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IGNOU के 37वें दीक्षांत समारोह का आयोजन आज

20 Feb 2024
भोपाल :इग्नू के विभिन्न कोर्सेस के स्टूडेंट्स के लिए अपडेट। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) से विभिन्न यूजी, पीजी, पीजी डिप्लोमा और अन्य कोर्सेस के स्टूडेंट्स के पाठ्यक्रम समाप्ति पर किए जाने वाले 37वां दीक्षांत समारोह (IGNOU 37th Convocation) का आयोजन आज यानी मंगलवार, 20 फरवरी 2024 को किया जाएगा।
IGNOU द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार समारोह (IGNOU 37th Convocation) का आयोजन नई दिल्ली के मैदान गढ़ी स्थित विश्वविद्यालय के मुख्यालय के बाबा साहेब अंबेडकर कन्वेशन सेंटर में किया जाएगा। इस समारोह के मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ होंगे। इस समारोह का लाइव टेलीकास्ट इग्नू के देश भर में बनाए गए विभिन्न क्षेत्रीय केंद्रों में साथ ही आयोजित किए जाने वाले दीक्षांत समारोह में भी किया जाएगा।
इग्नू के स्टूडेंट्स 37वें दीक्षांत समारोह के आयोजन की सीधा प्रसारण ऑनलाइन भी देख सकते हैं। इस समारोह का प्रसारण इग्नू के ज्ञान दर्शन और स्वयं प्रभा चैनल पर किया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा लिंक जारी किया गया है।
IGNOU के 37वें दीक्षांत समारोह (IGNOU 37th Convocation) के बाद ऐसे स्टूडेंट्स जिनका कोर्स पूरा हो गया है, उन्हें सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। सभी छात्र-छात्राएं अपना प्रमाण-पत्र भारत सरकार के DigiLocker पोर्टल, digilocker.gov.in या इसके मोबाइल एप्लीकेशन से डाउनलोड कर सकेंगे। इसके लिए स्टूडेंट्स को पोर्टल या ऐप्प में अपने आधार नंबर और OTP के माध्यम से लॉग-इन करना होगा। इसके बाद स्टूडेंट्स अपना सर्टिफिकेट डाउनलोड और प्रिंट कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री के सपनों का संचार विवि. बनेगा एमसीयू : कुलपति प्रो. सुरेश,
भारतीय जनसंचार संस्था को डीम्ड विवि दर्जा मिलने पर दी बधाई,


02 Feb 2024
भोपाल :माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(डा.) के. जी. सुरेश ने भारतीय जनसंचार संस्थान को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने पर हार्दिक बधाई दी और उम्मीद जताई की नया विवि. माखनलाल के तीन दशक से अधिक के अनुभव से लाभान्वित होगा।

प्रो सुरेश 2016-2019 तक भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक रहे हैं और उन्ही के कार्यकाल के दौरान 2017 में इस विशेष दर्जे के लिए आवेदन किया था और 2018 नवम्बर में संस्था को नियति पत्र (लेटर ऑफ इंटेंट) प्राप्त हुआ था, जिसके फलस्वरूप 31 जनवरी को उसे डीम्ड टू बी वि वि का दर्जा मिला।

"अत्यंत सुखद अनुभव हैं । अभी तक डिप्लोमा पाठ्यक्रम के माध्यम से संस्था मीडिया कर्मी तैयार कर रहे थे और अब स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी पाठ्यक्रम के ज़रिए शोध और अध्यापन के लिए भी कुशल मानव संसाधन तैयार करेगी । हमने माखनलाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन किया हैं और हम संस्थान को इस दिशा में यथा संभव सहायता करने को तत्पर हैं।, कुलपति प्रो सुरेश ने कहा।

उन्होंने कहा की नाक (NAAC) समेत एकेडमिक उन्नयन की दिशा में विवि प्रयासरत हैं और प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय संचार विश्वविद्यालय के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं । "एशिया के पहले और देश के सबसे बड़े वि वि होने के नाते, हम प्रधान मंत्री के सपने को पूरा करने मे पूरी तरह सक्षम हैं," प्रो सुरेश ने कहा।

इस अवसर पर माखनलाल विश्वविद्यालय के वरिष्ठ संकाय और अधिकारियों ने कुलपति को उनके उपलब्धि पर बधाई दी और उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में वि वि नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने हासिल किया टॉप 10 मीडिया कॉलेज में चौथा स्थान,
कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने जताई खुशी, टीम एमसीयू को दी बधाई,


30 June 2023
भोपाल : माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की उपलब्धियों में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है । विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) केजी सुरेश के कुशल नेतृत्व में एशिया के पहले और भारत के सबसे बड़े मीडिया विश्वविद्यालय को इंडिया टुडे रैंकिंग में चौथा स्थान प्राप्त हुआ है । टॉप 10 कॉलेज विथ बेस्ट वेल्यू फॉर मनी, एवं टॉप 10 कॉलेजेस विथ लोएस्ट फीस इन दोनों केटेगरीस के लिए इंडिया टुडे द्वारा भारत के टॉप 10 मीडिया कॉलेजेस में एमसीयू ने चौथा स्थान हासिल किया है । इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो (डॉ) केजी सुरेश ने खुशी जताते हुए विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों को बधाई दी है । उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व अंग्रेजी पत्रिका द वीक ने अपने वार्षिक रैंकिंग में विश्वविद्यालय को टॉप 10 मीडिया संस्थानों में शुमार किया था । ओपन पत्रिका ने भी अपनी सूची में पश्चिम भारत में अव्वल नंबर पर माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय को स्थान दिया था । नए परिसर में हस्तांतरित होने के बाद विश्वविद्यालय का यह पहला रैंकिंग हैं ।



सैम विश्वविद्यालय के ऑनलाइन रेडियो, रेडियो साज का हुआ आगाज
मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए होगा प्रसारित


27 may 2023
भोपाल :सैम ग्लोबल विश्वविद्यालय के ऑनलाइन रेडियो रेडियो साज का शुभारम्भ सैम समूह के चेयरमैन डॉक्टर हरप्रीत सिंह सलूजा के जन्मदिवस के अवसर पर किया गया। इस मौके पर चांसलर प्रीति सलूजा एवं चेयरमैन डॉ हरप्रीत सिंह सलूजा व वाइस चेयरमैन अविराज चावला ने रेडियो साज का आफिशियल जिंगल एवं रेडियो साज के मोबाइल एप को लांच किया। चेयरमैन डॉक्टर हरप्रीत सिंह सलूजा के जन्मदिन के अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों एवम स्टाफ ने केक काटकर एवं उनके सम्मान में अपने उद्गारों को रेडियो के माध्यम से व्यक्त किया,गौरतलब है कि रेडियो साज के प्रारंभ होने पर अब छात्र- छात्राओं को अपनी अभिव्यक्ति का एक सजीव माध्यम मिल गया है। इस मौके पर विष्वविद्यालय के चेयरमैन डॉक्टर हरप्रीत सिंह सलूजा ने जर्नलिज्म एवं मास मीडिया विभाग की एचओडी तसनीम खान एवम असिस्टेंट प्रोफेसर अभिषेक कटियार को बधाई देते हुए कहा कि ऑनलाइन रेडियो का शुरू होनानिश्चित रूप से हर्ष का विषय है, इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं के साथ साथ सभी प्राध्यापकों को भी अभिव्यक्ति का मंच मिलेगा। इस मौके पर विश्वविद्यालय की चांसलर इंजीनियर प्रीति सलूजा ने कहा कि ऑनलाइन रेडियो जर्नलिज्म एवं मास मीडिया विभाग द्वारा षुरू किया गया इनोवेषन है जो कि आज के दौर की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ये ऑनलाइन रेडियो छात्रों द्वारा छा़त्रों के लिए की अवधारणा पर काम करेगा जिसमें छात्रों को मनोरंजन के साथ साथ शैक्षिक कंटेट भी उपलब्ध कराया जाएगा, इसके अलावा छात्र-छात्राएं अपनी छिपी प्रतिभाओं को निखारने के लिए भी इस प्लेटफार्म का उपयोग कर सकेंगे इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव संदीप गुप्ता एवं समस्त डीन, एचओडी व प्राध्यापकगण उपस्थित रहे। रेडियो साज पर स्टूडेंटस को एजुकेशनल कंटेंट के साथ साथ इन्फोटेनमेंट भी उपलब्ध कराया जाएगा इसमें बातें भोपाल की, किस्से कहानी, हुनर, आज का मुद्दा जैसे कई समसामयिक एवं मनोरंजन युक्त कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे।

एमसीयू में नए सत्र से प्रारंभ होगा सेल्फ फाइनेंस मोड में अंग्रेजी पत्रकारिता का कोर्स

27 may 2023
भोपाल :माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) इस शैक्षणिक सत्र (2023-24) से बीए इंग्लिश जर्नलिज्म (ऑनर्स/रिसर्च) का नया पाठ्यक्रम पत्रकारिता विभाग में शुरू करने जा रहा है। कुलपति प्रोफेसर (डॉ) केजी सुरेश ने कहा कि स्ववित्तपोषित यह पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय को वित्तीय रूप से सुदृढ़ करने की ओर एक अभिनव पहल है। राज्य में आयोजित अधिकांश पत्रकारिता पाठ्यक्रम या तो हिंदी या द्विभाषी हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और राज्य के बाहर अंग्रेजी पत्रकारिता कार्यक्रम की बहुत मांग है। कई प्रतिष्ठित कॉलेजों में इतनी बड़ी मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं हैं। यह छात्रों के लिए अंग्रेजी मीडिया और समाचार उद्योग में खुद को मीडिया पेशेवर के रूप में तैयार करने का एक विशेष अवसर है। इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अंग्रेजी भाषा और पत्रकारिता के विभिन्न व सामयिक पहलुओं के बारे में ज्ञान प्रदान करना है, जिसमें छात्रों को रिपोर्टिंग, लेखन और बोली जाने वाली अंग्रेजी में अपने कौशल को बढ़ाने व मीडिया अनुसंधान में इस कौशल का प्रभावी ढंग से उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यह कोर्स स्ववित्त पोषण के तहत चलेगा। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आधारित चार साल का पूर्णकालिक अंडर ग्रेजुएट कोर्स होगा जिसमें मल्टी एंट्री और मल्टी एग्जिट ऑप्शन ऑनर्स कोर्स होगा। पाठ्यक्रम के लिए न्यूनतम योग्यता किसी भी विषय में 10 प्लस 2 है। छात्रों को एक वर्ष पूरा होने के बाद बाहर निकलने के विकल्प प्रदान किए जाएंगे जिसके बाद उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा। 2 साल के बाद डिप्लोमा और तीन साल के बाद बेसिक बैचलर डिग्री प्रदान की जाएगी। यूजी प्रोग्राम के चार साल सफलतापूर्वक पूरा करने पर छात्रों को रिसर्च के साथ ऑनर्स/ऑनर्स के साथ स्नातक की डिग्री मिलेगी। यह पाठ्यक्रम छात्रों को समकालीन अंग्रेजी भाषा और पेशेवर कौशल की सुविधा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है जो उन्हें अंग्रेजी मीडिया में पत्रकार, सामग्री रणनीतिकार, संपादकीय सहायक, स्तंभकार, समाचार एंकर, सामग्री निर्माता बनने में मदद कर सकता है। वे इसके बाद सोशल मीडिया कम्युनिकेटर, कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट, इन्फ्लुएंसर, फूड क्रिटिक आदि भी बन सकेंगे। पाठ्यक्रम में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 मई है।
बहुत ही महत्वपूर्ण है जनसंपर्क अधिकारियों का काम - कुलपति प्रो. केजी सुरेश
सूचना का अधिकार ब्रम्हास्र है - विजय मनोहर तिवारी


