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विश्व डाइजेस्ट
जी-7 के वित्‍तीय प्रमुखों ने मुद्रास्‍फीति को नियंत्रण में रखने, और वित्‍तीय प्रणाली को मजबूत करने का लिया संकल्‍प
:
MMNN:13 may 2023

जी-7 के वित्‍तीय प्रमुखों ने मुद्रास्‍फीति को नियंत्रण में रखने, ऋण के बोझ से जूझ रहे देशों की मदद करने और वित्‍तीय प्रणाली को मजबूत करने का संकल्‍प लिया है। जी-7 देशों के वित्‍त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक प्रमुखों की तीन दिन की बैठक आज जापान के निगाता में संपन्‍न हुई। संयुक्‍त वक्‍तव्‍य में स्‍वच्‍छ ऊर्जा स्रोतों के विकास और वैश्विक आर्थिक समायोजन क्षमता बढ़ाने के लिए अधिक स्‍थायी व्‍यवस्‍था की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की गई। जी-7 देशों ने यूक्रेन के लिए समर्थन और रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लागू करने का फैसला लिया।

अगले सप्‍ताह हिरोशिमा में जी-7 देशों की शिखर बैठक होनी है। अमरीका के राष्‍ट्रपति जो. बाइडेन के भी बैठक में भाग लेने की संभावना है।


विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को उग्रवाद और कट्टरवाद के खतरों के प्रति सचेत रहना चाहिए
:
MMNN:12 may 2023

विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को उग्रवाद और कट्टरवाद के खतरों के प्रति सचेत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतें लोकतंत्र की उदारता का अनुचित लाभ उठाती हैं। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में छठे हिंद महासागर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो देश अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों या लंबे समय से चले आ रहे समझौतों की अवहेलना करते हैं, उससे विश्वास और आस्था को भारी नुकसान होता है।
डॉक्टर जयशंकर ने हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण और संयुक्त राष्ट्र समुद्री अधिनियम संधि 1982 पर जोर देने के लिए बांग्लादेश की सराहना की है। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि वैश्विक व्यवस्था की विश्वसनीयता के लिए आवश्यक है कि अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का सम्मान और उनका पालन किया जाए।
बंगाल की खाड़ी के देशों के बारे में उन्होंने कहा कि इन देशों की अपनी विशेष आकांक्षाए है। उन्होंने कहा कि बिम्सटेक संगठन तेजी से अपने अस्तित्व में आ रहा है और आधुनिकीकरण तथा सुरक्षा चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
सम्पर्क के महत्व का उल्लेख करते हुए डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि प्रभावी सम्पर्क से क्षेत्र के देशों को अधिक लाभ होगा। उन्होंने जोर दिया कि क्षेत्र के देशों को दूसरे देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।
दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने किया।


प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी अमरीकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्‍नी जिल बाइडेन के आमंत्रण पर अगले महीने अमरीका जायेंगे
:
MMNN:10 may 2023

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी अमरीका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्‍नी तथा प्रथम महिला जिल बाइडेन के आमंत्रण पर अगले महीने अमरीका जायेंगे। अमरीका यात्रा के दौरान श्री मोदी 22 जून को राजकीय भोज में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री की यात्रा दोनों देशों के बीच बढती सहभागिमा के महत्‍व को रेखांकित करती है। अमरीकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी टेक्‍नोलॉजी, व्‍यापार, उद्योग, शिक्षा, अनुसंधान, स्‍वच्‍छ ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल और लोगों के बीच संबंध घनिष्‍ठ करने जैसे आपसी हित के विभिन्‍न क्षेत्रों में मजबूत आपसी सहयोग की समीक्षा करेंगे।


पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान गिरफ्तार
:
MMNN:9 may 2023

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आज इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया। पाकिस्तानी रेंजर्स ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ-पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान को अदालत कक्ष के बाहर से हिरासत में ले लिया। इमरान खान अलकादिर ट्रस्ट मामले में पेश होने के लिए अदालत गए थे।

इस्लामाबाद पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि इमरान को उस मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि एक भू-संपदा कंपनी से 50 अरब रुपये वैध करने के लिए इमरान खान और उनकी पत्नी ने अरबों रुपये हासिल किए। इस्लामाबाद में स्थिति सामान्य है, लेकिन धारा 144 लागू कर दी गई है, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि इमरान कई बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए थे।


सऊदी में अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार से मिले अजीत डोभाल:मिडिल ईस्ट में चीन के असर को कम करने शुरू होगा प्रोजेक्ट, सऊदी-UAE भी शामिल
:
MMNN:8 may 2023

अमेरिका ने अरब देशों में चीन के प्रभाव को कम करने के लिए एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इसमें भारत को भी शामिल किया गया है। इसके लिए भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल ने रविवार को अमेरिका, सऊदी अरब और UAE के सुरक्षा सलाहकारों से मुलाकात की है। इसका खुलासा न्यूज वेबसाइट 'एक्सियस' ने किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक चारों देशों के बीच खाड़ी देशों को अरब देशों से जोड़ने के लिए रेलवे प्रोजेक्ट पर बात हुई। इस रेलवे नेटवर्क को बंदरगाह और शिपिंग लेन के जरिए भारत से भी जोड़ा जाएगा। ये प्रोजेक्ट शुरू करने के पीछे चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट को बताया जा रहा है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि ये व्हाइट हाउस का बड़ा प्रोजेक्ट है।

18 महीनों से प्रोजेक्ट पर चर्चा जारी थी

व्हाइट हाउस के प्रोजेक्ट के लिए I2U2 फोरम के तहत पिछले 18 महीनों से बातचीत हो रही है। इस फोरम में अमेरिका, इजराइल, भारत और UAE शामिल हैं।

ये फोरम मिडिल ईस्ट में इंफ्रास्ट्रचर प्रोजेक्ट की रणनीति तय करने के लिए 2021 में बनाया गया था।

फोरम में शामिल एक इजराइली अधिकारी ने एक्सियस को बताया कि महीनों से हो रही बातचीत में किसी देश ने चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन ये चीन को लेकर बनाया जा रहा है ये सब जानते हैं।

मिडिल ईस्ट में चीन के असर को कम करने के इस प्रोजेक्ट का आइडिया भी इजराइल ने दिया था। भारत की इंफ्रास्ट्रचर प्रोजेक्ट में एक्सपर्टीज को देखते हुए इसमें शामिल किया गया है।

अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार ने हिंट दिया

बाइडेन प्रशासन ने हाल की महीनों में सऊदी अरब को भी इस प्रोजेक्ट में जोड़ने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद दूसरे देशों की हामी के बाद उसे भी शामिल किया गया। वहीं, इजराइल इस प्रोजेक्ट से जुड़ी चर्चाओं में शामिल रहा है, हो सकता है कि आने वाले समय में वो भी इस प्रोजेक्ट से जुड़े। वहीं, अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने गुरुवार को वॉशिंगट में एक इंस्टिट्यूट में दी गई स्पीच में इस प्रोजेक्ट का हिंट दिया था। उन्होंने कहा था, आप मेरे भाषण से सब भूल सकते हैं, पर I2U2 को नहीं। आने वाले समय में आप इसके बारे में और भी चर्चाएं सुनेंगे। इंडियन एक्सप्ररेस की रिपोर्ट के मुताबिक चीन लगातार पश्चिमी एशिया में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। चीन की अगुआई में हाल ही में सऊदी अरब और ईरान के बीच समझौता हुआ उसने अमेरिका के साथ-साथ भारत को भी चौंका दिया। इस समझौते से पश्चिमी एशिया में भारत के हित भी प्रभावित हो सकते हैं। प्रोजेक्ट के तहत अगर गल्फ और अरब के बीच के रेलवर्क नेटवर्क को समुद्री मार्ग से दक्षिण एशिया से जोड़ा जाता है तो इससे भारत तक तेजी और कम लागत में तेल और गैस पहुंचेगी। इस कनेक्टिविटी से खाड़ी देशों में रहने वाले भारत के 80 लाख लोगों को भी फायदा होगा। दूसरी अहम बात ये होगी कि इससे भारत की रेलवे सेक्टर में एक इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल्डर के तौर पर ब्रांडिंग होगी। सरकार को लगता है कि भारत का अपने पश्चिम के पड़ोसियों के साथ कनेक्टिविटी पर पाकिस्तान की वजह असर पड़ा है। इससे उनके साथ रिश्ते बेहतर करने के लिए कई ओवरलैंड रूट बंद हो गए हैं। उदाहरण के लिए चाहबार (ईरान) , बंदर ए अब्बास (ईरान), दुक्म (ओमान), जेद्दाह (सऊदी अरब) और कुवैत सिटी। इस चुनौती से निपटने में अब नया रेलवे प्रोजेक्ट भारत की मदद करेगा।


तुर्की शिखर सम्मेलन में यूक्रेनी सांसद ने मारा रुसी प्रतिनिधि को घूंसा
:
MMNN:6 may 2023

रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच लंबे समय से तनाव की स्थिति रही है, पर पिछले एक साल से ज़्यादा समय से दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के चलते दोनों देशों के बीच हालात और बिगड़ गए हैं। दोनों देशों के बीच कड़वे संबंध जगजाहिर हैं। 24 फरवरी, 2022 को रुसी आर्मी द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद से दोनों देशों के बीच चल रहा युद्ध अभी भी जारी है। इस युद्ध की वजह से दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है। इसी तनाव के चलते हाल ही में यूक्रेन के सांसद ने रूस के एक प्रतिनिधि के साथ कुछ ऐसा किया जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है।

यूक्रेनी सांसद ने मारा रुसी प्रतिनिधि को घूंसा

तुर्की (Turkey) की राजधानी अंकारा (Ankara) में इस समय तुर्की शिखर सम्मेलन (Turkey Summit) चल रहा है। स सम्मेलन में ब्लैक सी इकोनॉमिक कोऑपरेशन (PABSEC) की 61वीं महासभा का भी आयोजन हुआ, जिसमें कई देशों के मंत्री, सांसद और दूसरे प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। तुर्की शिखर सम्मेलन में रूस और यूक्रेन की तरफ से भी लोग शामिल हुए हैं। इस सम्मेलन में दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति साफ दिखाई दी। पर कुछ ऐसा भी हुआ जिसकी उम्मीद शायद ही किसी ने की हो। तुर्की शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के सांसद ओलेक्ज़ेंडर मारिकोव्स्की (Oleksandr Marikovskyi) ने रूस के एक प्रतिनिधि को घूंसा जड़ दिया।

क्यों मारा यूक्रेनी सांसद ने रुसी प्रतिनिधि को घूंसा?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इस घटना का एक वीडियो शेयर किया गया है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि यूक्रेनी सांसद ओलेक्ज़ेंडर मारिकोव्स्की अपने हाथ में अपने देश का झंडा लिए खड़े हुए होते है। तभी एक रुसी प्रतिनिधि आकर यूक्रेनी सांसद के हाथ से यूक्रेन का झंडा छीन लेता है और वहाँ से जाने लगता है। ऐसे में यूक्रेनी सांसद उस रुसी प्रतिनिधि के पीछे जाते है और उसके मुंह पर घूंसा जड़ देते है और उसके हाथ से अपने देश का झंडा वापस ले लेते है। वहाँ मौजूद अन्य लोग दोनों को अलग करते हैं।

यूक्रेनी सांसद के रूसी प्रतिनिधि को घूंसा मारने का वीडियो वायरल हो गया है। इसके ट्वीट को 13 घंटे में ही 45 लाख लोग देख चुके हैं और वीडियो को अब तक 14 लाख व्यूज़ मिल चुके हैं। साथ ही इस पर अब तक 40,500+ लाइक्स, 7,584 रीट्वीट्स, 2,270 कोट ट्वीट्स और 3,590 रिप्लाईस आ चुके हैं। इतना ही नहीं, इस ट्वीट को अब तक 1,126 लोग बुकमार्क भी कर चुके हैं। इस पर लाइक्स, रीट्वीट्स, कोट ट्वीट्स, रिप्लाईस और बुकमार्क्स और भी बढ़ेंगे।


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड का वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल समाप्‍त होने की घोषणा की
:
MMNN:5 may 2023

विश्व स्वास्थ्य संगठन-डब्ल्यू.एच.ओ. ने कोविड-19 वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के समाप्‍त होने की घोषणा की है। डब्ल्यू.एच.ओ. का यह बयान महामारी की समाप्ति की दिशा में एक बड़ा कदम है। डब्ल्यू.एच.ओ. की अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम आपातकाल समिति ने कल कोविड महामारी पर चर्चा की।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने जनवरी 2020 में कोरोना वायरस के प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय स्‍तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के प्रमुख डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस अधनॉम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एक वर्ष से अधिक समय से महामारी के मामले कम हो रहे हैं। कोरोना वायरस से मृत्यु दर जनवरी 2021 में प्रति सप्ताह एक लाख से अधिक थी, जो इस वर्ष गिरकर 24 अप्रैल को मात्र साढे तीन हजार के आसपास आ गई। डॉ टेड्रोस ने कहा कि महामारी से कम से कम 70 लाख लोगों की मृत्‍यु हुई है। हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कोरोना वायरस अभी खत्‍म नहीं हुआ है और अपना स्‍वरूप बदल रहा है जिससे व‍ैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य जोखिम बना हुआ है।


शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक गोवा में शुरू, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संगठन महासचिव झांग मिंग के साथ बातचीत की
:
MMNN:4 may 2023

गोवा में शंघाई सहयोग संगठन-एस सी ओ के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए प्रतिनिधियों का गोवा पहुंचना शुरू हो गया है। रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावारोफ गोवा पहुंच चुके है। यह बैठक आज और कल होगी।

विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने आज सवेरे एससीओ महासचिव झांग मिंग के साथ बैठक की। उन्होंने एससीओ की अध्यक्षता के लिए भारत को समर्थन देने पर जनरल मिंग की सराहना की। डॉक्टर जयशंकर ने प्रमुख क्षेत्रों के रुप में स्टार्टअप, परंपरागत औषधि, युवा सशक्तिकरण, बौद्ध विरासत तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान देने की बात कही। चीन और पाकिस्तान समेत संघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने की संभावना है। डॉक्टर एस जयशंकर रुस और चीन के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। विदेश मंत्रियों की इस बैठक में भारत और अन्य सदस्य देशों को बहुपक्षीय सहयोग तथा विवादित मुद्दों पर चर्चा का मंच उपलब्ध होगा। शंघाई सहयोग संगठन आठ सदस्य देशों का बहुपक्षीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई में हुई थी। संगठन के सदस्य देशों में भारत, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रुस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान औऱ उज्बेकिस्तान शामिल हैं।


आज अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस मनाया जा रहा है
:
MMNN:1 may 2023

मज़ूदर आन्दोलन तथा श्रमिकों के बलिदान और संघर्ष की स्मृति में आज अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस मनाया जा रहा है। इसे मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है। मजदूर दिवस की शुरुआत 19वीं सदी के उत्तरार्ध में हुई, जब दुनियाभर के श्रमिकों ने बेहतर काम करने की स्थिति, उचित वेतन और कम काम के घंटे की मांग शुरू कर दी थी।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस भारत, क्यूबा और चीन सहित 80 से अधिक देशों में मनाया जाता है। दुनिया के विभिन्न भागों में इस दिन श्रमिकों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उन्हें शोषण से बचाने के लिए रैली निकाली जाती है।

भारत में पहला मजदूर दिवस 1 मई, 1923 को चेन्नई में मनाया गया था। पहले मई दिवस समारोह का आयोजन लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा किया गया था। कामकाजी लोगों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें शोषण से बचाने के लिए दुनियाभर में मजदूर दिवस मनाया जाता है। यह हमारे समाज में श्रमिक वर्ग द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की भी याद दिलाता है।


तीसरे सबसे बड़े वैश्विक स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में उभरा भारत - केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह
:
MMNN:29 April 2023

ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज लंदन ने कॉलेज में पढ़ने वाले भारतीय विद्यार्थियों के लिए चार लाख पौंड छात्रवृत्ति की घोषणा की है। इसमें से 50 प्रतिशत छात्रवृत्ति भारत की छात्राओं को दी जाएगी। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज इंपीरियल कॉलेज लंदन का दौरा किया और भारतीय विद्यार्थियों से बातचीत की। इंपीरियल कॉलेज लंदन एक सार्वजनिक शोध विश्वविद्यालय है। पिछले पांच वर्षों में इंपीरियल शिक्षाविदों ने 300 से अधिक भारतीय संस्थानों में भागीदारों से एक हजार 200 से अधिक शोध प्रकाशनों का सह-लेखन किया।

डॉक्‍टर सिंह ने इस अवसर पर कहा कि भारत तीसरे सबसे बड़े वैश्विक स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में उभरा है, जो 12 से 15 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है।



अमरीका और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के बीच ऐतिहासिक रक्षा समझौता हुआ
:
MMNN:27 April 2023

अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यु सुक येवोल ने एक ऐतिहासिक रक्षा समझौते पर मोहर लगा दी है। इसके अंतर्गत परमाणु हथियारों से लैस अमरीकी पनडुब्बियों को समय-समय पर दक्षिण कोरियाई क्षेत्रों में तैनात करने की योजना है। इसके साथ ही अमरीका अब उत्तर कोरिया के साथ किसी भी संघर्ष की स्थिति में परमाणु हथियारों के उपयोग की योजना में दक्षिण कोरिया को भी शामिल करने पर सहमत हो गया है। इसके बदले में दक्षिण कोरिया ने अपने परमाणु हथियार नहीं विकसित करने की रजामंदी दी है। कल वाशिंगटन में राष्ट्रपति युन के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि इस रक्षा समझौते को वाशिंगटन घोषणा पत्र का नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह समझौता उत्तर कोरिया के आक्रमण को रोकने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूती प्रदान करेगा।

इस बीच, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर कोरिया के खतरे को देखते हुए वाशिंगटन घोषणा-पत्र व्यापक प्रतिरोध की दिशा में अभूतपूर्व कदम है। इसके अंतर्गत अमरीका ने परमाणु हथियारों सहित अपनी सैन्य शक्ति के उपयोग से विरोधियों के आक्रमण को रोकने और मित्र देशों की सुरक्षा की वचनबद्धता व्यक्त की है। यह घोषणा-पत्र उत्तर कोरिया की ओर से परमाणु हमले की धमकियों को लेकर बढ़ती चिन्ता के बीच जारी किया गया है क्योंकि उत्तर कोरिया ने अब तक रिकार्ड संख्या में बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है।


दुबई में आयोजित ग्‍लोबल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग एक्जिबिशन- गेटेक्‍स में स्‍टडी इन इंडिया पैबेलियन का उद्घाटन
:
MMNN:26 April 2023

दुबई में आयोजित ग्‍लोबल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग एग्जिबिशन- गेटेक्‍स में स्‍थापित स्‍टडी इन इंडिया पवेलियन का उद्घाटन भारतीय महावाणिज्‍य दूत डॉक्‍टर अमन पुरी ने किया। सेवा निर्यात संवर्धन परिषद ने वाणिज्‍य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्‍य विभाग के सहयोग से इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।
संयुक्‍त अरब अमीरात में दुबई में विश्‍व व्‍यापार केंद्र में आयोजित गेटेक्‍स 2023 में लगी ये प्रदर्शनी 26 से 28 अप्रैल तक चलेगी। इस प्रदर्शनी में भारत के तीस से अधिक विश्‍वविद्यालय और भारतीय उच्‍च शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय संस्‍थाएं भाग ले रही हैं।
इस अवसर पर डॉक्‍टर अमन पुरी ने भारतीय संस्‍थाओं द्वारा वैश्विक विस्तार पर प्रसन्नता व्‍यक्‍त की। उनका यह भी कहना था कि भारत डाटा विज्ञान और साइबर सुरक्षा जैसी प्रौद्योगिकी में रूचि रखने वाले छात्रों का एक आदर्श केन्‍द्र बनता जा रहा है।



संकटग्रस्त सूडान में ऑपरेशन कावेरी के अन्तर्गत 278 भारतीयों का पहला जत्था स्वदेश के लिए रवाना
:
MMNN:25 April 2023

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कावेरी अभियान के अंतर्गत सूडान से भारतीयों को सुरक्षित लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट में कहा कि आईएनएस सुमेधा 278 लोगों को लेकर पोर्ट सूडान शहर से सऊदी अरब में जेद्दा के लिए रवाना हो गया है।
उन्होंने बताया कि आईएनएस तेग भी कावेरी अभियान में शामिल हो गया है। आईएनएस तेग अधिकारियों और सूडान में फंसे भारतीयों के लिए आवश्यक राहत सामग्री लेकर पोर्ट सूडान पहुंच गया है। प्रवक्ता ने बताया कि इससे पोर्ट सूडान शहर में दूतावास कैंप कार्यालय के निकासी प्रयासों में तेजी आएगी।
सूडान में तीन दिन का संघर्ष विराम लागू होने से विदेशी नागरिकों और स्थानीय लोगों को राजधानी खारतूम से जाने का मौका मिल गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगाह किया है कि खारतूम में जैविक खतरे का बहुत अधिक जोखिम है। संगठन की ये चेतावनी सूडान में एक गुट द्वारा खारतूम में प्रयोगशाला पर कब्जा करने के एक दिन बाद आई है। इस प्रयोगशाला में टीकाकरण के लिए खसरा और हैजा के जीवाणुओं को रखा गया है।
सूडान में सेना और अर्धसैनिक रेपिड सपोट फोर्स के बीच भीषण संघर्ष चल रहा है। दूतावासों और सहायता कर्मियों ने संघर्ष विराम समाप्त होने से पहले संघर्ष का विकल्प न मिलने पर नागरिकों के जीवन को लेकर चिंता जाहिर की है। सूडान में संघर्ष विराम बृहस्पतिवार को समाप्त हो रहा है। सूडान में 15 अप्रैल को शुरू हुए संघर्ष में कई लोग पड़ोसी देश चाड, मिस्त्र, इथोपिया, दक्षिण सूडान चले गए है। हवाई हमलों और गोला बारूद में अब तक पांच सौ से अधिक लोग मारे जा चुके है और चार हजार से अधिक लोग घालय हो गए है।


विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुयाना में भारतीय समुदाय से बातचीत की
:
MMNN:24 April 2023

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुयाना में कल शाम भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की। श्री जयशंकर ने इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गुयाना के उपराष्ट्रपति भरत जगदेव और स्पीकर मंजूर नादिर के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने भारत-गुयाना मैत्री वृक्ष भी लगाया और जॉर्जटाउन में महात्मा गांधी के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। विदेश मंत्री जयशंकर चार मध्य और दक्षिण अमेरिकी देशों की यात्रा पर हैं। पनामा में आज श्री जयशंकर वहां के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्री जयशंकर कल कोलंबिया पहुंचेंगे जहां वे सरकार, व्यापार और समाज के कई शीर्ष प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्री के रूप में यह उनकी पहली कोलंबिया यात्रा होगी।
चार देशों की यात्रा के अंतिम चरण में विदेश मंत्री इस महीने की 27 से 29 तारीख तक डोमिनिकन गणराज्य की यात्रा करेंगे। 1999 में दोनो देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। विदेश मंत्री जयशंकर की यह यात्रा 2022 में सैंटो डोमिंगो में भारतीय प्रवासी दूतावास की स्थापना के बाद हो रही है। श्री जयशंकर डोमिनिकन गणराज्‍य के विदेश मंत्री रॉबर्टो अल्वारेज़ के साथ भी विचार-विमर्श करेंगे। दोनों नेता औपचारिक रूप से भारतीय प्रवासी मिशन का उद्घाटन करेंगे।


विदेश मंत्री ने कल संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव से मुलाकात कर सूडान में बिगडते हालात पर चर्चा की
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MMNN:21 April 2023

विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस जयशंकर ने कल न्‍यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस से मुलाकात कर सूडान में बिगडते हालात पर चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि बातचीत का मुद्दा कूटनीतिक प्रक्रिया के माध्‍यम से संघर्षविराम करने पर केन्द्रित था। इस बीच संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव ने आज ईद-उल-फितर के अवसर पर तीन दिन के लिए सूडान में संघर्षविराम की अपील की। इससे संकटग्रस्‍त क्षेत्रों में फंसे लोगों को बाहर निकलने और चिकित्‍सा सुविधाएं प्राप्‍त करने में सहायता मिलेगी।
सूडान में चल रहे हिंसक सत्‍ता संघर्ष में अब तक लगभग तीन सौ तीस लोग मारे जा चुके हैं। यह संघर्ष पिछले सप्‍ताह में सूडान के सत्‍ताधारी सैन्‍य जुंटा के दो गठबंधन नेताओं के बीच शुरू हुआ था। खारतूम और दारफुर में सेना और अर्द्धसैनिक त्‍वरित सहायक बल- आर एस एफ के बीच शुरू हुई उग्र लडाई तीन साल पहले समाप्‍त हो चुकी थी। लेकिन हाल ही में नई सरकार बनाने के अंतर्राष्‍ट्रीय दबाव पर असहमति के बाद फिर से संघर्ष शुरू हो गया है।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कनाडा की रक्षामंत्री अनीता आनंद के साथ फोन पर बात की
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MMNN:19 April 2023

भारत और कनाडा रक्षा संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने और रक्षा को द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनाने पर काम करने पर सहमत हुए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कनाडा की रक्षामंत्री अनीता आनंद के साथ फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को विकसित करने के तरीकों पर चर्चा की, जो उनकी लोकतांत्रिक भावनाओं और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा के साझा हित को दर्शाएगा। श्री सिंह ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कनाडा की नौसेना की उपस्थिति में वृद्धि का स्वागत किया।
दोनों मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा प्रशिक्षण से लेकर रक्षा उद्योग में सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर भी चर्चा की। श्री सिंह ने भूमि और श्रम के प्रतिस्पर्धी मूल्‍यों तथा दो रक्षा औद्योगिक गलियारों के साथ भारत को एक आकर्षक रक्षा विनिर्माण स्‍थल के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कनाडा की रक्षा कंपनियों को भारत में निवेश और सह-उत्पादन करने के लिए भी आमंत्रित किया। सुश्री अनीता आनंद ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति और भारत के साथ संबंध बढ़ाने के महत्व के बारे में बताया।


जी-7 देशों ने बढ़ाई पुतिन की मुश्किलें, रूस पर लगाए जाएंगे और कड़े प्रतिबंध
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MMNN:18 April 2023

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसी को देखते हुए सात विदेश मंत्रियों के समूह ने यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को तेज करने का संकल्प लिया। बता दें कि जी-7 की बैठक मंगलवार को जापान में पूरी हो गई है। ये बैठक जापान के नागानो के करुइजावा में की गई।

रूस पर लगाए अत्याचार के आरोप

जी-7 के मंत्रियों ने मंगलवार को बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में कहा, 'हम रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को तेज करने, उनका समन्वय करने और उन्हें पूरी तरह से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध अपराधों और अन्य अत्याचारों जैसे नागरिकों और महत्वपूर्ण नागरिक बुनियादी ढांचे के खिलाफ रूस के हमलों के लिए कोई दंड नहीं हो सकता है।' मंत्रियों ने यूक्रेन के लिए अपना अत्यधिक समर्थन जारी रखने पर भी सहमति भी व्यक्त की।

चीन-ताइवान मुद्दा भी उठाया गया

जी-7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध के अलावा अन्य प्रमुख मुद्दें जैसे, चीन, ताइवान और तथाकथित वैश्विक दक्षिण देशों के साथ सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।

जी-7 शिखर सम्मेलन

जानकारी के लिए बता दें कि जापान के हिरोशिमा में 19 मई को जी-7 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच यूक्रेन के अलावा अन्य वैश्विक मुद्दों को उठाया जाएगा। इस बीच जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को जी-7 हिरोशिमा शिखर सम्‍मेलन में औपचारिक रूप से भी आमंत्रित किया है।


जापान के पीएम फुमियो किशिदा पर बम से हमला, बाल-बाल बचे
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MMNN:15 April 2023

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा पर जानलेवा हमला हुआ है। फुमियो किशिदा एक रैली को संबोधित कर रहे थे, तभी उन पर बम फेंका गया। बम एक पाइप जैसी वस्तु के रूप में था, जिसे उनकी तरफ फेंका गया। गिरने के बाद धमाका भी हुआ। इसे स्मॉक बम बताया जा रहा है। अच्छी बात यह है कि फुमियो किशिदा को उनके सुरक्षाकर्मियों ने बचा लिया।
द जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पूरा घटनाक्रम वाकायामा शहर का है। फुमियो किशिदा पूरी तरह सुरक्षित हैं। उनको रेस्क्यु करने का वीडियो सामने आया है। हमलावर को पकड़ लिया गया है। अभी यह साफ नहीं हुआ है कि हमला क्यों किया गया, लेकिन प्रधानमंत्री स्तर के नेता की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक गंभीर है।

ऐसे ही हुआ था पूर्व राष्ट्रपति शिंजो आबे पर हमला

जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे की जुलाई 2022 में पश्चिमी शहर नारा में हत्या कर दी गई थी। आबे चुनाव से पहले भाषण दे रहे थे, तभी उन्हें सीने और गर्दन में कई बार गोली मारी गई थी। तेत्सुया यामागामी के रूप में पहचाने गए एक संदिग्ध को घटनास्थल पर हिरासत में लिया गया था।


नया अध्यायः चीन के हस्तक्षेप से अरब दुनिया में गिर रही है शिया और सुन्नी की दीवार
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MMNN:13 April 2023

चीन की मध्यस्थता में सऊदी अरब और ईरान में राजनयिक संबंध सामान्य होने की ओर हैं। लेकिन गौर से देखें तो यह बदलाव सिर्फ सऊदी अरब और ईरान में संबंध बहाली का मसला नहीं है। पश्चिम एशिया में कई ऐसी हलचलें नजर आ रही हैं जो पूरी अरब दुनिया में नए अध्याय की कहानी लिखते नजर आ रहे हैं। इसकी एक बानगी तब मिली थी जब इजराइली सुरक्षा बलों ने कुछ फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों का पीछा करते हुए अल अक्सा मस्जिद के अंदर घुस कर कार्रवाई की थी।

अल-अक्सा मस्जिद पर एक हुए अरब देश

इजराइली पुलिस की कार्रवाई के बाद सभी अरब देशों ने एकजुट होकर इजराइल की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए चेतावनी जारी की है। अरब दुनिया के तीन अहम देश ईरान, तुर्की और सऊदी अरब भी इस मुद्दे पर एक साथ खड़े दिख रहे हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रैचप तैय्यप अर्देआन ने इस मुद्दे पर सभी इस्लामिक देशों को एकजुट होने की अपील की है। इस्लामिक देशों के संगठन (आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन-ओआईसी) ने इस मसले पर एक मीटिंग कर बयान जारी किया है। बयान का सख्त लहजा क्षेत्र में तनाव के साथ अरब देशों की एकजुटता का भी अंदाज देता है। बयान में ओआईसी ने इजराइल को हमलावर, कब्ज़ा करने वाला, आक्रमणकारी करार देते हुए कार्रवाई को बर्बर करार दिया है। बयान में इजराइल को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों, संयुक्त राष्ट्र के नियमों, संधियों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। चीन ने ये मुद्दा यून में भी उठाने की बात कही है।

फिर अरब लीग में शामिल होगा सीरिया

इस बदलाव की तस्वीर सीरिया में भी दिख रही है। लंबे समय से शिया समुदाय से आने वाले सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के साथ रूस और ईरान ही खड़े रहे हैं और अमरीका के मित्र सऊदी अरब के नेतृत्व में अरब देश इसके खिलाफ एकजुट एकजुट रहे हैं। लेकिन पश्चिम एशिया में जो अभी बयार बह रही है, उसमें ऐसा लग रहा है कि शिया और सुन्नी की दीवार भी गिर जाएगी. सऊदी अरब सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को 19 मई से रियाद में शुरू होने जा रहे अरब लीग समिट में बुलाने जा रहा है। जबकि 2011 में सीरिया को अरब लीग से बाहर कर दिया गया था। गौर करें, राष्ट्रपति बशर अल-असद शिया मुस्लिम हैं और सीरिया की बहुसंख्यक आबादी सुन्नी है।

यमन में भी शांति

ईरान और सऊदी की दोस्ती की असर यहां भी दिख रहा है। 2015 से यमन में सऊदी अरब और ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों की खूनी जंग चल रही है। अब इसका भी अंत होता दिख रहा है। आठ अप्रैल यानी शनिवार को सऊदी और ओमानी वार्ताकारों में बातचीत का पहला दौर शुरू हो चुका है। कहा जा रहा है कि ईद के पहले यमन में युद्ध के अंत की घोषणा हो सकती है। इससे जल्दी ही यमन के खिलाफ नाकाबंदी भी खत्म होगी ताकि उसे पोर्ट तक पहुँच मिले। सना का एयरपोर्ट खोला जाएगा। इसके बाद यमन से विदेशी सैनिकों की वापसी और कैदियों की रिहाई शुरू होगी।

अमरीका से दूर जा रही अरब दुनिया

सऊदी अरब के हाल के कई फैसलों को देखकर संकेत मिलता है कि वह अमरीका के इशारों पर काम करने के लिए तैयार नहीं है। सऊदी अरब अब बहुध्रुवीय दुनिया की बात कर रहा है। यूक्रेन रूस युद्ध के बीच सऊदी अरब ने चीन के साथ रूस से भी अपने करीबी संबंध बनाए हैं। कई मौकों पर अमरीका की परवाह किए बिना कच्चे तेल उत्पादन को कम करने के फैसले लिए हैं। कहा जा रहा है कि सऊदी अरब अपनी इस नई स्वतंत्र विदेशी नीति और कूटनीतिक प्रयासों के जरिए अगर क्षेत्रीय स्थिरता बहाल करने में कामयाब रहता है तो पश्चिम एशिया पर इसका गहरा असर पड़ेगा।

इराक में कार्रवाई से अमरीका के खिलाफ जनमत

कई एक्सपर्ट का मत है कि अमरीका ने जिस तरह से सामूहिक विनाश के हथियारों के नाम पर सद्दाम हुसैन के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई की थी, उससे पश्चिम एशिया में अमरीका के खिलाफ जनमत बना है। इराक में किए गए एक सर्वे में अधिकांश इराकी अमरीका की कार्रवाई को गलत मानते हैं और चाहते हैं कि अमरीका उनके देश से पूरी तरह निकल जाए।

ईरान और सऊदी में मौजूज हैं तनाव के बिंदु

सऊदी अरब और ईरान के बीच अब भी कई टकराव के बिंदु हैं। ईरान फलस्तीन में हमास का समर्थन करता है, सऊदी इसके विरोध में है। ईरान मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ भी दिखता है और सऊदी को यह पसंद नहीं है।

भारत के लिए भी चिंता

जानकारों का कहना है कि चीन जिस तैयारी के साथ पश्चिम एशिया में पांव जमा रहा है, उससे आने वाले दिनों में भारत के लिए कई तरह की मुश्किलें होंगी। इसलिए भारत को अब पश्चिम एशिया में नए सिरे से इजराइल जैसे देशों से अपने संबंध तय करने होंगे। भारत के यहां यूएई जैस मित्र देशों की संख्या बढ़ानी होगी, जो मुस्लिम देश पाकिस्तान की उपेक्षा करते हुए कश्मीर में निवेश कर रहा है।


धरती के करीब से गुजरेगा 110 फुट का एस्टेरॉयड, 23 हजार किमी है स्पीड, नासा ने दी जानकारी
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MMNN:10 April 2023

अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एस्टेरॉयड 2023 FT1 को लेकर चेतावनी दी है। यह क्षुद्रग्रह धरती के काफी करीब पहुंच जाएगा। यह एस्टेरॉयड 23 हजार 790 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। NASA के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज के मुताबिक Asteroid FT1 का आकार करीब 110 फीट चौड़ा है। यह आज (सोमवार) 74 लाख किमी की दूरी पर पृथ्वी के करीब पहुंचेगा।

नासा ने दी चेतावनी

वैज्ञानिक इस दूरी को पृथ्वी के नजदीक मानते हैं। इसलिए Asteroid FT1 को संभावित रूप से खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि एस्टेरॉयड के टकराने की संभावना नहीं है। हालांकि साइंटिस्ट इस क्षुद्रग्रह को तब तक मॉनिटर करेंगे, जबतक यह धरती के पास से गुजर नहीं जाता। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि यह एस्टेरॉयड अपोले ग्रुप से है।

कितने एस्टेरॉयड की हो चुकी है खोज?

नासा के अनुसार, सौर मंडल के सभी ग्रह सूरज का चक्कर लगाते हैं, ठीक उसी तरह क्षुद्रग्रह भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। अभी तक वैज्ञानिक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टेरॉयड की खोज कर चुके हैं।

एस्टेरॉयड का अध्ययन वैज्ञानिक क्यों करते हैं

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का प्लेनेटरी डिफेंस कोऑर्डिनेशन ऑफिस टेलीस्कोपों की मदद से सौरमंडल में मौजूद क्षुद्रग्रह पर नजर रखता है। इनका अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक पैन-स्टार्स और कैटालिना स्काई समेत कई भू-आधारित टेलीस्कोप का इस्तेमाल करते हैं। सौरमंडल और ग्रहों की स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक एस्टेरॉयड का अध्ययन करते हैं।


अरुणाचल प्रदेश की जगहों पर चीन के दावे के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान, कहा - 'हमेशा भारत का अहम हिस्सा था और रहेगा'
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MMNN:4 April 2023

अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के मामले में चीन (China) लंबे समय से अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हाल ही में एक बार फिर चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करते हुए राज्य की कई जगहों के नए नाम जारी कर दिए। हालांकि भारत (India) कभी भी चीन की इस तरह की हरकतों से दबा नहीं है। चीन की हाल ही में की गई इस हरकत के जवाब में देश के विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए चीन को कठोर जवाब दिया है।

अरुणाचल प्रदेश है भारत का अहम और अटूट हिस्सा

चीन की हरकत पर विदेश मंत्रालय की तरफ से अरिंदम बागची ने बयान देते हुए कहा है, "हमने रिपोर्ट्स देखी हैं। यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने ऐसी हरकत की है। हम चीन की इस कोशिश को सिरे से नकारते हैं। अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अहम और अटूट हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। नए नाम देना इस सच्चाई को कभी भी नहीं बदलेगा।

क्या है मामला?

हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे को दिखाने के लिए चीनी, तिब्बती और पियरीन अक्षरों में राज्य की 11 जगहों के नए नामों की एक लिस्ट जारी की है। चीन ने इन नामों को माननीकृत बताया है और इन्हें चीन की स्टेट काउन्सिल द्वारा जारी किया गया है। चीन की तरफ से अरुणाचल प्रदेश के 2 भूमि क्षेत्रों, 2 आवासीय क्षेत्रों, 5 पर्वत चोटियों और 2 नदियों को नए नाम दिए गए हैं। चीन की तरफ भी जारी किया गया है। इस नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को दक्षिणी तिब्बती क्षेत्र के अंदर दिखाया है।


ब्रिटेन के प्रिंस हैरी ने रॉयल फैमिली पर फोन हैकिंग छिपाने का आरोप लगाया
30 March 2023
ब्रिटेन के प्रिंस हैरी ने रॉयल फैमिली पर फोन हैकिंग छिपाने का आरोप लगाया है। हैरी समेत कई सेलेब्रिटीज ने डेली मेल और एसोसिएटेड न्यूजपेपर्स (ANL) के प्रकाशकों के खिलाफ प्राइवेसी उल्लंघन मामले में केस दर्ज करवाया है। इसी केस की सुनवाई के दौरान हैरी ने कहा कि उनके परिवार को फोन टैपिंग की जानकारी थी। लेकिन कोर्ट केस से बचने के लिए उन्होंने इसे छिपाकर रखा। हैरी के मुताबिक इससे प्रशासन के गलत काम सामने आ जाते।
हैरी ने आरोप लगाया कि उसके अपने परिवार ने उससे प्राइवेसी उल्लंघन की जानकारी छिपाई और ब्रिटिश न्यूजपेपर इंडस्ट्री से नहीं उलझने को कहा। रॉयल फैमिली ने हैरी के सामने परिवार के फैसले को मानने की शर्त रखी थी। हैरी के मुताबिक उन्हें इस बात कुछ सालों पहले पता चला जब उन्होंने मामले में दूसरी लीगल टीम से सलाह की।

डेली मेल, द मिरर सहित कई मीडिया ग्रुप्स पर मुकदमा

प्रिंस हैरी के अलावा ब्रिटिश-जमाइकन कैंपेनर डोरेन लॉरेंस, पॉपस्टार एल्टन जॉन, एक्ट्रेस एलिजाबेथ हर्ले सहित कई सेलेब्रिटीज ने भी मीडिया ग्रुप्स पर प्राइवेसी उल्लंघन मामले में केस दर्ज किया है। इनमें द सन की पेरेंट कंपनी न्यूज ग्रुप न्यूजपेपर्स, द मिरर, डेली मेल, एसोसिएटेड न्यूजपेपर्स शामिल हैं। इन मीडिया हाउस पर साल 1993 से 2018 तक कई बार गैर-कानून तरह से प्राइवेट प्रॉपर्टी में दाखिल होने, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स और मेडिकल रिकॉर्ड चुराने और फोन टैप करने का आरोप है।

हैरी ने कहा- ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहे पत्रकार

केस की सुनवाई के लिए 27 मार्च को हैरी अचानक लंदन हाईकोर्ट पहुंचे। उन्होंने कहा- मैंने ये मुकदमा दर्ज किया क्योंकि अगर देश की बड़ी न्यूजपेपर कंपनियां न्याय होने से रोक सकती हैं तो मेरे हिसाब से ये देश बर्बाद हो गया है। मैं अपने देश से बहुत प्यार करता हूं और यहां पावर के गलत इस्तेमाल को देखकर चिंतित हूं। मैंने जो सबूत पेश किए हैं उससे साबित होता है कि एसोसिएटेड कंपनी के पत्रकार अपराधी हैं और अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इस सच को जनता के सामने लाना मेरा कर्तव्य है।

2006 में सामने आया था फोन-हैकिंग घोटाला

न्यूजपेपर कंपनी ANL ने इन आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया। कंपनी ने कहा कि उसके ऊपर लगे आरोपों के कोई पुख्ता सबूत मौजूद नहीं हैं। उसे ब्रिटेन के फोन-हैकिंग स्कैंडल में घसीटने की कोशिश की जा रही है। ब्रिटेन का फोन-हैकिंग घोटाला पहली बार 2006 में सामने आया था। तब रूपर्ट मुर्डोक की कंपनी न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के जर्नलिस्ट्स पर रॉयल फैमिली के सदस्यों, कई सेलेब्रिटीज और मर्डर केसेज में पीड़ितों के फोन टैप करने के आरोप लगे थे। इसके बाद ये कंपनी बंद हो गई थी।

डॉक्यूमेंटरी और किताब से रिश्ते और बिगड़े

प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल के 2020 में राजशाही छोड़ते ही ब्रिटेन के राजपरिवार से रिश्ते खराब हो गए थे। फिर नेटफलिक्स पर आई प्रिंस हैरी की डॉक्यूमेंटरी और उसके बाद उनकी किताब 'स्पेयर' ने दोनों पक्षों के बीच विवाद को और बढ़ा दिया। किताब और डॉक्यूमेंटरी में प्रिंस हैरी ने कई तरह से राज परिवार की आलोचना की है।
ब्रिटेन के शाही परिवार को छोड़ कर अमेरिका में बस चुके प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन मर्केल को कड़े मतभेदों के बाद भी किंग चार्ल्स अपनी ताजपोशी में बुलाएंगे। इसकी जानकारी खुद प्रिंस हैरी ने दी है। उन्होंने एक बयान जारी किया है। इसमें बताया है कि उन्हें किंग चार्ल्स की ताजपोशी में बुलावे के लिए मेल आया है।

खालिस्तान का झंडा लगाकर अपमानजक बातें लिखीं, महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़ी भारत ने 2012 में तोहफे में दी थी
24 March 2023
विदेशों में खालिस्तानियों की भारत विरोधी गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब खालिस्तान के समर्थकों ने कनाडा में महात्मा गांधी की मूर्ति को तोड़ दिया और उस पर स्प्रे पेंट से भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लिखे। रिपोर्ट्स के मुताबिक खालिस्तानियों ने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति पर कई अपमानजनक बातें भी लिखीं हैं।
घटना गुरुवार की बताई जा रही है। महात्मा गांधी की मूर्ति पर खालिस्तानियों ने अपना झंडा भी लगाया। इस 6 फीट ऊंची मूर्ति को साल 2012 में भारत की सरकार ने तोहफे के रूप में कनाडा को दिया था। जिसे वहां के ओंटारियो प्रांत के हेमिल्टन शहर के सिटी हॉल में लगाया गया था।
गुरुवार को महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़ने का मामला तब सामने आया है जब कनाडा की सरकार खालिस्तानियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का आश्वसन दे चुकी है। दरअसल, कनाडा के शहर ओटावा में गुरुवार को खालिस्तानियों ने एक प्रदर्शन किया था। इसमें प्रदर्शनकारियों ने एक भारतीय पत्रकार के साथ अभद्रता भी की थी।
खालिस्तानियों के प्रदर्शन के चलते भारतीय राजदूत को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में होने वाले प्रोग्राम में जाने का प्लान कैंसिल करना पड़ा था। जिसके बाद कनाडा के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर आश्वसन दिया था कि वो खालिस्तानियों के उपद्रव के खिलाफ सख्त एक्शन लेंगे।
लंदन में रविवार को भारतीय हाई कमीशन में तिरंगे के अपमान के बाद खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भी इंडियन कॉन्स्यूलेट पर हमला किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- रविवार को यहां भी खालिस्तान समर्थक जुटे। इन लोगों ने स्प्रे पेंट्स से अमृतपाल को रिहा करो.. लिख दिया। इन लोगों ने कॉन्स्यूलेट के गेट्स तोड़ दिए। वहां खालिस्तान के झंडे लगा दिए थे।
वहीं, लंदन स्थित भारतीय हाई कमीशन के बाहर तिरंगे का अपमान करने वाले खालिस्तानी समर्थक अवतार सिंह खंडा को ब्रिटेन में गिरफ्तार कर लिया गया। खंडा प्रतिबंधित ग्रुप बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का सदस्य है। वहीं पंजाब में चल रही जांच में भी सामने आ रहा है कि खंडा ही अमृतपाल का हैंडलर है।
खंडा पाकिस्तान में छिप कर बैठे BKI के प्रमुख सदस्य परमजीत सिंह पम्मा का खास है। पम्मा के आदेश पर खंडा ने अमृतपाल सिंह को पंजाब में खालिस्तान मिशन के लिए तैयार किया। इसके बाद जॉर्जिया में अमृतपाल की ट्रेनिंग हुई। अमृतपाल ने यहां सिख धर्म की जरूरी बातें सीखीं। अमृतपाल के भारत वापस आने पर सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए उसे युवाओं में पॉपुलर किया गया।

बांग्‍लादेश के दो बड़े बंदरगाहों का प्रयोग कर सकेगा भारत, दोस्‍ती में शुरू हुई नई पहल.
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MMNN:20 March 2023

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चटगांवऔर सिलहट में देश के बंदरगाहों का इस्तेमाल करने की भारत को पेशकश की है। उन्‍होंने कहा कि इससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी तथा लोगों के बीच परस्पर संपर्क बढ़ेगा। चटगांव बांग्लादेश का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के निकट होने के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। ढाका ट्रिब्यून अखबार ने प्रधानमंत्री हसीना के हवाले से कहा, यदि भारत चाहे तो वह हमारे चटगांव और सिलहट बंदरगाहों का इस्तेमाल कर सकता है।
इंडिया फाउंडेशन’ के राम माधव ने रविवार को हसीना के आधिकारिक आवास गणभवन में उनसे मुलाकात की थी जिस दौरान प्रधानमंत्री ने यह पेशकश की। प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि इस कदम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी तथा लोगों के बीच परस्पर संपर्क बढ़ेगा। खबर के अनुसार, माधव के साथ बातचीत में हसीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपना शुभकामना संदेश भी भेजा।
माधव ने हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश की सामाजिक-आर्थिक वृद्धि की सराहना की। खबर में उनके हवाले से कहा गया है, 'पड़ोसी देश होने के नाते बांग्लादेश और भारत में शानदार मित्रता है और उम्मीद है कि भविष्य में भी यह रिश्ता बरकरार रहेगा।' हसीना के डिप्‍टी प्रेस सेक्रेटरी केएम शखावत मून ने भी इस बारे में मीडिया को जानकारी दी।
दो अहम बंदरगाहों की पेशकश से पहले भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने शेख हसीना के साथ 18 मार्च को नॉर्थ बंगाल के सिलीगुड़ी में एक पाइपलाइन का उद्घाटन भी किया है। बांग्‍लादेश के दिनाजपुर प्रांत के पारबतीपुर में स्थित यह पाइपलाइन 131.5 किलोमीटर लंबी है। इसे भारत-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन (IBFPL) का नाम दिया गया है। पाइपलाइन के उद्घाटन के समय भी हसीना ने भारत को बांग्लादेश का 'सच्चा दोस्त' करार दिया था। उन्‍होंने कहा था कि वो इस दोस्‍ती को आगे बढ़ाना चाहती हैं।


बीबीसी दफ्तरों पर आयकर सर्वे मामले पर बोला अमेरिका, लोकतंत्र को मजबूत करता है मुक्त प्रेस :
-वॉशिंगटन. BBC Income Tax Survey एक एजेंसी के अनुसार, दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के दफ्तरों में दूसरे दिन बुधवार को भी इनकम टैक्स सर्वे जारी है। मंगलवार को इस मामले पर अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया में कहाकि, जानकारी है, लोकतंत्र को मजबूत करता है मुक्त प्रेस।
BBC Income Tax Survey बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित आफिस में 14-15 फरवरी की रात तक आयकर विभाग का सर्वे जारी रहा। और एक एजेंसी के अनुसार, दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के दफ्तरों में दूसरे दिन बुधवार को भी इनकम टैक्स सर्वे जारी है। इस मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी अपनी राय रखी। IT सर्वे पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहाकि, हम भारतीय कर अधिकारियों द्वारा दिल्ली में BBC कार्यालयों की तलाशी के बारे में जानते हैं। मैं और अधिक व्यापक रूप से कहूंगा कि, हम दुनियाभर में स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समर्थन करते हैं। बीबीसी पर इंटरनेशनल टैक्स में गड़बड़ी का आरोप है। वाशिंगटन में अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने दैनिक प्रेस ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा, इस खोज के विवरण के लिए मुझे आपको भारतीय अधिकारियों के पास भेजने की आवश्यकता होगी। इस कार्रवाई से परे, मानवाधिकारों के रूप में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता का महत्व, जो दुनियाभर में लोकतंत्र को मजबूत करने में योगदान देता है, उसे हाईलाइट करना जारी रखेंगे। ये सार्वभौमिक अधिकार दुनियाभर के लोकतंत्रों की आधारशिला हैं। प्राइस ने आगे कहा, हम इन खोजों के तथ्यों से अवगत हैं, लेकिन मैं निर्णय देने की स्थिति में नहीं हूं।
जानकारी लेने के बाद वापस होंगी जब्त वस्तुएं सूत्रों के अनुसार बीबीसी के दफ्तर में जांच के दौरान कार्यालय में मौजूद सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए थे। साथ ही अकाउंट डिपार्टमेंट में रखे कम्प्यूटर को भी स्कैन किया गया। सूत्रों के अनुसार, बताया जा रहा है कि, जरूरी जानकारी एकत्र करने के बाद सभी चीजें लोगों को हैंडओवर कर दी जाएंगी।


न्यूज़ीलैंड में 6.1 तीव्रता के भूकंप से कांपी धरती, सुनामी का खतरा नहीं :
न्यूज़ीलैंड में चक्रवात गैब्रिएल से पहले ही लोग परेशान चल रहे हैं। इसी बीच आज देश में भूकंप का झटका महसूस किया गया। भूकंप का झटका कुछ देर पहले ही न्यूज़ीलैंड में महसूस किया गया।
न्यूज़ीलैंड (New Zealand) में पहले से ही चक्रवात गैब्रिएल (Cyclone Gabrielle) से लोग परेशान चल रहे हैं। इस चक्रवात से अभी तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और अभी भी इसका खतरा कम नहीं हुआ है। इसी बीच एक और प्राकृतिक आपदा आज न्यूज़ीलैंड में देखने को मिली। देश में आज बुद्धवार, 15 फरवरी को भूकंप के झटके से धरती कांप उठी। लोकल समयानुसार यह भूकंप शाम करीब 7.38 बजे आया। यानि की भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 12:08 बजे। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.1 दर्ज की गई।
रिपोर्ट के अनुसार न्यूज़ीलैंड में आए इस भूकंप से धरती करीब 30 सेकंड्स तक कांपी। कई लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की। यह भूकंप वेलिंगटन (Wellington) के नॉर्थ वेस्ट में लोअर हट (Lower Hutt) के पास परापराउमु (Paraparaumu) में आया। भूकंप की गहराई करीब 76-78 किलोमीटर रही।


तुर्की-सीरिया में मौत का आंकड़ा 41 हजार पार, 212 घंटे बाद बुजुर्ग को मलबे से सुरक्षित निकाला. :
Turkey Syria Earthquake: तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के बाद इमारतों के मलबे से शवों के निकलने का सिलसिला जारी है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों में मलबे से 40 हजार से ज्यादा के शवों को निकाला जा चुका है। बचावकर्मी तबाही के दो सौ घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी लोगों के जीवित मिलने की कुछ उम्मीद में मलबा हटाने के काम में लगे हैं।
तुर्की और सीरिया में छह फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप से तबाही मची हुई है। शक्तिशाली भूकंप ने कई शहरों के बर्बाद कर दिया। दोनों देशों में मलबे से 41 हजार से ज्यादा के बॉडी निकाली जा चुकी है। इमारतों के मलबे से शवों के निकलने का सिलसिला जारी है। दुनिया भर से आए बचावकर्मी लगातार लोगों को ढूंढने में जुटे हुए हैं। हालांकि स्थिति भयावह होने के चलते मदद हर किसी तक तत्काल नहीं पहुंच पा रही है। वहीं संयुक्त राष्ट्र की ओर से बताया गया है कि सीरिया में रेस्क्यू ऑपरेशन बंद होने जा रहा है।
तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक 41 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दक्षिण-पूर्वी तुर्की और उत्तरी सीरिया में 6 फरवरी को नौ घंटे के अंतराल पर आए 7.8 और 7.5 तीव्रता के भूकंप से मरने वालों की संख्या 41 हजार को पार हो गई है। दमिश्क में सीरियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बचाव समूह व्हाइट हेल्मेट्स के अनुसार, विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में मृतक संख्या 2,166 तक पहुंच गई है, जबकि 1,414 लोग सरकारी कब्जे वाले क्षेत्रों में मारे गए हैं। सीरिया में मरने वालों की कुल संख्या 5,814 है।
तुर्की में भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए दिन रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। भूकंप प्रभावित तुर्की में बचावकर्मी तबाही के 200 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी लोगों के जीवित मिलने की कुछ उम्मीद में मलबा हटाने के काम में लगे हैं। इसी बीच 212 घंटे बाद 77 वर्षीय एक व्यक्ति को मलबे से सुरक्षित निकाला गया। सहायता एजेंसियों और सरकारों ने तुर्की और सीरिया के भूकंप प्रभावित हिस्सों में मदद भेजने के लिए अभियान तेज कर दिया है।


वॉशिंगटन : भारत को अमेरिका से मिला नाटो देशों के समान दर्जा, रक्षा संबंधों में फायदा होगा :
-वॉशिंगटन. अमेरिकी संसद ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पास किया। इसके मुताबिक भारत को भी नाटो देशों जैसा दर्जा मिलेगा। इससे दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा। अब तक साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और जापान को यह दर्जा प्राप्त था।


द. कोरिया : ट्रम्प ने इवांका और पोम्पियो को मंच पर बुलाया, कहा- ब्यूटी एंड बीस्ट से मिलिए :
- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प रविवार को दो दिन के दक्षिण कोरिया के दौरे पर थे। इस दौरान भी वे अपने मजाकिया अंदाज में नजर आए। प्योंगटेक में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपनी बेटी इवांका ट्रम्प और अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को मंच पर बुलाया और दोनों को ब्यूटीफुल कपल बताया। हालांकि, उन्होंने इवांका को ब्यूटी और माइक को बीस्ट बताया।


यूएई : दुबई की राजकुमारी हया बच्चों और 271 करोड़ रु. के साथ देश से फरार, जर्मनी से शरण मांगी : रिपोर्ट :
- दुबई. अरबपति शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की छठी पत्नी राजकुमारी हया बिन्त अल हुसैन ने देश छोड़ दिया है। हया करीब 271 करोड़ रुपए और अपने दो बच्चों के साथ फरार हो गईं हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हया फिलहाल लंदन में छिपी हैं। रानी हया जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला की सौतेली बहन हैं।


दक्षिण अफ्रीका- सूडान के राष्ट्रपति बशीर पर गिरफ्तारी का संकट :
- सूडान के राष्ट्रपति उमर अल-बशीर पर गिरफ्तारी का संकट आ गया है। बशीर अफ्रीकी संघ के दो दिवसीय सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका में हैं। बशीर को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने 2009 में दारफुर नरसंहार मामले में युद्ध अपराध का दोषी ठहराया था। आईसीसी के प्रमुख ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका को चाहिए कि वह सूडान के राष्ट्रपति को गिरफ्तार करे।


पाकिस्तान - अंतरराष्ट्रीय एनजीओ ' सेव द चिल्ड्रन' पर लगे प्रतिबंध को हटाया :
- पाकिस्तान ने रविवार को अपने उस आदेश को निलंबित कर दिया जिसमें उसने अंतरराष्ट्रीय एनजीओ 'सेव द चिल्ड्रन' पर प्रतिबंध लगा दिया था। माना जा रहा है अमेरिका के दबाव की वजह से उसे ऐसा करना पड़ा। संस्था पर आरोप
था कि वह राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल है। इसके बाद 11 जून को संस्था का कामकाज प्रतिबंधित कर ऑफिस सील कर दिया गया था।

जर्मनी - आर्मी बेस कैंप में दबा हुआ है हिटलर का खजाना, कीमत 5 अरब रु. :
-हिटलर का खजाना जर्मनी के एक आर्मी बेस कैंप के नीचे दबा हुआ है। यह दावा है हॉलैंड के एक पत्रकार सिरिल विस्लर का। हालांकि, इस खजाने को लेकर सभी अनुमान और अटकलें गलत निकली हैं। नाजी शासन के दौरान लूटी गई सोने की छड़ें,जेवरात और विदेशी मुद्रा का सबसे बड़ा खजाना द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद गायब हो गया था। इसकी कीमत 5 अरब रुपए आंकी गई है।



काबुल में गुरुद्वारे पर फिदायीन हमला, 4 श्रद्धालुओं की मौत; तालिबान ने कहा- इससे हमारा कोई लेनादेना नहीं
25 March 2020
काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकियों ने बुधवार को एक गुरुद्वारे को निशाना बनाया। फिदायीन हमला सुबह 7.30 बजे हुआ, तब यहां सिख समुदाय के सैकड़ों लोग प्रार्थना के लिए जुटे थे। धमाके में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इसके बाद सुरक्षाबलों ने गुरुद्वारे की घेराबंदी कर जवाबी कार्रवाई की। अभी किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। बता दें कि अफगानिस्तान में करीब 300 सिख परिवार रहते हैं। इनकी संख्या काबुल और जलालाबाद में अधिक है। इन्हीं दो शहरों में गुरुद्वारे भी हैं।
कानूनविद नरिंद्र सिंह खालसा ने बताया कि उनके पास गुरुद्वारे से फोन आया था। कॉल करने वाले ने कहा कि गुरुद्वारे में 150 से ज्यादा लोग मौजूद हैं। चार लोग मारे जा चुके हैं। आतंकी गुट तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट किया- इस हमले से संगठन का कोई लेनादेना नहीं है। हमने कोई हमला नहीं किया।
पिछले साल आईएसआईएस ने किया था हमला
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिखों और हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर आए दिन हमले होते रहते हैं। इसके पहले 2018 में राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात करने जा रहे हिंदुओं और सिखों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था। इसमें 19 सिख और हिंदु मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने ली थी। इन हमलों से सिख और हिंदु समुदाय डरा हुआ है। बड़ी संख्या में सिखों और हिंदुओं ने देश छोड़ने का फैसला कर लिया है। तीन सालों में काफी पीड़ितों ने भारत से शरण मांगी है।

WHO समेत पूरी दुनिया की नजर भारत पर टिकी, चेचक, पोलियो के बाद अब कोरोना से छिड़ी जंग
24 March 2020
जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उम्मीद जताई है कि भारत दो साइलेंट किलर चेचक और पोलियो जैसी बीमारियों को खत्म करने वाली अपनी भूमिका को दोहराते हुए वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ आक्रमक कार्रवाई करेगा. कोरोनावायरस संक्रमण के चलते दुनिया भर में अब तक 16 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. डब्ल्यूएचओ के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर माइकल जे. रयान ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस महामारी का भविष्य काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत और चीन जैसे घनी आबादी वाले देश इस अभूतपूर्व स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए क्या करते हैं.
रयान ने कहा, "भारत बेहद आबादी वाला देश है. इस महामारी का भविष्य काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि घनी आबादी वाले देशों में क्या होता है. यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य स्तर पर आक्रामक कार्रवाई करे, और समाज के स्तर पर इस बीमारी को नियंत्रित कर लोगों की जान बचाए.
" उन्होंने आगे कहा, "भारत ने दो साइलेंट किलर चेचक और पोलियो जैसी बीमारियों को खत्म करने के लिए विश्व का नेतृत्व किया था. भारत ने अच्छा काम करके बीमारियों को खत्म कर दुनिया को एक बेहतरीन उपहार दिया था. भारत में जबरदस्त क्षमता है."
गौरतलब है कि रयान की यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान में भारत ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देशभर में सख्त लॉकडाउन किया है.

कोरोना वायरस पर WHO के इस अधिकारी ने दिया बड़ा बयान, लॉकडाउन को एकमात्र उपाय समझना नाकाफी
24 March 2020
नई दिल्ली: अगर आप समझ रहे हैं कि कोरोना वायरस (Corona Virus) से बचाव के लिए लॉकडाउन सही कदम है तो आप गलत भी हो सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहकर सबको चौंका दिया है कि शहरों और देशों को सिर्फ लॉकडाउन करके ही कोरोना वायरस से बचाने वाला उपाय नाकाफी है. उन्होने जो तर्क दिया है वो हम सभी को सोचने पर मजूबर कर सकता है.
लॉकडाउन क्यों नहीं है नाकाफी
WHO के सीनियर इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रेयान (Mike Ryan) का कहना है कि सरकारों द्वारा सिर्फ लॉकडाउन करके कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने का प्रयास करने से कुछ नहीं होने वाला. उनका कहना है कि लॉकडाउन के बाद जब सभी शहरों को राज्यों को खोल दिया जाएगा तो इससे आम जनता की भीड़ अचानक से सार्वजनिक स्थानों पर उमड़ पड़ेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेयान का कहना है कि अगर सही और कड़े कदम नहीं लिए गए तो कोरोना वायरस एक ब्रेक के बाद ज्यादा आक्रामकता से लोगों पर हमला कर सकता है.
3.81 लाख से ज्यादा लोग है प्रभावित
जॉन हॉपकिंस की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से 3,81 लाख लोग संक्रमित हो चुके है. इनमें से 16,559 लोग अब तक दम तोड़ चुके हैं. लेकिन इसके साथ ही एक अच्छी बात ये है कि अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बावजूद 1.01 लाख लोग ठीक भी हो चुके हैं.
दुनिया के ज्यादातर देशों ने कर रखा है लॉकडाउन
जानकारों का कहना है कि दुनिया के ज्यादातर कोरोना संक्रमित देशों ने लॉकडाउन कर दिया है. इटली, ईरान, अमेरिका और तमाम यूरोपीय देशों ने आम लोगों को घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी है.

जब कोरोना से निपटने के लिए जूझ रहा चीन, तब पड़ोसी देश बेफ्रिक होकर कर रहा मिसाइल टेस्ट
21 March 2020
प्योंगयांग: उत्तर कोरिया ने शनिवार को छोटी दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलों को उत्तर प्योंगन प्रांत से पूर्वी सागर में दागा है. समाचार एजेंसी योनहाप दक्षिण कोरिया के 'ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ' के हवाले से यह जानकारी दी. देश ने ये मिसाइल परीक्षण ऐसे समय में किया है, जब दुनिया कोरोनावायरस महामारी से जूझ रही है.
बीबीसी के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में 'फायरिंग ड्रिल' के हिस्से के रूप में कई मिसाइल दागे थे. अमेरिका और चीन ने उत्तर कोरिया से परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम खत्म कर फिर से वार्ता पर लौटने का आह्वान किया है.
दक्षिण कोरिया की सेना ने शनिवार को कहा कि वह स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. उत्तर कोरिया द्वारा यह घोषणा करने के बाद कि वह 10 अप्रैल को सुप्रीम पीपल्स असेंबली (देश की संसद) का सत्र आयोजित करेगा, इसके बाद मिसाइल प्रक्षेपण किया गया है. विश्लेषकों का कहना है कि इस बैठक में लगभग 700 नेता शामिल होंगे.

कोविड-19 : पाकिस्तान को 58 करोड़ डॉलर की मदद देगा एडीबी और विश्व बैंक
21 March 2020
इस्लामाबाद: कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) के पास फंड की कमी हो गई है. पैसों की कमी को पूरा करने के लिए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और विश्व बैंक (World Bank) से 58.8 करोड डॉलर की मदद की मांग की है. कोविड-19 से लड़ने के लिए पाकिस्तान को कर्ज देने वाली दो एजेंसियों के मुखिया के साथ गुरुवार को हुई बैठक में इसकी घोषणा की गई थी.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार एक आधिकारिक बयान में ये सामने आया है कि कोविड-19 जैसी आपात स्थिति और इसके साथ जुड़े सामाजिक एवं आर्थिक व्यवधान को दूर करने के लिए एडीबी और विश्व बैंक पाकिस्तान की मदद करेंगे. पाकिस्तान को 23.8 करोड डॉलर की मदद विश्व बैंक देगा जबकि एडीबी 35 करोड डॉलर पाकिस्तान को प्रदान करेगा.
गुरुवार को आयोजित हुई इस बैठक में "पाकिस्तान राष्ट्रीय आपातकालीन तैयारी एवं कोविड-19 के लिए प्रतिक्रिया योजना" को भी मंजूरी दी गई. बताते चलें कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस का प्रसार लगातार बढ़ रहा है. यहां शुक्रवार तक संक्रमण की वजह से दो लोग अपनी जान गवां चुके हैं, जबकि संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 453 तक पहुंच गई है. पाकिस्तान में सिंध प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां देश के सबसे ज्यादा 245 मामले सामने आए हैं.

कोरोना वायरस की वजह से स्पेन के 2 खेल पत्रकारों की मौत
21 March 2020
नई दिल्ली: कोराना वायरस (Coronavirus) का कहर पूरी दुनिया में बरकरार है. अब इस बीमारी की वजह से स्पेन में 2 खेल पत्रकारों की मौत हो गई है. इंटरनेशनल स्पोर्ट्स प्रेस एसोसिएशन (AIPS) के मुताबिक 59 साल के जोस मारिया कैनडेला (Jose Maria Candela) और 78 साल के थॉमस डिएज वाल्डेस (Tomas Diaz-Valdes) की इस खतरनाक बीमारी की वजह से मौत हो गई. जोस रेडियो नेशनल डे स्पेन (RNE) के लिए काम करते थे और थॉमस मोटरप्वाइंट नेटवर्क एडिटर्स (Motorpoint Networks Editores) के डायरेक्टर जनरल थे. इसके साथ ही वो 30 साल तक स्पेन के अखबार एएस के रिपोर्टर भी थे.
आरएनई ने ट्विटर पर जानकारी दि कि जोस का निधन कोरोना वायरस की वजह से हुआ है. वो अपने घर में अकेले मृत पाए गए. जोस के दोस्त और एआईपीएस के सदस्य प्रिटो ने कहा कि शुक्रवार को उनका मेडिकल टेस्ट होना था. लेकिन इससे पहले ही वो खत्म हो गए. उन्होंने कहा, "वो कमजोर महसूस कर रहे थे, लेकिन उनकी जांच आज (शुक्रवार) को होनी थी. वो यहां स्पेन में जांच नहीं कर रहे हैं। उनके भाई ने आखिरी बार उनसे बात की थी."

चीन से लौटे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, इतने दिन तक आइसोलेशन में रहेंगे
19 March 2020
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए अपने आपको समाज से अलग-थलग करते हुए अपने घर में ही आइसोलेशन में चले गए हैं. चीन से लौटने के तुरंत बाद कुरैशी ने एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया है. एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार कुरैशी बीजिंग की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा करके लौटे हैं.
कुरैशी पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी व अन्य अधिकारियों के साथ चीन के दो दिवसीय दौरे पर थे. कुरैशी ने इस्लामाबाद स्थित अपने घर पर अपने आपको आइसोलेट कर लिया है. विदेश मंत्री कुरैशी ने एक बयान में कहा है कि उन्हें स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह सलाह दी है.
पाकिस्तान में कोरोना तेजी से फैल रहा है. अब तक यहां कोरोना के 249 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं और यह संख्या बढ़ने की आशंका है. उन्होंने चीन जाने से पहले अपना टेस्ट कराया था और चीन पहुंचकर उनका दोबारा टेस्ट हुआ था. टेस्ट के बाद ही वह चीन के कार्यक्रमों में हिस्सा ले पाए थे.
कुरैशी ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल को बताया कि वह 5 दिनों तक खुद को आइसोलेशन में रखेंगे. इसके बाद वह फिर से टेस्ट कराएंगे और अगर उनका टेस्ट नेगेटिव आया तभी वह बाहर निकलेंगे.
पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित पाकिस्तान का सिंध प्रांत है. वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि कोरोना से बचने के लिए देश के बड़े शहरों को बंद नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसका नकारात्मक असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है. उनका कहना है कि अगर शहर बंद कर दिए गए तो गरीबी में रह रहे लोग कोरोना से तो बच जाएंगे मगर भूख से मर जाएंगे.

बांग्लादेश में मिले कोरोना के 3 नए मरीज, संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर हुई 17
19 March 2020
ढाका: कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनियाभर में हाहाकार मचा रखा है. महामारी बच चुके इस वायरस से अब तक कई लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. दिन-प्रतिदिन संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस वायरस ने बांग्लादेश (Bangladesh) में भी अपने पैर पसारने शुरू दिए हैं. गुरुवार को बांग्लादेश में तीन नए कोरोना वायरस मरीजों की पुष्टि हुई है. जिसके बाद देश में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 17 हो गया है.
नए मरीजों में वायरस की पुष्टि महामारी विज्ञान, रोग नियंत्रण और अनुसंधान संस्‍थान (आईईडीसीआर) ने की है. वायरस की पुष्टि होने के बाद तीनों मरीजों को इलाज के लिए आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. बताते चलें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 30 जनवरी 2020 को कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया था.
WHO की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार ये वायरस 166 देशों में फैल चुका है. वहीं 207,860 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. जबकि 8,657 लोगों की मौत हो चुकी है. सिर्फ भारत में ही अबतक 151 मामलें सामने आ चुके हैं. जबकि तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है.

सिंगापुर एयरपोर्ट पर भारतीय छात्र फंसे, मदद के लिए आगे आए सीएम उद्धव
19 March 2020
मुंबई: कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के चलते कुछ भारतीय छात्र सिंगापुर एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं. ये छात्र फिलीपींस से चले थे. मलेशियाई सरकार ने इन्हें सिंगापुर एयरपोर्ट भेजा लेकिन अब उन्हें भारत लौटने का कोई साधन नहीं मिल रहा है. एयरपोर्ट पर फंसे इन छात्रों ने एक वीडियो जारी कर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. ज़ी न्यूज पर खबर दिखाए जाने के बाद महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे छात्रों की मदद के लिए आगे आए हैं.
सिंगापुर में फंसे छात्रों को मुंबई सकुशल लाने के लिए सीएम उद्धव ठाकरे ने खुद सिंगापुर के भारतीय दूतावास से संपर्क किया है. वो लगातार दूतावास के संपर्क में बने हुए हैं. सीएम ने एक छात्रा से बात कर उसे मदद का भरोसा दिलाया है. सीएम उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर प्रदेश के लोगों से अनुरोध किया कि भीड़भाड़ वाले इलाके में न जाएं. जरूरी न होत तो घर से न निकलें. जितना हो सके घर पर रहकर ही अपने काम निपटाएं. उन्होंने कहा कि मेरी पीएम मोदी से फोन पर बात हुई है और उन्होंने महाराष्ट्र को मदद का आश्वासन दिया है. उन्होंने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि सरकार से कोई भी जानकारी न छुपाएं.केन्द्र सरकार से पूरी मदद मिल रही है पीएम मोदी और केन्द्रीय स्वाथ्य मंत्री से लगातार बातचीत हो रही है.
सीएम ने कहा कि सरकारी कर्मचारी , डॉक्टर, नर्स, डब्बावाले लगातरा आपके लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिंगापुर मे फंसे छात्रों से भी बात की है. मुंबई में बाहर से आए लोगों से कोरोना वायरस फैला है. सरकार की तरफ से दी जा रही सूचना का पालन करें और कोरोना के रोकथाम में हमारी सहायता करें. उन्होंने कहा कि खाने-पीने के सामानों की कोई कमी नहीं है लोग परेशान ना हों और अफवाहों पर ध्यान न दें. हम सब मिलकर इस संकट को मात देंगे.
छात्रों ने जारी किया था वीडियो
छात्रों ने वीडियो जारी कर भारत सरकार से कहा, हमारी मदद कीजिए ताकि हम जल्द से जल्द यहां से निकल सकें. हम पहले से ही डेढ़ दिन से बाहर हैं, अभी स्थिति और खराब होती जा रही है. जितनी जल्दी हो सके हमें यहां से निकालिए. हम अलग-अलग देशों से हैं. हमें पता नहीं है कि कौन इंफेक्टेड है और कौन नहीं. हमारी मदद करें हम यहां थक गए हैं.' बताया जा रहा है कि इनमें महाराष्ट्र के कुछ छात्र भी हैं.
बंद रहेंगी दुकानें
कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में दिख रहा है. यहां अब तक 41 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है. एहतियात के तौर पर मुंबई के कुछ इलाकों में दुकानें बंद रखने का आदेश भी जारी कर दिया गया है. कुछ इलाकों में एक-एक दिन दुकान खुलेंगे. मुंबई में धारा 144 लगा दी गई है.
डब्बावालों ने बंद की सर्विस
मुंबई के डब्बा वालों ने 31 मार्च तक के लिए अपनी सर्विस बंद रखने का निर्णय लिया है. आज से डिब्बा वाले दफ्तरों में खाना पहुंचाते नजर नहीं आएंगे. आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकरा ने मुंबई में प्राइवेट कंपनियों को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा देने को कहा है. ताकि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
स्कूल-कॉलेज, मंदिर सब बंद
मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में स्कूल-कॉलेजों को 31 मार्च तक के लिए पहले ही बंद किया जा चुका है. सिद्धिविनायक, मुंबा देवी और शिरडी समेत महाराष्ट्र के सभी बड़े मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है.

चीन में नहीं थम रहा कोरोना का तांडव, मरने वालों की संख्या 3237 हुई
18 March 2020
बीजिंग: चीन (China) में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां COVID-19 के प्रकोप के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,237 हो गई है, जबकि एशियाई देश में कन्फर्म मामलों की संख्या बढ़कर 80,894 हो गई है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 11 नई मौतों और 13 नए कन्फर्म मामलों की जानकारी दी.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, सभी मौतें हुबेई प्रांत में हुई हैं.
वहीं, मंगलवार को भी 21 नए संदिग्ध मामले सामने आए. ठीक होने के बाद कुल 922 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि गंभीर मामलों की संख्या 208 घटकर 2,622 हो गई. चीन में कुल कन्फर्म मामलों की संख्या मंगलवार रात तक 80,894 तक पहुंच गई, जिनमें 8,056 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है, 69,601 को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है और 3,237 लोग जान गंवा चुके हैं.
आयोग ने कहा कि संक्रमित लोगों के निकट संपर्क में आए 9,222 लोग अभी भी चिकित्सा निगरानी में हैं. मंगलवार को 1,014 लोगों को चिकित्सा निगरानी से छुट्टी दे दी गई.
हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एसएआर) में चार मौतों सहित 167 कन्फर्म मामलों की जानकारी है, जबकि मकाऊ एसएआर में 13 कन्फर्म मामले और ताइवान में एक मौत सहित 77 कन्फर्म मामले हैं.
हांगकांग में 92, मकाऊ में 10 और ताइवान में 22 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है.

चीन ने अमेरिका से लिया बदला, तीन अमेरिकी पत्रकारों को किया देश से बाहर
18 March 2020
बीजिंग: चीन ने बुधवार यानि 18 मार्च को अमेरिका (America) के तीन पत्रकारों को देश से बाहर निकाल दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट और वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकारों को 10 दिनों के अंदर अपने मीडिया पास वापस करने के आदेश दिए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से कोरोना को चीनी वायरस कहने के बाद चीन ने ये सख्त कदम उठाया है. पिछले कुछ सालों में विदेशी मीडिया पर चीन की तरफ से की गई ये सबसे कठोर कार्रवाई मानी जा रही है. चीन के इस कदम ने दो महाशक्तियों के बीच जारी तनाव को और बढ़ा दिया है.
चीन ने वॉइस ऑफ अमेरिका, द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉल स्ट्रीट जर्नल, द वॉशिंगटन पोस्ट और टाइम मैगजीन से कहा है कि वह चीन में मौजूद अपने कर्मचारियों, संपत्तियों, कामकाज और रियस एस्टेट प्रॉपर्टी के बारे में लिखित में जानकारी दे. इसके अलावा चीन ने एक बयान में कहा है कि उन्हें हांगकांग और मकाओ सहित चीन के किसी में हिस्से में बतौर पत्रकार काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. बता दें कि हाल ही में अमेरिका ने चीन की सरकारी मीडिया के लिए यही नियम लागू किए थे.
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ट्वीट करके कोरोना वायरस को चीनी वायरस करार दिया था. जिसपर चीन सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी. तीन पत्रकारों को बाहर करने पर चीन ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने फैसला लिया है कि वह चीन के सरकारी मीडिया से जुड़े चुनिंदा पत्रकारों को ही अपने देश में रहने की इजाजत देगा.
चीन ने कार्रवाई को बताया जवाबी
चीनी के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी मीडिया संस्थानों पर की गई कार्रवाई को जवाबी करार कार्रवाई करार दिया है. उसका कहना है कि अपने मीडिया संस्थानों के खिलाफ अमेरिका की कार्रवाई के बदले में वह इस कदम को उठाने पर मजबूर हुआ है. वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन को इस कदम पर विचार करने के लिए कहा है.

कैदियों की रिहाई को लेकर फंसा पेंच, तालिबान ने बातचीत खत्म करने की दी धमकी
18 March 2020
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति अशरफ गनी के एक सलाहकार वहीद उमर ने कहा है कि तालिबान से बातचीत शुरू होने और देश में हिंसा की घटनाओं में कमी आने के बाद ही तालिबान के कैदियों को धीरे-धीरे रिहा किया जाएगा. वहीद उमर के सोमवार को दिए बयान कहा कि इन 2 शर्तो को मानने के बाद ही तालिबान के कैदियों की रिहाई संभव है.
वहीद उमर ने कहा, "हम तालिबान के कैदियों की सूची की समीक्षा कर रहे हैं. एक साथ 5,000 कैदियों को रिहा करना संभव नहीं है. हर एक कैदी को किस अपराध के लिए कैद किया गया है, हम उन अपराधों के बारे में जानने का प्रयास कर रहे हैं. इसमें समय लगेगा."
वहीं दूसरी तरफ तालिबान ने धीरे-धीरे कैदियों की रिहाई की अफगानिस्तान सरकार की योजना को खारिज कर दिया और कहा कि यदि एक साथ सभी 5,000 कैदियों को नहीं छोड़ा जाता तो वह वार्ता नहीं करेंगे.
राष्ट्रपति अशरफ गनी के आदेश के मुताबिक पहली बारी में कुछ कैदियों को 14 मार्च को रिहा किया जाना था लेकिन अब प्रक्रिया में देरी हो रही है.

कोरोना वायरस ने स्पेन और इटली में मचाई तबाही, एक दिन में 468 से ज्यादा लोगों की मौत
16 March 2020
मैड्रिड: कोरोना वायरस (Corona Virus) ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया हुआ है. एएफपी के मुताबिक स्पेन में रविवार को कोरोना से संबंधित 2000 नए मामले सामने आए हैं. बीते 24 घंटों में यहां 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इटली के बाद स्पेन दूसरा यूरोपीय देश है जहां कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है.
वहीं कोरोना की वजह से इटली में एक दिन में 368 लोगों की मौत हुई है. यहां अब तक कुल 1809 लोगों की मौत कोरोना की चपेट में आने की वजह से हुई है.
स्पेन में कोरोना से पीड़ित लोगों की संख्या 7753 हो गई है. यहां अब तक कुल 288 लोगों की मौत हो चुकी है. इससे पहले स्पेन सरकार देशव्यापी बंद का ऐलान कर चुकी है. लोगों के घर से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. लोगों को केवल काम पर जाने, मेडिकल केयर लेने और खाना खरीदने के लिए बाहर जाने की अनुमति दी गई है.
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में मौत का आंकड़ा बढ़कर 6,036 हो गया है और 1,59,844 लोग इस वायरस से पीड़ित हैं. चीन में सबसे ज्यादा 3,199 मौतें हुई हैं.

कोरोना वायरस का खौफ! चीन में सार्वजनिक शौचालय में 10 दिन की बच्ची को छोड़ चली गई मां
16 March 2020
बीजिंग: दुनिया में कोरोना वायरस (coronavirus) का खतरा बढ़ता जा रहा है. लोगों में इस बीमारी का खौफ इतना ज्यादा है कि वह इससे बचने के लिए कुछ भी करने को तैयार है. ऐसा ही एक मामला चीन (China) के सिचुआन प्रांत में आया है. जहां एक 10 दिन बच्ची को किसी ने सार्वजनिक शौचालय (public toilet) में छोड़ दिया है. बच्ची (baby) के बदन पर कपड़े नहीं थी और वह ठंठ से ठिठुर रही थी.
सार्वजनिक शौचालय में पड़ी इस बच्ची को एक राहगीर ने देखा और उसने तुरंत पुलिस और प्रशासन को इसकी जानकारी दी. पुलिस और प्रशासन की टीम बच्ची को मियानयांग शहर के कोरोना क्वारंटीन सेंटर लेकर गई जहां बच्ची के सभी मेडिकल टेस्ट हुए.
फिलहाल बच्ची को एक अनाथलाय में रखा गया है जहां बच्ची को देखने रोज काफी लोग आ रहे हैं. प्रशासन का कहना है कि अगर बच्ची कोरोना वायरस से पीड़ित पाई गई तो इसका पूरा इलाज किया जाएगा.
पुलिस का कहना है कि उन्हें शक है कि कोरोना वायरस से पीड़ित कोई महिला बच्ची को छोड़ गई. पुलिस-प्रशासन का कहना है कि उन्होंने बच्ची का डीएनए सैंपल लिया है जिसकी मदद से वह इसके मां-बाप को खोजने की कोशिश करेंगे.
वैसे चीन में एक बच्चे के नियम के कारण भी कई माता-पिता अपने दूसरे बच्चे को जन्म के बाद छोड़कर चले जाते हैं. चीन में अगर कोई माता-पिता अपने बच्चे को कहीं छोड़ दें तो कानून के तहत उन्हें पांच साल की जेल की सजा दी जाती है.

कराची में हिंदू दंपति का अपहरण, किडनैपिंग के खिलाफ हिंदुओं का सड़क पर प्रदर्शन
13 March 2020
कराची: पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यक समुदाय पर अत्याचार की घटनाएं आए दिन होती रहती हैं. पाकिस्तान से हिंदू व सिक्ख लड़कियों का अपहरण करके जबरन निकाह करवाया जाता है. अब पाकिस्तान के कराची में एक हिंदू दंपति का अपहरण कर लिया गया है. बुधवार को इसके खिलाफ स्थानीय हिंदुओं ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया.
बता दें कि कराची में एक हिंदू दंपति 3 दिनों से लापता है. इसके विरोध में बुधवार को कराची में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई. हिंदू समुदाय के लोगों का कहना है कि आरोप लगाया कि दबंग महिला ने हिंदू समुदाय से संबंध रखने वाले दोनों पति-पत्नी का अपहरण करवा दिया है. किडनैप हुए दंपति को कराची से नवाबशाह ले जाया गया है.
दरअसल राजा रोहताश नाम का शख्स कराची महानगर निगम में एक सफाई कर्मचारी है जो इस दबंग महिला के घर पर काम करता था. दबंग महिला ने पहले राजा रोहताश पर कीमती सामान चुराने का आरोप लगाया और फिर उसकी जमकर पिटाई की. जब रोहताश की पत्नी पोपल दारो उसे बचाने के लिए पहुंची तो दबंग महिला ने उसे भी बुरी तरह पीटा.
गौरतलब है कि पाकिस्तान में नवंबर 2019 से लेकर जनवरी 2020 तक केवल 3 महीनों के दौरान करीब 50 हिंदू और सिक्ख लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं सामने आईं. इनमें से ज्यादातर मामलों में सरकार, स्थानीय प्रशासन या पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
खास बात यह है कि इस ताजा घटनाक्रम में सुर्खियां बटोरने के लिए पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के नेता भी इस घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं. हिंदू समुदाय के विरोध प्रदर्शन में इमराना खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सांसद शहजाद कुरैशी और राजा अजहर खान सहित अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी हिस्सा लिया.
हिंदू समुदाय का कहना है कि राजा रोहताश को शुरुआत के 2 दिन बंगले में ही रखा गया और उसे वहां बहुत प्रताड़ित किया गया. ये भी हो सकता है रोहताश और उसकी पत्नी रक झूठे मामले दर्ज किए गए हों. मगर उनके परिजनों को दंपति के ठिकाने के बारे में नहीं बताया जा रहा है.

पैर पसारता कोरोना वायरस, कतर में एक दिन में बढ़े Kovid-19 के 238 मामले
12 March 2020
दोहा: कतर (Qatar) में केवल एक दिन के अंतराल में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमित मामलों की संख्या में 238 की बढ़ोतरी हो गई. देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. कतर के अखबार द पेनिनसुला ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि बुधवार को अपने एक बयान में मंत्रालय ने घोषणा की कि ये नए मामले वो हैं जो पहले तीन मामले सामने आने के बाद से निगरानी में थे.
बुधवार के बयान में मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोरोनावायरस संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने की संभावना उन लोगों में पहले से ही थी जो संक्रमित लोगों के संपर्क में थे.
द पेनिनसुला कतर की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने कहा "समुदाय के सभी सदस्यों को आश्वस्त किया जाना चाहिए कि जिन लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है, उनकी स्थिति अच्छी है और संक्रमणकारी बीमारियों के लिए बने केन्द्र में अच्छी चिकित्सा देखभाल पा रहे हैं. " मंत्रालय के लोग अपनी और पूरे समुदाय की इस वायरस से बचाव के लिए जरूरी उपाय कर रहे हैं.
अब तक कतर में इस वायरस के कारण किसी व्यक्ति की मौत की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन शैक्षणिक संस्थाएं बंद हो गई हैं, सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं, जिसमें मोटो जीपी भी शामिल है. कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते एहतियात के तौर पर 14 देशों के यात्रियों को प्रतिबंधित कर दिया गया है.

कोरोना वायरस: डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोप से अमेरिका की यात्रा पर लगाई 30 दिनों के लिए रोक
12 March 2020
वॉशिंगटन: कोरोना वायरस ( Corona virus) के बढ़ते प्रकोप के चलते ब्रिटेन को छोड़कर यूरोप (Europe) के बाकी देशों से अमेरिका तक की सभी यात्रा को निलंबित कर दिया गया है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के चलते ब्रिटेन को छोड़कर यूरोपीय देशों से अमेरिका तक की सभी यात्रा को 30 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है.
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एकता दिखाने की अपील करते हुए कहा, "मीडिया को चाहिए कि वह वर्तमान स्थिति को एकता और ताकत दिखाने के रूप में देखे. वास्तव में दुनिया सहित हमारा एक आम दुश्मन है, 'कोरोनावायरस'. हमें यथासंभव जीतना जल्दी हो सके, इसे सुरक्षित रूप से हरा देना चाहिए."
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "अमेरिकी नागरिकों के जीवन और सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण मेरे लिए कुछ भी नहीं है!"
कोरोना वायरस महामारी घोषित
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नोवल कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया है, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस पर कार्रवाई करने का आह्वान किया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गुटेरेस के एक संदेश के हवाले से कहा, "आज की महामारी की घोषणा सभी के लिए कार्रवाई का आह्वान है. सभी राष्ट्रों और लोगों को एकजुट होकर जिम्मेदारी लेनी चाहिए."
हालांकि, भय के खिलाफ उन्होंने चेताते हुए कहा, "जैसा कि हम वायरस से लड़ रहे हैं ऐसे में हम डर को वायरल नहीं होने दे सकते." उन्होंने सभी देशों की सरकारों से इस संदर्भ में तुरंत काम करने और अपने प्रयासों को बढ़ाने के साथ ही उचित भूमिका निभाने का भी आह्वान किया.

WHO ने कोरोना को महामारी घोषित किया, भारत सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
12 March 2020
नई दिल्ली: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO)ने कोरोना वायरस (Corona Virus)को महामारी घोषित कर दिया है. कोरोना से बचाव के लिए भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. भारत ने विदेश से आने वाले यात्रियों के वीजा सस्पेंड कर दिए हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार ने भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि यदि जरूरत न हो तो विदेश यात्रा से बचें. बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के अब तक 60 मरीजों की पुष्टी हो चुकी है. दुनियाभर में कोरोना से अब तक 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
अब भारत आने के लिए केवल राजनायिकों और यूएन कर्मचारियों को ही वीजा दिया जाएगा. इनके अलावा सभी के वीजा सस्पेंड कर दिए हैं. विदेश से आने वाले यात्रियों के वीजा 15 अप्रैल तक के लिए सस्पेंड कर दिए गए हैं. यह रोक ओसीआई कार्डधारकों पर भी जारी रहेगी.
एयर इंडिया ने 28 मार्च इटली और 25 मार्च तक दक्षिण कोरिया की सभी उड़ानें रद्द की.
कोरोना वायरस: खतरे और रोकथाम के प्रयासों की मंत्रियों के समूह ने की समीक्षा
कोरोना वायरस के व्‍यापक खतरे को देखते हुए मंत्रियों के समूह (GOM) ने उच्‍च स्‍तरीय समीक्षा की. इसकी निगरानी और रोकथाम के लिए की जा रही तैयारियों के प्रबंधन का जायजा लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन के नेतृत्‍व में इस GOM का गठन किया गया था.
इसके तहत मंत्रियों के समूह के समक्ष देश में कोरोना वायरस के खतरे के संबंध में एक प्रेजेंटेशन पेश किया गया. अभी तक इसकी रोकथाम के लिए क्‍या प्रबंध किए गए हैं, इस बारे में भी बताया गया. वैश्विक हालात के मद्देनजर सरकार की तरफ से जो ट्रेवल एडवाइजरी जारी की गई हैं, उसके बारे में जानकारी दी गई. गौरतलब है कि 10 मार्च को भी सरकार की तरफ से ऐहतियात के रूप में दो एडवाइजरी जारी की गई हैं.
इसमें जिक्र किया गया कि जिन यात्रियों ने हाल में चीन, हांगकांग, दक्षिण कोरिया, जापान, इटली, थाइलैंड, सिंगापुर, ईरान, मलेशिया, फ्रांस, स्‍पेन और जर्मनी की यात्रा की है, उनको बेहद सावधानी बरतते हुए स्‍वदेश आने की तिथि से 14 दिनों तक खुद को बाकियों से अलग रखना चाहिए. कंपनियों को भी ऐसे कर्मचारियों को घर से ही काम करने की सुविधा उपलब्‍ध करानी चाहिए.
इसमें ये भी बताया गया कि इनके समेत कुल 12 देशों से आने वाली सभी फ्लाइट के यात्रियों की यूनिवर्सल स्‍क्रीनिंग की जा रही है. इसके साथ ही ये भी कहा गया कि सभी राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ये सलाह दी गई है कि लोगों की सघन जांच के साथ उनको रोकथाम, लक्षण के विषय में जागरूक किया जाना चाहिए और इसके लिए हेल्‍पलाइन नंबर जारी किए जाने चाहिए.

काबुल में धमाका, कम से कम 10 लोग घायल
27 February 2020
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल के पुलिस डिस्ट्रिक्ट छह में बुधवार दोपहर को धमाका हो गया. भारी मात्रा में विस्फोटक एक मोटरबाइक में लदे हुए थे. इस धमाके में कम से कम 10 लोग बुरी तरह से घायल हो गए.
घटनास्थल पर मौजूद शख्स ने नाम न उजागर करने की शर्त पर समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, "मैंने 10 घायल लोगों को देखा, जो खून से लथपथ पड़े थे. मोटरबाइक में विस्फोट स्थानीय समयनुसार 3.30 बजे हुआ था."
बता दें कि इस घटना पर काबुल में मौजूद सुरक्षा अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है. सभी सुरक्षा अधिकारी मीडिया के सामने बयान देने से बच रहे हैं.

सोमालीया सेना का आतंकवादियों के खिलाफ बड़ा एक्शन, अब तक इतनों को किया ढेर
27 February 2020
मोगादिशू: दक्षिणपश्चिमी स्टेट फोर्स द्वारा समर्थित द सोमाली नेशनल आर्मी(एसएनए) ने दिनसोर शहर में एक अभियान में अल-शबाब (Al-Shabab) के सात आतंकवादियों को मार गिराया है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दिनसोर के गवर्नर आब्दी सलाम सिडोह ने पत्रकारों से कहा कि क्षेत्र में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना सेना को मिलने के बाद हमने एक संयुक्त अभियान चलाया.
सिडोह ने कहा, "सेना ने आतंकवादियों पर हमला किया. उन्होंने हमें चुनौती पेश की, लेकिन आखिरकार हम उनपर काबू पाने में सफल हुए." उन्होंने कहा, "हम अब शहर में हैं और आतंकवादी यहां से भाग गए हैं. हमने अभियान में सात आतंकवादियों को मार गिराया." स्थानीय निवासियों ने बताया कि सरकारी सेना ने शहर में अल शबाब के आतंकवादियों पर हमला किया.

पाकिस्तान सरकार ने इस पूर्व प्रधानमंत्री को किया भगोड़ा घोषित, दी ये वजह
27 February 2020
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में सत्तारूढ़ इमरान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की जमानत अवधि को बढ़ाने से इनकार करते हुए उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है. सरकार ने जमानत की शर्तो का 'उल्लंघन' करने पर यह फैसला किया है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया.
प्रधानमंत्री की सूचना प्रसारण मामलों की सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा, "नवाज शरीफ लंदन (London) के किसी भी अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट पेश नहीं कर सके. इसके बाद मेडिकल बोर्ड ने उनके द्वारा भेजे गए मेडिकल सर्टिफिकेट को खारिज कर दिया और सरकार ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है. अब कानून के हिसाब से नवाज शरीफ एक भगोड़े हैं और अगर वह देश नहीं लौटे तो उन्हें घोषित अपराधी करार दे दिया जाएगा."
अवान ने यह नहीं साफ किया कि शरीफ को कैसे कानूनन एक भगोड़ा घोषित किया जाएगा. लेकिन, यह माना जा रहा है कि पंजाब प्रांत की सरकार इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad Highcourt) में इस बारे में अर्जी लगाएगी कि अदालत तय करे कि उन्हें भगोड़ा या घोषित अपराधी करार दिया जाए या नहीं.
गौरतलब है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग(नवाज) के नेता नवाज शरीफ भ्रष्टाचार के मामलों में जेल में बंद थे. उनकी सेहत बहुत बिगड़ने के बाद उन्हें इलाज के लिए विदेश जाने की इजाजत देते हुए अदालत ने उनकी जमानत मंजूर की थी. बीते साल 29 अक्टूबर को उन्हें आठ हफ्ते की जमानत दी गई. उनकी जमानत अवधि खत्म हो चुकी है.

रॉकेट हमलों के बाद इजरायल ने गाजा के सभी रास्ते किए बंद, मछली पकड़ने पर लगाई रोक
26 February 2020
जेरूशलम: इजरायल (Israel) ने कहा है कि गाजा-इजरायल सीमा के निकट रॉकेट हमले होने के बाद वह गाजा पट्टी जाने वाले सभी मार्गो को बंद कर रहा है और उसने फिलिस्तीन के तटीय क्षेत्र में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजापट्टी में इजरायल सरकार की गतिविधियों के मुख्य समन्वयक कामिल अबु रुकोन ने कहा, "गाजा और इजरायल के बीच मार्गो को सोमवार रात से अगला अगला आदेश आने तक बंद रखा जाएगा."
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि उनके कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि जरूरी वस्तुओं को लाने ले जाने वाले मार्ग केरेम शालोम क्रॉसिंग को महत्वपूर्ण मानवीय उपकरणों के अतिरिक्त अन्य सभी वस्तुओं के परिवहन के लिए बंद कर दिया जाएगा. इससे पहले अबु रुकोन ने एरेज क्रॉसिंग को बंद करने की घोषणा की थी. यह कब्जे वाले क्षेत्र और इजरायल के लोगों के लिए आने-जाने का एकमात्र मार्ग है.
इजरायल ने इसके साथ-साथ गाजा के तट पर मछली पकड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे आर्थिक रूप से विपन्न क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और खाद्य संसाधन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है. अबु रुकॉन ने कहा कि इजरायल ने यह कदम गाजा में विद्रोहियों द्वारा दक्षिण इजरायल पर दर्जनों रॉकेट दागने के बाद उठाया है.

डोनाल्‍ड ट्रंप और पीएम मोदी के बीच होंगे 3 अरब डॉलर के रक्षा समझौते
25 February 2020
नई दिल्‍ली: भारत यात्रा के दूसरे दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप का आज सुबह सबसे पहले राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया. इस मौके पर सेना के तीनों अंगों की मिली जुली टुकड़ी ने ट्रंप को 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया. इसके साथ ही उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई. इस मौके पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति का स्वागत किया. उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैदराबाद हाऊस में उनकी मुलाकात जारी है. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीन अरब डॉलर के रक्षा समेत कई व्‍यापारिक समझौते होने की उम्‍मीद है.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका मंगलवार को दिल्ली में तीन अरब डॉलर के दो रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर करेंगे. रक्षा सौदे भारतीय नौसेना के लिए 24 एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों और सेना के लिए छह एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टरों की बिक्री से संबंधित हैं.
सोमवार को गुजरात पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति ने अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में कहा, "हम अपने रक्षा सहयोग को निरंतर आगे बढ़ाते रहेंगे. अमेरिका भारत को विश्व के ग्रह के सर्वश्रेष्ठ और सर्वाधिक घातक सैन्य उपकरण प्रदान करने के लिए तत्पर है. हम सबसे अच्छे हथियार बनाते हैं और हम अब भारत के साथ सौदा कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मंगलवार को हमारे प्रतिनिधि भारतीय सैन्य बलों के लिए तीन अरब डॉलर से भी अधिक के विक्रय सौदे पर हस्ताक्षर करेंगे, जिनमें अत्याधुनिक सैन्य हेलीकॉप्टर और अन्य सैन्य उपकरण शामिल हैं." ट्रंप की भारत यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने 19 फरवरी को 24 एमएच-60 'रोमियो' नौसैनिक बहु-मिशन हेलीकाप्टरों को 2.12 अरब डॉलर और छह एचएच -64ई अपाचे हेलिकॉप्टरों के लिए अमेरिका से 79.6 करोड़ रुपये के दो सौदों को मंजूरी दी थी.

कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का साथ देने वाले इस PM को देना पड़ा इस्तीफा, सामने आई ये वजह
24 February 2020
कुआलालंपुर: मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा देश के सुल्तान को सौंप दिया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के हवाले से कहा, "महातिर मोहम्मद ने आज मलेशिया के प्रधानमंत्री पद से अपना इस्तीफा भेज दिया." 94 वर्षीय प्रधानमंत्री का फैसला रविवार को यह जानकारी सामने आने के बाद आया कि उनकी पार्टी एक नई सरकार बनाने की योजना बना रही है, जिसमें उनके उत्तराधिकारी और पीपुल्स जस्टिस पार्टी (पीकेआर) के अध्यक्ष अनवर इब्राहिम बाहर होंगे. इससे पहले, सोमवार को उपप्रधानमंत्री वान अजीजा वान इस्माइल और अनवर इब्राहिम ने महातिर से उनके निजी आवास पर मुलाकात की. पाकतान हरपन, या एलायंस ऑफ होप गठबंधन की मई 2018 में आम चुनाव में जीत के बाद महातिर प्रधानमंत्री के रूप में लौटे थे. वह गठबंधन के चार घटक दलों में से एक, पार्टी प्रीबूमि बेर्सटू मलेशिया (पीपीबीएम) के अध्यक्ष भी हैं. बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और महातिर के बीच दोस्ती गाढ़ी दोस्‍ती है. महातिर ने कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के समर्थन किया था. इसके बाद भारत और मलेशिया के बीच दोस्ती में थोड़ा तनाव उत्‍पन्‍न हो गया था. भारत ने मलेशिया से पाम ऑयल के ऑयल के कटौती कर दी थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक महातिर की पार्टी बेरास्तु ने साझा सरकार के गठबंधन को छोड़ दिया है. लिहाजा उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. विश्व के सबसे उम्रदराज नेता, 94 वर्ष के महातिर ने उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा सरकार गिराने की कोशिशों के बाद ये फैसला लिया. उनके कार्यालय ने एक बयान में कहा कि महातिर ने 'मलेशिया के प्रधानमंत्री के तौर पर अपना इस्तीफा भेज दिया है.
चीन: पारंपरिक दवाइयों से किया जाएगा कोरोना वायरस का इलाज, मिलेंगे बेहतर परिणाम
24 February 2020
बीजिंग: नए कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की रोकथाम और रोगियों के इलाज में चीन की पारंपरिक दवाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका साबित हुई है. राष्ट्रीय पारंपरिक दवाई प्रबंधन विभाग के अनुसार कुल 60 हजार रोगियों के इलाज में चीनी पारंपरिक दवाइयों का प्रयोग किया गया है और इसका बेहतरीन नतीजा नजर आया है. चीनी (China) विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के उप मंत्री शू नान पींग के अनुसार नए कोरोना वायरस संक्रमण के रोगियों के इलाज में चीनी पारंपरिक दवाइयों का सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुआ है.
अब नए कोरोना वायरस संक्रमण इलाज योजना में पारंपरिक दवा भी शामिल की गई है. वुहान (Wuhan) शहर में किए गए नैदानिक अनुसंधान के मुताबिक पारंपरिक दवाइयों के प्रयोग से हल्के रूप से ग्रस्त रोगियों का इलाज समय और भर्ती समय एक से दो दिनों तक कम हुआ है और इन रोगियों की इलाज दर में 33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई.
चीनी पारंपरिक चिकित्सा के प्रशासन विभाग के उप प्रधान यू यैन हूंग ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा के प्रयोग से हल्के रोगियों की स्थितियों में स्पष्ट सुधार आया है और गंभीर रोगियों के इलाज में उनकी स्थिति और गंभीर होने से बची है. पारंपरिक चिकित्सा और आधुनिक मेडिसन के संयुक्त प्रयोग से नए कोरोना वायरस संक्रमण रोगियों के इलाज में संतोषजनक प्रभाव मिला है.
चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग और पारंपरिक चीनी चिकित्सा ब्यूरो ने संयुक्त रूप से पारंपरिक दवाइयों से बने डिटॉक्स सूप की सिफारिश की थी. गत 17 फरवरी तक देश के 10 राज्यों के 57 अस्पतालों में कुल 701 रोगियों के इलाज में इस दवा का प्रयोग किया गया और अधिकांश रोगियों की स्थितियों में संतोषजनक परिणाम नजर आया है.

भारत दौरे पर बेटी इवांका और दामादा जेरेड भी होंगे डोनाल्ड ट्रंप के साथ
21 February 2020
नई दिल्ली: अमेरिक (US) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump ) के दौरे को लेकर नई जानकारी सामने आई है. उनकी बेटी इवांका ट्रंप और ट्रंप के दामाद जेरेड कशनर भी उनके साथ भारत आ रहे हैं. बता दें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को दो दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं. उनके साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप भी होंगीं.
इससे पहले खबर आई थी कि डोनाल्ड ट्रंप ने अहमदाबाद में साबरमती आश्रम जान का कार्यक्रम रद्द कर दिया है. बताया जा रहा है कि ताजमहल देखने के लिए ज्यादा समय मिल सके इसलिए ट्रंप ने ऐसा किया है.
24 फरवरी को ये होंगे कार्यक्रम
- ट्रंप 24 फरवरी को 11:30 बजे के आसपास अहमदाबाद पहुचेंगे.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया ट्रंप का एयरपोर्ट पर स्वागत करेंगे.
- इसके बाद एयरपोर्ट से मोटेरा स्टेडियम तक मोदी-ट्रंप रोड शो करेंगे.
- दोपहर 12:30 से 1 बजे के बीच पीएम मोदी और ट्रंप मोटेरा स्टेडियम पहुंचेंगे. वहां वे मोटेरा स्टेडियम में 'नमस्ते ट्रम्प' कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे
- शाम साढ़े तीन बजे डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया ट्रंप आगरा के लिए रवाना होंगे.
- शाम 5 बजे डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया ट्रंप आगरा में ताजमहल देखेंगे. इसके बाद वो दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
- 24 फरवरी को वे दिल्ली के ITC मौर्या (ITC Maurya) होटल में रुकेंगे
25 फरवरी को ये होंगे कार्यक्रम
- सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन जाएंगे.
- सुबह 10:45 बजे डोनाल्ड ट्रंप अपनी पत्नी के साथ राजघाट जाएंगे.
- सुबह साढ़े 11 बजे हैदराबाद हाउस में पत्रकारों को संबोधित करेंगे.
- शाम 3 बजे भारत के दिग्गज कारोबारियों के साथ मुलाकात करेंगे. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक भारत में ट्रंप का ये आखिरी कार्यक्रम होगा.

भारत से नेपाल जा रहे रोहिंग्या मुसलमान, नेपाल के जेहादी गुटों से मिल रही फंडिंग
20 February 2020
नई दिल्ली: रोहिंग्या मुसलमान भारत से नेपाल की तरफ पलायन कर रहे हैं और ये भी सामने आया है कि इन्हें नेपाल के जेहादी गुटों से फंडिंग मिल रही है. खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को भेजी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में रह रहे रोहिंग्या नेपाल की ओर पलायन कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 378 ऐसे रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में ये जानकारी सामने आई है. ये पिछले कुछ दिनों मेंं भारत नेपाल सीमा पर नेपाल के इलाके में बस गये हैं. ये भी कहा गया है कि यह सभी नेपाल के कुछ बिचौलियों के संपर्क में हैं और इनकी मदद से वो नेपाल सीमा से सटे इलाकों में बसने के लिए जमीनें भी खरीद रहे हैं.
खुफिया एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी ने ज़ी न्यूज़ से बताया है कि नेपाल की ओर जाने वाले रोहिंग्या भारत-नेपाल सीमा पर सक्रिय कुछ रोहिंग्या मुसलमानों के संपर्क में हैं. ये नेपाल में जमीन से लेकर नेपाल की नागिरकता से जुड़े दस्तावेज हासिल करने के लिए हजारों रुपए घूस भी दे रहे हैं. कुछ मामलों में हमें पता चला है कि इन बिचौलियों को नेपाल में बसने के लिए 40-50 हजार रुपए तक जा रहे हैं.
नेपाल के ढाढिंग (Dhading) जिले में रोहिंग्या मुसलमानों के करीब 35 अस्थायी घर भी देखे गए हैं, जो पिछले कुछ दिनों में बने हैं. इसी तरह लासंतूर में 104 रोहिग्या मुसलमानों और इसी समुदाय के कुछ लोगों के पनौती जिले में बसने की खबर मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल के इस्लामिक संगठन इन रोहिंग्या मुसलमानों को नेपाल में बसने के लिए फंड मुहैया करा रहे हैं. इसमें इस्लामिक संघ नेपाल (ISN) की गतिविधियां काफी संदिग्ध हैं.
गृह मंत्रालय में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक, रोहिंग्या मुसलमानों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है. पाकिस्तान की आईएसआई लंबे वक्त से भारत-नेपाल सीमा पर लश्कर और जैश जैसे आतंकी गुटों के बेस बनाने की साजिश में लगी हुई है. ऐसे में रोहिंग्या मुसलमानों को फंड मुहैया करवा कर भारत-नेपाल सीमा पर बसाने के पीछे एक बड़ी साजिश हो सकती है. हालंकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
कुछ महीनों पहले भारतीय खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान की आईएसआई ने थाइलैंड और म्यांमार के बॉर्डर पर स्थित मेरीसोट नाम की जगह पर आतंकी कैंप बनवाए हैं, जिसमें पाकिस्तानी-तालिबानी लड़ाके इन कैंपो में रोहिंग्या जेहादियों को आतंकी हमले के लिए तैयार कर रहे हैं. रिपोर्ट में ये शक जताया गया है कि ISI इन कैंपों में आतंकियों को तैयार कर बंग्लादेश और भारत में आतंकी हमले कराने की भी साजिश हो सकती है.
इन कैंपों के बारे में जानकारी पहली बार कुछ खालिस्तान समर्थित आतंकियों से पूछताछ के बाद मिली थी. रिपोर्ट के मुताबिक, टेरर कैंप को एक्टिव करने के लिए हाफिज सईद ने रोहिंग्या जेहादियों के साथ बैठक भी की थी. आईएसआई जेेहादी गुट हरकत-उल-जिहाद इस्लामी-अराकान (हुजी-ए) की मदद कर पाकिस्तान, तालिबान से ट्रेनिंग दिलवा रहा है. वहीं इस गुट का नेता मौलाना अब्दुल कुद्दुस इस वक्त पाकिस्तान में है.

जापानी क्रूज डायमंड प्रिंसेज पर कोरोना वायरस से 2 की मौत, 7 भारतीय नागरिक भी संक्रमण की चपेट में
20 February 2020
नई दिल्ली:जापानी क्रूज डायमंड प्रिंसेज पर कोरोना वायरस की वजह से दो लोगों की मौत हो गई है और 7 भारतीय नागरिक अभी इस संक्रमण की चपेट में हैं. क्रूज पर सवार इन यात्रियों में कोरोना वायरस का टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है. क्रूज पर अभी कई लोग सवार हैं, जिनमें इसे देखकर दहशत बढ़ती जा रही है. क्रूज की एक क्रू मेंबर सोनाली ठक्कर ने जहाज से ही वीडियो के जरिए भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है.
टोक्यो में स्थित भारतीय दूतावास से मिली जानकारी के मुताबिक, सात संक्र​मित भारतीयों को जापान के ही एक अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। दूतावास की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि क्रूज पर मौजूद लोगों का बुधवार को टेस्ट किया गया जिनमें से 88 केस पॉजीटिव पाए गए.
ट्वीट में कहा गया है, सभी कोरोना वायरस से संक्रमित भारतीयों का इलाज जापान में चल रहा है। इस जापानी क्रूज पर 138 भारतीय हैं, जिनमें से 132 क्रू मेंबर्स हैं. खबरों के मुताबिक क्रूज पर कोरोना वायरस की चपेट में आकर दो जापानी नागरिकों की मौत हो गई है. ये दोनों बुजुर्ग यात्री थे. मीडिया ​रिपोर्ट में सरकारी प्रसारक ‘एनएचके’ ने बताया कि एक महिला और एक पुरुष वायरस से संक्रमित थे और दोनों की मौत हो गई है. इनकी उम्र 80 साल के आसपास थी. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है.
बता ​दें कि इस क्रूज में कोरोना वायरस संक्रमण के 600 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई थी लेकिन संक्रमण की वजह से मौत की पहली खबर सामने आई है. जहाज पर 3,711 यात्री सवार थे. हालांकि जहाज पर सवार जिन लोगों की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. उन्हें बाहर निकालने की अनुमति मिल गई. जहाज पांच फरवरी को योकोहामा बंदरगाह पहुंचा था. जहाज में एक मलेशियाई नागरिक था, जो कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया. इसके बाद क्रूज को बंदरगाह पर 14 दिनों के लिए खड़ा कर दिया गया था.

जर्मनी में दो अलग-अलग जगहों पर फायरिंग, कम से कम 8 लोगों की मौत
20 February 2020
हनाऊ: जर्मनी (Germany) में हनाऊ शहर में देर रात दो अलग-अलग जगहों पर फायरिंग हुई. जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई और 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. जिनका इलाज अस्पताल में अभी जारी है. हनाऊ के शिशा बार में दो अज्ञात हमलावरों ने लोगों पर गोलीबारी की. पुलिस अब तक मौके पर मौजूद है और घटना की जांच कर रही है. आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों हमलावर पहले शिशा बार में घुसे और फिर अंदर मौजूद लोगों की भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी. जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए. हमलावर शिशा बार में गोलीबारी के बाद दूसरी जगह एक नई घटना को अंजाम देने एक दूसरे शहर कसेल भाग गए.
गौरतलब है कि ये घटना इतनी भयानक थी कि पुलिस ने अभी मरने वालों का टोटल नंबर जारी नहीं किया है. जबकि बिल्ड अखबार की रिपोर्ट्स के मुताबिक शिशा बार में हुई गोलीबारी में अब तक कुल 8 लोगों की मौत हो चुकी है और 5 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. वहीं लोकल न्यूजपेपर हेसेनशाउ के अनुसार रात को दो अज्ञात हमलावरों ने हनाउ के शिशा बार में मौजूद लोगों पर गोलीबारी की और फिर वहां से भाग गए. गोली चलाने वाले कौन थे इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई. पुलिस अभी भी इन हमलावरों की तलाश में जुटी है.

चीन: कोरोना वायरस महामारी के बाद पटरी पर लौट रही जिंदगी, ये उद्याेग हुए फ‍िर शुरू
19 February 2020
बीजिंग: चीन (China) में सोमवार तक 80 प्रतिशत से अधिक केंद्रीय उद्यमों में कामकाम फिर से शुरू हो गया है. नए कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से केंद्रीय उद्यमों के उत्पादन लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. चीनी राज्य परिषद के राज्य-अधिकृत संपत्ति के पर्यवेक्षण और प्रबंध आयोग के उप प्रमुख रन होंगपिन ने मंगलवार को पेइचिंग में यह बात कही. नए कोरोना वायरस निमोनिया की महामारी फैलने के बाद चीन के केंद्रीय उद्यमों ने पूरी तरह से महामारी की रोकथाम और नियंत्रण का समर्थन किया. सीओएफसीओ निगम हर दिन 200 टन से अधिक चावल वुहान (Wuhan) पहुंचाता है.
रन होंगपिन ने कहा कि काम और उत्पादन की बहाली महामारी की रोकथाम और आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण गारंटी है. प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार 80 प्रतिशत से अधिक केंद्रीय उद्यमों ने अपने कामकाज बहाल किया है. पेट्रोलियम, संचार, पावर ग्रिड और परिवहन आदि व्यवसाय में फिर से काम शुरू करने की दर 95 से 100 प्रतिशत तक जा पहुंची है.

चीन में कोरोना वायरस बरपा रहा कहर, हॉस्पिटल के डायरेक्टर की हुई मौत
19 February 2020
बीजिंग: नोवेल कोरोना वायरस- कोविड-19 (Corona Virus) के प्रकोप के केंद्र वुहान में वुचंग अस्पताल के निदेशक लियू झिमिंग का मंगलवार को संक्रमण के कारण निधन हो गया. स्थानीय सरकारी अधिकारियों ने एक बयान में यह जानकारी दी. डेली मेल की रिपोर्ट की अनुसार, इस महीने की शुरुआत में वुहान में एक 34 वर्षीय डॉक्टर ली वेनलियांग की भी कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई थी.
लियू झिमिंग एक न्यूरो सर्जन थे, जो कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले पहले अस्पताल प्रमुख हैं. उनकी मृत्यु इस आलोचना को और भी हवा दे सकती है कि चीन सरकार ने बीमारी से लड़ रहे पहली पंक्ति के चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए हैं. डॉक्टर व अस्पताल कर्मचारियों को विपरीत परिस्थितियों में अतिरिक्त काम करना पड़ा रहा है.
चीन की राष्ट्र संचालित मीडिया ने मंगलवार को बताया कि प्रकोप को रोकने की कोशिश करते हुए मरने वाले डॉक्टरों और नर्सों को आधिकारिक तौर पर 'शहीदों' के रूप में नामित किया जाएगा.
चीनी स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कहा कि 31 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों और झिंजियांग उत्पादन एवं निर्माण कोर से सोमवार को नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण के 1,886 नए मामले सामने आए हैं और 98 मौत दर्ज की गई हैं.
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, नई मौतों में 93 हुबेई प्रांत में, तीन हेनान में और एक-एक हेबेई और हुनान में हुई हैं.

पाकिस्तान: UN महासचिव ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का दौरा किया
19 February 2020
करतारपुर (पाकिस्तान): संयुक्त राष्ट्र (United Nations) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मंगलवार को करतारपुर कॉरीडोर (Kartarpur Corridor) और करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का दौरा किया. 'रेडियो पाकिस्तान' की रिपोर्ट के अनुसार, गुटेरेस ने करतारपुर में संवाददाताओं से कहा कि 'कॉरीडोर को खोला जाना पाकिस्तान की शांति और अंतर सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने की इच्छा का वास्तविक प्रमाण है.'
इस दौरान उनके साथ पाकिस्तान (Pakistan) के धार्मिक मामलों के संघीय मंत्री पीर नूरुल हक कादरी भी थे. गुटेरेस ने पहले करतारपुर कॉरीडोर को देखा जो भारतीय सीमा से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक श्रद्धालुओं को ले जाता है. उन्होंने इस कॉरीडोर को खोले जाने को एक अच्छा कदम बताया और कहा कि इससे धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा.
इसके बाद गुटेरेस गुरुद्वारे गए जहां सिख समुदाय की धार्मिक हस्तियों ने उनका स्वागत किया. उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए गए. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने गुरुद्वारे में लंगर चखा. सिख धार्मिक नेताओं ने उन्हें गुरुद्वारे के इतिहास के बारे में बताया और कहा कि यह सिख धर्म के पवित्रतम स्थानों में से एक है क्योंकि यहां सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम दिन बिताए थे.
इससे पहले, लाहौर (Lahore) पहुंचने के बाद गुटेरेस ने एक स्कूल का दौरा किया और वहां कुछ बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई. इसके अलावा वह लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज भी गए और वहां छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने आधुनिक प्रौद्योगिकी के हिसाब से पाठ्यक्रम में सुधार की जरूरत पर जोर दिया. जलवायु परिवर्तन के खतरे और जनसंख्या नियंत्रण की आवश्यकता पर भी उन्होंने बात रखी.

पाकिस्तान: जहरीली गैस से 6 की मौत, गैस कहां से लीक हो रही है अब तक पता नहीं
17 February 2020
करांची: पाकिस्तान (Pakistan) में करांची के केमारी इलाके में जहरीली गैस का रिसाव होने के कारण 6 लोगों की मौत हो गई और करीब 136 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया. जहरीली गैस से मरने वालों की संख्या अभी और भी बढ़ सकती है. आपको बता दें कि पाकिस्तानी नेवी की बायोलॉजिकल यूनिट मौके पर पहुंचकर जांच कर रही है कि इस जहरीली गैस का रहस्य क्या है? इस जहरीली गैस का रिसाव कहां से हो रहा है और ये कौन सी गैस है?
करांची में गैस रिसाव के कारण हुई मौतों पर पाकिस्तान के समुद्री मामलों के मंत्री अली जैदी ने कहा- इस मामले में जांच शुरु हो चुकी है. नेवी की टीम ने अलग-अलग अस्पतालों से ब्लड सैंपल लिए हैं. इसके अलावा पानी के भी सैंपल लिए गए हैं. जिनकी जांच से पता चलेगा कि आखिर ये मामला क्या है. कहा जा रहा है कि करांची पोर्ट पर अमेरिका से आए किसी शिप से गैस का रिसाव हुआ है लेकिन मैंनें खुद घटनास्थल पर जाकर देखा कि शिप में कोई लीकेज नहीं है.

