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एक बार परीक्षा में फेल होना जिन्दगी में फेल होना नहीं होता है?
स्कूल और कॉलेज के दरवाजे हमशा खुले रहते हैं। जिंदगी भगवान का दिया हुआ अनमोल तोहफा है, जिन्दगी में खुश रहने के बहुत से रास्ते होते हैं। दुनिया के सैकड़ों सफल व्यक्ति एसे हैं, जिन्होंने कभी डिग्री नहीं ली, लेकिन दुनिया के टॉप विष्वविद्यालयों के प्रोफेशनल्स को नौकरी दी, आप भी असफलता से सफलता के कदम छू सकते हैं। धीरूभाई अंबानी, बील गेटस और स्टीव जॉब्स जैसे सफल उद्द्योगपतियों के पास कोई डिग्री नहीं थी। सफल व्यक्ति वह होता है, जो हमेशा सकारात्मक सोच, दृढ़ निष्चय और कठोर मेहनत करने में विश्वास रखता है।
मेट्रो मिरर- फॉरवर्ड इंडिया फोरम काउंसलिंग केन्द्र
स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थी प्रति सोमवार को शाम 5 से 6 के बीच काउंसलिंग हेतु मिल सकते हैं।
पता- प्राईम प्लाजा, तीसरी मंजिल, ई-3/46, अरेरा कॉलोनी, 10 नम्बर मार्केट, भोपाल, फोन - (0755) 4055957, 9893096880
जमनालाल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज द्वारा 'श्रीमती ज्योति द्धिवेदी मेमोरियल स्कॉलरशिप' होनहार और जरूरतमंद छात्रों के लिए
9 February 2019
मुंबई। भारत के सुप्रसिद्ध बिज़नेस स्कूल जमनालाल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज (JBIMS),द्वारा एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन चर्चगेट में स्थित अपने कॉलेज ऑडिटोरियम में रक्खा गया था।जहाँ पर होनहार और आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को उनकी उच्चतर शिक्षा में आर्थिक सहायता के लिए 'श्रीमती ज्योति द्धिवेदी मेमोरियल स्कॉलरशिप' एक वार्षिक छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) की घोषणा की गयी। २०१९ में प्रत्येक वर्ष दो मास्टर्स इन मैनेजमेंट स्टडीज (MMS) के छात्रों को 'श्रीमती ज्योति द्धिवेदी मेमोरियल स्कॉलरशिप' के तहत १,००,००० रुपये (एक लाख रुपये) प्रत्येक को दिए जाएंगे।ये स्कॉलरशिप, प्रथम वर्ष में छात्रों द्वारा प्राप्त किए गए अंकों तथा उनके परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर दूसरे वर्ष में उनके शैक्षिक शुल्क के खर्च पूरे करने के लिए प्रदान की जाएगी।यह स्कॉलरशिप की यह राशि JBIMS के १९९३ के बैच के पास हुए निमिष द्धिवेदी द्वारा प्रदान की गयी और आगे भी दी जायेगी।इस वर्ष यह स्कॉलरशिप ऋतुजा धारकर और भीमसिंह राजपुरोहित को प्रदान की गई है। इस अवसर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कॉलेज की निदेशक डॉ. कविता लघाटे ने कहा,"स्कॉलरशिप के माध्यम से प्रतिभाशाली छात्रों को दिए जाने वाले सहयोग हेतु हम हमारे भूतपूर्व छात्र श्री निमिष द्धिवेदी के बहुत आभारी है। मुझे विश्वास है कि इस पुरस्कार द्वारा छात्र निश्चित रूप से प्रोत्साहित होंगे और भविष्य में अधिकाधिक उपलब्धियां हासिल करने के लिए प्रयास करेंगे।" निमिष द्धिवेदी, उपभोक्ता मार्केटिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र के अनुभवी व्यक्ति हैं,जिन्होंने भारत, जापान, हांगकांग, सिंगापुर, दुबई में रहकर काम किया है और अब वियतनाम में रहते हैं।निमिष द्धिवेदी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा,"मेरी स्वर्गीय माताजी की पुण्यस्मृति में यह स्कॉलरशिप स्थापित करने के लिए मैं डॉयरेक्टर तथा अपने बिजनेस स्कूल का कृतज्ञ हूं। मैं अपने वर्तमान कैरियर तथा सफलताओं का श्रेय जमनालाल बजाज इंस्टिट्यूट को देता हूं।मैं केवल इनकी वजह से में शिक्षा प्राप्त कर सका था क्योंकि मेरी स्वर्गीय माताजी का उच्च शिक्षा की शक्ति में दृढ़ विश्वास था और वे उन्नीस सौ साठ के दशक में गुजरात में अपने गृहनगर से स्नातक करने वाली प्रथम महिला थीं।"


कॅरियर अवसर मेले केवल औपचारिकता नहीं बनें, रोजगार भी दिलवायें
29 January 2019
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने आज यहाँ स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना के तहत दो-दिवसीय कॅरियर अवसर मेले का शुभारंभ करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा और रोजगार एक बड़ी चुनौती है। देश उन्नतशील है, परंतु रोजगार घट रहा है। यह विसंगति दूर करना सबकी संयुक्त जिम्मेदारी है। माँग और आपूर्ति में समन्वय आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कॅरियर मेले केवल औपचारिका बनकर नहीं रह जायें। इससे ठोस धरातल पर बेरोजगारों को रोजगार भी दिलवायें। श्री पटवारी ने कहा कि हमें देखना होगा कि उच्च शिक्षा का पाठ्यक्रम आज की प्रतियोगी प्रतिस्पर्धा को पूर्ण करता है या नहीं? इस व्यवस्था में बदलाव लाना जरूरी है। कॅरियर मेले के मार्गदर्शन से विद्यार्थियों को सही दिशा मिलेगी। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशानुसार शहरी बेरोजगारों को मनरेगा की तर्ज पर युवा स्वाभिमान योजना से एक वर्ष में 100 दिवस का रोजगार सुनिश्चित करने के लिये नीति तैयार की जा रही है। प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा श्री नीरज मण्डलोई ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं के पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रमों में शामिल किये जाने की आवश्यकता है। इस सोच पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन का प्रयास है कि विद्यार्थियों को महँगी कोचिंग के लिये परेशान नहीं होना पड़े। सामान्य परिषद की बैठक सम्पन्न उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी की अध्यक्षता में आज उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान, भोपाल की सामान्य परिषद की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कन्या छात्रावास के मैनेजर एवं परिचारक के मानदेय वृद्धि, मानसेवी शिक्षकों के मानदेय, संस्थान में आउटसोर्सिंग सेवाएँ तथा सत्र 2019-20 से बीएससी फॉरेंसिक साइंस, बी.कॉम. कम्प्यूटर एप्लीकेशन और बी.कॉम. टेक्सेशन के विषय के अतिथि शिक्षकों के मानदेय तथा पाठ्यक्रम के नियमित संचालन पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान की प्रभारी संचालक डॉ. मीरा पिंगले तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। मेले का आयोजन उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान तथा सरोजनी नायडू शासकीय कन्या महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। आज मेले में संस्थान परिसर में लगभग 70 स्टॉल लगाये गये। दो-दिवसीय कॅरियर मेले में वर्धमान, ल्यूपिन, अज़ीज़ प्रेमजी, जोमेटो जैसी बड़ी कम्पनियाँ सहभागिता कर रही हैं।

एफटीआईआई और एसआरएफटीआई की फैकल्टीज ने युवाओं को सिखाए फिल्म निर्माण के गुर भोपाल में एफटीआईआई का 'एडमिशन 2019' सेमिनार संपन्न
27 January 2019
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई), पुणे और सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एसआरएफटीआई), कोलकाता में नामांकन के इच्छुक युवाओं को पीआईबी, भोपाल के सभाकक्ष में रविवार को आयोजित सेमिनार में FTII और SRFTI की फैकल्टीज श्री ललित तिवारी और श्री श्यामल कर्माकर व FTII की एलुमिनी सुश्री राजुला शाह ने फिल्म और टेलिविजन के विविध आयामों से परिचित कराया। सेमिनार ‘एडमिशन 2019’ को संबोधित करते हुए श्री ललित तिवारी ने कहा कि FTII और SRFTI देश स्तर पर ही नहीं बल्कि विश्व स्तर के प्रसिद्ध फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान हैं। श्री तिवारी ने उपर्युक्त दोनों संस्थानों में नामांकन के लिए आगामी 24 फरवरी को आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JET) के बारे में पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के जरिए विस्तार से बताया और इस बारे में छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का बखूबी जवाब दिया। उन्होंने सिनमैटोग्राफी की विधा पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। SRFTI, कोलकाता में संपादन विभाग के प्रमुख प्रो. श्यामल कर्माकर ने कहा कि प्रवेश परीक्षा में सफलता पाने के लिए जरूरी है कि आप खुद की क्षमता को पहचाने और अपनी क्रिएटीविटी को बेहतर तरीके से एक्सप्रेस करें। उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा में सफलता के लिए आप किस परिवेश से आते हैं और आप कौन सी भाषाएं जानते हैं, इस बात का कोई असर नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि आप सिर्फ ग्लैमर की वजह से फिल्म और टेलिविजन कोर्स से ना जुड़ें। श्री कर्माकर ने कहा कि सिनेमैटोग्राफी, एडिटिंग, स्क्रीनप्ले, आर्ट डाइरेक्शन और साउंड जैसे तकनीकी विधाएं भी काफी महत्वपूर्ण हैं, आपको इसके बारे में भी सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माण का कार्य पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। श्री कर्माकर ने कहा कि FTII और SRFTI में अन्य संस्थानों की तुलना में फीस कम है और आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप की भी व्यवस्था है। FTII की एलुमिनी सुश्री राजुला शाह ने कहा कि अच्छी फिल्म बनाने के लिए सिर्फ बजट ही सिर्फ महत्वपूर्ण नहीं है। आज के समय में कम बजट में भी अच्छी फिल्में बनाई जा सकती हैं, बस आपके पास अच्छे आइडियाज होने चाहिए। समय के साथ फिल्म निर्माण की तकनीक भी बदली है और फाइनेंस के तरीके भी। उन्होंने कहा कि कोर्स ज्वाइन करने से पहले खुद से सवाल करें कि कौन सा कोर्स आपके लिए ज्यादा उपयुक्त है, वही कोर्स ज्वाइन करें। सेमिनार में मध्य प्रदेश ‘माध्यम’ के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी प्रो. पुष्पेंद्र पाल सिंह और वरिष्ठ पत्रकार श्री मनोज कुमार सहित भोपाल एवं मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए युवाओं ने बढ़चढ़कर भाग लिया और फिल्म निर्माण से संबंधित अपनी जिज्ञासाओं को एक्सपर्ट के सामने रखा।
फोटो के कैप्शंसः
1. पीआईबी, भोपाल के सभाकक्ष में रविवार को आयोजित सेमिनार ‘एडमिशन 2019’ को संबोधित करते हुए FTII के प्रोफेसर श्री ललित तिवारी।
2. पीआईबी, भोपाल के सभाकक्ष में रविवार को आयोजित सेमिनार ‘एडमिशन 2019’ को संबोधित करते हुए SRFTI के प्रोफेसर श्री श्यामल कर्माकर।
3.पीआईबी, भोपाल के सभाकक्ष में रविवार को आयोजित सेमिनार ‘एडमिशन 2019’ को संबोधित करती हुईं FTII की एलुमिनी सुश्री राजुला शाह।
4. पीआईबी, भोपाल के सभाकक्ष में रविवार को आयोजित सेमिनार ‘एडमिशन 2019’ में मध्य प्रदेश ‘माध्यम’ के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी प्रो. पुष्पेंद्र पाल सिंह और वरिष्ठ पत्रकार श्री मनोज कुमार सहित भोपाल एवं मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए युवाओं ने बढ़चढ़कर भाग लिया।


