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Metro Mirror
WRITE A LETTER TO THE CHIEF MINISTER OF MADHYA PRADESH & WIN
WIN : Think Madhya Pradesh Trophies & Gift Hampers (Best 5 letters) in HINDI & ENGLISH each.
Also: Certificate of Appreciation to 50 letters.
THEME : My suggestion to the chief minister of MP for "My Dream Madhya Pradesh"
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखे और जीते
विषय : "मेरे सपनो का मध्य प्रदेश" बनाने हेतु मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को मेरे सुझाव
जीते :
थिंक मध्यप्रदेश ट्राफी और विशिष्ठ्जनों के साथ डिनर का मौका (सर्वश्रेष्ठ हिंदी और अंग्रेजी के ५-५ पत्रों को )
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RULES :
- Age 18 years and above- Male/Female.
- Letter should focus only on the main object and should be of 200-500 words in Hindi or Enlish.
- All Letters should have complete Name,Address, Age, Occupation, Photo, Phone & Email.
- To send the Letters online please click www.metromirror.com >Letters to the Editors or by Post : Metromirror.com Bungalow -35 , Navdoorsanchar Colony,Palash Parisar, E-8 gulmohar Bhopal-462039
- (Without the following your letter will not be considered) Please attach a print out of yours favourite section of Metromirror.com with the letter.
- Also Enclose and Complete the Sentence- MetroMirror.com is my favourite News Magazine because..........
Max. 15 words.
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Think Madhya Pradesh Forum Bhopal Chapter
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HelpLine No. : 0755-4942880,0755-4919927, Mob-98930-96880
Email : editormetromirror@gmail.com
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Last Date : 30 June, 2016
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WRITE & WIN:
Every fortnight the
Best Letter will be recognized & awarded. We welcome your valuable
suggestions & creative criticism relating to the Metro Mirror. Please
write your complete Name, Address, Phone no. & Email Id
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ग्रीन सिटी में सीवेज की बदबू से लोग परेशान।
सुहालका जी ,
आप वरिष्ठ पत्रकार हैं, आप ग्रीन सिटी में रहते हैं। आप इन फ़ोटो को देखे और ग्रीन सिटी की समस्या को समझते हुए अपने स्तर पर कुछ करे।
शेखर माहेश्वरी, अध्यक्ष
ग्रीन सिटी सोसाइटी
ओ भोपाल तुम्हें हुआ क्या है ? तुमने अपना मौसम ये क्या कर लिया है ? इस वर्ष गर्मी में दो दिन तक 46 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पहुँचाकर तुमने एक कीर्तिमान स्थापित किया है।पुरानी कहावत है कि तेज गर्मी के बाद अच्छी वर्षा आती है, वह इस बार बेमानी सिद्ध हुई है। भोपाल का विख्यात बड़ा तालाब जुलाई के चौथे सप्ताह में अपनी तलहटी को छू रहा है।इस वर्षा ऋतु में जिस प्रकार की उमस पड़ रही है वह उत्तर प्रदेश के गंगा के मैदान के किनारों के ज़िलों की याद दिलाती है।पहली बार सुखद रूप से मैंने भोपाल के सुविधाभोगी नौकरशाहों को पसीना बहाते हुए देखा है।