अपने नागरिकों को बचाने के लिए नेपाल ने लगा दी जान की बाजी, चीन से 175 लोगों को निकाला
16 February 2020
काठमांडू: नेपाल ने रविवार को चीन के शहर वुहान से अपने 175 नागरिकों को निकाल लिया. चीन के वुहान में घातक कोरोना वायरस(सीओवीआईडी-19) का प्रकोप है . इन नागरिकों में ज्यादातर छात्र हैं. समाचार एजेंसी एफे से नेपाल एयरलाइंस के निदेशक कैप्टन दीपू जवरचन ने कहा कि एयरबस ए330 विमान 134 पुरुषों व 41 महिलाओं के साथ काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दोपहर बाद उतरा. इसमें से 170 छात्र हैं. सभी निकाले गए लोगों को अलग जगह पर रखा जाएगा और कम से कम दो हफ्तों तक इनमें कोरोनावायरस के लक्षणों की निगरानी की जाएगी.
जवरचन के अनुसार, विमान ने दो कैप्टन, आठ फ्लाइट अटेंनडेंट, चार मेडिकल रिप्रजेंटेटिव, एक इंजीनियर व दूसरे तकनीकी कर्मियों ने साथ शनिवार को दोपहर बाद चीन के लिए उड़ान भरा था. उन्होंने कहा कि 48 घंटे तक खड़े रहे विमान के केबिन की गहन सफाई होगी और वह कीटाणुशोधन की प्रक्रिया से गुजरेगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता सागर दहाल ने एफे से कहा कि कॉकपिट क्रू को एक हफ्ते ऑइसोलेशन में रहने के बाद ड्यूटी पर लौटने की इजाजत दी जाएगी, बशर्ते उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई दें.

यमन: सऊदी अरब के प्लेन क्रैश के बाद यमन पर एयर स्ट्राइक, 31 की मौत
16 February 2020
यमन: अरब दुनिया की लड़ाई में एक बार फिर से बड़ी लड़ाई ठन गई है. कल शनिवार को यमन (Yemen) के उत्तरी अल ज़ौफ प्रांत में एक भयानक एयर स्ट्राइक हुई. जिसमें कुल 31 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए. आपको बता दें कि मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. दरअसल ये हमला सऊदी अरब (Saudi Arabia) के टॉरनेडो एयरक्राफ्ट के क्रैश होने के बाद हुआ है.
आपको बता दें कि एयर स्ट्राइक के एक दिन पहले शुक्रवार को हूती विद्रोहियों ने एक वीडियो जारी करके बताया कि उनके पास जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. यमन के विद्रोहियों ने सऊदी अरब के टॉरनेडो एयरक्राफ्ट को हवा में उड़ा दिया. इसके बाद से ही सऊदी अरब बहुत गुस्से में था.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि सऊदी अरब के विमान को गिराने के बाद ईरान समर्थित हूती विद्रोही सऊदी अरब की बदले की कार्रवाई का शिकार हुए. दरअसल सऊदी अरब का टॉरनेडो एयरक्राफ्ट यमन में लड़ रही सेना के लिए सामान लेकर जा रहा था जिसे ज़ौफ प्रांत में हूती विद्रोहियों ने मार गिराया.
एक सऊदी प्रेस एजेंसी का कहना है कि टॉरनेडो एयरक्राफ्ट के क्रैश होने से पहले ही विमान उड़ा रहे दोनों पायलट पैराशूट लेकर विमान से निकल चुके थे लेकिन हूती विद्रोहियों ने उनको मार डाला जोकि अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों के खिलाफ है. इसके पहले हूती विद्रोहियों के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दिलसलाम ने ट्वीट करके कहा था कि टॉरनेडो को मार गिराना दुश्मन सेना के लिए बड़ी चोट है और ये हमला यमन विद्रोहियों की एयर डिफेंस की ताकत को दिखाता है.

अफगानिस्तान: हवाई हमले में बड़ी चूक, तालिबानी आतंकियों की जगह आम नागरिक बन गए निशाना
15 February 2020
काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमले में एक बच्चे समेत 8 नागरिकों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है. यह जानकारी सरकारी अधिकारी ने शनिवार (15 फरवरी) को दी. ज्ञात हो कि अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता चल रही है. यह हवाई हमला शुक्रवार (14 फरवरी) को नांगरहार के पूर्वी प्रांत में किया गया.
प्रांतीय गर्वनर के प्रवक्ता अताउल्लाह खोगयानाई ने समाचार एजेंसी एफे को बताया, "दुर्भाग्यवश तालिबान के खिलाफ एक अभियान में एक बच्चा समेत आठ नागरिक मारे गए." प्रांतीय काउंसिल के सदस्य अजमल उमर ने कहा कि नागरिक पिकनिक मना कर वापस लौट रहे थे, तभी वे हमले की चपेट में आ गए.
वहीं नांगरहार के सुरक्षा अधिकारी ने यह भी कहा कि सेना के अभियान में 9 तालिबान लड़ाके भी मारे गए. हालांकि तालिबान ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि सरकारी बलों के हमले में 11 नागरिक मारे गए हैं.
वाशिंगटन में विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संभावित शांति समझौते के रूप में अमेरिका और तालिबान 7 दिनों के लिए हिंसा को कम करने के लिए सहमत हो गए हैं. इस बयान के कुछ घंटे बाद ही नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की गई.

कोरोना वायरस से चीन की जंग जारी, हुबेई प्रांत में खोले गए 9 अस्थायी अस्पताल
15 February 2020
वुहान: कोरोनो वायरस से संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए चीन के हुबेई प्रांत में 6,960 से अधिक बेड वाले 9 अस्थायी अस्पताल खोले गए हैं. नेशनल हेल्थ कमिशन (एनएचसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने वुहान की प्रांतीय राजधानी में एक प्रेस कांफ्रेंस में एनएचसी के उप प्रमुख वांग हेशेंग द्वारा दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा कि इन अस्पतालों में वर्तमान में 5,606 मरीज इलाज करवा रहे हैं.
वुहान में इस महीने की शुरुआत में योजनाबद्ध तरीके से खोले गए दो अस्पताल हुओशेंशान और लीशेंशान में शुरुआत से ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
हुओशेंशान अस्पताल का निर्माण 10 दिनों में पूरा किया गया था, जिसने रिकॉर्ड भी बनाया है.
वांग ने यह भी कहा कि वर्तमान में सीओवीआईडी-19 प्रकोप का रोकथाम और नियंत्रण चीन में अपने सबसे महत्वपूर्ण चरण में है, जबकि वुहान में इससे लड़ाई अभी भी जारी है.
उन्होंने कहा, "संक्रमण दर को कम करने की कोशिश के मद्देनजर, हुबेई प्रांत खास तौर पर वुहान में सामुदायिक स्तर पर रोकथाम और नियंत्रण बलों को मजबूत किया जाएगा और लक्ष्य किए गए प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि समुदायों को महामारी के खिलाफ एक मजबूत किले के रूप में परिवर्तित किया जा सके."
एक अन्य घोषणा में एनएचसी के अधिकारी जियाओ याहुई ने कहा कि वुहान के दो मुख्य अस्पतालों में से 30 से 39 प्रतिशत मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.

18 साल से चले आ रहे युद्ध के खत्म होने की उम्मीद जगी! US-तालिबान एक हफ्ते के युद्ध विराम पर राजी
15 February 2020
वॉशिंगटन: अमेरिका और तालिबान के बीच अफगानिस्तान में एक हफ्ते की जंगबंदी पर सहमति हो गई है. पाकिस्तानी मीडिया में अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की तरफ से जारी एक बयान के हवाले से यह जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि अमेरिका और तालिबान ने एक हफ्ते तक एक दूसरे के खिलाफ हिंसक कार्रवाई नहीं करने पर सहमति जताई है.
इस पर अगर अमल सही तरीके से हुआ तो फिर दोनों पक्ष संघर्षविराम के साथ-साथ अफगानिस्तान में स्थाई समझौते की दिशा में आगे बढ़ेंगे. 'एक्सप्रेस न्यूज' ने अमेरिकी मीडिया के हवाले से कहा है कि यह युद्ध विराम आज (शुक्रवार) से लागू हो गया है. 'जियो न्यूज' ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने ब्रसेल्स में मीडिया से बातचीत में अफगान तालिबान के साथ एक हफ्ते की जंगबंदी की पुष्टि की.
उन्होंने कहा कि हिंसा में कमी पर अफगानिस्तान में 18 साल से चले आ रहे युद्ध को खत्म कराने की उम्मीदें बढ़ जाएंगी. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के मसले का अगर कोई हल हो सकता है तो वह राजनैतिक ही होगा. इस दिशा में प्रगति हुई है और सकारात्मक खबरें जल्द सामने आएंगी.
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने भी एक दिन पहले कहा था कि अफगानिस्तान में शांति समझौते के अच्छे आसार बन रहे हैं. करार (तालिबान से) का एक अच्छा मौका है और आने वाले हफ्तों में इस बारे में तस्वीर साफ हो जाएगी.

पत्नी को बचाने के प्रयास में 90 फीसदी झुलसा प्रवासी भारतीय
13 February 2020
दुबई: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के उम अल कुवैन में एक अपार्टमेंट में आग लगने पर अपनी पत्नी को बचाने के प्रयास में एक भारतीय प्रवासी जल गया. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. पीड़ित की एक करीबी संबंधी ने द खलीज टाइम्स को बताया कि अनिल नीनान 90 फीसदी तक जल चुका है और अबूधाबी स्थित माफराक हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है.
अस्पताल में मौजूद अनिल की करीबी संबंधी जूली ने कहा, "डॉक्टरों ने कहा कि उसकी हालत बहुत नाजुक है." उनकी पत्नी नीनू भी उसी अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. जूली ने कहा, "उनकी (नीनू) की सेहत में सही प्रगति हो रही है. वह सिर्फ 10 प्रतिशत जलीं और अब ठीक हो रही हैं."
मूल रूप से केरल (Kerala) निवासी दंपत्ति का चार साल का एक बेटा भी है. घटना सोमवार रात की है और संदेह किया जा रहा है कि आग उम अल कुवैन में उनके अपार्टमेंट के कॉरीडोर में लगे इलेक्ट्रिक बॉक्स में शॉर्ट सर्किट होने से लगी थी.

पाकिस्तान: आतंकी हाफिज सईद को साढ़े 10 साल की जेल, टेरर फंडिंग केस में दोषी करार
12 February 2020
इस्लामाबाद: लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत (ATC) ने पाकिस्तान के कुख्यात आतंकी हाफिज सईद को 10 साल 6 महीने के लिए जेल की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 15,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. आतंकी संगठन के मुखिया हाफिज को टेरर फंडिंग के दो मामलों में दोषी करार दिया गया है. एक मामले में सवा 5 साल की कैद की सजा दी गई है. सईद प्रतिबंधित जमात-उद-दावा का नेता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सईद पर आतंक वित्तपोषण, धनशोधन, अवैध रूप पसे जमीन हड़पने समेत 29 मामलों में मामला चल रहा है. बीते 6 फरवरी को उनके खिलाफ दो मामलों में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.
जमात-उद-दावा (JUD) लीडरशीप को आतंकवाद के वित्तपोषण और धन शोधन से संबंधित दो दर्जन से अधिक मामलों का सामना करना पड़ रहा है, जो पांच शहरों में दर्ज हैं. सुरक्षा चिंताओं के कारण लाहौर आतंकवाद-रोधी अदालतों के समक्ष सभी मामले दर्ज किए गए हैं.

अफगानिस्तान: कार बम विस्फोट में हुई 6 की मौत, 12 घायल
11 February 2020
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) स्थित सैन्य विश्वविद्यालय के बाहर मंगलवार को एक आत्मघाती बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य लोग घायल हो गए. अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की. प्रवक्ता ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी के हवाले से कहा, "एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी अपनी कार को पुलिस जिला 5 में चार राही कंबर क्षेत्र में सुबह सात बजे उड़ा दिया. इसमें तीन सैन्यकर्मियों और दो नागरिकों की मौत हो गई तथा पांच नागरिकों समेत 12 लोग घायल हो गए."
प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ से कहा कि यह विस्फोट मार्शल फहीम राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में हुआ जब सैन्य कैडेट्स और विवि कर्मी परिसर में प्रवेश कर रहे थे.उन्होंने कहा कि धमाके से वहां व्यस्त सड़क पर गुजर रहे कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए. फिलहाल हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है. पिछले साल मई में भी इसी विवि में हमला हुआ था, जिसकी जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली थी.

अफगानिस्तान: 'अफगान यूनिफॉर्म' पहने शख्स ने की गोलीबारी, 2 अमेरिकी सैनिकों की मौत, कई घायल
10 February 2020
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) के नांगरहार प्रांत में 'अफगान यूनिफॉर्म' पहने एक संदिग्ध ने अमेरिका (US) और अफगानिस्तान के संयुक्त बल पर अंधाधुंध गोलियां चला दी, जिससे दो अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई. एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, शेरजाद जिले में शनिवार रात यह घटना हुई.
अमेरिकी सेना के प्रवक्ता कर्नल सोनी लेग्गेट ने शनिवार रात एक बयान में कहा, "जिला केंद्र में एक प्रमुख नेता के कार्यक्रम का आयोजन हो रहा था. वर्तमान रिपोटरें से संकेत मिलता है कि अफगान यूनिफॉर्म में एक शख्स ने अमेरिका और अफगान संयुक्त बल पर एक मशीनगन से फायरिंग की." लेग्गेट ने यह भी पुष्टि की कि अमेरिका के छह सैनिक गोली लगने से घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमले के पीछे की वजह जानने के लिए जांच चल रही है.
एक फेसबुक (Facebook) पोस्ट में, नांगरहार के गवर्नर शाह महमूद मियाखेल ने कहा: "(अफगान) आर्मी स्पेशल फोर्स और रेजलूट सपोर्ट के जवानों ने जिले में प्रवेश किया. जब उन्होंने प्रवेश किया तो किसी ने उन पर गोली चलानी शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया." उन्होंने आगे कहा, "गोलीबारी में तीन (अफगान) कमांडो घायल हो गए और कई आरएस (रेजलूट सपोर्ट) सैनिक भी घायल हो गए."

कोरोना ने चीन में मचाया मौत का तांडव, PM मोदी ने जिनपिंग से कहा- हम मदद के लिए तैयार
10 February 2020
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग (Xi Jinping) को चिट्ठी लिखकर जानलेवा कोरोना वायरस से निपटने के लिए मदद की पेशकश की है. पीएम मोदी ने चीन के हुबेई प्रांत से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए चीन सरकार द्वारा प्रदान की गई सुविधा के लिए सराहना की. चीन में कोरोना वायरस से अबतक 811 लोगों की मौत और और 37 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. कोरोनावायरस से चीन के बाहर फिलीपींस और हांगकांग में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि उन्हें 31 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों और शिंजियांग प्रोडक्शन एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्प्स से शनिवार को कोरोनवायरस संक्रमण के कन्फर्म 2,656 नए मामलों और 89 मौतों की जानकारी मिली है.
सिन्हुआ ने चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के हवाले से बताया कि इन मौतों में 81 हुबेई प्रांत में, हेनान में दो, हेबेई, हीलोंगजियांग, अनहुई, शानडोंग, हुनान और गुआंग्झी ऑटोनोमस रीजन में एक-एक मौत हुई है. आयोग ने कहा कि शनिवार को 3,916 नए संदिग्ध मामले सामने आए. शनिवार को ही 87 मरीज गंभीर रूप से बीमार पड़ गए और 600 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
चीन में कोरोनावायरस के पुष्ट हुए मामलों की संख्या शनिवार के अंत तक 37,198 तक पहुंच गई. आयोग ने कहा कि इस बीमारी से कुल 811 लोगों की मौत हो चुकी है. बताया गया कि 6,188 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है और 28,942 लोगों के वायरस से संक्रमित होने का संदेह है. ठीक होने के बाद कुल 2,649 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है.
आयोग ने कहा कि 3,71,905 लोगों के कोरोनावायरस पीड़ितों से करीबी संपर्क में होने का पता चला है, उनमें से 31,124 को शनिवार को चिकित्सा निगरानी से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 1,88,183 अन्य अभी भी चिकित्सा निगरानी में हैं.
शनिवार के अंत तक, हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एसएआर) में एक की मौत सहित 26 मामलों की पुष्टि हुई, जबकि 10 मकाउ एसएआर में और ताइवान में 17 मामलों की पुष्टि हुई है. मकाऊ और ताईवान में एक-एक मरीज को ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.

विवादास्पद मौलाना ने किया इस्लामाबाद की लाल मस्जिद पर कब्जा, सुरक्षा बलों ने की घेराबंदी
10 February 2020
इस्लामाबाद: बीती दो सरकारों की नाक में दम करने के बाद, एक बार फिर विवादास्पद मौलाना अब्दुल अजीज (Maulana Abdul Aziz) ने इस्लामाबाद (Islamabad) की लाल मस्जिद (Lal Masjid) पर कब्जा कर लिया है. अजीज का कहना है कि सरकारी नियंत्रण वाली इस मस्जिद का उन्हें फिर से इमाम बनाया जाए.
इस घटनाक्रम के बाद से इस्लामाबाद के मस्जिद के पास के इलाके में तनाव फैल गया है और मस्जिद के इर्द गिर्द बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात कर मौलाना को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है.
'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना अब्दुल अजीज के साथ उनके जामिया हफ्सा मदरसे की सौ से अधिक छात्राएं भी मस्जिद में मौजूद हैं और मौलाना का समर्थन कर रही हैं. इससे स्थिति और नाजुक हो गई है.
चरमपंथी सोच वाले मौलाना अजीज को इस मस्जिद के इमाम के पद से हटा दिया गया था. उनकी मांग है कि उन्हें इस पर पर बहाल किया जाए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद में फिलहाल कोई इमाम या उप इमाम नहीं थे. मौके का फायदा उठाकर अजीज दो हफ्ते पहले मस्जिद में दाखिल हो गए. प्रशासन को इस बारे में बताया भी गया लेकिन कोई त्वरित कार्रवाई नहीं हुई और अब नतीजा यह हुआ है कि वह सौ छात्राओं के साथ मस्जिद के बड़े हिस्से को बंद कर अंदर हैं और बाहर सुरक्षाकर्मी मस्जिद की घेराबंदी किए हुए हैं.
अधिकारी मौलाना से बात करने पहुंचे लेकिन मौलाना ने कहा कि वह संघीय मंत्री स्तर के कम किसी व्यक्ति से बात नहीं करेंगे. जुमे की नमाज सख्त पहरे में मस्जिद के एक हिस्से में पढ़ी गई. इस नमाज के बाद किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई.
मौलाना ने फोन पर डॉन से कहा, "अधिकारियों ने जामिया हफ्सा की जगह खाली करने के लिए कहा है और ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की धमकी दी है. खाने-पीने के समान की सप्लाई भी रोक दी है. लेकिन, हम इस्लाम के लिए डटे रहेंगे. यह लोग देश में शरीयत को लागू नहीं कर रहे हैं."
सरकार का कहना है कि जामिया हफ्सा जिस जगह पर बना है, उस पर अवैध कब्जा किया गया था. यह जगह प्राकृतिक पानी का स्रोत थी, जहां मदरसा बना दिया गया.

चीन के शहर वुहान में बनाए जाएंगे 13 और नए अस्पताल
7 February 2020
बीजिंग: नए कोरोना वायरस (Coronavirus) निमोनिया के मरीजों का समय पर इलाज हो सके इसके लिए वुहान (Wuhan) शहर में 3 फरवरी की आधी रात को मरीजों के इलाज के लिए एक हजार बेड के नए अस्पताल की शुरुआत की गई. प्रशासन ने कहा है कि इस तरह के 13 और अस्पतालों का निर्माण किया जाएगा और बेड 10 हजार से अधिक हो जाएंगे. चीन (China) ने एक सप्ताह के भीतर दो नए अस्पतालों का निर्माण किया है जिसमें एक अस्पताल 1000 बेड का और दूसरा अस्पताल 1300 बेड का है.
यांगशिफिन एप्प ने 24 घंटों में इन अस्पतालों के निर्माण की लाइव ब्रॉडकास्टिंग की. पहले यांगशिफिन ने हुवोशनशान और लेइशनशान दो अस्पतालों का लाइव ब्रॉडकास्टिंग किया था, जिसे 9 करोड़ से अधिक नेटीजन क्राउड ओवरसियर बन गए थे.
चीन का वुहान शहर कुछ व्यायामशालाओं और कन्फ्रेंस सेंटरों को अस्पताल में बदलने की कोशिश कर रहा है, ताकि नए कोरोना वायरस निमोनिया के सामान्य मरीजों का इलाज दिया जा सके.

Corona Virus का पता लगाने वाले डॉक्टर की ऐसे हुई मौत, चीनी ने राज खोलने से किया था मना
7 February 2020
नई दिल्ली: आखिर वही हुआ जो नहीं होना चाहिए था. कोरोना वायरस (Corona Virus) का पता लगाने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग की गुरुवार शाम मौत हो गई. ये वही डॉक्टर हैं जिन्होने सबसे पहले कोरोना वायरस का पता लगाया था. खतरनाक वायरस की जानकारी देने के तुरंत बाद चीनी सरकार ने इस डॉक्टर को 'अंडरग्राउंड' कर दिया था. बता दें कि शुक्रवार सुबह तक इस वायरस की वजह से 636 लोग दम तोड़ चुके हैं. चीन समेत पूरी दुनिया में इस जानलेवा संक्रमण की चपेट में 31,000 से ज्यादा लोग आ चुके हैं.
इस कारण हुई है डॉ. ली की मौत
अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार गुरुवार को डॉ. ली वेनलियांग की मौत हो गई. डॉ. ली कोरोना वायरस संक्रमण से ही ग्रसित थे. चीन के आधिकारिक मीडिया पीपुल्स डेली और वीबो ने डॉ. ली के कोरोना वायरस से मरने की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि डॉ. ली के चेस्ट में संक्रमण फैल गया था.
क्यों 'गायब' कराया था चीन सरकार ने डॉक्टर को
विभिन्न रिपोर्ट्स के मुताबिक 30 दिसंबर को पहली बार वुहान शहर के डॉक्टर ली वेनलियांग ने पहली बार सोशल ऐप WeChat में के जरिए लोगों से कोरोना वायरस के बारे में जानकारी साझा की थी. अपने पोस्ट में डॉ. ली ने लिखा था कि शहर के नजदीकी मछली बाजार में एक सार्स जैसा वायरस पाया गया है. इसके संक्रमण की वजह से लगभग सात लोगों को अस्पताल के अलग वार्ड में दाखिल किया गया है. पहली बार डॉ. ली ने ही कोरोना वायरस को खोजा था.
अंतरराष्ट्रीय साइटों के मुताबिक डॉ. ली द्वारा इस खबर को सोशस साइट में साझा किए जाने के तुरंत बाद ही स्थानीय वुहान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था. आखिरी पोस्ट में उन्होने लिखा था कि वे कोरोना वायरस से ग्रसित हो चुके हैं. लेकिन कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया के हवाले से खबर है कि चीन अपने देश के किसी भी नेगेटिव खबर के खिलाफ काफी सख्ती से पेश आता है. ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि डॉक्टर ली को मौत की सजा दे दी गई हो.

मलाला युसुफजई को गोली मारने वाला आतंकवादी PAK सेना की जेल से हुआ फरार
7 February 2020
इस्लामाबाद: नोबुल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई (Malala Yusufzai ) को गोली मारने वाला आतंकी पाक ( Pakistan) सेना की जेल से फरार हो गया है. एहसानुल्ला एहसान नाम का यह आरोपी पेशावर स्कूल हमले (Peshawar school attack 2014) में भी शामिल था. बता दें 2014 में हए पेशावर स्कूल हमले में 132 बच्चे मारे गए थे.
एहसानुल्लाह एहसान का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इसमें एहसान कह रहा है कि वह पाकिस्तान सिक्योरिटी एजेंसियों की कैद से 11 जनवरी को भाग निकला है. एहसान ने दावा किया कि उसके सरेंडर के समय पाक सेना ने जो वादा किया था वह नहीं निभाया.
एहसानुल्लाह ने कहा कि पाक सेना के साथ हुए एक समझौते के तहत उसने 5 फरवरी 2017 को सरेंडर किया था. उसने कहा, मैंने समझौते का तीन साल तक पालन किया लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने समझौते का उल्लंघन करते हुए मेरे बच्चों के साथ मुझे कैद कर दिया जिसके बाद में सुरक्षा एजेंसियों के चुंगल से फरार होने का फैसला किया.
एहसान ने कहा, अल्लाह की मदद से मैं 11 जनवरी को कैद से भागने में कामयाब रहा. हालांकि एहसान ने यह नहीं बताया कि फिलहाल वह कहां से बोल रहा है लेकिन उसने कहा कि अपनी कैद को लेकर वह जल्द की एक विस्तृत बयान जारी करेगा.
गौरतलब है कि पाकिस्तान की स्वात घाटी में मलाला युसुफजई को 2012 में लड़कियों के लिए शिक्षा अभियान से जुड़ने की वजह से गोली मार दी गई थी.

Coronavirus से थर्राया पाकिस्तान, महामारी के डर से उठाया यह कदम
1 February 2020
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) ने शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से चीन (China) से आने और जाने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी. चीन में कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 213 तक पहुंच चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है.
अधिसूचना के हवाले से कही गई ऐसी बात
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने सिविल एविएशन अथॉरिटी द्वारा जारी एक अधिसूचना के हवाले से कहा, "पाकिस्तान और चीन के बीच सीधी उड़ान के संचालन को फिलहाल दो फरवरी तक तत्काल आधार पर रोक दिया गया है." बयान में इस रोक को आगे भी बढ़ाए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा गया है कि इस निर्णय पर बाद में समीक्षा हो सकती है. इससे पहले पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) ने गुरुवार को बीजिंग के लिए दो फरवरी तक उड़ानें स्थगित करने का फैसला किया था.
विमानन के वरिष्ठ संयुक्त सचिव अब्दुल सत्तार खोखर ने डॉन न्यूज को बताया कि पीआईए पाकिस्तान और चीन के बीच दो उड़ानें संचालित कर रहा है, लेकिन उसने फिलहाल इन उड़ानों को स्थगित करने का फैसला किया है. गुरुवार को स्वास्थ्य मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक जफर मिर्जा ने घोषणा की कि सरकार ने डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों के अनुसार चीन में फंसे पाकिस्तानी नागरिकों को वापस नहीं बुलाने का फैसला किया है. इससे एक दिन पहले ही मिर्जा ने घोषणा की थी कि चीन में रह रहे चार पाकिस्तानी छात्रों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता चला है.

बलोचिस्तान के एक गोदाम से मिले इतने किलो DRUGS, कीमत जान रह जाएंगे हैरान
1 February 2020
रावलपिंडी: पाकिस्तान (Pakistan) के बलोचिस्तान (Balochistan) प्रांत से मादक पदार्थों की एक भारी भरकम खेप जब्त की गई है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 11 अरब (पाकिस्तानी) रुपये बताई जा रही है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मादक पदार्थ रोधी बल (एएनएफ) ने बलोचिस्तान में 1088 किलो ड्रग्स पकड़े हैं, जिनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत 11 अरब पाकिस्तानी रुपये बताई गई है.
एएनएफ हेडक्र्वाटर रावलपिंडी (Rawalpindi) के प्रवक्ता ने बताया कि खुफिया सूचना मिलने पर बलोचिस्तान में ईरान (Iran) सीमा के पास तफ्तान में बल द्वारा कार्रवाई की गई. मादक पदार्थ एक गोदाम में छिपाए गए थे. इनमें 848 किलो अफीम, 84 किलो चरस, 71 किलो आइस हेरोइन, 53 किलो मॉरफीन और 32 किलो गुर्दा चरस शामिल थीं.
प्रवक्ता ने बताया कि इस सिलसिले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन आरोपी जल्द ही पकड़ लिए जाएंगे.

ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से तोड़ा 47 साल पुराना नाता, होंगे ये बड़े बदलाव
1 February 2020
ब्रिटेन (Britain) ने यूरोपीय संघ (European Union) से 47 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया है. ब्रिटेन सरकार ने 31 जनवरी को यूरोपीय संघ से अलग होने का ऐलान कर दिया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने ब्रेक्जिट (Brexit) की पुष्टि की और बताया कि ब्रिटेन अब आधिकारिक तौर पर यूरोपीय संघ से अलग हो गया है. उन्होंने कहा, 'आज रात हम यूरोपीय संघ से अलग हो गए और ब्रिटेन के लिए यह एक ऐतिहासिक पल है. उन्होंने कहा कि इससे पूरे ब्रिटेन की क्षमता उजागर होगी.' वहीं फ्रांस ने कहा कि यह ब्रिटेन के लिए 'ऐतिहासिक चेतावनी का संकेत' है.
लगभग 4 साल तक चली खींचतान के बाद ईयू संसद ने 49 के मुकाबले 621 मतों के बहुमत से ब्रेग्जिट (Brexit) समझौते पर मुहर लगा दी. आपको बता दें कि ब्रिटेन 2020 के आखिर तक ईयू की आर्थिक व्यवस्था में बना रहेगा, लेकिन उसका नीतिगत मामलों में कोई दखल नहीं होगा. वह ईयू का सदस्य भी नहीं रहेगा.

कोरोना वायरस से ग्रसित वुहान से अपने नागरिकों को बाहर नहीं निकालेगा पाकिस्तान
31 January 2020
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार ने यह फैसला किया है कि वह चीन (china) के वुहान (Wuhan) शहर से अपने नागरिकों को नहीं निकालेगा. बता दें कोरोना वायरस ( Corona virus) से प्रभावित चीन का यह शहर पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र बना हुआ है.
पाकिस्तान ने यह फैसला तब लिया है जब उसके चार नागरिक चीन में कोरोना वायरस से ग्रसित हो चुके हैं. एक सीनियर अफसर ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के उद्देश्य से पाकिस्तान ने यह फैसला लिया है.
स्वास्थ्य पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक डॉ जफर मिर्जा दावा है कि है कि पाकिस्तान चीन से अपने नागरिकों को नहीं निकालने का फैसला WHO के सुझावों पर अमल करते हुए ही लिया है.
उन्होंने कहा, ने कहा, 'हम मानते हैं कि अभी चीन में रह रहे हमारे नागरिकों के हित में है कि वे वहीं रहें, यह क्षेत्र, विश्व, देश के वृहद् हित में है कि हम उन्हें अभी बाहर न निकालें.'
डॉ मिर्जा ने कहा, “हम चीन के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं. चीन की सरकार संक्रमण को वुहान शहर में रोकने में कामयाब हो गई है. यदि हम लोगों को वहां से निकालेंगे तो यह संक्रमण पूरे विश्व में जंगल की आग की तरह फैल जाएगा.”

चीन में 600 से ज्यादा भारतीय छात्र फंसे, विदेश मंत्रालय ने पूछा - पहली फ्लाइट से कौन लौटना चाहता है
30 January 2020
नई दिल्ली: चीन में लगातार फैल रहे कोराना वायरस के कहर से बचने के लिए शुक्रवार से भारतीय छात्रों के लिए पहली फ्लाइंट भेजने का इंतजाम भारत ने पूरा कर लिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के मुताबिक हमने हमार फोकस चीन के कोराना वायरस से प्रभावित इलाके में रह रहे हैं. भारती छात्रों पर है. हमारे अनुमान के मुताबिक तकरीबन 12 सौ के लगभग इस इलाके में भारतीय छात्र हैं जिनमें से 600 से ज्यादा से हमारे मिशन ने संपर्क कर लिया है और हम उन लोगों से पूछ रहे हैं कि कौन-कौन पहली फ्लाइट से भारत वापस जाने को तैयार है. रवीश कुमार ने कहा है कि हमे चीन की तरफ से फ्लाइट ऑपरेट करने की औपचारिक परमिशन मिलने का इंतजार है. रात तक अनुमति मिलती है तो भारतीय छात्रों को वापिस लाने का काम शुक्रवार से शुरू हो सकता है. दरअसल, चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ खतरनाक कोराना वायरस धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल रहा है. चीन में वायरस से प्रभावित लोगो की संख्या लगागार बढ़ती जा रही है. वुहान में रह रहे कुछ भारतीय छात्रों ने सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिये भारत सरकार से मदद भी मांगी थी. लिहाजा, ऐसे इलाकों से भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए दो फ्लाइट भारत की तरफ से तैयार रखी गई हैं. चीन से अनुरोध किया गया है कि वो वुहान में फंसे भारतीय छात्रों की वापसी में मदद करे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि चीन सहयोग कर रहा है और लगातार चीनी अधिकारियों के संपर्क में भारतीय विदेश मंत्रालय बना हुआ है. ADVERTISEMENT POWERED BY PLAYSTREAM भारत सरकार ने इस वायरस के खतरे से निपटने के लिए पहले से ही अलर्ट के तौर पर तैयारी कर रखी है. जो भी संभावित मामले सामने आ रहे हैं, उनके सैंपल पुणे के लैब से टेस्ट कराए जा रहे हैं. बुधवार को पुणे की लैब ने 27 भारतीयों के सेंपल टेस्ट किये थे. सब के सब नेगिटिव आए थे. हालांकि, केरल में गुरुवार को एक मामला पॉजिटिव आया है जिसने भारत सरकार के समक्ष चुनौती बढ़ा दी है. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों के साथ तालमेल रखकर हालात से निपटने की पूरी तैयारी कर रहा है. 21 एयरपोर्ट पर चीन से आने वाले यात्रियों को पहले से ही थर्मल स्केनिंग से गुजारा जा रहा है. इसके साथ ही सभी 21 एयरपोर्ट पर मेडिकल-पैरामेडिकल की टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी कर चुका है. कोराना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय भी हर दिन हालात की समीक्षा कर रहा है. विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ ही राज्यों के हेल्थ सेकेट्री के साथ लगातार तालमेल कर हालात की समीक्षा की जा रही है. हालात अभी तक काबू में हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर और भी फ्लाइट का इंतजाम चीन से भारतीयों छात्रों को वापस लाने के लिए किया जाएगा.
चीन में कहर बरपा रहा है ये वायरस, 170 से ज्यादा हो चुकी हैं मौत
30 January 2020
नई दिल्ली: वुहान कोरोना वायरस (Wuhan Coronavirus) चीन में कहर बरपाने लगा है. आधिकारिक आंकड़ों के हिसाब से पड़ोसी देश में ही अब तक लगभग 170 लोग दम तोड़ चुके हैं. पूरी दुनिया में लगभग 7,700 लोग कोरोना वायरस की गिरफ्त में आ चुके हैं. हालांकि अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस के अटैक को पब्लिक इमरजेंसी घोषित नहीं किया है. लेकिन रोजाना इस संक्रमण से हो रहीं मौत और फैलता वायरस चीन के लिए स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर चुका है.
भारतीय नागरिकों को निकालने की हो रही कोशिश
इधर भारत सरकार ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए कोशिशें तेज कर दी है. विदेश मंत्रालय ने वुहान शहर में फंसे भारतीय नागरिकों को कंसेंट फॉर्म उपलब्ध कराया है. इसकी मदद से विदेश मंत्रालय चीन के इस शहर में फंसे लोगों की सटीक जानकारी ले सकेगा. इसकी मदद से ही वतन वापसी के लिए सही तैयारी की जाएगी. चीन में संक्रमण फैलने के बीच भारत सरकार ने अपनी निगरानी भी बढ़ा दी है. केंद्र सरकार ने संक्रमण के खतरे को देखते हुए निगरानी का काम 20 हवाई अड्डों तक बढ़ा दिया है.
पूरी दुनिया क्यों चिंतित है कोरोना वायरस से
संक्रमण मामले से जुड़े एक विशेषज्ञ का कहना है कि चीन में जन्में कोरोना वायरस से चिंतित होना लाजमी है. चीन ने सार्स वायरस के बारे में भी पूरी दुनिया को सही जानकारी नहीं दी थी. सार्स पूरे चीन में तेजी से फैल रहा था और नागरिक संक्रमित होकर मर रहे थे. इसके बावजूद चीनी अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से सटीक जानकारी छुपा कर इसके बेहद कम मामले बताए थे. इस गलती की वजह से खतरे का सही अनुमान नहीं लग पाया और 17 देशों में हजारों लोग सार्स वायरस से संक्रमित हुए. जानकारी छिपाने की वजह से सही समय पर सार्स से लड़ने के टीके भी नहीं बन पाए थे.

PAK: बच्‍चों को पोलियो की दवा पिला रही थीं महिलाएं, कट्टरपंथियों ने मार दी गोली
30 January 2020
इस्लामाबाद : पाकिस्तान (Pakistan) में पोलियो (Polio) की वैक्सीन पिलाने वाली दो महिलाओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. जहां शकीला बीवी (28) की मौके पर ही मौत हो गई वहीं गोली लगने से गंभीर रूप से घायल घुनचा गुल (30) की बाद में अस्पताल में मौत हो गई. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, महिलाएं वेक्सीन किटें जमा करने अस्पताल जा रही थी, तभी बाइकसवार हमलावरों ने उनपर हमला कर दिया.
पुलिस ने कहा कि वे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वाब जिला में परमोली कस्बे में बच्चों को पोलियो की वेक्सीन पिलाती थीं.
स्थानीय पुलिस के अनुसार, यह क्षेत्र उच्च संवेदनशील स्थानों में नहीं होने के कारण यहां पोलियो वेक्सीन देने वालों के साथ सुरक्षाकर्मी उपलब्ध नहीं कराए गए थे.
परमोली स्टेशन प्रमुख जिहाद खान ने एफे को बताया, "ड्यूटी करने के बाद दोनों महिलाएं अपनी किटें जमा करने टहलते हुए जा रही थीं कि एक बाइक पर दो अज्ञात बंदूकधारियों ने उन पर पीछे से गोली चला दी." उन्होंने कहा, "हमलावर मौके से भागने में सफल रहे."
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुल को शुरुआत में स्वाब स्थित कालू खान हॉस्पिटल ले जाया गया, जिसके बाद उसे पेशावर स्थित लेडी रीडिंग हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
रूढ़िवादी खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में पोलियोकर्मियों पर हमले आम बात है. दुनिया में सिर्फ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजीरिया ही ऐसे देश हैं जहां पोलियो का बच्चों पर प्रकोप जारी है.

भारत की बड़ी अंतरराष्‍ट्रीय जीत, CAA के खिलाफ यूरोपीय संसद में प्रस्ताव पर नहीं होगी वोटिंग
30 January 2020
नई दिल्ली/लंदन: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर भारत (India) की बड़ी अंतरराष्ट्रीय जीत हुई है. यूरोपीय संसद में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पर आज वोटिंग नहीं होगी. दरअसल, भारत के भारी विरोध और मित्र देशों के दबाव के चलते सीएए के खिलाफ यूरोपीय संसद (ईपी) में पेश 5 विभिन्न संकल्पों से संबंधित संयुक्त प्रस्ताव पर मतदान मार्च तक टल गया है. पहले प्रस्ताव पर बुधवार को बहस के बाद गुरुवार को मतदान होना था. पाकिस्तान ने अपने कुछ यूरोपीय मित्र देशों की मदद से प्रस्ताव पर वोटिंग कराने की कोशिश की थी, लेकिन यहां भी मात मिली.
यूरोपीय संसद की तरफ से इस बाबत बयान जारी करते हुए कहा गया कि 'ब्रसेल्स में आज का सत्र शुरू होने पर यूरोपीय संसद के सदस्यों द्वारा लिए गए फैसले के बाद सीएए पर पेश प्रस्ताव पर वोटिंग को मार्च माह तक टाला गया है.'
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने इस घटनाक्रम का स्वागत किया है. भारत ने कहा कि यूरोपीय संसद में देश के दोस्त आज एक बार फिर पाकिस्तान के समर्थकों पर भारी पड़े हैं. इसके अलावा, भारत ने नागरिकता कानून को आंतरिक मामला बताया है और कहा है कि इसे समुचित लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत लाया गया है.
यूरोपीय संसद ने प्रस्ताव पर वोटिंग प्रक्रिया को मार्च के अंतिम सप्ताह तक के लिए टाल दिया है. अब यूरोपीय संसद का दूसरा सत्र मार्च में आयोजित होगा. यूरोपियन पीपुल्स पार्टी ग्रुप (ईपीपी ग्रुप) नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पर वोटिंग टालने के लिए आज एक प्रस्ताव संसद में लाया था. यह प्रस्ताव 199 के मुकाबले 271 वोट से पास हुआ. 13 सदस्य अनुपस्थित रहे.
सूत्रों ने ZEE MEDIA के सहयोगी चैनल WION को बताया, "नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पर ब्रिटिश सांसद शफ्फाक मोहम्मद की कोशिश भारत की कूटनीति के आगे नाकाम रही. अब उनका कार्यकाल शुक्रवार को खत्म हो रहा है."
अब 13 मार्च को प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग होगी. इसी दिन पीएम मोदी भारत-ईयू समिट में हिस्सा लेने के लिए ब्रुसेल्स के दौरे पर होंगे. यूरोपीय संघ पहले ही कश्मीर और नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव से अपनी दूरी बना चुका है. यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के प्रवक्ता वर्जीन बट्टू हेनरिकस्न का कहना है, "यूरोपीय संसद और इसके सदस्यों द्वारा व्यक्त की गई राय यूरोपीय संघ की आधिकारिक स्थिति को प्रदर्शित नहीं करता."

चीन में कोरोना वायरस से अब तक 106 की मौत, 4515 मामले आए सामने
28 January 2020
बीजिंग: चीन (China) में नोवेल कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 106 हो गई है, वहीं 30 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में 4,515 मामलों की पुष्टि हुई है. चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि 976 मरीजों की स्थिति गंभीर बनी हुई है और सोमवार तक कुल 6,973 लोगों के वायरस से संक्रमित होने का संदेह था.
ठीक होने के बाद कुल 60 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. सोमवार को 1,771 नए मामलों की पुष्टि हुई, 2,077 नए संदिग्ध मामले सामने आए और 26 मौतें हुईं, जिनमें से 24 हुबेई प्रांत में और एक-एक बीजिंग (Beijing) और हाइनान में हुई.
कुल 47,833 करीबी संपर्को का पता चला. आयोग ने कहा कि उनमें से 914 को सोमवार को मेडिकल ऑब्जर्वेशन से छुट्टी दे दी गई, 44,132 अन्य अभी भी निगरानी में थे. फिलहाल, चीन में तिब्बत एकमात्र ऐसा प्रांत है, जहां कोरोनावायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है. समाचार एजेंसी एफे ने क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया कि इस बीच, जर्मनी में, बवेरिया राज्य के स्टारनबर्ग के एक व्यक्ति को कोरोनोवायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की गई. जो देश में पहला मामला है. अधिकारियों ने सोमवार शाम यह जानकारी दी.
बवेरियन हेल्थ एंड फूड सेफ्टी अथॉरिटी के अनुसार, मरीज की स्थिति फिलहाल ठीक है और आइसोलेशन में उस पर निगरानी रखी जा रही है. इसके अलावा सोमवार की रात, कंबोडिया के स्वास्थ्य मंत्री मैम बन हेंग ने देश में पहले कोरोनावायरस के मामले की पुस्टि की . 60 वर्षीय चीनी व्यक्ति में जिसने परिवार के तीन सदस्यों के साथ वुहान से सिहानूकविल की यात्रा की थी, वह इस बीमारी से ग्रस्त पाया गया.
रोगी की स्थिति सामान्य बताई जा रही है और डॉक्टर उसके परिवार के सदस्यों की निगरानी कर रहे हैं, जिनमें जिन्होंने के कोई संकेत नहीं दिखाए दिए हैं. श्रीलंका ने भी सोमवार रात को हुबेई की एक 43 वर्षीय चीनी महिला पर्यटक के इस रोग की चपेट में आने की पुष्टि की. स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी.
चीन, हांगकांग (Hongkong), ताइवान (Taiwan) और मकाऊ के बाहर थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, अमेरिका (US), जापान (Japan), मलेशिया (Malaysia), दक्षिण कोरिया, फ्रांस (France), वियतनाम, कनाडा (Canada), आइवरी कोस्ट और नेपाल में कोरोनावायरस के मामलों की पुष्टि हुई है. चीन के बाहर इस बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई है.

PAK: अल्पसंख्यक हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मातरण के खिलाफ कराची में बड़ा प्रदर्शन
28 January 2020
इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों के जबरन धर्मातरण के खिलाफ रविवार को कराची (Karachi) प्रेस क्लब के सामने एक बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपियों को पकड़ने के बजाए प्रदर्शन करने वाले हिंदुओं को ही राष्ट्र विरोध गतिविधियों के झूठे आरोप लगाकर गिरफ्तार कर रही है.
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लड़कियों का अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन कराने जैसी कथित घटनाओं के विरोध में 26 जनवरी को कराची प्रेस क्लब के बाहर हिंदू समुदाय के लोगों सहित बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया.
रिपोर्ट में बताया गया कि प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि जबरन धर्म परिवर्तन की सबसे हालिया घटना 15 साल की हिंदू लड़की महक कुमारी की है, जो 16 जनवरी को लापता हो गई थी. महक जैकोबाबाद की रहने वाली है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "उसके परिवार का कहना है कि एक मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली व्यक्ति ने उसका अपहरण कर कर धर्मांतरण करा दिया है. उसे शिकारपुर के दरगाह अमरोत शरीफ में इस्लाम धर्म कबूल कराकर उससे निकाह किया गया."
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुलिस सिंध बाल विवाह निरोधक कानून के तहत कार्रवाई नहीं कर रही है, क्योंकि इसमें शामिल परिवार गैर-मुस्लिम है. सामाजिक कार्यकर्ता बिरमा जेसरानी ने कहा, "दुर्भाग्य से अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई है. अल्पसंख्यकों की नाबालिग लड़की को कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया है. उसका जबरन धर्मातरण कराकर निकाह करा दिया गया है."
उन्होंने कहा कि ऐसी हिंदू लड़कियों को ढूंढने और हिंदू समुदाय को सुरक्षा प्रदान करने के बजाए पुलिस ने जैकोबाबाद में हिंदू समुदाय के सदस्यों का ही उत्पीड़न किया है. विरोध प्रदर्शन के आयोजक राज कुमार ने कहा, "पुलिस ने धर्म परिवर्तन का विरोध करने वाले चार हिंदू लोगों को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के झूठे मामले में गिरफ्तार किया है. अब उनके घरों पर छापेमारी करके समुदाय को परेशान किया जा रहा है."
प्रदर्शनकारियों ने यह सवाल भी पूछा कि केवल युवा हिंदू लड़कियों को ही इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित क्यों किया जा रहा है और उम्रदराज हिंदू ऐसा (धर्म परिवर्तन) करते हुए क्यों नहीं पाए जाते? प्रदर्शनकारियों ने प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ अत्याचारों के खिलाफ नारे लगाए और बैनर लहराए. इन बैनरों पर विभिन्न स्लोगन लिखे गए थे. इनमें 'अपहरण के बाद हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण को रोकें', 'जबरन धर्म परिवर्तन एक इस्लामिक विचारधारा नहीं है' और 'कृपया हमें शांति से जीने दें' शामिल थे.
पाकिस्तान हिंदू काउंसिल (पीएचसी) ने भी पांच जुलाई 2019 को कराची के प्रेस क्लब के सामने एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए थे.

हमास प्रमुख ने अमेरिका की मध्य पूर्व शांति संधि की खारिज, दी ये वजह
28 January 2020
गाजा: इस्लामिक हमास आंदोलन के प्रमुख इस्माइल हानिये ने अमेरिका (US) की मध्य पूर्व शांति योजना को खारिज करने की घोषणा कर दी है. उनके कार्यालय ने एक बयान में यह जानकारी दी. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने इस योजना को डील ऑफ द सेंचुरी (सदी का समझौता) बताया है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने रविवार को जारी हुए बयान के हवाले से कहा, "अपना रास्ता खुद बनाने तथा अपने जेरूशलम और अपने पवित्र स्थलों को बचाने के लिए हम फतेह पार्टी में अपने भाइयों तथा काहिरा में सभी धड़ों के साथ आकस्मिक बैठक करने के लिए तैयार हैं. फिलिस्तीनी धड़ों ने अमेरिकी मध्य पूर्व शांति योजना की आलोचना की है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मंगलवार को इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के व्हाइट हाउस दौरे के दौरान इस योजना का खुलासा करेंगे.
ट्रंप ने 23 जनवरी को संवाददाताओं से कहा था कि 'फिलिस्तीनी शुरुआत में इस योजना पर नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकते हैं, लेकिन वास्तव में यह उनके लिए बहुत सकारात्मक है. ट्रंप इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति के लिए अपनी 'डील ऑफ द सेंचुरी' का प्रकाशन कई बार स्थगित कर चुके हैं.
ट्रंप की योजना के आर्थिक भाग पिछले साल जून में बहरीन में अमेरिका की अगुआई हुए सम्मेलन में खुलासा हुआ था. फिलिस्तीनियों ने इस सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया था. साल 2017 में अमेरिका द्वारा इजरायल की राजधानी के रूप में जेरूशलम को मान्यता देने और 2018 में अमेरिकी दूतावास जेरूशलम स्थानांतरित करने पर अमेरिका और फिलिस्तीन के राजनीतिक संबंध नाजुक स्थिति में पहुंच गए थे.

जर्मनी: गोलीबारी में 6 की मौत, 2 की हालत गंभीर
25 January 2020
बर्लिन: जर्मनी (Germany) के दक्षिण-पश्चिम में स्थित शहर रोट एम सी में शुक्रवार को एक युवक ने गोलीबारी कर दी, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. स्थानीय पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि स्थानीय रेलवे स्टेशन के निकट एक इमारत में हमलावर (26) ने कई गोलियां चलाईं और उसके बाद उसने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पीड़ित हमलावर के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं. इनमें हमलावर के पिता (65), मां (56), 36 और 69 साल के दो पुरुष और 36 तथा 62 वर्ष की दो महिलाएं हैं. इसके अलावा गोली लगने से एक आदमी और एक औरत गंभीर रूप से घायल भी हो गए.
घटना में किसी और के शामिल होने के संकेत नहीं मिले हैं. स्थानीय पुलिस प्रमुख रीनर मोएलर ने कहा कि पहली नजर में यह पारिवारिक विवाद लग रहा है. हालांकि हमलावर का उद्देश्य अभी भी स्पष्ट नहीं हुआ है.
मोएलर ने कहा कि बंदूकधारी ने इससे पहले कोई अपराध नहीं किया था. घटनास्थल पर 100 से ज्यादा अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं और उसके आसपास के इलाकों की अस्थाई तौर पर घेराबंदी कर ली गई है.

तुर्की में भूकंप से भारी तबाही, अबतक 18 की मौत, 550 से ज्‍यादा घायल
25 January 2020
अंकारा: पूर्वी तुर्की (Eastern Turkey) में शुक्रवार को आए भीषण भूकंप (Earthquake) से भारी तबाही हुई है. 6.8 तीव्रता के इस भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है, जबकि 550 से अधिक लोग घायल हुए हैं. देश के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने शनिवार को यह जानकारी दी.
न्‍यूज एजेंसी Anadolu ने देश की आपदा और आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी का हवाला देते हुए बताया कि शुरुआती भूकंप के बाद से 35 आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के हल्‍के झटके) भी महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 2.7 से 5.4 के बीच रही.
तुर्की के कई मानवीय संगठनों ने अपनी टीमों को मौके पर भेजा है, जो भूकंप से प्रभावित लोगों को भोजन, कंबल और अन्य आवश्यकताएं प्रदान कर रहे हैं.

भारत द्वारा पाम ऑयल पर बैन से नेपाल चिंतित, कहा- 'यह एक झटके की तरह है'
25 January 2020
काठमांडू : नेपाल (Nepal) के वित्त मंत्री डॉ. युबा राज खातीवाड़ा (Dr Yuba Raj Khatiwada) ने शनिवार को उम्मीद जताई कि भारत (India) रिफाइंड पाल ऑयल (R‍efined Palm Oil) के आयात पर प्रतिबंध संबंधी अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा. उन्‍होंने कहा कि "हम नहीं जानते कि हमारे पड़ोसी देश ने पाम ऑयल पर प्रतिबंध क्यों लगाया. इसके पीछे कुछ और राजनीति हो सकती है."
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि भारत सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा. हम अपने राजनयिक चैनल के माध्यम से इस पर चर्चा कर रहे हैं, यदि आवश्यक हो तो हम राजनीतिक चैनल के माध्यम से भी जा सकते हैं."
मंत्री ने कहा कि नेपाल द्वारा भारत को निर्यात का 25 प्रतिशत हिस्‍सा पाल ऑयल उद्योग से संबंधित है. इस पर प्रतिबंध से हमारे उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा."
यह कहते हुए कि दोनों देश व्यापार घाटे को कम करने के लिए सहमत हैं, मंत्री ने कहा कि हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि हमें व्यापार घाटे को कम करने की कोशिश करनी चाहिए और उस भावना से हमें उम्मीद है कि भारत अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा.
उन्होंने कहा कि "इसके बारे में कोई पूर्व संकेत नहीं था, इसलिए यह एक झटके की तरह था. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नेपाल को भारत और चीन के निवेशकों के लिए निकटतम गंतव्य होना चाहिए.
दोनों देशों के व्यापार संबंधों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि "नेपाल का प्रमुख व्यापारिक साझीदार भारत निश्चित रूप से है. हमारे व्यापार का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा भारत के साथ है.

चीन से लौटे कोरोना वायरस के दो संदिग्‍ध मरीज मुंबई में भर्ती
24 January 2020
मुंबई: दुनिया भर में सुर्खियां बने कोरोना वायरस (CoronaVirus) के दो संदिग्ध मरीज यहां पाए गए. दोनों को कस्तूरबा अस्‍पताल के स्पेशल वार्ड में रखा गया है. ये दोनों चीन से लौटे थे जहां कोरोना वायरस का खतरा सबसे ज्यादा पाया गया है. बीएमसी ने कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए कस्तूरबा हास्पिटल में स्पेशल वार्ड बनाया है. इस वार्ड को बाकी वार्ड से अलग-थलग रखा गया है जहां कोरोना वायरस के प्रभावित मरीज़ों को मेडिकल आब्जर्वेशन में रखा गया है और उनके इलाज़ की व्यवस्था की गई है.
मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डाक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि चीन से लौटने वाले किसी भी मुसाफिर में कोरोना वायरस के जरा भी लक्षण देखें तो तुरंत कस्तूरबा हास्पिटल के स्पेशल वार्ड भेज दें. सभी प्राइवेट डाक्टरों को भी निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना वायरस के लक्षण वाला कोई मरीज उनके क्लीनिक में आएं तो तुरंत इसकी खबर बीएमसी को दें.
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए बीएमसी को पर्याप्त निर्देश दिए हैं. कोरोना वायरस से सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर सांस संबंधित गंभीर बीमारी हो सकती है लेकिन चीन में जिस तरह के वायरस से लोगों की मौत हुई वैसा पहले कभी नहीं देखा गया. नोवल कोरोना वायरस से बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या हो सकती है.
उल्‍लेखनीय है कि चीन में रहस्यमयी कोरोना वायरस(Coronavirus) से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि खतरनाक कोरोना वायरस की चपेट में आने से अबतक 25 लोगों की मौत हो गई है. जबकि इसके 830 मामलों की पुष्टि की गई है. हुबेई प्रांत में 24 और हेबेई में एक की मौत हुई है. गुरुवार मध्यरात्रि तक, हांगकांग में दो, मकाऊ में दो और ताइवान में एक मामले की पुष्टि हुई. थाईलैंड में तीन मामलों की पुष्टि की गई थी, जिनमें से दो मरीज अब ठीक हैं. जापान में इस रोग की चपेट में आया एक मरीज अब ठीक है. जबकि दक्षिण कोरिया, अमेरिका और सिंगापुर में एक-एक और वियतनाम में दो मामलों की पुष्टि हुई है. वहीं, भारत इस रहस्यमयी कोरोनावायरस पर बारीकी से निगरानी कर रहा है. बीजिंग में भारतीय दूतावास वुहान में चीनी अधिकारियों के साथ-साथ हुबेई प्रांत में भारतीयों के संपर्क में है.
क्या है कोरोना वायरस
कोरोना असल में वायरसों का एक बड़ा समूह है जो जानवरों में आम है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) के अनुसार, कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है. नया चीनी कोरोनो वायरस, सार्स वायरस की तरह है. इसके संक्रमण से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं हो जाती हैं. यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है.
हांगकांग विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वायरोलॉजिस्ट लियो पून, जिन्होंने पहले इस वायरस को डिकोड किया था, उन्हें लगता है कि यह संभवतः एक जानवर में शुरू हुआ और मनुष्यों में फैल गया.
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के उपाय:-
जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें.
अपने हाथ साबुन और पानी या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करें.
मीट और अंडों को अच्छे से पकाएं.
खांसते या छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें.
जंगल और खेतों में रहने वाले जानवरों के साथ असुरक्षित संपर्क न बनाएं.

चीन ने सही समय पर दी कोरोनावायरस रोग की जानकारी: WHO
24 January 2020
बीजिंग: चीन (China) ने सही समय पर नए कोरोनावायरस (Coronavirus) रोग की सूचना साझा की और उसने संबंधित कदम उठाए और उच्च पारदर्शिता दिखाई. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ट्रेडोस अधानोम घेब्रेयसुस ने जिनेवा में यह बात कही. डब्ल्यूएचओ (WHO) ने बुधवार को आपात समिति का सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें विचार विमर्श किया गया कि क्या कोरोनावायरस रोग अंतरराष्ट्रीय आपातकाल का मुद्दा बन जाएगा या नहीं.
महासचिव घेब्रेयसुस ने सम्मेलन के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ज्यादा सूचना प्राप्त करके तय किया जाएगा कि नए कोरोनावायरस रोग को अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया जाएगा या नहीं. डब्ल्यूएचओ का दल अभी चीन में स्थानीय विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ सहयोग करते हुए जांच कर रहा है.
घेब्रेयसुस ने रोग की रोकथाम और नियंत्रण के क्षेत्र में चीनी स्वास्थ्य विभागों और डब्ल्यूएचओ के बीच सहयोग का आभार जताया. उनका मानना है कि चीनी नेताओं द्वारा उठाए गए रोकथाम और नियंत्रण कदम महत्वपूर्ण है. चीन ने ठीक समय पर रोग स्थिति से संबंधित सूचना साझा की और इससे निपटने में कदम भी उठाए और साथ ही चीन ने उच्च पारदर्शिता भी दिखाई.

यमन में फिर मिसाइल से हमला, 3 दिन के अंदर अब तक 102 लोगों की मौत
23 January 2020
सना: यमन के मध्य में स्थित प्रांत मारिब में हौती विद्रोहियों के एक मिसाइल हमले में दो लोगों की मौत हो गई. सरकार के एक सूत्र ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, हमले की चपेट में प्रांत की राजधानी मारिब के पास स्थित अल-रावदाह में एक नागरिक मकान आ गया. मृतकों में एक महिला और एक बच्चा है वहीं छह लोग घायल हो गए. हमले में घर पूरी तरह नष्ट हो गया. हौती संगठन ने हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इससे पहले शनिवार को एक सैन्य प्रशिक्षण शिविर में एक संदिग्ध हौती मिसाइल हमले में 100 से ज्यादा सैनिकों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे.
हौतियों के कब्जे में राजधानी सना से लगभग 170 किलोमीटर पूर्व में स्थित मारिब पर यमन के राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मनसौर हादी की सरकारी सेना का नियंत्रण है. यमन के एक सरकारी अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर सिन्हुआ को बताया कि इससे पहले सऊदी की अगुआई में गठबंधन ने यमन सरकार के सहयोग से सना से लगभग 60 किलोमीटर पूर्वोत्तर में नेह्म जिले में हौती विद्रोहियों पर हवाई हमले किए.
सरकार समर्थित न्यूज वेबसाइट अल-मसदार ऑनलाइन के अनुसार, मारिब और सना के बीच नेह्म में यह हिंसा चार दिन चली, जिसमें दोनों तरफ से कई लोगों की मौत हुई. सरकार साना की तरफ बढ़ रही है.

कैलिफोर्निया हवाईअड्डे पर विमान दुर्घटना, 4 की मौत
23 January 2020
लॉस एंजेलिस: कैलिफोर्निया (California) में बुधवार को कोरोना म्यूनिसिपल एयरपोर्ट पर एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. स्थानीय प्रशासन ने यह जानकारी दी. कोरोना पुलिस विभाग ने ट्विटर पर बताया कि दुर्घटना स्थानीय समय अनुसार अपराह्न 12.11 बजे हवाईअड्डे के पूर्वी भाग में हुई. लोगों ने विमान को आग से धधकता पाया.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, कोरोना दमकल विभाग ने ट्वीट किया कि विमान में 3-4 लोग सवार थे और लगभग 80 गैलन ईधन था. दोनों विभाग मौके पर पहुंच गए थे. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि विमान में कितने लोग सवार थे. हवाईअड्डे को फिलहाल बंद कर दिया गया है.

US: अमेरिकी सीनेट ने ट्रंप के दस्तावेजों को लेकर डेमोक्रेटिक की मांग को नकारा
22 January 2020
वाशिंगटन: अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के खिलाफ चल रहे महाभियोग के मुकदमे के दौरान डेमोक्रेट द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव के लिए मतदान किया, जिसमें यूक्रेन (Ukraine) के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति के डील से संबंधित दस्तावेजों की व्हाइट हाउस (White House) से मांग की गई.
हालांकि, प्रस्ताव खारिज हो गया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, प्रस्ताव जो कि मुकदमा प्रक्रिया को गाइड करने वाले रिपब्लिकन-प्रस्तावित प्रस्ताव में संशोधन के संबंध में था, को सीनेट के अल्पसंख्यक नेता चक शूमर द्वारा मंगलवार को लाया गया. इसमें व्हाइट हाउस द्वारा रखे गए किसी भी 'दस्तावेज, कम्युनिकेशन और अन्य रिकॉर्ड' को पेश करने के लिए कहा गया था.
संशोधन के पक्ष में 47 वोट पड़े जबकि विरोध में 53 वोट पड़े जिससे यह खारिज हो गया. डेमोक्रेट अब एक दूसरे संशोधन को पेश कर रहे हैं जिसमें विदेश विभाग से दस्तावेजों और रिकॉडरें को पेश करने की मांग की गई है.

चीन: IMF ने 2020 में आर्थिक वृद्धि की जताई संभावना, गिनाए ये कारण
22 January 2020
बीजिंग: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने 20 जनवरी को स्विट्जरलैंड (Switzerland) के दावोस में जारी वैश्विक आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में चीन (China) की 2020 आर्थिक वृद्धि उम्मीद को पिछले अक्टूबर के 5.8 प्रतिशत से 6 प्रतिशत तक बढ़ाया. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 और 2021 में चीन की आर्थिक वृद्धि 6 प्रतिशत और 5.8 प्रतिशत होगी.
आईएमएफ (IMF) के मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर कम होने का कारण संरचनात्मक परिवर्तन है. अनुमान है कि आने वाले वर्षो में चीन की आर्थिक वृद्धि उचित रूप से धीमी हो रही है, क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था का संरचनात्मक परिवर्तन हो रहा है.
चीन की आर्थिक वृद्धि उम्मीद बढ़ाने के बावजूद आईएमएफ ने दुनिया की समग्र आर्थिक वृद्धि उम्मीद को घटाया है. अनुमान है कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 2.9 प्रतिशत हुई और 2020 व 2021 में 3.3 और 3.4 प्रतिशत होगी, जो पिछले अक्टूबर में जारी वैश्विक आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट से 0.1, 0.1 और 0.2 प्रतिशत कम हुई.
रिपोर्ट के अनुसार, 2020 और 2021 में विकसित आर्थिक समुदायों की आर्थिक वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत तक कायम रहेगी, जबकि नवोदित बाजारों और विकासशील आर्थिक समुदायों की आर्थिक वृद्धि दर 4.4 और 4.6 प्रतिशत होगी.

बगदाद: 3 रॉकेट हमले से दहल गया अमेरिकी दूतावास, ईरान पर घूमी शक की सुई
21 January 2020
बगदाद: इराक की राजधानी बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास के नजदीक रॉकेट दागे गए हैं. सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि बेहद सुरक्षित इलाके में स्थित अमेरिकी दूतावास के नजदीक तीन रॉकेट दागे गए हैं. हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है. घटना के बाद पूरे इलाके में सायरन की आवाज गूंजने लगा. अमेरिका ने इस तरह के हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि ईरान ने इसकी कभी भी जिम्मेदारी नहीं ली है.
मालूम हो कि मौजूदा वक्त में ईरान और अमेरिका के रिश्ते तल्ख हैं. अमेरिका ने ईरानी कमांडर की हत्या कर दी तो जवाब में ईरान अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर मिसाइल से हमला कर चुका है. इराक में 8 जनवरी को दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हुए ईरानी मिसाइल हमले में 11 अमेरिकी सैनिकों के घायल होने का दावा किया गया था. हालांकि अमेरिका ने इसे नकार दिया था. अमेरिकी केंद्रीय कमान के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन के हवाले से बताया था, 'अल असद हवाईअड्डे पर 8 जनवरी को हुए ईरानी हमले में भले ही कोई अमेरिकी सैनिक नहीं मारा गया था, लेकिन कई लोगों के मस्तिष्काघात के लक्षणों का इलाज किया गया और अभी भी उनकी निगरानी की जा रही है.'
ईरान ने 8 जनवरी को ऐन अल असद और इरबिल में अमेरिकी सेना और गठबंधन सैनिकों की तैनाती वाले दो इराकी सैन्य ठिकानों पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें दागी थी. 3 जनवरी को बगदाद हवाईअड्डे के पास अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी मेजर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान का यह जवाबी कार्रवाई था. हमले के बाद पेंटागन ने कहा था कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
अर्बन ने कहा कि ऐहतियात के तौर पर हमले के बाद कुछ सैनिकों की मस्तिष्क की जांच की गई और परिणामस्वरूप लक्षण पाए गए. सिन्हुआ ने सीएनएन की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि आठ सैनिकों को जर्मनी भेजा गया और तीनों को आगे की जांच के लिए कुवैत भेज दिया गया. वर्तमान में, आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ लड़ाई में देश की सेनाओं का सहयोग करने के लिए 5,000 से अधिक अमेरिकी सैनिक इराक में तैनात हैं.
अमेरिकी हमले में ईरानी कमांडर की मौत यहां बता दें कि अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई है. ईरान की न्यायपालिका के प्रवक्ता का कहना है कि ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के लिए ईरान, अमेरिकी सेना और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दायर करेगा. ईरान की न्यायपालिका के प्रवक्ता गुलाम हुसैन इस्माइली ने बुधवार को कहा, 'हम ईरान, इराक और हेग कोर्ट (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) में अमेरिकी सेना और ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दायर करने का इरादा रखते हैं.'

लंदन में सिख गुटों में हुई झड़प, 3 की मौत
21 January 2020
लंदन: लंदन (London) में रविवार रात दो सिख गुटों की झड़प में समुदाय के तीन लोगों की मौत हो गई. इस मामले में सोमवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का दावा है कि दो गुटों झड़प की वजह से तीन लोगों की मौत हुई है. जांच एजेंसी तिहरा हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है और मृतकों के परिवारों को घटना के बारे में सूचित कर दिया है.
मेल ऑनलाइन के मुताबिक, इस मामले में हत्या (Murder) के संदिग्ध के तौर पर 29 और 39 वर्षीय दो सिख युवकों को गिरफ्तार किया गया है. यह घटना पूर्वी लंदन के इलफोर्ड में सेवन किंग्स रेलवे स्टेशन के नजदीक हुई. तीन अज्ञात मृतकों की उम्र 20 से 30 के बीच है. उन पर चाकुओं से हमला किया गया था और वारदात स्थल पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
इस हत्याकांड के भयानक दृश्य सोशल मीडिया (Social Media) पर पोस्ट किए गए हैं, जिसमें एक मृतक खून से लथपथ स्टेशन के नजदीक सीढ़ियों के नीचे पड़ा था. स्टेशन के नजदीक स्थित एक टैक्सी कंपनी के मालिक ने कहा कि एक आदमी अपने घर से खून से लथपथ अवस्था में बाहर निकला और मदद की गुहार लगा रहा था.

शाही परिवार से अलग होने के बाद पहली बार प्रिंस हैरी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- 'इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं था'
21 January 2020
लंदन: इंग्लैंड के प्रिंस हैरी ने कहा है कि उनके पास ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्य के दर्जे से पीछे हटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. यहां एक चैरिटी कार्यक्रम में हैरी ने कहा, "पत्नी (मेगन मर्केल) और खुद के लिए मैंने जो पीछे हटने का निर्णय लिया है, उसे मैंने हल्के में नहीं लिया है." उन्होंने कहा, "वर्षो की चुनौतियों बाद महीनों तक बातचीत हुई और मैं जानता हूं कि मुझे हमेशा यह सही नहीं लगा, लेकिन जहां तक इन सारी चीजों का सवाल है, वाकई में इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था."
ड्यूक ऑफ ससेक्स ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि वह और मेगन दूर नहीं जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "इंग्लैंड मेरा घर है और इसे मैं प्यार करता हूं, जो कभी नहीं बदलेगा." अपने और अपनी पत्नी के शाही परिवार से अलग होने की घोषणा के बाद हैरी ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर बयान दिया है और वे अब औपचारिक रूप से रानी के प्रतिनिधि नहीं बनेंगे.
उन्होंने कहा, "आपने जिन सारी बातों को पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान सुना है और शायद पढ़ा है, मैं सिर्फ उसकी कल्पना भर कर सकता हूं." उन्होंने कहा, "इसलिए मैं आपको खुद सच बताना चाहता हूं, एक राजकुमार के तौर पर नहीं, बल्कि हैरी के तौर पर."

ईरान में स्वदेश निर्मित उपग्रह लॉन्च के लिए तैयार, 90 किलोग्राम होगा वजन, करेगा ये जरूरी काम
20 January 2020
तेहरान: तेहरान (Tehran) में स्वदेश निर्मित उपग्रह जफर लॉन्च के लिए पूरी तरह से तैयार है. लॉन्च के लिए उपग्रह को ईरान स्पेस एजेंसी (आईएसए) को सौंप दिया गया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने उपग्रह जफर को डिजाइन करने वाले ईरान (Iran) के विश्वविद्यालय 'यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी' के अधिकारी के हवाले से कहा, "अगले तीन महीनों के भीतर उपग्रह को कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा."
ईरान के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्री (आईसीटी) मोतेर्जा बरारी ने कहा, "रंगीन कैमरों से सुसज्जित जफर 90 किलोग्राम का रिमोट-सेंसिंग उपग्रह है, जिसका इस्तेमाल तेल भंडार, खानों, जंगलों और प्राकृतिक आपदाओं के सर्वेक्षण के लिए किया जा सकता है." ईरान के पहले स्वदेश निर्मित उपग्रह का नाम ओमिद (उम्मीद) था, जिसे वर्ष 2009 में लॉन्च किया गया था.
मंत्री बरारी जो ईरान स्पेस एजेंसी के प्रमुख भी हैं, उन्होंने कहा कि यह उपग्रह गोलाकार कक्षा में घूम सकता है और अपने खोजपूर्ण अभियानों के दौरान संदेश भेज सकता है. ईरानी अधिकारी ने कहा कि यदि यह लॉन्च कामयाब रहता है, तो जफर नाम का यह उपग्रह 530 किलोमिटर की ऊंचाई पर 18 महीनों तक पृथ्वी के चक्कर काटेगा.

पाकिस्तान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ की मेडिकल रिपोर्ट खारिज की, जताई फर्जी होने की आशंका
20 January 2020
कराची: पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की मेडिकल रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. सरकार का कहना है कि यह रिपोर्ट लंदन (London) के उनके जनरल फिजिशयन ने नहीं बल्कि एक निजी डॉक्टर ने तैयार की है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून द्वारा प्राप्त की गई जानकारी के अनुसार, मेडिकल रिपोर्ट में शरीफ की ब्लड प्लेटलेट्स काउंट से संबंधित इलाज का विवरण नहीं है.
सात साल की जेल की सजा पा चुके पूर्व प्रधानमंत्री की जमानत मंजूर किए जाने के बाद उन्हें उनके प्लेटलेट काउंट में लगातार गिरावट होने के कारण इलाज के लिए विदेश जाने की भी अनुमति दी गई थी. सूत्रों का दावा है कि शरीफ ने उस डॉक्टर द्वारा तैयार की गई मेडिकल रिपोर्ट भेजी है, जिससे उन्होंने लंदन में अपना चेकअप भी नहीं कराया था.
ब्रिटेन (Britain) में नियमों के अनुसार, एक मरीज जिस डॉक्टर से नियमित तौर पर अपना इलाज करवाता है, मरीज के चेकअप का पूरा विवरण भी वही डॉक्टर जारी कर सकता है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, नियमों के तहत विवरण की एक प्रति डॉक्टर अपने पास रखता है और दूसरी प्रति मरीज को दी जाती है, जबकि तीसरी कॉपी अस्पताल के पास रिकॉर्ड के तौर पर मौजूद रहती है.
रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ को प्लेटलेट कमी और (आईटीपी) बीमारी के कारण चार कार्डियाक चेकअप से गुजरना पड़ा, वहीं एक कार्डियोलॉजिस्ट ने कुछ और टेस्ट कराने के लिए कहा है. कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय संबंधी डॉक्टर) साइमन ब्रेट वुड द्वारा लंदन के गायज हॉस्पिटल में शरीफ के तीन चेकअप करने के बाद उन्हें एंजियोप्लास्टि करने का निर्देश दिया था. सूत्रों ने हालांकि दावा किया है कि वुड ने कोई भी रिपोर्ट जमा नहीं कराई है.

यमन में हुआ बैलेस्टिक मिसाइल हमला, 70 सैनिकों की मौत
20 January 2020
साना: यमन (Yaman) के मारिब प्रांत में एक बैलेस्टिक मिसाइल हमले में 70 जवानों की मौत हो गई. सरकारी सूत्रों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से कहा, "अल-एस्टिकबल सैन्यअड्डे में एक मस्जिद के पास शनिवार रात हुए इस हमले में दर्जनों सैनिकों को गंभीर चोटे आई हैं."
यमनी सरकारी अधिकारियों ने हमले के लिए ईरान (Iran)-सहयोगी हौथी विद्रोहियों को दोषी ठहराया है, लेकिन हौथियों ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
स्थानीय लोगों के अनुसार, मारिब के इस हमले के कुछ घंटे बाद ही यमन सरकीर की समर्थक सऊदी (Saudi) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने हौथी विद्रोहियों समूह की राजधानी सना के दक्षिण-पूर्व में उनके नियंत्रण वाले सैन्यअड्डे पर कई सीरीज में हवाई हमले किए. इनमें किसी के भी मारे जाने की कोई खबर नहीं है.

परवेज मुशर्रफ को बड़ा झटका, सजा-ए-मौत के फैसले के खिलाफ अर्जी पर SC का सुनवाई से इनकार
18 January 2020
नई दिल्‍ली/इस्‍लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट (Pakistan Supreme Court) रजिस्‍ट्रार कार्यालय ने देशद्रोह मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) को दी गई सजा के खिलाफ उनकी तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. मुशर्रफ ने अर्जी के जरिये विशेष अदालत के फैसले को रद्द करने की मांग की है, जिस पर रजिस्ट्रार कार्यालय की तरफ से आपत्तियां लगाई गई हैं.
रजिस्ट्रार कार्यालय का कहना है कि इस तरह के किसी भी कदम के लिए मुशर्रफ को पहले खुद सरेंडर करना होग. परवेज मुशर्रफ ने गुरुवार को लाहौर उच्च न्यायालय के फैसले को आधार बनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें उनके खिलाफ विशेष अदालत के फैसले को रद्द करने और खारिज करने की मांग की गई थी.
रजिस्ट्रार कार्यालय ने इस आधार पर अपील लौटा दी कि जबतक याचिकाकर्ता आत्मसमर्पण नहीं कर देता, उसकी याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा. मुशर्रफ के वकील अब जल्द ही याचिका लौटाने के रजिस्ट्रार के फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं.
मुशर्रफ ने इस्लामाबाद की विशेष अदालत द्वारा 17 दिसंबर 2019 को दिए गए फैसले के खिलाफ गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. विशेष अदालत ने देशद्रोह मामले में मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी.
बैरिस्टर सलमान सफदर द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि मामले की सुनवाई संविधान का उल्लंघन करते हुए हुई थी, इसलिए इस फैसले को रद्द कर दिया जाना चाहिए.
अपील में सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट से मामले की बहस को सुनने का अधिकार मांगा गया है, इसके अलावा न्याय और निष्पक्षता के हित में फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई.
दिसंबर में विशेष अदालत का यह फैसला पाकिस्तान के इतिहास का पहला फैसला था, जिसमें किसी पूर्व सैन्य प्रमुख को देशद्रोह के मामले में दोषी करार देकर मौत की सजा सुनाई गई हो.
मामले की सुनवाई शुरू होने के छह साल बाद मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई गई. 3 नवंबर, 2007 में संविधान रद्द कर पूर्व राष्ट्रपति ने देश में आपातकाल लागू कर दिया था, जिसपर पाकिस्तान मुस्लिम लीग - नवाज (पीएमएल-एन) सरकार ने मामला दर्ज किया था. पूर्व सैन्य प्रमुख फिलहाल दुबई में हैं. पिछले महीने तबियत बिगड़ने के बाद से वे अस्पताल में भर्ती हैं.

कश्मीर मुद्दे पर रूस ने एक बार फिर भारत का समर्थन किया
18 January 2020
नई दिल्ली: रूस ने शुक्रवार को दोहराया कि जम्मू एवं कश्मीर राज्य का संवैधानिक पुनर्गठन, भारत का आंतरिक मामला है और इससे उसका कोई सरोकार नहीं है. भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव ने यहां एक प्रेस ब्रीफिंग में कश्मीर के संबंध में कई सवालों के जवाब दिए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा एक बार फिर पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर पर चर्चा करने के चीन के अनुरोध को खारिज करने के एक दिन बाद यह टिप्पणी आई है.
कुदाशेव ने यहां दूतावास में कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के मूल सिद्धांतों में से एक, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बचने का है. इस सवाल पर कि क्या वह कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर पश्चिमी मीडिया द्वारा जाहिर किए गए संदेह को देखते हुए कश्मीर का दौरा करना चाहते हैं, रूस के राजदूत ने कहा कि वह कश्मीर का दौरा करने के लिए विशेष रूप से उत्सुक नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "मेरे पास यात्रा करने का कोई कारण नहीं है. जिन्हें चिंता और संदेह हैं, वे यात्रा कर सकते हैं. लेकिन हम आंतरिक मुद्दों और देशों के संवैधानिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं." इस दौरान उन्होंने भारत व इसकी विदेश नीति की भी जमकर प्रशंसा की.

चीन में कंट्रोल होने लगी जनसंख्या, 7 दशक में पहली बार सबसे कम रही जन्म दर
17 January 2020
बीजिंग: चीन में 70 साल पहले पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के गठन के बाद से जन्म दर सबसे कम हो गई है. ऐसा एक बच्चा नीति में ढील दिए जाने के बावजूद हुआ है. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
बीबीसी ने एनबीएस के हवाले से कहा कि 2019 में जन्म दर प्रति हजार पर 10.48 फीसदी रही. इसमें यह भी कहा गया कि 2019 में एक करोड़ 46 लाख 50 हजार बच्चों का जन्म हुआ.
देश की जन्म दर सालों से गिर रही है, जो दुनिया की दूसरे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के समक्ष एक चुनौती है.
एनबीएस ने कहा कि जन्म दर गिरने के बावजूद चीन में मृत्यु दर के कम होने से जनसंख्या 2019 में 1.4 अरब हो गई, जो पहले 1.39 अरब थी.
1979 में चीन सरकार ने राष्ट्रव्यापी रूप से 'वन चाइल्ड पॉलिसी' शुरू की है. ऐसा जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए किया गया.
बीबीसी ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले परिवारों को जुर्माना, रोजगार से हाथ धोना पड़ता था और कभी-कभी गर्भपात के लिए मजबूर होना पड़ता था. लेकिन इस नीति को लिंग असंतुलन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. 2019 के आंकड़ों के अनुसार पुरुष, महिलाओं से तीन करोड़ से ज्यादा संख्या में हैं.
साल 2015 में सरकार ने वन चाइल्ड पॉलिसी को खत्म कर दिया और दंपतियों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी. लेकिन यह सुधार देश में जन्म दर को बढ़ाने में कारगर नहीं रहा है.

आस्ट्रेलिया के जंगल में लगी आग ने धुंधला किया आसमान, धुएं की वजह से कई उड़ानें रद्द
16 January 2020
सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई (Australia) जंगल में लगी आग से उठ रहे धुएं की वजह से मेलबर्न हवाई अड्डे पर 50 घरेलू उड़ानें बुधवार को बाधित हो गईं. धुएं के कारण दृश्यता कम होने से उड़ान के लिए परिस्थिति खतरनाक हो गई है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विक्टोरिया के पूर्वी गिप्सलैंड क्षेत्र में जंगल में लगी आग से निकलते धुएं की वजह से यातायात नियंत्रकों को हवाई अड्डे के एक रनवे को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
इस वजह से 50 घरेलू उड़ानों को रद्द कर दिया गया. हवाई अड्डे के एक प्रवक्ता ने सिन्हुआ को बताया कि यात्रियों को अपनी उड़ानों के अपडेट पर नजर बनाए रखनी होगा. उन्होंने कहा, "हमें आशंका है कि शाम के दौरान उड़ानों में कुछ देर होने के साथ ही यह देरी कल भी संभवत: जारी रहेगी."
यह दूसरा ऐसा दिन है जब मेलबर्न में मंगलवार को कुछ उड़ानें प्रभावित हुईं. साथ ही वायु की गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है. धुएं के कारण ऑस्ट्रेलियाई ओपन का क्वालीफाइंग सत्र भी प्रभावित रहा, जिससे मैच स्थगित हो गए.

ईरान: गिरते विमान का वीडियो बनाना एक व्यक्ति पर पड़ा भारी, लगे ये गंभीर आरोप
15 January 2020
तेहरान: ईरान (Iran) ने कहा है कि उसने मिसाइल हमले के बाद गिर रहे यूक्रेन (Ukraine) के एक यात्री विमान का वीडियो शूट करने के अपराध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. बीबीसी की मंगलवार की रिपोर्ट के अनुसार, माना जा रहा है कि आरोपित व्यक्ति पर राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित आरोप लगाए जाएंगे.
बुधवार को तेहरान से उड़ान भरने के बाद उड़ान संख्या पीएस752 गिर गया था, जिससे उसमें सवार 176 नागरिकों की मौत हो गई थी. ईरान ने कहा है कि उस विमान पर गलती से हमला हो गया और उसने घोषणा की है कि इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
राष्ट्रपति हसन रूहानी (Hassan Rouhani) ने कहा कि उनके देश की जांच एक विशेष कोर्ट की निगरानी में होगी. एक भाषण में उन्होंने कहा, "यह कोई सामान्य या आम मामला नहीं है. इस कोर्ट को पूरी दुनिया देखेगी." रूहानी ने जोर देकर कहा कि इस 'दुखद दुर्घटना' की जिम्मेदारी किसी एक पर नहीं डालनी चाहिए. उन्होंने कहा, "इसमें सिर्फ ट्रिगर दबाने वाला व्यक्ति ही नहीं, बल्कि अन्य लोग भी जिम्मेदार हैं."

पाकिस्तान में कुदरत का टूटा ऐसा कहर, टूट गया 50 साल का रिकॉर्ड, अब तक 30 की मौत
14 January 2020
क्वेटा: पाकिस्तान में भारी बर्फबारी, बारिश और बाढ़ की वजह से कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है. अधिकारियों को राजमार्गो को साफ करने और फिर से खोलने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मौसम बेहद खराब है. द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, बलूचिस्तान में एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत के विभिन्न हिस्सों में मुख्य रूप से भारी बर्फबारी और घरों की छत गिरने के कारण पिछले 24 घंटों में 14 लोग मारे गए.
आपातकालीन अधिकारियों ने कहा कि पंजाब प्रांत में भारी बारिश से 11 लोग मारे गए, जबकि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के इलाकों में पांच अन्य की मौत हो गई. डॉन न्यूज के अनुसार, इस बीच, क्वेटा-चमन राजमार्ग पर यातायात को बंद कर दिया गया क्योंकि अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान को जोड़ने वाले खोजाक-पास में भी भारी बर्फबारी हुई, जिससे अफगान पारगमन व्यापार में ठहराव आया क्योंकि सैकड़ों ट्रक और अन्य माल वाहन सीमा के दोनों ओर फंसे हुए थे.
चार वाहनों में लगभग दो दर्जन यात्री पाकिस्तान-ईरान सीमा के निकट काचर के दूर-दराज के इलाके में फंसे हुए थे.बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री बलूचिस्तान जाम कमाल खान ने कहा कि प्रांतीय सरकार सड़कों को खोलने और बारिश व बर्फ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को हर संभव मदद सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय है.
रविवार को भारी हिमपात के कारण प्रांत के मस्तंग, किला अब्दुल्ला, केच, जियारत, हरनई और पिशिन जिलों में आपातकाल घोषित कर दिया गया. मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों के लिए राजधानी क्वेटा सहित प्रांत के अधिकांश हिस्सों में ठंड और शुष्क मौसम रहने के आसार हैं.
गिलगित-बाल्टिस्तान में भारी बर्फबारी ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जबकि क्वेटा में यह 20 साल के रिकॉर्ड को पार कर गया.

चीन-अफ्रीका के बीच बढ़ रहा व्यापार, 2019 में इतना रहा: वांग यी
14 January 2020
बीजिंग: चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने कहा कि चीन-अफ्रीका सहयोग मंच की उपलब्धियां अफ्रीका के विभिन्न क्षेत्रों तक फैली हैं. गत वर्ष चीन-अफ्रीका व्यापार 2 करोड़ अमेरिकी डॉलर (US Dollar) से अधिक रहा. चीन लगातार 11 सालों से अफ्रीका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है.
चीन-अफ्रीका सहयोग मंच के प्रोत्साहन में अन्य देशों ने भी अफ्रीका पर ध्यान बढ़ाया, जिससे अफ्रीका के विकास के लिए ज्यादा अवसर पैदा हुए. वांग यी ने जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे में जिम्बाब्वे के विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री सिबुसिसो मोयो के साथ मुलाकात की.
वांग यी ने कहा कि यह साल चीन-अफ्रीका सहयोग मंच की स्थापना की 20वीं वर्षगांठ है. पिछले 20 सालों में, यह चीन (China) और अफ्रीका (Africa) के बीच वार्ता का महत्वपूर्ण मंच और व्यावहारिक सहयोग की कारगर व्यवस्था बन चुका है. चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि मंच का अगला सम्मेलन अगले साल अफ्रीका में आयोजित होगा.

अफगानिस्तान में प्रकृति का कहर, भारी बर्फबारी-बारिश से अबतक 19 की मौत
14 January 2020
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) के दक्षिण और पश्चिम हिस्से में पिछले 24 घंटों में भारी बर्फबारी और बाढ़ के कारण कम से कम 19 लोग मारे गए और 16 अन्य घायल हो गए. देश के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन मंत्रालय के एक प्रवक्ता तमीम अजीमी ने समाचार एजेंसी एफे न्यूज को बताया कि भारी बर्फबारी (Snowfall) शनिवार को शुरू हुई और देश के 34 प्रांतों में से कम से कम 21 में जारी रहने की आशंका है जबकि बाकी क्षेत्रों में भारी बारिश होने की आशंका है, विशेष रूप से दक्षिण में.
स्थानीय सरकार के प्रवक्ता बहीर अहमदी ने बताया कि दक्षिण कंधार प्रांत में बाढ़ के कारण घरों की छत ढह जाने से हुए हादसों में आठ लोगों की मौत हो गई है. मृतकों में चार महिलाएं, तीन बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं. अन्य 13 ग्रामीण घायल हो गए. स्थानीय सरकार ने इस क्षेत्र में मानवीय सहायता पर चर्चा करने के लिए एक आपात बैठक की. पड़ोसी हेलमंद प्रांत में एक अलग घटना में, बाढ़ (Flood) के कराण तीन ग्रामीणों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए.
पश्चिमी प्रांत हेरात के अधिकारियों ने कहा कि आद्रास्कान, एनजिल और शिन्दांड में भारी बारिश के कारण घरों की छत गिरने के तीन अलग-अलग मामलों में आठ लोग मारे गए . हेरात के गवर्नर के प्रवक्ता जैलानी फरहाद ने एफे को बताया, "राजधानी और हेरात और अन्य प्रांतों के बीच कुछ जिलों में भारी बर्फबारी के कारण फिलहाल सभी सड़कें और राजमार्ग बंद हैं."
हेरात पुलिस ने एक बयान में नागरिकों से अनावश्यक यात्रा करने से बचने के लिए कहा है, क्योंकि भारी बर्फबारी ने राजमार्गो और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है, जबकि पुलिस राजमार्गो पर फंसे लोगों की मदद और बचाव के लिए काम कर रही है.

अमेरिका के 4 दूतावास ईरान के निशाने पर थे, डोनाल्ड ट्रंप का नया खुलासा
11 January 2020
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा है कि आगामी दिनों में ईरान अमेरिका के चार दूतावासों पर पूर्वनियोजित हमला कर सकता है. फॉक्स न्यूज को शुक्रवार को दिए साक्षात्कार में ईरान के निशानों के बारे में पूछने पर ट्रंप ने कहा, "हम आपको बताएंगे कि शायद यह बगदाद में दूतावास पर होना था."
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ट्रंप ने कहा, "मैं इसका खुलासा कर सकता हूं कि मैं मानता हूं कि ये चार दूतावास हैं."
अमेरिका ने हाल ही में बगदाद हवाईअड्डे पर हवाई हमला कर ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशन गॉर्ड्स कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के पूर्व कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी थी.
सुलेमानी की हत्या से अमेरिका के विशेषज्ञों और डेमोक्रेटिक नेताओं ने संदेह व्यक्त करते हुए तर्क दिया था कि ट्रंप का निर्णय 'भड़काऊ और अनुचित' था और इससे अमेरिका और तेहरान के बीच अनियंत्रित युद्ध भड़क सकता है.

अरब में इस देश पर सबसे ज्यादा '50 साल' तक शासन करने वाले 'सुल्‍तान' का हुआ निधन
11 January 2020
मस्कट: ओमान (Oman) के सुल्तान काबूस (Sultan Qaboos) बिन सईद अल सईद का 79 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया. वे अरब (Arab) में सबसे ज्यादा शासन करने वाले सुल्तान थे. सरकारी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सरकारी टीवी पब्लिक चैनल के ट्विटर के हवाले से कहा, "रॉयल कोर्ट के दीवान ने शोक तथा तीन दिन तक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में आधिकारिक काम बंद करने तथा अगले 40 दिनों तक झंडा झुकाने की घोषणा की है."
मीडिया के अनुसार, ओमान पर लगभग आधी सदी तक शासन करने वाले सुल्तान अविवाहित थे और उनका कोई वारिस या नामित उत्तराधिकारी नहीं था. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, बेल्जियम में स्वास्थ्य जांच और इलाज के बाद पिछले महीने वे स्वदेश लौटे थे.
सुल्तान काबूस ने 1970 में 29 वर्ष की अवस्था में ब्रिटेन के सहयोग से अहिंसक रूप से अपने पिता का तख्तापलट कर दिया था. उसके बाद उन्होंने देश की तेल संपदा का उपयोग कर उसे विकास के मार्ग पर अग्रसर किया था.
सल्तनत के बेसिक स्टेट्यूट के अनुसार, खाली हुए पद को भरने के लिए 50 पुरुष सदस्यों वाली रॉयल फेमिली काउंसिल के सदस्यों को तीन दिन के अंदर नया सुल्तान चुनना चाहिए.
परिवार अगर राजी नहीं होता है तो रक्षा परिषद के सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के चेयरमैन, सलाहकार परिषद और राज्य परिषद एक सीलबंद लिफाफा खोलेंगे, जिसमें सुल्तान काबूस ने गोपनीय रूप से अपनी पसंद का नाम रिकॉर्ड किया था. इसके बाद वे उस व्यक्ति को नए सुल्तान के रूप में नियुक्त कर देंगे.
ओमान में सर्वोच्च निर्णायक सुल्तान होता है. उसके पास प्रधानमंत्री, सैन्य बलों का सुप्रीम कमांडर होता है और उसके पास रक्षा, वित्त और विदेश मंत्रालय होते हैं.

यूक्रेनी विमान पर 'मानवीय गलती' से दागी गईं थी ईरानी मिसाइलें, खुद ईरान के राष्‍ट्रपति ने कबूला
11 January 2020
तेहरान : ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने यूक्रेन के प्‍लेन के दुर्घटनाग्रस्‍त होने पर खेद जताते हुए कहा पर जांच ने निष्कर्ष निकला है कि 'मानवीय गलती' के कारण इस प्‍लेन पर मिसाइलें दागी गईं, जिससे यूक्रेनी विमान की भयावह दुर्घटना 176 निर्दोष लोगों की मौत का कारण बनी. साथ ही रूहानी ने कहा कि इस बेहद बड़ी त्रासदी और अक्षम्य गलती की जांच की जा रही है और इससे जिम्‍मेवारों की पहचान की जा रही है, जिन पर मुकदमा चलाया जाएगा. इस्लामी गणतंत्र ईरान को इस विनाशकारी गलती पर गहरा पछतावा है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि मेरी चिंता और प्रार्थना उन सभी शोकाकुल परिवारों के लिए है. मैं अपनी ईमानदारी से संवेदना प्रकट करता हूं.
बता दें कि शनिवार सुबह (भारतीय समयानुसार) ईरान ने बीते 8 जनवरी को ईरान (Iran) में यूक्रेन (Ukraine) के यात्री विमान के दुर्घटनाग्रस्‍त होने पर खुलासा करते हुए खुद यूक्रेनी विमान को मार गिराने की बात कबूली. ईरान ने माना कि उसने गलती से यूक्रेन के विमान को मार गिराया था. साथ ही ईरान ने अमेरिका पर इसका ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि अमेरिकी हमले की वजह से यह मानवीय भूल हुई.
ईरानी स्टेट टीवी ने एक सैन्य बयान का हवाला देते हुए कहा, "अनजाने में" देश ने बुधवार तड़के एक यूक्रेनी एयरलाइंस के यात्री विमान को मार गिराया. स्थानीय समयानुसार शनिवार सुबह यह बयान आया. इस बड़ी विमान दुर्घटना में सभी 176 लोगों की मौत हो गई थी.
ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने ट्वीट कर पीड़ित परिवारों के लिए "गहरा अफसोस, माफी और शोक" व्यक्त किया. उन्‍होंने ट्विटर पर लिखा, "एक दुखद दिन." सशस्त्र बलों द्वारा आंतरिक जांच के प्रारंभिक निष्कर्ष : अमेरिका के एडवेंचरिज्‍म के कारण हुई इस मानवीय भूल ने तबाही मचाई. हमारा गहरा अफसोस, हमारे लोगों, सभी पीड़ितों के परिवारों और अन्य प्रभावित राष्ट्रों के लिए हमारा गहरा पछतावा, माफी और संवेदना है.
इससे पहले ईरान की फार्स न्यूज़ एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से दावा किया था शनिवार को ईरान यूक्रेन के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह के बारे में घोषणा कर सकता है.
उल्‍लेखनीय है कि बीते 8 जनवरी को यूक्रेन का यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में विमान में सवार सभी 176 लोगों की मौत हो गई थी. विमान में ईरान के 82, यूक्रेन के 11 और कनाडा के 63 लोग सवार थे. इनके अलावा विमान में स्वीडन, ब्रिटेन, अफ़ग़ानिस्तान और जर्मनी के नागरिक भी थे.
अमेरिका और कनाडा ने पुरजोर आशंका जताई थी कि यूक्रेन के इस विमान को ईरानी मिसाइल से मार गिराया गया था. हालांकि पहले ईरान ने इसका खंडन किया था. अमेरिकी मीडिया ने इस बात के अनुमान लगाए थे कि यूक्रेन के यात्री विमान को ईरान ने युद्धक विमान समझकर मार गिराया होगा.
यूक्रेन के इंटरनेशनल एयरलाइंस फ्लाइट पीएस 752 के तेहरान एयरपोर्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त होने की ख़बर, इराक़ स्थित अमरीकी सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमले के कुछ देर बाद आई थी.

24 घंटे के भीतर इराक में दूसरा हमला, अमेरिकी दूतावास के पास दागे गए रॉकेट
9 January 2020
नई दिल्‍ली: इराक में अमेरिकी बेस पर ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले के 24 घंटे के भीतर राजधानी बगदाद के सबसे सुरक्षित इलाके ग्रीन जोन में दो रॉकेट दागे गए. इस इलाके में अमेरिका समेत दुनिया के विभिन्‍न देशों के दूतावास हैं. कहा जा रहा है कि अमेरिकी दूतावास के पास हमला किया गया. इस इलाके को इराक में सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है. फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. खास बात ये है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के ईरान को चेतावनी देने के बाद ये रॉकेट हमला हुआ.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ईरान (Iran) के हमले के बाद बुधवार को राष्ट्र को संबोधित किया. अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी बेस पर ईरान के हमले के बावजूद सभी सैनिक सुरक्षित हैं और कोई नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने यह भी दोहराया कि जब तक वह अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, ईरान परमाणु हथियार हासिल नहीं कर पाएगा.
ट्रंप ने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा, "कल रात के हमले में सभी नागरिक और सैनिक सुरक्षित हैं. हमारी सेना किसी भी चुनौती के लिए तैयार है. ईरान का पीछे हटना पूरी दुनिया के लिए एक अच्छा संकेत है. मैं अमेरिका के सभी सैनिकों की हिम्मत को सलाम करता हूं. ईरान आतंक का केंद्र है और दुनिया को परमाणु हमले की धमकी देता रहता है. हमने इसे खत्म करने की कोशिश की है. मेरे निर्देश पर अमेरिकी सेना ने जनकल कासिम सुलेमानी को मारा. उन पर कई तरह के अत्याचारों का आरोप था. उन्होंने कई अमेरिकियों की हत्या की और आगे भी ऐसा ही करना का इरादा था. सुलेमानी को पहले ही मार देना चाहिए था. सुलेमानी राक्षस था."
ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने का संकेत देते हुए ट्रंप ने कहा, "ईरान पर प्रतिबंध जारी रहेंगे. नए आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए जांएगे. जब तक ईरान शांति की राह पर नहीं आता. ईरान को अपना परमाणु कार्यक्रम छोड़ना होगा. रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस को ये सच्चाई समझनी होगी. हमें मिलकर ईरान से लड़ना होगा ताकि दुनिया को ज्यादा सुरक्षित और शांत बनाया जा सके. आज मैं नाटो को बोलने वाला हूं वो मध्य एशिया में ज्यादा काम करें."
ट्रंप ने कहा, "मेरे कार्यकाल में अमेरिका की सेना ज्य़ादा मजबूत हुई है और इस पर हमने ढाई ट्रिलियन डॉलर्स खर्च किए हैं. हमारे पास परमाणु हथियार हैं लेकिन हम उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते. हमारी सैन्य ताकत और आर्थिक ताकत की हमारा सबसे बड़ा हथियार है .कुछ हफ्तों पहले हमने अबु बक्र अल बगदादी को भी मारा था."
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "हमें मिडिल ईस्ट से तेल की जरूरत नहीं. ईरान को परमाणु रास्ते से हटन होगा. ईरान आतंकवाद छोड़े तो अमेरिका शांति के लिए तैयार है. ईरान पीछे हैट रहा है जो अच्छा है. ईरान के रवैये को बहुत समय से झेला जा रहा है."
ईरानी मिसाइल हमला अमेरिका के 'गाल पर तमाचा'
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई ने बुधवार को अमेरिका से कहा कि वह क्षेत्र से अपनी सेना हटा ले. खामनेई का यह बयान इराक स्थित दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर किए गए मिसाइल हमले के बाद आया है. खामनेई ने अमेरिकी ठिकानों पर ईरानी मिसाइल हमले को 'गाल पर तमाचा' बताया है.
खामनेई ने कहा, "हालांकि इस तरह का सैन्य अभियान पर्याप्त नहीं है और महत्वपूर्ण यह है कि क्षेत्र में अमेरिका की गैरवाजिब मौजूदगी खत्म की जाए." उन्होंने ईरान के धार्मिक शहर कोम में एक भाषण दिया, जिसे सरकारी टीवी पर लाइव प्रसारित किया गया.
खामनेई ने कहा कि अमेरिका ने क्षेत्र में युद्ध, देशद्रोह, तबाही और विभाजन को पैदा किया है. उन्होंने कहा कि हमारा क्षेत्र और हमारे क्षेत्र के देश अमेरिका की उपस्थिति अब बर्दाश्त नहीं करेंगे.
खामनेई ने बुधवार के भाषण में जनरल कासिम सुलेमानी की बहादुरी की भूरि-भूरि प्रशंसा की. इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के कमांडर सुलेमानी अमेरिका द्वारा किए गए एक हवाई हमले में शुक्रवार को मारे गए थे.

ट्रंप की दो टूक- जब तक मैं अमेरिका का राष्ट्रपति हूं, ईरान की यह इच्छा पूरी नहीं होगी
9 January 2020
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ईरान (Iran) के हमले के बाद बुधवार को राष्ट्र को संबोधित किया. अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी बेस पर ईरान के हमले के बावजूद सभी सैनिक सुरक्षित हैं और कोई नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने यह भी दोहराया कि जब तक वह अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, ईरान परमाणु हथियार हासिल नहीं कर पाएगा.
ट्रंप ने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा, "कल रात के हमले में सभी नागरिक और सैनिक सुरक्षित हैं. हमारी सेना किसी भी चुनौती के लिए तैयार है. ईरान का पीछे हटना पूरी दुनिया के लिए एक अच्छा संकेत है. मैं अमेरिका के सभी सैनिकों की हिम्मत को सलाम करता हूं. ईरान आतंक का केंद्र है और दुनिया को परमाणु हमले की धमकी देता रहता है. हमने इसे खत्म करने की कोशिश की है. मेरे निर्देश पर अमेरिकी सेना ने जनकल कासिम सुलेमानी को मारा. उन पर कई तरह के अत्याचारों का आरोप था. उन्होंने कई अमेरिकियों की हत्या की और आगे भी ऐसा ही करना का इरादा था. सुलेमानी को पहले ही मार देना चाहिए था. सुलेमानी राक्षस था."
ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने का संकेत देते हुए ट्रंप ने कहा, "ईरान पर प्रतिबंध जारी रहेंगे. नए आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए जांएगे. जब तक ईरान शांति की राह पर नहीं आता. ईरान को अपना परमाणु कार्यक्रम छोड़ना होगा. रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस को ये सच्चाई समझनी होगी. हमें मिलकर ईरान से लड़ना होगा ताकि दुनिया को ज्यादा सुरक्षित और शांत बनाया जा सके. आज मैं नाटो को बोलने वाला हूं वो मध्य एशिया में ज्यादा काम करें."
ट्रंप ने कहा, "मेरे कार्यकाल में अमेरिका की सेना ज्य़ादा मजबूत हुई है और इस पर हमने ढाई ट्रिलियन डॉलर्स खर्च किए हैं. हमारे पास परमाणु हथियार हैं लेकिन हम उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते. हमारी सैन्य ताकत और आर्थिक ताकत की हमारा सबसे बड़ा हथियार है .कुछ हफ्तों पहले हमने अबु बक्र अल बगदादी को भी मारा था."
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "हमें मिडिल ईस्ट से तेल की जरूरत नहीं. ईरान को परमाणु रास्ते से हटन होगा. ईरान आतंकवाद छोड़े तो अमेरिका शांति के लिए तैयार है. ईरान पीछे हैट रहा है जो अच्छा है. ईरान के रवैये को बहुत समय से झेला जा रहा है."

तेहरान में नारों के बीच सुलेमानी का अंतिम संस्कार शुरू, जनाजा उठने के दौरान बेटी ने कही ये बड़ी बात
7 January 2020
तेहरान: अमेरिकी हमले में मारे गए ईरान (Iran) के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सोमवार को तेहरान में लाखों लोग एकत्रित हुए. इनमें देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई भी थे. जनरल सुलेमानी को बीते सप्ताह अमेरिका (US) ने बगदाद (Bagdad) में मार गिराया. समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार सुबह से ही एंगेलैब स्क्वायर के पास तेहरान यूनिवर्सिटी की तरफ लोग जुटने लगे, जहां अमेरिका व इजरायल (Israel) के खिलाफ नारों के बीच अंतिम संस्कार की रस्में शुरू हुईं. जनाजे के उठने के दौरान लोग सुलेमानी की तस्वीरें, ईरानी झंडा और बैनर व अमेरिका के खिलाफ लिखे नारे लिए हुए थे. तेहरान (Tehran) स्थित प्रेस टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ को संबोधित करते हुए जनरल सुलेमानी की बेटी जैनब ने कहा, "हज कासिम सुलेमानी का नाम अब यहूदीवाद के अड्डे, तकफीरीवाद और प्रभुत्ववाद को हिला रहा है." जैनब ने कहा, "अमेरिका व यहूदीवाद (जियोनिज्म) को समझना चाहिए कि मेरे पिता की शहादत ने प्रतिरोध के मोर्चे पर ज्यादा लोगों को जागरूक किया है. यह उनके लिए जीवन को दुस्वप्न बना देगा." बड़ी संख्या में श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की मौजूदगी की संभावना के कारण यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की तैनाती की गई थी और निवासियों को सड़कों से अपने वाहनों को हटाने के लिए पहले ही कह दिया गया था. अधिकारियों ने राजधानी में सुरक्षा उपायों को बढ़ाया है और रविवार दोपहर बाद से हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं. खामनेई ने सुलेमानी की नमाज-ए-जनाजा पढ़ाई. उच्च रैकिंग के सरकारी व सैन्य अधिकारियों ने भी इसमें भाग लिया. सुलेमानी और अमेरिकी हमले में मारे गए इराकी मिलीशिया पापुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज के उपनेता अबू मेहंदी अल मुहनदिस का पार्थिव शरीर रविवार को ईरान पहुंचा. मुहनदिस के शव अवशेष को डीएनए टेस्ट के लिए ईरान लाया गया है. अंतिम संस्कार की रस्में रविवार को अहवाज में भी हुईं. अंतिम संस्कार की रस्में मंगलवार को सुलेमानी के दक्षिणी गृहनगर केरमन में भी होंगी, जहां उनके पार्थिव शरीर को बुधवार को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
क्रोएशिया: राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर में जीते जोरान, पहले भी रह चुके हैं प्रधानमंत्री
7 January 2020
जाग्रेब: क्रोएशिया के पूर्व प्रधानमंत्री जोरान मिलनोविक ने रविवार को राष्ट्रपति चुनाव का दूसरा दौर जीत लिया. देश के निर्वाचन आयोग के परिणामों में यह बात सामने आई. मतगणना में 99 प्रतिशत से अधिक मतों के साथ, जोरान ने रविवार को राष्ट्रपति पद की दौड़ में मौजूदा राष्ट्रपति कोलिंदा ग्रैबर किटारोविच को मिले 47.3 प्रशित वोट के मुकाबले 52.7 प्रतिशत वोट हासिल किए.
22 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर में कुल 11 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी. जोरान मिलनोविक, जो सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसडीपी) और कई अन्य केंद्र-वाम दलों के उम्मीदवार के रूप में लड़ रहे थे, ने पहले दौर में लगभग 30 प्रतिशत वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि सत्तारूढ़ क्रोएशियन यूनियन (एचडीजेड) सत्ताधारी द्वारा समर्थित एक कंजर्वेटिव उम्मीदवार कोलिंदा लगभग 27 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रही थीं.
चूंकि किसी भी उम्मीदवार ने 50 फीसदी से अधिक मत प्राप्त नहीं किया था, इसलिए रविवार को शीर्ष दो उम्मीदवारों के साथ दूसरे दौर का मतदान कराया गया. निर्वाचन आयोग के अनुसार, 38 लाख से अधिक पात्र मतदाताओं में से लगभग 55 प्रतिशत ने राष्ट्रपति चुनाव में अपना वोट डाला. क्रोएशिया में हर पांच साल में एक बार राष्ट्रपति का चुनाव होता है.
रविवार रात अपनी जीत के भाषण में जोरान मिलनोविक ने वादा किया कि वह सभी नागरिकों को सुनेंगे और उनका प्रतिनिधित्व करेंगे. कोलिंदा ने मिलनोविक को उनकी जीत पर बधाई दी. 53 वर्षीय मिलानोविक दिसंबर 2011 से जनवरी 2016 तक क्रोएशियाई प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं.

फ्रांस, तुर्की, रूस समेत कई देशों ने अमेरिका और इराक से संयम बरतने का किया आग्रह
6 January 2020
बीजिंग: अमेरिका (US) के हमले में ईरानी इस्लामिक रेवोल्युशन गार्ड कॉर्प्स के अधीनस्थ कोड्स फोर्स के कमांडर कासेम सोलेमानी समेत 8 लोगों की मौत के बाद इस कई देशों ने वक्तव्य जारी कर विभिन्न पक्षों से संयम से काम लेने का आग्रह किया, ताकि स्थिति न बिगड़े.
अमेरिकी सेना ने इराक (Iraq) की राजधानी बगदाद (Bagdad) स्थित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमला किया, जिसमें ईरानी इस्लामिक रेवोल्युशन गार्ड कॉर्प्स के अधीनस्थ कोड्स फोर्स के कमांडर कासेम सोलेमानी समेत 8 लोगों की मौत हो गई. ब्रिटेन (Britain) के विदेश दूत डोमिनिक राब ने विभिन्न पक्षों से अपील की कि सोलेमानी की मौत के बाद मुठभेड़ की स्थिति को शिथिल बनाएं. उन्होंने कहा कि मुठभेड़ हमारे हित के अनुरूप नहीं है.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) ने अलग अलग तौर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की (Turkey) के राष्ट्रपति रिसेप तैय्यप एडरेऑन के साथ फोन पर मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर बात की. तीनों नेताओं ने मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर चिंता जताई और विभिन्न पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की.
सीरिया (Syria) के विदेश मंत्रालय ने वक्तव्य जारी कर इराक और ईरान को संवेदना दी और अमेरिका की निंदा की. वक्तव्य में कहा गया है कि इराक की अस्थिरता का कारण अमेरिका है. इसके साथ साथ सीरिया (Syria) और लेबनान के विदेश मंत्रालय ने भी वक्तव्य जारी कर विभिन्न पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की, ताकि मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति न बिगड़े.

ट्रंप ने फिर दी ईरान को धमकी, 'अगर हमला हुआ तो ऐसा करारा जवाब देंगे जो सोचा नहीं होगा'
6 January 2020
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर ईरान को धमकी दी है. ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान (Iran) ने अमेरिका (US) पर हमला किया तो हम इतना कठोर जवाब देंगे जैसा उन्होंने पहले कभी नहीं झेला होगा.
ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, उन्होंने (ईरान) हम पर हमला किया, हमने जवाब दिया. अगर वो फिर हमला करते हैं (जिसकी सलाह मैं नहीं दूंगा) तो हम उन्हें इतना कठोर जवाब देंगे, जैसा उन्होंने कभी झेला नहीं होगा.'
अपने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, अमेरिका ने सैन्य उपकरणों पर सिर्फ दो ट्रिलियन डॉलर खर्च किए हैं. हम दुनिया में सबसे बड़े और सबसे बेहतरीन हैं! अगर ईरान किसी अमेरिकी बेस, या किसी अमेरिकी पर हमला करता है, तो हम नए खूबसूरत उपकरणों का इस्तेमाल करेंगे ... बिना किसी हिचकिचाहट के!
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर ईरान ने हमला किया तो उसके 52 ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को ट्वीट कर कहा है कि इन 52 साइट्स (ईरान द्वारा बंधक बनाए गए 52 अमेरिकी बंदियों की याद में) में कई ईरान और ईरानी संस्कृति के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. उन्‍होंने कहा कि इन ठिकानों और खुद ईरान को बहुत तेजी से और बहुत विध्‍वंसक तरीके से निशाना बनाया जाएगा. अमेरिका और ज्‍यादा धमकी नहीं चाहता है. ट्रंप ने यह धमकी बगदाद में शनिवार रात अमेरिकी ठिकानों पर हुए हमलों के बाद दी है.

ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग: अब तक 50 करोड़ जानवरों की मौत, प्रधानमंत्री ने रद्द की भारत यात्रा
6 January 2020
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया (Australia) के जंगलों में लगी भीषण आग में अब 50 करोड़ से ज्यादा जानवर मारे जा चुके हैं. इस भयावह प्राकृतिक आपदा को देखते हुए हुए देश के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Prime Minister Scott Morrison) ने अपनी भारत यात्रा रद्द कर दी है. ऑस्ट्रेलियाई पीएम 13 जनवरी से चार दिवयीस भारत यात्रा पर आने वाले थे जिसे उन्होंने रद्द कर दिया है. प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि वह इस महीने के लिए भारत की आधिकारिक यात्रा रद्द कर रहे हैं ताकि इस भयावह संकट से निपटने के लिए योजना बनाई जा सके.
उन्होंने कहा कि वह आगामी महीनों में सही समय पर एक बार फिर से यात्रा की तारीख तय करेंगे. 13 जनवरी से शुरू होने वाली यात्रा के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात कर व्यापक द्विपक्षी बातचीत करने वाले थे.
इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम जंगलों में लगी आग को लेकर बातचीत की. आग के कारण हुए जानमाल के नुकसान को लेकर उन्होंने सभी भारतीयों की ओर से संवेदना व्यक्त की. पीएम मोदी ने अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा का बहादुरी से सामना कर रहे ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए मदद की पेशकश भी की.
आपको बता दें कि बीते साल सितंबर में आग लगने के बाद से विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स में कम से कम 20 लोग मारे गए हैं और दर्जनों लापता हैं. आग ने अब तक 1,300 से अधिक घरों को नष्ट कर दिया है. इसके अलावा अभी तक 50 करोड़ से अधिक जंगली जानवरों के मारे जाने की खबर है.
ऑस्ट्रेलिया में स्थित एक भारतीय रेस्तरां के मालिक विक्टोरिया राज्य में जंगल में लगी आग से प्रभावित लोगों को मुफ्त में भोजन खिला रहे हैं. द डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंवलजीत सिंह और उनकी पत्नी कमलजीत कौर पूर्वी विक्टोरिया के बर्न्‍सडेल में देसी ग्रिल रेस्तरां के मालिक हैं, जहां आग ने घरों को नष्ट कर दिया और एक शख्स की मौत हुई है.
दंपति और उनके कर्मचारी करी और चावल पका रहे हैं, जो मेलबर्न स्थित चैरिटी सिख वॉलंटियर्स ऑस्ट्रेलिया द्वारा अस्थायी आश्रय में रहने वालों को दिया जा रहा है. सिंह, छह साल से इलाके में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि उनके साथी आस्ट्रेलियाई लोगों की मदद करना उनका 'कर्तव्य' है.

दिल्ली में आतंकी हमले की साजिश रचने के जिम्मेदार थे कासिम सुलेमानी : डोनाल्‍ड ट्रंप का दावा
4 January 2020
लॉस एंजेलिस: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने दिवंगत ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी (Qasem Soleimani) पर नई दिल्ली में आतंकवादी हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया है. ट्रंप ने शुक्रवार को फ्लोरिडा में अपने मार-आ-लागो रिसोर्ट में कहा, "सुलेमानी ने अपने पागलपन में निर्दोष लोगों की हत्या की, नई दिल्ली और लंदन में आतंकी हमलों की साजिश रची."
सुलेमानी को मारने के लिए मिसाइल हमले का आदेश देने के संबंध में उन्होंने कहा, "आज हम सुलेमानी के अत्याचारों के शिकार हुए लोगों को याद करते हैं और सम्मानित करते हैं और हमें यह जानकर सुकून मिलता है कि उनका आतंकराज अब खत्म हो गया है."
ट्रंप ने भारत में किसी आतंकी साजिश का जिक्र कर रहे थे, इसका उल्लेख उन्होंने नहीं किया, लेकिन शायद वह 2012 में भारत में इजरायली राजनयिक की पत्नी की कार पर हुए बम हमले का उल्लेख कर रहे थे.
13 फरवरी, 2012 को कार में चुंबक के सहारे बम लगाकर किए गए हमले में ताल येहोशुआ कोरेन घायल हो गई थीं और उन्हें सर्जरी करानी पड़ी थी. इसके अलावा उनका चालक तथा पास खड़े दो और लोग भी घायल हो गए थे.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमले के पीछे ईरान का हाथ था और इसी तकनीक का उपयोग कर जॉर्जिया में भी हमले की कोशिश की गई. अभी तक नई दिल्ली का मामला सुलझा नहीं है और भारत ने हमले का संबंध ईरान से नहीं बताया है.
उस समय की खबरों के अनुसार, ईरान ने वह हमला तेहरान में उसके परमाणु वैज्ञानिक मुस्तफा अहमदी रोशन की हत्या के जवाब में किया था. परमाणु वैज्ञानिक की हत्या कथित रूप से इजरायल ने की थी.
भारत के एक पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काजमी को उसी साल छह मार्च को गिरफ्तार किया गया था और उस पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. उसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत रखा गया. उसे उसी साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने विदेश नहीं जाने की शर्त पर जमानत दे दी थी.
तत्कालीन समाचारों के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि उसने हमला करने वाले ईरानियों की देखभाल की थी. पुलिस के बयान के अनुसार, हमले में शामिल पांच लोग इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स के सदस्य थे जो दिल्ली आए थे.
ईरानी मेजर जनरल सुलेमानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स कॉर्प्स की विशिष्ट इकाई कुद्स फोर्स के कमांडर थे. लेकिन भारत में हुए हमले के दौरान इसका नाम नहीं आया था.
गुरुवार को इराक मे सुलेमानी की मौत के बाद शुक्रवार को ट्रंप ने कहा, "सुलेमानी अमेरिकी अधिकारियों और सैनिकों पर हमले की योजना बना रहे थे, लेकिन हमने उन्हें पकड़ लिया और उनकी हत्या कर दी."
उन्होंने सुलेमानी के निर्देशन में कथित रूप से कराए गए और कुद्स फोर्स तथा सहयोगी सेना द्वारा कराए गए हमलों को सूचीबद्ध किया.
ट्रंप ने कहा, "इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड कॉर्प्स और उसकी क्रूर कुद्स फोर्स ने सालों तक सुलेमानी के नेतृत्व में सैकड़ों अमेरिकी नागरिकों और कर्मियों को निशाना बनाया, उन्हें घायल किया और उनकी हत्या की है."

अमेरिका और ईरान में छिड़ सकता है संघर्ष, राष्ट्रपति रूहानी बोले, 'Iran इसका बदला लेगा'
3 January 2020
तेहरान: अमेरिकी एयर स्ट्राइक में ईरान (Iran) टॉप कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत पर राष्ट्रपति हसन रूहानी (Hassan Rouhani) ने इसका बदला लेने की बात कही है. बता दें बगदाद (Baghdad) एयरपोर्ट पर अमेरिका ने गुरुवार रात को एयर स्ट्राइक की थी.
हसन रूहानी ने ट्वीट कर कहा, 'देश की क्षेत्रीय अखंडता और क्षेत्र में आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में जनरल सोलीमनी के झंडे को उठाया जाएगा, अमेरिकी ज्यादतियों का प्रतिरोध जारी रहेगा. महान देश ईरान इस जघन्य अपराध का बदला लेगा.
बता दें ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए. तेहरान स्थित प्रेस टीवी के मुताबिक, IRGC ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि हमले में हशद शाबी या इराकी पॉपुलर मोबलाइजेशन फोर्सेज (PMF) के डिप्टी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस भी सुलेमानी के साथ मारे गए. बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट रोड पर उनके वाहन को निशाना बनाया गया.
PMF ने भी घटना की पुष्टि की है, और शुक्रवार को एक बयान में कहा, "हशद के उप प्रमुख, अबू महदी अल-मुहांदिस, और कुद्स फोर्स के प्रमुख, कासिम सुलेमानी अमेरिकी हमले में मारे गए. उनकी कार को निशाना बनाया गया."
हमले पर अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'राष्ट्रपति के निर्देश पर अमेरिकी मिलिट्री ने अमेरिका की सुरक्षा के लिए इस निर्णायक सुरक्षात्मक कार्रवाई को अंजाम दिया जिसमें ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की कुद्स फोर्स के चीफ मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई.'
बयान में कहा गया, 'जनरल सुलेमानी इराक और उस इलाके में अमेरिकन डिप्लोमेट्स और सर्विस मेंबर्स पर हमले की योजना बना रहा था. जनरल सुलेमानी और उसकी कुद्स फोर्स सैकड़ों अमेरिकन और गठबंधन सेवा के सदस्यों की मौत के जिम्मेदार थी.'
बयान में कहा गया कि जनरल सुलेमानी ने पिछले कई महीनों में गठबंधन के ठिकानों पर हमलों को अंजाम दिया था. इन हमलो में 27 दिसंबर का वह हमला भी शामिल था जिसमें अमेरिकी और इराकी नागरिकों की मौत हुई. जनरल सोलमनी ने इस हफ्ते बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले को भी मंजूरी दी थी.
बयान में कहा गया कि, 'यह एयरस्ट्राइक भविष्य में ईरानी हमले की योजनाओं को रोकने के मकसद से की गई. अमरीका, चाहे जहां भी हो, अपने नागरिकों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई को करना जारी रखेगा.'
बता दें बगदाद एयरपोर्ट पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक में पॉप्‍युलर मोबलाइजेशन फोर्स के डेप्‍युटी कमांडर अबू मेहदी अल मुहांदिस के भी मारे जाने की खबर है.

