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लोगों के फेवरेट बन जाएं और अपनाएं इन टिप्स को
आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातें बता रहे हैं।हमें अपने अंदर ऐसे गुणों को विकसित करना होगा कि लोग हमें पसंद करें।

लोगों से उनका हालचाल पूछें

जब कोई बातचीत में अपनी समस्या बताये, तो उसकी बात को ध्यान से सुनें और याद रखें। इसके बाद जब कभी दोबारा वो व्यक्ति मिले तो उस समस्या के बारे में जरूर पूछें कि वह हल हुई या नहीं? अगर व्यक्ति न भी मिले, तो खुद उसे फोन कर उसका हालचाल और वह समस्या पूछें। इस तरह सामनेवाले को महसूस होगा कि आपको उसकी चिंता है, ख्याल है। उदाहरण के तौर पर किसी ने बताया कि वह बीमार है और आफिस नहीं आ सकता, तो बाद में आप फोन लगाकर उसका हालचाल लें कि अब तबीयत कैसी है? किसी चीज की जरूरत तो नहीं? अगर किसी ने बातचीत में कहा कि फलां तारीख को मेरी एग्जाम है, उसकी तैयारी में लगा हूं। तो उस तारीख के निकल जाने के बाद फोन लगाकर पूछे कि परीक्षा कैसी गई? आपकी ये आदत आपको दूसरे से अलग करेगी।
अक्सर लोग अपने दूर के रिश्तेदारों के नाम याद नहीं रख पाते। कई लोग अपने साथ काम करने वाले लोगों के नाम ही भूल जाते हैं। कुछ अपने दोस्त के लाइफ पार्टनर का नाम भूल जाते हैं। ‘सॉरी, बच्चे का नाम क्या बताया था आपने? ये कहते हुए बच्चों का नाम उनसे हर मुलाकात में पूछते हैं। यह सब बातें आपकी छवि खराब करते हैं। रिश्तेदार भी जब किसी शादी में मिलते हैं और पूछते हैं कि ‘पहचाना मुझे?’ तो आप शर्मिंदा हो जाते हैं। इसलिए जिस तरह स्कूल में पढ़ाई के दौरान आंसर याद करते थे, उसी तरह नाम याद करना सीखें। हो सकें तो दोस्त का नाम अपने मोबाइल में सेव करते वक्त उसके साथ पत्नी, बच्चों के नाम भी जोड़ लें। इस तरह सारे नाम एक साथ नजर आ जायेंगे। ये एक ट्रिक है। उदाहरण के तौर पर ‘मुकेश, कविता, बिल्लू, पिंकी’। दोस्त मुकेश का नंबर इस नाम से सेव करें। कई बार हम लोगों के सामने अपनी असली छवि, हालात छुपाने की कोशिश करते हैं। हमें लगता है कि लोग हमारा मजाक उड़ायेंगे या हमें खुद के ग्रुप में शामिल नहीं करेंगे। ऐसे में कभी-कभी हम खुद को अमीर दिखाने की कोशिश करते हैं। बातचीत में शेखी बघारते हैं। कई बार स्टूडेंट्स खुद के कम नंबर बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं। जब आप ऐसा करते हैं, तो आपको पता होता है कि आप झूठ बोल रहे हैं। ऐसे में आपको हमेशा डर बना रहता है कि कहीं आपका झूठ पकड़ा न जाये। इस तरह आपका कॉन्फीडेंस हमेशा डगमगाया हुआ रहता है। इसकी जगह जब आप जैसे हैं, वैसे खुद को पेश करते हैं, कुछ नहीं छिपाते तो आपको किसी बात का डर नहीं होता। सच्चाई आपके चेहरे से झलकती है। आपका कॉन्फीडेंस भी नहीं गिरता। एक बात और यह है कि कई बार लोग आपके झूठ को जान लेते हैं, लेकिन आपको बताते नहीं। ऐसे में आपकी छवि नकारात्मक बनती है। आप लोगों का दिल कभी नहीं जीत पाते।
लोगों की बातों को ध्यान से सुनें। उन्हें अटेंशन दें। कोई भी काम कर रहे हैं तो उसे रोक दें और उनकी ओर देखें। इसके अलावा अगर किसी ने आपको कोई समस्या बतायी तो उसकी ये बात किसी और से शेयर न करें। उसके पीठ पीछे बात न करें, क्योंकि कभी उस इंसान को वो बात पता चल गयी कि आपने उनकी ये बात सभी को बता दी तो वो आप पर कभी भरोसा नहीं करेगा। कई बार ऐसा होता है कि किसी ने हमें बात बता कर कहा कि ‘किसी से मत कहना’। हमने अपनी मां को बात बता कर कहा ‘किसी से मत कहना’। मां ने अपनी पक्की सहेली से कहा ‘किसी को मत बताना’। ऐसे ये चेन चलती रहती है क्योंकि हर किसी के पास कोई खास होता है, जिसे वह हर बात बताता है। इसलिए ऐसी गलती न करें। कोई कुछ बताएं तो बात अपने तक ही सीमित रखें। अपने किसी खास को भी न बताएं। यही सही तरीका है।
जब ऐसे किसी के घर जाएं जिनके घर में बच्चे हों तो बच्चे के लिए चॉकलेट या बिस्कुट या खिलौना जैसी चीज लेकर जाएं। घर में कोई बुजुर्ग हो तो उनके पैर छुएं। उनका हालचाल पूछें। खाना खाएं, नाश्ता करें तो उसकी तारीफ करें। कभी भी किसी बात को लेकर ताना ना मारें। उदाहरण के तौर पर अगर सामनेवाले के घर में कुछ महीनों पहले कोई शादी थी और उसने आपको नहीं बुलाया था तो अभी आपको ताना मारने की जरूरत नहीं कि ‘भैया, हमें तो आपने बुलाया ही नहीं। आप तो हमें भूल ही गये।’ अगर आप उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा होते तो वो आपको जरूर बुलाते। हो सकता है कि अहम हिस्सा हो, लेकिन किसी मजबूरीवश नहीं बुला पाये हो। ऐसे में ताना मारकर आप उनको छोटा दिखाने का प्रयास करेंगे, तो आप खुद छोटे लगने लगेंगे। वे आपको इस आदत की वजह से नापसंद करने लगेंगे।


