह हमारे लोगों पर गोलियां बरसा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सीमांत क्षेत्रों में शांति के लिए बातचीत को जरूरी करार देते हुए कहा है कि गोलाबारी ने सीमा के निकट रहने वाले लोगों के जीवन को दयनीय बना दिया है। हम युद्द नहीं शांति चाहते हैं व यह सिर्फ बातचीत से ही संभव है। पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित परिवारों को तीन माह तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की। इसके साथ उमर ने प्रभावितों को विश्वास दिलाया कि शेलिंग प्रभावित परिवारों को आतंकवाद प्रभावित परिवारों की तर्ज पर एसआरओ-43 के तहत लाभ, सुरक्षित स्थानों पर प्लाट, विशेष भर्ती व भूमि का मुआवजा देने संबंधी मुद्दे पर चार सितंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आरएसपुरा के सई, जोड़ा फार्म में नुकसान का जायजा लेने के साथ लोगों कि समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के जम्मू के सीमांत क्षेत्रों का दौरा न करने को जम्मू में विपक्षी पार्टियां मुद्दा बना रही थी। ऐसे में उमर ने मंगलवार को न सिर्फ प्रभावितों का दुख दर्द जाना अपितु उन्हें कुछ राहत भी दी। आरएसपुरा, बिश्नाह के जोइया, त्रेवा, जबोवाल, चंगियां इलाकों में प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए उमर ने कहा कि सीमा पर शांति दोनों ओर के लोगों के लिए जरूरी है। ऐसे में सीमा पार भी शांति स्थापित करने के लिए गंभीरता दिखाई जानी चाहिए। गोलीबारी से जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की जान व उनकी संपत्ति खतरे में पड़ती है।
उमर ने कहा कि राज्य सरकार ने सीमांत वासियों को राहत व उनके जानमाल की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया है। सरकार के निर्देश पर राज्य प्रशासन उनकी मदद करने के लिए पूरी कार्रवाई कर रही है। उमर ने बताया कि राज्य सरकार ने सीमांत क्षेत्रों के निवासियों की सुरक्षा के लिए बंकर बनाने का मुद्दा केंद्र पहले ही केंद्र सरकार से उठाया है। लंबित पड़ा यह मुद्दा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के प्रस्तावित राज्य दौरे के दौरान उठाया जाएगा। गोलीबारी के मुद्दे पर राजनीति न करने की सलाह देते हुए उमर ने कहा कि सब की कोशिश यह होनी चाहिए कि प्रभावितों को सहायता कैसे देनी है। सीमांत क्षेत्रों के इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय गृहराज्यमंत्री सज्जाद किचलू भी मौजूद थे।



ममता तक पहुंची सारधा की आंच
03 September 2014
कोलकाता। बहुचर्चित करोड़ों रुपये के सारधा चिट फंड घोटाले की आंच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक पहुंचती दिख रही है। मामले की जांच कर रही सीबीआइ के इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइआरसीटीसी) और सारधा समूह के बीच तार जुड़े होने का खुलासा करने के बाद विपक्षी दल माकपा, कांग्रेस और भाजपा ने ममता की घेरेबंदी तेज कर दी है। इससे तृणमूल कांग्रेस में बेचैनी साफ नजर आने लगी है।
इसकी सबसे बड़ी वजह सारधा समूह और आइआरसीटीसी के बीच अनुबंध है। यह तत्कालीन रेलमंत्री ममता बनर्जी के कार्यकाल में ही परवान चढ़ा था। आइआरसीटीसी और सारधा समूह ने वर्ष 2010 में टूरिज्म परियोजना को लेकर एक अनुबंध किया था। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक सारधा टूर्स एवं ट्रवेल्स ने भारत तीर्थ योजना के तहत आधिकारिक रूप से आइआरसीटीसी के लिए दक्षिण भारत पैकेज टूर का आयोजन किया था। भारत तीर्थ योजना की शुरुआत ममता बनर्जी ने 2010-11 में अपने रेल बजट में की थी। इस नए खुलासे से घिरी तृणमूल कांग्रेस ने अब बचाव के लिए केंद्र सरकार पर आक्रामक रुख अपनाने का फैसला किया है। इसकी वानगी मंगलवार को तब देखने को मिली जब पार्टी महामंत्री मुकुल राय ने केंद्र सरकार पर सीबीआइ को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
राय ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि पहले सीबीआइ को कांग्रेस ब्यूरो आफ इंवेस्टीगेशन के रूप में जाना जाता था। अब भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। सीबीआइ ने अपना चरित्र नहीं बदला है। पूर्व रेल मंत्री ने दावा किया कि सीबीआई कोई स्वायत्त संस्था नहीं है जो अपने काम अपने आप करे। सीबीआइ एक राजनीतिक संगठन की तरह काम करती है। विपक्ष के सारधा समूह के स्वामित्व वाले श्रद्धा टूर्स एंड ट्रेवेल्स को आइआरसीटीसी द्वारा अनावश्यक रूप से लाभ पहुंचाने के विपक्ष के आरोपों के बारे में पार्टी का रूख पूछने पर राय ने अनभिज्ञता जताई। कहा, समझौता मेरे जिम्मा संभालने से पहले हुआ था। उन्होंने कहा कि कैग या रेलवे अंकेक्षण जैसे कई ऐसे संगठन हैं जो समझौते पर गौर कर सकते हैं। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा पार्टी सांसद दिनेश त्रिवेदी को रेलमंत्री पद से हटाए जाने के बाद राय ने यह जिम्मेदारी संभाली थी। सारधा कांड में परिवहन मंत्री मदन मित्रा को किसी भी वक्त सीबीआइ पूछताछ के लिए बुला सकती है। जिस तरह से एक के बाद एक तृणमूल नेताओं का नाम इस प्रकरण में जुड़ रहे है, उससे विपक्ष काफी खुश है।
उधर, तृणमूल महामंत्री मुकुल राय पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि सीबीआइ मामले के पीछे छिपे सच को बेनकाब कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मामले की जांच प्रक्रिया चल रही है और कोई केंद्रीय मंत्री इसमें किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआइ जांच कर रही है और ऐसी स्थिति में तृणमूल कांग्रेस को निराधार टिप्पणी नहीं करना चाहिए।


नए कांग्रेसी तय करेंगे कांग्रेस का भविष्य
03 September 2014
इसे हार की हताशा कहे या कुछ और पीढ़ी गत बदलाव के मुहाने पर खड़ी कांग्रेस को अब खाटी कांग्रेसियों पर भरोसा नहीं रहा। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बावजूद पार्टी को उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सोच से भी ज्यादा बदले जाने की प्रक्रिया में 'टीम राहुल' के रूप में पहचाने जाने वाले नेताओं की भूमिका बढ़ने वाली है। इनमें से कई नेता पार्टी में बेहद महत्वपूर्ण पदों पर हैं और उनकी कार्यशैली को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं।
कांग्रेस को बिना कॉडर की पार्टी से कॉडर वाली पार्टी में बदलने में जुटे राहुल गांधी को पुराने नेताओं पर भरोसा नहीं है। पार्टी में बड़े पैमाने पर परिवर्तन करने की पहल कर चुके राहुल ने इस काम के लिए बाहर से कांग्रेस में आए नेताओं पर भरोसा जताया है। राहुल की कांग्रेस के लिए कॉडर गढ़ने का काम उनके बेहद करीब माने जाने मोहन गोपाल के जिम्मे है। इसी तरह राहुल की कर्मभूमि उत्तर प्रदेश के प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री भी भविष्य की कांग्रेस गढ़ने वालों में बेहद अहम है।
ट्रेड यूनियन से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के समर्थक और फिर भाजपा से बागी हुए शंकर सिंह वाघेला की पार्टी राष्ट्रीय जनता पार्टी के रास्ते कांग्रेस में पहुंचे मिस्त्री के जिम्मे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को खड़ा करना है। नब्बे के दशक में जदयू में महासचिव के पद पर रहे मोहन प्रकाश की गिनती भी राहुल के बेहद करीब लोगों में होती है। मोहन प्रकाश की गिनती पार्टी उपाध्यक्ष की कोर टीम में होती है।


