D-82793/16-1-18
हरिनारायण चारी मिश्रा ने भोपाल पुलिस कमिश्नर का कार्यभार संभाला
22 March 2023
भोपाल.
पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने पदभार ग्रहण करते ही राजधानी में गुंडा अभियान चलाने का ऐलान कर दिया है. चारी ने भूमाफियाओं के मकान गिराने जैसे बड़े कदम उठाए जाने की बात कही है. बता दें हरिनारायण चारी को इंदौर से तबादला कर भोपाल का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है.
भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने पदभार ग्रहण करते ही राजधानी में गुंडा अभियान चलाने का ऐलान कर दिया है. चारी ने भूमाफियाओं के मकान गिराने जैसे बड़े कदम उठाए जाने की बात कही है. बता दें हरिनारायण चारी को इंदौर से तबादला कर भोपाल का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नए पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र (Bhopal Police Commissioner Harinarayan Chari Mishra) ने आज पदभार ग्रहण कर लिया है. इससे पहले वो इंदौर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. कुछ दिन पहले ही भोपाल और इंदौर पुलिस कमिश्नर की अदला बदली हुई है. आज शुभ दिन देखकर नए कमिश्नर ने कमान संभाली है. नए पुलिस कमिश्नर ड्रग्स और मादक पदार्थों पर लगाम लगाएंगे. मादक पदार्थों की डिमांड और सप्लाई चेन पर प्रहार करने की टेक्नीक बनाएंगे.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नए पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र (Bhopal Police Commissioner Harinarayan Chari Mishra) ने आज पदभार ग्रहण कर लिया है. इससे पहले वो इंदौर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. कुछ दिन पहले ही भोपाल और इंदौर पुलिस कमिश्नर की अदला बदली हुई है. आज शुभ दिन देखकर नए कमिश्नर ने कमान संभाली है. नए पुलिस कमिश्नर ड्रग्स और मादक पदार्थों पर लगाम लगाएंगे. मादक पदार्थों की डिमांड और सप्लाई चेन पर प्रहार करने की टेक्नीक बनाएंगे.
प्रदेश के सभी थाने सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट में शामिल : मंत्री श्री बच्चन 6 September 2019
भोपाल.गृह एवं जेल मंत्री श्री बाला बच्चन ने12 नये थाने और 210 नये वरिष्ठ कार्यालयों को क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग सिस्टम (सीसीटीएनएस) में शामिल करने के आदेश दिये है। इसके बादमध्यप्रदेश इस सिस्टम की स्थापना में भारत सरकार द्वारा जारी प्रगति मापदंडों के क्रियान्वयन में अग्रणी राज्यों में शमिल हो गया है। साथ ही राज्य सरकार द्वारा वचन-पत्र में दिया गया एक और वचन भी पूरा हो गया है।
पुलिस मुख्यालय में राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो में सिस्टम का तकनीकी संचालन किया जायेगा। सीसीटीएनएस कमाण्ड एण्ड कंट्रोल रूम स्थापित कर प्रदेश के 1061 पुलिस स्टेशन एवं 638 वरिष्ठ कार्यालयों की एकीकृत मॉनीटरिंग शुरू कर दी गई है।
सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट के लाभ
प्रोजेक्ट से प्रदेश के सभी अपराधियों की जानकारी सभी थानों को तत्काल उपलब्ध होगी। इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख संधारण किया जा सकेगा। विभिन्न रजिस्टर एवं रिपोर्ट सॉफ्टवेयर से तैयार होगी। थानों की कार्यवाही का सतत् एवं सघन पर्यवेक्षण संभव हो सकेगा। गिरफ्तार अपराधियों एवं बरामद सम्पत्ति की सूचना सभी थानों में तत्काल प्रसारित होगी। चरित्र सत्यपान प्रदेश स्तर पर संभव हो सकेगा। अपराधियों का इतिहास और प्रवृत्ति की जानकारी प्रदेश स्तर पर उपलब्ध रहेगी। विभिन्न राज्यों से अपराधियों की सूचनाओं का आदान-प्रदान संभव होगा।
नेशनल लोक अदालत की तारीखें घोषित
14 January 2019
सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार वर्ष 2019 में आयोजित की जाने वाली नेशनल लोक अदालतों की तारीखें घोषित कर दी गई हैं। सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विजय चन्द्र ने बताया कि 9 मार्च, 13 जुलाई, 14 सितम्बर और 14 दिसम्बर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन होगा।
नेशनल लोक अदालतों के लिये चिन्हित किये गये लम्बित और प्रिलिटिगेशन के प्रकरणों में न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों में आपराधिक शमनीय प्रकरण, पराक्राम्य अधिनियम की धारा-138 के अंतर्गत प्रकरण, मनी रिकवरी सबंधी मामले, एमएसीटी प्रकरण (मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण), श्रम विवाद प्रकरण, विद्युत एवं जल कर/बिल संबधी (सिर्फ शमनीय प्रकरण), वैवाहिक प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, सेवा मामले जो सेवानिवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित, राजस्व प्रकरण (सिर्फ जिला/उच्च न्यायालयों में लम्बित) दीवानी इत्यादि मामले महत्वपूर्ण हैं। इनके अतिरिक्त, प्रीलिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) के अंतर्गत पराक्राम्य अधिनियम की धारा-138 के अंतर्गत प्रकरण, मनी रिकवरी संबंधी मामले, श्रम विवाद संबंधी मामले, विद्युत एवं जल कर/बिल संबंधी (सिर्फ शमनीय प्रकरण), दूरसंचार के बकाया लैण्डलाइन/मोबाइल बिल संबंधी प्रकरण, आपराधिक शमनीय प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, दीवानी इत्यादि मामले भी सुने जायेंगे।
सदस्य सचिव ने बताया कि आमजनता/पक्षकारगण, जो न्यायालय में लम्बित एवं मुकदमेबाजी के पूर्व (प्रिलिटिगेशन प्रकरण) नेशनल लोक अदालत के लिये चिन्हित किये गये प्रकरणों/विवादों का उचित समाधान कर, आपसी सहमति से लोक अदालत में निराकरण कराना चाहते हैं, वे संबंधित न्यायालय अथवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति से सम्पर्क कर अपना मामला आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालतों में रखे जाने के लिये अपनी सहमति और आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करायें। सदस्य सचिव ने पक्षकारों से नेशनल लोक अदालतों में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आग्रह किया है।
मासूम बालिकाओं से दुराचार के मामलों में फांसी की सजा सुनिश्चित करवाई जाये
10 July 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि मासूम बालिकाओं से दुराचार के मामलों में दुराचारियों को फांसी की सजा सुनिश्चित करवाई जाये। इसके लिये प्रकरणों की लगातार मॉनिटरिंग की जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज यहां मंत्रालय में हुई कानून-व्यवस्था संबंधी उच्च-स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिये। बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह और पुलिस महानिदेशक श्री आर.के. शुक्ला भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दुराचार के दुर्भाग्यपूर्ण मामलों में पुलिस ने अपराधियों के विरुद्ध तेजी से कार्रवाई की है। सागर के प्रकरण में 42 दिन में निचली अदालत से फांसी की सजा दिलवायी गई। इस तरह के प्रकरणों को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक लगातार फालोअप कर सजा सुनिश्चित करवायी जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के प्रकरणों के संबंध में हर पन्द्रह दिन में वे स्वयं समीक्षा करेंगे।
छोटे और साधारण अपराधों से जुड़े मामले वापस होंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में निर्देश दिये कि प्रदेश में छोटे और साधारण अपराधों से जुड़े गरीब और कमजोर वर्गों के मामले वापस लेने के प्रक्रिया शुरु करें। इस संबंध में सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये जायें। उन्होंने कहा कि आगामी 31 जुलाई तक इस तरह के मामलों की सूची सभी जिलों में तैयार की जाये।
शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिये कार्यक्रम 14 अगस्त को
श्री चौहान ने कहा कि आगामी 14 अगस्त को प्रदेश में कर्तव्यों का निर्वहन करते हुये शहीद होने वाले सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के शूरवीरों के परिवारों से मिलकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया जाये। कार्यक्रम आयोजित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाये। इससे शहीदों के प्रति समाज में सम्मान व्यक्त होगा और आमजनों में देश भक्ति का भाव पैदा होगा। कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद और वरिष्ठ अधिकारी जायेंगे। इस कार्यक्रम का समन्वय गृह विभाग और सैनिक कल्याण विभाग मिलकर करेंगे।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में दुराचार के 9 प्रकरणों में निचली अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनायी गई है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव गृह श्री मलय श्रीवास्तव, अपर पुलिस महानिदेशक श्री राजीव टंडन और श्री आदर्श कटियार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
तम्बाकू मुक्त दिल्ली बनाने की दिशा में दिल्ली पुलिस का सराहनीय कार्य
केाटपा अधिनियम के तहत दिल्ली पुलिस ने कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए
19 April 2018
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा), 2003 के प्रावधानों को योजनबद्ध तरीके से लागू कर राजधानी को तम्बाकू मुक्त बनाने करने की शुरूआत की है। यह जानकारी दक्षिणी दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) श्री पी.कामराज ने दी है। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने पहले अपने अधिकारियों और जवानों को सीओटीपीए का प्रशिक्षण दिया और उन्हें इस कानून के प्रति संवेदीकृत किया। इसके बाद शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के भीतर धूम्रपान करने वालों की पकड-धकड़ शुरू की और तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने की कार्रवाई शुरू की। दिल्ली पुलिस का यह अभियान श्री कामराज के नेतृत्व में चलाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 (सीओटीपीए) एक व्यापक कानून है जिसका उद्देश्य तम्बाकू सेवन(उपयोग) को कम करना है और बिना वैधानिक चेतावनी के सार्वजनिक स्थानों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन और प्रचार, स्कूलों के 100 गज के भीतर और नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाता है। यह कानून तम्बाकू का सेवन करने वाले और सेवन न करने वाले दोनों के स्वास्थ्य सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।