मालवा के पूर्वी कोने में स्थित भोपाल शहर नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण है तथा इसे झीलों की नगरी कहा जाता है। यह जितना प्राकृतिक रूप से सुंदर है उतना ही इसका मौसम भी आनंददायी हुआ करता था।आज ऐसा नहीं है। जो लोग इस शहर में पिछले अनेक वर्षों से रह रहे हैं उन्हें मैं याद दिला दूँ कि इस शहर के सैटेलाइट से लिए गए चित्रों के अनुसार बीस वर्ष पहले इस शहर का 66% भूभाग वृक्षों से आच्छादित था।आज यह प्रतिशत 20 से भी कम है और मेरी व्यक्तिगत गणना है कि 2025 तक यह 10% से कम हो जाएगा ।इन हरे भरे वृक्षों के स्थान पर तेज़ी से कांक्रीट का जंगल उभर चुका है और विकास के नाम पर और उभरता जा रहा है। भोपाल एक रोगी व्यक्ति के समान फूलता जा रहा है। ज्ञातव्य है कि भोपाल नगर निगम का क्षेत्रफल भारत में सर्वाधिक है। आज इस शहर का तापमान इसी विकास के कारण आस पास के गांवों से अधिक रहता हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से दिन और रात के तापमान का अंतर कम होता जा रहा है अर्थात रात्रि का तापमान भी बढ़ता जा रहा है। मुझे चार इमली में गर्मी की रातों में खुली छत पर सोने की आज भी याद है।विश्व के सभी शहरों की तरह भोपाल की जनसंख्या भी सुरसा के मुँह के समान बढ़ती जा रही है। 1971 में 3.1 लाख का यह शहर अब अनुमानत: 25 लाख के पार जा चुका है।
देश की सभी नगर निगमों की तरह भोपाल का नगर निगम भी एक असहाय विधवा की तरह केवल विलाप करता रहता है। वॉटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य होने के उपरांत भी मात्र 7% घरों में ऐसा किया जा रहा है। जागरूक नागरिकों को भी भूजल की कोई चिंता नहीं है।निगम के भ्रष्टाचार के कारण पूरे शहर में अतिक्रमण की बाढ़ है और फुटपाथ दृष्टिगोचर नहीं होते हैं। वाहनों की संख्या बढ़ने और बेतरतीब यातायात के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है और भोपाल वासी अभी भी इस ग़लतफ़हमी में है कि हमारी वायु अत्यंत स्वच्छ है। अनेक स्थानों पर ट्रैफ़िक जाम लगा दिखाई पड़ता है और यह केवल चालकों के शीघ्र गंतव्य तक पहुँचने के उतावलेपन के कारण होता है। जो जितना ज़्यादा शिक्षित है वह उतनी ही यातायात की उद्दंडता प्रदर्शित करता है। देश के सौ शहरों के साथ भोपाल को भी स्मार्ट सिटी बनाए जाने की योजना है। फ़िलहाल इस स्मार्ट सिटी योजना के नाम पर नगर निगम एक इस स्मार्ट बिल्डर के रूप में कार्य कर रहा है। बताया गया था कि स्मार्ट सिटी का मुख्य उद्देश्य शहर का कूड़ा प्रबंधन,जल आपूर्ति , बिजली व्यवस्था तथा यातायात की सुगमता होगा।
भोपाल मध्यप्रदेश की राजधानी भी है।मौसम की गर्मी के साथ यहाँ राजनीतिक तापमान भी बढ़ने की आशंका है।विशेषज्ञों का कहना है कि कर्नाटक में मौसम के करवट लेने के उपरांत उसकी गर्मी भोपाल में भी अनुभव की जाना संभावित है। अंत में पत्रकार बंधुओं को मैं यह अच्छी ख़बर देना चाहता हूँ कि अब मौसम भी ख़बर हुआ करता है।
एन के त्रिपाठी
मान्यवर ,