मुहम्मद साहब की कब्र दूसरी जगह ले जाने की योजना
03 September 2014
नई दिल्ली। ब्रिटेन से प्रकाशित होने वाले अखबार 'द इंडिपेंडेंट' ने दावा किया है कि पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब की कब्र को सऊदी अरब की सरकार स्थानांतरित करने वाली है। अखबार के अनुसार अली बिन अब्दुल अजीज शबल नामक सऊदी मुफ्ती ने सरकार को यह विवादित सलाह दी है कि मदीना स्थित मुहम्मद साहब की कब्र को हरी गुंबद से हटाकर किसी दूसरी आात जगह पर दफना दिया जाए। हरी गुंबद को नष्ट करने की भी योजना है।
अखबार के अनुसार, सऊदी मुफ्ती ने मदीना की अल मस्जिद अल नबवी के अधिकारियों को 61 पन्नों की एक योजना पेश की है। इसके मुताबिक मदीना की इस मस्जिद में स्थित कब्र को पास के ही किसी अनजान कब्रिस्तान में दफन करने और हरी गुंबद को नष्ट करने का प्रस्ताव है। मुसलमानों के लिए यह दूसरी सबसे प्रमुख धार्मिक जगह है। इसके संरक्षक सऊदी राजा अब्दुल्ला हैं। इस विवादास्पद योजना का खुलासा एक सऊदी मौलवी इरफान अल्वी ने किया है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत आसपास के उन सभी स्थानों को भी ढहाया जाएगा, जिनमें पैगंबर के रिश्तेदार रहते थे। अभी इस बात की सूचना नहीं है कि सऊदी सरकार ने इस योजना को मंजूरी दी है या नहीं। सऊदी अरब के कई सुन्नी इस्लामी विद्वान पैगंबर मुहम्मद की कब्र पर लोगों के जाने का विरोध करते रहे हैं। वह चाहते हैं कि कब्र ऐसी जगह हो, जिससे कोई परिचित न हो। सऊदी अरब इस्लाम के वहाबी स्वरूप को मानता है, जिसमें किसी वस्तु या संत की उपासना को मूर्तिपूजा माना गया है। इस्लामी शोध केंद्र के डायरेक्टर डॉक्टर अलावी ने ब्रिटिश अखबार से कहा, लोग उन कमरों में जाते हैं, जहां पैगंबर का परिवार रहा करता था। वहां वे प्रार्थना करते हैं। चूंकि सऊदी सरकार मूर्ति पूजा के खिलाफ है। इसलिए वे इसे रोकना चाहते हैं। यहां सदियों से हजयात्री प्रार्थना के लिए आते हैं।
उन्होंने बताया कि पैगंबर को शिया और सुन्नी बराबरी का महत्व देते हैं। इन दोनों समुदायों में पहले से ही कई मुद्दों को लेकर तनाव है। इसलिए सरकार को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे यह तनाव और भड़के। अलावी ने बताया कि पैगंबर के परिजनों की सभी कब्रें पहले ही नष्ट की जा चुकी हैं।


राजनाथ सिंह ने बदला गृह मंत्रालय का ढर्रा
03 September 2014
नई दिल्ली। राजनाथ सिंह के गृह मंत्री बनने के बाद गृह मंत्रालय की कार्यशैली बदल गई है। गृह मंत्री की सुबह की बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार [एनएसए] से लेकर आंतरिक सुरक्षा से जुड़े सभी बड़े अधिकारी पहुंचने लगे हैं। जो सुशील कुमार शिंदे के गृह मंत्री रहते हुए कभी-कभी होता था। गृह मंत्रालय के अधिकारी राजनाथ सिंह के कार्यशैली की तुलना गृह मंत्री के रूप में पी. चिदंबरम की कार्यशैली से करने लगे हैं।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चिदंबरम ने अपने कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार [एनएसए] समेत सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सभी वरिष्ठ अधिकारियों के लिए गृह मंत्री की सुबह की ब्रीफिंग में हाजिर होना सुनिश्चित कर दिया था। सरकार में उनके कद के कारण कोई भी अधिकारी सुबह की ब्रीफिंग से अनुपस्थित होने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। खुद चिदंबरम भी नियमित रूप से आफिस आते थे, लेकिन शिंदे के गृह मंत्री बनने के बाद लंबे समय तक यह नहीं चल पाया। शिंदे के कार्यकाल में शायद ही कभी एनएसए को सुबह की ब्रीफिंग में देखा गया हो। वैसे शिंदे भी अक्सर दोपहर बाद आफिस नहीं आते थे।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तीन महीने के दौरान राजनाथ सिंह ने एनएसए से लेकर सभी वरिष्ठ अधिकारियों के लिए सुबह की ब्रीफिंग में आना सुनिश्चित कर दिया है। सारे अधिकारी पूरी तैयारी के साथ ब्रीफिंग में पहुंचते हैं। यही नहीं, शिंदे के कार्यकाल में मैक की बैठक तो जरूर हर दिन होती थी। लेकिन एजेंसियों ने धीरे-धीरे इसमें छोटे अधिकारियों को भेजना शुरू कर दिया था, लेकिन राजनाथ सिंह ने फिर से मैक में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी सुनिश्चित किया। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले तीन महीने पुणे धमाके को छोड़कर किसी बड़े वारदात के नहीं होने का श्रेय आंतरिक सुरक्षा को लेकर राजनाथ सिंह की संजीदगी को दिया।
राजनाथ के कार्यकाल में अ‌र्द्धसैनिक बल के जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए भी अहम फैसले लिए गए। इनमें नक्सल इलाकों में तैनात केंद्रीय बल के जवानों को जम्मू-कश्मीर व पूर्वोत्तर के समान भत्ता मुहैया कराने से लेकर नक्सली मुठभेड़ में मारे गए जवानों को शहीद का दर्जा देना तक शामिल है। इसके साथ ही पिछले चार साल से अटकी नक्सली इलाकों में 2100 टावर लगाने की योजना को भी हरी झंडी दी गई।


जन धन योजना से बहुरेंगे ग्रामीण डाक सेवकों के दिन
03 September 2014
नई दिल्ली। मोदी सरकार प्रधानमंत्री जन धन योजना [पीएमजेडीवाई] के तहत ग्रामीण डाक सेवकों को बैंकिंग करेस्पॉन्डेंट यानी प्रतिनिधि बनाएगी। इस योजना के तहत अतिरिक्त 50,000 बैंकिंग करेस्पॉन्डेंट [बीसी] बनाने का प्रस्ताव है। ग्रामीण क्षेत्रों में डाक विभाग का अच्छा नेटवर्क है। इसलिए वहां पर ग्रामीण डाक सेवकों को बीसी नियुक्त किया जाएगा।
पीएमजेडीवाई के तहत बीसी गांव के लोगों को लेनदेन में मदद करने के साथ ही उन्हें बैंकिंग सुविधा भी मुहैया कराएगा। पूरे देश में करीब डेढ़ लाख डाकघर हैं। प्रधानमंत्री ने 28 अगस्त को इस योजना का शुभारंभ करते हुए डाकघरों के नेटवर्क का इस्तेमाल करने की बात कही थी। देश के 5.93 लाख गांवों में से करीब 50,000 में दूरसंचार सुविधा नहीं है। इसलिए वहां बीसी के माध्यम से बैंकिंग सुविधा पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं।


झारखंड मंत्री के संरक्षण में चल रहा गिरोह पकड़ा
03 September 2014
रांची। तारा -रकीबुल प्रकरण में फंसे झारखंड के दो मंत्रियों सुरेश पासवान व हाजी हुसैन अंसारी के बाद अब एक और मंत्री पर बदमाशों का गिरोह चलाने का आरोप लगा है। पुलिस के हत्थे चढ़े झारखंड टाइगर ग्रुप के सरगना राजकुमार गुप्ता सहित चार बदमाशों ने पूछताछ में मंत्री के नाम का खुलासा किया।
हजारीबाग पुलिस अधीक्षक मनोज कौशिक ने बताया कि गिरोह से जुड़े क्षेत्र के एक बड़े नेता का नाम सामने आया है। ये नेता एक राष्ट्रीय पार्टी से जुड़े झारखंड के मंत्री हैं, जो अपने बयानों से कई बार सुर्खियों में रहे हैं। गिरोह के सदस्यों को मंत्री की ओर से हथियार मुहैया कराया जाता है और बाइक के लिए अलग से राशि दी गई थी। बदले में गिरोह लेवी की रकम मंत्री तक पहुंचाते थे। पुलिस ने गिरोह से दो देसी कारबाइन, आठ एमएम की दस गोलियां, दो बाइक व छह मोबाइल बरामद किए हैं। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने बताया कि मामले में जिसका भी नाम सामने आएगा, कार्रवाई की जाएगी।
'मामला गंभीर है। किसी मंत्री की संलिप्तता सामने आएगी तो कानून अपना काम करेगा। अधिकारियों से इसकी पूरी जानकारी लूंगा।'