इस देश में नए साल के जश्‍न ने चिड़ियाघर में ले ली 30 से ज्‍यादा जानवरों की जान
3 January 2020
बर्लिन : नया साल आने के कुछ ही घंटों बाद जर्मनी (Germany) में एक चिड़ियाघर (Zoo) में आग लग जाने से 30 से ज्यादा जानवरों की मौत हो गई. स्थानीय मीडिया ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि देश में यह कई दशकों में सबसे भयानक हादसों में से है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, स्थानीय मीडिया ने पुलिस के हवाले से बताया कि जर्मनी के पश्चिम में स्थित क्रेफेल्ड शहर में यह आग शायद आसमानी लेंटर के कारण लगी. लेंटर के कारण सबसे पहले बंदर के घर की छत पर आग लगी. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
मारे गए जानवरों में वनमानुष, गोरिल्ला, गोल्डन तमारिन तथा पिग्मी मार्मोसेट्स जैसे छोटे बंदरों के अलावा चमगादड़ और पक्षी शामिल हैं.
दो चिंपांजी आग से बच गए और उन्हें पास के दूसरे घर में भेजा गया. चिड़ियाघर में लगभग 200 प्रजातियों के लगभग 1,000 पशु पक्षी रहते हैं.

हांगकांग: नए साल के मार्च के बाद पुलिस ने 400 प्रदर्शनकारियों को किया गिरफ्तार
3 January 2020
हांगकांग: नए साल पर सरकार विरोधी मार्च में 'गैर-कानूनी रूप से इकट्ठा होने और हथियार रखने' के आरोप में हांगकांग पुलिस (Hongkong Police) ने करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया. मार्च आयोजकों ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि मार्च में दस लाख से अधिक लोग शामिल हुए. एफे न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, भारी संख्या में हांगकांग (hongKong) के नागरिक बुधवार को बाहर आए और पुलिस के आदेश की अवेहलना की. इसके बाद पुलिस अधिकारियों और अधिक कट्टर प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं.
हालांकि, प्रदर्शन (Hongkong Protest) के लिए इजाजत दे दी गई थी, लेकिन इसके शुरू होने के तीन घंटे बाद पुलिस ने आयोजकों सीविल ह्यूमन राइट्स फ्रंट से अनुरोध किया कि वे इसे समाप्त करें. पुलिस ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पत्थर व मोलोटोव कॉकटेल (ज्वलनशील पदार्थ) फेंकने शुरू कर दिए और दुकानों व बैंकों को आग के हवाले किया.
स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, दिक्कत वहां से शुरू हुई जब प्रदर्शनकारियों ने एचएसबीसी बैंक की एक ब्रांच में तोड़फोड़ की. इसके बाद पुलिस को उन्हें नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. मार्च में आगे खड़े अन्य प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रृंखला बनाकर वहां से हटने से इनकार किया, जिसके बाद पुलिस से उनकी झड़प हुई और यह गिरफ्तारी के बाद खत्म हो सकी.
इस झड़प को छोड़कर, पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी में हजारों की संख्या में लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से मार्च किया और नागरिकों से 2020 में भी प्रदर्शन को जारी रखने का आह्वान किया.

ताइवान : हेलीकॉप्‍टर की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद सेना प्रमुख लापता, वायुसेना के जनरल भी थे सवार
2 January 2020
ताइवान : ताइवान (Taiwan) के सैन्‍य प्रमुख के हेलीकॉप्‍टर की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद से सेना प्रमुख लापता हो गए हैं. ताइवान के रक्षा मंत्रालय द्वारा गुरुवार को दी गई जानकारी में बताया गया कि हेलीकॉप्‍टर की देश के उत्‍तरी इलाके में इमरजेंसी लैंडिंग हुई, जिसके बाद से मिलिट्री चीफ ऑफ जनरल स्‍टाफ लापता हैं.
सामाचार एजेंसी स्पुतनिक के अनुसार, इस हेलीकॉप्‍टर में अन्‍य कई वरिष्ठ अधिकारी भी थे, जिनमें वायुसेना के जनरल शेन यी-मिंग भी शामिल हैं.
एजेंसी के अनुसार, नियंत्रण कक्ष ने लैंडिंग के बाद हेलीकॉप्टर के साथ संचार खो दिया.

तालिबान का अफगानिस्तान की हाईवे पुलिस चौकी पर हमला, 8 अफगान सैनिकों की मौत
2 January 2020
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) के बल्ख प्रांत में तालिबान के हमले में कम से कम आठ सैनिक मारे गए. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बल्ख हाईवे पुलिस कमांडर फवाद सालेह ने कहा कि हमला मंगलवार रात बल्ख प्रांत के आलम खील गांव स्थित एक हाईवे पुलिस चौकी पर हुआ.
सालेह ने कहा कि हमले के वक्त चौकी पर कुल 14 सैनिक थे, जिनमें से केवल छह सैनिकों की जान बच पाई. यह चौकी बल्ख-जॉज्जन राजमार्ग पर स्थित है. एक सूत्र ने टोलो न्यूज को बताया कि तालिबान ने एक घुसपैठिए की मदद से हमले को अंजाम दिया. तालिबान (Taliban) ने हालांकि अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि तखार प्रांत में मंगलवार रात तालिबान के एक हमले में दो एएनए सैनिक मारे गए. यह घटना देर रात दरकाद जिले में हुई, जब तालिबान के एक समूह ने संयुक्त बलों की चौकी पर हमला किया. मंत्रालय ने कहा कि हमले में एक पुलिस अधिकारी सहित दो अन्य घायल हो गए.

ईरान के परमाणु मामले के समाधान का प्रयास करेगा चीन: वांग यी
1 January 2020
बीजिंग: चीनी स्टेट काउंसिलर व विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने मंगलवार को पेइचिंग में कहा कि चीन अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय की दृढ़ता से रक्षा करेगा, किसी एकपक्षीय और धमकाने वाली कार्रवाई का विरोध करेगा तथा राजनीतिक और राजनयिक रूप से ईरान के परमाणु मामले के समाधान को आगे बढ़ाएगा.
वांग यी ने मंगलवार को ईरान (Iran) के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जारीफ के साथ वार्ता की. वांग यी ने कहा कि चीन, ईरान के साथ दोनों देशों के नेताओं द्वारा संपन्न सहमतियों के कार्यान्वयन, आपसी राजनीतिक विश्वास, व्यवहारिक सहयोग को आगे बढ़ाना चाहता है, ताकि दोनों देशों के बीच सर्वांगीण रणनीतिक साझेदारी संबंधों को आगे बढ़ाया जा सके.
वांग यी ने जोर देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र (United Nations) सुरक्षा परिषद ने ईरान के परमाणु मामले के सर्वांगीण समझौते की अनुमति दी. यह बहुपक्षीय वार्ता का महत्वपूर्ण परिणाम है. चीन (China) वर्तमान तनाव स्थिति को कम करने, ईरान के परमाणु मामले के सर्वांगीण समझौते की रक्षा करने वाले सभी प्रयासों का समर्थन करता है.
जारीफ ने कहा कि ईरान चीन के साथ घनिष्ठ रूप से संपर्क करना, बहुपक्षवाद का समर्थन करना, व्यवहारिक रूप से ईरान के परमाणु मामले के सर्वांगीण समझौते की रक्षा करना चाहता है. ईरान चीन के साथ दोनों देशों के बीच सर्वांगीण रणनीतिक साझेदारी संबंध को आगे बढ़ाना चाहता है.

US: गोलीबारी की एक घटना में अफ्रीकी मूल के अमेरिकी युवक की मौत
1 January 2020
वाशिंगटन: अमेरिकी प्रांत टेनेसी की राजधानी नेशविले में गोलीबारी की एक घटना में अफ्रीकी (Africa) मूल के एक अमेरिकी (US) युवक की मौत हो गई. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पुलिस ने मृतक की पहचान 22 वर्षीय मोंटी ग्रे के रूप में की है.
स्थानीय मीडिया ने बताया कि जब पुलिस (US police) पहुंची, तो उन्होंने पाया कि ग्रे गोली लगने से गंभीर रूप से घायल अवस्था में एक दो मंजिला इमारत के बाहर पड़ा हुआ था. माना जा रहा है कि वह वहां रहा करता था. ग्रे को पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे बाद में मृत घोषित कर दिया गया.


अफगानिस्तान: प्रदूषण के कहर से काबुल भी बेहाल, 7 दिन में हुई 17 लोगों की मौत
1 January 2020
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल में प्रदूषण (Pollution) के स्तर में हुई वृद्धि के चलते पिछले एक सप्ताह में श्वसन संक्रमण और संबंधित स्वास्थ्य स्थितियों के कारण कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई. मिनिस्ट्री ऑफ पब्लिक हेल्थ ने इस बात की जानकारी दी.
टोलो न्यूज के अनुसार, मंत्रालय ने सोमवार को एंटी-पॉल्यूशन कैंपेन (प्रदूषण विरोधी अभियान) की शुरुआत करते हुए कहा कि आम सर्दी और फेफड़ों की समस्याओं सहित श्वसन संक्रमण की स्थिति के चलते पिछले हफ्ते करीब 8,800 मरीजों ने काबुल के सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में अपना इलाज कराया.
मंत्रालय ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार, इस अवधी में पिछले साल के मुकाबले इस साल 1.600 अधिक मरीज सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराने के लिए आए. अंतर्राष्ट्रीय निगरानी संगठन एयर विजुअल की मानें तो काबुल (Kabul) में पिछले एक महीने में हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है.
अधिकारियों ने कहा कि सरकारी भवनों, बरात घर, घरों और कुछ अन्य निजी व्यवसायों के लिए कोयला सहित निम्न-गुणवत्ता वाला ईंधन के प्रयोग के चलते यह स्थिति पैदा हुई है. मंत्रालय ने कहा कि शहर के 16 व्यस्त इलाकों में लोगों को मास्क बांटे जाएंगे.

अफगानिस्तान 'समझौते' के बाद करेगा शांति प्रतिनिधियों की सूची का ऐलान
30 December 2019
काबुल: अफगान सरकार शांति वार्ता करने वाली टीम के प्रतिनिधियों की सूची का खुलासा तब करेगी, जब अमेरिका (US) और तालिबान (Taliban) अपने शांति समझौते को अंतिम रूप दे देंगे. प्रेसिडेंशियल पैलेस ने इन अटकलों के बीच कि आतंकवादी समूह थोड़े समय की अवधि के लिए संघर्षविराम पर सहमत हो गया है, यहां यह जानकारी दी. टोलो न्यूज के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान (Afghanistan) की सरकार का प्रतिनिधित्व करेगा और इसे अंतर-अफगान वार्ता शुरू होने के साथ पेश किया जाएगा.
राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) के उप प्रवक्ता दुरानी जावेद वजीरी ने कहा, "जब वे (तालिबान) अमेरिका के साथ एक अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच जाएंगे और अफगान लोगों के साथ बात करने की भावना दिखाएंगे तो हम अपनी शांति वार्ता टीम को पेश करने और भेजने के लिए तैयार हैं."
इस बीच, तालिबान के एक पूर्व सदस्य जलालुद्दीन शिनवारी ने कहा कि समूह अमेरिका के साथ एक सप्ताह के संघर्षविराम पर इस शर्त पर सहमत हुआ है कि दोनों पक्षों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. युद्धविराम संबंधी मामले में प्रगति पर तालिबान द्वारा आधिकारिक घोषणा करना अभी बाकी है.

US: टेक्सास के चर्च में गोलीबारी, दो की मौत, एक की हालत गंभीर
30 December 2019
टेक्सास: अमेरिका (America) के टेक्सास (Texas) के एक चर्च में हुई गोलीबारी (Firing in Church) में दो लोगों की मौत हो गई है जबकि एक शख्स की हालत गंभीर है. रविवार को स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 10 बजे व्हाइट सेटलमेंट शहर के वेस्ट फ्रीवे चर्च ऑफ क्राइस्ट में एक बदूकधारी व्यक्ति ने गोलीबारी शुरू कर दी. इस हमले में दो लोगों की जान चली गई जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है.
लोकल एमरजेंसी सर्विस के हवाले से डलास मॉर्निंग न्यूज ने कहा कि एक व्यक्ति की मौत शूटिंग के दौरान हो गई जबकि अस्पताल जाने के दौरान रास्ते में एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया.
फोर्ट वर्थ फायर डिपार्टमेंट के माइक ड्रिवदहल ने कहा कि फिलहाल हालात काबू में हैं. पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है.

जापान: तट पर मिला 'घोस्ट बोट', पांच शवों के साथ दो इंसानों के कटे सिर बरामद
30 December 2019
टोक्यो: एक रिपोर्ट के अनुसार, जापान (Japan) के तट पर एक टूटी हुई नाव में पांच शवों के साथ दो इंसानों के कटे सिर बरामद हुए हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, नाव जापान के साडो द्वीप के तट पर शुक्रवार को बहकर आई थी. अधिकारी वहां शनिवार को पहुंचे. बुरी तरह से क्षतिग्रस्त नाव के किनारे पर कोरियाई भाषा में कुछ लिखा हुआ है.
हालांकि पुलिस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि कटे हुए सिर इन शवों के हैं या नहीं, लेकिन जापानी मीडिया का कहना है कि ये शव आंशिक रूप से कंकाल बन चुके हैं, जिससे लगता है कि पीड़ित लंबे समय से समुद्र में फंसे रहे होंगे. ऐसा माना जाता है कि ये 'घोस्ट बोट्स' उत्तरी कोरिया (North Korea) के हैं, जो आम तौर पर जापान के तटों पर आ जाते हैं. नाव या तो पूरी तरह से खाली रहती हैं, या उनमें सिर्फ नर कंकाल रहता है.

फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के दो रिएक्टरों से रिसे रेडियोएक्टिव ईंधन की सफाई को लेकर हुआ बड़ा फैसला
28 December 2019
टोक्यो : जापानी (Japan) अधिकारियों ने साल 2011 में आए भूकंप और सुनामी से क्षतिग्रस्त हुए फुकुशिमा दायची परमाणु संयत्र (Fukushima Daiichi nuclear plant) के दो रिएक्टरों से रिसे रेडियोएक्टिव ईंधन की सफाई के काम में विलंबर करने का निर्णय लिया है. यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, फुकुशिमा प्रांत में स्थित संयंत्र के छह रिएक्टर 11 मार्च, 2011 को आए 9.0 तीव्रता वाले भूकंप और सुनामी की वजह से क्षतिग्रस्त हो गए थे.
इस परमाणु संयंत्र का निर्माण टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी (टीईपीसीओ) ने 1970 में किया था, जिसे 2041-2050 के मध्य पूरी तरह से धवस्त किए जाने की समयसीमा तय की गई थी. सरकार ने रिएक्टर एक और दो से ईंधनों को हटाने में देरी करने का फैसला शुक्रवार को लिया.
चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी योशीहिदे सुगा ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने फुकुशिमा केंद्र को पूरी तरह से ध्वस्त करने को लेकर मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजना पर चर्चा की है.
रिएक्टर एक से ईंधनों को हटाने में चार-पांच साल तक की देरी करने का फैसला किया गया है, जिससे इस कार्य की शुरुआत 2027 और 2028 में और रिएक्टर दो को लेकर प्रक्रिया में एक से लेकर तीन साल तक देर किए जाने का फैसला किया गया है. इस पर काम साल 2024 और 2026 में शुरू हो सकता है.
कंपनी द्वारा बताए गए कारणों में से एक कारण रेडिएशन की चरम सीमा बताई जा रही है, जिसकी वजह से वहां भेजे गए इलेक्ट्रिॉनिक और रोबोटिक डिवाइस भी खराब हो गए. ऐसे में वहां पर मानव को भेजना अत्यंत घातक साबित हो सकता है.

अमेरिका से टैंकभेदी मिसाइल प्रणाली जैवलिन खरीदेगा यूक्रेन
28 December 2019
कीव: यूक्रेन (Ukraine) ने अमेरिका (US) से अतिरिक्त टैंकभेदी मिसाइल प्रणाली जैवलिन को खरीदने के लिए नए अनुबंध किए हैं. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने यूक्रेन के उप रक्षा मंत्री एनातोली पेट्रेंको के हवाले से कहा, "चौथी तिमाही के दौरान यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने टैंकभेदी मिसाइल प्रणाली 'जैवलिन' की दूसरी खेप की आपूर्ति के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने में कामयाबी हासिल की.
" यूक्रेन दूतावास ने अपने फेसबुक (Facebook) पेज पर कहा कि यह यूक्रेन के लिए एक बहुत बड़ा कदम है. पुराना कानून यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय को सीधे विदेशी देशों से हथियार और उपकरण खरीदने से मना करता है. इस बदलाव से देश की सैन्य-प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षमता को मजबूत करने की हमारी क्षमताओं का विस्तार होगा.
अमेरिका में यूक्रेन दूतावास ने कहा कि अनुबंध बड़े पैमाने पर यूक्रेन और अमेरिका के बीच प्रत्यक्ष अंतर-सरकारी रक्षा खरीद का पहला मामला है. इस साल की शुरुआत में, यूक्रेन के प्रधानमंत्री ओलेक्सी होन्चेरुक ने अगले साल के लिए रक्षा खर्च में वृद्धि की घोषणा की थी. जैवलिन प्रणाली की पहली खेप पिछले साल अप्रैल में यूक्रेन पहुंचाई गई थी.

कजाकिस्तान: अलमाटी में यात्री विमान क्रैश, 100 लोग थे सवार, कम से कम 15 लोगों की मौत
27 December 2019
अल्माटी : कजाकिस्तान (Kazakhstan) के अल्माटी (Almaty) शहर के पास शुक्रवार को बेक एयर कंपनी (Bek Air) का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हवाई अड्डे के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मृतकों की संख्‍या 15 तक पहुंच चुकी है. इनमें एक घायल शख्‍स की अस्‍पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई. अधिकारियों के मुताबिक, कुल 66 घायलों को अस्‍पताल ले जाया गया. अभी 50 लोग अस्‍पताल में भर्ती है, जिनमें 12 की हालत गंभीर है.
मंत्रालय के अनुसार, विमान टेक-ऑफ के बाद ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाया और संतुलन खो बैठा तथा दो मंजिला इमारत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. एक फेसबुक पोस्ट में अल्माटी हवाई अड्डे के अधिकारियों ने आगे कहा कि कुछ लोग दुर्घटना में बच गए हैं, लेकिन संख्याओं की पुष्टि होनी बाकी है.
विमान में 95 यात्री और चालक दल के पांच सदस्य सवार थे. विमान अल्माटी से कज़ाख राजधानी नूर-सुल्तान की यात्रा कर रहा था, लेकिन रडार से गायब हो गया. खबर लिखे जाने तक बचाव अभियान जारी था.
कजाख सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एक विशेष आयोग बनाया है. आयोग दुर्घटनास्थल की ओर जा रहा था.
मंत्रालय ने कहा हिक दुर्घटना के सभी विवरण और कारण मिल जाएंगे. जब तक घटना की स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक इस प्रकार के विमानों की सभी उड़ानें निलंबित रहेंगी.
विमान एक आवासीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जहां लोगों को निकाला जा रहा है. हवाई अड्डे के अधिकारियों ने यह भी कहा कि उन्होंने हवाई दुर्घटना के बाद फोकर-100 विमानों की उड़ानें निलंबित कर दी हैं. बेकम एयर एयरलाइन अल्माटी से नूर-सुल्तान तक की उड़ानों के लिए फोकर-100 विमानों का उपयोग करती है.

नवाज शरीफ इलाज के ल‍िए कब तक लंदन में रह सकते हैं, जल्‍द लिया जाएगा फैसला
26 December 2019
लाहौर: पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की हालत 'बहुत गंभीर' होने के दावे पर विदेश में ठहरने की अवधि बढ़ाने के आग्रह पर निर्णय लेने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. शरीफ ने पंजाब के गृह सचिव से चिकित्सीय उपचार के लिए विदेश में रहने के लिए मांगी गई चार सप्ताह की अवधि के खत्म होने के बाद विदेश में ठहरने की अवधि (अनिश्चित काल के लिए) बढ़ाने का अनुरोध किया है.
डॉन समाचार को बुधवार को एक सूत्र ने बताया कि प्रांतीय सरकार ने इस मामले की देखरेख करने के लिए कानून मंत्री मोहम्मद बशारत राजा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार द्वारा चिकित्सा उपचार के लिए चार सप्ताह की जमानत अवधि के दौरान विदेश जाने की अनुमति मिलने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री पिछले महीने लंदन (London) के लिए रवाना हो गए थे.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने शरीफ को निर्देश दिया था कि यदि भविष्य में आवश्यकता पड़े तो वे राहत के लिए पंजाब सरकार की अनुमति ले सकते हैं.

साइबर क्राइम मामले में 99 हजार संदिग्ध गिरफ्तार, 18,000 मामलों का हुआ निपटारा
26 December 2019
बीजिंग: चीन में साइबर धोखाधड़ी (Cyber Crime) मामले में 99 हजार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और इससे संबंधित 18,000 मामलों का निपटारा किया गया है. अपराधियों ने संचार उपकरणों व आधुनिक ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) तकनीक के इस्तेमाल से धोखाधड़ी की गतिविधि की, जिससे पीड़ितों को गंभीर आर्थिक नुकसान हुआ. इस वर्ष की दूसरी छमाही में, नए प्रकार के साइबर अपराध का मुकाबला करने के लिए चीनी (China) सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने विशेष कार्रवाई की. हाल के वर्षो में, दूरसंचार साइबर धोखाधड़ी जैसे नए प्रकार के साइबर अपराध तेजी से बढ़े हैं. देश भर में सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो ने इस साल जून से अक्टूबर तक इसके खिलाफ विशेष कार्रवाई की. बताया गया है कि विशेष कार्रवाई अगले साल जनवरी के अंत तक जारी रहेगी.
कनाडा में आया 6.2 तीव्रता का भूकंप, सुनामी की चेतावनी नहीं...
25 December 2019
नई दिल्‍ली : कनाडा (Canada) के पोर्टहार्डी (Port Hardy) में बुधवार को रिक्टर पैमाने पर 6.2 तीव्रता के भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, 1 किलोमीटर की गहराई के साथ इसका केंद्र शुरू में 50.573 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 130.001 डिग्री पश्चिम देशांतर पर निर्धारित किया गया. हालांकि, प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र के अनुसार, वर्तमान में सुनामी की कोई चेतावनी नहीं है.
इससे पहले बीते 20 दिसंबर को अफगानिस्तान में एक भारी भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 6.3 मापी गई थी. मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि भूकंप के झटके शाम 5.09 बजे महसूस किए गए और इसका केंद्र काबुल के उत्तरपूर्व में 246 किमी दूर हिंदू कुश की पहाड़ियों में स्थित था. भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में भी महसूस किए गए.
चंडीगढ़ में मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा था कि भूकंप के झटके पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में शाम 5.13 बजे कई सेकेंड तक महसूस किए गए. भारत मौसम विभाग के अनुसार, भूकंप की गहराई 190 किमी रही. विभाग ने शुरुआत में इसकी तीव्रता 7.1 बताई थी, जिसमें बाद में संशोधन किया. किसी के हताहत होने या नुकसान की अभी कोई जानकारी नहीं मिली है.

बुर्किना फासो में आतंकी हमले में 35 नागरिकों की मौत, सुरक्षाबलों ने मार गिराए 80 आतंकवादी
25 December 2019
औगाडौगू (बुर्किना फासो) : उत्तरी बुर्किना फासो (Northern Burkina Faso) के एक शहर में आतंकवादियों (Terrorist) द्वारा किए गए हमले में 35 नागरिक मारे गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं. देश के राष्ट्रपति रोच मार्क काबोर (Roch Marc Kabore) ने जानकारी दी. साथ ही उन्‍होंने बताया कि इस घटना के बाद सुरक्षाबलों द्वारा की गई कार्रवाई में 80 आतंकवादी मारे गए.
काबोर द्वारा अपने ट्विटर (Twitter) हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान के अनुसार, यह घटना देश के सौम प्रांत के अर्बिंडा शहर में हुई. उन्‍होंने अपने बयान में कहा, "हमारे सैनिकों की वीरतापूर्ण कार्रवाई में 80 आतंकवादियों का मार गिराया गया. इसके साथ ही महत्वपूर्ण सैन्य उपकरण भी उनके कब्‍जे से बरामद किए गए."
राष्‍ट्रपति ने बताया कि "इस बर्बर हमले में 35 आम नागरिकों की मौत हुई है, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं." इस हमले की अभी तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है. राष्ट्रपति ने दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. अभी अन्य जानकारी का इंतजार है.

इंडोनेशिया : बस खड्ड में गिरी, 26 लोगों की मौत
25 December 2019
बैंकॉक: इंडोनेशिया के दक्षिण सुमात्रा में एक यात्री बस के खड्ड में गिर जाने से कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने कहा कि बस मध्य रात्रि से पहले एक गार्ड रेल से टकराई, जिससे वह 150 मीटर नीचे खड्ड में गिर गई. बस सोमवार को बेंगकुलु से पालेमबंग जा रही थी. समाचार एजेंसी एफे से पागरालम पुलिस विभाग की डॉली गुमारा ने मंगलवार को कहा कि इस दुर्घटना में अन्य 13 लोग घायल हो गए. उन्होंने कहा कि कुछ पीड़ितों की अभी भी पहचान की जा रही है.
घायलों को बेसमाह पागर आलम अस्पताल ले जाया गया. गुमारा ने कहा, 'हम अभी भी पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं, जो ढलान पर और नदी के पास हो सकते हैं.' उन्होंने कहा कि दुर्घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है.
गुमारा ने कहा, 'दुर्घटना के कारणों की जांच की जानी है और दक्षिण सुमात्रा के ट्रैफिक के प्रमुख अपने दल के साथ यहां आ रहे हैं. एक कारण दुर्गम क्षेत्र हो सकता है.' उन्होंने कहा कि घुमावदार सड़क दूसरी संभावना हो सकती है.

US 2020 में यूक्रेन को देगा 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता, ट्रंप ने किए विधेयक पर हस्ताक्षर
24 December 2019
कीव: अमेरिका (US) में वित्त वर्ष 2020 के लिए राष्ट्रीय रक्षा नीति विधेयक ने यूक्रेन (Ukraine) को 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता करने की मंजूरी दे दी है. कीव स्थित अमेरिकी दूतावास ने ट्विटर पर यह जानकारी दी. कीव में अमेरिकी दूतावास ने कहा, "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम से यूक्रेन को अमेरिकी सूरक्षा सहयोग मजबूत होगा और यूक्रेन के लिए मजबूत द्विदलीय समर्थन सुनिश्चित करता है."
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, कांग्रेस में पारित किए जाने के बाद इस विधेयक पर पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हस्ताक्षर किए थे. अमेरिका रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में यूक्रेन का सामरिक साझेदार है, जो अप्रैल 2014 में पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष शुरू होने के बाद से उसे सबसे ज्यादा सहयोग प्रदान कर रहा है.

सोमालिया: सेना ने अल-शबाब के 8 आतंकवादियों को किया ढेर
24 December 2019
मोगादिशू: सोमालियाई सेना ने सोमालिया के दक्षिणी क्षेत्र में भीषण मुठभेड़ में अल-शबाब (Al Shabab) के आठ आतंकवादियों को मार गिराया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गूफ-गडुड बुरे के गवर्नर हसन मायो इसाक के पत्रकारों को दिए बयान के हवाले से कहा, "आतंकवादियों ने सोमवार को गूफ-गडुड बुरे में एक सैन्य अड्डे पर हमला कर दिया."
इसाक ने कहा, "अल-शबाब के आतंकवादियों ने अड्डे पर कब्जा करने की कोशिश की लेकिन वे हार गए. हमारी सेना ने मुठभेड़ में उनके आठ लोगों को मार गिराया और हम अब बचे हुए लोगों का पीछा कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "नगर पर हमारे सैनिकों का पूरा नियंत्रण है और आतंकवादियों को खदेड़ दिया गया." हालिया घटना आतंकवादियों द्वारा सोमालिया (Somalia) में मुदुग के मध्य में स्थित गालकायो नगर में एक कार बम धमाका करने के अगले दिन ही हो गई. बम धमाके में पांच लोगों की मौत हो गई थी और छह लोग घायल हो गए थे.
अलकायदा के सहयोगी अल-शबाब ने सोमवार के हमले में जीत का दावा करते हुए कहा कि मुठभेड़ में सोमालियाई सेना के आठ सैनिक मारे गए. सोमालियाई सेना और अफ्रीकी यूनियन की सेना द्वारा अगस्त 2011 में अल-शबाब को राजधानी मोगादिशू से भगाने के बाद सोमालिया के दक्षिणी और मध्य क्षेत्रों में सरकारी सेना और अल-शबाब के आतंकवादियों के बीच कई मुठभेड़ें हुई हैं.

होंडुरस जेल में 48 घंटे चली झड़प, 18 कैदियों की मौत
24 December 2019
तेगुसिगल्पा: होंडुरस (Honduras) की राजधानी तेगुसिगल्पा के समीप स्थित एक जेल (Prison) में प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच हुई झड़प में करीब 18 कैदियों की मौत हो गई. इसके ठीक दो दिन पहले एक अन्य जेल में गोलीबारी में 18 कैदियों के मारे जाने की जानकारी सामने आई थी. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, इंटरइंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटी फोर्स (फूसीना) के प्रवक्ता जोस कोएलो ने मीडिया को बताया कि फ्रांसिस्को मोरजान विभाग के एल पोरवेनिर की नगरपालिका में स्थित जेल में रविवार को मरने वाले कैदियों की संख्या बढ़कर 18 हो गई.
वहीं दो अन्य कैदी चाकू की वार से जख्मी हुए हैं, जिन्हें तेगुसिगल्पा स्कूल हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जिसमें कथित तौर पर एक की मौत हो गई है, हालांकि अधिकारियों ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है. होंडुरन की जेल में 48 घंटों में हुई इन मौतों के पीछे कारणों का पता नहीं चल पाया है.

सीरियाई हवाई रक्षा प्रणाली ने इजरायली मिसाइल हमला रोका, सेना के ठिकानों को बनाया था निशाना
23 December 2019
दमिश्क: सीरिया (Syria) की हवाई रक्षा प्रणाली ने रविवार रात इजरायल (Israel) के अंदर से दागी गई मिसाइलों को रोक दिया. सरकारी टीवी ने यह जानकारी दी. राजधानी दमिश्क में लोगों ने रात में मिसाइल हमले पर हवाई रक्षा प्रणाली की जवाबी कार्रवाई के तहत हुए तेज विस्फोट सुने.
सरकारी समाचार एजेंसी सना ने कहा कि हवाई रक्षा प्रणाली ने कब्जाए गए क्षेत्र के अंदर से दागी गई दुश्मन की मिसाइलों को विफल कर दिया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, "उनमें से एक मिसाइल दमिश्क के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित एक नगर अकराबा में गिरी."
इस बीच सीरियाई ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स वार मॉनिटर ने कहा कि हवाई रक्षा प्रणाली द्वारा इजरायली मिसाइल हमले को रोकने पर तीन विस्फोट सुनाई दिए. यह हमला राजधानी में सीरियाई सेना और ईरान (Iran) समर्थित सेना के ठिकानों पर किया गया था.

क्रोएशियाई राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू, त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद
23 December 2019
जाग्रेब: क्रोएशियाई राष्ट्रपति चुनाव में पहले दौर का मतदान रविवार को शुरू हुआ, जिसमें त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है. समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 38 लाख लोग 6,500 अधिकृत मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के पात्र हैं. मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 7 बजे चलेगा.
मतदाताओं में से करीब 1,77,000 विदेश में और आधे बोस्निया में रहते हैं, जहां जातीय क्रोट, क्रोएशिया में भी मतदान कर सकते हैं.
पोलिंग के अनुसार, 11 में से सिर्फ तीन उम्मीदवार अगली प्रतिस्पर्धा में जाते दिखाई देते हैं, जो 5 जनवरी को आयोजित होगी. ऐसा तभी होगा अगर इनमें से किसी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं होता है.
प्रतिस्पर्धा में मौजूद लोगों में वर्तमान राष्ट्रपति कंजर्वेटिव कोलिंडा ग्रेबर-कितारोविंक, पूर्व प्रधानमंत्री जोरान मिलानोविक और स्वतंत्र उम्मीदवार मिरोसलाव सकोरो. सकोरो एक लोकप्रिय लोक गायक और अर्थशास्त्री हैं, जिसे राष्ट्रवादी धुर दक्षिणपंथी पार्टियों का समर्थन प्राप्त है.

Uber ड्राइवर ने कैंसिल की राइड, गुस्साए गैंगस्टर ने उतारा मौत के घाट
23 December 2019
ब्राजीलिया: ब्राजील में एक गैंगस्टर ने गुस्से में चार राइडशेयर चालकों की हत्या कर दी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उसकी बीमार मां की उबर राइड रद्द कर दी गई थी. रिपोर्ट्स के अनुसार, उबर (Uber) और ब्राजील (Brazil) की ट्रांजिट कंपनी 99 के लिए काम करने वाले चालकों को सल्वाडोर सिटी में 13 दिसंबर को पहले प्रताड़ित किया गया और बाद में एक झोपड़ी के पीछे उनकी हत्या कर दी गई.
पांचवां चालक वहां से बच निकलने में कामयाब रहा और बाद में उसने पुलिस को यह जानकारी दी. मीडिया आउटलेट ने बाहिया के गवर्नर रुई कोस्टा के हवाले से कहा, "गैंगस्टर ने इन लोगों की हत्या का आदेश इसलिए दे दिया क्योंकि उसकी मां ने उबर कार बुलाया था, लेकिन कार नहीं पहुंची."
बचकर भागने में सफल हुए चालक ने स्थानीय टीवी स्टेशन को बताया कि उसे पिकअप के लिए कॉल आया था, वहां पहुंचने पर बंदूक की नोंक पर उसे कार से बाहर निकाला गया और झोपड़ी के पीछे ले जाया गया, जहां उसने देखा कि अन्य चालकों को प्रताड़ित किया जा रहा है. एक अन्य चालक द्वारा अपहरणकर्ताओं से पिस्तौल छीनने के बाद वह वहां से भाग निकला. रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने चालकों के अपरहरण वाले दिन ही मुठभेड़ में दो संदिग्धों को मुठभेड़ में मार गिराया.

डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में महाभियोग प्रस्ताव पारित
20 December 2019
वाशिंगटन: अमेरिका में डेमोक्रेटिक की अगुआई वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव में वोट दिया. इसके साथ इस सदन में उनपर महाभियोग प्रस्ताव पारित हो गया है. ट्रंप पर कांग्रेस को बाधित करने और सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, वोटिंग समाप्त होने पर ट्रंप अमेरिका के इतिहास के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिनपर महाभियोग होगा. महाभियोग की वोटिंग से पहले सदन की बहस के समय पर ट्रंप ने बुधवार तड़के से ट्वीट कर और रीट्वीट किए गए ट्वीट्स कर डेमोक्रेट्स के महाभियोग के प्रयास को देश के साथ-साथ रिपब्लिकन पार्टी पर 'एक हमला' करने का प्रयास बताया. ट्रंप ने महाभियोग को अमेरिकी लोकतंत्र में युद्ध की घोषणा जैसा बताया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक पत्र लिखकर हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी और विपक्षी डेमोक्रेटिक पर तख्तापलट की कोशिश करके अमेरिकी लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ पूरी जांच 'अमेरिकी लोकतंत्र पर खुलेआम युद्ध की घोषणा है.' और मांग की कि 'प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी महाभियोग प्रक्रिया को फौरन रोक दें.' ट्रंप ने पेलोसी को लिखे पत्र में कहा, 'अवैध महाभियोग प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ते हुए, आप अपने पद की शपथ का उल्लंघन कर रही हैं, आप संविधान के प्रति अपनी निष्ठा को तोड़ रही हैं और आप अमेरिकी लोकतंत्र में खुलेआम युद्ध की घोषणा कर रही हैं.' छह पेज वाले पत्र में विपक्षी डेमोक्रेट पर निशाना साधा गया है. उन्होंेने कहा, 'आप वे हैं जो अमेरिका के चुनावों में हस्तक्षेप कर रहे हैं. आप अमेरिका के लोकतंत्र को प्रभावित कर रहे हैं. आप न्याय को बाधित करने वाले हैं. आप अपने खुद के व्यक्तिगत, राजनीतिक और दलगत लाभ के लिए हमारे गणराज्य में दर्द और तकलीफ ला रहे हैं.' इस बुधवार को निचले सदन का एक पूरा सत्र ट्रंप के खिलाफ आरोपों पर मतदान करने के लिए निर्धारित है, जो संभवत: बड़े डेमोक्रेटिक बहुमत के कारण तुरंत पारित हो जाएगा, जो बदले में ट्रंप को पद से हटाने के लिए सीनेट में एक प्रक्रिया शुरू करने के लिए ग्रीन सिग्नल होगा, जो जनवरी में शुरू होगा.
पाकिस्तानी टिकटॉक स्टार को दुबई में झेलनी पड़ी प्रताड़ना
20 December 2019
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की टिकटॉक स्टार हरीम शाह एक बार फिर सुर्खियों में हैं. शाह दुबई में एक स्टोर के उद्घाटन समारोह के दौरान अतिथि बनकर पहुंची थी, जहां वह भीड़ की अभद्रता का शिकार हो गईं. उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए अपना दुख बयां किया है. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शाह ने एक ट्वीट में कहा, 'मैं दुबई के ओसिस मॉल की ओपनिंग पर मेहमान के तौर पर आमंत्रित की गई थी. वहां सैकड़ों पाकिस्तानी युवकों ने मुझे धक्का दिया, गालियां दी और कुछ ने तो मुझे लातें तक मारी. क्या आप इसी तरह अपनी महिलाओं के साथ व्यवहार करते हैं?' उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी हरीम शाह उत्पीड़न का शिकार हो चुकी हैं. दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें युवकों ने तस्वीर लेने के बहाने घेर लिया था. उस वक्त उन्होंने बताया था, 'तस्वीर लेने के बहाने एक युवक ने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे साथ गलत हरकत करने की कोशिश की, लेकिन मैं समय रहते उस व्यक्ति से दूर हो गईं.' गौरतलब है कि हरीम करीब दो महीने पहले पाकिस्तान के फॉरेन अफेयर्स कमेटी रूम में टिकटॉक वीडियो बनाने के कारण विवादों में आ गईं थीं. इस मुद्दे पर जमकर विवाद हुआ था और सवाल पूछे गए थे कि टिकटॉक वीडियो के लिए उन्हें अनुमति कैसे मिली.
PM Johnson promises to wrap up Brexit for Christmas, parliament to vote on Friday
19 December 2019
LONDON: The British parliament will vote on Boris Johnson`s Brexit deal on Friday, a move the prime minister described as delivering on his promise to "get the Brexit vote wrapped up for Christmas" following his landslide election victory.
After suffering several heavy defeats in the previous parliament, Johnson now enjoys a large majority and should face little opposition in passing the bill to implement Britain`s biggest foreign and trade policy shift in more than 40 years.
More than three years since Britain voted to exit the European Union in a 2016 referendum, the deep uncertainty over Brexit has been replaced by the firm deadline of Jan. 31.
"Today we will deliver on the promise we made to the people and get the Brexit vote wrapped up for Christmas," Johnson said before the vote, expected to take place at around 1430 GMT.
"Then, at the beginning of the new decade, at the beginning of a new dawn for our country, our parliamentarians will return to Westminster to immediately finish the job, take us out of the EU on the 31st January and move this country forward."
The final stages of ratification will take place after Christmas, but Johnson wants to hold a vote before then as a sign of his intent.
After leaving, Britain will need to secure new trading arrangements with the EU. The so-called withdrawal agreement bill seeks to make sure that there can be no legal chance of extending those talks beyond the end of next year.
Just a week after he won the largest Conservative majority since Margaret Thatcher in 1987, Johnson has set out an ambitious government programme with securing Brexit at the top of his agenda to repay the trust of voters.
Hoping to satisfy the demands of voters in northern and central England who broke their tradition of backing the opposition Labour Party to support him, he has also pledged more funding to the state health service, education and policing.
"After years of delay and rancour in parliament, we will deliver certainty, and hard-working businesses and people across this country will have a firm foundation on which to plan for the future," he said. "Next year will be a great year for our country."

Pakistan Anti-Terrorism Court indicts Hafiz Saeed in terror financing charges
19 December 2019
New Delhi: An Anti-Terrorism Court in Pakistan has indicted Hafiz Saeed, founder of both Lashkar-e-Taiba (LeT) and its supposedly humanitarian arm Jamaat ud-Dawa (JuD), on charges of terror financing. This is Saeed's 3rd known Indictment in the 11 cases that were registered against him on 3rd July by Punjab Counterterrorism Department (CTD).
The Pakistan-based JuD chief, who continues to remain under arrest, has pleaded not guilty in the case.
The court has adjourned the matter for next hearing on December 21.
Back in July, Saeed along with top 13 members of the JuD, were booked in nearly two dozen cases for terror financing and money laundering under Pakistan's Anti-Terrorism Act (ATA), 1997.
The CTD, which registered the cases in five cities of Punjab province, had said that JuD was financing terror from massive funds collected through non-profit organisations and trusts. These organisations were subsequently banned in April after the CTD had found that they had links with the JuD and its top leadership.
Subsequently, Saeed was arrested from Gujranwala on charges of terror financing by the Punjab Counterterrorism Department. He is currently lodged at Kot Lakhpat Jail in Lahore.
The indictment comes ahead of a meeting by the Financial Action Task Force (FATF) next year which will decide whether Pakistan will be blacklisted over its failure to curb terror funding.
The global task force kept the country on its grey list for an extended period up to February 2020 and warned that Islamabad would be blacklisted if it did not comply with the remaining 22 out of 27 points related to anti-money laundering and counter-terrorist financing.

Gunman attacks Russian security service HQ in Moscow, kills employee
19 December 2019
MOSCOW: A gunman opened fire on the headquarters of Russia`s FSB security service in central Moscow on Thursday evening in a rare shooting incident that the FSB said had left at least one of its employees dead.
The attack happened shortly after President Vladimir Putin had delivered his annual news conference and while he was speaking at a Kremlin event designed to celebrate the work of the security services.
The FSB suspected the attack may have been planned to coincide with Putin`s evening speech, a source close to the FSB told Reuters.
The FSB, Russia`s domestic security service, said it had "neutralised" the gunman and was working to establish his identity, the Interfax news agency reported. It was not immediately clear what his motive was.
Footage posted on social media showed automatic gunfire hitting the walls of the FSB`s main building on Lubyanka Square in central Moscow. Sirens, gunshots and screams were heard by people in the area, which is also a busy shopping district popular with tourists that is a short walk from the Kremlin.
The FSB, which Putin used to head, said several people had been wounded in the attack. Interfax cited the Health Ministry as saying five people had been hurt, some of them seriously, including two FSB employees.
Russian investigators said in a statement they had opened a criminal case into the attempted murder of law enforcement officers.
Putin was aware of the incident, Russian news agencies cited the Kremlin as saying.
Reuters reporters heard several gunshots during the evening, followed by what sounded like an explosion amid unconfirmed reports that sappers were defusing explosive devices left behind by the gunman.
Unverified videos shared on social media showed several people resembling police officers holding assault rifles running along a nearby street.
One witness told Reuters he had seen the lifeless body of what he thought was a police officer lying in the street.
"The shooting began around 17:40," one witness told Reuters. "I saw a member of the traffic police running down the road, hiding behind vehicles."
Five ambulances were seen leaving the cordoned-off area.

देशद्रोह केस में मौत की सजा होने पर मुशर्रफ बोले, 'कोर्ट का फैसला बदले की भावना पर आधारित'
19 December 2019
दुबई: पाकिस्तान (Pakistan) में देशद्रोह मामले में विशेष अदालत से मृत्युदंड (death sentence) की सजा पाए पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf,) ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह फैसला उनसे व्यक्तिगत बदला लेने के लिए लिया गया है.
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, मुशर्रफ ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अपने खिलाफ दिए गए फैसले को टीवी पर सुना. उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसे मामले का ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जहां प्रतिवादी या उसके वकील को अपनी दलीलें पेश करने तक का मौका नहीं दिया गया हो.
मुशर्रफ ने कहा कि उन्होंने अपना बयान एक विशेष आयोग को देने का प्रस्ताव दिया था अगर वह दुबई आने पर राजी हो. पूर्व सैन्य तानाशाह यहां अपना इलाज करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके आग्रह को हालांकि नजरंदाज कर दिया गया. उन्होंने कहा, 'मैं इस निर्णय को संदिग्ध कहूंगा क्योंकि मामले की सुनवाई में शुरुआत से अंत तक कानून का पालन नहीं किया गया.'
मुशर्रफ ने कहा कि वे पाकिस्तान की न्यायपालिका और मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि वे मानते हैं कि कानून के लिए सब समान हैं.
मुशर्रफ ने कहा, 'हालांकि मेरे विचार से मुख्य न्यायाधीश खोसा ने यह कहकर अपने इरादे और जनता के प्रति अपने संकल्प को दिखाया कि उन्होंने इस मामले में शीघ्र निर्णय सुनिश्चित किया. मेरे शासन में व्यक्तिगत लाभ पाने वाले न्यायाधीश मेरे खिलाफ फैसला कैसे दे सकते हैं?'
मुशर्रफ (76) ने कहा कि वे अपने कानूनी सलाहकारों से चर्चा करने के बाद इस संबंध में अपनी आगे की योजना बताएंगे. इसबीच पाकिस्तान सरकार ने सेवानिवृत्त जनरल का बचाव करते हुए कोर्ट के निर्णय पर अपील करने का फैसला किया है. पाकिस्तान के महान्यायवादी अनवर मंसूर ने कहा कि यह निर्णय 'अनुचित' है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पास, सत्ता के दुरुपयोग का आरोप
19 December 2019
वाशिंगटन: अमेरिका (US) के राष्ट्रपति डोलान्ड ट्रंप (Donald Trump) के खिलाफ महाभियोग (Impeachment) प्रस्ताव हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (House of Representatives) में पास हो गया है. डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप हैं कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन समेत अपने घरेलू प्रतिद्वंद्वियों की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से गैरकानूनी रूप से मदद मांगी।
मुश्किल है ट्रंप को कुर्सी से हटाना हालांकि डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पास हो गया है लेकिन उनका कुर्सी से हटना मुश्किल है. महाभियोग का प्रस्ताव निचले सदन से पारित हो जाने के बाद अब ऊपरी सदन सीनेट में केस चलेगा और सीनेट में उनकी पार्टी को बहुमत है. बता दें हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के पास बहुमत नहीं है. यहां डेमोक्रेट्स का नियंत्रण है.
डोनाल्ड ट्रंप एक ही तरीके से अब कुर्सी से हट सकते हैं अगर कम से कम 20 रिपब्लिकन सांसद उनके खिलाफ बगावत कर दें. लेकिन इसकी संभावना काफी कम है.
महाभियोग प्रस्ताव पास हो जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, वास्तव में वे मेरे पीछे नहीं है, वे आपके पीछ हैं
'महाभियोग US लोकतंत्र में युद्ध की घोषणा जैसा'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक पत्र लिखकर हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी और विपक्षी डेमोक्रेटिक पर तख्तापलट की कोशिश करके अमेरिकी लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा था.
ट्रंप ने कहा था कि उनके खिलाफ पूरी जांच 'अमेरिकी लोकतंत्र पर खुलेआम युद्ध की घोषणा है।" और मांग की कि 'प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी महाभियोग प्रक्रिया को फौरन रोक दें।'
ट्रंप ने पेलोसी को लिखे पत्र में कहा था, 'अवैध महाभियोग प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ते हुए, आप अपने पद की शपथ का उल्लंघन कर रही हैं, आप संविधान के प्रति अपनी निष्ठा को तोड़ रही हैं और आप अमेरिकी लोकतंत्र में खुलेआम युद्ध की घोषणा कर रही हैं'.
दो पूर्व राष्ट्रपतियों पर हो चुकी है महाभियोग की कार्यवाही
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप से पहले अमेरिकी राष्ट्रपतियों के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही हुई हो चुकी है. 1868 में ऐंड्यू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हुई थी. हालांकि दोनों ही नेता अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे थे. वहीं राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से पहले ही इस्तीफा दे दिया था.

अफगान सुरक्षाबलों ने 25 आतंकवादियों को मार गिराया
19 December 2019
कंधार: अफगानिस्तान के दक्षिणी कंधार प्रांत में पिछले 24 घंटों में आतंकवादियों के सफाए के लिए आभियान जारी है और इस दौरान कम से कम 25 आतंकवादी मारे गए हैं. सेना ने बुधवार को यहां एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सेना का अभियान प्रांत के अशांत जिले शाह वली कोट में चल रहा है. बयान में जोर देकर कहा गया कि लड़ाकू विमानों की मदद के साथ मंगलवार सुबह से चलाए गए अभियान में कई आतंकवादी घायल भी हुए हैं.
हताहत सुरक्षबालों की संभावित संख्या के बारे में जानकारी दिए बिना, बयान में उल्लेख किया गया है कि अभियान तब तक चलेगा जब तक कि क्षेत्र से हथियारबंद आतंकवादियों का सफाया नहीं हो जाता.
तालिबान आतंकवादी, जो कंधार प्रांत के कुछ अशांत इलाकों में सक्रिय हैं, ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है.

न्यूजीलैंड: ज्वालामुखी विस्फोट में अब तक 18 मरे, 2 लापता
18 December 2019
वेलिंगटन: न्यूजीलैंड (NewZealand) के व्हाइट आइलैंड में ज्वालामुखी (Volcano) विस्फोट के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है. स्थानीय अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने सभी पीड़ितों की पहचान प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिनमें दो लापता व्यक्ति भी शामिल हैं, जिन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. एफे न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने 17 लोगों के नाम जारी किए हैं, लेकिन एक व्यक्ति की पहचान नहीं की, जिसकी ऑस्ट्रेलिया (Australia) के एक अस्पताल में मौत हो गई है.
इस विस्फोट के बाद पीड़ितों में से दो व्यक्ति लापता हो गए थे. इनमें एक 17 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक विनोना लैंगफोर्ड और दूसरा स्थानीय टूर गाइड हेडन मार्शल इनमैन (40) शामिल है. विस्फोट नौ दिसंबर को हुआ था. पुलिस उपायुक्त जॉन टिम्स ने एक बयान में कहा कि पुलिस के ईगल हेलीकॉप्टर ने मंगलवार को दोनों लोगों को खोजने के लिए तुंगवाका खाड़ी में अभियान चलाया.
17 पहचाने गए पीड़ितों में दो न्यूजीलैंड के, 12 ऑस्ट्रेलियाई और तीन अमेरिका (US) के निवासी थे जो ऑस्ट्रेलिया में रहते थे. फिलहाल, करीब 14 लोग न्यूजीलैंड के एक अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से अधिकांश गंभीर रूप से जले हुए हैं. इसके अलावा 12 पीड़ित ऑस्ट्रेलिया में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं.
जिस समय यह विस्फोट हुआ, उस वक्त कुल 47 लोग द्वीप पर मौजूद थे. इन लोगों में 24 ऑस्ट्रेलियाई, नौ अमेरिकी, पांच न्यूजीलैंड निवासी, चार जर्मन, दो ब्रिटेन (Britain) के निवासी, दो चीनी (China) और एक मलेशियाई नागरिक शामिल हैं.

चीन के कोयला खदान में विस्फोट, 14 की मौत
17 December 2019
बीजिंग: चीन में मंगलवार को एक कोयला खदान में विस्फोट हो गया. विस्फोट में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है. जबकि दो अन्य फंस गए. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, यह घटना गुइझोऊ प्रांत में देर रात करीब 1.30 बजे हुई और बचाव दल ने एनलॉन्ग काउंटी के ग्वांगलांग कोयला खदान के अंदर 23 मजदूरों में से सात को बचा लिया.
आपातकालीन सेवा कर्मियों को 14 खनिकों के शव मिले, जबकि दो अन्य मजदूर खदान के अंदर फंसे हुए हैं.
आपको बता दें कि 14 दिसंबर को सिचुआन प्रांत में एक कोयला खदान में बाढ़ आ गई थी, जिससे कम से कम पांच लोग मारे गए थे और 13 खनिक फंस गए थे, जबकि 329 कर्मी बच निकलने में सफल रहे थे.

चीन: शी जिनपिंग ने हांगकांग की वर्तमान स्थिति और सरकार के कार्यो का लिया जायजा, कैरी लैम से की मुलाकात
17 December 2019
बीजिंग: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने सोमवार को हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र की प्रमुख कैरी लैम से मुलाकात की. कैरी लैम ने शी को हांगकांग की वर्तमान स्थितियों और हांगकांग (Hongkong) सरकार के कार्यो की जानकारी दी. कैरी लैम अपने काम की रिपोर्ट देने के लिए पेइचिंग पहुंची.
शी ने कहा कि बीते एक साल में हांगकांग में भिन्न कठिनाइयों और दबाव के सामने आप ने एक देश में दो व्यवस्थाएं सिद्धांत पर डटा रहकर अपनी ड्यूटी पर बहुत काम किया है. केंद्र सरकार आपके साहस और जिम्मेदारी की खूब प्रशंसा करती है. शी ने कहा कि हम आप के नेतृत्व में हांगकांग सरकार के शासन, और हांगकांग पुलिस के सख्त कानून प्रवर्तन का समर्थन करेंगे.
शी ने कहा, "मैंने 14 नवम्बर को ब्राजील (Brazil) में ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन में बयान देकर हांगकांग स्थिति के प्रति केंद्र सरकार का बुनियादी रुख प्रकट किया. केंद्र सरकार देश की प्रभुसत्ता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करने की कल्पना नहीं बदलेगी और हम दृढ़ता के साथ किसी भी बाह्य शक्ति द्वारा हांगकांग मामलों पर हस्तक्षेप लगाए जाने का विरोध करेंगे."

पाकिस्‍तान: बिलावल भुट्टो ने सीपीईसी मार्ग बदले जाने की आलोचना की
16 December 2019
इस्लामाबाद: पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का मार्ग बदलकर बलूचिस्तान प्रांत के लोगों को परियोजना के लाभ से वंचित किया गया है. प्रांत की राजधानी क्वेटा में रविवार को समर्थकों को संबोधित करने के दौरान बिलावल ने कहा, "हम (पीपीपी) सीपीईसी जैसी क्रांतिकारी परियोजनाएं लेकर आए, जो बलूचिस्तान के लोगों (विशेषकर) के लिए, खासतौर से ग्वादर के निवासियों के लिए थी.. यह आपके लिए नौकरी के अवसर पैदा करने और आपकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए थी." उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से, (पूर्व) राष्ट्रपति जरदारी के दृष्टिकोण के विपरीत, जो चाहते थे कि परियोजना को सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का लाभ मिले .. कि मार्ग एफएटीए (संघ प्रशासित कबायली क्षेत्र) से बलूचिस्तान तक शुरू होना चाहिए, लेकिन मार्ग बदल दिया गया है. अब यह लाहौर और सिंध से शुरू हो रहा है." द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पीपीपी अध्यक्ष ने कहा, "ये चुने हुए पपेट (मौजूदा सरकार) आपको उन लाभों को प्रदान नहीं कर सकती हैं." उन्होंने कहा कि सिर्फ उनकी पार्टी ही थी, जिसने सुनिश्चित किया था कि परियोजना उस क्षेत्र के निवासियों को लाभान्वित करे, जहां इसे लॉन्च किया गया था.
ब्राजील: मादक पदार्थो की तस्करी के खिलाफ अभियान के दौरान वाहन में मिले 7 शव
16 December 2019
रियो डी जनेरियो: ब्राजील (Brazil) में प्रशासन को रविवार को एक वाहन के अंदर सात पुरुषों के शव मिले. सैन्य पुलिस ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, दक्षिणी रियो डी जनेरियो (Rio de Janeiro) में अंगरा डोज रीस नगर में स्थानीय अग्निशमन विभाग के बाहर खड़े वाहन में ये शव मिले.
प्रशासन को क्षेत्र में मादक पदार्थो की तस्करी से संबंधित अपराध होने का संदेह है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने कहा कि उन्हें अभी तक यह पता नहीं चला है कि ये हत्याएं कैसे की गईं. क्षेत्र में मादक पदार्थो की तस्करी के खिलाफ अभियान के दौरान सैन्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स बोप को ये शव मिले. इस अभियान के दौरान दो हथियार और दो ग्रेनेड भी बरामद हुए.
शनिवार को दो आपराधिक गिरोहों के बीच हिंसा होने के बाद यह अभियान चलाया गया. इससे पहले एक नवंबर को अंगरा डोस रीस में सैन्य पुलिस के एक अन्य अभियान में आठ लोगों की मौत हुई थी.

बांग्लादेश: इलेक्ट्रिक पंखों की फैक्ट्री में लगी भीषण आग, 10 की मौत
16 December 2019
ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका (Dhaka) में एक फैक्ट्री में रविवार को आग लगने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई. माना जा रहा है कि यह फैक्ट्री अवैध रूप से संचालित थी. पिछले सप्ताह भी राजधानी के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक फैक्ट्री में आग लगने से 17 लोगों की मौत हुई थी. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, अग्निशमन विभाग ने कहा कि राजधानी के निकट गाजीपुर में एक इलेक्ट्रिक पंखों की फैक्ट्री में शाम 5.45 बजे आग लग गई और इमारत में से अंत में 10 शव बाहर निकाले गए.
फायरफाइटर्स एंड सिविल डिफेंस डिवीजन के प्रमुख देबाशीष बर्धन ने कहा, "तीन मंजिला इमारत में लोहे की नालीदार छत है और इमारत में सिर्फ एक निकास है. फैक्ट्री के पास फायर लाइसेंस नहीं है तो हमें लगता है कि फैक्ट्री अवैध है." उन्होंने कहा कि आग पर काबू पाए जाने के बाद अग्निशमन कर्मियों को दूसरी मंजिल पर 10 शव मिले. हालांकि इसमें अन्य किसी के घायल होने की खबर नहीं है.
बांग्लादेश (Bangladesh) में आग लगना या औद्योगिक इकाइयों में घातक दुर्घटनाएं आम हैं. फैक्ट्रियों में संदिग्ध सुरक्षा स्थितियों के कारण बांग्लादेश हाल के वर्षो में अंतर्राष्ट्रीय जांच का सामना कर रहा है. हालांकि, यह लगता है कि प्रशासन ऐसे खतरों को कम करने में नाकाम रहा है. बांग्लादेश अग्निशमन सेना के आंकड़ों के अनुसार, 2004 से 2018 के बीच दर्ज किए गए आग लगने के 89,923 मामले में 1,970 लोगों की मौत हुई है. पिछले सप्ताह राजधानी के बाहरी क्षेत्र में प्लास्टिक की एक फैक्ट्री में आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई थी.

CPEC के तहत SEZ विकसित करने की डील को अंतिम रूप देंगे चीन और पाकिस्तान
14 December 2019
इस्लामाबाद: चाइना रोड एंड ब्रिज कॉर्पोरेशन (CRBC) की एक टीम द्वारा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के तहत राशकई विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के विकास को लेकर एक समझौते को अंतिम रूप देने के लिए दिसंबर के अंत तक पाकिस्तान (Pakistan) का दौरा किए जाने की उम्मीद है.
एक पाकिस्तानी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. केपीईजेडडीएमसी के अरबाब हारोन (एक्जीक्यूटिव बिजनेस डिवेलपमेंट, मीडिया) ने समाचार एजेंसी को बताया, "खैबर पख्तूनख्वा आर्थिक क्षेत्र विकास एवं प्रबंधन कंपनी (केपीईजेडडीएमसी) और सीआरबीसी के बीच इस महीने के अंत में समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा." हारोन ने समझौते की तारीख का खुलासा नहीं किया.
हारोन ने कहा कि राशकई सेज का तेजी से विकास करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंेने कहा कि यह औद्योगीकरण और आर्थिक उत्थान को प्रोत्साहित करके देश की प्रगति और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
सीआरबीसी के एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी ने दिसंबर के अंत तक पाकिस्तान में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बनाई है, ताकि राशकई सेज के विकास के लिए समझौते पर चर्चा की जा सके, लेकिन सटीक तारीख पाकिस्तानी पक्ष के साथ समन्वय पर निर्भर करेगी.
गुरुवार को राशकई सेज पर प्रगति की चर्चा और समीक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करते हुए, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने राशकई सेज में बुनियादी ढांचे के काम को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया था.

जाकिर नाइक को मालदीव ने नहीं दी एंट्री, कहा- नफरत फैलाने वालों को इजाजत नहीं देते
14 December 2019
नई दिल्ली: विवादित इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक (Zakir Naik) ने मालदीव (Maldives) जाने की कोशिश की थी लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पाई थी. मालदीव सरकार ने उसे अपने देश में आने की इजाजत नहीं दी थी.
मालदीव संसद के स्पीकर एम नशीद ने यह जानकारी दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा, 2009 में हमने उन्हें (जाकिर नाइक) आने की इजाजत दी थी उस वक्त उन्हें लेकर कोई विवाद नहीं था. हाल ही उसने फिर वीजा लेने की कोशिश की थी लेकिन सरकार ने उन्हें एंट्री देने से मना कर दिया. हम उन उपदेशकों को पंसद करते हैं जो अच्छा इस्लाम सिखाते हैं लेकिन अगर आप नफरत फैलाते हैं तो हम इसे इजाजत नहीं दे सकते.
बता दें ढाका के होली आर्टिसन बेकरी में जुलाई 2016 में हुए आतंकी हमले में जाकिर नाइक का नाम आने के बाद आतंकवाद से जुड़े गंभीर आरोपों के सिलसिले में उसे भारत में वांटेड घोषित किया गया था. नाइक एक भगोड़ा है और उसने मलेशिया में शरण ली है.
विवादास्पद पीस टीवी के संस्थापक 53 वर्षीय नाइक का जन्म मुंबई में हुआ था. यहां से भागने के बाद वह 2017 से मलेशिया (Malaysia) में रह रहा है और वहां की पिछली सरकार ने उसे स्थायी निवासी भी बनाया हुआ है. वर्तमान मलेशियाई सरकार ने अब तक उसे भारत वापस भेजने का फैसला नहीं किया है, लेकिन उसे अपने सार्वजनिक भाषण देने से रोक दिया है.
इसी साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने मलेशियाई समकक्ष महाथिर मोहम्मद के साथ विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के मुद्दे को उठाया. नाइक एक भगोड़ा है और उसने मलेशिया में शरण ली है.

ब्रिटेन के चुनाव में भारतीय मूल के कई नेताओं की जीत, प्रीति पटेल दोबारा निर्वाचित
14 December 2019
लंदन: ब्रिटेन में हुए आम चुनावों में सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव और विपक्षी लेबर पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने वाले भारतीय मूल के राजनेताओं ने बड़ी जीत हासिल की है. भारतीय मूल की ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल को उनके विथम निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुना गया है.
पटेल ने शुक्रवार को ट्वीट किया, "मुझे अपने सांसद के रूप में फिर से निर्वाचित करने के लिए विथम निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं का धन्यवाद. मैं आपकी मजबूत आवाज बनी रहूंगी."
एसेक्स लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, पटेल को 32,876 वोट मिले, जिससे पार्टी को लेबर के मुकाबले 66.6 फीसदी वोट मिले.
हर्टफोर्डशायर मर्करी की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण पश्चिम हर्टफोर्डशायर निर्वाचन क्षेत्र में कंजर्वेटिव पार्टी के गगन मोहिंद्रा ने 30,327 वोट प्राप्त किए. उन्होंने कुल 49.6 फीसदी वोट हासिल किए.
गोवा मूल के कंजर्वेटिव सांसद क्लेयर कॉटिन्हो ने पूर्वी सरे सीट से 24,040 मतों के साथ जीत दर्ज की.
विपक्षी लेबर पार्टी ने हालांकि इन चुनावों में 1935 के बाद से अपने सबसे बुरे नतीजों का सामना किया है, लेकिन पार्टी के कुछ भारतीय मूल के सांसद अपनी सीटों को बरकरार रखने में कामयाब रहे.
2017 के चुनाव में पहली ब्रिटिश सिख महिला सांसद के रूप में इतिहास रचने वाली प्रीत कौर गिल को उनके एजबेस्टन निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुना गया. उन्हें कुल 21,217 वोट मिले.
इसके अलावा सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने भी बर्कशायर निर्वाचन क्षेत्र से अपनी सीट बरकरार रखी. वहीं वीरेंद्र शर्मा ने भी अपनी ईलिंग साउथॉल सीट को बरकरार रखने में कामयाबी हासिल की.

आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी की बड़ी जीत, बोरिस जॉनसन को मिला जनादेश
13 December 2019
लंदन : ब्रिटेन (Britain) की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) ने शुक्रवार को आम चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) को जहां जनादेश मिला है, वहीं विपक्षी लेबर पार्टी (Labor party) के लिए 1935 के बाद से यह सबसे खराब चुनाव परिणाम है. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, कंजर्वेटिव ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कुल 334 सीटों पर जीत दर्ज कर 74 सीटों का बहुमत हासिल किया है (45 सीटों का लाभ), क्योंकि दक्षिणपंथी पार्टी ने लेबर उम्मीदवारों के पारंपरिक गढ़ में सेंध लगा दी.
अक्सब्रिज और साउथराइस्लिप में आसानी से निर्वाचित होने के बाद नतीजों से खुश जॉनसन ने कहा, "यह ऐसा लगता है कि जैसे कंजर्वेटिव सरकार को ब्रेक्सिट लागू कराने के लिए एक शक्तिशाली नया जनादेश दिया गया है."
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी की जीत "ब्रिटिश लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करने, इस देश को बेहतर बनाने और इस देश के सभी लोगों की क्षमता को उजागर करने का मौका प्रदान करेगी."
दूसरी ओर, नतीजों से निराश लेबर नेता जेरेमी कॉर्बिन ने एलान किया कि वह भविष्य में आम चुनाव में पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे. लेबर पार्टी महज 201 सीटों (57 का नुकसान) पर सिमट गई है. इसके पहले 1935 में पार्टी ने सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए सबसे कम सीटें सिर्फ 154 सीटें जीती थी. वहीं, 1983 में भी खराब प्रदर्शन करते हुए लेबर पार्टी ने 209 सीटें जीती थीं.
कॉर्बिन ने अपनी इजलिंगटन नॉर्थ काउंटिंग सेंटर में समर्थकों से कहा कि स्पष्ट रूप से यह पार्टी के लिए बहुत निराशाजनक रात है."
इस बीच, लिबरल डेमोक्रेट्स नेता, जो स्विन्सन ईस्ट डनबर्टनशायर सीट स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) के हाथों गंवा बैठीं. उन्होंने इस सीट का 12 वर्षो से अधिक समय तक प्रतिनिधित्व किया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रारंभिक परिणामों से खुश हैं. उन्होंने ट्वीट किया, "ब्रिटेन में बोरिस के लिए एक बड़ी जीत मालूम पड़ रही है."

नाइजर में सेना के शिविर पर आतंकवादियों का बड़ा हमला, 71 जवानों की मौत
13 December 2019
नियामे: नाइजर में सेना के शिविर पर हथियारबंद आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में सेना के करीब 71 जवानों की मौत हो गई. यह जानकारी दक्षिण अफ्रीकी देश के रक्षा मंत्री ने दी. ऑल अफ्रीका (Africa) न्यूज वेबसाइट के अनुसार, यह हमला मंगलवार को माली के समीप नाइजर सीमा के पास स्थित शिविर पर हुआ.
मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में बताया कि तीन घंटे तक चले हमले को "भारी हथियारों से लैश सैकड़ों आतंकवादियों" ने अंजाम दिया. बयान में यह भी बताया गया कि 57 हमलावरों को भी मार गिराया गया है.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन ये हमलावर क्षेत्र में सक्रिय इस्लामिक स्टेट (आईएस) और नाइजीरिया (Nigeria) के बोको हरम से जुड़े हो सकते हैं.

अमेरिकी एयरबेस के पास तालिबान ने किया बम विस्फोट, 2 की मौत, 73 घायल
13 December 2019
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) के सैन्य अड्डे के पास कार बम विस्फोट से दो नागरिकों की मौत हो गई, जबकि सेना के कुछ जवान सहित 70 से अधिक लोग घायल हो गए. विस्फोट में बगराम स्थित संयुक्त राज्य अमेरिका (US) के सबसे बड़े सुरक्षा अड्डे (एयरबेस) के पास निर्माणाधीन एक अस्पताल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. एफे न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को हुए इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान (Taliban) ने ली है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए बताया कि हमले में एक महिला सहित दो नागरिक मारे गए हैं, जबकि 73 नागरिक घायल हुए हैं. बगराम जिले के गवर्नर शुकूर कूदूसी ने एफे को बताया कि यह विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आसपास के गांव के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए.
अल्बटरे फर्नांडीज ने अर्जेंटीना के नए राष्ट्रपति के रूप में ली शपथ, आर्थिक संकट में मदद का किया आग्रह
11 December 2019
ब्यूनस आयर्स: अल्बटरे फर्नांडीज ने मंगलवार को नेशनल कांग्रेस में एक समारोह में अर्जेटीना (Argentina) के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले भाषण में फर्नांडीज ने एकजुट होकर देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने में मदद करने का आग्रह किया.
फर्नांडिज ने कहा, "मैं बिना किसी भेद-भाव के अर्जेंटीना को अपने पैरों पर खड़ा करने का आपसे आह्वान करने आया हूं, ताकि यह कदम से कदम मिलाकर गरिमा व सामाजिक न्याय के साथ विकास के पथ पर चलना शुरू कर सके." 60 साल के फर्नांडीज ने अपने पूर्ववर्ती मौरिसियो मैक्री से पदभार संभाला.
फर्नांडीज ने कहा कि नई सरकार कर्ज के बोझ को कम करने और एक उत्पादक अर्थव्यवस्था के विकास को फिर से शुरू करने का प्रयास करेगी जिससे देश का निर्यात बढ़ेगा और इस तरह से भुगतान करने की क्षमता पैदा करेगी.

अमेरिका के न्यू जर्सी में फायरिंग, एक पुलिस अधिकारी समेत 6 की मौत
11 December 2019
न्यू जर्सी: अमेरिका (America) के न्यू जर्सी (New Jersey) में मंगलवार को स्टोर के बाहर हुई गोलीबारी में 1 पुलिस ऑफिसर समेत 6 लोगों की मौत की खबर है. मिली जानकारी के मुताबिक, न्यू जर्सी में करीब घंटे भर चली फायरिंग में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई है इसके अलावा 5 अन्य नागरिकों की भी मौत हुई है. फायरिंग में 2 पुलिस अधिकारी घायल भी हुए हैं.
न्यू जर्सी के मुख्य पुलिस अधिकारी माइकल केली ने जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग हथियार के साथ एक दुकान में घुस गए हैं. इसके बाद मौके पर पुलिस की टीम पहुंची तो बदमाशों ने दुकान के भीतर से पुलिस पर फायरिंग कर दी. गोलिबारी में एक पुलिस अफसर समेत 6 लोगों की मौत हो गई है.
शहर के पब्लिक सेफ्टी डायरेक्टर जेम्स शी ने कहा कि अधिकारियों का मानना ​​है कि यह आतंकवादी घटना नहीं है. लेकिन फिर भी इसकी जांच की जा रही है.
उधर, गोलीबारी की घटना के बाद आस-पास के स्कूलों को बंद करा दिया गया है. शूट आउट के वक्त पुलिस ने हडसन नदी के पास के मुख्य रास्ते भी बंद कर दिए हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद इस पर नज़र रखे हुए हैं.

इंफोसिस के पूर्व सीईओ विशाल सिक्का ओरेकल के निदेशक मंडल में
11 December 2019
कैलिफोर्निया: क्लाउड दिग्गज ओरेकल ने इंफोसिस के पूर्व सीईओ और एआई कंपनी वियानई सिस्टम्स के संस्थापक एवं सीईओ विशाल सिक्का को अपनी कंपनी के निदेशक मंडल के लिए चयनित किया है. वियानई सिस्टम शुरू करने से पहले विशाल सिक्का तकनीकी कंपनियों एसएपी और इंफोसिस में शीर्ष पदों पर काबिज रहे हैं. ओरेकल के सीईओ सफरा कैत्ज ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, 'विशाल स्पष्ट रूप से समझते हैं कि ओरेकल के जेन-2 क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्च र, ऑटोनॉमस डेटाबेस और एप्लिकेशन ओरेकल क्लाउड में एक साथ कैसे आएंगे, जिससे हमारे ग्राहकों को फायदा पहुंच सके.'
सालों से ओरेकल डेटाबेस दुनिया के हर बड़े और महत्वपूर्ण संगठन के लिए काफी महत्वपूर्ण बना हुआ है.
सिक्का ने कहा, 'आज ओरेकल बड़ी चार क्लाउड कंपनियों में से एकमात्र है, जो एक एकल क्लाउड में एंटरप्राइज एप्लिकेशन सूट और सिक्योर इन्फ्रास्ट्रक्च र दोनों प्रौद्योगिकियों की पेशकश करती है.'
उनके अनुसार, दोनों एप्लिकेशन और बुनियादी ढांचे में ओरेकल की अद्वितीय स्थिति आगे के समय में भारी नवाचार और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी.
ओरेकल के अध्यक्ष और सीटीओ लैरी एलिसन ने कहा कि विशाल सिक्का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निग के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी विशेषज्ञ हैं.
ओरेकल ने हाल ही में एक बीमारी के कारण अपने लंबे समय से कार्यरत सह-सीईओ मार्क हर्ड को खो दिया है.

पाकिस्तान का अफगानिस्तान से ऐतिहासिक संबंध, 30 लाख अफगान शरणार्थियों को दी शरण: कुरैशी
10 December 2019
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) ने पूरे क्षेत्र की आर्थिक प्रगति और समृद्धि के लिए एक सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लक्ष्य को प्राप्त करने की जरूरत पर जोर दिया है. विदेश कार्यालय (एफओ) ने यहां एक बयान में यह बात कही.
डॉन न्यूज के मुताबिक, सोमवार को इस्तांबुल में 'हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रोसेस' की आठवीं मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कुरैशी ने कहा कि कोई भी अन्य देश अफगानिस्तान (Afghanistan) के साथ अधिक ऐतिहासिक संबंध होने का दावा नहीं कर सकता है और न ही कोई देश वहां पाकिस्तान की तुलना में शांति और स्थिरता के लिए अधिक इच्छुक है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले चार दशकों से 30 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों को शरण देना जारी रखा है और पड़ोसी देश के विकास और पुनर्निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिसमें विकास सहायता में एक अरब डॉलर से अधिक की रकम शामिल है. कुरैशी ने दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थागत ढांचे के रूप में अफगानिस्तान-पाकिस्तान एक्शन प्लान फॉर पीस एंड सॉलिडैरिटी (एपीएपीपीएस) के महत्व को रेखांकित किया.
अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में हाल ही में शांति और स्थिरता प्राप्त करने के लिए प्रयासों को फिर से शुरू करना एक सकारात्मक विकास है. उन्होंने शांति प्रक्रिया को 'समावेशी अंतर-अफगान वार्ता' के रूप में देखने के लिए पाकिस्तान की इच्छा व्यक्त की.
अपने संबोधन के बाद, कुरैशी ने बैठक से इतर दक्षिण एशिया मामलों की अमेरिकी (America) कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स से भी बातचीत की. विदेश कार्यालय के अनुसार, बातचीत के दौरान, पाकिस्तान-अफगानिस्तान द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई.

मिस्र के विदेश मंत्री से मिले माइक पोम्पियो,लीबिया के मौजूदा हालात और क्षेत्रीय मुद्दों पर की चर्चा
10 December 2019
वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने मिस्र के विदेश मंत्री समीह शौकरी के साथ मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि पोम्पियो और शौरी ने सोमवार को 'अमेरिका (US) और मिस्र के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी के महत्व' पर चर्चा की और लीबिया (Lybia) के मौजूदा हालात सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने मानव अधिकारों और मिस्र में हिरासत में लिए गए अमेरिकियों के बारे में भी बात की. जहां वाशिंगटन (Washington) का दावा है कि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं, वहीं दोनों के बीच कुछ विवाद भी हैं.
पिछले महीने, अमेरिका ने रूस (Russia) से लड़ाकू जेट खरीदने के फैसले के लिए कथित तौर पर मिस्र को दंडित करने की धमकी दी थी. इस बीच, काहिरा ने ईरान (Iran) और इजरायल (Israel) के बारे में कुछ अमेरिकी नीतियों का समर्थन नहीं किया.

न्यूजीलैंड में ज्वालामुखी फटने से 5 मरे, 24 घंटों में एक और विस्फोट की संभावना
10 December 2019
वेलिंगटन: न्यूजीलैंड (New Zealand) के व्हाइट आइलैंड में सोमवार को ज्वालामुखी (Volcano) विस्फोट से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि वहां मौजूद लोगों की वास्तविक संख्या की जानकारी नहीं है. न्यूजीलैंड हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल ऑपरेशन कमांडर उपायुक्त जॉन टिम्स ने मीडिया से कहा कि पीड़ित और लापता व्यक्ति दोनों न्यूजीलैंड के और ओवेशन ऑफ द सीज क्रूज जहाज के पर्यटक थे.
टिम्स ने कहा कि पर्यटकों की नागरिकता का अभी पता लगाना संभव नहीं है. अबतक, 18 लोगों को बचाया गया है और इन्हें बर्न इंजरी (Burn Injury) हुई है. टिम्स ने कहा कि पुलिस को इस बारे में सूचना नहीं है कि लापता लोग जीवित हैं या नहीं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अन्य विस्फोट की भी संभावना है. उन्होंने कहा, "पुलिस को इस बारे में पूरी तरह से पता नहीं है कि कितने लोग आईलैंड में बचे हैं, लेकिन यह संख्या दो अंकों में हो सकती है." सुरक्षा बलों को भी उनके हालातों के बारे में भी जानकारी नहीं है, क्योंकि किसी भी तरह का संपर्क अभी तक स्थापित नहीं हो पाया है.
उपायुक्त ने कहा, "विशेषज्ञों ने कहा है कि आईलैंड पर जाना हमारे लिए सुरक्षित नहीं है. आईलैंड अस्थिर है, और वहां जाना सही नहीं है. यह महत्वपूर्ण है कि हम उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान दें, जो आईलैंड वापस जाएंगे." आईलैंड फिलहाल राख और ज्वालामुखीय मलबों से भर गया है. देश के भूगर्भीय खतरा सूचना केंद-जीओनेट के केन ग्लेडहिल ने कहा, "यह कोई बड़ा विस्फोट नहीं है, यह एक तरह का 'थ्रोट क्लीयरिंग' विस्फोट है और संभवत: इसीलिए इसका मलबा मुख्य भूमि तक नहीं पहुंच सका है."
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लेडहिल ने कहा, अपराह्न् 2.11 बजे विस्फोट हुआ और इसका धुंआ 12,000 फुट तक हवा में नजर गया. यह हालांकि शांत हो गया, लेकिन इस बारे में पता नहीं चला पाया है कि क्या अगले 24 घंटों में भी एक अन्य विस्फोट होगा. इस बीच, प्रधानमंत्री जेसिका अर्दन ने मीडिया से कहा कि सक्रिय पुलिस खोज व तलाशी अभियान चलाया गया है. हमारी संवेदना प्रभावित लोगों के प्रति है.

अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर प्रदर्शन, इमरान खान के खिलाफ जमकर लगे नारे
9 December 2019
नई दिल्ली: पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के विरोध में भारतीय अमेरिकियों ने रविवार को वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगों ने पाकिस्तान और प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ जमकर नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की पॉलिसी की भी जमकर निंदा की.
प्रदर्शनकारी बैनर और पोस्टर लेकर वॉशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास के सामने इकट्ठे हुए और नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पिछले 20 वर्षों में अमेरिका में हुए सभी आतंकवादी हमलों में 90 प्रतिशत से अधिक में पाकिस्तान का हाथ रहा है.उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ बताया.

जुलूस से पहले पुलिस ने की छापेमारी, हथियार समेत 11 लोगों को किया गिरफ्तार
9 December 2019
हांगकांग: हांगकांग पुलिस ने रविवार को शहरभर में छापे के दौरान एक बंदूक सहित कई हथियार जब्त किए और 11 लोगों को गिरफ्तार किया. अधिकारियों का मानना है कि हथियारों का इस्तेमाल बाद में होने वाले सरकार विरोधी बड़े प्रदर्शन में अराजकता पैदा करने के लिए किया जाता.साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट ने फोर्स के एक टेलीविजन प्रेस कांफ्रेस के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन प्राप्त की गई वस्तुओं में ग्लॉक सेमी-ऑटोमेटिक पिस्तौल के साथ पांच मैगजीन, जिसमें से तीन लोलेड थी और कुल 105 गोलियां थीं.
यह पहली बार है कि छह महीने के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक बंदूक जब्त की गई है. गुप्तचरों का कहना है कि हथियारों का इस्तेमाल जुलूस के लिए होना था, जो 11 जगहों पर छापेमारी के दौरान पाए गए.
पुलिस ने कहा कि 9एमएम पिस्तौल का पाया जाना साक्ष्य है कि लोगों को जुलूस व रैली के दौरान अलर्ट रहना चाहिए, जिसे सिविल ह्यूमन राइट्स फ्रंट द्वारा आयोजित है.
अधिकारियों ने कहा कि चाकू, कृपाण, बेंत, पीपर स्प्रे व पटाखे भी जब्त किए गए हैं. इस बीच आठ पुरुषों व तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है, जिनकी उम्र 20 से 63 के बीच है.
पुलिस के अनुसार, ये लोग 20 अक्टूबर को मोंग कोक पुलिस स्टेशन में पेट्रोल बम फेंकने के संबंध में वांछित एक समूह का हिस्सा थे.

इमारत से गिरकर भारतीय लड़की की मौत, आत्महत्या या हत्या फिलहाल पुष्टि नहीं
9 December 2019
शारजाह: शारजाह में एक इमारत की 10वीं मंजिल से गिरने के बाद एक 15 वर्षीय भारतीय लड़की की मौत हो गई. गल्फ न्यूज के अनुसार, एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि शुक्रवार को हुई घटना आत्महत्या का मामला है या नहीं. लड़की कथित तौर पर शारजाह में एक भारतीय स्कूल की छात्रा थी.
अधिकारी ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद, पुलिस और पैरामेडिक्स घटनास्थल पर पहुंचे और गिरने से लड़की को गंभीर चोटें आई थीं. उसे कुवैती अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

पूर्व PM खालिदा जिया को झटका, जमानत याचिका पर सुनवाई टली
5 December 2019
ढाका: बांग्लादेश (Bangladesh) के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (Khaleda Zia) की भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर सुनवाई टाल दी. इससे पहले अधिकारियों ने उनके स्वास्थ्य पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए और अधिक समय की मांग की थी. बीडी न्यूज 24 की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश सैयद महमूद हुसैन की अध्यक्षता वाली अपीली डिवीजन की छह सदस्यीय पीठ ने अधिकारियों को मेडिकल रिपोर्ट सौंपने के लिए 11 दिसंबर तक का समय दिया.
इसके साथ ही अदालत ने मामले से संबंधित अगला आदेश जारी करने के लिए 12 दिसंबर की तारीख तय की. शीर्ष अदालत ने 28 नवंबर को बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी अस्पताल (बीएसएमएमयू) में खालिदा के डॉक्टरों को जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उनकी जमानत के संबंध में उनके स्वास्थ्य पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था.
शीर्ष अदालत ने तब याचिका पर सुनवाई पांच दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. 29 अक्टूबर, 2018 को ढाका की एक विशेष अदालत ने खालिदा को सात साल जेल की सजा सुनाई थी. पूर्व प्रधानमंत्री को इस साल एक अप्रैल को इलाज के लिए बीएसएमएमयू में स्थानांतरित किया गया था. खालिदा फरवरी 2018 से जिया अनाथालय और जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामलों में कुल 17 साल जेल की सजा काट रही हैं.

फिलीपींस में चक्रवात कम्मुरी से 11 की मौत, 1 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
5 December 2019
मनीला: फिलीपींस (Philippines) में चक्रवात कम्मुरी से अब तक 11 लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा है. अधिकारियों ने बताया कि मूसलाधार बारिश और तीव्र गति से चलने वाली हवाओं ने संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया है. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, नेशनल डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड मैनेजमेंट काउंसिल (एनडीआरआरएमसी) ने कहा कि लगभग 1,14,52 घरों में पानी भरने के बाद बाढ़ और भूस्खलन की आशंका से 4,58,020 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है.
एनडीआरआरएमसी ने कहा कि लगभग 9,360 परिवारों या 37,388 लोगों की सहायता की जा रही है. काउंसिल ने कहा कि कुल मिलाकर कम से कम पांच क्षेत्रों में चक्रवात से प्रभावित परिवारों की संख्या बढ़कर लगभग 1,24,000 हो गई है. एनडीआरआरएमसी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल बुधवार को बंद रहे.
काउंसिल के सूत्रों ने कहा कि बिकॉल क्षेत्र (पूर्व) में पांच, मिमारोपा क्षेत्र (पश्चिमी) में पांच और ओरमॉक (मध्य) में एक और व्यक्ति की मौत होने की खबर है. फिलीपींस में टिसॉय के नाम से प्रसिद्ध इस चक्रवात के कारण 38 इमारतें, दर्जनभर बिजली के तार, 12 सड़कें और आठ पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं.

नवाज शरीफ को झटका, पाकिस्‍तान ने ब्रिटेन को लिखा- इलाज पूरा होने पर उन्हें पाकिस्तान वापस भेजें
5 December 2019
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने ब्रिटेन सरकार को देश के बीमार पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का इलाज पूरा होने के बाद उन्हें वापस स्वदेश भेजने के लिए पत्र लिखा है. इस बात का खुलासा एआरवाई न्यूज टॉक शो 'पॉवर प्ले' में मंगलवार को हुआ. ब्रिटेन (Britain) के अधिकारियों को लिखे पत्र में पाकिस्तानी सरकार ने कहा है कि शरीफ पाकिस्तान में विभिन्न मामलों में बहुत सारे आरोपों का सामना कर रहे हैं और उन्हें एक मामले में दोषी भी ठहराया गया है.
पत्र में नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) के बारे में विभिन्न मामलों का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है. शरीफ अपने छोटे भाई शहबाज शरीफ, निजी चिकित्सक के साथ दोहा के रास्ते एयर ऐंबुलेंस से 19 नवंबर को लंदन (London) पहुंचे थे. इससे पहले, लाहौर (Lahore) हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित बांड को दाखिल किए बगैर ही पूर्व प्रधानमंत्री को ब्रिटेन जाने की इजाजत दी थी.
न्यायमूर्ति अली बकर नजफी ने केंद्र सरकार को पाकिस्तान (Pakistan) मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) के प्रमुख के नाम को बिना किसी शर्त के एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) से हटाने के लिए कहा था, जिसके बाद वह इलाज कराने के लिए लंदन जा पाए.

महाभियोग जांच की प्राथमिक रिपोर्ट में डोनाल्ड ट्रंप दोषी करार, राष्ट्रहित से किया समझौता
4 December 2019
न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के खिलाफ चल रही महाभियोग (Impechment) जांच की प्राथामिक रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में डोनाल्ड ट्रंप को दोषी पाया गया है. ऐसा बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंप ने राष्ट्रहित से समझौता किया है. बता दें कि आज ट्रंप के खिलाफ हाउस ज्यूडिशरी कमेटी की पहली महाभियोग जांच रिपोर्ट आई है. इससे पहले व्हाइट हाउस ने हाउस ज्यूडिशरी कमेटी को सूचित कर दिया था कि वह बुधवार (4 दिसंबर) को प्रस्तावित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ समिति के पहली महाभियोग जांच में शामिल नहीं होगा.
व्हाइट हाउस के वकील पैट किपोलोने ने हाउस ज्यूडिशरी कमेटी के अध्यक्ष जैरी नाडलर को लिखे अपने पांच पन्नों के पत्र में रविवार को कहा, 'हम उस सुनवाई में भाग लेना उचित नहीं समझते हैं, जिसके गवाहों के नाम अभी भी जाहिर किए जाने हैं और यह अभी तक अस्पष्ट बना हुआ है कि क्या न्यायिक समिति अतिरिक्त सुनवाई के जरिए राष्ट्रपति के मामले की निष्पक्ष सुनवाई कर पाएगी.'
व्हाइट हाउस ने कहा था, 'सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि कानून के प्रोफेसरों के साथ एक अकादमिक वार्ता के लिए निमंत्रण देने मात्र से राष्ट्रपति के खिलाफ सही जांच की कोई झलक नहीं दिखती है.' किपोलेने ने कहा, 'इसी तरह मौजूदा परिस्थितियों के तहत, हम आपके बुधवार की सुनवाई में भाग नहीं लेना चाहते हैं.' नाडलर्स समिति बुधवार को सुनवाई आयोजित करेगी, जिसका शीर्षक 'राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप को लेकर महाभियोग जांच : राष्ट्रपति के महाभियोग के लिए संवैधानिक आधार' है.
अपने पत्र में किपोलोने ने न्यूयॉर्क डेमोक्रेट नाडलर पर जानबूझकर सुनवाई की तारीख ऐसे समय तय करने का आरोप लगाया, जब नाटो सम्मेलन के लिए ट्रंप लंदन के दौरे पर होंगे. ट्रंप ने भी एक ट्वीट में इस सुनवाई को लेकर सवाल उठाए थे और डेमोक्रेट्स पर देश हित के साथ समझौता करने का आरोप लगाया था.
ट्रंप पर लगाया है यह आरोप
अप्रैल 2019 में डेमोक्रेट सीनेटर एलिजाबेथ वारेन ने अमेरिका की प्रतिनिधि सभा से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की अपील की थी. उन्होंने चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच के नतीजों का हवाला देते हुए यह अपील की थी.
विशेष अधिवक्ता रॉबर्ट मूलर की 22 महीने की जांच के नतीजों की संशोधित रिपोर्ट जारी होने के एक दिन बाद उन्होंने यह अपील की है. 400 पृष्ठों से अधिक के दस्तावेज में कहा गया है कि ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान की रूस की हस्तक्षेप की कोशिशों के साथ मिलीभगत नहीं थी लेकिन उसने पाया कि राष्ट्रपति रूस के हथकंडों से फायदा पाकर खुश थे और उन्होंने लगातार मूलर की जांच को बाधित करने की कोशिश की. वारेन ने कहा था, ‘‘इसका मतलब है कि संसद को अमेरिका के राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करनी चाहिए.’’
डोनाल्ड ट्रंप ने महाभियोग जांच को जबरन निशाना बनाया जाने वाला बताया
27 नवंबर की खबर के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डोमोक्रेट नेताओं की आलोचना की थी और फ्लोरिडा के सनराइज में एक चुनाव अभियान रैली के दौरान अपने खिलाफ महाभियोग जांच को उन्हें जबरन निशाना बनाया जाना कहकर इसकी निंदा की थी. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, ट्रंप ने सनराइज के खचाखच भरे बीबीएंडटी सेंटर में समर्थकों से मुलाकात के दौरान यह टिप्पणी की, जो लगभग 20,000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला है.
ट्रंप ने मौजूद लोगों का अभिवादन करते हुए कहा, 'अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, वेतन बढ़ रहा है, अपराधों में कमी आ रही है, गरीबी कम हो रही है, आत्मविश्वास बढ़ रहा है और अमेरिका पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है.'
पिछली रैलियों की तरह, उन्होंने कुछ आर्थिक सूचक, सैन्य खर्च और मेक्सिको की दीवार सहित अपने प्रशासन की उपलब्धियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'दीवार पर काम हो रहा है. यह तेजी से बन रही है और यह एक असली दीवार है.' इस मौके पर उन्होंने अपने प्रशासन की तारीफ करते हुए आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट के सरगना अबू बक्र अल-बगदादी के मारे जाने का भी जिक्र किया.
ट्रंप ने जोर देते हुए कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ उनकी फोन कॉल 'एक बेहतरीन फोन कॉल थी.' उन्होंने कहा कि जेलेंस्की ने कहा है कि उन पर कोई दबाव नहीं डाला गया. ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेट नेता देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. ट्रंप ने कहा था, 'वे (डेमोक्रेट्स) महाभियोग के जरिए जबरन निशाना बना रहे हैं और काफी बुरी चीजें उनके साथ हो रही हैं. आप देख रहे है कि चुनाव में क्या हो रहा है? हर कोई कह रहा है कि 'यह सच में बकवास है'.'

हिट-एंड-रन केस में दो भारतीय छात्रों की मौत, आरोपी ने किया समर्पण
4 December 2019
वाशिंगटन: अमेरिकी (America) राज्य टेनेसी में एक हिट-एंड-रन (Hit and Run) की घटना में दो भारतीय छात्रों की मौत हो गई. आरोपी ने खुद को पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया. मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. नॉक्सविले स्थित डब्ल्यूवीएलटी-टीवी ने एक रिपोर्ट में कहा कि यह दुर्घटना 28 नवंबर को थैंक्सगिविंग डे पर हुई थी और पीड़ितों की पहचान 26 वर्षीय वैभव गोपीसेट्टी और 23 वर्षीय जूडी स्टेनली पिनहिरो के रूप में की गई, जो टेनेसी स्टेट यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्र थे.
आरोपी डेविड टॉरेस के जीएमसी ट्रक की कथित तौर पर 2015 निसान सेंट्रा से टक्कर हो गई, जिसे आगे की सीट पर पिनहिरो के साथ बैठे गोपीसेट्टी चला रहे थे. पुलिस ने कहा कि ट्रक ने कार के पैसेंजर साइड को टक्कर मार दी. प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि जीएमसी की रफ्तार काफी तेज थी और चौराहे पर वह रेड लाइट की ओर तेजी से मुड़ी. टॉरेस ने एक दिसंबर को मेट्रो नैशविले पुलिस के सामने समर्पण कर दिया.
यूनिवर्सिटी ने भी एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया, "टेनेसी स्टेट यूनिवर्सिटी परिवार थैंक्सगिविंग की रात एक ऑटो दुर्घटना में मारे गए दो छात्रों की मौत से दुखी है. 23 वर्षीय जूडी स्टेनली और 26 वर्षीय वैभव गोपीसेट्टी भारत के रहने वाले स्नातक छात्र थे, जो कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर से खाद्य विज्ञान में पढ़ाई कर रहे थे. स्टेनली मास्टर डिग्री के लिए और गोपीसेट्टी डॉक्टरेट के लिए पढ़ाई कर रहे थे."

राजपक्षे ने ईस्टर संडे आतंकी हमलों की जांच तेज करने के दिए निर्देश
4 December 2019
कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने 21 अप्रैल को हुए ईस्टर (Easter) संडे के आतंकी हमलों की जांच करने वाली एक समिति को निर्देश दिया है कि वे अपनी जांच को तेज कर सभी अपराधियों की पहचान करें और उन्हें कानून के कटघरे में खड़ा करें. उनके कार्यालय द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में यह बात कही गई.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राष्ट्रपति राजपक्षे ने हमलों की जांच और पूछताछ के लिए राष्ट्रपति जांच आयोग (पीसीओआई) के सदस्यों के साथ चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उक्त घटना की जड़ों और इसके तौर-तरीकों की पहचान करने के साथ ही हत्याकांड से संबंधित सभी सूचनाओं को उजागर करने की तत्काल आवश्यकता है.
राष्ट्रपति ने कहा कि खुफिया अधिकारियों के साथ सुरक्षा स्थिति की लगातार समीक्षा की गई है. राजपक्षे ने पीसीओआई से आगे ऐसी त्रासदियों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सिफारिशें करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
उन्होंने विशेष आयोग द्वारा सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने की भी पेशकश की. 21 अप्रैल के आत्मघाती हमलों में 250 से अधिक लोग मारे गए थे. इन हमलों में इस द्वीपीय देश श्रीलंका (Srilanka) में तीन चचरें और तीन लक्जरी होटलों को निशाना बनाया था. एक स्थानीय चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात को इस हमले के लिए जिम्मेदार माना गया है.

पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की तबीयत बिगड़ी, दुबई के अस्पताल में भर्ती
3 December 2019
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) को दिल और रक्तचाप संबंधी समस्या के बाद दुबई ( Dubai,) के एक अस्पताल (Hospital) में भर्ती कराया गया है. उनके पार्टी के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है.
डॉन न्यूज के मुताबिक, सोमवार को टेलीविजन चैनलों ने 'आपातकालीन उपचार की आवश्यकता' का हवाला देते हुए पूर्व राष्ट्रपति को दुबई के अमेरिकी अस्पताल में एक स्ट्रेचर पर ले जाने के फुटेज दिखाए थे, जिसकी पुष्टि बाद में उनकी पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सूत्रों ने की.
पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, "वह स्वास्थ्य संबंधी कुछ गभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं और हाल ही में उन्हें सीने में दर्द और बैचेनी की शिकायत भी रही है."
उन्होंने कहा, "डॉक्टरों ने उनके ठहरने के स्थान पर जाकर उन्हें आगे की जटिलताओं से बचने के लिए फौरन अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी. पूर्व राष्ट्रपति के कुछ परीक्षण हुए हैं, जो उनके स्वास्थ्य की स्थिति बताने में मदद करेंगे."

वेस्ट बैंक में इजरायली बस्तियों को लेकर फिलिस्तीन ने की अमेरिका की निंदा
2 December 2019
रामल्ला: फिलिस्तीन ने वेस्ट बैंक के दक्षिण में स्थित हेब्रोन शहर में एक नई बस्ती बसाने के इजरायल के निर्णय का समर्थन करने पर अमेरिका की आलोचना की है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन के महासचिव सएब एरेकात के हवाले से कहा, 'कब्जे वाले हेब्रोन में अवैध बस्ती बसाने का इजरायल का निर्णय उपनिवेशवाद को वैधता देने के अमेरिका (US) के निर्णय का पहला ठोस परिणाम है.' उन्होंने ट्वीट किया, 'बस्तियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने समेत ठोस कदम उठाना अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी है.'
उनका यह ट्वीट इजरायल के रक्षामंत्री नाफ्ताली बेनेट द्वारा हेब्रोन में नई बस्ती के निर्माण को मंजूरी देने के बाद आया है. इजरायल की बस्ती बसाने की गतिविधियां फिलिस्तीन से उसके बीच शांति वार्ता में बाधा अटकाने वाले सबसे प्रमुख मुद्दों में से है.
फिलिस्तीन के हालिया आंकड़ों के अनुसार, वेस्ट बैंक में 135 बस्तियों और 100 अवैध आउटपोस्ट्स में लगभग चार लाख अवैध इजरायली रह रहे हैं. यहां फिलिस्तीन की जनसंख्या बढ़कर 26 लाख हो चुकी है.

मोरक्को में सड़क दुर्घटना में 8 की मौत, कई घायल
2 December 2019
रबात: मोरक्को के बाब मारजौका नगर के निकट एक बस पलटने से आठ लोगों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हो गए. यह नगर राजधानी रबात से 300 किलोमीटर पूर्व में है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, रविवार हुई दुर्घटना में घायल हुए लोगों को ताजा शहर में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
स्थानीय प्रशासन ने कहा कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है. मोरक्को में तेज रफ्तार, खराब सड़कों और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण खतरनाक दुर्घटनाएं आम हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मोरक्को में 2019 की पहले चार महीनों में सड़क दुर्घटनाओं में 1,357 लोगों की मौत हो चुकी है.

भाग रहे अपराधियों ने डांस पार्टी में घुसकर पुलिस पर की फायरिंग, भगदड़ में 9 की मौत
2 December 2019
ब्राजीलिया: ब्राजील के साओ पाउलो शहर में एक कार्यक्रम में भगदड़ मचने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और सात अन्य लोग घायल हो गए. प्रशासन ने यह जानकारी दी. यह दुर्घटना रविवार को पराइसोपोलिस में एक फंक डांस पार्टी में घटी. पार्टी में लगभग 5,000 लोग थे, तभी पुलिस दो संदिग्धों का पीछा करते हुए वहां पहुंच गई. पुलिस पर गोलीबारी करने के बाद ये लोग कार्यक्रम की भीड़ में शामिल हो गए थे.
भीड़ ने पुलिस पर टूटी बोतलें और पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने प्रतिक्रिया में आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलानी शुरू कर दीं. जिससे वहां भगदड़ मच गई और इसमें नौ लोगों की मौत हो गई. साओ पाउलो मिलिट्री पुलिस के प्रवक्ता एमर्सन मासेरा ने मीडिया से कहा कि 'अपराधियों के भीड़ में शामिल होने के बाद भी पुलिस पर गोलीबारी करने से भगदड़ शुरू हुई.'
उन्होंने कहा, "पुलिस से बचने के लिए अपराधियों ने भीड़ का उपयोग मानवीय ढाल के रूप में की. जब पुलिस पहुंची तो लोग अधिकारियों की तरफ बढ़ गए और अधिकारियों ने आत्मरक्षा में यह कार्रवाई की." मृतकों में सात पुरुष, एक महिला और एक 14 वर्षीय किशोर है.
साओ पाउलो राज्य के गवर्नर जोआओ डोरिया ने इस घटना पर दुख जताया है और परिस्थितियां जांचने के तथ्यों और घटना के जिम्मेदार लोगों की पहचान के लिए सख्त जांच के आदेश दिए हैं.

तुर्की में अंतर्राष्ट्रीय रेशम मार्ग उद्यमी शिखर सम्मेलन आयोजित, 23 देशों के 700 मेहमानों ने लिया हिस्सा
30 November 2019
बीजिंग: चौथा अंतर्राष्ट्रीय रेशम मार्ग उद्यमी शिखर सम्मेलन तुर्की (Turkey) के ट्राबजोन में आयोजित हुआ. 23 देशों से आए 700 से अधिक मेहमानों ने इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाग लिया. तुर्की कोष व वित्त मंत्री बरत अलबारक ने कहा कि चीन द्वारा पेश बेल्ट एंड रोड (Belt And Road) पहल तुर्की की मध्य कॉरिडोर योजना से मिलती जुलती है. इस बार के उद्यमी शिखर सम्मेलन में दोनों को और अच्छी तरह से जोड़ा जा सकेगा और रेशम मार्ग से संबंधित देशों के बीच आर्थिक व व्यापारिक सहयोग का और विस्तार किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस बार के शिखर सम्मेलन में रेशम मार्ग से संबंधित क्षेत्रों में सहयोग और घनिष्ठ होंगे और बाजार का विस्तार किया जाएगा. खास तौर पर काला सागर और कैस्पियन सागर के देशों के बीच व्यापार व पूंजी-निवेश का विकास करने और क्षेत्रीय उद्योग व वाणिज्य व्यवसाय में सहयोग के नए मौके को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जाएगी. गौरतलब है कि तुर्की स्थित चीनी राजदूत डेन ली और चीनी पूंजी वाले उद्यमों के प्रतिनिधि मंडल ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया.

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को 5 साल की जेल
30 November 2019
माले: मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को धनशोधन मामले में दोषी पाया गया और उन्हें पांच साल कारावास की सजा सुनाई गई. इसके साथ ही उनपर 50 लाख डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, मालदीव के अपराध न्यायालय के न्यायाधीश अली रशीद ने गुरुवार को कहा कि निसंदेह साबित हो चुका है कि यामीन ने धन लिया था और उन्हें पता था कि यह गबन है.
यामीन पर एक निजी कंपनी के जरिए 10 लाख डॉलर सरकारी धन प्राप्त करने का आरोप है. यह धन होटल के विकास के लिए द्वीपों को पट्टों पर देने के सौदे के तहत प्राप्त किया गया. हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति ने सभी आरोपों से इनकार किया.
स्थानीय मीडिया रिपटों में कहा गया है कि महाअभियोजक कार्यालय ने मालदीव पुलिस सर्विस के एक बयान के बाद पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ धनशोधन और गबन व जांच को गुमराह करने के लिए झूठे बयान देने का आरोप लगाया. यामीन के समर्थक गुरुवार शाम सुनवाई के विरोध में कोर्ट क्षेत्र के चारों तरफ जमा हो गए और उनकी रिहाई के लिए नारेबाजी करने लगे.

अफगानिस्तान में बोले डोनाल्ड ट्रंप, 'तालिबान समझौता चाहता है'
30 November 2019
काबुल: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में पहली बार अमेरिकी सैनिकों के साथ 'थैंक्सगिविंग' मनाने ेके लिए देश का औचक दौरा किया और वहां तैनात सैनिकों को आश्वासन दिया कि तालिबान बातचीत में लगा है. ट्रंप ने बाग्राम एयर बेस पर सैनिकों से कहा, 'तालिबान एक समझौता करना चाहता है.' वहां उन्होंने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी से भी मुलाकात की. शांति वार्ता को फिर से शुरू करने के उद्देश्य से तालिबान के कैदयों की अदला-बदली के बाद यह यात्रा हुई. ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका ने काफी हद तक अफगानिस्तान में सैनिकों की तैनाती में कमी कर रहा है. 2001 के 9/11 के हमलों के बाद तालिबान को हटाने के लिए अमेरिकी हस्तक्षेप के 18 साल बाद भी 13,000 अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में बनी हुई है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सैन्य एयर बेस में बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने इस बात को रेखांकित किया कि 'अगर तालिबान शांति समझौते पर पहुंचने के लिए अपनी प्रतिबद्धता में ईमानदार हैं, तो उन्हें युद्धविराम स्वीकार करना चाहिए.' अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी और अफगान सैनिक शांति समझौते तक पहुंचने के लिए तालिबान को अधिक इच्छुक बना रहे थे. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, ट्रंप ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्हें एक दर्जन अमेरिकी सैनिकों के साथ बातें करते देखा जा सकता है और गनी उनके पीछे खड़े हैं. ट्वीट किया, 'हमारी द्विपक्षीय बैठक में, हमने पूर्वी अफगानिस्तान में दाएश (इस्लामिक स्टेट या आईएस समूह) को कुचलने सहित युद्ध के मैदान में अपने सैन्य प्रयासों में संयुक्त रूप से महत्वपूर्ण प्रगति पर चर्चा की. राष्ट्रपति ट्रंप ने अफगान सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों की सराहना की.' बैठक के बाद दोनों राष्ट्रपतियों ने अमेरिकी सैनिकों के साथ जश्न-ए-शुक्रिया (थैंक्सगिविंग) मनाया.
श्रीलंकाई राष्ट्रपति राजपक्षे अपने पहले विदेशी दौरे पर भारत आएंगे, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात
26 November 2019
नई दिल्ली/कोलंबो: श्रीलंका (Sri Lanka) के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) गुरुवार को अपने पहले विदेशी दौरे पर भारत पहुंच रहे हैं. इस दौरान राजपक्षे दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों को मजबूत करने का प्रयास करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान दोनों नेता क्षेत्रीय सुरक्षा, शांति और आर्थिक विकास पर चर्चा करेंगे.
राष्ट्रपति गोटाबाया इस यात्रा के दौरान अपने भारतीय समकक्ष रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी से मिलने वाले हैं.
श्रीलंका के राष्ट्रपति के सचिव पी. बी. जयसुंदरा, विदेश सचिव रविनाथ आर्यसिन्हा, ट्रेजरी सचिव एस. आर. एट्टीगेल, राष्ट्रपति के सलाहकार ललित वीरथुंज और राष्ट्रपति के निजी सचिव सुदेश्वर बांदरा यात्रा के दौरान राष्ट्रपति के साथ होंगे.
राष्ट्रपति के रूप में राजपक्षे के चुनाव के तुरंत बाद भारत ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को कोलंबो भेजा था. इस दौरान उन्होंने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया.
मोदी ने अपने बधाई संदेश में संबंधों को मजबूत करने के लिए श्रीलंका की सरकार के साथ काम करना जारी रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई.
गुरुवार शाम पहुंच भारत पहुंच रहे श्रीलंकाई राष्ट्रपति से विदेश मंत्री जयशंकर शुक्रवार सुबह आईटीसी मौर्य में मुलाकात करेंगे.
राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक स्वागत समारोह के बाद, राजपक्षे और मोदी दोपहर को बातचीत करेंगे. शाम को वह राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात करेंगे. शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति दिल्ली में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे और शाम को स्वदेश रवाना हो जाएंगे.

सेना प्रमुख बाजवा को झटका, PAK सुप्रीम कोर्ट ने सेवा विस्तार की अधिसूचना को निलंबित किया
25 November 2019
इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार वाली अधिसूचना को निलंबित कर दिया. पाकिस्तान (Pakistan) में राजनीतिक माहौल पहले से ही काफी गर्म है. मुसीबतों ने इमरान खान (Imran Khan) सरकार को कई मोर्चो पर पहले से ही घेर रखा है. सेना और सरकार के बीच तनातनी की खबरें भी लगातार आती रहती हैं.
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने सेना प्रमुख का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाने की अधिसूचना को बुधवार तक के लिए निलंबित कर दिया है. जुरिस्ट फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मजहर आलम और मंसूर अली शाह के साथ प्रधान न्यायाधीश की तीन सदस्यीय पीठ ने इस निलंबन का निर्णय दिया.
जुरिस्ट फाउंडेशन ने सेना प्रमुख को दिए गए सेवाविस्तार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए इसे गैरकानूनी करार देकर रद्द करने की मांग की है. बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय ने अगस्त में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) के सेवाविस्तार वाली अधिसूचना को जारी किया था. इस पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने कहा, "सिर्फ पाकिस्तान के राष्ट्रपति ही सेना प्रमुख के सेवाविस्तार का आदेश दे सकते हैं."
अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि बाजवा का कार्यकाल राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) की मंजूरी के बिना नहीं बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा, "संघीय कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी है." सुप्रीम कोर्ट ने इसमें शामिल सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है. बुधावार को मामले की फिर सुनवाई होगी.

अफगानिस्तान की वायुसेना का आतंकी ठिकानों पर हमला, 9 तालिबान आतंकी मारे गए
25 November 2019
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्वी लघमान प्रांत में अफगानिस्तान वायुसेना द्वारा किए गए दो अलग-अलग हवाई हमलों में करीब नौ तालिबानी आतंकवादियों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है. देश की राजधानी काबुल (Kabul) से 90 किलोमीटर पूर्व में स्थित लघमान में तालिबान (Taliban) आतंकवादी सक्रिय हैं.
एएनएएसओसी के बयान के हवाले से समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने जानकारी दी कि अफगान नेशनल आर्मी स्पेशल ऑपरेशंस कॉर्प्स (एएनएएसओसी) के ऑपरेशंस कमांड द्वारा अलिशिंग और पड़ोसी जिला अलिंगार में आतंकवादियों के ठिकानों पर हमले की मंजूरी के बाद देर सोमवार को हमले शुरू कर दिए गए. बयान के अनुसार, "सेना का विशेष बल आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा."

ग्रीस में आंधी-बारिश का कहर, 3 की मौत, 300 से ज्यादा घर तबाह
25 November 2019
एथेंस: ग्रीस (Greece) में रविवार से चल रहे बेहद खराब मौसम के चलते मरने वालों की संख्या तीन हो गई है. यहां रोड्स द्वीप पर सोमवार को एक बुजुर्ग महिला की उसके घर में मौत हो गई. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, विकलांग महिला का बेसमेंट अपार्टमेंट बाढ़ (Flood) के पानी से भर गया जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
इससे पहले सोमवार को ग्रीक अधिकारियों ने दो आदमियों के शव बरामद किए, जिनकी नौका तेज हवाओं के बीच पश्चिमी ग्रीस में रविवार को डूब गई थी और वे तब से लापता थे. सोमवार को ही अग्निशमन विभाग ने एथेंस के दक्षिण-पश्चिम में किनेटा में घरों और कारों से 40 लोगों को निकालने में मदद की. इंफ्रास्ट्रक्चर एवं परिवहन मंत्रालय के शुरुआती अनुमानों के अनुसार, इलाके में लगभग 300 घरों को नुकसान पहुंचा है.

लोकतंत्र समर्थक समूहों को बड़ी बढ़त, 278 सीटों पर जीत दर्ज
25 November 2019
हांगकांग: हांगकांग (Hongkong) में जिला परिषद चुनाव के शुरुआती परिणामों में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन ने अभूतपूर्व बढ़त बना ली है. अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीजिंग (Beijing) समर्थक उम्मीदवारों के 42 सीटों पर जीत की तुलना में लोकतंत्र समर्थक उम्मीदवारों ने अबतक 278 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. हांगकांग जिला पार्षदों के पास अल्प राजनीतिक शक्ति है और ये मुख्य रूप से बस मार्गो, कबाड़ एकत्रीकरण जैसे स्थानीय मुद्दे देखते हैं. और इस तरह आम लोगों में इन चुनावों के प्रति कुछ खास लगाव नहीं है, लेकिन यह चुनाव पहला ऐसा मौका है, जब लोगों को मतपत्र के माध्यम से मुख्य कार्यकारी कैरी लैम के इस संकट से निपटने पर अपने विचार से अवगत कराने का मौका मिला है. यह संकट प्रत्यर्पण कानून के कारण उत्पन्न हुआ है. हालांकि कानून को वापस ले लिया गया है.
बीबीसी के अनुसार, मतगणना प्रक्रिया देखने के लिए भी भारी भीड़ उमड़ रही है. याऊ मा तेई उत्तरी मतदान केंद्र के दरवाजे खुलते हुए स्थानीय निवासी वहां इकट्ठे हो गए और वे जनता के लिए रिक्त स्थान पर इकट्ठे हो गए. इससे लगता है कि वे सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मतगणना प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो. बीबीसी के अनुसार, एक के बाद एक चौंकाने वाले परिणाम आने पर भीड़ चिल्लाकर खुशी जाहिर कर रही है.
अस्थिरता के बीच वोटों के साथ छेड़खानी होने या उनके रद्द होने के डर के बावजूद पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही. रिकॉर्ड 41 लाख लोगों को मतदान के लिए पंजीकृत किया गया था, जो कुल जनसंख्या के आधे से भी ज्यादा है. और 452 सीटों पर 29 लाख से ज्यादा लोगों (71 प्रतिशत से ज्यादा) ने मतदान किया. यह आंकड़ा 2015 में 47 प्रतिशत था.

अफगान का तालिबान पर हवाई हमला, एक नेता समेत 3 आतंकवादी मारे गए
25 November 2019
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) के हेरात व फराह प्रांतों में अफगान नेशनल आर्मी के एयर फोर्स द्वारा किए गए हवाई हमलों में तीन तालिबान (Taliban) आतंकवादी मारे गए. कमांड ऑफ स्पेशल फोर्सेज ने रविवार को यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अफगान नेशनल आर्मी स्पेशल ऑपरेशंस कॉर्प के बयान के हवाले से कहा कि रविवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 9.48 बजे हेरात प्रांत के शिंदनाद जिले में एक हवाई हमले में मरवान बजबोरी मारा गया. बजबोरी, तालिबान का एक स्थानीय नेता था और आतंकवादियों को हथियार व गोला-बारूद उपलब्ध कराता था.
बयान में कहा गया कि पड़ोसी फराह प्रांत में स्थानीय समयानुसार शनिवार सुबह 9.26 बजे असद जमकई गांव में हवाई हमले के दौरान दो आतंकवादी मारे गए और एक अन्य घायल हो गया. बयान में कहा गया है कि निशाना बनाए गए आतंकवादी मुख्य सड़क के किनारे एक बारूदी सुरंग बिछा रहे थे और हमले में विस्फोटक लदा वाहन भी नष्ट हो गया. अफगान सुरक्षा बलों ने हाल में तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा ऑपरेशन बढ़ा दिया है.

खाई में बस गिरने से 10 लोगों की मौत, 20 घायल
25 November 2019
लीमा: पेरू (Peru) के मध्य में हुआनुको डिपार्टमेंट में एक यात्री बस के खाई में गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य लोग घायल हो गए. स्थानीय मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, जुनिन में हुआंकेयो से पूर्वोत्तर के उकायली में पुकाल्पा जा रही बस कार्पिश सुरंग से लगभग 500 मीटर दूर सड़क से फिसलकर खाई में गिर गई. टीवी चैनल कैनाल एन के अनुसार, स्थानीय समय अनुसार रात लगभग एक बजे (जीएमटी के अनुसार सुबह छह बजे) बस जब 200 मीटर गहरी खाई में गिरी तब उसमें लगभग 50 यात्री सवार थे.
सरकारी समाचार एजेंसी एंडीना ने कहा कि शुरुआती जांच से प्रतीत हो रहा है कि बारिश, रपटीले रास्ते, घने कोहरे और तेज गति के कारण बस चालक का वाहन से नियंत्रण हट गया. परिवहन एवं संचार मंत्रालय के कार्गो एंड मर्चेडाइज (सुट्रन) के ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन फॉर पीपुल प्रमुख पैट्रिसिया कामा ने कहा कि वाहन के जीपीएस में वाहन की अंतिम रिकॉर्ड गति 47 किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज की गई. घायलों को क्षेत्र के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

अमेरिका ने पाकिस्तान को चीन के चंगुल में फंसने से आगाह किया
23 November 2019
वाशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तान को चीन की आर्थिक नीतियों के प्रति चेताते हुए कहा है कि चीन के साथ बड़े पैमाने के आर्थिक संबंध में लंबे समय में उसे बहुत कम फायदा होगा जबकि नुकसान बहुत अधिक होगा. अमेरिका ने यह भी कहा है कि वह पाकिस्तान के लिए चीन की तुलना में एक बेहतर मॉडल दे सकता है. अमेरिका की दक्षिण व मध्य एशिया मामलों की मंत्री एलिस वेल्स ने गुरुवार को वुडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फार स्कॉलर्स में कहा कि जिस चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को दोनों एशियाई देश 'गेम चेंजर' के रूप में प्रचारित कर रहे हैं, वह केवल चीन के लिए ही फायदेमंद होगा. वेल्स ने कहा, 'यह स्पष्ट है, या फिर इसे स्पष्ट किए जाने की जरूरत है कि सीपीईसी किसी तरह की मदद के लिए नहीं है.'
उन्होंने कहा कि अरबों डॉलर की यह परियोजना चीन के गैर रियायती कर्जो से संचालित हो रही है जिसके लिए चीनी कंपनियां अपने कर्मचारी व सामान भेज रही हैं. और, यह सब पाकिस्तान में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी के बीच हो रहा है. यह गलियारा पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए कड़ी परीक्षा साबित होने जा रहा है, विशेषकर आने वाले चार से छह साल में जब कर्जे के भुगतान का समय आएगा. अगर इस समय को आगे के लिए भी खिसका दिया गया तो भी यह प्रधानमंत्री इमरान खान के सुधार एजेंडे और पाकिस्तान के सिर पर तलवार की तरह लटकता रहेगा.
हाल के वर्षो में पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं और पाकिस्तान को कई तरह की अमेरिकी मदद रोक दी गई है. इसके बावजूद, वेल्स ने कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान के लिए विकास का बेहतर मॉडल दे सकता है. उन्होंने माना कि अमेरिका, पाकिस्तान के लिए सरकारी कंपनियों के प्रस्तावों के जरिए सामने नहीं आ सकता लेकिन अमेरिका से निजी स्तर पर होने वाला निवेश और यहां से मिलने वाली मदद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सुधार सकती है.
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में देखा गया है कि अमेरिकी कंपनियां अपने साथ केवल पूंजी नहीं लातीं, वे अपने साथ मूल्य व विशेषज्ञता लेकर आती हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के लिए क्षमता निर्माण में सहायक होती हैं.

बेनी गेंट्ज नहीं बना पाए सरकार
22 November 2019
जेरूशलम: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रतिद्वंद्वी बेनी गेंट्ज ने घोषणा कर दी है कि मध्यरात्रि की समयसीमा से पहले वह सरकार नहीं बना पाए हैं. इसके साथ ही इजरायल में एक साल के अंदर तीसरी बार चुनाव होने की संभावना बढ़ गई है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गेंट्ज ने बुधवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन को अपना निर्णय बता दिया और राष्ट्रपति द्वारा उन्हें पिछले महीने दिया गया सरकार बनाने का शासनादेश वापस कर दिया.
उन्होंने कहा कि नेतन्याहू ने भ्रष्टाचार के कई मामलों में संसदीय प्रतिरक्षा की मांग खत्म करने से इंकार कर दिया है, जिसमें वह मुख्य संदिग्ध हैं.
गेंट्ज ने 17 सितंबर को हुए चुनाव का हवाला देते हुए कहा, 'इजरायल के इतिहास में यह खतरनाक और पहला प्रयास है, जिसमें इजरायल के लोगों को वह सरकार नहीं बनाने दी गई हो, जिसके लिए उन्होंने वोट दिया है.'
चुनाव में गेंट्ज की पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिले थे. उन्होंने नेतन्याहू पर अभियोग से बचने के लिए एक साल तक अंतरिम सरकार चलाने का आरोप लगाया. इससे पहले राष्ट्रपति ने नेतन्याहू को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया था, लेकिन वह इजरायल की 120 सीटों वाली संसद में 61 सदस्यों का समर्थन नहीं हासिल कर सके. किसी दल को अब सिर्फ 21 दिनों के अंदर 61 सदस्यों के समर्थन से संसद में सरकार बनाने का दावा पेश करना होगा, नहीं तो इसके बाद एक बार फिर चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी.

महिंदा राजपक्षे ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली
22 November 2019
कोलंबो: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने गुरुवार को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की मौजूदगी में राष्ट्रपति सचिवालय में देश के 23वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. संडे टाइम्स की
रिपोर्ट के मुताबिक, राजपक्षे 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रहे हैं. राजपक्षे, आम चुनाव के होने तक सरकार के कार्यवाहक मंत्रिमंडल का नेतृत्व करेंगे.
यह घटनाक्रम उनके पूर्ववर्ती व पूर्व सत्तारूढ़ यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे के पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद सामने आया है.
विक्रमसिंघे ने अपनी पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार साजिथ प्रेमदासा के शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव में हारने के बाद अपना इस्तीफा दिया है.

