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जल संरक्षण पर युवाओं की राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता,
भव्य समारोह में पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा दिए जाएंगे 15 पुरस्कार,


26 April 2023
भोपाल :भोपाल. विश्व में बढ़ते जलसंकट को देखते हुए एक संवेदनशील अभियान की जरूरत है। भविष्य के संकट के लिए युवाओं को इस चेतना से जोड़ने के लिए एक राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता व संचार विश्वविद्यालय व प्रहरी फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी भाग ले सकेंगे। इसके मार्गदर्शक कुलपति प्रोफेसर केजी सुरेश और जल योद्धा पद्मश्री उमाशंकर पांडे हैं। प्रोफेसर सुरेश ने बताया है कि भविष्य की भीषण जल समस्या का सामना आज की युवा पीढ़ी को करना पड़ेगा इसलिए उसे संवेदनशील बनाना जरूरी है। श्री पांडे इस क्षेत्र में अपने अनुभवों का जिक्र करके बताते हैं कि युवा ऊर्जा से पर्यावरण के संकट का समाधान करना आसान होगा। उन्हें इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करना होगा। प्रतियोगिता में जल और हमारे रोजमर्रा जीवन से संबंधित विषयों पर 2000 शब्दों का निबंध लिखना होगा। अंतिम तिथि 1 मई है। संयोजक प्रो. शिवकुमार विवेक व सहसंयोजक अंकित पांडेय ने बताया कि विद्यार्थी अपने निबंध जलशक्तिएमसीयू एट द रेट जीमेल डॉट कॉम jalshaktimcu@gmail.com पर भेज सकते हैं। प्रथम पुरस्कार के रूप में 11 हजार रुपए तथा द्वितीय में 5100 रुपए नगद दिए जाएंगे। इसके अलावा 2100 रुपए के तीन तृतीय पुरस्कार, 1100 रुपए के पांच चतुर्थ पुरस्कार व 500 रुपए के पांच पंचम पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। ये पुरस्कार एक समारोह में दिए जाएंगे।

आईआईएमसी में प्रवेश के लिए अब 5 मई तक कर सकते हैं आवेदन
भारतीय जन संचार संस्थान ने जारी किया प्रवेश परीक्षा का पाठ्यक्रम


20 April 2023
नई दिल्ली.भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में पांच पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 19 अप्रैल से बढ़ाकर 5 मई कर दी गई है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र एनटीए की आधिकारिक वेबसाइटhttp://cuet.nta.nic.in पर उपलब्ध हैं। आईआईएमसी में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी पीजी) 2023 के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा। अंग्रेजी पत्रकारिता, हिंदी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, रेडियो एवं टेलीविजन पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में पीजी डिप्लोमा में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को 'सीयूईटी पीजी' परीक्षा देनी होगी। प्रश्न पत्र हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में होगा। आईआईएमसी के प्रवेश प्रभारी प्रो. राकेश गोस्वामी ने बताया कि जिन विद्यार्थियों ने सीयूईटी का पहले फॉर्म भर दिया था और आईआईएमसी का चुनाव नहीं किया था, ऐसे विद्यार्थी 6 से 8 मई के बीच करेक्शन विंडो खुलने पर भारतीय जन संचार संस्थान का विकल्प चुन सकते हैं। अगर कोई विद्यार्थी पूर्व में आईआईएमसी से जुड़े किसी एक कोर्स का चुनाव कर चुके हैं एवं अब किसी अन्य कोर्स का भी चुनाव करना चाहते हैं, तो वो भी करेक्शन विंडो खुलने के दौरान ऐसा कर सकते हैं। प्रो. गोस्वामी ने बताया कि सीयूईटी (पीजी) सूचना पुस्तिका में, आईआईएमसी के पाठ्यक्रमों को 'सामान्य' कैटेगरी के तहत रखा गया है और प्रश्न पत्र कोड COQP17 है। आईआईएमसी में विभिन्न पाठ्यक्रमों के टेस्ट पेपर कोड क्रम संख्या 1043 से 1047 पर हैं। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे प्रवेश परीक्षा से जुड़े अपडेट्स के लिए एनटीए एवं आईआईएमसी की वेबसाइट देखते रहें।

ये होगा प्रवेश परीक्षा का पाठ्यक्रम

प्रवेश परीक्षा में 100 अंकों का प्रश्नपत्र होगा। प्रश्नपत्र दो हिस्सों में विभाजित होगा एवं सभी प्रश्नों का जवाब देना अनिवार्य होगा। प्रश्नपत्र के पहले भाग में भाषा एवं शाब्दिक क्षमता, सामान्य ज्ञान, गणित एवं विश्लेषण क्षमता से जुड़े 25 प्रश्न पूछे जाएंगे। दूसरे भाग में जनसंचार एवं पत्रकारिता विषय से संबंधित 75 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्नपत्र के दूसरे भाग में जनसंचार एवं पत्रकारिता विषय के अंतर्गत भारतीय राजनीति और आर्थिक परिदृश्य, राजनीति एवं मनोरंजन से जुड़े अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम, जनता से जुड़े वर्तमान मुद्दे, भारतीय इतिहास एवं समाज विज्ञान, मीडिया इंडस्ट्री में सूचना संचार प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और जन माध्यम एवं सामाजिक मुद्दों से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे।

कौन कर सकता है आवेदन

जिन विद्यार्थियों के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री है, वे आईआईएमसी में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। जो छात्र अपनी स्नातक की डिग्री के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर परीक्षा में शामिल हुए हैं या हो रहे हैं, वे भी आवेदन करने के पात्र हैं। चयन होने पर ऐसे विद्यार्थियों को 30 सितंबर, 2023 तक अपनी प्रोविजनल मार्कशीट या सर्टिफिकेट की मूल प्रति जमा करानी होगी। इन विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम पूरा होने पर केवल तभी डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा, जब आईआईएमसी के कार्यालय में सत्यापन के लिए वे मूल डिग्री प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे।

ये होगी आयु सीमा

सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों का जन्म 1 अगस्त 1998 को या उसके बाद (1 अगस्त, 2023 को अधिकतम 25 वर्ष) होना चाहिए। ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए जन्म तिथि 1 अगस्त 1995 या उसके बाद (1 अगस्त 2023 को अधिकतम 28 वर्ष) की होनी चाहिए। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए जन्म तिथि 1 अगस्त 1993 या उसके बाद (1 अगस्त, 2023 को अधिकतम 30 वर्ष) की होनी चाहिए।

जानकारी के लिए ऐसे करें संपर्क

प्रो. गोस्वामी के अनुसार किसी भी प्रकार की समस्या होने पर विद्यार्थी अकादमिक विभाग, भारतीय जन संचार संस्थान, अरुणा आसफ अली मार्ग, नई दिल्ली-110067 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा दूरभाष नंबर 011-26742920, 26742940, 26742960 (एक्सटेंशन 233) पर भी संपर्क किया जा सकता है। मोबाइल नंबर 7838055429 के माध्यम से भी आवेदनकर्ता जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अगर विद्यार्थी व्हाट्सएप के द्वारा जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो मोबाइल नंबर 7014551410 पर संदेश भेज सकते हैं।

भाषाई पत्रकारिता के लिए अलग से आयोजित होगी प्रवेश परीक्षा

उड़िया, मराठी, मलयालम और उर्दू पत्रकारिता में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए अलग से परीक्षा का आयोजन आईआईएमसी द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए एप्लीकेशन फॉर्म आईआईएमसी की आधिकारिक वेबसाइटwww.iimc.gov.inपर जल्द ही जारी किए जाएंगे।
अब 3 महीने का जॉब रेडी डिजिटल मार्केटिंग कोर्स आपके अपने शहर नोएडा में, 100% इंटर्नशिप की गारंटी
19 April 2023
दिल्ली। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारी दर 7.45% तक पहुंच गई है। मौजूदा समय में तकरीबन 6 करोड़ लोग बेरोजगार हैं। इतनी बड़ी संख्या में बेरोजगारी का कारण युवाओं का डिजिटली अनस्किल्ड होना है क्योंकि बीए, बीएससी, बीकॉम जैसी साधारण डिग्री युवाओं को बेहतर जॉब दिलाने में सक्षम नहीं है। जबकि डिग्री के साथ डिजिटली स्किल्ड युवाओं को आज के समय में कंपनियां हाथो हाथ ले रही हैं। इंटरनेट के जरिए संचालित डिजिटल सेक्टर में मौजूदा समय में 6.5 करोड़ नौकरियां डिजिटली स्किल्ड युवाओं का इंतजार कर रही हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या आपने खुद को डिजिटली स्किल्ड किया है ? अगर नहीं तो दिल्ली एनसीआर के हजारों अनस्किल्ड युवाओं को स्किल्ड करने के लिए अमर उजाला का एडटेक ब्रांड सफलता डॉट कॉम क्लासरूम प्रोग्राम लेकर आ रहा है। सफलता के नोएडा ऑफिस में जॉब रेडी टूल्स और इंडस्ट्री रेडी मॉड्यूल्स के साथ संचालित होने जा रहे सुपर एडवांस डिजिटल मार्केटिंग क्लासरूम प्रोग्राम के जरिए आप मात्र 3 महीने के अंदर लाखों के पैकेज वाली जॉब हासिल करने की स्थिति में आ जाएंगे क्योंकि यहां आपको गूगल, एक्सेंचर, विप्रो जैसी कंपनियों में काम कर चुके फैकल्टी से लाइव पढ़ने का मौका मिलेगा। इसके अलावा इस प्रोग्राम में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस क्लासरूम से युवा जटिल से जटिल कांसेप्ट को आसानी से प्रक्टिकल के जरिए सीख सकेंगे। कोर्स में मिल रही ऑन जॉब ट्रेनिंग से युवाओं को सफलता के टीम मेंबर्स और सीनियर मैनेजमेंट के साथ काम करने का मौका मिलेगा जिससे वह कॉर्पोरेट कल्चर को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे तो फिर देर कैसी आज ही सफलता के इस Super Advance Digital Marketing Classroom Program में अपना दाखिला कराकर डिजिटल सेक्टर में अपने शानदार करिअर की ओर एक कदम बढ़ाएं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के इस कॉलेज में निकली नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, ये रही वैकेंसी डिटेल
25 March 2023
दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने एक भर्ती नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, लेडी इरविन कॉलेज ने कई पदों पर भर्ती निकाली है। ये भर्ती 36 नॉन-टीचिंग पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। ध्यान दें कि आवेदन प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में जो उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन करना चाहते है वे आवेदन कर दें। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तारीख 15 अप्रैल है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट dunt.uod.ac.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

वैकेंसी डिटेल

यह भर्ती अभियान 36 रिक्तियों को भरने के लिए आयोजित किया जा रहा है, जिनमें से एक-एक रिक्ति लाइब्रेरियन, प्रशासनिक अधिकारी, अनुभाग अधिकारी, वरिष्ठ सहायक, सहायक और तकनीकी सहायक के पद के लिए है। सहायक के पद के लिए दो रिक्तियां हैं। चार रिक्तियां जूनियर असिस्टेंट के पद के लिए हैं, 5 रिक्तियां लाइब्रेरी अटेंडेंट के पद के लिए हैं और 16 रिक्तियां लेबोरेटरी अटेंडेंट के पद के लिए हैं।

आवेदन शुल्क

अनारक्षित / ओबीसी / ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आवेदन शुल्क ₹ 1000 है। एससी/एसटी वर्ग के लिए आवेदन शुल्क ₹500 है। महिला उम्मीदवारों और PWBD श्रेणी के उम्मीदवारों को शुल्क के भुगतान से छूट दी गई है।
Click here for the direct link to apply
Delhi University recruitment: ऐसे करें अप्लाई
सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट dunt.uod.ac.in पर जाएं
फिर रजिस्टर करें और आवेदन पत्र भरें
इसके बाद आवेदन शुल्क का भुगतान करें
अब सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
अंत में भविष्य की जरूरत के लिए एक प्रिंटआउट ले लें।

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के छात्राओं की फिल्म ‘वुमनहुड’ को मिला पहला पुरस्कार
24 February 2018
भोपाल, 24 फरवरी। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की छात्रा स्वेता दत्त एवं उपासना द्वारा निर्मित फिल्म ‘वुमनहुड’ को गुवाहाटी में आयोजित आठवें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव-2018 में पहला स्थान प्राप्त किया है, जिसके तहत फिल्म को ‘गोल्डन वीवर अवार्ड’ दिया गया है। फिल्म का चयन शैक्षणिक संस्थाओं एवं विद्यार्थियों की श्रेणी में किया गया। इस श्रेणी में देशभर से 25 फिल्में आईं थीं। पुरस्कार में 75 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। फिल्म का संपादन विश्वविद्यालय के प्रोडयूसर मनोज पटेल ने किया है। छात्रा स्वेता ने बताया कि इस फिल्म में महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को दिखाया गया है। फिल्म की विशेषता यह है कि इसमें न केवल समस्याओं को दिखाया गया है, बल्कि उसके प्रति जागरूकता लाने का प्रयास किया गया है। फिल्म के माध्यम से सेनेटरी पैड्स के प्रयोग को प्रोत्साहित किया गया है। फिल्म में विशेषतौर पर ग्रामीण परिवेश की महिलाओं की समस्याओं को दिखाया गया है। स्वेता ने बताया कि फिल्म निर्माण के दौरान शहरी लड़कियों और महिलाओं से इस विषय पर बात करना आसान रहा, किंतु ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं कैमरा देखकर ही डर जाती थीं और इस बारे में बात करने में बहुत संकोच करती थीं। यह लघु फिल्म 11 मिनट की है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य फिल्मों के माध्यम से विज्ञान एवं तकनीक को बढ़ावा देना है।
27 हजार 687 विद्यार्थियों की 55 करोड़ रुपये फीस शासन ने जमा की
21 February 2018
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में 27 हजार 687 विद्यार्थियों की 55 करोड़ 5 लाख 71 हजार 302 रुपये की फीस राज्य शासन द्वारा जमा की गयी है। योजना में कुल 28 हजार 433 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 27 हजार 706 आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं। शेष आवेदन पर कार्यवाही प्रचलन में है। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया है कि तकनीकी शिक्षा के 297 विद्यार्थियों की एक करोड़ 59 लाख 37 हजार 451, मेडिकल के 398 विद्यार्थियों की 21 करोड़ 31 लाख 58 हजार, राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में अध्ययनरत 287 विद्यार्थियों की 2 करोड़ 52 लाख 23 हजार 973, पशु चिकित्सा के 15 विद्यार्थियों की 6 लाख 66 हजार 194, मानव संसाधन विभाग से जुड़ी संस्थाओं के 165 विद्यार्थियों की एक करोड़ 17 लाख 29 हजार 575, उच्च शिक्षा विभाग के कॉलेजों के 26 हजार 108 विद्यार्थियों की 10 करोड़ 10 लाख 9 हजार 701, कृषि महाविद्यालयों के 73 विद्यार्थियों की 20 लाख 47 हजार 816, यूनीवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट के 31 विद्यार्थियों की 9 लाख 32 हजार 730, आयुष के 28 विद्यार्थियों की 17 लाख 34 हजार 60, निजी विश्वविद्यालयों के 255 विद्यार्थियों की 17 करोड़ 39 लाख 80 हजार और अन्य संस्थाओं के 30 विद्यार्थियों की 41 लाख 51 हजार 302 विद्यार्थियों की फीस शासन द्वारा जमा करवायी गयी है।
सातवें विज्ञान मेले में माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय ने जीते पुरस्कार
16 February 2018
भोपाल, 16 फरवरी, 2018। सातवें भोपाल विज्ञान मेले में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय को बेस्ट विज्ञान पैविलियन अवार्ड एवं थ्रीडी प्रिंटिंग में मेरिट अवार्ड प्राप्त हुआ। मेले का आयोजन विज्ञान भारती और मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की ओर से किया गया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नवीन मीडिया विभाग की ओर से मेले में प्रदर्शनी आयोजित की थी। प्रदर्शनी में स्ट्रिप पैकेजिंग, एलुमिनियम फोइल स्कैल, बॉटल कैप क्रिम्पिंग मशीन और ग्रव्युर प्रिंटिंग मशीन को प्रदर्शित किया गया। नवीन मीडिया विभाग की अध्यक्ष डॉ. पी. शशिकला ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से जो पैविलियन बनाया गया था, उसे बेस्ट पैविलियन अवार्ड दिया गया। इसके साथ ही थ्रीडी प्रिंटिंग मॉडल को मेरिट अवार्ड दिया गया। इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला, कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा एवं कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने प्रशंसा व्यक्त की है। आकर्षण का केंद्र बनी प्रवेश प्रक्रिया : विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया को मेले में थ्रीडी वीडियो से समझाया गया। विश्वविद्यालय के पैविलियन में लगाए गए एलसीडी पर निरंतर यह वीडिया चला। अनेक लोगों ने थ्रीडी वीडियो के माध्यम से विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया को समझा। इसके साथ ही पैविलियन में विश्वविद्यालय के प्रकाशन की पुस्तकों को भी प्रदर्शित किया गया।
छात्रवृत्ति से मलेशिया यूनिवर्सिटी में शोध करेंगे सुमित और अविनाश
16 February 2018
इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के दौरान सुमित और अविनाश में गहरी दोस्ती हो गई। संयोग देखिए एआईईईई के आधार पर दोनों का दाखिला एसएआईटी (सम्राट अशोक इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) विदिशा में हो गया। यहीं से दोनों ने कम्प्यूटर साइंस में बी-टेक और एम-टेक किया। इसके बाद तय किया कि अब विदेश की किसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से मशीन लर्निंग में साथ-साथ शोध करेंगे इन होनहार छात्रों के सपनों के मार्ग में आर्थिक बाधा आड़े आई तो मध्यप्रदेश सरकार बनी सहयोगी। सरकार की विदेश में अध्ययन हेतु संचालित छात्रवृत्ति योजना ने अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले इन दोनों विद्यार्थियों की प्रतिभा को पंख लगा दिए हैं। ग्वालियर शहर की नर्मदा कॉलोनी मुरार निवासी सुमित धारीवाल और नेहरू कॉलोनी निवासी अविनाश रायपुरिया मलेशिया की मस्ट यूनिवर्सिटी में यांत्रिकी फैकल्टी में शोध करने जा रहे हैं। इस योजना के तहत दोनों छात्रों को अलग-अलग 13 लाख 20 हजार रूपए से अधिक की आर्थिक सहायता जनजाति कल्याण विभाग ने मंजूर कर दी है। दोनों मौजूदा माह में ही मलेशिया की उड़ान भरेंगे। सुमित और अविनाश कहते हैं कि शुरू में हमें हर तरफ से निराशा ही हाथ लग रही थी। ऐसे में एक दिन अखबार में पढ़ा कि मध्यप्रदेश सरकार हम जैसे महत्वाकांक्षी युवाओं को विदेश में उच्च शिक्षा के लिये वित्तीय मदद देती है। हम दोनों ग्वालियर की शारदा विहार कॉलोनी स्थित जनजाति कल्याण कार्यालय में पहुँच गए और अपने आवेदन प्रस्तुत कर दिए। निर्धारित प्रक्रिया तथा साक्षात्कार के बाद हम दोनों का विदेश अध्ययन की छात्रवृत्ति के लिये चयन हो गया है। स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई हमने साथ की। अब दोनों का विदेश में पढ़ाई का सपना मध्यप्रदेश सरकार पूरा कर रही है
महाविद्यालयों में छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाये : राज्यपाल श्रीमती पटेल
15 February 2018
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि हर महाविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ-साथ साल में एक बार सभी छात्राओं का स्वास्थ परीक्षण भी कराया जाना चाहिये।उन्होंने कहा कि शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा का पता लगने से समय रहते बच्चों को कुपोषित होने से बचाया जा सकता है। राज्यपाल ने आज शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्वशासी महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव के समापन समारोह में यह बात कही। इस अवसर राज्यपाल ने बीएससी की छात्रा कु. सुमैया अली को श्री शंकरदयाल शर्मा गोल्ड मेडल, एमएससी केमेस्ट्री की छात्रा कु.निदा नाज को मुख्यमंत्री गोल्ड मेडल, तथा बीएचएससी की छात्रा कु.जैनब मोदी को उषा जैन अवार्ड सहित अन्य छात्राओं को भी पुरस्कार वितरित किये। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि अच्छी माँ बनने के लिए पूर्ण पोषण की आवश्यकता है़। माँ का कर्तव्य है कि वे बच्ची को जन्म देने के साथ उसको अच्छी शिक्षा भी दे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है। आज समाज तेजी से आगे बढ़ रहा है, महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है और भ्रूण हत्या की घटनाएं भी कम हो गई हैं। इससे लगता है कि अगली जनगणना पर महिलाओं की जनसंख्या पुरूषों के बराबर हो जायेगी। राज्यपाल ने कहा कि पुरूषों की तुलना में महिलाएं अधिक कार्य करने में सक्षम हैं। आज महिलाएँ राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक क्ष्रेत्र के साथ ही सेना जैसे कठिन क्षेत्र में भी आगे बढ़ रही हैं। श्रीमती पटेल ने खुले में शौच से मुक्ति के प्रति जागरूकता अभियान चलाने पर जोर देते हुए कहा कि खुले में शौच करने की प्रवृत्ति से कई घटनाएं घटित होती हैं। इसलिए गांवों में लोगों को हर घर में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया जाये। प्राचार्य डॉ. रोमशा सिंह ने महाविद्यालय की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होनें बताया कि महाविद्यालय की अनेक छात्राओं का बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में चयन हुआ है। राज्यपाल ने प्राध्यापक डॉ.भावना श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तक 'संस्कृत व्याकरण सौरगम'' का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम का संचालन छात्रसंघ प्रभारी डॉ.उर्मिला शिरीष ने तथा आभार छात्रसंघ की अध्यक्षा कु. उल्फा खान ने किया।
मानव हित को ध्यान में रखकर शिक्षा ग्रहण करें छात्र-छात्रायें
12 February 2018
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने छात्र-छात्राओं से कहा है कि केवल अच्छा जीवन एवं नौकरी के लिये ही पढ़ाई न करें, अपितु मानव हित को ध्यान में रखकर शिक्षा ग्रहण करें। मन में सदैव यह भाव रखें कि हम गाँव, प्रदेश, देश और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये क्या बेहतर कर सकते हैं। राज्यपाल सोमवार को ग्वालियर में आईटीएम ग्लोबल स्कूल परिसर में नवनिर्मित कबीर प्रखण्ड के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रही थीं। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने विद्यालय प्रबंधन एवं आईटीएम यूनिवर्सिटी के शिक्षकों का आहवान किया कि बच्चों को ऐसी शिक्षा दें, जिससे वे शुरू से ही राष्ट्रभाव से ओत-प्रोत हों। उन्होंने कहा बच्चों की सोच में बदलाव लाकर ही हम आतंकवाद व नक्सलवाद जैसी समाज विरोधी गतिविधियों से निजात पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को बताएँ कि विविधता में एकता हमारी संस्कृति है। इसलिये स्कूलों व आंगनबाड़ियों के बच्चों में ऐसे भाव पैदा करे कि उनके मन में अशांति और भेदभाव न पनपे। प्रधानमंत्री का “एक भारत – श्रेष्ठ भारत” का सपना भी तभी पूरा होगा। विश्वविद्यालय गाँव के स्कूलों को गोद लें राज्यपाल श्रीमती पटेल ने विश्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं प्रतिष्ठित निजी स्कूलों को समीप के सरकारी स्कूलों को गोद लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों का दायित्व है कि वे गाँव में जाकर ग्रामीणों की बेहतरी के लिये कुछ काम करें। हम अपने देश को तभी ऊँचाईयों तक ले जा पायेंगे, जब अपनी संस्था में अर्जित ज्ञान एवं रचनात्मकता से गाँव के बच्चों को भी पारंगत करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्कूलों को बेहतर बनाने के साथ-साथ ग्रामीणों को शौचालयों के उपयोग तथा अन्य रचनात्मक कार्यों के लिये भी प्रेरित करें। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन ने कहा कि वे स्वयं भोपाल में एक स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्र को गोद लेने जा रही हैं। राज्यपाल को याद आया शिक्षक जीवन आईटीएम ग्लोबल स्कूल में राज्यपाल श्रीमती पटेल को अपना शिक्षक जीवन याद आ गया। उन्होंने कहा लगभग 30 वर्षों तक मेरा जीवन शिक्षक के रूप में सुबह से शाम तक बच्चों से बतियाते और उन्हें पढ़ाते गुजरा। उन्होंने कहा शैक्षणिक दायित्वों के बेहतर निर्वहन के लिये उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कार भी मिले। राज्यपाल ने स्कूल में बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर दी जा रही शिक्षा की सराहना की। साथ ही बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और स्कूल के बच्चों द्वारा किए गए बेहतर संचालन को सराहा। पुश नहीं पुल मॉडल पर आधारित हों स्कूल पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दिलबाग सिंह सुहाग ने इस अवसर पर कहा कि स्कूलों में बच्चों के लिये ऐसा माहौल विकसित करें, जिससे बच्चों को स्कूल में जबरन पहुँचाने की जरूरत न पड़े बल्कि बच्चे स्वत: ही स्कूल जाने के लिये लालायित रहें। उन्होंने कहा कि स्कूल पुश मॉडल पर नहीं, पुल मॉडल पर आधारित होने चाहिए। उन्होंने आईटीएम ग्लोबल स्कूल के एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग कंसेप्ट को सराहा। आईटीएम लेगा अडूपुरा स्कूल को गोद आईटीएम यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री रमाशंकर सिंह ने राज्यपाल को भरोसा दिलाया कि वे स्वयं अडूपुरा गाँव के स्कूल को गोद लेंगे। उन्होंने कहा अडूपुरा के स्कूल में बुनियादी सुविधाओं के अलावा वहाँ के बच्चों के व्यक्तित्व विकास में परिवर्तन के लिये भी कारगर प्रयत्न किए जायेंगे। उन्होंने राज्यपाल को न्यौता दिया कि अगले साल 21 नवम्बर को वो अपना जन्मदिन मनाने अडूपुरा आएँ। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने स्कूल परिसर में लॉयन्स क्लब ग्वालियर द्वारा पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम के तहत पौधरोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने नीम प्रजाति का पौधा रोपा। इस अवसर पर नीम के लगभग 1100 पौधे रोपे गए।
दतिया में खुलेगा पत्रकारिता विश्वविद्यालय का परिसर
12 February 2018
प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल दतिया में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का परिसर शीघ्र प्रारंभ होगा। जनसंपर्क, जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र के प्रयासों से इस संबंध में कार्यवाही सम्पन्न की जा रही है। दतिया जिला प्रशासन द्वारा पाँच एकड़ भूमि बक्शी मंदिर, दतिया के पास दिए जाने की औपचारिकता भी पूर्ण कर दी गई है। आने वाले शैक्षणिक सत्र से पाठयक्रम कक्षाएं संचालित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर ली गई है। इलेक्ट्रॉनिक और प्रिन्ट मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया के विस्तार के दृष्टिगत दतिया में पत्रकारिता विश्वविद्यालय के परिसर की आवश्यकता थी। संभागीय मुख्यालय ग्वालियर के साथ ही दतिया के निकट उत्तरप्रदेश के झांसी नगर से अनेक समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं। दतिया में विभिन्न अखबारों के प्रतिनिधि कार्यरत हैं। इसके साथ ही अनेक टी.व्ही.चैनल्स के लिए भी प्रतिनिधि पदस्थ हैं। दतिया में चिकित्सा महाविद्यालय का भवन भी बनकर तैयार हो चुका है। इसके अलावा केन्द्र और राज्य सरकार के अनेक कार्यालय संचालित हैं। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के परिसर के प्रारंभ होने से दतिया क्षेत्र के युवाओं को रोजगार की दृष्टि से अधिक अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
पुलिस भर्ती वर्ष-2017 का अंतिम परीक्षा परिणाम पीईबी की वेबसाईट पर उपलब्ध
12 February 2018
मध्यप्रदेश पुलिस में सहायक उप निरीक्षक (कम्प्यूटर) /प्रधान आरक्षक (कम्प्यूटर) एवं आरक्षक वर्ष-2017 के कुल 14088 पदों पर भर्ती हेतु म.प्र. प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल द्वारा 19 अगस्त से 18 सितम्बर 2017 तक लिखित परीक्षा एवं 10 दिसम्बर से 22 दिसम्बर 2017 तक शारीरिक प्रवीणता एवं ट्रेड टेस्ट का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा के द्वितीय चरण का परिणाम म.प्र प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा 07 फरवरी 2018 को घोषित कर दिया गया है। यह जानकारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक चयन/भर्ती श्री राजेन्द्र मिश्रा ने दी। परीक्षा में विभिन्न पदों के लिये चयनित उम्मीदवारों की पदस्थापना के लिये इन उम्मीदवारों से इकाईयों का पद प्राथमिकता एम.पी.ऑनलाईन लिमिटेड के वेबपोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन लिया जाना है। चयनित उम्मीदवार पदस्थापना हेतु इकाईयों का पद प्राथमिकता एम.पी. ऑनलाईन के वेबपोर्टल www.mponline.gov.in/portal पर 15 से 22 फरवरी 2018 तक ऑनलाईन भर सकते हैं।
रीवा में माखनलाल विश्वविद्यालय का आकर्षक केम्पस भवन बनेगा
6 February 2018
उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने आज यहां मंत्रालय में रीवा में बनने वाले माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के केम्पस भवन निर्माण संबंधी कार्य की बैठक में समीक्षा की। उन्होंने कहा कि रीवा के ड्रीम प्रोजेक्ट माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता तथा संचार विश्वविद्यालय का भव्य एवं आर्कषक केम्पस भवन निर्माण के लिये शीघ्र ही डीपीआर के विस्तृत प्रतिवेदन को अंतिम रूप दिया जायेगा। इसके बाद निविदा आमंत्रित की जायेगी। रीवा में 60 करोड़ रुपये की लागत से केम्पस भवन का निर्माण 5 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है। श्री शुक्ल ने बताया कि भवन निर्माण संबंधी सभी औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद इस वर्ष अप्रैल में भवन का भूमि-पूजन किया जायेगा। बैठक में कुलपति प्रो. बी.के. कुठियाला, रेक्टर श्री लालपत आहूजा, कुलसचिव और विश्वविद्यालय के अधिकारीगण मौजूद थे।
सिर्फ पढाई करें, बाधाओं की चिंता छोड दें, सरकार उठायेगी शिक्षा का खर्च - मुख्यमंत्री श्री चौहान
3 February 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां स्थानीय माडल स्कूल में प्रेरणा संवाद के बाद विद्यार्थियों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब दिये और उनकी शंकाओं का समाधान किया। विद्यार्थियों ने लक्ष्य तय करने, समय का प्रबंधन करने, पढ़ाई के लिये दिनचर्या तय करने, स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा और अच्छे नंबर लाने का तनाव दूर करने के तरीकों से संबंधित सवाल पूछे। मुख्यमंत्री ने एक शिक्षक, पालक और विद्यार्थियों के मामा के रूप में सहजता के साथ विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिये और उनकी शंकाओं का समाधान किया। सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 11वीं कक्षा के छात्र श्री अंकित पटेल ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री बनने के लिये कोई लक्ष्य तय किया था। इस पर मुख्यमंत्री ने अपने गाँव में बचपन में खेती और मजदूरों का मेहनताना बढ़ाने के लिये किये आंदोलन की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अन्याय को किसी भी रूप में सहना सही नहीं है। उन्होने कहा कि किसी भी काम के प्रति लगन और प्रतिबद्धता जरूरी है, यही काम आती है। डी.ए.वी. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टी.टी.नगर की कॉमर्स संकाय की 12वीं कक्षा की छात्रा सुश्री दिपांशी पांडे ने स्कूलों में विद्यार्थियों की विशेष रूप से बेटियों की सुरक्षा के संबंध में सवाल किये। मुख्यमंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों की सुरक्षा संबंधी सभी उपायों को सुदृढ़ किया गया है। छात्रावासों में प्रवेश द्वार पर सीसीटीव्ही कैमरे लगाये जा रहे हैं। छात्रावास आने-जाने वाले रास्तों में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जा रही है। उन्होंने बेटियों की गरिमा को धूमिल करने वाले दरिदों को फाँसी की सजा देने के लिये बनाये गये कानूनी प्रावधान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि समाज को भी नैतिक आंदोलन चलाने की आवश्यकता है। इससे सुरक्षा के लिये एक स्वस्थ वातावरण बनेगा।
सिर्फ कर्म पर ध्यान दें सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय के 11वीं के छात्र श्री आनंद लोधी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि एक दिन में बहुत सारे काम करने के बावजूद उन्हें तनाव क्यों नहीं होता। इस पर मुख्यमंत्री ने गीता का श्लोक पढ़ते हुये बताया कि सिर्फ कर्म करने पर हमारा अधिकार है, परिणाम पर नहीं। इसलिये परिणाम पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय अपने कर्म पर ध्यान दें और यही दृष्टि जीवन में अपनायें तो तनाव नहीं होगा। दसवीं कक्षा की छात्रा सुश्री पूजा कानस ने मुख्यमंत्री से कहा कि हर स्कूल में खेल सुविधा और खेल के मैदान होना चाहिये। इस पर सहमति व्यक्त करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी है। शासकीय विद्यालयों में खेल सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी। मन को स्वस्थ रखने के लिये खेलों से जुड़े रहना जरूरी है। मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल के श्री ऋतिक विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री से पूछा कि यदि अच्छे नंबर नहीं आ पाये तो माता-पिता की क्या प्रतिक्रिया होना चाहिये। इस पर मुख्यमंत्री ने सभी अभिभावकों से अपील की कि बच्चों को किसी भी प्रकार का तनाव नहीं दें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि माता-पिता केवल लाड़-प्यार के कारण बच्चों को डाँटते है ताकि वे सजग और चैतन्य रहें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि केवल मेहनत और अच्छे से अच्छे प्रदर्शन की कोशिश करें, अच्छे नंबर अवश्य आयेंगे। विद्या विहार हायर सेकेण्डरी स्कूल की 11वीं की छात्रा सुश्री प्रियंका ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इंजीनियरिंग की शिक्षा लें, इसके लिये आईआईटी में सीट बढ़ाई जानी चाहिये। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसदिशा में कोशिश की जायेगी। सुभाष उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी स्कूल के 11वीं के छात्र श्री शिवालाल मंडलोई ने मुख्यमंत्री से पूछा कि शिक्षा व्यवस्था में व्यवहारिक शिक्षा को शामिल करने के लिये कौन से सुधार किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के तीन उद्देश्य है ज्ञान देना, कौशल देना और नागरिक संस्कार देना। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में हम ज्ञान दे रहें हैं। अब कौशल देने पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। भोपाल में 600 करोड़ रूपये की लागत से ग्लोबल स्किल संस्थान जुलाई से काम करना शुरू कर देगा। इसके अलावा उत्कृष्ट औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं। शिक्षा पद्धति को मूल्य आधारित बनाने के लिये कोशिश की जा रही है। स्कूल-कॉलेजों में कॅरियर परामर्श की व्यवस्था भी की जा रही है। डी.ए.वी हायर सेकेण्डरी स्कूल की 12वीं की छात्रा सुश्री मोनिका यादव ने सवाल किया कि शालाओं में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिये सरकार ध्यान दे रही है, लेकिन कोचिंग संस्थाओं के आस-पास सुरक्षा व्यवस्था के लिये कौन से उपाय किये जा रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन शहरों में कोचिंग केन्द्र हैं, उनके आने-जाने वाले रास्तों पर सीसीटीव्ही कैमरे लगाने और वहाँ पर लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जायेगी। इसके अलावा डॉयल-100 वाहनों को भी विशेष निर्देश इस संबंध में दिये गये हैं।
जरूरी है समय प्रबंधन मे-फ्लावर स्कूल के 9वीं कक्षा के छात्र श्री अंकित ने पूछा कि व्यवहारिक ज्ञान देने के लिये कौन-कौन से प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार करते हुए पढ़ाई के तरीकों में बदलाव लाने पर विचार किया जा रहा है। मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल की 12वीं कक्षा की छात्रा सुश्री गुंजन बघेल ने मुख्यमंत्री से समय प्रबंधन के संबंध में सवाल करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री के नाते वे स्वयं अपना समय प्रबंधन कैसे करते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने सुबह साढ़े पाँच बजे से लेकर रात साढ़े ग्यारह बजे तक की दिनचर्या और कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तार से बताया। इसमें सुबह सैर करना, योग एवं प्राणायाम करना, प्रशासनिक कार्यों की तैयारी-बैठकें करना और प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संवाद करना, लोगों-प्रतिनिधि मंडलों और विभिन्न संगठनों से मिलना, मंत्रालय में शासकीय कार्य का संपादन करना जैसे कार्यों को विस्तार से बच्चों को बताया। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार जिलों के दौरों के समय आम लोगों से जिले में सुशासन के स्तर और नये विकास कार्यक्रमों एवं योजनाओं की आवश्यकता के संबंध में जानकारी मिलती है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि एक मुख्यमंत्री और अभिभावक के रूप में वे अपने परिवार के लिये कैसे समय निकालते हैं और किस प्रकार सार्वजनिक और निजी जीवन में संतुलन बनाये रखते हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान का विद्यार्थियों के साथ प्रेरणा संवाद
3 February 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ माडल हायर सेकेण्डरी स्कूल में प्रेरणा संवाद कार्यक्रम में शालेय विद्यार्थियों से प्रेरक संवाद करते हुए उन्हें परीक्षाओं में सफल तथा उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया। माडल स्कूल में अपने छात्र जीवन के अनुभवों को विद्यार्थियों के साथ साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने परीक्षाओं में शानदार सफलता के लिये उन्हें महत्वपूर्ण सूत्र बताये। इस कार्यक्रम को दूरदर्शन और आकाशवाणी के माध्यम से सभी जिलों के विद्यार्थियों ने सुना। मुख्यमंत्री ने सफलता के अमूल्य मंत्र बताते हुये कहा कि सबसे जरूरी है - आत्मविश्वास क्योंकि आत्मविश्वास से शक्ति मिलती है और अपनी क्षमता पहचानने का ज्ञान बढ़ता है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुये कहा कि हर विद्यार्थी में भरपूर क्षमता और प्रतिभा है। सिर्फ इसे पहचानकर आगे लाने की आवश्यकता है। उन्होंने तुलसीदास द्वारा रामायण की रचना करने और महाकवि कालिदास का उदाहरण देते हुये कहा कि इन दो महान व्यक्तियों में भरपूर क्षमता और प्रतिभा थी। जिसे उन्होंने स्वयं पहचाना और आज पूरी दुनिया उनका साहित्य पढ़ती है। मुख्यमंत्री ने अपनी कक्षा ग्यारवीं-डी का स्मरण करते हुए कहा कि 11वीं की परीक्षा के समय वे आपातकाल का विरोध करते हुये जेल चले गये थे, लेकिन आत्मविश्वास के साथ पूरी मेहनत करके परीक्षा दी और भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र तथा जीव विज्ञान में अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हुये। उसके बाद दर्शन शास्त्र में स्नातकोत्तर में भी अच्छे नंबरों से पास हुये। श्री चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि आत्मविश्वास के साथ सबसे जरूरी है लक्ष्य तय करना। उन्होंने कहा कि लक्ष्य तय किये बिना काम करने से अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते। लक्ष्य हमेशा ऊँचा होना चाहिये। उन्होंने कहा कि लक्ष्य तय करने के साथ ही उसे प्राप्त करने का एक रोडमैप बनाना भी जरूरी है। अपने बनाये रोडमैप पर बिना किसी भटकाव के चलना आवश्यक शर्त है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई में कभी-कभी मन भटकना स्वाभाविक है। इसलिये सचेत रहते हुए मन की एकाग्रता जरूरी है। उन्होंने अपने पढ़ाई के दिनों को याद करते हुये बताया कि कैसे परीक्षा के समय मन के भटकाव पर उन्होंने दृढ़ निश्चय के साथ काबू किया। श्री चौहान ने कहा कि लक्ष्य पर एकाग्रता से सफलता मिलती है। उन्होंने गुरू द्रोणाचार्य और शिष्य अर्जुन की कथा सुनाते हुये कहा कि अपने लक्ष्य पर एकाग्र होने और अपनी पूरी ऊर्जा का उपयोग करने से सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे हमेशा सकारात्मक सोच और ऊर्जा से भरे रहें। किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से दूर रहें। खूब पढ़ें, आगे बढ़ें और प्रसन्नता के साथ सार्थक जीवन जीने का मार्ग तय करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसे सभी उपाय किये हैं जिससे विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने और आगे बढ़ने में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आये। उन्होंने मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना का संदर्भ देते हुये कहा कि 70 प्रतिशत अंकों के साथ राष्ट्रीय स्तर के उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश लेने पर उच्च शिक्षा की पढ़ाई का खर्च सरकार भरेगी। उन्होंने विद्यार्थियों का आव्हान किया कि वे 85 प्रतिशत नंबर लायें और प्रोत्साहन के रूप में सरकार से लेपटॉप भी प्राप्त करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बच्चों में इतनी क्षमता और प्रतिभा है कि वे बड़े से बड़े पदों पर पहुंच सकते हैं। विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के सपने को पूरा करने के लिये सरकार हर जरूरी कदम उठायेगी। उन्होंने विद्यार्थियों का आव्हान किया कि अपने बुजुर्गों, माता-पिता और शिक्षकों का सम्मान करें। उन्होंने अपने शिक्षक श्री रतनचंद्र जैन का उल्लेख करते हुये बताया कि कैसे उन्होंने पढ़ना, भाषण देने की कला एवं रामायण की चौपाई का व्याख्यान करना सिखाया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उत्साहपूर्वक प्रसन्नता के साथ पढ़ाई करें। इससे पहले मुख्यमंत्री ने मॉडल स्कूल में स्थापित स्मार्ट क्लास रूम और ई-लायब्रेरी का अवलोकन किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कुँवर विजय शाह, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी, माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष श्री एस.आर. मोहंती, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी उपस्थित थे।
एक क्लिक में 50 लाख विद्यार्थियों को मिली 344 करोड़ की राशि प्रेरणा संवाद के पहले मुख्यमंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये बनाये गये सूचना प्रौद्योगिकी आधारित नवाचारों का शुभारंभ किया। उन्होंने मिशन वन-क्लिक योजना के अंतर्गत 50 लाख विद्यार्थियों को 344 करोड़ रुपये की राशि एक क्लिक में उनके खातों में ट्रांसफर की। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 से शिक्षा विभाग द्वारा विभागों की 30 प्रकार की छात्रवृत्तियों का वितरण शिक्षा पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। इससे पहले यह राशि कोषालय से बिल द्वारा विद्यार्थियों को दी जाती थी। अब इन सभी छात्रवृत्तियों का भुगतान मिशन वन-क्लिक के माध्यम से बैंको द्वारा सीधे छात्रों के खाते में किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में एक करोड़ 60 लाख विद्यार्थियों को एक हजार 42 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई हैं।
शाला सिद्धि अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने 'शाला सिद्धि अभियान'' कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसमें 46 मानकों पर शालाओं का मूल्यांकन होगा। इनके आधार पर शालाओं का अकादमिक उन्नयन किया जायेगा। अच्छा कार्य कर रही शालाओं का प्रोत्साहन किया जायेगा और उन्हें शाला-सिद्धि पुरस्कार दिया जायेगा। उन्होने एम.पी. कैरियर मोबाइल एप का भी शुभारंभ किया। दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को उनके कैरियर संबंधी मार्गदर्शन के लिये 'एम.पी. कैरियर मोबाइल एप' तैयार किया गया है। इसके माध्यम से सभी विद्यार्थियों का अभिरुचि परीक्षण करके नये सत्र में अप्रैल माह में विद्यार्थियों को रिपोर्ट दी जायेगी तथा रिपोर्ट के आधार पर पालकों एवं विद्यार्थियों की काउंसिलिंग भी की जायेगी। इसी प्रकार विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान 'विमर्श पोर्टल' के माध्यम से किया जायेगा। इस पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थी महत्वपूर्ण विषयों पर वीडियो देख पायेंगे और मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकायें, पुराने प्रश्नपत्र तथा मॉडल उत्तर आदि जान सकेंगे। इस पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक एवं स्कूलों को भी अकादमिक दृष्टि से सुदृढ़ बनाया जायेगा। वर्ष में दो बार स्कूल अपना स्व-मूल्यांकन भी इसके माध्यम से कर सकेंगे। 10वीं-12वीं के परीक्षा परिणामों के विश्लेषण के लिये सी.एम. डेशबोर्ड का शुभारंभ किया गया। इससे शैक्षणिक गुणवत्ता के लिये कदम उठाये जायेंगे। उन्होने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिये। विद्यार्थियों से संवाद के बाद उन्होंने छठवीं और नवीं के विद्यार्थियों को नि:शुल्क सायकिलें प्रदान की। लोक शिक्षण आयुक्त श्री नीरज दुबे ने आभार व्यक्त किया।

