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ब्लॉग

गणतंत्र दिवस के मंच से CM शिवराज ने किया शराब नीति का जिक्र, चुनावी राज्य में कितना अहम है मुद्दा?
सीएम शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि राज्य में नई आबकारी नीति लाने का मकसद है शराब के सेवन को कम करना, ताकि एमपी को 'नशा मुक्त' बनाया जा सके
CM Shivraj Singh Chouhan on MP Liquor Policy: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गणतंत्र दिवस के पर्व पर जबलपुर में जनता को संबोधित किया और प्रदेश के विकास के बारे में बात की. इस दौरान सीएम ने राज्य में लागू की गई नई आबकारी नीति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार राज्य में शराब की खपत को कम करने के मकसद से नई आबकारी नीति लेकर आई है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को जबलपुर के गैरिसन ग्राउंड में गणतंत्र दिवस के अवसर पर भाषण दे रहे थे. इस दौरान बसंत पंचमी के पर्व की बधाइयां देते हुए भी वे लोगों से मिले. उन्होंने लोगों से कहा, "प्रदेश में नई आबकारी नीति लाई गई है, ताकि शराब के सेवन को कम किया जा सके और एमपी को 'नशा मुक्त' बनाया जा सके." गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे पहले शराब नीति का मुद्दा राजनीति का एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. शराब पर आबकारी नीति एक ऐसा मुद्दा है, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी ही सरकार के नेताओं से नाराजगी झेलनी पड़ी है. उमा भारती लगातार शराब नीति को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधती रही हैं. एक तरफ वह राज्य में शराब पर बैन लगाने की मांग कर रही हैं, तो वहीं कई आदिवासी नेता बैन न लगाने की बात कह रहे हैं. इस बीच चुनावी साल में यह मुद्दा अहम बना हुआ है.
एमपी के लोगों से पौधारोपण की अपील वहीं, सीएम ने लोगों से अपील की कि अपने जीवन के अच्छे दिनों पर, जैसे जन्मदिन पर, शादी की सालगिराह पर या अपने परिजनों की याद में पौधारोपण करें. साथ ही, उन्होंने बताया कि वह रोजाना एक बीज बोते हैं और उसका ख्याल रखते हैं.
खाद्य प्र-संस्करण विशेषज्ञ डॉक्टर रामनाथ सूर्यवंशी का मानना है कि कृषि उद्योग से जुड़े बड़े उद्योगपतियों को मक्का आधारित प्र-संस्करण इकाई लगाने की पहल करना चाहिए क्योंकि इसका आर्थिक बाजार बढ़ रहा है। यह अब रोज़गार पैदा करने वाली फसल है। साथ ही किसानों की आय बढ़ाने में मददगार है। आदिवासी महिला किसानों को मक्के के व्यंजन जैसे मक्का टोस्ट, बिस्किट बनाने का प्रशिक्षण देकर उन्हें बाजार उपलब्ध कराने की पहल करने वाले मध्यप्रदेश विज्ञान सभा के निदेशक डॉक्टर एस.आर. आजाद का कहना है कि मक्के के पोषक तत्वों के प्रति आम लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। मक्का उत्पादन करने वाले छोटे किसानों को सीधे मक्का आधारित खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों से जोड़ने की भी जरूरत है। छिंदवाड़ा इसके लिए आदर्श जिला है।
जबलपुर में बनेगी इंडस्ट्रिय सिटी
इतना ही नहीं, शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि जबलपुर में प्रदेश का दूसरा ग्लोबल स्किल पार्क बनने जा रहा है. ऐसा पहला पार्क एमपी की राजधानी भोपाल में बना हुआ है. साथ ही, सीएम ने बताया कि जबलपुर में इंडस्ट्रियल सिटी भी तैयार की जा रही है, जिसके लिए नेशनल हाईवे-30 के पास 332 हेक्टेयर जमीन को चिन्हित किया गया है. यहां इंडस्ट्रियल यूनिट के अलावा, लॉजिस्टिक हब, व्यावसायिक और आवासीय प्लॉट, होटल और अस्पताल भी बनाए जाएंगे.
आत्मनिर्भर एमपी' के लिए समाज के सभी वर्गों के सहयोग की जरूरत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से काम कर रही है. पीएम नरेंद्र मोदी का सपना 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत मध्य प्रदेश में भी तेजी से काम हो रहा है. आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने के लिए सीएम ने समाज के सभी वर्गों से सहयोग की मांग की है.

