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सर्वश्रेष्ठ शिल्प हाट कैटेगरी में खजुराहो का शिल्पग्राम बना रनर अप
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने शिल्पग्राम को सराहा

29 March 2023
भोपाल.प्रदेश की लोक-कला और शिल्प के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से खजुराहो में निर्मित "शिल्पग्राम" को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा सम्मानित किया गया है। स्वदेश दर्शन योजना में शिल्पग्राम को सर्वश्रेष्ठ शिल्प हाट/स्मारिका शॉप कैटेगरी में रनर अप के रूप में चयनित किया गया। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली स्थित होटल अशोक में चिंतन शिविर में केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने अपर प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड श्री विवेक श्रोत्रिय को प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया।
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने इस उपलब्धि पर हर्ष जताते हुए कहा कि "शिल्पग्राम" संस्कृति, लोक-कला और शिल्प के संरक्षण एवं शिल्पकारों के प्रोत्साहन के लिए प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा शिल्पग्राम को सराहा जाना हमें कला और संस्कृति के प्रचार-प्रसार और संरक्षण के लिए नित नवाचार करने के लिए प्रेरित करेगा।

इंडिया ट्रैवल मार्ट में ग्रीन टूरिज्म के लिए किया जागरूक
19 March 2023
भोपाल.यात्रा एवं पर्यटन प्रदर्शनी इंडिया ट्रेवल मार्ट (आईटीएम) भोपाल का समापन रविवार को हुआ। म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से कोर्टयार्ड बाय मैरियट में तीन दिनों से चल रही प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश सहित उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल, झारखंड राज्य के प्रतिनिधियों ने आगंतुकों को पर्यटन गंतव्यों की जानकारी दी और ग्रीन टूरिज्म के प्रति जागरूकता फैलाई। ट्रैवल मार्ट में शामिल प्रदेशों सहित भोपाल और उनके आसपास के क्षेत्रों के ट्रैवल एजेंट, टूर प्लानर्स, होटल व्यवसायियों ने भागीदारी कर अपने उत्पादों के बारे में बताया। समापन पर म.प्र. स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के जनरल मैनेजर (ऑपरेशन्स) श्री एस.पी. सिंह और टूरिज्म बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर (इवेंट्स एंड मार्केटिंग) श्री युवराज पडोले ने प्रतिनिधियों को सम्मानित कर स्मृति-चिन्ह भेंट किये। अंतिम दिवस भी बड़ी संख्या में आंगतुकों ने अपने परिवार के साथ प्रदर्शनी देखी और देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों के लिए होली-डे और टूर पैकेज की जानकारी लेकर बुकिंग भी की। अध्यक्ष आईसीएम ग्रुप एवं प्रबंध निदेशक श्री अजय गुप्ता ने कहा कि आईटीएम में भागीदारी भोपाल के पर्यटन स्थलों, जीवंत संस्कृति और अद्वितीय उत्पादों को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। हम यात्रा उद्योग और पर्यटकों तक पहुँचने के लिए इस मंच से बड़े पैमाने पर लाभान्वित होने की उम्मीद करते हैं।

ट्रैवल प्रमोशन अवार्ड

  1. मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश पर्यटन संयुक्त रूप से: स्टाल डेकोरेशन के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार
  2. इंडिया टूरिज्म को एक भारत, श्रेष्ठ भारत को प्रदर्शित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार।
  3. हिमाचल प्रदेश पर्यटन: "ऑल सीजन्स डेस्टिनेशन" के लिए बेस्ट स्टाल अवॉर्ड।
  4. झारखंड पर्यटन: 'पर्यटन गंतव्य जागरूकता' के लिए सर्वश्रेष्ठ स्टाल पुरस्कार।
  5. केरल पर्यटन: वन्य-जीव, बैकवाटर और आयुर्वेदिक स्वास्थ्य अवकाश को बढ़ावा देने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्टाल पुरस्कार।

जी-20 प्रतिनिधियों ने खजुराहो के मंदिरों का किया भ्रमण
23 February 2023
भोपाल.खजुराहो में आयोजित जी-20 कल्चर वर्किंग ग्रुप के प्रथम बैठक में शामिल होने आए प्रतिनिधियों ने आज यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल खजुराहो के पश्चिमी समूह के मंदिरों का भ्रमण किया। प्रतिनिधियों ने लक्ष्मण मंदिर, कंदरिया महादेव मंदिर एवं विश्वनाथ मंदिर का भ्रमण किया और इन मंदिरों की बनावट और वास्तुकला को निहारा और समझा। मंदिर परिसर में जी-20 प्रतिनिधियों का शानदार स्वागत हुआ और इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
कान्हा की प्राकृतिक सुषमा से अभिभूत हुए बांग्लादेश के जज
27 February 2020
भोपाल.शैक्षणिक भ्रमण पर बांग्लादेश से भारत आये 40 जजों के दल ने गुरूवार को कान्हा नेशनल पार्क में भ्रमण किया। अतिथि जजों ने कान्हा नेशनल पार्क में प्रकृति के सौंदर्य और कान्हा के विशेष आकर्षण टाइगर्स के भी दीदार किये।
नेशनल पार्क के डायरेक्टर ने बांग्लादेश से आये जजों का स्वागत किया तथा सभी को उपहार स्वरूप कैप भेंट की। उप संचालक अंजना तिर्की ने नेशनल पार्क के वन्य प्राणियों के जीवन और संरक्षण के बारे में अतिथियों को जानकारी दी।
शैक्षणिक भ्रमण पर आये न्यायाधीशों का मण्डला के जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आर.सी. वार्ष्णेय तथा अन्य न्यायाधीशों ने स्वागत किया। जिला न्यायाधीश ने अतिथियों को मण्डला जिले की प्रकृति और वातावरण की जानकारी दी तथा न्यायिक विषयों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री विशाल शर्मा ने भी अतिथि न्यायाधीशों को वन्यप्राणियों के संरक्षण तथा उनसे जुड़ी हुई योजनाओं की जानकारी दी और शैक्षणिक भ्रमण का महत्व समझाया।
बांग्लादेश से आये मेहमान जज आत्मीय स्वागत और अद्भुत प्राकृतिक सुषमा से साक्षात्कार से काफी खुश नजर आये।

"नमस्ते ओरछा महोत्सव - 6 से 8 मार्च, 2020
26 February 2020
भोपाल.'नमस्ते ओरछा'' महोत्सव 6 मार्च को ओरछा (जिला निमाड़ी) में भगवान श्रीराम के अयोध्या से ओरछा आगमन की कथा से शुरू होगा। इस ऐतिहासिक गाथा को थ्री-डी मैपिंग से जहाँगीर महल की दीवारों पर दिखाया जाएगा। इसके साथ ही शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियों के बीच यहाँ विदेशी संगीतज्ञों के साथ बुंदेली गायक सुर-ताल मिलाते दिखाई देंगे। पहले दिन के कार्यक्रम का समापन बुंदेली व्यंजनों के जायके से किया जायेगा। पूरी ओरछा नगरी को रामराजा मंदिर के रंग में रंगने की कवायद शुरू की गई है।
महोत्सव का ब्लू-प्रिंट तैयार
तीन दिवसीय ओरछा महोत्सव का ब्लू-प्रिंट तैयार कर लिया गया है। देश-विदेश से आने वाले डेलीगेट्स को तीन दिन में यहाँ की संस्कृति, संगीत, पर्यावरण, भोजन आदि हर चीज से रू-ब-रू कराने की कोशिश की जा रही है। देश-विदेश से आने वाले हर क्षेत्र के डेलीगेट्स को ओरछा में इन्वेस्ट करने के लिए आमंत्रित किया जा सके, इस बात को ध्यान में रखकर पूरा कार्यक्रम तैयार किया गया है।
महोत्सव की ओपनिंग सेरेमनी में संध्या ग्रुप का डांस, क्लिंटन का म्यूजिक-शो, बुंदेली आर्टिस्ट तिपन्या के साथ संतूर-वादन का कार्यक्रम होगा। दूसरे दिन 7 मार्च की शाम कंचना घाट पर बेतवा नदी की महा-आरती होगी। यहाँ पर प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायिका शुभा मुद्गल का गायन होगा। इसके साथ ही क्लासिकल डांसर अदिति मंगलदास नृत्य की प्रस्तुति देंगी। इसके बाद कल्पवृक्ष के पास आयोजित म्यूजिक-शो में इण्डियन ओशन ग्रुप, मृग्या, स्वनन किरकिरे के गायन के साथ ही फ्रेंच गायक मनु चाव एवं बुंदेली आर्टिस्ट कालू राम की जुगलबंदी का आनंद लोग उठायेंगे।
आसमान से निहारेंगे ओरछा की सुंदरता
कार्यक्रम में आने वाले देशी-विदेशी मेहमानों को यहाँ के प्राकृतिक वातावरण से रू-ब-रू कराने के लिये नेचर वॉक, योग, हेरिटेज साइकिलिंग एवं फोटोग्राफी जैसे कार्यक्रम रखे गये हैं। दूसरे दिन सुबह से सभी डेलीगेट्स को वन परिक्षेत्र एवं बेतवा नदी के बीच ले जाकर ये कार्यक्रम कराये जायेंगे। इसके साथ ही, ओरछा की ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक सुंदरता का आसमानी मंजर दिखाने के लिये हॉट एयर बैलून से पर्यटकों को भ्रमण कराया जायेगा।
ओरछा में ई-रिक्शा
'नमस्ते ओरछा'' महोत्सव में आने वाले डेलीगेट्स को हर जगह ले जाने के लिये प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है। यहाँ का वातावरण किसी प्रकार से प्रदूषित न हो, इसके लिये डीजल-पेट्रोल वाहनों का कम उपयोग किया जायेगा। इसके लिये प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर ई-रिक्शा की व्यवस्था की जा रही है।
माँ बेतवा की महा-आरती
महोत्सव में राज्य सरकार बेतवा के महत्व को सभी लोगों के बीच ले जाने का प्रयास करेगी। महोत्सव में 7 मार्च की शाम को सभी डेलीगेट्स कंचना घाट पर बेतवा की महा-आरती में शामिल होंगे। यहीं पर शुभा मुद्गल का गायन होगा। इसके बाद लगभग 500 वर्ष पुराने कल्पवृक्ष को भी दिखाया जायेगा तथा कल्पवृक्ष के पास म्यूजिक-शो होगा।
खुलेंगे विकास के द्वार
ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक संसाधनों से लबरेज ओरछा को महोत्सव के लिये तैयार किये जा रहे संसाधनों का समुचित लाभ मिले, इसके लिये सरकार फिल्म, वैडिंग, टूरिज्म सहित अन्य ऐसे ही उद्योगों से जुड़े डेलीगेट्स को भी आमंत्रित कर रही है। इसके साथ, तमाम अधिकारियों की 7 मार्च की दोपहर में कॉन्फ्रेंस होगी। इसमें इन्हें ओरछा में आकर इन्वेस्ट करने के लिये प्रेरित किया जायेगा। आठ मार्च की शाम बुंदेली भोजन के हाट के साथ 'नमस्ते ओरछा'' महोत्सव का समापन होगा।

रॉक आर्ट सोसायटी ऑफ इण्डिया का राष्ट्रीय अधिवेशन 27 फरवरी को
26 February 2020
भोपाल.मुख्य सचिव श्री एस.आर.मोहन्ती राज्य संग्रहालय में 27 फरवरी को सुबह 10.30 बजे रॉक आर्ट सोसायटी ऑफ इण्डिया के 24वें राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ करेंगे। पद्मश्री डॉ.वी.एस.वाकणकर को समर्पित इस अधिवेशन का आयोजन पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय तथा पर्यटन विकास निगम के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
अधिवशन में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के भूतपूर्व महानिदेशक डॉ. राकेश तिवारी का डॉ. वाकणकर स्मृति व्याख्यान होगा। प्रदेश और देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक, विरासत संरक्षक, प्रशासक, प्रोफेसर एवं शैलचित्र कला के विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान, वन संरक्षक, पर्यटन प्रबंधक, निदेशक आदि भी अधिवेशन में शामिल हो रहे हैं।

पर्यटन विभाग के होटलों के मेन्यू में शामिल करें कोदो-कुटकी के व्यंजन
25 February 2020
भोपाल.मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कोदो-कुटकी के उत्पादन को दोगुना करने और इसके उपार्जन के साथ ही उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग के होटलों में कोदो-कुटकी से बने व्यंजनों को मेन्यू में शामिल करने तथा उनके बिक्री केन्द्र भी अनिवार्य रूप से स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। श्री कमल नाथ मंत्रालय में मिलेट मिशन की समीक्षा कर रहे थे।
कोदो-कुटकी उपार्जन की नीति बनाई जाए
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा एवं मक्का ऐसी फसलें हैं, जो ज्यादातर आदिवासी इलाकों में होती हैं और जिसका जरूरत के मुताबिक आदिवासी उत्पादन करते हैं। उन्होंने कहा कि कोदो-कुटकी के उपार्जन की भी नीति बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने मिलेट मिशन के अंतर्गत आने वाली कोदो-कुटकी फसल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के साथ ही किसानों को इसके लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी प्रीमियम फसल है, जो स्वास्थ्यवर्धक है। इस कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी माँग है।
कोदो-कुटकी की जैविक खेती को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के सहयोग से कोदो-कुटकी के बुवाई क्षेत्र में डेढ़ गुना विस्तार करने के साथ ही आदिवासी किसान 50 प्रतिशत तक इन फसलों की बुवाई करें। इसके लिये कृषि और ग्रामीण विकास विभाग निजी क्षेत्रों के सहयोग से सुनियोजित रणनीति तैयार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन फसलों की जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे हम किसानों की आय में 20 से 25 प्रतिशत का इजाफा कर सकेंगे।
बैठक में प्रमुख सचिव किसान कल्याण एवं कृषि विकास श्री अजीत केसरी ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशानुसार मिलेट मिशन में कोदो-कुटकी, ज्वार, बाजरा की फसलों के जैविक एवं सामान्य उत्पादन को दोगना करने के लिए समयबद्ध कार्य-योजना बनाई गई है। ग्रामीण विकास विभाग के आजीविका मिशन, निजी क्षेत्र के एनजीओ, समितियों और फार्मर प्रोड्यूस कंपनियों के सहयोग से कार्य-योजना को क्रियान्वित किया जाएगा। श्री केसरी ने बताया कि मिलेट मिशन के अंतर्गत आने वाली फसलों के प्रमाणित बीजों के अनुसंधान पर भी काम किया जा रहा है।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव, संचालक कृषि श्री संदीप सिंह एवं कृषि और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

पर्यटकों की सुविधा के लिए टूरिस्ट गाइड्स को विदेशी भाषाओं की ट्रेनिंग
25 February 2020
भोपाल.राज्य शासन द्वारा सुप्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल ओरछा (जिला निवाड़ी) में ''नमस्ते ओरछा'' महोत्सव 6 से 8 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव के दौरान ओरछा आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा टूरिस्ट गाइड्स को विदेशी भाषाओं की ट्रेनिंग दी जा रही है। महोत्सव में ओरछा के प्राकृतिक सौन्दर्य, पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक महत्व, स्थानीय खान-पान और लोक कलाओं को भी प्रोत्साहित किया जायेगा।
स्थानीय महिलाओं को ई-रिक्शा संचालन प्रशिक्षण
ओरछा में स्थानीय महिलाओं को ई-रिक्शा संचालन का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षित महिलाएं पर्यटकों को ई-रिक्शा में ओरछा की सैर करायेंगी। प्रशिक्षण के प्रथम चरण में इस कार्य में रूचि रखने वाली ओरछा और उसके आस-पास के ग्रामों की 20 महिलाओं को ई-रिक्शा चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को ड्राइविंग, ई-रिक्शा की सामान्य रिपेयरिंग, मेहमानों से बात करने का तरीका, भाषा ज्ञान एवं कम्प्यूटर की सामन्य जानकारी भी दी जा रही है। प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस भी दिये जायेंगे।
होटल रेस्टोरेन्ट संचालकों/दुकानदारों को ट्रेनिंग
ओरछा महोत्सव में होटल संचालक, रेस्टोरेंट संचालक और दुकानदारों को विदेशी पर्यटकों का स्वागत-सत्कार करने और उनके साथ व्यवहार के बारे में ट्रेनिंग दी जा रही है। उनको बताया गया है कि पर्यटकों से मधुर व्यवहार के साथ ''अतिथि देवो भव'' परंपरा निभाते हुए उनका आदर-सत्कार किया जाए। महोत्सव के दौरान ओरछा में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिये कहा गया है।

तामिया का सफर यादगार और मनोरम बनायेगा "सेरेन्डिपिटी लेक एण्ड रिसोर्ट"
20 February 2020
भोपाल.वर्ष भर समशीतोष्ण जलवायु वाला तामिया मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले के सबसे अधिक दर्शनीय क्षेत्रों में से एक है, जहाँ समय के साथ उसकी नैसर्गिकता अब तक बरकरार है। सतपुड़ा की वादियों में बसे यहाँ के गांव भी उतने ही पुराने हैं, जितनी इसके आसपास की प्रकृति। पर्यटकों के लिये यहाँ करने के लिए बहुत कुछ है। यह जैव विविधता का महत्वपूर्ण स्थल भी है। यहाँ की नैसर्गिक पातालकोट क्षेत्र की भारिया जनजाति और उसका रहन-सहन लोगों के आकर्षण और शोध का विषय रहा है। इस क्षेत्र में "सेरेन्डिपिटी लेक एण्ड रिसोर्ट" खुल जाने से पर्यटकों के लिये अब तामिया का सफर यादगार और मनोरम हो जायेगा। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की विशेष पहल पर 21 फरवरी 2020 से प्रारंभ हो रहे इस रिसोर्ट से एक ओर जहाँ पर्यटकों की संख्या में वृध्दि होगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय भारिया जनजाति समुदाय को रोजगार के नये अवसर मिल सकेंगे और वे समाज की मुख्य धारा से जुड सकेंगे।
"सेरेन्डिपिटी लेक एण्ड रिसॉर्ट्स" तामिया एक शानदार 30 कमरों वाला ईको-एडवेंचर रिसॉर्ट है, जो महानगरीय वातावरण से दूर एक निर्मल और शांत वातावरण देता है और घर से दूर घर की भावना को जागृत करता है। सतपुड़ा पर्वत की गोद में बसा हुआ यह रिसॉर्ट पर्यटकों को प्राकृतिक और सांस्कृतिक आश्चर्य में डूबी एक रहस्यमयी यात्रा पर ले जायेगा। तामिया पहुंचकर पर्यटक प्रकृति की नैसर्गिक खूबसूरती से जुडेंगे और अपने आप को तरो-ताजा व जीवंत महसूस करेंगे।
पर्यटकों के लिये यहाँ करने के लिए बहुत कुछ है। पर्यटक चाहें तो यहाँ रात्रि में आकाश में झिलमिलाते लाखों तारों पर टकटकी लगा सकते हैं, इसके खूबसूरत इलाकों की सैर कर सकते हैं, "द हीलिंग विलेज" में अपना कायाकल्प कर सकते हैं। सेरेन्डिपिटी में "शिनरिन योकू" का अनुभव कर सकता हैं जो एक तरह का जंगल स्नान है जिसमें मन, आत्मा और शरीर को एक साथ ठीक करने का कार्य किया जाता है। सेरेन्डीपिटी के "सोल करी-डाइनिंग रेस्तरां" में अपनी गैस्ट्रोनॉमी को संतुष्ट कर सकता हैं या "पपी द टशन-द ढाबा" में ग्रामीण पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद ले सकता है या बेलिनी-द बार में मनपसंद पेय पदार्थों का आनंद ले सकते हैं या "विस्सो-द लाउंज" में मनचाहे संगीत का लुत्फ उठा सकते हैं। व्यक्तिगत एडवेंचर्स का आनंद उठाने के लिये "तामिया एडवेंचर्स एंड बियॉन्ड" की मदद से एडवेंचर्स या ट्रेकिंग के रोमांच का आनंद ले सकते हैं या पातालकोट ट्राइबल दुकान में कलात्मक वस्तुओं या औषधियों की खरीदारी कर सकता है। सेरेन्डीपिटी ने मेहमानों की दुनिया के लिये कई अलग-अलग मनोरंजन और गतिविधियों के अनुभव की व्यवस्था की है। साथ ही वातानुकूलित आवासीय कमरों, अनुकूलित बाथरूम, व्हीलचेयर, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग पर्यटकों की आसान पहुँच के लिये सुविधाजनक व्यवस्था भी की है। यहाँ पर्यटक अपने साथ पालतू जानवर भी ला सकते हैं।
पर्यटक यहाँ पर आदिवासी दोस्तों के साथ लुभावनी पगडंडियों पर नेचर वॉक कर, गूढ़, रहस्यमयी कहानियां सुनकर और भावपूर्ण वार्तालाप कर अपने आपको दूसरी दुनिया में होने का अहसास कर सकेंगे और अपने इस अनुभव को एक खूबसूरत और अप्रतिम संस्मरण के रूप में हमेशा याद रख सकेंगे। पर्यटक अपनी इच्छा और रूचि के अनुसार सिरेन्डिपिटी के माध्यम से विशेष यात्रा कार्यक्रम बनाकर पातालकोट और उसके आस-पास के कई स्थानों का भ्रमण कर सकेंगे। साथ ही रंगों को प्रचुरता से देखने, मनचाही सैर करने, विभिन्न देशी वनस्पतियों और इसके औषधीय गुणों को जानने, वन्य जीवों, झरनों, पहाड़ियों, मंदिरों, किलों, संग्रहालयों आदि का भ्रमण कर सकेंगे। यहाँ छु‍टिटयां बिताने का सबसे खूबसूरत, प्रिय और अच्‍छा अवसर यह है कि यहाँ आने वाला पर्यटक यहाँ का खूबसूरत अहसास और भावनायें अपने साथ लेकर घर जा सकेगा। "सिरेन्डिपिटी रिसॉर्ट्स" का दिलखुश आतिथ्य, रहस्यमय कहानियों की अनसुलझी जिज्ञासा, आतिथ्य में लगे जनजातीय लोगों के चेहरे की प्राकृतिक मुस्कुराहट के साथ ही अन्य और भी बहुत कुछ पर्यटकों को हमेशा याद रहेगा।
यह रिसॉर्ट कुछ एकड़ क्षेत्र में झील के शानदार दृश्यों, हरे-भरे वातावरण, खड़ी पहाड़ियों और घाटी के साथ लगभग 3 हजार 500 एकड़ जंगल तक विशेष पहुंच के साथ फैला हुआ है। यह तामिया में सर्विस और स्टाईल के एक नये वर्जन को परिभाषित कर रहा है। अछूता और अनिर्दिष्ट तामिया दुनिया से अलग होने और पूर्ण शांति का अनुभव करने के लिए आदर्श स्थान है। किसी भी मौके पर शहरी वातावरण से दूर प्रकृति के साथ जश्न मनाने के लिए सेरेन्डिपिटी एक परफेक्ट गेट-वे है। यह रिसॉर्ट नागपुर-छिंदवाड़ा-पिपरिया रोड पर स्थित है। यह नागपुर से केवल तीन घंटे की ड्राइव पर है और यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है।
आवासीय व्यवस्था
पर्यटकों को ग्रामीण व आदिवासी परिवेश का एहसास कराने के लिये 185 वर्ग फुट औसत आकार के 6 फेमिली विलेज हट्स (झोपडियां) गांव की थीम को ध्यान में रखते हुए आदिवासी डिजाइन में बनाये गये हैं, जो कला का एक उत्कृष्ट नमूना है और प्रत्येक झोपड़ी एक परिवार या 4 लोगों के रहने के लिये आरामदायक है। इस रिसॉर्ट के अंदर पातालकोट विलेज हट्स में पर्यटक को शांति व सुकून का अनुभव देने की क्षमता हैं। ये झोपड़ियां जनजातीय सामुदायिक जीवन शैली पर आधारित हैं, जहाँ प्रकृति पर्यटक की आत्मा को परिपूर्ण और मन को तरो-ताजा कर सकेगी। पर्यटक इन विलेज हट से लगे हुये वीसो लाउंज तक पहुँच सकते हैं और सामने के खुले स्थान पर आउटिंग कर सकते हैं। इस इको रिजॉर्ट को आधुनिक सुख-सुविधाओं के साथ बनाया गया है। बडे रॉयल कॉटेज पर्यटकों को परिष्कृत आवास प्रदान करने के लिये उपयुक्त हैं। प्राकृतिक और आरामदायक साज-सज्जा के साथ ये कमरे पर्यटक व उसके आराम व परिवार के ठहरने के लिए एकदम सही हैं। डिस्क और इंटरनेट कनेक्टिविटी से सुसज्जित ये कॉटेज ऊंची छत और बड़ी तस्वीर वाली खिड़कियों के साथ एक आधुनिक आवासीय वातावरण बनाती हैं। हरे-भरे प्राकृतिक परिवेश इन कॉटेज के तीनों तरफ स्थित हैं। एक बड़े परिवार या दोस्तों के समूह के पर्यटन को ध्यान में रखते हुए 185 वर्ग फीट औसत आकार और 55 वर्ग फीट औसत आकार की शीर्ष मंजिल के 2 डुप्लेक्स हट्स बनाये गये हैं, जिनमें 6 लोगों को आसानी से समायोजित किया जा सकता हैं। इसमें 4 लोग ग्राउण्ड फ्लोर पर और 2 लोग शीर्ष मंजिल पर रह सकते हैं। इसी प्रकार 255 वर्ग फीट औसत आकार के 6 डीलक्स डबल रूम और 3 डीलक्स ट्विन रूम भी बनाये गये हैं। कमरों में वाई-फाई सहित कई प्रकार की कॉम्प्लीमेंटरी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिये 255 वर्ग फीट औसत आकार के 13 रॉयल कॉटेज भी बनाये गये हैं।छत से झरने के आश्चर्यजनक दृश्य का लुत्फ उठाया जा सकता हैं। अतिरिक्त कीमत पर व्यक्तिगत बटलर की सेवायें ली जा सकती हैं। चयनित कमरों में एयर कंडीशनिंग, निजी बरामदा या सनडेक, डायरेक्ट डायल टेलीफोन, सैटेलाइट टी.व्ही., फ्लैट स्क्रीन टीवी, इन-रूम चाय व कॉफी मेकर, शावर, निजी मिनी बार, विशेष बाथरूम सुविधाएं, बाथरूम, हेयर ड्रायर, इस्त्री बोर्ड, 24 घंटे ड्यूटी पर उपलब्ध कर्मचारियों के माध्यम से कमरे और कॉटेज में ही चेक इन की सुविधा, द्वारपाल सेवा, अतिरिक्त लागत पर निजी बटलर सेवा, ट्रेवल एण्ड टूर सहायता, आपातकालीन चिकित्सा सहायता, एडवेंचर प्लानर, दुकान-पातालकोट जनजातीय सामुदायिक केंद्र, कंप्यूटर और प्रिंटर एक्सेस, जिम, सार्वजनिक क्षेत्र में कॉम्प्लीमेंटरी वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं।
सम्मेलन और भोज
सिरेंडिपिटी में पर्यटकों के लिए अलग-अलग भोजन विकल्प उपलब्ध हैं, जिनका आनंद यहाँ के विशिष्ट स्थानों पर अपने स्वाद के अनुसार उठाया जा सकता है। सिरेंडिपिटी में बैंकेट, कॉम्पैक्ट मीटिंग, 100 अतिथियों के सेमिनार और 80 प्रतिनिधियों के सम्मेलनों से लेकर किसी भी कार्यक्रम के लिए आदर्श बैठक व्यवस्था की गई है। एक सफल व्यवसाय समारोह, सम्मेलन या सामाजिक कार्यक्रम के आयोजन में सहायता के लिए यह रिसॉर्ट आधुनिक सुविधायें प्रदान करता है और एलसीडी प्रोजेक्टर्स, वाई-फाई और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के समुचित ढंग से संचालन के लिये संचार तकनीक के तकनीशियनों की एक टीम बनाई गई है। रिसॉर्ट के पास होस्ट के साथ ही एक समर्पित ईवेंट टीम और वेडिंग को-ऑर्डिनेटर है, जो यह सुनिश्चित करता हैं कि कोई भी आयोजन बाधारहित रहे जो इवेंट और एक्टिविटी गतिविधियों और बिलिंग सेवाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक है। रिसॉर्ट का उद्देश्य मेहमानों के एक यादगार कार्यक्रम या रात्रिभोज के साथ व्यवसाय या सामाजिक आयोजन के लिये उपयुक्त माहौल, मेनू, सजावट और मनोरंजन की व्यवस्था करना है।
हैल्थ एण्ड फिटनेस-कैराली आयुर्वेदिक फिटनेस सेंटर
पर्यटकों के स्वास्थ्य और फिटनेस की दृष्टि से कैराली आयुर्वेदिक फिटनेस सेंटर उपलब्ध है, जिसमें बहु-संवेदी अनुभव के साथ पारंपरिक स्वास्थ्य उपचारों सहित मालिश, शरीर स्पा और समग्र चिकित्सा का चयन कर पर्यटक लाभ उठा सकते हैं। साथ ही जापानी चिकित्सा पध्दति "शिनरिन-योकू" का लाभ भी पर्यटक ले सकते हैं। इस चिकित्सा पध्दति के अंतर्गत पर्यटक को वन वातावरण में ले जाने या जंगल स्नान कराकर उसे पुन: युवा और सबल बनाने वाले स्वास्थ्य लाभ कराये जाते है। इस चिकित्सा पध्दति के अंतर्गत पर्यटक को हर कुछ मीटर पर आसन और सुखद ट्रैक पर 2 से ढाई मीटर की पैदल दूरी पर एक शांत और धीमी गति से चलाया जाता है। यदि मौसम अनुकूल होता है, तो पर्यटक को प्राकृतिक जलमार्ग से भी ले जाया जाता है। यह इलाका सुरक्षित और रिसॉर्ट के करीब है। वन में चलने पर पर्यटक को प्राकृतिक मौन से मिलवाकर धरती का स्पर्श और अहसास कराया जाता है, पत्तियों की ध्वनि और उसकी बनावट से अवगत कराया जाता है, हवा की आवाज, हथेली पर ओस का स्पर्श आदि भी महसूस कराया जाता है। उल्लेखनीय है कि जापानी चिकित्सा पध्दति शिनरिन-योकू 1980 के दशक के दौरान जापान में विकसित की गई जिसमें जापान और दक्षिण कोरिया के शोधकर्ताओं ने एक जीवित जंगल की छतरी के नीचे समय बिताने के स्वास्थ्य लाभों पर वैज्ञानिक साहित्य के एक मजबूत निकाय की स्थापना की है और उनका यह शोध पूरी दुनिया में शिनरिन-योकू और वन थेरेपी स्थापित करने में मदद कर रहा है। इस चिकित्सा पध्दति से शरीर की नेचुरल किलर कोशिकाओं की संख्या में वृध्दि के साथ बूस्टेड इम्यून सिस्टम फंक्शनिंग, घटा हुआ ब्लड प्रेशर, कम तनाव, बेहतर मूड, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में वृध्दि, एडीएचडी वाले बच्चों में सर्जरी या बीमारी से त्वरित स्वास्थ्य लाभ, ऊर्जा स्तर में वृध्दि, बेहतर नींद, गहरा और स्पष्ट अंतर्ज्ञान, ऊर्जा प्रवाह में वृध्दि, भूमि और इसकी प्रजातियों के साथ संवाद करने की क्षमता में वृध्दि, एरोस/जीवन शक्ति के प्रवाह में वृध्दि, मित्रता का गहरा होना, खुशी की भावना में वृध्दि, प्रकृति के प्रति संवेदनाओं को खोलने का अंतर्ज्ञान, अपने आसपास की दुनिया में नये तरीकों से संपर्क करना सीखना आदि लाभ मिलते हैं।
स्थिरता और सामुदायिक निवेश
यह रिसॉर्ट प्रत्येक पर्यटक अतिथि की यात्रा को यादगार और टिकाऊ बनाने की प्रतिबध्दता के साथ ही संस्कृति, पर्यावरण और पर्यटकों की आर्थिक स्थिति के प्रति भी गंभीर है। सिरेन्डिपिटी तामिया की उल्लेखनीय जैव विविधता के संरक्षण और अपने पर्यावरणीय संरक्षण के लिए समर्पित है। यह रिसॉर्ट स्थानीय कलाकारों के साथ पार्टनरशिप, स्थानीय युवाओं को शैक्षिक और व्यावसायिक अवसर उपलब्ध करवाकर सामुदायिक भागीदारी भी सुनिश्चित करता है। अधिकांश कर्मचारी स्थानीय भारिया आदिवासी समुदाय के पातालकोट क्षेत्र के 12 गाँवों के हैं, जिन्हें रिसॉर्ट ने गोद लिया है और सभी एक्स-ताज आतिथ्य प्रशिक्षण टीम द्वारा प्रशिक्षित हैं, जिससे पर्यटकों को एक दिलचस्प आतिथ्य का अनुभव मिल सकेगा।