आईटीआई के 6 लाख प्रशिक्षणार्थियों की हुई ऑनलाइन परीक्षाaa
3 February 2018
आईटीआई सेमेस्टर परीक्षाएँ ऑनलाइन करवाने से मानव संसाधन एवं समय की बचत हुई है। देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में वर्ष 2015 से शुरू हुई ऑनलाइन परीक्षाओं में अब तक 6 लाख प्रशिक्षणार्थियों की परीक्षा सफलतापूर्वक हो चुकी है। प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्रश्न-पत्र सबमिट करते ही स्कोर-कार्ड कप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाता है। मानवरहित मूल्यांकन होने के कारण परीक्षा परिणाम की त्रुटियाँ लगभग नगण्य हो गई हैं। पेपरवर्क का काम लगभग खत्म हो गया है।
विभिन्न राज्यों ने जानी परीक्षा प्रणाली तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने बताया है कि केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री द्वारा वर्ष 2017 में ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली की सराहना करते हुए अन्य राज्यों से इसका अनुकरण करने का आग्रह किया था। परिणाम स्वरूप उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, गोवा, हरियाणा एवं गुजरात राज्यों के अधिकारियों ने मध्यप्रदेश आकर ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली की जानकारी ली। इस कार्य के लिये राज्य को वर्ष 2016 में स्कॉच अवार्ड भी मिल चुका है। गौरतलब है कि राज्य की विभिन्न आईटीआई के साथ-साथ जेल आईटीआई, पुलिस आईटीआई एवं आर्मी आईटीआई में भी ऑनलाइन परीक्षा करवाई जा रही है। सर्वप्रथम एससीव्हीटी की परीक्षा कराई गई। इसमें 23 हजार प्रशिक्षणार्थी सम्मिलित हुए। इनमें से 70 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थी उत्तीर्ण हुए। एससीव्हीटी परीक्षा की सफलता से प्रेरित होकर एनसीव्हीटी की ऑनलाइन परीक्षा फरवरी-2016 से शुरू की गई। इसमें 55 हजार प्रशिक्षणार्थी शामिल हुए थे। अब तक एससीव्हीटी और एनसीव्हीटी ऑनलाइन परीक्षा में 6 लाख प्रशिक्षणार्थी शामिल हो चुके हैं।

राजस्व मंत्री ने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को दिये 5-5 हजार के चेकaa
1 February 2018
राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने मॉडल स्कूल में 60 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को पाँच-पाँच हजार रुपये के चेक, मेडल एवं प्रमाण-पत्र दिये। यह सम्मान कक्षा 10वीं और 12वीं में अपने स्कूल में प्रथम स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को दिया गया। श्री गुप्ता ने कहा कि जहाँ भी रहें, जो भी करें हमेशा सर्वश्रेष्ठ करें। उन्होंने कहा कि बारहवीं में 70 प्रतिशत से ऊपर नम्बर लायें तो आगे की पढ़ाई की फीस सरकार देगी। श्री गुप्ता ने कहा‍कि प्रतियोगिता इतनी कठिन है कि बगैर कठिन परिश्रम आगे नहीं बढ़ सकते। राजस्व मंत्री श्री गुप्ता ने वाणिज्य संकाय की प्रदेश टॉपर कु. काजल जैन सहित अन्य मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इस दौरान माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामदयाल प्रजापति एवं अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
किसान का बेटा अब "सिडनी" में पढ़ेगा इंजीनियरिंगaa
1 February 2018
श्योपुर जिले के छोटे से ग्राम बगडुआ निवासी किसान हरिमोहन जाटव का बेटा मान सिंह जाटव अब यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलोजी, सिडनी (आस्ट्रेलिया) में पढ़ने के लिये जायेगा। मान सिंह की मेहनत और मध्यप्रदेश शासन की विदेश में उच्च शिक्षा अध्ययन योजना से यह संभव हुआ है । आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा इस योजना में विदेश में अध्ययन हेतु मान सिंह को 9 लाख 66 हजार 704 रूपये की छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है। ग्राम बगडुआ निवासी मान सिंह जाटव के पिता हरिमोहन जाटव लघु कृषक हैं। इनके पास मात्र 3 बीघा जमीन है, जिससे पाँच सदस्यीय परिवार का भरण- पोषण होता है। वे स्वयं अनपढ़ है लेकिन उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझते हुए अपने बच्चों को पढा़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोडी़ है। बचपन से मेधावी रहे छात्र मान सिंह जाटव ने प्राइमरी की शिक्षा ग्राम बगडुआ में प्राप्त की, मिडिल शिक्षा समीपवर्ती ग्राम सोईकलां से पूरी करने के बाद श्योपुर स्थित शासकीय उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी स्कूल से हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी की परीक्षा क्रमशः 75 एवं 67 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इसके उपरांत शासकीय इंदिरा गांधी इंजीनियरींग कॉलेज सागर से इलेक्ट्रिकल ब्रांच में बीई की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 2017 में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मान सिंह जाटव का चयन आस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलोजी सिडनी में कंप्यूटर कंट्रोल इंजीनियरिंग के मास्टर डिग्री पाठ्यक्रम के लिये हुआ। लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण होनहार छात्र मान सिंह जाटव का विदेश जाकर अध्ययन करना एक सपना ही था। इस सपने को साकार करते हुए मध्यप्रदेश शासन ने विदेश में उच्च अध्ययन योजना के तहत मान सिंह को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई है। मानसिंह यूटीएस आस्ट्रेलिया में 2 साल कंप्यूटर कंट्रोल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री करने के बाद अपने देश भारत में ही सेवा करने के लिये कृत संकल्पित हैं।
नेतृत्व विकास शिविर 2018, मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान
26 January 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां नेतृत्व विकास शिविर 2018 में भाग लेने आये अनुसूचित जाति, जनजाति और विशेष पिछडी जनजातियों के मेधावी बच्चों से भेंट की और उन्हें अपना लक्ष्य तय कर जीवन में आगे बढने का मार्गदर्शन दिया। श्री चौहान ने शंकर शाह और रानी दुर्गावती, डा. भीमराव अम्बेडकर मेधावी विदयार्थी पुरस्कार और बालिका विज्ञान पुरस्कार प्रदान किये। ये पुरस्‍कार अनुसूचित वर्ग के दसवीं और बारहवीं में प्रावीण्य सूची में स्थान पाने वाले विदयार्थियों को दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने विदयार्थियों से आत्मीय संवाद करते हुए अपने विदयार्थी जीवन की घटनाओं को साझा किया। उन्होने कम उम्र में मजदूर किसानों के हक की लडाई का नेतृत्व करने और फिर आपातकाल का विरोध करते हुए जेल जाने की घटनाएं सुनाई। श्री चौहान ने विदयार्थियों से अपने मन की बात करते हुए कई अमूल्य सीख दी। उन्होंने बच्चों को बताया कि कैसे उन्हें श्रीमदभगवत गीता से प्रेरणा मिली और कैसे स्वामी विवेकानंद के विचारों ने जीवन को दिशा दी। श्री चौहान ने विदयार्थियों से कहा कि वे चमत्कार कर सकते हैं। केवल दृढ़ निश्चय ही सफलता की पहली सीढ़ी है। अपने आपको कभी कमजोर मत समझो। जब आकाश अनंत है तो उडान भी उँची होना चाहिये। उन्होने कहा कि सिर्फ अपने लिये जीना स्वार्थ है। उन्होंने कहा कि स्वयं का जीवन समाज और उन लोगों के लिये भी है जो किसी कारणवश जीवन की दौड में पीछे छूट गये हैं। श्री चौहान ने बताया कि ज्ञानोदय, एकलव्‍य और गुरूकुलम विदयालयों के बाद अब श्रमोदय विदयालय खुलने जा रहे हैं जिनमें मजदूरों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रकृति भेदभाव नहीं करती केवल स्वस्थ वातावरण और सुविधाओं का अभाव बाधा बनता है। इसमें सुधार लाना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की सभी आधारभूत सुविधाएं सरकार ने उपलब्ध कराने की कोशिश की है। उच्च शिक्षा संस्‍थानों में प्रवेश पर शिक्षण शुल्क सरकार भरेगी। छात्रावास उपलब्‍ध नही होने पर किराये का मकान के पैसे सरकार देगी। विदयार्थियों के सामने सिर्फ अनंत क्षितिज है ऊँचा उडने के लिये। उन्होंने विदयार्थियों से कहा कि कभी निराश न हों। लोगों की सेवा और मदद के लिये हमेशा तैयार रहो। इसी संकल्प से नेतृत्व के गुण आते है। सामाजिक कार्यों में भाग लो। हमेशा सच बोलो, ईमानदार बनो और पढने के साथ खेलो। जो भी करो पूरी मेहनत और उत्कृष्टता के साथ करो। अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने में योगदान करें। प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग श्री एस एन मिश्रा ने बताया कि 232 बच्चे नेतृत्व विकास शिविर में भाग ले रहे हैं। यह शिविर 23 जनवरी से शुरू हुआ और 28 जनवरी को समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि कैरियर परामर्श, महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण, विशिष्टजन से भेंट इसके प्रमुख घटक हैं। उन्होने कहा कि अनुसूचित वर्गों की तकदीर बदलने का अभियान शुरू हुआ है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति श्री आशीश उपाध्याय, जनजातीय कार्य विभाग की आयुक्त श्रीमती दीपाली रस्तोगी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे
2 वर्ष आईटीआई, 2 वर्ष पॉलीटेक्निक और 4 वर्ष इंजीनियरिंग करें छात्र
22 January 2018
कार्य की दक्षता के लिए जरूरी है कि विद्यार्थी 8वीं कक्षा के बाद 2 वर्ष आईटीआई, 2 वर्ष पॉलीटेक्निक और फिर 4 वर्ष इंजीनियरिंग करें। इस तरह का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। तकनीकी शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल शिक्षा एवं श्रम राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने यह बात सरदार वल्लभ भाई पटेल पॉलीटेक्निक कॉलेज भोपाल के कन्या छात्रावास के लोकार्पण समारोह में कही। श्री जोशी ने कहा कि बसंत पंचमी के पावन पर्व पर शुरू हो रहे छात्रावास में दूरस्थ अंचल से आने वाली छात्राओं को रहने के लिये स्थान उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इसे प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ छात्रावास बनायें। गौरांशी शर्मा को 15 हजार रूपये और बैडमिंटन किट श्री जोशी ने नेशनल गेम्स ऑफ डेफ में बैडमिंटन में रजत पदक जीतने वाली दिव्यांग गौरांशी शर्मा को 15 हजार रूपये देने की घोषणा की। उन्होंने कु. शर्मा को शील्ड और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित भी किया। स्वामी अम्बरीश चेतन्य सेवा समिति के श्री मयंक शर्मा ने कहा कि वे आज ही बैडमिंटन किट भेंट करेंगे। श्री जोशी ने कहा कि कु. गौरांशी को हम ओलम्पिक में मेडल जीतते हुए देखना चाहते हैं। इसके लिए हर जरूरी सहायता उपलब्ध करवायी जायेगी। संचालक तकनीकी शिक्षा डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने भी विचार व्यक्त किये। प्राचार्य डॉ. आशीष डोंगरे ने बताया कि 50 शैय्या का छात्रावास बनाया गया है
क्लास 6 से 12 तक की सभी एनसीईआरटी बुक्स पर आधारित ओपन क्विज
20 January 2018
एनसीईआरटी बुक्स हर विषय के लिए सबसे स्तरीय किताबें मानी जाती हैं । स्कूल स्टूडेंट्स के साथ साथ आईआईटी से लेकर आईएएस तक हर परीक्षा की तैयारी करने वाले भी इन किताबों को जरूर पढ़ते हैं । पर इन किताबों की खास बात ये भी है कि इन किताबों को पढ़ने वाले हर व्यक्ति इन किताबों में अलग अलग तरह की चीजों को महत्वपूर्ण समझता है इसलिए कोई भी कभी इन किताबों को पूरा नहीं पढ़ता । तो आपने एनसीईआरटी किताबों को कितने अच्छे से पढ़ा है यह जाँचने के लिए इस रविवार सेंट्रल लाइब्रेरी में एक विशेष क्विज का आयोजन किया जा रहा है । सिविल सर्विसेज फ़ाउंडेशन कोर्स द्वारा आयोजित इस क्विज में क्लास 6 से क्लास 12 तक की सभी एनसीईआरटी किताबों पर केन्द्रित सवाल पूंछे जाएँगे । स्कूल/कॉलेज तथा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे सभी तरह के लोगों के लिए ओपन इस क्विज में मुख्य रूप से इतिहास,भूगोल,अर्थशास्त्र,राजनीति शास्त्र, विज्ञान व सामाजिक अध्ययन जैसे विषयों से सवाल पूंछे जाएंगे । एक्सीलेंस कॉलेज के शिवम चांडाक व आरजीपीवी के आकाश चौरसिया इस क्विज के क्विज मास्टर होंगे । जबकि नूतन कॉलेज की स्टूडेंट सलोनी राठोर इस क्विज की संयोजक हैं । क्विज में कोई भी व्यक्ति बिना किसी पूर्व रजिस्ट्रेशन के भाग ले सकता है । बस लेने के लिए उसे दो लोगों की टीम बनाकर क्विज के दिन सुबह 9.30 बजे सेंट्रल लाइब्रेरी पहुँचना है । ये प्रतियोगिता पूरी तरह से निःशुल्क है इसलिए इसके लिए कोई रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जाएगा । प्रतियोगिता के विजेताओं को 6000 रुपये के नगद पुरुसकार व ट्रॉफीज दी जाएंगी । स्थान सीमित होने के कारण सबसे पहले आने वाली केवल 100 टीमें ही इस प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगी । कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है :- कार्यक्रम का नाम - एनसीईआरटी क्विज -2018 दिनांक - 21 जनवरी 2018 समय - सुबह 10 बजे स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल प्रवेश - निःशुल्क एवं सबके लिए ओपन क्विज मास्टर - शिवम चांडाक व आकाश चौरसिया आयोजक - सिविल सर्विसेज फ़ाउंडेशन कोर्स
अगस्त-2018 से शुरू होगा ग्लोबल स्किल पार्क
19 January 2018
ग्लोबल स्किल पार्क के मापदण्डों के अनुसार अगस्त-2018 से प्रशिक्षण प्रारंभ किया जाएगा। पार्क का निर्माण पूरा होने तक ग्लोबल स्किल्‍स पार्क सिटी केम्पस, गोविंदपुरा में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण की तैयारियाँ की जा रही हैं। यहाँ पर प्रिसिशन इंजीनियरिंग सेक्टर से सम्बंधित सीएनसी मिलिंग, सीएनसी टर्निंग, इडीएम वायरकट तथा कन्वेंशनल टर्निंग जैसे आधुनिकतम एवं विश्व स्तरीय रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जाएंगे। प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बंदोपाध्याय ने यह जानकारी दी है कि ग्लोबल स्किल पार्क के निर्माण के लिए सीपीए को एजेन्सी बनाया गया है। कार्य को गति देने के लिए अलग से एक सेल बनाया गया है। उन्होंने बताया है कि निर्धारित तिथि के पहले निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए लगातार मानीटरिंग की जा रही है।
स्व-रोजगार एवं कौशल सम्मेलन में 23665 आवेदकों को मिली नौकरी
17 January 2018
जिला स्तरीय मुख्यमंत्री स्व-रोजगार एवं कौशल सम्मेलन में जहाँ 23 हजार 665 आवेदकों को विभिन्न कंपनियों में नौकरी मिली वहीं 10 हजार 83 आवेदकों के स्व-रोजगार के प्रकरण भी स्वीकृ‍त किये गए। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने कहा है कि सम्मेलन की सफलता को देखते हुए इस तरह के सम्मेलन कुछ समय बाद फिर करवाये जायेंगे। उज्जैन में हुए सम्मेलन में सर्वाधिक 1722 आवेदकों को नौकरी मिली। जिला रायसेन 640, राजगढ़ 1230, सीहोर 440, विदिशा 485, हरदा 267, होशंगाबाद 287, बैतूल 716, अशोक नगर 964, ग्वालियर 839, दतिया 186, गुना 1050, शिवपुरी 208, भिण्ड 72, मुरैना 578, श्योपुर 200, अलीराजपुर 268, बड़वानी 176, बुराहनपुर 318, धार 466, इंदौर 250, झाबुआ 250, खण्डवा 349, खरगौन 375, छिन्दवाड़ा 531, डिण्डोरी 192, जबलुपर 250, कटनी 12, नरसिंहपुर 310, रीवा 506, सतना 310, सिंगरौली 854, अनूपपुर 151, शहडोल 79, उमरिया 260, छतरपुर 613, दमोह 22, पन्ना 307, सागर 1585, टीकमगढ़ 278, देवास 1282, मंदसौर 352, नीमच 380, रतलाम 152, शाजापुर 1134, आगर-मालवा 410, बालाघाट 275, मण्डला 349 और सिवनी में 435 आवेदकों को सम्मेलन में ही नौकरी दी गयी।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने 6 महाविद्यालयों के संचालकों को आदेश प्रतियाँ सौंपी
15 January 2018
उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षण संस्थानों में एक जुलाई से शिक्षण सत्र प्रारंभ करने के लिये नई व्यवस्था की है। नई व्यवस्था के अनुसार प्रदेश में नवीन महाविद्यालय, महाविद्यालयों में नवीन विषय प्रारंभ करने और निरंतरता प्रस्ताव पर अनुमति देने के लिये ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। प्रक्रिया को 30 जनवरी तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जायेगा। नई व्यवस्था की श्रंखला में आज उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने 25 अशासकीय नवीन महाविद्यालय तथा नवीन विषय शुरू करने के आदेश संचालकों को सौंपे। आयुक्त उच्च शिक्षा श्री नीरज मण्डलोई ने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया से महाविद्यालय के संचालकों को अनावश्यक रूप से चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और अनुमति देने में भी विलम्ब नहीं होगा।
युवा दिवस पर आयोजित होगा " मन्त्राज फॉर चेंज"
11 January 2018
इस युवा दिवस पर बीएसएसएस के युवा मंथन करेंगे देश की सबसे बड़ी समस्या पर और सुझाएंगे उससे निपटने के तरीके । समस्या है - इस देश में हर हाथ को रोजगार कैसे मिले । और कार्यक्रम का नाम है - मन्त्राज फॉर चेंज । बीएसएसएस की स्टूडेंट यूनियन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 15 युवा भारत में बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए नायाब तरीके सुझाएंगे । जिसे तीन युवा निर्णायकों की जूरी जज करेगी, कार्यक्रम में सबसे अच्छे आइडियाज़ देने वालों को 6000 रुपये के नगद पुरुसकार व ट्रॉफी दी जाएंगी । कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में देश के समक्ष मौजूद समस्याओं की समझ बढ़ाना व उनके समाधान के लिए अपने स्तर पर कोशिश करने की भावना जगाना है बीएसएसएस स्टूडेंट यूनियन की प्रेसीडेंट पार्थवी दुबे इस कार्यक्रम की संयोजक हैं देश की सर्वाधिक उच्च शिक्षित सरपंच भक्ति शर्मा, प्लेसमेंट मेंटर अनुज गर्ग व इंटेरनेशल एडुकेशन कंसल्टेंट विशाल दीक्षित इस कार्यक्रम के निर्णायक होंगे । यह कार्यक्रम सिविल सर्विसेज फ़ाउंडेशन कोर्स के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है
कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है कार्यक्रम का नाम - मन्त्राज फॉर चेंज अवसर - राष्ट्रीय युवा दिवस दिनांक - 12 जनवरी 2018 शुक्रवार समय - दोपहर 12 बजे स्थान - बीएसएसएस ऑडीटोरियम आयोजक - बीएसएसएस स्टूडेंट यूनियन कार्यक्रम संयोजक - पार्थवी दुबे (प्रेसीडेंट, स्टूडेंट यूनियन )




माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में स्थापित होगा मीडिया इन्क्यूबेशन सेंटर
10 January 2018
मीडिया के क्षेत्र में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिये माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में मीडिया इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जायेगा। इसके लिये नीति आयोग से मंजूरी मिल गयी है। समाज में सामाजिक, आर्थिक विषमता फैलाने वाले कारकों और उनके समाधान के विषयों पर विश्वविद्यालय द्वारा विस्तृत अध्ययन कराया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहाँ सम्पन्न विश्वविद्यालय की प्रबंध समिति और महापरिषद की बैठक में ये निर्णय लिये गये। मुख्ममंत्री श्री चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय में अद्वैत वेदांत विषय पर भी शोध और अध्ययन किया जाये। नये पदों की पूर्ति उच्च शिक्षा तथा यूजीसी नियमों के अंतर्गत की जाये। बैठक में बताया गया कि विश्वविद्यालय में भाषा अध्ययन केन्द्र तथा संस्कृति अध्ययन केन्द्रों ने कार्य शुरू कर दिया है। विश्वविद्यालय में विदेशी मीडिया अध्ययन केन्द्र स्थापित किया जायेगा जिसमें पाकिस्तान, चीन और नेपाल के मीडिया में प्रकाशित समाचारों का विश्लेषण किया जायेगा। विश्वविद्यालय द्वारा बी.सी.ए. की परीक्षा ऑनलाइन ली गयी है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत बीते एक वर्ष में 210 नयी अध्ययन संस्थाओं को मान्यता दी गई है। इस अवधि में विद्यार्थियों की संख्या 12 प्रतिशत बढ़ी है। विश्वविद्यालय द्वारा संस्कृत की पहली न्यूज मैग्जीन अतुल्य भारतम का प्रकाशन किया गया है। विश्वविद्यालय में सोशल मीडिया रिसर्च सेंटर बनाया गया है। बैठक में वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, जनसम्पर्क एवं जल-संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सांसद श्री आलोक संजर, कुलपति डॉ. बी.के. कुठियाला सहित महा-परिषद के अशासकीय और शासकीय सदस्यगण उपस्थित थे।



पीपीपी मोड पर खुलेंगे रोजगार कार्यालय : तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री जोशी
9 January 2018
प्रदेश में पीपीपी मोड पर रोजगार कार्यालय खोले जायेंगे। प्रथम चरण में 15 रोजगार कार्यालय खुलेंगे। यह रोजगार कार्यालय कॉर्पोरेट ऑफिस की तरह कार्य करेंगे। तकनीकी शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल शिक्षा एवं श्रम राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने यह बात विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान कही। श्री जोशी ने कहा कि जिला-स्तर पर हर माह रोजगार मेले लगाये जायेंगे। इन मेलों में अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार दिलवाने के लिये कार्य-योजना बनाई गई है। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि सभी पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिये जरूरी सामग्री की खरीदी जल्द करें। उन्होंने कहा कि कार्पस फण्ड के माध्यम से इंजीनियरिंग कॉलेजों में रिनोवेशन करवाया जाये। श्री जोशी ने कहा कि इस बात पर विशेष ध्यान दें कि विद्यार्थियों को कोई असुविधा नहीं हो। उन्होंने तकनीकी संस्थाओं में स्मार्ट क्लॉस-रूम बनवाने और कैम्पस को वाई-फाई करने के लिये जरूरी कदम उठायें। बैठक में कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड की कार्यकारिणी के अध्यक्ष श्री हेमंत देशमुख, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बंदोपाध्याय और संचालक तकनीकी शिक्षा डॉ. वीरेन्द्र कुमार उपस्थित थे।
महाविद्यालयों में प्राचार्यों के पदों पर सीधी भर्ती होगी : उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया
9 January 2018
प्रदेश के महाविद्यालयों में रिक्त प्राचार्यों के पदों पर सीधी भर्ती से नियुक्ति की जायेगी। सीधी भर्ती करने का निर्णय विभाग द्वारा लिया जा रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने आज बरकतउल्लाह विश्व विद्यालय में आयोजित नव-निर्वाचित छात्रसंघ पदाधिकारियों के सम्मेलन यह जानकारी दी। मंत्री श्री पवैया ने कहा कि महाविद्यालयों में प्राचार्यों के पद रिक्त हैं। इन्हें लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने का निर्णय उच्च शिक्षा विभाग ले रहा है। प्रक्रिया बहुत जल्दी शुरू होगी। महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के पदों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगले सत्र में 2,950 सहायक प्राध्यापकों को चयनित कर महाविद्यालय में पदस्थ कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। सेमेस्टर पद्धति को खत्म करने और छात्रसंघ के चुनाव कराने आदि के निर्णय का उन्होंने जिक्र भी किया। मंत्री श्री पवैया ने छात्रसंघ पदाधिकारियों को महाविद्यालय में वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, लेखन प्रतियोगिता आदि रचनात्मक कार्यक्रमों को नियमित तौर पर आयोजित करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में महाविद्यालय के छात्र कल्याण के नोडल प्रोफेसर को निर्देशित किया जायेगा कि वे छात्रसंघ पदाधिकारियों से समन्वय कर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करायें। उन्होंने महाविद्यालय परिसरों को साफ और स्वच्छ रखने के साथ अकादमिक वातावरण निर्माण में छात्रसंघ पदाधिकारियों से सहायोग का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों से मिलकर व्यक्तित्व का निर्माण होता है। नकारात्मक प्रवृत्ति को रोकने और सकारात्मक वातावरण को बनाने की बहुत जरूरत है। समाज और देश के लिये रचनात्मक योगदान देने में महाविद्यालय के छात्र और छात्रसंघ महत्वपूर्ण भूमिका निभायें । मंत्री श्री पवैया ने कहा कि कॅरियर महत्वपूर्ण है, परंतु कॅरियर ही जीवन है, ऐसा नहीं है। जीवन का एक हिस्सा है। उन्होंने छात्रों से कहा कि रचनात्मक और सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ें। किताबों को पढ़ने के साथ-साथ खेल, सांस्कृतिक और अन्य गतिविधियों से समग्र व्यक्तित्व का निर्माण होता है। सम्मेलन को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। छात्रसंघ पदाधिकारियों ने भी सम्मेलन में सुझाव रखे।
स्कूल-कॉलेजों में निर्वाचन साक्षरता क्लब (ईएलसी) के गठन के निर्देश
8 January 2018
भारत निर्वाचन आयोग ने भावी और नये मतदाताओं की निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी के लिए सभी स्कूल-कॉलेजों में निर्वाचन साक्षरता क्लब (इलेक्ट्रोरल लिटरेसी क्लब) गठित करने के निर्देश दिया है। इससे विद्यार्थी जहां निर्वाचन साक्षरता की मुख्य धारा में शामिल हो सकेगें वहीं उनकी क्षमता का भी सही उपयोग हो सकेगा। कक्षा 9 से 12 तक छात्र-छात्रा सदस्य के रूप में रहेगें। आयोग ने निर्वाचन साक्षरता क्लब के प्रथम बैच के गठन की प्रक्रिया राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी से प्रारंभ करवाने को कहा है। यह क्लब भावी एवं नये मतदाता को सीखने और अनुभव प्राप्त करने का अवसर देगा। निर्वाचन साक्षरता के लिये क्लब एक जीवंत हब के रूप में कार्य करेगा। इससे युवा और भावी मतदाताओं में निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी की पहल हो सकेगी। मतदाता पंजीयन, निर्वाचन प्रक्रिया और संबंधित विषयों पर लक्षित जनसंख्या को शिक्षित किया जा सकेगा। स्कूल और कॉलेज के नये एवं भावी मतदाताओं को ईवीएम और वीवीपेट से परिचित करवाकर उनकी सत्यता एवं विश्वनीयता से अवगत करवाया जायेगा। विद्यार्थियों में क्षमता विकास के साथ उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया के सभी प्रश्नों की जानकारी भी दी जायेगी। इससे 14 वर्ष की आयु से ही विद्यार्थी निर्वाचन प्रक्रिया से भली-भाँति परिचित हो सकेगें। क्लब के गठन से मतदाताओं को यह समझने में सुविधा होगी कि वे वोट की कीमत समझ कर अपने मताधिकार का उपयोग कर सके। क्लब के सदस्यों का उपयोग समुदाय में निर्वाचन साक्षरता बढ़ाने में किया जायेगा। क्लब में कक्षा 9 से 12 वीं तक के विद्यार्थी भावी मतदाता के रूप में शामिल होगे। नये मतदाता महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा जैसे अन्य शैक्षणिक संस्थान से शामिल किये जायेगें। स्कूल के विद्यार्थी साक्षरता क्लब का संचालन एक निर्वाचित कार्यकारी समिति केमाध्यम से कर सकेगें। एक या दो शिक्षक नोडल ऑफिसर और मेंटर के रूप में कार्य करेगे। कार्य में उन शिक्षकों को प्रथामिकता दी जायेगी, जिनके पास निर्वाचन कार्य का अनुभव हो। कॉलेज और विश्वविद्यालय में क्लब के सदस्य विद्यार्थी रहेगें। क्लब का संचालन एक कार्यकारी समिति के माध्यम से किया जायेगा। केम्पस एम्बेस्डर क्लब के सदस्य का भी कार्य करेगें तथा वे नोडल अधिकारी को सहयोग करेगे। राजनीति शास्त्र के एक या दो शिक्षक को नोडल ऑफिसर और मेंटर बनाया जायेगा। चुनाव-पाठशाला मतदान केन्द्र स्तर पर क्लब की स्थापना ऐसे युवाओं के लिए होगी जो औचारिक शिक्षा व्यवस्था से बाहर है। इनके समूह को चुनाव-पाठशाला कहा जायेगा। बीएलओ चुनाव पाठशाला के नोडल अधिकारी होगें। चुनाव पाठशाला पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव के मतदान केन्द्र अथवा बीएलओ द्वारा निर्धारित स्थान पर की जायेगी। मतदाता जागरूकता फोरम मतदाता जागरूकता फोरम शासकीय विभागों, अशासकीय संगठनों, कार्पोरेट या अन्य संस्थानों में गठित होगी। सभी कर्मचारियों के लिए इसकी सदस्यता खुली रहेगी। संगठन प्रमुख निर्वाचन कार्य में अनुभवी एक व्यक्ति को नोडल अधिकारी नियुक्त कर सकेगें। नोडल ऑफिसर जिला निर्वाचन अधिकारी या मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से समन्वय कर फोरम के लिए संसाधन जुटायेगें। सभी नोडल अधिकारियों की क्षमता का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए आयोग मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण देगा। निर्वाचन साक्षरता के लिए राज्य स्तरीय समिति मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के नेतृत्व में गठित होगी। चुनाव आयोग की योजना पूरे देश में 2 लाख निर्वाचन साक्षरता क्लब गठित करने की है।
प्रदेश में स्किल डेव्लपमेंट के साथ युवाओं को मेडिकल के क्षेत्र में प्रशिक्षण देना चाहते है लॉस एंजिलिस के श्री आशीष साबू
4 January 2018
इंदौर में चल रहे फ्रेण्डस् ऑफ एमपी कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश के किसी न किसी क्षेत्र से संबंध रखने वाले 23 देशों के प्रतिनिधि आये है। इन प्रतिनिधियों के मन में मध्यप्रदेश के विकास में सहयोग करने का जज्बा है। यू.एस.ए. (यूनाइटेड स्टेड ऑफ अमेरिका) के लॉस एंजिलिस के कारोबारी श्री आशीष साबू 'टेक सेनरजी' बी.पी.ओ. चलाते है और उसके माध्यम से यू.एस. के डॉक्टर्स की मेडिकल ट्रांस प्रिस्क्रिप्शन को डिजिटल रूप से स्क्रिप्ट करते है। अमेरिका में यह काम मेडिकल और लीगल तौर पर हर डॉक्टर के लिये आवश्यक होता है। श्री आशीष साबू बताते हैं कि उनका एक बी.पी.ओ. इंदौर में भी चलता है, जिसमें उन्होंने 70 युवाओं को रोजगार दे रखा है। मध्यप्रदेश में पिछले वर्षों में स्किल डवलमेंट के कई कार्यक्रम को शुरू किया गया है। श्री साबू के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार बीपीओ में काम करने वाले युवाओं को प्रशिक्षण दिलवाने में मदद करें, तो वे मेडिकल बीपीओ के क्षेत्र में अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार दिलवा सकते हैं। युवा व्यवसायी आशीष बताते हैं कि उन्हें इस कार्य के लिये प्रदेश में प्रशिक्षित युवा नहीं मिल पाते हैं। इस वजह से उन्हें फिलिपींस के मनीला में वहाँ के युवाओं को प्रशिक्षण दिलवाने के लिये जाना पड़ता है। इस वक्त मनीला में उन्होंने 500 से अधिक युवाओं को रोजगार दिलवाया हुआ है। कान्क्लेव की चर्चा करते हुए श्री आशीष ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने विदेशों में बसे मध्यप्रदेशवासियों के लिये एक बेहतर मंच उपलब्ध करवाया है। विदेशों में बसे मध्यप्रदेशवासी प्रदेश के विकास में सहयोग करना चाहते हैं। इस मंच से उन्हें यह सुअवसर मिल सकेगा।
कौशल प्रशिक्षण योजना से 59 बेरोजगारों को मिला रोजगार
3 January 2018
होशंगाबाद जिले में अनुसूचित जाति के 59 बेरोजगार कम्प्यूटर ऑपरेटर, मशीन ऑपरेटर, स्टेनो टायपिस्ट, टेली ट्रेनर एवं हेल्पर के पद पर चयनित हो गए हैं। साथ ही 30 युवतियों को ब्यूटी-पार्लर संचालित कर स्वयं का रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन प्रशिक्षण योजना से यह सब संभव हुआ। अंत्यावसायी सहकारी समिति ने अनुसूचित जाति के युवा बेरोजगारों को एम.पी. कॉन लिमिटेड के जरिए विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण दिलवाया। इस प्रशिक्षण से निकलकर युवा बेरोजगार विभिन्न कम्पनियों में चयनित होकर सम्मानजनक वेतन पर कार्य कर रहे हैं। बावरी घाट की रजनी बकोरिया, नारायण प्रसाद हरियाले, श्याम कुमार, अजय बकरोरिया, अतुल, मोहनी उपरोसिया, अंधियारी गाँव के रोहित चौरे सहित अन्य प्रशिक्षणार्थी कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर, ग्राम आमपुरा के सौरभ का चयन ट्राइडेन्ट कम्पनी में मशीन ऑपरेटर के पद पर, होशंगाबाद की पूजा दोहरे का चयन टेली ट्रेनर के पद पर, मलखान सिंह ट्रेनर एवं शिक्षक, संजू यादव स्टेनो टाइपिस्ट और कमल किशोर कटारे का चयन हेल्पर के पद पर हो गया है। नेहा कटारे, कृष्णा पगालिया और लक्ष्मी अपने घर से सिलाई का काम कर आत्म-निर्भर हुई हैं। अंत्यावसायी सहकारी समिति के कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि कौशल प्रशिक्षण योजना में होशंगाबाद जिले के युवा वर्ग ने काफी दिलचस्पी दिखाई है तब ही परिणाम-स्वरूप इन्हें रोजगार मिला है।

aaई-लर्निंग को प्रोत्साहित करने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय एवं सीईसी के मध्य एमओयू


27 December 2017

भोपाल, 27 दिसंबर। ई-लर्निंग को प्रोत्साहित करने एवं डिजिटल कंटेंट का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने कंसोर्टियम फॉर एजुकेशनल कम्युनिकेशन (सीईसी) के साथ सहमति पत्रक (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इस एमओयू के बाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं शिक्षक सीईसी द्वारा तैयार कराए गए 97 विषयों के डिजिटल कंटेंट का उपयोग अपने अध्ययन एवं अध्यापन में कर सकेंगे। सहमति पत्रक पर विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला एवं सीईसी की ओर से निदेशक प्रो. राजवीर सिंह ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर सीईसी के निदेशक प्रो. राजवीर सिंह ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सबके लिए उपलब्ध हो, इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने डिजिटल कंटेंट तैयार कराने के प्रयास शुरू किए थे। पिछले तीन साल में इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। तीन वर्ष पहले तक सीईसी प्रतिवर्ष 400 से 500 शैक्षिक सामग्री तैयार कर रहा था। जबकि अब चार से पाँच हजार शैक्षिक कार्यक्रम प्रतिवर्ष तैयार हो रहे हैं। ई-लर्निंग और डिजिटल कंटेंट का मुख्य उद्देश्य है- शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ावा देना और तकनीक के माध्यम से शिक्षा का प्रसार करना। सीईसी चार प्रारूप में शैक्षिक सामग्री तैयार कर रहा है। एक, वीडियो प्रारूप में। दो, ई-बुक रूप में। तीन, अधिक अध्ययन के लिए रिफरेंस और चार, स्वाध्याय को प्रोत्साहित करने के लिए असाइनमेंट। उन्होंने बताया कि सीईसी अब तक 97 विषयों की शैक्षिक सामग्री तैयार करा चुका है, जो ऑनलाइन उपलब्ध है। इस एमओयू के बाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं शिक्षक इस सामग्री का ऑनलाइन एवं ऑफलाइन उपयोग कर सकेंगे। इस अवसर पर कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि बदलती दुनिया में क्या अध्यापक बदल रहा है? यह प्रश्न आज के अध्यापकों के सामने है। इस पर विचार करने की आवश्यकता है। आज के विद्यार्थी में ज्ञान प्राप्त करने और सीखने की भूख अत्यधिक है। अपनी भूख को शांत करने के लिए वह किताबों के साथ-साथ डिजिटल माध्यमों का भी उपयोग कर रहा है। ऐसे में सीईसी द्वारा तैयार कराया गया, ई-कंटेंट विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। सीईसी के डिजिटल कंटेंट का उपयोग करने के लिए विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए डिजिटल कॉर्नर बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भी अपने विषय के ई-कंटेंट तैयार करना चाहिए। मीडिया और कम्प्यूटर के शिक्षक प्रभावी ई-कंटेंट बनाने के लिए प्रशिक्षण देने की योजना भी बना सकते हैं। इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा और कार्यक्रम का संचालन श्री दीपक चौकसे ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी, सम्बद्ध संस्थाओं के निदेशक श्री दीपक शर्मा, सीएसआईआर के निदेशक प्रो. मनोज कुमार पटैरिया, एमिटी यूनिवर्सिटी गुडगाँव की प्रो. पूजा राणा सहित सभी विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं अधिकारी उपस्थित रहे।


aaदेश के नव-निर्माण में विद्यार्थी अपना पूरा योगदान दें - राज्यपाल श्री कोहली


23 December 2017

राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री ओ.पी. कोहली ने विद्यार्थियों से कहा है कि देश के नव-निर्माण में अपना पूरा योगदान करें, तभी उच्च शिक्षा के उद्देश्य में सफल होंगे। श्री कोहली अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के छठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री कोहली ने समारोह में मुख्य न्यायाधिपति, गुवाहाटी हाईकोर्ट श्री अजीत सिंह, शास्त्रीय गायक पं. छन्नूलाल मिश्र, अध्यक्ष इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला-केन्द्र श्री रामबहादुर राय और राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग श्री नंदकुमार साय को मानद उपाधि से सम्मानित किया। साथ ही, विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों को स्वर्ण-पदक एवं उपाधियाँ प्रदान कीं। राज्यपाल श्री कोहली ने कहा कि दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के लिये गौरवपूर्ण प्रसंग होता है। इसका नियमित आयोजन होना चाहिए। विश्वविद्यालय तभी पूर्ण माने जायेंगे, जब नवीन ज्ञान का सृजन होने के साथ ही सृजित ज्ञान आने वाली पीढ़ी को देने का कार्य किया जाये। उन्होंने अपेक्षा की कि प्रदेश के विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से विश्व के अग्रणी विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में अपना नाम स्थापित करेंगे। इससे अन्य देशों के छात्र भी भारतीय शिक्षा संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के लिये आकर्षित होंगे। राज्यपाल ने कहा कि छात्रों में सृजनशीलता और संवेदनशीलता होना चाहिए ताकि वे नवाचार कर समाज में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने शिक्षकों से अपेक्षा की कि छात्रों के साथ शैक्षणिक कार्य के अतिरिक्त भी संवाद एवं समन्वय बनायें। शिक्षा को परंपरा एवं आधुनिकता से जोड़ने पर बल देते हुए राज्यपाल ने कहा कि इससे हम भारतीयता से जुड़ेंगे और विकास के नित नये आयाम प्राप्त करने में सफलता मिलेगी। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण आत्म-विश्वास है। इसलिए गुरूजनों तथा विद्यार्थियों को इस दिशा में विचार करते हुए देश के उत्थान में युवाओं की क्षमता का सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा प्रतिभाओं को रोजगार सुलभ कराने के लिये शिक्षा पाठ्यक्रम में कौशल विकास को शामिल कर बाजार और रोजगार के साथ समन्वय बनाना होगा। दीक्षांत समारोह में उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने विवेकानंद द्वारा गुरू की महत्ता के संबंध में दिये गये उद्गार की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा में नैतिक मूल्यों का समावेश जरूरी है। शिक्षा का सदुपयोग परमार्थ के लिये होना चाहिये। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से कहा कि सज्जनता की सुगंध से समाज को सुवासित करें।


aaसाढ़े सात लाख युवाओं को मिलेगा रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण


21 December 2017

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हर वर्ष साढ़े सात लाख युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जायेगा। साथ ही उन्हें स्वरोजगार के लिये वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जायेगी। इससे वे रोजगार पाने और स्वरोजगार स्थापित करने के काबिल बन सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ युवा सशक्तिकरण मिशन की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर रोजगार बोर्ड के अध्यक्ष श्री हेमंत विजयराव देशमुख, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिये उन्हें हुनरमंद बनाना आवश्यक है। इसके लिये प्रतिवर्ष साढ़े सात लाख युवाओं को विभिन्न प्रकार का रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को ऐसे प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं जिसमें रोजगार की शत-प्रतिशत संभावनाएं हों। उन्होंने कहा कि हर जिले में रोजगार एवं स्वरोजगार मेले आयोजित किये जायें। इनमें युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार संबंधी समुचित जानकारी दी जाये। साथ ही युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न कम्पनियों को भी आमंत्रित किया जाये। उन्होंने प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर बताया गया कि मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के अंतर्गत तीन लाख दस हजार युवाओं को अल्पावधि का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इनमें आईटीआई, कौशल विकास केन्द्र, इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक कॉलेज, प्रशासकीय विभाग एवं अन्य अर्द्धशासकीय संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण के लिये संथाओं को दो लाख 42 हजार 580 रुपये धनराशि के कार्यादेश भी जारी किये जा चुके हैं। इसी तरह, रोजगारोन्मुखी शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिये हाई स्कूलों एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा भी शुरू की जायेगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री प्रभांशु कमल, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बंदोपाध्याय, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल एवं मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल उपस्थित थे


aa मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना


15 December 2017

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में अभी तक 17 हजार 25 विद्यार्थियों की फीस लगभग 25 करोड़ 22 लाख का भुगतान किया जा चुका है। आई.आई.एम. के दो विद्यार्थियों की 8 लाख रुपये की फीस का भुगतान किया गया है। इसी तरह तकनीकी शिक्षा के 114, आई. आई. टी., आई. आई. एस. ई. आर, एन.आई.टी. के 119, मेडिकल कॉलेज के 334, लॉ के 11, उच्च शिक्षा के 16,313 और अन्य विषयों के 132 विद्यार्थियों के आवेदन स्वीकृत किये गए हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना की पात्रता में परिवर्तन करने की घोषणा की है। बारहवीं में निर्धारित अंक 75 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत, जे.ई.ई. में 50 हजार तक की रैंक के स्थान पर एक लाख 50 हजार तक की रैंक और माता-पिता की वार्षिक आय 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये करने की घोषणा की गयी है।


aa विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता जरूरी, संस्कार आधारित उच्च शिक्षा पर दें ध्यान


12 December 2017

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बरकरार रखते हुए आवश्यकतानुसार उनका विस्तार करने की परिस्थितियां बनाई जाएंगी। श्री चौहान आज यहां राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में देश के मध्य क्षेत्र के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। श्री चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालयों को ज्ञान और कौशल देने के अलावा नागरिकता की शिक्षा देने पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षित होने और संस्कारित होने में अंतर है। संस्कार के बिना प्रतिभा का दुरुपयोग भी हो सकता है। उन्होंने आदि शंकराचार्य और स्वामी विवेकानंद की चर्चा करते हुए कहा कि संस्कारों की शिक्षा देने के तरीकों पर भी विचार करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय रहे हैं जो पूरे विश्व में विख्यात थे। आज सोचना पड़ेगा कि भारत के विश्वविद्यालय दुनिया के सौ शीर्ष विश्वविद्यालयों में कैसे शामिल हों। उन्होंने कहा कि संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ यह संभव है। समाज और सरकार दोनों को साथ-साथ प्रयास करना होंगे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और स्वायत्तता की दिशा में ठोस प्रयास करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी गंभीरता से विचार कर रहे है। श्री चौहान ने कहा कि उच्च शिक्षा रोज़गार देने वाली होना चाहिए। युवा सशक्तिकरण मिशन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देने के प्रयास किये जा रहे है। मुख्यमंत्री ने मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में 75 प्रतिशत अंक लाने वाले मेधावी विद्यार्थियों का चयन राष्ट्रीय संस्थानों में होने पर उनकी पढ़ाई का खर्चा सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि प्रतिभा की कमी नही है लेकिन अवसरों के अभाव में उनका पलायन होता है। इस स्थिति को रोकना होगा। श्री चौहान ने दोहरी शिक्षा प्रणाली को घातक बताते हुए कहा कि सबको शिक्षा के सामान अवसर मिलने चाहिए, कुलपतियों की यह सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। आज सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी अच्छे अंको से पास हो रहे हैं। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सुनील कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों को सामाजिक सरोकारों से भी संपर्क रखने की आवश्यकता है। उद्योग क्षेत्र से भी निरन्तर संपर्क जरूरी है। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री श्री दीपक जोशी, एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष प्रो. पी.बी. शर्मा, जनरल सेक्रेटरी श्री कमर और विश्वविद्यालयों के कुलपति, वरिष्ठ शिक्षाविद् अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने यूनिवर्सिटी न्यूज़ के विशेष संस्करण और 'आरजीपीवी न्यूज़' लेटर का विमोचन किया।


aa मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ अब कक्षा बारहवीं में 70 प्रतिशत अंक पर मिलेगा, आय सीमा 8 लाख होगी