रेप के बदले रेप: मुजफ्फरनगर में किशोरी को अगवा कर गैंगरेप
02 September 2014
मोरना [मुजफ्फरनगर]। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के ककरौली थाना क्षेत्र में एक किशोरी को अगवा कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। सिखेड़ा पुलिस ने युवती को बरामद कर ककरौली पुलिस को सौंप दिया।
ककरौली थानाक्षेत्र के एक गांव की 16 वर्षीय किशोरी अपनी भाभी व मां के साथ रविवार रात घर के आंगन में सो रही थी। इसी दौरान गांव के ही संप्रदाय विशेष के पांच युवक वहां पहुंचे और किशोरी का अपहरण कर ले गए। सोमवार को युवती बदहवास हालत में सिखेड़ा के गांव मिर्जा टिल्ला के बाहर बाग में पड़ी मिली। खेत पर जाते लोगों की नजर पीड़िता पर पड़ी तो ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने किशोरी से पूछताछ के बाद ककरौली थाना पुलिस के हवाले कर दिया। उधर, किशोरी के परिजन थाने पहुंच गए। पीड़िता के मुताबिक, कार में सवार पांच लोग उसे अगवा कर बाग में ले गए, जहां तीन युवकों ने उसके साथ दुष्कर्म किया, जबकि दो लोग पहरा देते रहे।
घटना की सूचना पाकर ग्राम प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष रविंद्र कुमार, प्रधान कादीपुर हरेंद्र सिंह व प्रधानपति बेलड़ा नरेश कुमार थाने पहुंच गए और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की। पीड़िता के भाई की तहरीर पर तीन युवकों समेत पांच के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

आरोपियों के घर की लड़की से भी हुआ था दुष्कर्म

सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमे में नामजद हुए आरोपियों के परिवार की नाबालिग लड़की से भी एक सप्ताह पूर्व दुष्कर्म हुआ था। बताया जाता है कि आरोपियों के परिवार की लड़की को 25 अगस्त को घर से बुलाकर एक ट्यूबवेल पर दुष्कर्म करने के बाद नहर में धक्का देकर हत्या का प्रयास किया गया था। उस दौरान गंगनहर से रेत निकाल रहे लोगों ने पीड़िता को बाहर निकाला था। इस बाबत दर्ज मुकदमे में पीड़िता और उसके भाई समेत तीन के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इस मामले में सोमवार को युवती के धारा-164 के बयान दर्ज होने थे।
बदले की खातिर तो नहीं की वारदात?

एक सप्ताह पूर्व आरोपियों के परिवार की लड़की से दुष्कर्म हुआ था। ऐसे में चर्चा है कि कहीं आरोपियों ने उस घटना का बदला लेने के लिए तो वारदात को अंजाम नहीं दिया? हालांकि पुलिस जांच के बाद ही कुछ कहने की बात कह रही है।

पीड़िता के बयान और भाई की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जांच के बाद ही कुछ कहना सही होगा।

-एचएन सिंह, एसएसपी

मुकदमा दर्ज कर लड़की को मेडिकल के लिए भेज दिया है। पीड़िता व उसके भाई के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज है। प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध लग रहा है। जांच की जा रही है।
-कुलदीप सिंह, एसओ ककरौली


वेस्ट यूपी में दहशत का नया 'सुल्तान'
02 September 2014
सहारनपुर। दुनिया भर के लिए चुनौती बनते जा रहे इराक व सीरिया में फैले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की विषबेल भारत खासकर वेस्ट यूपी में फैलती जा रही है। इंडियन मुजाहिदीन के लिए रंगरूट उपलब्ध कराने वाला भटकल (कर्नाटक) निवासी 39 वर्षीय सुल्तान अब्दुल कादिर अरमार इस संगठन के लिए भारतीय नवयुवकों में जेहाद का जहर घोल रहा है। सुल्तान के बारे में खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि वह देवबंद के एक इस्लामिक संस्थान से पढ़ा है। हालांकि संस्थान ने इस बात से इन्कार किया है।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने कर्नाटक व उप्र गृह विभाग को बकायदा इस बाबत अलर्ट जारी किया है। सूत्रों के अनुसार, आइएस के लिए अंसार उल तौहीद नामक वेबसाइट पर भारतीय अल्पसंख्यकों से वैश्रि्वक जेहाद में शामिल होने की अपील करता एक वीडियो अपलोड हुआ है, इसमें एक नकाबपोश, जिसकी पहचान इंडियन मुजाहिदीन के लिए रंगरूट उपलब्ध कराने वाले कर्नाटक के सुल्तान अब्दुल कादिर अरमार के रूप में हुई है। खुफिया विभाग का दावा है कि सुल्तान देवबंद के एक इस्लामिक शिक्षण संस्थान से पढ़ा है। वह वेस्ट यूपी से वह भली-भांति परिचित है। गुप्तचर विभाग ने संकेत दिए हैं कि बड़ी संख्या में सुल्तान नवयुवकों को इराक में लड़ाई के लिए वेस्ट यूपी के युवकों को उकसा रहा है।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और कश्मीर के बाद पिछले 15 दिन से सुल्तान ने वेस्ट यूपी के कई नवयुवकों से संपर्क किया है। गुप्तचर विभाग के अनुसार, हाल ही में कट्टरवादी इस्लाम को दर्शाते कई वीडियो सामने आए। इनमें अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले का सिर कलम करने का वीडियो भी शामिल है। गुप्तचर विभाग ने इस पत्र में 20 जुलाई 2014 को दिल्ली के सराय काले खां बस अड्डे से दिल्ली पुलिस के विशेष सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल सुभान का भी जिक्र किया है, जिसमें कहा गया कि मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान सुभान देवबंद आया था। गुप्तचर विभाग को अभी तक सुल्तान व सुभान में आपस में संबंध की पुष्टि नहीं हुई है, पर दिल्ली पुलिस की विशेष सेल से इस बाबत सुभान से पूछताछ करने के लिए कहा गया है। डेढ़ माह पहले कमिश्नर तनवीर जफर अली की बैठक में सहारनपुर मंडल में ऐसे 102 लोग चिन्हित किए गए थे, जिन पर आइएसआइ एजेंटों को शरण देने का शक था। उनके मोबाइल सर्विलांस पर रखकर नजर रखी जा रही है।


'पाक से नहीं होगी कोई बातचीत, न ही सार्क सम्मेलन में मिलेंगे'
02 September 2014
नई दिल्ली। पाकिस्तान द्वारा लगातार सीमा पर की जा रही फायरिंग के मद्देनजर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत दोनों एक साथ नहीं चल सकते हैं।
इस माह के अंत में होने वाले सार्क देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन में भी पाकिस्तान के नेताओं से मिलने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा है कि जब तक पाकिस्तान अपनी ओर से जारी आतंकवाद को बंद नहीं करता है, तब तक भारत की उससे कोई बातचीत संभव नहीं है। गौरतलब है कि गृहमंत्री को सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 18 सितंबर को नेपाल जाना है।


धर्मातरण न करने पर छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म, माहौल तनावपूर्ण
02 September 2014
लखनऊ। बुलंदशहर के जेवर के एक गांव में धर्म परिवर्तन करने से मना करने पर एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म की खबर ने वहां का माहौल काफी गर्म बना दिया है। शहर के विभिन्न हिंदू संगठन इस मामले में दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग को लेकर एकजुट हैं। इससे शहर का माहौल तनावपूर्ण हो रहा है। इन संगठनों की चेतावनी है कि यदि आरोपियों को जल्द नहीं पकड़ा गया तो आंदोलन करेंगे।
बुलंदशहर में दरिंदों के चंगुल से छूटने के बाद छात्रा ने घर पहुंचकर आपबीती परिजनों को बताई। पीड़िता की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने इस प्रकरण में मुख्य आरोपी समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। जेवर के एक गांव की दसवीं की छात्रा कस्बे के किला कालोनी निवासी मुस्लिम लड़के राजू के प्रेम जाल में फंस गई। पीड़िता का आरोप है कि 29 अगस्त को युवक ने उसे कस्बे के मकान में बुलाया और धर्म परिवर्तन की बात कही। इन्कार करने पर तीन साथियों के साथ उससे दुष्कर्म किया। अगले दिन चंगुल से छूटी छात्रा ने घर पहुंचकर परिजनों को आपबीती सुनाई। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने मुख्य आरोपी इमरान उर्फ राजू और तीन साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक आरोपियों की तलाश जारी है। धर्म परिवर्तन और छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली पुलिस को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।

कार में लिफ्ट देकर महिला से सामूहिक दुष्कर्म

गाजियाबाद में तीन माह पहले एक महिला को कार में लिफ्ट देकर जानकार ने दोस्तों के साथ मिलकर दुष्कर्म किया। पुलिस पीड़िता को कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को छिपाने में जुटी रही। एसपी देहात के निर्देश पर कल मोदीनगर थाने में तीन लोगों के विरुद्ध दुष्कर्म व धमकी देने का मामला दर्ज हुआ। कविनगर थाना क्षेत्र की महिला 26 मई को बहन से मिलने के लिए घर से निकली। बस न मिलने पर वह ऑटो से मोदीनगर के सीकरी रोड पर पहुंच गई। मेरठ जाने के लिए रोडवेज बस का इंतजार कर रही थी कि तभी काले रंग की कार में सवार उसका परिचित नोएडा के सूरजपुर थाना क्षेत्र के गांव लखनावली का रहने वाला दीपक और दो साथी वहां आ गए। उसे मेरठ तक लिफ्ट देने के बहाने बैठा लिया। आरोप है कि उसे नशीला पदार्थ सुंघाकर कलछीना रोड पर खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। होश में आने पर दीपक ने तमंचा दिखाते हुए घटना किसी को न बताने की धमकी दी। पीड़िता का आरोप है कि घटना के अगले दिन वह परिजन के साथ मोदीनगर थाने रिपोर्ट लिखाने पहुंची। पुलिस ने उसको कार्रवाई का आश्वासन देकर टरका दिया। सोमवार को पीड़िता की शिकायत को एसपी देहात के निर्देश के बाद पुलिस ने आरोपी दीपक समेत उसके दो अज्ञात दोस्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