4 may 2023
भोपाल :माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सिटी कैंपस स्थित विकास भवन में जनसंपर्क अधिकारियों के दो दिवसीय दक्षता उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) केजी सुरेश एवं मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. सुरेश ने कहा कि सरकार के कार्यों को जनता बीच पहुंचाने का महत्वपूर्ण दायित्व जनसंपर्क अधिकारियों के कंधों पर होता है । इसलिए आपका काम बहुत ही महत्वपूर्ण है । उन्होंने उम्मीद जताई कि इस दो दिवसीय आयोजन से सभी जनसंपर्क अधिकारियों को बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा । इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने सूचना के अधिकार विषय पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए । उन्होंने सभी जनसंपर्क अधिकारियों से कहा कि सूचना का अधिकार ब्रहास्त्र है और इसका प्रयोग जरुरत आने पर सोच समझकर ही करना चाहिए । श्री तिवारी ने कहा कि लोक सूचना अधिकारियों को विशेष रुप से धारा 7, 20, 8 एवं 11 को तो जरुर पढ़ना चाहिए । श्री तिवारी ने कहा कि यदि लोक सूचना अधिकारी इसे ध्यान से पढ़ लेंगे और समझ लेंगे तो बहुत सी परेशानी से बच सकते हैं । इसके बाद के सत्रों में डीन अकादमिक प्रो. डॉ पी शशिकला ने शासकीय जनसंपर्क गतिविधियों में सोशल एवं डिजिटल मीडिया का रचनात्मक उपयोग, वरिष्ठ पत्रकार एवं एडजंक्ट प्रोफेसर गिरीश उपाध्याय ने जिला एवं संभाग स्तर पर प्रचार रणनीति निर्माण की प्रक्रिया एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व निदेशक व विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने मीडिया प्रबंधन एवं शासकीय जनसंपर्क के नए आयाम विषय पर अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए । प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. (डॉ.) अविनाश वाजपेयी, निदेशक प्रशिक्षण लाल बहादुर ओझा एवं जनसंपर्क अधिकारी उपस्थित थे
युवा पीढ़ी की क्षमता को अनलॉक करने की शक्ति है शिक्षकों के पास : प्रो केजी सुरेश
यूएनएफपीए का उद्देश्य भारत के भीतर मौजूद शक्ति को खोलना और उजागर करना : एंड्रिया वोजनार,


4 may 2023
भोपाल :माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने राज्य में सतत विकास लक्ष्यों के एजेंडे को आगे बढ़ाने में दीर्घकालिक सहयोग और साझेदारी स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। सहयोग का मुख्य उद्देश्य पत्रकारिता और संचार के युवा छात्रों को उन्मुख और संवेदनशील बनाने और उन्हें बढ़ाने के लिए उन्हें लैस करने पर ध्यान देने के साथ विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में जनसंख्या की गतिशीलता, किशोर विकास और कल्याण और लिंग संबंधी चिंताओं को संस्थागत और एकीकृत करना है। इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से रिपोर्ट करना और संप्रेषित करना है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश, यूएनएफपीए के कंट्री डायरेक्टर सुश्री एंड्रिया वोजनर ने विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक भव्य समारोह में एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय यूएनएफपीए द्वारा चुना गया एकमात्र विश्वविद्यालय है, जो शोधार्थियों के साथ-साथ पत्रकार एवं छात्रों, संकाय सदस्यों को प्रशिक्षित करने के लिए उनके साथ सहयोग करता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए बहुत गर्व और सम्मान का क्षण है क्योंकि इससे छात्रों और संकाय सदस्यों को जनसंख्या और लैंगिक मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन तक पहुंच प्राप्त होगी।

सुश्री एंड्रिया वोजनर, कंट्री डायरेक्टर यूएनएफपीए ने कहा कि पुरुष और महिलाएं समान जिम्मेदारियों और अवसरों को साझा करते हैं और नीति और संस्थागत स्तर पर एक वास्तविक स्थायी परिवर्तन व्यक्तियों के दृष्टिकोण और व्यवहार में बदलाव लाएगा। उन्होंने 8 बिलियन लाइव्स, इनफिनिट पॉसिबिलिटीज की केवल पांच प्रतियों में से एक प्रति प्रो. सुरेश को सौंपी। इस अवसर पर यूएनएफपीए के राज्य प्रमुख श्री सुनील थॉमस जैकब, उप प्रतिनिधि श्रीराम हरिदास, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, डीन अकादमिक डॉ. पी. शशिकला, विभाग अध्यक्ष और संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।
प्रोफेशनल, ऑफिशियल लाइफ अलग है - कुलपति प्रो.केजी सुरेश,
हर स्कूल,कॉलेज में ऐसे आयोजन होना चाहिए - एस.के. राउत,
एमसीयू को मिला स्वस्थ भारत उत्कृष्टता सम्मान 2023
एमसीयू में स्वास्थ्य संसद 2023 सम्पन्न ,


30 April 2023
भोपाल :प्रोफेशनल एवं ऑफिशियल लाइफ दोनों अलग-अलग है । दोनों में बेलेंस बनाकर रखना जरुरी है । ये कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो(डॉ)केजी सुरेश का। विश्वविद्यालय में आयोजित स्वास्थ्य संसद 2023 के समापन समारोह में सभापति के रुप में अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पर्सनल लाइफ में अपने शरीर एवं अपने परिवार दोनों को भी समय देना चाहिए । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि पत्रकारिता साक्ष्यों, सबूतों के आधार पर ही करें।

पूर्व डीजीपी एवं उपसभापति एस.के. राउत ने तीन दिनों की स्वास्थ्य संसद की सराहना एवं प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन हर स्कूल एवं कॉलेज में किए जाने चाहिए । समापन समारोह में वरिष्ठ सामाजिक चिंतक मोहन ढकोनिया ने देश की आजादी एवं उस दौर की पत्रकारिता की बात करते हुए कहा कि पत्रकारों को गांव एवं कस्बे तक की खबरें भी जरुर करना चाहिए । जीएसटी के संयुक्त आयुक्त श्री सचिन कुमार सिंह ने जन औषधि योजना के बारे में विस्तार से बताया । उन्होंने कहा कि मीडिया को संवाद सेतु के रुप में सहभागिता के साथ कार्य करना चाहिए । अपने वक्तव्य में उन्होंने रिसर्च बेस्ड पत्रकारिता करने की बात भी कही । भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव डॉ. आलोक मिश्र ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने शरीर के लिए कम से कम एक घंटा जरुर देना चाहिए । उन्होंने ध्यान, योग आदि करने की बात करते हुए कहा कि एकाग्र मन से ही सब कुछ पाया जा सकता है ।

इससे पहले प्रथम सत्र में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने देश के विभिन्न राज्यों की स्वास्थ्य स्थिति पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया । इस सत्र में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् की वरिष्ठ फेलो डॉ. अलका सिंह एवं पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. मधुबाला मुंद्रा ने इस विषय पर अपने विचार व्यक्त किए । सत्र की अध्यक्षता डालॉग इंडिया के संपादक एवं मौलिक भारत के संस्थापक अनुज अग्रवाल ने की। संचालन डॉ. अरुण खोबरे द्वारा किया गया।

समारोह के अंत में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय को कोरोना के दौरान स्वास्थ्य में उल्लेखनीय कार्य एवं योगदान के लिए स्वस्थ भारत उत्कृष्टता सम्मान 2023 प्रदान किया गया । विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने यह सम्मान ग्रहण किया। डॉ. वाजपेयी ने इस उपलब्धि का श्रेय विवि. के कुलपति प्रो. केजी सुरेश के नवाचारों और उनके प्रयासों को देते हुए कहा कि कोरोना काल में हमारे विद्यार्थियों ने दो दिन में 200 से ज्यादा जागरुकता के वीडियो बनाकर इस संबंध में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इस अवसर पर न्यास द्वारा विभिन्न संस्थाओं एवं उनके प्रतिनिधियों को स्वस्थ भारत सारथी सम्मान एवं महिलाओं को स्वस्थ भारत नारी सम्मान प्रदान किया गया।

समापन समारोह का संचालन कार्यक्रम की संयोजक एवं विभागाध्यक्ष पत्रकारिता डॉ. राखी तिवारी द्वारा किया गया । समारोह में स्वस्थ भारत न्यास के अध्यक्ष डॉ आशुतोष
Press Note आज से एमसीयू में स्वास्थ्य संसद 2023


28 April 2023
भोपाल :आज से एमसीयू में स्वास्थ्य संसद 2023
तीन दिन तक देश के कई चिकित्साविद् व मीडिया विशेषज्ञ जुटेंगे


माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बिशनखेडी स्थित परिसर में कल 28 अप्रैल से स्वास्थ्य संसद 2023 होने जा रही है। इस तीन‌ दिवसीय आयोजन में देश‌ के सुप्रसिद्ध चिकित्साविद, मीडिया विशेषज्ञ व समाजचिंतक शामिल होंगे। स्वस्थ भारत न्यास के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि 'अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य और मीडिया की भूमिका' विषय पर होने वाले इस कार्यक्रम में प्रथम दिवस संस्थागत चर्चा एवं परिचय सत्र दोपहर 2 से 3 बजे तक होगा, इसके पश्चात दोपहर 3 से 5 बजे तक उद्घाटन सत्र होगा, जिसके सभापति माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डॉ.) केजी सुरेश होंगे, वही उपसभापति प्रदेश के पूर्व डीजीपी एसके राउत होंगे। पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष एवं इस आयोजन में विश्वविद्यालय की संयोजक डॉ. राखी तिवारी ने बताया कि उद्घाटन सत्र में स्वस्थ भारत न्यास के संरक्षक एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मेवाड़ विश्वविद्यालय राजस्थान के कुलाधिपति डॉ अशोक गदिया, आध्यात्मिक गुरु प्रो. पवन सिन्हा, हॉस्पिस जबलपुर की संस्थापिका स्वामी ज्ञानेश्वरी दीदी, प्रसिद्ध विज्ञान संचारक एवं आउटरीच संयोजक सी 20 समाजशाला मनोज पटेरिया, हेस्टैक एनालिटिक्स के को फाउंडर एवं सीओओ गौरव श्रीवास्तव शामिल होंगे। सत्र का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी एवं उद्घोषक श्री विवेक सावरीकार द्वारा किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अविनाश वाजपेयी ने बताया कि शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के उपनिदेशक डॉ सुरेंद्र सिंह एवं सामाजिक चिंतक मोहन ढकोनिया का सान्निध्य प्राप्त होगा। इसके पश्चात प्रसिद्ध गायक एवं संगीतकार सरोज सुमन, प्रसिद्ध क्लासिकल गायिका सुमिता दत्ता, बॉलीवुड गायिका सुश्री कृतिका श्रीवास्तव के गायन की प्रस्तुति होगी। सत्र का संचालन शाहजहांपुर के कवि एवं गीतकार अमित त्यागी करेंगे।