10 December 2017

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अगले वर्ष से कक्षा बारहवीं की परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को भी मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना में सरकारी महाविद्यालयों में संचालित सभी पाठ्यक्रमों को शामिल किया जायेगा। उन्होंने इसमें आय सीमा आठ लाख रुपये तक बढ़ाने की घोषणा की। जिन उद्योगों द्वारा एक सौ से ज्यादा युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा, उन उद्योगों को अब डेढ़ गुना अधिक पूंजी अनुदान दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज रेडियो कार्यक्रम 'दिल से'' में युवाओं से सीधा संवाद कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना का लाभ जेईई मुख्य परीक्षा में डेढ़ लाख तक मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को दिया जायेगा। विद्यार्थियों के परिवार की सालाना आमदनी की सीमा छह से बढ़ाकर आठ लाख रुपये की जायेगी। इस योजना के अंतर्गत नये पाठ्यक्रम भी जोड़े जायेंगे। इससे ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राओं को योजना का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी आदि कारणों से जो अभ्यर्थी पटवारी परीक्षा से छूट गये हैं, उनके लिये आगामी 29 दिसम्बर को फिर से परीक्षा आयोजित की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरी में लगभग 90 हजार पदों के लिये भर्ती होगी। मुख्यमंत्री युवा सशक्तिकरण मिशन के तहत हर वर्ष साढ़े सात लाख युवाओं को रोजगार के लिये प्रशिक्षित किया जायेगा।
नये सिरे से शुरु होगा बेटी बचाओ अभियान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नये सिरे से समाज की भागीदारी से बेटी बचाओ अभियान शुरु किया जायेगा। जिसमें संस्कारयुक्त शिक्षा पर जोर दिया जायेगा। समाज जागरुक होकर बेटियों को बचाने के लिये उपाय करें। सभी नागरिक अपने-अपने शहरों और गांवों को स्वच्छ बनाने में जुट जायें। राज्य सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रुप में मना रही है। गरीबों के कल्याण के लिये गरीब एजेंडा बनाया गया है। इसके अंतर्गत गरीबों को रोटी-कपड़ा और मकान तथा उनके बच्चों के पढ़ाई-लिखाई एवं दवाई का समुचित इंतजाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो पात्र व्यक्ति सस्ते राशन से छूट गये हैं, उन्हें भी पात्रता पर्ची जारी करने का निर्णय लिया गया है। कोई भी निर्धन व्यक्ति सस्ते राशन से वंचित नहीं रहेगा। सहरिया जैसी विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के पोषण के लिये परिवार की महिला खाते में अब हर माह एक हजार रुपये जमा किये जायेंगे। सभी आवासहीन व्यक्तियों को मकान के लिये भूखंड उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही उन्हें मकान बनाने के लिये सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। अगले वर्ष दिसम्बर के अंत तक अनुसूचित जनजाति के सभी आवासहीन व्यक्तियों को आवास स्वीकृत किये जायेंगे। वर्ष 2022 तक कोई भी आवासहीन व्यक्ति शेष नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में गरीबों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिये समाज के सहयोग से दीनदयाल रसोई योजना सफलतापूर्वक चल रही है। बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराने के लिये मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना अंतर्गत नये तीर्थ भी जोड़े गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिये पहले गर्मियों में प्याज, उड़द, मूंग और अरहर समर्थन मूल्य पर खरीदी गयी है। अब किसानों के हित के लिये भावांतर भुगतान योजना शुरु की गई है। इस योजनांतर्गत 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर बीच जिन किसानों ने अपनी फसल बेची थी, उन्हें 139 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है। जिन किसानों ने 1 से 30 नवम्बर के बीच अपनी फसल की बिक्री की है उनके खातों में भावांतर भुगतान की राशि 20 से 30 दिसम्बर के बीच पहुंच जायेगी।
युवा उद्यमी बनें और प्रदेश के विकास में योगदान करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि माँ-बहनों और बेटियों की सुरक्षा के लिये विधानसभा में एक क्रांतिकारी विधेयक पारित किया गया है। इसमें मासूम बेटियों के साथ दुराचार करने वाले नर-पिशाचों के लिये फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में आगामी 19 दिसम्बर से 22 जनवरी तक आदिशंकराचार्य एकात्म यात्रा निकाली जायेगी जिसमें अद्वेत वेदांत के प्रचार के साथ गांव-गांव से धातु के कलश में मिट्टी इकट्ठी की जायेगी जिसका उपयोग ओकारेश्वर में स्थापित होने वाली आदिशंकराचार्य की विशाल प्रतिमा में किया जायेगा। इस यात्रा में भी बेटी-बचाओं का संदेश दिया जायेगा। उन्होंने युवाओं से अपील की कि मुख्यमंत्री युवा उद्ममी योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर उद्यमी बनें और प्रदेश के विकास में योगदान दें। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरु की गई मुद्रा योजना का लाभ लें।
युवाओं की सफलता का किया उल्लेख
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस दौरान प्रदेश के कई युवाओं की सफलताओं का उल्लेख किया जिन्होंने स्वरोजगार के माध्यम से दूसरों को रोजगार देने का काम किया है। उन्होंने सतना के श्री मदन सिंह का उल्लेख किया जिन्होंने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की मदद से खुद का कारखाना शुरु किया है जिसमें राईस मिल में लगने वाले उपकरण बनाये जाते हैं। इसी तरह सीहोर की श्रीमती रीना मेवाड़ा पहले मजदूरी करती थीं अब उन्होंने बैग निर्माण की इकाई स्थापित की है। वे अब अपने परिवार का बेहतर ढंग से पालन कर रही हैं। सागर जिले के बीना के श्री सुरेन्द्र सिंह पहले किराये का आटो चलाते थे अब योजना की मदद से खुद का आटो चला रहे हैं। उज्जैन की ईरम खान ने खुद का मनोरंजन पार्क शुरु किया है। नीमच जिले के ग्राम तुम्बा के उदयलाल विद्युत चाक से अब 10 से 12 हजार रुपये प्रतिमाह कमा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बीत रहे वर्ष की उपलब्धियों की चर्चा करते हुये कहा कि यह वर्ष उपब्धियों भरा रहा। इस दौरान मध्यप्रदेश कृषि विकास दर में अव्वल तथा विकास दर में देश में दूसरे स्थान पर रहा। इस दौरान जनता के कल्याण और प्रदेश के विकास का रोडमेप बनाया गया। राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वे में प्रदेश के 22 शहरों ने स्थान बनाया। उन्होंने देवास जिले में हाल ही में शहीद हुये सैनिक स्वर्गीय नीलेश धाकड़ को श्रद्धांजलि देते हुये कहा कि पूरी सरकार उनके परिवार के साथ है।
युवाओं के प्रश्नों के जवाब दिये
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने युवाओं के प्रश्नों और सुझावों के जवाब दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में डिजाईन और कॉपी राईटिंग के कोर्स शुरु किये जायेंगे। स्वरोजगार योजनाओं में आदिवासी और पिछड़े जिलों के युवाओं को विशेष रुप से प्रोत्साहित किया जायेगा। युवा सशक्तिकरण मिशन में उद्योगों की मांग के अनुसार व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। पोषण-आहार निर्माण के लिये महिला स्व-सहायता समूहों का फेडरेशन बनाया जायेगा। अत्याधुनिक कृषि उपकरणों और मशीनों के प्रदर्शन के लिये राज्य-स्तर पर मेला लगाया जायेगा।


aaयुवाओं को रोजगार और कौशल देने चलेगा अभियान - मुख्यमंत्री श्री चौहान


29 November 2017

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने बारह वर्ष पूरे होने पर मीडिया से चर्चा में आम नागरिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे समर्पित लोक सेवक की तरह काम करते रहेंगे। श्री चौहान ने कहा कि इस बारह सालों में लोक सेवा को मिशन बनाकर काम किया है। लोगों से रिश्ता मजबूत हुआ है। लोगों का भरपूर स्नेह, सहयोग और साथ मिला है। यही वास्तविक शक्ति है। श्री चौहान ने कहा कि अब रोजगार निर्माण और कौशल विकास पर फोकस है। हर साल साढ़े सात लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी के सुख और समृद्धि के लिये लगातार कोशिशें चल रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आजादी के समय से लेकर 2003 तक कुल साढे सात लाख हेक्टेयर में सिंचाई हुई थी। इन बारह सालों में चालीस लाख हेक्टेयर में सिंचाई हुई और हर साल सिंचाई क्षेत्र में पांच लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने कहा कि इन सालों में विकास के कई आयाम स्थापित हुए हैं और कई ऐतिहसिक काम हुए हैं। श्री चौहान ने कहा कि लोगों की पसंद, सहयोग और सुझावों से कल्याणकारी योजनाएं को लागू करना एक नई पहल रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना का हवाला देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के सुझाव पर ही योजना बनाई गई है ताकि पैसे के अभाव में कोई भी प्रतिभाशाली विद्यार्थी पढ़ाई में पीछे न रहे। मुख्यमंत्री ने कृषक उद्यमी योजना की चर्चा करते हुए कहा कि किसानों की आजीविका में खेती से जुड़े अन्य कार्य भी शामिल होना चाहिये। इसके लिये कार्य-योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कोई भी गरीब व्यक्ति बिना आवासीय भूमि के नहीं रहेगा।


aaमाखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता के क्षेत्र में


27 November 2017

पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार के क्षेत्र में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने मध्यप्रदेश को विशिष्ट स्थान दिलाया है। विश्वविद्यालय में बड़े छात्रों ने देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च स्थान हासिल किया है। यह जानकारी आज कुलपति प्रोफेसर व्रजकिशोर कुठियाला ने असम राज्य के पत्रकारों के प्रतिनिधि मण्डल को दी। कुलपति श्री कठियाला ने बताया कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में हाल ही में अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे किये हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में आज की जरूरत के हिसाब से निरंतर नए कोर्स प्रारंभ किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में देश के विभिन्न राज्यों के छात्र अध्ययन के लिए प्रवेश लेते हैं। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न प्रान्तों में 1100 से अधिक संबंद्ध अध्ययन संस्थानों में विश्वविद्यालय के कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के रेक्टर श्री लाजपत आहूजा ने बताया कि 5 अध्ययन केन्द्र नोएडा, खण्डवा, ग्वालियर, अमरकंटक और रीवा में संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में पत्रकारिता, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, जनसंचार, पुस्तकालय विज्ञान और मीडिया प्रबंधन जैसे अनेक विभाग हैं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव संजय द्विवेदी और प्रशासनिक अधिकारी श्री दीपक शर्मा ने भी जानकारी दी। पत्रकारों को बताया गया कि जुलाई 2018 से विश्वविद्यालय नए भवन में लगने लगेगा। भोपाल शहर के नजदीक विसनखेड़ी में कुल 150 करोड़ की लागत से बनने वाले भवन में छात्रों को सभी आधुनिक सुविधायें मिलेंगी। इनमें प्रमुख रूप से पुस्तकालय, खेल-मैदान, आधुनिक स्टूडियो जैसी अनेक सुविधायें होंगी।
जनसंपर्क आयुक्त से मुलाकात
असम के पत्रकारों ने आयुक्त जनसंपर्क श्री पी. नरहरि से भी मुलाकात की। आयुक्त ने पत्रकारों को जनसंपर्क विभाग की विभागीय गतिविधियों, पत्रकारों की कल्याणकारी योजनाएं, विज्ञापन नीति, अधिमान्यता संबंधी जानकारी दी। श्री नरहरि ने बताया कि पत्रकार निष्पक्ष होकर कार्य कर सकें, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध करवाया गया।


aaपत्रकारिता विश्वविद्यालय में दो दिवसीय संगोष्‍ठी आज से


22 November 2017

भोपाल, 22 नवंबर। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित की जा रही दो दिवसीय संगोष्‍ठी का शुभारंभ आज (23 नवंबर) को सुबह 11 बजे होगा। शुभारंभ सत्र के मुख्य अतिथि फिल्म अभिनेता और वरिष्‍ठ रंगकर्मी राजीव वर्मा तथा मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला और विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी होगें। जैसा कि विदित है कि मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा विद्यार्थियों में प्रबंधकीय कौशल को निखारने के लिए 23 और 24 नवंबर, 2017 को दो दिवसीय संगोष्‍ठी का आयोजन किया जा रहा है। 23 नवंबर को संगोष्‍ठी के प्रथम सत्र में डिजिटल मीडिया में संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर दैनिक भास्‍कर समूह में डीबी डिजिटल के संपादक श्री अनुज खरे विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे। द्वितीय सत्र में विजन एडवाईजरी के सीईओ श्री प्रदीप करमबेलकर मीडिया प्रबंधन में उद्यमिता से संबंधित विषय अपने विचार व्‍यक्‍त करेंगे। वहीं तृतीय सत्र में एमपी ईटीवी के चैलन हेड श्री प्रवीण दुबे मीडिया प्रबंधन के लिए आवश्‍यक कौशल पर अपने विचार रखेंगे. प्रथम दिन के अंतिम सत्र में मीडिया प्रबंधन विभाग के विद्यार्थियों का विषय प्रस्‍तुति का सत्र होगा। इस सत्र में विभिन्‍न सम- सामयिक विषयों पर विद्यार्थी अपनी प्रस्‍तुति देंगे। संगोष्‍ठी के दूसरे दिन चतुर्थ सत्र में रमानी ग्रुप ऑफ कंपनीज् के एचआर हेड निर्मल सिंह राघव सफल उद्ययम के लिए विपणण नीति विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे. पांचवा सत्र विज्ञापन एवं विपणण में तकनीक का उपयोग करने के तरीकों पर आधारिता होगा, जिसमें मध्‍यप्रदेश सरकार के तकनीकी सलाहकार श्री रजत पाण्‍डेय अपने विचार व्‍यक्‍त करेंगे। छठे सत्र में फिल्‍म प्रमोशन और प्रचार की नीति पर सिनेमा पटकथा लेखक एवं निर्देशक श्री विनीत जोशी विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे. सातवे सत्र में अनिमेष फिल्‍म प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अविनाश त्रिपाठी सिनेमॉटोग्राफी में प्रबंधन से संबंधित विषय पर अपने विचार व्यक्त करेंगे. इस दो दिवसीय संगोष्‍ठी के समापन सत्र में मीडिया प्‍लानिंग की नीति विषय पर विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला अपने विचार व्यक्त रखेंगे और समापन सत्र में मुख्‍य अतिथि के रूप में भारत संचार निगम लिमिटेड, भोपाल के महाप्रबंधक श्री महेश शुक्‍ला उपस्थित रहेंगे. संगोष्‍ठी के अंत में मीडिया प्रबंधन विभाग के विद्यार्थी सांस्‍कृतिक कार्यक्रम की प्रस्‍तुत देंगे.


aaजबलपुर एवं उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज बनेंगे डीम्ड यूनिवर्सिटी


21 November 2017

इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर एवं उज्जैन को डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाया जाएगा। यह कॉलेज अपना पाठ्यक्रम निर्धारित करने के साथ ही अपनी डिग्री भी देंगे। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल शिक्षा एवं श्रम राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने डीम्ड यूनिवर्सिटी के संबंध में जरूरी कार्यवाही शीघ्र करने के निर्देश समीक्षा बैठक में दिए। श्री जोशी ने कहा कि राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को देश के अंडर 100 विश्वविद्यालयों में लाने के लिए हर संभव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया जाए। श्री जोशी ने राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में स्पोर्ट आफिसर और जनसम्पर्क अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन सहित विश्वविद्यालय की पूरी कार्य प्रणाली ऑनलाइन की जाए। विद्यार्थियों की उपस्थिति प्रतिदिन पोर्टल पर अपलोड करें। संबद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों का सतत निरीक्षण करें। उद्यमिता एवं र्स्टटअप के लिये फंडिंग करें। विश्वविद्यालय के सांस्कृति कार्यक्रमों का कैलेण्डर बनायें। कुलपति डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि विशनखेड़ी को गोद लिया जाएगा। यहां पर विकास के विभिन्न कार्य करवाए जाएंगे। डॉ. गुप्ता ने विश्वविद्यालय में किये जा रहे सुधारों की भी जानकारी दी। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज अपने निर्माण कार्य स्वयं करवाएं। उन्होंने कहा कि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में लिए गए निर्णयों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। जरूरी उपकरणों की खरीदी जैम के माध्यम से करें। श्री जोशी ने कहा कि ग्लोबल स्किल पार्क गोविन्दपुरा आईटीआई में जून माह तक शुरू करने के लिए जरूरी कदम उठाएँ। उन्होंने ग्लोबल स्किल पार्क के निर्माण के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए। श्री जोशी ने एडीबी के सहयोग से बनने वाली 10 आईटीआई का निर्माण मार्च में शुरू करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बन्दोपाध्याय, संचालक कौशल विकास श्री संजीव सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


विज्ञापनों में भारतीयता के समावेश से ही भारतीय विज्ञापन जगत समृद्ध बना है- दिवाकर शुक्ला

Our Correspondent :17 November 2017

भोपाल। 17 नवम्बर। 2017। विज्ञापनों में भारतीयता के समावेश से ही भारतीय विज्ञापन जगत समृद्ध बना है। विज्ञापनों में भारतीयता को शामिल कर उपभोक्ता को आसानी से कनेक्ट किया जा सकता है। भारतीय संस्कृति संस्कार, परिवार आदि तत्व विज्ञापन की सफलता और उत्पाद को बाजार में उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह बात आज विज्ञापन विशेषज्ञ श्री दिवाकर शुक्ला ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी के दूसरे दिन सम्पन्न सत्र में व्यक्त किए। श्री शुक्ला ने विज्ञापनों में भारतीयता विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने अनेक विज्ञापनों के उदाहरण देकर प्रतिभागियों को बताया कि किस तरह सफल विज्ञापनों में भारतीय तत्वों का समावेश कर विज्ञापन को प्रभावशाली बनाया गया है। उन्होंने बताया कि किसी भी विज्ञापन एवं जनसंपर्क गतिविधि की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह कितना समाजोपयोगी है। कई बार विज्ञापनों में ऐसी बात दिखाई जाती है जो भारतीय परिदृश्य में सही नहीं बैठती है। ऐसे विज्ञापन यदि प्रारंभिक तौर पर सफलता भले ही प्राप्त कर लें, परंतु लंबे समय तक याद नहीं रखे जाते हैं। श्री शुक्ला ने विज्ञापन जगत से जुड़े अनेक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया। क्षेत्रीय जनसंपर्क विषयक सत्र में बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा ने कहा कि जनसंपर्क एवं विज्ञापन में आपको अपनी दृष्टि खुली रखनी होगी क्योंकि जनसंपर्क एक गंभीर पेशा है, इसका एक विशाल क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि जनसम्‍पर्क पेशा समाज के प्रति उत्तरदायी है और उसी दृष्टि से आपको अपना कर्म निभाना चाहिए। श्री आहूजा ने कहा कि जनसम्‍पर्क व विज्ञापन तभी सफल होगा जब वह प्रामाणिक होगा। यह संभावनाओं से भरा हुआ क्षेत्र है और अपनी कल्पनाशीलता से आप बहुत आगे निकल सकते हैं। विद्यार्थियों को जनसंपर्क के महत्वपूर्ण टिप्स देते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने कार्यक्षेत्र की प्राथमिकता तय करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनसंपर्क क्षेत्र में अवसरों की कोई कमी नहीं है। जनसंपर्क के भारतीय संदर्भ विषयक तकनीकी सत्र में श्री सी.के. सरदाना ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनसंपर्क में अपनी आंखें और कान खुले रखें। उन्होंने इसमें विद्यार्थियों को धीरज रखने की बात भी कही, साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यार्थी लिखने की प्रेक्टिस भी करें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे टेलीविजन में अच्छे विजुअल हैं तो एक अच्छी स्टोरी बनेगी। इसके साथ ही श्री सरदाना ने आत्मविश्वास होने को भी जनसंपर्क का एक महत्वपूर्ण अंग बताया। उन्होंने कहा कि एक अच्‍छे जनसंपर्ककर्मी में आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। श्री सरदाना ने विद्यार्थियों से कहा कि जो भी दूसरों से आपको अच्छा लगे, उससे सीखने की कोशिश हमेशा करना चाहिए। भारत में डिजिटल मार्केटिंग पर टेक्नोगेज़ प्रा.लि., दिल्ली के निदेशक संतोष सुब्रमण्यम ने कहा कि इस क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कौशल को विकसित करने की बात कही। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए समझाया कि पहले हम दुकानदार के पास जाते थे, पर आज डिजिटल मार्केटिंग के जरिये वे हम तक पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला समय डिजिटल मार्केटिंग का होगा। इसके साथ ही उन्होंने संचार कौशल को भी महत्वपूर्ण अंग बताया। उन्होंने कहा कि सिर्फ संचार ही नहीं इसमें अच्छे कौशल का होना भी जरूरी है। डिजिटल मार्केटिंग के जरिये उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि हमें वहीं टार्गेट करना पड़ेगा जहां ऑॅडियंस होगी। उन्होंने टेलीविजन और इंटरनेट का उदाहरण भी दिया। श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि मोबाईल तकनीक के द्वारा ऑनलाइन मार्केट आज बहुत तेजी से बदल रहा है। उन्होंने डिजिटल मार्केट में अनेक अवसर होने की बात कही। एक अन्य सत्र में पेटीएम के राज्य प्रमुख श्री विक्रम सिंह चौहान ने डिजिटल युग में ई-कॉमर्स विषय पर बोलते हुए ई-कॉमर्स के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला। साथ ही विद्यार्थियों को इस क्षेत्र की संभावनाओं से अवगत कराया। संगोष्ठी के समापन सत्र में न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधक, कॉरपोरेट संचार श्री अमृतेश श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को भविष्य की शुभकामना देते हुए कैरियर से जुड़े महत्‍वपूर्ण टिप्स दिए। संगोष्ठी में विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विद्यार्थी एवं शिक्षक उपस्थित थे।


सिनेमा के सौंदर्यशास्त्र से जुड़ा है कला निर्देशन.
17 November 2017
भोपाल, 18 नवम्बर। भारतीय सिनेमा का इतिहास श्वेत-श्याम फिल्म हरिशचंद्र से प्रारंभ होता है। तब से लेकर अब तक सिनेमा का लुक अपनी जरूरतों के हिसाब से बदलता रहा है। समय, कथानक, विचार और पैसे ने हिंदुस्तानी सिनेमा के कला रूप को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण है, कथानक। किसी भी फिल्म का लुक उसकी कहानी पर आधारित होता है। कला निर्देशन सिनेमा के सौंदर्यशास्त्र से जुड़ा है। यह विचार प्रख्यात कला निर्देशक जयंत देशमुख ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित 'फिल्म समालोचना कार्यशाला' में व्यक्त किए। कार्यशाला के अंत में उन्होंने प्रतिभागियों से सिनेमा जगत से संबंध में चर्चा की और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने की। 'सिनेमा एवं कला' विषय पर श्री देशमुख ने कहा कि सिनेमा के कला पक्ष को सीखना है तो जरूरी है कि हम रंगों के संयोजन को समझें। रंगों की भाषा को जानें। प्रत्येक रंग कुछ कहता है। किसी भी फिल्म के एक-एक दृश्य को प्रभावी बनाने में कला निर्देशक की महती भूमिका है। यदि फिल्म की कहानी वास्तविक है तब उसका कला पक्ष रीयलिस्टक होगा, जैसा कि बैंडेट क्वीन में दिखाई देता है। यदि कहानी कल्पना पर आधारित होगी, उसका कला पक्ष कल्पना पर आधारित होगा, जैसा कि हमें फिल्म गोलमाल में दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि कला पक्ष फिल्म के निर्देशक, डिजाइनर, फोटो निर्देशक, डायरेक्टर ऑफ प्रोडक्शन और प्रोड्यूसर से जुड़ता है। प्रोडक्शन (डिजाइन) पूरी फिल्म को डिजाइन करते हैं और कला निर्देशक उसे क्रियान्वित करते हैं। श्री देशमुख ने बताया कि सिनेमा टेक्नीकल काम है। इसमें अभ्यास और अनुभव हमें बहुत कुछ सिखाता है। उन्होंने बताया कि हॉलीवुड और दूसरी फिल्मों के आने से भारतीय सिनेमा के कला पक्ष पर बहुत प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि टेलीविजन के छोटे पर्दे ने भी सिनेमा के बड़े पर्दे पर असर डाला है। टेलीविजन का मानना है कि कला पक्ष ऐसा होना चाहिए कि समाज भी अपने घरों एवं जीवन में वैसा बदलाव लाने लगें। टेलीविजन में दिखाए जाने वाले घरों ने मध्यमवर्गीय परिवारों के घरों की सजावट को बदल दिया है। महिलाओं का मेकअप, जूलरी और पहनावा टेलीविजन के अनुसार बदल रहा है। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि फिल्म जगत में अपने करियर की तैयारी करने वाले युवाओं को विचार करना चाहिए कि फिल्म उनके लिए क्या है और क्यों है? फिल्म जगत में काम करने से पहले उन्हें अपनी भूमिका तय कर लेनी चाहिए। स्वयं का मूल्यांकन कर उन्हें विचार करना चाहिए कि उन्हें अभिनय करना है, कैमरा करना है, कला निर्देशन करना है या फिर फिल्मों के लिए लिखना है। यदि वे समय रहते अपनी भूमिका चुन लेंगे, तो इस क्षेत्र में काम करने की अपार संभावनाएं हैं। कार्यशाला की प्रस्तावना कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने प्रस्तुत की और डीन अकादमिक प्रो. पवित्र श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। 'फिल्मों के लिए लेखन' विषय पर कला समीक्षक विनय उपाध्याय ने बताया कि फिल्मों को समझने के लिए हमें जीवन की समग्र दृष्टि आत्मसात करनी चाहिए। जिज्ञासु मन लेकर हम सिनेमा को अच्छे से समझ सकते हैं। देशकाल और परिस्थितियों के हिसाब से सिनेमा रचा जाता है। इसलिए किसी कहानी की पृष्ठभूमि को समझने बिना हम फिल्मों के लिए अच्छा लेखन नहीं कर सकते। संगीत, कहानी, संवाद, रंग, दृश्य इत्यादि की बुनियादी समझ विकसित करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि किसी का साक्षात्कार लेते समय हमारे पास प्रश्न अच्छे होने चाहिए, तभी उत्तर अच्छे आएंगे। उत्तर तो संसार में पहले से उपस्थित हैं, प्रश्नों को ही उनके पास जाना पड़ता है। वहीं, प्रख्यात रंगकर्मी आलोक चटर्जी ने अनेक उदाहरणों से 'फिल्म अभिनय एवं निर्देशन' विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि सिनेमा के संबंध में इस बात को गाँठ बांधना जरूरी है कि फिल्म या ड्रामा हम दर्शकों के लिए बनाते हैं, अपने लिए नहीं। इसलिए दर्शक की अभिरुचि का ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने बताया कि कोई भी बड़ा अभिनेता एकदम से नहीं बनता। उसकी यात्रा में समय लगता है। अभिनय के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। 'वृत्तचित्र निर्माण' विधा पर वरिष्ठ पत्रकार एवं वृत्तचित्र निर्माता अनिल यादव ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने लोहा पीटने वाले समुदाय पर बनाया गया वृत्तचित्र भी दिखाया। उन्होंने कहा कि देश में अनेक वर्ग एवं समुदाय ऐसे हैं, जो स्वयं की पहचान खोज रहे हैं। हमें ऐसे वर्गों को अपने वृत्तचित्र का विषय बनाना चाहिए। विश्वविद्यालय की पूर्व विद्यार्थी एवं मुम्बई में क्रिएटिव डायरेक्टर श्रुति श्रीवास्तव ने 'फिल्मों एवं धारावाहिकों में रचनात्मकता' विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि क्रिएटिव लेखन एवं डायरेक्शन के लिए शोध बहुत जरूरी है। फिल्म क्षेत्र में धीरज रखना बहुत जरूरी है। क्रिएटिव टीम को पटकथा पर बहुत ध्यान देना चाहिए। कार्यशाला में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई लघु फिल्मों एवं वृत्तचित्रों का प्रदर्शन भी किया गया, जिन्हें काफी सराहा गया।

परमाणु ऊर्जा के प्रति जागरूकता फैलाने में जनसंपर्क की अहम भूमिका- अमृतेश श्रीवास्तव

Our Correspondent :16 November 2017

भोपाल। 16 नवम्बर। 2017। भारत में ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार परमाणु ऊर्जा के विकास से ही संभव होगा। आज के बदलते परिवेश में परमाणु ऊर्जा से जुड़े तकनीकी एवं तथ्यपरक विषयों को बहुत ही सरल एवं रोचक तरीके से समझाने की आवश्यकता है, जिससे इस विषय के प्रति जन जागरूकता पैदा हो। इस कार्य में जनसंपर्क की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। यह विचार आज माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी में न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एन.पी.सी.आई.एल.) के वरिष्ठ प्रबंधक कॉरपोरेट संचार, श्री अमृतेश श्रीवास्तव ने व्यक्त किए। उन्होंने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में की जा रही विज्ञापन एवं जनसंपर्क की गतिविधियों से विद्यार्थियों को अवगत कराया साथ ही परमाणु ऊर्जा से जुड़ी जो भ्रांतियाँ लोगों के मन में फैली हुई हैं उन्हें दूर करने के लिए किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने परमाणु ऊर्जा पर आधारित एनिमेटेड फिल्म ‘बुधिया की कहानी’ के माध्यम से परमाणु ऊर्जा के विभिन्न आयामों को बहुत ही रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने मुम्बई, चैन्नई एवं दिल्ली में स्थापित ‘परमाणु ऊर्जा गैलरी’ एवं ‘ऐटम ऑन व्हील्स’ के अभियान के बारे में बहुत ही रोचक तरीके से विद्यार्थियों को जागरूक किया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव, डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि विज्ञापन एवं जनसंपर्क की भारतीय दृष्टि भारतीय वेदों एवं उपनिषदों में हमें मिलेगी। विज्ञापन एवं जनसंपर्क गतिविधियों के दौरान हमें भारतीय समाज, परिवार, संस्कार आदि का ध्यान रखना चाहिए। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि जनसंपर्क गतिविधियां करते समय हमें यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि राष्ट्र एवं समाज पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि समाचार में जहाँ एक ओर तथ्यपरक प्रस्तुति पर जोर दिया जाता है वहीं जनसंपर्क में सकारात्मकता के निर्माण पर जोर होता है। इन दोनों से हटकर विज्ञापन में नकारात्मक तथ्यों को पूरी तरह से हटाकर सकारात्मक अथवा लाभदायक चीजों को अधिकाधिक प्रस्तुत किया जाता है। विज्ञापन एवं जनसंपर्क की भारतीय दृष्टि हमें यह सिखाती है कि हम सत्य एवं सकारात्मक होते हुए समाज के हित में सूचनाओं का सम्प्रेषण करें। उद्घाटन सत्र के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के डीन अकादमिक डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने संगोष्ठी की रूपरेखा से सभागार में उपस्थित जनों को अवगत कराया। एक अन्य तकनीकी सत्र में एन.पी.आई.सी.एल., मुम्बई से पधारे श्री उमेद यादव ने कहा कि न्यूक्लियर रेडियेशन को लेकर समाज में अनेक प्रकार की भ्रांतियाँ हैं उन्हें सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक संचार गतिविधियों एवं जनसंपर्क से दूर किया जा सकता है। उन्होंने रेडियेशन से जुड़े विभिन्न आयामों को बेहद सरल तरीके से विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया है। उन्होंने रेडियेशन से जुड़े डर एवं अचंभित करने वाली बातों के संदर्भ में भी मीडिया की भूमिका पर चर्चा की। ई-कॉमर्स पर आधारित एक सत्र में विज़न एडवाइजरी सर्विसेस, भोपाल के प्रबंध निदेशक, श्री प्रदीप कर्मबेलकर ने विद्यार्थियों को भारत के ई-कॉमर्स परिदृश्य से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी एवं जी.एस.टी. के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शन में बहुत तेजी से विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय और जीवन ई-कॉमर्स का होगा। ई-कॉमर्स के साथ उन्होंने स्टार्टअप से जुड़े मुद्दों से भी विद्यार्थियों को अवगत कराया। संगोष्ठी के अंतिम सत्र में बी.एच.ई.एल., भोपाल के पूर्व महाप्रबंधक, जनसंपर्क, श्री सी.के.सरदाना ने विद्याथियों को जनसंपर्क से जुड़ी अनेक केस स्टडी एवं संदर्भों से विद्यार्थियों को अवगत कराया। कल संगोष्ठी के दूसरे दिन (17 नवम्बर 2017 को) विज्ञापनों में भारतीयता विषयक सत्र में प्रख्यात विज्ञापन विशेषज्ञ श्री दिवाकर शुक्ला विद्यार्थियों को सम्बोधित करेंगे। डिजिटल मार्केटिंग पर बी.एम.ए. के श्री संतोष सुब्रमण्यम एवं रीजनल पब्लिक रिलेशंस पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा विद्यार्थियों को सम्बोधित करेंगे। डिजिटल युग में ई-कॉमर्स विषय पर श्री विक्रम सिंह चौहान अपने विचार रखेंगे। संगोष्ठी के प्रथम दिन विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग एवं मीडिया प्रबंधन विभाग के समस्त विद्यार्थी, शिक्षक, विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री संजय द्विवेदी उपस्थित थे।


पत्रकारिता विश्वविद्यालय में "विज्ञापन एवं जनसंपर्क की भारतीय दृष्टि" विषयक दो दिवसीय संगोष्‍ठी आज से Our Correspondent :15 November 2017

भोपाल। 15 नवम्बर, 2017। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दो दिवसीय ‘‘विज्ञापन एवं जनसंपर्क की भारतीय दृष्टि’’ विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया है। संगोष्ठी का उद्घाटन आज (16 नवम्बर 2017) प्रातः 11 बजे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला करेंगे। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव, डॉ. सच्चिदानंद जोशी होंगे। विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में दो दिवसों के आठ तकनीकी सत्रों में विषय-विशेषज्ञ विज्ञापन, जनसंपर्क, ई-कॉमर्स, डिजिटल संचार सहित मीडिया के विभिन्न विषयों पर विद्यार्थियों को सम्बोधित करेंगे। इस संगोष्ठी में भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग की इकाई, न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, मुम्बई (एन.पी.सी.आई.एल.) के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के पदाधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। एन.पी.सी.आई.एल. के वरिष्ठ प्रबंधक, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के श्री अमृतेश श्रीवास्तव विद्यार्थियों को जनसंपर्क के नवीन आयामों के साथ भारत में न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़ी संभावनाओं से अवगत कराएंगे। एन.पी.सी.आई.एल. के ही श्री उमेद यादव रेडिएशन एवं मीडिया जागरूकता विषय पर अपने विचार रखेंगे। एक अन्य तकनीकी सत्र में श्री प्रदीप कर्मबेलकर विद्यार्थियों को भारत में ई-कॉमर्स की संभावनाओं से अवगत कराएंगे। बी.एच.ई.एल., भोपाल के पूर्व महाप्रबंधक, श्री सी.के.सरदाना विद्यार्थियों को भारतीय जनसंपर्क की विभिन्न केस स्टडी से अवगत कराएंगे। संगोष्ठी के दूसरे दिन विज्ञापन विशेषज्ञ श्री दिवाकर शुक्ला विज्ञापनों में भारतीयता विषय पर अपने विचार रखेंगे। एक अन्य सत्र में पेटीएम के पदाधिकारी विद्यार्थियों को डिजिटल कम्युनिकेशन एवं ट्रांजेक्शन की गतिविधियों से अवगत कराएंगे। संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के समस्त शिक्षक एवं विद्यार्थी शामिल होंगे