साली से छेड़छाड़ में गिरफ्तार

गाजियाबाद में बहन के घर आई युवती से जीजा ने छेड़छाड़ की। साथ ही पत्‍‌नी से मारपीट की। पत्‍‌नी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। राजेंद्र नगर सेक्टर-2 में रहने वाली महिला के घर उसकी बहन आई थी। रविवार रात महिला का पति शराब पीकर घर आया और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद आरोपी अरूण ने पत्‍‌नी को कमरे में बंद कर दिया। उसने साली के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। पति की इस हरकत को देख कमरे में बंद आरोपी की पत्‍‌नी ने शोर मचा दिया। इससे आसपास के लोग जमा हो गए। इसी बीच किसी ने पुलिस को सौ नंबर पर सूचना दे दी। पुलिस ने पत्‍‌नी को बाहर निकाला और साली से छेड़छाड़ के आरोपी को गिरफ्तार कर थाने ले गई। पत्‍‌नी की शिकायत पर पुलिस ने पूरी कार्रवाई की है।



मोदी सरकार के वो दस कड़े फैसले जो बदल देंगे देश की तस्वीर
02 September 2014
नई दिल्ली। दो सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार के सौ दिन पूरे हो रहे हैं। इस दौरान कई ऐसे फैसले लिए गए हैं जो आने वाले दिनों देश की तस्वीर बदलकर रख देगा। आइए जानते हैं वो कौन से ऐसे फैसले हैं जिनका दूरगामी असर होगा।

1. काले धन पर एसआइटी

एनडीए सरकार बनने के साथ ही मोदी ने विदेशों में जमा काले धन की वापसी के लिए एसआइटी के गठन का फैसला लिया। हालांकि कोर्ट ने इसके लिए पिछली सरकार को ही आदेश दिया था लेकिन इस पर फैसला टलता रहा और आखिरकार सत्ता संभालने के बाद ही मोदी ने इसकी मंजूरी दे दी।

2. नियुक्ति आयोग के गठन को मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए मौजूदा कोलिजियम व्यवस्था को बदलकर नई व्यवस्था के तहत नियुक्ति आयोग के गठन को मंजूरी दी गई। इसमें जजों का एक पैनल होगा, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश, सरकार के नुमाइंदे और जाने-माने नागरिक होंगे। कोलिजियम व्यवस्था के तहत न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में धांधली के आरोप लगते रहे हैं।

3. योजना आयोग भंग करने का फैसला

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में 64 साल पुराने योजना आयोग को खत्म कर उसकी जगह नई व्यवस्था लाने का ऐलान किया। इसके लिए लोगों से ऑनलाइन सुझाव मांगे। मोदी का तर्क यह है कि योजना आयोग राज्यों के साथ न्याय नहीं कर पा रहा है।

4. महंगाई पर रोक के लिए कदम

महंगाई रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जरूरी खाद्य उत्पादों के लिए राष्ट्रीय खाद्य ग्रिड बनाने ऐलान किया है ताकि महंगाई को लेकर अनियंत्रित अटकलों को बढ़ने से रोका जा सके।

5. गंगा सफाई अभियान

गंगा सफाई को राष्ट्रीय मिशन का बनाने का मोदी ने केवल ऐलान किया बल्कि इसके लिए बजट भी आवंटित कर दिए हैं। अगले कुछ महीनों में इस पर काम शुरू हो जाएगा।

6. निर्मल भारत अभियान का ऐलान

मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में दो अक्टूबर से निर्मल भारत अभियान के शुरुआत की घोषणा की। इस अभियान के तहत लोगों को शौचालय के प्रयोग और खुले में शौच से होने वाले नुकसान के साथ ही सफाई से होने वाले फायदों के प्रति प्रेरित किया जाएगा।

7. जन धन योजना

प्रधानमंत्री मोदी ने महात्वाकांक्षी जन धन योजना की शुरुआत की। इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से पिछड़े जिन परिवारों के पास बैंक खाता नहीं है उनके बैंक खाते खोले जा रहे हैं। प्रत्येक परिवार में दो बैंक खातों के साथ कुल 15 करोड़ खाते खोलने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत खाता खुलवाने पर व्यक्ति को एक लाख रुपये की दुर्घटना बीमा मिलेगी और आधार कार्ड से खुले खातों में छह महीने बाद ग्राहक आवेदन देने पर जमा राशि से पांच हजार रुपये की अधिक राशि निकाल सकेगा।

8. पर्यावरण की मंजूरी को ऑनलाइन सेवा

मोदी सरकार ने पर्यावरण मंजूरी के लिए ऑनलाइन सेवा शुरू की है ताकि मंत्रालयों के बीच आपसी लड़ाई खत्म हो और लोगों को इधर-उधर भटकना न पड़े। यूपीए सरकार के दौरान पर्यावरण मंजूरी को लेकर कई तरह की बातें सामने आई थीं।

9. अफसरशाही पर नकेल

शपथ ग्रहण करने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नौकरशाहों को साफ संदेश दे दिया था कि अब किसी भी कीमत पर अफसरशाही नहीं चलने वाली है। उन्होंने पीएमओ के अधिकारियों को समय पर कार्यालय आने, दफ्तर में साफ-सफाई आदि का पाठ पढ़ाया। अब मंत्री और वरिष्ठ नौकरशाह सीधे प्रधानमंत्री से निर्देश लेते हैं। मोदी ना सिर्फ मंत्रियों से बल्कि वरिष्ठ अफसरों से भी नियमित सीधे बात करते हैं।

10. विदेश नीति

मोदी ने अपने शपथ ग्रहण में सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रण भेजकर संदेह दे दिया कि वह किस तरह के विदेश नीति के हिमायती हैं। उन्होंने सबसे पहले पाकिस्तान को दोस्ती का संदेश देने की कोशिश की। फिर उन्होंने पहले विदेश दौरे के लिए भूटान जैसे छोटे देश को चुना और वहां से वह नेपाल गए। मोदी का नेपाल दौरा ऐतिहासिक रहा। कोई भारतीय प्रधानमंत्री 17 साल बाद द्विपक्षीय बातचीत के लिए नेपाल पहुंचा था।
प्रधानमंत्री मोदी का ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्राजील जाना और सौ अरब डॉलर के ब्रिक्स बैंक की स्थापना का फैसला भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उधर, चीन भी नई सरकार से रिश्ते बनाने को उत्सुक है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन ने अपने विदेशमंत्री को विशेष दूत बतौर भारत भेजा। चीन के राष्ट्रपति भी सितंबर में भारत का दौरा करेंगे। अभी मोदी जापान के दौरे पर गए हैं जहां उन्होंने दोनों देशों की दोस्ती को नई ऊंचाई देने के लिए कई करारों में पर हस्ताक्षर किए।


कोलकाता की कॉमर्शियल बिल्डिंग में आग, कोई हताहत नहीं
02 September 2014
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आज सुबह एक हादसा हो गया। शहर के दिल कहे जाने वाले पार्क स्ट्रीट में मौजूद एक कॉमर्शियल बिल्डिंग में आग लग गई। आग लगने से वहां अफरा-तफरी मच गई। जिसके बाद दमकल की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंच आग बुझाने में जुट गई हैं।
आग लगने वाली इमारत का नाम चटर्जी इंटरनेशनल बिल्डिंग बताया जा रहा है। वाणिज्यिक बिल्डिंग होने की वजह से इस इमारत की सभी मंजिलों पर सरकारी और निजी दफ्तर हैं। हादसे में राहत की बात ये है कि आग ऑफिस आवर से पहले लगी। इस वजह से बिल्डिंग के भीतर किसी के भी फंसे होने की आशंका कम है।
बताया जा रहा है कि आग इमारत की 15वीं और 16वीं मंजिल पर लगी है। जिससे इमारत की दोनों मंजिलें में रखे सामान और सारे कागजात जल कर पूरी तरह खाक हो गई हैं।
आग किन कारणों से लगी अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है। दमकल की पांच गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंच आग पर काबू पाने में जुट गई हैं।