नये स्वरूप में दिखेंगे प्राचीन स्मारक-मंदिर
19 February 2020
भोपाल.पुरातत्व धरोहर को समेटे ओरछा नगर करीब 50 प्राचीन स्मारकों और मंदिरों के कारण जाना जाता है। राज्य सरकार ने जब ओरछा में महोत्सव की योजना तैयार की, तो सबसे पहले यहाँ स्थित प्राचीन स्मारकों को सुंदर बनाने के कार्य पर भी विचार कर निर्णय लिया गया। ओरछा के प्राचीन स्मारक फिर से सज्जित और अलंकृत होकर नये स्वरूप में पर्यटकों के सामने आएंगे। महोत्सव के दौरान ओरछा की ऐतिहासिक गाथा थ्री-डी मेपिंग से जहाँगीर महल की दीवारों पर देखी जा सकेगी।
आम तौर पर स्मारकों पर घास, काई आदि जम जाने के कारण उनकी सुंदरता और भव्यता पर आंच आती है। इसके साथ ही मूल निर्माण के समय दीवारों पर किए गए रंग के अनुकूल उन्हें सज्जित करने की चुनौती भी सामने आती है। प्रशासन ने पुरातत्व विशेषज्ञों के परामर्श के पश्चात स्मारकों के सुधार कार्य के लिये डेढ़ करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत करवाई। इससे 15 प्रमुख पुरातात्विक महत्व के स्मारकों को वास्तविक स्वरूप के अनुसार स्वच्छ और सुदंर बनाने का कार्य शुरू हुआ।
ओरछा के ऐतिहासिक स्मारक राम राजा मंदिर, राजा महल, जहाँगीर महल, लक्ष्मी मंदिर, राय प्रवीण महल और बुंदेली शासकों की छतरियों की साफ-सफाई का कार्य भी हाथ में लिया गया। यह कार्य लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। चतुर्भुज मंदिर की रंगाई-पुताई और सफाई वैज्ञानिक पद्धति से करने का कार्य अंतिम चरण में है।
ओरछा में पुरा-स्मारकों को दृष्टव्य बनाने और पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से निखारने के लिये निर्धारित मानकों के अनुसार कार्य किया जा रहा है। ओरछा नगर की पहचान बन चुके ये प्राचीन स्मारक पर्यटन की असीम संभावनाओं को साकार करेंगे। मार्च महीने में होने वाले 3 दिन के महोत्सव में इस दिशा में की गई पहल दिखाई देगी।

मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति-2020 के मुख्य बिन्दु
19 February 2020
भोपाल.मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति-2020 का अनुमोदन किया गया। नीति के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं-
मध्यप्रदेश को फिल्म निर्माताओं के लिए प्रमुख आकर्षण बनाना एवं निजी निवेश को प्रोत्साहित करना।
राज्य में फिल्म शूटिंग के माध्यम से कौशल विकास और रोजगार सृजन।
फीचर फिल्म, टी.वी. सीरियल/ शो/वेब ‍सीरीज/शो/डाक्यूमेंट्री की शूटिंग के लिये वित्तीय अनुदान के माध्यम से मध्यप्रदेश में शूटिंग को प्रोत्साहन।
मध्यप्रदेश के स्थानों के प्रचार-प्रसार के लिये अधिक स्क्रीन टाईम के लिये विशेष अनुदान।
अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं और दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिये विशेष वित्तीय प्रोत्साहन।
स्थायी प्रकृति के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर वित्तीय प्रोत्साहन/अनुदान/ भूमि आवंटन।
फिल्म निर्माताओं के लिये समय सीमा में अनुमति की सुविधा और सहायता देना।
रियायती दरों पर एमपीएसटीडीसी की ईकाइयों में सेवाएँ उपलब्ध कराना।
फिल्म नीति क्रियान्वयन के लिये विशेष समर्पित फिल्म फेसिलिटेशन सेल का निर्माण।
सिंगल विन्डो सिस्टम के माध्यम से फिल्मांकन अनुमति के लिये संबंधित विभागों से आवश्यक समन्वय स्थापित करना।
फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, कौशल विकास केन्द्र आदि के लिये राज्य में फिल्म उद्योग को प्रोत्साहन।
फिल्म से संबंधित विभिन्न आयोजनों में सहभागिता की जाकर प्रदेश का प्रचार-प्रसार करना।
बुनियादी ढांचे यथा- आवास एवं परिवहन आदि का विकास।
राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले आधारभूत ढांचे और सेवाओं जैसे हवाई जहाज, हेलीकॉप्टरों, सम्पत्तियों आदि को फिल्म निर्माताओं को प्रक्रियानुसार उपलब्ध कराना।
सिंगल स्क्रीन सिनेमा, बंद सिनेमा घरों के पुनरूद्वार को बढ़ावा देना और मौजूदा सिनेमा हॉल को अपग्रेड करना तथा मल्टीप्लेक्स की स्थापना को प्रोत्साहित करना/वित्तीय अनुदान।
फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, पोस्ट-प्रोडक्शन सेन्टर, वीएफएक्स सेन्टर, स्किल डेव्लपमेंट सेन्टर , फिल्म इंस्टीटयूट एण्ड ट्रेनिंग इंस्टीटयूट, इनक्यूबेशन सेन्टर और अन्य फिल्म संबंधी स्टार्टअप प्रोजेक्ट जैसे विभिन्न फिल्म निर्माण परियोजनाओं के लिए पर्यटन नीति अन्तर्गत भूमि आवंटन ।
फिल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीटयूट ऑफ इण्डिया (एफटीआईआई) पुणे, सत्यजीत रे फिल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीटयूट ऑफ कोलकाता, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली और अन्य समकक्ष प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना।
फिल्म से संबंधित पाठयक्रमों/विषयों पर विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन।
आवेदक को फिल्म नीति-2020 में अनुदान प्राप्त करने के लिए फिल्म में राज्य सरकार और पर्यटन विभाग को श्रेय देना होगा। साथ ही पर्यटन विभाग/राज्य शासन के 'लोगो' का उपयोग एवं फिल्म शूटिंग के स्थान का नाम आवश्यक रूप से उल्लेखित करना होगा, जिससे मध्यप्रदेश का प्रचार-प्रसार होगा।
मध्यप्रदेश की विशेष ब्रांडिंग करने वाली फिल्मों के लिए विशेष वित्तीय प्रावधान।

पर्यटन स्थलों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार की कार्य-योजना बनाने के निर्देश
12 February 2020
भोपाल.मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मंत्रालय में मध्यप्रदेश पर्यटन संचालक मंडल की बैठक में प्रदेश के पर्यटन स्थलों का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के लिए सुनियोजित कार्य-योजना बनाने और पर्यटन को प्रोत्साहित करने वाली एजेंसियों को भी इसमें शामिल करने को कहा है। संचालक मंडल द्वारा बैठक में पर्यटन स्थलों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए कार्य-योजना स्वीकृत की गई। इससे लगभग 50 हजार बालिकाओं और महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटन के मामले में समृद्ध प्रदेश है। हमारे यहां विविध सांस्कृतिक परिदृश्य, वन, नेशनल पार्क के साथ बड़ी संख्या में हेरिटेज संपत्ति भी उपलब्ध है। वर्तमान में जिन राज्यों में पर्यटन समृद्ध है, उसका कारण उनकी बेहतर मार्केटिंग है। आवश्यकता इस बात की है कि प्रदेश की पर्यटन संपदा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रभावी संसाधनों का इस्तेमाल करें। उन्होंने इसके लिए पर्यटन से जुड़ी विभिन्न राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय टूर-ऑपरेटर, ट्रेवल एजेंट एवं होटल व्यवसाय से जुड़ी एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर उनका उपयोग करने को कहा।
देश के विभिन्न शहरों में टूर्स एवं ट्रेवल्स मीट
मुख्यमंत्री ने हेरिटेज संपत्ति के विकास और प्रमोशन के लिए देश के विभिन्न शहरों में टूर्स एवं ट्रेवल्स मीट करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने पचमढ़ी में एयर स्ट्रिप का विकास करने और नेशनल पार्क के बफर एरिया में कैम्‍प साइट स्थापित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने टूरिज्म बोर्ड में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भी शामिल करने के निर्देश दिये।
पर्यटन मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने पर्यटन विकास निगम और बोर्ड में कार्यरत कर्मियों की समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। साथ ही, जिला पर्यटन संवर्धन परिषद में राज्य एवं जिला-स्तर पर समन्वय की दृष्टि से शासन-स्तर पर दो समन्वयकों की नियुक्ति का सुझाव भी दिया।
पर्यटन स्थलों के बनेंगे क्लस्टर्स
बैठक में पर्यटन स्थलों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने की स्वीकृत कार्य योजना में पर्यटन स्थलों को 20 क्लस्‍टर में विभाजित करने का निर्णय लिया गया। प्रत्येक क्लस्टर में 50 पर्यटन स्थलों को शामिल किया जाएगा। इनमें महिला पर्यटकों के अनुकूल वातावरण निर्माण, संबंधित जानकारी की सहज उपलब्धता एवं महिलाओं की सुरक्षा एवं सुविधा को ध्यान में रखते हुए अधोसंरचना में सुधार किया जाएगा। इसमें पर्यटन स्थल की स्थानीय महिलाओं एवं बालिकाओं को महिला पर्यटकों की सुरक्षा एवं सहयोग के लिए तैयार किया जाएगा। उन्हें आत्मरक्षा प्रशिक्षण एवं पर्यटन से जुड़ी सुविधाओं के समीप कार्य करने के लिए कौशल उन्नयन रोजगार एवं स्व-रोजगार की दृष्टि से प्रशिक्षित किया जाएगा। इस योजना के जरिए 50 हजार महिलाओं एवं बालिकाओं को पर्यटन की गतिविधियों से जोड़ने का लक्ष्य है।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड श्री फैज अहमद किदवई ने बोर्ड द्वारा किए जा रहे कार्यों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी। बैठक में मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव वन श्री ए.पी. श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री पंकज राग तथा पर्यटन विभाग एवं बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पर्यटन स्थलों को मिली अंतर्राष्ट्रीय पहचान
8 January 2020
भोपाल.मध्यप्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में पिछले एक साल में राष्ट्रीय स्तर पर 16 पुरस्कार हासिल कर देशभर में अपनी पहचान कायम की है। राज्य सरकार ने इस दौरान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नवाचारों को प्राथमिकता दी। वन प्रक्षेत्रों में पर्यटन सुविधाओं को सरल और सहज तरीके से उपलब्ध कराने की पहल की गई। पर्यटन स्थलों के संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता दी गई। अधोसरंचना विकास के कार्यों को तेजी से पूर्ण कराने पर ध्यान केन्द्रित किया गया। प्रदेश के नगरों, महानगरों के साथ देश और विदेशों में रोड-शो कर निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिये प्रोत्साहित किया गया। इससे पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर निर्मित हुए और राजस्व में भी बढ़ोत्तरी का सिलसिला शुरू हुआ। पिछले एक साल में निवेशकों के लिये व्यापक, सरल एवं पारदर्शी पर्यटन नीतियाँ बनाई गईं। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर महानगर से प्रदेश के पर्यटन स्थलों के लिये हेलीकाप्टर सुविधा शीघ्र शुरू करने का निर्णय लिया गया।
राज्य सरकार की नवाचारी पर्यटन नीति-2019 में हॉट एयर बैलून, वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट, मेगा एवं अल्ट्रा परियोजनाओं के लिये आकर्षण अनुदान और रियायतें दी गईं। अनूसचित जाति एवं जनजातीय उद्यमियों को और दूरस्थ तथा दुर्गम क्षेत्रों में स्थापित की जानेवाली पर्यटन परियोजनाओं के लिये 5 प्रतिशत अतिरिक्त लागत पूँजी अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया। प्रदेश में तीन नये फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। प्रदेश में आनेवाले पर्यटकों को ग्रामीण अनुभव प्रदान करने के लिए पर्यटन स्थलों के समीप चयनित ग्रामों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने का फैसला हुआ।
सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर भव्य उत्सव
देश के सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल माण्डू में 28 दिसम्बर से एक जनवरी तक भव्य उत्सव मनाया गया। हनुवंतिया में जल महोत्सव और मिन्टो हाल भोपाल में रॉयल कुजीन फूड फेस्टिवल मनाया गया। फूड फेस्टिवल में विभिन्न अंचलों की रॉयल फैमिली के व्यंजनों को उनके कुक्स द्वारा बनाया गया। पर्यटन बोर्ड और संस्कृति विभाग के सहयोग से 11-12 जनवरी 2020 को भोपाल में 'द ग्रेट इन्टरनेशनल इयरली म्यूजिकल फेस्टिवल-हृदय दृश्यम' और 6 मार्च से 8 मार्च तक ओरछा में 'नमस्ते ओरछा' समारोह मनाने का निर्णय लिया गया।
युवाओं को पर्यटन से जोड़ने का प्रयास
युवाओं को पर्यटन के क्षेत्र से जोड़ने के लिये प्रतिष्ठित समूहों के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षण दिलाने का निर्णय लिया गया। ब्राण्डेड होटल प्रोत्साहन नीति, फॉर्म स्टे, ग्राम स्टे योजना (पंजीयन एवं विनियमन) योजना-2019 बनाई गई। फिल्म पर्यटन नीति भी शीघ्र बनाई जा रही है। वर्तमान में प्रदेश के पर्यटन स्थलों में लगभग 6-7 फिल्म वेब सीरीज की शूटिंग पूरी हो चुकी है और कई की शूटिंग चल रही है। इस वर्ष पर्यटन विभाग द्वारा एम.पी. इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटेलिटी में ट्रेवल्स एण्ड टूरिज्म स्टडीज विषय का बीबीए कोर्स प्रारंभ किया गया। जल-पर्यटन के लिये अधिसूचित जल-क्षेत्रों में जल क्रीड़ा गतिविधियों के संचालन के लिये 15 अभिस्वीकृति-पत्र एवं लायसेंस जारी किये गये। इस वर्ष पर्यटन क्विज में प्रदेश के सर्वाधिक 8000 स्कूलों के 24 हजार छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रदेश के 11 प्रमुख जिलों/ पर्यटन स्थलों में समृद्ध विरासत, प्राकृतिक सुन्दरता, इतिहास, परम्पराओं, ऐतिहासिक धरोहरों से परिचय/ प्रचार-प्रसार के लिये वॉक फेस्टिवल-2019 किये गये।
एक वर्ष में 136 करोड़ का पूंजी निवेश
प्रदेश के 12 प्रमुख शहरों में पिछले एक वर्ष में ट्रेवल एजेन्ट और टूर ऑपरेटर प्रशिक्षण कार्यक्रम 'एम.पी.एक्सपर्ट' और राष्ट्रीय स्तर पर तथा विभिन्न राज्यों में रोड शो किये गये। इसके अलावा, 14 पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना पर 17 करोड़ 69 लाख रुपये पूँजीगत अनुदान दिया गया। फलस्वरूप एक वर्ष में 136 करोड़ का पूँजी निवेश हुआ, जिससे होटलों में 543 कमरों का निर्माण हुआ। इस काम में लगभग 2050 लोगों को रोजगार मिला। क्षेत्रीय यूनिट ओरछा, खजुराहो एवं भोपाल को डेस्टिनेशन वेडिंग फेसिलिटी के रूप में विकसित किया गया। खजुराहो के पास कुटनी डेम में 10 नवीन कमरों, मणिखेड़ा डेम पर 8 कमरों और किला कोठी चंदेरी में 6 कमरों के होटल बनाये गये। बुद्धिस्ट साइट देउरकोठार भरहुत एवं साँची के समीप विकास कार्य किये गये।
पर्यटन विकास के निर्णय
प्रदेश में पर्यटन को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिये निर्णय लिया गया कि 100 करोड़ से अधिक निवेश की पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिये कलेक्टर गाईड लाईन रेट पर शासकीय भूमि 90 वर्ष की लीज पर, 'प्रथम आओ प्रथम पाओ' आधार पर आवंटित की जाएगी। हाट एयर बेलूनिंग पर 50 लाख से अधिक पूंजीगत व्यय पर 50 प्रतिशत की दर से लागत पूंजीगत अनुदान किश्तों में 5 वर्षों तक दिया जाएगा। वाईल्ड लाईफ एरिया क्लासीफिकेशन अनुसार वाईल्ड लाईफ रिसोर्ट को 20 प्रतिशत की दर से 3 करोड़ तक का अनुदान दिया जाएगा। वृहद, मेगा और अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं को 30 प्रतिशत की दर से 04 वर्षो तक लागत पूंजी अनुदान किश्तों में दिया जाएगा। यह अनुदान सीमा श्रेणी अनुसार अधिकतम 15 करोड़ से 90 करोड़ तक होगी। दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में स्थापित की जाने वाली पर्यटन परियोजनाओं के लिये 5 प्रतिशत अतिरिक्त लागत पूंजी अनुदान दिया जाएगा। होटल एवं रिसोर्टस को प्रदूषण उपचार संयंत्र स्थापना पर 10 लाख से अधिक पूंजी निवेश पर 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मार्केटिंग ईंवेंटस में भाग लेने पर पर्यटन इकाइयों को 50 हजार से एक लाख तक प्रति कार्यक्रम प्रतिपूर्ति दी जाएगी। आवंटित शासकीय भूमियों/परिसम्पत्तियों की लीज, पंजीयन आदि पर स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी। पर्यटन इकाईयों को स्थल/स्टॉल स्थापना पर राष्ट्र-स्तरीय मार्केटिंग आयोजन पर अधिकतम 50 हजार एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय मार्केटिंग आयोजन के लिये अधिकतम एक लाख की सहायता दी जाएगी।
मार्ग सुविधा केन्द्र की नवीन नीति बनायी गई और ब्राण्डेड होटल प्रोत्साहन नीति को संशोधित किया गया। हेरिटेज परिसम्पत्ति के प्रमाणीकरण के लिये गाइड लाइन एवं प्रक्रिया जारी की। बेड एंड ब्रेकफॉस्ट स्थापना (पंजीयन एवं विनियमन) योजना, ग्राम स्टे स्थापना (पंजीयन एवं विनियमन) योजना और फार्म स्टे स्थापना योजना बनाई गई। फिल्म पर्यटन नीति-2019 का प्रारूप तैयार कर अग्रिम कार्यवाही प्रचलन में है। पर्यटन व्यवसाय में वृद्धि करने के लिये जनरल सेल्स एजेंट (GSA) एवं इवेंट कंपनी के साथ पार्टनरशिप की पॉलिसी तैयार की गई।
निजी निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिये प्रचलित जल-पर्यटन नीति में प्रदेश के माचागौरा बांध, जिला छिन्दवाड़ा, सापना बांध, जिला बैतूल, कोलार जलाशय, जिला भोपाल और गोविन्दगढ़ जलाशय जिला रीवा के जल क्षेत्रों को पर्यटन विकास के लिये अधिसूचित किया गया।

मध्यप्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में बनाई अन्तर्राष्ट्रीय पहचान: मंत्री श्री बघेल
31 October 2019
भोपाल. पर्यटन मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने आज पलाश होटल में आयोजित हॉफ ईयरली मैनेजर्स मीट में पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों को उत्कृष्टता पुरस्कार 2018-19 प्रदान किये। श्री बघेल ने बताया कि विगत दस माह में जो पहचान बनाई है, उसके लिये निगम के अधिकारी-कर्मचारी प्रशंसा के पात्र हैं।
मंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश मे पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार और निवेश की व्यापक संभावना हैं। इसके लिये निगम कर्मी प्रोफेशनल नजरिये से काम करें। पर्यटन नीति के अन्तर्गत फिल्म टूरिज्म, एडवेन्चर टूरिज्म एवं वाटर टूरिज्म की गतिविधियों का विस्तार करें। श्री बघेल ने इन क्षेत्रों में निवेश की योजना तैयार करने को कहा।
सचिव पर्यटन श्री फैज अहमद किदवई ने कहा कि होटल्स और रिसॉर्टस द्वारा स्थानीय स्तर पर पर्यटन की जानकारी एकत्रित कर सोविनियर प्रकाशित की जाये। इसमें ब्रांडिंग और स्थानीय पर्यटन की जानकारी समाहित हो। पर्यटन की प्रापर्टी का ब्रोशर भी तैयार करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में स्टे-होम से पर्यटकों को लुभाया जा सकता है। ये जानकारी होटल्स और रिसॉर्टस की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराएँ। श्री किदवई ने कहा कि केरल राज्य की तरह मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित करने के प्रयास किये जाएंगे।
मंत्री श्री बघेल ने प्रदेश पर्यटन उत्कृष्टता पुरस्कार 2018-19 में चयनित सर्वश्रेष्ठ श्रेणीवार 11-11 हजार रुपये के पुरस्कार दिये। इनमें से श्रेणी सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक भोपाल के श्री एस.एन. नकवी, सर्वश्रेष्ठ वरिष्ठ प्रबंधक पचमढ़ी के श्री अमान उल्ला खान, भोपाल की सर्वश्रेष्ठ रेसीडेंसी होटल पलाश रेसीडेंसी, सर्वश्रेष्ठ रिसार्ट मढ़ई बाईसन रिसोर्ट, सर्वश्रेष्ठ स्टैण्डर्ड होटल पचमढ़ी देवदारू/कर्निकार, सर्वश्रेष्ठ कुक पचमढ़ी के श्री प्रीतम लाल पटेल, सर्वश्रेष्ठ किचिन हेल्पर तवानगर श्री अशोक कुमार, सर्वश्रेष्ठ माली ओरछा श्री पप्पू केवट, सर्वश्रेष्ठ चौकीदार ब्यावरा श्री दुलीचंद दांगी, सर्वश्रेष्ठ सफाई कर्मचारी भोपाल अनिल कुमार, बेस्ट रूम बॉय पचमढ़ी श्री चंदन पूर्वी, बेस्ट हाउसकीपर भेड़ाघाट श्री केहर सिंह कुवेती, बेस्ट कम्प्यूटर ऑपरेटर भोपाल बलदेव प्रसाद तिवारी, सर्वश्रेष्ठ भृत्य भोपाल दीपक तिवारी, बेस्ट वोट हैंडलर/मेकेनिक भोपाल दलबहादुर चंद, सर्वश्रेष्ठ वाहन चालक बरगी श्री विकास वाथम, सर्वश्रेष्ठ इलेक्ट्रिशियन पचमढ़ी राकेश कुमार अहिरवार, सर्वश्रेष्ठ मार्केटिंग कार्यालय हैदराबाद मार्केटिंग कार्यालय, सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय, सर्वश्रेष्ठ रेसीडेन्ट मैनेजर हैदराबाद विनोद कुमार जाट, सर्वश्रेष्ठ सहायक प्रबंधक भोपाल श्री निखिल सोनी, सर्वश्रेष्ठ लेखा अधिकारी श्री कल्लोल मायती, सर्वश्रेष्ठ कार्यपालन यंत्री भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन सुनील खण्डाले को पुरस्कृत किया।
अदम्य साहस का पुरस्कार श्रेणी
बेतवा रिट्रीट ओरछा में वहाँ के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा अपनी जान की परवाह किये बिना, अदम्य साहस दिखाते हुए बेतवा नदी में बाढ़ में फँसे सभी लोगों को रात में ही रेसक्यू ऑपरेशन कर सुरक्षित बाहर निकालकर उनकी जान बचाई थी। मंत्री श्री बघेल ने समारोह में इस रेसक्यू ऑपरेशन के टीम लीडर श्री संजय मल्होत्रा प्रबंधक के साथ श्री पुष्पेन्द्र केवट, श्री मुकेश केवट, श्री लक्ष्मीनारायण प्रजापति, श्री राजेन्द्र परिहार, श्री भगवानदास केवट, श्री जयराम केवट को प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिन्ह और 11-11 हजार रूपये पुरस्कार से सम्मानित किया।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती की थीम पर होंगे पर्यटन पर्व
16 September 2019
भोपाल.सचिव पर्यटन श्री फैज अहमद किदवई ने जिला पर्यटन संर्वधन परिषदों को निर्देश दिये हैं कि जिलों में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की थीम पर 2 अक्टूबर को पर्यटन पर्व आयोजित करें। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से परिषदों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी जी के जीवन-दर्शन को पर्यटन से जोड़ने के लिये विभिन्न स्थानों, संस्थाओं और व्यक्तियों की जानकारी एकत्रित करें। श्री किदवई ने कहा कि भारत सरकार के निर्देश पर 2 से 27 अक्टूबर तक स्वच्छता अभियान और 18 अक्टूबर से प्रदेश में इन्वेस्टर्स मीट के पहले भूमि और हैरिटेज सम्पत्ति पर्यटन विभाग को हस्तान्तरित करें।
अपर प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड श्रीमती भावना वालिंबे ने जिला पर्यटन संवर्धन परिषदों को जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषदों में परिवर्तित करने के निर्देश दिये। श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि सभी परिषद आवंटित सहायता राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र तुरंत भेजें।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में जिला पर्यटन संवर्धन परिषदों के लिये मध्यप्रदेश नीति 2016, जल पर्यटन नीति और कैम्पिंग नीति की कार्य-योजना तथा गतिविधियों को पॉवर पाइंट से प्रस्तुत किया गया। सचिव श्री किदवई ने प्रत्येक जिले की पर्यटन कार्य-योजना बनाने पर जोर दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंस में राज्य पर्यटन विकास निगम की अपर प्रबंध संचालक सुश्री सोनिया मीणा और पर्यटन बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे।

डोमेस्टिक पर्यटकों को मिलेगा "सम्पूर्ण स्वदेश भ्रमण का लाभ : मंत्री श्री बघेल
9 September 2019
डोमेस्टिक पर्यटकों को 'सम्पूर्ण स्वदेश भ्रमण'' कराया जायेगा। इन्हें प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में जाने-आने के लिये एयर कनेक्टिविटी और चॉपर की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। मंत्री श्री बघेल ने आज यहाँ मिंटो हॉल में एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ इण्डिया (ADTOI) के मध्यप्रदेश चेप्टर के कार्यक्रम में यह जानकारी दी।
श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार नई पर्यटन नीति बना रही है। इससे पर्यटन के साथ रोजगार के अधिक से अधिक अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे। साथ ही, स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि टूर ऑपरेटर्स के साथ समय-समय पर प्रमोशनल कार्यक्रम भी किये जायेंगे। इसके अलावा वेडिंग टूरिज्म के लिये पर्यटन स्थल और हेरीटेज होटल्स का प्रमोशन किया जायेगा।
सचिव पर्यटन श्री फैज अहमद किदवई ने बताया कि हेरीटेज होटल्स के साथ वन क्षेत्र में पर्यटन बढ़ाने के लिये योजनाएँ बनाई जा रही हैं। पर्यटकों को चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश चेप्टर के लिये प्रदेश अध्यक्ष श्री अतुल सिंह, सचिव श्री प्रतुल त्रिवेदी, कोषाध्यक्ष श्री संदीप पण्ड्या और महिला उद्यमी सुश्री नीलम सिंह को मनोनीत किया गया। अपर प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड श्रीमती भावना वालिम्बे, एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ इण्डिया संस्था के अध्यक्ष श्री पी.पी. खन्ना, उपाध्यक्ष श्री राजेश आर्य, सचिव श्री चेतन गुप्ता, एसोसिएशन के सदस्य और बड़ी संख्या में टूर ऑपरेटर्स तथा ट्रेवल एजेंट्स उपस्थित थे।

सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति विश्व के महानतम स्थानों की सूची में शामिल
23 August 2019
मशहूर अमेरिकी पत्रिका ‘टाइम’ ने विश्व के महानतम स्थानों को लेकर जारी ताजा सूची में गुजरात की 597 फीट ऊंची ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ को भी जगह दी है। यह सूची 100 नए और नए ‘गौर करने लायक स्थानों’ का संकलन है, जिनका तत्काल अनुभव किया जाना चाहिए। ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, जो आजाद भारत के पहले गृह मंत्री के साथ ही उपप्रधानमंत्री रहे सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि है।
इस बीच दुनिया के महानतम स्थानों की सूची में आने पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा, ‘यह हरेक भारतीय के लिए गर्व की बात है कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को वर्ष 2019 के दुनिया के 100 महानतम स्थानों की सूची में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना यह मूर्ति देखने अब तक 20 लाख से ज्यादा पर्यटक आ चुके हैं।’
गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ के नजदीक ही विश्व स्तरीय चिड़ियाघर अगले वर्ष अक्टूबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राजीव गुप्ता ने कहा कि केवड़िया को प्रमुख पर्यटक स्थल बनाने के लिए चिड़ियाघर और रिवर रॉफ्टिंग की सुविधा विकसित करने की योजना है।
गुप्ता ने बताया कि यह चिड़ियाघर 1300 एकड़ में फैला होगा। इसमें शेर, बाघ, तेंदुए, 12 प्रकार के हिरण और मृग, जिराफ, ज़ेबरा, बाइसन, और अन्य विदेशी जानवर होंगे। बता दें कि 2019 में विश्व के महानतम स्थानों को लेकर जारी दूसरी वार्षिक सूची में ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ के अलावा भारत से मुंबई के सोहो हाउस ने अपनी जगह बनाई है। मुंबई का फैशनेबल सोहो हाउस 11 मंजिला इमारत में स्थित है, जहां से अरब सागर नजर आता है। इसमें एक पुस्तकालय, 34 सीटों वाला एक सिनेमाघर और खुली छत में बना एक बार और पुल हैं।

म.प्र पर्यटन :- बिना लाइन में लगे महाकाल के दर्शन कीजिए
8 July 2019
महाकाल दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु अब ऑनलाइन टिकट बुक कर तय समय पर बिना कतार में लगे दर्शन कर सकेंगे ।टिकट पर उनके दर्शन का समय और गेट नंबर दर्ज मिलेगा ।वे उस समय पर दिए गए गेट नंबर से प्रवेश कर सीधे दर्शन के लिए जाएंगे । यह सुविधा श्रावण के बाद शुरू हो जाएगी । इसके लिए स्मार्ट सिटी कंपनी के विशेषज्ञ दर्शनाथियों की संख्या का सर्वे कर रहे है । ऑनलाइन बुकिंग के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने के साथ कंट्रोल रूम बनाया जायगा । ऐसे श्रद्धालुओं के लिए अलग काउंटर और गेट होगा ।महाकाल मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक अवधेश शर्मा के अनुसार- सर्वे हो जाने से श्रद्धालुओं का डाटा आ जाएगा।इससे समय तय करने मे सुविधा होगी । वेबसाइट - www.mahakaleshwar.nic.in

’पर्यटन में मध्यप्रदेश बना सिरमौर’’
27 Sepetember 2018
मध्यप्रदेश पर्यटन को एक बार फिर से लगातार दूसरे साल नेशनल आवर्डस से नवाजे जाने का सुअवसर हासिल हुआ है। पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आज नई दिल्ली में घोषित नेशनल अवार्डस में मध्यप्रदेश पर्यटन को 10 अवार्ड प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त लगातार तीन साल से बेस्ट टूरिज्म स्टेट के रूप में हॉल ऑफ फेम का नेशनल अवार्ड भी दूसरे साल भी प्रभावशील है। यह अवार्ड लगातार तीन साल तक प्रभावी रहेगा। अवसर था; विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित गरिमापूर्ण समारोह का। समारोह में केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के.जे. अल्फोन्स ने यह अवार्ड प्रदान किये। मध्यप्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा, पर्यटन निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक, प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं टूरिज्म बोर्ड के एमडी श्री हरि रंजन राव, पर्यटन निगम के एमडी श्री टी इलैया राजा एवं टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक श्रीमती भावना वालिम्बे आदि मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विश्व पर्यटन दिवस पर घोषित अवार्डस में मध्यप्रदेश को एक्सीलेन्स एन पब्लिसिंग इन फॉरेन लेंगवेज अदर देन इंगलिश के लिए विदेशी भाषा जर्मनी में रूचिकर कॉर्पोरेट ब्रोशर के प्रकाशन, बेस्ट हेरीटेज वॉक का इन्दौर शहर को, बेस्ट हेरीटेज सिटी का सिटी ऑफ जॉय माण्डू को, बेस्ट एडवेंचर स्टेट का मध्यप्रदेश और उत्तराखण्ड को संयुक्त रूप से, एक्सीलेन्स एन पब्लिसिंग इन इंगलिश लेंगवेज में कॉफी टेबल बुक कान्हा टाईगर रिर्जव को स्वच्छता का नेशनल अवार्ड इन्दौर को, बेस्ट सिविक मैनेजमेंट का ओंकारेश्वर को, बेस्ट वाइल्ड लाइफ गाइड का पन्ना नेशनल पार्क के गाइड श्री राशिका प्रसाद को, वेस्ट एयरपोर्ट के रूप में देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट इन्दौर को और बेस्ट हेरीटेज प्रोपर्टी का देवबाघ ग्वालियर को नेश्नल अवार्ड मिला है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा सहित पर्यटन निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को मध्यप्रदेश के लिए गौरव का विषय बताते हुए हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने पर्यटन की संपूर्ण टीम संबंधित विभाग और संस्थाओं को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए इसी तरह आगे भी टीम भावना से कार्य करने और इस गौरव को बरकरार रखने की अपेक्षा की है।
यूरोपीय देशों में मध्यप्रदेश पर्यटन की पहचान बनेंगे टिन-टॉयस
3 August 2018
मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के विज्ञापन में उपयोग किये गये टिन-टॉयस विदेशों में भी मध्यप्रदेश की पहचान बनेंगे। वर्ष 2016 में 'एम.पी. में दिल हुआ बच्चे सा' विज्ञापन को देश में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिला था। इग्लैण्ड में प्रतिष्ठित 'डी एण्ड एड' अवार्ड्स द्वारा भी ग्रेफाइट पेंसिल अवार्ड प्रदान किया गया था। इस विज्ञापन में बच्चों के खिलौनों को मध्यप्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों की विरासत से संजोया गया था। इन खिलौनों को दिल्ली की एजेन्सी वेल्बी इम्पेक्स ने डिजाइन किया था। अधिकांश खिलौनों में गियर और पिनिंयस का एक जटिल यंत्र उपयोग किया गया है। टिन-टॉयस के संबंध में पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने बताया कि मध्यप्रदेश में पर्यटन की पहचान बने ये टिन-टॉयस विदेशों में भी प्रदेश का प्रचार-प्रसार करेंगे। टिन-टॉयस बनाने वाली कम्पनी इन्हें यूरोप के देशों में विक्रय करेगी, जिस पर एजेन्सी द्वारा विभाग को 5 प्रतिशत की रायल्टी मिलेगी। टीन-टॉयस की पैकेजिंग पर भी म.प्र. पर्यटन की ब्रांडिंग कर डेस्टिनेशन पम्पलेट बाल्स में डाला जायेगा। टिन-टॉयस टीवीसी फिल्म के प्रचलित होने पर टिन-टॉयस सोबेनियर- टाइगर, बुद्धिस्ट मोंक, चिड़िया एवं चंदेरी डॉल बनवाए गए। वेल्बी इम्पेक्स के द्वारा टिन-टॉयस वर्तमान में एकमात्र ब्रांड है, जो अभी भी टिन खिलौनों की विरासत को संजोये है। इन खिलौनों के निर्माण की प्रक्रिया बहुत कठिन और श्रम गहन है, जो इन उत्पादों को बेहद अनन्य बनाती है। ये टिन-टॉयस बैटरियों के उपयोग के बिना भी आपको मनोरंजित एवं आश्चर्यचकित करते हैं। विश्व में टिन टॉयस को हिस्टोरिकल टॉयज के रूप में वर्गीकृत किया गया है। संग्रहकर्ताओं द्वारा उनकी यादों को पूरा करने और युवा पीढ़ी को दिखाने के लिए ये खरीदे जाते हैं। ये खिलौने कुछ शानदार संग्रहालयों को सजाते हैं और संग्रह में कई लोगों द्वारा गर्व से प्रदर्शित किये जाते हैं।
गठन के उद्देश्यों को साकार करता मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड
9 April 2018
आज से एक बरस पहले मध्यप्रदेश में गठित टूरिज्म बोर्ड अपने उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में लगातार अग्रसर है। टूरिज्म बोर्ड के गठन का फैसला भी मशहूर पर्यटन स्थल पचमढ़ी में पर्यटन केबिनेट में लिया गया। इसके गठन के पीछे मुख्य उद्देश्य भी यही है कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को और अधिक विस्तार मिले और पर्यटन में निवेश के लिये निवेशकों को सहूलियतें मुहैया कर निवेश को बढ़ावा दिया जाये। पर्यटन के जरिये रोजगार सृजन का ध्येय भी इससे पूरा हो सकेगा। टूरिज्म बोर्ड के बन जाने से जहाँ एक ओर राज्य पर्यटन निगम अपने मूल काम होटल और हॉस्पिटेलिटी तथा अधो-संरचना विकास पर अब पहले से कहीं ज्यादा ध्यान केन्द्रित कर पा रहा है। वहीं अब मध्यप्रदेश पर्यटन की ब्रांडिंग और व्यापक प्रचार-प्रसार का अहम काम टूरिज्म बोर्ड के जिम्मे है। बोर्ड के संचालक मंडल के अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और उपाध्यक्ष पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा एवं मुख्य सचिव हैं। वित्त, वन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण तथा संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव संचालक हैं। संचालक मण्डल के पदेन सदस्य सचिव एवं प्रबंध संचालक, प्रमुख सचिव पर्यटन हैं। टूरिज्म प्रमोशन यूनिट, योजना, प्रशिक्षण, ईको टूरिज्म एवं एडवेंचर, रचनात्मक एवं प्रचार-प्रसार गतिविधियाँ, मार्केटिंग, मेला एवं उत्सव, सूचना प्रौद्योगिकी आदि गतिविधियाँ मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड में सम्पादित की जा रही है। राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा पूर्ववत होटलों, रेस्टॉरेंट, बोट क्लब, परिवहन बेड़े आदि का संचालन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के मुख्य कार्यों में ‘पर्यटन नीति, 2016‘ के अंतर्गत सभी दायित्वों का निर्वहन करना, पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करना, इन्वेस्टर्स फेसिलिटेशन, निवेशकों को नीति अनुसार अनुदान एवं सुविधाएँ उपलब्ध कराना तथा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नई नीतियों का आकल्पन, क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग करना है। साथ ही निजी निवेश से पर्यटन परियोजना की स्थापना को बढ़ावा देने के लिये उपयुक्त स्थल चयन कर लैण्ड बैंक को निरंतर बढ़ाना, प्रदेश में पर्यटन संबंधी समस्त स्थान जैसे, पुरातत्विक स्थलों, वन्य-प्राणी स्थलों, प्राकृतिक सौन्दर्य युक्त गुफाओं, पार्कों, जल-क्षेत्रों एवं अन्य मनोरंजक स्थानों के विकास की कार्य-योजनाएँ बनाना और उनके अनुरक्षण के उपाय करना है। इसी प्रकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के प्रोत्साहन से संबंधित विभिन्न आयोजनों में भाग लेकर निजी निवेशकों को प्रोत्साहित करना, मेले, स्थानीय व्यंजन, संस्कृति, वेश-भूषा, हस्तशिल्प एवं हस्तकला के माध्यम से ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करना और ईको पर्यटन के लिये आवश्यक व्यवस्थाएँ स्थापित करना आदि बोर्ड के कार्यों में शामिल हैं। बोर्ड के गठन के अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं। एक साल के भीतर बोर्ड ने मध्यप्रदेश पर्यटन की ब्रांडिंग और प्रचार-प्रसार के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लंदन में संपन्न ‘वर्ल्ड ट्रेवल मार्ट’ में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज की। हाल ही में यूएस के फ्लोरिडा में यूएसटीओए, स्पेन के मेड्रिड में हुए फितर, ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में हुए ‘ए.आई.एम.ई.-2018’ में तथा बर्लिन में संपन्न आई.टी.बी.-2018 में भागीदारी कर निवेशकों के सामने मध्यप्रदेश पर्यटन पर केन्द्रित प्रेजेंटेशन दिया और उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी साझा की। ‘ए.आई.एम.ई.-2018’ में मध्प्रदेश टूरिज्म को बेस्ट एक्जीबिटर का प्रतिष्ठित अवार्ड हासिल हुआ। इसी प्रकार देश के महत्वपूर्ण शहरों में रोड-शो और इंवेस्टर्स मीट में मध्यप्रदेश पर्यटन का प्रतिनिधित्व कर इन उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में प्रभावी भूमिका निभायी गयी। निवेश संवर्धन बोर्ड के अंतर्गत कार्यरत निवेश संवर्धन इकाई (IPU) द्वारा एक सुनियोजित रणनीति अपनाकर निवेश संवर्धन के लिए परिणामदायी काम किये गये। इसी के सुफल के रूप में पर्यटन क्षेत्र में तकरीबन 700 करोड़ रुपयों का इन्वेस्टमेंट संभावित है। इसमें मुख्य रूप से 49 जिलों के 144 स्थानों पर 849 हेक्टेयर से ज्यादा शासकीय भूमि हस्तानांतरित कराई जाकर लैण्ड-बैंक बनाया गया है। इसके साथ ही 71 स्थान पर 431 हैक्टेयर से ज्यादा भूमि चिन्हित भी की जा चुकी है, जिसका हस्तानांतरण भी प्रक्रिया में है। लैण्ड बैंक में से पर्यटन क्षेत्र के सात निजी समूह को भूमि आवंटित भी की जा चुकी है, जिससे 23 करोड़ 25 लाख की राशि का प्रीमियम मिला है। हेरीटेज होटल्स का निर्माण निजी निवेश से करने के लिये हेरीटेज प्रॉपर्टी लैण्ड बैंक बनाया गया है। वर्तमान में 8 परिसंपत्तियाँ विभाग के आधिपत्य में हैं। इनमें से 3 परिसंपत्तियाँ निवेशकों को निविदा के माध्यम से दी गयी हैं। इससे 11 करोड़ 64 लाख रुपए का प्रीमियम भी प्राप्त हुआ है। दस अन्य परिसंपत्तियाँ भी पुरातत्व द्वारा इस बैंक के लिये हाल ही में डी-नोटिफाइड की गई है। जल-झील महोत्सव इस समयावधि में जहाँ इस साल वॉटर स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स हनुवंतिया में जल-महोत्सव (तृतीय) का 80 दिवसीय सफल आयोजन हुआ। बरगी (जबलपुर) और गाँधीसागर बाँध (मंदसौर) में व्यापक स्तर पर ‘झील महोत्सव’ हुआ। इसी श्रंखला में जिला पर्यटन संवर्धन समितियों की सक्रिय पहल से भोपाल में ‘भोज एडवेंचर फेस्ट-2018’, रीवा में विन्ध्य महोत्सव, पचमढ़ी उत्सव, निमाड़ उत्सव, माँडू महोत्सव, बालाघाट में बैगा ओलंपिक सफलता से संपन्न हुए। गौरतलब है कि जल-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश में 18 जल क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है। इनमें जल-पर्यटन गतिविधियों को लायसेंस देने के लिये बोर्ड को अधिकृत किया गया है।
मध्यप्रदेश का अगले पाँच साल का विकास रोडमैप तैयार
29 March 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पिछले एक दशक में मध्यप्रदेश का सुनियोजित विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास को और ज्यादा गति देने के लिये अगले पाँच वर्षों का रोडमैप तैयार कर लिया गया है। शहरी विकास पर 83 हजार करोड़ खर्च किये जायेंगे। श्री चौहान आज यहाँ एक पत्रिका समूह के इंडिया टूडे 'स्टेट ऑफ द स्टेट्स कांक्लेव' को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने 'स्टेट ऑफ द स्टेट्स' रिपोर्ट का विमोचन भी किया। पत्रिका समूह द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना, जल और स्वच्छता, कृषि, उद्योग, सेवा प्रदाय, व्यवस्था और सम्पन्नता एवं कानून व्यवस्था की प्रगति और श्रेष्ठ व्यवस्थाओं के आधार पर जिलों के प्रदर्शन का आंकलन किया है। शिक्षा के क्षेत्र में ग्वालियर को सर्वश्रेष्ठ जिला और प्रगतिशील जिला घोषित किया गया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में रायसेन को सर्वश्रेष्ठ और गुना को प्रगतिशील तथा अधोसंरचना के क्षेत्र में भोपाल को सर्वश्रेष्ठ तथा मंडला को प्रगतिशील जिला घोषित किया गया है। इसी प्रकार जल एवं स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर को सर्वश्रेष्ठ और सतना को प्रगतिशील जिला, उद्योग के क्षेत्र में कटनी को सर्वश्रेष्ठ और शहडोल को प्रगतिशील जिला घोषित किया गया है। सेवा प्रदाय के क्षेत्र में भोपाल को सर्वश्रेष्ठ और अनूपपुर को प्रगतिशील, सम्पन्नता में इंदौर को सर्वश्रेष्ठ और हरदा को प्रगतिशील एवं कानून व्यवस्था में श्योपुर को सर्वश्रेष्ठ और खंडवा को प्रगतिशील जिला घोषित किया गया है। इन सभी क्षेत्रों में इंदौर को सम्पूर्ण रूप से सर्वश्रेष्ठ और रीवा को प्रगतिशील जिला घोषित किया गया है। कार्यक्रम में इन जिलों के जिलाध्यक्षों और उनके प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया और अच्छा कार्य करने की सराहना की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विकास के क्षेत्र में जिलों के प्रदर्शन का आंकलन कर उन्हें सम्मानित करने की पहल सराहनीय है। इससे अधिकारियों का मनोबल बढ़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की विकास यात्रा की शुरूआत आधारभूत अधोसंरचना में सुधार के साथ हुई थी। आज प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मजबूत अधोसंरचनाएँ हैं। कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। एक दशक पहले सिंचाई क्षमता केवल साढ़े सात लाख हेक्टेयर थी, जो अब 40 लाख हेक्टेयर है। अगले पाँच वर्षों में यह 80 लाख हेक्टेयर होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि आधारित अर्थ-व्यवस्था वाले प्रदेश में किसानों की उन्नति के बिना समृद्धि नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये खेती की लागत कम करना और उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलवाना चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसे राज्य सरकार ने पूरा किया है। किसान समृद्धि योजना में गेहूँ खरीदी 2000 रूपये प्रति क्विंटल हो गयी है। किसान युवा उद्यमी योजना में 3000 खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ स्थापित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि बासमती उत्पादक किसानों की लड़ाई को अंतिम समय तक लड़ेंगे और इसे जीआई टैग दिलवायेंगे। केन्द्र सरकार मध्यप्रदेश के किसानों के साथ है। श्री चौहान ने कहा कि राज्य के संसाधनों पर गरीबों का समान अधिकार है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिये देश की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजना बनाई गई है। श्रमिकों के बच्चों को पहली कक्षा से लेकर पीएचडी तक शिक्षा की फीस नहीं देनी होगी। उनका इलाज भी मुफ्त होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश पोर्टल का शुभारंभ
22 March 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश पोर्टल का आज शुभारंभ किया। श्री चौहान ने पोर्टल की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि यह पोर्टल देश-विदेश में रहने वाले मध्यप्रदेश के शुभचिंतकों को जोड़ने में कारगर साबित होगा। इस अवसर पर वित्त और वाणिज्यिक कर मंत्री श्री जयंत मलैया, प्रवासी भारतीय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, श्रम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बालकिशन पाटीदार और मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी मौजूद थे। इस मौके पर बताया गया कि यह पोर्टल मध्यप्रदेश से जुड़ी अलग-अलग क्षेत्रों में फैली प्रतिभाओं को एकजुट करने का उपक्रम है। यह पोर्टल प्रदेश के शुभचिंतकों के मध्य सांस्कृतिक विनिमय स्थापित करने तथा राज्य की उपलब्धियों और विकास तथा सामाजिक पहल से परिचित कराने का सशक्त मंच बनेगा। पोर्टल पर फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश का पंजीयन आज से प्रारंभ हो गया है। पोर्टल www.friendsofmp.gov.in पर एनआरआई सेल, टेलेंट पूल और चैप्टर पंजीयन की सुविधा होगी। प्रदेश के बाहर रह रहे प्रदेश के नागरिकों को उनकी समस्याओं को सुलझाने का मंच एन.आर.आई सेल में उपलब्ध कराया गया है। पोर्टल के टेलेंटपूल में फ्रेंड्स ऑफ एमपी अपने सहयोगियों और सरकार को अपनी विशेषज्ञताओं से परिचित करवा सकेंगे। इस पहल को विस्तारित करने के पोर्टल के सदस्य चैप्टर रजिस्ट्रेशन भी करा सकेंगे। राज्य की विशिष्ट और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों से अप्रवासी भारतीयों और मध्यप्रदेश के शुभचिंतकों को परिचित कराने में भी पोर्टल उपयोगी होगा।

aaप्रदेश में वन्य पर्यटन को बढ़ावा देने केन्द्र से मिले 99 करोड़


19 February 2018

पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने कहा है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार पर्यटकों को अच्छी और अधिक सुविधा उपलब्ध करवाने सदैव प्रयासरत हैं। प्रदेश सरकार ने वन्य पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी केन्द्र सरकार से बजट में 99 करोड़ रूपये स्वीकृत करवाये हैं। प्राप्त बजट से गांधीसागर में पर्यटन के विकास को प्राथमिकता दी जायेगी। श्री पटवा मंदसौर जिले में झील महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ कर रहे थे। मंदसौर जिले के पर्यटन स्थल गांधी सागर में 17 से 26 फरवरी तक झील महोत्सव आयोजित किया जा रहा हैं। श्री पटवा ने कहा कि वर्तमान में मध्यप्रदेश में 3 लाख से भी अधिक पर्यटक आते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में किये गये सराहनीय कार्यों के लिए मध्यप्रदेश को पिछले वर्षो में देश का बेस्ट स्टेट टूरिज्म अवार्ड मिला है। जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रमोशन काउन्सिल एक्टिव है, जो पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। इसी काउन्सिल के द्वारा गांधीसागर में झील महोत्सव के आयोजन को लेकर सभी तैयारियां की गई। मंदसौर जिले में पशुपतिनाथ मंदिर पर सांस्कृतिक प्रोग्राम के लिए प्रयास किये जायेंगे। आने वाले वर्ष में झील महोत्सव के दौरान विशेष तौर पर तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगे। इनमें कैलाश खैर जैसी फिल्मी हस्तियों को आमंत्रित किया जायेगा। राज्य मंत्री ने बताया कि महोत्सव का प्रमुख आकर्षण एडवेंचर एक्टिविटीज (रोमांचक गतिविधियाँ) होंगी। इसमें एरियल (हवाई) एडवेंचर एक्टिविटीज में हॉट एअर बैलून, पैरामोटर्स, पैराग्लाइडिंग, वाल क्लाइम्बिंग, कमांडो नेट एवं रोप ड्रिल की गतिविधियों का पर्यटक आनंद ले सकेंगे। महोत्सव में काइट फेस्टिवल कार्निवाल, क्राफ्ट बाजार, फूड बाजार, इवनिंग क्रूज, इवनिंग एन्टरटेन्मेंट में म्यूजिक बैण्ड, लोक संगीत और बैण्ड के साथ कवि सम्मेलन जैसी प्रमुख गतिविधियाँ भी पर्यटको को आकर्षित करेगी। इस अवसर पर नौका दौड़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है। श्री पटवा ने पर्यटकों के ठहरने के लिए मोडीमाता मंदीर पर निर्मित कॉटेज का अवलोकन कर महोत्सव के फोल्डर एवं सीडी का विमोचन किया। इस मौके पर सांसद श्री सुधीर गुप्ता, जिला पंचायत मंदसौर अध्यक्ष श्रीमती प्रियंका मुकेश गिरी गोस्वामी, जिला पंचायत नीमच की अध्यक्ष श्रीमती अवंतिका, विधायक श्री चन्द्रर सिंह सिसौदिया और श्री कैलाश चावला, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री मदनलाल राठौर, पूर्व विधायक श्री राधेश्याम मांदलिया सहित पर्यटक मौजूद थे।


aaपर्यटन स्थल गांधी सागर में 17 से 26 फरवरी तक झील महोत्सव


16 February 2018

मंदसौर जिले के पर्यटन स्थल गांधी सागर में 17 से 26 फरवरी को झील महोत्सव आयोजित होगा। पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा 19 फरवरी को दोपहर 12 बजे महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। म.प्र.राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भैमिक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। महोत्सव का प्रमुख आकर्षण एडवेंचर एक्टिविटीज (रोमांचक गतिविधियाँ) होंगी। इसमें एरियल (हवाई) एडवेंचर एक्टिविटीज में हॉट एअर बैलून, पैरामोटर्स, पैराग्लाइडिंग, वाल क्लाइम्बिंग, कमांडो नेट एवं रोप ड्रिल की गतिविधियों का आनंद लिया जा सकेगा। पर्यटन विकास परिषद मंदसौर द्वारा आयोजित होने वाले इस महोत्सव में काइट फेस्टिवल कार्निवाल, क्राफ्ट बाजार, फूड बाजार, इवनिंग क्रूज, इवनिंग एन्टरटेन्मेंट में म्यूजिक बैण्ड, लोक संगीत और बैण्ड के साथ-साथ कवि सम्मेलन जैसी प्रमुख गतिविधियाँ होंगी।
गांधी सागर
मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर बांध चम्बल नदी पर निर्मित है। यह बाँध घने जंगल के बीच असीम प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण होने के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। बांध के 19 द्वार हैं। बरसात में अधिक मात्रा में जल की निकासी के लिये जब गेट खोले जाते हैं, तब अत्यंत रमणीक एवं मनोहारी दृश्य देखते बनता है। लगभग 6 दशक पहले इस बांध का निर्माण किया गया था। इसका लोकार्पण 1960 में हुआ था। बांध के निकट एक उद्यान विकसित किया गया है। इसमें चम्बल माता की प्रतिमा स्थापित है जिसके हाथ में धारित कलश से निरंतर जल प्रवाहित होता है। गांधी सागर वन क्षेत्र में एक अभ्यारण्य भी है। यहाँ वन्य-प्राणी तेंदुए, रीछ, भेड़िये, सियार, लकड़बग्घे, चिंकारा, मेड़की, नीलगाय, जंगली सुअर, लंगूर, सेही, खरगोश, मोर एवं विलुप्त प्राय गिद्धों की दुर्लभ प्रजातियों को देखा जा सकता है।
पर्यटकों के लिये दर्शनीय स्थल
झील महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को मंदसौर जिले में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर, सम्राट यशोवर्धन संग्रहालय, श्री नटनागर शोध संस्थान, सौंधनी, सेवा कुंज, लदूना, खेजड़िया भोप की गुफाएँ, दूधाखेड़ी, धर्मराजेश्वर मंदिर, पोला डुंगर (गरोठ) एवं हिंगलाजगढ़ का किला महत्वपूर्ण है। महोत्सव में पर्यटक इन दर्शनीय स्थलों का लुत्फ उठा सकते हैं।


aaधार्मिक पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा आंवली घाट


14 February 2018

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा के आंवली घाट में पूजा-अर्चना कर भगवान शंकर की 71 फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने आंवली घाट में नव-निर्मित रेस्ट-हाउस का लोकार्पण भी किया। श्री चौहान ने इस अवसर पर कहा कि आंवली घाट को धार्मिक पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। हर की पौड़ी की तर्ज पर इसका विकास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने डोलरिया में जुलाई माह से कन्या महाविद्यालय खोलने की घोषणा करते हुए कहा कि सिवनी-मालवा में कन्या महाविद्यालय खोलने के लिए सकारात्मक पहल की जाएगी। श्री चौहान ने कहा कि होशंगाबाद जिले में 10 से 12 ग्रामों में ओला-वृष्टि से फसल बरबाद हुई है, इसकी भरपाई किसानों को राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। भावांतर भुगतान योजना की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना में आवश्यकता अनुसार सुधार किया जाएगा। अब किसान को अपनी उपज एक साथ मंडी में लाने की जरूरत नहीं है। वे 4 माह तक अपनी फसल वेयर-हाउस में सुरक्षित रख सकते हैं। वेयर-हाउस में किसान की जो फसल रखी जाएगी, उसका किराया सरकार देगी। उन्होंने कहा कि बैंकों से मिलकर ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि वेयर-हाउस में यदि किसान की फसल रखी गई है, तो उसे 25 प्रतिशत राशि तत्काल मिल जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिफॉल्टर किसान अपना मूलधन 2 किश्तों में चुकाएं, ब्याज सरकार भरेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसान अपना 10 हजार रूपए का कर्ज चुकाता है, तो उसे शून्य प्रतिशत पर पुन: 15 हजार रूपए की राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान का लोधा-लोधी समाज ने 61 किलो की माला पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। किसानों एवं सहकारी बैंक के पदाधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री कुशल पटेल, विधायक श्री विजयपाल सिंह, श्री ठाकुर दास नागवंशी, श्री संजय शाह, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, राज्य अंत्योदय समिति के सदस्य श्री हरिशंकर जयसवाल मौजूद थे।


aaओडिशा में दहाड़ेंगे मध्यप्रदेश के बाघ


12 February 2018

राज्य शासन ने ओडिशा के सतकोशिया टाइगर रिजर्व को 3 जोड़ी बाघ देने की सैद्धांतिक सहमति दी है। दोनों ही राज्यों में राष्ट्रीय बाघ आंकलन-2018 के चलते बाघों का स्थानान्तरण संभवत: मार्च के अंतिम सप्ताह में होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बाघों के स्थानान्तरण के लिये स्वीकृति दे दी है। कभी बाघों से आबाद रहे सतकोशिया टाइगर रिजर्व में मात्र एक बाघ का जोड़ा बचा है जो अपनी औसत आयु पार कर चुका है। पिछले कुछ दिनों से मात्र एक बाघ ही कैमरे में ट्रेप हो रहा है। इन बाघों के समाप्त होने से रिजर्व में बाघ का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। ऐसे में ओडिशा सरकार द्वारा लिखे गये पत्र और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एन.टी.सी.ए.) की तकनीकी समिति की बैठक के बाद राज्य शासन ने ओडिशा को 6 बाघ भेजने का निर्णय लिया है। इससे ओडिशा में बाघों का कुनबा वापस बढ़ सकेगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि सतकोसिया टाइगर रिजर्व के बाघों का जेनेटिक नेचर मध्यप्रदेश के बाँधवगढ़ और कान्हा टाइगर रिजर्व के बाघों से मिलता-जुलता है। पूर्व में मध्यप्रदेश से ओडिशा तक बाघ कॉरिडोर होने के भी प्रमाण हैं। आशा है इससे मध्यप्रदेश के बाघ ओडिशा के नये वातावरण में आराम से अभ्यस्त हो जाएंगे। श्री अग्रवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश बाघ शून्य हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की पुर्नस्थापना के साथ 30 बाघों को सफलतापूर्वक स्थानान्तरित कर चुका है। ओडिशा को स्थानान्तरण के पहले उनके विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को रिलीज प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री संबित त्रिपाठी ने पिछले दिनों इस संबंध में मध्यप्रदेश का दौरा भी किया है।