सेंट्रल लाइब्रेरी में प्रधानमंत्री क्विज 108 टीमों ने लिया भाग

Our Correspondent :13 November 2017

युवाओं को आज़ादी के बाद के इतिहास से परिचित कराने के उद्देश्य से आज सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल में "प्रधानमंत्री क्विज" का आयोजन किया गया । सभी आयु वर्ग के लिए ओपन इस क्विज में कुल 216 लोगों ने भाग लिया । एक्सीलेंस कॉलेज के पूर्व छात्र अभिषेक दुबे इस क्विज के क्विज मास्टर थे । जबकि युवा सरपंच भक्ति शर्मा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं भारत के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल की प्रमुख घटनाओं पर केन्द्रित इस क्विज में कुल चार राउंड आयोजित हुए । एक्सीलेंस कॉलेज के वासुदेव चौहान व एमवीएम कॉलेज के योगेश सिंघल की टीम ने सर्वाधिक अंक प्राप्त कर यह क्विज जीती । क्विज में दूसरा स्थान धीरेन्द्र दुबे व मनोज चक्रवर्ती को मिला । विजेताओं को 6000 रुपये के नगद पुरुसकार के साथ सम्मानित किया गया
क्विज में पूंछे गए प्रमुख प्रश्न इस प्रकार इस प्रकार हैं
1 मुहम्मद आली जिन्ना ने किस भारतीय को पाकिस्तान का पहला गवर्नर जनरल बनाने का प्रस्ताव किया था (उत्तर - भोपाल के नवाब हमीदुल्ला )
2 बेनजीर भुट्टो के दादाजी जिनके प्रयासों से जूनागढ़ का भारत में विलय हुआ था (उत्तर - शाहनवाज़ भुट्टो )
3- 1971 में भारत की सहता के लिए रूस ने एक समुद्री बेड़ा भारत भेजा था उसका नाम क्या था (उत्तर - 10 OBG)
4- CDOT के पहले अध्यक्ष कौन थे (उत्तर - सैम पित्रोदा)
5- 1966 में भारत सरकार ने रुपये का अवमूल्यन करके एक डॉलर के बदले रुपये की कीमत कितनी रख दी थी (उत्तर - 7 रुपये 57 पैसे )
6- किस स्कीम के तहत अमेरिका से खाने के लिए गेंहू आयात किया जाता था (उत्तर - PL-480)
कार्यक्रम में भक्ति शर्मा ने कहा
मैं अपने कॉलेज के दिनों से सेंट्रल लाइब्रेरी आती रही हूँ पर अब जब यहाँ आती हूँ तो यह देखकर डर लगता है कितने सारे लोग यहाँ आकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं आप भी जानते हैं कि हर व्यक्ति तो प्रतियोगी परीक्षा में सफल नहीं हो सकता । फिर भी आप में से ज़्यादातर लोग अपने लिए किसी वैकल्पिक करियर को तैयारा नहीं करते मेरी आप सबको सलाह है कि अपने लिए एक समय सीमा तय कर लीजिये , कि आप कब तक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं ताकि आप समय रहते दूसरे करियर पर ध्यान दे सकें जिन लोगों को देश के शासन प्रशासन में रुचि है उन्हें पॉलिटिक्स को अपना करियर बनाना चाहिए । क्योंकि यहाँ आकर आप वो कर सकते हैं जो आईएएस बनकर भी कभी नहीं कर पाएंगे


विद्यार्थियों के वैज्ञानिक प्रयोगों को प्रोत्साहन देने 50 करोड़ का विशेष कोष बनेगा

Our Correspondent :10 November 2017

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विद्यार्थियों द्वारा वैज्ञानिक प्रयोगों को प्रोत्साहित करने के लिये 50 करोड़ रूपये की राशि से विशेष कोष बनाया जायेगा। श्री चौहान ने आज यहां आर.सी.व्ही. पी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में 44वीं जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान, गणित तथा पर्यावरण प्रदर्शनी 2017 का शुभारंभ करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि बाल वैज्ञानिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है। उन्होंने विद्यार्थियों का आव्हान किया कि वे अपनी प्रतिभा को पहचानें और उसे कभी धूमिल नहीं होने दें। कभी भी निराश न हों। और आगे बढ़ने का जज्बा रखें। उन्होंने कहा कि भारत का अतीत गौरवशाली था और युवाओं के सहयोग से वर्तमान को भी गौरवशाली बनाया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि 21वीं सदी युवाओं के भारत की सदी है। वे ही नये भारत का निर्माण करेंगे। प्रदर्शनी का आयोजन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली एवं स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह प्रदर्शनी 16 नवम्बर तक चलेगी। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में भाग ले रहे विद्यार्थियों को संबोधित करते हुये कहा कि आज का आरामदेह जीवन और सभी सुख-सुविधायें वैज्ञानिकों की प्रतिभाओं का परिणाम है। उन्‍होंने कहा कि विज्ञान में जीवन की हर समस्या का समाधान है। मुख्यमंत्री ने बाल वैज्ञानिकों का आव्हान किया है कि वे मौलिक रूप से सोचने की आदत डालें, वैज्ञानिक आविष्कार करने में मदद देगी। उन्होंने मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना और वेंचर केपिटल फंड जैसे नवाचारी प्रयासों की चर्चा करते हुये कहा कि धन के अभाव में प्रतिभाओं को पीछे नहीं रहने देंगे। श्री चौहान ने कहा कि न्यूयार्क विश्वविद्यालय के सहयोग से प्रदेश मे इनक्यूबेशन केन्द्र की स्थापना की जा रही है। इसके माध्यम से नवाचारी विचारों और प्रयोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा। स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह एवं स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री श्री दीपक जोशी ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। एन.सी.आर.टी.के संचालक श्री ऋषिकेश सेनापति ने विज्ञान, गणित और पर्यावरण प्रदर्शनी के आयोजन के इतिहास की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों में अभिरूचि जागृत करने के लिये एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा चलाये गये प्रकल्पों में से एक है। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में रखे वैज्ञानिक प्रदर्शो का अवलोकन किया और विद्यार्थियों के वैज्ञानिक सोच की सराहना की। मुख्यमंत्री ने राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा प्रकाशित 'कोशिश' पुस्तक का विमोचन किया। इसमें बाल वैज्ञानिकों द्वारा बनाये गये वैज्ञानिक प्रादर्शों का संग्रहण किया गया। आयुक्त लोक शिक्षण श्री अजय गंगवाल ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रशासन अकादमी की महानिदेशक श्रीमती कंचन जैन, राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक श्री लोकेश जाटव उपस्थित थे।
प्रदर्शनी परिदृश्य
एक सप्ताह तक चलने वाली यह प्रदर्शनी स्वास्थ्य, उद्योग, परिवहन एवं संचार, पर्यावरण विकास के लिये नवीनीकरण संसाधनों में नवाचार, कृषि उत्पादन एवं खाद्य सुरक्षा में नवाचार और दैनिक जीवन में गणित का उपयोग जैसे पांच विषयों पर आधारित है। इसमें सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 143 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। इसका उद्देश्य बच्चों में विज्ञान विषय में नवाचार को प्रचारित करना और विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण के प्रति स्वाभाविक जिज्ञासा जाग्रत करना एवं रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना है।


फिल्म समालोचना कार्यशाला का आयोजन 18 नवम्बर को
Our Correspondent :9 November 2017

भोपाल, 09 नवम्बर, 2017। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय 18 नवम्बर, 2017 को एक दिवसीय फिल्म समालोचना कार्यशाला (Film Appreciation Workshop) का आयोजन कर रहा है। कार्यशाला में प्रख्यात कला निर्देशक श्री जयंत देशमुख सहित देश के जाने-माने दिग्गज प्रतिभागियों को सम्बोधित करेंगे। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ ही सिनेमा जगत से जुड़े व्यक्ति, कलाकार तथा फिल्म पत्रकार प्रतिभागिता कर सकते हैं। कार्यशाला का पंजीयन शुल्क 100/- रुपये है। पंजीयन एवं शुल्क भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा। फिल्म समालोचना कार्यशाला हेतु पंजीयन ऑनलाइन किया जा सकता है। ऑनलाइन पंजीयन करने हेतु मध्यप्रदेश सरकार के पोर्टल www.mponline.gov.in पर जाकर नागरिक सेवाओं का चयन कर माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय लिंक पर क्लिक करना होगा। यहां से कार्यशाला के लिए आवेदन फॉर्म भरकर 100/- रुपये ऑनलाइन आवेदन शुल्क जमा करना होगा। ऑनलाइन पंजीयन 15 नवम्बर, 2017 रात 12 बजे तक किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.mcu.ac.in पर भी लिंक उपलब्ध है। कार्यशाला के सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग में संपर्क किया जा सकता है। इस कार्यशाला में चार सत्र होंगे, जिनमें सिनेमा, निर्देशन, अभिनय, कहानी, पटकथा, संवाद, छायांकन, संपादन, संगीत और कला निर्देशन जैसे प्रमुख विषयों पर विशेषज्ञ प्रतिभागियों को जानकारी देंगे और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे।


प्रधानमंत्री क्विज सेंट्रल लाइब्रेरी में सबके लिए ओपन क्विज
Our Correspondent :9 November 2017

इस वर्ष भारत की आज़ादी की 70 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है । आज़ादी के बाद भारत ने कई प्रधानमंत्रियों का शासनकाल देखा है । हर प्रधानमंत्री के साथ कोई कोई ना महत्वपूर्ण घटना जुड़ी हुई है । इन प्रधानमंत्रियों द्वारा समय समय पर लिए गए निर्णयों ने ही आज का भारत बनाया है । तो यदि वर्तमान भारत को समझना है तो आज़ादी के बाद के 70 सालों को विस्तार से समझना जरूरी है । युवाओं को आज़ादी के बाद के भारत से परिचित कराने के उद्देश्य से इस रविवार सेंट्रल लाइब्रेरी में एक ओपन क्विज का आयोजन किया जा रहा है । इस क्विज में भारत के विभिन्न प्रधानमंत्रियों के शासन काल की प्रमुख घटनाओं पर सवाल पूंछे जाएंगे । किसी भी आयु का कोई भी व्यक्ति इस क्विज में भाग ले सकता है । बस भाग लेने के लिए उसे एक और व्यक्ति के साथ मिलकर दो लोगों की टीम बनानी होगी । भाग लेने के लिए पहले से कोई रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता नहीं है । जो भी व्यक्ति भाग लेना चाहता है वह 12 नवंबर को सुबह ठीक 9.30 बजे अपने टीम मेम्बर के साथ लाइब्रेरी पहुँचकर इस कार्यक्रम में भाग ले सकता है क्विज हिन्दी में होगी और क्विज के विजेता को 6000/- रुपये का नगद पुरुसकार दिया जाएगा । सामान्य ज्ञान के लोकप्रिय कोच अभिषेक दुबे इस क्विज के क्विज मास्टर होंगे
कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है :-
आयोजन का नाम - प्रधानमंत्री क्विज
दिनांक - 12 नवंबर 2017
समय - सुबह 10 बजे
स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल
आयोजक - सिविल सर्विसेज क्लब
क्विज आधारित होगी - आज़ादी के बाद के इतिहास पर
क्विज मास्टर होंगे - अभिषेक दुबे
क्विज में पुरुसकार मिलेंगे - 6000/- रुपये नगद

क्विज में भाग लेने के लिए
- 12 नवंबर को दो लोगों की टीम बनाकर सुबह 9.30 बजे सेंट्रल लाइब्रेरी पहुँचें


पीआर प्रोफेशनल डॉ. संजय को मिला पत्रकारिता में गोल्ड मेडल
Our Correspondent :8 November 2017

जयपुर, 8 नवम्बर। राजस्थान यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर मास कम्युनिकेशन द्वारा संचालित पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर डिग्री (एमजेएमसी) में सर्वाधिक अंकों को अर्जित करने पर पीआर और मीडिया प्रोफेशनल डॉ. संजय मिश्रा को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। आज यूनिवर्सिटी के कन्वोकेशन सेंटर में आयोजित 28 वें दीक्षांत समारोह में उन्हें ये पदक उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने प्रदान किया। गौरतलब है कि पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के राजस्थान चैप्टर के सं. सचिव डॉ. मिश्रा को ये पदक 2003 के एमजेएमसी डिग्री के प्रथम बैच को टॉप करने पर प्रदान किया गया। अपनी इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता और शिक्षक प्रोफेसर भानावत को देते हुए कहा कि इस पदक को पाकर उन्हें गौरव की अनुभूति हो रही है। डॉ. मिश्रा को राजस्थान सरकार की ओर से 1998 में उपभोक्ता संरक्षण और सामाजिक सरोकारों में अनुकरणीय कार्यों के लिए राज्य स्तरीय युवा पुरस्कार भी प्रदान किया जा चुका है।


शेप साउथ एशिया समिट 2017 का भोपाल में समापन प्रतिभाशाली युवाओं को गाँधी पीस अवार्ड से किया सम्मानित
Our Correspondent :5 November 2017

भोपाल 5 नवंबर : युवा अपने छोटे छोटे स्टार्ट अप से रोजगार ही नहीं औरो को भी काम दे सकते हैं | | यह बात रविवार को लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट विटीफीड के सीओओ परवीन सिंघल ने कही | उन्होंने विटीफीड की शुरुआत को भी रोचक अंदाज में लोगों को सुनाया | कार्यक्रम के अगले चरण में ग्लोबल शेपर्स भोपाल के फाउंडर क्यूरेटर अभिषेक मोहन गुप्ता ने कहा "इस वर्ष समिट में चतुर्थ औद्योगिक क्रांति और तकनीक से विश्व भर में नयी संभावनाएं और चुनौतियों पर चर्चा की गई | समिट में तैयार होने वाले बिंदुओं से एशिया में पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर्स में वर्तमान और भविष्य में नवाचार लाने की दिशा में सहायता मिलेगी | इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में “चतुर्थ औद्योगिक क्रांति और तकनीक से विश्व भर में नयी संभावनाएं और चुनौतियों” की थीम पर आधारित शेप साउथ एशिया 2017 (SSA 2017) का आयोजन भोपाल में 3 से 5 नवंबर 2017 तक किया गया | तीन दिनों तक चले इस कार्यक्रम में 7 देशों के 20 हब्स के लगभग 1000 डेलीगेट्स शामिल हुए| कार्यक्रम के अंतिम दिन के कार्यक्रमों में विशेष रूप से गाँधी पीस अवार्ड देना महत्वपूर्ण रहा| इन अवार्ड्स को समाज में विशिष्ट योगदान दे रहे युवाओं को दिया गया | अन्य देशो से भोपाल आये डेलीगेट्स हेरिटेज वॉक, बोट रेस एवं जंगल सफारी में भी शामिल हुए | डेवलपमेंट लीडर्स, बिज़नेस प्रोफेशनल्स, पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर पार्टनर्स, सिविल सोसाइटी, डिप्लोमेट्स सहित अनेक प्रख्यात स्पीकर्स अपने विचार रखते हुए चतुर्थ औद्योगिक क्रांति और तकनीक द्वारा मानव विकास पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की गई | 4 एवं 5 नवंबर को पैनल डिसकशंस की श्रंखला के साथ मैजिक एंड लॉजिक और अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी विशिष्ट वर्कशॉप्स का भी आयोजन हुआ | शेप साउथ एशिया (SSA 2017) ग्लोबल शेपर्स कम्युनिटी का वार्षिक कार्यक्रम है जहाँ भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका , नेपाल, भूटान व अफगानिस्तान इस क्षेत्रीय साउथ एशियन प्लेटफार्म पर अपने स्थानीय विषयों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आते हैं |


मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का विस्तार अब अशासकीय महाविद्यालयों में भी
Our Correspondent :3 November 2017

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का विस्तार अब अशासकीय महाविद्यालयों में भी किया जायेगा। पहले यह योजना शासकीय महाविद्यालयों के लिये लागू थी। यह निर्णय आज यहाँ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई योजना की समीक्षा में लिया गया। वर्तमान में यह योजना प्रदेश के 450 शासकीय महाविद्यालयों में क्रियान्वित की जा रही है। अब इसमें 800 अशासकीय महाविद्यालय भी शामिल होंगे। बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह भी उपस्थित थे। अब प्रदेश में अशासकीय महाविद्यालयों में संचालित स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को भी जिनके कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक हैं योजना का लाभ दिया जायेगा। योजना से इस वर्ष ऐसे 9 हजार प्रतिभाशाली विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस निर्णय का लाभ प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को इसी सत्र से दिया जाये। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना हर प्रतिभाशाली विद्यार्थी के सपनों को पूरा करने की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना के तहत ऐसे पाठ्यक्रमों को प्रोत्साहित करें जिसमें रोजगार की गारंटी हो। योजना में बीते दो सालों में 12वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को पात्र माना गया है। इस तरह के कोई विद्यार्थी योजना का लाभ लेने से वंचित नहीं रहे। योजना के तहत वितरण की कार्रवाई समय-सीमा में पूरी की जाये। योजना की हर माह समीक्षा की जायेगी। बताया गया कि योजना में अब तक महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले 26 हजार प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है। योजना में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के 1,092, मेडिकल पाठ्यक्रम के 697, लॉ पाठ्यक्रम के 60 तथा अखिल भारतीय स्तरीय संस्थानों में प्रवेश लेने वाले 40 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी.श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बंदोपाध्याय, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती गौरी सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री एस.के. मिश्रा, आयुक्त उच्च शिक्षा श्री नीरज मंडलोई, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


डॉ. संगीता शुक्ला जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति नियुक्त
Our Correspondent :26 October 2017

कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री ओम प्रकाश कोहली ने डॉ. संगीता शुक्ला कुलपति जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर को उनका वर्तमान कुलपति पद का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से चार वर्ष की कालावधि के लिए पुन: जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर का कुलपति नियुक्त किया है।



aaम.प्र. निजी विवि विनियामक आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया


25 October 2017

च्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि निजी विश्वविद्यालयों का बहु-आयामी दायित्व होता है। निजी विश्वविद्यालयों को प्रतिस्पर्धा के इस युग में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देना होगा। साथ ही, कुछ गाँव अथवा बस्तियों को गोद लेकर वहाँ रोजगार के अवसर प्रदान करने होंगे। श्री पवैया आज मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के 9वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर 'शिक्षा की गुणवत्ता में मानक संस्थाओं की भूमिका एवं दायित्व'' विषय पर परिचर्चा भी आयोजित की गई। श्री पवैया ने कहा कि कई संस्थानों के बच्चे शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ अन्य रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होने से ही उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करते हैं। इससे बच्चों के ललाट पर व्यक्तित्व विकास भी झलकता है और वे आत्म-विश्वास से ओत-प्रोत होते हैं। उन्होंने कहा कि आबादी की दृष्टि से निजी विश्वविद्यालयों की अभी भी आवश्यकता है। मध्यप्रदेश को ऐसे प्रतिष्ठित संस्थानों की जरूरत है, जो अच्छा काम करें। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री बी.आर. नायडू ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता के साथ विस्तार की आवश्यकता है। कार्यशाला के जरिये जो सुझाव प्राप्त होंगे, उसे अमल में लाने का प्रयास किया जाएगा। जागरण लेक सिटी के कुलपति डॉ. अनूप स्वरूप ने कहा कि प्रदेश में 70 प्रतिशत बच्चे निजी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में पढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश आने वाले समय में एजुकेशनल हब बन सकता है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने आयोग की गतिविधियों के बारे में बताया। इस मौके पर आयोग के सदस्य डॉ. स्वराज पुरी भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री अंजलि दुबे और श्री संदीप दुबे ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत में माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर सरस्वती वंदना और वंदे-मातरम् का गायन हुआ। पुष्प-गुच्छ और शॉल-श्रीफल से अतिथियों का सम्मान किया गया। अंत में स्मृति-चिन्ह भी दिए गये।



जम्मू-कश्मीर की वास्तविक तस्वीर सामने लाने की आवश्यकता
Our Correspondent :26 October 2017

भोपाल, 26 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर के संबंध में जब विचार किया जाता है तब आतंकवाद, अलगाववाद, उपद्रव से घिरे राज्य की तस्वीर सामने आती है। जबकि यह जम्मू-कश्मीर की वास्तविक तस्वीर नहीं है। पिछले 6-7 दशक में भारत के तथाकथित बुद्धिजीवियों ने जम्मू-कश्मीर के संबंध में अनेक भ्रम उत्पन्न किए हैं। उन भ्रमों के कारण ही जम्मू-कश्मीर के संबंध में ठीक जानकारी लोगों को नहीं है। समय की आवश्यकता है कि भ्रमों को हटा कर जम्मू-कश्मीर की वास्तविक तस्वीर को सामने लेकर आया जाए। यह विचार बाल संरक्षण आयोग, मध्यप्रदेश के अध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किए। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में 26 अक्टूबर को 'जम्मू-कश्मीर विलय दिवस' के अवसर पर आयोजित विशेष व्याख्यान में डॉ. शर्मा मुख्य वक्ता थे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ज्ञान की भूमि रही है। जम्मू-कश्मीर राज्य शैव दर्शन का केंद्र था। ज्ञान की पूर्णता के लिए जम्मू-कश्मीर जाना आवश्यक होता था। आक्रांताओं ने भारत पर शासन करने के लिए ज्ञान के प्रवाह को अवरुद्ध करना आवश्यक समझा और इसके लिए जम्मू-कश्मीर को अपना निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि दुनिया में अपना प्रभुत्व कायम करने के लिए चीन की नजर जम्मू-कश्मीर के ही हिस्से गिलगित-बाल्टिस्तान पर है। यह हिस्सा राजनीतिक, सामरिक और व्यापारिक महत्त्व का है। इसलिए हम कह सकते हैं कि भारत के लिए अपनी इस भूमि का बहुत महत्त्व है। भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने में देश के मुकुट जम्मू-कश्मीर का बड़ा योगदान होगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि आज देश में धारा-370 पर बात करना राजनीति समझा जाता है। यह कैसी विडम्बना है कि संविधान के एक कानून पर बात करना राजनीतिक मामला हो गया है। तथाकथित बुद्धिजीवियों और राजनीतिक दलों ने यह भ्रम उत्पन्न किया है। जम्मू-कश्मीर के संबंध में फैले इस प्रकार के भ्रम दूर करने के लिए धारा-370 एवं अनुच्छेद-35 ए की जानकारी समाज में पहुँचाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने जम्मू-कश्मीर के विलय की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि महाराजा हरि सिंह ने उसी विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर जम्मू-कश्मीर का विलय भारत में किया, जिस प्रपत्र पर बाकी के राज्यों ने हस्ताक्षर किए थे। इसलिए जम्मू-कश्मीर के विलय और शेष राज्यों के विलय की प्रक्रिया में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने बताया कि अंग्रेज भारत को आजाद करके नहीं, अपितु 550 से अधिक रियासतों में बाँट कर गए थे। सरदार पटेल ने इस देश को एक किया था, जिसमें उनके सहयोगी वीपी मेनन की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के डॉ. विश्वास चौहान ने किया और विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं विद्यार्थियों के साथ नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।


एम.सी.यू. के विद्यार्थियों का दल इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल -2017 में भाग लेगा Our Correspondent :10 October 2017

भोपाल, अक्टूबर 10| माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का दल चेन्नई में 13 से 16 अक्टूबर को आयोजित इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2017 में भाग लेगा| इस दल में विश्वविद्यालय के संचार शोध विभाग के एम. फिल. के विद्यार्थी आकांशा माहेश्वरी, स्वेता रानी, दीक्षिता अरोरा, व्योमकेश पाण्डेय, ललितांक जैन और साक्षी द्विवेदी शामिल हैं, जो फेस्टिवल के दौरान मास मीडिया पर होने वाली राउंड टेबल मीट में भाग लेंगे| यह मीट दो दिनों तक चलेगी, जिसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेट्रीज, मीडिया उद्योग और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से जुड़े विशेषज्ञ भाग लेंगे| यह मीट विज्ञान संचार फोरम पर केन्द्रित रहेगी, जिसमें विज्ञान की उपलब्धियों, नीतियों और योजनाओं के प्रचार प्रसार और उनके बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के तौर-तरीकों पर भी विमर्श होगा| विज्ञान भारती, तमिलनाडु राज्य सरकार, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई द्वारा यह फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है|


मीठीबाई कॉलेज के 'क्षितिज' टीम द्वारा ग्रीन एंड क्लीन इंडिया के तहत मैराथन
Our Correspondent :2 October 2017

मुंबई। मीठीबाई कॉलेज के वार्षिक फेस्टिवल 'क्षितिज' का भव्य और विशाल आयोजन एसवीकेएम के तहत ७ दिसम्बर से १० दिसम्बर २०१७ को मीठीबाई कॉलेज,विलेपार्ले (वेस्ट), मुंबई में किया गया है। यह फेस्टिवल का ११ वां वर्ष है।जिसके तहत विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और सामाजिक कार्य 'क्षितिज' टीम द्वारा किया जाता है।जिसके तहत हाल में कैंसर के खिलाफ बहादुर लड़ाई लड़ने वालों की आशा के लिए प्रेरित करने के प्रयास में मीठीबाई कॉलेज ने लाइफ विंस फाउंडेशन के साथ में मिलकर टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल,परेल में कैंसर के रोगियों के लिए एक इंटरैक्टिव प्रोग्राम का आयोजन किया था,जोकि काफी सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। अब 'क्षितिज' टीम द्वारा ग्रीन एंड क्लीन इंडिया के तहत एक ७ किलोमीटर के मैराथन का आयोजन जुहू में १० दिसंबर २०१७ को किया गया है।जिसका रजिस्ट्रेशन ७ अक्टूबर से शुरू होगा।जिसकी अधिक जानकारी के लिए ९७७३९९७१५७ पर सम्पर्क किया जा सकता है। मिथिबाई के प्रिंसिपल डॉ.राजपाल श्रीपाद हंडे ने कहा,"एक सामाजिक कार्यों की भावना पैदा करना और टीम की भावना को बढ़ावा देना वास्तव में मीठीबाई के फेस्टिवल 'क्षितिज' का मुख्य मकसद है। मैं सभी विद्यार्थिओं को भविष्य की योजनाओं के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।"


विद्यार्थियों टीमें द्वारा बनाई गई गो कार्ट्स हिस्सा ले रही हैं। इन टीमों में भोपाल की 4 तथा मध्यप्रदेश की 16 टीमें भाग ले रही हैं।
Our Correspondent :2 October 2017

भोपाल। राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट्स परिसर में चल रही नेशनल गो कार्ट चैम्पियनशिप का ग्राण्ड फिनाले मंगलवार को आरपीएम रेसिंग ट्रेक पर होगा जहां देशभर के युवा इंजीनियरिंग विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई गो कार्ट्स रेस में प्रथम आने के लिए अपना दमखम दिखाएंगी। इस चैम्पियनशिप में देश के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों की 150 टीमें हिस्सा ले रही हैं। इन टीमों में भोपाल की 4 तथा मध्यप्रदेश की 16 टीमें भाग ले रही हैं। प्रतियोगिता में आज डिजाइन इवाल्युशन, बिजनेस प्लान, ब्रेक टेस्ट, एक्सीलरेशन टेस्ट, स्किड टेस्ट, ऑटोक्रॉस और ट्रेक्शन टेस्ट जैसे महत्वपूर्ण राउण्ड पूरे किये गए। इन राउण्ड्स को सफलतापूर्वक पार करने वाली सभी गो कार्ट मंगलवार सुबह आरपीएम रेसिंग ट्रेक पर चैम्पियनशिप के लिए दौड़ लगाएंगी। इस चैम्पियनशिप में विभिन्न कैटेगरी के 10 विजेताओं का चयन किया जाएगा जिन्हें शाम 7 बजे राधारमण परिसर में आयोजित किये जा रहे पुरस्कार वितरण समारोह में पुरस्कृत किया जायेगा। राधारमण समूह के चेयरमेन आर आर सक्सेना ने अंतिम रूप से चयनित टीमों को फिनाले में अपना अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने तथा प्रतियोगिता के दौरान सुरक्षा नियमों के पालन की सलाह दी है।


दो दिवसीय कार्यशाला ‘सक्षम’ का आयोजन
Our Correspondent :28 September 2017

भोपाल, सितम्बर 28। अध्यापकों को नई टेक्नोलॉजी से अवगत कराने के उद्देश्य से माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में दो दिवसीय कार्यशाला 'सक्षम' आयोजित की गई। नवीन मीडिया विभाग ने इस कार्यशाला को आयोजित किया। देश में उच्च शिक्षा संस्थानों के अन्दर और परस्पर जुड़ाव और ज्ञान नेटवर्क के निर्माण के संयुक्त उद्देश्य के साथ मानव संसाधन मंत्रालय के शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से माइक्रोसॉफ्ट ने 'सक्षम' कार्यक्रम की शुरुआत की है। माइक्रोसॉफ्ट के क्षेत्रीय प्रबंधक किशोर गर्ग और विभागाध्यक्ष डॉ. पी. शशिकला ने कार्यशाला का शुभारम्भ किया। श्री गर्ग ने संवादात्मक शिक्षण और सीखने की विधियों, माइक्रोसॉफ्ट अज्युर, ऑफिस 365, वर्ड-2016, पॉवर पॉइंट 2016, यामेर और वेब एप्प्स के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया। सभी प्रतिभागियों ने कंप्यूटर पर सभी सॉफ्टवेर पर प्रायोगिक रूप से काम भी किया। कार्यशाला के दूसरे दिन थीसिस में नक़ल को जांचने वाले सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी दी गई। पॉवर पॉइंट, ऑफिस मिक्स, क्लाउड पर आधारित कंप्यूटर टूल्स 'स्वे' और एक्सेल-2016 पर वीडियो ट्युटोरियल के माध्यम से जानकारी भी दी गई। माइक्रोसॉफ्ट प्रोग्राम मैनेजर (सक्षम) अतानु सुर ने 'इमेजिन अकादमी' के बारे में जानकारी दी, जिसके माध्यम से शिक्षण और सीखने को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। कार्यशाला में 30 प्रतिभागियों ने भाग किया। उन्होंने सूचना तकनीक एवं सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग सत्र में थ्योरी और प्रैक्टिकल किये। इसके साथ ही सभी प्रतिभागियों ने समूह चर्चा में भाग लिया। प्रतिभागियों ने पढ़ाने और सीखने में तकनीक के उपयोग पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने समापन वक्तव्य दिया। कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी, निदेशक, सम्बद्ध अध्ययन संस्थान दीपक शर्मा, डीन अकादमिक डॉ. पवित्र श्रीवास्तव, प्रो. अविनाश वाजपेयी, डॉ मोनिका वर्मा, डॉ. राजेश पाठक समापन समारोह में उपस्थित थे। कार्यशाला की नोडल ऑफिसर प्रो. पी. शशिकला ने कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की और आभार व्यक्त किया।