युवाओं में एकता और अनुशासन के साथ नेतृत्व के भी गुण विकसित करती है एन.सी.सीः लेफ्टिनेंट जनरल, पी.पी. मल्होत्रा, महानिदेशक, एन.सी.सी.।
20 November 2018
नेशनल कैडेट कॉर्प्स(एन.सी.सी.) के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल, पी.पी.मल्होत्रा ने मंगलवार 20, नवम्बर को भोपाल के सलैया क्षेत्र में चल रहे एन.सी.सी., मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ. के प्री आर.डी.सी. और सी.ए.टी.सी. कैम्प का निरीक्षण किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में एन.सी.सी. कैडेटस ने अपने महानिदेशक को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के 78 जिलों की माटी और नौ नदियों के जल को “एकता की माटी और एकता के नीर” के रूप में सौंपा। एकता की यह माटी और नीर आगामी 25 नवम्बर को एन.सी.सी. के स्थापना दिवस के अवसर पर राज्यपाल महोदया को सौंपा जायेगा। एन.सी.सी. के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल, पी.पी.मल्होत्रा ने कैम्प में शामिल कैडेट्स को सम्बोधित करते हुये कहा कि एन.सी.सी. युवाओं में एकता और अनुशासन के साथ जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व क्षमता के साथ देशसेवा के लिए सशस्त्र सेनाओं में जाने की काबिलियत भी पैदा करती है। एन.सी.सी. कैडेट्स जीवन के हर क्षेत्र में अपनी समर्पित सेवाओं और सकारात्मक नजरिये के चलते सफलता की नई इबारते लिखते हैं। कार्यक्रम में एन.सी.सी के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अपर महानिदेशक, मेजर जनरल एन. के.दत्ता, एन.सी.सी. ग्रुप हेडक्वार्टर भोपाल के कमांडर ब्रिगेडियर अनिल हुड्डा सहित वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, एन.सी.सी. ऑफिसर और एन.सी.सी. कैडेट्स उपस्थित थे।
1 जनवरी से शुरू होगा - श्रेष्ठ-100
19 November 2018
हर साल की सिविल सेवा परीक्षा में हिन्दी माध्यम से चयनित होने वाले युवाओं की संख्या लगातार कम होती जा रही है । सफल होने वाले कुल प्रतियोगियों में हिन्दी माध्यम के प्रतियोगी की संख्या अब मुश्किल से 4 % ही होती है । जबकि लाखों लोग अब भी हिन्दी माध्यम से ही ये परीक्षा दे रहे हैं । हिन्दी माध्यम से कम होते जा रहे सलेक्शन के कारण पूरे उत्तर भारत खास तौर पर ग्रामीण पृष्ठभूमि के युवाओं में जबर्दस्त निराशा का भाव है । और अब वो आईएएस छोडकर दूसरी परीक्षाओं की तैयारी करने लगे हैं । जिसके कारण ना केवल देश की इन सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में ना केवल हिन्दी माध्यम बल्कि उत्तर-भारतीय लोगों का प्रतिनिधित्व भी कम होता जा रहा है हिन्दी मीडियम की इसी समस्या का समाधान ढूँढने के उद्देश्य से 'सिविल सर्विसेज क्लब' 1 जनवरी से एक मिशन शुरू करने जा रहा है । जिसके अंतर्गत अगले 2 सालों में हिन्दी माध्यम से आईएएस एक्जाम में 100 सलेक्शन कराना है । ताकि हिन्दी माध्यम के युवाओं की हीं भावना दूर की जा सके व उन्हें इस परीक्षा में सफल होने का रास्ता दिखाया जा सके । इस मिशन के तहत चलाये जा रहे पहले बैच में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है । सबसे पहले 2 जून 2019 को होने जा रही 'सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा -2019' को लक्ष्य बनाया गया है । इस परीक्षा के लिए क्लब प्रयोगिक तौर पर हिन्दी माध्यम के केवल 60 लोगों को प्रवेश देगा और उन सबको प्रारंभिक परीक्षा में सफल कराने की रणनीति पर काम करेगा । 1 जनवरी से शुरू हो रहे 'श्रेष्ठ-100' मिशन में प्रवेश 25 नवंबर को सुबह 7 बजे होंगे । सबसे पहले पहुँचने वाले केवल 60 युवाओं को ही इस साल इस कोर्स में प्रवेश दिया जाएगा ।
'श्रेष्ठ-100 मिशन' क्या है
मिशन का नाम - श्रेष्ठ- 100 किसने शुरू किया है - सिविल सर्विसेज क्लब क्या लक्ष्य है - 2020 तक हिन्दी माध्यम के 100 युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा में सफल कराना इस मिशन में प्रवेश दिया जाएगा - 2019 में केवल 60 युवाओं को प्रवेश किस दिन दिया जाएगा - 25 नवंबर 2018 को
क्या रणनीति होगी
- मिशन के पहले साल हिन्दी मीडियम से पढे केवल 60 युवाओ को लिया जाएगा, ये युवा कोई भी हो सकते हैं इसलिए इनके लिए कोई चयन प्रक्रिया नहीं होगी - सबसे पहले इन 60 युवाओं का गहन मनोवैज्ञानिक परीक्षण कर उनके 'लर्निंग मॉडल' को समझा जाएगा और उसके अनुरूप उनकी व्यक्तिगत रणनीति बनाई जाएगी - फिर उन सबको 2 सप्ताह के एक विशेष मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण से गुजरना होगा जिसका उद्देश्य होगा इन युवाओं का बौद्धिक पुनर्जीवन । ताकि उनके मन का डर,हताशा व आलस्य को दूर किया जा सके, और उन्हें मिशन मोड पर लाया जा सके - फिर उनकी हिन्दी सुधारने के लिए 3 महीने का विशेष 'भाषा-प्रशिक्षण कार्यक्रम' शुरू किया जाएगा । ताकि वे पूरे आत्मविश्वास के साथ हिन्दी में पढ़ सके,समझ सकें,सोच सके,बोल सकें व अपने विचार व्यक्त कर सकें । - शहरी और आभिजात्य वर्ग के युवाओं की बढ़त को ध्यान में रखते हुए हिन्दी माध्यम के इन युवाओं के लिए एक 'ग्लोबल ग्रेजुएट प्रोग्राम' भी चलाया जाएगा - पाँच महीने के इस कोर्स में उन्हें सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल विषय को रोचक अंदाज में पढ़ाया जाएगा ताकि ये विषय उनकी सोच का हिस्सा बन सकें - साथ ही पिछले सालों में सिविल सेवा परीक्षा के बदलते एप्रोच के अनुरूप उन्हें परीक्षक के मन को पढ़ने व हर प्रश्न की 'कोर-क्वेश्चनिंग' को समझने की ट्रेनिंग दी जाएगी मिशन में प्रवेश होंगे - 25 नवंबर 2018 को सुबह 7 बजे, सिविल सर्विसेज क्लब स्टडी सेंटर पर

IAS टॉपर तपस्या परिहार का संबोधन
08 July 2018
इस साल मध्यप्रदेश से आईएएस एग्जाम में टॉप करने वाली 'तपस्या परिहार' ने आज सेंट्रल लाइब्रेरी में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले शहर के युवाओं से बात की । सिविल सर्विसेज क्लब द्वारा आयोजित इस वर्कशॉप में लगभग 400 प्रतियोगियों ने भाग लिया । तपस्या ने उन्हें अपनी सफलता की कहानी सुनाई और उन्हें आगाह किया कि वे सिविल सेवा की तैयारी के लिए भेड़चाल में ना चलें । बल्कि तैयारी करने का अपना तरीका विकसित करें व उसपर पूरा भरोसा करें ।
आज के कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है कार्यक्रम का नाम - IAS टॉपर से मिलें वक्ता - तपस्या परिहार (IAS 2017 एग्जाम में पूरे देश में 23 वां व मध्यप्रदेश में पहला स्थान पाने वाली मूलतः नरसिंहपुर के एक छोटे से गाँव की एक किसान परिवार की बेटी) दिनांक - 8 जुलाई 2018 स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल आयोजक - सिविल सर्विसेज क्लब
आज के कार्यक्रम में तपस्या ने क्या कहा मैंने अपनी स्कूलिंग नरसिंहपुर से की है, 12th क्लास पास करने के बाद मुझे ये भी पता नहीं था कि मेरे पास क्या क्या कैरियर ऑप्शन हैं और मेरा व्यक्तित्व किस करियर के लिए ठीक है, इसलिए सबकी तरह मैंने JEE की कोचिंग में एडमिशन ले लिया था । इंजीन्यरिंग कठिन लगी तो लॉं में एडमिशन लिया - JEE की कोचिंग में मुझे 4-5 दिन में ही ये एहसास हो गया था कि इंजीनियरिंग मेरे बस की बात नहीं है । इसलिए मैंने लॉं में एडमिशन ले लिया । लॉं करना था पर CLAT का नाम भी नहीं सुना था - पापा के एक दोस्त ने मेरे स्वभाव को देखकर मुझे लॉं कराने की सलाह दी पर सच बताऊँ मुझे तब ये पता नहीं था कि लॉं करने के लिए CLAT नाम का कोई एग्जाम देना होता है इसलिए मैंने एक ऐसे कॉलेज में एडमिशन लिया जहां केवल मेरिट के आधार पर एडमिशन मिल जाता था कॉलेज की ग्रूमिंग ने बनाया आईएएस - कॉलेज की पढ़ाई करने जब में पूना गयी तब मुझे पता चला कि दुनिया में और कितनी चीज़ें हैं सीखने के लिए और बड़े शहरों से पढ़ कर आए मेरे क्लास्मेट्स को मुझसे कितना ज्यादा आता है । मैंने तभी पढ़ाई के साथ साथ खुद को एक बड़े शहर के बच्चे की तरह ग्रूम करना शुरू किया और हर संभव एक्टिविटी में भाग लेकर अपने एक्सपोजर व स्किल्स को बेहतर करने लगी । कॉलेज में हुई मेरी इसी ग्रूमिंग ने मुझे IAS बनने में सबसे ज्यादा मदद की लीगलएड क्लीनिक में काम करके IAS बनने का विचार आया - मैं कॉलेज की लीगलएड क्लीनिक में काम करती थी जहां लोगों को उनके अदालती मामलों में निःशुल्क सलाह दी जाती थी । वहाँ काम करते हुए मुझे लगा कि कानूनी सलाह देकर में लोगों की केवल तब मदद कर पाती हूँ जब वो किसी मुसीबत में फस जाते हैं । क्योंकि ना ऐसा काम किया जाये जिससे लोग मुसीबत में फँसे ही ना और फिर मेरे दिमाग में IAS बनने का ख्याल आया कॉलेज में पढ़ते समय IAS की तैयारी ना करें - क्योंकि ऐसा करने से आप दोनों तरफ से नुकसान उठाते हैं ना तो आप कॉलेज अच्छे से कर पाते हैं और ना ही आप ढंग से आईएएस की तैयारी कर पाते हैं इसलिए जब तक कॉलेज में हैं आईएएस के लिए कोई कोचिंग या पढ़ाई ना करें तैयारी के लिए दिल्ली जाना जरूरी नहीं - मैं खुद कॉलेज खत्म होते ही दिल्ली चली गयी थी और वहाँ जाकर समझी कि यहाँ कोचिंग्स में ऐसा कुछ नहीं पढ़ाते जो हम अपने शहर में अपने घर पर बैठकर नहीं पढ़ सकते । ऊपर से दिल्ली के माहौल में इतना प्रेशर है कि आप नॉर्मल नहीं रह पाते कोचिंग की वजाय मेंटर ढूंढिए - कोचिंग के पीछे पागल होने की वजाय अपने लिए एक ऐसा मेंटर ढूंढिए जो आपको समझता हो और जिसके पास आपके लिए समय हो । क्योंकि कोचिंग जाना केवल समय की बरबादी है । तैयारी आपको खुद ही करनी पड़ती है बस जरूरत पढ़ने पर आपके आस पास एक मेंटर का होना जरूरी है
IAS की तैयारी के लिए ये 4 चीज़ें हैं जरूरी दृणनिश्चय (Conviction) धैर्य आनंद ईमानदारी मेरी सबसे बड़ी कमजोरी - मैंने अपने स्कूल में केवल किताबी पढ़ाई की । जबकि इस परीक्षा में सफलता के लिए किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा महत्व नहीं रखता खुद को एक या दो साल मत दो - ज़्यादातर तैयारी करने वाले खुद को एक समयसीमा से बांध लेते हैं जिसके कारण वे बहुत दबाव में आ जाते हैं । मेरा मानना है कि आपको ये तय नहीं करना चाहिए कि आपको एक अटेम्प्ट देना है या दो । तय ये करो कि मुझे आईएएस बनना है या नहीं कभी एग्जाम में सफल होने के लिए मत पढ़ो - आईएएस का सिलेबस इतना बड़ा है कि अगर आपने इसे सिलेबस समझकर पढ़ा तो आपका बोर होना तय है । इसलिए कभी भी एग्जाम के लिए नहीं बल्कि दुनिया को जानने के लिए पढ़ो और अपनी पढ़ाई को हमेशा एंजॉय करो सिलेबस को अपनी ज़िंदगी के साथ जोड़ो - आईएएस का पूरा सिलेबस आपकी ज़िंदगी से गहरे जुड़ा हुआ है । इसलिए आप हर दिन उस सिलेबस को जीते हैं । अगर हम इस सिलेबस को अपनी ज़िंदगी से जोड़कर देखेंगे तो हम दूसरे से बेहतर उत्तर लिख पाएंगे