aaपरिवहन विभाग को मिला स्कॉच प्लेटिनम अवार्ड


23 December 2017

केन्द्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन.के. सिंह ने मध्यप्रदेश परिवहन विभाग को स्कॉच संस्था के वर्ष 2017 के सर्वोच्च सम्मान 'स्कॉच प्लेटिनम अवार्ड'' से नवाजा है। विभाग को यह पुरस्कार सूचना, संवाद और तकनीकी का प्रयोग कर विभागीय कार्यों को सुलभ, सरल, त्वरित और पारदर्शी बनाने के लिये दिया गया है। परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने नई दिल्ली में यह पुरस्कार ग्रहण किया। गृह एवं परिवहन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने प्रतिष्ठित अवार्ड के लिये परिवहन आयुक्त सहित पूरे विभाग को बधाई दी है। राज्य परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2001 में मेन्युअल डाटा का डिजिटाइजेशन कार्य प्रारंभ किया जाकर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दस्तावेज प्रदान करना आरंभ किया गया था। कम्प्यूटर कार्य में निरंतर अद्यतन प्रक्रिया के कारण मध्यप्रदेश परिवहन विभाग वर्तमान में पूरी तरह कम्प्यूटरीकृत है। उपभोक्ताओं को त्वरित ऑनलाइन सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। कम्प्यूटराइजेशन से उपभोक्ताओं को बहुत सारी सुविधाएँ मिल रही हैं। इनमें मोटर-यान कर एवं फीस की ऑनलाइन पेमेंट सुविधा, ड्रायविंग लायसेंस, वाहन रजिस्ट्रेशन, फिटनेस प्रमाण-पत्र, परमिट से संबंधित कार्यों के लिये ऑनलाइन आवेदन एवं अपाइंटमेंट सुविधा, मानव हस्तक्षेप रहित कम्प्यूटरीकृत लर्निंग लायसेंस टेस्ट, इंदौर में ड्रायविंग लायसेंस के लिये मानव हस्तक्षेप रहित ऑटोमेटेड ड्रायविंग टेस्ट ट्रेक, वाहन रजिस्ट्रेशन के लिये डीलर प्वाइंट एनरोलमेंट सिस्टम, विभाग के वेब एवं एप आधारित पोर्टल पर मोटर-यान कर ड्रायविंग लायसेंस, वाहन पंजीयन, फिटनेस प्रमाण-पत्र आदि से संबंधित जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होना, मध्यप्रदेश लोक-सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2010 में परिवहन विभाग की 17 सेवाएँ अधिसूचित शामिल हैं। इन सेवाओं में से 3 सेवाएँ 'समाधान एक दिन तत्काल सेवा'' में दी जा रही हैं। इसके अतिरिक्त सी.एम. हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के त्वरित एवं संतुष्टिपूर्ण निराकरण करने के कारण परिवहन विभाग अक्टूबर तथा नवम्बर-2017 में पहले स्थान पर रहा। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये विभाग ने महिला-बाल विकास विभाग के साथ मिलकर प्रदेश-स्तर पर 'पिंक ड्रायविंग लायसेंस'' शिविर लगाकर ड्रायविंग लायसेंस दिये। स्कॉच ग्रुप भारत की एक प्रमाणिक संस्था है जो सामाजिक, आर्थिक, तकनीकी आदि क्षेत्रों में विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों का विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण करवाने के उपरांत उत्कृष्ट कार्य के लिये प्रति वर्ष अवार्ड प्रदान करती है।


aaप्रसिद्ध पयर्टन स्थल "कुकुरू" में तीन दिवसीय फेस्टीवल 26 दिसम्बर से होगा शुरू


22 December 2017

बैतूल जिले में सतपुड़ा की हसीन वादियों के बीच बसे प्रसिद्ध पयर्टन स्थल 'कुकुरू' में 26 से 28 दिसम्बर तक सैलानियों के लिए ईको टूरिज्म, एडवेंचर स्पोर्ट्स के फेस्टीवल का भव्य आयोजन किया जायेगा। इसके समीप स्थित कुर्सी जलाशय में जारबिंग बाल बनाना राइड मोटरवोट एंव टेंट कैंपिग जैसी गतिविधियाँ आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहेंगी। ज्ञातव्य है कि कुकुरू के बिट्रिश कालीन काफी बागान वेलीआफ फ्लॉवर्स, हिल्स व्यू, सिपना उदगम स्थल बुच प्वाइंट, भौडिया कुण्ड का सनसेट, देड़पानी की पवन चक्की एवं लोकलदरी का आकर्षण पर्यटन सैलानियों के लिए मौजूद रहेगा।
तीन दिन के कार्यक्रम
पहले दिन फेस्टीवल के शुभारंभ पश्चात दोपहर 3 बजे से रस्साकशी, मार्शल आर्ट प्रदर्शन तथा शाम 7 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसके समानांतर पूरे दिन वोटिंग, मोटर बोट (कुर्सी जलाशय), पैराग्लाइडिंग, पैरासेंलिंग, साइकिलिंग, रॉक क्लाइंबिंग, वेली क्रॉसिंग, टेंट केपिंग, हॉट एअर बैलून, ट्रेडिंग, जारबिन बाल, बनाना राइड जैसी एडवेंचर्स गतिविधियां होंगी। दूसरे दिन 27 दिसम्बर को सुबह 10.30 बजे से सायं 5 बजे तक स्कूली बच्चों की क्विज प्रतियोगिता, नृत्य, रंगोली एवं पेटिंग प्रतियोगिता के साथ ही समानांतर पूरे दिन एडवेंचर्स गतिविधियाँ होंगी। फेस्टीवल के अंतिम दिन सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक स्कूली बच्चों द्वारा कुर्सी दौड़, चम्मच दौड़ और अंताक्षरी कार्यक्रम किए जायेंगे। दोपहर 3 बजे पर्यटन स्थल कुकुरू के मुख्य स्थलों को भ्रमण और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस दिन भी समानांतर एडवेंचर्स गतिविधियां होंगी।
पर्यटकों को बस सुविधा
फेस्टीवल में पर्यटकों और दर्शकों के लिए जिला प्रशासन द्वारा सशुल्क बस सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। स्थानीय बस स्टेण्ड एवं रेलवे स्टेशन से प्रात: 7 बजे एवं 9 बजे बस सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा पर्यटकों को सशुल्क ठहरने के लिये भी इंतजाम किये गए हैं।


aaसंस्कृति राज्य मंत्री श्री पटवा ने नॉलेज कलेण्डर को सराहा


14 December 2017

संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने वर्ष 2018 के नॉलेज कलेण्डर की परिकल्पना को सराहा है। कलेण्डर के प्रबंधक श्री राजीव जैन ने श्री पटवा को नॉलेज कलेण्डर की प्रति भेंट की। श्री पटवा ने कहा कि इस अनूठे प्रयोग ने कलेण्डर को देखने का नजरिया बदला है। नॉलेज कलेण्डर का यह दूसरा साल है। वर्ष 2017 के कलेण्डर में हुए प्रयोग की सर्वत्र सराहना हुई है। वर्ष 2018 का कलेण्डर अधिक पठनीय, संग्रहणीय और आकर्षक भी है


aaनई कार्य-संस्‍कृति विकसित कर उद्देश्‍यों को पूरा करें : राज्य मंत्री श्री पटवा


10 November 2017

पर्यटन एवं संस्‍कृति राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्‍द्र पटवा ने नवगठित मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड के कार्यालय भवन का आज शुभारंभ किया। श्री पटवा ने लिली ट्रेड विंग में कॉर्पोरेट ऑफिस की तरह विकसित किये गए टूरिज्‍म बोर्ड के कार्यालय भवन का अवलोकन किया। उन्होंने आशा व्‍यक्‍त की कि पर्यटन बोर्ड में नई कार्य-संस्‍कृति विकसित कर इसे अपने गठन के उद्देश्‍यों में सफल बनाया जायेगा। श्री पटवा ने कहा कि मुख्‍यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए पहले पर्यटन केबिनेट और अब टूरिज्‍म बोर्ड का गठन किया गया है। इससे प्रदेश में पर्यटन को और अधिक विस्‍तार और बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर राज्‍य पर्यटन विकास निगम के अध्‍यक्ष श्री तपन भौमिक और सचिव मुख्‍यमंत्री एवं टूरिज्‍म बोर्ड के एम.डी. श्री हरि रंजन राव भी मौजूद थे। श्री राव ने मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड के गठन, कार्य-पद्धति और उद्देश्‍यों से अवगत करवाया। उन्‍होंने कहा कि टूरिज्‍म बोर्ड एक ऐसी सृजनात्‍मक संस्‍था के रूप में उभरकर सामने आएगा जो प्रदेश को देश के साथ ही अंर्तराष्‍ट्रीय स्‍तर पर एक श्रेष्‍ठ ब्रांड के रूप में स्‍थापित करने की दिशा में पूरी निष्‍ठा और सक्षमता से काम करेगा। बोर्ड के अपर प्रबंध संचालक डॉ. श्रीकांत पाण्‍डेय ने टूरिज्‍म बोर्ड पर केन्द्रित प्रेजेंटेशन दिया। उल्‍लेखनीय है कि मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड के संचालक मंडल के अध्‍यक्ष मुख्‍यमंत्री श्री चौहान और पर्यटन एवं संस्‍कृति राज्‍य मंत्री एवं मुख्‍य सचिव उपाध्‍यक्ष हैं। वित्‍त विभाग, वन विभाग, नगरीय विकास एवं पर्यावरण तथा संस्‍कृति विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक हैं। टूरिज्‍म प्रमोशन यूनिट, योजना, प्रशिक्षण, ईको टूरिज्‍म एवं एडवेंचर, रचनात्‍मक एवं प्रचार-प्रसार गतिविधियाँ, मार्केटिंग, मेला एवं उत्‍सव, सूचना प्रौद्योगिकी आदि गतिविधियाँ मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड में सम्‍पादित होंगी। मध्‍यप्रदेश राज्‍य पर्यटन विकास निगम द्वारा पूर्ववत होटलों, रेस्‍टोरेंट, बोटक्‍लब, परिवहन बेड़े आदि का संचालन किया जाता रहेगा।


aaट्रेवल मार्ट से टूरिज्म की गतिविधियों को मिलेगी नई दिशा: राज्य मंत्री श्री पटवा


28 October 2017

पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने आज यहां एम.पी. ट्रेवल मार्ट के चौथे सोपान का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयासों से मध्यप्रदेश में पर्यटन विकास को राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी। साथ ही, पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेगे। पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक इस अवसर पर विशेष रूप से मौजूद थे। राज्य मंत्री श्री पटवा ने बताया कि ट्रेवल मार्ट में बिहार, गुजरात, कर्नाटक एवं मणिपुर राज्य ने पर्यटन क्षेत्र के अपनी-अपनी गतिविधियों को प्रद‍र्शित किया है। उन्होंने कहा कि इससे मध्यप्रदेश में पर्यटन उद्योग की संभावनाएँ, सैलानियों की आवाजाही में इजाफा होगा। पर्यटन क्षेत्र में निवेश और अंतर्क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। होटर्ल्स और हास्पिटेलिटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को ट्रेवल मार्ट से नई दिशा मिलेगी। राज्य मंत्री ने प्रदेश को मिले दस नेशनल आवर्ड को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिये विभाग प्रतिबद्ध है। श्री पटवा ने श्री गौर कांजीलाल की पुस्तक 'एवरी वन्स बिजनिस' का विमोचन भी किया।राज्य मंत्री श्री पटवा ने ट्रेवल मार्ट में लगाये गये 76 विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया। कार्यक्रम में पर्यटन विभाग के सचिव श्री हरि रंजन राव ने ट्रेवल मार्ट की गतिविधियों को रेखांकित किया। ट्रेवल मार्ट में कल शाम तक वन-टू-वन बिजनेस मीटिंग और बी-टू-बी मीटिंग तथा बी-टू-सी सहित विभिन्न सत्र होंगे।


राज्य मंत्री श्री पटवा एम.पी.ट्रेवल मार्ट के चौथे सोपान का करेंगे शुभारंभ
Our Correspondent :27 October

पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा मध्यप्रदेश ट्रेवल मार्ट के चौथे सोपान का शुभारंभ होटल लेक व्‍यू परिसर में शनिवार 28 अक्टूबर को प्रात: 9.30 बजे करेंगे। इस मौके पर पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक एवं सचिव पर्यटन श्री हरि रंजन राव मौजूद रहेंगे। ट्रेवल मार्ट में देश-विदेश के 200 से अधिक प्रतिनिधियों और बायर्स के भाग लेने की संभावना है। ट्रेवल मार्ट में वर्तमान परिप्रेक्ष्‍य में प्रदेश में पर्यटन उद्योग में संभावनाएँ, सैलानियों की आवाजाही में इजाफा करने, पर्यटन क्षेत्र में निवेश और अंतर्क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने सहित होटल्स और हॉस्पिटेलिटी पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श होगा। मार्ट में वन-टू-वन बिजनेस मीटिंग और बी-टू-बी मीटिंग तथा बी-टू-सी मीटिंग सहित विभिन्‍न सत्र और पर्यटन प्रदर्शनी भी आकर्षण का केन्द्र रहेगी। चुने हुए प्रतिनिधि एवं बायर्स भोपाल में हेरिटेज वॉक में हिस्‍सा लेंगे तथा प्रदेश के विभिन्‍न पर्यटन स्‍थलों का भ्रमण भी करेंगे।


एम.पी.ट्रेवल मार्ट का चौथा सोपान भोपाल में
Our Correspondent :25 October

मध्यप्रदेश ट्रेवल मार्ट का चौथा सोपान 27 से 29 अक्टूबर तक भोपाल में होगा। ट्रेवल मार्ट का शुभारंभ शनिवार 28 अक्‍टूबर को प्रात: 9.30 बजे होटल लेक व्‍यू परिसर में होगा। मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड द्वारा आयोजित किये जा रहे ट्रेवल मार्ट में देश और विदेश के लगभग 200 से अधिक प्रतिनिधियों और बायर्स के भाग लेने की संभावना है। मार्ट में लगभग 50 टूर ऑपरेटर्स भी भाग लेंगे। देश के अतिरिक्‍त विदेशों से ऑस्‍ट्रेलिया, यू.एस.ए., ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर, हांगकांग, साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रिया आदि देशों से टूर ऑपरेटर्स के भी इसमें भाग लेने की संभावना है। ट्रेवल मार्ट में पर्यटन क्षेत्र में स्‍टेक होल्‍डर्स को पर्यटन क्षेत्र में नई संभावनाओं पर चर्चा कर नए अवसरों का सृजन किये जाने, मध्‍यप्रदेश के संदर्भ में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने, प्रदेश के पर्यटन स्‍थलों पर आने वाले पर्यटकों की संख्‍या में इजाफा जैसे महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक उपयुक्‍त प्‍लेटफार्म उपलब्‍ध करवाया जा रहा है। मार्ट में टूरिज्‍म एवं हॉस्पिटेलिटी, एडवेंचर टूर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्‍टॉरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया सहित टूर, ट्रेवल, हॉस्पिटेलिटी, होटल एवं रेस्‍टॉरेंट, उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। ट्रेवल मार्ट में वर्तमान परिप्रेक्ष्‍य में प्रदेश में पर्यटन उद्योग में संभावनाएँ, सैलानियों की आवाजाही में इजाफा करने, पर्यटन क्षेत्र में निवेश और अंतर्क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने सहित होटल्स और हॉस्पिटेलिटी पर महत्वपूर्ण विमर्श होगा। मार्ट में वन-टू-वन बिजनेस मीटिंग और बी-टू-बी मीटिंग और बी-टू-सी सहित विभिन्‍न सत्र और पर्यटन प्रदर्शनी भी आकर्षण का केन्द्र रहेगी। चुने हुए प्रतिनिधि एवं बायर्स भोपाल में हेरिटेज वॉक में हिस्‍सा लेंगे तथा प्रदेश के विभिन्‍न पर्यटन स्‍थलों का भ्रमण भी करेंगे।


मध्‍यप्रदेश पर्यटन को एक और नेशनल अवार्ड
Our Correspondent :25 October

मध्‍यप्रदेश पर्यटन को आज एक और प्रतिष्ठित नेशनल अवार्ड प्राप्‍त हुआ। अवसर था नई दिल्‍ली स्थित राजपथ लॉन में आयोजित ‘पर्यटन पर्व’ के समापन समारोह का। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा देश भर में मनाए गए पर्यटन पर्व के दौरान विभिन्‍न गतिविधियों के आयोजन और सर्वश्रेष्‍ठ सहभागिता के लिए मध्‍यप्रदेश पर्यटन का चयन किया गया। केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज शाम नई दिल्‍ली में यह प्रतिष्ठित अवार्ड सचिव मुख्‍यमंत्री एवं पर्यटन श्री हरि रंजन राव को सौंपा।


मध्यप्रदेश अब अवार्ड देने वाला राज्य भी बना
Our Correspondent :16 October

उल्‍लेखनीय है कि भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा निर्धारित कार्यक्रम अनुसार देश भर में 5 अक्‍टूबर से 25 अक्‍टूबर के दौरान पर्यटन पर्व मनाया गया। मध्‍यप्रदेश में मुख्‍यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जिला कलेक्‍टर्स के साथ वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये ‘पर्यटन पर्व’ के दौरान विविध गतिविधियाँ आयोजित करने के निर्देश दिये थे। पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्‍द्र पटवा ने भी ‘पर्यटन पर्व’ को सफल बनाने में अधिक से अधिक भागीदारी की अपील की थी। पर्यटन पर्व के दौरान जिलों में जिला पर्यटन संवर्धन परिषद (डी.टी.पी.सी.) की बैठकों का आयोजन जिला प्रभारी मंत्री की अध्‍यक्षता में किया गया। मध्‍यप्रदेश में पर्यटन पर्व के दौरान हनुवंतिया में प्रतिष्ठित जल-महोत्‍सव का शुभारंभ हुआ। पर्यटन स्‍थलों और जिलों में विविध सांस्‍कृतिक, रोचक और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम तथा प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। इस दौरान भोपाल, ओरछा, पचमढ़ी, खजुराहो, बरगी, भेड़ाघाट जबलपुर, ग्‍वालियर सहित अन्‍य स्‍थानों पर पर्यटन पर्व के कार्यक्रम आयोजित किए गए। पर्यटन पर्व के सफल आयोजन में सभी जिलों में जिला प्रशासन, जिला पर्यटन संवर्धन परिषद और पर्यटन निगम की होटल्‍स एवं अन्‍य इकाईयों का सक्रिय योगदान रहा है।


जल-महोत्सव हनुवंतिया की शुरूआत 15 अक्टूबर से
Our Correspondent :14 October

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के प्रतिष्ठित जल-महोत्सव (तृतीय) का रविवार 15 अक्टूबर को शाम 5 बजे हनुवंतिया में शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री इस मौके पर एम.पी. टूरिज्म अवार्ड के विजेताओं को अवार्ड प्रदान करेंगे। इस बार जल-महोत्सव 15 अक्टूबर से प्रारंभ होकर आगामी 2 जनवरी, 2018 तक चलेगा। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री नंदकुमार सिंह चौहान करेंगे। ऊर्जा मंत्री एवं प्रभरी मंत्री श्री पारस चंद्र जैन, पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा, राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक और क्षेत्रीय विधायक श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर के विशेष आतिथ्य में शुभारंभ समारोह संपन्न होगा। उल्लास, उमंग और उत्साह से सराबोर जल-महोत्सव का मुख्य आकर्षण स्कूबा डाईविंग और बोट रेस होगी। जल-महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक संध्या भी होगी। सैलानियों की सहूलियत के लिये वॉटर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स हनुवंतिया में विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। जल-महोत्सव में सैनालियों के लिये स्विस टेंट लगाए गए हैं। फूड जोन, क्राफ्ट बाजार एवं पुण्य सलिला नर्मदा पर केन्द्रित सुरूचिपूर्ण प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। बोट क्लब पर सुरक्षा के सभी प्रबंध किये जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि द्वितीय जल-महोत्सव में सैलानी इस बार विभिन्न त्योहारों, सप्ताहांत, वर्षान्त एवं दिसम्बर में शीतकालीन अवकाश के दिनों में प्राकृतिक सुन्दरता एवं जल राशि के बीच यहाँ की सैर का लुत्फ उठा सकेंगे। जल-महोत्सव के दौरान पर्यटक अपने परिजन के साथ वर्षांत की छुट्टियाँ मनाने के साथ ही नव-वर्ष 2018 की उमंग भरी सुबह का स्वागत भी कर सकेंगे। दरअसल हनुवंतिया रोजाना की आपाधापी और भागदौड़ तथा व्यस्त दिनचर्या से दूर एक तनावमुक्त और शांत संसार है जहाँ की उन्मुक्त स्वच्छ हवा और पानी साहसिक और रोमांचक खेलों के लिय प्रेरित करता है। जल-महोत्सव में वॉटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों के साथ रोमांचक और साहसिक खेलों की गतिविधियाँ भी की जायेगी।


पर्यटन पर्व’ की शुरुआत 6 अक्टूबर से
Our Correspondent :05 October

प्रदेश में शुक्रवार 6 अक्टूबर से आगामी 25 अक्टूबर तक विशेष पर्यटन अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप इस अभियान को ‘पर्यटन पर्व’ के रूप में संचालित किया जाएगा। इसके लिये सभी जिलों को एक कार्य - योजना बनाकर उस पर अमल सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने – अपने जिलों में जिला पर्यटन संवर्धन परिषद (डी.टी.पी.सी.) की बैठकों का आयोजन इस दौरान सुनिश्चित करें। यह बैठकें जिला प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में होगी। जिला प्रभारी मंत्रियों के मार्गदर्शन में जिले के किसी एक पर्यटन स्थल को फोकस कर विविध गतिविधियाँ की जाएगी। विशेष पर्यटन अभियान ‘पर्यटन पर्व’ के सुचारू संचालन के लिये सचिव मुख्यमंत्री एवं पर्यटन श्री हरि रंजन राव ने सभी जिला कलेक्टर एवं जिला पर्यटन संवर्धन परिषद के सचिव को कार्य-योजना के क्रियान्वयन के संबंध में जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि पर्यटन के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में किए गए नवाचारों के अंतर्गत सभी जिलों में जिला पर्यटन संवर्धन परिषद का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य पर्यटन की दृष्टि से स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण पहल करना है जिससे कि जन-जागरूकता बढ़ाई जा सके। साथ ही पर्यटन स्थलों पर उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की गुणवत्ता में और भी सुधार लाया जा सके। डी.टी.पी.सी. की बैठकें जिला प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में होगी और इनमें राज्य एवं जिला स्तर पर पर्यटन क्षेत्र में किए गए कार्यों और उपलब्धियों को प्रेजेंटेशन तथा लघु फिल्मों के जरिये प्रदर्शित किया जाएगा। बैठक में टूर ऑपरेटर्स और ट्रेवल एजेंट्स भी शामिल रहेंगे। मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा मार्ग सुविधा केन्द्रों की नीति के अंतर्गत महत्वपूर्ण मार्गों पर प्रत्येक 40 से 50 किलोमीटर की दूरी पर मार्ग सुविधा केन्द्र (Way Side Amenities) के निर्माण का लक्ष्य है। इसके लिये 300 से अधिक स्थलों की पहचान की जा चुकी है। अनेक जगहों पर मार्ग सुविधा केन्द्रों का काम प्रगति पर है। अभियान के दौरान ऐसे मार्ग सुविधा केन्द्र जो तैयार हो गए हैं उनके दस्तावेजीकरण, कब्जा-अन्तरण और लोकार्पण का काम किया जाएगा। महत्वाकांक्षी ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के अंतर्गत विभिन्न पर्यटन केन्द्रों में स्वच्छता एवं सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए डी.टी.पी.सी. द्वारा स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से काम किया जाएगा। जिला स्तर पर स्थानीय पर्यटन पर केन्द्रित लोकगीत, लोक नृत्य, कला यात्रा, फूड फेस्टिवल एवं नुक्कड़ नाटक जैसे कार्यक्रम आयोजित करने को कहा गया है। हाल ही में संपन्न पर्यटन क्विज प्रतियोगिता में अहम भूमिका निभाने वाले जिले के उत्कृष्ट क्विज मास्टर्स को सम्मानित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी जिलों में संपन्न पर्यटन क्विज में लगभग 5990 स्कूलों के 18 हजार से भी अधिक विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कौशन उन्नयन एवं रोजगार सृजन को दृष्टिगत रखते हुए पर्यटन संबंधी विषयों पर विभिन्न प्रशिक्षण होंगे। पर्यटन केन्द्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम और एडवेंचर केम्प आदि आयोजित करने को भी कहा गया है।


राष्ट्रपति ने विश्‍व पर्यटन दिवस के अवसर पर यात्रा, पर्यटन और आतिथ्‍य उद्योग की विभिन्‍न श्रेणियों में ‘राष्‍ट्रीय पर्यटन पुरस्‍कार 2015-16’ प्रदान किये 04 October 2017
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज यहां ‘विश्‍व पर्यटन दिवस’ के अवसर पर संस्‍कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में यात्रा, पर्यटन और आतिथ्‍य उद्योग की विभिन्‍न श्रेणियों में ‘राष्‍ट्रीय पर्यटन पुरस्‍कार 2015-16’ प्रदान किये। पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री अल्‍फोंस कन्‍ननथनम ने समारोह की अध्‍यक्षता की। समारोह में राज्‍यों के पर्यटन मंत्री, केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों के अधिकारी, प्रमुख होटलों के मालिक, ट्रेवल एजेंट और टूर ऑपरेटर सहित यात्रा और आतिथ्‍य उद्योग के सदस्‍य, पर्यटन और आतिथ्‍य संस्‍थानों के छात्र, ट्रेवल मीडिया तथा पत्रकार उपस्थित थे। इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने ‘अतुल्‍य भारत 2.0 अभियान : ‘एक विरासत अपनाएं’ परियोजना और नए अतुल्‍य भारत वेबसाइट का शुभारंभ भी किया। ‘अतुल्‍य भारत 2.0 अभियान’ डिजिटल और सोशल मीडिया पर अधिक ध्‍यान केंद्रित कर बाजार आधारित प्रचार योजनाओं और उत्‍पाद विशिष्‍टता के आधार पर रचनात्‍मकता के लिए विश्‍वभर में किये जा रहे मौजूदा वर्गीकृत प्रचार में हो रहे परिवर्तन को दर्शाता है। ‘एक विरासत अपनाएं’ परियोजना का उद्देश्‍य पर्यटक सुविधाएं विकसित करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को विरासत स्‍थल सौंपना है। इन स्‍थलों को अपनाकर वे ‘स्‍मारक मित्र’ बन जायेंगे। ‘नया अतुल्‍य भारत वेबसाइट’ मौजूदा वेबसाइट का उन्‍नत संस्‍करण हैं जिसमें कई उपयोगी सुविधाएं हैं। इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि पर्यटन विश्‍व के सबसे बड़े उद्योग में से एक है। इसके विकास का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि दुनिया भर में पर्यटकों की संख्या 1950 में 2.2 करोड़ थी जो 2016 में बढ़कर 123 करोड़ हो गई। विश्व के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पर्यटन उद्योग का 10.2 प्रतिशत का योगदान है। अनुमान है कि दुनिया में प्रत्‍येक दसवां व्यक्ति पर्यटन उद्योग में कार्य करता है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका पर्यटन उद्योग से जुड़ी हुई है। वर्ष 2016 में सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन का 9.6 प्रतिशत और कुल रोजगार में 9.3 प्रतिशत योगदान था। पर्यटन उद्योग स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने और गरीबी दूर करने में महत्‍वपूर्ण योगदान दे सकता है। एक आकंलन के अनुसार, पर्यटन उद्योग में 10 लाख रुपये का निवेश कर लगभग 90 लोगों को रोजगार प्रदान किया जा सकता है, जबकि कृषि क्षेत्र में लगभग 45 लोगों और विनिर्माण क्षेत्र में लगभग 13 लोगों के लिये रोजगार उपलब्‍ध होता है। राष्ट्रपति ने कहा कि समावेशी पर्यटन विकास से समेकित आर्थिक विकास को सुदृढ़ किया जा सकता है। प्रत्येक नागरिक को अपने स्तर पर पर्यटकों को अच्छा अनुभव प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए। पर्यटन के प्रति जागरूक समाज में सरकार की भूमिका केवल दिशा और सुविधाजनक वातावरण प्रदान करने की है। राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा आज शुरू की गयी ‘एक विरासत परियोजना अपनाएं’ से हमारे समृद्ध और विविध विरासत स्मारकों को पर्यटक-अनुकूल बनाने की भरपूर संभावनाएं हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की भागीदारी से यह परियोजना हमारी विरासत के रखरखाव में मददगार साबित होगी। पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री अल्‍फोंस कन्‍ननथनम ने अपने संबोधन में राष्‍ट्रीय पर्यटन पुरस्‍कार 2015-16 के विजेताओं को बधाई दी और आग्रह किया कि विश्‍वभर के यात्रियों के लिए भारत को सबसे पसंदीदा गंतव्‍य स्‍थान बनाने के लिए सभी प्रतिबद्ध हों। उन्‍होंने कहा कि भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन बढ़ा है और घरेलू पर्यटक यात्राओं में वृद्धि हुई है। विश्‍व आर्थिक फोरम के यात्रा और पर्यटन प्रतिस्‍पर्धी सूचकांक 2017 में भारत की रैंकिंग वर्ष 2015 में 65वें स्‍थान से बढ़कर 52वें स्‍थान पर पहुंच गई थी और अब भारत का स्‍थान 12 पॉइंट और बढ़कर 40वां है। उन्‍होंने कहा कि भारत एक ऐसा गंतव्‍य स्‍थल है जहां सभी यात्रियों की जरूरतें पूरी होती हैं। हमारा सामूहिक लक्ष्‍य भारत में पर्यटन क्षेत्र को स्‍थायी और जिम्‍मेदार तरीके से विकसित करना है। बडे पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने, गरीबी उन्‍मूलन, स्‍थानीय समुदायों के आर्थिक और सामाजिक लाभ तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए अपनी अंतरनीहित क्षमताओं के कारण पर्यटन का वांछनीय स्‍थान है। उन्‍होंने यात्रा और पर्यटन उद्योग के नेताओं से पर्यटन पर अपने अभिनव विचार साझा करने का आग्रह किया ताकि इसे प्रधानमंत्री के महान विचार बदलते भारत के पर्यटन क्षेत्र में साकार किया जा सके। अपने स्‍वागत उद्बोधन में पर्यटन मंत्रालय में सचिव श्रीमती रश्मि वर्मा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भारत का पर्यटन क्षेत्र बढि़या प्रदर्शन कर रहा है और इसकी वृद्धि दर विश्‍व पर्यटन की औसतन वृद्धि दर से अधिक है। 2016 में भारत में 8.80 मीलियन विदेशी पर्यटकों का स्‍वागत किया था जो 2015 की तुलना में 9.7 प्रतिशत अधिक था। जनवरी से जुलाई 2017 की अवधि के दौरान विदेशी पर्यटकों के आगमन में 15.7 प्रतिशत की दो अंकीय वृद्धिदर रही, जिसके कारण वर्तमान वर्ष में भी पर्यटन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। यह पर्यटन क्षेत्र के हमारे साझेदारों की समर्थन और सहयोग के बिना संभव नहीं था। भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय प्रतिवर्ष यात्रा, पर्यटन और आतिथ्‍य उद्योग की विभिन्‍न श्रेणियों में राष्‍ट्रीय पर्यटन पुरस्‍कार प्रदान करता है। यह पुरस्‍कार राज्‍य सरकारों / केन्‍द्र शासित प्रदेशों, वर्गीकृत होटलों, विरासत होटलों, मान्‍यता प्राप्‍त ट्रेवल एजेंटों, टूर ऑपरेटरों, पर्यटक परिवहन संचालकों, व्‍यक्तियों और अन्‍य निजी संगठनों को अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रदान किये जाते हैं। राष्‍ट्रीय पर्यटन पुरस्‍कार पिछले कुछ वर्षों से यात्रा, पर्यटन और आतिथ्‍य क्षेत्रों में उपलब्धियों के लिए प्रतिष्ठित सम्‍मान माने जाते हैं। पुरस्‍कार समारोह की तिथि का चयन विश्‍व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्‍य में किया गया जो प्रतिवर्ष 27 सितम्‍बर को मनाया जाता है। विश्‍व पर्यटन दिवस मनाने का उद्देश्‍य पर्यटन के महत्‍व और इसकी सामाजिक सांस्‍कृतिक राजनीतिक तथा आर्थिक मूल्‍यों के प्रति अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय में जागरूकता बढ़ाना है।
विभिन्‍न श्रेणियों में राष्‍ट्रीय पर्यटन पुरस्‍कार (2015-16) विजेताओं की सूची .
क्र.स.
श्रेणी
पुरस्‍कार विजेता
हॉल ऑफ फेम पुरस्‍कार 1 पर्यटन के व्‍यापक विकास के लिए सर्वश्रेष्‍ठ राज्‍य गुजरात
2 पर्यटन के व्‍यापक विकास के लिए सर्वश्रेष्‍ठ राज्‍य मध्‍य प्रदेश
3 सर्वश्रेष्‍ठ इनबाउंड टूर ऑपरेटर – श्रेणी- I मैसर्स ली पेसेज टू इंडिया टूर्स एंड ट्रेवल्‍स, नई दिल्‍ली
4 सर्वश्रेष्‍ठ इनबाउंड टूर ऑपरेटर – श्रेणी- I मैसर्स एसओटीसी ट्रेवल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड 5 सर्वश्रेष्‍ठ इनबाउंड टूर ऑपरेटर – श्रेणी-IV मैसर्स ट्रेवलाइट (इंडिया), नई दिल्‍ली
6 पर्यटक परिवहन संचालक-श्रेणी I मैसर्स अल्वर टूरिस्‍ट ट्रांसपोर्ट सर्विस, नई दिल्‍ली
7 सूचना प्रौद्योगिकी का सबसे अभिनव उपयोग पर्यटन विभाग, केरल सरकार

ट्रेवल एजेंट / इनबाउंड टूर ऑपरेटर .