पूरी दिल्ली में दिल्ली पुलिस के इस अभियान के बारे में उन्होंने बताया कि यह बहुत खुशी की बात है कि सभी जिलों की पुलिस द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के भीतर धूम्रपान करने वालों की पकड-धकड़ शुरू की गई और तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का अभियान चलाया गया। और इस काम में हमें संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) और मैक्स इंडिया फाउंडेशन का हमेशा साथ मिला। हम इस महत्वपूर्ण पहल को जारी रखेंगे जिससे कि धूम्रपान करने वालों में व्यावहारिक बदलाव आए जिससे नि धूम्रपान न करने वाले लोगों को भी मदद मिलेगी। ष्
मैक्स इंडिया फाउंडेशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती मोहिनी दलजीत सिंह ने दिल्ली पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली में तंबाकू सेवन का 17.8ः लेागों में प्रचलन है, और इससे तम्बाकू के कारण प्रति वर्ष 10000 से अधिक मौतें हेाती है। राजधानी में प्रति दिन 81 बच्चे तम्बाकू का उपयोग शुरू करते हैं। हम दिल्ली पुलिस द्वारा युवाओं को बचाने के अच्छे काम की सराहना करते हैं।
राजधानी में तम्बाकू के सेवन को कम करने के लिए दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2017 के 700 चालानों के स्तर को फरवरी 2018 में बढ़ाकर 6,000 कर दिया था। शीर्ष तीन प्रदर्शनकारी जिलों को 19 अप्रैल को कंस्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली के एक समारोह में सम्मानित किया गया। दक्षिण-पूर्व जिले के पुलिस उपायुक्त श्री चिन्नोय बिस्वाल, उत्तर जिले के डीसीपी श्री जतिन नरवाल और दक्षिण जिले के डीसीपी श्रीमती रोमिल बानिया को स्मृति चिह्न भेंट कर उन्हें उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस समारोह में इस बात पर खुशी जाहिर की गई कि इस दिशा में अन्य जिलों ने भी अपनी गतिविधियां पर गति बढ़ा दी है। इसके अलावा विशेष आयुक्त (कानून और व्यवस्था दक्षिण) श्री पी. कामराज और विशेष आयुक्त श्री प्रवीर रंजन को दिल्ली में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 (सीओटीपीए) को लागू करने के उनके अनुकरणीय नेतृत्व और योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
मैक्स ऑन्कोलॉजी के अध्यक्ष और वीओटीवी संरक्षक डॉ. हरित चतुर्वेदी ने कहा, सभी तरह के 50ःकैंसर की बीमारी और 90ःमौखिक कैंसर का कारण तम्बाकू और इसके उत्पादों का सेवन है। यदि तंबाकू समाज से समाप्त हो जाए, तो हम सभी प्रकार के 50ः कैंसर को रोक सकते हैं। दिल्ली में लगभग 11ः आबादी धूम्रपान करती है, लेकिन यह अन्य 89ः लेागों पर धुएं का असर डालती है। इससे वैसे भी लोगों का स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो जाता है जो धूम्रपान या तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करते। दिल्ली पुलिस द्वारा यह अभियान दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करता है और इसलिए इसकी सराहना की जानी चाहिए।
संबंध हेल्थ फाउंडेशन के ट्रस्टी एवं टुबैको कंट्रोल के प्रमुख श्री संजय सेठ ने इस प्रशंसनीय कार्य के लिए दिल्ली पुलिस का धन्यवाद करते हुए ग्लोबल एडल्ट तम्बाकू सर्वेक्षण - 2017 में केरल और कर्नाटक राज्यों में किए गए सर्वेक्षण की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन दो राज्यों में पुलिस द्वारा एक साथ शैक्षिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने और सीओटीपीए के कार्यान्वयन के माध्यम से तम्बाकू के सेवन की रोकथाम का जुड़वां कार्यक्रम चलाया गया था। इन कार्यक्रम के कारण इन राज्यों में तम्बाकू के उपयोग में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि एसएचएफ की टीम दिल्ली में इस कार्यक्रम पर डॉ. हीना शेख और प्रमोद कुमार अपना काम जारी रखेंगे।
अपराधियों के विरूद्ध हर हाल में कड़ा एक्शन हो : मुख्यमंत्री श्री चौहान
18 March 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए स्पष्ट कहा कि गुण्डे और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि बेटियों के साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार करने वाले मनचलों का जुलूस निकाला जाये। उन्होंने कहा कि 'मुझे अपराधियों के विरूद्ध कठोर एक्शन, एक्शन और केवल एक्शन चाहिये, हर हाल में परिणाम चाहिये'। परिणाम नहीं देने वाले एस.पी. और आई.जी. को हटा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हर जगह पुलिस की सक्रियता दिखाई दे, जिससे नागरिकों में सुरक्षा का भाव पैदा हो।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग से प्रदेश के कमिश्नर-आई.जी.-कलेक्टर और एसपी को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर गृह मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला उपस्थित थे।
श्री चौहान ने कहा कि अपराधियों के विरूद्ध ऐसा एक्शन हो जिससे उनकी रूह काँप जाये। जनता के लिये खतरा बने गुण्डे और अपराधियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ें। हर हाल में आम जनता में विश्वास पैदा होना चाहिये। उन्होंने कहा कि हर जिले की रेटिंग की जायेगी। इस संबंध में सात दिन बाद पुन: समीक्षा की जायेगी। परिणाम नहीं देने वाले पुलिस अधीक्षकों और पुलिस महानिरीक्षकों को हटा दिया जायेगा। उन्होंने बेहतर कार्य करने वाले जिलों की सराहना भी की। इनमें इंदौर, धार, होशंगाबाद, शामिल हैं। साथ ही अपराधियों के विरूद्ध देरी से कार्रवाई करने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने साफतौर पर कहा कि किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने रामनवमी आदि त्यौहारों में जुलूस के दौरान जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये।
भावांतर भुगतान योजना के पंजीयन के लिये 21 मार्च को होगी विशेष ग्रामसभायें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी और भावांतर भुगतान योजना में किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिये। इसमें किसानों के पंजीयन की विकेन्द्रीकृत व्यवस्था करें जिससे उन्हें कोई परेशानी नहीं हो। किसानों तक यह जानकारी पहुँचे कि वे अपनी उपज आगामी 15 जुलाई तक बेच सकते हैं। तब तक भण्डार गृह में रख सकते हैं। उपज को भण्डार गृह में रखने का किराया सरकार देगी और किसान जरूरत होने पर 25 प्रतिशत तक का ऋण ले सकते हैं जिसका ब्याज भी सरकार भरेगी। भावांतर भुगतान योजना के पंजीयन के लिये आगामी 21 मार्च को विशेष ग्रामसभाएँ की जायेंगी। साथ ही सत्यापन की कार्रवाई पूरी की जाये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को गेहूँ के समर्थन मूल्य 1735 रूपये प्रति क्विंटल के अलावा मुख्यमंत्री किसान समृद्धि योजना में उनके खातों में 265 रूपये प्रति क्विंटल के मान से अलग से प्रोत्साहन राशि जमा की जायेगी। यदि किसान मंडी में भी अपना गेहूँ बेचता है तो भी यह प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसके साथ ही पिछले वर्ष बेचे गये गेहूँ और धान पर भी दो सौ रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
गेहूँ खरीदी और भावांतर भुगतान योजना में कलेक्टर होंगे जिम्मेदार
श्री चौहान ने कहा कि भावांतर भुगतान योजना राज्य सरकार की अदभुत महत्वाकांक्षी योजना है। सभी संभागायुक्त इसकी मॉनिटरिंग करें। इसके क्रियान्वयन में किसानों को दिक्कत आती है तो संबंधित जिला कलेक्टर को जिम्मेदार माना जायेगा। सात दिन बाद इसकी पुन: समीक्षा भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी 26 मार्च से शुरू होगी, इसकी भी पूरी व्यवस्था की जाये।
असंगठित श्रमिकों के पंजीयन का एक अप्रैल से चलेगा अभियान
हर जिले में होंगे श्रमिक सम्मेलन
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि असंठित श्रमिकों के पंजीयन के लिये आगामी एक से 14 अप्रैल के बीच अभियान चलायें। इसमें कोई भी पात्र श्रमिक छूटे नहीं। आगामी 16 अप्रैल से 15 मई के बीच सभी जिलों में श्रमिक सम्मेलन किये जायेंगे। इन सम्मेलनों में पात्र श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं विशेष रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना, पट्टा वितरण, उज्जवला योजना, ई-रिक्शा, हाथ ठेला, शिक्षा-चिकित्सा और प्रसूति सहायता आदि योजनाओं का लाभ दिया जायेगा। साथ ही उन्हें कल्याण योजनाओं की जानकारी भी दी जायेगी। इन सम्मेलनों की बेहतर व्यवस्थाएँ की जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के कल्याण के लिये ऐतिहासिक योजनाएँ बनाई गयी हैं। इन योजनाओं का लाभ पंजीकृत मजदूरों को ही मिलता है। इसलिये पंजीयन का कार्य शिविर लगाकर पूरी पारदर्शी तरीके से किया जाये। पंजीयन की प्रक्रिया आसान हो और इसमें श्रमिकों को परेशानी नहीं होना चाहिये। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे श्रमिकों को जिनकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच हो, जो आयकर दाता नहीं हो, शासकीय सेवा में नहीं हो तथा दो हेक्टेयर से अधिक भूमिधारक नहीं हो वे, सभी असंगठित श्रमिक माने जायेंगे। पंजीयन नि:शुल्क होगा, जो पाँच वर्ष तक के लिये वैध माना जायेगा।
श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों और श्रमिकों के हित में अदभुत और अभूतपूर्व योजनाएँ बनाई गई हैं। इन ऐतिहासिक योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी क्षमता और निष्ठा के साथ किया जाये, जिससे संबंधितों को इनका समुचित लाभ मिल सके। इसमें किसी भी तरह की शिथिलता सहन नहीं की जायेगी।
महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिये सरकार के बेहतर प्रयास
28 February 2018
प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिये राज्य सरकार बेहतर प्रयास निरंतर कर रही है। इन्हीं प्रयासों में महिलाओं को नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। इसमें अभी तक एक लाख 99 हजार 528 लर्निंग लायसेंस बनाये गये हैं। साथ ही एक लाख 38 हजार 286 ड्रायविंग लायसेंस जारी किये जा चुके हैं। केवल महिलाओं के लिये विशेष 'पिंक लायसेंस शिविर'' आयोजित किये जा रहे हैं। इसमें 12 हजार 579 लायसेंस जारी किये जा चुके हैं।
महिलाओं को सुरक्षा के लिये हेल्पलाइन नम्बर 1091 उपलब्ध करवाया गया है। हेल्पलाइन नम्बर को यात्री बसों पर भी अंकित करवाया गया है। साथ ही यात्री परिवहन में महिलाओं के लिये 11 से 16 सीट आरक्षित की गई हैं। नवजात शिशुओं को स्तनपान करवाने के लिये वाहन चालक के पीछे की सीट आरक्षित की गई है। इसमें तीन ओर से पर्दा लगाने के लिये भी परमिट शर्तों में निर्देश दिये गये हैं। स्कूल बसों में बालिकाओं की सुरक्षा की दृष्टि से महिला ड्रायवर अथवा शैक्षणिक संस्थान की एक महिला कर्मचारी या परिचालिका की उपस्थिति अनिवार्य की गई है। इस संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। साथ ही परमिट के लिये इस शर्त का उल्लेख किया गया है।