अमेरिकी का सैन्य विमान पाकिस्‍तान के हवाई क्षेत्र में घुसा, PAK ने दिया यह बयानबाजी
22 November 2019
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इस बात की चर्चा है कि अमेरिका के एक सैन्य विमान ने अनाधिकृत रूप से देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया था. हालांकि, देश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने इन चर्चाओं को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. पाकिस्तानी मीडिया में इस आशय की रिपोर्ट प्रकाशित हुई हैं कि अमेरिकी सैन्य विमान बिना इजाजत पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में दाखिल हुआ.
एआरवाई न्यूज ने बुधवार को सूत्रों के हवाले से बताया कि मस्कट से आने वाला यह विमान कराची (Karachi) के क्षेत्र में दाखिल हुआ. विमान के पाइलट से इजाजतनामे और कोड के बारे में पूछा गया जिस पर उसने जवाब नहीं दिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने इसके बाद अमेरिकी विमान को चेतावनी दी जिस पर विमान पाकिस्तानी क्षेत्र से बाहर चला गया. इस बीच, 'डेली टाइम्स' की रिपोर्ट में कहा गया है कि उड्डयन विभाग के वरिष्ठ संयुक्त सचिव व प्रवक्ता अब्दुल सत्तार खोखर ने बताया कि मस्कट के अधिकारियों ने 18 नवंबर को सुबह सवा नौ बजे बताया कि एक विमान पाकिस्तानी एयरस्पेस की तरफ जा रहा है.
खोखर ने कहा, "लेकिन, विमान हमारे हवाई क्षेत्र में दाखिल नहीं हुआ और अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में बना रहा. अधिकारियों ने विमान से उसकी पहचान के लिए संपर्क किया लेकिन पाइलट ने जवाब नहीं दिया. विमान अमेरिकी (America) था लेकिन मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता कि यह सैन्य विमान था या फिर लड़ाकू या बमवर्षक था या फिर परिवहन विमान था
पाकिस्तान (Pakistan) के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के प्रवक्ता इस्माइल खोसा ने गुरुवार को कहा कि कोई विमान पाकिस्तानी क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से नहीं दाखिल हुआ. उन्होंने कहा, "संबद्ध विभाग ने मुझे बताया है कि कोई भी विमान पाकिस्तानी क्षेत्र में नहीं दाखिल हुआ. हमारे रिकार्ड के मुताबिक, किसी विमान ने हमारे एयरस्पेस का उल्लंघन नहीं किया है." खोसा ने कहा कि इलाके में पाकिस्तान के अलावा अन्य देशों के भी हवाई क्षेत्र हैं जिनके बारे में वह कुछ नहीं कह सकते.

बहुमत मिलने के बावजूद बेनी गेंट्ज नहीं बना पाए सरकार, जानिए क्या है वजह...
21 November 2019
जेरूशलम: इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रतिद्वंद्वी बेनी गेंट्ज ने घोषणा कर दी है कि मध्यरात्रि की समयसीमा से पहले वह सरकार नहीं बना पाए हैं. इसके साथ ही इजरायल में एक साल के अंदर तीसरी बार चुनाव होने की संभावना बढ़ गई है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गेंट्ज ने बुधवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन (Reuven Rivlin) को अपना निर्णय बता दिया और राष्ट्रपति द्वारा उन्हें पिछले महीने दिया गया सरकार बनाने का शासनादेश वापस कर दिया.
उन्होंने कहा कि नेतन्याहू ने भ्रष्टाचार के कई मामलों में संसदीय प्रतिरक्षा की मांग खत्म करने से इंकार कर दिया है, जिसमें वह मुख्य संदिग्ध हैं. बेनी गेंट्ज (Benny Gantz) ने 17 सितंबर को हुए चुनाव का हवाला देते हुए कहा, "इजरायल के इतिहास में यह खतरनाक और पहला प्रयास है, जिसमें इजरायल के लोगों को वह सरकार नहीं बनाने दी गई हो, जिसके लिए उन्होंने वोट दिया है." चुनाव में गेंट्ज की पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिले थे.
उन्होंने नेतन्याहू पर अभियोग से बचने के लिए एक साल तक अंतरिम सरकार चलाने का आरोप लगाया. इससे पहले राष्ट्रपति ने नेतन्याहू को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया था, लेकिन वह इजरायल की 120 सीटों वाली संसद में 61 सदस्यों का समर्थन नहीं हासिल कर सके. किसी दल को अब सिर्फ 21 दिनों के अंदर 61 सदस्यों के समर्थन से संसद में सरकार बनाने का दावा पेश करना होगा, नहीं तो इसके बाद एक बार फिर चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी.

यूक्रेन से ट्रंप के जांच के अनुरोध पर गवाहों को संदेह
21 November 2019
न्यूयॉर्क: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की जांच में चार मुख्य गवाहों ने इस पर संदेह व्यक्त किया है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से कहा है कि वह पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन और उनके बेटे की वहां कारोबारी सौदे में संलिप्तता की जांच कराएं. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) में यूक्रेनी विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट कर्नल अलेक्जेंडर विंडमैन और उपराष्ट्रपति माइक पेंस की विदेश नीति सलाहकार जेनिफर विलियम्स ने मंगलवार को स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रंप का अनुरोध अनुचित है. डेमोक्रेट ने इन दोनों को गवाही देने के लिए कहा था. रिपब्लिकन के अनुरोध पर जिन दो अन्य लोगों को सुनवाई के लिए बुलाया गया था, जिनमें यूक्रेन के पूर्व विशेष प्रतिनिधि कर्ट वोकर और ट्रंप के पूर्व सलाहकार व एनएससी के वरिष्ठ अधिकारी टिम मॉरिसन शामिल हैं, इन्होंने राष्ट्रपति द्वारा जांच का अनुरोध करने के बारे में संदेह जाहिर किया है. पहली बार खुली सुनवाई हुई, जिसे लोगों ने सुना. जिन्होंने सीधे फोन कॉल को सुना, जिसमें ट्रंप ने अपने लाभ के लिए जेलेन्स्की से बिडेन और उनके बेटे के बारे में जांच कराने के लिए कहा था. 25 जुलाई का फोन कॉल महाभियोग के मूल में है, क्योंकि डेमोक्रेट नेताओं ने इसे अमेरिकी राजनीति में किसी बाहरी देश को खुद को शामिल करने की कोशिश करार दिया है, क्योंकि अगले साल के चुनाव में ट्रंप का सामना करने के लिए इस दौड़ में बिडेन सबसे आगे हैं. वाशिंगटन में मंगलवार को डेमोक्रेट-नियंत्रित प्रतिनिधि सभा की खुफिया समिति द्वारा सुनवाई की गई. यह 10 घंटे से ज्यादा समय तक चली. विंडमैन ने कहा कि ट्रंप को अनुरोध करते सुनना 'मेरे लिए भयानक था कि हमारी यूक्रेन नीति कैसे चल रही है और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसके कितना महत्वपूर्ण निहितार्थ होने की संभावान है.' विलियम्स ने कहा कि यह 'असामान्य और अनुचित' और राजनीतिक था. लेकिन मॉरिसन ने कहा कि ट्रंप का अनुरोध करना गलत नहीं था, फिर भी यह ऐसा कुछ नहीं था, जिसके लिए उन्हें सिफारिश करने की जरूरत थी. वोकर ने कहा कि 2016 के चुनाव में यूक्रेन की भागीदारी के बारे में यूक्रेन के नेता से बिडेन पिता-पुत्र के बारे और सिद्धांतों की जांच करने के लिए कहना अमेरिका के लिए यूक्रेन के साथ हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के हिस्से के रूप में आगे बढ़ने के लिए मायने नहीं रखते. राष्ट्रीय टेलीविजन पर सुनवाई अक्सर पार्टी के प्रचार अभियानों की तरह थी, जिसमें दोनों पक्ष के नेताओं नागरिकों के सामने प्रत्यक्ष रूप से अपनी बात रखी. उन्होंने एक-दूसरे पर हमला करने के साथ ही ट्रंप और स्पीकर नैंसी पेलोसी पर भी निशाना साधा.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफा दिया
21 November 2019
कोलंबो: श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफे दे दिया. इसके बाद अपनी पसंद के प्रतिनिधियों व नई सरकार की नियुक्त को लेकर नए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का अब रास्ता साफ हो गया है. हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में राष्ट्रपति पद के विपक्षी उम्मीदवार गोटाबाया राजपक्षे को जीत मिली और उनके राष्ट्रपति चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे का इस्तीफा सामने आया है.
राजपक्षे पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह नए संसदीय चुनाव तक 15 सदस्यीय कार्यवाहक मंत्रिमंडल की नियुक्ति करेंगे. नए राष्ट्रपति संसदीय चुनाव होने तक कार्यवाहक मंत्रिमंडल नियुक्त कर सकें, इसके लिए पहले ही मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है.
श्रीलंका के संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री अगले संसदीय चुनाव होने तक अपने पद पर कार्य कर सकता है. हालांकि, अपनी ही पार्टी के दबाव के चलते विक्रमसिंघे ने पद छोड़ने का फैसला किया. श्रीलंका में संसदीय चुनाव अगले साल अप्रैल में होने हैं. कोलंबो गजट के अनुसार, विक्रमसिंघे को जनवरी 2015 में प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था. इसके बाद मैत्रीपाला सिरिसेना ने 2015 का राष्ट्रपति चुनाव जीता था.

2016 में ढाका कैफे हुए हमले का फैसला 27 नवंबर को
18 November 2019
ढाका: बांग्लादेश में आतंकवाद-रोधी न्यायाधिकरण 2016 में हुए हॉले आर्टिसान कैफे पर हुए हमले के मामले में 27 नवंबर को अपना फैसला सुनाने वाला है. हमले में विदेशी समेत 22 लोग मारे गए थे. बीडी न्यूज24 ने सोमवार को लोक अभियोजक गुलाम सरवर खान जाकिर के हवाले से कहा, "ढाका के आतंकवाद-रोधी विशेष न्यायाधिकरण के न्यायाधीश मोहम्मद मुजीबुर रहमान ने मामले में सरकार और बचाव पक्ष की बहस और सुनवाई के बाद फैसले के लिए तिथि मुकर्रर कर दी."
इससे पहले मामले में आठ प्रतिवादियों ने एक जुलाई, 2016 को हुए वीभत्स हमले में खुद को दोषी नहीं ठहराने का अनुरोध किया था. हमले के दौरान पांच सशस्त्र आतंकवादियों ने ढाका स्थित हॉले आर्टिसान कैफे को 12 घंटे तक अपने कब्जे में ले लिया था और वहां स्थित दर्जनों लोगों को बंधक बनाने के साथ नौ इतालवी और सात जापानियों समेत 22 लोगों की हत्या कर दी थी.
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी, हालांकि बांग्लादेश सरकार ने कहा था कि हमले के पीछे जिहादी समूह जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश(जेएमबी) का हाथ है.
अदालत ने 27 अक्टूबर को मामले में 113 गवाहों के बयान को दर्ज करने का काम पूरा कर लिया था.

जांच अधिकारी हुमायूं कबीर ने कहा, "मामले में 21 संदिग्धों में से 13 को विभिन्न समय, विभिन्न छापों में मार गिराया गया है और बचे आठ आरोपी जेल में बंद हैं."
मामले में शामिल मारे गए 13 आतंकवादियों में वे आतंकवादी भी शामिल हैं, जिन्हें घटना के दौरान बंधकों को छुड़ाने के प्रयास में मार गिराया गया था.

काबुल में सैनिक ट्रेनिंग सेंटर के बाहर आत्मघाती हमला, 4 जवान घायल
18 November 2019
काबुल: अफगानिस्तान का पीडी9 काबुल शहर आज एक के बाद एक दो धमाकों से दहल उठा. न्यूज एजेंसी पजवोक अफगान न्यूज के मुताबिक, काबुल-जलालाबाद रोड पर काबुल सैन्य प्रशिक्षण केंद्र (KTMC) के पास हुए धमाकों में चार जवान घायल हो गए. इसे आत्मघाती हमला बताया जा रहा है. घटना के बाद सड़क पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है और सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गए हैं. इसको लेकर अभी तक कोई विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है.


हांगकांग में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच लड़ाई जारी, सभी स्कूल फिर बंद
18 November 2019
हांगकांग: हांगकांग के एजुकेशन ब्यूरो ने रविवार को पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से सोमवार को सभी स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है. साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, शहर में परिवहन अव्यवस्था के कारण 14 और 15 नवंबर को स्कूलों को आधिकारिक तौर पर बंद रखा गया था. हालांकि कई लोगों ने बीते सप्ताह की शुरुआत में ही बंद करने का विकल्प चुना था.वहीं, लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए ब्यूरो ने किंडरगार्डेन, प्राईमरी स्कूलों और सेकेंडरी स्कूलों और विशेष स्कूलों को एक और दिन बंद रखने का निर्णय लिया. ब्यूरो ने रविवार को एक बयान में हालांकि कहा कि स्कूलों को फिर से कक्षा शुरू करने की तैयारी करनी चाहिए, लेकिन छात्र घर पर ही रहें और किसी भी अवैध गतिविधियों में भाग न लें.ब्यूरो ने कहा, "सड़कों और सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में सुधार के बावजूद अभी भी अनियमितताएं हैं." यह घोषणा रविवार की सुबह हांगकांग के प्रदर्शनकारियों द्वारा लोगों और चीन के पीपुल लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पर पत्थर फेंके जाने पर आंसूगैस के गोले दागे जाने के बाद की गई.
नवाज शरीफ को इलाज के लिए विदेश जाने की मिली इजाजत, सरकार कोर्ट में ऑर्डर के ख़िलाफ ड्राफ्ट सौंपेगी
16 November 2019
लाहौर: लाहौर हाईकोर्ट (Lahore High Court) ने आज (शनिवार) पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) को पाकिस्तान से बाहर विदेश में जाकर इलाज करवाने की इजाज़त दे दी. आपको बता दें कि नवाज शरीफ को 26 अक्टूबर के दिन दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ा था, जिसके बाद से उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. नवाज शरीफ विदेश जाकर अपना इलाज करवाना चाहते हैं लेकिन नवाज का नाम 'मनी लॉन्ड्रिंग केस' में फंसे होने की वजह से 'नो फ्लाई लिस्ट' (No Fly List) में है और इसी वजह से वो पाकिस्तान के बाहर नहीं जा सकते थे.
नवाज पिछले एक साल से लाहौर जेल में बंद हैं, वो एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में 7 साल की सजा काट रहे हैं.
लाहौर हाईकोर्ट ने नवाज शरीफ और उनके भाई शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) का विदेश जाने का प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया और पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) को ऑर्डर दिया कि वो नवाज शरीफ को इलाज के लिए विदेश जाने से ना रोकें. लेकिन इसके बावजूद भी पाकिस्तान सरकार ने नवाज को इलाज के लिए विदेश जाने देने के ऑर्डर का विरोध करने का फ़ैसला किया है और वो कोर्ट में ऑर्डर के ख़िलाफ ड्राफ्ट सौंपेगी.
आपको बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान सरकार की कैबिनेट ने नवाज शरीफ को ऑफर दिया था कि अगर वो अपने इलाज के लिए युनाइटेड किंगडम (United Kingdom) जाना चाहते हैं तो उन्हें अपनी जमानत के तौर पर 700 करोड़ रूपए जमा करवाने होंगे. नवाज शरीफ ने पाकिस्तान सरकार के इस ऑफर को रिजेक्ट कर दिया था.

मतदाताओं को ले जा रही 2 बसों पर बंदूकधारियों ने की गोलीबारी
16 November 2019
कोलंबो:अज्ञात बंदूकधारियों के एक समूह ने शनिवार को श्रीलंका के मन्नार जिले में मतदाताओं (voters) को ले जा रही दो बसों पर अंधाधुध गोलीबारी की. बता दें देशभर में शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहे हैं. पुलिस के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, "समूह ने पहली बस पर पत्थर फेंके, जिससे बस की खिड़कियों के शीशे टूट गए और फिर उन लोगों ने पीछे से दूसरी बस पर अंधाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी." उन्होंने कहा कि कोई भी यात्री घायल नहीं हुआ है लेकिन बसों को नुकसान पहुंचा है.
प्रवक्ता ने कहा कि पुलिसकर्मियों के घटना स्थल पर पहुंचने से पहले बंधूकधारियों का समूह भागने में सफल रहा और बताया कि मतदाताओं को सुरक्षित रूप से उनके मतदान केंद्रों तक पहुंचा दिया गया. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और पुलिस फिलहाल घटना की जांच कर रही है.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी
श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए शनिवार को देशभर में मतदान हो रहा है, जिसमें मुख्य रूप से सत्तारूढ़ न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) के साजित प्रेमदासा और श्रीलंका पोडुजना पेरमुना (एसएलपीपी)के गोतबाया राजपक्षे के बीच मुकाबला है। 12,845 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से शुरू हुआ मतदान शाम 5 बजे समाप्त होगा।
लगभग 1.6 करोड़ श्रीलंकाई अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। इस बार रिकॉर्ड 35 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
राजपक्षे और प्रेमदासा के अलावा, अन्य महत्वपूर्ण उम्मीदवार मार्क्‍सवादी जनत विमुक्ति पेरमुना (जेवीपी) या पीपल्स लिबरेशन फ्रंट के अनुरा कुमारा डिसेनायका और नेशनल पीपल्स मूवमेंट (एनपीएम) के महेश सेनानायके हैं, जो सेना में 36 साल सेवा देने के बाद अगस्त 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे।

कुवैत की सरकार का इस्तीफा स्वीकार, अगले साल हो सकते हैं संसदीय चुनाव
15 November 2019
कुवैत सिटी: कुवैती अमीर शेख सबा अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने गुरुवार को प्रधानमंत्री द्वारा सौंपी गई सरकार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. कुवैत न्यूज एजेंसी (केयूएनए) ने यह जानकारी दी.
केयूएनए ने बताया कि अमीर ने कैबिनेट को आदेश दिया कि जब तक नई सरकार नहीं बनेगी, तब तक वह कार्यवाहक के रूप में काम करे.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, कुवैत के प्रधानमंत्री शेख जबर अल-मुबारक अल-हमाद अल-सबाह ने गुरुवार को अपनी सरकार का इस्तीफा अमीर को सौंप दिया.
सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता, तारेक अल-मिजरेम ने विस्तृत ब्यौरा दिए बिना एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा इस्तीफा सरकारी कार्यों को पुनर्व्यवस्थित करने के लिए सौंपा गया.
कुवैत में लगातार कैबिनेट फेरबदल होता रहा है. नवीनतम कैबिनेट को गठित हुए दो साल से भी कम समय हुआ था.

मात्र 24 घंटे बचे नवाज के लिए! डॉक्टर बोले- जल्द भेजो विदेश; सरकार बोली- पहले 7 अरब रुपए दो
15 November 2019
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने कहा है कि शरीफ की हालत बेहद नाजुक है और उन्हें इलाज के लिए अगले 24 घंटे के अंदर ही विदेश ले जाना जरूरी है. उनका कहना है कि अगर इसमें देरी की गई तो पूर्व प्रधानमंत्री की जान को खतरा हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट में एक तरफ नवाज शरीफ की सेहत को लेकर इस तरह की रिपोर्ट हैं, दूसरी तरफ उनका नाम विदेश जाने के लिए प्रतिबंधित लोगों की सूची एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) से निकालने को लेकर पाकिस्तान में जमकर राजनीति हो रही है.
सरकार ने नवाज शरीफ को चार हफ्ते के लिए सशर्त विदेश जाने की अनुमति दी है जिसके खिलाफ नवाज शरीफ की पार्टी मुस्लिम लीग-नवाज ने गुरुवार शाम को लाहौर हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई की और इसे कल (शुक्रवार) तक के लिए स्थगित कर दिया.
लाहौर हाईकोर्ट ने मुस्लिम लीग-नवाज द्वारा नवाज शरीफ का नाम बिना शर्त ईसीएल से निकालने की याचिका पर सुनवाई की. सरकारी वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि नवाज शरीफ अभी रिहा हैं. अदालत ने उनसे पूछा कि क्या सरकार के पास इसका अधिकार है कि वह ईसीएल से नाम निकालने के लिए शर्त लगाए. अदालत ने पूछा कि क्या नवाज शरीफ इलाज के लिए विदेश जाना चाहते हैं. इस पर नवाज के वकील ने कहा कि हां, जाना चाहते हैं, अगर उन्हें इसकी इजाजत दी जाए तो.
अदालत ने संघीय सरकार के वकील को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई कल (शुक्रवार) तक के लिए स्थगित कर दी. भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी करार दिए जा चुके नवाज शरीफ को अदालतों ने सेहत के आधार पर जमानत दी है.
पाकिस्तान की सरकार ने कहा है कि वह करीब सात अरब रुपये (पाकिस्तानी) बॉन्ड के रूप में जमाकर विदेश जा सकते हैं. इस पर मुस्लिम लीग-नवाज ने कहा कि यह रकम एक तरह से अवैध वसूली है और नवाज इस शर्त को कबूल नहीं करेंगे. उन्हें इलाज के लिए विदेश जाने की बिना शर्त इजाजत मिले.


15 November 2019

भारत से तल्‍ख रिश्‍ते रखना पाकिस्‍तान को पड़ रहा भारी, इस वजह से अब कपड़ा इंडस्‍ट्री पड़ी ठप
13 November 2019
नई दिल्‍ली : जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद भारत (India) से तल्‍ख रिश्‍ते बनाए पाकिस्‍तान (Pakistan) को काफी नुकसान झेलना पड़ा रहा है. खास तौर से कारोबारी लिहाज से, जिसका असर न केवल उसकी इंडस्‍ट्रीज पर पड़ रहा है, बल्कि आम जनता भी इससे बेहद जूझ रही है. दरअसल, भारत से कारोबारी रिश्‍ते खत्‍म कर देने की वजह से पाकिस्‍तान में कपास की भारी कमी हो गई है. नतीजतन उसका कपड़ा इंडस्‍ट्री ठप पड़ गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में कपास (Cotton) उत्पादन में करीब 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. इसकी बड़ी वजह है भारत से व्यापार बंद होने के कारण पाकिस्‍तान के कपड़ा उद्योगों के पास कपास का न पहुंचना.
व्‍यापारिक संबंध खत्‍म होने से पहले पाकिस्‍तान बड़ी तादात में भारत से कपास मंगाता था. सीमावर्ती देश होने के कारण पाकिस्तान को भारत से कपास आयात करने में ट्रांसपोर्टेशन की लागत भी बेहद कम आती थी, लेकिन अब यह बंद है, जिसके चलते वह कपास की कमी से निपटने के लिए दूसरे मुल्‍कों पर निर्भर हो चला है और उसने अमेरिका, स्पेन और ब्राज़ील से कपास का आयात शुरू कर दिया है. यह उसे भारत से कपास आयात करने की तुलना में बहुत महंगा पड़ रहा है.
पाकिस्तान कॉटन जिनर्स एसोसिएशन (पीसीजीए) ने भी हाल ही में कपास के उत्पादन में 26.54 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई थी. भारत पाकिस्तान के बीच रिश्ते बिगड़ने के बाद कपास उद्योग को बड़ा झटका लग गया.
इस समय भारतीय कपास का भाव करीब 69 सेंट प्रति पौंड है... जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कपास का भाव 74 सेंट प्रति पौंड है. इस लिहाज से भी पाकिस्तान के लिए भारत से कपास का आयात करना सस्ता पड़ता है.

ब्रिक्स सम्मेलन : ब्राजील पहुंचे पीएम मोदी, व्यापार-आतंकवाद मुद्दों पर रहेगा फोकस
13 November 2019
नई दिल्ली: ब्राजील में आज (13 नवंबर) से शुरू हो रहे ब्रिक्स (BRICS) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) बुधवार दोपहर करीब 2 बजे ब्राजील पहुंचे. यहां राजधानी ब्रासीलिया में एयरपोर्ट पर उनका स्‍वागत किया गया. ब्राजील रवाना होने से पहले मंगलवार को उन्होंने कहा कि वह व्यापक सहयोग के विभिन्न मुद्दे पर चारों देशों के नेताओं के साथ चर्चा करने को लेकर आशान्वित हैं. उन्होंने कहा कि वह ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर.एम. बोल्सनारो के साथ भारत-ब्राजील रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के तरीकों पर उनसे चर्चा करेंगे. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, "मैं इस वर्ष 13 और 14 नवंबर को ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लूंगा. सम्मेलन का थीम 'नवाचार भविष्य के लिए आर्थिक वृद्धि' है. मैं ब्रिक्स नेताओं के साथ विविध विषयों पर व्यापक सहयोग के संबंध में चर्चा को लेकर आशान्वित हूं." ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का फोकस आतंकवाद विरोधी सहयोग बढ़ाने पर भी रहेगा. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन से इतर, वह ब्रिक्स व्यापार फॉरम को संबोधित करेंगे और इसके साथ ब्रिक्स व्यापार परिषद और न्यू डवलपमेंट बैंक के अधिकारियों से संवाद करेंगे. ब्रिक्स विश्व की पांच उभरती अर्थव्यवस्था के संघ का एक शीर्षक है. इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.
जिंदगी-मौत से जूझ रहे नवाज; लंदन जाने में इमरान सरकार ने लगाया अड़ंगा, चली नई चाल
13 November 2019
इस्लामाबाद: गंभीर रूप से अस्वस्थ पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री मंगलवार को भी इलाज के लिए लंदन रवाना नहीं हो सके. सरकार उनका नाम 'एग्जिट कंट्रोल लिस्ट' (ईसीएल) से निकालने पर अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. इस मुद्दे पर कैबिनेट की उपसमिति की मंगलवार को हुई बैठक में कोई फैसला नहीं किया जा सका है. ईसीएल में उन लोगों का नाम शामिल है जिन पर आपराधिक मामलों के कारण पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक लगी हुई है. भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिए जा चुके नवाज शरीफ का नाम इस लिस्ट में है.
उनकी गंभीर हालत को देखते हुए अदालत ने इलाज के लिए उन्हें आठ हफ्ते की जमानत दी हुई है. उनके परिजन उन्हें इलाज के लिए लंदन ले जाना चाहते हैं लेकिन ईसीएल संबंधी कानूनी बाध्यता के कारण वे मंगलवार को भी ऐसा नहीं कर सके.इससे पहले शरीफ की रविवार (10 नवंबर) और सोमवार (11 नवंबर) की उड़ानों को रद्द करना पड़ा और आज (मंगलवार को) भी वह लंदन नहीं रवाना हो सके.
इस्लामाबाद: गंभीर रूप से अस्वस्थ पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री मंगलवार को भी इलाज के लिए लंदन रवाना नहीं हो सके. सरकार उनका नाम 'एग्जिट कंट्रोल लिस्ट' (ईसीएल) से निकालने पर अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. इस मुद्दे पर कैबिनेट की उपसमिति की मंगलवार को हुई बैठक में कोई फैसला नहीं किया जा सका है. ईसीएल में उन लोगों का नाम शामिल है जिन पर आपराधिक मामलों के कारण पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक लगी हुई है. भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिए जा चुके नवाज शरीफ का नाम इस लिस्ट में है.
उनकी गंभीर हालत को देखते हुए अदालत ने इलाज के लिए उन्हें आठ हफ्ते की जमानत दी हुई है. उनके परिजन उन्हें इलाज के लिए लंदन ले जाना चाहते हैं लेकिन ईसीएल संबंधी कानूनी बाध्यता के कारण वे मंगलवार को भी ऐसा नहीं कर सके.इससे पहले शरीफ की रविवार (10 नवंबर) और सोमवार (11 नवंबर) की उड़ानों को रद्द करना पड़ा और आज (मंगलवार को) भी वह लंदन नहीं रवाना हो सके.

बांग्लादेश में 2 यात्री ट्रेनों के बीच भीषण टक्कर, 15 लोगों की मौत
12 November 2019
ढाका : बांग्लादेश (Bangladesh) के ब्राह्मणबाड़िया जिले में मंगलवार को दो यात्री ट्रेनों के बीच आमने-सामने की टक्कर के बाद कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई. अखौरा रेलवे पुलिस के प्रमुख श्यामल कांति दास के हवाले से बीडीन्यूज 24 ने बताया कि सिलहट से चटगांव जाने वाली उदयन एक्सप्रेस की मंगलवार तड़के 2.15 बजे चटगांव से ढाका जाने वाली टुर्ना निशिता से मोंडोभाग रेलवे स्टेशन पर टक्कर हो गई.
उपायुक्त हयात-उद-दौला खान के अनुसार, नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि छह अन्य की विभिन्न अस्पतालों में मौत हुई. इस दुर्घटना के बाद चटगांव और सिलहट के साथ ढाका का रेल लिंक प्रभावित हुआ.
जिले के पुलिस प्रमुख मोहम्मद अनीसुर रहमान ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि 28 घायलों में से कई की हालत गंभीर है. उन्होंने कहा कि बचाव अभियान जारी है. हादसे के कारणों की जांच की जा रही है.

अफगानिस्तान: विपक्षी विरोध के बावजूद राष्ट्रपति चुनाव के वोटों की गिनती फिर शुरू
11 November 2019
काबुल : अफगानिस्तान (Afghanistan) के स्वतंत्र चुनाव आयोग (आईईसी) ने 28 सितंबर हुए राष्ट्रपति चुनावों में डाले गए वोटों की गिनती करनी फिर से शुरू कर दी है. प्रमुख चुनाव प्रचार टीमों के विरोध के बावजूद वोटों की गिनती शुरू की गई है, जिन्होंने धोखाधड़ी वाले वोटों को छांटने की मांग की है. सोमवार को यह जानकारी दी गई. टोलो न्यूज ने आईईसी सचिवालय के प्रमुख हबीब-उर-रहमान नांग के हवाले से बताया कि कुल 26,000 में से 8,494 मतदान केंद्रों के मतों की गणना फिर की जाएगी.
धोखाधड़ी और तकनीकी समस्या संबंधी मुद्दों की रिपोर्ट के साथ पिछले कुछ हफ्तों में आयोग पर दबाव बढ़ गया है. 15 उम्मीदवारों के साथ, पिछले कुछ हफ्तों के दौरान, राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला सहित प्रमुख उम्मीदवारों की टीम द्वारा आरोपों और बाधाओं के कारण मतगणना बाधित हुई है.
इस बीच, अब्दुल्ला ने रविवार को काबुल (Kabul) में अपने समर्थकों की एक सभा को संबोधित करते हुए वोटिंग की प्रक्रिया पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया. अब्दुल्ला ने कहा, "पिछले पैंतालीस दिनों में, 2,400 बैलेट बॉक्स उन लोगों के नियंत्रण में थे, जिन्होंने चुपके से धोखाधड़ी की साजिश रची है और बॉक्स में कुछ भी मिल सकता है." टोलो न्यूज के अनुसार, चुनावी कानून के अनुच्छेद 19 के अनुसार, मतभेद की स्थिति में केवल बायोमेट्रिक पंजीकृत वोटों की ही फिर से गणना की जानी चाहिए.
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार फरमर्ज तमन्ना ने कहा, "नॉन-बायोमेट्रिक वोट, साथ ही चुनाव तिथि पर उपयोग किए गए वोटों की फिर से गिनती होगी. इन वोटों को किसी भी परिस्थिति में नहीं गिना जाना चाहिए." अब्दुल्ला के अलावा, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की परिषद - जिसमें राष्ट्रपति पद के 18 में से 10 उम्मीदवार शामिल हैं- ने भी रविवार को फिर से वोटों की गिनती कराने की प्रक्रिया का बहिष्कार किया.
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और परिषद के सदस्य शहाब हकीमी ने कहा, "हमारा रुख पहले की तरह ही है. हम चुनावों का बहिष्कार करना चाहते थे, इसलिए हम नतीजों का भी बहिष्कार करते हैं." राष्ट्रपति चुनाव 28 सितंबर को हुए थे. आईईसी के अनुसार, प्रारंभिक परिणाम गुरुवार को घोषित किए जाएंगे.

पाकिस्तान: नवाज शरीफ को इलाज के लिए भेजा जाएगा लंदन, डॉक्टरों ने पूरी की तैयारी
11 November 2019
लाहौर: पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) इलाज के लिए लंदन जाने के लिए एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) से नाम हटाए जाने का इंतजार कर रहे हैं, वहीं डॉक्टर उनके शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम से कम यात्रा के लिए जरूरी स्तर तक लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने रविवार को कहा कि सोमवार को शरीफ की लंदन रवानगी की संभावनाओं को देखते हुए उन्हें बड़ी मात्रा में स्टेरॉएड दिया गया है.
उन्होंने कहा, "डॉक्टरों ने उन्हें बार-बार इतनी ज्यादा मात्रा में स्टेरॉएड्स देने के खिलाफ चेतावनी दी है." उन्होंने कहा, "शरीफ की प्लेटलेट्स बढ़ाने के चक्कर में वे और जोखिम नहीं ले सकते." औरंगजेब ने कहा कि शरीफ की प्लेटलेट्स में लगातार होती गिरावट से डॉक्टर चिंतित हैं. उन्होंने कहा, "वे इस बात को लेकर आशंकित हैं कि उनका इलाज कैसे किया जाए. उन्हें उनके स्वास्थ्य में और गिरावट होने की चिंता है."
मरियम ने कहा कि शरीफ की तबियत आगे भी बिगड़ती है, तो उन्हें विदेश ले जाना लगभग असंभव हो जाएगा. इस्लामाबाद (Islamabad) हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह शरीफ को अल-अजीजिया मिल घोटाले में मिली सात साल की सजा उनके स्वास्थ्य के आधार पर निलंबित कर उन्हें आठ सप्ताह की जमानत दी थी. इससे पहले उन्हें इसी आधार पर लाहौर हाईकोर्ट से भी चौधरी चीनी मिल मामले में जमानत मिल गई थी.
इस बीच विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को कहा कि डॉक्टरों द्वारा शरीफ का जीवन बचाने के लिए विदेश में इलाज कराने पर जोर देने के बाद उन्हें विदेश भेजने के बीच आने वाली सारी कानूनी अड़चनें हटाई जा रही हैं. डॉन न्यूज के अनुसार, सरकार ने शनिवार को शरीफ का नाम नो-फ्लाई सूची से हटाने में देरी की, जिसके बाद उन्हें रविवार को इलाज के लिए लंदन जाने की योजना रद्द करनी पड़ी.

रूसी प्रोफेसर के बैकपैक में मिला प्रेमिका का हाथ
11 November 2019
मॉस्को: रूस में इतिहास के एक प्रख्यात प्रोफेसर के बैकपैक से उनकी प्रेमिका पूर्व छात्रा का हाथ मिला है. प्रोफेसर ने उसकी हत्या की बात कबूल कर ली है. रूस के बंदरगाह शहर सेंट पीटर्सबर्ग नदी में उन्हें एक बैकपैक के साथ पाया गया, जिसमें उनकी पूर्व छात्रा का हाथ मिला है. सेंट पीटर्सबर्ग पुलिस ने प्रोफेसर ओलेग सोकोलोव (63) को अपनी पूर्व छात्रा अनसतासिया येसचेंको (24) की हत्या मामले में हिरासत में ले लिया है.
मास्कोटाइम्स डॉट कॉम के मुताबिक, पुलिस ने उसके बाद प्रोफेसर के घर की तलाशी ली, जहां छात्रा का सिर कटा शव मिला. सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी में अनसतासिया प्रोफेसर की छात्रा थी और बाद में दोनों ने मिलकर कई किताबें भी लिखी.
लोकल मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि प्रोफेसर जब छात्रा के अंग नदी में फेंकने गया था, उस समय वह शराब के नशे में था और नदी में जा गिरा था. बताया जाता है कि छात्रा के अंगों को ठिकाने लगाने के बाद प्रोफेसर की आत्महत्या करने की योजना थी.
अनसतासिया प्रोफेसर के साथ रिश्ते में थी, और कथित तौर पर दोनों के बीच हुई एक बहस के दौरान दुर्घटनावश प्रोफेसर ने उसकी हत्या कर दी.
प्रोफेसर फिलहाल अस्पताल में भर्ती है और तनाव में है.
प्रोफेसर और अनसतासिया दोनों ने फ्रेंच इतिहास का अध्ययन किया था और वे पारंपरिक परिधान पहनने के शौकीन थे. प्रोफेसर अक्सर नेपोलियन बोनापार्ट जैसी ड्रेस पहनते थे.

ईरान में 5.9 तीव्रता का भूकंप, 5 की मौत; 120 से ज्यादा घायल
8 November 2019
तेहरान: ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत में रिक्टर पैमाने पर 5.9 की तीव्रता वाला भूकंप आने के बाद शुक्रवार को कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 120 से अधिक घायल हो गए.
प्रेस टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रांतीय राजधानी तबरेज से लगभग 120 किलोमीटर दूर भूकंप की गहराई 8 किलोमीटर रही और इसने पास के टार्क शहर को प्रभावित किया.
दहशत के कारण कई लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए.
यूरोपियन-मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (ईएमएससी) के अनुसार, लगभग 2 करोड़ लोगों ने ईरान और संभवत: पड़ोसी तुर्की में भूकंप के झटके को महसूस किया.
प्रेस टीवी ने पूर्वी अजरबैजान के संकट प्रबंधन केंद्र के प्रमुख मोहम्मद बाकर होनर के हवाले से कहा कि कम से कम आठ बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों में भेजे गए.
प्रारंभिक रिपोटरें में मियानेह शहर के कम से कम तीन गांवों में घरों और इमारतों को बड़ा नुकसान होने की पुष्टि हुई है.

चीन : 10 देश खोलेंगे राष्ट्रीय फ्लैगशिप स्टोर, ई-कॉमर्स अंतरराष्ट्रीय सहयोग को देंगे बढ़ावा
8 November 2019
बीजिंग : चीन (China) अंतर्राष्ट्रीय आयात एक्सपो में चीन सरकार ई-कॉमर्स (E-Commerce) अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगी. एक्सपो के दूसरे दिन कई विदेशी वित्त पोषित उद्यमों ने अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए. अमेरिकी (America) कंपनी जॉनसन समूह उनमें से एक है. जॉनसन चीनी शाखा के अध्यक्ष डेंग शू ने कहा, "हम अलीबाबा ग्रुप के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लाजादा के माध्यम से दक्षिण पूर्व एशिया के साथ अधिक आयात-निर्यात करने को तैयार हैं, ताकि एक स्थायी और स्थायी रणनीतिक साझेदारी बन सके."
इसके साथ ही न्यूजीलैंड (Newzealand), चिली, सिंगापुर (Singapore), मलेशिया (Malaysia), फिलीपींस, रूस, पेरू, और अर्जेटीना सहित 10 देशों ने भी घोषणा की कि वे राष्ट्रीय फ्लैगशिप स्टोर खोलने के लिए अलीबाबा (Alibaba) के टीमॉल के साथ सहयोग करेंगे. चीनी वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल की पहली तीन तिमाहियों में, चीन के ऑनलाइन खुदरा बाजार में स्थिर और तेजी से विकास हुआ. राष्ट्रीय ऑनलाइन खुदरा बिक्री मात्रा 73.2 खरब युआन तक पहुंची, जो पिछले साल की तुलना में 16.8 प्रतिशत अधिक है.

बिना पासपोर्ट के एक साल तक करतारपुर साहिब आ सकेंगे श्रद्धालु: पाकिस्तान
8 November 2019
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को साफ किया कि करतारपुर गुरुद्धारे आने वाले श्रद्धालुओं को पासपोर्ट लाने से छूट दी गई है और वे अगले एक साल तक बिना पासपोर्ट करतारपुर यात्रा कर सकेंगे. मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान ने बाबा गुरु नानक के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए सद्भावना के तहत यह फैसला किया है.
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि इस साल 12 नवंबर को मनाए जाने वाले बाबा गुरु नानक के प्रकाशोत्सव के अवसर पर करतारपुर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट की बाध्यता नहीं होगी. लेकिन, इसके बाद सेना के प्रवक्ता ने यह बयान दिया कि करतारपुर आने वाले श्रद्धालुओं को अपने साथ पासपोर्ट लाना होगा.
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मुहम्मद फैसल ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि इस साल करतारपुर गलियारे के उद्घाटन के अवसर पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट साथ लाने की बाध्यता नहीं होगी, साथ ही यात्रियों को पूरे एक साल तक इससे छूट दी जाएगी.
पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा के प्रमुख मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा था कि करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित करतारपुर गुरुद्वारे आने वाले भारतीय यात्रियों के पास पासपोर्ट होना अनिवार्य होगा. उन्होंने कहा था कि सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी है. सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता.
गफूर के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर फैसल ने कहा, "यह (करतारपुर यात्रियों के लिए पासपोर्ट एक साल तक अनिवार्य नहीं होना) विदेश मंत्रालय की आधिकारिक अवस्थिति है. आईएसपीआर का बयान भी इससे अलग नहीं है."
प्रवक्ता ने कहा कि करतारपुर गलियारे के उद्घाटन के बाद नौ और दस नवंबर को श्रद्धालुओं से बीस डॉलर का सेवा शुल्क नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सद्भावना के कदमों के तहत दस दिन पहले यात्रा के लिए सूचित किए जाने की जरूरत को भी समाप्त किया गया है.
उन्होंने कहा कि भारतीय राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू को करतारपुर की यात्रा के लिए पाकिस्तान ने वीजा जारी कर दिया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की इच्छुक है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सदियों से प्राचीन सभ्यताओं का केंद्र रहा है. देश में मौजूद हिंदू और बौद्ध स्थलों को विकसित करने पर अब जोर दिया जाएगा.
उन्होंने इस बात को गलत बताया कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर के जरिए खालिस्तान आंदोलन को बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने कहा, "हमारी नीति में ऐसी कोई नकारात्मकता नहीं है."
उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा परियोजना पूरी तरह से प्रधानमंत्री इमरान खान की पहल है जिसे 'काफी हिचकिचाहट के बाद भारत ने मंजूर किया.'
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान कारगिल और लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में भी परिवारों को मिलने-जुलने देने के लिए ऐसे ही गलियारे खोलेगा, फैसल ने कहा कि 'पाकिस्तान को इसमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन विचार विमर्श के प्रति भारत की हिचकिचाहट एक बड़ी बाधा है.'

आर्थिक भगोड़े नीरव मोदी को फिर झटका, लंदन में 5वीं बार जमानत याचिका खारिज
6 November 2019
नई दिल्ली. लंदन की अदालत ने आर्थिक भगोड़े नीरव मोदी (Nirav Modi) की जमानत याचिका खारिज कर दी है. लंदन की कोर्ट (London's Court) ने पांचवी बार नीरव मोदी की याचिका खारिज की है. नीरव मोदी 14,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले (PNB Scam) का मुख्य आरोपी है. नीरव मोदी लगभग दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है.
अनुमान है कि नीरव मोदी को लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट (Westminster Magistrates) की अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. उसके खिलाफ अगले साल मई में मुकदमे की सुनवाई शुरू होगी और वह तब तक जमानत पाने की कोशिश कर रहा है.
इस जेल में बंद है आरोपी
वह इंग्लैंड की सबसे भीड़भाड़ वाली जेलों में से एक दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में मार्च से बंद है. ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जमानत याचिका पर बुधवार छह नवंबर को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई होगी. सुनवाई से पहले याचिका के आधार को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है.’’ सीपीएस प्रत्यर्पण मामले में भारत सरकार का पक्ष अदालत में रख रही है.

हांगकांग में बीजिंग समर्थक सांसद पर चाकू से हमला, फूल लेकर पहुंचा था हमलावर
6 November 2019
हांगकांग. हांगकांग (Hong Kong) में बीजिंग समर्थक एक नेता पर बुधवार को चाकू (Knife) से हमला हुआ. हमला तब हुआ जब सांसद जूनिस हो हांगकांग के बाहरी क्षेत्र में चीन की सीमा से लगते अपने निर्वाचन क्षेत्र तेन मून में चुनाव प्रचार कर रहे थे. हमलावर उनके पास बुके (Bouquet) लेकर आया था.
सीसीटीवी (CCTV) फुटेज में हमलावर व्यक्ति नेता से एक तस्वीर (Photo) खिंचवाने का अनुरोध करता दिख रहा है और तुरंत ही वह अपने बैग से चाकू (Knife) निकाल कर नेता पर हमला कर देता है. लोकतंत्र समर्थकों के बीच जूनिस बेहद अलोकप्रिय हैं.
पुलिस ने कहा कि हमले में तीन लोग घायल हुए हैं. हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है.
राष्ट्रपति शी चिनफिंग को दिया समर्थन
इस बीच हांगकांग की नेता कैरी लैम ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने एक मुलाकात के दौरान समर्थन दिया है. इससे पहले रविवार को एक व्यक्ति ने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर चाकू से हमला किया था.
लोकतंत्र के नेता का चबा लिया था कान
हमलावर ने लोकतंत्र के नेता एंड्रयू चियू का कान चबा लिया था. दरअसल हमलावर लोगों पर हमला करने के बाद भागने की फिराक में था और चियू ने उसे पकड़ने की कोशिश की थी. घटना के बाद लोगों ने उसके साथ मारपीट की और पुलिस के हवाले कर दिया. हमले में पांच लोग घायल हो गए थे, जिनमें

कर्मचारी के साथ आपसी सहमति से संबंध बनाने पर मैकडॉनल्ड्स ने सीईओ ईस्टरब्रुक को निकाला
5 November 2019
न्यूयॉर्क। मैकडॉनल्ड्स ने रविवार को कहा कि कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ स्टीव ईस्टरब्रुक को एक कर्मचारी के साथ आपसी सहमति से संबंध बनाने के मामले में निकाला जा रहा है। उनकी जगह मैकडॉनल्ड्स यूएसए के अध्यक्ष क्रिस केम्पजिंस्की को सीईओ नियुक्त किया गया है। उन्हें निदेशक मंडल के लिए भी चुना गया था। कंपनी ने एक बयान में कहा कि ईस्टरब्रुक को कंपनी से अलग कर दिया गया है। कंपनी की नीति का उल्लंघन करने और एक कर्मचारी के साथ हाल में सहमति से संबंध बनाने के खराब फैसले की वजह से बोर्ड के दृढ़ संकल्प के बाद उन्हें कंपनी से अलग कर दिया गया है।
कंपनी पुष्टि करती है कि यह नेतृत्व परिवर्तन कंपनी के परिचालन या वित्तीय प्रदर्शन से संबंधित नहीं है। मैकडॉनल्ड्स के कर्मचारियों को भेजे गए एक ईमेल में ईस्टरब्रुक ने कहा कि उनका कर्मचारी के साथ आपसी सहमति से बना संबंध 'एक गलती' था, जिसने कंपनी की नीति का उल्लंघन किया था। कंपनी के मूल्यों को देखते हुए, मैं बोर्ड से सहमत हूं कि यह मेरे लिए पद छोड़ने का समय है।
कंपनी ने कहा कि प्रेसिडेंट ऑफ इंटरनेशनल ऑपरेटेड मार्केट्स जो एर्लिंगर मैकडॉनल्ड्स यूएसए के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। अपनी सबसे हालिया कमाई की रिपोर्ट में 22 अक्टूबर को मैकडॉनल्ड्स ने कहा कि तीसरी तिमाही में मुनाफे में 1.8 प्रतिशत की गिरावट आई। कंपनी के राजस्व 1.1 प्रतिशत पर पहुंचकर 5.4 अरब डॉलर हो गया है। बताते चलें कि मैकजॉनल्ड्स के 100 से अधिक देशों में 38,000 रेस्तरां हैं।
फास्ट फूड की दिग्गज कंपनी ने वैश्विक तुलनीय बिक्री में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका में जबरदस्त वृद्धि शामिल है। मगर, टेक्नोलॉजी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर खर्च बढ़ने से कंपनी का मुनाफा कम हो रहा है। हाल के वर्षों में मैकडॉनल्ड्स ने होम डिलीवरी और मोबाइल पे में पहल करने के लिए भारी निवेश किया है।

चीन ने लॉन्च किया निगरानी सैटेलाइट गाओफेन-7, कहा असैन्य क्षेत्र में होगा इस्तेमाल
5 November 2019
ताइयुआन। अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लगाते हुए चीन ने हाई रेजोल्यूशन वाला एक सैटेलाइट लांच किया है। चीन के उत्तरी हिस्से में स्थित ताइयुआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से रविवार को निगरानी सैटेलाइट गाओफेन-7 को लांच किया है। बताया जा रहा है कि यह धरती के किसी भी हिस्से की निगरानी करने में सक्षम है। हालांकि, चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) का कहना है कि गाओफेन-7 का इस्तेमाल असैन्य क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किया जाएगा। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, लॉन्ग मार्च -4 बी रॉकेट से भेजे गए गाओफेन-7 को अपने श्रेणी में सबसे उन्नत किस्म का सैटेलाइट है। ऑप्टिकल फाइबर से लैस यह उपग्रह दूर अंतरिक्ष से पृथ्वी पर मौजूद चीजों की सटीक तस्वीर लेने में सक्षम है।
चीन का कहना है कि इस सैटेलाइट का इस्तेमाल भूमि सर्वेक्षण व मैपिंग और सांख्यिकीय जांच जैसे कार्यों में किया जाएगा। उपग्रह गाओफेन-7 के साथ तीन अन्य सैटेलाइट भी अंतरिक्ष में भेजे गए। इन उपग्रहों को भी वैज्ञानिक प्रयोग के उद्देश्य से भेजा गया है। सैटेलाइट और कैरियर रॉकेट को चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन के तहत चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (CAST) और शंघाई एकेडमी ऑफ स्पेसफ्लाइट टेक्नोलॉजी ने विकसित किया था।
बताया जा रहा है कि उपग्रह के उपयोगकर्ता मुख्य रूप से प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय, आवास मंत्रालय और शहरी-ग्रामीण विकास मंत्रालय व राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो होंगे। सीएनएसए के अनुसार, हाई-रेजोल्यूशन के ऑप्टिकल 3डी अवलोकन डेटा और हाई परसेशन लेजर अल्टीमेट्री डेटा प्राप्त कर सकता है और चीन में नागरिक उपयोग के लिए 1:10,000 पैमाने के उपग्रह 3डी मैपिंग कर सकता है।

हांग कांग में मॉल में घुसे प्रदर्शनकारी, नेता का कान चाकू से काटा और कई लोग हुए घायल
5 November 2019
हांग कांग। सरकार के विरोध में हांग कांग में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बीते 22 हफ्तों से प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। मगर, शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ यह प्रदर्शन अब दिनों-दिन ज्यादा हिंसक होता जा रहा है। रविवार को एक मॉल में घुसे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें चाकू लिए एक एक शख्स ने कई लोगों को घायल कर दिया और एक स्थानीय नेता का कान चाकू से काट दिया।
ताइकु शिंग के पूर्वी उपनगर सिटीप्लाजा में एक मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन कर रहे लोग पुलिस के साथ आमने-सामने आ गए और उनके बीच संघर्ष हो गया। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने मॉल में शांतिपूर्ण तरीके से नारेबाजी करने के बाद एक रेस्तरां में तोड़फोड़ की थी। सफेद टी-शर्ट में पहने एक व्यक्ति के बारे में माना जा रहा है कि उसने मॉल में चाकू बाजी की थी।
उसके साथ ही मॉल में मौजूद कई लोग घायल हो गए, जिन्हें प्रदर्शनकारियों ने लाठी से पीटा था। एक अन्य व्यक्ति मॉल के बाहर फुटपाथ पर खून से लथपथ पड़ा था। डेमोक्रेटिक डिस्ट्रिक्ट काउंसलर एंड्रयू चिउ भी इस हमले में घायल हो गए थे और उनके कान से खून टपक रहा था। डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद जेम्स ने संवाददाताओं को बताया कि चाकू बाज ने चिउ के कान का हिस्सा काट दिया और अन्य लोगों पर भी चाकू से वार किए थे।
उन्होंने कहा कि अन्य घायल चिउ की तुलना में अधिक गंभीर रूप से घायल हुए थे। मॉल के बाहर जमीन पर एक चाकू पड़ा हुआ था। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है, जो नारेबाजी कर रहे थे और पुलिस की क्रूरता का जिक्र करने के लिए 'ब्लैक पुलिस' चिल्ला रहे थे। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए ताइकू शिंग में ईस्ट होटल के बाहर आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस ने पत्रकारों पर मिर्ची स्प्रे का भी इस्तेमाल उस वक्त किया, जब वे पुलिस के काफी करीब थे। इसके साथ ही एक पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया गया।

फ्रांस में अवैध तरीके से घुसने की फिराक में थे 31 पाकिस्तानी, हुई गिरफ्तारी
4 November 2019
नाइस (फ्रांस) : दक्षिणी फ्रांस (France) में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश कर रहे 31 पाकिस्तानी प्रवासियों को एक लॉरी में छिपे हुए पाया गया. अभियोजन पक्ष ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी. डॉन न्यूज के अनुसार, उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी (Pakistan) वाहन चालक को भी हिरासत में ले लिया गया है.
ब्रिटेन (Britain) में पिछले महीने 39 लोगों के एक रेफ्रीजरेटर ट्रक में मृत पाए जाने के बाद से खोजी अभियान चलाया जा रहा है. प्रवासी अवैध रूप से यूरोप में प्रवेश करने के लिए जोखिम उठाते रहते हैं. फ्रेंच वकील ने कहा कि 31 पाकिस्तानी प्रवासियों का यह समूह पुलिस के हाथ उस वक्त लगा, जब शुक्रवार को इटली (Italy) की सीमा के पास मोटरवे में रूटीन तलाशी चल रही थी.
आव्रजन प्रक्रियाओं के अनुसार, तीन किशोरों सहित सभी प्रवासियों को इटली के अधिकारियों को सौंप दिया गया है. दक्षिण पूर्वी शहर नाइस में स्थित वकीलों के कार्यालय की ओर से कहा गया, "जैसा कि हम हमेशा इस प्रकार के मामले में करते आ रहे हैं, हम इस गिरोह का पता लगाने और इसे पकड़वाने की कोशिश करेंगे."

भारत-उज्बेकिस्तान के बीच सैन्य चिकित्सा, शिक्षा संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर
4 November 2019
ताशकंद : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की तीन दिन की ताशकंद की आधिकारिक यात्रा के दौरान भारत और उज्बेकिस्तान के बीच सैन्य चिकित्सा और सैन्य शिक्षा से संबंधित तीन समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए. अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी. उज्बेकिस्तान में अपने समकक्ष मेजर जनरल बखोदिर निजामोविच कुर्बानोव के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक द्विपक्षीय बैठक की. जिसके बाद दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए.
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "दोनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य चिकित्सा को लेकर सहयोग करने के बारे में सहमति बनी. दोनों देशों के उच्च सैन्य शिक्षण संस्थानों के बीच प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को लेकर भी हस्ताक्षर हुए."
किसी भारतीय रक्षामंत्री की 15 साल बाद इस मध्य एशियाई देश की पहली यात्रा है. भारत के सिकंदराबाद स्थित कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट और ताशकंद के आर्म फोर्स अकादमी के बीच एक वीडियो-लिंक पर पहली बार आदान-प्रदान करने को लेकर सहमति बनी हैं, जिसके गवाह रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उनके उज्बेकिस्तान समकक्ष बखोदिर बने हैं.

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति से मिले पीएम मोदी, समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुआ भारत
4 November 2019
बैंकाक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) व इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo) ने रविवार को साथ मिलकर शांति, सुरक्षा व समृद्धि के लिए काम करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग के अपने साझा विजन को हासिल करने की प्रतिबद्धता जाहिर की. भारत (India) के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद व चरमपंथ के खतरे पर चर्चा की और द्विपक्षीय तौर पर काम करने और इस संकट से वैश्विक रूप से निपटने पर सहमति जताई.
मोदी ने विडोडो को इंडोनेशिया (Indonesia) के राष्ट्रपति के तौर पर दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी और भारत की इंडोनेशिया के साथ रक्षा, सुरक्षा, संपर्क, व्यापार व निवेश के क्षेत्र में काम करने की प्रतिबद्धता जाहिर की.
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार को आगे बढ़ाने पर चर्चा की और मोदी ने फार्मास्यूटिकल, ऑटोमोटिव व कृषि उत्पादों सहित भारतीय वस्तुओं के लिए बाजार की जरूरत पर बल दिया.

KGB के सार्वजनिक किए दस्तावेजों से हुआ खुलासा- कर्तव्य निष्ठ और अनुशासित जासूस थे पुतिन
1 November 2019
मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति बनने से पहले पुतिन देश की खुफिया एजेंसी केजीबी के लिए काम करते थे। अब सार्वजनिक किए गए केजीबी के दस्तावेजों के अनुसार, अब 67 साल के हो चके पुतिन अपने करियर की शुरूआत में कर्तव्य निष्ठ और अनुशासित जासूस थे। हालांकि, सोवियत संघ के जासूस के रूप में उन्होंने क्या काम किए थे, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं पता है। मगर, दस्तावेजों में कहा गया है कि कॉमरेड पुतिन ने लगातार अपने वैचारिक, राजनीतिक और पेशेवर स्तर को बढ़ाया है।
सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों के अनुसार, युवा पुतिन को अपने अच्छी तरह से व्यवस्थित कार्य और नतीजों के लिए केजीबी के अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बधाई भी मिली थी। साल 2016 में पुतिन ने खुलासा किया था कि वह भावनात्मक कारणों की वजह से अपना यूएसएसआर कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यता कार्ड को अपने पास रखते हैं। वह करीब दो दशकों से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में बने हुए हैं।
पुतिन की तारीफ में ये बातें केजीबी में उनके सीनियर अधिकारियों ने लिखी थीं। उस वक्त पुतिन की उम्र महज 20 साल थी। यह जानकारी रूसी मीडिया को जारी एक दस्तावेज में दी गई है। बताते चलें कि पुतिन ने 1970 के दशक के मध्य से गुप्त सेवा के लिए काम करना शुरू किया था और 1985 में 1990 तक पूर्वी जर्मनी के ड्रेसडेन में वह तैनात थे। उस समय सोवियत सत्ता चरमरा रही थी। उनके कई पूर्व सहयोगी वर्तमान में रूसी सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं।
क्रेमलिन में पुतिन ने अपने चारों तरफ गुप्तचर सेवा केजीबी के पूर्व कर्मचारियों के अलावा अपने उत्तराधिकारी एफएसबी के अधिकारियों को भी तैनात कर रखा है, जो वर्तमान में एक शक्तिशाली एजेंसी बनी हुई है।

20 मिनट तक ट्रैक पर दौड़ती रही पाकिस्तान की बर्निंग ट्रेन
1 November 2019
मुल्तान। पाकिस्तान में कराची-रावलपिंडी तेजगाम एक्सप्रेस में लगी आग के बारे में दिल दहला देने वाली जानकारी सामने आई है। हादसे में जिंदा बचे एक पीड़ित ने बताया कि आग लगने के 20 मिनट बाद तक ट्रेन टैक पर दौड़ती रही, जिससे आग तेजी से फैल गई। जान बचाने के लिए दर्जनों लोग चलती ट्रेन से नीचे कूद गए थे, जिससे वे जलने से तो बच गए, लेकिन गंभीर चोट लगने के कारण उनकी मौत हो गई थी। हादसे में कुल मिलाकर 74 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 35 यात्री घायल बताए जा रहे हैं।
ट्रेन के ब्रेक की स्थिति के बारे में यह चौंकाने वाली बात उस वक्त सामने आई है, जब ट्रेन के कंडक्टर ने कहा कि आग को देखते ही ब्रेक लगा दिए गए थे और महज तीन मिनट में ट्रेन रुक गई थी। कंडक्टर सादिउ अहमद खान ने कहा कि ट्रेन के आपातकालीन ब्रेकिंग सिस्टम सही तरह से काम कर रहे थे। आग लगने के पहले संकेत मिलते ही ब्रेक लगा दिए गए थे और महज तीन मिनट में ही ट्रेन रुक गई थी। एक चालक के रूप में यह मेरे जीवन की सबसे बुरी त्रासदी है।
जांचकर्ताओं ने कहा कि वे आग लगने के समय ब्रेक की स्थिति का पता करने के लिए ट्रेन की ब्रेकिंग प्रणाली को जांचेंगे। हादसे में जिंदा बचे लोगों ने कंडक्टर को सूचित करने के लिए ट्रेन की चेन को भी खींचा था, लेकिन उसके बावजूद भी ट्रेन की रफ्तार कम नहीं हुई। पड़ोसी सिंध प्रांत के नवाबशाह शहर से पत्नी और दो बच्चों के साथ ट्रेन में सवार हुए गुलाम अब्बास ने भी अन्य यात्रियों की इस बात की पुष्टि की थी कि ट्रेन के रुकने में लगभग 20 मिनट लग गए। अब्बास ने बताया कि वह घबराए हुए यात्रियों को तेज रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन से कूदते हुए देख रहा था।
हमें बाद में पता चला कि ट्रेन से कूदने वाले अधिकांश लोगों की मौत हो गई थी। अब्बास की पत्नी सुलाई खान बीबी ने कहा कि वह डर रही थीं कि उनके बच्चों का क्या होगा। हम मौत के बेहद करीब थे, लेकिन अल्लाह ने हमें बचा लिया। बताते चलें कि कराची से रावलपिंडी जा रही ट्रेन में राजधानी से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर गुरुवार को भीषण आग लग गई थी। हादसे के समय ट्रेन में करीब 857 यात्री सवार थे। मृतकों में अधिकांश इस्लामिक संगठन तबलीकी-ए-जमात के लोग शामिल थे। माना जा रहा है कि आग उनके ही डिब्बे में लगी थी।
बताया जा रहा है कि जमात के लोग गैस सिलेंडर से उसमें अंडे उबाल रहे थे और इस दौरान धमाका होने के बाद ट्रेन में आग लग गई थी। देखते ही देखते इस आग ने इकोनॉमी क्लास के दो और बिजनेस क्लास के एक डिब्बे को अपनी चपेट में ले लिया था। हादसा पंजाब प्रांत के रहीम यार खान कस्बे के पास हुआ था।

ट्रंप बोले- न्यूयॉर्क में मेरे साथ हुआ बुरा व्यवहार, अब फ्लोरिडा में रहूंगा
1 November 2019
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि वह अपने स्थायी निवास को न्यूयॉर्क से फ्लोरिडा के पाम बीच में स्थानांतरित कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया हा कि उनके पैतृक शहर में उनके साथ "बहुत बुरा व्यवहार" किया गया है। ट्रंप ने ट्वीट किया- मेरा परिवार और मैं फ्लोरिडा के पाम बीच को अपना स्थायी निवास बना रहे हैं। मैं न्यूयॉर्क और न्यूयॉर्क के लोगों से प्यार करता हूं और हमेशा करता रहूंगा।
मगर, दुर्भाग्य यह है कि हर साल शहर, राज्य और स्थानीय करों में लाखों डॉलर का भुगतान करने के बावजूद शहर और राज्य दोनों के राजनीतिक नेताओं ने मेरे साथ बुरी तरह से व्यवहार किया और कुछ लोगों ने तो बहुत बुरा व्यवहार किया है। द न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप न्यूयॉर्कर (मूल रूप से न्यूयॉर्क के रहने वाले) हैं। उनकी पत्नी मेलानिया ने सितंबर में अपने अधिवास (डोमिसाइल) की व्यक्तिगत घोषणा दायर करते हुए मैनहट्टन की जगह पाम बीच को प्राथमिक निवास बताया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि ट्रंप ने अपना प्राथमिक निवास क्यों बदला। मगर, राष्ट्रपति के करीबी एक सूत्र ने बताया कि यह मुख्य रूप से कर बचाने के मकसद से किया जा रहा है। व्हाइट हाउस के अलावा ट्रंप का मुख्य निवास अब उनका मार-ए-लागो रिसॉर्ट होगा। राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने यहां सिर्फ 99 दिन ही बिताए हैं, जबकि पूर्व प्राथमिक निवास ट्रंप टॉवर में महज 20 दिन ही बिताए हैं।
ट्रंप ने कहा कि न्यूयॉर्क की हमेशा मेरे दिल में एक खास जगह होगी। मगर, न्यूयॉर्क ने हमेशा ट्रंप बदले में प्यार नहीं किया है। ट्रंप टॉवर के बाहर प्रदर्शन आम हैं। सबसे हालिया उदाहरण इस महीने की शुरुआत में तब सामने आया था, जब न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के एक संघीय न्यायाधीश ने व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट टैक्स रिटर्न तक पहुंच को रोकने के ट्रंप के आग्रह को खारिज कर दिया था।

अमेरिकी वायुसेना का मानवरहित अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में 780 दिन चक्कर लगाकर लौटा
30 October 2019
वॉशिंगटन. अमेरिकी वायुसेना का मानवरहित अंतरिक्ष यान एक्स-37बी पृथ्वी की कक्षा में 780 दिन चक्कर लगाने के बाद रविवार को लौट आया। अमेरिका करीब 10 साल से एक रहस्यमयी अभियान पर काम कर रहा है। इसके तहत भेजा गया यह सबसे लंबा मिशन था। वायुसेना के अनुसार, यह विमान छोटे से अंतरिक्ष यान की तरह दिखता है। इसे कक्षा में प्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है, जिसे परीक्षणों के लिए धरती पर वापस लाया जा सकता है।
स्पेस में चुनौतियां कम करने का इरादा
1. वायुसेना ने इन प्रयोगों के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है। सिर्फ यह बताया कि इस तरह के कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरिक्ष में चुनौतियों को कम करना और अंतरिक्ष यान तकनीक को दोबारा इस्तेमाल होने लायक बनाना है।
2. वायुसेना ने कहा- एक्स-37बी मिशन ने वायुसेना अनुसंधान प्रयोगशाला (एएफआरएल) के लिए कई प्रयोग किए। एएफआरएल अंतरिक्ष, वायु और साइबरस्पेस सेक्टरों के लिए वॉरफाइटिंग टेक्नोलॉजी विकसित करता है। इसकी वेबसाइट के अनुसार- यह लेजर हथियार विकसित कर रहा है, जिसे विमान पर लगाया जा सकता है।
3. विमान एक्स-37बी को नए नेविगेशन सिस्टम का परीक्षण करने के लिए डिजाइन किया गया है। साथ ही वायुमंडल में विमान के प्रवेश और सुरक्षित लैंडिंग के लिए बनाया गया है। वायुसेना के अनुसार, पिछले मिशनों ने नेविगेशन, थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम, ऑटोनोमस ऑर्बिटल फ्लाइट जैसी तकनीक का परीक्षण किया है।
2020 में छठे एक्स-37बी मिशन की तैयारी शुरू
4. एक्स-37बी स्पेसक्राफ्ट करीब 29 फीट लंबा और 9.5 फीट चौड़ा है। इसके पंख करीब 15 फीट लंबे हैं। इसे स्पेसएक्स फॉल्कन-9 रॉकेट से सितंबर 2017 में लॉन्च किया गया था। वायुसेना ने कहा है कि वह 2020 में छठा एक्स-37बी मिशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है।

किंग सलमान ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया, मोदी के सम्मान में लंच की मेजबानी की
30 October 2019
रियाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रियाद में सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद से मुलाकात की। दोनों के बीच भारत-सऊदी के द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई। सऊदी किंग ने दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। विदेश मंत्रालय में वित्तीय मामलों के सचिव टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच तेल और गैस, मैरीटाइम सिक्योरिटी और तकनीक पर बात की। किंग ने मोदी के सम्मान में बैंक्वेट लंच की भी मेजाबनी की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि यह मुलाकात दोनों देशों की सदियों पुरानी दोस्ती दर्शाती है।
मोदी ने जॉर्डन के किंग से भी मुलाकात की
इससे पहले मोदी ने रियाद में जॉर्डन के किंग शाह अब्दुल II से व्यापार और निवेश के मुद्दे पर चर्चा की। मोदी ने यूएन के मंच से आतंकवाद के खिलाफ बोलने के लिए किंग शाह अब्दुल की तारीफ की। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मोदी इसके बाद सऊदी के 3 मंत्रियों के साथ वार्ता में शामिल हुए। यहां उनकी व्यापार और निवेश के साथ, ऊर्जा, पेट्रोल भंडारण, कौशल विकास और जल मामलों में सहयोग जैसे मामलों पर बात हुई। सऊदी किंग के न्यौते पर मोदी सोमवार रात ही रियाद पहुंचे। मोदी ने यहां फ्यूचर इंवेस्टमेंट इनीशिएटिव फोरम (एफआईआई) के तीसरे सत्र में हिस्सा लिया।
'भारत के लिए सऊदी अरब कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत'
मोदी ने अरब न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, “भारत सऊदी अरब से अपनी जरूरत का 18% कच्चा तेल आयात करता है। इस प्रकार, सऊदी भारत के लिए कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। दोनों देश एक करीबी रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं जिसमें तेल और गैस परियोजनाओं में निवेश शामिल है। हम अपनी ऊर्जा जरूरतों के महत्वपूर्ण और विश्वसनीय स्रोत के रूप में सऊदी अरब की भूमिका को अधिक महत्व देते हैं। हमारा मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए तेल की कीमतों का स्थिर रहना महत्वपूर्ण हैं।”
'भारत पेट्रोलियम भंडार में अरामको की भागीदारी पाने को लेकर उत्सुक'
मोदी ने कहा, “सऊदी अरब की अरामको कंपनी भारत के पश्चिमी तट पर एक बड़ी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परियोजना में भाग ले रही है। हम भारत के पेट्रोलियम भंडार में अरामको की भागीदारी पाने को लेकर उत्सुक हैं। जी-20 देशों में भारत और सऊदी अरब असमानता को कम करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि सऊदी अरब अगले साल जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा और भारत 2022 में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर इसकी मेजबानी करेगा। मेरा मानना है कि एशियाई ताकत जैसे भारत और सऊदी अरब अपने पड़ोसी से एक समान सुरक्षा चिंता से पीड़ित है। इस संदर्भ में, मुझे खुशी है कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग विशेषकर आतंकवाद रोधी, सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों के क्षेत्र में प्रगतिशील है।”
कई दशक पुराने संबंध और भी मजबूत होंगे: भारत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, “भारत-सऊदी अरब मजबूत द्विपक्षीय प्रतिस्पर्धी हैं। इस दौरे से कई दशक पुराने संबंध और भी मजबूत होंगे।” विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री मंगलवार को रियाद में सऊदी के कुछ मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे। स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप काउंसिल के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर होंगे। इस साल दिसंबर में दोनों देशों के नौसेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास भी होने की उम्मीद है।

ट्रम्प का दावा- बगदादी का उत्तराधिकारी सेना के हमले में मारा गया
30 October 2019
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि अमेरिकी सेना ने अबु बकर अल-बगदादी के उत्तराधिकारी को मार गिराया है। ट्रम्प ने यह दावा बगदादी के मारे जाने के ऐलान के लगभग 48 घंटों बाद किया है। ट्रम्प ने रविवार को घोषणा की कि अमेरिकी सेना से घिरने के बाद बगदादी ने खुद को ही उड़ा लिया था। उन्होंने कहा था कि बगदादी कुत्तों और कायरों की तरह मारा गया। बगदादी की मौत के तुरंत बाद ही मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि आईएस ने कर्दाश को अपना सरगना घोषित किया।
ट्रम्प ने ट्वीट में लिखा, “अभी पुष्टि हुई की अबु बकर अल-बगदादी का उत्तराधिकारी अमेरिकी सेना के हमले में मारा गया। माना जा रहा था कि वही आईएस का सरगना बनता, लेकिन अब वह मर चुका है।” ट्रम्प ने ट्वीट में आतंकी का नाम नहीं बताया, हालांकि माना जा रहा है कि यह कर्दाश ही है। कर्दाश इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की सेना में अफसर रह चुका था।
बगदादी ने 2014 में खुद को खलीफा घोषित किया था
कर्दाश को बगदादी का बेहद करीबी माना जाता है और दोनों 2003 में अलकायदा से संबंध होने के आरोप में इराक में बसरा स्थित जेल में एक साथ रहे थे। बगदादी को 2014 में एक मस्जिद में देखा गया था। तब भाषण देते हुए उसने खुद को इराक और सीरिया का खलीफा घोषित किया था।

इराक में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में 24 की मौत, 2000 घायल
26 October 2019
बगदाद : इराक (Iraq) सरकार ने शुक्रवार को कहा कि बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और जन सेवाओं की कमी के विरोध में चल रहे राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई और 2,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इराकी इंडिपेंडेंट हाई कमीशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (आईएचसीएचआर) द्वारा जारी बयान के अनुसार, आंसू गैस के गोलों से दम घुटने या प्रांतीय सरकारों और राजनीतिक दलों के कार्यालयों की सुरक्षा करने वाले सुरक्षाकर्मियों की गोली लगने से 24 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई.
संसद द्वारा मान्यता प्राप्त आयोग ने कहा कि राजधानी बगदाद में आठ, मायसन प्रांत में छह, धी कार प्रांत में छह और बसरा तथा मुथन्ना प्रांतों में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों को मिलाकर घायलों की संख्या बढ़कर 2,047 हो गई है और राजधानी बगदाद में सबसे ज्यादा घायल हुए हैं.
बयान के अनुसार, "सबसे ज्यादा मौतें गोली लगने, आंसू गैस या रबर की गोली लगने से हुईं." शुक्रवार को शुरुआत में टिगरिस नदी के पूर्व की तरफ सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाला और इराकी सरकार का प्रशासनिक केंद्र ग्रीन जोन जाने के लिए अल-जुम्हौरिया पुल पार करने की कोशिश की.
प्रदर्शनकारियों द्वारा बार-बार पुल पार करने की कोशिश करने के बाद सुरक्षा बलों को पुल को तीन मीटर ऊंची कंक्रीट की दीवार से ब्लॉक कर दिया. इसी महीने बगदाद और अन्य मध्य तथा दक्षिणी प्रांतों में इन्हीं कारणों के कारण हुए प्रदर्शनों में सुरक्षाकर्मियों समेत 157 लोगों की मौत हो गई थी.

सऊदी अरब ने दोबारा उमरा करने पर लिए जाने वाले शुल्क को किया खत्म
26 October 2019
नई दिल्ली : सऊदी अरब(Saudi Arab) की राजशाही ने इस आशय की रिपोर्ट को गलत बताया है कि उसने वीजा के लिए शुल्क को बढ़ा दिया है. सऊदी अरब ने कहा है कि उसने वीजा प्रणाली को नया रूप दिया है और हज, उमरा के लिए आने वालों व अन्य लोगों में प्रत्येक के लिए तीन सौ सऊदी रियाल (करीब 5600 रुपये) का शुल्क तय किया है.
सऊदी अरब के दूतावास ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए बताया है कि एक अन्य बड़े फैसले में सऊदी कैबिनेट ने दोबारा उमरा करने पर श्रद्धालुओं से लिए जाने वाले शुल्क को खत्म कर दिया है.
बयान में कहा गया है कि अभी तक नियम यह था कि अगर कोई तीन साल के अंदर दोबारा उमरा करने के लिए मक्का व मदीना की धार्मिक यात्रा करता है तो उसे दो हजार सऊदी रियाल (करीब 37700 रुपये) का अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ता था. अब इस नियम को रद्द कर दिया गया है.
यह स्पष्टीकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) की 28-29 अक्टूबर को सऊदी अरब की होने वाली यात्रा से पहले सऊदी अरब द्वारा जारी किया गया है. मोदी की यात्रा के दौरान भारत व सऊदी अरब के बीच कई बड़े ऊर्जा समझौतों को अंतिम रूप दिया जाने वाला है.

बोलीविया की जनता हुई राष्ट्रपति के खिलाफ, पूरे देश में अफरा तफरी का माहौल
26 October 2019
ला पाज : विवादित परिणामों के बावजूद बोलीविया(Bolivia) के राष्ट्रपति इवो मोरालेस(Evo Morales) को राष्ट्रपति चुनावों में विजेता घोषित किए जाने के बाद पूरे बोलीविया में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. मोरालेस का ये चौथा कार्यकाल होगा, वो बोलीविया के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो इतने लम्बे समय तक लगातार राष्ट्रपति बने रहेंगे. दरअसल बोलीविया के संविदान मुताबिक कोई भी उम्मीदवार सिर्फ 2 ही बार राष्ट्रपति बन सकता है, पर इसके बावजूद भी मोरालेस ने लगातार चौथी बार चुनाव लड़ा. जिसकी वजह से वहां की आधी से ज्यादा जनता खफा है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि मोरालेस ने 47.1 फीसदी वोट हासिल किया और अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी कार्लोस मेसा को हराया. मेसा को 36.51 फीसदी वोट मिले. मेसा ने पदासीन राष्ट्रपति पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. इलेक्टोरल ट्रिब्यूनल के एक प्रवक्ता ने कहा कि बाकी का 0.01 फीसदी वोट बेनी के क्षेत्र में अमान्य कर दिया गया. ये वोट चुनाव के नतीजे को बदलने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे.
मोरालेस, लातिन अमेरिका के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले नेता हैं, जो 2025 तक सत्ता में रहेंगे. इस बीच मोरालेस के विजेता घोषित किए जाने के बाद देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. बुधवार को शुरू हुआ प्रदर्शन जारी है और मेसा ने समर्थकों से अपील की है कि वे अपना प्रदर्शन जारी रखें.

राष्ट्रपति का ऐलान- भारतीयों को हमारे यहां आने के लिए वीजा की जरूरत नहीं
25 October 2019
साओ पाउलो. भारतीय और चीनी नागरिक अब बिना वीजा के ब्राजील जा सकेंगे। राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार दोनों देशों के पर्यटकों और व्यापारियों के लिए वीजा खत्म करेगी। हाल ही में ब्राजील ने अमेरिका, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के लिए वीजा खत्म किया था।
ब्राजील में इसी साल चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने बोल्सोनारो ने अपनी नीतियों से स्पष्ट कर दिया था कि उनकी सरकार विकासशील देशों के लिए वीजा जरूरतों को खत्म करेगी। हालांकि, भारत-चीन के लिए बोल्सोनारो का यह ऐलान उनके बीजिंग दौरे से ठीक पहले आया है।
ब्रिक्स समिट में मोदी से मिलेंगे बोल्सोनारो
इस साल ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) समिट ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में 13-14 नवंबर को आयोजित होगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि मोदी और बोल्सोनारो यहां बैठक के दौरान कई मुद्दों पर समझौते करेंगे। इससे पहले दोनों नेता जून में जी-20 समिट के दौरान मिले थे। यहां दोनों के बीच व्यापार और कूटनीतिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई थी।

नवाज शरीफ की हालत बेहद गंभीर; बेटी को साथ रहने की मंजूरी, विदेश में इलाज पर संशय
25 October 2019
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की हालत बेहद गंभीर है। उनकी सजा के निलंबन के लिए पार्टी पीएमएल-एन ने शुक्रवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की गई। इस पर सुनवाई के दौरान सरकारी अस्पताल के निदेशक ने नवाज का हेल्थ अपडेट दिया। दूसरी तरफ, पूर्व प्रधानमंत्री की बेटी मरियम को अस्पताल में उनके साथ रहने की मंजूरी मिल गई। गुरुवार को सरकार ने इससे इनकार कर दिया था।
हालांकि, अब तक यह साफ नहीं है कि शरीफ को इलाज के लिए विदेश ले जाने की अनुमति मिलेगी या नहीं। हाईकोर्ट ने कहा- हम सभी बातों पर विचार कर रहे हैं। हर तथ्य और पक्ष पर विचार करेंगे। चौधरी शक्कर मिल घोटाले में नवाज को 7 साल की सजा सुनाई गई है।
तत्काल सुनवाई की मांग मंजूर
शुक्रवार को पाकिस्तान में छुट्टी थी, लेकिन नवाज की पार्टी की याचिका पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट की बेंच बैठी। पीएमएल-एन ने दो मांगें रखीं। पहली- गंभीर बीमारी के मद्देनजर पूर्व प्रधानमंत्री की सजा निलंबित की जाए। दूसरी- नवाज को इलाज के लिए विदेश ले जाने की मंजूरी मिले। एक अन्य मांग सरकार और स्थानीय अदालत से थी। इसमें कहा गया था कि बेटी मरियम को अस्पताल में नवाज के साथ रहने दिया जाए। मरियम खुद भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं। सरकार ने गुरुवार को ये मंजूरी नहीं दी थी लेकिन शुक्रवार को इसकी इजाजत दे दी।
डॉक्टर से सवाल-जवाब
सर्विस अस्पताल में नवाज का इलाज चल रहा है। इसके निदेशक डॉक्टर सलीम चीमा खुद हाईकोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कुछ दस्तावेज पेश करते हुए बेंच से कहा कि नवाज की हालत बेहद गंभीर है। चीमा ने कहा, “नवाज को जितने प्लेटलेट्स चढ़ाए गए वो सभी बेकार हो रहे हैं। फिलहाल, इसकी वजह नहीं जानते। 9 डॉक्टरों की टीम उन पर नजर रख रही है। पूर्व प्रधानमंत्री के कई जरूरी टेस्ट इसलिए नहीं किए जा सके हैं क्योंकि उनकी हालत बिगड़ती जा रही है।” हाईकोर्ट ने पूछा- क्या नवाज के जीवन पर खतरा है? इस पर डॉक्टर ने कहा- अगर उन्हें समय पर उचित उपचार नहीं दिया गया तो जान का जोखिम तय है।

कैलिफोर्निया के जंगलों में आग, 50 हजार लोगों को घर छोड़ने का आदेश
25 October 2019
लॉस एंजेलिस. कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी आग 5,000 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैल गई है। दरअसल, लॉस एंजेलिस से लगभग 65 किमी. दूर सैंटा क्लेरिटा में सोमवार को आग लगी थी। न्यूज एजेंसी ने बताया कि अब तक 500 घर जल चुके है। कई क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
शुक्रवार को अधिकारियों ने बताया था कि सैंटा पाऊला की निवासी महिला वर्जिनिया पेसोला (70) की मौत हो गई। आग से होने वाली यह पहली मौत है। सावधानी के तौर पर दमकल विभाग ने 50,000 लोगों को घर खाली करने का आदेश दिया है।
अस्तबल में गई घोड़ों की दम घुटने से मौत
इससे पहले गुरुवार देर रात सैन डियागो के अस्तबल में आग फैलने से कई घोड़ों की दम घुटने से मौत हो गई जबकि कुछ घोड़ों को समय रहते बचा लिया गया था। आग बुझाने के लिए 1000 कर्मचारी, 500 दमकल वाहन, एयर टैंकरों और हेलिकॉप्टरों की मदद ली जा रही है।
रविवार को बढ़ सकती है हवा की रफ्तार
नेशनल वेदर सर्विस के पूर्वानुमान के अनुसार, शुक्रवार देर शाम तक तेज हवाओं के कम होने की संभावना है। हालांकि, रविवार तक इसकी रफ्तार तेज हो सकती है। उत्तरी कैलिफोर्निया के वाइन कंट्री में भी बुधवार को जंगली झाड़ियों में आग भड़की थी। बाद में यह आग 16,000 एकड़ में फैल गई थी, जिसके बाद 2000 लोगों को घर खाली करने के आदेश दिए गए थे।
लाखों उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति प्रभावित
कैलिफोर्निया के उत्तरी हिस्से में बिजली कंपनियों ने लगभग 1,80,000 उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति बंद कर दी है। कंपनियों ने चेतावनी दी है कि दुर्घटनावश और आग के फैलने का खतरा कम करने के लिए बिजली कटौती बढ़ाई जा सकती है।
काउंटी शेरिफ मार्क एस्सिक ने ढ़ांढ़स बंधाया
सोनोमा काउंटी शेरिफ मार्क एस्सिक ने कहा, ‘‘दो साल पहले ही आग ने हमारे समुदाय को तहस-नहस कर दिया था। आग लगने के बाद बहुत सारे लोगों के लिए ये तनावपूर्ण और चिंताजनक समय है।’’ 2017-18 में भी इस क्षेत्र में आग लगी थी, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

हांगकांग ने आखिरकार आधिकारिक रूप से वापस लिया विवादित प्रत्यर्पण विधेयक
23 October 2019
हांगकांग: हांगकांग (Hong Kong) ने बुधवार को विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को आधिकारिक तौर पर वापस ले लिया. इसके कारण यहां 20 सप्ताहों से प्रदर्शन चल रहे थे और राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई थी. हांगकांग फ्री प्रैस की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम विधान परिषद में मुख्य कार्यकारी के संबोधन के दौरान विरोध प्रदर्शन के कारण एक सप्ताह देरी से उठाया जा सका. विधेयक की दूसरी रीडिंग बुधवार को फिर से शुरू की गई. सुरक्षा सचिव जॉन ली ने इसके बाद सदन से विधेयक वापस लेने का आग्रह किया.
दरअसल, कुछ महीने पहले हांगकांग में यह बिल लाया गया जिसमें कहा गया था कि हांगकांग में विरोध प्रदर्शन या फिर जुर्म करने वालों के खिलाफ हांगकांग में नहीं बल्कि चीन में मुकदमा चलाया जाएगा जिसके बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरने लगे और चीन की नाक में दम कर दिया है. प्रदर्शनकारी स्वतंत्रता से कम किसी भी बात पर मानने को तैयार नहीं थे.

इराक में आतंकी हमला, 2 बड़े पुलिस अफसरों समेत 7 की मौत
23 October 2019
बगदाद : इराक (Iraq) के सलादीन प्रांत में आतंकवादी संगठन काफी सक्रिय है. हाल ही इस्लामिक स्टेट पर हुए हमले में पुलिस विभाग का एक जनरल कमांडर और एक ब्रिगेडियर जनरल के अलावा पांच और पुलिसकर्मी मारे गए. सलादीन के ऑपरेशनल कमांड के प्रवक्ता मोहम्मद कमल ने बताया कि स्वचालित हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक दल ने मंगलवार को गश्ती पुलिस के संयुक्त दल और पॉपूलर मोबिलाइजेशन फोर्सेस पर हमला कर दिया.
हमले में चौथी पुलिस डिवीजन के ऑपरेशनल डायरेक्टर जनरल अली अल-लेमी, ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद अलवी और पांच अन्य पुलिसकर्मी मारे गए. सूत्रों के अनुसार, एक अधिकारी समेत चार लोग घायल हो गए, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. कमल के अनुसार, गश्ती दल क्षेत्र में एक सुरक्षा ऑपरेशन शुरू करने के लिए निरीक्षण करने आया था. इस क्षेत्र में आईएस सदस्य मौजूद हैं.
आंतरिक मंत्री यासीन अल-यसीरी ने सरकारी अल-इराकिना टीवी पर अल-लेमी की मौत की पुष्टि की है. बगदाद ने हालांकि दिसंबर 2017 में ही पूरे देश से आईएस (IS) के खात्मे की घोषणा कर दी थी, लेकिन आतंकवादी संगठन देश में अभी भी मौजूद है और इराक में प्रतिदिन होने वाले हमलों की जिम्मेदारी लेता रहता है.

सऊदी अरब का 2100 पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई से इनकार; 6 महीने पहले हुआ था समझौता
23 October 2019
इस्लामाबाद. समझौते के बावजूद सऊदी अरब ने पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई से इनकार कर दिया। सऊदी की जेलों में करीब 2100 पाकिस्तानी कैदी हैं। फरवरी में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सऊदी किंग सलमान के बीच कैदियों की रिहाई पर अहम समझौता हुआ था। 563 की रिहाई भी हुई थी। लेकिन, अब सऊदी सरकार ने समझौते को दरकिनार करते हुए बाकी बंदियों को छोड़ने से इनकार कर दिया है। उसका कहना है कि इन पर ड्रग तस्करी के आरोप हैं। इन पर केस चलेगा और सजा भी सुनाई जाएगी।
कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी
पाकिस्तान के अखबार ‘द ट्रिब्यून’ ने सऊदी सरकार के फैसले की जानकारी दी है। इस न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, करीब तीन हजार पाकिस्तानी सऊदी की विभिन्न जेलों में हैं। फरवरी में जब इमरान रियाद आए तो किंग सलमान के साथ उन्होंने कैदियों की रिहाई पर लिखित समझौता किया। स्वदेश वापसी पर इमरान ने इसे खूब प्रचारित भी किया। लेकिन, अब सऊदी सरकार ने समझौता के पालन से इनकार कर दिया है। सऊदी प्रशासन के मुताबिक, बाकी 2100 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा नहीं किया जाएगा। इन पर ड्रग तस्करी के आरोप हैं। इन पर सऊदी कानून के मुताबिक केस चलाया जाएगा और सजा भी सुनाई जाएगी।
पाकिस्तान की फजीहत
2 राष्ट्र प्रमुखों के बीच समझौते के बाद सऊदी अरब का इससे पलट जाना इमरान सरकार के लिए बहुत बड़ा झटका है। ओवरसीज पाकिस्तानी फाउंडेशन यानी ओपीएफ के अनुसार, यह राष्ट्र के सम्मान से जुड़ा मामला है। सऊदी में ज्यादातर पाकिस्तानी मजदूरी करते हैं। ये शिक्षित भी नहीं हैं। पाकिस्तान में यह मामला जनभावना से जुड़ा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि इमरान मुस्लिम देशों से बेहतर संबंधों और एटमी ताकत होने का दम भरते हैं लेकिन सऊदी और यूएई जैसे मुल्क इसे कतई तवज्जो नहीं देते। सऊदी अरब सरकार के बदले रुख पर पाकिस्तान सरकार ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, कैदियों की रिहाई पर उसके इनकार की जानकारी एक संसदीय समिति को जरूर दी गई है।

अफगानिस्तान: मस्जिद हमले में गई 62 लोगों की जान, UN प्रमुख ने की कड़ी निंदा
19 October 2019
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने अफगानिस्तान में एक मस्जिद के अंदर हुए हमले की कड़ी निंदा की है. हमले में कई लोगों की मौत हो गई थी. उनके प्रवक्ता ने स्टीफन डुजारिक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, "हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, महासचिव ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. बयान के अनुसार, गुटेरस ने अफगानिस्तान के लोगों और सरकार के प्रति संयुक्त राष्ट्र की एकजुटता प्रदर्शित की.
अफगानिस्तान के पूर्व में नांगरहार प्रांत की सरकार ने बताया कि एक मस्जिद में जुमे (शुक्रवार) की नमाज के दौरान हुए हमले में 62 लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे.
विस्फोट की जांच की जा रही है. फिलहाल किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन काबुल से 120 किलोमीटर पूर्व में स्थित प्रांत के कई हिस्सों पर तालिबान और इस्लामिक स्टेट का कब्जा है.
यूएन अलायंस ऑफ सिविलाइजेशन के उच्च प्रतिनिधि मिगुएल मोराटिनोस ने भी हमले की कड़ी निंदा की. उनके प्रवक्ता निहाल साद ने उनके हवाले से एक बयान में कहा कि धार्मिक स्थानों और श्रद्धालुओं पर निशाना बनाने वाले हिंसा और आतंकवाद का हर रूप निंदनीय है, चाहे वह किसी भी धर्म या मत में विश्वास रखता हो.
मोरेटिनोस ने यूएन प्लान ऑफ एक्शन टू सेफगॉर्ड रिलीजियस साइट्स का उल्लेख किया. इसे उनकी टीम ने विकसित किया है और पिछले महीने गुटेरस ने लॉन्च किया था.

मैक्सिको ने अमेरिका जाने की कोशिश करने वाले 311 भारतीयों को वापस भेजा
19 October 2019
नई दिल्ली: अमेरिका के एच1बी वीजा में सख्ती बरतने के बाद मैक्सिको के आव्रजन अधिकारियों ने देश में अवैध रूप से प्रवेश करने और अमेरिका जाने की कोशिश करने वाले 311 से अधिक भारतीयों को वापस भारत भेज दिया है. इसमें कुछ साफ्टवेयर इंजीनियर भी हैं. जानकारी के मुताबिक, अवैध रूप से अमेरिका जाने के लिए इन दिनों लोग मैक्सिको और हंगरी को चुन रहे हैं.
शुक्रवार को मैक्सिको आव्रजन अधिकारियों ने 311 भारतीयों को वापस भारत भेजा, जिनमें 310 पुरुष और महिला शामिल थी. मैक्सिको के रास्ते अमेरिका में घुसने का प्रयास कर रहे यह भारतीय शुक्रवार को एक विशेष विमान से दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचे. भारत ने इंजीनियरों, आईटी पेशेवरों के लिए अमेरिका से एच1बी वीजा में नरमी बरतने की अपील की है, हालांकि अभी तक इसमें कोई ढील नहीं दी गई है. इसकी वजह से अमेरिका में साफ्टवेयर कंपनियों को प्रतिभावान सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की कमी से जूझना पड़ रहा है.
मैक्सिको पहुंचे भारतीयों को मैक्सिकन राज्यों ओक्साका, बाजा कैलिफोर्निया, वेराक्रूज, चियापास, सोनोरा, मैक्सिको सिटी, डुरंगो और तबस्स्को में कई महीनों के दौरान पकड़ा गया था. मैक्सिकन अधिकारियों का आरोप है कि ये भारतीय अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने के लिए पिछले कुछ महीनों में मैक्सिको पहुंचे थे.
अधिकारियों के अनुसार, सभी भारतीयों को आपातकालीन प्रमाण पत्र जारी किया गया. यह प्रमाण पत्र एक तरह से वह यात्रा दस्तावेज है, जो एक आपातकालीन स्थिति में भारतीय नागरिकों को भारत में प्रवेश करने की अनुमति देता है. यह कागजात उन लोगों को जारी किए जाते हैं, जिनके यात्रा दस्तावेज गुम हो गए हों, उन्हें नुकसान पहुंचा हो या फिर उनके पास कोई वैध पासपोर्ट न हो.
यह मैक्सिको द्वारा की गई पहली ऐसी कार्रवाई है. मैक्सिको ने अमेरिका में घुसने के लिए अपने क्षेत्र का उपयोग करने वाले लोगों पर नकेल कसने के प्रयासों को काफी बढ़ाया हुआ है. मैक्सिकोने सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने और प्रवासियों को वापस भेजने की अपनी नीति का विस्तार किया है. दरअसल, जून में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्सिको को उसकी सीमाओं के माध्यम से अमेरिका में प्रवेश करने वाले लोगों पर रोक लगाने की चेतावनी जारी की थी. इसके बाद अब मैक्सिको ने यह कदम उठाया है. सरकार के सूत्रों ने कहा कि भारत किसी भी देश में अवैध प्रवास को सही नहीं मानता है.

उत्तर सीरिया में तुर्की के हमले के बाद 3 लाख लोग विस्थापित
19 October 2019
दमिश्क: तुर्की द्वारा 9 अक्टूबर को उत्तर सीरिया में कुर्द बलों के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किए जाने के बाद से अब तक 300,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं. एक युद्ध निगरानी कार्यालय ने यह जानकारी दी. सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, तुर्की समर्थित स्थानीय सीरियाई विद्रोहियों की मदद से तुर्की ने हमला शुरू किया गया था, जिसमें 72 नागरिकों के साथ-साथ 416 कुर्द लड़ाके और तुर्की समर्थित विद्रोही भी मारे गए.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ब्रिटेन स्थित निगरानी कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि तुर्की की सेना और संबद्ध सीरियाई विद्रोहियों ने लगभग 70 क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया और हसाका के उत्तरपूर्वी प्रांत में रास अल-ऐन शहर को घेर लिया.
तुर्की और स्थानीय विद्रोही समूहों ने 9 अक्टूबर को उत्तरी सीरिया में कुर्द बलों को खत्म करने के लिए हमला शुरू कर दिया, जिन्हें तुर्की अपनी दक्षिणी सीमा पर 'आतंकवादी और अलगाववादी' समूहों के खतरे के रूप में मानता है.
सीरिया सरकार और कुर्द लड़ाकों के बीच रूसी-मध्यस्थता डील के तहत कुर्द नेतृत्व वाले सीरियाई डेमोक्रेटिक बलों (एसडीएफ) के नियंत्रण वाले क्षेत्रों का नियंत्रण लेने के जरिए सीरियाई सेना तुर्की के हमले का मुकाबला करने के लिए आगे बढ़ी.
सीरियाई सेना ने अब तक तुर्की के पास उत्तरपूर्वी अलेप्पो में मानबीज शहर में तैनात की गई है, साथ ही उत्तरपूर्व सीरिया के हसाका प्रांत में ताल ताम्र शहर और रक्का प्रांत के अयन इस्सा में तैनात की गई है.
तुर्की के सैन्य अभियान की सीरियाई सरकार ने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने कड़ी निंदा की है. गुरुवार को सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ने तुर्की के हमले को सीरिया को खिलाफ स्पष्ट आक्रमण बताया. असद ने कहा कि सीरिया पर तुर्की के हमले का सामना हर तरीके से किया जाएगा.

UN में इस साल इमरान का भाषण सबसे लंबा रहा, लेकिन इस नेता का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए
18 October 2019
नई दिल्‍ली: इस साल संयुक्‍त राष्‍ट्र आमसभा (UNGA) की बैठक में सबसे लंबा भाषण पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) का रहा. उन्‍होंने 50 मिनट लंबा भाषण दिया. सबसे छोटा भाषण अफ्रीकी देश रवांडा का रहा. रवांडा के प्रतिनिधि ने केवल 7 मिनट का भाषण दिया. यूएनजीए में कुल 190 देशों के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी. भाषण देने वाले 91.8 प्रतिशत पुरुष और 8.2 प्रतिशत महिलाएं थीं.
गौरतलब है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र में सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड लीबिया के तानाशाह कर्नल गद्दाफी के नाम दर्ज है. उन्‍होंने 2009 में 9 घंटे से भी अधिक समय तक संयुक्‍त भाषण में अपना भाषण दिया. गौरतलब है कि 2011 की अरब क्रांति के दौर में लीबिया के तानाशाह की सत्‍ता का पतन हो गया और उनको मौत के घाट उतार दिया गया.
संरा प्रमुख ने बाल गरीबी खत्म करने का आह्वान किया
इस बीच संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से गरीबी खत्म करने के लिए बच्चों को सशक्त बनाने का आग्रह किया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस के अपने संदेश में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि बच्चे वयस्कों की तुलना में गरीबी की दोगुना मार झेल रहे हैं और गरीबी कई बच्चों को आजीवन नुकसान पहुंचाती है.
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि लड़कियां विशेष रूप से जोखिम में हैं, लेकिन वे भी बदलाव की एक बड़ी वाहक हैं. उन्होंने कहा, "हर अतिरिक्त वर्ष एक लड़की के स्कूल में रहने के साथ उसकी जीवन भर की औसत आय बढ़ जाती है, उसकी शादी जल्दी होने की संभावना कम हो जाती है, और उसके बच्चों के लिए स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य और शिक्षा लाभ होते हैं, जिससे यह गरीबी के चक्र को तोड़ने में महत्वपूर्ण कारक बन जाता है."
गुटेरेस ने कहा कि बाल गरीबी को समाप्त करने की महत्वपूर्ण शुरुआत घर से होती है, जहां से यह उत्पन्न होता है. गुटेरेस ने कहा कि गुणवत्ता वाली सामाजिक सेवाओं तक पहुंच को प्राथमिकता देना चाहिए, लेकिन आज भी लगभग दो-तिहाई बच्चों में सामाजिक सुरक्षा कवरेज का अभाव है. उन्होंने कहा कि लचीली कामकाजी व्यवस्था, माता-पिता की छुट्टी और चाइल्डकेयर सपोर्ट सहित परिवार-उन्मुख नीतियां भी जरूरी हैं. 1993 से प्रत्येक वर्ष 17 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस मनाया जाता है.

भारत और चीन विकासशील देश नहीं, आगे WTO का फायदा नहीं दे सकते : ट्रंप
18 October 2019
वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन अब विकासशील देश नहीं रहे हैं. इसके बावजूद भी दोनों ही देश विश्व व्यापार संगठन (WTO) से विकासशील दर्जे के तहत मिलने वाले फायदे ले रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि उनके प्रशासन ने डब्ल्यूटीओ को पत्र लिखकर गुजारिश की है कि भारत और चीन को इसके तहत फायदा नहीं दिया जाए.
WTO को चिट्ठी लिखी, दर्जे से अलग करने के लिए कहा
ट्रंप ने कहा डब्ल्यूटीओ अभी तक चीन को विकासशील देश मानता है, इस बारे में हमने WTO को चिट्ठी लिखकर कहा कि वह चीन को इस दर्जे से अलग करें. हम भारत को अब विकासशील देश के दर्जे में नहीं रख सकते क्योंकि दोनों ही देश अमेरिका को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, आगे हम यह फायदा नहीं दे सकते.
यूएस और चीन के बीच ट्रेड वार चल रहा
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूएस और चीन के बीच ट्रेड वार चल रहा है. इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयात होने वाले सामान पर शुल्क बढ़ा दिया है. चीन ने भी जवाबी शुल्क लगाते हुए अमेरिका के सामान पर टैक्स बढ़ाया है. इससे दोनों देशों के बीच ट्रेड वार चल रहा है.
इससे पहले, जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति डब्ल्यूटीओ से यह साफ करने के लिए कहा था कि वह किस आधार पर किसी भी देश को विकासशील देश का दर्जा देता है. उस समय भी यह माना जा रहा था कि ट्रंप के यह पूछने का मतलब चीन, तुर्की ओर भारत जैसे देशों को इस दर्जे से अलग करना था.
आपको बता दें विकासशील देशों को डब्ल्यूटीओ से वैश्विक व्यापार नियमों के तहत रियायत मिलती है. ट्रंप ने उस समय अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) को अधिकार देते हुए यह भी कहा था कि यदि कोई विकसित अर्थव्यवस्था डब्ल्यूटीओ की खामियों का लाभ उठाती है तो वह उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू करे.

डोनाल्ड ट्रंप का अकांउट बंद करने की मांग का ट्विटर ने दिया जवाब
18 October 2019
वॉशिंगटन: ट्विटर (Twitter) ने कैलीफोर्निया की सीनेटर और डेमोक्रेट पार्टी में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस से कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का अकांउट बंद नहीं किया जाएगा. कमला हैरिस को भेजे गए एक पत्र में ट्विटर (Twitter) ने उनके अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया है. हैरिस की यह मांग इस वजह से थी क्योंकि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति संग उनकी संदेहात्मक बातचीत को उजागर करने के चलते मुखबिरों, सांसदों और सियासी विरोधियों पर हमला बोलने के लिए इसी सोशल मीडिया साइट यानी ट्विटर (Twitter) का इस्तेमाल किया था.
कमला हैरिस के अभियान ने बुधवार को सीएनएन को बताया, 'ट्विटर (Twitter) उनके मंच पर ट्रंप द्वारा लोगों को धमकाने और हिंसक व्यवहार करने के लिए उकसाने का उन्हें जिम्मेदार नहीं मान रहा है.' ट्विटर (Twitter) ने हैरिस को एक पत्र में लिखा, 'हम हां या ना में निर्णय लेने में सक्षम नहीं है, क्योंकि यह इतना आसान नहीं है. हमने उन ट्वीट्स की समीक्षा की जिसका जिक्र आपने पत्र में किया था, वे अपमानजनक व्यवहार, लक्षित उत्पीड़न या हिंसा से संबंधित हमारी नीतियों के खिलाफ नहीं है.'
ट्रम्प अक्सर ही अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला बोलने के ट्विटर (Twitter) का इस्तेमाल करते रहते हैं. ऐसे में विवादास्पद ट्वीट्स पोस्ट करने के चलते ट्विटर (Twitter) पर ट्रम्प के खिलाफ कदम उठाने का दवाब है, लेकिन इस सोशल नेटवर्किं ग साइट ने अब तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है.
ट्विटर (Twitter) ने इससे पहले कहा था कि विश्व के नेता उनकी अपनी नीतियों से ऊपर नहीं है, ऐसे में ट्विटर (Twitter) ने मंगलवार को इन नेताओं के ट्वीट्स को रोकने की बात कही थी जो नियमों का उल्लंघन करते हैं, हालांकि इसने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह ट्रम्प जैसे नेता जो ऐसा करते हैं, उन्हें ब्लॉक करेंगे भी या नहीं. कंपनी ने कहा, 'आप ऐसे ट्वीट पर लाइक, रिप्लाई, शेयर या रीट्वीट नहीं कर पाएंगे. फिर भी आप अपने विचारों को कमेंट के साथ रीट्वीट कर व्यक्त कर पाएंगे.'

डेमोक्रेट नेताओं का आरोप- सीरिया पर चर्चा के दौरान ट्रम्प ने स्पीकर पेलोसी को तीसरे दर्जे का नेता बताया
17 October 2019
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को सीरिया से सेना वापस बुलाने के फैसले पर अपनी ही पार्टी के सदस्यों भी विरोध झेलना पड़ रहा है। संसद में ट्रम्प के फैसले पर बुधवार को निंदा प्रस्ताव पेश किया गया। इसे 354 सांसदों का समर्थन मिला, जबकि सिर्फ 60 सांसदों ने ही इसका विरोध किया। इसके बाद हाउज ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी डेमोक्रेट नेताओं के साथ ट्रम्प से मिलने व्हाइट हाउस पहुंची। हालांकि, चर्चा के बीच में ही वे बाहर आ गईं। नेताओं के मुताबिक, ट्रम्प ने पेलोसी की बेइज्जती की और उन्हें तीसरे दर्जे का नेता बताया।
माना जा रहा है कि रिपब्लिकन नेता जल्दी ही नाटो सेना के साझेदार तुर्की पर और कड़े प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश करेंगे। इससे पहले ट्रम्प ने सीरिया पर अपनी नीति समझाने के लिए चर्चा के लिए विपक्षी सांसदों को बुलाया। लेकिन बीच मीटिंग में ही दोनों पार्टियों के बीच गहमागहमी की स्थिति पैदा हो गई।
सीरिया विवाद पर क्यों हो रहा ट्रम्प का विरोध?
तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयप अर्दोआन ने पिछले हफ्ते आदेश दिया था कि उनकी सेना सीरिया में कुर्दिश लड़ाकों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू करेगा। सीरिया में 35 लाख कुर्द हैं। कुर्दों का अपना अलग देश नहीं है। इसलिए वे आजादी के लिए मुहिम चला रहे हैं। इसी के चलते कुर्दों के तुर्की, इराक, सीरिया और ईरान की सरकारों से अच्छे संबंध नहीं हैं। कुर्द लड़ाके आतंकी संगठन आईएस को हराने में अमेरिका के प्रमुख सहयोगी रहे हैं। इस लड़ाई में 11 हजार कुर्द लड़ाके मारे गए थे। डेमोक्रेट नेता गंभीर समय में कुर्दों का साथ छोड़ने के लिए ट्रम्प का विरोध कर रहे हैं।
ट्रम्प ने हाल ही में व्हाइट हाउस में रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान कहा था कि तुर्की का सीरिया में कुर्दों के खिलाफ कोई भी ऑपरेशन उनकी समस्या नहीं है। ट्रम्प ने कहा था कि कुर्द भी कोई भगवान के दूत नहीं हैं। उनके इस बयान पर भी संसद में हंगामा हुआ। डेमोक्रेट नेताओं का कहना है कि ट्रम्प ने अपने मददगारों को ही धोखा दिया है।
कुर्दों की गिरफ्त में 12 हजार आईएस आतंकी
अमेरिकी न्यूज एजेंसी ‘द हिल’ को दिए इंटरव्यू में सीनेट (अमेरिकी उच्च सदन) के नेता चार्ल्स शुमर ने कहा कि वे जल्द ही ट्रम्प से अपील करेंगे कि वे सीरिया से सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला पलट दें। ताकि कुर्दों को बचाया जा सके और आईएस के सैनिकों को भागने से रोका जाए। दरअसल, कुर्दों की गिरफ्त में करीब 12 हजार इस्लामिक स्टेट आतंकवादी है। शुमर ने कहा कि हम यह भी तय करने की कोशिश करेंगे कि तुर्की अमेरिका के साथ किए गए समझौतों का सम्मान करे।

भगोड़े जाकिर नाइक ने कहा- एनआईए के आरोप झूठे; उसके आईजी मुझसे मलेशिया आकर बात करें
17 October 2019
कुआलालम्पुर. भगोड़े इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) पर झूठे आरोप लगाने का दावा किया। एक बयान में उसने कहा- एनआईए ने मेरे हजारों वीडियो खंगाले लेकिन उसे मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। कुछ दिन पहले एनआईए के आईजी आलोक कुमार मित्तल ने कहा था कि भारत में इस्लामिक स्टेट के ज्यादातर समर्थक जाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित हैं। मित्तल के इस आरोप को गलत बताते हुए नाइक ने उन्हें मलेशिया आकर बातचीत करने को कहा। बता दें कि नाइक तीन साल से मलेशिया में है। वहां की सरकार उसे भारत को सौंपने में आनाकानी कर रही है।
भारत के पास सबूत नहीं
नाइक के मुताबिक, भारत की जांच एजेंसियों के पास उसके खिलाफ सबूत नहीं हैं। उसने कहा, “एनआईए, सीबीआई और पुलिस तीन साल से मेरे वीडियोज, भाषण और इनके प्रिंट्स खंगाल रही हैं। लेकिन, उनके पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है जिससे वो ये साबित कर सकें कि मैं हिंसा को बढ़ावा देता हूं। अब वो कहती हैं कि आतंकी गतिविधियों में जो 127 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, वो मुझसे प्रभावित हैं। यह झूठ है। मैं एनआईए के आईजी आलोक मित्तल को मलेशिया आने का न्योता देता हूं। यहां उनके सामने अपना पक्ष रखना चाहूंगा। उनकी गलतफहमी दूर करना जरूरी है।”
अजीब तर्क
नाइक ने आगे कहा, “करीब 2 करोड़ लोग मुझे फॉलो करते हैं। अगर मैं भड़काऊ भाषण ही देता, तो मेरे लाखों समर्थक आतंकी बन जाते। सोशल मीडिया पर अगर कोई मुझे फॉलो कर रहा है, तो उसमें मेरा क्या कसूर है। एनआईए जानबूझकर झूठ फैला रही है।”
लेकिन, मलेशिया में ही विरोध बढ़ा
मलेशिया की न्यायिक व्यवस्था की नामचीन हस्ती अम्बिगा श्रीनिवासन ने नाइक पर गंभीर आरोप लगाया है। अम्बिका ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जाकिर मलेशिया में आईएस की विचारधारा का प्रसार कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से नाइक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। श्रीनिवासन ने कहा- नाइक की वजह से मलेशिया की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। जाकिर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोपी है। 2016 में वह भारत से भागकर मलेशिया चला गया था। जाकिर के प्रत्यर्पण के लिए भारत लगातार मलेशिया के संपर्क में है और उसे वापस लाने के लिए कई बार मलेशिया से मांग कर चुका है।

मदीना प्रांत में बस-ट्रक की टक्कर में 35 की मौत, मरने वालों में एशियाई नागरिक शामिल
17 October 2019
रियाद. सऊदी अरब के मदीना प्रांत में बुधवार शाम एक सड़क हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई। हादसा अल-अखल इलाके में शाम करीब 7 बजे हुआ। पुलिस के मुताबिक, प्रवासियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर ट्रक से जा टकराई और उसमें तुरंत आग लग गई। बस में करीब 39 लोग सवार थे। मरने वालों में ज्यादातर एशियाई और अरब मूल के नागरिक हैं। घायलों को अल-हमना अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर दुख जताया
घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी दुख जताया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “सऊदी अरब के मक्का के पास बस हादसे की घटना से दुख पहुंचा। ट्विटर पर मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।”


अमेरिकी संसद ने पास किया हांगकांग डेमोक्रेसी एक्ट, चीन की चेतावनी, 'दखल न दे यूएस'
16 October 2019
वाशिंगटन: अमेरिकी संसद द्वारा मंगलवार को हांगकांग में नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक बिल पास किया गया है. इस अर्ध स्वायत्त क्षेत्र में नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा इसकी मांगी की गई थी. हांगकांग मानव अधिकार और लोकतंत्र अधिनियम को मंगलवार को अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में पेश किया गया और यह पास भी हो गया अब इसे कानून बनने से पहले अमेरिकी संसद के निचले सदन सीनेट में पेश किया जाएगा.
चीन ने इस एक्ट को पास करने को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की हैं. चीन ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति को उन लोगों की पहचान करने और उनकी स्वीकृति देने की आवश्यकता है, जो हांगकांग में स्वायत्तता और मानव अधिकारों के गंभीर हनन के लिए जिम्मेदार हैं.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गैंग शुआंग ने अपने बयान में कहा है, 'हांगकांग में जो कुछ भी हो रहा है वह कहीं से भी तथाकथित मानवाधिकार और लोकतंत्र का मुद्दा नहीं है, मुद्दा है वहां हो रही हिंसा पर विराम लगे और और कानून का राज कायम हो.'
गैंग ने कहा, 'अमेरिका को इस मामले में हस्तक्षेप बंद करना चाहिए.' उन्होंने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि हम इस प्रस्तावित बिल का मुकाबला करने के लिए मजबूत उपाय करेंगे. अधिनियम अब कानून बनने से पहले सीनेट में एक समान वोट के लिए आगे बढ़ेगा.

'हैजीबिस तूफान' का जापान में कहर, 50 नदियों ने तोड़ा बांध, मरने वालों की संख्या 66 हुई
16 October 2019
टोक्यो: जापान में भारी तबाही मचाने वाले विनाशकारी तूफान हगिबिस में मरने वालों की संख्या बढ़कर 66 हो गई है. वहीं, लापता लोगों का पता लगाने के लिए तलाशी और बचाव अभियान मंगलवार को भी जारी है. सार्वजनिक प्रसारणकर्ता एनएचके के मुताबिक, तलाशी और बचाव कार्यो में मदद के लिए जापान के सेल्फ डिफेंस फोर्सेज को नागानो प्रांत में तैनात किया गया है.यह तूफान प्रचंड हवाएं और भारी वर्षा ले आया, जिससे लगभग 200 नदियों का जलस्तर बढ़ गया और उनमें से 50 बांध तोड़कर बहने लगी, जिसके कारण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बाढ़ की स्थिति बन गई.
एनएचके के अनुसार, 10,000 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है. फुकुशिमा प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, 66 में से 25 मृतक इस प्रांत के हैं. अधिकारियों ने कहा कि फुकुशिमा में कई इलाकों में दो दिनों की अवधि में 40 प्रतिशत तक वार्षिक वर्षा हुई. भारी बारिश की वजह से देशभर में लगभग 140 भूस्खलन भी हुए. गुनमा प्रांत में चार लोग मारे गए, इनके घर बाढ़ में बह गए. करीब 35,000 घरों से बिजली नदारद है.
इस बीच, प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार हगिबिस को 'गंभीर प्राकृतिक आपदा' की श्रेणी में डालने की योजना बना रही है, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्यों के लिए राज्य सब्सिडी बढ़ा सके.
आबे ने कहा कि सरकार 315 नगरपालिकाओं को भी 'गंभीर आपदा' प्रावधानों के तहत डालने की संभावनाओं पर विचार कर रही है, ताकि अधिकारियों को वित्तीय चिंता के बिना तत्काल मरम्मत कार्य करने में मदद मिल सके.

पाकिस्तान: मोटरसाइकिल में रखा था देसी बम, विस्फोट में पुलिसकर्मी की मौत, 10 घायल
16 October 2019
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में मंगलवार को अज्ञात आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए. क्वेटा पुलिस के उपमहानिरीक्षक अब्दुल रजाक चीमा ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ से कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार आतंकवादियों ने उस समय विस्फोट किया, जब पुलिस वाहन शहर में नियमित गश्त के लिए वहां से गुजर रहा था.
उन्होंने कहा, "देसी बम सड़क किनारे खड़ी एक मोटरसाइकिल में लगाकर रखा गया था.
घायलों में राहगीर और वे पुलिकर्मी शामिल हैं, जो वाहन पर सवार थे." घायलों को क्वेटा के सिविल हास्पिटल पहुंचाया गया, जहां के चिकित्सा अधीक्षक वसीम बेग ने कहा कि सभी घायलों की हालत स्थिर है.

मार्गरेट एटवुड और बर्नांडीन एवारिस्‍टो को संयुक्‍त रूप से मिला बुकर पुरस्‍कार
15 October 2019
नई दिल्‍ली: साहित्‍य के जगत में प्रतिष्ठित बुकर पुरस्‍कार (Booker Award) की घोषणा हो गई है. 2019 के लिए ये अंतरराष्‍ट्रीय पुरस्‍कार प्रसिद्ध लेखिका मार्गरेट एटवुड और बर्नांडीन एवारिस्‍टो को सामूहिक रूप से मिला है. मार्गरेट एटवुड के उपन्‍यास 'द टेस्‍टामेंट्स' (The Testaments) और बर्नांडीन की पुस्‍तक 'गर्ल, वुमन, अदर' (Girl, Woman, Other) को ये पुरस्‍कार सामूहिक रूप से मिला है. ज्‍यूरी ने अपनी परंपरा को तोड़ते हुए इस बार ये पुरस्‍कार सामूहिक रूप से दिया है. इसके साथ ही इस बार सबसे वृद्ध और पहली अश्‍वेत महिला को पुरस्‍कार देने का रिकॉर्ड भी बना है.
मार्गरेट एटवुड (79) को इससे पहले वर्ष 2000 में 'द ब्‍लाइंड असैसिन' (The Blind Assassin) के लिए बुकर पुरस्‍कार मिल चुका है. उनकी नई किताब 'द टेस्‍टामेंट्स' पिछले महीने रिलीज हुई है. इसको इस कनाडाई लेखिका की 1985 में प्रकाशित उपन्‍यास 'द हैंडमेड्स टेल' का सीक्‍वल कहा जा रहा है. एवारिस्‍टो यह पुरस्‍कार जीतने वाली पहली अश्‍वेत महिला हैं. उन्‍होंने अपने नॉवेल 'गर्ल, वुमन और अदर' में 19 से लेकर 93 साल तक की ब्रिटेन में रहने वाली प्रमुखतया 12 अश्‍वेत महिला किरदारों की कहानियों को बुना है.
हालांकि पहले सामूहिक रूप से बुकर देने का चलन रहा है और इससे पहले पहले दो बार सामूहिक विजेताओं को चुना गया था लेकिन 1993 में ये नियम बनाया गया कि केवल एक लेखक को ही विजेता के रूप में घोषित किया जाएगा. इस नियम को तोड़ते हुए ज्‍यूरी ने कहा कि जिन छह किताबों में इन दोनों उपन्‍यासों को चुना गया, उनमें से किसी एक को विजेता घोषित करना संभव नहीं था. इसलिए दोनों ही लेखिकाओं को ये पुरस्‍कार दिया जाता है.
इसके तहत बुकर पुरस्‍कार की 50 हजार पौंड (करीब 63 हजार डॉलर) की धनराशि विजेताओं में बराबर बांटी जाएगी. पुरस्‍कार को स्‍वीकार करते हुए मार्गरेट एटवुड ने अपने भाषण में कहा कि हम दोनों को ही ये पुरस्‍कार जीतने की उम्‍मीद नहीं थी.

तुर्की के हमले रोकने को कुर्दो ने सीरिया से किया समझौता
15 October 2019
दमिश्क: कुर्द अधिकारियों ने सीरियाई सरकार के साथ एक समझौता होने की घोषणा की है, जिसके तहत सीरियाई अरब सेना को तुर्की द्वारा शुरू किए गए हमले को रोकने के लिए देश की पूर्वोत्तर सीमा पर तैनात किया जाएगा. तुर्की के हमले में कई नागरिक हताहत हुए हैं और सैकड़ों इस्लामिक स्टेट (कर) के आतंकवादी भाग निकले. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, उत्तर और पूर्वी सीरिया के स्वयंभू स्वायत्त प्रशासन (अक्सर रोजावा के रूप में संदर्भित) ने रविवार को फेसबुक के माध्यम से जारी एक बयान में कहा कि सैनिक तुर्की के हमले को रोकने के लिए 'कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) का समर्थन करेंगे.' और उन क्षेत्रों को आजाद कराएंगे जो पहले से ही अंकारा की सेनाओं द्वारा जीते जा चुके हैं, जैसे सीमावर्ती शहर रास अल-ऐन और तल आब्यद.
इससे पहले रविवार को, सीरियाई सरकारी मीडिया ने तुर्की के हमले के खिलाफ देश के उत्तर में सैनिक गतिविधि की घोषणा की थी और एक सैन्य सूत्र ने एफे से इस बात की पुष्टि की कि सेना तुर्की सीमा के पास स्थित मानबिज और एयन इस्सा के शहरों को निशाना बना रही थी. कुर्द अधिकारियों ने कहा कि तुर्की के हमलों के बीच आईएस से जुड़े कम से कम 785 विदेशी रविवार को एयन इस्सा के एक बंदी शिविर से भाग निकले हैं. रोजावा के एक बयान के अनुसार, तुर्की के भाड़े के सैनिकों के एक समूह ने बंदी शिविर पर हमला किया.
रविवार को, तुर्की के ऑपरेशनों ने सीमावर्ती शहर तल अब्यद पर फोकस किया. आधिकारिक तुर्की समाचार एजेंसी अनादोलु के अनुसार, सेना ने तुर्की नगरपालिका अक्काले की सीमा के दूसरी तरफ शहर के मध्य हिस्से को अपने कब्जे में लेने की घोषणा की. दूसरी ओर, तुर्की की तरफ से लड़ रहे सीरियाई सशस्त्र समूहों ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम के माध्यम से दावा किया कि उन्होंने एक दिन पहले रास-अल-एयन पर विजय प्राप्त करने के बाद तल आब्यद को अपने अधिकार में ले लिया.
तुर्की अपने सीमावर्ती 30 किलोमीटर चौड़े और 480 किसोमीटर लंबे इलाके में कुर्दो से सुरक्षा के लिए एक 'सेफ जोन' (सुरक्षित क्षेत्र) तैयार करना चाहता है. कुर्दिश लड़ाकों को वह आतंकवादी मानता है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने जोर देकर कहा है कि वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आलोचनाओं के बावजूद तब तक हमले नहीं रोकेंगे, जब तक कि वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो जाते.
एसओएचआर के अनुसार, तुर्की ने पहले से ही 220 किलोमीटर के इलाके को अपने नियंत्रण में ले रखा है जो तल अब्यद के पश्चिम से लेकर रास अल-एयन के पश्चिम तक है, साथ ही एम4 रोड भी है जो अल-हसाकाह प्रांत को अलेप्पो से जोड़ती है. कुर्दिश रेड क्रीसेंट (केसीआर) जो केवल कुर्दों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में संचालित होता है, के सह-निदेशक शेरवन बेरी ने समाचार एजेंसी एफे को बताया कि एक काफिले पर तुर्की के हमले में 11 लोग मारे गए और 74 घायल हुए. कुर्द समाचार एजेंसी हवार ने बताया कि इसके संवाददाता साद अहमद हमले में मारे गए और अन्य सात पत्रकार घायल हो गए.