दिल्ली में तीन माह में नेता नहीं चुन सकी भाजपा
02 September 2014
नई दिल्ली। राजधानी में भाजपा के सरकार बनाने के शोर के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा? यह सवाल इसलिए उठता है, क्योंकि भाजपा तीन महीने में विधायक दल का नेता भी नहीं चुन सकी है। इसके लिए दावेदार तो कई बताए जाते हैं, लेकिन किसी के नाम पर सहमति नहीं बन रही है, जिससे आज तक यह पद खाली है।
लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा विधायक दल के नेता डॉ. हर्षवर्धन ने मई में विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था, तब से यह पद खाली पड़ा हुआ है। इस बीच संगठन की ओर से विधायकों की कई बार बैठक बुलाई गई, लेकिन इस महत्वपूर्ण पद पर किसी का चुनाव नहीं हो सका। पहले कहा जा रहा था कि दिल्ली प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष बनने के बाद विधायक दल का नेता भी चुन लिया जाएगा। वहीं, नए प्रदेश अध्यक्ष को भी पदभार संभाले हुए डेढ़ माह से ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन स्थिति अभी भी पहले जैसी है।
पहले संभावना जताई जा रही थी कि वरिष्ठ विधायक प्रो.जगदीश मुखी को यह पद सौंपा जाएगा, लेकिन इनके नाम पर विधायकों की आम राय नहीं बन सकी है। दूसरी ओर कई और विधायक भी इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। इसके लिए वह केंद्रीय नेताओं तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों की शरण में हैं। इन वजहों से भाजपा दिल्ली में विधायक दल का नेता नहीं चुन सकी है। जबकि आम आदमी पार्टी (आप) व कांग्रेस दोनों के पास विधायक दल का नेता है। 1राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : राजधानी में मुख्यमंत्री के नाम चल रहीं अटकलों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने सोमवार को निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में साफ किया कि उनकी सरकार बनती है तो पार्टी का विधायक ही मुख्यमंत्री बनेगा। उन्होंने कहा कि इस मामल में पार्टी की स्थिति साफ है। उनकी पार्टी के विधायक इस जिम्मेदारी को बेहतर ढंग से उठाने में सक्षम हैं।
पत्रकारों के सवालों, सरकार कैसे बनेगी, उसका आधार क्या है या बार बार सरकार बनाने का बयान ही आता रहेगा, पर उपाध्याय ने बताया कि उपराज्यपाल बुलाते हैं तो भाजपा अपना दावा पेश करेगी। सरकार बनाने के लिए उनके पास दो फार्मूले हैं। 1पहला फार्मूला है कि अल्पमत की सरकारें पहले चली हैं। उपराज्यपाल इसके लिए भाजपा को आमंत्रित कर सकते हैं। दूसरे फार्मूले में उपराज्यपाल को अधिकार है कि जनता पर चुनाव का बोझ न डालकर सरकार बनाने के लिए गोपनीय मतदान करने का रास्ता अपना सकते हैं। ऐसा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिनियम की धारा नौ के तहत किया जा सकता है। इसमें सदन बुलाकर गोपनीय मतदान कराया जा सकता है। इस व्यवस्था में दलबदल कानून लागू नहीं होता है। किसी भी पार्टी का विधायक अपना समर्थन किसी को दे सकता है। उपाध्याय ने कहा कि अब इस मामले में उपराज्यपाल को फैसला लेना है।


मुंबई में शिवसेना को है अमित शाह का इंतजार
02 September 2014
मुंबई। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के मुंबई दौरे का शिवसेना को भी बेसब्री से इंतजार है, ताकि सीट बंटवारे की बात आगे बढ़ाई जा सके। लेकिन, शाह के दौरे में अब तक शिवसेना नेताओं से मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं बताया जा रहा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावके लिए सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच दो-तीन दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन, इन दौरों में अब तक न तो शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे शामिल हुए हैं और न ही शिवसेना सीट बंटवारे के पुराने फार्मूले से पीछे हटती दिखाई दे रही है। भाजपा इस बार राज्य की विधानसभा सीटों में भी आधे-आधे का बंटवारा चाहती है। जबकि, शिवसेना पुराने फार्मूले के आधार पर खुद 171 और भाजपा को 117 सीटें देना चाहती है। इन दोनों दलों को अपने-अपने कोटे से ही इनके साथ नए जुड़े चार दलों को भी सीटें देनी हैं।
दोनों दलों के बीच अब तक हुई बातचीत में उद्धव ठाकरे एक बार भी शामिल नहीं हुए हैं। बताया जाता है कि वह भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ ही बात करना चाहते हैं, जैसा कि उनके पिता बालासाहब ठाकरे के समय में होता रहा है। तब पहले दौर की बातचीत शिवसेना की दूसरी पंक्ति केनेताओं के साथ भाजपा के प्रदेश नेताओं की होती थी। उसके बाद अंतिम फैसला बाल ठाकरे एवं अटल, आडवाणी अथवा प्रमोद महाजन के साथ बातचीत में होता था। राजनाथ सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद भी 'मातोश्री' (ठाकरे निवास) परिक्रमा का दौर जारी रहा। अब शिवसेना शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने केबाद उनसे भी पुराने नेताओं जैसे व्यवहार की अपेक्षा रखती है। लेकिन, चार सितंबर को भाजपा पदाधिकारियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने आ रहे अमित शाह के कार्यक्रमों में उद्धव ठाकरे से मुलाकात का कोई जिक्र नहीं है।

नहीं टूटेगी ¨हदुत्व की पक्की गांठ

सीटों को लेकर शिवसेना-भाजपा एवं उनके सहयोगी दलों में चल रही तनातनी के बावजूद शिवसेना ने अपने मुखपत्रसामना के संपादकीय के जरिए यह संकेत देने की कोशिश की है कि उनका गठबंधन विचारों की मजबूत डोर से बंधा है। इसलिए उसके टूटने की बात नहीं सोची जा सकती। संपादकीय में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के नेता कुलदीप बिश्नोई एवं बिहार के जदयू का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि भाजपा के इन सहयोगियों से उसका गठबंधन वैचारिक नहीं था। जबकि, शिवसेना से उसका गठबंधन ¨हदुत्व के धरातल पर खड़ा है। यहां ¨हदुत्ववादी विचारों की गांठ पक्की है। इसलिए वह टूटनेवाली नहीं है।


विधायकों को सबक सिखाने को चुनाव चाहती है आप
02 September 2014
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा को भंग कर दोबारा चुनाव कराने की मांग कर रही आम आदमी पार्टी (आप) की यह कोशिश अपने विधायकों को सबक सिखाने के लिए भी है। गत वर्ष दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को अप्रत्याशित सफलता मिली थी और कई पार्टी कार्यकर्ता एक झटके में विधायक बन गए थे। इनमें से कई को उम्मीद भी नहीं थी कि राजनीति से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होने के बावजूद वह इतनी आसानी से विधायक बन जाएंगे। लेकिन कई विधायकों की महत्वाकांक्षा बढ़ गई। सूत्रों के अनुसार इसे देखते हुए ही पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल जल्द से जल्द विधानसभा भंग कर दोबारा चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली में जब केजरीवाल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे थे, तब मंत्री बनने को लेकर नवनिर्वाचित विधायकों में होड़ लग गई थी। पार्टी विधायक विनोद कुमार बिन्नी तो खुलकर सामने आ गए और तभी से पार्टी के खिलाफ हो गए। उसके बाद जिन विधायकों में असंतोष उभरा वह अभी तक कायम है। केजरीवाल ने जब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया तो जो विधायक मंत्रिमंडल में शामिल होने की चाह रखते थे, उन्हें इससे काफी राहत मिली।
सियासी जानकारों के मुताबिक करीब एक दर्जन पार्टी विधायक ऐसे हैं जो सरकार जाने के बाद से पार्टी से दूरी बनाकर अपने दायरे में रहना बेहतर समझ रहे हैं। ऐसे विधायक जनसमस्याओं के निदान के लिए नहीं बल्कि अपने लिए जनाधार बनाने में जुटे हुए हैं। इसी का नतीजा है कि पिछले दिनों दिल्ली के जिस इलाके में अरविंद केजरीवाल की बड़ी जनसभाएं हुई वहां से पार्टी के मौजूदा विधायकों ने दूरी बनाए रखी। हालांकि विधायकों ने इसके लिए कारण भी गिनाए। जनसभा के सफल आयोजन की जिम्मेदारी पार्टी कार्यकर्ताओं ने निभाई। पार्टी के संस्थापक सदस्य भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि आप से दूरी बनाए विधायकों के बूते ही भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश में लगी हुई है।