अन्य सुविधाओं में महिलाओं को सुरक्षित परिवहन सेवाएँ उपलब्ध करवाने के लिये बसों में जीपीएस/जीपीआरएस आधारित ट्रेकिंग सिस्टम और सी.सी. टी.व्ही. कैमरे लगाये जाने के विभागीय आदेश जारी किये जा चुके हैं। इस संबंध में मध्यप्रदेश मोटर-यान नियम में संशोधन की कार्यवाही भी प्रचलित है।
अन्तर्राष्ट्रीय कछुआ तस्कर मुर्गेसन की गिरफ्तारी पर इन्टरपोल ने की मध्यप्रदेश (भारत) की सराहना
12 February 2018
इन्टपोल ने मोस्ट वांटेड अन्तर्राष्ट्रीय कछुआ तस्कर मुर्गेसन मनिवन्नम की गिरफ्तारी के लिये भारत (मध्यप्रदेश) की सराहना की है। इन्टरपोल द्वारा नई दिल्ली स्थित नेशनल क्राइम ब्यूरो को भेजे गये पत्र में लिखा है कि हम इसके लिये भारत को बधाई देते हैं। थाईलैंड, सिंगापुर सहित कई देशों को पिछले कई सालों से मुर्गेसन की तलाश थी।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि इन्टरपोल ने मुर्गेसन के दूसरे देशों से संबंधित आपराधिक रिकार्ड भी साझा किये हैं। पिछले दिनों मध्यप्रदेश वन विभाग की एस.टी.एफ. टीम ने मुर्गेसन को चेन्नई से गिरफ्तार कर सागर के विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने उसकी जमानत खारिज कर दी थी। इन्टरपोल, एस.टी.एफ. वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो, यू.पी. एस.टी.एफ. आदि को लम्बे समय से मुर्गेसन की तलाश थी। दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तस्करी में मुर्गेसन का नाम दुनिया में तीसरे नम्बर पर था। सिंगापुर के रहवासी मुर्गेसन का अवैध व्यापार सिंगापुर सहित थाईलैंड, मलेशिया, मकाऊ, हॉगकांग, चीन और मेडागास्कर में फैला हुआ है।
अन्तर्राष्ट्रीय वन्य प्राणी तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने में मुर्गेसन की गिरफ्तारी काफी महत्वपूर्ण है। मुर्गेसन को पिछली बार 27 अगस्त, 2012 को करीब 900 दुर्लभ प्रजाति के कछुओं के साथ पकड़ा गया था। पर तब वह छूटने में कामयाब हो गया था। मध्यप्रदेश एस.टी.एफ. अन्तर्राष्ट्रीय वन्य प्राणी तस्करों की धर पकड़ के कारण काफी प्रशंसा अर्जित कर रहा है।
राज्य स्तरीय सेमीनार का प्रमुख सचिव ने किया शुभारंभ
3 February 2018
भोपाल,3 फरवरी । आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में प्रमुख सचिव
अनुसूचित जाति विकास श्री एस.एन. मिश्रा द्वारा राज्य स्तरीय दो दिवसीय सेमीनार का
शुभारम्भ किया गया। श्री एस.एन.मिश्रा ने प्रदेश के सभी जिलों से आये प्रतिभागी अधिकारियों
(एस.पी.एवं डी.एस.पी.,अजाक) से कहा कि संवेदनशील होकर मनसा-वाचा- कर्मणा से कमजोर वर्गों
के हितों का संरक्षण करें। जिस तरह से परिवार के कमजोर बच्चे की खास देख-रेख की जाती
है ठीक उसी प्रकार समाज के कमजोर वर्गों के हितों के संरक्षण के लिये संबंधित अधिकारियों
को संवेदनशीलता के साथ प्रथम प्राथमिकता के आधार पर कानूनों का उचित क्रियान्वयन करना
चाहिये। शासन द्वारा कमजोर वर्गों की रोटी, कपड़ा, मकान, दवाई एवं शिक्षा जैसी आधारभूत
जरूरतों की पूर्ति के लिये कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा किआप लोग
कमजोर वर्गों के हितों के संरक्षण एवं स्थिति में परिवर्तन करने के लिए उत्प्रेरक बन सकते हैं।
जाली प्रमाण-पत्र के आधार पर कमजोर वर्गों के अधिकारों का हनन करने वाले लोगों पर
त्वरित एवं सख्त कार्यवाही करें। संसाधन एवं सुविधाओं की कमी के चलते ही कोई वर्ग
अपराध की और उन्मुख होता है अत: शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ शत् प्रतिशत
लोगों तक पहुँचायें।
आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्री आनंद शर्मा ने प्रतिभागियों से कहा कि
आजादी के इतने वर्षों बाद भी कमजोर वर्गों की स्थिति आज भी ज्यादा अच्छी नहीं है।
कमजोर वर्गों के अधिकार संरक्षण की आप महत्वपूर्ण कड़ी हैं अत: कमजोर वर्गों के हितों के
संरक्षण हेतु प्राथमिकता के आधार पर कारगर प्रयास करें।
इस अवसर पर विशेष अतिथि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, महिला अपराध
शाखा श्रीमती अरूणा मोहन राव ने कहा कि कमजोर वर्गों के अधिकारों के संरक्षण के लिये
किये जाने वाले प्रयासों एवं व्यवस्थाओं के लिहाज से मध्यप्रदेश अन्य राज्यों के लिये
अनुकरणीय है परंतु इन वर्गों को समानता एवं सम्मान से जीने का हक दिलाने के लिये और
अधिक कारगर प्रयासों की जरूरत है इस काम को महत्व देते हुए गर्व के साथ प्राथमिकता के
आधार पर करें। शासन प्रशासन द्वारा कमजोर वर्गों के लिये कई योजनाएं संचालित की जा रही
है, एवं कई सुविधाएं दी जा रही हैं। संवेदनशील एवं दक्ष होकर कार्य करने की जरूरत है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, अजाक श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने प्रतिभागी
अधिकारियों से कहा कि कमजोर वर्गों के हितों का संरक्षण करने के लिये उचित तरीके से
कानूनों का क्रियान्वयन होना चाहिये हमारी नियत किसी की नियती बदल सकती है। वैधानिक
रूप से मदद की नियत से कार्य करें तथा कानून के माध्यम से संवेदनशीलता प्रकट करें।
उप पुलिस महानिरीक्षक अजाक श्री डॉ एम.एस. सिकरवार ने सेमीनार की भूमिका
एवं उददेश्यों के संबंध में जानकारी दी।
विधि अधिकारी अजाक पुलिस मुख्यालय श्री विजय बंसल द्वारा 'अनुसूचित
जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधित अधिनियम-2015' की जानकारी
दी गई। सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक अभियोजन श्री एस.के. खरे 'अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित
जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम संबंधी मामलों में अभियोजन की चुनौतियाँ एवं
समाधान' पर व्याख्यान दिया। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्री एस.एन. चौधरी ने
'भारतीय समाज में अस्पृश्यता का इतिहास तथा प्रभाव एवं इसे दूर करने की दिशा में किये गये
सामाजिक प्रयास' पर व्याख्यान दिया। इसके बाद पैनल डिस्कशन हुआ। अतिरिक्त पुलिस
अधीक्षक श्री राजेश सिंह भदौरिया द्वारा 'प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने में होने वाली त्रुटियाँ
तथा प्रकरण के निराकरण पर पढ़ने वाले प्रभाव' की जानकारी दी गई। सहायक पुलिस
महानिरीक्षक (अजाक) श्री अमृत मीणा द्वारा प्रतिभागियों से फीडबेक एवं सुझाव लिये गये। उप
महानिरीक्षक (अजाक) पुलिस मुख्यालय भोपाल डॉ. एम.एस. सिकरवार की उपस्थिति में विवेचना
और पर्यवेक्षण अधिकारियों द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये। प्रतिभागियों ने सक्रिय
उपस्थिति दर्ज कराते हुए व्याख्याताओं एवं विशेषज्ञों से प्रश्न किये एवं शंकाओं का समाधान
किया।
महाधिवक्ता एवं पुलिस महानिदेशक की उपस्थिति में होगा समापन
द्वितीय दिवस 4 फरवरी को मुख्य अतिथि, न्यायमूर्ति श्री राकेश
सक्सेना, चेयरमेन मध्यप्रदेश स्टेट उपभोक्ता आयोग की उपस्थिति में सुबह 10.30 बजे
सेमीनार प्रारंभ होगा। पूर्वान्ह 11.15 से 12 बजे तक न्यायमूर्ति श्री राकेश सक्सेना द्वारा
'फरियादी एवं साक्षियों का पक्ष विरोधी होना अभियोजन में सबसे बड़ी बाधा है' पर जानकारी दी
जाएगी। दोपहर 12 से 12.45 तक उच्च न्यायालय इंदौर खण्डपीठ के अधिवक्ता श्री अनिल
त्रिवेदी द्वारा 'भारतीय समाज में जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव तथा अनुसूचित जाति
और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम का समाज पर प्रभाव' व्याख्यान दिया
जाएगा। दोपहर 12.45 से 1.30 बजे तक पीपुल्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट एण्ड रिसर्च,
पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल की प्रोफेसर डॉ. असमा रिजवान द्वारा 'त्वरित गति से बदलते समाज
में पुलिस की चुनौतियाँ: सामाजिक बहिष्कार एवं जाति के आधार पर होने वाले अत्याचार के
विशेष संदर्भ में' व्याख्यान दिया जाएगा। दोपहर 1.30 से 2 बजे तक पैनल चर्चा होगी। दोपहर
2.30 से 3.30 बजे तक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अजाक) श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव
डाक्यूमेन्ट्री प्रस्तुत करेंगी। अपरान्ह 3.30 से 4 बजे तक सहायक पुलिस महानिरीक्षक (अजाक)
श्री अमृत मीणा द्वारा फीडबेक एवं सुझाव लिये जायेंगे। सेमीनार का समापन शाम 4 से 5 बजे
की अवधि में महाधिवक्ता, उच्च न्यायालय, जबलपुर श्री पुरूषेन्द्र कौरव तथा पुलिस महानिदेशक
श्री ऋषि कुमार शुक्ला की उपस्थिति में होगा।
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर थानों में आरंभ हुआ "सम्मान-सुरक्षा-स्वरक्षा अभियान
24 January 2018
राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को प्रदेश के थानों में सम्मान-सुरक्षा-स्वरक्षा अभियान के अंतरर्गत जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किये गये।महिलाओं और बालिकाओं के प्रति सामाजिक चेतना और जागरूकता के लिए आरंभ किये गये इस अभियान में महिला सुरक्षा के साथ-साथ महिलाओं तथा बालकों से संबंधित कानूनों और सुरक्षा प्रावधानों की जानकारी विषय विशेषज्ञों द्वारा दी गई। थाना परिसरों में बड़ी संख्या में महिलाओं और बालिकाओं की उपस्थिति ने अपने अधिकारों और कानूनों की जानकारी के प्रति उनकी उत्सुकता स्पष्ट अभिव्यक्त हो रही थी।महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बुरहानपुर कोतवाली में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।उन्होनें महिलाओं के बीच बैठकर अभियान के बारे में विस्तार से चर्चा की।इस अवसर पर फिल्म 'कोमल' का प्रदर्शन भी किया गया।
श्रीमती चिटनिस ने कहा की महिलायें सहनशील होने के साथ-साथ अत्यधिक सशक्त भी होती हैं।महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार कृत-संकलपित है। सरकार के प्रयासों के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि महिलाऐं स्वयं अपने मनोबल को उँचा रखें तथा पूरे आत्म-विश्वास के साथ अन्याय के विरूद्ध लड़ें। उन्होनें के कहा कि पुलिस के साथ हम सभी का कर्तवय है कि अपने आसपास रहने वाली महिलाओं को पूरे सम्मान और सुरक्षा का वातावरण उपलब्ध करायें।