अमेरिका तुर्की के साथ 7 लाख करोड़ रु. का व्यापार समझौता खत्म करेगा, ट्रम्प बोले- उनकी इकोनॉमी तबाह कर देंगे
15 October 2019
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को ट्रेजरी और विदेश विभाग से कहा है कि सीरिया में अशांति फैलाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों, संस्थाओं या तुर्की सरकार के सहयोगियों पर प्रतिबंध लगाया जाए। राष्ट्रपति ने इससे जुड़े एक आदेश पर दस्तखत भी किए। उन्होंने कहा कि अमेरिका तुर्की के साथ 100 बिलियन डॉलर (करीब 7 लाख करोड़ रु.) के व्यापार सौदे की बातचीत को तुरंत रोक देगा। साथ ही स्टील टैरिफ को 50% तक बढ़ाया जाएगा। अमेरिका तुर्की के अर्थव्यवस्था को तेजी से नष्ट कर देगा।
ट्रम्प ने कहा कि हमारे प्रशासन ने कार्यकाल के पहले दिन से ही अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई प्रयास किए हैं। तुर्की को पूर्वोत्तर सीरिया में नागरिकों, विशेष रूप से कमजोर जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।
तुर्की के हमले से मानवीय संकट बढ़ेगा
विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने एक बयान में कहा कि तुर्की के तीन अधिकारियों को प्रतिबंधित किए जाने के लिए नामित किया गया है। इसमें ऊर्जा और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं। अमेरिका ने यह कदम पूर्वोत्तर सीरिया में तुर्की की सैन्य कार्रवाई के जवाब में उठाया है। यदि तुर्की ऐसे ही हमला करता रहा तो संभावित रूप से इसके विनाशकारी परिणाम होंगे, जो मानवीय संकट को बढ़ा देगा। तुर्की की सैन्य कार्रवाइयों के कारण आईएस को खत्म किए जाने वाले अभियान, नागरिकों और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा खतरे में है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने सीरिया में तुर्की के अभियान को आवेग में उठाया गया कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी समूहों को हराने के प्रयासों को धक्का लगा है। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा उत्तरी सीरिया से अमेरिकी सेना की वापसी जारी है। अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विरोध और बार-बार चेतावनी के बावजूद, तुर्की के राष्ट्रपति रीसेप तैयप अर्दोआन ने उत्तरी सीरिया पर एकतरफा हमले का आदेश दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तुर्की के इस कदम से क्षेत्र में यह अमेरिकी सैनिकों काे बड़े संघर्ष की ओर बढ़ने का खतरा है।
हमले के कारण 1,30,000 लोगों को घर छोड़ना पड़ा
तुर्की ने कुर्दों के खिलाफ सीरिया में 9 अक्टूबर से हमले शुरू किए थे। तब से अब तक 104 कुर्द सैनिक और 60 आम नागरिक एयर स्ट्राइक में मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सीरिया में इस हिंसा की वजह से 1,30,000 लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा है।
कुर्दों की गिरफ्त में 12 हजार आईएस आतंकी
अमेरिकी न्यूज एजेंसी ‘द हिल’ को दिए इंटरव्यू में सीनेट (अमेरिकी उच्च सदन) के नेता चार्ल्स शुमर ने कहा था कि वे जल्द ही ट्रम्प से अपील करेंगे कि वे सीरिया से सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला पलट दें। ताकि कुर्दों को बचाया जा सके और आईएस के सैनिकों को भागने से रोका जाए। दरअसल, कुर्दों की गिरफ्त में करीब 12 हजार आईएस आतंकी हैं। शुमर ने कहा कि हम यह भी तय करने की कोशिश करेंगे कि तुर्की अमेरिका के साथ किए गए समझौतों का सम्मान करे।
सीरिया में 35 लाख कुर्द रहते हैं
* कुर्द इराक, सीरिया, तुर्की, ईरान और अर्मेनिया के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। इनकी आबादी करीब 3.5 करोड़ है।
* सीरिया में 35 लाख कुर्द हैं। कुर्दों का अपना अलग देश नहीं है। पर वे आजादी के लिए मुहिम चला रहे हैं।
* आजादी की मुहिम के कारण कुर्दों का तुर्की, इराक, सीरिया और ईरान की सरकारों से अच्छे संबंध नहीं हैं।
* कुर्द लड़ाकू अपने कब्जे वाली सात जेलों में बंद 12 हजार आईएस आतंकियों, उनके परिजन की निगरानी करते हैं।

नेपाल दौरे पर जिनपिंग ने कहा- चीन को विभाजित करने वालों का कचूमर निकाल दिया जाएगा
14 October 2019
काठमांडू. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नेपाल दौरे के दौरान सख्त लहजे में कहा कि चीन को विभाजित करने के किसी भी प्रयास को कुचल दिया जाएगा। अगर कोई इसकी कोशिश करेगा तो उसका कचूमर निकाल दिया जाएगा। देश में आजादी की वकालत करने वालों की हडि्डयां तोड़ दी जाएंगी। देश को बांटने का प्रयास करने वाले या उनके समर्थकों को नहीं छोड़ा जाएगा।
जिनपिंग का यह बयान हॉन्गकॉन्ग में प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ चार महीने से जारी प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, उन्होंने संबोधन में किसी भी क्षेत्र का नाम नहीं लिया। वहीं, नेपाल में राष्ट्रपति जिनपिंग के दौरे का तिबब्त के लोग वहां विरोध कर रहे थे। हालांकि, नेपाल सरकार ने इन लोगों पर कड़ी कार्रवाई की।
हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शनकारियों ने पटरियां तोड़ीं
हॉन्गकॉन्ग के लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने सप्ताह के अंत में फिर से प्रदर्शन किया। रविवार को शहर के कई मोहल्लों में रैलियां हुईं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगा दिया, ट्रेन की पटरियां तोड़ दीं। साथ ही चीनी समर्थक होने के संदेह में व्यवसायों पर भी हमला किया। चीन ने अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए बाहरी ताकतों पर आरोप लगाया है।
जिनपिंग ने भारत-चीन के विकास के लिए 6 सूत्रीय फॉर्मूला दिया
तमिलनाडु के महाबलीपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक बैठक के दौरान जिनपिंग ने दोनों देशों के संबंधों के निरंतर विकास के लिए छह सूत्रीय प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि भारत-चीन के संबंधों को विवादों के बावजूद कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। अगले कुछ साल दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हैं। चीन और भारत को अच्छे पड़ोसी बनकर रहना चाहिए। ड्रैगन और हाथी का एक साथ होना ही सही है।

अमेरिका ने कहा- पाकिस्तान हाफिज सईद पर कार्रवाई करे, आतंकवाद के पीड़ित भी यही चाहते हैं
14 October 2019
वॉशिंगटन. अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकियों को गिरफ्तार करने के बाद उन पर मुकदमा चलाए और कार्रवाई करे। अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की मंत्री एलिस जी वेल्स ने रविवार को कहा, “हम लश्कर-ए-तैयबा के आंतकियों को गिरफ्तार करने का स्वागत करते हैं। जो आतंकवाद का शिकार हुए हैं, उन्हें हाफिज सईद और इन आतंकियों पर होने वाली कार्रवाई को देखने का हक है।” पाकिस्तान ने 10 अक्टूबर को हाफिज और उसके कुछ करीबियों को गिरफ्तार किया था।
हाफिज को कई बार गिरफ्तार कर छोड़ चुका है पाकिस्तान
1. पाकिस्तान का पहले आतंकियों को पकड़ने और फिर छोड़ने का पुराना इतिहास रहा है। इस लिहाज से एलिस वेल्स का यह बयान अहम माना जा रहा है। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय दबाव में हाफिज को करीब 8 बार गिरफ्तार कर चुका है। हालांकि, हर बार उसे अलग-अलग बहानों से छोड़ दिया। 2008 में मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान ने हाफिज को गिरफ्तार करने का दावा किया था, लेकिन बाद में सबूतों के अभाव में उस पर आगे कार्रवाई नहीं की।
पाकिस्तान पर एफएटीएफ से ब्लैकलिस्ट होने का खतरा
2.अमेरिका की तरफ से यह बयान ऐसे समय आया है, जब टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने पर फैसला सुनाने वाली है। रविवार को एफएटीएफ की बैठक पेरिस में शुरू हुई। ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए उसे समिति के सामने साबित करना होगा कि उसने टेरर फंडिंग में लिप्त लोगों पर कार्रवाई की है। एफएटीएफ की बैठक 18 अक्टूबर तक चलेगी।
2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया पाकिस्तान का नाम
3.एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। साथ ही ब्लैक लिस्ट से खुद को बचाने के लिए 27 सूत्रीय एक्शन प्लान सौंपा था। अगर संस्था को लगता है कि पाकिस्तान ने एक्शन प्लान को सही तरीके से लागू नहीं किया है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा।
अगस्त में पाकिस्तान को फॉलोअप सूची में डाला गया था
4.इससे पहले अगस्त में ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में हुई बैठक में एफएटीएफ से जुड़े एशिया पैसिफिक जॉइंट ग्रुप (एपीजेजी) ने मानकों को पूरा नहीं करने पर पाकिस्तान को इनहेन्स्ड एक्सपीडिएट फॉलोअप लिस्ट में डाल दिया था। ग्रुप के मुताबिक, पाकिस्तान आतंकियों की वित्तीय मदद और मनी लॉन्ड्रिंग के 40 में से 32 मानकों का पालन नहीं कर रहा है।

तुर्की के हमलों में 26 नागरिको की मौत; कुर्दों को बचाने के लिए अमेरिका फिर सेना भेज सकता है
14 October 2019
दमिश्क. तुर्की ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद सीरिया में कुर्दिश ठिकानों पर हमले जारी रखे हैं। मानवाधिकार संगठन सीरियन ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक, रविवार को तुर्की के हमलों में करीब 26 नागरिकों की मौत हो गई। इसी बीच, अमेरिका की विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी ने अपील की है कि ट्रम्प सीरिया में सेना वापस न बुलाएं। इसे लेकर लेकर संसद में एक प्रस्ताव भी रखा जाएगा। ट्रम्प पहले ही कह चुके हैं कि वे कुर्दों पर तुर्की के हमले रोकने के लिए उस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाएंगे।
तुर्की ने कुर्दों के खिलाफ सीरिया में बुधवार को हमले शुरू किए थे। तब से अब तक 104 कुर्द सैनिक और 60 आम नागरिक एयर स्ट्राइक में मारे जा चुके हैं। रविवार को तुर्की ने आम नागरिकों के वाहन काफिले पर हमला कर दिया। इसमें फ्रांस की एक टीवी पत्रकार स्टेफनी पेरेज बाल-बाल बच गईं। उन्होंने बताया कि चैनल के कुछ अन्य सदस्य हमले में मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सीरिया में इस हिंसा की वजह से 1,30,000 लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा है।
कुर्दों की गिरफ्त में 12 हजार आईएस आतंकी
अमेरिकी न्यूज एजेंसी ‘द हिल’ को दिए इंटरव्यू में सीनेट (अमेरिकी उच्च सदन) के नेता चार्ल्स शुमर ने कहा कि वे जल्द ही ट्रम्प से अपील करेंगे कि वे सीरिया से सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला पलट दें। ताकि कुर्दों को बचाया जा सके और आईएस के सैनिकों को भागने से रोका जाए। दरअसल, कुर्दों की गिरफ्त में करीब 12 हजार इस्लामिक स्टेट आतंकवादी है। शुमर ने कहा कि हम यह भी तय करने की कोशिश करेंगे कि तुर्की अमेरिका के साथ किए गए समझौतों का सम्मान करे।
सीरिया में 35 लाख कुर्द रहते हैं
* कुर्द इराक, सीरिया, तुर्की, ईरान और अर्मेनिया के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। इनकी आबादी करीब 3.5 करोड़ है।
* सीरिया में 35 लाख कुर्द हैं। कुर्दों का अपना अलग देश नहीं है। पर वे आजादी के लिए मुहिम चला रहे हैं।
* आजादी की मुहिम के कारण कुर्दों का तुर्की, इराक, सीरिया और ईरान की सरकारों से अच्छे संबंध नहीं हैं।
* कुर्द लड़ाकू अपने कब्जे वाली 7 जेलों में बंद 12 हजार आईएस आतंकियों, उनके परिजन की निगरानी करते हैं।
अमेरिका: कुर्दों संग आईएस को हराया, अब साथ छोड़ा
कुर्द लड़ाके सीरिया में आतंकी संगठन आईएस को हराने में अमेरिका के प्रमुख सहयोगी रहे हैं। इस लड़ाई में 11 हजार कुर्द लड़ाके मारे गए। हमलों से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि कुर्दों के खिलाफ तुर्की की योजना ठीक है। पर आलोचना होने पर कहा कि तुर्की सीरिया में हद न पार करे।

फैसला सुनाते ही भरी अदालत में जज ने निकाली पिस्‍टल और खुद को मार ली गोली...
5 October 2019
बैंकॉक : थाईलैंड (Thailand) में एक जज एक केस में खुद सुनाए गए फैसले से इतना आहत हुए कि उन्‍होंने भरी अदालत में खुद को गोली मार ली. जज ने पिस्‍टल से अपनी छाती में गोली मारी. इस तरह उन्‍होंने स्पष्ट रूप से मुवक्किलों और वकीलों से भरी कोर्ट में आत्महत्या का प्रयास किया.दरअसल, यह जज एक मामले में वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा हस्तक्षेप के आरोपों का सामना कर रहे थे.
दक्षिणी थाईलैंड के याला शहर (Yala City) की एक प्रांतीय अदालत में जज ख़ानकॉर्न पियानाखाना ने पिस्‍तौल से खुद को गोली मारी. ऐसा उन्‍होंने एक केस में हत्या और हथियार रखने के आरोपों के पांच आरोपियों को बरी करने के बाद किया. इस घटना के तुरंत बाद जज को अस्‍पताल ले जाया गया, जहां उनकी सर्जरी की गई. बैंकाक पोस्ट के अनुसार, उनकी चोटें जानलेवा नहीं थीं.
इस घटना से पहले खानकोर्न से जुड़ा एक बयान सोशल मीडिया में व्यापक रूप से वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि वरिष्ठ न्यायाधीशों ने उन्हें दोषियों के मामले में अपने फैसले को बदलने के लिए कहा.
इस बयान में कहा गया कि "इस समय, देशभर में न्यायालयों के अन्य साथी न्यायाधीशों के साथ भी वैसा ही व्यवहार किया जा रहा है जैसा मेरा साथ किया गया. (अगर) मैं अपने पद की शपथ को पूरा नहीं कर सकता तो तो मैं सम्मान के बिना जीने की बजाय मैं मरना चाहूंगा".
खानकॉर्न के इस बयान से पूरे देश में एक चिंता व्यक्त की जा रही है, जिसमें थाईलैंड की न्याय प्रणाली में वरिष्ठ न्यायाधीशों के हस्‍तक्षेप पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

हांगकांग: आधी सदी बाद लागू किए गए आपात कानून के खिलाफ प्रदर्शन, मेट्रो, बैंक, शॉपिंग सेंटर बंद
5 October 2019
हांगकांग: व्यापक हिंसा और तोड़फोड़ के बाद हांगकांग (Hong Kong) का पूरा मेट्रो (Metro) रेल नेटवर्क शनिवार को भी बंद रहा. इसके अलावा दर्जनों शॉपिंग सेंटर, दुकानें, बैंकों (Bank) को भी बंद रखा गया है.
कैरी लाम की नेतृत्व वाली हांगकांग सरकार ने शुक्रवार की सुबह को सार्वजनिक जगहों पर लोगों के चेहरे पर मास्क पहन कर आने पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह एक ऐसा आपातकालीन कानून है, जिसे आधी सदी से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी प्रयोग में नहीं लाया गया था. इस प्रतिबंध के बाद से ही हिंसा फैल गई.
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रतिबंध का उद्देश्य करीब चार महीने से शहर में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर रोक लगाना था. ज्ञात हो कि शहर में अब हटाए जा चुके प्रत्यर्पण विधेयक के खिलाफ महीनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है.
शुक्रवार की देर रात को सभी मास ट्रांजिट रेलवे (एमटीआर) स्टेशनों के बंद को जारी रखते हुए एमटीआर निगम ने शनिवार को तड़के 3.45 बजे घोषणा की कि सुबह भी किसी लाइन का संचालन नहीं किया जाएगा.
रेल ऑपरेटर ने अपनी वेबसाइट पर कहा, 'कई जिलों में हिंसा प्रदर्शन के मद्देनजर, क्षतिग्रस्त स्टेशनों का जायजा लेने और स्टेशनों पर हुए नुकसान का आंकलने करने व मरम्मत कार्य के लिए जाने से पहले रखरखाव कर्मचारियों को भी अपनी सुरक्षा का ख्याल रखना होता है.'
शहर के दो सबसे बड़े सुपरमार्केट चेन पार्कएनशॉप ने अपने फेसबुक पेज पर घोषणा की कि आज के लिए उनका स्टोर बंद रहेगा. वहीं वाट्संस, जो कि एक फार्मेसी चेन है, उसने भी कहा कि हांगकांग हवाई अड्डे पर स्थित उनके स्टोर को छोड़ कर शहर की बाकी सभी स्टोर बंद रहेंगी.
ज्ञात हो कि शुक्रवार की रात को नए कानूनी प्रतिबंध की अवहेलना करते हुए चेहरे पर मास्क पहने प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दिए थे और कई दुकानों और बैंकों में तोड़फोड़ की थी. पुलिस ने रात में हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए उन पर आंसू गैस से गोलीबारी की थी.

'बेबस' इमरान खान ने PoK के लोगों से कहा, 'अगर LoC पार की तो भारत...'
5 October 2019
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) को लेकर एक बार फिर आग उगली है. उन्होंने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) को खत्म किए जाने के 60 दिन पूरे होने पर ट्वीट करते हुए कहा है कि कश्मीरियों के संघर्ष को इस्लामिक आंतकवाद करार दिया जा रहा है.
इमरान खान ने ट्विट कर कहा, 'जम्मू कश्मीर में कश्मीरियों को 2 महीनों से ज्यादा समय तक कर्फ्यू में देख रहे आजाद कश्मीर के लोगों का गुस्सा मैं समझ सकता हूं. लेकिन अगर कोई भी एलओसी पार करेगा और कश्मीरी संघर्ष में मानवीय मदद देगा तो वह भारत (India) के नैरेटिव में उलझ जाएगा.'
इमरान ने कहा, 'यह नैरेटिव कश्मीरियों के संघर्ष से ध्यान हटा रह है और कश्मीरियों के संघर्ष को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित इस्लामिक आतंकवाद करार दे रहा है.'
बता दें हाल ही यूएनजीए में भी इमरान खान के भाषण का बड़ा हिस्सा जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत पर निशाना साधने से संबंधित रहा था जिसके लिए उनकी काफी आलोचना हुई थी. अपने देश और इसकी समस्या को नजरअंदाज करते हुए, इमरान खान ने अपना ध्यान पूरी तरह से कश्मीर पर दिया था. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत के जम्मू एवं कश्मीर में जब कर्फ्यू हटेगा, तब वहां खूनखराबा होगा. तब क्या होगा. क्या किसी ने इस बारे में सोचा है.
उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'नस्लीय श्रेष्ठता की भावना और घमंड की वजह से आदमी गलतियां करता है और गलत निर्णय लेता है.'

महाभियोग के बढ़ते तूफान पर बरसे ट्रंप, बोले यह तख्तापलट की कार्रवाई है
3 October 2019
वॉशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डेमोक्रेट्स द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई महाभियोग जांच पर बुधवार को जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेट्स को हमारे देश के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, उन्हें हर किसी का समय और ऊर्जा नहीं बर्बाद करनी चाहिए, जो वह साल 2016 से कर रहे हैं, जब मैं राष्ट्रपति बना था। प्रतिनिधि सभा में महाभियोग जांच के डेमोक्रेटिक पॉइंट मैन एडम शिफ ने संवाददाताओं से कहा कि आगे बढ़ने के लिए तात्कालिकता की वास्तविक जरूरत है। ट्रंप ने मंगलवार देर रात कहा था कि यह महाभियोग नहीं है, यह एक तख्तापलट है।
बुधवार को भी उन्होंने फिनलैंड के राष्ट्रपति के साथ व्हाइट हाउस में खड़े होकर अपने संदेश को दोहराते हुए कहा कि हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी द्वारा पिछले हफ्ते घोषित की गई महाभियोग प्रक्रिया की ब्रांडिंग एक अफवाह है। बताते चलें कि ट्रंप पर यह आरोप भी लगे हैं कि उन्होंने साल 2020 में अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन के खिलाफ कीचड़ उछालने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पर दबाव डाला था।
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बातचीत का खुलासा करने वाले को जासूस करार देते हुए उसकी पहचान सार्वजनिक करने की मांग की है, अमेरिका में लोकहित में जानकारी सार्वजनिक करने वालों की सुरक्षा के लिए कानून है। ट्रंप ने पहले भी ट्वीट करके कहा था कि मैं उस व्हिसिलब्लोअर से मिलना चाहता हूं।
इस मुद्दे पर कांग्रेस के डेमोक्रेट सदस्यों ने और सख्त रुख अपना लिया है। बताते चलें कि डेमोक्रेट्स आक्रमक तरीके से इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ रहे हैं और अगले हफ्ते बंद कमरे में इसकी सुनवाई शुरू करेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि उन्होंने यूक्रेन नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ फोन पर बात कर कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि महाभियोग जांच का नेतृत्व कर रहे जांचकर्ता और सदन की खुफिया मामलों की समिति के अध्यक्ष एडम शिफ को 'राजद्रोह' के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

8 से 14 अक्टूबर तक ब्रिटेन की संसद को स्थगित करने के लिए तैयार है पीएम बोरिस जॉनसन
3 October 2019
लंदन। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 8 से 14 अक्टूबर तक संसद को निलंबित करना चाहते हैं। यह जानकारी उनके डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय ने बुधवार को दी। इससे पहले संसद को निलंबित करने की उनकी कोशिश को उस वक्त झटका लग गया था, जब इसे गैरकानूनी घोषित किया गया था। एक बयान में कहा गया है कि इस समयसीमा का मतलब है कि सरकार के नए विधायी कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के लिए सभी आवश्यक तार्किक तैयारियों को सक्षम करने के लिए कम से कम समय के संसद स्थगित है। जॉनसन ने पहले 10 सितंबर से 14 अक्टूबर तक संसद को निलंबित करने की सलाह दी थी।
हालांकि, यूरोप की तरफ झुकाव रखने वाले सांसदों ने इस पर नाराजगी जताई थी और 31 अक्टूबर को यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकल जाने के लंबित मामले में लोकतांत्रिक बहस को रोकने के प्रयास के रूप में इस कदम को देखा था। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में कानूनी चुनौतियों के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने मोनार्क को दी गई जॉनसन की सलाह को गैरकानूनी माना था। ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत ने बोरिस जॉनसन के इस फैसले को रद्द कर दिया था और 25 सितंबर से संसद की कार्रवाई फिर से शुरू हुई थी।
इस कदम का मतलब होगा कि संसद मंगलवार को कामकाज बंद होने के बाद निलंबित हो जाएगी। फिर 9 और 10 अक्टूबर को सिर्फ दो दिनों मिस होंगे। जुलाई में पदभार ग्रहण करने वाले जॉनसन अगर संसद के अगले सत्र के लिए विधायी कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करना चाहते हैं, तो उन्हें नए निलंबन की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि मैं लोगों की प्राथमिकताओं को पूरा करना चाहता हूं।
रानी के एक भाषण के माध्यम से सरकार एनएचएस (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा), स्कूलों, अपराध से निपटने, बुनियादी ढांचे में निवेश करने और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने के लिए अपनी योजनाओं को स्थापित करेगी। हम 31 अक्टूबर को ब्रेक्जिट कर लेंगे और इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करते रहेंगे।

अमेरिका में द्वितीय विश्व युद्ध के समय का लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त, सात की मौत और नौ घायल
3 October 2019
न्यूयार्क। पूर्वोत्तर अमेरिकी राज्य कनेक्टिकट के एक हवाई अड्डे पर बुधवार को 13 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के साथ उड़ान भर रहा द्वितीय विश्व के समय का लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हादसे में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। ब्रैडली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुबह करीब 10:00 बजे लैंडिंग की कोशिश करते वक्त यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। स्थानीय मीडिया ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय में बोइंग बी-17 विमान को अमेरिकी वायु सेना ने जर्मनी और जापान के खिलाफ तैनात किया था।
अधिकारियों ने बताया कि विमान में दस यात्री और चालक दल के तीन सदस्य सवार थे। इस विमान को कोलिंग्स फाउंडेशन द्वारा संचालित किया जाता है, जो विंटेज विमानों में लोगों को उड़ान का अनुभव कराता है। कनेक्टिकट के राज्य आपदा आपातकालीन अधिकारी, जेम्स रोवेला ने बताया कि वहां कुछ लोगों की मौत हुई है, लेकिन मृतकों की सही संख्या के बारे में अभी बता पाना जल्दबाजी होगी।
उन्होंने कहा कि हादसे में जल गए पीड़ितों की पहचान करना बहुत मुश्किल है। हम गलती नहीं करना चाहते। रोवेला ने कहा कि जमीन पर विमान के रख-रखाव काम करने वाला एक अधिकारी भी हादसे में घायल हो गया है।
स्थानीय मीडिया ने बाद में अधिकारियों के हवाले से कहा कि दुर्घटना में कम से कम सात लोग मारे गए हैं और उस समय जमीन पर मौजूद तीन लोगों के साथ कुल नौ लोग घायल हो गए हैं। राज्य के हवाईअड्डा प्राधिकरण के निदेशक केविन डिलन ने कहा कि सुबह 9:45 बजे उड़ान भरने के दस मिनट बाद पायलटों ने कहा कि वे समस्या का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा- हम देख सकते हैं कि विमान निश्चित रूप से ऊंचाई हासिल नहीं कर पाया था। जमीन पर उतरते समय चालक दल ने विमान से नियंत्रण खो दिया और हादसा हो गया। सोशल मीडिया पर और अमेरिकी मीडिया के आउटलेट्स द्वारा ली गई तस्वीरों में क्रैश साइट से निकलने वाले धुएं की मोटी काली परत दिखाई दी।

NSA अजित डोभाल ने की सऊदी प्रिंस से मुलाकात, कश्मीर को लेकर भी हुई चर्चा
2 October 2019
रियादः राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बुधवार को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की. एनएसए डोभाल मंगलवार को सऊदी पहुंचे थे और आज क्राउस प्रिंस के साथ हुई उनकी बैठक करीब करीब 2 घंटे तक चली. इस द्विपक्षीय बातचीत के दौरान जम्मू कश्मीर के साथ-साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान सऊदी क्राउन प्रिंस ने जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत के दृष्टिकोण और कार्यों के बारे में समझ व्यक्त की.
बता दें कि एनएसए डोभाल की सऊदी प्रिंस के साथ यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने सऊदी दौरे पर कश्मीर मुद्दे पर समर्थन मांगा था.
अजीत डोभाल की यह यात्रा दोनों देशों के बीच के गहरे संबंधों को और मजबूत करेगी. यह ऐेसे समय में सहयोग के विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करेगी जब सऊदी अरब अपनी अर्थव्यवस्था को एमबीएस की दृष्टि 2030 के अनुरूप विविधता लाने के लिए देख रहा है.

अक्टूबर में चीन की यात्रा पर जाएंगे इमरान खान, निवेशकों को लुभाना होगा एजेंडा
1 October 2019
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अक्टूबर में चीन की यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान वह चीन के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और निवेशकों को लुभाने की कोशिश करेंगे। यात्रा के दौरान खान 8 अक्टूबर को बीजिंग में चीन-पाकिस्तान व्यापार मंच में शिरकत करेंगे। हालांकि, इस यात्रा की तारीख की अभी तक पुष्टि नहीं की गई है। बताते चलें कि पीएम बनने के बाद इमरान खान की यह तीसरी चीन की यात्रा होगी। वह ऐसे समय में चीन की यात्रा करने जा रहे हैं, जब कश्मीर को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव चरम पर है। बीजिंग ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया है, लेकिन दुनिया के बाकी देशों ने पाकिस्तान का साथ देने से इंकार कर दिया है।
बताते चलें कि भारत सरकार ने पांच अगस्त को कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अस्थाई अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया था। इसके साथ ही लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। पाकिस्तान इसके बाद से ही लगातार कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन चीन के अलावा उसका साथ किसी भी देश ने नहीं दिया है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान का साथ देते हुए कहा था कि ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए, जो एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदले। भारत और पाकिस्तान दोनों के पड़ोसी के रूप में चीन उम्मीद करता है कि विवाद का प्रभावी रूप से हल निकाला जाएगा और दोनों पक्षों के बीच संबंध बहाल होंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था- कश्मीर मुद्दा अतीत से चला आ रहा एक विवाद है, जिसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार शांतिपूर्वक और उचित तरीके से हल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद इमरान खान पहली बार नवंबर 2018 में चीन की यात्रा पर गए थे। अप्रैल 2019 में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए दूसरे बेल्ट एंड रोड फोरम में भाग लेने के लिए बीजिंग का दौरा किया था।

अमेरिकी सीनेटर कमला हैरिस चाहती हैं बंद कर दिया जाए ट्रंप का ट्विटर एकाउंट
1 October 2019
वॉशिंगटन। कैलिफोर्निया से सांसद कमला हैरिस ने ट्विटर से कहा है कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एकाउंट को बंद कर दें। सांसदों और व्हिसिलब्लोअर्स पर हमला करने के मामले में वह चाहती हैं कि कंपनी यह कदम उठाए। बताते चलें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर जो बिडेन और उनके बेटे की जांच कराने का दबाव बनाने के मामले की शिकायत एक व्हिसिलब्लोअर ने की है। इस मामले को लेकर अमेरिका की राजनीति गरमा गई है। हैरिस ने कहा कि ट्रंप के ट्विटर एकाउंट को निलंबित कर दिया जाना चाहिए। इस बात के कई सबूत हैं, जो यह बताते हैं कि ट्रंप अपने शब्दों को लेकर कितने गैर-जिम्मेदार हैं, जिनका नतीजा नुकसानदेह साबित हो सकता है।
कमला हैरिस ने कहा कि यदि आप उनके आज के ट्वीट को देख रहे हैं, तो आप पाएंगे कि यह उन्होंने सीधे व्हिसलब्लोअर को लेकर लिखा है। मुझे स्पष्ट रूप से लगता है कि इसके आधार पर और इससे पहले उन्होंने जो कांग्रेस के सदस्यों पर हमला किया था, उसे देखते हुए उनके ट्विटर अकाउंट को निलंबित कर दिया जाना चाहिए। हालांकि, ट्विटर ने अभी तक कमला हैरिस की मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मगर, ट्विटर नीति के अनुसार, किसी वैश्विक नेता को ट्विटर का इस्तेमाल करने से रोकना या उनके विवादित ट्वीट को हटाने से महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाएगा, जिसे लोगों को देखना चाहिए और बहस करनी चाहिए। ट्रंप ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला करने के लिए ट्विटर का जबरदस्त इस्तेमाल किया है।
ट्रंप ने 25 जुलाई को अपने निजी वकील रूडी गिउलियानी और अटॉर्नी जनरल विलियम बर के साथ सहयोग करने के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर एक यूक्रेनी गैस कंपनी की जांच करने का दबाव डाला था। यह कंपनी पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन के बेटे हंटर से संबंधित हो सकती है। यह जानकारी व्हाइट हाउस की तरफ से पिछले सप्ताह जारी किए गए कॉल की डिटेल से मिली है।
यूएस हाउस इंटेलिजेंस कमेटी ने गियुलियानी को समन भेजकर उनसे कहा है कि वह 24 सितंबर को हाउस डेमोक्रेट द्वारा शुरू किए गए ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की जांच में सहयोग करें। इसके साथ ही यूक्रेन के साथ ट्रंप के सौदेबाजी से संबंधित दस्तावेज मुहैया कराएं। हालांकि, इन आरोपों के खिलाफ ट्रंप लगातार अपना बचाव करते रहे हैं। व्हाइट हाउस में उन्होंने कहा- हम एक व्हिसलब्लोअर के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे पास एक व्हिसलब्लोअर है, जो उन चीजों की रिपोर्ट करता है जो गलत थीं।

तमिलनाडु के 2000 से ज्यादा मछुआरों पर श्रीलंका की नौसेना हमला कर खदेड़ा
1 October 2019
रामेश्वरम। तमिलनाडु के 2,000 से अधिक मछुआरों पर श्रीलंका की नौसेना ने हमला कर खदेड़ दिया। बताया जा रहा है कि ये मछुआरे भारतीय समुद्री इलाके में मछली पकड़ रहे थे। यह जानकारी मछुआरा संघ के एक नेता ने दी। उन्होंने बताया कि श्रीलंका की नौसेना ने भारतीय समुद्री क्षेत्र में घुसकर मछली पकड़ रहे मछुआरों को खदेड़ दिया। रामेश्वरम मछुआरा संघ के अध्यक्ष पी. सेसुराजा ने बताया कि मछुआरे सोमवार को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में नाव लेकर गए थे। तभी श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों ने भारतीय समुद्री क्षेत्र में घुसकर उन्हें खदेड़ दिया।
इसके साथ ही नौसैनिकों ने उनकी 10 नौकाओं में पड़े मछली पकड़ने के जालों को भी काट दिया। इसकी वजह से मछुआरों को बिना मछली पकड़े ही वापस लौटना पड़ा। यह पहली बार नहीं है जब श्रीलंका की नौसेना की तरफ से इस तरह की हरकत की गई हो। इससे पहले श्रीलंकाई नौसेनिकों ने 14 सितंबर को नेदुनतीवू तट के पास कथित तौर पर मछली पकड़ते हुए चार मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया था।
इससे पहले 28 जुलाई को भी श्रीलंका की नौसेना ने समुद्री सीमा में मछली पकड़ने के आरोप में सात भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था। भारत द्वारा श्रीलंका को सौंपे गए काछाथिबू द्वीप के पास जब रामेश्वरम और उसके आस-पास के इलाकों के मछुआरे मछली पकड़ रहे थे, तभी श्रीलंकाई नौसेना ने गश्त के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। बताते चलें कि दोनों देशों के मछुआरों को अक्सर गलती से एक-दूसरे के क्षेत्र में घुसने के आरोप में गिरफ्तार कर लिए जाते हैं। मछुआरों की नाव में आधुनिक सिस्टम न होने के कारण अक्सर अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार कर जाते हैं।

14 साल की ईसाई लड़की अगवा, शादी के लिए मजबूर किया; 15 दिन से लापता
30 September 2019
फैसलाबाद. पाकिस्तान में 14 साल की ईसाई लड़की सामरा बीबी को अगवा कर उसके जबरिया निकाह का मामला सामने आया है। आरोपियों ने उसका धर्म परिवर्तन भी करा दिया। घटना 16 सितंबर को फैसलाबाद में हुई। आरोपी को गिरफ्तारी के बाद छोड़ दिया गया। इसके बाद से बच्ची लापता है। पुलिस ने घटना पर कोई बयान भी जारी नहीं किया। 27 अगस्त को अल्पसंख्यक सिख समुदाय की भी एक लड़की का अपहरण कर उसे निकाह के लिए मजबूर किया गया था। भारत के दबाव के बाद इस लड़की को छुड़ाकर परिवार को सौंप दिया गया था।
अल्पसंख्यक संगठन नाराज
सामरा को उस वक्त अगवा किया गया जब वो घर में अकेली थी। आरोपी मोहम्मद रमीज एक कट्टरपंथी संगठन का सदस्य है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगवा किए जाने के बाद सामरा का धर्म परिवर्तन कराया गया। इसके बाद रमीज ने उससे निकाह कर लिया। ईसाई संगठनों के विरोध के बाद रमीज को गिरफ्तार किया गया। लेकिन, कुछ ही देर बाद छोड़ दिया गया। 15 दिन से सामरा और आरोपी लापता हैं। घटना के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं।
कट्टरपंथियों के सामने कोई चुनौती नहीं
नेशनल माइनोरिटीज अलायंस ऑफ पाकिस्तान के प्रेसिडेंट रॉबिन डेनियल ने कहा, “समझ में नहीं आता कि इन बच्चियों से वस्तुओं की तरह व्यवहार क्यों किया जा रहा है। उन्हें कोर्ट में पेश क्यों नहीं किया गया। नाबालिगों का धर्म परिवर्तन नहीं कराया जा सकता। लेकिन कट्टरपंथियों को चुनौती देने का साहस किसी में नहीं है।”
पुलिस ने की परिवार से बदसलूकी
सामरा को अगवा किए जाते वक्त उसके भाई शहजाद ने दूर से देखा। उसने पुलिस को इस बारे में बताया तो उसके साथ बदसलूकी की गई। शहजाद के मुताबिक, चार लोग उसकी बहन को जबरन कार में डालकर ले गए। पीड़ित परिवार ने अब मानवाधिकार संगठनों से मदद मांगी है। इस संगठन के नवीद वॉल्टर ने कहा, “नाबालिग बच्चियां कट्टरपंथियों का आसान शिकार बन रही हैं। उनके साथ रेप किया जाता है। फिर ब्लैकमेलिंग के बाद हत्या कर दी जाती है। कुछ को खुदकुशी बताने की साजिश होती है। हाल ही में डॉक्टर नम्रता चंदानी के साथ भी यही हुआ।”
27 अगस्त को सिख लड़की अगवा की गई थी
27 अगस्त को ननकाना साहिब में 19 साल की सिख लड़की को अगवाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। मर्जी के खिलाफ उसका निकाह भी करा दिया गया। पीड़िता के परिवार ने प्रधानमंत्री इमरान खान से मदद की गुहार लगाई। भारत में इस घटना का काफी विरोध हुआ। इसके बाद पुलिस ने लड़की को छुड़ाकर उसे परिवार को सौंप दिया।

कंज्यूमर गुड्स फैक्ट्री में आग लगने से 19 लोगों की मौत, 3 जख्मी
30 September 2019
बीजिंग. पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत में रविवार को कंज्यूमर गुड्स फैक्ट्री में आग लगने से 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन जख्मी हो गए। इनमें से दो की हालत गंभीर है। अधिकारियों ने बताया कि आपातकालीन बचाव दल को तत्काल मौके पर भेजा गया। इसके बावजूद कई लोग मारे गए। सुरक्षा नियमों को सही तरीके से लागू नहीं करने से चीन की फैक्ट्रियों में कई हादसे हो चुके हैं।
चीन की फैक्ट्रियों में हुए हादसे
मार्च में पूर्वी चीन के यांचेंग में केमिकल प्लांट में हुए धमाके में 44 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, पिछले साल नवंबर में उत्तरी चीन में केमिकल ले जा रहे ट्रक में धमाका होने से 23 लोगों की मौत हुई थी। इसी प्रकार, जुलाई 2018 में ही शिहुआन प्रांत में एक केमिकल प्लांट में धमाका होने से 19 लोगों की जान गई थी। हादसे की जांच में सामने आया था कि कंपनी को सुरक्षा सर्टिफिकेट नहीं मिला था और इसने अवैध तरीके से निर्माण भी कराया था। इससे पहले 2015 में टियानजिन शहर में हुए केमिकल धमाके में 165 लोगों की जान गई थी।

प्रिंस सलमान ने कहा- ईरान को रोकने के लिए दुनिया साथ नहीं आई, तो तेल के दाम अकल्पनीय स्तर पर होंगे
30 September 2019
रियाद. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि अगर दुनिया ईरान को रोकने के लिए साथ नहीं आई तो तेल के दाम अकल्पनीय रूप से बढ़ेंगे। सलमान ने कहा कि पूरी दुनिया को ईरान के खिलाफ कार्रवाई में शामिल होना होगा, वरना इससे सभी के हितों को नुकसान पहुंचेगा। इसी महीने की शुरुआत में सऊदी की तेल कंपनी अरामको की दो रिफाइनरियों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले हुए थे। इसकी जिम्मेदारी यमन के हूती विद्रोहियों ने ली थी, लेकिन अमेरिका और सऊदी अरब दोनों ने इसके लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया। सलमान ने पहली बार इस मुद्दे पर कोई बयान दिया। उन्होंने कहा कि ईरान की वजह से तेल की सप्लाई बाधित होगी और तेल के दाम इतने ऊपर पहुंच जाएंगे, जितने हमने अपने पूरे जीवन में नहीं देखे होंगे।
ईरान करता रहा है हमलों से इनकार
सऊदी ने तेल संयंत्रों पर हमलों के पीछे ईरान का हाथ बताने के लिए हथियारों की एक प्रदर्शनी भी रखी थी। इसमें दावा किया गया था कि इतने आधुनिक हथियार हूती विद्रोही चला ही नहीं सकते। हालांकि, ईरान लगातार हमले में हाथ होने से इनकार करता रहा है।
ईरान-सऊदी के युद्ध से पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा
अमेरिकी चैनल सीबीएस को दिए इंटरव्यू में सलमान ने कहा कि सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमला ईरान की तरफ से युद्ध की शुरुआत थी। इसके बावजूद वे ईरान के साथ विवाद का सैन्य नहीं बल्कि राजनीतिक हल चाहते हैं, क्योंकि युद्ध से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। सलमान ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से मिलकर नई परमाणु संधि के बारे में बात करनी चाहिए। ताकि ईरान के प्रभाव को मध्यपूर्व में सीमित किया जा सके।
‘खशोगी को मारने का आदेश नहीं दिया’
इंटरव्यू के दौरान प्रिंस सलमान से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने तुर्की स्थित सऊदी दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी को मारने का आदेश दिया था, तो उन्होंने कहा- नहीं। हालांकि, प्रिंस ने कहा कि खशोगी की मौत की नैतिक जिम्मेदारी उनकी है, क्योंकि इसे सऊदी सरकार के कुछ लोगों ने अंजाम दिया। सलमान ने कहा कि यह एक गलती थी और मैं भविष्य में ऐसा कुछ भी रोकने के लिए कार्रवाई करने वाला हूं।
‘दोषियों पर कार्रवाई होगी, फिर चाहे वो कोई भी हो’
सलमान से यह भी पूछा गया कि आखिर उन्हें मालूम चले बिना ही विदेशी जमीन पर कैसे कोई ऑपरेशन हुआ? तो उन्होंने कहा कि सरकार में 30 लाख लोग काम करते हैं। यह असंभव है कि 30 लाख लोग मुझे अपने कामों की रिपोर्ट रोज भेजें। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है और जल्दी ही गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, फिर चाहे वो कोई भी हो, किसी भी पद पर हो।
वॉशिंगटन पोस्ट के लिए लिखते थे जमाल खशोगी
पिछले साल तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में खशोगी की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से मोहम्मद बिन सलमान ने सार्वजनिक तौर पर इस पर कोई बयान नहीं दिया था। अमेरिका की केंद्रीय जांच एजेंसी (सीआईए) और कुछ पश्चिमी देशों की सरकार ने कहा था कि उनकी हत्या के लिए सऊदी प्रिंस ने आदेश दिए थे। लेकिन सऊदी के अधिकारियों ने कहा था कि खशोगी की हत्या में प्रिंस की कोई भूमिका नहीं है।

यूएन / भारत का जवाब- जेंटलमैन गेम खेल चुके इमरान का भाषण बंदूकों के अवैध कारोबार की याद दिलाता है
28 September 2019
न्यूयॉर्क. संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भड़काऊ भाषण का जवाब शनिवार को दिया। भारत की ओर से विदेश मंत्रालय की फर्स्ट सेक्रेटरी विदिशा मैत्रा ने कहा कि जेंटलमैन गेम खेलने वाले इमरान का भाषण बंदूकों के अवैध कारोबार की याद दिलाता है। इमरान का भाषण दर्रा आदमखेल की बंदूकों जैसा असभ्य था। पेशावर (पश्चिमोत्तर पाकिस्तान) में स्थित यह इलाका हथियारों की कालाबाजारी के लिए बदनाम है। मुजाहिदीन यहां मिलने वाली डुप्लीकेट एके-47 राइफलों के बड़े ग्राहक हैं।
इससे पहले इमरान खान ने शुक्रवार को दिए भाषण में कहा था कि कश्मीर के हालात देखकर दुनिया में मौजूद 130 करोड़ मुस्लिम चरमपंथी हो जाएंगे। कश्मीर में होता तो मैं भी बंदूक उठा लेता, वहां कर्फ्यू हटते ही रक्तपात होगा। 9/11 से पहले श्रीलंका में हिंदू आत्मघाती हमले करते थे, मगर उन पर कोई इल्जाम नहीं लगाता।
मैत्रा ने कहा- पाक ओसामा बिन लादेन का बचाव करने वाला देश था
>>‘‘एक इंसान जो कभी जेंटलमैन गेम क्रिकेट खेलता था, उन्होंने दुनिया के सामने नफरत भरा भाषण दिया। इमरान खान का परमाणु युद्ध की बातें करना उन्हें कुशल राजनीतिज्ञ के तौर पर नहीं बल्कि अस्थिर नेता के तौर पर दिखाता है। क्या पाकिस्तान बता सकता है कि क्यों वह अलकायदा और अन्य आतंकियों के लिए पेंशन देता है। क्या प्रधानमंत्री खान यह कबूलेंगे कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन का बचाव करने वाला देश था।’’
>>‘‘दुनिया में पाकिस्तान अकेला देश है, जो आतंकियों को पनाह देता है। क्या पाकिस्तान इस बात को मानता है कि उसकी जमीन 130 आतंकियों की पनाहगाह है, जिनमें से 25 यूएन द्वारा घोषित आतंकी है।’’
>>‘‘हम आपसे मांग करेंगे कि आप इतिहास को याद रखें। आप न भूले कि 1971 में पाकिस्तान ने किस तरह ईस्ट पाकिस्तान में अपने ही लोगों का नरसंहार किया था। लोगों को पाकिस्तान जाकर नागरिकों का हाल देखना चाहिए। जहां पाकिस्तान आतंकवाद पर जोर देता है, वहीं भारत विकास के मुद्दे पर। भारतीय नागरिकों को बिल्कुल जरूरत नहीं है कि कोई उनके लिए बोले।’’
>>‘‘पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूएन ऑब्जर्वरों को पाकिस्तान आने को कहा है ताकि यह जांच की जा सके कि वहां कोई आतंकी संगठन सक्रिय नहीं है? क्या दुनिया उन्हें यह वादा याद दिलाएगी। हमने इमरान खान से जो कुछ भी सुना वह दुनिया के प्रति उनका एकतरफा नजरिया था। इसमें मैं बनाम बाकी सब, अमीर बनाम गरीब, उत्तर बनाम दक्षिण, विकसित देश बनाम विकासशील देश और मुस्लिम धर्म बनाम अन्य धर्म की बातें थीं।’’
>>‘‘क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार कर सकता है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने उसे नोटिस दिया है कि 27 मापदंडों में से 20 का उल्लंघन उसने किया है? यह वो देश है, जहां अल्पसंख्यक समुदाय का आकार लगातार कम हुआ है। 1947 में जिनकी संख्या 23% थी आज वो सिमटकर केवल 3% रह गई है। इनमें क्रिश्चियन, सिख, हिंदू, शिया, सिंधी समेत कई समुदाय शामिल हैं।’’

US: टेक्‍सास के पहले पगड़ीधारी सिख पुलिस अधिकारी की हत्‍या, भारत ने जताया गहरा शोक
28 September 2019
नई दिल्‍ली: अमेरिकी प्रांत टेक्‍सास (Texas) के पहले पगड़ीधारी सिख पुलिस अधिकारी संदीप धालीवाल (42) की गोली मारकर हत्‍या कर दी. भारतीय-अमेरिकी संदीप धालीवाल (Sandeep Dhaliwal) को उस वक्‍त कई गोलियां गोली मारी गईं जब उन्‍होंने एक गाड़ी को चेकिंग के लिए रोका. पुलिस के मुताबिक उस गाड़ी में एक महिला और पुरुष थे. जब संदीप धालीवाल ने उनकी गाड़ी को रोका तो उनमें से एक ने निकलकर संदीप को दो गोलियां मारीं. संदीप धालीवाल हैरिस काउंटी में डिप्‍टी शैरिफ थे. वह पिछले 10 सालों से टेक्‍सास पुलिस विभाग में थे.
शैरिफ एड गोंजालेज ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि उसके बाद हमने तत्‍काल उनके डैशकैम से संदिग्‍ध की फोटो ली और मुखबिरों एवं खुफिया विभाग के माध्‍यम से खोजबीन की. पुलिस के मुताबिक इस आधार पर 47 साल के संदिग्‍ध रॉबर्ट सोलिस को पकड़ा गया है. उससे मर्डर चार्ज में पूछताछ की जा रही है. अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है कि क्‍या यह घृणा अपराध ( Hate Crime) था. शैरिफ एड ने कहा, ''एक हीरो को खोकर हमारा दिल टूट गया. हिंसक तरीके से एक लीडर की हत्‍या की गई. हमारे पास अपने दुख को व्‍यक्‍त करने के लिए शब्‍द नहीं हैं...हमारे अंदर आक्रोश है...हम इंसान हैं...''
टेक्‍सास के सीनेटर जॉन कॉर्निन ने पुलिस विभाग की पोस्‍ट को शेयर करते हुए याद किया कि 2015 में किस तरह संदीप धालीवाल ने यह सम्‍मान हासिल किया था कि वह ड्यूटी के दौरान सिख पगड़ी पहन सकते हैं और दाढ़ी रख सकते हैं. उन्‍होंने कहा, ''ऑफिसर धालीवाल टेक्‍सास के पहले सिख थे जो ड्यूटी पर पगड़ी पहनते थे. आज ड्यूटी के दौरान उनको गोली मार दी गई. मेरी संवेदनाएं परिवार, मित्रों और साथी अधिकारियों के प्रति हैं.''
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संदीप धालीवाल की मौत पर गहरा शोक व्‍यक्‍त किया है. एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, ''ह्यूस्‍टन के भारतीय-अमेरिकी अधिकारी संदीप सिंह धालीवाल की हत्‍या की खबर सुनकर गहरा दुख पहुंचा. हाल ही में हम उस शहर गए थे. मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं.''

नेपाल / सेंट्रल बैंक ने गुरु नानक जयंती के उपलक्ष्य में सिख प्रतीक वाले 3 सिक्के जारी किए
28 September 2019
काठमांडू. सेंट्रल बैंक ऑफ नेपाल ने शुक्रवार को आगामी गुरु नानक देव की जयंती के उपलक्ष्य में सिख प्रतीक वाले तीन सिक्के जारी किए। यह सिक्के 100, 1000 और 2500 नेपाली रुपए के हैं। नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर चिरंजीबी नेपाल और भारतीय राजदूत मंजीव सिंह पुरी ने सिक्के लॉन्च किए। बाजार में ये सिक्के 30 सितंबर से उपलब्ध होंगे। गुरु नानक देव की 550वीं जयंती 12 नवंबर को मनाई जाएगी।
कार्यक्रम में मंजीव सिंह ने कहा, ‘‘सिखों और गुरु नानक देव को मानने वालों के लिए के लिए गर्व का दिन है। सिख समुदाय के लोग दुनिया के हर कोने में बड़ी संख्या में रहते हैं।’’
सिख धरोहरों पर आधारित किताब लॉन्च
कार्यक्रम में नेपाल की सिख धरोहरों पर आधारित किताब भी लॉन्च की गई। यह किताब नेपाल में भारतीय दूतावास के साथ मिलकर बीपी कोईराला इंडिया-नेपाल फाउंडेशन ने प्रकाशित की। इस कार्यक्रम में पंजाब के सिख नेता और लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल भी मौजूद रहे।

प्रिंस सलमान ने कहा- पत्रकार खशोगी की हत्या के लिए मैं जिम्मेदार, क्योंकि यह मेरी निगरानी में हुई
27 September 2019
रियाद.सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पहली बार पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या पर बयान दिया है। हाल ही में अमेरिका की पब्लिक ब्रॉडकास्टर सर्विस ने खशोगी की हत्या पर बनी डॉक्यूमेंट्री का ट्रेलर रिलीज किया है। इसमें एक मौके पर प्रिंस सलमान कहते हैं कि खशोगी की हत्या के लिए वे जिम्मेदार हैं, क्योंकि यह उन्हीं की निगरानी में हुई।
खशोगी की हत्या के मामले में क्राउन प्रिंस का पहला बयान
1.पिछले साल तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में खशोगी की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से मोहम्मद बिन सलमान ने सार्वजनिक तौर पर इस पर कोई बयान नहीं दिया था। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीआईए) और कुछ पश्चिमी देशों की सरकार ने कहा था कि उनकी हत्या के लिए सऊदी प्रिंस ने आदेश दिए थे। लेकिन सऊदी के अधिकारियों ने कहा था कि खशोगी की हत्या में प्रिंस की कोई भूमिका नहीं है।
2.इस डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण अगले हफ्ते खाशोगी की हत्या के एक साल पूरे होने से ठीक पहले 1 अक्टूबर को किया जाएगा। डॉक्यूमेंट्री के कुछ पार्ट्स को सोशल मीडिया पर भी रिलीज किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रिंस सलमान का यह बयान आपराधिक जिम्मेदारी नहीं बल्कि नैतिक जिम्मेदारी है। वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छी छवि बनाए रखना चाहते हैं।
स्काइप पर दिया गया था खशोगी की हत्या का आदेश
3. वकील ने राॅयटर्स के हवाले से बताया कि प्रिंस के शीर्ष सलाहकार सउद अल-काहतानी ने हत्यारों को स्काइप पर हत्या करने के आदेश दिए थे। स्मिथ ने जब प्रिंस से पूछा कि क्या हत्यारों ने निजी सरकारी जेट लिया था? इस पर प्रिंस ने जवाब दिया, “मेरे पास अधिकारी, मंत्री हैं जो इन सब चीजों को फॉलो करते हैं और वे जिम्मेदार हैं। उनके पास ऐसा करने का अधिकार है।”
4. इससे पहले सऊदी अधिकारी खाशोगी की हत्या में हाथ होने से इनकार करते रहे हैं। हालांकि, तुर्की के अखबार इस मामले में खुलासा करते रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की हत्याकांड से जुड़ी एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट क्लामर्ड ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से कहा था कि खशोगी की हत्या से जुड़े सबूतों के आधार पर कहा जा सकता है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और उनके उच्चाधिकारी हत्या से जुड़े हुए थे।
5. अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जून में रायटर्स को बताया था कि ट्रम्प प्रशासन ने हत्या के पीछे के कारणों की पड़ताल करने के लिए सऊदी अरब पर दबाव बनाए हुए थे। इस हत्या के लिए 11 सऊदी नागरिकों पर गुप्त तरीके से कार्रवाई की जा रही है और इस पर केवल कुछ ही सुनवाई पूरी हुई है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में प्रिंस मोहम्मद और अन्य सऊदी अधिकारियों के खिलाफ जांच करने की सिफारिश की गई थी।
6. खशोगी अमेरिकी समाचार पत्र वॉशिंगटन पोस्ट के कॉलमनिस्ट थे। उन्हें आखिरी बार 2 अक्टूबर को इस्तांबुल के सऊदी अरब के दूतावास के बाहर देखा गया था। वह वहां अपनी शादी के लिए जरूरी कागजात लेने गए थे। तुर्की के सबा अखबार ने दावा किया था कि सऊदी अरब से एक हिट टीम जमाल खशोगी को रियाद ले जाने का बहाना किया। लेकिन जब खशोगी नहीं माने तो दूतावास में ही खशोगी का चेहरा ढककर दम घोंट दिया गया।

सुरक्षा परिषद से पाक की मांग- हाफिज सईद को जरूरतें पूरी करने के लिए बैंक से पैसे निकालने दें
27 September 2019
लाहौर. पाकिस्तान का आतंकवाद समर्थक चेहरा एक बार फिर नजर आया। इमरान सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से मांग की थी कि वह 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद को हर महीने बैंक से कुछ रकम निकालने की अनुमति दी जाए, ताकि वह अपनी मूलभूत जरूरतें पूरी कर सके। यूएन की कमेटी ने पाक सरकार की बात मानते हुए सईद को अपने और परिवार के भरण-पोषण के लिए निजी अकाउंट इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी।
पाक की मांगों पर किसी ने नहीं दर्ज कराई आपत्ति
यूएनएससी में हाफिज को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के बाद से ही उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगे हैं। इस साल जुलाई में पाकिस्तान सरकार ने हाफिज को गिरफ्तार कर उसके सभी बैंक अकाउंट बंद कर दिए थे। हालांकि, पिछले महीने इमरान सरकार ने यूएन से अपील की थी कि वह सईद को डेढ़ लाख पाकिस्तानी रुपए निकालने की अनुमति दे। इस पर यूएन कमेटी ने पत्र जारी कर कहा कि पाक की मांग पर किसी भी देश ने आपत्ति नहीं दर्ज कराई, लिहाजा सईद को रकम निकालने की अनुमति दी जाती है।
आतंकियों पर कार्रवाई न करने के लिए ब्लैक लिस्ट हो सकता है पाक
टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पिछले साल पाक को आतंकवादियों पर कार्रवाई न करने के लिए अपनी ग्रे लिस्ट में डाला था। इसके बाद से ही पाक की अर्थव्यवस्था लगातार नीचे गिरी है। अक्टूबर में एफएटीएफ एक बार फिर पाक को लेकर समीक्षा बैठक करेगा। हालांकि, माना जा रहा है कि इस बार उसे आतंक पर कार्रवाई में नाकाम रहने के लिए ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है।
26/11 हमले का मास्टरमाइंड है हाफिज सऊद
हाफिज सईद पाकिस्तान में जमात-उद-दावा का प्रमुख है। इस संगठन को लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य चेहरा माना जाता है। 2008 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड भी सईद ही है। अमेरिका ने सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया है। उस पर 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 70 करोड़ रुपए) का इनाम भी रखा गया है। इसी साल मार्च में पाक सरकार ने हाफिज के संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत पर प्रतिबंध लगाया था।

सऊदी अरब पर्यटकों के लिए वीजा जारी करेगा, तेल से आय पर निर्भरता खत्म करने के लिए फैसला
27 September 2019
रियाद. सऊदी अरब पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अब टूरिस्ट वीजा जारी करेगा। सऊदी शासन ने शुक्रवार को विश्व पर्यटन दिवस पर इसका ऐलान किया। दरअसल, सऊदी अरब अब अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए तेल पर निर्भरता कम करना चाहता है। क्राउन प्रिंस सलमान इसके लिए विजन 2030 कार्यक्रम सामने रख चुके हैं। ऐसे में उनका शासन पर्यटन को आय का नया जरिया बनाना चाहता है।
सऊदी में यूनेस्को की 5 वर्ल्ड हेरिटेज साइट
1. इससे पहले सऊदी में सिर्फ विदेश से नौकरी के लिए आने वाले कामगारों, उनके परिवारवालों और मक्का-मदीना जाने वाले मुस्लिम तीर्थयात्रियों के लिए ही वीजा जारी होता था। सऊदी के पर्यटन मंत्री अहमद अल-खतीब ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि हमारे पास जो कुछ भी पर्यटकों को दिखाने के लिए है, उसे देखकर वे चौंक जाएंगे। हमारे पास यूनेस्को की पांच वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स, शानदार स्थानीय संस्कृति और प्राकृतिक संपदा है।
विदेशी महिलाओं के लिए पहनावे के नियमों में छूट
2.ब्लूमबर्ग से हुई बातचीत में खतीब ने बताया कि सऊदी 49 देशों के नागरिकों के लिए ऑनलाइन टूरिस्ट वीजा आवेदन शुरू करेगा। इसमें विदेशी नागरिकों के लिए नियमों में छूट भी दी जाएगी। विदेशी महिलाओं के लिए कड़े ड्रेस कोड के नियम खत्म किए जाएंगे। इससे वे ‘अबाया’ (चेहरे को ढंकने का कपड़ा) पहने बिना भी सड़कों पर निकल सकेंगी। हालांकि, उन्हें शालीन कपड़े पहनने होंगे।
सऊदी में कड़े नियमों में छूट जारी
3.सऊदी अरब ने हाल ही में महिलाओं को बिना पुरुष अभिभावकों की मंजूरी के विदेश यात्रा पर जा सकने वाला कानून पास किया था। महिलाओं को अपनी पसंद से शादी करने में भी छूट दी गई है। सऊदी इससे पहले पारंपरिक गार्जियनशिप सिस्टम के तहत महिलाओं को कानूनी रूप से स्थाई तौर पर अवयस्क माना जाता था। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सत्ता में आने के बाद से यहां महिलाओं को कई हक मिले हैं। दो साल पहले महिलाओं को फुटबॉल स्टेडियम में बैठकर मैच देखने की इजाजत मिली थी। वहीं उन्हें ड्रा‌इविंग की छूट भी पिछले साल जून में दी गई थी। 2020 तक 30 लाख महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस दिए जाने का लक्ष्य है।
विजन 2030 का असर
4.सऊदी अरब की गिनती दुनिया के सबसे कट्टरपंथी देश के तौर पर होती है, जहां महिलाओं के लिए पाबंदियां बहुत ज्यादा और सख्त हैं। हालांकि, देश विजन 2030 के तहत तेल के निर्यात से होने वाले राजस्व पर निर्भरता कम करना चाहता है। प्रिंस सलमान इसके लिए देश में कई बदलाव कर रहे हैं। महिलाओं पर लगी पाबंदियों और नियम-कायदों को ढील देने के साथ सऊदी के लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने जैसे फैसले लिए गए हैं।

PoK में 3 दिन के भीतर दूसरी बार भूकंप के झटके, रिक्‍टर पैमाने पर तीव्रता 4.8
26 September 2019
नई दिल्‍ली : बीते मंगलवार को पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (PoK) और कश्‍मीर (Kashmir) के कुछ हिस्‍सों में आए भूकंप के बाद गुरुवार को भी पीओके और जम्‍मू-कश्‍मीर के सीमावर्ती इलाकों में भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. मौसम विभाग के अनुसार, भूकंप दोपहर 12.31 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्‍टर पैमाने 4.8 मापी गई. मौसम विभाग ने कहा है कि भूकंप का केंद्र पाकिस्‍तान-भारत (जम्‍मू-कश्‍मीर) बॉर्डर पर रहा. हालांकि इस भूकंप में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
उल्‍लेखनीय है कि बीते 24 सितंबर को पीओके में आए 5.8 की तीव्रता के भूकंप में मरने वालों की संख्या 37 हो गई है, वहीं घायलों की संख्या 500 पहुंच गई है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. मंगलवार को आया भूकंप इतना मजबूत था कि इसे भारत की राजधानी नई दिल्ली सहित भारत के उत्तरी हिस्सों में भी महसूस किया गया था.
ये झटके 8-10 सेकेंड तक महसूस किए गए थे, लेकिन इस्लामाबाद, पेशावर, रावलपिंडी और लाहौर के प्रमुख शहरों सहित पूरे पाकिस्तान में इसके जोरदार झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र पंजाब प्रांत के झेलम से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर में मीरपुर शहर के पास था.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, मीरपुर के जिला प्रशासन ने बुधवार को पुष्टि की कि 459 घायलों में से 160 की हालत गंभीर है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार, 24 पीड़ित सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मीरपुर जिले के थे.

13,500 करोड़ के घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता हुआ साफ, जानें कैसे
26 September 2019
न्यूयॉर्क : एंटिगुआ और बारबूडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन (Gaston Browne) ने कहा है कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को भारत (India) तब प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा, जब उसकी याचिकाओं का निपटारा हो जाएगा. ब्राउन ने भारत के सरकारी प्रसारणकर्ता डीडी न्यूज से कहा, "हम कानून को मानने वाले एक देश हैं, और मामला न्यायपालिका के समक्ष है."
एंटिगुआ (Antigua) के प्रधानमंत्री ने चोकसी को धूर्त करार देते हुए कहा, "उसने (चोकसी) कई याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं और जबतक उसकी याचिकाएं निपट नहीं जातीं, हम कुछ नहीं कर सकते." उन्होंने कहा, "एंटिगुआ बारबूडा को उससे कोई लाभ नहीं है." प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय अधिकारी उससे पूछताछ करने के लिए स्वतंत्र हैं.
उल्लेखनीय है कि चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी साल भर पहले देश छोड़कर भाग गए थे. दोनों 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी हैं. चोकसी को एंटिगुआ और बारबूडा ने इस साल के प्रारंभ में नागरिकता दे दी थी.

अमेरिका-ईरान में तनाव के बीच आज हसन रूहानी और पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे मुलाकात...
26 September 2019
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से आज मुलाकात करेंगे. दोनों देशों की यह बैठक इसलिए अहम हैं क्योंकि मौजूदा दौर में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के अपने चरम पर बना हुआ है. इससे पहले मंगलवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी.
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ईरान और अमेरिका मामले में खुद को ठेकेदार बनाने पर तुले हैं. इमरान ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) ने उन्हें ईरान के साथ विवाद में मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए कहा है. खान ने मंगलवार को कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझसे कहा कि अगर ईरान के साथ तनाव कम होता है, तो हम संभवत: एक दूसरे करार के साथ सामने आ सकते हैं."
इमरान खान ने कहा, "मैंने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बैठक के बाद तुरंत सोमवार को राष्ट्रपति (हसन) रूहानी से बात की. लेकिन, अभी मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता. हम कोशिश कर रहे हैं और मध्यस्थता कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "क्राउन प्रिंस ने भी मुझे तनाव को कम करने के लिए ईरानी राष्ट्रपति से बात करने को कहा है." माना जाता है कि पाकिस्तान का तालिबान पर असर है और अफगानिस्तान में शांति तथा वहां से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की कोशिशों में पाकिस्तान की खास भूमिका है.
इस समझौते के प्रयास में ट्रंप के लिए इमरान को एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है. अब ईरान के साथ निभाई जाने वाली भूमिका ट्रंप के लिए खान के प्रभाव को और मजबूत कर सकती है. ईरान के साथ 2015 के बहुपक्षीय परमाणु सौदे से ट्रंप के बाहर निकलने के बाद से ही खाड़ी क्षेत्र में संकट पैदा हो गया है.
इसके बाद से ट्रंप ने तेहरान पर कई प्रतिबंध लगाए, जिनमें इसके तेल निर्यात पर लगाया गया प्रतिबंध प्रमुख हैं. तनाव बढ़ने पर ईरान ने जून में एक अमेरिकी सैन्य ड्रोन को मार गिराया था. इसके बाद तनाव चरम पर पहुंच गया, मगर ट्रंप ने अंतिम क्षण में ईरान पर अमेरिकी मिसाइल हमले को रोक दिया. जून में ओमान की खाड़ी में भी दो तेल टैंकरों पर हमला किया गया था और 14 सितंबर को ड्रोन हमलों से सऊदी तेल रिफाइनरी पर हमला हुआ.
हालांकि यमन में ईरान समर्थित हैती विद्रोहियों ने सऊदी की रिफाइनरी पर हमलों की जिम्मेदारी का दावा किया है, मगर अमेरिका ने इसके लिए ईरान को ही दोषी ठहराया है. फ्रांस के राष्ट्रपति अमेरिका व ईरान के इस तनाव को कम करने के लिए ट्रंप और रूहानी को मिलाने की कोशिश कर रहे हैं, जोकि फिलहाल संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क में हैं.
रूहानी ने हालांकि अमेरिकी द्वारा प्रतिबंध हटाए जाने तक फिलहाल इस तरह की बैठक पर विचार करने से इनकार कर दिया है. अफगानिस्तान के बारे में खान ने कहा, "हम अब कोशिश कर रहे हैं कि तालिबान और अमेरिका के बीच बातचीत फिर से शुरू हो."

स्पीकर पेलोसी ने ट्रम्प पर देश को धोखा देने का आरोप लगाया, महाभियोग लाने के लिए जांच बैठाई
25 September 2019
वॉशिंगटन. अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने मंगलवार को राष्ट्रपति ट्रम्प पर देश को धोखा देने का आरोप लगाया। पेलोसी ने कहा कि ट्रम्प ने अपने प्रतिद्वंद्वी को नुकसान पहुंचाने के लिए विदेशी ताकतों की मदद ली, इसलिए उनके खिलाफ महाभियोग जांच बैठाई जाएगी।
ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडाइमर जेलेंस्की पर डेमोक्रेट नेता जो बिडेन और उनके बेटे हंटर के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच कराने के लिए दबाव बनाया था। एक व्हिसलब्लोअर ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, ट्रम्प कह चुके हैं कि वे जेलेंस्की के साथ फोन कॉल में हुई बातचीत का ब्योरा देने के लिए तैयार हैं। ट्रम्प ने हाल ही में कबूला था कि उनके और जेलेंस्की के बीच बिडेन पर चर्चा हुई थी।
ट्रम्प पर आरोप- यूक्रेन को दी आर्थिक मदद रोकने की धमकी
अब तक यह साफ नहीं है कि ट्रम्प ने फोन पर जेलेंस्की से क्या बात की। हालांकि, विपक्षी डेमोक्रेट सांसदों का कहना है कि ट्रम्प ने पूर्व उपराष्ट्रपति बिडेन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू कराने के लिए यूक्रेन को आर्थिक मदद रोकने की धमकी दी। उन्होंने मदद रोकने की बात इसलिए की, ताकि यूरोपीय देश यूक्रेन की मदद के लिए आगे आएं।
पेलोसी ने ट्रम्प पर संवैधानिक जिम्मेदारियों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “इसी हफ्ते राष्ट्रपति ने कबूला कि उन्होंने यूक्रेन से ऐसी कार्रवाई की मांग की, जिससे उन्हें राजनीतिक तौर पर मदद मिले। इसलिए राष्ट्रपति को उत्तरदायी बनाना जरूरी है।” बिडेन ने भी ट्रम्प पर महाभियोग चलाने का समर्थन किया।
क्या राष्ट्रपति पद से हट सकते हैं ट्रम्प?
पेलोसी के महाभियोग जांच के ऐलान के बाद अब आधिकारिक तौर पर ट्रम्प पर लगे आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि ट्रम्प ने किसी संवैधानिक जिम्मेदारी का उल्लंघन किया है या नहीं। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर संसद ट्रम्प के खिलाफ कार्रवाई पर वोटिंग करेगी। चूंकि, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में डेमोक्रेट बहुमत में हैं, इसलिए वहां से ट्रम्प पर कार्रवाई का रास्ता साफ हो सकता है, लेकिन उच्च सदन सीनेट से ट्रम्प पर कार्रवाई की संभावनाएं कम हैं। सीनेट में रिपब्ल्किन पार्टी बहुमत में है।

गेट्स फाउंडेशन ने मोदी को अवॉर्ड दिया, प्रधानमंत्री बोले- यह करोड़ों भारतीयों का सम्मान
25 September 2019
न्यूयाॅर्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से प्रतिष्ठित ‘ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। मोदी को यह पुरस्कार लिंकन सेंटर ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स में हुए एक कार्यक्रम में दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार स्वच्छ भारत अभियान के जरिए स्वच्छता के क्षेत्र में नेतृत्व के लिए दिया गया। विकास कार्यक्रमों के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस पुरस्कार को काफी प्रतिष्ठित माना जाता है।
इस मौके पर फाउंडेशन ने कहा कि इस अभियान से भारत में 50 करोड़ लोगों को स्वच्छता की सुरक्षा मिली। प्रधानमंत्री ने यह पुरस्कार मिलने पर बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को धन्यवाद किया। मोदी ने कहा, ‘‘ये सम्मान मेरा नहीं बल्कि उन करोड़ों भारतीयों का है जिन्होंने स्वच्छ भारत के संकल्प को न केवल सिद्ध किया बल्कि अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ढाला है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर मुझे ये अवार्ड दिया जाना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। ये इस बात का प्रमाण है कि अगर 130 करोड़ लोगों की जनशक्ति, किसी एक संकल्प को पूरा करने में जुट जाए, तो किसी भी चुनौती पर जीत हासिल की जा सकती है।’’
2014 के बाद ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 100% हुआ- मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं ये सम्मान उन भारतीयों को समर्पित करता हूं जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को एक जनआंदोलन में बदला, जिन्होंने स्वच्छता को अपनी दैनिक जिंदगी में सर्वोच्च प्राथमिकता देनी शुरू की। हाल-फिलहाल में किसी देश में ऐसा अभियान सुनने और देखने को नहीं मिला। ये अभियान शुरू भले हमारी सरकार ने किया था, लेकिन इसकी कमान जनता ने खुद अपने हाथों में ले ली थी। इसी का नतीजा था कि बीते पांच साल में देश में रिकॉर्ड 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया जा सका। 2014 से पहले जहां ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 40% से भी कम था, आज वो बढ़कर करीब-करीब 100% पहुंच रहा है।’’
‘स्वच्छता अभियान लाखों जिंदगियों के बचने का माध्यम बना’
मोदी ने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता, किसी भी आंकड़े से ऊपर है। इस मिशन ने अगर सबसे ज्यादा लाभ किसी को पहुंचाया तो वो देश के गरीब को, देश की महिलाओं को। शौचालय न होने की वजह से अनेक बच्चियों को अपनी स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ती थीं। हमारी बेटियां पढ़ना चाहती हैं, लेकिन शौचालय की कमी, उन्हें स्कूल छोड़कर घर बैठने के लिए मजबूर कर रही थी। आज मेरे लिए ये बहुत संतोष की बात है कि स्वच्छ भारत मिशन, लाखों जिंदगियों के बचने का माध्यम बना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ही रिपोर्ट है कि स्वच्छ भारत की वजह से तीन लाख जिंदगियों को बचाने की संभावना बनी है।’’
‘गांधी ने स्वच्छता का जो सपना देखा, वो अब साकार हो रहा’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की एक रिपोर्ट में भी आया है कि भारत में ग्रामीण स्वच्छता बढ़ने से बच्चों में दिल की समस्याएं कम हुई हैं और महिलाओं के बॉडी मास इंडेक्स में भी सुधार आया है। आज मुझे इस बात की भी खुशी है कि महात्मा गांधी ने स्वच्छता का जो सपना देखा था, वो अब साकार होने जा रहा है। गांधी जी कहते थे कि एक आदर्श गांव तभी बन सकता है, जब वो पूरी तरह स्वच्छ हो। आज हम गांव ही नहीं, पूरे देश को स्वच्छता के मामले में आदर्श बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन ने न सिर्फ भारत के करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है, उनकी गरिमा की रक्षा की है बल्कि संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाई है।’’
‘मोदी की वैश्विक नेता के रूप में छवि बेहतर होगी’
यह पुरस्कार सतत विकास के लक्ष्यों में उपलब्धि हासिल करने के लिए किसी वैश्विक नेता को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार नार्वे के प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग और लाइबेरिया के राष्ट्रपति सरलीफ को दिया जा चुका है। जानकारों का कहना है कि गोलकीपर्स ग्लोबल गोल अवार्ड, सोल शांति पुरस्कार और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण पुरस्कारों से मोदी की शांति, विकास और गरीबों के उत्थान की दिशा में काम करने वाले वैश्विक नेता के रूप में छवि बेहतर होगी।

इमरान ने माना- कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में नाकाम रहे
25 September 2019
न्यूयॉर्क. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मान लिया है कि वे कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में असफल रहे। इमरान ने मंगलवार को कहा कि वे इस मुद्दे की गंभीरता को न समझ पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से खफा हैं। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बीते कुछ समय से ही पाक हर वैश्विक मंच पर इस मुद्दे को उठाता रहा है, लेकिन चीन के अलावा उसे अब तक किसी भी देश का साथ नहीं मिला।
इमरान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निराश हूं। अगर 80 लाख यूरोपियन या ज्यूस (यहूदी) या सिर्फ 8 अमेरिकी ही कहीं फंसे होते तो क्या वैश्विक नेताओं का रवैया ऐसा होता? मोदी पर अब तक प्रतिबंध खत्म करने का कोई दबाव नहीं बनाया गया है, लेकिन हम उन पर दबाव बनाना जारी रखेंगे। 9 लाख से ज्यादा सेना वहां (कश्मीर में ) क्या कर रही है? एक बार कर्फ्यू खत्म हो गया तो न जाने वहां क्या होगा। आपको लगता है कश्मीरी चुपचाप बैठेंगे?
‘भारत के आर्थिक स्तर की वजह से दुनिया नहीं देखती हमारा नजरिया’
कार्यक्रम के दौरान जब इमरान से पूछा गया कि क्यों दुनिया कश्मीर पर उनके नजरिए को नहीं मान रही तो पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पीछे भारत का आर्थिक स्तर और वैश्विक प्रमुखता है। उन्होंने कहा कि भारत 120 करोड़ लोगों का बाजार है। कुछ लोग इस बात को तरजीह देते हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भी नाकाम हुआ था पाक
इससे पहले पाक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में कश्मीर पर प्रस्ताव लाने के लिए समर्थन जुटाने में नाकाम रहा। ज्यादातर देशों ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देने से इनकार कर दिया था। यहां तक कि 57 देशों के इस्लामिक कोऑपरेशन आर्गनाइजेशन (आईओसी) ने भी पाक का साथ नहीं दिया। यह भारत की कूटनीतिक जीत थी।
भारत के साथ रूस, बांग्लादेश समेत कई देश
भारत पहले ही साफ कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति देश का आंतरिक मामला है। भारत के रुख को सार्क समेत दुनिया के कई देशों का समर्थन मिल चुका है। रूस, यूएई, बांग्लादेश समेत कई देश इसे भारत का अंदरूनी मामला बता चुके हैं।

न्यूयॉर्क में आज ट्रंप से मिलेंगे PM मोदी, दो दिन में दोनों नेताओं की दूसरी मुलाकात
24 September 2019
न्यूयॉर्क. ह्यूस्टन में रविवार को हुए ‘हाउडी मोदी’ (Howdy Modi) कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से मिलेंगे. दो दिन में ये दोनों नेताओं की दूसरी मुलाकात होगी. पीएम मोदी और ट्रंप संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र से इतर द्विपक्षीय बैठक करेंगे.. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (Ravish Kumar) ने बताया कि महासभा के सभागार में संयुक्त राष्ट्र की आम बहस को ट्रंप के संबोधित करने के बाद पीएम मोदी (PM Modi) और अमेरिका के राष्ट्रपति स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:15 बजे (भारतीय समयानुसार रात पौने 10 बजे) संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मुलाकात करेंगे. भारतीय अधिकारियों ने बैठक के एजेंडे के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है. उन्होंने कहा कि जानकारी के लिए बैठक का इंतजार करना चाहिए. ह्यूस्टन में पीएम मोदी का जोरदार हुआ स्वागत 21 सितंबर को पीएम मोदी अमेरिका पहुंचे थे. अमेरिका के ह्यूस्टन (Houston) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के स्वागत में ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ और पूरी दुनिया में उसकी चर्चा हुई. पीएम मोदी और ट्रंप ने इस प्रोग्राम के तहत 70 हजार भारतीय को सबोंधित किया. इससे पहले अमेरिकी ज़मीन पर किसी विदेशी राजनीतिक के लिए इतने बड़े स्तर पर पहले कभी ऐसा आयोजन नहीं हुआ था. सिर्फ यही नहीं, इस कार्यक्रम के बहाने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की एक नई इबारत लिखी गई. ट्रंप ने भारत-अमेरिका के रिश्तों को बताया बेहतर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को अपना बेहतरीन परिचय देने और अमेरिका के मेहमान बनने के लिए शुक्रिया किया. साथ ही ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध अब तक के दौर में सबसे अच्छे हैं. उन्होंने दोनों देशों के अच्छा दोस्त होने की बात कही. उन्होंने दोनों देशों की साझा विरासत पर भी बात की. उन्होंने कहा कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्य भी एक जैसे हैं. उन्होंने कहा कि दोनों के ही संविधान तीन सुंदर शब्दों 'वी द पीपल' से शुरू होते हैं.
हांगकांग: सरकार पर गुस्सा निकालने के लिए 20,000 लोगों ने किया आवेदन
24 September 2019
हांगकांग. हांगकांग में सरकार (Hong Kong government) के खिलाफ मंगलवार को 20,000 लोगों ने एक वार्ता सत्र में शामिल होने और सरकार पर अपना गुस्सा निकालने के लिए आवेदन किया. हांगकांग में तीन महीनों तक लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन हुआ. हजारों लोगों द्वारा सड़क पर उतर कर सरकार विरोधी प्रदर्शन करने के बाद यह पहला मौका है.
हांलाकि सरकार प्रदर्शनकारियों तक पहुंचने की गंभीर कोशिश कर रही है. हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लैम ने कहा कि गुरुवार को होने वाली यह बैठक लोगों के लिए एक अवसर होगी. जिसमें वे अपनी बात कह सकेंगे, लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी इसमें कोई रुचि नहीं है, क्योंकि उनकी मांग पहले ही पूरी हो चुकी हैं.
लैम ने कहा, “हमने आने वालों से वादा किया है कि विभिन्न पृष्ठभूमि और विभिन्न राजनीतिक विचार वाले लोग खुलकर अपनी राय जाहिर कर सकते हैं, यहां तक कि अपना गुस्सा भी निकाल सकते हैं.”
सिर्फ 150 लोगों को चुना जाएगा
इस सत्र के लिए हजारों लोगों ने आवेदन किया है, लेकिन लैम के साथ दो घंटे के सत्र में शामिल होने के लिए सिर्फ 150 लोगों को ही चुना जाएगा.

इंडोनेशिया के पापुआ में हिंसक हुआ विरोध प्रदर्शन, 20 लोगों की मौत, 70 घायल
24 September 2019
जकार्ता. इंडोनेशिया (Indonesia) के पापुआ प्रांत (Papua Province) में सोमवार को सैकड़ों लोगों द्वारा किये गए हिंसक प्रदर्शन के दौरान कम से कम 20 व्यक्ति मारे गए. मारे गये व्यक्तियों में तीन पुलिस की गोलीबारी में मारे गए हैं. अशांत पापुआ प्रांत में यह हिंसक प्रदर्शन इस अफवाह पर शुरू हुआ कि एक शिक्षक ने मूल निवासी एक छात्र का अपमान किया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी.
पापुआ पुलिस प्रमुख रूडोल्फ अलबर्थ रोद्जा ने बताया कि नाराज भीड़ ने स्थानीय सरकारी इमारतों, दुकानों और घरों में आग लगा दी. भीड़ ने वामेना शहर में जिला प्रमुख कार्यालय की ओर जाने वाली कई सड़कों पर कार एवं मोटरसाइकिलों को आग लगा दी. पापुआ के सैन्य प्रवक्ता इको दार्यांतो ने कहा कि वामेना में कम से कम 16 नागरिक मारे गए जिसमें 13 इंडोनेशिया के अन्य प्रांतों के हैं. इनमें से अधिकतर की मृत्यु जलते मकानों या दुकानों में फंसने के चलते हुई. अब भी कई लोग आग में फंसे हुए हैं इसलिए मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
उन्होंने बताया कि कम से कम एक सैनिक और तीन अन्य नागरिक पापुआ प्रांत की राजधानी जयापुरा में प्रदर्शन के दौरान मारे गए. वामेना में करीब 65 नागरिक घायल हो गए और जयापुरा में पांच पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए.
रोद्जा बताया कि प्रदर्शन इस अफवाह से शुरू हुआ कि वामेना में एक हाईस्कूल शिक्षक की नस्ली टिप्पणी से छात्र भड़क गए थे. शिक्षक जो कि पापुआ से नहीं है, उसने पापुआ के एक मूल निवासी छात्र को बंदर कहा और आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया. हालांकि पुलिस ने इस बात से इंकार किया है.
उन्होंने कहा कि पुलिस जांच में छात्र के खिलाफ किसी नस्ली दुर्व्यवहार का सबूत नहीं मिला. यह अफवाह अन्य स्कूलों के छात्रों और मूल निवासी समुदायों में फैल रही थी. हिंसा को काबू में करने के लिए हजारों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. सोमवार को वामेना का एयरपोर्ट भी बंद रहा और 20 उड़ानें रद्द कर दी गई.

पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता भागकर पहुंची अमेरिका, ज्यादती बताकर मांगी राजनीतिक शरण
20 September 2019
वॉशिंगटन। पाकिस्तान की महिला कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने अमेरिका में राजनीतिक शरण दिए जाने की मांग की है। वह पिछले महीने पाकिस्तान के अधिकारियों की निगरानी से भाग निकली थीं। इससे पहले वह कई महीनों तक पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में अपने दोस्तों के घरों पर छिपकर अपनी जान बचा रही थीं। पाकिस्तानी डॉन न्यूज ने द न्यूयॉर्क टाइम्स का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा- 32 वर्षीय गुलालाई न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में अपनी बहन के घर पर रह रही हैं। महिलाओं, बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाली वह एक महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं।
इस्लामाबाद ने गुलालाई पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया था, जिसका बाद वह पाकिस्तान छोड़कर अमेरिका भाग आई है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वह पाकिस्तान को छोड़कर अमेरिका कैसे पहुंचीं। मगर, अमेरिकी अखबार को उन्होंने यह जरूर बताया कि मैंने किसी भी एयरपोर्ट से उड़ान नहीं भरी। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा मैं आपको कुछ नहीं बता सकती हूं। पाकिस्तान से भागने की मेरी कहानी के सामने आने से कई लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी।
पाकिस्तान में मानवाधिकारों के हनन के लिए सेना की आलोचना होती है। गुलालाई का दोष यह है कि उन्होंने महिलाओं के पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों द्वारा की जाने वाली ज्यादती के खिलाफ और महिलाओं के अधिकारों के लिए अभियान चलाया, जिसमें यौन शोषण, गुमशुदगी और अन्य घटनाओं के बारे में आवाज उठाई गई थी। यह बात पाकिस्तानी अधिकारियों और खुफिया एजेंसी के आकाओं को नागवार गुजरी और उन्हें देशद्रोही करार दे दिया गया।
बताते चलें कि नवंबर 2018 में इस्लामाबाद हाई कोर्ट को बताया गया था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने गुलालाई का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में शामिल करने की सिफारिश की थी। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि वह किसी भी सूरत में पाकिस्तान छोड़कर किसी दूसरे देश में न भाग जाएं। डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेश में देश-विरोधी गतिविधियां चलाने के कथित आरोप में आईएसआई ने यह बात कही थी।
इसके बाद गुलालाई ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने अपने नाम को एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाले जाने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनका नाम लिस्ट से हटाने का आदेश जारी किया था। हालांकि, कोर्ट ने खुफिया एजेंसी की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय को गुलालाई का पासपोर्ट जब्त करने सहित वे सभी उपयुक्त कदम उठाने की इजाजत दी थी, जो जरूरी हों। लगातार पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी उन पर नजर रख रहे थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मई के अंत से गुलालाई को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसिया उनके दोस्तों और करीबी रिश्तेदारों के घर में दबिश देने के साथ ही देश के हर कोने में गुलालाई की तलाश कर रही थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गुलालाई इस्लामाबाद में रहने वाले अपने माता-पिता को लेकर अभी भी परेशान हैं। उनके ऊपर सरकार ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाए हैं और वे भारी सुरक्षा निगरानी में रखे गए हैं। बताया जा रहा है कि हाल के दिनों में गुलालाई ने अमेरिका में कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कांग्रेशनल लीडर्स के स्टाफ से मुलाकात की है।


20 September 2019
आबू धाबी। सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमले के बाद बना तनाव गुरुवार को कुछ कम हुआ। पहले अमेरिका ने ईरान पर हमले की धमकी दी थी, जिसके बाद ईरान ने भी कह दिया कि ऐसी कोई हरकत खुली जंग के रूप में सामने आ सकती है। बहरहाल, गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो के इस बयान से दुनिया ने राहत की सांस ली कि वे इस हमले का शांति पूर्ण हल चाहते हैं।
बता दें, विदेश मंत्री पोंपियो गुरुवार को सऊदी अरब पहुंचे। इस पूरे विवाद की शुरुआत शनिवार को हुई थी,जब सऊदी अरब के अरामको कंपनी के दो संयंत्रों पर ड्रोन से हमला हुआ था। इससे दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी का उत्पादन आधा रह गया है। इसके बाद ईरान और सऊदी अरब के बीच तनाव बढ़ गया था। अमेरिका ने भी ईरान के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी थी। खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि ईरान के खिलाफ सभी विकल्प खुले हुए हैं। खबर आई थी कि अमेरिकी सेना ने सायबर हमले समेत तमाम विकल्पों पर विचार कर लिया है।
प्रिंस सलमान से मिले पोंपिया
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ऑर्टेगुस ने बताया कि पोंपियो ने जेद्दा में क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी। दोनों इसको लेकर सहमत थे कि ईरान को उसके आक्रामक रवैये के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
बकौल मोर्गन ऑर्टेगुस, यह अस्वीकार्य और अभूतपूर्व हमला है। न केवल सऊदी अरब की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि सऊदी अरब में रहने और काम करने वाले सभी अमेरिकी नागरिकों के जीवन को भी खतरे में डाल दिया है।

PNB Fraud Case के आरोपी Nirav Modi की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक बढ़ी
20 September 2019
लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने करोड़ों रुपये के PNB Fraud Case के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (48) की न्यायिक हिरासत की अवधि17 अक्टूबर तक बढ़ा दी है।
कोर्ट का कहना है कि कि वह नीरव के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई अगले साल मई में करने की दिशा में काम कर रही है। नीरव रुवार को वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिये लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुआ।
जज डेविड रोबिनसन ने नीरव मोदी से कहा कि मामले में विचार के लिए कोई भी ठोस तथ्य नहीं है और अदालत उसके प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई अगले साल 11 मई से 15 मई तक करने की दिशा में काम कर रही है।
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान ED और CBI अधिकारियों की एक टीम अदालत में मौजूद थी। मालूम हो कि भारत सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर जारी प्रत्यर्पण वारंट पर स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने मार्च में नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था।
इस तरह की संक्षिप्त सुनवाई जरूरी
ब्रिटिश कानून के मुताबिक प्रत्यर्पण के लंबित मामले में हर 28 दिनों में इस तरह की संक्षिप्त सुनवाई जरूरी है। प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई से पहले अगले साल फरवरी में मामले के प्रबंधन से संबंधित सुनवाई होने की भी संभावना है।
नीरव के वकील अब तक चार जमानत याचिकाएं दाखिल कर चुके हैं, लेकिन अदालत ने चारों को खारिज कर दिया। अदालत का कहना था कि जमानत देने पर नीरव मोदी के भाग जाने की पूरी संभावना है।

भगोड़े जाकिर नाईक की बढ़ी मुश्किलें, PMLA कोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट
19 September 2019
नई दिल्ली: विशेष पीएमएलए अदालत ने बुधवार को विवादित इस्‍लामी उपदेशक ज़ाकिर नाइक (Zakir Naik) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और भड़काऊ भाषणों के माध्यम से लोगों को उकसाने के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किया है. पिछले हफ्ते ईडी की तरफ से कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद यह वारंट जारी हुआ. जाकिर 2016 से भारत के लिए वांटेड है. वह मलेशिया में शरण लिए हुए है.
मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने मंगलवार को कहा कि उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी ने उनसे विवादास्पद इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण के संबंध में अनुरोध नहीं किया है.
उधर, भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री एस. जयशंकर कह चुके हैं कि हम जाकिर नाइक को वापस चाहते हैं और इसे लेकर मलेशिया की सरकार को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया है.
उल्‍लेखनीय है कि हिंदुओं के खिलाफ नस्‍लीय टिप्‍पणी के आरोप में घिरे विवादित धार्मिक उपदेशक जाकिर नाईक पर मलेशिया के राज्‍य मेलाका ने धार्मिक भाषण देने पर पिछले अगस्‍त में प्रतिबंध लगा दिया है. स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक मेलाका के मुख्‍यमंत्री आदिली जाहरी ने कहा कि हम यहां सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं. इसलिए हमने जाकिर को यहां धार्मिक भाषण देने या लोगों को एकत्र करने पर पाबंदी लगा दी है.
मेलाका इस तरह जाकिर पर पाबंदी लगाने वाला मलेशिया का सातवां राज्‍य हो गया है. इससे पहले जोहोर, सेलांगोर, पेनांग, केदाह, परलिस और सरावाक राज्‍य अपने यहां जाकिर के धार्मिक भाषण देने पर प्रतिबंध लगा चुके हैं.
साल 2016 में ढाका के होली आर्टिसान बेकरी में हुए बम विस्फोट के मामले में नाम आने के बाद से नाईक भारत में आतंकवाद जैसे गंभीर आरोपों में वांछित है. मुंबई में जन्मा और विवादित पीस टीवी का संस्थापक 2017 में भारत से भागने के बाद मलेशिया में रह रहा है.

'Howdy, Modi' में होगा कुछ बड़ा ऐलान, PM मोदी ने मुझे बुलाया है, मैं जरूर जाऊंगा: डोनाल्ड ट्रंप
19 September 2019
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के अमेरिका (US) के ह्यूस्टन (Houston) में होने वाले कार्यक्रम 'Howdy Modi' में शामिल होने को लेकर आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बड़ा बयान दिया है. ट्रंप ने कहा है कि पीएम मोदी ने मुझे बुलाया है, मैं जरूर जाऊंगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'पीएम मोदी की रैली में बहुत से लोग आने वाले है. पीएम मोदी के साथ मेरे संबंध बहुत अच्छे है. 'Howdy Modi' में कुछ बड़ा ऐलान होगा '
बता दें कि 16 सितंबर को ही अमेरिकी राष्ट्रपति सचिव कार्यालय, व्हाइट हाउस (White House) ने डोनाल्ड ट्रंप के 'Howdy Modi' कार्यक्रम में शामिल होने की पुष्टि की थी.
राष्ट्रपति सचिव कार्यालय, व्हाइट हाउस ने कहा था कि भारत-आस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण साझेदारी को रेखांकित करने के लिए 22 सितंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ह्यूस्टन, टैक्सास, वापाकोनीटा (Wapakoneta) ,ओहियो जाएंगे. ह्यूस्टन में राष्ट्रपति ट्रंप पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में भाग लेंगे.
व्हाइट हाउस ने कहा है, 'ह्यूस्टन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम 'Howdy, Modi' में हजारों लोगों के आने की संभावना है.
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 सितंबर को अमेरिका के दौरे पर जाएंगे. पीएम मोदी 22 सितंबर को ह्यूस्टन में एक मेगा शो 'Howdy Modi' को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी के 'howdy modi' कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के हज़ारों लोगों के भाग लेने की संभावना है.
दरअसल दक्षिण पश्चिम अमेरिका में दोस्ताना अंदाज़ में एक-दूसरे को 'हाओडी (Howdy)' कहने का चलन है. हाओडी (Howdy) अंग्रेजी शब्द हाओ डू यू डू (How do you do) का संक्षिप्त रूप है. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के भाषण के अलावा भारतीय-अमेरिकी रिश्तों को दर्शाने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होगा जिसका सीधा प्रसारण किया जाएगा. Howdy Modi का आयोजन टेक्सस इंडिया फ़ोरम द्वारा किया जा रहा है.

बेल्जियम में गूंजेगी अब हरियाणा की अंजलि की किलकारी, गोद लेने आए विदेशी दंपति
19 September 2019
कैथल (विपिन शर्मा): जिले के बाल उपवन संस्था में पल रही एक असहाय बेटी अंजलि के लिए आज का दिन खुशनशीब साबित हुआ. असहाय और लावारिश हालत में मिली बिटिया को एक बेल्जियम दंपति ने आज गोद ले लिया है. उम्मीद है अब अंजलि को मां की ममता की छांव और एक पिता की ढाल जरूर नसीब होगी.
अंजलि को गोद लेने के लिए बेल्जियम से पहुंचे इस दंपति ने एक लंबी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इस बेटी को प्राप्त कर लिया है. आज बाल उपवन संस्था , सनातम धर्म मन्दिर के पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण विभाग के अधिकारी और जिला विधिक सेवा के सिविल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कौर की उपस्थिति में अंजलि को बेल्जियम दंपति के हवाले कर दिया गया.
गौरतलब है कि बेल्जियम दंपति निजक्रस्ट और मार्टिन ने कैथल के सनातम धर्म संस्था द्वारा संचालित बाल उपवन संस्था में पल रही अंजलि को भारतीय संस्था कारा (सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्सेस एजेंसी ) की मदद से गोद लेने की इच्छा जताई थी. CARA से अनुमति मिलने के बाद दंपति एक लंबी प्रकिर्या बाद अंजलि को लेने कैथल पहुंचा और आखिरकार उन्होंने अंजलि को गोद ले लिया.
दरअसल, अंजलि को जन्म देने वाली मां के बारें में कुछ अता-पता नहीं है. बताया जाता है अंजलि को कुरुक्षेत्र में सुनसान इलाकों में झाड़ियों से बरामद किया गया था, जिसके बाद से अंजलि का पालन-पोषण बाल उपवन कैथल द्वारा किया जा रहा था. सनातम धर्म मंदिर द्वारा संचालित बाल उपवन में पली-बढ़ी अंजलि को गोद लेने वाली मां मार्टिन और पिता निजक्रस्टबल्जियम की एक संस्था में काम करते हैं. मार्टिन और निजक्रस्ट ने पहले से दो बच्चे होने के बावजूद अंजलि को गोद लेने की इच्छा जताई थी. दंपति ने गोद लेने की लंबी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद राहत की सांस लेते हुए आज के दिन को खुद के लिए बड़ा दिन बताया.
बेल्जियम से आए दंपति मॉर्टिन पत्रकार ने पूछा कि आप भारत से ही बेटी लेने क्यों क्यों सोचा और इसलिए आप देखभाल करेंगे इसकी क्या गारंटी है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि उनके देश के कानून के हिसाब से 2 बच्चों से ज्यादा वह पैदा नहीं कर सकते और उनका मानना है कि बेटी से ही परिवार होता है तो उन्होंने समाज सेवी संस्था के माध्यम से भारत से बेटी को गोद लेना उचित समझा.
संस्था के प्रधान रवि भूषण ने बताया कि बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया पूरी तरह संवैधानिक है. इंटरनेशनल संस्था कारा देश-विदेश में बच्चों को गोद लेने का काम करवाती है जब यह बच्ची वहां चली जाएगी तो हर 3 महीने बाद संस्था इस चीज का ध्यान रखेगी कि बच्चे की देखभाल ठीक से हो रही है और हमने भी बेल्जियम दंपति के परिवार की फोटो और वीडियो देखिए से भी उनकी पुष्टि करवाई है. अच्छे लोग हैं. उसके बावजूद भी हम इस बात की जांच रखेंगे कि हमारी भारत की बेटी बेल्जियम में सुरक्षित है और अच्छे से है.

कश्मीर पर EU ने दिया भारत का साथ, कहा- यहां आतंकी चांद से नहीं पड़ोसी देश से आते हैं
18 September 2019
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म होने के बाद से पाकिस्तान (Pakistan) ने दुनियाभर में इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने की कोशिश की. लेकिन, पाकिस्तान को हर जगह से निराशा ही हाथ लगी. इन सबके बीच, यूरोपीय संघ (European Union) ने भी कश्मीर मामले पर भारत का समर्थन कर दिया है. यूरोपीय संसद द्वारा कहा गया है कि पाकिस्तान एक संदिग्ध देश है और कश्मीर द्विपक्षीय मामला है.
यूरोपीय संघ के नेता रिजार्ड जारनेकी (Ryszard Czarnecki) ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. हमें भारत और जम्मू कश्मीर में होने वाली आतंकवादी घटनाओं की ओर देखना चाहिए. रिजार्ड जारनेकी ने पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये आतंकवादी चांद से धरती पर नहीं आते हैं. आतंकवादी पड़ोसी देश से भारत में आते हैं. उन्होंने कहा कि हमें इस मामले पर भारत का साथ देना चाहिए.
इसी के साथ यूरोपीय संघ के एक अन्य नेता फुल्‍वियो मार्तुसाइल्‍लो (Fulvio Martusciello) ने कहा कि पाकिस्‍तान ने भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों के इस्‍तेमाल की धमकी दी है. पाकिस्तान एक ऐसी जगह है, जहां आतंकवादी यूरोप में आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बनाते हैं.
गौरतलब है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव जारी है. पाकिस्तान बौखलाहट में सीमा पर सीजफायर का भी लगातार उल्लंघन कर रहा है. साथ ही पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापारिक संबंध भी तोड़ लिए हैं.

PM के प्‍लेन के लिए भारत ने पाकिस्‍तान से एयरस्‍पेस की इजाजत मांगी, लिखी चिट्ठी
18 September 2019
नई दिल्‍ली: पीएम नरेंद्र मोदी की 21-27 सितंबर के दौरान अमेरिका यात्रा के लिए भारत ने पाकिस्‍तान के एयरस्‍पेस के इस्‍तेमाल की इजाजत मांगी है. इस संबंध में पिछले दिनों भारत ने औपचारिक रूप से पाकिस्‍तान को चिट्ठी भी लिखी है. 20 सितंबर को पाकिस्‍तान को इसका जवाब देना है. उल्‍लेखनीय है कि पिछले दिनों पाकिस्‍तान ने राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदेशी दौरे के लिए अपने एयरस्‍पेस के इस्‍तेमा की इजाजत नहीं दी थी.
यदि इस बार भी भारत की पेशकश को पाकिस्‍तान ने ठुकरा दिया तो इसको इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन चार्टर (ICOA) का उल्‍लंघन माना जाएगा. इस चार्टर के मुताबिक युद्ध की स्थिति को छोड़कर किसी भी अन्‍य परिस्थिति में एयरस्‍पेस की इजाजत से इनकार नहीं किया जा सकता. इस सूरतेहाल में भारत पाकिस्‍तान के खिलाफ ICOA में जा सकता है जहां उसको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है.


18 September 2019
नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) द्वारा चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-2 के 'लैंडर विक्रम' (Lander Vikram) से संपर्क होने का इंतजार केवल भारत में ही नहीं दुनियाभर के लोगों को है. इस फेहरिस्त में हॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ब्रैड पिट का नाम भी शामिल हो गया है. ब्रैड पिट ने एक बार लोगों की दिलचस्पी भारत के मिशन मून की तरफ बढ़ा दी है. अपनी आने वाली फिल्म एड एस्ट्रा (AD ASTRA)में एस्ट्रोनॉट की भूमिका में नजर आने वाले हॉलीवुड के इस दिग्गज अभिनेता ने चंद्रमा पर इसरो द्वारा भेजे गए चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के बारे में पूछा.
ब्रैड पिट ने नासा (NASA) के एस्ट्रोनॉट निक हॉज को इंटरनेश्नल स्पेस स्टेशन (ISS)में फोन किया और उनसे भारत के चंद्रयान-2 के बारे बातचीत की. ब्रैड पिट ने निक हॉज पूछा, 'क्या आपने भारत के चंद्रयान-2 विक्रम लैंडर की लैंडिंग देखी थी? जिसे 7 सितंबर को चांद के साउथ पोल पर लैंड करना था.' निक हॉज ने जवाब दिया- दुर्भाग्यवश नहीं.
दरअसल ब्रैड पिट 20 सितंबर को रिलीज होने वाली अपनी फिल्म एड एस्ट्रा (AD ASTRA) के एक प्रमोश्नल इंवेंट के लिए नासा पहुंचे थे. ब्रैड पिट की यह फिल्म साइंस फिक्शन पर आधारित है. इस फिल्म में वह एक एस्ट्रोनॉट की भूमिका में है.
ब्रैड पिट द्वारा भारत के मिशन मून में रुचि दिखाए जाने की ट्विटर यूजर्स ने जमकर सराहना की. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'यह जानकर आश्चर्य हुआ कि ब्रैड पिट भारत के मिशन मून'
7 सितंबर को विक्रम लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना था लेकिन उससे चंद मिनट पहले संपर्क टूट गया. जब वह चंद्रमा की सतह से 2.1 दूर था तभी उसका ग्राउंड स्‍टेशन से संपर्क टूट गया. अगर ये अभियान सफल हो जाता तो यूएसएसआर, अमेरिका और चीन के बाद चांद पर कामयाबी हासिल करने वाला भारत चौथा मुल्‍क होता. सिर्फ इतना ही नहीं चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला मुल्‍क होता. हालांकि उससे पहले दो सितंबर को विक्रम लैंडर, चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक पृथक हो गया था.

अफगानिस्तानः राष्ट्रपति अशरफ गनी की रैली में धमाका, 24 की मौत
17 September 2019
काबुलः अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की रैली में हुए भीषण बम धमाके में 24 लोगों के मारे जाने की खबर है. अफगानिस्तान के नॉर्दन परवान प्रांत में हुए इस धमाके में 31 लोग घायल हुए है. अफगानी अधिकारियों के मुताबिक यह धमाका एक पुलिस वाहन में राष्ट्रपति अशरफ गनी के रैली स्थल करीब हुआ.
राष्ट्रपति के अभियान के प्रवक्ता हामिद अज़ीज़ का कहना है कि राष्ट्रपति ग़नी धमाके के वक्त वहीं मौजूद थे, वह सुरक्षित है. अजीज ने कहा कि वह बाद में इस बारे में विस्तृत जानकारी देंगे. परवान में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता वाहिदा शाहकर का कहना है कि विस्फोट हुआ था, जबकि मंगलवार को कार्यक्रम स्थल के प्रवेश द्वार पर रैली चल रही थी।
अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. बता दें कि अफगानिस्तान में अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनावके लिए फिलहाल चुनाव प्रचार तेजी से चल रहा है.

पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, मैं भारत-पाक के साथ करूंगा बैठक
17 September 2019
वाशिंगटन: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अमेरिकी (us) यात्रा से पहले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बड़ा बयान दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि वह जल्द ही भारत ( India) और पाकिस्तान (Pakistan) के साथ बैठ करेंगे. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है वहां बहुत कुछ प्रगति हो रही है. ' बता दें डोनाल्ड ट्रम्प 22 सितंबर को ह्यूस्टन में होने वाले पीएम मोदी के कार्यक्रम ‘हाउडी मोदी' कार्यक्रम में शामिल होंगे. व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा, 'ह्यूस्टन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम 'Howdy, Modi' में हजारों लोगों के आने की संभावना है. पीएम मोदी के 'howdy modi' कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के हज़ारों लोगों के भाग लेने की संभावना है. दरअसल दक्षिण पश्चिम अमेरिका में दोस्ताना अंदाज़ में एक-दूसरे को 'हाओडी (Howdy)' कहने का चलन है. हाओडी (Howdy) अंग्रेजी शब्द हाओ डू यू डू (How do you do) का संक्षिप्त रूप है. पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा का कार्यक्रम
21 सितंबर 2019 (देर शाम): अमेरिका दौरे पर पीएम मोदी सबसे पहले ह्यूस्टन पहुंचेंगे. 22 सितंबर 2019 (शाम 8:30 बजे): ह्यूस्टन में 'Howdy Modi' कार्यक्रम में भारतीयों से सीधा संवाद. ह्यूस्टन में 'Howdy Modi' कार्यक्रम में भारतीयों से सीधा संवाद.
23 सितंबर 2019: UN महासचिव के '2019 क्लाइमेट एक्शन समिट' में संबोधन
24 सितंबर 2019: UN मुख्यालय में महात्मा गांधी पर विशेष कार्यक्रम की मेजबानी
24 सितंबर 2019: बिल-मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से पीएम मोदी का सम्मान
24 सितंबर 2019: 2019 ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड से सम्मानित किए जाएंगे मोदी
24 सितंबर 2019: स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क में 'गांधी पीस गार्डन' की शुरुआत
25 सितंबर 2019: CEOs और राष्ट्राध्यक्षों के 'ग्लोबल बिजनेस फोरम' में संबोधन
25 सितंबर 2019: 'ग्लोबल बिजनेस फोरम' में माइकल ब्लूमबर्ग से बातचीत
25-26 सितंबर 2019: वॉशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मुलाकात
27 सितंबर 2019: संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी का संबोधन

पाक विदेश मंत्री ने फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा, UNSC से की यह अपील
17 September 2019
इस्लामाबादः जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से बौखलाया पाकिस्तान अब दोबारा इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर ले जाने की बात कह रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है, 'हमने ये निर्णय लिया की इस मसले को फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना है. क्योंकि ये मसला दब गया था. जब 9/11 हो गया था तो भारत ने बड़ी चालाकी से इसे दहश्तगर्दी से जोड़ दिया था. हमने फैसला किया है कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल इसे रिव्यू करे.'
कुरैशी ने कहा, '58 सालों के बाद इस मसले को बहस में लाया गया है. वहां के लोगों पर जो जुल्म वह होता रहा है लेकिन ये बात आगे नहीं गई. अब आज ये विश्व स्तर पर है और इससे कश्मीरियों का हौंसला बड़ा है. भारत इसमें जितनी रुकावट डाल सकता था उसने डाली. लेकिन चीन ने हमारे वकील की तरह काम किया. हमने एक नीति के तहत काम किया. अब ये मसला हल होगा. अब इस पर फिर मोहर लग गई है.'
पाक विदेश मंत्री ने कहा, 'सोमवार को भारत के चीफ जस्टिस कहते हैं कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद को वह जाने दीजिये. मैं उनको कहता हूं कि सब अच्छा किया जो उनको जाने की इजाजत दें.सब इंटरनेश्नल और भारतीय मीडिया को भी वहां जाने की इजाजत दें.भारत का मीडिया और सुप्रीम कोर्ट भी बड़े दवाब में है. दूध का दूध -पानी का पानी हो जायेगा. इंटरनेशनल लेवल पर सब जगह इस पर बात और बहस हो रही है. बहुत सारे देश इस पर बात कर रहे है.'

ईरान के टॉप कमांडर ने कहा- हमारी मिसाइलों के जद में है अमेरिकी सैन्य शिविर
16 September 2019
तेहरान: ईरान (Iran) के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के एक शीर्ष कमांडर ने कहा कि क्षेत्र में स्थित अमेरिका (US) के सैन्य शिविर ईरानी मिसाइलों ( Missile) की जद में हैं. प्रेस टीवी ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, आईआरजीसी के एयरोस्पेस डिवीजन के कमांडर आमिर अली हजीजदेह ने रविवार को कहा, 'क्षेत्र में अमेरिकी शिविरों की बात करें तो 2,000 किलोमीटर की सीमा में अमेरिकी जहाज, विमान और युद्धक विमान तक हमारी मिसाइलों की जद में हैं.'
हजीजदेह के हवाले से कहा गया, 'उन्हें (अमेरिकी) लगा कि अगर वे हमसे (ईरानी सीमा) 400 किलोमीटर दूर होंगे तो वे हमारी मिसाइलों की जद से बाहर हो सकते हैं. हालांकि, वे कहीं भी हों, अगर युद्ध हुआ, तो सबसे पहले हमारी मिसाइलों के निशाने पर उनके युद्धक विमान होंगे.' उन्होंने कहा कि ईरान अमेरिका से बड़ा युद्ध करने के लिए हमेशा से तैयार है.
हजीजदेह ने देश की दक्षिणी समुद्र में जून में ईरानी एयर डिफेंस फोर्सेस द्वारा घुसपैठ कर रहे एक अमेरिकी ड्रोन को भी मार गिराने का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह देश की वायुसीमा की रक्षा के उद्देश्य से किया गया था.

सऊदी में हमले के बाद कच्चे तेल के दाम बढ़े, ट्रंप ने रिजर्व तेल के इस्तेमाल को दी मंजूरी
16 September 2019
नई दिल्ली: सऊदी अरब के ऑइल प्लांट पर हाल के हमले के मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) से तेल के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी ताकि तेल की कीमतों को नियंत्रण रखा सके. स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल का भंडार करने की जगह है.
ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा, “सऊदी अरब में हमले के बाद पेट्रोल के दाम में किसी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं हो इसके लिए मैं एसपीआर से रिजर्व पेट्रोल इस्तेमाल करने के लिए कह सकता हूं. मैंने टेक्सास समेत दूसरे राज्यों में अनुमति प्रक्रिया में वर्तमान में तेल पाइपलाइनों की मंजूरी में तेजी लाने के लिए सभी उपयुक्त एजेंसियों को सूचित किया है.”
ट्रम्प ने आगे कहा कि अमेरिका को सऊदी अरब से इस बात की पुष्टि का इंतजार था कि उन्हें ऑइल प्लांट पर हमले के पीछे किस पर संदेह है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सऊदी अरब के तेल क्षेत्र में ड्रोन हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे देश की तेल क्षमता का लगभग आधा हिस्सा या दैनिक वैश्विक तेल आपूर्ति का 5 प्रतिशत बाधित हुआ है.
हमले के बाद पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा, "सऊदी अरब पर करीब 100 हमलों के पीछे तेहरान का हाथ है जबकि (राष्ट्रपति हसन) रूहानी और (विदेश मंत्री मोहम्मद जावद) जरीफ कूटनीति में शामिल होने का दिखावा करते हैं. तनाव कम करने के आह्वान के बीच ईरान ने अब दुनिया की ऊर्जा आपूर्ति पर जबरदस्त हमला किया है."
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, वैश्विक तेल आपूर्ति के 5% उत्पादन पर हमलों के बाद तेल की कीमतें छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि मई के बाद से अमेरिकी कच्चे तेल का वायदा कारोबार 15% तक उछल गया. पिछली बार यह 60.89 डॉलर प्रति बैरल था जबकि ब्रेंट क्रूड 13% बढ़कर 68.06 डॉलर पर था, जो इससे पहले 71.95 डॉलर था.
सऊदी अरब में हुए ड्रोन हमले में शनिवार को सरकारी कंपनी अरामको की दो तेल रिफाइनरियों में आग लग गई. ड्रोन हमले के कारण रियाद से करीब 150 किलोमीटर दूर राज्य के तेल समृद्ध प्रांत में अबकैक शहर में रिफाइनरी में आग लग गई. अरामको कंपनी इसे दुनिया के सबसे बड़े ऑयल प्रोसेसिंग प्लांट के रूप में प्रस्तुत करती है. 10 मानवरहित विमानों द्वारा किए गए हमलों से सऊदी अरब के सबसे बड़े तेल क्षेत्रों में से एक हिजरा खुरैस को निशाना बनाया गया. जो कि प्रतिदिन लगभग 15 लाख बैरल का उत्पादन करता है और दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल के भंडार वाले अबकैक जो 70 लाख बैरल तेल प्रोसेस करता है.

पाकिस्तान के सिंध में हिंदू शिक्षक पर हमला, मंदिर और स्कूल में तोड़फोड़
16 September 2019
कराची: पाकिस्तान (Pakistan) में एक बार फिर हिंदुओं (Hindu) पर अत्याचार का मामला सामने आया है. पाकिस्तान के सिंध (Sindh) प्रांत के एक स्कूल में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के प्रिंसिपल के खिलाफ ईशनिंदा (Blasphemy) का मामला दर्ज होने के बाद रविवार को प्रांत के कई इलाकों में दंगे भड़क गए. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक भीड़ ने गोटकी शहर में एक हिंदू मंदिर और स्कूल में तोड़फोड़ की, साथ ही हिंदू प्रिंसिपल के साथ भी मारपीट की.
स्कूल में तोड़फोड़ का विडियो सोशल मीडिया पर जारी हो गया है. पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने भीड़ द्वारा स्कूल में तोड़फोड़ किए जाने से संबंधित एक विडियो साझा करते हुए स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है. आयोग ने कहा है कि पुलिस-प्रशासन जरूरी कदम उठाए और स्कूल प्रिंसिपल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.
आयोग ने वीडियो को दहलाने वाला बताया है. आयोग का कहना है कि एक धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ भीड़ की हिंसा बर्बरता है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.
वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस ने ट्वीट करके कहा, एक हिंदू स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ ईशनिंदा के आरोप लगने के बाद घोटकी सिंध में हिंसा. प्रिंसिपल के स्कूल, हिंदू मंदिर, दुकानें, घरों में भीड़ ने की तोड़फोड़. अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दुनिया को पाकिस्तान पर दबाव डालना चाहिए.
पाकिस्तान के पत्रकार ने भी इस घटना का विडियो शेयर करते हुए कहा कि इलाके में हिंदू समुदाय खतरे में है. उनकी सुरक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
एक छात्र के पिता अब्दुल अजीज राजपूत की शिकायत पर सिंध पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल नोतन मल के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. राजपूत का आरोप है कि शिक्षक ने इस्लाम के पैगंबर के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी कर ईशनिंदा की है. स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद घोटकी जिले में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की मांग की.

सऊदी अरब की 2 सबसे बड़ी ऑयल फैसिलिटी पर हुआ ड्रोन से हमला, लगी भीषण आग
14 September 2019
नई दिल्‍ली : सऊदी अरब में शनिवार को बड़ी घटना हुई है. यहां के अबकैक और खुरैस में स्थित दो सबसे बड़ी ऑयल फैसिलिटियों में आग लग गई है. बताया जा रहा है कि आग की यह घटना दोनों ऑयल फैसिलिटियों में ड्रोन द्वारा हमले के बाद हुई है. ये दोनों ही ऑयल फैसिलिटी का संचालन सऊदी अरब की सबसे बड़ी कंपनी सऊदी अरामको करती है.
सऊदी अरब के आतंरिक मंत्रालय ने मीडिया को जानकारी दी है कि अब दोनों ही फैसिलिटियों में आग लगी थी. यह घटना सुबह करीब 4 बजे हुई है. इस समय हालात सामान्‍य हैं.

ब्राजील : रियो डि जनेरियो के अस्पताल में आग, 11 की मौत, देखें वीडियो
14 September 2019
रियो डि जनेरियो : ब्राजील (Brazil) के रियो डि जनेरियो के एक निजी अस्पताल में आग लगने की घटना में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पुलिस इंस्पेक्टर रॉबटरे रामोस ने बताया, "अभी और मौतें हो सकती हैं. आशा करता हूं कि ऐसा नहीं हो लेकिन ऐसा होने की आशंका है. "
कुछ लोग अस्पताल के अंदर 103 रोगियों के बीच अपने प्रियजनों को ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे थे. आग गुरुवार शाम को लगी. रियो कॉरनर ऑफिस ने कहा कि कुछ की मौत धुएं व दम घुटने के कारण हुई है जबकि कुछ की मौत लाइफ-सपोर्ट उपकरणों के खराब होने जाने के कारण हुई.
आग बुझाने के दौरान चार दमकलकर्मी भी घायल हो गए, जिसके लिए अस्पताल ने जेनरेटर में शॉर्ट सर्किट को जिम्मेदार ठहराया. 13 रोगियो को छोड़कर बाकी को आखिरकार रियो डि जनेरियो के आठ अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया.
मेयर मार्सेलो क्रिवेला ने शुक्रवार सुबह अस्पताल में मीडिया को बताया कि इमारत को कानूनी तौर पर आवश्यक अग्नि-सुरक्षा उपकरणों के साथ तैयार किया गया था. पुलिस और दमकल विभाग ने आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है. रियो डि जनेरियो के नागरिक सुरक्षा विभाग ने शुक्रवार सुबह ट्विटर पर कहा कि यह पिछली शाम से आठ तकनीशियनों के एक समूह के साथ घटनास्थल पर काम कर रहा है.
इसने कहा कि इसकी टीम ने बादिम अस्पताल और उसके आस-पास के इलाके की घेराबंदी कर दी और वर्तमान में इमारत के ढांचे का निरीक्षण करने के लिए पुलिस से मंजूरी का इंतजार कर रही है. विभाग ने कहा कि अस्पताल के पास स्थित लगभग छह घरों के निवासियों को एहतियात के तौर पर अपने घरों को खाली करने का निर्देश दिया गया है.

हॉलीवुड एक्‍ट्रेस ने रिश्‍वत देकर कराया बेटी का कॉलेज में एडमिशन, हो गई 14 दिन की जेल
14 September 2019
बोस्टन : हॉलीवुड अभिनेत्री फेलिसिटी हफमैन को एक शीर्ष यूनिवर्सिटी में अपनी बेटी का एडमिशन कराने के लिए रिश्वत देने के मामले में 14 दिन जेल की सजा सुनाई गई है. बोस्टन में शुक्रवार को एक कोर्ट में संघीय न्यायाधीश इंदिरा तलवानी ने अपने आदेश में कहा कि हफमैन (56) को 30,000 डॉलर का जुर्माना भरने, 250 घंटों की कम्यूनिटी सेवा और एक साल तक निगरानी में रहने की सजा दी जाती है.
तलवानी ने हफमैन से कहा, "मुझे लगता है कि आप इस सजा को स्वीकार करेंगी और आगे बढ़ेंगी. आप इसके बाद अपना जीवन दोबारा संवार सकती हैं."
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, 'डेस्परेट हाउसवाइव्स' की स्टार ने एक बयान में कहा कि वह बिना किसी विरोध के कोर्ट का आदेश स्वीकार करती हैं. उनकी सजा 25 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी.
उन्होंने कहा, "मैंने कानून तोड़ा है. मैंने यह स्वीकार किया है और मैं इसके लिए खुद को दोषी मानती हूं. मैंने जो किया उसके लिए कोई बहाना या सफाई नहीं है." हफमैन ने मई में अपनी बेटी को एक कॉलेज में एडमिशन दिलाने के एवज में एक फर्जी चैरिटी को 15,000 डॉलर देने का दोषी पाया गया था. हफमैन के पति अभिनेता विलियम एच. मेसी हालांकि इस मामले में आरोपी नहीं थे.

