|
कौन हैं आपके शहर के सेलिब्रिटी?
आपके शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पापुलर महिला पुरुष के बारे में हमें बताये , हम उन्हें आपके शहर के सेलिब्रिटी सर्कल में शामिल करेंगें|
फोटो सहित पूर्ण विवरण भेजें और बताए कि वो आपके शहर के सेलिब्रिटी क्यों है|
Email: editormetromirror@gmail.com
metromirror@gmail.com
|
क्रिकेट के भगवान के तौर पर मशहूर सचिन तेंदुलकर 24 फरवरी 2023 को वह अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं
![](../images/sachin-te1.jpg)
24 April 2023
मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर सचिन तेंदुलकर का आज जन्मदिन है। भारत के सबसे सफल क्रिकेटर्स में शामिल सचिन को कारों का कितना ज्यादा शौक है। उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बता रहे हैं, साथ ही हम इस खबर में उनकी कुछ पसंदीदा कारों की जानकारी साझा कर रहे हैं।
मारुति 800
![](../images/sachin-te2.jpg)
सचिन तेंदुलकर की सबसे पहली कार मारुति 800 थी। सचिन ने कई बार बताया है कि मारुति की 800 उनके लिए काफी खास कार थी। इसके बाद भी उन्हें कई कार तोहफे में मिलीं या फिर उन्होंने खरीदीं लेकिन यह कार उनके लिए हमेशा काफी खास रहेगी। इसके बाद उन्होंने मारुति की सेडान कार 1000/एस्टीम को भी खरीदा था।
बीएमडब्ल्यू आई-8
![](../images/sachin-te3.jpg)
जर्मन कार मेकर बीएमडब्ल्यू की ओर से इलेक्ट्रिक कार के तौर पर आई-8 को पेश किया गया था। जिस समय सचिन तेंदुलकर भी मौजूद थे। सचिन बीएमडब्ल्यू के ब्रॉन्ड अंबेसडर भी रह चुके हैं। ऐसे में उनके पास कंपनी की कई कारें हैं। 2015 में इस कार की कीमत 2.29 करोड़ रुपये थी।
बीएमडब्ल्यू एम6 ग्रैन कूपे
![](../images/sachin-te4.jpg)
बीएमडब्ल्यू की दूसरी कार एम6 ग्रैन कूपे भी सचिन तेंदुलकर के पास थी। इसे साल 2014 के दौरान लॉन्च किया गया था। जिस समय इसकी कीमत 1.75 करोड़ रुपये थी। चार दरवाजों वाली 6सीरीज पर आधारित एम6 ग्रैन कूपे भी कंपनी की हाई परफॉर्मेंस कूपे है।
फरारी 360 मेडोना
![](../images/sachin-te5.jpg)
इस लिस्ट में अगली कार फरारी है। सचिन के पास फरारी 360 मेडोना भी रह चुकी है। फॉर्मूला वन चैंपियन माइकल शूमाकर ने सचिन को यह कार गिफ्ट दी थी। सचिन की यह कार फरारी की सवारी फिल्म में भी दिख चुकी है। 2011 में सचिन ने इसे बेच दिया था।
पोर्श 911 टर्बो एस
![](../images/sachin-te6.jpg)
सचिन तेंदुलकर ने हाल में ही पोर्श की 911 टर्बो एस को खरीदा है। ब्लैक पेंट और ग्रे अलॉय व्हील्स के साथ यह कंपनी की सबसे महंगी सुपरकारों में से एक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी भारत में कीमत 3.13 करोड़ रुपये है।
बीएमडब्ल्यू 5 और 7 सीरीज
![](../images/sachin-te7.jpg)
सचिन के पास बीएमडब्ल्यू की 5 और 7 सीरीज लग्जरी सेडान कारें भी हैं। इनके साथ ही कंपनी की कई और कारें भी सचिन तेंदुलकर के गैराज की शोभा बढ़ा चुकी हैं।
निसान जीटीआर
![](../images/sachin-te8.jpg)
निसान की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली सुपरकार जीटीआर भी सचिन तेंदुलकर के पास है। सचिन के पास इसका इगोइस्ट एडिशन है। यह वर्जन कार के लग्जरी वर्जन के तौर पर जाना जाता है। कंपनी ने इसकी सिर्फ 43 यूनिट्स का ही निर्माण किया था। फरारी के बाद सचिन ने इस कार को खरीदा था।
रिचर्ड गेरे किस मामले में शिल्पा शेट्टी को कोर्ट से मिली राहत, अदालत ने खारिज किए अश्लीलता फैलाने के आरोप
![](../images2/shilpa_shetty_richard1.png)
12 April 2023
बाॅलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी अक्सर अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियां बटोरती रहती हैं। हाल ही में शिल्पा शेट्टी को एक बड़ी राहत मिली है। साल 2007 में राजस्थान में एक प्रचार कार्यक्रम में अमेरिकी एक्टर रिचर्ड गेरे ने स्टेज पर सबके सामने शिल्पा शेट्टी को किस कर दिया था। जिसके बाद इस मामले में काफी बवाल मचा था। इस तस्वीर के सामने आने के बाद लोगों ने एक्ट्रेस पर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया था और खूब खरी-खोटी सुनाई थी। हालांकि, ये मामला यहीं नहीं रुका बल्कि एक्ट्रेस पर कई एफआईआर भी दर्ज करवाई गईं। अब इतने सालों बाद कोर्ट में शिल्पा पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