कार्यक्रम में श्रीमती अरूणा मोहन राव ने कहा कि महिला अपराधों को रोकने के लिए परिवार-पड़ोस तथा समुदाय में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता के साथ कानूनी प्रावधानों और अधिकारों की जानकारी महिलाओं को उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने शौर्या दलों का थानों से सामाजंस्य बढ़ाने की आवश्यकता भी बताई। आईजी भोपाल जोन श्री जयदीप प्रसाद ने कहा की महिला का सम्मान समाज के ताने-बाने में निहित है। इसके साथ ही महिलाओं को स्वरक्षा और सुरक्षा के लिए जागरूक होना होगा। उन्होनें डायल 100, वी केयर फॉर यू, चाईल्ड लाईन, मैत्री एप्प आदि पर चर्चा भी की।महिला सशक्तिकरण आयुक्त श्रीमती कियावत ने महिलाओं के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
प्रदेश के सभी थानों में आयोजित इस कार्यक्रम में पोक्सो अधिनियम 2012 किशोर न्याय अधिनियम 2015 घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, पीड़ित प्रतिकर योजना, साईबर सुरक्षा के संबंध में विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी गई
जनसेवा के लिये है पुलिस: मुख्यमंत्री श्री चौहान
19 January 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पुलिस जनसेवा के लिये है। पुलिस की सेवा को नौकरी नहीं माना जा सकता। लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मिलना बहुत सौभाग्य की बात है। पुलिस का कर्तव्य किसी भी अन्य सेवा से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि सामाजिक जटिलताओं का कुशलतापूर्वक सामना करते हुए आमजन का विश्वास जीतना होगा। अधिकारी धैर्य, उत्साह और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य करें। मन, मस्तिष्क और शरीर को चुस्त-दुरूस्त रखने के लिये योग, व्यायाम और मनोरंजन की गतिविधियों में भी शामिल हों। मुख्यमंत्री ने पुलिस बल में अवकाश की संकल्पना पर विचार करने की जरूरत बतायी। श्री चौहान आज विधानसभा सभागार में तृतीय आई.पी.एस. ऑफीसर्स मीट के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में आत्मीयता के भाव से सरकार चलाने का प्रयास किया गया है। मध्यप्रदेश पुलिस ने अनेक ऐसे कार्य किये हैं, जिन पर गर्व किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समस्याएं आती रहती हैं, जरूरत उनके समाधान के निरंतर प्रयास की है। चुनौतियों का सामना विशेषज्ञता के साथ किया जाना चाहिये। पुलिस अधिकारियों के समूह बनाकर विषयवार होने वाले चिंतन के निष्कर्षों पर मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर रोडमैप का निर्माण करेंगे। पुलिस और जनता के मध्य दूरियों को कम करने के लिये सामुदायिक पुलिसिंग के प्रयोग किये गये हैं। इन्हें और अधिक विस्तारित करना होगा।
श्री चौहान ने आईपीएस मीट के आयोजन की सराहना करते हुये कहा कि संगोष्ठी के विषय समसामयिक और सराहनीय हैं। आज पूरी दुनिया के सामने कट्टरवाद की चुनौती है। लोगों को अलग-अलग बाँटने की कोशिशें लोकतंत्र के लिये घातक हैं। इनका सामना करने के लिये जरूरी है कि उदारवादी दृष्टिकोण को प्रसारित किया जाये। भारतीय समाज और संस्कृति में एक ही चेतना की मान्यता है, जिसमें भेदभाव के लिये कोई स्थान नहीं है। सामाजिक समरसता का संदेश देने के लिये ही एकात्म यात्रा का आयोजन किया गया है। संगोष्ठी का मंथन निश्चय ही इस दिशा में सार्थक पहल होगा। मुख्यमंत्री ने अखिल भारतीय पुलिस अधिकारी सेवा संघ के अध्यक्ष श्री संजय राणा को जन्मदिन की बधाई भी दी।
विधानसभा अध्यक्ष श्री सीताशरण शर्मा ने कहा कि शासन का सबसे प्रमुख अंग सुरक्षा बल होते हैं। लोकतांत्रिक शासन प्रणाली जनहित की सबसे अच्छी प्रणाली है। उन्होंने मीट के आयोजन पहल की सराहना करते हुये कहा कि संगोष्ठी के विषयों पर विचार-विमर्श सुशासन के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इसके सकारात्मक परिणाम आयेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दुरूपयोग की समस्या पर भी विचार व्यक्त किये।
पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला ने विषय प्रर्वतन किया। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा पुलिस का प्राथमिक दायित्व है। जन अपेक्षाओं को पूरा करने की चुनौती बहुत कठिन कार्य है। आर्थिक और तकनीकी परिवर्तन की चुनौतियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। जनता और पुलिस के मध्य दूरी को पाटने के प्रयास पुलिस द्वारा निरंतर किये जा रहे हैं। मीट के दौरान इन चुनौतियों का सामना करने के लिये कार्यशाला का आयोजन कर युवा और वरिष्ठ अधिकारियों के मध्य संवाद का प्रयास किया गया है।
स्वागत उद्बोधन में आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री संजय राणा ने बताया कि संगोष्ठी का आयोजन कट्टरवाद का उदारीकरण : चुनौतियां और सोशल मीडिया के नए आयाम कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए चुनौतियां विषयों पर किया गया है। आभार प्रदर्शन अपर महानिदेशक पुलिस श्री व्ही.के. महेश्वरी ने किया। कार्यक्रम संचालन श्री राजेश मिश्रा ने किया।
इस अवसर पर भारतीय पुलिस सेवा के वर्तमान और सेवानिवृत्त अधिकारी उपस्थित थे
म.प्र. पुलिस की गौरवशाली परम्पराओं को बनाये रखें- राज्यपाल
18 January 2018
राज्यपाल श्री ओम प्रकाश कोहली से आज भारतीय पुलिस सेवा के नव-नियुक्त पुलिस अधिकारियों ने भेंट की। राज्यपाल ने अधिकारियों को नये उत्तरदायित्वों के लिए बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस की गौरवशाली परम्परा की गरिमा सदैव बनाये रखें। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को ऐसी छवि बनानी चाहिए जिससे अपराधियों को डर लगे और आम नागरिक पुलिस को अपना मित्र और सहायक समझे।
पुलिस महानिदेशक श्री आर.के. शुक्ला ने राज्यपाल को बताया कि नये पुलिस अधिकारियों को दो वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण के अंतर्गत इन्हें 6 माह के लिए जिलों में पदस्थ किया जाता है।
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ. एम मोहनराव, स्पेशल डीजी श्री के.एन. तिवारी तथा अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्री अशोक अवस्थी उपस्थित थे।
आई.जी. पुलिस को नियमित प्रेस ब्रीफिंग करने के निर्देश
23 December 2017
गृह मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने प्रदेश के सभी जोन के आई.जी. पुलिस को निर्देश जारी किये हैं कि वे कानून व्यवस्था एवं अपराधों को रोकने के लिये की गई कार्यवाही की नियमित प्रेस ब्रीफिंग करें।
आई.जी. पुलिस से कहा गया है कि वे ब्रीफिंग के दौरान पुलिस के साहसिक कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी भी प्रिंट मीडिया के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भी उपलब्ध करवायें। आई.जी. पुलिस की अनुपस्थिति में यह प्रेस ब्रीफिंग क्षेत्र के राजपत्रित अधिकारी द्वारा अनिवार्य रूप से की जाये।
रेपिस्ट को केपिटल पनिशमेंट - विल इट वर्क विषय पर हुई संगोष्ठी
23 December 2017
बड़वानी के शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ट द्वारा आज 'रेपिस्ट को केपिटल पनिशमेंट - विल इट वर्क' विषय पर एक संगोष्ठी हुई। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एन.एल. गुप्ता के मार्गदर्शन में हुई। संगोष्ठी में छात्राओं ने अपने विचारों को प्रभावी ढंग से रखा। डॉ. मधुसूदन चौबे ने बलात्कार से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 375 और 376 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संगोष्ठी में बताया कि यह धाराएँ बलात्कार से संबंधित हैं। डॉ. मधुसूदन ने छात्राओं को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कानून में किये गये नये संशोधन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि बारह वर्ष तक की आयु की लड़की के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार किया जाता है, तो अपराधी या अपराधियों को मृत्यु दंड दिया जायेगा।
बी.ए. अंतिम वर्ष की छात्रा कामिनी पाटीदार ने संगोष्ठी में जानकारी दी कि बलात्कार के लिए केपिटल पनिशमेंट यानी मृत्यु दंड का प्रावधान करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। छात्रा ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की इस पहल को सराहनीय बताया। संगोष्ठी में एम.ए. की छात्रा गंगा जादव ने कहा कि संशोधन के बाद समाज में बलात्कार जैसे अपराध पर नियंत्रण लग सकेगा। उन्होंने लड़कियों से कहा कि वे किसी की भी ज्यादती को सहन न करें। संगोष्ठी में बी.ए. प्रथम वर्ष की छात्रा राधिका शर्मा ने कहा कि अपराधी को मृत्यु दंड देने से पहले ऐसी यातनाएं दी जानी चाहिए कि जिसके बारे में सुनकर लोग सिहर उठें। इन यातनाओं को संचार माध्यमों के जरिये अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाया जाना चाहिये।
हर रेपिस्ट को मिले मृत्यु-दंड
मास्टर ऑफ लायब्रेरी साइंस और इर्न्फोमेशन टेक्नोलॉजी की शिक्षा प्राप्त कर चुकी सुश्री प्रीति गुलवानिया कहती हैं कि जिस तरह से कम आयु की बच्चियों के साथ बढ़ती बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिये कानूनी संशोधन लाया गया है, उसके दायरे में किसी भी उम्र की महिला के साथ बलात्कार करने वाले अपराधी को मृत्यु-दण्ड दिये जाने को भी शामिल किया जाना चाहिये। ऐसा करने पर समाज में बलात्कार की घटनाओं पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकेगी। संगोष्ठी में बी. ए. प्रथम वर्ष की छात्रा रितु बर्फा कहती हैं कि यह प्रावधन स्वागत योग्य है, पर समाज में ऐसे घिनौने अपराध हो ही नहीं तो कितना अच्छा रहे। समाज और शिक्षा संस्थानों द्वारा नैतिकता का विकास किया जाना चाहिए ताकि व्यक्ति अपराध की ओर अग्रसर ही न हो सके।
जीते जी मर जाती है पीड़िता
बी. ए. अंतिम वर्ष की छात्रा सोनिका पाटीदार ने कहा कि रेप का पीड़िता पर गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। वह डिप्रेशन में आ जाती है। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म करने वालों को मृत्यु-दण्ड दिया जाना ही उचित है। बी.ए. प्रथम वर्ष की राजनीति विज्ञान की छात्रा पुष्पा धनगर का कहना है कि जीवन हर व्यक्ति को प्यारा होता है। जब इस अपराध के लिए मृत्यु-दंड दिया जायेगा, तो व्यक्ति अपराध करने से पहले सौ बार सोचेगा। बी.ए. प्रथम वर्ष इतिहास की छात्रा राजनंदिनी खेड़े ने कहा कि नैतिकता और भय ये दो माध्यम हैं, जिनसे आपराधिक गतिविधियां रोकी जा सकती हैं। यदि अपराधी को खुले आम फांसी दी जाये तो दूसरे लोग ऐसा अपराध करने का दुस्साहस नहीं कर पायेंगे।
महिला अपराधों की रोकथाम के लिये संवेदनशीलता और तत्परता से कार्रवाई करें