नीरव मोदी के भाई के खिलाफ इंटरपोल ने जारी किया रेड कॉर्नर नोटिस
13 September 2019
नई दिल्‍ली: पीएनबी बैंक घोटाले के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) के भाई नेहल मोदी (Nehal Modi) के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. उस पर भी पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में मनी लांड्रिंग का आरोप है. नेहल मोदी (40) के पास यूरोपीय देश बेल्जियम की नागरिकता है. वह अमेरिका में न्‍यूयॉर्क सिटी के उपनगरीय इलाके में रहता है. जांचकर्ताओं का कहना है कि वह अमेरिका की फाइरस्‍टार डायमंड्स (Firestar Diamonds) का निदेशक था. ये कंपनी अब अस्तित्‍व में नहीं रही.
वह इथाका ट्रस्‍ट ( Ithaca Trust) से भी जुड़ा था. इसका गठन नीरव मोदी के रीयल एस्‍टेट बिजनेस के लिए फंड और प्रॉपर्टी एकत्र करना था. इसके लिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के तहत पैसा जुटाया गया, जिसको बाद में शेल कंपनियों में भेज दिया गया. नीरव मोदी के भारत से भागने के एक महीने के बाद फायरस्‍टार डायमंड्स ने अमेरिका में दिवालिया होने के लिए आवेदन किया.
इंटरपोल ने नेहल मोदी के संबंध में जो सूचना जारी की है, उसके मुताबिक 40 वर्षीय नेहल का जन्‍म बेल्जियम के एंटवर्प में हुआ. वह तीन भाषाएं-अंग्रेजी, गुजराती और हिंदी जानता है. पीएनबी घोटाले में ईडी ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें सबसे पहले नेहल मोदी का नाम सामने आया. ईडी की चार्जशीट में उस पर साक्ष्‍यों को मिटाने का आरोप है. एजेंसी के मुताबिक जब पीएनबी घोटाले का पर्दाफाश हुआ तो नेहल मोदी और नीरव मोदी की ज्‍वैलरी फर्म फाइरस्‍टार इंटरनेशनल के सीईओ मिहिर रश्मि भंसाली के साथ दुबई से 50 किलो सोना और बड़ी मात्रा में धन लिया और कंपनी के डमी निदेशकों से जांच एजेंसियों के समक्ष नाम नहीं जाहिर करने को कहा.
उल्‍लेखनीय है कि नीरव मोदी पर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के जरिये पीएनबी से 13,500 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है. उसको इस साल लंदन में गिरफ्तार किया गया और वहां की कुख्‍यात वैंड्सवर्थ जेल में बंद है. उसकी कई जमानत याचिकाएं खारिज की जा चुकी हैं. भारत की प्रत्‍यर्पण की गुजारिश के कारण नीरव मोदी को ब्रिटिश सरकार ने पकड़ा. उसके खिलाफ सीबीआई के आग्रह पर इंटरपोल ने पिछले साल रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.

संसद निलंबन को लेकर मैंने महारानी से झूठ नहीं बोला : जॉनसन
13 September 2019
लंदन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने गुरुवार को इस बात से इनकार किया कि उन्होंने ब्रिटिश संसद को पांच हफ्ते निलंबित रखने की महारानी को दी अपनी सलाह में झूठे कारण बताए थे. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्कॉटलैंड की सर्वोच्च नागरिक अदालत द्वारा बुधवार को 'शटडाउन' को गैरकानूनी बताए जाने के बाद जॉनसन मीडिया से बात कर रहे थे.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने महारानी से निलंबन के कारण बताते समय झूठ बोला था, उन्होंने कहा, "बिल्कुल नहीं..हाईकोर्ट स्पष्ट रूप से हमारी बात से सहमत था, लेकिन निर्णय सुप्रीम कोर्ट को लेना है."
जॉनसन ने जोर देकर कहा कि ब्रिटेन 31 अक्टूबर को यूरोपीय संघ (ईयू) छोड़ने के लिए तैयार रहेगा.
उन्होंने कहा, "जो आप यहां होते हुए देख रहे हैं वह गंभीरता से की जा रही तैयारी है और सबसे बुरी हालत में भी, आप किसी भी सरकार से यही उम्मीद कर सकते हैं."
प्रधानमंत्री ने कहा, "अगर हम ऐसा करते हैं तो वास्तव में हम निश्चित रूप से एक बिना सौदे के ब्रेक्सिट के लिए तैयार होंगे और मैं फिर से कहता हूं कि ऐसा करने की हमारी मंशा नहीं है."
पांच हफ्ते का संसद निलंबन मंगलवार को शुरू हुआ है.

आतंकवाद पर PAK PM इमरान का बड़ा कबूलनामा- '1980 में जेहादियों को तैयार किया'
13 September 2019
नई दिल्‍ली: आतंकवाद पर पाकिस्‍तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने बड़ा कबूलनामा करते हुए कहा है कि 1980 में अफगानिस्‍तान में रूस (तत्‍कालीन सोवियत संघ) के खिलाफ लड़ने के लिए पाकिस्‍तान ने जेहादियों को तैयार किया. उन्‍हें ट्रेनिंग दी. रूस के अंग्रेजी न्‍यूज चैनल RT को दिए इंटरव्‍यू में एक तरफ से उन्‍होंने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा कि शीत युद्ध के उस दौर में रूस के खिलाफ पाकिस्‍तान ने अमेरिका की मदद की. जेहादियों को रूसियों के खिलाफ लड़ने के लिए ट्रेनिंग दी. लेकिन इसके बावजूद अब अमेरिका, पाकिस्‍तान पर आरोप लगा रहा है.
उन्‍होंने कहा कि 1980 के दशक में पाकिस्तान ऐसे मुजाहिद्दीन लोगों को प्रशिक्षण दे रहा था कि जब सोवियत यूनियन, अफगानिस्तान पर कब्जा करेगा तो वो उनके खिलाफ जेहाद का ऐलान करें. इन लोगों की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान को पैसा अमेरिका की एजेंसी CIA द्वारा दिया गया. लेकिन एक दशक बाद जब अमेरिका, अफगानिस्तान में आया तो उसने उन्हीं समूहों को जो पाकिस्तान में थे, जेहादी से आतंकवादी होने का नाम दे दिया.
इमरान खान ने कहा कि यह एक बड़ा विरोधाभास था...पाकिस्तान को तटस्थ होना चाहिए था क्योंकि अमेरिका का साथ देकर हमने इन समूहों को पाकिस्तान के खिलाफ कर लिया ... इसमें हमने 70 हजार लोगों की जिंदगी गंवाई है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को 100 अरब डॉलर से ज़्यादा का नुकसान हुआ है.
हालांकि ये भी सही है कि एक तरफ जहां इमरान खान इस सच्‍चाई को परोक्ष रूप से स्‍वीकार कर रहे हैं कि उनकी सरजमीं का इस्‍तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए हुआ है, वहीं दूसरी तरफ वह कश्‍मीर पर अंतरराष्‍ट्रीय समर्थन की अपेक्षा कर रहे हैं. संभवतया इसी कारण उनके ही गृह मंत्री एजाज अहमद शाह ने एक इंटरव्‍यू में कह दिया कि कश्‍मीर के मुद्दे पर पाकिस्‍तान की बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता और पाकिस्‍तान को जिम्‍मेदार देश नहीं माना जाता.
गृह मंत्री एजाज अहमद शाह ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री इमरान खान को कठघरे में खड़ा किया है. उन्‍होंने कश्‍मीर मुद्दे पर पाकिस्‍तान सरकार की विफलता के लिए इमरान खान और उनके सिपहसालारों को जिम्‍मेदार ठहराया है. दरअसल उन्‍होंने स्‍वीकार किया है कि कश्‍मीर मुद्दे पर इस्‍लामाबाद अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय का समर्थन हासिल करने में नाकाम रहा. शाह ने इमरान खान समेत सत्‍ताधारी कुलीनतंत्र (Ruling Elite) पर पाकिस्‍तान की इमेज को बर्बाद करने का आरोप लगाया.
उन्‍होंने पाकिस्‍तानी न्‍यूज चैनल Hum News के एक टॉक शो में कहा, ''अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय में लोगों ने हम पर यकीन नहीं किया. हमने कहा कि भारत ने जम्‍मू और कश्‍मीर में कर्फ्यू लगा दिया है और लोगों को दवाएं तक नहीं मिल रही हैं. लोगों ने हम पर यकीन नहीं किया लेकिन उनकी (भारत) बात पर भरोसा किया. सत्‍ताधारी कुलीनतंत्र ने देश को बर्बाद कर दिया. इसकी छवि को खराब कर दिया गया. लोग सोचते हैं कि हम गंभीर मुल्‍क नहीं हैं.''
उनसे जब पूछा गया कि बेनजीर भुट्टो, परवेज मुशर्रफ और अन्‍य क्‍या उस सत्‍ताधारी कुलीनतंत्र का हिस्‍सा रहे हैं तो ISI के चीफ रहे एजाज अहमद शाह ने कहा, ''सभी जिम्‍मेदार हैं. पाकिस्‍तान को अब आत्‍ममंथन करने की दरकार है.''

अमेरिका ने 12 लोगों को घोषित किया वैश्विक आतंकवादी
12 September 2019
नई दिल्ली: अमेरिका ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (Tehrik-e-Taliban) पाकिस्तान (टीटीपी) के प्रमुख नूर वाली महसूद (Noor Wali Mehsud) समेत 12 लोगों को वैश्विक आतंकवादी (global terrorists) घोषित किया है और कई 'आतंकवादियों और उनके समर्थकों' पर प्रतिबंध लगाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 9/11 की बरसी से एक दिन पहले संदिग्ध आतंकवादियों और उन्हें वित्तीय सहायता पहुंचाने वाले लोगों और समर्थकों को पकड़ने के अपने प्रशासन की क्षमता में विस्तार करने के लिए एक कार्यकारी आदेश जारी किया.
अमेरिकी विदेश विभाग (US State Department) ने एक प्रेस विज्ञप्ति (Press release) में कहा, "महसूद के साथ विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) की सूची में हिजबुल्ला, हमास, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद, आईएसआईएस, आईएसआईएस-फिलीपींस, आईएसआईएस-पश्चिमी अफ्रीका, तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान जैसे पूर्व नामित आतंकवादी संगठनों के नेता शामिल हैं."
इन कार्रवाईयों के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी ने आईएसआईएस-फिलीपींस, आईएसआईएस-खोरासान, अलकायदा, हमास और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कार्प्स-कुद्स फोर्स से जुड़े 15 आतंकवादियों को नामित किया है. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने एक प्रेस वार्ता में कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप का कार्यकारी आदेश अमेरिका के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में और मजबूती लाएगा."
पोम्पियो ने कहा कि यह आदेश आतंकवादी प्रशिक्षण में शामिल लोगों और समूहों को प्रभावी रूप से निशाना बनाएगा और विदेशी वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नए अधिकार मुहैया कराएगा जो जानबूझकर संदिग्ध आतंकवादियों के साथ व्यापार करते हैं.

अलकायदा सरगना ने मुस्लिमों से कहा- अमेरिका, यूरोप, रूस और इजराइल को तबाह कर दो
12 September 2019
वॉशिंगटन. आतंकी संगठन अलकायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर मुस्लिमों को पश्चिमी देशों पर हमला करने के लिए उकसाया है। वायरल वीडियो में जवाहिरी ने मुस्लिमों से कहा कि अमेरिका, यूरोप, इजराइल और रूस जैसे पश्चिमी देशों पर हमला करके उन्हें तबाह कर दो। जवाहिरी 9/11 आतंकी हमले की 18वींबरसी पर मुस्लिमों को संबोधित कर रहा था।
जवाहरी का 33 मिनट का भाषण रिकॉर्ड किया
1. अमेरिकी कंपनी सर्च फॉर इंटरनेशनल टेररिस्ट एंटिटीज (एसआईटीई) ने इसका खुलासा किया है। एसआईटीई आतंकी संगठनों की ऑनलाइन गतिविधियों को ट्रैक करती है। इसके बाद जवाहिरी का यह वीडियो सामने आया।
2. अलकायदा सरगना ने कहा, ‘‘यदि आप जिहाद चाहते हो, तो पश्चिमी देशों की सेना को धीरे-धीरे खत्म करते रहें। अमेरिकन सैनिक आज पूर्व से पश्चिम तक पूरी दुनिया में हैं। आपके देश अमेरिकी ठिकानों से भरे हुए हैं, जिसमें सभी काफिर हैं।उनके द्वारा भ्रष्टाचार फैलाया जा रहा है।’’
3. जवाहिरी का 33 मिनट 28 सेकंड का भाषण रिकॉर्ड किया गया। वीडियो को अलकायदा के ही अस-सहाब मीडिया फाउंडेशन ने जारी किया। जवाहिरी ने अपने भाषण में जिहादी रास्ता छोड़ने वाले उन लोगों की भी आलोचना की, जो ये कहते हैं कि 9/11 जैसे हमले नहीं होना चाहिए, क्योंकि इनमें आम नागरिक मारे जाते हैं।
4. बुधवार तड़के ही अफगानिस्तान के काबुल में अमेरिकी दूतावास के पास धमाका हुआ था। अभी तक किसी संगठन ने धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है। न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि यह एक तरह का रॉकेट ब्लास्ट था।
9/11 हमले में 2900 लोग मारे गए थे
5. अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हुए हमले में 2983 लोग मारे गए थे। इसके पीछे अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का हाथ था। मई 2011 में लादेन को अमेरिका ने पाक के एबटाबाद में घुसकर मार दिया था।
6. अल-जवाहिरी 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद संगठन प्रमुख बना था। जवाहिरी मिस्र का रहने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अभी पाकिस्तान या अफगानिस्तान में छिपा हो सकता है।

प्रधानमंत्री हसीना अगले महीने भारत आएंगी, 22 साल पुराना तीस्ता जल विवाद सुलझने की उम्मीद
12 September 2019
ढाका. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को तीस्ता जल विवाद पर भारत से सकारात्मक रवैये की उम्मीद है। हसीना अक्टूबर की शुरुआत में भारत दौरे पर आने वाली हैं। हसीना ने बुधवार को संसद में कहा कि भारत के साथ करीब 22 साल से चले आ रहे तीस्ता जल विवाद को सकारात्मक तरीके से जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
दिल्ली में 3-4 अक्टूबर को इंडिया इकोनॉमिक समिट होगी
शेख हसीना ने कहा, ‘‘हमें आशा है कि दो देशों के बीच चले आ रहे अनसुलझे विवादों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। उम्मीद करते हैं कि मेरे दौरे से पहले भारत की ओर से सभी अनसुलझे विवादों पर अपना सकारात्मकता देखने को मिलेगी।’’
भारत में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा दिल्ली में 3-4 अक्टूबर को दो दिवसीय इंडिया इकोनॉमिक समिट होगी। इसमें शामिल होने के लिए शेख हसीना 3 से 6 अक्टूबर तक भारत दौरे पर आएंगी। इस कार्यक्रम का मूल विषय ‘भारत के लिए नई खोज, दक्षिण एशिया का विकास और विश्व को प्रभावित करना’ है।
बांग्लादेश मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना और नरेंद्र मोदी के बीच 5 अक्टूबर को द्विपक्षीय वार्ता होगी। इस दौरान हसीना मोदी के सामने तीस्ता जल विवाद को लेकर बात करेंगी। हसीना ने कहा कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार, ताकत, ऊर्जा, संचार, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे समझौतों पर पहले ही हस्ताक्षर हो चुके हैं।
कहां से गुजरती है तीस्ता?
तीस्ता नदी हिमालय के पाहुनरी ग्लेशियर से निकलती है। यह सिक्किम से पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश जाती है और बाद में ब्रह्मपुत्र में मिल जाती है। यह नदी कुल 393 किलोमीटर का रास्ता तय करती है। इस नदी से बांग्लादेश की 2 करोड़ और भारत की 1 करोड़ की आबादी का जीवनयापन जुड़ा है।
कब से चल रहा है विवाद?
1815 में नेपाल के राजा और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच तीस्ता नदी के पानी को लेकर समझौता हुआ। तब राजा ने नदी के बड़े हिस्से पर नियंत्रण अंग्रेजों को सौंप दिया। बांग्लादेश के आजाद होने के 12 साल बाद 1983 में दोनों (भारत-बांग्लादेश) देशों के बीच समझौता हुआ। पानी का 36% हिस्सा बांग्लादेश और बाकी भारत के खाते में आया। लेकिन पिछले 18 साल से बांग्लादेश इस पर दोबारा विचार करने पर अड़ा है।
क्या है समस्या?
दिसंबर से मार्च के बीच इस नदी में पानी का बहाव कम हो जाता है। इस वजह से बांग्लादेश में मछुआरों और किसानों को कुछ महीनों तक रोजगार के दूसरे विकल्प तलाशने पड़ते हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि वह अपने बैराज से तीस्ता का ज्यादा पानी बांग्लादेश को नहीं दे सकती।

अमेरिका ने पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान के नेता को घोषित किया आतंकी
11 September 2019
वाशिंगटनः अमेरिका ने मंगलवार को पाकिस्तानी आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के नेता को आतंकी घोषित कर दिया. तहरीक-ए-तालिबान (TTP) को पाकिस्तान तालिबान भी कहा जाता है, यह कई आत्मघाती हमलों और बम धमाकों में हुई बेकसूर लोगों की हत्या में शामिल रहा है. इससे पहले तहरीक-ए-तालिबान को अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा एसडीजीटी यानि स्पेशली डेजीग्नेटिड ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया था. जून 2018 में तहरीक-ए-तालिबान की कमान नूर वली उर्फ नूर वली महसूद को सौंपी गई थी. टीटीपी के सरगना मुल्ला फजलुल्लाह के मारे जाने के बाद नूल वली को आतंकी संगठन का प्रमुख बनाया गया था. यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के मुताबिक, 'नूल वली के नेतृत्व में टीटीपी ने पाकिस्तान में कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली.' अमेरिका के मुताबिक, तहरीक-ए-तालिबान अलकायदा से जुड़ा संगठन है. यह आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा इकट्ठा करना, आतंकी भर्ती करना, आतंकी हमलों को अंजाम देने का प्लान तैयार करना, हथियार और गोला बारूद उपलब्ध करवाना जैसा काम करता रहा है. 2018 में पाकिस्तानी तालिबान ने मुल्ला फजलुल्लाह के स्थान पर मुफ्ती नूर वाली महसूद को अपना नया प्रमुख बनाया था. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई की हत्या करने का आदेश देने वाला फजलुल्लाह अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था. पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने बताया था कि उनका नेता मारा गया था और तालिबान परिषद ने महसूद को उसका उत्तराधिकारी बनाया है. टीटीपी से जुड़े सूत्रों ने बताया था कि महसूद दक्षिणी वजीरिस्तान के तियारजा इलाके का रहने वाला है और उसने पाकिस्तान के विभिन्न मदरसों में पढ़ाई की है. ऐसा समझा जाता है कि उसने ‘इंकलाब-ए-महसूद दक्षिण वजीरिस्तान: फिरंगी राज से अमरीकी साम्राज्य तक’ नामक पुस्तक उर्दू में लिखी है. अपनी पुस्तक में उसने तालिबान की ओर से पहली बार दावा किया है कि रावलपिंडी में 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में टीटीपी के आतंकियों की संलिप्तता थी. नया नेता दक्षिण वजीरिस्तान में 2014 में एक ड्रोन हमले में बच गया था. इस हमले में आठ तालिबानी आतंकी मारे गए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेहसूद ने 1990 के दशक में उत्तरी गठबंधन के खिलाफ अफगान तालिबान के लिए लड़ाई लड़ी थी और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ हमलों में हिस्सा लिया था. नया नेता मुफ्ती नूर, मेहसूद जनजाति से आता है जो उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में उत्तर और दक्षिण वजीरिस्तान के जनजातीय जिलों पर हावी है. यह भी माना जाता है कि मेहसूद के हक्कानी नेटवर्क के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसने 2001 में अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण के बाद अफगानिस्तान में घातक हमले करवाए थे.
IPL नहीं बल्कि सुरक्षा कारणों से आपके यहां नहीं जा रहे प्‍लेयर्स: श्रीलंका का PAK को जवाब
11 September 2019
नई दिल्‍ली: 10 श्रीलंकाई प्‍लेयर्स के पाकिस्‍तान (Pakistan) जाने से इनकार के बाद उठे विवाद पर श्रीलंका (Sri Lanka) ने अपना पक्ष रखकर स्थिति साफ कर दी है. दरअसल पाकिस्‍तान के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि भारत के दबाव की वजह से लसिथ मलिंगा समेत श्रीलंका के 10 बड़े प्‍लेयर्स पाकिस्‍तान में होने वाली सीरीज से अपना नाम वापस ले लिया है. श्रीलंका के खेल मंत्री हरीन फर्नांडो ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि ''इन बातों में कोई सच्‍चाई नहीं है, जिनमें कहा जा रहा है कि भारत की वजह से श्रीलंकाई प्‍लेयर्स पाकिस्‍तान नहीं जा रहे हैं.'' उन्‍होंने स्‍पष्‍ट करते हुए कहा, ''दरअसल कुछ लोगों ने 2009 की घटना के कारण वहां नहीं जाने का फैसला किया है. उनके निर्णय का सम्‍मान करते हुए उन प्‍लेयर्स को मौका दिया जा रहा है जो वहां जाने को इच्‍छुक हैं. दरअसल पाकिस्तान के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री फवाद हुसैन चौधरी (Fawad Hussain Chaudhry) ने ट्वीट कर कहा, ‘एक स्पोर्ट्स कॉमेंटेटर ने मुझे बताया कि भारत ने श्रीलंका के खिलाड़ियों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने पाकिस्तान दौरे पर जाने से इनकार नहीं किया तो उन्हें आईपीएल से बाहर कर दिया जाएगा. यह हल्कापन है. खेल में अंधराष्ट्रवाद को जोड़े जाने की निंदा होनी चाहिए. भारतीय खेल अधिकारी जो कर रहे हैं वह निंदनीय है.’ इसी सिलसिले में श्रीलंका ने अपना पक्ष रखा है. उल्‍लेखनीय है कि सोमवार को श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड और खिलाड़ियों की बैठक हुई थी. यह बैठक पाकिस्तान दौरे को लेकर थी. माना जा रहा है कि श्रीलंका के 10 खिलाड़ियों ने इस दौरे पर जाने से मना कर दिया है. ऐसा करने वाले खिलाड़ियों में कप्तान दिमुथ करुणारत्ने, लसिथ मलिंगा, एंजेलो मैथ्यूज, निरोशन डिकवेला, कुसल परेरा, धनंजय डिसिल्वा, थिसारा परेरा, अकिला धनंजय, सुरंगा लकमल और दिनेश चांडीमल शामिल हैं. साल 2009 में पाकिस्तान दौरे पर गई श्रीलंका की टीम पर ही आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में​ खिलाड़ी बाल-बाल बच गए थे. तब से किसी भी देश की टीम ने पाकिस्तान में पूर्ण सीरीज नहीं खेली है. हालांकि, श्रीलंका की टीम 2017 में पाकिस्तान में जाकर टी20 मैच खेला था. लेकिन इस टीम में भी प्रमुख खिलाड़ी शामिल नहीं थे.
11वीं पीढ़ी के तीन आईफोन लॉन्च, प्रो और प्रो मैक्स में पहली बार तीन कैमरे, भारत में 27 सितंबर से मिलेंगे
11 September 2019
कैलिफाेर्निया. मंगलवार रात एपल ने क्यूपर्टिनो के स्टीव जॉब्स थिएटर में 11वीं पीढ़ी के तीन नए आईफोन लॉन्च किए। इनके नाम आईफोन 11, आईफोन प्रो और आईफोन प्रो मैक्स रखे गए हैं। सीईओ टिम कुक ने इनके अलावा नई गेमिंग सर्विस 'एपल आर्केड', 5वीं सीरीज की एपल वॉच और 7वीं जनरेशन के 10.2 इंच का नया आईपैड भी लॉन्च किया।
आईफोन 11 और आईफोन प्रो तीन वैरिएंट 64, 128 और 256 जीबी में मिलेगा जबकि आईफोन प्रो मैक्स 64, 256 और 512 जीबी में आएगा। तीनों आईफोन की बुकिंग 13 सितंबर से शुरू हो जाएगी और कम्पनी इन्हें चुनिंदा देशों में 20 सितंबर से शिपिंग करना भी शुरू कर देगी। एपल इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक भारत में नए आईफोन 27 सितंबर से मिलेंगे।
वैरिएंट वाइस कीमत
आईफोन 11
64 जीबी 64,900 रुपए
128 जीबी 69,900 रुपए
256 जीबी 79,900 रुपए
आईफोन 11 प्रो
64 जीबी 99,900 रुपए
256 जीबी 1,13,900 रुपए
512 जीबी 1,31,900 रुपए
आईफोन 11 प्रो मैक्स
64 जीबी 1,09,900 रुपए
256 जीबी 1,23,900 रुपए
512 जीबी 1,41,900 रुपए
आईफोन 11 प्रो और प्रो मैक्स
>> कैमरा पॉवर को ध्यान में रखकर लॉन्च किए अब तक के सबसे पॉवरफुल कहे जा रहे आईफोन प्रो में स्क्रीन 5.8 की स्क्रीन मिलेगा। इसमें 2436 x 1125 पिक्सेल का रिजोल्यूशन मिलेगा
>> आईफोन प्रो मैक्स की स्क्रीन का साइज 6.5 है और इसमें 2688 x 1242 पिक्सेल का रिजोल्यूशन मिलेगा। साइज और डिस्प्ले के अलावा बाकी प्रो सीरीज नए आईफोन के सभी फीचर्स एक जैसे हैं।
>> तीन कैमरे वाला आईफोन 11 प्रो पीवीडी कोटिंग से बना है। यह चार रंगो - ग्रीन, ग्रे, सिल्वर और गोल्ड में मिलेगा। ओएलईडी डिस्प्ले पैनल के साथ यह 15 फीसदी अधिक एनर्जी बचाता है।
>> इसमें सुपर रेटिना एक्सडीआर डिस्प्ले दिया गया है। इसके सीपीयू को 8.5 बिलियन ट्रांजिस्टर से बनाया गया है। इसमें भी ए13 बायोनिक चिपसेट का इस्तेमाल किया गया है।
>> इसकी बैटरी आईफोन एक्सएस से 4 घंटे और एक्स एस मैक्स से 5 घंटे ज्यादा बैकअप देती है। यह स्पेशल ऑडियो साउंड से लैस है।
>> इसमें ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप है जिसमें 12 मेगापिक्सल वाइड कैमरा 12 टेलीफोटो कैमरा और 12 मेगापिक्सल अल्ट्रावाइड कैमरा मिलेंगे।
>> इसमें डीप फ्यूजन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो मशीन लर्निंग की मदद से फोटो लेता है। इसमे हाई रेजोल्यूशन वीडियोग्राफी की जा सकती है।
>> यह कलर टोन को ऑटो एडजस्ट करेगा साथ ही फोन में ही वीडियो एडिटिंग की जा सकेगी। इसके हाई पावर की मदद से कम रोशनी में भी एचडी रिकॉर्डिंग की जा सकेगी।
आईफोन 11
>> कंपनी ने पहली बार कैमरा पर फोकस किया है। इसमें 12+12 मेगापिक्सल का डुअल रियर कैमरा दिया है जो वाइड एंगल कवर करता है।
>> इसमें पोर्ट्रेट मोड, लो लाइट मोड जैस फीचर्स दिए हैं। कंपनी ने इवेंट में लो लाइट मोड का फोटो शेयर किया, जो बेहतर क्वालिटी की थी।
>> आईफोन 11 की खास बात है कि वीडियो रिकॉर्डिंग के दौरान नोर्मल रिकॉर्डिंग को अल्ट्रा वाइड एंगल में बदल पाएंगे।
>> इसमें क्विक टेक फीचर दिया है। यानी फोटो बटन को दबाने पर क्विक वीडियो शूट हो जाएगा।
>> कंपनी का दावा है कि इससे दूसरे फोन की तुलना में हाईजेस्ट क्वालिटी वीडियो शूट कर पाएंगे।
>> सेल्फी के लिए इसमें 12 मेगापिक्सल लेंस दिया है। फ्रंट कैमरा से 4K वीडियो बना पाएंगे।
>> पहली बार किसी सेल्फी कैमरा से स्लो मोशन वीडियो रिकॉर्डिंग कर पाएंगे। इसमें लेटेस्ट A13 बायोनिक प्रोसेसर दिया है।
>> अब तक का सबसे तेज CPU भी मिलेगा। इवेंट के दौरान हाई डेफिनेशन और हाई ग्राफिक्स गेम का डेमो भी दिया गया।
>> फोन में अब तक की सबसे ज्यादा चलने वाली बैटरी दी। यह पिछले आईफोन Xr की तुलना में 1 घंटे ज्यादा चलेगी। ये वाटर रजिस्टेंस, वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करेगा।
एपल वॉच सीरीज- 5
>> नेक्स्ट जनरेशन एपल वॉच सीरीज 5 में हमेशा ऑन रहने वाला नया डिस्प्ले मिलेगा। यानी यूजर्स टाइम और नोटिफिकेशन को हमेशा देख पाएंगे।
>> इसे 100% रीसाइकिल एल्यूमीनियन से बनाया गया है। इससे ईसीजी भी लिया जा सकता है साथ ही यह हार्ट रेट भी मॉनिटर करेगी।
>> इससे टाइम तो बताएगी ही इससे फोन कॉल्स, सेटेलाइट कम्यूनिकेशन, वॉयर रेजिस्टेंस जैसे फीचर्स मिलेंगे।
>> इसमें कंपनी ने LTPO टेक्नोलॉजी और लो पावर डिस्प्ले ड्राइवर का इस्तेमाल किया है। कंपनी का दावा है कि एक दिन में ये 18 घंटे का बैकअप देगी।
>> इससे जिम करने वालों को मदद मिलेगी। वॉच में बिल्ड-इन कम्पास दिया है। जो कम्पास ऐप के साथ आएगा। ये डायरेक्शन दिखाने का काम करेगा।
>> सेफ्टी के लिए इसमें SOS फीचर दिया है। इमरजेंसी में घड़ी के साइड बटन को दबाकर कॉलिंग कर पाएंगे, जैसे आईफोन में करते हैं।
>> इसे 100% रिसाइकल एल्युमिनियम से बनाया है। पहली बार वॉच में टाइटेनियम का नया मॉडल मिलेगा।
>> इसमें सिरेमिक व्हाइट, ब्लैक बैंड, स्पोर्ट्स बैंड मिलेंगे। साथ ही, एपल पे, स्विम प्रूफ जैसे फीचर्स भी मिलेंगे।
7वीं पीढ़ी का 10.2 इंच आईपैड
>> 7वीं जनरेशन का आईपैड लॉन्च करने की घोषणा करते हुए कम्पनी ने कहा कि इसमें 10.2 इंच का रेटिना डिस्प्ले मिलेगा।
>> इसमें दो गुनी स्पीड के साथ स्मार्ट कनेक्टर और फ्लोटिंग कीपैड भी मिलेगा। इसमें एपल पेंसिल की मदद से यूजर्स मनचाहे एडिटिंग के काम कर सकेंगे।
>> नया आई पैड ए10 फ्यूजन प्रोसेसर से लैस इस आईपैड की कीमत 24 हजार रुपए तक होगी।
>> इस पर एपल टीवी प्लस की एक साल की सर्विस फ्री मिलेगी।
>> आर्केड गेम सर्विस और एपल टीवी प्लस
>> एपल ने दुनिया की पहली गेम्स सब्सक्रिप्शन सर्विस एपल आर्केड शुरू की है। जिसे यूजर्स मोबाइल और डेस्कटॉप पर इस्तेमाल कर पाएंगे।
>> ये एपल के ऐप स्टोर पर मौजूद 3 लाख गेम्स से अलग है। यहां पर यूजर्स को 100 से ज्यादा नए और एक्सक्लूसिव गेम्स मिलेंगे।
>> एपल का दावा है कि ये गेम्स किसी दूसरे फोन सर्विस पर नहीं मिलेंगे। इवेंट के दौरान कंपनी ने तीन आर्केड गेम्स का डेमो भी दिया।
>> इसमें एक अंडर वाटर गेम्स शामिल था। जिसमें रियल इफेक्ट्स देखने को मिले।। जैसे यूजर पर अटैक होने पर टैबलेट या फोन की स्क्रीन पर टूटने जैसा इफेक्ट दिखाई दिया।
>> एपल टीवी प्लससर्विसेज पर फोकस करते हुए टिम कुक ने कहा कि हम हॉलीवुड का बेस्ट कंटेट लेकर आ रहे हैं।

अमेजन आग का पड़ सकता है विनाशकारी प्रभाव : यूएन अधिकारी
10 September 2019
जेनेवा: यूएन हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स मिशेल बैचेलेट ने सोमवार को चेताया कि अमेजन के वर्षावनों को तहत-नहस कर रही आग का समग्र मानवता पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है. समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के मुताबिक, मानवाधिकार परिषद के शुरुआती सत्र में बैचेलेट ने कहा कि ब्राजील, बोलिविया व पराग्वे में हाल के सप्ताह में हुई कुल मौतों की संख्या व नुकसान का पता शायद कभी न लगे.
बैचेलेट के भाषण का ज्यादातर हिस्सा जलवायु संकट को समर्पित रहा. उनके भाषण के साथ तीन हफ्ते के सत्र की शुरुआत हुई.
वैज्ञानिक साक्ष्य पर ध्यान खींचते हुए उन्होंने दृढ़ता से कहा कि मानवाधिकार को लेकर इस तरह का बड़ा खतरा दुनिया ने कभी नहीं देखा था.
उन्होंने कहा, "यह एक ऐसी स्थिति है जहां कोई देश, कोई संस्था या कोई नीति निर्माता अलग नहीं खड़ा हो सकता है."
बैचेलेट ने कहा, "सभी राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था, हर राष्ट्र के संस्थागत, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने और आपके सभी लोगों के अधिकारों पर-आने वाली पीढ़ियों पर इसका असर पड़ेगा."

भारत ने चीन-पाक के संयुक्‍त बयान में जम्‍मू-कश्‍मीर पर टिप्‍पणी पर जताई नाराजगी, CPEC पर जताई चिंता
10 September 2019
नई दिल्ली: भारत (India) ने मंगलवार को चीन (China) विदेश मंत्री वांग यी की यात्रा के दौरान चीन और पाकिस्तान (Pakistan) के संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के जिक्र को लेकर दोनों को लताड़ा साथ ही बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के बारे में अपनी चिंताओं को भी उठाया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने चीन-पाक के बयान में जम्मू-कश्मीर के संदर्भ को खारिज करते हुए कहा, "जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है."
पिछले सप्ताह जारी संयुक्त बयान में कहा गया, "दोनों पक्षों ने जम्मू और कश्मीर की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया. पाकिस्तानी पक्ष ने अपनी चिंताओं, स्थिति और तत्काल मानवीय मुद्दों सहित स्थिति पर चीनी पक्ष को जानकारी दी. वहीं, चीन ने किसी भी एकपक्षीय कार्रवाई का विरोध किया, जो स्थिति को जटिल करता है.”

ब्रिटेन की पूर्व पीएम ने जाते-जाते दी सौगात, 2 क्रिकेटरों को मिला यह ब्रिटिश सम्मान
10 September 2019
लंदन: इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटरों ज्योफ्री बायकाट और एंड्रयू स्ट्रास को इंग्लैंड का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान नाइटहुड की उपाधि दी गई है. ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने इस्तीफे के साथ अपनी सम्मान सूची में नाइटहुड के लिए इन दो पूर्व खिलाड़ियों को शामिल किया था. इन दोनों खिलाड़ियों को इंग्लैंड क्रिकेट टीम के साथ शानदार करियर के बाद खेल के प्रति सेवाओं के लिए यह सम्मान दिया गया है. इंग्लैंड क्रिकेट टीम के साथ शानदार करियर के बाद खेल के प्रति सेवाओं के लिए बायकाट और स्ट्रास को यह सम्मान मिला है,
बायकाट ने इंग्लैंड की ओर से 1964 से 1982 के बीच टेस्ट क्रिकेट में 108 टमैच खेलकर 47.72 की औसत से 8114 रन बनाए थे. इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड के लिए 36 वनडे भी खेले हैं. बॉयकॉट 1998 में फ्रैंस में अपनी पूर्व गर्लफ्रैंड पर प्रताड़ित करने का आरोप भी लगा था. इसके लिए उन्हें जुर्माना और निलंबन भी झेलना पड़ा था. वे आज तक खुद को उस मामले में निर्दोष बताते आए हैं. 78 साल के बॉयकॉट को हाल ही कैंसर की बीमारी से ग्रसित पाया गया था. इसके अलावा उनकी एक बार हार्ट सर्जरी भी हुई थी.
वहीं इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज स्ट्रास के नेतृत्व में इंग्लैंड ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2009 और 2010-11 में एशेज सीरीज जीती हैं. स्ट्रास ने 2004 से 2012 के बीच 127 वनडे और 100 टेस्ट खेले हैं. बाद में वे पुरुष टीम के डायरेक्टर भी बने थे. उन्हें इंग्लैंड की टीम को विश्व कप के लिए तैयार करने में अहम भूमिका अदा करने के लिए भी जाना जाता है. इंग्लैंड टीम ने इसी साल इतिहास में पहली बार विश्व कप जीता है, स्ट्रॉस ने बाद में रूथ स्ट्रॉस फाउंडेशन की स्थापना भी की जो सभी तरह के कैंसर से लड़ने के लिए पैसा जमा करता है.
थेरेसा मे को क्रिकेट प्रेमी के तौर पर जाना जाता है. उन्हें पिछले साल एमसीसी की सदस्यता भी प्रदान की गई थी. ब्रिटेन का प्रधानमंत्री पद गंवाने के बाद वे अपना ज्यादातर समय क्रिकेट देखने में व्यतीत करती हैं.

PAK दूतावास पर लगे भारत विरोधी पोस्टरों से ईरान को ऐतराज, पाकिस्तान को लगाई फटकार
9 September 2019
नई दिल्ली/तेहरान: पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा अपने दूतावास को भारत ( India) विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने पर ईरान (Iran) ने कड़ा रुख अपनाया है. इरानी अधिकारियों ने 15 अगस्त को उत्तर पूर्व शहर मशहद स्थित पाकिस्तानी दूतावास की दीवारों पर लगे भारत विरोधी पोस्टर हटा दिए हैं.
15 अगस्त को तथाकथित 'कश्मीर सोलिडेरिटी डे' यह पोस्टर कंस्युलेट की दीवारों पर लगाए गए थे लेकिन आधी रात को स्थानीय पुलिस द्वारा यह पोस्टर हटा दिए गए.
ईरान ने कहा यह 'अनुशासनहीन रणनीति'
ईरान ने इन तरीकों को 'अनुशासनहीन रणनीति' करार दिया है. तेहरान ने इस्लामाबाद को साफ शब्दों में कह दिया है कि किसी तीसरे देश के खिलाफ इस तरह के पोस्टर लगाना राजनयिक मानदंडों के खिलाफ हैं.
पाकिस्तान एक मौखिक नोट के जरिए जब इस मुद्दे को उठाया तो तेहरान ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.
तेहरान में अधिकारियों ने पाकिस्तानी राजनयिकों से सवाल किया, 'अगर इस्लामाबाद में इरानी मिशन की दीवारों पर सउदी अरब के खिलाफ पोस्टर लगाए जाएं तो क्या पाकिस्तान इसकी इजाजत देगा. '
'भारत कोई दुश्मन देश नहीं'
हालांकि पाकिस्तान अपनी दलील पर अड़ा रहा और उसने दावा कि उसके मिशन को यह अधिकार है कि वह कोई संदेश प्रदर्शित करने का अधिकार है. ईरान ने कहा कि पाकिस्तान से उसके दोस्ताना संबंध रहे हैं लेकिन भारत भी कोई दुश्मन देश नही हैं.
इस बीच भारत ने यह मुद्दा उठाया है और दिल्ली में ईरान के राजदूत को एक विरोध नोट सौंपा है. इस घटना से पहले भी इरान में पाकिस्तानी मिशन द्वारा बिना किसी अनुमित के भारत विरोधी दो प्रदर्शन आयोजित किए थे.
बता दें पाकिस्तानी दूतावास और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानी लगातार भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. पिछले हफ्ते पाकिस्ती नागरिकों ने और खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन किया था. लंदन में पाकिस्तानियों द्वारा किया गया यह दूसरा बड़ा प्रदर्शन था.
इसके अलावा वाशिंगटन, दक्षिण कोरिया, जर्मनी में भी भारतीय दूतावास के सामने पाकिस्तानियों द्वारा प्रदर्शन किए गए हैं. इसके अलावा वाशिंगटन, दक्षिण कोरिया, जर्मनी में भी भारतीय दूतावास के सामने पाकिस्तानियों द्वारा प्रदर्शन किए गए हैं.

पुलवामा आतंकी हमले के बाद जेल में नहीं रहा मसूद अजहर, तबियत भी बताई जा रही ठीक
9 September 2019
नई दिल्‍ली: पुलवामा आतंकी हमले की जिम्‍मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद (JeM) के सरगना मौलाना मसूद अजहर (Masood Azhar) को पाकिस्‍तान ने इस घटना के बाद कभी जेल में नहीं रखा. पुलवामा हमला और बदले में भारत के बालाकोट एयर स्‍ट्राइक के बाद कहा जा रहा था कि पाकिस्‍तान ने अंतरराष्‍ट्रीय दबाव को देखते हुए मसूद अजहर को पकड़ कर जेल में डाल दिया है. उसके खराब स्‍वास्‍थ्‍य की खबरें भी सामने आई थीं. लेकिन अब खुफिया सूत्रों का कहना है कि पुलवामा हमले के बाद उसको कभी जेल में नहीं डाला गया.
सूत्रों के मुताबिक उसकी अंतिम लोकेशन बहावलपुर के मरकज सुभान अल्‍लाह में देखी गई थी. मसूद अजहर पाकिस्‍तान के बहावलपुर का ही रहने वाला है. वहीं से अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता रहा है. खुफिया सूत्रों का ये भी दावा है कि उसकी तबियत भी पहले से बेहतर है लेकिन सार्वजनिक स्‍थलों पर जाने से बच रहा है और धार्मिक भाषण भी नहीं दे रहा है.
उल्‍लेखनीय है कि पिछले दिनों भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून यानी UAPA के तहत पाकिस्तान में छिपे हुए 4 साजिशकर्ताओं को आतंकवादी घोषित किया है. इस लिस्ट में हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर और जकी उर रहमान लखवी का नाम शामिल है. बता दें कि साल 2008 में 26/11 आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद पाकिस्तान में जमात उद दावा नाम का आतंकी संगठन चला रहा है और लगाता भारत के खिलाफ आग उगलता रहता है. वहीं इस लिस्ट में दूसरा नाम आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का सरगना जकी उर रहमान लखवी का है. लखवी कश्मीर में एलईटी का सुप्रीम कमांडर है और यह एनआईए की मोस्ट वान्टेड लिस्ट में भी शामिल है. इस लिस्ट में तीसरा नाम जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का है. इस लिस्ट में तीसरा नाम मुंबई बॉम्ब ब्लास्ट के आरोपी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का है.
मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ मामले
- 1 अक्टूबर, 2001 को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर राज्य विधानसभा कांप्लेक्स पर आतंकवादी हमला जिसमें अड़तीस व्यक्ति मारे गए थे.
- 13 दिसंबर, 2001 को भारत की संसद पर आतंकवादी हमला जिसमें 6 सुरक्षाबल कार्मिकों, दो संसद सुरक्षा सेवा कार्मिकों और एक आम नागरिक की जान गई थी.
- 2 जनवरी, 2016 को पाकिस्तान से आने वाले जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित आतंकवादियों द्वारा पंजाब के पठानकोट पर आतंकवादी हमला, जिसमें सात सुरक्षा बल कार्मिकों की जान गई थी और 37 जख्मी हुए थे.
- हमहमा, श्रीनगर स्थित बीएसएफ शिविर पर (अक्टूबर, 2017), लेथपोरा, पुलवामा में सीआरपीएफ शिविर पर (दिसंबर, 2017), संजवान, जम्मू में सेना शिविर पर (फरवरी, 2018) हमले.
- 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा आतंकवादी हमला, जिसमें 40 सुरक्षाबल कार्मिकों की जान गई थी.

कालेधन धन पर प्रहार! स्विस बैंकों से पहली लिस्ट में बंद हो चुके खातों की मिली जानकारी
9 September 2019
नई दिल्ली: स्विस बैंकों (Swiss banks) में पैसे रखने वाले भारतीयों के खातों से जुड़ी जानकारियां भारत को मिलनी शुरू हो गई हैं. स्विट्जरलैंड ने स्वचालित व्यवस्था के तहत इस महीने पहली बार कुछ सूचनाएं भारत को उपलब्ध कराई हैं. भारत को मिले पहले दौर की सूचनाओं के विश्लेषण की तैयारी चल रही है और इनमें खाताधारकों की पहचान तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री उपलब्ध होने का अनुमान है। ये सूचनाएं मुख्यत: उन खातों से जुड़ी हैं, जिन्हें लोगों ने कार्रवाई के डर से पहले ही बंद करा दिया है.
बैंक अधिकारियों का कहना है कि स्विट्जरलैंड की सरकार के निर्देश पर वहां के बैंकों ने डेटा इकट्ठा करके भारत को सौंपा. इसमें 2018 में सक्रिय रहे हर खाते के लेन-देन का पूरा विवरण है. यह डेटा इन खातों में अघोषित संपत्ति रखने वालों के खिलाफ ठोस मुकदमा तैयार करने में बेहद सहायक साबित हो सकता है.
बैंकर्स और नियामक अधिकारियों ने कहा है कि खाताधारकों की लिस्ट में ज्यादतर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिकी देशों में रहने वाले भारतीय और बिजनेसमैन हैं. बैंकरों ने स्वीकार किया कि कभी पूरी तरह से गोपनीय रहे स्विस बैंकों के खातों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर शुरू हुई मुहिम के बाद इन खातों से काफी पैसे निकाले गए. इनमें से कई खाते बंद भी हो गए. 2018 में बंद कराए गए खातों की जानकारी भी मिली है.

जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का निधन, सिंगापुर के अस्पताल में ली आखिरी सांस
6 September 2019
हरारे : जिम्बाब्वे (zimbabwe) के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे (Robert Mugabe) का शुक्रवार को निधन हो गया है. वह 95 साल के थे. देश के मौजूदा राष्ट्रपति एमर्सन म्नान्गवा ने इसकी घोषणा की.
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, एमर्सन ने ट्विटर पर पोस्ट में लिखा, "बेहद दुख के साथ घोषणा कर रहा हूं कि जिम्बाब्वे के संस्थापक जनक व पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का निधन हो गया है."
उन्होंने आगे कहा, "मुगाबे आजादी के आदर्श थे, उन्होंने अपने जीवन को अपने लोगों की आजादी और सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया. हमारे राष्ट्र और महाद्वीप के इतिहास में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है. उनकी आत्मा को शांति मिले."
पूर्व राष्ट्रपति के परिवार ने बीबीसी से पुष्टि की कि मुगाबे का शुक्रवार सुबह सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया, जहां लंबी बीमारी के कारण उन्हें भर्ती कराया गया था. मुगाबे का जन्म 21 फरवरी 1924 को तब के रोडेशिया में हुआ था.

बहामास में डोरियन तूफान का कहर, मरने वालों की संख्या 23 हुई
6 September 2019
सैन जुआन : ग्रैंड बहामा और अबाको द्वीप पर तीन और शव मिलने के बाद बहामास में डोरियन तूफान (Dorian Hurricane) से मरने वालों की संख्या 23 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्री डुआन सैंड्स ने इसकी घोषणा की. रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को तूफान पीड़ितों की नई आधिकारिक सूची जारी होने के बाद मंत्री ने बताया कि मरने वालों की संख्या 23 से भी ज्यादा होने की आशंका है. डोरियन ने 1 सितंबर को बहामास में 298 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दस्तक दी थी.
हालांकि सैंड्स यह जानकारी नहीं दी कि तीनों शव कहां मिले हैं. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ कर्मियों की टीम को घटनास्थल पर शवों को बाहर निकालने के लिए दोनों द्वीपों पर भेजा जाएगा. इसके साथ ही उन्हें शवों को संरक्षित करने के लिए रेफ्रिजरेटेड कंटेनर भी दिए जाएंगे, ताकि शवों को सड़ने से बचाया जा सके.

UAE की पाकिस्तान को दो टूक- कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम दुनिया को न घसीटें
6 September 2019
इस्लामाबाद: जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर दुनियाभर में अलग-थलग पड़ चुके पाकिस्तान को अब UAE ने भी झटका दे दिया है. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पाकिस्तान से कहा है कि वह कश्मीर को मुसलमानों का मुद्दा न बनाए.
UAE ने कहा- कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम दुनिया को ना घसीटें. UAE के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद बिन सुल्तान अल नहयान ने पाकिस्तान को साफ कर दिया कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इसमें मुस्लिम दुनिया या मुस्लिमों को बीच में ना घसीटा जाए. यूएई के विदेश मंत्री ने कहा कि कश्मीर का विवाद भारत और पाकिस्तान को बातचीत द्वारा सुलझाया जाना चाहिए.
वहीं पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के 30 किलोमीटर अंदर एक जगह पर लगभग दो हजार सैनिकों को तैनात किया है. यह जानकारी भारतीय सेना के सूत्रों ने दी. जानकारी के अनुसार, पीओके में जवानों को बाग और कोटली सेक्टर में रखा गया है. वहीं पीओके में हो रही बड़ी हलचल से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं.
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जवानों को तैनात करने संबंधी यह गतिविधि भारत के साथ बढ़े तनाव के मद्देनजर पाकिस्तान का एक रक्षात्मक कदम हो सकता है. स्थानीय इनपुट सहित विभिन्न खुफिया स्रोतों के माध्यम से जवानों की तैनाती व स्थान की पुष्टि हुई है.'
सुरक्षा एजेंसियां रख रही हैं कड़ी नजर
सुरक्षा एजेंसियां पाकिस्तान में सेना के आवागमन पर कड़ी नजर रख रहा हैं और यह पता लगाया जा रहा है कि इससे भारत के लिए तत्काल कोई खतरा तो नहीं है.
पाकिस्तानी सेना के इस कदम का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को भारत द्वारा निरस्त किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा होने की बात कही है. पाकिस्तान ने घाटी में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कश्मीरियों के साथ खड़े होने का वादा किया है.

ब्रिटेन में 15 अक्टूबर को हो सकते चुनाव
5 September 2019
लंदन। ब्रेक्जिट को लेकर ब्रिटेन में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने साफ शब्दों में कहा है कि 31 अक्टूबर को ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन (EU) से अलगाव की प्रस्तावित योजना में रुकावट आती है तो वह 15 अक्टूबर को देश में मध्यावधि चुनाव करवा सकते हैं। प्रधानमंत्री की बिना शर्त ब्रेक्जिट की योजना के विरोध में एकजुट विपक्ष को सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के 21 सांसदों का समर्थन मिलने से सरकार बहुमत खो बैठी है। बिना शर्त ब्रेक्जिट रोकने के लिए हाउस ऑफ कामंस में विपक्ष का प्रस्ताव बुधवार को 329-300 के बहुमत से पारित हो गया।
इससे पहले मंगलवार को ही साफ हो गया था कि संसद में जॉनसन सरकार बहुमत खो बैठी है और अब बिना शर्त यूरोपीय यूनियन से अलग हो पाना आसान नहीं रह गया है।
सशर्त अलगाव के लिए यूरोपीय यूनियन से वार्ता प्रक्रिया की जरूरत पड़ेगी और संसद की स्वीकृति भी लेनी होगी। इसमें और इस प्रक्रिया में ज्यादा समय लग सकता है। ब्रेक्जिट के लिए निर्धारित तिथि 31 अक्टूबर से महज 57 दिन पहले विपक्ष के इस कदम से पीएम जॉनसन को अब अपना रास्ता मुश्किल नजर आ रहा है। इसीलिए उन्होंने अब 15 अक्टूबर को मध्यावधि चुनाव कराने और अलगाव प्रक्रिया को 31 जनवरी, 2020 को पूरा करने की बात कही है।
माना जा रहा है कि चुनाव की बात कहकर जॉनसन ने अपनी पार्टी के उन 21 सांसदों पर दबाव बनाने की कोशिश की है जो विपक्षी लेबर पार्टी के साथ चले गए हैं। पार्टी ऐसे सांसदों का भविष्य के चुनाव में टिकट काटने की चेतावनी पहले ही दे चुकी है। संसद में मतदान के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा कि पार्टी ह्विप का उल्लंघन करने के कारण सभी 21 सांसद कंजरवेटिव पार्टी के संसदीय दल से अपनेआप बाहर हो गए हैं।

परमाणु समझौते पर ईरान ने दिया यूरोप को दो महीने का समय, इस प्रस्ताव पर भी रखी शर्त
5 September 2019
दुबई। अमेरिका द्वारा ईरान की अंतरिक्ष एजेंसी पर भी प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। अमेरिका की तरफ से लगातार लगाए जा रहे प्रतिबंधों के बाद ईरान ने 2015 के परमाणु समझौते से अलग होने की धमकी दी है। समझौते को बचाने के लिए उसने यूरोप के देशों को दो महीने का वक्त दिया है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि अगर यूरोप के देश अमेरिकी प्रतिबंधों के मद्देनजर उसके तेल की बिक्री के लिए कोई रास्ता नहीं निकालते हैं तो ईरान 2015 के परमाणु समझौते से अलग राह अख्तियार कर लेगा। रूहानी का यह बयान ऐसे समय आया है जब ईरान के अधिकारियों ने 15 अरब डॉलर (लगभग एक लाख करोड़ रुपये) के कर्ज के फ्रांस के प्रस्ताव पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। साल के आखिर तक दी जाएगी उसे यह रकम फ्रांस ने कहा कि अगर ईरान परमाणु समझौते को पूरी तरह से पालन करता है तो इस साल के आखिर तक उसे यह रकम दी जाएगी। लेकिन ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा है कि अगर चार महीने के भीतर यह रकम मिल जाती है तो उनका देश समझौता का पूरी तरह से पालन करेगा। 2015 में परमाणु समझौता किया था अमेरिका और यूरोप के ताकतवर देशों के साथ ईरान ने 2015 में परमाणु समझौता किया था। इसके तहत ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ा था और बदले में उससे पाबंदियां हटा ली गई थी। लेकिन पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति इस समझौते से अलग हो गए थे और ईरान पर कई तरह के प्रतिबंधों की घोषणा की थी। तेल टैंकर के सात सदस्यों को रिहा करेगा ईरान ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ब्रिटेन के ध्वज वाले जब्त तेल टैंकर स्टेना इंपेरो के चालक दल के 23 में से सात सदस्यों को रिहा किया जाएगा। ईरान ने अपने जल क्षेत्र के उल्लंघन के आरोप में इस तेल टैंकर को फारस की खाड़ी में जब्त किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने कहा कि मानवीय नीति के तहत चालक दल के सात सदस्यों को रिहा करने का फैसला किया गया है। कैप्टन ने भारत के रहने वाले चालक के सात सदस्यों को रिहा करने को कहा है।
भारत ने शर्तें मानीं तभी दी जाधव को काउंसलर एक्सेस : पाक सेना
5 September 2019
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को लेकर पाकिस्तान आर्मी ने बुधवार को एक बयान जारी किया। पाक सेना का कहना है कि भारत ने जब उसकी 5 शर्तें स्वीकार कर कीं, तभी कुलभूषण जाधव (49) को काउंसलर एक्सेस दी गई।
अंतरराष्ट्रीय अदालत (आइसीजे) के आदेश के मुताबिक पाकिस्तान में भारतीय उपउच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने सोमवार को जाधव से दो घंटे की मुलाकात की थी। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि पाकिस्तान ने इस मुलाकात के लिए पांच शर्तें रखी थीं जिन्हें भारत ने स्वीकार किया। हालांकि उन्होंने इन शर्तों के बारे में जानकारी देने से इन्कार कर दिया।

करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए पाकिस्तान श्रद्धालुओं से लेगा 20 डॉलर, भारत ने जताया विरोध
4 September 2019
नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरे दौर की वार्ता बुधवार को खत्म हो गई. बैठक में अघिकारियों के बीच कई बिंदुओं पर सहमति बनी. हालांकि, दो मामलों पर पाकिस्तान के साथ सहमति नहीं बन पाई. बताया जा रहा है कि श्रद्धालु बिना वीजा के करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगे. रोजाना 5000 श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने की अनुमति होगी. करतारपुर कॉरिडोर के जरिये भारतीय मूल के वे लोग जिनके पास OCI (Overseas Citizenship of India) कार्ड है, वो भी करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए आ-जा सकेंगे.
इन सबके बीच सबसे बड़ी बात है, पाकिस्तान की ओर से यात्रा पर लगाई जाने वाली सर्विस फीस. दरअसल, इस मामले को लेकर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. दरअसल, पाकिस्तान द्वारा श्रद्धालुओं से 20 डॉलर सर्विस फीस के रूप में लिए जाने की मांग की गई है. इस पर भारतीय अधिकारियों ने सवाल उठाए. इसके साथ ही प्रोटोकॉल अधिकारियों को श्रद्धालुओं के साथ भेजने के फैसले पर भी आम सहमति नहीं बन सकी है.
पाकिस्तान ने 20 डॉलर प्रति श्रद्धालू सर्विस फीस की मांग की है. भारत की ओर से कहा गया कि यह एक पब्लिक प्रोजेक्ट है और इसके लिए इस तरह की फीस ठीक नहीं है. अटारी बॉर्डर पर हुई दोनों देशों की बैठक में पाकिस्तान करतारपुर समझौते को अंतिम रूप देने में विफल रहा है. बैठक में फैसला लिया गया कि सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच संचार की एक सीधी रेखा स्थापित की जाएगी.
सूत्रों के अनुसार, खास मौके पर 5 हजार से अधिक श्रद्धालु करतारपुर साहिब जा सकेंगे. साथ ही भारत ने पाकिस्‍तान से भारत ने विशेष मौकों पर दस हजार श्रद्धालुओं के जाने की मंजूरी मांगी है. यह फैसला भी हुआ है कि अंतरराष्‍ट्रीय सीमा तक 4 लेन का हाइवे बनाया जाएगा. दोनों ओर से सड़कों की अलाइनमेंट के लिए, इमरजेंसी के लिए, वीजा फ्री रखने का फैसला हुआ है और भारतीय विदेशी नागरिकता (ओसीआई) कार्ड होल्डर भी यात्रा कर सकेंगे.
यह तय हुआ है कि रावी दरिया पर दोनों ओर पुल बनाया जाएगा. क्रॉसिंग प्वाइंट के लिए फिलहाल सर्विस लेन बनाई जाएगी. प्रोटोकॉल आफिसर के जाने की मांग को भी पाकिस्‍तान ने रद्द कर दिया है, लेकिन भारत ने पाकिस्तान को फिर से इस पर विचार करने के लिए कहा है. भारत की तरफ से पिछली बैठकों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया और उन संगठनों के बारे बात की जो श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना को भड़का सकते हैं, इस बार भी इस बारे बात की गई है. भारत की तरफ से 19 अक्टूबर तक कॉरिडोर का काम पूरा कर लिया जाएगा, जबकि सितम्बर अंत तक हाईवे पूरा कर लिया जाएगा.

ईरान में पकड़े गए 3 भारतीय युवकों को छुड़ाने के लिए सांसद ने MEA को लिखा पत्र
4 September 2019
आगरा: ईरान में तीन भारतीय युवकों की गिरफ्तारी को लेकर फेतहपुर सीकरी से सांसद राजकुमार चाहर ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है. यूएई की ऑयल कंपनी में काम करने वाले इन युवकों को ईरान में गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गये तीनों भारतीय युवकों के नाम राजवीर (फतेहपुर सीकरी), राजकुमार चौधरी (भरतपुर) और मिथुन देशपांडे (महाराष्ट्र) हैं. इन युवकों की रिहाई के लिए सांसद राजकुमार चाहर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा है.
अपने पत्र में सांसद ने इन युवकों को भारतीय दूतावास की मदद से ईरान में कानूनी सहायता मुहैया कराने के लिए लिखा है.
बता दें कि ये तीनों युवक यूएई की ऑयल कंपनी में करते है. यह तीनों अपने 12 मेंबर्स के साथ ऑयल टैंकर को समुद्र के रास्ते शारजहां से दुबई लेकर जा रहे थे. इसी दौरान ईरानी कोस्ट गार्डों ने इन सभी को गिरफ्तार कर लिया था. बाद में ईरानी कोस्टगार्ड ने 9 को छोड़ दिया लेकिन 3 युवकों को जेल में डाल दिया.
गिरफ्तार किए गए तीनों भारतीय राजवीर कैप्टन के पद पर कार्यरत है वहीं राजकुमार चीफ इंजीनियर और मिथुन कार्गो मैनेजर है. ये तीनों 14 जुलाई से ईरान की जेल में बंद है.

रूस के व्लादिवोस्तोक में पीएम मोदी और पुतिन मिले, दोनों के बीच होनी है द्विपक्षीय चर्चा
4 September 2019
व्लादिवोस्तोकः दो दिवसीय दौरे पर रूस पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज व्लादिवोस्तोक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी रूस के एक प्रमुख पोत निर्माण यार्ड का संयुक्त दौरा किया. इस दौरान दोनों नेताओं ने एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया.
रूस के एक प्रमुख पोत निर्माण यार्ड पर जाने से पहले राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे के गले लगाया. आज दोपहर दोनों नेताओं के बीच शिखर बैठक होगी. इसके बाद डेलिगेशन लेवल की बातचीत भी होगी.
पीएम मोदी बुधवार सुबह रूस के व्लादिवोस्तोक पहुंचे. जहां उन्हें एयरपोर्ट पर ही गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
अपने दो दिवसीय दौरे पर प्रधानमंत्री यहां ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) व दोनों देशों के बीच के 20वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
रूस पहंचने पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया, 'रूस के सुदूर पूर्व की राजधानी व्लादिवोस्तोक पहुंच गए हैं. इस छोटी लेकिन महत्वपूर्ण यात्रा में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने की आशा है.'
इसके बाद मोदी व्लादिवोस्तोक के सुदूर पूर्वी संघीय विश्वविद्यालय (FEFU) पहुंचे, जहां भारतीय प्रवासियों ने शानदार स्वागत किया.
रूस रवाना होने से पहले पीएम मोदी का ट्वीट
मेरी इस यात्रा का उद्देश्य व्लादिवोस्तोक में 5वीं पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेना और उनके साथ भारत और रूस के बीच 20वीं वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक करना है .
4 सितंबर का कार्यक्रम
- 9:30 AM : ज़्वेज़्दा जहाज निर्माण संयंत्र का दौरा
- 11:30 AM : 20वां सालाना भारत-रूस सम्मेलन
प्रतिनिधिमंडल की बातचीत
- 1:30 PM : समझौतों पर दस्तखत
साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस
- 4:30 PM : 'स्ट्रीट ऑफ द फार ईस्ट' प्रदर्शनी का दौरा
- 5:30 PM : रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के रात्रि भोज में शामिल
5 सितंबर का कार्यक्रम
6:00 AM – 6:30 AM : जापान के पीएम शिंजो अबे के साथ बैठक
6:45 AM – 7:15 AM : मंगोलिया के राष्ट्रपति खाल्त्मागिन बाटुल्गा के साथ बैठक
9:30 AM : भारतीय बिजनेस पवेलियन का दौरा
11:30 AM : 5वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में शामिल
3:00 PM : फेटिसोव एरिना में जूडो टूर्नामेंट का दौरा
4:30 PM : भारत के लिए रवाना

कार बम विस्फोट में 16 लोगों की मौत, 100 घायल; तालिबान ने ली हमले की जिम्मेदारी
3 September 2019
काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार रात हुए कार बम विस्फोट में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। 100 घायल हो गए। हमला ग्रीन विलेज के आवासीय इलाके में हुआ, जहां सहायता एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कार्यालय हैं। धमाके की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है।
हमले से कुछ समय पहले ही स्थानीय न्यूज एजेंसी ‘टोलो न्यूज’ ने अमेरिकी राजनयिक जलमय खलीलजाद के साथ एक इंटरव्यू प्रसारित किया था, जिसमें वे तालिबान के साथ एक संभावित समझौते पर चर्चा कर रहे थे। उनका कहना था कि समझौते को आगे बढ़ाने पर सहमति बनती तो हम अफगानिस्तान के पांच सैन्य ठिकानों से 135 दिनों में अपने सैनिकों की वापसी शुरू कर देंगे।
ग्रीन विलेज पर पहले भी हुए हैं आतंकी हमले
काबुल में ग्रीन विलेज हमेशा आतंकियों के निशाने पर रहा है। यहां कई विदेशी रहते हैं। जनवरी में भी एक आत्मघाती कार हमलावर ने इस कंपाउंड को निशाना बनाया था। तब चार लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। यह विस्फोट भी तब हुआ था जब अमेरिकी दूत जाल्मे खलीलजाद अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए तालिबान के साथ अपनी वार्ता पर अफगान सरकार को जानकारी देने के लिए राजधानी का दौरा कर रहे थे।
वेडिंग हॉल में हुए हमले में 63 की गई थी जान
काबुल में 17 अगस्त की रात एक शादी में आत्मघाती धमाका हुआ था। इसमें करीब 63 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 182 घायल हुए थे। दारुलमान इलाके में यह घटना हुई। यहां अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय के लोग काफी संख्या में रहते हैं। 8 अगस्त को भी 14 लोग मारे गए थे, जबकि 145 घायल हुए थे।
28 सितंबर को होना हैं चुनाव
अफगानिस्तान में 28 सितंबर को चुनाव होना हैं। इसे लेकर अमेरिका और तालिबान के बीच चल रही वार्ता के साथ ही हिंसा बढ़ गई है। तालिबान के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जल्माय खलीलजाद की 8वें चरण की वार्ता हो चुकी है। खलीलजाद ने इस शांति वार्ता को बहुत सकारात्मक बताया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका किसी भी हाल में अफगानिस्तान की धरती पर तालिबान नियंत्रण वाले क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का अड्डा नहीं बनने देगा।

सिख युवती का धर्म परिवर्तन कर निकाह करने वाला युवक है हाफिज सईद के JuD का सदस्य
3 September 2019
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सिख लड़की का अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन कराने के बाद उससे निकाह का वीडियो वायरल करने वाले शख्स के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। मोहम्मद हसन नाम का वह शख्स साल 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (JuD) का सदस्य है। पाकिस्तान की पुलिस ने हसन को अभी तक गिरफ्तार भी नहीं किया है। वहीं पीड़ता को लाहौर के दारुल-उलूम (इस्लामिक शिक्षण संस्थान) में अगले एक हफ्ते तक रखा जाएगा।
पीड़िता के परिजन और सिख समाज के प्रतिनिधि सरकार से मांग कर रहे हैं कि पीड़िता को उसके परिजनों को सौंपा जाए। लड़की को सोमवार को भी कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका था और कोर्ट ने इस मामले में अगली तारीख 9 सितंबर की तारीख तय की है। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सह-संस्थापक हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ने आतंकवादी घोषित किया है और उसके सिर पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के दबाव में कार्रवाई करते हुए, पाकिस्तान पंजाब के ननकाना साहिब पुलिस ने शनिवार को सिख लड़की से शादी करने वाले युवक के पिता सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था।
सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि यह और भी चौंकाने वाला है कि पीड़िता को दारूल उलूम में भेजा गया है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य कुरान की शिक्षा का प्रसार करना है। बताते चलें कि पाकिस्तान के लाहौर के ननकाना साहिब इलाके में उसका एक वीडियो बनाया गया था, जिसमें उसका जबरन धर्म परिवर्तन करते हुए दिखाया गया था। वीडियो में देखा जा सकता था कि वह लड़की उस वक्त कितनी दहशत में थी और उसने अपना नाम जगजीत कौर से बदलकर 'आयशा' करने की बात स्वीकार की थी।
पीड़िता के परिवार ने तुरंत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय सिख समुदाय तक मामले को पहुंचाया था, जिसने इस कृत्य की निंदा की। वैश्विक सिख समुदाय के सदस्यों ने इस घटना के खिलाफ आवाज उठाने के बाद पाकिस्तान सरकार को कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया।
कई लोगों ने शनिवार से लाहौर में शुरू होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सिख सम्मेलन का बहिष्कार करने की धमकी दी। जिससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने पहले से ही फाटा की ग्रे लिस्ट में शामिल देश पाकिस्तान की छवि और खराब हो सकती थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी शुक्रवार को पाकिस्तानी अधिकारियों से घटना में तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए कहा। पाकिस्तान में नाबालिग सिख लड़की के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की रिपोर्टों के आधार पर, मंत्रालय को भारत में सिख धार्मिक निकायों सहित भारत में नागरिक समाज के विभिन्न वर्गों से समर्थन मिला था।

चीन में हमलावर ने चाकू मारकर आठ बच्चों को मौत के घाट उतारा, दो घायल
3 September 2019
बीजिंग। मध्य चीन के एक स्कूल में चाकू से किए गए हमले में कम से कम आठ बच्चों की मौत हो गई है और दो गंभीर रूप से घायल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले 40 वर्षीय एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि देश में एक शैक्षणिक संस्थान को निशाना बनाकर किया गया यह सबसे ताजा मामला है। हालांकि, चीन में कई बार छूरे-बाजी की घटनाएं देखने को मिली है और शिक्षण संस्थानों में किए जाने वाले हमलों की संख्या बढ़ रही है।
हुबेई प्रांत के चाओयांग्पो गांव में सोमवार की घटना के बाद पुलिस द्वारा इस व्यक्ति को हिरासत में लिया गया था। बयान में कहा गया है कि स्थानीय सरकार मनोवैज्ञानिक परामर्श सहित घायलों के पुनर्वास और उपचार के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि छात्रों को कैसे मारा गया, लेकिन चीन में हाल के वर्षों में चाकूबाजी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। लिहाजा, अधिकारियों को सुरक्षा बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा। अप्रैल में मध्य हुनान प्रांत के एक प्राथमिक स्कूल में एक हमलावर ने चाकू मारकर दो लोगों की हत्या कर दी और दो छात्रों को घायल कर दिया था। मगर, उस समय मृतकों की उम्र का खुलासा नहीं किया गया था।
पिछले साल अक्टूबर में चीन के दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में एक स्कूल में एक महिला ने चाकू से हमला कर 14 छोटे बच्चों को घायल कर दिया था। अप्रैल 2018 में एक व्यक्ति ने नौ मिडिल स्कूल के छात्रों की उस वक्त हत्या कर दी थी जब वे घर लौट रहे थे। हाल के वर्षों में वह देश के सबसे घातक चाकू हमलों में से एक था।

टेक्सास में गोलीबारी में 5 लोगों की मौत, 21 घायल
2 September 2019
वॉशिंगटन. अमेरिका के टेक्सास में मिडलैंड और ओडेसा शहर के बीच शनिवार को हुई गोलीबारी में 5 लोग मारे गए, जबकि 21 घायल हुए हैं। मिडलैंड के सिनर्जी फिल्म थियेटर के पास पुलिस ने हमलावर का पीछा करते हुए उसे मार गिराया। फिलहाल, उसकी पहचान नहीं हो पाई है। ओडेसा शहर के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, हमलावर बाइक पर आया और अमेरिकी पोस्टल विभाग की गाड़ी को हाइजैक कर लिया। इसके बाद उसने आसपास के लोगों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इसमें दो कानून प्रवर्तन अधिकारी भी घायल हो गए। ओडेसा सिटी के पुलिस प्रमुख माइकल गेरके के हवाले से मीडिया ने बताया कि टेक्सास के एक अधिकारी ने जब हमलावर को रोकने की कोशिश की तो उसने अफसर को भी गोली मार दी।
‘फिलहाल कोई शूटर सक्रिय नहीं’
शुरुआत में पुलिस को यह संदेह था कि गोलीबारी में दो लोग शामिल थे। पुलिस के मुताबिक- हमें लगा कि एक हमलावर गोल्ड/सफेद रंग की टोयोटा में है, जबकि दूसरा चोरी की हुई यूएस पोस्टल सर्विस की वैन चला रहा है। फेसबुक पोस्ट में मिडलैंड पुलिस विभाग ने कहा कि इलाके में फिलहाल कोई भी सक्रिय शूटर नहीं है। सभी एजेंसियां संभावित संदिग्धों की रिपोर्ट की जांच कर रही हैं।
टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने कहा कि टेक्सास राज्य और जनसुरक्षा विभाग जरूरत के अनुसार प्रभावितों को हर तरह की मदद पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं।
अगस्त में गोलीबारी में 29 लोग मारे गए थे
पिछले महीने भी टेक्सास में गोलीबारी हुई थी, जिसमें हमलावर समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2017 में गोलीबारी में अमेरिका में लगभग 40,000 मौतें हुई हैं। यह आंकड़ा 50 सालों में सबसे ज्यादा है।
राष्ट्रपति ने कहा- घटना की जांच जारी है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा, ‘‘अटॉर्नी जनरल विलियम द्वारा उन्हें टेक्सास में हुई गोलीबारी की जानकारी दी गई है। एफबीआई और कानून इस पर पूरी तरह से काम कर रहे हैं।”

ट्रंप ने फेडरल जज के लिए शिरीन मैथ्यूज को नामित किया, इस पद पर पहुंचने वाली पहली भारतवंशी होंगी
2 September 2019
वाशिंगटन. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कैलिफोर्निया में अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के लिए फेडरल जज के पद पर भारतीय मूल की अमेरिकी अटॉर्नी शिरीन मैथ्यूज को नामित किया है। एशियाई-अमेरिकी संस्था नेशनल एशियन पैसिफिक अमेरिकन बार एसोसिएशन (एनएपीएबीए) ने कहा कि यदि उनके नाम पर सहमति बनती है तो वह एशिया-पैसिफिक क्षेत्र की पहली महिला होंगी, जो इस पद पर काबिज होंगी। इसके साथ ही वह पहली भारतीय-अमेरिकी होंगी जो आर्टिकल थर्ड फेडरल जज बनेंगी।
‘आर्टिकल थर्ड जज’ अच्छे व्यवहार के कारण ये पद धारण करते हैं। इसका मतलब यह है कि कुछ परिस्थितियों को छोड़कर जीवन पर्यंत जज के पद पर नियुक्त रहना। आर्टिकल थर्ड जज को हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव द्वारा महाभियोग से और सीनेट में दोषी पाए जाने के बाद ही हटाया जा सकता है। वर्तमान में मैथ्यूज सैन डिएगो में देश की पांचवीं बड़ी लॉ फर्म जॉन्स डे की पार्टनर हैं।
एनएपीएबीए ने मैथ्यूज को नामित किए जाने पर ट्रंप की सराहना की
व्हाइट हाउस ने एक बयान में बताया कि इस फर्म से जुड़ने से पहले मैथ्यूज कैलिफोर्निया में असिस्टेंट यूनाईटेड स्टेट्स अटॉर्नी के पद पर थीं। पूरे सरकारी सेवा से पहले मैथ्यूज सैन डिएगो में लाथम और वाटकिन्स एलएलपी से भी जुड़ीं हुईं थीं। एनएपीएबीए ने मैथ्यूज को नामित किए जाने पर ट्रंप की सराहना की।
एनएपीएबीए ने उन्हें फेडरल जज के लिए बेहतर उम्मीदवार बताया
एनएपीएबीए के अध्यक्ष डेनियल साकागुची ने कहा, “शिरीन मैथ्यूज एक अनुभवी अटॉर्नी हैं। उन्हें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों का ज्ञान है। वह कैलिफोर्निया की बेंच से जुड़ने के लिए बेहतर उम्मीदवार हैं।” मैथ्यूज ने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और ड्यूक यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से कानून की डिग्री हासिल की थी।

चीन ने अमेरिकी अखबार के पत्रकार को निकाला, जिनपिंग के भाई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा किया था
2 September 2019
बीजिंग. चीन ने अमेरिकी अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के एक पत्रकार को देश से बाहर निकाल दिया। सिंगापुर मूल के पत्रकार चुन हान वोंग (33) ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के चचेरे भाई मिंग चाई के खिलाफ 30 जुलाई को एक रिपोर्ट लिखी थी। इसमें दावा किया गया था कि राष्ट्रपति के भाई के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में गैम्बलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर जांच चल रही है।
एक चीनी अधिकारी ने बताया कि चुन हान वोंग की प्रेस की मान्यता रद्द कर दी गई और इसे रिन्यू नहीं किया जाएगा। अखबार के पब्लिशर के प्रवक्ता ने कहा कि चीन के अधिकारियों ने चुन हान की मान्यता आगे नहीं बढ़ाई है। हम इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए हैं। चीन में यह पहला मौका है जब ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के किसी पत्रकार पर ऐसी कार्रवाई की गई।
पत्रकार वोंग हांगकांग रवाना हो गए
चुन हान वोंग ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के लिए बीजिंग ब्यूरो में 2014 से काम कर रहे थे और उन्हें चीन में राजनीति कवरेज के लिए जाना जाता था। वे 2011 से जर्नल के लिए बतौर स्टाफ रिपोर्टर काम कर रहे थे। चीन आने से पहले वे सिंगापुर में काम करते थे। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वोंग शुक्रवार शाम को हांगकांग रवाना हो गए।
30 जुलाई को मिंग चाई पर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी
वोंग उन दो पत्रकारों में शामिल थे, जिन्होंने 30 जुलाई को जर्नल में जिनपिंग के चचेरे भाई और ऑस्ट्रेलियन नागरिक मिंग चाई पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि चाई किस प्रकार ऑस्ट्रेलिया में अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह साफ नहीं था कि क्या जिनपिंग निजी तौर पर अपराध में शामिल हैं या उन्हें भाई के गतिविधियों की जानकारी थी।
चीनी विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट को खारिज किया था
‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की इस रिपोर्ट को चीनी विदेश मंत्री ने बेबुनियाद करार दिया था। हाल ही में जर्नल के अन्य पत्रकार और ऑस्ट्रेलियाई नागरिक फिलिप वेन को चीन ने सिर्फ तीन महीने का वीजा दिया था, जबकि यहां आमतौर पर विदेशी पत्रकारों के लिए वीजा अवधि कम से कम 12 महीने है।

तालिबान का हमला, अफगानिस्तान में अस्पताल के मरीजों को बनाया बंधक
31 August 2019
काबुल तालिबान ने अफगानिस्तान के प्रमुख शहर कुंदुज पर हमला कर अस्पताल में मरीजों को बंधक बना लिया है। अफगानिस्तान सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। तालिबान ने यह हमला ऐसे समय किया है जब वह 18 साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिका के साथ वार्ता कर रहा है। आतंकवादियों की मांग है कि सभी विदेशी बल अफगानिस्तान से बाहर जाएं।
तालिबान का देश के करीब आधे हिस्से में कब्जा या दबदबा है और वह अमेरिका के नेतृत्व में 2001 में हुई लड़ाई में हार के बाद से सबसे मजबूत स्थिति में है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने बताया कि अफगान सुरक्षा बल शहर में हमलों का जवाब दे रहे हैं। प्रांतीय परिषद सदस्य गुलाम रब्बानी रब्बानी ने बताया कि तालिबान ने कुंदुज अस्पताल पर कब्जा कर लिया है और युद्धरत दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए हैं।
हालांकि वह सटीक संख्या नहीं बता पाए। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रूहुल्ला अहमदजई ने पत्रकारों को बताया कि आतंकवादियों ने मरीजों को बंधक बना लिया है। प्रवक्ता ने बताया कि हवाई हमले में 26 तालिबान आतंकवादी मारे गए हैं, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने आम नागरिकों या अफगान सुरक्षा बलों की जान गई है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक ट्वीट में इस हमले को बड़े स्तर पर किया हमला करार दिया।

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे पर तमिलों के लिए काम नहीं करने के आरोप लगाए
31 August 2019
कोलंबो, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की पार्टी पर अल्पसंख्यक तमिल समुदाय की समस्याओं को सुलझाने के लिए संविधान में बदलाव के लिए पर्याप्त कार्य नहीं करने का आरोप लगाया। तमिल मुद्दे के समाधान के लिए नया संविधान बनाने के इरादे से वर्ष 2015 में राष्ट्रपति सिरिसेना और प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने गठबंधन सरकार बनाई। तमिल बहुल जाफना में शुक्रवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिरिसेना ने कहा, ‘‘सरकार के इस सज्जन ने नया संविधान बनाने की कोशिश में चार साल बर्बाद कर दिए। वे तमिल जनता की उम्मीदों को पूरा करने में असफल रहे। यह मेरी गलती नहीं है।’’ उनका इशारा विक्रमसिंघे की पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की तरफ था। सिरिसेना ने संविधान में हुए 19वें संशोधन की भी आलोचना की जिसके जरिये राष्ट्रपति के अधिकारों में कटौती की गई है। सिरिसेना ने कहा, 19ए ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद के अध्यक्ष की तीन समानांतर सरकारें बना दी है। वर्ष 2015 में हुए चुनाव में सिरिसेना का यह अहम चुनावी मुद्दा था। सिरिसेना का यह बयान आठ दिसंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले आया है। गौरतलब है कि श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी इलाके को अलग कर अलग देश बनाने के लिए लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) 30 साल से सैन्य अभियान चला रहा था, 2009 में श्रीलंका की सेना के हाथों वेलुपिल्लई प्रभाकरण की मौत के बाद यह गृहयु्द्ध समाप्त हुआ।
मधुमक्खी के काटने से बिगड़ी बेयर ग्रिल्स की तबीयत, डॉक्टरों ने बचाया
31 August 2019
वॉशिंगटन टीवी पर अपने अडवेंचर शो के लिए मशहूर होस्ट बेयर ग्रिल्स की जान उस समय मुश्किल में फंस गई जब उन्हें एक मधुमक्खी ने काट लिया। उस समय वह प्रशांत महासागर में एक द्वीप पर अपने टेलिविजन शो 'ट्रेजर आइलैंड विद बेयर ग्रिल्स' की शूटिंग कर रहे थे। दरअसल, 45 साल के बेयर को मधुमक्खी के डंक से गंभीर ऐलर्जी है। शुरुआत में तो उन्होंने शूटिंग जारी रखी लेकिन कुछ ही देर में उनकी हालत बिगड़ने लगी। फौरन डॉक्टरों को उन्हें इंजेक्शन देना पड़ा।
शो में भाग ले रहे ब्रेन सर्जन मनो षणमुगनाथन ने कहा कि उनकी जान बचाने के लिए फौरन उपचार शुरू कर दिया गया। 2008 में ही ग्रेल्स के मधुमक्खी से गंभीर ऐलर्जी की बात पता चली थी। रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि यह पहली बार नहीं है जब बेयर को मधुमक्खी ने काटा है। एक शो के दौरान उन्होंने मधुमक्खी के छत्ते से शहद निकालने की कोशिश की थी तब भी उन्हें मधुमक्खी ने काट लिया था।
आपको बता दें कि जंगल में संसाधनों के अभाव में सर्वाइव करने को लेकर शो बनाने वाले बेयर ग्रिल्स ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कार्यक्रम किया था। यह प्रोग्राम काफी चर्चा में रहा और बेयर के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले शो में शामिल था। भारत में इस प्रोग्राम को करोड़ों लोगों ने देखा।

हथियारों का आधुनिकीकरण करना नहीं बंद करेंगे: उत्तर कोरिया
30 August 2019
उत्तर कोरिया (North Korea) ने ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी पर आरोप लगाया है कि वे आत्मरक्षा (Self Defense) के लिए हथियारों के आधुनिकीकरण (Modernization) के उसके कदमों में हस्तक्षेप कर रहे हैं. उत्तर कोरिया ने कहा कि ऐसा सोचने से बड़ी और कोई गलती नहीं होगी कि प्योंगयांग हथियार रखने के अपने अधिकारों को छोड़ देगा. उत्तर कोरिया ने साफ कह दिया है कि वह हथियारों का आधुनिकीकरण करना बंद नहीं करेगा. प्योंगयांग का कहना है कि शांति सुनिश्चित करने के लिए हथियार जरूरी है. उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ ने किम सोन ग्योंग की ओर से एक बयान जारी किया है. इसमें साफ किया गया कि उत्तर कोरिया की शांति सुनिश्चित करने के लिए हथियार जरूरी हैं. ग्योंग कोरिया-यूरोप एसोसिएशन के सलाहकार हैं. अमेरिका के तीनों महत्वपूर्ण यूरोपीय सहयोगी देशों ने मंगलवार को उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों को लेकर उसकी निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि प्योंगयांग उकसावे के लिए ये परीक्षण कर रहा है. इन यूरोपीय देशों का आरोप है कि उत्तर कोरिया संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है. वहीं इन्होंने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से अमेरिका के साथ निरस्त्रीकरण को लेकर हुई बातचीत में प्रगति लाने को कहा. उनका कहना था कि उत्तर कोरिया में सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करने का यही एक मात्र उपाय है. उत्तर कोरिया ने बयान में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना तब और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब आपने ऐसे देश देखें हों जिनके भविष्य को पश्चिम शक्तियों ने टुकड़े टुकड़े कर दिया हो.
ट्रंप ने ‘डोरियन’ तूफान के मद्देनजर पौलैंड की यात्रा को किया रद्द, उनकी जगह जायेंगे माइक पेंस
30 August 2019
अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने गुरुवार को बताया कि हरिकेन डोरियन (Hurricane Dorian) तूफान के फ्लोरिडा (Florida) तट के करीब पहुंचने के मद्देनजर उन्होंने पौलैंड की अपनी इस सप्ताहांत की यात्रा को रद्द कर दिया है. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए इस सप्ताहांत अपनी जगह उप राष्ट्रपति माइक पेंस को पोलैंड भेजने का निर्णय लिया है कि संघीय सरकार के सभी संसाधन तूफान से निपटने के कार्य में लगे हैं या नही. उन्होंने कहा कि मेरे लिए यहां होना बहुत जरूरी है. ऐसा लगता है कि यह तूफान बहुत बड़ा खतरा होगा. डोरियन के सोमवार तक फ्लोरिडा तट पर पहुंचने की आशंका है. यह तूफान अपने साथ मूसलाधार बारिश और 209 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा लेकर आएगा. ट्रंप शुक्रवार को पोलैंड रवाना होने वाले थे. उन्होंने पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से यात्रा के रद्द होने के संबंध में बातचीत कर ली है. अमेरिका के राष्ट्रीय तूफान केंद्र ने कहा है कि श्रेणी एक का तूफान प्यूर्टो रिको से बढ़ता हुआ सोमवार को तूफान के रूप में फ्लोरिडा पहुंचेगा जिससे कई लोगों के प्रभावित होने की आशंका है. मौसम विभाग ने डोरियन के आने वाले दिनों में मजबूत होने और इससे बेहमास तथा फ्लोरिडा के कई हिस्सों के प्रभावित होने का अनुमान लगाया है. हालांकि तूफान का मार्ग अभी स्पष्ट नहीं है इसलिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर तत्काल जाने के आदेश अभी नहीं दिए गए हैं. यह तूफान भीषण तबाही मचा सकता है. इससे पहले साल 2017 में अमेरिका के फ्लोरिडा में तूफान इरमा ने तबाही मचाई थी. इसमें कई लोगों की मौत भी हो गई थी.
अमेरिका पहले प्रतिबंध हटाए फिर होगी बातचीत: ईरान
30 August 2019
ईरान (Iran) के विदेश मंत्री जावद जरीफ (Javad Zarif) ने गुरुवार को कहा कि अगर अमेरिका (America), ईरान के साथ वार्ता करना चाहता है तो उसे आवश्यक रूप से ऐतिहासिक परमाणु समझौते (Nuclear Deal) का अनुपालन करना होगा और उसके खिलाफ 'आर्थिक आतंकवाद' को रोकना होगा.
पिछले साल से ईरान और अमेरिका के बीच तीखी तकरार चल रही है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 2015 के इस समझौते से वाशिंगटन को एकपक्षीय तरीके से बाहर कर लिया था. गौरतलब है कि इस समझौते के तहत ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम पर रोक के एवज में प्रतिबंधों से राहत दी गई थी.
ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से कुछ हफ्तों में मिलने को तैयार हैं. फ्रांस के तटीय शहर बियारित्ज में जी 7 शिखर सम्मेलन के दौरान यह घोषणा की गई थी. जावद जरीफ भी फ्रांस गए थे और उन्होंने जी 7 शिखर सम्मेलन से इतर बैठकें की थी.
पहले प्रतिबंध हटाए अमेरिका
हालांकि, रूहानी ने कहा है कि अमेरिका को पहले प्रतिबंधों को हटाने की जरूरत है. विदेश मंत्री मोहम्मद जावद जरीफ ने भी इस संदेश को दोहराया है. ईरान के विदेश मंत्री जावद जरीफ ने मलेशिया की अपनी यात्रा पर संवाददाताओं से कहा, "अमेरिका ईरानी अवाम के खिलाफ आर्थिक युद्ध कर रहा है और हमारे लिए वाशिंगटन से बात करना तब तक संभव नहीं होगा, जब तक कि वे ईरानियों पर युद्ध थोपना बंद नहीं करते और ईरान के लोगों के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद नहीं रोकते."
उन्होंने कहा, "हमने अमेरिका से लंबी बात की, हम एक समझौते पर पहुंचे और उन्हें समझौते को लागू करने की जरूरत है जो हमारे बीच हुआ था, इसके बाद ही वे आगे की वार्ता की उम्मीद करें."
अमेरिका को करना होगा समझौते का अनुपालन
जावद जरीफ ने कहा कि ईरान इस समझौते में शामिल विश्व की अन्य शक्तियों से वार्ता कर रहा है. यदि अमेरिका इसमें लौटना चाहता है तो उसे समझौते का अनुपालन करना होगा. अमेरिकी रक्षा मंत्रा मार्क एस्पर ने खाड़ी क्षेत्र में तनाव दूर करने के लिए बुधवार को ईरान से वार्ता की अपील की थी. उन्होंने कहा, "हम ईरान के साथ संघर्ष नहीं चाहते हैं. हम उनसे कूटनीतिक वार्ता चाहते हैं."

इमरान के एक साल में अर्थव्यवस्था 39 साल के सबसे बुरे दौर में, राजकोषीय घाटा बढ़कर 34 खरब रु. हुआ
29 August 2019
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में इमरान खान सरकार का एक साल पूरा हो चुका है। पाक वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि 30 जून वित्त वर्ष की समाप्ति पर राजकोषीय घाटा 34 खरब 44 अरब रुपए पहुंच गया। पिछले 39 साल में अर्थव्यवस्था का यह सबसे बुरा दौर है। पाकिस्तान के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्तीय घाटा 1979-80 के बाद से अब तक का सबसे ज्यादा है। राजकोषीय घाटा सरकार की आय और खर्च के बीच का अंतर होता है। जून में इमरान सरकार ने वित्तीय घाटे को जीडीपी के 7.1% पर लाने की संभावना जताई थी। जबकि, साल की शुरुआत में लक्ष्य 4.9% था।
इमरान सरकार अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधारने के वादे के साथ सत्ता में आई थी। जियो न्यूज के मुताबिक, सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए पिछले महीने पेट्रोल के दाम 5.15 रुपए और डीजल के 5.65 रुपए प्रति लीटर बढ़ाए थे। इसके बाद पेट्रोल की कीमत 117.83 रुपए प्रति लीटर, जबकि डीजल की 132.4 रुपए प्रति लीटर हो गई।
वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही राजस्व वसूली में भारी गिरावट इस वर्ष 30 जून को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान खर्च और राजस्व मामलों समेत सभी प्रमुख वित्तीय सूचकांकों में भारी गिरावट दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक, खर्च घटाने के सभी प्रयास विफल साबित हुए और वित्तीय वर्ष की पहले तिमाही में ही राजस्व वसूली में भारी गिरावट आ गई। पाकिस्तान के पूर्व आर्थिक सलाहकार डॉ. अशफाक हसन खान ने कहा कि इतना अधिक राजकोषीय घाटा कभी नहीं देखा।
चीन और कतर समेत कई देशों ने बेलआउट पैकेज दिए
पाकिस्तान अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधारने में लगा हुआ है। चीन और कतर समेत कई देशों ने पाक को बेलआउट पैकेज दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मई में पाक को 6 अरब डॉलर (43 हजार करोड़ रुपए) दिए थे। इस वित्त वर्ष में अब तक पाकिस्तान को 9.1 अरब डॉलर (63 हजार करोड़ रुपए) की मदद मिल चुकी है।

प्रत्यर्पण कानून समाप्ति की मांग के आंदोलन के 80 दिन पूरे, प्रदर्शनकारियों का पुलिस पर यौन शोषण का आरोप
29 August 2019
हॉन्गकॉन्ग. यहां प्रस्तावित प्रत्यर्पण कानून खत्म करने की मांग को लेकर आंदोलन को 80 दिन पूरे हो गए हैं। इसके साथ ही यह 2014 में 79 दिनों तक चले अंब्रेला आंदोलन से भी बड़ा हो गया है। जून से अब तक 800 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। करीब 5 हजार प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को कैथे एयरपोर्ट पर जाम लगा दिया। इसका असर करीब 1000 उड़ानों पर पड़ा।
प्रदर्शनकारी आंदोलन के समर्थन में आए 20 क्रू मेंबर्स की बर्खास्तगी का विरोध कर रहे थे। रात को प्रदर्शनकारियों ने कैंडल मार्च निकाला। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अब थानों में प्रदर्शकारियों का यौन उत्पीड़न कर रही है। उधर, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने उद्योगपतियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि सब देशभक्ति का झंडा ऊंचा रखें।
तीन महीने में तीन बड़े पड़ाव
शांति: आंदोलन 9 जून को शुरू हुआ। इस दिन रैली में 10 लाख पहुंचे।
उग्रता: प्रदर्शनकारी 1 जुलाई को संसद में घुस गए थे।
हिंसा: 25 अगस्त को आंदोलन हिंसक हुआ। पुलिस पर रॉकेट बम भी फेंके।

प्रधानमंत्री की मांग पर महारानी ने भंग की संसद, विपक्ष का आरोप- ईयू मुद्दे पर जॉनसन बहस नहीं चाहते
29 August 2019
लंदन. ब्रेग्जिट को लेकर चल रही बहस के बीच ब्रिटेन की महारानी ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रस्ताव का सर्मथन करते हुए 14 अक्टूबर तक के लिए ब्रिटेन की संसद को स्थगित करने की मंजूरी दे दी है। सरकार ने ब्रेग्जिट डेडलाइन के कुछ दिन पहले संसद भंग करने की सिफारिश की थी। विपक्ष ने इस फैसले के बाद आरोप लगाया कि जॉनसन ब्रेग्जिट पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं।
जॉनसन ने कहा कि संसद भंग होने के बाद 14 अक्टूबर को महारानी का भाषण होगा। इसमें वह एक रोमांचक एजेंडे की रूपरेखा तैयार करेंगी। इस बीच, विपक्षी नेताओं ने महारानी को पत्र लिखकर अपनी चिंता जताई और तत्काल बैठक करने को कहा। जॉनसन ने कहा, “ईयू और अन्य मुद्दों पर बहस को लेकर संसद के पास पर्याप्त समय है।”
जॉनसन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है
जॉनसन के कहा, “हमें नए कानून की जरूरत है। हम नए और महत्वपूर्ण बिल आगे लाने वाले हैं इसीलिए हम महारानी का भाषण रखने जा रहे हैं।” उन्होंने सांसदों के इस आरोप से इनकार किया कि वह ईयू के मुद्दे पर सांसदों की भागीदारी को खत्म करना चाहते हैं। संसद को भंग करने के फैसले ने ब्रिटेन में विवाद पैदा कर दिया है। आलोचकों का कहना है कि ये ब्रेग्जिट मामले में सांसदों को उनकी लोकतांत्रिक भागदारी निभाने से रोकेगा। प्रधानमंत्री के इस फैसले से जॉनसन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।
पिछले महीने ही प्रधानमंत्री बने थे जॉनसन
इससे पहले, पिछले महीने ही बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने गए थे। ब्रिटेन की यूरोपियन यूनियन के साथ ब्रेग्जिट डील कराने में नाकाम रहने पर 7 जून को थेरेसा मे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जॉनसन के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद सरकार के कई मंत्रियों ने इस्तीफे भी दिए थे।

हांगकांग पर जी-7 के प्रस्ताव पर चीन ने जताया सख्त एतराज
28 August 2019
बीजिंग। फ्रांस में विकसित देशों के समूह जी-7 के सम्मेलन में हांगकांग को लेकर आए प्रस्ताव पर चीन ने सख्त एतराज जताया है। हांगकांग के वर्तमान हालात को देखते हुए जी-7 देशों ने चीन को 1984 में हुए ब्रिटेन-चीन समझौते की जिम्मेदारियों की याद दिलाई है। सोमवार को संपन्न हुए सम्मेलन में हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के पक्ष में प्रस्ताव रखा गया। जी-7 के प्रस्ताव में कहा गया, 'जी-7 1984 में चीन-ब्रिटेन के बीच हांगकांग को लेकर हुए समझौते के महत्व को मानता है और हिंसा से बचने की अपील करता है।' समूह के सातों देशों ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका ने इस प्रस्ताव को समर्थन दिया।
इस प्रस्ताव को हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के लिए बड़ा अंतरराष्ट्रीय समर्थन माना जा रहा है। जी-7 देशों के इस प्रस्ताव से चीन की बैचेनी बढ़ गई है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने इसे चीन के आंतरिक मामलों में जी-7 का हस्तक्षेप बताया है। प्रवक्ता ने कहा, 'हांगकांग के मामले में जी-7 देशों के बयान पर सख्त आपत्ति जताते हुए हम इसका विरोध करते हैं। अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सामान्य नियमों के अनुसार किसी भी देश को चीन-ब्रिटेन संयुक्त घोषणापत्र के तहत हांगकांग के मामले में दखल का अधिकार नहीं है।'
1984 के चीन-ब्रिटेन घोषणापत्र के अंतर्गत हांगकांग में एक देश, दो प्रशासन की व्यवस्था पर सहमति बनी थी। इसके तहत विदेश एवं रक्षा मामलों के अतिरिक्त हांगकांग को पर्याप्त स्वायत्तता देने की बात थी। साथ ही यह भी कहा गया था कि हांगकांग स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन (एचकेएसएआर) के मूलभूत कानूनों में 50 साल तक कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। एचकेएसएआर की सरकार ही क्षेत्र में कानून व्यवस्था संभालेगी। चीन की केंद्रीय सरकार द्वारा रक्षा कारणों से हांगकांग में तैनात सेना यहां के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देगी।

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने जी7 नेताओं को दी रीसाइकिल्ड प्लास्टिक से बनी घड़ियां
28 August 2019
पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित जी-7 जलवायु सत्र में भाग लेने वाले नेताओं और अतिथि राष्ट्रों के नेताओं को सोमवार एक घड़ी उपहार में दी। मीडिया ने रिपोर्ट के अनुसार, खास बात यह है कि इस घड़ी को बनाने के लिए दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस में एकत्र किए गए महासागरों की प्लास्टिक को रीसाइकिल किया गया था। ये घड़ियां सोलर एनर्जी से चलती हैं, लिहाजा इनमें बैट्री की जरूरत नहीं होगी।
फ्रांस के बीएफएमटीवी चैनल के अनुसार, घड़ियों को बास्क क्षेत्र में रीसाइक्लिड ओशन प्लास्टिक से बनाया गया था। दरअसल, इन घड़ियों को देने का उद्देश्य विश्व नेताओं को यह बताना था कि समुद्री प्रदूषण से निपटना कितना अहम है। एक अनुमान के अनुसार, रोजाना करीब 22 हजार टन प्लास्टिक समुद्रों और महासागरों में पहुंच रहा है।
फ्रांस की फर्म अवेक के अनुसार, उन्होंने घड़ियों के केस को रीसाइकिल किए गए प्लास्टिक नेट से बनाया है। कई छोड़ दिए गए नेट में फंसने की वजह से हर साल करीब 6.50 लाख समुद्री जीवों की मौत हो जाती है। बताते चलें कि G7 शिखर सम्मेलन के मेजबान के रूप में मैक्रों ने जलवायु को वार्षिक सभा के केंद्रीय विषयों में से एक के रूप में चुना था।
व्हाइट हाउस के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और जर्मनी के नेताओं के साथ पहले से निर्धारित बैठकों के कारण इस सत्र में शामिल नहीं हुए। उनकी जगह ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ सदस्य को सदन में भेजा गया था। बताते चलें कि ट्रंप ने 2017 में ऐतिहासिक पेरिस समझौते से अमेरिका को बाहर निकाल लिया है।

प्रदूषण से जूझ रहे और डूब रहे जकार्ता की जगह बोर्नियो को राजधानी बनाएगा इंडोनेशिया
28 August 2019
जकार्ता। इंडोनेशनिया की राजधानी डूब रही है, प्रदूषित हो रही है और यहां लोगों की आबादी का बोझ बढ़ता जा रहा है। लिहाजा, राष्ट्रपति जोको विडोडो ने घोषणा की है कि वह बोर्नियो द्वीप को नई राजधानी बनाएंगे। पूर्वी कालिमानतंन प्रांत के बोर्नियो द्वीप को अपने वर्षा वनों और ऑरेंगुटेन्स (वनमानुषों) के लिए जाना जाता है। राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में गहन अध्ययन के परिणामस्वरूप द्वीप के पूर्वी हिस्से को राजधानी बनाने के लिए चुना गया है।
जोको विडोडो ने कहा कि नए राजधानी शहर का अभी तक नाम नहीं दिया गया है। यह विशाल द्वीपसमूह राष्ट्र के बीच में होगा और पहले से ही इसका पूरा बुनियादी ढांचा बना हुआ है, क्योंकि यह बालिकपपान और समरिन्दा शहरों के पास है। उन्होंने कहा कि जावा द्वीप पर बसे जकार्ता में सरकार के केंद्र, वित्त, व्यापार और सेवाओं के साथ-साथ देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे और बंदरगाह होने से यहां बोझ बहुत बढ़ गया है।
विडोडो ने कहा कि राजधानी को जावा द्वीप पर कहीं और स्थानांतरित करने का फैसला नहीं किया गया है क्योंकि देश की संपत्ति और लोग वहीं पर काफी हद तक केंद्रित हैं और इसे फैलाना चाहिए। वर्तमान में देश के लगभग 27 करोड़ लोगों में से करीब 54 फीसद लोग जावा में रहते हैं, जो देश का सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र है।
जकार्ता के प्रेसिडेंशियल पैलेस में एक संवाददाता सम्मेलन में विडोडो ने कहा कि हम जनसंख्या घनत्व के संदर्भ में जकार्ता और जावा द्वीप पर और बोझ बढ़ाने की अनुमति नहीं दे सकते। इससे जावा और अन्य जगहों के बीच आर्थिक असमानता भी बढ़ेगी। पिछले महीने राष्ट्रपति ने कहा कि वह जकार्ता में देश के व्यापार और आर्थिक केंद्र से सरकार को अलग करना चाहते हैं।
जकार्ता एक एशियाई मेगा-शहर है, जिसमें करीब एक करोड़ लोग या इसके महानगरीय क्षेत्र को मिलाकर तीन करोड़ लोग रहते हैं। यहां भूकंप और बाढ़ का खतरा है और भूजल को अनियंत्रित तरीके से निकाले जाने की वजह से यह तेजी से डूब रहा है। भूजल और यहां की नदियां अत्यधिक प्रदूषित है।
वहीं, खनिज से समृद्ध पूर्वी कालिमंतन लगभग पूरी तरह से वर्षावनों से घिरा है। मगर, जंगलों की अवैध कटाई ने इसके मूल विकास को खत्म कर दिया है। यहां करीब 35 लाख लोगों रहते हैं। यह कुताई नेशनल पार्क से घिरा हुआ है, जो संतरे, ओरेंगुटेन और अन्य वनमानुषों व स्तनधारियों के लिए जाना जाता है।
विडोडो ने कहा कि करीब चार लाख 44 हजार 780 एकड़ की साइट पर राजधानी को स्थानांतरित करने में करीब एक दशक का समय लगेगा और इसमें करीब 32.5 अरब डॉलर का खर्च होगा। इसमें से 19 फीसद राशि राज्य के बजट से दी जाएगी और बाकी सरकार व व्यापार संस्थाओं के बीच सहयोग से वित्त पोषित होगी।

आदिवासियों की आपसी लड़ाई में 37 लोगों की मौत, 200 से ज्यादा जख्मी
27 August 2019
खार्तूम. सूडान के पूर्वी क्षेत्र में आदिवासियों के दो गुटों के बीच लड़ाई में 37 लोगों को मार दिया गया, जबकि 200 से ज्यादा जख्मी हो गए। यह संघर्ष किस कारण से हुआ, इसका पता नहीं चल सका। दो गुटों के बीच संघर्ष बीते एक हफ्ते से हो रहा था, सोमवार को मरने वालों की संख्या सामने आई।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, यह खूनी संघर्ष बानी अमेर और नुबा आदिवासी समुदाय के बीच हुआ था। देश की नवगठित सोवेरिन काउंसिल (संप्रभु परिषद) ने लाल सागर राज्य के गवर्नर को बर्खास्त कर दिया। साथ ही संघर्ष के बाद राज्य में आपातकाल घोषित कर दिया गया।
बाढ़ में 60 की मौत, 100 से ज्यादा घायल
वहीं, सूडान में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालत बने हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अब तक बाढ़ से देशभर में 60 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि 100 से ज्यादा घायल हैं। 900 से ज्यादा घर गिर गए हैं। 32 हजार से ज्यादा परिवार बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

किम के हथियार परीक्षणों से ट्रम्प नाखुश, जापान ने कहा- मिसाइल टेस्ट यूएन के नियमों का उल्लंघन
27 August 2019
प्योंगयांग. उत्तर कोरिया ने तानाशाह किम जोंग-उन की मौजूदगी में रविवार को नए सुपर-लार्ज मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर का सफल परीक्षण किया। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कोरियाई प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले से यह दावा किया। इससे पहले शनिवार को भी दो मिसाइलों का सफल परीक्षण किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प उ.कोरिया के परीक्षणों से खुश नहीं हैं।
जी-7 समिट के इतर राष्ट्रपति ट्रम्प ने किम जोंग के मिसाइल परीक्षण पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ''मैं इससे नाखुश हूं, लेकिन इस बार भी समझौते का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।'' उधर, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि उत्तर कोरिया के हथियार परीक्षण साफ तौर पर संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन है।
शनिवार को कम दूरी की दो मिसाइल दागी गई थीं
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को दागी गईं दोनों बैलिस्टिक मिसाइल कम दूरी की मारक क्षमता वाली थीं। साउथ कोरियन जॉइंट चीफ ऑफिसर ने कहा है कि दोनों मिसाइलें 380 किमी की दूरी तय करते हुए 97 किमी की ऊंचाई तक गई थीं।
अमेरिका-द.कोरिया के युद्धाभ्यास से किम नाराज
दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने 5 से 20 अगस्त के बीच युद्धाभ्यास किया गया था। जहां यह अभ्यास हुआ था, उसी स्थान पर उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण किया। उत्तर कोरिया ने कहा था कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच चल रहे युद्धाभ्यास से वह नाराज था और इसके विरोध में ही टेस्टिंग की जा रही है। वहीं, ट्रम्प ने कहा था कि मेरे ख्याल से किम जोंग काफी सीधे हैं। हम देख रहे हैं कि क्या हो रहा है। उन्हें मिसाइल परीक्षण करने में मजा आता है।

इस्लामिक संगठन की महिलाओं से अपील- जब तक सरकार आदेश नहीं देती, तब तक बुर्का न पहनें
27 August 2019
कोलंबो. श्रीलंका में इस्लाम के सबसे बड़े संगठन ऑल सीलोन जमीयतुल उलमा ने मुस्लिम महिलाओं से बुर्का न पहनने की अपील की है। संस्था के प्रवक्ता फजिल फारूक ने मंगलवार को कहा कि जब तक सरकार आदेश नहीं देती, तब तक महिलाएं बुर्का पहनने और सार्वजनिक जगह पर किसी भी तरह से चेहरा ढंकने से बचें। दरअसल, इसी साल 21 अप्रैल को ईस्टर के दिन हुए बम धमाकों में 11 भारतीय समेत 258 लोगों की जान गई थी।
फारूक ने कहा, ईस्टर बम धमाकों के बाद मुस्लिमों खासकर मौलवियों के साथ हिंसा की घटनाएं हुईं थीं। यह फिर से शुरू हो गई हैं। हम मुस्लिम महिलाओं से अपील करते हैं कि वे अपने धार्मिक लिबास पहनने में जल्दबाजी न करें। सरकार के आदेश का इंतजार करें। हाल ही में सरकार ने पिछले चार महीनों से लगा आपातकाल खत्म किया है।
श्रीलंका में चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध
श्रीलंका में महिलाओं के किसी भी तरह से चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 29 अप्रैल को आदेश जारी कर मुस्लिम महिलाओं को किसी भी तरह से चेहरा ढंकने और बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था। राष्ट्रपति कार्यालय के बयान के मुताबिक- प्रतिबंध का ताल्लुक देश की सुरक्षा से है। व्यक्ति का चेहरा ढंका होने से उसकी पहचान में मुश्किल होती है।
ईस्टर के दिन 8 सीरियल धमाके हुए थे
ईस्टर के दिन तीन चर्च और पांच होटलों में कुल 8 सीरियल बम धमाके हुए थे। धमाकों की जिम्मेदारी इस्लामिक जिहादी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) और इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली थी। इसके बाद से ही श्रीलंका में इस्लामी कट्टरपंथ खत्म करने के लिए सख्त फैसले लिए जा रहे हैं। सरकार ने 11 मई को दिए नए आदेश में कहा था कि देश में मौजूद सभी मस्जिदों में जो उपदेश सुनाए जाते हैं, उनकी एक कॉपी जमा कराना जरूरी है।

यूएई में फंसे 100 नाविकों को आइसीडब्ल्यूएफ के जरिए भारत भेजा
26 August 2019
दुबई। संयुक्त अरब अमीरात में फंसे 100 नाविकों को इस साल जुलाई के अंत तक वतन वापसी हो चुकी है। दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत विपुल ने कहा कि फंसे हुए भारतीयों की सहायता करना मिशन की पहली प्राथमिकता है। महावाणिज्य दूत ने खलीज टाइम्स को बताया कि इस साल 31 जुलाई तक भारतीय सामुदायिक कल्याण कोष (आइसीडब्ल्यूएफ) के जरिए महावाणिज्य दूतावास ने 375 लोगों को हवाई टिकट प्रदान किए हैं।
उन्होंने बताया कि ईद के दिन हुई बस दुर्घटना में मारे गए 12 भारतीयों और हादसे में घायल लोगों के परिजनों को मदद दी गई। जिस कंपनी में सभी पीड़ित काम करते थे, उस कंपनी द्वारा लंबित वेतन का कुछ हिस्सा देने के लिए राजी होने के बाद इन सभी को भारत भेज दिया गया। बस हादसे में घायल विकास मिश्रा ने बताया कि यहां बच पाना काफी कठिन था। इससे भी ज्यादा कठिन स्थिति में मेरे परिवार के सामने भारत में थी। मेरे पिता किसान हैं। पैसा नहीं भेज पाने से मेरे पिता को खेत बेचकर अपना इलाज कराना पड़ा। हालांकि अब बुरे दिन खत्म हो गए हैं।

दिग्‍गज मोबाइल निर्माता कंपनियों Apple और Samsung के खिलाफ मुकदमा, यह है वजह
26 August 2019
सैन फ्रांसिस्को। दुनिया की दो सबसे बड़ी मोबाइल निर्माता कंपनियों Apple और Samsung पर अमेरिका में मुकदमा कर दिया गया है। यह मुकदमा नुकसानदायक रेडियो तरंगों के उत्सर्जन को लेकर किया गया है। मुकदमे में एपल के वर्जन आइफोन-7 प्लस, आइफोन-8 और आइफोन-10 के साथ सैमसंग के गैलेक्सी एस-8 और गैलेक्सी नोट-8 का नाम शामिल किया गया है।
मुकदमे का यह बनाया आधार
कैलिफोर्निया की जिला अदालत में दर्ज मुकदमे में कहा गया है कि इन कंपनियों के स्मार्टफोन निर्धारित मानकों से ज्यादा रेडियो तरंगों का उत्सर्जन करते हैं। इससे पहले शिकागो ट्रिब्यून द्वारा की गई एक अलग जांच में आइफोन के मॉडल का उत्सर्जन सुरक्षित स्तर से कहीं ज्यादा पाया गया था। यह उत्सर्जन एपल द्वारा एजेंसियों को बताए गए स्तर से दोगुना था।
जानवरों को होता है नुकसान
हाल में कई ऐसे वैज्ञानिक लेखों में बताया जा चुका है कि मोबाइल फोन से होने वाला उत्सर्जन जीव-जंतुओं पर बहुत बुरा असर डालता है। जिस स्तर को सुरक्षित बताया जा रहा है, कुछ वैज्ञानिक उसे भी हानिकारक बताते रहे हैं।
इंसानों के लिए भी घातक
इसके अलावा इससे ह्यूमन टिश्यू, अनुवांशिकी और शारीरिक अंगों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। हालांकि एपल की ओर से कहा गया है कि वह निर्धारित गाइडलाइन मानने को तैयार है।

ट्रैफिक जाम से बचने के लिए अमीरों को लगा एंबुलेंस का चस्का, किराए पर पानी की तरह बहा रहे पैसे
26 August 2019
तेहरान। आमतौर पर एंबुलेंस का इस्तेमाल मरीजों को जल्दी से जल्दी अस्पताल पहुंचाने के लिए होता है। मगर, इन दिनों ईरान की राजधानी में अनोखा ही नजारा देखने को मिल रहा है। यहां के अमीर लोग ट्रैफिक से छुटकारा पाने के लिए एंबुलेंस का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस बारे में एक खबर भी प्रकाशित की है, जिसमें बताया गया है कि धनाड्य लोग जाम से बचने के लिए कितना पैसा देने के लिए तैयार हैं।
हालांकि, यह काम गैर-कानूनी है। पिछले सप्ताह फोन पर पहुंची सभी एम्बुलेंस कंपनियों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी। उनका कहना था कि आपातकालीन सेवाओं के वाहनों के दुरुपयोग से लोगों का इन पर विश्वास खत्म हो जाएगा। फिलहाल, एम्बुलेंस लाल बत्ती को भी पार कर जाती है और ट्रैफिक के बीच से उन्हें निकलने के लिए भी रास्ता दिया जाता है, ताकि रोगियों को घर से अस्पताल पहुंचाने में कोई देरी नहीं हो।
मगर, एम्बुलेंस को मिली इसी छूट का गलत फायदा ईरान के धनाड्य लोग उठा रहे हैं। ईरान के कई लोगों ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा है कि वे इस गलत प्रथा पर रोक लगाएं। मगर, गैर-आपातकालीन उद्देश्यों के लिए एम्बुलेंस को किराए पर लेना अभी भी बदस्तूर जारी है। घटना पिछले हफ्ते उस वक्त सुर्खियों में आई, जब तेहरान में एम्बुलेंस सेवाओं के प्रमुख ने इस बारे में बात की। हालांकि, एम्बुलेंस कंपनियों ने कहा कि उन्हें एक साल से इसके अनुरोध मिल रहे हैं।
तेहरान में नाजी नाजी एम्बुलेंस सर्विस के प्रमुख महमूद रहीमी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें इस तरह के कॉल मिलते हैं। अमीर लोगों से लेकर अभिनेताओं और एथलीट्स जैसी हस्तियां इस तरह से आपात-कालीन सुविधा के दुरुपयोग के लिए कहती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तेहरान के एक प्राइवेट एंबुलेंस सेंटर पर जब फोन की घंटी बजी, तो ईरान के एक प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी की आवाज ऑपरेटर ने सुनी। ऑपरेटर ने उसे तुरंत पहचान लिया और आपातकाल परिस्थिति के लिए सहानुभूति जाहिर की।
फुटबाल स्टार ने हंसते हुए कहा कि कोई भी बीमार नहीं है। वह शहर में कुछ काम के लिए एक एम्बुलेंस के लिए एक दिन के लिए रिजर्व करना चाहता था। फुटबॉलर ने कहा दरअसल, वह चोकिंग ट्रैफिक से बचना चाहता था, जिसमें 10 मिनट के सफर के लिए दो घंटे तक का समय लग सकता है। रिपोर्ट में बताया गया था कि उसने निजी एंबुलेंस ऑपरेटर को जितनी राशि की पेशकश की थी, वह एक टीचर की एक महीने की सैलरी के बराबर थी।
अमीर ईरानियों और यहां तक ​​कि राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में परीक्षाओं के लिए छात्रों को तैयार करने वाले निजी ट्यूटर्स के बीच एम्बुलेंस को किराए पर लेने का चलन देखने को मिल रहा है। इस देश में किसी के पास भी समय की कोई कमी नहीं है। लिहाजा, समय की बर्बादी वाले ट्रैफिक जाम से रोजाना लोगों को दो-चार होना पड़ता है।

सर्वोच्च नागरिक सम्मान Order Of Zayed से सम्मानित किए गए मोदी
24 August 2019
अबू धाबी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन देशों के दौरे के दूसरे पड़ाव में यूएई पहुंच चुके हैं। भारतीय समयानुसार देर रात प्रधानमंत्री अबू धाबी पहुंचे। अबू धाबी पहुंचने पर पीएम मोदी को गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यहां पहुंचने के बाद शनिवार को पीएम मोदी क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान से मिले। इसके बाद क्राउन प्रिंस ने उन्हें यूएई के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया।
इस साल अप्रैल में यूएई ने पीएम मोदी को इस पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री को यह सम्मान दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही मित्रता और संयुक्त रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने में उनकी भूमिका के लिए दिया गया है। इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान का नाम यूएई के संस्थापक शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान के नाम पर रखा गया है। खाड़ी नेता के जन्मशती वर्ष पर पीएम मोदी को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस से मुलाकात की और द्विपक्षीय वार्ता की।
RuPay कार्ड होगा लॉन्च
इसके अलावा PM नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान UAE अपने यहां 'रुपे कार्ड' लॉन्च करेगा। रुपे भारतीय पेमेंट गेटवे कार्ड है। यह मास्टरकार्ड और वीजा जैसे अंतरराष्ट्रीय पेमेंट गेटवे कार्ड की ही तरह काम करता है। यूएई इस कार्ड को अपने यहां लांच करने वाला पहला पश्चिम एशियाई देश होगा।

ट्रंप का चीन को एक और झटका, कईं उत्पादों पर 5 प्रितशत बढ़ाया टैरिफ
24 August 2019
वाशिंगटन। अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा गटनाक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के कईं उत्पादों पर 5 प्रतिशत टैरिफ बढ़ा दिया है। ट्रंप का यह कदम चीन द्वारा अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर लगाए गए टैक्स की घोषणा के जवाब में आया है।
व्हाइट हाउस में प्रेस को दिए एक बयान में ट्रंप ने कहा है कि 1 अक्टूबर से अमेरिका, चीन के 250 बिलियन डॉलर के प्रोडक्ट्स और गुड्स पर 25 प्रतिशत टैरिफ ले रहा है। वहीं 300 बिलियन डॉलर के गुड्स और प्रोडक्ट्स पर 1 सितंबर से 10 प्रतिशत टैक्स लिया जा रहा है। अब इन पर 5 प्रतिशत अधिक यानी कुल 15 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
चीन के काफी खिलाफ नजर आ रहे अपने बयान में ट्रंप ने दूसरे देशों को भी चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा है कि पिछले कईं सालों से अमेरिका और दूसरे देश मिलकर यूनाइटेड स्टेट का व्यापार, बौद्धिक संपदा चोरी और कईं मामलों में फायदा उठा रहे हैं।
बयान में कहा गया है, हमारे देश का सालाना सैकड़ों बिलियन डॉलर्स चीन को जा रहा है जिसका कोई अंत नजर नहीं था। दुखद है कि पूर्व के प्रशासकों ने चीन को काफी दूर निकल जाने दिया। अब यह अमेरिकी टैक्स पेयर्स के लिए एक बड़ा बोझ बन चुका है।
इसमें आगे कहा गया है कि एक राष्ट्रपति के रूप में मैं इसे और नहीं होने दे सकता। एक उचित व्यापार को पाने के लिए हमे यह अनैतिक व्यापार को बैलेंस करना होगा। चीन ने अमेरिका के 75 बिलियन डॉलर के प्रोडक्ट्स पर टैरिफ नहीं लगाना चाहिए था।
ट्रंप का यह कदम चीन के उस फैसले का बाद आया है जिसमें उसने शुक्रवार को अमेरिका उत्पादों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी।

श्रीलंका के बाद अब मालदीव ने भी कहा- अनुच्छेद 370 खत्म करना भारत का आंतरिक मामला
24 August 2019
माले. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मामले में श्रीलंका के बाद अब मालदीव भी भारत के समर्थन में आया। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद और पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच शुक्रवार को फोन पर बात हुई। इस दौरान अब्दुल्ला ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाना भारत का आंतरिक मामला है।
शाहिद ने कुरैशी से यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही मालदीव के करीबी दोस्त और द्विपक्षीय साझेदार हैं। पड़ोसी देशों के आपस में जितने भी विवाद हैं, उनको शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए।
सार्क और यूएन में भी पाक को निराशा मिली
सार्क देश नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका भी इस मुद्दे पर पाक के साथ नहीं है। सार्क देशों ने भी माना है कि अनुच्छेद 370 खत्म करना भारत का आंतरिक मामला है। पाक और चीन के कहने पर 16 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आपात बैठक बुलाई गई थी। यूएन में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा था कि अनुच्छेद 370 के मामले में भारत की जो स्थिति पहले थी, वही बरकरार है। यह पूरी तरह भारत का आंतरिक मसला है और इसका कोई बाहरी संबंध नहीं है। अगर पाक को बातचीत करनी हो तो पहले आतंकवाद रोके।
श्रीलंका ने कहा- कश्मीर मुद्दे पर कोई टिप्पणी ही नहीं
पाकिस्तान के उच्चायुक्त मेजर जनरल शाहिद अहमद हशमत ने बुधवार को दावा किया था कि श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की है। इसके बाद श्रीलंकाई राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में इसका खंडन कर दिया गया। सिरिसेना की तरफ से स्पष्ट किया गया कि कश्मीर मुद्दे पर कोई टिप्पणी ही नहीं की जाएगी।

भारत को परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तानी मंत्री की लंदन में हुई पिटाई
23 August 2019
लंदन। भारत सरकार ने जब अनुच्छेद 370 को खत्म किया, तो भार को परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद की लंदन में जमकर पिटाई की गई है। भीड़ ने उन्हें लात-घूसों से पीटा और अंडे फेंक कर मारे। हमलावरों के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है और रशीद की पिटाई करने के बाद वे मौके से फरार हो गए। इस घटना के बाद बुधवार को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से संबद्ध पीपुल्स यूथ ऑर्गनाइजेशन यूरोप के अध्यक्ष आसिफ अली खान और पार्टी की ग्रेटर लंदन महिला शाखा की अध्यक्ष समाह नाज ने एक बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा कि रशीद ने पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, जिसके विरोध में उन्होंने यह कदम उठाया। उन्होंने रशीद पर केवल अंडा फेंकने की बात अपने बयान में कही।दोनों नेताओं ने कहा कि शेख रशीद को उनका अहसानमंद होना चाहिए कि उन्होंने उनके खिलाफ विरोध जताने के लिए ब्रिटेन में अंडा फेंकने के सभ्य तरीके का ही केवल इस्तेमाल किया। अवामी मुस्लिम लीग ने कहा है कि इस घटना का कोई वीडियो उपलब्ध नहीं है, लेकिन दोनों नेताओं ने खुद ही हमले की बात मानी है। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में बताया गया है कि अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख और रेल मंत्री शेख रशीद पर उस समय हमला किया गया जब वह लंदन के एक होटल में एक पुरस्कार समारोह में भाग लेकर निकल रहे थे।
पेरिस पहुंचे मोदी ने राष्‍ट्रपति मैक्रो से की वार्ता, आज होंगे UAE रवाना
23 August 2019
नई दिल्ली। PM नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पर देर रात फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंच गये। उनकी राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रो के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी हो गई। मोदी शुक्रवार को फ्रांस से UAE और बहरीन की यात्रा पर जाएंगे। UAE और बहरीन में तीन दिन रुक कर पुन: रविवार को वे फ्रांस वापस लौटेंगे। तब वह फ्रांस के शहर बियारित में समूह-7 देशों की बैठक में हिस्सा लेंगे।
इस मसले पर हो सकती है बातचीत
फ्रांस, UAE और बहरीन की यात्रा की योजना काफी पहले से चल रही थी लेकिन जिस हिसाब से हाल के हफ्तों में दक्षिण एशिया में हालात बदले हैं उसे देखते हुए उक्त तीनों देशों के दौरान कश्मीर मुद्दा काफी अहम रहेगा।
तय हुई दोनों की बैठक
ट्रंप और मोदी के बीच मुलाकात को लेकर पहले से ही कोई तैयारी नहीं थी क्योंकि इनके बीच हाल ही में बैंकाक में द्विपक्षीय वार्ता हुई थी और अगले महीने (सितंबर, 2019) मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान भी ट्रंप से द्विपक्षीय बैठक होनी है।
दो दिन पहले जॉनसन से बात की थी
PM की समूह -7 देशों की बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप के अलावा ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन के साथ भी मुलाकात हो सकती है। मोदी ने दो दिन पहले जॉनसन से बात की थी और ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग के समक्ष पाकिस्तान समर्थक भीड़ की तरफ से किये गये उत्पात पर अपनी नाराजगी जताई थी।
भारतीय समुदाय के लोगों ने किया स्वागत
फ्रांस के दो दिवसीय दौरे के लिए PM मोदी पेरिस पहुंचे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पेरिस के चार्ल्स द गाउल एयरपोर्ट पर भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
बहरीन यात्रा के बारे में लिखा
गुरुवार को सुबह में पेरिस रवाना होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल साइट ट्विटर के जरिए यात्रा के बारे में अहम जानकारी दी।
बहरीन यात्रा के बारे में PM ने लिखा है कि यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली बहरीन यात्रा होगी।
PM ने बताया है कि बहरीन में वह खाड़ी क्षेत्र के सबसे प्राचीन मंदिर भगवान श्रीनाथ जी के नए सिरे से विकास से जुड़ी योजना का भी शुभारंभ करेंगे।

ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा के मारे जाने की पुष्टि
23 August 2019
वॉशिंगटन। अमेरिका ने ओसामा बिल लादेन के बेटे हमजा बिन लादेन की मारे जाने की पुष्टि कर दी है। इससे पहले अगस्त के पहले हफ्ते में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के हवाले से हमजा के एयर स्ट्राइक में मारे जाने की खबर आई थी।
बता दें, अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा के मारे जाने के बाद हमजा ही अल कायदा की कमान संभाल रहा था। इससे पहले तीन अमेरिकी अधिकारियों ने पुष्टि की थी कि उन्हें हमजा बिन लादेन की मौत की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने जगह या तारीख का कोई ब्योरा नहीं दिया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बाद में दो अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने पुष्टि की थी कि हमजा बिन लादेन पिछले दो वर्षों के दौरान किए गए एक ऑपरेशन में मार दिया गया था, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल था।
गौरतलब है कि इसी साल मार्च में अमेरिका ने हमजा की नागरिकता छीनते हुए उस पर 10 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया था। अमेरिका ने उसे अल कायदा का मुख्य सरगना बताते हुए उनकी जानकारी देने पर इनाम देने की घोषणा की थी। 30 साल के हमजा का अंतिम बयान अल कायदा की मीडिया विंग ने 2018 में जारी किया था। इसमें उसने सऊदी अरब को धमकी दी थी। हमजा ने वहां के लोगों को सऊदी अरब के खिलाफ विद्रोह के लिए उकसाया था।
लंबे समय से उसकी कोई जानकारी नहीं मिल रही थी। हालांकि, उसके शादी करने की बात सामने आई थी। उसने हमजा ने 9/11 आतंकी हमले के लिए विमान हाइजैक करने वाले मोहम्मद अता की बेटी से की थी। ओसामा के परिवार ने भी इसकी पुष्टि की थी।
ओसामा का उत्तराधिकारी बनाने कि लिए किया गया था तैयार
ओसामा बिन लादेन के 20 बच्चों में से 15वें और उसकी तीसरी पत्नी का बेटा हमजा (30) अल-कायदा के उत्तराधिकारी के रूप में उभर रहा था। उसकी ट्रेनिंग भी इसी तरह से की गई थी कि वह ओसामा बिन लादेन की जगह ले सके। अमेरिकी विदेश विभाग ने 'जिहादी राजकुमार' के सिर पर इनाम रखा था।
हमजा ने मई 2011 में पाकिस्तान में अमेरिकी सेना द्वारा अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों पर हमले के लिए ऑडियो और वीडियो संदेश जारी किए थे।

ईरान के सर्वोच्च नेता ने कहा-उम्मीद करते हैं भारत कश्मीर पर न्यायपूर्ण नीति लाएगा
22 August 2019
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से दुनियाभर की निगाहें भारत और पाकिस्तान पर टिकी हुई हैं. इन सबके बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैयद अली ख़ामेनेई ने कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. सैयद अली ने कहा है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कश्मीर में उठाए गए इस कदम से मुसलमानों में डर बना हुआ है.
ट्विटर पर ख़ामेनेई ने लिखा, हम कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति के बारे में जानकार चिंतित हैं. भारत के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार कश्मीर के कुलीन लोगों के प्रति न्यायपूर्ण नीति अपनाएगी और इस क्षेत्र में मुसलमानों के उत्पीड़न को रोकेगी.
उन्होंने ब्रिटेन को भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने जान-बूझकर कश्मीर में संघर्ष बनाए रखने के लिए उस क्षेत्र में कई ऐसे काम किए जो आज भी दोनों देशों को दिक्कत में डालते हैं. गौरतलब है कि सभी मोर्चों पर निराशा हाथ लगने के बाद अब पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने बुधवार को कहा कि इस्लामाबाद कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उठाने की योजना बना रहा है.
कश्मीर और गिलगित-बल्तिस्तान मामलों की सीनेट कमेटी को फैसल ने अवगत कराया कि यूएनएचआरसी फोरम के इस्तेमाल सहित विभिन्न विकल्पों को लेकर चर्चा की जा रही है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए उपलब्ध दूसरा विकल्प मुद्दे को इस्लामी सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में उठाने का है.