शिल्पा शेट्टी को मिली बड़ी राहत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2007 में हुए इस किस मामले में सत्र न्यायाधीश एससी जाधव ने कहा कि शिल्पा शेट्टी के खिलाफ अश्लीलता का कोई भी सबूत नहीं मिला है। मुंबई में इस मामले में अदालत ने ये भी साफ किया कि शिल्पा शेट्टी इसमें भागीदार नहीं थीं, क्योंकि उन्होंने किसी को किस नहीं किया था। न्यायाधीश ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा, अगर किसी महिला को किसी परिवहन में छेड़ा जा रहा है या सड़क पर चलते हुए उससे कोई छेड़छाड़ करता है, तो इस मामले में महिला को भागीदार के रूप में नहीं देखा जा सकता। ऐसे मामलों में अगर कोई शिकायत दर्ज करवा रहा है, तो उस पर कोई मुकदमा नहीं चला सकते हैं।
अश्लीलता फैलाने के आरोप किए खारिज
न्यायाधीश ने इस मामले में शिल्पा शेट्टी को आरोपमुक्त करने वाले मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि जिसके खिलाफ अपराध हुआ, उसे ही आरोपी नहीं बनाया जा सकता है। बता दें कि राजस्थान में हुए एक एड्स जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे हाॅलीवुड एक्टर रिचर्ड गेरे और एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के खिलाफ मुंडावर, राजस्थान में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष 2007 में शिकायत दर्ज की गई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय दंड संहिता की धारा 292, 293, 294 (अश्लीलता) के अलावा महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व प्रावधानों के तहत एक्ट्रेस के खिलाफ ये मामला दर्ज हुआ था।
ऑस्कर 2023 में भारत को दो पुरस्कार मिले: फिल्म के गाने ‘नाटू नाटू’ को बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग का अवॉर्ड मिला गुनीत मोंगा और कार्तिकी गोंजाल्विस की फिल्म ‘द एलिफेंट विस्पर्स’ को ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया
![](../images/oskar-award1.jpg)
13 March 2023
ऑस्कर अवॉर्ड्स में आज भारत का जलवा रहा। ऑस्कर 2023 में भारत को दो पुरस्कार मिले हैं। एसएस राजामौली की फिल्म ‘आरआरआर’ ने इतिहास रच दिया है। फिल्म के गाने ‘नाटू नाटू’ को बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग का अवॉर्ड मिला है। RRR के सॉन्ग ‘नाटू-नाटू’ को बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग की कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था। इसके साथ फिल्म ‘ब्लैक पैंथर’ से ‘लिफ्ट मी अप’, ‘टॉप गन मेवरिक’ से ‘होल्ड माए हैंड’, ‘एव्रीथिंग एवरीवेयर ऑल एट वन्स से दिज इज ए लाइफ और टेल इट लाइक वुमन’ से सॉन्ग ‘अप्लॉज’ को भी नॉमिनेट किया गया था।
इस सभी को कड़ी टक्कर देकर ‘नाटू-नाटू’ ने बाजी मारी है और बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटिगरी में ऑस्कर अपने नाम किया है। अवॉर्ड को जीतने के बाद अब मेकर्स की खुशी का ठिकाना नहीं है। नाटू-नाटू गाने ने एक बार फिर देश को प्राउड फील कराया है।
आपको बता दें कि ‘नाटू नाटू’ गाने को राहुल सिपलीगंज और काल भैरवा ने मिलकर गाया है। इस गाने का लिरिकल वर्जन 10 नवंबर, 2021 को रिलीज किया गया था। लेकिन पूरा वीडियो सॉन्ग 11 अप्रैल, 2022 को रिलीज हुआ था। इसी गाने के तमिल वर्जन को ‘नाटू कोथू’, कन्नड़ में ‘हल्ली नाटू’, मलयालम में ‘करिनथोल’ और हिंदी वर्जन में ‘नाचो नाचो’ के नाम से रिलीज किया गया। इस गाने में एक्टर्स रामचरण तेजा और जूनियर एनटीआर ने डांस किया है और गाने की कोरियाग्राफी प्रेम रक्षित ने की है।
भारत ने जीते दो-दो ऑस्कर
![](../images/oskar-award1.jpg)
भारत को साल 2023 में पहली बार ऑस्कर मिला और एक नहीं बल्कि दो-दो अवॉर्ड देश ने अपने नाम किए हैं। एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर के गाने नाटू-नाटू के अलावा गुनीत मोंगा और कार्तिकी गोंजाल्विस की फिल्म ‘द एलिफेंट विस्पर्स’ को ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया है। यह एक शॉर्ट फिल्म है। इसे बेस्ट डॉक्युमेंट्री की शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था। यह एक कहनी एक जानवरों और इंसानों के बॉन्ड पर आधारित है।
एवेरेस्ट विजेता मेघा परमार ने लॉंच की फोर्ड इको स्पोर्ट कार-2020
25 February 2020
स्वाद के जरिये समाज में बदलाव संभव: शेफ संजीव कपूर![](../images2/9cc3-815016d15ef3.jpg)
6 February 2019
पब्लिक रिलेशन सोसाइटी, भोपाल द्वारा मंगलवार को स्वराज भवन में 'चेंजिंग फ़ूड ट्रेंड्स इन इंडिया' पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। इस अवसर पर सेलिब्रिटी शेफ संजीव कपूर ने इस विषय पर व्याख्यान दिया।