श्रेणी I – 100करोड़ रूपये और उससे ऊपर की विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाले .
8 प्रथम पुरस्‍कार मैसर्स एबर क्रोम्‍बी एंड कैंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्‍ली
9 दूसरा पुरस्‍कार मैसर्स एसडीयू ट्रेवल्‍स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्‍ली

श्रेणी II - 50 करोड़ रूपये से अधिक लेकिन 100 करोड़ रूपये से कम विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाले.
10 प्रथम पुरस्‍कार मैसर्स मीनार ट्रेवल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्‍ली
11 दूसरा पुरस्‍कार मैसर्स कैपर ट्रेवल कंपनी प्राइवेट लिमिटेड गुडगांव
श्रेणी III - 25 करोड़ रूपये से अधिक लेकिन 50 करोड़ रूपये से कम विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाले 12 प्रथम पुरस्‍कार मैसर्स पेट्टिट्स इंडिया टूअर्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्‍ली
13 दूसरा पुरस्‍कार मैसर्स जीबी मोरिसन ट्रेवल प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्‍ली

श्रेणी IV - 10 करोड़ रूपये से अधिक लेकिन 25 करोड़ रूपये से कम विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाले .
14 प्रथम पुरस्‍कार अम्‍बर टूर्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्‍ली
15 दूसरा पुरस्‍कार पेरिप्‍लस ट्रेवल्‍स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्‍ली
श्रेणी V - 5 करोड़ रूपये से अधिक लेकिन 10 करोड़ रूपये से कम विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाले 16 प्रथम पुरस्‍कार मैसर्स सेंटर टूअर्स एंड ट्रेवल्‍स, श्रीनगर
17 दूसरा पुरस्‍कार मैसर्स वेस्‍ना टूअर्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्‍ली
श्रेणी VI – 2.50 करोड़ रूपये से अधिक लेकिन 5 करोड़ रूपये से कम विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाले 18 प्रथम पुरस्‍कार मैसर्स स्‍पेशल हॉलिडेज ट्रेवल्‍स प्राइवेट लिमिटेड 19 दूसरा पुरस्‍कार मैसर्स वल्‍र्डवाइड रेल जर्नी प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा

घरेलू टूर ऑपरेटर.
20 सर्वेश्रेष्‍ठ घरेलू टूर ऑपरेटर (सिक्किम सहित पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के पर्यटक उत्‍पादों को बढ़ावा देना और बिक्री करना) मैसर्स हीट ट्रेवल्‍स एंड टूर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, सिलिगुडी
शेष भारत के पर्यटक उत्‍पादों को बढ़ावा देना और बिक्री करना 21 सर्वेश्रेष्‍ठ घरेलू टूर ऑपरेटर –श्रेणी I मैसर्स यात्रा ऑनलाइन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्‍ली
22 सर्वेश्रेष्‍ठ घरेलू टूर ऑपरेटर - श्रेणी II मैसर्स क्‍लबसाइड टूर्स एंड ट्रेवल्‍स प्राइवेट लिमिटेड, दार्जिलिंग

पर्यटक परिवहन संचालक .
श्रेणी I -पर्यटक परिवहन संचालन के जरिए 50 करोड और उससे अधिक का कारोबार करने वाले 23 प्रथम पुरस्‍कार मैसर्स ईसीओएस(I) मोबिलिटि एंड होस्पिटिलिटि प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्‍ली
श्रेणी II - पर्यटक परिवहन संचालन के जरिए 10 करोड और उससे अधिक लेकिन 50 करोड़ से कम का कारोबार करने वाले 24 प्रथम मैसर्स बाला टूरिस्‍ट सर्विस, चेन्‍नई
श्रेणी III - पर्यटक परिवहन संचालन के जरिए 1 करोड और उससे अधिक लेकिन 10 करोड़ से कम का कारोबार करने वाले 25 पहला पुरस्‍कार मैसर्स एफटीटी कैब्‍स प्राइवेट लिमिटेड,नई दिल्‍ली
26 दूसरा पुरस्‍कार मैसर्स पनिकर्स ट्रेवल्‍स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड,नई दिल्‍ली
सर्वश्रेष्‍ठ एडवंचर टूर ऑपरेटर 27
सर्वश्रेष्‍ठ एडवंचर टूर ऑपरेटर-इनबाउंड .
मैसर्स फॉर होरीजोन, फरीदाबाद
28 सर्वश्रेष्‍ठ एडवंचर टूर ऑपरेटर – घरेलू मैसर्स क्‍लब साइड टूर्स एंड ट्रेवल्‍स प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
29
सर्वश्रेष्‍ठ एमआईसीई टूर ऑपरेटर्स.
मैसर्स अल्‍पकोर्ड नेटवर्क, नई दिल्‍ली
30 एमआईसीई और एडवंचर के अलावा अन्‍य स्‍थलों को बढ़ावा देने वाले टूर ऑपरेटर मैसर्स लोटस डेस्‍टीनेशन्स प्राइवेट लिमिटेड, कोच्चि
31 सर्वश्रेष्‍ठ पर्यटक गाइड श्री के काशीनाथ राव, तेलंगाना
32 श्रीमती रमा खांडवाला, मुम्‍बई
(विशेष पुरस्‍कार) 33 सर्वश्रेष्‍ठ वन्‍य जीव गाइड श्री सईब खान
सतपुडा राष्‍ट्रीय उद्यान, पचमढी, मध्‍य प्रदेश .

प्रचार और प्रोत्‍साहन के लिए पुरस्‍कार .
प्रकाशन में उत्‍कृष्‍टता
34
अंग्रेजी में उत्‍कृष्‍ट प्रकाशन.
कॉफी टेबल पुस्‍तक ‘’द हार्ट ऑफ इंक्रेडिबल इंडिया’’ के लिए मध्‍य प्रदेश पर्यटन
35
हिन्‍दी में उत्‍कृष्‍ट प्रकाशन.
सिंहस्‍थ 2016 विवरणिका के लिए मध्‍य प्रदेश पर्यटन
36 अंग्रेजी के अलावा अन्‍य विदेशी भाषा में उत्‍कृष्‍ट प्रकाशन (संयुक्‍त विजेता) स्‍पेनिश भाषा में विवरणिका के लिए केरल सरकार का पर्यटन विभाग
37 मेंडरिन भाषा में विवरणिका के लिए तेलंगाना सरकार का पर्यटन विभाग
38
सर्वश्रेष्‍ठ पर्यटन फिल्‍म्‍ .
राजस्‍थान पर प्रचार फिल्‍म, पर्यटन विभाग, राजस्‍थान सरकार
39 मैसर्स सेफ वील्‍ज़ टूर एंड ट्रेवल्‍स, मैसूरू की “विजिट मैसूरू” (विशेष पुरस्‍कार)
40 राज्‍यों/ केन्‍द्र शासित प्रदेशों द्वारा सर्वश्रेष्‍ठ पर्यटन प्रोत्‍साहन प्रचार सामग्री पर्यटन विवरणिका फिल्‍म ‘योअर नेक्‍सट ब्‍लॉक बस्‍टर डेस्टिनेशन’ के प्रकाशन के लिए पर्यटन विभाग, केरल सरकार
41 सोशल मीडिया / मोबाइल एप्‍प – सूचना प्रौद्योगिकी का सबसे अभिनव उपयोग सोशल मीडिया अभियान के लिए गोवा पर्यटन विकास निगम लिमिटेड, पणजी आतिथ्‍य वर्ग

सम्‍मेलन केन्‍द्र .
42 बैठक स्‍थल के आधार पर सर्वश्रेष्‍ठ होटल द अशोक, नई दिल्‍ली
43 सर्वश्रेष्‍ठ अकेला सम्‍मेलन केन्‍द्र लिओनिया अंतरराष्‍ट्रीय प्रदर्शनी और सम्‍मेलन केन्‍द्र, हैदराबाद
44 सर्वश्रेष्‍ठ अकेला रेस्‍टोरेट खैबर, मुम्‍बई

सर्वश्रेष्‍ठ शैफ.
45 4 स्‍टार, 5 स्‍टार, 5 स्‍टार डीलक्‍स, हेरिटेज क्‍लासिक और ग्रेंड श्रेणी के होटलों में श्री अरविंद राय, द अशोक होटल, नई दिल्‍ली
46 सर्वश्रेष्‍ठ महिला शैफ सुश्री मधुमिता महंता, एक्‍जक्यिूटिव शैफ, द ललित ग्रेट इस्‍टर्न, कोलकाता


अतुल्‍य भारत प्रवास और अल्‍पाहार सुविधा प्रतिष्‍ठान .
47 भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त हाउस ऑफ कपाली, ग्रेटर नोएडा होटल 48 सर्वश्रेष्‍ठ पर्यावरण अनुकूल होटल आईटीसी मौर्य, नई दिल्‍ली
49 दिव्‍यांग अतिथियों के लिए श्रेष्‍ठ सुवधिाएं देने वाला होटल द ललित, नई दिल्‍ली


विरासत होटल.
50 विरासत मूल श्रेणी समोद हवेली, गंगापोल, जयपुर
51 विरासत भव्‍य श्रेणी फतेह प्रकाश पैलेस, उदयपुर

वर्गीकृत होटल .
52 3 स्‍टार होटल ब्‍लीस, तिरूपति
53 4 स्‍टार ताज विवांता, कुमारकोम, केरल
54 5 स्‍टार ट्राइडेंट, गुरूग्राम
55 5 स्‍टार डीलक्‍स
(संयुक्‍त विजेता) द ओबेराय उदयविलास, उदयपुर
56 द ताज वेस्‍ट एंड, बैगलुरू

विशिष्‍ट पर्यटन पुरस्‍कार .
57
सबसे अभिनव और असाधारण उत्‍पाद .
हनुवंतिया और जल महोत्‍सव, मध्‍य प्रदेश पर्यटन
58
जिम्‍मेदार पर्यटन परियोजना / पहल .
विभिन्‍न जिम्‍मेदार पर्यटन पहलों के लिए सिक्किम
59 कुमाराकोम में जिम्‍मेदार पर्यटन के लिए केरल सरकार का पर्यटन विभाग
60
पर्यटन अनुकूल गोल्‍फ कोर्स .
जेपी ग्रीन गोल्‍फ कोर्स, ग्रेटर नोएडा
61
स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र .
सोमतीराम रिसर्च इंस्‍टीटयूट एंड आयुर्वेद हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, केरल
62
चिकित्‍सा पर्यटन सुविधा .
अपोलो हेल्‍थ सिटी, हैदराबाद
63
सर्वश्रेष्‍ठ फिल्‍म प्रोत्‍साहन अनुकूल राज्‍य .
मध्‍य प्रदेश
64
एडवेंचर पर्यटन के लिए सर्वश्रेष्‍ठ राज्‍य.
मध्‍य प्रदेश


अन्‍य श्रेणी .


सर्वश्रेष्‍ठ हवाई अड्डा .
65
10 श्रेणी के शहर .
छत्रपति शिवाजी अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा, मुम्‍बई, महाराष्‍ट्र
66
अन्‍य शहर .
(संयुक्‍त विजेता) श्रीनगर अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा, श्रीनगर, जम्‍मू और कश्‍मीर
67 स्‍वामी विवेकानंद हवाई अड्डा, रायपुर
68
पर्यटक अनुकूल रेलवे स्‍टेशन .
उज्‍जैन रेलवे स्‍टेशन, मध्‍य प्रदेश
69
सर्वश्रेष्‍ठ विरासत यात्रा .
इंडिया सिटी वॉक्‍स द्वारा लीडिंग फ्रॉम द फ्रंट : बीईंग गांधी – गांधी यात्रा 70
सर्वश्रेष्‍ठ विरासत शहर .
(संयुक्‍त विजेता) वारांगल, तेलंगाना
71 चंदेरी, मध्‍य प्रदेश
72 सर्वश्रेष्‍ठ सहेजा और दिव्‍यांग अनुकूल स्‍मारक चौमहला पैलेस, हैदराबाद, तेलंगाना

पर्यटक स्‍थलों का नगर पालिका प्रबंधन .
73
A श्रेणी .
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी)
74
B श्रेणी .
खरगोन, मध्‍य प्रदेश
75
C श्रेणी .
सरोवरम बायो पार्क, केरल
76 सव्‍च्‍छता पुरस्‍कार तेलंगाना सरकार
पर्यटन के व्‍यापक विकास के लिए सर्वश्रेष्‍ठ राज्‍य / केन्‍द्र शासित प्रदेश .
77 तीसरा पुरस्‍कार (संयुक्‍त विजेता) केरल
78 गोवा
79 दूसरा पुरस्‍कार राजस्‍थान
80 पहला पुरस्‍कार आंध्र प्रदेश

aaएक साथ 10 नेशनल अवार्ड मिलना बड़ी उपलब्धि-मुख्यमंत्री श्री चौहान


3 October 2017

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को आज मंत्रि-परिषद की बैठक में पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने पर्यटन विभाग को प्राप्त 10 नेशनल अवार्ड सौंपे। इस अवसर पर बताया गया कि आगामी 25 अक्टूबर को मंत्रि-परिषद बैठक का आयोजन ओंकारेश्वर के निकट नव-विकसित सैलानी रिसॉर्ट में होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक के उपरांत टीम पर्यटन से मंत्रालय में भेंट कर चर्चा की और उनको अभूतपूर्व उपलब्धि के लिये बधाई और शुभकामनाएँ दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यटन की टीम बहुत अच्छा काम कर रही है। एक साथ 10 राष्ट्रीय पुरस्कार मिलना बड़ी उपलब्धि है। प्रदेश के विकास में पर्यटन का स्थान प्रमुख है। यह रोजगार सृजन का बड़ा जरिया है। उन्होंने 6 अक्टूबर से प्रारंभ 'पर्यटन पर्व' के दौरान पर्यटन गतिविधियों का व्यापक स्तर पर संचालन करने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि पूरे उत्साह और जज्बे के साथ कार्य किये जाये। पर्यटन सचिव श्री हरि रंजन राव ने बताया कि राज्य स्तरीय अवार्ड समारोह आगामी 15 अक्टूबर को हनुवंतिया पर्यटन केन्द्र में होगा। उन्होंने बताया कि विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर मध्यप्रदेश को एक साथ 10 राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुए। नेशनल अवार्ड वितरण समारोह में मध्यप्रदेश में आयोजित ‘जल-महोत्सव हनुवंतिया को मोस्ट इनोवेटिव टूरिस्ट प्रोडक्ट’ और मध्यप्रदेश टूरिज्म को हाल ऑफ फेम का बेस्ट स्टेट फॉर एडवेंचर टूरिज्म का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ। ‘चंदेरी को बेस्ट हेरिटेज सिटी’, खरगौन को सिविक मैनेजमेंट ऑफ टूरिस्ट डेस्टिनेशन ऑफ इंडिया का, उज्जैन रेलवे स्टेशन को टूरिस्ट फ्रेंडली रेलवे स्टेशन और इंग्लिश कॉफी टेबल बुक को एक्सिलेंस इन पब्लिशिंग का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ। इसी प्रकार बेस्ट फिल्म प्रमोशन फ्रेंडली स्टेट/यूनियन टेराटोरी में फिल्म प्रमोशन पॉलिसी का राष्ट्रीय अवार्ड भी मध्यप्रदेश पर्यटन को प्राप्त हुआ। सिंहस्थ 2016 में मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा प्रकाशित हिन्दी ब्रोशर को एक्सीलेंस इन पब्लिशिंग इन हिन्दी ब्रोशर का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ। बेस्ट वाइल्ड लाइफ गाइड का राष्ट्रीय पुरस्कार पचमढ़ी के श्री सईब खान को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक, पर्यटन निगम की प्रबंध संचालक श्रीमती छवि भारद्वाज, अपर प्रबंधक संचालक डॉ. श्रीकांत पाण्डेय, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड और निगम के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


मध्यप्रदेश पर्यटन को हॉल ऑफ फेम का राष्ट्रीय अवार्ड
Our Correspondent :27 September 2017

मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसे लगातार 3 साल से बेस्ट टूरिज्म स्टेट का राष्ट्रीय अवार्ड हासिल हुआ है। इस उपलक्ष्य में मध्यप्रदेश पर्यटन को आज नई दिल्ली में हॉल ऑफ फेम अवार्ड (Hall of Fame Award) से नवाज़ा गया। विज्ञान भवन में आयोजित गरिमापूर्ण समारोह में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने मध्यप्रदेश के पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा, राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक एवं पर्यटन सचिव श्री हरि रंजन राव को यह अवार्ड प्रदान किया। अवार्ड के रूप में ट्राफी और प्रशस्ति-पत्र दिया गया। केन्द्रीय पर्यटन एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)श्री के.जे.अलफोंस भी मौजूद थे। विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर आज मध्यप्रदेश को एक बार फिर एक साथ 10 राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुए। नेशनल अवार्ड वितरण समारोह में मध्यप्रदेश में आयोजित ‘जल-महोत्सव हनुवंतिया को मोस्ट इनोवेटिव टूरिस्ट प्रोडक्ट’ और मध्यप्रदेश टूरिज्म को बेस्ट स्टेट फॉर एडवेंचर टूरिज्म का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ। ‘चंदेरी को बेस्ट हेरिटेज सिटी’, खरगौन को सिविक मैनेजमेंट ऑफ टूरिस्ट डेस्टिनेशन ऑफ इंडिया का, उज्जैन रेलवे स्टेशन को टूरिस्ट फ्रेंडली रेलवे स्टेशन और इंग्लिश कॉफी टेबल बुक को एक्सिलेंस इन पब्लिशिंग का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ। इसी प्रकार बेस्ट फिल्म प्रमोशन फ्रेंडली स्टेट/यूनियन टेराटोरी में फिल्म प्रमोशन पॉलिसी का राष्ट्रीय अवार्ड भी मध्यप्रदेश पर्यटन को प्राप्त हुआ। सिंहस्थ 2016 में मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा प्रकाशित हिन्दी ब्रोशर को एक्सिलेंस इन पब्लिशिंग इन हिन्दी ब्रोशर का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ। बेस्ट वाइल्ड लाइफ गाइड का राष्ट्रीय पुरस्कार पचमढ़ी के श्री सईब खान को प्राप्त हुआ। मध्यप्रदेश पर्यटन के लिए आज का दिन बड़ा महत्वपूर्ण रहा जब नई-दिल्ली में राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार के गरिमापूर्ण समारोह में पर्यटन के लिये प्रतिष्ठित 10 अवार्ड एक साथ मध्यप्रदेश को मिले। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश पर्यटन को लगातार तीसरे साल पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुए हैं। पिछले वर्ष मध्यप्रदेश पर्यटन को 5 और इसके पूर्व वर्ष में 6 राष्ट्रीय अवार्ड सहित अन्य अवार्ड प्राप्त हुए थे। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में अनेक मनोरम पर्यटन स्थल, तीन विश्व धरोहर, दो ज्योतिर्लिंग, ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक स्थल, ईको टूरिज्म, राष्ट्रीय उद्यान आदि पर्यटन स्थल किसी भी पर्यटक को मंत्रमुग्ध करने की क्षमता रखते हैं। यह पर्यटन स्थल सैलानियों को आल्हादित कर देते हैं। इस मौके पर म.प्र. राज्य पर्यटन निगम की एम.डी. श्रीमती छवि भारद्वाज, अपर प्रबंध संचालक डॉ. श्रीकांत पाण्डेय, कार्यपालिक निदेशक श्री ओ.वी.चौधरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।


राज्य-स्तरीय पर्यटन क्विज में भोपाल विजेता और सतना के छात्रों का ग्रुप उप विजेता
Our Correspondent :27 September 2017

मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम एवं भोपाल टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में 'विश्व पर्यटन दिवस'' के मौके पर राज्य-स्तरीय पर्यटन क्विज प्रतियोगिता में डीपीएस भोपाल के छात्रों का ग्रुप विजेता एवं सतना जिले के विद्यालयीन छात्रों का समूह उप विजेता रहे। विजेता, उप विजेता और अन्य प्रतिभागियों को सांसद श्री आलोक संजर एवं भोपाल कलेक्टर श्री सुदाम खाडे ने मेडल-प्रमाण-पत्र वितरित किये। क्विज प्रतियोगिता में इन विजेता, उप विजेता ग्रुप के अलावा सीधी, दमोह, बैतूल एवं अशोकनगर जिले के विद्यालयीन छात्रों के ग्रुप ने हिस्सा लिया। कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर हुई मल्टी मीडिया क्विज में प्रदेश के पुरातत्व महत्व के प्राचीन धरोहर, पर्यटन स्थल और धार्मिक पर्यटन स्थलों पर केन्द्रित 120 प्रश्नों को चित्रों के माध्यम से स्थान और उनकी विशेषताओं को पूछा गया। क्विज मास्टर श्री रविकांत ठाकुर की प्रस्तुति को सभी ने सराहा। इसके पूर्व राज्य-स्तरीय पर्यटन क्विज में प्रथम चरण में लिखित क्विज प्रतियोगिता हुई। इसमें प्रदेश के 51 जिलों से विद्यालयीन छात्र-छात्राएँ प्रतिभागी के रूप में शामिल हुए। लिखित क्विज प्रतियोगिता में शामिल हुए छात्र-छात्राओं ने भोपाल को स्वच्छता में नम्बर-1 बनाने की शपथ ली। विभिन्न जिलों से आये छात्र-छात्राओं ने यह भी संकल्प लिया कि वे अपने जिले, खासतौर पर अपने नगर को स्वच्छ बनाने में सक्रिय भागीदारी निभायेंगे।


पर्यटन भवन में अध्यक्ष श्री भौमिक ने किया ध्वजारोहण
Our Correspondent :15 Aug 2017

स्वतंत्रता दिवस पर पर्यटन भवन में राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक ने राष्ट्र ध्वज फहराया। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्र गीत हुआ। श्री भौमिक ने पर्यटन निगम और टूरिज्म बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई देते हुए देश और प्रदेश के विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का आव्हान किया। सचिव मुख्यमंत्री, पर्यटन एवं पर्यटन निगम के प्रबंध संचालक श्री हरि रंजन राव, अपर प्रबंध संचालक डॉ. श्रीकांत पाण्डे सहित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।


पर्यटन-स्थल कुकरू के लिये ऑनलाइन बुकिंग सुविधा शुरू
Our Correspondent :11 Aug 2017

बैतूल जिले का कुकरू क्षेत्र अपने नैसर्गिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों में दिनों-दिन लोकप्रिय होता जा रहा है। यहाँ के प्राकृतिक विहंगम दृश्य, नजदीकी मेल घाट और चीकलधारा (हिल-स्टेशन) पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र बन रहे हैं। इसे देखते हुए ईको पर्यटन बोर्ड ने ऑनलाइन बुकिंग सुविधा शुरू की है। पर्यटकों के लिये जुलाई में विभिन्न पैकेज वाला जंगल कैम्प भी तैयार किया गया है, जिनकी पर्यटक ऑनलाइन बुकिंग करा सकेंगे। एम.पी. ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पर्यटक mponling.gov.in पर जाकर ईको-टूरिज्म सिलेक्ट कर घर बैठे बुकिंग कर सकते हैं। कुकरू में पर्यटकों के लिये स्थानीय व्यंजन के साथ-साथ रात्रि विश्राम की व्यवस्था, कॉटेज एवं टेंट में रहेगी। इसी के साथ उन्हें नेचर ट्रेल, पक्षी-दर्शन, प्रकृति-दर्शन और अन्य गतिविधियों की भी सुविधा मिलेगी। एक-दिवसीय पैकेज में कम से कम चार पर्यटकों का होना अनिवार्य है। तीन सौ रुपये प्रति पर्यटक वाले पैकेज में वेलकम ड्रिंक, लंच, कॉफी, प्लांटेशन भ्रमण, एम.एन. बुच प्वाइंट ट्रेक, भोण्डिया कुण्ड दर्शन, पवन ऊर्जा संयंत्र भ्रमण शामिल है। आठ सौ रुपये प्रति पर्यटक एक दिवस-रात्रि पैकेज में एल्पाइन टेंट में ठहरने की सुविधा, वेलकम ड्रिंक, लंच, कॉफी, प्लांटेशन भ्रमण, एम.एन. बुच प्वाइंट ट्रेक, भोण्डिया कुण्ड दर्शन, पवन ऊर्जा संयंत्र भ्रमण के साथ साहसिक गतिविधियाँ शामिल हैं। एक दिवस-रात्रि 900 रुपये प्रति पर्यटक पैकेज में ईकोनॉमी कमरे में ठहरने की सुविधा के साथ वेलकम ड्रिंक, लंच, कॉफी, प्लांटेशन भ्रमण, एम.एन. बुच प्वाइंट ट्रेक, भोण्डिया कुण्ड दर्शन, पवन ऊर्जा संयंत्र भ्रमण के साथ साहसिक गतिविधियाँ शामिल हैं। जबकि 1000 रुपये प्रति पर्यटक वाले पैकेज में डीलक्स कमरे में एक दिन-रात ठहरने की सुविधा के साथ पर्यटक वेलकम ड्रिंक, लंच, कॉफी, प्लांटेशन भ्रमण, एम.एन. बुच प्वाइंट ट्रेक, भोण्डिया कुण्ड दर्शन, पवन ऊर्जा संयंत्र भ्रमण के साथ साहसिक गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे।


पर्यटन स्‍कूल क्विज में 18 हजार विद्यार्थियों ने करवाया पंजीयन
Our Correspondent :10 Aug 2017

मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड द्वारा 19 अगस्‍त को प्रदेश के सभी जिलों में की जा रही पर्यटन क्विज में भाग लेने के लिये 18 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने अपना रजिस्‍ट्रेशन करवाया है। क्विज प्रतियोगिता 19 अगस्‍त को एक साथ सभी जिलों में होगी। क्विज के सुचारू संचालन के उद्देश्‍य से जिला स्‍तर पर नियुक्‍त क्विज मास्‍टर को आज भोपाल में उन्‍मुखीकरण प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में मुख्‍य रूप से लिखित परीक्षा तथा मल्‍टी मीडिया क्विज आयोजन के महत्‍वपूर्ण बिन्‍दुओं से अवगत करवाया गया। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि पर्यटन क्विज में सफल प्रतिभागियों को प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्‍थलों के भ्रमण के लिये नि:शुल्‍क कूपन उपलब्‍ध करवाए जाएंगे। इस बार सफल विद्यार्थी जिले के क्विज मास्‍टर के साथ भ्रमण पर जाएंगे। पर्यटन स्‍थलों के भ्रमण के पश्‍चात विद्यार्थी इन स्‍थानों पर केन्द्रित अपने विचार, अनुभव, फोटोग्राफ, स्‍केच आदि साझा कर सकेंगे। इसमें से चयनित सामग्री राज्‍य स्‍तर पर एक समग्र संकलन के रूप में प्रकाशित की जाएगी। क्विज मास्‍टर उन्‍मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ टूरिज्‍म बोर्ड के अपर प्रबंध संचालक डॉ. श्रीकांत पांडे ने दीप जलाकर किया। डॉ. पांडे ने पर्यटन क्विज को सफल बनाने के लिये क्विज मास्‍टर से टीम भावना और समर्पित होकर कार्य करने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा कि विद्यार्थियों को क्विज के जरिये पर्यटन स्‍थल, विरासत और धरोहरों से जोड़कर उन्‍हें प्रोत्‍साहित करें। इस मौके पर बताया गया कि मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड द्वारा पर्यटन क्विज के द्वितीय सोपान के आयोजन के संबंध में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी जानकारी मंगवाई गयी है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्‍य रूप से शिक्षा विभाग के श्री रविकांत ठाकुर एवं श्री उपेन्‍द्र यादव ने क्विज मास्‍टर को आवश्‍यक मार्गदर्शन दिया। प्रशिक्षण के प्रश्‍नोत्‍तर में प्रतिभागियों के जिज्ञासापूर्ण प्रश्‍नों के उत्‍तर भी दिये गये। इस मौके पर टूरिज्‍म बोर्ड के उप संचालक श्री परमेश जलोटे एवं सुश्री रश्मि बोस सहित अन्‍य अधिकारी मौजूद थे।


एम.पी. टूरिज्म अवार्डस के लिए प्रविष्टियाँ 28 अगस्त तक आमंत्रित
Our Correspondent :5 Aug 2017

पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा एम.पी. स्टेट टूरिज्म अवार्ड स्थापित किये गये हैं। अलग-अलग 22 श्रेणी में दिये जाने वाले इन अवार्डस के लिए प्रविष्टियाँ आगामी 28 अगस्त 2017 तक आमंत्रित की गई हैं। अवार्डस के लिए प्रविष्टियाँ केवल ऑनलाइन ही स्वीकार की जायेंगी। पर्यटन में उत्कृष्टता के लिए जिन श्रेणियों के लिए अवार्डस दिये जायेंगे उनमें सर्वश्रेष्ठ टूर ऑपरेटर्स (राष्ट्रीय), सर्वश्रेष्ठ ट्रेवल एजेन्ट (म.प्र.), पर्यटन परिवहन ऑपरेटर्स (म.प्र.), साहसिक-रोमांचक टूर ऑपरेटर्स, सर्वश्रेष्ठ होटल/हेरिटेज होटल, होम स्टे, मध्यप्रदेश के सर्वश्रेष्ठ शेफ, कन्वेंशन सेंटर, रिस्पांसिबल टूरिज्म प्रोजेक्ट, सिविल मेनेजमेंट के लिए सर्वश्रेष्ठ नगर, जिला पर्यटन संवर्धन परिषद (डी.टी.पी.सी.) आदि शामिल हैं। इसी प्रकार मध्यप्रदेश के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गाइड, अभिनव / नवाचारी टूरिज्म प्रोजेक्ट, सोशल मीडिया पर म.प्र. पर्यटक मित्र स्मारक, पर्यटक मित्र राष्ट्रीय उद्यान/ अभयारण्य, मार्ग सुविधा केन्द्र (WSA), पर्यटक मित्र तीर्थ-स्थल, एम्यूजमेंट / वाटर पार्क, सर्वश्रेष्ठ रेस्तरॉं (रेस्टोरेंट), आर्ट एवं क्राफ्ट में सर्वश्रेष्ठ कलाकार शिल्पी तथा सर्वश्रेष्ठ ट्रेवल राइटर/ ब्लॉगर आदि के लिए भी अवार्डस दिये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश को सबसे पंसदीदा और लोकप्रिय पर्यटक स्थल बनाने के प्रयासों की श्रंखला में पर्यटन क्षेत्र के लोगों/संस्थानों द्वारा किये जा रहे नवाचार और अभिनव प्रयासों को सम्मानित और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से म.प्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा उत्कृष्टता अवार्ड स्थापित किये गये हैं। इनके लिए ऑनलाइन आवेदन http://www.tourism.mp.gov.in पर 28 अगस्त तक प्रस्तुत किये जा सकेंगे। इस संबंध में और अधिक जानकारी के लिए मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के मोबाइल नम्बर 9713870577 पर भी सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है।


अतुल्‍य भारत-विश्‍व पर्यटन का केन्‍द्र बनने की ओर अग्रसर
Our Correspondent :4 Aug 2017

‘‘एक ऐसी जगह जिसे सभी लोग देखना चाहते हैं और एक बार इसके दर्शन कर लेने के बाद, भले ही उन्‍होंने इसकी केवल झलक भर देखी हो, दुनिया की तमाम छवियों को इस एक झलक पर न्‍योछावर करने को तैयार हों’’—ये पंक्तियां हैं मार्क ट्वेन की जो उन्‍होंने भारत के बारे में लिखी थीं। ‘अतुल्‍य भारत’ वाक्‍यांश से मन में अनेक अनोखे चित्र उभरते हैं जिनमें उत्‍तर में हिमालय की हिम मंडित चोटियों से लेकर पश्चिम में फैला विशाल मरुस्‍थल, पूर्व की अनोखी वनस्‍पतियां, गर्म जलवायु के वर्षावन, मनोहर झीलें, रमणीक समुद्र तट और दक्षिण में मानसून की वर्षा की फुहारें शामिल हैं। इसके अलावा भी यहां बहुत कुछ है जैसे यहां के अनेक ऐतिहासिक, सांस्‍कृतिक और धरोहर स्‍थल जो देश की उस विविधता को प्रदर्शित करते हैं जो सदियों पुरानी है। दुनिया भर के पर्यटक भारत आकर भांति-भांति के जो अनुभव हासिल करते हैं वही इसे स्‍वर्ग के समान और ‘अतुल्‍य’ बनाते हैं। यह एक ऐसा स्‍वर्ग है जहां आने की चाहत वे बार-बार अपने मन में करते हैं। जहां दुनिया के अनेक देशों में पर्यटकों को छुट्टियां मनाते हुए सिर्फ एक तरह का अनुभव प्राप्‍त होता है, वहीं भारत में उन्‍हें जलवायु, भूगोल, संस्‍कृति, कला, साहित्‍य, जातीयता और खान-पान संबंधी विविध अनुभव हासिल होते हैं। देश की इस अतुल्‍य धरोहर, विरासत और प्रकृति का लाभ उठाने के लिए सरकार ने जो अनेक योजनाएं बनाई हैं उनके अच्‍छे परिणाम सामने आने लगे हैं। भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्‍या और उससे सरकार के राजस्‍व तथा विदेशी मुद्रा की आय में बढ़ोतरी इसका स्‍पष्‍ट प्रमाण हैं। सरकार अपनी नयी पर्यटन नीतियों और कार्यक्रमों से जिन लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए प्रयासरत है उनमें पर्यटन से देश की अर्थव्‍यवस्‍था और राजस्‍व का समावेशी एवं निरंतर विकास, रोजगार के अवसरों का सृजन, विदेशी निवेश में वृद्धि तथा दुनिया के देशों के साथ सांस्‍कृतिक संबंधों में मजबूती सम्मिलित हैं।
भारत में पर्यटन का विकास . भारत सदियों से विदेशी यात्रियों, पर्यटकों और व्‍यापारियों के आकर्षण का केन्‍द्र रहा है। दुनिया के अन्‍य देशों, सभ्‍यताओं और लोगों के साथ भारतीय उप-महाद्वीप का निरंतर संपर्क हमारी सांस्‍कृतिक विविधता में स्‍पष्‍ट रूप से परिलक्षित होता है जिसे हमारी भाषाओं, रीति-रिवाजों, त्‍योहार व उत्‍सवों, संगीत, नृत्‍य और कलाओं आदि में देखा जा सकता है। लेकिन यह भी एक तथ्‍य है कि आजादी के बाद के शुरुआती वर्षों में पर्यटन क्षेत्र पर ज्‍यादा ध्‍यान नहीं दिया गया क्‍योंकि उस समय कोई यह कल्‍पना भी नहीं कर सकता था कि यह बड़े पैमाने पर आमदनी उपलब्‍ध कराने वाला उद्योग साबित हो सकता है। भारतीय पर्यटन के क्षेत्र की महत्‍वपूर्ण घटनाओं में से एक वर्ष 1966 में भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) का गठन था। इसका मूल्‍य उद्देश्‍य देश में पर्यटन के बुनियादी ढांचे और सेवाओं का विकास करना था। इसी तरह के संगठन राज्‍यों में भी बनाए गये। पर्यटन क्षेत्र की गतिविधियों और नीतिगत पहलों ने 1980 के दशक के बाद सही मायने में गति पकड़ी। 1982 में, यानी देश की आजादी के 35 साल बाद भारत में पहली बार पर्यटन के बारे में राष्‍ट्रीय नीति की घोषणा की गयी। इसी वर्ष भारत में एशियाई खेलों की मेजबानी करने की योजना भी बनी थी जिसके तहत विदेश से बड़ी संख्या में लोगों के आगमन की संभावनाओं को ध्‍यान में रखते हुए विदेशी मेहमानों के रहने, ठहरने और मनोरंजन की सुविधाओं को केन्‍द्र बनाकर देश में पर्यटन पर जबरदस्‍त चर्चा भी छिड़ी। पर्यटन के बारे में आम दिलचस्‍पी और बहस से ही पहली राष्‍ट्रीय पर्यटन नीति का जन्‍म हुआ जिसके तहत इस क्षेत्र के विकास के लिए एक कार्य योजना तैयार की गयी। इसके बाद के दशकों में भारत की वैश्विक छवि में बदलाव आया और भारत झुग्‍गी-झोंपडि़यों वाले और गरीबी से ग्रस्‍त देश की बजाय विकासशील देश और उसके बाद उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति के रूप में सामने आने लगा। इससे बाद के दशकों में भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्‍या में लगातार तेजी से बढ़ी। एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2002 में सरकार ने नयी पर्यटन नीति तैयार की जिसका उद्देश्‍य था पर्यटन को देश के आर्थिक विकास के प्रमुख कारक के रूप में प्रतिष्ठित करना और रोजगार तथा गरीबी उन्‍मूलन में इसके प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष प्रभावों का इस तरह से फायदा उठाना जिससे कि पर्यावरण पर भी इसका प्रतिकूल असर न पड़ने पाये।
अतुल्‍य भारत . ‘अतुल्‍य भारत’ की आत्‍मा, विविधता में एकता में अंतर्निहित है। भारत, यहां आने वाले पर्यटकों को भांति-भांति के अनुभव एकमुश्‍त उपलब्‍ध कराता है। देश का प्रत्‍येक क्षेत्र सैलानियों को अपने तरह का अनोखा अनुभव देता है जो शेष भारत से एकदम अलग होता है। देश के उत्‍तरी भाग में पर्यटक बर्फ से ढकी चोटियों और वादियों के बीच पर्वतीय क्षेत्र का आनंद उठा सकते हैं तो दक्षिण में सागर का अनंत विस्‍तार उन्‍हें खूबसूरत तटों, झीलों और नदियों के मनोरम दृश्‍यों की जो झलक दिखाता है उसका अनुभव एकदम अलग होता है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह या लक्ष द्वीप में समुद्री जीवों और शांत द्वीपों की पवित्र सुंदरता के दर्शन होते हैं। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम - कुंभ मेले में भाग लेकर पर्यटक भारत की सदियों पुरानी धार्मिक परम्‍परा का हिस्‍सा बन सकते हैं। देश के विभिन्‍न भागों में आयोजित किये जाने वाले वार्षिक साहित्‍योत्‍सव देश की कला और साहित्‍य की समृद्ध परम्‍परा की स्‍पष्‍ट झांकी प्रस्‍तुत करते हैं। इस तरह भारत के अनोखे गंतव्‍य स्‍थल, यहां के ग्रामीण अंचल, रंगारंग उत्‍सव, रं‍गबिरंगी पोशाकें, पारंपरिक पकवान और विभिन्‍न आस्‍था वाले लोगों का आपस में मिलजुल कर रहना एक ऐसा आकर्षण है जो छुट्टियां बिताने के लिए विदेश यात्राएं करने वाले पर्यटकों के लिए भारत को एक बेमिसाल जगह बना देता है।
नयी नीतियां और कार्यक्रम . भारत की विविधता, यहां के कम खर्चीले पर्यटन स्‍थानों, गंतव्‍य स्‍थलों की विशिष्‍ट ब्रांड छवियों और बढ़ते निजी व विदेशी निवेश ने भी अन्‍य देशों से भारत में पर्यटकों के आवागमन को बढ़ावा देने में अपना योगदान किया है। देश में पर्यटन की संभावनाओं के विस्‍तार और इसमें विविधता लाने तथा इसे साल के सभी दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केन्‍द्र बनाए रखने के लिए ‘नीश टूरिज्‍म प्रोडक्‍ट्स‘ यानी खास तरह के पर्यटकों के लिए खास तरह की सुविधाओं की शुरुआत से भी विदेशी पर्यटकों की संख्‍या में इजाफा हुआ है। इस तरह के नीश प्रोडक्‍ट्स (विशिष्‍ट पर्यटक सुविधाओं) में वन्‍यजीव एवं पारिस्थितिकीय पर्यटन; बैठक, प्रोत्‍साहन, सम्‍मेलन और कार्यक्रमों के आयोजन के लिए पर्यटन, टिकाऊ पर्यटन, गोल्‍फ पर्यटन, पोलो पर्यटन, चिकित्‍सा पर्यटन और स्‍वास्‍थ्‍य पर्यटन आदि शामिल हैं। इधर वीजा ऑन अराइवल (विदेशियों के स्‍वदेश आगमन के बाद उन्‍हें वीजा देने) सुविधा और ई-टूरिज्‍म वीजा सुविधा प्रारंभ किये जाने से भी भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्‍या बढ़ी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मई 2017 में भारत आए विदेशी पर्यटकों की संख्‍या 6.30 लाख तक पहुंच चुकी थी जबकि मई 2016 में यह 5.27 लाख और मई 2015 में 5.09 लाख थी। जनवरी से मई 2017 के दौरान भारत को पर्यटन से 74,008 करोड़ रुपये की आमदनी हुई जो 19.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाता है। सरकार अध्‍यात्मिक पर्यटन और तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देने पर विशेष रूप से ध्‍यान दे रही है। इससे भी पर्यटन क्षेत्र की क्षमता का और अधिक उपयोग हो सकेगा और भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्‍या में बढ़ोतरी होगी। पर्यटन की संभावनाओं वाले सर्किटों के योजनाबद्ध और प्राथमिकता के आधार पर विकास के लिए सरकार ने ‘स्‍वदेश दर्शन’ नाम की योजना शुरू की है। इसका उद्देश्‍य लोगों में संस्‍कृति और विरासत के महत्‍व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए देश में पर्यटन को बढ़ावा देना है। विश्‍व की आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर भारत के बढ़ते महत्‍व को ध्‍यान में रखते हुए यह उम्‍मीद की जा सकती है कि आने वाले वर्षों में यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्‍या में उत्तरोत्‍तर वृद्धि होगी।


सभी जिलों में एक साथ 19 अगस्‍त को होगी क्विज
Our Correspondent :22 July 2017

प्रश्‍नों के सही उत्‍तर बताओ – हिन्‍दुस्‍तान का दिल घूमकर आओ’ शीर्षक से पर्यटन संबंधी स्‍कूल क्विज में भाग लेने के लिये रजिस्‍ट्रेशन अब आगामी 29 जुलाई को शाम 5 बजे तक करवाया जा सकेगा। मध्यप्रदेश पर्यटन पर केन्द्रित स्कूल क्विज प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ 19 अगस्‍त, 2017 को आयोजित की जाएगी उल्‍लेखनीय है कि मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड द्वारा यह प्रतियोगिता जिला पर्यटन संवर्द्धन परिषद, जिला प्रशासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग के समन्वय से की जायेगी। प्रतियोगिता के संबंध में टूरिज्‍म बोर्ड से जरूरी दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये संबंधित स्‍कूलों द्वारा जिला पर्यटन संवर्धन परिषद (डी.टी.पी.सी.) तथा नोडल ऑफिसर को आवेदन दिये जा सकेंगे। नोडल ऑफिसर द्वारा प्राप्‍त आवेदन-पत्रों का रजिस्‍ट्रेशन 29 जुलाई 2017, शाम 5 बजे तक किया जाएगा। प्रतियोगिता का मुख्‍य उद्देश्‍य स्कूल के विद्यार्थियों को पर्यटन-स्थलों के प्रति जागरूक बनाने, उनमें जिज्ञासा उत्‍पन्‍न करने और ऐतिहासिक महत्व की धरोहरों से अवगत करवाकर उनका सामान्‍य ज्ञान और अभिरुचि बढ़ाना है। प्रतियोगिता में जिला-स्तर पर शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थी भाग ले सकेंगे। प्रत्‍येक विद्यालय से 3 छात्रों की एक टीम ही इसमें भागीदारी करेगी। लिखित क्विज में चयनित 6 श्रेष्‍ठ टीम मल्‍टीमीडिया क्विज प्रतियोगिता में भाग लेंगी। इसमें विजेता एवं उप-विजेता टीम का चयन होगा।


वॉटर टूरिज्‍म को बढ़ावा देने 15 जल-क्षेत्र अधिसूचित
Our Correspondent :14 July 2017

प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश संवर्धन के उद्देश्‍य से विभिन्‍न स्‍थानों पर किये जाने वाले रोड-शो एवं इंवेस्‍टर्स मीट की श्रंखला की शुरूआत आज भोपाल से हुई। निवेशकों को प्रदेश की नई पर्यटन नीति और पर्यटन में निवेश की संभावनाओं और सहूलियतों से अवगत करवाने के मकसद से अगले दो माह में 7 और स्‍थानों पर रोड शो और इंवेस्‍टर्स मीट आयोजित किये जायेंगे। इंवेस्‍टर्स मीट में बताया गया कि 16 प्रकार के टूरिज्‍म प्रोजेक्‍ट के लिये भूमि आवंटित की जा रही है। लगभग 477 हेक्‍टेयर का लैण्‍ड बैंक बनाया गया है। तकरीबन 19 यूनिट को 24 करोड़ का पूँजीगत अनुदान मुहैया करवाया गया है। वॉटर टूरिज्‍म को बढ़ावा देने के मकसद से 15 वॉटर बॉडीज अधिसूचित की गई है। लैण्‍ड अलोकेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया गया है। भोपाल में प्रथम रोड शो एवं इंवेस्‍टर्स मीट का शुभारंभ करते हुए राज्‍य पर्यटन विकास निगम के अध्‍यक्ष श्री तपन भौमिक ने कहा कि राज्‍य शासन ने प्रदेश में निवेशकों के अनुकूल और निवेशक मित्र पर्यटन नीति लागू की है। उन्‍होंने निवेशकों से आग्रह किया है कि वे उदार नीति का लाभ उठाकर पर्यटन निवेश में निवेश के लिये आगे आएँ। श्री भौमिक ने प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जल-पर्यटन क्षेत्र में हाउस बोट, क्रूज और अन्‍य वॉटर स्‍पोर्ट्स गतिविधियों की शुरूआत की पहल की गई है। पर्यटन सचिव एवं टूरिज्‍म बोर्ड के एम.डी. श्री हरि रंजन राव ने कहा कि पर्यटन का क्षेत्र आज रोजगार सृजन का प्रमुख जरिया बन गया है। श्री राव ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में 10 लाख रुपए के निवेश पर लगभग 78 जॉब क्रिएशन होते हैं जो कि अन्‍य क्षेत्रों से ज्‍यादा है। उन्‍होंने बताया कि प्रदेश के हिल स्‍टेशन पचमढ़ी में पर्यटन की एक दर्जन से अधिक होटलें और रिसॉर्ट हैं जो सदैव फुल रहती हैं। स्‍पष्‍ट है कि प्रदेश में होटल और हॉस्पिटेलिटी के क्षेत्र में अत्‍यधिक संभावनाएँ हैं। इसके लिये निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है। टूरिज्‍म बोर्ड के निवेश संवर्धन संचालक श्री ए.के.राजोरिया ने अपने प्रेजेंटेशन में नई पर्यटन नीति, वॉटर टूरिज्‍म पॉलिसी, हेरिटेज होटल्‍स के विकास, मार्ग सुविधा केन्‍द्रों के संचालन में निजी क्षेत्र की भा‍गीदारी और होम-स्‍टे योजना सहित नई पर्यटन नीति के प्रमुख बिन्‍दुओं से अवगत करवाया। उन्‍होंने बताया कि आगामी 2020 तक प्रदेश में 19 हजार से अधिक कक्षों की जरूरत का आकलन किया गया है। स्‍पष्‍ट है कि होटल और हॉस्पिटेलिटी में निजी क्षेत्र के लिये बेहतर अवसर मौजूद हैं। अगले एक दशक में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार और पूंजीगत निवेश में लगभग 10 गुना इजाफा होने की संभावना है। प्रेजेंटेशन में नवगठित टूरिज्‍म बोर्ड के उद्देश्‍यों, कार्यप्रणाली, निवेश संवर्धन सेल, लैण्‍ड बैंक, तृतीय जल-महोत्‍सव हनुवंतिया के आयोजन सहित टूरिज्‍म सेक्‍टर में नए पोटेंशियल, रोड-मैप और भविष्‍य की संभावनाओं पर भी उपयोगी जानकारी दी गई। प्रारंभ में सी.आई.आई. के अध्‍यक्ष श्री के.एस.नंदा, श्री प्रदीप एवं श्री राजेश अग्रवाल ने अतिथियों का स्‍वागत किया। प्रश्‍नोत्‍तर सत्र में उपस्थित प्रतिभागियों और निवेशकों के जिज्ञासापूर्ण प्रश्‍नों के समाधानकारी उत्‍तर दिये भी गये।


पन्ना टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या बढ़ी
Our Correspondent :12 July 2017

पन्ना टाइगर रिजर्व में 30 जून को समाप्त हुए पर्यटन वर्ष 2016-17 में 38 हजार 545 पर्यटक ने भ्रमण किया। पर्यटकों में 28 हजार 79 भारतीय और 10 हजार 466 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। क्षेत्र संचालक श्री विनीत जैन ने बताया कि रिजर्व में कर्मचारियों की मेहनत और शासन द्वारा पर्यटक सुविधाएँ बढ़ाने से लगातार दूसरे साल पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले साल 36 हजार 730 और वर्ष 2014-15 में 14 हजार 897 पर्यटक पन्ना टाइगर रिजर्व की वानस्पतिक, प्राकृतिक सुंदरता और बाघों की बढ़ती संख्या का नजारा लेने आये थे। वर्षा ऋतु के मद्देनजर 30 जून से मुख्य रिजर्व में पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके साथ ही पर्यटन प्रेमियों के लिये एक जुलाई से बफर जोन में पर्यटन की सुविधा शुरू कर दी गयी है। बफर जोन पर्यटन के लिये ऑनलाइन सुविधा जारी है। पन्ना टाइगर रिजर्व का अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन वेबसाइट 'ट्रिप एडवाइजर' द्वारा पिछले साल की तरह इस साल भी 2017 के अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस के लिये चयन किया गया है। यह अवार्ड पर्यटकों के भ्रमण के बाद संतुष्टि के आधार पर दिया जाता है।


ईको पर्यटन बोर्ड ने शुरू की ऑनलाइन बुकिंग सेवा
Our Correspondent :22 May 2017

अंतर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस पर आज मध्यप्रदेश ईको टूरिज्म बोर्ड ने प्रकृति प्रेमियों के लिये ऑनलाइन बुकिंग सेवा प्रारंभ की। अब पर्यटक ecotourism.mponline.gov.in पर जाकर घर बैठे ईको पर्यटन स्थलों पर उपलब्ध गतिविधियों की जानकारी, ऑनलाइन आरक्षण एवं भुगतान सुविधा, ईको पर्यटन स्थलों के छायाचित्र एवं चलचित्र और विभिन्न कार्यक्रम- नेचर केम्प, ट्रेकिंग केम्प, वर्ल्ड वाचिंग केम्प की जानकारी एवं नामांकन सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। प्रधान मुख्य वन संरक्षण एवं वन बल प्रमुख श्री अनिमेष शुक्ला ने बुकिंग सेवा का शुभारंभ किया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री रवि श्रीवास्तव ने बताया कि प्रारंभ में यह सुविधा 3 जंगल केम्प कठौतिया, समरधा और केरवा के लिये की गयी है। भविष्य में प्रदेश के अन्य ईको पर्यटन स्थलों को भी इससे जोड़ा जायेगा और सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। कार्यक्रम में बोर्ड द्वारा ईको पर्यटन गतिविधियाँ, केम्प और ट्रेकिंग पर आधारित लघु फिल्में भी दिखायी गयीं।



पचमढ़ी एक ऐसी जगह है जो इंसान को खूबसूरती के नायाब तोहफे देती हैं


कुदरत ने जैसे पचमढ़ी को दिल-खोलकर प्राकृतिक सौन्‍दर्य बख्‍शा है। चारों ओर पहाड़ों के उन्‍नत शिखर, हरियाली और वन, गहरी खाइयाँ, स्‍वच्‍छन्‍द विचरण करते वन्‍य-प्राणी, रंग-बिरंगे दुर्लभ पक्षियों के झुण्‍ड शांत वातावरण में फैली अलग तरह की सोंधी खुशबू और स्‍वच्‍छ हवा स्‍वास्‍थ्‍य के लिये बहुत फायदेमंद है। देश के हृदय प्रदेश कहे जाने वाले मध्‍यप्रदेश में बहुत नजदीक गर्मियों की छुट्टियाँ बिताने या घूमने-फिरने के शौकीन लोगों के लिये कोई अच्‍छी जगह है तो वह पचमढ़ी है।


सतपुड़ा की रानी कही जाने वाली पचमढ़ी की सुरम्‍य वादियाँ और नयनाभिराम दृश्‍य किसी को भी पु‍लकित और मंत्रमुग्‍ध करने के लिये पर्याप्‍त है। लेकिन पचमढ़ी आज भी एक अबूझ पहेली की तरह है। यहाँ का इतिहास, जनश्रुतियाँ और किंवदंतियाँ सदैव ही आपको कुछ और नया जानने की जिज्ञासा उत्‍पन्‍न करती है।
राजधानी भोपाल से तकरीबन 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पचमढ़ी। भोपाल से पिपरिया तक सड़क सीधी-सपाट है। बाद में मटकुली से पगारा होकर पचमढ़ी तक जाने वाली टेड़ी-मेड़ी सड़क, रास्‍ते के दोनों ओर पहाड़ एवं घने जंगल संभलकर चलने के संकेत लगे होने के बावजूद किसी को भी अपनी ओर आकर्षित करते दिखते हैं। सतपुड़ा नेशनल पार्क से होकर गुजरता रास्‍ता और वन एवं वन्‍य-प्राणियों को किसी तरह का नुकसान न पहुँचाने की हिदायतें पढ़ते हुए आप आगे और आगे बढ़ते जाइये। एकाधिक स्‍थान पर अंकित चेतावनी कि यह इलाका मधुमक्खियों का है यहाँ रुकना ठीक नहीं है, भी एहतियात बरतने को प्रेरित करती है। सड़क के दोनों ओर उछल-कूद करते लाल मुँह वाले बंदर बरबस ही आपका ध्‍यान अपनी ओर खींचते हैं। लेकिन यहाँ भी लिखा मिलेगा कि ‘जंगली जानवरों को खाने के लिये कोई चीज न दें’। अलसुबह या शाम के धुंधलके में आपकी मुलाकात किसी अ ्‍य जंगली जानवर से भी हो सकती है।

भरी गर्मियों में किसी गुफा के नीचे से गुजरते हुए आपके सर पर शीतल जल की बूँदें चट्टानों से रिसकर गिरें तो आपको कैसा अनुभव होगा? पचमढ़ी में बड़ा महादेव और जटाशंकर मंदिर जाने वाले श्रृद्धालु और पर्यटकों को खोहनुमा पहाडि़यों और गुफाओं के नीचे से होकर गुजरना पड़ता है और ठंडे पानी की बूँदें जैसे उनका अभिनंदन करते नजर आती हैं। जटाशंकर बहुत ठंडा स्‍थान है, जो पहाड़ों के बीच बनी खोह के मध्‍य स्थित है। यहाँ आस-पास बहुतायत में आम के पेड़ लगे हैं। पहाड़ी चट्टानों के बीच आम और अन्‍य प्रजाति के विशाल पेड़ों की उपस्थिति स्‍वयं में आश्‍चर्य के साथ सुकून भी देती है।
बड़ा महादेव मंदिर परिसर में एक ब्रिटिश दंपति से मिलकर ज्ञात हुआ कि 75 वर्षीय श्री मॉन रॉड पैर से लाचार होने से बैसाखी के सहारे चलते हुए यहाँ महादेव के दर्शन करने पहुँचे हैं। उन्‍होंने बताया कि दुर्गम तीर्थ स्‍थल केदारनाथ के अतिरिक्‍त भारत में स्थित सभी ज्‍योतिर्लिंग के वे दर्शन कर चुके हैं। उन्‍हें भारत भ्रमण पर आना बहुत अच्‍छा लगता है और वे प्राय: हरेक साल अपनी पत्‍नी नोरीन के साथ यहाँ आते हैं। इस दम्‍पति की आँखों की चमक और इस उम्र में उनकी श्रद्धा तथा हौसला देखते ही बनता है। जटाशंकर मंदिर के नजदीक हमारी भेंट अहमदाबाद के सी.एन. स्‍कूल से आए नन्‍हे-मुन्‍ने विद्यार्थियों से होती है। अहमदाबाद से यहाँ तकरीबन 72 बच्‍चों का ग्रुप भ्रमण पर आया हुआ था। सी.एन. स्‍कूल के हर्ष वोरा, जश, हेली, विश्‍वा और दर्शिनी ने बड़े प्रफुल्लित होकर बताया कि उन्‍हें पचमढ़ी आकर यहाँ की हरियाली तथा सुंदरता देखकर बहुत खुशी हुई है। उनके पूरे ग्रुप को पचमढ़ी बहुत भाया है। वे फिर से अधिक वक्‍त निकालकर परिवार के साथ पचमढ़ी आना चाहेंगे।
वस्‍तुत: पचमढ़ी स्थित मंदिर और कुछ अन्‍य स्‍थान ‘नेचुरल एयर कंडीशनर’ की तरह हैं। यहाँ स्‍वाभाविक रूप से वातावरण में ठंडक बनी रहती है। यहाँ की आबोहवा और वातावरण को स्‍वास्‍थ्‍य के अत्‍यंत अनुकूल और लाभप्रद माना गया है। औषधियों में प्रयुक्‍त प्राचीन जड़ी-बूटियों का भंडार और दुर्लभ आयुर्वेदिक प्‍लांट यहाँ हैं। इस तरह पचमढ़ी को बॉटनी का भंडार भी कहा जाता है। पूर्व में यहाँ ‘सेनेटोरियम’ भी बनाया गया था जिसमें स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के लिये दूर-दूर के स्‍थानों से लोग यहाँ आते थे। आज भी दमा, श्‍वांस, मनोरोग और क्षय रोग से पीडि़त मरीजों के लिये पचमढ़ी स्‍वास्‍थ्‍यप्रद जगह है।




मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी टूरिज्म सर्किट में शामिल


वाणिज्य-उद्योग, रोजगार तथा खनिज साधन मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर टूरिज्म सर्किट में शामिल हो गयी है। उन्होंने कहा कि आगामी 15 मार्च तक सफारी में अन्य 60 वन्य-प्राणियों को भी लाने का कार्य किया जायेगा। श्री शुक्ल आज मुकुंदपुर सफारी के पास 6 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनाये जाने वाले ईको टूरिज्म पार्क का भूमि-पूजन कर रहे थे।


श्री शुक्ल ने कहा कि टाइगर सफारी देश के साथ अब दुनिया में भी चर्चा का विषय बन गयी है। सफेद बाघ को वापस लाकर जहाँ हमारे गौरव की वापसी हुई है। अब पर्यटन के जरिये क्षेत्र की बेरोजगारी दूर करने के कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सफारी पर्यटकों के लिये ईको टूरिज्म पार्क कौतूहल और आकर्षण का केन्द्र होगा जब केओपी वाक में 20 मीटर की ऊँचाई में पेड़ के डिजाइन में पहुँचकर रोमांच का अनुभव करेंगे। श्री शुक्ल ने कहा कि इसके साथ ही यहाँ दो मचान भी बनाये जायेंगे जहाँ से पर्यटक नीचे विचरण करने वाले वन्य-प्राणियों को देख जंगल का पूरा लुफ्त उठायेंगे।
उद्योग मंत्री ने कहा कि पर्यटकों के रुकने के लिये उच्च-स्तरीय गेस्ट हाउस, कॉटेज भी बनाने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिये कि पर्यटन विकास निगम द्वारा बनाये जा रहे भवन सहित सफारी के प्रथम चरण के सभी कार्य 15 अप्रैल तक अनिवार्यतः पूरे करवा दिये जायें।

बताया गया कि प्रदेश के पहले केन ओपीवाक का काम 15 अप्रैल तक पूरा हो जायेगा। साथ ही ईको पार्क के अन्य कार्य भी समय-सीमा में पूरे करवा लिये जायेंगे। टूरिज्म के क्षेत्र में ईको पार्क की महती जरूरत थी जिसके लिये 6 हेक्टेयर क्षेत्र में केओपी वाक, वाक रन पाथ, गेट सहित फेंसिग का कार्य डेढ़ माह में पूर्ण हो जायेगा। उद्योग मंत्री ने पर्यटन विकास निगम द्वारा निर्माणाधीन भवन का भी निरीक्षण किया।



गो हेरिटेज रन 26 फरवरी को
विश्व धरोहर एवं प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में हेरिटेज रन रविवार 26 फरवरी को की जा रही है। खजुराहो में इन दिनों चल रहे वार्षिक खजुराहो नृत्य महोत्सव के समापन दिवस पर गो हेरिटेज रन प्रात: 6 बजे से शुरू होगी।
इस मौके पर राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक हरी झण्डी दिखाकर दौड़ की शुरुआत करेंगे। पर्यटन सचिव एवं एम.डी. पर्यटन श्री हरि रंजन राव भी इस मौके पर मौजूद रहेंगे। मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा आयोजित इस दौड़ में दिल्ली, बैंगलूरू तथा हैदराबाद के साथ भोपाल रनर्स और खजुराहो, राजनगर तथा छतरपुर के स्थानीय लोग शामिल होंगे। दौड़ के सफल आयोजन के लिये जिला प्रशासन छतरपुर एवं मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के क्षेत्रीय कार्यालय खजुराहो द्वारा सभी जरूरी तैयारियाँ की गई हैं। स्थान-स्थान पर आकर्षक बैनर और प्रोत्साहन के लिये स्लोगन प्रदर्शित किये गये हैं।
दौड़ का रूट
गो हेरिटेज रन-खजुराहो के रूट की दूरी 5, 10 तथा 21 किलोमीटर निर्धारित की गई है। यह चौंसठ योगिनी मंदिर से शुरू होकर वापस इसी स्थान पर समाप्त होगी। इसमें प्रतिभागी अपनी पसंद से दूरी दौड़ कर, पैदल या जॉगिंग कर तय कर सकते हैं।


संस्कृति, पर्यटन एवं पुरातत्व के क्षेत्र में प्रदेश की देश में अलग पहचान

संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने कहा है कि संस्कृति, पर्यटन और पुरातत्व के क्षेत्र में संरक्षण-संवर्द्धन के कामों से प्रदेश की पूरे देश में अलग पहचान बनी है। श्री पटवा आज राज्य संग्रहालय में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर राष्ट्रीय सम्मान से प्रो. दिलीप चक्रवर्ती को सम्मानित कर रहे थे।
राज्य मंत्री श्री पटवा ने प्रो. चक्रवर्ती को 2 लाख की राशि एवं प्रशस्ति-पटिट्का से अलंकृत किया। संस्कृति विभाग द्वारा पुरा-सम्पदा के संरक्षण एवं पुरातात्विक संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर की उत्कृष्ट प्रतिभा को डा. विष्णु श्रीधर वाकणकर के नाम से 2005-06 से स्थापित राष्ट्रीय सम्मान इसके पहले तक 8 विद्वान को सम्मानित किया जा चुका है। प्रो. चक्रवर्ती को वर्ष 2013-14 के लिए सम्मानित किया गया है।
श्री पटवा ने कहा है कि प्रो. दिलीप कुमार चक्रवर्ती ने पुरातत्व एवं इतिहास के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है। उनकी लिखी पुस्तकों ने देश- विदेश में ख्याति अर्जित की है। ऐसे उत्कृष्ट प्रतिभा के धनी प्रो. चक्रवर्ती का योगदान महत्वपूर्ण है।
राज्य मंत्री श्री पटवा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चोहान के कुशल नेतृत्व में प्रदेश ने संस्कृति,पुरातत्व एवं पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये हैं। पुरातत्व के संरक्षण एवं संवर्धन के मामले में प्रदेश ने अलग पहचान बनाई है। श्री पटवा ने डॉ. चक्रवर्ती द्वारा पुरातत्व के क्षेत्र में दिए गए अमूल्य योगदान को अतुलनीय बताया।
पुरातत्व आयुक्त श्री अनुपम राजन ने डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर सम्मान के बारे में बताते हुए कहा कि श्री वाकणकर मध्यप्रदेश की भूमि के ऐसे पुरातत्वविद् थे जिनकी उपलब्धियों ने न केवल प्रदेश के लिए अपितु देश के पुरातत्व इतिहास में नवीन आयाम जोड़े। डॉ. वाकणकर ही ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने भीम-बैठका की खोज की थी। डॉ. वाकणकर द्वारा भीम बैठका की खोज के कारण मध्यप्रदेश अंतराष्ट्रीय मंच पर जाना जाता है। भीम बैठका विश्व धरोहर में शामिल है। डॉ. वाकणकर ने पुरातत्व एवं इतिहास के क्षेत्र में नवीन खोजें कर परम्परा स्थापित की थीं। इसी परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए देश के विद्धानों को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया जाता है। प्रो. चक्रवर्ती को विगत 50 साल की अवधि में पुरातत्व के क्षेत्र में दिये गये अमूल्य योगदान के लिए राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित किया गया है। प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव ने प्रशस्ति-पत्र का वाचन किया।
चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता स्कूली छात्रों को किया पुरस्कृत
राज्य मंत्री श्री पटवा एवं राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित प्रो. दिलीप कुमार चक्रवर्ती ने भोपाल के स्कूली छात्र-छात्राओं को राज्य संग्रहालय में प्रदर्शित सामग्री की चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता छात्रों को पुरस्कार वितरित किये। प्रतियोगिता में तीन अलग-अलग ग्रुप में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार के लिए चयनित छात्र-छात्राओं को क्रमश: 5000, 3000, 2000 और 1000 रूपये की राशि और प्रमाण-पत्र दिये। हाल ही में सम्पन्न प्रतियोगिता में 330 स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा स्वेच्छानुसार पेंटिग तैयार की गई। उप संचालक डॉ.गीता सभरवाल ने आभार माना।


खजुराहो नृत्य समारोह का कथक नृत्य से हुआ शुभारंभ

43वें खजुराहो नृत्य समारोह का शुभारंभ खजुराहो में पश्चिम मंदिर समूह के पास मुक्ताकाशी मंच पर अतिथियों ने दीप जला कर किया। समारोह का शुभारंभ नई दिल्ली के कलाकार श्री अनुज मिश्रा के कथक नृत्य से हुआ। इसके बाद कोलकाता की कलाकार संचिता भटटाचार्य द्वारा ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति दी गई। अंत में गुड़गाँव की जयश्री आचार्य द्वारा कथक की समूह प्रस्तुति दी गई। शुभारंभ अवसर पर प्रदेश के 10 कलाकार को 21-21 हजार रूपये के मध्य प्रदेश राज्य रूपंकर कला पुरस्कार प्रदान किये गये।
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी समारोह का 20 से 26 फरवरी तक होगा। समारोह के दूसरे दिन 21 फरवरी को गुड़गाँव की सगुन भूटानी द्वारा ओडिसी, रायपुर की यास्मीन सिंह द्वारा कथक युगल एवं मुम्बई की दक्षा मशरूवाला द्वारा ओडिसी समूह नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी। कोयम्बटूर की लावण्या शंकर भरतनाट्यम, गुड़गाँव की रचना यादव कथक समूह, भुवनेश्वर के सदाशिव प्रधान मयूरभंज छाऊ एवं नोएडा की शिंजिनी कुलकर्णी 22 फरवरी को कथक नृत्य प्रस्तुत करेंगी। कोलकाता के संदीप मलिक एवं नई दिल्ली की शिखा खरे कथक, त्रिचूर की पल्लवी कृष्णन मोहिनीअट्टम समूह एवं यूएसए के कथा डाँस थियेटर के साथ रीता मित्रा मुस्तफी 23 फरवरी को कथक समूह नृत्य प्रस्तुत करेंगी।


24 फरवरी को जयपुर की मंजिरी किरण महाजनी एवं भोपाल के रासमणि कथक नृत्य, बैंगलुरू की रूक्मिणी विजय कुमार भरतनाट्यम एवं दिल्ली के वनश्री राव कुचिपुड़ी समूह नृत्य प्रस्तुत करेंगे। भुवनेश्वर के सौम्य बोस ओडिसी, नई दिल्ली की नीलाक्षी राय कथक, इम्फाल की मानसी थियाम एवं एन. अनुसना देवी मणिपुरी युगल तथा इंदौर की सुचित्रा हरमलकर 25 फरवरी को कथक समूह नृत्य प्रस्तुत करेंगी।
समारोह के समापन दिवस 26 फरवरी को अमित चौधरी एवं बांग्लादेश के कल्पतरू द्वारा भरतनाट्यम त्रयी, नई दिल्ली की विधा लाल एवं अभिमन्यु लाल द्वारा कथक युगल, गौरी द्विवेदी ओडिसी एवं चेन्नई की ज्योत्सना जगन्नाथ भरतनाट्यम की प्रस्तुति देंगी।
सात दिवसीय नृत्य समारोह में मध्य प्रदेश राज्य रूपंकर कला पुरस्कार एवं प्रदर्शनी (अलंकरण), भारतीय नृत्य शैली छाऊ की कला यात्रा (नेपथ्य), ललित कलाओं का मेला (आर्ट मार्ट), देशज कला परम्परा का मेला (हुनर), कलाकार और कलाविदों का संवाद (कला वार्ता), कला परम्परा और कलाकारों पर केंद्रित फिल्मों का उपक्रम (चलचित्र) एवं बांग्लादेश की कला गाथा (अतिथि देवो भवः) भी आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
शुभारंभ के दौरान विधायक श्री पुष्पेन्द्रनाथ पाठक एवं श्री आरडी प्रजापति, नगर परिषद खजुराहो अध्यक्ष श्रीमती कविता सिंह और संस्कृति आयुक्त एवं सचिव श्री राजेश मिश्रा उपस्थित थे।


एम.पी. टूरिज्म अवार्डस के लिए प्रविष्टियाँ 27 अगस्त तक

र्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा एम.पी. स्टेट टूरिज्म अवार्ड स्थापित किये गये हैं। अलग-अलग 22 श्रेणी में दिये जाने वाले इन अवार्डस के लिए प्रविष्टियाँ आगामी 27 अगस्त 2016 तक आमंत्रित की गई हैं। अवार्डस के लिए प्रविष्टियाँ केवल ऑनलाइन ही स्वीकार की जायेंगी। प्रविष्टियों के लिए कोई पंजीयन शुल्क नहीं
पर्यटन में उत्कृष्टता के लिए जिन श्रेणियों के लिए अवार्डस दिये जायेंगे उनमें सर्वश्रेष्ठ टूर ऑपरेटर्स (राष्ट्रीय), सर्वश्रेष्ठ ट्रेवल एजेन्ट (म.प्र.) पर्यटन परिवहन ऑपरेटर्स (म.प्र.), साहसिक-रोमांचक टूर ऑपरेटर्स, सर्वश्रेष्ठ होटल/हेरिटेज होटल, होम स्टे, मध्यप्रदेश के सर्वश्रेष्ठ शेफ, कन्वेंशन सेंटर, रिस्पांसिबल टूरिज्म प्रोजेक्ट, सिविल मेनेजमेंट के लिए सर्वश्रेष्ठ नगर, जिला पर्यटन संवर्धन परिषद (डी.टी.पी.सी.) आदि शामिल हैं। इसी प्रकार मध्यप्रदेश के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गाइड, अभिनव / नवाचारी टूरिज्म प्रोजेक्ट, सोशल मीडिया पर म.प्र. पर्यटक मित्र स्मारक, पर्यटक मित्र राष्ट्रीय उद्यान/ अभयारण्य, मार्ग सुविधा केन्द्र (WSA), पर्यटक मित्र तीर्थ-स्थल, एम्यूजेंट/वाटर पार्क, सर्वश्रेष्ठ रेस्तरॉं (रेस्टोरेंट), आर्ट एवं क्राफ्ट में सर्वश्रेष्ठ कलाकार शिल्पी तथा सर्वश्रेष्ठ ट्रेवल राइटर/ ब्लॉगर के लिए भी अवार्डस दिये जायेंगे
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश को सबसे पंसदीदा और लोकप्रिय पर्यटक स्थल बनाने के प्रयासों की श्रंखला में पर्यटन क्षेत्र के लोगों/संस्थानों द्वारा किये जा रहे नवाचार और अभिनव प्रयासों को सम्मानित और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा उत्कृष्टता अवार्ड स्थापित किये गये हैं। इनके लिए ऑनलाइन आवेदन http://mpstdc.com/award पर 27 अगस्त तक प्रस्तुत किये जा सकेंगे। इस संबंध में और अधिक जानकारी के लिए मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम में मोबाइल नम्बर 7587597998 पर सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है।


हनुवंतिया टूरिस्ट कॉम्पलेक्स- एक आह्लादकारी अनुभव-शिवराज सिंह चौहान

कहा जाता रहा है कि आराम हराम है । हमें कर्मठ होने और हमेशा व्यस्त रहने की शिक्षा दी जाती रही है। यह बहुत अच्छी बात है। इससे हम अपने काम को पूरी सफलता से कर पाते हैं। लेकिन यह बात भी उतनी ही सही है कि काम ही काम करते रहने से जीवन उबाऊ और नीरस होने लगता है। इससे हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे बचने के लिये हमें समय-समय पर आमोद-प्रमोद भी करते रहना चाहिये। अगर यह मनोरम प्रकृति की गोद में संभव हो, तो इसका कोई जवाब ही नहीं है। इसीलिये हमारे पूर्वजों ने देशाटन और पर्यटन को बहुत अधिक महत्व दिया।
अपनी सिंगापुर यात्रा में मेरा 'सेन्टोसा आइलेण्ड' जाना हुआ। वहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता ने मुझे मंत्र-मुग्ध कर दिया। उस आइलेण्ड को जिस तरह अदभुत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है, उससे मुझे प्रेरणा मिली कि मध्यप्रदेश में भी ऐसा कोई स्थल विकसित किया जाये। तत्काल मेरे मन में नर्मदा सागर बाँध के बेकवाटर में उभरे हनुवंतिया का चित्र उभर आया। वहाँ की मनोहारी प्राकृतिक सुषमा, सघन वन प्रांत और सुन्दर दृश्यावलियों को देखते हुए इससे सुन्दर स्थान कोई नहीं हो सकता।
संत के हदृय जैसे ‍िनर्मल नर्मदा जल की लहरों ने मुझे बचपन से ही बहुत आकर्षित किया है। माँ नर्मदा की लहरों में अठखेलियाँ करते हुए मेरा बचपन बीता। नर्मदा के तटों पर साधु-संतों के आश्रम, मंदिर और अन्य धार्मिक स्थान युगों-युगों से योगियों, सन्यांसियों, यायावरों और गृहस्थ श्रद्धालुओं को आकर्षित करते रहे हैं। लेकिन इन अनूठे प्राकृतिक स्थल में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहाँ लोग आमोद-प्रमोद कर सकें और परिवार के साथ वीकेण्ड मना सकें।
भोपाल लौटते ही मैंने पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों को अपना विचार बताया। उन्हें यह बहुत अच्छा लगा। देखते ही देखते उन्होंने रात-दिन मेहनत कर इसे यथार्थ में बदल दिया। अब चुनौती यह है कि इस स्थान से अधिक से अधिक लोगों को किस तरह परिचित करवाकर उन्हें आकर्षित किया जाये। भागमभाग भरी जिन्दगी में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो प्राकृतिक स्थलों पर परिवार और प्रियजनों के साथ कुछ समय बिताना चाहते हैं। इसके लिये हनुवंतिया पर टूरिस्ट कॉम्पलेक्स बनाया गया है जहाँ बहुत अच्छी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

पर्यटन में मार्केटिंग का बहुत महत्व है। इसीको देखते हुए हमने हनुवंतिया में क्रूज 'नर्मदा क्वीन' पर मंत्रि-परिषद् की बैठक की। इसमें हमने पर्यटन को बढ़ावा देने के संबंध में अनेक निर्णय लिये। वहीं मैंने टूरिस्ट कॉम्पलेक्स का भी लोकार्पण किया।
हनुवंतिया में 12 से 21 फरवरी तक जल-महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस रंगारंग महोत्सव में पर्यटकों के साथ-साथ टूर और ट्रेवल कम्पनियों को भी आमंत्रित किया गया है। उन्हें इस स्थान पर पर्यटन को बढ़ावा देने की संभावनाओं को देखने का अवसर प्राप्त होगा। जल महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, एडवेंचर स्पोर्टस गतिविधियाँ, पतंगबाजी, वॉलीबाल, केम्पफायर, स्टार ग्रेजिंग, साइकिलिंग, पैरा मोटरिंग, पैरा सेलिंग, हॉट एयर बलून, बर्ड वाचिंग जैसी अनेक गतिविधियाँ होंगी।

और हाँ, खाने-पीने के शौकीनों के लिये वहाँ फूड जोन भी होगा। जहाँ विशेषकर मालवा और निमाड़ के व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा। स्थानीय कला, संस्कृति और शिल्पों का भी अदभुत समागम होगा। समुद्र की तरह विस्तृत नर्मदा जल पर क्रूज शिप में घूमने का आनन्द भी अविस्मरणीय रहेगा। मैं यह बात दावे से कह सकता हूँ कि हनुवंतिया में कुछ समय बिताने से निश्चय ही जीवन में नई ताजगी आयेंगी। जल महोत्सव का आनन्द तो अविस्मरणीय होगा ही। तो फिर इंतजार किस बात का? कीजिये हनुवंतिया जाने की तैयारी।

भगोरिया की तर्ज पर खर्राधार मेले का प्रचार करेगा मप्र टूरिज्म
26 November 2015
बालाघाट। बाघों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क के समीप बसे आदिवासी गांवों में विकास के साथ लोगों के रहन-सहन में बदलाव भले ही आया हो, लेकिन लोक संस्कृति और परंपराओं से इनका जुड़ाव आज भी पहले जैसा ही है। यहां आज भी खर्राधार नदी पर कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। यह मन्न्त मेला के रूप में प्रख्यात है। इस मेले में प्रदेश के सुदूर ग्रामीण अंचलों से तो बड़ी संख्या में लोग आते ही हैं, पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।

टूरिज्म विभाग कर रहा कवायद

मप्र टूरिज्म भगोरिया मेले की तर्ज पर बालाघाट जिले के खर्राधार गांव में लगने वाले आदिवासी मेले के प्रचार-प्रसार की कवायद में जुटा है। टूरिज्म विभाग यहां लोक कलाओं के साथ आधुनिकता का समन्वय स्थापित कर मेले का अलग पहचान देना चाहता है। टूरिज्म विभाग की मंशा सैलानियों को एक ही मंच पर आधुनिक और परंपरिक भारत की छवि पेश करना है। जिसके बूते कान्हा नेशनल पार्क की तरफ भी पर्याटकों का ध्यान आकर्षित किया जा सके।

टीम अविष्मणीय पद किए कैद

आमतौर पर गांवों में लगने वाले परंपरिक मड़ई मेलों में पूजा-पाठ, छत्तीसगढ़ी कार्यक्रमों और खरीदारी का दौर चलता है। लेकिन खर्राधार मेले में इससे इतर आदिवासी लोक संस्कृति की अमिट छाप भी देखने को मिलती है। फिर चाहे बात आदिवासी वेश-भूषा की हो पारंपरिक नृत्य की हो या सामूहिक गान की। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां जो भी मन्न्त मांगी जाती है वह पूरी होती है।

मन्न्त पूरी होने पर यहां जीवों की बलि की कुप्रथा भ्ाी प्रचलित है। मेले के दौरान मन्न्त पूरी होने पर लोग जीवों की बलि देते हैं और उसे प्रसाद के तौर पर बांटते हैं। मेले में पारंपरिक काष्ठ कला और मिट्टी के बर्तन के साथ दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी सुलभता से उपलब्ध हो जाती हैं। मेले के इन्हीं विभिन्न् रंगों को एमपी टूरिज्म की टीम ने अपने कैमरे में कैद किया है।

प्रचार-प्रसार की आवश्यकता

एमपी टूरिज्म के जीएम सोहेल कादिर के मुताबिक कान्हा नेशनल पार्क के समीप आदिवासी परंपराओं और संस्कृति का राग रंग देखने को मिलता है। यह विदेशी सैलानियों व पर्याटकों के लिए बेहद आकर्षक है। जरूरत है कि इस तरह कि संस्कृति और परंपराओं व मेलों की पर्याटकों व सैलानियों को जानकारी हो। जिससे इस परंपरिक मेले की ख्यति दूर-दूर तक फैल सके।

पर्यटन क्षेत्र में मध्यप्रदेश को मिले छह राष्ट्रीय पुरस्कार
13 August 2015
पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रदेश को एक साथ 6 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार से नवाजा गया है। राष्ट्रीय महत्व के प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कार राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने प्रदेश के पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा को शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रदान किये। समारोह में केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा भी उपस्थित थे।
पर्यटन के समग्र विकास के लिए मध्यप्रदेश को द्वितीय पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ विरासत शहर का पुरस्कार ग्वालियर को मिला। बी. श्रेणी के पर्यटक स्थलों में जन-सुविधा प्रबंधन में खरगोन जिले की महेश्वर नगर परिषद को पहला, पर्यटकों के लिए अनुकूल रेलवे स्टेशन का पुरस्कार हबीबगंज को, बेस्ट मेंटेन्ड डिसएबल्ड फ्रेंडली मान्यूमेंट भोजपुर के शिव मंदिर को, मोस्ट इनोवेटिव एंड यूनिक टूरिज्म प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विकास निगम की इकाई 'सैरसपाटा'भोपाल को गौरव हासिल हुआ है।

पुरस्कार का यह था पैमाना

पर्यटन के समग्र विकास में द्वितीय पुरस्कार इसलिए मिला कि मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित पर्यटकों की सुविधा में यातायात के महत्व को ध्यान में रखते हुए पर्यटन स्थल की पहुँच के लिए एयर टेक्सी की समुचित व्यवस्था की गई। प्रमुख शहरों से बस सुविधा के मामले में अग्रणी राज्य के रूप में प्रदेश की पहचान बनी। इस व्यवस्था से देश के प्रमुख शहर- दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद, हैदराबाद,कोलकाता एवं रायपुर आदि से हवाई यात्रा के जरिये पर्यटन स्थलों का पर्यटक लुत्फ लेते हैं। पर्यटकों की मूलभूत सुविधाओं के लिए 70 होटल संचालित किये गये हैं। इनमें तकरीबन 12 होटल आई.एस.ओ.सर्टिफिकेट प्राप्त हैं। तीन सितारा होटल, विरासत होटल एवं अन्य सुविधाओं को उपलब्ध करवाने में प्रदेश की उपलब्धि उल्लेखनीय आँकी गई है। पर्यटकों को पर्यटन क्षेत्र की अधिक जानकारी उपलब्ध हो इसके लिए उच्च गुणवत्ता, कम्प्यूटराइजेशन सुविधा के साथ ही एडवेंचर टूरिज्म,वॉटर टूरिज्म,ईको टूरिज्म, फिल्म टूरिज्म,पर्यटन स्थलों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार,सुरक्षा व्यवस्था, स्किल डेवलमेंट प्रोगाम तथा हुनर से रोजगार जैसी योजनाओं का अग्रणी रूप से क्रियान्वयन हुआ है।
सर्वश्रेष्ठ विरासत शहर ग्वालियर के पुरस्कार की वजह रही कि ग्वालियर की शान मोहम्मद गौस का मकबरा,ग्वालियर का किला, जयविलास पैलेस,तानसेन का मकबरा, गुजरी महल,चतुर्भुज मंदिर आदि प्रमुख धरोहर यहाँ मौजूद हैं। ग्वालियर में सिंधिया और उनके पूर्ववर्ती शासकों द्वारा ग्वालियर को विरासत शहर के रूप में बसाया गया था। यहाँ प्रसिद्ध मंदिर, समाधि स्थल के साथ जय विलास पैलेस एवं गुजरी महल संग्रहालय में प्रसिद्ध पुरावशेष उपलब्ध हैं।
होल्कर राजवंश की महारानी अहिल्याबाई की नगरी के नाम से महेश्वर शहर प्रसिद्ध है। यहाँ जन सुविधा प्रबंधन में स्वच्छ महेश्वर अभियान,बायो-टायलेट सुविधा, नर्मदा नदी के घाटों की साफ-सफाई एवं पर्यटकों की सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया गया। इसके अलावा महेश्वर साड़ी उद्योग को स्व-सहायता समूह के प्रयास सराहनीय रहे हैं। यहाँ की महेश्वर साड़ी,वस्त्र, दुपट्टा, ड्रेस मटेरियल के मामले में विश्व में अपना स्थान बनाया है।
बेस्ट टूरिस्ट फ्रेंडली रेलवे स्टेशन हबीबगंज की खासियत यह है कि यहाँ अत्याधुनिक सुविधाएँ मौजूद हैं। वातानुकूलित कक्ष,बायो टायलेट,रिटायरिंग कक्ष पर्यटक के लिए उपलब्ध हैं। अनवरत चलने वाली फूड प्लाजा,पूर्व भुगतान टेक्सी सुविधा,उच्च सुरक्षा,सी.सी.टी.वी.की सुविधा के अलावा पर्यटकों को पर्यटन क्षेत्रों की जानकारी के लिए जगह-जगह होर्डिंग तथा साइनेजेस लगाये गये हैं।
बेस्ट मेंटेन्ड एंड डिसेबल्ड फ्रेंडली मान्यूमेंट भोजपुर का शिवमंदिर परमार शासक राजा भोज द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। पर्यटकों के लिए बगीचे में बेंच,जन-सुविधाएँ, सांस्कृतिक पटल,सूचना पटल बनवाये गये हैं। इन्टरप्रिटेशन सेंटर के साथ ही असहाय पर्यटकों के लिये रेम्प एवं व्हील चेयर आदि की सुविधायें मुहैया करवाई जाती हैं।
मोस्ट इनोवेटिव एंड यूनिक टूरिज्म प्रोजेक्ट के लिये भोपाल स्थित 'सैर-सपाटा' की खासियत यह है कि यह स्थल पर्यटकों के घूमने एवं मनोरंजन के लिए उत्तम स्थान माना गया है। कुल 24.56 एकड़ क्षेत्र में विस्तारित सैर-सपाटा में संगीतबद्ध फव्वारा,बच्चों को खेलने के साधन, रेल (टॉय ट्रेन), 183.20 लम्बा तथा 3.50 मीटर चौड़े सस्पेंशन पुल का निर्माण किया गया है,यह पुल स्थापत्यकला के लिए मशहूर है।

एयर इंडिया के नये सीएमडी अश्विनी लोहानी होंगे
21 August 2015
टर्नआराउंड मैन और मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के एमडी श्री अश्विनी लोहानी अब एयर इंडिया की कमाल सम्हालेंगे . भारतीय रेल सेवा से १९८० बैंच के अधिकारी श्री अश्विनी लोहानी ने मध्य प्रदेश टूरिज्म को राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय पहचान दिलाई और एमपी टूरिज्म को लाभ में लाये । श्री लोहानी थिकंटेंक फॉरवर्ड इंडिया फोरम के फाउंडर मेंबर भी है । फोरम के चेयरमन डॉ. अनूप स्वरुप और सेक्रेटरी जनरल एवं मेट्रोमिरर के प्रधान संपादक श्री शिव हर्ष सुहालका ने श्री लोहानी हो बधाई देते हुए कहा कि एयर इंडिया श्री लोहानी के हाथों में नई ऊचाईयां छुयेगी और नई इमेज बनाने में कामयाब होगी ।


