बहुत ही महत्वपूर्ण है जनसंपर्क अधिकारियों का काम - कुलपति प्रो. केजी सुरेश सूचना का अधिकार ब्रम्हास्र है - विजय मनोहर तिवारी
4 may 2023
भोपाल :माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सिटी कैंपस स्थित विकास भवन में जनसंपर्क अधिकारियों के दो दिवसीय दक्षता उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) केजी सुरेश एवं मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. सुरेश ने कहा कि सरकार के कार्यों को जनता बीच पहुंचाने का महत्वपूर्ण दायित्व जनसंपर्क अधिकारियों के कंधों पर होता है । इसलिए आपका काम बहुत ही महत्वपूर्ण है । उन्होंने उम्मीद जताई कि इस दो दिवसीय आयोजन से सभी जनसंपर्क अधिकारियों को बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा । इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने सूचना के अधिकार विषय पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए । उन्होंने सभी जनसंपर्क अधिकारियों से कहा कि सूचना का अधिकार ब्रहास्त्र है और इसका प्रयोग जरुरत आने पर सोच समझकर ही करना चाहिए । श्री तिवारी ने कहा कि लोक सूचना अधिकारियों को विशेष रुप से धारा 7, 20, 8 एवं 11 को तो जरुर पढ़ना चाहिए । श्री तिवारी ने कहा कि यदि लोक सूचना अधिकारी इसे ध्यान से पढ़ लेंगे और समझ लेंगे तो बहुत सी परेशानी से बच सकते हैं । इसके बाद के सत्रों में डीन अकादमिक प्रो. डॉ पी शशिकला ने शासकीय जनसंपर्क गतिविधियों में सोशल एवं डिजिटल मीडिया का रचनात्मक उपयोग, वरिष्ठ पत्रकार एवं एडजंक्ट प्रोफेसर गिरीश उपाध्याय ने जिला एवं संभाग स्तर पर प्रचार रणनीति निर्माण की प्रक्रिया एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व निदेशक व विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने मीडिया प्रबंधन एवं शासकीय जनसंपर्क के नए आयाम विषय पर अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए । प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. (डॉ.) अविनाश वाजपेयी, निदेशक प्रशिक्षण लाल बहादुर ओझा एवं जनसंपर्क अधिकारी उपस्थित थे
युवा पीढ़ी की क्षमता को अनलॉक करने की शक्ति है शिक्षकों के पास : प्रो केजी सुरेश यूएनएफपीए का उद्देश्य भारत के भीतर मौजूद शक्ति को खोलना और उजागर करना : एंड्रिया वोजनार,
4 may 2023
भोपाल :माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने राज्य में सतत विकास लक्ष्यों के एजेंडे को आगे बढ़ाने में दीर्घकालिक सहयोग और साझेदारी स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। सहयोग का मुख्य उद्देश्य पत्रकारिता और संचार के युवा छात्रों को उन्मुख और संवेदनशील बनाने और उन्हें बढ़ाने के लिए उन्हें लैस करने पर ध्यान देने के साथ विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में जनसंख्या की गतिशीलता, किशोर विकास और कल्याण और लिंग संबंधी चिंताओं को संस्थागत और एकीकृत करना है। इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से रिपोर्ट करना और संप्रेषित करना है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश, यूएनएफपीए के कंट्री डायरेक्टर सुश्री एंड्रिया वोजनर ने विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक भव्य समारोह में एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय यूएनएफपीए द्वारा चुना गया एकमात्र विश्वविद्यालय है, जो शोधार्थियों के साथ-साथ पत्रकार एवं छात्रों, संकाय सदस्यों को प्रशिक्षित करने के लिए उनके साथ सहयोग करता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए बहुत गर्व और सम्मान का क्षण है क्योंकि इससे छात्रों और संकाय सदस्यों को जनसंख्या और लैंगिक मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन तक पहुंच प्राप्त होगी।
सुश्री एंड्रिया वोजनर, कंट्री डायरेक्टर यूएनएफपीए ने कहा कि पुरुष और महिलाएं समान जिम्मेदारियों और अवसरों को साझा करते हैं और नीति और संस्थागत स्तर पर एक वास्तविक स्थायी परिवर्तन व्यक्तियों के दृष्टिकोण और व्यवहार में बदलाव लाएगा। उन्होंने 8 बिलियन लाइव्स, इनफिनिट पॉसिबिलिटीज की केवल पांच प्रतियों में से एक प्रति प्रो. सुरेश को सौंपी। इस अवसर पर यूएनएफपीए के राज्य प्रमुख श्री सुनील थॉमस जैकब, उप प्रतिनिधि श्रीराम हरिदास, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, डीन अकादमिक डॉ. पी. शशिकला, विभाग अध्यक्ष और संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।
प्रोफेशनल, ऑफिशियल लाइफ अलग है - कुलपति प्रो.केजी सुरेश, हर स्कूल,कॉलेज में ऐसे आयोजन होना चाहिए - एस.के. राउत, एमसीयू को मिला स्वस्थ भारत उत्कृष्टता सम्मान 2023 एमसीयू में स्वास्थ्य संसद 2023 सम्पन्न ,
30 April 2023
भोपाल :प्रोफेशनल एवं ऑफिशियल लाइफ दोनों अलग-अलग है । दोनों में बेलेंस बनाकर रखना जरुरी है । ये कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो(डॉ)केजी सुरेश का। विश्वविद्यालय में आयोजित स्वास्थ्य संसद 2023 के समापन समारोह में सभापति के रुप में अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पर्सनल लाइफ में अपने शरीर एवं अपने परिवार दोनों को भी समय देना चाहिए । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि पत्रकारिता साक्ष्यों, सबूतों के आधार पर ही करें।
पूर्व डीजीपी एवं उपसभापति एस.के. राउत ने तीन दिनों की स्वास्थ्य संसद की सराहना एवं प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन हर स्कूल एवं कॉलेज में किए जाने चाहिए । समापन समारोह में वरिष्ठ सामाजिक चिंतक मोहन ढकोनिया ने देश की आजादी एवं उस दौर की पत्रकारिता की बात करते हुए कहा कि पत्रकारों को गांव एवं कस्बे तक की खबरें भी जरुर करना चाहिए । जीएसटी के संयुक्त आयुक्त श्री सचिन कुमार सिंह ने जन औषधि योजना के बारे में विस्तार से बताया । उन्होंने कहा कि मीडिया को संवाद सेतु के रुप में सहभागिता के साथ कार्य करना चाहिए । अपने वक्तव्य में उन्होंने रिसर्च बेस्ड पत्रकारिता करने की बात भी कही । भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव डॉ. आलोक मिश्र ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने शरीर के लिए कम से कम एक घंटा जरुर देना चाहिए । उन्होंने ध्यान, योग आदि करने की बात करते हुए कहा कि एकाग्र मन से ही सब कुछ पाया जा सकता है ।
इससे पहले प्रथम सत्र में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने देश के विभिन्न राज्यों की स्वास्थ्य स्थिति पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया । इस सत्र में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् की वरिष्ठ फेलो डॉ. अलका सिंह एवं पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. मधुबाला मुंद्रा ने इस विषय पर अपने विचार व्यक्त किए । सत्र की अध्यक्षता डालॉग इंडिया के संपादक एवं मौलिक भारत के संस्थापक अनुज अग्रवाल ने की। संचालन डॉ. अरुण खोबरे द्वारा किया गया।
समारोह के अंत में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय को कोरोना के दौरान स्वास्थ्य में उल्लेखनीय कार्य एवं योगदान के लिए स्वस्थ भारत उत्कृष्टता सम्मान 2023 प्रदान किया गया । विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने यह सम्मान ग्रहण किया। डॉ. वाजपेयी ने इस उपलब्धि का श्रेय विवि. के कुलपति प्रो. केजी सुरेश के नवाचारों और उनके प्रयासों को देते हुए कहा कि कोरोना काल में हमारे विद्यार्थियों ने दो दिन में 200 से ज्यादा जागरुकता के वीडियो बनाकर इस संबंध में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इस अवसर पर न्यास द्वारा विभिन्न संस्थाओं एवं उनके प्रतिनिधियों को स्वस्थ भारत सारथी सम्मान एवं महिलाओं को स्वस्थ भारत नारी सम्मान प्रदान किया गया।
समापन समारोह का संचालन कार्यक्रम की संयोजक एवं विभागाध्यक्ष पत्रकारिता डॉ. राखी तिवारी द्वारा किया गया । समारोह में स्वस्थ भारत न्यास के अध्यक्ष डॉ आशुतोष
Press Note आज से एमसीयू में स्वास्थ्य संसद 2023
28 April 2023
भोपाल :आज से एमसीयू में स्वास्थ्य संसद 2023
तीन दिन तक देश के कई चिकित्साविद् व मीडिया विशेषज्ञ जुटेंगे
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बिशनखेडी स्थित परिसर में कल 28 अप्रैल से स्वास्थ्य संसद 2023 होने जा रही है। इस तीन दिवसीय आयोजन में देश के सुप्रसिद्ध चिकित्साविद, मीडिया विशेषज्ञ व समाजचिंतक शामिल होंगे। स्वस्थ भारत न्यास के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि 'अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य और मीडिया की भूमिका' विषय पर होने वाले इस कार्यक्रम में प्रथम दिवस संस्थागत चर्चा एवं परिचय सत्र दोपहर 2 से 3 बजे तक होगा, इसके पश्चात दोपहर 3 से 5 बजे तक उद्घाटन सत्र होगा, जिसके सभापति माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डॉ.) केजी सुरेश होंगे, वही उपसभापति प्रदेश के पूर्व डीजीपी एसके राउत होंगे। पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष एवं इस आयोजन में विश्वविद्यालय की संयोजक डॉ. राखी तिवारी ने बताया कि उद्घाटन सत्र में स्वस्थ भारत न्यास के संरक्षक एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मेवाड़ विश्वविद्यालय राजस्थान के कुलाधिपति डॉ अशोक गदिया, आध्यात्मिक गुरु प्रो. पवन सिन्हा, हॉस्पिस जबलपुर की संस्थापिका स्वामी ज्ञानेश्वरी दीदी, प्रसिद्ध विज्ञान संचारक एवं आउटरीच संयोजक सी 20 समाजशाला मनोज पटेरिया, हेस्टैक एनालिटिक्स के को फाउंडर एवं सीओओ गौरव श्रीवास्तव शामिल होंगे। सत्र का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी एवं उद्घोषक श्री विवेक सावरीकार द्वारा किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अविनाश वाजपेयी ने बताया कि शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के उपनिदेशक डॉ सुरेंद्र सिंह एवं सामाजिक चिंतक मोहन ढकोनिया का सान्निध्य प्राप्त होगा। इसके पश्चात प्रसिद्ध गायक एवं संगीतकार सरोज सुमन, प्रसिद्ध क्लासिकल गायिका सुमिता दत्ता,
बॉलीवुड गायिका सुश्री कृतिका श्रीवास्तव के गायन की प्रस्तुति होगी। सत्र का संचालन शाहजहांपुर के कवि एवं गीतकार अमित त्यागी करेंगे।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में होगा स्वास्थ्य संसद 2023 का आयोजन, 28,29 एवं 30 अप्रैल को बिशनखेड़ी के नवीन परिसर में होगा तीन दिवसीय कार्यक्रम
26 April 2023
भोपाल :माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नए परिसर में 28,29 एवं 30 अप्रैल को स्वास्थ्य संसद 2023 का आयोजन होने जा रहा है । आयोजन के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया । स्वस्थ भारत न्यास के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि स्वस्थ भारत न्यास के आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर यह आयोजन होने जा रहा है, जिसका नाम स्वास्थ्य संसद 2023 है । उन्होंने स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता की बात करते हुए कहा कि इसका विषय अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका होगा । विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह बड़ा आयोजन होगा जिसमें स्वास्थ्य एवं अपने-अपने क्षेत्रों के जाने माने विषय विशेषज्ञ भाग लेंगे। विश्वविद्यालय की ओर से कार्यक्रम की संयोजक एवं पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने कार्यक्रम की रुपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रथम दिवस कार्यक्रम के सभापति माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) के. जी. सुरेश होंगे, वहीं उप सभापति मध्यप्रदेश के सेवानिवृत डीजीपी एसके राउत होंगे। डॉ. तिवारी ने बताया कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग एवं संस्कृति व पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर भी शामिल होंगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उद्घाटन सत्र में संस्थागत चर्चा एवं परिचय सत्र होगा। वही शाम 6 बजे द्वितीय सत्र सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। दूसरे दिन मुख्य विषय के साथ ही साहित्य एवं कला सत्र के साथ ही कला एवं साहित्य में स्वास्थ्य चेतना होगा जिसके पश्चात शाम 6 से कवि सम्मेलन का आयोजन गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में किया जाएगा, जिसमें देश एवं प्रदेश ख्यात कवि अपनी कविताओं की प्रस्तुति देंगे। वहीं तृतीय दिवस सम्मान एवं समापन समारोह में पद्मश्री मालिनी अवस्थी विशेष रुप से उपस्थित होंगी । इससे पूर्व विश्वविद्यालय में इसी विषय पर एक निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
जल संरक्षण पर युवाओं की राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता, भव्य समारोह में पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा दिए जाएंगे 15 पुरस्कार,
26 April 2023
भोपाल :भोपाल. विश्व में बढ़ते जलसंकट को देखते हुए एक संवेदनशील अभियान की जरूरत है। भविष्य के संकट के लिए युवाओं को इस चेतना से जोड़ने के लिए एक राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता व संचार विश्वविद्यालय व प्रहरी फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी भाग ले सकेंगे। इसके मार्गदर्शक कुलपति प्रोफेसर केजी सुरेश और जल योद्धा पद्मश्री उमाशंकर पांडे हैं। प्रोफेसर सुरेश ने बताया है कि भविष्य की भीषण जल समस्या का सामना आज की युवा पीढ़ी को करना पड़ेगा इसलिए उसे संवेदनशील बनाना जरूरी है। श्री पांडे इस क्षेत्र में अपने अनुभवों का जिक्र करके बताते हैं कि युवा ऊर्जा से पर्यावरण के संकट का समाधान करना आसान होगा। उन्हें इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करना होगा। प्रतियोगिता में जल और हमारे रोजमर्रा जीवन से संबंधित विषयों पर 2000 शब्दों का निबंध लिखना होगा। अंतिम तिथि 1 मई है। संयोजक प्रो. शिवकुमार विवेक व सहसंयोजक अंकित पांडेय ने बताया कि विद्यार्थी अपने निबंध जलशक्तिएमसीयू एट द रेट जीमेल डॉट कॉम jalshaktimcu@gmail.com पर भेज सकते हैं। प्रथम पुरस्कार के रूप में 11 हजार रुपए तथा द्वितीय में 5100 रुपए नगद दिए जाएंगे। इसके अलावा 2100 रुपए के तीन तृतीय पुरस्कार, 1100 रुपए के पांच चतुर्थ पुरस्कार व 500 रुपए के पांच पंचम पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। ये पुरस्कार एक समारोह में दिए जाएंगे।
वोल्टास लिमिटेड देगा आईटीआई के युवाओं को प्रशिक्षण
21 April 2023
भोपाल :केन्द्र सरकार की ड्यूल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग (DST) में शासकीय संभागीय आईटीआई ग्वालियर, इंदौर और भोपाल के साथ वोल्टास लिमिटेड ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए है। एमओयू के अनुसार प्रशिक्षणार्थी मैकेनिक, रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग ट्रेड का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड भी प्राप्त होगा।
शासकीय आईटीआई ग्वालियर, इंदौर एवं भोपाल के प्रशिक्षणार्थी संस्थान में सैद्धांतिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वोल्टास लिमिटेड की विनिर्माण, इंजीनियरिंग समाधान, रख-रखाव सेवाओं एवं मरम्मत सुविधा में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षणार्थियों को कार्य के वास्तविक दुनिया के माहौल में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना तथा रेफ्रिजरेशन एण्ड एयर कंडीशनिंग मैकेनिक के क्षेत्र में कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। प्रशिक्षण से रोजगार के साथ स्व-रोजगार के भी अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही उद्योग की आवश्यकताओं और कार्यबल के कौशल के बीच की खाई को पाटने में मददगार साबित होगा। प्रशिक्षणार्थी शासकीय आईटीआई में शैक्षणिक-सत्र 2023-24 से प्रवेश ले सकेंगे।
एमओयू श्री जी.एन. अग्रवाल अतिरिक्त संचालक कौशल विकास संचालनालय मध्यप्रदेश के मार्गदर्शन में निष्पादित किया गया। शासकीय आईटीआई इंदौर के प्राचार्य श्री जी.एस. साजापुरकर एवं टी.पी.ओ श्री विपिन पुरोहित, शासकीय आईटीआई भोपाल के प्राचार्य श्री श्रीकांत गोलाईत एवं टी.पी.ओ श्री विलास नागदावने एवं वोल्टास लिमिटेड के श्री रवि शर्मा की उपस्थिति में एमओयू का आदान-प्रदान हुआ।
आईआईएमसी में प्रवेश के लिए अब 5 मई तक कर सकते हैं आवेदन भारतीय जन संचार संस्थान ने जारी किया प्रवेश परीक्षा का पाठ्यक्रम
20 April 2023
नई दिल्ली.भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में पांच पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 19 अप्रैल से बढ़ाकर 5 मई कर दी गई है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र एनटीए की आधिकारिक वेबसाइटhttp://cuet.nta.nic.in पर उपलब्ध हैं।
आईआईएमसी में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी पीजी) 2023 के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा। अंग्रेजी पत्रकारिता, हिंदी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, रेडियो एवं टेलीविजन पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में पीजी डिप्लोमा में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को 'सीयूईटी पीजी' परीक्षा देनी होगी। प्रश्न पत्र हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में होगा।
आईआईएमसी के प्रवेश प्रभारी प्रो. राकेश गोस्वामी ने बताया कि जिन विद्यार्थियों ने सीयूईटी का पहले फॉर्म भर दिया था और आईआईएमसी का चुनाव नहीं किया था, ऐसे विद्यार्थी 6 से 8 मई के बीच करेक्शन विंडो खुलने पर भारतीय जन संचार संस्थान का विकल्प चुन सकते हैं। अगर कोई विद्यार्थी पूर्व में आईआईएमसी से जुड़े किसी एक कोर्स का चुनाव कर चुके हैं एवं अब किसी अन्य कोर्स का भी चुनाव करना चाहते हैं, तो वो भी करेक्शन विंडो खुलने के दौरान ऐसा कर सकते हैं।
प्रो. गोस्वामी ने बताया कि सीयूईटी (पीजी) सूचना पुस्तिका में, आईआईएमसी के पाठ्यक्रमों को 'सामान्य' कैटेगरी के तहत रखा गया है और प्रश्न पत्र कोड COQP17 है। आईआईएमसी में विभिन्न पाठ्यक्रमों के टेस्ट पेपर कोड क्रम संख्या 1043 से 1047 पर हैं। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे प्रवेश परीक्षा से जुड़े अपडेट्स के लिए एनटीए एवं आईआईएमसी की वेबसाइट देखते रहें।
ये होगा प्रवेश परीक्षा का पाठ्यक्रम
प्रवेश परीक्षा में 100 अंकों का प्रश्नपत्र होगा। प्रश्नपत्र दो हिस्सों में विभाजित होगा एवं सभी प्रश्नों का जवाब देना अनिवार्य होगा। प्रश्नपत्र के पहले भाग में भाषा एवं शाब्दिक क्षमता, सामान्य ज्ञान, गणित एवं विश्लेषण क्षमता से जुड़े 25 प्रश्न पूछे जाएंगे। दूसरे भाग में जनसंचार एवं पत्रकारिता विषय से संबंधित 75 प्रश्न पूछे जाएंगे।
प्रश्नपत्र के दूसरे भाग में जनसंचार एवं पत्रकारिता विषय के अंतर्गत भारतीय राजनीति और आर्थिक परिदृश्य, राजनीति एवं मनोरंजन से जुड़े अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम, जनता से जुड़े वर्तमान मुद्दे, भारतीय इतिहास एवं समाज विज्ञान, मीडिया इंडस्ट्री में सूचना संचार प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और जन माध्यम एवं सामाजिक मुद्दों से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे।
कौन कर सकता है आवेदन
जिन विद्यार्थियों के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री है, वे आईआईएमसी में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। जो छात्र अपनी स्नातक की डिग्री के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर परीक्षा में शामिल हुए हैं या हो रहे हैं, वे भी आवेदन करने के पात्र हैं। चयन होने पर ऐसे विद्यार्थियों को 30 सितंबर, 2023 तक अपनी प्रोविजनल मार्कशीट या सर्टिफिकेट की मूल प्रति जमा करानी होगी। इन विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम पूरा होने पर केवल तभी डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा, जब आईआईएमसी के कार्यालय में सत्यापन के लिए वे मूल डिग्री प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे।
ये होगी आयु सीमा
सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों का जन्म 1 अगस्त 1998 को या उसके बाद (1 अगस्त, 2023 को अधिकतम 25 वर्ष) होना चाहिए। ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए जन्म तिथि 1 अगस्त 1995 या उसके बाद (1 अगस्त 2023 को अधिकतम 28 वर्ष) की होनी चाहिए। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए जन्म तिथि 1 अगस्त 1993 या उसके बाद (1 अगस्त, 2023 को अधिकतम 30 वर्ष) की होनी चाहिए।
जानकारी के लिए ऐसे करें संपर्क
प्रो. गोस्वामी के अनुसार किसी भी प्रकार की समस्या होने पर विद्यार्थी अकादमिक विभाग, भारतीय जन संचार संस्थान, अरुणा आसफ अली मार्ग, नई दिल्ली-110067 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा दूरभाष नंबर 011-26742920, 26742940, 26742960 (एक्सटेंशन 233) पर भी संपर्क किया जा सकता है। मोबाइल नंबर 7838055429 के माध्यम से भी आवेदनकर्ता जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अगर विद्यार्थी व्हाट्सएप के द्वारा जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो मोबाइल नंबर 7014551410 पर संदेश भेज सकते हैं।
भाषाई पत्रकारिता के लिए अलग से आयोजित होगी प्रवेश परीक्षा
उड़िया, मराठी, मलयालम और उर्दू पत्रकारिता में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए अलग से परीक्षा का आयोजन आईआईएमसी द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए एप्लीकेशन फॉर्म आईआईएमसी की आधिकारिक वेबसाइटwww.iimc.gov.inपर जल्द ही जारी किए जाएंगे।
एम्स भोपाल और मैनिट भोपाल ने स्वास्थ्य विज्ञान और इंजीनियरिंग में अकादमिक सहयोग और अनुसंधान में सुधार के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ।
19 April 2023
भोपाल.अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भोपाल और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT), भोपाल ने 18 अप्रैल 2023 को अकादमिक सहयोग बढ़ाने और स्वास्थ्य विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं । समझौता ज्ञापन पर एम्स भोपाल की ओर से कर्नल (डॉ.) अजीत कुमार, उपनिदेशक (प्रशासन), मैनिट भोपाल और की ओर से डॉ. मनमोहन काप्शे, डीन (अनुसंधान एवं परामर्श) द्वारा हस्ताक्षर किए गए ।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक और सीईओ डॉ. अजय सिंह ने संस्थानों के बीच प्रभावी साझेदारी के महत्व पर जोर दिया, जिसका परिणाम अंततः सामाजिक प्रभाव के साथ उन्नत अनुसंधान में होना चाहिए और आगे नीति निर्माताओं को समाधान प्रदान करना चाहिए ।
एम्स भोपाल राष्ट्रीय महत्व का एक स्वायत्त संस्थान (INI) है जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य सस्ती और विश्वसनीय तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करना, गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के लिए सुविधाओं को बढ़ाना, तथा स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों का एक महत्वपूर्ण समूह बनाने के लिए शिक्षा और देश में अनुसंधान करना है । दूसरी ओर, मैनिट भोपाल, भारत के सत्रह क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है, जिसकी स्थापना वर्ष 1961 में शैक्षणिक योग्यता, तार्किक मानसिकता, नैतिक और नैतिक मूल्यों के अनुरूप तकनीकी पेशेवरों को तैयार करने के मिशन के साथ शिक्षा में गुणवत्ता और उत्कृष्टता के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ की गई थी । आंतरिक शक्ति राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए वैश्विक व्यापार की भविष्य की आवश्यकता के साथ तुल्यकालिक है ।
दोनों संस्थानों के बीच समझौता ज्ञापन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रकाशन, शैक्षणिक कार्यक्रमों और अनुसंधान परियोजनाओं पर विचारों के आदान-प्रदान सहित शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग पर निर्मित पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों पर ध्यान केंद्रित करेगा ।
शिक्षण संस्थानों के विकास की नींव हैं,पूर्व विद्यार्थी– प्रो. के. जी. सुरेश
18 April 2023
भोपाल. किसी भी संस्थान के शैक्षणिक विकास की नींव वहां के पूर्व विद्यार्थी ही होते हैं, यह बात माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(डॉ.) के. जी. सुरेश ने सीनियर से संवाद कार्यक्रम की श्रृंखला के प्रथम कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि इस तरह के संवाद कार्यक्रम के माध्यम से पूर्व विद्यार्थियों के अनुभव का लाभ वर्तमान छात्रों को मिल सकेगा। प्रोफेसर सुरेश ने कहा कि इस तरह के आयोजन विद्यार्थियों के प्लेसमेंट में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगें। उन्होंने बताया कि पूर्व विद्यार्थी प्रकोष्ठ के माध्यम से विश्वविद्यालय में आगे लगातार इस तरह के संवाद कार्यक्रम आयोजित कर पूर्व विद्यार्थियों को संस्थान से जोड़ने का काम करेगा। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेई ने कहा कि संस्थान के पूर्व विद्यार्थी न केवल मीडिया संस्थान साथ ही मीडिया उद्यमिता के क्षेत्र में भी लगातार ख्याति अर्जित कर रहे हैं। इस अवसर पर टीवी 18 में कार्यरत एवं पूर्व विद्यार्थी वासु चौरे ने कुलपति महोदय की इस पहल को साधुवाद देते हुए वर्तमान विद्यार्थियों की जिज्ञासा का समाधान किया एवम मीडिया क्षेत्र की चुनौतियों और अनुभव को भी उनके साथ साझा किया। कार्यक्रम में युवा मीडिया कर्मी एवं आयुध मीडिया संस्थान से जुड़े श्री आशुतोष भार्गव, श्री अंकित शर्मा और श्री सौरभ शुक्ला ने भी मीडिया उद्यमी के रूप में कैरियर निर्माण शुरू करने के गुर सिखाए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पूर्व विद्यार्थी प्रकोष्ठ के समन्वयक परेश उपाध्याय, श्री अंकित पांडे, प्लेसमेंट सेल की सह संयोजक सुश्री दीपशिखा हर्ष, सिंधी भाषा साहित्य पाठ्यक्रम की संयोजक जया सुरजानी सहित वरिष्ठ शिक्षक, पूर्व विद्यार्थी एवं वर्तमान विद्यार्थी उपस्थित रहे।
नकारात्मक सूचनाओं को तथ्यों के आधार पर बेनकाब करें : प्रो केजी सुरेश
सोशल मीडिया हैंण्डलर के लिए दस दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला
18 April 2023
भोपाल.सोशल मीडिया हैंडलर्स के सामने दो महत्वपूर्ण काम हैं—कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाना और नकारात्मक सूचनाओं को तथ्यों के आधार पर बेनकाब करना। ये कहना हैं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) के.जी. सुरेश का। वे जनसंपर्क कार्यालयों से संबंद्ध सोशल मीडिया हैंडलर्स की दस दिवसीय कार्यशाला में उद्घाटन के अवसर पर वक्तव्य दे रहे थे। जनसंपर्क संचालनालय भोपाल की पहल पर इस कार्यशाला का संयोजन विश्वविद्यालय कर रहा है। कार्यशाला में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से 50 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण के निदेशक लाल बहादुर ओझा ने बताया कि सोशल मीडिया हैण्डलर की दक्षता संवर्धन की यह कार्यशाला 18 अप्रैल से 27 अप्रैल तक ऑनलाइन संचालित की जा रही है। इसमें देश के जाने-माने विशेषज्ञ प्रतिभागियों को सोशल मीडिया की बारीकियों से परिचित करायेंगे।
प्रो सुरेश ने इस मौके पर सोशल मीडिया की संभावनाओं, उपलब्धियों और चुनौतियों से प्रतिभागियों को रू-ब-रू कराया। उन्होंने उदाहरणों के जरिये सोशल मीडिया की प्रभावशीलता और उसके दुरूपयोगों को समझाया। उन्होंने कहा इसका ताकत का इस्तेमाल विघटनकारी, आतंकवादी और आपराधिक तत्व भी कर रहे हैं। इसके प्रति सजगता फैलाने का काम सरकारी कार्यालयों से जुड़े सोशल मीडिया हैंडलर कर सकते हैं।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
3 April 2023
भोपाल.राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (3 अप्रैल, 2023) नई दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 36वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि कई विद्यार्थियों को उनके दायित्वों और परिस्थितियों के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है। ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय जैसे संस्थान सहायता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई नियोजित/स्वरोजगार में संलग्न व्यक्ति अपने कौशल में वृद्धि के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे 'अर्जक और शिक्षार्थी' दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर अल्प-रोजगार से बाहर आ सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि इस प्रकार, दूरस्थ शिक्षा की व्यापक सामाजिक-आर्थिक उपयोगिता है। ऐसे विद्यार्थियों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा प्रदान कर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय बहुत उपयोगी सेवा प्रदान कर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने 'उच्च शिक्षा तक पहुंच' को प्रोत्साहन प्रदान करने में सराहनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने दूर-दराज के क्षेत्रों, ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर समूहों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रमों में सुगमता की सहायता से कई विद्यार्थियों ने अपने काम, परिवार और अन्य दायित्वों का प्रबंधन करते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय ने भोपाल में मीडिया कॉन्क्लेव का आयोजन किया
30 March 2023
भोपाल.दिनांक ३० मार्च २०२३ को राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय ने एक जागरूकता अभियान में मीडिया कर्मियों को उनके चलाये जानेवाले विभिन्न पाठ्यकर्मों और प्रक्षिणों के बारे में बताया। इस अवसर पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी ने मीडिया कर्मियों को बताया की- वैश्वीकरण के युग में आजकल जहां चुनौतियां आसान हुई हैं वही हमारे सामने खतरे भी पैदा हुए हैं. सबसे ज्यादा खतरा आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में हो गया है. इस चुनौती से निपटने के लिए हमें दक्ष और कुशल मानवीय स्रोत की आवश्यकता पड़ती है जो आपराधिक न्याय पद्धति में एक प्रमुख भूमिका निभा सके. भारत सरकार ने वर्तमान में रोजगारपरक शिक्षा पर बल दिया है. इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने देश की प्रथम आंतरिक सुरक्षा यूनिवर्सिटी के रूप में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना गांधीनगर, गुजरात, २०१० में की. जिसका उद्देश्य सुरक्षा के क्षेत्र में अध्ययन और अध्यापन तथा शोध शिक्षा पर विशेष बल देना है. आजकल भारत में सुरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में रोज़गार की बेहतर संभावनाएं हैं. राज्य के पुलिस बल अथवा अर्ध सैनिक बल के क्षेत्र में करिअर के इच्छुक प्रतियोगी विभिन्न विषयों में पढ़ाई कर अपना भविष्य संवार सकते हैं. निजी और सरकारी क्षेत्रों में रोजगार की अपार संभावनाएं है. निजी क्षेत्रों में कुशल व्यक्ति द्वारा सुरक्षा सेवाएं प्रदान करना अब ज्यादा सहज हो गया है. पुलिस सम्बंधित विषयों पर जब छात्र गहन अध्ययन करके आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाए देंगे तो इससे न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी बल्कि सुरक्षा के उच्च मानकों का सम्मान होगा. सामान्य जन मानस को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना सरकार की प्रमुख जिम्मेदारी है. भारत के संविधान के अनुसार देश की सुरक्षा में हम समस्त नागरिको का कर्तव्य है. इस लक्ष्य की प्राप्ति तभी संभव होगी जब हम सभी नागरिक अपने-अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करेंगे. भारत में अलगाववादी, आतंकवादी एवं विघटनवादी ताकतें आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में कड़ी चुनौतियां बनकर उभरी हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए योग्य एवं प्रशिक्षित उपाधिधारको को शिक्षा प्रदान कर काफी हद तक इस समस्या से निपटा जा सकता है.
कानून के क्षेत्र में भी यदि कोई अपराध विधि में शिक्षा का इच्छुक है तो उनके लिए भी कुछ ऐसे विशेष रोजगार है जो न्यायालय में अभियोजन अधिकारी, आपराधिक जगत में अधिवक्ता के रूप में अथवा अध्यापक के रूप में अपना करिअर बना सकते हैं. विशेषतया उन प्रतियोगियों के लिए जो सुरक्षा शिक्षा एवं सेवा को अपना प्राणाधार बनाना चाहते हैं उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर है.
किन विषयों में पढ़ाई करें ?
फोटोग्राफी प्रमाणपत्र (फोरेंसिक)
डिप्लोमा इन पुलिस विज्ञान,
बी.ए. (सुरक्षा प्रबंधन),
पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन पुलिस विज्ञान,
पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी,
एल. एल. एम. (अपराध और सुरक्षा विधि),
एम. ए. (पुलिस प्रशासन),
एम. ए. (अपराधशास्त्र),
एम. फिल. (अपराधशास्त्र),
पी.एच.डी. (विधि),
पी.एच.डी. (फॉरेंसिक)
पी. एच. डी. (अपराधशास्त्र),
पी. एच. डी. (आंतरिक सुरक्षा),
किन-किन क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर ?
1. पुलिस विभाग (देश के विभिन्न प्रान्तों में राज्य स्तरीय परीक्षा मंडल का गठन किया गया है जिसमें पुलिस या सुरक्षा प्रबंधन से सम्बंधित विषयों के उपाधि धारकों को वरीयता मिलना अवश्यम्भावी है. गुजरात में स्थापित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण छात्रो को पुलिस भर्ती में अतिरिक्त अंक प्रदान किये जाते हैं. पुलिस सेवा की परीक्षाओं में भी भविष्य में पुलिस प्रशासन विषय में विशेषज्ञता प्राप्त लोगों को भी साक्षात्कार में सरकार कुछ विशेष नियम बना सकती है. इसके पीछे तर्क यह है कि विद्यार्थी अपने अध्ययन के दौरान कानून, फॉरेंसिक, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी, अपराधशास्त्र, सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में प्रायोगिक और लिखित ज्ञान हासिल करते हैं.)
2. प्रवर्तन निदेशालय (आर्थिक अपराध के क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने का उचित अवसर इस प्रकार के कई विश्वविद्यालयों में दिया जाता है जिसमें मनी लांड्रिंग, फेमा जैसे विषयों का ज्ञान प्राप्त कर प्रवर्तन विभाग में रोज़गार के अवसर का सृजन अधिकारपूर्वक किया जा सकता है.)
3. फोरेंसिक विभाग (अपराध जगत में साक्ष्य एकत्रित करना सुरक्षा एजेंसी के सामने एक कठिन चुनौती होती है. क्योंकि अपराध करने के उपरांत अपराधी या तो साक्ष्य मिटा देता है या फिर पुलिस की पहुँच से दूर हो जाता है. फॉरेंसिक विज्ञान इन समस्याओं से निपटने के लिए सक्षम है और महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस प्रकार पीड़ित एव अभियुक्त दोनों को न्याय दिलाने में इस विषय की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है. इसीलिए इस प्रकार की शिक्षा आजकल सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार के प्रमुख अवसर प्रदान करती है)
4. विश्वविद्यालय शिक्षक (पुलिस सुरक्षा एवं आपराधिक न्याय के क्षेत्र में आजकल भारत में विभिन्न विश्वविद्यालय संचालित हैं जिसमें विश्वविद्यालयों में शिक्षक बनने की अपार संभावनाएं है. इच्छुक अभ्यर्थी अपना कॅरिअर इस क्षेत्र में चुन सकते हैं.)
5. अपराधशास्त्री (समाज में दिन प्रतिदिन नित नए अपराध के तरीके देखने में आ रहे हैं. अपराध के कारणों, अपराधी की मनःस्थिति, सामाजिक परिप्रेक्ष्य इत्यादि विषय पर विशेषज्ञता प्राप्त कर सुरक्षा के क्षेत्र में एक बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सकता है. इसके लिए अपराध शास्त्र विषय का अध्ययन कारगर हो सकता है.
6. मनोवैज्ञानिक विभाग (मानसिक तनाव के कारणों, हताशा, निराशा एवं जीवन के प्रति निरुत्साह सुरक्षा कर्मचारियों में आजकल आम बात हो गयी है. मनोविज्ञान की शिक्षा, सुरक्षा के क्षेत्र का अभिन्न अंग बन गया है. सरकार एंव निजी क्षेत्र में इस विषय की भारी मांग है.)
7. निजी सुरक्षा प्रबंधन (स्वयं सेवा संगठन, सरकारी संस्थान सुरक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रयत्नसाध्य हैं. आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार की शिक्षा निश्चित ही रोज़गार के नए आयाम खोलेगी)
8. आपदा प्रबंधन (बी ए (सुरक्षा प्रबंधन) में उपाधि हासिल करने के बाद आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में रोजगार का बेहतर भविष्य है. यह शिक्षा भारत के एकमात्र विश्विद्यालय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में अभी तक उपलब्ध है. यहां से इस विषय में अध्ययन कर ना केवल आपदा प्रबंधन बल्कि सुरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में निजी और सरकारी प्रतिष्ठानों में सेवायोजन के बहुलक्षी अवसर उपलब्ध हैं. यहां तक की गुजरात सरकार पुलिस सेवा की भत्ती में पुलिस डिप्लोमाधारी एवं सुरक्षा प्रबंधन डिग्री उपधिधारको को साक्षात्कार में अतिरिक्त अंक प्रदान करती है.
9. अभियोजन विभाग (आपराधिक एंव सुरक्षा विधि में विशेषज्ञता हासिल करना किसी रोमांच से कम नहीं है. यू जी सी ने जब इस विषय में एल एल एम का प्रस्ताव सुझाया उसके पीछे मानस यह था कि अभियोजन के क्षेत्र में कुशल मानवीय स्रोत का सृजन किया जा सके. आजकल एल एल एम (आपराधिक एव सुरक्षा विधि) विधि शिक्षा का बेहतर विकल्प है. इसे ना केवल अभियोजन बल्कि अपराध के क्षेत्र में अधिवक्ता, क्राइम मीडिया एवं शिक्षक के रूप में भी कॅरिअर के रूप में चुना जा सकता है.
10. साइबर सुरक्षा (जीवन में सांस के लिए जितनी आवश्यकता होती है उतनी आवश्यकता सुरक्षा की भी होती है. आज के इस वैज्ञानिक युग में सुदूर बैठकर खरीदारी का लुत्फ़ लिया जा सकता है. किन्तु यह शौक एक मंहगा मनोरंजन हो सकता है यदि लेन देन की सुरक्षा की बारीकियों को ना समझा जाय. सायबर सुरक्षा एक चुनौती है पर आजकल इस क्षेत्र में शिक्षा हासिल कर इस क्षेत्र में ना केवल निजी बल्कि सरकारी क्षेत्रों में अपना उज्ज्वल भविष्य तलाशा जा सकता है. सोशल नेटवर्किंग, ई -लेन देन, ऑन लाइन शापिंग, हैकिंग, जीपीएस इत्यादि क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर हैं.
11. सूचना प्रौद्योगिकी (इसके बिना सुरक्षा की कल्पना मुश्किल है. यह अपराधी को पकड़ने में वैज्ञानिक और त्वरित तरीके उपलब्ध कराती है)
12. निजी क्षेत्र में तटरक्षक (निजी क्षेत्र की तेल कम्पनियों को सुरक्षा की विशेष आवश्यकता होती है. अतः इस क्षेत्र में भी राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर निजी क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त किया जा सकता है)
13. यातायात सुरक्षा (ट्रैफिक पुलिस के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं)
14. पुलिस संचार (अपराधी को पकड़ने के लिए संचार तकनीक एक बेहतर वैज्ञानिक विकल्प है. संचार के क्षेत्र में अध्ययन, साइबर सुरक्षा, जीपीएस सभी की दक्षता प्राप्त कर इसे कॅरिअर का बेहतर विकल्प बनाया जा सकता है.
15. अस्पताल सुरक्षा (निजी क्षेत्र में आजकल सुरक्षा एजेंसी आउट सोर्सिंग के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाती है. इस क्षेत्र में अपना भविष्य देखा जा सकता है.
16. शौपिंग सेंटर (बिग बाज़ार, शॉपिंग मॉल, बाज़ार हब की इस दुनिया में सुरक्षा कर्मचारियों की बेहतर मांग है, इस क्षेत्र में अपना कॅरिअर बनाने के लिए औद्योगिक सुरक्षा के क्षेत्र में स्नातत्कोत्तर डिप्लोमा जैसी उपाधि की खूब मांग है.)
17. बैंकिंग सेक्टर (बैंकिंग का क्षेत्र इससे अछूता नहीं है इस क्षेत्र में सेवायोजन की अपार संभावनाएं हैं.)
18. निजी औद्योगिक क्षेत्र (इस क्षेत्र में भी रोजगार के पर्याप्त अवसर हैं)
19. विश्वविद्यालय परिसर में भी सुरक्षा के सुनहरे अवसर तलाशे जा सकते हैं. प्रवेश प्रक्रिया एव समय : ज्यादातर विश्वविद्यालयों में मैरिट के आधार पर प्रवेश सुनिश्चित किया जाता है. प्रवेश के लिए सुझाये गए विश्वविद्यालयों की वेब साइट समय-समय पर देखते रहे. वैसे प्रवेश प्रक्रिया अप्रैल से प्रारंभ हो जाती है जो जून माह तक चलती है.
इस विश्वविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया आने वाले अप्रैल २०२३ में शुरू होगा जिसमे प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थिओं का नामांकन उनके मेरिट लिस्ट के तहत होगा। अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी विश्वविद्यालय के वेबसाइट www.rru.ac.in पे visit कर सकते हैं।
वहीं पीआईबी के अपर महानिदेशक श्री प्रशांत पाठराबे ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए जो मुद्दे हैं उनके संभालने के लिए प्रशिक्षित लोगों की जरुरत है जोकि राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी केर रही है। जो विद्यार्थी IT और उनसे जुड़े हुए पाठ्यकर्मो में प्रवेश लेना चाहते हैं तो उनके लिए राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी एक बेहतर यूनिवर्सिटी है।
विश्वविद्यालय परिवर्तन के वाहक बनें : राज्यपाल श्री पटेल
17 March 2023
भोपाल. राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विश्वविद्यालय परिवर्तन के वाहक बनें। समाज की उन्नति के लिए उनकी भूमिका और जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय देश की भावी पीढ़ी के निर्माण केन्द्र हैं। आजादी के अमृत महोत्सव पर युवाओं में राष्ट्र, समाज के प्रति प्रेम और सेवा भाव जगाने के प्रयासों पर बल दिया जाये। राष्ट्रीय सेवा योजना एवं राष्ट्रीय कैडेट कोर के द्वारा विद्यार्थियों को सामाजिक सरोकारों के प्रति सजग और सक्रिय बनाया जाए।
राज्यपाल श्री पटेल आज राजभवन में प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को संबोधित कर रहे थे। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री के.सी. गुप्ता, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय, समाज के लिए उपयोगी बनें। समाज की चुनौतियों और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत करने में आगे आए। उन्होंने गुजरात राज्य के जनजाति बहुल अंचल में बच्चों को दूध वितरण की पहल के सुखद परिणामों के विभिन्न आयामों को बताया। राज्यपाल ने कहा कि दूध पीने से बच्चों का नेत्र रोग रतौंधी दूर हुआ। दृष्टि बेहतर हुई। स्कूल में दूध वितरण होने से विद्यार्थियों की उपस्थिति नियमित हुई एवं कुपोषण दूर हुआ। उन्होंने, कुलपतियों से कहा कि इसी भाव-भावना के साथ समस्या के मूल को समझ कर विश्वविद्यालय ग्राम विकास के बहुआयामी प्रयासों में सहयोग करें। विश्वविद्यालय के आस पास के समुदायों की समस्याओं का विवेचन करें। समुदाय की भ्रामक मान्यताओं एवं धारणाओं के प्रति सामाजिक सोच में बदलाव के प्रयासों में आगे आए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और शिक्षक भी गाँवों में जाएँ। ग्राम की आर्थिक परिस्थितियों की समीक्षा करें। गरीब वंचित परिवार की जरूरतों को समझे। उनके विकास के मार्ग को प्रकाशित करें।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों को समाज उपयोगी बनाएँ। विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं उद्योगों की मानव संसाधन की आवश्यकता का अध्ययन कर, उनकी पूर्ति के लिए पाठ्यक्रमों का निर्माण करें। पाठ्यक्रमों की अवधि की प्रासंगिकता पर भी विचार किया जाये। राज्यपाल ने कहा कि इसी तरह समुदाय की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी ली जाए। क्षेत्रीय स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकता की पूर्ति के लिए पाठ्यक्रमों का विकास किया जा सकता है। उन्होंने जनजाति बहुल क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया रोग, टी.बी., फाइलेरिया और थैलेसीमिया जैसे अन्य रोगों के उन्मूलन में सहयोग के लिए प्रेरित किया।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय नये पाठ्यक्रमों को शुरू करने से पूर्व उनकी उपयोगिता और सम्भावनाओं के संबंध में व्यापक स्तर पर जानकारी का प्रसार करें। ऐसे कोर्स, जिनमें दो से तीन वर्ष तक निरंतर अपेक्षित संख्या में प्रवेश नहीं हो रहे, उन्हें स्व-वित्त पोषित पाठ्यक्रमों में परिवर्तित कर दें। उपाधि वितरण के लिए आवेदन और फीस की व्यवस्था को समाप्त करें। विश्वविद्यालय स्वमेव उपाधि का वितरण करें। विद्यार्थियों को सूचित करें। उन्होंने परीक्षा परिणामों की समय पर घोषणा पर विशेष बल दिया। राज्यपाल ने कहा कि पूरक सहित सभी परीक्षाओं, के परिणाम 30 जून तक घोषित हो जायें। उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के प्रकरणों का समय सीमा में अनिवार्यत: निराकरण किया जाए और शासकीय एवं निजी महाविद्यालयों द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्तियों की जानकारी समय-सीमा में उपलब्ध कराई जाए।
मनोरंजन और फिल्म पत्रकारिता में बहुत अवसर - कुलपति प्रो केजी सुरेश, ऑनेस्टी के साथ करें फिल्म और मनोरंजन पत्रकारिता - प्रीति झंगियानी, अपने पैशन को पहचाने और उसे फॉलो करें - प्रवीण डबास, पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सिनेमा जगत की दो हस्तियों का विशेष व्याख्यान संपन्न
23 Feb 2023
भोपाल.मनोरंजन और फिल्म पत्रकारिता में बहुत अवसर - कुलपति प्रो केजी सुरेश,
ऑनेस्टी के साथ करें फिल्म और मनोरंजन पत्रकारिता - प्रीति झंगियानी,
अपने पैशन को पहचाने और उसे फॉलो करें - प्रवीण डबास,
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सिनेमा जगत की दो हस्तियों का विशेष व्याख्यान संपन्न,
मनोरंजन और फिल्म पत्रकारिता में बहुत से नए अवसर हैं। यह आपको बहुत सारे विकल्प देता है। फिल्म पत्रकारिता सिर्फ गॉसिप ही नहीं बल्कि गंभीर पत्रकारिता भी है। यह कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश का। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नवीन परिसर में आयोजित इंटरटेनमेंट जर्नलिज्म विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो सुरेश ने अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर मोहब्बतें फिल्म की मशहूर अभिनेत्री प्रीति झंगियानी ने भी विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप बहुत भाग्यशाली विद्यार्थी हैं जो इस विश्वविद्यालय पढ़ाई कर रहे हैं। पत्रकारिता विश्वविद्यालय की तारीफ़ करते हुए प्रीति ने कहा कि फिल्म जगत के लिए यह एक केंद्र हो सकता है। प्रीति ने पत्रकारिता के छात्रों से कहा कि ऑनेस्टी के साथ मनोरंजन और फिल्म पत्रकारिता करें। जिंदगी का फलसफा देते हुए उन्होंने कहा कि अपने जोश को बरकरार रखें और ऐसा करते हुए जिंदगी को इंजॉय करें।
खोसला का घोसला फिल्म के अभिनेता, मॉडल एवं निर्देशक प्रवीण डबास ने कहा कि आजकल ज्यादा व्यूज के चक्कर में मनोरंजन जगत की पत्रकारिता में झूठी खबर छाप दी जाती हैं, जो कि गलत है। मनोरंजन और फिल्म पत्रकारिता में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को चटपटा चाहिए, इसलिए आजकल सिनेमा जगत में कुछ भी छाप दिया जा रहा है, इससे आपको बचना चाहिए। उन्होंने ऑनेस्टी और इंटरग्रेटी की बात की। प्रवीण ने विश्वविद्यालय के नए परिसर और नए सभागार की भी जमकर तारीफ की। स्टुडेंट्स के जोश को देखकर उन्होंने कहा कि यह नया भारत है आप इसमें आप कुछ भी कर सकते हैं। आप जो चाहते हैं वह बन सकते हैं, बस आपके अंदर चाहत होनी चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि अपने पैशन को पहचाने और फिर उसे फॉलो करें। वरिष्ठ पत्रकार केशव पांडे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सिनेमा अध्ययन विभाग द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में आर्म रेसलिंग के वर्ल्ड चैम्पियन और विक्रम पुरुस्कार अवॉर्डी मनीष कुमार, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अविनाश वाजपेई,सिनेमा अध्ययन विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ पवित्र श्रीवास्तव, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष,शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस परिषद की उप समिति एवं कुलपति प्रो केजी सुरेश से की मुलाकात,
8 Feb 2023
भोपाल.स्मार्ट पार्क में मुख्यमंत्री के साथ उप समिति के संयोजक व सदस्यों ने किया पौधारोपण,
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को भारतीय प्रेस परिषद द्वारा गठित उप समिति के संयोजक प्रो जेएस राजपूत, सह संयोजक श्री प्रकाश दुबे, सदस्य श्री श्याम सिंह पवार, डॉ सुमन गुप्ता एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश से मुलाकात की। उपसमिति ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बिशनखेड़ी स्थित नवीन परिसर में मीडिया प्राध्यापकों, विद्यार्थियों,पत्रकारों एवं संपादकों के साथ मगंलवार को हुई बैठक के बारे में अवगत कराया । मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में प्राप्त हुए सुझावों पर खुशी जताई एवं टीम के सदस्यों को शुभकामनाएं दीं। सीएम श्री चौहान ने उम्मीद जताई कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आए महत्वपूर्ण सुझाव प्रेस परिषद के लिए उपयोगी साबित होंगे एवं इससे महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकलेंगे। तत्पश्चात एमसीयू के कुलपति प्रो केजी सुरेश एवं उपसमिति के संयोजक एवं सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ स्मार्ट पार्क में पौधारोपण किया। पौधारोपण के पश्चात टीम के सदस्य भोपाल स्थित पत्रकारिता विश्वविद्यालय के सिटी कैंपस विकास भवन पहुंचे, जहां उन्होंने पत्रकारों, संपादकों से भी मुलाकात एवं चर्चा की। ।
एमसीयू में ‘प्रतिभा 2020’ का आयोजन 4 मार्च से
2 March 2020
भोपाल.माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के उत्सव 'प्रतिभा 2020' का आयोजन किया जा रहा है । इस आयोजन के तहत प्रथम चरण में 4 मार्च से खेलकूद प्रतियोगिताएं प्रारंभ होंगी ।
विश्वविद्यालय के खेल समन्वयक श्री रवि मोहन शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय में 4 मार्च से शतरंज प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसके बाद 5 एवं 6 मार्च को टीटी नगर स्टेडियम में बैडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन होगा । इस आयोजन में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों की टीमें भाग लेंगी। जबकि प्रतिभा 2020 के दूसरे चरण में 16 से 20 मार्च के बीच सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा । सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. आरती सारंग ने बताया कि इसमें निबंध, फीचर लेखन, क्विज, वाद-विवाद, तात्कालिक भाषण, स्वरचित काव्यपाठ, पोस्टर निर्माण, कोलाज, कार्टून निर्माण, फोटोग्राफी, लघु फिल्म निर्माण, पावर पाइंट, वेबसाइट डिजाइन, एकल वाद्य, एकल गायन, (भारतीय एवं पाश्चात्य) समूह गायन एवं एकल गायन की प्रतियोगिताएं होंगी ।
आरजीपीवी में सड़क एवं फुटपाथ निर्माण कार्य की तकनीक पर कार्यशाला संपन्न हुई
29 February 2020
भोपाल.राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण कार्य के दौरान होने वाली
विफलताएं,उनके कारण एवं समाधान विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में किया गया
जिसमें आरजीपीवी एवं सम्बद्ध संस्थानों के प्रतिभागी शामिल हुए कार्यशाला के उदघाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति
प्रो.सुनील कुमार,कुलसचिव प्रो.सुरेश सिंह कुशवाह, प्रो.सुधीर सिंह भदौरिया एवं प्रो. सलीम अख्तर सहित प्राध्यापक एवं विद्यार्थी
उपस्थित थे!
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो.सुनील कुमार ने कहा कि सड़कों का अच्छा नेटवर्क एक बेहतर परिवहन
प्रणाली के लिए अपना योगदान देता है! छोटी –छोटी कमियां नज़रअंदाज कर देने से अधिकतर सड़कों का मेंटेनेंस करना पड़ता है
जिसमे बड़ी राशि खर्च हो जाती है, शहरों में वाटर ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं होने से समस्या आती है अत: एस्थेटीक सेंस को ध्यान में
रखकर सड़कों का मेंटेनेंस किया जाना चाहिए! इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के
छात्रों की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी जिसमे वह सड़कों में होने वाले गड्डों को किस कलात्मकता के साथ से भरा जा सकता है
उसके बारें में अपना आइडिया प्रदान करेंगे!
उदघाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत प्रो.सलीम अख्तर , प्रो.अरुणा रावत एवं प्रो.असलम खान ने किया!
कार्यशाला के तकनीकी सत्र में डॉ.निखिल साबू ( आईआईटी बीएचयू,वाराणसी ) ने सड़कों एवं फुटपाथ के लिए उपयोग में
आने वाली निर्माण सामग्री की विफलता पर चर्चा करते हुए सामग्री चयन, मात्रा एवं उसके उचित मिश्रण की तकनीक एवं महत्वता
पर प्रकाश डाला!
श्री बी.के.चुघ (एक्स.डायरेक्टर जनरल सीपीडब्लूडी) ने सड़क निर्माण की तकनीक के सन्दर्भ में कहा कि अच्छी सड़क के
लिए बिटुबीन का उचित मिश्रण मिलाया जाना अत्यंत आवश्यक है साथ ही रोलर एवं अन्य उपकरणों को निर्माण के दौरान ठीक
प्रकार से उपयोग किया जाना चाहिए उन्होंने ड्रेनेज सिस्टम की कोरियन तकनीक को बेहतर बताते हुए सड़क के उपरी सतह पर
वाइट टॉपिंग की जानकारी देते हुए कहा की यह सड़क की उम्र को बढाता है!
तकनीकी सत्र में इंजिनियर सुनील वर्मा (जनरल मैनेजर,एमपीआरडीसी) ने सडको की डिजाईन एवं कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी
पर अपने विचार व्यक्त किये!
1 मार्च को होगा 'ओपन बुक टेस्ट'
26 February 2020
युवाओं में रीडिंग स्किल विकसित करने के उद्देश्य से सिविल सर्विसेज क्लब इस रविवार भोपाल की पहली 'ओपन बुक प्रतियोगिता' आयोजित कर रहा है ।
जिसमें स्टूडेंट्स को एक किताब में से 90 मिनिट्स 100 प्रश्नों के उत्तर खोजने हैं
सबसे कम समय में सभी उत्तर ढूंढ लेने वाले युवाओं को 6000 रुपये का नगद पुरुस्कार दिया जाएगा।
यह प्रतियोगिता 2013 बैच के आईएएस अधिकारी नितिन सिंघानिया की किताब 'भारतीय कला एवं संस्कृति' पर आधारित होगी ।
खास बात ये है आपको ये किताब घर से लाने की जरूरत नहीं है । प्रतियोगिता में भाग लेने वाले हर व्यक्ति को यह किताब सिविल सर्विसेज क्लब द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी । किताब हिन्दी व इंग्लिश दोनों माध्यम में उपलब्ध होगी ।
पूरी तरह से निःशुल्क व सबके लिए ओपन इस प्रतियोगिता में शहर का कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है । भाग लेने के इच्छुक व्यक्तियों को रविवार को 3.30 बजे जवाहर चौक स्थित सिविल सर्विसेज क्लब पहुँचना होगा।
स्थान सीमित होने के कारण सबसे पहले आने वाले केवल 100 लोग ही इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकेंगे ।
कार्यक्रम के बारे में
कार्यक्रम का नाम -“ओपन बुक टेस्ट”
किताब का नाम - इंडियन आर्ट एन्ड कल्चर
लेखक - नितिन सिंघानिया (2013 बैच के IAS अधिकारी)
किताब उपलब्ध है - हिंदी व इंग्लिश दोनों में
किताब में कुल पेज हैं - 584
प्रतियोगिता के बारे में :-
कब होगी - 1 मार्च 2020 (सन्डे को)
कितने बजे होगी - शाम 4 बजे
कहाँ होगी - सिविल सर्विसेज क्लब में
किस मीडियम में होगी - हिंदी व इंग्लिश दोनों मीडियम में
कौन भाग ले सकता है - कोई भी व्यक्ति
भाग लेने के लिए क्या करना होगा - प्रतियोगिता से 15 मिनिट पहले सिविल सर्विसेज क्लब आना होगा.
रजिस्ट्रेशन कहाँ कराना है - कहीं नहीं. बिना रजिस्ट्रेशन के सीधे प्रतियोगिता के लिए पहुंचिए
प्रतियोगिता में प्रवेश मिलेगा - सबसे पहले आने वाले केवल 100 लोगों को.
कैसे होगी प्रतियोगिता :-
- प्रतियोगिता की शुरुआत में आपको 100 प्रश्नों का एक पेपर दिया जाएगा, इस पेपर के सभी प्रश्नों के उत्तर नितिन सिंघानिया की किताब में मौजूद हैं
- फिर आप सबको नितिन सिंघानिया की किताब दी जायेगी
- आपको किताब खोलकर 90 मिनिट में इन 100 प्रहनों के उत्तर ढूंढने हैं
- सबसे पहले सबसे ज्यादा उत्तर ढूंढ लेने वाला व्यक्ति इस प्रतियोगिता का विजेता होगा.
- प्रतियोगिता में पहले,दूसरे व तीसरे स्थान पर रहने वालों को कुल 6000 /- रुपये के नगद पुरूस्कार दिए जाएंगे.
आयोजक - सिविल सर्विसेज क्लब भोपाल
क्विज मास्टर - चारवी गुप्ता
मीडिया में न लेफ्ट न राइट, खबरें होनी चाहिए टाइट- दिलीप तिवारी 25 February 2020
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में “मीडिया इंडस्ट्री रिक्वायरमेंट” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन हुआ। इस अवसर पर ज़ी मीडिया समूह के सीईओ दिलीप तिवारी ने मीडिया विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया में खबरें लेफ्ट राइट नहीं बल्कि टाइट होनी चाहिए। उन्होने कहा कि इस प्रोफेशन में राशन नहीं पैशन ज़रूरी होता है। टीवी मीडिया में एंकर बनने से पहले आपको एक पत्रकार और रिपोर्टर बनना जरूरी है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि देशभर में हमारे पत्रकारिता विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं, वे मीडिया संस्थानों में अच्छे कंटेंट क्रिएटर का भी काम कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम में ज़ी मीडिया की एचआर हेड सुश्री रुचिरा श्रीवास्तव, एचआर मैनेजर श्री कमल शर्मा, विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश वाजपेयी समेत शिक्षकगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।
परिस्थितियों से परिचित कराते हैं कार्टून- कार्टूनिस्ट इरफान
25 February 2020
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आज जनसत्ता अख़बार के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट इरफान छात्रों से रूबरू हुए।
अपनी बात शुरू करते हुए इरफान ने कहा कि कार्टून एक ऐसा माध्यम है जिससे लोगों को परिस्थितियों से परिचित कराया जाता है।
कार्टून बनने की स्थिति को व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि यदि कोई ऐसा कार्य हो जाय जो नहीं होना चाहिए तो उस पर कार्टून बनता है। कार्टून बनाने के लिए मुख्यत: पांच बातों का ज्ञान होना आवश्यक है, पहला कार्टूनिस्ट एक अच्छा चित्रकार हो , उसे स्थिति की समझ के साथ समाचार की परख हो, हास्यवृत्ति का उचित प्रयोग करते हुए संदर्भ का ज्ञान हो। वर्तमान समय में व्यंग सब से आगे है लेकिन आज के लोग व्यंग और उपहास में अंतर करना नहीं जानते हैं।
*कार्टूनिस्ट विशुद्ध रूप से पत्रकार होता है- इरफान
कार्टूनिस्ट की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वह विशुद्ध रूप से पत्रकार होता है जो आड़ी तिरक्षी रेखाओं के माध्यम से बात को कहता है और इसके साथ ही वह उन मुद्दों को रेखांकित करता है जो समाज के लिए आवश्यक होते हैं। इन सब के अलावा पढ़ना भी अति आवश्यक है।
एक कार्टूनिस्ट की चुनौती को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि कानूनी सीमाओं को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र रूप से कार्टून बनाना आवश्यक होता है। यदि किसी प्रकार की लगाम लगाई जाती है तो कार्य करना कठिन हो जाता है।
भीड़ से अलग होने के लिए बने रचनात्मक - इरफान
छात्रों द्वारा किए गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि आज का समय बदल गया है आज कोई भी कार्टूनिस्ट पहले की अपेक्षा ज्यादा कार्य कर रहा है उसे समाचारों की रफ्तार से कदम ताल करना है। यद्यपि आज तकनीकी आ गई है लेकिन बेसिक कार्य जैसे स्केच बनाना तो आप को आना ही चाहिए।
आप को कई विकल्प रखने चाहिए आप एक ही जगह पर अपने मन का सब कुछ नहीं कर सकते।
*अगर अपने ठान लिया है कि आपको कहां जाना है तो रास्ता खुद ब खुद बन जाएगा।
आप जो भी कार्य कर रहे हैं उसे पूरी ईमानदारी से और सशक्त रूप से जरिए।
अपनी सीमाओं का हमेशा ध्यान रखते हुए कार्य करें।
अधिक से अधिक पढ़े और जिस विषय पर कार्टून बना रहे हैं, उसके बारे में पूरी जानकारी रखें।आपका प्रयास ये होना चाहिए कि आज के समय में आप लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरे।
समाज में खिले फूल की तरह हैं कार्टूनिस्ट -प्रो. अरुण त्रिपाठी
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रो. अरुण त्रिपाठी ने कहा कि ये मायने नहीं रखता कि आपने जंग कितनी जीती है सवाल ये है कि आपने कभी हार नहीं मानी और ये बात इरफान जी के लिए सटीक बैठती है।वर्तमान समय में कार्टूनिस्ट हमारे समाज में खिले हुए फूल की तरह होता है।
कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक डॉ विष्णु राजगढ़िया ने किया और प्राध्यापक डॉ रंजन ने विभाग की ओर से पुस्तक भेंट की।
आरजीपीवी में प्रबंधन शिक्षा की चुनौशतयों पर सेशमनार संपन्न हुआ
20 February 2020
भोपाल.भोपाल:- राजीव गााँधी प्रौद्योशगकी शवश्वशवद्यालय के स्कू ल ऑफ़ एप्लाइड मैनेजमेंट शवभाग द्वारा शवश्वशवद्यालय
के सभागार मे “इश्यूज एंड चैलेंजेस इन मैनेजमेंट एजुके िन इन इंशडया” शवषय पर एक ददवसीय सेशमनार का
आयोजन तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार काययक्रम के अंतगयत दकया गया! सेशमनार के उदघाटन सत्र मे मुख्य
अशतशथ आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर डॉ. शहमांिु राय थे, अध्यक्षता शवश्वशवद्यालय के कु लपशत प्रो.सुनील
कु मार ने की शवशिष्ट अशतशथ के रूप मे डॉ. पी.के.शमश्रा (पूवय कु लपशत देवी अशहल्या एवं बरकतउल्ला
शवश्वशवद्यालय ) तथा डॉ.शनशतन ससह (आईआईएम् रांची ) उपशस्थत थे! सेशमनार में आरजीपीवी एवं सम्बद्ध
संस्थानों के प्रबंधन शवषय के प्राध्यापक एवं शवद्याथी िाशमल हुए!
उद्घाटन सत्र के प्रारंभ मे सेशमनार की प्रस्तावना रखते हुए डॉ.ए एस.खालसा ( सदस्य बीओएस,
आरजीपीवी ) ने कहा दक प्रबंधन की पढाई का उद्देश्य शवद्यार्थथयों को शवजनरी बनाना है, आज प्रबंधन की
पढाई का देि की पाशलसी मेककग मे बड़ा योगदान है यह कॉपोरेट सेक्टर के अलावा इंटनयशिप के शलए भी
कारगर बन रही है!
तत्पश्चात संबोशधत करते हुए डॉ. शहमांिु राय (डायरेक्टर आईआईएम इंदौर) ने कहा दक जीवन मे
बेहतर प्रबंधन के शलए फायर िब्द के अथय को समझना होगा शजसमे एफ याशन दफयर (भय), आई याशन
इनएशक्टव (शनशरक्रयता ) आर याशन ररलेिन (सम्बन्ध ) तथा ई याशन एनवे (ईरयाय) िाशमल है! हमें सफल
जीवन के शलए आग से नहीं खेलना चाशहए बशल्क फायर िब्द के सही अथो के साथ जीना चाशहए क्योदक पैसा,
पद एवं प्रशतष्ठा का भय, दकसी काम को बाद मे कर लूाँगा कहकर टालने की प्रवृशत तथा व्यशि एवं प्रकृ शत के
साथ समबन्ध एवं अपने पास क्या है इसकी बजाय दूसरे के पास क्या है यह देखना मनुरय की प्रकृ शत बन जाती
है जबदक नेतृत्व करने के शलए सही ददिा मे सोचना ओर करना दोनों जरुरी है उन्होंने कहा की दूसरो में
पररवतयन लाने के पहले स्वयं में पररवतयन लाना जरुरी है दकसी भी काम को अपना छोटा या बड़ा नहीं
समझकर अपना समझकर करना, बड़ो का आदर करना, में क्या हाँ, मेरी क्षमताएं क्या है इसका आंकलन करते
हुए अपनी पूरी क्षमता के साथ कायय करते हुए अपना सवयश्रेष्ठ देने से व्यशि एक अच्छा प्रबंधक एवं सफल
नेतृत्वकताय बनाता है!
उन्होंने नैशतकता एवं एशथक्स का अंतर बताते हुए कहा की नैशतकता अच्छे बुरे में भेद करना शसखाती
है जबदक एशथक्स सही और गलत में अंतर बताता है! व्यशि की दक्षता में एक प्रशतित की कमी से एक वषय में
उसमे दो प्रशतित की कमी आती है जबदक दक्षता में एक प्रशतित की वृशद्ध होने पर उसकी दक्षता में एक वषाय में
३७ प्रशतित की वृशद्ध होती है इसशलए सदैव अपना सवयश्रेष्ठ देवें! ज्ञानाजयन सभी ओर से होता है दकन्तु इसके
शलए आवश्यक है दक ओपन माइंड एवं शजज्ञासु प्रवृशत से सीखने की मानशसकता से उसे ग्रहण दकया जाए!
काययक्रम की अध्यक्षता करते हुए शवश्वशवद्यालय के कु लपशत प्रो.सुनील कु मार ने कहा दक जीवन का
उद्देश्य क्या है, हम क्या करना चाहते है यह जान पाना प्रबंधन शिक्षा से संभव है दुशनया में पररवतयन की अपेक्षा
करने से पहले स्वयं में पररवतयन लाना जरुरी है! अच्छे नेतृत्त्वकताय को दृढ़ता के बजाए लचीलापन रखना चाशहए
उन्होंने कहा दक भारत के पांच रिशलयन डॉलर की इकोनोमी बनने में प्रबंधन का बहुत बड़ा योगदान है!
उदघाटन सत्र का संचालन सुश्री आयुषी जैन एवं आभार प्रदियन डॉ. अशनल कोठारी (डायरेक्टर
एसओएएम,आरजीपीवी ने दकया) काययक्रम के प्रारंभ में अशतशथयों का स्वागत कु लपशत प्रो.सुनील कु मार एवं
प्रो.एस.सी.चौबे द्वारा दकया गया!
सेशमनार के तकनीकी सत्रों में मैनेजमेंट एजुके िन एंड कॉपोरेट एक्सपेक्टेिन, इन्टरशप्रनोर इम्पैक्ट,
फै शमली मैनेज्ड शबजनेस तथा प्रबंधन शिक्षा की तत्सम नीशतयों पर डॉ. पी.के.शमश्रा ( पूवय कु लपशत देवी अशहल्या
एवं बरकतउल्ला शवश्वशवद्यालय ) तथा डॉ.शनशतन ससह (आईआईएम् रांची) प्रो. सत्याजीत मजूमदार (टाटा
इंशस्टट्यूट मुंबई ), डॉ. पराग दुबे (नीटर भोपाल ) श्री सशमष दलाल (मुंबई),डॉ.राजीव गुप्ता (देवी अशहल्या
शवश्वशवद्यालय,इंदौर), डॉ. ए.के.िरण(एनआईएफएम, ददल्ली ) एवं श्री अरुण पालीवाल,आरजीपीवी भोपाल
ने अपने शवचार प्रस्तुत दकये!
सेशमनार के समापन सत्र में मुख्य अशतशथ भोज शवश्वशवद्यालय के कु लपशत डॉ.जयंत सोनवलकर,
अध्यक्ष के रूप में प्रो.सुनील कु मार एवं शवशिष्ट अशतशथ प्रो.एस.सी.चौबे थे!
नये विश्वविद्यालय के लिये गाँधी स्तंभ स्थापित करना अनिवार्य
19 February 2020
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने कहा है कि विद्यार्थियों को मानवीय अवधारणा में पारंगत करने के लिये महात्मा गाँधी की विचारधारा से अवगत कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में किसी भी नए विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गाँधी स्तंभ स्थापित करना अनिवार्य होगा, तभी अनुमति दी जायेगी। श्री पटवारी बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में आयोजित धर्मपाल स्मृति व्याख्यानमाला कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री श्री पटवारी ने कहा कि शिक्षा और साहित्य से जुड़े हर व्यक्ति को गाँधी के विचार और उनकी मानवीय अवधारणा से अवगत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अंहिंसा, सद्भाव और समानता गाँधी जी के प्रमुख विचार थे। यही हमारे देश की विशेषता भी है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि भावी पीढ़ी को गाँधी जी को जानना इसलिये जरूरी है क्योंकि उन्हीं के दिखाए मार्ग से हम अपने देश को सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को गाँधी जी के इन विचारों से रू-ब-रू कराने के लिए हमने 1400 महाविद्यालयों में महात्मा गाँधी पर शोध के लिये गाँधी पीठ की स्थापना की है।
व्याख्यानमाला में ' गाँधी को कैसे समझें' विषय पर साहित्यकार श्री नंद किशोर आचार्य और 'नागरिकता की समझ' विषय पर कानूनविद श्री कनक तिवारी ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.जे.राव तथा गाँधी रिसर्च फाउण्डेशन, जलगांव की अधिष्ठाता और इतिहासकार श्रीमती गीता धर्मपाल उपस्थित थीं।
आरजीपीवी में दो ददवसीय टेक फे स्ट सम्पन्न हुआ
15 February 2020
सससवल इंजीसनयररग सवभाग यूआईटी आरजीपीवी के टेक्नो दफसलक क्लब के सवद्यार्थथयों द्वारा
सवश्वसवद्यालय पररसर मे ददनांक १७ एवं १८ फरवरी के दो ददवसीय टेक फे स्ट “सनमााण”
सवश्वसवद्यालय मे आयोसजत हुआ सजसमें टॉक शो, सवसभन्न प्रसतयोसगताएँ एवं परम्परागत खेल तथा
रक्तदान कायाक्रम आयोसजत दकया गया! सजसमे आरजीपीवी एवं सम्बद्ध संस्थानों के सससवल
इंजीसनयररग सवषय के सवद्यार्थथयों ने सहभाग दकया! टेक फे स्ट के समापन अवसर पर सवश्वसवद्यालय के
कुलपसत प्रो.सुनील कुमार, कुलससिव प्रो.सुरेश ससह कुशवाह, प्रो. के.रामिंद्र राव (आईआईटी ददल्ली),
एवं सवभागाध्यक्ष प्रो.सुधीर ससह भदौररया ने प्रसतभासगयों को प्रशसस्त पत्र प्रदान कर सम्मासनत दकया!
दो ददवसीय फे स्ट “सनमााण” के अंतगात एम्स भोपाल के सहयोग से डॉ.सवलाससनी (एम्स
भोपाल) एवं क्लब समन्वयक सुश्री इसत यादव द्वारा ब्लड डोनेशन केम्प का आयोजन दकया गया
सजसमें ७७ सवद्यार्थथयों ने रक्तदान दकया!
उल्लखेनीय है दक टेक्नो दफसलक क्लब की गसतसवसधयों का संिालन सवद्यार्थथयों द्वारा दकया
जाता है सजसमे प्रसतवषा सससवल इंजीसनयररग सवषय पर सवशेषज्ञों के व्याख्यान एवं अन्य रिनात्मक
गसतसवसधयाँ आयोसजत की जाती हैं!
दो ददवसीय ऑटो कैड तकनीकी फे सस्टवल मे इंसजसनयर बी.के.िुघ (ररटायडा डायरेक्टर
जनरल, पीडब्ल्यूडी) एवं प्रो.के.आर. राव, (आईआईटी ददल्ली) द्वारा टॉक शो के तहत सससवल
इंजीसनयररग सवषय की सवकास यात्रा एवं उससे जुड़े सवसवध आयामों पर छात्रों से ििाा की!
प्रसतयोसगताओं के अंतगात सससवल इंजीसनयररग सवभाग के छात्रों हेतु सवसभन्न प्रसतयोसगताएं
आयोसजत की गई सजसमें सिज सडजाईन, टाउन प्लासनग एवं एवं सबसल्डग सडजाइसनग की प्रसतयोसगता
शासमल थी! इस प्रसतयोसगतायां मे २२० सवद्यार्थथयों ने सहस्सा सलया! सिज सडजाईन प्रसतयोसगता मे
प्रथम श्री आयुष िौरससया एवं टीम, (टीआईटी,भोपाल), सद्वतीय धमेन्द्र िौहान एवं टीम
(टीआईटी,भोपाल ),तृतीय स्थान ध्रुवराज एवं टीम( एलएनसीटी, भोपाल ) ने प्राप्त दकया!
टाउन प्लासनग मे प्रथम सुश्री सदफ़ सशरीन एवं सुश्री अग्रशी गोयल (यूआईटी,आरजीपीवी
भोपाल) ने प्राप्त दकया! सबसल्डग सडजाइसनग मे प्रथम अनंत समश्रा (टीआईटी,भोपाल), सद्वतीय मो.
काससम शाह (सससटेक भोपाल) तृतीय स्थान पर ररतेश पाटले (टीआईटी,भोपाल),रहे!
जस्ट अ समनट प्रसतयोसगता मे सससवल इंजीसनयररग के सवषय पर तात्कासलक भाषण
प्रसतयोसगता मे प्रथम असमत कुमार उपाध्याय टीआईटी,भोपाल), सद्वतीय अर्थपत वमाा
(एक्रोपोसलस,इंदौर) रहे!