21 November 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महिला अपराधों की रोकथाम के लिये संवेदनशीलता और तत्परता से कठोर कार्रवाई करें, जिससे अपराधियों में डर पैदा हो। अपराधों पर नियंत्रण के लिये संभागवार रणनीति बनायी जाये। साईबर अपराधों से निपटने के लिये जिला स्तर पर सुदृढ़ व्यवस्था करें। चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी रोकने के लिये जागरूकता अभियान चलायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ पुलिस मुख्यालय में आई.जी.-डी.आई.जी. कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर गृह मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में पुलिस हर चुनौती का सामना करने में खरी उतरी है। इसकी उपलब्धियाँ गर्व करने के लायक हैं। कानून व्यवस्था ऐसा क्षेत्र है जिसमें लगातार नई चुनौतियाँ सामने आती रहती हैं। जिस तेजी से तकनीक का विकास हो रहा है, उसी क्रम में अपराध के तरीके भी बदलते जा रहे हैं। साईबर क्राईम एक नई चुनौती के रूप में समाज में पनप रहा है। हमें इसे सख्ती से रोकना होगा। इसके लिये महिला छात्रावास, कॉलेज, स्कूल, कोचिंग सेंटर जैसे स्थानों पर लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जाये। श्री चौहान ने कहा कि बीट स्तर तक की टीम लगातार गश्त करें। क्षेत्र में पुलिस की प्रभावी उपस्थिति रहे। संसाधनों का उचित उपयोग कर लोगों में सुरक्षा का विश्वास पैदा करें।
जनता को हेल्पलाईन नंबर और ई-कॉप जैसी सुविधा की व्यापक जानकारी दें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि जनता को हेल्पलाईन नंबर और ई-कॉप जैसी सुविधा की व्यापक जानकारी दें। छात्राओं को आत्मरक्षा के लिये प्रशिक्षण दें और जागरूक बनायें। पुलिस बल के अलावा ग्राम तथा नगर सुरक्षा समितियों, एन.सी.सी., एन.एस.एस., शौर्या बल, तेजस्विनी समूह और स्व-सहायता समूहों की मदद लें। सभी जिलों में वन स्टॉप सेंटर स्थापित करें। स्कूली बसों में ड्राईवर-कंडक्टरों का चरित्र सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाये तथा स्कूली बसों में महिला कंडक्टर होने के नियम का सख्ती से पालन करायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली बसों में सीसीटीव्ही कैमरे समय-सीमा में लगाये जायें। सभी महिला छात्रावासों में रसोईया और सफाईकर्मी महिलाएं हों। महिला छात्रावासों के प्रवेश वाले रास्ते पर सीसीटीव्ही कैमरे लगाये जायें। आगामी विधानसभा सत्र में जनसुरक्षा विधेयक लाया जाये।
मादक पदार्थो की रोकथाम की विशेष रणनीति बनायें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि साम्प्रदायिक घटनाओं को रोकने के लिये कई जिलों ने अच्छा काम किया है। इस तरह के मामलों में लगातार सतर्कता बनाये रखें। पुलिस विभाग की अलग-अलग शाखाओं और अन्य विभागों में समन्वय को और बेहतर बनायें। पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था के लिये बीस वर्ष की सेवा तथा पचास वर्ष की आयु वाले निष्क्रिय और गलत रिकार्ड वाले अमले की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रकरण बनायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने रेत उत्खनन नीति में परिवर्तन किये हैं। इससे लोगों को जरूरत के अनुसार सहजता से रेत मिलेगी तथा रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग रेत के अवैध उत्खनन को रोकने की कार्रवाई जारी रखें। मादक पदार्थो की रोकथाम की विशेष रणनीति बनायें। बड़े अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करें। खरगौन-बड़वानी जिले में अवैध कारोबार में लिप्त सिकलीगरों को रोजगार से लगाने की योजना बनायें।
हर जिले में साईबर सुरक्षा के लिये विशेष सेल
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि साईबर सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनायें। हर जिले में साईबर सुरक्षा के लिये विशेष सेल बनायें। सी.एम. हेल्पलाईन के प्रकरणों में प्रभावी कार्रवाई करें। इलेक्ट्रानिक मीडिया में आने वाले भ्रामक विज्ञापनों पर कानूनी प्रावधान के तहत कार्रवाई करें। एन.एस.ए. तथा जिलाबदर की प्रभावी कार्रवाई करें। सूदखोरी को रोकने के लिये सख्त कानूनी कार्रवाई करें। आदिवासी क्षेत्रों में बेटियों की गुमशुदगी के प्रकरणों में विशेष ध्यान देकर कार्रवाई करें। गौ-वंश की अवैध निकासी रोकने के लिये कार्रवाई करें। प्रदेश में कानून व्यवस्था और शांति का वातावरण रखने के लिये पुलिस विभाग बेहतर कार्रवाई जारी रखे।
पुलिस महानिदेशक श्री आर.के. शुक्ला ने बताया कि अगले वर्ष की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुये अपराधों पर नियंत्रण की कार्य-योजना बनाई गई है। अगले तीन वर्षों में प्रत्येक थाने में दो-दो महिला आरक्षकों की पदस्थापना की जायेगी। थानों में महिला रेस्ट रूम की व्यवस्था भी की जायेगी। गौवंश की अवैध निकासी को रोकने के लिये प्रदेश की सीमा से आने-जाने वाले रास्तों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्टेटेस्टिकल डाटा - 2017 का विमोचन किया। बैठक में पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा प्रदेश के आई.जी.-डी.आई.जी. उपस्थित थे।
मानसिक रोग में पुलिस की भूमिका पर कार्यक्रम
16 October 2017
गुरुग्राम 14 अक्टूबर। समाज में सभी को मानसिक रुप से पीडि़तों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए, तभी वे संकट की स्थिति में दूसरेां की मदद ले सकतें है। वर्तमान में मानसिक रुप से पीडि़त समाज व आमजन से कटा हुआ सा अपने आपको महसूस करता है, इसलिए जब उन्हे पुलिस की जरुरत हेाती है तो वे इनकी मदद ले पाने में असमर्थ हेाते है। यह जानकारी संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) की ट्रस्टी रीता सेठ ने पुलिस कमीश्नरेट सभागार में मासिक अपराध समीक्षा के दौरान मानसिक रोग में पुलिस की भूमिका पर आयेाजित कार्यक्रम में दी।
उन्होने बताया कि पूरे गुरुग्राम इलाके में करीब 50 हजार से अधिक विभिन्न प्रकार के मानसिक रोगी है, जो कि अज्ञानता और व्यवहार के कारण समाज की मुख्य धारा से कटे हुए है। इसलिए हम सभी को मिलकर इनके साथ परिवार जैसा व्यवहार करना है तभी वे मुख्यधारा में लौट सकते है। खासतौर पर इसमें पुलिस की अह्म भूमिका हेा सकती है।
संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के राजीव अग्रवाल ने सभी पुलिस अधिकारियों से आव्हान किया कि उनके पास जब भी कोई मानसिक रुप से पीडि़त का मामला आए तो वे सहानुभूतिपूर्वक उस पर विचार करे। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा और उन्हे न्याय भी मिलेगा। मानसिक रुप से पीडि़तों के साथ कई तरह के अन्याय होते है, जिन्हे वे स्वंय रेाकने में असमर्थ होतें है, ऐसी स्थिति में उनके पास पुलिस के अलाव दूसरा कोई विकल्प नही है।
रिकवरी सेंटर बना हुआ है वरदान
गुरुग्राम गांव की चौपाल में एसएचएफ की और से रिकवरी सेंटर खोला है। जो कि पूरी तरह से ग्रामीणों और मानसिक रुप से पीडि़तों को समर्पित है। इस प्रकार की बीमारियों में मरीज के साथ साथ पूरा परिवार संकट की स्थिति में आ जाता है। देशभर में सभी तरह की मानसिक बीमारियों में 3प्रतिशत आबादी में गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रसित है। वंही आत्महत्या का 90 प्रतिशत कारण भी इसे माना गया है। डब्लूएचओ के मुताबिक कुल जनसंख्या में से 10 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारी (एमआई) और 3 प्रतिशत गंभीर बीमारी से पीडि़त है। इसमें गुरुग्राम में लगभग 50,000 लोग गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रसित है। इनमें 50 प्रतिशत ऐसे है जो पहचान ही नही किये गए। उन्होने कहा कि हरियाणा सरकार के सहयोग से सेक्टर 31 गुरुग्राम के पाली क्लिनिक में भी रिकवरी सेटर चलाया जाता है जो कि गंभीर मानसिक रोगियों के लिए मददगार साबित हो रहा है।
इस दौरान मानसिक रुप से पीडि़त युवक जो कि रिकवरी कार्यक्रम से पुनः सामान्य दिनचर्या के साथ आज जीवनयापन कर रहा है, ने अपने जीवन में मानसिक रुप से पीडि़त होने के दौरान जो परेशानियां आई उनके बारे में बताया।
पुलिस अधिकारियेां ने जाने हालात और पूछे सवाल
इस दौरान पुलिस के अधिकारियेंा ने मानसिक रोग पर तकनीकी जानकारी लेने के बाद रिकवरी कार्यक्रम को समझा और सवाल जवाब भी किये। जिनके जवाब संबध हैल्थ फांउडेशन (एसएचएफ) की दीपशिखा पाल और ट्रस्टी रीता सेठ ने दिए। पुलिस अधिकारियेां ने यह भी पूछा कि वे किस प्रकार से मानसिक रोगियेां की मदद कर सकतें है। इस पर उन्हे बताया गया कि जब किसी मामले में मानसिक रेागी का नाम आए या फिर उनके साथ किसी प्रकार की घटना घटित हेा तो वे उनकी सकारात्मक रुप से जांच कर मदद करें और उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार करें।
इस कार्यक्रम में गुरुग्राम के समस्त पुलिसथानाधिकारी, अनुसंधानअधिकारी, डीएसपी तथा एसीपी भी उपस्थित थे।
फोटेा कैप्सन
1. गुरुग्राम पुलिस कमीश्नरेट सभागार में मानसिक रोग में पुलिस की भूमिका पर आयेाजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रीता सेठ व टीम।
2. इस अवसर पर गुरुग्राम के समस्त पुलिस अधिकारी व अन्य।
पुलिस के अधोसंरचना विकास के लिए 445 करोड़ की राशि
2 October 2017
पुलिस विभाग में अधोसंरचना, आवास एवं पुलिस कल्याण आदि के तहत अगले तीन वर्ष के लिए 445 करोड़ 16 लाख रुपये की मंजूरी मिली है। इससे 34 शहरी थानों, 220 अर्द्ध-शहरी/ग्रामीण थानों, 119 पुलिस चौकी, 61 एसडीओपी कार्यालय, 19 पुलिस अधीक्षक कार्यालय और 7 सेनानी कार्यालय का निर्माण किया जाएगा। कुल 540 भवन निर्माण की कार्य-योजना को 3 चरणों में पूरा किया जाएगा। इसके लिए वर्ष 2017-18 में 161 करोड़ 94 लाख, वर्ष 2018-19 में 164 करोड़ 85 लाख और वर्ष 2019-20 में 118 करोड़ 37 लाख 6 हजार की राशि व्यय होगी।
सेक्स रैकेट में पकड़ा गया भाजपा नेता,पार्टी ने बाहर निकाला
20 May 2017
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ऑनलाइन सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए भाजपा में अनुसूचित जाति मोर्चा का प्रदेश मीडिया प्रभारी नीरज शाक्य सहित नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. नीरज शाक्य की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा ने उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया है. नीरज शाक्य को चार दिन पहले ही अनुसूचित जाति मोर्चा का प्रदेश मीडिया प्रभारी नियुक्त किया गया था.