भोपाल में बोट क्लब से सैर-सपाटा तक "जल सफारी" का शुभारंभ

13 August 2015
पर्यटकों की सुविधाओं के विस्तार पर मध्यप्रदेश में तेजी से काम हो रहा है। इस श्रंखला में मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा भोपाल में बोट क्लब से सैर-सपाटा तक जल मार्ग से मोटर बोट द्वारा 'जल सफारी' पेकेज की शुरूआत सोमवार को की गई
जल सफारी से पर्यटक बोट क्लब से सैर-सपाटा तक की यात्रा में पूरे समय वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की हरियाली का आनंद ले सकेंगे। जल-यात्रा 45 मिनिट की होगी। जल सफारी प्रात: 11 बजे से शुरू होगी। पर्यटकों को बोट क्लब से यात्रा की शुरूआत के समय वेलकम ड्रिंक और सैर-सपाटा पहुँचने के बाद लंच उपलब्ध करवाया जायेगा। वापसी यात्रा दोपहर 2 बजे से प्रारंभ होकर 2.45 बजे बोट क्लब पहुँचेगी।
जल सफारी की आनंददायक यात्रा का शुल्क (भोजन सहित) 18 व्यक्ति के समूह के लिये 12 हजार रुपये रखा गया है। पर्यटकों को इस दर पर पहले एक महीने 30 प्रतिशत रियायत दी जायेगी।

मध्यप्रदेश पर्यटन निगम ने दतिया में चलाया स्वच्छता अभियान

13 August 2015
मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा 'पर्यटन स्थल स्वच्छता अभियान' श्रंखला में माँ पीताम्बरा की नगरी दतिया में नगरवासियों के सहयोग से नगर स्वच्छता अभियान चलाया गया। अभियान में नगर के युवाओं एवं वृद्धजन ने सफाई श्रमदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
स्वच्छता अभियान में नागरिकों ने नगर की सड़कों एवं गलियों में सफाई की। सफाई से प्राप्त कचरे को समेट कर डस्टबिन में डाला। नगरवासियों ने संकल्प भी लिया कि भविष्य में नगर में कचरा एवं गंदगी नहीं फैलने दी जायेगी। कचरा नियत स्थान पर ही डाला जायेगा।
मध्यप्रदेश पर्यटन निगम द्वारा प्रदेश के विभिन्न पर्यटन नगरों में नियमित रूप से प्रतिमाह स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान से पर्यटन नगरों के नगरवासियों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता देखी गई।

श्री सुरेन्द्र पटवा ने भोजपुर में 5.32 करोड़ के निर्माण कार्य का भूमि-पूजन किया

13 August 2015
पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने कहा कि भोजपुर का शिव मंदिर पूरे देश के लिये आस्था का केन्द्र है। भोजपुर में आने वाले पर्यटक एवं दर्शनार्थियों के लिये बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के लिये राज्य सरकार कृत-संकल्पित हैं। श्री पटवा आज भोजपुर में कैफेटेरिया का भूमि-पूजन एवं पार्किंग विकास कार्य का शिलान्यास कर रहे थे।
पर्यटन विकास निगम द्वारा दो करोड़ 86 लाख की लागत के कैफेटेरिया के निर्माण से दर्शनार्थियों के लिये जलपान एवं भोजन की व्यवस्था होगी। बाद में पर्यटकों को ठहरने के लिये 10 कमरे बनवाये जायेंगे। श्री पटवा ने पार्किंग एवं पाथ-वे का शिलान्यास भी किया। इसके निर्माण पर 2 करोड़ 36 लाख रुपये खर्च होंगे।

प्लास्टिक पार्क का शिलान्यास

श्री पटवा ने गौहरगंज तहसील के ग्राम तामोट में 108 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले प्लास्टिक पार्क का शिलान्यास किया। श्री पटवा ने कहा कि क्षेत्र में उद्योग स्थापित होने पर रोजगार मिलने के साथ ही क्षेत्र के विकास में ओर अधिक गति आयेगी।

पुलिस चौकी का शुभारंभ

श्री पटवा ने भोजपुर में पुलिस चौकी का शुभारंभ किया। पुलिस चौकी में 11 पद मंजूर हुए हैं। इसमें एक सहायक उप निरीक्षक और दो हवलदार के पद शामिल हैं। चौकी की सीमा में 29 गाँव शामिल किये गये हैं। श्री पटवा ने कहा कि शिवरात्रि और मकर संक्रांति के अलावा रोजाना आने वाले दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस चौकी स्थापित की गयी है। इस अवसर पर जिला कलेक्टर श्री जे.के. जैन एवं जन-प्रतिनिधि मौजूद थे।

म.प्र. को मिला बेस्ट स्टेट फॉर पिल्ग्रिमेज टूरिज्म-2015 पुरस्कार

13 August 2015
मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में किये जा रहे उल्लेखनीय कार्यों पर नई दिल्ली में मध्यप्रदेश को 'बेस्ट स्टेट फॉर पिल्ग्रिमेज टूरिज्म-2015'' का पुरस्कार मिला है। केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने नई दिल्ली में पेसिफिक एरिया ट्रेवल राइटर्स एसोसिएशन के समारोह में पर्यटन आयुक्त एवं प्रबंध निदेशक श्री अश्विनी लोहानी को यह पुरस्कार दिया।
पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने पर्यटन निगम की इस उपलब्धि पर बधाई दी है। श्री पटवा ने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी है। उन्होंने अपेक्षा की कि अपनी उत्कृष्टता को निरंतर बनाये रखने का प्रयास निगम के अधिकारी/कर्मचारी करेंगे।।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान

भोपाल. यह भारत के राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है । यहां की प्राकृतिक सुन्दरता व जीव- जंतु पर्यटकों के बीच हमेशा ही आकर्षण का केन्द्र रहें है।,कहा जाता है, की यहां पाई जाने वाली मिट्टी के नाम से ही इस स्थान का नाम कान्हा पड़ा।
कान्हा जीव जन्तुओं के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है यहाँ अलग-अलग प्रजातियों के पशुओं का बसेरा है जीव जन्तुओं का यह पार्क 1945 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।सन् १९७३ में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत इस उद्यान का ९१७.४३ वर्ग कि. मी. का क्षेत्र कान्हा व्याघ्र संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया।

भ्रमण हेतु साधन-

पर्यटकों की सुविधा के लिए जीप सफारी सुबह और दोपहर को प्रदान की जाती है। जीप मध्य प्रदेश पर्यटन विकास कार्यालय से किराए पर ली जा सकती है। कैम्प में रूकने वालों को अपना वाहन और गाइड ले जाने की अनुमति है। सफारी का समय सुबह 6 से दोपहर 12 बजे और 3 बजे से 5:30 तक तय है ।
दुर्लभ जन्तु- कान्हा में ऐसे अनेक जीव जन्तु मिल जाएंगे जो दुर्लभ हैं। पार्क के पूर्व कोने में पाए जाने वाला भेड़िया, चिन्कारा, भारतीय पेंगोलिन, समतल मैदानों में रहने वाला भारतीय ऊदबिलाव और भारत में पाई जाने वाली लघु बिल्ली जैसी दुर्लभ पशुओं की प्रजातियों को यहां देखा जा सकता है।
यहाँ जीव-जंतु के अलावा कान्हा संग्रहालय भी है जहा कान्हा का प्राकृतिक इतिहास संचित है। यह संग्रहालय यहां के शानदार टाइगर रिजर्व का दृश्य प्रस्तुत करता है। इसके अलावा यह संग्रहालय कान्हा की रूपरेखा, क्षेत्र का वर्णन और यहां के वन्यजीवों में पाई जाने वाली विविधताओं के विषय में जानकारी प्रदान करता है।
कान्हा राष्ट्रीय पार्क सड़क,वायु व रेल मार्क से जुड़ा हुआ है, कान्हा राष्ट्रीय पार्क जबलपुर, खजुराहो, नागपुर, मुक्की और रायपुर से सड़क के माध्यम से सीधा जुड़ा हुआ है। सभी अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार वहां पहुंच सकते है ।

भोजपुर

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भोजपुर का शिव मंदिर जिसे भोजेश्वर के नाम से भी जाना जाता है. यह मध्य प्रदेश के विदिशा से कुछ दूरी पर रायसेन जिले में वेत्रवती नदी के किनारे स्थित है. प्राचीन काल के इस मंदिर को उत्तर भारत का सोमनाथ भी कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. भोजपुर गाँव में पहाड़ी पर यह विशाल शिव मंदिर स्थापित है. भोजपुर नगर तथा उसके शिवलिंग की स्थापना धार के प्रसिद्ध परमार राजा भोज द्वारा सम्पन्न हो पाई अत: राजा के नाम पर ही इस स्थान को भोजपुर और मंदिर को इसे भोजपुर मंदिर या भोजेश्वर मंदिर कहते हैं.
भोजपुर के शिव मंदिर में का महत्व यहां स्थापित शिव लिंग की वजह से और भी ज्यादा है. पुरातत्व विभाग द्वारा इस मंदिर को विश्व धरोहर में शामिल कराने के प्रयास जारी हैं. कला और संस्कृति के दृष्टि से यहां की धरती प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण रही है, स्थापत्य कला में भी भोजपुर नामक स्थान पर भोजेश्‍वर के नाम से विख्यात शिव मंदिर काफी महत्वपूर्ण रहा है जिस कारण इसे पूर्व का सोमनाथ कहा गया है.


भोजपुर शिव मंदिर इतिहास

मध्यकाल के आरंभ में महान राजा भोज ने ‘1010-53’ में भोजपुर की स्थापना की तथा यहां पर भगवान शिव का एक भव्य मंदिर भी बनवाया. इस नगर को प्रसिद्धि देने में भोजपुर के भोजेश्‍वर शिव मंदिर का भी प्रमुख योगदान रहा है. यह मंदिर निर्माण कला का अदभुत उदाहरण है, यह मंदिर वर्गाकार है जिसका बाह्य विस्तार बहुत बडा़ है, मंदिर चार स्तंभों के सहारे पर खड़ा है ,देखने पर इसका आकार सूंड के समान लगता है यह मंदिर तीन भागों में विभाजित है इसका निचला हिस्सा अष्टभुजाकार है, जिसमें फलक बने हुए हैं शिव मंदिर के प्रवेश द्वार के दोनों पार्श्‍वों में दो सुंदर प्रतिमाएँ स्थापित हैं जो सभी को आकृष्ट करती हैं.
मंदिर में स्थापित शिवलिंग की ऊँचाई प्रभावित करने वाली है ऊँचाई वाला यह शिवलिंग स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना है, शिवलिंग को वर्गाकार एवं विस्तृत फलक वाले चबूतरे पर पाषाण खंडों पर स्थापित किया गया है. मंदिर का शिखर अपूर्ण है जो कभी भी पूरा नहीं बन पाया. इसको पूरा करने के लिए प्रयास अवशेष रूप में आज भी मौजूद हैं. भोजेश्‍वर मंदिर के पास ही जैन मंदिर भी है जिसमें तीर्थकरों की प्रतिमाएँ देखी जा सकती हैं. इतिहासकारों के अनुसार इसके निर्माण की अवधि भी भोजेश्‍वर मंदिर के समय की बताई जाती है.


भोजपुर शिव मंदिर स्थापत्य

मंदिर का निर्माण रूप एवं शैली बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक है. विस्तृत चबूतरे पर बना यह मंदिर कई भागों में विभाजित है, मंदिर को देखने पर भारतीय मंदिर की वास्तुकला के बारे में बहुत बातें ज्ञात होती हैं. जैसे इस हिंदू मंदिर के गर्भगृह के ऊपर बना अधुरा गुम्बदाकार छत भारत में ही गुम्बद निर्माण के प्रचलन को दर्शाता है.
कुछ इतिहास कार इसे भारत में सबसे पहले गुम्बदीय छत वाली इमारत भी कहते हैं. कुछ किवदंतीयों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा माता कुंती की पूजा के लिए किया गया था तथा इस शिवलिंग को एक रात्रि में निर्मित किया गया था इस विश्व प्रसिद्घ शिवलिंग की ऊंचाई इक्कीस फिट से ज्यादा की है एक ही पत्थर से निर्मित इतनी बडी़ शिव लिंग अन्य कहीं देखने को नहीं मिलती..


विदेशी अतिथियों की बेहतर सुरक्षा का सिस्टम बनेगा - मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोजपुर मंदिर या भोजेश्‍वर मंदिर मध्यप्रदेश के शिव मंदिरों में से एक मुख्य मंदिर है इस मंदिर का विशाल एवं भव्य रूप देखकर हर कोई इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता, इस मंदिर के पास पश्चिम में एक बहुत बडी़ झील हुआ करती थी जो आज केवल अवशेष रूप में ही मौजूद है, कहा जाता है कि इस झील को होशंगशाह ने नष्ट कर दिया था. एक किंवदंती के अनुसार कहा जाता है कि इस झील के समाप्त हो जाने के कारण मालवा की जलवायु में भी परिवर्तन हो गया था,
गाँव कि पहाड़ी पर स्थित यह एक अनुठा शिव मंदिर है जिसमें स्थापित शिवलिंग को मंदिरों के शिवलिंगों में से सबसे बडा़ माना जाता है. इस प्रसिद्घ स्थल में वर्ष में दो बार वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है जो मकर संक्रांति व महाशिवरात्रि पर्व के समय होता है. इस धार्मिक उत्सव में भाग लेने के लिए दूर दूर से लोग यहां पहुँचते हैं.


भीमबेटका गुफ़ाएँ

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भीमबेटका गुफ़ाएँ भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के रायसेन ज़िले में स्थित है। ये गुफ़ाएँ भोपाल से 46 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण में मौजूद है। गुफ़ाएँ चारों तरफ़ से विंध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुईं हैं, जिनका संबंध 'नव पाषाण काल' से है। भीमबेटका गुफाएँ मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विंध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं। इसके दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ आरम्भ हो जाती हैं।

भीम से संबन्धित

भीमबेटका को भीम का निवास भी कहते हैं। हिन्दू धर्म ग्रंथ महाभारत के अनुसार पांच पाण्डव राजकुमारों में से भीम द्वितीय थे। ऐसा माना जाता है कि भीमबेटका गुफ़ाओं का स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबन्धित है और इसी से इसका नाम 'भीमबैठका' भी पड़ा गया। ये गुफाएँ मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं। इसके दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ आरम्भ हो जाती हैं। इनकी खोज वर्ष 1957-1958 में 'डॉक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर' द्वारा की गई थी।.

चित्रकारी

भीमबेटका गुफाओं में बनी चित्रकारियाँ यहाँ रहने वाले पाषाणकालीन मनुष्यों के जीवन को दर्शाती है। भीमबेटका गुफ़ाएँ प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारियों के लिए लोकप्रिय हैं और भीमबेटका गुफ़ाएँ मानव द्वारा बनाये गए शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए भी प्रसिद्ध है। गुफ़ाओं की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12000 साल पुरानी माना जाता है। भीमबेटका गुफ़ाओं की विशेषता यह है कि यहाँ कि चट्टानों पर हज़ारों वर्ष पूर्व बनी चित्रकारी आज भी मौजूद है और भीमबेटका गुफाओं में क़रीब 500 गुफाएँ हैं। भीमबेटका गुफ़ाओं में अधिकांश तस्‍वीरें लाल और सफ़ेद रंग के है और इस के साथ कभी कभार पीले और हरे रंग के बिन्‍दुओं से सजी हुई हैं, जिनमें दैनिक जीवन की घटनाओं से ली गई विषय वस्‍तुएँ चित्रित हैं, जो हज़ारों साल पहले का जीवन दर्शाती हैं। इन चित्रो को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। अन्य पुरावशेषों में प्राचीन क़िले की दीवार, लघुस्तूप, पाषाण निर्मित भवन, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, शंख अभिलेख और परमार कालीन मंदिर के अवशेष भी यहाँ मिले हैं।
भीमबेटका गुफाओं में प्राकृतिक लाल और सफ़ेद रंगों से वन्यप्राणियों के शिकार दृश्यों के अलावा घोड़े, हाथी, बाघ आदि के चित्र उकेरे गए हैं। इन चित्र में से यह दर्शाए गए चित्र मुख्‍यत है; नृत्‍य, संगीत बजाने, शिकार करने, घोड़ों और हाथियों की सवारी, शरीर पर आभूषणों को सजाने और शहद जमा करने के बारे में हैं। घरेलू दृश्‍यों में भी एक आकस्मिक विषय वस्‍तु बनती है। शेर, सिंह, जंगली सुअर, हाथियों, कुत्तों और घडियालों जैसे जानवरों को भी इन तस्‍वीरों में चित्रित किया गया है। इन आवासों की दीवारें धार्मिक संकेतों से सजी हुई है, जो पूर्व ऐतिहासिक कलाकारों के बीच लोकप्रिय थे। सेंड स्टोन के बड़े खण्‍डों के अंदर अपेक्षाकृत घने जंगलों के ऊपर प्राकृतिक पहाड़ी के अंदर पाँच समूह हैं, जिसके अंदर मिज़ोलिथिक युग से ऐतिहासिक अवधि के बीच की तस्‍वीरें मौजूद हैं।


विश्‍व विरासत स्‍थल

टीक और साक पेड़ों से घिरी भीमबेटका गुफ़ाओं को यूनेस्को द्वारा विश्‍व विरासत स्‍थल के रूप में मान्‍यता दी गई है जो मध्‍य प्रदेश राज्‍य के मध्‍य भारतीय पठार के दक्षिण सिरे पर स्थित विंध्‍याचल पर्वत की तराई में मौजूद हैं। भीम बेटका क्षेत्र को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने अगस्त 1990 में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया। इसके बाद जुलाई 2003 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। भीमबेटका गुफ़ा भारत में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं।

साँची का स्तूप

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सांची भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले, में स्थित एक छोटा सा गांव है। यह भोपाल से ४६ कि.मी. पूर्वोत्तर में, तथा बेसनगर और विदिशा से १० कि.मी. की दूरी पर मध्य-प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है। यहां कई बौद्ध स्मारक हैं, जो तीसरी शताब्दी ई.पू से बारहवीं शताब्दी के बीच के काल के हैं। सांची में रायसेन जिले की एक नगर पंचायत है। यहीं एक महान स्तूप स्थित है। इस स्तूप को घेरे हुए कई तोरण भी बने हैं। यह प्रेम, शांति, विश्वास और साहस के प्रतीक हैं। सांची का महान मुख्य स्तूप, मूलतः सम्राट अशोक महान ने तीसरी शती, ई.पू. में बनवाया था। इसके केन्द्र में एक अर्धगोलाकार ईंट निर्मित ढांचा था, जिसमें भगवान बुद्ध के कुछ अवशेष रखे थे। इसके शिखर पर स्मारक को दिये गये ऊंचे सम्मान का प्रतीक रूपी एक छत्र था।

इतिहास

इस स्तूप में एक स्थान पर दूसरी शताब्दी ई.पू. में तोड़फोड़ की गई थी। यह घटना शुंग सम्राट पुष्यमित्र शुंग के उत्थान से जोड़कर देखी जाती है। यह माना जाता है कि पुष्यमित्र ने इस स्तूप का ध्वंस किया होगा, और बाद में, उसके पुत्र अग्निमित्र ने इसे पुनर्निर्मित करवाया होगा। शुंग वंश के अंतिम वर्षों में, स्तूप के मूल रूप का लगभग दुगुना विस्तार पाषाण शिलाओं से किया गया था। इसके गुम्बद को ऊपर से चपटा करके, इसके ऊपर तीन छतरियां, एक के ऊपर दूसरी करके बनवायीं गयीं थीं। ये छतरियां एक वर्गाकार मुंडेर के भीतर बनीं थीं। अपने कई मंजिलों सहित, इसके शिखर पर धर्म का प्रतीक, विधि का चक्र लगा था। यह गुम्बद एक ऊंचे गोलाकार ढोल रूपी निर्माण के ऊपर लगा था। इसके ऊपर एक दो-मंजिला जीने से पहुंचा जा सकता था। भूमि स्तर पर बना दूसरी पाषाण परिक्रमा, एक घेरे से घिरी थी। इसके बीच प्रधान दिशाओं की ओर कई तोरण बने थे। द्वितीय और तृतीय स्तूप की इमारतें शुंग काल में निर्मित प्रतीत होतीं हैं, परन्तु वहां मिले शिलालेख अनुसार उच्च स्तर के अलंकृत तोरण शुंग काल के नहीं थे, इन्हें बाद के सातवाहन वंश द्वारा बनवाया गया था। इसके साथ ही भूमि स्तर की पाषाण परिक्रमा और महान स्तूप की पाषाण आधारशिला भी उसी काल का निर्माण हैं।.

स्थापना

सांची की स्थापना बौद्ध धर्म व उसकी शिक्षा के प्रचार-प्रसार में मौर्य काल के महान राजा अशोक का सबसे बडा योगदान रहा। बुद्ध का संदेश दुनिया तक पहुंचाने के लिए उन्होंने एक सुनियोजित योजना के तहत कार्य आरंभ किया। सर्वप्रथम उन्होंने बौद्ध धर्म को राजकीय प्रश्रय दिया। उन्होंने पुराने स्तूपों को खुदवा कर उनसे मिले अवशेषों के 84 हज़ार भाग कर अपने राज्य सहित निकटवर्ती देशों में भेजकर बडी संख्या में स्तूपों का निर्माण करवाया। इन स्तूपों को स्थायी संरचनाओं में बदला ताकि ये लंबे समय तक बने रह सकें। सम्राट अशोक ने भारत में जिन स्थानों पर बौद्ध स्मारकों का निर्माण कराया उनमें सांची भी एक था जिसे प्राचीन नाम कंकेनवा, ककान्या आदि से जाना जाता है। तब यह बौद्ध शिक्षा के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हो चुका था। ह्वेन सांग के यात्रा वृत्तांत में बुद्ध के बोध गया से सांची जाने का उल्लेख नहीं मिलता है। संभव है सांची की उज्जयिनी से निकटता और पूर्व से पश्चिम व उत्तर से दक्षिण जाने वाले यात्रा मार्ग पर होना भी इसकी स्थापना की वजहों में से रहा हो।

विशेषता

यह स्तूप एक ऊंची पहाड़ी पर निर्मित है। इसके चारों ओर सुंदर परिक्रमापथ है। बालु-प्रस्तर के बने चार तोरण स्तूप के चतुर्दिक् स्थित हैं जिन के लंबे-लंबे पट्टकों पर बुद्ध के जीवन से संबंधित, विशेषत: जातकों में वर्णित कथाओं का मूर्तिकारी के रूप में अद्भुत अंकन किया गया है। इस मूर्तिकारी में प्राचीन भारतीय जीवन के सभी रूपों का दिग्दर्शन किया गया है। मनुष्यों के अतिरिक्त पशु-पक्षी तथा पेड़-पौधों के जीवंत चित्र इस कला की मुख्य विशेषता हैं। सरलता, सामान्य, और सौंदर्य की उद्भभावना ही साँची की मूर्तिकला की प्रेरणात्मक शक्ति है। इस मूर्तिकारी में गौतम बुद्ध की मूर्ति नहीं पाई जाती क्योंकि उस समय तक[3] बुद्ध को देवता के रूप में मूर्ति बनाकर नहीं पूजा जाता था। कनिष्क के काल में महायान धर्म के उदय होने के साथ ही बौद्ध धर्म में गौतम बुद्ध की मूर्ति का प्रवेश हुआ। साँची में बुद्ध की उपस्थिति का आभास उनके कुछ विशिष्ट प्रतीकों द्वारा किया गया है, जैसे उनके गृहपरित्याग का चित्रण अश्वारोही से रहित, केवल दौड़ते हुए घोड़े के द्वारा, जिस पर एक छत्र स्थापित है, किया गया है। इसी प्रकार बुद्ध की बोधि का आभास पीपल के वृक्ष के नीचे ख़ाली वज्रासन द्वारा दिया गया है। पशु-पक्षियों के चित्रण में साँची का एक मूर्तिचित्र अतीव मनोहर है। इसमें जानवरों के एक चिकित्सालय का चित्रण है जहां एक तोते की विकृत आँख का एक वानर मनोरंजक ढंग से परीक्षण कर रहा है। तपस्वी बुद्ध को एक वानर द्वारा दिए गए पायस का चित्रण भी अद्भुत रूप से किया गया है। एक कटोरे में खीर लिए हुए एक वानर का अश्वत्थ वृक्ष के नीचे वज्रासन के निकट धीरे-धीरे आने तथा ख़ाली कटोरा लेकर लौट जाने का अंकन है जिसमें वास्तविकता का भाव दिखाने के लिए उसी वानर की लगातार कई प्रतिमाएं चित्रित हैं। साँची की मूर्तिकला दक्षिण भारत की अमरावती की मूर्तिकला की भांति ही पूर्व बौद्ध कालीन भारत के सामन्य तथा सरल जीवन की मनोहर झांकी प्रस्तुत करती है। साँची के इस स्तूप में से उत्खनन द्वारा सारिपुत्र तथा मोग्गलायन नामक भिक्षुओं के अस्थि अवशेष प्राप्त हुए थे जो अब स्थानीय संग्रहालय में सुरक्षित हैं। साँची में अशोक के समय का एक दूसरा छोटा स्तूप भी है। इसमें तोरण-द्वार नहीं है। अशोक का एक प्रस्तर-स्तंभ जिस पर मौर्य सम्राट् का शिलालेख उत्कीर्ण है यहाँ के महत्त्वपूर्ण स्मारकों में से है। यह स्तंभ भग्नावस्था में प्राप्त हुआ था।

'सैर-सपाटा।'



भोपालवासियों को जल्द ही एक ऐसे एंटरटेनमेंट जोन की सौगात मिलने जा रही है, जहां वह प्रकृति के रोमांच को करीब से महसूस करने के साथ ही नैसर्गिक नजारों का लुत्फ भी ले सकेंगे। इसकी सौगात विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर मिलेगी। यहां बच्चे, युवा और बड़े सभी के लिए मनोरंजन की तमाम सुविधाएं हैं। इस विश्व पर्यटन दिवस पर राजधानी में एक नया एंटरटेनमेंट जोन जु़ड़ने जा रहा है जिसका नाम है 'सैर-सपाटा।' मप्र पर्यटन विकास निगम द्वारा इसका निर्माण प्रेमपुरा घाट स्थित सेवानिया गौ़ड़ में कराया जा रहा है, जो बनकर लगभग तैयार है। 20 एकड़ क्षेत्र में फैले इस एंटरटेनमेंट जोन में शहरवासी और पर्यटक सैर-सपाटे के बीच लजीज व्यंजनों का लुत्फ भी उठा सकेंगे। यहां का प्रमुख आकर्षण सस्पेंशन ब्रिज होगा, जो केबल सस्पेंशन तकनीकी से निर्मित भारत ही नहीं, बल्कि एशिया का एकमात्र सस्पेंशन ब्रिज है।

ग्लास व्यू पॉइंट कराएगा रोमांचक अनुभव :

यहां निर्मित भारत का पहला ग्लास व्यू पॉइंट यानी शीश महल भी अपने आप में अनोखा अहसास कराएगा। यह पानी के ऊपर तीन फीट की ऊंचाई और 1200 स्क्वेयर फीट के एरिया में बनाया गया है। इसका फ्लोर, दीवारें सभी ग्लास से निर्मित हैं, जिस पर बहते हुए पानी को देखना एक अलग अनुभव कराएगा। इसमें करीब 40 लोग बैठ सकेंगे। जिसमें खाने-पीने की सुविधा भी होगी, यही नहीं यहां के ओपन परिसर से आप प्रकृति के नजारों का आनंद भी ले सकेंगे।
चिल्ड्रंस टॉय ट्रेन भी: यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए भी बहुत कुछ है, जिनमें चिल्ड्रंस टॉय ट्रेन खास है। ब्रिटिशकालीन हेरीटेज की तर्ज पर बनी यह ट्रेन न सिर्फ रोचक अहसास कराएगी बल्कि, उस दौर की यादें भी ताजा कर देगी। ट्रेन में पांच खुले डिब्बे हैं, जिनमें 40 बच्चे बैठ सकते हैं। इसमें म्यूजिक सिस्टम भी है जो इसे और भी यादगार बना देगा। इसके साथ ही यहां बच्चों के एंटरटेनमेंट के लिए चिल्ड्रंस प्ले जोन भी बनाया गया है, जिसमें स्लाइड, झूले व अन्य चीजें भी हैं।


सस्पेंशन ब्रिज भी है खास

यहां निर्मित सस्पेंशन ब्रिज भी अपने आपमें खास है, जिसकी भव्यता देखकर आप खिंचे चले आएंगे। ब्रिज के टेक्निकल डिजाइनर वीआरआर रेड्डी ने बताया कि इसकी लंबाई 500 फीट और चौड़ाई 12 फीट है। उन्होंने बताया कि यह पूरे एशिया भर में अपनी तरह का पहला ब्रिज है, जो केबल तकनीक पर आधारित है।
फूड जोन एवं रेस्टॉरेंट भी रहेगा : यहां आप सैर-सपाटा के साथ ही अपनी मनपसंद डिश का आनंद भी ले सकेंगे। परिसर में ही खाने-पीने के लिए फूड जोन नाए गए हैं एवं रेस्टॉरेंट ब्लॉक भी निर्मित किया गया है। यहां पार्किंग के अलावा नेचुरल ट्रेल की सुविधा भी है


खास पैडल बोट की सुविधा :

पर्यटकों के लिए यहां पैडल बोट की भी सुविधा है। साथ ही म्यूजिक फाउंटेन का लुत्फ भी लिया जा सकेगा, इसमें पानी की तरंगों को नृत्य करते हुए देखा जा सकेगा। यहां एक कृत्रिम समुद्र तट का निर्माण भी कराया गया है जो आपको समुद्र तट का अहसास कराएगा।
मप्र पर्यटन के एमडी पंकज राग के अनुसार यह हमारा एक ड्रीम प्रोजेक्ट था जो जल्द ही पूरा होने जा रहा है। इससे पर्यटन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पटल पर भोपाल की एक अलग पहचान कायम होगी। इस प्रोजेक्ट में सभी उम्र और सभी वर्ग विशेष को ध्यान में रखकर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।।


 
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