एमसीयू में विशेष व्याख्यान का आयोजन
15 February 2020
पत्रकार दो तरह के होते हैं, एक मीडियाकर्मी और दूसरे पत्रकार । आप कौन से पत्रकार बनना चाहते हैं ये आपको तय करना है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान में ये बात दिल्ली के सुप्रसिद्ध पत्रकार अंशुमान तिवारी ने कही । विशेष व्याख्यान में कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह विशेष रुप से उपस्थित थे। संचालन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने किया। आभार प्रदर्शन जनसंचार विभाग के प्रो. संजय द्विवेदी द्वारा किया गया।
वरिष्ठ पत्रकार श्री तिवारी ने कहा कि आज न्यूज रुम में चुनौतियां बदल रही हैं, लोगों तक सूचना पहुंचाने वाले आप अकेले नहीं हैं । आने वाले समय में चुनौतियों और बढ़ेंगी। एक पत्रकार जो प्रतिदिन लिखता है, उससे ज्यादा आज का पाठक, श्रोता, दर्शक लिख रहा है । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि खबरों, नए ट्रैंड्स को पहचानने की शक्ति, आज एवं आने वाले कल को समझने के साथ ही तकनीकी समझ होना भी आपमें बहुत जरुरी है। कौशल एवं ज्ञान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज के दौर में आपके पास कौशल तो होना ही चाहिए, लेकिन इसके साथ ही आपके पास ज्ञान का होना भी बहुत आवश्यक है।
वरिष्ठ पत्रकार श्री तिवारी ने भारत की अर्थव्यवस्था पर भी विशेष रुप से अपने विचार व्यक्त किए । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यदि आप पत्रकार बनना चाहते हैं, तो आपको अर्थव्यवस्था की जानकारी होना चाहिए। अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है, इसका पता होना जरुरी है। इसके साथ ही उन्होंने जीडीपी, बजट, नोटबंदी, बचत, रोजगार, विज्ञापन आदि विषयों पर भी व्याख्यान के दौरान चर्चा की। अंत में विद्यार्थियों ने श्री तिवारी से सवाल भी पूछे। व्याख्यान में विश्वविद्यालय के सभी विभागों के शिक्षक,विद्यार्थी विशेष रुप से उपस्थित थे।
पत्रकारिता में प्रबंधन का बहुत महत्व है : शिवकुमार विवेक
14 February 2020
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में बुधवार से ‘मीडिया इंडस्ट्री रिक्वायरमेंट’ पर एक व्याख्यानमाला की शुरुआत हुई । व्याख्यानमाला के प्रथम वक्ता के रुप में वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार विवेक ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भाषा कोई भी हो, उसमें काम करने वाला पत्रकार ही होता है । इसके साथ ही उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मोबाइल कंपनी का मैनेजर अखबार को मैनेज नहीं कर सकता है, व्यक्ति का उस विषय में विशेषज्ञ होना आवश्यक है। श्री विवेक ने कहा कि यह मल्टीटॉस्किंग का दौर है, पिछले 10 सालों में तकनीक बहुत तेजी से बदली है इसलिए आपको वर्तमान दौर के हिसाब से अपने आपको ढालना होगा । रोजगार कम नहीं बल्कि शिफ्ट होने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने काम में निपुण रहना आवश्यक है।
वरिष्ठ पत्रकार श्री विवेक ने विद्यार्थियों को अपडेट रहने की बात करते हुए कहा कि आपको सिर्फ अपडेट ही नहीं रहना चाहिए बल्कि अपने पाठकों को भी समझना जरुरी है। उन्होंने भाषा के ज्ञान को अति आवश्यक बताते हुए कहा कि यह आपको मजबूत करने का कार्य करती है। व्याख्यान के बाद बाद श्री विवेक ने विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए। व्याख्यानमाला में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी, विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन दीपशिखा हर्ष एवं आभार प्रदर्शन मनीषा वर्मा द्वारा किया गया।
माखनलाल विवि. में व्याख्यान
गंगा मर रही है : राजेंद्र सिंह
10 February 2020
मैग्सेसे पुरस्कार विजेता जलपुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा है कि गंगा आईसीयू में है। हमारी इस पवित्र नदी की मौत किसी भी वक्त हो सकती है। उन्होंने 'गंगा को आजादी' की मांग करते हुए कहा कि अब तक चार महापुरुषों ने मां गंगा के लिए प्राण त्याग दिए। अब पांचवीं कड़ी में साध्वी पद्मावती 58 दिन से अनशन पर हैं। लेकिन अब तक उनसे किसी ने वार्ता तक नहीं की है।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आज विशेष व्याख्यान का आयोजन हुआ। विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी ने श्री सिंह के योगदान को देश के लिए अनमोल बताया। इस दौरान मध्यप्रदेश में 'राइट टू वाटर' के प्रयोग पर भी चर्चा हुई।
जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने मध्यप्रदेश को 'प्रकृति का लाड़ला बेटा' का नाम देते हुए कहा कि यहां की उपजाऊ मिट्टी और पांचों क्षेत्र में अच्छी बारिश एक बड़ी देन है। लेकिन अभी यहां 84 फीसदी खेती भूमिगत जल से होना चिंताजनक है। श्री सिंह ने मध्यप्रदेश के जल प्रबंधन में सरकार और समाज के साझा प्रयास को स्वागतयोग्य बताया।
श्री सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति में हम पानी का संस्कार और सम्मान जानते आए हैं। इसीलिए भारत अब तक पानीदार बना रहा। लेकिन अब हम बेपानी होते जा रहे हैं, क्योंकि हमने पानी का संस्कार और सम्मान छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि हमारी पारंपरिक शिक्षा प्रणाली हमें प्रकृति का दोहन नहीं, बल्कि पोषण करना सिखाती थी। लेकिन अब इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा सिर्फ प्रकृति का दोहन सिखाती है। व्यावसायिक प्रबंधन पाठ्यक्रम में भी सिर्फ 'लाभ' सिखाया जाता है और 'शुभ' की परिकल्पना भुला दी गई है। श्री सिंह ने कहा कि भारतीय ज्ञानतंत्र के रास्ते पर चलकर प्रकृति और मानवता का सम्मान करना ही एकमात्र विकल्प है।
इस दौरान श्री सिंह ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और अधिकारियों के सवालों का जवाब भी दिया। उन्होंने देश में पत्रकारिता की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि पर्यावरण के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर करने वालों खबरें मीडिया नहीं दिखा रहा। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के नाम पर 20 हजार करोड़ खर्च के बावजूद गंगा की स्वच्छता के गंभीर प्रयास के बजाय महज घाट निर्माण किया जा रहा है।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने माखनलाल चतुर्वेदी की
जन्मभूमि बाबई में खोला पुस्तकालय
5 February 2020
भोपाल। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राष्ट्रकवि, पत्रकार एवं संपादक माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मभूमि बाबई (होशंगाबाद) में पिछले 20 वर्षों की लंबित मांग को पूरा करते हुए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने नगर में एक पुस्तकालय का लोकार्पण किया है । बुधवार को विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी, सामाजिक संस्था ‘संकल्प’ एवं नगर के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में सिरवाड़ रोज स्थित तवा कॉलोनी के एक नवनिर्मित भवन में दादा माखनलाल जी के नाम पर पुस्तकालय एवं वाचनालय का लोकार्पण फीता काटकर किया गया।
दादा माखनलाल जी की पवित्र धरा पर हुए गरिमामय समारोह में कुलपति श्री तिवारी ने कहा कि वे चाहते हैं कि पुस्तकालय में आकर विद्यार्थी और नागरिक अध्ययन करें एवं इसका भरपूर लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि यदि कुछ लोग भी पुस्तकालय की पुस्तकों से अध्ययन करके अपने जीवन में कुछ पाते हैं तो यह विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित किए इस पुस्तकालय की बड़ी उपलब्धि होगी। महात्मा गांधी एवं माखनलाल जी को याद करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि गांधी जी ने दादा माखनलाल जी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बनाया और खुद उनसे मिलने बाबई में आए जो कि ऐतिहासिक बात है। उन्होंने कहा कि माखनलाल जी का व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि उस समय की मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें घर जाकर सम्मान दिया था। कुलपति श्री तिवारी ने सागर के पास रतौना आंदोलन में दादा माखनलाल जी की विशेष भूमिका पर खासतौर पर प्रकाश डाला। कुलपति श्री तिवारी ने सिद्धांतों,मूल्यों एवं अहिंसा की बात करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के जो आदर्श थे, वही माखनलाल जी के आदर्श थे। उन्होंने देशप्रेम की बात करते हुए कहा कि देशभक्ति सबको प्रेम करना सिखाती है। अंत में उन्होंने कहा कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी जी के सिद्धांतों एवं मूल्यों को जीवित रखते हुए उन्हीं के मूल्यों पर चल रहा है। इस मौके पर नगर के वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोदूलाल नागोरिया ने कहा कि दादा माखनलाल इतने महान व्यक्तित्व के धनी थे कि उनसे मिलने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वंय बाबई जैसे छोटे से गांव में आए थे।
इस मौके पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय से कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह, कुलसचिव दीपेन्द्र सिंह बघेल, परीक्षा नियंत्रण डॉ. राजेश पाठक, डॉ. अनुराग सीठा, वरिष्ठ पत्रकार राहुल शर्मा, आदि एवं बाबई नगर के गणमान्य नागरिक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ब्रजेश सोनी ने किया। आभार प्रदर्शन रामपाल साहू द्वारा किया गया।
लीडर वही है जो आगे के दृश्य को देखे – दीपक तिवारी
31 January 2020
भोपाल – माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में वरिष्ठ प्राध्यापक एवं नोएडा कैंपस के डायरेक्टर प्रो. बी.एस. निगम के सेवानिवृत होने पर विदाई समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी ने प्रो. निगम की सेवानिवृति को जीवन की एक पारी का खत्म होना बताया। उन्होंने कामना की कि इसके बाद भी वे जीवन की दूसरी पारी भी इसी तरह पूरी ऊर्जा के साथ खेलते रहें । श्री तिवारी ने कहा कि लीडर वही है, जो आगे के दृश्य को देख सके। निगम साहब ने विश्वविद्यालय के आगे के दृश्य को देखा और उसे बनाने में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्तियों से मिलकर ही संस्था बनती है और निगम साहब शुरुआती दिनों से विश्वविद्यालय के साथ रहे हैं। उन्होंने प्रो. निगम के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं।
विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव प्रो. श्रीकांत सिंह ने प्रो. निगम के रचनात्मकता की बात की। उन्होंने कहा कि वे रचनात्मकता में विश्वास रखते हैं। विश्वविद्यालय के वार्षिक सांस्कृतिक,खेलकूद आयोजन को उन्होंने निगम साहब द्वारा शुरू किए जाने की बात कही । श्री सिंह ने कहा कि निगम साहब ने भोपाल परिसर के अलावा नोएडा परिसर में भी बहुत अच्छा कार्य किया है । उन्हें जो भी कार्य सौंपा गया, उन्होंने पूरी लगन और जिम्मेदारी के साथ उसे पूरा किया । कुलसचिव दीपेन्द्र सिंह बघेल ने कहा कि श्री निगम ने डाक्यूमेंटेशन को वैज्ञानिक तरीके से किया । पुस्तकालय में शुरुआती दौर में न्यूज कटिंग्स एवं लेखों को संजोकर रखना आसान नहीं था, लेकिन प्रो. निगम ने इसे आसान बना दिया।
प्रो. बी.एस. निगम ने अपने सेवानिवृति के अवसर पर कहा कि वे विश्वविद्यालय में एक तपस्वी की तरह आए थे। उन्होंने कहा आज वे जो कुछ भी हैं, इस विश्वविद्यालय के कारण ही हैं। प्रो. निगम ने कहा कि उन्हें पूरे देश में जो भी मान-सम्मान और पहचान मिली है वो विश्वविद्यालय की ही देन है। प्रो. निगम ने कहा कि बिना वजह उन्होंने कभी भी छुट्टी नहीं ली और पूरी ईमानदारी के साथ अपने कार्य को किया। प्रो. सीपी.अग्रवाल, प्रो. अनुराग सीठा, डॉ. मणिकंठन नायर, समेत अन्य शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी सेवानिवृत प्रो. निगम के बारे में अपने अनुभव साक्षा किए। विदाई समारोह कार्यक्रम का संचालन सहायक कुलसचिव विवेक सावरीकर ने किया।
आरटीआई सवाल पूछने के लिए नहीं जानकारी लेने के लिए हैःश्यामलाल
वसंत साहित्य उत्सव में विद्यार्थियों ने भी की भागीदारी, पूछे प्रश्न
30 January 2020
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित `वसंत साहित्य उत्सव’ (एमसीयू लिटरेचर फेस्टिवल) के पहले दिन राजनीति, पत्रकारिता, साहित्य और विविध विषयों से जुड़ी पुस्तकों पर रोचक और आकर्षक चर्चा हुई। लेखकों ने सुरुचिपूर्ण तरीके से पुस्तक पर विचार रखे। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी चर्चा में उत्साहपूर्वक भाग लिया। पत्रकारिता विषय पर केंद्रित सत्र में वरिष्ठ पत्रकार श्यामलाल यादव ने अपनी किताब ‘जर्नलिस्ट थ्रू आरटीआई’ इनफार्मेशन इन्वेस्टीगेशन इम्पेक्ट’ ने कहा कि यह किताब सूचना के अधिकार पर केंद्रित है, जिसमें उनके द्वारा आरटीआई से प्राप्त जानकारी के आधार पर खबरें बनाई गई है। आरटीआई प्रश्न पूछने के लिए नहीं है बल्कि जानकारी निकालने के लिए है।
सुश्री प्रियंका दुबे की पत्रकारिता ‘नो नेशन फॉर वुमेन’,पर राकेश दीक्षित ने कहा कि दुष्कर्म पीड़ितों से संबंधित पुस्तक समाज को झकझोरती है। मनोज द्विवेदी ने ‘जनसंपर्क :बदलते आयाम’ पुस्तक पर कहा कि नई तकनीकी का जनसंपर्क में किस तरह से उपयोग किया जाता है, यह किताब इस बात को स्पष्ट करती है। डॉ. संजीव गुप्ता ने ‘पर्यटन लेखन’ पुस्तक पर कहा कि किस तरह से प्रभावी लेखन किया जाए इस बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देती है। उन्होंने कहा कि पर्यटन में रोजगार के अवसर भी हैं। सचिन कुमार जैन ने संविधान पर ‘भारतीय संविधान की विकास गाथा’, पुस्तक पर कहा कि यह किताब संविधान मूल्यों पर केंद्रित है। वरिष्ठ पत्रकार राजेश सिरोठिया ने अपनी पुस्तक ‘खबर नवीसी आपबीती आंखों-देखी’ पर कहा कि यह उनके अनुभव को बांटती है, ताकि आने वाली पीढ़ी पत्रकारिता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके। विजय मनोहर तिवारी ने यात्रा वृतांत ‘भारत की खोज में मेरे पांच साल’ को लेकर कहा कि यह पुस्तक उन घटनाओं पर केंद्रित है जो पहले कभी मीडिया में कवर नहीं की गई थी।
साहित्य पर केंद्रित समानांतर सत्र में पुष्यमित्र के उपन्यास ‘जब नील का दाग मिटाः चम्पारण 1917’पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि गुलामी के दौर में लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया तो आज अपनों के खिलाफ तो जरूर करना चाहिए। व्यंग्यकार सतीश एलिया ने अपनी किताब `अन्नम् ब्रह्मा’ पर कहा कि लेखन आजीविका, पैसे और शोहरत के लिए नहीं संतुष्टि के लिए करना चाहिए।
आशुतोष नाडकर ने अपनी पुस्तक शकुनी पासों का महारथी के बारे में बताया कि यह उपन्यास शकुनी को एक किरदार के रूप में प्रस्तुत करती है। खलनायक होने के बावजूद उनमें कुछ अच्छे गुण थे। वरुण सखाजी श्रीवास्तव ने अपनी व्यंग्य कृति परलोक में सेटेलाइट पर चर्चा के दौरान कहा कि खुरदरी जमीन पर ही पत्रकार पैदा होते हैं।
सुदर्शन व्यास ने अपने काव्य संग्रह `रिश्तों की बूंदें’ पर चर्चा करते हुए कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु तक व्यक्ति किसी न किसी तरह के प्रेम का अनुभव करता है। विविध विषयों की पुस्तकों के समांतर सत्र में आदित्य श्रीवास्तव ने अपनी किताब `तुम ही मैं हूं’ पर चर्चा में कहा कि कविता अपनी मर्जी से उपजती है, आप लाख कोशिश कर लें वह खुद पैदा नहीं होती। अंकुर जैन ने `ये हौंसला कैसे झुके’ के बारे में बताया कि जिंदगी का महत्व हम तभी जान पाते हैं जब हम संघर्ष करते हैं। डा विष्णु राजगढ़िया ने `पुस्तक सूचना का अधिकार व्यावहारिक मार्गदर्शिका’ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक आम नागरिक अपने लिए आरटीआई का उपयोग करता है लेकिन एक पत्रकार समाज और लोकतंत्र की मजबूती के लिए आरटीआई का प्रयोग करता है। अभिषेक खरे ने `कैरियर समाधान’ के बारे में बताया कि नौकरी रुचि की होनी चाहिए नहीं तो वह एक बोझ बन जाती है।
राजनीतिक पुस्तकों पर आधारित समांतर सत्र में ब्रजेश राजपूत ने कहा कि अधिकतर चुनाव नकारात्मक होते हैं क्योंकि हम किसी को हराते नहीं हटाते हैं। `चुनाव है बदलाव का’ शीर्षक से प्रकाशित उनकी किताब एक हजार से ज्यादा बिक चुकी हैं। कृष्णकांत शुक्ला ने अपनी किताब `वचनबद्ध मध्यप्रदेश’ पर चर्चा में कहा कि आने वाले समय में डिजिटल मीडिया का भी एक पाठ्यक्रम होगा।
एमसीयू में वसंत साहित्य उत्सव का शुभारंभ
29 January 2020
भोपाल – लेखन का कोई एक सिद्धांत नहीं होता, फार्मूला या सांचा नहीं हो सकता, कोई एक वैचारिकता नहीं हो सकती है, जो यह स्पष्ट कर दे कि लेखन अच्छा है या बुरा । अच्छा लेखक वही है जो सह्दय है और साधारण तरीके से अपनी बात लोगों से कहता है । यह विचार वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार और लेखक मधुकर उपाध्याय ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित वसंत साहित्य उत्सव’ (एमसीयू लिटरेचर फेस्टिवल) के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए । भरत मुनि के नाट्यशास्त्र, तुलसीदास और महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए उन्होंने समानधर्मा, सह्दय, साधारणीकरण की अवधारणा को संचार के सिद्धांत के रूप में प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और द इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ संपादक श्यामलाल यादव ने कहा कि पुस्तक लिखना चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेखन में गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाना चाहिए, ऐसा न हो कि हम बायोडाटा में उल्लेख करने के लिए किताबें लिखें। उन्होंने कहा कि चार की बजाय एक पुस्तक लिखें, लेकिन ऐसी लिखें जिसे हम गर्व से अपनी कह सकें।
विशिष्ट अतिथि और मध्यप्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने पत्रकारिता के विद्यार्थियों से कहा कि विश्वविद्यालय की डिग्री सिर्फ गेटपास का काम कर सकती है, लेकिन आपकी खबर आपकी नौकरी सुरक्षित रखेगी, इसलिए आप खूब लिखने और पढ़ने की आदत बनाएं। पत्रकार अपनी डेली डायरी को संभालकर रखें। श्री तिवारी ने पांच सालों में आठ बार भारत का भ्रमण किया । इस दौरान उन्होंने जो डायरी में लिखा वही ‘भारत की खोज में मेरे पांच साल’ किताब का आधार बना।
उद्घघाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी ने वसंत साहित्य उत्सव के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय साहित्य उत्सव के रूप में वसंत पंचमी मना रहा है और इसमें पूर्व विद्यार्थियों की कृतियों पर चर्चा की जा रही है, यह उनके लेखन का सम्मान है। पत्रकारिता को सीमाओं से परे बताते हुए कुलपति श्री तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता का काम सवाल करना, सूचनाओं को जन-जन तक पहुंचाना, भ्रांतियां दूर करना,फेक न्यूज पर रोक लगाना और वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को जगाना है । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के 30 साल पूरे होने पर इस वर्ष को उत्कृष्टता वर्ष के रूप में मना रहा है। विश्वविद्यालय की उत्कृष्टता में सभी की भागीदारी होगी, इसमें पूर्व विद्यार्थियों का भी सहयोग लिया जाएगा। इससे पूर्व वसंत साहित्य उत्सव का प्रारंभ वसंत राग की प्रस्तुति से हुआ। इसे रेडियो की जानीमानी कलाकार सुलेखा भट्ट और उनके साथियों ने मंत्रमुग्ध कर देने वाली शैली में प्रस्तुत किया।
महात्मा गांधी के जीवन और संदेशों पर आधारित पोस्टर प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही : इस मौके पर विश्वविद्यालय परिसर के राधेश्याम शर्मा विमर्श सदन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन संबंधी 115 पोस्टरों की प्रदर्शनी का शुभारंभ अतिथियों ने किया। पोस्टरों में गांधी जी के जीवन दर्शन को छायाचित्रों और टिप्पणियों के माध्यम से दर्शाया गया है।
आईआईएमसी-एए की नई मप्र कार्यकारिणी का गठन। अवनीश जैन संरक्षक, अनिल सौमित्र अध्यक्ष और दीप्ति चौरसिया चुनी गईं उपाध्यक्ष
20 January 2020
भोपाल | इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन एलुम्नाई एसोसिएशन (आईआईएमसी-एए) के मध्य प्रदेश चैप्टर की बैठक गणतंत्र दिवस के अवसर पर हुई। दस नंबर स्थित हाइडआउट रेस्टोरेंट में हुई इस बैठक में आईआईएमसी के एलुम्नाई व वरिष्ठ टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया के साथ हुई घटना की निंदा की गई। एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने एक-दूसरे को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं भी दीं।
अवनीश जैन को आईआईएमसी-एए के मप्र चैप्टर का संरक्षक, अनिल सौमित्र को अध्यक्ष और दीप्ति चौरसिया को उपाध्यक्ष चुना गया। वहीं, मनोज सिंह को जनरल सेक्रेटरी, अमित पाठे को ऑर्गेनाइजेशनल सेक्रेटरी, दीपक शर्मा को सेक्रेटरी, विजय दुबे को कोषाध्यक्ष और नीलम गुर्वे को समन्वयक चुना गया।
इस अवसर पर आईआईएमसी-एए के 9 फरवरी को नई दिल्ली में होने वाले वार्षिक पुरस्कार समारोह व मिलन समारोह 'कनेक्शंस 2020' के बारे में भी चर्चा की गई। इसमें आईआईएमसी के एलुम्नाई को सम्मानित किया जाएगा। आईआईएमसी-एए की मध्य प्रदेश सहित देश-विदेश में शाखाएं है। इंदौर में मप्र चैप्टर की सह-शाखा है। एसोसिएशन मूल रूप से आईआईएमसी के पूर्व विद्यार्थियों को जोड़ने का काम करता है। इसके तहत नई दिल्ली में जेएनयू कैंपस के पास स्थित आईआईएमसी में वार्षिक सम्मेलन व पुरस्कार समारोह आयोजित किया जाएगा। इसमें लगभग 35 श्रेणियों के लिए आईआईएमसी एलुम्नाई की देश-दुनिया से आई एंट्रीज में से विजेताओं का चयन किया जाएगा।
क्रिस्प में वास्तु शास्त्र पर कार्यषाला
20 January 2020
सेन्टर फाॅर रिसर्च एण्ड इन्डस्ट्रीयल स्टाॅफ परफाॅरमेन्स (क्रिस्प) द्वारा एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेष के जाने माने टाउन प्लानर एवं विख्यात वास्तु शास्त्र के ज्ञाता (वस्तु सलाहकार) श्री सुयष कुलश्रेष्ठ जी ने इंटिरियर डिजायनिंग के विधार्थी एवं षिक्षकों को वास्तु शास्त्र सबंधी जानकारी दी एवं भवन निर्माण में इंटिरियर डिज़ायनिंग की उपयोगिता बताई।
वास्तु शास्त्र वास्तुकला की एक पारंपरिक हिंदू प्रणाली है जिसका शाब्दिक अर्थ “वास्तुकला का विज्ञान” है। ये भारतीय उपमहाद्वीप में पाए गए ग्रंथ हैं जो डिजाइन, लेआउट, माप, जमीन की तैयारी, अंतरिक्ष व्यवस्था और स्थानिक ज्यामिति के सिद्धांतों का वर्णन करते हैं। वास्तु का अर्थ होता निवास स्थान, जहां हम रहते हैं। ये वास्तु शब्द धरती, जल, अग्नि, वायु, आकाश इन पांच तत्वों से मिलकर बना है। वास्तु शास्त्र की विद्या प्राचीनतम विद्याओं में से एक है। इसका सीधा संबंध दिशाओं और ऊर्जाओं से है। इसके अंतर्गत दिशाओं को आधार बनाकर आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जाओं को सकारात्मक किया जाता है, जिससे वो मानव जीवन पर अपना प्रतिकूल प्रभाव डाल सकें।
वास्तु स्थापत्य वेद से जनित है। स्थापत्य वेद अथर्ववेद का अंग है। ये सीधा हमारे जीवन पर प्रभाव डालता है। जैसे सृष्टि का निर्माण पंचतत्व से हुआ है उसी तरह मानव शरीर का भी निर्माण पंचतत्व से हुआ है। ये ही पांचों तत्व हमारे जीवन को भी प्रभावित करते हैं। इसी तरह भवन निर्माण में भी भूखंड के आसपास की चीज़ों का महत्व होता है। इसी से पता चलता है भूखंड शुभ है या अशुभ है। घर किस दिशा में होना चाहिए, घर का दरवाज़ा किस दिशा में होना चाहिए, घर में रखी कौन सी वस्तु किस स्थान पर होनी चाहिए, ये सब वास्तु शास्त्र से ही पता चलता है। अगर किसी घर में वास्तु दोष पाया जाता है तो उसे सुधारने के लिए भी कई उपाय किए जाते हैं, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास हो।
मुकेश शर्मा, सीईओ, क्रिस्प ने कहा " वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। वास्तु शास्त्र हमारे जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है। साथ ही कुछ गलत चीज़ों का प्रभाव हम पर पड़ने से हमें बचाता है। वास्तु शास्त्र हमें नकारात्मक ऊर्जाओं से दूर रखता है। ये सदियों पुराना निर्माण का विज्ञान है। इसमें वास्तुकला के सिद्धांत और दर्शन सम्मिलित हैं, जो किसी भी भवन निर्माण में महत्व रखते हैं। इनका प्रभाव मानव की जीवन शैली एवं रहन-सहन पर पड़ता है।"
वास्तु शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है, जिसकी वजह से हमारे ऊपर आने वाली विपदाओं से भी हमें छुटकारा मिल सकता है। इसलिए जब भी भवन निर्माण करना हो, दुकान खोलनी हो या इससे संबंधी कोई भी काम हो तो किसी वास्तुविद् से परामर्श ज़रूर लेना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा तो रहती ही है, साथ ही घर में बरकत बनी रहती है।
क्रिस्प संस्थान समय समय पर इस प्रकार की कार्यषाला का आयोजन करता रहता है जिससे इंटिरियर डिजायनिंग के विधार्थीयों को मार्केट के विभिन्न स्त्रोतो की एवं ग्राहक की मांग के अनुसार तैयार किया जाता है।
नालंदा और तक्षशिला की शिक्षण संस्कृति को अपनाएं विश्वविद्यालय - राज्यपाल 1 December 2019
राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने आज इंदौर सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह में मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किए। उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी और यूनिवर्सिटी के संस्थापक, पद्मभूषण डॉ. एस.बी. मजूमदार दीक्षांत समारोह में शामिल हुए।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि जब हम नए भारत के निर्माण की बात करते हैं, तब हमें शिक्षा के अपने पुरातन इतिहास को याद करना होगा, जिसके दम पर दुनिया हमें विश्व-गुरू मानती थी। उन्होंने कहा कि विध्वंसकारी शक्तियों द्वारा समय के साथ हमारी शिक्षा सम्पदा को भी लूटा गया, साहित्य को जलाया गया। इन सब के बावजूद हमारे विद्वानों ने श्रुति और स्मृति के आधार पर शैक्षणिक इतिहास और साहित्य को बार-बार पुनर्जीवित किया। राज्यपाल ने कहा कि हमें पुरातन शिक्षण व्यवस्था की नींव पर नए भारत की इमारत खड़ी करनी होगी। श्री लालजी टंडन ने कहा कि भारत को पुन: विश्वगुरू का दर्जा दिलाने के लिए विश्वविद्यालयों को नालंदा और तक्षशिला की शिक्षण प्रणाली को अपनाना होगा।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने कहा कि हमें विद्यार्थियों को सम्पूर्ण व्यक्ति बनाने वाली शिक्षा व्यवस्था को अपनाना होगा। उन्हें शिक्षा के साथ संस्कार, देशभक्ति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में निरन्तर प्रयास कर रही है लेकिन अकेले सरकार के दम पर यह बदलाव लाना संभव नहीं है। इसमें निजी विश्वविद्यालयों को भी भागीदारी निभानी होगी।
यूनिवर्सिटी के संस्थापक, पद्मभूषण डॉ. एस.बी. मजूमदार ने गोल्ड मेडल प्राप्त विद्यार्थियों से कहा कि आपकी शिक्षा जरूर पूरी हो गई हो लेकिन सीखने की शुरूआत अब होगी। आपको आगे चलकर समाज का सामना करना होगा। अच्छे और बुरे अनुभव भी होंगे। उन्होंने कहा कि वो अनुभव किसी भी प्रोफेसर की तुलना में आपको ज्यादा शिक्षा देंगे। डॉ. मजूमदार ने छात्र-छात्राओं से कहा कि कभी उम्मीद न छोडें।
वाइस चांसलर डॉ. संजय कुमार ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि यूनिवर्सिटी में 70 फीसदी व्यावहारिक ज्ञान दिया जाता है। तीस से ज्यादा प्रयोगशालाओं में अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग होता है। यूनिवर्सिटी में 20 विद्यार्थियों के समूह पर एक शिक्षक उपलब्ध कराया गया है।
हमीदिया कॉलेज में शुरू होगा दर्शन शास्त्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम :मंत्री श्री पटवारी 29 November 2019
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने घोषणा की है कि भोपाल के शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में अगले शिक्षा सत्र में दर्शन शास्त्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। श्री पटवारी आज महाविद्यालय में राज्य स्तरीय पुरूष कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ कर रहे थे। प्रतियोगिता में रीवा, सागर, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और भोपाल संभाग की टीमें भाग ले रही हैं।
मंत्री श्री पटवारी ने कहा कि हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के लिये वर्ल्ड बैंक परियोजना में 15 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह राशि महाविद्यालय में ऑडिटोरियम, कम्प्यूटर लैब और स्मार्ट क्लासेस निर्माण तथा खेल गतिविधियों में खर्च की जाएगी।
श्री जीतू पटवारी ने राज्य स्तरीय पुरूष कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए कहा कि कबड्डी भारत का पारम्परिक खेल है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश खेलों में अपनी अलग पहचान बना रहा है। खेल एवं खिलाड़ियों को पूर्ण सहयोग प्रदान करने के लिये प्रदेश सरकार वचनबद्ध है। श्री पटवारी ने कहा कि खिलाड़ियों का कैरियर सुनिश्चित हो, इसके लिये शासकीय नौकरियों में उन्हे 5 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव नए खेल नीति में शामिल किया गया है।
इस अवसर पर विधायक श्री आरीफ मसूद, हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पी.के. जैन, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक श्री महेन्द्र सिंह रघुवंशी उपस्थित थे।
एमसीयू में 22 एवं 23 नवं. को दो दिवसीय सेमीनार 20 November 2019
भोपाल – माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 22 एवं 23 नवंबर को दो दिवसीय सेमीनार का आयोजन होने जा रहा है। मीडिया प्रबंधन विभाग के द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय विभागीय सेमीनार का उद्घाटन एडीजीपी श्रीमती अनुराधा शंकर सिंह एवं विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी द्वारा सुबह 11 बजे किया जाएगा। प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अविनाश वाजपेयी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह सेमीनार “इमर्जिंग ट्रेंड्स इन मीडिया बिजनेस मैनेजमेंट, फ्यूचरस्टिक अप्रोच” विषय पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें कुल सात तकनीकी सत्र होंगे। उन्होंने बताया कि इसमें जागरण लेकसिटी विश्वविद्यालय में संचार एवं पत्रकारिता विभाग के डायरेक्टर डा. दिवाकर शुक्ल, दैनिक भास्कर के जनरल मैनेजर श्री आशीष तोमर, विनियासा प्रोडक्शन एएनएसडी इं टरटेनमेंट के को-फाउंडर रुपक खरे, लेखक एवं मोटिवेशनल स्पीकर एवं थियेटर आर्टिस्ट श्री संजय शर्मा, इंटरनेट मार्केटर श्री मुनीस अली, म.प्र. राज्य नाट्य विद्यालय के डायरेक्टर श्री आलोक चटर्जी, एवं दैनिक भास्कर डिजिटल के डिप्टी एडिटर श्री कमलेश माहेश्वरी विद्यार्थियों को विषय संबंधी जानकारी देंगे। सेमीनार के समापन समारोह के मुख्य अतिथि जनसंपर्क आयुक्त श्री पी. नरहरि होंगे।
डिजीटल कम्युनिकेशन विषय पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस
नीदरलैंड की पत्रकार टैंजा वैन बर्गेन ने फेक न्यूज को बताया बड़ी चुनौती
विभिन्न राज्यों से आए 75 से अधिक शोधार्थियों की शोधपत्र प्रस्तुति 10 November 2019
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में शनिवार से “डिजीटल कम्युनिकेशन: ए चैलेंज फॉर डेवलपिंग नेशन्स” विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई। पहले दिन शनिवार को उद्घाटन सत्र में की-नोट स्पीकर के रूप में एम्सटर्डम (नीदरलैंड) से आयी जानी मानी पत्रकार टेंजा वैन बर्गेन ने संबोधित किया। बर्गेन ने कहा कि पत्रकारिता बिजनेस नहीं एक प्रोफेशन है, जिसे ईमानदारी से करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि डिजीटल कम्युनिकेशन की वजह से पत्रकारिता और पत्रकारिता शिक्षा तेजी से बदल रही है, बर्गेन ने समाचार चैनलों के कंटेंट एवं खोजी पत्रकारिता की सार्थकता पर भी विस्तार से अपने विचार रखे। अपने विशेष उद्बोधन के बाद सुश्री बर्गेन ने मीडिया शिक्षकों और विद्यार्थियों से भी संवाद किया।
IMPRESS-ICSSR के सहयोग से आयोजित इस कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में अपने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने डिजीटल कम्युनिकेशन के माध्यम से फैलाए जा रही फेक न्यूज को समाज के लिए घातक बताते हुए कहा कि इसकी समीक्षा आवश्यक है। इस दौरान की प्रीसीडिंग का भी विमोचन किया गया जिसमें देश भर से आए 100 शोधपत्रों के एब्सट्रेक्ट का प्रकाशन किया गया है।
कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन एलएनसीटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के. थापा, सोशल मीडिया एक्सपर्ट डॉ. हेमा, वरिष्ठ वरिष्ठ पत्रकार श्री अनुज खरे, श्री दयाशंकर मिश्रा, श्री आशीष वर्मा ने भी विशेष सत्रों में डिजीटल मीडिया के समसामयिक और ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचार रखे।
सोमवार तक चलने वाले इस तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में पहले दो दिनों में अभी तक 7 डिजीटल कम्युनिकेशन विषय पर विभिन्न शीर्षकों पर 40 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जा चुके हैं। विभिन्न तकनीकी सत्रों में की-नोट स्पीकर के रूप में डॉ. श्रीकांत सिंह, प्रो. सी.पी. अग्रवाल, प्रो. मुकेश कुमार, प्रो. दिलीप मंडल, प्रो. शशिकला, डॉ. संजीव गुप्ता, डॉ. राखी तिवारी ने विचार रखे।
अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह, कार्यक्रम संयोजक डॉ. पवित्र श्रीवास्तव, सह-संयोजक डॉ. अविनाश वाजपेयी, कुलसचिव श्री दीपेंद्र बघेल समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।
एमसीयू में ‘‘डिजिटल मीडिया: ए चैलेंज फॉर डेवलपिंग नेशन्स’’ विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 9 नवम्बर से 8 November 2019
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा 9 से 11 नवम्बर 2019 तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी का विषय ‘‘डिजिटल मीडिया: ए चैलेंज फॉर डेवलपिंग नेशन्स’’ हैं। संगोष्ठी उदघाटन 9 नवम्बर प्रातः 11 बजे विश्वविद्यालय के एम.पी. नगर स्थिति परिसर के सभागार में होगा। उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि म.प्र. के जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि प्रमुख सचिव जनसंपर्क श्री संजय कुमार शुक्ला होंगे। सत्र की मुख्य वक्ता नीदरलैंड की वरिष्ठ पत्रकार तेन्जा वेन बर्जर होंगी। सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी करेंगे।
यह संगोष्ठी इंडियन कौंसिल ऑफ़ सोशल साइंस एण्ड रिसर्च की इम्प्रेस परियोजना के अन्तर्गत किया जा रहा है। संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में डिजिटल मीडिया और विकाशसील राष्ट्रों के समक्ष आ रही चुनौतियों के विविध पहलुओं पर भारत के विभिन्न राज्यों के सौ से अधिक शिक्षक, शोधार्थी एवं मीडिया कर्मी विचार विमर्श करेंगे। संगोष्ठी में प्राप्त शोध पत्रों को संपादित कर तैयार की गई पुस्तक का विमोचन भी संगोष्ठी में किया जाएगा। संगोष्ठी में आठ तकनीकी सत्रों में डिजिटल मीडिया के विविध पहलुओं पर शोधार्थियों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किये जाएंगे। संगोष्ठी में विभिन्न सत्रों में डिजिटल मीडिया की चुनौतियों पर विषय विशेषज्ञ डॉ. हेमा बनाती, श्री दयाशंकर मिश्रा, श्री दिवाकर शुक्ला एवं श्री अनुज खरे अपने विचार रखेंगे।
मंत्री श्री शर्मा ने स्टेट साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर्स कॉन्क्लेव को संबोधित किया 6 November 2019
प्रौद्योगिकी एवं जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने आज साइंस सिटी कोलकाता मेँ आयोजित स्टेट साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर्स कॉन्क्लेव को संबोधित कियाl मंत्री श्री शर्मा ने कॉन्क्लेव मेँ प्रदेश मेँ विशेष रूप से आई.टी. के क्षेत्र मेँ किये जा रहे कार्यों और मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ द्वारा साइंस और आई.टी. को बढ़ावा देने के लिये बनाई गई राज्य की आई.टी. पॉलिसी और राज्य मेँ विकसित किये जा रहे आई.टी. पार्क आदि की जानकारी दी।
सिनेमा लेखन में महत्वपूर्ण है कल्पनाशीलताः अशोक मिश्र 14 October 2019
प्रख्यात पटकथा लेखक एवं फिल्मकार श्री अशोक मिश्र का कहना है कि फिल्म निर्माण एक कठिन विधा है, वहीं उसकी समीक्षा के लिए दृष्टि और समझ जरूरी है। वे यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला के शुभारंभ सत्र में मुख्यवक्ता के रुप में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि सिनेमा पूरी दुनिया की दास्तां कहने वाली विधा है। स्क्रीन प्ले एक तरह से किसी की जिंदगी को दिखाना होता है। एक ही कहानी को पांच लेखक पांच तरह से लिखेंगे। इसलिए इस विधा में हमारी कल्पनाशीलता और दृष्टि बहुत महत्त्वपूर्ण हो जाती है। श्री मिश्र ने कहा कि सिनेमा में जो अधूरापन आ रहा है, उसे दूर करने की जरूरत है। इसलिए कई बार भारत जैसे कहानियों के देश में भी कथाओं का अकाल लगता है। इसके लिए नई पीढ़ी को नई नजर और संवेदना विकसित करने की आवश्यकता है।
मुंबई से आई फिल्मकार सुश्री तनुजा चतुर्वेदी ने कहा कि दुनिया का सबसे युवा आर्ट फार्म सिनेमा ही है, क्योंकि इसमें हमेशा संभावनाएं बनी और बची रहती हैं। यहां सब प्रकार की कलाओं को एक मंच पर समन्वित किया जा सकता है। हमारी कहानी कहने की जो परंपरा है, उससे सिनेमा को हमेशा शक्ति मिलती है। फिल्मकार श्री सुनील शुक्ला ने कहा कि फिल्म डिजायन का एक उत्कृष्ट नमूना है। कैसे देखें से क्या देखें, ये ज्यादा जरूरी बात है। इससे फिल्म की समझ विकसित होती है। फिल्म बनाना एक लंबी प्रक्रिया है, इसकी बेहतर समझ अभ्यास और अध्ययन से ही आती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि फिल्म एप्रीसिएशन एक विशेषज्ञतापूर्ण कार्य है। मनोरंजन उद्योग जिस प्रकार विकसित हो रहा है, उसमें संभावनाएं बहुत हैं। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि देश को बहुत सारे अच्छे फिल्ममेकर्स का इंतजार है, क्योंकि जहां मुख्यधारा का मीडिया असफल हो रहा है, वहां फिल्में अपनी बात कह रही हैं। श्री तिवारी ने कहा कि सिनेमा एक बहुत शक्तिशाली माध्यम है, जिसमें बदलाव लाने की शक्ति है।
कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला के संयोजक और जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डा.संजीव गुप्ता ने किया। सिनेमा को समर्पित इस पांच दिवसीय कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में प्रख्यात पटकथा लेखक श्री अशोक मिश्र(मुंबई), मप्र नाट्य विद्यालय के निदेशक श्री आलोक चटर्जी, जाने-माने लेखक श्री उदयन वाजपेयी, फिल्मकार तनूजा चतुर्वेदी(मुंबई), शिव कदम(औरंगाबाद), अनवर जमाल(दिल्ली), फिल्म समीक्षक डा. अनिल चौबे प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करेंगे।
सभी विश्वविद्यालय होंगे डिजिटल ; अनिवार्य होगी नैक ग्रेडिंग : राज्यपाल श्री टंडन 30 September 2019
राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने आज राजभवन में विश्वविद्यालयों की 97वीं राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक ली। श्री टंडन ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई व्यवस्था का प्रारंभ हो रहा है। इसमें जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक पालन करने वाले पुरस्कृत होंगे और जिम्मेदारियों की उपेक्षा करने वाले दण्ड के भागी होंगे। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्यपाल से लेकर द्वारपाल तक सभी पदों की जिम्मेदारी निर्धारित है। जिम्मेदारी का पालन नहीं करना असफलता है। राज्यपाल ने साफ शब्दों में कहा कि हर स्तर पर जवाबदारी के साथ कार्य की मॉनीटरिंग होगी। परिणाम नहीं देने वालों को सहन नहीं किया जायेगा।
सभी विश्वविद्यालय होंगे डिजिटल
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। शीघ्र ही सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय डिजिटल हो जायेंगे। जानकारी दी गई कि आगामी 6 माह में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
नैक ग्रेडिंग अनिवार्य
राज्यपाल ने कहा कि बदलती परिस्थितियों में केवल उन्हीं शिक्षा संस्थानों का भविष्य है, जो नैक ग्रेडिंग प्राप्त होंगे। उन्होंने सचेत किया कि अनिवार्य रूप से शिक्षा संस्थान नैक ग्रेडिंग प्राप्त करें। अभी इस कार्य में उन्हें नैक का सहयोग भी दिलाया जा सकेगा। बाद में यह और अधिक कठिन हो जायेगा। भविष्य में नैक ग्रेडिंग के बिना उच्च शिक्षण संस्थान का संचालन संभव नहीं होगा।
न्यूनतम मूलभूत सुविधाओं का सर्वेक्षण करें विश्वविद्यालय
राज्यपाल ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शैक्षणिक पर्यावरण आवश्यक है। पुस्तकालय, प्रयोगशाला, शैक्षणिक कैलेण्डर, हराभरा परिसर, शौचालय और स्वच्छता आदि मूलभूत व्यवस्थाएँ संस्थान में होना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी विश्वविद्यालय सर्वेक्षण कराकर मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति करें।
राजभवन से होगी मानीटरिंग
श्री लालजी टंडन ने बैठक के निर्णयों के समयबद्ध पालन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुलपति हर स्तर पर जवाबदारी के साथ कार्य व्यवस्था का निर्माण करें। परिणाम नहीं मिलने पर उत्तरदायी के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। राजभवन द्वारा इसकी गहन मानीटरिंग भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिणाम पहले दिन से ही दिखना चाहिये।
निजी और शासकीय विश्वविद्यालयों को समान रूप से करना होगा नई शिक्षा नीति का पालन
राज्यपाल ने कहा कि शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति का पालन अनिवार्यत: समान रूप से करना होगा। नीति निर्धारण वैश्विक परिवर्तन और राष्ट्र की अपेक्षाओं के अनुरूप चिंतन के आधार पर किया जा रहा है।
रोड मेप बनाने के निर्देश
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को बदलते परिवेश के अनुसार क्या करना है, इसका नक्शा तैयार करें। जो परिवर्तन किये जाने हैं, उसका रोड मेप बनाया जाये। व्यवस्थागत परिवर्तनों के साथ ही अनुशासन, नैतिकता, शिक्षा का स्तर और परिसर पर्यावरण के लिये आवश्यक कार्य चिन्हित कर उसका क्रियान्वयन करें।
जीने की कला सिखाना विश्वविद्यालय का दायित्व
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय भविष्य के नागरिक तैयार करते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि विद्यार्थियों को सामाजिक दायित्वों और समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए परिसर में ही तैयार कर दिया जाये। स्वच्छता, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण आदि के संस्कार छात्र-छात्रों के व्यवहार में शामिल हों, ऐसी व्यवस्थाएँ की जायें। उन्होंने कहा कि ग्राम विकास की अनेक योजनायें संचालित हैं। इनके अन्तर्गत विश्वविद्यालय गांव को गोद लें। शिक्षक गांव में काम करने के लिए छात्र-छात्राओं को प्रेरित करें।
गांधी के नाम पर पीठ
राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा में शोध और अनुसंधान की व्यवस्था आवश्यक है। उन्होंने गांधी जी के नाम पर शोध पीठ की स्थापना करने की जरूरत बतायी।
निर्णयों की उपेक्षा कुलाधिपति की अवमानना
श्री लालजी टंडन ने कहा कि बैठक में कुलपतियों की सहभागिता से निर्णय हुए हैं। उन्हें क्रियान्वित करने का समयबद्ध कार्यक्रम बनाया गया है। इसमें विलंब को गंभीरता से लिया जायेगा। पालन में लापरवाही को कुलाधिपति की अवमानना का दोषी मानकर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
उत्कृष्ट कार्यों के लिए चांसलर मेडल
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन द्वारा अच्छा कार्य करने वालों को प्रोत्साहित और प्रेरित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि उत्कृष्ट कार्य करने वाले छात्र, कर्मचारी, शिक्षक, कुलपति को चांसलर मेडल से सम्मानित किया जायेगा।
भ्रष्टाचार अक्षम्य अपराध
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में भ्रष्टाचार अक्षम्य अपराध है। गोपनीयता आदि किसी भी नाम पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा। भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही होगी।
परीक्षा कार्य में उदासीनता वाले होंगे ब्लैक लिस्ट
राज्यपाल ने कहा कि परीक्षा कार्य विश्वविद्यालय की मौलिक जिम्मेदारी है। परीक्षा कार्य विश्वविद्यालय के प्रत्येक कर्मचारी और प्राध्यापक का दायित्व है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में असहयोग करने वालों को ब्लैक लिस्ट कर कुलपति द्वारा कार्रवाई की जाये।
लंबित परीक्षा परिणाम 15 दिन में घोषित होंगे
राज्यपाल श्री टंडन ने विश्वविद्यालयों में परीक्षा परिणामों के लम्बित होने पर नाराजगी व्यक्त की। बैठक में बताया गया कि सभी विश्वविद्यालय आगामी 15 दिन में लंबित परीक्षा परिणाम अनिवार्यत: घोषित कर देंगे।
पेंशन की असमानताओं को दूर किया जाये
राज्यपाल ने कहा कि सेवानिवृत्ति के 6 माह पूर्व कर्मचारी की पेंशन संबंधी कार्यवाही प्रारंभ कर उसे सेवानिवृत्ति के साथ ही समस्त स्वत्वों का भुगतान किया जाये। उन्होंने पेंशन संबंधी असमानताओं को भी दूर करने के निर्देश दिये।
नये सत्र में होगा नया पाठ्यक्रम
राज्यपाल ने कहा कि डिग्रीधारी विश्वविद्यालय के बाहर रोजगार के लिए भटके नहीं, इसके लिए उन्हें हुनरमंद बनाना आवश्यक है। रोजगार मूलक व्यवस्थाएँ पाठ्यक्रमों में शामिल करने के लिए आवश्यक संशोधन किये जाने चाहिये। पाठ्यक्रम संशोधन का कार्य वर्तमान सत्र में पूर्ण कर लिया जाये। नये सत्र में प्रवेश, नये पाठ्यक्रम के अनुसार हो।
वित्तीय अनुशासन अनिवार्य
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी आवश्यकताओं के लिए धन का संग्रहण करें। धन का संचयन करना उचित नहीं है। उन्होंने विश्वविद्यालयों को नियमित ऑडिट कराने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया है कि विश्वविद्यालयों की ऑडिट कंडिका का निराकरण कराने के लिए उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत शिविर लगाकर कार्यवाही की जा रही है।
रिक्त पदों की पूर्ति की पारदर्शी व्यवस्था
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति का कार्य पारदर्शिता के साथ किया जाये। पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति का चयन हो। उन्होंने चयन समिति में नैक और यू.जी.सी. के प्रतिनिधियों को शामिल किये जाने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि पूर्व से कार्यरत व्यक्ति को ग्रेस अंक दिया जा सकता है लेकिन अनुपयुक्त व्यक्ति की नियुक्ति नहीं हो, यह सुनिश्चित किया जाये।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति स्वयं ऊर्जा उत्पादन से करें। जल आवश्यकताओं की भी पूर्ति स्वयं करें। विश्वविद्यालय का कचरा भी विश्वविद्यालय में निष्पादित हो, ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिये।
शैक्षणिक कैलेण्डर से चलेगा आगामी सत्र
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि शैक्षणिक कैलेण्डर का पालन नहीं होना विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने प्रवेश परीक्षा और परिणाम के कार्य तय समय-सीमा में सम्पन्न करने और ऑनलाइन प्रमाण-पत्र तथा अंकसूची वितरण की व्यवस्था किये जाने पर बल दिया। राज्यपाल ने इसके लिए उच्च शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित कर आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिये।
पॉलिटेक्निक कॉलेज के एल्यूमिनी समारोह में शामिल हुए जनसंपर्क मंत्री श्री शर्मा
22 September 2019
जनसंपर्क, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री श्री पी.सी. शर्मा सरदार वल्लभ भाई पटेल पॉलिटेक्निक कॉलेज के एल्यूमिनी समारोह में शामिल हुए। मंत्री श्री शर्मा ने समारोह में शामिल पूर्व छात्रों को संबोधित किया।
मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि एमएसीटी से उन्होंने भी इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों ने शासकीय सेवा, निजी व्यवसाय और अन्य क्षेत्रों में प्रतिष्ठित मुकाम हासिल कर महाविद्यालय और प्रदेश को गौरवांवित किया है।
मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ प्रदेश में औद्योगिक विकास के साथ ही युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। समारोह में 1965 से 2018 के महाविद्यालय के पूर्व छात्र सम्मिलित हुए। महाविद्यालय के प्राचार्य श्री आशीष डोंगरे और प्रो. सुरेश मनवानी भी मौजूद थे।
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मंत्री श्री पटवारी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में किया विद्यार्थियों से संवाद 21 September 2019
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के तक्षशिला परिसर में विद्यार्थियों से संवाद किया। उन्होंने अपनी हालिया कैंब्रिज यात्रा के अनुभव साझा किए। साथ ही विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 8 ज़िलों से आए विद्यार्थियों के प्रश्नों को सुना और उनका उत्तर दिया।
मंत्री श्री पटवारी ने कहा कि युवा जीवन में कभी भी विपरीत परिस्थिति आने पर निराश नहीं हो। ईश्वर अगर एक दरवाज़ा बंद करता है, तो दूसरे सौ दरवाज़े खोल देता है। अपने श्रम पर भरोसा रखें और प्रयास जारी रखें।
कुलपति डॉक्टर रेणु जैन ने परिसंवाद को एक सार्थक प्रयास बताया और कहा कि इससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अधिक गतिशीलता आएगी। आयुक्त उच्च शिक्षा श्री राघवेंद्र सिंह ने भी मंत्री श्री जीतू पटवारी के साथ मिलकर विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर दिए।
मंत्री श्री पटवारी से विद्यार्थियों ने प्रत्येक महाविद्यालय में खेल अधिकारी के पद की पूर्ति का अनुरोध किया। कस्तूरबा ग्राम की कविता आवास्या ने प्रश्न किया कि युवाओं में संस्कारों की कमी क्यों होती जा रही है। राऊ की पार्वती ने पूछा कि सरकार शिक्षा को प्रायोगिक एवं रोज़गार मूलक बनाने के लिए क्या कर रही है। राऊ की शिवानी पाटीदार और कला महाविद्यालय इंदौर के रवि ने मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता के संबंध में प्रश्न किया। हिमांशी कैथवास का प्रश्न था कि उच्च शिक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया इतनी लंबी क्यों होती है। होम लोन और वाहन लोन की तुलना में शिक्षा ऋण पर ब्याज की दर अधिक होने पर भी विद्यार्थियों ने सवाल किए। रितु पाटीदार का प्रश्न था कि टाइम्स पत्रिका की वैश्विक रैकिंग में भारत या मध्य प्रदेश का कोई भी विश्वविद्यालय शामिल क्यों नहीं हो पाया है। होलकर साइंस कॉलेज की मोनिका सोनी ने महाविद्यालय की कैंटीन का स्तर सुधारने और पोषक हेल्दी फ़ूड मिलने की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। प्राध्यापकों की ओर से सुझाव आया कि ऑनलाइन और ऑफ़लाइन प्रवेश प्रक्रिया का वरिष्ठ अधिकारी एक बार पुनः परीक्षण करें। सुगनी देवी कॉलेज में विकास अवरोध दूर करने और शैक्षणिक परिसरों में धूम्रपान और व्यसन पर सख़्ती से प्रतिबंध लगाने की ओर भी ध्यान आकृष्ट कराया गया। इंदौर के विद्यार्थी व्योम ने अंतरिक्ष विज्ञान की तरफ सरकार की अधिक रुचि नहीं होने की बात ध्यान में लाई। विद्यार्थियों ने एनएसएस के बजट में वृद्धि की माँग भी की।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पटवारी शनिवार को इंदौर में परिसंवाद में शामिल होगें 20 September 2019
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी शनिवार को दोपहर 1.00 बजे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में ''उच्च शिक्षा में नये आयाम-परिसंवाद'' में शामिल होंगे। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री विद्यार्थियों, शिक्षाविदों, प्राचार्यों से सीधा संवाद करेंगें। अध्यक्षता देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.रेणु जैन करेंगी। श्री पटवारी शनिवार को लंदन प्रवास से लौटेंगें।
स्पोर्ट्स सांइस ट्रेनिंग में सहयोग करेगा बर्मिंघम विश्वविद्यालय 18 September 2019
मध्यप्रदेश के खिलाड़ी और प्रशिक्षक भविष्य में बर्मिंघम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स, एक्सर्साईज और रिहेबिलिटेशन साईंसेस में प्रशिक्षण प्राप्त कर सेकेंगे। खेल मंत्री श्री जीतू पटवारी ने आज बर्मिंघम विश्वविद्यालय में वाईस प्रेसिडेंट (अन्तर्राष्ट्रीय) प्रोफेसर रॉबिन मेसन से मुलाकात की। इस अवसर पर स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स के सीनियर लेक्चरर डॉ. मॉर्टिन टॉम्स, डायरेक्टर स्पोर्टस सुश्री ज़ेना वूडरिज और आयुक्त उच्च शिक्षा श्री राघवेन्द्र सिंह मौजूद थे।
खेल मंत्री श्री पटवारी ने प्रदेश के खेल प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण में सहयोग के लिये बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों से प्रारंभिक चर्चा की। श्री पटवारी ने पीपीपी मोड़ पर प्रदेश में प्रारंभ होने वाले प्रोजेक्ट, वाटर स्पोर्ट्स और अन्य खेलों में भी तकनीकी सहयोग के लिये बातचीत की।
खेल मंत्री ने प्रो. रॉबिन को भारत आने का आमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। प्रो. रॉबिन ने कहा कि विश्वविद्यालय का एक दल नवम्बर माह में मध्यप्रदेश का दौरा करेगा। खेल मंत्री की मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में स्पोर्ट्स पाठ्यक्रम प्रारंभ करने में सहयोग के लिये भी बात हुई।
खेल मंत्री श्री जीतू पटवारी ने बर्मिंघम स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय के हाई परफॉरमेंस स्पोर्ट्स साइंस सेन्टर का दौरा किया। उन्होंने वर्ष 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिये तैयार की गई हॉकी, स्क्वॉश, फिटनेस सेन्टर, फिजियोथैरेपी यूनिट, स्विमिंग पूल और वेलनेस सेन्टर भी देखा। इस अवसर पर साई की सीनियर सांइटिफिक ऑफिसर डॉ. मीनू डींगरा उपस्थित थीं।
50 सालों तक हिन्दी को कोई संकट नहीं है – पंकज सुबीर
रोजी-रोटी के लिए हिन्दी बहुत जरुरी है - शिफाली
साहित्य, शरीर को हिला देता है - कुलपति
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में मना हिन्दी दिवस समारोह
हिन्दी को लेकर आजकल बहुत भ्रम है, लेकिन मैं पूरे विश्वास के साथ कहना चाहूंगा कि अगले 50 सालों तक हिन्दी को कोई संकट नहीं है।..
14 September 2019
हिन्दी को लेकर आजकल बहुत भ्रम है, लेकिन मैं पूरे विश्वास के साथ कहना चाहूंगा कि अगले 50 सालों तक हिन्दी को कोई संकट नहीं है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्विविद्यालय में हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में ये विचार प्रख्यात कथाकार एवं लेखक पंकज सुबीर ने व्यक्त किए। विश्वविद्यालय के साहित्य क्लब, मुंशी प्रेमचंद साहित्य परिषद के द्वारा आयोजित इस समारोह में वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखिका सुश्री शिफाली, विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी, कुलाधिसचिव प्रो. श्रीकांत सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
श्री पंकज सुबीर ने हिन्दी भाषा की प्रशंसा करते हुए कहा कि जितने अच्छे से संचार आप अपनी मातृभाषा में करते हैं अन्य भाषाओं में ऐसा नहीं होता है। उन्होंने हिन्दी एवं अंग्रेजी की पुस्तकों पर कहा कि अंग्रेजी की पुस्तकें एयरपोर्ट पर बिकती हैं, जबकि हिन्दी की रेलवे स्टेशन पर । कई पुरस्कारों से सम्मानित श्री सुबीर ने हिन्दी को वैज्ञानिक एवं समय के आगे की भाषा बताते हुए कहा कि यह बहुत ही अच्छी भाषा है और इससे जादू सा निकलता है। उन्होंने हिन्दी को आम बोल-चाल की भाषा बताते हुए कहा कि यह एक ऐसी भाषा है, जिसमें हिन्दी में बात करते हैं तो ये आपके दिल को छूती है।
समारोह में वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखिका सुश्री शिफाली ने हिन्दी भाषा पर कहा कि भाषा के हाथ पकड़कर यदि आप आगे बढ़ते हैं तो कोई बाधा नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि आप अपनी भाषा का दामन कभी न छोड़ें। शिफाली ने विद्यार्थियों को शब्दकोश को बढ़ाने की बात कहते हुए हिन्दी को आमजन की भाषा बताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रौब जमाने के लिए अंग्रेजी ठीक है लेकिन रोजी-रोटी के लिए हिन्दी बहुत जरुरी है । उन्होंने इस अवसर अपनी कुछ चुनिंदा कविताओं का पाठ भी किया।
हिन्दी दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने अपने संबोधन में हिन्दी साहित्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये आपको अंदर से हिला देता है । उन्होंने इसे साहित्य की ताकत बताते हुए कहा कि इसके प्रभाव से आप हिले बिना नहीं रह सकते हैं। उन्होंने रामचरित मानस के साथ ही अन्य ग्रंथों का उल्लेख करते हुए इसे हिन्दी से जोड़ा। कुलपति ने आजादी के आंदोलन का विशेष जिक्र करते हुए कहा कि इसमें हिन्दी का बहुत बड़ा योगदान था। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हिन्दी मजबूत होती गई है, वैसे-वैसे आंदोलन और बढ़ता गया। अंत में कुलाधिसचिव प्रो. श्रीकांत सिंह ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। समारोह का संचालन सहा. प्राध्यापक अरुण कुमार खोबरे ने किया।
सभी विश्वविद्यालय मासिक एवं वार्षिक लक्ष्य आधारित रोड मैप बनाएँ 18 September 2019
मध्यप्रदेश के खिलाड़ी और प्रशिक्षक भविष्य में बर्मिंघम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स, एक्सर्साईज और रिहेबिलिटेशन साईंसेस में प्रशिक्षण प्राप्त कर सेकेंगे। खेल मंत्री श्री जीतू पटवारी ने आज बर्मिंघम विश्वविद्यालय में वाईस प्रेसिडेंट (अन्तर्राष्ट्रीय) प्रोफेसर रॉबिन मेसन से मुलाकात की। इस अवसर पर स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स के सीनियर लेक्चरर डॉ. मॉर्टिन टॉम्स, डायरेक्टर स्पोर्टस सुश्री ज़ेना वूडरिज और आयुक्त उच्च शिक्षा श्री राघवेन्द्र सिंह मौजूद थे।
खेल मंत्री श्री पटवारी ने प्रदेश के खेल प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण में सहयोग के लिये बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों से प्रारंभिक चर्चा की। श्री पटवारी ने पीपीपी मोड़ पर प्रदेश में प्रारंभ होने वाले प्रोजेक्ट, वाटर स्पोर्ट्स और अन्य खेलों में भी तकनीकी सहयोग के लिये बातचीत की।
खेल मंत्री ने प्रो. रॉबिन को भारत आने का आमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। प्रो. रॉबिन ने कहा कि विश्वविद्यालय का एक दल नवम्बर माह में मध्यप्रदेश का दौरा करेगा। खेल मंत्री की मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में स्पोर्ट्स पाठ्यक्रम प्रारंभ करने में सहयोग के लिये भी बात हुई।
खेल मंत्री श्री जीतू पटवारी ने बर्मिंघम स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय के हाई परफॉरमेंस स्पोर्ट्स साइंस सेन्टर का दौरा किया। उन्होंने वर्ष 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिये तैयार की गई हॉकी, स्क्वॉश, फिटनेस सेन्टर, फिजियोथैरेपी यूनिट, स्विमिंग पूल और वेलनेस सेन्टर भी देखा। इस अवसर पर साई की सीनियर सांइटिफिक ऑफिसर डॉ. मीनू डींगरा उपस्थित थीं।
सभी विश्वविद्यालय मासिक एवं वार्षिक लक्ष्य आधारित रोड मैप बनाएँ 17 September 2019
भोपाल.राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कहा है कि नई शिक्षा नीति के लिए अभी से तैयारी करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिये वार्षिक और मासिक लक्ष्य आधारित रोड मेप बनाये। श्री टंडन रविवार देर शाम राज भवन में नैक ग्रेडिंग कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। नैक अध्यक्ष प्रोफेसर बी.एस. चौहान भी मौजूद थे।
श्री लालजी टंडन ने कहा कि कुलपति नई शिक्षा व्यवस्था के निर्माता हैं। उन्होंने कहा कि कर्त्तव्यों का पालन अधिकारिता के साथ किया जाये। शोध और रोजगारपरक शिक्षा का उदाहरण प्रस्तुत करें। शैक्षणिक गुणवत्ता, विद्यार्थियों की उपस्थिति, पुस्तकालय और प्रयोगशालाओं की व्यवस्था को बेहतर बनाया जाये। मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता पर फोकस करें। विश्वविद्यालयीन कार्यों को डिजिटल और ऑनलाइन करें। इससे व्यवस्था पारदर्शी बनेगी। कार्य के प्रति जवाबदारी बढ़ेगी। श्री टंडन ने कहा कि वे स्वयं विश्वविद्यालयों में पहुँचकर व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय जो ज्ञान दे रहे हैं, विद्यार्थियों को उसका व्यवहारिक अनुभव भी अध्ययन काल में मिले। उन्होंने कहा कि पहले शिक्षा की अलग-अलग विचारधाराएँ और वाद होते थे। आज केवल राष्ट्रवाद और यथार्थवाद शिक्षा का आधार है। शिक्षा पद्धति में बदलाव का प्रयास नई शिक्षा नीति है । विश्वविद्यालय अपने बल पर आदर्श व्यवस्था निर्मित करें। उनके सहयोग के लिए यू.जी.सी., रूसा और विश्व बैक की परियोजनाएँ उपलब्ध हैं।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि प्रथम चरण में विश्वविद्यालय खास बातों पर ध्यान केन्द्रित करें। स्वयं को आत्म-निर्भर बनाएँ। जल का संरक्षण करें। वर्षा ऋतु के पानी के संरक्षण के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग कराएँ। श्री टंडन ने कहा कि आज प्रदेश और देश के सामने किसानों की आय दोगुना करने की बड़ी चुनौती है। विश्वविद्यालयों को इसके समाधान के लिये जीरो बजट खेती को गाँवों में लागू करके दिखाना होगा। छात्रों के माध्यम से ग्रामीणों को बिना लागत की खेती के लिए प्रेरित किया जाये।
श्री लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालयों की समस्याओं के निराकरण पर विचार करने के बाद रिक्त पदों की पूर्ति करने का फैसला हो गया है। श्री टंडन ने कहा कि चयन प्रक्रिया पारदर्शी और योग्यता आधारित होगी। श्री टंडन ने कहा कि चयन समिति में नैक का प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
कैंम्ब्रिज विश्वविद्यालय की कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे मंत्री श्री पटवारी
15 September 2019
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी 16-17 सितम्बर को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (यूके) में कैम्ब्रिज एसेसमेंट समिट ऑफ एजुकेशन - एंटीसिपेटिंग द फ्यूचर ऑफ एसेसमेंट कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे। सम्मेलन में श्री पटवारी विभिन्न देशों के शिक्षाविदों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
कॉन्फ्रेंस में पहले 16 सितम्बर को वे ट्राएंगल बिल्डिंग कैम्ब्रिज एसेसमेंट में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा राज्य शासन और विश्वविद्यालयों के साथ कार्य, डिजीटल लर्निंग एवं टीचिंग, टीचर डेवलपमेंट प्रोग्राम तथा कैम्ब्रिज इंग्लिश ऑफर फॉर एडमिशन टेस्टिंग विषयों पर चर्चा करेंगे। दूसरे दिन 17 सितम्बर को विभिन्न सत्रों में शामिल होंगे। पहले सत्र में 'मूल्यांकन में व्यवसायिक दक्षता का क्लास रूम शिक्षण में सुधार के लिये उपयोग विषय पर विमर्श में भागीदारी करेंगे। दूसरे सत्र में 'पाठ्यक्रम-2040 क्या विषय पढ़ाया जा सकता है और क्यों' तथा तीसरे सत्र में ' शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया में प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग' विषय पर उपस्थित शिक्षाविदों से विचार-विमर्श करेंगे।
मंत्री श्री जीतू पटवारी 18 सितम्बर को लंदन के शेफील्ड स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का दौरा करेंगे। श्री पटवारी 19 सितम्बर को लंदन के डिप्टी मेयर श्री राजेश अग्रवाल से भी मुलाकात करेंगे। श्री पटवारी मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर भी चर्चा करेंगे। उल्लेखनीय है कि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के कम्युनिकेशन स्किल के प्रमुख श्री स्टीव मैकेना द्वारा श्री पटवारी को कॉन्फ्रेन्स में आमंत्रित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के सभी शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों तथा शासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों और विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा की कम्युनिकेशन स्किल का प्रशिक्षण देने के लिये प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षा विभाग और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के बीच त्रिपक्षीय एमओयू किया गया है।
उच्च शिक्षा मंत्री के साथ आयुक्त उच्च शिक्षा श्री राघवेन्द्र सिंह, मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष श्री एम.एस. परिहार, राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील कुमार, एनसीटीई के सदस्य सचिव श्री संजय अवस्थी और डॉ. रश्मि शर्मा, साउथ एशिया के मार्केटिंग मैनेजर श्री अपूर्व आर्य, टीचर डेवलपमेंट के ग्लोबल मैनेजर श्री टिम बैंग्स भी कान्फ्रेंस में शामिल होंगे।
विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता के उच्च मापदण्ड निर्धारित करने के निर्देश
15 September 2019
राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने कहा है कि विकास का सिद्धांत समय अनुसार परिवर्तन ही है। जो समय के साथ नहीं चलेंगे, वे मुख्य-धारा से बाहर हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि विश्व में बदलते शैक्षणिक मानकों पर खरे उतरने वाले शिक्षा संस्थान ही भविष्य में अस्तित्व में रह पाएंगे। राज्यपाल ने कहा कि समय की माँग है कि कुलपति शैक्षणिक गुणवत्ता के उच्च मापदण्ड निर्धारित करें। अनुशासन के वातावरण को मजबूत बनायें। स्वायत्तता का उपयोग शैक्षणिक नवाचारों, शोध और संसाधनों को जुटाने में करें। नई शिक्षा नीति के अनुसार नये पाठ्यक्रम शुरू करें। श्री टंडन आज राजभवन में उच्च शिक्षा उन्नयन प्रयासों की श्रंखला में "मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों की नैक ग्रेडिंग का सूत्रपात" कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग के लिए प्रयास करना कुलपतियों का उत्तरदायित्व है। कुलपतियों को शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने, समय अनुसार नये प्रयोग और शोध करने, रिक्त पदों की पूर्ति, शैक्षणिक कैलेण्डर लागू करने, विद्यार्थियों को रोजगारपरक उच्चतम ज्ञान देने और बुनियादी सुविधाएँ जुटाने के लिए जवाबदारी के साथ कठोर और नवाचारी कार्य करने होंगे। राज्यपाल ने कहा कि कर्मठ कुलपतियों को भरपूर संरक्षण और सहयोग मिलेगा। स्व-प्रेरणा और परिणाम के अभाव में कुलपतियों की जिम्मेदारी भी निर्धारित की जाएगी।
श्री लालजी टंडन ने कहा कि जो बीत गया, उसे भूलकर नये जोश के साथ उज्जवल भविष्य के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सरकार का बजट सीमित होता है। अनेक योजनाओं में अनुदान की राशि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पास उपलब्ध है। आवश्यकता मानक प्रस्ताव तैयार कर आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने की है। उन्होंने कहा कि शोध कार्य द्वारा भी संसाधन जुटा सकते हैं। श्री टंडन ने कहा कि सूचना क्रांति के इस युग में उच्च स्तरीय ज्ञान का प्रसार भी आय का माध्यम बन गया है। विद्वतापूर्ण व्याख्यान विचार और शोध को दुनिया में प्रसारित किया जा सकता है। कौशल उन्नयन, उद्यमिता आधारित पाठ्यक्रम का संचालन भी महत्वपूर्ण संसाधन है। प्रदेश के एक निजी विश्वविद्यालय ने अटल इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना कर इस दिशा में प्रयास किया है। उनका सहयोगी निजी क्षेत्र का संस्थान 1000 करोड़ रूपए का वेंचर फण्ड भी उपलब्ध करा रहा है।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि भारत महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। इसलिए युवा शक्ति को गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन उपलब्ध कराने का दायित्व विश्वविद्यालयों का है। उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ यह भी याद रखें कि हम अपनी जड़ों से दूर न हो जायें। शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति के आधार पर ही प्राचीन भारत को जगतगुरू कहा जाता था। करीब आधी दुनिया हजारों वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में भारत के योगदान को स्वीकारती है। ऐसे भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में युवा पीढ़ी को अवगत कराने का प्रयास करें। इससे राष्ट्रीय स्वाभिमान जागृत होगा और देश के अनुरूप शिक्षण पद्धति विकसित होगी। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में नैक उदारता,सुधारता और पात्रता के फार्मूले का पालन कर विश्वविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग के लिए मार्गदर्शन देगी। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि नैक की ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए शैक्षणिक वातावरण और व्यापक चिंतन जरूरी है।
नैक के चेयरमैन श्री बी.एस. चौहान ने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए समय चक्र तय कर कार्य-योजना बनाई जाये। उच्च शिक्षा में रातों-रात परिवर्तन नहीं हो सकता। शिक्षा की चुनौतियों को ध्यान में रखकर उनके समाधान के प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन किया गया, तो कुछ ही वर्षों में उच्च शिक्षा व्यवस्था का स्वरूप बदल जाएगा। संसाधनों की उपलब्धता बढ़ जाएगी। कुलपतियों की संख्या दोगुनी हो जायेगी। आवश्यकता प्रयासों के प्रति निष्ठावान और संकल्पित होने की है।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री हरिरंजन राव ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में स्वायत्तता बढ़ रही है। शिक्षण संस्थाओं की जवाबदारी भी बढ़ेगी। शिक्षण व्यवस्था और शैक्षणिक वातावरण के प्रति समाज में घटते विश्वास की चुनौती का समाधान वर्तमान समय की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कुलपति यदि चुनौतियों का सामना सूचना प्रौद्योगिकी और नवाचारों के साथ करेंगें, तो निश्चय ही विश्वविद्यालय का भविष्य उज्जवल होगा। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों में बेहतर परिणाम देना ही सच्ची राष्ट्र सेवा है।
कार्यशाला में प्रथम तकनीकी सत्र को नैक के चेयरमेन प्रो. वी.एस. चौहान और डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के कुलपति प्रो. आर.पी. तिवारी ने संबोधित किया। दूसरे सत्र में कुलपतियों के सात समूहों का गठन किया गया। सात विषयों पर समूहों द्वारा विचार-विमर्श कर राज्यपाल को कार्यशाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
अटल विहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान और मेनिट के बीच एमओयू
13 September 2019
अटल विहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के महानिदेशक श्री आर. परशुराम और मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (मेनिट) भोपाल के निदेशक डॉ. नरेन्द्र सिंह रघुवंशी के बीच शहरी मामलों में अनुसंधान और ज्ञान के आदान-प्रदान एवं सहयोग के लिये एमओयू हस्ताक्षर किये गये। इसके मुताबिक मेनिट के विद्यार्थियों द्वारा सुझाये गये तर्क-संगत कार्यों को संस्थान के माध्यम से क्रियान्वित करवाना और सेंटर फॉर अर्बन गवर्नेंस को शोध के क्षेत्र में मेनिट द्वारा सहयोग दिया जायेगा।
नगरीय नियोजन और शहरी मामलों पर तकनीकी पहलुओं के बारे में मेनिट प्राध्यापक सहयोग करेंगे। मेनिट के विद्यार्थियों को उनके कार्य में अधिक से अधिक प्रसंगिकता लाने में संस्थान द्वारा सहयोग किया जायेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं पाठ्यक्रम तैयार करने में मेनिट द्वारा मार्गदर्शन दिया जायेगा।
भारत की शिक्षा व्यवस्था में बाजारीकरण हावी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में शिक्षाविद् प्रो. अनिल सद्गोपाल का व्याख्यान
7 September 2019
भोपाल - हमें देश को वहां लेकर जाना है, जहां भारत की अच्छी शिक्षा व्यवस्था हो। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर आयोजित विशेष व्याख्यान में ये बात प्रख्यात शिक्षाविद् प्रो. अनिल सद्गोपाल ने कही। संविधान और शिक्षा विषय पर बोलते हुए उन्होंने भारत की शिक्षा व्यवस्था में बाजारीकरण के हावी होने पर चिंता जताई । पत्रकारिता के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें देश 85 प्रतिशत लोगों तक अच्छी शिक्षा पहुंचाना है। संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की देश की शिक्षा पर सोच की तारीफ करते हुए प्रो. सदगोपाल ने कहा कि 25 नवंबर 1949 को संविधान का मसौदा पेश करते हुए बाबा साहेब ने ऐतिहासिक भाषण दिया था। सदगोपाल ने संविधान की प्रस्तावना के तीन शब्दों बंधुता, आजादी एवं बराबरी का अर्थ भी समझाया। उन्होंने कहा ये तीनों मिलकर एक त्रिमूर्ति बनती है। प्रो. सदगोपाल ने शिक्षानीति, शिक्षा आयोग, शिक्षा परिषदों, एवं शिक्षा के क्षेत्रों में विदेशी पूंजी निवेश पर भी अपने बहुमूल्य विचार रखे । शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्होंने ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले को उन्होंने विशेषतौर पर याद किया। उन्होंने सावित्री बाई फुले को देश की पहली शिक्षाविद् बताया। भारत के संविधान की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा संविधान दूसरे देशों के संविधान से ज्यादा मजबूत है, इसलिए दुनिया हमसे खौफ खाती है।
इस अवसर पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने प्रो. अनिल सदगोपाल के विशेष व्याख्यान को सदियों तक याद रखा जाने वाला व्याख्यान बताया। शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए श्री तिवारी ने सब तरह के विमर्श के होते रहने की बात कही । उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में लागू हुए युक्तियुक्तकरण एवं शिक्षा गारंटी पर भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह, विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर डॉ. सी.पी. अग्रवाल, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी विशेष रुप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने किया।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मे टेड टॉक सांपन्न हुआ
27 August 2019
भोपाल :- आइांस्टीन ने जब यह कहा की मनुष्य अपनी गगत प्रकाश की गगत से अगधक कर ले तो वह उम्र को परास्त कर पायेगा
यानी उन्होंने हद से परे जाने की बात कही थी, आइांस्टीन एक ऐसे वैज्ञागनक थे गजन्हें गवश्वगवद्यालय के जॉब के गलए अनुपयुक्त
करार ददया गया था दकन्तु उन्होंने सापेक्षता के गसद्ाांत सगहत अनेक अवधारणाओं के माध्यम से दुगनया को अपनी प्रगतभा से
पररगित करवाया यह बताता है की व्यगक्त में यदद जूनून हो तो वह सीमा से परे जाकर अपने को गसद् कर सकता है | टेड टॉक
दक थीम भी “ट्ाांसेंडडग डाइमेंशन्स” है जो हमें सीमाओं से परे गवगभन्न पहलुओं पर ििाा करने एवां दृगिकोण बनाने के गलए प्रेररत
करती है | उक्त गविार आरजीपीवी के कु लपगत प्रो. सुनील कु मार ने गवश्वगवद्यालय में आयोगजत टेड टॉक के उद्घाटन अवसर पर
व्यक्त दकये | इस अवसर पर गवश्वगवद्यालय के कु लसगिव प्रो. सुरेश डसह कु शवाह सगहत गवश्वगवद्यालय के प्राध्यापकगण एवां
प्रगतभागी छात्र छात्राएां उपगस्थत थे |
उक्त जानकारी देते हुए कायाक्रम समन्वयक डॉ. गशखा अग्रवाल ने बताया दक गवश्वगवद्यालय के सभागार में सांपन्न हुई टेड
टॉक का प्रारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात टेड टॉक के गवगभन्न सत्रों के वक्तागण सुश्री वषाा वमान (पेशेवर भारतीय शूटर) ,
वागजद खान (अांतरााष्ट्रीय ख्यागत प्राप्त आयरन नेल आर्टटस्ट) ,ऋषभ राणा (भारतीय यूट्यूब प्रयोगकताा) , श्री सुशोवन बनजी(आई
पी एस ) श्री करण कु करेजा(फाउांडर इांगडयन दफल्म एांड गलटरेिर फे गस्टवल) श्री अांदकत जैन (सांस्थापक, द हाउस ऑफ अांदकत )
का स्वागत दकया गया |
टेड टॉक को सांबोगधत करते हुए श्री शुशोभन बनजी ने “मैं कौन हूँ” तथा “िलो करके देखते हैं” इन दो बातों ने मुझे
जीवन में प्रभागवत दकया गजसके कारण मैं गसगवल सर्ववसेज दक परीक्षा मैं सफलता अर्वजत कर पाया साथ ही गसने आर्टटस्ट भी
बना | उन्होंने कहा दक उन्हें एक बस कां डक्टर दक कायाशैली से उत्साहपूवाक काया करने की प्रेरणा गमली | जीवन में अव्यवस्थाओं
के बीि सफलता ढूूँढने दक घटनाएां अपने व्याख्यान में प्रस्तुत की|
श्री वागजद खान ने कहा की कला दक कोई जागत या धमा नहीं होता दकन्तु वह सीमाओं से परे मानवता के गलए एक
अद्भुत सन्देश प्रदान कर सकती है | मैं आज भारत सगहत दुगनया के ३५ से अगधक देशों में कला के माध्यम से समन्वय एवां
प्रगगत का सन्देश दे रहा हूँ |
सुश्री वषाा वमान गजन्होंने पेशेवर भारतीय शूटर के रूप में उल्लेखनीय सफलताएां अर्वजत दक, मध्यप्रदेश की प्रगतभाशाली
गखलाड़ी गजन्होंने एकलव्य एवां गवक्रम अवाडा तथा एगशयाड में मैडल प्राप्त दकये ने अपने जीवन में खेल तथा पढ़ाई के बीि
सांतुलन के गवगभन्न आयामों को प्रस्तुत दकया तथा मगहला सशगक्तकरण पर भी गविार प्रस्तुत दकये |
श्री अांदकत जैन ने माइक्रोसॉफ्ट, नेटगफ्लक्स, वीमाटा, अमेज़न जैसी कां पगनयों की सफलता के मूल में उनके
दूरगामी प्रयासों एवां राष्ट्रगपता महात्मा गाूँधी तथा नेल्सन मांडेला के अनुकरणीय व्यगक्तत्व के जीवन में आने वाले आदशों को
उदाहरण सगहत रखते हुए अपने काया दक सफलता को व्यक्त दकया |
टेड टॉक में श्री मनराज डसह एवां अर्वपत ने “लेफ्ट या राईट” एवां “काश” गवषयक कगवता के माध्यम से कगवता और आटा
का अद्भुत समन्वय प्रस्तुत दकया | श्री करण कु करेजा ने काम के प्रगत लगाव एवां जीवन में महत्वाकाांक्षी होने को सफलता का
आधार बताया तथा श्री ऋषभ राणा ने जीवन में समस्याओं के समाधान के गलए दृढ गनश्चय एवां धैयावान होने पर बल ददया | टेड
टॉक में सांगीतकार समर मेहूँदी, गायक रोहन पाठक एवां नृत्याांगना सुश्री शुभागन गसटोके ने अपनी प्रस्तुगतयाां दी |
तूर्यनाद 19:-
26 August 2019
मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल की राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा देश के किसी भी तकनीकी
संस्थान में आयोजित सबसे बड़े हिन्दी महोत्सव तूर्यनाद के आठवें संस्करण का आयोजन हिन्दी माह में दिनांक
13,14 एवं 15 सितम्बर को किया जा रहा है,जिसका विषय भारत का गौरवशाली इतिहास है।तूर्यनाद हिन्दी का औपचारिकता से परे सम्मान के साथ प्रयोग करने
का संदेश देते आया है, जिसमें देश भर के विभिन्न तकनीकी एवं गैर-तकनीकी संस्थानों के छात्र-छात्राएं बढ़ चढ़के प्रतिभाग करते हैं। पिछले वर्षों में तूर्यनाद की भव्य सफलता के बाद समिति द्वारा इस बार भी तूर्यनाद 19 में लोगों को भारत के गौरवशाली इतिहास से रूबरू करवाने के लिए अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे स्वदेशी फैशन शो, नुक्कड़नाटक, समूहनृत्य, बौद्धिक एवं रचनात्मक प्रतियोगिताएँ,अतिथि व्याख्यान, टॉक शो एवं कार्यशालाएँ (वर्कशॉप्स)आयोजित की जायेंगी। देशभर के संस्थानों में पढ़ने वाले इच्छुक एवं प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए समय वंदूरीतूर्यनाद में भाग लेने में बाधा ना बने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए समिति द्वारा इस बार तीन शहरों ग्वालियर, जबलपुर,इंदौर में एक दिवसीय नगरीय तूर्यनाद भी आयोजित किया जा रहा है,जो तूर्यनाद का ही संक्षिप्त रूप है। इसमें चयनित प्रतिभागियों को दूसरे चरण में सीधा प्रवेश दिया जायेगा। इच्छुक छात्र-छात्राएँ हिन्दी और तकनीकी केइस महाकुंभ तूर्यनाद 19 में सम्मिलित होने हेतु www.tooryanaad.in पर पंजीयन करसकतेहैं। तूर्यनाद के बारे में और अधिक जानकारी एवं नवीन सूचनाएँ (अपडेट्स) आप तूर्यनाद के फ़ेसबुक पेज
https://m.facebook.com/tooryanaad/ औरवेबसाइट http://www.tooryanaad.in/ पर देख सकते हैं।
म.प्र. स्टेट ज्यूडिशियल अकादमी के निदेशक रामकुमार चौबे का व्याख्यान
24 August 2019
पत्रकारिता के विद्यार्थियों में पत्रकार पहले से रहता है, महाविद्यालय व विश्वविद्यालय सिर्फ इसे उकेरने का काम करते हैं। मध्यप्रदेश स्टेट ज्यूडिशियल अकादमी जबलपुर के निदेशक श्री रामकुमार चौबे ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के विद्यार्थियों के बीच ये विचार व्यक्त किये। संविधान एवं पत्रकारिता विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में श्री चौबे ने कहा कि प्रेस प्रजातंत्र का चौथा स्तम्भ है, लेकिन संविधान का नहीं। उन्होंने कहा कि संविधान है इसलिए स्वतंत्र पत्रकारिता है। संविधान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारा संविधान, उद्देशिका से प्राणवायु लेता है और यह पूरे संविधान की आत्मा है।
वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर श्री चौबे ने अनुच्छेद 19 (1) ए पर बोलते हुए कहा कि सिर्फ बोलना एवं लिखना ही स्वतंत्रता नहीं है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों को इसे विस्तार एवं गहराई से समझने की कोशिश करनी चाहिए। गांधी जी के तीन बंदरों का उदाहरण, बुरा मत सुनो, बुरा मत देखो, बुरा मत कहो का उदाहरण देते हुए उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए। अंत में श्री चौबे ने मीडिया ट्रायल, फेक न्यूज, इच्छामत्यु जैसे विद्यार्थियों के कुछ प्रश्नों के उत्तर भी दिए। कार्यक्रम में कुलपति श्री दीपक तिवारी, कुलाधिसचिव प्रो. श्रीकांत सिंह, डीन अकादमिक प्रो. पवित्र श्रीवास्तव, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी विशेष रुप से उपस्थित रहे।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना यूजीसी का प्रयास हैः प्रो. डी.पी. सिंह, अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
21 August 2019
विश्वविद्यालयों में नवप्रवेशी विद्यार्थियों को उनके पाठ्यक्रम और भविष्य के लिए बेहतर मार्गदर्शन देने के संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 21 से 23 अगस्त 2019 तक शिक्षकों के लिए भोपाल में दीक्षारंभ नामक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. डी.पी. सिंह ने आज कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना यूजीसी का प्रयास है और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योग्य और संभावनायुक्त शिक्षक तैयार करना जहां एक लक्ष्य है, वहीं समर्पित और अच्छे विद्यार्थी बनने का माहौल उपलब्ध कराना दूसरा लक्ष्य है।
यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि देश और दुनिया में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। आयोग का मानना है कि हमें वैल्यू एजुकेशन पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। हमें विद्यार्थियों को अच्छे नागरिक के तौर पर विकसित होने के लिए जरूरी संस्कार डालने की शुरुआत उच्च शिक्षा क्षेत्र में उस विद्यार्थी के प्रवेश के साथ ही करना चाहिए। ऐसा करने से जहां उस विद्यार्थी की जिंदगी बेहतर होगी, वहीं राष्ट्र को एक जिम्मेदार नागरिक भी मिलेगा।
यूजीसी जल्द ही देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम के अलावा परीक्षा मूल्यांकन, मानव मूल्यों को आत्मसात करने और व्यावसायिक नैतिकता, पर्यावरण की अनुकूलता को सतत बनाये रखने वाले परिसर, जीवन कौशल के लिए भी नए सुधारों की एक श्रृंखला शुरू करेगा। प्रो. सिंह ने यूजीसी द्वारा इस प्रयास में शुरू की गई विभिन्न योजनाओं जैसे कि फैक्ल्टी प्रेरण कार्यक्रम, परामर्श - नैक के द्वारा गैर प्रत्यायित विश्वविद्यालय/कॉलेजों को परामर्श देने की योजना, केयर- अच्छी गुणवत्ता वाली पत्रिकाओं, श्रेणीबद्ध स्वायत्ता आदि की पहचान करने के लिए एक पहल जैसे विभिन्न योजनाओं पर बात की। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि महात्मा गांधी सहित बहुत सी विभूतियों ने व्यक्तित्व के समग्र विकास पर केंद्रित शिक्षा प्रणाली विकसित करने और अपनाने की अहमियत बार- बार जताई। इसे ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विद्यार्थियों को संस्कार और मूल्य आधारित, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का प्रयास कर रही है। उद्घाटन कार्यक्रम में 200 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और राज्य सरकारों के वरिष्ट अधिकारियों ने भी उद्घाटन सत्र में सहभागिता की।
इस अवसर पर मध्यप्रदेष शासन, उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री हरिरंजन राव ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के महत्व पर जोर दिया तथा इसमें शिक्षकों के योगदान को सराहा। श्री राव ने उच्च शिक्षा में मानवीय मूल्यों की महत्ता पर प्रकाष डालते हुए बताया कि शिक्षा के साथ-साथ चरित्र निर्माण से ही व्यक्तित्व निर्माण सम्भव है। श्री राव ने कहा कि सीखना सिखाना जीवन भर लगातार चलनेवाली प्रक्रिया है और उच्च शिक्षा की शुरुआती दौर में ही मिलनेवाले संस्कार और जानकारियां विद्यार्थी के जीवन भर काम आएंगी और उसे बेहतर नागरिक बनने में काम आएंगी।
डॉ. रेणु बत्रा, अपर सचिव, यूजीसी ने प्रतिभागियों को कार्यशाला के बारे में विस्तार से समझाया जिसके बाद प्रतिनिधियों द्वारा संचालित विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए गए। इसके बाद आमंत्रित विषय विशेषज्ञों ने एसआईपी के विभिन्न पहलुओं जैसे- अपेक्षित परिणाम, अभिन्न व्यक्ति बनाने में शिक्षा की भूमिका, मानव आकांक्षाओं को समझना, सलाह का महत्व आदि पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। इसके अलावा अपने संस्थान में एसआईपी के आयोजन में अपने स्वयं के अनुभव साझा किए। प्रतिभागियों को उच्च शिक्षा के दायरे में प्रवेश करने वाले छात्रों के लिए छात्र प्रेरण कार्यक्रम की योजना बनाने और निष्पादित करने में अपने संबंधित संस्थानों की मदद करने की उम्मीद है और इस तरह यह कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और संस्थान के साथ जुड़ाव की भावना बनाये रखने में सहायक होगा।
दीक्षारम्भ: यूजीसी छात्र प्रेरण कार्यक्रम पर तीन दिवसीय कार्यशाला (21 से 23 अगस्त, 2019)
20 August 2019
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा 21 से 23 अगस्त, 2019 तक नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट
यूनिवर्सिटी, भोपाल के कन्वेंशन सेंटर में दीक्षारंभ नामक छात्र प्रेरण कार्यक्रम (SIP) में शिक्षकों के
प्रशिक्षण के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। कार्यशाला का उद्घाटन यूजीसी
के अध्यक्ष प्रो. डी. पी. सिंह द्वारा किया जाएगा। छात्र प्रेरण कार्यक्रम का उद्देश्य है - छात्रों को नए
परिवेश से जुड़ने में मदद करना, उनका साथी छात्रों और शिक्षकों के साथ सम्बन्ध विकसित करना,
उनको सामाजिक प्रासंगिकता के विभिन्न मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाना और उनमें मानवीय
मूल्यों को आत्मसात करना ताकि वे ज़िम्मेदार नागरिक बन सकें। उद्घाटन सत्र में मध्यप्रदेश,
छत्तीसगढ़ और राजस्थान के कुलपतियों, प्रमुख सचिवों और उच्च शिक्षा आयुक्तों को भी आमंत्रित
किया गया है। प्रख्यात शिक्षाविदों के अलावा विभिन्न तकनीकी सत्रों के लिए विशेषज्ञ व वक्ता होंगे,
इसके अतिरिक्त यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. रेणु बत्रा, अपरसचिव और संयुक्त सचिव डॉ.