क्या है मामला
राज्य साइबर पुलिस को ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए सेक्स रैकेट संचालित होने की शिकायत मिली थी. पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि वेबसाइट के जरिए ग्राहकों को बुकिंग की सुविधा के साथ लड़कियां मुहैया कराई जा रही है. ये ऑनलाइन सेक्स रैकेट शहर के सबसे पॉश इलाके ई-7 अरेरा कॉलोनी के अशोका सोसायटी के एक फ्लैट में संचालित हो रहा था. पुलिस ने फ्लैट पर छापे मार कर नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया. साथ ही आरोपियों के चंगुल से महाराष्ट्र और मेघालय के चार लड़कियों को भी बचाया.
बताया जा रहा है कि
गिरोह के सदस्य ऐसी अलग-अलग वेबसाइटों पर लड़कियों की तलाश करते थे,जहां उनका बॉयोडाटा होता था.
-बॉयोडाटा के जरिए आरोपी लड़कियों को होटल के रिसेप्शन,कॉल सेंटर,ब्यूटी पार्लर समेत दूसरी प्राइवेट नौकरी देने का झांसा देकर भोपाल बुलाते थे.
-आरोपियों के झांसे में आई कुछ लड़कियां अच्छी नौकरी के लालच में सेक्स रैकेट के गौरखधंधे में फंस जाती थी.
-भोपाल में बीते तीन महीने से ऑनलाइन सेक्स रैकेट का गोरखधंधा चल रहा था.
गिरफ्तार किए गए नौ आरोपियों में बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा का प्रदेश मीडिया प्रभारी नीरज शाक्या भी शामिल है. पुलिस फरार आरोपी सुभाष उर्फ वीर द्विवेदी की तलाश कर रही है. सुभाष ही गिरोह का सगरना है. आरोपियों की वेबसाइट दिल्ली में रजिस्टर्ड है और इसके तार भोपाल के साथ दूसरे राज्यों से भी जुड़े हैं.
कानून-व्यवस्था भंग करने वालों से सख्ती से निपटें
18 January 2016
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं होगा। साम्प्रदायिक सदभाव और शांति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों से सख्ती से निपटा जाये।
मुख्यमंत्री आज यहाँ मंत्रालय में प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर गृह मंत्री श्री बाबूलाल गौर, मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा, पुलिस महानिदेशक श्री सुरेन्द्र सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था पर ढील बर्दाश्त नहीं की जायेगी। प्रदेश का सामाजिक सदभाव बिगाड़ने का प्रयास करने वालों पर कड़ी नजर रखे और त्वरित सख्त कार्यवाही करें। कार्यवाही निष्पक्ष और विधि सम्मत हो। उन्होंने कहा कि शांति समिति की बैठक की जाये। सभी सम्प्रदायों से संवाद रखें। पुलिस संवेदनशील इलाकों और विध्न संतोषी तत्वों पर कड़ी नजर रखें तथा सतर्क रहे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश शांति का टापू है। जहाँ विभिन्न समुदाय के तीज-त्यौहार प्रेम और भाइचारे से मिल-जुलकर मनाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन के प्रति आम जनता में विश्वास तथा असामाजिक तत्वों और अपराधियों में भय होना चाहिये। प्रशासन की अनुमति के बगैर कोई भी जुलूस नहीं निकलेगा।उन्होंने प्रदेश में पिछले दिनों हुई घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चिंता व्यक्त की।
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह श्री बी.पी.सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री इकबाल सिंह बैंस, ओ.एस.डी. श्री राजीव टण्डन एवं अधिकारी उपस्थित थे।
फर्जी होम लोन के मामले में बैंक मैनेजर सहित चार लोगों को जेल की सजा
17 December 2015
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की भोपाल स्थित विशेष न्यायाधीश ने आज फर्जी होम लोन के मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की अरेरा हिल्स भोपाल के तत्कालीन शाखा प्रबंधक कमलेश कुमार चौरसिया और सहायक प्रबंधक (क्रेडिट) वसंत पावसे सहित 2 अन्य लोगों को तीन-तीन वर्ष जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है। सीबीआई ने फरवरी 2010 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, भोपाल के क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत पर बैंक की अरेरा हिल्स शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक कमलेश कुमार चौरसिया और सहायक प्रबंधक (क्रेडिट) वसंत पावसे तथा 2 अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध वर्ष 2007 से 2009 के दौरान फर्जी दस्तावेजों द्वारा होम लोन स्वीकृत करके बैंक को 113.66 लाख रुपयों की हानि पहुंचाने का मामला दर्ज किया था।
जांच के बाद सीबीआई की भोपाल स्थित विशेष अदालत में जुलाई 2011 में भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत तत्कालीन शाखा प्रबंधक कमलेश कुमार चौरसिया और सहायक प्रबंधक (क्रेडिट) वसंत पावसे, राजेद्र प्रसाद तिवारी और राजधानी कंस्ट्रक्शन ऐंड डवलपर्स के मालिक ब्रजेश सिंह यादव के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने आज कमलेश कुमार चौरसिया, वसंत पावसे, राजेंद्र प्रसाद तिवारी और ब्रजेश सिंह यादव को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं में तीन वर्ष की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है।
मवेशियों के फर्जी बीमा मामले में बीमा कंपनी के शाखा प्रबंधक को 3 वर्ष की जेल
17 December 2015
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की इंदौर स्थित विशेष न्यायाधीश ने मवेशियों के फर्जी बीमा करने के मामले में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी की मंदसौर शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक विजय कुमार श्रीवास 3 वर्ष की जेल की सजा सुनाई है। सीबीआई ने जुलाई 2013 में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत पर कंपनी की मंदसौर शाखा के तत्कालीन प्रबंधक विजय कुमार श्रीवास के विरुद्ध फर्जी दस्तावेजों की मदद से मवेशियों के बीमे के 68 दावा मामलों द्वारा 16 लाख 67 हजार 750 रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान सीबीआई ने मवेशियों की बीमा दावे संबंधी धोखाधड़ी के तीन और मामलों में विजय कुमार श्रीवास की संलिप्तता पता की, जिन्हें मिलाकर उन पर 17 लाख 39 हजार 750 रुपये की धोखाधड़ी का मामला बना।
सीबीआई ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश, इंदौर की अदालत में विजय कुमार श्रीवास के विरुद्ध दिसंबर 2013 में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 468, 471 और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की। आज इंदौर स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने विजय कुमार श्रीवास को 3 वर्ष की जेल और कुल मिलाकर 12 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
ट्रक ड्राइवर ने पुलिस जवान को कुचल कर मारा, डीजल के दाम चुकाने से बचने की वारदात
Our Correspondent :26 November 2015
भोपाल। पेट्रोल पंप से डीजल लेकर बिना पेमेंट किए भाग रहे ट्रक ड्राइवर ने पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए सिविल लाइन थाना क्षेत्र के सिपाही अतिबल सिंह चौहान को नेशनल हाइवे पर बुधवार की रात कुचल कर मार दिया। वारदात को अंजाम ट्रक ड्राइवर मौके से फरार होने में कामयाब हो गया। देर रात पुलिस की घेराबंदी के दबाव में ड्राइवर ट्रक को आगरा-मुंबई रोड पर देवरी के पास छोड़ कर फरार हो गया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फरार हत्यारे ड्राइवर की तलाश जारी है।
ग्वालियर से आगरा की ओर जा रहे ट्रक क्रमांक UP93-3636 ने रायरू स्थित पेट्रोल पंप से बुधवार की रात सवा आठ बजे 1500 रुपए का डीजल लिया और रुपयों का भुगतान किए बिना वहां से भाग निकला। डीजल पंप के कर्मचारियों ने बानमोर के राजे पेट्रोल पंप तक ट्रक का पीछा किया, लेकिन जब ट्रक पकड़ में नहीं आया तो इसकी सूचना बानमोर थाने को दे दी। बानमोर के SI ने ट्रक को पकड़ने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम मुरैना को सूचना दी। कंट्रोल रूम से सिविल लाइंस थाने को ट्रक रोकने का निर्देश दिया। यहां से नेशनल हाइवे के जौरी बीट के सिपाही अतिबल सिंह चौहान व सुधीर सिंह को ट्रक रोकने के लिए निर्देशित किया गया। दोनों सिपाहियों ने नंबर प्लेट के आधार पर ट्रक को पकड़ने के लिए उसका पीछा किया तो OP ईंट चिमनी के पास ट्रक ड्राइवर ने बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। ट्रक की टक्कर से बाइक पर बैठा सिपाही अतिबल सिंह चौहान उछलकर सड़क पर गिरा और ट्रक के पहियों के नीचे आ गया। ट्रक के वजन और रफ्तर की वजह से सिपाही अतिबल सिंह का शरीर सड़क से चिपक कर रह गया। नतीजतन सिपाही की मौके पर ही मौत हो गई।
दूसरा सिपाही बेहोश हुआ, ट्रक ले कर ड्राइवर फरार
बाइक चला रहा सिपाही सुधीर सिंह भी इस वारदात में बाइक से उछलकर दूर जा गिरा। जब पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वह बेहोशी की हालत में मिला। बेहोशी की वजह से सुधीर सिंह, घटना के संबंध में अफसरों को कोई सूचना नहीं दे सका। बाद में पुलिस अधिकारियों ने ट्रक को पकड़ने के लिए थाना सरायछोला सहित धौलपुर के पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी, लेकिन ट्रक का कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार पुलिस की सर्चिंग के दबाव में ट्रक ड्राइवर देवरी के पास ट्रक छोड़ कर फरार हो गया।
दो साल से सिविल लाइन में पदस्थ
शहीद सिपाही अतिबल सिंह चौहान अंबाह क्षेत्र के आदे का पुरा गांव का निवासी था। वह बीते दो साल से थाना सिविल लाइन में तैनात था।
सिपाही धर्मेन्द्र चौहान को भी कुचला था डंपर ने
गौरतलब है कि बीती साल नूराबाद थाने में पदस्थ सिपाही धर्मेन्द्र चौहान को भी पांच अप्रैल की सुबह साढ़े चार बजे टेकरी के पास धनेला रोड पर चंबल रेत से भरे डंपर ने कुचल दिया था। उस समय नूराबाद थाने की पुलिस पार्टी ने रेत से भरे डंपर को रोकने की कोशिश की थी। तब भी ड्राइवर ने पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए डंपर पलटकर सिपाही चौहान को कुचल कर फरार हो गया था।