भारत को जागृत किया गुरु नानक देव जी ने - कमल नाथ
गुरु नानक देव जी मानवता में विश्वास रखने वालों और नि:स्वार्थ भाव से मानवता की सेवा में समर्पित लोगों के लिए अनन्य प्रेरणा-स्रोत रहे हैं। हम इस महान संत की 550 वीं जयंती मनाते हुए आध्यात्मिक रूप से स्वयं को धन्य समझते हैं।
नानक शाह फकीर जी की शिक्षाएं आज और भी ज्यादा प्रासंगिक हो गई हैं क्योंकि मनुष्य स्वरचित दुखों का सामना कर रहा है। सामाजिक, सांस्कृतिक एकता की भावना को खतरों का सामना करना पड़ रहा है और मानवीय मूल्यों में मनुष्य का विश्वास बुरी तरह डगमगा गया है। वर्षों पहले गुरुनानक देव जी ने इस तरह की स्थितियों की चेतावनी दी थी और सुधारवादी कदम भी सुझाए थे।
भारत के गौरवान्वित नागरिकों के रूप में हम गुरु नानक देव जी को अपने मार्गदर्शक और दार्शनिक के रूप में पाकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं। आज, जब दुनिया में सांस्कृतिक विविधता के लिए नापाक ताकतों और कट्टरपंथी सोच ने खतरे पैदा किये है, हम अपने मार्गदर्शक के रूप में गुरु नानक देव जी की बानी पाकर धन्य हैं। वे सिर्फ सिख समुदाय के गुरु नहीं हैं। वे मानवता के महान आध्यात्मिक शिक्षक हैं क्योंकि वे मन और हृदय के विकारों से मुक्ति पर जोर देते हैं।
गुरु नानक देव जी सामाजिक-धार्मिक और सांस्कृतिक सद्भाव के प्रतीक हैं। गुरु नानक देव जी और भाई मरदाना का साथ एक अनूठा उदाहरण है। यह सांस्कृतिक एकता को रेखांकित करता है। दो महान पुण्यात्माएँ परस्पर आध्यात्मिक गहराई से एकाकार थी। भाई मरदाना गुरुजी से 10 साल बड़े थे और अपने अंतिम समय तक उनके साथ रहे। उन्होंने निरंकार की महिमा का गायन करते हुए दो दशकों तक एक साथ आध्यात्मिक यात्रा की। गुरुनानक देव जी गाते थे और भाई मरदाना उनके साथ रबाब पर संगत करते थे। वे विलक्षण रबाब वादक थे। यहाँ तक ​​कि उन्होंने इसे छह-तार वाला यंत्र बनाकर इसमें सुधार किया। उनका जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। संगीत का उनका ज्ञान श्री गुरु ग्रंथ साहिब में स्पष्ट झलकता है। उसे विभिन्न रागों में निबद्ध किया गया है।भाई मरदाना का उल्लेख श्री गुरु ग्रंथ साहिब में भी है। भाई गुरुदास जी ने लिखा है -
'इक बाबा अकाल रूप दूजा रबाबी मरदाना।'
दुनिया को यह जानने की जरूरत है कि - 'आदि सच, जुगादि सच, है भी सच, नानक होसी भी सच।' इसका सीधा सा अर्थ यह है कि ईश्वर एक परम सत्य, सर्वव्यापी है। सिवाय उसके कुछ भी वास्तविक नहीं है । वह सर्वकालिक है। अनन्त था अनन्त रहेगा।
ज्ञान के ऐसे शब्दों से गुरु नानक देव जी ने भारत के लोगों को जागृत किया। उर्दू के दार्शनिक कवि अल्लामा इक़बाल ने कहा है -
'फिर उठी आखिर सदा तौहीद की पंजाब से,
हिंद को एक मर्द-ए-कामिल ने जगाया ख्वाब से'
(एक बार फिर पंजाब से एक दिव्य आवाज उठी जिसने उद्घोष किया कि ईश्वर एक है। एक सिद्ध पुरुष गुरु नानक देव जी ने भारत को जगाया।)
गुरु नानक देव जी और भाई मरदाना ने कीर्तन की परंपरा शुरू की, जो आध्यात्मिक जागृति का माध्यम साबित हुई है। समानता के विचार को प्रदर्शित करने के लिए, उन्होंने लंगर के आयोजन की परंपरा शुरू की। वर्षों बाद हम समझ पाए हैं कि यह एक क्रांतिकारी धार्मिक सुधारवादी कदम था।
गुरु नानक देव जी ने भारत को आध्यात्मिक भव्यता दी। उन्होंने कहा कि आंतरिक जागृति ही मूल्यवान वस्तु है। उन्होंने घोषणा की कि सभी समान हैं और सभी दिव्य ऊर्जा से भरपूर है। अपनी आध्यात्मिक यात्राओं के माध्यम से गुरु नानक देव जी ने भारत को जागृत किया और इसकी महिमा को ऊँचाइयाँ दी।
गुरु नानक देव जी ने जो उपदेश दिया उसका पालन किया। उन्होंने अपने बोले प्रत्येक शब्द को आत्मसात किया और सामाजिक सुधार लाए। मानवता की भलाई के लिए हमारे पास उनके दर्शन की सबसे अच्छी सीख हैं। उन्होंने कहा- हमेशा सच्चाई के पक्ष में रहें और मानवता की सेवा के लिए तैयार रहें। हमेशा पाँच बुराइयों को दूर करें- काम, क्रोध, लोभ, मोह ,अहंकार। गुरु ज्ञान का सच्चा स्रोत होते हैं। गुरु पर विश्वास रखें।
आइए हम अपने दैनिक जीवन में गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं, वैश्विक भाईचारे व सांस्कृतिक अखंडता को मजबूत करने के लिए सदैव तैयार रहें।

 
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