गोपुकुमार उपस्थित होंगे। कार्यशाला में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के 200 से अधिक
शिक्षक भाग लेंगे।
एसआरएम इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में डॉ कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन की मदद से सेंटर आॅफ चाइल्ड राइट खुलेगा
9 August 2019
एसआरएम इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में डॉ कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन की मदद से सेंटर आॅफ चाइल्ड राइट खुलेगा
एसआरएम इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में डॉ कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन की मदद से सेंटर आॅफ चाइल्ड राइट की स्थापना होगी।
नोबेल पुरस्कार विजेता और बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले डॉ कैलाश सत्यार्थी चेन्नई में स्थित एसआरएम इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के भ्रमण पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने संस्थान के शिक्षकों और छात्रों से फाउंडेशन की 100 मिलियन मुहिम से जुड़ने का आह्वान किया। इस मुहिम के जरिए बाल श्रम को खत्म करने की अपील की। साथ ही उन्होंने एसआरएम इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में अपनी फाउंडेशन का एक कार्यालय खोलने की घोषणा की। दिल्ली और लंदन के बाद डॉ कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन का कार्यालय अब यहां खुलेगा।
इस बावत एसआरएम इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रेसीडेंट पी सत्यनारायण ने कहा कि डॉ कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन की मदद से सेंटर आॅफ चाइल्ड राइट खुलेगा। यह शैक्षिक संस्थानों में अपनी तरह का पहला सेंटर होगा। इस दौरान उन्होंने डॉ कैलाश सत्यार्थी को एसआरएम इंस्टीट्यूट का एक मिनऐचर भी भेंट किया। इस दौरान डॉ कैलाश सत्यार्थी ने एसआरएम इंस्टीट्यूट के मैदान में पौधारोपण भी किया।
एसआरएम इंस्टीट्यूट के डॉ टीपी गणेश आॅडिटोरियम में 4000 छात्रों के बीच यूथ एंड कंपेसन विषय पर बोलते हुए कहा कि वो चाहते हैं कि एसआरएम इंस्टीट्यूट देश की पहली यूनिवर्सिटी बने जो 100 मिलियन मुहिम के तहत एक सामाजिक बदलाव ला सके। उन्होंने का ही ये बदलाव आप ही ला सकते हैं। ये बदलाव बाहर से नहीं आएगा, खुद अंदर से आएगा। आप खुद ही एक बदलाव हैं। बाल श्रम के खिलाफ आप आवाज उठा सकते हैं। आप कंपनियों से अनुरोध करें कि वो अपने यहां बाल श्रम को बंद करें। आप वॉलिंटयर बनके छोटे—छोटे ब्लॉग लिख सकते हैं। आप सोशल मीडिया के जरिए बाल श्रम को खत्म करने की मुहित शुरू कर सकते हैं। एसआरएम इंस्टीट्यूट से जुड़े हुए हजारों छात्र की पहचान समाज में बदलाव लाने वाले की होनी चाहिए। आपके काम से दुनिया आपको ऐसे ही जानना चाहिए। आप असली हीरो हैं नाकि वो लोग जो पैसे लेकर एक्टिंग करते हैं।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान 2 की सफलता के बाद भी अगले एक घंटें में 6 बच्चे गायब हो जाएंगे और 8 बच्चों का रेप हो चुका होगा। आज सिर्फ लड़कियों पर ही खतरा नहीं है बल्कि लड़कें भी सुरक्षित नहीं हैं।
एसआरएम इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रेसीडेंट पी सत्यनारायण ने कहा कि डॉ कैलाश सत्यार्थी भारत के अब्राहम लिंकन हैं। अब्राहम लिंकन ने अमेरिका के अंदर दास प्रथा को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि एसआरएम इंस्टीट्यूट इस मुहिम से जुड़कर यह बदलाव लाएगा। बाल श्रम इसलिए क्योंकि गरीबी है और गरीबी को शिक्षा से ही दूर किया जा सकता है। एसआरएम इंस्टीट्यूट डॉ कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन की मदद से बाल श्रम को खत्म करने के लिए कार्य करेगा।
इस दौरान वाइस चांसलर डॉ संदीप संचेती ने इस सभा का स्वागत किया। इसके बाद छात्रों ने सोशल वेलफेयर से जुड़े प्रोजेक्ट पर प्रजेंटेशन दिया। प्रो वाइस चांसलर डॉ टी पी गणेशन, डॉ आर बालासुब्रहमण्यम इस मौके पर मौजूद थे। प्रो एन सेथुरमन ने इस मौके पर धन्यवाद ज्ञापन किया।
राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा एआईसीटीई के सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम फॉर स्टूडेंट इंडक्शन का आयोजन
29 July 2019
* जंगल को बचाना है तो बाघों को बचाना होगा – डॉ. अरुण त्रिपाठी
* पत्रकारिता विश्वविद्यालय में CREW के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर आयोजन
* वन्यजीव पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन, विश्वविद्यालय के फिल्म क्लब का आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल ने संस्था CREW (Crusade for Revival of Environment and Wildlife) के सहयोग से एक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता श्री ललित शास्त्री ने कहा कि जनसंख्या बढ़ने, वन क्षेत्र सिकुड़ने एवं विविध कारणों से बाघों पर संकट आया है, जिसे बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होने कहा कि पर्यावरण एवं वन्यजीवों पर संवेदनशील पत्रकारिता ने कई बार सरकार को आवश्यक और प्रभावी कदम उठाने पर मजबूर किया है।
इस आयोजन में मध्यप्रदेश जैव विविधता बोर्ड के सहयोग से बनी डॉक्यूमेंट्री “द टाइगर: इंडीकेटर ऑफ हैल्दी फॉरेस्ट ईकोसिस्टम” का भी प्रदर्शन किया गया। यह डॉक्यूमेंट्री श्री शास्त्री द्वारा बीस वर्षों में वन्यजीव संरक्षण के लिए की गई विभिन्न शोध यात्राओं के दौरान बनाए गए दृश्यों पर आधारित है।
इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गांधीवादी विचारक एवं शिक्षक डॉ. अरुण त्रिपाठी ने कहा कि यह धरती सिर्फ इंसानों के लिए नहीं है बल्कि सभी जीव-जंतुओं के लिए है। उन्होंने महाभारत के एक श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि “यदि वन सुरक्षित रखने हैं, तो बाघों को संरक्षित करना होगा। भारत में वन पर आश्रित समुदाय ही वन संपदा का संरक्षण कर सकता है, जबकि बाहरी लोग ही बाघों को शिकार करते हैं। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि जब से भारत में सामाजिक चेतना आई है तब से भारत में बाघ सुरक्षित हुए हैं।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकात सिंह ने समापन उद्बोधन में बाघ संरक्षण का संकल्प दिलाते हुए कहा कि मनुष्य और जंगल दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों की यह परस्पर निर्भरता प्रकृति प्रदत्त है।
इस कार्यक्रम का आयोजन वन्यजीव संरक्षण के लिए कार्यरत संस्था CREW (Crusade for Revival of Environment and Wildlife) के सहयोग से विश्वविद्यालय में गठित फिल्म क्लब के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन विद्यार्थी धर्मेंद्र कमरिया ने किया।
राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा एआईसीटीई के सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम फॉर स्टूडेंट इंडक्शन का आयोजन
29 July 2019
भोपाल. राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा एआईसीटीई के सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम फॉर स्टूडेंट इंडक्शन का आयोजन आरजीपीवी में दिनांक 22 से 28 जुलाई तक किया गया जिसमे चार राज्यों (दिल्ली, झारखण्ड, महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश) के 44 प्रतिभागी शिक्षक सम्मिलित हुए |
उक्त जानकारी देते हुए एफडीपी समन्वयक डॉ. सविता व्यास ने बताया कि 28 जुलाई को विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित समापन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार, तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम समन्वयक प्रो. एस.सी. चौबे, एआईसीटीई क्षेत्रीय कार्यालय के प्रतिनिधि श्री भूपेन्द्र श्रीवास्तव, एवं विषय विशेषज्ञ डॉ. अभय वानखेड़े एवं श्री रवि शेषाद्री सहित प्रतिभागी शिक्षक उपस्थित थे |
एफडीपी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार ने कहा की यदि भौतिक एवं रासायनिक गुणों के आधार पर पदार्थ को एक रूप से दुसरे रूप में परिवर्तित करना संभव है तब निश्चित ही एक आदर्श एवं प्रभावि व्यक्तित्व के रूप में किसी को भी प्रयत्न पूर्वक संवारा जा सकता है बशर्ते संवारने वाले व्यक्ति में यह विश्वास हो की हम सब कुछ कर सकते हैं | शिक्षक समाज के गुरुत्व का केंद्र है, विद्यार्थी में उसकी स्विकारोत्ति होने का अर्थ यह है की वह अपने व्यक्तित्व से विद्यार्थियों के जीवन का मार्ग सकारात्मक दिशा में प्रशस्त कर रहा है |
उल्लेखनीय है कि सात दिवसीय कार्यक्रम के दौरान एआईसीटीई के विषय विशेषज्ञ डॉ. अभय वानखेड़े एवं श्री रवि शेषाद्री ने विभिन्न सत्रों में शिक्षकों के व्यक्तित्व विकास के लिए वर्तमान शिक्षा प्रणाली एवं उसकी उपलब्धियाँ, समग्र शिक्षा, शिक्षा की प्रक्रिया एवम समग्र जीवन, संवाद की विधियाँ, मानव लक्ष्य – सुख और सम्रद्धि में परस्पर सम्बन्ध, मूल्यों का महत्त्व एवं सह अस्तित्व के सिद्धांत सहित विभिन्न विषयों पर प्रतिभागी शिक्षकों का प्रबोधन किया एवं सामूहिक चर्चा के माध्यम से प्रतिभागियों ने स्वयं को जानने तथा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका जैसे विषयों पर समूह चर्चा कर विषयों को समझा|
समापन सत्र का संचालन एवं आभार प्रदर्शन डॉ. सविता व्यास ने किया, समापन सत्र में अनुभव कथन के रूप में डॉ. नीतू सिंह (भोपाल), डॉ. सुहेल एहमद खान (टेकनपुर), डॉ. मुंशी यादव (दिल्ली), डॉ. गौतम शर्मा (झारखण्ड), डॉ. शालू पाण्डेय (भोपाल) एवं डॉ. नीता त्रिवेदी (यूआईटी आरजीपीवी) ने भी एफडीपी के सन्दर्भ में अपने विचार रखे |
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के खिलाफ सोशल मीडिया पर भ्रामक, असत्य एवं मानहानिकारक सामग्री प्रसारित किए जाने पर विश्वविद्यालय द्वारा सायबर सेल में की गई शिकायत
25 July 2019
भोपाल. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के खिलाफ सोशल मीडिया पर मोहित श्रीवास्तव की आईडी से भ्रामक, असत्य एवं मानहानिकारक पोस्ट प्रसारित की जा रही है। इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा पुलिस अधीक्षक, सायबर सेल भोपाल को लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है। विश्वविद्यालय की छवि को इरादतन धूमिल करने हेतु ऐसे अर्नगल पोस्ट सोशल मीडिया पर प्रसारित करने वाले शरारती तत्वों पर कार्यवाही करने का अनुरोध विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा पुलिस अधीक्षक सायबर सेल से किया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक नहीं, सांस्कृतिक माध्यम है रेडियो : डॉ. महावीर सिंह
24 July 2019
भोपाल। रेडियो मात्र इलेक्ट्रॉनिक माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक माध्यम है। यह भारत की संस्कृति को संभालकर चलता है। दूरदर्शन, फिल्म और निजी चैनल जैसे अन्य माध्यमों को लेकर यह प्रश्न उठा कि यह संस्कृति को बिगाड़ देंगे, लेकिन यह प्रश्न रेडियो को लेकर कभी नहीं उठा। यह विचार आकाशवाणी के भोपाल केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ. महावीर सिंह ने 23 जुलाई को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।
डॉ. महावीर सिंह ने कहा कि भारतीय परिवारों में रेडियो की उपस्थिति एक सदस्य के रूप में है। रेडियो के प्रति हमारा आत्मीय लगाव रहता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय एकता को स्थापित करने और विकास कार्यक्रम को जन-जन तक पहुँचाने में रेडियो की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कंटेंट और माध्यम पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि माध्यम कभी भी कंटेंट से बड़ा नहीं हो सकता। माध्यम केवल कहने वाले और सुनने वाले को सुविधा देता है, प्रमुख तो कंटेंट ही होता है। रेडियो की पहुँच को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि जहाँ न पहुँचे प्राणी, वहाँ पहुँचे आकाशवाणी। रेडियो की ताकत उसकी पहुँच है। शिक्षित और अनपढ़ दोनों रेडियो का उपयोग कर सकते हैं।
आकाशवाणी के भोपाल केंद्र के उप निदेशक श्री धर्मेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि कोई भी माध्यम कमजोर नहीं होता, यदि हम कंटेंट की विश्वसनीयता बनाए रखें। आकाशवाणी की विशेषता यही है कि इससे प्रसारित जानकारी विश्वसनीय होती है। आकाशवाणी निष्पक्ष रूप से जनसामान्य तक सूचना पहुँचाता है। उन्होंने बताया कि साउंड ब्राडकास्टिंग के लिए रेडियो को सबसे अच्छा माध्यम माना जाता है। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त, 1947 की रात को भारत की स्वतंत्रता पर प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जो ऐतिहासिक भाषण दिया था, वह आज भी आकाशवाणी के अर्काइव्स में सुरक्षित है। आकाशवाणी अनेक ऐतिहासिक अवसरों का साक्षी रहा है। श्री श्रीवास्तव ने बताया कि स्वतंत्रता के समय भारत के 2.5 प्रतिशत भूभाग तक आकाशवाणी की पहुँच थी, जो आज बढ़कर 92 प्रतिशत से अधिक हो गई है। उन्होंने बताया कि वैसे तो भारत में 1923 से ही रेडियो प्रसारण की शुरुआत हो गई थी, लेकिन यह क्लब स्तर पर थी। संस्थागत रूप से 23 जुलाई, 1927 से रेडियो प्रसारण प्रारंभ हुआ।
विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि रेडियो एक पैसिव मीडियम है, जिसको सुनते हुए आप दूसरे अन्य कार्य भी कर सकते हैं। आकाशवाणी के कार्यक्रमों की विविधता उसे विशेष बनाती है। उन्होंने बताया कि यदि आप रेडियो सुनेंगे तो स्क्रिप्ट लिखने की कला स्वत: आ जाएगी। कुलपति श्री तिवारी ने रेडियो की सिग्नेचर ट्यून के बारे में बताया कि जर्मन मूल के वाल्टर कॉफमैन ने शिवरंजनी राग पर बनाई थी। भारतीय संगीत में उनकी गहरी रुचि थी। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में भी रेडियो की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यदि मीडिया के विद्यार्थी रेडियो में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो उन्हें रेडियो के कार्यक्रम सुनने की आदत डालनी चाहिए। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के प्रोड्यूसर श्री दीपक चौकसे ने ‘भारतीय रेडियो प्रसारण का इतिहास’ पर प्रस्तुतीकरण दिया। आभार प्रदर्शन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजीव गुप्ता ने और कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक श्री अरुण खोबरे ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
सत्रारंभ समारोह समापन दिवस
21 July 2019
Highlights
* पत्रकारिता इज्जत का काम है, हुज्जत का नहीं - आशुतोष राणा
* पत्रकारिता विश्वविद्यालय दुनिया का श्रेष्ठ विश्वविद्यालय बनेगा – पी.सी. शर्मा,
* पत्रकारिता में राष्ट्रभक्ति का भाव होना चाहिए - जीतू पटवारी,
* सत्रारंभ समारोह के दूसरे दिन फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार, प्रकाश पिल्लई, अवनीश जैन एवं कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यू की पाठशाला
भोपाल। लोकप्रिय फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा ने कहा है कि पत्रकारिता समाज का महत्वपूर्ण कार्य है इसलिए इसे लोकतंत्र के चौथे खंभे के रूप में समाज ने मान्य किया है लेकिन सही पत्रकारिता इज्ज्त का काम है हुज्ज्त का नहीं। टीवी न्यूज़ चैनलों पर होने वाली प्राइम टाइम डिबेट पर कटाक्ष करते हुए आशुतोष राणा ने कहा कि वहां एक शख्स की इज्जत बढ़ाने के लिए दूसरे की इज्जत गिराने का काम होता है, जिसे पत्रकारिता नहीं कहा जा सकता है। फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा रविवार को रवीन्द्र भवन में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के दो दिवसीय सत्रारंभ समारोह के अंतिम दिन विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर एबीपी न्यूज के वरिष्ठ पत्रकार बृजेश राजपूत ने समारोह के मंच पर ही आशुतोष राणा का लाइव साक्षात्कार लिया। इस साक्षात्कार में अभिनेता आशुतोष राणा ने अपने जीवन के कई पहलुओं पर रोचक और हास्य अंदाज में चर्चा की, जिसने श्रोताओं का मन मोह लिया। इससे पहले इस सत्र की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय के फिल्म प्रोडक्शन के छात्रों के लिए आशुतोष राणा का मार्गदर्शन मिलता रहेगा। समापन सत्र में कुलपति ने विद्यार्थियों को अगाह किया कि विद्यार्थी फेक न्यूज और गलत जानकारी के बहकावे में न आएं। उन्होने कहा कि हम विश्वविद्यालय से ऐसे पत्रकार निकालना चाहते हैं जो जनहित में किसी से भी सवाल पूछ सकें।
सत्रारंभ समारोह के दूसरे दिन भी मीडिया जगत की कई हस्तियों ने विद्यार्थियों को पत्रकारिता का पाठ पढ़ाया। पहले सत्र में “मीडिया साक्षरता” विषय पर वरिष्ठ टीवी पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार ने समाज में मीडिया साक्षरता की कमी और उसके दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए इस पर चिंता व्यक्त की। डॉ मुकेश कुमार ने कहा कि अब हम मीडिया संचालित समाज बन गए हैं जिसके दुष्प्रभावों से बचाव जरूरी है। इसी सत्र में टाइम्स ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश पिल्लई ने “चैलेंजिंग ट्रेंड्स इन इंग्लिश जर्नलिज्म” विषय पर प्रकाश डाला। उन्होने प्रिंट मीडिया और डिजीटल मीडिया पर तथ्यात्मक जानकारी दी।
तीसरे सत्र में “कार्टून एवं पत्रकारिता” विषय पर टाइम्स ऑफ इंडिया के कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यू ने अपने चुनिंदा चर्चित कार्टूनों को स्क्रीन पर प्रदर्शित करते हुए कार्टून विधा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला एवं समसामयिक घटनाओं पर बनाए विभिन्न कार्टूनों पर रोचक अंदाज में चर्चा की। इसी सत्र में दैनिक भास्कर म.प्र. छत्तीसगढ़ के संपादक अवनीश जैन ने “प्रिंट मीडिया का भविष्य” विषय पर नवाचार केंद्रित विचार रखे। श्री जैन ने कहा कि प्रिंट मीडिया के समक्ष वर्तमान में सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव, न्यूज प्रिंट की बढ़ती कीमतें और पर्यावरणीय चुनौतियां खड़ी हैं। लेकिन नवाचार का उपयोग, सामग्री की विश्वसनीयता और पाठकों के फीडबैक से इन चुनौतियों से निपटा जा सकता है।
चौथे सत्र में म.प्र. शासन के जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने विश्वविद्यालय की सत्रारंभ कार्यक्रम परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि, पाठ्यक्रमों के उन्न्यन और प्रायोगिक कार्यों से माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय दुनिया का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बनेगा, जहां विदेश से भी विद्यार्थी पढ़ने एवं शोध करने आएंगे। प्रदेश सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय का नवीन परिसर शीघ्र ही बनकर तैयार हो रहा है, जिसमें विद्यार्थियों को और अधिक सुविधाएं मिल सकेंगीं। श्री शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र के तीन स्तंभ भले ही कमजोर हो जाएं लेकिन पत्रकारिता का चौथा स्तंभ कभी कमजोर नहीं होगा। उन्होने कहा कि देश में अच्छी पत्रकारिता से बड़ी-बड़ी शासन-सत्ताएं पलट गई हैं।
सत्रारंभ समारोह के समापन उद्बोधन में म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने कहा कि पत्रकारिता में राष्ट्रभक्ति का भाव होना चाहिए। सही जानकारी के साथ की जानी वाली पत्रकारिता ही श्रेष्ठ पत्रकारिता है, इसके लिए समाचारों को प्रकाशन प्रसारण से पहले क्रास चैक किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि आजकल मास मीडिया और सोशल मीडिया पर भरोसा कम हो रहा है जबकि माऊथ मीडिया पर भरोसा बढ़ रहा है।
समापन समारोह में कुलपति श्री दीपक तिवारी ने विश्वविद्यालय के संस्थापक महानिदेशक श्री अरविंद चतुर्वेदी एवं विधायक कुणाल चौधरी का शाल-श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।
सत्रारंभ समारोह में नवागत विद्यार्थियों को डॉ. राजेश पाठक परीक्षा नियंत्रक ने परीक्षा से संबंधित नियमों की जानकारी दी, वहीं डॉ. राखी तिवारी, विभागाध्यक्ष पत्रकारिता ने विद्यार्थियों को रैगिंग के संबंध में जागरूक किया।
Makhanlala University सत्रारंभ कार्यक्रम का उद्घाटन मख्यमंत्री जी ने किया
20 July 2019
भोपाल, मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा है कि पत्रकारिता लोकतंत्र का बड़ा और गंभीर हिस्सा है, इसकी निष्पक्षता बनाए रखना आवश्यक है, उन्होने कहा कि पत्रकारिता में पिछले समय से कुछ विकृतियां आ रही हैं जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं मानी जा सकती हैं। पत्रकारिता को निष्पक्ष होना चाहिए और इस पेशे का सम्मान हर किसी को करना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ शनिवार को रवीन्द्र भवन में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के दो दिवसीय सत्रारंभ समारोह के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने की। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में संस्थान तो कई है परंतु सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की कमी है। विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने में सरकार का पूरा सहयोग रहेगा। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के छात्रों को एचीवमेंट और फुलफिलमेंट में अंतर बताते हुए उन्होने एचीवमेंट के साथ फुलफिलमेंट पर जोर देने की बात कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुलपति दीपक तिवारी द्वारा देश के संविधान को विश्वविद्यालय की विचारधारा रखे जाने पर प्रसन्न्ता व्यक्त करते हुए कहा कि संविधान का सम्मान युनिकनेस का सम्मान है, देश में अनेकता में एकता जोड़ने की संस्कृति है।
विश्वविद्यालय की महापरिषद् के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने विश्वविद्यालय के नए सत्र 2019-20 में लागू पाठ्यक्रमों का विमोचन कर सत्र का औपचारिक शुभारंभ किया। सभागार में हो रहे दो दिवसीय सत्रारंभ समारोह में पहले दिन शनिवार को देश की जानी मानी मीडिया हस्तियों ने पत्रकारिता छात्रों को मीडिया की दशा और दिशा पर व्यवहारिक मार्गदर्शन दिया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों को सातवां वेतनमान देने, विश्वविद्यालय कर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में संस्था का 75% योगदान करने एवं संबद्ध अध्ययन संस्थाओं में आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दिए जाने की घोषणा भी की। जिसका सभी ने जोरदार स्वागत किया।
इससे पहले स्वागात भाषण में विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय की तीस साल की इस यात्रा में अब हमारा ध्येय “उत्कृष्टता की ओर…” है, और अब हम विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की दिशा में आगा बड़ रहे हैं। उन्होने कहा कि अब विश्वविद्यालय सभी विचारधाराओं के लिए खुला है और देश का संविधान ही अब यहां की विचारधारा है। शुभारंभ सत्र में विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह ने मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया।
शुभारंभ सत्र के बाद पहले सत्र में “टेलीविजन रिपोर्टिंग एवं एंकरिंग की चुनैतियां” विषय पर जाने माने टीवी न्यूज़ एंकर और पत्रकार अभिसार शर्मा ने नए विद्यार्थियों को टी.वी. रिपोर्टिंग का पाठ पढ़ाया। अपनी रिपोर्टिंग की क्लिपिंग दिखाते हुए उन्होने टीवी रिपोर्टिंग के कई पहलुओं को रेखांकित करते हुए कहा कि फील्ड पर जाकर ही ईमानदार टीवी रिपोर्टिंग की जा सकती है। अभिसार ने विद्यार्थियों के सवालों के भी जवाब दिए।
इसी सत्र में गांधीवादी चिंतक और शिक्षक प्रो. अरुण त्रिपाठी ने गांधी दर्शन और विचार को मीडिया में स्थापित किए जाने की व्यावहारिक आवश्यकता पर बल दिया। उन्होने कहा कि सत्य ही पत्रकारिता का मूल ध्येय हो सकता है और इसकी स्थापना हर हाल में की जानी चाहिए। गांधी का पूरा जीवन सत्य का अन्वेषण है, सत्य की पत्रकारिता आपको कभी नहीं झुका सकती है।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में “बदलते दौर की पत्रकारिता” पर प्रकाश डालते हुए द वायर की वरिष्ठ संपादक सुश्री आरफा खानम शेरवानी ने मीडिया की स्वतंत्रता पर हो रहे हमलों को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया और इन खतरों से विद्यार्थियों को आगाह किया।
इसी सत्र में इंडिया टुडे के पूर्व संपादक श्री दिलीप मंडल ने पत्रकारिता में तेजी से हो रहे बदलावों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान दौर में मीडिया तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है, इसके उपयोगकर्ता भी बदल रहे हैं। गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म आपकी सर्च टेंडेंसी के आधार पर सामग्री परोस रहे हैं और उसी से जनमानस के विचार बन रहे हैं। उन्होने कहा कि समाज में ज्यादातर धारणाएं पत्रकारिता के विभिन्न टूल्स के उपयोग से बन रही हैं, विद्यार्थियों को इन टूल्स का सही उपयोग आना चाहिए।
तीसरे सत्र में “अनुभव कथन: मेरी कहानी” के अंतर्गत मीडिया क्षेत्र में कार्यरत विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों ने अपने अनुभव और संस्मरण सुनाए। इन विद्यार्थियों में जी-डिजीटल के ओपीनियन एडीटर पीयुष बवेले, एनडीटीवी की एंकर सुश्री अदिति राजपूत, न्यूज नेशन की एंकर सुश्री नैना यादव तथा कार्पोरेट कम्यूनिकेशन, ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी प्रेस के सीनियर एक्जीक्यूटिव आशीष चौहान ने अपनी बात कही और विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
सत्रारंभ का समापन आज (रविवार को)
विश्वविद्यालय का सत्रारंभ समारोह का समापन म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी करेंगे। समारोह का समापन समारोह शाम 04.30 बजे रविंद्र भवन में होगा। रविवार को दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में मीडिया साक्षरता विषय पर वरिष्ठ टीवी पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार, चैलेंजिंग ट्रेंड्स इन इंग्लिश जर्नलिज्म विषय पर टाइम्स ऑफ इंडिया के प्रकाश पिल्लई, अभिनेता एवं लेखन विषय पर फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, कार्टून एवं पत्रकारिता विषय पर कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यू एवं प्रिंट मीडिया का भविष्य विषय पर दैनिक भास्कर के संपादक श्री अवनीश जैन का मार्गदर्शन विद्यार्थियों को प्राप्त होगा।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय का सत्रारंभ समारोह 20-21 जुलाई को मुख्यमंत्री कमलनाथ करेंगे शुभारंभ
18 july 2019
भोपाल – 18 जुलाई 2019 - माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का दो दिवसीय सत्रारंभ समारोह 20 एवं 21 जुलाई को रवीन्द्र भवन सभागार में होगा, जिसमें मीडिया जगत की कई बड़ी हस्तियां नवागत पत्रकारिता विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे। शनिवार सुबह 10.30 बजे समारोह का उद्घाटन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं विश्वविद्यालय की महापरिषद के अध्यक्ष श्री कमलनाथ करेंगे। इस सत्र में विशिष्ट अतिथि मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा होंगे। सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी करेंगे। दो दिवसीय समारोह में कुल नौ सत्र होंगे। पहले दिन के मुख्य वक्ता प्रख्यात टेलीविजन एंकर एवं पत्रकार अभिसार शर्मा, नवदुनिया भोपाल के संपादक आशीष व्यास, द वायर से सुश्री अरफा खानम शेरवानी, जी न्यूज डिजिटल के ओपिनियन एडिटर पीयूष बवेले, एनडीटीवी से अदिति राजपूत, न्यूज नेशन से टेलीविजन एंकर नैना यादव, एवं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस नई दिल्ली के कार्पोरेट कम्युनिकेशन के मैनेजर आशीष चौहान होंगे ।
समारोह में दूसरे दिन दैनिक भास्कर भोपाल के संपादक अवनीश जैन, टाइम्स ऑफ इंडिया भोपाल के एसोसिएट एडीटर प्रकाश पिल्लई एवं कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यु, प्रख्यात फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, मीडिया परिदृश्य में भविष्य की संभावनाओं और नए विद्यार्थियों की भूमिकाओं पर मार्गदर्शन देंगे। इस मौके पर टेलीविजन के वरिष्ठ पत्रकार श्री मुकेश कुमार, इंडिया टुडे के पूर्व संपादक श्री दिलीप मंडल एवं वरिष्ठ पत्रकार व गांधीवादी चिंतक श्री अरुण कुमार त्रिपाठी भी उपस्थित रहेंगे।
आरजीपीवी में कुलाधिपति छात्रवृति वितरण समारोह आयोजित होगा
12 July 2019
भोपाल:- राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में १६ जुलाई को प्रात:११ बजे विश्वविद्यालय के सभागार मे कुलाधिपति छात्रवृति वितरण समारोह का आयोजन किया जा रहा है इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल होंगी, अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सुनील कुमार करेंगे विशिष्ट अतिथि तकनीकी शिक्षा एवं कौशल उन्नयन विभाग के प्रमुख सचिव श्री प्रमोद अग्रवाल होंगे!
छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम मे शैक्षणिक सत्र २०१८ -१९ एवं २०१९ - २० के आरजीपीवी एवं सम्बद्ध संस्थानों के अभियांत्रिकी, फार्मेसी एवं आर्कीटेक्चर के स्नातक पाठ्यक्रमो मे अध्यनरत ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने सैद्धांतिक परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर प्रावीण्यता अर्जित कि है उन्हें आगामी पढाई मे श्रेष्टता की और प्रेरित करने के लिये बीस हज़ार रुपए कुलाधिपति छात्रवृत्ति के रूप मे प्रदान किये जाएंगे! समारोह मे दो वर्षो के लगभग ५५० छात्रों को एक करोड़ रूपये से अधिक कि छात्रवृति प्रदान कि जाएगी!
छात्रवृत्ति वितरण समारोह मे मंच से प्रत्येक संकाय मे प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले ६० विद्यार्थियों को सम्मनित किया जाएगा!
विश्वविद्यालय परिसर मे १०० पीपल के पौधो का रोपण होगा
माननीय राज्यपाल महोदया द्वारा पर्यावरण संवर्धन एवं संरक्षण के लिए पीपल पौधा रोपण अभियान हेतु प्रदान किये गये निर्देशों के अनुरूप विश्वविद्यालय के ग्रीन एनर्जी क्लब के माध्यम से छात्रवृति वितरण समारोह के पश्चात कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल एवं अतिथिगण तथा सम्मानित छात्रों एवं प्राध्यापकों द्वारा विश्वविद्याल परिसर मे १०० पीपल के पौधों का रोपण किया जाएगा !
सादर प्रकाशनार्थ
दिनांक: १२ .७.२०१९
संपर्क | भवदीय |
डॉ. पंकज जैन | डॉ. शशिरंजन अकेला |
समन्वयक – कुलाधिपति छात्रवृत्ति वितरण समारोह | समन्वयक (सांस्कृतिक- जनसम्पर्क) |
आरजीपीवी भोपाल | आरजीपीवी भोपाल |
मो.:- ९४२५३७४८९७ | |
उच्च शिक्षा मंत्री ने किया मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के प्रशासनिक भवन एवं आवासीय परिसर का लोकार्पण
9 February 2019
भोपाल 9 फरवरी। मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के प्रशासनिक भवन एवं आवासीय
परिसर का लोकार्पण 9 फरवरी को कालियासोत डेम के समीप स्थित संस्था में संपन्न हुआ। इस दौरान
पोटेंशियल ऑफ़ इनोवेशंस एंड इन्वेंशंस फॉर सस्टेनेबल डवेलपमेंट ऑफ़ मध्यप्रदेश: अपॉर्चुनिटीज एंड
चैलेंजेज विषय पर परिचर्चा भी आयोजित की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री
जीतू पटवारी और उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने इस अवसर पर कहा प्रसन्नता का विषय है कि
मध्यप्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालयों की प्रगति में आयोग ने समूचे भारत में
पृथक से अपनी पहचान बनाई है। परिचर्चा के विषय में कहा प्राकृतिक संसाधनों को ध्यान में
रखते हुए मध्यप्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में शोध को आवश्यकता है, ताकि सम्पोषित विकास की
अवधारणा को सफल बनाया जा सके। अतः मुझे पूर्ण उम्मीद है कि परिचर्चा से शोध की
आवष्यकता और उपयोग पर कुछ सकारात्मक पहल होगी जो मध्यप्रदेश को समृद्ध एवं खुषहाल
मध्यप्रदेश के सपने को पूरा करेंगे ।
मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार पांडेय ने इस
अवसर पर कहा निजी विश्वविद्यालयों, मानक संस्थाओं एवं शासन के बीच सामांजस्य स्थापित
करने तथा निजी संस्थानों को प्रेरित करने के उददेष्य से म.प्र. शासन ने निजी विश्वविद्यालय
विनियामक आयोग की स्थापना 21 अक्टूबर 2009 में की । सिमित संसाधनो के साथ आयोग
ने म.प्र. में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु कई प्रयास जैसे पोर्टल एवं वेबसाईट
विकसित करना तथा विडियो कान्फ्रेंसिंग की सुविधा भी विकसित करने जा रहें है।
विश्वविद्यालयों के संचालन में आ रही समस्याओं के निराकरण हेतु आयोग शासन की सहायता
से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रहा है, जिसमें कुलसचिव, वित्त, परीक्षा एवं अन्य अधिकारियों हेतु
प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। आयोग निजी विष्वविद्यालय में शोध को बढ़ावा देने हेतु म.प्र.
एवं केन्द्रीय संस्थानों की सहायता से निजी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के
प्रोत्साहन की योजना बना रहा है। आयोग निजी विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत 60 प्रतिशत से
कम अंक वाले विद्यार्थियों हेतु विषेष कोचिंग तथा प्रशिक्षण की व्यवस्था हेतु विश्वविद्यालयों
को प्रोत्साहित कर रहा है। सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए गए है कि वे अपने
आसपास के 50 सरकारी स्कूलों में उपकरण तथा तकनीकी सहायता उपलब्ध कराए।
परिचर्चा में विषय विशेषज्ञों की राय
सतत विकास से अभिप्राय ऐसे विकास से है, जो हमारी भावी पीढ़ियों की अपनी जरूरतें पूरी
करने की योग्यता को प्रभावित किए बिना वर्तमान समय की आवश्यकताएं पूरी करे। भारतीयों
के लिए पर्यावरण संरक्षण, जो सतत विकास का अभिन्न अंग है, कोई नई अवधारणा नहीं है।
भारत में प्रकृति और वन्यजीवों का संरक्षण अगाध आस्था की बात है, जो हमारे दैनिक जीवन
में प्रतिबिंबित होता है और पौराणिक गाथाओं, लोककथाओं, धर्मों, कलाओं और संस्कृति में
वर्णित है ।
सतत विकास लक्ष्यों का उद्देश्य सबके लिए समान, न्यायसंगत, सुरक्षित, शांतिपूर्ण, समृद्ध
और रहने योग्य विश्व का निर्माण करना और विकास के तीनों पहलुओं, अर्थात सामाजिक
समावेश, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को व्यापक रूप से समाविष्ट करना है।
फिल्म ‘लेफ्ट इज राइट’ और ‘3डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी’ 9वें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव में मिला अवार्ड
31 January 2019
भोपाल, 31 जनवरी। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्रोड्यूसर मनोज पटेल और सहायक प्राध्यापक राहुल खड़िया की फिल्म ‘लेफ्ट इज राइट’ और ‘3डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी’ को चंडीगढ़ में आयोजित 9वें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव में अवार्ड दिया गया। फिल्मों का चयन क्रमशः आउट ऑफ़ बॉक्स और फ्यूजन की श्रेणी में किया गया है। आउट ऑफ़ बॉक्स श्रेणी में देश भर से 23 फिल्मों का चयन हुआ था । वहीं, फ्यूजन श्रेणी में 21 फिल्मों का चयन हुआ था। फिल्मोत्सव में कुल चार श्रेणी में 250 से ज्यादा फिल्म आयीं। यह अवार्ड प्रख्यात अभिनेता विक्रम गोखले, जसविंदर भल्ला एवं लेखक दीपक मिश्रा की उपस्थिति में दिया गया।
फिल्म ‘लेफ्ट इज राइट’ का निर्देशन एवं संपादन विश्वविद्यालय के प्रोडयूसर मनोज पटेल ने किया है। इस फिल्म में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के विद्यार्थी नितिन पवार ने कैमरा किया है और छात्रा वैदेही शर्मा ने स्क्रिप्ट लिखी है। निर्देशक श्री पटेल ने बताया कि यह फिल्म बांये हाथ से काम करने वाले लोगों पर आधारित है। फिल्म में विशेष सहयोग डॉ. श्रीकांत सिंह का रहा। वहीं, राहुल खड़िया निर्देशित फिल्म ‘3डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी’ का कैमरा परेश उपाध्याय एवं अनिरुद्ध चौथमाल ने किया है। फिल्म की स्क्रिप्ट नवीन मीडिया प्रोद्यौगिकी विभाग की विद्यार्थी मानसी जैन ने लिखी है। फिल्म के लिए शोध कार्य सहायक प्राध्यापक अभिषेक पाण्डेय और साउंड डिजाइन मनोज पटेल और मलय पाठक ने किया है। इस यह फिल्म 3डी प्रिंटिंग तकनीक पर आधारित है। फिल्म में विशेष सहयोग प्रो. पी शशिकला का रहा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य फिल्मों के माध्यम से विज्ञान एवं तकनीक को बढ़ावा देना है। कुलपति श्री पी. नरहरि ने अवार्ड विजेताओं को बधाई दी है और इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है।
एफटीआईआई और एसआरएफटीआई की फैकल्टीज ने युवाओं को सिखाए फिल्म निर्माण के गुर
भोपाल में एफटीआईआई का 'एडमिशन 2019' सेमिनार संपन्न
27 January 2019
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई), पुणे और सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एसआरएफटीआई), कोलकाता में नामांकन के इच्छुक युवाओं को पीआईबी, भोपाल के सभाकक्ष में रविवार को आयोजित सेमिनार में FTII और SRFTI की फैकल्टीज श्री ललित तिवारी और श्री श्यामल कर्माकर व FTII की एलुमिनी सुश्री राजुला शाह ने फिल्म और टेलिविजन के विविध आयामों से परिचित कराया। सेमिनार ‘एडमिशन 2019’ को संबोधित करते हुए श्री ललित तिवारी ने कहा कि FTII और SRFTI देश स्तर पर ही नहीं बल्कि विश्व स्तर के प्रसिद्ध फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान हैं। श्री तिवारी ने उपर्युक्त दोनों संस्थानों में नामांकन के लिए आगामी 24 फरवरी को आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JET) के बारे में पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के जरिए विस्तार से बताया और इस बारे में छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का बखूबी जवाब दिया। उन्होंने सिनमैटोग्राफी की विधा पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
SRFTI, कोलकाता में संपादन विभाग के प्रमुख प्रो. श्यामल कर्माकर ने कहा कि प्रवेश परीक्षा में सफलता पाने के लिए जरूरी है कि आप खुद की क्षमता को पहचाने और अपनी क्रिएटीविटी को बेहतर तरीके से एक्सप्रेस करें। उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा में सफलता के लिए आप किस परिवेश से आते हैं और आप कौन सी भाषाएं जानते हैं, इस बात का कोई असर नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि आप सिर्फ ग्लैमर की वजह से फिल्म और टेलिविजन कोर्स से ना जुड़ें। श्री कर्माकर ने कहा कि सिनेमैटोग्राफी, एडिटिंग, स्क्रीनप्ले, आर्ट डाइरेक्शन और साउंड जैसे तकनीकी विधाएं भी काफी महत्वपूर्ण हैं, आपको इसके बारे में भी सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माण का कार्य पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। श्री कर्माकर ने कहा कि FTII और SRFTI में अन्य संस्थानों की तुलना में फीस कम है और आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप की भी व्यवस्था है।
FTII की एलुमिनी सुश्री राजुला शाह ने कहा कि अच्छी फिल्म बनाने के लिए सिर्फ बजट ही सिर्फ महत्वपूर्ण नहीं है। आज के समय में कम बजट में भी अच्छी फिल्में बनाई जा सकती हैं, बस आपके पास अच्छे आइडियाज होने चाहिए। समय के साथ फिल्म निर्माण की तकनीक भी बदली है और फाइनेंस के तरीके भी। उन्होंने कहा कि कोर्स ज्वाइन करने से पहले खुद से सवाल करें कि कौन सा कोर्स आपके लिए ज्यादा उपयुक्त है, वही कोर्स ज्वाइन करें।
सेमिनार में मध्य प्रदेश ‘माध्यम’ के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी प्रो. पुष्पेंद्र पाल सिंह और वरिष्ठ पत्रकार श्री मनोज कुमार सहित भोपाल एवं मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए युवाओं ने बढ़चढ़कर भाग लिया और फिल्म निर्माण से संबंधित अपनी जिज्ञासाओं को एक्सपर्ट के सामने रखा।
फोटो के कैप्शंसः
1. पीआईबी, भोपाल के सभाकक्ष में रविवार को आयोजित सेमिनार ‘एडमिशन 2019’ को संबोधित करते हुए FTII के प्रोफेसर श्री ललित तिवारी।
2. पीआईबी, भोपाल के सभाकक्ष में रविवार को आयोजित सेमिनार ‘एडमिशन 2019’ को संबोधित करते हुए SRFTI के प्रोफेसर श्री श्यामल कर्माकर।
3.पीआईबी, भोपाल के सभाकक्ष में रविवार को आयोजित सेमिनार ‘एडमिशन 2019’ को संबोधित करती हुईं FTII की एलुमिनी सुश्री राजुला शाह।
4. पीआईबी, भोपाल के सभाकक्ष में रविवार को आयोजित सेमिनार ‘एडमिशन 2019’ में मध्य प्रदेश ‘माध्यम’ के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी प्रो. पुष्पेंद्र पाल सिंह और वरिष्ठ पत्रकार श्री मनोज कुमार सहित भोपाल एवं मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए युवाओं ने बढ़चढ़कर भाग लिया।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जांच के लिए गठित समिति की पहली बैठक सम्पन्न
27 January 2019
भोपाल, 27 जनवरी, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जांच करने के लिए गठित समिति की बैठक आज 27 जनवरी, 2019 को विश्वविद्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में समिति के सदस्य श्री एम. गोपाल रेड्डी, अपर मुख्य सचिव, जनसम्पर्क, श्री भूपेन्द्र गुप्ता, ओएसडी, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश एवं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षाविद् श्री संदीप दीक्षित उपस्थित थे। समिति के सदस्यों ने विश्वविद्यालय के कुलपति श्री पी. नरहरि से भेंटकर जांच के संबंध में चर्चा की। समिति के सदस्यों ने विश्वविद्यालय से जांच के संदर्भित बिन्दुओं पर जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय में कथित अनियमितताओं को लेकर सर्वसंबंधितों से शिकायतें आमंत्रित की जायें। इस निर्णय के आधार पर शिकायतकर्ता विश्वविद्यालय से संबंधित शिकायतें 10 दिवसों के अंदर mcucomplaint@gmail.com पर भेज सकते हैं। शिकायतकर्ता अपनी पहचान गुप्त रखते हुए भी शिकायतें भेज सकते हैं। शिकायत की हार्ड कॉपी कुलसचिव, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय को भेज सकते हैं।
जैव विविधता संरक्षण के लिए ग्रामीणों की सहभागिता जरूरी : जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा
17 January 2019
जनसम्पर्क, विधि एवं विधायी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, विमानन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने कहा है कि जैव विविधता संरक्षण के लिए ग्रामीणों की सहभागिता की महती आवश्यकता है। जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी में जैव विविधता पर आयोजित कार्यशाला में यह बात कही।
श्री शर्मा ने कहा कि ग्रामीण के संसाधनों उपयोग पर ग्राम पंचायतों को उपकर लगाने का अधिकार पंचायती राज में दिया गया है। ग्राम पंचायतें इस अधिकार का उपयोग कर प्राप्त होने वाली धनराशि से जैव विविधता संरक्षण के लिए बहुतेरे उपाय कर सकती हैं। उन्होंने पर्यावरण को बचाने में धार्मिक मान्यताओं को भी महत्वपूर्ण बताया। श्री शर्मा ने कहा कि पीपल के वृक्ष में देवी-देवताओं का वास होने का उल्लेख धार्मिक ग्रन्थों में है। सभी जानते है कि पीपल का वृक्ष 24 घंटे ऑक्सीजन देता है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता के संरक्षण के लिए कार्यशाला के निष्कर्षों का लाभ सभी को मिलेगा।
प्रत्येक महाविद्यालय में गठित होगा इलेक्ट्रोलर लिट्रेसी क्लब
14 January 2019
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता जागरूकता अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक महाविद्यालय में इलेक्ट्रोलर लिट्रेसी क्बल (ELC) का गठन किया जायेगा। निर्वाचन साक्षरता के लिए छात्र-छात्राओं को मतदाता जागरूकता से संबंधित अभियान एवं गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए तैयार किया जायेगा। यह क्लब महाविद्यालय में एवं छात्र-छात्राएँ अपने निवास के आस-पास पूरा वर्ष मतदाता जागरूकता गतिविधियों को संचालित करेंगे।
महाविद्यालय के प्राचार्य क्लब के संरक्षक होंगे। प्रत्येक संस्था में इस कार्य के लिए दो कैम्पैस एम्बेसेडर छात्र-छात्राओं की नियुक्ति की जायेगी। सभी संस्थाओं को निर्देशित किया गया है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के समस्त छात्र-छात्राओं का मतदाता परिचय-पत्र बनाकर वितरित किया जाना सुनिश्चित करें। महाविद्यालय के प्रत्येक छात्र अपने निवास के आस-पास दस-दस घरों में जाकर मतदाता जागरूकता संबंधी प्रचार-प्रसार करेंगे तथा 18 वर्ष की आयु से अधिक के व्यक्ति जिनका परिचय पत्र नहीं बना है, उनका परिचय-पत्र बनवाने में सहयोग करेंगे। छात्रों द्वारा 18 वर्ष से अधिक आयु के जिन व्यक्तियों की पहचान की जायेगी, उनकी सूची तैयार कर महाविद्यालय को देगें। ऐसे छात्र, जिन्होंने व्यवहारिक प्रयास कर सफलतापूर्वक सूची का निर्माण किया है, उन्हें महाविद्यालय और जिला स्तर पर पुरस्कार और प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा। इस अभियान में एन.एस.एस., एन.सी.सी. और क्रीड़ा विभाग के छात्र-छात्राओं का भी सहयोग लिया जायेगा।
प्रतियोगिता 15 जनवरी से शुरू होंगी
नौवें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में महाविद्यालय और जिला स्तर एवं संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा वाद-विवाद, निबंध, चित्रकला तथा स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। ये प्रतियोगिताएँ 15 जनवरी से 22 जनवरी 2019 तक आयोजित की जायेगी। प्रत्येक स्तर पर प्रत्येक विधा में प्रथम तथा द्वितीय स्थान प्राप्त चयनित विद्यार्थी प्रत्येक विश्वविद्यालय से अधिकतम कुल 8 छात्र-छात्राएँ राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होंगी।
मात्र तीन मिनट में भारतीय दर्शन को प्रस्तुत करने वाले संन्यासी विवेकानंद
12 January 2019
भोपाल, 12 जनवरी। स्वामी विवेकानंद ने शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में मात्र तीन मिनट में भारतीय दर्शन को प्रस्तुत कर दिया था। उस भाषण के बाद विवेकानंद आकर्षण का केंद्र बन गए। लोग उनको सुनने के लिए आने लगे। वह ऐसे संन्यासी थे, जिन्होंने श्रीहीन और कांतिहीन हो चुके भारत को दिशा देने के लिए अनेक प्रयास किए। यह विचार वरिष्ठ पत्रकार श्री रामभुवन सिंह कुशवाह ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद जयंती एवं राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किए। इस अवसर पर वरिष्ठ टीवी पत्रकार श्री प्रवीण दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे श्री कुशवाह ने कहा कि रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद में भारत के उत्थान के भाव को जाग्रत किया। उन्होंने उस समय की भारत की स्थिति से विवेकानंद को परिचित कराया। उसके बाद ही स्वामी विवेकानंद के मन में भारत के जागरण का संकल्प आया। बेचैन स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी जा पहुँचे और वहाँ समुद्र के बीच चट्टान पर तीन दिन तक लगातार भारत के संबंध में चिंतन किया। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद नर सेवा को ही नारायण सेवा मानते थे। चूँकि उन्होंने विज्ञान के साथ-साथ वेदों का भी अध्ययन किया था, इसलिए वह मानते थे कि प्रत्येक व्यक्ति देव है, एक ही ब्रह्म सबमें है। श्री कुशवाह ने कहा कि हम सबमें एक ही आत्मा है, जिसने थोड़ा अच्छा का किया वह महात्मा हो गए और जिसने थोड़ा और अधिक अच्छा काम किया वह परमात्मा हो गए।
प्रमुख वक्ता एवं वरिष्ठ टीवी पत्रकार श्री प्रवीण दुबे ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी में स्वाध्याय की प्रवृत्ति को बढ़ाने की आवश्यकता है। गूगल के कारण उनके हाथों से किताबें छूट गई हैं। अध्ययन का कोई विकल्प नहीं है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उन्होंने संदेश दिया कि नवागत पत्रकार को एक क्षेत्र की विशेषज्ञता अर्जित करनी चाहिए। यदि खेल पत्रकार बनना है तो विभिन्न खेलों के नियम-कायदे पता होना चाहिए। अपराध रिपोर्टिंग की इच्छा रखने वाले विद्यार्थी को उस तरह के समाचारों और शब्दावली पर अपनी पकड़ बनानी चाहिए। श्री दुबे ने कहा कि युवा पीढ़ी को अपना लक्ष्य तय करना चाहिए और उसके लिए ही काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध कथन 'उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत' का गूढ़ अर्थ हमारी युवा पीढ़ी को समझना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. संजय द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं धन्यवाद ज्ञापन मीडिया प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविनाश बाजपेयी ने किया। इस अवसर पर प्राध्यापक, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
युवाओं में एकता और अनुशासन के साथ नेतृत्व के भी गुण विकसित करती है एन.सी.सीः लेफ्टिनेंट जनरल, पी.पी. मल्होत्रा, महानिदेशक, एन.सी.सी.।
20 November 2018
नेशनल कैडेट कॉर्प्स(एन.सी.सी.) के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल, पी.पी.मल्होत्रा ने मंगलवार 20, नवम्बर को भोपाल के सलैया क्षेत्र में चल रहे एन.सी.सी., मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ. के प्री आर.डी.सी. और सी.ए.टी.सी. कैम्प का निरीक्षण किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में एन.सी.सी. कैडेटस ने अपने महानिदेशक को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के 78 जिलों की माटी और नौ नदियों के जल को “एकता की माटी और एकता के नीर” के रूप में सौंपा। एकता की यह माटी और नीर आगामी 25 नवम्बर को एन.सी.सी. के स्थापना दिवस के अवसर पर राज्यपाल महोदया को सौंपा जायेगा।
एन.सी.सी. के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल, पी.पी.मल्होत्रा ने कैम्प में शामिल कैडेट्स को सम्बोधित करते हुये कहा कि एन.सी.सी. युवाओं में एकता और अनुशासन के साथ जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व क्षमता के साथ देशसेवा के लिए सशस्त्र सेनाओं में जाने की काबिलियत भी पैदा करती है। एन.सी.सी. कैडेट्स जीवन के हर क्षेत्र में अपनी समर्पित सेवाओं और सकारात्मक नजरिये के चलते सफलता की नई इबारते लिखते हैं। कार्यक्रम में एन.सी.सी के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अपर महानिदेशक, मेजर जनरल एन. के.दत्ता, एन.सी.सी. ग्रुप हेडक्वार्टर भोपाल के कमांडर ब्रिगेडियर अनिल हुड्डा सहित वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, एन.सी.सी. ऑफिसर और एन.सी.सी. कैडेट्स उपस्थित थे।
रेरा के अध्यक्ष श्री ॲन्टोनी डिसा "नवाबी दौर से नव उदारवाद&भोपाल की बदलती तस्वीर ** पर दो दिवसीय सेमीनार में
19 November 2018
रेरा के अध्यक्ष श्री ॲन्टोनी डिसा ने कहा है कि वास्तुकला और नियोजन को पूर्व] वर्तमानत
था भविष्य की आवश्यकताओं के मध्य निरंतरता रखकर ही] शहर का सर्वागीय विकास संभव है।
उन्होंने कहा कि पूर्व के गौरवशाली विरासत को अक्षुण्ण रखकर ही]भविष्य में नगरीय बसाहट
की जरूरतों की पूर्ति करने योग्य संसाधनाओ का विकास करना] बड़ी चुनौती है। श्री डिसा आज
स्कूल आफ प्लानिंग और आर्किटेक्चर संस्थान भोपाल द्वारा "नवाबी दौर से नव
उदारवाद&भोपाल की बदलती तस्वीर **विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमीनार के उद्घाटन
को संबोधित कर रहे थे। यह संस्थान भारत सरकार के मानव संसधान मंत्रालय द्वारा
नगरीय विकास, वास्तु और डिजाइन के क्षेत्र में शैक्षिणक संस्थान है। इस दो दिवसीय
सेमीनार में] विभिन्न अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधियों सहित वास्तुविद तथा
विशेषज्ञ भाग ले रहे है।
श्री डिसा ने कहा कि यद्यपि वास्तुशास्त्र एक कला है] किन्तु उसे आम नागरिको की
आवश्यकताओं के साथ ]वैज्ञानिक रूप से ]जोड़कर ]उचित आकार देना जरूरी है। अध्यक्ष रेरा श्री
डिसा ने मिंटोहॉल के जीर्णोधार का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस प्रकार मिंटोहाल के मूल रूप
को अक्षुण्ण रखते हुये इस का जीणोधार कर नया रूप दिया है ]उसी तरह से] अन्य विरासतो के
संस्थाओं को भी विकसित करना होगा। उन्होंने वास्तुकलां और विनियोजन के क्रियावयन से जुडे़
]सभी कार्यकारी संस्थाओं तथा शासन के इससे जुड़े विभागों के मैदानी स्त्रोतों को] इस चुनौती के
प्रति ]जागरूक करने की भी जरूरत बताई। श्री डिसा ने शहरी विकास से जुड़े इस महत्वपूर्ण
विषय पर सभी संबंधित पक्षों एवं एजेंसीयों के साथ एक कार्यशाला आयोजित करने का भी
आह्वन किया।
संस्थान के संचालक श्री श्रीधरन ने कहा कि स्कूल आफ प्लानिंग तथा आर्किटेक्टचर द्वारा
विगत कई माहों से ]इस सेमीनार के लिए तैयारी की जा रही थी। इसमें ]कई अंतराष्ट्रीय तथा
राष्ट्रीयस्तर की सहयोगी संस्थाओं के विद्वानों को आमंत्रित किया गया हैं। दो दिवसीय सेमीनार
.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण
का उद्देश्य] योजना और वास्तुकला के क्षेत्र में] संस्था के द्वारा किये जा रहे कार्यो पर] सहयोगी
संस्थाओं के साथ विचार कर] विकसित होने वाली शहरी विनियोजन के लिए] मार्गदर्शि तैयार
करना है। उन्होंने कहा कि वास्तुकलां और योजना संस्थान] भोपाल-भारत सरकार के मानव
संसाधन मंत्रालय द्वारा नगरीय विकास] वास्तु एंव डिजाईन के क्षेत्र में कार्यरत] शैक्षणिक
संस्थान है।
1 जनवरी से शुरू होगा - श्रेष्ठ-100
19 November 2018
हर साल की सिविल सेवा परीक्षा में हिन्दी माध्यम से चयनित होने वाले युवाओं की संख्या लगातार कम होती जा रही है । सफल होने वाले कुल प्रतियोगियों में हिन्दी माध्यम के प्रतियोगी की संख्या अब मुश्किल से 4 % ही होती है । जबकि लाखों लोग अब भी हिन्दी माध्यम से ही ये परीक्षा दे रहे हैं ।
हिन्दी माध्यम से कम होते जा रहे सलेक्शन के कारण पूरे उत्तर भारत खास तौर पर ग्रामीण पृष्ठभूमि के युवाओं में जबर्दस्त निराशा का भाव है । और अब वो आईएएस छोडकर दूसरी परीक्षाओं की तैयारी करने लगे हैं । जिसके कारण ना केवल देश की इन सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में ना केवल हिन्दी माध्यम बल्कि उत्तर-भारतीय लोगों का प्रतिनिधित्व भी कम होता जा रहा है
हिन्दी मीडियम की इसी समस्या का समाधान ढूँढने के उद्देश्य से 'सिविल सर्विसेज क्लब' 1 जनवरी से एक मिशन शुरू करने जा रहा है । जिसके अंतर्गत अगले 2 सालों में हिन्दी माध्यम से आईएएस एक्जाम में 100 सलेक्शन कराना है । ताकि हिन्दी माध्यम के युवाओं की हीं भावना दूर की जा सके व उन्हें इस परीक्षा में सफल होने का रास्ता दिखाया जा सके ।
इस मिशन के तहत चलाये जा रहे पहले बैच में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है । सबसे पहले 2 जून 2019 को होने जा रही 'सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा -2019' को लक्ष्य बनाया गया है । इस परीक्षा के लिए क्लब प्रयोगिक तौर पर हिन्दी माध्यम के केवल 60 लोगों को प्रवेश देगा और उन सबको प्रारंभिक परीक्षा में सफल कराने की रणनीति पर काम करेगा ।
1 जनवरी से शुरू हो रहे 'श्रेष्ठ-100' मिशन में प्रवेश 25 नवंबर को सुबह 7 बजे होंगे । सबसे पहले पहुँचने वाले केवल 60 युवाओं को ही इस साल इस कोर्स में प्रवेश दिया जाएगा ।
'श्रेष्ठ-100 मिशन' क्या है
मिशन का नाम - श्रेष्ठ- 100
किसने शुरू किया है - सिविल सर्विसेज क्लब
क्या लक्ष्य है - 2020 तक हिन्दी माध्यम के 100 युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा में सफल कराना
इस मिशन में प्रवेश दिया जाएगा - 2019 में केवल 60 युवाओं को
प्रवेश किस दिन दिया जाएगा - 25 नवंबर 2018 को
क्या रणनीति होगी
- मिशन के पहले साल हिन्दी मीडियम से पढे केवल 60 युवाओ को लिया जाएगा, ये युवा कोई भी हो सकते हैं इसलिए इनके लिए कोई चयन प्रक्रिया नहीं होगी
- सबसे पहले इन 60 युवाओं का गहन मनोवैज्ञानिक परीक्षण कर उनके 'लर्निंग मॉडल' को समझा जाएगा और उसके अनुरूप उनकी व्यक्तिगत रणनीति बनाई जाएगी
- फिर उन सबको 2 सप्ताह के एक विशेष मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण से गुजरना होगा जिसका उद्देश्य होगा इन युवाओं का बौद्धिक पुनर्जीवन । ताकि उनके मन का डर,हताशा व आलस्य को दूर किया जा सके, और उन्हें मिशन मोड पर लाया जा सके
- फिर उनकी हिन्दी सुधारने के लिए 3 महीने का विशेष 'भाषा-प्रशिक्षण कार्यक्रम' शुरू किया जाएगा । ताकि वे पूरे आत्मविश्वास के साथ हिन्दी में पढ़ सके,समझ सकें,सोच सके,बोल सकें व अपने विचार व्यक्त कर सकें ।
- शहरी और आभिजात्य वर्ग के युवाओं की बढ़त को ध्यान में रखते हुए हिन्दी माध्यम के इन युवाओं के लिए एक 'ग्लोबल ग्रेजुएट प्रोग्राम' भी चलाया जाएगा
- पाँच महीने के इस कोर्स में उन्हें सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल विषय को रोचक अंदाज में पढ़ाया जाएगा ताकि ये विषय उनकी सोच का हिस्सा बन सकें
- साथ ही पिछले सालों में सिविल सेवा परीक्षा के बदलते एप्रोच के अनुरूप उन्हें परीक्षक के मन को पढ़ने व हर प्रश्न की 'कोर-क्वेश्चनिंग' को समझने की ट्रेनिंग दी जाएगी
मिशन में प्रवेश होंगे - 25 नवंबर 2018 को सुबह 7 बजे, सिविल सर्विसेज क्लब स्टडी सेंटर पर
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय का सत्रारंभ समारोह 28-29 अगस्त को
25 August 2018
भोपाल, 25 अगस्त। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का सत्रारंभ समारोह 28-29 अगस्त को समन्वय भवन में आयोजित किया जाएगा। इस दो दिवसीय समारोह में मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओ.पी. रावत, राज्यसभा टीवी के सम्पादक श्री राहुल महाजन, प्रख्यात एंकर श्री सईद अंसारी सहित मीडिया, प्रबंधन, टेलीविजन और प्रिंट पत्रकारिता की कई प्रख्यात हस्तियां विद्यार्थियों को सम्बोधित करेंगी।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने बताया कि 28 अगस्त को प्रात: 11.30 बजे सत्रारंभ समारोह का शुभारंभ सत्र होगा, जिसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री रावत, राज्यसभा टीवी के सम्पादक श्री महाजन मुख्य अतिथि होंगे। सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जगदीश उपासने करेंगे। इसके बाद प्रथम सत्र में दोपहर 1.00 बजे आज तक चैनल के एंकर श्री सईद अंसारी 'टीवी एंकरिंग की चुनौतियां' विषय पर व्याख्यान देंगे। दूसरे सत्र में दोपहर 3.00 बजे पैसिफिक विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा 'बदलता आर्थिक परिदृय और भारत' विषय पर विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देंगे। तृतीय सत्र अपराह्न 4.00 बजे आयोजित होगा, जिसमें जम्मू कश्मीर अध्ययन केन्द्र, नई दिल्ली के श्री आशुतोष भटनागर 'जम्मू कश्मीर : वर्तमान एवं भविष्य' विषय पर प्रकाश डालेंगे। उसी दिन चतुर्थ सत्र में अपराध पत्रकारिता के प्रख्यात हस्ताक्षर श्री विवेक अग्रवाल 'वैश्विक आतंकवाद सूचना प्रौद्योगिकी और संचार' विषय पर व्याख्यान देंगे।
दूसरे दिन 29 अगस्त को पंचम सत्र में 'विश्वविद्यालय के इतिहास और विकास' विषय पर प्रो. द्विवेदी, 'प्रवेश, अनुशासन और रैगिंग' पर प्रो. पवित्र श्रीवास्तव, 'पारस्परिक संबंध' पर डॉ. राखी तिवारी और 'परीक्षा' विषय पर डॉ. राजेश पाठक विषय पर विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देंगे। दोपहर 12.00 बजे षष्ठम् सत्र में पद्मश्री ज्ञान चतुर्वेदी 'सृजनात्मक लेखन' विषय पर विद्यार्थियों से रूबरू होंगे। सप्तम् सत्र में दोपहर 1.00 बजे 'उद्यमिता और युवा' विषय पर दिल्ली के प्रबंधन विशेषज्ञ श्री अभिषेक गर्ग का सम्बोधन होगा। अष्ठम् सत्र में 'मीडिया उद्यमिता और सोशल मीडिया शोध' विषय पर अंजिक्य कुलकर्णी एवं श्री हेतल राज (पुणे) वक्ता होंगे।
समापन सत्र में वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री आलोक मेहता मुख्य अतिथि होंगे। वे 'प्रिंट मीडिया का भविष्य' विषय पर व्याख्यान भी देंगे। अध्यक्षता कुलपति श्री उपासने करेंगे। यह सत्र अपराह्न 4.00 बजे प्रारंभ होगा। विश्वविद्यालय के नवागत विद्यार्थियों को मीडिया, प्रबंधन और जनसंचार की अन्य विधाओं में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से अवगत कराने के उद्देश्य से हर वर्ष सत्रारंभ कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है।
अटल जी ने अवसरों को इतिहास में बदला: श्री आहूजा
20 August 2018
भोपाल, 20 अगस्त| माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आज अपरान्ह देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी को 'अटल स्मृति' सभा में श्रद्धासुमन अर्पित किये गए| सभा की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा ने कहा कि अटल जी ने अवसरों को इतिहास में बदल दिया| परमाणु परीक्षण और संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में दिया गया उनका भाषण इस बात के उदाहरण हैं| वे कालजयी थे, विश्वविद्यालय की प्रथम महापरिषद् के सदस्य और पत्रकारिता से उनके जुड़ाव के कारण वे सदैव हमारी स्मृति में रहेंगे| उन्होंने 16 जनवरी, 1991 को विश्वविद्यालय की पहली महा परिषद् की बैठक में भाग लिया था| पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी|
कार्यक्रम में निदेशक, सम्बद्ध अध्ययन संस्था, श्री दीपक शर्मा ने कहा कि राजनीति में रहते हुए भी वे अजातशत्रु थे| वे व्यक्ति विरोधी नहीं थे, बुराई विरोधी थे| अटल जी सही अर्थों में भारतीयता के प्रतिनिधि थे| आज संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी को प्रतिनिधि भाषा के रूप में जो दर्जा मिला हैं उसका श्रेय अटल जी को ही जाता हैं| कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि उनकी ख़ामोशी भी मुखर थी| वे पिछले 14 वर्षों से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय नहीं थे| उसके बाद भी उनकी अंतिम यात्रा में 20-22 वर्ष की उम्रवाले युवाओं की संख्या सर्वाधिक थी| अटलजी ने जिस विचार को अपनाया, वे उसके साथ ताउम्र रहे| वे गठबंधन सरकारों के शिल्पकार थे| कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने श्री वाजपेयी को पुष्पांजलि अर्पित की| कार्यक्रम का संचालन सहायक कुलसचिव श्री विवेक सावरीकर ने किया|
चुनौतीपूर्ण है टीवी रिर्पोटिंगः बृजेश राजपूत
11 August 2018
भोपाल,11 अगस्त। वरिष्ठ टीवी पत्रकार बृजेश राजपूत का कहना है कि टीवी रिर्पोटिंग एक चुनौतीपूर्ण कार्य है और इसमें रिर्पोटर को हमेशा सजग और चैतन्य रहना पड़ता है। वे आज यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के जनसंचार विभाग में विद्यार्थियों से संवाद कर रहे थे।
उन्होंने अपनी नई किताब ‘आफ द स्क्रीन’ पर चर्चा करते हुए विद्यार्थियों से टीवी रिर्पोटिंग के कौशल पर बातचीत की। श्री राजपूत ने कहा कि उनकी इस किताब में टीवी रिर्पोटिंग की कहानियां हैं, जिनमें एक रिर्पोटर के जमीनी अनुभव हैं। उन्होंने कहा कि टीवी रिर्पोटिंग एक अलग किस्म की पत्रकारिता है, जिसमें कैमरा, माइक, विजुअल, बाइट और पीटीसी को जोड़कर कैमरामैन और ड्राइवर की मदद से स्टोरी तैयार होती है। इसमें रोज कुछ सीखते हैं, कुछ भूलते हैं और गलतियां करते हैं। उनका कहना था कि टीवी में विजुअल्स के सहारे कहानी कहने का यह तरीका देखने में जितना आसान होता है, रिर्पोटिंग करने वाले के लिए उतना ही कठिन होता है। श्री राजपूत ने कहा कि रोज बदलती दुनिया, बदलते मीडिया और तकनीक के बढ़ते प्रयोगों ने इस काम को ज्यादा चुनौतीपूर्ण बना दिया है। इसके साथ ही टीवी रिर्पोटिंग बड़ी मेहनत और जान को जोखिम में डालने जैसे अनुभव भी कराती है। उन्होंने इस अवसर पर विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए और कहा कि असली पत्रकारिता तो दरअसल रिर्पोटरों की होती है, जमीनी अनुभवों से लैस होते हैं। इसके पूर्व जनसंचार विभाग के अध्यक्ष और विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने श्री राजपूत का स्वागत किया। इस अवसर विभाग के समन्वयक डा. संजीव गुप्ता, प्राध्यापकगण सुरेंद्र पाल, साकेत दुबे और बबिता रानी घोष और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
पत्रकारिता की विश्वसनीयता आज सबसे बड़ा संकट : न्यायमूर्ति चंद्रमौली कुमार प्रसाद
23 July 2018
भोपाल, 23 जुलाई। आज पत्रकारिता के सामने सबसे बड़ा संकट उसकी विश्वसनीयता है। इसका सबसे प्रमुख कारण है पत्रकारों का वित्तीय रूप से परतंत्र होना। जिस पत्रकार की नौकरी और उसका वेतन सुरक्षित नहीं है, वह पत्रकार स्वतंत्र नहीं हो सकता। पत्रकार की सामाजिक सुरक्षा भी आवश्यक है। यह विचार भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने पत्रकारिता के विद्यार्थियों से संवाद करते हुए व्यक्त किए। न्यायमूर्ति श्री प्रसाद माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित 'एक संवाद' कार्यक्रम में शामिल हुए और विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति श्री जगदीश उपासने ने की। इस अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री प्रसाद ने कहा कि आज पत्रकार नेताओं या किसी अन्य के कहे का अपने अनुसार अर्थ निकालने लगे हैं, इस प्रवृत्ति ने पत्रकारिता की विश्वसनीयता को कम किया है। उन्होंने बताया कि पत्रकार जब एक्टिविस्ट भी हो जाता है, तब उसकी बात का भरोसा करना मुश्किल हो जाता है। प्रेस फ्रीडम इंडेक्स पर विद्यार्थियों के प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि प्रेस फ्रीडम में भारत की स्थिति को लेकर प्रेस परिषद ने इंडेक्स जारी करने वाले संगठन को लगभग 20 पत्र लिखे और जानना चाहा कि प्रेस फ्रीडम की रैंकिंग का आधार क्या है? किंतु, उस संस्था ने इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया। श्री प्रसाद ने बताया कि उनका मानना है कि प्रेस फ्रीडम रैंकिंग का आधार उस संस्था का परसेप्शन है। उन्होंने कहा कि यदि भारत में कोई स्वतंत्र पत्रकारिता करना चाहता है तो प्रेस परिषद उसके साथ खड़ा है। पत्रकारों के वेतनमान के संबंध में उन्होंने बताया कि भारतीय प्रेस परिषद के दायरे में सर्विस संबंधित मामले नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक पत्रकारों का संगठन मजबूत नहीं होगा तब तक पत्रकारों को वेज बोर्ड के लाभ नहीं मिलेंगे। टेलीविजन न्यूज चैनल पर होने वाली बहस के संदर्भ में श्री प्रसाद ने कहा कि उनका व्यक्तिगत मत है कि इस प्रकार की बहस में शोर अधिक होता है, ठोस कुछ नहीं। न्यूज चैनल का आधार समाचार होना चाहिए, न कि मनोरंजन।
तीसरे प्रेस आयोग की आवश्यकता : न्यायमूर्ति श्री प्रसाद ने कहा कि पिछले कुछ समय में भारत में मीडिया का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और इंटरनेट आधारित मीडिया को ध्यान में रखकर अध्ययन होना चाहिए। इसके लिए तीसरे प्रेस आयोग का गठन किये जाने की आवश्यकता है। उसके बाद नियमन के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता के दबाव में जो कानून बनाया जाता है, वह सही तरीके से काम नहीं करता है।
पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बने कानून : श्री प्रसाद ने विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि भारत में विभिन्न राज्यों ने अपने स्तर पर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए हैं। किंतु, अभी पूरे देश के लिए कोई एक कानून नहीं है। प्रेस परिषद चाहती है कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक कानून केंद्र सरकार को बनाना चाहिए। पत्रकारों की हत्याओं से संबंधित प्रश्न के उत्तर में श्री प्रसाद ने बताया कि सभी पत्रकारों की हत्या उनकी पत्रकारिता के कारण नहीं होती है, बल्कि कई पत्रकारों की हत्या के कारण दूसरे होते हैं, जैसे एक्टिविज्म। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जगदीश उपासने ने अपने विचार व्यक्त किए और भारतीय प्रेस परिषद का आभार व्यक्त किया। कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा ने परिषद के सभी सदस्यों को स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन मीडिया प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविनाश बाजपेयी ने किया। इस अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्री प्रभात दास, श्री अशोक उपाध्याय, श्री प्रदीप जैन, श्री कमल नयन नारंग, श्री एमएम मजीद और परिषद की सचिव अनुपमा भटनागर उपस्थित रहीं।
मीडिया शिक्षा को बढ़ावा मिले : श्री प्रसाद ने कहा कि भारत में मीडिया शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। चूँकि पत्रकार बनने के लिए किसी डिग्री की कानूनी बाध्यता नहीं है, इसलिए अभी देश में ऐसे भी उदाहरण सामने आते हैं, जिनका अध्ययन ही नहीं है। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक शिकायत की सुनाई के दौरान यह सामने आया कि समाचार पत्र की संपादक पढ़ी-लिखी नहीं थी। दरअसल, वह डमी संपादक थी, क्योंकि उसके पति शासकीय सेवा में थे और समाचार पत्र निकाल रहे थे।
कोलाज कला युवा कविता पाठ
एवं युवाओं के लिए खासतौर पर डिजाइन किया गया कार्यक्रम
जीवन की कोचिंग का शुभारंभ
11 July 2018
ग्रीनअर्थ विलेज वेलफेयर सोसायटी, कोलाज कला और श्री प्रताप फाउंडेशन उत्तरप्रदेश के सहयोग से कोलाज कला युवा समागम में जीवन की कोचिंग कार्यक्रम एवं २५ युवा कवियों की प्रेम कविताएं प्रस्तुत की जा रही हैं। स्वराज भवन में १३ जुलाई को दोपहर १२.३० से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ जीवन की कोचिंग श्रृँखला के तहत रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति के लेक्चर से होगा।
इस लेक्चर में युवाओं के मनोजगत में उठने वाले सवालों एवं जिज्ञासाओं के उत्तर दिये जाएंगे।
इस कार्य का शुभारंभ भोपाल से किया जा रहा है।
इस कार्य के संदर्भ में उल्लेखनीय है कि युवाओं के लिए खास तरह के जीवन में नजरिये के विकास की ट्रेनिंग की आवश्यकता महसूस की गई है। इसके लिए ग्रीनअर्थ विलेज वेलफेयर सोसायटी के निदेशक रवीन्द्र प्रजापति ने रिसर्च करके युवाओं की चेतनागत समस्याओं के समाधान के लिए खास ट्रेनिंग प्रोग्राम बनाया है- जीवन की कोचिंग।
इसकी शुरूआत स्वराज भवन भोपाल से की जा रही है। मध्यप्रदेश के बाद यह पूरे देश में चलेगा।
सर्वे में पाया गया है कि युवाओं में जीवन शैली के परिवर्तनों को स्वीकार करने की क्षमता है लेकिन वे यह नहीं जानते कि इनको कैसे स्वीकार करें। शिक्षा नैतिकता की दी जाती है लेकिन व्यवहार में उनको तमाम अनैतिकताएं और झूठ मिलते हैं।
इससे वे भ्रमित होते हैं और नहीं चाहते कि कोई उनको नैतिकता का पाठ पढ़ाए।
इससे युवाओं में एक खास तरह की दोहरी मानसिकता में जीने को मजबूर हैं जो कि उनको तनाव और भ्रम में ले जाती है। इससे एक खास तरह का तनाव जन्म लेता है। अधिकांश युवाओं के अंदर की शांति खो जाती है। कई युवाओं पर सर्वे और रिसर्च के माध्यम से इस तथ्य को प्राप्त किया है।
इस तरह की चीजों में आत्महत्या भी एक फैक्टर है। इसके लिए हम स्पष्ट रूप से नहीं कह सकते हैं कि हम आत्महत्या के खिलाफ अभियान चला रहे हैं बल् िक कहा जाता है कि जीवन में पोजिटिवनेस कैसे देखें।
यह कार्यक्रम ग्रीनअर्थ विलेज वेलफेयर सोसायटी, श्रीप्रताप फाउंडेशन उत्तरप्रदेश और कोलाज कला के सहयोग से संपन्न किया जा रहा है।
समूचा भारतीय समाज प्रकृति पूजक : श्री आंबेकर
11 July 2018
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय एवं विद्यार्थी कल्याण न्यास द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय सामाजिक कार्यशाला का आयोजन, समापन आज
भोपाल, 11 जुलाई। सामाजिक कार्यकर्ता श्री सुनील आंबेकर ने कहा कि कुछ लोग भारतीय समाज के एक हिस्से को प्रकृति पूजक कह कर उसे शेष समाज से काटने का प्रयास करते हैं। उनके द्वारा विभेद खड़ा करने का प्रयास किया जाता है। किंतु, सत्य यह है कि समूचा भारतीय समाज ही प्रकृति पूजक है। हम सब तुलसी, वट वृक्ष, नर्मदा-गंगा, पहाड़, नाग और अन्य जीव-जन्तुओं की पूजा करते हैं। यह प्रकृति पूजा ही है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और विद्यार्थी कल्याण न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय सामाजिक कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को श्री आंबेकर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति श्री जगदीश उपासने ने की।
श्री आंबेकर ने कहा कि प्रचलित राजनीतिक अवधारणाओं के दृष्टिकोण से देखें तो भारत में इतनी जनजातियां, जातियां, भाषाएं और भोगौलिक विशेषताएं हैं कि प्रतीत होता है कि यह बहुत सारे राष्ट्र हैं। किंतु वास्तव में ऐसा नहीं है। संकीर्ण सुविधाओं के आधार पर यह देश बना है, ऐसा नहीं है। हमारे देश में आपसी मेल-जोल हजारों वर्षों में मजबूत होता गया है। उसके आधार पर हमारा राष्ट्र बना है। उन्होंने कहा कि आज अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के बीच भ्रम फैलाने के षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। समाज के प्रबुद्ध वर्ग को इस प्रकार के भ्रम को रोकने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बताया कि देश की वर्तमान वास्तविक परिस्थिति का आकलन करने की आवश्यकता है और जो लोग समाज को बाँटने का षड्यंत्र कर रहे हैं, उनकी मंशा को समझना आवश्यक है।
सर्चिंग और शेयरिंग का जमाना : अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति श्री जगदीश उपासने ने कहा कि यूरोप से संचालित एक विचार समूह यह मानता है कि सांस्कृतिक सत्ता देश की उप-संस्कृतियों का दमन करती है। उन्होंने कहा कि यूरोप के देशों में यह अवधारणा सत्य हो सकती है, किंतु भारत में ऐसा नहीं है। क्योंकि भारत में उप-संस्कृति जैसा कुछ नहीं है। यहाँ आसेतु हिमालय एक ही संस्कृति है। श्री उपासने ने कहा कि सर्चिंग और शेयरिंग का जमाना है। जितना अधिक सर्च करेंगे और उसे शेयर करेंगे, उतना अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि यूरोप के राष्ट्र कृत्रिम रूप से बने हैं और बिगड़े हैं, जबकि भारत स्वाभाविक तौर पर एक राष्ट्र है। उप-संस्कृतियों के बहाने वहाँ छोटी-छोटी अस्मिताओं को खड़ा करके विवाद खड़े किए जाते हैं। भारत में आज जितने प्रकार के संघर्ष दिखाई दे रहे हैं, उसके पीछे हमारे ऐसे ही तथाकथित बुद्धिजीवी हैं, जो यूरोप से अपना विचार बनाते हैं। इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत एवं परिचय न्यास के सचिव डॉ. उमेश शर्मा ने दिया। पं. सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान के सभागार में आयोजित कार्यशाला में राजीव गाँधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील कुमार गुप्ता, अटल बिहारी हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज, प्रदेश फीस समिति के अध्यक्ष प्रो. टीआर थापक, माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी और ऑर्गेनाइजर पत्रिका के संपादक श्री प्रफुल्ल केतकर सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। देश की वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों पर चिंतन एवं समाधान के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले प्रतिनिधि, प्राध्यापक एवं शोधार्थी सम्मिलित हुए।
ग्लोबल स्किल पार्क में अगस्त से शुरू होगी ट्रेनिंग
10 July 2018
ग्लोबल स्किल पार्क में अगस्त माह से ट्रेनिंग शुरू होगी। स्किल पार्क में प्रवेश के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरूआत मंगलवार को तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने की। उन्होंने पार्क की वेबसाइट www.globalskillspark.org का लोकार्पण किया। श्री जोशी ने आईटीआई उत्तीर्ण विद्यार्थी कु. पूजा मेढ़े और श्री संदीप पवार को मौके पर ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद प्रवेश पर्ची प्रदान की।
स्किल पार्क में प्रवेश के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 31 जुलाई तक होगा। पहली मेरिट लिस्ट 2 अगस्त को जारी होगी। रजिस्ट्रेशन की फीस 30 रुपये होगी। कक्षाएँ ग्लोबल स्किल्स पार्क सिटी केम्पस, गोविंदपुरा में लगेंगी।
कोर्स ए-एडवांस सर्टिफिकेट, कोर्स इन प्रेसिसन इंजीनियरिंग-चयन आईटीआई (एनसीवीटी) अथवा डिप्लोमा में प्राप्त अंकों के आधार पर होगा। फीस 75 हजार रुपये प्रतिवर्ष। कोर्स बी-स्पेसिलाइजेशन सर्टिफिकेट कोर्स-बी.टेक./बी.ई. इन मेकेनिकल इण्डस्ट्रियल अथवा प्रोडक्शन इंजीनियरिंग। इण्डस्ट्री इम्पलाईस (एनसीवीटी सर्टिफाइड टर्नर/मेकेनिस्ट/फिटर/ग्राइंडर/मेकेनिकल मशीन टूल मेंटीनेंस)। फीस प्रति स्पेसिलाइजेशन 15 हजार रुपये लगेगी। शासन के निर्देशानुसार फीस में छूट मिलेगी।
श्री जोशी ने कहा कि ग्लोबल स्किल पार्क में विश्व-स्तरीय ट्रेनिंग दी जायेगी। उन्होंने बताया कि सिंगापुर के सहयोग से पार्क का विकास किया जा रहा है। उनकी टीम यहाँ के ट्रेनर्स को ट्रेनिंग देगी।
श्री जोशी ने नेशनल स्किल काम्पटीशन की विजेता बालाघाट आईटीआई की छात्रा कु. आरती बारेकर को सम्मानित किया। इस मौके पर ग्लोबल स्किल पार्क की एक्टिविटीज का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी किया गया।
इस मौके पर सचिव तकनीकी शिक्षा श्री सुखवीर सिंह, आई.आई.टी.एस. सिंगापुर के डॉ. लिम सी यू और विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
भारत-ग्वाटेमाला युवावार्ता में माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के छात्र सुनील कुमार करेंगे सहभागिता
10 July 2018
भोपाल, 10 जुलाई। भारत और ग्वाटेमाला के मध्य ऐतिहासिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित 'भारत-ग्वाटेमाला युवा-वार्ता' में सहभागिता के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के छात्र सुनील कुमार साहू का चयन किया गया है। श्री साहू इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग में अध्ययनरत हैं। इस युवा-वार्ता का आयोजन भारतीय और ग्वाटेमाला दूतावास के सहयोग से कन्फेडेरेशन ऑफ यंग लीडर्स की ओर से किया रहा है। नईदिल्ली स्थित ग्वाटेमाला दूतावास में 12 जुलाई को आयोजित इस युवा-वार्ता में विश्वविद्यालय के छात्र सुनील कुमार साहू सहभागिता करेंगे।
देशभर से आए 500 आवेदनों में से सुनील कुमार साहू का चयन उनकी पत्रकारिता में अभिरुचि, सामाजिक संवाद की संगोष्ठियों में सहभागिता और उत्कृष्ट युवा उपलब्धियों के आधार पर किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जगदीश उपासने, कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा, कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के अध्यक्ष प्रो. श्रीकांत सिंह ने इस महत्वपूर्ण वार्ता के लिए विद्यार्थी श्री साहू के चयन पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। छात्र श्री साहू 12 जुलाई को कार्यक्रम में आयोजकों को कुलपति श्री उपासने की ओर से दी गईं विश्वविद्यालय के प्रकाशन की पुस्तकें भी भेंट करेंगे।
प्रारंभिक असफलताओं से निराश नहीं हों, आगे बढ़ने का साहस रखें-मुख्यमंत्री
3 July 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विद्यार्थियों से कहा है कि वे असफलताओं से निराश नहीं हों। आगे बढ़ने की इच्छा और साहस बनाये रखें। एक राह बंद होती है, तो हजारों राहें खुलती हैं। रास्ते हजार हैं। विकल्प बहुत हैं। श्री चौहान आज यहाँ सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में मुख्यमंत्री केरियर काउंसलिंग पहल - 'छू लेंगे आसमां' के अंतर्गत तीसरे चरण की काउंसलिंग में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि केरियर काउंसलिंग स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आदिम जाति कल्याण और कौशल विकास विभागों का संयुक्त प्रयास है। यह काउंसलिंग 12वीं कक्षा के ऐसे विद्यार्थियों के लिये आयोजित की गई है, जो परीक्षा में अपेक्षित परिणाम नहीं ला पाए ।
नया इतिहास लिखने केलिये तैयार रहें
मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी चार अगस्त को एक लाख बच्चों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिये विशाल रोजगार मेले का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने विद्यार्थियों को नई ऊर्जा के साथ निरंतर आगे बढ़ते रहने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि समय और परिस्थितियां हमेशा बदलती रहती हैं। हमेशा अच्छा होने की उम्मीद रखें। निराशाओं को अपने पास नहीं फटकने दें। आगे बढ़ने का जुनून रखें और नया इतिहास लिखने केलिये तैयार रहें।
श्री चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिये अनूठी योजनाएं बनाई गई हैं, जिससे पैसों के अभाव के कारण उनकी पढ़ाई बीच में न छूटे। यदि वे अपना काम शुरू करना चाहते हैं, तो किसी प्रकार की बाधा न आये। उन्होंने कहा जीवन में बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं, जहाँ कौशल सम्पन्न लोगों की हमेशा जरूरत रहती है। ऐसे क्षेत्रों का चुनाव करें और असफलता से न घबराते हुए फिर से प्रयास करें। जो लगातार कोशिश करते हैं, उनकी हार नहीं होती।
निरंतर आगे बढ़ें
श्री चौहान ने स्वामी विवेकानंद के वक्तव्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि दुनिया में कोई काम असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हताश और निराश होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। अपेक्षित परिणाम नहीं लाने पर लोगों की टिप्पणियों पर भी ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उन्होने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे कम नंबरों के कारण अपने बच्चों को कमतर नहीं आंकें। उनकी प्रतिभा में कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि हर बच्चे में ईश्वर ने समान प्रतिभा, बुद्धि, क्षमता और ऊर्जा दी है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अपने पर भरोसा रखें। आगे कई रास्ते हैं। कई विकल्प हैं। जीवन में निरंतर आगे बढ़ें। उन्होंने दुनिया के कुछ महान व्यक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रारंभिक असफलताओं के बाद उन्होंने ऐसे काम किए, जो आज पूरी दुनिया याद करती है। श्री चौहान ने कहा कि अहंकार से दूर रहें, धैर्य रखें, उत्साह रखें और स्वयं पर विश्वास रखें। आगे बढने का यहीं मंत्र है।
स्मार्ट क्लास के लिये बनेगा हाल
श्री चौहान ने सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास के लिये 200 बच्चों की क्षमता का हाल बनवाने की घोषणा की। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में केरियर काउंसलिंग केन्द्रों में उपस्थित विद्यार्थियों के सवालों का जवाब दिया और उन्हें उत्साहवर्धक मार्गदर्शन भी प्रदान किया।
स्कूल शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा कि शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान के मार्गदर्शन में अनेक योजनाएं तैयार की गई हैं। इन योजनाओं का पूरा लाभ उठायें और अपना केरियर सँवारें।
माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष श्री एस.आर. मोहंती ने बताया कि पहले चरण की काउंसलिंग 21 से 31 मई तक आयोजित हुई थी, जिसमें 29 हजार 478 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिनके नंबर 70 प्रतिशत से ऊपर थे। दूसरे चरण की काउंसलिंग 08 से 15 जून तक आयोजित की गई, जिसमें 70 प्रतिशत तक के विद्यार्थियों शामिल थे। तीसरे चरण की काउंसलिंग में वे बच्चे शामिल हो रहे हैं, जो अपेक्षित परिणाम नहीं ला पाये। तीसरे चरण की काउंसलिंग 355 केन्द्रों में चल रही है।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश रोजगार बोर्ड के अध्यक्ष श्री हेमंत देशमुख, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी, प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण श्री एस.एम. मिश्रा एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत ने आभार व्यक्त किया।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय भवन का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करायें - उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल
3 July 2018
उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भवन के निर्माण के लिये 30 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की गई है। इसके लिये मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड को निर्माण एजेंसी निर्धारित कर दिया गया है। श्री शुक्ल ने रीवा में भवन निर्माण की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि रीवा पत्रकारिता विश्वविद्यालय भवन का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करायें।
उद्योग मंत्री ने इसके लिये निर्धारित समय-सीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य पूरा करायें। यह विश्वविद्यालय विन्ध्य क्षेत्र ही नहीं पूरे प्रदेश के लिये बड़ी सौगात होगी। श्री शुक्ल ने अधिकारियों से भवन निर्माण के तकनीकी पक्षों की जानकारी ली।
एमसीयू की प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी
18 Jun 2018
भोपाल, 18 जून| माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा 10 जून को आयोजित की गई प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है| यह परीक्षा परिणाम समूह-वार है और विद्यार्थियों के परीक्षा में प्राप्त अंक दर्शाये गए हैं| परिणाम की आधार पर 20 जून को प्रवेश के लिए पहली काउंसलिंग सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.mcu.ac.in और www.mcnujc.ac.in पर जारी की जाएगी| पहली काउंसलिंग 25 जून और रिक्त रही सीट्स के लिए दूसरी काउंसलिंग 2 जुलाई को विश्वविद्यालय के भोपाल स्थित परिसर और अन्य परिसरों में सम्पन्न होंगी| परिणाम और काउंसलिंग से सम्बंधित सभी सूचनाएं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ही उपलब्ध होंगी| उम्मीद्वारों को अलग से डाक से कोई सूचना नहीं भेजी जाएगी|
एमसीयू की प्रवेश परीक्षा 10 जून को
5 Jun 2018
भोपाल, 5 जून| माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए परीक्षा 10 जून को आयोजित की जाएगी| परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर दी गई लिंक से डाउनलोड किये जा सकते है|
विश्वविद्यालय डिप्लोमा पाठ्यक्रम को छोड़कर अन्य सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 10 जून को देश के विभिन्न शहरों में प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले छात्र-छात्राएं https://mcrpv.mponline.gov.in/portal/ लिंक से जाकर अपना परीक्षा प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते है|
एमसीयू में प्रवेश के लिए कल अंतिम तिथि
1 Jun 2018
भोपाल । माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन जमा करने के लिए अंतिम तिथि 3 जून है|
मीडिया और कंप्यूटर के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी एमपी ऑनलाइन की वेबसाइट या अधिकृत कियोस्क के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा कर सकते है| विश्वविद्यालय डिप्लोमा पाठ्यक्रम को छोड़कर अन्य सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 10 जून को देश के विभिन्न शहरों में प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। परीक्षा प्रवेश पत्र 5 जून से विश्वविद्यालय की वेबसाइट और mponline पोर्टल पर उपलब्ध होंगे| भोपाल, नोएडा, खंडवा, रीवा, दतिया और अमरकंटक में विश्वविद्यालय के परिसर संचालित हैं।
1 जून से शुरू होगी 'वर्ल्ड हिस्ट्री मैराथन'
28 May 2018
आजकल बच्चों में हिस्ट्री पढ़ने का क्रेज़ बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है । चाहे स्कूलों के टॉपर्स हों या सिविल सेवा के प्रतियोगी -सभी अपने पसंदीदा विषय के रूप में हिस्ट्री को ही चुनने लगे हैं । पर फिलहाल हमारे पास उपलब्ध एनसीईआरटी या कॉलेज टेक्स्ट बुक्स इन हिस्ट्री लवर्स के साथ न्याय नहीं कर पातीं । कारण - इन सबका सिलेबस बहुत कम और बहुत बेसिक स्तर का है ।
दुनिया के ज़्यादातर देश अपने स्टूडेंट्स को ग्लाबल सिटिज़न बनाने के लिए जहां अपने सिलेबस में विभिन्न देशों का इतिहास पढ़ाते हैं वहीं भारत के स्कूल व कॉलेज अभी भी केवल भारत का इतिहास ही पढ़ा रहे हैं और वो भी बहुत ही बोरिंग अंदाज में ।
इसी कमी को ध्यान में रखते हुए भोपाल के हिस्ट्री लवर्स के लिए 'सिविल सर्विसेज क्लब ने पिछले दिनों एक हिस्ट्री सोसाइटी शुरू की है । द हिस्ट्री डॉसियर नामक इस सोसाइटी का उद्देश्य इंडिया के हिस्ट्री लवर्स को दुनिया भरा की हिस्ट्री कम्युनिटीज़ से जोड़ना व उनमें वैश्विक नागरिक के लिए जरूरी इतिहास की निष्पक्ष समझ विकसित करना है । फिलहाल देश भर के 3000 हिस्ट्री लवर्स इस सोसाइटी से जुड़ चुके हैं ।
द हिस्ट्री डॉसियर द्वारा इस समर वैकेशन में स्टूडेंट्स को कुछ नया पढ़ाने के लिए "वर्ल्ड हिस्ट्री मैराथन' शुरू की जा रही है । इस मैराथन में 30 दिनों में 30 ऑनलाइन क्विजेस आयोजित की जाएंगी , जिनमें देश का कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है । सोसाइटी ने अपनी पहली एक्टिविटी के लिए 'विश्व इतिहास' इसलिए किया है क्योंकि ये विषय हमारे स्कूल व कॉलेज के हिस्ट्री सिलेबस में लगभग ना के बराबर है । जबकि आज की दुनिया को समझने के लिए हर देश का इतिहास समझना बहुत जरूरी है ।
वर्ल्ड हिस्ट्री मैराथन के लिए पूरी दुनिया के इतिहास को कुल 30 टॉपिक में बाँटा गया है । प्रतिभागियों को उस दिन के लिए पहले से निर्धारित टॉपिक को दिन भर पढ़ना है । हर दिन शाम को 7 बजे, हिस्ट्री डॉसियर के फेसबुक ग्रुप पर एक क्विज आयोजित की जाएगी , जिसमें उस दिन के लिए निर्धारित विषय पर 20 प्रश्न पूंछे जाएँगे । ये सभी प्रश्न इंग्लिश में होंगे । सबसे पहले सबसे ज्यादा सही जवाब देने वाला इस क्विज का विजेता होगा । 30 दिनों में जो भी व्यक्ति सबसे ज्यादा क्विजेस जीतेगा उसे 6000/- रुपये का नगद पुरुसकार दिया जाएगा ।
द हिस्ट्री डॉसियर टीम
संस्थापक - लक्ष्मी शरण मिश्रा (संस्थापक, सिविल सर्विसेज क्लब)
कोर मेम्बर - यश दीक्षित (एक्सीलेंस कॉलेज के हिस्ट्री स्टूडेंट)
कोर मेम्बर - शिवम चांडाक (एक्सीलेंस कॉलेज के हिस्ट्री स्टूडेंट)
कोर मेम्बर - पल्लवी दुबे (एक्सीलेंस कॉलेज के हिस्ट्री स्टूडेंट)
वर्ल्ड हिस्ट्री मैराथन : एक नज़र में
क्या है ये - ऑनलाइन क्विजेस की सीरीज
कहाँ होगी - द हिस्ट्री डॉसियर के फेसबुक ग्रुप पर
कब शुरू होंगी - 1 जून 2018 से
कब तक चलेगी - 30 जून 2018 तक
किस टाइम होगी - प्रतिदिन शाम 7 बजे
कौन भाग ले सकता है - कोई भी व्यक्ति
भाग लेने के लिए क्या करना होगा - प्रतिदिन शाम 7 बजे फेसबुक पर आना होगा
उत्तर कैसे देंगे - प्रश्न पोस्ट होते ही कमेन्ट बॉक्स में उसका उत्तर लिखें
कौन जीतेगा - जो सबसे पहले सबसे ज्यादा सही जवाब देगा
जीतने पर क्या मिलेगा - 6000/- रुपये का नगद पुरुसकार
कौन करवा रहा है ये - द हिस्ट्री डॉसियर
कौन हैं ये लोग - ये भोपाल के हिस्ट्री लवर्स का ग्रुप है
किसने बनाया है ये ग्रुप - सिविल सर्विसेज क्लब ने
कौन लेगा क्विजेस - द हिस्ट्री डॉसियर के तीनों कोर मेम्बर (यश दीक्षित,शिवम चांडाक एवं पल्लवी दुबे)
क्विज का टाइम टेबिल इस प्रकार है
1 June - Mesopotamian and Egyptians civilization
2 June - Judaism
3 June - Greek Civilization
4 June - Persian civilization
5 June - Roman Empire
6 June - Christianity
7 June - Islam
8 June - Holy Roman Empire
9 June - History of England
10 June - Mongols
11 June - Renaissance and Reformation
12 June - U.S. war of Independence
13June - French Revolution
14 June - Napoleon Bonaparte
15 June - Unification of Italy and Germany
16 June - History of China
17 June - History of Japan
18 June - History of Russia
19 June - Industrial Revolution
20 June - History of Turkey
21 June - World War 1
22 June – The Great Depression
23 June - Nazism and Fascism
24 June - World War 2
25 June - History of Latin America
26 June - Cold war
27 June - History of Middle East
28 June - Post cold war history
29 June - History of Africa
30 June - South East Asian history
आज आर जी पी वी के UIT के बी. टेक. II सेमेस्टर के FUNDAMENTALS OF MECHANICAL ENGINEERING प्रश्न पत्र की ऑनलाइन सैद्धान्तिक परीक्षा सम्पन्न हुई।
24 May 2018
आज आर जी पी वी के UIT के बी. टेक. II सेमेस्टर के FUNDAMENTALS OF MECHANICAL ENGINEERING प्रश्न पत्र की ऑनलाइन सैद्धान्तिक परीक्षा सम्पन्न हुई। इस परीक्षा में 251 छात्र सम्मिलित हुए। प्रश्रपत्र 80:20 के प्रतिमान पर आधारित था। परीक्षा समाप्त होते ही 80 प्रतिशत प्रश्नपत्र का परिणाम घोषित कर दिया गया। बचे हुए 20 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ भाग की स्क्रीन मार्किंग या मूल्यांकन किया जाएगा। 96 प्रतिशत से अधिक परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। छात्रों ने पूर्णतया परीक्षा के इस ऑनलाइन तरीके की प्रशंसा की। सम्पूर्ण परीक्षा पद्धति के डिजिटिलाइजेशन करने के इस प्रारंभिक प्रयास के लिए परीक्षा केंद्र ION डिजिटल जोन, ग्राम आदमपुर, रायसेन रोड, भोपाल पर स्थापित किया गया था।
रिसर्च के माध्यम से भी मिल सकता हैं मीडिया में जॉब
23 May 2018
डिजिटल वर्ल्ड मीडिया के पारंपरिक स्वरुप को तेजी से बदल रहा हैं | प्रिंट मीडिया, टेलीविज़न और रेडियो
में कंटेंट, प्रोडक्शन और वितरण - तीनों आयामों पर परिवर्तन हो रहा हैं| मीडिया का बाजार विस्तारित हो रहा हैं
और मीडिया में रोजगार के नए-नए अवसर सामने आ रहे हैं| भारत में अब मीडिया रिसर्च भी एक ऐसा क्षेत्र हैं
जिसमें स्किल्ड व्यक्तियों की आवश्यकता हैं|
बड़े मीडिया घराने, विज्ञापन एजेंसीज, मार्केट और मार्केटिंग एजेंसीज, और अब राजनेता भी कम्युनिकेशन
स्ट्रेटेजी और मीडिया प्लानिंग को लेकर रिसर्च करवा रहे हैं| ब्रांड मैनेजमेंट, ब्रांड प्रमोशन और ग्राहक की संतुष्टि को
लेकर सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार और सर्वे करवाना आम बात हो गई है| सोशल मीडिया के लिए कंटेंट राइटिंग
के साथ रिसर्च का ज्ञान होना जरुरी है| मीडिया के क्षेत्र में आने कुछ वर्षों में रिसर्चर के डिमांड बढ़ेगी| इस
आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने रिसर्च के
जरुरी ज्ञान के साथ, बहुआयामी, तकनीक के जानकर और संवाद कौशल में दक्ष प्रोफेशनल्स के लिए एम.एससी.