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में होगा स्वास्थ्य संसद 2023 का आयोजन,
28,29 एवं 30 अप्रैल को बिशनखेड़ी के नवीन परिसर में होगा तीन दिवसीय कार्यक्रम


26 April 2023
भोपाल :माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नए परिसर में 28,29 एवं 30 अप्रैल को स्वास्थ्य संसद 2023 का आयोजन होने जा रहा है । आयोजन के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया । स्वस्थ भारत न्यास के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि स्वस्थ भारत न्यास के आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर यह आयोजन होने जा रहा है, जिसका नाम स्वास्थ्य संसद 2023 है । उन्होंने स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता की बात करते हुए कहा कि इसका विषय अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका होगा । विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह बड़ा आयोजन होगा जिसमें स्वास्थ्य एवं अपने-अपने क्षेत्रों के जाने माने विषय विशेषज्ञ भाग लेंगे। विश्वविद्यालय की ओर से कार्यक्रम की संयोजक एवं पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने कार्यक्रम की रुपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रथम दिवस कार्यक्रम के सभापति माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) के. जी. सुरेश होंगे, वहीं उप सभापति मध्यप्रदेश के सेवानिवृत डीजीपी एसके राउत होंगे। डॉ. तिवारी ने बताया कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग एवं संस्कृति व पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर भी शामिल होंगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उद्घाटन सत्र में संस्थागत चर्चा एवं परिचय सत्र होगा। वही शाम 6 बजे द्वितीय सत्र सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। दूसरे दिन मुख्य विषय के साथ ही साहित्य एवं कला सत्र के साथ ही कला एवं साहित्य में स्वास्थ्य चेतना होगा जिसके पश्चात शाम 6 से कवि सम्मेलन का आयोजन गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में किया जाएगा, जिसमें देश एवं प्रदेश ख्यात कवि अपनी कविताओं की प्रस्तुति देंगे। वहीं तृतीय दिवस सम्मान एवं समापन समारोह में पद्मश्री मालिनी अवस्थी विशेष रुप से उपस्थित होंगी । इससे पूर्व विश्वविद्यालय में इसी विषय पर एक निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

जल संरक्षण पर युवाओं की राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता,
भव्य समारोह में पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा दिए जाएंगे 15 पुरस्कार,


26 April 2023
भोपाल :भोपाल. विश्व में बढ़ते जलसंकट को देखते हुए एक संवेदनशील अभियान की जरूरत है। भविष्य के संकट के लिए युवाओं को इस चेतना से जोड़ने के लिए एक राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता व संचार विश्वविद्यालय व प्रहरी फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी भाग ले सकेंगे। इसके मार्गदर्शक कुलपति प्रोफेसर केजी सुरेश और जल योद्धा पद्मश्री उमाशंकर पांडे हैं। प्रोफेसर सुरेश ने बताया है कि भविष्य की भीषण जल समस्या का सामना आज की युवा पीढ़ी को करना पड़ेगा इसलिए उसे संवेदनशील बनाना जरूरी है। श्री पांडे इस क्षेत्र में अपने अनुभवों का जिक्र करके बताते हैं कि युवा ऊर्जा से पर्यावरण के संकट का समाधान करना आसान होगा। उन्हें इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करना होगा। प्रतियोगिता में जल और हमारे रोजमर्रा जीवन से संबंधित विषयों पर 2000 शब्दों का निबंध लिखना होगा। अंतिम तिथि 1 मई है। संयोजक प्रो. शिवकुमार विवेक व सहसंयोजक अंकित पांडेय ने बताया कि विद्यार्थी अपने निबंध जलशक्तिएमसीयू एट द रेट जीमेल डॉट कॉम jalshaktimcu@gmail.com पर भेज सकते हैं। प्रथम पुरस्कार के रूप में 11 हजार रुपए तथा द्वितीय में 5100 रुपए नगद दिए जाएंगे। इसके अलावा 2100 रुपए के तीन तृतीय पुरस्कार, 1100 रुपए के पांच चतुर्थ पुरस्कार व 500 रुपए के पांच पंचम पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। ये पुरस्कार एक समारोह में दिए जाएंगे।

वोल्टास लिमिटेड देगा आईटीआई के युवाओं को प्रशिक्षण

21 April 2023
भोपाल :केन्द्र सरकार की ड्यूल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग (DST) में शासकीय संभागीय आईटीआई ग्वालियर, इंदौर और भोपाल के साथ वोल्टास लिमिटेड ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए है। एमओयू के अनुसार प्रशिक्षणार्थी मैकेनिक, रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग ट्रेड का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड भी प्राप्त होगा।
शासकीय आईटीआई ग्वालियर, इंदौर एवं भोपाल के प्रशिक्षणार्थी संस्थान में सैद्धांतिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वोल्टास लिमिटेड की विनिर्माण, इंजीनियरिंग समाधान, रख-रखाव सेवाओं एवं मरम्मत सुविधा में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षणार्थियों को कार्य के वास्तविक दुनिया के माहौल में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना तथा रेफ्रिजरेशन एण्ड एयर कंडीशनिंग मैकेनिक के क्षेत्र में कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। प्रशिक्षण से रोजगार के साथ स्व-रोजगार के भी अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही उद्योग की आवश्यकताओं और कार्यबल के कौशल के बीच की खाई को पाटने में मददगार साबित होगा। प्रशिक्षणार्थी शासकीय आईटीआई में शैक्षणिक-सत्र 2023-24 से प्रवेश ले सकेंगे।
एमओयू श्री जी.एन. अग्रवाल अतिरिक्त संचालक कौशल विकास संचालनालय मध्यप्रदेश के मार्गदर्शन में निष्पादित किया गया। शासकीय आईटीआई इंदौर के प्राचार्य श्री जी.एस. साजापुरकर एवं टी.पी.ओ श्री विपिन पुरोहित, शासकीय आईटीआई भोपाल के प्राचार्य श्री श्रीकांत गोलाईत एवं टी.पी.ओ श्री विलास नागदावने एवं वोल्टास लिमिटेड के श्री रवि शर्मा की उपस्थिति में एमओयू का आदान-प्रदान हुआ।
आईआईएमसी में प्रवेश के लिए अब 5 मई तक कर सकते हैं आवेदन
भारतीय जन संचार संस्थान ने जारी किया प्रवेश परीक्षा का पाठ्यक्रम


20 April 2023
नई दिल्ली.भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में पांच पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 19 अप्रैल से बढ़ाकर 5 मई कर दी गई है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र एनटीए की आधिकारिक वेबसाइटhttp://cuet.nta.nic.in पर उपलब्ध हैं। आईआईएमसी में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी पीजी) 2023 के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा। अंग्रेजी पत्रकारिता, हिंदी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, रेडियो एवं टेलीविजन पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में पीजी डिप्लोमा में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को 'सीयूईटी पीजी' परीक्षा देनी होगी। प्रश्न पत्र हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में होगा। आईआईएमसी के प्रवेश प्रभारी प्रो. राकेश गोस्वामी ने बताया कि जिन विद्यार्थियों ने सीयूईटी का पहले फॉर्म भर दिया था और आईआईएमसी का चुनाव नहीं किया था, ऐसे विद्यार्थी 6 से 8 मई के बीच करेक्शन विंडो खुलने पर भारतीय जन संचार संस्थान का विकल्प चुन सकते हैं। अगर कोई विद्यार्थी पूर्व में आईआईएमसी से जुड़े किसी एक कोर्स का चुनाव कर चुके हैं एवं अब किसी अन्य कोर्स का भी चुनाव करना चाहते हैं, तो वो भी करेक्शन विंडो खुलने के दौरान ऐसा कर सकते हैं। प्रो. गोस्वामी ने बताया कि सीयूईटी (पीजी) सूचना पुस्तिका में, आईआईएमसी के पाठ्यक्रमों को 'सामान्य' कैटेगरी के तहत रखा गया है और प्रश्न पत्र कोड COQP17 है। आईआईएमसी में विभिन्न पाठ्यक्रमों के टेस्ट पेपर कोड क्रम संख्या 1043 से 1047 पर हैं। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे प्रवेश परीक्षा से जुड़े अपडेट्स के लिए एनटीए एवं आईआईएमसी की वेबसाइट देखते रहें।

ये होगा प्रवेश परीक्षा का पाठ्यक्रम

प्रवेश परीक्षा में 100 अंकों का प्रश्नपत्र होगा। प्रश्नपत्र दो हिस्सों में विभाजित होगा एवं सभी प्रश्नों का जवाब देना अनिवार्य होगा। प्रश्नपत्र के पहले भाग में भाषा एवं शाब्दिक क्षमता, सामान्य ज्ञान, गणित एवं विश्लेषण क्षमता से जुड़े 25 प्रश्न पूछे जाएंगे। दूसरे भाग में जनसंचार एवं पत्रकारिता विषय से संबंधित 75 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्नपत्र के दूसरे भाग में जनसंचार एवं पत्रकारिता विषय के अंतर्गत भारतीय राजनीति और आर्थिक परिदृश्य, राजनीति एवं मनोरंजन से जुड़े अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम, जनता से जुड़े वर्तमान मुद्दे, भारतीय इतिहास एवं समाज विज्ञान, मीडिया इंडस्ट्री में सूचना संचार प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और जन माध्यम एवं सामाजिक मुद्दों से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे।

कौन कर सकता है आवेदन

जिन विद्यार्थियों के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री है, वे आईआईएमसी में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। जो छात्र अपनी स्नातक की डिग्री के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर परीक्षा में शामिल हुए हैं या हो रहे हैं, वे भी आवेदन करने के पात्र हैं। चयन होने पर ऐसे विद्यार्थियों को 30 सितंबर, 2023 तक अपनी प्रोविजनल मार्कशीट या सर्टिफिकेट की मूल प्रति जमा करानी होगी। इन विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम पूरा होने पर केवल तभी डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा, जब आईआईएमसी के कार्यालय में सत्यापन के लिए वे मूल डिग्री प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे।

ये होगी आयु सीमा

सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों का जन्म 1 अगस्त 1998 को या उसके बाद (1 अगस्त, 2023 को अधिकतम 25 वर्ष) होना चाहिए। ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए जन्म तिथि 1 अगस्त 1995 या उसके बाद (1 अगस्त 2023 को अधिकतम 28 वर्ष) की होनी चाहिए। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए जन्म तिथि 1 अगस्त 1993 या उसके बाद (1 अगस्त, 2023 को अधिकतम 30 वर्ष) की होनी चाहिए।

जानकारी के लिए ऐसे करें संपर्क

प्रो. गोस्वामी के अनुसार किसी भी प्रकार की समस्या होने पर विद्यार्थी अकादमिक विभाग, भारतीय जन संचार संस्थान, अरुणा आसफ अली मार्ग, नई दिल्ली-110067 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा दूरभाष नंबर 011-26742920, 26742940, 26742960 (एक्सटेंशन 233) पर भी संपर्क किया जा सकता है। मोबाइल नंबर 7838055429 के माध्यम से भी आवेदनकर्ता जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अगर विद्यार्थी व्हाट्सएप के द्वारा जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो मोबाइल नंबर 7014551410 पर संदेश भेज सकते हैं।