इमरान खान ने दी परमाणु युद्ध की गीदड़भभकी, बोले- भारत से बातचीत का कोई मतलब नहीं
22 August 2019
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह भारत के साथ बातचीत जारी नहीं रखना चाहते हैं. अमेरिकी अखबार The New York Times को दिए इंटरव्यू में इमरान खान ने परमाणु हमले की गीदड़भभकी भी दी.
NYT के अनुसार इमरान ने कहा- 'उनसे (भारत) बात करने का कोई मतलब नहीं है. मेरा मतलब है, मैंने सब कुछ कर लिया. दुर्भाग्य से, अब जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो शांति और संवाद के लिए जो मैं कर रहा था, मुझे लगता है उन्होंने इसे तुष्टीकरण माना.'
NYT के अनुसार इमरान खान ने चेतावनी दी कि अगर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू की तो पाकिस्तान जवाब देने के लिए मजबूर होगा.
इमरान खान ने कहा कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराने के लिए कश्मीर में झूठा अभियान शुरू कर सकता है. उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया,'मेरी चिंता यह है कि यह बढ़ सकता है और दो परमाणु-सशस्त्र देशों के लिए, यह दुनिया के लिए खतरनाक होगा.'

डोनाल्ड ट्रंप ने किया आगाह, अफगानिस्तान के आतंकियों से लड़ने को तैयार रहे भारत
22 August 2019
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को आगाह किया कि भारत , ईरान, रूस और तुर्की जैसे देशों को कभी-न-कभी अफगानिस्तान में आतंकवादियों से लड़ना ही होगा. ट्रंप ने कहा कि केवल अमेरिका ही करीब सात हज़ार मील दूर आतंकवाद से लड़ने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि अन्य देश फिलहाल अफगानिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ बहुत कम प्रयास कर रहे हैं.
अफगानिस्तान में आईएसआईएस के फिर से उभरने के सवाल पर ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, कभी-न-कभी रूस, अफगानिस्तान, भारत, ईरान, इराक, तुर्की को अपनी लड़ाई लड़नी होगी. हमने पूरी तरह से खिलाफत को खत्म कर दिया. मैंने यह रिकॉर्ड समय में किया है, लेकिन ये सभी अन्य देश जहां आईएसआईएस उभर रहा है, कभी न कभी उससे प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा, इन सभी देशों को उनसे लड़ना होगा क्योंकि क्या हम और 19 साल वहां रुकना चाहते हैं? मैं नहीं समझता हूं कि ऐसा है.
अमेरिका के राष्ट्रपति ने संकेत दिए है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की पूरी तरह से वापसी नहीं होगी. ट्रंप कहना है कि अमेरिका को इस युद्ध ग्रस्त देश में अपनी मौजूदगी दर्ज करानी ही होगी. ट्रंप ने अपने ओवल कार्यालय में कहा, हमारे पास खुफिया जानकारी रहेंगी और हमारा कोई न कोई वहां हमेशा मौजूद रहेगा. उन्होंने कहा कि हमने अफगानिस्तान से सैनिकों की संख्या कम की है. हम अपने कुछ सैनिकों को वापस ला रहे हैं लेकिन पूरी तरह से कभी भी अफगानिस्तान को अमेरिका खाली नहीं छोड़ेगा.

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को पूरी तरह नहीं निकालेगा अमेरिका : डोनाल्ड ट्रंप
21 August 2019
वॉशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की पूरी तरह वापसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका को युद्धग्रस्त देश में उपस्थिति रहना होगा। ट्रंप ने मंगलवार को अपने ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से कहा कि हमारे पास हमेशा खुफिया जानकारी होगी और हमारे पास हमेशा कोई न कोई होगा, जो वहां मौजूद रहेगा। राष्ट्रपति ट्रंप, अफगानिस्तान में तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता के सवालों का जवाब दे रहे थे।
ट्रंप ने कहा कि वह विभिन्न विकल्पों को देखना चाहेंगे। इन विकल्पों में से एक पर अभी विचार चल रहा है और हम एक योजना के बारे में बात कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि यह योजना मुझे स्वीकार्य होगी या नहीं। शायद यह योजना उनके लिए स्वीकार्य नहीं होगी, लेकिन हम बात कर रहे हैं। हमारी बातचीत अच्छी चल रही है और हम देखेंगे कि इस मामले में क्या होता है। अन्य राष्ट्रपतियों ने जो किया है, यह उसकी तुलना में अधिक है।
ट्रंप ने अफगानिस्तान से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी की बात को खारिज करते हुए कहा कि हमने अपने कुछ सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस निकाला है। मगर, हमारी वहां उपस्थिति होनी चाहिए। राष्ट्रपति से पत्रकारों ने पूछा था- क्या हम अफगानिस्तान में तालिबान के पूर्ण और कुल नियंत्रण के साथ 11 सितंबर को हुए आतंकी हमले से पहले की स्थित पर वापस आ सकते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा- हमें यह देखना होगा। और अगर तालिबान जो कह रहे हैं, उस पर वे खरे उतरते हैं, तो वे ऐसा होने से रोकेंगे क्योंकि वे इसे बहुत आसानी से होने से रोक सकते हैं।
ट्रंप ने कहा कि अभी अमेरिका अफगान सरकार के साथ और तालिबान के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम देखेंगे कि इसमें क्या होता है, इस बातचीत से क्या निकलता है। तालिबान हमसे लड़ाई करना बंद करना चाहेगा क्योंकि उसने बहुत कुछ खो दिया है। मगर, हम देखेंगे कि क्या होता है। अफगानिस्तान, एक मुश्किल जगह है। अफगानिस्तान की ही वजह से सोवियत संघ का विघटन हुआ और वह रूस बन गया।
कोई कहेगा अच्छा, क्या रूस अफगानिस्तान में जाएगा? मैंने कहा, अगर वे चाहते हैं, तो उन्हें करने दो। मुझे लगता है कि उन्होंने इससे पहले भी कोशिश की थी, लेकिन इसके अच्छे नतीजे नहीं निकले। ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका विभिन्न चीजों और विकल्पों को देख रहा है। हमें वहां 18 साल हो गए हैं और यह हास्यास्पद है। अभी हमारे करीब 13,000 लोग वहां हैं।

फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान से कहा- कश्मीर के मामले में संयम बरतें और कम करें तनाव
21 August 2019
पेरिस। फ्रांस के विदेशमंत्री ने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी को फोन कर उनसे कश्मीर के मामले में संयम बरतने और तनाव को कम करने का आह्वान किया। फ्रांस के प्रवक्ता ने पाकिस्तान से कहा है कि उसे तनाव को बढ़ाने वाले किसी भी कदम को उठाने से बचने की जरूरत है। प्रवक्ता ने मंगलवार को विदेश मामलों के मंत्री जीन-यवेस ली ड्रियन की उनके पाकिस्तानी समकक्ष से हुई बातचीत के बाद यह बात कही।
फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान में कहा- दोनों मंत्रियों ने जम्मू और कश्मीर की स्थिति के बारे में बात की। ड्रियन ने कश्मीर के मुद्दे पर फ्रांस की लगातार चली आ रही स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि यह दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) पर निर्भर है। इसे उनके द्विपक्षीय राजनीतिक वार्ता के ढांचे के तहत इस तरह से किया जाना चाहिए, ताकि इस विवाद को हल कर स्थायी शांति स्थापित की जा सके।
बयान में कहा गया है कि फ्रांस ने दोनों ही देशों को संयम बरतने, तनाव को कम करने और स्थिति को आसान बनाने के लिए फोन किया था। तनाव को बढ़ाने वाले किसी भी कदम को उठाने से बचने की जरूरत है। बताते चलें कि जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने के भारत के कदम के खिलाफ पाकिस्तान दुनिया भर से समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहा है।
भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के साथ ही जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया है। मंगलवार को इस्लामाबाद ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख करेगा। बताते चलें कि इसी कोर्ट में पाकिस्तान में भारतीय कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाने के मामले में भारत और पाकिस्तान का आमना-सामना हुआ था।
फ्रांस का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से कश्मीर के मामले में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी। ट्रंप ने कहा था कि कश्मीर बहुत जटिल मसला है। आपके पास हिंदू और मुसलमान हैं और मैं नहीं कहूंगा कि वे साथ में अच्छे से रहे हैं। मैं मध्यस्थता में अपना सर्वक्षश्रेष्ठ कर सकता हूं। आपके पास दो काउंटीज हैं, जो लंबे समय तक अच्छी तरह से साथ नहीं मिली हैं और स्पष्ट रूप से यह एक बहुत ही विस्फोटक स्थिति है।
बताते चलें कि इससे एक दिन पहले ही ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के साथ एक दिन पहले ही फोन पर बात की थी। उन्होंने इस बात के संकेत भी दिए थे कि वह इस विषय को सप्ताहांत में फ्रांस में होने वाली जी7 इंडस्ट्रियलाइज्ड नेशन्स की समिट के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान उठाएंगे। ट्रंप ने कहा कि उनके दोनों प्रधानमंत्रियों (नरेंद्र मोदी और इमरान खान) के साथ अच्छे संबंध हैं, लेकिन वे दोनों इस वक्त दोस्त नहीं हैं।

फिलीपींस बगैर अनुमति अपने क्षेत्र में घुसने वाले जहाजों पर करेगा कार्रवाई
21 August 2019
मनीला। फिलीपींस ने अपने जलक्षेत्र में बगैर अनुमति के प्रवेश करने वाले जहाजों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। राष्ट्रपति रोड्रिगो दुर्तेते के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि फिलीपींस के अधिकार क्षेत्र वाले दक्षिण चीन सागर के इलाके से गुजरने से पहले विदेशी पोत को अनुमति लेना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वाले के खिलाफ सरकार सख्ती करेगी। फिलीपींस ने यह बयान उसके अधिकार क्षेत्र वाले दक्षिण चीन सागर में चीन की सैन्य गतिविधियों को लेकर दिया है।
दक्षिण चीन सागर में अपने दबदबे को दिखाते हुए इस साल चीन के युद्धपोत कई बार फिलीपींस की जलसीमा में प्रवेश कर चुके हैं। फिलीपींस द्वीप समूह के समुद्री इलाके में चीन के तटरक्षक बल, नौसेना और अर्धसैनिक बलों की गतिविधियों को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से वह राजनयिक स्तर पर कई बार विरोध जता चुका है। राष्ट्रपति की तरफ से जारी बयान में हालांकि चीन का नाम लिया नहीं गया है। दुर्तेते 28 अगस्त से दो सितंबर के बीच चीन के दौरे पर भी जाने वाले हैं।

अमेरिका और कनाडा में भी मना जश्न, पोस्टरों पर लिखा- अनुच्छेद 370 हटाना मतलब अखंड भारत
20 August 2019
ओटावा. अमेरिका और कनाडा में भारतवंशियों ने रविवार को स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाते हुए मार्च निकाला। इस दौरान लोग पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 खत्म करने का भी समर्थन किया। कनाडा के ओटावा में लोगों ने बैनर पर लिखा- ‘‘धर्मनिरपेक्षता मतलब समावेशी और अनुच्छेद 370 खत्म मतलब अखंड भारत। धन्यवाद पीएम मोदी और अमित शाह।’’
5 अगस्त को हटाया गया था अनुच्छेद 370
1. ओटावा के मेयर जिम वॉट्सन, कनाडा की मंत्री लीसा मैक्लॉड और भारतीय राजदूत विकास स्वरूप भी परेड में शामिल हुए। वहीं, न्यूयॉर्क के मेडिशन एवेन्यू में आयोजित परेड में बॉलीवुड स्टार सुनील शेट्टी, हिना खान और गुलशन ग्रोवर मौजूद रहे।
2. वॉट्सन ने ट्वीट किया, ‘‘भारत के 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर चौथे वार्षिक भारतीय दिवस और झंडावंदन कार्यक्रम में उपस्थित होकर काफी खुश हूं।’’ वहीं, स्वरूप ने कहा, ‘‘हमने मेयर जिम वॉट्सन के साथ ओटावा सिटी हॉल में तिरंगा फहराया।’’
3. न्यूयॉर्क में फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसियएशन (एफआईए) ने कार्यक्रम आयोजित किया था। यहां परेड में एक व्यक्ति महात्मा गांधी की वेशभूषा में नजर आया। परेड में वंदे मातरम और जय हिंद के नारे लगाए गए।
4. 5 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 खत्म करने का प्रस्ताव रखा था। इसके कुछ देर बाद ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अधिसूचना जारी कर दी। जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी।

डोनाल्ड ट्रंप की इमरान खान को फटकार, कहा- कश्मीर पर जुबान संभाल के
20 August 2019
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trumph) ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बातचीत की है. इस दौरान उन्हें कश्मीर पर भारत के खिलाफ बयानबाजी को लेकर एहतियात बरतने को कहा है. ट्रम्प ने मौजूदा हालात को ‘‘मुश्किल’’ बताया और दोनों पक्षों से संयम बरतने को कहा.
इमरान को नसीहत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर करीब 30 मिनट बात करने के बाद उन्होंने खान से बात की. मोदी ने बातचीत के दौरान पाकिस्तानी नेताओं द्वारा ‘‘भारत विरोधी हिंसा के लिए उग्र बयानबाजी और उकसावे’’ का मुद्दा उठाया. व्हाइट हाउस के अनुसार, ट्रम्प ने खान से जम्मू-कश्मीर मामले पर भारत के खिलाफ बयानबाजी में संयम बरतने और तनाव कम करने को लेकर चर्चा की.
व्हाइट हाउस ने कहा, खान के साथ बातचीत के दौरान, ट्रम्प ने दोनों पक्षों के तनाव बढ़ाने से बचने और संयम बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया. उसने कहा, दोनों नेताओं ने अमेरिका-पाकिस्तान आर्थिक एवं व्यापार सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने पर भी सहमति जतायी.
दो अच्छे दोस्तों से बातचीत
मोदी और खान से बातचीत के बाद ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘‘अपने दो अच्छे दोस्तों, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से व्यापार, रणनीतिक साझेदारी और सबसे अधिक महत्वपूर्ण भारत और पाकिस्तान के कश्मीर में तनाव कम करने को लेकर बात की.’’
क्या कहा था इमरान खान ने
कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए खान ने रविवार को भारत सरकार को ‘फासीवादी’ और ‘श्रेष्ठतावादी’ करार दिया था और आरोप लगाया था कि ये पाकिस्तान और भारत में अल्पसंख्यकों के लिए खतरा है. उन्होंने ये भी कहा था कि दुनिया को भारत के परमाणु आयुध की सुरक्षा पर भी गौर करना चाहिए क्योंकि ये न केवल इस क्षेत्र पर बल्कि विश्व पर असर डालेगा.

जाकिर नाइक पर मलेशिया सरकार भी हुई सख्त, 'सांप्रदायिक सद्भाव' की खातिर तकरीरों पर लगाया बैन
20 August 2019
विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक (Zakir Naik ) के खिलाफ मलेशिया (Malaysia) की सरकार ने सख्त कदम उठाया है. मलेशिया सरकार (Government of Malaysia) ने कहा है कि जाकिर नाइक देश में कहीं भी तकरीर नहीं कर सकता. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मलेशिया के हिन्दू नागरिकों के खिलाफ टिप्पणी करने पर पुलिस ने उससे 10 घंटे की पूछताछ की. इसके बाद सरकार ने यह फैसला किया.
53 वर्षीय जाकिर नाइक ने अमेरिका में 9/11 को हुए आतंकवादी हमलों को 'अमेरिकी सरकार की है साजिश' करार दिया था. वह तीन साल पहले भारत से भागकर मुस्लिम बहुल मलेशिया चले गए, जहां उन्हें स्थायी निवासी बना दिया गया.
मलेशिया पुलिस (Malaysian police) ने कहा कि जाकिर पर राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में प्रतिबंध लगाया गया है. दातुक असमावती अहमद, द कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस के प्रमुख, द रॉयल मलेशिया पुलिस, ने मलय मेल को इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. नाइक पर मलेशियाई राज्यों जाहिर, सेलांगोर, पेनांग, केदाह और सारावाक से पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
मलेशियाई हिन्दुओं और चीनियों के खिलाफ टिप्पणी
(Islamic preacher) नाइक पर आरोप है कि उन्होंने 3 अगस्त को कोटा बारू में एक तक़रीर के दौरान मलेशियाई हिंदुओं और मलेशियाई चीनियों के खिलाफ विवादित टिप्पणी की. मलेशिया से उनके निर्वासन के आह्वान का जवाब देते हुए मलेशियाई चीनी ने कहा कि पहले उन्हें देश छोड़ देना चाहिए, क्योंकि वे 'पुराने मेहमान' हैं.'
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 'जाकिर ने कहा कि मलेशिया में जातीय हिंदुओं को भारत में मुसलमानों की तुलना में '100 गुना अधिक अधिकार' मिले हुए हैं. उन्होंने कहा था कि वह मलेशियाई सरकार से ज्यादा भारत सरकार में विश्वास करते हैं.'
मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा
इस्लामिक उपदेशक (Islamic Preacher) जाकिर नाइक की विवादास्पद टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद (Prime Minister Mahathir Mohammed) ने रविवार को कहा कि यह 'काफी स्पष्ट' था कि नाइक नस्लीय राजनीति करना चाहता था. महातिर ने कहा, टवह नस्लीय भावनाओं को भड़का रहे हैं. पुलिस को जांच करनी होगी कि क्या इससे तनाव पैदा हो रहा है? जाहिर है, यह हो रहा है.'
महातिर ने कहा कि 'स्थायी निवासी के रूप में नाइक को राजनीति में भाग लेने की अनुमति नहीं है.' उन्होंने कहा 'आप (धार्मिक रूप से) प्रचार कर सकते हैं लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे थे.' मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा, 'वह चीनी नागरिकों के चीन वापस जाने की बात कर रहे थे और भारतीयों के वापस भारत जाने की. मैंने कभी इस तरह की बातें नहीं कीं, लेकिन उन्होंने यही किया है.'

ISIS ने ली काबुल की शादी में हुए धमाके की जिम्मेदारी, 182 घायल और 63 की हुई थी मौत
19 August 2019
काबुल। अफगानिस्तान में शनिवार देर शाम एक शादी समारोह में हुए जबरदस्त बम धमाके की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है। इस विस्फोट में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 182 लोग घायल हो गए थे और 63 से अधिक की मौत हो गई है। आईएस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए बयान में दावा किया कि उसके लड़ाके ने काबुल में इस समारोह में खुद को उड़ा लिया था। वहीं, अन्य ने सुरक्षा बलों के पहुंचने पर विस्फोटकों से भरे वाहन में धमाका किया।
इस इलाके में इस्लामिक स्टेट का प्रभुत्व बढ़ता जा रहा है। आतंकियों ने समय-समय पर अफगान शादियों को निशाना बनाया है। दरअसल, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की कमी की वजह से शादी समारोह को निशाना बनाना आसान होता है। 12 जुलाई को पूर्वी अफगान प्रांत में आईएस के एक आतंकी ने शादी समारोह पर हमला कर दिया था, जिसमें कम से कम छह लोग मारे गए।
अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार रात स्थानीय समय के अनुसार 10.40 (भारतीय समयानुसार रात 11.40) बजे अफगानिस्तान में एक शादी की पार्टी के दौरान होटल में यह धमाका किया गया था। करीब 20 मिनट के लिए हॉल धुएं से भर गया था। विस्फोट के दो घंटे बाद भी शवों को हॉल से बाहर निकालने के लिए अधिकारी मशक्कत कर रहे थे।
बताते चलें कि अमेरिका अपने 14 हजार सैनिकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए तालिबान के साथ एक समझौता करने जा रहा है। इस बीच आईएस के उदय ने वहां के स्थानीय निवासियों के मन में शंका पैदा कर दी है। उन्हें डर है कि अमेरिकी सैनिकों को निकलने के बाद अफगानिस्तान की हालत सीरिया जैसी न हो जाए।

चीन ने हांगकांग में दखल को लेकर कनाडा को दी चेतावनी
19 August 2019
ओटावा। हांगकांग को लेकर चीन ने कनाडा को आगाह किया है कि वह इस मामले में दखलंदाजी बंद करे। यह बात ओटावा स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने रविवार को कही। उन्होंने कहा कि कनाडा को वर्तमान परिस्थिति में हांगकांग मुद्दे पर अपने बयान और कार्यों को लेकर सजग रहना चाहिए। हांगकांग में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के मद्देनजर यूरोपीय संघ और कनाडा ने रविवार के विरोध प्रदर्शन से पहले एक संयुक्त बयान जारी कर लोगों की मूलभूत स्वतंत्रता को बनाए रखने की वकालत की थी। कनाडा की विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड और यूरोपीय संघ की विदेश नीति की प्रमुख फेडेरिका मोघेरिनी ने कहा था कि मूलभूत स्वतंत्रता के तहत लोगों को शांतिपूर्वक तरीके से इकट्ठा होने का अधिकार जारी रहना चाहिए। इसके साथ ही प्रदर्शनों के चलते हांगकांग में हिंसा की बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई गई थी। साथ ही तनाव कम करने के लिए सभी पक्षों से बातचीत की अपील भी की गई थी।
ढाका में आग से 15 हजार झुग्गियां खाक, 50 हजार लोग हुए बेघर
19 August 2019
ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शुक्रवार देर रात एक बड़ी झुग्गी बस्ती में आग लगने से करीब 50 हजार लोग बेघर हो गए हैं। आग में 15 हजार झुग्गियां जलकर राख हो गईं। झुग्गियों में आगजनी की घटना मीरपुर के चलंतिका इलाके में हुई। आग से कई लोग झुलस गए हैं लेकिन किसी की मौत की फिलहाल कोई खबर नहीं है। पुलिस प्रमुख गुलाम रब्बानी ने कहा कि बकरीद को मनाने के लिए झुग्गीवासी अपने गांव गए हुए थे,इस वजह से ज्यादा लोग हताहत नहीं हुए। ज्यादातर झुग्गियां प्लास्टिक से ढकी होने की वजह से आग तेजी से फैली और देखते-ही-देखते पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। दमकल कर्मियों ने छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर किसी तरह काबू पाया।
पाकिस्तान ने यूएन में मुंह की खाई, अमेरिका-रूस-यूके ने भारत का साथ दिया
17 August 2019
संयुक्त राष्ट्र। कश्मीर मुद्दा शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में पहुंच गया, लेकिन यहां भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। पाकिस्तान से दोस्ती निभाने के लिए चीन ने यह मुद्दा उठा तो दिया, बंद कमरे में 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्यों की बैठक हुई, लेकिन यहां चीन को छोड़कर बाकी सभी देश भारत के साथ खड़े नजर आए। रूस ने तो साफ शब्दों में कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के अंदरूनी मामला है।
1971 के बाद यह पहला मौका है जब बंद कमरे में इस मुद्दे पर बात हुई। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने United Nations Security Council को चिट्ठी लिखी थी, जिसका समर्थन करते हुए चीन ने इस पर बैठक बुलाने की मांग की थी।
बैठक शुरू होने से ठीक पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को फोन लगाया और कश्मीर मुद्दे पर यूएन में सहयोग मांगा। खबर है कि दोनों नेताओं के बीच करीब 12 मिनट तक बात हुई। हालांकि पाकिस्तान को अमेरिका का साथ नहीं मिला।
बैठक में प्रवेश करते समय रूस के प्रतिनिधि ने साफ कहा कि कश्मीर विवाद में संयुक्क राष्ट्र का कोई लेना-देना नहीं है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय विवाद है।
हाल ही में जब कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा तो संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने दोनों से अधिकतम संयम बरतने की अपील करते हुए कहा था कि वे ऐसे कदम उठाने से बचें जिनसे जम्मू-कश्मीर की स्थिति प्रभावित होती हो।

भूटान की राजधानी में लगे मोदी-मोदी के नारे, आम लोगों से मिले पीएम
17 August 2019
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय भूटान दौरे के लिए पहुंच गए हैं। भूटान की राजधानी थिम्पू में पीएम मोदी का जोरदार स्वागत हुआ। थिंपू के होटल ताज ताशी के बाहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत भारतीयों ने किया। इस दौरान लोग मोदी-मोदी के नारे लगाते दिखाई दिए। पीएम मोदी ने लोगों से मुलाकात की। यह उनका भूटान का दूसरा दौरा है। उन्होंने भूटान रवाना होने से पहले उम्मीद जतायी कि भूटान के नेतृत्व के साथ उनकी बातचीत सार्थक रहेगी।
सूत्रों के अनुसार,दोनों देशों के बीच इस दौरान कम से कम दस करारों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है और पांच परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया जाएगा। मेंगदेछू पनबिजली परियोजना का भी इसी दौरान उद्घाटन किया जा सकता है। भारतीय रूपे कार्ड का भी उद्घाटन किया जाएगा। इससे पहले रूपे कार्ड सिंगापुर में भी लांच किया जा चुका है। प्रधानमंत्री भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक ग्राउंड स्टेशन का भी शुभारंग करेंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी का भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के पूर्व नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मिलने का कार्यक्रम है। वह प्रधानमंत्री लोतेय शेरिंग के साथ विभिन्न विषयों पर द्विपक्षीय वातार् करेंगे। प्रधानमंत्री भूटान के रॉयल विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित भी करेंगे। वह राष्ट्रीय स्मारक पर भी जाएंगे।

इजराइल: भ्रष्टाचार के आरोपों से नाराज कल्याण मंत्री ने दिया इस्तीफा, कहा- झूठा है दावा
17 August 2019
येरुशलम। इजराइल के एक मंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच ने इस्तीफा दे दिया है। देश के कल्याण मंत्री ने अटॉर्नी जनरल द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। इस बारे में स्थानीय मीडिया से जानकारी मिल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के कल्याण मंत्री और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के सदस्य हैम कैट्ज ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा है।
निराधार हैं आरोप: कल्याण मंत्री
हैम कैट्ज ने इस संबंध में दिए अपने बयान में कहा, 'मुझे बदनाम करने और मेरे इरादों को गलत साबित करने का प्रयास किया गया है। मैंने सांसद के रूप में हमेशा मेरा काम ईमानदारी और अच्छे विश्वास के साथ किया है। मेरे ऊपर लगे निराधार है।' बताया जा रहा है कि इजराइल के अटॉर्नी जनरल अविचाई मंडेलब्लिट ने बुधवार को घोषणा की थी कि कैट्ज पर धोखाधड़ी और विश्वास भंग करने का आरोप लगाया जाएगा।
क्या था आरोप?
अटॉर्नी जनरल ने अपने नोटिस में दावा किया था कि कैट्ज ने अपने करीबी सहयोगी और वित्तीय सलाहकार के स्वामित्व वाली एक प्रमुख इजरायली कंपनी एक्विटल को वित्तीय लाभ प्रदान किया है। गौरतलब है कि इजराइली पीएम नेतन्याहू खुद भी भ्रष्टाचार के कई आरोपों का सामना कर रहे हैं।

बलूचिस्तान के कुचालक में मस्जिद में बम धमाका, 4 की मौत, 15 घायल
16 August 2019
क्वेटा। बलूचिस्तान में क्वेटा के नजदीक कुचालक में आज मस्जिद में बम धमाका हो गया है। इस बम धमाके में मस्जिद में मौजूद 4 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 15 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आ रही है। इस बम धमाके बाद मस्जिद और आसपास के इलाके में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। मौके पर पुलिस पहुंची है, वहीं घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भेजा जा रहा है। बम धमाका कैसे हुआ फिलहाल इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। अभी किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
रूस में पायलट ने मक्के के खेत में उतारा विमान, बाल-बाल बचे 233 यात्री
16 August 2019
मास्को। रूस के विमान में सवार यात्रियों के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। उनके विमान से उड़ान भरते ही पक्षियों का झुंड टकरा गया। विमान के दोनों इंजन में खराबी आ गई। विमान को आगे ले जाना संभव नहीं था। पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला किया। आनन-फानन में विमान को पायलट ने साहस के साथ मक्के के खेत में ही उतार दिया। पायलट ने इतनी समझदारी से इस पूरे काम को अंजाम दिया कि किसी भी तरह की दुर्घटना की स्थिति नहीं पैदा हुई। पायलट की हर तरफ सराहना हो रही है। उसे हीरो बताया जा रहा है। रूसी सरकार ने उसे सम्मानित करने का फैसला किया है। विमान में 226 यात्री और चालक दल के सात सदस्य सवार थे।
रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक विमान में सवार 17 बच्चे समेत 55 लोगों को मामलू चोट आई थी। लेकिन किसी भी यात्री की मौत की खबर नहीं है। घायल यात्रियों में से भी एक को छोड़कर सभी को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यूराल एयरलाइंस के विमान एयरबस 321 ने मॉस्को झुकोवस्की इंटरनैशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी।
रूस के सरकारी टेलिविजन ने भी इस घटना को चमत्कार बताया है। रूस की मीडिया ने पायलट दामिर युसुपोव को "हीरो" बताते हुए कहा है कि उन्होंने 233 जिंदगियों को बचा लिया। रूस के एक अखबार ने लिखा, "इंजन फेल होने की स्थिति में पायलट ने मक्के के खेत में विमान को सूझबूझ से उतारा।"
इस घटना की तुलना लोग 2009 में अमेरिका के एक विमान की आपातकालीन लैंडिंग से कर रहे हैं। तब विमान से पक्षियों के टकराने के चलते हडसन नदी के किनारे ही पायलट ने विमान को उतार दिया था। इस हादसे पर "सूली" नामक फिल्म भी बनी थी, जिसमें टॉम हाक ने मूख्य भूमिका निभाई थी।
रूसी उड्डयन मंत्रालय की प्रवक्ता एलेना मिखेयेवा ने कहा कि इंजन बंद हो गया था और फिर उसके बाद पायलट ने किसी तरह से इमरजेंसी लैंडिंग को अंजाम दिया।
उड़ान भरते ही हिचकोले लेने लगा विमान
एक यात्री ने नाम उजागर न करते हुए बताया कि टेक ऑफ करने के बाद से ही विमान बुरी तरह से हिचकोले लेने लगा था। इसके पांच सेकेंड बाद ही विमान में दाहिनी तरफ की लाइटें जलने-बुझने लगी। जलने की दुर्गंध भी आने लगी और उसके तुरंत बाद विमान रूक गया और आपात दरवाजे से सभी लोगों को तुरंत बाहर निकाला गया।
पायलट ने बंद कर दिया था इंजन
एयरलाइन के मुताबिक विमान में 16 टन ईंधन भरा था। मुश्किल से पांच सौ लीटर ईंधन ही जला था। ऐसे में विमान में आग लगने की आशंका थी। लेकिन पायलट ने समझदारी दिखाते हुए विमान के दोनों इंजन बंद कर दिए, ताकि आग की घटना को टाला जा सके।

पाक ने अब भारतीय कलाकारों वाले विज्ञापनों पर भी लगाई रोक
16 August 2019
इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने से बौखलाया पाक जहां दुनिया के देशों से मदद की भीख मांगता फिर रहा है वहीं भारतीय चीजों पर प्रतिबंध लगाने का काम भी कर रहा है। अब की बार पाकिस्तान में भारतीय कलाकारों वाले विज्ञापनों के प्रसारण पर रोक लगा दी गई है। जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले के विरोध की कड़ी में यह रोक लगाई गई है।
पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी की तरफ से 14 अगस्त को जारी पत्र में इस पाबंदी की घोषणा की है। अथॉरिटी ने कहा है कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल अक्टूबर के निर्देशों के बाद उसने भारतीय चैनलों और कार्यक्रमों को दिखाने पर पहले ही रोक लगा दी थी।
लेकिन यह देखने को मिल रहा था कि भारतीय कलाकारों या भारत में तैयार बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विभिन्न उत्पादों के विज्ञापनों का प्रसारण हो रहा था, जो सरकार की नीति के खिलाफ था। अथॉरिटी ने कंपनियों से कहा है कि उनके विज्ञापनों का प्रसारण तभी जारी रखा जाएगा, जब भारतीय कलाकारों को बदल दिया जाए।
इस कदम को लेकर पाक मीडिया ने प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहयोगी फिरदौस आशिक अवान के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान में भारतीय विज्ञापनों पर रोक लगाने के साथ ही भारतीय फिल्मों की सीडी बेचने वाली दुकानों पर भी कार्रवाई की जा रही है।

जाकिर नाइक का भारत में नहीं होगा प्रत्यर्पण, किसी और देश को दे सकते हैं : मलेशियन पीएम
14 August 2019
कुआलालंपुर। विवादास्पद मुस्लिम उपदेशक जाकिर नाईक को लेकर मलेशिया के प्रधानमंत्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जाकिर नाइक को भारत वापस नहीं भेजा जाएगा। उसे किसी और देश में भेजा जा सकता है। बताते चलें कि मलेशिया सरकार के एक मंत्री ने नाइक को भारत वापस भेजने की मांग की थी। दरअसल, नाइक के खिलाफ उस वक्त मलेशिया में नाराजगी फैल गई, जब उसने कहा कि मलय हिंदू पीएम मोदी के प्रति वफादार हैं।
इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को भारत वापस भेजने के लिए मलेशिया में मंत्री ने नए सिरे से आह्वान किया है। हालांकि, देश के प्रधानमंत्री ने उनकी मांग को खारिज कर दिया और कहा कि वह मलेशिया में रहेंगे क्योंकि उनकी जान को खतरा है। मलेशिया के मानव संसाधन मंत्री एम. कुलसेगरन ने कहा कि मलेशिया के एक स्थायी निवासी जाकिर नाइक को देश में रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें मलेशियाई मामलों की आलोचना करने या स्थानीय समुदायों से आकांक्षाएं रखने के लिए खड़े नहीं होना चाहिए।
न्यू स्ट्रेट टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मलेशिया के पीएम महाथिर बिन मोहम्मद ने कहा- वह आज यहां हैं, लेकिन अगर कोई भी देश उन्हें चाहता है, तो उनका स्वागत है। जाकिर नाइक मलेशिया में एक ताजा विवाद के बाद चर्चा में आ गया, जब उसने कहा कि मलेशिया के हिंदू मलय पीएम की बजाए भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति अधिक वफादार थे।
इस टिप्पणी के बाद कुलसेगरन ने नाइक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। विवादास्पद उपदेशक भारत में आतंकी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में वांछित है। भारत वर्तमान में जाकिर नाइक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन इंटरपोल के साथ बातचीत के लिए दबाव बना रहा है। हालांकि, मलेशिया ने इस आधार पर भारत में इस्लामिक उपदेशक को प्रत्यर्पित करने से इंकार कर दिया कि वहां जाकिर नाइक के मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती है।

भारत विरोधी और हिंदू विरोधी हो गई है लेबर पार्टी : ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन
14 August 2019
लंदन। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने के भारत सरकार के फैसले पर सियासत सिर्फ भारत और पाकिस्तान में ही नहीं हो रही है। ब्रिटेन की संसद में भी इस मुद्दे पर गर्मागरम बहस जारी है। ब्रिटिश सांसदों के बीच सोशल मीडिया में भारत के फैसले को लेकर हो रही तनातनी के बीच कंजर्वेटिव सांसद बॉब ब्लैकमैन ने जोर दिया कि संविधान में बदलाव भारत का अंतरिक मामला है।
भारत के समर्थन में ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन को संबोधित पत्र में कड़े शब्द में बॉब ब्लैकमैन ने कहा- एक व्यापक रूप से सम्मानित परंपरा है कि हम एक तीसरे देश के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं, विशेष रूप से एक लंबे समय से दोस्त रहे और सहयोगी के मामले में।
ब्रिटिश सांसदों के बीच विवाद की शुरुआत नेता प्रतिपक्ष जेरेमी कॉर्बिन के रविवार को किए गए ट्वीट से शुरू हुई थी। इसमें उन्होंने लिखा था- इस क्षेत्र की स्थिति "परेशान" करने वाली है। उन्होंने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने भारत सरकार के फैसले को लेकर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू करने का आह्वान किया।
कॉर्बिन के ट्वीट में ब्रिटिश लेबर सांसद का एक पत्र को भी फॉलो किया गया था, जिन्होंने जॉनसन से नई दिल्ली द्वारा किए गए तथाकथित "अवैध" कार्यों के खिलाफ कदम उठाने का आग्रह किया था।
कड़े शब्दों में दिया जवाब
लेबर सांसद द्वारा उत्तेजक पत्र के जवाब में ब्लैकमैन ने कहा- यह बहुत अजीब लगता है कि लेबर सांसद सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार देने के लिए उठाए गए भारत सरकार के कदम की आलोचना कर रहे हैं। निश्चित रूप से इस तरह के कदम का किसी भी लोकतंत्र में स्वागत किया जाना चाहिए।
ब्लैकमैन ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार अपने चुनावी घोषणापत्र को लागू करने के लिए पूरी तरह से हकदार है, जिसने अनुच्छेद 370 और 35ए में संवैधानिक बदलावों को प्रस्तावित किया है। उन्होंने कहा कि अगर एक चुनी गई सरकार अपने वादों को निभाती है, तो लेबर सांसदों को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। इन बदलावों से जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा में सुधार होगा और निवेश को आकर्षित करके इस क्षेत्र में समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
कश्मीरी पंडितों को भागने को मजबूर किया गया था
पत्र में यह भी लिखा गया है कि यह ब्रिटिश सरकारों की लंबे समय से चली आ रही स्थिति है कि कश्मीर से संबंधित कोई भी मामला भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है। ब्लैकमैन ने यह भी कहा कि भारत में विभिन्न धर्मों और संप्रदायों का सम्मान करने की एक लंबी परंपरा है। क्षेत्र के हालिया घटनाक्रमों के बाद भारत के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणियों पर लेबर सांसद पर हमला करते हुए ब्लैकमैन ने जोर देकर कहा- 'विशेष हिंदू बस्तियों' को बढ़ावा देने के बारे में की गई टिप्पणियां अत्यधिक उत्तेजक हैं। वे इस क्षेत्र के दुखद इतिहास की उपेक्षा करते हैं जहां हजारों कश्मीरी पंडितों को अपनी मातृभूमि से भागने के लिए मजबूर किया गया।
ब्लैकमैन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि लेबर पार्टी भारत-विरोधी, हिंदू-विरोधी पार्टी बन गई है, जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने में दिलचस्पी नहीं रखती है। उन्होंने कहा कि लेबर पार्टी उपमहाद्वीप की राजनीति को ब्रिटेन में लेकर आना चाहती है, ताकि अपने संकीर्ण और सांप्रदायिक हितों को साध सके।

Sri Lanka: आस्था के नाम पर, 70 साल की बीमार हथिनी को फेस्टिवल में चलने पर किया मजबूर
14 August 2019
वर्ल्ड एलिफेंट डे मनाने के दो दिन बाद, टिकिरी नाम की एक 70 साल की हथिनी की दिल दहला देने वाली तस्वीरें ऑनलाइन सामने आईं। इन तस्वीरों में, टिकिरी को श्रीलंका में परेरा फेस्टिवल के दौरान सड़कों पर परेड करने के लिए मजबूर किया गया। लगातार 10 रातों तक परेड करते रहते हुए यह बेजुबान जानवर अपनी पीठ पर सवार एक आदमी के साथ रंग-बिरंगे परिधानों के साथ तैयार था।
तस्वीरों को एक चैरिटी 'सेव एलीफेंट फाउंडेशन' द्वारा अपने फेसबुक पेज पर जारी किया गया। चैरिटी के मुताबिक शोरशराबे, जोरदार आतिशबाजी और भारी धुएं के बीच टिकिरी इस परेड में शामिल होती है। उसे कथित तौर पर त्योहार के दौरान हर रात कई किलोमीटर चलने के लिए मजबूर किया जाता है ताकि लोग समारोह के दौरान धन्य महसूस करें। उसे भारी कपड़े और लाइट्स के साथ तैयार किया जाता है ताकि कोई भी उसके हड्डियां दिखने वाला शरीर या उसकी कमजोर स्थिति न देख सके।
एक रिपोर्ट के अनुसार, सेव एलिफेंट फाउंडेशन के संस्थापक लेक चैलर्ट ने कहा कि टिकरी लगभग 60 हाथियों में से एक है, जो श्रीलंका के कैंडी में बौद्ध त्योहार एसला परेरा में भाग लेने के लिए मजबूर है।
चैरिटी प्रमुख ने कहा कि उन्हें फेस्टिवल मनाने या आस्था का जश्न मनाने वाले लोगों के साथ कोई समस्या नहीं थी, लेकिन इसका इस्तेमाल जानवरों के कल्याण और खुशी में बाधा नहीं डालना चाहिए। चैरिटी द्वारा फेसबुक पोस्ट में उल्लेख किया गया है कि 'प्रेम करना, कोई हानि न करना, दया और करुणा के मार्ग पर चलना, यही बुद्ध का मार्ग है। यह पालन करने का समय है।'
सेव एलिफेंट फाउंडेशन एक थाई नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन है जो थाईलैंड में कैद हाथियों आबादी की देखभाल और सहायता प्रदान करने के लिए समर्पित है। वे स्थानीय उनके बचाव और पुनर्वास कार्यक्रमों, और एजुकेशनल ईकोटूरिज्म से जुड़े एक बहुमुखी दृष्टिकोण के माध्यम से लक्ष्य प्राप्त करते हैं।
एसला परेरा भगवान बुद्ध का त्योहार है और यह त्योहार श्रीलंका में भव्यता के साथ आयोजित किया जाता है। परेरा, जिसे दुनिया के सबसे पुराने, धार्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है, केंद्रीय पहाड़ियों के बीच में स्थित है। इस दौरान, हाथियों को देश के विभिन्न क्षेत्रों से कलाबाज, बाजीगर, और नर्तकियों के साथ रंगीन कपड़ों और चमकदार रोशनी की चादरें पहनाई जाती हैं।

ह्यूस्टन में होगा पीएम मोदी का 'हाउडी, मोदी' सम्मेलन, सुनने के लिए 40 हजार लोगों ने लिया पास
13 August 2019
वॉशिंगटन। भारतीय-अमेरिकी समुदाय के शिखर सम्मेलन 'हाउडी, मोदी!' के लिए लगभग 40,000 लोगों रजिस्ट्रेशन करा लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के लिए अमेरिका की यात्रा के दौरान 22 सितंबर को इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम के आयोजकों ने कहा- 'हाउ डू यू डू?' को संक्षेप में 'हाउडी' कहा जाता है और और दक्षिण-पश्चिम अमेरिका में आमतौर पर एक दूसरे का हाल-चाल पूछने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
समिट में आना फ्री है, लेकिन इसके लिए पास लेने होंगे। कार्यक्रम के होस्ट ह्यूस्टन स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था 'टेक्सास इंडिया फोरम' को उम्मीद है कि इस आयोजन में करीब 50,000 लोग भारतीय प्रधानमंत्री के संबोधन को सुनने के लिए आएंगे। इसे NRG फुटबॉल स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा, जो कि अमेरिका के चौथे सबसे अधिक आबादी वाले शहर में स्थित है।
अमेरिका में पांच लाख से अधिक भारतीय-अमेरिकी समुदाय की सबसे बड़ी आबादी ह्यूस्टन में रहती है। यह दुनिया की ऊर्जा राजधानी है और प्रधानमंत्री मोदी के लिए ऊर्जा सुरक्षा एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। मेयर सिल्वेस्टर टर्नर ने कहा कि मैं पीएम मोदी का ह्यूस्टन में स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं, जो अमेरिका में सबसे बड़े और सबसे जीवंत भारतीय समुदायों में से एक घर है।
यह ऐतिहासिक यात्रा व्यापार, संस्कृति और पर्यटन के मामले में ह्यूस्टन और भारत के बीच पहले से ही मजबूत संबंधों को और मजबूत करेगी, जिससे ह्यूस्टन के सभी लोगों को लाभा होगा। टेक्सास इंडिया फोरम ने कहा कि इस आयोजन के लिए 1,000 से अधिक स्वयंसेवक और 650 वेलकम पार्टनर ऑर्गेनाइजेशन हैं। पहले दो हफ्तों में 39,000 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर कर चुके हैं।

विरोध प्रदर्शनों के बाद खुला हांग कांग एयरपोर्ट, 200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल
13 August 2019
हांग कांग। हांग कांग की नेता कैरी लैम ने मंगलवार को कहा कि लंबे समय से हो रहे विरोध प्रदर्शनों से एशियाई वित्तीय केंद्र पिछड़ गया है और इसके वापस पटरी में आने में लंबा समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि हिंसा की घटानाओं के कम होने के बाद वह अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए वह जिम्मेदार होंगी। अभूतपूर्व कदम उठाते हुए शहर के हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया था, जिसकी वजह से 200 से ज्यादा उड़ानों को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
उसकी टिप्पणियां पिछले सप्ताह से बढ़े संकट के गंभीर घटनाक्रम के बाद आई हैं। बीजिंग ने कहा कि सोमवार को विरोध प्रदर्शन में 'आतंकवाद के बीज' दिखाने लगे हैं। पत्रकारों से बात करते समय उनका गला रूंध रहा था और शब्द अटक रहे थे। हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 4 जनवरी के बाद से एक फीसद गिरकर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद सूचकांक जल्द ही लगभग 1.5 फीसद और नीचे चला गया था। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों की हिंसा की वजह से हांग कांग आतंक और अराजकता की स्थिति में पहुंच गया था।
उन्होंने कहा कि हांगकांग एक खुले, मुक्त, बहुत सहनशील, आर्थिक रूप से स्थिर शहर गंभीर घावों को देखेगा। इसके पटरी पर वापस लौटने में काफी समय लगेगा। चीनी शासित क्षेत्र को बीते दशकों में अपने सबसे गंभीर संकट में पहुंच गया है। चीनी नेता शी जिनपिंग के साल 2012 में सत्ता में आने के बाद से हांग कांग सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे 'एक देश, दो प्रणाली' को खत्म करने की लड़ाई लड़ रहे हैं। साल 1997 में जब चीन ने इसे ब्रिटेन से वापस लिया था, तब हांगकांग के लिए कुछ स्वायत्तता सुनिश्चित की गई थी। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि पुलिस ने अत्यधिक बल का उपयोग किया है। आंसू गैस और बीन बैग छर्रों को पास के दागा जा रहा है। उन्होंने इसकी स्वतंत्र जांच का आह्वान किया।
लैम ने कहा कि मैं हर किसी से अपने मतभेदों को अलग करने और शांत होने की गुजारिश करती हूं। एक मिनट हमारे शहर, हमारे घर को देखने के लिए ले। क्या हम इसे रसातल में धकेलने और इसे टुकड़े-टुकड़े होते देख सकते हैं? हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने लैम के इस्तीफे की मांग की है।

वॉलमार्ट में हुए हमले के बाद टेक्सास के लोगों में मची बंदूक खरीदने की होड़
13 August 2019
टेक्सास। इस महीने वॉलमार्ट में गोलीबारी की घटना में 22 निर्दोष लोगों की मौत के बाद लोग खौफ में हैं। लिहाजा, लोग अपनी सुरक्षा के लिए परेशान हैं। ऐसे में सार्वजनिक जगहों पर बंदूक लेकर चलने के लिए लाइसेंस लेने के लिए टेक्सास के अल पासो में एक वीकेंड क्लास में कई लोग पहुंचे।
गुआडालुपे सेगोविया (35) भी अपने दो बच्चों के साथ इस क्लास में पहुंची थीं। उन्होंने बताया कि उनके पति सेना में हैं और लंबे समय से उन्हें कपड़ों के नीचे या पर्स में छुपाकर ले जाई जा सकने वाली बंदूक का लाइसेंस हासिल करने के लिए कहते रहे थे।
सेगोविया ने कहा कि अब उनके घर के पास हुए हमले के बाद उन्हें बंदूक चलाने के लिए प्रशिक्षण करने की जरूरत महसूस हो रही है। कक्षाओं में अधिकांश लोग हिस्पैनिक थे। एल पासो मुख्यतः लातीनी शहर है। पुलिस का कहना है कि आरोपी बंदूकधारी ने वालमार्ट में जानबूझकर हिस्पैनिक्स लोगों पर हमला किया था।
एल पासो की सबसे बड़ी बंदूक की दुकानों में से एक गन सेंट्रल के महाप्रबंधक माइकल मैकइंटायर ने इस क्लास को आयोजित किया था। उन्होंने बताया कि उनके स्टोर में हमले के बाद सप्ताह में बंदूकों की बिक्री सामान्य संख्या दोगुनी हो गई। टेक्सास में पिछली बार बड़े पैमाने पर हुई गोलीबारी के बाद भी ऐसा कुछ नहीं हुआ था।
ज्यादातर बिक्री हैंडगन की हुई थी, जिसे कपड़ों के नीचे टखने या कंधे में बांधा जा सकता है। उन्होंने कहा कि शनिवार और रविवार को बंदूक चलाने के बारे में सीखने वाले करीब 50 लोग क्लास में आए थे। सामान्यतौर पर इनकी संख्या सात होती है। यहां दो लोग वास्तव में बंदूक खरीदने आए थे, जो वॉलमार्ट शूटिंग वाले दिन वहां वास्तव में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि अन्य लोग कह रहे थे कि इस तरह की किसी घटना के समय में मैं खुद को सुरक्षित रखने के काबिल बनना चाहता हूं।
हालांकि, माइकल मानते हैं कि ज्यादातर लोग एल पासो जैसे हमले में जवाबी कार्रवाई नहीं कर पाएंगे, फिर चाहें उनके पास हथियार हो या नहीं हो। कक्षा में कई लोग भी इस बात को स्वीकार करते हैं। लिहाजा, छात्रों को बंदूक चलाने से पहले दौड़ना सिखाया जाता है, ताकि ऐसी स्थिति होने पर वे मौके से भाग सकें। उन्होंने कहा कि केवल एक फीसदी लोग ही जवाबी गोलीबारी करेंगे।
माइकल ने कहा कि सौ में से सिर्फ एक ही गोली चालएगा, बाकी के 99 लोग मौके से भाग जाएंगे।

हांग कांग एयरपोर्ट को प्रदर्शनकारियों ने घेरा, सोमवार को सारी फ्लाइट्स हुईं रद्द
12 August 2019
हांग कांग। हांग कांग हवाई अड्डे के अधिकारियों ने सोमवार को प्रमुख यात्रा केंद्र पर सभी शेष प्रस्थान और आगमन उड़ानों को रद्द कर दिया। दरअसल, हजारों प्रदर्शनकारियों ने अराइवल हॉल पर पहुंचकर प्रदर्शन किया। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एक बयान में कहा कि वहां से उड़ान भरने वाली सभी फ्लाइट्स, जो चेक-इन प्रक्रिया को पूरा कर चुकी हैं और अराइवल फ्लाइट्स, जो पहले ही हांग कांग की तरफ आ रही हैं उनको छोड़कर अन्य सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।
हजारों लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के हवाई अड्डे पर पहुंचकर प्रदर्शन करने के बाद यह फैसला किया गया है। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लेकर "हांगकांग सुरक्षित नहीं है" और "पुलिस शर्म करो" के नारे लगा रहे थे। बयान में कहा गया है कि हांगकांग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई अड्डे का संचालन सोमवार को प्रदर्शनकारियों की वजह से गंभीर रूप से बाधित हो गया था।
अधिकारियों ने यह चेतावनी दी कि हवाई अड्डे के लिए आने वाले ट्रैफिक में काफी भीड़ है और कार पार्किंग पूरी तरह से भरी हुई थी। लोगों को हवाई अड्डे पर नहीं आने की सलाह दी जाती है।
चीन पर हांगकांग को लेकर वैश्विक दबाव पड़ रहा है। वहीं, चीन ने हांगकांग के मामले में ब्रिटेन से दखल नहीं देने को कहा है। चीन ने कहा कि कोई भी विदेशी हांगकांग के मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, यह चीन का आंतरिक मामला है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अब हांगकांग अब चीनी गणराज्य का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है और अब यह ब्रिटेन का उपनिवेश नहीं है। हांगकांग पर ब्रिटेन का नियंत्रण नहीं है और प्रशासन व निगरानी का अधिकार भी उसके पास नहीं है।

सिंगापुर में 2021 से बंद हो जाएगी हाथी दांत और उससे बने सामानों की ब्रिक्री
12 August 2019
सिंगापुर। अवैध वन्यजीवों के शिकार और उनके अंगों के अवैध व्यापार पर नकेल कसने के लिए सरकार ने अपने अभियान को सख्त कर दिया है। इसके साथ ही देश में 2021 से हांथी दात और उनसे बने सामानों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है। गैर-सरकारी समूहों, हाथी दांत के खुदरा विक्रेताओं और जनता के साथ दो साल तक हुए विचार-विमर्श के बाद विश्व हाथी दिवस पर सिंगापुर ने यह घोषणा की।
सोमवार को जारी किए गए एक बयान में सिंगापुर के राष्ट्रीय पार्क बोर्ड ने हाथी दांत और उनसे बने उत्पादों की बिक्री पर 1 सितंबर 2021 से प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इसका उल्लंघन करने वालों को एक साल तक की जेल की सजा और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। बोर्ड ने कहा कि व्यापारी अपने स्टॉक को संस्थानों को दान कर सकते हैं या प्रतिबंध के प्रभावी होने के बाद अपने पास रख सकते हैं। सरकार को पिछले साल सार्वजनिक सलाह के बाद पता चला कि जवाब देने वालों में से 99 प्रतिशत लोग इस प्रतिबंध के पक्ष में थे।
शहर और राज्य के अधिकारियों ने पिछले महीने तस्करी कर लाए गए हाथी दांत की सबसे बड़ी खेप को जब्त किया था। एक अनुमान के मुताबिक करीब 300 अफ्रीकी हाथियों का शिकार कर करीब नौ टन हाथी दांतों की इस खेप का मूल्य करीब 129 लाख डॉलर था। अवैध रूप से लाए गए कार्गो को कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य से एक कंटेनर में सिंगापुर के रास्ते वियतनाम में भेजा जा रहा था।
बताते चलें कि सिंगापुर ने साल 1990 के बाद से हाथी दांत और उससे बने सभी प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय उत्पादों के व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसी वस्तुओं को घरेलू स्तर पर तभी बेचा जा सकता है, जब व्यापारी साबित कर सके कि उन्हें उस वर्ष से पहले आयात किया गया था या लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हाथी की प्रजातियों को शामिल करने से पहले अधिग्रहण किया गया था।
कंघी, पेंडेंट और अन्य आभूषण जैसी फैशन की वस्तुओं को बनाने में इस्तेमाल होने के कारण हाथी दांत की देश-दुनिया में काफी मांग है। लिहाजा, उनका अवैध तरीके से शिकार किया जाता है। 1980 के दशक के मध्य से 20 वीं सदी के मध्य से लेकर तक शिकार की वजह से हाथियों की संख्या घटकर करीब छह लाख तक पहुंचने के बाद साल 1989 में दुर्लभ अफ्रीकी हाथियों के दांत के वैश्विक व्यापार को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था।


जर्मनी के मंत्री तैयार कर रहे हैं प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाने का कानून, जानिए क्यों उठाया कदम
12 August 2019
फ्रैंकफर्ट। जर्मनी में मंत्री प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के लिए योजना बना रहे हैं। दरअसल, शुरू में रिटेलर्स के साथ स्वेच्छा से इनके इस्तेमाल को बंद करने की योजना थी, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। पर्यावरण मंत्री स्वेन्या शुल्ज ने रविवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि मेरा मंत्रालय इस तरह से प्लास्टिक बैन को लागू करेगा। हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई टाइम टेबल नहीं दिया। शुल्ज ने कहा कि उनका मकसद है कि हम थ्रो अवे सोसाइटी (फेंक देने वाले समाज) से निकलें और कुल मिलाकर प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें।
बताते चलें कि यूरोपियन यूनियन एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के उत्पादों जैसे स्ट्रॉ, चाकू और कांटों के इस्तेमाल को साल 2021 से बंद करने जा रहा है। हालांकि, अन्य सामानों में प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करने के लिए कुछ समय जरूर दिया जाएगा।
दुनियाभर के देशों में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने की पहल हो रही है। दरअसल, यह कभी गलती नहीं है और पर्यावरण को जबरदस्त नुकसान पहुंचाती है। दुनिया में सबसे ज्यादा प्लास्टिक वेस्ट निकालने के मामले में चीन का पहला स्थान है।
वहीं, दूसरे नंबर पर इंडोनेशिया है। इंडोनेशनिया ने कहा है कि वह साल 2025 तक समुद्र में जाने वाले प्लास्टिक के कचरे में करीब 70 फीसदी की कमी करेगा। इसके लिए वहां की सरकार ने काम करना भी शुरू कर दिया है और प्लास्टिक का कचरा देने पर मुफ्त में बस में सफर देने की योजना चलाई जा रही है। साथ ही लोगों को भी प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करने के बारे में जागरुक किया जा रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक हर साल करीब 80 लाख टन प्लास्टिक का कचरा महासागरों में जाता है। एलेन मैकआर्थर फाउंडेशन की साल 2016 की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि समुद्र में 2050 तक वजन के हिसाब से मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक होगी।

धारा 370 पर भारत के पक्ष में रूस, कहा-संवैधानिक दायरे में लिया गया फैसला
10 August 2019
नई दिल्ली।जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का रूस ने भी समर्थन किया है। रूस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार ने जो भी परिवर्तन किए हैं, वह संविधान के ढांचे के तहत किया है। रूसी मंत्रालय का कहना है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के समान्य होने के समर्थक है।
मतभेद जल्द खत्म हो जाएंगे
रूसी मंत्रालय का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों के बीच मतभेद जल्द खत्म हो जाएंगे। यह मसला राजनीतिक और राजनयिक स्तर पर हल हो सकता है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान भारत के फैसले से तिलमिलाया हुआ है। उसके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी बीते शुक्रवार को चीन पहुंचे और इस मुद्दे को उठाया। चीन ने जम्मू-कश्मीर के हालिया हालात पर चिंता व्यक्त की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी पाकिस्तान के अनुरोध को खारिज कर दिया है। उसने शिमला समझौते के तहत समस्या को सुलझाने की सलाह दी है। उसने भी कश्मीर मसले को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला बताया है। इसमें तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
पाकिस्तान को अमरीका से भी राहत नहीं मिली। यहां पर विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर पर अमरीकी नीति में कोई बदलाव नहीं है। वह प्रत्यक्ष तौर पर द्विपक्षीय वार्ता के लिए कहता है। अंत में चीन ने भी पाकिस्तान को इस मामले में समर्थन करने का आश्वासन दिया है। उसने कहा कि वह चाहता है कि कश्मीर मसले को यूएन के प्रस्ताव और शिमला समझौते के तहत सुलझाया जाए।

उत्तर कोरिया ने फिर किया मिसाइल परीक्षण, अमरीका ने नहीं दी प्रतिक्रिया
10 August 2019
सियोल। उत्तर कोरिया ने एक बार फिर मिसाइल परीक्षण कर सबको चौंका दिया। इस बार दो प्रोजेक्टाइल मिसाइल छोड़ी गईं। यह मिसाइल पूर्वी सागर में छोड़ी गई हैं।गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने बीते माह दो मध्यम दूरी की मिसाइलें दागीं थी। इन्हें समुद्र में छोड़ा गया था। दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने इस बात की पुष्टि की थी।
दक्षिण कोरिया की सीमा पर स्थित असैन्य क्षेत्र में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद ये दूसरा मिसाइल परीक्षण है। उत्तर कोरिया ने इससे पहले बीते माह यह परीक्षण किया था। तब सियोल के एक अधिकारी ने बताया था कि एक मिसाइल ने 430 किलोमीटर से अधिक की उड़ान भरी, जबकि दूसरी मिसाइल ने 690 किलोमीटर तक की उड़ान भरी। उन्होंने कहा था यह अपने आप में एक अलग तरह की मिसाइल है।
दक्षिण कोरिया अत्याधुनिक हथियार लेना बंद करे
उस दौरान उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग का कहना था कि दक्षिण कोरिया और अमरीका अपने सैन्य अभ्यासों को बंद करे। इसके साथ दक्षिण कोरिया अत्याधुनिक हथियारों को भी लेना बंद करे। उत्तर कोरिया ने आगाह किया था कि इन युद्ध अभ्यासों से वाशिंगटन और प्योंगयांग के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण की वार्ता बहाल होने की योजना प्रभावित हो सकती है।
वहीं जापान के रक्षा मंत्री ने किम के इस कदम को ‘अत्यधिक खेदजनक’ बताया। मगर अमरीकी राष्ट्रपति ने इसे महज एक इत्तेफाक बताया है। उनका कहना है कि वह जानते हैं कि किम अपने देश की प्रगति के लिए बेहतर सोच रखते हैं। हालांकि नए परीक्षण के बाद ट्रंप का कोई बयान सामने नहीं आया है।

अमरीका: विमान दुर्घटना में भारतीय डॉक्टर दंपति और उनकी बेटी की मौत
10 August 2019
वाशिंगटन। अमरीका में एक भारतीय डॉक्टर दंपति और उनकी बेटी की विमान दुर्घटना में मौत हो गई। वे अपने निजी विमान से सफर कर रहे थे। ये घटना फिलाडेल्फिया में गुरुवार को हुई। इस बात की जानकारी अमरीकी राहत कर्मियों ने दी। मृतकों की पहचान 60 वर्षीय डॉक्टर जसवीर खुराना और उनकी पत्नी 54 वर्षीय डॉक्टर दिव्या खुराना और उनकी बेटी किरण खुराना के तौर पर हुई है।
खुराना एक लाइसेंसड पायलट थे
इस हादसे में उनकी एक और बेटी के जीवित रहने की सूचना है। वह विमान में सवार नहीं हुई थी। खुराना एक लाइसेंसड पायलट थे। वह 44 साल पुराने विमान को उड़ा रहे थे। यह विमान उनके नाम रजिस्टर्ड था। बताया जा रहा है कि दोनों पति और पत्नी रिसर्चर थे। दोनों अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) में प्रशिक्षिण लेकर करीब दो दशक पहले ही अमरीका आ गए थे।
एयरपोर्ट से करीब छह बजे उड़ान भरी
नेशनल ट्रांस्पोर्टेशन सिक्योरिटी बोर्ड (एनडीएसबी)के अनुसार विमान ने नॉर्थ फिलाडेल्फिया एयरपोर्ट से करीब छह बजे उड़ान भरी थी। यह ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की ओर जा रहा था। घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची। उन्हें घटना के बारे में करीब शाम छह बजे पता चल सका। परिवार के तीनों सदस्यों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
घटनास्थल पर यह विमान पेड़ों में फंसा दिखाई दिया। चारों ओर मलबा बिखरा हुआ था। इस दुर्घटना में कोई घायल नहीं हुआ। जांच में शामिल एक अधिकारी का कहना है कि यहां बहुत से घर हैं और एक रिहायशी इलाका था। मगर यह विमान किसी भी घर से नहीं टकराया।

टेरर फाइनेंसिंग ब्लैकलिस्ट से बचने के लिए चीन की मदद चाहता है पाकिस्तान
9 August 2019
इस्लामाबाद। पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उसे डर है कि टेरर फाइनेंसिंग ब्लैकलिस्ट में उसका नाम शामिल हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो उसे मिलने वाली आर्थिक मदद पूरी तरह से बंद हो जाएगी। लिहाजा, उसने अपने सदाबहार दोस्त चीन से एक बार फिर मदद की गुहार लगाई है। इस मामले से जुड़े जानकारों ने बताया कि पाकिस्तान ने चीन और दो अन्य विकासशील देशों से सख्त वित्तीय प्रतिबंधों से बचने के लिए समर्थन देने की अपील की है।
बताया जा रहा है कि ग्लोबल एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर टेरेरिज्म फाइनेंसिंग स्टैंडर्ड्स को पूरा करने की समय सीमा पाकिस्तान के हाथ से निकलती जा रही है। पाक सरकार को उम्मीद है कि अक्टूबर में अंतिम समीक्षा से पहले पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATA) द्वारा निर्धारित 27 एक्शन आइटम्स का पालन करने में वह विफल रहेगी। इस स्थिति में कुछ FATA सदस्य देश, खासतौर पर चिर प्रतिद्वंद्वी भारत, उसका नाम संगठन की ब्लैकलिस्ट में डालने के लिए कदम उठा सकता है।
यदि ऐसा होता है, तो पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद कम हो जाएगी और इसका असर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाले 6 अरब डॉलर के कार्यक्रम पर भी पड़ेगा। इसकी वजह से पाकिस्तान के सामने बकाया भुगतान का संकट खड़ा हो जाएगा। दरअसल, अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों ने आतंकवादियों से निपटने के लिए और आतंकवादी समूहों को वित्तपोषण बंद करने के लिए एक अभियान चलाया था। इसके बाद FATA ने पाकिस्तान को पिछले साल ग्रे मॉनीटरिंग लिस्ट में डाल दिया था।
तब से पाकिस्तान को 27 उपायों की एक सूची का पालन करने के लिए कहा गया है। इसमें आतंक के वित्तपोषण के जोखिमों की पहचान करना और उनकी निगरानी करना और अवैध मुद्रा पर नियंत्रण को बढ़ाना शामिल है। ऐसा नहीं करने पर वह ईरान और उत्तर कोरिया की तरह ब्लैकलिस्ट में शामिल हो सकता है।

Article 370 पर पाकिस्तान की तरफ से भेजे गए पत्र पर UNSC की अध्यक्ष ने कहा- नो कमेंट्स
9 August 2019
न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष जोआना रोनेका ने भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के संबंध में पाकिस्तान की तरफ से लिखे गए पत्र पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। न्यूयॉर्क में जब एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उनसे प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा- नो कमेंट्स।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतरेस को पत्र लिखकर दावा किया था कि जम्मू और कश्मीर में धारा 370 को रद्द करने से यूएनएससी के प्रस्ताव का उल्लंघन हुआ है। इससे पहले गुतरेस ने भारत और पाकिस्तान दोनों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की थी और कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर में स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा- महासचिव ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर 1972 के समझौते को भी याद किया, जिसे शिमला समझौते के रूप में भी जाना जाता है। उसमें कहा गया था कि यूनाइटेड नेशन्स के चार्टर के अनुसार, जम्मू और कश्मीर की अंतिम स्थिति को शांतिपूर्ण तरीकों से तय किया जाना है।
बयान में कहा गया- महासचिव ने सभी दलों से जम्मू-कश्मीर की स्थिति को प्रभावित करने वाले कदम उठाने से परहेज करने का आह्वान किया। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव उस वक्त बढ़ गया, जब भारत सरकार ने मंगलवार को अनुच्छेद 370 को खत्म करते हुए जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने वाले विधेयक का प्रस्ताव पारित किया। नई दिल्ली के फैसलों से हताश इस्लामाबाद ने इस कदम को खारिज कर दिया और कहा कि इन कदमों का सामना करने के लिए वह सभी संभव विकल्पों का इस्तेमाल करेगा।
पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को कम करने और जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने के बाद पड़ोसी देश के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापार गतिविधियों को निलंबित करने का फैसला किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार शांति और स्थिरता बनी रहे।

ईरान से तनाव के बीच सऊदी अरब ने हज यात्रियों से कहा, सियासत से रहें दूर
9 August 2019
मक्का। सऊदी अरब के मक्का में इस हफ्ते शुरू होने वाली सालाना हज यात्रा के लिए दुनियाभर से लाखों मुस्लिम पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि इस साल करीब 25 लाख से अधिक मुस्लिम हज यात्रा के लिए सऊदी अरब पहुंच सकते हैं। इस मौके पर सऊदी अरब ने हज यात्रियों को आगाह किया है कि वे सियासत से दूर रहें और सिर्फ हज पर ध्यान दें। यह सलाह ऐसे समय पर दी गई है जब सुन्नी बहुल सऊदी अरब और शिया बहुल ईरान के बीच तनाव चरम पर है।
बताते चलें कि इस साल क्षेत्र में तेल के टैंकरों पर हमले और ड्रोन हमले बढ़ने को लेकर पैदा हुए तनाव के बीच हज यात्रा हो रही है। खाड़ी के अग्रणी देश सऊदी अरब और उसके साथी देश अमेरिका ने ईरान को इन हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, सऊदी अरब के चिर प्रतिद्वंद्वी ईरान ने इससे इनकार किया है। बताया जा रहा है कि सउदी अरब और ईरान के बीच कूटनीति रिश्ते बंद होने के बावजूद ईरान के करीब 88,550 ईरानियों के इस साल हज यात्रा में कर सकते हैं।
मक्का की ग्रांड मस्जिद के इमाम अब्दुलरहमान अल-सुदैस ने गुरुवार को यहां कहा, "हज सियासी संघर्ष या सांप्रदायिक नारे लगाने के लिए स्थान नहीं है।" इस हफ्ते की शुरुआत में मक्का के गवर्नर प्रिंस खालिद अल-फैसल ने भी हज यात्रियों से कहा था कि वे सभी मसलों को अपने मुल्कों में छोड़कर आएं और यहां से लौटने के बाद ही उन पर चर्चा करें।
18 लाख हज यात्री पहुंचे सऊदी
अधिकारियों के अनुसार, अब तक 18 लाख से ज्यादा हज यात्री मक्का पहुंच चुके हैं। मक्का पहुंचने के बाद हज यात्री काबा की परिक्रमा करते हैं। हज यात्रा पांच दिनों की होती है। तीसरे दिन बकरीद के बाद हज यात्री मुजदलिफा की तरफ जाएंगे और शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदा करेंगे।

आर्टिकल 370 हटने से पाकिस्तान की छटपटाहट जारी, 'हमेशा के लिए बंद' की समझौता एक्सप्रेस
8 August 2019
इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के भारत के फैसले से तिलमिलाया पाकिस्तान एक-एक करके बड़े कदम उठा रहा है। भारत से राजनयिक संबंध खत्म करने और एक एयरस्पेस बंद करने के बाद अब पाकिस्तान ने एक और बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, अब पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच चलने वाले समझौता एक्सप्रेस की सेवाएं बंद करने का फैसला किया है। नहीं भेजा गार्ड और ड्राइवर पाकिस्तानी मीडिया में चल रही रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने अपने ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को समझौता एक्सप्रेस के साथ न भेजने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि समझौता एक्सप्रेस भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली साप्ताहिक ट्रेन है। यह ट्रेन गुरुवार और सोमवार को भारत में दिल्ली से पाक के लाहौर दौड़ती है।
पाकिस्तान के रेलवे मंत्री शेख राशिद अहमद ने इस बारे में ऐलान किया। अहमद ने कहा कि, 'रेलवे मंत्रालय के फैसले के अनुसार समझौता एक्सप्रेस की सेवाएं हमेशा के लिए बंद कर दी गई हैं। यह गाड़ी हफ्तेे में दो बार चलाई जाती थी। जिन लोगों ने टिकट खरीद लिया है वे लाहौर के कार्यालय से वापस कर पैसे ले सकते हैं।'
भारत को पाकिस्तान ने भेजा ये संदेश
इस बारे में अटारी अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन के सुपरिटेंडेंट अरविंद कुमार गुप्ता ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को पाकिस्तान से समझौता एक्सप्रेस को भारत आना था, लेकिन पाकिस्तान ने संदेश भेजा कि भारतीय रेल अपना ड्राइवर और क्रू मेंबर भेजे और समझौता एक्सप्रेस को ले जाए। अरविंद कुमार के मुताबिक पाकिस्तानी रेलवे ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह फैसला लिया। पाकिस्तान के संदेश के बाद भारतीय रेल अपना ड्राइवर और गार्ड समझौता एक्सप्रेस को लेने भेजेगा।
आपको बता दें कि सोमवार भारत के कदम के बाद पाकिस्तान ने एक के बाद एक कई कदम उठाए हैं। पाकिस्तान ने भारत के फैसले को एकतरफा और गैरकानूनी बताते हुए कई एकपक्षीय फैसले किए है। एक नजर अब तक पाकिस्तान द्वारा लिए गए फैसलों पर
- भारत के साथ राजनायिक संबंध तोड़ा
- भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को दिल्ली वापस भेजने का फैसला किया
- भारत के साथ व्यापारिक संबंध खत्म किए
- भारत की सीमा से लगे एक एयरस्पेस को बंद किया
- भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को कम करने का फैसला
- कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने की धमकी दी

आर्टिकल 370: UAE ने मोदी सरकार के फैसले पर जताया समर्थन, बताया भारत का आंतरिक मामला
8 August 2019
दुबई। केंद्र की मोदी सरकार ने एक एतिहासिक फैसला करते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 और 35ए को समाप्त कर दिया। इसके बाद देश-दुनिया से तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी।
जहां एक ओर पाकिस्तान और चीन ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है वहीं श्रीलंका ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है। इसी कड़ी में संयुक्त अरब अमीरात ने भी एक बयान देते हुए मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
भारत में UAE के राजदूत डॉ. अहमद अल बन्ना ( Dr. Ahmad Al Banna ) ने कहा कि भारतीय सरकार ने जम्मू और कश्मीर राज्य से संबंधित भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ उपबंधों को हटाया है।
उन्होंने कहा कि हमने भारतीय संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक की शुरुआत पर भी ध्यान दिया, जिसका उद्देश्य अनुच्छेद 370 को खत्म कर लद्दाख क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर राज्य को भारत के दो नए केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में बनाना है। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करते हुए केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है: बन्ना
डॉ. अहमद अल बन्ना ने टिप्पणी की कि उनकी समझ से राज्यों के पुनर्गठन स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक अनोखी घटना नहीं है और इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय असमानता को कम करना और दक्षता में सुधार करना था।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर राज्य से संबंधित इस नवीनतम निर्णय को भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित आंतरिक मामले के रूप में देखा है।

खाड़ी देशों में पाकिस्तानी डॉक्टरों की डिग्री अमान्य, भारतीय डॉक्टरों को ग्रीन सिग्नल
8 August 2019
रियाद। आतंकी पनाहगाही और आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान पहले ही अलग-थलग पड़ चुका है, अब उसके मित्र कहे जाने वाले अरब देशों से भी उसके लिए बुरी खबरें ही आ रही हैं। इन देशों में काम कर रहे पाकिस्तानी डॉक्टरों के सामने एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। दरअसल, सऊदी अरब और कुछ अन्य अरब देशों ने पाकिस्तान की डॉक्टरी डिग्री को अस्वीकार कर दिया है। सैकड़ों पाकिस्तानी डॉक्टरों की नौकरी पर खतरा
जानकारी मिल रही है कि इन देशों में सदियों पुराने स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रम- एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी) और एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) को अस्वीकार करने की घोषणा की है। ऐसे में उन्‍होंने ऐसी डिग्री धारक डॉक्‍टरों को भी उच्चतम भुगतान की पात्रता सूची से बाहर करने का निर्णय लिया है। इस कदम के बाद कथित तौर पर पाकिस्‍तान के सैकड़ों उच्च योग्यता वाले डॉक्‍टरों की नौकरी पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है।
डॉक्टरों को देश छोड़ने का आदेश
पाकिस्तान के ज्यादातर डॉक्टर सऊदी अरब में हैं। प्रशासन ने उन्हें इस फैसले के बाद देश छोड़ने का निर्देश दिया है, साथ ही चेतावनी भी दी है कि ऐसा न करने पर उन्‍हें निर्वासित कर दिया जाएगा। सऊदी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि पाकिस्तान के एमएस/एमडी की डिग्री बिना संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रम के ही दी जाती है। लेकिन महत्वपूर्ण पदों के लिए यह कार्यक्रम एक अनिवार्यता है, ऐसे में पाकिस्तान की डिग्री को अस्वीकार की जाती है।
गौरतलब है कि सऊदी के स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम ने साल 2016 में अधिकतर ऐसे डॉक्टरों को काम पर रखा था, जिनकी डिग्री इस फैसले के बाद अस्वीकार है। इन डॉक्टरों की नियुक्ती ऑनलाइन आवेदन से हुई थी। बाद में कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में इंटरव्यू के जरिए इनका चयन हुआ था।
भारत समेत इन देशों की डिग्री वैध
सऊदी सरकार के फैसले के बाद, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने भी डिग्री रद्द करने की घोषणा की। हालांकि, इन्होंने भारत, मिस्‍त्र, सूडान और बांग्‍लादेश की डिग्रियों को वैधता प्रदान की है। इसका मतलब इन देशों के डिग्रीधारक डॉक्‍टर मेडिकल प्रैक्टिस जारी रख सकते हैं।

आतंकी फंडिंग के मामले में कोर्ट ने आतंकी हाफिज सईद को ठहराया दोषी
7 August 2019
इस्लामाबाद। लाहौर से 17 जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेजे गए वैश्विक आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान की गुजरांवाला अदालत ने दोषी करार दिया है। पाकिस्तान के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने आतंकी गतिविधियों को आर्थिक मदद देने के आरोप में हाफिज सईद को गिरफ्तार किया था। उसका केस को अब पाकिस्तान के गुजरात में शिफ्ट कर दिया गया है। ये जानकारी पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में कही जा रही है।
मुंबई 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और उसे सात दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। हालांकि, बाद में 24 जुलाई को उसे 14 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया था। भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम देने में मास्टर माइंड की भूमिका निभा चुके सईद के मामले में कोर्ट ने काउंटर टेरेरिज्म डिपार्टमेंट को आदेश दिया कि वह 7 अगस्त तक पूरी चार्जशीट दायर करे।
बताते चलें कि तीन जुलाई को हाफिज सईद और नायब अमीर अब्दुल रहमान मक्की सहित प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के शीर्ष 13 नेताओं पर आतंकवाद विरोधी कानून, 1997 के तहत आतंक के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए लगभग दो दर्जन मामले दर्ज किए गए थे। काउंटर टेरेरिज्म डिपार्टमेंट ने पाकिस्तान में पंजाब के पांच शहरों में यह मामले दर्ज किए थे। अधिकारियों ने कहा था कि जमात उद दावा अपने धर्मार्थ संगठनों अल-अनफाल ट्रस्ट, दावतुल इरशाद ट्रस्ट और मुआज बिन जबल ट्रस्ट में जमा होने वाले धन का इस्तेमाल आतंकी फंडिंग करने में शामिल था।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब हाफिज सईद को गिरफ्तार किया गया हो। उसे पहले भी कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन हर बार उसे रिहा कर दिया जाता रहा है। मगर, इस बार भारत की कूटनीतिक दांव और अमेरिकी दबाव में उस पर कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान बाध्य हो गया है। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अमेरिकी दौरे के समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान में अभी भी 40 हजार आतंकी मौजूद हैं।

चीन ने हांगकांग को धमकाया, हमारे संयम को कमजोरी ना समझें
7 August 2019
बीजिंग। हांगकांग में प्रस्तावित प्रत्यर्पण कानून को लेकर हफ्तों से चल रहे प्रदर्शन पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने हांगकांग के प्रदर्शनकारियों को धमकाते हुए कहा कि उसके संयम को कमजोरी समझने की भूल ना करें। मंगलवार को चीन सरकार के हांगकांग व मकाऊ मामले के मंत्रालय ने एक दस्तावेज जारी कर कहा, "हम सभी प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देना चाहते हैं कि वह स्थिति को समझने में गलती ना करें।
वो ना ही हमारे संयम को कमजोरी मानने की भूल करें। आग से खेलने वाले जल ही जाते हैं।" साथ ही चीन ने प्रदर्शन के पीछे अवैध तत्वों का हाथ होने की भी बात की। वह पहले भी प्रदर्शनों के पीछे अमेरिका का हाथ होने की बात कर चुका है। संदिग्धों व अपराधियों को मुकदमे के लिए चीन में प्रत्यर्पित किए जाने संबंधी इस कानून को लेकर बीते जून में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे।
प्रदर्शनकारी नए कानून को हांगकांग की स्वायत्तता पर खतरा मानते हैं। भारी विरोध के दबाव में हांगकांग की नेता कैरी लाम ने कानून को निलंबित कर दिया था। इसके बाद भी विरोध नहीं थमा। प्रदर्शनकारी बिल को आधिकारिक रूप से वापस लेने और लाम के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। बता दें कि 1997 में ब्रिटेन ने चीन को हांगकांग इसी शर्त पर सौंपा था कि "वन कंट्री, टू सिस्टम" के तहत उसकी स्वायत्तता बरकरार रहेगी।

अमेरिका ने चीन को करेंसी मैनिपुलेटर्स की सूची में डाला, चीन का कड़ा विरोध
7 August 2019
बीजिंग। अब तक ट्रेड वार में आकंठ डूबे अमेरिका और चीन एक अन्य महत्वपूर्ण मसले पर फिर आमने-सामने हैं। अमेरिका ने चीन पर व्यापार में अनुचित प्रतिस्पर्धा का फायदा उठाने के लिए अपनी मुद्रा युआन को जान बूझकर कमजोर करने का आरोप लगाया है और चीन को करेंसी मैनिपुलेटर्स की सूची में डाल दिया है। लेकिन चीन ने इसका पुरजोर विरोध किया है। चीन की करेंसी युआन में भारी गिरावट आने पर वाशिंगटन की तीखी प्रतिक्रिया आई थी। चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) की तरफ से मंगलवार को कहा गया, "अमेरिका ने बीजिंग पर करेंसी से छेड़छाड़ करने का अरोप लगाया है, हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।" सोमवार की भारी गिरावट के बाद पीबीओसी ने युआन को संभाल लिया, लेकिन शेयर बाजार में गिरावट जारी रही। अमेरिका ने सोमवार की रात चीन को आधिकारिक तौर पर करेंसी के साथ छेड़छाड़ करने वाले देशों (करेंसी मैनिपुलेटर्स) की सूची में डाल दिया था। वाशिंगटन ने चीन पर व्यापार में अनुचित स्पर्धा का लाभ लेने के लिए युआन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इस पर चीन की प्रतिक्रिया से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार के मोर्चे पर चल रहा टकराव और गहराने की आशंका बढ़ गई है। पीबीओसी के बयान का हवाला
अमेरिकी वित्त विभाग के मुताबिक पीबीओसी ने अपने ही बयान में स्वीकार किया है कि उसे अपनी करेंसी में हेरफेर करने का व्यापक अनुभव है और वह ऐसा करने के लिए तैयार रहता है। हालांकि पीबीओसी ने मंगलवार को ऐसे किसी बयान से साफ इन्कार कर दिया।
ट्रंप ने 2016 में किया था वादा
इससे पहले ट्रंप ने ट्वीट किया था, "चीन अनुचित व्यापार गतिविधियों और करेंसी की विनिमय दर के साथ छेड़छाड़ करके अरबों डॉलर अमेरिका से लेता रहा है। उसका इरादा आगे भी इसे जारी रखने का है। यह एकतरफा है। इसे कई साल पहले बंद हो जाना चाहिए था। दरअसल, ट्रंप ने 2016 में अपने चुनावी अभियान के दौरान चीन को करेंसी के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश ठहराने का वादा किया था। लेकिन, वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाने से इन्कार करते हुए चीन को निगरानी सूची में डाल रखा था।
आइएमएफ से संपर्क करेगा अमेरिका
अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा है कि वित्त मंत्री स्टीवन म्यूचिन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर चीन को करेंसी के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश घोषित किया है। मंत्रालय ने बयान एक बयान जारी करके कहा कि इस फैसले के बाद म्यूचिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से संपर्क करेंगे, ताकि चीन की ओर से अनुचित प्रतिस्पर्धा रोकी जा सके।

74 साल पहले जापान में गिरा था परमाणु बम, जख्म अभी भी हैं ताजे
6 August 2019
टोक्यो। जापान के हिरोशिमा शहर में परमाणु बमबारी की 74 वीं वर्षगांठ मनाई गई। उस हमले के घाव आज भी ताजा हैं और जापानी परमाणु हथियारों को खत्म करने की चर्चा करते रहते हैं। हिरोशिमा के महापौर ने ऐसे हथियारों को खत्म करने के लिए नए सिरे से दुनिया से आह्वान किया और जापान की सरकार से इस दिशा में और काम करने की मांग की।
मेयर काजुमी मात्सुई ने मंगलवार को अपने शांति संबोधन में दुनिया में आत्म-केंद्रित राजनीति के उदय के बारे में चिंता व्यक्त की और नेताओं से परमाणु हथियारों के बिना दुनिया को हासिल करने की दिशा में लगातार काम करने का आग्रह किया। मात्सुई ने अपनी शांति घोषणा में कहा कि आज दुनियाभर में हम स्व-केंद्रित राष्ट्रवाद को बढ़ते हुए, अंतर्राष्ट्रीय विशिष्टता और प्रतिद्वंद्विता के कारण तनाव को देखते हैं।
प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने समारोह में अपने संबोधन में कहा जापान परमाणु और गैर-परमाणु राज्यों के बीच एक पुल के रूप में काम करने और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जापान धैर्यपूर्वक उन्हें सहयोग करने और बातचीत करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने परमाणु और गैर-परमाणु राज्यों के बीच अंतर को स्वीकार किया।
सुबह 8.15 पर गिरा था पहला बम
बताते चलें कि 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा में सुबह 8.15 बजे लिटिल ब्वॉय नाम का परमाणु बम अमेरिका ने गिराया था। इस हमले में 1.40 लाख लोग मारे गए थे। इसके तीन दिनों बाद 9 अगस्त को अमेरिका ने नागासाकी में दूसरा परमाणु बम गिराया था, जिसमें 70 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
इन दोनों बम धमाकों के छह दिनों के बाद जापान ने सरेंडर कर दिया था और द्वितीय विश्व युद्ध खत्म हो गया था। इन हमलों में बचे लोगों के परिजनों ने छह अगस्त की सुबह ठीक 8.15 मिनट पर एक मिनट का मौन रखकर परमाणु हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
इसलिए किया गया था परमाणु बम गिराने का फैसला
द्वितीय विश्व युद्ध के समय नाजी जर्मनी हार मान चुका था, जबकि जापान तब भी अमेरिका के लिए चुनौती बना हुआ था। अमेरिकी सैनिक मानने लगे थे कि जब तक जापानी फौज का एक भी सैनिक बचा हुआ है, तब तक वह शिद्दत से लड़ाई करने पर आमादा रहेगा। जापान पूरी ताकत से भिड़ा हुआ था।
उस वक्त इवो जिमा और ओकिनावा में युद्ध में एयरफोर्स और नेवी बेस को तबाह करने के बावजूद अमेरिका के सैनिक बहुत बड़ी संख्या में मारे गए थे। तब युद्ध को जल्द खत्म करने के लिए तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने युद्ध सचिव हेनरी स्टिमसन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर यह तय करने को कहा था कि जापान पर परमाणु बम से हमला किए जाने के बारे में विचार किया जाए।

अमेरिका प्रतिबंध हटा ले, तो बात करने के लिए तैयार है ईरान : हसन रुहानी
6 August 2019
तेहरान। ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने मंगलवार को कहा कि वाशिंगटन के साथ तेहरान बातचीत के पक्ष में है। मगर, अमेरिका को पहले इस्लामी गणतंत्र पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाना चाहिए। बताते चलें कि परमाणु करार से अलग होने के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर भारी आर्थिक पाबंदियां भी लगा दी हैं। रुहानी ने टीवी पर टिप्पणी में कहा- इस्लामी गणतंत्र ईरान वार्ता का पक्षधर है और यदि अमेरिका वास्तव में बात करना चाहता है, तो उसे सभी प्रतिबंधों को हटा देना चाहिए।
बताते चलें कि इन दिनों अमेरिका और ईरान के बीच संबंधों में काफी तनाव चल रहा है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने का न्योता ठुकराने के बाद अमेरिका ने ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति की नीतियों की वजह से ईरान के पास दूसरे देशों के साथ व्यापार साझेदारी शुरू करने के काफी कम मौके बचे हैं।
पिछले दिनों ईरान ने अमेरिकी ड्रोन मार गिराने, ब्रिटिश टैंकर को जब्त करने तथा अमेरिकी जासूसों को पकड़ने के दावे किए थे। ईरान इस तरह से अमेरिका पर भी दबाव बनाना चाहता है। हालांकि, दोनों देशों के बीच चल रहे झगड़े की वजह से मिडिल ईस्ट में तनाव फैल गया है।
वहीं, ईरान की अर्थव्यवस्था भी पटरी से उतर रही है और मंदी की चपेट में आ रही है। अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों के असर से दवाएं भी अछूती नहीं हैं। देश में दवाओं की कीमतों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इसकी वजह से कई जरूरी दवाएं आम जनता की पहुंच से दूर हो गई हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर लगे प्रतिबंध की वजह से दूसरे देशों से संपर्क लगभग टूट गया है। ईरान को दूसरे मुल्कों से किसी तरह की वित्तीय मदद नहीं मिल पा रही क्योंकि बैंकिंग लेन-देन पर भी पाबंदी लगी है।

टाइटैनिक बनाने वाला शिपयार्ड हुआ दिवालिया, चल रहा है कर्मचारियों का प्रदर्शन
6 August 2019
बेलफास्ट। टाइटैनिक जहाज का निर्माण करने वाले प्रतिष्ठित बेलफास्ट शिपयार्ड हारलैंड एंड वोल्फ अब दीवालिया होने की तरफ बढ़ गई है। सोमवार को यह प्रशासन की देखरेख में चला गया क्योंकि उसके कार्मचारियों ने एक हफ्ते तक साइट पर कब्जा जारी रखने की कसम खाई थी। खबरों के मुताबिक, कंपनी बेलफास्ट हाई कोर्ट में मंगलवार को दीवालिया होने की फाइल करने के लिए तैयार है। एकाउंटेंसी फर्म बीडीओ ने कपंनी के लिए प्रशासक नियुक्त कर दिया है। बताते चलें कि इससे पहले हारलैंड एंड वोल्फ की नॉर्वे की पैरेंट कंपनी डॉल्फिन ड्रिलिंग ने जून में दिवालियापन के लिए फाइल किया था। वह कंपनी उत्तरी आयरलैंड के इंडस्ट्रियल प्लांट के लिए कोई खरीदार तलाश करने में विफल रही थी। शिपबिल्डर की विशाल पीली क्रेनें दशकों तक बेलफास्ट के आकाश में दूर से दिखती थीं। इस कंपनी ने 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में 30,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया था, लेकिन अब वहां महज 130 श्रमिक ही काम करते हैं।
उनमें से एक समूह साइट पर अपना कब्जा जारी रखने के लिए पिछले हफ्ते से रोजाना शिपयार्ड पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इन कर्मचारियों ने सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। वे वोट के परिणाम की पुष्टि से पहले एक बैठक के बाद "हमारे शिपयार्ड को बचाओ" का नारा लगाते हुए निकले थे। स्टील वर्कर और यूनियन के प्रतिनिधि जोए पासमोर ने कहा कि कर्मचारियों ने हमें बताया है कि वे इस संयंत्र के कब्जे को जारी रखना चाहते हैं जब तक कि बेलफास्ट में जहाज निर्माण और भारी उद्योग जारी रखने का कोई दूसरा रास्ता नहीं निकालता।
वेस्टमिंस्टर में मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी के वित्त प्रवक्ता जॉन मैकडॉनेल ने शिपयार्ड स्थल का दौरा किया और दावा किया कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पिछले महीने सत्ता संभालने के बाद से अपने पहले वास्तविक परीक्षण में श्रमिकों की मदद करने में विफल रहे हैं। हम जानते हैं कि यह एक व्यवहारिक चिंता है। हम जानते हैं कि सरकार के पास नौसैनिक अनुबंध हैं, जिन्हें यहां लागू कर दीर्घकालिक भविष्य को सुनिश्चित किया जा सकता है।चीन
बताते चलें कि इसी शिपयार्ड में टाइटैनिक का निर्माण किया गया था। उसके बारे में कहा गया था कि वह उस वक्त दुनिया का सबसे बड़ा और कभी न डूबने वाला जहाज है। मगर, अपनी पहली ही यात्रा में एक हिमखंड के बड़े टुकड़े से टकराकर साल 1912 में वह डूब गया था। हारलैंड एंड वोल्फ ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान करीब 150 युद्ध पोतों की आपूर्ति की थी।

Iran ने एक और विदेशी टैंकर को कब्जे में लिया, रिवोल्यूशनरी गार्ड्‌स की तीसरी कार्रवाई
5 August 2019
तेहरान। Iran ने फारस की खाड़ी से गुजर रहे एक और विदेशी टैंकर पर रविवार को कब्जा कर लिया। अमेरिका से बढ़े तनाव के बीच उसने एक महीने के भीतर तीसरे विदेशी मालवाही जहाज को जबरन रोका है।
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के अनुसार विदेशी तेल टैंकर को फारसी द्वीप के नजदीक कब्जे में लिया गया। इसमें तस्करी से लाया जा रहा सात लाख लिटर तेल भरा हुआ है।
चालक दल के सदस्‍यों पर चलेगा मुकदमा
बुधवार रात हुई इस कार्रवाई में टैंकर के चालक दल के सात सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है। वहां उसका तेल जब्त कर चालक दल के सदस्यों पर मुकदमा चलाया जाएगा।
तस्करी से तेल लाए जाने का आरोप
ईरान ने सबसे पहले 18 जुलाई को पनामा का झंडा लगा तेल टैंकर एमटी रियाह कब्जे में लिया था। इसमें तस्करी से तेल लाए जाने का आरोप है। 19 जुलाई को ब्रिटेन का झंडा लगा स्टेना इंपेरो ईरानी बलों ने रोका। इसे अंतरराष्ट्रीय जल मार्ग होर्मुज स्टे्रेट में कब्जे में लिया गया।
खाड़ी क्षेत्र में तनाव
अमेरिका के ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से पीछे हटने और इसके बाद उस पर अधिकतम दबाव बनाने की घोषणा के बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया है। पिछले चार महीने के दौरान खाड़ी में मालवाही जहाजों पर हमले हुए हैं, अमेरिकी ड्रोन मार गिराया गया है और ईरान का एक तेल टैंकर ब्रिटिश नौसेना ने जब्त किया है।

टैक्‍सास के वालमार्ट स्‍टोर में गोलीबारी में 20 की मौत, 26 घायल
5 August 2019
वॉशिंगटन। अमेरिका के टैक्‍सास में स्थित वॉलमार्ट में एक हमलावर ने अधाधुंध गोलीबारी की है। इस हमले में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 26 लोग घायल बताए जा रहे हैं। पुलिस के अनुसार, यह हेट क्राइम का मामला है। एल पासो पुलिस ने ट्विटर पर Cielo Vista मॉल में घटना की सूचना दी। एल पासो पुलिस प्रमुख ग्रेग एलेन ने पुष्टि की है कि हमले में 20 निर्दोष लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 26 अन्य लोग घायल थे।
पुलिस प्रमुख ने कहा कि टेक्सास में अधिकारी बड़े पैमाने पर शूटिंग को हेट क्राइम (घृणा अपराध) के रूप में देख रहे हैं। पुलिस अधिकारियों को उसके पास से एक घोषणा पत्र भी मिला है, जिसके बारे में वे ज्यादा जानकारी हासिल कर रहे हैं। मोबाइल कैमरे से लिए गए फुटेज में साफ दिख रहा है कि वॉलमार्ट की फर्श पर कई शव पड़े हैं। एल पासो के अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करें।
डलास के एक उपनगर एलन के रहने वाले 21 वर्षीय एक श्वेत पुरुष संदिग्ध ने गोलीबारी के बाद स्टोर के बाहर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। यह अमेरिका में वॉलमार्ट स्टोर में एक हफ्ते से भी कम समय में दूसरी घातक गोलीबारी की घटना थी और पिछले सप्ताहांत कैलिफोर्निया में बड़े पैमाने पर हुई गोलीबारी के बाद हुई है।
टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने कहा- एल पासो के बीस निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई है। उन्होंने कहा- हम एक राज्य के रूप में इन पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों के समर्थन में एकजुट हुए हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान उन लोगों के साथ हों, जिन्हें किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाया गया है। बताते चलें कि मैक्सिको की सीमा पर स्थित एल पासो में अधिकांश हिस्पैनिक आबादी है।
टेक्सास के गवर्नर से बात करने के बाद, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा- 'रिपोर्ट बहुत खराब है, कई लोग मारे गए'। एल पासो, टेक्सास में आज की शूटिंग न केवल दुखद थी, यह कायरतापूर्ण कृत्य था। मुझे पता है कि मैं आज के घृणित कृत्य की निंदा करने के लिए इस देश में सभी के साथ खड़ा हूं। ऐसे कोई कारण या बहाने नहीं हैं, जो कभी भी निर्दोष लोगों को मारने का औचित्य साबित करेंगे। कई डेमोक्रेट ने कहा कि बंदूक हिंसा की "महामारी" से निपटने के लिए यह समय था।

मालदीव पहुंचते ही गिरफ्तार हुए उप राष्ट्रपति गफूर, भारत में चाहते थे राजनीतिक शरण
5 August 2019
माले। मालदीव के पूर्व उप राष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफूर को भारत ने राजनीतिक शरण देने से इनकार कर दिया था। लिहाजा, वह मालदीव वापस लौट गए, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वह साल 2015 में उप राष्ट्रपति बनने वाले सबसे कम उम्र के शख्स थे। तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन को निशाना बनाकर किए गए बम हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था। उनकी सजा को पलट दिए जाने के बाद वह मई में जेल से रिहा हुए थे।
हालांकि, अगल मामलों में उन पर भ्रष्टाचार की सुनवाई चल रही है। अपनी जान का हवाला देकर वह भारत में राजनीतिक शरण लेना चाहते थे। मगर, वैलिड ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स नहीं होने की वजह से उन्हें भारत में प्रवेश नहीं करने दिया गया। वह शुक्रवार रात अपनी बोट से भारत की जल सीमा से बाहर चले गए थे। शनिवार को मालदीव पहुंचते ही उन्हें वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले भारत सरकार ने राजनीतिक शरण देने की गफूर की मांग ठुकरा दी। वह वैध दस्तावेजों के बगैर गुरुवार को भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे और देश में आने की कोशिश कर रहे थे। गंभीर आरोपों के बीच मालदीव छोड़ने वाले गफूर को भारत सरकार ने अपनी धरती पर नहीं उतरने दिया। वह समुद्र के बीच अपनी बोट पर बने रहे। भारतीय एजेंसियों के अधिकारियों ने वहीं जाकर उनसे पूछताछ की।
इसी दौरान पता चला कि उनके पास यात्रा संबंधी कोई दस्तावेज नहीं था और वह बिना सूचना के भारत आए थे। इसके बाद नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में विचार-विमर्श के बाद उन्हें लौटाने का फैसला किया गया। इस दौरान गफूर ने मालदीव में अपनी जान का खतरा बताते हुए राजनीतिक शरण की भी मांग की, लेकिन भारत सरकार ने उसे अस्वीकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार, गफूर को वापस जाने के लिए कहा गया था।
तमिलनाडु पुलिस के अनुसार, गफूर अपने देश मालदीव के लिए रवाना हो गए। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने साफ किया है कि भारत ने गफूर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। न उन्हें हिरासत में लिया और न ही उनके साथ कोई जबरदस्ती की गई। औपचारिक रूप से उन्हें भारत में प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया।

मालदीव से भागकर आए पूर्व उप-राष्ट्रपति को वापस उनके देश भेजा, कई मामलों में चल रही है पड़ताल
3 August 2019
नई दिल्ली। मालदीव के पूर्व उप राष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफूर को शनिवार उनके वतन वापस भेज दिया गया। गफूर एक नाव के जरिए बीते गुरुवार को समुद्री मार्ग से देश पहुंच गए थे। पुलिस के अनुसार नौ क्रू मेंबर्स के साथ ही उन्हें प्रत्यर्पित कर दिया गया। अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पर भारतीय सुरक्षा बलों ने गफूर को उनके देश के सुरक्षा बलों को सौंप दिया है।
गौरतलब है कि गफूर एक छोटी नाव में सवार होकर तूतीकोरिन तट पहुंचे थे। यहां पर उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। सुरक्षा बलों ने उनके जहाज को रोक दिया। सुरक्षा बलों को जब नाव में पूर्व उप-राष्ट्रपति के सवार होने की जानकारी मिली तो उनसे पूछताछ की गई।
नाव को तट से कुछ दूरी पर ही रोककर दो दिनों तक उनसे पूछताछ की गई। सुबह भारतीय कोस्ट गार्ड के अधिकारियों ने उन्हें मालदीव के सुरक्षा बलों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के पास सौंप दिया। मालदीव के पूर्व उप-राष्ट्रपति पर देश में विभिन्न मामलों को लेकर पड़ताल चल रही है।
दरअसल नौ क्रू मेंबर्स की सहायता से गफूर ने देश छोड़कर भागने की कोशिश की थी। अब मालदीव की जांच एजेंसियां उनसे इस पूरे मामले की पड़ताल करेगी। गफूर को पूर्व प्रेजिडेंट अब्दुल्ला यामीन की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गफूर पर आरोप लगे है कि सितंबर 2015 में उन्होंने यामीन की बोट को दुर्घटनाग्रस्त करने की कोशिश की थी। हालांकि इस मामले में उन्हें बरी कर दिया गया।

ग्लोबल वार्मिंग का असर, ग्रीनलैंड में 24 घंटे में पिघली 1100 करोड़ टन बर्फ
3 August 2019
वाशिंगटन। ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में लगातार बढोतरी देखने को मिल रही है। इसके कारण उत्तर अटलांटिक महासागर स्थित ग्रीनलैंड में बर्फ का पिघलना तेज हो गया है। इसके चलते यहां पर एक दिन में 1100 करोड़ टन बर्फ की चादर पिघल गई। इसके कारण एक महीने में समुद्र का जल स्तर 0.1 मिलीमीटर या 0.02 इंच बढ़ने की आशंका है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पिघला हुआ हिस्सा 40 लाख से अधिक ओलंपिक पूल के पानी के बाराबर था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीनलैंड ( Greenland ) में बर्फ की चादर के पिघलने की दर इससे पहले कभी भी इतनी तेज नहीं थी।
मई से पिघलने वाली बर्फ की चादर अभी तक काफी तेजी पानी में तब्दील हो रही है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार ग्लोबल वार्मिंक की वजह से जुलाई का माह काफी गर्म रहा है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं। 22 डिग्री सेल्सियस तापमान है और सिर्फ 24 घंटों में 1200 करोड़ टन बर्फ पिघल गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस साल सबसे ज्यादा बर्फ पिघली है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस साल संभावित पिघलने की दर 6 से 7 हजार करोड़ टन है, जो कि बहुत ज्यादा है।

चाय की चुस्की में मिलेगा बियर का स्वाद, इस कंपनी ने लॉन्च की अनोखी पेशकश
3 August 2019
सिडनी। अगर आपको बियर पीने का शौक है, लेकिन लोक लाज की वजह से मन मसोस कर बैठे हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। बियर की तलब भी दूर हो जाएगी और किसी को पता भी नहीं चलेगा। दरअसल, लोकप्रिय ऑस्ट्रेलियाई बीयर विक्टोरिया बिटर के निर्माताओं ने एक सीमित संस्करण वाली वीबी चाय बाजार में पेश की है।
इसमें सीलोन ब्लैक टी और सुपर प्राइड हॉप्स को मिलाया गया है।
ये उसी तरह की हॉप्स हैं, जो विक्टोरिया बिटर को उसकी कड़वाहट देती हैं। नतीजा, एक कप चाय, जिसमें बीयर जैसा स्वाद मिलता है। उन्होंने कथिततौर पर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट प्रशंसकों के लिए विशेष रूप से नॉन-एल्कोहलिक (गैर-मादक) बीयर के स्वाद वाली चाय बनाई है, जो इस महीने इंग्लैंड में अपनी राष्ट्रीय टीम को प्रतिस्पर्धा करते हुए देखते हैं।
देर रात या सुबह जल्दी, उस समय में जब बियर पीना अनुचित माना जाता है, तब बियर की तलब को दूर करने के लिए आप इस चाय की चुस्की ले सकते हैं। अच्छी बात यह होगी कि इसके पीने के बाद आपको नशा भी नहीं होगा। वीबी ब्रांड के निदेशक क्रिस मैक्सवेल ने कहा कि हम जानते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई VB के साथ क्रिकेट देखने से ज्यादा और किसी चीज को प्यार नहीं करते हैं।
इसलिए जब इंग्लैंड में मैच हो रहा होगा, तो सुबह के समय में उसे देखते हुए इस चाय का स्वाद उन्हें बियर की कमी महसूस नहीं होने देगा। बताया जा रहा है कि वीबी चाय दोनों को दूध के साथ और दूध के बिना पिया जा सकता है। इसे गर्म करके और ठंडा करके भी पिया जा सकता है।

हमजा बिन लादेन अमेरिका के लिए बहुत बड़ा खतरा था, इससे ज्यादा कमेंट नहीं कर सकता- ट्रंप
2 August 2019
वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि हमजा बिन लादेन अमेरिका के लिए बहुत बड़ा खतरा था। अलकायदा के राजकुमार के नाम से कुख्यात हमजा की मौत के बारे में मीडिया में आ रही खबरों पर ट्रंप कोई टिप्पणी करने से वह बचते रहे। बताते चलें कि इस आतंकी सगंठन के मुखिया और हमजा के पिता ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सील कमांडो ने पाकिस्तान के एबोटाबाद में एक अभियान चलाकर तलाश किया और फिर उसे वहीं मार डाला था।
डोनाल्ड ट्रंप से पत्रकारों ने पूछा था कि हमजा बिन लादेन की मौत के पीछे क्या अमेरिका की कोई भूमिका थी? इस पर ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा- 'मैं उसके बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। मगर, वह हमारे देश के लिए बहुत खतरनाक था। वह हमारे देश के बारे में बहुत बुरी बातें कह रहा था।
अमेरिकी मीडिया ने बुधवार को अनाम अधिकारियों के हवाले से बताया कि ट्रंप प्रशासन के पहले दो वर्षों के दौरान हमजा बिन लादेन की मौत हुई थी। अमेरिका की ओर से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि अगर हमजा की मौत की पुष्टि हो जाती है, तो यह कायदा के लिए एक और झटका है। इस आतंकी संगठन की जड़ें लगातार हुए अमेरिकी हमलों और आईएसआईएस के उदय से खोखली हो गई थीं।
बताते चलें कि न्यूयॉर्क टाइम्स पहला अमेरिकी पब्लिकेशन है, जिसने हमजा की मौत की खबर दी थी। डोनाल्ड ट्रंप ने ओसामा बिन लादेन के उत्तराधिकारी की मौत के बारे में पूछे जाने पर कहा- 'मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता।' उन्होंने कहा- 'लेकिन मैं कहूंगा, हमजा बिन लादेन हमारे देश के लिए बहुत खतरा था और आप ऐसा नहीं कर सकते। इसके अलावा, मेरी कोई टिप्पणी नहीं है।'
द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, हमजा बिन लादेन की उम्र 30 वर्ष से अधिक नहीं थी। आतंकवादी गतिविधियों में उसका नाम सबसे ज्यादा कुख्यात है, लिहाजा युवा हमजा उन लोगों को आकर्षित करने में सक्षम है जो दुनिया भर के जिहादी उसके पिता के लिए महसूस करते हैं।

ट्रंप ने चीन पर लगाए और ज्यादा टैरिफ, कहा व्यापार में धीमी चाल चल रहे हैं जिनपिंग
2 August 2019
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि एक सितंबर से उनकी योजना 300 बिलियन डॉलर के चीनी आयात पर 10 फीसद टैरिफ लगाने की है। उन्होंने कहा कि यदि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी व्यापार समझौते पर अधिक तेजी से कदम उठाने में विफल रहते हैं, तो टैरिफ को और बढ़ाया जा सकता है।
गुरुवार को की गई घोषणा के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग सभी चीन के आयातों के लिए ट्रंप के व्यापार टैरिफ का विस्तार किया गया है। इस कदम के बाद ट्रेड वॉर को लेकर हालिया दिनों में जो शांति बनी थी, वह खत्म हो गई है। बताते चलें कि ट्रेड वॉर की वजह से वैश्विक व्यापार श्रृंखला बाधित हुई थी।
ट्रंप ने कहा कि मुझे लगता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक डील करना चाहते हैं, लेकिन स्पष्ट रूप से वह बहुत तेजी से नहीं चल रहे हैं। ट्रंप ने ट्विटर पर कई पोस्ट करके इस बात की घोषणा की। इससे पहले उनके शीर्ष व्यापार वार्ताकारों ने उन्हें बताया था कि इस सप्ताह शंघाई में अमेरिकी-चीन वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं हुई है।
ट्रंप ने बाद में कहा कि यदि व्यापार वार्ता प्रगति में विफल रहती है, तो वह टैरिफ को और बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह इसे 25 फीसदी लेवी से आगे भी बढ़ा सकता है, जो उन्होंने पहले ही चीन से आयात होने वाले 250 अरब डॉलर की वस्तुओं पर लगाई है। इस समाचार ने अमेरिकी वित्तीय बाजारों को बड़ा झटका लगा है।
फरवरी 2016 के बाद ब्रेंट क्रूड की सबसे बड़ी दैनिक प्रतिशत गिरावट दर्ज करने के साथ तेल की कीमतें सात फीसद तक गिर गईं। बेंचमार्क एसएंडपी 500 गुरुवार दोपहर तक सकारात्मक रहने के बाद 0.9 फीसदी नीचे बंद हुआ। बेंचमार्क यूएस ट्रेजरी में भी गिरावट दर्ज की गई। रिटेल एसोसिएशन्स ने उपभोक्ता कीमतों के बढ़ने की भविष्यवाणी की।
वित्तीय बाजारों पर प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा- मैं इसके बारे में बिल्कुल चिंतित नहीं हूं। हालांकि, मूडीज ने कहा कि नए टैरिफ वैश्विक अर्थव्यवस्था पर उस समय बोझ डाल देंगे, जब अमेरिका, चीन और यूरो जोन में पहले से ही विकास की गति धीमी है।

अब पुरुषों की इजाजत लिए बिना सऊदी की महिलाएं कर सकती हैं अकेले यात्रा
2 August 2019
रियाद। सऊदी अरब में अब महिलाओं को पुरुष अभिभावक की अनुमति के बिना विदेश यात्रा करने की अनुमति मिलेगी। अभी तक लगे इस प्रतिबंध की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई भारी आलोचना के बाद इसे खत्म कर दिया गया है। ओकाज समाचार पत्र के अनुसार, कुछ महिलाओं को देश से भागने के लिए इस चरम उपाय का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करता है।
समाचार पत्र ने कहा कि अधिकारियों ने यात्रा दस्तावेजों और नागरिक की स्थिति को नियंत्रित करने वाले कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब 21 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को पासपोर्ट हासिल करने और एक अभिभावक की सहमति हासिल किए बिना देश छोड़ने की अनुमति होगी। हालांकि, अखबार ने यह नहीं बताया कि उसे यह जानकारी कहां से मिली।
राज्य के आधिकारिक गजट ने ट्वीट किया कि यात्रा नियमों, श्रम कानून और नागरिक स्थिति कानून में संशोधन को इसके अगले संस्करण में शामिल किया जाएगा। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी अरब के लिए अपने आर्थिक परिवर्तन की योजना के तहत सामाजिक प्रतिबंधों में ढील दी है। यह देश अब तेल से होने वाली आय के अलावा विविधता लाने के लिए विदेशी निवेश को आकर्षित करने की तरफ बढ़ रहा है।
सरकार ने राज्य की कुख्यात धार्मिक पुलिस की शक्तियों को भी सीमित कर दिया है और महिलाओं के कार चलाने पर लगाए गए प्रतिबंध को भी हटा लिया है। साथ ही अधिकारियों ने घरेलू आलोचना पर नकेल कसते हुए राज्य की सबसे प्रमुख महिला अधिकार कार्यकर्ताओं में से कुछ को गिरफ्तार कर लिया है।