बदलाव समय के साथ होता है बदलाव धीरे-धीरे होता है कोई भी बदलाव बहुत बड़ा नहीं होता है हमारे नजरिए की वजह से यह बदलाव बड़े लगने लगते हैं यह कहना था 'चेंजिंग फ़ूड ट्रेंड्स इन इंडिया' पर स्पेशल लेक्चर देने आए सिलेब्रिटी शेफ संजीव कपूर का भारतीय व्यंजनों के बदलते स्वरूप विषय पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि हमारे यहां आज चार स्वाद जाने जाते हैं खट्टा, मीठा, तीखा और नमकीन। वहीं करीब 100 साल पहले जापानियों द्वारा पांचवे स्वाद उमामी की खोज की गई जबकि 5000 साल पहले हमारी भारतीय संस्कृति में “छठ रस” की बात की जा चुकी है भारत में खाने के बदलते स्वरूप पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे यहां खाने में आखरी बदलाव चौदहवी शताब्दी में हुआ था वही आलू मिर्च और टमाटर जिनके बिना आज के भारतीय खाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है आज से 400 साल पहले पुर्तगालियों के साथ भारत आए थे।
भोजन में एथिक्स है जरूरी
सेलिब्रिटी शेफ संजीव कपूर संजीव कुमार ने कहा कि खाने-खिलाने के बदलते स्वरूप से नैतिकता गायब होती जा रही है उनका मानना है कि भोजन को अगर नैतिकता के साथ जोड़ा जाए तो उसमें स्वाद अपने आप आ जाएगा।
स्वाद से समाज में बदलाव संभव
समाज में आ रहे बदलाव के लिए कहीं ना कहीं स्वाद जिम्मेदार है उन्होंने कहा कि जब से महिलाओं ने समाज के अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी पहचान बनानी शुरू की है तब से समाज में बदलाव आने शुरू हो चुके हैं उन्होंने कहा कि हमारे समाज में हमेशा किचन से महिलाओं का नाता रहा है लेकिन बदलते परिवेश के साथ वे समाज के अन्य क्षेत्रों में व्यस्त होती चली गई। वही किचन के रोल में फिट होने में पुरुष आज भी संकोच करता है जिसकी वजह से घर में खाना बनाने का कल्चर कम होने लगा है उनका मानना है कि अगर सारी विषमताओं को भूल कर पुरुष भी बराबरी निभाए किचन में सहयोग करें और इसे अपनी जिम्मेदारी समझे तो समाज में सार्थक बदलाव मुमकिन है।
घर के भोजन की आदत डालें
दुनिया में भारतीय जायके को पहचान दिलाने वाले शैफ ने कहा कि हम घर के खाने से दूर होते जा रहे हैं जबकि बाहर का खाना कभी भी स्वाद और पौष्टिकता के मामले में घर के खाने की बराबरी नहीं कर सकता। उनका सुझाव है कि अगर आपको जंक फूड भी खाना हो तो उसे घर पर ही बनाने की कोशिश करें क्योंकि अपनेपन और प्यार से भरा खाना कभी भी आपके और आपके अपनों के लिए हानिकारक नहीं हो सकता ।
अपनी बात रखते हुए संजीव कपूर ने कहा कि हर जगह की विशेषताएं होती हैं वहां कुछ ना कुछ ऐसा जरूर होता है जो उसकी पहचान बन जाए उन्होंने खुले शब्दों में कहा कि अपने आतिथ्य के लिए प्रसिद्ध भोपाल खुद के स्वाद से अछूता है। इसलिए आज हमें खुद की जड़े तलाश कर उसे प्रचारित करने की जरूरत है।
कुछ अलग करने की चाह ने बना दिया शेफ
शेफ बनने का ख्याल कब आया इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह भीड़ से हटकर कुछ अलग करना चाहते थे और यह फील्ड उन्हे चैलेंजिंग लगा जिससे उन्होंने यह रास्ता चुन लिया वहीं इस सवाल से जुड़े एक अन्य जवाब में उन्होंने बताया कि अगर आज अगर शेफ नहीं होते तो वह एक आर्किटेक्ट होते।
ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत
आज की इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में खुद को फिट रखना किसी चैलेंज से कम नहीं है और ऐसे में केमिकल पेस्टिसाइड्स खाना बेहद हानिकारक हो सकता है उनका कहना है कि मुनाफे से ऊपर उठकर किसानों को ऑर्गेनिक खेती की तरफ मुड़ना चाहिए और यह तभी संभव है जब हम ऑर्गेनिक खाने को अपनी प्राथमिकता देना शुरू करेंगे इस मौके पर उपस्थित भोपाल के जाने-माने उद्यमी नवाब राजा साहब ने कहा कि व्यवसाय में नैतिकता बहुत आवश्यक है कोई भी व्यवसाय समाज हित से जुड़ा हो तो वह आगे बढ़ता है आज होटल इंडस्ट्री रेस्टोरेंट्स हॉस्पिटैलिटी समाज हित से जुड़ी बातें हो रही हैं अच्छा भोजन ऑर्गेनिक भोजन सेहतमंद भोजन उपलब्ध कराना भी हमारी प्राथमिकताओं में होना चाहिए तभी यह व्यवसाय सही दिशा में अग्रसर होगा इस कार्यक्रम में संजीव कपूर के साथ ही सिनेमा उद्योग मुंबई से आए अमित कुमार सिंह संजीव कपूर की कंपनी के सीईओ राजीव महटा, सीएफओ संजय वल्लभ और प्रशासनिक हैड केदार गोडसे, बाबू की कुटिया के प्रबंधक नवीन के साथ ही पब्लिक रिलेशन सोसाइटी भोपाल के अध्यक्ष पुष्पेंद्र पाल सिंह, संजीव गुप्ता कोषाध्यक्ष, मनोज द्विवेदी, संयुक्त सचिव योगेश पटेल, गोविंद चौरसिया डॉक्टर बीएन पाठक , इरफान हैदर एवं परवेज़ उपस्थित रहे।
मोदी के स्वागत समारोह की एंकर होंगी 'मिस अमेरिका' नीना
12 September 2014
वाशिंगटन। अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में 28 सितंबर को आयोजित होने वाले भव्य समारोह की एंक¨रग मिस अमेरिका नीना दावुलुरी करेंगी। यह समारोह भारतीय मूल के अमेरिकियों द्वारा आयोजित किया जा रहा है। मोदी इस महीने के अंत में अमेरिका की यात्रा पर रवाना होंगे।