भाषाई पत्रकारिता के लिए अलग से आयोजित होगी प्रवेश परीक्षा

उड़िया, मराठी, मलयालम और उर्दू पत्रकारिता में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए अलग से परीक्षा का आयोजन आईआईएमसी द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए एप्लीकेशन फॉर्म आईआईएमसी की आधिकारिक वेबसाइटwww.iimc.gov.inपर जल्द ही जारी किए जाएंगे।
एम्स भोपाल और मैनिट भोपाल ने स्वास्थ्य विज्ञान और इंजीनियरिंग में अकादमिक सहयोग और अनुसंधान में सुधार के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ।

19 April 2023
भोपाल.अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भोपाल और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT), भोपाल ने 18 अप्रैल 2023 को अकादमिक सहयोग बढ़ाने और स्वास्थ्य विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं । समझौता ज्ञापन पर एम्स भोपाल की ओर से कर्नल (डॉ.) अजीत कुमार, उपनिदेशक (प्रशासन), मैनिट भोपाल और की ओर से डॉ. मनमोहन काप्शे, डीन (अनुसंधान एवं परामर्श) द्वारा हस्ताक्षर किए गए । समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक और सीईओ डॉ. अजय सिंह ने संस्थानों के बीच प्रभावी साझेदारी के महत्व पर जोर दिया, जिसका परिणाम अंततः सामाजिक प्रभाव के साथ उन्नत अनुसंधान में होना चाहिए और आगे नीति निर्माताओं को समाधान प्रदान करना चाहिए । एम्स भोपाल राष्ट्रीय महत्व का एक स्वायत्त संस्थान (INI) है जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य सस्ती और विश्वसनीय तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करना, गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के लिए सुविधाओं को बढ़ाना, तथा स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों का एक महत्वपूर्ण समूह बनाने के लिए शिक्षा और देश में अनुसंधान करना है । दूसरी ओर, मैनिट भोपाल, भारत के सत्रह क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है, जिसकी स्थापना वर्ष 1961 में शैक्षणिक योग्यता, तार्किक मानसिकता, नैतिक और नैतिक मूल्यों के अनुरूप तकनीकी पेशेवरों को तैयार करने के मिशन के साथ शिक्षा में गुणवत्ता और उत्कृष्टता के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ की गई थी । आंतरिक शक्ति राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए वैश्विक व्यापार की भविष्य की आवश्यकता के साथ तुल्यकालिक है । दोनों संस्थानों के बीच समझौता ज्ञापन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रकाशन, शैक्षणिक कार्यक्रमों और अनुसंधान परियोजनाओं पर विचारों के आदान-प्रदान सहित शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग पर निर्मित पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों पर ध्यान केंद्रित करेगा ।
शिक्षण संस्थानों के विकास की नींव हैं,पूर्व विद्यार्थी– प्रो. के. जी. सुरेश
  
18 April 2023
भोपाल. किसी भी संस्थान के शैक्षणिक विकास की नींव वहां के पूर्व विद्यार्थी ही होते हैं, यह बात माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(डॉ.) के. जी. सुरेश ने सीनियर से संवाद कार्यक्रम की श्रृंखला के प्रथम कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि इस तरह के संवाद कार्यक्रम के माध्यम से पूर्व विद्यार्थियों के अनुभव का लाभ वर्तमान छात्रों को मिल सकेगा। प्रोफेसर सुरेश ने कहा कि इस तरह के आयोजन विद्यार्थियों के प्लेसमेंट में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगें। उन्होंने बताया कि पूर्व विद्यार्थी प्रकोष्ठ के माध्यम से विश्वविद्यालय में आगे लगातार इस तरह के संवाद कार्यक्रम आयोजित कर पूर्व विद्यार्थियों को संस्थान से जोड़ने का काम करेगा। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेई ने कहा कि संस्थान के पूर्व विद्यार्थी न केवल मीडिया संस्थान साथ ही मीडिया उद्यमिता के क्षेत्र में भी लगातार ख्याति अर्जित कर रहे हैं। इस अवसर पर टीवी 18 में कार्यरत एवं पूर्व विद्यार्थी वासु चौरे ने कुलपति महोदय की इस पहल को साधुवाद देते हुए वर्तमान विद्यार्थियों की जिज्ञासा का समाधान किया एवम मीडिया क्षेत्र की चुनौतियों और अनुभव को भी उनके साथ साझा किया। कार्यक्रम में युवा मीडिया कर्मी एवं आयुध मीडिया संस्थान से जुड़े श्री आशुतोष भार्गव, श्री अंकित शर्मा और श्री सौरभ शुक्ला ने भी मीडिया उद्यमी के रूप में कैरियर निर्माण शुरू करने के गुर सिखाए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पूर्व विद्यार्थी प्रकोष्ठ के समन्वयक परेश उपाध्याय, श्री अंकित पांडे, प्लेसमेंट सेल की सह संयोजक सुश्री दीपशिखा हर्ष, सिंधी भाषा साहित्य पाठ्यक्रम की संयोजक जया सुरजानी सहित वरिष्ठ शिक्षक, पूर्व विद्यार्थी एवं वर्तमान विद्यार्थी उपस्थित रहे।
नकारात्मक सूचनाओं को तथ्यों के आधार पर बेनकाब करें : प्रो केजी सुरेश
सोशल मीडिया हैंण्डलर के लिए दस दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला

  
18 April 2023
भोपाल.सोशल मीडिया हैंडलर्स के सामने दो महत्वपूर्ण काम हैं—कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाना और नकारात्मक सूचनाओं को तथ्यों के आधार पर बेनकाब करना। ये कहना हैं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) के.जी. सुरेश का। वे जनसंपर्क कार्यालयों से संबंद्ध सोशल मीडिया हैंडलर्स की दस दिवसीय कार्यशाला में उद्घाटन के अवसर पर वक्तव्य दे रहे थे। जनसंपर्क संचालनालय भोपाल की पहल पर इस कार्यशाला का संयोजन विश्वविद्यालय कर रहा है। कार्यशाला में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से 50 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण के निदेशक लाल बहादुर ओझा ने बताया कि सोशल मीडिया हैण्डलर की दक्षता संवर्धन की यह कार्यशाला 18 अप्रैल से 27 अप्रैल तक ऑनलाइन संचालित की जा रही है। इसमें देश के जाने-माने विशेषज्ञ प्रतिभागियों को सोशल मीडिया की बारीकियों से परिचित करायेंगे। प्रो सुरेश ने इस मौके पर सोशल मीडिया की संभावनाओं, उपलब्धियों और चुनौतियों से प्रतिभागियों को रू-ब-रू कराया। उन्होंने उदाहरणों के जरिये सोशल मीडिया की प्रभावशीलता और उसके दुरूपयोगों को समझाया। उन्होंने कहा इसका ताकत का इस्तेमाल विघटनकारी, आतंकवादी और आपराधिक तत्व भी कर रहे हैं। इसके प्रति सजगता फैलाने का काम सरकारी कार्यालयों से जुड़े सोशल मीडिया हैंडलर कर सकते हैं।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
  