एक साल में निपटाए जाएं दागी सांसदों और विधायकों के मुकदमे
02 September 2014
नई दिल्ली। मोदी सरकार सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई एक साल के भीतर पूरा करने और संभावित सजा का आधा समय जेल में गुजारने वाले विचाराधीन कैदियों की रिहाई की कोशिश में जुट गई है। इस सिलसिले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी राज्यों को पत्र लिखने का फैसला किया गया। आधी सजा काट चुके विचाराधीन कैदियों की जमानत का प्रावधान कानून में है और सांसदों व विधायकों के खिलाफ केस की सुनवाई एक साल में पूरी करने का आदेश पहले ही सुप्रीम कोर्ट दे चुका है।
बैठक के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार राजनीति को स्वच्छ करने के अपने वादे पर कायम है और इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस साल मार्च में दिए गए आदेश को लागू करने की कोशिश शुरू की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया था कि दो साल से अधिक सजा वाले मामलों में सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ केस की सुनवाई एक साल में पूरी होगी और ऐसा नहीं होने पर जिला जज को हाईकोर्ट को रिपोर्ट भेजनी होगी। प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को लागू कराना जरूरी है। इसके लिए कानून मंत्री के रूप में वे सभी राज्यों के कानून मंत्री को और गृहमंत्री सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखेंगे।
इसके साथ ही आधी सजा काट चुके विचाराधीन कैदियों की रिहाई के लिए भी गृहमंत्री और गृह सचिव सभी मुख्यमंत्रियों और राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखने जा रहे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फिलहाल 60 फीसद से अधिक विचाराधीन कैदी अपनी सजा का आधा से अधिक समय जेल में गुजार चुके हैं। अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 436ए में इसके स्पष्ट प्रावधान हैं लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। इसे लागू करने से जेलों में कैदियों की संख्या में काफी कम हो जाएगी।
इसके साथ रविशंकर प्रसाद ने राज्य सरकारों को सभी जेलों में एनआइसी के सॉफ्टवेयर को शामिल करने का सुझाव भी दिया। इस सॉफ्टवेयर की मदद से बटन दबाते ही जेल में बंद सभी विचाराधीन कैदियों के बारे में सारी जानकारी कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली और पंजाब समेत कुछ राज्यों में इस साफ्टवेयर को लगाया गया है। बैठक में राजनाथ सिंह और रविशंकर प्रसाद के साथ-साथ एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी और कानून व गृह सचिव भी मौजूद थे।


एक साथ नहीं चल सकते आतंकवाद और बातचीत: राजनाथ
01 September 2014
नई दिल्ली। पाकिस्तान द्वारा लगातार सीमा पर की जा रही फायरिंग के मद्देनजर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत दोनों एक साथ नहीं चल सकते हैं।
इस माह के अंत में होने वाले सार्क देशों के सम्मेलन में भी पाकिस्तान के नेताओं से मिलने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा है कि जब तक पाकिस्तान अपनी ओर से जारी आतंकवाद को बंद नहीं करता है, तब तक भारत की उससे कोई बातचीत संभव नहीं है।
गौरतलब है कि गृहमंत्री को सार्क शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 18 सितंबर को नेपाल जाना है।।


लखनऊ में भाजपा सांसदों का धरना आज
01 September 2014
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बदहाल बिजली तथा खराब कानून-व्यवस्था के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश के सांसद सोमवार को लखनऊ में जीपीओ पार्क पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे धरना देंगे। इसके साथ ही जिला मुख्यालयों पर विधायकों के नेतृत्व में धरना होगा। लखनऊ में सायं चार बजे सांसदों का दल राज्यपाल राम नाईक को ज्ञापन की सौंपेगा।
मथुरा के वृंदावन में प्रदेश कार्य समिति की बैठक में लिए गए फैसले पर अमल करने को आज भाजपा के सांसद और विधायक आंदोलन पर उतरेंगे। बिजली संकट के साथ ही प्रदेश की जर्जर कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को लेकर सांसद लखनऊ के जीपीओ पार्क में धरना देंगे वहीं विधायक और अन्य जन प्रतिनिधि अपने जिला केंद्रों में प्रदर्शन करेंगे। उत्तर प्रदेश में जर्जर विद्युत व्यवस्था, खस्ता हाल सिंचाई व्यवस्था, ध्वस्त कानून व्यवस्था, चौपट उद्योग धन्धे व अस्तव्यस्त जनजीवन जैसे मसलों को लेकर यूपी के सभी भाजपाई सांसद प्रात: 11 बजे से गांधी प्रतिमा, जीपीओ पार्क, हजरतगंज के समक्ष धरने पर बैठेंगे और शाम चार बजे राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौपेंगे। इसके अलावा उपचुनाव वाले जिलों को छोड़कर शेष जिला केंद्रों पर धरना प्रदर्शन का जिम्मा विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि संभालेंगे। जनसमस्याओं को लेकर भाजपा अपने जनप्रतिनिधियों को आगे कर आरपार की तैयारी में है। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का दावा है कि धरना केवल औपचारिकता नहीं होगा।


खफा विधायक कांग्रेस के लिए बने चुनौती
01 September 2014
नई दिल्ली। राजधानी में यदि भाजपा की अगुवाई में सरकार का गठन होता है तो आम आदमी पार्टी के अलावा कांग्रेस विधायक दल में भी हलचल हो सकती है। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के सामने अपने सभी आठ विधायकों को पार्टी के झंडे तले एकजुट रखना बड़ी चुनौती है। सियासी हलकों में ऐसी चर्चा है कि सरकार बनाने की जारी कवायद के तहत कांग्रेस के विधायक भी निशाने पर हैं। इन्हें संभाले रखने में प्रदेश नेतृत्व को मशक्कत करनी पड़ सकती है।
केंद्र में सरकार के गठन के बाद से ही सूबे में सरकार के गठन की चर्चा लगातार हो रही है। महत्वपूर्ण यह है कि सबसे पहले कांग्रेस विधायकों के सहयोग से ही भाजपा द्वारा सरकार बनाने की चर्चा थी लेकिन करीब डेढ़-दो महीने बीतने के बावजूद जब सरकार नहीं बनी तो कांग्रेस के सभी विधायक एक साथ सामने आए और उन्होंने भाजपा से सहयोग करने संबंधी तमाम कयासों को खारिज कर दिया। जानकारों की मानें तो कांग्रेस विधायकों को लेकर दो बातें ध्यान देने वाली हैं। पहली यह कि बाकी दलों के तमाम अन्य विधायकों की तरह ही कांग्रेस के विधायक भी तत्काल चुनाव मैदान में नहीं जाना चाहते। वर्तमान परिस्थितियों में चुनाव लड़ना उन्हें फायदेमंद नहीं दिख रहा। दूसरी बात यह है कि कई विधायकों के मन में पार्टी में अपनी उपेक्षा किए जाने का मलाल अब भी बरकरार है। उन्हें लगता है कि पार्टी में जिस पद के वे हकदार हैं, वह उन्हें नहीं मिल पाया है। यह दीगर बात है कि सत्ता से बाहर होने के बाद पार्टी के पास बांटने के लिए ज्यादा पद ही नहीं हैं। बहरहाल, कांग्रेस के कुछ विधायकों की नाराजगी के मद्देनजर ही ऐसा कहा जा रहा है कि उन पर भी डोरे डाले जा सकते हैं।
याद रहे कि कांग्रेस विधायक मतीन अहमद व आसिफ मोहम्मद खान ने आम आदमी पार्टी पर यह आरोप लगाया भी था कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने उनसे सरकार बनाने के लिए संपर्क किया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा आदि नेता बार-बार यह कहते रहे हैं कि कांग्रेस का कोई भी विधायक किसी भी कीमत पर भाजपा अथवा आम आदमी पार्टी को सरकार बनाने के लिए समर्थन नहीं देगा। पार्टी द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों में कुछ विधायक पहुंच भी रहे हैं। लिहाजा, प्रदेश नेतृत्व यह मानकर चल रहा है कि उसके विधायक इधर-उधर नहीं जाएंगे। लेकिन इतना तय है कि विधायकों में नाराजगी है और यदि वरिष्ठ नेताओं ने उनकी नाराजगी दूर करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए तो मुसीबत सामने आ सकती है।