पेटलावद हादसे की जाँच के लिये एसआईटी गठित
Our Correspondent :15 September 2015
भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज लगातार दूसरे दिन झाबुआ जिले के पेटलावद हादसे में मृत ग्रामीणों के निवास जाकर परिजनों को ढाँढस बँधाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संवेदना व्यक्त की और मृतकों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेटलावद हादसे की जाँच के लिये विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि दोषियों को पकड़ने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। दोषी व्यक्ति की जानकारी देने वाले को एक लाख रूपये दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज सबसे पहले पेटलावद तहसील के ग्राम खोरिया गये। इसके बाद वे नाहरपुरा, कोदली, झौसर, रूपगढ़, रायपुरिया, बरवेट सहित उन सभी 17 गाँव में गये, जहाँ के लोग हादसे में मृत हुए थे। उन्होंने मृतकों के परिजनों को सांत्वना देते हुए ढाँढस बँधाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मृतकों के परिजन अपने आपको अकेला नहीं समझें। दुख की इस घड़ी में मुख्यमंत्री सहित पूरा राज्य शासन उनके साथ है। जहाँ भी जन-हानि हुई है, उसकी क्षतिपूर्ति तो नहीं की जा सकती है, फिर भी हमारा प्रयास है कि उनका परिवार जीवन की मुख्य धारा में वापस आये। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवार को रोजमर्रा के जीवन में कोई दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। राज्य शासन उन्हें हर संभव सहायता मुहैया करवायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मृतकों के बच्चों की शिक्षा की सम्पूर्ण व्यवस्था सुचारू रूप से करने के निर्देश भी जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों को योग्यता के अनुसार रोजगार/स्व-रोजगार मुहैया करवाया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मृतकों के परिजनों के लिये आवास बनाने के निर्देश भी दिये। आवश्यकता के अनुसार मृतकों के परिजनों को पेंशन, बीपीएल राशन-कार्ड बनाने आदि सुविधाएँ देने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री के साथ इस दौरान झाबुआ जिले के प्रभारी मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य, विधायक सुश्री निर्मला भूरिया, श्री कलसिंह भाबर, श्री शांतिलाल बिलवाल, श्री नागर सिंह चौहान, श्री माधोसिंह डाबर, श्री वेलसिंह भूरिया, श्री चेतन कश्यप एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हर गिरफ्तारी की सूचना 24 घंटे में दें कंट्रोल रूम को
भोपाल | पुलिस को अब हिरासत या जेल में मौत और बलात्कार के मामलों की रिपोर्ट 24 घंटे में मानवाधिकार आयोग में भेजनी होगी। तय समय में रिपोर्ट न भेजने पर यह समझा जाएगा कि केस को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। आरोपी को गिरफ्तार करने पर भी उसकी सूचना जिला कंट्रोल रूम में 12 घंटे में डिस्प्ले की जाना चाहिए। पुलिस को उसके कर्तव्यों की याद दिलाने वाले ये निर्देश मानवाधिकार आयोग द्वारा निकाली गई मार्गदर्शिका में दिए गए हैं। पुलिस के आचरण के खिलाफ आ रही शिकायतों को देखते हुए आयोग ने यह मार्गदर्शिका निकाली है। इस मार्गदर्शिका में आयोग ने पुलिस के कर्तव्य, व्यवस्था और मानवाधिकारों की जानकारी दी है। आयोग ने राज्य सरकार से भी मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए सिफारिशें कीं हैं।
आयोग द्वारा पुलिस के लिए जारी की गई मार्गदर्शिका प्रदेश में हर थाने को वितरित की जा रही है। इसमें बताया है कि पुलिस नागरिकों की जिंदगी, संपत्ति व सम्मान की रक्षा कर सके। एलआर सिसोदिया, अपर संचालक, मानवाधिकार आयोग
मानवाधिकार आयोग की सिफारिश
पीड़ित और उसके परिवार को मुआवजा देना, दोषी व्यक्ति के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करना, उल्लंघन के दोषी के खिलाफ अभियोग चलाने की प्रक्रिया शुरू करना, निरोधात्मक उपायों का प्रयोग किया जाए।
ये शिकायतें हैं
हिरासत में मौत फर्जी मुठभेड़ पुलिस द्वारा अवैध निरोध, उगाही और डराना धमकाना अपराध पंजीबद्ध न करना नागरिकों के जीवन व संपत्ति की सुरक्षा में विफलता पुलिस व न्यायिक हिरासत में पिटाई, यातना और बलात्कार पुलिस स्टेशनों व जेलों में कानूनी सहायता, भोजन और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं की अनुपलब्धता दलितों के विरुद्ध अत्याचार, गांव के तालाब, कुओं और अन्य पेयजल स्रोतों से पानी पीने की मनाही।
चरित्र सत्यापन के दिशा निर्देश पुलिस विभाग की वेबसाइट पर जारी
अशासकीय सेवाओं एवं अन्य प्रयोजन के लिये नियोक्ता अधिकारी एवं निजी संस्थाओं द्वारा नौकरी दिये जाने के पहले चरित्र प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने की माँग की जाती है।
पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा ने बताया कि अशासकीय सेवाओं एवं अन्य प्रयोजन में कार्य करने के इच्छुक उम्मीदवारों का चरित्र सत्यापन शीघ्र अतिशीघ्र किये जाने एवं पुलिस विभाग द्वारा दिये जाने वाले चरित्र प्रमाण-पत्र की विश्वसनीयता बनाये रखने के उद्देश्य से पुलिस मुख्यालय द्वारा चरित्र सत्यापन के दिशा निर्देश तैयार कर मध्यप्रदेश पुलिस विभाग की वेबसाइट www.mppolice.gov.in के Public Interface पर अपलोड किये गये हैं।
इच्छुक व्यक्ति इस संबंध में अपने सुझाव समाचार प्रकाशन दिनांक के 15 दिवस के अन्दर ई-मेल आईडी digints@mppolice.gov.in एवं पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) पुलिस मुख्यालय भोपाल को सामान्य पत्राचार के माध्यम से भेज सकते हैं।
हर थाने में मिलेगा अपराधियों का रिकॉर्ड
प्रदेश के किसी भी अपराधी का रिकाॅर्ड अब हर थाने में देखा जा सकेगा। आगामी एक जुलाई से राज्य के सभी पुलिस थानों के कंप्यूटर को नए सॉफ्टवेयर क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) से जोड़ा जा रहा है।
सीसीटीएनएस पर एफआईआर, रोजनामचा, जांच अधिकारी की डायरी से लेकर हर रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। इसके जरिए ऑनलाइन एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकेगी। यह प्रोजेक्ट 86 करोड़ रुपए का है। राज्य में पुलिस ने थानों में कंप्यूटर पर एफआईआर और अन्य काम शुरू तो कर दिए लेकिन थाने आपस में जुड़े नहीं हैं। इससे किसी व्यक्ति का आपराधिक रिकाॅर्ड आसानी से नहीं मिलता था। रिकाॅर्ड जुटाने में काफी समय लगता है। पुलिस अभी सीपा सॉफ्टवेयर पर काम कर रही है। इसमें कई खामियां हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए विप्रो कंपनी को नया सॉफ्टवेयर बनाने को कहा गया। दो साल में सीसीटीएनएस को शुरू करने की कई तारीख निकल चुकी हैं, लेकिन पुलिस अधिकारियों का दावा है कि अब कोई अड़चन नहीं आएगी। तय समयावधि में यह काम करना शुरू कर देगा।
ट्रायल के बाद 16 जिलों में शुरू हो गया काम
सीसीटीएनएस पूरे देश में लागू किया जा रहा है। पुलिस आधुनिकीकरण के लिए यह सिस्टम लागू किया गया है। सीसीटीएनएस शुरू होने के बाद पुलिस के 1384 कार्यालयों में एक साथ ऑनलाइन काम शुरू होगा। इसमें 956 थाने शामिल हैं। नए साॅफ्टवेयर का ट्रायल 38 जिलों में चल रहा है। 16 जिलों में ट्रायल के बाद काम शुरू कर दिया गया है। इनमें 13 थाने आैर तीन पुलिस अधीक्षक कार्यालय (रेल) शामिल हैं।
जुड़ेंगे देशभर के थाने
सीसीटीएनएस से देशभर के थाने आपस में जुड़ जाएंगे। इसके फायदा यह होगा कि यदि बदमाश देश के किसी भी थाना क्षेत्र में अपराध करेगा तो उसका रिकाॅर्ड साॅफ्टवेयर पर ऑनलाइन होगा। साॅफ्टवेयर पर अपराधी का नाम लिखकर सर्च करने पर उसका पूरा आपराधिक रिकाॅर्ड कंप्यूटर की स्क्रीन पर होगा। सीसीटीएनएस के लिए सभी थानों में कंप्यूटर सिस्टम लगाए गए हैं।
एक जुलाई से पूरे प्रदेश में सीसीटीएनएस काम करना शुरू कर देगा। कुछ स्थानों पर कनेक्टिविटी की दिक्कत आ रही है, उसे भी दुरुस्त किया जा रहा है। पीके माथुर, आईजी एससीआरबी (पुलिस मुख्यालय)
मध्यप्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं महिलायें
मध्यप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध और बलात्कार की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं. यहाँ की भाजपा सरकार की कथनी और करनी में ज़मीन आसमान का फर्क साफ दिखाई दे रहा है | पिछले एक हफ्ते मैं प्रदेश की राजधानी भोपाल में महिलाओं के साथ लूट की घटनाये बहुत बढ़ गयी हैं, जिस पर न ही गृह मंत्री बाबूलाल गौर कोई ठोस कदम उठा रहे है ना ही प्रदेश पुलिस, यही कारण है की महिलाये दिन में भी आपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही है | भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी गुजरात के झूठे उदाहरण देते हुए कहते हैं की वहां महिलाएं रात के समय भी सोने के आभूषण पहन कर सुरक्षित घूम सकती हैं, वहीँ शिवराज सिंह चौहान के राज में दिन के १२ बजे भी महिलायें सुरक्षित नहीं है | किन अच्छे दिनों की बात कर रही है बीजेपी, क्या वह अच्छे दिन यह ही हैं जहाँ महिलाओं को अपने घर से बहार निकलने से पहले 10 बार सोचना होगा ? आम आदमी पार्टी गृह मंत्री बाबूलाल गौर से यह जानना चाहती है कि पुलिस अभी तक दोषियों को क्यों नहीं पकड़ पायी है और ऐसी घटनाएं लगातार क्यों बढ़ रही हैं? जिन इलाको में इस तरह की घटनाये घटी है वहां क्या कदम उठाये गए ? महिलाये खुद को सुरक्षित महसूस कर सके इसके लिए वे क्या करने वाले हैं ? जिस प्रदेश की राजधानी में लुटेरों के हौसले इतने बुलंद हैं वहां बाकी जिलों की स्थिति क्या होगी यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है. आम आदमी पार्टी गृह मंत्री से मांग करती है की जल्द से जल्द दोषियों को सलाखों के पीछे पहुँचाया जाए एवं भोपाल शहर और प्रदेश को सुरक्षित बनाया जाए.