भोपाल खुश रहने में जयपुर-मुंबई से आगे
नई दिल्ली| भोपाल खुश रहने और जीवन को अपने हिसाब से जीने के मामले में जयपुर और अहमदाबाद से बेहतर स्थान बन रहा है। शहर के लोग व्यस्त जीवन के बावजूद अपने और अपनों के लिए समय निकाल रहे हैं। इस हैप्पीनेस स्टडी में चंडीगढ़ पहले नंबर पर है।
एक निजी कंपनी द्वारा देश के 16 शहरों में कराई गई 'हैप्पीनेस स्टडी' में कहा गया है कि उत्तर भारत के लोग अन्य क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा खुश रहते हैं। राजधानी दिल्ली को खुश रहने वालों की इस लिस्ट में तीसरा स्थान मिला है। गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार चंड़ीगढ़वासी अन्य शहरों के मुकाबले ज्यादा खुश हैं। यहां लोग अपने फिजिकल अपीयरेंस को लेकर सबसे ज्यादा खुश रहते हैं। रिसर्च कंपनी पीक्यूआर-आईएमआरबी इंटरनेशनल द्वारा देश के बड़े शहरों में कराए गए शोध में राजधानी दिल्ली को तीसरे स्थान पर रखा गया है।

रैंक शहर हैप्पीनेस इंडेक्स

1 चंडीगढ़ 190
2 लखनऊ 157
3 दिल्ली 149
4 चेन्नई 131
5 बेंगलुरू 115
6 पटना 105
7 पुणे 104
8 भोपाल 103
9 भुवनेश्वर 98
10 कोलकाता 82
11 अहमदाबाद 76
12 हैदराबाद 75
13 कोच्चि 72
14 जयपुर 68
15 मुंबई 55
16 गुवाहाटी 23

हैप्पीनेस स्टडी में एक बात सामने आई कि कम आय वर्ग के लोग ज्यादा खुश रहने की कोशिश करते हैं उच्च आय वर्ग के लोगों में अभी भी खुश रहने के मामले में कमी नजर आती है। -नीलाद्री दत्ता, शोध कराने वाली कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के कॉर्पोरेट मार्केटिंग हेड


बारिश में अलग हो पहनावा
१- बारिश में आप सिंथेटिक फेब्रिक से बने वाशेबल कपड़ों का ही चयन करें। ये कपड़े भीग जाने पर शरीर से चिपकते नहीं हैं और जल्दी सूख जाते हैं।
२- बारिश में कपडों को बहुत अधिक निचे न पहनें अन्यथा भीग जाने पर यह जमीन में लगकर गंदी हो सकते है। लड़कियां बारिश में caipry का इस्तेमाल कर सकती है ।
३- बारिश में रंग छोड़ने वाले कपड़े नहीं पहनें। ऐसे कपड़े भीग जाने पर आपके शरीर को ही रंग-बिरंगा बना सकते हैं। जहाँ तक संभव हो इस मौसम में आसमानी या गुलाबी, पीले और हल्के हरे रंग के कपड़े पहनें। इनमें रंग छोड़ने का डर कम रहता है।
४- हो सके तो बारिश में हलके रंगों का जैसे पीला,सफ़ेद, क्रीम इन रंगों का इस्तेमाल ना करे । हलके रंगों के कपड़ों में दाग लगने का डर ज्यादा होता है ।
५- बारिश का मौसम खिलखिलाने का मौसम है, कपड़ों का चयन करते समय फ्लावर प्रिंट या कलरफुल डिज़ाइन हो तो अच्छा होगा ।
६-मौसम का भी असर पड़ता है हम पर इसलिए बारिश से बचने के लिए अपने साथ एक छटा जरूर हो ।
७- बारिश के मौसम में अपने साथ एक कॉटन रुमाल या कपड़ा जरूर होना चाहिए, अगर कभी बारिश से गीले हो तो साफ़ कर सके ।
८- इस मौसम में अच्छी कंपनी के सिंथेटिक लेदर की बरसाती चप्पल या जूतों का ही प्रयोग करें। हल्की चप्पल बिलकुल नहीं पहनें, क्योंकि इनसे उछलने वाले कीचड़ से आपके कपड़ों पर पीछे की ओर छींटे लग सकते हैं।

प्रियंका पारे

 
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