मेडिसन स्क्वायर गार्डन में आयोजित होने वाले इस समारोह में बीस हजार से अधिक भारतीय अमेरिकियों के उपस्थित रहने की उम्मीद है। अमेरिका में किसी राष्ट्राध्यक्ष के स्वागत में आयोजित किया जाने वाला यह अब तक का सबसे बड़ा रिसेप्शन कहा जा रहा है।
इंडियन अमेरिकन कम्युनिटी फाउंडेशन (आइएसीएफ) के प्रवक्ता आनंद शाह ने कहा, 'दुनिया के सबसे महान लोकतंत्र के नागरिक सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता के भाषण को सुनने के लिए उत्सुक हैं।'
कौन है नीना दावुलुरी
25 वर्षीय नीना वर्ष 2014 में मिस अमेरिका का खिताब जीतने वाली भारतीय मूल की पहली महिला हैं। वह इससे पहले मिस न्यूयॉर्क भी रह चुकी हैं। नीना अपने पिता की तरह डॉक्टर बनना चाहती हैं। वह अमेरिका की मशहूर न्यूज एंकर भी हैं। नीना की जीत को भारतीय अमेरिकियों के लिए ठीक वैसा ही बताया गया था जैसी यहूदी समुदाय के लिए बेस मेरसन की जीत थी। मेरसन वर्ष 1945 में मिस अमेरिका का खिताब जीतने वाली यहूदी समुदाय की पहली महिला थीं।
अभिनेत्री रेखा की ज़िंदगी का सफ़र
यूं तो रेखा की 'आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं' मगर हिंदी फिल्मों की सांवली सलोनी अभिनेत्री सिनेमा जगत में अपने अलहदा रूप-सौंदर्य और आकर्षण के लिए भी खूब मशहूर हैं। उनकी मोहक अदा और मादक आवाज ने उनके अभिनय और संवाद अदायगी के साथ मिलकर दशकों तक बॉलीवुड और सिनेप्रेमियों के दिल में राज किया है।
जेमिनी गणेशन और पुष्पावली की संतान के रूप में 10 अक्टूबर 1954 को जन्मी रेखा का वास्तविक नाम भानुरेखा गणेशन है। सत्तर और अस्सी के दशक की अग्रणी अभिनेत्रियों में शुमार रेखा फिल्मों में शुरुआत बतौर बाल कलाकार तेलुगू भाषा की फिल्म 'रंगुला रत्नम' से कर चुकी थीं। लेकिन 1970 में फिल्म 'सावन भादो' से उन्हें बॉलीवुड में एक अभिनेत्री के रूप में औपचारिक प्रवष्टि मिली और उसके बाद उन्होंने अपने रूप और सौंदर्य के साथ-साथ सिनेमा जगत में अपने अभिनय का भी लोहा मनवाया।
उन्होंने कई यादगार फिल्मों में काम किया। रेखा ने एक तरफ सजा (1972), आलाप (1977), मुकद्दर का सिकंदर (1978), मेहंदी रंग लाएगी (1982), रास्ते प्यार के (1982), आशा ज्योति (1984), सौतन की बेटी (1989),बहूरानी (1989), इंसाफ की देवी (1992), मदर (1999) जैसी मुख्यधारा की फिल्मों में अपने अभिनय के जरिये नाम कमाया तो दूसरी तरफ उनकी निजी जिंदगी भी लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी।
करियर की शुरुआत में ही उनका नाम अभिनेता नवीन निश्चल से जुड़ा तो कभी किरण कुमार के साथ जोड़ा गया, यहां तक कि अभिनेता विनोद मेहरा के साथ गुपचुप शादी कर लेने की खबर भी उड़ी और अमिताभ बच्चान के साथ रेखा के रिश्ते की सरगोशियां तो आज तक लोगों के जुबां से हटी नहीं हैं।
लेकिन नवीन निश्चल के साथ रेखा का नाम जुड़ना उनकी जिंदगी में प्यार के आने और चले जाने की शुरुआत भर थी। नवीन निश्चल और किरण कुमार के साथ रेखा का नाम जोड़कर कुछ समय बाद लोगों ने इन किस्सों को भुला दिया।
इसके बाद रेखा का नाम अभिनेता विनोद मेहरा के साथ जुड़ा, मगर मेहरा ने खुद अपनी शादी की बात कभी नहीं स्वीकारी। अमिताभ बच्चान के साथ रेखा की प्रेम कहानी तो आज भी एक पहेली ही है। कहा जाता है कि 1981 में बनी फिल्म 'सिलसिला' रेखा और जया भादुड़ी (बच्चान) के प्रेम के बीच बंटे अमिताभ की वास्तविक जिंदगी की सच्चाई पर आधारित थी। फिल्म बहुत सफल नहीं रही, बल्कि यह फिल्म रेखा-अमिताभ की जोड़ी वाली आखिरी फिल्म साबित हुई।
रेखा के लिए उद्योगपति मुकेश अग्रवाल के साथ विवाह (1990) भी उनके जीवन का दुर्भाग्य ही रहा। उनके पति ने शादी के एक साल बाद ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, तब रेखा न्यूयार्क गई हुई थीं। इस घटना के लिए रेखा को लंबे समय तक सवालों और आक्षेपों का सामना करना पड़ा था।
रेखा एक बार फिर अपने जीवन में अकेली हो गईं। लेकिन बीच-बीच में सार्वजनिक समारोहों और कार्यक्रमों में शुद्ध कांजीवरम साड़ी और मांग में सिंदूर सजाकर रेखा लोगों के बीच कौतूहल का विषय बनती रहीं। रेखा की जिंदगी में प्यार कई बार और कई सूरतों में आया, लेकिन जिस स्थायी सहारे और सम्मान की उन्हें जीवन में चाहत और जरूरत थी, उससे वह महरूम ही रहीं।
साल 2005 में आई फिल्म 'परिणीता' में रेखा पर फिल्माया गीत 'कैसी पहेली जिंदगानी' जैसे वास्तव में रेखा की जिंदगी को शब्दों में पिरोया हुआ गीत हो। रेखा को अपने अब तक के अपने फिल्मी सफर में दो बार (1981,1989) सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर अवार्ड और एक बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर अवार्ड (1997) से नवाजा जा चुका है।