3 April 2023
भोपाल.राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (3 अप्रैल, 2023) नई दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 36वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि कई विद्यार्थियों को उनके दायित्वों और परिस्थितियों के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है। ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय जैसे संस्थान सहायता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई नियोजित/स्वरोजगार में संलग्न व्यक्ति अपने कौशल में वृद्धि के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे 'अर्जक और शिक्षार्थी' दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर अल्प-रोजगार से बाहर आ सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि इस प्रकार, दूरस्थ शिक्षा की व्यापक सामाजिक-आर्थिक उपयोगिता है। ऐसे विद्यार्थियों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा प्रदान कर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय बहुत उपयोगी सेवा प्रदान कर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने 'उच्च शिक्षा तक पहुंच' को प्रोत्साहन प्रदान करने में सराहनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने दूर-दराज के क्षेत्रों, ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर समूहों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रमों में सुगमता की सहायता से कई विद्यार्थियों ने अपने काम, परिवार और अन्य दायित्वों का प्रबंधन करते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय ने भोपाल में मीडिया कॉन्क्लेव का आयोजन किया   
30 March 2023
भोपाल.दिनांक ३० मार्च २०२३ को राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय ने एक जागरूकता अभियान में मीडिया कर्मियों को उनके चलाये जानेवाले विभिन्न पाठ्यकर्मों और प्रक्षिणों के बारे में बताया। इस अवसर पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी ने मीडिया कर्मियों को बताया की- वैश्वीकरण के युग में आजकल जहां चुनौतियां आसान हुई हैं वही हमारे सामने खतरे भी पैदा हुए हैं. सबसे ज्यादा खतरा आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में हो गया है. इस चुनौती से निपटने के लिए हमें दक्ष और कुशल मानवीय स्रोत की आवश्यकता पड़ती है जो आपराधिक न्याय पद्धति में एक प्रमुख भूमिका निभा सके. भारत सरकार ने वर्तमान में रोजगारपरक शिक्षा पर बल दिया है. इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने देश की प्रथम आंतरिक सुरक्षा यूनिवर्सिटी के रूप में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना गांधीनगर, गुजरात, २०१० में की. जिसका उद्देश्य सुरक्षा के क्षेत्र में अध्ययन और अध्यापन तथा शोध शिक्षा पर विशेष बल देना है. आजकल भारत में सुरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में रोज़गार की बेहतर संभावनाएं हैं. राज्य के पुलिस बल अथवा अर्ध सैनिक बल के क्षेत्र में करिअर के इच्छुक प्रतियोगी विभिन्न विषयों में पढ़ाई कर अपना भविष्य संवार सकते हैं. निजी और सरकारी क्षेत्रों में रोजगार की अपार संभावनाएं है. निजी क्षेत्रों में कुशल व्यक्ति द्वारा सुरक्षा सेवाएं प्रदान करना अब ज्यादा सहज हो गया है. पुलिस सम्बंधित विषयों पर जब छात्र गहन अध्ययन करके आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाए देंगे तो इससे न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी बल्कि सुरक्षा के उच्च मानकों का सम्मान होगा. सामान्य जन मानस को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना सरकार की प्रमुख जिम्मेदारी है. भारत के संविधान के अनुसार देश की सुरक्षा में हम समस्त नागरिको का कर्तव्य है. इस लक्ष्य की प्राप्ति तभी संभव होगी जब हम सभी नागरिक अपने-अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करेंगे. भारत में अलगाववादी, आतंकवादी एवं विघटनवादी ताकतें आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में कड़ी चुनौतियां बनकर उभरी हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए योग्य एवं प्रशिक्षित उपाधिधारको को शिक्षा प्रदान कर काफी हद तक इस समस्या से निपटा जा सकता है.
कानून के क्षेत्र में भी यदि कोई अपराध विधि में शिक्षा का इच्छुक है तो उनके लिए भी कुछ ऐसे विशेष रोजगार है जो न्यायालय में अभियोजन अधिकारी, आपराधिक जगत में अधिवक्ता के रूप में अथवा अध्यापक के रूप में अपना करिअर बना सकते हैं. विशेषतया उन प्रतियोगियों के लिए जो सुरक्षा शिक्षा एवं सेवा को अपना प्राणाधार बनाना चाहते हैं उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर है.
किन विषयों में पढ़ाई करें ?
फोटोग्राफी प्रमाणपत्र (फोरेंसिक)
डिप्लोमा इन पुलिस विज्ञान,
बी.ए. (सुरक्षा प्रबंधन),
पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन पुलिस विज्ञान,
पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी,
एल. एल. एम. (अपराध और सुरक्षा विधि),
एम. ए. (पुलिस प्रशासन),
एम. ए. (अपराधशास्त्र),
एम. फिल. (अपराधशास्त्र),
पी.एच.डी. (विधि),
पी.एच.डी. (फॉरेंसिक)
पी. एच. डी. (अपराधशास्त्र),
पी. एच. डी. (आंतरिक सुरक्षा),
किन-किन क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर ?
1. पुलिस विभाग (देश के विभिन्न प्रान्तों में राज्य स्तरीय परीक्षा मंडल का गठन किया गया है जिसमें पुलिस या सुरक्षा प्रबंधन से सम्बंधित विषयों के उपाधि धारकों को वरीयता मिलना अवश्यम्भावी है. गुजरात में स्थापित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण छात्रो को पुलिस भर्ती में अतिरिक्त अंक प्रदान किये जाते हैं. पुलिस सेवा की परीक्षाओं में भी भविष्य में पुलिस प्रशासन विषय में विशेषज्ञता प्राप्त लोगों को भी साक्षात्कार में सरकार कुछ विशेष नियम बना सकती है. इसके पीछे तर्क यह है कि विद्यार्थी अपने अध्ययन के दौरान कानून, फॉरेंसिक, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी, अपराधशास्त्र, सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में प्रायोगिक और लिखित ज्ञान हासिल करते हैं.)
2. प्रवर्तन निदेशालय (आर्थिक अपराध के क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने का उचित अवसर इस प्रकार के कई विश्वविद्यालयों में दिया जाता है जिसमें मनी लांड्रिंग, फेमा जैसे विषयों का ज्ञान प्राप्त कर प्रवर्तन विभाग में रोज़गार के अवसर का सृजन अधिकारपूर्वक किया जा सकता है.)
3. फोरेंसिक विभाग (अपराध जगत में साक्ष्य एकत्रित करना सुरक्षा एजेंसी के सामने एक कठिन चुनौती होती है. क्योंकि अपराध करने के उपरांत अपराधी या तो साक्ष्य मिटा देता है या फिर पुलिस की पहुँच से दूर हो जाता है. फॉरेंसिक विज्ञान इन समस्याओं से निपटने के लिए सक्षम है और महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस प्रकार पीड़ित एव अभियुक्त दोनों को न्याय दिलाने में इस विषय की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है. इसीलिए इस प्रकार की शिक्षा आजकल सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार के प्रमुख अवसर प्रदान करती है)
4. विश्वविद्यालय शिक्षक (पुलिस सुरक्षा एवं आपराधिक न्याय के क्षेत्र में आजकल भारत में विभिन्न विश्वविद्यालय संचालित हैं जिसमें विश्वविद्यालयों में शिक्षक बनने की अपार संभावनाएं है. इच्छुक अभ्यर्थी अपना कॅरिअर इस क्षेत्र में चुन सकते हैं.)
5. अपराधशास्त्री (समाज में दिन प्रतिदिन नित नए अपराध के तरीके देखने में आ रहे हैं. अपराध के कारणों, अपराधी की मनःस्थिति, सामाजिक परिप्रेक्ष्य इत्यादि विषय पर विशेषज्ञता प्राप्त कर सुरक्षा के क्षेत्र में एक बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सकता है. इसके लिए अपराध शास्त्र विषय का अध्ययन कारगर हो सकता है.
6. मनोवैज्ञानिक विभाग (मानसिक तनाव के कारणों, हताशा, निराशा एवं जीवन के प्रति निरुत्साह सुरक्षा कर्मचारियों में आजकल आम बात हो गयी है. मनोविज्ञान की शिक्षा, सुरक्षा के क्षेत्र का अभिन्न अंग बन गया है. सरकार एंव निजी क्षेत्र में इस विषय की भारी मांग है.)
7. निजी सुरक्षा प्रबंधन (स्वयं सेवा संगठन, सरकारी संस्थान सुरक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रयत्नसाध्य हैं. आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार की शिक्षा निश्चित ही रोज़गार के नए आयाम खोलेगी)
8. आपदा प्रबंधन (बी ए (सुरक्षा प्रबंधन) में उपाधि हासिल करने के बाद आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में रोजगार का बेहतर भविष्य है. यह शिक्षा भारत के एकमात्र विश्विद्यालय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में अभी तक उपलब्ध है. यहां से इस विषय में अध्ययन कर ना केवल आपदा प्रबंधन बल्कि सुरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में निजी और सरकारी प्रतिष्ठानों में सेवायोजन के बहुलक्षी अवसर उपलब्ध हैं. यहां तक की गुजरात सरकार पुलिस सेवा की भत्ती में पुलिस डिप्लोमाधारी एवं सुरक्षा प्रबंधन डिग्री उपधिधारको को साक्षात्कार में अतिरिक्त अंक प्रदान करती है.
9. अभियोजन विभाग (आपराधिक एंव सुरक्षा विधि में विशेषज्ञता हासिल करना किसी रोमांच से कम नहीं है. यू जी सी ने जब इस विषय में एल एल एम का प्रस्ताव सुझाया उसके पीछे मानस यह था कि अभियोजन के क्षेत्र में कुशल मानवीय स्रोत का सृजन किया जा सके. आजकल एल एल एम (आपराधिक एव सुरक्षा विधि) विधि शिक्षा का बेहतर विकल्प है. इसे ना केवल अभियोजन बल्कि अपराध के क्षेत्र में अधिवक्ता, क्राइम मीडिया एवं शिक्षक के रूप में भी कॅरिअर के रूप में चुना जा सकता है.
10. साइबर सुरक्षा (जीवन में सांस के लिए जितनी आवश्यकता होती है उतनी आवश्यकता सुरक्षा की भी होती है. आज के इस वैज्ञानिक युग में सुदूर बैठकर खरीदारी का लुत्फ़ लिया जा सकता है. किन्तु यह शौक एक मंहगा मनोरंजन हो सकता है यदि लेन देन की सुरक्षा की बारीकियों को ना समझा जाय. सायबर सुरक्षा एक चुनौती है पर आजकल इस क्षेत्र में शिक्षा हासिल कर इस क्षेत्र में ना केवल निजी बल्कि सरकारी क्षेत्रों में अपना उज्ज्वल भविष्य तलाशा जा सकता है. सोशल नेटवर्किंग, ई -लेन देन, ऑन लाइन शापिंग, हैकिंग, जीपीएस इत्यादि क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर हैं.
11. सूचना प्रौद्योगिकी (इसके बिना सुरक्षा की कल्पना मुश्किल है. यह अपराधी को पकड़ने में वैज्ञानिक और त्वरित तरीके उपलब्ध कराती है)
12. निजी क्षेत्र में तटरक्षक (निजी क्षेत्र की तेल कम्पनियों को सुरक्षा की विशेष आवश्यकता होती है. अतः इस क्षेत्र में भी राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर निजी क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त किया जा सकता है)
13. यातायात सुरक्षा (ट्रैफिक पुलिस के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं)
14. पुलिस संचार (अपराधी को पकड़ने के लिए संचार तकनीक एक बेहतर वैज्ञानिक विकल्प है. संचार के क्षेत्र में अध्ययन, साइबर सुरक्षा, जीपीएस सभी की दक्षता प्राप्त कर इसे कॅरिअर का बेहतर विकल्प बनाया जा सकता है.
15. अस्पताल सुरक्षा (निजी क्षेत्र में आजकल सुरक्षा एजेंसी आउट सोर्सिंग के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाती है. इस क्षेत्र में अपना भविष्य देखा जा सकता है.
16. शौपिंग सेंटर (बिग बाज़ार, शॉपिंग मॉल, बाज़ार हब की इस दुनिया में सुरक्षा कर्मचारियों की बेहतर मांग है, इस क्षेत्र में अपना कॅरिअर बनाने के लिए औद्योगिक सुरक्षा के क्षेत्र में स्नातत्कोत्तर डिप्लोमा जैसी उपाधि की खूब मांग है.)
17. बैंकिंग सेक्टर (बैंकिंग का क्षेत्र इससे अछूता नहीं है इस क्षेत्र में सेवायोजन की अपार संभावनाएं हैं.)
18. निजी औद्योगिक क्षेत्र (इस क्षेत्र में भी रोजगार के पर्याप्त अवसर हैं)
19. विश्वविद्यालय परिसर में भी सुरक्षा के सुनहरे अवसर तलाशे जा सकते हैं. प्रवेश प्रक्रिया एव समय : ज्यादातर विश्वविद्यालयों में मैरिट के आधार पर प्रवेश सुनिश्चित किया जाता है. प्रवेश के लिए सुझाये गए विश्वविद्यालयों की वेब साइट समय-समय पर देखते रहे. वैसे प्रवेश प्रक्रिया अप्रैल से प्रारंभ हो जाती है जो जून माह तक चलती है.
इस विश्वविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया आने वाले अप्रैल २०२३ में शुरू होगा जिसमे प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थिओं का नामांकन उनके मेरिट लिस्ट के तहत होगा। अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी विश्वविद्यालय के वेबसाइट www.rru.ac.in पे visit कर सकते हैं।
वहीं पीआईबी के अपर महानिदेशक श्री प्रशांत पाठराबे ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए जो मुद्दे हैं उनके संभालने के लिए प्रशिक्षित लोगों की जरुरत है जोकि राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी केर रही है। जो विद्यार्थी IT और उनसे जुड़े हुए पाठ्यकर्मो में प्रवेश लेना चाहते हैं तो उनके लिए राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी एक बेहतर यूनिवर्सिटी है।
विश्वविद्यालय परिवर्तन के वाहक बनें : राज्यपाल श्री पटेल
17 March 2023
भोपाल. राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विश्वविद्यालय परिवर्तन के वाहक बनें। समाज की उन्नति के लिए उनकी भूमिका और जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय देश की भावी पीढ़ी के निर्माण केन्द्र हैं। आजादी के अमृत महोत्सव पर युवाओं में राष्ट्र, समाज के प्रति प्रेम और सेवा भाव जगाने के प्रयासों पर बल दिया जाये। राष्ट्रीय सेवा योजना एवं राष्ट्रीय कैडेट कोर के द्वारा विद्यार्थियों को सामाजिक सरोकारों के प्रति सजग और सक्रिय बनाया जाए।
राज्यपाल श्री पटेल आज राजभवन में प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को संबोधित कर रहे थे। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री के.सी. गुप्ता, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय, समाज के लिए उपयोगी बनें। समाज की चुनौतियों और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत करने में आगे आए। उन्होंने गुजरात राज्य के जनजाति बहुल अंचल में बच्चों को दूध वितरण की पहल के सुखद परिणामों के विभिन्न आयामों को बताया। राज्यपाल ने कहा कि दूध पीने से बच्चों का नेत्र रोग रतौंधी दूर हुआ। दृष्टि बेहतर हुई। स्कूल में दूध वितरण होने से विद्यार्थियों की उपस्थिति नियमित हुई एवं कुपोषण दूर हुआ। उन्होंने, कुलपतियों से कहा कि इसी भाव-भावना के साथ समस्या के मूल को समझ कर विश्वविद्यालय ग्राम विकास के बहुआयामी प्रयासों में सहयोग करें। विश्वविद्यालय के आस पास के समुदायों की समस्याओं का विवेचन करें। समुदाय की भ्रामक मान्यताओं एवं धारणाओं के प्रति सामाजिक सोच में बदलाव के प्रयासों में आगे आए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और शिक्षक भी गाँवों में जाएँ। ग्राम की आर्थिक परिस्थितियों की समीक्षा करें। गरीब वंचित परिवार की जरूरतों को समझे। उनके विकास के मार्ग को प्रकाशित करें।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों को समाज उपयोगी बनाएँ। विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं उद्योगों की मानव संसाधन की आवश्यकता का अध्ययन कर, उनकी पूर्ति के लिए पाठ्यक्रमों का निर्माण करें। पाठ्यक्रमों की अवधि की प्रासंगिकता पर भी विचार किया जाये। राज्यपाल ने कहा कि इसी तरह समुदाय की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी ली जाए। क्षेत्रीय स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकता की पूर्ति के लिए पाठ्यक्रमों का विकास किया जा सकता है। उन्होंने जनजाति बहुल क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया रोग, टी.बी., फाइलेरिया और थैलेसीमिया जैसे अन्य रोगों के उन्मूलन में सहयोग के लिए प्रेरित किया।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय नये पाठ्यक्रमों को शुरू करने से पूर्व उनकी उपयोगिता और सम्भावनाओं के संबंध में व्यापक स्तर पर जानकारी का प्रसार करें। ऐसे कोर्स, जिनमें दो से तीन वर्ष तक निरंतर अपेक्षित संख्या में प्रवेश नहीं हो रहे, उन्हें स्व-वित्त पोषित पाठ्यक्रमों में परिवर्तित कर दें। उपाधि वितरण के लिए आवेदन और फीस की व्यवस्था को समाप्त करें। विश्वविद्यालय स्वमेव उपाधि का वितरण करें। विद्यार्थियों को सूचित करें। उन्होंने परीक्षा परिणामों की समय पर घोषणा पर विशेष बल दिया। राज्यपाल ने कहा कि पूरक सहित सभी परीक्षाओं, के परिणाम 30 जून तक घोषित हो जायें। उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के प्रकरणों का समय सीमा में अनिवार्यत: निराकरण किया जाए और शासकीय एवं निजी महाविद्यालयों द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्तियों की जानकारी समय-सीमा में उपलब्ध कराई जाए।