एएसआई को चाकू घोंपकर भाग निकला हिस्ट्रीशीटर
मंगलवारा इलाके में मंगलवार दोपहर एक बदमाश ने एएसआई पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस को बदमाश की पिछले महीने व्यापारी से हुई साढ़े चार लाख रुपए की लूट में तलाश थी। आरोपी ने तीन साल पहले जवाहर चौक स्थित गोल्ड लोन कंपनी ईव मिरेकल के ताले तोड़कर दो करोड़ का सोना चुराया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह जमानत पर रिहा हुआ है।
मंगलवारा थाने में पदस्थ एएसआई उदयभान सिंह परिहार मंगलवार दोपहर करीब एक बजे सिपाही राम भरत सुमन के साथ बाइक से जा रहे थे। मंगलवारा छावनी इलाके में उनकी नजर शातिर बदमाश फईम बम पर पड़ी। फईम के इलाके में घूमने पर उन्हें शक हुआ। पुलिस को 25 मार्च को तेल व्यापारी हिमांशु बांगड़ के साथ हुई साढ़े चार लाख रुपए की लूट में पुराने बदमाशों और लुटेरों की तलाश भी है।
एएसआई ने फईम को रोका और पूछताछ के लिए थाने चलने के लिए कहा। तभी उसने चाकू निकाला और हमला कर दिया। चाकू परिहार के बाजू में लगा। वारदात को अंजाम देकर वह फरार हो गया। घायल पुलिसकर्मी को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से शाम को उनकी छुट्टी हो गई।
एसपी नार्थ अरविंद सक्सेना के अनुसार पुलिस ने फईम के खिलाफ हत्या का प्रयास, सरकारी काम में बाधा समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। फईम के खिलाफ ऐशबाग, जहांगीराबाद, तलैया, टीटी नगर आदि थानों में गंभीर अपराध दर्ज हैं। वह 1990 से 2000 तक ऐशबाग क्षेत्र में रहा, जहां उसके खिलाफ कई अपराध दर्ज हैं।
ईव मिरेकल में की थी दो करोड़ की चोरी
सीहोर पुलिस ने पिछले साल मोर का शिकार करते हुए उसे पकड़ा था। आरोपी ने तीन साल पहले शातिर बदमाश मजहर टोपी और मुन्ना खुतरा के साथ मिलकर ईव मिरेकल का ताला तोड़कर करीब दो करोड़ रुपए का सोना गायब किया था। पुलिस ने एक मामले में जब मजहर टोपी को पकड़ा तो उसने खुलासा किया था कि ईव मिरेकल के अंदर फईम बम घुसा था और उसने ही चोरी की वारदात की थी।
उत्पाती तत्वों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये
कानून-व्यवस्था संबंधी लापरवाही को गंभीरता से लिया जायेगा, मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की वीडियो कान्फ्रेंसिंग
भोपाल : गुरूवार, अगस्त 22, 2013
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उत्पाती और उपद्रवी तत्वों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये। प्रशासन समाज के सभी वर्गों के साथ सीधा संवाद रखें। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मामलों में लापरवाही को गभीरता से लिया जायेगा। श्री चौहान ने आज यहाँ मंत्रालय में प्रदेश के प्रशासन और पुलिस के संभागीय एवं जिला अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम, अपर मुख्य सचिव गृह श्री आई.एस. दाणी, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री एम.एम.उपाध्याय, अपर मुख्य सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री अन्टोनी डीसा और पुलिस महानिदेशक श्री नंदन दुबे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह आवश्यक है कि समाज के सभी वर्गों और जन-प्रतिनिधियों के साथ सीधा संवाद बना रहे। स्थिति की निरंतर समीक्षा की जाये। सतर्कता और सावधानी के साथ कार्य किया जाये। गड़बड़ी करने वालों पर कठोरता के साथ कार्रवाई की जाये।
श्री चौहान ने कहा कि वर्षा की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में आपदा प्रबंधन की तैयारियाँ अग्रिम की जाये। प्रदेश के सभी जलाशय पूर्ण रूप से भरे हैं। आगामी समय में भी वर्षा का पूर्वानुमान है। किसी भी आपात स्थिति में राहत की कार्रवाई तत्काल और प्रभावी ढंग से की जाये। उन्होंने कहा कि राहत शिविर में बेहतर व्यवस्थाएँ होनी चाहिये। प्रभावितों को तात्कालिक राहत देने में देरी नहीं हो। राहत पर्याप्त हो। इसकी सुनिश्चितता की जाये। उन्होंने कहा कि फसलों के नुकसान की उचित भरपाई हो। इस हेतु क्षतिग्रस्त फसलों के किसानों को फसल क्षति बीमा योजना के तहत मुआवजा दिलाने की कार्रवाई की जाये। यह कार्य तत्परता के साथ सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिये। उन्होंने गरीबों के 30 जून तक के विद्युत बिल माफ करने के कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये।
हर-हाल में अपराधियों को पकड़ा जाएगा
हर हाल में अपराधियों को पकड़ा जायेगा। गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात चूना भट्टी कोलार रोड स्थित कृष्णा सोसायटी में अनिल कुमार गौड़ से कही। उन्होंने श्री गौड़ के घर पहुँचकर कल उनके वहां हुई चोरी की घटना की जानकारी ली। श्री गुप्ता ने कहा कि चूना भट्टी में थाना खोला जाएगा।
गृह मंत्री ने वहाँ उपस्थित लोगों को गत दिवस शुरू हुई ‘‘सिटीजन कॉप’’ के बारे में भी जानकारी दी। श्री गौड़ ने बताया कि घटना की सूचना देने पर पुलिस तुरंत उनके घर पहुँच गयी थी। इस दौरान डी.आई.जी. श्री श्रीनिवास राव और एस.पी. श्री अंशुमान सिंह उपस्थित थे।
कहीं अपराध होता दिखे, तो तुरंत डॉयल करें 2444444 अथवा एस.एम.एस. करें 9200992009 पर
सिर्फ देखकर न रह जायें, अपराध रोकने में भूमिका निभाएँ। अगर आपको कहीं अपराध होता दिखे, तो तुरंत डॉयल करें 2444444 अथवा एस.एम.एस. करें 9200992009 पर। एंड्रायड और आई फोन के माध्यम से घटना का वीडियो बनाकर भी www.bhopalpolice.com पर अपलोड कर सकते हैं। आपकी पहचान गोपनीय रहेगी। यही है सिटिजन कॉप की अवधारणा। गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने शुक्रवार को समन्वय भवन में मोबाइल में सेंडिंग बटन दबाकर सिटीजन कॉप का शुभारंभ किया।
गृह मंत्री श्री गुप्ता ने कहा कि इस व्यवस्था को प्रदेश के अन्य बड़े शहर में भी लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस का व्यवहार इस तरह का होना चाहिये कि सामान्य व्यक्ति अन्य कार्यालयों की तरह पुलिस थाना में भी जा सके। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन द्वारा पुलिस बल के लिये मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लागू करने के साथ ही उनके लिये मकान और पदोन्नति के भी पर्याप्त प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सुख-सुविधाओं में विस्तार का दायित्व शासन निभा रहा है, लेकिन अब उनकी जिम्मेदारी है कि वे अपना आचरण और व्यवहार इस तरह का बनायें कि पुलिस के प्रति लोगों में विश्वास पैदा हो।
गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस का आम आदमियों से संवाद बढ़ाने के उद्देश्य से थाना-स्तर पर क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों के साथ मीटिंग करने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि एक अगस्त से थाने में पदस्थ सभी स्टॉफ को रोटेशन में माह में एक दिन का अवकाश देना शुरू कर दिया गया है। श्री गुप्ता ने कहा कि सिटीजन कॉप व्यवस्था से अपराधों पर त्वरित कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
श्री गुप्ता ने हाल ही में भोपाल पुलिस द्वारा लागू की गई लास्ट सेल फोन यूनिट द्वारा श्री अनुराग शर्मा के खोजे गये फोन को उन्हें भेंट किया। इस यूनिट द्वारा आज तक 171 शिकायत दर्ज की गईं। उन्होंने सिटीजन कॉप का सिस्टम डेव्हलप करने वाले इंजीनियर और अन्य लोगों को भी प्रतीक-चिन्ह देकर सम्मानित किया।
अपर मुख्य सचिव, गृह श्री आई.एस. दाणी ने कहा कि अभी तक पुलिस डाल-डाल तक तो अपराधी पात-पात तक रहते थे, लेकिन अब इस व्यवस्था के बाद अपराधी डाल-डाल तक पुलिस पात-पात तक रहेगी। पुलिस महानिदेशक श्री नंदन दुबे ने कहा कि सूचनाकर्त्ता की जानकारी गोपनीय रहने से आम आदमी निःसंकोच अपराधों की सूचना देगा। इससे अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी। आई.जी. भोपाल श्री उपेन्द्र जैन ने सिटीजन कॉप की प्रणाली की जानकारी दी।
घर में घुसकर इंदौर आयकर अपर आयुक्त की हत्या
उज्जैन। इंदौर आयकर अपर आयुक्त अरुण दीवान की रविवार को उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई। 45 वर्षीय दीवान किराए के मकान में अकेले रहते थे। दीवान 2009 से 2011 तक उज्जैन में पदस्थ थे। कुछ समय पूर्व उनका इंदौर तबादला हुआ था। दीवान की पत्नी ऋचा मुंबई में रहती हैं। इकलौती पुत्री भी सिर्फ एक बार यहां आई है।
पुलिस ने उनके पूर्व ड्राइवर व उसके दो साथियों को हिरासत में लिया है। आरोपियों ने लूट के इरादे से वारदात करना कुबूला है। आरोपियों ने कुबूला कि दीवान की आवाज सुनकर बाहर लोग जमा हो गए थे। तिजोरी ले जाते वक्त पकड़ा सकते थे, इसलिए उन्होंने तिजोरी हॉल में ही छोड़ दी। वहीं गोदरेज की अलमारी से सामान व सामने पड़े दो लैपटॉप भी नहीं ले जा सके।
दहेज हत्या में कम से कम उम्रकैद हो : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दहेज हत्या जैसे गंभीर अपराधों के दोषियों को उम्रकैद से कम सजा नहीं दी जा सकती। फिलहाल दहेज हत्या के लिए न्यूनतम सात साल की सजा का प्रावधान है. उत्तराखंड के रुड़की में रेणु नाम की महिला की हत्या के मामले में शीर्ष कोर्ट ने यह फ़ैसला सुनाया है। जस्टिस स्वतंत्र कुमार और रंजन गोगोई की बेंच ने मृत महिला के पति और देवर की अपील खारिज कर दी। इस मामले में पति मुकेश भटनागर, सास कैलाशवती और देवर राजेश को हरिद्वार के कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में नरमी बरते जाने और सजा कम करने की गुहार की थी। किसी भी महिला की मौत शादी के सात साल के भीतर होने पर पुलिस दहेज हत्या के तहत प्रकरण दर्ज करती है। दहेज हत्या के मामलों में आईपीसी की धारा 304-बी के तहत कार्रवाई की जाती है। एडवोकेट संदीप गुप्ता के मुताबिक इसमें सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
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