निवेदन हैं की मे खुशबू अग्रवाल पिता संतोष कुमार अग्रवाल लाइनपार जेतहारी निवासी हूँ| मुझे सेंट्रल सेक्टर स्कॉलरशिप स्कीम के तहत सत्र 2008-2009 में चयनित किया गया था| जिसके अनुसार मुझे छात्रवृत्ति प्राप्त होनी थी, परंतु मुझे पी. जी के प्रथम वर्ष की छात्रवृत्ति आज दिनाक तक प्राप्त नहीं हुई हैं| मेरा पी. जी का दूसरा वर्ष पूरा होने को है| परंतु छात्रवृत्ति प्राप्त ना होने से बहुत क़ठिनाई हो रही है| हम निम्नमध्यमवर्गीय परिवार में निवास करते हैं जिससे पढ़ाई की फीस काफ़ी क़ठिनाई से इकट्ठा हो पाती है|
अस्तु आप से निवेदन है कि इस योजना की छात्रवृत्ति का लाभ मिलने की आशा को विश्वास में परिवर्तित आप शीघ्र करेंगें और मेरी शिक्षा में किसी भी प्रकार की बाधा नही आएगी | आपके उचित मार्गदर्शन की मुझे और मेरे परिवार को प्रतीक्षा रहेगी|
प्रार्थी
खुशबू अग्रवाल
सरकार बहादुर नौकरशाही को भी तोड़े
भोपाल में करोडो की अवैध इमारत मिनाल तोड़कर सरकार ने कोई बहादुरी का काम नहीं किया | सरकार की बहादुरी तो तब कहलाती जब वेह उन मंत्री / नेताओं और अफसरों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही करती जिनकी छत्रछाया में मिनाल की मीनार खडी हुई | नक़्शे पास होने, नीव खुदने से लेकर भवन की पुताई तक बहुत लंबा समय निकला होगा | तब तक आलिशान भवन क्या किसी को दिखा नहीं ? भवन तोड़कर बिल्डर को तो बर्बाद हुआ और अप्रत्यक्ष रूप से देश का नुकशान ही हुआ | नगर निगमों, नगरपालिकाओं, नगर विकास प्राधिकरणों और ट़ाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के अफसर सब जगह हो रहे अवैध निर्माणों के लिय दोषी हैं | इनमें से आधे दूसरे विभागों से प्रतिनियुक्तियों पर आए हैं और बरसों गुजर जाने के बाद भी अपने मूल विभाग में नहीं जाते | अवैध भवनों में फ़्लैट व् दुकानें खरीदने वाले भवन टूटने पर रोते-गिड़ गिडाते हैं और भ्रष्ट अफसर सपरिवार भोपाल के न्यू मार्केट व इंदौर की छप्पन दुकान और मौज उड़ाते हैं !! राजवीर सिंह इंदौर
नियम का सख्ती से पालन हो
आजकल दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेल मेट लगाना जरुरी कर दिया गया है बिना हेलमेट के पेट्रोल भी नहीं मिलेगा ऐसा नियम बना दिया पर कुछ समय तक तो सब ठीक चलता है पर कुछ समय पश्चात लोग नियम की अनदेखी करने लगते हैं | व्यक्ति का जीवन बड़ा ही अनमोल है और ज्यादातर दुर्घटनाए हेलमेट न पहनने की वजह से होती हैं | जो भी नियम बनाए जाते हैं यदि उनका सख्ती से पालन होगा तब ही लोग नियमों की अवहेलना नहीं कर पाएँगे और काफी हद तक दुर्घटनाएँ भी कम होंगी | पेट्रोल पम्प के मालिक को भी हिदायत दी जाये के अपने कर्मचारियों पर ध्यान रखें की बिना हेलमेट के किसी भी व्यक्ति को पेट्रोल न दिया जाए | कलेक्टर के आदेश का सही ढंग से पालन किया जाए औ जो भी लापर वाही करता दिखे उसे साथ सख्त कार्यवाही की जाए फिर चाहे पुरुष हो या महिला नियम सभी के लिए सामान हैं |
पूनम श्रीवास्तव , भोपाल
मच्छरों के लिए रैकेट , नेताओं के लिए ?
दुनिया में दो ही शक्तिशाली हैं जिनके आगे सभी ने घुटने टेक दिए |एक तो इंसान का खून चूसने वाले मच्छर और दूसरे जनता का खून पीने वाले भ्रष्ट नेता | इन दोनों का शायद ही कभी खात्मा हो | वैसे चीन ने मच्छर मारने के लिए तो पूरी दुनिया में रैकेट उपलब्ध करवाए हैं लेकिन नेताओं के 'रैकेट' कैसे ख़त्म हो ? देवेन्द्र सिंह, भोपाल
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