मनोरंजन और फिल्म पत्रकारिता में बहुत अवसर - कुलपति प्रो केजी सुरेश, ऑनेस्टी के साथ करें फिल्म और मनोरंजन पत्रकारिता - प्रीति झंगियानी, अपने पैशन को पहचाने और उसे फॉलो करें - प्रवीण डबास, पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सिनेमा जगत की दो हस्तियों का विशेष व्याख्यान संपन्न
  
23 Feb 2023
भोपाल.मनोरंजन और फिल्म पत्रकारिता में बहुत अवसर - कुलपति प्रो केजी सुरेश, ऑनेस्टी के साथ करें फिल्म और मनोरंजन पत्रकारिता - प्रीति झंगियानी, अपने पैशन को पहचाने और उसे फॉलो करें - प्रवीण डबास, पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सिनेमा जगत की दो हस्तियों का विशेष व्याख्यान संपन्न,
  
मनोरंजन और फिल्म पत्रकारिता में बहुत से नए अवसर हैं। यह आपको बहुत सारे विकल्प देता है। फिल्म पत्रकारिता सिर्फ गॉसिप ही नहीं बल्कि गंभीर पत्रकारिता भी है। यह कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश का। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नवीन परिसर में आयोजित इंटरटेनमेंट जर्नलिज्म विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो सुरेश ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मोहब्बतें फिल्म की मशहूर अभिनेत्री प्रीति झंगियानी ने भी विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप बहुत भाग्यशाली विद्यार्थी हैं जो इस विश्वविद्यालय पढ़ाई कर रहे हैं। पत्रकारिता विश्वविद्यालय की तारीफ़ करते हुए प्रीति ने कहा कि फिल्म जगत के लिए यह एक केंद्र हो सकता है। प्रीति ने पत्रकारिता के छात्रों से कहा कि ऑनेस्टी के साथ मनोरंजन और फिल्म पत्रकारिता करें। जिंदगी का फलसफा देते हुए उन्होंने कहा कि अपने जोश को बरकरार रखें और ऐसा करते हुए जिंदगी को इंजॉय करें। खोसला का घोसला फिल्म के अभिनेता, मॉडल एवं निर्देशक प्रवीण डबास ने कहा कि आजकल ज्यादा व्यूज के चक्कर में मनोरंजन जगत की पत्रकारिता में झूठी खबर छाप दी जाती हैं, जो कि गलत है। मनोरंजन और फिल्म पत्रकारिता में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को चटपटा चाहिए, इसलिए आजकल सिनेमा जगत में कुछ भी छाप दिया जा रहा है, इससे आपको बचना चाहिए। उन्होंने ऑनेस्टी और इंटरग्रेटी की बात की। प्रवीण ने विश्वविद्यालय के नए परिसर और नए सभागार की भी जमकर तारीफ की। स्टुडेंट्स के जोश को देखकर उन्होंने कहा कि यह नया भारत है आप इसमें आप कुछ भी कर सकते हैं। आप जो चाहते हैं वह बन सकते हैं, बस आपके अंदर चाहत होनी चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि अपने पैशन को पहचाने और फिर उसे फॉलो करें। वरिष्ठ पत्रकार केशव पांडे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सिनेमा अध्ययन विभाग द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में आर्म रेसलिंग के वर्ल्ड चैम्पियन और विक्रम पुरुस्कार अवॉर्डी मनीष कुमार, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अविनाश वाजपेई,सिनेमा अध्ययन विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ पवित्र श्रीवास्तव, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष,शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस परिषद की उप समिति एवं कुलपति प्रो केजी सुरेश से की मुलाकात,
8 Feb 2023
भोपाल.स्मार्ट पार्क में मुख्यमंत्री के साथ उप समिति के संयोजक व सदस्यों ने किया पौधारोपण,
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को भारतीय प्रेस परिषद द्वारा गठित उप समिति के संयोजक प्रो जेएस राजपूत, सह संयोजक श्री प्रकाश दुबे, सदस्य श्री श्याम सिंह पवार, डॉ सुमन गुप्ता एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश से मुलाकात की। उपसमिति ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बिशनखेड़ी स्थित नवीन परिसर में मीडिया प्राध्यापकों, विद्यार्थियों,पत्रकारों एवं संपादकों के साथ मगंलवार को हुई बैठक के बारे में अवगत कराया । मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में प्राप्त हुए सुझावों पर खुशी जताई एवं टीम के सदस्यों को शुभकामनाएं दीं। सीएम श्री चौहान ने उम्मीद जताई कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आए महत्वपूर्ण सुझाव प्रेस परिषद के लिए उपयोगी साबित होंगे एवं इससे महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकलेंगे। तत्पश्चात एमसीयू के कुलपति प्रो केजी सुरेश एवं उपसमिति के संयोजक एवं सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ स्मार्ट पार्क में पौधारोपण किया। पौधारोपण के पश्चात टीम के सदस्य भोपाल स्थित पत्रकारिता विश्वविद्यालय के सिटी कैंपस विकास भवन पहुंचे, जहां उन्होंने पत्रकारों, संपादकों से भी मुलाकात एवं चर्चा की। ।

एमसीयू में ‘प्रतिभा 2020’ का आयोजन 4 मार्च से
2 March 2020
भोपाल.माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के उत्सव 'प्रतिभा 2020' का आयोजन किया जा रहा है । इस आयोजन के तहत प्रथम चरण में 4 मार्च से खेलकूद प्रतियोगिताएं प्रारंभ होंगी ।
विश्वविद्यालय के खेल समन्वयक श्री रवि मोहन शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय में 4 मार्च से शतरंज प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसके बाद 5 एवं 6 मार्च को टीटी नगर स्टेडियम में बैडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन होगा । इस आयोजन में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों की टीमें भाग लेंगी। जबकि प्रतिभा 2020 के दूसरे चरण में 16 से 20 मार्च के बीच सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा । सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. आरती सारंग ने बताया कि इसमें निबंध, फीचर लेखन, क्विज, वाद-विवाद, तात्कालिक भाषण, स्वरचित काव्यपाठ, पोस्टर निर्माण, कोलाज, कार्टून निर्माण, फोटोग्राफी, लघु फिल्म निर्माण, पावर पाइंट, वेबसाइट डिजाइन, एकल वाद्य, एकल गायन, (भारतीय एवं पाश्चात्य) समूह गायन एवं एकल गायन की प्रतियोगिताएं होंगी ।

आरजीपीवी में सड़क एवं फुटपाथ निर्माण कार्य की तकनीक पर कार्यशाला संपन्न हुई
29 February 2020
भोपाल.राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण कार्य के दौरान होने वाली विफलताएं,उनके कारण एवं समाधान विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में किया गया जिसमें आरजीपीवी एवं सम्बद्ध संस्थानों के प्रतिभागी शामिल हुए कार्यशाला के उदघाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सुनील कुमार,कुलसचिव प्रो.सुरेश सिंह कुशवाह, प्रो.सुधीर सिंह भदौरिया एवं प्रो. सलीम अख्तर सहित प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे!
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो.सुनील कुमार ने कहा कि सड़कों का अच्छा नेटवर्क एक बेहतर परिवहन प्रणाली के लिए अपना योगदान देता है! छोटी –छोटी कमियां नज़रअंदाज कर देने से अधिकतर सड़कों का मेंटेनेंस करना पड़ता है जिसमे बड़ी राशि खर्च हो जाती है, शहरों में वाटर ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं होने से समस्या आती है अत: एस्थेटीक सेंस को ध्यान में रखकर सड़कों का मेंटेनेंस किया जाना चाहिए! इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी जिसमे वह सड़कों में होने वाले गड्डों को किस कलात्मकता के साथ से भरा जा सकता है उसके बारें में अपना आइडिया प्रदान करेंगे!
उदघाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत प्रो.सलीम अख्तर , प्रो.अरुणा रावत एवं प्रो.असलम खान ने किया! कार्यशाला के तकनीकी सत्र में डॉ.निखिल साबू ( आईआईटी बीएचयू,वाराणसी ) ने सड़कों एवं फुटपाथ के लिए उपयोग में आने वाली निर्माण सामग्री की विफलता पर चर्चा करते हुए सामग्री चयन, मात्रा एवं उसके उचित मिश्रण की तकनीक एवं महत्वता पर प्रकाश डाला!
श्री बी.के.चुघ (एक्स.डायरेक्टर जनरल सीपीडब्लूडी) ने सड़क निर्माण की तकनीक के सन्दर्भ में कहा कि अच्छी सड़क के लिए बिटुबीन का उचित मिश्रण मिलाया जाना अत्यंत आवश्यक है साथ ही रोलर एवं अन्य उपकरणों को निर्माण के दौरान ठीक प्रकार से उपयोग किया जाना चाहिए उन्होंने ड्रेनेज सिस्टम की कोरियन तकनीक को बेहतर बताते हुए सड़क के उपरी सतह पर वाइट टॉपिंग की जानकारी देते हुए कहा की यह सड़क की उम्र को बढाता है!
तकनीकी सत्र में इंजिनियर सुनील वर्मा (जनरल मैनेजर,एमपीआरडीसी) ने सडको की डिजाईन एवं कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी पर अपने विचार व्यक्त किये!