शोध के कारण ही विकासवादी युग आया: श्री शर्मा
Our Correspondent :27 September 2017

भोपाल, 27 सितम्बर| शोध का हमारे जीवन में व्यापक प्रभाव होता है| पूर्व में हुए शोध के कारण ही समाज में परिवर्तन होता है| वास्तव में शोध के कारण ही विकासवादी युग आया है| यह बात माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की सम्बद्ध अध्ययन संस्थान के निदेशक श्री दीपक शर्मा ने संचार शोध विभाग द्वारा आयोजित तीन-दिवसीय रिसर्च सिम्पोजियम-2017 के समापन सत्र में विद्यार्थियों और शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कही| उन्होंने कहा कि शोध के लिए 'एटीट्युट' होना आवश्यक है| मात्र प्रक्रिया जानने से ही रिसर्च नहीं होता| शोधार्थी समाज में उत्प्रेरक का काम करता है| वह समाज में परिवर्तन लाता है और दूसरों को भी प्रोत्साहित करता है| इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि एक शोधार्थी के मन में हमेशा जिज्ञासा होना चाहिए| बच्चे प्राकृतिक रूप से शोधार्थी होते है, वे बार-बार सवाल पूछते है| लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते है, हमारी जिज्ञासा का स्तर कम होता जाता है| समापन सत्र का संचालन और आभार प्रदर्शन संचार शोध विभाग की अध्यक्ष एवम रिसर्च सिम्पोजियम की संयोजक डॉ. मोनिका वर्मा ने किया| अंत में विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किये गए|
तकनीक सत्रों में हुए विशेष व्याख्यान :
इसके पूर्व सत्र में एनआईटीटीटीआर,भोपाल के प्रो. प्रभाकर सिंह ने मीडिया में प्रायोगिक रिसर्च पर व्याख्यान दिया| उन्होंने बताया कि प्रायोगिक शोध में निदर्शन, ट्रीटमेंट और रिसर्च डिजाईन का बहुत ज्यादा महत्व है| मीडिया में प्रायोगिक शोध बहुत कम होती है| उन्होंने प्रायोगिक शोध के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तृत रूप से बताया| द्वितीय सत्र में सामाजिक विकास परिषद् के पूर्व शोध निर्देशक डॉ. बी. एस. नागी ने शोध में सांख्यिकीय उपकरणों के प्रयोग और उनसे प्राप्त परिणाम का विश्लेषण में उपयोग पर व्याख्यान दिया| रिसर्च सिम्पोजियम में संचार शोध विभाग, विज्ञापन एवम जनसंपर्क और पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों ने भाग लिया| तीन दिनों के दौरान जनजातीय शोध संस्कृति, सरकार की योजनाओं के निर्माण और मूल्यांकन में शोध का उपयोग और महत्व, और अन्य विषयों पर विद्यार्थियों ने जानकारी प्राप्त की|


शोधार्थी को सूचना खोजी होना चाहिए : डॉ. नागी
Our Correspondent :27 September 2017

भोपाल २६ सितम्बर| शोधार्थी को शोध के दौरान स्थानीय परिवेश, भाषा का ध्यान रखना चाहिये, ताकि वह उत्तरदाता से सही और सटीक जानकारी प्राप्त कर सके| उसे सूचना खोजी होना चाहिए| शोध की प्रश्नावली को स्थानीय भाषा में तैयार कर उसका पूर्व परीक्षण अवश्य करना चाहिए| यह बात सामाजिक विकास परिषद् के पूर्व शोध निदेशक डॉ. बी. एस. नागी ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के संचार शोध विभाग में चल रहे तीन-दिवसीय रिसर्च सिम्पोजियम-2017 के दूसरे दिन विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कही| डॉ नागी ने रिसर्च के लिए उपकरण निर्माण, कोडिंग और कोड बुक में बरती जाने वाली सावधानियां को विस्तृत रूप से बताया| इसके पूर्व द्वितीय सत्र में राज्य योजना आयोग के डिप्टी टीम लीडर डॉ. योगेश माहौर ने सरकार की योजनायों के निर्माण में शोध के महत्व को रेखांकित किया| उन्होंने बताया कि पिछले ३ वर्षो के दौरान किस तरह से सरकार की नीतियों और योजनाएँ बनाने में शोध किया जा रहा है| योजनायों के मूल्यांकन में भी शोध बहुत मददगार होता है| इसके माध्यम से योजनायों को और अधिक जन्नोमुखी और लाभकारी बनाया जा सकता है| इस सत्र की अध्यक्षता पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने की| मंच पर संचार शोध विभाग की अध्यक्ष डॉ. मोनिका वर्मा भी उपस्थित थी| सत्रों का संचालन स्वेता रानी और क्षितिज जायसवाल ने किया|


राधारमण में होगी नेशनल गो कार्ट चैम्पियनशिप
26 September 2017

भोपाल। राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट्स परिसर में देश के 150 इंजीनियरिंग कॉलेजों के ऑटोमोबाइल इंजीनियरों द्वारा विकसित की गई गो कार्ट्स का जमावड़ा लगेगा। ये गो कार्ट्स राधारमण समूह की रातीबड़ परिसर में 29 सितम्बर से आयोजित होने जा रही चौथी नेशनल गो कार्ट चैम्पियनशिप में अपना दमखम दिखाएंगी। स्पीड, रोमांच और युवा इंजीनियरों के इनोवेशन से भरी इस पांच दिवसीय रेस का आयोजन वर्चूलिस मोटरस्पोर्ट्स, इन्दौर द्वारा किया जा रहा है। रेस में भाग ले रही गो कार्ट्स को टेक्नीकल इन्स्पेक्शन, डिजाइन इवाल्यूशन, डायनामिक टेस्ट, बिजनेस प्लान तथा एंड्योरेंस टेस्ट आदि से गुजारा जाएगा। विजेताओं को आयोजक संस्था द्वारा 20 लाख रूपए तक के नकद पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे। राधारमण समूह के चेयरमेन आर आर सक्सेना ने कहा कि गो कार्ट चैम्पियनशिप ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों को उनकी कल्पनाशीलता, तकनीकी ज्ञान तथा कुछ हटकर करने की इच्छा को आजमाने का अवसर प्रदान करेगी।


भ्रम, प्रमाद और लोभ से दूर रहें : स्वामी रामनरेशाचार्य
Our Correspondent :21 September 2017

भोपाल, 21 सितंबर। 'मीडिया और उसका धर्म' विषय पर जगद्गुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी श्री रामनरेशाचार्य ने अपने व्याख्यान में कहा कि वेदों में चार प्रकार के दोष बताए गए हैं, भ्रम (विपरीत ज्ञान), प्रमाद (आलस्य), इंद्रियों में दोष और लोभ। पत्रकारिता अपना धर्म अच्छे से तभी निभा सकती है, जब पत्रकार इन चार दोषों से दूर रहें। पत्रकार और नेताओं को सभी विषयों के साथ दर्शन भी पढ़ाया जाना चाहिए। इस अवसर पर डॉ. देवेन्द्र दीपक की पुस्तक 'गौ-उवाच' का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। स्वामी श्री रामनेशाचार्य ने कहा कि गाय पशु मात्र नहीं है, वह भारतीय संस्कृति की धुरी है। गाय को लेकर अनेक लौकिक व्याख्यान दिए जा रहे हैं, उसके आर्थिक पक्ष को उजागर किया जा रहा है, लेकिन इससे गौ-पालन नहीं होगा। उन्होंने गौ-मांस खाने का विरोध करते हुए कहा कि गौ-मांस खाने से राक्षसी प्रवृत्ति बढ़ती है। हजारों वर्षों की भारतीय परंपरा गाय के महत्त्व की गवाह है। समाज में पहले लोगों ने गाय छोड़ी और उसके बाद माता-पिता को वृद्धाश्रम में भेजा जा रहा है। इसके बावजूद भी आज माता-पिता और गाय का सम्मान भारत में है, उतना सम्मान पूरी दुनिया में नहीं है। यह पूरी तरह खत्म न हो, इसके लिए हमें सचेत होना होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने कहा कि जहाँ दुनिया में समाचार-पत्र सिकुड़ रहे हैं, वहीं भारत में समाचार-पत्रों की संख्या बढ़ रही है। मीडिया में बदलाव का दौर है। उसकी दिशा और दशा पर चिंतन आवश्यक है। इस अवसर पर पुस्तक के लेखक एवं साहित्य अकादमी की निराला सृजनपीठ के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र दीपक ने कहा कि कवि गाय और समाज के बीच खड़ा है। उसका प्रयास गाय को लेकर समाज की सरस्वती को जगाना है। यह कविताएं आज के जन और तंत्र दोनों से सीधा संवाद करती हैं। गौ-उवाच में गाय पर केंद्रित तीस कविताएं शामिल हैं। डॉ. दीपक की पुस्तक का प्रकाशन इंद्रा पब्लिशिंग ने किया है। इस अवसर पर पुस्तक की समीक्षा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रेम भारती, डॉ. कृष्ण गोपाल मिश्र, लक्ष्मीनारायण पयोधि, डॉ. विनय राजाराम, डॉ. मयंक चतुर्वेदी, डॉ. उदय प्रताप और घनश्याम मैथिल ने प्रस्तुत की। प्रकाशक मनीष गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। श्रीमती ऊषा मेहता ने स्वामीजी को स्मृति चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. साधना बलवटे ने किया।


राधारमण ग्रुप में देश जानी मानी संतूर वादिका श्रुति अधिकारी के संतूर ने किया मंत्रमुग्ध
Our Correspondent :18 September 2017

भोपाल। संतूर को साधने के लिए बहुत रियाज, संगीत की दृष्टि, कठिन मेहनत और सबसे बड़ी बात गुरू के आशीर्वाद की जरूरत होती है। यह मेरे गुरू का ही आशीर्वाद है कि मैं इस अत्यंत कठिन माने जाने वाले इस वाद्य को सीख सकी। यह कहना था भोपाल में पली बढ़ीं देश की पहली व प्रख्यात संतूर वादिका श्रुति अधिकारी का। वे आज राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट परिसर के सेमीनार हाल में संतूर वादन हेतु आईं थीं। संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्था स्पिक मैके के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कश्मीर के इस अनूठे म्यूजिक इन्स्ट्रूमेंट - संतूर - के जरिए विभिन्न रागों पर आधारित अपनी शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियों से श्रोताओं का दिल जीत लिया। उनकी प्रस्तुतियों में उनकी कठिन सुर साधना से निखर के आईं स्वर लहरियों को श्रोताओं की प्रशंसा के रूप में भरपूर तालियां मिलीं। कार्यक्रम में समूह के सभी महाविद्यालयों के विद्यार्थी, फैकल्टी मेम्बर्स तथा डायरेक्टर मौजूद थे इस अवसर पर राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट्स के चेयरमेन आर आर सक्सेना ने कहा कि संगीत मनुष्य के दिलो दिमाग को बदलने की ताकत रखता है। हमारी सृष्टि की शुरूआत भी ओम् के नाद के साथ हुई थी। अच्छा संगीत मन को शांत और एकाग्रचित होने में मदद करता है जिसका उपयोग विद्यार्थी अपनी पढ़ाई और व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में कर सकते हैं। इस अवसर पर श्री सक्सेना ने सुश्री श्रुति को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।


जब तक मजबूरी न हो, देवनागरी में ही लिखें भाषा संस्कृति की वाहक : डॉ. नरेन्द्र कोहली
Our Correspondent :13 September 2017

भोपाल, 13 सितंबर। प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेन्द्र कोहली ने कहा कि मातृभाषा हिंदी के प्रति हीनता का भाव होने के कारण हम प्राचीन ज्ञान विरासत से अलग हो गए, भारतीयता से विमुख हो गए। हमें अपनी भाषा को सम्मान देना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को संकल्प दिलाया कि जब तक कोई मजबूरी न हो, तब तक देवनागरी लिपि में ही हिंदी लिखें और अपनी भाषा को विकृत न होने दें। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस प्रसंग पर विशेष व्याख्यान में डॉ. कोहली ने हिंदी भाषा के प्रति भारतीयों के व्यवहार को लेकर चिंता जताई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने की। हिंदी साहित्य के प्रख्यात उपन्यासकार डॉ. कोहली ने कहा कि तुर्क, अरबी और अफगानी हमलावरों ने भारत में सबसे पहले संस्कृत पाठशालाएं बंद कीं और फिर तक्षशिला एवं नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों को जलाकर भोजन पकाया। पुस्तकों के नष्ट होने से हमारा ज्ञान राख में मिल गया। सोच-विचार कर हमारे ज्ञान और भाषा को समाप्त करने के लिए किया गया था। संस्कृत भाषा हमसे छीन ली गई, जिसके कारण संस्कृत में रचा गया ज्ञान-विज्ञान भी हमसे छिन गया। उन्होंने कहा कि संस्कृत में रचा गया साहित्य और ज्ञान हमारे सामने नहीं है। हमें यह तो पढ़ाया जाता है कि शून्य का आविष्कार आर्यभट्ट ने किया, लेकिन हमारे पाठ्यक्रम में आर्यभट्ट के गणित को नहीं पढ़ाया जाता, क्योंकि वह संस्कृत में है।
270 वर्ष में दो प्रतिशत सीख पाए अंग्रेजी :
डॉ. कोहली ने कहा कि अंग्रेजों के 200 वर्ष के शासनकाल और स्वतंत्रता के बाद 70 वर्षों में हमें अंग्रेजी पढ़ाई गई। इसके बावजूद भारत में दो प्रतिशत से अधिक लोग अंग्रेजी नहीं जानते। हमने यह मान लिया है कि भारत में कुछ है ही नहीं या फिर जो कुछ है, वह निम्न कोटि का है। इस मानसिकता के कारण हम अपनी भाषा से ही नहीं, वरन भारतीयता से भी विमुख हो गए। जब कमाल पाशा ने सत्ता संभाली तो उसने सबसे पहले तुर्की भाषा को अनिवार्य किया। माओ त्से तुंग ने चीन में चीनी भाषा को लागू किया और इसी तरह इजरायल ने लगभग समाप्त हो चुकी अपनी भाषा हिब्रू को जीवित किया। उन्होंने कहा कि हम सभी प्रकार के पत्र हिंदी में ही लिखें, इसके लिए सरकारी आदेश की प्रतीक्षा क्यों करें? आज दुनिया में हिंदी भाषा-भाषियों की संख्या करोड़ों में है, लेकिन यह लोग अपनी भाषा में लिखते-पढ़ते नहीं है। जब हम हिंदी में लिखेंगे-पढ़ेंगे नहीं, तब वह समृद्ध कैसे होगी? उन्होंने कहा कि हमें संकल्प करना चाहिए कि अपनी भाषा से प्रेम करेंगे, सम्मान करेंगे और उसे विकृत नहीं होने देंगे। उन्होंने हिंदी के संदर्भ में विद्यार्थियों की जिज्ञासा का समाधान किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रायोगिक तौर पर प्रकाशित समाचार पत्र 'पहल' के हिंदी दिवस विशेषांक का भी विमोचन किया गया।
श्रेष्ठ भाषा का चुनाव करें :
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि यदि हम हिंदी का वैभव लाने का संकल्प लें, तब धीरे-धीरे पत्रकारिता भी बदल जाएगी। हमें शुद्ध हिंदी का प्रयोग करना चाहिए। उसे संवारना और समृद्ध करना चाहिए। नये शब्द गढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसंचार माध्यमों को समाज का अनुकरण नहीं, बल्कि नेतृत्व करना चाहिए। भाषा और विचार के क्षेत्र में भी जनसंचार माध्यमों को समाज को दिशा देनी चाहिए। हम श्रेष्ठता को चुनते हैं। इसलिए बोलचाल के नाम पर हिंदी को बिगड़े नहीं, बल्कि शुद्ध हिंदी शब्दों का उपयोग करें। दुनिया में सबसे अधिक श्रेष्ठ भाषा संस्कृत हैं और उसके निकट है हिंदी। प्रो. कुठियाला ने कहा कि जनमानस यदि तय कर ले कि हिंदी को बढ़ाना है, तब राजनीति स्वत: उसका अनुकरण करेगी। उन्होंने कहा कि देश हित में अंग्रेजी और अंग्रेजियत से छुटकारा पाना है, उसके लिए हिंदी और हिंदीपन को लाना होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव दीपक शर्मा, समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।


सेंट्रल लाइब्रेरी में "हिन्दी उत्सव -2017"
Our Correspondent :13 September 2017

युवाओं में हिन्दी की समझ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शासकीय मौलाना आज़ाद केन्द्रीय पुस्तकालय भोपाल आगामी शुक्रवार और शनिवार को दो दिवसीय हिन्दी उत्सव का आयोजन करने का जा रहा है । इस उत्सव में शहर के सही लोगों के लिए ओपन तीन प्रतियोगिताओं का आयोजन किता जाएगा । इन प्रतियोगिताओं में बाग लेने के लिए कोई भी व्यक्ति लाइब्रेरी आ सकता है ।
कार्यक्रम का विवरण
आयोजन का नाम - हिन्दी उत्सव -2017
दिनांक - 15 एवं 16 सितंबर 2017
स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल
तीन ओपन प्रतियोगिताएं
हिन्दी निबंध प्रतियोगिता
दिनांक - 15 सितंबर (शुक्रवार )
समय - सुबह 10 बजे
पुरुसकार - 6000/ - रुपये नगद
भाग लेने के लिए - सुबह 9.30 बजे लाइब्रेरी पहुँचें
हिन्दी क्विज़
दिनांक - 15 सितंबर 2017 (शुक्रवार )
समय - सुबह 11.30 बजे
पुरुस्कार - 6000/- रुपये नगद
भाग लेने के लिए - दो लोगों की टीम बनाकर सुबह 11 बजे तक सेंट्रल लाइब्रेरी पहुँचें
तात्कालिक भाषण
दिनांक - 16 सितंबर 2017 (शनिवार )
समय - सुबह 11 बजे
कितने लोग भाग ले सकते हैं - केवल 20
पुरुस्कार - 6000/- रुपये नगद
भाग लेने के लिए - सुबह 10 बजे लाइब्रेरी पहुँचकर सबसे पहले अपना नाम नोट करा दें
कुल नगद पुरुस्कार - रुपये 18000/-


राजधानी में प्रारंभ होगा मीडिया उद्यमिता केन्द्र
Our Correspondent :11 September 2017

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के अंतर्गत राजधानी में एक मीडिया उद्यमिता केन्द्र की स्थापना की जाएगी। यह केन्द्र नीति आयोग की पहल के अनुरूप कार्य करेगा। मीडिया में उद्यमशीलता के प्रशिक्षण, मीडिया प्रबंधन और एक से अधिक माध्यमों में दक्षता के उद्देश्य से इस केन्द्र को महत्वपूर्ण माना गया है। जनसंपर्क मंत्री और विश्वविद्यालय की प्रबंध उप समिति के अध्यक्ष डॉ. नरोत्तम मिश्र की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में प्रबंध उप समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में केन्द्र की उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा करते हुए केन्द्र प्रारंभ करने का अनुमोदन किया गया। बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला, कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा, संचालक जनसंपर्क श्री अनिल माथुर उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि देश में अपनी तरह के इस प्रथम केन्द्र में मीडिया के वर्तमान परिदृश्य के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। विश्वविद्यालय की विद्या परिषद द्वारा भी बीते माह इस केन्द्र को प्रारंभ करने का अनुमोदन दिया जा चुका है। केन्द्र के लिए विशेषज्ञों और सहयोगियों संस्थाओं के चुने जाने की कार्यवाही शीघ्र की जाएगी। आज की बैठक में सोशल मीडिया के क्षेत्र में गहन शोध की जरूरत को देखते हुए विश्वविद्यालय के अंतर्गत एक शोध केन्द्र स्थापित करने पर भी चर्चा हुई। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश की प्रत्येक तहसील में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध केन्द्र संचालित किया जाएगा, जो विभिन्न पाठ्यक्रम से विद्यार्थियों को जोड़ेगा। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के संबंध में भी निर्णय लिया गया। बैठक में विश्वविद्यालय के रीवा परिसर के निर्माण, नई अध्ययन संस्थाओं को विश्वविद्यालय से प्रदान की गई सम्बद्धता और अनुमोदन से संबंधित चर्चा हुई।


मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में मेडिकल के लिए 276 और इंजीनियरिंग के लिए 1298 आवेदन
Our Correspondent :7 September 2017

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में कुल 24179 आवेदन प्राप्त हुए है। मेडिकल कोर्स के लिए 276, इंजीनियरिंग के लिए 1298, विधि के लिए 45, एसपीए और आईआईएम इंदौर में संचालित पाठ्यक्रमों के लिए 31, पॉलीटेक्निक कोर्स के लिए 125 और प्रदेश में संचालित स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए 22 हजार 404 आवेदन प्राप्त हुए हैं। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने बताया है कि विभिन्न संस्थाओं द्वारा अभी तक 11608 आवेदनों का सत्यापन किया जा चुका है। इनकी फीस की स्वीकृति की कार्यवाही जारी है। इसी के साथ, 1216 विद्यार्थियों के प्रकरण स्वीकृत किये जा चुके है। योजना में माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत और सी.बी.एस.ई. और आई.सी.एस.ई. की परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। विद्यार्थी के पालक की वार्षिक आय 6 लाख रूपये से कम होना अनिवार्य है।


यूजीसी की कमेटी के अध्यक्ष बने प्रो. बृज किशोर कुठियाला
Our Correspondent :27 Aug 2017

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल में गठित एक समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह समिति दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के लिए विचार करेगी। प्रो. कुठियाला की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय समिति आईआईएमसी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के प्रस्ताव का अध्ययन करेगी और उसके बाद यूजीसी को अपनी अनुशंसा सौंपेगी। उल्लेखनीय है कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला को अप्रैल, 2017 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक ने अपने 16वें दीक्षांत समारोह में डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया है। कुलपति प्रो. कुठियाला को यूजीसी की समिति का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं अधिकारियों ने प्रसन्नता जाहिर की है।


विश्वविद्यालय को राजनीति का अड्डा बना रहे हैं वामपंथी
Our Correspondent :24 Aug 2017

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की पहचान देश-दुनिया में एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में है। देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी पत्रकारिता एवं संचार की पढ़ाई के लिए यहाँ आते हैं। विश्वविद्यालय को अनेक प्रतिष्ठित पत्रकार, संपादक एवं संचारक दिए हैं। किंतु, कुछ लोग अपनी राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा एवं वैचारिक स्वार्थ पूर्ति के लिए विश्वविद्यालय को बदनाम करने का प्रयास समय-समय पर करते हैं। पिछले दो-तीन दिन से कुछ बाहरी तत्वों ने अपने मीडिया संपर्कों का उपयोग कर विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। विश्वविद्यालय के नये परिसर में 'गौशाला' प्रस्तावित है। हम सब विद्यार्थी गौशाला खोलने के निर्णय का स्वागत करते हैं। हम मानते हैं कि गौशाला से हमारी पढ़ाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जो लोग गौशाला का विरोध कर रहे हैं, उनकी सक्रियता राजनीतिक दलों में है। वामपंथी विचारधारा से पोषित और वामपंथी पार्टियों के कार्यकर्ता इस गैर-जरूरी मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। कुछ वामपंथी पत्रकार इस मुद्दे पर भ्रामक रिपोर्टिंग कर उसे विवादित बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जैसा कि वामपंथियों की नीति-रीति है कि शैक्षणिक संस्थाओं को राजनीति और वैचारिक संघर्ष का अड्डा बना देते हैं। वैसा ही कुछ प्रयास एमसीयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के साथ करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। हम सब विद्यार्थी इस बात से आहत हैं कि हमारे विश्वविद्यालय को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। हम नहीं चाहते कि यह विश्वविद्यालय समाज, संस्कृति और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का अड्डा बने। संस्थान की प्रतिष्ठा विद्यार्थियों की प्रतिष्ठा है। विश्वविद्यालय की छवि धूमिल होने से हम सब विद्यार्थियों के भविष्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए हम सब विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला एवं विश्वविद्यालय प्रशासन से माँग की है कि भ्रामक, झूठी और तथ्यहीन बातों के माध्यम से सोशल मीडिया एवं जनसंचार माध्यमों के जरिये विश्वविद्यालय की छवि को ख़राब करने वाले लोगों को कानूनी नोटिस भेजने की कार्रवाई की जाए। गौशाला के समर्थन में विश्वविद्यालय के लगभग 200 विद्यार्थियों ने कुलपति को सौंपे गए ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। विद्यार्थियों के हित में विश्वविद्यालय के नये परिसर में अत्याधुनिक सुविधा से युक्त 8 विभागीय और एक केंद्रीय स्टूडियो स्थापित हो रहा है। इसी तरह 8 विभागीय पुस्तकालय और एक समृद्ध केंद्रीय पुस्तकालय भी स्थापित किया जा रहा है। विद्यार्थियों के हित में अन्य जरूरी सुविधाएं जैसे- चिकित्सालय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, मेडिटेशन एवं योग केंद्र, कैंटीन सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है।


राष्ट्रीय-स्तर के संस्थान में प्रवेश के लिये 800 अजा विद्यार्थियों को कोचिंग होगी उपलब्ध
Our Correspondent :24 Aug 2017

प्रदेश में अनुसूचित-जाति के प्रतिभावान विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की तकनीकी, चिकित्सा, विधि महाविद्यालयों में प्रवेश सुनिश्चित करवाने और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की प्रवेश परीक्षा में उनकी सफलता सुनिश्चित करने के लिये कोचिंग उपलब्ध कराने की योजना इस वर्ष से शुरू की जा रही है। इसमें प्रदेश के 4 महानगरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में प्रतिवर्ष 800 विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग उपलब्ध करवायी जायेगी।
मुख्यमंत्री स्व-रोजगार और आर्थिक कल्याण योजना के जरिये 11 हजार से ज्यादा लाभान्वित अनुसूचित-जाति कल्याण विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में वर्ष 2016-17 में 7 हजार से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। योजना में अधिकतम 10 लाख रुपये का ऋण तथा अधिकतम 2 लाख रुपये की अनुदान राशि का प्रावधान है। इस वित्तीय वर्ष में 7 हजार हितग्राहियों को विभिन्न व्यवसायों की स्थापना के लिये 70 करोड़ की सहायता राशि उपलब्ध करवायी जायेगी। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में पिछले वर्ष नवीन उद्यमों की स्थापना के लिये 4106 अनुसूचित-जाति के हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। इसके लिये 5 करोड़ 47 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवायी गयी। इस वर्ष भी 4 हजार हितग्राहियों को 8 करोड़ की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवायी जायेगी। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन प्रशिक्षण योजना में 5135 अनुसूचित-जाति के युवाओं को प्रशिक्षित कर 3115 युवाओं को विभिन्न उद्योगों में रोजगार और 182 युवाओं को स्व-रोजगार उपलब्ध करवाया गया।
सावित्री बाई फुले एसएचजी योजना में 152 समूह लाभान्वित अनुसूचित-जाति की महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को व्यवसायों में स्थापित करने के लिये सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना में 152 समूह को लाभान्वित किया गया। इन समूहों के 1028 हितग्राहियों को 3 करोड़ 18 लाख का ऋण और 128 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया। अनुसूचित-जाति वर्ग के विद्यार्थियों को शैक्षणिक एवं आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिये 1945 छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। इसके जरिये 97 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा का लाभ प्राप्त हो रहा है।
छात्रावास भवनों की नई डिजाइन निर्धारित छात्रावास भवनों की नई डिजाइन निर्धारित की गयी है। अब छात्रावास के हर कमरे में 8 से 10 विद्यार्थियों के स्थान पर 2 से 3 विद्यार्थियों को रखा जायेगा। प्रत्येक छात्रावास में वाटर फिल्टर, टी.व्ही., कम्प्यूटर, इंटरनेट सुविधा, डायनिंग टेबल, स्टडी टेबल, फिक्स फर्नीचर की सुविधा उपलब्ध करवायी जायेगी। इस वर्ष ऐसे 55 नये छात्रावास भवनों का निर्माण किया जायेगा। संभागीय मुख्यालयों में संचालित ज्ञानोदय विद्यालयों में 360 सीट के छात्रावास भवन, 21 अतिरिक्त क्लास-रूम और 7 स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जायेगा। विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति का लाभ प्राप्त करते हुए वर्तमान में 15 अनुसूचित-जाति के विद्यार्थी विदेशों में अध्ययनरत हैं।


विद्यार्थियों ने बनाईं पर्यावरण-अनुकूल गणेश प्रतिमाएं
Our Correspondent :21 Aug 2017

भोपाल, 20 अगस्त। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नवीन मीडिया विभाग की ओर से 'मिट्टी के गणेश निर्माण कार्यशाला' का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली सामाजिक संस्था 'नर्मदा समग्र' से जुड़े नवीन बोडख़े ने विद्यार्थियों को मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि पीओपी से बनने वाली गणेश प्रतिमाएं पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती हैं। पर्यावरण बचाने के लिए गणेश उत्सव के दौरान मिट्टी की प्रतिमाओं का पूजन करना चाहिए। मिट्टी से बनी प्रतिमाएं ईको-फ्रेंडली (पर्यावरण-अनुकूल) होती हैं। मिट्टी से मूर्ति बनाना बहुत आसान है। प्रशिक्षण के बाद हर कोई अपने घर पर ही प्रतिमा बना सकता है। नवीन मीडिया विभाग के विद्यार्थियों ने कार्यशाला में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और भगवान गणेश की सुंदर प्रतिमाओं का निर्माण किया। इस अवसर पर प्रशिक्षक नवीन बोडख़े ने कहा कि प्रतिमाओं के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले रंग एवं अन्य वस्तुएं भी पर्यावरण के अनुकूल होनी चाहिए। कार्यशाला का उद्घाटन नवीन मीडिया विभाग की अध्यक्ष डॉ. पी. शशिकला ने किया।
प्रतिमाओं को सजाएंगे आज : कार्यशाला में जिन विद्यार्थियों ने मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं बनाई हैं, वे सोमवार को उनको रंगों से सजाएंगे। प्रतिमाओं पर किया जाने वाला रंग भी पर्यावरण के अनुकूल होगा। इसके बाद कलात्मक एवं मोहक गणेश प्रतिमाओं के विक्रय एवं प्रदर्शन के लिए विद्यार्थी स्टॉल भी लगाएंगे।


पढ़ाई के खर्च की चिंता हुई अब दूर : योजना में चयनित विद्यार्थी
Our Correspondent :20 Aug 2017