सरकार को लेकर नौकरशाहों में अटकलें तेज

दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर चल रही सियासी उठापटक का असर जिलास्तरीय प्रशासन और उसके कामकाज पर देखने को मिल रहा है। सेंट्रल दिल्ली के अधिकारियों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि दिल्ली में किस पार्टी की सरकार बनने जा रही है। एक अधिकारी के मुताबिक, नौकरशाह वर्ग मौजूदा सियासी उठापटक पर गहरी निगाह बनाए हुए है। वैसे, नौकरशाह भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द दिल्ली में अनिश्चितता का माहौल खत्म हो और योजनाओं पर काम आगे बढ़े। दिल्ली में सरकार बनाने की सरगर्मी अचानक फिर से बढ़ी है। उपराज्यपाल की ओर से भाजपा को सरकार बनाने के लिए जल्द आमंत्रण मिलने के संकेत हैं। दरियागंज स्थित सेंट्रल दिल्ली के दफ्तर में कार्यरत एक अधिकारी ने बताया कि सियासी उठापटक पर अधिकारी नजर बनाए हुए हैं और उसी हिसाब से कदम उठा रहे हैं। उक्त अधिकारी ने कहा कि जब यह संकेत मिले थे कि दिल्ली में उपराज्यपाल का शासन लंबा चलेगा तो उनके दिशा-निर्देशों पर तेजी से अमल हो रहा था, लेकिन अब जबकि फिर से भाजपा की सरकार बनने को लेकर कयास तेज है तो अब फैसलों के लिए अगली सरकार के गठन का इंतजार हो रहा है। सियासी अनिश्चितता का असर दैनिक कामों पर भी पड़ रहा है। दिल्ली का 65 फीसद से अधिक बजट सामाजिक मद में है, लेकिन सरकारी सूत्रों के मुताबिक विधवा पेंशन व भोजन की गारंटी सहित अन्य योजनाओं पर तेजी से काम नहीं हो पा रहा है।


मोदी सरकार में बढ़ा नक्सलियों का आत्मसमर्पण
01 September 2014
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद बड़े पैमाने पर नक्सलियों के आत्मसमर्पण से सुरक्षा एजेंसियों के हौसले बुलंद हैं। खासतौर पर नक्सलियों के गढ़ छत्तीसगढ़ में भगदड़ मची है और यहां पिछले साल की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इससे उत्साहित गृह मंत्रलय ने नक्सल प्रभावित राज्यों को आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने को कहा है।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस साल 15 अगस्त तक 260 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इसी दौरान पिछले साल 171 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। उनके अनुसार, इनमें से अधिकांश आत्मसमर्पण मोदी सरकार आने के बाद हुए हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि छत्तीसगढ़ में, जिसे नक्सलियों का गढ़ माना जाता है, तीन गुना से अधिक आत्मसमर्पण हुए हैं।
इस साल 15 अगस्त तक छत्तीसगढ़ में 75 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि इसी अवधि में पिछले साल यह संख्या केवल 22 थी। नक्सलियों के सभी बड़े नेता छत्तीसगढ़ के बस्तर में घने में छिपे हुए हैं। वहीं ओडिशा में पिछले साल के 38 के मुकाबले इस साल 15 अगस्त तक 56 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे राज्यों में नक्सलियों के बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने भी पिछले महीने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की सहायता राशि को दो से चार गुना तक बढ़ा दिया है।
महाराष्ट्र सरकार पहले केंद्रीय कमेटी, पोलित ब्यूरो और क्षेत्रिय कमेटी के प्रमुख रहे नक्सली के आत्मसमर्पण करने पर उनके पुनर्वास के लिए चार से 10 लाख रुपये की सहायता देती थी, जिसे बढ़ाकर 16 से 20 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही बड़े नक्सली नेताओं के बारे में सूचना देने पर इनाम में भी कई गुना की बढ़ोतरी की गई है। आत्मसमर्पण से उत्साहित गृह मंत्रलय ने नक्सल प्रभावित सभी राज्यों को इसे प्रोत्साहित करने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। इसमें पुनर्वास के लिए दी जाने वाली सहायता के तत्काल भुगतान से लेकर उनकी सुरक्षा के लिए पुख्ता बंदोबस्त तक शामिल हैं।



विजय बहादुर सिंह बने उत्तर प्रदेश के नए महाधिवक्ता
01 September 2014
लखनऊ। वरिष्ठ वकील विजय बहादुर सिंह को उत्तर प्रदेश का नया महाधिवक्ता बनाया गया है। वी बी सिंह को बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2013 में पार्टी से निकाल दिया था। उस वक्त सिंह ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। बसपा से निकाले जाने के बाद विजय बहादुर सिंह सपा में शामिल हो गए थे।
कभी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के करीबी रहे विजय बहादुर सिंह बसपा से बेदखल किए जाने के बाद भाजपा की शरण में गए और चुनाव लड़ने के लिए टिकट की मांग की। लेकिन भाजपा द्वारा टिकट नहीं मिलने के बदा वे सपा में शामिल हो गए। सपा में शामिल होने के बाद उन्हें कानून के उच्च अधिकारियों की श्रेणी में शामिल कर दिया गया।
विजय बहादुर सिंह को वरिष्ठ वकील वी सी मिश्रा के स्थान पर लाया गया है। मिश्रा को प्रदेश की अखिलेश सरकार ने 01 जुलाई को महाधिवक्ता पद से हटा दिया था। हालांकि उन्हें पद से हटाए जाने की वजहों का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। मिश्रा को हटाने के बाद प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में सी बी यादव की नियुक्ति कर उन्हें महाधिवक्ता की सारी प्रशासनिक जिम्मेदारियां सौंप दी थी। लेकिन सरकार के इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई।
याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाइ चंद्रचुड़ और न्यायाधीश डी के अरोड़ा की बेंच ने प्रदेश सरकार को 4 सितंबर तक महाधिवक्ता की नियुक्ति करने का निर्देश दिया। कोर्ट के निर्देश और नीदरलैंड के अपने विदेश दौरे को देखते हुए अखिलेश सरकार ने रविवार को विजय बहादुर सिंह को प्रदेश को नया महाधिवक्ता नियुक्त कर दिया।


चार राज्यों में विधानसभा चुनाव एकसाथ नहीं
01 September 2014
नई दिल्ली। चार राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं होंगे। महाराष्ट्र और हरियाणा में अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में चुनाव होने की संभावना है, वहीं दो अन्य राज्यों जम्मू-कश्मीर और झारखंड में दिसंबर अंत या जनवरी की शुरुआत में चुनाव कराए जा सकते हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनावी समय सारणी पर काम कर रहा है और सितंबर के मध्य तक इसकी घोषणा की जा सकती है। सुरक्षा बलों की जरूरत और तैनाती को लेकर गृह मंत्रालय और आयोग के बीच गंभीर बातचीत का दौर चल रहा है। पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती के जरिए ¨हसारहित, सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव आयोजित कराने के लिए संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की जा रही है। 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल आठ नवंबर को, जबकि 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 27 अक्टूबर को समाप्त होगा। सूत्रों ने कहा कि चुनाव कार्यक्रम को इस प्रकार तैयार किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में चल रहे 10 दिनी गणेश पर्व और उसके बाद तीन अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्र और दशहरा उत्सव के साथ इसका टकराव न हो। सूत्रों ने कहा कि आयोग चाहता है कि इन दोनों राज्यों में चुनाव 24 अक्टूबर को दीपावली से पहले संपन्न हो जाएं।
चार राज्यों में चुनाव एक साथ नहीं कराए जाने का फैसला अ‌र्द्धसैन्य बलों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। माओवादी विद्रोह झेल रहे झारखंड और लंबे समय से आतंक के साये में जी रहे जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त बलों की तैनाती की आवश्यकता होगी। पिछले चुनावों के दौरान जम्मू-कश्मीर में सात चरणों में चुनाव हुए थे जबकि झारखंड में पांच चरणों में चुनाव कराए गए थे।


हाईकोर्ट में बढ़ेंगे पच्चीस फीसद जज
01 September 2014
नई दिल्ली। अदालतों में मुकदमों के बढ़ते बोझ को लेकर मोदी सरकार बेहद चिंतित है। उसका मानना है कि लंबित मामलों की तादाद में बढ़ोतरी के चलते लोगों को न्याय मिलने में देरी हो रही है। इस समस्या से निपटने के लिए फौरी कदम के तहत सरकार ने हाईकोर्ट में जजों की मौजूदा तादाद में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अनुसार, 'हाईकोर्ट में जजों के मौजूदा स्वीकृत पदों में पच्चीस फीसद बढ़ोतरी करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी गई है।'
रविवार को नेशनल लॉ स्कूल आफ इंडिया यूनिवर्सिटी के 22वें दीक्षांत समारोह में रविशंकर प्रसाद ने यह घोषणा की। इस मौके पर उन्होंने मामूली मामलों के तहत जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों की रिहाई के मसले का भी जिक्र किया। बकौल प्रसाद, 'जिन विचाराधीन कैदियों ने अपने अपराध के लिए निर्धारित सजा का कम से कम आधा समय जेल में गुजार दिया हो, उनकी रिहाई के लिए काूनन में संशोधन तो कर दिया गया। लेकिन अब इसे जल्द से जल्द लागू करने की जरूरत है।' कानून मंत्री के अनुसार केंद्र सरकार ने इस दिशा में काम शुरू भी कर दिया है। उन्होंने माना कि अदालतों में जजों की कमी और आधारभूत सुविधाओं के अभाव के चलते न्यायालयों में मुकदमों को ढेर बढ़ता जा रहा है। कानून मंत्री का कहना था, 'मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हाईकोर्ट के लिए स्वीकृत जजों की मौजूदा संख्या में 25 प्रतिशत वृद्धि करने का फैसला सैद्धांतिक तौर पर कर लिया गया है।' उन्होंने साथ यह भी बताया कि करीब 14 हजार अधीनस्थ न्यायालयों को कंप्यूटरीकृत करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है, जिससे जेलों में कैदियों खासकर विचाराधीन बंदियों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। ताकि उनकी जल्द रिहाई का रास्ता साफ हो सके।