1 मार्च को होगा 'ओपन बुक टेस्ट'
26 February 2020
युवाओं में रीडिंग स्किल विकसित करने के उद्देश्य से सिविल सर्विसेज क्लब इस रविवार भोपाल की पहली 'ओपन बुक प्रतियोगिता' आयोजित कर रहा है ।
जिसमें स्टूडेंट्स को एक किताब में से 90 मिनिट्स 100 प्रश्नों के उत्तर खोजने हैं
सबसे कम समय में सभी उत्तर ढूंढ लेने वाले युवाओं को 6000 रुपये का नगद पुरुस्कार दिया जाएगा।
यह प्रतियोगिता 2013 बैच के आईएएस अधिकारी नितिन सिंघानिया की किताब 'भारतीय कला एवं संस्कृति' पर आधारित होगी ।
खास बात ये है आपको ये किताब घर से लाने की जरूरत नहीं है । प्रतियोगिता में भाग लेने वाले हर व्यक्ति को यह किताब सिविल सर्विसेज क्लब द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी । किताब हिन्दी व इंग्लिश दोनों माध्यम में उपलब्ध होगी ।
पूरी तरह से निःशुल्क व सबके लिए ओपन इस प्रतियोगिता में शहर का कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है । भाग लेने के इच्छुक व्यक्तियों को रविवार को 3.30 बजे जवाहर चौक स्थित सिविल सर्विसेज क्लब पहुँचना होगा।
स्थान सीमित होने के कारण सबसे पहले आने वाले केवल 100 लोग ही इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकेंगे ।
कार्यक्रम के बारे में
कार्यक्रम का नाम -“ओपन बुक टेस्ट”
किताब का नाम - इंडियन आर्ट एन्ड कल्चर
लेखक - नितिन सिंघानिया (2013 बैच के IAS अधिकारी)
किताब उपलब्ध है - हिंदी व इंग्लिश दोनों में
किताब में कुल पेज हैं - 584
प्रतियोगिता के बारे में :-
कब होगी - 1 मार्च 2020 (सन्डे को)
कितने बजे होगी - शाम 4 बजे
कहाँ होगी - सिविल सर्विसेज क्लब में
किस मीडियम में होगी - हिंदी व इंग्लिश दोनों मीडियम में
कौन भाग ले सकता है - कोई भी व्यक्ति
भाग लेने के लिए क्या करना होगा - प्रतियोगिता से 15 मिनिट पहले सिविल सर्विसेज क्लब आना होगा.
रजिस्ट्रेशन कहाँ कराना है - कहीं नहीं. बिना रजिस्ट्रेशन के सीधे प्रतियोगिता के लिए पहुंचिए
प्रतियोगिता में प्रवेश मिलेगा - सबसे पहले आने वाले केवल 100 लोगों को.
कैसे होगी प्रतियोगिता :-
- प्रतियोगिता की शुरुआत में आपको 100 प्रश्नों का एक पेपर दिया जाएगा, इस पेपर के सभी प्रश्नों के उत्तर नितिन सिंघानिया की किताब में मौजूद हैं
- फिर आप सबको नितिन सिंघानिया की किताब दी जायेगी
- आपको किताब खोलकर 90 मिनिट में इन 100 प्रहनों के उत्तर ढूंढने हैं
- सबसे पहले सबसे ज्यादा उत्तर ढूंढ लेने वाला व्यक्ति इस प्रतियोगिता का विजेता होगा.
- प्रतियोगिता में पहले,दूसरे व तीसरे स्थान पर रहने वालों को कुल 6000 /- रुपये के नगद पुरूस्कार दिए जाएंगे.
आयोजक - सिविल सर्विसेज क्लब भोपाल क्विज मास्टर - चारवी गुप्ता

मीडिया में न लेफ्ट न राइट, खबरें होनी चाहिए टाइट- दिलीप तिवारी
25 February 2020
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में “मीडिया इंडस्ट्री रिक्वायरमेंट” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन हुआ। इस अवसर पर ज़ी मीडिया समूह के सीईओ दिलीप तिवारी ने मीडिया विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया में खबरें लेफ्ट राइट नहीं बल्कि टाइट होनी चाहिए। उन्होने कहा कि इस प्रोफेशन में राशन नहीं पैशन ज़रूरी होता है। टीवी मीडिया में एंकर बनने से पहले आपको एक पत्रकार और रिपोर्टर बनना जरूरी है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि देशभर में हमारे पत्रकारिता विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं, वे मीडिया संस्थानों में अच्छे कंटेंट क्रिएटर का भी काम कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम में ज़ी मीडिया की एचआर हेड सुश्री रुचिरा श्रीवास्तव, एचआर मैनेजर श्री कमल शर्मा, विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश वाजपेयी समेत शिक्षकगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

परिस्थितियों से परिचित कराते हैं कार्टून- कार्टूनिस्ट इरफान
25 February 2020
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आज जनसत्ता अख़बार के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट इरफान छात्रों से रूबरू हुए।
अपनी बात शुरू करते हुए इरफान ने कहा कि कार्टून एक ऐसा माध्यम है जिससे लोगों को परिस्थितियों से परिचित कराया जाता है।
कार्टून बनने की स्थिति को व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि यदि कोई ऐसा कार्य हो जाय जो नहीं होना चाहिए तो उस पर कार्टून बनता है। कार्टून बनाने के लिए मुख्यत: पांच बातों का ज्ञान होना आवश्यक है, पहला कार्टूनिस्ट एक अच्छा चित्रकार हो , उसे स्थिति की समझ के साथ समाचार की परख हो, हास्यवृत्ति का उचित प्रयोग करते हुए संदर्भ का ज्ञान हो। वर्तमान समय में व्यंग सब से आगे है लेकिन आज के लोग व्यंग और उपहास में अंतर करना नहीं जानते हैं।
*कार्टूनिस्ट विशुद्ध रूप से पत्रकार होता है- इरफान
कार्टूनिस्ट की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वह विशुद्ध रूप से पत्रकार होता है जो आड़ी तिरक्षी रेखाओं के माध्यम से बात को कहता है और इसके साथ ही वह उन मुद्दों को रेखांकित करता है जो समाज के लिए आवश्यक होते हैं। इन सब के अलावा पढ़ना भी अति आवश्यक है।
एक कार्टूनिस्ट की चुनौती को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि कानूनी सीमाओं को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र रूप से कार्टून बनाना आवश्यक होता है। यदि किसी प्रकार की लगाम लगाई जाती है तो कार्य करना कठिन हो जाता है।
भीड़ से अलग होने के लिए बने रचनात्मक - इरफान
छात्रों द्वारा किए गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि आज का समय बदल गया है आज कोई भी कार्टूनिस्ट पहले की अपेक्षा ज्यादा कार्य कर रहा है उसे समाचारों की रफ्तार से कदम ताल करना है। यद्यपि आज तकनीकी आ गई है लेकिन बेसिक कार्य जैसे स्केच बनाना तो आप को आना ही चाहिए।
आप को कई विकल्प रखने चाहिए आप एक ही जगह पर अपने मन का सब कुछ नहीं कर सकते।
*अगर अपने ठान लिया है कि आपको कहां जाना है तो रास्ता खुद ब खुद बन जाएगा।
आप जो भी कार्य कर रहे हैं उसे पूरी ईमानदारी से और सशक्त रूप से जरिए।
अपनी सीमाओं का हमेशा ध्यान रखते हुए कार्य करें।
अधिक से अधिक पढ़े और जिस विषय पर कार्टून बना रहे हैं, उसके बारे में पूरी जानकारी रखें।आपका प्रयास ये होना चाहिए कि आज के समय में आप लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरे।
समाज में खिले फूल की तरह हैं कार्टूनिस्ट -प्रो. अरुण त्रिपाठी
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रो. अरुण त्रिपाठी ने कहा कि ये मायने नहीं रखता कि आपने जंग कितनी जीती है सवाल ये है कि आपने कभी हार नहीं मानी और ये बात इरफान जी के लिए सटीक बैठती है।वर्तमान समय में कार्टूनिस्ट हमारे समाज में खिले हुए फूल की तरह होता है।
कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक डॉ विष्णु राजगढ़िया ने किया और प्राध्यापक डॉ रंजन ने विभाग की ओर से पुस्तक भेंट की।