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के प्रमाण-पत्र वितरण समारोह में विभिन्न जिलों से आये विद्यार्थियों ने कहा कि 'हमारी पढ़ाई के खर्च की चिंता दूर हो गयी है। हमारे माता-पिता को अब पढ़ाई के लिये जरूरी पैसों की व्यवस्था के लिये भटकना नहीं पड़ेगा।' सोचा भी नहीं था कि बिना पैसों के बनेंगे डॉक्टर जिला खरगोन के श्री पवन मंडलोई का प्रवेश नीट के माध्यम से श्री अरविंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इंदौर में हुआ है। इनके पिताजी का निधन जब वे कक्षा दस में थे तभी हो गया था। उन्होंने बताया कि सपने में भी नहीं सोचा था कि इस हालत में वे डॉक्टर बन पायेंगे। सरकार ने हमारी फीस भरने की जिम्मेदारी लेकर हम जैसे अनेक मध्यमवर्गीय एवं गरीब परिवार से आने वाले बच्चों पर बहुत बड़ा उपकार किया है। इसे जिंदगीभर याद रखेंगे। भविष्य हुआ सुरक्षित जिला भोपाल की कुमारी शुभांगी बागरे ने बताया कि हमारे पापा श्री राधेश्याम बागरे की छोटी सी दुकान है। मुख्यमंत्री ने यह योजना लागू कर हमारी और हमारे पापा की चिंता दूर कर दी है। अब हमें भविष्य की चिंता नहीं है। हम बेहतर शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य सँवार सकेंगे। अब इसमें हमारी आर्थिक स्थिति बाधा नहीं बनेगी। कुमारी बागरे ने स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड आर्किटेक्चर, भोपाल में प्रवेश लिया है। इसकी सालाना फीस एक लाख पचास हजार रूपये है। यह फीस अब पूरे पाँच साल सरकार देगी। इतना तो कोई मामा नहीं करता जिला इंदौर की कुमारी अनुज्ञा मुकाती ने भावुक होते हुए कहा कि इतना तो अपने भांजों के लिये मामा नहीं करते हैं, जितना कि मुँहबोले मामा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है। मामा की कथनी और करनी में अंतर नहीं है। कुमारी मुकाती का प्रवेश क्लेट के माध्यम से एनएलआईयू, भोपाल में हुआ है। इनके पापा पत्रकार हैं। अब गरीब बच्चा भी ले सकेगा उच्च शिक्षा जिला राजगढ़ के श्री दीपक कुमार ने कहा कि अब गरीबी शिक्षा में आड़े नहीं आयेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने हम गरीबों की पीड़ा को समझा और यह योजना लागू कर हमें ऐसी सौगात दी है कि अब हम उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगे। कुछ इसी तरह के विचार आईआईटी इंदौर में प्रवेश ले चुके सिवनी जिले के छात्र श्री श्रेयांस ठाकुर, ग्वालियर के श्री शांतनु शर्मा, जबलपुर के श्री केशव राठौर और इंदौर के श्री जुबिन नागपाल ने भी व्यक्त किये। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के प्रमाण-पत्र वितरण समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने एमबीबीएस के लिए चयनित रीवा की कुमारी जसमिन पटेल, इन्दौर के श्री स्वप्निल कुन्हारे, इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने वाली इन्दौर की कुमारी आस्था डोंगरे, बैतूल की कुमारी किरण जपाटे, आईआईएम इंदौर में प्रवेश लेने वाली बुरहानपुर की कुमारी मानसी संजय तरकस और उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने वाले भोपाल के श्री दीपक कुमार, बैतूल की कुमारी मोनिका सोनी और भोपाल की कुमारी आकृति मेहरा को भी प्रमाण-पत्र प्रदान किये।


एक योजना ने बदला हजारों का जीवन
Our Correspondent :20 Aug 2017

प्रदेश के गरीब प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा का सपना मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मेधावी विद्यार्थी योजना ने साकार कर दिया है। इस महत्वाकांक्षी योजना से देश-प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं में 32,185 छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिल गया है। अब वे धन के अभाव की चिंता से मुक्त होकर मेहनत से उच्च शिक्षा के अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे। योजना में मध्यप्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों द्वारा देश के कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों जैसे आई.आई.टी. मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, इन्दौर, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी और दिल्ली विश्वविद्यालय सहित देश के 18 आई.आई.टी., 14 एन.आई.टी., 10 राष्ट्रीय विधि संस्थान (नेशनल लॉ इन्स्टीट्यूट), 14 आई.आई.टी. संस्थान एवं 14 अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में 250 से अधिक मेधावी विद्यार्थियों द्वारा प्रवेश लेकर इस योजना का लाभ लिया जा रहा है। उल्लेखनीय है विगत वर्षों में उच्च शिक्षा के लिये पात्र विद्यार्थियों के उत्तीर्ण होने का औसत प्रतिशत 46 रहा है। इनमें से 27 प्रतिशत ड्राप आउट हो जाते हैं। इनमें अधिकांश विद्यार्थी धनाभाव के कारण उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं ले पाते थे। मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के सभी मेधावी विद्यार्थियों को उनकी विशेष योग्यता और प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2017 से मुख्यमंत्री मेधावी योजना प्रारंभ की गयी है। यह योजना मध्यप्रदेश के मूल निवासी मेधावी विद्यार्थियों के लिये है, जिनके पालकों की वार्षिक आय 6 लाख रूपये तक है। उन्होंने 12वीं की माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में 75 प्रतिशत अथवा सी.बी.एस.सी./आई.सी.एस.ई की परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किये हैं। योजना सभी इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेदिक, विधि एवं अन्य समस्त स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले मेधावी विद्यार्थियों के लिये लागू की गयी है, जिन्होंने मध्यप्रदेश एवं भारत सरकार के उच्च संस्थानों में प्रवेश लिया है। योजना के प्रथम चरण में हमारे प्रदेश के 150 से अधिक मेधावी विद्यार्थियों ने प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कालेजों में प्रवेश लिया है। इसी तरह प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों के 762 विद्यार्थी, पोलिटेक्निक महाविद्यालयों के 83 विद्यार्थी एवं उच्च शिक्षा के महाविद्यालयों के 20 हजार से अधिक विद्यार्थी इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं। नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट में 20 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रवेश ले लिया है। आई.आई.एम. इन्दौर एवं स्कूल ऑफ प्लानिंग एवं आर्किटेक्चर जैसे राष्ट्रीय संस्थानों में 17 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।


मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना प्रमाण-पत्र वितरण
Our Correspondent :20 Aug 2017

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह ने युवाओं का आव्हान किया है कि प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ और भारत को विश्व गुरु बनाने के लिये आगे आयें। समाज सेवा के लिए संकल्पित हो। सरकार युवाओं की प्रतिभा को कुंठित नहीं होने देगी, उनके सपनों को साकार करने में हरसंभव सहयोग करेगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद श्री अमित शाह ने कहा है कि नये भारत का निर्माण युवाओं की जिम्मेदारी है। युवाओं को अवसर देने का कार्य सरकार पूरी जवाबदारी से कर रही है। वे आज यहाँ मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के लाभान्वितों को प्रमाण पत्र वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। विद्यार्थी कल्याण कोष बनेगा कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रतिभाओं को पंख देने का संकल्प आज पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों में प्रतिभा, क्षमता और योग्यता होने बावजूद आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वे उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाते थे। इन बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिये मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना शुरू की गई है। इसका लाभ लेकर बच्चे अनंत आकाश में उड़ान भरें और अपने परिवार, प्रदेश व देश का नाम रोशन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक स्थिति से कमजोर विद्यार्थियों की मदद के लिये विद्यार्थी कल्याण कोष बनाया जायेगा। इस कोष में मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ लेने वाले जो विद्यार्थी रोजगार से लग जाते हैं, वे मदद करेंगे। इसी तरह जिनका मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हो जाता है वे पढ़ाई पूरी करने के बाद तीन वर्ष तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवायें देंगे। इनके साथ ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ईमानदारी से कार्य करने का संकल्प भी मुख्यमंत्री ने दिलवाया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का मान, सम्मान और स्वाभिमान पूरी दुनिया में बढ़ा है। उनका सम्मान सभी भारतीयों का सम्मान है। उन्होंने पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति खत्म की। उन्होंने युवाओं की बेहतरी के लिये अनेक कदम उठाये हैं। इससे भारत गौरवशाली बन रहा है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में भारत भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व को शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन करवाने में विश्व गुरु की भूमिका में आ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिये युवाओं के जीवन को बेहतर बनाना है। इसके लिये मध्यप्रदेश सरकार ने बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, साईकिल एवं गणवेश उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। साथ ही कमजोर वर्गों के साथ-साथ सामान्य वर्ग के निर्धन विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति मुहैया करवायी जा रही है। छात्राओं को गाँव की बेटी एवं प्रतिभा किरण योजना का लाभ तथा बारहवीं में 85 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लेपटॉप और कालेज में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केवल सरकारी नौकरी ही रोजगार का रास्ता नहीं है। स्व-रोजगार में मदद देने के लिये प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई स्किल इंडिया, स्टार्टअप, स्टैंडअप इंडिया एवं मध्यप्रदेश शासन की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार और कांट्रेक्टर योजना का लाभ लेकर युवा दूसरों को रोजगार देने के काबिल बन रहे हैं। प्रदेश सरकार कौशल उन्नयन में सहयोग के लिये अभूतपूर्व कार्य कर रही है। सिंगापुर के सहयोग से ग्लोबल स्किल पार्क का विकास किया जा रहा है, जिसमें एक साथ दस हजार युवाओं को प्रशिक्षण मिलेगा। आई.टी.आई. का उन्यनयन किया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के लिये पौधे लगाने, नशा मुक्त समाज बनाने एवं बेटा-बेटी को समान मानने का संकल्प भी दिलाया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री श्री मोदी के सपनों को साकार किया जायेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जॉब सीकर को जॉब क्रिएटर बनाया सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने कहा कि न्यू इंडिया के निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न नवाचारी योजनाओं के द्वारा युवाओं को नये विचारों को क्रियान्वित और नई संभावनाओं को तलाशने का अवसर दिया है। उन्होंने युवाओं से कहा कि सरकार से विकास का मंच, उन्हें मिला है, उन्हें भी गरीबों की सेवा के लिये संकल्पित होना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने युवाओं के विकास से देश प्रदेश का विकास होगा, इस अवधारणा के साथ युवाओं के सपनों को साकार करने में सहयोग किया है। डिजिटल इंडिया, मुद्राबैंक, स्टार्टअप, स्टैंडअप और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम ने युवाओं को जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनाया है। उनकी सरकार ने पिछले तीन साल में विकास की गति बदलने का कार्य किया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में जो अर्थव्यवस्था लकवाग्रस्त थी उसे आज दुनिया की सबसे तेज प्रगति करने वाली अर्थव्यवस्था का सम्मान मिल रहा है। दुनियाभर में हो रही प्रदेश के विकास की चर्चा श्री शाह ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की मदद सरकार का दायित्व है। आर्थिक अभाव में प्रतिभाओं के कुंठन से समाज में अन्याय का भाव पनपता है। सामाजिक न्याय के प्रयासों में मेधावी विद्यार्थी योजना में बहुत बड़ी संभावना दिख रही हैं। योजना से लाभान्वित होने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के जीवन में एक नई शुरूआत हुई है, जो उन्हें नई ऊँचाई पर ले जायेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जैसा संवेदनशील व्यक्तित्व ही इस तरह की पहल कर सकता है। उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश के विकास की दुनियाभर में चर्चा हो रही है। उन्होंने सर्वांगीण विकास पर विचार करने, योजना निर्माण करने और बेहतर क्रियान्वयन कर, उनका लाभ अंतिम छोर तक पहुँचाया है। बीमारु राज्य कहा जाने वाला मध्यप्रदेश आज देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों की सूची में शामिल है। स्वागत उदबोधन में तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार सबको शिक्षा के लक्ष्य प्राप्ति के प्रयास कर रही है। उन्होंने गरीब कल्याण वर्ष का उल्लेख करते हुए योजना को इस दिशा में उठाया गया प्रभावी कदम बताया और योजना की संक्षिप्त जानकारी दी। आभार प्रदर्शन प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बंदोपाध्याय ने किया। विद्यार्थियों में दिखी नई उम्मीदें और उत्साह कार्यक्रम में बड़ी संख्या में योजना के लाभान्वित विद्यार्थी उपस्थित थे। उत्साह और नई उम्मीदें उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। उनके जयकारे और तालियों के गड़गड़ाहट से पूरा पंडाल अनेक बार गुंजायमान हुआ। भारत माता के जयकारे में उनकी जोश भरी आवाज ने अतिथियों को भी प्रभावित किया। प्रतीक स्वरूप योजना प्रमाण पत्रों का वितरण नीट में चयनित रीवा की जास्मीन पटेल, खरगोन के पवन मंडलोई, जे.ई.ई. मेन में चयनित सिवनी के श्रेयस ठाकुर, ग्वालियर के शांतनु शर्मा, जबलपुर के केशव राठौर, इन्दौर के जूबिन नागपाल, क्लेट में चयनित इन्दौर की अनुज्ञा मुक्ति, इंजीनियरिंग शिक्षा में चयनित बैतूल की किरन जपाटे, आर्किटेक्चर शिक्षा में चयनित भोपाल की शुभांगी बागरे, आई.आई.एम. में चयनित बुरहानपुर की मानसी संजय तरकस, बी.एस.सी. में चयनित भोपाल के दीपक कुमार, बी.कॉम. में चयनित बैतूल की मोनिका सोनी, बी.कॉम आनर्स में चयनित भोपाल की आकृति मेहरा को अतिथियों द्वारा वितरित किये गये। अतिथियों का स्वागत पुस्तक भेंटकर किया गया। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान, उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया, कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस, लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह, सहकारिता राज्य मंत्री श्री विश्वास सारंग, सांसद श्री आलोक संजर, महापौर श्री आलोक शर्मा, विधायक सर्वश्री सुरेन्द्र नाथ सिंह, विष्णु खत्री एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ मौजूद थे।


डॉ. वर्मा बरकतउल्ला विश्‍वविद्यालय, भोपाल के कुलपति नियुक्त
Our Correspondent :11 Aug 2017

कुलाधिपति और राज्यपाल श्री ओम प्रकाश कोहली ने डॉ. प्रमोद कुमार वर्मा प्राध्यापक, एप्लाईड जिओलाजी, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन को तत्काल प्रभाव से बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति के पद पर नियुक्त किया है। डॉ. वर्मा की नियुक्ति आगामी आदेश तक की गई है।


विज्ञान भी है हमारे तीर्थ स्थलों में - प्रो. कुठियाला
Our Correspondent :2 Aug 2017

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि हमारे तीर्थ स्थल विश्वास और परम्परा के केंद्र मात्र नहीं हैं, उनमें विज्ञान भी है जो जो आज कहीं लुप्तक हो गया है। अमरनाथ यात्रा के दौरान विश्वास के साथ एक समर्पण का भाव था| मन में भाव था कि जो होता जायेगा, वह करते जाएंगे। यह बात प्रो कुठियाला ने अमरनाथ यात्रा से लौटने के बाद आज विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 'अमृत प्रसंग' कार्यक्रम में कही। अपनी धार्मिक यात्रा का अनुभव व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य के समय उस विज्ञान का ज्ञान था| इसी कारण से दो हजार वर्षों ज्यादा समय से चल रही एक लोक परंपरा ऐसी आस्था में बदल गई कि चारधाम की यात्रा जीवन का उद्देश्य बन गई| इस आस्था में कोई दैवीय शक्ति है तो कोई वैज्ञानिक शक्ति भी मौजूद हैं| उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि उनकी यह यात्रा पूर्व नियोजित थी। पूर्व में यात्रा को लेकर कोई निर्णय नहीं किया था| संयोग ऐसे बनते गये और एक दुर्गम यात्रा पूर्ण हो गई। यह एक सपना था जो पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि अमरनाथ गुफा प्रकृति का वरदान है और यह एक चोटी पर स्थित है। दुनियांभर में बर्फ के कारण बना इस तरह का दृश्य कहीं भी देखने में नहीं आता है जिसमें शिवलिंग बना हो। प्राकृतिक रूप से बर्फ से उल्टें पिरामिड की तरह की संरचना बनती है लेकिन अमरनाथ के पवित्र स्थल पर पिरामिड की संरचना नजर आती है और इसके पास ही एक दूसरी संरचना माता पार्वती जी के रूप में देखने को मिलती है। यह आश्चर्य है कि 14000 फीट की ऊंचाई पर जहां पानी नहीं, खाने को दाने नहीं, वहां कबूतर नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों और प्रकृति के प्रकोप के बावजूद भारतीय सेना और केन्द्रीय बल के जवान हर चोटी पर मौजूद है और इस यात्रा को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। जब वे अमरनाथ पहुंचे उसके दो दिन पूर्व ही आतंकवादियों ने गुजरात की बस को निशाना बनाया था| उन्होंने कहा कि श्रीनगर में ही एक स्थान पर 2300 वर्ष पूर्व आदिशंकराचार्य ने साधना की थी, वहां पर एक शिव मंदिर स्थित है| उसका वातावरण अद्भुत है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढियों का रास्ता है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा, कुलसचिव श्री दीपक शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ पवित्र श्रीवास्तव, डॉ पी शशिकला, डॉ राखी तिवारी, डॉ चैतन्य पी अग्रवाल, डॉ मोनिका वर्मा, डॉ अविनाश वाजपेयी, डॉ कंचन भाटिया, परीक्षा नियंत्रक डॉ राजेश पाठक ने कुलपति प्रो. कुठियाला का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष श्री संजय द्विवेदी ने किया।


जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी में द्वितीय दीक्षांत समारोह का आयोजन, 200 छात्रों को मिली डिग्री
Our Correspondent :3 December 2016
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले शैक्षणिक सत्र से कक्षा एक से सात तथा 9वीं और 11वीं में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित और वाणिज्य समूह के विषयों में एनसीईआरटी पाठ्य-पुस्तकों से शिक्षण करवाया जायेगा। कक्षा 8, 10 और 12वीं में सत्र 2018-19 से एनसीईआरटी की पुस्तकों से शिक्षण करवाया जायेगा। मंत्रि-परिषद ने अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय नई दिल्ली की स्थापना के लिए तृतीय श्रेणी के अनुवादक के कुल 10 पद के सृजन की मंजूरी दी। इनका वेतनमान 9300-34800+3200 ग्रेड-पे रहेगा। मंत्रि-परिषद ने कार्यालय कल्याण आयुक्त, भोपाल गैस पीड़ित भोपाल के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उच्च न्यायालय के अधीक्षण में उच्च न्यायालय एवं विभिन्न जिला न्यायालयों की स्थापनाओं में उपलब्ध तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति में 10 वर्ष की सेवा अवधि पूरी कर चुके कर्मचारियों को सीधी भर्ती के लिए निर्धारित आयु में अधिकतम 10 वर्ष की सीमा तक छूट देने का निर्णय लिया। यह सुविधा आदेश जारी होने के दिनांक से 5 वर्ष की अवधि के लिए ही होगी। मंत्रि-परिषद ने कार्यशील पूँजी की व्यवस्था के लिए तीनों विद्युत कंपनियों द्वारा पावर फायनेंस कार्पोरेशन से माह जून 2016 में प्राप्त किए गए कुल 900 करोड़ रुपए के लघु अवधि ऋण के लिए राज्य शासन की गारंटी देने का निर्णय लिया। ऋण की गारंटी के लिए विद्युत कंपनियों द्वारा राज्य शासन को 0.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से गारंटी शुल्क का भुगतान किया जायेगा।

न सिरफिरों का इलाज जरूरी जो जेएनयू की छवि और राष्ट्र की अस्मिता से खेल रहे हैं-संजय द्विवेदी
17 February 2016
यह एक यक्ष प्रश्न है कि इतने बड़े विचारकों, विश्व राजनीति-अर्थनीति की गहरी समझ, तमाम नेताओं की अप्रतिम ईमानदारी और विचारधारा के प्रति समर्पण के किस्सों के बावजूद भारत का वामपंथी आंदोलन क्यों जनता के बीच स्वीकृति नहीं पा सका? अब लगता है, भारत की महान जनता इन राष्ट्रद्रोहियों को पहले से ही पहचानती थी, इसलिए इन्हें इनकी मौत मरने दिया। जो हर बार गलती करें और उसे ऐतिहासिक भूल बताएं, वही वामपंथी हैं। वामपंथी वे हैं जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे राष्ट्रनायक को 'तोजो का कुत्ता' बताएं, वे वही हैं जो चीन के साथ हुए युद्ध में भारत विरोध में खड़े रहे। क्योंकि चीन के चेयरमैन माओ उनके भी चेयरमेन थे। वे ही हैं जो आपातकाल के पक्ष में खड़े रहे। वे ही हैं जो अंग्रेजों के मुखबिर बने और आज भी उनके बिगड़े शहजादे (माओवादी) जंगलों में आदिवासियों का जीवन नरक बना रहे हैं।
देश तोड़ने की दुआएं कौन कर रहे हैः अगर जेएनयू परिसर में वे ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ करते नजर आ रहे हैं, तो इसमें नया क्या है? उनकी बदहवासी समझी जा सकती है। सब कुछ हाथ से निकलता देख, अब सरकारी पैसे पर पल रहे जेएनयू के कुछ बुद्धिधारी इस इंतजाम में लगे हैं कि आईएसआई (पाकिस्तान) उनके खर्चे उठा ले। जब तक जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाने वाली ताकतें हैं ,देश के दुश्मनों को हमारे मासूम लोगों को कत्ल करने में दिक्कत क्या है? हमारा खून बहे, हमारा देश टूटे यही भारतीय वामपंथ का छुपा हुआ एजेंडा है। हमारी सुरक्षा एजेंसियां देश में आतंकियों के मददगार स्लीपर सेल की तलाश कर रही हैं, इसकी ज्यादा बड़ी जगह जेएनयू है। वहां भी नजर डालिए।
सरकारी पैसे पर राष्ट्रद्रोह की विषवेलः जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय एक ऐसी जगह है, जहां सरकारी पैसे से राष्ट्रद्गोह के बीज बोए जाते हैं। यहां ये घटनाएं पहली बार नहीं हुयी हैं। ये वे लोग हैं नक्सलियों द्वारा हमारे वीर सिपाहियों की हत्या पर खुशियां मनाते हैं। अपनी नाक के नीचे भारतीय राज्य अरसे से यह सब कुछ होने दे रहा है,यह आश्चर्य की बात है। इस बार भी घटना के बाद माफी मांग कर अलग हो जाने के बजाए, जिस बेशर्मी से वामपंथी दलों के नेता मैदान में उतरकर एक राष्ट्रद्रोही गतिविधि का समर्थन कर रहे हैं, वह बात बताती है, उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। यह कहना कि जेएनयू को बदनाम किया जा रहा है,ठीक नहीं है। गांधी हत्या की एक घटना के लिए आजतक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लांछित करने वाली शक्तियां क्यों अपने लिए छूट चाहती हैं? जबकि अदालतों ने भी गांधी हत्या के आरोप से संघ को मुक्त कर दिया है। टीवी बहसों को देखें तो अपने गलत काम पर पछतावे के बजाए वामपंथी मित्र भाजपा और संघ के बारे में बोलने लगते हैं। भारत को तोड़ने और खंडित करने के नारे लगाने वाले और ‘इंडिया गो बैक’ जैसी आवाजें लगाने वाले किस तरह की मानसिकता में रचे बसे हैं, इसे समझा जा सकता है। देश तोड़ने की दुआ करने वालों को पहचानना जरूरी है।
राहुल जी, आप वहां क्या कर रहे हैः वामपंथी मित्रों की बेबसी, मजबूरी और बदहवासी समझी जा सकती है, किंतु भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जैसी जिम्मेदार पार्टी के नेता राहुल गांधी का रवैया समझ से परे है। कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय आंदोलन का अतीत और उसके नेताओं का राष्ट्र की रक्षा के लिए बलिदान लगता है राहुल जी भूल गए हैं। आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि वे जाकर देशद्रोहियों के पाले में खड़े हो जाएं? उनकी पं. नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी और श्री राजीव गांधी की विरासत का यह अपमान है। इनमें से दो ने तो अपने प्राण भी इस राष्ट्र की रक्षा के लिए निछावर कर दिए। ऐसे परिवार का अंध मोदी विरोध या भाजपा विरोध में इस स्तर पर उतर जाना चिंता में डालता है। पहले दो दिन कांग्रेस ने जिस तरह की राष्ट्रवादी लाइन ली, उस पर तीसरे दिन जेएनयू जाकर राहुल जी ने पानी फेर दिया। जेएनयू जिस तरह के नारे लगे उसके पक्ष में राहुल जी का खड़ा होना बहुत दुख की बात है। वे कांग्रेस जैसी गंभीर और जिम्मेदार पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। उन्हें यह सोचना होगा कि भाजपा और नरेंद्र मोदी का विरोध करते-करते कहीं वे देशद्रोहियों के एजेंडे पर तो नहीं जा रहे हैं। उन्हें और कांग्रेस पार्टी को यह भी ख्याल रखना होगा कि किसी दल और नेता से बड़ा है देश और उसकी अस्मिता। देश की संप्रभुता को चुनौती दे रही ताकतों से किसी भी तरह की सहानुभूति रखना राहुल जी और उनकी पार्टी के लिए ठीक नहीं है। जेएनयू की घटना को लेकर पूरे देश में गुस्सा है, ऐसे समूहों के साथ अपने आप को चिन्हित कराना, कांग्रेस की परंपरा और उसके सिद्धांतों के खिलाफ है।
अभिव्यक्ति की आजादी के नाम परः कौन सा देश होगा जो अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर खुद को तोड़ने की नारेबाजी को प्रोत्साहन देगा। राष्ट्र के खिलाफ षडयंत्र और देशद्रोहियों की याद में कार्यक्रम करने वालों के साथ जो आज खड़े हैं, वे साधारण लोग नहीं हैं। जिस देश ने आपको सांसद, विधायक, मंत्री और प्रोफेसर बनाया। लाखों की तनख्वाहें देकर आपके सपनों में रंग भरे, आपने उस देश के लिए क्या किया? आजादी आप किससे चाहते हैं? इस मुल्क से आजादी, जिसने आपको एक बेहतर जिंदगी दी। अन्याय और अत्याचार से मुक्ति दिलाने की आपकी यात्रा क्यों गांव-गरीब और मैदानों तक नहीं पहुंचती? अपने ही रचे जेएनयू जैसे स्वर्ग में शराब की बोतलों और सिगरेट की घुंओं में ‘क्रांति’ करना बहुत आसान है किंतु जमीन पर उतर कर आम लोगों के लिए संघर्ष करना बहुत कठिन है। हिंदुस्तान के आम लोग पढ़े-लिखे लोगों को बहुत उम्मीदों से देखते हैं कि उनकी शिक्षा कभी उनकी जिंदगी में बदलाव लाने का कारण बनेगी। किंतु आपके सपने तो इस देश को तोड़ने के हैं। समाज को तोड़ने के हैं। समाज में तनाव और वर्ग संघर्ष की स्थितियां पैदा कर एक ऐसा वातावरण बनाने पर आपका जोर है ताकि लोगों की आस्था लोकतंत्र से, सरकार से और प्रशासनिक तंत्र से उठ जाए। विदेशी विचारों से संचालित और विदेशी पैसों पर पलने वालों की मजबूरी तो समझी जा सकती है। किंतु भारत के आम लोगों के टैक्स के पैसों से एक महान संस्था में पढ़कर इस देश के सवालों से टकराने के बजाए, आप देश से टकराएंगें तो आपका सिर ही फूटेगा।
जेएनयू जैसी बड़ी और महान संस्था का नाम किसी शोधकार्य और अकादमिक उपलब्धि के लिए चर्चा में आए तो बेहतर होगा, अच्छा होगा कि ऐसे प्रदर्शनों-कार्यक्रमों के लिए राजनीतिक दल या समूह जंतर-मंतर, इंडिया गेट, राजधाट और रामलीला मैदान जैसी जगहें चुनें। शिक्षा परिसरों में ऐसी घटनाओं से पठन-पाठन का वातावरण तो बिगड़ता ही है, तनाव पसरता है, जो ठीक नहीं है। इससे विश्वविद्यालय को नाहक की बदनामी तो मिलती ही है, और वह एक खास नजर से देखा जाने लगता है। अपने विश्वविद्यालय के बचाने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी शायद वहां के अध्यापकों और छात्रों की ही है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकना ही, इस बार मिली बदनामी का सबसे बड़ा इलाज है।
एक लोकतंत्र में होते हुए आपकी सांसें घुट रही हैं, तो क्या माओ के राज में, तालिबानों और आईएस के राज में आपको चैन मिलेगा? सच तो यह है कि आप बेचैन आत्माएं हैं, जिनका विचार ही है भारत विरोध, भारत द्वेष, लोकतंत्र का विरोध। आपका सपना है एक कमजोर और बेचारा भारत। एक टूटा हुआ, खंड-खंड भारत। ये सपने आप दिन में भी देखते हैं, ये ही आपके नारे बनकर फूटते हैं। पर भूल जाइए, ये सपना कभी साकार नहीं होगा, क्योंकि देश और उसके लोग आपके बहकावे में आने को तैयार नहीं है। देश तोड़क गतिविधियों और राष्ट्र विरोधी आचरण की आजादी यह देश किसी को नहीं दे सकता। आप चाहे जो भी हों। जेएनयू या दिल्ली भारत नहीं है। भारत के गांवों में जाइए और पूछिए कि आपने जो किया उसे कितने लोगों की स्वीकृति है, आपको सच पता चल जाएगा। राष्ट्र की अस्मिता और चेतना को चुनौती मत दीजिए। क्योंकि कोई भी व्यक्ति, विचारधारा और दल इस राष्ट्र से बड़ा नहीं हो सकता। चेत जाइए।

महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय को नैक ने दिया 'ए' ग्रेड
Our Correspondent :21 September 2015
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) ने अपने मूल्यांकन में महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, सतना को शीर्ष ग्रेड ‘ए’ के साथ मान्यता प्रदान की है.
मूल्यांकन एवं प्रत्यायन को मूलतः किसी भी शैक्षिक संस्था की ‘गुणवत्ता की स्थिति’ को समझने के लिए प्रयोग किया जाता है. वास्तव में यह मूल्यांकन यह निर्धारित करता है कि कोई भी शैक्षिक संस्था या विश्वविद्‌यालय प्रमाणन एजेंसी के द्‌वारा निर्धारित गुणवत्ता के मानकों को किस स्तर तक पूरा कर रहा है. यह मानदंड निम्न प्रकार हैं – शैक्षिक प्रक्रियाओं में संस्था का प्रदर्शन, पाठ्यक्रम चयन एवं कार्यान्वयन, शिक्षण अधिगम एवं मूल्यांकन तथा छात्रों के परिणाम, संकाय सदस्यों का अनुसंधान कार्य एवं प्रकाशन, बुनियादी सुविधाएँ तथा संसाधनों की स्थिति, संगठन, प्रशासन व्यवस्था, आर्थिक स्थिति तथा छात्र सेवाएँ इत्यादि.
महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय पहली बार ‘ए’ शीर्ष ग्रेड पाया है. विश्वविद्यालय ने 4 में से 3.72 (सीजीपीए) अंक पाए हैं. यह अंक विश्वविद्यालय की उच्च शैक्षिक स्थिति को दर्शाता है.