ग्रेजुएट ग्रूमिंग वर्कशॉप' की पाँचवाँ दिन
23 Jun 2018
ग्रेजुएट ग्रूमिंग वर्कशॉप के पांचवें दिन आज 'स्पीकिंग स्किल' पर चर्चा हुई । लगभग 3 घंटे चली इस वर्कशॉप में आर जे अनादि ने अपने लाइफ एक्सपीरियंस से जोड़कर युवाओं को स्पीकिंग स्किल के प्रैक्टिकल आस्पेक्ट्स समझाये । जिसमें मुख्य रूप से उन्होने स्पीकर माइंड सेट,प्री परफॉर्मेंस तैयारी वॉइस मोड्यूलेशन व कंटैंट पार्ट पर चर्चा की । सिविल सर्विसेज क्लब द्वारा आयोजित की गयी इस वर्कशॉप में आज प्रदेश भर से आए लगभग 200 युवाओं ने भाग लिया
आज की वर्कशॉप का विवरण इस प्रकार है वर्कशॉप का नाम - ग्रेजुएट ग्रूमिंग वर्कशॉप कब से कब तक - 19 जून से 28 जून 2018 स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल आयोजक - सिविल सर्विसेज क्लब वर्कशॉप का पाँचवाँ दिन - 23 जून 2018 थीम - स्पीकिंग स्किल मेंटर - मशहूर रेडियो जोकी 'अनादि'
अनादि ने वर्कशॉप में क्या कहा बोलने से सब डरते हैं - ये इंसानी स्वभाव है कि हम दूसरे के सामने कुछ बोलने से डरते हैं क्योंकि हम खुद को बहुत छोटा और सामने वाले को बहुत बड़ा इंसान मानते हैं । जिस दिन आप खुद को समझ जाते हैं उस दिन से आपको स्टेज पर जाने में डर नहीं लगता कंटेन्ट से ज्यादा जरूरी है कनेक्ट - जब भी हम किसी स्पीच की तैयारी करते हैं तो हम केवल कंटेन्ट पर ध्यान देते हैं, और उसपर घंटो रिसर्च करते हैं । हम ये नहीं सोचते कि मैं अपने आडियन्स से कनेक्ट कैसे करूंगा । क्योंकि अगर आपका आडियन्स आपसे कनेक्ट नहीं कर पाया तो आपका कंटेन्ट कितना भी अच्छा क्यों ना हो आपकी स्पीच कोई नहीं सुनेगा अपने आडियन्स से प्यार करो - हम जिससे भी बात करें उस व्यक्ति से प्यार करें, उकसे अस्तित्व को स्वीकारें, उसको महत्वपूर्ण समझे और उससे प्यार करें , ताकि हमें लगे कि उस व्यक्ति को मेरी बात समझना कितना जरूरी है । क्योंकि जिस व्यक्ति को आप महत्वपूर्ण नहीं मानते वो अगर आपकी बात नहीं भी समझेगा तो उससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ेगा दिल की भाषा चुनो, दिमाग की नहीं - आजकल हम सब 2-3 लैंगवेज़ जानते हैं इसलिए ये तय करना मुश्किल होता है कि हम अपनी बात कहने के लिए किस भाषा को चुनें । मेरा मानना है कि आपको हमेशा अपनी दिल की भाषा चुननी छाइए ना कि दिमाग की भाषा । दिल की भाषा वो होती है जो नैचुरली हमारे मुंह से निकलती है जिसे बोलने के लिए हमें दिमाग का इस्तीमाल नहीं करना पड़ता । वो लैंगवेज़ जिसमें आप हँसते हैं, रोते हैं, सपने देखते हैं, चीखते हैं और प्यार जताते हैं वही आपके दिल की लैंगवेज़ है अजनबियों से बातें करो - अगर आप सच में बोलना सीखना चाहते हैं तो हर दिन किसी एक अजनबी से बात करें , अजनबी अर्थात वो व्यक्ति जो नहीं जानता कि आप कौन हैं या आपका कितना बड़ा नाम है । क्योंकि हर नए व्यक्ति को अपनी बात समझाने में आपको बहुत मेहनत करनी पड़ती है जिससे आपमें नयी नयी स्पीकिंग कैपेबिलिटीज़ डवलप होती हैं स्टेज पर दिमाग बंद हो जाए तो - स्टेज पर बोलते समय अधिकांश लोगों का दिमाग बंद हो जाता है इस मुसीबत से बचने का एक ही तरीका है कि आप अपने आडियन्स की आँखों में झाँको आपको उसमें अपनी स्पीच के लिए आगे की स्क्रिप्ट दिख जाएगी बोलते समय क्या याद रखें - कभी भी अपनी स्पीच रटकर ना जाएँ, ना ही उस स्पीच के कोई पॉइंट्स । जब भी बोलने जाएँ बस एक बात अपने दिल को अच्छे से समझा दें कि आप अपनी स्पीच का रिजल्ट देखना चाहते हो । रिजलत पर फोकस करोगे तो कभी बोलने के लिए पॉइंट्स कम नहीं पड़ेंगे कॉन्फ़िडेंस बोलता है आपका ज्ञान नहीं - जब भी आप बोलना शुरू करते हो तो आडियन्स आपको सबसे पहले आपका कॉन्फ़िडेंस देखता है । अगर आपमें कॉन्फ़िडेंस दिख रहा होगा तो आप जो भी कहोगे वो ध्यान से सुनेगा नहीं तो आप पूरे गूगल का ज्ञान भी बघार दो लोगों को आपकी बात पर भरोसा नहीं होगा अपना हैप्पी मोमेंट खोजो - स्टेज पर जाने से पहले सब नर्वस होते हैं ,इससे उबरने का एक ही तरीका होता है और वो है - अपने हैपी मोमेंट्स याद करो । वो हर चीज़ जिसके बारे में सोचकर आपको खुशी मिलती है वो आपका हैपी मोमेंट है । लोगों के बीच जाओ - अगर आप अपने स्पीच से लोगों पर असर डालना चाहते हो तो आपके लिए ये जरूरी है कि आप उनके सोचने समझने का तरीका समझो और इसके लिए जरूरी है कि आप उनके बीच जाओ और उन्हें बारीकी से ऑबजर्व करो । जब तक आप उनकी खुशी,उनके डर, उनकी महत्वाकांक्षा व उनके डर को नहीं समझोगे तब तक आपकी बातें उनके दिल को नहीं छुएंगी अपनी लैंगवेज़ को फिल्टर करो - आजकल लोगों का भाषा का स्तर बहुत नीचे चला गया है । जाने -अनजाने में आजकल लोग ऐसे शब्द इस्तेमाल करने लगे है जो दूसरों के सम्मान के खिलाफ होते हैं । चूंकि हम इसी स्तरहीन भाषा के बीच रहते हैं इसलिए हमें चाहिए कि हम हर दिन अपनी भाषा पर गौर करें औरे उसे नियमित स्तर पर फिल्टर करते रहें ताकि ये गंदे शब्द हमारी भाषा का हिस्सा ना बन जाएँ ये भाषायी कंगाली का दौर है - आजकल लोगों के पास इतने शब्द हैं कि वे हर जगह गिने चुने 100-150 शब्दों का ही प्रयोग करते दिखेंगे । और इस कारण कई बार उनकी बातें अर्थ का अनर्थ कर देती है । ऐसा इलसिए हुआ क्योंकि हमने स्तरीय किताबें पढ्न बंद कर दिया । मेरा सुझाव है कि हर दिन कुछ नया पढ़िये ताकि आपकी भाषा में बासापन ना झलके बोलने से ज्यादा सुनना सीखो - यदि आप एक घंटे बोलना चाहते हैं तो कम से कम तीन घंटे स्तरीय वक्ताओं को सुनो । क्योंकि जब हम किसी को सुनते हैं तो हमें एक ही बात को कहने के कई नए तरीके मिल जाते हैं और हमारी भाषा शैली रिफ्रेश हो जाती है तकिया कलाम डिलीट करो - अधिकांश व्यक्ति बोलते समय कोई ना कोई टाकिया कलाम इस्तेमाल करता है । ये कलाम एक तरीके के तकिये होते हैं जिन पर आप सुस्ता सुस्ता कर बोलते हैं । पर ये एक तो आपकी स्पीच के प्रभाव को खत्म कर देते हैं दूसरा आपके डर को भी व्यक्त करते हैं । मैं चहुंगी कि जितनी जल्दी हो सके इनसे निजात पा लें
ग्रेजुएट ग्रूमिंग वर्कशॉप में आखिरी 3 दिन छठवाँ दिन - 26 जून 2018 (मंगलवार) थीम - साइकोलोजिकल फ्लेक्सिबिल्टी (खुद को नयी परिस्थियों में कैसे ढालें) मेंटर - डॉ नूरजहां खान (प्रख्यात मनोवैज्ञानिक ) सातवाँ दिन - 27 जून 2018 (बुधवार) थीम - क्विजिंग स्किल (मुश्किल पहेलियों को कैसे सुलझाएँ ) मेंटर - हर्ष गगरानी (लोकप्रिय क्विज मास्टर, लेखक व ट्रेनर) आठवाँ दिन - 28 जून 2018 (गुरुवार) थीम - इंटेरनेशनल सिनेमा