(मीडिया रिसर्च) का पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है| विश्वविद्यालय के भोपाल और नोएडा स्थित कैंपस में यह
पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहा है|
आउटपुट ओरिएंटेड हैं कोर्स
चार सेमेस्टर का एम.एससी. (मीडिया रिसर्च) का कोर्स पूरी तरह से आउटपुट ओरिएंटेड हैं और विद्यार्थी
सैद्धांतिक के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त करते हैं| मीडिया की आधारभूत पढाई के अलावा उन्हें मीडिया रिसर्च
और रिसर्च के अन्य आयामों से परिचित कराया जाता हैं|
यह पाठ्यक्रम यूंजीसी से मान्यता प्राप्त है और जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन के नेट-जेआरएफ एवं
पीएच.डी. प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने में बहुत सहायक है|
कहां है रोजगार के अवसर
मीडिया रिसर्च प्रोफेशनल्स को टेलीविजन चैनल्स, न्यूज चैनल्स, समाचार पत्र, प्राइवेट एफएम, विज्ञापन एजेंसीज,
मीडिया एवं मार्केट रिसर्च, राजनीति में कार्यरत एजेंसी, कंज्युमर और प्रोडक्ट रिसर्च करने वाले कम्पनियों में कंटेंट
एनालिस्ट, रिसर्च एसोसिएट और रिसर्च असिस्टेंट के रूप में जॉब मिल सकता। वेब साईट में शोध एनालिस्ट के रूप
में रोजगार के अवसर उपलब्ध है।
कैसे आवेदन करें
दो वर्षीय एम.एससी. (मीडिया रिसर्च)
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवम संचार विश्वविद्यालय के भोपाल एव नोएडा परिसर में 15-15 सीट्स
प्रवेश हेतु आनलाईन आवेदन करें – 26 May 2018 तक (https://mcrpv.mponline.gov.in)
अहर्ता - किसी भी विषय में स्नातक
प्रवेश परीक्षा - 10 जून 2018 को देश के चुनिंदा 14 शहरों में
Web site www.mcu.ac.in, www.mcnujc.ac.in
अब युवाओं को उनकी योग्यतानुसार मिलेगा रोजगार
21 May 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के मॉडल स्कूल में 'हम छू लेंगे आसमाँ' 'मुख्यमंत्री कॅरियर काउंसलिंग पहल' कार्यक्रम में 'माय एमपी रोजगार पोर्टल'' लांच किया। यह पोर्टल युवाओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता, क्षमता एवं रुचि के अनुसार रोजगार उपलब्ध करवाने तथा नियोजक को अपने व्यवसाय की जरूरत के अनुसार योग्य उम्मीदवार की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से परिपूर्ण है। युवा सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत मध्यप्रदेश कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा यह पोर्टल तैयार किया गया है।
इस पोर्टल के माध्यम से युवक अपनी योग्यतानुसार स्वयं की प्रोफाइल को पोर्टल पर रजिस्टर कर रोजगार खाता खोल सकेगा। पोर्टल के माध्यम से वह अपनी पसंद के रोजगार की जगह, कार्य-क्षेत्र, सेक्टर एवं जॉब रोल का निर्धारण कर सकता है। प्रोफाइल एकाउंट में सर्च करने पर उसे मालूम हो सकेगा कि उसकी रुचि और योग्यता के आधार पर रोजगार देने वाले कितने नियोजक एवं कितने पद उपलब्ध हैं। ऑनलाइन ही इन कम्पनियों में नौकरी के लिये आवेदन भी कर सकेंगे।
रोजगार एकाउंट में दी गई जानकारी को ऑनलाइन अपडेट किया जा सकेगा और नौकरी मिलने के बाद नई नौकरी के लिये भी रोजगार एकाउंट का उपयोग कर सकेगा। नियोजक कम्पनी भी इस पोर्टल पर नि:शुल्क नियोजक खाता खोल सकती है। खाते में वह उसके यहाँ नौकरी के लिये जरूरी योग्यता, प्रशिक्षण आदि की जानकारी रखेगा। जैसे ही नियोजक जॉब रोल/स्किल सेट अपडेट करेगा, वैसे ही पोर्टल नियोजक के समक्ष जॉब प्राप्त करने वालों की लिस्ट एवं प्रोफाइल उपलब्ध करवा देगा। पोर्टल के माध्यम से ही नियोजक आवेदन आमंत्रित कर आवेदक को इंटरव्यू के लिये बुला सकेगा।
पोर्टल की विशेषताएँ
युवाओं के लिये : युवाओं को पोर्टल पर स्वत: रजिस्ट्रेशन, जॉब प्रीफरेंस को अपडेट करने, नियोक्ता की जानकारी, सेक्टर एवं जॉब रोल के आधार पर उपलब्ध ऑनलाइन आवेदन की सुविधा मिलेगी। इंटरव्यू एवं जॉब-फेयर की जानकारी रजिस्टर्ड ई-मेल एवं मोबाइल पर प्राप्त की जा सकेगी।
नियोजक के लिये : नियोजकों को पोर्टल पर स्वत: रजिस्ट्रेशन, सेक्टर एवं जॉब रोल्स को अपडेट करने और इसी के आधार पर डिमांड को पोर्टल पर अपलोड करने की सुविधा होगी। डिमांड के आधार पर योग्य आवेदकों की सूची उपलब्ध हो सकेगी।
मैच-मेकिंग के माध्यम से नियोजक कम्पनियों और रोजगार के इच्छुक युवाओं को नजदीक लाने का प्रयास, 'माय एमपी रोजगार पोर्टल'' के माध्यम से किया गया है।
विद्यार्थी अपनी मूल प्रवृत्ति और रूचि अनुसार कॅरियर का चयन करें
21 May 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ मॉडल स्कूल सभागार में 'हम छू लेंगे आसमाँ' कॅरियर कांउसलिंग पहल के शुभारंभ कार्यक्रम में विद्यार्थियों को सफल, सार्थक और आनंदमय जीवन जीने की राह दिखाई। श्री चौहान ने कहा है कि बेहतर कॅरियर के अनेक अवसर हैं। विद्यार्थी अपनी मूल प्रवृत्ति, रूचि और विशेषज्ञता के अनुसार कॅरियर का चयन करें। परचितों और परिजनों से भी चर्चा करें। लक्ष्य निर्धारित कर विस्तृत और अग्रिम कार्य योजना का रोडमैप बनाकर दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ सफलता के लिये संकल्पित हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में कोई भी कार्य अथवा लक्ष्य असंभव नहीं है। व्यक्ति में असीम शक्तियां होती हैं। वो जैसा सोचता है, वैसा बन जाता है। मुख्यमंत्री ने अपने जीवन के अनुभवों, अध्ययन और उनसे जुड़े प्रसंगों को विद्यार्थियों से साझा किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे बच्चों को सदैव मुस्कुराते हुए देखना चाहते हैं। बच्चे आगे बढ़ेंगे तो प्रदेश आगे बढ़ेगा। हर बच्चा अपनी जिन्दगी को सफल बनाए। उसकी सफलता और क्षमता का लाभ निश्चित ही प्रदेश को भी मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की न्यू इंडिया के निर्माण की अवधारणा को सफल बनाने के लिये हमें नया मध्यप्रदेश बनाना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों की उच्च शिक्षा की फीस भरवाने की व्यवस्था राज्य सरकार ने कर दी है। बच्चे जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ें, इस मंशा से कॅरियर कांउसलिंग की व्यवस्था की गई है। श्री चौहान ने कहा कि सफलता के लिये उच्च शिक्षा अनिवार्य नहीं है। विश्व में अनेक व्यक्तियों ने उच्च शिक्षित नहीं होने पर भी सफलता के शीर्ष को छुआ है। कई नये और बड़े व्यवसाय खड़े किये हैं। नये कीर्तिमान बनाये हैं। उन्होंने स्वयं के उदाहरण से बताया कि उनका परिवार उन्हें चिकित्सक बनाना चाहता था किन्तु कार्य की प्रकृति उनकी मूल प्रवृत्ति से नहीं मिलती थी। दर्शन का विषय उन्हें आकर्षित करता था और उसी दिशा में वे आगे बढ़ते गये।
मुख्यमंत्री ने पालकों से आग्रह किया कि वे संतानों पर दबाव नहीं बनायें। उन्हें उनकी रूचि और प्रवृत्ति अनुसार कॅरियर का चयन करने में सहयोग करें। उन्होंने कवि को कविता पाठ से मिलने वाले आनंद के प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि मूल रूचि के अनुसार कार्य करने पर ही आनंद प्राप्त होता है। कवि को कविता की और चित्रकार को चित्र की रचना से मिलने वाला आनंद अमूल्य है।
श्री चौहान ने बताया कि कॅरियर चयन करने में विद्यार्थियों को सहयोग करने की पहल उनके दिल से निकली है। वे दिल से चाहते हैं कि युवा सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि अर्थहीन शिक्षा व्यर्थ है। शिक्षा का उद्देश्य है ज्ञान, संस्कार और कौशल देना। रोजगारोन्मुखी शिक्षा भी जरूरी है। उन्होंने प्रदेश में इस वर्ष माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में 1 लाख 12 हजार 625 बच्चों द्वारा 70 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि गत वर्ष तक मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्र-छात्राएँ लाभान्वित होते थे। बच्चों की मांग पर इस वर्ष से प्राप्तांक की सीमा घटाकर 70 प्रतिशत कर दी गई है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत मेधावी विद्यार्थियों की फीस राज्य सरकार भरवा रही है। गत वर्ष 750 से ज्यादा बच्चों की मेडिकल शिक्षा की फीस सरकार ने भरवाई है। मेडिकल की फीस में 40 लाख रुपये तक भरे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के सपनों को मरने नहीं देंगे। इसीलिये नि:शुल्क किताबें, गणवेश, साइकिल से लेकर उच्च शिक्षा की फीस भरवाने की योजनाएं बनायी गई हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने रोजगार विभाग के 'मॉयएमपी रोजगार' पोर्टल का लोकार्पण किया। यह पोर्टल नियोजक और बेरोजगार के बीच संपर्क स्थापित करने का सशक्त प्लेटफार्म होगा। इसमें 38 सेक्टर में 180 जॉब रोल्स उपलब्ध हैं।
माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष श्री एस.आर. मोहंती ने बताया कि निशुल्क कॅरियर कांउसलिंग का आयोजन तीन चरणों में किया गया है। प्रथम चरण में 21 मई से 31 मई तक 12वीं कक्षा में 70 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले, द्वितीय चरण में 4 जून से 14 जून तक 70 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले और तृतीय चरण में 18 से 28 जून तक 12वीं के अनुतीर्ण 10वीं एवं 11वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों की कांउसलिंग की जायेगी। कांउसलिंग के लिये 500 प्रशिक्षित काउंसलर की व्यवस्था की गई है। काउंसलिंग की सूचना एसएमएस से दी जा रही है। कांउसलिंग के लिये 112 केन्द्र बनाये गये हैं। कैरियर प्रदर्शिनी लगायी गई है। मार्गदर्शिका ब्रोशर का भी वितरण होगा। आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत ने कार्यक्रम में आगन्तुकों का स्वागत किया। उन्होंने विभाग के पोर्टल पर विद्यार्थियों के सवाल और सुझाव भी आमंत्रित किये।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया, स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह, रोजगार बोर्ड के अध्यक्ष श्री हेमंत देशमुख, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री बी.आर. नायडू और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल मौजूद थे।
विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिये सभी संभव प्रयास होंगे : मुख्यमंत्री श्री चौहान
21 May 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विद्यार्थियों का आव्हान किया है कि जीवन में हताश नहीं हों। हर समस्या का समाधान होता है। उन्होंने बच्चों को भरोसा दिलाया कि वे बनी-बनायी लकीर से बंधे रहने वाले व्यक्ति नहीं हैं। बच्चों के लिये नई राहें और नई लकीरे बना देंगे। बच्चों की जिन्दगी में कोई बाधा नहीं रहने दी जायेगी। बच्चों को जिन्दगी में आगे बढ़ने के लिये सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएंगी, सुविधाएँ जुटाई जाएंगी। श्री चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि कोई भी समस्या हो, उसकी जानकारी उन्हें दी जाये। हर समस्या को दूर किया जायेगा। जरूरत होने पर नये प्रावधान, नई योजना भी बनायी जायेगी। श्री चौहान आज मॉडल स्कूल सभागार में लाइव फोन इन कार्यक्रम में विद्यार्थियों से सीधी बातचीत कर रहे थे। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर उपस्थित 60 हजार 592 विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री से सीधे प्रश्न पूछे। मुख्यमंत्री ने भी सबका समाधान संवेदनशीलता के साथ किया।
कुमारी अदिति ठाकुर को भरपूर मदद के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री चौहान को सभागार में उपस्थित 10वीं परीक्षा उत्तीर्ण मॉडल स्कूल की छात्रा अदिति ठाकुर ने पिता की मृत्यु से परिवार पर आई दिक्कतों के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने उससे अलग से चर्चा कर उसे धैर्य बंधाया। श्री चौहान ने अदिति को भरपूर मदद करने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया। झाबुआ जिले की यशस्वनी भाबोर ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों के लिये ई-लायब्रेरी की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने बताया कि झाबुआ में शीघ्र ही सर्व-सुविधा संपन्न पुस्तकालय भवन बनकर तैयार हो रहा है। जिले की फाल्गुनी नाहर द्वारा इंजीनियरिंग महाविद्यालय भवन की कमी बताने पर श्री चौहान ने बताया कि भवन स्वीकृत हो गया है। इसके बनने पर कई नई ब्राँच भी शुरू हो जायेगी।
श्री चौहान को भिण्ड जिले के रोहित श्रीवास्तव ने जे.एन.यू दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश की इच्छा बताते हुये फीस भरवाने की जानकारी चाही। मुख्यमंत्री ने बताया ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपये तक है। उनके बच्चों की फीस सरकार द्वारा भरवाई जाती है। उनका प्रवेश जे.एन.यू. अथवा दिल्ली विश्वविद्यालय कहीं भी हो। छात्र ललित पटेल द्वारा भोपाल में घर से कॉलेज की अधिक दूरी की समस्या बताने पर श्री चौहान ने बताया कि गांव से शहर पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों के लिये निश्चित सीमा तक परिवहन व्यय की व्यवस्था है। छात्र मोहन सोनी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि उन्होंने कॅरियर चयन कैसे किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि जीव विज्ञान की पढ़ायी में डिसेक्शन कार्य उनसे नहीं होता था। दूसरों की दिक्कतों को दूर करवाने में सहयोग के लिये सदैव तत्पर रहते थे। कक्षा सातवीं के छात्र के रूप में गांव के मजदूरों की मजदूरी बढ़वाने के लिये जलूस भी निकाला था जिसमें उन्हें परिवार की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी, लेकिन उनका दिल इसी में रमता था। आपातकाल के विरोध में वे जेल भी गये थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का दिल जो कहे, उसे सुनना चाहिए और प्राथमिकता देना चाहिये। छात्र अंकित गुप्ता की असफलता की आशंका की चिंता को मुख्यमंत्री ने गीता के अर्जुन-श्रीकृष्ण संवाद के द्वारा दूर किया। उन्होंने बताया कि सात्विक कार्यकर्ता के रूप में धैर्य, उत्साह के साथ परिणाम की चिंता किये बिना निरंतर प्रयास करें।
मुख्यमंत्री ने खंडवा के छात्र हरिओम श्याम को वाणिज्य के क्षेत्र में अध्ययन के पाठ्यक्रमों की जानकारी दी। यह भी बताया कि गरीब परिवारों के बच्चों की बी-कॉम आदि पाठ्यक्रमों की फीस भी राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने पन्ना की छात्रा शीलू पटेल को उच्च शिक्षा के लिये बाहर जाने में यदि कोई कठिनाई आती है तो उसे दूर करने में पूरे सहयोग का भरोसा दिलाया। छात्रा गुंजन सिंह पटेल द्वारा राजनीति में कॅरियर के लिये क्या करना होगा, पूछने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि राजनीति जितनी आसान दिखती है, उतनी आसान नहीं है। मन में दूसरों के लिये गहरी संवेदनाएं, दूसरे के दर्द में द्रवित होने और उनके कष्ट को दूर करने का भाव जिनमें होगा, उन्हें राजनीति में सफलता मिलती है। यही जज्बा होने के कारण श्री नरेन्द्र मोदी चाय वाले से प्रधानमंत्री बन गये। स्वयं वे साधारण परिवार के होते हुये मुख्यमंत्री बन गये।
श्री चौहान ने राजनीतिक जीवन में स्वयं के संघर्ष का भी जिक्र किया। उन्होंने छात्र सोहन सिंह की बी.सी.ए. पाठ्यक्रम में मुख्यमंत्री मेधावी प्रोत्साहन योजना में फीस भरे जाने की आशंका को दूर किया। बालाघाट की छात्रा अंकिता यादव के संस्थान और कोर्स में से किसे प्राथमिकता देने के प्रश्न का भी उत्तर दिया। उसे बताया कि रूचि अनुसार कोर्स को प्राथमिकता देना चाहिए। साथ ही यह भी देखें कि संस्थान स्तरहीन नहीं हो। छात्रा मोनिका यादव ने विदेश में अध्ययन में मदद की जानकारी चाही। मुख्यमंत्री ने बताया कि विश्व के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों को एक सीमा तक आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। बालाघाट की पुष्पांजली बघेल ने इंजीनियरिंग के साथ आईएएस की तैयारी के लिये अवसरों की जानकारी चाही। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कांउसलिंग के दौरान प्रतिष्ठित संस्थानों में कोचिंग आदि की जानकारी भी दी जायेगी।
मातृभाषा में शिक्षा की बने नीति ,विकास को गति देने में सहयोगी हो मीडिया : उपराष्ट्रपति श्री नायडू
16 May 2018
भोपाल, 16 मई। भारत के उपराष्ट्रपति श्री वैंकैया नायडू ने कहा कि देशभर में संचालित पाठ्यक्रम भारतीय भाषाओं में होने चाहिए। यह असंभव नहीं है। प्रयास करेंगे तो संभव होगा। भाषा और भावनाएं साथ-साथ चलती हैं। मातृभाषा में ही अपनी भावनाएं अच्छे से अभिव्यक्त होती हैं। दूसरी भाषाएं सीखने से दिक्कत नहीं है, लेकिन मातृभाषा पहले सीखनी चाहिए। मातृभाषा 'आँख' है और दूसरी भाषा 'चश्मा' है। यदि आँख ही नहीं होगी तो चश्मे का कोई उपयोग नहीं है। माननीय उपराष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष श्री नायडू माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। दीक्षांत समारोह का आयोजन विधानसभा परिसर में स्थिति मानसरोवर सभागृह में किया गया। इस अवसर पर महापरिषद के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष श्री सीतासरन शर्मा, जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सांसद श्री आलोक संजर और कुलपति श्री जगदीश उपासने उपस्थित रहे।
उपराष्ट्रपति एवं कुलाध्यक्ष श्री नायडू ने अपनी विदेश यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि लैटिन अमेरिका के देश में लोग अपनी मूलभाषा भूल गए हैं, उसकी जगह स्पेनिश आ गई है। भारत में भी अंग्रेजों ने इस प्रकार का प्रयास किया, किंतु महान शक्ति के कारण हमारी भाषाएं बच गईं। अभी खतरा बरकरार है। यदि हमने आने वाली पीढ़ी को मातृभाषा से नहीं जोड़ा तो दिक्कत होगी। हमें घर में बच्चों से मातृभाषा में बात करनी चाहिए। शिक्षा में मातृभाषा को अनिवार्य करना चाहिए। हमें गंभीरता से अपनी भाषाओं में शिक्षा देने की नीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को माँ, मातृभूमि और मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए। उपराष्ट्रपति श्री नायडू ने मीडिया एवं आईटी के क्षेत्र में अच्छे प्रोफेशनल्स देने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एवं कम्प्यूटर शिक्षा में विश्वविद्यालय के श्रेष्ठ योगदान से मध्यप्रदेश को ई-गवर्नेंस में अग्रणी स्थान प्राप्त करने में सहायता मिली है।
भेदभाव समाप्त कर आगे बढऩा होगा :उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश बदल रहा है। देश मजबूत कदमों से बढ़ रहा है। सामाजिक जागरण भी हो रहा है। इस समय में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। सकारात्मक विचार से हमें अपना योगदान करना चाहिए। एक समय में भारत विश्वगुरु था। तक्षशिला और नालंदा में दुनिया से पढऩे के लिए लोग आते थे। अब फिर से अवसर आया है कि हम देश को वैश्विक शक्ति बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें सब प्रकार के भेदभाव समाप्त कर आगे बढऩा चाहिए। जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव को जल्द से जल्द समाप्त करना होगा। महिलाओं के साथ होने वाला अत्याचार दु:खद है। हमारे देश में महिलाओं का बहुत सम्मान रहा है। हम अपने देश को 'भारतमाता' कहते हैं, 'भारतपिता' नहीं। नदी और प्रकृति को भी माँ के रूप में मान्यता है। शिक्षा, अर्थ और शक्ति की आराध्या देवी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण बिल से नहीं पॉलिटिकल विल और एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल से होगा। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आज की आवश्यकता है। उन्होंने अपनी जर्मन यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि वहाँ वेद-उपनिषद के ज्ञान पर अनुसंधान हो रहा है, किंतु हम उन्हें पुराना कह कर उपेक्षित करते हैं।
विकास को गति देने में मदद करे मीडिया : उपराष्ट्रपति श्री नायडू ने कहा कि संसद में अच्छे काम होते हैं, लेकिन हंगामा मीडिया में महत्व प्राप्त करता है। आवश्यकता है कि मीडिया अच्छे कार्य को महत्व दे। जो सांसद अध्ययन कर प्रश्न पूछते हैं और जो मंत्री उनका अच्छे से जवाब देते हैं, उनको समाचार में प्रमुखता से स्थान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया देश के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने बताया कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए सदन का चलना आवश्यक है। चार 'सी' का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कास्ट, कम्युनिटी, कैश और क्रिमिनलिटी यदि राजनीति में प्रभावी होगी तो लोकतंत्र कमजोर होगा। इसलिए दूसरी चार 'सी' - कैरेक्टर, कैपेसिटी, कलीबर और कन्डक्ट पर ध्यान देना होगा।
देश के नवनिर्माण में भूमिका निभाए पत्रकार : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
विश्वविद्यालय की महापरिषद एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में विश्वविद्यालय ने श्रेष्ठ कार्य किया है। विश्वविद्यालय से निकले पत्रकारों ने नैतिकता के नये मानदण्ड स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने यह कार्यक्रम भारतीय वेश-भूषा और हिंदी में सम्पन्न कर अभिनंदनीय कार्य किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत में पत्रकारों ने स्वतंत्रता का आंदोलन चलाया है। आजादी के बाद पत्रकारों ने भारत के नवनिर्माण में भूमिका निभाई। तीसरे दौर में आपातकाल आया, तब पत्रकारों ने अभिव्यक्ति की आजादी की लड़ाई लड़ी। वर्तमान में मीडिया में व्यावसायिकता हावी हो रही है। आज मीडिया के सामने संतुलन बना कर चलने की चुनौती है। उन्होंने कहा कि पत्रकार सिर्फ पत्रकार नहीं होता, वह समाज सुधारक भी होता है।
वरिष्ठ पत्रकार एमजी वैद्य, अमृतलाल वेगड़ और महेश श्रीवास्तव को विद्या वाचस्पति (डी.लिट.) की मानद उपाधि : दीक्षांत समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्री एमजी वैद्य, श्री अमृतलाल वेगड़ और श्री महेश श्रीवास्तव को विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि प्रदान की गई। मंच पर उपराष्ट्रपति श्री वैंकैया नायडू ने श्री महेश श्रीवास्तव को विद्या वाचस्पति से सम्मानित किया। श्री वेगड़ की स्थान पर उनके पुत्र श्री शरद वेगड़ ने उपाधि प्राप्त की। तृतीय दीक्षांत समारोह में 27 पीएचडी, 39 एमफिल और 202 स्नातकोत्तर उपाधि प्रदान की गईं। कुलपति श्री जगदीश उपासने ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को दीक्षोपदेश दिलाया। कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा ने प्रशस्ति पत्र पढ़े और धन्यवाद ज्ञापन किया। समारोह का संचालन कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी और सहायक कुलसचिव श्री विवेक सावरीकर ने किया।
भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER), भोपाल का छठा दीक्षांत समारोह संपन्न
16 May 2018
भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER), भोपाल का छठा दीक्षांत समारोह आज दिनांक 16 मई 2018 (बुधवार) को आयोजित किया गया। इस समारोह के दौरान 21 एमएस उपाधि, 130 बी.एस.एम.एस (द्विउदाधि), 1 बीएस उपाधि एवं 40 पी.एच.डी. उपाधि प्रदान की गई। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में श्री जमशेद नौरोजी गोदरेज, अध्यक्ष, गोदरेज एंड बॉयस विनिर्माण कंपनी लिमिटेड मंडल ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
इस समारोह के दौरान राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, निदेशक स्वर्ण पदक एवं चार प्रवीणता पदक प्रदान किए गए। पदक विजेताओं में श्री रोहित प्रसाद भट्ट (राष्ट्रपति स्वर्ण पदक), कु. श्रेया गुप्ता (निदेशक स्वर्ण पदक), कु. श्रेया गुप्ता (प्रवीणता पदक, जैविक विज्ञान), श्री लालकृष्णन पी एच (प्रवीणता पदक, रसायन विज्ञान), श्री ऋत्विक उपाध्याय (प्रवीणता पदक, गणित) और श्री रोहित प्रसाद भट्ट (प्रवीणता पदक, भौतिक विज्ञान) शामिल हैं।
श्री विपिन सोंधी, अध्यक्ष, शासक मंडल, आई.आई.एस.ई.आर भोपाल ने समारोह की अध्यक्षता की एवं संस्थान के निदेशक प्रो. विनोद कुमार सिंह ने वर्ष के दौरान संस्थान की गतिविधियों एवं महत्वपूर्ण उपलब्धियों का विवरण वार्षिक प्रतिवेदन के माध्यम से प्रस्तुत किया।
एआईसीटीई, नई दिल्ली के वाइस चेयरमेन डाॅ. एम.पी. पूनिया, आरजीपीवी भोपाल के वाइस चांसलर डाॅ. सुनील कुमार गुप्ता, एमपीसीएसटी, भोपाल के डायरेक्टर जनरल डाॅ. नवीन चन्द्र एवं डीआरडीओ के पूर्व डायरेक्टर डाॅ. विजय वीर सिंह रहे उपस्थित
11 May 2018
विदिषा। सम्राट अषोक अभियांत्रिकीय संस्थान में आज दिनांक 11 मई 2018 को एमपीसीएसटी, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय तकनीकी षिक्षा परिषद, नई दिल्ली के वाइस चेयरमेन डाॅ. एमपी पूनिया तथा आरजीपीवी भोपाल के वाइस चांसलर डाॅ. सुनील कुमार गुप्ता रहे। विषिष्ठ अतिथि के रूप में एमपीसीएसटी, भोपाल के डायरेक्टर जनरल डाॅ. नवीन चन्द्र, डीआरडीओ के पूर्व डायरेक्टर डाॅ. विजय वीर सिंह एवं अंतर्राष्ट्रीय बिल्डिंग मटेरियल विषेषज्ञ डाॅ. अमित राय उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एमजेईएस के सचिव डाॅ. लक्ष्मीकांत मरखेड़कर द्वारा की गई। सर्व प्रथम संचालक डाॅ. जेएस चैहान ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए रोजगारोन्मुख षिक्षा के फायदों के बारे में बताया। इसके पष्चात डाॅ. पूनिया ने एसएटीआई में कौषल विकास योजना के अंतर्गत अध्ययनरत विद्यार्थियों से चर्चा की तथा विभिन्न उद्हारणों के द्वारा जीवन में निरंतर प्रगति करने के लिये प्रेरित किया। साथ ही विद्यार्थियों की रोजगार संबंधी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
इसके बाद संस्था के स्मार्ट क्लास रूम मंे “रीसेन्ट ट्रेन्ड एण्ड चेलेन्जे़स इन बायो-फ्यूल टेक्नाॅलाजी एण्ड कम्वषन” विषय पर 05 दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के पूजन के साथ किया गया। इसकी अध्यक्षता एमजेईएस के सचिव डाॅ. लक्ष्मीकांत मरखेड़कर तथा मुख्य अतिथि के तौर पर अखिल भारतीय तकनीकी षिक्षा परिषद, नई दिल्ली के वाइस चेयरमेन डाॅ. एमपी पूनिया उपस्थित रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में काॅलेज के षिक्षकों को समयानुसार अपडेट होने तथा षिक्षण के तरीकों में नये प्रयोग करने पर जोर दिया ताकि छात्रों में रोजगारोन्मुखी कौषल विकसित हो पाए। डीआरडीओ के पूर्व डायरेक्टर वैज्ञानिक डाॅ. विजय वीर सिंह ने बाॅयो-टायलेट तथा बाॅयो-फ्यूलस तकनीक पर अपना उद्बोधन दिया उन्होंने छात्रों तथा रिसर्चर्स से अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने पर जोर दिया न कि आठ घंटे की नौकरी करने का। उन्होंने उद्योग तथा षिक्षण संस्थानों के बीच संयोजन पर जोर दिया। बाॅयो-फ्यूलस तकनीक के विकास पर आईआईटी मुम्बई के प्रोफेसर डाॅ. अमित अरोरा ने व्याख्यान दिया। संस्था के संचालक डाॅ जेएस चैहान ने उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद करते हुए बाॅयो-फ्यूल पर शोध कार्य करते रहने पर जोर दिया। डाॅ. पंकज अग्रवाल विभागाध्यक्ष मैकेनिकल इंजीनियरिंग तथा संयोजक डाॅ. एस.के. धाकड़ ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान इस देष के विभिन्न इंजीनियरिंग काॅलेजों के छात्र तथा षिक्षकगण उपस्थित रहे। अतिथयों द्वारा रीर्चाजिंग आॅफ एक्यूफर साइट का भ्रमण किया तथा उपस्थित छात्रों को पानी के संरक्षण, जल पुनर्भरण एवं जन उपयोगी अन्य विषयों के बारे में बताया।
तदुपरांत डाॅ. पूनिया ने संस्था के काॅन्फ्रेंस हाॅल में प्राध्यापकगणों को एआईसीटीई के माॅडल पाठ्यक्रम की जानकारी पीपीटी द्वारा दी। उन्होंने कहा कि देष भर में इंजीनियरिंग में लगभग 35 लाख सीटों में से केवल लगभग 20 लाख पर प्रवेष होते हैं तथा 6 से 7 लाख ही नौकरी प्राप्त कर पाते हैं, इस समस्या से निदान के लिए वर्तमान पाठ्यक्रम तथा षिक्षण पद्धति में परिर्वतन लाने की आवष्यकता है। विद्याथियों में आधुनिक तकनीक तथा प्रेक्टिकल ज्ञान की महती आवष्यकता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए एआईसीटीई ने देष के सभी इंजीनियरिंग विष्वविद्यालयों में इस माॅडल पाठ्य्क्रम को अपने अनुरूप लागू करने की बात कही।
वाइस चांसलर डाॅ. गुप्ता ने कहा कि आरजीपीवी देष की पहली यूनिवर्सिटी है जो कि आगामी सत्र से माॅडल पाठ्यक्रम लागू कर रही है। उन्होंने इन्टर्नषिप तथा टेªनिंग के संबंध में आरजीपीवी द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। इसके बाद सभी अतिथियों ने बिल्डिंग मटेरियल्स एवं हाऊसिंग टेक्नाॅलाजी पर होने वाले इंटरनेषनल सेमीनार की वेबसाईट का शुभारंभ किया। साथ ही एसएटीआई के विद्यार्थियों के लिये मोबाईल एप भी लांच किया गया। इस एप के द्वारा विद्यार्थियों को उपस्थिति, पाठ्यक्रम, परीक्षा तिथि, परीक्षा परिणाम, फीस तथा अन्य संबंधित जानकारी मोबाईल के द्वारा प्राप्त हो सकेगी। जानकारी, इसके बाद संस्था में नव-निर्मित सेन्टर आॅफ एक्सिलेंस फाॅर एम्बेडेड डिज़ाइन एण्ड सिमयुलेषन तथा एसएटीआई बिल्डिंग सेंटर में कौषल विकास केन्द्र का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के अंत में संस्था संचालक डाॅ. जेएस चैहान ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार व्यक्त किया।
यह हुए कार्यक्रम:
“रीसेन्ट ट्रेन्ड एण्ड चेलेन्जे़स इन बायो-फ्यूल टेक्नाॅलाजी एण्ड कम्वषन” विषय पर 05 दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
बिल्डिंग मटेरियल्स एवं हाऊसिंग टेक्नाॅलाजी पर होने वाले इंटरनेषनल सेमीनार की वेबसाईट का शुभारंभ
एसएटीआई के विद्यार्थियों के लिये मोबाईल एप लांच
नव-निर्मित सेन्टर आॅफ एक्सिलेंस फाॅर एम्बेडेड डिज़ाइन एण्ड सिमयुलेषन का उद्घाटन
एसएटीआई बिल्डिंग सेंटर में कौषल विकास केन्द्र का उद्घाटन
सेन्टर आॅफ एक्सिलेंस इन ट्रेंचलेस टेक्नाॅलाॅजी की पत्रिका का विमोचन
दतिया में पत्रकारिता विश्वविद्यालय परिसर का शुभारंभ आज
11 May 2018
जनसम्पर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र के प्रयासों से दतिया में प्रारंभ माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का परिसर 12 मई से शुरू होगा।
दतिया में शुरू हो रहा यह परिसर सिर्फ दतिया नगर ही नहीं, बल्कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पत्रकारिता प्रशिक्षण की आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय के परिसर के लिए जिला प्रशासन ने भवन व्यवस्था की है। परिसर में इसी सत्र से पाठ्क्रम प्रारम्भ होगा। विद्यार्थियों द्वारा विश्वविद्यालय के बी.ए. (जनसंचार), बी.कॉम. (कम्प्यूटर), पीजीडीसीए, डीसीए आदि पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया जा सकेगा।
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता वि.वि. जनसंचार की
तीन विभूतियों को प्रदान करेगा मानद उपाधि
11 May 2018
भोपाल, 11 मई। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय पत्रकारिता, जनसंचार एवं लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय एवं सृजनात्मक योगदान के लिये तीन विभूतियों को डी.लिट. की मानद उपाधि से सम्मानित करेगा। विश्वविद्यालय द्वारा 16 मई को आयोजित तृतीय दीक्षांत समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार एवं पर्यावरण संचार के क्षेत्र में कार्यरत श्री अमृतलाल वेगड़, वयोवृद्ध पत्रकार श्री माधव गोविंद वैद्य एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री महेश श्रीवास्तव को विद्या वाचस्पति (डी.लिट.) की मानद उपाधि प्रदान की जायेगी। भारत के उपराष्ट्रपति माननीय श्री वेंकैया नायडू उन्हें यह उपाधि देकर सम्मानित करेंगे।
समारोह में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं महापरिषद के अध्यक्ष श्री शिवराज सिंह चौहान भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। म.प्र. विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा विशेष अतिथि होंगे। दीक्षांत समारोह अपरान्ह 4.00 बजे विधानसभा ऑडिटोरियम में आयोजित किया जायेगा। इस अवसर पर जुलाई 2009 से जून 2017 तक विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण स्नातकोत्तर विद्यार्थियों और पीएच.डी. शोधार्थियों को उपाधियां प्रदान की जायेगी। उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थी भारतीय वेशभूषा में होंगे। विश्वविद्यालय ने इन सभी विद्यार्थियों का ऑनलाईन पंजीयन किया है।
एस.ए.टी.आई. में ”अंतराष्ट्रीय ऊर्जा दिवस“ पर एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन
3 May 2018
विदिशा - एस.ए.टी.आई. विदिशा में 3 मई 2018 को एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन संस्था की स्मार्ट क्लास रूम में इलेक्ट्रिकल तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस सेमीनार में मुख्य अतिथि तथा विषय विषेशज्ञ के रूप में म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. भोपाल से आये एग्जीक्युटिव इंजीनियर श्री संजय कुमार वर्मा उपस्थित रहे। स्मार्ट क्लास रूम में इस सेमीनार का शुभारंभ माँ सरस्वती की पूजा के साथ हुआ। संस्था के संचालक डाॅ. जे.एस. चैहान ने आये हुए अतिथि का स्वागत पुष्प गुच्छ भेंट कर किया। इसके पश्चात उन्होंने अपने उद्बोधन में ऊर्जा संरक्षण की जरूरत को इंगित किया। इसके पश्चात इलेक्ट्रिकल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एस. फुलम्ब्रीकर तथा मैकेनिकल विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. पंकज अग्रवाल ने अतिथि स्वागत के साथ-साथ ऊर्जा के अपव्यय रोकने पर जोर दिया।
मुख्य अतिथि तथा वक्ता श्री संजय कुमार वर्मा ने उनके विभाग तथा म.प्र. सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसे कि सोलर पार्क तथा सोलर रूफ टाॅप के बारे में विस्तार से बताया इसके साथ-साथ उन्होंने रिन्युवल एनर्जी की वर्तमान जरूरत तथा स्थिति के बारे में भी बताया। इस सेमीनार के समन्वयक डाॅ. आशीष आर. खैरा तथा डाॅ. आशीष के. बोहरे ने उपस्थित अतिथिगणों का स्वागत करते हुए ऊर्जा के समुचित इस्तेमाल पर जोर दिया तथा सभी को इस सेमीनार में सम्मिलित होने के लिए धन्यवाद दिया इस दौरान भारी संख्या में छात्र तथा शिक्षकगण उपस्थित रहे एवं मुख्य अतिथि से ऊर्जा क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस सेमीनार के दौरान मंच संचालन प्रो. सुमित ढिल्लन ने किया।
पत्रकारिता एवं संस्मरण साहित्य में बनारसीदास चतुर्वेदी के योगदान पर संगोष्ठी आज
1 May 2018
भोपाल, 01 मई। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से 2 मई को दोपहर 12:00 बजे से स्वतंत्रतासेनानी एवं संपादक स्वर्गीय पंडित बनारसीदास चतुर्वेदी के पुण्यतिथि अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर 'पत्रकारिता एवं संस्मरण साहित्य में बनारसीदास चतुर्वेदी का योगदान' विषय पर विमर्श किया जाएगा। आयोजन में वरिष्ठ साहित्यकार गुणसागर सत्यार्थी, वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल, शिक्षाविद् गुरुशरण सिंह और डॉ. अपूर्व चतुर्वेदी शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री जगदीश उपासने करेंगे। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित होगा।
मध्यप्रदेश की पत्रकारिता में पंडित बनारसीदास चतुर्वेदी का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने 'विशाल भारत' और 'मधुकर' जैसे समाचार-पत्रों का संपादन किया था। मधुकर के माध्यम से उन्होंने साहित्यिक एवं सांस्कृति पत्रकारिता का कीर्तिमान रचा था। वहीं, विशाल भारत के माध्यम से उन्होंने हिंदी लेखकों-पाठकों को ऐसा वातावरण दिया, जिससे अनेक नये लेखक सामने आए। उन्हें इस बात का श्रेय भी जाता है कि उन्होंने युवा लेखकों को लेखन के लिए भरपूर अवसर उपलब्ध कराया। उन्होंने सदैव समाजोपयोगी लेखन को महत्व दिया था। उल्लेखनीय है कि स्व. चतुर्वेदी 12 वर्ष तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे थे।
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय का तृतीय दीक्षांत समारोह 16 मई को, उपराष्ट्रपति होंगे मुख्य अतिथि
27 April 2018
भोपाल, 27 अप्रैल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का तृतीय
दीक्षांत समारोह 16 मई को आयोजित किया जा रहा है। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति श्री
वैंकैया नायडू रहेंगे। उपराष्ट्रपति विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष भी हैं। समारोह में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन
पटेल और विश्वविद्यालय महापरिषद के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहेंगे।
शुक्रवार को कुलपति श्री जगदीश उपासने ने विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, अधिकारियों और
कर्मचारियों के साथ बैठक आयोजित कर दीक्षांत समारोह की तैयारियों पर चर्चा की। दीक्षांत समारोह भारतीय
वेशभूषा में संपन्न होगा। विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में जून-2009 से जून-2017 तक के उत्तीर्ण
स्नातकोत्तर विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को उपाधि प्रदान की जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट
या एमपी ऑनलाइन पर उपलब्ध निर्धारित प्रपत्र ८ मई से पूर्व भर कर विद्यार्थी दीक्षांत समारोह में उपाधि
प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
'समाज में पत्रकारिता का सृजनात्मक हस्तक्षेप आवश्यक'
25 April 2018
भोपाल, 25 अप्रैल। मीडिया आज पूरे विश्व में यथार्थ की रचना करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। मीडिया में यह शक्ति है कि वह समाज के मानस को प्रभावित भी कर सकता है और मानस बना भी सकता है। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सृजनात्मक हस्तक्षेप हो। समाज में एक अच्छा परिवेश बने, इसके लिए नयी पीढ़ी को सृजनात्मक पत्रकारिता के लिए आना चाहिए। यह विचार महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने व्यक्त किए। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के वार्षिकोत्सव प्रतिभा-2018 के पुरस्कार वितरण समारोह में वे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में फिल्मकार श्री राजेन्द्र जांगले और वरिष्ठ पत्रकार शरद द्विवेदी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति श्री जगदीश उपासने ने की। इस अवसर पर विजेता विद्यार्थियों को अतिथियों ने पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र दिए।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता की दुनिया सरल नहीं है, बल्कि कांटों भरी है। तमाम दबाव और प्रलोभन आते हैं। इन सबसे बचते हुए हमें आगे बढऩा चाहिए। आज मीडिया की बहुत आलोचना होती है, किंतु हमें याद रखना चाहिए कि तमाम आलोचनाओं के बीच मीडिया ने समाज हित में कई आंदोलनों को मजबूती दी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारा सामाजिक परिवेश बन रहा है, उसमें हमें यह विचार करना चाहिए कि हम क्या करें और क्या न करें। प्रो. मिश्र ने कहा कि जिसमें लोक कल्याण का भाव हो, हमें उसी कार्य को करना चाहिए। किस तरह के समाचार को प्रकाशित-प्रसारित किया जाए और किस तरह के समाचार को रोका जाए, आज यह विचार करने की आवश्यकता है। प्रो. मिश्र ने कहा कि युवाओं के दिल में भारत बसता है। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति से बताया है कि समाज के प्रति उनके मन में गहरी संवेदनाएं हैं। निश्चित ही यह युवा अपनी कलम के माध्यम से भारत की विरासत और संस्कृति को आगे बढ़ाएंगे।
सोशल मीडिया का संभलकर करें उपयोग : प्रो. मिश्र ने कहा कि सोशल मीडिया एक तरह से व्यक्तिगत मीडिया है। यहाँ हम बिना किसी दायित्व के कुछ भी साझा करते हैं। बाद में उसका प्रभाव समझ में आता है। अनेक अवसर पर सोशल मीडिया में साझा की गई हमारी सामग्री समाज पर प्रतिकूल प्रभाव छोड़ती है। इसलिए जब भी हम सोशल मीडिया में कोई प्रतिक्रिया दें, तो बहुत सावधानी रखें।
जीतने के भाव से प्रतियोगिता में हों शामिल : कुलपति श्री जगदीश उपासने ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हमें प्रत्येक प्रतियोगिता में जीतने के भाव से शामिल होना चाहिए। जीवन की किसी भी प्रतियोगिता में जीतने के लिए आवश्यक तत्व हैं- रुचि, जुड़ाव और समर्पण। यह तत्व होंगे तो हम हर विधा में विजय प्राप्त करेंगे। मीडिया को भी स्पद्र्धा की तरह लिया जाना चाहिए। श्री उपासने ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि हमें अपने दिल-दिमाग की खिड़कियां खुली रखनी चाहिए, ताकि विविध विचार आ सकें और इसके साथ ही अपने पैर जमीन पर रखना चाहिए। सब विचारों को समझ कर ही हम जीवन में विजय प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री शरद द्विवेदी और श्री राजेन्द्र जांगले ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस अवसर पर श्री जांगले के निर्देशन में तैयार की गई डॉक्युमेंट्री 'चंदेरीनामा' का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा भी उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने किया और कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजीव गुप्ता ने किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में विजेता विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की पत्रिका ‘मीडिया नवचिंतन’ के ज्ञान संगम पर केन्द्रित अंक और विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभा-2018 पर केन्द्रित एमसीयू समाचार पत्रिका का विमोचन किया गया।
जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी में वर्ष भर मनाया गया 5 साल पूरा होने का जश्न
24 April 2018
जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी ने 24 अप्रैल, 2013 में अपनी आधिकारिक शुरुआत के साथ ही,
स्वयं को गौरवशाली परंपरा के साथ एक ही अकादमिक गुणवत्ता वाली यूनिवर्सिटी के रूप में भी स्थापित किया है|
मध्य भारत की एकमात्र ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने आज अपनी 5 वर्ष की सफलतम यात्रा को 1 साल तक चले लगातार
जश्न के पूरा किया है | बीते 5 वर्षों में, जेएलयू एक अग्रणी एवं सशक्त उच्च श्रेणी संस्थान के रूप स्थापित हुआ है |
यहाँ नामी फैकल्टी, होशियार स्टूडेंट्स तथा श्रेष्ठ पोस्ट डॉक्ट्रेट रिसर्चर्स मिलकर बेहतरीन इंडस्ट्री अनुकूल सुविधाओं
द्वारा नए ज्ञान का विकास करते हैं | इसी के साथ यूनिवर्सिटी सहयोग और सामंजस्य का भी एक मापदंड बनी है,
जहाँ विभिन्न क्षेत्रों में हुई पार्टनरशिप द्वारा रिसर्च में वृद्धि व उसके प्रभावशाली नतीजों से विश्वभर में सुधार की
प्रक्रिया होगी |
जेएलयू के चांसलर श्री हरिमोहन गुप्ता ने कहा " एक संस्थान के लिए 5 वर्ष मील के पत्थर की तरह है | इस सफलता
में जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के हजारों स्टूडेंट्स, फैकल्टी, पेरेंट्स एवं पार्टनर्स के साथ संस्थान से जुड़ा प्रत्येक
व्यक्ति शामिल है | मैं आशा करता हूँ, इनमें से कई मित्र आज इस महत्वपूर्ण दिन के जश्न में हमारे साथ शामिल
रहेंगे | मुझे लगता है, जेएलयू एक यूनिवर्सिटी के रूप में भारत और विश्व के किसी भी भाग की पहुँच में है और यह
हमें मनुष्य के रूप में अपनी प्रतिष्ठा, अधिकार और कौशल को अधिक मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है| इस
विशेष अवसर पर मैं सभी jsws सोसाइटी मेंबर्स, स्टूडेंट्स, फैकल्टी तथा हमारे पार्टनर्स को उनकी उपलब्धि के लिए
बधाई देता हूँ और कामना करता हूँ यह सफलता इसी तरह आगे भी बरक़रार रहेगी "
हरिमोहन जी का यह भी कहना है " जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी ने पिछले 5 वर्षों में हजारों लोगों के जीवन पर
अपना प्रभाव छोड़ा है "
अपनी 5 वीं वर्षगांठ स्थापना दिवस के अवसर पर भोपाल में 24 अप्रैल 2018 को हुए गरिमामय कार्यक्रम में जहाँ
स्टूडेंट्स, फैकल्टी, एलुमनाई, एवं कई देश और अंतर्राष्ट्रीय पार्टनर्स एक मंच पर आये | इस अवसर पर जेएलयू हाई
प्रोफाइल लीडरशिप बोर्ड भी लांच कर रहा है, जो इसकी अपैक्स बॉडीज की सहयोगी बनकर ऐकडेमिक-इंडस्ट्री
इंटरफ़ेस बनाने का दायित्व निभाएगी |
वहीं यूनिवर्सिटी के ही स्टूडेंट्स द्वारा तैयार और चलाये जाने वाले आईपी रेडियो चैनल लेकसिटी वॉइस का भी
उद्धघाटन इस अवसर पर किया जायेगा | अपनी परंपरा को निभाते हुए जेएलयू निरंतर इस तरह के अनूठे इवेंट्स
करता रहेगा, जिसकी सूचना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध रहा करेगी |
काइज़ेन प्राइवेट इक्विटी के पार्टनर और जेएलयू लीडरशिप बोर्ड के सदस्य श्री नीरव खम्बाती का कहना है: इनोवेशन
जेएलयू की पहचान है, यही कारण है की जेएलयू को पिछले 5 वर्षों में उसके उत्कृष्ट टीचिंग और रिसर्च क्षमता के
साथ ही समाज में विशेष योगदान दे पाने की उसकी दक्षता के कारण ही निरंतर सफलता प्राप्त होती रही है| मध्य
भारत की यह एकमात्र यूनिवर्सिटी है जो ऐसे मापदंड स्थापित करने में कामयाब रही है |
संविधान साक्षरता का अभियान पूरे देश में चलाना चाहिए-श्री पतंगे
11 April 2018
भोपाल 11 अप्रैल, 2018| भारतीय संविधान एवं कानून का पालन देश के प्रत्येक नागरिक को करना चाहिए। भारतीय संविधान की जानकारी सभी को होना चाहिए। इसके लिए एक व्यापक संविधान साक्षरता की आवष्यकता है। यह विचार प्रख्यात पत्रकार एवं सामाजिक चिंतक श्री रमेश पतंगे ने व्यक्त किए। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में बाबा साहब डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर जयंती प्रसंग पर ‘‘बाबा साहब आम्बेडकर और भारतीय संविधान‘‘ विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में बोल रहे थे।
इस अवसर पर श्री पतंगे ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र के विकास के लिए सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने संविधान निर्माण की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में देश को एक ऐसा संविधान दिया जो देश के प्रत्येक नागरिक के उत्थान की बात करता है। उन्होंने कहा कि डॉ. आम्बेडकर यह मानते थे कि विविधता से भरे इस विशाल देश में सभी नागरिकों के हितों के संरक्षण की बात भारतीय संविधान में होनी चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। देश के सभी नागरिकों में संविधान के प्रति गहरी आस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान को समझने के लिए संविधान के दर्शन को समझना होगा, क्योंकि संविधान के प्रत्येक शब्द का अर्थ व्यापक है। उन्होंने कहा कि इस देश में जो जन्मा है, उसे पूरे आत्म सम्मान एवं समानता के साथ जीने का पूर्ण अधिकार है और यह अधिकार भारतीय संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को प्राप्त होते हैं।
इस अवसर पर अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जगदीश उपासने ने कहा कि इस देश को आधुनिक लोकतंत्र बनाने में बाबा साहब आम्बेडकर का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने आधुनिक लोकतंत्र के लिए स्वतंत्रता, न्याय, समानता और बंधुत्व की भावना को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. आम्बेडकर के प्रयासों से ही अनेक श्रमिक संगठन एवं युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं का गठन हुआ है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा ने कहा कि डॉ. भीमराव आम्बेडकर को आम्बेडकर नाम उनके गुरू ने दिया था। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों सहित विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक श्री अरूण खोबरे ने किया।
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय का तृतीय दीक्षांत समारोह 24 अप्रैल को, उपराष्ट्रपति होंगे मुख्य अतिथि
6 April 2018
भोपाल, 06 अप्रैल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का तृतीय दीक्षांत समारोह 24 अप्रैल को आयोजित हो रहा है। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति श्री वैंकैया नायडू रहेंगे। उपराष्ट्रपति विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष भी हैं। समारोह में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल और विश्वविद्यालय महापरिषद के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहेंगे। दीक्षांत समारोह का आयोजन विधानसभा भवन के सभागार में 10:30 बजे से होगा।
कुलपति श्री जगदीश उपासने ने विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक आयोजित कर दीक्षांत समारोह की तैयारियों पर चर्चा की है। दीक्षांत समारोह भारतीय वेशभूषा में संपन्न होगा। विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में जून-2009 से जून-2017 तक के उत्तीर्ण स्नातकोत्तर विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को उपाधि प्रदान की जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट या एमपी ऑनलाइन पर उपलब्ध निर्धारित प्रपत्र 15 अप्रैल से पूर्व भर कर विद्यार्थी दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
समाधान के लिए कश्मीर के समाज को गहराई से समझना आवश्यक : प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री
4 April 2018
भोपाल, 04 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर की समस्या को समझने के लिए वहाँ के समाज को गहराई से समझना जरूरी है। हमें जम्मू-कश्मीर के इतिहास और आतंरिक व्यवस्था को समझना चाहिए। एक बहुत छोटा समुदाय कश्मीर के मूल लोगों पर अधिपत्य जमाना चाहता है, जिसके कारण वहाँ समस्या पैदा हुई है। यह विचार हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति एवं हिमालय क्षेत्र के विशेषज्ञ प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री ने व्यक्त किए। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती प्रसंग पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जनसंपर्क एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और कुलपति श्री जगदीश उपासने भी उपस्थित रहे।
'कश्मीर समस्या और समाधान' विषय पर प्रो. अग्निहोत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात अब सुधर रहे हैं। कश्मीर के युवाओं को यह बात समझ आ रही है कि अरब से आए गिलानी और सैय्यद जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व पर कब्जा जमाना चाहते हैं। सरकारों ने भी अभी तक कश्मीर के मूल लोगों से चर्चा नहीं की है। जब भी कश्मीर के भीतर की समस्या को समझने के लिए संवाद किया जाता है, तब गिलानी और सैय्यदों से ही बात की जाती है। वास्तव में जम्मू-कश्मीर में जो समस्या है, उसे समझने और समाधान के लिए वहाँ के मूल नागरिकों से संवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बात गलत है कि महाराजा हरि सिंह भारत में जम्मू-कश्मीर का विलय नहीं चाहते थे। ऐतिहासिक तथ्यों को रेखांकित करने हुए प्रो. अग्निहोत्री ने कहा कि भारत के अंतिम वायसराय के लगातार प्रयासों के बावजूद भी महाराजा ने पाकिस्तान में शामिल होना स्वीकार नहीं किया। भारत के पहले प्र्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी चाहते थे कि जम्मू-कश्मीर का विलय भारत में ही हो। किंतु, उन्होंने इसके लिए शर्त यह रख दी थी कि शेख अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर राज्य का प्रधानमंत्री बनाया जाए और विलय का प्रस्ताव भी उन्हीं के माध्यम से आए। जबकि देश की सभी रियासतों के राजे-महाराजाओं ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।
बकरों से बात करते हैं शेरों से नहीं :
प्रो. अग्निहोत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पाँच हिस्सों में है- जम्मू, लद्दाख, कश्मीर घाटी, गिलगित और बाल्टिस्तान। इनमें से गिलगित और बाल्टिस्तान पाकिस्तान के कब्जे में है। उन्होंने कहा कि जम्मू और लद्दाख में कोई समस्या नहीं है। कश्मीर घाटी में भी गुर्जर, हिंदू सिख और कश्मीर मूल के मुस्लिम भारत के समर्थन में रहते हैं। भारतीय सेना का सहयोग भी करते हैं। किंतु, यहाँ मात्र दो प्रतिशत समुदाय ऐसा है, जो विदेशी मूल का है और राज्य में अशांति फैला रहा है। इनका मूल अरब है। इन्हें बकरों के रूप में जम्मू-कश्मीर में जाना जाता है। जबकि कश्मीर मूल के लोगों को शेर कहा जाता है। हमारी सरकारें बकरों से बात करती रही हैं, किंतु शेरों से नहीं।
भारत को ताकतवर बनने से रोकने के लिए किया अंग्रेजों ने किया विभाजन :
प्रो. अग्निहोत्री ने कहा कि अंग्रेजों ने एक रणनीति के तहत भारत-पाकिस्तान का विभाजन किया। अंग्रेजों को डर था कि भारत ताकतवर न हो जाए, इसलिए उन्होंने लैंडरूट समाप्त करने के लिए पाकिस्तान बनाया और अंतिम समय तक प्रयास किया कि जम्मू-कश्मीर भी पाकिस्तान का हिस्सा बने। पाकिस्तान न बनाया गया होता तो भारत लैंडरूट के जरिए अफगानिस्तान, इरान और तुर्क से जुड़ा होता।
विद्यार्थी पत्रकार ही नहीं, श्रेष्ठ नागरिक भी बनें :
विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जगदीश उपासने ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि पत्रकारिता एक जिम्मेदारी का कार्य है। हमारा प्रयास रहेगा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पत्रकार के साथ-साथ अच्छे नागरिक बनें। ताकि वह राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी को ठीक से निभा सकें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी को पढ़ें और उनकी दिखाई राह पर चलें।
माखनलाल चतुर्वेदी की आंदोलनकारी पत्रकारिता पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन :
इस अवसर पर रतौना आंदोलन और कर्मवीर की पत्रकारिता पर केंद्रित शोधपूर्ण पुस्तक 'रतौना आंदोलन : हिंदू-मुस्लिम एकता का सेतुबंध' पुस्तक का विमोचन भी किया गया। पुस्तक का प्रकाशन विश्वविद्यालय ने किया है। विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव एवं पुस्तक के संपादक श्री लाजपत आहूजा ने पुस्तक का परिचय देते हुए कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी ने अपने समाचार-पत्र 'कर्मवीर' के माध्यम से पत्रकारिता को एक दिशा दी थी। पत्रकारिता को उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष का हथियार बनाया। 1920 में सागर के निकट रतौना में अंग्रेजों ने वृहद कसाईखाना खोलने की योजना बनाई थी। इस कत्लखाने में सिर्फ गायें नहीं काटी जानी थी, बल्कि हिंदू-मुस्लिम समाज को बाँटने का भी षड्यंत्र अंग्रेजों ने रचा था। किंतु, माखनलाल चतुर्वेदी ने कर्मवीर में रतौना के विरुद्ध लगातार अभियान चला कर अंग्रेजों के विरुद्ध देश व्यापी आंदोलन खड़ा कर दिया था। इस आंदोलन में उन्हें जबलपुर के पत्रकार मौलवी ताजुद्दीन और सागर के पत्रकार भाई अब्दुल गनी का भी भरपूर साथ मिला। अंतत: इस आंदोलन के कारण मध्यभारत में पहली बार अंग्रेज परास्त हुए थे। उन्हें कत्लखाना खोलने का अपना निर्णय तीन महीने के अंदर वापस लेना पड़ा। पराधीन भारत में इसे पत्रकारिता की सबसे बड़ी जीतों में से एक जीत माना जाता है। पुस्तक का लेखन विश्वविद्यालय के दीपक चौकसे, लोकेन्द्र सिंह और परेश उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के आंतरिक समाचार पत्र 'एमसीयू समाचार' का विमोचन भी किया गया। एमसीयू समाचार के संपादक श्री दीपक शर्मा हैं। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी और संचालन डॉ. राखी तिवारी ने किया।
समाधान के लिए कश्मीर के समाज को गहराई से समझना आवश्यक : प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री
4 April 2018
भोपाल, 04 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर की समस्या को समझने के लिए वहाँ के समाज को गहराई से समझना जरूरी है। हमें जम्मू-कश्मीर के इतिहास और आतंरिक व्यवस्था को समझना चाहिए। एक बहुत छोटा समुदाय कश्मीर के मूल लोगों पर अधिपत्य जमाना चाहता है, जिसके कारण वहाँ समस्या पैदा हुई है। यह विचार हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति एवं हिमालय क्षेत्र के विशेषज्ञ प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री ने व्यक्त किए। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती प्रसंग पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जनसंपर्क एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और कुलपति श्री जगदीश उपासने भी उपस्थित रहे।
'कश्मीर समस्या और समाधान' विषय पर प्रो. अग्निहोत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात अब सुधर रहे हैं। कश्मीर के युवाओं को यह बात समझ आ रही है कि अरब से आए गिलानी और सैय्यद जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व पर कब्जा जमाना चाहते हैं। सरकारों ने भी अभी तक कश्मीर के मूल लोगों से चर्चा नहीं की है। जब भी कश्मीर के भीतर की समस्या को समझने के लिए संवाद किया जाता है, तब गिलानी और सैय्यदों से ही बात की जाती है। वास्तव में जम्मू-कश्मीर में जो समस्या है, उसे समझने और समाधान के लिए वहाँ के मूल नागरिकों से संवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बात गलत है कि महाराजा हरि सिंह भारत में जम्मू-कश्मीर का विलय नहीं चाहते थे। ऐतिहासिक तथ्यों को रेखांकित करने हुए प्रो. अग्निहोत्री ने कहा कि भारत के अंतिम वायसराय के लगातार प्रयासों के बावजूद भी महाराजा ने पाकिस्तान में शामिल होना स्वीकार नहीं किया। भारत के पहले प्र्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी चाहते थे कि जम्मू-कश्मीर का विलय भारत में ही हो। किंतु, उन्होंने इसके लिए शर्त यह रख दी थी कि शेख अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर राज्य का प्रधानमंत्री बनाया जाए और विलय का प्रस्ताव भी उन्हीं के माध्यम से आए। जबकि देश की सभी रियासतों के राजे-महाराजाओं ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।
बकरों से बात करते हैं शेरों से नहीं :
प्रो. अग्निहोत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पाँच हिस्सों में है- जम्मू, लद्दाख, कश्मीर घाटी, गिलगित और बाल्टिस्तान। इनमें से गिलगित और बाल्टिस्तान पाकिस्तान के कब्जे में है। उन्होंने कहा कि जम्मू और लद्दाख में कोई समस्या नहीं है। कश्मीर घाटी में भी गुर्जर, हिंदू सिख और कश्मीर मूल के मुस्लिम भारत के समर्थन में रहते हैं। भारतीय सेना का सहयोग भी करते हैं। किंतु, यहाँ मात्र दो प्रतिशत समुदाय ऐसा है, जो विदेशी मूल का है और राज्य में अशांति फैला रहा है। इनका मूल अरब है। इन्हें बकरों के रूप में जम्मू-कश्मीर में जाना जाता है। जबकि कश्मीर मूल के लोगों को शेर कहा जाता है। हमारी सरकारें बकरों से बात करती रही हैं, किंतु शेरों से नहीं।
भारत को ताकतवर बनने से रोकने के लिए किया अंग्रेजों ने किया विभाजन :
प्रो. अग्निहोत्री ने कहा कि अंग्रेजों ने एक रणनीति के तहत भारत-पाकिस्तान का विभाजन किया। अंग्रेजों को डर था कि भारत ताकतवर न हो जाए, इसलिए उन्होंने लैंडरूट समाप्त करने के लिए पाकिस्तान बनाया और अंतिम समय तक प्रयास किया कि जम्मू-कश्मीर भी पाकिस्तान का हिस्सा बने। पाकिस्तान न बनाया गया होता तो भारत लैंडरूट के जरिए अफगानिस्तान, इरान और तुर्क से जुड़ा होता।
विद्यार्थी पत्रकार ही नहीं, श्रेष्ठ नागरिक भी बनें :
विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जगदीश उपासने ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि पत्रकारिता एक जिम्मेदारी का कार्य है। हमारा प्रयास रहेगा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पत्रकार के साथ-साथ अच्छे नागरिक बनें। ताकि वह राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी को ठीक से निभा सकें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी को पढ़ें और उनकी दिखाई राह पर चलें।
माखनलाल चतुर्वेदी की आंदोलनकारी पत्रकारिता पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन :
इस अवसर पर रतौना आंदोलन और कर्मवीर की पत्रकारिता पर केंद्रित शोधपूर्ण पुस्तक 'रतौना आंदोलन : हिंदू-मुस्लिम एकता का सेतुबंध' पुस्तक का विमोचन भी किया गया। पुस्तक का प्रकाशन विश्वविद्यालय ने किया है। विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव एवं पुस्तक के संपादक श्री लाजपत आहूजा ने पुस्तक का परिचय देते हुए कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी ने अपने समाचार-पत्र 'कर्मवीर' के माध्यम से पत्रकारिता को एक दिशा दी थी। पत्रकारिता को उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष का हथियार बनाया। 1920 में सागर के निकट रतौना में अंग्रेजों ने वृहद कसाईखाना खोलने की योजना बनाई थी। इस कत्लखाने में सिर्फ गायें नहीं काटी जानी थी, बल्कि हिंदू-मुस्लिम समाज को बाँटने का भी षड्यंत्र अंग्रेजों ने रचा था। किंतु, माखनलाल चतुर्वेदी ने कर्मवीर में रतौना के विरुद्ध लगातार अभियान चला कर अंग्रेजों के विरुद्ध देश व्यापी आंदोलन खड़ा कर दिया था। इस आंदोलन में उन्हें जबलपुर के पत्रकार मौलवी ताजुद्दीन और सागर के पत्रकार भाई अब्दुल गनी का भी भरपूर साथ मिला। अंतत: इस आंदोलन के कारण मध्यभारत में पहली बार अंग्रेज परास्त हुए थे। उन्हें कत्लखाना खोलने का अपना निर्णय तीन महीने के अंदर वापस लेना पड़ा। पराधीन भारत में इसे पत्रकारिता की सबसे बड़ी जीतों में से एक जीत माना जाता है। पुस्तक का लेखन विश्वविद्यालय के दीपक चौकसे, लोकेन्द्र सिंह और परेश उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के आंतरिक समाचार पत्र 'एमसीयू समाचार' का विमोचन भी किया गया। एमसीयू समाचार के संपादक श्री दीपक शर्मा हैं। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी और संचालन डॉ. राखी तिवारी ने किया।
माखनलाल चतुर्वेदी स्मृति व्याख्यान 4 अप्रैल को, कश्मीर समस्या और समाधान विषय पर होगा विमर्श
2 April 2018
भोपाल, 02 अप्रैल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से प्रतिवर्ष की तरह 4 अप्रैल को स्वतंत्रतासेनानी एवं कवि माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती प्रसंग पर व्याख्यान का आयोजन किया गया है। 'कश्मीर समस्या और समाधान' विषय पर मुख्य वक्तव्य हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री का रहेगा। कार्यक्रम में जनसंपर्क एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा मुख्य अतिथि होंगे और अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जगदीश उपासने करेंगे। कार्यक्रम सायं 4 बजे से समन्वय भवन, तात्या टोपे नगर में आयोजित है।
उल्लेखनीय है कि प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री राष्ट्रीय सुरक्षा के विशेषज्ञ हैं। जम्मू-कश्मीर के संबंध में उनका गहरा अध्ययन है। जम्मू-कश्मीर पर उनकी कई पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रो. अग्निहोत्री पत्रकारिता से भी जुड़े रहे हैं। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिक भी आमंत्रित हैं।
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय एक परिवार'
31 March 2018
भोपाल, 31 मार्च। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में नये कुलपति श्री जगदीश उपासने का स्वागत समारोह और पूर्व कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला का विदाई कार्यक्रम 31 मार्च, शनिवार को आयोजित किया गया। इस अवसर पर पूर्व कुलपति एवं वर्तमान में हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय एक परिवार है। परिवार भाव इस विश्वविद्यालय की शक्ति है। इसी कारण यह निरंतर आगे बढ़ रहा है।
प्रो. कुठियाला आठ साल से विश्वविद्यालय के कुलपति थे। उन्होंने 23 मार्च को कुलपति का कार्यभार श्री जगदीश उपासने को सौंपा। उल्लेखनीय है कि प्रो. कुठियाला ने हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद में संस्थापक अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित औपचारिक विदाई समारोह में उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय को वह उपासना स्थल के रूप में भी देखते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने उनके व्यक्तित्व में एक नया और सुखद अध्याय जोड़ा है। जिस तरह माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय अपने सभी अध्यापकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को गढ़ता है, उसी तरह इस विश्वविद्यालय ने उनको भी गढ़ा है।
इस अवसर पर नये कुलपति श्री जगदीश उपासने ने कहा कि आठ साल में विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय विस्तार एवं प्रगति की है। शिक्षा जगत में अपना स्थान बनाया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विश्वविद्यालय ने मीडिया के क्षेत्र में आ रहे परिवर्तनों एवं नवीनतम तकनीकी को समझ कर अपने पाठ्यक्रम प्रारंभ किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रो. कुठियाला जिस स्थान तक विश्वविद्यालय को लेकर आए हैं, हम इसे वहाँ से और आगे तक लेकर जाएंगे। इस अवसर पर कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा ने कहा कि निवर्तमान कुलपति प्रो. कुठियाला ने विश्वविद्यालय में प्रशासनिक एवं अकादमिक, दोनों ही प्रकार की भूमिकाएं बहुत ही जिम्मेदारी और दूरदृष्टि के साथ निभाई हैं। कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. देवेन्द्र दीपक ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन भी अच्छे से करता है। आज विश्वविद्यालय का हिस्सा होकर प्रत्येक अध्यापक एवं विद्यार्थी गौरव की अनुभूति करता है। विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने नये कुलपति एवं पूर्व कुलपति का स्वागत किया और अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने किया।
इस अवसर पर संचार की भारतीय ज्ञान परंपरा पुस्तक श्रृंखला में वरिष्ठ पत्रकार साकेत दुबे की पुस्तक “श्रीरामचरित मानस में संचार की पद्धति एवं परम्परा” का विमोचन भी किया गया। पुस्तक का प्रकाशन विश्वविद्यालय ने किया है
प्रबंधन विभाग ने रोमांचक मुकाबले में जीता क्रिकेट का फाइनल मुकाबला
28 March 2018
भोपाल, 28 मार्च। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित 'प्रतिभा-2018' के अंतर्गत खेलकूद प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया। क्रिकेट का फाइनल मुकाबला प्रबंधन विभाग और विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के बीच खेला गया। निखिल अरविंद की आतिशी पारी (54 रन) की दम पर प्रबंधन विभाग ने प्रतिभा-2018 क्रिकेट के फाइनल मुकाबले में विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग पर शानदार जीत दर्ज की। प्रबंधन विभाग ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सलामी बल्लेबाज अरविंद की अर्धशतकीय पारी की मदद से विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के सामने 12 ओवर में 91 रनों का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करते हुए विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से सलामी बल्लेबाज अच्युत शर्मा ने 27 रन की पारी खेली, लेकिन वह अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके। प्रबंधन विभाग की ओर से सौरभ सुमन ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट चटकाए और जनसंपर्क विभाग को 83 रन पर ही समेट दिया।
खेलकूद समन्वयक रवि मोहन शर्मा ने बताया कि प्रतिभा-2018 के अंतर्गत आयोजित क्रिकेट प्रतिस्पद्र्धा में आठ टीमों ने हिस्सा लिया। शुरुआती मैचों में जीत दर्ज कर प्रबंधन, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, जनसंचार और विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग की टीम सेमीफाइनल में पहुँचीं। पहला सेमीफाइनल मुकाबला इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग और विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के बीच खेला गया। यह मुकाबला अत्यंत रोमांचक रहा, जिसे अंतिम गेंद पर चौका मारकर विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग ने जीत लिया। दूसरा सेमीफाइनल प्रबंधन और जनसंचार विभाग के बीच खेला गया। इस मुकाबले में प्रबंधन विभाग ने आसान जीत दर्ज की।
बैडमिंटन में नवीन मीडिया विभाग रहा सबसे आगे :
प्रतिभा-2018 के अंतर्गत आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में नवीन मीडिया विभाग का दबदबा रहा। पुरुष सिंगल्स में नवीन मीडिया विभाग के शुभम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। दूसरे स्थान पर भी नवीन मीडिया विभाग के चैतन्य राखयानी रहे। पुरुष डबल्स में भी नवीन मीडिया विभाग के चैतन्य राखयानी और शिवम पहले स्थान पर रहे। विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के अच्युत और मोहित दूसरे स्थान पर रहे। मिक्स डबल्स में विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के अच्युत और प्रशंसा ने पहला स्थान प्राप्त किया। जबकि नवीन मीडिया विभाग के शिवम और सलोनी दूसरे स्थान पर रहे। महिला सिंगल्स में पिछली बार की विजेता जनसंचार विभाग की कीर्ति खन्ना ने इस बार भी शीर्ष स्थान प्राप्त किया। जबकि प्रबंधन विभाग की कीर्ति श्रीवास्तव दूसरे स्थान पर रहीं। महिला डबल्स में जनसंचार विभाग की कीर्ति खन्ना और कीर्ति पहले स्थान पर रहीं, जबकि प्रबंधन विभाग की कीर्ति श्रीवास्तव और व्याख्या तिवारी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।
जनसंचार विभाग ने जीता फुटबॉल :
प्रतिभा-2018 के अंतर्गत फुटबॉल प्रतिस्पद्र्धा में फाइनल मुकाबला जनसंचार विभाग और विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के बीच खेला गया। मुकाबला अत्यंत रोमांचक रहा। कोई भी टीम गोल दागने में सफल नहीं हो सकी। अंत में पेनाल्टी शूट का अवसर दोनों टीमों को दिया गया, जिसमें जनसंचार विभाग की टीम ने 4-2 से जीत प्राप्त की। पेनाल्टी शूटआउट में जनसंचार विभाग की ओर से वैभव, विशांत, आयुष पांडे और अमृत ने एक-एक गोल दागे। जबकि जवाब में विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग की टीम विशाल नेमा और सिद्धांत के एक-एक गोल की मदद से केवल दो गोल ही कर पाई।
इससे पूर्व भेल स्थित एनसीसी फुटबॉल मैदान पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग, जनसंचार विभाग, नवीन मीडिया विभाग और विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग ने अपने सेमीफाइनल मुकाबले खेले। पहला सेमीफाइनल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और जनसंचार विभाग के बीच खेला गया। जनसंचार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को 2-1 से जीत दर्ज की। वहीं, दूसरे सेमीफाइनल में विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग ने नवीन मीडिया तकनीकी विभाग को 2-1 से परास्त किया।
TTLML-2018 का आयोजन
मध्यप्रदेश लाइब्रेरी एसोसिएशन व स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी का संयुक्त आयोजन
25 March 2018
स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में आज मॉडर्न लाइब्रेरी मैनेजमेंट पर एक नेशनल सेमिनार आयोजित किया गया । मध्यप्रदेश लाइब्रेरी एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस सेमिनार में देश भर से आए 130 लाइब्रेरियंस ने भाग लिया । सेमिनार को 15 से ज्यादा विषय विशेषज्ञों/ वक्ताओं ने संबोधित किया तथा लाइब्रेरियंस को एक ट्रेडीशनल लाइब्रेरी को मॉडर्न लाइब्रेरी में बदलने के तरीके बताए ।
सेमिनार का उदघाटन सुबह 10 बजे हुआ । जिसमें मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय आयोग के अध्यक्ष डॉ अखिलेश पाण्डेय थे । मध्यप्रदेश लाइब्रेरी एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डॉ प्रभात पांडे ने सेमिनार का उदघाटन भाषण दिया । जबकि स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी के मैनेजर लक्ष्मी शरण मिश्रा ने प्रतिभागियों को सेमिनार के विषय से विस्तार से परिचित कराया ।
उदघाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए डॉ अखिलेश पांडे ने कहा
आजकल हाईटेक लाइब्रेरी को ही मॉडर्न लाइब्रेरी समझ लिया जाता है, जो कि एक गलत धारणा है, मॉडर्न लाइब्रेरी वह है जो आज के समय की जरूरतों को पूरा कर सके
मैं हर लाइब्रेरियन से अपील करना चाहूँगा कि वे 'ट्रेडीशनल लाइब्रेरीज़' से सिरे से ना नकारें । हमें असल में ये शोध करने की आवश्यकता है कि हमें असल में कौन सी लाइब्रेरीज़ चाहिए हैं - ट्रेडीशनल या मॉडर्न ।
मेरा अपना मानना कि जब हमारे देश में केवल ट्रेडीशनल लाइब्रेरीज़ थीं तब लाइब्रेरीज़ हमारे ज्यादा काम की थीं, क्योंकि वहाँ हमारी जरूरत की सारी चीज़ें एक ही जगह मिल जातीं थी
मॉडर्न लाइब्रेरीज़ आने से असल में देश में लोगों की पढ़ाई और कम हो गयी है यही कारण है कि लोग आजकल रिसर्च के नाम पर बस कॉपी पेस्ट करने में लगे हैं
मेरा मानना है कि 'लाइब्रेरीज़ सोसाइटी की बैक बोन है" । इसलिए समाज को आगे बढ़ाने के लिए हमें आज के समय की जरूरत के अनुरूप लाइब्रेरीज़ तैयार करनी होंगी
तकनीक का अगर सही इस्तेमाल ना किया जाए तो वह बहुत विध्वंशक हो जाती हैं । देश में रीडिंग कम होने का असल कारण तकनीक ही है
नए नए शोध करने की प्रवत्ति तो भारत में हमेशा रही है पर शोध से निकले ज्ञान को संरक्षित करने की परंपरा नहीं रही इसलिए हमारे पूर्वजों ने हजारों साल में जो भी खोजा वो आज कहीं खो गया है । इसलिए आज हमें समाज में लाइब्रेरी जैसे नॉलेज सेंटर्स विकसित करने की जरूरत है ताकि हम आज की रिसर्च भविष्य की पीढ़ी के लिए सुरक्षित रख सकें
उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता श्री लक्ष्मी शरण मिश्रा ने कहा
लाइब्रेरियन कोई रिकॉर्ड कीपर नहीं अपितु समाज के 'नॉलेज गुरु' हैं । लाइब्रेरियंस तय करते हैं कि समाज अगले 100-200 साल में किस दिशा में आगे बढ़ेगा
इसलिए लाइब्रेरियंस के लिए यह जरूरी है कि वे पहले 'एक अच्छे रीडर बनें' और दुनिया भर में प्रकाशित हो रही किताबों पर नज़र रखें ताकि वे अपने पाठकों की जरूरत के अनुरूप उन्हें किताबें सजेस्ट कर सकें
लोगों की नॉलेज नीड्स आजकल बहुत तेजी से बदल रहीं हैं । हमें इन नीड्स को समझने के लिए समाज के बीच जाना चाहिए और विभिन्न बौद्धिक समूहों में हो रही चर्चाओं में भाग लेना चाहिए
अब वक्त आ गया है जब हम देश में "राइट टू इन्फॉर्मेशन" की तर्ज पर "राइट टू नॉलेज" लागू करें । जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अपनी जरूरत के लिए नॉलेज की मांग कर सकता है और उसे नॉलेज देना लाइब्रेरियंस की बाध्यता हो
MPLA प्रेसीडेंट डॉ प्रभात पांडे ने कहा
अब जरूरत है कि हम लाइब्रेरियंस को दूसरे क्षेत्रों का एक्सपोजर दें ताकि वे समाज में हो रहे बदलावों के साथ कदमताल मिला सकें
साथ ही हमें स्मार्ट लाइब्रेरीज़ की जगह स्मार्ट लाइब्रेरियंस तैयार करने पर ध्यान केन्द्रित करना होगा ।
इस अवसर पर MPLA की आधिकारिक वेबसाइट लॉंच हुई तथा डॉ प्रभात पांडे व डॉ मीनू पांडे द्वारा लिखित पुस्तक "पुस्तकालय स्वचालन एवं सूचना नेटवर्क" नामक पुस्तक का विमोचन किया गया ।
कार्यक्रम में इंटरनेट मैचयोरटी ट्रेनर रघु पांडे ने लाइब्रेरियंस के लिए साइबरस्पेस पर किए जाने वाले व्यवहार के बारे में समझाया ताकि उनकी और उनकी लाइब्रेरीज़ की वर्चुअल इमेज अच्छी बन सके । आईआईएम ग्रेजुएट स्टोरी टेलर निधि अग्रवाल ने लाइब्रेरियंस को आज के जमाने की कई रोचक लिटरेरी एक्टिविटीज़ के बारे में बताया जिससे आज के पाठकों को विशेष रूप से युवाओं को लाइब्रेरीज़ की तरफ आकर्षित किया जा सके ।
कॉर्पोरेट एंड वेलनेस ट्रेनर भास्कर इंद्रकांति ने सबको स्मार्ट लाइब्रेरियन बनने की तरकीबें सुझाई ।
सेमिनार को आईआईएफ़एम के रिटायर्ड लाइब्रेरियन डॉ अर्जुन सिंह , आईआईएसईआर भोपाल के लाइब्रेरियन डॉ संदीप पाठक, एनएलआईयू के लाइब्रेरियन डॉ शिवपाल सिंह कुशवाहा , रीज़नल कॉलेज के लाइब्रेरियन डॉ पी के त्रिपाठी, सागर यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ नीलम थापा के साथ साथ देश भर से आए कई लाइब्रेरियंस व कॉर्पोरेट ट्रेनर्स ने संबोधित किया ।
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जगदीश उपासने ने किया कार्यभार ग्रहण
23 March 2018
भोपाल, 23 मार्च। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 23 मार्च, शुक्रवार को कुलपति पद पर श्री जगदीश उपासने ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। पूर्व कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने श्री उपासने को कार्यभार सौंपा। इस अवसर पर एक औपचारिक एवं परिचय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रो. कुठियाला ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं प्राध्यापकों से श्री उपासने का परिचय कराया। श्री उपासने युगधर्म, जनसत्ता, इंडिया टुडे, हिंदुस्थान समाचार सहित कई प्रमुख समाचार-पत्रों एवं समाचार एजेंसियों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। आप अभी पाञ्चजन्य एवं ऑर्गेनाइजर के समूह संपादक थे। इससे पूर्व श्री उपासने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के नोएडा परिसर में अध्यापन कार्य से भी जुड़े रहे हैं।
गीत-संगीत में दिखाई प्रतिभा, अभिनय से दिया सामाजिक संदेश
23 March 2018
भोपाल, 23 मार्च। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में शुक्रवार को प्रतिभा-2018 के अंतर्गत गीत-संगीत और नाट्य की प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं। विद्यार्थियों ने समूह गायन, एकल वाद्य, एकल अभिनय और माईम की प्रतियोगिताओं में अपनी जोरदार प्रस्तुति से निर्णायकों और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विद्यार्थियों ने अपने अभिनय से स्त्री शक्तिकरण और नशाखोरी जैसे मुद्दों पर सामाजिक संदेश दिया। प्रतिभा के अंतर्गत विद्यार्थियों ने परिसर में खान-पान के स्टॉल भी लगाए।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. आरती सारंग ने बताया कि शुक्रवार को विद्यार्थियों ने माईम के माध्यम से नशाखोरी, एसीड अटैक, महिला अत्याचार के संबंध में महत्वपूर्ण संदेश दिया। इसके साथ ही माईम की एक प्रस्तुति में विद्यार्थियों ने सेना के सम्मान की सीख दी और एक अन्य प्रस्तुति में महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। वहीं, एकल अभिनय में भी विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
सुर-ताल से किया मंत्रमुग्ध :
गीत-संगीत की प्रतियोगिताओं में पत्रकारिता एवं संचार विद्यार्थियों ने निर्णायकों को भी अचंभित कर दिया। समूह गान में विद्यार्थियों ने उडिया, असमी, राजस्थानी एवं हिंदी भाषा के गीतों की जोरदार प्रस्तुति दी। वहीं, एकल वाद्य में संतूर, तबला और हारमोनियम पर विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
: स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ :
प्रतिभा कार्यक्रम में पहली बार विद्यार्थियों ने खान-पान के स्टॉल लगाए। विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों-कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने इन स्टॉल पर स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया। कई व्यंजन विद्यार्थियों ने स्वयं ही बनाए थे। कोल्ड कॉफी, गुलाब जामुन, नींबू पानी, जलजीरा, भेल, चाट-पकौड़ी और पानी-पुरी के स्टॉल पर अच्छी संख्या में लोग पहुंचे। फूड स्टॉल आज भी लगाए जाएंगे।
: आज की प्रतियोगिताएं :
प्रतिभा-2018 में 24 मार्च, शनिवार को एकल गायन (पाश्चात्य), स्किट, एकल और समूह नृत्य की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। यह प्रतियोगिताएं प्रात: 9 से सायं 5 बजे तक आयोजित की जाएंगी।
'मैं नहीं बिकने वालों में, मैं हूँ कड़क खुद्दारों में'
22 March 2018
भोपाल, 22 मार्च। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के वार्षिक सांस्कृतिक एवं खेलकूद आयोजन 'प्रतिभा-2018' के अंतर्गत गुरुवार को स्वरचित काव्यपाठ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। विद्यार्थियों ने अपनी कविताओं से पत्रकारिता, समाज और देश की स्थिति को प्रस्तुत किया और महत्वपूर्ण संदेश भी दिए। प्रशांत मिश्रा ने अपनी कविता में एक ईमानदार और स्वाभिमानी पत्रकार को प्रस्तुत किया- 'जाओ जाकर खरीद लो जो बिकते हों बाजारों में। मैं नहीं बिकने वाला, मैं हूँ कड़क खुद्दारों में।' युवा कवि पंकज कसरादे ने पत्रकार की जिम्मेदारी को कुछ इस तरह बयान किया- 'हुकूमत है बड़ी जालिम, कलम से आग बरसा तू।' युवा कवियों के प्रस्तुति, कविता की उनकी समझ और उनके भाव की सराहना निर्णायक मंडल ने भी की। निर्णायक मंडल में शामिल वरिष्ठ कवि महेन्द्र गगन और डॉ. साधना बलबटे ने कहा कि जिस समय में पत्रकारिता साहित्य से दूर हो रही है, उसी समय में माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय पत्रकारिता को पुन: साहित्य के पास लाने का प्रयास कर रहा है।
काव्यपाठ में प्रतिभागी नचिकेता पुरोहित ने मंजिल की ओर लगातार बढ़ते रहने का संदेश दिया। उनकी कविता की पंक्तियां थीं- 'ले रहे परीक्षा धैर्य की, न चेष्टा है ऐश्वर्य की। नदी-नीर सम बह रहे, न भटकेंगे कभी। धीमे-धीमे चल रहे हैं, मंजिल पा ही लेंगे कभी।' दूसरे प्रतिभागी तेजस्वी ठाकुर ने प्रेम पर कविता पढ़ते हुए कहा- 'हम दोनों में बस इतना फासला है। ना तुझमें हौसला है, ना मुझमें हौसला है।' वहीं, विभव देव शुक्ला ने अपनी कविता में उन विषयों की ओर संकेत किया, जिन पर कलम कम ही चलती है। उनकी कविता की पंक्तियां इस प्रकार थीं- 'लेखन नहीं होता, बाऊजी के उन मजबूत कंधों पर।' प्रकृति दोषी ने छोटी बच्चियों के साथ होने वाली दुष्कर्म की घटना पर मार्मिक कविता प्रस्तुत की- 'शर्म नहीं आई जिसे मेरी बच्ची की चीखों पर। मेरी परी के आंसुओं पर जिसने दया नहीं की। मैं ही बेवकूफ थी, जो लोगों को इंसान समझती थी।' मुहम्मद मामून ने पिता के जीवन पर कविता प्रस्तुत की। उन्होंने पढ़ा- 'वो आज भी टूटे हुए चश्मे से अखबार पढऩे का लुत्फ उठाते हैं। क्योंकि मेरे पापा आज भी पैसे बचाते हैं।' वहीं, देशभक्ति के भाव से ओतप्रोत कविता पढ़ते हुए गजाला अंजुम अहमद ने कहा- 'अगर बन जांऊ मैं शायर तो यही पैगाम लिखूंगी। अर्श से फर्श तक, फर्श से अर्श तक हिंदुस्थान लिखूंगी।' इसके अलावा एस. योगेश्वर शांतनु, श्वेता रानी, शिवाली, निसर्ग, सुमैय्या सहित अन्य प्रतिभागियों ने अपनी कविता से सभागार में उपस्थित निर्णायकों एवं अन्य लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
आकर्षण का केंद्र बना परिधानिका :
सांस्कृतिक कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आरती सारंग ने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रतिभा आयोजन में पहली बार शामिल हुई 'परिधानिका' प्रतियोगिता सबके आकर्षण का केंद्र बन गई। परिधानिका के माध्यम से प्रतिभागियों ने भारत के विभिन्न राज्यों की वेश-भूषा और संस्कृति को प्रदर्शित किया। प्रतिभागियों ने आयोजन स्थल पर 'लघु भारत' को साकार कर दिया। कोई जम्मू-कश्मीर की वेश-भूषा में आया, तो कोई बंगाली साड़ी और कुर्ता-पाजामा पहनकर आया। वहीं, किसी ने राजस्थानी रंगों को साकार किया, तो किसी ने केरल की सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया। पूर्वोत्तर राज्यों की भी झलक दिखाई दी। इसके साथ ही एकल गायन प्रतियोगिता में भी प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शन किया। वहीं, रंगोली प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने रंगों के संयोजन से 'भारतीय नववर्ष' को प्रकट किया।
प्रश्नोत्तरी में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने मारी बाजी ::
प्रतिभा में प्रश्नोत्तरी (क्विज) प्रतियोगिता दो स्तरों पर हुई- स्नातक एवं स्नातकोत्तर। स्नातकोत्तर वर्ग की प्रश्नोत्तरी में पत्रकारिता विभाग ने प्रथम, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग ने द्वितीय एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जबकि स्नातक वर्ग की प्रतियोगिता में जनसंचार विभाग ने प्रथम, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग ने द्वितीय और नवीन मीडिया विभाग ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
आज की प्रतियोगिताएं : प्रतिभा-2018 में शुक्रवार को एकल वाद्य, एकल अभिनय, समूह गायन और माईम की प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। यह प्रतियोगिताएं प्रात: 9 से सायं 5 बजे तक आयोजित की जाएंगी।
एसएटीआई में टेक-फेस्ट 2018 का भव्य शुभारंभ
यूएनआईडीओ, वियेना आॅस्ट्रिया, (यूरोप) से पधारे डाॅ. अमित राय रहे मुख्य अतिथि
20 March 2018
विदिशा। एसएटीआई में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी टेक फेस्ट का शुभारंभ मुख्य अतिथि के तौर पर आये डाॅ. अमित राय के सानिध्य में किया गया। डाॅ. राय यूएनआईडीओ, वियेना आॅस्ट्रिया (यूरोप) में कार्यरत हैं। स्वागत भाषण में संस्था संचालक डाॅ. जेएस चैहान ने एमजेईएस के सचिव डाॅ. लक्ष्मीकांत मरखेड़कर व डाॅ. राय का स्वागत करते हुये कहा कि तकनीक का उपयोग भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिये प्रयास करने पर जोर दिया और उपस्थित छात्र-छात्राओं से कहा कि तकनीक का उपयोग करें ना कि दुरपयोग।
मुख्य अतिथि डाॅ. राय ने अपने भाषण में यूएनआईडीओ, वियेना आॅस्ट्रिया के कार्यो के संबंध में बताया तथा साथ ही साथ उन्होंने बिल्डिंग मटेरियल, लो-काॅस्ट निर्माण इत्यादि के विषय में चर्चा की।
डाॅ. लक्ष्मीकांत मरखेड़कर सचिव, एमजेईएस ने संस्था संचालक तथा सम्राट उत्सव-2018 की आयोजन समीति के सभी सदस्यों को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की तथा उन्होंने कहा कि संस्था का प्रबंधन छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिये प्रतिबद्ध है।
टेक-फेस्ट 2018 के अंतर्गत पहले दिन विभिन्न कार्यषालाएं आयोजित की गई जिनमें विषय विषेषज्ञों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये मषीन लर्निंग पर डाॅ. आरके पटेरिया, प्रोफेसर एमएएनआईटी, भोपाल ने अपना व्याख्यान दिया, वेव डब्लपमेंट पर डाॅ. दीपक सिंह तोमर, प्रोफेसर एमएएनआईटी, भोपाल, डीजीपीएस पर डाॅ. एसके कटियार, प्रोफेसर एमएएनआईटी, भोपाल, मेटलेब पर डाॅ. डीके शाक्य, अस्सिटेंट प्रोफेसर एसएटीआई, एरो माॅडलिंग पर प्रोफेसर राकेष मंगोरे, अस्टि. प्रोफेसर एसएटीआई तथा जीआईएस पर प्रो. अंकेष श्रीवास्तव, एसएटीआई ने व्याख्यान दिये।
सम्राट उत्सव खेल प्रतियोगिता में एसएटीआई में पहली बार बालिका क्रिकेट प्रतियोगिता का शुभारंभ
20 March 2018
विदिशा। एस.ए.टी.आई. में सम्राट उत्सव के अंतर्गत मंगलवार दिनांक 20 मार्च 2018 को छात्राओं की विषेष मांग पर संस्था के क्रिकेट मैदान पर क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संस्था की छात्राओं में क्रिकेट के प्रति असीम लगाव इस बात से देखने मिला कि छात्रों के साथ साथ छात्राओं ने भी क्रिकेट में अपनी भागीदारी प्रस्तुत की और खेल का लुत्फ उठाया। उपरोक्त जानकारी देते हुये प्रभारी प्राध्यापक क्रीड़ा विभाग प्रो. संजय सारस्वत ने बाताया कि छात्राओं ने संस्था संचालक तथा प्रभारी प्राध्यापक को साम्राट उत्सव खेल प्रतियोगिता में क्रिकेट प्रतियोगिता भी रखी जाये इस बात पर बहुत अनुरोध किया छात्राओं के क्रिकेट के प्रति लगाव को देखते हुए संस्था संचालक डाॅ. जेएस चैहान ने इस प्रतियोगिता के लिये अपनी सहमती प्रदान की, और यूएनआईडीओ, वियेना आॅस्ट्रिया से पधारे डाॅ. अमित राय के साथ इस बालिका क्रिकेट प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। श्री राय ने कहा कि मैं यह चाहूँगा कि यह प्रतियोगिता एक विराट स्वरूप में आगे तक चले तो मै आकर इस प्रतियोगिता का जरूर देखूंगा। संस्था संचालक ने कहा कि जिस प्रकार संस्था में राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजित होती है उसी प्रकार बालिका वर्ग में भी राज्यस्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता भविष्य में आयोजित की जा सकती है। संस्था में ज्ञात हो कि सम्राट उत्सव खेल प्रतियोगिता में बालिका क्रिकेट प्रतियोगिता पहली बार आयोजित की गई है। साथ ही प्रो. संजय सारस्वत ने बताया कि विगत तीन दिनों से आयोजित एथेलेटिक्स प्रतियोगिता का भी समापन रविवार को हो गया है।
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में 'प्रतिभा-2018' का शुभारम्भ
20 March 2018
भोपाल, 20 मार्च। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के वार्षिक सांस्कृतिक एवं खेलकूद आयोजन 'प्रतिभा-2018' का मंगलवार से शुभारम्भ हो गया है। यह आयोजन 28 मार्च तक चलेगा। पहले चरण में 24 मार्च तक सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेंगी और उसके बाद 26 से 28 मार्च तक खेल-कूद प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। पहले दिन (20 मार्च) से ही विद्यार्थियों का उत्साह देखते बन रहा है। विद्यार्थियों ने विभिन्न रचनात्मक विधाओं में अपनी प्रतिभा से निर्णायकों को प्रभावित किया। किसी ने तात्कालिक भाषण में बेहतर किया तो किसी ने 'डिजिटल इंडिया' विषय पर खूबसूरत पोस्टर बनाकर अपनी कल्पना शक्ति की ऊंचाइयां प्रकट कीं। 'महिला सशक्तिकरण' विषय पर लघुफिल्म के लिए स्टोरी बोर्ड लेखन में अपनी दक्षता का प्रदर्शन किया। वहीं, तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता में भी विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचारों से सबको प्रभावित किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आरती सारंग ने बताया कि विश्वविद्यालय के वार्षिक सांस्कृतिक एवं खेलकूद आयोजन 'प्रतिभा-2018' में पहले दिन छह प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसमें सभी विभाग के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने 'ग्रीन सिटी-क्लीन सिटी' विषय पर अपनी रचनात्मक सोच को प्रकट करते हुए स्वच्छता का सन्देश दिया। जबकि फीचर लेखन में विद्यार्थियों ने ‘मेरे सपनों का न्यू इंडिया’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। निबंध लेखन प्रतियोगिता में उन्होंने ‘उच्च शिक्षा में चुनौतियाँ और अपेक्षाएं’ विषय पर अपने विचारों को प्रस्तुत किया।
प्रतिभा के पहले दिन आयोजित तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभागियों के साथ-साथ अन्य विद्यार्थियों ने भी उत्साह दिखाया। समसामयिक विषयों पर सधे हुए शब्दों में अपनी बात रखकर विद्यार्थियों ने अपनी वक्तृत्व कला का परिचय दिया।
आज की प्रतियोगिताएं :
बुधवार, 21 मार्च को फोटोग्राफी, कोलाज, क्विज, वेबसाइट निर्माण, पावर पॉइंट प्रजेंटेशन और संवाद-चर्चा का आयोजन किया जाएगा। यह प्रतियोगिताएं सुबह 9:00 से शाम 5 बजे तक आयोजित होंगी।
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के छात्राओं की फिल्म ‘वुमनहुड’ को मिला पहला पुरस्कार
24 February 2018