एमपी पीएससी : एक लाख प्रश्नों का बैंक बनेगा, उसी में से आएंगे प्रश्न
प्रारंभिक परीक्षा ऑनलाइन कराने का मामला अटका, अन्य परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी, 12 को टेंडर जारी करेगा पीएससी

मप्रलोकसेवा आयोग पीएससी-2014 की प्रारंभिक परीक्षा को ऑनलाइन करवाने का मामला अटक गया है। सोमवार को हुई पीएससी प्रबंधन की बैठक में परीक्षा को ऑनलाइन करने के निर्णय पर सहमति नहीं बन पाई। हालांकि अन्य सभी परीक्षाएं ऑनलाइन ही की जाएंगी। इसके लिए 12 दिसंबर तक टेंडर जारी कर दिए जाएंगे। इधर, पीएससी प्रबंधन ने तय किया है कि प्रारंभिक परीक्षा के लिए लगभग एक लाख प्रश्नों का बैंक तैयार किया जाएगा। उसी में से प्रश्न पूछे जाएंगे, ताकि एक ही गाइड से ज्यादा प्रश्न पूछे जाने जैसे आरोप लग सकें।

ऑनलाइन परीक्षा क्यों

दरअसल,पीएससी-2012 और प्रारंभिक परीक्षा-2013 के विवादों में पड़ने के बाद पीएससी प्रबंधन ने परीक्षा ऑनलाइन करवाने का निर्णय लिया था। मुख्य परीक्षा-2012 का परचा बाजार में बेचे जाने की घटना से हड़कंप मच गया था। एसटीएफ की जांच में 40 लाख रुपए में परचा बेचे जाने की बात सामने आई थी। इसी के चलते चयनित अभ्यर्थियों के इंटरव्यू अब तक नहीं हो पाए हैं। इन सब गड़बड़ियों से बचने के लिए ऑनलाइन परीक्षा का निर्णय लिया गया था।

प्रश्न बैंक से यह होगा फायदा

प्रारंभिकपरीक्षा-2013 में एक ही गाइड से 35 फीसदी प्रश्न पूछे जाने तथा 16 गलत प्रश्न की शिकायत पर बवाल मचा था। विवादों के बीच बमुश्किल प्रबंधन ने इसका रिजल्ट घोषित किया है। ऐसे ही विवादों के चलते लगभग एक लाख प्रश्नों की बैंक बनाने की तैयारी है।

जल्द लेंगे अंतिम निर्णय

राज्यसेवा को छोड़ सभी परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी। इसके लिए 12 दिसंबर तक टेंडर जारी होंगे। पीएससी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा को ऑनलाइन करवाने पर अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया है।'' मनोहरदुबे, सचिव,एमपी पीएससी


‘अखिल भारत शिक्षा संघर्ष यात्रा-2014’ रैली व भोपाल महा-पड़ाव से एकजुट संघर्ष की शुरूआत
शिक्षा के निजीकरण, बाज़ारीकरण व सांप्रदायीकरण के खिलाफ़ और ‘केजी से पीजी तक’ पूरी तरह मुफ़्त व सरकार द्वारा वित्त-पोषित ‘समान शिक्षा व्यवस्था’ की स्थापना के लिए, ‘अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच’, इसके 45 सदस्य व सहयोगी संगठनों व 200 से भी ज्यादा बिरादराना संगठनों द्वारा आयोजित ‘अखिल भारत शिक्षा संघर्ष यात्रा-2014’ का भोपाल महापड़ाव 4 दिसंबर 2014 के अंतर्गत विशाल रैली का आयोजन भोपाल टाकीज़ से लेकर यादगार-ए-शाहजहानी पार्क तक किया गया।
देश की विविधता को दर्शाते और अनेक भाषाओं में समतामूलक शिक्षा के लिए संघर्ष की प्रतिबद्धता को ज़ाहिर करते हुए देश के कोने-कोने से आए 2500 से ज्यादा लोगों ने नारों, गीतों और कलरव संगीत के साथ भोपाल टाकीज़ से रैली निकालकर यादगार-ए-शाहजहानी पार्क तक आई जहां जोरदार नारों से रैली का स्वागत किया गया।
जनगीतों के बीच शाहजहानी पार्क में ‘अखिल भारत शिक्षा संघर्ष यात्रा’ के तहत निकली पांच देश-व्यापी आंचलिक यात्राओं के प्रतिनिधियों ने पांच मशालें भोपाल महापड़ाव स्थल पर समर्पित की।
वरिष्ठ शिक्षाविद व अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच के अध्यक्ष मंडल सदस्य डॉ. अनिल सदगोपाल ने देश-व्यापी शिक्षा संघर्ष यात्राओं के अनुभव को सामने रखते हुए कहा कि ‘शिक्षा संघर्ष यात्रा’ का स्वागत हर जगह पर जनता के अलग-अलग तबकों ने पूरे जोश और उत्साह से किया। शिक्षा व्यवस्था पर पिछले दो से ज्यादा दशकों से जारी नवउदारवादी – सांप्रदायिक हमले को जनता पहचान रही है।
अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच के अध्यक्ष मंडल सदस्य प्रो. मधु प्रसाद ने कहा कि आज की सरकार शिक्षा के हक को वास्तव में लागू न कर के केवल लोकलुभावन मगर खोखले नारों और योजनाओं से जनता को बरगला रही है। लोग यह समझ चुके हैं कि स्कूल के लिए अच्छे व नियमित शिक्षक से लेकर शौचालय व साफ़-सफाई की व्यवस्था कराना सरकार की जिम्मेदारी है और इसके लिए जरूरी वित्तीय व आधारभूत प्रबंध न करके मोदी सरकार केवल लच्छेदार बातों में जनता को उलझाए हुए है।
अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच के अध्यक्ष मंडल सदस्य प्रो. जी. हरगोपाल ने शिक्षा के बाजारीकरण व सांप्रदायीकरण के खिलाफ व समान शिक्षा व्यवस्था के लिए ‘भोपाल आह्वान’ जारी किया। जिसके प्रति देश की अनेक वामपंथी व समाजवादी राजनीतिक दलों (यथा, सीपीआइ, सीपीआइ (एम), सीपीआई-एम.एल. (रेड स्टार), सीपीआई-एम.एल. (न्यू डेमोक्रेसी), सीपीआई-एम.एल. (लिबरेशन), समाजवादी जन परिषद) और जल-जंगल-जमीन के जनांदोलनों ने अपने समर्थन की घोषणा की। इसके ‘शिक्षा संघर्ष यात्रा’ के तीन सूत्रीय मकसद के प्रति अटूट प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए भोपाल महापड़ाव से आगे लड़ाई को मजबूती से जारी रखने का संकल्प लिया गया।

यात्रा का तीन-सूत्रीय मकसद इस प्रकार हैः

1. देश में ‘केजी से पीजी तक’ समानता पर आधारित व हर तरह के भेदभाव से मुक्त, सरकार द्वारा वित्त-पोषित और पूरी तरह मुफ़्त ‘समान शिक्षा व्यवस्था’ का निर्माण करना जिसमें 12वीं कक्षा तक ‘समान पड़ोसी स्कूल प्रणाली’ शामिल हो और जिसका प्रबंधन लोकतांत्रिक, विकेंद्रित व सहभागितापूर्ण हो। इस व्यवस्था में शिक्षा का माध्यम बहुभाषीयता के संदर्भ में हमारी मातृभाषाएं होनी चाहिए और इसके लिए भारत की भाषाओं को कार्यपालिका, विधायिका व न्यायपालिका, व्यापार व वाणिज्य, विज्ञान व तकनीकी और सूचना प्रौद्योगिकी समेत राष्ट्रीय जीवन के सभी क्षेत्रों में प्राथमिकता के साथ स्थापित किया जाना चाहिए। इस आमूलचूल बदलाव के ज़रिए ही शिक्षा व्यवस्था संविधान के आदर्शों के अनुरूप देश में लोकतांत्रिक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, न्यायशील, प्रबुद्ध और मानवीय समाज के निर्माण में सक्षम बन पाएगी। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए ज़रूरी है कि,
2. शिक्षा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पी.पी.पी.) व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आइ.) समेत निजीकरण और बाज़ारीकरण की सभी नीतियों को रद्द किया जाए। साथ ही, विश्व व्यापार संगठन-गैट्स के पटल पर पेश उच्च शिक्षा के ‘प्रस्ताव’ को तुरंत वापस लिया जाए, इससे पहले कि वह वर्तमान में जारी ‘दोहा चक्र’ की वार्ताओं के ख़त्म होते ही बाध्यकारी हो जाए। तभी शिक्षा नीति के निर्धारण में देश की संप्रभुता को पुनर्स्थापित करना मुमकिन हो पाएगा; और
3. शिक्षा में हर तरह के सांप्रदायीकरण को खत्म किया जाए; साथ ही जातिगत, नस्लीय, पितृसत्तात्मक, संकीर्ण और विकलांगता-विरोधी भेदभावों व पूर्वाग्रहों और गैर-तार्किकता व अंधविश्वास को शिक्षा से बाहर किया जाए क्योंकि ये न सिर्फ देश के सामाजिक ताने-बाने को कमज़ोर करते हैं बल्कि किसी खास वर्ग, जाति, धर्म, संस्कृति, लिंग, भाषा, अंचल या तथाकथित ‘सामान्य’ शरीर की श्रेष्ठता के बेबुनियाद व अमानवीय विचार को थोप कर देश की समृद्ध विविधता को नकारते हैं और नवउदारवादी लूट के खिलाफ़ हमारी व्यापक एकजुटता को तोड़ते हैं।


सामुदायिक रेडियो आज भी प्रासंगिक हैं : प्रो कुठियाला
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्व विद्यालय (एमसीयू) में " वर्तमान परिदृश्य में सामुदायिक रेडियो की प्रासंगिक " विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ । इस अवसर पर एमसीयू के कुलपति प्रो कुठियाला ने कहा कि सामुदायिक रेडियो ही सामाजिक संवाद के लिए प्रवशाली मीडिया हो सकता है । यह पहले भी बेहतर विकल्प था और आज भी प्रासंगिक हैं । कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर में शारदा सामुदायिक रेडियो के संस्थापक व निर्देशक रमेश हांगुल ने कहा की सीमिति भौगोलिक दायरे में आने वाले समुदाय के लिए प्रसारण चुनौतीपूर्ण लेकिन रोमांचक है । यहां स्टूडेंट्स को सामुदायिक रेडियो संचालन और तकनीक के बारे में भी बताया गया ।

विद्यालयीन विद्यार्थियों पर शोध के लिये जमना माकवे को पीएचडी की उपाधि
भोपाल। राजधानी के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा जमना प्रसाद माकवे को शोध कार्यो के लिये पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है। राजीव गांधी महाविद्यालय में प्राध्यापक पद पर कार्यरत श्री माकवे ने यह शोध कार्य डॉ. नीरजा शर्मा सतत शिक्षा विभाग बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के निर्देशन में पूरा किया है। विश्वविद्यालय ने श्री माकवे द्वारा माध्यमिक स्तर के आवासीय एवं गैर आवासीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के विद्यालयीन वातावरण के नैतिक मूल्यों पर प्रभाव का तुलनात्मक अध्ययन विषय पर शोध कार्य किया गया है। भोपाल नगर के विशेष संदर्भ मेें किये गये इस शोध कार्य के लिये विवि ने 17-10-14 को उन्हेंं पीएचडी की उपाधि दी गई। इस अवसर पर परिवार और शुभचिंतकों ने उन्हे हार्दिक बधाई दी।

धूमधाम से मना मिसाइल मेन डाॅ. कलाम का जन्म दिन
भोपाल। - स्कूल-काॅलेज के बच्चों ने पेंटिग बनाई, क्रिएटिव राईटिंग की
- केक कटा, पुरस्कार बंटे, बच्चों की जुबां पर ’आई विल फ्लाई, आई विल फ्लाई’
- डाॅ. कलाम की पसंसीदा कविता को गुनगुनाया, शपथ लीं

भोपाल। भारत के महान वैज्ञानिक, भारत रत्न मिसाइल मेन पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. एपीजे अब्दुल का 83वां जन्मदिन 15 अक्टूबर को राजधानी में धूमधाम से मनाया गया। सर्च एण्ड रिसर्च डवलपमंेट सोसायटी ने शहर के स्कूल-काॅलेज के बच्चों के साथ मिलकर डाॅ. कलाम का जन्मदिन मनाया और उनकी दीर्घ आयु की कामना की।
स्वराज में आयोजित इस कार्यक्रम में डाॅ. कलाम के व्यक्त्वि और कृतित्व पर स्कूल-काॅलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा बनाई गई पेटिंग की प्रदर्षनी लगाई गई। साथ ही छात्र-छात्राओं ने डाॅ. कलाम पर क्रिएटिव राईटिंग के जरिए अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में रामानंद संस्कृत महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डा. उमा गुप्ता और हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में भूगोल की प्राध्यापक प्रो. अल्पना त्रिवेदी सोसायटी की चेयरपरसन डाॅ. मोनिका जैन, राजीव जैन, डाॅ. आदिल बेग सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। डाॅ. कलाम के जन्मदिन को सेलिब्रेट करने के लिए यहां सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय, बिलावोंग इंटरनेषनल स्कूल, कैम्पियन स्कूल, सेंट जोसफ स्कूल तथा हमीदियाा काॅलेज के छात्र-छात्राओं सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
यहां अतिथियों ने डाॅ. कलाम की जीवन और उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों से लेकर राष्ट्रपति पद रहते हुए देषहित में किए गए कार्यों का उल्लेख किया। अतिथियों ने वैज्ञानिकों के जन्मदिन मनाने की सर्च एण्ड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे निष्चित तौर पर देष के वैज्ञानिकों का सम्मान बढ़ेगा और हमारी युवा पीढ़ी उनके कार्यों और उपलब्धियों से वाकिफ हो सकेगी। उन्होंने कहा कि देष के विकास में वैज्ञानिक समुदाय का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा डाॅ. कलाम ने मिसाइल का प्रक्षेपण भारत को न केवल परमाणु शक्ति संपन्न बनायाच बल्कि देष को एक नई ताकत और पहचान दी है। भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्य भी हमेष याद किए जाएंगे। अतिथियों ने कहा कि डाॅ. कलाम का जीवन अनुकरणीय है।
सोसायटी की चेयरपरर्सन डाॅ. जैन ने यहां कहा कि डाॅ. कलाम को पढ़ना, मिलना, बात करना और उन्हें फाॅलो करना, सब कुछ अद्भुत है। वे सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत हैं। यही कारण है कि देष के युवाओं के वे आईकन बन गए हैं। डाॅ. जैन ने कहा कि डाॅ. कलाम ने सर्च एण्ड रिसर्च डवलपमंेट सोसायटी के कार्यों को सराहा है। डाॅ. कलाम 12 दिसंबर 2012 को सोसायटी के निमंत्रण पर भोपाल में इंटरनेषनल कांफ्रेंस में शामिल हुए।

बेस्ट पेंटिंग और राईटिंग को अवार्ड

कार्यक्रम में अतिथियों ने सर्वश्रेष्ठ पेटिंग और सर्वश्रेष्ठ क्रिएटिव राईटिंग के लिए तीन-तीन प्रतिभागियों का चयन किया। इन्हें प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार के रूप डाॅ. कलाम द्वारा लिखी गईं पुस्तकें और मेडल प्रदान किए गए। अन्य सभी प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को सांत्वना पुरस्कार दिए गए।

गूंजा ’आई विल फ्लाई’, ’आई विल फ्लाई’

डाॅ. कलाम को स्कूल दिनों में प्रभावित करने वाली उनकी सबसे ज्यादा पसंदीदा कविता ’आई विल फ्लाई’, ’आई विल फ्लाई’ को उपस्थित छात्र-छात्राओं ने सामूहिक रूप से गाया। कविता के बाद डाॅ. कलाम द्वारा दिलाई जाने वाली दस शपथ भी विद्यार्थियों, अतिथियों एवं सोसायटी के सदस्यों द्वारा ली गई।

पहली बार हुआ ऐसा आयोजन

देष में वैज्ञानिकों के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने का यह अपनी तरह की पहली पहल है। सर्च एण्ड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी की चेयरपरसन डाॅ. मोनिका जैन ने कहा कि अब देष के सभी महान वैज्ञानिकों के जन्मदिवस इसी तरह मनाएं जाएंगे। वैज्ञानिक धरोहर के समान हैं और उन्होंने भारत को विष्व में एक अलग स्थान दिलाया है। हमारे वैज्ञानिकों के उत्साह को बढ़ाने के लिए इस तरह की पहल पूरे देष में होनी चाहिए।

इन्हें मिले पुरस्कार

क्रिएटिव राईटिंग

प्रथम - कल्याणी शुक्ला - बिलाबोंग स्कूल
द्वितीय - सौम्या नायक - बिलावोंग स्कूल
तृतीय - इरावती सिंह और अर्थव - बिलावोंग स्कूल

पैंटिंग

प्रथम - सहाज सिद्दीकी - सेंट जोसफ स्कूल
द्वितीय - विजय गहरवाल - हमीदिया काॅलेज
तृतीय - विजय कीर - हमीदिया काॅलेज


'जर्मन डे क्विज' 8 अक्टूबर को
जर्मन सरकार की सांस्कृतिक संस्था 'मैक्स मूलर भवन नई दिल्ली' स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी के साथ मिलकर इस बुधवार इस ओपन क्विज का आयोजन कर रही है. 'जर्मन एकीकरण दिवस' को याद करने के लिए आयोजित हो रही इस क्विज का विषय है - 'जर्मन जर्मनी एंड जर्मन्स'
भारत में जर्मन भाषा की टीचिंग के 100 साल पूरे होने के उपलक्षय में जर्मन सरकार भारत भर में पूरे साल अलग अलग आयोजन कर रही है. भोपाल में यह आयोजन स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी के साथ मिलकर किये जा रहे हैं. इस साल भोपाल में आयोजित हो रहा मैक्स मूलर भवन का ये तीसरा आयोजन है

क्विज के बारे में :-

इवेंट का नाम - जर्मन डे क्विज
दिनांक - 8 अक्टूबर 2014 ,बुधवार
समय - सायं 5 से 7 बजे तक
स्थान - स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी भोपाल

आयोजक - मैक्स मूलर भवन (गेटे इंस्टिट्यूट) नई दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी

क्विज की भाषा - अंग्रेजी (क्विज में भाग लेने के लिए जर्मन जानना जरुरी नहीं है)

क्विज के टॉपिक्स :-

- जर्मन भाषा
- जर्मन संस्कृति एवं साहित्य
- जर्मनी की जीवन शैली एवं खान पान
- आधुनिक जर्मनी की प्रमुख उपलब्धियां
- जर्मन शिष्टाचार एवं रीति रिवाज

पुरूस्कार :-

क्विज के 9 विजेताओं को मेगा प्राइज़
क्विज में भाग लेने वाले हर प्रतियोगी को पुरूस्कार

कैसे भाग ले सकते हैं :-

- शहर का कोई भी व्यक्ति इस क्विज में भाग ले सकता है
- क्विज पूरी तरह से निःशुल्क है
- क्विज मैं भाग लेने के लिए लाइब्रेरी के नंबर -2553765 या 2553767 पर रेगिअतरशन करा सकते हैं
- प्रतियोगिता के दिन 15 मिनिट पहले पहुंचकर भी रजिस्ट्रेशन कराये जा सकते हैं


राजस्थानी अंदाज में सेलिब्रेशन
भोपाल। ख़ुशी और उल्लास का माहोल, मन में जीतने की उमंग लिए मंगलवार को आनंद विहार कॉलेज में युवा उत्सव-२०१४ का आगाज हुआ । स्टूडेंट्स ने डांस , कोलाज और कार्टूनिंग कम्पटीशन में हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा से जजेज को इम्प्रेस किय। कोलाज कम्पटीशन में स्टूडेंट्स ने वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन टॉपिक पर खूबसूरत कोलाज तैयार किए । स्टूडेंट्स आशिता निल्लोर ने कलरफुल पेपर की हेल्प से जिराफ बनाया और ट्री के साथ सेव वाइल्ड लाइफ का मैसेज दिया । वहीँ , कुछ स्टूडेंस्ट ने जंगल सीन क्रिएट करते हुए वाइल्ड लाइफ के दृश्य बनाए । सोलो डांस और ग्रुप डांस में लोक नृत्य प्रस्तुतियों ने मन मोहा । कालबेलिया नृत्य , लावादी नृत्य , राई नृत्य , आदि में स्टूडेंट्स ने प्रस्तुति दी । बुधवार को युवा उत्सव में पेंटिंग कम्पटीशन, लोक गायन और सुगम गायन का आयोजन किया जायेगा । फोक डांस के रंग
गीतांजलि कॉलेज में युवा उत्सव 2014 -15 का की शुरुआत सोलो और ग्रुप डांस कम्पटीशन से हुई । कुल 11 नृत्य प्रस्तुतियों में गरबा राजस्थानी (गुमर) छतीसग़ढ़ी एवं मारवाड़ी लोकनृत्य शामिल थे । सोलो डांस कम्पटीशन में फर्स्ट सोनम साहू (कथक), सेकंड ख्याति सक्सेना ने प्राप्त किया ।
ग्रुप डांस कम्पटीशन में फर्स्ट दिव्या तिवारी एवं समूह (राजस्थानी नृत्य) ने प्राप्त किया । सेकंड और थर्ड रैंक दामिनी एवं समूह (छतीसग़ढ़ी गोंड नृत्य ) और रेणुका लहरिया एवं समूह (छतीसग़ढ़ी) , रिंकी जैन एवं समूह (राजस्थानी होली नृत्य) ने प्राप्त किया । प्रतियोगिता में निर्णायकगण डॉ एफ बी बक्ष , डॉ शैलजा सोनी और डॉ मंजू शर्मा थे ।


अटल बिहारी हिन्दी विवि ने शुरू किया गर्भ में अभिमन्यु बनाने का प्रशिक्षण
गर्भस्थ शिशुओं पर दो दिनी सेमिनार का आयोजन

भोपाल। वह दिन दूर नहीं जब दंपती अपनी संतान में जैसे संस्कार चाहते हैं, गर्भवती महिलाओं के माध्यम से वे आने वाली पीढ़ी में पहुंचा दिये जायेंगे। यदि वह चाहती हैं कि उनकी संतान डॉक्टर, इंजीनियर या वैज्ञानिक बने तो इस प्रचीन पद्धति के अधुनातन प्रयोग के द्वारा यह भी संभव हो सकता है। महाभारत में जिस तरह अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु को गर्भ में ही चक्रव्यूह भेदने की शिक्षा मिल गई थी वैसी ही महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु को भारतीय मूल्यों की शिक्षा दिए जाने की तैयारी प्रदेश के एकमात्र हिन्दी विश्वविद्यालय में शुरू हो गई है। विवि विभिन्न स्थानों पर गर्भ तपोवन केंद्र खोलने जा रहा है, जिनमें गर्भवती महिलाओं को योग, प्रार्थना और ध्यान के साथ महिला को ज्यादा से ज्यादा प्रसन्न और प्रफुल्लित रखकर गर्भस्थ शिशु को संस्कार सिखाए जाएंगे। अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में गर्भस्थ शिशुओं पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन गुरूवार को विशेषज्ञों की ओर से आंगनबाड़ी, शिक्षक और गर्भस्थ महिलाओं को गर्भ में शिशुओं की देखभाल सहित अन्य जानकारियां दी गर्इं।
कार्यशाला में अहमदाबाद के चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी के कुलपति हर्षद भाई शाह ने बताया कि विश्वभर में ऐसे चार विश्वविद्यालय हैं जो बच्चों को लेकर उनके युवा होने तक उन्हें शिक्षित करते हैं। लेकिन यूके, साउथ अफ्रिका, चीन के संघाई तथा युरोपीयन कंट्री समूह के इन विश्वविद्यालयों में सात साल के होने के बाद किसी बालक को प्रवेश मिलता है और वह चौदह वर्ष के होने तक वहां रहकर शिक्षा प्राप्त कर सकता है जबकि हमारे देश में जो गुजरात में चाइल्ड यूनिवर्सिटी है वहां बालक का प्रवेश ऋणात्मक नौ यानि गर्भ में ही कर लिया जाता है। फिर उसके जन्म लेने के बाद वह अ_ारह साल के होने तक हमारे विश्वविद्यालय में शिक्षण लेता है।
श्री शाह ने कहा कि विश्वविद्यालय गर्भस्थ महिलाओं को उत्तम संतान के लिए किस तरह के संस्कारों का एक मां को पालन करना चाहिए, यह आवश्यक है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अहमदाबाद में तपोवन रिसर्च सेंटर के नाम से दो अक्टूबर 2010 से यह उपक्रम शुरु किया गया है। इसके बाद अब मध्यप्रदेश के शहरों में भी तपोवन केन्द्र की स्थापना करने की तैयारी की जा रही है। वहीं उन्होंने बताया कि गुजरात की चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी केरीयर आधारित शिक्षा दे रही है ताकि कोई बच्चा भविष्य में बेरोजगार न रहे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपनी इस शिक्षण प्रणाली के तहत चार आयामों को जोड़ा है। पहला शोध, दूसरा शिक्षण तीसरा-प्रशिक्षण और चौथा-विस्तारण है जो कि भारतीय संकल्पना धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष पर आधारित है।
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में दो अक्टूबर से गर्भ संस्कार में नौ माह का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने संबंधी कोर्स की जानकारी देते हुए गुजरात से आईं ज्योति बेन थानकी ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को नौ महीने तक सिखाया जाएगा की बेहतर शिशु को जन्म देने के लिए उन्हें किन संस्कारों का पालन करना चाहिए। विवि इस ट्रेनिंग के दौरान की हर दिन की गतिविधियों का रिकार्ड रखेगा ताकि आगे इस पर अनुसंधान किया जा सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में गर्वस्थ महिलाओं के लिए ऐसे काउंसलर रखे जाना चाहिये जो माता बनने जा रही स्त्रियों से आत्मीय भाव के साथ वार्तालाप कर सकें। एक अच्छे संस्कारित शिशु निर्माण के पीछे निश्चित ही तपोवन रिसर्च सेन्टर में इन काउंसलरों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। ऐसे में इस कार्य के लिये उन्हीं महिलाओं को आगे आना चाहिये जिनमें इस प्रकार की स्वप्रेरित क्षमता हो, न कि धन कमाने के उद्देश्य से काउसंलर बनने के प्रयास करने चाहिये।
कार्यशाला में चिल्ड्रन विश्वविद्यालय की संयोजिका तर्पणा बेन ने भी अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि गर्भ के दौरान किसी भी स्त्री के लिये क्या आवश्यक है और क्या नहीं इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी होता है। इसलिये गर्भ संस्कार तपोवन केन्द्र में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि स्त्री को खाने में क्या दिया जाये, उसका श्रृंगार कैसा हो, वह अधिक से अधिक प्रस्नन कैसे रह सकती है, उसके लिये क्या उपाय किये जाने चाहिये ।
अटल बिहारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मोहनलाल छीपा ने कहा कि गर्भ से ही मनुष्य की शिक्षा आरंभ होती है। महाभारत में अभिमन्यु की गर्भ में चक्रव्यूह तोडऩे की कला सीखने की कहानी से हम सब परिचित हैं। गर्भावस्था ही संस्कार सिंचन का अति उपयुक्त समय है। इसलिए मां को गर्भावस्था के प्रत्येक क्षण का सही उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई प्रयोग विदेशों में होता है तो उस पर सभी सहजता से विश्वास कर लेते हैं, लेकिन जब वे प्रयोग भारत में होता है तो हमारे ही लोग उसे कपोल कल्पना समझने की भूल करते हैं। वास्तव में ऐसी जो समाज की धारण बन गई है उस धारणा को तोडऩे में निश्चित ही हिन्दी विश्वविद्यालय का यह नवीनतम प्रयास सफल होगा। अभी इस गर्भ संस्कार तपोवन केंद्र परियोजना में महिलाओं को गर्भ संस्कार की ट्रेनिंग दी जाएगी। शुरूआत भोपाल से की जा रही है। इसके बाद इसे अन्य शहरों के साथ ही ट्राइबल क्षेत्रों में भी स्थापित किया जाएगा। इसके लिए विवि ने गुजराज की चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी से करार किया है।
उन्होंने कहा कि देश में अभी यह कोर्स केवल चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी में ही चल रहा है। इस कोर्स के लिए सिलेबस को गुजराती से हिंदी में अनुवादित किया जा रहा है। कोर्स के संचालन के लिए विवि महिला एवं बाल विकास विभाग से सहयोग लेगा ताकि अधिक संख्या में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। प्रो. छीपा ने कहा कि जैसे महाभारत में जिस तरह अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु को गर्भ में ही चक्रव्यूह भेदने की शिक्षा मिल गई थी वैसी ही महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु को भारतीय मूल्यों की शिक्षा इस कोर्स के माध्यम से दी जाएगी।

नि : शुल्क रहेगा पाठ्यक्रम

यह पाठ्यक्रम गर्भस्थ स्त्रियों के लिए रहेगा। पाठ्यक्रम 9 माह का होगा। इस अवधि में गर्भस्थ स्त्रियों को निर्धारित तपोपन केंद्र में रोज 3 घंटे के लिए आना होगा। एक तपोवन केंद्र में 15 से 25 महिलाओं को शिक्षा दी जाएगी। इन तीन घंटों में अच्छे संस्कारों की शिक्षा दी जाएगी। गुजरात विवि के कुलपति हर्षत भाई शाह ने दावा किया है इस पाठ्यक्रम के जरिए दंपत्ती जैसी संतान की चाहत रखेंगे, उन्हें वैसी संतान उन्हें प्राप्त होगी।


राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट तथा राष्ट्रीय प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति
भोपाल। राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट छात्रवृत्ति तथा राष्ट्रीय प्रतिभा खोज चयन परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर से बढ़ाकर अब 18 सितंबर कर दी गई है। दोनों परीक्षा के आवेदन के लिए एम.पी. ऑनलाइन के कियोस्क पर विद्यार्थियों को नि:शुल्क आवेदन की सुविधा राज्य शासन द्वारा दी गई है। पूर्व निर्धारित अंतिम तिथि पर अनेक जिलों से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार कियोस्क पर विद्यार्थियों की भीड़ होने के कारण अंतिम तिथि में 3 दिवस की वृद्धि का निर्णय लिया गया है।
राज्य शिक्षा केन्द्र ने समस्त जिलों के कलेक्टर को आवेदन की अंतिम तिथि में वृद्धि संबंधी सूचना की जानकारी देते हुए परीक्षाओं के लिए प्राप्त आवेदनों की समीक्षा एवं अधिकाधिक संख्या में विद्यार्थियों को सम्मिलित करवाने का अनुरोध किया है। केन्द्र ने सभी कलेक्टर से अपेक्षा की है कि वे अपने स्तर पर उक्त परीक्षाओं के लिये आवेदन प्रक्रिया की समीक्षा करें।
उक्त परीक्षाओं के लिए आवेदन करने के लिए विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना होगा। आवेदन-पत्र की प्रति एम.पी. ऑनलाइन के अधिकृत कियोस्क से नि:शुल्क प्राप्त होगी। स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा प्रमाणित प्रति के आधार पर विद्यार्थी कियोस्क के माध्मय से ऑनलाइन नि:शुल्क आवेदन कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट छात्रवृत्ति के तहत चयनित विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक प्रतिमाह 500 रुपये की छात्रवृत्ति प्राप्त होती है। परीक्षा के लिए शासकीय एवं अनुदान प्राप्त स्कूलों में वर्तमान में कक्षा 8 में अध्ययनरत् विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। वहीं राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में चयनित विद्यार्थियों को उनके संपूर्ण विद्यार्थी काल के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है। इसमें कक्षा 12वीं तक की शालेय शिक्षा के लिए 1250 रुपये प्रतिमाह एवं महाविद्यालयीन शिक्षा, पी.एच.डी. आदि तक 2000 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति विद्यार्थी को प्राप्त होती है। राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा के लिए शासकीय अथवा अशासकीय किसी भी विद्यालय में कक्षा 10 में अध्ययनरत् विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।


संपादकीय

मध्यप्रदेश जनसंपर्क करे संपूर्ण पारदर्शिता की पहल
उम्मीद की किरण की तरह है चौटाला पिता पुत्र को मिली सज़ा
मध्य प्रदेश में भी सुरक्षित नहीं महिलाएं
देवी को पूजने वाले देश में औरतों की आबरू सुरक्षित नहीं
अभी से करनी होगी पानी की चिंता
मोदी का कद बढ़ने से भाजपा मे घमासान
कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के फ़ैसले ने खड़े किए कई सवाल