सांसद शिक्षा योजना में 100 बच्चे करेंगे सिविल सर्विस की तैयारी
15 Jun 2018
भोपाल। प्रतिभाशाली छात्र को सही मार्गदर्शन मिले तो आईएएस या आईपीएस बनना बड़ी बात नहीं है। समाज के गरीब बच्चे पैसों की कमी के चलते बड़े संस्थानों में प्रवेश नहीं ले पाते हैं। भोपाल क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद श्री आलोक संजर ने प्रतिभावान गरीब बच्चों के सपनों को पूरा करने का बीड़ा उठाया है। लोकसभा क्षेत्र के सौ बच्चों का चयन कर सांसद शिक्षा योजना के माध्यम से देश के प्रख्यात कोचिंग सेंटर में निशुल्क पढ़ाई करने की सुविधा दी जाएगी। कार्यक्रम की शुरुआत माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को समन्वय भवन में करेंगे। इस प्रकार होगा चयन समन्वय भवन में सोमवार को दिल्ली से एक्सपर्ट सुबह 12:00 बजे से 4 घंटे बच्चों को पढ़ाएंगे। शाम 4:00 बजे प्रतिभागी बच्चों का 30 वैकल्पिक प्रश्नों का पेपर होगा जिसका परिणाम 2 दिन बाद घोषित किया जाएगा। एक्सपर्ट टीम में वर्ष 2017 में यूपीएससी टॉपर श्री अनिरुद्ध कुमार, दीक्षांत आईएएस संस्थान के डायरेक्टर एसएस पांडे, सिविल सर्विस कोचिंग क्लास के पितामह कहे जाने वाले श्री अशोक सिंह और प्रतिज्ञा आईएएस अकादमी के डायरेक्टर तथा कार्यक्रम संयोजक श्री अनिल उपाध्याय होंगे। लिखित परीक्षा में पास हुए बच्चों का विषय विशेषज्ञों द्वारा इंटरव्यू भी लिया जाएगा। बच्चे यहां करेंगे पढ़ाई सांसद शिक्षा योजना में पास हुए प्रतिभागी भोपाल और दिल्ली के कोचिंग सेंटर में 8 माह तक फ्री सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करेंगे । दिल्ली में 50 बच्चे दीक्षांत आईएएस इंस्टिट्यूट में वहीं दूसरे 50 बच्चे भोपाल के प्रतिज्ञा आईएएस इंस्टिट्यूट में अपना भविष्य बनाएंगे। कोचिंग के दौरान प्री, मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी एक्सपर्ट द्वारा करवाई जाएगी।
1 जून से शुरू होगी 'वर्ल्ड हिस्ट्री मैराथन'
28 May 2018
आजकल बच्चों में हिस्ट्री पढ़ने का क्रेज़ बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है । चाहे स्कूलों के टॉपर्स हों या सिविल सेवा के प्रतियोगी -सभी अपने पसंदीदा विषय के रूप में हिस्ट्री को ही चुनने लगे हैं । पर फिलहाल हमारे पास उपलब्ध एनसीईआरटी या कॉलेज टेक्स्ट बुक्स इन हिस्ट्री लवर्स के साथ न्याय नहीं कर पातीं । कारण - इन सबका सिलेबस बहुत कम और बहुत बेसिक स्तर का है । दुनिया के ज़्यादातर देश अपने स्टूडेंट्स को ग्लाबल सिटिज़न बनाने के लिए जहां अपने सिलेबस में विभिन्न देशों का इतिहास पढ़ाते हैं वहीं भारत के स्कूल व कॉलेज अभी भी केवल भारत का इतिहास ही पढ़ा रहे हैं और वो भी बहुत ही बोरिंग अंदाज में । इसी कमी को ध्यान में रखते हुए भोपाल के हिस्ट्री लवर्स के लिए 'सिविल सर्विसेज क्लब ने पिछले दिनों एक हिस्ट्री सोसाइटी शुरू की है । द हिस्ट्री डॉसियर नामक इस सोसाइटी का उद्देश्य इंडिया के हिस्ट्री लवर्स को दुनिया भरा की हिस्ट्री कम्युनिटीज़ से जोड़ना व उनमें वैश्विक नागरिक के लिए जरूरी इतिहास की निष्पक्ष समझ विकसित करना है । फिलहाल देश भर के 3000 हिस्ट्री लवर्स इस सोसाइटी से जुड़ चुके हैं । द हिस्ट्री डॉसियर द्वारा इस समर वैकेशन में स्टूडेंट्स को कुछ नया पढ़ाने के लिए "वर्ल्ड हिस्ट्री मैराथन' शुरू की जा रही है । इस मैराथन में 30 दिनों में 30 ऑनलाइन क्विजेस आयोजित की जाएंगी , जिनमें देश का कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है । सोसाइटी ने अपनी पहली एक्टिविटी के लिए 'विश्व इतिहास' इसलिए किया है क्योंकि ये विषय हमारे स्कूल व कॉलेज के हिस्ट्री सिलेबस में लगभग ना के बराबर है । जबकि आज की दुनिया को समझने के लिए हर देश का इतिहास समझना बहुत जरूरी है । वर्ल्ड हिस्ट्री मैराथन के लिए पूरी दुनिया के इतिहास को कुल 30 टॉपिक में बाँटा गया है । प्रतिभागियों को उस दिन के लिए पहले से निर्धारित टॉपिक को दिन भर पढ़ना है । हर दिन शाम को 7 बजे, हिस्ट्री डॉसियर के फेसबुक ग्रुप पर एक क्विज आयोजित की जाएगी , जिसमें उस दिन के लिए निर्धारित विषय पर 20 प्रश्न पूंछे जाएँगे । ये सभी प्रश्न इंग्लिश में होंगे । सबसे पहले सबसे ज्यादा सही जवाब देने वाला इस क्विज का विजेता होगा । 30 दिनों में जो भी व्यक्ति सबसे ज्यादा क्विजेस जीतेगा उसे 6000/- रुपये का नगद पुरुसकार दिया जाएगा ।
द हिस्ट्री डॉसियर टीम संस्थापक - लक्ष्मी शरण मिश्रा (संस्थापक, सिविल सर्विसेज क्लब) कोर मेम्बर - यश दीक्षित (एक्सीलेंस कॉलेज के हिस्ट्री स्टूडेंट) कोर मेम्बर - शिवम चांडाक (एक्सीलेंस कॉलेज के हिस्ट्री स्टूडेंट) कोर मेम्बर - पल्लवी दुबे (एक्सीलेंस कॉलेज के हिस्ट्री स्टूडेंट)
वर्ल्ड हिस्ट्री मैराथन : एक नज़र में क्या है ये - ऑनलाइन क्विजेस की सीरीज कहाँ होगी - द हिस्ट्री डॉसियर के फेसबुक ग्रुप पर कब शुरू होंगी - 1 जून 2018 से कब तक चलेगी - 30 जून 2018 तक किस टाइम होगी - प्रतिदिन शाम 7 बजे कौन भाग ले सकता है - कोई भी व्यक्ति भाग लेने के लिए क्या करना होगा - प्रतिदिन शाम 7 बजे फेसबुक पर आना होगा उत्तर कैसे देंगे - प्रश्न पोस्ट होते ही कमेन्ट बॉक्स में उसका उत्तर लिखें कौन जीतेगा - जो सबसे पहले सबसे ज्यादा सही जवाब देगा जीतने पर क्या मिलेगा - 6000/- रुपये का नगद पुरुसकार कौन करवा रहा है ये - द हिस्ट्री डॉसियर कौन हैं ये लोग - ये भोपाल के हिस्ट्री लवर्स का ग्रुप है किसने बनाया है ये ग्रुप - सिविल सर्विसेज क्लब ने कौन लेगा क्विजेस - द हिस्ट्री डॉसियर के तीनों कोर मेम्बर (यश दीक्षित,शिवम चांडाक एवं पल्लवी दुबे)
क्विज का टाइम टेबिल इस प्रकार है 1 June - Mesopotamian and Egyptians civilization 2 June - Judaism 3 June - Greek Civilization 4 June - Persian civilization 5 June - Roman Empire 6 June - Christianity 7 June - Islam 8 June - Holy Roman Empire 9 June - History of England 10 June - Mongols 11 June - Renaissance and Reformation 12 June - U.S. war of Independence 13June - French Revolution 14 June - Napoleon Bonaparte 15 June - Unification of Italy and Germany 16 June - History of China 17 June - History of Japan 18 June - History of Russia 19 June - Industrial Revolution 20 June - History of Turkey 21 June - World War 1 22 June – The Great Depression 23 June - Nazism and Fascism 24 June - World War 2 25 June - History of Latin America 26 June - Cold war 27 June - History of Middle East 28 June - Post cold war history 29 June - History of Africa 30 June - South East Asian history