जीवन के 59 वसंत देख चुकीं खूबसूरत रेखा इस समय राज्यसभा सदस्य होने के साथ-साथ फिल्म जगत में भी सक्रिय हैं।
प्रियंका पारे
लता भी रहती हैं आईपीएल मैचों के लिए क्रेजी
द नाइटिंगल ऑफ बॉलीवुड लता मंगेशकर के फेवरेट क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भले ही अब मैदान पर दिखाई न देते हों, लेकिन उन्होंने क्रिकेट मैचों का लुत्फ लेना अभी भी नहीं छोड़ा है। वे भारत का हर मैच देखती हैं।
इस समय चल रहे आईपीएल टूर्नामेंट को फॉलो कर रहीं लता इसे बेहद रोमांचकारी मानती हैं। मौजूदा क्रिकेटर्स में लता के फेवरेट महेन्द्र सिंह धोनी और विराट कोहली हैं।
वे कहती हैं कि किसी मैच में जब तक धोनी मैदान में रहते हैं, उन्हें मैच जीतने का पूरा भरोसा रहता है। उन्हें धोनी की कप्तानी में हारे हुए मैचों का बेहद अफसोस है। जब लता मंगेशकर से पूछा गया कि क्या वे धोनी और देश के दूसरे क्रिकेट प्रेमियों के लिए कोई गीत गाएंगी तो उन्होंने विनम्रता से यह कहते हुए मना कर दिया कि इसकी कोई जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर जब खेलते थे, तब लता उनका कोई मैच मिस नहीं करती थीं। अब वे विराट कोहली की बैटिंग देखना मिस नहीं करतीं। उनकी नजर में विराट ही एकमात्र ऐसे प्लेयर हैं, जो मैदान में सचिन की कमी पूरी कर सकते हैं।
फिल्म ही नहीं, खेलों से भी नाता
जॉन अब्राहम
बहुत से लोग जॉन अब्राहम को एक फुटबॉलर भी मानते हैं| जॉन ने अगले महीने शुरू हो रहे फ़ीफ़ा वर्ल्ड के मैचों के लिए ब्राज़ील जाने की तेयारी अभी से कर ली है| जॉन की फुटबॉल में रूचि के मद्देनजर उन्हें फेमस फुटबॉल सिबदास भादुड़ी पर बन रही बायोपिक फिल्म में उनका रोल निभाने क लिए साइन किया गया है| जॉन हॉकी इंडिया लीग में दिल्ली टीम के को-ओनर जॉन का कहना है कि वे देश में फिर से हॉकी को पॉपुलर गेम बनाना चाहते हैं|
शाहरुख खान
किंग ख़ान का पसंदीदा खेल फुटबॉल है| उनकी दिली इंडियन सुपर लीग के लिए कोलकाता की फ्रेंचाईजी खरीदें, लेकिन ऐसा नहीं हो सका| पिछले दिनों उन्होनें कहा था कि वे डेम्पो स्पोर्ट्स क्लब में हिस्सदारी पाने की प्लानिंग कर रहे हैं| शाहरुख खान कोलकाता फुटबॉल क्लब के फेन हैं|
अभिताभ बच्चन
अभिताभ बच्चन भी अपने बेटे की तरह कबड्डी के लिए क्रेजी हैं| पहले वे खुद कबड्डी लीग की जयपुर टीम खरीदना चाहते थे, लेकिन बाद में इसे अभिषेक बच्चन ने खरीदा| अभिताभ की कंपनी एबीबीएल ने भी स्पोर्ट्स में ख़ासा निवेश किया हैं| बिग बी अपने बेटे अभिषेक को भी उनकी स्पोर्ट्स को प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियों में लगातार मदद कर रहे हैं|।
'ओ' मैगज़ीन के डबल कवर पर छाई ओप्रा
टीवी क्वीन ओप्रा विंफ्री ने आठ साल की उम्र में भी अपनी मैगज़ीन 'ओ' के कवर पेज पर छाकर साबित कर दिया है क़ि मॉडलिंग की कोई उम्र नहीं होती| वे मैगज़ीन के मई अंक में दिखाई देंगी| उनकी इस स्टाइल को उनके जीवन का दूसरा अध्याय माना जा रहा है| मैगज़ीन के इस अंक के दो कवर पेज बनाए गए हैं| दोनों में ओप्रा छाई हैं| एक कवर पेज पर लिखा गया हैं "एज ब्रिलिएंटली!" . दूसरे पर लिखा गया है " नो लुकिंग बैक"| ओप्रा के इस ग्लेमरस अंदाज से मॉडलिंग जगत में हलचल शुरू हो गई है| ओप्रा का कहना है वे आपनी बढ़ती उम्र से भयभीत नहीं हैं|
नेत्रहीनों के लिए नीता की पहल पार हुईं थी मैगज़ीन लॉन्च
मुकेश अंबानी की पत्नी और रिलायंस फाउंडेशन खी प्रमुख़ नीता अंबानी ने मार्च, २०१२ में ब्रेल लिपि में एक पाक्षिक मैगज़ीन लॉन्च थी| इस मैगज़ीन खो देश के करिब २५० संस्थानों को निः शुल्क भेजा जाता है| इस मैगज़ीन के तीस फीसदी हिस्से में खबरेँ और बाकि मैं अन्य सामाग्री होतीं है|
सितारों के घर जैसी हैँ ये लग्जरी वैनिटी वैन
शाहरुख खान
किंग ख़ान ने ग्रे कलर की 14 मीटर लंबी इस वैनिटी वैन मई 2009 में खरीदा था | इसे ऑटोमोबाइल डिज़ाइन किया है| उसका दावा है की दुनिया में किसी भी सेलिब्रिटी के पास इतनी बड़ी वैनिटी वैन नहीं हैं| इसका फाइनल डिज़ाइन तय करने से पहले शाहरुख और दिलीप के बीच कई मीटिंग हुई थी|
शाहरुख की इस वैनिटी वैन को पार्क करने के लिए एक विशेष जगह बनी गयी है| जब शाहरुख को कई दिनों तक शूटिंग करनी होती है तो वे इसी वैनिटी वैन में बनी जिम मे एक्सरसाइज़ करते हैं| किंग की यह वैनिटी वैन बुलेट प्रूफ़ है| इसके पिछले हिस्से में किचन है| इस वैनिटी वैन मे शाहरुख को खाना वेटर नहीं परोसते , बल्कि किचन से ही एक विशेष पाइप के ज़रिए उन तक खाना पहुँचता है| पाइप का तापमान निर्धारित रहता है| वैनिटी वैन में एक ऑटोमेटिक चेयर भी है, जिसमे बैठकर वैनिटी वैन के किसी भी हिस्से में पहुँच सकते हैं|
सलमान ख़ान