आरजीपीवी में प्रबंधन शिक्षा की चुनौशतयों पर सेशमनार संपन्न हुआ
20 February 2020
भोपाल.भोपाल:- राजीव गााँधी प्रौद्योशगकी शवश्वशवद्यालय के स्कू ल ऑफ़ एप्लाइड मैनेजमेंट शवभाग द्वारा शवश्वशवद्यालय के सभागार मे “इश्यूज एंड चैलेंजेस इन मैनेजमेंट एजुके िन इन इंशडया” शवषय पर एक ददवसीय सेशमनार का आयोजन तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार काययक्रम के अंतगयत दकया गया! सेशमनार के उदघाटन सत्र मे मुख्य अशतशथ आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर डॉ. शहमांिु राय थे, अध्यक्षता शवश्वशवद्यालय के कु लपशत प्रो.सुनील कु मार ने की शवशिष्ट अशतशथ के रूप मे डॉ. पी.के.शमश्रा (पूवय कु लपशत देवी अशहल्या एवं बरकतउल्ला शवश्वशवद्यालय ) तथा डॉ.शनशतन ससह (आईआईएम् रांची ) उपशस्थत थे! सेशमनार में आरजीपीवी एवं सम्बद्ध संस्थानों के प्रबंधन शवषय के प्राध्यापक एवं शवद्याथी िाशमल हुए!
उद्घाटन सत्र के प्रारंभ मे सेशमनार की प्रस्तावना रखते हुए डॉ.ए एस.खालसा ( सदस्य बीओएस, आरजीपीवी ) ने कहा दक प्रबंधन की पढाई का उद्देश्य शवद्यार्थथयों को शवजनरी बनाना है, आज प्रबंधन की पढाई का देि की पाशलसी मेककग मे बड़ा योगदान है यह कॉपोरेट सेक्टर के अलावा इंटनयशिप के शलए भी कारगर बन रही है!
तत्पश्चात संबोशधत करते हुए डॉ. शहमांिु राय (डायरेक्टर आईआईएम इंदौर) ने कहा दक जीवन मे बेहतर प्रबंधन के शलए फायर िब्द के अथय को समझना होगा शजसमे एफ याशन दफयर (भय), आई याशन इनएशक्टव (शनशरक्रयता ) आर याशन ररलेिन (सम्बन्ध ) तथा ई याशन एनवे (ईरयाय) िाशमल है! हमें सफल जीवन के शलए आग से नहीं खेलना चाशहए बशल्क फायर िब्द के सही अथो के साथ जीना चाशहए क्योदक पैसा, पद एवं प्रशतष्ठा का भय, दकसी काम को बाद मे कर लूाँगा कहकर टालने की प्रवृशत तथा व्यशि एवं प्रकृ शत के साथ समबन्ध एवं अपने पास क्या है इसकी बजाय दूसरे के पास क्या है यह देखना मनुरय की प्रकृ शत बन जाती है जबदक नेतृत्व करने के शलए सही ददिा मे सोचना ओर करना दोनों जरुरी है उन्होंने कहा की दूसरो में पररवतयन लाने के पहले स्वयं में पररवतयन लाना जरुरी है दकसी भी काम को अपना छोटा या बड़ा नहीं समझकर अपना समझकर करना, बड़ो का आदर करना, में क्या हाँ, मेरी क्षमताएं क्या है इसका आंकलन करते हुए अपनी पूरी क्षमता के साथ कायय करते हुए अपना सवयश्रेष्ठ देने से व्यशि एक अच्छा प्रबंधक एवं सफल नेतृत्वकताय बनाता है!
उन्होंने नैशतकता एवं एशथक्स का अंतर बताते हुए कहा की नैशतकता अच्छे बुरे में भेद करना शसखाती है जबदक एशथक्स सही और गलत में अंतर बताता है! व्यशि की दक्षता में एक प्रशतित की कमी से एक वषय में उसमे दो प्रशतित की कमी आती है जबदक दक्षता में एक प्रशतित की वृशद्ध होने पर उसकी दक्षता में एक वषाय में ३७ प्रशतित की वृशद्ध होती है इसशलए सदैव अपना सवयश्रेष्ठ देवें! ज्ञानाजयन सभी ओर से होता है दकन्तु इसके शलए आवश्यक है दक ओपन माइंड एवं शजज्ञासु प्रवृशत से सीखने की मानशसकता से उसे ग्रहण दकया जाए! काययक्रम की अध्यक्षता करते हुए शवश्वशवद्यालय के कु लपशत प्रो.सुनील कु मार ने कहा दक जीवन का उद्देश्य क्या है, हम क्या करना चाहते है यह जान पाना प्रबंधन शिक्षा से संभव है दुशनया में पररवतयन की अपेक्षा करने से पहले स्वयं में पररवतयन लाना जरुरी है! अच्छे नेतृत्त्वकताय को दृढ़ता के बजाए लचीलापन रखना चाशहए उन्होंने कहा दक भारत के पांच रिशलयन डॉलर की इकोनोमी बनने में प्रबंधन का बहुत बड़ा योगदान है!
उदघाटन सत्र का संचालन सुश्री आयुषी जैन एवं आभार प्रदियन डॉ. अशनल कोठारी (डायरेक्टर एसओएएम,आरजीपीवी ने दकया) काययक्रम के प्रारंभ में अशतशथयों का स्वागत कु लपशत प्रो.सुनील कु मार एवं प्रो.एस.सी.चौबे द्वारा दकया गया!
सेशमनार के तकनीकी सत्रों में मैनेजमेंट एजुके िन एंड कॉपोरेट एक्सपेक्टेिन, इन्टरशप्रनोर इम्पैक्ट, फै शमली मैनेज्ड शबजनेस तथा प्रबंधन शिक्षा की तत्सम नीशतयों पर डॉ. पी.के.शमश्रा ( पूवय कु लपशत देवी अशहल्या एवं बरकतउल्ला शवश्वशवद्यालय ) तथा डॉ.शनशतन ससह (आईआईएम् रांची) प्रो. सत्याजीत मजूमदार (टाटा इंशस्टट्यूट मुंबई ), डॉ. पराग दुबे (नीटर भोपाल ) श्री सशमष दलाल (मुंबई),डॉ.राजीव गुप्ता (देवी अशहल्या शवश्वशवद्यालय,इंदौर), डॉ. ए.के.िरण(एनआईएफएम, ददल्ली ) एवं श्री अरुण पालीवाल,आरजीपीवी भोपाल ने अपने शवचार प्रस्तुत दकये!
सेशमनार के समापन सत्र में मुख्य अशतशथ भोज शवश्वशवद्यालय के कु लपशत डॉ.जयंत सोनवलकर, अध्यक्ष के रूप में प्रो.सुनील कु मार एवं शवशिष्ट अशतशथ प्रो.एस.सी.चौबे थे!

नये विश्वविद्यालय के लिये गाँधी स्तंभ स्थापित करना अनिवार्य
19 February 2020
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने कहा है कि विद्यार्थियों को मानवीय अवधारणा में पारंगत करने के लिये महात्मा गाँधी की विचारधारा से अवगत कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में किसी भी नए विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गाँधी स्तंभ स्थापित करना अनिवार्य होगा, तभी अनुमति दी जायेगी। श्री पटवारी बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में आयोजित धर्मपाल स्मृति व्याख्यानमाला कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री श्री पटवारी ने कहा कि शिक्षा और साहित्य से जुड़े हर व्यक्ति को गाँधी के विचार और उनकी मानवीय अवधारणा से अवगत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अंहिंसा, सद्भाव और समानता गाँधी जी के प्रमुख विचार थे। यही हमारे देश की विशेषता भी है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि भावी पीढ़ी को गाँधी जी को जानना इसलिये जरूरी है क्योंकि उन्हीं के दिखाए मार्ग से हम अपने देश को सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को गाँधी जी के इन विचारों से रू-ब-रू कराने के लिए हमने 1400 महाविद्यालयों में महात्मा गाँधी पर शोध के लिये गाँधी पीठ की स्थापना की है।
व्याख्यानमाला में ' गाँधी को कैसे समझें' विषय पर साहित्यकार श्री नंद किशोर आचार्य और 'नागरिकता की समझ' विषय पर कानूनविद श्री कनक तिवारी ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.जे.राव तथा गाँधी रिसर्च फाउण्डेशन, जलगांव की अधिष्ठाता और इतिहासकार श्रीमती गीता धर्मपाल उपस्थित थीं।

आरजीपीवी में दो ददवसीय टेक फे स्ट सम्पन्न हुआ
15 February 2020
सससवल इंजीसनयररग सवभाग यूआईटी आरजीपीवी के टेक्नो दफसलक क्लब के सवद्यार्थथयों द्वारा सवश्वसवद्यालय पररसर मे ददनांक १७ एवं १८ फरवरी के दो ददवसीय टेक फे स्ट “सनमााण” सवश्वसवद्यालय मे आयोसजत हुआ सजसमें टॉक शो, सवसभन्न प्रसतयोसगताएँ एवं परम्परागत खेल तथा रक्तदान कायाक्रम आयोसजत दकया गया! सजसमे आरजीपीवी एवं सम्बद्ध संस्थानों के सससवल इंजीसनयररग सवषय के सवद्यार्थथयों ने सहभाग दकया! टेक फे स्ट के समापन अवसर पर सवश्वसवद्यालय के कुलपसत प्रो.सुनील कुमार, कुलससिव प्रो.सुरेश ससह कुशवाह, प्रो. के.रामिंद्र राव (आईआईटी ददल्ली), एवं सवभागाध्यक्ष प्रो.सुधीर ससह भदौररया ने प्रसतभासगयों को प्रशसस्त पत्र प्रदान कर सम्मासनत दकया! दो ददवसीय फे स्ट “सनमााण” के अंतगात एम्स भोपाल के सहयोग से डॉ.सवलाससनी (एम्स भोपाल) एवं क्लब समन्वयक सुश्री इसत यादव द्वारा ब्लड डोनेशन केम्प का आयोजन दकया गया सजसमें ७७ सवद्यार्थथयों ने रक्तदान दकया!
उल्लखेनीय है दक टेक्नो दफसलक क्लब की गसतसवसधयों का संिालन सवद्यार्थथयों द्वारा दकया जाता है सजसमे प्रसतवषा सससवल इंजीसनयररग सवषय पर सवशेषज्ञों के व्याख्यान एवं अन्य रिनात्मक गसतसवसधयाँ आयोसजत की जाती हैं!
दो ददवसीय ऑटो कैड तकनीकी फे सस्टवल मे इंसजसनयर बी.के.िुघ (ररटायडा डायरेक्टर जनरल, पीडब्ल्यूडी) एवं प्रो.के.आर. राव, (आईआईटी ददल्ली) द्वारा टॉक शो के तहत सससवल इंजीसनयररग सवषय की सवकास यात्रा एवं उससे जुड़े सवसवध आयामों पर छात्रों से ििाा की! प्रसतयोसगताओं के अंतगात सससवल इंजीसनयररग सवभाग के छात्रों हेतु सवसभन्न प्रसतयोसगताएं आयोसजत की गई सजसमें सिज सडजाईन, टाउन प्लासनग एवं एवं सबसल्डग सडजाइसनग की प्रसतयोसगता शासमल थी! इस प्रसतयोसगतायां मे २२० सवद्यार्थथयों ने सहस्सा सलया! सिज सडजाईन प्रसतयोसगता मे प्रथम श्री आयुष िौरससया एवं टीम, (टीआईटी,भोपाल), सद्वतीय धमेन्द्र िौहान एवं टीम (टीआईटी,भोपाल ),तृतीय स्थान ध्रुवराज एवं टीम( एलएनसीटी, भोपाल ) ने प्राप्त दकया! टाउन प्लासनग मे प्रथम सुश्री सदफ़ सशरीन एवं सुश्री अग्रशी गोयल (यूआईटी,आरजीपीवी भोपाल) ने प्राप्त दकया! सबसल्डग सडजाइसनग मे प्रथम अनंत समश्रा (टीआईटी,भोपाल), सद्वतीय मो. काससम शाह (सससटेक भोपाल) तृतीय स्थान पर ररतेश पाटले (टीआईटी,भोपाल),रहे!
जस्ट अ समनट प्रसतयोसगता मे सससवल इंजीसनयररग के सवषय पर तात्कासलक भाषण प्रसतयोसगता मे प्रथम असमत कुमार उपाध्याय टीआईटी,भोपाल), सद्वतीय अर्थपत वमाा (एक्रोपोसलस,इंदौर) रहे!

एमसीयू में विशेष व्याख्यान का आयोजन
15 February 2020
पत्रकार दो तरह के होते हैं, एक मीडियाकर्मी और दूसरे पत्रकार । आप कौन से पत्रकार बनना चाहते हैं ये आपको तय करना है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान में ये बात दिल्ली के सुप्रसिद्ध पत्रकार अंशुमान तिवारी ने कही । विशेष व्याख्यान में कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह विशेष रुप से उपस्थित थे। संचालन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने किया। आभार प्रदर्शन जनसंचार विभाग के प्रो. संजय द्विवेदी द्वारा किया गया।
वरिष्ठ पत्रकार श्री तिवारी ने कहा कि आज न्यूज रुम में चुनौतियां बदल रही हैं, लोगों तक सूचना पहुंचाने वाले आप अकेले नहीं हैं । आने वाले समय में चुनौतियों और बढ़ेंगी। एक पत्रकार जो प्रतिदिन लिखता है, उससे ज्यादा आज का पाठक, श्रोता, दर्शक लिख रहा है । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि खबरों, नए ट्रैंड्स को पहचानने की शक्ति, आज एवं आने वाले कल को समझने के साथ ही तकनीकी समझ होना भी आपमें बहुत जरुरी है। कौशल एवं ज्ञान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज के दौर में आपके पास कौशल तो होना ही चाहिए, लेकिन इसके साथ ही आपके पास ज्ञान का होना भी बहुत आवश्यक है।
वरिष्ठ पत्रकार श्री तिवारी ने भारत की अर्थव्यवस्था पर भी विशेष रुप से अपने विचार व्यक्त किए । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यदि आप पत्रकार बनना चाहते हैं, तो आपको अर्थव्यवस्था की जानकारी होना चाहिए। अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है, इसका पता होना जरुरी है। इसके साथ ही उन्होंने जीडीपी, बजट, नोटबंदी, बचत, रोजगार, विज्ञापन आदि विषयों पर भी व्याख्यान के दौरान चर्चा की। अंत में विद्यार्थियों ने श्री तिवारी से सवाल भी पूछे। व्याख्यान में विश्वविद्यालय के सभी विभागों के शिक्षक,विद्यार्थी विशेष रुप से उपस्थित थे।