रिसर्च के माध्यम से भी मिल सकता हैं मीडिया में जॉब
23 May 2018
डिजिटल वर्ल्ड मीडिया के पारंपरिक स्वरुप को तेजी से बदल रहा हैं | प्रिंट मीडिया, टेलीविज़न और रेडियो में कंटेंट, प्रोडक्शन और वितरण - तीनों आयामों पर परिवर्तन हो रहा हैं| मीडिया का बाजार विस्तारित हो रहा हैं और मीडिया में रोजगार के नए-नए अवसर सामने आ रहे हैं| भारत में अब मीडिया रिसर्च भी एक ऐसा क्षेत्र हैं जिसमें स्किल्ड व्यक्तियों की आवश्यकता हैं| बड़े मीडिया घराने, विज्ञापन एजेंसीज, मार्केट और मार्केटिंग एजेंसीज, और अब राजनेता भी कम्युनिकेशन स्ट्रेटेजी और मीडिया प्लानिंग को लेकर रिसर्च करवा रहे हैं| ब्रांड मैनेजमेंट, ब्रांड प्रमोशन और ग्राहक की संतुष्टि को लेकर सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार और सर्वे करवाना आम बात हो गई है| सोशल मीडिया के लिए कंटेंट राइटिंग के साथ रिसर्च का ज्ञान होना जरुरी है| मीडिया के क्षेत्र में आने कुछ वर्षों में रिसर्चर के डिमांड बढ़ेगी| इस आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने रिसर्च के जरुरी ज्ञान के साथ, बहुआयामी, तकनीक के जानकर और संवाद कौशल में दक्ष प्रोफेशनल्स के लिए एम.एससी. (मीडिया रिसर्च) का पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है| विश्वविद्यालय के भोपाल और नोएडा स्थित कैंपस में यह पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहा है| आउटपुट ओरिएंटेड हैं कोर्स चार सेमेस्टर का एम.एससी. (मीडिया रिसर्च) का कोर्स पूरी तरह से आउटपुट ओरिएंटेड हैं और विद्यार्थी सैद्धांतिक के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त करते हैं| मीडिया की आधारभूत पढाई के अलावा उन्हें मीडिया रिसर्च और रिसर्च के अन्य आयामों से परिचित कराया जाता हैं| यह पाठ्यक्रम यूंजीसी से मान्यता प्राप्त है और जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन के नेट-जेआरएफ एवं पीएच.डी. प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने में बहुत सहायक है| कहां है रोजगार के अवसर मीडिया रिसर्च प्रोफेशनल्स को टेलीविजन चैनल्स, न्यूज चैनल्स, समाचार पत्र, प्राइवेट एफएम, विज्ञापन एजेंसीज, मीडिया एवं मार्केट रिसर्च, राजनीति में कार्यरत एजेंसी, कंज्युमर और प्रोडक्ट रिसर्च करने वाले कम्पनियों में कंटेंट एनालिस्ट, रिसर्च एसोसिएट और रिसर्च असिस्टेंट के रूप में जॉब मिल सकता। वेब साईट में शोध एनालिस्ट के रूप में रोजगार के अवसर उपलब्ध है। कैसे आवेदन करें दो वर्षीय एम.एससी. (मीडिया रिसर्च) माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवम संचार विश्वविद्यालय के भोपाल एव नोएडा परिसर में 15-15 सीट्स प्रवेश हेतु आनलाईन आवेदन करें – 26 May 2018 तक (https://mcrpv.mponline.gov.in) अहर्ता - किसी भी विषय में स्नातक प्रवेश परीक्षा - 10 जून 2018 को देश के चुनिंदा 14 शहरों में Web site www.mcu.ac.in, www.mcnujc.ac.in

लोगो डिजाइन कॉन्टेस्ट मे जीत सकते है रु 50,000

Our Correspondent :15 May 2018

अगर डिजाइनिंग मे आपकी रुचि है तो यह आपके लिए एक बेहतरीन मोका है | भारतनेट लोगो डिजाइन कॉन्टेस्ट डिपार्टमेन्ट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन /बीबीएनएल का इनिशिएटिव है जिसके तहत ऊमीद्वारों को भारतनेट के लिए लोगो डिजाइन करने का अवसर मिलेगा | चयनित लोगो को बीबीएनएल अपनी ओफिशियल स्टेशनरी ,वेबसाइट ,सोशल मीडिया आदि पर इस्तेमाल करेगा | इसके लिए आपको अपना लोगो जिसका कम से कम रेज्योलुशन 300 डीपीआई हो उसे माय जीओवी प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना होगा | इसके लिए इमेज किसी भी डिजिटल डिवाइस जिसमे स्मार्टफोन शामिल है से ली जा सकती है| इसे आपको वेबसाइट पर जेपीजी यो जेपीईजी फाइल फार्मेट मे सबमिट करना होगा ,लेकिन ये पूरी तरह से ऊमीदवासर का खुद का डिजाइन होना चाहिए | सबमिशन के बाद चुने जाने पर लोगो को कॉपीराइट बीबीएनएल का होगा | विस्त्त नियमो की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है | विजेता को 50,000 रूपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा | इसके अलावा पाँच सांत्वना पुरस्कार भी इसके तहत दिये जाएंगे जिसमे 10,000 रूपए की राशि हरेक उम्मीदवार को दी जाएगी | लोगो सबमिशन के लिए अंतिम तिथि 15 मई 2018 है |
https://www.mygov.in/task/bharatnet-logo-design-contest/


सेंट्रल लाइब्रेरी में प्रधानमंत्री क्विज 108 टीमों ने लिया भाग

Our Correspondent :13 November 2017

युवाओं को आज़ादी के बाद के इतिहास से परिचित कराने के उद्देश्य से आज सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल में "प्रधानमंत्री क्विज" का आयोजन किया गया । सभी आयु वर्ग के लिए ओपन इस क्विज में कुल 216 लोगों ने भाग लिया । एक्सीलेंस कॉलेज के पूर्व छात्र अभिषेक दुबे इस क्विज के क्विज मास्टर थे । जबकि युवा सरपंच भक्ति शर्मा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं भारत के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल की प्रमुख घटनाओं पर केन्द्रित इस क्विज में कुल चार राउंड आयोजित हुए । एक्सीलेंस कॉलेज के वासुदेव चौहान व एमवीएम कॉलेज के योगेश सिंघल की टीम ने सर्वाधिक अंक प्राप्त कर यह क्विज जीती । क्विज में दूसरा स्थान धीरेन्द्र दुबे व मनोज चक्रवर्ती को मिला । विजेताओं को 6000 रुपये के नगद पुरुसकार के साथ सम्मानित किया गया
क्विज में पूंछे गए प्रमुख प्रश्न इस प्रकार इस प्रकार हैं
1 मुहम्मद आली जिन्ना ने किस भारतीय को पाकिस्तान का पहला गवर्नर जनरल बनाने का प्रस्ताव किया था (उत्तर - भोपाल के नवाब हमीदुल्ला )
2 बेनजीर भुट्टो के दादाजी जिनके प्रयासों से जूनागढ़ का भारत में विलय हुआ था (उत्तर - शाहनवाज़ भुट्टो )
3- 1971 में भारत की सहता के लिए रूस ने एक समुद्री बेड़ा भारत भेजा था उसका नाम क्या था (उत्तर - 10 OBG)
4- CDOT के पहले अध्यक्ष कौन थे (उत्तर - सैम पित्रोदा)
5- 1966 में भारत सरकार ने रुपये का अवमूल्यन करके एक डॉलर के बदले रुपये की कीमत कितनी रख दी थी (उत्तर - 7 रुपये 57 पैसे )
6- किस स्कीम के तहत अमेरिका से खाने के लिए गेंहू आयात किया जाता था (उत्तर - PL-480)
कार्यक्रम में भक्ति शर्मा ने कहा
मैं अपने कॉलेज के दिनों से सेंट्रल लाइब्रेरी आती रही हूँ पर अब जब यहाँ आती हूँ तो यह देखकर डर लगता है कितने सारे लोग यहाँ आकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं आप भी जानते हैं कि हर व्यक्ति तो प्रतियोगी परीक्षा में सफल नहीं हो सकता । फिर भी आप में से ज़्यादातर लोग अपने लिए किसी वैकल्पिक करियर को तैयारा नहीं करते मेरी आप सबको सलाह है कि अपने लिए एक समय सीमा तय कर लीजिये , कि आप कब तक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं ताकि आप समय रहते दूसरे करियर पर ध्यान दे सकें जिन लोगों को देश के शासन प्रशासन में रुचि है उन्हें पॉलिटिक्स को अपना करियर बनाना चाहिए । क्योंकि यहाँ आकर आप वो कर सकते हैं जो आईएएस बनकर भी कभी नहीं कर पाएंगे


श्रीमती आरती शुक्ला तथा श्री अंबुज पाण्डेय अपर जिला सत्र न्यायाधीश परीक्षा में चयनित
Our Correspondent :16 October 2017
मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा में अपर जिला सत्र न्यायाधीश परीक्षा 2017 मै आरती शुक्ला ने तीसरा स्थान और अम्बुज पांडे ने पंद्रहवे स्थान पर चयनित होकर गौरान्वित किया।।यहाँ यह उल्लेखनीय है की दोनो पति पत्नी है एवं आरती शुक्ला वर्तमान मै जिला विधिक सहायता अधिकारी एवं अंबुज पांडेय सहायक संचालक अभियोजन अधिकारी के पद पर हैं।