भारत के साथ तनाव बढ़ाना पाक हित में नहीं: जावड़ेकर
01 September 2014
जयपुर। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत से तनाव बढ़ाना उसके हित में नहीं। पाकिस्तान 15 दिनों से जो कर रहा है उसका कड़ाई से जवाब दिया जा रहा है। एक दिवसीय दौरे पर जयपुर आए जावडे़कर रविवार को 'प्रेस से मिलिए' कार्यक्रम में केंद्र सरकार के 100 दिन के कार्यकाल को लेकर बातचीत कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें हमेशा पाकिस्तान की चिंता रही है। हम चाहते है एक स्थिर और शांति भरा पाकिस्तान हो, तभी दोनों देश आगे बढ़ सकते हैं। पर पाकिस्तान जो इतने दिनों से कर रहा है उसे माफ नहीं किया जाएगा और न ही उससे कोई चर्चा की जाएगी। वह पहले आतंकियों से बात करे और फिर हमसे। ऐसे नहीं चलेगा। सीमा पर फ्लैग मीटिंग के जरिये पहले से ही बातचीत जारी है। पाकिस्तान की अंदरूनी परिस्थितियों के बारे में जावड़ेकर ने कहा कि इस पर सरकार की नजर है।


भाजपा ने बढ़ाया देश में सांप्रदायिक तनाव: मायावती
01 September 2014
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद नए सिरे से संगठन को खड़ा करने में लगीं बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को भाजपा और सपा पर जमकर प्रहार किए। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है। वहीं, प्रदेश की सपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पार्टी कार्यकताओं से जुट जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बसपा का लक्ष्य देश की सत्ता की चाबी हासिल करना है। इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा।
बसपा सुप्रीमो रविवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित केंद्रीय कार्यकारिणी और राज्यों के पदाधिकारियों-प्रतिनिधियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने समतामूलक समाज बनाने के लिए अपरकास्ट से भी बढ़-चढ़कर बसपा से जुड़ने का आह्वान किया। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार बनने से सांप्रदायिकता बढ़ी है और देश आगे के बजाय पीछे की ओर जा रहा है। ऐसे में देश की सत्ता की बागडोर बसपा के सही हाथों में आना जरूरी है।
मायावती ने कहा कि बसपा राजनीतिक पार्टी के साथ ही सामाजिक परिवर्तन का मूवमेंट भी है। पार्टी समतामूलक समाज व्यवस्था बनाने के लिए संकल्पित व संघर्षरत है, लेकिन इसके लिए चुनाव में वोटों के जरिए सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करनी होगी। बसपा सुप्रीमो ने पदाधिकारियों से भाईचारे के आधार पर सर्वसमाज को पार्टी के साथ जोड़ने का भी आह्वान किया। दो घंटे तक मायावती ने देश-प्रदेश के राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से अपनी बात पार्टी पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों के समक्ष रखी। उन्होंने भाजपा और आरएसएस की गतिविधियों के प्रति सावधान करते हुए कहा कि जिस तरह के हालात हैं उससे निपटने के लिए पार्टी का हर स्तर पर जनाधार बढ़ाना होगा। देश की भलाई के लिए सत्ता की बागडोर बसपा के हाथों में आना जरूरी है।

सपा सरकार को उखाड़ फेंकना जरूरी

बसपा सुप्रीमो ने सपा सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश को जंगलराज में झोंकने वाली सपा सरकार को उखाड़ फेंकना होगा। इसके लिए मायावती ने पदाधिकारियों से पार्टी को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि बसपा की समता और मानवतावादी विचारधारा को सर्वसमाज तक पहुंचाएं। बसपा सरकार बनने पर ही राज्य की व्यवस्था पटरी पर लौटेगी। बसपा प्रमुख मायावती ने हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड व जम्मू-कश्मीर राज्य के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संबंधित राज्यों के पदाधिकारियों व प्रतिनिधियों से कहा कि वे चुनाव को गंभीरता से लें। हर सीट पर मजबूती से चुनाव लड़कर जीतने का पूरा प्रयास करें।


बसपा का वोट तय करेगा उपचुनावों की चाल
01 September 2014
लखनऊ। उपचुनाव की जंग में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला बनाए रखने को भले ही धुव्रीकरण को हवा दी जाए, लेकिन नतीजे बसपाई वोटबैंक के रुख पर निर्भर करेंगे।
विधानसभा की 11 सीटों पर चुनावी जंग से बसपा ने खुद को अलग किया है, ऐसे में उसके वोटों पर अन्य दल निगाह लगाए हैं। अगर गत चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो बसपा की ताकत साफ दिखती है। वर्ष 2012 में भाजपाई कब्जे वाले इन 11 क्षेत्रों में छह पर बसपा के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे, जबकि लहर होने के बावजूद सपा केवल तीन सीटों पर रनरअप रही थी। बिजनौर, नोएडा, हमीरपुर, सिराथू, बलहा और रोहनिया में बसपा को मिली बढ़त में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अधिक कमी नहीं आयी। रोहनिया को छोड़ दें तो किसी सीट पर बसपा को बीस हजार से कम वोट नहीं मिले।
दलित सियासत के जानकार डा. पदम सेन का कहना है कि उपचुनाव से बसपाई भले अलग रहे, लेकिन दलित वोट बैंक का रूझान असर जरूर दिखाएगा। लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित उलटफेर होना भी दलित वोटों की वजह माना जा रहा है। बसपा की गैरमौजूदगी से केवल भाजपाई ही खुश नहीं हैं। सपा को भी एंटी भाजपा धुव्रीकरण अपने पक्ष में होने की आस है। सत्ता में रहने का स्वाभाविक फायदा समाजवादियों के खाते में जाएगा।
लोकसभा चुनाव मे मिले मतों आधार पर सपा ठाकुरद्वारा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से आगे रही। सहारनपुर, लखनऊ पूर्वी व रोहनियां को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों में समाजवादी दबदबा दिखा। एक पूर्व मंत्री का कहना है कि बसपा का मैदान छोड़ना सपा के लिए नुकसानदेह नहीं है। बदली परिस्थितियों में भाजपा विरोधी वोटों का धुव्रीकरण सपा प्रत्याशियों के लिए फायदेमंद होगा। उपचुनाव वाली सीटों में से करीब आधी सीटों पर सपा की साइकिल सरपट दौड़ लगाएगी। उपचुनाव में भी लोकसभा चुनाव की तर्ज पर धुव्रीकरण कराने का फॉर्मूला अपना रही भाजपा की रणनीति को लेकर सपा सतर्क है। सूत्रों का कहना है कि इससे बचने के लिए ही सपा ने किसी मुस्लिम उम्मीदवार को उपचुनाव के मैदान में नहीं उतारा। सहारनपुर, ठाकुरद्वारा जैसे क्षेत्रों में भी सपा ने पिछड़ा कार्ड चल सीट भाजपा से छीनने का गणित लगाया है। बिहार, उत्तराखंड व अन्य राज्यों के उपचुनाव के नतीजों से उत्साहित सपा नेतृत्व लोकसभा चुनाव में मिले हार के जख्मों की भरपाई उपचुनाव में करना चाहता है। सपा को भरोसा है बसपा की गैरमौजूदगी में मुसलमान विकल्पहीनता की स्थिति में भाजपा को हराने के लिए साइकिल पर सवारी करेंगे।

योगी के सहारे भाजपा का दांव

लव जेहाद व धर्मातरण जैसे विवादों को लेकर बने सांप्रदायिक माहौल को कैश कराने को भाजपा 'योगी कार्ड' चल रही है। भाजपाई प्रचार मुहिम से राष्ट्रीय नेताओं को दूर रखते हुए हिंदूवादी नेता व गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ को आगे किया गया है। वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी प्रचार अभियान में जुटेंगे। कांठ प्रकरण से सुर्खियों में आए वाजपेयी के बयान भी योगी की तरह तल्ख होते हैं।


संपादकीय

मध्यप्रदेश जनसंपर्क करे संपूर्ण पारदर्शिता की पहल
उम्मीद की किरण की तरह है चौटाला पिता पुत्र को मिली सज़ा
मध्य प्रदेश में भी सुरक्षित नहीं महिलाएं
देवी को पूजने वाले देश में औरतों की आबरू सुरक्षित नहीं
अभी से करनी होगी पानी की चिंता
मोदी का कद बढ़ने से भाजपा मे घमासान
कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के फ़ैसले ने खड़े किए कई सवाल