वैनिटी वैन को सजाने-सँवारने में सलमान भी पीछे नहीं हैं| उनकी वैनिटी वैन में चार ब्लॉक्स हैं| सलमान जान फ़ुर्सत के पल गुज़ार रहे होते हैं, तब वे बेडरूम में पुरानी फिल्म देखन पसंद करते हैं| इसमें सलमान के लिए एक ग्रीन रूम बनाया गया हैं, जिसमें वे मेकअप करते हैं| इसे भी दिलीप ने ही डिज़ाइन किया है|
ऋतिक रोशन ऋतिक रोशन भी लग्जरी वैनिटी वैन रखने वालों में हैं| उन्होने आपनी पहली फिल्म"कहो ना प्यार हैं" के रिलीज़ होने के बाद ही वैनिटी वैन को खरीदा था| इसे ऋतिक रोशन के फ़ेवरेट कलर ब्लू में डिज़ाइन किया गया है| गेरतलब है कि जब ऋतिक और सुजैन साथ रहते थे, तब सुजैन के लिए ब इसमे एक रूम था|
सचिन तेंदुलकर
सचिन रमेश तेंदुलकर (जन्म: 24 अप्रैल 1973, मुम्बई) क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। सन् १९८९ में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के पश्चात् वे बल्लेबाजी में कई कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ है। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में १४००० से अधिक रन बनाने वाले वे विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है। उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुंबई के लिये 24 वर्ष की उम्र में खेला। उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत १९८९ में पाकिस्तान के खिलाफ कराची से हुई।
सचिन राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वे सन् २००८ में पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है। वे क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी हैं और विश्वभर में उनके अनेक प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर कह कर बुलाते हैं। क्रिकेट के अलावा वे अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं।
व्यक्तिगत जीवन
राजापुर के मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंडुलकर ने उनके चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था। उनके बड़े भाई अजीत तेंडुलकर ने उन्हें खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था। सचिन के एक भाई नितिन तेंडुलकर और एक बहन सवितई तेंडुलकर भी हैं। १९९५ में सचिन तेंडुलकर का विवाह अंजलि तेंडुलकर से हुआ। सचिन के दो बच्चे हैं - सारा व अर्जुन।
सचिन ने शारदाश्रम विद्यामंदिर में अपनी शिक्षा ग्रहण की। वहीं पर उन्होंने प्रशिक्षक (कोच) रमाकांत अचरेकर के सान्निध्य में अपने क्रिकेट जीवन का आगाज किया। तेज गेंदबाज बनने के लिये उन्होंने एम०आर०एफ० पेस फाउंडेशन के अभ्यास कार्यक्रम में शिरकत की। पर वहाँ तेज गेंदबाजी के कोच डेनिस लिली ने उन्हें पूर्ण रूप से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा।
अन्य रोचक तथ्य
युवाकाल में सचिन अपने कोच के साथ अभ्यास करते थे। उनके कोच स्टम्प्स पर एक रुपये का सिक्का रख देते, और जो गेंदबाज सचिन को आउट करता, वह् सिक्का उसी को मिलता था। और यदि सचिन बिना आउट हुये पूरे समय बल्लेबाजी करने में सफल हो जाते, उस समय उनके द्वारा जीते गए 13 सिक्के आज भी उन्हे सबसे ज्यादा प्रिय हैं।
१९८८ में स्कूल के एक हॅरिस शील्ड मैच के दौरान साथी बल्लेबाज विनोद कांबली के साथ सचिन ने ऐतिहासिक ६६४ रनों की अविजित साझेदारी की। इस धमाकेदार जोडी के अद्वितीय प्रदर्शन के कारण एक गेंदबाज तो रो ही दिया और विरोधी पक्ष ने मैच आगे खेलने से इंकार कर दिया। सचिन ने इस मैच में ३२० रन और प्रतियोगिता में हजार से भी ज्यादा रन बनाये।
सचिन प्रति वर्ष २०० बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी ‘अपनालय’, एक गैर सरकारी संगठन, से लेते हैं।
खेल पद्धति
सचिन तेंदुलकर उभयहस्त हैं। वे गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी दायें हाथ से करते हैं किंतु लिखते बाये हाथ से हैं। वे नियमित तौर पर बायें हाथ से गेंद फेंकने का अभ्यास करते हैं। उनकी बल्लेबाज़ी उनके बेहतरीन संतुलन व नियंत्रण पर आधारित है। वे भारत की धीमी पिचों की बजाय वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया की सख्त व तेज़ पिच पर खेलना ज्यादा पसंद करते हैं। वे अपनी बल्लेबाजी की अनूठी पंच शैली के लिये भी जाने जाते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रशिक्षक जॉन ब्यूकैनन का मानना है कि तेंदुलकर अपनी पारी की शुरुआत में शार्ट गेंद के ग्रहणशील हैं। उनका मानना यह भी है कि बायें हाथ की तेज गेंद तेंदुलकर की कमज़ोरी है। अपने करियर के शुरुआत में सचिन की खेल शैली आक्रमणकारी हुआ करती थी। सन् २००४ से वे कई बार चोटग्रस्त रहे हैं। इस वजह से उनकी बल्लेबाजी की आक्रामकता में थोड़ी कमी आई है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ईयन चैपल का मानना है कि तेंदुलकर अब पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे। किन्तु २००८ में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तेंदुलकर ने कई बार अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी का परिचय दिया।