100 सबसे ज्यादा लोकप्रिय हिन्दी किताबों का कलेक्शन
Our Correspondent :18 November 2016
स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी अपनी स्थापना के 50 वर्ष बाद अब लाइब्रेरी में हिन्दी की पुस्तकें शामिल करने जा रही है । इस रविवार लाइब्रेरी में 100 किताबों का "मेगा हिन्दी कलेक्शन" शामिल किया जाएगा । हिन्दी की सबसे ज्यादा लोकप्रिय 100 किताबों का यह कलेक्शन 26 नवंबर तक लाइब्रेरी डिस्प्ले पर मौजूद रहेगा । इस दौरान शहर का कोई भी लाइब्रेरी आकर इन किताबों को पढ़ सकता है । लाइब्रेरी के मेंबर्स 26 नवंबर तक इन किताबों को अपने अकाउंट में रिजर्व करा सकेंगे । तथा 27 नवंबर से इन किताबों को पढ़ने के लिए घर ले जा सकेंगे । हिन्दी किताबों को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी मेंबर्स को अलग से कोई मैम्बरशिप लेने की जरूरत नहीं है । उनकी वर्तमान सदस्यता में ही वे हिन्दी की किताबें इश्यू करा सकते हैं । लाइब्रेरी के हर तरह के मेंबर्स को हिन्दी किताबें इश्यू कराने की अनुमति होगी । इससे पहले मेंबर्स की राय जानने के लिए लाइब्रेरी द्वारा अक्तूबर माह में हिन्दी के 2 टीज़र कलेक्शन लॉंच किए गए थे जो जबर्दस्त लोकप्रिय हुए थे । इन टीज़र कलेक्शन में मेम्बर्स द्वारा जिस तरह के किताबें ज्यादा पसंद की गईं थी उन्हीं किताबों को इस मेगा कलेक्शन में शामिल किया गया है मेगा कलेक्शन में शामिल किताबों का चयन लाइब्रेरी में अभी हाल में गठित 10 सदस्यीय "क्लब हिन्दी" द्वारा किया गया है । हिन्दी पाठकों की विविध रुचियों को ध्यान में रखते हुए इस कलेक्शन में लगभग हर तरह की हिन्दी किताबों को शामिल किया गया हैं जिसमें हिन्दी की क्लासिक बुक्स से लेकर आज के समय में लोकप्रिय माइथालॉजिकल बुक्स के अनुवाद भी शामिल हैं । हिन्दी कलेक्शन : एक नज़र में कलेक्शन का नाम - मेगा हिन्दी कलेक्शन कलेक्शन में शामिल हैं - हिन्दी की 100 सबसे लोकप्रिय किताबें विशेष - ये लाइब्रेरी का पहला बड़ा हिन्दी कलेक्शन है
कब शामिल किया जाएगा - 20 नवंबर 2016 को डिस्प्ले पर कब तक रहेगा - 26 नवंबर तक किताबें रिजर्व कराईं जा सकती हैं - 26 नवंबर तक किताबें इश्यू कराईं जा सकती हैं - 27 नवंबर से अगला हिन्दी कलेक्शन कब आएगा - हर महीने के आखिरी रविवार को
कलेक्शन में शामिल कुछ पुस्तकों के नाम हिन्दी साहित्य की क्लासिक बुक्स :- रात का रिपोर्टर - निर्मल वर्मा सूरज का सातवाँ घोडा - धर्मवीर भारती गोरा - रवीद्र नाथ टैगोर कैसी लगाई आग - असगर वजाहत शेखर एक जीवनी - अज्ञेय छावा - शिवाजी सावंत चित्रलेखा - भगवती चरण वोहरा काशी का अस्सी - काशीनाथ सिंह नदी के द्वीप - अज्ञेय मंटो की कहानियाँ - सहादत हसन मंटो लोकप्रिय प्रेरणादायी पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद रिच डैड पुअर डैड - किओसाकी मेरा चीज़ किसने हटाया - स्पेन्सर जॉनसन अप्रेषित पत्र - रंगरजन शक्ति के 48 नियम - रोबर्ट ग्रीन दौलत और सफलता की राह - मर्फी चिंता छोड़ो सुख से जिओ - डेल करनेगी सकारात्मक सोच - नॉर्मन विनसेट पील अति प्रभावकारी लोगों की सात बातें - स्टीफन कोवी रहस्य - रोंडा बर्न पावर, मैजिक, हीरो - रोंडा बर्न लोकप्रिय पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद अलकेमिस्ट - पाउलो कोहलों एडल्ट्री - पाउलो कोहलों काइट रनर - खालिद होसेनी लाइफ ऑफ पाई - यान मरटेल सोफी का संसार - गार्डर चाणक्य मंत्र - अश्विन सांघी कृष्ण कुंजी - क्षविन सांघी चेतन भगत की सभी किताबों के हिन्दी अनुवाद हैरी पॉटर की सभी किताबों के हिन्दी अनुवाद प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद राम चन्द्र गुहा अमिताभ घोष खुशवंत सिंह रस्किन बॉन्ड अमर्त्य सेन वी एस नाइपाल रोहिंटन मिस्त्री पवन कुमार वर्मा लोकप्रिय पौराणिक किताबों के हिन्दी अनुवाद काली का उदय - आनंद नीलकंठन दशराजन - अशोक बैंकर ईक्षवाकू के वंशज - आमिश असुर - आनंद नीलकंठन अयोध्या का राजकुमार - बैंकर हिन्दी की नई पुस्तकें कोठगोई - प्रभात रंजन नरक यात्रा - ज्ञान चतुर्वेदी मणिकरणिका - डॉ तुलसीरम अगला यथार्थ - हिमांशु जोशी ढाक के तीन पात - मलय जैन नए लोगों के लिए लाइब्रेरी की सदस्यता के प्लान
व्यक्तिगत सदस्यता (वार्षिक शुल्क - 1200 रुपये ) मूवी मेम्बरशिप (वार्षिक शुल्क - 1600 रुपये) फैमिली मेम्बरशिप (वार्षिक शुल्क - 2500 रुपये )
2 अक्टूबर को होगी "इंडिया क्विज"
29 September 2016
आगामी 2 अक्टूबर को गांधीजी की जयंती के अवसर पर शासकीय मौलाना आज़ाद केन्द्रीय पुस्तकालय एक ओपन क्विज आयोजित करने जा रही है । भारत के आजादी आंदोलन पर केन्द्रित इस क्विज में किसी भी आयु का कोई भी शहरवासी भाग ले सकता है । क्विज का उद्देश्य लोगों को भारत की स्वतन्त्रता के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी देना है सिविल सर्विसेज क्लब के सहयोग से आयोजित हो रही इस क्विज के विजेताओं को कुल 6000/- रुपये के नगद पुरुसकार दिये जाएंगे मशहूर क्विज मास्टर व एक्सीलेंस कॉलेज के पूर्व छत्र अभिषेक दुबे इस क्विज में क्विज मास्टर की भूमिका निभाएंगे क्विज रविवार 2 अक्टूबर को सुबह 10 बजे सेंट्रल लाइब्रेरी के मुख्य हाल में आयोजित होगी । इसमें भाग लेने के लिए किसी को पहले से कोई रजिस्ट्रेशन कराने की कोई जरूरत नहीं है । इच्छुक व्यक्ति 2 लोगों की टीम बनाकर रविवार को सुबह 9.30 बजे सेंट्रल लाइब्रेरी पहुँचें क्विज का विवरण इस प्रकार है - क्विज का नाम - इंडिया क्विज 2016
कब - 2 अक्टूबर 2016
अवसर - गांधीजी की जयंती समय - सुबह 10 बजे
स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल

MPPSC-2017 हेतु सत्र आरंभ कार्यशाला संपन्न
8 June 2016
5 फरवरी 2017 को होने वाली राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2017 के लिए आज से सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल में 'सुपर 100 कोर्स' की शुरुआत हुई । कोर्स के पहले दिन 'सत्र आरंभ कार्यशाला' आयोजित की गयी जिसे जिला पंचायत भोपाल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुभाष द्विवेदी ने संबोधित किया ।
जिला प्रशासन भोपाल वर्ष 2012 से न्यूनतम शुल्क पर सेंट्रल लाइब्रेरी में सिविल सेवा मार्गदर्शन कक्षाएँ आयोजित कर रहा है ।
आज शुरू हुआ कोर्स सेंट्रल लाइब्रेरी में MPPSC का आखिरी कोर्स है ।
आज के कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण
कार्यक्रम - सत्र आरंभ कार्यशाला
कोर्स - सुपर 100 बैच
किस परीक्षा के लिए - राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2017
कब से कब तक - 6 सितंबर 2016 से 4 फरवरी 2017 तक

मुख्य वक्ता - श्री सुभाष द्विवेदी (सीईओ जिला पंचायत भोपाल)
श्री सुभाष द्विवेदी के व्याख्यान की प्रमुख बातें पहले शुरू करने वाले ही जीतते हैं :- सबसे पहले मैं आप सबको बधाई देना चाहता हूँ कि आपने दूसरों की तुलना में 5 महीने पहले अपनी तैयारी शुरू कर दी है अन्यथा आजकल के विद्यार्थी तो परीक्षा के एक महीने पहले ही पढ़ाई शुरू करते हैं दुनिया की हर जंग में वही जीतते हैं जो पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं इस परीक्षा का कोई शॉर्ट कट नहीं हैं - पीएससी एक ऐसी परीक्षा है जिसमें मेहनत का कोई विकल्प नहीं हैं । आपको सिलेबस के हर टॉपिक को पूरा पढ्न होता है उसे याद करना होता है और इन सब चीजों के लिए बहुत मेहनत लगती हैं । इनमें से किसी भी काम का आजतक कोई शार्टकट नहीं बना है स्मार्टनेस से कुछ नहीं होता - आजकल हम सब बहुत स्मार्ट और जागरूक हो गए हैं । हर जगह मेहनत से बचने के हजारों तरीके हम ईज़ाद कर चुके हैं पर पीएससी की सामने आपकी यह स्मार्टनेस काम नहीं आती । आप कितने भी स्मार्ट क्यों ना हों अगर आपने मेहनत नहीं कि तो दुनिया की कोई ताकत आपका सलेक्शन नहीं करा सकती
सब कुछ साथ साथ नहीं चल सकता - आजकल के लोग बड़े मल्टी - टास्किंग हो गए हैं । एक साथ दस दस काम करना चाहते हैं । स्टूडेंट भी एक साथ कई एग्जाम की तैयारी करते हैं जिसका परिणाम यह होता है कि वे किसी भी एग्जाम मैं सफल नहीं हो पाते । मेरी आपको यह सलाह है कि अगर आप पीएससी की तैयारी कर रहे हैं तो बाकी सब चीज़ें भूल जाओ । केवल और केवल पीएससी की तैयारी करोगे तो ही कुछ हासिल हो पाएगा कम से कम 2 साल मेहनत करने के लिए तैयार रहो - अगर आप पीएससी में अपनी सफलता को लेकर सच में गंभीर हैं तो आपको इस एग्जाम को कम से कम 2 साल तो देना ही चाहिए । वैसे भी एक एग्जाम को कंप्लीट होने में पूरा एक साल लग जाता है । आपको मनपसंद सेवा में जाने के लिए कम से कम दो बार इस एग्जाम को देना पड़ सकता है । इसलिए पूरा समय लेकर ही इस एग्जाम की तैयारी शुरू करें जिला प्रशासन आपकी हर संभव मदद के लिए तैयार है - पिछले 4 सालों से इन क्लासेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने अपनी मेहनत से आज पूरे देश में इन क्लासेज को लोकप्रिय बना दिया है । मैं चाहता हूँ कि इस बैच में एड्मिशन लेने वाला हर व्यक्ति पीएससी में सफल हो । इसके लिए आपको जिस भी सुविधा की आवश्यकता होगी वह आपको उपलब्ध कराई जाएगी । मैं खुद हर 15 दिन में आपसे मिलने आऊँगा और आपकी तैयारी की निगरानी करूंगा


12 जून को शुरू होगा 'सुपर 100 कार्यक्रम'
8 June 2016
भोपाल के युवा आजकल बड़ी संख्या में राज्य सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं इन युवाओं को मुख्य परीक्षा हेतु शहर में कोई मार्गदर्शन नहीं मिल पाता इसलिए जिला प्रशासन भोपाल के सहयोग से सेंट्रल लाइब्रेरी में 12 जून से एक विशेष मार्गदर्शन कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है
100 दिन के इस कार्यक्रम में 66 विषय सत्र, 12 अप्रोच सत्र व 12 लिखित सत्र आयोजित किए जाएंगे
'सुपर 100' नामक इस कार्यक्रम में 100 छत्रो को राज्य सेवा मुख्य परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी I यह कार्यक्रम के दौरान 10 विषय विशेषज्ञ व पूर्व में चयनित प्रतियोगी तथा 15 प्रशासनिक अधिकारी छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे
कार्यक्रम में प्रवेश शुरू हो गए हैं सबसे पहले रजिस्ट्रेशन कराने वाले केवल 100 छात्रों को ही इस मार्गदर्शन कार्यक्रम का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा
कार्यक्रम विवरण इस प्रकार है :-
कार्यक्रम - सुपर -100 कार्यक्रम
किसलिए - राज्य सेवा मुख्य परीक्षा - 2016 के लिए (1 अक्टूबर से होने वाली परीक्षा)
कहाँ - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल
कब - 12 जून से 30 सितम्बर तक
समय - सुबह 7.30 से 10.30 बजे तक
कौन आयोजित कर रहा है - जिला प्रशासन भोपाल के सहयोग से सेंट्रल लाइब्ररी भोपाल
कितने छात्रों के लिए - केवल 100 छात्रों के लिए
किसे प्रवेश मिलेगा - सबसे पहले आने वाले 100 छात्रों को
शुल्क - पूरे देश में न्यूनतम शुल्क (कोचिंग संस्थानों के शुल्क का 10%)
मार्गदर्शन कार्यक्रम में शामिल है :-
- अप्रोच वर्कशॉप
- राइटिंग स्किल वर्कशॉप
- इंडिविजूअल काउन्सलिन्ग
- एग्जाम प्रोग्रैस मीटर