भोपाल, 24 फरवरी। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की छात्रा स्वेता दत्त एवं उपासना द्वारा निर्मित फिल्म ‘वुमनहुड’ को गुवाहाटी में आयोजित आठवें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव-2018 में पहला स्थान प्राप्त किया है, जिसके तहत फिल्म को ‘गोल्डन वीवर अवार्ड’ दिया गया है। फिल्म का चयन शैक्षणिक संस्थाओं एवं विद्यार्थियों की श्रेणी में किया गया। इस श्रेणी में देशभर से 25 फिल्में आईं थीं। पुरस्कार में 75 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। फिल्म का संपादन विश्वविद्यालय के प्रोडयूसर मनोज पटेल ने किया है।
छात्रा स्वेता ने बताया कि इस फिल्म में महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को दिखाया गया है। फिल्म की विशेषता यह है कि इसमें न केवल समस्याओं को दिखाया गया है, बल्कि उसके प्रति जागरूकता लाने का प्रयास किया गया है। फिल्म के माध्यम से सेनेटरी पैड्स के प्रयोग को प्रोत्साहित किया गया है। फिल्म में विशेषतौर पर ग्रामीण परिवेश की महिलाओं की समस्याओं को दिखाया गया है। स्वेता ने बताया कि फिल्म निर्माण के दौरान शहरी लड़कियों और महिलाओं से इस विषय पर बात करना आसान रहा, किंतु ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं कैमरा देखकर ही डर जाती थीं और इस बारे में बात करने में बहुत संकोच करती थीं। यह लघु फिल्म 11 मिनट की है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य फिल्मों के माध्यम से विज्ञान एवं तकनीक को बढ़ावा देना है।
27 हजार 687 विद्यार्थियों की 55 करोड़ रुपये फीस शासन ने जमा की
21 February 2018
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में 27 हजार 687 विद्यार्थियों की 55 करोड़ 5 लाख 71 हजार 302 रुपये की फीस राज्य शासन द्वारा जमा की गयी है। योजना में कुल 28 हजार 433 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 27 हजार 706 आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं। शेष आवेदन पर कार्यवाही प्रचलन में है।
तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया है कि तकनीकी शिक्षा के 297 विद्यार्थियों की एक करोड़ 59 लाख 37 हजार 451, मेडिकल के 398 विद्यार्थियों की 21 करोड़ 31 लाख 58 हजार, राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में अध्ययनरत 287 विद्यार्थियों की 2 करोड़ 52 लाख 23 हजार 973, पशु चिकित्सा के 15 विद्यार्थियों की 6 लाख 66 हजार 194, मानव संसाधन विभाग से जुड़ी संस्थाओं के 165 विद्यार्थियों की एक करोड़ 17 लाख 29 हजार 575, उच्च शिक्षा विभाग के कॉलेजों के 26 हजार 108 विद्यार्थियों की 10 करोड़ 10 लाख 9 हजार 701, कृषि महाविद्यालयों के 73 विद्यार्थियों की 20 लाख 47 हजार 816, यूनीवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट के 31 विद्यार्थियों की 9 लाख 32 हजार 730, आयुष के 28 विद्यार्थियों की 17 लाख 34 हजार 60, निजी विश्वविद्यालयों के 255 विद्यार्थियों की 17 करोड़ 39 लाख 80 हजार और अन्य संस्थाओं के 30 विद्यार्थियों की 41 लाख 51 हजार 302 विद्यार्थियों की फीस शासन द्वारा जमा करवायी गयी है।
सातवें विज्ञान मेले में माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय ने जीते पुरस्कार
16 February 2018
भोपाल, 16 फरवरी, 2018। सातवें भोपाल विज्ञान मेले में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय को बेस्ट विज्ञान पैविलियन अवार्ड एवं थ्रीडी प्रिंटिंग में मेरिट अवार्ड प्राप्त हुआ। मेले का आयोजन विज्ञान भारती और मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की ओर से किया गया।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नवीन मीडिया विभाग की ओर से मेले में प्रदर्शनी आयोजित की थी। प्रदर्शनी में स्ट्रिप पैकेजिंग, एलुमिनियम फोइल स्कैल, बॉटल कैप क्रिम्पिंग मशीन और ग्रव्युर प्रिंटिंग मशीन को प्रदर्शित किया गया। नवीन मीडिया विभाग की अध्यक्ष डॉ. पी. शशिकला ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से जो पैविलियन बनाया गया था, उसे बेस्ट पैविलियन अवार्ड दिया गया। इसके साथ ही थ्रीडी प्रिंटिंग मॉडल को मेरिट अवार्ड दिया गया। इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला, कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा एवं कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने प्रशंसा व्यक्त की है।
आकर्षण का केंद्र बनी प्रवेश प्रक्रिया : विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया को मेले में थ्रीडी वीडियो से समझाया गया। विश्वविद्यालय के पैविलियन में लगाए गए एलसीडी पर निरंतर यह वीडिया चला। अनेक लोगों ने थ्रीडी वीडियो के माध्यम से विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया को समझा। इसके साथ ही पैविलियन में विश्वविद्यालय के प्रकाशन की पुस्तकों को भी प्रदर्शित किया गया।
छात्रवृत्ति से मलेशिया यूनिवर्सिटी में शोध करेंगे सुमित और अविनाश
16 February 2018
इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के दौरान सुमित और अविनाश में गहरी दोस्ती हो गई। संयोग देखिए एआईईईई के आधार पर दोनों का दाखिला एसएआईटी (सम्राट अशोक इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) विदिशा में हो गया। यहीं से दोनों ने कम्प्यूटर साइंस में बी-टेक और एम-टेक किया। इसके बाद तय किया कि अब विदेश की किसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से मशीन लर्निंग में साथ-साथ शोध करेंगे
इन होनहार छात्रों के सपनों के मार्ग में आर्थिक बाधा आड़े आई तो मध्यप्रदेश सरकार बनी सहयोगी। सरकार की विदेश में अध्ययन हेतु संचालित छात्रवृत्ति योजना ने अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले इन दोनों विद्यार्थियों की प्रतिभा को पंख लगा दिए हैं।
ग्वालियर शहर की नर्मदा कॉलोनी मुरार निवासी सुमित धारीवाल और नेहरू कॉलोनी निवासी अविनाश रायपुरिया मलेशिया की मस्ट यूनिवर्सिटी में यांत्रिकी फैकल्टी में शोध करने जा रहे हैं। इस योजना के तहत दोनों छात्रों को अलग-अलग 13 लाख 20 हजार रूपए से अधिक की आर्थिक सहायता जनजाति कल्याण विभाग ने मंजूर कर दी है। दोनों मौजूदा माह में ही मलेशिया की उड़ान भरेंगे।
सुमित और अविनाश कहते हैं कि शुरू में हमें हर तरफ से निराशा ही हाथ लग रही थी। ऐसे में एक दिन अखबार में पढ़ा कि मध्यप्रदेश सरकार हम जैसे महत्वाकांक्षी युवाओं को विदेश में उच्च शिक्षा के लिये वित्तीय मदद देती है। हम दोनों ग्वालियर की शारदा विहार कॉलोनी स्थित जनजाति कल्याण कार्यालय में पहुँच गए और अपने आवेदन प्रस्तुत कर दिए। निर्धारित प्रक्रिया तथा साक्षात्कार के बाद हम दोनों का विदेश अध्ययन की छात्रवृत्ति के लिये चयन हो गया है। स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई हमने साथ की। अब दोनों का विदेश में पढ़ाई का सपना मध्यप्रदेश सरकार पूरा कर रही है
महाविद्यालयों में छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाये : राज्यपाल श्रीमती पटेल
15 February 2018
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि हर महाविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ-साथ साल में एक बार सभी छात्राओं का स्वास्थ परीक्षण भी कराया जाना चाहिये।उन्होंने कहा कि शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा का पता लगने से समय रहते बच्चों को कुपोषित होने से बचाया जा सकता है। राज्यपाल ने आज शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्वशासी महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव के समापन समारोह में यह बात कही। इस अवसर राज्यपाल ने बीएससी की छात्रा कु. सुमैया अली को श्री शंकरदयाल शर्मा गोल्ड मेडल, एमएससी केमेस्ट्री की छात्रा कु.निदा नाज को मुख्यमंत्री गोल्ड मेडल, तथा बीएचएससी की छात्रा कु.जैनब मोदी को उषा जैन अवार्ड सहित अन्य छात्राओं को भी पुरस्कार वितरित किये।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि अच्छी माँ बनने के लिए पूर्ण पोषण की आवश्यकता है़। माँ का कर्तव्य है कि वे बच्ची को जन्म देने के साथ उसको अच्छी शिक्षा भी दे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है। आज समाज तेजी से आगे बढ़ रहा है, महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है और भ्रूण हत्या की घटनाएं भी कम हो गई हैं। इससे लगता है कि अगली जनगणना पर महिलाओं की जनसंख्या पुरूषों के बराबर हो जायेगी। राज्यपाल ने कहा कि पुरूषों की तुलना में महिलाएं अधिक कार्य करने में सक्षम हैं। आज महिलाएँ राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक क्ष्रेत्र के साथ ही सेना जैसे कठिन क्षेत्र में भी आगे बढ़ रही हैं। श्रीमती पटेल ने खुले में शौच से मुक्ति के प्रति जागरूकता अभियान चलाने पर जोर देते हुए कहा कि खुले में शौच करने की प्रवृत्ति से कई घटनाएं घटित होती हैं। इसलिए गांवों में लोगों को हर घर में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया जाये।
प्राचार्य डॉ. रोमशा सिंह ने महाविद्यालय की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होनें बताया कि महाविद्यालय की अनेक छात्राओं का बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में चयन हुआ है। राज्यपाल ने प्राध्यापक डॉ.भावना श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तक 'संस्कृत व्याकरण सौरगम'' का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम का संचालन छात्रसंघ प्रभारी डॉ.उर्मिला शिरीष ने तथा आभार छात्रसंघ की अध्यक्षा कु. उल्फा खान ने किया।
मानव हित को ध्यान में रखकर शिक्षा ग्रहण करें छात्र-छात्रायें
12 February 2018
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने छात्र-छात्राओं से कहा है कि केवल अच्छा जीवन एवं नौकरी के लिये ही पढ़ाई न करें, अपितु मानव हित को ध्यान में रखकर शिक्षा ग्रहण करें। मन में सदैव यह भाव रखें कि हम गाँव, प्रदेश, देश और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये क्या बेहतर कर सकते हैं। राज्यपाल सोमवार को ग्वालियर में आईटीएम ग्लोबल स्कूल परिसर में नवनिर्मित कबीर प्रखण्ड के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रही थीं।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने विद्यालय प्रबंधन एवं आईटीएम यूनिवर्सिटी के शिक्षकों का आहवान किया कि बच्चों को ऐसी शिक्षा दें, जिससे वे शुरू से ही राष्ट्रभाव से ओत-प्रोत हों। उन्होंने कहा बच्चों की सोच में बदलाव लाकर ही हम आतंकवाद व नक्सलवाद जैसी समाज विरोधी गतिविधियों से निजात पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को बताएँ कि विविधता में एकता हमारी संस्कृति है। इसलिये स्कूलों व आंगनबाड़ियों के बच्चों में ऐसे भाव पैदा करे कि उनके मन में अशांति और भेदभाव न पनपे। प्रधानमंत्री का “एक भारत – श्रेष्ठ भारत” का सपना भी तभी पूरा होगा।
विश्वविद्यालय गाँव के स्कूलों को गोद लें
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने विश्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं प्रतिष्ठित निजी स्कूलों को समीप के सरकारी स्कूलों को गोद लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों का दायित्व है कि वे गाँव में जाकर ग्रामीणों की बेहतरी के लिये कुछ काम करें। हम अपने देश को तभी ऊँचाईयों तक ले जा पायेंगे, जब अपनी संस्था में अर्जित ज्ञान एवं रचनात्मकता से गाँव के बच्चों को भी पारंगत करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्कूलों को बेहतर बनाने के साथ-साथ ग्रामीणों को शौचालयों के उपयोग तथा अन्य रचनात्मक कार्यों के लिये भी प्रेरित करें। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन ने कहा कि वे स्वयं भोपाल में एक स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्र को गोद लेने जा रही हैं।
राज्यपाल को याद आया शिक्षक जीवन
आईटीएम ग्लोबल स्कूल में राज्यपाल श्रीमती पटेल को अपना शिक्षक जीवन याद आ गया। उन्होंने कहा लगभग 30 वर्षों तक मेरा जीवन शिक्षक के रूप में सुबह से शाम तक बच्चों से बतियाते और उन्हें पढ़ाते गुजरा। उन्होंने कहा शैक्षणिक दायित्वों के बेहतर निर्वहन के लिये उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कार भी मिले। राज्यपाल ने स्कूल में बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर दी जा रही शिक्षा की सराहना की। साथ ही बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और स्कूल के बच्चों द्वारा किए गए बेहतर संचालन को सराहा।
पुश नहीं पुल मॉडल पर आधारित हों स्कूल
पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दिलबाग सिंह सुहाग ने इस अवसर पर कहा कि स्कूलों में बच्चों के लिये ऐसा माहौल विकसित करें, जिससे बच्चों को स्कूल में जबरन पहुँचाने की जरूरत न पड़े बल्कि बच्चे स्वत: ही स्कूल जाने के लिये लालायित रहें। उन्होंने कहा कि स्कूल पुश मॉडल पर नहीं, पुल मॉडल पर आधारित होने चाहिए। उन्होंने आईटीएम ग्लोबल स्कूल के एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग कंसेप्ट को सराहा।
आईटीएम लेगा अडूपुरा स्कूल को गोद
आईटीएम यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री रमाशंकर सिंह ने राज्यपाल को भरोसा दिलाया कि वे स्वयं अडूपुरा गाँव के स्कूल को गोद लेंगे। उन्होंने कहा अडूपुरा के स्कूल में बुनियादी सुविधाओं के अलावा वहाँ के बच्चों के व्यक्तित्व विकास में परिवर्तन के लिये भी कारगर प्रयत्न किए जायेंगे। उन्होंने राज्यपाल को न्यौता दिया कि अगले साल 21 नवम्बर को वो अपना जन्मदिन मनाने अडूपुरा आएँ।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने स्कूल परिसर में लॉयन्स क्लब ग्वालियर द्वारा पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम के तहत पौधरोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने नीम प्रजाति का पौधा रोपा। इस अवसर पर नीम के लगभग 1100 पौधे रोपे गए।
दतिया में खुलेगा पत्रकारिता विश्वविद्यालय का परिसर
12 February 2018
प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल दतिया में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का परिसर शीघ्र प्रारंभ होगा। जनसंपर्क, जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र के प्रयासों से इस संबंध में कार्यवाही सम्पन्न की जा रही है। दतिया जिला प्रशासन द्वारा पाँच एकड़ भूमि बक्शी मंदिर, दतिया के पास दिए जाने की औपचारिकता भी पूर्ण कर दी गई है। आने वाले शैक्षणिक सत्र से पाठयक्रम कक्षाएं संचालित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर ली गई है।
इलेक्ट्रॉनिक और प्रिन्ट मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया के विस्तार के दृष्टिगत दतिया में पत्रकारिता विश्वविद्यालय के परिसर की आवश्यकता थी। संभागीय मुख्यालय ग्वालियर के साथ ही दतिया के निकट उत्तरप्रदेश के झांसी नगर से अनेक समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं। दतिया में विभिन्न अखबारों के प्रतिनिधि कार्यरत हैं। इसके साथ ही अनेक टी.व्ही.चैनल्स के लिए भी प्रतिनिधि पदस्थ हैं। दतिया में चिकित्सा महाविद्यालय का भवन भी बनकर तैयार हो चुका है। इसके अलावा केन्द्र और राज्य सरकार के अनेक कार्यालय संचालित हैं। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के परिसर के प्रारंभ होने से दतिया क्षेत्र के युवाओं को रोजगार की दृष्टि से अधिक अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
पुलिस भर्ती वर्ष-2017 का अंतिम परीक्षा परिणाम पीईबी की वेबसाईट पर उपलब्ध
12 February 2018
मध्यप्रदेश पुलिस में सहायक उप निरीक्षक (कम्प्यूटर) /प्रधान आरक्षक (कम्प्यूटर) एवं आरक्षक वर्ष-2017 के कुल 14088 पदों पर भर्ती हेतु म.प्र. प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल द्वारा 19 अगस्त से 18 सितम्बर 2017 तक लिखित परीक्षा एवं 10 दिसम्बर से 22 दिसम्बर 2017 तक शारीरिक प्रवीणता एवं ट्रेड टेस्ट का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा के द्वितीय चरण का परिणाम म.प्र प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा 07 फरवरी 2018 को घोषित कर दिया गया है। यह जानकारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक चयन/भर्ती श्री राजेन्द्र मिश्रा ने दी।
परीक्षा में विभिन्न पदों के लिये चयनित उम्मीदवारों की पदस्थापना के लिये इन उम्मीदवारों से इकाईयों का पद प्राथमिकता एम.पी.ऑनलाईन लिमिटेड के वेबपोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन लिया जाना है। चयनित उम्मीदवार पदस्थापना हेतु इकाईयों का पद प्राथमिकता एम.पी. ऑनलाईन के वेबपोर्टल www.mponline.gov.in/portal पर 15 से 22 फरवरी 2018 तक ऑनलाईन भर सकते हैं।
रीवा में माखनलाल विश्वविद्यालय का आकर्षक केम्पस भवन बनेगा
6 February 2018
उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने आज यहां मंत्रालय में रीवा में बनने वाले माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के केम्पस भवन निर्माण संबंधी कार्य की बैठक में समीक्षा की। उन्होंने कहा कि रीवा के ड्रीम प्रोजेक्ट माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता तथा संचार विश्वविद्यालय का भव्य एवं आर्कषक केम्पस भवन निर्माण के लिये शीघ्र ही डीपीआर के विस्तृत प्रतिवेदन को अंतिम रूप दिया जायेगा। इसके बाद निविदा आमंत्रित की जायेगी। रीवा में 60 करोड़ रुपये की लागत से केम्पस भवन का निर्माण 5 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है।
श्री शुक्ल ने बताया कि भवन निर्माण संबंधी सभी औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद इस वर्ष अप्रैल में भवन का भूमि-पूजन किया जायेगा।
बैठक में कुलपति प्रो. बी.के. कुठियाला, रेक्टर श्री लालपत आहूजा, कुलसचिव और विश्वविद्यालय के अधिकारीगण मौजूद थे।
सिर्फ पढाई करें, बाधाओं की चिंता छोड दें, सरकार उठायेगी शिक्षा का खर्च - मुख्यमंत्री श्री चौहान
3 February 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां स्थानीय माडल स्कूल में प्रेरणा संवाद के बाद विद्यार्थियों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब दिये और उनकी शंकाओं का समाधान किया। विद्यार्थियों ने लक्ष्य तय करने, समय का प्रबंधन करने, पढ़ाई के लिये दिनचर्या तय करने, स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा और अच्छे नंबर लाने का तनाव दूर करने के तरीकों से संबंधित सवाल पूछे। मुख्यमंत्री ने एक शिक्षक, पालक और विद्यार्थियों के मामा के रूप में सहजता के साथ विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिये और उनकी शंकाओं का समाधान किया।
सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 11वीं कक्षा के छात्र श्री अंकित पटेल ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री बनने के लिये कोई लक्ष्य तय किया था। इस पर मुख्यमंत्री ने अपने गाँव में बचपन में खेती और मजदूरों का मेहनताना बढ़ाने के लिये किये आंदोलन की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अन्याय को किसी भी रूप में सहना सही नहीं है। उन्होने कहा कि किसी भी काम के प्रति लगन और प्रतिबद्धता जरूरी है, यही काम आती है।
डी.ए.वी. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टी.टी.नगर की कॉमर्स संकाय की 12वीं कक्षा की छात्रा सुश्री दिपांशी पांडे ने स्कूलों में विद्यार्थियों की विशेष रूप से बेटियों की सुरक्षा के संबंध में सवाल किये। मुख्यमंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों की सुरक्षा संबंधी सभी उपायों को सुदृढ़ किया गया है। छात्रावासों में प्रवेश द्वार पर सीसीटीव्ही कैमरे लगाये जा रहे हैं। छात्रावास आने-जाने वाले रास्तों में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जा रही है। उन्होंने बेटियों की गरिमा को धूमिल करने वाले दरिदों को फाँसी की सजा देने के लिये बनाये गये कानूनी प्रावधान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि समाज को भी नैतिक आंदोलन चलाने की आवश्यकता है। इससे सुरक्षा के लिये एक स्वस्थ वातावरण बनेगा।
सिर्फ कर्म पर ध्यान दें
सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय के 11वीं के छात्र श्री आनंद लोधी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि एक दिन में बहुत सारे काम करने के बावजूद उन्हें तनाव क्यों नहीं होता। इस पर मुख्यमंत्री ने गीता का श्लोक पढ़ते हुये बताया कि सिर्फ कर्म करने पर हमारा अधिकार है, परिणाम पर नहीं। इसलिये परिणाम पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय अपने कर्म पर ध्यान दें और यही दृष्टि जीवन में अपनायें तो तनाव नहीं होगा। दसवीं कक्षा की छात्रा सुश्री पूजा कानस ने मुख्यमंत्री से कहा कि हर स्कूल में खेल सुविधा और खेल के मैदान होना चाहिये। इस पर सहमति व्यक्त करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी है। शासकीय विद्यालयों में खेल सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी। मन को स्वस्थ रखने के लिये खेलों से जुड़े रहना जरूरी है।
मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल के श्री ऋतिक विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री से पूछा कि यदि अच्छे नंबर नहीं आ पाये तो माता-पिता की क्या प्रतिक्रिया होना चाहिये। इस पर मुख्यमंत्री ने सभी अभिभावकों से अपील की कि बच्चों को किसी भी प्रकार का तनाव नहीं दें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि माता-पिता केवल लाड़-प्यार के कारण बच्चों को डाँटते है ताकि वे सजग और चैतन्य रहें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि केवल मेहनत और अच्छे से अच्छे प्रदर्शन की कोशिश करें, अच्छे नंबर अवश्य आयेंगे।
विद्या विहार हायर सेकेण्डरी स्कूल की 11वीं की छात्रा सुश्री प्रियंका ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इंजीनियरिंग की शिक्षा लें, इसके लिये आईआईटी में सीट बढ़ाई जानी चाहिये। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसदिशा में कोशिश की जायेगी। सुभाष उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी स्कूल के 11वीं के छात्र श्री शिवालाल मंडलोई ने मुख्यमंत्री से पूछा कि शिक्षा व्यवस्था में व्यवहारिक शिक्षा को शामिल करने के लिये कौन से सुधार किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के तीन उद्देश्य है ज्ञान देना, कौशल देना और नागरिक संस्कार देना। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में हम ज्ञान दे रहें हैं। अब कौशल देने पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। भोपाल में 600 करोड़ रूपये की लागत से ग्लोबल स्किल संस्थान जुलाई से काम करना शुरू कर देगा। इसके अलावा उत्कृष्ट औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं। शिक्षा पद्धति को मूल्य आधारित बनाने के लिये कोशिश की जा रही है। स्कूल-कॉलेजों में कॅरियर परामर्श की व्यवस्था भी की जा रही है।
डी.ए.वी हायर सेकेण्डरी स्कूल की 12वीं की छात्रा सुश्री मोनिका यादव ने सवाल किया कि शालाओं में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिये सरकार ध्यान दे रही है, लेकिन कोचिंग संस्थाओं के आस-पास सुरक्षा व्यवस्था के लिये कौन से उपाय किये जा रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन शहरों में कोचिंग केन्द्र हैं, उनके आने-जाने वाले रास्तों पर सीसीटीव्ही कैमरे लगाने और वहाँ पर लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जायेगी। इसके अलावा डॉयल-100 वाहनों को भी विशेष निर्देश इस संबंध में दिये गये हैं।
जरूरी है समय प्रबंधन
मे-फ्लावर स्कूल के 9वीं कक्षा के छात्र श्री अंकित ने पूछा कि व्यवहारिक ज्ञान देने के लिये कौन-कौन से प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार करते हुए पढ़ाई के तरीकों में बदलाव लाने पर विचार किया जा रहा है। मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल की 12वीं कक्षा की छात्रा सुश्री गुंजन बघेल ने मुख्यमंत्री से समय प्रबंधन के संबंध में सवाल करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री के नाते वे स्वयं अपना समय प्रबंधन कैसे करते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने सुबह साढ़े पाँच बजे से लेकर रात साढ़े ग्यारह बजे तक की दिनचर्या और कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तार से बताया। इसमें सुबह सैर करना, योग एवं प्राणायाम करना, प्रशासनिक कार्यों की तैयारी-बैठकें करना और प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संवाद करना, लोगों-प्रतिनिधि मंडलों और विभिन्न संगठनों से मिलना, मंत्रालय में शासकीय कार्य का संपादन करना जैसे कार्यों को विस्तार से बच्चों को बताया। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार जिलों के दौरों के समय आम लोगों से जिले में सुशासन के स्तर और नये विकास कार्यक्रमों एवं योजनाओं की आवश्यकता के संबंध में जानकारी मिलती है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि एक मुख्यमंत्री और अभिभावक के रूप में वे अपने परिवार के लिये कैसे समय निकालते हैं और किस प्रकार सार्वजनिक और निजी जीवन में संतुलन बनाये रखते हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान का विद्यार्थियों के साथ प्रेरणा संवाद
3 February 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ माडल हायर सेकेण्डरी स्कूल में प्रेरणा संवाद कार्यक्रम में शालेय विद्यार्थियों से प्रेरक संवाद करते हुए उन्हें परीक्षाओं में सफल तथा उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया। माडल स्कूल में अपने छात्र जीवन के अनुभवों को विद्यार्थियों के साथ साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने परीक्षाओं में शानदार सफलता के लिये उन्हें महत्वपूर्ण सूत्र बताये। इस कार्यक्रम को दूरदर्शन और आकाशवाणी के माध्यम से सभी जिलों के विद्यार्थियों ने सुना।
मुख्यमंत्री ने सफलता के अमूल्य मंत्र बताते हुये कहा कि सबसे जरूरी है - आत्मविश्वास क्योंकि आत्मविश्वास से शक्ति मिलती है और अपनी क्षमता पहचानने का ज्ञान बढ़ता है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुये कहा कि हर विद्यार्थी में भरपूर क्षमता और प्रतिभा है। सिर्फ इसे पहचानकर आगे लाने की आवश्यकता है। उन्होंने तुलसीदास द्वारा रामायण की रचना करने और महाकवि कालिदास का उदाहरण देते हुये कहा कि इन दो महान व्यक्तियों में भरपूर क्षमता और प्रतिभा थी। जिसे उन्होंने स्वयं पहचाना और आज पूरी दुनिया उनका साहित्य पढ़ती है।
मुख्यमंत्री ने अपनी कक्षा ग्यारवीं-डी का स्मरण करते हुए कहा कि 11वीं की परीक्षा के समय वे आपातकाल का विरोध करते हुये जेल चले गये थे, लेकिन आत्मविश्वास के साथ पूरी मेहनत करके परीक्षा दी और भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र तथा जीव विज्ञान में अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हुये। उसके बाद दर्शन शास्त्र में स्नातकोत्तर में भी अच्छे नंबरों से पास हुये।
श्री चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि आत्मविश्वास के साथ सबसे जरूरी है लक्ष्य तय करना। उन्होंने कहा कि लक्ष्य तय किये बिना काम करने से अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते। लक्ष्य हमेशा ऊँचा होना चाहिये। उन्होंने कहा कि लक्ष्य तय करने के साथ ही उसे प्राप्त करने का एक रोडमैप बनाना भी जरूरी है। अपने बनाये रोडमैप पर बिना किसी भटकाव के चलना आवश्यक शर्त है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई में कभी-कभी मन भटकना स्वाभाविक है। इसलिये सचेत रहते हुए मन की एकाग्रता जरूरी है। उन्होंने अपने पढ़ाई के दिनों को याद करते हुये बताया कि कैसे परीक्षा के समय मन के भटकाव पर उन्होंने दृढ़ निश्चय के साथ काबू किया।
श्री चौहान ने कहा कि लक्ष्य पर एकाग्रता से सफलता मिलती है। उन्होंने गुरू द्रोणाचार्य और शिष्य अर्जुन की कथा सुनाते हुये कहा कि अपने लक्ष्य पर एकाग्र होने और अपनी पूरी ऊर्जा का उपयोग करने से सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे हमेशा सकारात्मक सोच और ऊर्जा से भरे रहें। किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से दूर रहें। खूब पढ़ें, आगे बढ़ें और प्रसन्नता के साथ सार्थक जीवन जीने का मार्ग तय करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसे सभी उपाय किये हैं जिससे विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने और आगे बढ़ने में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आये। उन्होंने मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना का संदर्भ देते हुये कहा कि 70 प्रतिशत अंकों के साथ राष्ट्रीय स्तर के उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश लेने पर उच्च शिक्षा की पढ़ाई का खर्च सरकार भरेगी। उन्होंने विद्यार्थियों का आव्हान किया कि वे 85 प्रतिशत नंबर लायें और प्रोत्साहन के रूप में सरकार से लेपटॉप भी प्राप्त करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बच्चों में इतनी क्षमता और प्रतिभा है कि वे बड़े से बड़े पदों पर पहुंच सकते हैं। विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के सपने को पूरा करने के लिये सरकार हर जरूरी कदम उठायेगी। उन्होंने विद्यार्थियों का आव्हान किया कि अपने बुजुर्गों, माता-पिता और शिक्षकों का सम्मान करें। उन्होंने अपने शिक्षक श्री रतनचंद्र जैन का उल्लेख करते हुये बताया कि कैसे उन्होंने पढ़ना, भाषण देने की कला एवं रामायण की चौपाई का व्याख्यान करना सिखाया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उत्साहपूर्वक प्रसन्नता के साथ पढ़ाई करें।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने मॉडल स्कूल में स्थापित स्मार्ट क्लास रूम और ई-लायब्रेरी का अवलोकन किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कुँवर विजय शाह, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी, माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष श्री एस.आर. मोहंती, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी उपस्थित थे।
एक क्लिक में 50 लाख विद्यार्थियों को मिली 344 करोड़ की राशि
प्रेरणा संवाद के पहले मुख्यमंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये बनाये गये सूचना प्रौद्योगिकी आधारित नवाचारों का शुभारंभ किया। उन्होंने मिशन वन-क्लिक योजना के अंतर्गत 50 लाख विद्यार्थियों को 344 करोड़ रुपये की राशि एक क्लिक में उनके खातों में ट्रांसफर की। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 से शिक्षा विभाग द्वारा विभागों की 30 प्रकार की छात्रवृत्तियों का वितरण शिक्षा पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। इससे पहले यह राशि कोषालय से बिल द्वारा विद्यार्थियों को दी जाती थी। अब इन सभी छात्रवृत्तियों का भुगतान मिशन वन-क्लिक के माध्यम से बैंको द्वारा सीधे छात्रों के खाते में किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में एक करोड़ 60 लाख विद्यार्थियों को एक हजार 42 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई हैं।
शाला सिद्धि अभियान का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने 'शाला सिद्धि अभियान'' कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसमें 46 मानकों पर शालाओं का मूल्यांकन होगा। इनके आधार पर शालाओं का अकादमिक उन्नयन किया जायेगा। अच्छा कार्य कर रही शालाओं का प्रोत्साहन किया जायेगा और उन्हें शाला-सिद्धि पुरस्कार दिया जायेगा। उन्होने एम.पी. कैरियर मोबाइल एप का भी शुभारंभ किया। दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को उनके कैरियर संबंधी मार्गदर्शन के लिये 'एम.पी. कैरियर मोबाइल एप' तैयार किया गया है। इसके माध्यम से सभी विद्यार्थियों का अभिरुचि परीक्षण करके नये सत्र में अप्रैल माह में विद्यार्थियों को रिपोर्ट दी जायेगी तथा रिपोर्ट के आधार पर पालकों एवं विद्यार्थियों की काउंसिलिंग भी की जायेगी।
इसी प्रकार विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान 'विमर्श पोर्टल' के माध्यम से किया जायेगा। इस पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थी महत्वपूर्ण विषयों पर वीडियो देख पायेंगे और मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकायें, पुराने प्रश्नपत्र तथा मॉडल उत्तर आदि जान सकेंगे। इस पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक एवं स्कूलों को भी अकादमिक दृष्टि से सुदृढ़ बनाया जायेगा। वर्ष में दो बार स्कूल अपना स्व-मूल्यांकन भी इसके माध्यम से कर सकेंगे। 10वीं-12वीं के परीक्षा परिणामों के विश्लेषण के लिये सी.एम. डेशबोर्ड का शुभारंभ किया गया। इससे शैक्षणिक गुणवत्ता के लिये कदम उठाये जायेंगे। उन्होने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिये।
विद्यार्थियों से संवाद के बाद उन्होंने छठवीं और नवीं के विद्यार्थियों को नि:शुल्क सायकिलें प्रदान की। लोक शिक्षण आयुक्त श्री नीरज दुबे ने आभार व्यक्त किया।
आईटीआई के 6 लाख प्रशिक्षणार्थियों की हुई ऑनलाइन परीक्षा
3 February 2018
आईटीआई सेमेस्टर परीक्षाएँ ऑनलाइन करवाने से मानव संसाधन एवं समय की बचत हुई है। देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में वर्ष 2015 से शुरू हुई ऑनलाइन परीक्षाओं में अब तक 6 लाख प्रशिक्षणार्थियों की परीक्षा सफलतापूर्वक हो चुकी है। प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्रश्न-पत्र सबमिट करते ही स्कोर-कार्ड कप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाता है। मानवरहित मूल्यांकन होने के कारण परीक्षा परिणाम की त्रुटियाँ लगभग नगण्य हो गई हैं। पेपरवर्क का काम लगभग खत्म हो गया है।
विभिन्न राज्यों ने जानी परीक्षा प्रणाली
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने बताया है कि केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री द्वारा वर्ष 2017 में ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली की सराहना करते हुए अन्य राज्यों से इसका अनुकरण करने का आग्रह किया था। परिणाम स्वरूप उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, गोवा, हरियाणा एवं गुजरात राज्यों के अधिकारियों ने मध्यप्रदेश आकर ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली की जानकारी ली। इस कार्य के लिये राज्य को वर्ष 2016 में स्कॉच अवार्ड भी मिल चुका है।
गौरतलब है कि राज्य की विभिन्न आईटीआई के साथ-साथ जेल आईटीआई, पुलिस आईटीआई एवं आर्मी आईटीआई में भी ऑनलाइन परीक्षा करवाई जा रही है। सर्वप्रथम एससीव्हीटी की परीक्षा कराई गई। इसमें 23 हजार प्रशिक्षणार्थी सम्मिलित हुए। इनमें से 70 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थी उत्तीर्ण हुए। एससीव्हीटी परीक्षा की सफलता से प्रेरित होकर एनसीव्हीटी की ऑनलाइन परीक्षा फरवरी-2016 से शुरू की गई। इसमें 55 हजार प्रशिक्षणार्थी शामिल हुए थे। अब तक एससीव्हीटी और एनसीव्हीटी ऑनलाइन परीक्षा में 6 लाख प्रशिक्षणार्थी शामिल हो चुके हैं।
राजस्व मंत्री ने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को दिये 5-5 हजार के चेक
1 February 2018
राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने मॉडल स्कूल में 60 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को पाँच-पाँच हजार रुपये के चेक, मेडल एवं प्रमाण-पत्र दिये। यह सम्मान कक्षा 10वीं और 12वीं में अपने स्कूल में प्रथम स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को दिया गया।
श्री गुप्ता ने कहा कि जहाँ भी रहें, जो भी करें हमेशा सर्वश्रेष्ठ करें। उन्होंने कहा कि बारहवीं में 70 प्रतिशत से ऊपर नम्बर लायें तो आगे की पढ़ाई की फीस सरकार देगी। श्री गुप्ता ने कहाकि प्रतियोगिता इतनी कठिन है कि बगैर कठिन परिश्रम आगे नहीं बढ़ सकते।
राजस्व मंत्री श्री गुप्ता ने वाणिज्य संकाय की प्रदेश टॉपर कु. काजल जैन सहित अन्य मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इस दौरान माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामदयाल प्रजापति एवं अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
किसान का बेटा अब "सिडनी" में पढ़ेगा इंजीनियरिंग
1 February 2018
श्योपुर जिले के छोटे से ग्राम बगडुआ निवासी किसान हरिमोहन जाटव का बेटा मान सिंह जाटव अब यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलोजी, सिडनी (आस्ट्रेलिया) में पढ़ने के लिये जायेगा। मान सिंह की मेहनत और मध्यप्रदेश शासन की विदेश में उच्च शिक्षा अध्ययन योजना से यह संभव हुआ है । आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा इस योजना में विदेश में अध्ययन हेतु मान सिंह को 9 लाख 66 हजार 704 रूपये की छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है।
ग्राम बगडुआ निवासी मान सिंह जाटव के पिता हरिमोहन जाटव लघु कृषक हैं। इनके पास मात्र 3 बीघा जमीन है, जिससे पाँच सदस्यीय परिवार का भरण- पोषण होता है। वे स्वयं अनपढ़ है लेकिन उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझते हुए अपने बच्चों को पढा़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोडी़ है।
बचपन से मेधावी रहे छात्र मान सिंह जाटव ने प्राइमरी की शिक्षा ग्राम बगडुआ में प्राप्त की, मिडिल शिक्षा समीपवर्ती ग्राम सोईकलां से पूरी करने के बाद श्योपुर स्थित शासकीय उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी स्कूल से हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी की परीक्षा क्रमशः 75 एवं 67 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इसके उपरांत शासकीय इंदिरा गांधी इंजीनियरींग कॉलेज सागर से इलेक्ट्रिकल ब्रांच में बीई की डिग्री प्राप्त की।
वर्ष 2017 में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मान सिंह जाटव का चयन आस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलोजी सिडनी में कंप्यूटर कंट्रोल इंजीनियरिंग के मास्टर डिग्री पाठ्यक्रम के लिये हुआ। लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण होनहार छात्र मान सिंह जाटव का विदेश जाकर अध्ययन करना एक सपना ही था। इस सपने को साकार करते हुए मध्यप्रदेश शासन ने विदेश में उच्च अध्ययन योजना के तहत मान सिंह को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई है। मानसिंह यूटीएस आस्ट्रेलिया में 2 साल कंप्यूटर कंट्रोल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री करने के बाद अपने देश भारत में ही सेवा करने के लिये कृत संकल्पित हैं।
नेतृत्व विकास शिविर 2018, मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान
26 January 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां नेतृत्व विकास शिविर 2018 में भाग लेने आये अनुसूचित जाति, जनजाति और विशेष पिछडी जनजातियों के मेधावी बच्चों से भेंट की और उन्हें अपना लक्ष्य तय कर जीवन में आगे बढने का मार्गदर्शन दिया।
श्री चौहान ने शंकर शाह और रानी दुर्गावती, डा. भीमराव अम्बेडकर मेधावी विदयार्थी पुरस्कार और बालिका विज्ञान पुरस्कार प्रदान किये। ये पुरस्कार अनुसूचित वर्ग के दसवीं और बारहवीं में प्रावीण्य सूची में स्थान पाने वाले विदयार्थियों को दिया जाता है।
मुख्यमंत्री ने विदयार्थियों से आत्मीय संवाद करते हुए अपने विदयार्थी जीवन की घटनाओं को साझा किया। उन्होने कम उम्र में मजदूर किसानों के हक की लडाई का नेतृत्व करने और फिर आपातकाल का विरोध करते हुए जेल जाने की घटनाएं सुनाई। श्री चौहान ने विदयार्थियों से अपने मन की बात करते हुए कई अमूल्य सीख दी। उन्होंने बच्चों को बताया कि कैसे उन्हें श्रीमदभगवत गीता से प्रेरणा मिली और कैसे स्वामी विवेकानंद के विचारों ने जीवन को दिशा दी।
श्री चौहान ने विदयार्थियों से कहा कि वे चमत्कार कर सकते हैं। केवल दृढ़ निश्चय ही सफलता की पहली सीढ़ी है। अपने आपको कभी कमजोर मत समझो। जब आकाश अनंत है तो उडान भी उँची होना चाहिये। उन्होने कहा कि सिर्फ अपने लिये जीना स्वार्थ है। उन्होंने कहा कि स्वयं का जीवन समाज और उन लोगों के लिये भी है जो किसी कारणवश जीवन की दौड में पीछे छूट गये हैं।
श्री चौहान ने बताया कि ज्ञानोदय, एकलव्य और गुरूकुलम विदयालयों के बाद अब श्रमोदय विदयालय खुलने जा रहे हैं जिनमें मजदूरों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रकृति भेदभाव नहीं करती केवल स्वस्थ वातावरण और सुविधाओं का अभाव बाधा बनता है। इसमें सुधार लाना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की सभी आधारभूत सुविधाएं सरकार ने उपलब्ध कराने की कोशिश की है। उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश पर शिक्षण शुल्क सरकार भरेगी। छात्रावास उपलब्ध नही होने पर किराये का मकान के पैसे सरकार देगी। विदयार्थियों के सामने सिर्फ अनंत क्षितिज है ऊँचा उडने के लिये। उन्होंने विदयार्थियों से कहा कि कभी निराश न हों। लोगों की सेवा और मदद के लिये हमेशा तैयार रहो। इसी संकल्प से नेतृत्व के गुण आते है। सामाजिक कार्यों में भाग लो। हमेशा सच बोलो, ईमानदार बनो और पढने के साथ खेलो। जो भी करो पूरी मेहनत और उत्कृष्टता के साथ करो।
अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने में योगदान करें। प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग श्री एस एन मिश्रा ने बताया कि 232 बच्चे नेतृत्व विकास शिविर में भाग ले रहे हैं। यह शिविर 23 जनवरी से शुरू हुआ और 28 जनवरी को समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि कैरियर परामर्श, महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण, विशिष्टजन से भेंट इसके प्रमुख घटक हैं। उन्होने कहा कि अनुसूचित वर्गों की तकदीर बदलने का अभियान शुरू हुआ है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति श्री आशीश उपाध्याय, जनजातीय कार्य विभाग की आयुक्त श्रीमती दीपाली रस्तोगी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे
2 वर्ष आईटीआई, 2 वर्ष पॉलीटेक्निक और 4 वर्ष इंजीनियरिंग करें छात्र
22 January 2018
कार्य की दक्षता के लिए जरूरी है कि विद्यार्थी 8वीं कक्षा के बाद 2 वर्ष आईटीआई, 2 वर्ष पॉलीटेक्निक और फिर 4 वर्ष इंजीनियरिंग करें। इस तरह का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। तकनीकी शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल शिक्षा एवं श्रम राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने यह बात सरदार वल्लभ भाई पटेल पॉलीटेक्निक कॉलेज भोपाल के कन्या छात्रावास के लोकार्पण समारोह में कही।
श्री जोशी ने कहा कि बसंत पंचमी के पावन पर्व पर शुरू हो रहे छात्रावास में दूरस्थ अंचल से आने वाली छात्राओं को रहने के लिये स्थान उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इसे प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ छात्रावास बनायें।
गौरांशी शर्मा को 15 हजार रूपये और बैडमिंटन किट
श्री जोशी ने नेशनल गेम्स ऑफ डेफ में बैडमिंटन में रजत पदक जीतने वाली दिव्यांग गौरांशी शर्मा को 15 हजार रूपये देने की घोषणा की। उन्होंने कु. शर्मा को शील्ड और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित भी किया। स्वामी अम्बरीश चेतन्य सेवा समिति के श्री मयंक शर्मा ने कहा कि वे आज ही बैडमिंटन किट भेंट करेंगे। श्री जोशी ने कहा कि कु. गौरांशी को हम ओलम्पिक में मेडल जीतते हुए देखना चाहते हैं। इसके लिए हर जरूरी सहायता उपलब्ध करवायी जायेगी।
संचालक तकनीकी शिक्षा डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने भी विचार व्यक्त किये। प्राचार्य डॉ. आशीष डोंगरे ने बताया कि 50 शैय्या का छात्रावास बनाया गया है
क्लास 6 से 12 तक की सभी एनसीईआरटी बुक्स पर आधारित ओपन क्विज
20 January 2018
एनसीईआरटी बुक्स हर विषय के लिए सबसे स्तरीय किताबें मानी जाती हैं । स्कूल स्टूडेंट्स के साथ साथ आईआईटी से लेकर आईएएस तक हर परीक्षा की तैयारी करने वाले भी इन किताबों को जरूर पढ़ते हैं । पर इन किताबों की खास बात ये भी है कि इन किताबों को पढ़ने वाले हर व्यक्ति इन किताबों में अलग अलग तरह की चीजों को महत्वपूर्ण समझता है इसलिए कोई भी कभी इन किताबों को पूरा नहीं पढ़ता ।
तो आपने एनसीईआरटी किताबों को कितने अच्छे से पढ़ा है यह जाँचने के लिए इस रविवार सेंट्रल लाइब्रेरी में एक विशेष क्विज का आयोजन किया जा रहा है । सिविल सर्विसेज फ़ाउंडेशन कोर्स द्वारा आयोजित इस क्विज में क्लास 6 से क्लास 12 तक की सभी एनसीईआरटी किताबों पर केन्द्रित सवाल पूंछे जाएँगे ।
स्कूल/कॉलेज तथा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे सभी तरह के लोगों के लिए ओपन इस क्विज में मुख्य रूप से इतिहास,भूगोल,अर्थशास्त्र,राजनीति शास्त्र, विज्ञान व सामाजिक अध्ययन जैसे विषयों से सवाल पूंछे जाएंगे ।
एक्सीलेंस कॉलेज के शिवम चांडाक व आरजीपीवी के आकाश चौरसिया इस क्विज के क्विज मास्टर होंगे । जबकि नूतन कॉलेज की स्टूडेंट सलोनी राठोर इस क्विज की संयोजक हैं ।
क्विज में कोई भी व्यक्ति बिना किसी पूर्व रजिस्ट्रेशन के भाग ले सकता है । बस लेने के लिए उसे दो लोगों की टीम बनाकर क्विज के दिन सुबह 9.30 बजे सेंट्रल लाइब्रेरी पहुँचना है । ये प्रतियोगिता पूरी तरह से निःशुल्क है इसलिए इसके लिए कोई रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जाएगा ।
प्रतियोगिता के विजेताओं को 6000 रुपये के नगद पुरुसकार व ट्रॉफीज दी जाएंगी ।
स्थान सीमित होने के कारण सबसे पहले आने वाली केवल 100 टीमें ही इस प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगी ।
कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है :-
कार्यक्रम का नाम - एनसीईआरटी क्विज -2018
दिनांक - 21 जनवरी 2018
समय - सुबह 10 बजे
स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल
प्रवेश - निःशुल्क एवं सबके लिए ओपन
क्विज मास्टर - शिवम चांडाक व आकाश चौरसिया
आयोजक - सिविल सर्विसेज फ़ाउंडेशन कोर्स
अगस्त-2018 से शुरू होगा ग्लोबल स्किल पार्क
19 January 2018
ग्लोबल स्किल पार्क के मापदण्डों के अनुसार अगस्त-2018 से प्रशिक्षण प्रारंभ किया जाएगा। पार्क का निर्माण पूरा होने तक ग्लोबल स्किल्स पार्क सिटी केम्पस, गोविंदपुरा में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण की तैयारियाँ की जा रही हैं। यहाँ पर प्रिसिशन इंजीनियरिंग सेक्टर से सम्बंधित सीएनसी मिलिंग, सीएनसी टर्निंग, इडीएम वायरकट तथा कन्वेंशनल टर्निंग जैसे आधुनिकतम एवं विश्व स्तरीय रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जाएंगे।
प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बंदोपाध्याय ने यह जानकारी दी है कि ग्लोबल स्किल पार्क के निर्माण के लिए सीपीए को एजेन्सी बनाया गया है। कार्य को गति देने के लिए अलग से एक सेल बनाया गया है। उन्होंने बताया है कि निर्धारित तिथि के पहले निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए लगातार मानीटरिंग की जा रही है।
स्व-रोजगार एवं कौशल सम्मेलन में 23665 आवेदकों को मिली नौकरी
17 January 2018
जिला स्तरीय मुख्यमंत्री स्व-रोजगार एवं कौशल सम्मेलन में जहाँ 23 हजार 665 आवेदकों को विभिन्न कंपनियों में नौकरी मिली वहीं 10 हजार 83 आवेदकों के स्व-रोजगार के प्रकरण भी स्वीकृत किये गए। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने कहा है कि सम्मेलन की सफलता को देखते हुए इस तरह के सम्मेलन कुछ समय बाद फिर करवाये जायेंगे।
उज्जैन में हुए सम्मेलन में सर्वाधिक 1722 आवेदकों को नौकरी मिली। जिला रायसेन 640, राजगढ़ 1230, सीहोर 440, विदिशा 485, हरदा 267, होशंगाबाद 287, बैतूल 716, अशोक नगर 964, ग्वालियर 839, दतिया 186, गुना 1050, शिवपुरी 208, भिण्ड 72, मुरैना 578, श्योपुर 200, अलीराजपुर 268, बड़वानी 176, बुराहनपुर 318, धार 466, इंदौर 250, झाबुआ 250, खण्डवा 349, खरगौन 375, छिन्दवाड़ा 531, डिण्डोरी 192, जबलुपर 250, कटनी 12, नरसिंहपुर 310, रीवा 506, सतना 310, सिंगरौली 854, अनूपपुर 151, शहडोल 79, उमरिया 260, छतरपुर 613, दमोह 22, पन्ना 307, सागर 1585, टीकमगढ़ 278, देवास 1282, मंदसौर 352, नीमच 380, रतलाम 152, शाजापुर 1134, आगर-मालवा 410, बालाघाट 275, मण्डला 349 और सिवनी में 435 आवेदकों को सम्मेलन में ही नौकरी दी गयी।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने 6 महाविद्यालयों के संचालकों को आदेश प्रतियाँ सौंपी
15 January 2018
उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षण संस्थानों में एक जुलाई से शिक्षण सत्र प्रारंभ करने के लिये नई व्यवस्था की है। नई व्यवस्था के अनुसार प्रदेश में नवीन महाविद्यालय, महाविद्यालयों में नवीन विषय प्रारंभ करने और निरंतरता प्रस्ताव पर अनुमति देने के लिये ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। प्रक्रिया को 30 जनवरी तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जायेगा।
नई व्यवस्था की श्रंखला में आज उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने 25 अशासकीय नवीन महाविद्यालय तथा नवीन विषय शुरू करने के आदेश संचालकों को सौंपे। आयुक्त उच्च शिक्षा श्री नीरज मण्डलोई ने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया से महाविद्यालय के संचालकों को अनावश्यक रूप से चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और अनुमति देने में भी विलम्ब नहीं होगा।
युवा दिवस पर आयोजित होगा " मन्त्राज फॉर चेंज"
11 January 2018
इस युवा दिवस पर बीएसएसएस के युवा मंथन करेंगे देश की सबसे बड़ी समस्या पर और सुझाएंगे उससे निपटने के तरीके । समस्या है - इस देश में हर हाथ को रोजगार कैसे मिले । और कार्यक्रम का नाम है - मन्त्राज फॉर चेंज ।
बीएसएसएस की स्टूडेंट यूनियन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 15 युवा भारत में बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए नायाब तरीके सुझाएंगे । जिसे तीन युवा निर्णायकों की जूरी जज करेगी, कार्यक्रम में सबसे अच्छे आइडियाज़ देने वालों को 6000 रुपये के नगद पुरुसकार व ट्रॉफी दी जाएंगी ।
कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में देश के समक्ष मौजूद समस्याओं की समझ बढ़ाना व उनके समाधान के लिए अपने स्तर पर कोशिश करने की भावना जगाना है
बीएसएसएस स्टूडेंट यूनियन की प्रेसीडेंट पार्थवी दुबे इस कार्यक्रम की संयोजक हैं
देश की सर्वाधिक उच्च शिक्षित सरपंच भक्ति शर्मा, प्लेसमेंट मेंटर अनुज गर्ग व इंटेरनेशल एडुकेशन कंसल्टेंट विशाल दीक्षित इस कार्यक्रम के निर्णायक होंगे ।
यह कार्यक्रम सिविल सर्विसेज फ़ाउंडेशन कोर्स के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है
कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है
कार्यक्रम का नाम - मन्त्राज फॉर चेंज
अवसर - राष्ट्रीय युवा दिवस
दिनांक - 12 जनवरी 2018 शुक्रवार
समय - दोपहर 12 बजे
स्थान - बीएसएसएस ऑडीटोरियम
आयोजक - बीएसएसएस स्टूडेंट यूनियन
कार्यक्रम संयोजक - पार्थवी दुबे (प्रेसीडेंट, स्टूडेंट यूनियन )
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में स्थापित होगा मीडिया इन्क्यूबेशन सेंटर
10 January 2018
मीडिया के क्षेत्र में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिये माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में मीडिया इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जायेगा। इसके लिये नीति आयोग से मंजूरी मिल गयी है। समाज में सामाजिक, आर्थिक विषमता फैलाने वाले कारकों और उनके समाधान के विषयों पर विश्वविद्यालय द्वारा विस्तृत अध्ययन कराया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहाँ सम्पन्न विश्वविद्यालय की प्रबंध समिति और महापरिषद की बैठक में ये निर्णय लिये गये।
मुख्ममंत्री श्री चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय में अद्वैत वेदांत विषय पर भी शोध और अध्ययन किया जाये। नये पदों की पूर्ति उच्च शिक्षा तथा यूजीसी नियमों के अंतर्गत की जाये। बैठक में बताया गया कि विश्वविद्यालय में भाषा अध्ययन केन्द्र तथा संस्कृति अध्ययन केन्द्रों ने कार्य शुरू कर दिया है। विश्वविद्यालय में विदेशी मीडिया अध्ययन केन्द्र स्थापित किया जायेगा जिसमें पाकिस्तान, चीन और नेपाल के मीडिया में प्रकाशित समाचारों का विश्लेषण किया जायेगा। विश्वविद्यालय द्वारा बी.सी.ए. की परीक्षा ऑनलाइन ली गयी है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत बीते एक वर्ष में 210 नयी अध्ययन संस्थाओं को मान्यता दी गई है। इस अवधि में विद्यार्थियों की संख्या 12 प्रतिशत बढ़ी है। विश्वविद्यालय द्वारा संस्कृत की पहली न्यूज मैग्जीन अतुल्य भारतम का प्रकाशन किया गया है। विश्वविद्यालय में सोशल मीडिया रिसर्च सेंटर बनाया गया है।
बैठक में वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, जनसम्पर्क एवं जल-संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सांसद श्री आलोक संजर, कुलपति डॉ. बी.के. कुठियाला सहित महा-परिषद के अशासकीय और शासकीय सदस्यगण उपस्थित थे।
पीपीपी मोड पर खुलेंगे रोजगार कार्यालय : तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री जोशी
9 January 2018
प्रदेश में पीपीपी मोड पर रोजगार कार्यालय खोले जायेंगे। प्रथम चरण में 15 रोजगार कार्यालय खुलेंगे। यह रोजगार कार्यालय कॉर्पोरेट ऑफिस की तरह कार्य करेंगे। तकनीकी शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल शिक्षा एवं श्रम राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने यह बात विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान कही।
श्री जोशी ने कहा कि जिला-स्तर पर हर माह रोजगार मेले लगाये जायेंगे। इन मेलों में अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार दिलवाने के लिये कार्य-योजना बनाई गई है।
तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि सभी पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिये जरूरी सामग्री की खरीदी जल्द करें। उन्होंने कहा कि कार्पस फण्ड के माध्यम से इंजीनियरिंग कॉलेजों में रिनोवेशन करवाया जाये। श्री जोशी ने कहा कि इस बात पर विशेष ध्यान दें कि विद्यार्थियों को कोई असुविधा नहीं हो। उन्होंने तकनीकी संस्थाओं में स्मार्ट क्लॉस-रूम बनवाने और कैम्पस को वाई-फाई करने के लिये जरूरी कदम उठायें।
बैठक में कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड की कार्यकारिणी के अध्यक्ष श्री हेमंत देशमुख, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बंदोपाध्याय और संचालक तकनीकी शिक्षा डॉ. वीरेन्द्र कुमार उपस्थित थे।
महाविद्यालयों में प्राचार्यों के पदों पर सीधी भर्ती होगी : उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया
9 January 2018
प्रदेश के महाविद्यालयों में रिक्त प्राचार्यों के पदों पर सीधी भर्ती से नियुक्ति की जायेगी। सीधी भर्ती करने का निर्णय विभाग द्वारा लिया जा रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने आज बरकतउल्लाह विश्व विद्यालय में आयोजित नव-निर्वाचित छात्रसंघ पदाधिकारियों के सम्मेलन यह जानकारी दी।
मंत्री श्री पवैया ने कहा कि महाविद्यालयों में प्राचार्यों के पद रिक्त हैं। इन्हें लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने का निर्णय उच्च शिक्षा विभाग ले रहा है। प्रक्रिया बहुत जल्दी शुरू होगी। महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के पदों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगले सत्र में 2,950 सहायक प्राध्यापकों को चयनित कर महाविद्यालय में पदस्थ कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। सेमेस्टर पद्धति को खत्म करने और छात्रसंघ के चुनाव कराने आदि के निर्णय का उन्होंने जिक्र भी किया।
मंत्री श्री पवैया ने छात्रसंघ पदाधिकारियों को महाविद्यालय में वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, लेखन प्रतियोगिता आदि रचनात्मक कार्यक्रमों को नियमित तौर पर आयोजित करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में महाविद्यालय के छात्र कल्याण के नोडल प्रोफेसर को निर्देशित किया जायेगा कि वे छात्रसंघ पदाधिकारियों से समन्वय कर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करायें। उन्होंने महाविद्यालय परिसरों को साफ और स्वच्छ रखने के साथ अकादमिक वातावरण निर्माण में छात्रसंघ पदाधिकारियों से सहायोग का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों से मिलकर व्यक्तित्व का निर्माण होता है। नकारात्मक प्रवृत्ति को रोकने और सकारात्मक वातावरण को बनाने की बहुत जरूरत है। समाज और देश के लिये रचनात्मक योगदान देने में महाविद्यालय के छात्र और छात्रसंघ महत्वपूर्ण भूमिका निभायें ।
मंत्री श्री पवैया ने कहा कि कॅरियर महत्वपूर्ण है, परंतु कॅरियर ही जीवन है, ऐसा नहीं है। जीवन का एक हिस्सा है। उन्होंने छात्रों से कहा कि रचनात्मक और सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ें। किताबों को पढ़ने के साथ-साथ खेल, सांस्कृतिक और अन्य गतिविधियों से समग्र व्यक्तित्व का निर्माण होता है। सम्मेलन को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। छात्रसंघ पदाधिकारियों ने भी सम्मेलन में सुझाव रखे।
स्कूल-कॉलेजों में निर्वाचन साक्षरता क्लब (ईएलसी) के गठन के निर्देश
8 January 2018
भारत निर्वाचन आयोग ने भावी और नये मतदाताओं की निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी के लिए सभी स्कूल-कॉलेजों में निर्वाचन साक्षरता क्लब (इलेक्ट्रोरल लिटरेसी क्लब) गठित करने के निर्देश दिया है। इससे विद्यार्थी जहां निर्वाचन साक्षरता की मुख्य धारा में शामिल हो सकेगें वहीं उनकी क्षमता का भी सही उपयोग हो सकेगा। कक्षा 9 से 12 तक छात्र-छात्रा सदस्य के रूप में रहेगें।
आयोग ने निर्वाचन साक्षरता क्लब के प्रथम बैच के गठन की प्रक्रिया राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी से प्रारंभ करवाने को कहा है। यह क्लब भावी एवं नये मतदाता को सीखने और अनुभव प्राप्त करने का अवसर देगा। निर्वाचन साक्षरता के लिये क्लब एक जीवंत हब के रूप में कार्य करेगा। इससे युवा और भावी मतदाताओं में निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी की पहल हो सकेगी। मतदाता पंजीयन, निर्वाचन प्रक्रिया और संबंधित विषयों पर लक्षित जनसंख्या को शिक्षित किया जा सकेगा। स्कूल और कॉलेज के नये एवं भावी मतदाताओं को ईवीएम और वीवीपेट से परिचित करवाकर उनकी सत्यता एवं विश्वनीयता से अवगत करवाया जायेगा। विद्यार्थियों में क्षमता विकास के साथ उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया के सभी प्रश्नों की जानकारी भी दी जायेगी। इससे 14 वर्ष की आयु से ही विद्यार्थी निर्वाचन प्रक्रिया से भली-भाँति परिचित हो सकेगें। क्लब के गठन से मतदाताओं को यह समझने में सुविधा होगी कि वे वोट की कीमत समझ कर अपने मताधिकार का उपयोग कर सके। क्लब के सदस्यों का उपयोग समुदाय में निर्वाचन साक्षरता बढ़ाने में किया जायेगा। क्लब में कक्षा 9 से 12 वीं तक के विद्यार्थी भावी मतदाता के रूप में शामिल होगे। नये मतदाता महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा जैसे अन्य शैक्षणिक संस्थान से शामिल किये जायेगें।
स्कूल के विद्यार्थी साक्षरता क्लब का संचालन एक निर्वाचित कार्यकारी समिति केमाध्यम से कर सकेगें। एक या दो शिक्षक नोडल ऑफिसर और मेंटर के रूप में कार्य करेगे। कार्य में उन शिक्षकों को प्रथामिकता दी जायेगी, जिनके पास निर्वाचन कार्य का अनुभव हो। कॉलेज और विश्वविद्यालय में क्लब के सदस्य विद्यार्थी रहेगें। क्लब का संचालन एक कार्यकारी समिति के माध्यम से किया जायेगा। केम्पस एम्बेस्डर क्लब के सदस्य का भी कार्य करेगें तथा वे नोडल अधिकारी को सहयोग करेगे। राजनीति शास्त्र के एक या दो शिक्षक को नोडल ऑफिसर और मेंटर बनाया जायेगा।
चुनाव-पाठशाला
मतदान केन्द्र स्तर पर क्लब की स्थापना ऐसे युवाओं के लिए होगी जो औचारिक शिक्षा व्यवस्था से बाहर है। इनके समूह को चुनाव-पाठशाला कहा जायेगा। बीएलओ चुनाव पाठशाला के नोडल अधिकारी होगें। चुनाव पाठशाला पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव के मतदान केन्द्र अथवा बीएलओ द्वारा निर्धारित स्थान पर की जायेगी।
मतदाता जागरूकता फोरम
मतदाता जागरूकता फोरम शासकीय विभागों, अशासकीय संगठनों, कार्पोरेट या अन्य संस्थानों में गठित होगी। सभी कर्मचारियों के लिए इसकी सदस्यता खुली रहेगी। संगठन प्रमुख निर्वाचन कार्य में अनुभवी एक व्यक्ति को नोडल अधिकारी नियुक्त कर सकेगें। नोडल ऑफिसर जिला निर्वाचन अधिकारी या मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से समन्वय कर फोरम के लिए संसाधन जुटायेगें। सभी नोडल अधिकारियों की क्षमता का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए आयोग मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण देगा। निर्वाचन साक्षरता के लिए राज्य स्तरीय समिति मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के नेतृत्व में गठित होगी। चुनाव आयोग की योजना पूरे देश में 2 लाख निर्वाचन साक्षरता क्लब गठित करने की है।
प्रदेश में स्किल डेव्लपमेंट के साथ युवाओं को मेडिकल के क्षेत्र में प्रशिक्षण देना चाहते है लॉस एंजिलिस के श्री आशीष साबू
4 January 2018
इंदौर में चल रहे फ्रेण्डस् ऑफ एमपी कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश के किसी न किसी क्षेत्र से संबंध रखने वाले 23 देशों के प्रतिनिधि आये है। इन प्रतिनिधियों के मन में मध्यप्रदेश के विकास में सहयोग करने का जज्बा है। यू.एस.ए. (यूनाइटेड स्टेड ऑफ अमेरिका) के लॉस एंजिलिस के कारोबारी श्री आशीष साबू 'टेक सेनरजी' बी.पी.ओ. चलाते है और उसके माध्यम से यू.एस. के डॉक्टर्स की मेडिकल ट्रांस प्रिस्क्रिप्शन को डिजिटल रूप से स्क्रिप्ट करते है। अमेरिका में यह काम मेडिकल और लीगल तौर पर हर डॉक्टर के लिये आवश्यक होता है।
श्री आशीष साबू बताते हैं कि उनका एक बी.पी.ओ. इंदौर में भी चलता है, जिसमें उन्होंने 70 युवाओं को रोजगार दे रखा है। मध्यप्रदेश में पिछले वर्षों में स्किल डवलमेंट के कई कार्यक्रम को शुरू किया गया है। श्री साबू के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार बीपीओ में काम करने वाले युवाओं को प्रशिक्षण दिलवाने में मदद करें, तो वे मेडिकल बीपीओ के क्षेत्र में अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार दिलवा सकते हैं। युवा व्यवसायी आशीष बताते हैं कि उन्हें इस कार्य के लिये प्रदेश में प्रशिक्षित युवा नहीं मिल पाते हैं। इस वजह से उन्हें फिलिपींस के मनीला में वहाँ के युवाओं को प्रशिक्षण दिलवाने के लिये जाना पड़ता है। इस वक्त मनीला में उन्होंने 500 से अधिक युवाओं को रोजगार दिलवाया हुआ है।
कान्क्लेव की चर्चा करते हुए श्री आशीष ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने विदेशों में बसे मध्यप्रदेशवासियों के लिये एक बेहतर मंच उपलब्ध करवाया है। विदेशों में बसे मध्यप्रदेशवासी प्रदेश के विकास में सहयोग करना चाहते हैं। इस मंच से उन्हें यह सुअवसर मिल सकेगा।
कौशल प्रशिक्षण योजना से 59 बेरोजगारों को मिला रोजगार
3 January 2018
होशंगाबाद जिले में अनुसूचित जाति के 59 बेरोजगार कम्प्यूटर ऑपरेटर, मशीन ऑपरेटर, स्टेनो टायपिस्ट, टेली ट्रेनर एवं हेल्पर के पद पर चयनित हो गए हैं। साथ ही 30 युवतियों को ब्यूटी-पार्लर संचालित कर स्वयं का रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन प्रशिक्षण योजना से यह सब संभव हुआ। अंत्यावसायी सहकारी समिति ने अनुसूचित जाति के युवा बेरोजगारों को एम.पी. कॉन लिमिटेड के जरिए विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण दिलवाया। इस प्रशिक्षण से निकलकर युवा बेरोजगार विभिन्न कम्पनियों में चयनित होकर सम्मानजनक वेतन पर कार्य कर रहे हैं।
बावरी घाट की रजनी बकोरिया, नारायण प्रसाद हरियाले, श्याम कुमार, अजय बकरोरिया, अतुल, मोहनी उपरोसिया, अंधियारी गाँव के रोहित चौरे सहित अन्य प्रशिक्षणार्थी कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर, ग्राम आमपुरा के सौरभ का चयन ट्राइडेन्ट कम्पनी में मशीन ऑपरेटर के पद पर, होशंगाबाद की पूजा दोहरे का चयन टेली ट्रेनर के पद पर, मलखान सिंह ट्रेनर एवं शिक्षक, संजू यादव स्टेनो टाइपिस्ट और कमल किशोर कटारे का चयन हेल्पर के पद पर हो गया है।
नेहा कटारे, कृष्णा पगालिया और लक्ष्मी अपने घर से सिलाई का काम कर आत्म-निर्भर हुई हैं। अंत्यावसायी सहकारी समिति के कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि कौशल प्रशिक्षण योजना में होशंगाबाद जिले के युवा वर्ग ने काफी दिलचस्पी दिखाई है तब ही परिणाम-स्वरूप इन्हें रोजगार मिला है।
ई-लर्निंग को प्रोत्साहित करने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय एवं सीईसी के मध्य एमओयू
27 December 2017
भोपाल, 27 दिसंबर। ई-लर्निंग को प्रोत्साहित करने एवं डिजिटल कंटेंट का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने कंसोर्टियम फॉर एजुकेशनल कम्युनिकेशन (सीईसी) के साथ सहमति पत्रक (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इस एमओयू के बाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं शिक्षक सीईसी द्वारा तैयार कराए गए 97 विषयों के डिजिटल कंटेंट का उपयोग अपने अध्ययन एवं अध्यापन में कर सकेंगे। सहमति पत्रक पर विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला एवं सीईसी की ओर से निदेशक प्रो. राजवीर सिंह ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर सीईसी के निदेशक प्रो. राजवीर सिंह ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सबके लिए उपलब्ध हो, इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने डिजिटल कंटेंट तैयार कराने के प्रयास शुरू किए थे। पिछले तीन साल में इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। तीन वर्ष पहले तक सीईसी प्रतिवर्ष 400 से 500 शैक्षिक सामग्री तैयार कर रहा था। जबकि अब चार से पाँच हजार शैक्षिक कार्यक्रम प्रतिवर्ष तैयार हो रहे हैं। ई-लर्निंग और डिजिटल कंटेंट का मुख्य उद्देश्य है- शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ावा देना और तकनीक के माध्यम से शिक्षा का प्रसार करना। सीईसी चार प्रारूप में शैक्षिक सामग्री तैयार कर रहा है। एक, वीडियो प्रारूप में। दो, ई-बुक रूप में। तीन, अधिक अध्ययन के लिए रिफरेंस और चार, स्वाध्याय को प्रोत्साहित करने के लिए असाइनमेंट। उन्होंने बताया कि सीईसी अब तक 97 विषयों की शैक्षिक सामग्री तैयार करा चुका है, जो ऑनलाइन उपलब्ध है। इस एमओयू के बाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं शिक्षक इस सामग्री का ऑनलाइन एवं ऑफलाइन उपयोग कर सकेंगे।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि बदलती दुनिया में क्या अध्यापक बदल रहा है? यह प्रश्न आज के अध्यापकों के सामने है। इस पर विचार करने की आवश्यकता है। आज के विद्यार्थी में ज्ञान प्राप्त करने और सीखने की भूख अत्यधिक है। अपनी भूख को शांत करने के लिए वह किताबों के साथ-साथ डिजिटल माध्यमों का भी उपयोग कर रहा है। ऐसे में सीईसी द्वारा तैयार कराया गया, ई-कंटेंट विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। सीईसी के डिजिटल कंटेंट का उपयोग करने के लिए विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए डिजिटल कॉर्नर बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भी अपने विषय के ई-कंटेंट तैयार करना चाहिए। मीडिया और कम्प्यूटर के शिक्षक प्रभावी ई-कंटेंट बनाने के लिए प्रशिक्षण देने की योजना भी बना सकते हैं। इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा और कार्यक्रम का संचालन श्री दीपक चौकसे ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी, सम्बद्ध संस्थाओं के निदेशक श्री दीपक शर्मा, सीएसआईआर के निदेशक प्रो. मनोज कुमार पटैरिया, एमिटी यूनिवर्सिटी गुडगाँव की प्रो. पूजा राणा सहित सभी विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
देश के नव-निर्माण में विद्यार्थी अपना पूरा योगदान दें - राज्यपाल श्री कोहली
23 December 2017
राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री ओ.पी. कोहली ने विद्यार्थियों से कहा है कि देश के नव-निर्माण में अपना पूरा योगदान करें, तभी उच्च शिक्षा के उद्देश्य में सफल होंगे। श्री कोहली अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के छठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री कोहली ने समारोह में मुख्य न्यायाधिपति, गुवाहाटी हाईकोर्ट श्री अजीत सिंह, शास्त्रीय गायक पं. छन्नूलाल मिश्र, अध्यक्ष इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला-केन्द्र श्री रामबहादुर राय और राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग श्री नंदकुमार साय को मानद उपाधि से सम्मानित किया। साथ ही, विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों को स्वर्ण-पदक एवं उपाधियाँ प्रदान कीं।
राज्यपाल श्री कोहली ने कहा कि दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के लिये गौरवपूर्ण प्रसंग होता है। इसका नियमित आयोजन होना चाहिए। विश्वविद्यालय तभी पूर्ण माने जायेंगे, जब नवीन ज्ञान का सृजन होने के साथ ही सृजित ज्ञान आने वाली पीढ़ी को देने का कार्य किया जाये। उन्होंने अपेक्षा की कि प्रदेश के विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से विश्व के अग्रणी विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में अपना नाम स्थापित करेंगे। इससे अन्य देशों के छात्र भी भारतीय शिक्षा संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के लिये आकर्षित होंगे।
राज्यपाल ने कहा कि छात्रों में सृजनशीलता और संवेदनशीलता होना चाहिए ताकि वे नवाचार कर समाज में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने शिक्षकों से अपेक्षा की कि छात्रों के साथ शैक्षणिक कार्य के अतिरिक्त भी संवाद एवं समन्वय बनायें। शिक्षा को परंपरा एवं आधुनिकता से जोड़ने पर बल देते हुए राज्यपाल ने कहा कि इससे हम भारतीयता से जुड़ेंगे और विकास के नित नये आयाम प्राप्त करने में सफलता मिलेगी। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण आत्म-विश्वास है। इसलिए गुरूजनों तथा विद्यार्थियों को इस दिशा में विचार करते हुए देश के उत्थान में युवाओं की क्षमता का सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा प्रतिभाओं को रोजगार सुलभ कराने के लिये शिक्षा पाठ्यक्रम में कौशल विकास को शामिल कर बाजार और रोजगार के साथ समन्वय बनाना होगा।
दीक्षांत समारोह में उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने विवेकानंद द्वारा गुरू की महत्ता के संबंध में दिये गये उद्गार की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा में नैतिक मूल्यों का समावेश जरूरी है। शिक्षा का सदुपयोग परमार्थ के लिये होना चाहिये। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से कहा कि सज्जनता की सुगंध से समाज को सुवासित करें।
साढ़े सात लाख युवाओं को मिलेगा रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण
21 December 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हर वर्ष साढ़े सात लाख युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जायेगा। साथ ही उन्हें स्वरोजगार के लिये वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जायेगी। इससे वे रोजगार पाने और स्वरोजगार स्थापित करने के काबिल बन सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ युवा सशक्तिकरण मिशन की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर रोजगार बोर्ड के अध्यक्ष श्री हेमंत विजयराव देशमुख, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिये उन्हें हुनरमंद बनाना आवश्यक है। इसके लिये प्रतिवर्ष साढ़े सात लाख युवाओं को विभिन्न प्रकार का रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को ऐसे प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं जिसमें रोजगार की शत-प्रतिशत संभावनाएं हों। उन्होंने कहा कि हर जिले में रोजगार एवं स्वरोजगार मेले आयोजित किये जायें। इनमें युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार संबंधी समुचित जानकारी दी जाये। साथ ही युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न कम्पनियों को भी आमंत्रित किया जाये। उन्होंने प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर बताया गया कि मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के अंतर्गत तीन लाख दस हजार युवाओं को अल्पावधि का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इनमें आईटीआई, कौशल विकास केन्द्र, इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक कॉलेज, प्रशासकीय विभाग एवं अन्य अर्द्धशासकीय संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण के लिये संथाओं को दो लाख 42 हजार 580 रुपये धनराशि के कार्यादेश भी जारी किये जा चुके हैं। इसी तरह, रोजगारोन्मुखी शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिये हाई स्कूलों एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा भी शुरू की जायेगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री प्रभांशु कमल, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बंदोपाध्याय, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल एवं मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल उपस्थित थे
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना
15 December 2017
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में अभी तक 17 हजार 25 विद्यार्थियों की फीस लगभग 25 करोड़ 22 लाख का भुगतान किया जा चुका है। आई.आई.एम. के दो विद्यार्थियों की 8 लाख रुपये की फीस का भुगतान किया गया है।
इसी तरह तकनीकी शिक्षा के 114, आई. आई. टी., आई. आई. एस. ई. आर, एन.आई.टी. के 119, मेडिकल कॉलेज के 334, लॉ के 11, उच्च शिक्षा के 16,313 और अन्य विषयों के 132 विद्यार्थियों के आवेदन स्वीकृत किये गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना की पात्रता में परिवर्तन करने की घोषणा की है। बारहवीं में निर्धारित अंक 75 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत, जे.ई.ई. में 50 हजार तक की रैंक के स्थान पर एक लाख 50 हजार तक की रैंक और माता-पिता की वार्षिक आय 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये करने की घोषणा की गयी है।
विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता जरूरी, संस्कार आधारित उच्च शिक्षा पर दें ध्यान
12 December 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बरकरार रखते हुए आवश्यकतानुसार उनका विस्तार करने की परिस्थितियां बनाई जाएंगी। श्री चौहान आज यहां राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में देश के मध्य क्षेत्र के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
श्री चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालयों को ज्ञान और कौशल देने के अलावा नागरिकता की शिक्षा देने पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षित होने और संस्कारित होने में अंतर है। संस्कार के बिना प्रतिभा का दुरुपयोग भी हो सकता है। उन्होंने आदि शंकराचार्य और स्वामी विवेकानंद की चर्चा करते हुए कहा कि संस्कारों की शिक्षा देने के तरीकों पर भी विचार करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय रहे हैं जो पूरे विश्व में विख्यात थे। आज सोचना पड़ेगा कि भारत के विश्वविद्यालय दुनिया के सौ शीर्ष विश्वविद्यालयों में कैसे शामिल हों। उन्होंने कहा कि संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ यह संभव है। समाज और सरकार दोनों को साथ-साथ प्रयास करना होंगे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और स्वायत्तता की दिशा में ठोस प्रयास करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी गंभीरता से विचार कर रहे है।
श्री चौहान ने कहा कि उच्च शिक्षा रोज़गार देने वाली होना चाहिए। युवा सशक्तिकरण मिशन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देने के प्रयास किये जा रहे है। मुख्यमंत्री ने मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में 75 प्रतिशत अंक लाने वाले मेधावी विद्यार्थियों का चयन राष्ट्रीय संस्थानों में होने पर उनकी पढ़ाई का खर्चा सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि प्रतिभा की कमी नही है लेकिन अवसरों के अभाव में उनका पलायन होता है। इस स्थिति को रोकना होगा।
श्री चौहान ने दोहरी शिक्षा प्रणाली को घातक बताते हुए कहा कि सबको शिक्षा के सामान अवसर मिलने चाहिए, कुलपतियों की यह सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। आज सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी अच्छे अंको से पास हो रहे हैं।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सुनील कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों को सामाजिक सरोकारों से भी संपर्क रखने की आवश्यकता है। उद्योग क्षेत्र से भी निरन्तर संपर्क जरूरी है। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री श्री दीपक जोशी, एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष प्रो. पी.बी. शर्मा, जनरल सेक्रेटरी श्री कमर और विश्वविद्यालयों के कुलपति, वरिष्ठ शिक्षाविद् अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने यूनिवर्सिटी न्यूज़ के विशेष संस्करण और 'आरजीपीवी न्यूज़' लेटर का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ अब कक्षा बारहवीं में 70 प्रतिशत अंक पर मिलेगा, आय सीमा 8 लाख होगी
10 December 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अगले वर्ष से कक्षा बारहवीं की परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को भी मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना में सरकारी महाविद्यालयों में संचालित सभी पाठ्यक्रमों को शामिल किया जायेगा। उन्होंने इसमें आय सीमा आठ लाख रुपये तक बढ़ाने की घोषणा की। जिन उद्योगों द्वारा एक सौ से ज्यादा युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा, उन उद्योगों को अब डेढ़ गुना अधिक पूंजी अनुदान दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज रेडियो कार्यक्रम 'दिल से'' में युवाओं से सीधा संवाद कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना का लाभ जेईई मुख्य परीक्षा में डेढ़ लाख तक मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को दिया जायेगा। विद्यार्थियों के परिवार की सालाना आमदनी की सीमा छह से बढ़ाकर आठ लाख रुपये की जायेगी। इस योजना के अंतर्गत नये पाठ्यक्रम भी जोड़े जायेंगे। इससे ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राओं को योजना का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी आदि कारणों से जो अभ्यर्थी पटवारी परीक्षा से छूट गये हैं, उनके लिये आगामी 29 दिसम्बर को फिर से परीक्षा आयोजित की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरी में लगभग 90 हजार पदों के लिये भर्ती होगी। मुख्यमंत्री युवा सशक्तिकरण मिशन के तहत हर वर्ष साढ़े सात लाख युवाओं को रोजगार के लिये प्रशिक्षित किया जायेगा।
नये सिरे से शुरु होगा बेटी बचाओ अभियान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नये सिरे से समाज की भागीदारी से बेटी बचाओ अभियान शुरु किया जायेगा। जिसमें संस्कारयुक्त शिक्षा पर जोर दिया जायेगा। समाज जागरुक होकर बेटियों को बचाने के लिये उपाय करें। सभी नागरिक अपने-अपने शहरों और गांवों को स्वच्छ बनाने में जुट जायें। राज्य सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रुप में मना रही है। गरीबों के कल्याण के लिये गरीब एजेंडा बनाया गया है। इसके अंतर्गत गरीबों को रोटी-कपड़ा और मकान तथा उनके बच्चों के पढ़ाई-लिखाई एवं दवाई का समुचित इंतजाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो पात्र व्यक्ति सस्ते राशन से छूट गये हैं, उन्हें भी पात्रता पर्ची जारी करने का निर्णय लिया गया है। कोई भी निर्धन व्यक्ति सस्ते राशन से वंचित नहीं रहेगा। सहरिया जैसी विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के पोषण के लिये परिवार की महिला खाते में अब हर माह एक हजार रुपये जमा किये जायेंगे। सभी आवासहीन व्यक्तियों को मकान के लिये भूखंड उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही उन्हें मकान बनाने के लिये सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। अगले वर्ष दिसम्बर के अंत तक अनुसूचित जनजाति के सभी आवासहीन व्यक्तियों को आवास स्वीकृत किये जायेंगे। वर्ष 2022 तक कोई भी आवासहीन व्यक्ति शेष नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में गरीबों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिये समाज के सहयोग से दीनदयाल रसोई योजना सफलतापूर्वक चल रही है। बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराने के लिये मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना अंतर्गत नये तीर्थ भी जोड़े गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिये पहले गर्मियों में प्याज, उड़द, मूंग और अरहर समर्थन मूल्य पर खरीदी गयी है। अब किसानों के हित के लिये भावांतर भुगतान योजना शुरु की गई है। इस योजनांतर्गत 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर बीच जिन किसानों ने अपनी फसल बेची थी, उन्हें 139 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है। जिन किसानों ने 1 से 30 नवम्बर के बीच अपनी फसल की बिक्री की है उनके खातों में भावांतर भुगतान की राशि 20 से 30 दिसम्बर के बीच पहुंच जायेगी।
युवा उद्यमी बनें और प्रदेश के विकास में योगदान करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि माँ-बहनों और बेटियों की सुरक्षा के लिये विधानसभा में एक क्रांतिकारी विधेयक पारित किया गया है। इसमें मासूम बेटियों के साथ दुराचार करने वाले नर-पिशाचों के लिये फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में आगामी 19 दिसम्बर से 22 जनवरी तक आदिशंकराचार्य एकात्म यात्रा निकाली जायेगी जिसमें अद्वेत वेदांत के प्रचार के साथ गांव-गांव से धातु के कलश में मिट्टी इकट्ठी की जायेगी जिसका उपयोग ओकारेश्वर में स्थापित होने वाली आदिशंकराचार्य की विशाल प्रतिमा में किया जायेगा। इस यात्रा में भी बेटी-बचाओं का संदेश दिया जायेगा। उन्होंने युवाओं से अपील की कि मुख्यमंत्री युवा उद्ममी योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर उद्यमी बनें और प्रदेश के विकास में योगदान दें। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरु की गई मुद्रा योजना का लाभ लें।
युवाओं की सफलता का किया उल्लेख
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस दौरान प्रदेश के कई युवाओं की सफलताओं का उल्लेख किया जिन्होंने स्वरोजगार के माध्यम से दूसरों को रोजगार देने का काम किया है। उन्होंने सतना के श्री मदन सिंह का उल्लेख किया जिन्होंने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की मदद से खुद का कारखाना शुरु किया है जिसमें राईस मिल में लगने वाले उपकरण बनाये जाते हैं। इसी तरह सीहोर की श्रीमती रीना मेवाड़ा पहले मजदूरी करती थीं अब उन्होंने बैग निर्माण की इकाई स्थापित की है। वे अब अपने परिवार का बेहतर ढंग से पालन कर रही हैं। सागर जिले के बीना के श्री सुरेन्द्र सिंह पहले किराये का आटो चलाते थे अब योजना की मदद से खुद का आटो चला रहे हैं। उज्जैन की ईरम खान ने खुद का मनोरंजन पार्क शुरु किया है। नीमच जिले के ग्राम तुम्बा के उदयलाल विद्युत चाक से अब 10 से 12 हजार रुपये प्रतिमाह कमा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बीत रहे वर्ष की उपलब्धियों की चर्चा करते हुये कहा कि यह वर्ष उपब्धियों भरा रहा। इस दौरान मध्यप्रदेश कृषि विकास दर में अव्वल तथा विकास दर में देश में दूसरे स्थान पर रहा। इस दौरान जनता के कल्याण और प्रदेश के विकास का रोडमेप बनाया गया। राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वे में प्रदेश के 22 शहरों ने स्थान बनाया। उन्होंने देवास जिले में हाल ही में शहीद हुये सैनिक स्वर्गीय नीलेश धाकड़ को श्रद्धांजलि देते हुये कहा कि पूरी सरकार उनके परिवार के साथ है।
युवाओं के प्रश्नों के जवाब दिये
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने युवाओं के प्रश्नों और सुझावों के जवाब दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में डिजाईन और कॉपी राईटिंग के कोर्स शुरु किये जायेंगे। स्वरोजगार योजनाओं में आदिवासी और पिछड़े जिलों के युवाओं को विशेष रुप से प्रोत्साहित किया जायेगा। युवा सशक्तिकरण मिशन में उद्योगों की मांग के अनुसार व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। पोषण-आहार निर्माण के लिये महिला स्व-सहायता समूहों का फेडरेशन बनाया जायेगा। अत्याधुनिक कृषि उपकरणों और मशीनों के प्रदर्शन के लिये राज्य-स्तर पर मेला लगाया जायेगा।
सर्वसमावेशी है भारतीय दर्शन : डॉ. कृष्ण गोपाल
8 December 2017
भोपाल, 08 दिसंबर। भारत की दृष्टि विशाल, विराट एवं सम्यक है। भारत में कभी भी खण्ड-खण्ड में चिंतन नहीं किया गया, बल्कि सभी शास्त्रों का समान दृष्टि से देखा गया है। भारत की समावेशी दृष्टि में सभी प्रकार की पूजा पद्धति एवं विचारों का स्वागत किया गया है और समय के अनुसार स्वयं में भी बदलाव किए हैं। सबके मंगल की कामना ही भारत के दर्शन का आधार रहा है। बड़ा मन, बड़ी दृष्टि और सर्वकल्याण के भाव ने ही भारतीय दृष्टि को दुनिया में श्रेष्ठ बनाया है। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह एवं विचारक डॉ. कृष्ण गोपाल ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित ज्ञान संगम के समापन सत्र में व्यक्त किए।
ज्ञान संगम में डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि भारतीय दृष्टि सबकी विविधता का सम्मान करती है और विविधताओं को स्वीकार कर उन्हें साथ लेकर चलती है। सबमें एक ही तत्व है और सबके मंगल की कामना करना, यह भारतीय दृष्टि का मौलिक दर्शन है। उन्होंने कहा कि भारत की ज्ञान दृष्टि सभी क्षेत्रों में विश्व का मार्गदर्शन करने वाली रही है। भारतीय दर्शन एवं भारतीयता को किसी सीमा में नहीं बांधा जा सकता है। दैनिक जीवन में भी लोग अपने कार्य क्षेत्रों में सभी चीजों में परमात्मा की अनुभूति करते हैं। शत्रु में भी ईश्वर देखना, भारत की परंपरा रही है। यह दृष्टि हमारे ऋषि-मुनियों से समाज को मिली और भारतीय जनमानस ने उसे अपने जीवन में उतार लिया। उन्होंने बताया कि दृष्टि का अर्थ है उसके पीछे का तत्व। जब हम भारतीय दृष्टि की बात करते हैं तो उसका अर्थ है हिंदू या कहें कि भारतीय तत्व। भारत में मनुष्य इस मंगल कामना के साथ समाज में रहता है कि भारतभूमि पर मनुष्य जन्म कई जन्मों के पुण्य कर्मों का फल है। समापन सत्र में विशिष्ट अतिथि मध्यप्रदेश शासन के जनसंपर्क एवं जल संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा उपस्थित थे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की संचार की भारतीय परंपराओं के अंतर्गत सम्पन्न शोध कार्य पर श्री साकेत दुबे द्वारा लिखित पुस्तक 'रामचरित मानस में संचार की पद्धति एवं परंपरा : रामुसूत्रधरअंतरजामी' का विमोचन भी किया गया।
इससे पूर्व 'सामाजिक संवाद की भारतीय दृष्टि (संवाद का स्वराज) ' विषय पर कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि कम्युनिकेशन के मॉडल्स को पश्चिम के दृष्टिकोण से पढ़ते हैं तो संवाद की प्रक्रिया अधूरी लगती है। जबकि विश्वविद्यालय की योजना से विकसित हुए 'हिंदू मॉडल ऑफ कम्युनिकेशन' पर विदेशों में भी चर्चा हो रही है। जनसंचार की प्रक्रिया को समझने के लिए 'हिंदू मॉडल ऑफ कम्युनिकेशन' पर्याप्त माना जा रहा है। हालाँकि अभी इसमें काम करने की और अधिक गुंजाइश है। उन्होंने बताया कि संवाद प्रकिया में 'साधारणीकरण' की अवधारणा भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में है। इस दुनिया में प्रत्येक चीज, प्रत्येक दूसरी चीज से जुड़ी हुई है। हर चीज एक-दूसरे से न केवल जुड़ी हुई है, बल्कि एक-दूसरे पर निर्भर भी है। इसी विषय पर वरिष्ठ पत्रकार श्री उमेश उपाध्याय ने कहा कि डिजिटल दुनिया में संवाद का तरीका बदल रहा है। भारत में इस समय 24 करोड़ 10 लाख फेसबुक उपयोगकर्ता हैं। फेसबुक उपयोगकर्ता के मामले में भारत दुनिया में प्रथम स्थान पर है। आज भारत में प्रतिमाह 135 करोड़ जीबी डेटा इस्तेमाल किया जा रहा है। अगले पाँच वर्ष में यह आँकड़ा 350 करोड़ जीबी डेटा तक पहुँच सकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया में जो कंटेट आ रहा है, क्या वह समाजोन्मुखी है? इस संबंध में विचार करने की आवश्यकता है। श्री उपाध्याय ने कहा कि 1991 के बाद हमारे संवाद पर नियंत्रण करने के प्रयास लगातार हुए हैं। किंतु परिवार की ताकत के कारण भारतीय जीवन मूल्य बचे रहे हैं। परिवार में संवाद की प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी। उन्होंने कहा कि हम यह सोचते हैं कि पत्रकार के पास अभिव्यक्ति का अधिकार है, किंतु समाचार कक्ष में उसके पास यह अधिकार नहीं है, यह अधिकार बाजार के पास है। सोशल मीडिया में उपयोग हो रही शब्दावली पर शोध होना चाहिए। मशीनी इंटेलिजेंस और आर्टिफियल इंटेलिजेंस आने वाले समय में प्रभावी रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व संचारोन्मुखी हो रहा है, इस स्थिति में भारत बहुत कुछ दे सकता है। सत्र की अध्यक्षता कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि हमारे वेदों का आधे से अधिक भाग संवाद की शैली है। प्रश्नोत्तर के रूप में जिज्ञासा उत्पन्न करना और फिर समाधान देने की परंपरा है। कठोपनिषद का पहला अध्याय, नचिकेता का पिता से संवाद और नचिकेता का यम से वार्तालाप, संवाद शैली में आता है। उन्होंने कहा कि संवाद जब होता है तो दोनों पक्षों के बीच प्रेम होता है, विश्वास होता है। यदि विश्वास नहीं होगा तो संवाद गलत दिशा में चला जाएगा। हमारे देश में वाणी की शुचिता का वातावरण रहा है। सेमेटिक रिलीजन के आने से पहले तक दुनिया में भी संवाद की शुचिता का वातावरण रहा है।