तेंडुलकर नियमित गेंदबाज़ नहीं हैं। किन्तु वे मध्यम तेज, लेग स्पिन व ऑफ स्पिन गेंदबाज़ी में प्रखर हैं। वे कई बार लम्बी देर से टिकी हुई बल्लेबाजों की जोडी को तोड़ने के लिये गेंदबाज़ के रूप में लाए जाते हैं। भारत की जीत पक्की कराने में अनेक बार उनकी गेंदबाज़ी का प्रमुख योगदान रहा है
कीर्तिमान स्थापित
मीरपुर में बांग्लादेश के खिलाफ सचिन तेंडुलकर ने अपना 100वां शतक पूरा कर लिया।
एकदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक[200] जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बने
एकदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा रन (१७००० से अधिक)
एकदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा ४९ शतक
एकदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय के विश्व कप मुक़ाबलों में सबसे ज्यादा रन
टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक (51)
रिकार्डो के बादशाह सचिन तेंडुलकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 November 2009 को अपनी १७५ रन की पारी के दौरान एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट में १७ हजार रन पूरे करने वाले पहले बल्लेबाज बने।
टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रनों का कीर्तिमान।
टेस्ट क्रिकेट १३००० रन बनने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज।
एकदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा मैन आफ् द सीरीज
एकदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा मैन आफ् द मैच
अन्तरराष्ट्रीय मुक़ाबलो में सबसे ज्यादा ३०००० रन बनाने का कीर्तिमान्
5 नवम्बर 2009 गुरूवार, मास्टर ब्लास्टर तेंदुलकर को इसके लिए केवल 28 रन की दरकार थी। अपना 435वां मैच खेल रहे तेंदुलकर ने अब तक 424 पारियों में 44.21 की औसत से 17000 रन बनाए हैं जिसमें 45 शतक और 91 अर्धशतक शामिल हैं। तेंदुलकर के बाद एक दिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन श्रीलंका के सनथ जयसूर्या ने बनाए हैं जिनके नाम पर इस मैच से पहले तक 12207 रन दर्ज थे। जयसूर्या 441 मैच खेल चुके है। अब तक 400 से अधिक एकदिवसीय मैच केवल इन्हीं दो खिलाडि़यों ने खेले हैं।
तेंदुलकर १८२ टेस्ट मैचों में भी अब तक १५०४८ रन बना चुके हैं और इस तरह से उनके नाम पर अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट में ३०००० से ज्यादा रन और 99 शतक दर्ज हैं। तेंदुलकर ने अपने एक दिवसीय करियर में सर्वाधिक रन आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए हैं। उन्होंने विश्व चैंपियन के खिलाफ 60 मैच में 3000 से ज्यादा रन ठोके हैं जिसमें 9 शतक और १५ अर्धशतक शामिल हैं। श्रीलंका के खिलाफ भी उन्होंने सात शतक और 14 अर्धशतक की मदद से 2471 रन बनाए हैं लेकिन इसके लिए उन्होंने 66 मैच खेले हैं।
इस स्टार बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ 66 मैच में 2381 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने दक्षिण अफ्रीका [1655], वेस्टइंडीज [1571], न्यूजीलैंड [1460], जिम्बाब्वे [1377] और इंग्लैंड [1274] के खिलाफ भी एक हजार से अधिक रन बनाए हैं। तेंडुलकर ने घरेलू सरजमीं पर 142 मैच में 46.12 की औसत से 5766 और विदेशी सरजमीं पर 127 मैच में 35.48 की औसत से 4187 रन बनाए हैं लेकिन वह सबसे अधिक सफल तटस्थ स्थानों पर रहे हैं जहाँ उन्होंने 140 मैच में 6054 रन बनाए हैं और उनका औसत 50.87 है। वह भारत के अलावा इंग्लैंड [1051], दक्षिण अफ्रीका [1414], श्रीलंका [1302] और संयुक्त अरब अमीरात [1778] की धरती पर भी एक दिवसीय मैचों में एक हजार रन बना चुके हैं।
पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने तेंडुलकर को सलामी बल्लेबाज के तौर पर भेजने की शुरुआत की थी जिसमें मुंबई का यह बल्लेबाज खासा सफल रहा। ओपनर के तौर पर उन्होंने 12891 रन बनाए हैं। जहाँ तक कप्तानों का सवाल है तो तेंडुलकर सबसे अधिक सफल अजहर की कप्तानी में ही रहे। उन्होंने अजहर के कप्तान रहते हुए 160 मैच में 6270 रन बनाए जबकि गांगुली की कप्तानी में 101 मैच में 4490 रन ठोंके। हालांकि स्वयं की कप्तानी में वह अधिक सफल नहीं रहे और 73 मैच में 37.75 की औसत से 2454 रन ही बना पाए।
24 फ़रवरी 2010, सचिन तेंदुलकर ने अपने वनडे क्रिकेट के 442वें मैच में 200 रन बनाकर नया ऐतिहासिक पारी खेली। वनडे क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बने।