संघ लोक सेवा आयोग पद :
30 May 2016
संघ लोक सेवा आयोग पद : असिस्टेंट प्रोफेसर, टेक्निकल ऑफिसर आवेदन की अंतिम तिथि : 2 जून, 2016 वेबसाइट : http://www.upsc.gov.in/
इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड, नई दिल्ली पद : मेडिकल कंसल्टेंट आवेदन की अंतिम तिथि : 3 जून, 2016 वेबसाइट :
http://www.engineersindia.com/
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पद : लीगल ऑफिसर, असिस्टेंट आर्काइविस्ट आवेदन की अंतिम तिथि : 3 जून, 2016 वेबसाइट :
https://rbidocs.rbi.org.in/
बिहार स्टाफ सलेक्शन कमीशन पद : रेप्रोग्राफिस्ट आवेदन की अंतिम तिथि : 8 जून, 2016 वेबसाइट :
http://bssc.bih.nic.in/
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पद : उर्दू अनुवादक आवेदन की अंतिम तिथि : 9 जून, 2016 वेबसाइट :
http://upsssc.gov.in/
डायरेक्ट्रेट ऑफ एजुकेशन, दिल्ली सरकार पद : गेस्ट एजुकेशनल एंड वोकेशनल गाइडेंस काउंसलर आवेदन की अंतिम तिथि : 10 जून, 2016 वेबसाइट :
http://www.edudel.nic.in/
नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड पद : साइट इंजीनियर आवेदन की अंतिम तिथि : 10 जून, 2016 वेबसाइट :
http://www.nhai.org/
दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी पद : जूनियर इंजीनियर, सेक्शनल ऑफिसर आवेदन की अंतिम तिथि : 14 जून, 2016 वेबसाइट :
http://dda.org.in/
डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन एंड काउंसलिंग सेंटर, बिहार विकास मिशन पद : मैनेजर, असिस्टेंट मैनेजर आवेदन की अंतिम तिथि : 15 जून, 2016 वेबसाइट :
http://csd.bih.nic.in/
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, कोलकाता पद : असिस्टेंट आवेदन की अंतिम तिथि : 18 जून, 2016 वेबसाइट :
http://edu.iift.ac.in/
ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड पद : ग्रेजुएट ट्रेनी आवेदन की अंतिम तिथि : 20 जून, 2016 वेबसाइट :
http://becil.com/
हिंदुस्तान इंसेक्टिसाइड्स लिमिटेेड पद : लॉ ऑफिसर, ऑफिसर (अकाउंट्स) आवेदन की अंतिम तिथि : 20 जून, 2016 वेबसाइट :
http://www.hil.gov.in/
द शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, मुम्बई पद : मरीन इंजीनियर, मास्टर मरीनर आवेदन की अंतिम तिथि : 20 जून, 2016 वेबसाइट :
http://www.shipindia.com/
जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पद : टेक्निकल असिस्टेंट आवेदन की अंतिम तिथि : 21 जून, 2016 वेबसाइट :
http://jipmer.edu.in/
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली पद : असिस्टेंट प्रोफेसर आवेदन की अंतिम तिथि : 23 जून, 2016 वेबसाइट :
http://www.ucms.ac.in/
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन पद : असिस्टेंट मैनेजर, जूनियर इंजीनियर आवेदन की अंतिम तिथि : 27 जून, 2016 वेबसाइट :
http://delhimetrorail.com/
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग पद : वेटरनरी असिस्टेंट सर्जन आवेदन की अंतिम तिथि : 30 जून, 2016 वेबसाइट :
http://mppsc.nic.in/
मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड पद : सीनियर इंजीनियर, इंजीनियर आवेदन की अंतिम तिथि : 2 जुलाई, 2016 वेबसाइट :
http://mrpl.co.in/

रिसर्च का अच्छा ऑप्शन है पेलियोंटोलॉजी
30 May 2016
पेलियोंटोलॉजी साइंस की वह शाखा है जिसमें जीवों के विकास और आपसी व्यवहार से जुड़े रहस्यों को जानने के लिए जीवाश्मों समेत प्रागैतिहासिक अध्ययन किया जाता है। पेलियोंटोलॉजी तीन विषयों से जुड़ा है जिसमें जियोलॉजी, बायोलॉजी और आर्कियोलॉजी शामिल है।
योग्यता: पेलियोंटोलॉजी के लिए बायोलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री या जियोलॉजी, ज्योग्राफी जैसे विषयों में ग्रेजुएशन जरूरी है। प्रवेश स्तर के ज्यादातर पदों के लिए जियोलॉजी या अर्थ साइंस में मास्टर्स डिग्री और रिसर्च व कॉलेज शिक्षण से जुड़े पदों के लिए पीएचडी जरूरी है। एक से अधिक भाषाओं की जानकारी यहां तरक्की के रास्ते खोल सकती है क्योंकि यहां आपको इनडोर वर्क के साथ-साथ विदेश के ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा भी करनी पड़ती है।
अवसर : अगर आप साइंस और रिसर्च में खासतौर से जीवन के इतिहास के बारे में जानने में दिलचस्पी रखते हैं तो पेलियोंटोलॉजी में कॅरिअर का चुनाव उपयुक्त होगा। भारत और अन्य देशों में भी कई जियोलॉजिकल और आर्कियोलॉजिकल रिसर्च संस्थान हैं जिन्हें प्रशिक्षित पेलियाेंटोलॉजिस्ट की जरूरत हमेशा रहती है। रिसर्च के अलावा स्टूडेंट्स जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, पेलियोंटोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूशन, कॉलेज ऑफ नेचुरल साइंसेज, बांगड यूनिवर्सिटी आदि में पेलियोंटोलॉजी व संबंधित विषयों में शिक्षण का काम भी कर सकते हैं। इन प्रोफेशनल्स के लिए सरकारी व निजी दोनों ही क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मौजूद हैं। पेलियोंटोलॉजिस्ट्स आमतौर पर संग्रहालयों, प्राकृतिक संरक्षण संस्थानों, स्टेट और फेडरल जियोलॉजिकल सर्वे, कॉलेज व यूनिवर्सिटी, माइनिंग व पेट्रोलियम इंडस्ट्री, जियोलॉजिकल समस्याओं को हल करने के लिए कंसल्टेंट का काम करने वाले सरकारी संगठनों में काम करते हैं।
वेतन : वेतन का स्तर शिक्षा, अनुभव, नियोक्ता और काम की जिम्मेदारियों पर निर्भर करता है। निजी क्षेत्र में वेतन ऊंचा होता है और योग्यता, अनुभव व टैलेंट के अनुरूप तय होता है।
कहां से करें पढ़ाई
भारत में हैदराबाद स्थित द जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (www.gsiti.ap.nic.in) पेलियोंटोलॉजी से जुड़ा कोर्स करवाने वाला एकमात्र संस्थान है। जियोलॉजी का कोर्स करने के लिए निम्न संस्थानों में दाखिला लिया जा सकता है- जाधवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता
http://www.jaduniv.edu.in/
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
http://www.amu.ac.in/
पंजाब यूनिवर्सिटी
http://puchd.ac.in/
बनारस हिंदु विश्वविद्यालय
http://www.bhu.ac.in/
उषा अल्बुकर्क

खाद्य सामग्री को फेंकने की बजाय यूज में ला रही कंपनियां
30 May 2016
कॉफी के चूरे से मशरूम किट
- 'बैक टू रूट्स' : इस्तेमाल के बाद बची कॉफी के चुरे से मशरूम उगाने वाले किट जैसे प्रोडक्ट बनाती है।
- बाल्डोर स्पेशलिटी फूड्स : पत्ता गोभी व काली मिर्च के वेस्ट से आटा बना रही है।
- इकोस्क्रैप्स: फूड वेस्ट से बागवानी के प्रोडक्ट बनाती है।
- वॉटरमिलान डब्ल्यूटीआर : दुकान में बिक न सके तरबूज खरीदकर कोल्ड प्रेस्ड ज्यूस बनाकर बेचती है।
- हार्वेस्ट पॉवर : ऑर्गेनिक वेस्ट से मिट्‌टी का क्षरण रोकने वाली शीट बनाती है।
अमेरिका में बिज़नेस का नया ट्रेंड स्टेफनी स्ट्रॉम
जर्मन लोककथा में रम्पलस्टिल्टस्किन नाम की बच्ची जैसे चरखा चलाकर भूसे को सोने में बदल देती है, कुछ उसी तरह दर्जनों ऐसी नई कम्पनियां फूड वेस्ट से सोना बनाने के लिए उग आई हैं। कई स्टार्टअप कंपनियां खाने की अन्य चीजें बनाने के लिए बेकार बच गई खाद्य सामग्रियों की तलाश में लगी हैं। कुछ ने तो सीधा रास्ता यह पकड़ा है कि जल्दी ही फेंक दिए जाने वाले भोजन को खराब होने के पहले ही जल्दी से वहां बांट दो, जहां इसकी जरूरत है। कुछ अन्य कंपनियां खाद्य पदार्थों के कण-कण का उपयोग करने पर काम कर रही हैं। दूसरे शब्दों में फेंका जाने वाला खाद्य यानी फूड वेस्ट अब नया व्यवसाय बन गया है।
ट्रैवल साइट 'प्राइसलाइन' के संस्थापक जेसी फिंक, खुद को अब फूड वेस्ट इस्तेमाल करने के 'प्रचारक' मानते हैं, कहते हैं- 'मुझे यकीन हो गया है कि यह रेफ्रिजरेटेड ट्रक वाला 'उबर' जैसा बिज़नेस है।' वाकई इस बिज़नेस में करने के लिए बहुत कुछ है। सरकारी अनुमान के मुताबिक अमेरिका के कुल फूड सप्लाई का 40 फीसदी कूड़ेदान में पहुंचता है। यह ज्यादातर रेस्तरां, होटल, ईटरीज़ के ग्राहकों व खेरची विक्रेताओं से आता है।
फूड वेस्ट के बिज़नेस की ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। ज्यादातर जानकारी ऐसी कंपनियों को मिले फंड्स के बारे में ही है। जैसे कैलिफोर्निया के ऑकलैंड की कंपनी 'बैक टू रूट्स' इस्तेमाल के बाद बचे कॉफी के चुरे से मशरूम उगाने वाले किट जैसे प्रोडक्ट तैयार करने में करती है। इसे व्यक्तिगत निवेशकों से 40 करोड़ रुपए का निवेश मिला है। यूटा की 'इकोस्क्रैप्स' फूड वेस्ट से बागवानी के प्रोडक्ट बनाती है। रिसर्च फर्म सीबी इनसाइट्स के मुताबिक इसे पेस्टरसन वेंचर्स व अन्य से 89 करोड़ रुपए मिले हैं। निवेशकों और नए कंज्यूमर ब्रैंड के प्लेटफॉर्म 'सर्कल अप' के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर रोरी एडकिन कहते हैं- 'कई नए ब्रैंड ‌‌फूड वेस्ट और अपसाइकलिंग प्रोडक्ट पर काम कर रहे हैं और किसी समय फेंक दी जाने वाली खाद्य सामग्री को नए प्रोडक्ट बनाने में इस्तेमाल कर रहे हैं।' उनके मुताबिक कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जो खाद्य सामग्री के असमान वितरण और फूड वेस्ट के इस्तेमाल में आने वाली वितरण की चुनौतियों को बिज़नेस में बदल रही है। कुछ कंपनियां ऐसी हैं, जिन्हें मुफ्त में फूड वेस्ट मिल जाता है, क्योंकि वे बिल्कुल अनुपयोगी होने से यूं ही फेंक दी जाती हैं। ऐसी कंपनियां निवेश के चक्कर में न पड़कर अपने बूते खड़ी होने में लगी हैं। 'सरप्लस' को ही लीजिए। जनवरी में शुरू हुई यह कंपनी खेतों व थोक ग्राहकों को रेस्तरां अन्य ऐसे बिज़नेस से जोड़ती है, जहां खाद्य पदार्थ फेंके जाने की कगार पर पहुंच चुका है। इसकी चीफ एग्ज़ीक्यूटिव जो वॉन्ग कहती हंै, 'हम लोगों को बताते हैं कि क्या उपलब्ध हैं और अच्छे डिस्काउंट की पेशकश करते हैं।' हाल ही में कंपनी ने आर्टिचोक्स (मशरूम की तरह खाया जाना वाला फूल) और पके केले बेचे हैं।
जनवरी से यह 60 ग्राहकों को 13,000 पाउंड (5896 किलोग्राम) खाद्य सामग्री सप्लाई कर चुकी है। मैसाच्युसेट्स की 'हार्वेस्ट पॉवर' खेती से निकले ऑर्गेनिक वेस्ट से उर्वरक और मल्च (जमीन की नमी या भू-क्षरण रोकने के लिए इस्तेमाल होने वाली पुआल जैसी शीट) बनती है। 'वॉटरमिलान डब्ल्यूटीआर' दुकान में बिक न सके तरबूज खरीदकर कोल्ड प्रेस्ड ज्यूस बनाकर बेचती है। उसने बिक्री तो नहीं बताई पर उसे इस साल अपनी आमदनी के 385 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। 'फूड काउबॉय' तो खाद्य सामग्री के रिजेक्टेड ट्रक की जानकारी एप के जरिये संस्थाओं को उपलब्ध कराती है। ट्रक में भोजन चढ़ाने का खर्च, रेफ्रिजरेशन और अन्य उपकरण सारी चीजों का कोऑर्डिंनेशन करती है। पुरानी फूड कंपनियां भी इस धंधे में उतर रही हैं। रेस्तरां व बड़ी संस्थाओं के किचन को सप्लाई करने वाली बाल्डोर स्पेशलिटी फूड्स पत्ता गोभी और काली मिर्च के वेस्ट से आटा बना रही हैं।