इन विषयों पर भी हुआ विमर्श : ज्ञान संगम में विभिन्न व्यवसायों में भारतीयता के अंतर्गत 'स्वस्थ जीवन' विषय पर श्री अरुल मोली ने कहा कि हमें प्रकृति ने सुंदर जीवन दिया है। संतुलित खान-पान से हम उसे स्वस्थ एवं समृद्ध रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि संतुलित जीवन के लिए प्रकृति का साथ जरूरी है। इसी सत्र में 'धन-संपदा के संग्रहण की भारतीय दृष्टि' पर श्री बलतेज सिंह मान ने कहा कि भारतीय संस्कृति में संतुलन करना सिखाया गया है। धन-संपदा का संग्रहण आवश्यकता से अधिक नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ह्यूमन कैपिटल अच्छा होगा तो वेल्थ मैनेजमेंट अपने आप हो जायेगा। वहीं, 'राज व्यवस्था' पर श्री सुभाष चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि राजा का काम प्रजा के हितों का ध्यान रखना है। भारत में जिसे भी राजा बनाया जाता था, उसके साथ सदैव एक मंत्रिपरिषद रहती थी, ताकि वह जनहित के निर्णय ले सके। उन्होंने कहा कि आधुनिक राज व्यवस्था मौर्य साम्राज्य की देन है, जिसने हमारी संस्कृति को एक किया। उन्होंने बताया कि चाणक्य की पुस्तक 'अर्थशास्त्र' आधुनिक राज्य व्यवस्था के लिए बाइबिल कही जा सकती है। इस सत्र की अध्यक्षता कर रहे अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संगठन मंत्री श्री श्रीधर पराड़कर ने कहा कि हमें जो कुछ भी प्रकृति से प्राप्त हुआ है, उसका त्यागपूर्वक भोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में आज जो समस्याएं दिख रही हैं, उसका कारण है कि हमने भारतीय जीवन के आधार छोड़ दिए हैं।
'कला एवं मनोरंजन की भारतीय दृष्टि' पर प्रो. दीनबंधु पाण्डेय ने कहा कि कला का मूल उद्देश्य परमार्थ है, यह भारतीय जीवन दृष्टि का प्रमुख सूत्र है। कला में यदि परमार्थ का भाव नहीं होगा, तो वह मर जाएगी। धर्म के लिए कला का निर्माण करेंगे, तो वह अमर हो जाएगी। भारतीय ग्रंथों में दो प्रकार की कला का जिक्र आता है, देव शिल्पकला एवं मानुषी शिल्पकला। देव शिल्पकला ईश्वर प्रदत है। सृष्टि का निर्माण प्रकृति ने किया वह देव शिल्पकला है। देव शिल्पकला को देखकर अनुग्रहित की गई कला मानुषी शिल्पकला है। उन्होंने कहा कि भारतीय ग्रंथों में वर्णित 64 कलाओं का अगर वाचन करें तो कोई भी कला छूटती नहीं है। सत्र की अध्यक्षता कर रहे प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेन्द्र कोहली ने कहा कि कला के प्रति हमारी दृष्टि ऐसी है, जिसमें मनोरंजन और धर्म, दोनों प्राप्त होते हैं। साहित्य का काम है कि वह हमें अपनी बुराइयों से परिचित कराती है। जब हम अपनी बुराइयों को जानेंगे, तब ही उन्हें दूर कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि लेखक या कलाकार पौराणिक ग्रंथों से कहानी ले या न लें, किंतु संस्कार जरूर लें। साहित्य में संस्कारों की हानि हो रही है। संस्कारों को दूषित किया जा रहा है, उसे बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा गलत राह पर जाने लगे तो कला का नाश होता है, इसमें मनोरंजन नहीं होता, मन कलुषित हो जाता है। जो साहित्यकार अपने संस्कारों को दूषित करने का कार्य करते हैं, वह विदूषक हैं, यह साहित्य को बदनाम करने के लिए पैदा हुए हैं।
'प्रकृति में सामंजस्य एवं समन्वय की भारतीय दृष्टि' विषय पर पैसिफिक विश्वविद्यालय, जयपुर के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने बताया कि अपनी आने वाली पीढ़ीयों को प्राकृतिक संसाधन देना हमारा कर्तव्य है। प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि वह अपने द्वारा उपयोग किए हुए संसाधनों एवं ऊर्जा का हिसाब रखे, तब ही हमें पता होगा कि हमने प्रकृति को कितना नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के अवदानों की प्रतिपूर्ति संभव नहीं है। श्री शर्मा ने बताया कि भारतीय दृष्टि ने सभी उपयोगी वनस्पतियों के संरक्षण की पूर्ण व्यवस्था की है तथा धार्मिक दृष्टि दी है। इसी सत्र में श्री मुकुल कानिटकर ने कहा कि प्रकृति भोग के लिए नहीं, बल्कि सामंजस्य एवं संतुलन बनाकर साथ चलने के लिए है और यही भारतीय दृष्टि है। प्रकृति के साथ यदि हमारा समन्वय हो जाएगा तो सामंजस्य की आवश्यकता नहीं होगी। एकात्म जीवन दृष्टि से व्यक्ति को संस्कारित एवं शिक्षित करने की आवश्यकता है। यह जिम्मेदारी शिक्षा जगत की है।
किसी में भेद नहीं मानती भारतीय जीवन दृष्टि : जे. नंदकुमार
7 December 2017
भोपाल, 07 दिसंबर। भारतीय दृष्टि समूची सृष्टि को ईश्वर ही मानती है। मनुष्य मात्र में ही नहीं, अपितु प्रकृति के प्रत्येक तत्व- पेड़-पौधे, पक्षी, ग्रह-नक्षत्र, पृथ्वी, समुद्र एवं पहाड़, सबमें ईश्वर का ही अंश है। सबमें एक ही ब्रह्म है। इसलिए भारतीय ज्ञान परंपरा में सबके साथ आत्मीय संबंध देखे गए हैं। अन्यत्र किसी विचार-संस्कृति में प्रकृति के प्रति ऐसा दृष्टिकोण नहीं है। यह विचार अखिल भारतीय प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक श्री जे. नंदकुमार ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित दो दिवसीय 'ज्ञान संगम' में व्यक्त किए। ज्ञान संगम का उद्घाटन प्रख्यात साहित्यकार पद्मश्री डॉ. नरेन्द्र कोहली, उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया एवं कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने किया।
'जीवन की भारतीय दृष्टि' विषय पर अपने उद्बोधन में श्री जे. नंदकुमार ने कहा कि हम अपने भीतर जिस प्रकाश को देखते हैं, दूसरे के भीतर भी उसी प्रकाश के अस्तित्व को स्वीकारते हैं। भृतहरि ने अपने वैराग्य शतक में प्रकृति की ओर संकेत करते हुए लिखा है कि आकाश मेरा भाई है। पृथ्वी मेरी माता है। वायु मेरे पिता हैं और अग्नि मेरा मित्र है। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन में प्रकृति को आनंद का बगीचा नहीं माना, बल्कि इसके साथ आत्मीय संबंध बनाए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन के आधार पर सभी विषयों के प्रति हमारी मौलिक मान्यताएं हैं। उन मौलिक मान्यताओं के आधार पर आज विमर्श करने की आवश्यकता है।
भारत भूमि पर विकसित सभी दर्शनों में सबके कल्याण का विचार : श्री नंदकुमार ने कहा कि भारत में विकसित वैदिक, जैन, सिख एवं बौद्ध सहित अन्य सभी दर्शन कहते हैं कि -'सबका कल्याण हो।' भारतीय परंपरा में ही सर्वे भवंतु सुखिन: का विचार किया गया है। भारतीय जीवन दृष्टि विभिन्न आधारों पर भेद करके विनाश की बात नहीं करती, बल्कि इसमें सबके कल्याण का विचार है। भारतीय दृष्टि ईश्वर के संबंध में कहती है कि किसी भी रूप में, किसी भी समय, किसी भी नाम से मुझे बुलाओ, मैं उसी रूप में आपके सामने आऊंगा। स्वामी विवेकानंद ने इसी बात को अपने शिकागो व्याख्यान में कहा था। भारत में सभी विषयों को देखने का एक सर्वसमावेशी दृष्टिकोण है। यह दर्शन है।
स्त्री-पुरुष की कल्पना अलग-अलग नहीं : श्री नंदकुमार ने कहा कि विश्व में भारतीय जीवन दृष्टि है, जहाँ स्त्री-पुरुष की रचना एवं कल्पना एकसाथ एक ही तत्व से मानी जाती है। यहाँ स्त्री-पुरुष में कोई भेद नहीं माना गया है। दोनों को एक-दूसरे के समान एवं पूरक माना गया है। हमारे शक्ति के बिना शिव को शव मानते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन दृष्टि की वैचारिक, आध्यात्मिक और दार्शनिक प्रासंगिकता बनी हुई है। विश्व शांति के लिए भारतीय दर्शन को जानना महत्वपूर्ण है।
जोडऩे वाला ऋषि और बांटने वाला राक्षस : ज्ञान संगम के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि एवं प्रख्यात साहित्यकार पद्मश्री डॉ. नरेन्द्र कोहली ने कहा ने हमारे इतिहास में दो शब्द आते हैं- ऋषि एवं राक्षस। जो लोगों को बांटने का काम करते हैं, वह राक्षस हैं। जबकि जो लोगों को जोड़ते हैं, उन्हें एकत्र लाते हैं, उन्हें ऋषि कहते हैं। ऋषि अपनी संस्कृति व राष्ट्र की रक्षा करता है। उन्होंने बताया कि ऋषि का अर्थ है बुद्धिजीवी। बुद्धिजीवी वह है, जो जानता है इसलिए मानता है और जिसे नहीं जानता, उसे जानने का प्रयास करता है। जबकि राक्षस वह है, जो जानता नहीं, इसलिए मानता नहीं और जानना भी नहीं चाहता। उन्होंने बताया कि जो लोग अपने सामथ्र्य का उपयोग लोगों का शोषण करने के लिए करते हैं, वह राक्षस हैं। आतंकवादियों ने सीरिया में महिलाओं के साथ जो किया गया, वैसा तो राक्षस नहीं कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि दत्तात्रेय ने अवधूत गीता लिखी है। उसमें उन्होंने कहा है कि इस सृष्टि में कौन है, जिसकी मैं पूजा करूं। अपने इसी प्रश्न के उत्तर में दत्तात्रेय ने कहते हैं कि जिसकी मुझे पूजा करनी है, वह मैं ही तो हूँ। इस सृष्टि की रचना मैंने ही तो की है। पृथ्वी और सूर्य को मैंने ही तो बनाया है। दत्तात्रेय की यह बातें अनूठी लगती हैं। श्री कोहली ने बताया कि दत्तात्रेय जिस 'मैं' की बात कर रहे हैं, वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है, बल्कि 'आत्मा' है, जो सबके भीतर है। उन्होंने बताया कि जो आत्मा कामनाओं से बंधी रहती है, उसे मुक्ति नहीं मिलती है।
डॉ. कोहली ने बताया कि भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु से पहले पश्चिम के विद्वान यह मानते ही नहीं थे कि वनस्पति में भी जीवन होता है। जबकि भारतीय ज्ञान परंपरा में माना गया है कि जो कुछ भी इस सृष्टि में है, वह सब प्राणवान है। जिस प्रकार चैतन्य मनुष्य व्यवहार करता है, ठीक उसी प्रकार प्रकृति के तत्व भी व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन दृष्टि में सबको समान माना गया है, जब तक कि वह धर्म की राह पर चले।
लोक मंगल की परंपरा है ज्ञान : उद्घाटन सत्र के विशिष्ट अतिथि एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि सभ्यताएं युग के अनुसार बदलती रहती हैं किंतु संस्कृति कभी नहीं बदलती। संस्कृति का अर्थ है- जीवन मूल्य। ज्ञान-मंथन ज्ञानियों का संगम है, जिसमें अगला क्रम एक दूसरे में समाहित हो जाना है। हमारी भारतीय जीवन दृष्टि में ज्ञान संगम एवं मंथन विशिष्ट है। यह परंपरा महाकुम्भ से चली आ रही है। लोक मंगल की परंपरा ही ज्ञान है। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद कहते थे कि-अतीत को पढ़ो, वर्तमान को गढ़ो और आगे बढ़ो। जो समाज अपने इतिहास एवं वांग्मय की मूल्यवान चीजों को नष्ट कर देता है, वह निष्प्राण हो जाते हैं और यह भी सत्य है कि जो समाज इतिहास में ही डूबे रहते हैं, वह भी निष्प्राण हो जाते हैं। श्री पवैया ने कहा कि पिछले हजार वर्ष के कालखण्ड में यह अभिशाप मिला है कि हमारे समाज में भिक्षु स्वभाव उत्पन्न हो गया है। स्वतंत्रता के बाद भी यह स्वभाव बढ़ता गया है। मानसिक दासता के कारण ही हम मानते हैं कि आधुनिक सब श्रेष्ठ है और प्राचीन सब बेकार। उन्होंने बताया कि आज के युग में तर्क और तथ्य के बिना किसी भी बात को सिर्फ आस्था के नाम पर आज की पीढ़ी के गले नहीं उतारा जा सकता। भारतीय ज्ञान को तर्क के साथ प्रस्तुत किया तो योग को पूरी दुनिया ने स्वीकार कर लिया है।
इस अवसर पर उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि भारतीय ज्ञान-दर्शन के प्रति दुनिया में जिज्ञासा बढ़ रही है। यूरोप के लगभग प्रत्येक विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान का अध्ययन किया जा रहा है। भारतीय ज्ञान का अध्ययन करते समय यूरोप के विद्वानों का दृष्टिकोण यूरोपीय ही होगा, इसलिए भारतीय ज्ञान अपने मूल रूप में सामने आएगा, इसकी संभावना अधिक नहीं है। ऐसे में हमारे सामने चुनौती है कि हम अपने ज्ञान को भारतीय दृष्टिकोण से दुनिया के सामने लाएं। अपने विषय के क्षेत्र में भारतीय दृष्टि से शोध एवं अध्यापन कराएं और उसे पाठ्यक्रम में शामिल कराने के प्रयत्न करें।
इन विषयों पर भी हुआ विमर्श : ज्ञान संगम में पहले दिन 'ज्ञान, संस्कार, विद्या की भारतीय दृष्टि' पर पुनरुत्थान विद्यापीठ की कुलपति सुश्री इंदुमति काटदरे ने कहा कि भारत की सारी रचनाएं एवं विमर्श सत्य और धर्म के आधार पर है। उन्होंने संस्कृति और समृद्धि को श्रेष्ठ समाज का लक्षण बताया। उन्होंने कहा कि जो समाज संस्कृति एवं समृद्धि में सांमजस्य बनाकर चलता है, वह श्रेष्ठ है। इसी सत्र में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष श्री बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि ज्ञान में जब संस्कार की युति होती है, तो वह विद्या बन जाती है। उन्होंने कहा कि ज्ञान शरीर है और संस्कार आत्मा। इनकी युति से विद्या का जन्म होता है, जो विश्व कल्याण की राह दिखाती है। वैदिक मिशन ट्रस्ट, राजकोट के प्रमुख स्वामी धर्मबंधु ने 'सुख एवं आनंद की भारतीय दृष्टि' विषय पर कहा कि भारतीय जीवन का मूल आधार जीवन को सुखी बनाना है। स्वतंत्रता से बड़ा कोई सुख नहीं है और परतंत्रता से बड़ा कोई दुख नहीं है। सुख एवं आनंद की भारतीय दृष्टि के अनुसार जहाँ ईश्वर का निवास होता है, वहाँ खुशहाली होती है। सुख एवं शान्ति बाजार में नहीं मिलेगी, बल्कि अपने कर्म को अच्छी तरह से करने के उपरांत ही सुख एवं आनंद की अनुभूति होती है। इसी विषय पर श्री जितेन्द्र बजाज ने गुरुवाणी, तैत्रीय उपनिषद एवं दैशिक शास्त्र के प्रसंगों का उल्लेख करते हुए सुख और आनंद की भारतीय दृष्टि पर प्रकाश डाला। 'भारतीय जीवन में विज्ञान' विषय पर विचार रखते हुए राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि ब्रह्माण की उत्पत्ति का भारतीय दर्शन हमें गीता में देखने को मिलता है जब भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को अपने विराट स्वरूप का दर्शन कराते हैं। उन्होंने कहा कि सही मायनों में गीता हमें भारतीय जीवन की दृष्टि सिखाती है। इसीलिए गीता को विज्ञान के साथ जोड़ा जाता है। उन्होंने भारतीय योग, पूजा पद्धति, विवाह संस्कार एवं अंतिम संस्कार को भी भारतीय विज्ञान के स्वरूप में बताते हुए अपने विचार प्रकट किए। इसी सत्र में जीबी पंत कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, पंत नगर के प्रो. शिवेन्द्र कश्यप ने कहा कि संस्कृतियों को विकास जिज्ञासा प्रकट करने से होता है और जिज्ञासा ही विज्ञान को जन्म देती है। वहीं, भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री मुकुल कानिटकर ने 'नवीन ज्ञान रचना के लिए भारतीय दृष्टि' विषय पर कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात ही हमारा तंत्र पश्चिमी ढांचे पर चल रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि हमारी शिक्षा पद्धति भारतीय न होकर पश्चिमी है। उन्होंने कहा कि आज भी भारतीय जीवन दृष्टि उतनी ही जीवंत है, जितनी हजारों वर्ष पूर्व थी। नवीन ज्ञान रचना की भारतीय दृष्टि युगानुकूल होनी चाहिए। इसे भूतकालिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। इस सत्र की अध्यक्षता श्री नवीन चंद्रा ने की और अपने विचार व्यक्त किए।
आज इन विषयों पर होगा विमर्श :
ज्ञान संगम में दूसरे दिन 8 दिसंबर को 'सामाजिक संवाद की भारतीय दृष्टि (संवाद का स्वराज)' विषय पर मुख्य प्रस्तुति कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला देंगे। इस सत्र में विशिष्ट अतिथि पत्रकार श्री उमेश उपाध्याय होंगे और अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री कैलाश चंद पंत करेंगे। इसके बाद 'कला एवं मनोरंजन की भारतीय दृष्टि' विषय पर प्रो. दीनबंधु पाण्डेय मुख्य वक्तव्य देंगे और अध्यक्षता प्रख्यात उपन्यासकार डॉ. नरेन्द्र कोहली करेंगे। वहीं, 'प्रकृति में सामंजस्य और समन्वयक की भारतीय दृष्टि' विषय पर मुख्य प्रस्तुति प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा देंगे और सत्र की अध्यक्षता विचारक एवं चिंतक डॉ. कृष्ण गोपाल करेंगे। इसके साथ ही विभिन्न व्यवसायों में भारतीयता विषय के अंतर्गत स्वस्थ जीवन पर श्री अरुल मोली, धन संपदा के संग्रहण पर श्री बलतेज सिंह मान और राज्य व्यवस्था पर साहित्यकार श्री मनोज श्रीवास्तव मुख्य प्रस्तुति देंगे। इस सत्र की अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्यक परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री श्रीधर पराड़कर करेंगे। कार्यक्रम की सहयोगी संस्थाएं बौद्धिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय प्रज्ञा प्रवाह एवं भारतीय शिक्षण मंडल हैं।
कार्यक्रम का समापन 8 दिसंबर को सांयकाल 5:30 बजे प्रशासनिक अकादमी के स्वर्ण जयंती सभागार में ही होगा। समापन सत्र में मुख्य वक्ता प्रख्यात चिंतक एवं विचारक डॉ. कृष्ण गोपाल और विशिष्ट अतिथि जनसंपर्क एवं जलसंसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा होंगे।
तीय ज्ञान-परंपरा पर राष्ट्रीय संविमर्श 'ज्ञान-संगम' आज से
6 December 2017
भोपाल, 06 दिसंबर। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से भारतीय ज्ञान परंपरा एवं भारतीय जीवनदृष्टि पर केंद्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय संविमर्श 'ज्ञान संगम' का आयोजन किया जा रहा है। संविमर्श में मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के लगभग 250 शिक्षक आएंगे, जो अपने विषयों में भारतीय दृष्टिकोण के समावेश, अनुसंधान, भारत के प्राचीन एवं आधुनिक विद्वानों के दर्शन एवं सिद्धांत को पाठ्यक्रम में शामिल करने के संबंध में विचार-मंथन करेंगे। संविमर्श का उद्घाटन 7 दिसंबर को प्रात: 11 बजे उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया, प्रख्यात साहित्यकार पद्मश्री डॉ. नरेन्द्र कोहली, विचारक श्री जे. नंदकुमार एवं कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला करेंगे। संपूर्ण आयोजन आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी के स्वर्ण जयंती सभागार में होगा।
राष्ट्रीय संविमर्श 'ज्ञान संगम' में 'भारतीय जीवन दृष्टि : वर्तमान संदर्भ में व्याख्या' पर व्यापक विमर्श होने वाला है। इस दो दिवसीय बौद्धिक आयोजन में 7 दिसंबर को उद्घाटन सत्र में 'जीवन की भारतीय दृष्टि' विषय पर प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक श्री जे. नंदकुमार का मुख्य वक्तव्य होगा। इसके बाद 'संस्कार, ज्ञान एवं विद्या की भारतीय दृष्टि' विषय पर प्रख्यात शिक्षाविद सुश्री इंदुमति काटदरे अपने विचार रखेंगी। इस सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष श्री बल्देव भाई शर्मा करेंगे। तृतीय सत्र में 'सुख एवं आनंद की भारतीय दृष्टि' विषय पर स्वामी धर्मबंधु मुख्य वक्तव्य देंगे और कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री जितेन्द्र बजाज करेंगे। वहीं, 'भारतीय जीवन में विज्ञान' विषय पर प्रख्यात वैज्ञानिक श्री जयंत सहस्त्रबुद्धे प्रस्तुति देंगे और प्रो. शिवेन्द्र कश्यप अध्यक्षता करेंगे। चौथे सत्र में भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री मुकुल कानिटकर 'नवीन ज्ञान रचना के लिए भारतीय दृष्टि' विषय पर व्याख्यान देंगे और डॉ. नवीन चंद्रा सत्र की अध्यक्षता करेंगे।
ज्ञान संगम में दूसरे दिन 8 दिसंबर को 'सामाजिक संवाद की भारतीय दृष्टि (संवाद का स्वराज)' विषय पर मुख्य प्रस्तुति कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला देंगे। इस सत्र में विशिष्ट अतिथि पत्रकार श्री उमेश उपाध्याय होंगे और अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री कैलाश चंद पंत करेंगे। इसके बाद 'कला एवं मनोरंजन की भारतीय दृष्टि' विषय पर प्रो. दीनबंधु पाण्डेय मुख्य वक्तव्य देंगे और अध्यक्षता प्रख्यात उपन्यासकार डॉ. नरेन्द्र कोहली करेंगे। वहीं, 'प्रकृति में सामंजस्य और समन्वयक की भारतीय दृष्टि' विषय पर मुख्य प्रस्तुति प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा देंगे और सत्र की अध्यक्षता विचारक एवं चिंतक डॉ. कृष्ण गोपाल करेंगे। इसके साथ ही विभिन्न व्यवसायों में भारतीयता विषय के अंतर्गत स्वस्थ जीवन पर श्री अरुल मोली, धन संपदा के संग्रहण पर श्री बलतेज सिंह मान और राज्य व्यवस्था पर साहित्यकार श्री मनोज श्रीवास्तव मुख्य प्रस्तुति देंगे। इस सत्र की अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्यक परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री श्रीधर पराड़कर करेंगे। कार्यक्रम की सहयोगी संस्थाएं बौद्धिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय प्रज्ञा प्रवाह एवं भारतीय शिक्षण मंडल हैं।
कार्यक्रम का समापन 8 दिसंबर को सांयकाल 5:30 बजे प्रशासनिक अकादमी के स्वर्ण जयंती सभागार में ही होगा। समापन सत्र में मुख्य वक्ता प्रख्यात चिंतक एवं विचारक डॉ. कृष्ण गोपाल और विशिष्ट अतिथि जनसंपर्क एवं जलसंसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा होंगे
भारतीय ज्ञान-परंपरा पर विमर्श करने 'ज्ञान-संगम' में जुटेंगे शोधार्थी एवं विद्वान
2 December 2017
भोपाल, 02 दिसंबर। हजारों वर्ष पूर्व दक्षिण एशिया की भूमि पर पनपी सभ्यता ने मनुष्य के जीने की एक अनोखी शैली उन्नत की थी। आज अब विश्व में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण प्रदूषण, आतंकवाद एवं सामाजिक विषमता के कारण मानव का अस्तित्व ही संकट में पड़ चुका है, तब पूरा विश्व समझने की कोशिश कर रहा है कि प्राचीन भारतीय संस्कृति ने जीवन के क्या मूल्य स्थापित किए थे। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के तत्वावधान में भोपाल में 7-8 दिसम्बर, 2017 को आयोजित होने वाले 'ज्ञान-संगम' में भारतीय जीवन दृष्टि की वर्तमान व्याख्या पर मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के अध्यापक विमर्श करने वाले हैं। ज्ञान-संगम का उद्घाटन 7 दिसंबर को सुबह 11 बजे प्रशासनिक अकादमी के सभागार में होगा।
कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने बताया कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के अध्यापक अपने-अपने विषयों को लेकर भारतीय दृष्टिकोण पर व्यापक विमर्श करेंगे। व्यक्ति के जन्म से संस्कार, ज्ञान एवं विद्या उसके व्यक्तित्व का निर्माण करती है। उसमें परिवार एवं शिक्षण संस्थाओं की भूमिका मुख्य रहती है। इस विषय पर व्यापक विमर्श होगा। इसके साथ ही एक विषय यह भी रहेगा कि जीवन में सुख प्राप्ति के क्या साधन हैं? इसी प्रकार से एक सत्र में विद्वान चर्चा करेंगे कि मानव जीवन में संघर्ष अनिवार्य है या कि सामंजस्य और इस विषय में प्राचीन भारतीय ऋषि-मुनियों ने किस प्रकार की व्यवस्था की है? वर्तमान की मानवता सूचना-प्रौद्योगिकी और मीडिया पर आधारित जीवन व्यतीत करती है, परंतु सामाजिक संवाद प्राचीन भारत में किन साधनों से होता था और उसके लिए हमारे ग्रंथों में सूचनाओं में किस प्रकार की आवश्यकताओं को प्रमुख माना गया है। एक सत्र में विमर्श होगा कि कला, मनोरंजन के लिए है या मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए। न्याय व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था एवं राज्य व्यवस्था की प्राचीन भारतीय दृष्टि की तुलना आज की व्यवस्थाओं से भी करने का उद्देश्य है। इसी प्रकार एक सत्र में इस विषय पर चर्चा होगी कि भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने प्रकृति के ज्ञान को किस प्रकार से समझा एवं प्रतिपादित किया अर्थात वर्तमान शोध की दृष्टि और प्राचीन ज्ञान निर्माण की दृष्टि में अंतर को समझने-समझाने का प्रयास किया जाएगा।
इस विमर्श में राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त प्रज्ञा प्रवाह एवं भारतीय शिक्षण मण्डल जैसी अनेक संस्थाओं का सहयोग रहेगा। विभिन्न विषयों को प्रतिपादित करने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों ने विश्वविद्यालय का निमंत्रण स्वीकार किया है। पद्मश्री डॉ. नरेन्द्र कोहली जीवन में सामंजस्य एवं समन्वय की आवश्यकता पर प्रकाश डालेंगे और स्वामी धर्मबन्धु भारतीय सुख दृष्टि की व्याख्या करने वाले हैं। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रो. दीनबंधु पाण्डेय कला एवं मनोरंजन की भारतीय दृष्टि का विश्लेषण करेंगे। प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा प्रबंधन की प्राचीन व्यवस्थाओं एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री मनोज श्रीवास्तव प्राचीन भारत की आदर्श राज्य व्यवस्थाओं की प्रस्तुति करेंगे। दक्षिण भारत से पधारे आरूल मोदी प्राकृतिक चिकित्सा के आधार पर स्वस्थ्य जीवन बनाने की प्रक्रियाओं का वर्णन करने वाले हैं। इसके साथ ही सुश्री इंदुमति काटदरे, श्री कृष्ण गोपाल, डॉ. नागेंद्र, श्री जे. नंदकुमार, श्री मुकुल कानिटकर, श्री कपिल कपूर, श्री कृष्ण सेट्टी, श्री मनोज श्रीवास्तव एवं प्रो. शिवेंद्र कश्यप सहित अन्य विद्वान भी विभिन्न विषयों का प्रतिपादन करेंगे। ज्ञान-संगम में प्रतिभागियों से प्राप्त शोध-पत्रों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने की भी व्यवस्था होगी।
युवाओं को रोजगार और कौशल देने चलेगा अभियान - मुख्यमंत्री श्री चौहान
29 November 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने बारह वर्ष पूरे होने पर मीडिया से चर्चा में आम नागरिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे समर्पित लोक सेवक की तरह काम करते रहेंगे। श्री चौहान ने कहा कि इस बारह सालों में लोक सेवा को मिशन बनाकर काम किया है। लोगों से रिश्ता मजबूत हुआ है। लोगों का भरपूर स्नेह, सहयोग और साथ मिला है। यही वास्तविक शक्ति है।
श्री चौहान ने कहा कि अब रोजगार निर्माण और कौशल विकास पर फोकस है। हर साल साढ़े सात लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी के सुख और समृद्धि के लिये लगातार कोशिशें चल रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आजादी के समय से लेकर 2003 तक कुल साढे सात लाख हेक्टेयर में सिंचाई हुई थी। इन बारह सालों में चालीस लाख हेक्टेयर में सिंचाई हुई और हर साल सिंचाई क्षेत्र में पांच लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने कहा कि इन सालों में विकास के कई आयाम स्थापित हुए हैं और कई ऐतिहसिक काम हुए हैं। श्री चौहान ने कहा कि लोगों की पसंद, सहयोग और सुझावों से कल्याणकारी योजनाएं को लागू करना एक नई पहल रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना का हवाला देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के सुझाव पर ही योजना बनाई गई है ताकि पैसे के अभाव में कोई भी प्रतिभाशाली विद्यार्थी पढ़ाई में पीछे न रहे।
मुख्यमंत्री ने कृषक उद्यमी योजना की चर्चा करते हुए कहा कि किसानों की आजीविका में खेती से जुड़े अन्य कार्य भी शामिल होना चाहिये। इसके लिये कार्य-योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कोई भी गरीब व्यक्ति बिना आवासीय भूमि के नहीं रहेगा।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता के क्षेत्र में
27 November 2017
पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार के क्षेत्र में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने मध्यप्रदेश को विशिष्ट स्थान दिलाया है। विश्वविद्यालय में बड़े छात्रों ने देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च स्थान हासिल किया है। यह जानकारी आज कुलपति प्रोफेसर व्रजकिशोर कुठियाला ने असम राज्य के पत्रकारों के प्रतिनिधि मण्डल को दी।
कुलपति श्री कठियाला ने बताया कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में हाल ही में अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे किये हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में आज की जरूरत के हिसाब से निरंतर नए कोर्स प्रारंभ किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में देश के विभिन्न राज्यों के छात्र अध्ययन के लिए प्रवेश लेते हैं। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न प्रान्तों में 1100 से अधिक संबंद्ध अध्ययन संस्थानों में विश्वविद्यालय के कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के रेक्टर श्री लाजपत आहूजा ने बताया कि 5 अध्ययन केन्द्र नोएडा, खण्डवा, ग्वालियर, अमरकंटक और रीवा में संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में पत्रकारिता, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, जनसंचार, पुस्तकालय विज्ञान और मीडिया प्रबंधन जैसे अनेक विभाग हैं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव संजय द्विवेदी और प्रशासनिक अधिकारी श्री दीपक शर्मा ने भी जानकारी दी। पत्रकारों को बताया गया कि जुलाई 2018 से विश्वविद्यालय नए भवन में लगने लगेगा। भोपाल शहर के नजदीक विसनखेड़ी में कुल 150 करोड़ की लागत से बनने वाले भवन में छात्रों को सभी आधुनिक सुविधायें मिलेंगी। इनमें प्रमुख रूप से पुस्तकालय, खेल-मैदान, आधुनिक स्टूडियो जैसी अनेक सुविधायें होंगी।
जनसंपर्क आयुक्त से मुलाकात
असम के पत्रकारों ने आयुक्त जनसंपर्क श्री पी. नरहरि से भी मुलाकात की। आयुक्त ने पत्रकारों को जनसंपर्क विभाग की विभागीय गतिविधियों, पत्रकारों की कल्याणकारी योजनाएं, विज्ञापन नीति, अधिमान्यता संबंधी जानकारी दी। श्री नरहरि ने बताया कि पत्रकार निष्पक्ष होकर कार्य कर सकें, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध करवाया गया।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दो दिवसीय संगोष्ठी आज से
22 November 2017
भोपाल, 22 नवंबर। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा
आयोजित की जा रही दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ आज (23 नवंबर) को सुबह 11 बजे होगा। शुभारंभ सत्र के
मुख्य अतिथि फिल्म अभिनेता और वरिष्ठ रंगकर्मी राजीव वर्मा तथा मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.
बृजकिशोर कुठियाला और विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी होगें। जैसा कि विदित है कि मीडिया प्रबंधन
विभाग द्वारा विद्यार्थियों में प्रबंधकीय कौशल को निखारने के लिए 23 और 24 नवंबर, 2017 को दो दिवसीय संगोष्ठी
का आयोजन किया जा रहा है।
23 नवंबर को संगोष्ठी के प्रथम सत्र में डिजिटल मीडिया में संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर दैनिक भास्कर
समूह में डीबी डिजिटल के संपादक श्री अनुज खरे विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे। द्वितीय सत्र में विजन एडवाईजरी के
सीईओ श्री प्रदीप करमबेलकर मीडिया प्रबंधन में उद्यमिता से संबंधित विषय अपने विचार व्यक्त करेंगे। वहीं तृतीय
सत्र में एमपी ईटीवी के चैलन हेड श्री प्रवीण दुबे मीडिया प्रबंधन के लिए आवश्यक कौशल पर अपने विचार रखेंगे. प्रथम
दिन के अंतिम सत्र में मीडिया प्रबंधन विभाग के विद्यार्थियों का विषय प्रस्तुति का सत्र होगा। इस सत्र में विभिन्न सम-
सामयिक विषयों पर विद्यार्थी अपनी प्रस्तुति देंगे।
संगोष्ठी के दूसरे दिन चतुर्थ सत्र में रमानी ग्रुप ऑफ कंपनीज् के एचआर हेड निर्मल सिंह राघव सफल उद्ययम के
लिए विपणण नीति विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे. पांचवा सत्र विज्ञापन एवं विपणण में तकनीक का उपयोग
करने के तरीकों पर आधारिता होगा, जिसमें मध्यप्रदेश सरकार के तकनीकी सलाहकार श्री रजत पाण्डेय अपने विचार
व्यक्त करेंगे। छठे सत्र में फिल्म प्रमोशन और प्रचार की नीति पर सिनेमा पटकथा लेखक एवं निर्देशक श्री विनीत
जोशी विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे. सातवे सत्र में अनिमेष फिल्म प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अविनाश त्रिपाठी
सिनेमॉटोग्राफी में प्रबंधन से संबंधित विषय पर अपने विचार व्यक्त करेंगे. इस दो दिवसीय संगोष्ठी के समापन सत्र में
मीडिया प्लानिंग की नीति विषय पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला अपने विचार व्यक्त रखेंगे
और समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में भारत संचार निगम लिमिटेड, भोपाल के महाप्रबंधक श्री महेश शुक्ला
उपस्थित रहेंगे. संगोष्ठी के अंत में मीडिया प्रबंधन विभाग के विद्यार्थी सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुत देंगे.
जबलपुर एवं उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज बनेंगे डीम्ड यूनिवर्सिटी
21 November 2017
इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर एवं उज्जैन को डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाया जाएगा। यह कॉलेज अपना पाठ्यक्रम निर्धारित करने के साथ ही अपनी डिग्री भी देंगे। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल शिक्षा एवं श्रम राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने डीम्ड यूनिवर्सिटी के संबंध में जरूरी कार्यवाही शीघ्र करने के निर्देश समीक्षा बैठक में दिए। श्री जोशी ने कहा कि राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को देश के अंडर 100 विश्वविद्यालयों में लाने के लिए हर संभव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया जाए।
श्री जोशी ने राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में स्पोर्ट आफिसर और जनसम्पर्क अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन सहित विश्वविद्यालय की पूरी कार्य प्रणाली ऑनलाइन की जाए। विद्यार्थियों की उपस्थिति प्रतिदिन पोर्टल पर अपलोड करें। संबद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों का सतत निरीक्षण करें। उद्यमिता एवं र्स्टटअप के लिये फंडिंग करें। विश्वविद्यालय के सांस्कृति कार्यक्रमों का कैलेण्डर बनायें। कुलपति डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि विशनखेड़ी को गोद लिया जाएगा। यहां पर विकास के विभिन्न कार्य करवाए जाएंगे। डॉ. गुप्ता ने विश्वविद्यालय में किये जा रहे सुधारों की भी जानकारी दी।
तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज अपने निर्माण कार्य स्वयं करवाएं। उन्होंने कहा कि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में लिए गए निर्णयों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। जरूरी उपकरणों की खरीदी जैम के माध्यम से करें। श्री जोशी ने कहा कि ग्लोबल स्किल पार्क गोविन्दपुरा आईटीआई में जून माह तक शुरू करने के लिए जरूरी कदम उठाएँ। उन्होंने ग्लोबल स्किल पार्क के निर्माण के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए। श्री जोशी ने एडीबी के सहयोग से बनने वाली 10 आईटीआई का निर्माण मार्च में शुरू करने के निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बन्दोपाध्याय, संचालक कौशल विकास श्री संजीव सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
विज्ञापनों में भारतीयता के समावेश से ही भारतीय विज्ञापन
जगत समृद्ध बना है- दिवाकर शुक्ला
Our Correspondent :17 November 2017
भोपाल। 17 नवम्बर। 2017। विज्ञापनों में भारतीयता के समावेश से ही भारतीय विज्ञापन जगत समृद्ध बना है।
विज्ञापनों में भारतीयता को शामिल कर उपभोक्ता को आसानी से कनेक्ट किया जा सकता है। भारतीय संस्कृति
संस्कार, परिवार आदि तत्व विज्ञापन की सफलता और उत्पाद को बाजार में उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय
बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह बात आज विज्ञापन विशेषज्ञ श्री दिवाकर शुक्ला ने माखनलाल
चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी
के दूसरे दिन सम्पन्न सत्र में व्यक्त किए। श्री शुक्ला ने विज्ञापनों में भारतीयता विषय पर अपने विचार रखे।
उन्होंने अनेक विज्ञापनों के उदाहरण देकर प्रतिभागियों को बताया कि किस तरह सफल विज्ञापनों में
भारतीय तत्वों का समावेश कर विज्ञापन को प्रभावशाली बनाया गया है। उन्होंने बताया कि किसी भी विज्ञापन
एवं जनसंपर्क गतिविधि की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह कितना समाजोपयोगी है। कई बार
विज्ञापनों में ऐसी बात दिखाई जाती है जो भारतीय परिदृश्य में सही नहीं बैठती है। ऐसे विज्ञापन यदि प्रारंभिक
तौर पर सफलता भले ही प्राप्त कर लें, परंतु लंबे समय तक याद नहीं रखे जाते हैं। श्री शुक्ला ने विज्ञापन जगत से
जुड़े अनेक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया।
क्षेत्रीय जनसंपर्क विषयक सत्र में बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा ने कहा
कि जनसंपर्क एवं विज्ञापन में आपको अपनी दृष्टि खुली रखनी होगी क्योंकि जनसंपर्क एक गंभीर पेशा है, इसका
एक विशाल क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि जनसम्पर्क पेशा समाज के प्रति उत्तरदायी है और उसी दृष्टि से आपको
अपना कर्म निभाना चाहिए। श्री आहूजा ने कहा कि जनसम्पर्क व विज्ञापन तभी सफल होगा जब वह प्रामाणिक
होगा। यह संभावनाओं से भरा हुआ क्षेत्र है और अपनी कल्पनाशीलता से आप बहुत आगे निकल सकते हैं।
विद्यार्थियों को जनसंपर्क के महत्वपूर्ण टिप्स देते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने कार्यक्षेत्र की
प्राथमिकता तय करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनसंपर्क क्षेत्र में अवसरों की कोई कमी नहीं है।
जनसंपर्क के भारतीय संदर्भ विषयक तकनीकी सत्र में श्री सी.के. सरदाना ने विद्यार्थियों को सम्बोधित
करते हुए कहा कि जनसंपर्क में अपनी आंखें और कान खुले रखें। उन्होंने इसमें विद्यार्थियों को धीरज रखने की
बात भी कही, साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यार्थी लिखने की प्रेक्टिस भी करें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि
जैसे टेलीविजन में अच्छे विजुअल हैं तो एक अच्छी स्टोरी बनेगी। इसके साथ ही श्री सरदाना ने आत्मविश्वास
होने को भी जनसंपर्क का एक महत्वपूर्ण अंग बताया। उन्होंने कहा कि एक अच्छे जनसंपर्ककर्मी में आत्मविश्वास
का होना बहुत जरूरी है। श्री सरदाना ने विद्यार्थियों से कहा कि जो भी दूसरों से आपको अच्छा लगे, उससे
सीखने की कोशिश हमेशा करना चाहिए।
भारत में डिजिटल मार्केटिंग पर टेक्नोगेज़ प्रा.लि., दिल्ली के निदेशक संतोष सुब्रमण्यम ने कहा कि इस
क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कौशल को विकसित करने की बात कही। उन्होंने कई उदाहरण
देते हुए समझाया कि पहले हम दुकानदार के पास जाते थे, पर आज डिजिटल मार्केटिंग के जरिये वे हम तक
पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला समय डिजिटल मार्केटिंग का होगा। इसके साथ ही उन्होंने संचार कौशल
को भी महत्वपूर्ण अंग बताया। उन्होंने कहा कि सिर्फ संचार ही नहीं इसमें अच्छे कौशल का होना भी जरूरी है।
डिजिटल मार्केटिंग के जरिये उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि हमें वहीं टार्गेट करना पड़ेगा जहां ऑॅडियंस
होगी। उन्होंने टेलीविजन और इंटरनेट का उदाहरण भी दिया। श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि मोबाईल तकनीक के
द्वारा ऑनलाइन मार्केट आज बहुत तेजी से बदल रहा है। उन्होंने डिजिटल मार्केट में अनेक अवसर होने की बात
कही।
एक अन्य सत्र में पेटीएम के राज्य प्रमुख श्री विक्रम सिंह चौहान ने डिजिटल युग में ई-कॉमर्स विषय पर
बोलते हुए ई-कॉमर्स के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला। साथ ही विद्यार्थियों को इस क्षेत्र की संभावनाओं से
अवगत कराया। संगोष्ठी के समापन सत्र में न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधक,
कॉरपोरेट संचार श्री अमृतेश श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को भविष्य की शुभकामना देते हुए कैरियर से जुड़े
महत्वपूर्ण टिप्स दिए। संगोष्ठी में विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विद्यार्थी एवं शिक्षक उपस्थित थे।
सिनेमा के सौंदर्यशास्त्र से जुड़ा है कला निर्देशन.
17 November 2017
भोपाल, 18 नवम्बर। भारतीय सिनेमा का इतिहास श्वेत-श्याम फिल्म हरिशचंद्र से प्रारंभ होता है। तब से लेकर अब तक सिनेमा का लुक अपनी जरूरतों के हिसाब से बदलता रहा है। समय, कथानक, विचार और पैसे ने हिंदुस्तानी सिनेमा के कला रूप को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण है, कथानक। किसी भी फिल्म का लुक उसकी कहानी पर आधारित होता है। कला निर्देशन सिनेमा के सौंदर्यशास्त्र से जुड़ा है। यह विचार प्रख्यात कला निर्देशक जयंत देशमुख ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित 'फिल्म समालोचना कार्यशाला' में व्यक्त किए। कार्यशाला के अंत में उन्होंने प्रतिभागियों से सिनेमा जगत से संबंध में चर्चा की और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने की।
'सिनेमा एवं कला' विषय पर श्री देशमुख ने कहा कि सिनेमा के कला पक्ष को सीखना है तो जरूरी है कि हम रंगों के संयोजन को समझें। रंगों की भाषा को जानें। प्रत्येक रंग कुछ कहता है। किसी भी फिल्म के एक-एक दृश्य को प्रभावी बनाने में कला निर्देशक की महती भूमिका है। यदि फिल्म की कहानी वास्तविक है तब उसका कला पक्ष रीयलिस्टक होगा, जैसा कि बैंडेट क्वीन में दिखाई देता है। यदि कहानी कल्पना पर आधारित होगी, उसका कला पक्ष कल्पना पर आधारित होगा, जैसा कि हमें फिल्म गोलमाल में दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि कला पक्ष फिल्म के निर्देशक, डिजाइनर, फोटो निर्देशक, डायरेक्टर ऑफ प्रोडक्शन और प्रोड्यूसर से जुड़ता है। प्रोडक्शन (डिजाइन) पूरी फिल्म को डिजाइन करते हैं और कला निर्देशक उसे क्रियान्वित करते हैं। श्री देशमुख ने बताया कि सिनेमा टेक्नीकल काम है। इसमें अभ्यास और अनुभव हमें बहुत कुछ सिखाता है। उन्होंने बताया कि हॉलीवुड और दूसरी फिल्मों के आने से भारतीय सिनेमा के कला पक्ष पर बहुत प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि टेलीविजन के छोटे पर्दे ने भी सिनेमा के बड़े पर्दे पर असर डाला है। टेलीविजन का मानना है कि कला पक्ष ऐसा होना चाहिए कि समाज भी अपने घरों एवं जीवन में वैसा बदलाव लाने लगें। टेलीविजन में दिखाए जाने वाले घरों ने मध्यमवर्गीय परिवारों के घरों की सजावट को बदल दिया है। महिलाओं का मेकअप, जूलरी और पहनावा टेलीविजन के अनुसार बदल रहा है।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि फिल्म जगत में अपने करियर की तैयारी करने वाले युवाओं को विचार करना चाहिए कि फिल्म उनके लिए क्या है और क्यों है? फिल्म जगत में काम करने से पहले उन्हें अपनी भूमिका तय कर लेनी चाहिए। स्वयं का मूल्यांकन कर उन्हें विचार करना चाहिए कि उन्हें अभिनय करना है, कैमरा करना है, कला निर्देशन करना है या फिर फिल्मों के लिए लिखना है। यदि वे समय रहते अपनी भूमिका चुन लेंगे, तो इस क्षेत्र में काम करने की अपार संभावनाएं हैं। कार्यशाला की प्रस्तावना कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने प्रस्तुत की और डीन अकादमिक प्रो. पवित्र श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
'फिल्मों के लिए लेखन' विषय पर कला समीक्षक विनय उपाध्याय ने बताया कि फिल्मों को समझने के लिए हमें जीवन की समग्र दृष्टि आत्मसात करनी चाहिए। जिज्ञासु मन लेकर हम सिनेमा को अच्छे से समझ सकते हैं। देशकाल और परिस्थितियों के हिसाब से सिनेमा रचा जाता है। इसलिए किसी कहानी की पृष्ठभूमि को समझने बिना हम फिल्मों के लिए अच्छा लेखन नहीं कर सकते। संगीत, कहानी, संवाद, रंग, दृश्य इत्यादि की बुनियादी समझ विकसित करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि किसी का साक्षात्कार लेते समय हमारे पास प्रश्न अच्छे होने चाहिए, तभी उत्तर अच्छे आएंगे। उत्तर तो संसार में पहले से उपस्थित हैं, प्रश्नों को ही उनके पास जाना पड़ता है। वहीं, प्रख्यात रंगकर्मी आलोक चटर्जी ने अनेक उदाहरणों से 'फिल्म अभिनय एवं निर्देशन' विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि सिनेमा के संबंध में इस बात को गाँठ बांधना जरूरी है कि फिल्म या ड्रामा हम दर्शकों के लिए बनाते हैं, अपने लिए नहीं। इसलिए दर्शक की अभिरुचि का ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने बताया कि कोई भी बड़ा अभिनेता एकदम से नहीं बनता। उसकी यात्रा में समय लगता है। अभिनय के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है।
'वृत्तचित्र निर्माण' विधा पर वरिष्ठ पत्रकार एवं वृत्तचित्र निर्माता अनिल यादव ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने लोहा पीटने वाले समुदाय पर बनाया गया वृत्तचित्र भी दिखाया। उन्होंने कहा कि देश में अनेक वर्ग एवं समुदाय ऐसे हैं, जो स्वयं की पहचान खोज रहे हैं। हमें ऐसे वर्गों को अपने वृत्तचित्र का विषय बनाना चाहिए। विश्वविद्यालय की पूर्व विद्यार्थी एवं मुम्बई में क्रिएटिव डायरेक्टर श्रुति श्रीवास्तव ने 'फिल्मों एवं धारावाहिकों में रचनात्मकता' विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि क्रिएटिव लेखन एवं डायरेक्शन के लिए शोध बहुत जरूरी है। फिल्म क्षेत्र में धीरज रखना बहुत जरूरी है। क्रिएटिव टीम को पटकथा पर बहुत ध्यान देना चाहिए। कार्यशाला में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई लघु फिल्मों एवं वृत्तचित्रों का प्रदर्शन भी किया गया, जिन्हें काफी सराहा गया।
परमाणु ऊर्जा के प्रति जागरूकता फैलाने में
जनसंपर्क की अहम भूमिका- अमृतेश श्रीवास्तव
Our Correspondent :16 November 2017
भोपाल। 16 नवम्बर। 2017। भारत में ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार परमाणु ऊर्जा के विकास से ही संभव होगा। आज के बदलते परिवेश में परमाणु ऊर्जा से जुड़े तकनीकी एवं तथ्यपरक विषयों को बहुत ही सरल एवं रोचक तरीके से समझाने की आवश्यकता है, जिससे इस विषय के प्रति जन जागरूकता पैदा हो। इस कार्य में जनसंपर्क की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। यह विचार आज माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी में न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एन.पी.सी.आई.एल.) के वरिष्ठ प्रबंधक कॉरपोरेट संचार, श्री अमृतेश श्रीवास्तव ने व्यक्त किए।
उन्होंने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में की जा रही विज्ञापन एवं जनसंपर्क की गतिविधियों से विद्यार्थियों को अवगत कराया साथ ही परमाणु ऊर्जा से जुड़ी जो भ्रांतियाँ लोगों के मन में फैली हुई हैं उन्हें दूर करने के लिए किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने परमाणु ऊर्जा पर आधारित एनिमेटेड फिल्म ‘बुधिया की कहानी’ के माध्यम से परमाणु ऊर्जा के विभिन्न आयामों को बहुत ही रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने मुम्बई, चैन्नई एवं दिल्ली में स्थापित ‘परमाणु ऊर्जा गैलरी’ एवं ‘ऐटम ऑन व्हील्स’ के अभियान के बारे में बहुत ही रोचक तरीके से विद्यार्थियों को जागरूक किया।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव, डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि विज्ञापन एवं जनसंपर्क की भारतीय दृष्टि भारतीय वेदों एवं उपनिषदों में हमें मिलेगी। विज्ञापन एवं जनसंपर्क गतिविधियों के दौरान हमें भारतीय समाज, परिवार, संस्कार आदि का ध्यान रखना चाहिए। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि जनसंपर्क गतिविधियां करते समय हमें यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि राष्ट्र एवं समाज पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि समाचार में जहाँ एक ओर तथ्यपरक प्रस्तुति पर जोर दिया जाता है वहीं जनसंपर्क में सकारात्मकता के निर्माण पर जोर होता है। इन दोनों से हटकर विज्ञापन में नकारात्मक तथ्यों को पूरी तरह से हटाकर सकारात्मक अथवा लाभदायक चीजों को अधिकाधिक प्रस्तुत किया जाता है। विज्ञापन एवं जनसंपर्क की भारतीय दृष्टि हमें यह सिखाती है कि हम सत्य एवं सकारात्मक होते हुए समाज के हित में सूचनाओं का सम्प्रेषण करें। उद्घाटन सत्र के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के डीन अकादमिक डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने संगोष्ठी की रूपरेखा से सभागार में उपस्थित जनों को अवगत कराया।
एक अन्य तकनीकी सत्र में एन.पी.आई.सी.एल., मुम्बई से पधारे श्री उमेद यादव ने कहा कि न्यूक्लियर रेडियेशन को लेकर समाज में अनेक प्रकार की भ्रांतियाँ हैं उन्हें सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक संचार गतिविधियों एवं जनसंपर्क से दूर किया जा सकता है। उन्होंने रेडियेशन से जुड़े विभिन्न आयामों को बेहद सरल तरीके से विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया है। उन्होंने रेडियेशन से जुड़े डर एवं अचंभित करने वाली बातों के संदर्भ में भी मीडिया की भूमिका पर चर्चा की।
ई-कॉमर्स पर आधारित एक सत्र में विज़न एडवाइजरी सर्विसेस, भोपाल के प्रबंध निदेशक, श्री प्रदीप कर्मबेलकर ने विद्यार्थियों को भारत के ई-कॉमर्स परिदृश्य से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी एवं जी.एस.टी. के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शन में बहुत तेजी से विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय और जीवन ई-कॉमर्स का होगा। ई-कॉमर्स के साथ उन्होंने स्टार्टअप से जुड़े मुद्दों से भी विद्यार्थियों को अवगत कराया। संगोष्ठी के अंतिम सत्र में बी.एच.ई.एल., भोपाल के पूर्व महाप्रबंधक, जनसंपर्क, श्री सी.के.सरदाना ने विद्याथियों को जनसंपर्क से जुड़ी अनेक केस स्टडी एवं संदर्भों से विद्यार्थियों को अवगत कराया।
कल संगोष्ठी के दूसरे दिन (17 नवम्बर 2017 को) विज्ञापनों में भारतीयता विषयक सत्र में प्रख्यात विज्ञापन विशेषज्ञ श्री दिवाकर शुक्ला विद्यार्थियों को सम्बोधित करेंगे। डिजिटल मार्केटिंग पर बी.एम.ए. के श्री संतोष सुब्रमण्यम एवं रीजनल पब्लिक रिलेशंस पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा विद्यार्थियों को सम्बोधित करेंगे। डिजिटल युग में ई-कॉमर्स विषय पर श्री विक्रम सिंह चौहान अपने विचार रखेंगे।
संगोष्ठी के प्रथम दिन विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग एवं मीडिया प्रबंधन विभाग के समस्त विद्यार्थी, शिक्षक, विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री संजय द्विवेदी उपस्थित थे।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में "विज्ञापन एवं जनसंपर्क की भारतीय दृष्टि"
विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी आज से
Our Correspondent :15 November 2017
भोपाल। 15 नवम्बर, 2017। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दो दिवसीय ‘‘विज्ञापन एवं जनसंपर्क की भारतीय दृष्टि’’ विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया है। संगोष्ठी का उद्घाटन आज (16 नवम्बर 2017) प्रातः 11 बजे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला करेंगे। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव, डॉ. सच्चिदानंद जोशी होंगे।
विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में दो दिवसों के आठ तकनीकी सत्रों में विषय-विशेषज्ञ विज्ञापन, जनसंपर्क, ई-कॉमर्स, डिजिटल संचार सहित मीडिया के विभिन्न विषयों पर विद्यार्थियों को सम्बोधित करेंगे। इस संगोष्ठी में भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग की इकाई, न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, मुम्बई (एन.पी.सी.आई.एल.) के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के पदाधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। एन.पी.सी.आई.एल. के वरिष्ठ प्रबंधक, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के श्री अमृतेश श्रीवास्तव विद्यार्थियों को जनसंपर्क के नवीन आयामों के साथ भारत में न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़ी संभावनाओं से अवगत कराएंगे। एन.पी.सी.आई.एल. के ही श्री उमेद यादव रेडिएशन एवं मीडिया जागरूकता विषय पर अपने विचार रखेंगे।
एक अन्य तकनीकी सत्र में श्री प्रदीप कर्मबेलकर विद्यार्थियों को भारत में ई-कॉमर्स की संभावनाओं से अवगत कराएंगे। बी.एच.ई.एल., भोपाल के पूर्व महाप्रबंधक, श्री सी.के.सरदाना विद्यार्थियों को भारतीय जनसंपर्क की विभिन्न केस स्टडी से अवगत कराएंगे। संगोष्ठी के दूसरे दिन विज्ञापन विशेषज्ञ श्री दिवाकर शुक्ला विज्ञापनों में भारतीयता विषय पर अपने विचार रखेंगे। एक अन्य सत्र में पेटीएम के पदाधिकारी विद्यार्थियों को डिजिटल कम्युनिकेशन एवं ट्रांजेक्शन की गतिविधियों से अवगत कराएंगे। संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के समस्त शिक्षक एवं विद्यार्थी शामिल होंगे
सेंट्रल लाइब्रेरी में प्रधानमंत्री क्विज
108 टीमों ने लिया भाग
Our Correspondent :13 November 2017
युवाओं को आज़ादी के बाद के इतिहास से परिचित कराने के उद्देश्य से आज सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल में "प्रधानमंत्री क्विज" का आयोजन किया गया । सभी आयु वर्ग के लिए ओपन इस क्विज में कुल 216 लोगों ने भाग लिया ।
एक्सीलेंस कॉलेज के पूर्व छात्र अभिषेक दुबे इस क्विज के क्विज मास्टर थे । जबकि युवा सरपंच भक्ति शर्मा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं
भारत के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल की प्रमुख घटनाओं पर केन्द्रित इस क्विज में कुल चार राउंड आयोजित हुए ।
एक्सीलेंस कॉलेज के वासुदेव चौहान व एमवीएम कॉलेज के योगेश सिंघल की टीम ने सर्वाधिक अंक प्राप्त कर यह क्विज जीती । क्विज में दूसरा स्थान धीरेन्द्र दुबे व मनोज चक्रवर्ती को मिला ।
विजेताओं को 6000 रुपये के नगद पुरुसकार के साथ सम्मानित किया गया
क्विज में पूंछे गए प्रमुख प्रश्न इस प्रकार इस प्रकार हैं 1
मुहम्मद आली जिन्ना ने किस भारतीय को पाकिस्तान का पहला गवर्नर जनरल बनाने का प्रस्ताव किया था (उत्तर - भोपाल के नवाब हमीदुल्ला ) 2
बेनजीर भुट्टो के दादाजी जिनके प्रयासों से जूनागढ़ का भारत में विलय हुआ था (उत्तर - शाहनवाज़ भुट्टो ) 3-
1971 में भारत की सहता के लिए रूस ने एक समुद्री बेड़ा भारत भेजा था उसका नाम क्या था (उत्तर - 10 OBG) 4-
CDOT के पहले अध्यक्ष कौन थे (उत्तर - सैम पित्रोदा) 5-
1966 में भारत सरकार ने रुपये का अवमूल्यन करके एक डॉलर के बदले रुपये की कीमत कितनी रख दी थी (उत्तर - 7 रुपये 57 पैसे ) 6-
किस स्कीम के तहत अमेरिका से खाने के लिए गेंहू आयात किया जाता था (उत्तर - PL-480)
कार्यक्रम में भक्ति शर्मा ने कहा
मैं अपने कॉलेज के दिनों से सेंट्रल लाइब्रेरी आती रही हूँ पर अब जब यहाँ आती हूँ तो यह देखकर डर लगता है कितने सारे लोग यहाँ आकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं
आप भी जानते हैं कि हर व्यक्ति तो प्रतियोगी परीक्षा में सफल नहीं हो सकता । फिर भी आप में से ज़्यादातर लोग अपने लिए किसी वैकल्पिक करियर को तैयारा नहीं करते
मेरी आप सबको सलाह है कि अपने लिए एक समय सीमा तय कर लीजिये , कि आप कब तक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं ताकि आप समय रहते दूसरे करियर पर ध्यान दे सकें
जिन लोगों को देश के शासन प्रशासन में रुचि है उन्हें पॉलिटिक्स को अपना करियर बनाना चाहिए । क्योंकि यहाँ आकर आप वो कर सकते हैं जो आईएएस बनकर भी कभी नहीं कर पाएंगे
विद्यार्थियों के वैज्ञानिक प्रयोगों को प्रोत्साहन देने 50 करोड़ का विशेष कोष बनेगा
Our Correspondent :10 November 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विद्यार्थियों द्वारा वैज्ञानिक प्रयोगों को प्रोत्साहित करने के लिये 50 करोड़ रूपये की राशि से विशेष कोष बनाया जायेगा। श्री चौहान ने आज यहां आर.सी.व्ही. पी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में 44वीं जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान, गणित तथा पर्यावरण प्रदर्शनी 2017 का शुभारंभ करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि बाल वैज्ञानिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है। उन्होंने विद्यार्थियों का आव्हान किया कि वे अपनी प्रतिभा को पहचानें और उसे कभी धूमिल नहीं होने दें। कभी भी निराश न हों। और आगे बढ़ने का जज्बा रखें। उन्होंने कहा कि भारत का अतीत गौरवशाली था और युवाओं के सहयोग से वर्तमान को भी गौरवशाली बनाया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि 21वीं सदी युवाओं के भारत की सदी है। वे ही नये भारत का निर्माण करेंगे।
प्रदर्शनी का आयोजन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली एवं स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह प्रदर्शनी 16 नवम्बर तक चलेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में भाग ले रहे विद्यार्थियों को संबोधित करते हुये कहा कि आज का आरामदेह जीवन और सभी सुख-सुविधायें वैज्ञानिकों की प्रतिभाओं का परिणाम है। उन्होंने कहा कि विज्ञान में जीवन की हर समस्या का समाधान है। मुख्यमंत्री ने बाल वैज्ञानिकों का आव्हान किया है कि वे मौलिक रूप से सोचने की आदत डालें, वैज्ञानिक आविष्कार करने में मदद देगी। उन्होंने मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना और वेंचर केपिटल फंड जैसे नवाचारी प्रयासों की चर्चा करते हुये कहा कि धन के अभाव में प्रतिभाओं को पीछे नहीं रहने देंगे। श्री चौहान ने कहा कि न्यूयार्क विश्वविद्यालय के सहयोग से प्रदेश मे इनक्यूबेशन केन्द्र की स्थापना की जा रही है। इसके माध्यम से नवाचारी विचारों और प्रयोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह एवं स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री श्री दीपक जोशी ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। एन.सी.आर.टी.के संचालक श्री ऋषिकेश सेनापति ने विज्ञान, गणित और पर्यावरण प्रदर्शनी के आयोजन के इतिहास की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों में अभिरूचि जागृत करने के लिये एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा चलाये गये प्रकल्पों में से एक है।
मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में रखे वैज्ञानिक प्रदर्शो का अवलोकन किया और विद्यार्थियों के वैज्ञानिक सोच की सराहना की। मुख्यमंत्री ने राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा प्रकाशित 'कोशिश' पुस्तक का विमोचन किया। इसमें बाल वैज्ञानिकों द्वारा बनाये गये वैज्ञानिक प्रादर्शों का संग्रहण किया गया।
आयुक्त लोक शिक्षण श्री अजय गंगवाल ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रशासन अकादमी की महानिदेशक श्रीमती कंचन जैन, राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक श्री लोकेश जाटव उपस्थित थे।
प्रदर्शनी परिदृश्य
एक सप्ताह तक चलने वाली यह प्रदर्शनी स्वास्थ्य, उद्योग, परिवहन एवं संचार, पर्यावरण विकास के लिये नवीनीकरण संसाधनों में नवाचार, कृषि उत्पादन एवं खाद्य सुरक्षा में नवाचार और दैनिक जीवन में गणित का उपयोग जैसे पांच विषयों पर आधारित है।
इसमें सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 143 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। इसका उद्देश्य बच्चों में विज्ञान विषय में नवाचार को प्रचारित करना और विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण के प्रति स्वाभाविक जिज्ञासा जाग्रत करना एवं रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना है।
फिल्म समालोचना कार्यशाला का आयोजन 18 नवम्बर को
Our Correspondent :9 November 2017
भोपाल, 09 नवम्बर, 2017। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय 18 नवम्बर, 2017 को एक दिवसीय फिल्म समालोचना कार्यशाला (Film Appreciation Workshop) का आयोजन कर रहा है। कार्यशाला में प्रख्यात कला निर्देशक श्री जयंत देशमुख सहित देश के जाने-माने दिग्गज प्रतिभागियों को सम्बोधित करेंगे। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ ही सिनेमा जगत से जुड़े व्यक्ति, कलाकार तथा फिल्म पत्रकार प्रतिभागिता कर सकते हैं। कार्यशाला का पंजीयन शुल्क 100/- रुपये है। पंजीयन एवं शुल्क भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा।
फिल्म समालोचना कार्यशाला हेतु पंजीयन ऑनलाइन किया जा सकता है। ऑनलाइन पंजीयन करने हेतु मध्यप्रदेश सरकार के पोर्टल www.mponline.gov.in पर जाकर नागरिक सेवाओं का चयन कर माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय लिंक पर क्लिक करना होगा। यहां से कार्यशाला के लिए आवेदन फॉर्म भरकर 100/- रुपये ऑनलाइन आवेदन शुल्क जमा करना होगा। ऑनलाइन पंजीयन 15 नवम्बर, 2017 रात 12 बजे तक किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.mcu.ac.in पर भी लिंक उपलब्ध है। कार्यशाला के सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग में संपर्क किया जा सकता है।
इस कार्यशाला में चार सत्र होंगे, जिनमें सिनेमा, निर्देशन, अभिनय, कहानी, पटकथा, संवाद, छायांकन, संपादन, संगीत और कला निर्देशन जैसे प्रमुख विषयों पर विशेषज्ञ प्रतिभागियों को जानकारी देंगे और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे।
प्रधानमंत्री क्विज सेंट्रल लाइब्रेरी में सबके लिए ओपन क्विज
Our Correspondent :9 November 2017
इस वर्ष भारत की आज़ादी की 70 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है । आज़ादी के बाद भारत ने कई प्रधानमंत्रियों का शासनकाल देखा है । हर प्रधानमंत्री के साथ कोई कोई ना महत्वपूर्ण घटना जुड़ी हुई है । इन प्रधानमंत्रियों द्वारा समय समय पर लिए गए निर्णयों ने ही आज का भारत बनाया है । तो यदि वर्तमान भारत को समझना है तो आज़ादी के बाद के 70 सालों को विस्तार से समझना जरूरी है ।
युवाओं को आज़ादी के बाद के भारत से परिचित कराने के उद्देश्य से इस रविवार सेंट्रल लाइब्रेरी में एक ओपन क्विज का आयोजन किया जा रहा है । इस क्विज में भारत के विभिन्न प्रधानमंत्रियों के शासन काल की प्रमुख घटनाओं पर सवाल पूंछे जाएंगे । किसी भी आयु का कोई भी व्यक्ति इस क्विज में भाग ले सकता है । बस भाग लेने के लिए उसे एक और व्यक्ति के साथ मिलकर दो लोगों की टीम बनानी होगी ।
भाग लेने के लिए पहले से कोई रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता नहीं है । जो भी व्यक्ति भाग लेना चाहता है वह 12 नवंबर को सुबह ठीक 9.30 बजे अपने टीम मेम्बर के साथ लाइब्रेरी पहुँचकर इस कार्यक्रम में भाग ले सकता है
क्विज हिन्दी में होगी और क्विज के विजेता को 6000/- रुपये का नगद पुरुसकार दिया जाएगा ।
सामान्य ज्ञान के लोकप्रिय कोच अभिषेक दुबे इस क्विज के क्विज मास्टर होंगे
कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है :-
आयोजन का नाम - प्रधानमंत्री क्विज
दिनांक - 12 नवंबर 2017
समय - सुबह 10 बजे
स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल
आयोजक - सिविल सर्विसेज क्लब
क्विज आधारित होगी - आज़ादी के बाद के इतिहास पर
क्विज मास्टर होंगे - अभिषेक दुबे
क्विज में पुरुसकार मिलेंगे - 6000/- रुपये नगद
क्विज में भाग लेने के लिए
- 12 नवंबर को दो लोगों की टीम बनाकर सुबह 9.30 बजे सेंट्रल लाइब्रेरी पहुँचें
पीआर प्रोफेशनल डॉ. संजय को मिला पत्रकारिता में गोल्ड मेडल
Our Correspondent :8 November 2017
जयपुर, 8 नवम्बर।
राजस्थान यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर मास कम्युनिकेशन द्वारा संचालित पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर डिग्री (एमजेएमसी) में सर्वाधिक अंकों को अर्जित करने पर पीआर और मीडिया प्रोफेशनल डॉ. संजय मिश्रा को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। आज यूनिवर्सिटी के कन्वोकेशन सेंटर में आयोजित 28 वें दीक्षांत समारोह में उन्हें ये पदक उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने प्रदान किया। गौरतलब है कि पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के राजस्थान चैप्टर के सं. सचिव डॉ. मिश्रा को ये पदक 2003 के एमजेएमसी डिग्री के प्रथम बैच को टॉप करने पर प्रदान किया गया।
अपनी इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता और शिक्षक प्रोफेसर भानावत को देते हुए कहा कि इस पदक को पाकर उन्हें गौरव की अनुभूति हो रही है। डॉ. मिश्रा को राजस्थान सरकार की ओर से 1998 में उपभोक्ता संरक्षण और सामाजिक सरोकारों में अनुकरणीय कार्यों के लिए राज्य स्तरीय युवा पुरस्कार भी प्रदान किया जा चुका है।
शेप साउथ एशिया समिट 2017 का भोपाल में समापन
प्रतिभाशाली युवाओं को गाँधी पीस अवार्ड से किया सम्मानित
Our Correspondent :5 November 2017
भोपाल 5 नवंबर : युवा अपने छोटे छोटे स्टार्ट अप से रोजगार ही नहीं औरो को भी काम दे सकते हैं |
| यह बात रविवार को लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट विटीफीड के सीओओ परवीन सिंघल ने कही | उन्होंने
विटीफीड की शुरुआत को भी रोचक अंदाज में लोगों को सुनाया | कार्यक्रम के अगले चरण में ग्लोबल शेपर्स भोपाल
के फाउंडर क्यूरेटर अभिषेक मोहन गुप्ता ने कहा "इस वर्ष समिट में चतुर्थ औद्योगिक क्रांति और तकनीक से विश्व
भर में नयी संभावनाएं और चुनौतियों पर चर्चा की गई | समिट में तैयार होने वाले बिंदुओं से एशिया में पब्लिक व
प्राइवेट सेक्टर्स में वर्तमान और भविष्य में नवाचार लाने की दिशा में सहायता मिलेगी |
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में “चतुर्थ औद्योगिक क्रांति और तकनीक से विश्व भर में नयी संभावनाएं
और चुनौतियों” की थीम पर आधारित शेप साउथ एशिया 2017 (SSA 2017) का आयोजन भोपाल में
3 से 5 नवंबर 2017 तक किया गया | तीन दिनों तक चले इस कार्यक्रम में 7 देशों के 20 हब्स के
लगभग 1000 डेलीगेट्स शामिल हुए|
कार्यक्रम के अंतिम दिन के कार्यक्रमों में विशेष रूप से गाँधी पीस अवार्ड देना महत्वपूर्ण रहा| इन अवार्ड्स को समाज
में विशिष्ट योगदान दे रहे युवाओं को दिया गया | अन्य देशो से भोपाल आये डेलीगेट्स हेरिटेज वॉक, बोट रेस एवं
जंगल सफारी में भी शामिल हुए |
डेवलपमेंट लीडर्स, बिज़नेस प्रोफेशनल्स, पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर पार्टनर्स, सिविल सोसाइटी, डिप्लोमेट्स सहित
अनेक प्रख्यात स्पीकर्स अपने विचार रखते हुए चतुर्थ औद्योगिक क्रांति और तकनीक द्वारा मानव विकास पर पड़ने
वाले प्रभाव पर चर्चा की गई | 4 एवं 5 नवंबर को पैनल डिसकशंस की श्रंखला के साथ मैजिक एंड लॉजिक और
अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी विशिष्ट वर्कशॉप्स का भी आयोजन हुआ | शेप साउथ एशिया (SSA 2017) ग्लोबल
शेपर्स कम्युनिटी का वार्षिक कार्यक्रम है जहाँ भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका , नेपाल, भूटान व
अफगानिस्तान इस क्षेत्रीय साउथ एशियन प्लेटफार्म पर अपने स्थानीय विषयों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आते
हैं |
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का विस्तार अब अशासकीय महाविद्यालयों में भी
Our Correspondent :3 November 2017
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का विस्तार अब अशासकीय महाविद्यालयों में भी किया जायेगा। पहले यह योजना शासकीय महाविद्यालयों के लिये लागू थी। यह निर्णय आज यहाँ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई योजना की समीक्षा में लिया गया। वर्तमान में यह योजना प्रदेश के 450 शासकीय महाविद्यालयों में क्रियान्वित की जा रही है। अब इसमें 800 अशासकीय महाविद्यालय भी शामिल होंगे। बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह भी उपस्थित थे।
अब प्रदेश में अशासकीय महाविद्यालयों में संचालित स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को भी जिनके कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक हैं योजना का लाभ दिया जायेगा। योजना से इस वर्ष ऐसे 9 हजार प्रतिभाशाली विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस निर्णय का लाभ प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को इसी सत्र से दिया जाये। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना हर प्रतिभाशाली विद्यार्थी के सपनों को पूरा करने की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना के तहत ऐसे पाठ्यक्रमों को प्रोत्साहित करें जिसमें रोजगार की गारंटी हो। योजना में बीते दो सालों में 12वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को पात्र माना गया है। इस तरह के कोई विद्यार्थी योजना का लाभ लेने से वंचित नहीं रहे। योजना के तहत वितरण की कार्रवाई समय-सीमा में पूरी की जाये। योजना की हर माह समीक्षा की जायेगी।
बताया गया कि योजना में अब तक महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले 26 हजार प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है। योजना में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के 1,092, मेडिकल पाठ्यक्रम के 697, लॉ पाठ्यक्रम के 60 तथा अखिल भारतीय स्तरीय संस्थानों में प्रवेश लेने वाले 40 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी.श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बंदोपाध्याय, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती गौरी सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री एस.के. मिश्रा, आयुक्त उच्च शिक्षा श्री नीरज मंडलोई, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
डॉ. संगीता शुक्ला जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति नियुक्त
Our Correspondent :26 October 2017
कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री ओम प्रकाश कोहली ने डॉ. संगीता शुक्ला कुलपति जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर को उनका वर्तमान कुलपति पद का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से चार वर्ष की कालावधि के लिए पुन: जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर का कुलपति नियुक्त किया है।
म.प्र. निजी विवि विनियामक आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया
25 October 2017
च्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि निजी विश्वविद्यालयों का बहु-आयामी दायित्व होता है। निजी विश्वविद्यालयों को प्रतिस्पर्धा के इस युग में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देना होगा। साथ ही, कुछ गाँव अथवा बस्तियों को गोद लेकर वहाँ रोजगार के अवसर प्रदान करने होंगे। श्री पवैया आज मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के 9वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर 'शिक्षा की गुणवत्ता में मानक संस्थाओं की भूमिका एवं दायित्व'' विषय पर परिचर्चा भी आयोजित की गई।
श्री पवैया ने कहा कि कई संस्थानों के बच्चे शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ अन्य रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होने से ही उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करते हैं। इससे बच्चों के ललाट पर व्यक्तित्व विकास भी झलकता है और वे आत्म-विश्वास से ओत-प्रोत होते हैं। उन्होंने कहा कि आबादी की दृष्टि से निजी विश्वविद्यालयों की अभी भी आवश्यकता है। मध्यप्रदेश को ऐसे प्रतिष्ठित संस्थानों की जरूरत है, जो अच्छा काम करें।
अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री बी.आर. नायडू ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता के साथ विस्तार की आवश्यकता है। कार्यशाला के जरिये जो सुझाव प्राप्त होंगे, उसे अमल में लाने का प्रयास किया जाएगा। जागरण लेक सिटी के कुलपति डॉ. अनूप स्वरूप ने कहा कि प्रदेश में 70 प्रतिशत बच्चे निजी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में पढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश आने वाले समय में एजुकेशनल हब बन सकता है।
आयोग के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने आयोग की गतिविधियों के बारे में बताया। इस मौके पर आयोग के सदस्य डॉ. स्वराज पुरी भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री अंजलि दुबे और श्री संदीप दुबे ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत में माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर सरस्वती वंदना और वंदे-मातरम् का गायन हुआ। पुष्प-गुच्छ और शॉल-श्रीफल से अतिथियों का सम्मान किया गया। अंत में स्मृति-चिन्ह भी दिए गये।
जम्मू-कश्मीर की वास्तविक तस्वीर सामने लाने की आवश्यकता
Our Correspondent :26 October 2017
भोपाल, 26 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर के संबंध में जब विचार किया जाता है तब आतंकवाद, अलगाववाद, उपद्रव से घिरे राज्य की तस्वीर सामने आती है। जबकि यह जम्मू-कश्मीर की वास्तविक तस्वीर नहीं है। पिछले 6-7 दशक में भारत के तथाकथित बुद्धिजीवियों ने जम्मू-कश्मीर के संबंध में अनेक भ्रम उत्पन्न किए हैं। उन भ्रमों के कारण ही जम्मू-कश्मीर के संबंध में ठीक जानकारी लोगों को नहीं है। समय की आवश्यकता है कि भ्रमों को हटा कर जम्मू-कश्मीर की वास्तविक तस्वीर को सामने लेकर आया जाए। यह विचार बाल संरक्षण आयोग, मध्यप्रदेश के अध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किए। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में 26 अक्टूबर को 'जम्मू-कश्मीर विलय दिवस' के अवसर पर आयोजित विशेष व्याख्यान में डॉ. शर्मा मुख्य वक्ता थे।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ज्ञान की भूमि रही है। जम्मू-कश्मीर राज्य शैव दर्शन का केंद्र था। ज्ञान की पूर्णता के लिए जम्मू-कश्मीर जाना आवश्यक होता था। आक्रांताओं ने भारत पर शासन करने के लिए ज्ञान के प्रवाह को अवरुद्ध करना आवश्यक समझा और इसके लिए जम्मू-कश्मीर को अपना निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि दुनिया में अपना प्रभुत्व कायम करने के लिए चीन की नजर जम्मू-कश्मीर के ही हिस्से गिलगित-बाल्टिस्तान पर है। यह हिस्सा राजनीतिक, सामरिक और व्यापारिक महत्त्व का है। इसलिए हम कह सकते हैं कि भारत के लिए अपनी इस भूमि का बहुत महत्त्व है। भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने में देश के मुकुट जम्मू-कश्मीर का बड़ा योगदान होगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि आज देश में धारा-370 पर बात करना राजनीति समझा जाता है। यह कैसी विडम्बना है कि संविधान के एक कानून पर बात करना राजनीतिक मामला हो गया है। तथाकथित बुद्धिजीवियों और राजनीतिक दलों ने यह भ्रम उत्पन्न किया है। जम्मू-कश्मीर के संबंध में फैले इस प्रकार के भ्रम दूर करने के लिए धारा-370 एवं अनुच्छेद-35 ए की जानकारी समाज में पहुँचाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने जम्मू-कश्मीर के विलय की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि महाराजा हरि सिंह ने उसी विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर जम्मू-कश्मीर का विलय भारत में किया, जिस प्रपत्र पर बाकी के राज्यों ने हस्ताक्षर किए थे। इसलिए जम्मू-कश्मीर के विलय और शेष राज्यों के विलय की प्रक्रिया में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने बताया कि अंग्रेज भारत को आजाद करके नहीं, अपितु 550 से अधिक रियासतों में बाँट कर गए थे। सरदार पटेल ने इस देश को एक किया था, जिसमें उनके सहयोगी वीपी मेनन की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के डॉ. विश्वास चौहान ने किया और विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं विद्यार्थियों के साथ नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
एम.सी.यू. के विद्यार्थियों का दल इंडिया इंटरनेशनल
साइंस फेस्टिवल -2017 में भाग लेगा
Our Correspondent :10 October 2017
भोपाल, अक्टूबर 10| माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का दल चेन्नई में 13 से 16 अक्टूबर को आयोजित इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2017 में भाग लेगा|
इस दल में विश्वविद्यालय के संचार शोध विभाग के एम. फिल. के विद्यार्थी आकांशा माहेश्वरी, स्वेता रानी, दीक्षिता अरोरा, व्योमकेश पाण्डेय, ललितांक जैन और साक्षी द्विवेदी शामिल हैं, जो फेस्टिवल के दौरान मास मीडिया पर होने वाली राउंड टेबल मीट में भाग लेंगे| यह मीट दो दिनों तक चलेगी, जिसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेट्रीज, मीडिया उद्योग और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से जुड़े विशेषज्ञ भाग लेंगे| यह मीट विज्ञान संचार फोरम पर केन्द्रित रहेगी, जिसमें विज्ञान की उपलब्धियों, नीतियों और योजनाओं के प्रचार प्रसार और उनके बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के तौर-तरीकों पर भी विमर्श होगा| विज्ञान भारती, तमिलनाडु राज्य सरकार, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई द्वारा यह फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है|
मीठीबाई कॉलेज के 'क्षितिज' टीम द्वारा ग्रीन एंड क्लीन इंडिया के तहत मैराथन
Our Correspondent :2 October 2017
मुंबई। मीठीबाई कॉलेज के वार्षिक फेस्टिवल 'क्षितिज' का भव्य और विशाल आयोजन एसवीकेएम के तहत ७ दिसम्बर से १० दिसम्बर २०१७ को मीठीबाई कॉलेज,विलेपार्ले (वेस्ट), मुंबई में किया गया है। यह फेस्टिवल का ११ वां वर्ष है।जिसके तहत विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और सामाजिक कार्य 'क्षितिज' टीम द्वारा किया जाता है।जिसके तहत हाल में कैंसर के खिलाफ बहादुर लड़ाई लड़ने वालों की आशा के लिए प्रेरित करने के प्रयास में मीठीबाई कॉलेज ने लाइफ विंस फाउंडेशन के साथ में मिलकर टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल,परेल में कैंसर के रोगियों के लिए एक इंटरैक्टिव प्रोग्राम का आयोजन किया था,जोकि काफी सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। अब 'क्षितिज' टीम द्वारा ग्रीन एंड क्लीन इंडिया के तहत एक ७ किलोमीटर के मैराथन का आयोजन जुहू में १० दिसंबर २०१७ को किया गया है।जिसका रजिस्ट्रेशन ७ अक्टूबर से शुरू होगा।जिसकी अधिक जानकारी के लिए ९७७३९९७१५७ पर सम्पर्क किया जा सकता है। मिथिबाई के प्रिंसिपल डॉ.राजपाल श्रीपाद हंडे ने कहा,"एक सामाजिक कार्यों की भावना पैदा करना और टीम की भावना को बढ़ावा देना वास्तव में मीठीबाई के फेस्टिवल 'क्षितिज' का मुख्य मकसद है। मैं सभी विद्यार्थिओं को भविष्य की योजनाओं के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।"
विद्यार्थियों टीमें द्वारा बनाई गई गो कार्ट्स हिस्सा ले रही हैं। इन टीमों में भोपाल की 4 तथा मध्यप्रदेश की 16 टीमें भाग ले रही हैं।
Our Correspondent :2 October 2017
भोपाल। राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट्स परिसर में चल रही नेशनल गो कार्ट चैम्पियनशिप का ग्राण्ड फिनाले मंगलवार को आरपीएम रेसिंग ट्रेक पर होगा जहां देशभर के युवा इंजीनियरिंग विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई गो कार्ट्स रेस में प्रथम आने के लिए अपना दमखम दिखाएंगी। इस चैम्पियनशिप में देश के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों की 150 टीमें हिस्सा ले रही हैं। इन टीमों में भोपाल की 4 तथा मध्यप्रदेश की 16 टीमें भाग ले रही हैं।
प्रतियोगिता में आज डिजाइन इवाल्युशन, बिजनेस प्लान, ब्रेक टेस्ट, एक्सीलरेशन टेस्ट, स्किड टेस्ट, ऑटोक्रॉस और ट्रेक्शन टेस्ट जैसे महत्वपूर्ण राउण्ड पूरे किये गए। इन राउण्ड्स को सफलतापूर्वक पार करने वाली सभी गो कार्ट मंगलवार सुबह आरपीएम रेसिंग ट्रेक पर चैम्पियनशिप के लिए दौड़ लगाएंगी। इस चैम्पियनशिप में विभिन्न कैटेगरी के 10 विजेताओं का चयन किया जाएगा जिन्हें शाम 7 बजे राधारमण परिसर में आयोजित किये जा रहे पुरस्कार वितरण समारोह में पुरस्कृत किया जायेगा।
राधारमण समूह के चेयरमेन आर आर सक्सेना ने अंतिम रूप से चयनित टीमों को फिनाले में अपना अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने तथा प्रतियोगिता के दौरान सुरक्षा नियमों के पालन की सलाह दी है।
दो दिवसीय कार्यशाला ‘सक्षम’ का आयोजन
Our Correspondent :28 September 2017
भोपाल, सितम्बर 28। अध्यापकों को नई टेक्नोलॉजी से अवगत कराने के उद्देश्य से माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में दो दिवसीय कार्यशाला 'सक्षम' आयोजित की गई। नवीन मीडिया विभाग ने इस कार्यशाला को आयोजित किया। देश में उच्च शिक्षा संस्थानों के अन्दर और परस्पर जुड़ाव और ज्ञान नेटवर्क के निर्माण के संयुक्त उद्देश्य के साथ मानव संसाधन मंत्रालय के शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से माइक्रोसॉफ्ट ने 'सक्षम' कार्यक्रम की शुरुआत की है।
माइक्रोसॉफ्ट के क्षेत्रीय प्रबंधक किशोर गर्ग और विभागाध्यक्ष डॉ. पी. शशिकला ने कार्यशाला का शुभारम्भ किया। श्री गर्ग ने संवादात्मक शिक्षण और सीखने की विधियों, माइक्रोसॉफ्ट अज्युर, ऑफिस 365, वर्ड-2016, पॉवर पॉइंट 2016, यामेर और वेब एप्प्स के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया। सभी प्रतिभागियों ने कंप्यूटर पर सभी सॉफ्टवेर पर प्रायोगिक रूप से काम भी किया। कार्यशाला के दूसरे दिन थीसिस में नक़ल को जांचने वाले सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी दी गई। पॉवर पॉइंट, ऑफिस मिक्स, क्लाउड पर आधारित कंप्यूटर टूल्स 'स्वे' और एक्सेल-2016 पर वीडियो ट्युटोरियल के माध्यम से जानकारी भी दी गई। माइक्रोसॉफ्ट प्रोग्राम मैनेजर (सक्षम) अतानु सुर ने 'इमेजिन अकादमी' के बारे में जानकारी दी, जिसके माध्यम से शिक्षण और सीखने को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। कार्यशाला में 30 प्रतिभागियों ने भाग किया। उन्होंने सूचना तकनीक एवं सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग सत्र में थ्योरी और प्रैक्टिकल किये। इसके साथ ही सभी प्रतिभागियों ने समूह चर्चा में भाग लिया। प्रतिभागियों ने पढ़ाने और सीखने में तकनीक के उपयोग पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने समापन वक्तव्य दिया। कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी, निदेशक, सम्बद्ध अध्ययन संस्थान दीपक शर्मा, डीन अकादमिक डॉ. पवित्र श्रीवास्तव, प्रो. अविनाश वाजपेयी, डॉ मोनिका वर्मा, डॉ. राजेश पाठक समापन समारोह में उपस्थित थे। कार्यशाला की नोडल ऑफिसर प्रो. पी. शशिकला ने कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की और आभार व्यक्त किया।
शोध के कारण ही विकासवादी युग आया: श्री शर्मा
Our Correspondent :27 September 2017
भोपाल, 27 सितम्बर| शोध का हमारे जीवन में व्यापक प्रभाव होता है| पूर्व में हुए शोध के कारण ही समाज में परिवर्तन होता है| वास्तव में शोध के कारण ही विकासवादी युग आया है| यह बात माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की सम्बद्ध अध्ययन संस्थान के निदेशक श्री दीपक शर्मा ने संचार शोध विभाग द्वारा आयोजित तीन-दिवसीय रिसर्च सिम्पोजियम-2017 के समापन सत्र में विद्यार्थियों और शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कही|
उन्होंने कहा कि शोध के लिए 'एटीट्युट' होना आवश्यक है| मात्र प्रक्रिया जानने से ही रिसर्च नहीं होता| शोधार्थी समाज में उत्प्रेरक का काम करता है| वह समाज में परिवर्तन लाता है और दूसरों को भी प्रोत्साहित करता है| इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि एक शोधार्थी के मन में हमेशा जिज्ञासा होना चाहिए| बच्चे प्राकृतिक रूप से शोधार्थी होते है, वे बार-बार सवाल पूछते है| लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते है, हमारी जिज्ञासा का स्तर कम होता जाता है| समापन सत्र का संचालन और आभार प्रदर्शन संचार शोध विभाग की अध्यक्ष एवम रिसर्च सिम्पोजियम की संयोजक डॉ. मोनिका वर्मा ने किया| अंत में विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किये गए|
तकनीक सत्रों में हुए विशेष व्याख्यान : इसके पूर्व सत्र में एनआईटीटीटीआर,भोपाल के प्रो. प्रभाकर सिंह ने मीडिया में प्रायोगिक रिसर्च पर व्याख्यान दिया| उन्होंने बताया कि प्रायोगिक शोध में निदर्शन, ट्रीटमेंट और रिसर्च डिजाईन का बहुत ज्यादा महत्व है| मीडिया में प्रायोगिक शोध बहुत कम होती है| उन्होंने प्रायोगिक शोध के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तृत रूप से बताया| द्वितीय सत्र में सामाजिक विकास परिषद् के पूर्व शोध निर्देशक डॉ. बी. एस. नागी ने शोध में सांख्यिकीय उपकरणों के प्रयोग और उनसे प्राप्त परिणाम का विश्लेषण में उपयोग पर व्याख्यान दिया| रिसर्च सिम्पोजियम में संचार शोध विभाग, विज्ञापन एवम जनसंपर्क और पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों ने भाग लिया| तीन दिनों के दौरान जनजातीय शोध संस्कृति, सरकार की योजनाओं के निर्माण और मूल्यांकन में शोध का उपयोग और महत्व, और अन्य विषयों पर विद्यार्थियों ने जानकारी प्राप्त की|
शोधार्थी को सूचना खोजी होना चाहिए : डॉ. नागी
Our Correspondent :27 September 2017
भोपाल २६ सितम्बर| शोधार्थी को शोध के दौरान स्थानीय परिवेश, भाषा का ध्यान रखना चाहिये, ताकि वह उत्तरदाता से सही और सटीक जानकारी प्राप्त कर सके| उसे सूचना खोजी होना चाहिए| शोध की प्रश्नावली को स्थानीय भाषा में तैयार कर उसका पूर्व परीक्षण अवश्य करना चाहिए| यह बात सामाजिक विकास परिषद् के पूर्व शोध निदेशक डॉ. बी. एस. नागी ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के संचार शोध विभाग में चल रहे तीन-दिवसीय रिसर्च सिम्पोजियम-2017 के दूसरे दिन विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कही|
डॉ नागी ने रिसर्च के लिए उपकरण निर्माण, कोडिंग और कोड बुक में बरती जाने वाली सावधानियां को विस्तृत रूप से बताया| इसके पूर्व द्वितीय सत्र में राज्य योजना आयोग के डिप्टी टीम लीडर डॉ. योगेश माहौर ने सरकार की योजनायों के निर्माण में शोध के महत्व को रेखांकित किया| उन्होंने बताया कि पिछले ३ वर्षो के दौरान किस तरह से सरकार की नीतियों और योजनाएँ बनाने में शोध किया जा रहा है| योजनायों के मूल्यांकन में भी शोध बहुत मददगार होता है| इसके माध्यम से योजनायों को और अधिक जन्नोमुखी और लाभकारी बनाया जा सकता है| इस सत्र की अध्यक्षता पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने की| मंच पर संचार शोध विभाग की अध्यक्ष डॉ. मोनिका वर्मा भी उपस्थित थी| सत्रों का संचालन स्वेता रानी और क्षितिज जायसवाल ने किया|
राधारमण में होगी नेशनल गो कार्ट चैम्पियनशिप
26 September 2017
भोपाल। राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट्स परिसर में देश के 150 इंजीनियरिंग कॉलेजों के ऑटोमोबाइल इंजीनियरों द्वारा विकसित की गई गो कार्ट्स का जमावड़ा लगेगा। ये गो कार्ट्स राधारमण समूह की रातीबड़ परिसर में 29 सितम्बर से आयोजित होने जा रही चौथी नेशनल गो कार्ट चैम्पियनशिप में अपना दमखम दिखाएंगी। स्पीड, रोमांच और युवा इंजीनियरों के इनोवेशन से भरी इस पांच दिवसीय रेस का आयोजन वर्चूलिस मोटरस्पोर्ट्स, इन्दौर द्वारा किया जा रहा है। रेस में भाग ले रही गो कार्ट्स को टेक्नीकल इन्स्पेक्शन, डिजाइन इवाल्यूशन, डायनामिक टेस्ट, बिजनेस प्लान तथा एंड्योरेंस टेस्ट आदि से गुजारा जाएगा। विजेताओं को आयोजक संस्था द्वारा 20 लाख रूपए तक के नकद पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।
राधारमण समूह के चेयरमेन आर आर सक्सेना ने कहा कि गो कार्ट चैम्पियनशिप ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों को उनकी कल्पनाशीलता, तकनीकी ज्ञान तथा कुछ हटकर करने की इच्छा को आजमाने का अवसर प्रदान करेगी।
भ्रम, प्रमाद और लोभ से दूर रहें : स्वामी रामनरेशाचार्य
Our Correspondent :21 September 2017
भोपाल, 21 सितंबर। 'मीडिया और उसका धर्म' विषय पर जगद्गुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी श्री रामनरेशाचार्य ने अपने व्याख्यान में कहा कि वेदों में चार प्रकार के दोष बताए गए हैं, भ्रम (विपरीत ज्ञान), प्रमाद (आलस्य), इंद्रियों में दोष और लोभ। पत्रकारिता अपना धर्म अच्छे से तभी निभा सकती है, जब पत्रकार इन चार दोषों से दूर रहें। पत्रकार और नेताओं को सभी विषयों के साथ दर्शन भी पढ़ाया जाना चाहिए। इस अवसर पर डॉ. देवेन्द्र दीपक की पुस्तक 'गौ-उवाच' का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया।
स्वामी श्री रामनेशाचार्य ने कहा कि गाय पशु मात्र नहीं है, वह भारतीय संस्कृति की धुरी है। गाय को लेकर अनेक लौकिक व्याख्यान दिए जा रहे हैं, उसके आर्थिक पक्ष को उजागर किया जा रहा है, लेकिन इससे गौ-पालन नहीं होगा। उन्होंने गौ-मांस खाने का विरोध करते हुए कहा कि गौ-मांस खाने से राक्षसी प्रवृत्ति बढ़ती है। हजारों वर्षों की भारतीय परंपरा गाय के महत्त्व की गवाह है। समाज में पहले लोगों ने गाय छोड़ी और उसके बाद माता-पिता को वृद्धाश्रम में भेजा जा रहा है। इसके बावजूद भी आज माता-पिता और गाय का सम्मान भारत में है, उतना सम्मान पूरी दुनिया में नहीं है। यह पूरी तरह खत्म न हो, इसके लिए हमें सचेत होना होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने कहा कि जहाँ दुनिया में समाचार-पत्र सिकुड़ रहे हैं, वहीं भारत में समाचार-पत्रों की संख्या बढ़ रही है। मीडिया में बदलाव का दौर है। उसकी दिशा और दशा पर चिंतन आवश्यक है।
इस अवसर पर पुस्तक के लेखक एवं साहित्य अकादमी की निराला सृजनपीठ के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र दीपक ने कहा कि कवि गाय और समाज के बीच खड़ा है। उसका प्रयास गाय को लेकर समाज की सरस्वती को जगाना है। यह कविताएं आज के जन और तंत्र दोनों से सीधा संवाद करती हैं। गौ-उवाच में गाय पर केंद्रित तीस कविताएं शामिल हैं। डॉ. दीपक की पुस्तक का प्रकाशन इंद्रा पब्लिशिंग ने किया है। इस अवसर पर पुस्तक की समीक्षा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रेम भारती, डॉ. कृष्ण गोपाल मिश्र, लक्ष्मीनारायण पयोधि, डॉ. विनय राजाराम, डॉ. मयंक चतुर्वेदी, डॉ. उदय प्रताप और घनश्याम मैथिल ने प्रस्तुत की। प्रकाशक मनीष गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। श्रीमती ऊषा मेहता ने स्वामीजी को स्मृति चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. साधना बलवटे ने किया।
राधारमण ग्रुप में देश जानी मानी संतूर वादिका श्रुति अधिकारी के संतूर ने किया मंत्रमुग्ध
Our Correspondent :18 September 2017
भोपाल। संतूर को साधने के लिए बहुत रियाज, संगीत की दृष्टि, कठिन मेहनत और सबसे बड़ी बात गुरू के आशीर्वाद की जरूरत होती है। यह मेरे गुरू का ही आशीर्वाद है कि मैं इस अत्यंत कठिन माने जाने वाले इस वाद्य को सीख सकी। यह कहना था भोपाल में पली बढ़ीं देश की पहली व प्रख्यात संतूर वादिका श्रुति अधिकारी का। वे आज राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट परिसर के सेमीनार हाल में संतूर वादन हेतु आईं थीं। संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्था स्पिक मैके के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कश्मीर के इस अनूठे म्यूजिक इन्स्ट्रूमेंट - संतूर - के जरिए विभिन्न रागों पर आधारित अपनी शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियों से श्रोताओं का दिल जीत लिया। उनकी प्रस्तुतियों में उनकी कठिन सुर साधना से निखर के आईं स्वर लहरियों को श्रोताओं की प्रशंसा के रूप में भरपूर तालियां मिलीं। कार्यक्रम में समूह के सभी महाविद्यालयों के विद्यार्थी, फैकल्टी मेम्बर्स तथा डायरेक्टर मौजूद थे