ओसामा बिन लादेन का बेटा हमजा मारा गया, अमरीका ने रखा था 7 करोड़ का इनाम
1 August 2019
वाशिंगटन। आतंकी संगठन अलकायदा के सरगना रहे ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा के मारे जाने की खबर है। हालांकि अभी तक उसकी मौत की पुष्टि नहीं हुई है। अमरीकी मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उसे कहां मारा गया है यह पता नहीं चल सका है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया है।
गौरतलब है कि अमरीका ने हमजा का पता बताने वाले को 10 लाख डॉलर पुरस्‍कार देने की घोषणा की थी।
अमरीका के निशाने पर था हमजा
अमरीका ने कहा था कि हमजा अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए उस पर हमले की साजिश रच रहा है। आतंकी साजिश के खतरे को देखते हुए इतनी बड़ी पुरस्कार राशि रखी गई थी। 'जिहाद के युवराज' के नाम से जाने जाने वाले हमजा के ठिकाने का काफी दिनों से कोई अता-पता नहीं था।
अमरीका के दबाव में नागरिकता रद्द कर दी
कई वर्षों से कयास लगाए जा रहे थे कि हमजा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सीरिया में रह रहा है या फिर ईरान में नजरबंद है। अब उसके मारे जाने की सूचना सामने आई है। अमरीका के दबाव में आकर सऊदी अरब ने हमजा बिन लादेन की नागरिकता एक साल पहले ही रद्द कर दी थी।
कुछ दिन पहले ही की थी शादी
अल-कायदा के सरगना रहे ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा बिन लादेन ने पिछले दिनों शादी कर ली थी। हमजा ने 9/11 आतंकी हमले के लिए विमान हाइजैक करने वाले मोहम्मद अता की बेटी से यह शादी रचाई थी। ओसामा की मौत के बाद हमजा को संगठन का मुखिया घोषित किया गया था। वह अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए बड़ी आतंकी साजिश रच रहा था।
खबरों के मुताबिक, हमजा की पत्नी मिस्र की नागरिक है। ओसामा बिन लादेन के मरने के बाद से उसकी पत्नियां और बच्चे सऊदी अरब लौट गए थे जहां उन्हें पूर्व शहजादे मोहम्मद बिन नायेफ ने शरण दी थी। हमजा का नाम चीफ के रूप में अंतिम बार वर्ष 2018 में अलकायदा की ओर से जारी किया गया था।

ईरान पर सख्त हुआ अमरीका, विदेश मंत्री जवाद जरीफ पर लगाया बैन
1 August 2019
वॉशिंगटन। अमरीका ने ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ पर बैन लगा दिया है। बुधवार को अमरीकी ट्रेजरी विभाग के विदेश संपत्ति नियंत्रण कार्यालय ने वेबसाइट पर यह जानकारी दी। ट्रेजरी विभाग के अनुसार वह ईरान सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमेनी के इशारों पर काम कर रहे हैं।
ट्रेजरी के सचिव स्टीवन के अनुसार इतनी बड़ी जिम्मेदारी वाले पद पर बैठे जवाद जरीफ ईरान के सर्वोच्च नेता के एजेंडे को आंखमूंद कर लागू कर रहे हैं।
मेरे या मेरे परिवार पर कोई असर नहीं पड़ेगा
अमरीका ने प्रतिबंध के बाद जवाद जरीफ ( javad zarif ) ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 'बैन का मेरे या मेरे परिवार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उनके पास ईरान के बाहर कोई संपत्ति या हित नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे अपने एजेंडे को इतना बड़ा खतरा मानने के लिए धन्यवाद।'
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते टूटने के बाद से अमरीका और ईरान के बीच तनाव का माहौल है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बीते साल 2015 में यह समझौता तोड़ दिया था। वहीं इसी साल खाड़ी में तेल टैंकर पर हमले को लेकर अमरीका ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी थी। इसके बाद अमरीकी ड्रोन को ईरान ने गिरा दिया था। इन घटनाओं के अमरीका और ईरान के बीच युद्ध जैसा माहौल बना हुआ है।

मुस्लिमों पर सख्त हुई चीन की सरकार, बीजिंग से हटाए जा रहे इस्लामी चिह्न
1 August 2019
बीजिंग। मुस्लिमों को लम्बे समय से प्रताड़ित करता आया चीन एक बार फिर इस्लाम के खिलाफ सख्त हो गया है।चीन में इन दिनों इस्लामी प्रतीकों को पूरी तरह से हटाया जा रहा है। प्रशासन ने एक मुहिम के तहत आम जगहों पर लिखे इस्लाम के शब्दों को मिटाना शुरू कर दिया है। इसके साथ इस्लाम से जुड़ी तस्वीरों को हटाने का आदेश दिया है।
बीजिंग ऐसा पहला शहर होगा जहाँ इस तरह के आदेश का पालन किया जा रहा है। यहां नगर निगम के कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं और जगह-जगह पर लगे ऐसे बोर्डों को हटाने की कोशिश में लगे हैं।
हलाल शब्द से आपत्ति
यहां की कई नूडल्स की दुकानों में लिखा 'हलाल' शब्द हटाया जा रहा है। इसे ढंकने का प्रयास किया गया है। दुकानदारों ने कहा कि उन्हें जबरदस्ती इस काम के लिए बाध्य किया जा रहा है। उनसे यह भी कहा जा रहा है कि वह चीनी संस्कृति को अपनाएं और ज्यादा से ज्यादा चीनी भाषा का उपयोग करें। 2016 में भी चीन में अरबी भाषा और इस्लामिक तस्वीरों के इस्तेमाल के खिलाफ कैंपेन चलाया था।
चीन का कहना है कि उसके राज्य के सारे धर्म चीन की मुख्य धारा की संस्कृति के अनुरूप हों। गौरतलब है कि चीन में मुस्लिमों को अपने रीति रिवाज निभाने की इजाजत नहीं है। यहां पर प्रशासन चाहता है कि वे चीन के नियम कानून का ही पालन करे। चीन में 2 करोड़ की मुस्लिम आबादी है।
छलावा है धार्मिक आजादी का दावा
आधिकारिक तौर पर चीन में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता है लेकिन असलियत में सरकार कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा के प्रति वफादार रहने के लिए हर नागरिक को बाध्य कर रही है। चीन में सिर्फ मुस्लिमों पर ही नहीं है बल्कि चर्च पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। कई चर्च के क्रॉसेस को सरकार ने अवैध घोषित कर हटा दिया है।

अफगानिस्तान में बम धमाका, कम से कम 32 की मौत, 10 से ज्यादा घायल
31 July 2019
हेरात। अफगानिस्तान में बुधवार की सुबह हेरात-कंधार हाइवे पर आज बड़ा बम धमाका हुआ है। सड़क किनारे हुए इस तालिबानी बम के धमाके में कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं, जबकि 10 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
फराह प्रांत के प्रवक्ता फारुख बराकजई ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। यह धमाका ऐसे समय में हुआ है, जब एक ही दिन पहले संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि अफगानिस्तान के युद्ध में चौंकाने वाले स्तर पर निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। हालांकि, तालिबान ने तत्काल धमाकों की जिम्मेदारी नहीं ली है।
साल 2001 में अमेरिकी आक्रमण के बाद तालिबान की जड़ों को यहां से उखाड़ दिया गया था। मगर, एक बार फिर तालिबान ने यहां अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। इस महीने की शुरुआत में तालिबान ने नागरिक हताहतों की संख्या कम करने के लिए प्रतिज्ञा ली थी। अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान पर हमला करने के बाद करीब 18 वर्षों में यहां के नागरिकों ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है।
मंगलवार को यूएन ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2019 की पहली छमाही में हताहतों की संख्या 27 प्रतिशत कम हुई है, जो एक रिकॉर्ड था। मगर, फिर भी अफगानिस्तान में करीब 1,366 नागरिक मारे गए हैं और 2,446 अन्य लोग घायल हुए।
बता दें कि इस से पहले काबुल में रविवार को उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी अमरुल्ला सालेह के कार्यालय को निशाना बनाकर किए गए हमले में 20 लोगों की मौत हो गई थी। उस हमले में करीब 50 अन्य लोग घायल हो गए थे। हमला राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार अभियान के पहले दिन हुआ, जिसने देश में चिंताजनक सुरक्षा व्यवस्था की तस्वीर एक बार फिर सामने रखी है।

नेपाल में फिर बम ब्लास्ट, उड़ाया नगरपालिका का ऑफिस
31 July 2019
काठमांडू। शांतिप्रिय देश नेपाल से एक और बम धमाके की खबर आ रही है। बुधवार सुबह देश के नुवाकोट जिले में बड़े बम विस्फोट के बाद हड़कंप मच गया। जानकारी के मुताबिक, धमाका वहां के नगरपालिका कार्यालय में हुआ। इसके साथ ही देशभर कई और इलाकों में संदिग्ध वस्तुएं और हमलों की खबर ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है।
नगरपालिका के कार्यालय में हुआ धमाका
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नुवाकोट में नगरपालिका के कार्यालय पर धमाके के अलावा मकवानपुर में दो गाड़ियों पर हमले हुआ। इसके अलावा हेतौडा प्रांत में चार जगहों पर संदिग्ध वस्तुओं की जानकारी मिली है। सिलसिलेवार इन घटनाओं की जानकारी के बाद सैन्य बमनिरोधक दस्ता इन मौकास्थलों के लिए रवाना हुए। इस धमाके से जुड़ी अन्य जानकारियों का अभी भी इंतजार है।
तीन महीने के अंदर कई बार हुए धमाके
आपको बता दें कि अक्सर शांत रहने वाला पहाड़ी देश में बीते तीन महीनों के अंदर कई बार धमाके हुए। इससे पहले बीते 19 जुलाई को वहां धनगढ़ी के एक स्थानीय होटल में विस्फोट होने की जानकारी मिली थी। इस हादसे में कम से कम पांच लोग घायल हुए थे। हादसा शहर के शहीद गेट के पास हुआ, जिसके बाद देश की कानून व्यवस्था के ऊपर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर विरोध जताने के लिए लगाया गया सी-सॉ झूला
31 July 2019
लॉस एंजिलिस। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। चुनाव अभियान के दौरान किए अपने इस वादे को पूरा करने के लिए वह जी जान से जुटे हुए हैं। लेकिन विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी और कई संगठनों के विरोध की वजह से वह अब तक अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पाए हैं।
इस सब के बीच कैलिफोर्निया के दो प्रोफेसरों ने सीमा पर सी-सॉ झूले लगाकर ट्रंप की योजना के प्रति विरोध जताया है। सीमावर्ती अमेरिकी प्रांत न्यू मेक्सिको के सनलैंड पार्क और मेक्सिको के सिउदाद जुआरेज इलाके को अलग करने वाली बाड़ पर लगाए गए गुलाबी रंग के तीन सी-सॉ झूलों का बीते सोमवार को अनावरण किया गया। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में वास्तुकला के प्रोफेसर रोनाल्ड रायल और सैन जोश यूनिवर्सिटी में डिजाइन के प्रोफेसर सैन फ्रैटेलो के मुताबिक, वह करीब एक दशक से इस योजना पर काम कर रहे थे।
रोनाल्ड ने कहा कि इस योजना का सफल होना मेरे और फ्रैटेलो के जीवन का सबसे अतुलनीय अनुभव है। दीवार के चलते अमेरिका-मेक्सिको के रिश्ते प्रभावित हो रहे थे। झूले से ना सिर्फ दोनों देशों के बच्चे बल्कि वयस्क भी एक-दूसरे से जुड़ पाएंगे। इससे यह संदेश भी जाएगा कि सीमा के एक तरफ होने वाली घटना से दूसरी तरफ वाले लोग भी प्रभावित होते हैं।' सी-सॉ पर झूलते बच्चों के वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। कई लोगों ने इसकी सराहना की है। मेक्सिको के अभिनेता माउरिको मार्टिनेद ने कहा, 'यह झूला बताता है कि हम आपस में जुड़े हुए हैं।'

काबुल: बम विस्फोट में उड़ा उपराष्ट्रपति का ऑफिस, 20 लोगों की मौत
29 July 2019
काबुल। अफगानिस्तान में एक बड़े आत्मघाती हमले हमले से हड़कंप मच गया है। इस हमले का निशाना आगामी सितंबर में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार अमरुल्लाह सालेह ( attack on vice president candidate ) थे। हालांकि, वे हमले में बच गए।
काबुल स्थित उम्मीदवार के कार्यालय पर हुए आत्मघाती हमले में 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 अन्य घायल हो गए। इस बारे में अफगान प्रशासन की ओर से सोमवार को जानकारी साझा की गई।
28 सितंबर को होने वाले हैं उपराष्ट्रपति चुनाव
प्रशासन के मुताबिक पूर्व खुफिया प्रमुख अमरुल्लाह सालेह के कार्यालय के पास रविवार की शाम को 4.30 बजे कार विस्फोट हुआ। बता दें कि सालेह 28 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार हैं। यही नहीं वे अशरफ गनी के साथी के रूप में भी जाने जाते हैं। गृह मंत्रालय की प्रवक्ता नसरत रहीमी ने मीडिया को बताया, 'इस हमले में 20 लोगों की मौत हो गई। घटना में 50 लोग घायल भी हुए हैं। मारे गए लोगों में चार सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।'
आत्मघाती हमलावर सहित चारों हमलावर मारे गए
बताया जा रहा है कि तीन हमलावर कार्यालय के चार मंजिली इमारत में कई घंटों तक छिपे रहे। हमलावरों को वहां से निकालने के लिए सुरक्षा बलों ने एक अभियान चलाया। ऑपरेशन आधी रात तक चला। इसके बाद खुलासा हुआ कि हमले में आत्मघाती हमलावर सहित चारों हमलावर मारे गए हैं। इसके बाद मरने वालों की कुल संख्या 24 हो गई है।
अशरफ गनी का ट्वीट
प्रवक्ता ने कहा कि आंतरिक मंत्रालय इस घटना की जांच कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमारत में फंसे करीब 150 लोगों को सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाला। इस हमले के बाद अशरफ गनी ने ट्वीट किया है, 'मेरे भाई, अफगानिस्तान की मिट्टी के सच्चे बेटे और मेरे चुनावी टीम में उपराष्ट्रपति पद के पहले उम्मीदवार अमरूल्लाह सालेह देश के दुश्मनों के हमले में बच गए हैं।'

ट्रंप ने दिया वफादारी का इनाम, जॉन रैटक्लिफ होंगे खुफिया विभाग के निदेशक
29 July 2019
वाशिंगटन। अपने कार्यकाल के आखिरी साल में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बड़े फैसले और US प्रशासन में कई अहम बदलाव करते नजर आ रहे हैं। अब ट्रंप ने कांग्रेसी जॉन रैटक्लिफ को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के पद के लिए नामित किया है।
इस घोषणा के साथ ट्रंप ने पदभारी डैन कोट्स की आगामी दो हफ्तों में विदाई का भी ऐलान किया।
15 अगस्त को अपना पदभार छोडेंगे वर्तमान निदेशक कोट्स
सोमवार को किए एक ट्वीट में अमरीकी राष्ट्रपति ने कोट्स को उनकी सेवाओं के लिए बधाई देते हुए लिखा कि वे 15 अगस्त को अपना पदभार छोड़ देंगे। इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी वादा किया कि वे कार्यवाहक निदेशक के नाम की भी जल्द घोषणा करेंगे। अमरीका के स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बीते हफ्ते न्यायिक कमिटी में रॉबर्ट मूलर के मामले को जॉन ने जिस तरह संभाला, उससे ट्रंप काफी प्रभावित हुए थे।
ट्रंप ने ट्वीट कर की तारीफ
ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है कि टेक्सास के अत्यधिक सम्मानित रिपब्लिकन जॉन रैटक्लिफ को मैं राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में नामित कर रहा हूं। एक पूर्व अमरीकी अटॉर्नी रहे जॉन अपने देश को महान नेतृत्व और प्रेरणा देंगें, जिसे वह प्यार करते हैं।'
ट्वीट में ट्रंप ने आगे लिखा कि डैन 15 अगस्त को कार्यालय छोड़ देंगे। और जल्द ही कार्यकारी निदेशक के नाम की घोषणा की जाएगी।

अमरीका: फूड फेस्टिवल में ताबड़तोड़ फायरिंग से 4 लोगों की मौत, 11 घायल
29 July 2019
वाशिंगटन। भीड़ में घुसकर फायरिंग की एक घटना से अमरीका फिर खौफ में हैं। अमरीका से गोलीबारी की बड़ी घटना की खबर आ रही है। कैलिफोर्निया के वार्षिक फूड फेस्टिवल गिलरॉय गार्लिक में एक शख्स ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं। क्रिसमस हिल पार्क में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम का वीडियो भी सामने आया है।
कई के हताहत होने की खबर
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस गोलीबारी में 11 लोग घायल हुए हैं। कई लोगों के मारे जाने की भी आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने कहा है कि मौके पर कम से कम 17 लोगों को गोली लगी है। इन्हें एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हालांकि, अभी तक पीड़ितों के संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। इसके साथ ही इस बात की भी जानकारी नहीं मिल पाई है कि फायरिंग में कितने हमलावरों का हाथ था।
घटनास्थल की घेराबंदी कर छानबीन शुरू
घटना के वीडियो से पता चलता है कि गोली की आवाज से फेस्टिवल में आए लोगों में दहशत फैल गई। लोग समारोह छोड़कर भागने लगे और वहां भगदड़ का माहौल पैदा हो गया था। लोग अपनी जान बचाने के लिए यहां-वहां तेजी से भाग रहे थे। घटना के बारे में जानकारी मिलते ही पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल की घेराबंदी कर छानबीन शुरू कर दी।
फेस्टिवल में कई राउंड फायरिंग
फेस्टिवल में आए प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वहां कई राउंड फायरिंग हुई। लोगों ने बताया कि उन्होंने हमलावर को भी देखा था, जिसने सेना की वर्दी जैसे कपड़े पहने थे और हाथ में राइफल लिए हुए था। फायरिंग शुरू होने पर आसपास के लोगों को यह पटाखे की आवाज जैसा लगा। हालांकि, उन्हें बाद में पता चला इस मशहूर फेस्टिवल में गोलीबारी को अंजाम दिया गया है।

चीन को अलविदा कहकर भारत का रुख करेगी दुनिया की सबसे बड़ी खिलौना कंपनी
26 July 2019
नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार के बीच एक और दिग्गज कंपनी चीन से रुखसत होने की तैयारी कर रही है। दुनिया की सबसे बड़ी खिलौना कंपनी हैसब्रो इंक चीन को जल्द ही अलविदा कहने की तैयारी में है। यह दिग्गज अमेरिकी कंपनी भारत और वियतनाम में नए उत्पादन संयंत्रों पर फोकस कर रही है। कंपनी के पास फ्रोजन और एवेंजर्स जैसे मशहूर ब्रांड्स का लाइसेंस है। हैसब्रो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ब्रायन गोल्डनर ने दूसरी तिमाही के नतीजे जाहिर करने के बाद एक कांफ्रेंस कॉल में इस बात की जानकारी दी।
गोल्डनर ने कहा कि चीन में अमेरिकी कंपनियों का उत्पादन अगले साल के अंत तक घटकर 50 फीसद पर आ सकता है। वहां अमेरिकी कंपनियां पहले ही उत्पादन घटाकर दो-तिहाई (66 फीसद) से कम पर ले आई हैं। उन्होंने कहा, 'हम उत्पादन के लिए दुनियाभर के नए बाजारों की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। इसलिए हम नए बाजारों में प्रवेश कर खुशी का अनुभव कर रहे हैं।' हालांकि चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार पर इस महीने के आखिर में नए सिरे से बातचीत होने की संभावना है। लेकिन पिछले कुछ महीनों के दौरान कई कंपनियों ने चीन में उत्पादन पर निर्भरता कम करने की योजना बना ली है।
ट्रेड वार पर कोई नतीजा नहीं निकलता देखते हुए इंटेल कॉर्प जैसी बड़ी कंपनियां चीन में अपने उत्पादन की समीक्षा कर रही हैं। चीन दशकों से दुनियाभर की कंपनियों के लिए उत्पादन का प्रमुख स्रोत रहा है। लेकिन अब यह गणित बदलता दिख रहा है। हालांकि गोल्डनर ने माना कि चीन में अभी भी कम कीमत में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण की क्षमता है। वह किसी न किसी रूप में कंपनी के दुनियाभर के नेटवर्क के लिए प्रमुख बाजार रहने वाला है। लेकिन ट्रेड वार की चिंता के बीच उसे पहले ही कारोबारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
कंपनी की मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) देबोरा थॉमस ने कहा कि कंपनी के कई रिटेलर दूसरी तिमाही के दौरान प्रमुख उत्पादन स्थानों से सीधे ऑर्डर देने में हिचकिचाते रहे। उन्होंने कहा कि अगर चीन से आयात पर अमेरिका शुल्क और बढ़ाता है, तो चौथी तिमाही में कंपनी पर इसका असर दिख सकता है।

उत्तर कोरिया ने नए तरीके की छोटी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल की लॉन्च
26 July 2019
सियोल। दक्षिण कोरिया ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया ने दो महीने की शांति के बाद एक बार फिर बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। नए तरीके की दो शॉर्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल को गुरुवार को समुद्र में दागा गया। पूर्वी सागर में गिरने से पहले मिसाइलों ने करीब 430 किलोमीटर और 690 किमी की दूरी तक उड़ान भरी। यह पुष्टि दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने की।
बताया जा रहा है कि वॉशिंगटन और प्योंगयांग के बीच जारी परमाणु निरस्त्रीकरण की वार्ता के दौरान दबाव बनाने के लिय उत्तर कोरिया ने यह परीक्षण किया है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच अगले महीने होने वाले सैन्य अभ्यासों को लेकर चेतावनी दिए जाने के बाद यह कदम उठाया है। ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने दोनों मिसाइलों को शॉर्ट-रेंज बैलेस्टिक मिसाइल बताया, लेकिन इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।
गुरुवार को एक राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ब्लू हाउस ने कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा लॉन्च की गई मिसाइल "एक नई तरह की छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों" थीं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों द्वारा उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक तकनीक का उपयोग करके किसी भी प्रक्षेपण में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
लिहाजा, उत्तर कोरिया को नए प्रक्षेपणों पर अंतर्राष्ट्रीय आलोचना का सामना कर सकता है। मगर, उत्तर कोरिया के लिए ऐसा होने की संभवना कम ही है क्योंकि उस पर संयुक्त राष्ट्र के 11 प्रतिबंध पहले से ही लगे हैं और नए दंडात्मक उपायों के तहत प्रतिबंध तभी लग सकता है, जब वह लंबी दूरी के बैलिस्टिक लॉन्च करे, न कि छोटी दूरी के बैलिस्टिक लॉन्च।
बताते चलें कि उत्तर कोरिया ने आखिरी बार 9 मई को छोटी दूरी की मिसाइलें दागी थीं, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने काफी साधारण मिसाइलें करार दिया था। उन्होंने कहा था कि इससे उत्तर कोरिया नेता किम जोंग उन के साथ उनके रिश्ते प्रभावित नहीं होंगे। किम और ट्रंप असैन्यीकृत क्षेत्र में 30 जून को हुई बैठक में वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमत हो गए थे।
इस बैठक के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा था कि कार्यकारी स्तर की वार्ता जुलाई मध्य में शुरू होगी। हालांकि, पिछले सप्ताह उत्तर कोरिया ने सैन्य अभ्यासों को लेकर चेतावनी दी थी। ये सैन्य अभ्यास कुछ वर्षों से बंद थे और परमाणु संपन्न देश के साथ तनाव कम करने के लिए इन अभ्यासों को रोक दिया गया था।

ब्रिटिश नौसेना होर्मुज स्ट्रेट में अपने जहाजों को देगी सुरक्षा
26 July 2019
लंदन। ईरान की जल सीमा के सटे होर्मुज स्ट्रेट (खाड़ी) से गुजरने वाले ब्रिटेन के जहाजों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ब्रिटिश नौसेना को सौंपी गई है। ब्रिटेन सरकार ने यह कदम खाड़ी में ईरानी सैनिकों के ब्रिटिश जहाज को जब्त करने के कदम के बाद उठाया है।
इससे पहले चार जुलाई को ब्रिटिश नौसेना ने सीरिया जा रहे ईरानी तेल टैंकर को जिब्राल्टर के पास जब्त कर लिया था। उसके चालक दल के सदस्यों में ज्यादातर भारतीय हैं। ब्रिटिश अधिकारियों ने बंदी भारतीयों को स्वस्थ और सुरक्षित बताया है।
ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि जिस भी जहाज पर ब्रिटेन का झंडा लगा होगा, नौसेना उन सभी को सुरक्षा देगी। यह बयान हफ्ते भर से ब्रिटिश झंडे वाले जहाज स्टेना इंपेरो को ईरान द्वारा रोके जाने के बाद आया है। जहाज पर सवार चालक दल के 23 सदस्य ईरान के कब्जे में हैं।
इस बीच फ्रांस ने कहा है कि वह खाड़ी में अतिरिक्त सुरक्षाबल नहीं भेजने जा रहा। लेकिन तैनात बल से मिलने वाली सूचनाओं को साझा करने में उसे कोई हर्ज नहीं है। स्टेना इंपेरो को रोकने से पहले ईरान ने अपने तेल टैंकर को जिब्राल्टर के पास रोके जाने पर ब्रिटेन को चेताया था। ब्रिटेन का युद्धपोत एचएमएस मॉन्ट्रॉस खाड़ी में सहायक सैन्य जहाजों के साथ मौजूद है। लेकिन स्टेना इंपेरो को ईरान के कब्जे में जाने से वह बचा नहीं पाया। दुनिया के सबसे व्यस्त जल मार्गों में शुमार इस खाड़ी में ब्रिटेन ने अपनी सुरक्षा को सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा दिया है और जहाजों को आगाह किया है कि वे ईरानी जल सीमा से दूर रहें।

14 दिन के लिए बढ़ी Hafiz Saeed की न्यायिक हिरासत
25 July 2019
लाहौर। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड Hafiz Saeed की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी गई है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी सईद को गुजरांवाला स्थित आतंक रोधी न्यायालय ने 17 जुलाई को सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेज था।
सईद को 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। वह अपने खिलाफ दर्ज मामलों में गिरफ्तारी से पहले ही जमानत लेने के लिए लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था।
उसकी अवधि पूरी होने पर बुधवार को फिर उसे ATC के सामने पेश किया गया। सुनवाई के दौरान अदालत ने सईद की न्यायिक हिरासत 14 दिन बढ़ाने का आदेश दिया।
CTD ने तीन जुलाई को सईद समेत जमात-उद-दावा के 13 आतंकियों के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।
उसे आतंकवाद रोधी अदालत के समक्ष भी पेश कर दिया गया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'यह पहली बार नहीं है जब Hafiz Saeed की गिरफ्तारी हुई है। अब देखना है कि यह बस नाटक है या उसे सजा होगी।'

श्रीलंका ने फिर शुरू की मुफ्त वीजा की सुविधा, भारत भी शामिल, 1 अगस्‍त से होगी लागू
25 July 2019
कोलंबो। श्रीलंका ने देश के पर्यटन क्षेत्र को फिर पटरी पर लाने के लिए आगमन पर मुफ्त वीजा सेवा को फिर शुरू करने की घोषणा की है। यह सेवा एक अगस्त से प्रभावी होगी।
यह एक अगस्त से प्रभावी होगी। समाचार पोर्टल श्रीलंका मिरर ने पर्यटन एवं ईसाई मामलों के मंत्री जॉन अमारातुंगे के हवाले से कहा है कि 39 देशों को दी जाने वाली इस सेवा को फिर से शुरू कर दिया गया है।
अब इस सेवा का लाभ भारत और चीन के पर्यटकों को भी मिलेगा। पहले भारत और चीन के पर्यटकों को इस सेवा का लाभ नहीं मिलता था।
इस बार इस सेवा का लाभ भारत और चीन के पर्यटकों को भी मिलेगा। ईस्टर के दिन हुए आतंकी हमले के बाद श्रीलंका ने इस सेवा को रोक दिया था।
21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में 9 आत्मघाती हमलावरों ने तीन चर्च और कई लक्जरी होटल पर हमले को अंजाम दिया था। इसमें 258 लोगों की मौत हो गई थी।
घटना के बाद श्रीलंका ने 39 देशों को दी जाने वाली आगमन पर मुफ्त वीजा सेवा को बंद कर दिया था। श्रीलंका ने बुधवार को जानकारी दी कि इस सेवा को फिर से शुरू किया गया है।

निजता उल्लंघन के मामले में फेसबुक अदा करेगा पांच अरब डॉलर का जुर्माना
25 July 2019
वाशिंगटन। यूजर्स की निजता के उल्लंघन के मामले में सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक पांच अरब डॉलर यानी करीब 39 हजार करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान करेगी। अमेरिकी नियामक फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने ब्रिटिश फर्म कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा की गई डाटा चोरी को लेकर फेसबुक पर यह जुर्माना लगाया था। कैंब्रिज एनालिटिका ने लाखों भारतीयों समेत आठ करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स का डाटा लिया था और बाद में उस डाटा का इस्तेमाल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने में किया गया था।
गौरतलब है एफटीसी ने इस महीने की शुरुआत में ही फेसबुक पर जुर्माना लगाए जाने की घोषणा की थी। इस फैसले को एजेंसी में दो के मुकाबले तीन वोट से मंजूरी दी गई थी। निजता के उल्लंघन मामले में किसी भी टेक फर्म पर एफटीसी की ओर से लगाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है। कैंब्रिज एनालिटिका के अलावा भी फेसबुक को यूजर्स की गोपनीयता और डाटा सुरक्षा में खामियों को लेकर कई अन्य आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
हाल ही में फोटो शेयरिंग साइट इंस्टाग्राम के लाखों यूजर का पासवर्ड सुरक्षित रखने में लापरवाही करने को लेकर पर फेसबुक पर सवालिया खड़े हुए थे।
पहले भी लग चुका है जुर्माना निजता उल्लंघन के मामले में फेसबुक पर पहले भी जुर्माना लग चुका है। पिछले साल ब्रिटिश सूचना कार्यालय ने भी फेसबुक पर पांच लाख पौंड (करीब 4.30 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना भी कैंब्रिज एनालिटिका के डाटा चोरी मामले में फेसबुक की भूमिका को लेकर लगाया गया था।

अमरीका: 9/11 हमले के पीड़ितों को बड़ी राहत, एक दशक बाद सेनेट ने बढ़ाया मुआवजा
24 July 2019
वाशिंगटन। 11 सितंबर 2001 को अमरीका में हुए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद दुनिया भर में हड़कंप मच गया था। इन हमलों ने केवल अमरीका को नहीं बल्कि पूरी दुनिया झकझोर कर रखा दिया था। 9/11 के आतंकी हमले में हजारों लोग जहां मारे गए, वहीं कई ऐसे लोग भी थे जो आर्थिक और शारीरिक रूप से प्रभावित भी हुए। इन्हें मुआवजा देने की मांग बीते एक दशक से हो रही थी।
अब अमरीकी सीनेट ने इन पीडियों को बड़ी राहत दी है। सीनेट में मंगलवार को भारी मतदान के बाद करीब 10.2 बिलियन डॉलर के मुआवजे को पास कर दिया गया।
पक्ष में 97 लोगों ने मतदान किया
इसके पक्ष में 97 लोगों ने मतदान किया, वहीं दो लोगों ने इसके विपक्ष में वोट डाला। करीब दस साल से मुआवजे को बढ़ाने की मांग हो रही थी। गौरतलब साल 2001 में इस हमले के बाद इमरात के मलबे को हटाने में कई राहत कर्मी बीमारी के चपेट में आए गए। मलबे की धूल को हटाने में उन्हें कई साल लग गए। जिसके कारण हजारों राहत कर्मियों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ा।
9/11 समुदाय के पीड़ितों ने कंधों पर उठा लिया
मुआवजे का बिल पास होने बाद, स्टीवर्ट को रोते हुए जॉन फील ने गले लगा लिया। वह भी एक निर्माण कर्मी थे। ग्राउंड ज़ीरो पर काम के दौरान वह घायल हो गए थे। दोनों ने इस मुआवजे के लिए दस साल लड़ाई लड़ी। नीले रंग की फायरफाइटर टी-शर्ट पहने हुए स्टीवर्ट ने कहा कि वह बहुत की खुशी महसूस कर रहे हैं। 9/11 समुदाय के पीड़ितों ने उन्हें अपने कंधों पर उठा लिया।
हमले के बाद कई राहत कर्मियों की मौत कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के कारण हुई। इस दौरान उनके परिवार को गंभीर मुसीबतों का सामना करना पड़ा। आर्थिक स्थिति बेहतर न होने के कारण वह अपनों को बचा नहीं पाए। सीनेट में अपील की गई कि ऐसे पीड़ितों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाने की जरूर होगी।

पाक पीएम इमरान खान का दावा, वाजपेयी और मुशर्रफ कश्मीर मुद्दे को हल करने के बहुत करीब थे
24 July 2019
वाशिंगटन। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयपेयी के कार्यकाल को याद कर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ कश्मीर मुद्दे के हल के काफी करीब पहुंच गए थे।
उन्होंने कहा कि दोनों देश कश्मीर के समाधान के बिल्कुल करीब थे। खान ने अमरीकी कांग्रेस द्वारा वित्तपोषित विचारमंच ‘यूएस इंस्टीट्यूट आफ पीस’ में एक सवाल के जवाब में ये बातें कहीं।
कश्मीर विवाद का कारण
हालांकि इमरान ने इस मुद्दे पर विस्तार से बात नहीं की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कश्मीर के कारण सदियों से भारत और पाक के बीच विवाद का कारण रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारे संबंध शुरू से ही खराब रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद के कई कारणों में कश्मीर सबसे बड़ा मुद्दा है।
इमरान ने कहा कि जब भी पाक सरकार ने सही दिशा में कदम बढ़ाने शुरू किए है। तभी किसी घटना की वजह से बातचीत अचानक बंद हो जाती है।
देंगे भारत का साथ
खान ने कहा कि पाकिस्तान की सबसे बड़ी प्राथमिकता भ्रष्टाचार को खत्म करना है। इसके अलावा मजबूत संस्थानों को खड़ा करना है। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र में स्थिरता होनी चाहिए। खान ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने सबसे पहले भारत से संपर्क बनाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि अगर वह एक कदम बढ़ाएगा तो वह दो कदम उठाएंगे।
गौतरलब है कि अमरीका की तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर आए खान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वाइट हाउस में मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने की पहली बातचीत थी। इमरान ने बैठक को बहुत सफल बताया जिससे द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने में मदद मिली।

हांगकांग में बेकाबू हुए हालात, चीन ने किया सेना तैनात करने का ऐलान
24 July 2019
हांगकांग। विवादित प्रत्यर्पण बिल को लेकर हांगकांग में विरोध प्रदर्शन बेकाबू होता जा रहा है। हांगकांग की सुप्रीम नेता कैरी लैम की ओर से बिल को निरस्त करने के ऐलान के बाद भी लोगों का प्रदर्शन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
अब चीनी सेना ने इस मामले में हस्तक्षेप करने का प्रस्ताव पेश किया है। चीनी सेना ने कहा कि हांगकांग के अनुरोध पर चीनी सेना शहर में तैनात की जा सकती है।
चीनी सेना के प्रवक्ता का बयान
चीनी सेना की ओर से कहा गया कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सरकार की अपील पर आर्मी तैनात की जा सकती है। चीनी सेना के प्रवक्ता वू किअन ने कहा कि रविवार को लीएजॉन ऑफिस को सीज करना असहनीय है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि कार्यालय के साथ जो तोड़फोड़ की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उपद्रवियों सारी हदें पार कर दी और इसके साथ ही 'एक देश, दो सिस्टम' की निचली रेखा को भी चुनौती दी है।
हांगकांग की हर गतिविधि पर नजर
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सेना के प्रवक्ता ने कहा,'हम हांगकांग में जारी गतिविधियों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। खासकर, 21 जुलाई को केंद्र सरकार के कार्यालय पर हुई घटना के बारे में हमें हर जानकारी है।' बयान में आगे कहा गया,'कट्टरपंथी प्रदर्शनकारियों का कुछ व्यवहार केंद्र सरकार के अधिकार और 'एक देश, दो प्रणालियों' की निचली रेखा को चुनौती दे रहा है। यह असहनीय है।'
आर्टिकल 14 और गैरिसन कानून हो सकता है लागू
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब प्रवक्ता से पूछा गया कि वो इस स्थिति को कैसे संभालेंगे, इसके जवाब में वू ने कहा,'ऐसे मामलों में आर्टिकल 14 और गैरिसन कानून स्पष्ट नियम हैं।' बता दें कि हांगकांग में बीते महीने से प्रत्यर्पण बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है।
क्या है मामला?
इस बिल में प्रस्तावित प्रावधान के तहत हांगकांग के संदिग्धों और आरोपियों को चीन को प्रत्यर्पित करने का प्रावधान है। प्रदर्शनकारी इसे आजादी पर खतरा बताते हुए इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन करने के बाद हांगकांग की नेता ने इस बिल को Dead करार दिया था।

ट्रंप के बयान से भड़का अफगानिस्तान, अमरीका से मांगी सफाई
23 July 2019
कंधार। अफगानिस्तान में शांति बहाली को लेकर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अफगानिस्तान में वे एक सप्ताह में युद्ध को खत्म कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए लाखों लोगों को जान गवांनी पड़ सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय ने मंगलवार को फौरन आपत्ति जताया और काबुल स्थित अमरीकी दूतावास से स्पष्टीकरण मांगा।
ट्रंप ने सोमवार को कहा 'यदि मैं युद्ध जीतना चाहूंगा तो, अफगानिस्तान का सफाया हो जाएगा’। 'ऐसा करने में मुझे केवल 10 दिन लगेंगे’। हालांकि ट्रपं ने यह नहीं बताया कि यह कैसे किया जाएगा।
बता दें कि अमरीका यात्रा पर पहुंचे इमरान खान के साथ मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने यह आपत्तिजनक टिप्पणी की। इस दौरान दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने सहित कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की।
ट्रंप ने कहा कि हम खुद को निकालने के लिए पाकिस्तान और अन्य लोगों के साथ काम कर रहे हैं। न ही हम पुलिसकर्मी बनना चाहते हैं, क्योंकि मूल रूप से हम अभी पुलिसकर्मी हैं और हमें पुलिसवाला नहीं समझा जाना चाहिए।
डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर अफगानिस्तान ने जताई आपत्ति
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर अफगानिस्तान ने आपत्ति जताई है। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 'हम अफगानिस्तान में शांति सुनिश्चित करने के अमरीकी प्रयासों का समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार इस बात को रेखांकित करती है कि किसी देश का प्रमुख अफगानिस्तान के भाग्य का फैसला नहीं कर सकता है।' सोशल मीडिया पर, अफगानों और विश्लेषकों ने अपने स्वयं के भारी बमबारी के साथ जवाबी कार्रवाई की।
अफगानिस्तान में ट्रंप के बयान पर आम लोगों व विशेषज्ञों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रहमतुल्ला नबील (अफगानिस्तान के आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एक उम्मीदवार) ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के 'अपमान’ के जवाब में अशरफ गनी से लेकर तालिबान तक सभी अफगानी नेताओं को अपने स्वार्थ को छोड़ना चाहिए और घोषणा करनी चाहिए कि हम आपस में मिलकर शांति बहाली की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि अमरीका या पाकिस्तान से मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं है।
बता दें कि अमरीका में अल-कायदा के आतंकियों द्वारा 9/11 के हमले के बाद 2001 से अमरीकी सैनिक अफगानिस्तान में आतंकियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। अमरीका के इतिहास में यह सबसे अधिक दिनों तक चलने वाला लड़ाई है।
पाकिस्तानी नेता के एक बयान के अनुसार, वाशिंगटन में सोमवार को ट्रंप और इमरान खान ने बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि लाने के लिए सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने अफगान शांति और सुलह प्रक्रिया की प्रगति की समीक्षा की। लेकिन इमरान खान ने कहा कि प्रक्रिया में लगातार आगे बढ़ना एक साझा जिम्मेदारी है।

दक्षिण कोरिया का दावा, रूसी लड़ाकू विमानों ने किया हवाई सीमा का उल्लंघन, मास्को का इनकार
23 July 2019
सियोल। दक्षिण कोरिया ने रूसी लड़ाकू विमानों पर फायरिंग करने का दावा किया है। देश के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि रूसी लड़ाकू विमान ने देश की हवाई सीमा का उल्लंघन किया था, जिसपर चेतावनी देते हुए उनपर फायरिंग की गई।
मंत्रालय के मुताबिक एक साथ कई रूसी लड़ाकू विमान देश के पूर्वी हिस्से में प्रवेश कर गए थे।
रूसी विमानों ने दो बार की घुसपैठ की कोशिश
मीडिया को जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि रूसी लड़ाकू विमानों ने दक्षिण कोरियाई हवाई क्षेत्रों में दो बार घुसपैठ करने की कोशिश की।
इसके बाद वायुसेना को मजबूरन विमानों को खदेड़ना पड़ा और चेतावनी देते हुए हवाई फायरिंग की गई। मंत्रालय ने बताया कि पहली बार स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 9 बजे लड़ाकू विमान हवाई सीमा में घुसे थे। इस दौरान करीब तीन मिनट तक ये विमान सीमा के अंदर रहे।
आखिर इमरान खान के साथ अमरीका क्यों पहुंचे पाक सेना प्रमुख और ISI चीफ ?
दक्षिण कोरिया ने तैनात किया F-15k और F-16k लड़ाकू विमान
इसके बाद करीब आधे घंटे बाद फिर से सभी विमान वापस लौटे। कोरियाई सेना के मुताबिक इस बार ये विमान चार मिनट तक सीमा में रहे। इसकी जवाबी कार्रवाई में वायुसेना ने कई F-15k और F-16k लड़ाकू विमान तैनात किए। इसके साथ ही कई राउंड हवाई फायरिंग कर चेतावनी दी।
मॉस्को ने किया खंडन
दक्षिण कोरियाई अधिकारियों के मुताबिक, यह पहला मौका था जब किसी रूसी विमान ने दक्षिण कोरियाई हवाई सीमा का उल्लंघन किया था। फिलहाल, सेना इस मामले की जांच कर रही है। सेना ने बताया कि यह मुठभेड़ डोकडो के पूर्वी द्वीपों के पास हुई। यह एक विवादित द्वीप है जिसपर दक्षिण कोरिया का अधिकार है, लेकिन जापान भी इसपर अपना दावा करता है।
इस घटना पर सियोल के रक्षा मंत्रालय ने रूसी अधिकारियों के सामने ऐतराज जताने का निर्णय लिया है। हालांकि, घटना पर मॉस्को की ओर से कोई तत्काल टिप्पणी नहीं आई । लेकिन बाद में रूसी रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर इस ऑपेरशन से इनकार किया।

श्रीलंका में एक महीने के लिए फिर बढ़ा आपातकाल, राष्ट्रपति ने की घोषणा
23 July 2019
कोलंबो। श्रीलंका में 21 अप्रैल को ईस्टर संडे के मौके पर सीरियल ब्लास्ट हुए थे। ब्लास्ट के बाद सुरक्षा के मद्देनजर देश में लगाए गए आपातकाल की सीमा को चौथी बार अब एक महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने सोमवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने देश में सुरक्षा हालात के मद्देनजर ऐसा किया है।
डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, सिरिसेना ने एक असाधारण गजट अधिसूचना पर हस्ताक्षर किया, जिसमें कहा गया कि आपातकाल सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था के संरक्षण व समुदाय के जीवन के लिए आपूर्ति व सेवाएं को बनाए रखने के लिए प्रभावी है। बता दें कि, 21 अप्रैल ईस्टर के दिन श्रीलंका में तीन चर्च और तीन होटलों को निशाना बनाते हुए 9 आत्मघाती हमलावरों ने हमले को अंजाम दिया था।
यह हमला 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम के साथ गृहयुद्ध समाप्त होने के बाद सबसे बड़ा हमला था। श्रीलंका की सरकार ने इस सीरियल ब्लास्ट के लिए स्थानीय इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन नेशनल तौहिद जमात को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि घटना के दो दिन बाद आतंकी संगठन ISIS ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 11 भारतीय समेत 258 लोगों की मौत हो गई थी।

ईरान का दावा: पकड़े गए 17 अमरीकी जासूस, कई को मृत्युदंड
22 July 2019
दुबई। ईरान और अमरीका के तनाव ( US Iran Tensions ) के चलते दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ लगातार कार्रवाईयां करते नजर आ रहे हैं। तेल टैंकरों पर हमले के बाद अब ईरान ने अमरीका के 17 जासूसों को गिरफ्तार किया है। ये सभी अमरीका के खुफिया विभाग सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के लिए काम कर रहे थे। इस बारे में ईरानी मीडिया से जानकारी मिल रही है।
जून में भी किया था जासूसों को पकड़ने का खुलासा
ईरानी मीडिया ने इन जासूसों की CIA अधिकारियों के साथ कुछ तस्वीरें भी साझा की। बता दें कि ईरान के आरोपों पर CIA या किसी अन्य अमरीकी अधिकारियों की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। ईरान ने जून में ही CIA के एक सर्कल के बारे में खुलासा किया था। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि सोमवार को किया गया ऐलान उसी संबंध में था या नहीं।
कई जासूसों को मिला मृत्युदंड
आपको बता दें कि मई में अमरीका की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद ईरान ने यह ऐलान किया है। दोनों देशों के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। खुफिया मंत्रालय के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि 17 जासूसों को मार्च 2019 में गिरफ्तार किया गया था। ये सभी आर्थिक, परमाणु, इंफ्रास्ट्रक्चर, सेना और साइबर जैसे संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण सेक्टरों में तैनात थे। ये जासूस इन क्षेत्रों से गोपनीय जानकारियां इकट्ठी करते थे। मंत्रालय ने साथ ही दावा किया कि इनमें से कई को गिरफ्तार किया है। कई को मृत्युदंड की भी सजा सुनाई है।

यूरोपीय संघ के सदस्यों ने बलूचिस्तान के लिए उठाई अवाज, ट्रंप को पत्र लिख पाकिस्तान के अत्याचारों की खोली पोल
22 July 2019
वाशिंगटन। यूरोपीय संसद (एमईपी) के 16 सदस्यों ने संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्हें बलूचिस्तान, पाकिस्तान में बिगड़ती स्थिति में हस्तक्षेप करने के लिए कहा गया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अमरीकी यात्रा से पहले यह पत्र आया है।
फ्रांस में बीते सप्ताह यूरोपीय संसद पूर्ण सत्र के दौरान 16 यूरोपीय संघ के सदस्यों द्वारा पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। नेताओं ने बलूच लोगों की विकट स्थिति को सामने रखते हुए कहा कि दशकों से, बलूचिस्तान के लोगों ने अपने संसाधनों और जीवन की सुरक्षा के लिए संघर्ष किया है और अपनी राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए कड़ा संघर्ष किया है।
संसाधनों को जब्त करने में लगी पाक सेना
पत्र में यह भी लिखा गया है कि बीते चार दशक से बलूच अपने संसाधनों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पाकिस्तानी सेना लगातार इन पर अत्याचार कर रही हैं। वह बलूचिस्तान के संसाधनों को जब्त करने के लिए अपनी सारी हदे पार कर चुकी है। इस क्षेत्र में तेल,गैस और दुर्लभ वस्तुओं के अकूत भंडार हैं।
यह पत्र इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में अमरीका ने बलूच लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह फैसला अफगानिस्तान में तालिबान से शांति वार्ता में पाकिस्तान की भागीदारी को सुनिश्चित कराने के लिए लिया है। यूरोपीय नेताओं ने यह भी आग्रह किया कि बलूच क्षेत्र के लोगों को आतंकवादी के रूप में नामित नहीं किया जाना चाहिए। वे आतंकवादी नहीं हैं, और उन्हें तमंगा देना केवल इस स्थिति की पीड़ा को और बढ़ाना है।

हिंदू लड़की पर देशद्रोह का आरोप, पीएम शेख हसीना ने रोकी मुकदमे की कार्रवाई
22 July 2019
ढाका। बांग्लादेश में एक हिंदू महिला से जुड़ा बड़ा मामला सामने आ रहा है। इस महिला के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की तैयारी थी, लेकिन बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना ने इसकी इजाजत नहीं दी। इस महिला ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने शिकायत की थी कि देश में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।

19 जुलाई को वाइट हाउस गईं थी प्रिया
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (HBCUC) की संगठन सचिव प्रिया साहा ने ट्रंप से वाशिंगटन में यह बात कही थी। साहा 19 जुलाई को वाइट हाउस की एक बैठक में शामिल हुई थी। इस बैठक का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो बांग्लादेश में इसको लेकर जमकर विवाद होने लगा।
अमरीका: फिर शर्मसार हुए पाक पीएम इमरान, भाषण के दौरान लगे पाकिस्तान विरोधी नारे
शाहा का आरोप
वीडियो में शाहा ने अपनी पहचान बांग्लादेशी नागरिक बताते हुए ट्रंप से कह रही हैं कि बांग्लादेश से अल्पसंख्यक समुदाय के 3.7 करोड़ लोग लापता हो गए हैं। साहा के इस आरोप पर कई नेताओं और यूजर्स इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उस पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की थी। बांग्लादेश के सड़क परिवहन मंत्री एवं सत्तारूढ़ आवामी लीग महासचिव ओबैदुल कादिर ने शनिवार को बयान के प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'साहा ने एक गलत टिप्पणी की थी। इसके चलते उनपर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाएगा।'
पीएम हसीना ने देशद्रोह का मामला दर्ज करने से किया मना
हालांकि, इस बयान के अगले ही दिन रविवार को कादिर ने कहा कि पीएम हसीना ने साहा के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की इजाजत नहीं दी है। कादिर ने बताया,'प्रधानमंत्री ने मुझे कहा कि जल्दबाजी में कोई फैसला न ले और कोई कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है।' इसके साथ ही बांग्लादेशी पीएम ने कहा था, 'वे चाहती हैं कि साहा एक सार्वजनिक बयान जारी कर स्पष्ट करे कि वह ट्रंप से क्या कहना चाहती थीं।'बता दें कि साहा उन पांच बांग्लादेशी और रोहिंग्या शरणार्थियों में शामिल थीं, जिन्हें ढाका स्थित अमरीका दूतावास ने वाइट हाऊस भेजा था।

ईरान ने ब्रिटेन का टैंकर जब्त करने का किया दावा
20 July 2019
तेहरान। ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ने शुक्रवार को घोषणा की कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुद्री नियमों का उल्लंघन करने के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य में एक ब्रिटिश टैंकर को जब्त किया है।
उन्होंने बताया कि ब्रिटिश टैंकर को किनारे पर ले जाया गया और उसे होर्मुजेन पोर्ट्‌स एंड मेरीटाइम ऑर्गनाइजेशन को कानूनी प्रक्रिया और आवश्यक जांच के लिए सौंप दिया गया है।
ब्रिटिश सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि सरकार इस घटना की रिपोर्ट मिलने पर तत्काल आगे की जानकारी तलब कर रही है और हालात का मूल्यांकन कर रही है।
यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब जिब्राल्टर सुप्रीम कोर्ट ने एलान किया है कि वह दो हफ्ते पहले जब्त किए गए ईरानी टैंकर की जब्ती 30 दिनों के लिए बढ़ा रहा है। इससे पहले ईरानी गार्ड्‌स ने गुरुवार को एक और विदेशी टैंकर को जब्त किया था। माना जा रहा वह टैंकर पनामा का था।

नेतन्याहू बने इजरायल में सबसे लंबे समय तक पीएम रहने वाले शख्स
20 July 2019
यरुशलम। बेंजामिन नेतन्याहू ने सबसे लंबे समय तक इजरायल के प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियन को पीछे छोड़ते हुए 20 जुलाई को यह रिकॉर्ड बनाया। इजरायली पीएम नेतन्याहू का कार्यकाल अब 13 साल और 127 दिन का हो गया है, जो डेविड से एक दिन अधिक है। नेतन्याहू पहली बार 1996 से 1999 के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री रहे थे। इसके बाद 2009 से वह लगातार इस पद पर काबिज हैं। वहीं गुरियन 1948 से 1954 और 1955 से 1963 के बीच प्रधानमंत्री रहे थे।
अप्रैल में हुए चुनाव में उनकी लिकुड पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिले थे। लेकिन उनकी पार्टी संसद में अपना बहुमत साबित करने में असफल रही और वह सरकार बनाने से चूक गए। इसके चलते इजरायल में सितंबर में दोबारा चुनाव होने हैं। इस चुनाव में नेतन्याहू को पूर्व प्रधानमंत्री इहुद बराक से कड़ी टक्कर मिल रही है।

अफगानिस्तान में मिसाइल हमले में 24 आतंकी ढेर
20 July 2019
काबुल। अफगानिस्तान के उरुजगन प्रांत में मिसाइल हमले में तालिबान के 24 आतंकी मारे गए। हमले में 17 अन्य आतंकियों के घायल होने की भी खबर है। अफगान सेना ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'गाइडेड मिसाइल हमले में 24 तालिबान आतंकियों के मारे जाने और 17 के घायल होने की खबर है।' हालांकि यह पता नहीं चला है कि मिसाइल हमला कब और प्रांत के किस हिस्से में किया गया था। यह भी जानकारी नहीं दी गई कि इस हमले को नाटो या अफगान सेना में से किसने अंजाम दिया। सिर्फ यह बताया गया कि हमले में आतंकियों के गोला-बारूद के जखीरे को भी तबाह कर दिया गया।
इराक में भी मार गिराए गए दस IS आतंकी : इराक के नीनवा प्रांत में अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना की ओर से किए गए हवाई हमले में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के दस आतंकी मारे गए। संयुक्त अभियान कमान की ओर से बताया गया कि खुफिया जानकारी के आधार पर शुक्रवार को प्रांत के अल-बाज इलाके में आइएस के ठिकाने पर हमला किया गया था।

अमरीका ने किया ड्रोन को मार गिराने का दावा, ईरान ने कहा- गलतफहमी का शिकार है यूएस
19 July 2019
तेहरान। परमाणु समझौते को लेकर ईरान और अमरीका के रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दुनियाभर के कई देशों की तमाम कोशिशों के बावजूद दोनों देशों के बीच सुलह की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है।
इसी बीच एक और खबर सामने आई है, जिससे US और ईरान के बीच तनाव और बढ़ सकता है। दरअसल, गुरुवार को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) ने गुरुवार को दावा किया है कि अमरीका ने एक ईरानी ड्रोन ( Iranian drone) को मार गिराया है।
हालांकि, ईरान के विदेश मंत्री ने इन दावों के विपरीत अपने बयान में कहा कि उन्हें ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है। यही नहीं, ईरान की उप विदेश मंत्री ने तो यहां तक कह डाला कि 'हो सकता है अमरीका ने अपने ही ड्रोन को मारकर गिराया हो।' बीते दिनों तेल टैंकरों को लेकर खाड़ी में तनाव और उसके बाद ईरान की ओर से अमरीकी ड्रोन गिराए जाने के बाद आई इस खबर से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी साफ नजर आ रही है।
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया यह दावा
गुरुवार को ट्रंप ने दावा किया कि स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज ( Strait of Hormuz ) में अमरीकी युद्धपोत ( us warship ) ने एक ईरानी ड्रोन को मार गिराया है। वाइट हाउस में मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने बताया कि अमरीकी नौसेना के एक जहाज 'बॉक्सर' ने एक ईरानी ड्रोन को मार गिराया है। ट्रंप के मुताबिक इस ड्रोन ने 1000 गज की दूरी के भीतर उड़ान भरकर अमरीकी युद्धपोत को धमकी देने की कोशिश कर रहा था। इससे अमरीकी जहाज और उसके चालक दल की सुरक्षा को खतरा था। ट्रंप ने ईरानी ड्रोन को गिराया जाना 'रक्षात्मक कार्रवाई' का हिस्सा बताया है।
ईरान ने किया घटना से इनकार
हालांकि, ट्रंप के दावों के बाद ईरान के विदेश मंत्री मो. जवाद जारिफ ने भी इस बारे में बयान जारी किया। ऐसी किसी घटना से इनकार करते हुए ईरान के शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि उन्हें ईरान के ड्रोन के नुकसान के बारे में उन्हें 'कोई जानकारी नहीं' है।
वहीं ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अर्घाची ने कहा कि,' स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज या कहीं भी ईरान का कोई भी ड्रोन लापता नहीं हुआ है। हमें चिंता है कि कहीं अमरीका के युद्धपोत ने अपने ही किसी ड्रोन को तो मार कर नहीं गिराया।'
आपको बता दें कि बीते साल मई में ट्रंप ने 2015 के परमाणु समझौते से खुद को अलग करते हुए, ईरान पर प्रतिबंध लगाने का सिलसिला शुरू किया है। इसके बाद से ही जारी सिलसिलेवार घटनाओं से यह तनाव बढ़ता जा रहा है।

मरियम नवाज को कोर्ट से राहत, एवेनफील्ड केस में NAB की याचिका खारिज
19 July 2019
इस्लामाबाद। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ( PML-N ) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ( Maryam Nawaz ) को एक मामले में शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। जवाबदेही कोर्ट ने एवेनफील्ड मामले में मरियम के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ( National Accountability Bureau ) की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया।
मरियम नवाज शुक्रवार को लाहौर स्थित जवाबदेही कोर्ट के सामने पेश हुईं। इससे पहले जवाबदेही कोर्ट के जज मोहम्मद बशीर ने मरियम को समन जारिया किया था। NAB ने दावा किया था कि मरियम द्वारा मामले में किए गए ट्रस्ट के काम फर्जी थे।
कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए बेवजह करार देते हुए खारिज कर दिया।
कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
पाकिस्तान के पूर्व PM नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज जब कोर्ट में सुनवाई के दौरान पहुंची तो कोर्ट परिसर के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजामात किए गए थे और आम लोगों या इस केस से असंबंध लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया था।
PML-N के कार्यकर्ताओं ने मरियम के समर्थन में नारे लगाए, क्योंकि पुलिस ने पार्टी के सात कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। सुनवाई के बाद कोर्ट परिसर में मीडिया से बात करते हुए मरियम नवाज ने कहा कि वह सरकार को पांच साल देने को तैयार हैं लेकिन लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं। मरियम का बयान सीधे तौर पर प्रधानमंत्री इमरान खान के उपर तंज था।
बता दें कि मरियम की कोर्ट में पेशी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और PML-N के नेता शाहिद खाकान अब्बासी की गिरफ्तारी के एक दिन बाद हुआ है। अब्बासी को NAB ने LNG केस में लाहौर के एक टोल प्लाजा से गुरुवार को गिरफ्तार किया था।
मरियम ने आरोप लगाया कि सरकार PML-N के नेताओं को एक-एक करके जेल के अंदर डालने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह से देश को आगे नहीं चला सकती है।
मरियम ने आगे कहा कि देश पर शासन करने में अक्षमता और विफलता के लिए सत्ताधारी पार्टी जवाबदेह होगी।
बता दें कि जवाबदेही अदालत ने 19 जुलाई को एवेनफील्ड मामले में पीएमएल-एन के उपाध्यक्ष मरियम नवाज को तलब किया था। NAB ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मरियम नवाज के खिलाफ सुनवाई के लिए याचिका दायर की थी।
पिछले साल सितंबर में मरियम नवाज और उनके पति कप्तान (retd) एम. सफदर के खिलाफ एवनफिल्ड भ्रष्टाचार को लेकर दायर याचिका को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

अफगानिस्तान: काबुल यूनिवर्सिटी के गेट पर बम ब्लास्ट, 8 की मौत, 33 घायल
19 July 2019
काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल शुक्रवार को एक बम धमाके से दहल उठी है। धमाकों के बाद प्रांत में तनाव का माहौल है। यह धमाका काबुल यूनिवर्सिटी के प्रवेश द्वार के पास हुआ, जिसमें 8 लोगों के मौत की खबर आ रही है। अधिकारियों के मुताबिक धमाके में 33 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं।
घायलों को अस्पताल में कराया गया भर्ती
अफगानी स्वास्थ मंत्रालय के प्रवक्ता वाहिद मायर ने इस घटना के बाद बयान जारी किया। इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि धमाके के बाद 3 शव बरामद किए गए। पांच लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।इसके साथ ही हादसे में घायल हुए 33 लोगों को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है हमले की जिम्मेदारी
मीडिया रिपोर्ट्स में एक छात्र के बयान के हवाले से कहा गया कि धमाके के वक्त गेट के पास भारी संख्या में छात्र मौजूद थे। ये सभी यूनिवर्सिटी की एक परीक्षा में भाग लेने पहुंचे थे, और गेट के बाहर इंतजार कर रहे थे। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक धमाके के बाद एक गाड़ी भी आग की चपेट में आ गई थी। बता दें कि अभी तक इस बम हमले की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है।
घटनास्थल से एक और बम हुआ बरामद
वहीं, काबुल पुलिस के प्रवक्ता फरामर्ज फिरदॉ ने बताया कि धमाके के बाद पुलिस ने एक अन्य बम बरामद किया था जो कि युनिवर्सिटी के गेट के पास रखा हुआ था। फिरदॉ के मुताबिक सही वक्त पर पुलिस ने बम को बरामद करके उस निरस्त कर दिया। गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को वहां के दक्षिण कांधार प्रांत में भी एक बम धमाका हुआ था। स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब साढ़े 4 बजे पुलिस मुख्यालय पर तालिबानी हमला हुआ था। इसमें करीब 12 लोगों की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए। दो दिनों में दो विस्फोट के बाद स्थानीय लोगों में दशहत मच गई।

जापान के एनिमेशन स्टूडियो में एक शख्स ने लगाई आग, हादसे में मरने वालों की संख्या 24 तक पहुंची
18 July 2019
टोक्यो। जापान के शहर क्योटो में गुरुवार को एनीमेशन स्टूडियो में आग लगने का मामला सामने आया है। इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। वहीं कई लोग घायल हो गए हैं। घटना स्थानीय समय के मुताबिक 10.30 बजे की बताई जा रही है।
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक हादसा उस वक्त हुआ जब एक व्यक्ति स्टूडियों घुसा और उसने चारों तरफ गैसोलीन छिड़क कर उसमें आग लगी दी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
बता दें कि क्योटो की एनीमेशन कंपनी उजी शहर में है। इसकी स्थापना 1981 में की गई थी। ये कंपनी एनिमेशन बनाने के साथ ही एनिमेटर्स को प्रशिक्षित भी करती है।

रूस से S-400 मिसाइल खरीदने वाले किसी भी देश के खिलाफ है अमरीका: पेंटागन
18 July 2019
वाशिंगटन। एक तरफ जहां भारत अमरीका के साथ रक्षा साझेदारी बढ़ाने और मजबूत करने का इच्छुक है। वहींअमरीका ने साफ कर दिया है कि वह इस तरह के सैन्य उपकरण खरीदने वाले किसी भी देश के खिलाफ है। अमरीका ने कहा है कि रूस निर्मित S-400 मिसाइल रक्षा सिस्टम अमरीका की पांचवीं पीढ़ी के अति सुरक्षित विमानों का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है।
अमरीका ने किया एलान
बता दें कि पेंटागन की ओर से यह टिप्पणी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस घोषणा के ठीक एक दिन बाद आई है, जिसमें यह कहा गया था कि यदि तुर्की ने रूस से S-400 खरीदा तो अमरीका तुर्की को एफ-35 लड़ाकू विमान नहीं बेचेगा।
चूंकि रूस ने तुर्की को S-400 की पहली खेप की सप्लाई कर दी है। इससे अमरीका तनाव में आ गया है। अमरीका ने रूस पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
गौरतलब है कि भारत भी रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीद रहा है। बीते साल अक्टूबर में भारत ने रूस के साथ S-400 खरीदने के लिए 40 हजार करोड़ रुपए का समझौता किया है।
भारत के साथ रक्षा संबंध मजबूत करना चाहता है अमरीका

रक्षा उप सचिव डेविड जे ट्राचटेनबर्ग ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा 'मेरे विचार से भारत के साथ हमारी रक्षा साझेदारी मजबूत है और इसे अधिक मजबूत बनाने पर विचार किया जा रहा है।' डेविड से भारत के रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के फैसले को लेकर अमरीका के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछा गया था।
जब डेविड से पूछा गया कि क्या अमरीका भारत के साथ रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ा सकता है, जो कि रूस के साथ S-400 खरीदने जा रहा है। इस पर डेविड ने कहा कि हमने स्पष्ट तौर से यह संदेश दिया है कि हम इस बात को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी देश किसी भी ऐसे उपकरण को न खरीदे जो अमरीका पांचवीं पीढी के एयरक्राफ्ट को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया हो।
उन्होंने कहा कि अमरीका तुर्की को अब F-35 एयरक्राफ्ट नहीं बेचेगा, क्योंकि यह पहले से लगभग तय हो चुका था कि तुर्की रूस से S-400 खरीदेगा। हालांकि तुर्की के साथ यह सौदा रद्द होने से दोनों देशों के रिश्तों में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अमरीका आगे भी नाटो के साथ सैन्य अभ्यास में भाग लेता रहेगा।

अमरीकी संसद ने रोकी सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री, राष्ट्रपति ट्रंप कर सकते हैं वीटो
18 July 2019
वाशिंगटन। अमरीकी सदन में सऊदी अरब के खिलाफ एक बड़ा फैसला लिया गया। बुधवार को सदन में सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों को 8.1 बिलियन डॉलर के हथियार बेचने के प्रस्ताव पर रोक के लिए वोटिंग की गई। हालांकि, माना जा रहा है कि यह फैसला अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इच्छा के विपरीत है। साथ ही, संभावना जताई जा रही है कि ट्रंप इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल कर सकते हैं।
पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद सांसदों का कदम
सांसदों ने पत्रकार जमाल खशोगी की निर्मम हत्या के मामले में सऊदी अरब की संलिप्तता के खिलाफ विरोध जताया था। बुधवार को इनमें से कई सांसदों ने हथियारों के विवादास्पद बिक्री को रोकने के लिए तीन प्रस्तावों मंजूरी दी है। बता दें कि साल की शुरुआत में राष्ट्रपति ट्रंप ने आपातकालीन उपायों के तहत इसकी घोषणा की थी।
ट्रंप लगा सकते हैं फैसले पर वीटो
हथियारों की बिक्री रोकने का यह प्रस्ताव अमरीकी सीनेट द्वारा मंजूर कर लिया गया है। अब हस्ताक्षर के लिए वाइट हाउस भेजा गया है। हालांकि, ऐसी उम्मीद है कि ट्रंप इस प्रस्ताव पर अपने वीटो का इस्तेमाल करेंगे। अगर ऐसा होता है तो ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनका तीसरा वीटो होगा। सदन में यह प्रस्ताव बहुमत से पास हुआ। लेकिन, ट्रंप के वीटो को निरस्त करने के लिए प्रस्ताव को अभी भी 50 वोटों की जरूरत थी।
22 अलग-अलग डील की योजना में हैं ट्रंप
मध्यपूर्वी इलाकों में फैले तनाव के बीच ट्रंप ने सऊदी अरब, यूएई और जॉर्डन से 22 डील करने की योजना बनाई है। वहीं, आलोचकों का कहना है कि हथियारों की बिक्री से यमन जैसे इलाकों में भयंकर युद्ध की स्थिति पैदा होगी। इस प्रांत में सऊदी और अमरीका संयुक्त रूप से ईरान समर्थित हौती विद्रोहियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इस संघर्ष ने दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट को जन्म दिया है।

आखिर पाकिस्तान को झुकना पड़ा, मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद गिरफ्तार
17 July 2019
लाहौर। आतंकी संगठन जमात उद दवा के सरगना हाफिज सईद को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे न्यायिक हिरासत में भेेज दिया गया है। पुलवामा,उरी और मुंबई हमले समेत भारत में कई हमलों के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से गिरफ्तार किया गया।
पाक सीटीडी की बड़ी कार्रवाई
हाफिज सईद आज सुबह जमानत अर्जी के लिए गुजरांवाला जा रहा था लेकिन उसे रास्ते में ही सीटीडी यानी काउंटर टेररिज़्म डिपार्टमेंट ने गिरफ्तार कर लिया। CTD ने उसे न्यायिक रिमांड के लिए आतंकवाद निरोधक अदालत गुजरांवाला में पेश किया। जहां अदालत ने उसे जेल भेज दिया।
सीटीडी पंजाब द्वारा एक बयान जारी कर इस खबर की पुष्टि की गई। जमात उद दवा के प्रवक्ता ने सईद की गिरफ्तारी की खबर की भी पुष्टि की और कहा कि उसके नेता को कोट लखपत जेल ले जाया गया है।
अदालत ने सीटीडी को निर्देश दिया गया है कि वे जांच पूरी करें और निर्धारित समय में चार्जशीट जमा करें। दावा किया जा रहा है कि सईद कोलाहौर में उसके खिलाफ दर्ज दो मामलों में जमानत दी गई थी।
CTD का यह कदम आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। सईद के खिलाफ कुछ दिन पहले 23 मामले दर्ज किए गए थे।
CTD ने कहा कि उसने प्रतिबंधित संगठन JuD, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (FIF) के नेतृत्व में लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में आतंकवाद-रोधी अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए थे।
पहली बार हुई ऐसी कार्रवाई
आपको बता दें कि हाफिज सईद पर पहली बार ऐसी कार्रवाई हुई है। यह पहला मौका है जब उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इससे पहले कई मौकों पर पुलिस ने उस पर शिंकजा कसा था लेकिन उसे केवल अपने ही घर में नजरबंद में किया गया था।
बीते दिनों आतंकवाद विरोधी अदालत ने उसे गिरफ्तारी से राहत दे दी थी। सूत्रों के अनुसार हाफिज सईद पर कुल 23 दर्ज हैं। कुछ मामलों में उसे अग्रिम जमानत मिल गई है लेकिन अब भी कई मामलों में उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है ।
आगे क्या होगा?
सूत्रों ने बताया कि जमात-उद-दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज सईद को काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने बुधवार को गिरफ्तार किया। हाफिज सईद जिसके खिलाफ कई मामले लंबित हैं, गिरफ्तारी के समय आतंकवाद निरोधी अदालत के समक्ष पेश होने के लिए लाहौर से गुजरांवाला की यात्रा कर रहा था।
हाफिज सईद की गिरफ्तारी के बाद पहले उसे किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। पाक मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, यह गिरफ्तारी राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत गैरकानूनी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान सरकार की कार्रवाई का हिस्सा है
दो दिन पहले ही मिली थी राहत
इससे पहले पाकिस्तान की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने लाहौर में सोमवार को हाफिज सईद को एक मामले में गिरफ्तारी से पहले ही जमानत दे दी थी। मदरसे के लिए भूमि के अवैध उपयोग से संबंधित मामले में हाफिज सईद के साथ-साथ अन्य तीन लोगों को भी अदालत ने जमानत दी थी। अदालत ने सभी अभियुक्तों को अंतरिम जमानत दी थी जिसमें हाफिज सईद, हाफिज मसूद, अमीर हामजा और मलिक जफर शामिल थे। कोर्ट ने 50-50 हजार रुपए के निजी बॉंड पर 31 अगस्त तक के लिए जमानत दी थी।

कुलभूषण जाधव मामले में ICJ थोड़ी देर बाद सुनाएगा फैसला, भारत-पाक अधिकारी पहुंचे कोर्ट
17 July 2019
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत ( ICJ ) अपना फैसला सुनाएगी। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को साजिश के तहत मौत की सजा सुनाई है, जिसको ICJ में भारत द्वारा चुनौती दी गई है। बता दें कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद 'जासूसी और आतंकवाद' का आरोप लगाकर 49 वर्षीय भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने इसको लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और ICJ में चुनौती दी। अब द हेग के ‘पीस पैलेस’ में 17 जुलाई को भारतीय समयानुसार शाम साढे छह बजे सार्वजनिक सुनवाई होगी जिसमें प्रमुख न्यायाधीश अब्दुल कावी अहमद यूसुफ फैसला पढकर सुनाएंगे।
भारत के लिए चुनौती
बुधवार को दिन भारत के लिए इम्तिहान की घड़ी है। इससे पहले फरवरी 2019 को सुनवाई के दौरान पाकिस्तान की ओर से ICJ में तमाम तरह की दलील दी गई थी। हालांकि भारत की ओर से पाकिस्तान के हर आरोपों का जवाब दिया गया था।
पाकिस्तान ने कहा था कि जाधव भारतीय जासूस है जो एजेंसी 'रिसर्च एंड एनालिसिस विंग' यानी ( RAW ) से जुड़ा है। जाधव को 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान से जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।
भारत के लिए चुनौती है कि कैसे पाकिस्तान के कब्जे से जाधव को वापस लाया जाए। क्योंकि इससे पहले ICJ ने सुनवाई करते हुए पाकिस्तान को यह आदेश दिया था कि जाधव को काउंसलर एक्सेस दी जाए। हालांकि पाकिस्तान ने नहीं माना।
पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने तर्क दिया था कि जाधव देश को अस्थिर करने के लिए बलूचिस्तान भेजे गए भारतीय जासूस थे और इसलिए काउंसलर एक्सेस के हकदार नहीं है। उन्होंने कहा था कि जाधव को राहत का भारत का दावा खारिज किया जाना चाहिए।
हालांकि इसके बाद पाकिस्तान ने खानापूर्ति करते हुए जाधव की मां और बहन को पाकिस्तान आने की इजाजत दी। लेकिन एक ड्रामा की तरह जाधव से उन्हें मिलाया। इसको लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि कुलभूषण जाधव का मामला मार्च, 2016 का है। दरअसल पाकिस्तान की ओर से यह कहा गया है कि पाक आर्मी ने कुलभूषण जाधव को अफगानिस्तान में जासूसी करने के आरोप में बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया है। इसके बाद पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट ने 10 अप्रैल 2017 को कुलभूषण जाधव को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई।
भारत ने इसको लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया और फिर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में अपील की। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कुलभूषण की सजा पर रोक लगा दी थी। भारत ने अपना पक्ष रखते हुए इससे पहले कहा है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी आर्मी ने उन्हें अफगानिस्तान के बॉर्डर से अपहरण किया है।
भारत ने यह भी तथ्य रखे हैं कि कुलभूषण जाधव को ईरान से पकड़ा गया है और बलूचिस्तान से फर्जी गिरफ्तारी दिखाई है। इस बात का खुलासा पाकिस्तान में जर्मनी के पूर्व राजदूत गुंटक मुलक ने किया था। इसके अलावा भारत ने यह भी दलील दी कि पाकिस्तान ने वियना संधि का भी उल्लंघन किया है।
पाकिस्तान से 16 बार काउंसलर एक्सेस मांगा गया, लेकिन पाकिस्तान लगातार काउंसलर एक्सेस देने से मना करता रहा है। जिसके बाद से 18 मई 2017 को सुनवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने पाकिस्तान को निर्देश दिया है कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक जाधव को फांसी न दी जाए।

जर्मनी की उर्सुला बनीं यूरोपीय कमीशन की पहली महिला अध्यक्ष, इस दिन संभालेंगी पद
17 July 2019
ब्रसेल्स। जर्मनी की निवर्तमान रक्षा मंत्री उर्सुला वॉन डेर लेयेन को यूरोपीय यूनियन की कार्यकारी इकाई यूरोपीय कमीशन का नया अध्यक्ष चुना गया है। वह इस पद पर काबिज होने वाली पहली महिला हैं। उर्सुला एक नवंबर को अपना पदभार संभालेंगी। इससे एक दिन पहले यानी 31 अक्टूबर को ब्रिटेन ईयू से अलग हो सकता है। ऐसे में उनका अध्यक्ष बनना और महत्वपूर्ण है। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की करीबी और क्रिश्चियन डेमोक्रेट यूनियन की सदस्य उर्सुला ईसी में लॉड जंकर की जगह लेंगी।
बता दें कि, यूरोपीय संसद में मंगलवार को हुए गोपनीय मतदान में उन्हें 383 वोट मिले। उर्सुला को बधाई देते हुए मर्केल ने कहा कि वह उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। बीते 50 साल में पहली बार जर्मनी के किसी व्यक्ति को ईसी का अध्यक्ष चुना गया है। जीत के बाद यूरोपीय संसद में अपने संबोधन में उर्सुला ने लैंगिक समानता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर हो रही हिंसा को ईयू की अपराध सूची में शामिल किया जाएगा। उन्होंने शरणार्थियों के मुद्दे पर भी काम करने की बात की।

ईरान-अमेरिका तनाव कम करने के लिए यूरोपीय संघ हुआ सक्रिय
16 July 2019
तेहरान। ईरान द्वारा दोबारा परमाणु कार्यक्रम शुरू करने की धमकी देने के बाद यूरोपीय संघ परमाणु समझौते को बचाने के लिए सक्रिय हो गया है। ब्रिटेन ने कहा कि बचाने के मौके कम होते जा रहे हैं। वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इस मामले में सोमवार को कहा कि मध्य पूर्व में तनाव कम करने के लिए वह इस हफ्ते ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करेंगे।
यूरोपीय संघ पर दबाव बढ़ाते हुए ईरान ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों से उसे राहत दिलाने के लिए वह ठोस उपाय करे। ऐसा नहीं होने पर वह 2015 के समझौते से पहले के अपने परमाणु कार्यक्रम को शुरू कर देगा। ईरान की इस धमकी के बाद ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने कहा कि समझौता अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने में अभी समय लगेगा। समझौते को बनाए रखने के लिए अभी भी कुछ उम्मीद बची है।
हंट ने पिछले हफ्ते अमेरिका और ईरान के विदेश मंत्रियों से फोन पर बातचीत की थी। आइएएनएस के अनुसार, इससे पहले रूहानी ने कहा था कि अगर प्रतिबंध हटाए जाते हैं तो उनका मुल्क अमेरिका के साथ बातचीत करने को तैयार है। ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी ने रूहानी के हवाले से कहा गया था कि हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं। मैं आपसे कहता हूं कि धौंस दिखाना बंद कर दें और प्रतिबंधों को हटाकर फिर से तार्किक और गंभीर बन जाएं। हम तैयार हैं।
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव का दौर गत वर्ष मई में उस समय शुरू हुआ, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु करार से हटने का एलान कर दिया था। इसके बाद उन्होंने ईरान पर कई प्रतिबंध थोप दिए। ईरान ने 2015 में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी के साथ परमाणु करार किया था। ईरान से खतरे को देखते हुए अमेरिका ने पश्चिमी एशिया में अपने विमानवाहक पोत और बमवर्षक विमान तैनात किए हैं। ईरान ने हाल में कहा था कि उसने परमाणु करार का उल्लंघन करते हुए यूरेनियम संवर्धन बढ़ा दिया है।
ईरानी विदेश मंत्री को अमेरिका ने सशर्त दिया वीजा
अमेरिका ने ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ को अपने यहां आने के लिए सशर्त वीजा जारी कर दिया है। जरीफ सोमवार को अमेरिका रवाना हो रहे हैं। वीजा शर्तों के मुताबिक जरीफ अमेरिका प्रवास के दौरान संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन के छह ब्लॉक से आगे नहीं जा सकेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि अमेरिकी राजनयिकों को ईरान में कहीं भी आने-जाने की आजादी नहीं है। इसलिए ईरानी राजनयिकों को न्यूयॉर्क शहर में घुमने की इजाजत देने का कोई कारण नजर नहीं आता।

गुरु की एक टिप ने बदल दी माइकल फेल्प्स की जिंदगी, तैराकी में जीते 23 गोल्ड सहित 28 मेडल
16 July 2019
जीवन में गुरु का बड़ा महत्व है। अगर गुरु सही मिल जाए, तो वह छात्रों की जिंदगी में जबरदस्त बदलाव ला सकता है। ऐसी ही कहानी है अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प्स की। तीन ओलिम्पिक खेलों में उन्होंने सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीते हैं। उनके नाम ओलिम्पिक में सबसे ज्यादा पदक जीतने का रिकॉर्ड है। माइकल ओलिम्पिक के तैराकी के इतिहास में सबसे ज्यादा गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने अब तक 28 मेडल जीते हैं।
माइकल फेल्प्स का सपना ओलिम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने का सपना था। वह जब बीजिंग ओलिम्पिक के दौरान पूल में कूदे, तो उनके चश्मे में पानी भर गया। इसकी वजह से वह कुछ भी देखने में समर्थ नहीं थे, लेकिन फिर भी उन्होंने न सिर्फ वह प्रतियोगिता जीती, बल्कि विश्व रिकॉर्ड भी स्थापित किया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने प्रशिक्षण की छोटी-छोटी बारीकियों पर लगातार कई वर्षों तक मेहनत की थी और अपने कोच बॉब बोमन की एक सीख को गांठ बांधकर याद कर लिया था।
अब एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी स्विम में कोच की भूमिका निभा रहे बॉब ने माइकल को कहा था कि तैराकी के दौरान अपने हाथों को मारने के दौरान उसकी गिनती करते रहें, ताकि उन्हें पता हो कि पूल की दीवार से कब फ्लिप करके लौटना है।
बीजिंग के ओलिंपिक में जब माइकल के चश्मे में पानी भर गया, तो भी उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई क्योंकि गुरु की दी गई यह सीख वह हमेशा ही अपनाते थे। उन्हें पता था कि कितने स्ट्रोक मारने के बाद उन्हें फ्लिप करना है। यही वहज है कि माइकल ने विपरीत परिस्थिति में भी न सिर्फ सफलता हासिल की, बल्कि रिकॉर्ड भी बनाया।
उनके कोच बॉब ने कहा कि माइकल ने असहज होने के साथ सहज होना सीखा था। माइकल ने कौशल सीखा ताकि दबाव में भी वह अच्छा प्रदर्शन कर सके। खुद के लिए सब कुछ सही करने की कोशिश मत करो, अपने आप पर सख्त हो। बोमन ने कहा कि व्यक्तिगत विकास के तीन चरण हैं कल्पना, चुनौती और उच्च प्रदर्शन।
बोमन ने कहा कि उच्च-प्रदर्शन उस प्रक्रिया का एक स्वाभाविक परिणाम है, जो इसका नेतृत्व करती है। इसमें आपका एटीट्यूड यानी रवैया और प्रतिकूलता में भी काम करने की क्षमता शामिल है। माइकल के चश्मे में पानी भर जाने के बाद भी गोल्ड जीतना इसका उदाहरण है। आपको अपनी योजना को समायोजित करना होगा।

ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव में चीन समर्थक हान होंगे विपक्ष के उम्मीदवारों
16 July 2019
ताइपे। ताइवान में अगले साल जनवरी में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में चीन समर्थक हान कुओ-युयु विपक्ष के उम्मीदवार होंगे। वह चीन विरोधी मौजूदा राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक प्रोग्र्रेसिव पार्टी की उम्मीदवार साई इंग-वेन को चुनौती देंगे।
बंदरगाह शहर काओसिआंग के मेयर हान (62) ने विपक्षी कुओमिनतांग पार्टी के प्राइमरी चुनाव में फॉक्सकॉन के संस्थापक और ताइवान के सबसे धनी व्यक्ति टेरी गोई को शिकस्त दी। हान उन लोगों में से हैं जो ताइवान की भलाई के लिए चीन की ओर देखते हैं। उम्मीदवारी जीतते ही उन्होंने कहा कि ताइवान के लोग पिछले तीन वर्षों से मुश्किल हालात में जी रहे हैं।
2016 में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वालीं साई चीन की मुखर आलोचक हैं। ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है। लेकिन चीन उसे हासिल करने के लिए सैन्य कार्रवाई की धमकी भी दे चुका है। स्वायत्तशासी हांगकांग के लोगों में चीन विरोधी सियासी उबाल को देखते हुए ताइवान का मौजूदा नेतृत्व भी उम्मीद की किरण देख रहा है।

अगर अमेरिकी प्रतिबंध हटे, तो हम बातचीत को तैयार : राष्ट्रपति रूहानी
15 July 2019
तेहरान। ईरान और अमेरिका में बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति रूहानी ने एक बार फिर बातचीत की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका उस पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा ले और धमकाना बंद कर दे, तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं। साथ ही ईरान के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अब वह किसी भी अमेरिकी कार्रवाई का मुंडतोड़ जवाब देगा।
बताते चलें कि परमाणु संवर्धन को लेकर अमेरिका साल 2018 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से बाहर निकल गया था। इसके अलावा उसने ईरान पर कई आर्थिक और सैन्य प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। इस बीच जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने ईरान द्वारा यूरेनियम संवर्धन शुरू किए जाने पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते के तहत संयुक्त कार्रवाई योजना की बैठक बुलाने का आह्वान किया।
इन देशों को डर है कि अमेरिका के दबाव में आकर ईरान परमाणु समझौते के बचे हुए प्रावधानों को भी तोड़ सकता है। इन प्रतिबंधों पर ईरान कह चुका है कि उसे इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। बीते 20 सालों में ऐसा कौन सा प्रतिबंध रह गया है, जो अमेरिका ने नहीं लगाया हो।
हाल के दिनों में कई घटनाओं ने ईरान और अमेरिका के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया था। ईरान ने अपनी सीमा में घुसे अमेरिकी ड्रोन विमान को मार गिराया था, तो राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान पर हमले के आदेश दे दिए थे। हालांकि, ऐन मौके पर उन्होंने इस आदेश को वापस ले लिया था, जिससे दोनों देशों में छाए जंग के बादल छंट गए थे।
हाल में ही ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों में विस्फोट में अमेरिका ने ईरानी सेना का हाथ बताया था। अमेरिका ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई और ईरान के आठ शीर्ष सैन्य कमांडरों पर आर्थिक प्रतिबंध लगा रखा है। उधर, ईरान के ऑयल टैंकर को ब्रिटेन ने जिब्राल्टर के पास पकड़ लिया था, जिसके बाद ईरान ने गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी थी।

ट्रंप को अब सैन्य कार्रवाई के लिए संसद से लेनी होगी मंजूरी
15 July 2019
वाशिंगटन। अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान और यमन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए ट्रंप को संसद से मंजूरी लेनी होगी। प्रतिनिधि सभा में वार्षिक रक्षा नीति विधेयक से संबंधित कुछ संशोधनों को मंजूरी दी गई है। प्रतिनिधि सभा में यह फैसला ट्रंप के पर कतरने के लिए लिया है। अब ट्रंप के लिए बिना सदन की मंजूरी के ऐसा कोई भी कदम उठाना संभव नहीं होगा।
प्रतिनिधि सभा में इस संशोधन को 170 के मुकाबले 251 सांसदों का समर्थन मिला। मतदान के दौरान ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के 27 सांसदों ने पार्टी लाइन से अलहदा डेमोक्रेटिक पार्टी का साथ दिया। वहीं सात डेमोक्रेट इसके खिलाफ रहे। हाल के दिनों में बढ़ी तनातनी के बीच ट्रंप ने पिछले महीने ईरान पर हमले का आदेश दे दिया था। हालांकि आखिरी क्षणों में उन्होंने यह कहते हुए फैसला वापस ले लिया था कि इससे कई लोगों की जान चली जाएगी।
ट्रंप ने उस वक्त यह भी कहा था कि ईरान पर हमले के लिए उन्हें संसद से मंजूरी की जरूरत नहीं है। फिलहाल इस संशोधन विधेयक को जिस तरह से समर्थन मिला है, उससे लग रहा है कि दोनों ही दलों के नेता लगातार युद्ध के माहौल से ऊब चुके हैं। ज्यादातर नेता इस समय हालात को सामान्य रखने के पक्ष में हैं। डेमोक्रेट नेता रो खन्ना से लेकर रिपब्लिकन नेता व ट्रंप के मुखर सहयोगी रहे मैट गेट्ज इसके पक्ष में लामबंदी कर रहे हैं।
खन्ना ने कहा, 'इस विधेयक के पास होने का मतलब है कि दोनों तरफ के नेता मानते हैं कि युद्ध का अंतहीन सिलसिला खत्म होना चाहिए। हम पश्चिम एशिया में एक और युद्ध नहीं चाहते हैं।' गेट्ज ने भी अपने सहयोगियों को चुनौती देते हुए कहा, 'युद्ध की चाहत रखने वाले मेरे जो सहयोगी ईरान के खिलाफ हमले के फैसले को सही मानते हैं, इस सदन में आएं। अपने फैसले पर संसद और अमेरिकी जनता की मुहर लगवाएं।'
यह संशोधन किसी युद्ध की स्थिति में जवाबी कार्रवाई से ट्रंप को नहीं रोकता है। सीनेट में वार्षिक रक्षा नीति विधेयक का एक मसौदा पहले ही पास हो चुका है। ऐसे में प्रतिनिधि सभा से पास हुए संशोधनों पर सीनेट से भी मुहर लगवानी होगी। माना जा रहा है कि सीनेट के वार्ताकार इस संशोधन से कुछ प्रावधान हटाने पर सहमति बना सकते हैं। संकेत इस बात का भी है कि जरूरत पड़ने पर ट्रंप प्रशासन इस पर वीटो भी कर सकता है। वीटो के जरिये राष्ट्रपति को संशोधन खारिज करने का एकाधिकार प्राप्त है।

नेपाल में बाढ़ से मरने वालों की संख्या हुई 28, हजारों हुए बेघर
15 July 2019
काठमांडू। नेपाल में भारी बारिश की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 28 तक पहुंच गया है। वहीं 10 लोग घायल हैं और 16 लोग लापता बताए जा रहे हैं। लगातार हो रही बारिश के चलते आई बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मृतकों में ज्यादातर ललितपुर, कोटांग, मकनपुर, भोजपुर और कावरे जिले के रहने वाले थे।
मूसलधार बारिश में नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया है। देश के सभी प्रमुख राजमार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ है। इसके साथ ही नदियों पर बने तटबंधों को नुकसान भी पहुंचा है। इसके चलते नदी के किनारे रहने वाले लोगों को भयावह स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
कई मकान क्षतिग्रस्त होने से हजारों लोग बेघर हो गए हैं। बारिश से प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री और अन्य मदद पहुंचाने के लिए सरकारी मशीनरी को सक्रिय कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ में फंसे 50 लोगों को बचा लिया गया है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कि राहत अभियान से जुड़े कार्यों में तेजी लाई जा रही है।

ईरान की धमकी के बाद ब्रिटेन ने रवाना किया विध्वंसक पोत
13 July 2019
तेहरान। ईरान की दुश्मनी बढ़ती जा रही है। अमेरिका के बाद अब यह देश ब्रिटेन से उलझता नजर आ रहा है। मामला ईरान के तेल टैंकर का है, जिसे ब्रिटेन ने जब्त कर लिया है। ईरान ने तेल टैंकर वापस मांगते हुए ब्रिटेन को चेतावनी दी कि वह खतरनाक खेल न खेले। इसके बाद ब्रिटेन ने अपनी नौसेना के विध्वंसक पोत को फारस की खाड़ी के लिए रवाना कर दिया है। खास बात यह भी है कि ब्रिटेन ने ईरान के जिस जहाज को जिब्राल्टर के पास समुद्र में रोक रखा है, उसका कैप्टन भारतीय मूल का है।
ब्रिटेन का कहना है कि, यह जहाज यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर सीरिया को तेल की आपूर्ति करने जा रहा था। शुक्रवार को ईरान के विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन को जिब्राल्टर की घटना के लिए चेतावनी दी। जिब्राल्टर स्पेन के नजदीक स्थित ब्रिटेन का उपनिवेश है।
इसके बाद ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मुसावी ने कहा, ईरान के जहाज पर 4 जुलाई को ब्रिटेन का कब्जा करना जायज नहीं है। बड़े आकार के इस टैंकर में 21 लाख बैरल लाइट क्रूड ऑयल भरा हुआ है। सभी संबद्ध देशों के हित में होगा कि इस तेल टैंकर को अविलंब छोड़ा जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसके भयंकर दुष्परिणाम होंगे।
इससे पहले गुरुवार को ब्रिटिश नौसेना ने बताया था कि फारस की खाड़ी में होर्मुज जलडमरू के नजदीक ईरान के तीन अर्धसैनिक जहाजों ने ब्रिटेन को तेल टैंकर को रोकने की कोशिश की थी। लेकिन उन्हें ब्रिटेन के युद्धपोत एचएमएस मॉन्ट्रॉस ने भगा दिया था। जबकि अर्धसैन्य जहाजों को संचालित करने वाले ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने ब्रिटिश टैंकर को रोकने की हरकत से इन्कार किया है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा, ताजा परिस्थितियों को देखते हुए अब वह फारस की खाड़ी में ज्यादा क्षमता वाले विध्वंसक युद्धपोत एचएमएस डंकन को तैनात कर रहा है।

खौफजदा पाक ने एयर स्पेस खोलने के लिए रखी शर्त
13 July 2019
इस्लामाबाद। बालाकोट हमले का खौफ पाकिस्तान से अभी तक गया नहीं है। इसलिए अब पाकिस्तान एयर स्पेस खोलने के लिए सौदेबाजी पर उतर आया है। उसका कहना है कि भारत जब तक अपने अग्रिम वायु सैन्य स्टेशनों से लड़ाकू विमानों को नहीं हटाता, तब तक वह भारत के व्यवसायिक उड़ानों के लिए अपने एयर स्पेस को नहीं खोलेगा। पाकिस्तान के उड्डयन सचिव शाहरूख नुसरत ने संसदीय समिति के सामने यह जानकारी दी।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी ठिकाने पर एयर स्ट्राइक की थी । उसके बाद से पाकिस्तान ने खौफ में आकर अपने एयर स्पेस को बंद कर दिया है।शाहरूख नुसरत पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन अधिकरण (सीएए) के महानिदेशक भी हैं। डॉन न्यूज के अनुसार नुसरत ने गुरुवार को उड्डयन मामलों पर सीनेट की स्थायी समिति को बताया कि उनके विभाग ने भारत से पाकिस्तान के पक्ष को स्पष्ट कर दिया है।
नुसरत ने समिति को यह भी बताया कि एयर स्पेस खोलने के लिए भारत ने पाकिस्तान से संपर्क किया था। यह शायद पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने एयर स्पेस खोलने के लिए शर्त की बात कही है। पिछले महीने, सीसीए ने एयर स्पेस पर पाबंदी को 12 जुलाई तक बढ़ा दिया था।
समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार पाकिस्तान द्वारा पाबंदी लगाए जाने की वजह से भारत से उड़ने वाले विमानों को लंबा रास्ता पकड़ कर जाना पड़ रहा है। इससे खर्च में इजाफा हो गया है। अखबार के अनुसार सीसीए ने भारत के इस दावे को भी चुनौती दी है जिसमें कहा गया है कि भारत ने पाकिस्तान के लिए अपने एयर स्पेस को खोल दिया था। नुसरत ने समिति को बताया कि भारत के एयर स्पेस से थाईलैंड और मलेशिया के लिए पाकिस्तान से विमान सेवा भी अभी शुरू नहीं हो पाई है।
पिछले महीने पाकिस्तान ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)की बैठक में शामिल होने किर्गिस्तान के बिश्केक जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमान के लिए अपना एयर स्पेस खोल दिया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का वीवीआइपी विमान पाकिस्तान के एयर स्पेस से नहीं गुजरा था।

पार्किंग में दिखी अगर गंदी कार तो भरना होगा भारी जुर्माना
13 July 2019
यूएई अपने सख्त कानूनों के लिए जाना जाता है और वहां के अधिकारी उनके कार्यान्वयन को लेकर गंभीर हैं। इस देश में कड़े मोटरिंग लॉ भी हैं और नए नियम लोगों को अपनी कार को साफ रखने के लिए मजबूर करेगा। सड़कों पर धूल भरी या गंदी कार पार्क करने पर 500 दिरहम का जुर्माना हो सकता है जो भारतीय मुद्रा में 9000 रुपए से अधिक है। दुबई नगरपालिका द्वारा जारी किए गए एक नए नियम के अनुसार, दुबई के निवासियों को सार्वजनिक पार्किंग स्थलों पर गंदी कार पार्क करने पर 500 दिरहम का जुर्माना लगाया जाएगा।
दुबई नगर पालिका ने एक ट्वीट में कहा कि इस तरह की चीजें 'शहर की सुंदरता को धूमिल कर सकती हैं'। उन्होंने निवासियों को एक रिमांडर भी जारी किया है जो गर्मियों में लंबी छुट्टी पर जाने की योजना बना रहे हैं। नगर पालिका निरीक्षकों ने ऐसी कारों की पहचान करना शुरू कर दिया है और विंडस्क्रीन पर एक नोटिस चिपका रहे हैं, जिससे उन्हें अपने वाहनों को साफ करने के लिए 15 दिनों का और नोटिस दिया जाएगा या अधिकारियों द्वारा उन्हें हटा दिया जाएगा। इसके अलावा, यदि मालिक उनसे संपर्क नहीं करता है, तो वाहन नगरपालिका द्वारा नीलाम किया जाएगा।
दुबई दुनिया में सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध हॉलिडे डेस्टिनेशन में से एक है और पर्यटन के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान देता है। नगर पालिका द्वारा उठाया गया कदम अपनी सुंदरता को बनाए रखना है और यह सुनिश्चित करना है कि शहर पर्यटकों के लिए आकर्षक बना रहे।

इमरान खान की अमरीका यात्रा: अटकलों पर लगा विराम, वाइट हाउस ने कहा- 22 जुलाई को आएंगे पाक पीएम
11 July 2019
वाशिंगटन। अमरीका से एक ऐसी खबर आई है, जिससे पाकिस्तान और पीएम इमरान खान ने राहत की सांस ली होगी। दरअसल, काफी विवादों और अफवाहों के बाद वाइट हाउस ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि पाकिस्तानी पीएम जल्द ही अमरीका दौरे पर आएंगे और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। वाइट हाउस की पुष्टि के बाद इस यात्रा को लेकर उठ रहे सवालों पर लगाम लग गया |
बुधवार को वाइट हाउस ने की पुष्टि जानकारी के मुताबिक, पाक पीएम इमरान खान 22 जुलाई को अमरीका जाएंगे। बता दें कि अगस्त 2018 में पाकिस्तानी पीएम का पदभार संभालने के बाद यह इमरान खान की पहली अमरीका दौरा है। बुधवार को वाइट हाउस की ओर से एक बयान जारी किया गया, जिसमें इस यात्रा की पुष्टि की गई है। बयान में आगे कहा कि दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष के बैठक में शांति, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
पुष्टि में देरी के कारण उड़ने लगी थी अफवाहें आपको बता दें कि वाइट हाउस की तरफ से यात्रा की पुष्टि में देरी के कारण कई तरह की अटकलों ने जोर पकड़ लिया था। खुद पाकिस्तानी मीडिया में इमरान की अमरीका यात्रा को लेकर संशय बना हुआ था। वहीं, इससे पहले रूस के विदेश मंत्रालय की ओर से इमरान को ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में आमंत्रित न किए जाने के खुलासे के बाद अमरीका की यात्रा को भी उसी नजर से देखा जाने लगा था। वहीं, मंगलवार को अमरीकी विदेश विभाग ने भी बयान में कहा था कि अभी तक वाइट हाउस ने ट्रंप-इमरान के मुलाकात की पुष्टि नहीं की है।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता का ट्वीट इन अटकलों के बीच बुधवार को दिन में पाक विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल ने इस संबंध में एक ट्वीट किया। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा,'प्रधानमंत्री इमरान खान के विदेश दौरे को लेकर किए जा रहे अंदेशों पर सावधानी बरती जानी चाहिए। इस यात्रा को लेकर हम लगातार अमरीकी अधिकारियों के संपर्क में हैं। प्रोटोकॉल के अनुसार सही वक्त आने पर औपचारिक घोषणाएं भी कर दी जाएंगी।

खाड़ी में ब्रिटिश टैंकर को कब्जे में लेने की कोशिश, रॉयल नेवी के आने पर पीछे हटा ईरान
11 July 2019
तेहरान। खाड़ी में अमरीका और ईरान के बीच शुरू हुआ अब विकराल रूप लेने लगा है। आलम यह है कि अब इस तनाव की जद में अन्य देश भी आने लगे हैं। कुछ दिन पहले ब्रिटिश सेना द्वारा अपने टैंकर को कब्जे में लेने से भड़के ईरान ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। ईरान पर आरोप है कि उसने एक ब्रिटिश टैंकर को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की है।

ईरान की जवाबी कार्रवाई ?
ब्रिटेन की सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि ईरानी नौकाओं ने खाड़ी के पास एक ब्रिटिश तेल टैंकर को घेर लिया था, लेकिन रॉयल नेवी शिप के आते ही वे भाग खड़े हुए। उन्होंने कहा कि एचएमएस मोंट्रोस ने ईरानी जहाजों को मौखिक चेतावनी जारी करने बाद ब्रिटिश टैंकर 'हेरिटेज' को सुरक्षा दी। ब्रिटेन ने ईरान के इस कार्य को "अंतर्राष्ट्रीय कानून के विपरीत" बताया।
ईरान ने किया इनकार
उधर ईरान ने अपने टैंकर को जब्त करने के लिए जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी थी, लेकिन अब उसने किसी भी तरह के प्रयास से इनकार कर दिया है। अमरीकी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इन नावों का संबंध ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स से था। बताया जा रहा है कि नावों ने ब्रिटिश टैंकर 'हेरिटेज' को तब घेरा जब वह होर्मुज की खाड़ी में निकल रहा था।
ब्रिटिश टैंकर के अपहरण का प्लान !
नेवी शिप एचएमएस मोंट्रोस ने कहा है कि तीनों नौकाएं बंदूकें और भारी हथियारों से भरी हुई थीं। नेवी शिप का दावा है कि उन्होंने केवल ईरानी टैंकरों को चेतावनी दी और दोनों पक्षों के बीच कोई गोलीबारी नहीं हुई। ब्रिटिश रॉयल नेवी द्वारा जिब्राल्टर में ईरानी टैंकर के जब्त करने के लगभग एक सप्ताह बाद यह घटना घटी।
बता दें कि ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि ईरानी टैंकर को जब्त करने पर ब्रिटेन को परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।

श्रीलंका ने 39 देशों के लिए फिर शुरू की आगमन वीजा स्कीम, भारत और चीन शामिल नहीं
11 July 2019
कोलंबो। ईस्टर संडे बम धमाकों के बाद श्रीलंका सरकार ने हमलों से निपटने की कवायद में कई देशों के लिए आगमन वीजा ( Visa on Arrival ) निलंबित कर दिया था। अब इस कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन इसमें भारत और चीन शामिल नहीं हैं। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार भारत और चीन को छोड़कर 39 देशों के नागरिकों के लिए आगमन वीजा कार्यक्रम की फिर से शुरुआत की गई है।
भारत और चीन सूची में नहीं
आत्मघाती विस्फोटों के बाद 39 देशों के नागरिकों के आगमन पर वीजा देने की अपनी योजना को श्रीलंका ने 25 अप्रैल को स्थगित कर दिया था। आपको बता दें कि 21 अप्रैल को श्रीलंका में हुए बम बिस्फोटों के बाद श्रीलंका में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 500 लोग घायल हो गए थे।
बताया जा रहा है कि मई से अक्टूबर तक छह महीने की ऑफ-सीजन अवधि के दौरान देश में पर्यटक आगमन को बढ़ाने के लिए आगमन वीजा एक बड़ी पहल का हिस्सा है। बम बिस्फोटों के बाद श्रीलंका में हालात बहुत अधिक खराब हो गए थे, जिसकी वजह से इस देश की यात्रा करने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है ।
पिछड़ रहा है श्रीलंका का पर्यटन उद्योग
श्रीलंका का पर्यटन उद्योग, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग पांच प्रतिशत है, विस्फोटों के कारण बुरी तरह प्रभावित हो गया था। पर्यटन विकास मंत्री जॉन अमरातुंगा ने मंगलवार को कहा कि उनका मंत्रालय आव्रजन विभाग के साथ संयुक्त रूप से आगमन पर मुफ्त वीजा को शुरू करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी के प्रस्ताव पर काम कर रहा है।
भारत से बड़ी संख्या में जाते हैं पर्यटक
पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को भारत और चीन छोड़कर 39 देशों के लिए छह महीने की अवधि के परीक्षण के रूप में लागू किया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन देशों को वीजा ऑन अराइवल प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा, उनमें ऑस्ट्रिया, यूके, यूएस, जापान, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा शामिल हैं। लगभग 50,000 भारतीयों ने पिछले साल श्रीलंका का दौरा किया था। 2019 में कुल भारतीय पर्यटकों के एक मिलियन का आंकड़ा पार करने की उम्मीद थी।

ईरान-अमेरिका के बीच तनाव गहराने की आशंका, परमाणु समझौता विफलता की कगार पर
6 July 2019
तेहरान। ईरान ने एलान किया है कि वह यूरेनियम संवर्धन की सीमा बढ़ाएगा। वह एक बार फिर 2015 में वैश्विक शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते की शर्तों का उल्लंघन करने की तैयारी में है। इस कदम से अमेरिका के साथ उसकी तनातनी और बढ़ सकती है।
अधिकारियों का कहना है कि समझौते की शर्तों के उल्लंघन का यह कदम 60 दिन में उठाया जाएगा। यूरेनियम संवर्धन की सीमा बढ़ाने की बात कहते हुए समझौते के उल्लंघन की तैयारी के साथ-साथ ईरान ने समझौता बचाने के लिए बातचीत का संकेत भी दिया है।
ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि यूरोपीय देशों के साथ बातचीत चल रही है। इस महीने के आखिर तक मंत्रीस्तरीय बातचीत की योजना है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल अमेरिका को इस समझौते से बाहर करते हुए ईरान पर प्रतिबंध लगा दिए थे।
इसके ठीक सालभर बाद ईरान ने यूरेनियम संवर्धन की सीमा बढ़ाने की बात कही है। समझौते के तहत ईरान को यूरेनियम का संवर्धन केवल 3.67 फीसद तक करने की अनुमति है। इस सीमा तक संवंर्धित यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु बिजली बनाने में किया जा सकता है। परमाणु बमों के लिए यूरेनियम को ज्यादा संवंर्धित करना पड़ता है।

अफगानिस्तान में तालिबान के आत्मघाती हमले में 14 की मौत, 150 घायल
6 July 2019
काबुल। आतंकी संगठन तालिबान ने रविवार सुबह अफगानिस्तान के गजनी प्रांत में बड़ा आत्मघाती हमला किया। इस हमले में 14 लोगों की मौत हो गई। विस्फोटकों से भरी कार के जरिये देश की मुख्य खुफिया एजेंसी नेशनल डायरेक्टरेट ऑफ सिक्योरिटी के परिसर में किए गए हमले में जान गंवाने वालों में 8 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। करीब 150 लोग घायल हुए हैं।
हमले की जिम्मेदारी लेते हुए तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने दावा किया कि इस हमले में NDS के कई अफसर मारे गए। गजनी के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि हमले में घायल हुए लोगों में 27 बच्चे हैं।
हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। जर्मनी और कतर के कूटनीतिक प्रयासों से तालिबान से वार्ता के लिए अफगानिस्तान की सियासत में दखल रखने वाले करीब 60 नेता दोहा पहुंचे हैं।
अफगान सरकार से सीधी वार्ता से इन्कार करता रहा तालिबान इस शर्त पर इन लोगों से बातचीत के लिए सहमत हुआ कि ये नेता निजी हैसियत से इस वार्ता में शामिल होंगे।

पाकिस्तान में मौजूद और सेहतमंद है दाऊद इब्राहीम, भारत ने किया है दावे का समर्थन
6 July 2019
लंदन। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी दाऊद इब्राहीम पाकिस्तान में है और सेहतमंद है, इसकी पुष्टि कई स्त्रोतों से लगातार हो रही है। कई देशों में फैले दाऊद के काले धंधों को संभालने वाले जाबिर मोती को अमेरिका हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाह रहा है लेकिन पाकिस्तान उसे अमेरिका जाने से रोकने का हर संभव प्रयास कर रहा है। मोती को स्कॉटलैंड यार्ड ने कुछ महीने पहले लंदन में गिरफ्तार किया था और वह इस समय ब्रिटिश जेल में है। मोती का दाऊद के साथ कुछ महीने पहले का फोटो सामने आया है।
मोती को अमेरिका प्रत्यर्पित होने से रोकने के लिए पाकिस्तान जिस तरह से एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है, उससे भी संकेत मिल रहा है कि दाऊद अभी सक्रिय स्थिति में है और वह पाकिस्तान के लिए "काम का आदमी" बना हुआ है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने हाल ही में पुष्टि की है कि दाऊद पाकिस्तान में है और वहीं से अपना नेटवर्क संचालित कर रहा है।
लंदन। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी दाऊद इब्राहीम पाकिस्तान में है और सेहतमंद है, इसकी पुष्टि कई स्त्रोतों से लगातार हो रही है। कई देशों में फैले दाऊद के काले धंधों को संभालने वाले जाबिर मोती को अमेरिका हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाह रहा है लेकिन पाकिस्तान उसे अमेरिका जाने से रोकने का हर संभव प्रयास कर रहा है। मोती को स्कॉटलैंड यार्ड ने कुछ महीने पहले लंदन में गिरफ्तार किया था और वह इस समय ब्रिटिश जेल में है। मोती का दाऊद के साथ कुछ महीने पहले का फोटो सामने आया है।
मोती को अमेरिका प्रत्यर्पित होने से रोकने के लिए पाकिस्तान जिस तरह से एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है, उससे भी संकेत मिल रहा है कि दाऊद अभी सक्रिय स्थिति में है और वह पाकिस्तान के लिए "काम का आदमी" बना हुआ है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने हाल ही में पुष्टि की है कि दाऊद पाकिस्तान में है और वहीं से अपना नेटवर्क संचालित कर रहा है।
अमेरिकी सुरक्षा विशेषज्ञ लॉरेंस सेलिन का ताजा बयान सनसनी पैदा करने वाला है। उन्होंने श्रीलंका में ईस्टर संडे को हुए सिलसिलेवार धमाकों के तार दाऊद इब्राहीम से जोड़े हैं। कहा है कि दाऊद और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का नशीले पदार्थों-आतंकी-जिहादी नेटवर्क श्रीलंका धमाकों के लिए जिम्मेदार हो सकता है। काफी संभावना है कि दाऊद और आईएसआई के नापाक गठबंधन ने श्रीलंका के धमाकों के लिए सुविधाएं और धन मुहैया कराया हो।
श्रीलंका में हुए धमाकों में ढाई सौ से ज्यादा लोग मारे गए थे। जबकि 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे। इन धमाकों को भी दाऊद के नेटवर्क ने अंजाम दिया था।

हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए मशहूर अमरीकी उद्योगपति क्रिस क्लाइन
6 July 2019
एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में सात अमरीकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। यह हेलिकॉप्टर हादसा बह्मास द्वीप पर हुआ। दुर्घटना में एक मशहूर उद्योगति के मारे जाने की भी पुष्टि की गई है। हेलिकॉप्टर जा रहा था। पुलिस के अनुसार हेलिकॉप्टर उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही अचानक तकनीकी खराबी के कारण नीचे गिर गया। पुलिस ने दुर्घटना में मारीं गईं चार महिलाओं और तीन पुरुषों की पहचान कर ली है। इस दुर्घटना में मशहूर अमरीकी उद्योगपति क्रिस क्लाइन भी मारे गए हैं। मीडिया के अनुसार क्रिस एक कोल टाइकून थे।
तेल टैंकर के जब्त होने पर भड़का ईरान, ब्रिटेन के राजदूत को तलब किया
6 July 2019
ब्रिटेन द्वारा एक ईरानी टैंकर को अवैध रूप से जब्त किए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। इस मामले को लेकर ईरान ने तेहरान में ब्रिटिश राजदूत को तलब किया है। ब्रिटेन की रॉयल नौसेना द्वारा यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिबंधों को तोड़कर सीरिया की तरफ बढ़ रहे ईरानी तेल टैंकर को जिब्राल्टर में जब्त किया गया। इसके लिए अमरीकी अधिकारियों ने मदद की।
ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस कार्रवाई को समुद्री लूट करार दिया है। वहीं स्पेन के कार्यवाहक विदेश मंत्री के अनुसार यह टैंकर (ग्रेस-1) अमरीकी आग्रह पर जब्त किया गया है। हालांकि इंग्लैंड ने इन आरोपों को कोरी बकवास बताया है। गौरतलब है कि जिब्राल्टर सरकार की सूचना पर ब्रिटेन के 42 कमांडो मदद के लिए वहां पहुंचे थे।

आतंकी हमलों से सतर्क ट्यूनीशिया, नकाब पर लगाया प्रतिबंध
6 July 2019
हाल ही में ट्यूनीशिया में हुए आत्मघाती हमलों के बाद यहां पर नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पीएम कार्यालय के अनुसार पीएम यूसुफ चाहेद ने सरकारी परिपत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें सरकारी प्रशासनिक कार्यालयों एवं सरकारी संस्थानों में किसी भी व्यक्ति के मुंह ढककर आने पर सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध लगाने की बात की गई है।
गौरतलब है कि ट्यूनिस में 27 जून को हुए दोहरे आत्मघाती बम विस्फोट के बाद कड़ी सुरक्षा के चलते नकाब पर प्रतिबंध लगाया गया है। हमले में दो लोग मारे गए थे और वहीं सात लोग घायल हो हुए थे। इन हमलों के बाद से देश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। गवाहों का कहना है कि आत्मघाती हमलावरों में से एक ने नकाब पहना हुआ था।
वहीं हमले के मास्टरमाइंड ने पकड़े जाने के डर से खुद को भी बम से उड़ा लिया था। यहां लगातार तीन हमले हुए,जिनकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांट ने ली है। फरवरी 2014 में भी सरकार ने पुलिस को हिदायत के रूप में नकाब के उपयोग को रोकने के लिए "आतंकवाद विरोधी" उपायों के हिस्से के रूप में निगरानी करने का निर्देश दिया था।

ईरान ने जिब्राल्टर में ब्रिटेन द्वारा पकड़े गए तेल टैंकर को छोड़ने की मांग की, कही ये बात
5 July 2019
तेहरान, एएफपी। ईरान ने ब्रिटिश नौसेना द्वारा जिब्राल्टर में उसके तेल टैंकर को पकड़े जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ईरान ने ब्रिटेन से तेल टैंकर को तुरंत छोड़ने की मांग की है। ईरान ने इस मामले में ब्रिटेन पर अमेरिका के दबाव में ऐसा काम करने का आरोप लगाया है।ईरान की ओर से विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ब्रिटिश राजदूत रॉब मैकएयर के साथ बैठक में ब्रिटेन के इस कदम को अस्वीकार्य बताया है। उन्होंने बयान में कहा 'उन्होंने तेल टैंकर की तत्काल रिहाई का आह्वान किया, यह देखते हुए कि यह अमेरिका के अनुरोध पर जब्त किया गया है।' बता दें, ब्रिटिश नौसेना और जिब्राल्टर के अधिकारियों ने सीरिया जा रहे एक बड़े तेल टैंकर को पकड़ा है। इस मालवाहक पोत को यूरोपीय यूनियन (ईयू) के प्रतिबंधों की अवहेलना के आरोप में पकड़ा गया है। ईयू ने 2011 से ही सीरिया पर पाबंदी लगा रखी है। ब्रिटेन के अधिकार क्षेत्र वाले जिब्राल्टर द्वीप के अधिकारी फैबियन पिकार्डो ने बताया कि कच्चे तेल से भरे ग्रेस-1 नाम के इस तेल टैंकर को सीरिया की बनयास रिफाइनरी भेजा जा रहा था। शुरुआती जांच में ग्रेस-1 के मैपिंग डाटा से पता चला कि यह ईरान से चला था। अगर इसकी पुष्टि हुई कि पोत पर लदा कच्चा ईरान का है तो यह एक और कड़े प्रतिबंध का उल्लंघन होगा। अमेरिका ने ईरान पर तेल निर्यात समेत कई कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। मैपिंग डाटा में यह बात भी सामने आई कि टैंकर ईरान से सबसे सुगम समुद्री मार्ग स्वेज नहर के बजाय अफ्रीका के दक्षिणी छोर होते हुए लंबे रूट के जरिये सीरिया जा रहा था।
चीन पहुंचीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नौ द्विपक्षीय समझौते किए
5 July 2019
बीजिंग, प्रेट्र। Sheikh Hasina in China: चीन के तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार को बीजिंग पहुंचीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उनकी चीन के प्रधानमंत्री ली कछ्यांग के साथ द्विपक्षीय मसलों पर वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। बांग्लादेश की सरकारी न्यूज एजेंसी बीएसएस के अनुसार, चीन के प्रधानमंत्री ने बीजिंग के ग्रेट हॉल में हसीना का स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक हुई वार्ता के बाद ऊर्जा, आर्थिक, प्रौद्योगिकी सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन के क्षेत्र में नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। एक समझौते के तहत म्यांमार से बांग्लादेश में पलायन करने वाले रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए चीन ढाई हजार टन चावल मुहैया कराएगा। हसीना का राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत चीन के दूसरे शीर्ष नेताओं से भी मिलने का कार्यक्रम है।
सैन्य बजट से मेक्सिको सीमा पर दीवार नहीं बनवा पाएगा अमेरिका, ट्रंप को लगा बड़ा झटका
5 July 2019
वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की योजना पर झटका लगा है। सैन फ्रांसिस्को की एक अपीलीय अदालत ने दीवार निर्माण के लिए सैन्य बजट से ढाई अरब डॉलर (करीब 17 हजार करोड़ रुपये) लेने की योजना पर रोक लगा दी है। अदालत ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि यह संघीय कानून का उल्लंघन प्रतीत होता है। अदालत ने ट्रंप प्रशासन की उन दलीलों को भी खारिज कर दिया कि इस तरह का खर्च लोगों के हित के लिए आवश्यक है। ट्रंप प्रशासन की इस योजना को दो गैर लाभकारी संगठनों ने चुनौती दी थी। सीमा पर दीवार का निर्माण ट्रंप की महत्वाकांक्षी परियोजना है। उनकी दलील है कि मेक्सिको सीमा पर दीवार खड़ी होने से शरणार्थी अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल नहीं हो सकेंगे। इसके लिए उन्होंने संसद से 6.7 अरब डॉलर (करीब 46 हजार करोड़ रुपये) का फंड मांगा था, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाने के कारण इस साल के शुरू में अमेरिका में 35 दिन तक शटडाडन रहा था। गौरतलब है कि पिछली फरवरी में ट्रंप ने इस मुद्दे पर देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी ताकि दीवार के निर्माण के लिए सैन्य और अन्य स्रोतों से रकम का प्रबंध किया जा सके।
US में भी हत्यारे कम नहीं हैं: रशियन प्रेसिडेंट पुतिन को किलर बताए जाने पर बोले ट्रम्प
6 Feb. 2017
वॉशिगंटन: डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन को 'किलर' कहने पर तीखा बयान दिया है। अमेरिकी चैनल के एक टीवी इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया गया कि क्या आप 'किलर' पुतिन का सम्मान करते हैं। जबाव में उन्होंने कहा कि क्या हमारा देश मासूम है। उन्होंने कहा कि पुतिन का सम्मान करने का मतलब यह नहीं है कि मैं उनके साथ चला जाऊंगा।
- डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को अमेरिका चैनल फॉक्स न्यूज को यह इंटरव्यू दिया। इस दौरान पुतिन से उनकी दोस्ती को लेकर कई सवाल किए गए।
सवाल: पुतिन एक कातिल हैं?
ट्रम्प:"वहां कई हत्यारे हैं। हमारे यहां भी कई हत्यारे हैं। आपको क्या लगता है? क्या हमारा देश इतना मासूम है?"
सवाल:आप उनका सम्मान करते हैं।
ट्रम्प: "मैं कई लोगों का सम्मान करता हूं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि मैं उनके साथ जा रहा हूं। वह अपने देश के नेता हैं। मैं कहता हूं कि रूस के साथ न जाने से बेहतर उसके साथ जाना है और रूस अगर आईएसआईएस और दुनिया भर में इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ जंग में हमारी मदद करता है, जो एक बड़ी लड़ाई है तो ये अच्छी बात है।"
- बता दें कि पिछले हफ्ते दोनों नेताओं की एक घंटे तक बातचीत हुई थी।
- इसमें ISIS के खिलाफ ‘आपसी सहयोग’ को लेकर सहमति जताई गई थी। बाद में व्हाइट हाउस ने पुतिन की तारीफ की थी।
ट्रम्प पर लग चुके हैं रूस के करीब होने के आरोप
- यूएस के प्रेसिडेंट इलेक्शन के दौरान ट्रम्प पर रूस का करीबी होने के आरोप लग चुके हैं।
- यहां तक कहा गया कि रूस की खुफिया एजेंंसियों ने इलेक्शन डाटा को हैक किया।
बाद में ट्रम्प ने सफाई में कहा था- रूस से मेरे कोई रिश्ते नहीं
- ट्रम्प ने कहा था, "मुझ पर बिजनेस को लेकर कई आरोप लग रहे हैं। खासकर रूस से रिश्तों को लेकर। मैं यह बता देना चाहता हूं कि मैंने ना तो रूस से कभी कोई डील की थी, ना की है और ना ही करूंगा।"
- "मैंने रूस से कोई लोन भी नहीं लिया है। इस बारे में आ रही तमाम खबरें झूठी हैं। मीडिया में आ रही झूठी खबरों को ही खुफिया एजेंसियां अपनी रिपोर्ट बना रही हैं। यह ऐसा ही है जैसे जर्मनी में नाजियों के दिनों में होता था।"
- "अगर पुतिन ट्रम्प को पसंद करते हैं तो यह अमेरिका के फायदे की बात है न कि कोई कमजोरी या जिम्मेदारी।"
- बता दें कि अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की ओर से जारी डोजियर में दावा किया गया है कि मॉस्को के एक होटल में ट्रम्प 2013 में रुके थे।
- यहां का एक सेक्स वीडियो और कुछ सीक्रेट दस्तावेज रूस के पास हैं। चुनाव जीतने के बाद जब बुधवार को ट्रम्प ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो सीएनएन के एक रिपोर्टर ने उनसे सवाल करना चाहा। लेकिन ट्रम्प भड़क गए और कहा कि आप फेक न्यूज चलाते हैं।


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