Question- मैं एमएसडब्ल्यू या एमए इन सोशियोलॉजी करना चाहती हूं। कृपया मार्गदर्शन दें कि कौनसी डिग्री बेहतर रहेगी। संस्थानों की जानकारी भी प्रदान करें। क्या डिस्टेंस लर्निंग से इस कोर्स को किया जा सकता है?
रचना मिश्रा

10 May 2016
Ans.:- मेरी सलाह है कि आप मास्टर्स इन सोशल वर्क करें। यह एक प्रोफेशनल कोर्स है और ज्यादा विकल्प देता है। सोशल वर्क में मास्टर्स डिग्री लेने के लिए आप टिस, दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क, जामिया मिलिया इस्लामिया, मुंबई यूनिवर्सिटी, पुणे यूनिवर्सिटी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल वर्क एंड सोशल साइंस-दिल्ली, मद्रास स्कूल ऑफ सोशल वर्क, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, साउथ एशियन यूनिवर्सिटी-दिल्ली जैसे संस्थानों मंे दाखिला ले सकते हैं। अगर आप डिस्टेंस लर्निंग से पढ़ना चाहते हैं तो अन्नामलाई यूनिवर्सिटी और इग्नू जा सकते हैं। सोशल वर्क में मास्टर्स करने के बाद आप सरकारी क्षेत्र में विभिन्न विभागों में प्रतिष्ठित पदों पर काम कर सकते हैं मसलन, लेक्चरर, प्रोफेसर, डायरेक्टर, रिसर्च ऑफिसर, कम्यूनिटी डेवलपमेंट ऑफिसर, अरबन प्लानर, सीएसआर प्रोफेशनल। दूसरी ओर छोटे एनजीओ में काम का अनुभव लेकर आप यूनिसेफ, आईएलओ, यूनेस्को, यूनाइटेड नेशन्स ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों या क्राई, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, रेड क्रॉस, केयर जैसे एनजीओ में कॅरिअर बना सकते हैं।

Question- मैं 12वीं (बायोलॉजी) का स्टूडेंट हूं, मुझे बीमैट व एमकैट के बारे में जानकारी दें।
चिन्मय त्रिवेदी

10 May 2016
बायोमेडिकल एडमिशन्स टेस्ट (बीमैट) के माध्यम से यूके, सिंगापुर और नीदरलैंड्स की कुछ यूनिवर्सिटीज में मेडिसिन, वेटरिनरी मेडिसिन और बायोमेडिकल साइंसेज में एडमिशन लिया जा सकता है। दो घंटे की अवधि के इस टेस्ट में तीन सेक्शन होते हैं। पहला सेक्शन एप्टीट्यूड व स्किल्स की परीक्षा लेता है । दूसरा सेक्शन साइंटिफिक जानकारी और तीसरा सेक्शन लेखन क्षमता को परखता है। दूसरी आेर एमकैट यानी मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में मेडिसिन पढ़ने के लिए कम्प्यूटर बेस्ड स्टैंडर्डाइज्ड एग्जामिनेशन है। प्रोमेट्रिक सेंटर्स पर यह परीक्षा साल में 25 या उससे भी ज्यादा बार आयोजित की जाती है। परीक्षा के चार सेक्शन हैं-फिजिकल साइंस, वर्बल रीजनिंग, बायोलॉजिकल साइंसेज और ट्रायल सेक्शन। पहले तीन सेक्शन बहुवैकल्पिक हैं और चौथा सेक्शन विस्तृत लेखन से संबंधित है। Ans.:- बायोमेडिकल एडमिशन्स टेस्ट (बीमैट) के माध्यम से यूके, सिंगापुर और नीदरलैंड्स की कुछ यूनिवर्सिटीज में मेडिसिन, वेटरिनरी मेडिसिन और बायोमेडिकल साइंसेज में एडमिशन लिया जा सकता है। दो घंटे की अवधि के इस टेस्ट में तीन सेक्शन होते हैं। पहला सेक्शन एप्टीट्यूड व स्किल्स की परीक्षा लेता है । दूसरा सेक्शन साइंटिफिक जानकारी और तीसरा सेक्शन लेखन क्षमता को परखता है। दूसरी आेर एमकैट यानी मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में मेडिसिन पढ़ने के लिए कम्प्यूटर बेस्ड स्टैंडर्डाइज्ड एग्जामिनेशन है। प्रोमेट्रिक सेंटर्स पर यह परीक्षा साल में 25 या उससे भी ज्यादा बार आयोजित की जाती है। परीक्षा के चार सेक्शन हैं-फिजिकल साइंस, वर्बल रीजनिंग, बायोलॉजिकल साइंसेज और ट्रायल सेक्शन। पहले तीन सेक्शन बहुवैकल्पिक हैं और चौथा सेक्शन विस्तृत लेखन से संबंधित है।

सेंट्रल लाइब्रेरी में 'सिविल सर्विस डे' पर निबंध प्रतियोगिता
21 अप्रैल को सुबह 10 बजे आयोजित होगी ओपन प्रतियोगिता

20 April 2016
बायोमेडिकल एडमिशन्स टेस्ट (बीमैट) के माध्यम से यूके, सिंगापुर और नीदरलैंड्स की कुछ यूनिवर्सिटीज में मेडिसिन, वेटरिनरी मेडिसिन और बायोमेडिकल साइंसेज में एडमिशन लिया जा सकता है। दो घंटे की अवधि के इस टेस्ट में तीन सेक्शन होते हैं। पहला सेक्शन एप्टीट्यूड व स्किल्स की परीक्षा लेता है । दूसरा सेक्शन साइंटिफिक जानकारी और तीसरा सेक्शन लेखन क्षमता को परखता है। दूसरी आेर एमकैट यानी मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में मेडिसिन पढ़ने के लिए कम्प्यूटर बेस्ड स्टैंडर्डाइज्ड एग्जामिनेशन है। प्रोमेट्रिक सेंटर्स पर यह परीक्षा साल में 25 या उससे भी ज्यादा बार आयोजित की जाती है। परीक्षा के चार सेक्शन हैं-फिजिकल साइंस, वर्बल रीजनिंग, बायोलॉजिकल साइंसेज और ट्रायल सेक्शन। पहले तीन सेक्शन बहुवैकल्पिक हैं और चौथा सेक्शन विस्तृत लेखन से संबंधित है।आगामी 21 अप्रैल को सिविल सर्विस डे है अर्थात देश की सेवा में लगे 'सिविल सेवकों' को याद करने का दिन I लोगों की बेहतरी के लिए नीति निर्माण से लेकर देश के कोने कोने में सैकड़ों योजनाओं को लागू करने का कार्य कर रहे देश के हज़ारों सिविल सेवकों के सम्मान में सेंट्रल लाइब्रेरी इस गुरूवार एक विशेष आयोजन कर रही है I
सिविल सर्विसेज क्लब के सहयोग से इस गुरूवार सेंट्रल लाइब्रेरी में एक ओपन निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है I कोई भी व्यक्ति बिना किसी रजिस्ट्रेशन के इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकता है I
प्रतियोगिता 21 अप्रैल को ठीक सुबह 10 बजे शुरू होगी
प्रतियोगिता का विवरण इस प्रकार है :-

प्रतियोगिता का नाम - ओपन निबंध प्रतियोगिता
अवसर - सिविल सर्विस डे
दिनांक - 21 अप्रैल 2016 गुरूवार
समय - सुबह 10 बजे से
स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल

विषय - एक आदर्श सिविल सेवक (An Ideal Civil Servant)
प्रतियोगिता का माध्यम - हिंदी एवं English
शब्द सीमा - 1000 शब्द
समय सीमा - 1 घंटा
भाग ले सकता है - कोई भी व्यक्ति
रजिस्ट्रेशन - आवश्यक नहीं है

आयोजक - सिविल सर्विसेज क्लब (सिविल सर्विसेज एग्जाम पर रिसर्च करने वाली संस्था)
पुरूस्कार - 1500 रुपये का नगद पुरूस्कार






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