इस अवसर पर राधारमण ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट्स के चेयरमेन आर आर सक्सेना ने कहा कि संगीत मनुष्य के दिलो दिमाग को बदलने की ताकत रखता है। हमारी सृष्टि की शुरूआत भी ओम् के नाद के साथ हुई थी। अच्छा संगीत मन को शांत और एकाग्रचित होने में मदद करता है जिसका उपयोग विद्यार्थी अपनी पढ़ाई और व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में कर सकते हैं। इस अवसर पर श्री सक्सेना ने सुश्री श्रुति को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
जब तक मजबूरी न हो, देवनागरी में ही लिखें
भाषा संस्कृति की वाहक : डॉ. नरेन्द्र कोहली
Our Correspondent :13 September 2017
भोपाल, 13 सितंबर। प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेन्द्र कोहली ने कहा कि मातृभाषा हिंदी के प्रति हीनता का भाव होने के कारण हम प्राचीन ज्ञान विरासत से अलग हो गए, भारतीयता से विमुख हो गए। हमें अपनी भाषा को सम्मान देना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को संकल्प दिलाया कि जब तक कोई मजबूरी न हो, तब तक देवनागरी लिपि में ही हिंदी लिखें और अपनी भाषा को विकृत न होने दें। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस प्रसंग पर विशेष व्याख्यान में डॉ. कोहली ने हिंदी भाषा के प्रति भारतीयों के व्यवहार को लेकर चिंता जताई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने की।
हिंदी साहित्य के प्रख्यात उपन्यासकार डॉ. कोहली ने कहा कि तुर्क, अरबी और अफगानी हमलावरों ने भारत में सबसे पहले संस्कृत पाठशालाएं बंद कीं और फिर तक्षशिला एवं नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों को जलाकर भोजन पकाया। पुस्तकों के नष्ट होने से हमारा ज्ञान राख में मिल गया। सोच-विचार कर हमारे ज्ञान और भाषा को समाप्त करने के लिए किया गया था। संस्कृत भाषा हमसे छीन ली गई, जिसके कारण संस्कृत में रचा गया ज्ञान-विज्ञान भी हमसे छिन गया। उन्होंने कहा कि संस्कृत में रचा गया साहित्य और ज्ञान हमारे सामने नहीं है। हमें यह तो पढ़ाया जाता है कि शून्य का आविष्कार आर्यभट्ट ने किया, लेकिन हमारे पाठ्यक्रम में आर्यभट्ट के गणित को नहीं पढ़ाया जाता, क्योंकि वह संस्कृत में है।
270 वर्ष में दो प्रतिशत सीख पाए अंग्रेजी : डॉ. कोहली ने कहा कि अंग्रेजों के 200 वर्ष के शासनकाल और स्वतंत्रता के बाद 70 वर्षों में हमें अंग्रेजी पढ़ाई गई। इसके बावजूद भारत में दो प्रतिशत से अधिक लोग अंग्रेजी नहीं जानते। हमने यह मान लिया है कि भारत में कुछ है ही नहीं या फिर जो कुछ है, वह निम्न कोटि का है। इस मानसिकता के कारण हम अपनी भाषा से ही नहीं, वरन भारतीयता से भी विमुख हो गए। जब कमाल पाशा ने सत्ता संभाली तो उसने सबसे पहले तुर्की भाषा को अनिवार्य किया। माओ त्से तुंग ने चीन में चीनी भाषा को लागू किया और इसी तरह इजरायल ने लगभग समाप्त हो चुकी अपनी भाषा हिब्रू को जीवित किया। उन्होंने कहा कि हम सभी प्रकार के पत्र हिंदी में ही लिखें, इसके लिए सरकारी आदेश की प्रतीक्षा क्यों करें? आज दुनिया में हिंदी भाषा-भाषियों की संख्या करोड़ों में है, लेकिन यह लोग अपनी भाषा में लिखते-पढ़ते नहीं है। जब हम हिंदी में लिखेंगे-पढ़ेंगे नहीं, तब वह समृद्ध कैसे होगी? उन्होंने कहा कि हमें संकल्प करना चाहिए कि अपनी भाषा से प्रेम करेंगे, सम्मान करेंगे और उसे विकृत नहीं होने देंगे। उन्होंने हिंदी के संदर्भ में विद्यार्थियों की जिज्ञासा का समाधान किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रायोगिक तौर पर प्रकाशित समाचार पत्र 'पहल' के हिंदी दिवस विशेषांक का भी विमोचन किया गया।
श्रेष्ठ भाषा का चुनाव करें : कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि यदि हम हिंदी का वैभव लाने का संकल्प लें, तब धीरे-धीरे पत्रकारिता भी बदल जाएगी। हमें शुद्ध हिंदी का प्रयोग करना चाहिए। उसे संवारना और समृद्ध करना चाहिए। नये शब्द गढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसंचार माध्यमों को समाज का अनुकरण नहीं, बल्कि नेतृत्व करना चाहिए। भाषा और विचार के क्षेत्र में भी जनसंचार माध्यमों को समाज को दिशा देनी चाहिए। हम श्रेष्ठता को चुनते हैं। इसलिए बोलचाल के नाम पर हिंदी को बिगड़े नहीं, बल्कि शुद्ध हिंदी शब्दों का उपयोग करें। दुनिया में सबसे अधिक श्रेष्ठ भाषा संस्कृत हैं और उसके निकट है हिंदी। प्रो. कुठियाला ने कहा कि जनमानस यदि तय कर ले कि हिंदी को बढ़ाना है, तब राजनीति स्वत: उसका अनुकरण करेगी। उन्होंने कहा कि देश हित में अंग्रेजी और अंग्रेजियत से छुटकारा पाना है, उसके लिए हिंदी और हिंदीपन को लाना होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव दीपक शर्मा, समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
सेंट्रल लाइब्रेरी में "हिन्दी उत्सव -2017"
Our Correspondent :13 September 2017
युवाओं में हिन्दी की समझ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शासकीय मौलाना आज़ाद केन्द्रीय पुस्तकालय भोपाल आगामी शुक्रवार और शनिवार को दो दिवसीय हिन्दी उत्सव का आयोजन करने का जा रहा है । इस उत्सव में शहर के सही लोगों के लिए ओपन तीन प्रतियोगिताओं का आयोजन किता जाएगा । इन प्रतियोगिताओं में बाग लेने के लिए कोई भी व्यक्ति लाइब्रेरी आ सकता है ।
कार्यक्रम का विवरण
आयोजन का नाम - हिन्दी उत्सव -2017
दिनांक - 15 एवं 16 सितंबर 2017
स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल
तीन ओपन प्रतियोगिताएं
हिन्दी निबंध प्रतियोगिता
दिनांक - 15 सितंबर (शुक्रवार )
समय - सुबह 10 बजे
पुरुसकार - 6000/ - रुपये नगद
भाग लेने के लिए - सुबह 9.30 बजे लाइब्रेरी पहुँचें
हिन्दी क्विज़
दिनांक - 15 सितंबर 2017 (शुक्रवार )
समय - सुबह 11.30 बजे
पुरुस्कार - 6000/- रुपये नगद
भाग लेने के लिए - दो लोगों की टीम बनाकर सुबह 11 बजे तक सेंट्रल लाइब्रेरी पहुँचें
तात्कालिक भाषण
दिनांक - 16 सितंबर 2017 (शनिवार )
समय - सुबह 11 बजे
कितने लोग भाग ले सकते हैं - केवल 20
पुरुस्कार - 6000/- रुपये नगद
भाग लेने के लिए - सुबह 10 बजे लाइब्रेरी पहुँचकर सबसे पहले अपना नाम नोट करा दें
कुल नगद पुरुस्कार - रुपये 18000/-
राजधानी में प्रारंभ होगा मीडिया उद्यमिता केन्द्र
Our Correspondent :11 September 2017
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के अंतर्गत राजधानी में एक मीडिया
उद्यमिता केन्द्र की स्थापना की जाएगी। यह केन्द्र नीति आयोग की पहल के अनुरूप कार्य करेगा। मीडिया
में उद्यमशीलता के प्रशिक्षण, मीडिया प्रबंधन और एक से अधिक माध्यमों में दक्षता के उद्देश्य से इस
केन्द्र को महत्वपूर्ण माना गया है।
जनसंपर्क मंत्री और विश्वविद्यालय की प्रबंध उप समिति के अध्यक्ष डॉ. नरोत्तम मिश्र की अध्यक्षता में
आज मंत्रालय में प्रबंध उप समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में केन्द्र की उपयोगिता पर
विस्तार से चर्चा करते हुए केन्द्र प्रारंभ करने का अनुमोदन किया गया। बैठक में विश्वविद्यालय के
कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला, कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा, संचालक जनसंपर्क श्री अनिल माथुर
उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि देश में अपनी तरह के इस प्रथम केन्द्र में मीडिया के वर्तमान परिदृश्य के
अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। विश्वविद्यालय की विद्या परिषद द्वारा भी बीते माह इस केन्द्र को
प्रारंभ करने का अनुमोदन दिया जा चुका है। केन्द्र के लिए विशेषज्ञों और सहयोगियों संस्थाओं के चुने
जाने की कार्यवाही शीघ्र की जाएगी। आज की बैठक में सोशल मीडिया के क्षेत्र में गहन शोध की जरूरत
को देखते हुए विश्वविद्यालय के अंतर्गत एक शोध केन्द्र स्थापित करने पर भी चर्चा हुई।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश की प्रत्येक तहसील में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध केन्द्र संचालित
किया जाएगा, जो विभिन्न पाठ्यक्रम से विद्यार्थियों को जोड़ेगा। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के विभिन्न
विभागों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के संबंध में भी निर्णय लिया गया। बैठक में
विश्वविद्यालय के रीवा परिसर के निर्माण, नई अध्ययन संस्थाओं को विश्वविद्यालय से प्रदान की गई
सम्बद्धता और अनुमोदन से संबंधित चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में मेडिकल के लिए 276 और इंजीनियरिंग के लिए 1298 आवेदन
Our Correspondent :7 September 2017
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में कुल 24179 आवेदन प्राप्त हुए है। मेडिकल कोर्स के लिए 276, इंजीनियरिंग के लिए 1298, विधि के लिए 45, एसपीए और आईआईएम इंदौर में संचालित पाठ्यक्रमों के लिए 31, पॉलीटेक्निक कोर्स के लिए 125 और प्रदेश में संचालित स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए 22 हजार 404 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने बताया है कि विभिन्न संस्थाओं द्वारा अभी तक 11608 आवेदनों का सत्यापन किया जा चुका है। इनकी फीस की स्वीकृति की कार्यवाही जारी है। इसी के साथ, 1216 विद्यार्थियों के प्रकरण स्वीकृत किये जा चुके है।
योजना में माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत और सी.बी.एस.ई. और आई.सी.एस.ई. की परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। विद्यार्थी के पालक की वार्षिक आय 6 लाख रूपये से कम होना अनिवार्य है।
यूजीसी की कमेटी के अध्यक्ष बने प्रो. बृज किशोर कुठियाला
Our Correspondent :27 Aug 2017
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल में गठित एक समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह समिति दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के लिए विचार करेगी। प्रो. कुठियाला की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय समिति आईआईएमसी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के प्रस्ताव का अध्ययन करेगी और उसके बाद यूजीसी को अपनी अनुशंसा सौंपेगी। उल्लेखनीय है कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला को अप्रैल, 2017 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक ने अपने 16वें दीक्षांत समारोह में डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया है। कुलपति प्रो. कुठियाला को यूजीसी की समिति का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं अधिकारियों ने प्रसन्नता जाहिर की है।
विश्वविद्यालय को राजनीति का अड्डा बना रहे हैं वामपंथी
Our Correspondent :24 Aug 2017
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की पहचान देश-दुनिया में एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में है। देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी पत्रकारिता एवं संचार की पढ़ाई के लिए यहाँ आते हैं। विश्वविद्यालय को अनेक प्रतिष्ठित पत्रकार, संपादक एवं संचारक दिए हैं। किंतु, कुछ लोग अपनी राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा एवं वैचारिक स्वार्थ पूर्ति के लिए विश्वविद्यालय को बदनाम करने का प्रयास समय-समय पर करते हैं। पिछले दो-तीन दिन से कुछ बाहरी तत्वों ने अपने मीडिया संपर्कों का उपयोग कर विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। विश्वविद्यालय के नये परिसर में 'गौशाला' प्रस्तावित है। हम सब विद्यार्थी गौशाला खोलने के निर्णय का स्वागत करते हैं। हम मानते हैं कि गौशाला से हमारी पढ़ाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
जो लोग गौशाला का विरोध कर रहे हैं, उनकी सक्रियता राजनीतिक दलों में है। वामपंथी विचारधारा से पोषित और वामपंथी पार्टियों के कार्यकर्ता इस गैर-जरूरी मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। कुछ वामपंथी पत्रकार इस मुद्दे पर भ्रामक रिपोर्टिंग कर उसे विवादित बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जैसा कि वामपंथियों की नीति-रीति है कि शैक्षणिक संस्थाओं को राजनीति और वैचारिक संघर्ष का अड्डा बना देते हैं। वैसा ही कुछ प्रयास एमसीयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के साथ करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। हम सब विद्यार्थी इस बात से आहत हैं कि हमारे विश्वविद्यालय को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। हम नहीं चाहते कि यह विश्वविद्यालय समाज, संस्कृति और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का अड्डा बने।
संस्थान की प्रतिष्ठा विद्यार्थियों की प्रतिष्ठा है। विश्वविद्यालय की छवि धूमिल होने से हम सब विद्यार्थियों के भविष्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए हम सब विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला एवं विश्वविद्यालय प्रशासन से माँग की है कि भ्रामक, झूठी और तथ्यहीन बातों के माध्यम से सोशल मीडिया एवं जनसंचार माध्यमों के जरिये विश्वविद्यालय की छवि को ख़राब करने वाले लोगों को कानूनी नोटिस भेजने की कार्रवाई की जाए। गौशाला के समर्थन में विश्वविद्यालय के लगभग 200 विद्यार्थियों ने कुलपति को सौंपे गए ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
विद्यार्थियों के हित में विश्वविद्यालय के नये परिसर में अत्याधुनिक सुविधा से युक्त 8 विभागीय और एक केंद्रीय स्टूडियो स्थापित हो रहा है। इसी तरह 8 विभागीय पुस्तकालय और एक समृद्ध केंद्रीय पुस्तकालय भी स्थापित किया जा रहा है। विद्यार्थियों के हित में अन्य जरूरी सुविधाएं जैसे- चिकित्सालय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, मेडिटेशन एवं योग केंद्र, कैंटीन सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है।
राष्ट्रीय-स्तर के संस्थान में प्रवेश के लिये 800 अजा विद्यार्थियों को कोचिंग होगी उपलब्ध
Our Correspondent :24 Aug 2017
प्रदेश में अनुसूचित-जाति के प्रतिभावान विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की तकनीकी, चिकित्सा, विधि महाविद्यालयों में प्रवेश सुनिश्चित करवाने और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की प्रवेश परीक्षा में उनकी सफलता सुनिश्चित करने के लिये कोचिंग उपलब्ध कराने की योजना इस वर्ष से शुरू की जा रही है। इसमें प्रदेश के 4 महानगरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में प्रतिवर्ष 800 विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग उपलब्ध करवायी जायेगी।
मुख्यमंत्री स्व-रोजगार और आर्थिक कल्याण योजना के जरिये 11 हजार से ज्यादा लाभान्वित
अनुसूचित-जाति कल्याण विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में वर्ष 2016-17 में 7 हजार से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। योजना में अधिकतम 10 लाख रुपये का ऋण तथा अधिकतम 2 लाख रुपये की अनुदान राशि का प्रावधान है। इस वित्तीय वर्ष में 7 हजार हितग्राहियों को विभिन्न व्यवसायों की स्थापना के लिये 70 करोड़ की सहायता राशि उपलब्ध करवायी जायेगी।
मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में पिछले वर्ष नवीन उद्यमों की स्थापना के लिये 4106 अनुसूचित-जाति के हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। इसके लिये 5 करोड़ 47 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवायी गयी। इस वर्ष भी 4 हजार हितग्राहियों को 8 करोड़ की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवायी जायेगी। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन प्रशिक्षण योजना में 5135 अनुसूचित-जाति के युवाओं को प्रशिक्षित कर 3115 युवाओं को विभिन्न उद्योगों में रोजगार और 182 युवाओं को स्व-रोजगार उपलब्ध करवाया गया।
सावित्री बाई फुले एसएचजी योजना में 152 समूह लाभान्वित
अनुसूचित-जाति की महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को व्यवसायों में स्थापित करने के लिये सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना में 152 समूह को लाभान्वित किया गया। इन समूहों के 1028 हितग्राहियों को 3 करोड़ 18 लाख का ऋण और 128 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया। अनुसूचित-जाति वर्ग के विद्यार्थियों को शैक्षणिक एवं आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिये 1945 छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। इसके जरिये 97 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा का लाभ प्राप्त हो रहा है।
छात्रावास भवनों की नई डिजाइन निर्धारित
छात्रावास भवनों की नई डिजाइन निर्धारित की गयी है। अब छात्रावास के हर कमरे में 8 से 10 विद्यार्थियों के स्थान पर 2 से 3 विद्यार्थियों को रखा जायेगा। प्रत्येक छात्रावास में वाटर फिल्टर, टी.व्ही., कम्प्यूटर, इंटरनेट सुविधा, डायनिंग टेबल, स्टडी टेबल, फिक्स फर्नीचर की सुविधा उपलब्ध करवायी जायेगी। इस वर्ष ऐसे 55 नये छात्रावास भवनों का निर्माण किया जायेगा। संभागीय मुख्यालयों में संचालित ज्ञानोदय विद्यालयों में 360 सीट के छात्रावास भवन, 21 अतिरिक्त क्लास-रूम और 7 स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जायेगा। विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति का लाभ प्राप्त करते हुए वर्तमान में 15 अनुसूचित-जाति के विद्यार्थी विदेशों में अध्ययनरत हैं।
विद्यार्थियों ने बनाईं पर्यावरण-अनुकूल गणेश प्रतिमाएं
Our Correspondent :21 Aug 2017
भोपाल, 20 अगस्त। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नवीन मीडिया विभाग की ओर से 'मिट्टी के गणेश निर्माण कार्यशाला' का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली सामाजिक संस्था 'नर्मदा समग्र' से जुड़े नवीन बोडख़े ने विद्यार्थियों को मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि पीओपी से बनने वाली गणेश प्रतिमाएं पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती हैं। पर्यावरण बचाने के लिए गणेश उत्सव के दौरान मिट्टी की प्रतिमाओं का पूजन करना चाहिए। मिट्टी से बनी प्रतिमाएं ईको-फ्रेंडली (पर्यावरण-अनुकूल) होती हैं। मिट्टी से मूर्ति बनाना बहुत आसान है। प्रशिक्षण के बाद हर कोई अपने घर पर ही प्रतिमा बना सकता है।
नवीन मीडिया विभाग के विद्यार्थियों ने कार्यशाला में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और भगवान गणेश की सुंदर प्रतिमाओं का निर्माण किया। इस अवसर पर प्रशिक्षक नवीन बोडख़े ने कहा कि प्रतिमाओं के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले रंग एवं अन्य वस्तुएं भी पर्यावरण के अनुकूल होनी चाहिए। कार्यशाला का उद्घाटन नवीन मीडिया विभाग की अध्यक्ष डॉ. पी. शशिकला ने किया।
प्रतिमाओं को सजाएंगे आज : कार्यशाला में जिन विद्यार्थियों ने मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं बनाई हैं, वे सोमवार को उनको रंगों से सजाएंगे। प्रतिमाओं पर किया जाने वाला रंग भी पर्यावरण के अनुकूल होगा। इसके बाद कलात्मक एवं मोहक गणेश प्रतिमाओं के विक्रय एवं प्रदर्शन के लिए विद्यार्थी स्टॉल भी लगाएंगे।
पढ़ाई के खर्च की चिंता हुई अब दूर : योजना में चयनित विद्यार्थी
Our Correspondent :20 Aug 2017
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के प्रमाण-पत्र वितरण समारोह में विभिन्न जिलों से आये विद्यार्थियों ने कहा कि 'हमारी पढ़ाई के खर्च की चिंता दूर हो गयी है। हमारे माता-पिता को अब पढ़ाई के लिये जरूरी पैसों की व्यवस्था के लिये भटकना नहीं पड़ेगा।'
सोचा भी नहीं था कि बिना पैसों के बनेंगे डॉक्टर
जिला खरगोन के श्री पवन मंडलोई का प्रवेश नीट के माध्यम से श्री अरविंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इंदौर में हुआ है। इनके पिताजी का निधन जब वे कक्षा दस में थे तभी हो गया था। उन्होंने बताया कि सपने में भी नहीं सोचा था कि इस हालत में वे डॉक्टर बन पायेंगे। सरकार ने हमारी फीस भरने की जिम्मेदारी लेकर हम जैसे अनेक मध्यमवर्गीय एवं गरीब परिवार से आने वाले बच्चों पर बहुत बड़ा उपकार किया है। इसे जिंदगीभर याद रखेंगे।
भविष्य हुआ सुरक्षित
जिला भोपाल की कुमारी शुभांगी बागरे ने बताया कि हमारे पापा श्री राधेश्याम बागरे की छोटी सी दुकान है। मुख्यमंत्री ने यह योजना लागू कर हमारी और हमारे पापा की चिंता दूर कर दी है। अब हमें भविष्य की चिंता नहीं है। हम बेहतर शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य सँवार सकेंगे। अब इसमें हमारी आर्थिक स्थिति बाधा नहीं बनेगी। कुमारी बागरे ने स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड आर्किटेक्चर, भोपाल में प्रवेश लिया है। इसकी सालाना फीस एक लाख पचास हजार रूपये है। यह फीस अब पूरे पाँच साल सरकार देगी।
इतना तो कोई मामा नहीं करता
जिला इंदौर की कुमारी अनुज्ञा मुकाती ने भावुक होते हुए कहा कि इतना तो अपने भांजों के लिये मामा नहीं करते हैं, जितना कि मुँहबोले मामा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है। मामा की कथनी और करनी में अंतर नहीं है। कुमारी मुकाती का प्रवेश क्लेट के माध्यम से एनएलआईयू, भोपाल में हुआ है। इनके पापा पत्रकार हैं।
अब गरीब बच्चा भी ले सकेगा उच्च शिक्षा
जिला राजगढ़ के श्री दीपक कुमार ने कहा कि अब गरीबी शिक्षा में आड़े नहीं आयेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने हम गरीबों की पीड़ा को समझा और यह योजना लागू कर हमें ऐसी सौगात दी है कि अब हम उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगे।
कुछ इसी तरह के विचार आईआईटी इंदौर में प्रवेश ले चुके सिवनी जिले के छात्र श्री श्रेयांस ठाकुर, ग्वालियर के श्री शांतनु शर्मा, जबलपुर के श्री केशव राठौर और इंदौर के श्री जुबिन नागपाल ने भी व्यक्त किये।
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के प्रमाण-पत्र वितरण समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने एमबीबीएस के लिए चयनित रीवा की कुमारी जसमिन पटेल, इन्दौर के श्री स्वप्निल कुन्हारे, इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने वाली इन्दौर की कुमारी आस्था डोंगरे, बैतूल की कुमारी किरण जपाटे, आईआईएम इंदौर में प्रवेश लेने वाली बुरहानपुर की कुमारी मानसी संजय तरकस और उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने वाले भोपाल के श्री दीपक कुमार, बैतूल की कुमारी मोनिका सोनी और भोपाल की कुमारी आकृति मेहरा को भी प्रमाण-पत्र प्रदान किये।
एक योजना ने बदला हजारों का जीवन
Our Correspondent :20 Aug 2017
प्रदेश के गरीब प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा का सपना मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मेधावी विद्यार्थी योजना ने साकार कर दिया है। इस महत्वाकांक्षी योजना से देश-प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं में 32,185 छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिल गया है। अब वे धन के अभाव की चिंता से मुक्त होकर मेहनत से उच्च शिक्षा के अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे।
योजना में मध्यप्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों द्वारा देश के कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों जैसे आई.आई.टी. मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, इन्दौर, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी और दिल्ली विश्वविद्यालय सहित देश के 18 आई.आई.टी., 14 एन.आई.टी., 10 राष्ट्रीय विधि संस्थान (नेशनल लॉ इन्स्टीट्यूट), 14 आई.आई.टी. संस्थान एवं 14 अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में 250 से अधिक मेधावी विद्यार्थियों द्वारा प्रवेश लेकर इस योजना का लाभ लिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है विगत वर्षों में उच्च शिक्षा के लिये पात्र विद्यार्थियों के उत्तीर्ण होने का औसत प्रतिशत 46 रहा है। इनमें से 27 प्रतिशत ड्राप आउट हो जाते हैं। इनमें अधिकांश विद्यार्थी धनाभाव के कारण उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं ले पाते थे। मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के सभी मेधावी विद्यार्थियों को उनकी विशेष योग्यता और प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2017 से मुख्यमंत्री मेधावी योजना प्रारंभ की गयी है।
यह योजना मध्यप्रदेश के मूल निवासी मेधावी विद्यार्थियों के लिये है, जिनके पालकों की वार्षिक आय 6 लाख रूपये तक है। उन्होंने 12वीं की माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में 75 प्रतिशत अथवा सी.बी.एस.सी./आई.सी.एस.ई की परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किये हैं। योजना सभी इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेदिक, विधि एवं अन्य समस्त स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले मेधावी विद्यार्थियों के लिये लागू की गयी है, जिन्होंने मध्यप्रदेश एवं भारत सरकार के उच्च संस्थानों में प्रवेश लिया है।
योजना के प्रथम चरण में हमारे प्रदेश के 150 से अधिक मेधावी विद्यार्थियों ने प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कालेजों में प्रवेश लिया है। इसी तरह प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों के 762 विद्यार्थी, पोलिटेक्निक महाविद्यालयों के 83 विद्यार्थी एवं उच्च शिक्षा के महाविद्यालयों के 20 हजार से अधिक विद्यार्थी इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं। नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट में 20 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रवेश ले लिया है। आई.आई.एम. इन्दौर एवं स्कूल ऑफ प्लानिंग एवं आर्किटेक्चर जैसे राष्ट्रीय संस्थानों में 17 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना प्रमाण-पत्र वितरण
Our Correspondent :20 Aug 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह ने युवाओं का आव्हान किया है कि प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ और भारत को विश्व गुरु बनाने के लिये आगे आयें। समाज सेवा के लिए संकल्पित हो। सरकार युवाओं की प्रतिभा को कुंठित नहीं होने देगी, उनके सपनों को साकार करने में हरसंभव सहयोग करेगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद श्री अमित शाह ने कहा है कि नये भारत का निर्माण युवाओं की जिम्मेदारी है। युवाओं को अवसर देने का कार्य सरकार पूरी जवाबदारी से कर रही है। वे आज यहाँ मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के लाभान्वितों को प्रमाण पत्र वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
विद्यार्थी कल्याण कोष बनेगा
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रतिभाओं को पंख देने का संकल्प आज पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों में प्रतिभा, क्षमता और योग्यता होने बावजूद आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वे उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाते थे। इन बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिये मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना शुरू की गई है। इसका लाभ लेकर बच्चे अनंत आकाश में उड़ान भरें और अपने परिवार, प्रदेश व देश का नाम रोशन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक स्थिति से कमजोर विद्यार्थियों की मदद के लिये विद्यार्थी कल्याण कोष बनाया जायेगा। इस कोष में मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ लेने वाले जो विद्यार्थी रोजगार से लग जाते हैं, वे मदद करेंगे। इसी तरह जिनका मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हो जाता है वे पढ़ाई पूरी करने के बाद तीन वर्ष तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवायें देंगे। इनके साथ ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ईमानदारी से कार्य करने का संकल्प भी मुख्यमंत्री ने दिलवाया।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का मान, सम्मान और स्वाभिमान पूरी दुनिया में बढ़ा है। उनका सम्मान सभी भारतीयों का सम्मान है। उन्होंने पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति खत्म की। उन्होंने युवाओं की बेहतरी के लिये अनेक कदम उठाये हैं। इससे भारत गौरवशाली बन रहा है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में भारत भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व को शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन करवाने में विश्व गुरु की भूमिका में आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिये युवाओं के जीवन को बेहतर बनाना है। इसके लिये मध्यप्रदेश सरकार ने बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, साईकिल एवं गणवेश उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। साथ ही कमजोर वर्गों के साथ-साथ सामान्य वर्ग के निर्धन विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति मुहैया करवायी जा रही है। छात्राओं को गाँव की बेटी एवं प्रतिभा किरण योजना का लाभ तथा बारहवीं में 85 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लेपटॉप और कालेज में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केवल सरकारी नौकरी ही रोजगार का रास्ता नहीं है। स्व-रोजगार में मदद देने के लिये प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई स्किल इंडिया, स्टार्टअप, स्टैंडअप इंडिया एवं मध्यप्रदेश शासन की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार और कांट्रेक्टर योजना का लाभ लेकर युवा दूसरों को रोजगार देने के काबिल बन रहे हैं। प्रदेश सरकार कौशल उन्नयन में सहयोग के लिये अभूतपूर्व कार्य कर रही है। सिंगापुर के सहयोग से ग्लोबल स्किल पार्क का विकास किया जा रहा है, जिसमें एक साथ दस हजार युवाओं को प्रशिक्षण मिलेगा। आई.टी.आई. का उन्यनयन किया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के लिये पौधे लगाने, नशा मुक्त समाज बनाने एवं बेटा-बेटी को समान मानने का संकल्प भी दिलाया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री श्री मोदी के सपनों को साकार किया जायेगा।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जॉब सीकर को जॉब क्रिएटर बनाया
सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने कहा कि न्यू इंडिया के निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न नवाचारी योजनाओं के द्वारा युवाओं को नये विचारों को क्रियान्वित और नई संभावनाओं को तलाशने का अवसर दिया है। उन्होंने युवाओं से कहा कि सरकार से विकास का मंच, उन्हें मिला है, उन्हें भी गरीबों की सेवा के लिये संकल्पित होना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने युवाओं के विकास से देश प्रदेश का विकास होगा, इस अवधारणा के साथ युवाओं के सपनों को साकार करने में सहयोग किया है। डिजिटल इंडिया, मुद्राबैंक, स्टार्टअप, स्टैंडअप और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम ने युवाओं को जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनाया है। उनकी सरकार ने पिछले तीन साल में विकास की गति बदलने का कार्य किया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में जो अर्थव्यवस्था लकवाग्रस्त थी उसे आज दुनिया की सबसे तेज प्रगति करने वाली अर्थव्यवस्था का सम्मान मिल रहा है।
दुनियाभर में हो रही प्रदेश के विकास की चर्चा
श्री शाह ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की मदद सरकार का दायित्व है। आर्थिक अभाव में प्रतिभाओं के कुंठन से समाज में अन्याय का भाव पनपता है। सामाजिक न्याय के प्रयासों में मेधावी विद्यार्थी योजना में बहुत बड़ी संभावना दिख रही हैं। योजना से लाभान्वित होने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के जीवन में एक नई शुरूआत हुई है, जो उन्हें नई ऊँचाई पर ले जायेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जैसा संवेदनशील व्यक्तित्व ही इस तरह की पहल कर सकता है। उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश के विकास की दुनियाभर में चर्चा हो रही है। उन्होंने सर्वांगीण विकास पर विचार करने, योजना निर्माण करने और बेहतर क्रियान्वयन कर, उनका लाभ अंतिम छोर तक पहुँचाया है। बीमारु राज्य कहा जाने वाला मध्यप्रदेश आज देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों की सूची में शामिल है।
स्वागत उदबोधन में तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार सबको शिक्षा के लक्ष्य प्राप्ति के प्रयास कर रही है। उन्होंने गरीब कल्याण वर्ष का उल्लेख करते हुए योजना को इस दिशा में उठाया गया प्रभावी कदम बताया और योजना की संक्षिप्त जानकारी दी। आभार प्रदर्शन प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बंदोपाध्याय ने किया।
विद्यार्थियों में दिखी नई उम्मीदें और उत्साह
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में योजना के लाभान्वित विद्यार्थी उपस्थित थे। उत्साह और नई उम्मीदें उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। उनके जयकारे और तालियों के गड़गड़ाहट से पूरा पंडाल अनेक बार गुंजायमान हुआ। भारत माता के जयकारे में उनकी जोश भरी आवाज ने अतिथियों को भी प्रभावित किया। प्रतीक स्वरूप योजना प्रमाण पत्रों का वितरण नीट में चयनित रीवा की जास्मीन पटेल, खरगोन के पवन मंडलोई, जे.ई.ई. मेन में चयनित सिवनी के श्रेयस ठाकुर, ग्वालियर के शांतनु शर्मा, जबलपुर के केशव राठौर, इन्दौर के जूबिन नागपाल, क्लेट में चयनित इन्दौर की अनुज्ञा मुक्ति, इंजीनियरिंग शिक्षा में चयनित बैतूल की किरन जपाटे, आर्किटेक्चर शिक्षा में चयनित भोपाल की शुभांगी बागरे, आई.आई.एम. में चयनित बुरहानपुर की मानसी संजय तरकस, बी.एस.सी. में चयनित भोपाल के दीपक कुमार, बी.कॉम. में चयनित बैतूल की मोनिका सोनी, बी.कॉम आनर्स में चयनित भोपाल की आकृति मेहरा को अतिथियों द्वारा वितरित किये गये। अतिथियों का स्वागत पुस्तक भेंटकर किया गया।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान, उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया, कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस, लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह, सहकारिता राज्य मंत्री श्री विश्वास सारंग, सांसद श्री आलोक संजर, महापौर श्री आलोक शर्मा, विधायक सर्वश्री सुरेन्द्र नाथ सिंह, विष्णु खत्री एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ मौजूद थे।
डॉ. वर्मा बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति नियुक्त
Our Correspondent :11 Aug 2017
कुलाधिपति और राज्यपाल श्री ओम प्रकाश कोहली ने डॉ. प्रमोद कुमार वर्मा प्राध्यापक, एप्लाईड जिओलाजी, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन को तत्काल प्रभाव से बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति के पद पर नियुक्त किया है।
डॉ. वर्मा की नियुक्ति आगामी आदेश तक की गई है।
विज्ञान भी है हमारे तीर्थ स्थलों में - प्रो. कुठियाला
Our Correspondent :2 Aug 2017
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज
किशोर कुठियाला ने कहा कि हमारे तीर्थ स्थल विश्वास और परम्परा के केंद्र मात्र नहीं हैं, उनमें विज्ञान भी है जो
जो आज कहीं लुप्तक हो गया है। अमरनाथ यात्रा के दौरान विश्वास के साथ एक समर्पण का भाव था| मन में
भाव था कि जो होता जायेगा, वह करते जाएंगे। यह बात प्रो कुठियाला ने अमरनाथ यात्रा से लौटने के बाद आज
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 'अमृत प्रसंग' कार्यक्रम में कही।
अपनी धार्मिक यात्रा का अनुभव व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य के समय उस विज्ञान
का ज्ञान था| इसी कारण से दो हजार वर्षों ज्यादा समय से चल रही एक लोक परंपरा ऐसी आस्था में बदल गई कि
चारधाम की यात्रा जीवन का उद्देश्य बन गई| इस आस्था में कोई दैवीय शक्ति है तो कोई वैज्ञानिक शक्ति भी
मौजूद हैं| उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि उनकी यह यात्रा पूर्व नियोजित थी। पूर्व में यात्रा को लेकर कोई
निर्णय नहीं किया था| संयोग ऐसे बनते गये और एक दुर्गम यात्रा पूर्ण हो गई। यह एक सपना था जो पूरा हुआ।
उन्होंने कहा कि अमरनाथ गुफा प्रकृति का वरदान है और यह एक चोटी पर स्थित है। दुनियांभर में बर्फ के कारण
बना इस तरह का दृश्य कहीं भी देखने में नहीं आता है जिसमें शिवलिंग बना हो। प्राकृतिक रूप से बर्फ से उल्टें
पिरामिड की तरह की संरचना बनती है लेकिन अमरनाथ के पवित्र स्थल पर पिरामिड की संरचना नजर आती है
और इसके पास ही एक दूसरी संरचना माता पार्वती जी के रूप में देखने को मिलती है। यह आश्चर्य है कि 14000
फीट की ऊंचाई पर जहां पानी नहीं, खाने को दाने नहीं, वहां कबूतर नजर आते हैं।
उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों और प्रकृति के प्रकोप के बावजूद भारतीय सेना और केन्द्रीय बल के
जवान हर चोटी पर मौजूद है और इस यात्रा को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। जब वे अमरनाथ पहुंचे उसके दो दिन पूर्व
ही आतंकवादियों ने गुजरात की बस को निशाना बनाया था| उन्होंने कहा कि श्रीनगर में ही एक स्थान पर 2300
वर्ष पूर्व आदिशंकराचार्य ने साधना की थी, वहां पर एक शिव मंदिर स्थित है| उसका वातावरण अद्भुत है। इस
मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढियों का रास्ता है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा, कुलसचिव श्री दीपक शर्मा, विभागाध्यक्ष
डॉ पवित्र श्रीवास्तव, डॉ पी शशिकला, डॉ राखी तिवारी, डॉ चैतन्य पी अग्रवाल, डॉ मोनिका वर्मा, डॉ अविनाश
वाजपेयी, डॉ कंचन भाटिया, परीक्षा नियंत्रक डॉ राजेश पाठक ने कुलपति प्रो. कुठियाला का स्वागत किया। कार्यक्रम
का संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष श्री संजय द्विवेदी ने किया।
मीडिया, पुलिस दोनों समाज के लिए – श्रीमती सिंह
Our Correspondent :31 July 2017
राष्ट्रपति पदक से सम्मानित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्रीमती अनुराधा शंकर सिंह ने कहा कि मीडिया और पुलिस दोनों में बहुत समानता है। मीडिया समाज का विभाग है, वहीं पुलिस जनता के द्वारा चुनी गई सरकार का एक विभाग है। दोनों का काम समाज को दिशा देने का है, लेकिन जब पुलिस और मीडिया के अहंकार आपस में टकराते हैं तो फिर परेशानियां होती हैं।
श्रीमती सिंह ने यह विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सत्रारंभ समारोह के अंतिम दिन पुलिस और मीडिया विषय पर आयोजित सत्र में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि मीडिया और पुलिस दोनों को एक-दूसरे की जरूरत होती है। मीडिया को पुलिस से अपराध से जुड़ी खबरें चाहिए, वहीं पुलिस के लिए मीडिया एक बड़ा स्रोत होता है क्योंकि पत्रकार सब जगह आ-जा सकते हैं। कई बार व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण दोनों के रिश्ते बिगड़ जाते हैं, लेकिन दोनों को एक-दूसरे के काम और सीमाएं मालूम होना चाहिए।
उन्होंने मीडिया के विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें कानून का सामान्य ज्ञान होना चाहिए और पुलिस के अधिकारों से भी परिचित होना चाहिए। विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने बताया यह दुर्भाग्य है कि हमारे देश में आज भी अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया पुलिस एक्ट प्रचलन में है, यह उपनिवेशवादी है और स्वतंत्रता संग्राम के समय जनता को नियंत्रण में करने के लिए इसे बनाया गया था। उच्चतम न्यायालय ने 11 साल पहले मॉडल पुलिस एक्ट दिया और उसे सभी राज्य सरकारों से लागू करने के लिए कहा। राजस्थान और हरियाणा में यह एक्ट लागू हो चुका है, कई राज्यों में अभी नया पुलिस एक्ट बनना बाकी है। उन्होंने बताया कि यह एक गलत धारणा है कि पुलिस और जनता के बीच सम्बन्ध अच्छे नहीं हैं। पुलिस स्टेशन ही एकमात्र ऐसा सरकारी कार्यालय है जो चौबीस घंटे खुला रहता है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि पुलिस का व्यवहार ठीक नहीं होता, उसका कारण विभाग की सामन्ती व्यवस्था है।
सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि परिवर्तित वातावरण में मीडिया और पुलिस के बीच संवाद बना रहना चाहिए क्योंकि यह समाज के हित में हैं। कार्यक्रम का संचालन संचार शोध विभाग की अध्यक्ष डॉ. मोनिका वर्मा ने किया। न्यू मीडिया टेक्नॉलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. पी. शशिकला ने श्रीमती सिंह का सम्मान किया।
भारतीय युवाओं के पास हैं आज ज्यादा अवसर - प्रो. कुठियाला
समारोह के अंतिम सत्र को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि आज भारत की वर्तमान पीढ़ी के पास विश्व के अन्य युवाओं की तुलना में बहुत अवसर हैं। उन्होंने ऐसे समय में जन्म लिया है जब पूरा विश्व भारत की ओर आशाभरी नजरों से देख रहा है और युवाओं के पास ऐसी तकनीक उपलब्ध है जिससे पूरे विश्व में संचार किया जा सकता है। इसके अलावा प्राचीन समृद्ध विरासत है जो अपने आप में सौभाग्य है। सात हजार वर्ष पूर्व इसी धरती पर रहने वाले लोग प्रकृति के रहस्य जानते थे और उसके अनुसार जीवन जीते थे। अमेरिका और रूस के वैज्ञानिकों ने भी कहा है कि सात हजार वर्ष पूर्व वैदिक सभ्यता मौजूद थी। आज अमेरिका में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को पढ़ाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर विभाग खोले जा रहे हैं। प्रो. कुठियाला ने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे खूब पढ़ें, चिंतन करें और फिर लिखें। साथ ही अलग-अलग विषयों पर अलग-अलग लोगों से सलाह मश्वरा करना चाहिए।
मंच पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा एवं कुलसचिव श्री दीपक शर्मा जी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन समारोह के संयोजक श्री संजय द्विवेदी ने किया।
डिजिटल संसार में फर्जी खबर सबसे बड़ी समस्या- श्री खरे
वरिष्ठ पत्रकार श्री अनुज खरे ने कहा कि बड़ी संख्या में डिजिटल संसार में आई फर्जी खबर मीडिया का हिस्सा बन रही है। भारत में जो डेटा उपभोग बढ़ा है, उसमें 70 फीसदी हिस्सा संदेशों और वीडियो के कारण है ।
सत्रारंभ समारोह के अंतिम दिन 'डिजिटल मीडिया और युवा' विषय पर आयोजित सत्र को सम्बोधित करते हुए श्री खरे ने कहा कि आने वाले समय में फर्जी खबर सबसे बड़ी समस्या होगी, क्योंकि लोग स्रोत और सत्य को जाने बगैर संदेश को आगे बढ़ा देते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुए संदेशों का अध्ययन किया गया उसमें यह पाया गया कि फर्जी खबर को लगभग 90 लाख प्रतिक्रियाएं और पसंद, नापसंद मिली, जबकि अमेरिका के ही 19 विश्वसनीय वेबसाइट पर जारी संदेशों को 70 लाख प्रतिक्रियाएं मिलीं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि फर्जी खबर किस तरह से आगे बढ़ती है। उन्होंने बहुत सारे उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों को समझाया कि डिजिटल संसार में फर्जी कंटेंट और संदेशों को सॉफ्टवेयर की मदद से चेक किया जा सकता है। सिंगापुर, केलिफोर्निया जैसे राज्यों में इसके लिए कानून भी बनाए हैं। जर्मनी में भी इस बारे में भी कानून बनाया जा रहा है।
जी. डिजिटल के सम्पादक श्री दयाशंकर मिश्र ने कहा कि डिजिटल मीडिया में काम करने के लिए गंभीर बनना पड़ेगा और अन्य सब माध्यमों से सामंजस्य करना होगा। भारत में अभी समाचार पत्र का भविष्य उज्ज्वल है, आने वाले समय में सभी के लिए एक माध्यम हो जाएगा। सत्र का संचालन कम्प्यूटर विभाग की सह प्राध्यापक डॉ. सुनीता द्विवेदी ने किया।
माध्यम नहीं विचार है कालजयी - 'न्यू मीडिया में केरियर' विषय पर सत्र सम्पन्न
वैब दुनिया के रीडर, सम्पादक श्री जयदीप कार्णिक ने कहा कि सभी तरह के मीडिया में पत्रकारिता, प्राण और आत्मा है। माध्यम पुराने हो जाते हैं, लेकिन विचार हमेशा बने रहते हैं और वे ही कालजयी हैं। इसलिए पत्रकारिता में आने वाले विद्यार्थियों को विचारों पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कबीर के दोहे, गालिब के शेर, गुलजार के गीत और महात्मा गांधी के विचार समाचार पत्रों के साथ साथ न्यू मीडिया के कंटेंट का भी हिस्सा हैं। सत्रारंभ समारोह में 'न्यू मीडिया में केरियर' विषय पर हुए सत्र में उन्होंने कहा कि फेसबुक, गूगल जैसी बड़ी कंपनियों के कारण वेबसाइट्स और न्यूज पोर्टल को पर्याप्त राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है, जबकि दोनों बड़ी कंपनियां अरबों कमा रही हैं। उन्होंने कहा कि परम्परागत मीडिया के राजस्व से जुड़ी विज्ञापन एजेंसियां और मीडिया हाउसेस नहीं चाहते हैं कि सोशल मीडिया को विज्ञापन मिले। सत्र का संचालन सहायक प्राध्यापक, श्री सुरेन्द्र पॉल ने किया।
यूनिवर्सल डिजाईन के लिए पाठक को चुनने का अधिकार देना चाहिए
मुम्बई के प्रो. पी. जे. मैथ्यु मार्टिन ने कहा कि न्यू मीडिया में विजुअल और दृश्य-श्रृव्य कंटेंट को सभी वर्ग के हिसाब से बनाया जाना चाहिए। ‘यूनिवर्सल डिजाईन इन न्यू मीडिया और कम्प्यूटर’ विषय पर आयोजित सत्र में उन्होंने कहा कि मीडिया में आने वाला कंटेंट में उपशीर्षक और कैप्शन होना चाहिए ताकि जो लोग सुन और देख नहीं सकते, वे भी उसका लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि सहज, सुलभ होना चाहिए। और इस क्षेत्र में रोजगार के भी अच्छे अवसर विद्यमान हैं। इस बारे में देश में कानून भी बन चुके हैं। सत्र का संचालन डॉ. पी. शशिकला ने किया।
दो-दिवसीय राज्य युवा उत्सव का 31 जुलाई से आयोजन
Our Correspondent :29 July 2017
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया की पहल पर राज्य युवा उत्सव का आयोजन वर्ष में दो बार किये जाने का निर्णय लिया गया था। इसी श्रंखला में प्रथम राज्य युवा उत्सव का दो-दिवसीय आयोजन 31 जुलाई को होगा। युवा उत्सव में सात संभाग के करीब 450 कलाकार प्रशासन अकादमी, शहीद भवन और मानस भवन में विभिन्न विधाओं में रंगारंग प्रस्तुति देंगे।
प्रथम राज्य युवा उत्सव के अंतर्गत 31 जुलाई को प्रशासन अकादमी के स्वर्ण जयंती सभागृह में प्रात: 10 बजे लोक-नृत्य और दोपहर 2 बजे शास्त्रीय-नृत्य की प्रस्तुति होगी। शहीद भवन में प्रात: 10 बजे कलाकारों द्वारा नाटक का मंचन किया जायेगा। इसी दिन मानस भवन के सत्संग मण्डपम् में प्रात: 10 बजे हारमोनियम, दोपहर 12.30 बजे से तबला, 3.30 बजे से सितार, गिटार और वीणा तथा सायं 7 बजे बाँसुरी विधा में विभिन्न कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।
युवा उत्सव के दूसरे दिन एक अगस्त को विभिन्न संभाग के कलाकार प्रशासन अकादमी में प्रात: 10 बजे से लोक-गीत और मानस भवन में 11 बजे से वकृत्व कला में प्रस्तुति देंगे। प्रथम राज्य युवा उत्सव का समापन प्रशासन अकादमी के स्वर्ण जयंती सभागृह में सायं 5 बजे होगा।
सुचरित्र युवा ही राष्ट्र निर्माण करेंगे - दीदी मंदाकिनी
Our Correspondent :28 July 2017
प्रसिद्ध कथावाचक और औजस्वी वक्ता दीदी मंदाकिनी ने युवाओं से आव्हान किया कि वे पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण न करें। पाश्चात्य संस्कृतिक की आंधी की परत जमा हो गई है, आवश्यकता इस बात की है कि हम अपनी अस्मिता को जागृत करें और उसे विकसित करें। सुचरित्र युवा और समाज ही राष्ट्र को शक्ति प्रदान करेंगे और राष्ट्र निर्माण करेंगे।
रामचरितमानस मर्मज्ञ दीदी मंदाकिनी माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सत्रारंभ समारोह में द्वितीय दिवस ‘राष्ट्रनिर्माण में युवा’ विषय पर विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राम राज्य में भौतिक दरिद्रता नहीं थी, रावण राज्य में भी नहीं थी, लेकिन वहां मानसिक दरिद्रता थी। युवाओं की वर्तमान स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि आज संस्कार, संस्कृति, ज्ञान सभी मौजूद हैं, लेकिन फिर भी युवाओं में भटकाव है। इस पर सबको मिलकर विचार करना चाहिए। उन्होंने आने वाले पत्रकारों से आव्हान किया कि वे कलम की शक्ति का सदुपयोग कर भारत को फिर से विश्व गुरु बनाएँ।
सामाजिक व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि आज चहुँओर विकास हो रहा है। सड़कें, सेतु, विद्यालय, अस्पताल, तेज गति के वाहनों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन क्या यह वास्तव में विकास है। अस्पतालों की संख्या बढ़ने का अर्थ है कि रोग बढ़ रहे हैं। न्यायालयों की संख्या बढ़ रही है, इसका अर्थ है कि झगड़े बढ़ रहे हैं। तेज गति के वाहनों के कारण दूरियाँ कम हो रही हैं, लेकिन हृदयगत दूरी बढ़ रही है।
रामचरितमानस के लक्ष्मण एवं सुपर्णखा के एक प्रसंग का वर्णन करते हुए दीदी मंदाकिनी ने कहा कि बढ़े हुए नाखून वासना का प्रतीक है। यह जब देह से आगे बढ़ जाये तो उसे काटना आवश्यक होता है, उसी प्रकार मनुष्य की वासना अमर्यादित हो जाये तो समाज में व्यक्ति के नाक-कान कट जाते हैं। प्रेम और वासना में अंतर है, पाश्चात्य संस्कृति के लोग इस बात को नहीं समझ पाते हैं।
आज है विश्वास का संकट
विद्यार्थियों को एक घटना का उदाहरण देते उन्होंने कहा कि आज मनुष्य को मनुष्य के ऊपर ही विश्वास नहीं रहा इसीलिए वह चैकीदारी के लिए वह कुत्ते पाल रहा है। प्रतिदिन मीडिया की खबरें देखकर, पीड़ा और दुख होता है। ऐसा लगता है कि सकारात्मक चिंतन समाप्त हो गया है । सफलता की होड़ यदि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए हो तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए, लेकिन यह प्राणलेवा बन गई है। इसने आक्रामकता और टकराव का रूप ले लिया है। राजनीति ही नहीं कला, संगीत और खेल जगत में भी आक्रामकता देखने को मिलती है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने दीदी मंदाकिनी का शॉल-श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने किया।
समय, ईश्वर और स्वयंभू है- डॉ. अग्रवाल
Our Correspondent :28 July 2017
देश के राष्ट्रपति के पूर्व सचिव रहे डॉ. विजय अग्रवाल ने कहा कि समय, ईश्वर की तरह है और स्वयंभू है, जिसका निर्माण किसी ने नहीं किया। समय प्रबंधन कुछ भी नहीं है, स्वयं का प्रबंधन ही समय प्रबंधन होता है।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सत्रारंभ समारोह के दूसरे दिन ‘समय प्रबंधन’ विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अक्सर लोग समयबद्धता का पालन न करने के कारण दूसरों पर आरोप लगाकर बहाना बनाते हैं, जबकि वास्तव में कोई भी आपको आपके मन के विरूद्ध नहीं ले जा सकता और आपके समय में हस्तक्षेप कर सके। व्यक्ति ही समय प्रबंधन करने वाला मूल तत्व है। समय ईश्वर की तरह ही अदृश्य है।
समय की कीमत को बताते हुए उन्होंने कहा कि समय का मापन नहीं किया जा सकता, यह एकमात्र एहसास है। समय ही जिंदगी में एकमात्र ऐसी अनमोल कीमती वस्तु है, जिसको ईश्वर ने सभी को समान रूप से दिया है। भगवान शिव ही हैं जो समय से परे हैं, इसीलिए उन्हें महाकाल कहा गया है। दुनिया में जितने भी महान लोग हुए हैं, उनके पास कुछ अतिरिक्त योग्यता नहीं थी, केवल उन्होंने समय का सही उपयोग करके खुद को महान बनाया। विद्यार्थियों को समय का सदुपयोग करने को लेकर उन्होंने कहा कि आप जिस समय जो काम करें उसी में ही तल्लीनता से लगें। इससे काम की गुणवत्ता में फर्क आयेगा।
उन्होंने कहा कि समय आपकी पसंद या नापसंद के आधार पर मापा जाता है। जिस काम को आप पसंद करते हैं उसमें समय के बीतते का पता नहीं लगता। मन और समय के रिश्ते को समझना बहुत जरूरी है। ज्ञानयोग, कर्मयोग और भक्तियोग तीनों का मिश्रण ही समययोग का निर्माण करता है। इस सत्र में विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा भी मंच पर मौजूद थे। सत्र का संचालन कम्प्यूटर विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. मनीष माहेश्वरी ने किया।
एक हजार वर्षों की गुलामी में हम ज्ञान से दूर हो गए - स्वामी धर्मबंधु
Our Correspondent :28 July 2017
वैदिक मिशन ट्रस्ट के प्रमुख स्वामी धर्मबंधु ने कहा कि भारत देश हमेशा से ही विशाल देश के रूप में जाना जाता रहा है और यह दुनिया का सबसे बड़ा विकसित और सांस्कृतिक देश रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देश यहाँ की संस्कृति को तोड़ना चाहते थे लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। हमारे देश ने पिछले दो हजार वर्षों में 11 बड़े आक्रमण झेले और आखिरी के पांच आक्रमणों में हम पराजित हुए। लेकिन हमारे देश की संस्कृति पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
स्वामी धर्मबंधु माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सत्रारंभ समारोह के द्वितीय दिवस पर 'उदयीमान भारत और युवा' विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम सैकड़ों वर्षों तक गुलामी में रहे और जब हमें आजादी मिली तो सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से खोखले हो चुके थे। आजादी के साथ संविधान, कानून और एक झंडा साथ ही 30 लाख स्क्वायर क्षेत्र मिला।
भारतीयों की क्षमता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जार्जबुश ने अपने एक संबोधन में अमेरिकन लोगों से कहा था कि भारतीयों से गणित और विज्ञान सीखना चाहिए। भारतीय ईमानदारी और मेहनत से अपने को प्रगति के पथ पर ले जा रहें है। हमारी विकास दर जरुर कम है लेकिन हमनें चीन की तरह लाशों पर बिल्डिंगें नहीं चमकाई। ताइवान और इजरायल का उदहारण देते हुए स्वामीजी ने कहा कि ये देश आपने आपको शक्तिशाली बना चुके हैं।
पत्रकार कभी सेवानिवृत्त नहीं होते : श्री अग्रवाल
Our Correspondent :28 July 2017
मुम्बई के जाने माने अपराध रिपोर्टर श्री विवेक अग्रवाल ने कहा कि सेना का जवान और कलम के सिपाही अर्थात पत्रकार कभी सेवानिवृत्त (रिटायर्ड) नहीं होते। पत्रकार के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं होती उसको 24 घंटे काम करना पड़ता है। श्री अग्रवाल ने उक्त विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यलय के सत्राराम्भ समारोह के दूसरे दिन 'आतंकवाद, अपराध और पत्रकारिता' विषयक सत्र में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि पत्रकार को अराजक लेकिन स्वअनुशासित होना चाहिए। उसे आम नागरिक एवं समाज के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। आप जो भी खबर लिखें उसकी पूरी तरह से जांच जरूर कर लें। वाट़सएप से मिली खबर पर समाचार न लिखें। पत्रकार का किसी मामले में स्वयं का भी विचार होना चाहिए। पत्रकारिता के विषय को लेकर उन्होंने कहा कि मीडिया संस्थान उन्हीं खबरों को देना चाहते हैं जो टीआरपी एवं प्रसार संख्या बढ़ाएं। मीडिया मुददों पर लोगों के मन में छवि निर्माण करता है और यह छवि आगे भी बनी रहती है। पूरे विश्व में चार विषय - धर्म, वासना, अपराध और मनोरंजन बिकते हैं। भारत में क्रिकेट एक ऐसा विषय है जिस पर खबरें बिकती हैं। उन्होंने कहा कि खोजी पत्रकारिता अखबार की जरूरत है।
मीडिया में सरकार के अधिकारी जो बताते हैं वह आधा सच होता है। शेष सच को बताने की जिम्मेदारी पत्रकार की होती है। उन्होंने युवा पत्रकारों को प्रेरित किया कि वे न्यू मीडिया में काम करें और उसका स्तर भाषा और कंटेंट से बढ़ाएं क्योंकि जितना ज्यादा यह माध्यम सफल होगा उतना ज्यादा ही लोगों के लिए सदुपयोगी होगा। विद्यार्थियों को मीडिया के काम करने के मंत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि हर खबर की सत्यता की जांच करना चाहिए।
सत्र का संचालन मीडिया प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष डॉ अविनाश वाजपेयी ने किया। डॉ मनीष माहेश्वरी ने श्री अग्रवाल का सम्मान किया।
पत्रकारिता के लिए संवेदनशील बने- श्री अंसारी
Our Correspondent :27 July 2017
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सत्रारंभ
कार्यक्रम में शुभारम्भ के बाद तीन सत्र भी आयोजित हुए। ‘टीवी न्यूज़ का भविष्य’ विषय पर हुए सत्र को
संबोधित करते हुए आज तक के न्यूज़ एंकर श्री सईद अंसारी ने कहा कि पत्रकारिता में संवेदनशील होना बहुत
आवश्यक है। दूसरों के दर्द, तकलीफ को महसूस करने वाला व्यक्ति ही सफल और अच्छा पत्रकार होता है।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का उद्देश्य सिर्फ पेशा नहीं होना चाहिए,बल्कि मिशन होना चाहिए क्योंकि मिशन
है तो ही मीडिया इंडस्ट्री में लम्बे समय तक टिका जा सकता है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों को लेकर उन्होंने
कहा की टीवी न्यूज़ में भविष्य उज्जवल है।आने वाले समय में विषय आधारित चैनल होंगे। स्कोप बढेगा लेकिन
प्रतिस्पर्धा भी बढेगी, इसके लिए उन्हें तैयार होना चाहिए। आज टेलीविज़न न्यूज़ में भाषा और खबरों की समझ
होने के साथ सृजनात्मकता होना भी आवश्यक है। एक टेलीविज़न न्यूज़ चैनल में लगभग 20 विभाग होते है
जिनके लिए मानव संसाधन चाहिए। मीडिया में आने वाला समय विशेषज्ञता का होगा। विद्यार्थियों को प्रयास
करना चाहिए कि इंटर्नशिप के दौरान ही वह अपनी नौकरी पक्की कर ले। टीवी न्यूज़ के भविष्य का उल्लेख करते
हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर शुरू हुए न्यूज़ चैनल के कारण पत्रकारों के लिए काफी अवसर उपलब्ध है।
पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ राखी तिवारी ने सत्र का संचालन किया।
मनुष्य के मस्तिष्क का विस्तार है सिनेमा – श्री सेन
समारोह के तीसरे सत्र में फिल्म निदेशक श्री सुदीप्तो सेन ने फिल्म निर्माण में केरियर विषय पर
चर्चा करते हुए कहा कि फिल्म मनुष्य के मस्तिष्क और भावनाओं का विस्तार है, जो चीजें हम रोज महसूस
करते हैं उसे सिनेमा आगे बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माण में केरियर के लिए हमें इस तरह से तैयार
होना होता है कि फिल्म मैकिंग उद्योग हमें चुने। मशीन को चलाकर फिल्म का निर्माण नहीं किया जा सकता
है। 122 वर्ष लम्बे इतिहास में सिनेमा पूरी तरह बदल गया है। दुनिया की नजरों में भारत बहुत बड़ा बाजार
है। यह बात उन्होंने जब महसूस की, जब देश से अचानक लगातार कई सुंदरियां विश्व पटल पर उभर कर
आईं और उन्हें मिस यूनिवर्स, मिस वर्ल्ड जैसे खिताब मिले। बाद में पता लगा कि एक सौंदर्य प्रसाधन की
कंपनी का कारोबार 90 से लेकर 1900 करोड़ हो गया है। हॉलीवुड सिनेमा हमारे यहां की गरीबी-भुखमरी को
दिखाकर करोड़ों रुपये कमा लेता है। इस सत्र का संचालन विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष डॉ पवित्र
श्रीवास्तव ने किया।‘विश्वविद्यालय एक परिचय’ पर आयोजित चतुर्थ सत्र में श्री संजय द्विवेदी ने विश्वविद्यालय का
इतिहास और विकास, डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने प्रवेश अनुशासन और रैगिंग और डॉ. राखी तिवारी ने
पारस्परिक सम्बन्ध, डॉ. राजेश पाठक ने परीक्षा विषय पर विद्यार्थियों को सम्बोधित किया।
नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी ने किया युवाओं से आव्हान
Our Correspondent : 27 July 2017
‘भय मुक्त, सुरक्षित भारत बनाएँ’
शांतिदूत के रूप में पहचाने जाने वाले, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश
सत्यार्थी ने युवाओं से आव्हान किया कि वह भय मुक्त और सुरक्षित भारत के निर्माण के लिए आगे आएं।
युवा समस्या नहीं, समाधान है। हमारी आज़ादी जब तक मुकम्मल नहीं है जब तक की हम बहन एवं बेटियों
को सुरक्षित नहीं कर लेते। वेदों ने भी कहा है कि समाज के बेहतरी का विचार रखने वाले लोगो को एक
साथ आना चाहिए। विश्वभर में भारत की छवि बदली है। अब हमे आशा भरी नज़रों से देखा जाने लगा है।
यह विचार श्री सत्यार्थी ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के
सत्रारंभ समारोह में व्यक्त किये। वे शुभारम्भ सत्र के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि हमारे मन में
अन्याय, अत्याचार और गलत चीजों के खिलाफ गुस्सा होना चाहिए, क्योंकि वह एक ताकत है और
परिवर्तनकारक होगा। दुनियाभर में नौजवानों, महिलाओं और बच्चों का हिंसा में उपयोग किये जाने को
लेकर उन्होंने चिंता जताई और सवाल किया कि भारत जैसे देश में बच्चे कब सुरक्षित होंगे। हर घंटे, दो
बच्चे यौन शोषण का शिकार हो रहे हैं।
उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि वे परिवर्तन के लिए आगे आएं। जो लोग बाहर से सिर्फ
आलोचना करते हैं वे इतिहास नहीं लिखते। इतिहास वो बनाते हैं जो हार या जीत की परवाह करे बगैर
मैदान में उतर जाते हैं। दुनियाभर में बच्चों के शोषण को लेकर उन्होंने कहा कि यह तर्क पूर्णत: असत्य है
कि गरीबी के कारण बच्चे पुस्तकों-स्कूलों से दूर हैं। यदि विश्वभर का एक सप्ताह के सेना का खर्च कम
कर दिया जाए तो या फिर यूरोप में लिपिस्टिक-पाउडर पर खर्च होने वाला छठवां हिस्सा बचा लिया जाए
या अमेरिका में तंबाखू पर होने वाले खर्च का पांचवा हिस्सा बचा लिया जाए तो दुनियाभर के सारे बच्चों
को स्कूल में पढ़ाया जा सकता है। सभी बच्चों को प्राथमिक स्कूल भेजने पर मात्र 22 बिलियन डॉलर ही
खर्च हो रहे हैं, जबकि सेना पर दो ट्रिलियन डॉलर प्रतिवर्ष खर्च होते हैं।
आम आदमी की ताकत से बदला संविधान
समारोह में श्री सत्यार्थी ने भारत में शिक्षा के अधिकार के कानून को लेकर किये गये उनके प्रयास
का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बालश्रम से मुक्त हुये बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने के दौरान
उन्हें अनुभव हुआ कि बच्चों की शिक्षा को लेकर कानून बनना चाहिए। लेकिन इसके लिए संविधान में
संशोधन आवश्यक होगा। इस बारे में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी से भी चर्चा
की। इसके बाद उन्होंने कन्याकुमारी से यात्रा निकाली और इस यात्रा में 163 सांसद अलग-अलग स्थानों
पर शामिल हुए। दिल्ली में यात्रा की समाप्ति पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बच्चों से भी मिले। यह एक आम
आदमी की ताकत है कि चार महीने में भारत का संविधान बदला और शिक्षा का अधिकार कानून बना।
आज इससे करोड़ों बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा देश लगातार आगे बढ़ रहा है।
दुनियाभर में भारत की छवि बदली है। कई ऐसे देश हैं जो आज भारतीयों से प्रतिस्पर्धा के कारण चिढ़ते हैं
और कुछ वीजा बंद करने की मांग कर रहे है, ऐसे भी देश हैं जहां भारतीय उनकी दौलत की बुनियाद बन
चुके हैं।
नोबेल पुरस्कार के बाद चालीस हजार आमंत्रण मिले
विश्वभर में बालश्रम के विरुद्ध आंदोलन के नेतृत्वकर्ता श्री सत्यार्थी ने कहा कि वर्ष 2014 नोबेल
पुरस्कार मिलने के बाद उन्हें विश्वभर से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण प्राप्त हुए। उन्हें
लगभग अभी तक 40 हजार आमंत्रण प्राप्त हुए। उनकी टीम ने इसका अध्ययन किया और पाया कि यदि
वे इन सब कार्यक्रमों में भाग लेंगे तो उन्हें 175 वर्ष लगेंगे।
शिक्षा खुद को जानने की शुरुआत
श्री सत्यार्थी ने एक कहानी के माध्यम से विद्यार्थियों को बताया कि शिक्षा खुद को जानने की
शुरुआत है, सही मायने में सीखने के लिए हमें अहंकार को छोड़ना होगा। उन्होंने मीडिया के विद्यार्थियों को
कहा कि जिस पाठ्यक्रम को उन्होंने चुना है वह इस प्रकार का यज्ञ है जिसमें गुणात्मकता होगी। कलम की
ताकत बहुत बड़ी होती है और लिखे और पढ़े गये शब्द कभी समाप्त नहीं होते। वे एक ईको सिस्टम का
निर्माण करते हैं। हमारे यहां शब्द को आकाश भी कहा गया है। वर्तमान में टेलीविजन के टीआरपी ट्रैण्ड को
लेकर उन्होंने कहा न्यूज चैनल में टीआरपी सैक्स स्कैण्डल, पॉलिटिकल स्कैण्डल और व्यक्तियों के
आसपास ही है। टीवी मीडिया वंचित वर्ग और महिलाओं, बच्चों को कवर नहीं करता। जो विज्ञापन दिला
सके वही कंटेंट टीवी पर नजर आता है। इस कारण समाज का एक बड़ा हिस्सा हमेशा पीछे छूट जाता है।
उन्होंने कहा कि मीडिया को मुद्दों के फॉलोअप पर भी काम करना चाहिए। क्योंकि इसमें चेहरों के पीछे
जिंदगियां होती है और काला-सफेद सत्य होता है।
बच्चों के चेहरों पर ईश्वर को देखा
श्री सत्यार्थी ने विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि किस तरह
‘संघर्ष जारी रहेगा’ पत्रिका शुरू करने के बाद पंजाब की एक घटना ने उनका जीवन बदल दिया। बंधुआ
मजदूरों को पंजाब के गांव से छुड़ाने के दौरान उनकी पिटाई भी हुई। वे एक मजदूर के अनुरोध पर उसकी
बेटी साबो को उन लोगों से छुड़ाने के लिए गये थे, जिसको मजदूर के मालिकों ने वेश्यावृत्ति के लिए बेच
दिया था। इस मामले में उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका भी लगाई। बाद
में 36 लोग न्यायालय के आदेश से मुक्त किये गये। दिल्ली में जब वे आये तो उन्होंने आजाद हुए बच्चों
के चेहरों पर ईश्वर को देखा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि
विद्यार्थियों को संकल्प लेना चाहिए कि वे केरियर के अलावा अपने देश और समाज के लिए क्या योगदान
कर सकते हैं। नवागत विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि सत्रारंभ कार्यक्रम में समाज के
प्रमुख व्यक्तियों को इसलिए आमंत्रित किया जाता है ताकि विद्यार्थी अपने केरियर के अतिरिक्त कुछ और
ज्ञान भी प्राप्त कर सके, जो, उन्हें अपने जीवन में काम आए। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम के संयोजक
एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष श्री संजय द्विवेदी ने किया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. कुठियाला ने श्री सत्यार्थी का शॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मान भी
किया। मंच पर पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को श्रद्धा-सुमन भी अर्पित किए गए। प्रारम्भ में
विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम में ‘अतुल्य भारतम’ और ‘मीडिया नवचिंतन’ पत्रिका
के नये अंक का विमोचन भी किया गया।
फोटो कैप्शन -
फोटो नंबर – 8259 – नोबल पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी विद्यार्थियों के साथ सेल्फी लेने
से खुद को रोक नहीं पाए।
माखनलाल चतुर्वेदी वि. वि. का सत्रारंभ समारोह 27 जुलाई से
Our Correspondent :24 July 2017
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवम संचार विश्वविद्यालय का सत्रारंभ समारोह आयोजित किया जा रहा है| तीन दिवसीय यह समारोह 27 जुलाई से समन्वय भवन, न्यू मार्केट में शुरू होगा|
शुभारम्भ सत्र नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी के मुख्य आतिथ्य में सुबह 11 से शुरू होगा| विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला सत्र की अध्यक्षता करेंगें| विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को समाज की प्रख्यात हस्तियों का मार्गदर्शन उपलब्ध कराने और मीडिया और संचार जगत से रूबरू कराने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष सत्रारंभ समारोह आयोजित किया जाता है|
समारोह में अलग-अलग विषयों पर सत्र आयोजित किये जाएगें| सत्रों में आज तक टेलीविज़न चैनल के एंकर श्री सईद अंसारी 'टीवी न्यूज़ का भविष्य', प्रसिद्द फिल्म निदेशक श्री सुदीप्तो सेन (मुंबई) 'फिल्म निर्माण में कैरियर', प्रसिद्ध कथावाचक दीदी मन्दाकिनी 'राष्ट्र निर्माण में युवा', ख्यात क्राइम पत्रकार श्री विवेक अग्रवाल (मुंबई) 'आतंकवाद, अपराध और पत्रकारिता', स्वामी धर्मबंधु 'उदीयमान भारत और युवा', प्रो. बृज किशोर कुठियाला 'मानव संचार की दुनिया', डॉ विजय अग्रवाल 'समय प्रबंधन', प्रख्यात पत्रकार और वेबदुनिया के संपादक श्री जयदीप कार्णिक 'न्यू मीडिया में कैरियर', मीडिया प्रोफेसर पी. जे. मैथ्यू मार्टिन 'यूनिवर्सल डिजाईन इन मीडिया', भास्कर डॉट कॉम, भोपाल, के संपादक श्री अनुज खरे और जी डिजीटल, दिल्ली, के संपादक श्री दयाशंकर मिश्र 'डिजीटल मीडिया और युवा' और वरिष्ठ आईपीएस श्रीमती अनुराधा शंकर सिंह 'पुलिस और मीडिया' विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करेंगें|
समारोह के दौरान 'विश्वविद्यालय:एक परिचय' सत्र में विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास, विकास, प्रवेश और परीक्षा से सम्बंधित जानकारी भी विद्यार्थियों को दी जाएगी| विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष श्री संजय द्विवेदी, विज्ञापन और जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष डॉ पवित्र श्रीवास्तव, पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ राखी तिवारी और परीक्षा नियंत्रक डॉ राजेश पाठक इस बारे में विद्यार्थियों को जानकारी देंगें| समारोह का समापन 29 जुलाई को होगा|
भारत चीन संबंधो पर लोक व्यख्यान आयोजित
Our Correspondent :15 July 2017
प्रज्ञा प्रवाह के सहयोग से प्रति माह आयोजित होने वाली लोक व्याख्यानों की श्रंखला में आज सेंट्रल लाइब्रेरी में भारत चीन सम्बन्धों पर लोक व्याख्यान आयोजित किया गया । जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के कुलपति व पूर्व राजनयिक श्री अनूप स्वरूप इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे । मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति श्री रवीद्र कान्हेरे ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की ।
वक्ताओं ने क्या कहा
श्री अनूप स्वरूप (कुलपति, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी)
· आज चीन से हम आयात ज्यादा करते हैं और निर्यात कम जबकि 1950 के दशक में स्थिति उल्टी थी । तब व्यापार संतुलन पूरी तरह से हमारे पक्ष में था । क्योंकि तब चीन एक सुई भी नहीं बना पाता था
· तो फिर 70 साल में ऐसा क्या हुआ कि आज आधी दुनिया चीन में बने प्रॉडक्ट यूज कर रही है और हम ज्यों के त्यों खड़े हैं
· चीन को समझना चाहते हैं तो चीन के संस्थापक माओ के द्वारा काही गईं ये तो प्रसिद्ध बातें सुनिए
1. ताकत हमेशा बंदूक की नली से निकलती है
2. मुझे बस खड़े होने की जगह दे दो मैं पूरी दुनिया हिला दूंगा
· मैं पिछले कई सालों से चीन जा रहा हूँ पर पिछले 20 सालों में मैंने चीन में जबर्दस्त परिवर्तन देखा है अब चीन के शहर यूरोप के किसी शहर से कम नहीं लगते
· भारत चीन के वर्तमाना संबंधो को कुछ ऐसे समझिए कि चीन जहां इस समय “एग्रेसिव डिफेंस की पॉलिसी” पर चल रहा है वहीं भारत “डिफ़ेंसिव अफेंस की पॉलिसी” पर चल रहा है
· बहुत समय बात ऐसा देखने को मिला है कि चीन के प्रति भारत ने आक्रामक रवैया अपनाया है क्योंकि भारत को अच्छे से पता है अब वह चीन से हर मोर्चे पर निपटने में सक्षम है
· फिलहाल जो संकट है उसकी जड़ में 1890 में चीन व अंग्रेजों के बीच हुई वह संधि है जिसे चीन चाहता है कि भारत व भूटान मान्यता दे दें पर उसका असली मकसद भारत तक पहुँचने के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण करना है
श्री रवीद्र कान्हेरे (कुलपति , भोज मुक्त विश्व विद्यालय)
· भारत व चीन संबंधो के बारे में हमारी राय पर 1962 के भारत चीन युद्ध की अच्छी ख़ासी छाया है
· याद रखिए हम 1962 का युद्ध इसलिए नहीं हारे थे कि हमारे सेनाएँ कमजोर थीं बल्कि इसलिए क्योंकि हमारे तब के राजनेताओं के एक के बाद एक कई बड़ी गलतियाँ की थीं
· देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने हमेशा नेहरू जी को चीन के खतरे के प्रति आगाह कराया पर नेहरू जी ने एक ना सुनी
· नेहरू जी के ऊपर शांति के दूत बनने की सनक इस कदर सवार थी उन्होने एक बार तो भारतीय सेनाओं को भंग करने के प्रस्ताव पर विचार शुरू कर दिया था
· लापरवाही की हद यह थी कि 1962 के समय हमारी ज़्यादातर आयुध निर्माण इकाइयां साबुन और तेल बना रहीं थी
· हमारी सेनाओं ने यह युद्ध बिना जूते और गर्न कपड़ों के लड़ा था
· नेहरू ने तो यह तक कहा था कि हम आक्साइचिन के लिए क्यों लड़ रहे हैं जबकि वहाँ को एक तिनका भी नहीं उगता ...कितना गैर ज़िम्मेदारी भरा बयान था ये
· मेरा मानना है कि एक राष्ट्र को सबसे पहले स्वार्थी होना चाहिए
· देश को अपना हिट पहले देखना चाहिए नैतिकता बाद में
· क्योंकि राष्ट्र पहले है और सिद्धान्त उसके बाद आते हैं
· हम चीन के समान के बहिष्कार की बात तो करते हैं पर वास्तविकता में ऐसा कर नहीं पाते क्योंकि हमारा नेशनल कैरेक्टर बहुत मजबूत नहीं है
· क्या आप जानते हैं कि चीन इतनी प्रगति क्यों कर पाया तो इसका उत्तर यह है कि एक कम्यूनिस्ट देश में कोई कम्यूनिस्ट नारे नहीं चलते । वहाँ कोई अधिकार की बात नहीं कर सकता । बस आदेश निकलते हैं और उनका पालन होता है ।
मेधावी विद्यार्थी योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये : मुख्यमंत्री श्री चौहान
Our Correspondent :11 July 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना की जानकारी का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाये। सभी पात्र विद्यार्थियों तक योजना की जानकारी पहुँचे। श्री चौहान तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना की प्रगति की जानकारी ली। समीक्षा में बताया गया कि योजना के तहत 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश मिल गया है। उनकी फीस राज्य सरकार भरवायेगी। करीब 11 हजार विद्यार्थियों ने योजना के तहत पंजीयन करवा लिया है। योजना वेबसाइट पर 24 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने विजिट किया है। पंजीयन कार्य निंरतर जारी है। ऐसे पात्र विद्यार्थी जिन्होंने शिक्षण संस्थाओं में फीस जमा करा दी है, उनकी फीस की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्लोबल स्किल पार्क निर्माण कार्य की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाना है। श्री चौहान ने आई.टी.आई. चलो अभियान की भी जानकारी ली। उनको बताया गया कि अभियान के दौरान लक्ष्य से अधिक विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। अभियान के दौरान 5 लाख 40 हजार छात्र-छात्राओं ने संस्थान में प्रवेश ले लिया है। जबकि लक्ष्य 5 लाख का ही था।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में पंजीयन तेजी के साथ हो रहा है। अभी तक भोपाल पंजीयन में अग्रणी है। इसके बाद देवास, इंदौर और बालाघाट जिले हैं। पंजीयन निरंतर जारी है। इस अवसर पर बताया कि आगर मालवा में 95, अलीराजपुर में 12, अनूपपुर में 47, अशोक नगर में 93, बड़वानी में 138, बालाघाट में 436, बैतूल में 196, भिंड में 97, भोपाल में 681, बुरहानपुर में 187, छतरपुर में 152, छिंदवाड़ा में 234, दमोह में 254, दतिया में 50, देवास में 614, धार में 207, डिंडोरी में 38, गुना में 168, ग्वालियर में 280, हरदा में 73, होशंगाबाद में 286, इंदौर में 571, जबलपुर में 377, झाबुआ में 69, कटनी में 133, खंडवा में 475, खरगोन में 324, मंडला में 64, मंदसौर में 455, मुरैना में 119, नरसिंहपुर में 284, नीचम में 193, पन्ना में 71, रायसेन में 231, राजगढ़ में 262, रतलाम में 101, रीवा में 267, सागर में 296, सतना में 284, सीहोर में 411, सिवनी में 133, शहडोल में 111, शाजापुर में 215, श्योपुर में 27, शिवपुरी में 77, सीधी में 89, सिंगरौली में 35, टीकमगढ़ में 124, उज्जैन में 427, उमरिया में 80 और विदिशा में 225 मेधावी विद्यार्थियों ने पंजीयन करवाया है।
बैठक में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा एवं कौशल उन्नयन श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री हरिरंजन राव भी उपस्थित थे।
स्किल इंडिया की प्रभावी पहल ग्लोबल स्किल्स पार्क - मुख्यमंत्री श्री चौहान
Our Correspondent :3 Jun 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जहाँ एक ओर हमारे यहाँ बेरोजगारी की समस्या है वहीं दुनिया में हुनरमंद व्यक्तियों की कमी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दूरदृष्टि के साथ स्किल इंडिया द्वारा इस दिशा में सार्थक कोशिश की है। प्रधानमंत्री के प्रयासों में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिये प्रदेश संकल्पित है। ग्लोबल स्किल्स पार्क इस दिशा में प्रभावी पहल है। श्री चौहान आज आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में ग्लोबल स्किल्स पार्क के शिलान्यास और ग्लोबल कंसलटेशन ऑन स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में तकनीकी प्रशिक्षण का नया दौर शुरू हो गया है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं का कायाकल्प हो रहा है। उनमें आगामी 5 वर्षों में आधुनिकतम व्यवसायों की प्रशिक्षण व्यवस्था उपलब्ध हो जायेगी। उन्होंने युवाओं का आव्हान किया कि वे न्यू इंडिया निर्माण के लिये हुनरमंद बनें। विकास की अनंत संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी युवा शक्ति हमारे पास है। यदि इसे हुनरमंद कर दिया जाये तो वर्तमान समय की कमजोरी बड़ी आबादी, भविष्य में हमारी ताकत बन जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा के लिये प्रभावी कार्य किए गए हैं। व्यवसायिक शिक्षा के प्रसार के साथ ही, उसकी गुणवत्ता को भी सुनिश्चित किया गया है। स्तरहीन प्रशिक्षण संस्थाओं को चिन्हित कर बंद करवाने के कार्य किये गये हैं। करीब 37 संस्थाओं को बंद कर दिया गया है और लगभग 70 संस्थाओं पर कार्रवाई की जा रही है। यह निर्णय इसलिये लिया गया ताकि छात्रों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सके।
श्री चौहान ने कहा कि शिक्षा के प्रमुख तीन उद्देश्य होते हैं। ज्ञान, कौशल और संस्कार। शिक्षा प्रणाली में यह उद्देश्य संतुलित तरीके से प्राप्त नहीं हो सकने के कारण बेरोजगारों की ऐसी फौज खड़ी हो गई है, जो केवल किताबी ज्ञान संपन्न है। प्रदेश में प्रयास किया गया है कि जो शैक्षणिक शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें उसका पूरा अवसर मिले। वही व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने वालों को भी सरकार का भरपूर सहयोग मिले। राज्य में मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना लागू की गई है। योजना में मेधावी छात्रों को चाहे वे मेडिकल-इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थाओं में अथवा व्यवसायिक शिक्षा के शिक्षण केन्द्रों में प्रवेश लेते हैं उनकी फीस राज्य सरकार द्वारा भरवाने की व्यवस्था की गई है। प्रयास है कि प्रतिभा की उन्नति में धन की कमी बाधा नहीं बने।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गत दिवस करीब साढ़े छह करोड़ पौधों का रोपण करने के लिये प्रदेश की जनता के प्रति आभार ज्ञापित किया। पर्यावरण को बचाने और पृथ्वी के बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने के प्रयासों के प्रति जनता के कर्त्तव्य-पालन के लिये बधाई प्रेषित की।
केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि मेक इन इंडिया को सफल बनाने के लिये मेकर्स ऑफ इंडिया की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्किल इंडिया द्वारा इस दिशा में विजनरी पहल की है। उनके प्रयासों को पूरा करने में मध्यप्रदेश की अग्रणी भूमिका है। उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश में जिस तेजी और दूरदर्शिता के साथ विकास की कोशिशें हो रही हैं, उनसे यह आभास हो रहा है कि विकास के सफल प्रयासों को देखने के लिये दुनिया के दूसरे देश यहाँ आयेंगे। उन्होंने प्रदेश में स्किल इंडिया की दिशा में किये जा रहे कार्यों की व्यापक सराहना करते हुए कहा कि कौशल उन्नयन के प्रयासों में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। केन्द्र सरकार के कौशल उन्नयन के सभी कार्यक्रमों तथा योजनाओं को एक साथ करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। प्रदेश ने आईटीआई की ऑनलाइन परीक्षा संचालित कर अन्य राज्यों को इस दिशा में पहल के लिये प्रेरित किया है। विभिन्न व्यवसायिक प्रशिक्षणों की आधुनिक सुविधाओं का उल्लेख करते हुए श्री रूड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कौशल उन्नयन के विभिन्न कार्यक्रमों को एक मंत्रालय में समाहित कर विजनरी पहल की है। आई.टी.आई को कौशल उन्नयन विभाग में शामिल किया है। देश तेजी से गुणवत्तापूर्ण व्यवसायिक शिक्षा की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रचलित व्यवसायिक शिक्षा की प्रचलित प्रणाली में गुणवत्ता का पूर्णत: अभाव था। आई.टी.आई. के 13 हजार संस्थानों में 127 पाठ्यक्रम संचालित होते हैं, जिनमें से मात्र इलेक्ट्रिकल और फिटर ट्रेडों में 18 लाख, अन्य 9 ट्रेडों में मात्र एक लाख और शेष में एक लाख विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। जबकि वर्तमान समय में उद्योगों की आवश्यकता एक ही ट्रेड में अलग-अलग तरह के विशेषज्ञ प्रशिक्षण की है। उन्होंने कहा कि डिग्री आधारित बेरोजगारों की फौज खड़ी करने वाली शिक्षा प्रणाली पर विचार किया जाना चाहिये। केन्द्रीय मंत्री ने प्रदेश में पौध-रोपण के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ग्लोबल स्किल्स पार्क एक ऐतहासिक कदम है। व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिये 650 करोड़ रुपये की विशाल धनराशि का निवेश सरकार की दूरदृष्टि का प्रमाण है।
प्रदेश के तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री की पहल मेक इन इंडिया, डिजिटल इण्डिया और स्किल इंडिया को सफल बनाने के लिये प्रतिबद्ध प्रयास कर रही है। आई.टी.आई. को अग्रणी संस्थान बनाने के प्रयास हुए हैं। आई.टी.आई. चलें अभियान द्वारा प्रदेश में 5 लाख युवाओं को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। इउनमें से 70 प्रतिशत का रोजगार स्थापित कराने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्किल्स पार्क युवाओं के जीवन में परिवर्तन का मील का पत्थर साबित होगा।
विश्व प्रसिद्ध क्रिकेटर श्री के.श्रीकांत ने कहा कि ग्लोबल स्किल्स पार्क की पहल देश में कौशल उन्नयन के प्रयासों का मार्गदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि परियोजना का प्रारूप उसकी सुपर सक्सेस को बता रहा है। एशियन डेवलपमेंट बैंक की सुश्री सॉगवान ली ने कहा कि भारत की स्किल इंडिया पहल में बैंक द्वारा तकनीकी सहयोग किया जा रहा है। मध्यप्रदेश की परियोजना बैंक की देश में 5वीं परियोजना है। इससे देश में व्यावसायिक प्रशिक्षण की संस्थानात्मक व्यवस्था में मजबूती आयेगी। उन्होंने परियोजना में निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया।
आईटीईईएस सिंगापुर के श्री ब्रूस पो ने कहा कि स्किल्स पार्क प्रदेश की आर्थिक, सामाजिक विकास प्रक्रिया को नई गति देगा। प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने परियोजना की जानकारी दी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्लोबल स्किल्स पार्क श्री संजीव सिंह ने आभार माना।
कार्यक्रम में पार्क के आकल्पन पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। अतिथियों का बुक और पेन भेंट कर अभिनंदन किया गया। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री रूड़ी के साथ अकादमी के प्रांगण में नीम वृक्ष के पौधों का रोपण किया।
कौशल विकास केन्द्र आदर्श बनाये जायेंगे- मुख्यमंत्री श्री चौहान
Our Correspondent :3 Jun 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की आज केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव प्रताप रूडी के साथ बैठक हुई। इस दौरान प्रदेश में संचालित कौशल विकास केन्द्रों के उन्नयन और प्रशिक्षण पर चर्चा हुई। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और कौशल विकास केन्द्रों को आदर्श बनाया जायेगा। श्री रूडी ने बताया कि हर जिले में प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र स्थापित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवाओं को हुनरमंद बनाकर स्व-रोजगार और रोजगार हासिल करने के काबिल बनाने के लिये प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश में 133 कौशल विकास केन्द्र खोले गये हैं। हर जिले में आदर्श कौशल विकास केन्द्र स्थापित करने की योजना है। इनमें रोजगारोन्मुखी लघु अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये जायेंगे। उन्होंने दिव्यांगों के प्रशिक्षण संबंधी योजना के प्रस्ताव और व्यावहारिक बनाने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया। इसमें केन्द्र से सहयोग की अपेक्षा है। प्रदेश में संचालित एस.सी.वी.टी. ट्रेड को एन.सी.वी.टी. में शामिल करने के लिये ऑफ लाइन आवेदन की व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया।
केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री रूडी ने बताया कि प्रत्येक जिले में प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र खोले जायेंगे। मध्यप्रदेश में 17 केन्द्र स्थापित किये जा चुके हैं। इनमें मानक स्तर का प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र से प्रदाय की गई राशि का प्रशिक्षण में उपयोग किया जाये। प्रशिक्षण गुणवत्तापूर्ण होना चाहिये। प्रशिक्षण के लिये धनराशि की कमी नहीं होगी। उन्होंने छोटी-छोटी संस्थाओं की प्रभावी मॉनीटरिंग व्यवस्था करने की अपेक्षा व्यक्त की।
बैठक में प्रदेश के तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, संचालक कौशल विकास श्री संजीव सिंह आदि उपस्थित थे।
एम. सी. यू. के चार विद्यार्थी नेट में उत्तीर्ण
Our Correspondent :30 May 2017
भोपाल, मई 30. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवम् संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में अध्ययनरत चार विद्यार्थियों ने सीबीएससी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) उत्तीर्ण की हैं| सीबीएससी ने सोमवार को ही जनवरी-2017 आयोजित परीक्षा का परिणाम घोषित किया|
नेट उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों में नितेश त्रिपाठी (एम. एससी. - मीडिया रिसर्च), विशाखा राजुरकर राज (एम. फिल.- मीडिया स्टडीज)- दोनों संचार शोध विभाग से, मोहित पाठक (एम. एससी. फिल्म प्रोडक्शन) - विज्ञापन एवम जनसंपर्क विभाग और मनीष दुबे (एम. जे.) - पत्रकारिता विभाग, शामिल हैं| ये सभी विद्यार्थी अभी अंतिम सेमेस्टर में अध्ययनरत हैं और पत्रकारिता एवम जन संचार विषय से नेट उत्तीर्ण कर सहायक प्राध्यापक पद के लिए पात्र हो गए हैं| विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला, कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा और कुलसचिव श्री दीपक शर्मा ने इसे उल्लेखनीय उपलब्धि बताते हुए सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दी|
8 जून को होगी "क्रिएटिव राइटिंग वर्कशॉप"
Our Correspondent :24 May 2017
स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा है कि प्रदेश में बोर्ड परीक्षा परिणाम में सुधार के लिये अब प्रति सप्ताह वीडियों कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की जायेगी। उन्होंने जिला अधिकारियों से स्कूल शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिये सरकारी स्कूलों की निरीक्षण प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिये। स्कूल शिक्षा मंत्री आज प्रशासन अकादमी में जिला अधिकारियों की राज्य-स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी मौजूद थे। बैठक में कक्षा 10 और कक्षा 12 के बोर्ड परीक्षा परिणामों की जिलेवार समीक्षा की गई।
स्कूल मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि प्रदेश भर में जिन शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य के लिये अटैच किया है, उन्हें हर हाल में 31 मई तक शालाओं में पद-स्थापना के लिये कार्यमुक्त किया जाये। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जिले में ऐसी व्यवस्था करें, जिससे महत्वपूर्ण काम को छोड़कर शिक्षकों को गैर-शिक्षकीय कार्य में न लगाया जाये। इसके लिये उन्होंने राज्य-स्तर पर कलेक्टर्स को पुन: पत्र लिखे जाने के निर्देश दिये। स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर शाह ने मंडला और रायसेन जिले में लागू 'ज्ञानार्जन' प्रोजेक्ट को पूरे प्रदेश में लागू किये जाने की बात कही। 'ज्ञानार्जन' प्रोजेक्ट में सरकारी स्कूलों में कक्षा 10 और 12 के सिलेबस को प्रतिदिन के हिसाब से बाँटकर सॉफ्टवेयर के जरिये मॉनिटरिंग किये जाने की व्यवस्था है। इस व्यवस्था से कक्षा 10 और 12 के बोर्ड परीक्षा परिणाम में इन जिलों में उल्लेखनीय सुधार आया है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिव्यांग छात्रों की पढ़ाई और हॉस्टल की व्यवस्था पर और ध्यान दिये जाने की बात कही।
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा कि फील्ड अधिकारियों से प्राप्त सुझाव से परीक्षा परिणाम में बेहतर तरीके से सुधार किये जा सकते है। उन्होंने शिक्षकों की नियमित उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिये भी कहा। बैठक में माध्यमिक स्तर पर स्कूल शिक्षा की स्थिति, शिक्षा में गुणवत्ता की कार्य-योजना, नि:शुल्क साइकिल योजना, भवन निर्माण, सी.एम. हेल्पलाइन के प्रकरणों और समेकित छात्रवृत्ति योजना पर भी चर्चा की गयी।
स्कूल शिक्षा विभाग की सचिव श्रीमती दीप्ती गौड़ मुखर्जी ने गुणवत्ता सुधार के लिये सरकारी स्कूलों में पेरेन्ट्स मीटिंग को नियमित करने के निर्देश दिये। आयुक्त लोक शिक्षण श्री नीरज दुबे ने बोर्ड परीक्षा परिणामों का विश्लेषण कर आगे सुधार लाने के निर्देश दिये। बैठक में राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक श्री लोकेश जाटव ने स्कूल शिक्षा में सुधार के लिये राज्य, जिला, विकासखंड और संकुल स्तर पर टीम भावना के साथ कार्य किये जाने का सुझाव दिया। बैठक में संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा संभागीय कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी और परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र मौजूद थे।
क्रिएटिव राइटिंग वर्कशॉप : एक नज़र में
आयोजन का नाम - क्रिएटिव राइटिंग वर्कशॉप
दिनांक - 8 जून 2017 गुरुवार
समय - दोपहर 12 से 4 बजे तक
स्थान - स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी
कौन भाग ले सकता है - 16 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति
वर्कशॉप के लिए निर्धारित सीटें - 20
वर्कशॉप की फीस - कुछ भी नहीं (निःशुल्क )
रजिस्ट्रेशन करना है - मेल के द्वारा
रजिस्ट्रेशन के लिए ये जानकारी मेल करें
1.-आपका नाम , आयु, व्यवसाय,मोबाइल नंबर
2.-आपके द्वारा लिखी गयी कोई कविता या लेख
'3.-आप इस वर्कशॉप में क्यों भाग लेना चाहते हैं' इस विषय पर अधिकतम 300 शब्दों का एक लेख
किस मेल पर भेजना है - club.ink13@gmail.com.
रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि है - 4 जून 2017
पपोएट्री मेंटर के बारे में ...
इंकलेट ऑनलाइन जर्नल की प्रधान संपादिका
ब्लूशिफ्ट जर्नल की पोएट्री रीडर
स्प्राउट मैगज़ीन की सह-प्रबंध संपादिका
ग्लास काइट एंथोलोजी वर्कशॉप की पोएट्री मेंटर
आइयोवा यंग रायटर स्टुडियो की पूर्व छात्रा
ऑक्सफोर्ड व कैंब्रिज राइटिंग वर्कशॉप की पूर्व छात्रा
इस वर्ष AAL रायटर रिट्रीट आइसलैंड में भाग लिया
अगस्त 2017 से न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में क्रिएटिव राइटिंग में अंडर-ग्रेड कोर्स के लिए चयनित
इंडियन लिट्रेचर, वायाव्य और सुवेनियर जैसी कई प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में उनकी कवितायें प्रकाशित हो चुकी हैं
राजकपूर मेमोरियल ऑडिटोरियम का निर्माण मार्च 2018 तक पूर्ण हो
14 April 2017
वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार तथा खनिज साधन मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने रीवा में निर्माणाधीन राजकपूर मेमोरियल ऑडिटोरियम का निर्माण मार्च 2018 तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। श्री शुक्ल आज निर्माण कार्य की समीक्षा कर रहे थे।
श्री शुक्ल ने निर्देश दिए कि ऑडिटोरियम के निर्माण में गति लाई जाए। उन्होंने कहा कि किए गए कार्य का समय पर मेजरमेंट हो। खर्च हुई राशि का भी विवरण संधारित किया जाए। उद्योग मंत्री ने कहा कि वे प्रतिमा निर्माण कार्य-स्थल पहुँचकर भी प्रगति को देखेंगे। श्री शुक्ल ने कहा कि आगामी विंध्य महोत्सव में इस विश्व-स्तरीय ऑडिटोरियम को कपूर परिवार की मौजूदगी में लोकार्पित कराया जायेगा।
उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में निर्माणाधीन कुलपति आवास के निर्माण की जानकारी भी ली। बताया गया कि आगामी दो माह के अंदर कुलपति आवास का कार्य भी पूर्ण हो जाएगा। श्री शुक्ल ने आवास परिसर में लॉन के साथ चौड़ी सड़क भी बनाने को कहा।
47 वां लोक व्याख्यान संपन्न
औपनिवेशिक मानसिकता पर प्रोफेसर ज्ञान वर्धन पाठक का व्याख्यान
Our Correspondent :10 April 2017
स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में आज प्रज्ञा प्रवाह के सहयोग से एक लोक व्याख्यान का आयोजन किया गया । मासिक लोक व्याख्यानों की श्रंखला के इस 47 वें व्याख्यान का विषय था - “औपनिवेशिक मानसिकता से भारतीय मानस की मुक्ति “ । कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रोफेसर ज्ञान वर्धन पाठक थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता नेशनल लॉं इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी भोपाल की प्रोफेसर राका आर्य ने की ।
कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है :-
कार्यकम का नाम – पब्लिक लेक्चर
विषय – औपनिवेशिक मानसिकता से भारतीय मानस की मुक्ति
दिनांक – 9 अप्रैल 2017
स्थान – स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी
वक्ता – प्रोफेसर ज्ञान वर्धन पाठक
अध्यक्षता – प्रोफेसर राका आर्य
लेक्चर की प्रमुख बातें :-
प्रोफेसर ज्ञान वर्धन ने कहा
· यदि आप ब्रिटिश उपनिवेशवाद को अच्छे से समझना चाहते हैं तो शशि थरूर की अभी हाल में प्रकाशित हुई किताब “इरा ऑफ डार्कनेस” पढ़ें जिसमें उन्होने ब्रिटिश औपनिवेशक हथकंडों के बारे में विस्तार से लिखा है
· कार्ल मार्क्स कहते थे कि “ पूंजीवाद की उच्चतर अवस्था उपनिवेशवाद है “ अर्थात किसी देश में पहले पूंजीवाद आता है , अर्थात औद्योगिक क्रांति आती है और फिर उसके बाद वह देश उपनिवेश बनाता है
· पर हमारे मामले में यह प्रक्रिया उल्टी हुई । पहले 1757 में अंग्रेजों ने भारत को उपनिवेश बनाया उसके बाद भारत से मिले धन का इस्तेमाल कर 1760 में इंग्लैंड का औद्योगिकीकरण शुरू किया
· इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि अंग्रेजों ने अपने शासन के शुरुआती 38 वर्षों में ही लगभग 200 मिलियन पाउंड की राशि इंग्लैंड भेजी । इसी राशि से उन्होने वहाँ उद्योगों की स्थापना की । क्योंकि उस समय की इंग्लैंड की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वे बड़े बड़े उद्योग लगा पाते
· 1757 में अंग्रेजों ने बंगाल जीता था तो उसने लिखा कि ये देश तो स्वर्ग के समान है मैंने अपनी ज़िंदगी में इतना समृद्ध देश नहीं देखा ।
· जब अंग्रेज़ भारत आए तो विश्व की जीडीपी में भारत का हिस्सा 23 % था और इंग्लैंड का केवल 1.8% । 200 वर्षों के अङ्ग्रेज़ी शासन के बाद 1947 में विश्व जीडीपी में भारत का हिस्सा घटकर 1.8% हो गया , ये था औपनिवेशिक शासन का असर
· अंग्रेजों ने भारत आते ही ये पाँच काम किए
1. भारतीय राजाओं को समझा कर उन्हें इस चीज़ के लिए मनाया कि “ आपको सेना रखने की जरूरत नहीं है बिना सेना रखे भी तुम्हारा राजपाट कायम रहेगा” इस तरीके से उन्होने हमारी ताकत छीन ली
2. उन्होने भारतीय शासकों को बहला फुसलाकर उनसे व्यापारिक अधिकार ले लिए , जिसके कारण वे आगे चलकर भारतीय व्यापार को वे नियंत्रित करने लगे । इससे उन्होने हमारा लाभ छीन लिया
3. उन्होने दोषपूर्ण व्यापारिक व टैक्स नीति अपनाकर भारतीय कारीगरों व दस्तकारों का हुनर छीन लिया
4. उन्होने हिन्दू व मुसलमान को लड़ाकर एक समाज के रूप में हमें कमजोर कर दिया
5. उन्होने ग्रामीण भारत में सदियों से मौजूद शिक्षा प्रणाली को खत्म करने के राजाज्ञाएँ जारी की और ब्राह्मणो को समाज का दुश्मन बता दिया
· पर सबसे बड़ी गलती हमने आज़ादी के बाद की जब हमने उनके द्वारा दिये गए इतिहास को सही माना लिया और उसी को पढ़ाना शुरू कर दिया । जबकि असल में ये इतिहास अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के लिए तैयार किया था
· इतिहास असल में समाज की स्मृति होती है । जिस प्रकार यदि किसी व्यक्ति की स्मृति छीन ली जाए तो वह इधर उधर भटकता रहता है और दर दर की ठोकरें खाता है और दुनिया उसे पागल घोषित कर देती है । इतिहास , अर्थात स्मृति छिन जाने से भारतीय समाज की भी यही हालत हो गयी है
· आज हमारे देश में अलगु अधिकांश कानून औपनिवेशिक है जो अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के लिए बनाए थे पर शर्म की बात है कि हम उन क़ानूनों को आज भी बनाए हुए हैं और उनका बड़ी बेशर्मी से बचाव भी करते हैं
· भारत का वर्तमान प्रशासनिक ढांचा भी औपनिवेशक मानसिकता से संचालित होता है जहां हर किसी को बस हुक्म मानने के लिए तैयार किया जाता है ।
· स्वतन्त्रता और लोकतन्त्र हमारे खून में होता है । यह धारणा कि अंग्रेजों ने हमें लोकतन्त्र सिखाया सरासर झूँठ है
· यदि आप असली भारतीय इतिहास पढ़ना चाहते हैं तो आपको पर्सिअन, अरेबिक और फ्रेंच सीखनी पड़ेगी । क्योंकि असली भारतीय इतिहास इन भाषाओं की किताबों में मौजूद है । इंग्लिश में जो इतिहास मौजूद है वह तो अंग्रेजों द्वारा अपनी सुविधा के लिए लिखवाया गया इतिहास है और हिन्दी में मौजूद इतिहास अङ्ग्रेज़ी इतिहास का अनुवाद है
प्रोफेसर राका आर्य ने कहा
· आज़ादी के 70 साल बाद भी यदि हम औपनिवेशिक मानसिकता के शिकार हैं और उससे संचालित हो रहे हैं तो उसमें गलती अंग्रेजों की नहीं बल्कि खुद हमारी है
· कोई शातिर कौम यदि आपको नीचा दिखाने के लिए अपने शासन काल में कोई तंत्र तैयारा करती है तो उसके जाने के बाद उसे खत्म करना हर स्वाभिमानी कौम की ज़िम्मेदारी होती है और हम यहाँ क्या कर रहे हैं हम तो उस तंत्र को आगे बढ़ाने में जी जान से जुटे हुए हैं
· मेरी पहचान मेरे लिए महत्वपूर्ण है इसलिए उसे मुझे ही खोजना होगा । आज के तकनीकी युग में आप यह काम आसानी से कर सकते हैं\
· मेरी सलाह है कि कभी भी ओरिजनल को खोजने मत निकलिए, क्योंकि भारतीय सभ्यता या संकृति जैसी कोई चीज़ आपको कभी नहीं मिलेगी । समागम हमारी महान सभ्यता का हिस्सा रहा है हमें बाहरी तत्वों को अपने में अच्छे से समाहित कर चुकी असली भारतीय सभ्यता खोजने की जरूरत है
· पश्चिमीकरण का विरोध कीजिये , पश्चिम का नहीं ....क्योंकि जिस तरह पश्चिम ने हमारी कई अच्छी चीजों को अपनाया है वैसे ही हमें उनकी अच्छी चीजों से खुद को वंचित नहीं करना चाहिए
प्रकाशनार्थ माखनलाल में खुलेगा भाषा व संस्कृति अध्ययन विभाग
9 March 2017
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में भारतीय भाषाओं पर वैज्ञानिक शोध हेतु एक विभाग स्थापित किया जाएगा। इसी प्रकार संस्कृति के अध्ययन के लिए भी एक विभाग की स्थापना की जाएगी। दोनों नव-निर्मित विभाग प्रारंभ में केवल शोध का कार्य करेंगे, बाद में इन विभागों के विषयानुसार पाठ्यक्रम भी चलाए जा सकेंगे। दोनों विभागों में तीन-तीन छात्रिवृत्तियों का प्रावधान किया गया है। उक्त निर्णय 8 मार्च को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न विश्वविद्यालय की प्रबंध समिति की बैठक में लिए गए। बैठक में वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया सहित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला, कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री एस.के. मिश्रा एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री उमेश उपाध्याय उपस्थित थे।
माखनलाल विश्वविद्यालय के रीवा एवं खण्डवा परिसरों के लिए भूमि उपांतरण एवं भवन निर्माण के लिए प्रत्येक परिसर हेतु 60 करोड़ की राशि स्वीकृति भी बैठक में की गई। ज्ञातव्य है कि राज्य शासन की ओर से विश्वविद्यालय के खण्डवा एवं रीवा परिसर के निर्माण के लिए 5-5 एकड़ भूमि प्रदान की गई है। इन दोनों स्थानों पर निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा।
इसी प्रकार भारतीय जीवन बीमा निगम के माध्यम से विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को गेच्युटी दिलाए जाने की स्वीकृति बैठक में प्रदान की गई एवं इस हेतु भारतीय जीवन बीमा निगम को दो करोड़ सत्तर लाख रूपये एकमुश्त एवं प्रतिवर्ष रूपये चैबीस लाख प्रीमियम दिये जाने की स्वीकृति भी प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के कारपस को रिजर्व बैंक आफ इंडिया के 8 प्रतिशत सेविंग(टैक्सेवल) बांड 2003 में विनियोजित किए जाने की स्वीकृति बैठक में दी गई।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि मीडिया का आधार भाषा है और भारतीय भाषाओं में अंतर्संवाद को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिससे देश में एकता और एकात्मता स्थापित हो। भाषा विज्ञान विभाग में प्रयास किया जाएगा कि भारतीय भाषाओं की समानताओं एवं एक ही स्रोत से उत्पत्ति पर वैज्ञानिक शोध कार्य तीन शोधार्थियों द्वारा किया जाय। इसी प्रकार मीडिया संस्कृति का वाहक भी और संस्कृति का निर्माण भी करता है इसलिए मीडिया के विश्वविद्यालय में संस्कृति के अध्ययन का भी प्रावधान किया गया है। इस विभाग में भी में तीन शोधार्थियों द्वारा शोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शोध प्रस्ताव प्राप्त करने के लिए शीघ्र ही विज्ञापन जारी किया जाएगा। प्रबंध समिति की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा काठमाण्डू विश्वविद्यालय के साथ ‘भारत-नेपाल सम्बन्धों में मीडिया की भूमिका’ विषय पर काठमाण्डू में दो दिवसीय संगोष्ठी के आयोजन पर भी चर्चा हुई, जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं उपस्थित रहने वाले हैं। विश्वविद्यालय द्वारा 18-19 मार्च,2017 को भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता के परिसर में ‘भारतीय भाषाओं में अंतर्संवाद’ विषय पर कोलकाता में आयोजित संगोष्ठी की सूचना भी कुलपति ने दी।
सबसे बड़ी पुरस्कार राशि के लिए पहली बार 40 लॉ स्कूलों में घमासान,
वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी उद्घाटन करेंगे
भारत की सबसे बड़ी मूट कोर्ट प्रतियोगिता
16 Feb. 2017
स्कूल ऑफ़ लॉ , जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी, भोपाल के द्वारा राष्ट्रीय स्तर की मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसे कई अग्रणी लॉ संस्थायों से जम कर सरहना मिल रही है| देश भर से 40 प्रतिष्ठित लॉ संस्थानों सहित कई महत्वपूर्ण प्राइवेट यूनिवर्सिटीयों के साथ नेशनल लॉ विश्वविद्यालय भी भाग ले रहे हैं|
यह उल्लेखनीय है की 40 टीमों की अधिकतम सीमा के बावजूद 60 से अधिक टीमों ने संपर्क किया था| मूट कोर्ट प्रतियोगितायों के इतिहास में पहली बार भारत में कोई संस्थान 3.25 लाख रुपये की शानदार इनामी राशि दे रहा है| विजेता टीम को 1.5 लाख रुपये नकद राशि मिलेगी जबकि उप विजेता को 1.00 लाख रुपये दिए जायेंगे| इसके अलावा बेस्ट रिसर्चर, बेस्ट स्पीकर एवं बेस्ट मेमोरियल के लिए प्रत्येक को 25,000 रुपये दिए जायेंगे|
कानून के विभिन्न क्षेत्रो जैसे बार, बेंच, शिक्षा व् उद्योग जगत की अनेक प्रख्यात हस्तियों को प्रतियोगिता के प्रिलिमनरी, क्वार्टर फाइनल, सेमी फाइनल तथा फाइनल राउंड्स को जज करने के लिए आमंत्रित किया गया हैं| उद्घाटन व् समापन सत्रों में अनेक महत्त्वपूर्ण अतिथियों में जस्टिस, सीनियर एडवोकेट्स, शिक्षाविदों के साथ ही वाईस चांसलर्स भी उपस्थित रहेंगे|
उद्घाटन समारोह का आयोजन 17 फरवरी 2017 के दिन अपराह्न 4 बजे से किया जायेगा | समारोह में राज्य सभा सांसद, पूर्व विधि मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय श्री राम जेठमलानी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे | मूट प्रॉब्लम :- सविधान के अनुच्छेद के 19(1)(a) और सिनेमाटोग्राफ एक्ट को मूट प्रॉब्लम बनाया गया है|
अनाथ बच्चा पोंटोस देश का सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर बन जाता है| वो अपने स्ट्रगल को बायोपिक के जरिये दिखाना चाहता है| फिल्म जब सेंसर के पास जाती है तो उसे ‘A’ सर्टिफिकेट दे देते है| फुटबॉलर प्रोड्यूसर के विरुद्ध केस करता है|
विनम्र निवेदन है कि कार्यक्रम के वृहद् कवरेज हेतु प्रेस फोटोग्राफर और संवाददाताओं की नियुक्ति करना सुनिश्चित करें |
भोपाल में ग्लोबल स्किल इंप्लायमेंट पार्टनरशिप अप्रैल में देश-विदेश की कंपनियों को किया जायेगा अमंत्रित
उद्योग मंत्री श्री शुक्ल तथा तकनीकि शिक्षा राज्य मंत्री श्री जोशी ने की तैयारियों की समीक्षा
16 Feb. 2017
प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भोपाल में वृहद पैमाने पर आगामी अप्रैल माह में ग्लोबल स्किल इंप्लायमेंट पार्टनरशिप का आयोजन किया जायेगा | मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर आयोजित इस पार्टनरशिप में देश-विदेश की प्रमुख बड़ी कंपनियों को अमंत्रित किया जायेगा | वाणिज्य,उद्योग तथा रोजगार मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल और तकनिकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी की मौजूदगी में पार्टनरशिप की तैयारियों की समीक्षा कर रूपरेखा तय की गई | बैठक में उद्योग तथा तकनिकी शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे |
उद्योग मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री की जिस मंशानुरूप यह पार्टनरशिप आयोजित होना है | इनटेंशन टु इंप्लाइमेट के उद्देश्य की पूर्ति होना चाहिए | उन्होंने कहा कि समय कम है इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक तैयारियां युद्ध स्तर पर होना चाहिए | उद्योग मंत्री ने कहा कि आयोजन वृहद हो इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही तथा कोताही ना बरती जायें |
राज्य मंत्री जोशी ने कहा कि पार्टनरशिप का मुख्य उद्देश्य युवाओं को उनके कौशल के अनुसार रोजगार के बेहतर से बेहतर अवसर मिले | उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों को समय रहते अमंत्रित कर लिया जाये | साथ ही तैयारियों को निर्धारित आयोजन से पहले पूरा किया जाना सुनिश्चित करे |
बैठक में अध्यक्ष मध्यप्रदेश रोजगार निर्माण बोर्ड श्री हेमंत विजयराव देशमुख ने आयोजन की रूपरेखा की जानकारी देते हुए आपेक्ष की रोजगार और कौशल विकास के इस वैश्विक कार्यक्रम को सफल बनाना चाहिए |
प्रमुख सचिव उद्योग श्री मोहम्मद सुलेमान ने आयोजन के उद्देश्य बताते हुए कहा कि प्रदेश के मानव संसाधन को दुनिया के समाने रखना है | उन्होंने कहा कि आयोजन में उद्योग विभाग सहयोगी रहेगा |
प्रमुख सचिव श्री आशोक वर्णमाल ने आयोजन के लिए अपने विचार रखते हुए सुझाव भी दिये |
प्रमुख सचिव तकनिकी शिक्षा श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने कहा कि आयोजन के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उसकी रूपरेखा तैयार की जायेगी | इसके लिए उद्योग विभाग का पूरा-पूरा सहयोग लिया जायेगा |
बैठक में उद्योग तथा तकनिकी शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे |
सरसंघचालक ने किया माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कैलेंडर का विमोचन
भारत की ज्ञान परंपरा पर केंद्रित है विश्वविद्यालय का कैलेंडर
11 Feb. 2017
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कैलेंडर का विमोचन किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला भी उपस्थित थे।
सरसंघचालक डॉ. भागवत ने कैलेंडर के विषय और उसके आकल्पन की सराहना की है।
विश्वविद्यालय का वर्ष 2017 का कैलेंडर भारत की ज्ञान परंपरा पर केन्द्रित है। 12 पृष्ठीय कैलेंडर में पृथक-पृथक पृष्ठों पर चार वेदों ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्वेद एवं सामवेद की व्याख्या के साथ उपनिषद्, रामायण, महाभारत और गीता को रेखांकित किया गया है। इसके साथ ही प्राचीन भारत के शिक्षा के चार केंद्र नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला एवं सांदीपनी आश्रम का उल्लेख हैं। कैलेंडर में भारतीय तिथियों को भी दर्शाया गया है। महत्वपूर्ण तीज-त्यौहारों के साथ शासकीय अवकाश की भी जानकारी कैलेंडर में शामिल की गयी है। विगत वर्ष (2016) का कैलेंडर सिंहस्थ पर केन्द्रित था, जिसमें कुम्भ की संचार परंपरा को वर्णित किया गया था।
जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी में द्वितीय दीक्षांत समारोह का आयोजन, 200 छात्रों को मिली डिग्री
Our Correspondent :3 December 2016
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले शैक्षणिक सत्र से कक्षा एक से सात तथा 9वीं और 11वीं में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित और वाणिज्य समूह के विषयों में एनसीईआरटी पाठ्य-पुस्तकों से शिक्षण करवाया जायेगा। कक्षा 8, 10 और 12वीं में सत्र 2018-19 से एनसीईआरटी की पुस्तकों से शिक्षण करवाया जायेगा।
मंत्रि-परिषद ने अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय नई दिल्ली की स्थापना के लिए तृतीय श्रेणी के अनुवादक के कुल 10 पद के सृजन की मंजूरी दी। इनका वेतनमान 9300-34800+3200 ग्रेड-पे रहेगा।
मंत्रि-परिषद ने कार्यालय कल्याण आयुक्त, भोपाल गैस पीड़ित भोपाल के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उच्च न्यायालय के अधीक्षण में उच्च न्यायालय एवं विभिन्न जिला न्यायालयों की स्थापनाओं में उपलब्ध तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति में 10 वर्ष की सेवा अवधि पूरी कर चुके कर्मचारियों को सीधी भर्ती के लिए निर्धारित आयु में अधिकतम 10 वर्ष की सीमा तक छूट देने का निर्णय लिया। यह सुविधा आदेश जारी होने के दिनांक से 5 वर्ष की अवधि के लिए ही होगी।
मंत्रि-परिषद ने कार्यशील पूँजी की व्यवस्था के लिए तीनों विद्युत कंपनियों द्वारा पावर फायनेंस कार्पोरेशन से माह जून 2016 में प्राप्त किए गए कुल 900 करोड़ रुपए के लघु अवधि ऋण के लिए राज्य शासन की गारंटी देने का निर्णय लिया। ऋण की गारंटी के लिए विद्युत कंपनियों द्वारा राज्य शासन को 0.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से गारंटी शुल्क का भुगतान किया जायेगा।
अगले शैक्षणिक सत्र से एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को मंजूरी
Our Correspondent :19 November 2016
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले शैक्षणिक सत्र से कक्षा एक से सात तथा 9वीं और 11वीं में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित और वाणिज्य समूह के विषयों में एनसीईआरटी पाठ्य-पुस्तकों से शिक्षण करवाया जायेगा। कक्षा 8, 10 और 12वीं में सत्र 2018-19 से एनसीईआरटी की पुस्तकों से शिक्षण करवाया जायेगा।
मंत्रि-परिषद ने अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय नई दिल्ली की स्थापना के लिए तृतीय श्रेणी के अनुवादक के कुल 10 पद के सृजन की मंजूरी दी। इनका वेतनमान 9300-34800+3200 ग्रेड-पे रहेगा।
मंत्रि-परिषद ने कार्यालय कल्याण आयुक्त, भोपाल गैस पीड़ित भोपाल के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उच्च न्यायालय के अधीक्षण में उच्च न्यायालय एवं विभिन्न जिला न्यायालयों की स्थापनाओं में उपलब्ध तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति में 10 वर्ष की सेवा अवधि पूरी कर चुके कर्मचारियों को सीधी भर्ती के लिए निर्धारित आयु में अधिकतम 10 वर्ष की सीमा तक छूट देने का निर्णय लिया। यह सुविधा आदेश जारी होने के दिनांक से 5 वर्ष की अवधि के लिए ही होगी।
मंत्रि-परिषद ने कार्यशील पूँजी की व्यवस्था के लिए तीनों विद्युत कंपनियों द्वारा पावर फायनेंस कार्पोरेशन से माह जून 2016 में प्राप्त किए गए कुल 900 करोड़ रुपए के लघु अवधि ऋण के लिए राज्य शासन की गारंटी देने का निर्णय लिया। ऋण की गारंटी के लिए विद्युत कंपनियों द्वारा राज्य शासन को 0.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से गारंटी शुल्क का भुगतान किया जायेगा।
100 सबसे ज्यादा लोकप्रिय हिन्दी किताबों का कलेक्शन
Our Correspondent :18 November 2016
स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी अपनी स्थापना के 50 वर्ष बाद अब लाइब्रेरी में हिन्दी की पुस्तकें शामिल करने जा रही है । इस रविवार लाइब्रेरी में 100 किताबों का "मेगा हिन्दी कलेक्शन" शामिल किया जाएगा । हिन्दी की सबसे ज्यादा लोकप्रिय 100 किताबों का यह कलेक्शन 26 नवंबर तक लाइब्रेरी डिस्प्ले पर मौजूद रहेगा । इस दौरान शहर का कोई भी लाइब्रेरी आकर इन किताबों को पढ़ सकता है । लाइब्रेरी के मेंबर्स 26 नवंबर तक इन किताबों को अपने अकाउंट में रिजर्व करा सकेंगे । तथा 27 नवंबर से इन किताबों को पढ़ने के लिए घर ले जा सकेंगे ।
हिन्दी किताबों को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी मेंबर्स को अलग से कोई मैम्बरशिप लेने की जरूरत नहीं है । उनकी वर्तमान सदस्यता में ही वे हिन्दी की किताबें इश्यू करा सकते हैं । लाइब्रेरी के हर तरह के मेंबर्स को हिन्दी किताबें इश्यू कराने की अनुमति होगी ।
इससे पहले मेंबर्स की राय जानने के लिए लाइब्रेरी द्वारा अक्तूबर माह में हिन्दी के 2 टीज़र कलेक्शन लॉंच किए गए थे जो जबर्दस्त लोकप्रिय हुए थे । इन टीज़र कलेक्शन में मेम्बर्स द्वारा जिस तरह के किताबें ज्यादा पसंद की गईं थी उन्हीं किताबों को इस मेगा कलेक्शन में शामिल किया गया है
मेगा कलेक्शन में शामिल किताबों का चयन लाइब्रेरी में अभी हाल में गठित 10 सदस्यीय "क्लब हिन्दी" द्वारा किया गया है ।
हिन्दी पाठकों की विविध रुचियों को ध्यान में रखते हुए इस कलेक्शन में लगभग हर तरह की हिन्दी किताबों को शामिल किया गया हैं जिसमें हिन्दी की क्लासिक बुक्स से लेकर आज के समय में लोकप्रिय माइथालॉजिकल बुक्स के अनुवाद भी शामिल हैं ।
हिन्दी कलेक्शन : एक नज़र में
कलेक्शन का नाम - मेगा हिन्दी कलेक्शन
कलेक्शन में शामिल हैं - हिन्दी की 100 सबसे लोकप्रिय किताबें
विशेष - ये लाइब्रेरी का पहला बड़ा हिन्दी कलेक्शन है
कब शामिल किया जाएगा - 20 नवंबर 2016 को
डिस्प्ले पर कब तक रहेगा - 26 नवंबर तक
किताबें रिजर्व कराईं जा सकती हैं - 26 नवंबर तक
किताबें इश्यू कराईं जा सकती हैं - 27 नवंबर से
अगला हिन्दी कलेक्शन कब आएगा - हर महीने के आखिरी रविवार को
कलेक्शन में शामिल कुछ पुस्तकों के नाम
हिन्दी साहित्य की क्लासिक बुक्स :-
रात का रिपोर्टर - निर्मल वर्मा
सूरज का सातवाँ घोडा - धर्मवीर भारती
गोरा - रवीद्र नाथ टैगोर
कैसी लगाई आग - असगर वजाहत
शेखर एक जीवनी - अज्ञेय
छावा - शिवाजी सावंत
चित्रलेखा - भगवती चरण वोहरा
काशी का अस्सी - काशीनाथ सिंह
नदी के द्वीप - अज्ञेय
मंटो की कहानियाँ - सहादत हसन मंटो
लोकप्रिय प्रेरणादायी पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद
रिच डैड पुअर डैड - किओसाकी
मेरा चीज़ किसने हटाया - स्पेन्सर जॉनसन
अप्रेषित पत्र - रंगरजन
शक्ति के 48 नियम - रोबर्ट ग्रीन
दौलत और सफलता की राह - मर्फी
चिंता छोड़ो सुख से जिओ - डेल करनेगी
सकारात्मक सोच - नॉर्मन विनसेट पील
अति प्रभावकारी लोगों की सात बातें - स्टीफन कोवी
रहस्य - रोंडा बर्न
पावर, मैजिक, हीरो - रोंडा बर्न
लोकप्रिय पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद
अलकेमिस्ट - पाउलो कोहलों
एडल्ट्री - पाउलो कोहलों
काइट रनर - खालिद होसेनी
लाइफ ऑफ पाई - यान मरटेल
सोफी का संसार - गार्डर
चाणक्य मंत्र - अश्विन सांघी
कृष्ण कुंजी - क्षविन सांघी
चेतन भगत की सभी किताबों के हिन्दी अनुवाद
हैरी पॉटर की सभी किताबों के हिन्दी अनुवाद
प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद
राम चन्द्र गुहा
अमिताभ घोष
खुशवंत सिंह
रस्किन बॉन्ड
अमर्त्य सेन
वी एस नाइपाल
रोहिंटन मिस्त्री
पवन कुमार वर्मा
लोकप्रिय पौराणिक किताबों के हिन्दी अनुवाद
काली का उदय - आनंद नीलकंठन
दशराजन - अशोक बैंकर
ईक्षवाकू के वंशज - आमिश
असुर - आनंद नीलकंठन
अयोध्या का राजकुमार - बैंकर
हिन्दी की नई पुस्तकें
कोठगोई - प्रभात रंजन
नरक यात्रा - ज्ञान चतुर्वेदी
मणिकरणिका - डॉ तुलसीरम
अगला यथार्थ - हिमांशु जोशी
ढाक के तीन पात - मलय जैन
नए लोगों के लिए लाइब्रेरी की सदस्यता के प्लान
व्यक्तिगत सदस्यता (वार्षिक शुल्क - 1200 रुपये )
मूवी मेम्बरशिप (वार्षिक शुल्क - 1600 रुपये)
फैमिली मेम्बरशिप (वार्षिक शुल्क - 2500 रुपये )
जनसंपर्क मंत्री डॉ. मिश्रा ने किया पत्रकारिता विश्वविद्यालय का निरीक्षण
Our Correspondent :15 November 2016
जनसंपर्क, जल-संसाधन तथा संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आज भोपाल के महाराणा प्रताप नगर स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया। मंत्री डॉ. मिश्रा ने विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी में बनने वाले भवन के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने प्रबंध समिति की बैठक शीघ्र आहूत कर आगामी आवश्यक कार्यवाहियाँ पूर्ण करवाने को कहा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बृजकिशोर कुठियाला और कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी दी। विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पत्रिकाएँ और अन्य प्रकाशन की भी जनसंपर्क मंत्री को जानकारी दी गई।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रानिक मीडिया विभाग के विद्यार्थियों से उनकी कक्षा में जाकर बातचीत की। जनसंपर्क मंत्री ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभाग की कार्य-प्रणाली की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कम्प्यूटर साईंस, पत्रकारिता प्रबंधन, जनसंचार, न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी, जनसंपर्क और विज्ञापन, प्रकाशन, कम्युनिकेशन रिसर्च, प्रशिक्षण और टेक्स बुक राईटिंग विभाग के कार्यों की जानकारी भी प्राप्त की।
जनसंपर्क मंत्री डॉ. मिश्रा ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का भी निरीक्षण किया। पुस्तकालय प्रभारी ने जानकारी दी कि पुस्कालय में पत्रकारिता और संचार से संबंधित पाठ्य-पुस्तकों के अलावा उत्कृष्ट साहित्य भी विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है। शोध-पत्र पत्रिकाएँ भी नियमित रूप से आती हैं।
जनसंपर्क मंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर का भी अवलोकन किया। उन्होंने भवन की छत पर स्थापित विशाल घड़ी को उपयोगी बताते हुए इसे और आकर्षक रूप से स्थापित करने की जरूरत बताई। जनसंपर्क मंत्री को जानकारी दी गई कि विश्वविद्यालय के विधार्थियों को बिना हेलमेट के दुपहिया वाहनों का उपयोग करने की मनाही है। जनसंपर्क मंत्री ने विश्वविद्यालय में कामकाजी महिलाओं के लिए संचालित पाठ्यक्रम की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिकेशन रिसर्च की कक्षा में जाकर गतिविधियाँ जानीं।
23 अक्टूबर को आयोजित होगी "मध्यप्रदेश क्विज"
21 October 2016
मध्यप्रदेश की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने पर विशेष आयोजन
अगले सप्ताह मध्यप्रदेश अपनी स्थापना के 60 वर्ष पूरे कर रहा है । इस अवसर को यादगार बनाने के उद्देश्य से शासकीय मौलाना आज़ाद सेंट्रल लाइब्रेरी आगामी 23 अक्टूबर को एक विशेष क्विज का आयोजन कर रही है । मध्यप्रदेश सामान्य ज्ञान पर आधारित इस क्विज में किसी भी आयु वर्ग का कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है ।
क्विज का उद्देश्य लोगों को अपने प्रदेश से बेहतर तरीके से परिचित कराना है
क्विज में भाग लेने के लिए किसी पूर्व रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है । भाग लेने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति 23 अक्टूबर को सुबह 8.30 बजे लाइब्रेरी पहुँचकर इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकता सकता है । जगह सीमित होने के कारण सबसे पहले आने वाली 100 टीमों को ही इस क्विज में प्रवेश दिया जाएगा
एक्सीलेंस कॉलेज की छात्रा चारवी गुप्ता इस क्विज की क्विज मास्टर होंगी । तथा रोजगार निर्माण के संपादक श्री पुष्पेंद्र पाल सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे
कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है
कार्यक्रम - मध्यप्रदेश क्विज
दिनांक - 23 अक्टूबर 2016 रविवार
समय - सुबह 9 बजे
स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल
क्विज मास्टर - चारवी गुप्ता
पुरुस्कार - 6000/- रुपये
मुख्य अतिथि - पुष्पेंद्र पाल सिंह (संपादक, रोजगार निर्माण)
कौन भाग ले सकता है - कोई भी व्यक्ति
रजिस्ट्रेशन कहाँ होगा - पहले से रजिस्ट्रेशन करने की कोई आवश्यकता नहीं है
क्या कोई रजिस्ट्रेशन शुल्क है - नहीं
कितने मेंबर्स की टीम होना चाहिए - 02 मेंबर्स की
भाग लेने के लिए क्या करना है - क्विज के दिन सुबह 8.30 बजे लाइब्रेरी पहुंचे
क्विज में प्रवेश मिलेगा - सबसे पहले आने वाली केवल 100 टीमों को
क्विज में पूंछे जाने वाले विषय
मध्यप्रदेश का इतिहास, संकृति व पर्यटन
मध्यप्रदेश का भूगोल, नदियां, वन व जलवायु
मध्यप्रदेश के खनिज व उद्योग
मध्यप्रदेश की जनसंख्या
मध्यप्रदेश सरकार की प्रमुख योजनाएँ
पिछले 1 वर्ष की मध्यप्रदेश सरकार की गतिविधियां
कार्य व्यवहार व आचरण से लैंगिक भेदभाव को रोकें
21 October 2016
भारत में लैंगिक भेदभाव और अत्याचार सिखाने की पाठशाला यदि कहीं नहीं है, तो फिर समाज में यह अत्याचार करने की प्रेरणा कहां से प्राप्त हो रही है और इस असमानता को निरन्तर बढ़ावा कौन लोग दे रहे हैं? यह समाज में चिन्तनीय विषय है। जिसे हमें अपने कार्य व्यवहार, आचरण एवं सदभाव से रोकना होगा।
उक्त विचार भारत यात्रा पर निकले श्री राकेश कुमार सिंह ने आज यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में विशेष व्याख्यान के दौरान व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने की। समारोह में देश के 10 राज्यों की 16000 किलोमीटर साइकिल यात्रा कर चुके भारत यात्री राकेश कुमार सिंह ने अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहां कि मार्च, 2014 में जब उन्होंने यह साइकिल यात्रा प्रारंभ की थी उस वक्त उत्तर प्रदेश, बिहार समेत दक्षिण भारत में तेजाब की घटनाएं ज्यादा हो रही थी। यह तेजाब फेंकने की प्रेरणा कहां से मिली और लोगों में लिंग के आधार पर नफरत का बीज कहां से पैदा हुआ। जब यह विषय सोच में आया तो पता चला कि हमारा समाज कोख से जन्म ले रहे बेटा और बेटी में ही अन्तर करके ही चल रहा है। बेटी पैदा होते समय लक्ष्मी जरूर कहा जाता है, परन्तु बड़े होने पर उसे दान में दे दिया जाता है। क्या कभी बेटे को भी दान में दिया है किसी ने । यह असमानता दैनिक क्रिया में एवं शादी समारोह में भी दिखाई देती है। दहेज के खिलाफ लड़ाई झूठी है। हमें परिवारों में आन्तरिक व्यवस्था पर ध्यान देते हुए भारत की शक्ति को और मजबूत बनाना होगा, तभी हम लैंगिक भेदभाव से उत्पन्न असमानता को समाप्त कर सकेगें। उन्होंने कहा कि वह इस यात्रा के माध्यम से लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास कर रहे हैं।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि समाज में 60-70 साल की विकृतियों को हमें समझना होगा और समाज की सोच बदलनी होगी। कुछ विकृतियां हल हुई हैं और कुछ अभी यथावत हैं। हमें महिलाओं को सम्मानित दर्जा देने के कारगर प्रयास करने होंगे। यह बात सच है कि भारत में महिलाओं का स्थान ऊंचा है और मां के प्रति बहुत श्रद्धा है। हम आज भी मां का आदेश सर्वोपरि मानते हैं। उन्होंने भारत यात्री श्री राकेश कुमार सिंह के प्रयासों की सराहना करते हुए विद्यार्थियों का आव्हान किया कि वह भी इस दिशा में कलम उठाकर, लेखक बनकर, फिल्मकार बनकर, एनिमेशन कार्य करके अथवा अन्य कोई विधा अपनाकर इस सामाजिक बुराई को खत्म करने का प्रयास करेंगे, तो यह निश्चित ही समाज के लिए उपयोगी होगा। कुलपति ने भारत यात्री श्री राकेश कुमार सिंह को स्मृति चिन्ह एवं पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया।
समारोह का संचालन जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष श्री संजय द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से हुई, तत्पश्चात छात्रा सुश्री उवर्शी विश्वकर्मा ने एकल गीत प्रस्तुत किया और राष्ट्रगीत के साथ समारोह का समापन हुआ। समारोह में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित हुए।
‘कौन है राकेश कुमार सिंह’
बिहार के छपरा जिले के छोटे से गांव तरियानी में जन्में राकेश कुमार सिंह समाज में लैंगिक भेदभाव मिटाने के मिशन पर निकले हैं। उन्होंने मार्च 2014 से साइकिल यात्रा करते हुए तमिलनाडु, पण्डुचेरी, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आन्धप्रदेश, उड़ीसा, बिहार और मध्यप्रदेश की ज़मीं को स्पर्श किया है और इन राज्यों में लैंगिक समानता के साथ सह-अस्तित्व और सह-जीवन का मंत्र जनमानस तक पहुंचा चुके हैं। उनकी इस यात्रा का मकसद पुरूष-स्त्री के बीच ही नहीं बल्कि तीसरे समलैंगिक समूहों के बीच असमानता को पाटना है। उन्होंने पिछले दो साल में दस राज्यों में यह सन्देश देते हुए 16000 किलोमीटर की यात्रा तय की है। और इस यात्रा के दौरान लगभग साढ़े चार लाख लोगों से सीधे तौर पर संवाद कायम किया है। समाज में असमानता के संवेदनशील मुद्दे पर अलग-अलग समूहों से बातचीत करते हुए उन्होंने सामाजिक विसंगता को दूर करने का प्रयास किया है।
मिस्टर फ्रेशर बने आदिल, मिस फ्रेशर बनीं आफरीन
21 October 2016
नगाड़े संग ढोल बाजे....
- जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज की फ्रेशर पार्टी में जमकर किया छात्र-छात्राओं ने धमाल
- क्लासीकल, हिपहॉप डांस में झूमकर नाचे
- एंटी रैंिगंग, गेट टू गेदर का किया आयोजन
भोपाल। जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज की गुरुवार को मोटल सिराज में फ्रेशर पार्टी आयोजित की गई जिसमें मिस्टर फ्रेशर का खिताब आदिल को दिया गया जबकि मिस फ्रेशर आफरीन चुनीं गईं। इस दौरान जूनियर-सीनियर छात्र-छात्राओं ने क्लासीकल व हिपहॉप डांस में धमाल मचा दिया। समारोह में कॉलेज के डायरेक्टर आसिफ जकी, प्रिंसीपल डॉ. वाई पी सिंह मौजूद थे।
कॉलेज के मीडिया प्रभारी विवाल जकी ने बताया कि जूनियर-सीनियर की फ्रेशर पार्टी में 150 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। शुभारंभ पर डायरेक्टर आसिफ जकी ने कहा कि फ्रेशर पार्टी से स्टूडेंट में नई ऊर्जा का संचार होता है। पुराने गिले-शिकवे भूलकर सकारात्मक सोच जिंदगी बदल देती है। तत्पश्चात नगाड़े संग ढोल बाजे... डिस्को दीवाने गाने पर विलाल, वहीद, ऋषि, अहीवा, अदनान, शोजर, इफला आदि स्टूडेंट जमकर नाचे। समारोह में एंटी रैगिंग, गेट टू गेटर का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन अर्पित ने किया
2 अक्टूबर को होगी "इंडिया क्विज"
29 September 2016
आगामी 2 अक्टूबर को गांधीजी की जयंती के अवसर पर शासकीय मौलाना आज़ाद केन्द्रीय पुस्तकालय एक ओपन क्विज आयोजित करने जा रही है । भारत के आजादी आंदोलन पर केन्द्रित इस क्विज में किसी भी आयु का कोई भी शहरवासी भाग ले सकता है ।
क्विज का उद्देश्य लोगों को भारत की स्वतन्त्रता के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी देना है
सिविल सर्विसेज क्लब के सहयोग से आयोजित हो रही इस क्विज के विजेताओं को कुल 6000/- रुपये के नगद पुरुसकार दिये जाएंगे
मशहूर क्विज मास्टर व एक्सीलेंस कॉलेज के पूर्व छत्र अभिषेक दुबे इस क्विज में क्विज मास्टर की भूमिका निभाएंगे
क्विज रविवार 2 अक्टूबर को सुबह 10 बजे सेंट्रल लाइब्रेरी के मुख्य हाल में आयोजित होगी ।
इसमें भाग लेने के लिए किसी को पहले से कोई रजिस्ट्रेशन कराने की कोई जरूरत नहीं है । इच्छुक व्यक्ति 2 लोगों की टीम बनाकर रविवार को सुबह 9.30 बजे सेंट्रल लाइब्रेरी पहुँचें
क्विज का विवरण इस प्रकार है -
क्विज का नाम - इंडिया क्विज 2016
कब - 2 अक्टूबर 2016
अवसर - गांधीजी की जयंती
समय - सुबह 10 बजे
स्थान - सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल
पहला युवा मंच कार्यक्रम सम्पन्न
06 September 2016
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हुई चर्चा
भारत सरकार द्वारा बनाई जा रही नई शिक्षा नीति पर युवाओं के विचार जानने के उद्देश्य से इस रविवार स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में युवा मंच नामक कार्यक्रम आयोजित हुआ ।
प्रज्ञा प्रवाह के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में 10 युवाओं ने टी एस आर सुब्रमणियम समिति की रिपोर्ट पर अपने विचार व्यक्त किए व उसे लागू करने के प्रभावी तरीके सुझाए
इस कार्यक्रम में बाल साहित्य शोध केंद्र के अध्यक्ष श्री महेश सक्सेना व भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल श्री वीरेंद्र चौबे विशेषज्ञ के तौर पर मौजूद थे
कार्यक्रम के विशेष अतिथि के रूप में आयुक्त लोक शिक्षण श्री नीरज दुबे मौजूद थे
कार्यक्रम में युवा वक्ताओं द्वारा रखे गए प्रमुख सुझाव :-
योगेश अजमेरा के सुझाव
भारत में शिक्षा के लिए किया जाने वाला आवंटन अभी भी बहुत कम है । समिति का सुझाव की हमें बजट का 6 % शिक्षा पर खर्च करना चाहिए को जरूर लागू किया जाना चाहिए
शिक्षा के प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए 'भारतीय शिक्षा सेवा' नाम से एक अखिल भारतीय सेवा शुरू की जानी चाहिए
स्वामी विवेकानंद ने कहा था ' लोगों के दिमाग बहुत सारी गैर जरूरी बातें भर देना और उसे लोगों के दिमाग में सड़ने के लिए छोड़ देना शिक्षा नहीं हैं ....शिक्षा वह है जो व्यक्ति अपने जीवन में उतार सके' हमें बहुत सारी गैर जरूरी चीजों को अपने पाठ्यक्रम से हटाने की जरूरत है और उन चीजों को शामिल करने की जरूरत है जो हमें बेहतर जीवन जीने में मददगार बनें
कक्षा 5 तक ही हमें सब विषय पढ़ाने चाहिए उसके बाद हमें छात्रों को कोई तीन विषय चुनने की छूट देनी चाहिए ताकि वे अपनी पसंद के विषय को पढ़ें और अपनी पढ़ाई को एंजॉय करें
भारत में 'स्कूल में उपस्थिति योग्यता से ज्यादा महत्वपूर्ण है' हमें इस पर दोबारा सोचने की जरूरत है । स्कूल में दिनभर बैठाने की वजाय हमें छात्रों के लिए ज्यादा रोचक गतिविधियां तय करनी चाहिए
सावन श्रीवास्तव के सुझाव
हमारे देश से ज्यादा मेडल माइकल फेलप्स ने जीते हैं क्या कारण है कि आबादी में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश खेलों में छोटे छोटे देशों से भी पीछे है । इसका सबसे बड़ा कारण है स्कूलों में खेलों को बढ़ावा ना दिया जाना
हमें स्कूल के पाठ्यक्रम में खेलों को भी उतना ही महत्व देने की जरूरत है जितना हम सबजेक्ट्स को देते हैं ।
हर क्लास में स्पोर्ट्स एक अनिवार्य विषय होना चाहिए और हर स्टूडेंट्स के स्पोर्ट्स के मार्क्स उसकी मार्कशीट में शामिल किए जाने चाहिए
पाठ्यक्रम से गैर जरूरी चीज़ें हटाकर स्पोर्ट्स के लिए समय निकाला जा सकता है
यदि हमनें समय रहते सुधार नहीं किया तो ऐसा वक्त भी आ सकता है जब भारत केवल कम्प्युटर गेम्स में ही मेडल जीत पाएगा
विक्रांत शर्मा के सुझाव
हर स्कूल में अनिवार्य रूप से कैरियर काउन्सलर की भर्ती होनी चाहिए जो बच्चों की बदलती रुचि व एक्सपोजर के हिसाब से उन्हे विकल्प बता सकें
इंजीन्यरिंग व अन्य तकनीकी विषयों के साथ हिस्ट्री, फिलोसोफी और साइकॉलजी जैसे आर्ट्स के विषय पढ़ने का विकल्प दिया जाना चाहिए । ताकि लोग कैरियर के साथ साथ अपनी रुचि के विषय भी पढ़ सकें
भारत में मास्टर डिग्री एक साल की कर देनी चाहिए ताकि लोग एक से ज्यादा विषयों में मास्टर्स करके अपनी विशेषज्ञता का क्षेत्र बढ़ा सकें
पूनम असावरा के सुझाव
अच्छे डॉक्टर , इंजीनियर बनाने से ज्यादा हमें अच्छे नागरिक बनाने पर ज़ोर देना चाहिए । गांधीजी भी यही चाहते थे कि भारतीय शिक्षा का उद्देश्य जिम्मेदार व आत्मनिर्भर नागरिक बनाना होना चाहिए
देश के सभी प्रतिष्ठित व्यक्तियों को कुछ समय निकालकर स्कूलों में पढ़ाना चाहिए । इससे उनमें लगातार सीखने की प्रवृति बनी रहेगी और स्टूडेंट्स को भी सफल लोगों से पढ़कर उन जैसा बनने की प्रेरणा मिलेगी
शिक्षा व्यवस्था में हमें टीचर स्टूडेंट के रिश्ते को मजबूत बनाने की जरूरत है जिसके लिए आवश्यकता है समर्पित शिक्षकों की ।
अमृता सिंह के सुझाव
हमें समाज के हर व्यक्ति को एक जैसे स्तर की शिक्षा देने की जरूरत हैं क्योंकि आज के समय में लोगों के अलग अलग स्तर के लिए शिक्षा ही जिम्मेदार है
अच्छी शिक्षा के लिए आवश्यक है स्किल्ड व टीचिंग को पसंद करने वाले टीचर्स है । सरकार को पूरे देश के लिए एक टीचिंग कैडर तैयार करना चाहिए जिसे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से चुना जाना चाहिए
शिवपाल सिंह ठाकुर के सुझाव
हमें टीचिंग कैरियर को आकर्षक बनाना होगा । क्या कारण है कि देश का सबसे अच्छा टैलेंट टीचर नहीं बनना चाहता । यह प्रोफेशन देश के किसी भी प्रोफेशन से ज्यादा महत्वपूर्ण है इसलिए इसमें देश का सबसे अच्छा टैलेंट खीचना जरूरी है
हमें पहली क्लास से ही बच्चों की हर एक्टिविटी को मॉनिटर करना शुरू कर देना चाहिए एक ट्रेकिंग सिस्टम बनाने की जरूरत है ताकि 5 वीं क्लास तक आते आते हमें उस बच्चे का स्वभाव समझ में आ जाये
संस्कार के बिना शिक्षा 'बिना दायित्व के अधिकार देने जैसा है' कोई कितना भी विरोध करे पर हमें शिक्षा में नैतिक मूल्य सिखाने वाली धार्मिक पुस्तकों को भी शामिल करना चाहिए
रवीना मिश्रा के सुझाव
हमें 9 वीं क्लास तक हर किसी को पास करने की पॉलिसी खत्म कर देनी चाहिए । हर स्तर पर परीक्षा होनी चाहिए ताकि स्टूडेंट में जीतने और आगे बढ्ने की भावना बनी रहे और आगे चलकर वह प्रतियोगी माहौल के साथ सामंजस्य बैठा सके
स्कूली शिक्षा को हमें 3 भागों में बाँट देना चाहिए 1. कक्षा 1 से 5 तक - इसमें हमें अच्छा इंसान बनाने पर ज़ोर देना चाहिए 2. कक्षा 6 से 8 - इसमें हमें अच्छा नागरिक बनाने पर फोकस करना कहहिए 3. कक्षा 9 से 12 - इसमें हमें छात्रों को सबजेक्ट एक्सपर्ट बनाने पर ध्यान देना चाहिए
संदीप पटेल के सुझाव
हमें शिक्षा के तीनों आयाम - शिक्षा, परीक्षा व प्रशिक्षण पर बराबर ध्यान देने की जरूरत है
छात्रों की भांति हमें समय समय पर शिक्षकों का भी मूल्यांकन करने की जरूरत है , इसके लिए विभाग से अलग एक स्वतंत्र मूल्यांकन एजेंसी होनी चाहिए
अभिषेक शर्मा के सुझाव
पूरे देश में एक जैसा पाठ्यक्रम लागू किया जाना चाहिए ताकि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में सभी छात्रों को बराबर मौका मिले
दुनिया के टॉप 100 विश्वविद्यालयों में कोई भी भारतीय संस्था नहीं है पर इन टॉप 100 संस्थानों में आधे से ज्यादा शिक्षक भारतीय हैं । हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है । हमें अपने शिक्षण संस्थानों को राजनाइटिक दखलंदाज़ी से दूर रखना चाहिए ताकि वे बेहतरीन लोगों को अपने साथ जोड़ सकें
हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जो 'जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब क्रेएटर पैदा करे'
आयुक्त लोक शिक्षण श्री नीरज दुबे का सम्बोधन
सुब्रमणियम समिति की रिपोर्ट तैयार होने से पहले चर्चाओं के लंबे दौर चले थे यही कारण है कि इस रिपोर्ट में वह हर चीज़ मौजूद है जो आप नई शिक्षा नीति में शामिल करना चाहते थे
हर सफल व्यक्ति किसी एक अच्छे शिक्षक की देन है - हम अपने आस पास जिन सफल लोगों को देखते हैं वे सब किसी ना किसी अच्छे टीचर की देन हैं । इस देश ने कई महान व्यक्ति तब भी पैदा किए हैं जब यहाँ शिक्षा नीति जैसे कोई डोक्यूमेंट भी नहीं होते थे
हर कोई अच्छे टीचर चाहता है पर टीचर कोई नहीं बनना चाहता - हमारे समाज की यह सबसे बड़ी बिडम्बना है कि हम सब अपने बच्चों के लिए अच्छे से अच्छे टीचर चाहते हैं पर कोई भी अच्छा व्यक्ति टीचर नहीं बनना चाहता । हमें देश के सर्वश्रेष्ठ टैलेंट को टीचिंग की ओर आकर्षित करना होगा
वैदिक काल से रहा है मनोरंजन का अस्तित्व
3 September 2016
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, भोपाल के रजत जयंती वर्ष पर मुंबई प्रेस क्लब में हुई संगोष्ठी
भोपाल। वैदिक काल से मनोरंजक का अस्तित्व रहा है। नाट्यशास्त्र की रचना इसका उदाहरण है। देवताओं के राजा इंद्र ने कहा था कि देवताओं को रंगमंच का भय रहता है। इसके लिए ज्ञानी लोगों की जरूरत है। अमृत मंथन को दुनिया की पहली नाट्य प्रस्तुति माना जाता है। इस नाटक को देखने के बाद प्रजापति ने कहा कि इसमें सौन्दर्य का अभाव है। इसके बाद उन्होंने इंद्र को 25 अप्सरायें दी। आज भी फिल्मों में अप्सराओं की जरूरत पड़ती है। सुप्रसिद्ध फिल्म निर्देशक व अभिनेता डा. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने यह बात कही। श्री द्विवेदी शुक्रवार को मुंबई प्रेस क्लब में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता व जनसंचार विश्वविद्यालय, भोपाल के रजत जयंती वर्ष के मौके पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
संगोष्ठी के पहले सत्र ‘मनोरंजन का संसार एवं बदलता सांस्कृतिक परिदृश्य’ विषय पर अपने विचार रखते हुए धारावाहित चाणक्य से प्रसिद्ध हुए डा. द्विवेदी ने कहा कि मनोरंजन सिर्फ फिल्में व टीवी नहीं हैं। क्रिकेट और फुटबाल भी मनोरंजन है। उन्होंने कहा की आजादी की लड़ाई लड़ रहे महात्मा गांधी से जब कहा गया है कि फिल्म एक प्रभावशाली माध्यम है। इसलिए फिल्मों को भी आजादी की लड़ाई से जोड़ा जाए तो बापू इसके लिए तैयार नहीं हुए। क्योंकि उनको फिल्म वालों के चरित्र पर विश्वास नहीं था। आज भी मध्यवर्गीय भारतीयों के मन में फिल्मों से जुड़ों लोगों को लेकर एक अविश्वास है। इसको लेकर ख्वाजा अहमद अब्बास ने बापू को लंबा पत्र भी लिखा था। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, दिल्ली के सदस्य सचिव डा सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि हम कलात्मक विलासिता की तरफ बढ़ रहे हैं। जिस तरह मनोरंजन का संसार बदल रहा है। उसको स्वीकार करने के लिए हमें खुद में भी बदलाव लाना होगा। डा. जोशी ने कहा कि व्यक्ति अपनी मनस्थिति के हिसाब से सुखी व दुखी रहता है। मनोरंजन के दुनिया के लोगों को यह बात समझनी होगी। वहीँ, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि मीडिया का 70 फीसदी हिस्सा मनोरंजन है, लेकिन किसी भी विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई नहीं होती थी। तीन साल पहले माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि में एमबीए इन इंटरटेन कम्यूनिकेशन की पढ़ाई शुरू की गई। इस विषय की पढ़ाई शुरू करने से पहले इसको लेकर हमारे मन में काफी संकोच था। पर हमें लगा की मनोरंजन के क्षेत्र में प्रबंधन का महत्व बढ़ने वाला है। इस लिए यह पढ़ाई लोगों के काम की होगी। उन्होंने कहा कि भारत में मनोरंजन के क्षेत्र में हस्तक्षेप की जरूरत है। चर्चा सत्र का संचालन माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने किया।
फिल्मकारों का साहित्य से नहीं है नाता :
संगोष्ठी के दूसरे सत्र में ‘मनोरंजन व मर्यादा’ विषय पर चर्चा की शुरुआत करते हुए ‘वेलकम टू सज्जनपुर’ व ‘वेलडन अब्बा’ जैसी फिल्मों के लेखन अशोक मिश्र ने कहा कि आज मनोरंजन के लिए ज्ञानी होने की जरूरत नहीं है। अधिकांश फिल्मकारों का साहित्य से कोई सरोकार नहीं है। इसके बावजूद वे सफल हैं। आज एआईबी जैसे शो भी मनोरंजन का साधन हैं और इसकी आलोचना करने वालों को पिछड़ा समझा जाता है। उन्होंने कहा कि न्यूज चैनल भी मनोरंजन का साधन बन चुके हैं। मंत्री का सेक्स स्कैंडल लोगों के लिए सिर्फ खबर नहीं बल्कि मनोरंजन का साधन है। श्री मिश्र ने कहा सत्यजीत रे यथार्थवादी सिनेमा के लिए जाने जाते हैं। लेकिन उन्होंने रियलिटी दिखाने के लिए कभी गालियों का सहारा नहीं लिया। लेकिन आज के फिल्म निर्माता-निर्देशक अपनी फिल्मों में गालियों के इस्तेमाल के लिए सेंसर बोर्ड से लड़ रहे हैं। फिल्म ’वेलकम बैक’ के सह निर्देशक व आने वाली फिल्म एमएस धोनी के कार्यकारी निर्माता विनित जोशी ने कहा कि फिल्म वेलकम बैक में सेंसर बोर्ड ने दर्जनभर से अधिक कट लगाए थे। इस फिल्म को मर्यादा में लाने के लिए हमें चार दिन लगे। उन्होंने कहा कि मर्यादा में रहकर भी सुपरहिट फिल्में बनाई जा सकती हैं। फिल्मकार सुदीप्तो सेन ने कहा कि भारतीय सिनेमा में हिंदी सिनेमा का कोई खास योगदान नहीं है। सिनेमा के लिए अक्षय कुमार और सलमान खान की जरूरत नहीं। नमस्ते लंदन, वेलकम बैंक सहित दर्जनों फिल्मों के कलानिर्देशक जयंत देशमुख ने कहा कि फिल्म की कहानी अमर्यादित होने पर भी हम चाह कर वह फिल्म नहीं ठुकरा सकते क्योंकि हमारे पास विकल्प नहीं। उन्होंने कहा कि टीआरपी के लिए टीवी सीरियल की कहानी बदलती रहती है और बाद मे वह कहानी मर्यादा तोड़ने लगती है। विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में भारत में बनती हैं। लेकिन हम ही सबसे बड़े नकलची भी हैं। प्रेमचंद जैसे लेखक का फिल्म इंडस्ट्री से बहुत जल्द मोहभंग हो गया था। संगोष्ठी के तीसरे सत्र में ‘मनोरंजन की संस्कृति और मीडिया दृष्टि’ विषय पर हुई परिचर्चा में वरिष्ठ पत्रकार विश्वनाथ सचदेव, हरि मृदुल व रूना गुप्ते ने अपने विचार व्यक्त किए। संचालन डा सौरभ मालवीय ने किया।
(डॉ. पवित्र श्रीवास्तव)
निदेशक, जनसंपर्कलिया।
मनोरंजन का संसार और बदलता सांस्कृतिक परिदृश्य पर संगोष्ठी का आयोजन
Our Correspondent :1 September 2016
मुम्बई प्रेस क्लब में 2 सितम्बर को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का कार्यक्रम
भोपाल, 31 अगस्त। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल की ओर से 'मनोरंजन का संसार और बदलता सांस्कृतिक परिदृश्य' विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। यह संगोष्ठी 2 सितम्बर को मुम्बई प्रेस क्लब में सुबह 11:30 बजे से प्रारंभ होगी। आयोजन में प्रमुख रूप से प्रख्यात निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, वरिष्ठ पटकथा लेखक अशोक मिश्र, प्रख्यात कला निर्देशक जयंत देशमुख, साहित्यिक पत्रिका नवनीत के संपादक विश्वनाथ सचदेव और मी मरीठी एवं लाइव इंडिया समाचार वाहनी (चैनल) के संपादक पराग छापेकर शामिल होंगे। संगोष्ठी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला करेंगे।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय देश का प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है। पत्रकारिता एवं आईटी की शिक्षा में विश्वविद्यालय का महत्त्वपूर्ण स्थान है। विश्वविद्यालय इस साल अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है। जयंती वर्ष के संदर्भ में विश्वविद्यालय की ओर से देश के प्रमुख स्थानों पर बौद्धिक और अकादमिक आयोजन किए जा रहे हैं। इसी तारतम्य में मुम्बई के प्रेस क्लब में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी में तीन सत्र होंगे। संगोष्ठी का शुभारंभ सुबह 11:30 बजे होगा। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. सच्चिदानंद जोशी होंगे। मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ. चंद्र प्रकाश द्विवेदी का उद्बोधन होगा। इस सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला करेंगे। वहीं, द्वितीय सत्र दोपहर एक बजे प्रारंभ होगा, जिसमें 'मनोरंजन और मर्यादा' विषय पर विमर्श किया जाएगा। इस सत्र के मुख्य अतिथि जयंत देशमुख और मुख्य वक्ता अशोक मिश्र, पराग छापेकर तथा सुदीप्तो सेन होंगे। अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा करेंगे। तृतीय और समापन सत्र दोपहर बाद 3:30 बजे से होगा। इस सत्र में 'मनोरंजन की संस्कृति और मीडिया दृष्टि' विषय पर प्रमुख उद्बोधन होंगे। इस सत्र के मुख्य अतिथि विश्वनाथ सचदेव होंगे। जबकि मुख्य वक्ता फिल्म पत्रकार हरि मृदुल एवं रूना गुप्ते और टीवी कलाकार यामिनी ठाकुर हैं। संगोष्ठी के संयोजक जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी हैं।
(डॉ. पवित्र श्रीवास्तव)
निदेशक, जनसंपर्क
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