तेंदुलकर 160 टेस्ट मैचों में भी अब तक १५००० रन बना चुके हैं और इस तरह से उनके नाम पर अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट में ३०००० से ज्यादा रन और 100 शतक दर्ज हैं। तेंदुलकर ने अपने एक दिवसीय करियर में सर्वाधिक रन आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए हैं। उन्होंने विश्व चैंपियन के खिलाफ 60 मैच में 3000 से ज्यादा रन ठोके हैं जिसमें 9 शतक और १५ अर्धशतक शामिल हैं। श्रीलंका के खिलाफ भी उन्होंने सात शतक और 14 अर्धशतक की मदद से 2471 रन बनाए हैं लेकिन इसके लिए उन्होंने 66 मैच खेले हैं।
रमेशचंद्र अग्रवाल को जायन्ट्स इंटरनेशनल अवॉर्ड
![](../images/20_09_2013-.jpg)
20 September 2013
मुंबई। दैनिक भास्कर समूह के चेयरमैन रमेशचंद्र अग्रवाल समेत ४१ हस्तियों को मंगलवार रात एक भव्य कार्यक्रम में जायन्ट्स इंटरनेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
अग्रवाल को मीडिया के जरिए समाज को दिए योगदान के लिए रिलांयस इंडस्ट्रीज के सीएमडी मुकेश अंबानी ने सम्मानित किया। अंबानी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। समारोह मुंबई के ट्राइडेंट होटल में हुआ। जायन्ट्स इंटरनेशनल की स्थापना १७ सितंबर १९७२ को पद्मश्री नाना चूडासमा ने की थी।
इस मौके पर व्यवसाय व औद्योगिक क्षेत्र से आनंद महिंद्रा, मेडिसिन के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने पर प्रोफेसर जेम्स थॉमस, फिल्मों को दिए योगदान पर ऐश्वर्या राय बच्चन, समाज सेवा के लिए बच्चूभाई (लक्ष्मीचंद) रामभिया, सार्वजनिक क्षेत्र में काम के लिए डॉ. अजय कुमार तथा संगीत के क्षेत्र में सोनू निगम को सम्मानित किया गया है।
सम्मान समारोह में मुकेश अंबानी ने कहा, 'यह बहुत जरूरी है कि ज्यादा लोग समाज के लिए आग आएं।
ऐसा करते समय यह जरूरी है कि हम चुनौतियों को अवसर में बदल लें ना कि उन्हें समस्याओं की तरह देखें। ऐसा कर ही हम आने वाले समय में विश्व नेता के तौर पर उभर सकते हैं'।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक विकासशील देश है और अगर किसी को इसका विकास देखना है तो यह छोटे शहरों में देखा जाना चाहिए।
अमिताभ बच्चन सबसे स्टाइलिश: रणबीर सिंह
मुंबई। यूं तो हर जगह अमिताभ बच्चन के पता नहीं कितने फैंस हैं लेकिन लगता है सबसे ज्यादा पसंद उन्हें रणबीर सिंह करते हैं. यही वजह है कि हाल ही में रणबीर ने महानायक अमिताभ बच्चन को इंडस्ट्री का सबसे ज्यादा स्टाइलिश अभिनेता बताया है. रणवीर सिंह ने एक अवॉर्ड शो के दौरान कहा कि अब तक मिस्टर बच्चन इंडस्ट्री के सबसे ज्यादा स्टाइलिश अभिनेता रहे हैं.
काफी समय से अमिताभ स्टाइल आइकॉन रहे हैं. अमिताभ बच्चन ड्रेसिंग सेंस के मामले भी सर्वश्रेष्ठ हैं. वहीं पहले मिस एशिया पैसेफिक और अभिनेत्री दीया मिर्जा ने कहा कि इस उम्र में भी अमिताभ बेहद कूल हैं. वो बेहद स्टाइलिश हैं.
वहीं कुणाल कपूर ने कहा कि अमिताभ के जैसा कोई स्टाइलिश नहीं है. वो 70 साल के हैं लेकिन सबसे ज्यादा स्टाइलिश लगते हैं.
इतना ही नहीं अभी हाल ही में महेश भट्ट की बेटी आलिया भट्ट ने भी अमिताभ बच्चन को सबसे ज्यादा स्टाइलिश बताया था. इस साल हुए एक सर्वे के दौरान अमिताभ बच्चन को इंडस्ट्री का सबसे ज्यादा स्टाइलिश अभिनेता माना गया था.
'मेरी फिल्म मुद्दे पर नहीं, भावनाओं पर आधारित'
मुंबई। डायरेक्टर प्रकाश झा का कहना है कि उनकी फिल्में किसी मुद्दों पर आधारित ना होकर भावनाओं पर आधारित होती हैं. उन्होंने कहा कि अगर मैं अपनी फिल्म की कहानी में भावनाएं नहीं डालता हूं तो मुझे लगता है कोई मेरी फिल्म नहीं देखेगा.
झा का कहना है कि उनकी फिल्म पूरी तरह से व्यवसायिक होती है. प्रकाश ने अपनी आने वाली फिल्म सत्याग्रह की चर्चा करते हुये कहा कि मेरी फिल्म का अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.
प्रकाश झा ने कहा कि मेरी फिल्म में विरोध प्रदर्शन के सीन फिल्माए गए हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि ये अन्ना हजारे के आंदोलन पर आधारित है. विश्वभर में कई आंदोलन हुआ करते हैं. उन्होंने कहा, मैं बेहद खुश हूं कि लोग मेरी फिल्म के बारे में बात कर रहे हैं. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि अन्ना हजारे की टीम मुझसे इस फिल्म को देखने के लिये संपर्क करती है तो हम इसके लिये तैयार हैं.
गौरतलब है कि प्रकाश झा के निर्देशन में बनी फिल्म सत्याग्रह में अमिताभ बच्चन, अजय देवगन, करीना कपूर, मनोज वाजपेयी, अर्जुन रामपाल और अमृता राव मुख्य भूमिकाओं में हैं. फिल्म 30 अगस्त को रिलीज होगी.
|